फ्रीगंज पुल के समीप से शुक्रवार दोपहर 12 बजे पुलिस ने बेटे के साथ गैस एजेंसी से सिलेंडर लेकर घर जा रहे कृषि विभाग के कर्मचारी शंकर डाबी निवासी नलिया बाखल को पकड़कर बंद कर दिया। माधवनगर कॉलेज की अस्थायी जेल में चार घंटे तक रखा इसके बाद कार्रवाई कर छोड़ गया।
डाबी ने कहा कि उनके क्षेत्र में गैस एजेंसी के हॉकरों ने डिलीवरी देने से मना कर दिया। इस कारण सिलेंडर खत्म होने पर एजेंसी के गोदाम पर गए थे और वहां से घर लौटते समय पुलिस ने बात तक नहीं सुनी। डाबी ने कहा कि मैं सरकारी कर्मचारी हूं औरघर में सिलेंडर खत्म होने पर मजबूरी के चलते ही निकला फिर भी चार घंटे बैठाकर रखा व पांच सौ रुपए कीरसीद काटकर छोड़ा। एएसपी अमरेंद्रसिंह चौहान ने कहा कि लॉकडाउन में सभी के लिए पाबंदी है लेकिन संबंधित व्यक्ति वाकई अति आवश्यक कार्य होने पर निकला है तो उससे रोककर पूछताछ करें पर इस तरह परेशान न किया जाए।
कंटेनमेंट क्षेत्र में लोगों से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस सिर्फ निगरानी ही नहीं कर रही है बल्कि वे अंदर ही रहे इसके लिए उनके घर तक जरूरत का सामान भी पहुंचा रही है। किराना सामान की गाड़ी कंटेनमेंट क्षेत्र में बैरिकेड्स के बाहर खड़ी करवा माइक की मदद से लोगों से पूछा जाता है कि उन्हें किसी सामान की जरूरत हो तो वे खरीद सकते हैं।
पुलिस ने यह पहल इसलिए कि लोग परेशान न हो, उन्हें दूध, सब्जी व किराना संबंधी किसी भी चीज की जरूरत हो उन्हें अंदर ही भिजवाई जा सके। पूरे शहर में कंटेनमेंट एरिया में यहीं व्यवस्था बनाई गई है जिसकी मॉनिटरिंग के लिए संबंधित थाना प्रभारी खुद जाकर सामान भिजवाते हैं। शुक्रवार को चिमनगंज टीआई जितेंद्र भास्कर ने नागेश्वर धाम कॉलोनी में कंटेनमेंट क्षेत्र के लोगों को किराना सामग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान जो सामान मौके पर उपलब्ध नहीं था उसके लिए संबंधित लोगों को होम डिलीवरी वालों को नंबर भी दिया। सभी से कहा गया कि आप इसी लक्ष्मण रेखा के अंदर रहे, जो भी जरूरत हो तो बताइये उसे हम उपलब्ध करवाएंगे। आप घरों में रहेंगे ताे सभी सुरक्षित रहेंगे।
लॉकडाउन में घर से पढ़ाओ अभियान में गुड़गांव ने 70 फीसदी छात्रों के ऑनलाइन एजुकेशन में एक्टिव रहकर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर रिकॉर्ड कायम किया है।
खास बात है कि पिछले सप्ताह प्रदेश में गुड़गांव ने ई लर्निंग में दसवां स्थान प्राप्त किया था। लेकिन अब शिक्षा विभाग, अध्यापकों ने अभिभावकों और छात्रों काे जागरूक कर इस रिकॉर्ड को कायम किया है। यह शिक्षकों की मेहनत का ही नतीजा है कि प्रदेश में सबसे अधिक गुड़गांव के स्टूडेंट्स ऑनलाइन एजुकेशन का हिस्सा बन रहे हैं। एजुसेट, वाट्सएप, मैसेज व अन्य माध्यमों से छात्रों से जुड़कर उन्हें अध्ययन कराया जा रहा है। गुड़गांव के छात्रों ने इस विकल्प को बेहतरीन तरीके से अपनाया है। 70 फीसदी छात्र ऑनलाइन माध्यमों से जुड़ कर पढ़ रहे हैं।
इससे पहले झज्जर जिले ने 69 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ पहला स्थान प्राप्त किया था। वहीं 40 फीसदी के साथ कुरुक्षेत्र अंतिम स्थान पर रहा। डीसी खत्री ने कहा कि यद्यपि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास साधन सीमित होते हैं, परंतु सीमित साधनों में भी जिला के शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षा का लाभ ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों तक पहुंचाने के प्रयास जारी रखने चाहिए।
सुधार के लिए ले रहे नियमित फीडबैक
प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी रोजाना 20-20 विद्यार्थियों के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों से फीड बैक ले रहा है। जिला के 80 विद्यार्थियों से फोन पर रोज बातचीत कर अध्यापन-कार्य में सुधार को लेकर बात होती है। जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन स्वयं इन 80 विद्यार्थियों में से किन्ही 20 को फोन करके ई-लर्निंग की गुणवत्ता सुनिश्चित करती हैं। पढ़ाने के लिए अध्यापकों द्वारा कई इनोवेटिव आइडियाज भी निकाले जा रहे हैं। कुछ अध्यापक बच्चों को ठीक से पढ़ाने के लिए अपने घरों के दरवाजों को ब्लैकबोर्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऑनलाइन क्लासेज के फायदे
जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने बताया कि शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के वाट्सएप पर ग्रुप बनाए गए हैं जिनके एडमिन क्लास टीचर को बनाया गया है। अध्यापक यू ट्यूब चैनलों तथा अपनी वीडियो बनाकर ग्रुप में अपलोड कर रहे हैं। विद्यार्थी अध्यापकों को वीडियो कॉल करके भी उनके संशय दूर कर रहे हैं। जूम एप के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। विद्यार्थियों को दिशा एप, संपर्क बैठक, ई-पाठशाला, स्वयम पोर्टल के माध्यम से भी पढ़ाया जा रहा है। सक्षम सेल हरियाणा की तरफ से भी प्रतिदिन कक्षावार वीडियो लिंक और अभ्यास वर्कशीट भेजी जाती है।
ओड़िशा हाई कोर्ट की ओर से गुजरात से प्रवासी मजदूरों में कोरोना संक्रमण की पूरी जांच के बिना नहीं भेजे जाने के फैसले के बाद आज राज्य से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए 30 से अधिक श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चलायी जा रही हैं। इसके साथ ही गत दो मई से अब तक इस पश्चिमी राज्य से चलने वाली ऐसी रेलगाड़ियाें की संख्या 120 से अधिक हो गयी हैं। पूरे देश में अब तक ऐसी 218 ट्रेने ही चली हैं।
गुजरात से केवल ट्रेन से ही एक लाख 45 हजार से अधिक श्रमिकों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड अौर ओड़िशा जैसे राज्यों में भेजा जा चुका है। यह पूरे देश में इस मामले में अब तक सबसे अव्वल है। गुजरात से ही अब तक ऐसी सर्वाधिक श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चली हैं। श्रम एवं नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा श्रमिकों की वापसी के लिए नोडल अधिकारी विपुल मित्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज भी लगभग 36 हजार श्रमिकों को लेकर ट्रेने रवाना हो रही हैं।
झारखंड के 14 प्रवासी मजदूर ओडिशा के कटक जगतपुर में फंसे हुए थे। वे सभी नाेवामुंडी में शुक्रवार काे पहुंचे। सभी मजदूर रांची के बेड़ो, जामताड़ा और देवघर के लिए निकले हैं। सभी मजदूर साढ़े चार सौ किमी तय करके शुक्रवार की सुबह नौ बजे नोवामुंडी पहुंचे थे। पूछताछ के दाैरान उन लाेगाें ने बताया कि जियो कंपनी की केबुल लाइन बिछाने के लिए गए हुए थे। लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया है। नोवामुंडी पहुंचते-पहुंचते सभी लोग भूख प्यास से बेहाल हो चुके थे।
गर्मी में शहर के कई हिस्सों में नलकूपों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। इस कारण पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है, हालांकि अमृत की पेयजल योजना को ऐसे क्षेत्रों में पहुंचाने का प्रयास किया गया है, लेकिन फिलहाल अमृत योजना का काम पूरा नहीं हुआ है। और इसकी पेयजल सप्लाई भी शहर के बड़े हिस्से में नहीं हो पा रही है। नपा ने शहर के ऐसे क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति के लिए पूर्व तैयारी करके रखी है, जिसके तहत ऐसे क्षेत्रों में पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का प्रयास किया जाएगा। नपा एई आरसी शुक्ला ने बताया कि लॉकडाउन के कारण अमृत की पेयजल योजना का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है। साथ ही गर्मी में शहर में पेयजल की समस्या उत्पन्न ना हो इसके चलते शहर के सभी नलकूप चालू रखे गए हैं। ऐसे क्षेत्रों का सर्वे कराया गया है, जहां नलकूपों का जलस्तर गर्मी में गिर जाता है। हालांकि ऐसे क्षेत्रों में अमृत पाइपलाइन है। पानी की कमी पड़ी तो अन्य स्रोतों से पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति जाएगी।
सीआरपीएफ 60 बटालियन ने गुरुवार को कोरोना महामारी को देखते हुए कमांडेंट आनंद कुमार जेराई के नेतृत्व में पश्चिमी सिंहभूम जिले के कराईकेला एवं गुदड़ी थाना के सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के बीच राहत सामग्री जैसे चावल, दाल, चना, तेल, आलू, प्याज, नमक आदि का वितरण किया गया। साथ ही जीवन यापन और आर्थिक उन्नति के लिए पौधों के बीज, साड़ी, धोती, गमछा, भोजन बनाने से संबंधित बर्तन, बच्चों के लिए खेलकूद सामग्री एवं स्कूल बैग का वितरण किया गया। कमांडेंट विश्व रंजन ने कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए शारीरिक दूरी, हाथ की स्वच्छता तथा सामाजिक सौहार्द, भाईचारा बनाए रखने पर जोर दिया। मौके पर विश्व रंजन, उप कमांडेंट एमएच सिद्दकी, सहायक कमांडेंट वीरेंद्र कुमार, धीरेंद्र पाठक आदि मौजूद थे।
सेल गुआ मुख्य महाप्रबंधक (खान) विपिन कुमार गिरी के निर्देश पर सेल गुआ चिकित्सालय के संयुक्त निदेशक डॉ. सीके मंडल की अध्यक्षता में गुआ क्षेत्र के लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण व अन्य विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए कोल्ड मॉस्किटो फाॅगिंग मशीन का प्रयोग कर केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। संयुक्त निदेशक ने कहा कि पूर्व में फॉगिंग के द्वारा मच्छरों को मारने की जो प्रक्रिया थी, उसमें अत्यधिक प्रदूषण होता था। अभी आधुनिक तकनीक पर आधारित कोल्ड मॉस्किटो फाॅगिंग मशीन से आउटडोर स्प्रे कर गुआवासियों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा रहा है।
गर्मी अब तेज हाेने लगी है। गर्मी काे देखते हुए इस बार भी नाैतपा ठीक-ठाक तपेगा। मौसम विभाग के अनुसार नौतपा इस बार भी ज्यादा तपने की संभावना है। तापमान इस बार भी 45 डिग्री के ऊपर ही रहेगा। पिछले बार भी तापमान 45.9 डिग्री तक गया था। इस बार 46 डिग्री तक जाने का पूरा अनुमान है। नौतपा 25 मई से शुरू हो रहा है और 2 जून तक चलेगा। इस बीच रविवार से फिर मौसम बदल रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल आएंगे और हल्की बारिश होने की संभावना है।
वैज्ञानिक पक्ष
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस दौरान सूर्य की किरणें सीधी धरती पर आती हैं। इस कारण तपन ज्यादा हाेती है। मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि नाैतपा में सूर्य के तपने का यही सबसे बड़ा कारण हाेता है। 2 जून के बाद किरणें दूर हाेने लगती हैं। इसलिए धीरे-धीरे तपन कम हाेना शुरू हाे जाता है।
