मुंबई. अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को दिवंगत अभिनेता इरफान खान की याद सता रही है। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए इरफान से वापस आने की भावुक अपील की है। वीडियो 2015 में रिलीज हुई फिल्म 'पीकू' के सेट का है, जिसमें दोनों लॉन टेनिस खेलते नजर आ रहे हैं। कैप्शन में दीपिका ने लिखा है, "प्लीज वापस आ जाओ इरफान खान।"
बतौर को-एक्टर दोनों की इकलौती फिल्म 'पीकू'
इरफान खान और दीपिका पादुकोण ने बतौर को-एक्टर सिर्फ शूजित सरकार की फिल्म 'पीकू' में काम किया था। शुक्रवार को इस फिल्म के 5 साल पूरे होने पर भी दीपिका ने इरफान के नाम भावुक संदेश साझा किया था। दीपिका ने सेट की एक फोटो शेयर इसी फिल्म के गीत 'लम्हें गुजर गए' से उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।
'पीकू' के अलावा दो अन्य फिल्मों से भी दोनों का कनेक्शन जुड़ा है। 2009 में आई इरफान खान स्टारर 'बिल्लू' में दीपिका का कैमियो था। जबकि दीपिका पादुकोण-रणवीर सिंह स्टारर 'बाजीराव मस्तानी' (2015) में इरफान ने बतौर नैरेटर वॉयस ओवर दिया था।
10 दिन पहले हुआ इरफान खान का निधन
29 अप्रैल को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में 53 साल के इरफान खान का निधन हुआ। वे दो साल से न्यूरो इंडोक्राइन नाम के रेयर कैंसर से जूझ रहे थे। इरफान की आखिरी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' उनके निधन से डेढ़ महीने पहले ही रिलीज हुई थी, जिसमें राधिका मदान और करीना कपूर की भी अहम भूमिका थी।
(श्यामलाल पुंडीर).प्रदेश के सिरमौर सेसंक्रमण की खबर मिल रही है। इसमें बताया गया है कि दवाईयां बनाने वालीकंपनीकी एक महिला को कोरोना टेस्ट के लिए नाहन अस्पताल में लाया गया है। इससे पहले कंपनी की ओरसे अपने कर्मचारियों का कोरोना संक्रमण का टेस्ट करवाया गया था, जिसमें इस महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी।अब प्रदेश की मेडिकल टीम ने महिला के सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजे हैं, जिसकी रिपोर्ट शाम तक आने की उम्मीद है।
सुबह काेरोना मुक्त होने की खबर थी
सिरमौर जिला शु्क्रवार को पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया था और कोरोना का आखिरी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी, जो राहत देने वाली थी। आज सुबह दवाई बनाने वाली कंपनी की महिला संदिग्ध आने से एक बार फिर प्रशासन की नींद उड़ गई है।
पॉजिटिव केस बढ़े
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में एकाएक बढ़ोतरी हो गई है। पिछले 4 दिनों में कोरोना पॉजिटिव के 10 मामले विभिन्न जिलों से सामने आए हैं। प्रदेश का ऊना जिला जहां सबसे अधिक संक्रमित मरीज सामने आने के बाद कोरोना मुक्त हो गया था। अब वहां से एक और पॉजिटिव मरीज सामने आ गया है। पिछले 24 घंटों में राज्य में 4 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिसमें दो साल की एक बच्ची भी शामिल है।
प्रदेश में पॉजिटिव मरीज 50 हुए
प्रदेश में इस समय कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 50 है। 34 मरीज ठीक होेकर अपने घर चले गए हैं, जबकि चार मरीज अपना इलाज करवाने दिल्ली चले गए और दो लोगों की माैत हो गई। इस समय प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
रेड जोन से प्रदेश में आने वालों से चिंता बढ़ाई
प्रदेश सरकार की ओर से बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को अपने राज्य में लाने के लिए किया गया प्रयास सराहनीय था। इसी आड़ में कई लोग बाहरी राज्यों के रेड जोन से भी आए थे, जिसमें कई संक्रमित थे। उन्हीं के कारण कई पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। ऊना के में पॉजिटिव आई महिला दिल्ली से वापस आई थी। इसी तरह चंबा का युवक बद्दी से आया था और कांगड़ा आया युवक जो पॉजिटिव आया है, वह नोएडा से वापस आया था।
(मनीषपाल). कोरोना की मार का असर फार्मा उद्योग पर भी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। इन दिनों फार्मा उद्योगों को उत्पादन के लिए कच्चे माल के दामों में एकाएक काफी उछाल आ गया है। इससे दवा बनाने वाली कंपनी मालिकों के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है। कच्चे माल की कीमतों में उछाल के कारण अब प्रदेश कीदवा बनाने वाली कंपनियों के मालिकों ने सरकार से राहत देने की मांग की है ताकि दवाईयों को बनाने का काम सुचारू तरीके से चलता रहे, और लोगों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
कच्चे माल से असर
पहले चीन में फैले कोरोना वायरस के चलते कच्चा माल (एपीआई) की सप्लाई नहीं आ रही थी, जिसके कारण उत्पादन प्रभावित हो रहा था, जबकि कच्चे माल की सप्लाई शुरू होने के बाद भी रॉ-मैटिरियल महंगा मिल रहा है। यहां तक की कोरोना में कारगर साबित हो रही हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वाइन दवा का उत्पादन समेत 26 दवाओं पर भी प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है।
75 सौ से 65 हजार रुपएकी हुई एपीआई
कोविड-19 के फैलने से पहले हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वाइन दवा बनाने के लिए इस्तेमाल एपीआई 7500 रुपएकिलो के तहत उपलब्ध होता था, लेकिन अब 766 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अब यह दवा उद्योगों को 65,000 रुपए किलो उपलब्ध हो रहा है। यहां तक की प्रदेश के कई उद्योग रॉ मैटिरियल कई गुणा महंगा होने के चलते उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में दवा के कच्चे माल (एपीआई) की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल ड्रग मैन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने डिपार्टमेंट ऑफ फार्मस्युटिक्ल व राज्य सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि रॉ-मैटिरियल महंगा होने के चलते उत्पदान प्रभावित हो रहा है। इस महंगाई को रोकने को लेकर जल्द से जल्द कदम उठाते हुए राहत दी जाए, ताकि दवाओं के उत्पादन पर कोई प्रभाव न पड़े।
देश का 45 फीसदी दवाओं का उत्पादन प्रदेश से
एशिया में फार्मा हब के नाम से जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-नालागढ़ को जाना जाता है। देशभर के 45 फीसदी दवाओं का उत्पादन हिमाचल से होता है। प्रदेश में करीब 700 फार्मा उद्योग है। जहां से देश सहित विदेशों में दवाओं की सप्लाई होती है। प्रदेश से सालाना 30 हजार करोड़ रुपएका कारोबार किया जाता है, जिसमें 15 हजार करोड़ दवाओं का निर्यात होता है।
85 फीसदी कच्चा माल चीन से पहुंचता है...
प्रदेश का 85 फीसदी कच्चा माल चीन से प्रदेश में आता था। पिछले कुछ माह से कोरोना की मार के चलते सप्लाई नही आ रही थी, जिसके कारण उद्योगों में कच्चे माल की कमी शुरू हो गई थी। बद्दी स्थित क्युरटैक कंपनी के मालिक सुमीत सिंगला ने बताया कि अब कच्चा माल सप्लाई शुरू होने के बाद भी एपीआई में कई गुणा बढ़ोतरी हो गई है, जिसके कारण उत्पादन करना मुश्किल हो रहा है।
आजाद नगर के कंटेनमेंट एरिया में दूध बांटने के बहाने एक बाइक सवार थैली में खुलेआम सब्जियां बेच रहा था। जब पुलिस पहुंची तो वह भागने लगा। उसे पकड़ लिया गया है। इसी प्रकार बिचौली हप्सी में फ्रूट से भरी एक कार काे भी पुलिस ने पकड़ा।
आजाद नगर टीआई मनीष डाबर के अनुसार, पकड़ा गया युवक दतोदा का 42 वर्षीय सुरेश पिता गिरधारी लाल कुमावत है। वह क्षेत्र के एक कंटेनमेंट एरिया में सब्जियां बच रहा था। उसकी बाइक पर दूध की टंकी थी। वह दूध के साथ सब्जियां भी लाया था। उसने काफी भीड़ इकट्ठा कर रखी थी। उधर, कनाड़िया पुलिस ने बिचौली हप्सी में एक वैन को पकड़ा, जिसमें सब्जियां और फल भरे हुए थे। कार चालक नितेश यादव निवासी डायमंड कॉलोनी ये माल बेच रहा था। उधर, राऊ पुलिस ने गोल चौराहे पर दुकान खोलकर लोगों की भीड़ इकट्ठा कर चाय बेचने वाले गोपाल सोनकर निवासी राम रहीम कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं, जूनी इंदौर पुलिस ने खातीवाला टैंक में आकाश धमानी को पकड़ा। वह घर के बाहर भीड़ लगाकर कोल्ड्रिंग बेच रहा था।
शनिवार को शहर में 11 नए पॉजिटिव केस सामने आए,जिसमें पांच महिलाएं और छह पुरुष पॉजिटिव मिले हैं। संक्रमित मिली महिलाओं में 4 गर्भवती भी शामिल हैं। वहीं, शहर में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 207 पहुंच गया है। शुक्रवार को 9 नए पॉजिटव केस सामने आए थे,जिसमें भी दो गर्भवती महिलाएं शामिल थीं।
जानकारी अनुसार, सभी गर्भवती महिलाएं एक ही वार्ड में थीं। शनिवार को पॉजिटिव मिलीं चारों गर्भवती महिलाएं, पहले संक्रमित मिली दो गर्भवती महिलाओं से संपर्क में आईं थीं। जो आदर्श नगर स्थित सैटेलाइट हॉस्पिटल में भर्ती थीं।प्रसव से पूर्व कराई गई जांच में काेराेना पॉजिटिव निकली,जिसके बादसभी को जनाना अस्पताल रेफर किया गया। पूरे अस्पताल काे सैनिटाइज्ड करवाने के साथ फ्यूमीगेशन किया गया।
परिजनों के साथ नसीराबाद गई थी मासूम
जानकारी के अनुसार गत दिनों दिल्ली गेट पर की गई रैंडम सैंपलिंग में एक मासूम की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। महकमे की पूछताछ में सामने आया था कि वह परिजनों के साथ नसीराबाद गई थी। इसके बाद जब विभाग ने नसीराबाद में रहने वाले उसके परिचितों और आसपास के इलाके में जांच कराई तो शुक्रवार को वहां से तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। नसीराबाद के बद्री मंदिर क्षेत्र से दो व दूधिया मोहल्ला से एक पॉजिटिव मिलने के बाद वहां प्रशासन अलर्ट हो गया है। चिकित्सा विभाग की एक टीम वहां पर अभी भी सैंपलिंग कर रही है। इसके अलावा नसीराबाद में मिले पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी एकत्र की जा रही है।
मकान मालिक की समझदारी काम आई
इधर घूघरा घाटी निवासी एक मकान मालिक की समझदारी से लोगों को राहत मिली। मकान मालिक ने जयपुर के फुलेरा से आने वाले युवक को टेस्ट करवाकर आने के बाद ही कमरा खोलने की हिदायत दी थी। मकान मालिक का यह प्रयास सभी के लिए वरदान साबित हुआ।
जिले में सामने आए नए क्षेत्र
चिकित्सा विभाग के लिए पहले केवल खारीकुई, दरगाह बाजार, मोची मोहल्ला, लाखन कोटड़ी, ऊसरी गेट ही कोरोना पॉजिटिव केंद्र थे, लेकिन अब नसीराबाद, पर्बतपुरा बाइपास, जटिया व घूघरा घाटी नए क्षेत्र बनने के बाद खासी परेशानी बढ़ गई है।
अब तक 69 की रिपोर्ट निगेटिव आई
शुक्रवार काे पांच और मरीजों की तबीयत सही होने पर उन्हें अस्पताल से छुटटी मिल गई। अब तक अस्पताल से 69 मरीजों के दोनों सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया है।
सोनू कुमार शर्मा की कहानी बताती है कि समय बदलते देर नहीं लगती। बुरे दौर का हिम्मत और मेहनत से मुकाबला करें तो मुसीबतें खुद ही दूर हो जाती हैं। सोनू के पिता गंगा प्रसाद आईटीआई में छोटे पद पर काम करते थे। कमाई इतनी ही थी कि किसी तरह अपना और परिवार का पेट भर सकें, लेकिन आईटीआई में छात्रों को पढ़ते देख वे अपने सोनू के लिए सपने देखा करते थे। लेकिन उनकी दुनिया आईटीआई तक ही सीमित थी। पिता अपनी नौकरी के दम पर बड़ी मुश्किल से बच्चों के लिए संसाधन जुटा पाते थे। लेकिन सोनू को आईटीआई में पढ़ाने की उनकी हसरत कभी कमजोर नहीं पड़ी। सोनू भी इन मुश्किलों से जूझते हुए किसी तरह पढ़ाई करता रहा। आठवीं-नौवीं कक्षा में था तब भी वह रात को देर तक जागकर पढ़ाई करता रहता। उसकी यह धुन देखकर पिता मन ही मन खुश होते, लेकिन दिल में कचोट होती थी कि वे बेटे की पढ़ाई की सारी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे थे।
वह जब दसवीं कक्षा में आया तो उसने पहली बार आईआईटी का नाम सुना। उसके बाद से उसने आईआईटी में ही पढ़ाई करने की ठान ली। किसी तरह दसवीं पास करने के बाद उसने पिता को आईआईटी के बारे में बताया तो उन्होंने पहली बार में ही मना कर दिया। उनके मन में तो आईटीआई बैठा था। फिर, आईआईटी की तैयारी और पढ़ाई में होने वाले खर्च की भी उन्हें चिंता थी, लेकिन बेटे की जिद के आगे उन्हें घुटने टेकने पड़े। खर्च की व्यवस्था के लिए उन्होंने घर के कई सामान बेच दिए। इसी बीच सोनू को सुपर 30 के बारे में पता चला और एक दिन वह मेरे सामने था। बेहद शर्मीला और संकोची, लेकिन प्रतिभा से भरा हुआ। उसने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिता का बिका हुआ घर और परिवार की गरीबी उसे हर पल याद रहते।
