कस्बे में रविवार दोपहर अचानक सब्जी मंडी में आग लग गई। आस पास रह रहे लोगों ने धुआं उठता देखा तो शोर मचाया। सूचना मिलने पर थानाधिकारी शैलेंद्र सिंह, सरपंच मनीष मीणा, उपसरपंच दयाप्रकाश पहाड़ मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से एक घंटा मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
काेराेना वायरस के चलते रविवार काे युवाओंने कुराबड़ क्षेत्र में मास्क बांटे। युवा कुराबड़ थाना अधिकारी पवन सिंह के कार्यालय पहुंचकर थाने के समस्त सदस्यों को मास्क बांटे। उसके बाद कुराबड़ पेट्रोल पंप, सुरों का घोड़ा चौराहा, धोबी घाट, चरमर इत्यादि गांव में लगभग 200 मास्क वितरण बांटे। इस दाैरान ललित सिंह सिसोदिया, शक्ति सिंह कृष्णावत, अभिमन्यु सिंह चौहान, धर्मेंद्र सिंह सिकरवार,वीरेंद्र सिंह राणावत हनुमान युवा मंडल के नवनीत औदीच्य अादि मौजूद रहे। इधर, बंबाेरा कस्बे में युवाओं ने 172 मास्क वितरण किए। यातायात पुलिस मित्र मंडल यशवंत बुनकर, अनिल जारोली बोरी, एनएम पुष्पा शर्मा माैजूद रहे।
लॉकडाउन काे सफल बनाने में कई पुलिसकर्मी अपनी शादी काे भी टालकर मुस्तैदी से व्यवस्था बनाए रखने में लगे हैं। लॉकडाउन की वजह से कई पुलिसकर्मियों की शादियों पर भी असर हुआ है। खेरवाड़ा थाने में तैनात धौलपुर के कंचनपुरा बसेड़ी निवासी देवेंद्र सिंह गुर्जर की शादी फिलहाल टल गई है। उनकी शादी आगामी 2 मई को होनी थी। मगर 3 मई तक लॉक डाउन के चलते शादी टालनी पड़ी। कांस्टेबल गुर्जर ने बताया कि शादी को लेकर सभी एडवांस बुकिंग कर ली थी। शादी के कार्ड तो नहीं छपवाए मगर सोशल मीडिया पर मित्रों और रिश्तेदारों को सूचना थी। गुर्जर ने बताया कि शादी तो बाद में भी हो जाएगी मगर ड्यूटी कर अपना कर्तव्य निभाना जरुरी है।
कुआं धंसने से शनिवार रात मासूम की माैत हाे गई। कुआं धसने से मासूम मलबे में दब गया। 24 घंटे की मशक्कत के बाद शव को निकाला जा सका। शव का पोस्टमार्टम कर परिजन काे साैंप दिया गया। हादसा जूनापादर के पुनावली गांव में हुआ। हादसे में पुनावली निवासी 12 वर्षीय पूनाराम पुत्र लाता गमार की मौत हुई। जानकारी के अनुसार शनिवार शाम करीब पांच बजे मृतक पूनाराम को उसके पिता ने कुएं में आ रहे गंदे पानी को देखने भेजा। पूनाराम कुएं पर देखने पहुंचा। वहां लगा वाटर पंप नीचे गिर गया, जिसके साथ पूनाराम भी कुएं जा गिरा। इसके बाद चारों ओर से कुआं धंसने से मलबा अंदर गिर पड़ा। बताया गया कि करीब 10 फीट तक मलबा कुएं में मासूम के ऊपर जमा हो गया।
सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी मंगलाराम पूनिया, विकास अधिकारी धनपतसिंह, तहसीलदार ममता यादव, मांडवा थानाधिकारी कर्मवीरसिंह, ग्राम विकास अधिकारी दुर्जनसिंह सहित अन्य माैके पर पहुंचे। हालात का जायजा लेते हुए मौके पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी को बुलवाया गया। पूरा दिन मेहनत के बाद शाम 5 बजे शव को निकाला जा सका। कुएं में भरपूर पानी हाेने से भी दिक्कताें का सामना करना पड़ा। एेसे में पहले पानी को खाली करना बड़ी चुनाैती रहा। पानी को खाली करने के लिए चार वाटर पंपों को कुएं में लगाया गया। पानी निकालने के बाद मलबा निकाला जा सका।
चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने राजस्थान के सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने क्षेत्र में कोरोना महामारी के समय होने वाले राहत कार्यों और आमजन के बारे में चर्चा की। सांसद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया कि चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र में कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री के किट, पूरे क्षेत्र में बहुतायत में मास्क और फेस गार्ड वितरण, चिकित्सालय में रक्त की आवश्यकता होने के कारण विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविर, भोजन पैकेट वितरण आदि सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए पार्टी, सामाजिक संगठनों और भामाशाहों द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर सांसद ने सुझाव देते हुए कहा कि वर्तमान समय में व्यापारियों का आग्रह है कि स्थानीय व्यापारियों को सरकारी नीतियों में विशेष राहत मिले। इसके साथ ही सांसद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से राजस्थान से बाहर रहने वाले क्षेत्रवासियों के बारे मे चर्चा की और फेस कवर के बारे में मास्क के लिए कपड़ा और एलास्टीक की उपलब्धता कम होने के कारण टेक्सटाइल मंत्रालय में बात करके इसकी उपलब्धता बढ़ाने की मांग रखी।
मानव सेवा करने का जज्बा हो तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती। सेवा करने से कोई नहीं रोक सकता। छोटीसादड़ी के 78 वर्षीय मांगीलाल टेलर जो कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए इतनी उम्र में भी मास्क तैयार कर मुफ्त में लोगों को वितरित कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक मांगीलाल टेलर का कहना है कि अभी वर्तमान में करोना महामारी विकराल रूप ले चुकी है। बचाव ही इसका उपचार है। ऐसे में बाजारों में मास्क की जो कमी है, उसे पूरा करने के लिए इतनी उम्र होने के बाद भी निश्चय किया कि स्वयं मास्क बनाकर वितरित करेंगे। अभी तक लगभग 500 मास्क बनाकर बांट चुके हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 पीड़ितों की सहायतार्थ राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री उदय लाल आंजना की प्रेरणा से वरिष्ठ नागरिक मंच छोटीसादड़ी और नगर के भामाशाहों ने जरूरतमंदों की सेवा में उपखंड अधिकारी गौरीशंकर शर्मा को 100300 रुपए का चेक सौंपा। इस दौरान मंच के संरक्षक माणकलाल कोठारी, गुणवंत लाल बंडी, भूरालाल साहू, राजमल मुरडिया, अध्यक्ष अमृत लाल नाहर, सचिव बाबू राव मराठा, सांस्कृतिक सचिव जगन्नाथ सोलंकी, मीडिया प्रभारी डॉ बृजेश प्रयानी और मंच के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
सुबह 9.49 बजे हैं। स्वास्थ्य भवन के एक कमरे में गहमागहमी चल रही थी। पड़ोस के जिले बांसवाड़ा में अचानक ही कोरोना पाॅजिटिव के मामले बढ़ गए हैं। इसी के मद्देजनर कोविड कोरोना वार रूम में रणनीति और आंकड़ों के एनालिसिस में दर्जनों लोग लगे हैं। कंट्रोल रूम में फोन की घंटियां बज रही थी। कागज और फाइलें लेकर लोग इधर-उधर दौड़ रहे थे। किसी को बात करने की फुर्सत नहीं थी। पूछने पर पता चला कि कई लोग होली के बाद से अपने घरों में नहीं गए। फोन और वीडियो काॅल से ही वक्त निकालकर हाल-चाल की तसल्ली कर लेते है। यह सब इसलिए क्योंकि आप अपने घरों में सुरक्षित रहें। ये वे लोग हैं, जो कोराना वायरस को हराने के लिए जंग लड़ रहे हैं।
कोरोना नोडल प्रभारी डाॅ. गोकुलचंद सैनी के घर पर 80 साल की बुजुर्ग मां और ढाई साल के दो जुड़वा बच्चे हैं। होली के बाद से वे अपनी मां और बच्चों से नहीं मिल पाए हैं। डाॅ. सैनी कहते हैं कि इंसान और अदृश्य दुश्मन में युद्ध चल रहा है। पहले समाज के दुश्मन से निपटना जरूरी है। परिवार के लोग याद आते हैं तो मोबाइल से वीडियो काॅल कर और फोटो देखकर तसल्ली कर लेते हैं।
हर घड़ी रहते हैं तैयार: कोरोना वार रूम में रेपिड रेस्पांस टीम में जिम्मा संभालने वाले डाॅ. मुकेश अटल का कहना है कि वे और उनकी टीम हर घड़ी तैयार रहती है। चिकित्सकीय आपातकाल में वे दिन-रात देखे बिना बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास रहता है। उनका कहना है कि कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि दिन में भोजन का वक्त भी नहीं मिल पाता है।
