प्रवासी मजदूरों को लाने का काम देशभर में किया जा रहा है, यहां केरला व गोवा में लॉक डाउन के फेर में फंसे मजदूरों को श्रमिक एक्सप्रेस से ग्वालियर के लिए भेजा गया है, जिसमें श्योपुर के 177 मजदूर है। इन्हें कल श्योपुर लाने के लिए ग्वालियर बसें रवाना की जाएंगी। वहीं गुजरात के मोरबी से भी 75 मजदूरों को मप्र के बॉर्डर पर छोड़ा गया है, जिन्हें लाने के लिए बसें रवाना कर दी गई।
राजस्थान के बाद अब देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लाने की कवायद तेज हो गई है, जिसमें श्योपुर के मजदूरों को भी ट्रेन व बसों के माध्यम से लाया जा रहा है। यहां गुजरात के मोरबी में टाइल्स की फैक्ट्री में काम करने वाले व फसल कटाई के लिए करीब 75 मजदूरों झाबुआ जिले के पास पिटोल बॉर्डर पर छोड़ा गया। जहां स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हें भोजन कराया गया, साथ ही 45 मजदूरों को एक बस से बैठाकर श्योपुर के लिए रवाना कर दिया गया है। इसके साथ ही श्योपुर से भी बसें उक्त मजदूरों को लेने भेजी गई।
इसी तरह केरला व गोवा में फंसे 177 मजदूरों को शुक्रवार श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन बैठकर ग्वालियर के लिए रवाना हुए, जो कि शनिवार को ग्वालियर पहुंचेंगे। इन्हें लाने के लिए श्योपुर प्रशासन ने बसें ग्वालियर रवाना कर दी है। यहां मजदूरों को लाने के साथ ही उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और फिर होम क्वारेंटाइन कर दिया जाएगा।
कोरोना को हराकर घर लौटने वाले अब 24 लाेग हाे गए हैं। कस्तूरबा नगर में जिझौतिया भवन के पास रहने वाली रेशमा खान (32) काे शुक्रवार काे पवारखेड काेविड वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया गया। 25 अप्रैल को रेशमा की रिपाेर्ट काेराेना पाॅजिटिव आई थी। हाॅटस्पाॅट इटारसी में कोरोना के 36 पॉजिटिव केस में अब 24 मरीज ठीक हो चुके है। इटारसी का रिकवरी रेट 67 प्रतिशत हाे गया है। इटारसी के अब 9 मरीज ऐसे हैं जिन्हें अपनी दोनों जांच रिपोर्ट निगेटिव आने का इंतजार है। इनमें एक मरीज जीन मोहल्ले के 72 वर्षीय बुजुर्ग भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल में इलाज करवा रहे हैं जबकि 8 मरीज पवारखेड़ा के कोविड केयर सेंटर में हैं। इनमें सबसे कम उम्र का 7 साल का बच्चा है। हालांकि 3 की मौत हुई है।
इम्युनिटी के लिए दी दवा
पवारखेड़ा कोविड केयर सेंटर से शुक्रवार की शाम रेशमा पति शेर खान को लेकर एंबुलेंस डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों ने महिला मरीज की थर्मल स्क्रीनिंग की। इम्युनिटी के लिए जरूरी दवाइयां दी और 14 दिन क्वारेंटाइन रहने काे कहा। महिला ने भी यही भरोसा दिलाया।
हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल (वर्ग एक) में शिक्षकों के 19600 पद और मिडिल स्कूल (वर्ग दो)में शिक्षकों के 5600 पदों के साथ आदिम जाति कल्याण विभाग के वर्ग एक के 2200 व वर्ग दो के 5600 शिक्षक पदों के लिए डाॅक्यूमेंट वेरीफिकेशन शुरू किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शिक्षकों को प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में ज्वॉइन कराया जाएगा। गौरतलब है कि चयनित आवेदकों ने अपने डाॅक्यूमेंट के साथ जिलों की च्वाॅइस फिलिंग कर एमपी ऑनलाइन को पहले ही भेज दी है।
ये भी संयोग
इस परीक्षा का विज्ञापन वर्ष 2017-18 में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार ने जारी किया था। इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने इन दोनों परीक्षाओं का आयोजन कराया। जब रिजल्ट व मेरिट जारी होने के बाद पोस्टिंग की बारी आई तो फिर से भाजपा सरकार आ गई है।
14 जून तक स्कूल बंद, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बनेगा प्लान
मप्र के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में एक मई से 14 जून 2020 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। स्कूल शिक्षा के अफसरों के अनुसार सात जून से शिक्षकों को स्कूल आना है, जिससे क्लास में बच्चों के बैठने की व्यवस्था बनाई जा सकें। अफसरों के अनुसार अभी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्लान फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन यह तय है कि क्लासेज में बच्चों की संख्या निर्धारित की जाएगी। जगह कम होने पर रोस्टर के आधार पर बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। इसी के साथ मास्क, सेनेटाइजर की व्यवस्था स्कूलों को करनी होगी तथा लक्षणों के आधार पर बच्चों को अवकाश देना होगा।
20 अप्रैल को होना थी प्रक्रिया
पहले डाॅक्यूमेंट वेरीफिकेशन 20 अप्रैल को होना था, लेकिन लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया नहीं हो पाई। इसी बीच एमपी ऑनलाइन की वेबसाइट से चयनित आवेदकों की सूची हटा ली गई, जिससे आवेदक घबरा गए कि कहीं ज्वाॅइनिंग अटक नहीं जाए।
लॉकडाउन के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
जयश्री कियावत, आयुक्त लोक शिक्षण, मप्र के मुताबिक,लॉकडाउन खत्म होते ही शिक्षकों के डाॅक्यूमेंट वेरीफिकेशन शुरू किए जाएंगे। एमपी ऑनलाइन में चयनित आवेदकों की लिस्ट अपलोड कर दी गई है। शिक्षकों की भर्ती से प्रदेश के स्कूलों में खाली पड़ी पोस्ट भर सकेंगी, वहीं स्टूडेंटस को नए सत्र से और भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
गश्त के दौरान एक बाइक सवार को आबकारी टीम ने अवैध शराब के साथ पकड़ा। जिस पर आबकारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। जबकि उसकी बाइक भी जब्त कर ली। यहां लॉक डाउन के बाद भी कराहल व जिले में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है।
जिला आबकारी अधिकारी योगेश कम्ठान ने बताया कि कराहल क्षेत्र में शुक्रवार को गश्त के दौरान आबकारी टीम को एक युवक बाइक से आता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने जब बाइक को रोककर तलाशी ली तो बाइक चालक के पास बोरी के अंदर 24 पाउच के अंदर 12 लीटर भट्टी की बनी कच्ची शराब मिली। जिसकी कीमत करीब 41 हजार 800 रुपए आंकी गई है। पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम बंटी पुत्र मोहन सिंह पुत्र पंचम सिंह बताया। आबकारी पुलिस ने मप्र आबकारी अधिनियम की धारा 1915 के तहत आरोपी युवक के खिलाफ कार्रवाई की है। इस दौरान सहायक जिला आबकारी अधिकारी राकेश शर्मा, अशोक शर्मा, संजीव धुर्वे, कल्याण जादौन, नरेश पाराशर, राजेंद्र शर्मा, कोकसिंह रावत, विकास श्रीवास्तव लोग मौजूद रहे।
कोरोना महामारी के दौरान सुरक्षा उपकरण न देने, महंगाई भत्ते व एलटीसी पर लगाई गई रोक से गुस्साए कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत शुक्रवार को नगर निगम, बिजली निगम, टूरिज्म, जनस्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) सिंचाई, शिक्षा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, वन आदि विभागों में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया गया। प्रदर्शन के बाद सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम के नाम संबोधित 8 सूत्री मांगपत्र डीसी यशपाल यादव को उनके आवास पर पहुंच कर सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर व कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री आदि शामिल थे।
इन कर्मचारी नेताओं ने इससे पहले निगम मुख्यालय पर कहा अगर सरकार ने आज के प्रदर्शन के बाद भी डीए बढ़ोतरी व एलटीसी पर लगाई गई रोक को वापस नहीं लिया और बकाए वेतन का भुगतान नहीं किया तो लॉकडाउन के बाद आंदोलन तेज किया जाएगा।
कर्मचारी संघ की ओर से अपने ज्ञापन में सरकार के सामने रखी गईं ये सभी मांगे
सीएम के नाम संबोधित मांगपत्र में कोरोना योद्धा सरकारी कर्मचारियों को डब्ल्यूएचओ व स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुमोदित सुरक्षा उपकरण मुहैया कराकर उन्हें सुरक्षित करने, फ्रंट लाइन योद्धाओं व आवश्यक सेवाओं के संचालन एवं सर्वे के कार्यों में लगे सभी विभागों के कर्मचारियों को एक समान 50 लाख एक्सग्रेसिया क्षतिपूर्ति योजना में शामिल करने, आर्थिक संकट के नाम पर कर्मचारियों व पेंशनर्स के डीए बढ़ोतरी पर जुलाई 2020 व एलटीसी देने पर एक साल तक लगाई रोक को हटाने, एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल कर एनपीएस का हजारों करोड़ रुपए सरकार के खजाने में ट्रांसफर करने, ठेकेदारों को बीच से हटाकर ठेका कर्मचारियों को सीधा विभागों के पे - रोल कर ठेकेदारों को दिए जाने वाले करोड़ों रुपए को बचाने, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, बड़खल टूरिज्म, आईसीडीएस सुपरवाइजरों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नगर निगम कर्मचारियों, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों, हेल्थ विभाग के अनुबंध पर लगे कर्मचारियों सहित सभी विभागों के कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान करने, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से नौकरी से बर्खास्त किए डाटा एंट्री ऑपरेटरों को वापस ड्यूटी पर लेने, मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए उन्हें चिह्नित कर राशन व 7500 रुपए प्रतिमाह देने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है।
प्रदर्शन में यह कर्मचारी नेता रहे शामिल
प्रदर्शन में जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री, विभागीय यूनियनों के नेता सतपाल नरवत, शब्बीर अहमद गनी, अतर सिंह केसवाल, कृष्णचंद, रमेश तेवतिया, सतीश छाबड़ी, गिरीश चंद्र, दिनेश शर्मा, गांधी सहरावत, पूर्णचंद दहिया, धर्मबीर वैष्णव, ब्रह्म सिंह चंदीला, टीकाराम शर्मा, दिगंबर डागर, बीरेंद्र शर्मा, जगदीश चन्द्र, मास्टर भीम सिंह आदि शामिल थे।
कटक से श्यामसुंदरपुर के केंदूडीह टोला पहुंचे छह मजदूर तथा तीन बच्चों को होम क्वारेंटाइन किया गया। मजदूरों ने बताया कि वह ईंट-भट्ठों पर काम करने के लिए अाेडिशा के कटक गए थे। बस द्वारा जमशेदपुर पहुंचे थे। जहां उनको जांच के लिए जादूगोड़ा ले जाया गया। जादूगोड़ा से बस द्वारा उन्हें शाम को पिताजुड़ी बस स्टैंड में छोड़ दिया गया। जबकि गुड़ाबांदा प्रखंड के छह मजदूरों को श्यामसुंदरपुर में छोड़ा गया था। इधर ग्रामीणों ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया। जिस पर प्रशासन ने श्यामसुंदरपुर के छह तथा गुड़ाबांदा के छह मजदूरों को श्यामसुंदरपुर पंचायत भवन में में ठहराया।
सोमवार को मार्केट खुलने की संभावना के तहत जिला प्रशासन के आदेश पर नगर परिषद के अधिशासी अभियंता अखेराम बड़ोदिया के नेतृत्व में दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग वाले गोले बनाना शुक्रवार देर रात तक जारी रहा।
सोमवार को शहर में शुरू हो सकता है नया प्रयोग
जिला प्रशासन ने एक बार फिर कर्फ्यू में ढील का प्लान बनाना शुरू कर दिया है। इसके तहत शुक्रवार काे नगर परिषद की ओर से मुख्य मार्केट में दुकानाें के बाहर डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित दूरी पर लाेगाें के खड़े रहने के लिए गाेले बनाने का काम भी शुरू हाे गया है। हालांकि मार्केट कब से खुलेगा और इसका क्या स्वरूप रहेगा, इस पर अभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियाें में मंथन चल रहा है। ऐसा प्लान बनाया जा रहा है जिसमें लाेग साेशल डिस्टेंसिंग की पालना कर सके और एक साथ बाजार में ज्यादा भीड़ भी एकत्रित नहीं हाे।