साल 2010 में आईआईटी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट आया तो सोनू की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसे आईआईटी, खड़गपुर में प्रवेश मिल गया था। उसने जी-तोड़ मेहनत कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान आईआईएम के बारे में पता चला तो अब वह उसकी तैयारी में भिड़ गया। इधर कैंपस प्लेसमेंट में उसकी नौकरी रिलायंस कंपनी में लग गई। दूसरी ओर, कैट परीक्षा में कामयाबी हासिल करने के बाद उसे आईआईएम में भी प्रवेश मिल गया। आज सोनू एक अच्छी नौकरी कर रहा है।
सदर बाजार और चंदननगर पुलिस ने रोज की तरहसुबह गलियों में घूमकर पैदल मार्च निकाला। लोगों को समझाया कि वे कुछ दिन और घरो में रहें। थोड़े मुसीबत के वक्त हैं, जल्द ही कट जाएंगे। कुछ लोगों ने पुलिस से पूछा कि क्या लॉकडाउन आगे बढ़ेगा। इस पर पुलिसकर्मी बोले कि अभी ऐसी उम्मीद तो नहीं है, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता। हालांकि सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। इसलिए धैर्य रखने की आवश्यकता है।
पुलिस की सजा में अब लोगों को आने लगा मजा
काेराेना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। पुलिस बाहर निकलने वालों को नए-नए तरीके से सजा दे रही है। किसी से कान पकड़कर उठक-बैठक लगवा रही है तो किसी को मेंढ़क दौड़ करवा रही है। ऐसी सजा के बाद भी लोग घरों से बाहर निकलने रहे हैं। पुलिस द्वारा दी जा रही ऐसी सजा से अब लोगों को मजा आने लगा है। लोग जब भी पकड़ाते हैं तो पुलिस उन्हें पीटने के बजाय पीटी और एक्सरसाइज करवाती है। लोगों को इसमें भी मजा आने लगा है। पुलिसकर्मियों ने बताया कि कुछ लोग जब भी बाहर निकलते हैं तो वे पुलिस को देखकर भागते नहीं हैं। वे खुद पास आ जाते हैं। सिपाही भी उनसे कसरत और पीटी करवाते हैं।
देशभर में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है, जहां इससे संक्रमित मरीजो की संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है। ऐसे में राज्य के सभी स्कूल- कॉलेज बंद कर परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। वहीं, अब मौजूदा हालात को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य के तमाम कॉलेजों में पढ़ने वाले फर्स्ट ईयर और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही पास किया जाएगा। हालांकि, थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स को पास होने के लिए एग्जाम देने होंगे।
जल्द जारी होगा परीक्षा का शेड्यूल
इस बारे में प्रदेश के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने बताया कि राज्य में लास्ट ईयर को छोड़कर सभी यूनिवर्सिटी के छात्रों को लॉकडाउन के मद्देनजर बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की जाएंगी। इस घोषणा के बाद मुंबई की सभी यूनिवर्सिटीज फर्स्ट ईयर और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही पास करेंगी। जबकि, फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए परीक्षाओं का शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा।
##आदित्य ठाकरे ने दी थी जानकारी
इससे पहले आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट कर जानकारी दी थी कि यूनिवर्सिटी के सभी स्टूडेंट्स के लिए रोड मैप दो दिन के अंदर जारी कर दिया जाएगा। आदित्य ठाकरे ने अपने ट्वीट में लिखा, "महाराष्ट्र की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट्स चिंतित हैं और अपने एग्जाम/अकेडमिक ईयर को लेकर मुझे ट्वीट और टेक्स्ट कर रहे हैं। उन्हें मैं ये सुझाव देना चाहता हूं कि चिंता ना करें, क्योंकि मंत्री उदय सामंत जी सभी वीसी से चर्चा कर रहे हैं और दो दिनों के अंदर रोड मैप जारी कर दिया जाएगा।"
शुक्रवार की शाम को हाईवे पर पदमला गांव के पास वृंदावन होटल के सामने तेजी से गुजरती कार के सामने अचानक दो बंदर आ गए, जिससे कार चालक ने स्टियरिंग से नियंत्रण खो दिया। जिससे कार डिवाइडर को फांदकर सर्विस रोड पर आ गई। इस दौरान रेेलिंग का सरिया कार का कांच तोड़कर आर पार निकल गया।
दो बंदरों की मौत
इस दुर्घटना में दो बंदरों की मौत हो गई। इसके अलावा कार में सवार दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें छाणी के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। छाणी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आईपीओ में देरी हो सकती है। खबर है कि अनलिस्टेड मार्केट में इसके वैल्यूएशन में 10 प्रतिशत की गिरावट पिछले कुछ समय में आई है।
निवेशकों से मिली जानकारी के मुताबिक अनलिस्टेड मार्केट में एनएसई के शेयरों की कीमत 950 रुपए के भाव पर कारोबार कर रहे हैं। इस तरह से इसका वैल्यूएशन 50,000 करोड़ रुपए लगाया गया है। इसके पहले अप्रैल में यह शेयर 1,050 रुपए पर कारोबार कर रहा था। कई घरेलू और विदेशी निवेशकों ने हाल के महीनों में एनएसई के शेयर को 1,200 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा है। इस भाव पर इसका वैल्यूएशन 60,000 करोड़ रुपए आंका गया है।
विश्लेषकों के मुताबिक ढेर सारे ब्लू चिप स्टॉक्स के वैल्यूएशन में इसलिए गिरावट आई है क्योंकि बाजार में आईपीओ की समय सीमा को लेकर बड़े पैमाने पर अनिश्चितता बनी हुई है। साथ ही मार्केट का सेंटीमेंट भी इस समय ठीक नहीं है। इस तरह की ज्यादा मांग संस्थागत और अल्ट्रा एचएनआई ग्राहकों से आती है, पर यह मांग अभी सुस्त है। एनएसई के वैल्यूएशन में कमी की दूसरी वजह सेकेंडरी मार्केट में लगातार गिरावट भी है। बेंचमार्क सेंसेक्स इस साल में अब तक 24 प्रतिशत गिरा है। यह इसलिए क्योंकि निवेशकों ने सुरक्षित रास्ता अपनाया है और साथ ही कोविड-19 की महामारी और लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां ठप हैं।
वैसे एनएसई में एक निवेशक होने की प्रक्रिया भी बहुत जटिल है। अगर आप इसके शेयर खरीदते या बेचते हैं तो आपको एनएसई के शेयरहोल्डर कमिटी में एक औपचारिक प्रपोजल भेजना होगा। यहां से आपकी डील को मंजूरी मिलेगी। हकीकत में एफआईआई और घरेलू निवेशकों का हिस्सा अलग-अलग किया जाता है, जहां पर दोनों एक दूसरे का शेयर नहीं खरीद सकते हैं। एनएसई के आईपीओ के बारे में अनुमान है कि यह वित्तीय वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में आ सकता है। हालांकि पिछले तीन सालों से इसका आईपीओ अटका पड़ा है। इसका कारण यह है कि सेबी लगातार एनएसई और इसके टॉप अधिकारियों की जांच कर रहा था।
सेबी ने आरोप लगाया कि एनएसई के कुछ अधिकारी कुछ कारोबारियों और ब्रोकरों को को-लोकेशन की सुविधा दे रहे थे। यह सुविधा एक विशेष फीस पर दी जा रही थी। अप्रैल में सेबी ने एनएसई और इसके अधिकारियों के खिलाफ एक ऑर्डर पास किया जिसमें 31 अ्क्टूबर तक ये दोनों पूंजी बाजार में भाग नहीं ले सकते हैं। खबर है कि इनवेस्टमेंट बैंकर्स जल्द ही नियुक्त किए जा सकते हैं। दिसंबर में एनएसई ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय से संपर्क किया था। हाल में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एनएसई के 50 लाख शेयर 1,000 रुपए के मूल्य पर कनाडा के अरबपति प्रेम वात्सा को बेचा था।
भद्रकाली मंदिर के पुजारी के 26 वर्षीय पोते की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। इससे पूरे मंदिर को ही क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
मंदिर में रहने वाले 8 लोग क्वारेंटाइन में
पुजारी का परिवार एलिसब्रिज के पास महालक्ष्मी मंदिर में रहता है। इस मंदिर के 8 लोगों को 20 मई तक क्वारेंटाइन कर दिया गया है। मंदिर के बाहर प्रतिबंधित इलाके का बोर्ड भी लगा दिया गया है।
वॉट्सऐप समय-समय पर अपने यूजर्स के लिए नए फीचर लेकर आता है। फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी अब यूजर्स के लिए 'मल्टीपल डिवाइस सपोर्ट' फीचर पर काम कर रही है। इस फीचर के तहत एक वॉट्सऐप अकाउंट को मल्टीपल डिवाइस से लिंक किया जा सकेगा। कंपनी का यह फीचर फिलहाल अभी टेस्टिंग में हैं। जल्द ही ये फीचर रोलआउट हो सकता है। इसके रोलआउट होने के बाद यूजर्स अपने वॉट्सऐप अकाउंट को एक से ज्यादा अकाउंट्स से लिंक कर इस्तेमाल कर सकेंगे।
यह फीचर Android 2.20.143 का अपडेट है
WABetainfo की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप के बीटा वर्जन में यह फीचर देखा गया है। यह फीचर मल्टी डिवाइस सपॉर्ट की बजाय लिंक्ड डिवाइस के नाम से दिया जा रहा है। लिंक्ड डिवाइस लिखा हरे कलर के बटन पर क्लिक करते हुए यूजर अलग-अलग अकाउंट्स को लिंक कर सकेगा। आपको बता दें कि ये Android 2.20.143 का अपडेट है।
वीडियो कॉल में एक साथ 8 लोग जुड़ सकते हैं
बता दें कि हाल ही में कंपनी ने ग्रुप वीडियो कॉल फीचर को अपग्रेड किया था और एक बार में 8 लोगों को वीडियो या ऑडियो कॉल करने की सुविधा दी थी। इस फीचर को लॉकडाउन में बढ़ते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप्स की मांग बढ़ने के कारण कंपनी ने पेश किया था।
भारत के वेदर बुलेटिन में पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) केमुजफ्फराबाद औरगिलगित, बाल्टिस्तानकेशामिल किए जाने सेपाकिस्तान चिढ़ गया है। उसने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, 'पिछले साल भारत की ओर से जारी किए गए तथाकथित राजनीतिक नक्शे की तरह ही यह कदम भी पूरी तरह से अवैध है। यह वास्तविकता के परे है। साथ ही यूएनएससी के प्रस्तावों का उल्लंघन है। पाकिस्तान इस कदम को खारिज करता है।'पाकिस्तान ने अब इसे भारत का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करार दिया।
पाकिस्तान ने अपने बयान में कश्मीर का भी जिक्र किया
पाकिस्तान ने अपने बयान में कश्मीर का भी जिक्र किया। कहा, ' एकतरफा और गैरकानूनी कदमों से भारत जम्मू-कश्मीर के 'विवादित' स्टेटस को बदल नहीं सकता है। कश्मीर की यही पहचान वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र के सामने भी है। पाकिस्तान भारत से अपील करता है कि वह निराधार दावों से बचें और दुनिया को गुमराह न करे।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार सेअपने वेदर बुलेटिन में पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के इलाकों को शामिल किया। आईएमडी का यह कदम भारत के इस स्टैंड के मद्देनजर अहम है कि पीओके भारत का हिस्सा है। यह कदम तब उठाया गया है, जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित और बाल्टिस्तान में इसी हफ्ते चुनाव की घोषणा की है। भारत सरकार ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जाहिर किया है।
पीओके के शहर उत्तर-पश्चिम डिवीजन में आते हैं
आईएमडी के मुताबिक, पीओके के ये शहर आईएमडी की उत्तर-पश्चिम डिवीजन के तहत आते हैं। आईएमडी की उत्तर-पश्चिम डिवीजन में 9 सबडिवीजन हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-चंडीगढ़-हरियाणा, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान शामिल हैं।
गिलगित-बाल्टिस्तान को खाली करे पाकिस्तान- भारत
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराए जाने के आदेश का कड़ा विरोध किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न हिस्सा है। लिहाजा, पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे। उसका यहां कब्जा गैरकानूनी है।
लॉकडाउन फेज-3 के छठे दिन शनिवार को ओड़िशा से पैदल चलकर धनबाद के लिए निकले पांच मजदूर टाटानगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। मजदूरों ने बताया कि वे ढाई दिन में यहां पहुंचे हैं। वे ओड़िशा के महागढ़ में ईंटभट्ठे पर काम करते थे। पूछताछ करने पर पता चला कि उन्हें यहां तक पहुंचने में किसी ने नहीं रोका न किसी भी तरह की उनकी जांच की गई है। उन्होंने बताया कि कुछ खाने का सामान साथ लिया है, बाकी रास्ते में कुछ न कुछ खाने को मिल जाता है।