परिवार-घर छोड़ दिया, अब ऑफिस के लोग परिवार
कोरोना वार रूम के मुखिया और सीएमएचओ डाॅ. वीके जैन का कहना है कि जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा है, तो उनका काम और भी बढ़ जाता है। वे कहते हैं कि उन्होंने अपने परिवार को बीकानेर छोड़ दिया है, ताकि वे पूरा वक्त काम को दे सकें। डाॅ. जैन का कहना है कि अक्सर सुबह 8 बजे ऑफिस आ जाते हैं और रात तक घर जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। ऑफिस में ही खाना खाते हैं और ऑफिस के लोगों के साथ ही समय बीत रहा है। उनका कहना है कि अब उनका स्टाफ ही उनका परिवार और कार्यालय घर हो गया है।
राज्य सरकार से जारी मॉडिफाइडलाॅकडाउन के तहत साेमवार से 3 मइर् तक जरूरी सेवाओं का दायरा बढ़ेगा। प्रतापगढ़ में अब तक दाे काेराेना पाॅजिटिव केस सामने अाए हैं। पांच से कम केस वाली जगहाें काे ऑरेंज श्रेणी में लिया गया है। हालांकि जिले में धारा 144 पूर्व की तरह 3 मई तक जारी रहेगी। वे उद्योग जिनके पास अपने परिसर में ही मजदूरों के रहने और खाने की व्यवस्था है, वे खुल सकेंगे। होम डिलीवरी पर जोर रहेगा। दवा, किराणा, कृषि उत्पाद, फल सब्जियां, दूध, आटा चक्की, रेस्टोरेंट के लिए होम डिलीवरी के ऑप्शन पर जोर दिया गया है। पहले की तरह 5 व्यक्तियों से ज्यादा के इकट्ठा होने पर कानूनी कार्रवाई तो होगी ही। बेवजह न तो बाहर जा सकेंगे न किसी तरह का आयोजन बिना अनुमति हो सकेगा। मोडिफाइड लॉकडाउन को लेकर गाइड लाइन जारी हो चुकी है। विवाह हो या अंत्येष्टि, इनके लिए पहले मजिस्ट्रेट की अनुमति लेना जरूरी होगा।
गृह, वित्त, नगर निकाय, खाद्य, चिकित्सा और इनसे जुड़े कार्यालय पूरी तरह खुले रहेंगे। कृषि, कृषि विपणन, ऊर्जा, सहकारिता, पानी, कृषि से जुड़ी एजेंसियों के कार्यालय जरूरत के हिसाब से खोले जाएंगे। इनमें कर्मचारियों की उपस्थिति आनुपातिक रूप से होगी। वर्क फ्रॉम होम का कल्चर जारी रहेगा। ऑन लाइन सर्विस पर पहले की तरह जोर रहेगा। इनमें और अन्य कार्यालयों में जरूरी सेवाओं की पूर्ति जितनी गतिविधियां ही संचालित रह सकेंगी। कार्यस्थल पर दो पारियों के बीच एक घंटे का अंतराल जरूरी है। ऑफिसों में हाथ धोना जरूरी हाेगा। बार-बार सफाई और सेनेटाइजिंग भी जरूरी हाेगा। कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर, नगर परिषद में सेनेटाइजर मशीन लगाई गईहै।
राजस्थान में कोरोना का एपिसेंटर रहे भीलवाड़ा में अब एक भी संक्रमित व्यक्ति नहीं बचा है। यह जानकारी भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने दी। उन्होंने बताया कि यहां भर्ती दो रोगी ठीक हो चुके हैं। भीलवाड़ा में अब तक 28 केस आए थे, जिनमें से 26 ठीक हो गए जबकि 2 की मौत हो गई।
7दिन से कोई रिपाेर्ट पाॅजिटिव नहीं
17 अप्रैल को रात 9बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 5129 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। अब रैंडमसैंपलिंग चल रही है। 10 अप्रैल से लेकर अब तक जिले में किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।वहीं,24मरीज जो ठीक होकर घर जा चुके हैं, उन्हें भी 14 दिन होमक्वारैंटाइन रखा जाएगा।
भीलवाड़ा मॉडल जिसकी चर्चा
टीडी थानाक्षेत्र के टीडीनाल में शनिवार देर रातएक दूध केटैंकरमें आग लगने से ड्राइवर जिंदा जल गया।पुलिस जब मौके पर पहुंची तब टैंकर पलटा हुआ था और ट्रक काकैबिन पूरी तरह सेजल चुका था।ड्राइवर के शरीर के ऊपर का हिस्सा पूरी तरह नहीं जला था जिससे उसकी पहचान हो पाई।