लाॅकडाउन के दौरान ई-लर्निंग से घर पर पढ़ाई कर रहे छात्रों से अब फीडबैक लिया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने सभी को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार अब जिले के शिक्षकों के साथ ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी रोज कम से कम 20 छात्राें व अभिभावकों से फोन पर बात करेंगे। उनसे ई-लर्निंग के बारे में पूछेंगे। सवाल करेंगे कि केबल और डिस टीवी पर एजुसेट के प्रसारण, संपर्क बैठक एप, वॉट्सएप एप व अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से कराई जा रही ई-लर्निंग में कोई परेशानी तो नहीं आ रही है। इसके माध्यम से पूछे गए सवाल और होम वर्क में दिक्कत तो नहीं आ रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार छात्रों से की गई बात और उनसे लिए गए फीडबैक को निदेशालय भेजा जाएगा। इसके बाद अगर जरूरत पड़ेगी तो ई-लर्निंग को और सरल बनाया जाएगा। कोरोना रोकथाम के लिए पूरे देश में मार्च से लॉकडाउन लागू है। ऐसे में तमाम स्कूल और कॉलेज बंद हैं। लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई बर्बाद न हो, इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने ई-लर्निंग की सुविधा शुरू की है।
बीईओ को स्कूल मुखियाओं द्वारा दी गई लिस्ट के आधार पर रोज कम से कम 20 छात्रों से बात करनी होगी
शिक्षा विभाग के अनुसार निदेशालय ने कौन अधिकारी कितने छात्रों से बात करेगा, इसकी सूची जारी की है। इसमें स्कूल मुखिया 20 छात्रों से रोज बात करेंगे। इस दौरान छात्रों ने क्या कहा इसकी रिपोर्ट बनाकर बीईओ आदि को देंगे। बीईओ को स्कूल मुखियाओं द्वारा दी गई लिस्ट के आधार पर रोज कम से कम 20 छात्रों से बात करनी होगी और वह इसकी रिपोर्ट बनाकर डीईओ व डीईईओ को देंगे। इसके बाद डीईईओ भी लिस्ट के आधार पर रोज कम से कम 20 छात्रों से बात कर ई-लर्निंग का फीडबैक लेंगे।
इसलिए लिया गया निर्णय
जिले के करीब डेढ़ लाख से अधिक छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। साथ ही छात्रों के लिए डिस व केबल टीवी पर भी एजुसेट के चार चैनलों का प्रसारण किया जा रहा है। इससे कितना लाभ मिल रहा है, इसे जानने के लिए फीडबैक लेना तय किया है।
ई-लर्निंग में लगातार किया जा रहा है सुधार
ई-लर्निंग में लगातार सुधार किया जा रहा है। स्कूलों की ओर से सभी छात्रों का वॉट्सएप ग्रुप बनाया गया है। उस पर रोज होम वर्क, न्यू मैथड्स आदि डाले जा रहे हैं। छात्रों को दिए गए होम वर्क आदि में कोई परेशानी होती है या फिर उसे किसी विषय को समझने में दिक्कत आ रही है तो वह अपने संबंधित वॉट्सएप ग्रुप पर सवाल भी पूछ रहे हैं।
देश में लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के कारण बिजली बिल की केवल 44 फीसदी राशि ही जमा हुई है। सरकार ने अब छूट नहीं दी तो शेष उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर 2 फीसदी ब्याज की पेनल्टी भरनी पड़ेगी। इसके साथ ही 31 मई तक भी बिल जमा नहीं हुआ तो 5 फीसदी छूट भी नहीं मिलेगी। वहीं उपभोक्ताओं का कहना है कि लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप रहा। ऐसे में सरकार पेनल्टी माफ करे। डिस्कॉम्स ने सरकारी सब्सिडी को छोड़ते हुए प्रदेशभर में 2300 करोड़ रुपए के बिल दिए, लेकिन 1030 करोड़ ही जमा हुए है। यह राशि घरेलू उपभोक्ताओं ने जमा करवाई है। उद्योग व कॉमर्शियल उपभोक्ताओं ने नाममात्र के बिल भरे है। यानि 1270 करोड़ पर 25 करोड़ की पेनल्टी वसूली जाएगी।
जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेश एके गुप्ता ने बताया कि डिस्काॅम्स को उत्पादन कंपनियों को भी पेमेंट करना पड़ता है। ऐसे में उपभोक्ता ऑनलाइन व बिजली मित्र एप से बिल जमा करवा सकते है। अन्यथा देरी की पेनल्टी लगेगी। सरकार ने केवल केवल कृषि उपभोक्ता व 150 यूनिट मासिक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के बिल ही 31 मई तक स्थगित किए है।
ऑनलाइन बिलिंग का भी नहीं लिया फायदा
जयपुर, जोधपुर, अजमेर डिस्कॉम ने कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन को देखते हुए उपभोक्ताओं को ऑनलाइन तरीक़ा से बिल जमा कराने का विकल्प भी दिया। लेकिन उपभोक्ताओं ने उसका उपयोग ही नहीं किया। सरकार ने 31 मई से पहले बिल जमा करवाने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 5 फीसदी की छूट देने का ऑफर दिया हुआ है। मीटर रीडिंग की फोटो लेकर वाट्सएप के जरिए बिजली कंपनी के काॅल सेंटर पर भेजने पर एक फीसदी या 50 रुपए का फायदा देने का आदेश भी है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं बिजली बिल का पेमेंट नहीं कर रहे। जयपुर डिस्कॉम में बिजली मित्र एप के जरिए भी बिल जमा करवाने का विकल्प दे रखा है।
लॉकडाउन में लोग परेशान हो गए हैं और गांव जाने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, ट्रेन के टिकट के नाम पर मजदूरों को लूटा जा रहा है। रेलवे टिकट के नाम पर लूटने का ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सामने आया था। युवक टिकट का पैसा वापस लेने गया तो आरोपी ने डंडे पीटा। बात यहीं नहीं थमी आरोपी राजेश वर्मा ने युवक को मकान मालिक से भी पिटवाया और पत्नी-बच्चों सहित उसे घर से बाहर निकलवा दिया।
जानकारी के अनुसार गाेडादरा के लक्ष्मी नारायण सोसाइटी में रहने वाले रंजीत ने अपने सगे-संबंधियों और परिचितों को गांव भेजने के लिए राजेश वर्मा के पास रेलवे के टिकट के लिए रुपए जमा किया था। आरोपी राजेश वर्मा ने न तो टिकट दिया न ही रुपए वापस लौटाया। रंजीत रुपए वापस मांगने गया तो डंडे से पीट दिया और मकान मालिक पर भी दबाव डालने लगा। मकान मालिक कामेश्वर राणा ने गुरुवार को रंजीत को घर से निकाल दिया। रंजीत पत्नी और तीन बच्चों के साथ रातभर सड़क पर पड़ा रहा। रंजीत ने घटना का वीडियो बनाकर वायरल किया था। इससे आरोपी राजेश वर्मा की पोल खुल गई थी। दूसरे दिन एक समाजसेवी ने रंजीत की मदद की और दूसरी जगह किराय का मकान दिलवाया।
ये है मामला: युवक ने तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ चटाई बिछाकर सड़क पर बिताई रात
रंजीत झारखंड का मूल निवासी है। लॉकडाउन में जब ट्रेन चलने लगी तो रंजीत और उसके सगे-संबंधी गांव जाने काे तैयार हो गए। रंजीत ने 21 लोगों की लिस्ट बनाई और 18 हजार रुपए इकट्ठा किया। रंजीत 4 मई को रुपए लेकर राजेश वर्मा को देने जा रहा था, तभी मकान मालिक कामेश्वर राणा ने उसे बीच में रोक लिया और कहने लगा कि वह सबको टिकट दिलवा देगा। इसके बाद कामेश्वर ने रंजीत से लिस्ट और पैसे ले लिया। दो दिन तक टिकट नहीं मिला तो रंजीत पूछने के लिए राजेश वर्मा के पास गया था। राजेश वर्मा ने रंजीत को गाली देकर भगा दिया। कामेश्वर राणा से पूछा तो उसने कहा कि अभी तक टिकट नहीं आया है। रंजीत ने जांच की तो पता चला कि कामेश्वर राणा ने उसके नाम का पूरा टिकट ब्लैक में बेच दिया है। इसके बाद रंजीत ने राजेश वर्मा के ऑफिस में टिकट के नाम पर चल रहे गोरखधंधे की वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो से परेशान राजेश वर्मा ने रंजीत को पीटा और कामरेश्वर राणा ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। लिंबायत थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने रंजीत को पूरा पैसा वापस दिलवाया और आरोपी राजेश वर्मा, कामेश्वर राणा के खिलाफ कार्रवाई की।
बौखलाहट: सामान बाहर फेंक दिया, छोटे-छोटे बच्चों पर भी दया नहीं आई
पुलिस की कार्रवाई से बौखलाए मकान मालिक ने रंजीत का सामान घर से बाहर फेंक दिया। आरोपी को छोटे-छोटे बच्चों पर भी दया नहीं आई। वहीं, राजेश वर्मा के खिलाफ ठगी का यह दूसरा मामला है। इससे पहले वासुदेव शर्मा नामक व्यक्ति ने लिंबायत थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। वासुदेव शर्मा ने राजेश वर्मा को गांव जाने के लिए कई लोगों की लिस्ट बनाकर और 1 लाख 16 हजार रुपए दिया था। राजेश वर्मा ने टिकट नहीं दिया तो वासुदेव पैसे वापस मांगने लगा। इतने पर राजेश वर्मा ने डंडे से मारकर उसका सिर फोड़ दिया। दूसरा मामला रंजीत का है जिसने विरोध किया तो उसे पीटा और घर से बाहर निकलवा दिया। एक समाजसेवी ने रंजीत की मदद की और दूसरे दिन उसे किराए पर मकान दिलवाया।
जिला अस्पताल की कोल्ड ओपीडी में पहुंचे दो मरीजों को संदिग्ध मानते हुए डॉक्टर ने उनके कोरोना सैंपल लिए। दोनों मरीजों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया। यहां आइसोलेशन वार्ड में अब भर्ती मरीजों की संख्या 73 हो गई है।
अस्पताल की कोल्ड ओपीडी में शुक्रवार को करीब 18 मरीज पहुंचे, जिनमें से दो को कोरोना संदिग्ध मानते हुए डॉक्टर ने उनके सैंपल लिए। जिन्हें जांच के लिए डीआरडीओ लैब भेजा गया। इसके साथ ही अब तीन सैंपलों की रिपोर्ट बाकी हो गई है। इनमें से एक सैंपल की रिपोर्ट शनिवार को मिल सकती है। सैंपल लेने के साथ ही उक्त मरीजों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। जहां मरीजों की संख्या अब 73 हो गई है। जिले में अब तक 346 सैंपल लिए जा चुके है, जिनमें से 321 की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है। 18 सैंपल फेल हुए तो 4 पॉजीटिव और यह चार भी अब स्वस्थ हो चुके है। वहीं तीन सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है।
शादी में दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर अलग-अलग जगह से ससुरालजनों ने दो विवाहिताओं को प्रताड़ित करने के बाद मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए घर से निकाल दिया। सदर थाना पुलिस ने शिकायत पर 10 आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अटोहा गांव निवासी कुसुमलता ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी शादी तीन वर्ष पूर्व बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी निवासी बंटी के साथ हुई थी। सुसराल वाले शादी के बाद से 2 लाख रुपये व एक बाइक की मांग कर प्रताड़ित करने लगे और अकसर उनके साथ मारपीट भी की जाती।
एक दिन उनके पति, ससुर, सास, जेठ, जेठानी, ननंद ने मारपीट कर व जान से मारने की धमकी देकर घर से निकालते हुए दहेज लाने पर ही वापस घर आने को कहा। इसी प्रकार पिंगोड़ गांव निवासी अमरवती ने शिकायत दर्ज कराई है कि दहेज के लिए प्रताड़ित कर तथा मारपीट कर उसे दिल्ली के रजोखड़ी निवासी पति तीर्थ व सास मायावती ने घर से निकाल दिया।
शुक्रवार को कोतवाली व देहात थाना पुलिस ने बाइक पर दो-तीन लोगों के बैठने पर कार्रवाई की। जिसमें दो जगह चेकिंग पाइंट लगाकर चालान काटे। साथ ही उन्हें चेतावनी दी कि, अब वह दोबारा नियमों का उल्ल्घंन करते पाए गए तो उनके वाहन जब्त कर लिए जाएंगे।
शहर में लॉक डाउन के बीच में जहां मुख्य बाजार बंद है, वहीं सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक सशर्त छूट दी गई है। इसका फायदा उठाते हुए लोग जबरन बाजारों में आ रहे है। इसके साथ ही बाइक पर जहां एक ही व्यक्ति अनुमति, उसमें भी दो-तीन लोग बैठकर फर्राटे भर रहे है। इसी तरह बाजार में बिना अनुमति के कई जगह दुकानें खोली गई। इसे लेकर एसपी संपत उपाध्याय ने कोतवाली, देहात थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद शहर के पाली रोड व बड़ौदा रोड पर चेकिंग पाइंट लगाए गए। यहां बाइक पर दो-तीन बैठकर फर्राटे भर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने 250-250 रुपए की चालानी कार्रवाई की। जबकि बाजार में बिना अनुमति खुली दुकानों को बंद कराया। इस बीच पुलिस को दुकान बंद कराने के दौरान व्यापारियों का विरोध भी झेलना पड़ा, जहां दुकानदारों ने कहा कि और दुकानें भी बिना अनुमति खुली है, उन्हें भी बंद कराए।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जयपुरिया के कोरोना मरीजों को आरयूएचएस और निम्स अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसएमएस की ओपीडी में 179 कोविड मरीज हैं, उनमें से 94 संदिग्ध हैं शेष ही पॉजीटिव हैं। उन्होंने बताया कि एसएमएस अस्पताल के मरीजों को अन्य जगह पर शिफ्ट करने की योजना के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं, ताकि सामान्य बीमारियों के लिए अस्पताल का इस्तेमाल किया जा सके और उन्हें यहां सभी सुविधाएं पहले की तरह मिलती रहे।