जिले में अब तक 2279 संदिग्धों की जांच, 210 रिपोर्ट पेंडिंग
एमजीएम वायरोलाजी लैब में शुक्रवार को 330 सैंपल की जांच हुई और सभी रिपोर्ट निगेटिव पाए गए। शहर समेत कोल्हान के लिए अच्छी खबर है कि यह क्षेत्र अभी तक ग्रीन जोन में है। वहीं दो दिन में 663 लोगों के सैंपल की जांच हो चुकी है। वहीं पूर्वी सिंहभूम जिले से शुक्रवार को कुल 283 संदिग्ध मरीजों का नमूना एमजीएम, टेल्को, बहरागोड़ा, मुसाबनी, कदमा सहित अन्य जगहों से लिया गया। जिले में अबतक 2279 लोगों का नमूना लिया है। इसमें 2069 का रिपोर्ट निगेटिव है। बाकि 210 का रिपोर्ट शुक्रवार को आने की संभावना है।
एनआईटी में 70 विषयों में पीएचडी के लिए 22 जून तक करें आवेदन
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), जमशेदपुर में सत्र 2020-21 के लिए पीएचडी के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इच्छुक अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 जून है। पीएचडी के लिए अलग-अलग 70 विषयों में कुल 70 सीटें हैं। संस्थान प्रबंधन ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है।
कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर-स्टाफ व संदिधों को दिया जाएगा तुलसी काढ़ा
कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों और संदिग्ध मरीजों को अब आयुर्वेद की बूस्टर डोज दी जाएगी। इसमें हर्बल चाय व तुलसी-दालचिनी का काढ़ा शामिल किया गया है। इस संबंध में राज्य के आयुष निदेशक डॉक्टर श्रीचंद्र प्रसाद ने जमशेदपुर सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन व आयुष चिकित्सा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है। काढ़ा चार चीजों से तैयार होगा। इसमें तुलसी पत्ता चार भाग, दालचीनी (दो भाग), सूंठी (दो भाग) व काली मिर्च (एक भाग) शामिल है।
घरों में रहते ऊबन बढ़ी, बेवजह निकलने पर 4 दिन में 557 लोगों ने 5.53 लाख जुर्माना भरा
शहर के लोग अब घरों में रहते-रहते ऊब गए हैं। लॉकडाउन 2.0 तक तो स्थिति ठीक थी लेकिन लॉकडाउन 3.0 में सबसे ज्यादा लोग बेवजह घरों से बाहर निकल रहे हैं। चार दिनों के आकड़े देखें तो 557 वाहन चालकों से 5,53,500 रुपए का जुर्माना वसूला गया है। इसमें सबसे ज्यादा लॉकडाउन 3.0 के पहले दिन 4 मई को 162 वाहन चालकों से 1,54,500 रुपए वसूले गए।
शहर में शुक्रवार को ट्रैफिक रुल्स तोड़नेवाले 133 वाहन चालकों से ट्रैफिक पुलिस ने 1.36 लाख रुपए जुर्माना वसूला। साकची में 33 वाहनों से 31500 रुपए, बिस्टुपुर में 30 वाहनों से 30 हजार रुपए, जुगसलाई में 19 वाहनों से 24 हजार रुपए, मानगो में 22 वाहनों से 22 हजार रुपए और गोलमुरी पुलिस ने 29 वाहनों से 29 हजार रुपए वसूले गए। सड़कों पर घूमने, बिना मास्क, बिना हेलमेट समेत अन्य ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माना वसूला रही है। दो चक्का के साथ-साथ चार चक्का वाहन चालकों से भी जुर्माना वसूला जा रहा है।
एसएसपी-डीसी ऑफिस में कर्मियों के लिए लगीं सैनेटाइजर मशीनें
जिला पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को दो सैनेटाइजर मशीन लगाए गए। ये सैनेटाइजर मशीन पांव से चलेगी। बोतल को हाथ नहीं लगाना पड़ेगा। एसएसपी डॉक्टर एम तमिल वाणन, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की मौजूदगी में दोनों मशीनें लगाई गईं। पांव से मशीन का इस्तेमाल कर एसएसपी कार्यालय आने वाले लोग या पुलिस कर्मी अपने हाथों को सैनेटाइज कर पाएंगे।
काेराेना संकट के बीच सरकारी कामकाज काे दुरुस्त करने के िलए राज्य सरकार ने 40 दिन के लाॅकडाउन के बाद 30 प्रतिशत कर्मचारियाें काे ड्यूटी पर बुलाया, ताे अब इस सिस्टम का भी विराेध शुरू हाे गया है। हालांकि राज्य सचिवालय समेत अन्य सभी विभागाें में सरकार की गाइडलाइन पर ही कर्मचारी सेवाओं पर लाैट चुके हैं लेकिन संक्रमण के खतरे काे देखते हुए सचिवालय सेवाएं संगठन ने इस व्यवस्था में और सुधार करने की बात कही है।
सरकार सभी क्लास वन और क्लास टू के सभी अधिकारियाें की सेवाएं ले रही है, मगर उन अधिकारियाें के साथ 30 प्रतिशत क्लास थ्री और सभी क्लास फाेर्थ कर्मचारी भी ड्यूटी दे रहे हैं। कर्मचारियाें काे यह डर है कि इतनी भीड़ से कहीं काेराेना संक्रमण न फैल जाए। प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी 30 प्रतिशत राेस्टर पर काम करने काे तैयार नहीं हैं। यदि काम करना भी है ताे वाहनाें का पुख्ता इंतजाम करने पर अड़े हैं।
कर्मचारी संगठन की मानें ताे क्लास टू के लिए भी राेस्टर के मुताबिक काम करने के लिए निर्देश जारी हाेना चाहिए।कारण यह है कि एक ब्रांच के एक ही कमरे में कम से कम दाे और अधिकतम तीन क्लास टू अधिकारी हैं और उनके साथ क्लास थ्री कर्मचारी भी। ऐसी स्थिति में संक्रमण कहां से आ रहा है काेई मालूम नहीं है। गाैरतलब है कि हिमाचल सचिवालय में इस समय 113 एसओ, 35 अंडर सेक्रेटरी, 10 लाॅ ऑफिसर और 124 सुप्रीटेंडेंट्स सेवाएं दे रहे हैं।
सरकार ने लाॅकडाउन 3.0 शुरू हाेते ही ऐसे स्टाफ के लिए काेई राेस्टर लागू नहीं किया। यही वजह है कि आज क्लास टू स्टाफ वाले इस सिस्टम का विराेध कर रहे हैं। सचिवालय सेवाएं संगठन ने इस मसले काे सचिव जीएडी-एसएडी देवेश कुमार के समक्ष भी उठाया है। संगठन ने देवेश कुमार काे अवगत करवाया कि काेराेना संक्रमण के बीच सचिवालय में इतनी भीड़ ठीक नहीं हैं।
मंत्रियाें के टूअर में कर्मचारी की डयूटी बंद हाे
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संगठन ने सरकार और सेक्रेटरी जीएडी-एसएडी देवेश कुमार से मांग की है कि मंत्रियाें के टुअर में किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि हालांकि मंत्री शिमला से दूसरे क्षेत्राें के दाैरे पर रहते हैं, लेकिन रेड और ऑरेंज जाेन के टुअर के समय किसी भी कर्मचारी की सेवाएं न ली जाएं। उन्होंने कहा कि काेई मंत्री ऊना से आते हैं ताे काेई कांगड़ा से। ऐसी स्थिति में काेराेना संक्रमण का खतरा हाे सकता है। उन्हाेंने सेक्रेटरी एसएडी-जीएडी देवेश कुमार से भी इस व्यवस्था काे हालात ठीक हाेने तक बंद करने की मांग की है।सचिवालय प्रशासन से मांग की है कि क्लास टू स्टाफ के लिए 30 प्रतिशत राेस्टर लागू करे।
पैदल संभव नहीं, वाहन मुहैया करवाए प्रशासन
सचिवालय सेवाएं संगठन ने सचिवालय प्रशासन से मांग की है जिन कर्मचारियों की सेवांए ली जा रही हैं अधिकांश के पास वाहन नहीं हैं। ऐसे हालात में पैदल चलना संभव नहीं हाेगा। संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि जब तक शहर में ट्रांस्पाेर्ट बहाल नहीं हाेता तब तक जरूरी कार्याें के लिए ही कर्मचारियाें की सेवाएं ली जाए। बेवजह भीड़ जुटाने से आने वाले समय में दिक्कतें खड़ी हाे सकती हैं। संजीव शर्मा ने कहा कि सचिवालय के काेई कर्मचारी समर हिल, ढली और टुटू-बालूगंज से छाेटा शिमला पहुंच रहे हैं। यदि सेवाएं लेनी ही है ताे नियमाें के मुताबिक गाड़ियाें की व्यवस्था हाेनी चाहिए। गाैरतलब है कि राज्य सचिवालय में लाॅकडाउन में छूट मिलने के बाद काफी भीड़ हाे चुकी है।
मारिया अबि हबीब. 41 साल के सेठ मोजियर और उनकी 42 साल की पत्नी मेग अमेरिका के रहने वाले हैं। दोनोंपांच साल से बच्चे के लिए कोशिश कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आईवीएफ तकनीक का भी सहारा लिया। लगातार असफल होने के बाद उन्होंने 2018 में चाइल्ड एडॉप्शन का रास्ता चुना। फिरकपल ने भारत में बच्चा गोद लेने का विचार किया। यहां गोद लेने की प्रक्रिया बाकी जगहों की तुलना में थोड़ीआसान है।
सेठ और मेग मार्च मेंतमिलनाडु पहुंचे थे।इसके बाद दोनोंमदुरई शहरके अनाथ आश्रम से एक बच्ची सेल्वी को गोद लिया। लेकिन इसी बीच कोरोनावायरस के कारण सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया।इससे यह परिवार दिल्लीमें अटक गया। हालांकि इस तरह फंस जाना अमेरिकन डिप्लोमेट सेठ के लिए नया नहीं था। अपने काम के दौरान वे कई बार ऐसे हालातों से गुजर चुके थे। सेठ ने आखिरी समय में अमेरिकी दूतावास से डॉक्यूमेंट्सफाइनल करवाया और किसी तरहसेल्वी को लेकर अमेरिका पहुंच सके।
फिलहाल मोजियर बेथेस्डा, मेरिलैंड में हैं। यहां गवर्नर ने लॉकडाउन बढ़ाने के आदेश दिए हैं। परिवार इन हालातों के चलते बेटी को परिवार और दोस्तों से नहीं मिला पाया है। सेल्वी को अमेरिकन खाने में भी परेशानी हो रही है। इस वजह से मेग ऑनलाइन इंडियन रेसिपी तलाश रही हैं।
लॉकडाउन की खबर से परिवार बनने की उम्मीद टूटने लगी थी
बीते दिसंबर में सेठ और मेग ने पहली बार सेल्वी से वीडियो कॉल पर बात की थी। इसके तीन महीने बाद राजधानी दिल्ली में 2 मार्च को कोरोनावायरस का पहला मामला आया। कपल को इसके एक दिन पहले ही एडॉप्शन की अनुमति मिली थी। सेठ और मेगकहते हैं कि उनके भारत पहुंचने के महज 20 घंटे बाद ही सरकार ने बॉर्डर सील कर दी। उपयोग नहीं किए गए वीजा कैंसिल और विदेशियों के यहां आने पर रोक लगा दी गई। खबरें आने लगीं किसरकार सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को रद्द करने पर विचार कर रही है।'
ऐसे में इस कपल के पास एक ही रास्ता था किबेटी से मिलें और बचे हुए समय में यहां से निकल जाएं। हालांकि बॉन्ड इतनी जल्दी नहीं बनता है, लेकिन इस काम में भी उन्हें तेजी लानी थी। मेग जमीन पर बैठकर सेल्वी की हरकतें देखने लगीं। उसे चिंता थी किक्या वो सेल्वी के साथ उसकी केयरटेकर की बॉन्ड बना पाएंगी।
बेटी को गोद लेने से पहले आश्रम में एक समारोह भी हुआ
मेग कहती हैं कि मैं जब केयरटेकर से मिली मुझे शुक्रिया महसूस हुआ, हमने सेल्वी की जिंदगी के दो साल मिस कर दिए। काश, हम शुरुआत से ही उसके माता पिता होते, लेकिन हम नहीं थे। सेल्वी अच्छे हाथों में रही। अगले दिन हम बेटी को घर ले जा सकतेथे। इससे पहले आश्रम में एक समारोह हुआ। उस वक्त मुझे सेल्वी की केयरटेकरके लिए बहुत हमदर्दी हुई। उसने शुरुआती दो सालों तक बच्ची की देखभाल की। रोते हुए मैंने केयरटेकर कोशुक्रिया बोलाऔर हमेशा उसे सेल्वी के जीवन का हिस्सा बनाने का वादा किया।
एक जरूरी कागज की वजह से भारत में अटके
मदुरई से निकलकर परिवार 18 मार्च को दिल्ली पहुंचा। अगले दिन घोषणा हुई कि देश के बाहर आने-जाने वाली सभी फ्लाईट्स तीन दिन में कैंसिल हो सकती हैं। ऐसे में कपल के पास के जरूरी कागजों का पूरा करने के लिए दो दिन का वक्त था।
यूएस इमिग्रेशन पेपरवर्क में आमतौर पर एक हफ्ते का वक्त लगता है, लेकिन दोनों देश के अधिकारियों ने इसे पूरा करने में तेजी दिखाई। एयरपोर्ट बंद होने के कुछ घंटों पहले ही मोजियर कस्टम्स से गुजरे। इस दौरान वे अपना एक जरूरी कागज भूल गए थे। इस कागज में सेल्वी को देश से बाहर ले जाए जाने की अनुमति दी गई थी।
मिशनरीज को ऑफर की गई फ्लाईट्स के कारण निकल सके
भारत में सरकार लॉकडाउन की घोषणा कर चुकी थी। करीब 130 करोड़की आबादी घर में कैद हो गई थी। ऐसे में मोजियर एक लगभग खाली होटल में रुके। यहां मौजूद करीब 500 कमरों में से केवल 10 रूम भरे हुए थे। उन्होंने 9 दिन होटल में गुजारे। यूएस एंबेसी के पास हजारों अमेरिकी वापस जाने के लिए रिक्वेस्ट कर चुके थे। आखिरकार परिवार को एक ईमेल मिला, जिसमें बताया गया था किलैटर डे सेंट्स अपने मिशनरीज को वापस लाने के लिए फ्लाइट भेज रहा है। उन्होंने दूतावास को यह सीटें दीं, जहां से यह जगह मोजियर परिवार को मिलीं। फिर दोनों सेल्वी के साथ अमेरिका पहुंचे।
लॉकडाउन में शराब बिक्री की छूट देने पर शिव सेना सांसद संजय राउत ने सवाल उठाए हैं। राउत का कहना है कि अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों के शामिल होने की इजाजत है लेकिन, शराब की दुकान पर 1 हजार लोग इकट्ठे हो सकते हैं। राउत ने कटाक्ष किया- मृत शरीर में आत्मा (स्पिरिट) नहीं होती और दुकानों में स्पिरिट (अल्कोहल) होता है! क्या इसलिए वहां ज्यादा लोगों को छूट दी जा रही है?