ज्याेतिषीय पक्ष
ज्याेतिषियाें की मानें ताे सूर्य वृषभ राशि में रहते हुए 10 हजार किरणाें के साथ धरती के करीब अाते हैं। पंडित साेमेश परसाई के अनुसार सूर्य की किरणें ज्यादा और खुद की राशि में सूर्य हाेने से नाैतपे में ज्यादा गर्मी हाेती है। राेहिण नक्षत्र में सूर्य ज्यादा गर्म हाेता है। धरती के करीब होने से नौतपा ज्यादा तपता है।
दो दिन बदला रहेगा मौसम
रविवार और साेमवार काे हल्की बारिश हाेने का अनुमान है। मप्र के ऊपर हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने से सिस्टम आ रहे हैं। इनसें नमी मिलेगी। शुक्रवार काे दिन का तापमान 42.3 डिग्री और रात का तापमान 26.6 डिग्री दर्ज हुआ है।
कोरोना पाॅजिटिव पाए गए पहले मरीज काे स्वस्थ हाेने के बाद आईसालेशन वार्ड से छुट्टी दे दी गई है। मरीज का तीनाें जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। उसके बाद सभी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद मरीज को घर भेज दिया गया। मालूम हो कि सीमुआरा गांव के एक मरीज जो गुड़गांव से आया था। वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया था। पहले मरीज की बीमारी ठीक होने से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने राहत कि सांस ली है।
मरीज को विदाई देने के लिए खुद जिलाधिकारी रविशंकर चौधरी आइसोलेशन सेंटर बने ओरोमा होटल पहुंचे। उनके साथ सिविल सर्जन डॉ. अरबिंद कुमार और अन्य स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी भी थे। डीएम ने मरीज को गुलाब का फूल देकर उसे स्वस्थ्य रहने कि कामना की। वही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ताली बजाकर अभिवादन किया।
कोरोना को मात देकर अस्पताल से घर लौटा महाबलीपुर का युवक
घोसी:कोरोना वायरस से जंग जीतकर शुक्रवार को महाबलीपुर को युवक चंदन अपने गांव वापस आ गया। गौरतलब हो कि जिले में वह कोरोना के संक्रमण का पहला मरीज था। उसे संक्रमित होने के बाद शकुराबाद आइसोलेशन सेंटर में रखा गया था जहां से तबियत बिगड़ने के बाद उसे अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया में दाखिल कराया गया था। शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह अपने घर वापस आ गया। हालांकि अभी भी उसके गांव के तीन किलोमीटर के दायरे को एहतियातन अगले आदेश तक कंटेंटमेंट जोन रखा गया है। बावजूद इसके घोसी बाजार स्थित बैंकों में लगी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। बैंकों में काफी भीड़ खतरे की ओर इंगित कर रही है। हालांकि क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे संपर्क में आये सभी लोगों को भी बुधवार को उनके घर में जाने की अनुमति मिल जाएगी।
शहर में शुक्रवार का दिन काेराेनाकाल का सबसे राहत भरा रहा। एक साथ 71 राेगी स्वस्थ हाेकर डिस्चार्ज हुए। इनमें से 44 काे बाेरानाडा के काेविड केयर सेंटर, 26 काे मथुरादास माथुर अस्पताल और एक काे संक्रामक राेग संस्थान से छुट्टी दी गई। साथ ही इस माह में पहली बार सबसे कम नौ नए राेगी ही सामने आए, जबकि सर्वाधिक 1299 सैंपल जांचें गए थे। कुल संक्रमिताें का आंकड़ा 851 पर पहुंच गया है।
इनमें से 39.83% की दर से 339 राेगी स्वस्थ हाेकर डिस्चार्ज हाे चुके हैं। हालांकि शुक्रवार शाम एक और संक्रमित की माैत हाे गई। एमडीएमएच में बीजेएस निवासी रामसिंह (47) ने दम ताेड़ दिया। उन्हें खून की उल्टी की शिकायत पर 3 मई को भर्ती किया गया था। जांच में वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें रूम एयर पर रखा गया था। यह इस माह की 10वीं मौत है। अब तक 17 संक्रमित जान गंवा चुके हैं।
उत्तेसर के 5 में से 4 संक्रमित ठीक हाेकर घर लाैटे
जिले में सबसे पहले पॉजिटिव उत्तेसर गांव से ही मिले थे और शुक्रवार को यहां के लिए भी राहत की खबर आई। यहां के पांच कोरोना पॉजिटिव में से चार जने ठीक हो गए, जिन्हें घर भेज दिया गया। बीसीएमओ मोहनदान देथा ने बताया कि चार पॉजिटिव मरीजों को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया है, जबकि एक की रिपोर्ट आनी बाकी है।
कलेक्टर ने 30 और चिकित्सा विभाग ने 39 को सम्मानित किया
कोरोनाकाल में फील्ड में काम करने वाले 69 वॉरियर्स डॉक्टर, एएनएम, बीएलओ व अन्य का शुक्रवार को कलेक्ट्रेट और टीबी अस्पताल जालोरी गेट पर सम्मान किया गया। कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने 30 वारियर्स को प्रशस्ति पत्र दिए। इसमें लैब टेक्निशियन किशन सिंह व डूंगरराम, सहायक पवनसिंह गहलोत, पंकज कच्छवाहा व भागीरथदान, एएनएम एलियाम्मा ऐसड, भगवतसिंह, उषा व संतोष, आशा सहयोगिनी मदीना, वरिष्ठ सहा. विकल्प गुप्ता व जितेंद्र माथुर, आयुष चिकित्सा अधिकारी राकेश सांखला, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रेणुका, डॉ. भूपत चौधरी, हेमाराम चौधरी, डॉ. मुकेश प्रजापत, किशनसिंह गहलोत, पार्वती विश्नोई, बीएलओ मंजू पंवार, ओम पंवार, ओमप्रकाश व सुपरवाइजर रोहित चौधरी शामिल हैं।
69कोरोना वॉरियर्स सम्मानित
शुक्रवार को सबसे अधिक बोरानाडा स्थित कोविड केयर सेंटर में 44 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया, वहीं एमडीएमएच से 26 और संक्रामक रोग संस्थान से दो बार नेगेटिव आने पर एक मरीज काे डिस्चार्ज किया गया। बोरानाडा कोविड केयर सेंटर पर डॉ. सुनील कुमार बिष्ट ने बताया कि सभी को होम क्वारेंटाइन में रहने और घर मंे भी समय-समय पर हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है।
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद व वार्ड 27 के लाेगाें ने शुक्रवार को सफाई कर्मचारियों का स्वागत किया। प्रदेशमंत्री चंद्रसिंह जैन, गुजरात क्षेत्र मंत्री रोहित भाई, नगर महामंत्री कमल राजपुरोहित, नगर उपाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा, जिला अध्यक्ष गोपाल तेली, राष्ट्रीय बजरंग दल नगर उपाध्यक्ष योगेश बाबेल आदि माैजूद थे।
बैंक ऑफ बड़ौदा के उपमहाप्रबंधक एवं क्षेत्रीय प्रमुख राजेशकुमार सिंह ने बताया कि अब तक शहर में राशन सामग्री के एक हज़ार पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। अब ब्लॉक स्तर शाहपुरा, जहाजपुर, गुलाबपुरा, आसीन्द, करेड़ा, गंगापुर, मांडलगढ़, भगवानपुरा एवं रायपुर में स्थित शाखाओं से संबंधित एसडीएम व तहसीलदार के माध्यम से राशन सामग्री के 350 पैकेट का वितरण किया जाएगा।
चंदनबाला महिला मंडल अहिंसा भवन ने 61 जरूरतमंद परिवारों को आटा वितरित किया। सरंक्षक मंजू पोखरना, रजनी जैन, मंजू बाफना, स्मिता पीपाड़ा एवं मंजू बंब ने सहयोग किया।
लॉकडाउन के मद्देनजर शुक्रवार को जुस्को कंपनी की ओर से नगर परिषद चक्रधरपुर के 127 में सफाई कर्मियों के बीच राशन का वितरण किया गया। मौके पर अध्यक्ष केडी साह, कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा, जुस्को के अरुण कुमार पाणिग्रही, सिटी मैनेजर धीरज कुमार, संदीप घोषाल माैजूद थे। उपस्थित थे। राशन किट में चावल, दाल, आलू, प्याज, हल्दी, नमक व तेल शामिल था।
लॉकडाउन में गुजरातियों का मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इस पर गुजरात साइकोलॉजिकल इंटरवेंशन हेल्पलाइन टू प्रिवेंट कोविड-19 के 7 अध्याकपकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में सीएम विजय रूपाणी से यह मांग की गई है कि लॉकडाउन के अलावा अब सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की दिशा में विचार करना चाहिए। एक सुझाव यह भी दिया गया है कि जहां कोरोना के मामले न हों, वहां के लोगों को थोड़ी अधिक छूट दी जाए। इसी तरह उन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कोरोना का एक भी मामला नहीं है, वहां लॉकडाउन पूरी तरह से हटा दिया जाए। व्यसन मनोशारीरिक बीमारी है, जिसका स्वास्थ्य पर बहुत ही खराब असर होता है। यह सत्य है, पर व्यसन न मिलने पर मानसिक-शारीरिक असर बहुत ही भयानक तरीके से प्रभाव डालते हैं।
बंधन मानसिक स्थिति को बिगाड़ता है: डॉक्टर
लोगों का सरकार पर अभी भी भरोसा है। इसलिए लोग प्रतिबंधों को स्वीकार कर रहे हैं, पर बंधन मानसिक स्थिति को बिगाड़ सकते हैं। एकाएक लाखों लोगों पर बंधन कर्फ्यू के रूप में लाद दिया गया है। संपूर्ण लॉकडाउन के पहले लाखों-करोड़ों लोगों को अपनी जीवनोपयोगी चीजों के संग्रह का समय दिया जाना चाहिए था।
लोगों के लिए 10 हेल्पलाइन नंबर शुरू
अधिक से अधिक मनोवैज्ञानिकों को हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ जोड़कर इस महामारी के खिलाफ लड़ना चाहिए। मानसिक रूप से अस्वस्थ होने वालों को अधिक से अधिक सहायता मिले, इसके प्रयास होने चाहिए। मनोविज्ञान भवन के प्रोफेसर डॉ. योगेश जोगसणे ने बताया कि राज्य में सबसे पहले काउंसिलिंग सेंटर राजकोट में खोला गया। इसमें अब तक 150 अध्यापक और प्रोफेशनल्स साइकोलॉजिस्ट ग्रुप द्वारा गुजरात में सरकारी-अर्ध सरकारी और सेवाभावी संस्थाओं के साथ मिलकर 10 हेल्पलाइनों के माध्यम से लोगों को समझाइश दी जा रही है। अब तक राजकोट के 45 हजार लोगों की काउंसिलिंग की जा चुकी है।
नई हेल्पलाइन शुरू की जानी चाहिए: इस समय 1100 हेल्पलाइन इनकमिंग सर्विस है। इसके अलावा आउट गोइंग कॉल्स कर लोगों को मानसिक रूप से सहायता की जाती है। इससे नई हेल्पलाइनों की शुरुआत हो, तो लोगों को इससे राहत मिलेगी। व्यसन न मिलने पर मानसिक-शारीरिक असर बहुत ही भयानक तरीके से प्रभाव डालते हैं। ऐसे में व्यसनमुक्ति केंद्र की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण बन जाती है। इसलिए व्यसन मुक्ति केंद्र को अच्छी तरह से एक्टिव किया जाना चाहिए।
मां कोरोना पॉजिटिव होने से एक दिन का मासूम बेसहारा, इलाज के लिए कोई सामने नहीं आया
शहर के विभिन्न इलाकों में कोविड केयर सेंटर शुरू तो हो गए हैं, पर इस सेंटर में कुछ होता नहीं। तभी तो मां की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद एक दिन के बच्चे की देखभाल करने वाला अब कोई नहीं है। शहर के गोमतीपुरा में एक महिला ने एल जी हॉस्पिटल में बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पर शुक्रवार को पता चला कि महिला कोरोना पॉजीटिव है। आखिर में एक दिन के बच्चे को कार की अगली सीट पर छोड़कर महिला यहां वहां बच्चे के इलाज के लिए भटक रही है।
पत्र लाने के लिए कहा: यह महिला अपने बच्चे को लेकर गोमतीपुरा के पास अल अमीन हॉस्पिटल पहुंची, पर वहां यह कहा गया कि आप एल जी हॉस्पिटल से चिट्ठी लिखवाकर लाओ। ऐसा कहते हुए दरवाजा बंद कर दिया। बहरहाल महिला अपने बच्चे को लेकर इधर-उधर भटक रही है।