जयपुर|चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि आईसीएमआर ने जयपुर के बाद जोधपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज को कोरोना से संक्रमित और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों का प्लाज्मा थैरेपी से इलाज करने के ट्रायल की अनुमति दी है। अब प्रदेश में दो सरकारी और एक निजी चिकित्सा संस्थान में प्लाज्मा थैरेपी के जरिए इलाज करवाया जा सकेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि कोटा, बीकानेर, अजमेर और उदयपुर मेडिकल कॉलेज को आईसीएमआर से ट्रायल की अनुमति लेेने के निर्देश दिए हैं। इस थैरेपी के द्वारा इलाज से प्रदेश में कोरोना से होनी वाली मृत्यु दर पर कमी लाई जा सकेगी।
कोरोना लॉकडाउन- 3 में हरिशेवा धर्मशाला ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग व सेवा भारती की अाेर से जरूरतमंदाें तक राहत सामग्री वितरण के छठे चरण की शुरुआत शुक्रवार काे हुई। इस चरण के लिए 16 रथ रवाना हुए जिन्हें महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन महाराज ने रवाना किया। 5 मई को सूखी रसद सामग्री मंगवाई थी। इनसे 2225 पैकेट तैयार किए गए। 14 रथ सेवा भारती के हैं, जो शहर की 50 बस्तियों में जाएंगे। आश्रम के हेमन उस्ताद व उनके साथी 2 अन्नपूर्णा रथाें से राशन बांटेंगे। संत मयाराम, गोविंद, प्रांत कार्यवाह डॉ शंकरलाल माली, प्रांत सेवा प्रमुख नटवरलाल, विभाग कार्यवाह बनवारीलाल, महानगर संघचालक चांदमल सोमानी, रविंद्र जाजू अादि शामिल हुए। सह कार्यवाह ललित चिपड़ ने बताया कि 23 मार्च से अब तक 10 हजार 352 किट वितरित किए गए
राज्य सरकार के आदेश से वित्त विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हडकंप मचा हुआ है। दरअसल सरकार ने इस महामारी के बीच विभागों की ऑडिट करने के फरमान जारी कर दिए हैं। हालांकि ऑडिट पार्टियों को यह छूट दी गई है कि उन्हें दूसरे जिलों में नहीं जाना होगा सिर्फ अपने जिलों की ही ऑडिट करनी होगी। राजस्थान लेखा सेवा एसो. ने इसे लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा है। एसो. के प्रदेश महामंत्री दिनेश गर्ग का कहना है कि पहले तो विभागों में अभी कर्मचारी ही नहीं है।
इसके अलावा ऐसे समय में ऑडिट करने से कर्मचारियों में भी संक्रमण फैलने का जोखिम रहेगा।
निरीक्षण निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक प्रदीप माथुर ने ऑडिट के लिए जाे आदेश जारी किए हैं उनमें जनवरी से लेकर मार्च के पेंडिंग और अप्रेल से लेकर जून तक की मौजूदा तिमाही की ऑडिट करने के लिए कहा कहा गया है। आदेश में कहा गया है कि यदि किसी विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते ऑडिट नहीं हो पा रहा है तो इसकी सूचना निदेशालय को देनी होगी।
अंकेक्षण विभाग की विभागीय समिति के संरक्षक एवं सलाहकार मुकेश मुदगल का कहना है कि कर्मचारियों की कमी के चलते विभागों ने ही इसमें अपनी असमर्थता जता दी है।
लिंबायत जोन में एपीएक्स सर्विलांस सिस्टम की नई शुरूआत की गई है। 271 टीम द्वारा 54000 घर का सर्वे किया गया है। जिसमें से 20 एआरआई के केस मिले हैं। इसके अलावा वराछा ए में 14 और सेंट्रल जोन में 10 एआरआई के केस मिले हैं। लिंबायत में शुक्रवार को 18 मामले सामने आए। अब तक के कुल 336 पॉजिटिव मामले लिंबायत में दर्ज हो चुके हैं। गुरुवार को 20 हजार और शुक्रवार को 1 लाख 20 हजार लोगों को होम्योपैथी दवा दी गई। स्लम विस्तार में 263 जगह वॉश बेसिन रखे गए हैं। जागरूकता फैलाने के लिए रिक्शा और डोर टू डोर कचरा गाड़ी फेरे लगा रही हैं।
कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने बताया कि अब तक पॉजिटिव रेट 5.5 फीसदी हुआ है। रिकवरी रेट 49.5 फीसदी तक पहुंच गया है। समरस कोविड केयर सेंटर में 334, 1581 होम क्वाॅरेंटाइन और डीसेंट्रलाइज 449 को मिलाकर कुल 2020 लोग क्वाॅरेंटाइन किए गए हैं। अब तक 14809 टेस्टिंग की गई।
सर्विलांस के लिए 1425 टीम कार्यरत
शहर में सर्विलांस के लिए 1425 टीम कार्यरत है, जबकि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए 186 टीम है। शहर के स्लम विस्तार में 36 फीवर क्लिनिक शुरू किए गए हैं। मनपा कमिश्नर ने अपील करते हुए कहा कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाए। कुछ लोगों द्वारा जिम्मेदारी नहीं निभाई गई तो ये हालात बने हैं। अगले 21 दिन तक संपूर्ण लाॅकडाउन का पालन किया तो निजात मिल सकती है।
लॉकडाउन के दौरान शराब के सभी ठेके खोल दिए गए हैं। दो दिन में शराब की दुकानों पर खूब बिक्री हुई। ऐसे में अब सरकार यह पता लगाने में जुट गई है कि 2 दिन में कोविड-19 के तहत लगाए गए सेस के रूप में शराब की बोतलों पर कितना कर वसूला गया। सरकार ने यह जानकारी आबकारी विभाग से मांगी है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद सभी ठेकों से कोविड-19 के तहत वसूले गए सेस की जानकारी मांगी गई है। इसकी जल्द रिपोर्ट बनाकर सरकार के पास भेज दी जाएगी। उधर ठेकेदारों का कहना है कि ठेके खुले अभी सिर्फ 2 दिन हुए हैं।
ऐसे में शराब की कुल बिक्री में से सेस को निकालने में समय लगेगा। कोरोना वायरस के कारण देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन लागू है। दो दिन पहले सरकार के आदेश पर सभी शराब ठेकों को बुधवार से खोल दिया गया। इससे दो दिन में ही आबकारी विभाग को लाखों रुपए का राजस्व मिला है। इसलिए अधिकारियों का कहना है कि अब जिला के 106 शराब के जोन में से 212 ठेकों से बोतलों पर लगाए गए काेविड-19 सेस की रिपोर्ट मांगी गई है। इस संबंध में उपआबकारी एवं कराधान आयुक्त एसपीएस चौहान ने कहा कि सरकार की ओर से कोविड-19 के संबंध में जो जानकारी मांगी गई है, वह जल्द उपलब्ध करा दी जाएगी।
व्यापारियाें के प्रस्ताव व प्रशासन की मौन स्वीकृति के बाद तीन दिन से घंटाघर मुख्य बाजार की सभी दुकानों खुलने लगी हैं। बाजार गुलजार है, लेकिन प्रशासन द्वारा दी गई ढील का कुछ लोग व व्यापारियों द्वारा अनुचित फायदा उठाया जा रहा है। नियमों का पालन नहीं हाे रहा है। बाजार में एकदम से भीड़ उमड़ रही है। इस दाैरान दुकानदार ग्राहकी में व्यस्त हाे जाते हैं। शुक्रवार काे कई फुटकर दुकानों पर बेवजह भीड़ लगी रही। भीड़ में शामिल दुकानदार व गप्पे लड़ाने वालाें के मुंह पर मास्क भी नहीं थे।
दिनभर ऐसे लाेगाें काे भी सामान बेचा गया, जाे मास्क लगाकर नहीं आए थे। ज्यादातर दुकानों पर सैनिटाइजर भी नहीं रखा गया है। बाजार की गलियाें पान, पाउच खाकर थूकने पर भी कार्रवाई नहीं हाे रही है। कांप्लेक्स की दुकानें भी नियम विरुद्ध खुलने लगी हैं। पुलिस व प्रशासन ने लॉकडाउन का उल्लंघन हाेने पर कार्रवाई लगभग बंद कर दी है। ऐसे में कई लाेग अंजाने में मुसीबत बढ़ाने में मददगार बन रहे हैं।
सैलाना और जावरा की मंडी खुलने और रतलाम की मंडी नहीं खुलने से व्यापारी नाराज हैं। दी ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सुरेंद्र चत्तर ने बताया कि आसपास की मंडियां खुल गई हैं तो रतलाम की मंडी क्यों नहीं खोली जा रही है। जबकि यह मुख्यालय की मंडी है और 76 बीघा क्षेत्रफल में फैली हुई है।
इससे सोशल डिस्टेंसिंग से भी ट्रैक्टर ट्राॅलियों की कतारलगाई जाए तो 300 से 400 ट्राॅलियां मंडी में आराम से खड़ी हो सकती हैं। वहीं अगले महीनेसे बारिश शुरू हो जाएगी यदि मंडी नहीं खुलती तो किसान अपना गेहूं बेच नहीं पाएंगे। उन्होंने अनाज मंडी शुरू करने की मांग की है।
ग्रामीण विधायक मंडी के लिए कलेक्टर से मिलेंगे : मंडी खोलने को लेकर ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना कलेक्टर से मिलेंगे। इसके पहले भी उन्होंने मुलाकात की थी। तो कलेक्टर ने 1 सप्ताह का बोला था। अब सोमवार को वह फिर कलेक्टर से मिल चर्चा करेंगे ताकि अनाज मंडी में खरीदी शुरू हो सके।
नामली की उप मंडी सोमवार से खुलेगी
नामली उप मंडी सोमवार से खुल जाएगी। किसान गेहूं ,चना, सोयाबीन बेच सकेंगे। किसानों को मंडी के मोबाइल नंबर पर कॉल कर विवरण बताना होगा। मंडी प्रशासन किसानों को एसएमएस से सूचना देगा कि उन्हें कब उपज लेकर आना है। तय दिनांक पर किसान को मंडी पहुंचना होगा। जहां उसकी उपज की नीलामी हो सकेगी। उपज की नीलामी के लिए इन नंबरों पर अपना विवरण भेजें8770 35 2219, 9977 800 563। इसके बाद मंडी किसानों को एस एम एस से सूचना जारी करेगी। मंडी सचिव एम एल बारसे ने बताया रतलाम ग्रामीण की किसानों की उपज खरीदी जाएगी।
बल्लभगढ़ की चावला कॉलोनी में एक किराएदार को मकान मालिक ने बेरहमी से पीटा। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका अब ईएसआई अस्पताल में इलाज चल रहा है। पीड़ित की शिकायत पर चावला कॉलोनी पुलिस ने आरोपी मकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। मूलरूप से बिहार निवासी कमलेश राम 3-4 साल से यहां चावला कॉलोनी बल्लभगढ़ में किराए पर रहते हैं। आरोप है कि लॉकडाउन में किराया न दे पाने से मकान मालिक ने उन्हें बुरी तरह पीटा। उसने लोहे की रॉड से हमला कर घायल कर दिया। घायलावस्था में आसपास के लोगों ने उसे ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया। उनका यह भी आरोप है कि जब उन्होंने चावला कॉलोनी पुलिस से शिकायत की तो आरोपी मकान मालिक ने उल्टा उन्हें केस में फंसाने की धमकी दी।
पुलिस भी आरोपी से समझौता कराने का दबाव बनाती रही। दिल्ली में रहने वाले पीड़ित के भांजे वीरेंद्र ने इस घटना की शिकायत ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की। मामला मीडिया में आने के बाद हरकत में आई चावला कॉलाेनी की पुलिस ने पीड़ित का बयान दर्ज कर आरोपी मकान मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी मुरलीधर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। मामला किराए का नहीं बल्कि कुछ और ही लग रहा है।
1 मई से घरेलू गैस सिलेंडर 215 रुपए सस्ता हो गया है। अब यह 603 रुपए में मिल रहा है। जबकि पिछले महीने यह 818 रुपए में मिल रहा था और ग्राहकों के अकाउंट में 214 रुपए सब्सिडी आ रही थी लेकिन अब उपभोक्ता गैस की बुकिंग कर रहे हैं। उनके अकाउंट में सब्सिडी नहीं आ रही है। सब्सिडी नहीं मिलने गैस उपभोक्ता एजेंसियों पर पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब उपभोक्ताओं के अकाउंट में सब्सिडी नहीं आ रही है।
शहर में 75 हजार गैस उपभोक्ता है। इन्हें बुकिंग करने पर पूरे दाम में गैस सिलेंडर मिलता है। इसके बाद सब्सिडी की राशि अकाउंट में आती है। सिलेंडर मिलने के बाद 3 दिन में राशि उपभोक्ताओं के अकाउंट में पहुंच जाती है लेकिन इस महीने 8 दिन बाद भी किसी उपभोक्ता के अकाउंट में राशि नहीं पहुंची है। इधर गैस एजेंसियां भी उपभोक्ताओं के घर सिलेंडर की डिलीवरी के बाद बिल में डिलीवर लिख रही है तो सब्सिडी की जगह ब्लैंक के मैसेज आ रहे हैं।
सब्सिडी हुई जीरो