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने 5 मई को सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन बताई थीं। उन्होंने कहा था कि शादी के फंक्शन में 50 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। वहीं अंतिम संस्कार में 20 लोगों से ज्यादा के शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
महाराष्ट्र में शराब बिक्री की छूट नहीं
केंद्र सरकार ने 4 मई से शुरू हुए लॉकडाउन के तीसरे फेज में शर्तों के साथ शराब बिक्री की छूट दी है। महाराष्ट्र ने भी शराब की दुकानें खोलने का फैसला लिया था लेकिन, दुकानों पर भीड़ को देखते हुए फैसला वापस ले लिया। देशभर में शराब की दुकानों पर लंबी लाइनें लग रही हैं। कई जगह लोग सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे। ऐसे में पुलिस को दुकानें बंद करवानी पड़ रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- शराब की होम डिलीवरी पर विचार करें
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकारें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए बनाए रखने के लिए शराब की होम डिलीवरी पर विचार करें। याचिकाकर्ता की दलील थी कि लॉकडाउन में शराब की बिक्री से आम आदमी की जिंदगी खतरे में न पड़े। गृह मंत्रालय को शराब की बिक्री पर राज्यों को सफाईदेनीचाहिए। इस याचिका परसुप्रीम कोर्ट ने कोई साफ आदेश तो नहीं दिया लेकिन, राज्यों को शराब की होम डिलीवरी की सलाह दी।
लाॅकडाउन के दौरान ई-लर्निंग से घर पर पढ़ाई कर रहे छात्रों से अब फीडबैक लिया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार अब जिले के शिक्षकों के साथ ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी रोज कम से कम 20 छात्राें व अभिभावकों से फोन पर बात करेंगे। उनसे ई-लर्निंग के बारे में पूछेंगे। सवाल करेंगे कि केबल और डिस टीवी पर एजुसेट के प्रसारण, संपर्क बैठक एप, वॉट्सएप एप व अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से कराई जा रही ई-लर्निंग में कोई परेशानी तो नहीं आ रही है। इसके माध्यम से पूछे गए सवाल और होम वर्क में दिक्कत तो नहीं आ रही है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार छात्रों से की गई बात और उनसे लिए गए फीडबैक को निदेशालय भेजा जाएगा। इसके बाद अगर जरूरत पड़ेगी तो ई-लर्निंग को और सरल बनाया जाएगा। कोरोना रोकथाम के लिए पूरे देश में मार्च से लॉकडाउन लागू है। ऐसे में तमाम स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई बर्बाद न हो, इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने ई-लर्निंग की सुविधा शुरू की है।
बीईओ को स्कूल मुखियाओं द्वारा दी गई लिस्ट के आधार पर रोज कम से कम 20 छात्रों से बात करनी होगी
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील पर एक बार फिर संकट के बादल दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह दोनों देशों के बीच चार महीने पहले हुई इस डील को खत्म कर सकते हैं। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस समय काफी उखड़े हुए हैं और अमेरिका-चीन ट्रेड डील को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं किया है।
अमेरिकी-चीनी अधिकारियों ने डील समय पर होने का दावा किया
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के अधिकारियों ने इस ट्रेड डील के पहले फेज को समय पर पूरा करने का दावा किया था। ट्रंप के बयान से 12 घंटे पहले ही अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर, ट्रेजरी सचिव स्टीवन म्नूचिन ने चीन के वाइस प्रीमियर ल्यू ही से बातचीत की थी। इसके बाद संयुक्त बयान में दोनों देशों के अधिकारियों ने कहा था कि चीन इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वह ट्रेड डील के तहत वादे के मुताबिक खरीदारी करेगा।
दोनों देश तैयार कर रहे जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर
संयुक्त बयान में लाइटहाइजर और म्नूचिन ने कहा था कि इस समझौते को सफल बनाने के लिए दोनों देश जरूरी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं और इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है। लाइटहाइजर और म्नूचिन ने इस बात से इनकार किया कि कोरोनावायरस महामारी के बहाने बीजिंग की ओर से खरीदारी में देरी की जा रही है और चीन अपने वादे से मुकर रहा है।
समय पर पूरी होगी ट्रेड डील
अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि चीन के अधिकारी इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि कोरोनावायरस महामारी के बावजूद दोनों देश इस ट्रेड डील को समय पर पूरा करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस डील के तहत सभी दायित्वों का समय पर निभाया जाएगा।
क्या है अमेरिका-चीन ट्रेड डील
करीब चार महीने पहले अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत चीन को अगले दो साल में 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा के अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं की खरीदारी करनी थी। इसमें अमेरिका से चीन के लिए 76.7 बिलियन डॉलर का निर्यात इस वर्ष और 123.3 डॉलर का निर्यात 2021 में होना शामिल था।
चालू वर्ष के पहले तीन महीनों में कम खरीदारी
इसी सप्ताह अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने डाटा रिलीज किया। इस डाटा के अनुसार चीन की खरीदारी चालू वर्ष के पहले तीन महीनों में 2017 के स्तर से भी कम चल रही है। 2017 के मुकाबले इन तीन महीनों में चीन ने करीब 7 बिलियन डॉलर कम की खरीदारी की है।
कोविड-19 महामारी के झटकों से उबरने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल बाजार उधार (gross market borrowing) बढ़ा दिया है। इसे 7.8 लाख करोड़ रुपए के बजट से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने दो अलग-अलग बयान में कहा, कि उधारी में संशोधन कोविड-19 महामारी के कारण आवश्यक हो गया है।
गिल्ट्स के जरिए सरकार उधार लेगी 6 लाख करोड़
वर्ष के लिए कुल उधारी अर्थात बोरोइंग में हुई वृद्धि के साथ-साथ वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के शेष के लिए उधार कैलेंडर भी जारी किया गया है। संशोधित कैलेंडर के अनुसार सरकार साल की पहली छमाही के बचे हुए हिस्से से गिल्ट्स के जरिए बाजार से 6 लाख करोड़ रुपए उधार लेगी। प्रत्येक साप्ताहिक नीलामी के लिए नीलामी का आकार 11 मई के सप्ताह से बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए हो जाएगा।
अप्रैल-सितंबर में सरकार लेगी आक्रामकरूप से उधार
भारत पिछले आठ हफ्तों से लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है। मूडीज ने इस साल देश के लिए 0 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है। मार्च में आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने कहा था कि सरकार कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए अप्रैल-सितंबर की अवधि में अनुमान से अधिक आक्रामक रूप से उधार लेने की योजना बना रही है। चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार उद्योगों के पुनरुत्थान और वसूली के लिए जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह करेगी। हमारे फंड जुटाने वाले संसाधन न केवल बाजारों से बल्कि बहुपक्षीय एजेंसियों से भी सक्षम हैं।
राजकोषीय घाटे को संशोधित करना होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के अपने बजट में नए वित्त वर्ष में 7.8 लाख करोड़ रुपए की सकल उधारी का अनुमान लगाया था, जो 2019-20 के लिए अनुमानित 7.1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। उधारी अनुमान में वृद्धि के साथ, सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत आंके गए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को और ज्यादा संशोधित करना होगा।
जीडीपी बुरी तरह प्रभावित, राहत पैकेज का इंतजार
बता दें कि सरकार को इस बार बजट गैप, राजकोषीय घाटा के साथ जीडीपी वृद्धि के मोर्चे पर काफी कुछ करना होगा। यह सभी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हैं। यही नहीं, तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इस साल की जीडीपी की वृद्धि दर को जीरो तक घटा दिया है। सरकार अभी तक कोविड-19 के लिए केवल एक बार 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जाहिर की है। अगर उसे ज्यादा पैकेज जारी करना पड़ा तो सरकार को आगे और भी उधार लेने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि सरकार से दूसरे बड़े पैकेज की उम्मीद है, लेकिन यह अभी तक जाहिर नहीं हुआ है।
काेविड-19 से बचाव और नियंत्रण काे लेकर जिला प्रशासन ने और भी सख्ती का निर्देश जारी किया है। एसडीएम राज महेश्वरम ने तत्काल प्रभाव से शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एसडीएम ने बताया कि दंड प्रक्रिया की संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा अगले आदेश तक जारी रहेगी। चिकित्सा कार्य को छोड़कर कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकलेंगे। वहीं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष के बच्चे सिर्फ इलाज को छोड़ किसी भी वक्त घर से बाहर नहीं निकलेंगे। अगर कोई व्यक्ति इस निर्देश का उल्लंघन करता है ताे उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओंतथा आईपीसी की धारा 188 तथा सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। वहीं, कतरास के लोयाबाद थाना क्षेत्र के शनिचरी बाजार में सुबह सोशल डिस्टेंस का लोगों ने पालन नहीं किया।
लोयाबाद थाना क्षेत्र के शनिचरी बाजारमें थाना प्रभारी रमेशचंद्र सिंह की अगुवाई में पुलिस सब्जी विक्रेताओं व खरीदारों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहते रहे। लेकिन लोगों पर इसका कुछ खास असर नहीं हुआ। इधर, कई पुलिसकर्मी भी बिना मास्क नजर आए। खुद थाना प्रभारी के ने भी मास्क नहीं लगाया।
आवश्यक सेवा प्रदाता कार्यालय व प्रतिष्ठान प्रतिबंध से बाहर
इधर,एसडीएम ने कहा है कि आवश्यक सेवा प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठान इस प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। मेडिकल दुकान, हाॅस्पिटल, पेयजल विभाग, बिजली विभाग सहित इमरजेंसी सेवा प्रदान करने वाले अन्य सरकारी कार्यालयाें पर यह निर्देश प्रभावी नहीं हाेगा। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने पर उनके कर्मियाें काे सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करना हाेगा।
आज धनबाद में कोई पॉजिटिव नहीं मिला तो ग्रीन जाेन की पात्रता पूरी
धनबाद में अगर शनिवार को भी कोई कोरोनो पॉजिटिव केस नहीं मिला तो जिला तकनीकी ताैर पर ग्रीन जोन में आजाएगा। इसके बावजूद लाॅकडाउन के कारण काेई विशेष छूट नहीं मिलेगी। डीसी अमित कुमार ने बताया कि इंडियन काॅंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा काेविड-19 काे लेकर दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार धनबाद जिला तकनीकी ताैर पर शनिवार से ग्रीन जाेन में आजाएगा, लेकिन इसकी आधिकारिक घाेषणा परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से की जाएगी। आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार 21 दिनाें तक अन्य काेई मामला प्रकाश में नहीं आता है ताे वह जिला ग्रिन जाेन में आजाएगा। धनबाद जिला में दाे काेराेना पॉजिटिव का मामला मिला था। इनमें पहला 16 अप्रैल काे कुमारधुबी के बाघाकुड़ी में तथा दूसरा 18 अप्रैल काे हीरापुर डीएस काॅलाेनी में मिला था। इस हिसाब से 21 दिनाें की अवधि 9 मई शनिवार काे पूरी हाे रही है।
बाघाकुड़ी और डीएस कॉलोनी में जारी रहेगा कर्फ्यू: डीसी
डीसी ने कहा कि कंटेनमेंट एरिया कुमारधुबी बाघाकुड़ी के तीन किलाेमीटर परिधि में 14 मई की आधी रात तक कर्फ्यू लागू रहेगा। उसी तरह धनबाद क डीएस काॅलाेनी-अजंतापाड़ा में 16 मई की आधी रात तक कर्फ्यू रहेगा।
लॉकडाउन की वजह से टीवी देखने वाले दर्शकों की संख्या बढ़ रही है। इन दिनों टीवी पर ज्यादातर पुराने सीरियल फिर से टेलीकास्ट हो रहे हैं, या फिर सीरियल के पुराने एपीसोड दिखाए जा रहे हैं। दूरदर्शन पर भी रामायण, महाभारण और श्रीकृष्ण की वापसी हुई है। हालांकि, टीवी पर सीरियल की तुलना में फिल्म देखने वालेदर्शकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि टीवी पर मूवी जेनर तेजी से बढ़ रहा है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (BARC) के मुताबिक17वें सप्ताह में भी तेजी दिखरही है, जो 25 अप्रैल से शुरू हुआ है।
दक्षिण बाजार में भी हिट रहे फिल्मी चैनल
दरअसल, मूवी-बेस्ड कंटेंट हिंदी स्पीकिंग मार्केट्स (HSM) के साथ दक्षिण मार्केट में भी अच्छा परफॉर्म कर रहा है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (BARC) के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक कोविड-19 से पहले (11 जनवरी और 31 जनवरी के बीच) की तुलना मेंदक्षिण बाजार में प्राइम टाइम व्यूअरशिप में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हालांकि, नॉन-प्राइम टाइम के दौरान हिंदी स्पीकिंग मार्केट्स के दर्शकों की हिस्सेदारी में 114 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि दक्षिण बाजार में कोविड-19 से पहले की तुलना में 52 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
देशभर में 64% की वृद्धि
मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक इस बारे में जी चैनल के चीफ कंज्यूमर ऑफिसर प्रथ्यूषा अग्रवाल ने कहा, "टीवी दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसमें फिल्म का अहम योगदान है। लॉकडाउन के दौरान (12-17 सप्ताह) ऑल इंडिया लेवल पर कंजप्शन में 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मूवी कंटेंट की खास बात है कि ये किसी भी परिवार के सभी उम्र के लोगों को पंसद आता है, और साथ देखने के लिए प्रोत्साहित करता है।" उन्होंने बताया कि कोविड से पहले की तुलना में अब मूवी चैनल को ज्यादा व्यूअरशिप आ रही है।
मूवी जेनर में लगातार ग्रोथ
उन्होंने आगे कहा, "प्री-कोरोनावायरस पीरियड के दौरान मूवी चैनलों ने टीवी व्यूअरशिप में 23 प्रतिशत का योगदान दिया, जो BARC के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक 17वें सप्ताह में बढ़कर 27 प्रतिशत हो गई है। मूवी जेनर ने अपनी ग्रोथ को लगातार बनाए रखा है। प्री-कोविड 13वें सप्ताह में इसका आंकड़ा 60 प्रतिशत तक पहुंच गया था।" जी मूवी चैनल ने अपने दर्शकों को इस दौरान 'गुड न्यूज', 'कमांडो 3', 'दबंग 3' और 'साहो' जैसे फिल्म ऑफर की। साथ ही, कलवानी मपिल्लई, मरैन्तिरुन्थु पारकुम मरम इना, सॉकरप्टाई और मीमरंथेन पारायो जैसी रीजनल फिल्में भी ऑफर की।
जी के चैनल्स में 121% तक ग्रोथ
12-17 सप्ताह के दौरान जी नेटवर्क के रीजनल चैनल्स जैसे जी टॉकीज में 63 प्रतिशत, जी बांग्ला सिनेमा में 95 प्रतिशत और जी बिस्कोप में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। इस दौरान जी सिनेमालु में 48 प्रतिशत और जी थिराई में 121 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली।