गुरुवार दोपहर एचपी गैस एजेंसी के कर्मचारी से बदमाशाें ने लूट की काेशिश की। बदमाशाें के हमले से वह घायल हाे गया। गैस एजेंसी के हरीश राठी (30) ने पुलिस काे बताया- गुरुवार दोपहर में वह अशोक वार्ड क्षेत्र में गैस एजेंसी में ही कार्यरत एक अन्य कर्मचारी से मिलने गए थे। वापसी में उन्हें चार नकाबपोश युवकों ने घेर लिया। हरीश से बैग को छीनने की काेशिश की। विरोध करने पर हरीश काे लाठियों से पीटा। हरीश के शाेर करने पर बदमाश भाग निकले। हरीश के सीधे हाथ में गंभीर फ्रैक्चर है। उन्हें इलाज के लिए होशंगाबाद ले जाया गया है। पुलिस के मुताबिक लाॅकडाउन के चलते इन दिनों लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है इसी का फायदा उठाकर अज्ञात युवकों के द्वारा लूट का प्रयास किया गया है। पुिलस ने रात को अशोक वार्ड निवासी रोहित राजोरिया पर केस दर्ज किया।
शहर में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच शुक्रवार से शासकीय स्कूलों के शिक्षक कंटेनमेंट एरिया में सर्वे का काम करने पहुंचे। सुरक्षा के नाम पर इन्हें केवल एक बार प्रयोग किया जाने वाला मास्क और ग्लब्स दे दिए गए। बगैर पीपीई किट के शिक्षकों को कंटेनमेंट एरिया में सर्वे के लिए भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के कोई अधिकारी या चिकित्सक भी इनके साथ नहीं थे। केवल एक शासकीय शिक्षक और उनके साथ एक आशा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में केवल 2 लोगों की टीम संक्रमित क्षेत्र में जान जोखिम में डालकर सर्वे का काम करती रही। जिला प्रशासन ने2 दिन के भीतर दो सूचियां तैयारकर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए कुल 94 शासकीय स्कूलों के शिक्षकों की सर्वे में ड्यूटी लगाई है।
ऐसे बढ़ सकता संक्रमण
नागझिरी क्षेत्र से 5 शिक्षकों कि ड्यूटी- वल्लभ भाई पटेल नगर, श्रीपाल मार्ग तोपखाना के पास, कंगालपुरा, हम्मालवाड़ी में लगाई है।
नानाखेड़ा क्षेत्र से दो शिक्षकों कि ड्यूटी हम्मालवाड़ी व गोपाल मंदिर क्षेत्र में लगाई।
फ्रीगंज क्षेत्र से चार शिक्षकों की ड्यूटी गोंसा दरवाजा, धोबी गली, जूना सोमवारिया एवं नागौरी मोहल्ला में लगाई गई है।
नागझिरी क्षेत्र से ही चार अन्य शिक्षकों की ड्यूटी।
नलिया बाखल 1, गरीब नवाज कॉलोनी, नलिया बाखल 2 और बेगमबाग क्षेत्र में लगाई है।
महानंदा नगर से एक शिक्षक की खंदार मोहल्ला में ड्यूटी लगाई है।
कोरोनावायरस के कारण अमेरिका में बेरोजगारी की दर अप्रैल में बढ़कर 14.7 फीसदी पर पहुंच गई। यह 1933 की महामंदी के बाद सबसे खराब आंकड़ा है। श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए कारोबारी गतिविधियों पर रोक लगाए जाने के कारण अमेरिका में अप्रैल में 2.05 लोग बेरोजगार हो गए हैं। करीब एक दशक में अमेरिका में जितना रोजगार बढ़ा था, वह सब सिर्फ एक महीने में बर्बाद हो गया। इससे पहले अगस्त 1932 में बेरोजगारी की दर 25.5 फीसदी दर्ज की गई थी। बेरोजगारी की ताजा दर 2007-09 के संकट के दिनों में दर्ज की गई बेरोजगारी दर के मुकाबले करीब दोगुनी है।
3.5 % बेरोजगारी दर के स्तर पर फिर से आने में अमेरिका को लगेंगे कई साल
मार्च और अप्रैल के दौरान अमेरिका के राष्ट्र्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कई प्रांतीय व स्थानीय नेताओं ने लॉकडाउन के कदम उठाए थे, ताकि नए कोरोनावायरस (कोविड-19) को फैलने से रोका जा सके। इसके कारण कंपनियों ने अचानक लाखों लोगों को नौकरी से निकाल दिया। विश्लेषकों का अनुमान है कि फरवरी 2020 की 3.5 फीसदी बेरोजगारी दर के स्तर पर फिर से आने में अमेरिका को कई साल लग सकते हैं। ट्रंप ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार होगा। जल्द ही सबको नौकरी मिल जाएगी।
2021 में भी बेरोजगारी की दर करीब 10 फीसदी रहने की आशंका
अमेरिका के विभिन्न प्रांतों के गवर्नर इस बात पर बहस कर रहे हैं कि उनके प्रांत की अर्थव्यवस्था को कब से खोला जाए। माना जा रहा है कि जल्दी अर्थव्यवस्था को खोल देने से लोगों को नौकरी मिलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन बेरोजगारी का स्तर इतना व्यापक है कि सभी कर्मचारियों के तुरंत वापस काम पर आ जाने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। स्टीफेल के मुख्य अर्थशास्त्री लिंडसे पिग्जा ने कहा कि 2021 में भी बेरोजगारी की दर करीब 10 फीसदी रह सकती है।
भोजन के लिए लाखों लोग फूड बैंक्स पर हुए आश्रित
अचानक बेरोजगारी बढ़ने से लाखों लोग भोजन के लिए फूड बैंक्स पर आश्रित हो गए हैं और पहली बार सरकारी सहायता की मांग कर रहे हैं। कई लाख लोगों ने किराया देना बंद कर दिया है। कइयो का स्वास्थ्य बीमा बंद हो गया है और कई लाख लोग घर बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं।
आतिथ्य उद्योग में 77 लाख लोग बेरोजगार हुए
बेरोजगारी की शुरुआत आतिथ्य सेक्टर से हुई। आतिथ्य सेक्टर में अप्रैल में 77 लाख लोग बेरोजगार हुए। अन्य उद्योग भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। रिटेल सेक्टर में 21 लाख लोगों की नौकरी चली गई। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 13 लाख लोग बेरोजगार हुए। व्हाइट कॉलर श्रमिक और सरकार कर्मचारियों को भी बेरोजगारी का सामना करना पड़ा। इस तरह की कंपनियों ने 21 लाख लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। प्रांतीय और स्थानीय सरकारों ने करीब 10 लाख को नौकरी से हटा दिया है। आने वाले समय में सरकारी क्षेत्र में और नौकरियां जा सकती हैं, क्योंकि अधिकारियों को बजट में कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी पिछले महीने 14 लाख कर्मचारी बेरोजगार हो गए।
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक वास्तविक बेरोजगारी सरकारी आंकड़े से अधिक है
अप्रैल की बेरोजगारी का आंकड़ा हालांकि भयावह है, लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकारी आंकड़ा वास्तविकता से काफी कम है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कहा है कि वे किसी अन्य वजह से काम पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, यदि उन्हें भी बेरोजगार मान लिया जाए, तो बेरोजगारी की दर करीब 20 फीसदी है।
महिलाओं में बेरोजगारी की दर पुरुषों के मुकाबले 3 फीसदी अंक ज्यादा
इतना स्पष्ट है कि हस्पैनिक्स, अफ्रीकन-अमेरिकन और रेस्तरां व रिटेल सेक्टरों में कम मजदूरी पर काम करने वाले लोग बेरोजगारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। हस्पैनिक समुदाय में बेरोजगारी की दर अप्रैल में बढ़कर 18.9 फीसदी पर पहुंच गई। अफ्रीकी-अमेरिकी समुदायर में यह दर 16.7 फीसदी रही। श्वेत लोगों में बेरोजगारी की दर 14.2 फीसदी दर्ज की गई। महिला वर्ग में बेरोजगारी की दर पुरुषों की बेरोजगारी के मुकाबले करीब 3 फीसदी अंक ज्यादा है।
कम शिक्षितों में रिकॉर्ड 21.2 फीसदी बेरोजगारी
उच्च शिक्षित सफेद कॉलर श्रमिक तो घर से काम कर रहे हैं, लेकिन कम मजदूरी वाले लोगों के पास यह सुविधा नहीं है। जिन श्रमिकों के पास हाई स्कूल से नीचे की डिग्री है, उनमें बेरोजगारी की दर 21.2 फीसदी पर पहुंच गई। यह दर महामंदी के बाद दर्ज की गई दर से भी ज्यादा है। अमेरिकी कांग्रेस ने करीब 3 लाख करोड़ डॉलर की राहत योजना को मंजूरी दी है, लेकिन इसका लाभ बहुत लोगों तक नहीं पहुंच पाया है। वेबसाइट के फेल होने और टेलीफोन लाइन व्यस्त होने से लाखों लोग बेरोजगारी भत्ता हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में तुरंत तेजी नहीं आने वाली
विशेषज्ञों के बीच आम सहमति बन रही है कि अर्थव्यवस्था में तुरंत तेजी नहीं आने वाली है। रिचमोंड के फेडरल रिजर्व के प्रेसिडेंट थोमस बार्किन ने गुरुवार को कहा कि तेज गिरावट के बाद तेज उछाल वाली स्थिति नहीं है। यह तेज गिरावट और धीमे-धीमे उछाल वाली स्थिति है। डार्टमाउथ में इकॉनोमिक्स के प्रोफेसर डैनी ब्लैंशफ्लावर ने कहा कि यह बहुत बड़ी विभीषिका है। जब पहाड़ी की ऊंचाई से कुछ गिरता है, तो तुरंत नहीं संभलता है।
अब फुटबॉल मैच के दौरान टीमों को अधिकतम पांच खिलाड़ियों को बदलने(सब्सिट्यूट) की छूट होगी। फुटबॉल के लिए नियम बनाने वाली संस्था इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन बोर्ड (आईएफएबी) ने इस संबंध में फीफा के नियमों में अस्थायी संशोधनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
यह बदलाव इस साल 31 दिसंबर तक होने वाले टूर्नामेंट पर लागू होगा।
वीडियो असिस्टेंट रैफरी पर रोक
कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में फुटबॉल से जुड़ी गतिविधियां पिछले दो महीने से रूकी हुई हैं। ऐसे में जब फुटबॉल की वापसी होगी, तो खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े, इसलिए फीफा ने अस्थायी तौर पर 3 की जगह टीमों को पांच सब्सिट्यूट की छूट देने का प्रस्ताव रखा था। इसमेंमैच के दौरान वीडियो असिस्टेंट रैफरी (वीएआर) के इस्तेमाल पर भी फिलहाल रोक लगाने की बात कही है।
इस बदलाव को लागू करना अनिवार्य नहीं
इस अस्थायी संशोधन को लागू करना सबके लिए जरूरी नहीं है। अलग-अलग लीग और टूर्नामेंट से जुड़े आयोजक इस पर अंतिम फैसला लेंगे। फीफा और आईएफएबी आने वाले वक्त में ये तय करेंगे कि नियमों में हुए इस अस्थायी संशोधन को 2021 सीजन के लिए बढ़ाना है या नहीं।
नियम में संशोधन के बाद यह बदलाव होंगे
लॉकडाउन के दौरान टोटेमिक कुड़मी समाज छोटा नागपुर की ओर से जरूरतमंद लोगों के बीच राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। शुक्रवार को बंडी, बाघमारा, रोलाडीह, गोपीनाथपुर, लोदोडीह, महुलपानी और सेताहाका गांव में जरूरतमंदों के बीच राशन वितरण एवं जागरूकता अभियान चलाया गया। सभी लोगों ने सामाजिक दूरी को पालन करते हुए ग्रामीणाें काे सैनेटाइजेशन पर जाेर दिया।
कोरोना के खतरे के बीच एटीएम के गार्डों ने अपने स्तर पर साबुन व पानी की बाल्टी रखकर रुपए निकालने आने वाले लोगों के हाथ धुलवा एटीएम में प्रवेश कराना शुरू किया।