आईओसी के सेल्स ऑफिसर विजय वर्तक ने बताया पिछले महीने उपभोक्ताओं के अकाउंट में जितनी सब्सिडी आ रही थी। गैस सिलेंडर उतना सस्ता हो गया है। इससे सब्सिडी जीरो हो गई है।
गैस एजेंसियां कंटेनमेंट एरिया में भी सिलेंडर की डिलीवरी दे रही है। मोचीपुरा, बोहरा बाखल, जावरा रोड, जवाहर नगर सहित सभी कंटेनमेंट एरिया में 40 से ज्यादा डिलीवरी दी जा रही है। वही एजेंसियां रविवार के दिन भी डिलीवरी दे रही है ताकि लोगों को परेशानी ना आए।
क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों को आरोप-प्रत्यारोप के बाद घरों के लिए भेज दिया गया। बड़ौदा में क्वारेंटाइन किए गए 56 लोगों को तहसीलदार ने सेंटरों से निकालकर घर भेजा। जहां उन्हें 14 दिनों के लिए घरों में ही रहने की सलाह दी गई। साथ ही मास्क लगाए रखने की बात कही गई।
बड़ौदा के हायर सेकंडरी स्कूल में 31 में से 27 लोगों व संस्कार गार्डन के 31 और सोनी रिसॉर्ट में 8 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था। जिन्हें तहसीलदार ने शुक्रवार कोउक्त स्थानों पर पहुंचकर घर भेजा। बता दें कि यह लोग बारां जिले के भंवरगढ़ से ननिहाल बड़ौदा आई सलोनी के कोटा में कोरोना पॉजीटिव पाए जाने के बाद क्वारेंटाइन किए गए थे। यहां क्वारेंटाइन किए गए लोगों को लेकर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप भी लग रहे, जिसमें खाने की खराब क्वालिटी का मामला सबसे ज्यादा उठाया गया। यहां इन्हें घर भेजने के लिए तहसीलदार भरत नायक पहुंचे, जिन्होंने उन्हें घर छोड़ने से पहले 14 दिनों तक घरों में ही रहने और बाहर न निकले की बात कही। हालांकि यहां करीब 9 लोग अभी भी क्वारेंटाइन है। जिन्हें बाद में छोड़ा जाएगा।
कोरोना महामारी के बीच अब केंद्र व राज्य सरकार में सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। प्रदेश की गहलोत सरकार एक तरह यह आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार इस संकट काल में राज्य सरकार को वित्तीय सहायता नहीं दे रही है। तो इसके जवाब में अब केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अप्रेल के महीने में केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को दी गई सहायता का ब्योरा उपलब्ध करवा दिया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनके मंत्री जनता से तथ्य छिपा रहे हैं व गहलोत को ईमानदारी से अपनी जनता को ये बताना चाहिए की उन्होंने राज्य सरकार के खजाने से कितने रुपए उनके लिए खर्च किए।
अनुराग ठाकुर शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना, राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री वी सतीश, प्रदेश अध्यक्ष डा.सतीश पूनियां, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघालय और कैलाश चौधरी के साथ चर्चा कर रहे थे। अनुराग ठाकुर ने प्रदेश भाजपा के नेताओं को आंकड़ों के साथ बताया की केंद्र ने केवल अप्रेल महीने में राजस्थान के उज्ज्वला योजना के 34 लाख 68 हज़ार 116 उपभोक्ताओं को मुक्त गैस सिलेंडर दिया है। 38 लाख 64 हज़ार लाभार्थियों के लिए 10 हज़ार 483 मेट्रिक टन दालें भेजी है ।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 4 करोड़ , 36 लाख 51 हजार 850 लोगों के लिए 2 लाख 18 हज़ार 259 मेट्रिक टन अनाज भेजा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 51 लाख 64 हज़ार 372 किसानों के खाते में प्रति किसान 2 हज़ार रुपए की राशि डाली है। प्रधानमंत्री जनधन के 1 करोड़ 52 लाख 4 हज़ार 427 खातों में प्रतिमाह 500 रुपए की राशि डाली गई है।
लॉकडाउन के चलते घरों में बंद परिवारों के लिए भोजन व राशन सामग्री पहुंचाने का सिलसिला सेवाभावी लोग और संस्थाएं की ओर से निरंतर जारी है। इसी क्रम में हिन्दू जागरण मंच द्वारा लाॅकडाउन की शुरूआत से लगातार जरूरतमंदों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था जारी है। प्रान्त संयोजक जेठानन्द व्यास ने बताया कि मंच द्वारा जरूरतमंदों को दोनों वक्त भोजन के साथ ही प्रतिदिन गायों को चारा, मोर के लिए भिगोए हुए चने, पक्षियों के लिए दाने भी दिए जा रहे हैं। वहीं अलग से 20 रूपए प्रति किलो आटा और बाजार से आधी दर पर मसाले भी उपलब्ध करवाएं जा रहे है। किराड़ूओं की बगीची में अनिल पुरोहित, रूपेश आहूजा, अंकित भारद्वाज सहित अनेक कार्यकर्ता इस कार्य में जुटे हुए है। शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री डा.बीडी कल्ला, अनिल कल्ला आदि ने सेवा कार्यों का अवलोकन किया। इस मौके पर श्रीभगवान अग्रवाल और राधेश्याम आचार्य ने समिति के सेवाकार्यो की जानकारी दी। इस दौरान डा.कल्ला ने धनुषधारी हनुमान मंदिर मोहता सराय कालोनी की ओर से की जा रही भोजन सेवा का अवलोकन भी किया। इस मौके पर समिति के विनोद भोजक, अमरनाथ भादाणी, राजेन्द्र शर्मा, चांदरतन भादाणी, जयदयाल गोदारा आदि ने डा.कल्ला को सेवा कार्य की जानकारी दी।
मंत्री बीडी कल्ला ने जनता रसोई केंद्र का अवलोकन किया। इस दौरान जनता रसोई केंद्र की व्यवस्था की जानकारी ली। पीबीएम हैल्प कमेटी के संयोजक एडवोकेट बजरंग छींपा व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने ऊर्जा मंत्री को जनता रसोई केन्द्र का अवलोकन करवाते हुए जानकारी दी। इस मौके पर डीपी पच्चीसिया,अनिल कल्ला भी मौजूद थे।
कलेक्टर ने किया भोजनशाला का निरीक्षण
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने शुक्रवार को पी .जोशी वेलफेयर सोसाइटी की भोजनशाला का निरीक्षण किया। संस्था अध्यक्ष तेजकरण हर्ष ने बताया कि जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने गजनेर रोड रंगोलाई स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर भवन में भोजनशाला का निरीक्षण किया और संस्था द्वारा किये जाने वाले कार्य की सराहना की। इस दौरान संस्था के संयोजक शिव शंकर हर्ष ने संस्था के क्रियाकलाप की जानकारी दी। इस मौके पर प्रेम रतन जोशी, नृसिंह दास व्यास, नित्यानंद पारीक, आशा स्वामी, जीएस भाटिया, गोपाल हर्ष, अशोक स्वामी आदि मौजूद थे।
जल संसाधन एवं बिजली मंत्री डॉ बीड़ी कल्ला ने शुक्रवार काे धरणीधर ट्रस्ट से चल रहे सेवा कैंप का अवलोकन किया। पूर्व उपमहापौर अशोक आचार्य और धरणीधर ट्रस्ट के सदस्य जयकिसन आचार्य ने कल्ला काे बताया कि ट्रस्ट की ओर से हर दिन शाम काे 2500 भाेजन के पैकेट वितरित किए जाते हैं। यहां से अब तक सूखी सामग्री के 2000 पैकेट भी वितरित किए जा चुके हैं।
दुर्गाशंकर आचार्य ने बताया कि प्रखर पराेपकार मिशन और धरणीधर ट्रस्ट की ओर से 26 मार्च से जरूरतमंदों के लिए भोजन पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। 100 पैकेट से शुरू हुआ सिलसिला अब प्रतिदिन शाम को 2400 भोजन पैकेट वितरण तक पहुंच गया है। अब तक सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है लेकिन ट्रस्ट की ओर से लॉकडाउन खत्म होने के पांच दिन बाद तक भोजन के पैकेट का वितरण किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव आनंद कुमार जोशी ने बताया कि डॉ कल्ला ने ट्रस्ट के मुखिया रामकिसन आचार्य से फोन पर बात कर इस कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। विदित रहे कि ट्रस्ट की ओर से जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने का काम नरेंद्र आचार्य, अभिषेक आचार्य, शेखर आचार्य, अनिल आचार्य, बंशीलाल आचार्य, बल्लभ आचार्य, योगेन्द्र तिवाड़ी आदि करते हैं।
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस ही एकमात्र अच्छा उपाय है। इन दिनों शहर से लगे हांसलपुर गांव में एक इंजीनियर खेत में क्वारेंटाइन है। संक्रमित नहीं होने के बाद भी गांव और परिवार की सुरक्षा के लिए इंजीनियर 43 डिग्री तापमान में अकेले रह रहा है। हांसलपुर निवासी प्रदीप (28) पिता भीकूलाल तेलंगाना में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। कोरोना लॉकडाउन में कंपनी बंद हाे गई। तेलंगाना सरकार ने उसे मप्र भेज दिया। 6 मई काे हबीबगंज से पूरी कराने और काेराेना निगेटिव हाेने की पुष्टि के बाद अपने गांव लौटा। गांव में कुछ लोगों ने उसका विरोध किया तो समझदारी दिखाते हुए प्रदीप खेत में क्वारेंटाइन हो गया। तपती दाेपहरी और खेत में चली सनसनाती गर्म हवा के बीच शुक्रवार को प्रदीप का तीसरा दिन था।
नगर के बैरियर नाके पर स्थित आनंदम परिसर के पास बड़ी संख्या में किसी ने पानी के पाउच की बोरियां फेंक दी। शुक्रवार सुबह पानी से भरे पाउच की बोरियों को लोगों ने देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे पानी के पाउच को उठाने लगे। लोगों ने बच्चों को पाउच उठाने से रोका। सूचना पर टीआई मनोज सिंह ने तत्काल आरक्षक लुकमान को मौके पर भेजा। आरक्षक ने बताया आनंदम के पास से सूर्यनारायण सरोवर की ओर तक जगह-जगह पानी से भरे पाउचों की बोरियां पड़ी थीं। पानी से भरे पाउच की बोरियों की संख्या सौ से अधिक थी। लोगों ने उक्त पाउच का पानी नहीं पीने की सलाह दी। पुलिस ने नपा सीएमओ राहुल शर्मा को सूचना दी। सीएमओ ने कर्मचारियों को भेजकर पानी के पाउचों की बोरियों को उठाकर कचरा खंती में फिंकवाया। सीएमओ ने बताया पानी के पाउच किसने फेंके इसका पता लगाया जा रहा है।
पड़ाेसी जिले छिंदवाड़ा के पेंच और कन्हान से बैतूल, सारनी, पाथाखेड़ा क्षेत्र की विभिन्न खदानों में काम पर आने वाले कर्मचारियों को अब परेशानी नहीं होगी।
कलेक्टर की सशर्त अनुमति के बाद वे अब काम करने के लिए बिना राेक-टाेक के आ सकेंगे। इन कर्मचारियाें काे मास्क, आइडेंटी कार्ड अनिवार्य किया है।
बीएमएस यूनियन के संयुक्त महामंत्री ओमकार शुक्ला ने बताया पेंच, कन्हान और घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के आस-पास के गांव से करीब तीन सौ कर्मचारी डब्ल्यूसीएल की भूमिगत खदानों में काम करने अाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने और पड़ोसी जिला छिंदवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव के मरीज पाए जाने के कारण पेंच और कन्हान सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूरों को कार्य पर आने की मनाही की थी, इसकी वजह से कोयले का उत्पादन प्रभावित होने लगा था। इसे देखते हुए बीएमएस यूनियन के पदाधिकारियों ने सांसद, क्षेत्रीय विधायक औैर कलेक्टर से मुलाकात करके अपनी बात रखी। इस पर उन्हें परिचय पत्र, फेस मास्क लगाकर आने-जाने औैर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए काम करने की अनुमति प्रदान की गई।
इस पर अध्यक्ष प्रकाश राव ने सांसद विधायक, कलेक्टर आभार व्यक्त किया।
एनआईटी-1 नंबर स्थित ई-ब्लॉक में शुक्रवार दोपहर 200 केवीए के ट्रांसफार्मर के केबल में आग लग गई। इससे आसपास रह रहे लाेगाें में अफरातफरी मच गई। इन्होंने तुरंत इसकी सूचना बिजली निगम और दमकल विभाग को दी। सूचना पाकर तुरंत माैके पर बिजली निगम के कर्मचारी पहुंच गए। उन्होंने बिजली सप्लाई बंद कर आग पर काबू पाया। इससे एनआईटी-1, बाटा रोड, एनआईटी मार्केट आदि क्षेत्रों में डेढ़ घंटे तक बिजली गुल रही।
स्थानीय निवासी अजय के अनुसार दोपहर करीब 1 बजे ट्रांसफार्मर से अचानक आवाज आई। इसके तुरंत बाद उसमें आग लग गई। तुरंत मामले की सूचना बिजली निगम को दी गई। वहां से सप्लाई को बंद कर दिया गया। कर्मचारी कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गए। बिजली निगम के एसडीओ देवेंद्र अत्री के अनुसार आग ट्रांसफार्मर के पास केबल में लगी थी। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट हो सकता है। इसके कारणों का लगाया जा रहा है। आग बुझाकर सप्लाई शुरू कर दी गई।