लॉकडाउन के कारण लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं इसी को देखते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने कार खरीदने के लिए 'ओन-ऑनलाइन' (Own-Online) नाम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया है। महिंद्रा के ऑटोमोटिव डिवीजन के सीईओ विजय नाकरा कहते है कि 'ओन-ऑनलाइन' से ग्राहक पिज्जा की डिलीवरी में लगने वाले समय से भी कम में महिंद्रा के वाहन खरीद सकेंगे। इस सुविधा के लिए आपको कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
4 स्टेप में खरीद सकेंगे गाड़ी
'ओन-ऑनलाइन' के साथ कंपनी के 270 से ज्यादा डीलरों और 900 से अधिक संपर्क केंद्रों को जोड़ा गया है। ये रियल-टाइम में सहायता करने के साथ घर पर टेस्ट ड्राइव और व्हीकल डिलीवरी की सुविधा देंगे। कंपनी के अनुसार ग्राहक केवल 4 स्टेप के साथ ग्राहक ऑनलाइन एक्सचेंज, फाइनेंस और इंश्यारेंस की सुविधा के साथ अपने पसंदीदा वाहनों को खरीद सकता है। इन चार स्टेप में वाहन को पसंद करना, इसके लिए कोटेशन पाना, फाइनेंस व इंश्योरेंस का विकल्प लेना और बिना कहीं संपर्क किए पेमेंट करना शामिल है।
मारुति सुजुकी ने भी शुरू की ऑनलाइन बुकिंग
कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने 600 शोरूम्स को खोल दिया है और तकरीबन 55 कारों की डिलीवरी भी की है। जो भी लोग मारुति सुजुकी की कार लेना चाहते है वो कंपनी के वेबसाइट से बुक कर सकते हैं। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर ही कार की खरीदारी के जरूरी डॉक्यूमेंट भी जमा कर सकेंगे। इसके बाद आपके नजदीकी डीलरशिप द्वारा कार सीधे आपके घर पर डिलीवरी कर दी जाएगी। कंपनी के अनुसार कार की डिलीवरी के दौरान सैनेटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
दिग्गज सोशल नेटवर्किंग कंपनी ट्विटर जल्द ही अपने यूजर्स के लिए एक नया फीचर ला सकती है। इस फीचर के तहत यूजर अपनी पोस्ट को आगे के किसी भी समय या तारीख के लिए शेड्यूल कर सकेंगे। यूजर इस फीचर की लंबे समय से डिमांड कर रहे थे।
हेट स्पीच-ट्रोलिंग को रोकने के लिए भी नए फीचर की टेस्टिंग
नेक्स्ट वेब की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ डेस्कटॉप यूजर्स को यह नया फीचर उपलब्ध कराया जा चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम्स तक यह फीचर जल्द पहुंच जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर हेट स्पीच को फैलने से रोकने और ट्रोलिंग रोकने के लिए नए फीचर की भी टेस्टिंग कर रहा है।
कंटेंट को संपादित करने का दूसरा मौका मिलेगा
इसके अलावा ट्विटर एक ऐसा फीचर ला रही है जो यूजर्स को किसी संभावित आक्रामक मैसेज को पोस्ट करने से पहले विचार करने का मौका देगा। कंपनी यूजर्स को नुकसानदायक, अपमानजनक और हेट कंटेंट को संपादित करने का दूसरा मौका देगी। यदि यूजर्स ऐसे कंटेंट को पोस्ट करने की योजना बनाता है तो वह ट्विट कंपनी की पॉलिसी के अनुसार स्क्रूटनी के लिए भेजा जाएगा।
अभी आईओएस यूजर्स को मिलेगा यह विकल्प
कंपनी ने कहा है कि यह एक सीमित प्रयोग है और अभी केवल आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध है। जिस ट्विट में नुकसानदायक कंटेंट होगा, उस पर यूजर को एक पॉप-अप मैसेज दिखाई देगा और ट्विटर की आर्टिफिशयल इंटेलीजेंसी/मशीन लर्निंग पहली बार में ही ऐसे हेट शब्दों को पकड़ने की कोशिश करेगी।
वित्त वर्ष 2021 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज सोमवार से निवेश के लिए खुल रही है। इसमें 11 से 15 मई तक गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया जा सकता है। इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,590 रुपए तय की गई है। जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। आइए यहां समझें कि क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड और क्यों है यह निवेश का बेहतर विकल्प।
6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड होने थे जारी
सरकार ने अगले 6 महीने में यानी 20 अप्रैल से लेकर 4 सितबंर तक 6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) जारी करने का फैसला किया है। अप्रैल में एक बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी हो चुके हैं।सरकार ने 20 से 24 अप्रैल के बीच पहली सीरीज लॉन्च की थी। इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,639 रुपए तय की गई थी।इन्हे बैंकों और बडे डाकघरों से खरीदा जा सकेगा।
निवेश के हिसाब से बेहतर विकल्प
अगर आप सोने में निवेश करना चाहते है तो यह फिजिकल गोल्ड खरीदने से बेहतर है। फिजिकल गोल्ड खरीदने पर आप सोने की कीमत तो चुकाते ही हैं, आप मेकिंग चार्ज भी चुकाते हैं। आप सोने की कीमत पर तीन फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी भी चुकाते हैं। इससे सोने की कीमत काफी बढ़ जाती है। सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश पर कोई जीएसटी नहीं लगता है। यह चूंकि बांड है इसलिए इस पर कोई मेकिंग चार्ज भी नहीं लगता।
शुद्धता और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं
जब आप सोने की सिल्ली या सोने का आभूषण खरीदते हैं, तो आपको उसकी शुद्धता को लेकर संदेह हो सकता है। साथ ही उसे रखना भी सुरक्षित नहीं होता है। लेकिन सॉवरेन गोल्ड बांड में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुताबिक गोल्ड बांड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीरेए) द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है।
इश्यू प्राइस पर 2.50 फीसदी ब्याज मिलता है
सॉवरेन गोल्ड बांड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपने खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता। एनएसई के वेबइसाट पर दी गई जानकारी के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश का एक फायदा यह भी है कि 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके साथ ही हर छह महीने पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस भी नहीं लगता।
1 ग्राम से 4 किलो तक खरीद सकते हैं सोना
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। हालांकि किसी ट्र्स्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। कोई भी व्यक्ति एक फिस्कल ईयर में 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कॉलैटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बांड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बांड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।
अजमेर सहित आसपास के जिलों में फंसे बिहार के मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से आने वाले दो-तीन दिन में बिहार के पूर्णिया के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना की जा सकती है, ताकि वे अपने घरों को लौट सकें। इस मामले में अजमेर जिला प्रशासन ने रेलवे के अधिकारियों से बात की है। इस ट्रेन से करीब 900 मजदूरों को रवाना करने की संभावना है।
जिला प्रशासन ने 5 दिन पहले ही अजमेर से कोलकाता के लिए 1086 जायरीन को रवाना किया था। इसके बाद से ही मजदूरों के लिए बिहार ट्रेन भेजे जाने की तैयारी चल रही थीं। रेलवे और संबंधित सरकार की अनुमति मिलने के साथ ही इन मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से बिहार भेजा जाएगा।
अजमेर स्टेशन से गुजर चुकी हैं 12 ट्रेनें
अजमेर से करीब एक दर्जन नॉन स्टॉप मजदूर स्पेशल ट्रेनें गुजर चुकी हैं। इन ट्रेनों का अजमेर में ठहराव नहीं किया जा रहा। आईआरएसआरटीसी कुछ ट्रेनों में यात्रियों को खाना देने के लिए इन्हें 2 से 3 मिनट तक रूकवाती भी है तो इन ट्रेनों में से मजदूरों को बाहर नहीं निकलने दिया जाता।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व वाला सउदी अरब का सॉवरेन वेल्थ फंड रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है। इस मामले से वाकिफ एक सूत्र ने यह जानकारी दी है। बड़े वेल्थ फंड्स में शुमार सउदी अरब का यह पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड 320 बिलियन डॉलर से ज्यादा से एसेट्स का मैनेजमेंट करता है।
जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदने वाला चौथा निवेशक बन सकता है सउदी फंड
सउदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड इस निवेश में कामयाब हो जाता है तो वह जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदने वाला चौथा निवेशक बन सकता है। अभी तक फेसबुक, सिल्वर लेक और विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदी है। इस हिस्सेदारी बिक्री से जियो प्लेटफॉर्म ने ऐसे समय में 60 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि जुटाई है जब कोरोनावायरस महामारी के कारण पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। अभी तक जियो प्लेटफॉर्म में अमेरिकी कंपनियों ने हिस्सेदारी खरीदी है।
सउदी अरैमको और आरआईएल में भी चल रही बातचीत
आरआईएल की अपने पेट्रोलियम और पेट्रोकैमिकल कारोबार की 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को लेकर सउदी अरब की तेल कंपनी सउदी अरैमको के साथ बातचीत चल रही है। सउदी अरैमको अगले सप्ताह वित्तीय नतीजे घोषित कर सकती है। इस दौरान उम्मीद जताई जा रही है कि वह आरआईएल के साथ चल रहे सौदे के ड्यू डिलिजेंस पर कोई प्रतिक्रिया देगी। 30 अप्रैल को बोर्ड बैठक के बाद रिलायंस ने कहा था कि सउदी अरैमको सौदे को लेकर ड्यू डिलिजेंस सही दिशा में चल रहा है।
22 अप्रैल को फेसबुक ने किया था 43,574 करोड़ रुपए का निवेश
अप्रैल में दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म में 43,574 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इस निवेश के बाद जियो प्लेटफॉर्म में फेसबुक की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी हो गई है। 22 अप्रैल को रिलायंस इंडस्ट्रीज और फेसबुक ने इस निवेश की घोषणा की थी। यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश था।
सिल्वर लेक ने 5656 करोड़ रुपए का निवेश किया
अमेरिकी की निजी इक्विटी निवेश कंपनी सिल्वर लेक ने 4 मई को रिलायंस जियो में 5656 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की थी। इस निवेश के बाद जियो में सिल्वर लेक की 1.15 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी। यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म की इक्विटी वैल्यू 4.90 लाख करोड़ रुपए और एंटरप्राइजेस वैल्यू 5.15 लाख करोड़ रुपए पर किया गया था। सिल्वर लेक दुनियाभर की टेक कंपनियों में निवेश करती है। इनमें एयरबीएनबी, अलीबाबा, आंट फाइनेंशियल, अल्फाबेट की वैरिली एंड वायमो यूनिट्स, डेल टेक्नोलॉजी और ट्वीटर प्रमुख कंपनियां हैं।
विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने 11,367 करोड़ रुपए में 2.32% हिस्सेदारी खरीदी
अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने 8 मई को आरआईएल के डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो प्लेटफॉर्म में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा 11,367 करोड़ रुपए में हुआ है। यह निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स के इक्विटी मूल्य 4.91 लाख करोड़ रुपए और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपए पर किया गया है। रिलायंस जियो में हिस्सेदारी खरीदने वाली विस्टा अब दूसरी बड़ी कंपनी बन गई है।
कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन से अन्य राज्यों में फंसे मप्र के मजदूरों की घर वापसी शुरू हो गई है। अलग-अलग राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को 1239 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन सागर पहुंची। श्रमिकों के साथ 79 बच्चे भी शामिल थे। ट्रेन में बुंदेलखंड समेत भिंड, रतलाम, कटनी आदि 18 जिलों के प्रवासी श्रमिक शामिल थे। जिनकी मेडिकल स्क्रीनिंग कर बसों से सभी को अपने-अपने जिले रवाना किया गया। सभी मजदूर अब क्वॉरेंटाइन रहेंगे। स्टेशन पर व्यवस्थाओं के लिए डॉक्टर, सफाईकर्मी, रेलकर्मी समेत अधिकारी व अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे। सभी श्रमिकों को उनके जिलों के क्रमानुसार ही स्टेशन परिसर के बाहर खड़ी बसों से भेजा गया है।
22 मार्च जनता कर्फ्यू के बाद से ट्रेनों के संचालन बंद हैं। गिनती की मालगाड़ी और पार्सल ही पटरियों पर दौड़ रही है। शुक्रवार को स्टेशन पर 48 दिन बाद फिर चहल-पहल दिखाई दी। दरअसल, हरियाणा रेवाड़ी से सागर के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह 6.20 पर सागर पहुंची। ट्रेन में सवार सभी मजदूरों को उनके जिले के हिसाब से बैठाया गया था। सागर स्टेशन पर पहुंचते ही सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। हालांकि मेडिकल स्क्रीनिंग में उनके नाम और मशीन से तापमान की ही जांच हुई है। इसके बाद उन्हेंरवाना कर दिया गया। श्रमिकों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी थे। जिनकी भी जांच मेडिकल टीम द्वारा की गई है।
जैसे ही मेडिकल टीम के पास पहुंचे तो दिखाने लगे टिकट
48 दिनों से लॉकडाउन में फंसे श्रमिक सागर पहुंचे ही पुलिस व अन्य मेडिकल टीमों की ताम-झाम को देखकर चकित नजर आए है। जैसे ही निकासी पाइंट पर सभी कुछ मजदूर पहुंचे तो स्क्रीनिंग टीम को अपना टिकट दिखाने लगे। दरअसल श्रमिक समझ रहे थे कि यहां टिकट चैकिंग हो रही है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनें के लिए इसलिए चिन्हित किया गया सागर स्टेशन
इस ट्रेन में अधिकांश अन्य जिलों के श्रमिक होने के बाद भी ट्रेन को सागर लाने के पीछे का मकसद क्या है? अफसरों के मुताबिक ट्रेन को अलग-अलग स्टेशन पर स्टॉपेज न देकर सीधे सागर स्टेशन को चिन्हित इसलिए किया गया है क्योंकि सबसे ज्यादा मजदूर बुंदेलखंड के थे। इसमें भी सबसे ज्यादा मजदूर छतरपुर के हैं। जबकि दतिया, भिंड, ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, होशंगाबाद, रायसेन, जबलपुर, अलीराजपुर, रतलाम, कटनी, सतना और रीवा आदि के श्रमिकों की संख्या कम थी।
आज फिर आएगी ट्रेन
हरियाणा में लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की एक और ट्रेन शनिवार को सागर पहुंचेगी। इस ट्रेन में सागर के 16 श्रमिकों के साथ 18 जिलों के कुल 1280 श्रमिक सागर आएंगे। ट्रेन संख्या 09979 (हरियाणा रेवाड़ी- सागर) 8 मई को शाम 7.30 बजे रवाना होगी, जो 9 मई को सुबह 6 बजे सागर स्टेशन पहुंचेगी।
रोना वायरस संक्रमण के बचाव और नियंत्रण के लिए शहर की अस्पतालों और नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्ड के घरों को सैनिटाइज किया जा रहा है। साफ सफाई के साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी निगमकर्मियों कर रहे हैं। उधर, शहर के 17 बड़े नालों की साफ सफाई की जा रही है। निगमायुक्त ने आरपी अहिरवार ने अपील की है कि घरों से निकलने वाले मेडिकल वेेस्ट, मास्क, ग्लव्स, अनुपयोगी दवाइयों को कचरा गाड़ी को ही दें। मास्क, ग्लब्स को किसी भी स्थिति में सड़कों पर न फेंके। इससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरे का अंदेशा रहता है।