यह पहल मानदेय पर गंगापुर स्थित एसबीआई के एटीएम पर गार्ड की नौकरी कर रहे तीन गार्डों ने मिलकर की है। लोगों को जागरुक करने के लिए बाहर हाथ धोकर एटीएम में प्रवेश करें, का पोस्टर भी चस्पा कर रखा है। भीलवाड़ा शहर और जिले के अन्य हिस्साें में बड़ी संख्या में एटीएम हैं, जहां सेनेटाइजर ताे दूर गार्ड ही नहीं मिलते हैं। जबकि जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस को देखते हुए एटीएम को भी सैनिटाइज करने के निर्देश दे रखे हैं। गंगापुर में लगे एटीएम पर सैनिटाइजर की जगह गार्डों द्वारा साबुन से हाथ धूलवाए जा रहे हैं। बस स्टैंड स्थित एसबीआई के एटीएम पर गार्ड ने एटीएम के बाहर साबुन और पानी की बाल्टी भर कर रख रखी है। इसके अलावा रुपए निकालने आने वालों के लिए लिखवा भी रखा है कि साबुन से हाथ धो कर ही एटीएम में प्रवेश करें।
गंगापुर में पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम हैं। भारतीय स्टेट बैंक का एक एटीएम मुख्य बाजार और दूसरा बस स्टैंड पर नगर पालिका के पास है। बस स्टैंड के पास स्थित एटीएम पर ओमप्रकाश, हीरालाल व ललित कुमार ड्यूटी करते है। उनका कहना है यह व्यवस्था खुद की है। बैंक ने सेनेटाइजर दिया, लेकिन वह तो कुछ समय में ही समाप्त हो गया। यहां रात में तो कम लोग आते हैं, लेकिन दिन में 400 से 500 के करीब लोग पहुंचते हैं ऐसे में चार पांच बट्टी साबुन की व्यवस्था तो रोज करनी पड़ रही है। मुख्य बाजार स्थित एसबीआई एटीएम के गार्ड करण सिंह का कहना है कि वह रात 10 से सुबह 6:00 बजे तक रहता है। उसे सेनिटाइजर उपलब्ध कर रखा, लेकिन रात में नाम मात्र के ही लोगों के पहुंचने से ज्यादा खर्च नहीं होता है।
शहर के नए एसपी मनोज सिंह ने शुक्रवार शाम महाकाल मंदिर के शिखर दर्शन कर कार्यभार संभाल लिया। उज्जैन आने के बाद वे सबसे पहले महाकाल फिर हरसिद्धि व गोपाल मंदिर पहुंचे और बाहर से हाथ जोड़ आशीर्वाद लिया। पुलिस कंट्रोल रूम पर सचिन अतुलकर से चार्ज लेने के बाद एसपी सिंह ने कहा मेरी पहली प्राथमिकता शहर को कोरोना मुक्त बनाना है। यह शहर मेरे लिए नया नहीं है, पहले भी सीएसपी के रूप में सेवा दी है। वे अगर लॉकडाउन को सफल बनाकर जितना अधिक घर में रहेंगे उतनी जल्दी हम विजय होंगे। इधर बिदा होने से पहले एसएसपी अतुलकर ने कहा इतना ही कहूंगा कि अपराधियों में जो पुलिस का खौफ बना है व आगे भी बना रहना चाहिए, जनता को पुलिस से सिर्फ यही विश्वास की उम्मीद रहती है।
हाउसिंग बोर्ड में ₹5 कराेड़ रुपए से बने हॉकी एस्ट्रोटर्फ को सुधारने और बिजली कनेक्शन जोड़ने को लेकर अधिकारियों के बीच बातचीत ही चल रही है। इस समय तापमान 42 के ऊपर चल रहा है। पानी नहीं डालने से एस्ट्रोटर्फ में दरारें बढ़ती जा रही है। सबसे खास बात यह है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारी मुख्यालय पर ही नहीं है। उनको एडीएम जीपी माली की तरफ से नोटिस जरूर दिया गया है, लेकिन अभी तक एस्ट्रोटर्फ को ठीक करने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कमिश्नर के आदेश भी अधिकारी नहीं मान रहे है। कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने बताया मुख्यालय पर खेल अधिकारी नहीं है। इसे लेकर सख्ती की जा रही है। दाे-तीन दिन में ही मैदान काे ठीक करने के लिए काम शुरू हाेगा।
कोरोना महामारी के इस संकट के समय में शहर की धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं ने जरूरतमंद लोगों की मदद का बीड़ा उठाया है। भटार रोड स्थित श्री आदर्श पंजाबी समाज रोजाना 3 हजार से अधिक लोगों की भोजन सेवा कर रहा है। श्री आदर्श पंजाबी समाज के संयोजक सुशील भाटिया ने बताया लॉकडाउन-1 शुरू होते ही समाज के लोगों ने मीटिंग कर जरूरतमंदों के लिए भोजन सेवा शुरू की। भोजन बनाने का काम दस लोगों के जिम्मे है। जिसमें महाराज और उनकी सहायता करने वाली महिलाएं शामिल हैं।
इसके अलावा लगभग 25 लोगों की टीम पैकेजिंग का काम करती है। भोजन तैयार करने, पैकेजिंग और वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य मानकों को पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसके लिए 3 से लेकर 5 गाड़ियों में भोजन सामग्री वितरित करने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भेजा जाता है। भोजन का वितरण वड़ोद और हिदायत नगर में किया जाता है। इसके अलावा पियूष पॉइंट, बमरोली, पंचशील नगर और गोड़ादरा आदि क्षेत्रों में भी भोजन वितरित किया गया है। इसके अलावा विनायक नगर में भोजन वितरण करने के लिए सुबह और शाम 500-500 पैकेट भेजा जाता है। इस कार्य में कमल जालान, भरत भाटिया, मीतेश भाटिया, दिलीप थडानी, राकेश गोस्वामी और अन्य लाेगाें का याेगदान रहता है।
रोहिणीबेन विनायक नगर में रोजाना 4 हजार लोगों को खिला रहीं खाना
वार्ड नंबर 23 की पार्षद रोहिणीबेन पाटिल रोजाना 4 हजार से अधिक लोगों को खाना खिला रही हैं। 120 फीट रोड, विनायक नगर क्षेत्र में यह सेवा 24 मार्च से जारी है। रोहिणी बेन के पति सूरत शहर भाजपा उपाध्यक्ष छोटूभाई पाटिल ने बताया कि इसके लिए सूरत नगर महा पालिका अौर अन्य संस्थाओंसे भोजन लिया जाता है, जिसे टेंपो से 10 कार्यकर्ता लाते हैं। 25 से 30 कार्यकर्ता जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते हैं। भोजन वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वच्छता अौर अन्य मानकों का पूरा ख्याल रखा जाता है। इसमें लोग अपने-अपने घरों से टिफिन या अन्य बर्तन लेकर आते हैं और कार्यकर्ता उन्हें भोजन परोसते हैं।
लॉकडाउन में सुदूरवर्ती गांवों और पंचायतों के लोगों को शहर की बैंक शाखाओंतक पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है। खास कर सभी प्रकार के पेंशनधारी और सब्सिडी प्राप्त लोगों को उनकी पंचायत या गांव तक पैसा पहुंचाने को लेकर सरकार को सुविधा देनी चाहिए। उक्त बातें पूर्व विधायक शशिभूषण सामाड ने शुक्रवार को अपने आवासीय कार्यालय में कही। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों तक पैसा पहुंचाने के लिए पोस्टमैन या मोबाइल वैन की मदद ले सकती है। उन्हें छोटी छोटी रकम को लोगों तक पहुंचाने में दिक्कत भी नहीं आएगी। साथ ही लॉकडाउन के दौरान राशन वितरण में भारी अनियमितता की शिकायत मिल रही है। इसको लेकर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि एमओ को शिकायत की सूचना देने पर भी जांच के लिए नहीं जाते, जिससे डीलरों का मनोबल बढ़ा हुआ है। विधायक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के राशन डीलर केराेसिन वितरण में भी मनमानी कर रहे हैं।
होशंगाबाद से खंडवा तक 190 किलोमीटर सड़क का चाैड़ीकरण किया जाएगा। अभी तक सड़क करीब 7 मीटर है, जिसे 10 मीटर चाैड़ी किया जाएगा। कृषि विकास व किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने सड़क के चाैड़ीकरण के निर्देश शुक्रवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक सुदाम खाड़े को दिए। उन्हाेंने कहा कि जल्द प्रक्रिया शुरू की जाए। होशंगाबाद से टिमरनी तक और हरदा से खंडवा तक अभी सिंगल सड़क ही थी। इससे आवागमन में दिक्कतें हाे रही थी। सड़क 10 मीटर चौड़ी होगी। कृषि विकास व किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि होशंगाबाद से खंडवा तक 190 किमी की सड़क का निर्माण बीओटी (बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के अंतर्गत किया जाएगा। इसमें खंडवा से हरदा तक 109 कि.मी. और टिमरनी से होशंगाबाद तक 81 कि.मी.की सड़क निर्मित होगी। कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने बताया सर्वे किया जाएगा। इसमें साफ हाेगा कि कितनी जमीन अधिगृहित हाेना है और कितने पेड़ आ रहे हैं। प्लान जल्द बनाया जाएगा।
कुछ दिन पहले डीपीआर मांगा गया था
एमपीआरडीसी के प्रबंधक प्रवीण निमजे ने बताया विभाग की ओर से सड़क का डीपीआर मांगा गया था। डीपीआर भोपाल मुख्यालय भेज दिया गया था। होशंगाबाद से हरदा और हरदा से खंडवा तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया काफी पहले से चल रही थी। कार्रवाई शासन स्तर पर आगे बढ़ी हो, फिलहाल अधिकृत जानकारी नहीं है।
जिला अस्पताल और चरक अस्पताल सहित शहर के तीन हॉस्पिटल में भी कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। जिला अस्पताल के वार्ड की दो स्टाफ नर्स, चरक की एक तथा चेरिटेबल हॉस्पिटल की चार स्टाफ नर्स संक्रमित हुई। इसका बड़ा कारण संदेही मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाना सामने आया है। उनकी स्क्रीनिंग किए बगैर ही हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया। अस्पतालों को सैनिटाइज तक नहीं करवाया गया। स्टाफ के पास पीपीई-किट सहित सेफ्टी के साधन नहीं हैं। ऐसे में संक्रमित मरीज से स्टाफ भी संक्रमित हो गया। जब जिला हॉस्पिटल के डॉक्टर्स और स्टाफ ने सुरक्षा साधनों की मांग उठाई तो उन्हें मास्क, ग्लोबज व किट दी गई।
यह तीन बड़ी लापरवाही
1.स्क्रीनिंग किए बगैर ही संदेही मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया।
2.कंटेंनमेंट एरिया के मरीजों की जांच की इन क्षेत्रों के मरीजों को सीएचएल सेंटर और बिड़ला हॉस्पिटल में भेजा जाना था।
3.स्टाफ के पास सुरक्षा के साधन नहीं। बगैर किट के ही कार्य करना पड़ा।
स्टाफ को किट उपलब्ध कराई है, रेस्ट भी दे रहे
सीएमएचओ डॉ.अनुसुइया गवली ने बताया संदेही मरीजों की स्क्रीनिंग के बाद ही भर्ती करने के आदेश दिए हैं। अस्पताल स्टाफ को मास्क, ग्लोब्ज व किट उपलब्ध कराई है। स्टाफ को सात दिन का रेस्ट भी दिया जा रहा है।
ऐसे पहुंचा अस्पतालों में संक्रमण
चैरिटेबल हॉस्पिटल
यहां इलाज के लिए सबसे पहले जानसापुरा की राबिया बी को भर्ती किया था। रिपोर्ट नहीं आने से डॉक्टर व स्टाफ ने आम मरीजों की तरह इलाज किया। महिला की बाद में रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उसकी मौत भी हो गई।आरडी गार्डी कॉलेज के डायरेक्टर के बड़े भाई को इंदौर से चैरिटेबल में भर्ती किया, जो जांच में पॉजिटिव पाए थे। उनके संपर्क में आने से भी स्टाफ के संक्रमित होने का अंदेशा है।
मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर के भतीजे का चैरिटेबल हॉस्पिटल में एक्स-रे करवाया गया। उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। जांच में यहां की 4 स्टाफ नर्स संक्रमित पाई गई।
जिला अस्पताल
यहां के आईसीयू में दानीगेट की लक्ष्मी बाई को भर्ती किया था। उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। महिला की मेडिकल कॉलेज के बाहर एंबुलेंस में मौत हो चुकी है।
जिला अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग में भी महिला सहित तीन संदेही मरीजों को भर्ती किया गया, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। यहां की 2 स्टाफ नर्स संक्रमित पाई गई।