गुड़गांव में मई महीने में बढ़ी कोरोना वायरस के पेशेंट की रफ्तार थम नहीं रही है। शुक्रवार को गुड़गांव में 9 नए पॉजिटिव केस पाए गए हैं, जिससे गुड़गांव में कुल केस की संख्या बढ़कर 126 तक पहुंच गई है। हालांकि यहां पर अब तक 51 पेशेंट ठीक हो चुके हैं, जबकि 75 पेशेंट का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। वहीं इनमें से 60 पेशेंट गुड़गांव के सेक्टर-9ए स्थित ईएसआईसी अस्पताल में एडमिट हैं।
चिंताजनक तथ्य ये है कि पांच दिन से कोई पेशेंट रिकवर भी नहीं कर पाया है। गुड़गांव में कोरोना वायरस के पेशेंट की संख्या रोजाना तेजी से बढ़ रही है। मई महीने में गुड़गांव में शहर की अलग-अलग कालोनियों में कोरोना वायरस के पेशेंट बढ़ गए हैं। 8 दिन में गुड़गांव में 69 केस पॉजिटिव पाए गए हैं।
जबकि शुक्रवार को गुड़गांव में 9 केस पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें खांडसा मंडी से एक, एक पुलिसकर्मी, दो स्वास्थ्यकर्मी, एक सेक्टर-107, सरहौल गांव से एक, एक चार मरला से खाना वितरित करने वाला युवक, एक युवक शिवाजी पार्क व एक डीएलएफ फेस वन से शामिल हैं।
25 लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने की रैपिड एंटीबॉडी जांच
गांव चक्करपुर में शुक्रवार को 25 लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड एंटीबॉडी जांच की। राहत की बात यह रही कि सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली। अधिकारियों ने बताया कि किसी के भी एंटीबॉडी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। कोरोना संक्रमित लोगों की समय पर पहचान हो सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। हर पीएचसी व यूपीएचसी के अंतर्गत आने वाले इलाकों में सर्वे के साथ ही वहां रहने वाले लोगों की एंटीबॉडी जांच भी की जा रही है।
शुक्रवार को चक्करपुर क्षेत्र में लोगों की एंटीबॉडी जांच की गई। टीम के सदस्यों ने बताया कि इस दौरान क्षेत्र के रहने वाले करीब 25 लोगों के खून के नमूने लेकर रैपिड किट से एंटीबॉडी की जांच की। सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली है। विभाग अभी तक शहर में 500 लोगों की एंटीबॉडी जांच कर चुका है। मुख्यालय से जिला स्वास्थ्य विभाग को 1500 रैपिड किट मुहैया करवाई गई है।
डेढ़ महीने में गुड़गांव में 7820 लोगों के सैंपल लिए
स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले डेढ़ महीने में गुड़गांव में 7820 लोगों के सैंपल लिए गए हैं जिनमें से 7236 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई, जबकि 126 की पॉजिटिव मिली। इसे अलावा 458 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। शुक्रवार को गवर्नमेंट लैब में 113 सैंपल जबकि प्राइवेट लैब में 164 सैंपल लिए गए है। वहीं अब तक गुड़गांव में 13 हजार 670 लोगों को सर्विलांस में रखा गया, जिनमें से 10143 अपना सर्विलांस पूरा कर चुके हैं।
शुक्रवार को वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से लाए गए 64 हरियाणा वासियों को गुरुग्राम में क्वारेंटाइन सुविधा में रखा गया है। ये सभी यात्री गुरुग्राम जिला सहित हरियाणा के अन्य जिलों से भी हैं।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता के अनुसार शुक्रवार को विदेशों से लौटे हरियाणावासियों को क्वारेंटाइन में रखने के लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा फ्री तथा पेड दोनों तरह की सुविधाएं रखी गई हैं।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लौटे हरियाणा के लोगों की हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग की गई थी जिसमें किसी को भी कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं। सरकार के निर्णय अनुसार उन्हें 14 दिन क्वारेंटाइन में रहना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि विदेश से लौटे हरियाणावासियों में से 16 व्यक्तियों को हिल्टन डबल ट्री सेक्टर 56, तीन व्यक्तियों को स्काई सिटी बेस्ट वेस्टन सिविल लाइंस, चार व्यक्तियों को मुख्य बस अड्डे के निकट ओयो डॉल्फिन में रखा गया है। इसी प्रकार 22 व्यक्तियों को कम्युनिटी सेंटर सुखराली तथा 19 व्यक्तियों को कम्युनिटी सेंटर डूंडाहेड़ा में रखा गया है। जो लोग फ्री क्वारेंटाइन सुविधा में रहना चाहते थे उन्हें कम्युनिटी सेंटर सुखराली तथा डूंडाहेड़ा में ठहराया गया है। जबकि अदायगी करने के इच्छुक व्यक्तियों को होटलों में क्वारेंटाइन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
जिला प्रशासन द्वारा पेड सुविधा के लिए 1000 रुपए से लेकर ढाई हजार रुपए तक के रेट निर्धारित किए गए हैं।कई बार फोन करने पर शुक्रवार को एंबुलेंस लेने पहुंची। सभी को सेक्टर-10 के सिविल हॉस्पिटल में रखा गया है। लेकिन सैंपल आदि अभी भी नहीं लिए गए। स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी ने बताया कि कोविड के लिए चार एंबुलेंस रिजर्व रखी गई है।
एक तरफ जहां पुलिस के योद्धाओं पर देश में प्रदेश में जनता फूल बरसा रही है वहीं दूसरी तरफ थाना क्षेत्र के गांव दोरक्खी में लूट व डकैती के आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ला रही पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने फायर कर जानलेवा हमला कर दिया।
ग्रामीण पुलिस टीम पर हमला कर पकड़े गए आरोपी को छुड़ा ले गए। इस जानलेवा हमले में दो जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में करीब 35 से अधिक लोगों पर अभियोग अंकित कर हमलावरों की धरपकड़ तेज कर दी है।
मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर टेकचंद ने बताया कि गुरुवार को पुलिस को सूचना मिली कि वर्ष 2019 के लूट व डकैती का एक आरोपी गांव दोरक्खी में मौजूद है। पुलिस ने सूचना के आधार पर जैसे ही आरोपी के घर दबिश दी और मौके से आरोपी को गिरफ्तार कर थाने लाने लगी तो आरोपी के परिजनों तथा अन्य ग्रामीणों ने मिलकर पुलिस टीम को घेर लिया और उनपर ताबड़तोड़ गोली बरसानी शुरू कर दी।
हमलावरों ने पुलिस टीम पर लाठी डंडों तथा पथराव कर आरोपी को पुलिस के कब्जे से छुड़ा लिया। इस जानलेवा हमले में हेड कांस्टेबल विनोद व राकेश कुमार को गंभीर चोटें आई जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल अवस्था में पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें फरीदाबाद भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
क्या कहते हैं थाना प्रबंधक
इस बारे में थाना प्रबंधक चंद्रभान का कहना है कि 29 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है जबकि 7 से 8 को अज्ञात के रूप में आरोपी बनाया है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
कोरोना संक्रमण को लेकर खांडसा मंडी में सामने आए मामलों में दो लोगों ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को भी परेशानी में डाल दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए गए टेस्ट में संक्रमित पाए युवक फरार हो गए। इसकी सूचना पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज जांच शुरू कर दी है। गुड़गांव पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने बताया कि आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है, अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।
गांधी नगर यूपीएचसी के स्वास्थ्य अधिकारी राहुल अग्रवाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि गत 2 मई को मेडिकल टीम ने खांडसा मंडी में संदिग्ध लोगों का कोरोना टेस्ट किया था। टेस्ट के बाद सभी लोगों का रिकॉर्ड लेकर निर्देश दिए गए थे कि वो बिना जानकारी के शहर छोड़कर न जाएं। 6 मई को रिपोर्ट आने पर इन लोगों की तलाश की गई, इसमें से दो युवक गायब मिले।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके दिए पते पर जांच की तो वे वहां भी नहीं मिले। स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करा दिया। फिलहाल पुलिस उनके मूल पते के अलावा उनके आस-पड़ोस के लोगों से भी पूछताछ कर रही है। बता दें कि गुरुवार को पुलिस ने एक 18 वर्षीय युवक को भी पकड़ा जो खांडसा मंडी में कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद फरार हो गया था।
टिक-टॉक पर तरह-तरह के वीडियो शेयर करना आम फैशन बनता जा रहा है। लेकिन एक वीडियो के डाले जाने के बाद दो समुदायों के बीच टकराव की स्थिति बन गई।
गत गुरुवार को सहजावास निवासी एक युवक ने दूसरी जाति पर तंज कसते हुए गाली-गलौच का वीडियो शेयर कर दिया। ऐसे में टकराव इतना बढ़ गया कि कई गांवों के युवक एकत्रित होकर सहजावास गांव में पहुंच गए।
बड़ी संख्या में पहुंचे मारपीट की धमकी देने लगे तो किसी ने पुलिस कंट्रोल पर सूचना दी, जिससे भोंडसी थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। इस पर युवक इधर-उधर फरार हो गए। राजपूत समाज के एक युवक ने गुर्जर समाज पर तंज कसते हुए गाली-गलौच का वीडियो गुरुवार को शेयर कर दिया था। इस पर गुर्जर समाज के युवकों मे रोष बढ़ता चला गया।
शुक्रवार सुबह दमदमा, रिठौज, बैरमपुर सहित दर्जनों गांवों के युवक एकत्रित होकर सहजावास गांव में जा पहुंचे। युवकों के एकत्रित होकर मारपीट पर उतारु होते देखा तो सहजावास के ग्रामीणों ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर पुलिस सहायता की मांग कर दी। जिस पर भोंडसी थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। लेकिन गांव में पहुंचे युवक फरार हो गए।
बताया जा रहा है कि इन युवकों में सबसे अधिक युवक रिठौज गांव के शामिल थे। वहीं भोंडसी थाना प्रभारी भारतेन्द्र कुमार ने बताया कि इस मामले की पहले जांच की गई। लेकिन शुक्रवार दोपहर को दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
मामला टिक टॉक पर वीडियो वायरल करने और एक समुदाय के खिलाफ गलौच करने का है। जबकि दूसरे पक्ष ने गांव में पहुंच कर हमला करने का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज कराया है। शुक्रवार देर शाम तक कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो पाया।
वैश्विक कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए पूरा देश प्रयासरत है। केंद्र व प्रदेश सरकारें तथा जिला प्रशासन भी कोरोना से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। कोरोना की इस लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी व अन्य विभागों के कर्मी भी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं।
इसी क्रम में सेवा में लगे इन कोरोना योद्धाओं के लिए गुडग़ांव स्थित पावरग्रिड कॉरपोरेशन की इंजीनियर मिताली सामंता ने फेस शील्ड बनाकर इन योद्धाओं को बांटने का कार्य शुरु किया हुआ है। मिताली का कहना है कि उसने अपने परिजनों व मित्रों से राशि जुटाकर फेस शील्ड बनाने का कार्य शुरू किया हुआ है। कार्यालय के बाद खाली समय में वह अपने मित्रों के साथ मिलकर फेस शील्ड को तैयार करती हैं और उसके बाद कोरोना योद्धाओं को वितरित कर देती हैं। अब तक वह 4 हजार से अधिक फेस शील्ड बनाकर वितरित कर चुकी हैं।
उन्होंने गुड़गांव सिविल अस्पताल, सफदरजंग, एम्स व सड़कों पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों, यातायात पुलिसकर्मियों आदि को कोरोना वायरस से बचाने के लिए फेस शील्ड उपलब्ध कराई हैं।