मास्क न पहनने पर लड़कियाें से लगवाई उठ्ठक-बैठक, एसआई की लाइन वापसी
मास्क न पहनने पर लाेगाें काे माैके पर ही सबक सिखाया जा रहा है। शुक्रवार काे मकराेनिया चाैराहे पर दाे लड़कियां बिना मास्क की मिली ताे माैजूद एसआई ठाकुर ने उन्हें उठ्ठक-बैठक लगवा दी। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। जब यह मामला चर्चा में आया ताे मकराेनिया थाना प्रभारी उपमा सिंह लड़कियाें से मिलने उनके घर पहुंची। वे दाेनाे स्वस्थ्य हैं। एसअाई ठाकुर इसके पहले एक युवक काे भी सबक सिखाया था। लाइन से उनकी ड्यूटी चाैराहे पर लगाई गई थी। मामला तूल पकड़ने लगा ताे एसआई की लाइन वापसी करा दी गई है।
लाॅकडाउन में अपराधी भी घर लाैटने लगे हैं। मकराेनिया पुलिस काे गांजे की तस्करी के मामले में करीब 6 साल से फरार जिस आराेपी की तलाश थी वह घर पर मिला। वह कुछ दिन पहले पुणे से लाैटा है। वहां ट्रक चलाता था। इस मामले में उसके पिता काे पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
मकराेनिया थाना प्रभारी उपमा सिंह ने बताया कि आराेपीराजकुमार पिता हम्मीर राय निवासी रजाखेड़ी के खिलाफ 6 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। उस समय निरीक्षक आलाेक परिहार ने बड़ी मात्रा में पिता-पुत्र से गांजा जब्त किया था। इस आराेपी की जानकारी लेने के लिए उसकी बहन से मिलने घर गई ताे वहां आराेपी खुद मिल गया। उसने बताया कि लाॅक डाउन में धंधा पानी छिन गया। इसलिए लाैट आया। वह लाॅक डाउन के कुछ दिन बाद ही लाैट आया था। उसकी स्क्रीनिंग कराई गई है।
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर ने पीजी के नियमित और प्राइवेट विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा फार्म जमा किए जाने की तारीख 10 दिन बढ़ा दी है। अब विद्यार्थी एमपी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए 23 मई तक परीक्षा फार्म जमा कर सकेंगे।
इस संबंध में विश्वविद्यालय ने संशोधित अधिसूचना भी जारी कर दी है। इससे पहले विश्वविद्यालय ने परीक्षा फार्म जमा करने की अंतिम तारीख 14 मई घोषित की थी। विश्वविद्यालय द्वारा जारी संशोधित अधिसूचना के अनुसार अब एमए, एमएससी, एमकॉम, एमएचएससी, एमबीए तथा स्वाध्यायी एमए, एमएससी, एमकॉम के द्वितीय तथा चतुर्थ सेमेस्टर के एटीकेटी व फेल हुए विद्यार्थी 23 मई तक सामान्य शुल्क के साथ परीक्षा फार्म जमा कर जून 2020 में होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। जबकि बिलंब शुल्क सहित 27 मई तक परीक्षा फाॅर्म भरे जा सकेंगे।
विवेकानंद छात्र परिषद ने जताया दावा
विवेकानंद छात्र परिषद परीक्षा फाॅर्म जमा करने की तारीख बढ़वाने के लिए अपना दावा जताया है। परिषद के संरक्षक विकास केसरवानी ने विज्ञप्ति में कहा कि पिछले दिनों परिषद ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय के कुलपति को ईमेल के जरिए ज्ञापन सौंपा था। इसमें एक मांग परीक्षा फार्म भरने की तारीख बढ़ाने को लेकर थी। शेष चार मांगों पर कार्रवाई बाकी है। इनमें परीक्षा फीस माफ करना, स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं स्नातकोत्तर प्रथम, द्वितीय, तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देकर अगली कक्षा में भेजना, आवश्यकतानुसार स्नातक तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं कराएं। सभी कॉलेजों में केवल स्नातक तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों से फीस लेकर उनकी परीक्षाएं कराई जाएं तथा सभी कॉलेजों में नवीन छात्रों के प्रवेश दिनांक की सूची समय पर लागू करने की मांग की गई है।
भारतीय क्रिकेट टीम के चीफ सिलेक्टर सुनील जोशी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को नए सीजन की शुरुआत टी-20 से करने का सुझाव दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते दिनों नेशनल सिलेक्शन कमेटी कीबैठक हुई थी। इसमें जोशी ने यह प्रस्ताव दिया था। अगर बोर्ड इस पर सहमत होता है तो आमतौर पर अगस्त में शुरू होने वाले नए सीजन का आगाज सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट से हो सकता है।
टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में मदद मिलेगी
सिलेक्शन कमेटी के मुताबिक, इससे खिलाड़ी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार हो सकेंगे। इस सालऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर-नवंबर में यह टूर्नामेंट खेला जाना है। वहीं, खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग की तैयारी का भी मौका मिल जाएगा। हालांकि, अभी आईपीएल का शेड्यूल तय नहीं हुआ है। लेकिन मौजूदा हालात, फ्यूचर टूर प्रोग्राम को देखते हुए लीग के सितंबर-अक्टूबर में होने की उम्मीद है।
रोहित, कोहली जैसे खिलाड़ियों को प्रैक्टिस का मौका मिलेगा
ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेने को प्राथमिकता नहीं देते हैं। लेकिन मौजूदा हालात में उन्हें इसके जरिए प्रैक्टिस का मौका मिलेगा। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी से पहले विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे कई बड़े खिलाड़ी अपनी घरेलू टीमों की तरफ से उतर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो विराट 2013 के बाद पहली बार दिल्ली की तरफ से खेलते नजर आ सकते हैं।
धोनी भी घरेलू लीग से टी-20 में वापसी कर सकते हैं
कोहली पिछली बार 2013 में एनकेपी चैलेंजर ट्रॉफी में दिल्ली की तरफ से खेले थे। वहीं, 9 महीने से क्रिकेट से दूर महेंद्र सिंह धोनी भी आईपीएल से पहले टी-20 क्रिकेट खेल सकते हैं।
खाली स्टेडियम में मुश्ताक अली टूर्नामेंट कराया जा सकता है
अगर बीसीसीआई सिलेक्शन कमेटी के सुझाव मान लेती है तो उसे घरेलू टी-20 लीग के आयोजन में परेशानी नहीं होगी। क्योंकि लीग के सभी मैच लाइव नहीं दिखाए जाते। ऐसे में खाली स्टेडियम में इस टूर्नामेंट को कराने में बोर्ड को कोई परेशानी भी नहीं होगी।हालांकि, घरेलू टी-20 लीग को लेकर आए सुझाव और आईपीएल के भविष्य पर बोर्ड 17
मई के बाद ही कोई फैसला लेगा। इसी दिन लॉकडाउन-3 की मियाद खत्म हो रही है।
पिछले साल नवंबर में हुआ था घरेलू टी-20 टूर्नामेंट
बता दें कि पिछले साल अगस्त में 2019-20 सीजन की शुरुआत दिलीप ट्रॉफी से हुई थी। सितंबर-अक्टूबर में विजय हजारे और नवंबर में देवधर ट्रॉफी खेली गई। इसके बाद सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट हुआ। इसी साल मार्च में रणजी ट्रॉफी का फाइनल हुआ। हालांकि, कोरोना की वजह से ईरानी कप नहीं खेला जा सका। इसमें रणजी ट्रॉफी चैम्पियन सौराष्ट्र और रेस्ट ऑफ इंडिया के बीच मुकाबला होना था।
देश में कोरोना वायरस के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। वहीं क्षेत्र में कई योद्धा इस वायरस को खत्म करने में जुटे हुए है।
ऐसे ही 108 व 104 एंबुलेंस पायलट भी योद्धा बनकर मरीजों की सेवा में लगे हुए है। स्थानीय चिकित्सालय में लगी 108 एंबुलेंस हर समय मरीजों को हॉस्पीटल पहुंचाने व उनके घर छोडऩे के लिए लगी हुई है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर संदिग्धों को अस्पताल पहुंचनें के लिए 108 व 104 एंबुलेंस पर 5 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई हुई है। इसमें 108 एंबुलेंस सेवा के ईएमटी और पायलेट शामिल हैं। इनमें नवीन कुमार, महेंद्र कुमार, भंवरलाल, भीखाराम, मोहनलाल सहित अन्य हैं। कार्मिकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की आपदा के समय में देश की सेवा सौभाग्य हैं। पूरे जज्बे व तत्परता के साथ काम कर रहे हैंं। इसी तरह चिकित्सालय की एंबुलेंस पर कार्यरत दलीचंद व किशनलाल भी मरीजों को आपताकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचाने की सेवा में जुटे हुए है।
हमेशा रहते है अलर्ट
104 के पायलट भीखाराम ने बताया कि सूचना या सीधे कॉल मिलने पर संदिग्ध मरीज के पास पहुंचकर उसे अस्पताल पहुंचा रहे हैं। इसके लिए अलग.अलग शिफ्ट में टीम पूरी काम करती है। अलर्ट मोड़ पर रहकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं। घर परिवार से दूर रहकर सेवा में जुटें कोरोना वारियर्स का मनोबल बढ़ाते हैं। कोई भी परेशानी होने पर उनके साथ तत्पर हैं। सभी कार्मिकों को संक्रमण से बचाव को लेकर सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा हैं।
शहर में ग्रेनाइट मजदूरी करने वाले उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को शुक्रवार को बसों से रवाना किया गया। जालौर उपखंड क्षेत्र से 101 और सायला उपखंड से करीब 280 श्रमिकों को उनके राज्य के लिए रवाना किया गया। ये मजदूर पिछले काफी दिनों से अपने राज्य उत्तर प्रदेश जाने के लिए बेताब थे। लेकिन यूपी सरकार की ओर से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण अभी तक उन्हें रवाना नहीं किया गया था। अब यूपी सरकार की ओर से परमिशन मिलने के बाद इन श्रमिकों को शुक्रवार को बसों से रवाना किया गया। जालोर उपखंड अधिकारी चंपालाल जीनगर ने बताया कि जालोर से 101 मजदूरों को बसों से रवाना किया गया। वहीं सायला उपखंड अधिकारी गोमती शर्मा ने बताया कि करीब 280 मजदूरों को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया। बसें रवाना होते समय पटवारी कैलाश माली, ग्रेनाइट एसोसिएशन के संरक्षक नरेन्द्र बालू, नूर मोहम्मद समेत मौजूद रहे। इस दौरान जालोर से 2 व सायला से 7 बसें रवाना हुई।जीवाणा | उप तहसील मुख्यालय से शुक्रवार को रवाना की गई। आरआई परबतदान ने बताया कि जीवाणा क्षेत्र के आसपास के गांवो मे मजदूरी करनें के लियें आए यूपी के मजदूरों को शुक्रवार को उनके गांव के लिये रवाना किया गया। राज्य के फंसे हुए मजदूर बेरोजगार हो गये है। इसके चलते राजस्थान सरकार ने इनको अपनें अपनें घर भेजने के लिये राजस्थान रोडवेज की बसें चलाई हैं। जिसमे पहले चरण में 30 मजदूरों को रवाना किया गया। उस समय सरपंच प्रतिनिधि जितेन्द्र सिंह पटवारी, दयाराम, रमेश राणा आदी मौजुद थे। |
एक साल से केंद्रीय जेल में बंद पैंगोलिन और लाल तिलकधारी कछुओं के अंतरराष्ट्रीय तस्कर कोलकाता निवासी तपस बसक की जमानत याचिका शुक्रवार को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश पंकज यादव ने खारिज कर दी है। आरोपी ने कोविड-19 के संक्रमण के कारण वृद्ध माता-पिता की सुरक्षा और सेवा करने के नाम पर कोर्ट से जमानत मांगी थी। एडीजे कोर्ट ने वायडियो एप के जरिए सुनवाई की। सत्र न्यायालय में आरोपी का यह पांचवा जमानत आवेदन था।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुधा विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रकरण के आरापियों द्वारा लगातार अदालतों में जमानत याचिका लगाई जा रही हैं। इसी संबंध में उन्होंने 30 अप्रैल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश केपी सिंह को पत्र लिखा था। इसमें कहा था कि प्रकरण के आरोपी अंतरराष्ट्रीय तस्कर हैं। वह जिस भी कोर्ट में याचिका लगा रहे हैं, उसकी जानकारी उन्हें दी जाए। शासन की ओर से कोविड-19 की परिस्थितियों में सुप्रीम व हाई कोर्ट के निर्देशानुसार वायडियो एप के जरिए पक्ष रखा जा सके। इसी तारतम्य में एडीजे पंकज यादव ने उनका लिखित व मोबाइल पर तर्क सुना। उन्होंने भोपाल से वायडियो एप के जरिए कोर्ट को बताया कि आरोपी अंतर्राष्ट्रीय तस्करी गिरोह का मुख्य सरगना है। इससे पहले भी वह कई वन्य प्राणियों की तस्करी संबंधी अपराध कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका दो बार ख़ारिज कर दिसंबर 2019 में 6 माह में प्रकरण के विचारण के निर्देश दिए हैं। आरोपी को जमानत दिए जाने पर वह फरार हो जाएगा और विचारण रुक जाएगा। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी के खिलाफ वन्य प्राणी कछुए की तस्करी मामले में कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और भोपाल में कई केस दर्ज हैं। आरोपी करीब एक साल से केंद्रीय जेल सागर में बंद है। सुप्रीम कोर्ट से दो मर्तबा आरोपी की एसएलपी भी निरस्त हो चुकी है।
अब तक 9 आरोपियों की जमानत हुई रद्द
श्रीमती भदौरिया ने बताया कि अब तक इस मामले से जुड़े 9 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक पाठक की कोर्ट से 7 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज हुई हैं। जबकि 2 आरोपियों की अर्जी सत्र न्यायालय से निरस्त हो चुकी हैं।
सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की बाेर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक शुक्रवार काे हुई। करीब 2 महीने बाद हुई इस बैठक में पिछली याेजनाओं और नई डीपीआर पर चर्चा कर निर्णय लिए गए।
एक बड़ा फैसला सागर में संभाग का पहला इलेक्ट्रिक शव दाह गृह बनाने का लिया गया है। इसके लिए भाेपाल राेड नरयावली नाका मुक्तिधाम का चयन किया गया है। यह प्राेजेक्ट करीब 1 कराेड़ का है। महानगराें की तरह अब सागर में भी अंत्येष्टि के लिए इसका उपयाेग हाेने लगेगा। गाैरतलब है कि लाॅक डाउन के बीच फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर उनकी अंत्येष्टि भी इलेक्ट्रिक शव दाह गृह से हुई थी।
ये भी हुए निर्णय...
वीडियाे काॅन्फ्रेसिंग से जुड़े बाेर्ड के डायरेक्टर
शुक्रवार काे दाेपहर 12 बजे एसएससीएल की चेयरमेन प्रीति मैथिल की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी के ऑफिस में बैठक हुई। सदस्य जीएस सलूजा, नबरून भट्टाचार्य, बिंदु नायर, सीयू रॉय वीडियाे काॅन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। बैठक में ईडी आरपी अहिरवार, सीईओ राहुल सिंह राजपूत के अलावा कंपनी सेक्रेटरी रजत गुप्ता व सीएफओ आकांक्षा जुनेजा माैजूद थीं। बाेर्ड बैठक के पहले स्मार्ट सिटी के ईई पूरनलाल अहिरवार पीएमसी व एससीएल के इंजीनियराें ने प्राेजेक्ट के संबंध में प्रजेंटेशन दिया।
जसवंतपुरा उपखंड क्षेत्र के पावटी निवासी एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की शुक्रवार दाेपहर माैत हाे गई। वृद्ध काे कोरोना संदिग्ध मानते हुए मेडिकल टीम ने क्वारेंटाइन करते हुए उसके सैंपल जांच के लिए भेजे थे, लेकिन रिपाेर्ट आने से पहले ही उनकी माैत हाे गई।
जानकारी के अनुसार वृद्ध अहमदाबाद से 3 मई को जसवंतपुरा के पावटी गांव पहुंचा था। गांव पहुंचने के बाद तबीयत खराब होने पर प्रशासन ने देवनारायण आवासीय विद्यालय चांडपुरा में क्वारेंटाइन किया। शुक्रवार सुबह अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर 108 एंबुलेंस से उन्हें जालोर रेफर किया, लेकिन रास्ते में ही उनकी माैत हाे गई। जालोर पहुंचने के बाद काफी देर तक शव काे यहीं रखा गया। इसके बाद पूरी तरह से पैक करके शव को निजी एंबुलेंस से रवाना किया गया। शव पावटी पहुंचते ही चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। प्रशासन की मौजूदगी में शव परिजनों को सौंपकर अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई। परिजनों को केवल ग्लव्ज पहनाकर अंतिम संस्कार करवा दिया गया, जिसमें एक परिजन के मुंह पर मास्क तक भी नहीं था।