चरक अस्पताल
यहां पर बगैर स्क्रीनिंग के संदेही मरीजों को भर्ती किया, जिसके चलते पीआईसीयू की स्टाफ नर्स संक्रमित हो गई।
एचएसईबी वर्कर्स यूनियन ने शुक्रवार को पुलिस पर बिजली निगम के एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने एक सहायक लाइनमैन रविरंजन के साथ पल्ला पुल के पास मारपीट की। जबकि उसकी ड्यूटी लॉकडाउन के दौरान बिजली व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगी हुई हैै।
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई है। यूनियन ने चेतावनी दी है यदि पुलिस का रवैया इसी तरह का रहा तो कर्मचारी काम करना बंद कर देंगे। यूनियन के सर्कल सचिव संतराम लांबा के अनुसार रविरंजन की ड्यूटी तिलपत सब-डिवीजन के पल्ला स्थित 220 केवी के सब-स्टेशन पर है। शुक्रवार को पुलिस ने पल्ला पुल के पास उसके साथ मारपीट की। इसके बाद उसकी बाइक पल्ला थाने में खड़ी करवा दी। पीड़ित ने इसकी सूचना अपने एसडीओ को दी।
लांबा के अनुसार इस मामले में एसडीओ, जेई और फोरमैन पल्ला पुलिस थाने पहुंचकर मामले की जानकारी ली। इस संबंध में पुलिस के पीआरओ सूबे सिंह का कहना है कि पल्ला थाने के एसएचओ ने दोनों पक्षों के साथ बातचीत की है। इनमें सुलह हो गई है। अगर कोई सरकारी कर्मचारी है तो वह पुलिस को अपना पहचान पत्र दिखाए।
कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिए उत्कृष्ट स्कूल भी आगे आया है। स्कूल ने 1लाख 611 रुपए का चेक जिला प्रशासन को सौंपा। अपर कलेक्टर जमुना भिड़े को प्राचार्य सुभाष कुमावत, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, गिरीश सारस्वत, हरीश चंद्र रत्नावत , दीपेंद्र सिंह ठाकुर की उपस्थिति में प्रदान किया।
कालचिती पंचायत के चापड़ी गांव निवासी वृद्ध रतन गोराई (85) बैंक बैंक ऑफ इंडिया में पैसे की निकासी करने शुक्रवार को निकला था। धूप व गर्मी से चक्कर अाने के कारण वृद्ध बीओआई के सामने बाइक से गिरकर जख्मी हाे गया। इसकी सूचना मिलने पर कांग्रेस प्रखंड अधयक्ष अपने समर्थकाें के साथ पहुंच कर वृद्ध को मरहम पट्टी करवाकर 108 एंबुलेंस से अनुमंडल अस्पताल घाटशिला भेजवाया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अंबेडकर भाग जरूरतमंदों को राशन किट का वितरण कर रहा है। शुक्रवार को 200 और किट का वितरण किया गया। जिला संघ संचालक वीरेंद्र वाफगांवकर, जिला प्रचारक विजेंद्र घोटी, सुरेंद्र भामरा, सिद्धार्थ पंड्या, कुशल सिंह डोडिया, धर्मेंद्र चौहान, धीरेंद्र गोयल, कुलदीप अवस्थी, वेद प्रकाश, दीपक लगवानी सहित स्वयंसेवक मौजूद थे।
काेराेना वायरस की महामारी में संक्रमण से बचने के लिए भीलवाड़ा में चल रहा कर्फ्यू देश का सबसे लंबा कर्फ्यू बन गया है। शुक्रवार काे भीलवाड़ा में कर्फ्यू काे रिकाॅर्ड 50 दिन पूरे हाे गए। जनता पिछले 50 दिन से घराें में है। 4 मई काे जिला प्रशासन ने एक दिन के लिए कर्फ्यू में कुछ शर्ताें के साथ ढील दी, लेकिन बाजार में भीड़ बढ़ने से चार घंटे बाद ही छूट खत्म कर दी। काेराेना महामारी में देश का सबसे लंबा कर्फ्यू भीलवाड़ा में हाे गया, लेकिन देश में अब तक लगे कर्फ्यू की जानकारी करने पर सामने आया कि 50 दिन के कर्फ्यू से भी अधिक समय के लिए दाे बार कर्फ्यू लग चुके हैं। दाेनाें सबसे लंबे कर्फ्यू का रिकाॅर्ड कश्मीर के नाम है। भीलवाड़ा और कश्मीर के कर्फ्यू में अंतर है। भीलवाड़ा में काेराेना वायरस से बचाने के लिए कर्फ्यू है जबकि कश्मीर में दाेनाें समय दंगा भड़कने से कर्फ्यू लगाए थे। देश का पहला सबसे लंबा कर्फ्यू कश्मीर में 1990 में 175 दिन का था और इसके बाद दूसरा सबसे लंबा कर्फ्यू 2016 में 52 दिन के लिए भी जम्मू कश्मीर में ही लगा था। भीलवाड़ा में 20 मार्च काे छह पाॅजिटिव राेगी पर पहले ही िदन कर्फ्यू लगाया था।
भीलवाड़ा 30 अप्रैल से ऑरेंज जाेन में
30 अप्रैल काे भीलवाड़ा ऑरेंज जाेन में आ गया। लाेगाें का कहना है भीलवाड़ा में पहले दिन से ही कर्फ्यू लगने से ही संक्रमण ज्यादा नहीं फैला। 43 में से 30 मरीज ठीक हो चुके हैं। हालांकि लाेगाें की यह भी राय है कि ऑरेंज जाेन में आने से कंटेंटमेंट एरिया काे छाेड़कर बाकी एरिया में कुछ समय के लिए दुकान खाेलने की अनुमति देनी चाहिए। यहां के चार प्रमुख औद्याेगिक संगठनाें ने सात मई काे मुख्यमंत्री के साथ हुई वीसी में टेक्सटाइल मार्केट और कपड़ा फैक्ट्री शुरू करने की मांग उठाई। उनका कहना है कंटेंटमेंट एरिया काे छाेड़कर टेक्सटाइल मार्केट व कपड़ा फैक्ट्रियाें काे शुरू करना चाहिए ताकि यहां की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाैट सके।
जनता काे धैर्य रखना हाेगा। लाेगाें काे यह ध्यान में रखना चाहिए अब तक के अनुशासन के कारण ही हम सभी ने मिलकर जिले में काेराेना का संक्रमण फैलने से राेका है। चार मई काे कर्फ्यू में ढील दी थी लेकिन मार्केट में ज्यादा भीड़ आ जाने से छूट निरस्त करनी पड़ी। यदि जनता ने धैर्य और अनुशासन रखा ताे फिर कर्फ्यू में छूट दे सकते हैं। संक्रमण नहीं फैले इसलिए हम सभी के लिए यह जरुरी है। -राजेंद्र भट्ट, कलेक्टर
1990 : 175 दिन तक कर्फ्यू : कश्मीर पंडिताें के विस्थापन के समय लगा...कश्मीरी पंडितों काे जनवरी 1990 में जम्मू कश्मीर से घर छाेड़ने के लिए कहा गया था। कई कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करना पड़ा। उस दौरान कश्मीर में जनवरी से लेकर आगे करीब 175 दिनों तक कर्फ्यू लगा था। यह देश में अब तक का सबसे अधिक दिनों का कर्फ्यू है।
2016: 52 दिनों का कर्फ्यू : आतंकी बुरहान वानी की माैत के कारण लगा... हिज़्बुल मुजाहिदीन के कमांडर आतंकी बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत हाे गई थी। उसकी मौत के बाद दंगे भड़के। पत्थरबाजी, हिंसा और विरोध प्रदर्शन में कई लाेगाें की जानें गई। उस दौरान घाटी में करीब 52 दिन तक कर्फ्यू लगाया गया था। यह देश का दूसरा सबसे लंबा कर्फ्यू है।
जवाहर नवोदय विद्यालय पूर्वी सिंहभूम के 21 विद्यार्थियों को लेकर आज सुबह 5:00 बजे बस असम से रवाना हो गई है। बस आज शाम को बिहार के पूर्णिया पार कर रही है। शनिवार को दुमका पहुंचेगी। रविवार की सुबह 10:00 बजे बड़शोल स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में बस को पहुंचने की संभावना है। प्राचार्य ने कहा कि पहुंचने के बाद बस को सैनेटाइजर करने के बाद ही परिजनों को विद्यार्थियों को सौंपा जाएगा।
जादूगोड़ा के स्वासपुर स्थित क्वारेंटाइन सेंटर से शुक्रवार को 26 लोगों को जांच पड़ताल के बाद निगेटिव पाए जाने व क्वारेंटाइन अवधि पूरी हो जाने पर रिलीज कर दिया गया। वहीं शुक्रवार काे दूसरे जिले जामताड़ा एवं बंगाल के मुर्शीदाबाद से लगभग 23 लोगों को यहां क्वारेंटाइन किया गया। मुसाबनी बीडीओ ने बताया कि इनकी शनिवार को जांच की जाएगी।
लॉकडाउन पार्ट थ्री में सरकार ने थोड़ी राहत क्या दी दुकानदारों ने तो मनमानी ही शुरू कर दी है। बिना आदेश के बाजार एवं गैर जरूरी सामान की दुकानें धड़ल्ले से खुल गई हैं। डीसी ने एनआईटी, बल्लभगढ़ और ओल्ड फरीदाबाद मार्केट की दुकानों को अभी नहीं खोलने का आदेश दिया था, लेकिन आलम यह है कि वहां दुकानें खुल गई हैं। यही नहीं किसी भी दुकान में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। कई जगह तो बाइक व कार शोरूम तक खुल गए है। ऐसे में दुकानदारों एवं अधिकारियों की यह लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए। क्योंकि फरीदाबाद में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एक सप्ताह से लगातार संक्रमित मरीज आ रहे हैं। अभी तक दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है। पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि सड़कों पर ट्रैफिक बेतहाशा गति से बढ़ रहा है। सड़कों की तस्वीरों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि अभी यहां लॉकडाउन लागू है।
प्रशासन ने इन दुकानों को खोलने की अनुमति दी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार डीसी यशपाल यादव ने लॉकडाउन पार्ट थ्री में जो राहत दी है उसमें दूध, फल, सब्जी, किराना, मेडिकल स्टोर, पंचर की दुकानें, इलेक्ट्रिकल की दुकानें समेत अन्य जरूरी सामान वाली दुकानें खोली जा सकती है। लेकिन शहर के प्रमुख बाजार खासकर एनआईटी एक, दो, तीन, पांच, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ की मेन मार्केट, मार्केट काम्पलेक्स अथवा शोरूम अभी खोलने की इजाजत नहीं दी है।
ऐसी भी क्या जल्दबाजी...अपनी मनमर्जी से खोलनी शुरू कर दी हैं दुकानें
प्रशासन के आदेश के बावजूद शहर के प्रमुख बाजारों में दुकानदारों ने एक-दूसरे की देखा देखी दुकानें खोलनी शुरू कर दी है। नगर निगम की टीमों ने एक-दो दिन इन्हें बंद कराया। इसके बाद फिर खुलनी शुरू हो गईं। एनआईटी पांच, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ की मार्केट का हाल देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुकानदार किस तरह प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। शुक्रवार को ओल्ड फरीदाबाद की मार्केट में नगर निगम की टीम जब गैरजरूरी वस्तुओं की दुकानों को बंद कराने के लिए पहुंची तो दुकानदारों ने दुकान बंद करने से मना कर दिया। हालांकि निगम की टीम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1994 की धारा 381 के तहत कार्रवाई कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। जेडटीओ अनिल रखेजा के अनुसार उन्होंने इसकी शिकायत एसडीएम से की है। यही हाल एनआईटी पांच और बल्लभगढ़ का है।
फेसबुक पर रेस्टोरेंट का विज्ञापन देकर 50 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। इसबारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।जानकारी के अनुसार पांडेसरा में पीयूष प्वाइंट के पास गोपाल नगर में रहने वाला नितिन कांग्रीवाला पेशे से दर्जी है। गत 30 अप्रैल को नितिन मोबाइल पर फेसबुक देख रहा था, तभी थ्री सेवंटी किचन नामक वेबसाइट पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने पर 200 रुपए में एक थाली और उस पर दो थाली फ्री का ऑफर चल रहा था। नितिन ने विज्ञापन में दिए गए ऑप्शन पर क्लिक किया तो मोबाइल नंबर 83898 53598 स्क्रीन पर दिखाई देने लगा। नितिन ने नंबर पर फोन किया तो सामने से एक युवक ने ऑर्डर के बारे में पूछा और फिर कहा कि सबसे पहले 10 रुपए डेबिड कार्ड से भरना होगा।