नूंह जिले में शुक्रवार को कोरोना के चार मरीज और ठीक हो गए। चारों मरीजों में तीन नूंह जिले के निवासी है जबकि चौथा महाराष्ट्र का रहने वाला हैं। सभी को शुक्रवार शाम मेडिकल कॉलेज नलहड़ से डिस्चार्ज कर दिया। अब यहां सिर्फ दो कोरोना मरीज ही रहे हैं। जिनका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा हैं।
शुक्रवार को ठीक हुए चार मरीज तौफीक मुल्ला निवासी कोलापुर (महाराष्ट्र), अख्तरी निवासी जाख पुन्हाना, जिहाउल हक निवासी घीडा पुन्हाना और अब्दुल अजीज निवासी सुखपुरी नगीना है। वहीं अब तक नूंह जिले में कोरोना के 59 मामले सामने आए हैं। इनमें से अब तक 57 मरीज ठीक हो गए हैं।
बता दें, कि जिले में अब तक 4093 लोगों को सर्विलांस पर रखा गया है। जिनमें से 1613 लोगों का सर्विलांस पीरियड पूरा हो चुका है। अब सर्विलांस पर 2480 लोग रखे गए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 3175 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए पीजीआई रोहतक व गुड़गांव के एक निजी लैब में भेजे हैं। जिनमें से 2948 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है तथा 59 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। जिले में अब 2 केस एक्टिव हैं। 57 मरीज को अब तक मेडिकल कॉलेज नलहड़ से छुट्टी दे दी गई है। अभी भी 168 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आनी है।
वैश्विक कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए चल रहा है। तीसरे चरण के लॉकडाउन के पांचवें दिन शहरवासी जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन में दी गई राहत का लाभ उठाते दिखाई दे रहे हैं। शहर के मुख्य सदर बाजार, शॉपिंग माल्स आदि को छोड़कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों की दुकानें खुली दिखाई दीं, जिन पर लोग अपनी आवश्यकतानुसार खरीददारी करने के लिए भी पहुंचे।
जिला प्रशासन ने विभिन्न वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को चार श्रेणियों में बांटा हुआ है। किरयाना, मेडिकल स्टोर, खाद-बीज व अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को ए श्रेणी में रखा गया है। इस प्रकार की दुकानें प्रतिदिन खोली जा रही हैं। अन्य श्रेणियों की दुकानों को सप्ताह में दो दिन खोलने के आदेश दिए गए हैं। इनके भी दिन निश्चित कर दिए गए हैं।
लापरवाह लोग आग्रह नहीं मान रहे
जिला प्रशासन ने यह आदेश भी दिए हुए हैं कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया जाए, लेकिन कुछ स्थानों पर लोग सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाते नजर आए। हालांकि दुकानदार ग्राहकों से सामाजिक दूरी का पालन करने का आग्रह भी कर रहे हैं और उन्होंने अपनी दुकानों के सामने गोल घेरे बनाकर ग्राहकों की दूरियां निश्चित भी की हैं, लेकिन कुछ लापरवाह लोग उनके आग्रह को मान ही नहीं रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि फेस मास्क पहनना व हाथों को सेनिटाइज करना जरूरी है साथ ही सामाजिक दूरी का पालन भी करना है। यदि कोई व्यक्ति इनका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। लेकिन कोई कार्रवाई भी होती नहीं दिखाई दे रही है।
शहर के कंटेनमेंट क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों मे कोई प्रतिबंध दिन के समय नहीं है, लेकिन बेवजह लोग शहर में घूमते दिखाई दे रहे हैं। गुड़गांव के विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते लोगों की संख्या जिला प्रशासन व शहरवासियों के लिए भी चिंताजनक बनती जा रही है। पिछले सप्ताह में काफी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
खुदरा व्यापारियों को पास भी जारी किए गए हैं
शहर की खांडसा रोड स्थित सब्जी मंडी में कोरोना पॉजिटिव मिलने से मंडी को बंद कर दिया गया था। शनिवार को खांडसा रोड मंडी फिर से खुल जाएगी। जिला प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। इसके लिए आढ़तियों व खुदरा व्यापारियों को पास भी जारी किए गए हैं। सब्जी मंडी बंद होने से जहां सब्जी व फलों की आपूर्ति बाधित हो गई है, वहीं उनके दाम भी आसमान छूते नजर आ रहे हैं। उधर देश की राजधानी दिल्ली से लगती गुड़गांव की सभी सीमाओं को सील किया हुआ है। बिना वैध पास के लोगों को दिल्ली से गुड़गांव में प्रवेश नहीं होने दिया जा रहा है। जिला प्रशासन का कहना है कि सीमाओं पर सख्ती जारी रहेगी।
तावडू मेन रोड की दुकानें खुलीं
तावडू में लॉकडाउन के दौरान मिली छूट के चलते शुक्रवार को पहले दिन शहर की मेन रोड की दुकानें ऑड-ईवन नंबर के तहत खुली। दुकानदारों ने सोशल डिस्टेंसिंग व सरकारी आदेशों का पालन किया। वहीं शहर के बैंकों के आगे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं, जहां उपभोक्ताओं की भारी भीड़ देखी गई। शुक्रवार को जहां मेन रोड के दुकानदारों में खुशी का माहौल देखा गया।
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने नियमों का पालन न करने वाले कुछ दुकानदारों को नियमों के अनुसार दुकानें खोलने को कहा और पालन न करने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी। सरकार ने ग्रीन व ऑरेंज जोन में कुछ छूट दी है और तावडू जिला नूंह ऑरेंज जोन का हिस्सा होने के कारण शुक्रवार से तावडू में भी सरकार के नियमानुसार लॉकडाउन में छूट दी है।
कुछ दुकानदारों ने अपना नंबर न होने पर भी दुकानें खोली थीं। लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इन दुकानदारों को अपने नंबर पर दुकान खोलने को कहा और नियमों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। बाजार खुलने से मेन रोड के दुकानदार खुश नजर आ रहे थे। प्रशासन ने शहर का मेन बाजार संकरा होने के कारण उसे खोलने की अनुमति नहीं दी। वहीं तावडू पटौदी चौक से सोहना रोड की दुकानें भी प्रशासन के आदेशानुसार नहीं खुली। एसडीएम सतीश यादव ने बताया कि शुक्रवार को पहले दिन तावडू मेन रोड की दुकानें ओड-इवन के तहत दुकानें खोली गई हैं और पहला दिन ठीक रहा। उन्होंने बताया कि सभी दुकानदारों को सरकार की हिदायतों की जानकारी दी गई है।
शुक्रवार को कोरोना के 30 नए केस आए। इनमें शहर के 26 और ग्रामीण के 4 मरीज शामिल हैं। इन नए मामलों को मिलाकर अब तक कुल 855 पॉजिटिव मामले अा चुके हैं। इनमें 47 ग्रामीण के शामिल हैं। शुक्रवार को 7 बच्चों सहित 33 कोरोना पॉजिटिव मरीज डिस्चार्ज हुए। इससे अब तक 424 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसमें 18 मरीज ग्रामीण के भी हैं। एक मरीज की मौत भी हुई। जानकारी के अनुसार लिंबायत के कमरू नगर निवासी 64 वर्षीय बिस्मिल्लाह खान पठान की सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें 6 मई को गंभीर हालत में सिविल में एडमिट किया गया था जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। वह पहले से डायबिटीज के मरीज थे। अब तक कोरोना से 38 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक मरीज ग्रामीण का है।
अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले 33 मरीजों में सात बच्चे भी शामिल
सिविल अस्पताल में इस समय 290 से ज्यादा पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। 20 से ज्यादा मरीजों की हालत नाजुक है। कोविड 19 अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर पर कोरोना संदिग्ध मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि पहली और दूसरी मंजिल पर पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं।
कोविड-19 अस्पताल में लगी श्रमिकों की कतार
ओडिशा सरकार ने श्रमिकों को मेडिकल टेस्ट करवाने के बाद ही राज्य में आने के आदेश दिए हैं। इससे शुक्रवार को सिविल अस्पताल के कोविड 19 अस्पताल में ओडिशा मूल के 500 से अधिक लोग जांच के लिए पहुंच गए। इससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई। कुछ लोगों की प्राइमरी टेस्ट यानी स्क्रीनिंग की गई। बाद मरीजों के इलाज में बाधा आने लगी तो अस्पताल प्रशासन ने टेस्टिंग प्रक्रिया बंद कर दी। प्रबंधन ने कहा कि इससे इलाज में व्यवधान आया।
ईसीबी ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डेटा साइंसेज’ पर नया कोर्स शुरू करेगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली में इस कोर्स के लिए आवेदन किया जा चुका है। यह जानकारी शुक्रवार को ऑनलाइन मीटिंग में कॉलेज के प्राचार्य डा.जयप्रकाश भामू ने दी। इस कोर्स में 90 स्टूडेंट्स को प्रवेश मिलेगा। ऑनलाइन मीटिंग में महाविद्यालय के समस्त अकादमिक विभागाध्यक्षों, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के साथ लॉकडाउन में शिक्षण कार्य, विद्यार्थियों की समर ट्रेनिंग व उनके प्रोजेक्ट प्रैक्टिकल, ऑनलाइन कोर्स करवाने सहित एमएचआरडी, नई दिल्ली के साथ ईओआई करने संबंधी विषयों पर जूम एप के जरिए चर्चा हुई। प्राचार्य ने बताया कि महाविद्यालय जुलाई के अंत तक ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने, ई-सेमिनार, प्रोजेक्ट संबंधी समस्त कार्यों के लिए सभी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लेगा। उन्होंने बताया कि अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर ने एमएचआरडी, नई दिल्ली के वर्चुअल लैब आर्गेनाइजेशन के साथ एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) हस्ताक्षरित किया गया है, ताकि प्रैक्टिकल के लिए विद्यार्थियों को वर्चुअल एक्सेस प्रदान किया जा सके और छात्र व्यावहारिक रूप से आईआईटी देहली, आईआईटी मुंबई आदि के साथ प्रैक्टिकल कर सकें। ईसीबी इसके लिए रिमोट सेंटर है अन्य आसपास के इंजीनियरिंग कॉलेजों जैसे सीईटी, मंडा, मरुधर आदि महाविद्यालयों के छात्र भी ईसीबी में शामिल हो सकते हैं। ईसीबी संबंधित कॉलेजों में एक समन्वयक को नामांकित करेगा। मीटिंग में रजिस्ट्रार डॉ.मनोज कुड़ी, डॉ.शौकत अली, डॉ.प्रवीण पुरोहित, डॉ.नवीन शर्मा, डॉ.मनोज सिंह आदि शामिल हुए।
ग्रीष्मावकाश में मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण
ग्रीष्मावकाश में संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम वेबैक्स के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। जिसके तहत 90 दिनों के लिए वेबैक्स ऐप के साथ टाई-अप किया गया है। वहीं 15 मई तक सभी सेमिनार और प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन करवाए जाएंगे।
ईसीबी ने कौर्सएरा संगठन के साथ एकल आईडी तहत पंजीकरण किया है। जिसमें उभरते हुए छात्रों के लिए मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का उपयोग करने के लिए 13 मई से ईसीबी के 2500 संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों को पंजीकृत करने की अनुमति भी दी है।
-डॉ. जयप्रकाश भामू, प्राचार्य, ईसीबी
जुलाई में शुरू होने वाले विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र से पहले नया सिलेबस देना प्रदेश की सभी विश्वविद्यालय के लिए चुनौती बन गया है। कोरोना वायरस की वजह से मई में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक पहले ही करा ली थी। मगर सिलेबस को मंजूरी दिलाना चुनौती बना हुआ है। रोज पांव पसारता जा रहे कोरोना के बीच एकेडमिक काउंसिल मैं सिलेबस को मंजूरी दिलाना इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि सदस्यों की संख्या 50 के आसपास है और इतने सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एक साथ नहीं बुलाया जा सकता और ना ही व्यक्तिगत एक साथ एकत्र किया जा सकता है। ठीक इसी तरह बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में भी 15 से ज्यादा संख्या है इसलिए इनको भी एक जगह नहीं बुलाया जा सकता।