गुरुवार शाम को तबीयत खराब हुई, क्वारेंटाइन किया था
वृद्ध 3 मई को गुजरात के अहमदाबाद से अपने गांव लौटा था। जिसके बाद से होम क्वारेंटाइन पर ही था। गुरुवार शाम को तबीयत खराब हो गई। उन्हें सांस लेने की तकलीफ आ रही थी। प्रशासन को जानकारी मिलने पर उन्हें चांदपुरा में क्वारेंटाइन किया गया। जहां पर उनका कोरोना को लेकर सैंपल लिया गया।
तीन घंटे एंबुलेंस में ही रहा शव, नीचे उतारने वाला कोई नहीं था
रामसीन से शव लेकर एंबुलेंस दोपहर 2 बजे जालोर पहुंच गई थी। यहां पर एंबुलेंस में ही डॉक्टर ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया, लेकिन उसके बाद बुजुर्ग का शव एंबुलेंस से नीचे उतारने वाला अस्पताल में कोई नहीं था। इधर, एंबुलेंस को वापस किसी मरीज को लेने के लिए जाना था, जिस पर एंबुलेंसकर्मी चिकित्सकों से शव को नीचे उतारने के लिए विनती करता रहा, जबकि तीन घंटे तक अस्पताल का स्टाफ शव को उतारने वाला कोई नहीं होने की बात कहता रहा। शाम करीब 5 बजे के बाद शव को नीचे उतार कर पॉलिथिन में पैक कर पावटी के लिए निजी एंबुलेंस से रवाना किया गया।
लापरवाही : परिजन ने मास्क पहने बिना शव उठाया
एंबुलेंस से शव पावटी पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासन व पुलिस की टीम भी मौजूद थी। अंतिम संस्कार के दौरान भी लापरवाही सामने आई। जहां पर तीन परिजनों ने शव को एंबुलेंस से नीचे उतारा गया, लेकिन इस दौरान एक परिजन ने शव को बिना मास्क ही लगाए हाथ दे दिया, जबकि बाकी लाेग भी ग्लव्ज ही पहने थे। इस दौरान किसी ने पीपीई किट भी नहीं पहना था।
बिना मास्क पहने एक परिजन शव को एंबुलेंस से नीचे उतारते हुए।
तबीयत खराब होने पर जालोर किया था रेफर, रास्ते में दम ताेड़ा
बुजुर्ग की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उनको जालोर रेफर किया था। रामसीन की 108 एंबुलेंस से जालोर के लिए सुबह करीब 10 बजे चांदपुरा से रवाना किया। एंबुलेंस दोपहर 2 बजे बुजुर्ग को लेकर जालोर पहुंची, इस दौरान बीच रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दौरान जालोर लाने पर डॉ. विजय मीणा ने एंबुलेंस से शव को एंबुलेंस में ही देखकर मृत घोषित कर दिया।
वृद्ध अहमदाबाद से आया था, कल शाम को तबीयत खराब होने पर चांदपुरा में क्वारेंटाइन कर संैपल ले लिए थे। पत्नी व बच्चों के भी सैंपल लिए हैं। सांस की समस्या के चलते जालोर रेफर किया गया, जहां उनकी मौत हो गई। - डॉ. दिलीप चौधरी, बीसीएमओ
काेराेना की राेकथाम के लिए वार्डवार सर्वे चल रहा है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शुक्रवार दाेपहर विट्ठलनगर वार्ड में जब सर्वे करने पहुंची ताे यहां एक आराेपी ने रजिस्टर फाड़कर कार्यकर्ता का हाथ मराेड़ दिया। पुलिस के अनुसार आराेपी युसुफ काे शक था कि यह सर्वे एनआरसी का चल रहा है। उसके परिवार ने इसका विराेध करते हुए पहले जानकारी देने से इंकार किया। जब कार्यकर्ताओंने कहा कि काेराेना बीमारी से बचाव के लिए यह सर्वे चल रहा है ताे वे उनसे उलझ गए। दाेपहर करीब 12 बजे सर्वे टीम से अभद्रता व रजिस्टर फाड़े जाने की जानकारी कलेक्टर प्रीति मैथिल व एसपी अमितसांघी तक पहुंची। कलेक्टर के निर्देश पर आराेपी युसुफ के खिलाफ कैंट पुलिस ने धारा 186, 353 व एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। कैंट थाना प्रभारी प्रशांत सेन ने बताया कि युसुफ के परिवार काे शक था कि टीम एनआरसी का सर्वे कर रही है।
पिछले दिनों पुलिस थाना क्षेत्र के बी. ढाणी में पिता की हत्या करने वाले पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एसपी हिम्मत अभिलाष टाक के निर्देशानुसार हार्डकोर आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने को लेकर डीएसपी वीरेंद्र सिंह के सुपरविजन व थानाधिकारी अरविंद पुरोहित के नेतृत्व में टीम का गठन कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि विभिन्न मामलों में फरार चल रहे आरोपी सचिन उर्फ भलाराम की गिरफ्तारी को लेकर तकनीकी संसाधनों के आधार पर मुखबिर तंत्र विकसित किया गया। आरोपी स्थानीय पुलिस थाने का हार्डकोर अपराधी है। जिसके विरुद्ध पूर्व में गंभीर अपराध, हत्या का प्रयास, मारपीट, छेड़छाड़, दुष्कर्म, एससी-एसटी अत्याचार के कई प्रकरण दर्ज हैं।
भाई ने गिरने से पिता की मौत होने की दी रिपोर्ट, पुलिस ने अपने स्तर पर किया हत्या मामला दर्ज
पुलिस के अनुसार 17 अप्रैल को राणाराम पुत्र रामूराम बिश्नोई निवासी बी. ढाणी ने सीएचसी सांचौर में उपस्थित होकर एक लिखित रिपोर्ट इस आशय की पेश की कि मेरे पिता के गिरने के कारण सिर में चाेट लग गई, जिससे उनकी मौत हो गई। उसने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया, लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया। इसमें मृतक की मौत व मौका हालात इस घटना में सचिन उर्फ भलाराम पुत्र रामूराम जाति बिश्नोई निवासी बी. ढाणी सांचौर द्वारा अपने पिता रामूराम को जान से मारने की नियत से लाठी से मारपीट करना सामने अाया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी ने पिता की हत्या से तीन दिन पूर्व नगर पालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारी के साथ भी मारपीट की थी।
गिरफ्तार करने वाली टीम को किया जाएगा सम्मानित
हार्डकोर आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम को पुलिस विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा। सांचौर पुलिस थाने में हार्डकोर के विरुद्ध कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में पुलिस थानाधिकारी अरविंद कुमार पुरोहित, चंदनगिरी, भंवरलाल, चन्द्रप्रकाश, पीराराम, प्रकाश बुरड़क, रजाकखां, शिवकरण, अशोक कुमार, चंपालाल, ललित, डालूराम को विभाग स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा।
इधर, एटीएम बदलकर धोखाधड़ी करने का आरोपी गिरफ्तार
सांचौर पुलिस ने एटीएम बदलकर धोखाधड़ी के आरोप मेंं एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एसपी हिम्मत अभिलाष टाक के निर्देशन में सांचौर थानाधिकारी अरविंद कुमार पुरोहित के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी संसाधनों के आधार पर मुखबिर तंत्र की सूचना के आधार पर चितलवाना निवासी भरत कुमार (25) पुत्र कानाराम को गिरफ्तार किया। उक्त मामले को लेकर अलग-अलग मामले में स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज हैं, जिसके आधार पर आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली से सटे चार जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। इनमें गुड़गांव में 126, फरीदाबाद में 88, सोनीपत में 76, झज्जर में 74 और नूंह में 41 मरीज मिले हैं। यहां पूरे हरियाणा के बराबर केस मिल रहे हैं। गुड़गांव में मई महीने में बढ़ी कोरोना वायरस के पेशेंट की रफ्तार थम नहीं रही है। शुक्रवार को गुड़गांव में 9 नए पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिससे गुड़गांव में कुल केस की संख्या बढ़कर 126 तक पहुंच गई है। हालांकि यहां पर अब तक 51 पेशेंट ठीक हो चुके हैं, जबकि 75 पेशेंट का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। वहीं इनमें से 60 पेशेंट गुड़गांव के सेक्टर-9ए स्थित ईएसआईसी अस्पताल में एडमिट हैं।
चिंताजनक तथ्य ये है कि पांच दिन से कोई पेशेंट रिकवर भी नहीं कर पाया है। गुड़गांव में कोरोना वायरस के पेशेंट की संख्या रोजाना तेजी से बढ़ रही है। मई महीने में गुड़गांव में शहर की अलग-अलग कालोनियों में कोरोना वायरस के पेशेंट बढ़ गए हैं। 8 दिन में गुड़गांव में 69 केस पॉजिटिव पाए गए हैं।
जबकि शुक्रवार को गुड़गांव में 9 केस पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें खांडसा मंडी से एक, एक पुलिसकर्मी, दो स्वास्थ्यकर्मी, एक सेक्टर-107, सरहौल गांव से एक, एक चार मरला से खाना वितरित करने वाला युवक, एक युवक शिवाजी पार्क व एक डीएलएफ फेस वन से शामिल हैं।
25 लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने की रैपिड एंटीबॉडी जांच : गांव चक्करपुर में शुक्रवार को 25 लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड एंटीबॉडी जांच की। राहत की बात यह रही कि सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली। अधिकारियों ने बताया कि किसी के भी एंटीबॉडी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। करीब 25 लोगों के खून के नमूने लेकर रैपिड किट से एंटीबॉडी की जांच की। सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली है।
लॉकडाउन में ढील के बाद किराना दुकानों के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स, चश्में और स्टेशनरी की दुकानें खुल गई है। शुक्रवार को जहां किराना दुकानों पर भीड़ कम नजर आई तो स्टेशनरी के दुकानों पर लोग बच्चों की किताबें खरीदने के लिए पहुंच गए। सिविल लाइंस स्थित एक स्टेशनरी के दुकान पर ऐसी ही भीड़ देखने को मिली। दुकानदार ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए काउंटर के आगे रस्सी तो बांधी थी, लेकिन लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए न तो गोले बनाए और न ही लोगों को टोका। जानकारी लेने पता चला कि सीबीएसई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू की हैं और इसके साथ ही अभिभावकों से किताबें खरीदने को भी कहा गया है। लेकिन लॉकडाउन और दुकानें बंद होने के कारण एक माह तक बच्चे बगैर स्टडी मटेरियल के पढ़ते रहे, लेकिन 4 मई से दुकानें खुलने के बाद हर दिन यहां अभिभावकों की भीड़ लग रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स कीदुकानों पर भी कूलर खरीदने पहुंच लोग
इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर कूलर की भी डिमांड शुरू हुई। दूसरी तरफ तिली, गोपालगंज और सिविल लाइन क्षेत्र में कई मैकेनिक्स और सर्विस सेंटर खोले गए हैं। जहां वाहन सुधरवाने के लिए भी लोगों की भीड़ लग रही है।
जिले के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के 2 हजार से ज्यादा (2298) पदों पर अगले माह जून में नियुक्तियां होने की संभावना है। स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर एमपी ऑनलाइन ने शिक्षकों की लिखित परीक्षा की मैरिट लिस्ट अपलोड कर दी है। 2018 में आयोजित हुई इस परीक्षा में प्रदेश भर से करीब दस लाख से अधिक आवेदक शामिल हुए थे।
हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1, माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 तथा प्राइमरी शिक्षक वर्ग-1 के हजारों पद खाली पड़े हैं। इनमें से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए जारी की गई मैरिट लिस्ट के आधार पर आवेदकों के दस्तावेजों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसकेबाद शिक्षकों को स्कूलों में ज्वाइन कराया जाएगा। इसके लिए चयनित आवेदकों ने अपने दस्तावेजों के साथ ही जिलों की चॉइस फिलिंग कर एमपी ऑनलाइन को पहले ही भेज दी है।
2 साल से चल रही है भर्ती प्रक्रिया
शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए वर्ष 2017-18 में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार ने विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई थी। कांग्रेस सरकार ने दोनों परीक्षाओं का आयोजन कराया। रिजल्ट और मैरिट लिस्ट जारी होने के बाद पोस्टिंग की बारी आई तो फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई है। इस बीच करीब दो साल का वक्त गुजर गया है।
20 अप्रैल को होना थी प्रक्रिया
हले दस्तावेजों के वेरिफिकेशन का काम 20 अप्रैल से शुरू होना था, लेकिन लाॅकडाउन के कारण यह प्रक्रिया नहीं कराई जा सकी। इस बीच एमपी ऑनलाइन की वेबसाइटसे चयनित आवेदकों की सूची भी हटा ली गई थी। इससे आवेदकों में घबराहट शुरू हो गई थी, कि कहीं उनकी ज्वाइनिंग न अटक जाए।
लंबे अंतराल के बाद हुई है परीक्षा
प्रदेश में वर्ष 2011-12 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापम) ने संविदा शिक्षक वर्ग-1, वर्ग-2 तथा वर्ग-3 की पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। इस भर्ती के बाद करीब 5 साल तक कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गई।
जयश्री कियावत, आयुक्त लोक शिक्षण ने कहा-लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
एमपी ऑनलाइन ने चयनित आवेदकों की लिस्ट अपलोड कर दी है। शिक्षकों की भर्ती से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पद भरे जा सकेंगे। नए शिक्षण सत्र में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पर्याप्त शिक्षक पहुंचने के कारण और बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। लॉकडाउन खत्म होते ही शिक्षकों के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया जाएगा।
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बीना के कोरोना पॉजिटिव की भोपाल में मौत के मामले में भाग्योदय प्रबंधन ने सफाई देते हुए मृतक संतराम के अस्पताल आने की पुष्टि की है। प्रबंधन की ओर से ट्रस्टी मुकेश जैन ढाना ने बयान जारी करते हुए बताया कि पॉजिटिव मरीज 6 मई को शाम 4.15 बजे अस्पताल आया था। जहां उसे कैजुअल्टी में दो डॉक्टरों ने देखा। मरीज का पेट फूला हुआ था और 5 दिन से उसे मोशन नहीं आए थे।
मरीज का एक्स-रे, बीपी देखा और उसे बाहर रैफर कर दिया गया। लेकिन जब उनसे सीवियर निमोनिया के संबंध में बात की गई तो उन्होंने डॉक्टरों को इस बात का पता न होने की बात कही। जबकि एक्स-रे में साफ तौर पर निमोनिया के लक्षण थे। वहीं पेट दर्द का मामला था तो सर्जन को क्यों नहीं दिखाया गया। भाग्योदय अस्पताल के जिन 9 डॉक्टर व स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया है उसमें सर्जन का नाम नहीं है। यानी सर्जन ने देखा ही नहीं।
पॉजिटिव के साथ भोपाल गए दोस्त समेत 5 की रिपोर्ट निगेटिव
वहीं कोरोना पॉजिटिव के साथ भोपाल इलाज कराने गए दोस्त को टीबी अस्पताल में आइसोलेट कर दिया गया है। इसके अलावा पॉजिटिव के साथ घर में रहने वाले उसके मकान मालिक की बेटी और साथियों के परिवार से कुल 10 संदिग्ध आइसोलेट किए गए हैं। इसमें से 5 लोगों की सैंपलिंग सुबह की गई थी, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। इसमें भोपाल गए दोस्त और उसके परिवार के लोग शामिल हैं। जबकि मकान मालिक की 7 वर्षीय बेटी समेत 5 लोगों की सैंपलिंग देर शाम होने के कारण रिपोर्ट शनिवार को आएगी। हालांकि जिनकी रिपोर्ट निगेटिव है उन्हें अभी डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा। इनकी 5 दिन बाद दोबारा सैंपलिंग होगी।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को सिर्फ घर में रहने वाले लोगों की ही सैंपलिंग कराई है। जबकि पॉजिटिव बीना के दो प्राइवेट अस्पतालों, बीना के सिविल अस्पताल और भाग्योदय अस्पताल में गया था, लेकिन अब तक इनमें से किसी की भी सैंपलिंग नहीं कराई गई। केवल भाग्योदय अस्पताल में 9 लोग क्वारेंटाइन किए गए हैं।