एएसआई मुश्ताक ने बताया किपुलिस जब तक मौके पर पहुंची तब तक टैंकर का केवल ढांचा ही बचा था। हादसे में ड्राइवर की जलने से मौत हो चुकी थी। ड्राइवर के शरीर का निचला हिस्सा पूरा जल चुका था, लेकिन ऊपर का हिस्सा पूर तरह नहीं जला था।टैंकर के नंबरों के सेपता चला कि टैंकर गुजरात के मेहसाणा का था।
पुलिस ने पता कर मृतक के परिजनों से संपर्क कर उन्हें यहां बुलाया। सुबह उसके परिजनों ने आकर शव की शिनाख्त की। उन्होंने बताया कि उदय लाल पुत्र रामेश्वर जाट धुवाला, भीलवाड़ा का रहने वाला था। वह दूध भरकर गुजरात से 16 अप्रैल को जयपुर के लिए निकला था।हादसा कैसे हुआ अभी पता नहीं चला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
न्यूज : विपिन सोलंकी
जिले में कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर सर्वे का दूसरा चरण डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है। समूचे प्रदेश में राजसमंद पहला जिला है जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा, नर्सिंग स्टूडेंट्स बिना कागज व पैन के मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कोरोना को लेकर हैल्थ सर्वे कर रहे हैं। इसके लिए खुद सीएमएचओ ने फील्ड में जाकर मॉनिटरिंग की।
सीएमएचओडॉ जेपी बुनकर, डॉ दीक्षा बुनकर, एनयूएचएम प्रबंधक कृष्णकांत वसीटा और एपिडिमोलॉजिस्ट हरीश पलासिया ने राजसमंद शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों बोहरा मोहल्ला, शिव कॉलोनी, कलाल वाटी, भगवांदा मार्केट, 100 फीट रोड, रेगर मोहल्ला, सलूस रोड, मामा भाणेज रोड, राजनगर बस स्टैंड, दाणी चबूतरा में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सर्वे की वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
एनयूएचएम प्रबंधक कृष्णकांत वसीटा ने शहर में नियोजित हैल्थ सर्वे टीमों एवं सर्वे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीएमएचओ डॉ बुनकर ने बताया कि जिले में मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से हो रहे सर्वे से घर-घर की जा रही हैल्थ सर्वे की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, क्योंकि सर्वे के तहत चाही गई किसी भी सूचना का इन्द्राज किए बिना फार्म सबमिट नहीं होगा। सर्वे में मकान नम्बर लिखा है तो फोटो भी अपलोड होगा। डिजिटल सर्वे का प्रशिक्षण जिला ब्लॉक और सेक्टर स्तर पर आयोजित कर आशा, एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जानकारी दी गई है तथा जिलें में हैल्थ सर्वे के दूसरे चरण का कार्य शुरू हो गया है।
हाथों हाथ मिलेंगे आंकडे़
डिजिटल सर्वे करने से चिकित्सा विभाग काे सबसे बड़ा फायदा रियल टाइम सर्वे के आंकड़ाें की जानकारी हाथाें हाथ मिल सकेगी। इस मोबाइल एप से पहले किए गए सर्वे में चिकित्सा विभाग काे मॉनिटरिंग में समस्या आ रही थी। पुरानी व्यवस्था में आंकड़ाें के चिकित्सा विभाग तक पहुंचने में समय बहुत अधिक लगता था।घर के मुखिया का नाम, मकान का नंबर, घर में काेई बीमार ताे नहीं है, बाहर से काेई आया हाे ताे उसकी जानकारी, बाहर से आए व्यक्ति की हालत कैसी है, घर के किसी सदस्य काे काेविड-19 के लक्षण जैसे खांसी, सर्दी, बुखार, श्वास लेने में परेशानी ताे नही है, घर का फाेटाे भी लेकर डाला जाएगा।
काेराेनावायरस संक्रमण को राेकने के लिए लॉकडाउन के तहत जिले में लगाई धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में जिलेभर में पुलिस ने सड़कों पर बिना काम के निकले 31 लोगों काे गिरफ्तार कर 1086 वाहन जब्त किए हैं। वहीं, बाहरी राज्याें से आए लाेगाें सहित बिना काम घूम रहे 358 लाेगाें काे जवाहर नवाेदय स्कूल में बनाए क्वारैंटाइन सेंटर पर भेजा है। वहीं बार-बार बिना काम या काम का बहाना बनाकर सड़क पर निकले और नाकाबंदी में 2403 लाेगाें के वाहनाें का चालान बनाकर 4 लाख 23 हजार 150 रुपए का जुर्माना वसूला गया।