इसके बाद 200 रुपए डिलीवरी होने के बाद नकद देना होगा। नितिन ने जैसे ही हामी भरी तो उसी मोबाइल नंबर से एक लिंक मैसेज भेजा गया। नितिन ने लिंक को ओपन किया तो उसमें एक फार्म था। जिसमें डेबिट कार्ड के 16 अंकों का नंबर और सीवीवी का पूरा डिटेल मांगा गया था। नितिन ने फार्म ने डेबिट कार्ड की सारी जानकारी भर दी तो मोबाइल पर एक और लिंक आया। आरोपी ने नितिन को लिंक से एप्लीकेशन इंस्टॉल करने के लिए कहा। इसे इंस्टॉल करते ही एक पेज ओपन हुआ जिसमें कुछ नंबर दिए हुए थे। नितिन ने आरोपी का नंबर फार्म में डाला तो उसका आर्डर कन्फर्म हो गया। कुछ देर बाद नितिन के मोबाइल पर 49,996 रुपए कटने का मैसेज आया।
मोबाइल पर मैसेज देख 100 नंबर डायल किया
मोबाइल पर रुपए कटने का मैसेज आते ही नितिन ने अपने भाई हेमंत को बताया। हेमंत ने तुरंत बैंक ऑफ बड़ौदा के बमरोली ब्रांच में जाकर डेबिट कार्ड बंद कराया और 100 नंबर डायल किया। दूसरे दिन अहमदाबाद साइबर क्राइम ने नितिन को फोन करके नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
रायपुर क्षेत्र के पिथा का खेड़ा में लाॅक डाउन नियमाें वाली शादी हुई। मास्क लगाकर बड़े पिता व काका के साथ पहुंचे दूल्हे ने दुल्हन के माता पिता और भाई की मौजूदगी में विवाह की रस्म पूरी की। जिला प्रशासन से अनुमति लेकर किए इस विवाह में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सभी नियमों का पालन किया। पिथा का खेड़ा के जगदीश जाट ने बताया कि उसके काका रामलाल की बेटी सुगना की शादी राजसमंद के जाटिया खेड़ा निवासी मुंबई में ज्वैलरी का व्यवसाय करने वाले कैलाश चंद्र के साथ तय की। दूल्हा कैलाश अपने चंद परिजनों के साथ कार से पिथा का खेड़ा सुगना से शादी के लिए पहुंचा। दूल्हा दुल्हन के साथ ही विवाह कराने वाले पंडित हीरालाल शर्मा व परिजनों ने मास्क पहनकर रस्म संपन्न कराई।
लाॅकडाउन में स्कूल बंद हैं। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलाें के लिए नए शिक्षा सत्र में निजी स्कूलाें में बच्चाें की फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। नया सत्र जून में शुरू हाेने की संभावना है। इसके बाद फीस जमा हाेने और प्रवेश की प्रकिया शुरू हाेगी, लेकिन पालकाें काे राहत रहेगी। उन्हें फीस बढ़ाकर नहीं ली जाएगी। इसी तरह जिले में कुछ स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के जानकारी पालकाें तक भेज रहे हैं। जाे परिवार सम्पन्न नहीं उनके सामने बच्चाें की ऑनलाइन पढ़ाई के माेबाइल व कंप्यूटर लेने की समस्या खड़ी हाे गई है। स्कूली शिक्षा विभाग के उप सचिव केके द्विवेदी ने सत्र 2020-21 में पलकों को राहत देते हुए निर्देश दिए हैं कि फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। विद्यार्थियों के पालकों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उन्हें फीस समय पर देने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। पूरी फीस को 4 किस्त में जमा करने का प्रावधान किया जा सकता है। ऐसी संस्था जो ऑनलाइन पढ़ाई करवा रही हैं। वह फीस नहीं लेंगी और अगर किसी बच्चे का कोर्स ऑनलाइन पढ़ाई में छूट गया है तो अतिरिक्त कक्षाओं को लगाकर पूरा करवाया जाएगा।
एसके त्रिपाठी,जेडी, शिक्षा ने कहा
जिले में निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा सकती है लेकिन यह निशुल्क रहेगी। अगर किसी पालक पर किसी प्रकार का दबाव स्कूल प्रबंधन बना रहा है ताे शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
लॉकडाउन के बाद से जिले में रह रहे 37 प्रवासी श्रमिकों को शुक्रवार को रोहतक रेलवे स्टेशन के लिए बसों द्वारा रवाना किया गया, रोहतक से उनके गृह जिलों में भेजने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई। रोहतक से वे अपने गंतव्य सहरसा (बिहार) की ओर ट्रेन से रवाना होंगे। कृषि क्षेत्र से जुड़े प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की गई है, पलवल से पहले चरण में शुक्रवार को 37 प्रवासी श्रमिकों को पूरे स्वास्थ्य जांच उपरांत बसों में खाद्य पदार्थ की उपलब्धता के साथ रवाना किया गया।
डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि जिले में प्रवासी श्रमिकों को भेजने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में एडीसी वत्सल वशिष्ठ को लगाया गया है। साथ ही जिला के सभी एसडीएम अपने उपमंडल से संबंधित संपूर्ण जानकारी रिकॉर्ड सहित नोडल अधिकारी को देंगे। गृह राज्य में जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिक, नागरिक व छात्र आदि केंद्रीकृत लिंक पर अपना पंजीकरण करवाएं
इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया ध्यान
रोहतक स्टेशन के लिए बसों द्वारा रवाना किए गए प्रवासी श्रमिकों को रवाना करने से पूर्व सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा गया। बसों में तीन की सीट पर दो श्रमिकों को ही बिठाया गया। श्रमिकों के लिए हर सुविधा मुहैया कराई गई, उन्हें बिना किसी खर्चे के उनके अपनों के बीच भेजा जा रहा है। प्रवासी श्रमिकों को भेजने की पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग स्वंय सीएम कर रहे हैं।
एसडीओने बहरागाेड़ा के ओडिशा वं बंगाल बाॅर्डर पर चेकपाेस्ट का शुक्रवार काे निरीक्षण कर जानकारी ली। झारखंड से पं बंगाल और ओडिशा जाने वाले कम और दाेनाें प्रदेशाें से झारखंड में प्रवेश करने वाले ज्यादा लाेग देखे गए। वर्तमान में केन्द्र और राज्य सरकाराें द्वारा अंतरराज्यीय लाेगाें के आवागमन के लिए पास जारी कर आने-जाने की अनुमति मिल रही है। बाॅर्डर पर बहरागाेड़ा के सीओऔर बीडीओकाे नियमित माॅनिटरिंग और जांच करते रहने का निर्देश है।
22 मार्च जनता कर्फ्यू व 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के कारण मिठाई दुकानें, मावा भटि्टयां, होटलें बंद हैं। ज्यादातर डेयरियां भी नहीं खुल रहीं। सारे रिसेप्शन व बड़े आयोजन बंद हैं। ऐसे में मावा, घी, मक्खन, पनीर, मट्ठा समेत दूध के अन्य उत्पाद की डिमांड घट गई है। दूध केवल घरों में चाय-कॉपी तक सीमित रह गया है। खपत 60 फीसदी घट गई। इसका सबसे बुरा प्रभाव सरकारी सेक्टर की डेयरी से जुड़े दूध उत्पादक किसानों पर पड़ा है। उज्जैन दुग्ध संघ लॉकडाउन के पहले तक 2.70 लाख लीटर दूर रोज खरीद रही थी जो मौजूदा स्थिति में आधे से कम रह गया। खपत कम होने से दूध आगे सप्लाई नहीं हो रहा तो सरकारी डेयरियां सप्ताह में तीन दिन खुल रही हैं। किसानों को 45 दिनों से भुगतान नहीं मिला। भाव 10-15 रुपए घट गए। इधर, प्राइवेट डेयरियों ने भी खरीदी दर 5 रुपए प्रति लीटर तक घटा दी लेकिन उपभोक्ताओं को पुराने रेट पर ही दूध बेचा जा रहा है। आमजन को कोई फायदा नहीं है।
उज्जैन दुग्ध संघ से रजिस्टर्ड 1600 डेयरियां हैं जिनमें से 1300 चालू है। लॉकडाउन के पहले रोज का दूध कलेक्शन 2.70 लाख रुपए था जो लॉकडाउन में एक लाख रुपए रह गया था। हाल ही में ग्रीन व अाॅरेंज जोन में छूट मिली और कुछ हद तक जिंदगी पटरी पर लौटी तो दूध की खरीदी थोड़ी बढ़ी और अभी 1.70 लाख लीटर दूध कलेक्शन होने लगा है लेकिन घी, मक्खन, पनीर, छाछ, मिठाइयां, रबड़ी, दूध पाउडर की खपत न के बराबर है इसलिए दुग्ध संघ 45 दिन से संबंधित डेयरियों से जुड़े किसानों को भुगतान नहीं कर पाया है। संघ के उपाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने बताया पहले 70 हजार लीटर रोज की दूध बिक्री बड़े शहरों में थी लेकिन अभी ये 37 हजार लीटर रह गई है। दूध का उपयोग केवल चाय-कॉपी तक सीमित रह गया। बाकी प्रोडक्ट बंद हैं।
750 टन दूध पाउडर व 700 टन बटर स्टॉक में
सरकारी डेयरियों पर दूध सप्ताह में दो-तीन दिन ही खरीदा जा रहा है। भाव कम हो गए, ऐसे में दूध उत्पादन किसान घाटे में हैं। उन्हें सही भाव मिले, इसके लिए दूध की खपत बढ़ना जरूरी है। इसे लेकर दुग्ध संघ उपाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा से पूछा तो वे बोले कि अभी दुग्ध संघ के पास 750 टन पाउडर और 700 टन बटर स्टॉक में है। सप्लाई बिल्कुल नहीं हो रही। जब तक दूध और इसके प्रोडक्ट नहीं बिकेंगे तब तक चाहकर भी हम मदद नहीं कर पाएंगे इसलिए हमने प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र ई-मेल किया। इसमें अनुरोध किया है कि गरीब बस्ती, बीपीएल व अन्य श्रेणी के ज़रुरतमंद परिवारों को सरकारी उचित मूल्य दुकानों से सस्ती दरों पर दूध पाउडर बांटे। आंगनवाड़ी से बंटने वाला दूध पाउडर घर-घर पहुंचाएं। इससे जरूरतमंद बच्चों को दूध पाउडर मिलने से कुपोषण मिटेगा और दुग्ध संघ का जो स्टॉक है, वह खत्म होकर सप्लाई बढ़ेगी तो अर्थव्यवस्था सुधरेगी। डेयरी घाटे से उभरेगी और किसानों को भी अच्छे भाव व समय पर भुगतान हो सकेगा।
15 हजार लीटर थी खपत, 5 हजार लीटर रह गई
जावरा शहर की बात करें तो 200 होटलें, टी-स्टॉल बंद हैं। 50 मिठाई दुकानें बंद हैं। 20 क्विंटल मावा रोज आता था जो बंद हो गया। बड़े आयोजन नहीं हो रहे। ऐसे में दूध खपत 15 हजार लीटर से घटकर 5 हजार लीटर प्रतिदिन रह गई है। प्राइवेट डेयरियों ने भी किसानों से खरीदे जा रहे दूध के भाव 5 रुपए प्रति लीटर तक घटा दिए लेकिन उपभोक्ता को वही भाव बेच रहे। इसके पीछे कारण बता रहे कि खर्चे वही है और बाकी प्रोडक्ट नहीं बिकने से आय कम हो गई। इसलिए उपभोक्ता का रेट कम नहीं कर सकते हैं।
केके सिंह ने भी सिंधिया को लिखा पत्र
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ संचालक केके सिंह कालूखेड़ा ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा। कहा कि 60 फीसदी दूध बचने से किसान परेशान हैं। दुग्ध संघ द्वारा उत्पादित पाउडर व अन्य प्रोडक्ट सरकार के माध्यम से जरूरतमंद व गरीब बस्ती में बंटवाएं। आंगनवाड़ी के बच्चों को दें। इससे रोटेशन बना रहेगा। किसानों को भाव मिलेंगे व जरूरतमंद बच्चों को पाेषण आहार। इससे कुपोषण भी दूर होगा।
रोजाना में तो डेयरी निजी फंड व बचत मद से कर रही है किसानों को भुगतान
रोजाना डेयरी से 186 किसान जुड़े है। यहां 950 लीटर दूध कलेक्शन होता है लेकिन लॉकडाउन में डेयरी सप्ताह में तीन दिन खुली। दूध के भाव 7 रुपए प्रति फेट से घटाकर 5.20 रुपए कर दिए। इससे जो दूध 50 से 55 रुपए लीटर जा रहा था, वह 35 से 40 रुपए तक आ गया है। डेयरी सचिव अर्जुन पाटीदार ने बताया उज्जैन दुग्ध संघ ने 45 दिन से 20 लाख रुपए रोक रखे हैं। हम तो निजी फंड और डेयरी की बचत मद में से किसानों को भुगतान कर रहे हैं, बाकी जगह तो किसानों को भुगतान ही नहीं मिल रहा है।