विश्वविद्यालय फिलहाल इंतजार कर रहा है कि अगर जून तक कोरोनावायरस गति धीमी होती है तो एकेडमिक और बोम की बैठक बुलाई जाएगी और अगर नहीं थमता है तो फिर अंतिम हथियार का प्रयोग किया जाएगा। जो अमूमन विश्वविद्यालय में बहुत कम होता है। इसमें कुलपति को यह अधिकार होता है कि वह एकेडमिक और बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की मीटिंग के बिना सिलेबस को मंजूरी दे सकता है। वह इसलिए भी आसान होगा क्योंकि इसमें वित्तीय प्रावधान का कोई लेना देना नहीं है। सिर्फ समय पर कोर्स शुरू किए जाने हैं इसलिए कुलपति को सिलेबस को मंजूरी देनी है।
विश्वविद्यालय ने इस विकल्प के रास्ते खुले रखे हैं लेकिन यह अंतिम विकल्प होगा। इससे पहले एकेडमिक और बोम की बैठक कराने के प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉक्टर बिट्ठल बिस्सा का कहना है कि हम सभी पहलुओं पर नजर बनाए हुए हैं। हमें मौका मिला तो हम एकेडमिक काउंसिल की बैठक कराएंगे। लेकिन महामारी नहीं हमें तो कुलपति के पास सर्वाधिकार सुरक्षित हैं।
महामारी लंबी चली तो सत्र के भी बढ़ने के आसार
पूर्व में सरकार ने विश्वविद्यालय का सत्र 1 जुलाई से शुरू करने के लिए कहा है लेकिन जिस गति से कोरोनावायरस फैलता जा रहा है उसको देखते हुए जुलाई में भी विश्व विद्यालय में शिक्षण कार्य कराना संभव नहीं लग रहा है क्योंकि कक्षाओं में एक साथ 50 छात्रों के बैठने से महामारी पर नियंत्रण करना मुश्किल होगा इसलिए इस बात के कयास भी अभी से लगाए जा रहे हैं कि 1 जुलाई से सत्र शुरू होना संभव नहीं है और इसके विलंब होने के आसार हैं दूसरा विकल्प यह भी है कि सरकार विश्वविद्यालय के सत्र को और आगे से शुरू कर सकती है। यह सभी निर्णय हालातों पर निर्भर करेंगे।
नगर के मुख्य मार्ग के किनारे और दुकानों के सामने वाहन अव्यवस्थित रूप से खड़े किए जा रहे हैं। जिससे लोगों के साथ खरीदी करने आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को दोपहर में सड़क किनारे और दुकानों के सामने खड़े वाहनों से आवाजाही में दिक्कत हुई। इसकाे देखते हुए प्रशासन ने नगर के चारों सीमा पर वाहन खड़े करने के लिए जगह चिंहित कर दी है। नगर में बस स्टैंड से बैरियर नाके तक मुख्य मार्ग के दोनों ओर दोपहिया और चार पहिया वाहनों को खड़े कर दिए जाते हैं। इसके साथ दुकानों के सामने भी वाहन खड़े रहते हैं। दोपहर में एसडीएम सीएल चनाप नगर का भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान नगर के मध्य से गुजरने वाले मार्ग से लगातार दो पहिया और चार पहिया वाहनों की आवाजाही हो रही थी। सड़क किनारे वाहनों के खड़े रहने से पैदल चलने वालाें और वाहनों से गुजरने वालाें को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एसडीएम चनाप ने कुछ लोगों को रोककर नगर में वाहन से घूमने का कारण पूछा। वाहन ड्राइवर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। एसडीएम ने बिना वजह वाहनों से घूमने वालों को फटकार लगाई। इसके साथ दुकानदारों को दुकानों के सामने वाहन खड़े नहीं होने देने के निर्देश दिए। नपा सीएमओ राहुल को सड़क किनारे वाहन खड़े करने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एसडीएम ने बताया नगर में किराना, मेडिकल और अन्य आवश्यक वस्तुओं के क्रय-विक्रय करने आने वाले वाहनों के लिए नगर के बाहर पार्किंग व्यवस्था की है।
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आना जारी है। शुक्रवार को भी 3 मरीज आए। इसमें से एक डबुआ कॉलोनी की 21 वर्षीय गर्भवती महिला है। जबकि एक मुजेसर में रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाला है। सभी को एनआईटी-3 नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन 3 मरीजों के आने से जिले में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 88 हो गई है। इसमें से 2 की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा 54 मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को 6 मरीजों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। डबुआ कॉलोनी निवासी 21 वर्षीय गर्भवती महिला में संक्रमण की पुष्टि की। वह 9 महीने के गर्भ से है। उसे ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार के 4 लोगों को होम क्वारेंटाइन भी किया गया है। मुजेसर में 37 वर्षीय सब्जी बेचने वाला भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। साथ ही इसके काॅन्टैक्ट्स की पहचान की जा रही है। कुछ को होम क्वारेंटाइन भी किया गया है।
6 लोग ठीक, अस्पताल से डिस्चार्ज
शुक्रवार को 6 मरीज ठीक भी हुए। इनमें से ग्रीन फील्ड कॉलेानी की एक गर्भवती भी शामिल हैं। इसके अलावा ठीक होने वालों में डबुआ कॉलोनी की 30 वर्षीय महिला भी शामिल है। ईएसआई मेडिकल कॉलेज के संक्रमित 2 कर्मचारियों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। अभी तक कुल 54 मरीज ठीक हो चुके हैं।
4866 सैंपल में से 4471 की रिपोर्ट निगेटिव
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डॉ. रामभगत के अनुसार जिले में अभी तक कोरोना के कुल 4866 सैंपल लिए गए हैं। इसमें से 4471 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 88 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें दो मरीज की मौत हो गई है। जबकि 54 मरीज ठीक हो चुके हैं। अब ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में 30 मरीजों का उपचार चल रहा है। जबकि 2 मरीज को घर में ही आइसोलेट किया गया है।
मंडी में की गई सब्जी विक्रेताओं की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को डबुआ सब्जी मंडी में एक कैंप लगाया। इसमें मंडी के लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। अधिकारियों का कहना है कि इसमें से कुछ के सैंपल भी लिए गए हैं। साथ ही सभी को घर में रहने की सलाह दी गई है। उनसे कहा गया है कि सर्दी, खांसी, जुकाम आदि होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें। साथ ही अगर मंडी में सब्जी बेचते हैं तो मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
भगवान बुद्ध का जीवन हमें संदेश देता है कि हम अपने जीवन को बेहतर बनाकर उसे समाज में इस लायक बनाएं कि हमारे भी जीवन से लोग प्रेरणा दे सकें। उनका जीवन हमें सत्य, अहिंसा और प्रेम से रहने का संदेश देता है और हमें ऐसे महापुरुषों का जन्मदिन मना अपने जीवन में कुछ न कुछ बदलाव लाना चाहिए। यह बात गुुरुवार की शाम पीपरी पुरा स्थित आंबेडकर पार्क में आयोजित बुद्ध जयंती के अवसर पर भंते धम्य ज्योति कह रहे थे।
इस अवसर पर बौद्ध अनुयाईयों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान बोद्ध के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद दीपेंद्र बोद्ध ने कहा कि दुनिया के कई देशों में बौद्ध अनुयायी हैं। किंतु चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैंड, म्यानमार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, लाओस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 13 देशों में बौद्ध धर्म ‘प्रमुख धर्म’ धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोड़ों बौद्ध अनुयायी हैं। इसी क्रम में मलखान बौद्ध ने बताया कि बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परंपरा से निकला धर्म और महान दर्शन है। ईसा पूर्व 6 वीं शताब्दी में गौतम बुद्ध द्वारा बौद्ध धर्म की स्थापना हुई। बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबनी, नेपाल और महा परिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पांच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्ष में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म में प्रमुख सम्प्रदाय हीनयान, थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान हैं पर बौद्ध धर्म एक ही है एवं सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धांत ही मानते हैं।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है बौद्ध धर्म
रवि बित्तल ने बताया कि दुनिया के करीब 2 अरब लोग यानि 29 फीसदी आबादी बौद्ध धर्म अनुयायी हैं। किंतु, अमेरिका के प्यु रिसर्च के अनुसार, विश्व में लगभग 54 करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, जो दुनिया की आबादी का 7 फीसदी हिस्सा है। प्यु रिसर्च ने चीन, जापान व वियतनाम देशों के बौद्धों की संख्या बहुत कम बताई, हालांकि यह देश सर्वाधिक बौद्ध आबादी वाले शीर्ष के तीन देश हैं। इस अवसर पर कप्तान बौद्ध, राकेश बौद्ध, जेपी बौद्ध आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
मंडी शुल्क के साथ लगाए गए कृषक कल्याण शुल्क के विरोध में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन जिले की अनाज मंडियां बंद रही। मंडियां बंद होने से किसी भी जिंस की बोली नहीं लगी। कोरोना महामारी के इस दौर में लगातार तीन दिनों से गुड़, चीनी, चावल, दाल, तेल-घी और पशु आहार नहीं मिलने से अब आमजन की परेशानियां बढ़ने लगी है। कच्ची आढ़त के व्यापारियों के समर्थन में शनिवार से अब दाल मिलें और आटे की फ्लोर मिलें भी अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगी। मंडी में हड़ताल के चलते तीन दिनों में करीब दो हजार करोड़ के व्यापार का नुकसान होने के साथ साथ सरकार को भी मिलने वाले मंडी शुल्क, जीएसटी व आयकर के रूप में 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
श्री बीकानेर कच्ची आड़त व्यापार संघ ने इस संबंध में शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कृषक कल्याण शुल्क को वापस लेने की मांग की। संघ के अध्यक्ष जगदीशप्रसाद पेड़ीवाल, मंत्री नंदकिशोर राठी, कोषाध्यक्ष जयदयाल डूडी ने ज्ञापन में बताया कि इस शुल्क से व्यापारियों और किसानों के साथ साथ राज्य सरकार को भी नुकसान होगा, वहीं आमजनता को महंगी दर पर सामान मिलेगा। श्री बीकानेर अनाज कमेटी के अध्यक्ष जयकिसन अग्रवाल ने बताया कि गेहूं, बाजरा, ज्वार, मक्का, दाल आदि का काम पूर्णतया बंद रहने से हजारों मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। बीकानेर आयल मिल एसोसिएशन, बीकानेर दाल मिल एसोसिएशन, फ्लोर एवं आटा मिल एसोसिएशन ने भी 9 मई से अागामी आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया है। बीछवाल उद्योग संघ ने भी सरकार के निर्णयों को विरोध किया है।
आटा व दाल मिल मालिकों ने सोशल मीडिया पर की चर्चा
बीकानेर दाल मिल्स एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष के नाम से कृषि उपज पर लगाए 2% शुल्क के विरोध में दाल मिल इकाइयों से व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा विचार आमंत्रित किए गए। इसमें नरसिंह दास मिमाणी, द्वारकाप्रसाद पचीसिया, जय किशन अग्रवाल, अशोक गहलोत, हरि किशन गहलोत, राजकुमार पचीसिया आदि ने चर्चा कर 9 मई से सभी दाल मिलें आगामी आदेशों तक बंद रखने का निर्णय लिया।
कृषि उपज पर दो फीसदी टैक्स लगाने का विरोध
कृषि उपज पर 2% टैक्स लगाने का बीकानेर के प्रमुख कारोबारी संगठन पुरजोर तरीके से विरोध जता रहे है। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष रघुराज सिंह राठौड़ के अनुसार व्यापारी पहले से लोक डाउन की मार पिछले 40 45 दिन से झेल रहे हैं। उस पर सरकार की ओर से दो फीसदी अतिरिक्त कृषि टैक्स लगाने से कृषि मंडी की जैसे कमर ही टूट गई है। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के जयदेव शर्मा हेतराम गौड़, रवि पुरोहित, ईश्वरचंद बोथरा, सोनूराज आसुदानी, महावीर सिंह चारण, वेदप्रकाश अग्रवाल, रोहित कच्छावा, सचिन भाटिया, रविंद्र जोशी पूर जोर विरोध करते है।