डीएसपी गोपालसिंह भाटी ने बताया कि लॉकडाउन में शनिवार सुबह 11 बजे तक शहर में लोगोंकी आवाजाही सहित किराणा और दूध लेने वालों की आवाजाही रही, जिसमें भी पुलिस ने किराणा की दुकानाें पर एक मीटर की दूरी पर गाेले बनाकर साेशल डिस्टेंस की पालना करवाई। इमरजेंसी सुविधाओं के साथ ही मेडिकल, दूध, गैस सहित दैनिक जरूरतों के सामान की दुकानें खुली रही। इस पर लोग खरीदारी के लिए बाजार पहुंचे। सुबह 11 बजे बाद पुलिस टीमों ने दुकानों को बंद करवा दिया। वहीं, बेवजह बाजार और सड़कों पर घूमने वाले लोगों को घर भेजा। लॉकडाउन की पालना नहीं करने वाले लाेगाें पर पुलिस हल्की सख्ती बरत रही है। शहर में जगह-जगह बैरिकेड लगाकर रास्ते बंद किए गए हैं और आने -जाने वाले लाेगाें से पूछताछ की जा रही है। जिले के प्रवेश मार्गों को बैरिकेड लगाकर सीलकर रखा है।
धानिन में 4 संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा। वार्ड न. 11 के वार्डपंच जितेन्द्र कुमार और सह वार्ड प्रभारी दिनेश कुमार को निरीक्षण के दौरान सूचना मिली कि फेल्सपार फैक्ट्री वाणिया टुकड़ा में 4 व्यक्ति संदिग्ध व्यक्ति रुके हुए है। जांच के दौरान सही पाया गया। 2 व्यक्ति उसी फैक्ट्री में काम करने वाले भी वहीं ठहरे हुए थे। बाहर से दो व्यक्ति उसी फैक्ट्री में और आए। सूचना पर स्थानीय स्कूल की प्रधानाचार्य, सरपंच सोहनलाल, उपस्वास्थ्य केन्द्र एएनएम सभी घटना स्थल पर पहुंचे। उनसे पूछताछ करने पर सही जवाब नहीं मिला। इन चारों को आरके हॉस्पिटल राजसमंद जांच के लिए ले गए। डॉक्टर से जांच करवाकर धानिन ले आए। पांचवां वार्ड न. 1 आमली का गुड़ा में उदयपुर से आए युवक की भी जांच कराई। एसडीएम कुंभलगढ़ के आदेश पर पांचों को कस्तूरबा हॉस्टल चारभुजा में भेजा गया।
आचार्य श्री महाश्रमणजी की शिष्या साध्वी गुणमाला और साध्वी डॉ सम्पूर्ण यशा के सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ के 10वें अधिशास्ता आचार्य श्रीमहाप्रज्ञ जी की 11वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम शनिवार को शहर के तहसील रोड स्थित कांतिलाल धाकड़ के निवास स्थान पर हुआ। आधा घंटा ॐ श्री महाप्रज्ञ गुरुवे नमः मंत्र का सामूहिक जाप किया।
अगले चरण में डॉ. साध्वी सम्पूर्ण यशा आदि साध्वी वृन्द ने सामूहिक गीतिका पूज्यवर महाप्रज्ञ भगवान का संगान किया। चर्या जैन ने महाप्रज्ञ को करें नमन पद्य की प्रस्तुति दी। साध्वी गुणमाला ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ भारतीय मनीषा के एक बहुश्रुत व्यक्तित्व का नाम है। विनम्रता, सहजता और समर्पण उनके परिपूर्ण और अखंड व्यक्तित्व के घटक तत्त्व थे। चिंतन की ऊंचाई और ज्ञान की गहराई जिन्हें सहज प्राप्त थी, उन्हें विद्या गुरु के रूप में आचार्य तुलसी का योग मिला। इस योग ने उन्हें अज्ञ से प्रज्ञ तथा प्रज्ञ से महाप्रज्ञ बना दिया। आचार्य महाप्रज्ञ ने अपनी प्रज्ञा से लाखों लाखों लोगों के जीवन की दिशा और दशा को बदला।
विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने पंचायतों के लिए रवाना की गई खाद्य सामग्री किट के वाहनों के उचित संचालन के लिए शनिवार काे 9 पंचायतों का दाैरा किया। उन्होंने जस्साखेड़ा, टोगी, कुकड़ा, डुंगाजी का गांव, बालातों की गुआर, भीम, कालादेह, अजीतगढ़ व समेलिया पंचायतों का दौरा किया। सोमवार से लेकर शनिवार तक विधायक रावत भीम-देवगढ़ की 48 पंचायतों का दौरा कर चुके हैं। विधायक रावत ने टास्क फोर्स टीम एवं विधायक प्रतिनिधि को निर्देश दिए कि वह वितरण किए गए