बिजली बिलों में एवरेज बिलों के बाद सबसीडी खत्म करने की गड़बड़ी सामने आई है। बिजली कंपनी उपभाेक्ताओं से 150 यूनिट के भीतर खपत होने पर भी इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। गौरतलब है लाॅकडाउन में बिजली कंपनी ने बिना रीडिंग लिए मनमाने ढंग से अनुमानित बिल दे दिए हैं। अब उपभाेक्ता बिलाें काे सुधरवाने पहुंच रहे हैं तो उसमें अफसर अपने हिसाब से नियम बता रहे हैं।
बिजली कंपनी 23 दिन में दूसरी बार बिल वसूलने की तैयारी में है। 11 अप्रैल काे बिल देने के बाद कंपनी ने इस बार 4 मई काे फिर से बिल दे दिए। इस बार ऐसे बिल आए हैं जिसमें 100 यूनिट के अंदर और 150 के अंदर खपत पर मिलने वाली सब्सिडी भी देना बंद कर दिया है। बिजली अधिकारी इंदिरा ज्याेति याेजना बंद हाेने से भी इंकार कर रहे हैं और न उपभाेक्ता काे सब्सिडी का लाभ दे रहे हैं। कम रीडिंग के बिल देकर बाद में 150 से ऊपर यूनिट बनाकर लाेगाें काे ज्यादा भुगतान करने के लिए परेशान हाेना पड़ेगा।
भास्कर गाइड : mpcz वेबसाइट पर उपभोक्ता बिल केलकुलेटर कर सकते हैं
आपकाे यदि अपने बिजली बिल के बारे में डिटेल जानना है और खपत के आधार पर बिल कितना हाेना था, यह पता करना है ताे इसके लिए आपकाे बिजली कंपनी की साइट mpcz पर जाना होगा। इसमें बिल केलक्युलेटर काॅलम है। इसमें आपकाे अपने बिल की खपत यानी जली हुई बिजली यूनिट काे डालना है। साथ ही उसमें किलाेवाट भी लिखना है। जैसे घर के कनेक्शन मे अधिकांश दाे किलाेवाट हाेता है। इनकाे लिखने के बाद आपकाे साफ हाे जाएगा कि बिल सही है या नहीं। आपका बिल सबसीडी के दायरे में है या नहीं, यह भी स्पष्ट तौर पर इसमें लिखा आएगा।
मार्च महीने मेंस्कूलों को बंद कर दिया गया था। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत छात्रों को अनाज देने की घोषणा की गई थी। इस संदर्भ में परिपत्र जारी हुए एक माह बीत गया, पर अभी तक नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अनाज नहीं दिया गया। छात्रों को आधा किलो गेहूं और चावल देने की घोषणा की गई थी। शासनाधिकारी ने 3 अप्रैल काे सभी स्कूलों में परिपत्र जारी करके अनाज का कूपन तैयार करके अभिभावकों को देने का निर्देश दिया था।
कोरोना की वजह से 16 से 29 मार्च तक स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सरकार ने मध्याह्न भोजन के तहत छात्रों को अनाज देने की घोषणा की थी। इसके लिए कूपन भी तैयार हो गया था। जिसे सरकारी राशन की दुकान पर देने पर अनाज मिल जाता, पर अभी तक छात्रों को एक भी कूपन नहीं दिया गया। शासनाधिकारी विमल देसाई ने बताया कि अनाज की दुकान में भीड़ न हो इसलिए छात्रों को कूपन नहीं दिया जा रहा है।
वराछा पुलिस ने बाइक पर जा रहे दो लोगों को रोककर पूछताछ की तो एक ने पुलिसकर्मी बताते हुए आईकार्ड दिखाया। जांच करने पर आईकार्ड के नकली होने का पता चला। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह 8 बजे वराछा पुलिस वैशाली तीन रास्ते पर पेट्रोलिंग कर रही थी, तभी हीरो होंडा पैशन बाइक (नंबर जीजे 05 डीआर 7255) पर दो लोग सवार होकर आ रहे थे। पुलिस ने रोका तो एक ने अपना नाम अशोक पुत्र पोपट वघासिया और दूसरे ने संजय वघासिया बताया। पुलिस ने पूछा कि एक बाइक पर दो लोग क्यों घूम रहे थे।
इतना कहते ही अशोक ने कहा कि हम पुलिसवाले हैं। पुलिस ने अशोक से आई कार्ड मांगा तो उसने दे दिया। जो एसआरपी नडियाद का था। आईकार्ड का नं. 2249, इश्यू डेट 28 अप्रैल-1991, एपीसी, बैच नंबर 1024 और एक्सपायरी डेट 30 अप्रैल 2028 लिखा था। लिखा था। आई कार्ड कहां से किसने जारी किया था इसका कोई उल्लेख नहीं था। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो अशोक ने आई कार्ड के फर्जी होने की बात स्वीकार की। अशोक ने बताया कि वह फर्जी आई कार्ड बनाकर लोगों पर धौंस जमा रहा था। आरोपी अशोक जमीन दलाल है।
जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पर्यावरण मुद्दों को लेकर जागरूकता लाने के लिए “विश्व पृथ्वी दिवस” की 50वीं वर्षगांठ पर पृथ्वी सप्ताह का आयोजन किया। इसमें उत्सव में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को पर्यावरण मैत्री कार्य करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सात दिनों की चुनौती दी गई। कार्यक्रम का विषय “कोविड-19 के दौरान पृथ्वी सप्ताह” रहा। कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण विभाग के अंतर्गत संचालित वसुंधरा एनवायरमेंट सोसाइटी द्वारा ऑनलाइन मोड में किया गया। पृथ्वी को रहने योग्य बनाने की दिशा में नागरिकों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए सात स्वतंत्र चुनौतियां रखी गई। इसमें प्लास्टिक आडिट करना, खाद बनाने के रचनात्मक तरीकों का अपनाना, शून्य उपशिष्ट, शाकाहारी आहार लेना, कार्बन उत्सर्जन को कम करना, पर्यावरण को लेकर अध्ययन द्वारा स्व-प्रेरित होना तथा रचनात्मकता बनाना जैसे विषय शामिल थे। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, बिहार, तमिलनाडु, चंडीगढ़ तथा दिल्ली सहित 12 राज्यों के स्कूल और कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, लेखकों सहित 150 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा ‘गो क्रिएटिव’ चैलेंज
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण ‘गो क्रिएटिव’ चैलेंज था। इसमें प्रतिभागियों ने पेंटिंग, फोटो और कविताओं के रूप में अपनी कृतियों को साझा किया। वसुंधरा एनवायरमेंट सोसाइटी ने लोगों को पर्यावरण से संबंधित विषयों को लेकर जागरूक करने की चुनौती लेते हुए प्रत्येक व्यक्ति द्वारा पर्यावरण संबंधी उपयोगी जानकारी तीन लोगों तक पहुंचाने की ‘जागरूकता श्रृंखला’ की शुरूआत की। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण पर ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन के लिए वसुंधरा पर्यावरण सोसायटी के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम की संयोजक और पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ. रेणुका गुप्ता ने कहा कि दैनिक जीवन में हमारे छोटे-छोटे प्रयास पर्यावरण में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में इन चुनौतियों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए विभाग के शिक्षक अनीता गिरधर, मोनिका और डॉ. सोमवीर तथा एमएससी पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थी गीतांशु, निहारिका, ऐश्वर्या, रुखसार की सराहना की।
चाकुलिया प्रखंड स्थित बर्डीकानपुर कालापाथर पंचायत के लावबेड़ा गांव में लकड़ी की सीढ़ी पर चढ़कर घर की सफाई करने के दौरान सीढ़ी टूट जाने से महिला गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई। परिजनों ने उपचार के लिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने इलाज कर छोड़ दिया।
सेक्टर-21डी की आरडब्ल्यूए ने अखबार बांटने वाले सदस्यों (हॉकर्स) को सम्मानित किया। ये हॉकर्स कोरोना के इस संक्रमण काल में भी निर्बाध रूप से घर-घर अखबार पहुंचा रहे हैं। ऐसे में इन्हें प्रोत्साहित तथा सम्मानित करने के लिए यहां के कम्युनिटी सेंटर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिन सदस्यों को सम्मानित किया गया उनमें अजय चौहान, सत्यप्रकाश, उदयभान, उमेश, भाईराम, अजय राज आदि शामिल हैं। इन्हें अंगवस्त्र व फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। साथ ही इन्हें सम्मान स्वरूप मास्क भी दिए गए।
सबसे पहले सेनेटाइजर से इनके हाथ साफ कराए गए। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी जयप्रकाश शर्मा तथा राजीव जेटली ने इन्हें प्रोत्साहित करते हुए इनके कार्य की सराहना की। इस मौके पर जयप्रकाश शर्मा, दिनेश चौहान, आरके तिवारी, एसके गुप्ता, अनीता शर्मा, पुष्पा शर्मा, बीके भारद्वाज, गुरशरण सिंह, एनके शर्मा, रविन्द्र चौहान, प्रह्लाद सिंह तंवर, त्रिलोकचंद रोहिल्ला, इंदर सिंह सोरौत, आरएस नेगी आदि इस दौरान मौजूद थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे। लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। इसलिए अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से इसका वितरण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों की समीक्षा के दौरान गहलोत ने कहा कि गत सरकार के समय एकीकरण के नाम पर बड़ी संख्या में स्कूल बंद कर दिए गए थे।
ऐसे विद्यालयों के अनुपयोगी पड़े भवनों का उपयोग विद्यालयों को पुनः खोलने के साथ-साथ जरूरत होने पर पंचायत, उप केन्द्र तथा सामुदायिक केन्द्रों के रूप में भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण नहीं हुआ है उनके लिए भी योजना बनाकर दें ताकि राज्य सरकार विभिन्न माध्यमों से इनके भवनों का निर्माण करवाने पर कार्यवाही कर सके।
इस दौरान शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का उच्च अध्ययन एवं करियर को लेकर अपना महत्व है। ऐसे में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर ही इस संबंध में निर्णय लिया जाना उचित होगा।
विभाग में सीनियर सैकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति के लिए नियमों में संशोधन कर इसे तर्कसंगत बनाया जा रहा है। साथ ही वरिष्ठ अध्यापक के चयनितों को जल्द नियुक्ति देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षाओं को लेकर उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से 31 मई तक महाविद्यालयों में ग्रीष्मावकाश घोषित किया गया है।
जिले में शुक्रवार काे एक महिला सहित चार व्यक्ति काेराेना पाॅजिटिव मिले। चिकित्सा विभाग के अनुसार काेराेना संक्रमित मिले महिला सहित चाराें व्यक्ति गुजरात के अहमदाबाद में काम करते थे और पिछले दिनाें अपनी बाइक और कार से भीलवाड़ा आए थे। चार संक्रमिताें में करेड़ा क्षेत्र के गाेमा का बाड़िया का एक व्यक्ति व सेणूंदा की महिला, रायला के छीपाें का बाड़िया और रायपुर के कुम्हार माेहल्ले का एक-एक व्यक्ति भी हैं। जिले में अब तक 43 मरीज सामने आ चुके हैं।
गाेमा का बाड़िया और रायपुर का व्यक्ति हाेटल में जबकि बाकी दाे हाेम क्वारेंटाइन में थे। चाराें के पाॅजिटिव आने की सूचना के बाद इनकाे एमजी हाॅस्पिटल के आइसाेलेशन वार्ड में भर्ती कराया है। चाराें गांवाें के 19 लाेग जिले में आए थे। इनमें से चार पाॅजिटिव मिले। ये अब तक 34 व्यक्तियों के संपर्क में आ चुके हैं।
चिंता : 18 दिन में 14 पाॅजिटिव राेगी मिले, इनमें 10 लाेग बाहर से आए और एक युवक के दाे रिश्तेदार उसके संपर्क में आने से संक्रमित हुए...