विश्व में कोरोना वायरस के महासंकट की घड़ी में जब संपूर्ण विश्व इसके खौफ में है। ऐसे में इस महामारी से बचाव व मुक्ति के लिए हजारों जैन परिवार घरों में 13 घंटे लगातार णमोकार महामंत्र के अखण्ड पाठ कर रहे हैं। जैन परिवार सुबह 8 बजे से पाठ शुरू करते हैं। फिर बारी-बारी से परिवार के सदस्य अखण्ड पाठ रात 9.00 बजे तक करते हैं। आरती के बाद पाठ सम्पन्न करते हैं। इस पाठ की शुरुआत से पहले प्रातः 7.55 बजे 13 घंटे के लिए कलश स्थापित करने के बाद लगातार जलने वाला दीपक प्रज्वलित किया गया।
सभी दम्पति सदस्य परिवार तय समय से 5 मिनट ज्यादा पाठ करते हैं। ताकि पाठ करने की अखण्डता बनी रहे। अखण्ड पाठ के समापन पर रात्रि 9.00 बजे पंचपरमेष्ठी एवं भगवान महावीर की सामूहिक आरती सभी घरों पर एक साथ की गई। पाठ में जैन सोश्यल ग्रुप मेट्रो जयपुर के 100 से अधिक परिवारों, दिगंबर जैन महासमिति मानसरोवर द्वितीय संभाग के अंतर्गत एसडीसी इकाई परिवारों सहित शहर के हजारों घरों में ये अखंड पाठ किए गए।
इस बार सामान्य से ज्यादा चक्रवात और लॉकडाउन से प्रदूषण में कमी के कारण अभी तक गर्मी का मौसम अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। चक्रवात के कारण 6 सालों में शहर में अप्रैल महीने में इस साल 20 मिमी बारिश हुई। मई की शुरुआत में 8 मिमी बारिश हो चुकी है। बीते छह साल में अप्रैल का तापमान पहली बार 40 डिग्री से नीचे रहा। इसका सीधा असर गर्मी पर रहा। जबकि सामान्यत: अप्रैल के आखिरी सप्ताह में पारा 42 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है। मौसम विभाग के अनुसार अब इसमें बदलाव होने लगा है। लू का दौर शुरू होने से मई महीने में गर्मी बढ़ने के साथ ही मौसम शुष्क रहेगा।
अब लू की चपेट में आएगा जिला
मौसम विभाग के अनुसार मार्च से मई के दौरान चक्रवात सक्रिय होते हैं, लेकिन इस बार चक्रवात की संख्या सामान्य से ज्यादा है। ऐसे में ग्वालियर संभाग सहित कई प्रदेशों में आंधी बारिश एवं ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आने से गर्मी में राहत रही। अब लू का प्रकोप शुरू हो सकता है।
तापमान में तेजी से कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में मिलेगी मदद
चिकित्सकों के मुताबिक 30 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर कोरोना संक्रमण का फैलाव कम होता है। अब मौसम साफ रहने और तापमान में तेजी के कारण लगातार पारा चढ़ेगा। इससे कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में मदद मिलेगी।
90 फीसदी वाहन नहीं चलना रही प्रदूषण में कमी की वजह
शहर सहित सभी जगह वाहनों संचालन बंद रहा। इससे पेट्रोल-डीजल की खपत 90 फीसदी तक कम हुई। हजारों वाहन डेढ़ महीने से नहीं चल रहे हैं। वाहन से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण के रूप में कार्बन मोनाऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन आदि निकलता है।
मई में 40 डिग्री से ऊपर पहुंचा तापमान, रात का 280 और दिन का पारा 41.20 पर
मई महीने में तापमान का पारा 40 डिग्री से ऊपर पहुंचा है। शहर में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। पिछले 24 घंटे के दौरान दिन के साथ ही रात भी गर्म हुई है। गुरुवार को शहर का तापमान अधिकतम 40.6 और न्यूनतम 27.5 डिग्री सेल्सियस था। अब धीरे-धीरे तापमान बढ़ने से लू का असर भी जल्द ही देखने को मिलेगा।
जिले में अब कोरोना का न कोई मरीज बचा है न ही बीते 21 दिनों में कोई केस सामने आया है। इसके साथ ही शहर के हसनपुर हवेली में बीते 7 अप्रैल से लगे कंटेनमेंट जोन के टैग को अब हटाने की तैयारी कर ली गई है। इसे लेकर सीएमएचओ व एसडीएम ने सहमति जताते हुए कलेक्टर को रिपोर्ट दे दी है। इसके साथ ही जिला भी स्वत: ही ऑरेंज जोन से निकलकर ग्रीन जोन में आ जाएगा।
7 अप्रैल को कोरोना का पहला मरीज शहर से सटे हसनपुर हवेली में मिला था, तभी से इस क्षेत्र काे कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया अाैर इसका 3 किमी का दायर प्रशासन ने सील कर दिया। इसके बाद श्योपुर जिला भी ग्रीन जोन से ऑरेंज जोन की श्रेणी में आ गया। यहां मिले 4 मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। वहीं 17 अप्रैल के बाद से कोई नया कोरोना संक्रमित भी सामने नहीं आया है। इसको शुक्रवार को 21 दिन पूरे हो गए है और शनिवार को 22 दिन हो जाएंगे। गाइडलाइन के तहत अगर 21 दिनों में कोई केस सामने नही आता है तो उक्त क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन को सीएमएचओ व एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर खोल दिया जाता है। यह रिपोर्ट शुक्रवार को दे दी गई है, यानी अब हसनपुर हवेली, मठेपुरा, ग्वाड़ी और जैदा कंटेनमेंट जोन नहीं रहेंगे।
ग्रीन जोन में आने पर यह मिलेगा फायदा
ग्रीन जोन में सशर्त दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाती है, जिसमें शहर के मुख्य बाजार सहित अन्य लेबर क्लास दुकानें भी खोली जा सकती है। हालांकि अंतिम अधिकार प्रशासन को ही है कि वह किस तरह से किन-किन दुकानों को छूट देगा।
व्यापारियों ने की मुख्य बाजार खोलने की मांग
शहर में दुकानें खोलने के लिए 3 मई को कलेक्टर की ओर से आदेश जारी किए गए थे। इसमें शहर के मुख्य बाजार, चूड़ी बाजार, टोड़ी बाजार, पुल दरवाजा से लेकर छह मजार तक किराना, मोबाइल रिचार्ज और रस्सी-बोरा की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसमें इलेक्ट्रिकल्स और जूते-चप्पल की थोक दुकानों की भी अनुमति नहीं थी। मुख्य बाजार में सबसे ज्यादा यही दुकानें है। ऐसे में व्यापारियों ने यहां ऑड-ईवन फॉर्मूले पर दुकानें खोलने की मांग की थी। इसी मांग को अब जिला व्यापार महासंघ ने फिर दोहराया है।
अब तक इन दुकानों को खोलने की अनुमति
सुबह 7 से शाम 7 बजे तक मुख्य बाजारों को छोड़कर गली-मोहल्ले व पाली रोड पर ही किराना, मोबाइल रिचार्ज, इलेक्ट्राेनिक्स और रस्सी-बोरा की दुकानें खोलने की अनुमति है। पूरे शहर में कृषि यंत्र, उर्वरक, मोटर मैकेनिक, सीमेंट, लोहा व निर्माण सामग्री दुकानें, दूध डेयरी, स्पेयर पार्ट्स, आटा चक्की, छलना दुकानें, धर्मकांटा, थोक जूते-चप्पल की दुकानें खोलने की अनुमति है। अन्य दुकानों को बंद रखने के आदेश हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में सभी प्रकार की दुकानों को अनुमति दी गई है।
कंटेनमेंट जाेन खाेलने पर सहमति दी है
रूपेश उपाध्याय, एसडीएम, श्योपुर के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन घोषित हुए काफी दिन हो गए हैं। अब यहां से कोई केस भी नहीं है। जिले में एक ही कंटेनमेंट जोन था, जिसे खोलने को लेकर सहमति देते हुए रिपोर्ट दे दी है।
बैठक में तय करेंगे क्या खुलेगा और क्या नहीं
राकेश कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर, श्योपुर के मुताबिक,कंटेनमेंट जोन को लेकर बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही शहर में काैन सी दुकानें खुलेंगी और काैन सी नहीं, इस पर बैठक में फैसला लेंगे। मुख्य बाजार के व्यापारियों ने आवेदन दिया है। इस पर भी बैठक में ही विचार किया जाएगा।
नगर में सबसे अधिक भीड़ बैंकों के सामने हो रही है। शुक्रवार को भी बैंकों के सामने सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। बैंक कर्मचारी बार-बार लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाने की समझाइश दे रहे हैं। इसके बाद भी बैंक के खाताधारक सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे। दोपहर में जिला सहकारी बैंक, स्टेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित अन्य बैंकों के सामने लोगों की भीड़ लगी रही। अधिकारियों ने लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करने की समझाइश दी। सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
कोरोना के कारण बने वर्तमान हालात की समीक्षा करने के लिए कुछ दिनों पहले सूरत आई केंद्रीय टीम में मनपा की कार्रवाई की समीक्षा की। शुक्रवार को मुगलिसराय स्थित स्मैक सेंटर में मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने अधिकारियों के समक्ष कोविड 19 के पहले केस से लेकर अभी तक कोविड 19 की महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदम और की गई कार्रवाई का प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बताया गया कि कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद 48 घंटे से कम समय में कोविड 19 ट्रैकर मोबाइल एप, ट्रैकिंग, टेस्ट, ट्रीटमेंट (ट्रिपल टी) पॉलिसी लागू की गई।
डिस इंफेक्शन की कार्रवाई, वॉररूम, डोर टू डोर सर्विलांस की कार्यवाही, स्मीमेर अस्पताल के मल्टी लेवल पार्किंग में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए। शहर के विभिन्न क्षेत्रों को कोरोना संक्रमण के अाधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित किया गया। मनपा कमिश्नर ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि प्रवासी, श्रमिकों, गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को खाना देना, विविध सेवाभावी स्वैच्छिक संस्थाअों द्वारा भोजन की व्यवस्था, लिंबायत में बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आइलैंड स्ट्रेटेजी और एपीएक्स की कार्यवाही की गई।
टीम ने कोरोना की जानकारी ली
कलेक्टर डॉ. धवल पटेल ने जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई का प्रेजेंटेशन दिया। अधिकारी मान दरवाजा, उमरवाड़ा का दौरा किया। उन्होंने क्लस्टर क्षेत्रों में की गई कार्रवाई का गहराई से निरीक्षण किया। प्राइमरी हेल्थ वर्कर से भी पूछताछ की और आरोग्य अधिकारी के साथ पॉजिटिव केस की वर्तमान स्थिति जानी।
प्रभावित स्थलों का दौरा
केंद्रीय टीम ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित मानदरवाजा, उमरवाडा और कई अन्य जगहों की दौरा किया और स्थिति की जानकारी ली।
लॉकडाउन 3.0 का सख्ती से पालन कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी। इसके लिए बुधवार शाम को विशेष विमान से बीएसएफ की दो कंपनियां बुलाई गईं। बीएसएफ के जवान शहर के कोरोना कंटेनमेंट तथा रेड जोन में तैनात किए जाएंगे, ताकि बेवजह बाहर निकलने वालों को रोका जा सके। पुलिस आयुक्त आरबी ब्रह्मभट्ट ने बताया कि शहर में बीएसएफ की दो कंपनियां बुलाई गई हैं। ये जवान कंटेनटमेंट और रेड जोन में तैनात किए जाएंगे। दोनों कंपनियों में 100 से 130 जवान शामिल हैं। लॉकडाउन का पालन और सख्ती से किया जा सके इसके लिए इस विशेष फोर्स को बुलाया गया है। हालांकि इससे पहले शुरू से ही पुलिस के साथ शहर में सीआईएसएफ और एसआरपी बल तैनात है।
अब ज्यादा सख्ती बरती जाएगी। शहर में कुल 33 क्षेत्र कंटेनमेंट अथवा रेड जोन घोषित हैं। इन इलाकों के पुलिस स्टेशनों को हमने 13 से 14 बीएसएफ के जवान दिए हैं जो लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाएंगे। इसमें कुछ नया नहीं होगा। ये लोग भी पुलिस की तरह बेवजह बाहर निकलने वालों पर नजर रखेंगे। उनसे पूछताछ करेंगे और कारण नहीं बता पाने पर वापस घर भेज देंगे। आयुक्त ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त जवान नहीं हैं इसीलिए हर पुलिस स्टेशन को कुछ ही बीएसएफ तथा सीआईएसएफ के जवान मुहैया कराए गए हैं इससे रेड जोन तथा कंटेनमेंट इलाकों में ज्यादा सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवाया जा सकेगा।