स्थानों पर वितरण के पश्चात वंचित निर्धन एवं असहाय वर्गों को चिन्हित करें ताकि वंचित लोगों को किसी भी तरह से परेशान नहीं होना पड़े और उनको 2 फेज में खाद्य सामग्री किट उपलब्ध करवाया जा सके। वहीं कितनों को अगले दिन वितरण करना है और कितनों की अतिरिक्त किट की आवश्यकता होगी, इसका प्रतिदिन वितरण के पश्चात बीडीओ को सूची बनाकर प्रेषित करें ताकि यहां से निर्बाध किट स्वीकृत करने का कार्य विकास अधिकारी के निर्देशन में सुचारू रहे और इस लॉकडाउन के दौरान कोई भी गरीब परिवार इन सेवाओं से वंचित ना रहे।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन .2 शुरू हुए भी तीन दिन हो चुके हैं। गली-नुक्कड़, बाजार-मॉल से लेकर चौराहों तक सावधानी बरती जा रही है, लेकिन आवश्यक सेवाओं में शामिल एटीएम काउंटरों पर संक्रमण से सुरक्षा नहीं के बराबर है। भास्कर ने शनिवार को इसकी टोह ली, क्योंकि नकद निकासी के लिए लोग इन एटीएम पर जब-तब जा रहे हैं। रिपोर्टर ने चेतक सर्कल से सुखेर तक करीब 5 किमी के अलावा साइफन, फतहपुरा, सहेली मार्ग, पंचवटी, मधुबन, कलेक्ट्रेट, देहलीगेट, सूरजपोल क्षेत्र में 30 एटीएम का जायजा लेने के लिए स्टेटमेंट निकाले। इनमें से महज 8 एटीएम ऐसे थे, जहां सैनिटाइजर की व्यवस्था मिली। बता दें कि शहर में 202 और जिलेभर में 476 एटीएम हैं। बैंक प्रबंधनों का दावा है कि सभी एटीएम और शाखाओं में सैनिटाइजर की व्यवस्था के लिए फंड जारी किया है।
शहर के 22 काउंटरों से आंखोदेखी : कहीं सुरक्षा गार्ड नहीं, जहां थे उनके पास नहीं था सैनिटाइजर
सुखेर-भुवाणा : क्षेत्र के 9 एटीएम में से इंडसइंड बैंक पर गार्ड ने हाथ सेनेटाइज करवाए। एसबीआई एटीएम पर गार्ड ने साबुन से हाथ धुलवाए। आईसीआईसीआई एटीएम पर गार्ड ने बताया कि थाेड़ी-थाेड़ी देर में एटीएम और दरवाजे काे सैनिटाइजर से साफ करते हैं।
फतहपुरा-साइफन राेड : क्षेत्र के 5 एटीएम में कहीं भी सेनेटाइजर नहीं मिला। कई जगह गार्ड भी नहीं थे। जहां थे, उन्हाेंने बताया कि सेनेटाइजर की पहले मिली बाेतल खत्म हाे चुकी है। इसके बाद नहीं मिली।
सहेली मार्ग, मधुबन, पंचवटी : क्षेत्र के 9 एटीएम में से 4 पर सैनिटाइजर मिला। सहेली राेड एसबीआई, इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक में गार्ड ने हाथ सैनिटाइज करवाए। चेतक एसबीआई शाखा पर हैंडवाश से हाथ धुलवाए।
कलेक्ट्री, सूरजपाेल, टाउनहाॅल राेड, देहली गेट : क्षेत्र के 7 एटीएम में से 2 पर सैनिटाइजर मिला। कलेक्ट्री के पास गार्ड ने मांगने पर हाथ सैनिटाइज करवाए। सिटी शाखा एसबीआई एटीएम पर गार्ड ने हाथ सैनिटाइज करने के बाद प्रवेश दिया। सूरजपाेल एटीएम पर गार्ड ने बताया कि सैनिटाइजर खत्म हाे चुका है। सुपरवाइजर काे बताया है।
इसलिए है जरूरी : दिनभर में कई लाेग नकद निकासी के लिए एटीएम पर पहुंचते हैं। ऐसे में एटीएम के कीपेड और दरवाजे काे कई बार छुआ जाता है। यह संक्रमण का वाहक बन सकता है। एेसे में हाथ सैनिटाइज करना बहुत जरूरी है। रियलिटी चेक के दौरान कुछ सुरक्षा गार्ड्स ने बताया कि इन दिनों लॉकडाउन के कारण दोपहर में लोगों की आवाजाही नहीं है। सुबह से 11 बजे के बीच हर एटीएम पर 25 से ज्यादा लोग आते हैं। शाम को मामूली आवाजाही रहती है।
संपर्क पोर्टल पर खाद्य सामग्री खरीदने के लिए पैसे नहीं होने की झूठी शिकायत करने वाले को गिरफ्तार कर पाबंद किया गया है। 17 अप्रैल 2020 को परिवादी ज्योतिकान्तेश पत्नी अल्पेश गरासिया निवासी खराडीवाड़ा ने शिकायत की थी कि उसके पास भोजन सामग्री खरीदने के लिए पैसे नहीं है। परिवाद में ये भी बताया कि उसका नाम खाद्य सुरक्षा में नहीं जुड़ा है। परिवार 4 दिन से भूखा है। शिकायत के बाद जांच के लिए स्थानीय सरपंच, सचिव मौके पर पहुंचे। जांच की तो सामने आया कि 2 अप्रैल को 20 किलो गेहूं मिले हैं। इसके अतिरिक्त घर में 40 किलो गेहूं और 10 किलो मक्की पाई गई। परिवादी को समयानुसार राशन मिल रहा है। वही परिवादी के घर में खाने-पीने की सभी सामग्री उपलब्ध है। वहीं परिवादी का पक्का मकान होने के साथ घर में किराणा की दुकान भी चल रही है।