21 अप्रैल काे नई दिल्ली से आए युवक-युवती पाॅजिटिव मिले थे। 22 अप्रैल काे जयपुर से सब्जी के ट्रक में छिपकर गुलाबपुरा आया एक युवक पाॅजिटिव मिला। इस युवक से इसके दाे रिश्तेदार भी संक्रमित हाे गए। तीनाें अभी एमजी हाॅस्पिटल के स्टेप डाउन वार्ड में भर्ती हैं। 22 अप्रैल काे मांडल क्षेत्र के गाेविंदपुरा का एक व्यक्ति मुंबई पैदल ही गांव आ गया। जब उसकी जांच कराई ताे रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई।
5 मई: सूरत से आए करेड़ा क्षेत्र के आमलदा गांव के दाे व्यक्तियाें की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई। आठ 8 मई काे अहमदाबाद से अलग-अलग गांवाें में आए एक महिला सहित चार व्यक्ति पाॅजिटिव मिले।
गाेमा का बाड़िया गांव : पोहे बेचता है, बाइक से गांव पहुंचे दाे युवक...संक्रमित मिला इस गांव का युवक अहमदाबाद में कांकरिया पार्क के बाहर पाैहे का ठेला लगाता था। उसके साथ रायपुर का एक और व्यक्ति भी था। दाेनाें बाइक से दाे मई काे अहमदाबाद से रवाना हुए और चार मई काे यहां पहुंचे।
सेणूदा गांव : कमठाने पर मजदूरी करती है महिला...इस गांव की महिला अपनी दाे बेटियाें के साथ अहमदाबाद के प्रेमनगर में रहती थी। यह महिला वहां पर कमठाने पर मजदूरी करती थी। चार मई काे तीनाें मां-बेटी और भानजा अहमदाबाद से गांव पहुंचे थे।
छीपाे का बाड़ा : धाेबी का काम करता था, परिवार सहित कार से लाैटा...रायला के इस क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति अहमदाबाद के सहारन में रहता था। वह वहां पर धाेबी का काम करता था। पांच मई काे वह व्यक्ति पत्नी, दाे बेटियाें व बेटे के साथ कार से यहां आए।
रायपुर : 8 लाेग 2 बाइक पर गांव पहुंचे, टाइल्स का काम करता है... कुम्हार माेहल्ले का व्यक्ति अहमदाबाद में मकानाें में टाइल्स लगाता है। वह पत्नी दाे बच्चाें और एक अन्य व्यक्ति सहित 8 लाेगाें के साथ गांव पहुंचे। ये 8 लाेग दाे बाइक से 2 मई काे अहमादाबाद से रवाना हुए 3 काे गांव पहुंचे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गौशालाओं को राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनुदान जल्द से जल्द वितरित किया जाए। इसमें किसी तरह की देरी नहीं हो। सरकार ने गौशालाओं को करीब 275 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। कोविड-19 महामारी से परेशानी झेल रहे गौशाला संचालकों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि डेयरी एवं पशुपालन अर्थव्यवस्था तथा किसानों की आजीविका का प्रमुख आधार है। कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार पशुपालकों एवं किसानांे को किसी तरह की परेशानी नहीं आने देगी।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से पशुपालन, डेयरी, मत्स्य एवं गौपालन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के कारण दुग्ध उत्पादों की मांग पर असर पड़ा है। ऐसे में डेयरियों को अपनी विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, ऐसे विकल्प तलाशें जाएं जिनसे पशुपालकों एवं किसानों की आय बढ़ाई जा सके। उन्होंने अन्य डेयरी संघों की तुलना में जयपुर डेयरी संघ की दुग्ध दरों में अंतर का परीक्षण कराने के निर्देश दिए ताकि यहां के पशुपालकों को नुकसान न हो।
मनरेगा योजना में अधिक से अधिक काम शुरू करें: कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के कारण मत्स्य पालन एवं मुर्गी पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार तो इन्हें राहत दे ही रही है। भारत सरकार को भी संकट की इस घड़ी में सहायता के लिए आग्रह किया जाए।
लाॅकडाउन में फंसे श्रमिकों को ट्रेन से उनके गांव भेजा रहा है। शुक्रवार को सूरत से पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रवाना किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के लिए तीन और बिहार की दो ट्रेनें शामिल हैं। शुक्रवार को पहली बार प्रतापगढ़, मलिहाबाद और फैजाबाद के लिए ट्रेनें चलाई गई। शनिवार को उत्तर प्रदेश के लिए 10 और बिहार के लिए एक ट्रेन चलेगी। कांग्रेस ने दूसरे दिन साढ़े लाख रुपए किराया देकर श्रमिकों को फैजाबाद भेजा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़, मलिहाबाद और बिहार के छपरा, गया के लिए विभिन्न समितियों के माध्यम से श्रमिकों को ट्रेनों में रवाना किया गया। श्रमिकों को सोशल डिस्टेंस के साथ ट्रेनों में बिठाया गया। इस दौरान 400 सुरक्षकर्मी, जिसमें आरपीएफ, जीआरपी, आरएएफ और सिटी पुलिस की टीमें स्टेशन पर तैनात थीं।
स्थिति: उत्तर प्रदेश 3600 और बिहार 2400 यात्री रवाना हुए
शुक्रवार को सूरत से उत्तर प्रदेश के लिए तीन ट्रेनों काे रवाना किया गया। प्रत्येक ट्रेन में 1200-1200 के हिसाब से कुल 3600 यात्रियों को उत्तर प्रदेश उनके गांव भेजा गया। वहीं, बिहार के छपरा और गया के लिए रवाना हुई ट्रेनों में 2400 यात्रियों को भेजा गया। यात्रियों को नोडल अधिकारियों द्वारा सबसे पहले रेलवे का टिकट वितरित किया गया। मंडल रेल प्रबंधक समेत रेलवे के सभी उच्च अधिकारी इस दौरान स्टेशन पर मौजूद थे। इस दौरान सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई।
सुविधा: 220 सिटी बसों से श्रमिकों को रेलवे स्टेशन पर लाया गया
शुक्रवार को सूरत से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के छपरा के लिए सुबह 10 बजे सूरत से रवाना हुई। दूसरी ट्रेन सुबह 11.30 बजे प्रतापगढ़, तीसरी ट्रेन दोपहर 2.30 बजे गया, चौथी ट्रेन शाम 5.30 बजे मलिहाबाद के लिए रवाना हुई। रात 8.30 बजे फैजाबाद के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन को रवाना किया गया। इसमें बैठे यात्रियों का पूरा किराया कांग्रेस ने चुकाया। इसके अलावा शहर के अलग-अलग इलाकों से श्रमिकों को स्टेशन तक लाने के लिए 220 सिटी और बीआरटीएस बस की मदद ली गई। प्रत्येक ट्रेन में 1200 यात्री के हिसाब से 6000 श्रमिकों को स्टेशन पर लाया गया। इन्हें सचिन, पांडेसरा, कडोदरा, गोडादरा, उन, सायण, बमरोली से बसों में बैठाकर लाया गया था। श्रमिकों के साथ उनके परिवार और छोटे-छोटे बच्चे भी थे।
ओडिशा के लिए आज से चलेगी ट्रेन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्थगनादेश, 3 लाख श्रमिकों को मिली राहत
ओडिशा वासियों की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगनादेश दिया है। शनिवार से ओडिशा की ओर फिर से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। लॉकडाउन में दूसरे राज्यों या शहरों में फंसे लोगों को वापस बुलाने के लिए ओडिशा सरकार ने मंजूरी दी थी। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था बाहर से आने वाले लोगों से कोरोना फैल सकता है। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट वालों को ही प्रदेश में आने का आदेश दिया था। इसके बाद गुरुवार को ओडिशा जाने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। इससे सूरत में फंसे 3 लाख श्रमिकों की परेशानी बढ़ गई थी। हाईकोर्ट के आदेश से नाराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दिया है। इससे ओडिशा जाने वालों का रास्ता साफ हो गया है।
फैजाबाद के यात्रियों काे कांग्रेस दिए टिकट
शुक्रवार को रात 8.30 बजे फैजाबाद के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन रवाना हुई। इसमें कुल 1200 यात्री सवार थे। पांडेसरा के पीयूष प्वाइंट से भी यात्रियों को मुफ्त में रेलवे के टिकट दिए गए। टिकट मिलने के बाद यात्रियों ने खुशी जताते हुए नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। ज्ञातव्य है कि गुरुवार को कांग्रेस ने सुल्तानपुर के लिए पहली श्रमिक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसमें सवार सभी यात्रियों को मुफ्त में टिकट दिया गया था।
गांव जा रहे मजदूर परेशान, सुबह 8.30 बजे रवाना हुई ट्रेन में रात 12 बजे यात्रियों को पानी मिला
सूरत से ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में जाने वाले मजदूर परेशान हो गए हैं। इन्हें रास्ते में पानी भी नहीं मिल रहा है। सूरत से सुबह 8.30 बजे वाराणसी के लिए रवाना हुई ट्रेन में यात्रियों को रात 12 बजे और ओडिशा के बेहराम जाने वाली ट्रेन में 2.30 बजे पीने का पानी दिया गया। यात्री सुनील कुमार ने बताया कि गुरुवार को सुबह 8.30 बजे सूरत से वाराणसी के लिए ट्रेन रवाना हुई और सीधे भुसावल में रुकी। इसके बाद इसका दूसरा स्टाप इटारसी था। इन दोनों स्टेशनों पर यात्रियों को नीचे नहीं उतरने दिया गया। रात 12 बजे ट्रेन जबलपुर पहुंची। यहां यात्रियों के खाने और पानी की व्यवस्था की गई थी। भोजन बहुत खराब था यात्रियों ने फेंक दिया। सुबह मानिकपुर में ट्रेन रुकी, पर यहां भी कुछ नहीं मिला। यहां से रवाना होने के बाद दोपहर में ट्रेन वाराणसी स्टेशन पर पहुंची।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आवाहन पर शुक्रवार को ऑल हरियाणा पॉवर कॉर्पोरेशन वर्कर यूनियन सब यूनिट देहात कार्यालय पलवल व हथीन के समक्ष शारीरिक दूरी रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन यूनिट प्रधान राज कुमार डागर की अध्यक्षता व यूनिट सचिव सरजीत के संचालन में किया गया। कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए डीसी कार्यालय पहुंचे और डीसी को सीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के नेता जितेंद्र तेवतिया कहा कि सरकार लगातार कर्मचारी जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है। वैश्विक महामारी और लॉकडाउन से हुई आर्थिक तबाही के बाद से भारत व दुनिया के पूंजीपति इसकी वसूली मजदूर वर्ग से करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। केंद्र सरकार लगातार बड़े-बड़े पूंजीपतियों के करोड़ों रुपए से भी ज्यादा का कर्ज माफ कर दिया है। सरकार ने आठ घंटे के कार्य दिवस को 12 घंटे करने के लिए कानून में संशोधन का फैसला कर दिया है।