बीना में समय पर दवाएं और उपचार सामग्री नहीं पहुंचाने पर स्टोर प्रभारी प्रजापति निलंबित
बीना में पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद जरूरी सामग्री स्टोर से बीना न भेजने को लेकर क्षेत्रीय संचालक डॉ. वीरेंद्र यादव ने सीएमएचओ स्टोर में पदस्थ फार्मासिस्ट और स्टोर प्रभारी अरुण प्रजापति को निलंबित कर दिया है। प्रजापति को निलंबन के दौरान पन्ना अटैच किया गया है। बताया जा रहा है कि करीब दो दिन पहले क्षेत्रीय संचालक ने सामग्री वितरण में लापरवाही को लेकर स्टोर प्रभारी को नोटिस थमाया था, जिसका जवाब प्रभारी द्वारा दिया गया, लेकिन इसी बीच बीना में पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद जरूरी सामग्री स्टोर से बीना भेजने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन देर शाम तक निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इस बात को कार्य में लापरवाही मानते हुए अरूण प्रजापति को निलंबित किया गया है।
प्राइवेट अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने और सर्दी-खांसी के मरीजों का डाटा भेजने के थे आदेश, लेकिन अब तक विभाग ने ही नहीं दिया ध्यान
कोरोना की इस जंग में एक तरफ जहां प्राइवेट डॉक्टरों को क्लीनिक पर बैठाने के लिए कलेक्टर को खुद आगे आकर उनसे बात करना पड़ी, वहीं अब तक प्राइवेट नर्सिंग होम्स में बने आइसोलेशन वार्ड और यहां आने वाले सर्दी-खांसी के मरीजों पर भी स्वास्थ्य विभाग ने नजर तक नहीं डाली है। जबकि डेंगू, स्वाइन फ्लू से लेकर नर्सिंग होम में होने वाले प्रसवों की जानकारी तक विभाग द्वारा प्राइवेट अस्पतालों से बुलाई जाती है। प्राइवेट अस्पतालों का सहयोग न मिलने के कारण न तो सैंपलिंग की प्रक्रिया आसान हुई और न ही शहर के सर्दी-खांसी मरीजों की संख्या सही आंकलन हो सका।
काेराेना संक्रमण के खतरे के चलते स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं का टीकाकरण बंद कर दिया था। जिसे ग्रामीण क्षेत्राें में शुक्रवार से शुरू कर दिया है। अब आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्राें पर टीकाकरण किया जा रहा है लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के अपने के पास काेराेना संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा साधन नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य कर्मियाें काे सिर्फ हैंड ग्लब्स, सैनिटाइजर, मास्क ही दे रहा है। लेकिन उनके बचाव के लिए खास सुरक्षा पीपीई किट स्वास्थ्य कर्मचारियाें काे नहीं मिल रही है। ऐसे में अगर काेई कोरोना संक्रमित महिला स्वास्थ्य अमले के संपर्क में आएगा तो संक्रमण फैलने की संभावना है। हांलाकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें का कहना कि सैनेटाइजर, हैंड ग्लब्स, मास्क हैं तो सुरक्षित टीकाकरण किया जा रहा है। टीकाकरण केंद्र पर भीड़ नहीं लगे इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक केंद्र पर समय अंतराल में टीकाकरण करने के लिए गर्भवती और बच्चाें काे आशा कार्यकर्ता की मदद से बुलाने के आदेश दिए हैं। कम संख्या में हितग्राही काे केंद्र पर लाकर साेशल डिस्टेंस का पालन करवाया जाएगा। गर्भवती व शिशु टीका लगाया जाएगा। जिससे केंद्र पर भीड़ नहीं लगेगी।
2 महीने बाद तक लगवा सकते हैं टीका
जिन बच्चाें के पालकाें ने काेराेना संक्रमण के डर से टीकाकरण नहीं करवाया है वह 2 महीने बाद भी टीकाकरण करवा सकते हैं। डाॅक्टराें की माने ताे टीका 2 महीने बाद लगने से काेई परेशानी नहीं है।
नलिनी गाैढ, जिला टीकाकरण अधिकारी ने कहा-
टीकाकरण में साेशल डिस्टेंस का पालन करवाया जा रहा है। भीड़ न लगे इसलिए कम संख्या में आशा कार्यकर्ता हितग्राही काे बुलाकर लाएगी। बचाव और सुरक्षा के लिए सैनिटाइजर,मास्क, हैंड ग्लब्स दिए गए हैं। पीपीई किट अनिवार्य नहीं है, कंटोनमेंट क्षेत्र में ही इसका उपयाेग करना है।
राज्य सरकार द्वारा घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को अगले सात दिनों में 100 रेलगाड़ियों व 5000 बसों के माध्यम से उनके गृह राज्यों में निशुल्क पहुंचाया जाएगा। प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए चलाई जाने वाली रेलगाड़ियों व बसों का सारा खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश व पूर्वी उत्तर-प्रदेश के लिए 100 विशेष श्रमिक रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल-प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में 5000 बसों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जाएगा। सीएम मनोहर लाल की हर प्रवासी श्रमिक और खेतीहर मजदूर को उनके गृह राज्यों में हरियाणा सरकार की ओर से मुफत भेजने के लिए की गई घोषणा के उपरांत अब तक 23452 ऐसे प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न रेलगाड़ियों व बसों के माध्यम से उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है। अब तक राज्य से 13347 प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया है। इसी प्रकार, उत्तराखंड राज्य के 3133 प्रवासी मजदूरों को भेजा गया है, वहीं, 3593 प्रवासी मजदूरों को बिहार भेजा गया है। 2549 प्रवासी श्रमिकों को मध्य प्रदेश, 435 प्रवासी मजदूरों को राजस्थान, 221 प्रवासी मजदूरों को पंजाब, 54 प्रवासी मजदूरों को हिमाचल प्रदेश, 46 प्रवासी मजदूरों को केरल, 32 प्रवासी मजदूरों को असम, 23 प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र और 19 प्रवासी मजदूरों को गुजरात पहुंचाया जा चुका है।
सूत्रों के अनुसार महज छह दिन में हरियाणा से करीब आठ लाख लोगों ने अपने राज्यों को लौटने के लिए पंजीकरण कराया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर हरियाणा सरकार ने पिछले रविवार को उन लोगों का पंजीकरण शुरू किया था जो लॉकडाउन के चलते अपने राज्यों को लौटना चाहते हैं। शुक्रवार दोपहर तक सरकार की इस साइट पर 7 लाख 95 हजार 465 लोगों ने पंजीकरण करवाया है। इनमें करीब 82.55 फीसदी यूपी व बिहार राज्यों के हैं, जबकि अन्य मध्यप्रदेश, झारखंड व तामिलनाडु के हैं। हरियाणा से पलायन करने वालों में 81.9 फीसदी व्यक्ति पानीपत, सोनीपत, गुड़गांव, फरीदाबाद, झज्जर, यमुनानगर और रेवाड़ी जिलों से संबंधित हैं। दूसरी ओर हरियाणा आने के लिए करीब डेढ़ लाख ने पंजीकरण कराया है।
पिपरिया-गाडरवाड़ा स्टेट हाइवे पर शुक्रवार को तेज रफ्तार ट्रक गेहूं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली में जा घुसा। ट्रॉली का सारा गेहूं जमीन पर बिखर गया। ट्रैक्टर में बैठे एक युवक को चोट आई है। ट्रैक्टर-ट्राॅली क्षतिग्रस्त हाे गई। पुलिस ने बताया मेहरबान सिंह पिता शंकरलाल पटेल (आमगांव) ट्रैक्टर एमपी 05 एएच 4319 की ट्रॉली में गेहूं बेचने सायलो प्लांट जुन्हेटा जा रहा थे। पलियापिपरिया एवं लामटा की बीच में ट्रॉली के पहिया का बेरिंग खराब हो गया। इसलिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को सड़क किनारे खड़ा करके सामग्री लेने चले गए। ट्रॉली के ऊपर केशव पटेल (37) बैठा था। गाडरवाड़ा की तरफ से तेज रफ्तार आ रहे ट्रक सीजी 04 एचएन 9453 के चालक ने खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली में पीछे से टक्कर मार दी। इससे ट्रैक्टर -ट्रॉली क्षतिग्रस्त हो गया। केशव के सिर में चोट आ गई। पुलिस ने केस दर्ज किया है।
42 वर्ष के मुकेश ने बताया कि जालाेर में स्थाई नौकरी कर रहे थे और वे 18000 रुपए प्रति माह कमाते थे, लेकिन इस महामारी के कारण उनकी नौकरी चली गई। आय का कोई साधन नहीं होने के कारण से जालाेर से यूपी के लिए पैदल ही निकल पड़े। पुलिस ने उन्हें बीच में पकड़ लिया और सरकारी स्कूल में पहुंचा दिया। यह कहते हुए मुकेश रो पड़ते हैं कि उनके बच्चे उनके घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें बच्चों के पास जाना है वे अब जालाेर में नहीं रहना चाहते है। काम ताे यूपी मेंही मिल जाएगा। किसी तरह अपना परिवार का पेट पाल लेंगे।
कोरोना के बीच फैक्ट्रियों में काम करने वाले कारीगर दो वक्त की रोटी की तलाश में घरों की तरफ निकल पड़े हैं। कोई पैदल चल रहा है, तो कोई साइकिल या ठेले पर अपनों का बोझ उठा रहा है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व जालाेर से आने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। जालाेर से 4 दिन पैदल चलने के बाद यूपी के 34 श्रमिक रायपुर पहुंचे।
22 मार्च को लगने के बाद से सभी निर्माण कार्यों के काम रुक गए थे l इस बीच बड़ी संख्या में यहां काम करने वाले मजदूर भी पलायन कर गए शहर में रसूलिया रेलवे ओवरब्रिज और बुधनी होशंगाबाद के बीच नए नर्मदा ब्रिज का काम अब दोबारा शुरू कराया गया है। निर्माण कंपनी ने काम में विलंब से बचने के लिए ठहरे हुए मजदूरों को काम में लगा कर इसकी शुरुआत कर दी है, ताकि बारिश के पहले पहले अधिक से अधिक काम कराया जा सके। हालांकि लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्य की गति फिलहाल धीमी है। रेलवे ओवरब्रिज का काम और नए नर्मदा ब्रिज का निर्माण कार्य दोनों ही तकरीबन 6 माह पिछड़ गए हैं।
रेलवे ब्रिज के दोनों ओर बनेगी सेफ्टी बांउड्री
सेतु निर्माण विभाग के प्रभारी इंजीनियर नागेश दुबे ने बताया कि रसूलिया रेलवे ओवरब्रिज में ब्रिज के पैनल के लिए कास्टिंग का काम शुरू कराया जा रहा है। इसके तहत ब्रिज के दोनों ओर निर्मित होने वाली दीवार जिस तकनीकी भाषा में आरीवाल कहा जाता है का निर्माण कार्य शुरू होगा। उन्होंने बताया कि नए नर्मदा ब्रिज के निर्माण कार्य को भी शुरू करा दिया गया है। अब गार्डर निर्माण कराया जा रहा है, नर्मदा ब्रिज पर 32 स्पान के लिए 192 गार्डर लगेगी, जिनमें से अभी केवल 12 ही निर्मित हुई हैं। उन्होंने बताया कि जो मजदूर अपने घर नहीं गए हैं उन्हीं के माध्यम से निर्माण कार्य शुरू कराया गया है।
रेलवे स्टेशन पर पुराना फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) तोड़ने का काम चल रहा है। एफओबी टूटने के कारण ग्वालटोली क्षेत्र के लोगों की चिंता बढ़ गई है, कयोंकि नए एफओबी में बाहर से जाने का रास्ता नहीं बनाया गया है। नए एफओबी पर बाहर का रास्ता नहीं होने के कारण लोगों को प्लेटफॉर्म से होकर निकलना पड़ेगा, जो कि रेलवे के नियमों के अनुसार बिना टिकट या प्राधिकार पत्र के गैरकानूनी प्रवेश माना जाएगा। ऐसे व्यक्ति पर रेलवे जुर्माना लगा सकती है। अब स्टेशन परिसर से निकलना है तो लोगों को 10 रुपए का प्लेटफॉर्म टिकट खरीदना हाेगा। तभी वह स्टेशन से आना जाना कर पाएगा। भले ही जनप्रतिनिधि और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी बाहर का रास्ता बनाने और लिफ्ट सहित एस्कलेटर लगाने की बात कह रहे हैं, लेकिन जब तक दोनों ओर बाहर का रास्ता नहीं होने से यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों की भीड़ प्लेटफार्म पर बढ़ जाएगी। अगर रेलवे बाहर का रास्ता पहले ही बना देता तो यह समस्या खड़ी नहीं हाेती, वहीं लखनऊ से आए इस एफओबी की डिजाइन में बाहर का रास्ता नहीं दिया था। नए एफओबी का निर्माण आरवीएनएल कंपनी ने बनाया है। बताया जा रहा है कि एफओबी का डिजाइन आरडीएसओ लखनऊ ने तैयार किया था। आरवीएनएल के रेसीडेंशियल इंजीनियर अमर कुमार ने बताया कि हमें जो डिजाइन दिया गया उसी तरह से एफओबी का निर्माण किया गया है।
निंबाहेड़ा की बजाय इस बार निकुंभ में अफीम तोल शुरू हुआ। शुक्रवार को पहले दिन निंबाहेड़ा व बड़ीसादड़ी क्षेत्र के 60 किसानों की अफीम तुली। किसानों को सेनिटाइज कर प्रवेश दिया। शनिवार को निंबाहेड़ा क्षेत्र के ही 6 गांवों के 59 तथा रविवार को 8 गांवोंके 82 किसानों की अफीम का तोल होगा। निंबाहेड़ा व बड़ीसादड़ी तहसील क्षेत्र के 248 गांवों के 5448 किसानों में से करीब 5200 किसानों की अफीम का तोल होगा। कई किसानों ने फसल की हंकाई करवाई।
खंड तृतीय के अधीन आने वाले गांवों की अफीम का ताेल प्रेमराज वाटिका आरके पब्लिक स्कूल में किया जा रहा है। जिला अफीम अधिकारी तृतीय खंड एपी चौधरी के निर्देशन में निंबाहेड़ा तहसील के सेमलिया व लक्ष्मीपुरा गांवों के 60 किसानों की अफीम दो शिफ्टों में तोली गई। नायब तहसीलदार विपिन चौधरी ने केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग की जानकारी ली। दोनों फेज के किसानों की अफीम तोल के लिए अलग-अलग कांटे लगाए। शनिवार को निंबाहेड़ा क्षेत्र के ही 63नुपपुरा, देवपुरिया, रावलिया, दीपपुरा, भुवानिया, खेड़ी के 59 किसानों की अफीम का तोल होगा।
अब चित्तौड़गढ़ मुख्यालय के तौल केंद्र पर बढ़ेगी किसानों की संख्या
चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर केंद्रीय नारकोटिक्स कार्यालय परिसर में चल रहे अफीम तोल केंद्र पर तीसरे दिन भी चित्तौड़ व कपासन तहसीलों के 100 किसानों की अफीम का तोल जिला अफीम अधिकारी खंड प्रथम जगदीश मावल व खंड द्वितीय के जिला अफीम अधिकारी पी सुरेश के निर्देशन में हुआ। अब प्रतिदिन किसानों की संख्या बढ़ जाएगी। इस बार बेगूं में बनाए तोल केंद्र पर भीलवाड़ा जिला अफीम अधिकारी एसके सिंह के निर्देशन में ताेल हो रहा है।
किसानों के लिए टेंट, पंखे और कूलर लगाए
किसानोंके लिए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए डोम में गोले बनाए गए। विभाग ने मास्क `में प्रवेश दिया। जिला अफीम अधिकारी तृतीय खंड एपी चौधरी ने बताया कि किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवा रहे हैं। मास्क दे रहे हैं। गर्मी में बैठने के लिए टेंट, पंखे, कूलर व पेयजल की व्यवस्था की है।
सुबह 6 बजे लक्ष्मीपुरा गांव के 28 किसान एकसाथ अफीम लेकर पहुंचे... निकुंभ चौराहा मार्ग स्थित प्रेमराज वाटिका में बनाए केंद्र पर सुबह 6 बजे निंबाहेड़ा क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा गांव के 28 किसान बर्तनों में अफीम लेकर पहुंच गए। वााटिका के पिछले प्रवेश द्वारा पर पार्किंग में वाहन खड़े किए। किसानों मेडिकल टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग कर तापमान जांचा। किसान सेनेटाइजर होकर रजिस्ट्रेशन काउंटर पहुंचे। जहां किसानोंका पंजीयन कर अफीम भरने के लिए कैन उपलब्ध कराई। किसान की अफीम की विभागीय प्रक्रिया अनुसार लेबोरेट्री जांच सहित दो तीन चरणों के बाद अफीम तोल कांटे पर पहुंचती रही। किसान का नंबर आने पर रिजल्ट का अनाउंस होता रहा। दूसरे कांउटर पर वजन दोबारा चेक होने के बाद कैन पर किसान का नाम, गांव का नाम, क्रम संख्या की सूची चस्पा कर केन को सीलबंद किया। दूसरे फेज में 32 किसानों की अफीम तोल प्रक्रिया की।
किसानों की अफीम दो शिफ्टों में तोली गई। नायब तहसीलदार विपिन चौधरी ने केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग की जानकारी ली। दोनों फेज के किसानों की अफीम तोल के लिए अलग-अलग कांटे लगाए। शनिवार को निंबाहेड़ा क्षेत्र के ही 63नुपपुरा, देवपुरिया, रावलिया, दीपपुरा, भुवानिया, खेड़ी के 59 किसानों की अफीम का तोल होगा।