एमबी अस्पताल की सुपर स्पेशियलिटी विंग में भर्ती बांसवाड़ा के कुशलगढ़ के सात और कोरोना संक्रमितों की दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि अब तक कुशलगढ़ के नौ मरीज कोरोना पॉजिटिव से पूरी तरह निगेटिव हो चुके हैं। इनमें से पिता-पुत्र को डिस्चार्ज किया जा चुका है। सात अन्य को भी डिस्चार्ज करने का प्लान तैयार कर लिया है। कुशलगढ़ के मरीज यहां से जाने के बाद 14 दिन वहां चिकित्सा दल की निगरानी में रहेंगे।
सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि शनिवार को उदयपुर के 272 कोरोना संदिग्ध जांच में निगेटिव निकले हैं। राहत की बात यह है कि 204 संदिग्ध दूसरी जांच रिपोर्ट में भी निगेटिव निकले हैं। अधीक्षक डॉ. सुमन ने बताया कि एहतियात के तौर पर एमबी अस्पताल परिसर स्थित कैंटीन, जूस पार्लर, चाय की दुकान आदि पर काम के दौरान सैकड़ों लोगों के संपर्क में रहने वाले 39 लोगों की भी जांच कराई और सभी निगेटिव निकले हैं। रजा कॉलोनी के भाई-बहन, नर्स ताई-ताऊ अभी-भी सुपर स्पेशियलिटी में भर्ती हैं, जो निगेटिव रिपोर्ट आने के 14 दिन बाद तक भर्ती रखे जा सकते हैं।
बोहरा गणेशजी में रोकी आवाजाही
यूक्रेन से लौटकर छिपे कोरोना संदिग्ध एमबीबीएस छात्र के पकड़े जाने के बाद बोहरा गणेश जी क्षेत्र में देर शाम आवाजाही बंद कर दी गई। उसे प्रतापनगर थाना पुलिस ने पकड़ा था। जिस गली में युवक किराये के कमरे में ठहरा हुआ था, उस गली सहित आसपास के सभी रास्तों पर पुलिस का जाब्ता तैनात कर दिया गया।
लॉकडाउन में निगरानी मजबूत करने के लिए सरकार ने शनिवार को उदयपुर पुलिस को दाे नए ड्राेन दिए हैं। एक नेत्रा वी3 और दूसरा नेत्रा क्यू-2सी है। एडवांस तकनीक से बने ये ड्रोन 200-500 मीटर ऊंचाई तक उड़ते हैं और 150 मीटर ऊंचाई से सड़क पर चलने वालों की साफ फाेटाे ले सकते हैं। प्रशिक्षित कांस्टेबल ने पुलिस लाइन में ड्राेन का टेस्ट भी किया। हालांकि तकनीकी समस्या आने पर नेत्रा वी3 का ट्रायल नहीं हो पाया।
ड्रोन पहुंचने से पहले 7 कांस्टेबलों का तकनीकी प्रशिक्षण चित्ताैड़गढ़ के भूपालसागर में हुआ। बता दें कि पुलिस के पास नेत्रा क्यू 2 ड्रोन पहले से है। इसे दाे साल से कांस्टेबल मनाेज, प्रकाश और गाेपाल ऑपरेट कर रहे हैं। इसमें तकनीकी कमियां हाेने के कारण दाे नए ड्राेन आए हैं। तीन ड्राेन हाेने पर कांस्टेबल लाेकेश, भावेश, राेशन और शिवपाल काे भी प्रशिक्षण दिया गया। एसएसपी कैलाशचंद्र बिश्नोई ने बताया कि पहले से एक ड्राेन था जिसका रैलियाें, सभाओं आदि जगहाें पर उपयाेग में लिया गया। दाे एडवांस ड्राेन और मिले हैं, इन्हें ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम में लेंगे। अधिकारियाें का कहना है कि माॅडिफाइड लाॅकडाउन में ग्रामीण क्षेत्र में मूवमेंट कुछ बढ़ेगा। कानून व्यवस्था बनाने और लाॅकडाउन की पालना के लिए दाे ड्राेन काे ग्रामीण क्षेत्र में निगरानी के लिए लगाया जाएगा।
यह है पुलिस के तीनाें ड्राेन की अलग-अलग खासियत
लॉकडाउन के दौरान अब मास्क, भोजन-राशन बांटने या सफाई-पुलिसकर्मियों का सम्मान करने के लिए निकलने वालों पर भी सख्ती हो सकती है। हाल ही सम्मान के नाम पर कुछ राजनीतिक-गैर राजनीतिक संगठन पदाधिकारियों के चौराहों पर पहुंचने की शिकायतों पर जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण अध्यक्ष और कलेक्टर आनंदी ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इसके अनुसार लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति वाजिब और जरूरी काम, वैध पास और अधिकृत पहचान पत्र के बिना वाहनों से कहीं भी आ-जा नहीं सकेगा। शिकायत यह भी थी कि कई लोग मास्क, भोजन-राशन वितरण और सम्मान करने के दौरान साेशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे। इससे दूसरे लोगों को संक्रमण का हर वक्त खतरा रहता है। आदेश की अवहेलना करने पर आईपीसी की धारा 188, 270 और आपदा प्रबंध अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। बता दें दो दिन पहले ही एसएसपी कैलाशचंद्र बिश्नोई और उसके बाद शनिवार को पर्यटन थाने के बाहर हैडकांस्टेबल ने स्वागत करने आए लोगों को नसीहत के साथ लौटा दिया था।
नियम तोड़ा तो गिरफ्तारी, जेल या जुर्माना
आईपीसी धारा 188 प्रथम : सरकार या अधिकारी के आदेश का उल्लंघन किया जाता है या क्षति पहुंचाई जाती है ताे एक माह की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दाेनाें।
188 द्वितीय : राज्य सरकार के आदेश के उल्लंघन से मानव जीवन और स्वास्थ्य सुरक्षा आदि काे खतरा हाेता है ताे 6 माह की जेल या एक हजार रुपए जुर्माना।
आईपीसी धारा 270 : किसी बीमारी काे फैलाने के लिए किया नुकसानदेह कार्य, जिससे किसी अन्य की जान काे खतरा हाे सकता है। इस पर दाे साल सजा, जुर्माना या दाेनाें।
इन वाहनों पर रोक नहीं : एंबुलेंस, राजकीय वाहन, राजकीय व अनुबंधित वाहन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े वाहन, फायर ब्रिगेड व अन्य आपातकालीन वाहन, अनुमत निजी/अनुबंधित वाहन, कार्मिकों को घर से दफ्तर लाने और लौटाने के लिए वैध आईडी/पासधारक, सभी तरह के माल वाहन, वैध ऑनलाइन, ऑफ लाइन पास धारक।
(मनीष पुरोहित)।राजसमंद जिले में वन कर्मचारी एक नन्हें तेंदुआ शावक का पिछले कुछ दिनों से ध्यान रख रहे हैं। कोरोना के इस दौर में वे पीपीई किट पहने कर एक माह के इस शावक को बकरी का दूध पिला रहे हैँ। दरअसल टांटोल ग्राम पंचायत की निचली भागल में खंडहर हो चुके एक मकान में मादा तेंदुए ने करीब एक माह पहले तीन शावकों को जन्म दिया था। मां अपने दो बच्चों को ले जा चुकी है, लेकिन तीसरे को लेने अभी तक नहीं आई है। वन विभाग ने खंडहर में ट्रैप कैमरा लगाया हुआ है।
वन विभाग ने उदयपुर बायोलोजिकल पार्क से एक केयरटेकर को विशेष तौर पर बुलाया है। वह उसे बोतल से फीड करा रहा है। शावक की सेहत ठीक है। मां अपने इस तीसरे बच्चे क्यों नहीं लेने आई यह स्पष्ट नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि मां ने कोई नया ठिकाना बनाया है और उसमें वह अपने दो बच्चों पर ध्यान दे रही है। मां एक रात में एक शावक को शिफ्ट कर पाई इससे यह स्पष्ट है कि उसका नया ठिकाना काफी दूर है। वन विभाग को दो शावकों का जेंडर पता नहीं, लेकिन तीसराशावक मादा है। वन विभाग की टीम पिछले सात दिनों से यहां डेरा डाले हुए है।
ऐसे पता चला
टांटोल ग्राम पंचायत की निचली भागल में खंडहर हो चुके एक मकान में 13 अप्रैल को मादा तेंदुए के तीन शावक होने की सूचना पर लोग इकट्ठे हो गए। तब मां वहां नहीं थी। खेम सिंह पुत्र लाल सिंह के खंडहर हो चुके मकान में मादा तेंदुए को शाम को घर मे जाते पड़ोसियों ने देखा था। इस पर पड़ोसियों ने खेम सिंह को जानकारी दी थी। अगले दिन खेम सिंह, प्रेम सिंह, बालू सिंह, किशन सिंह, अंबाव सिंह वहां गए तो कमरे में तीन शावक मिले।
मौके से मकान मालिक ने वनविभाग को सूचना दी। एएसआई राम सिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। वनपाल राजेश मेहता, वनपाल रतन लाल, सहायक वनपाल लोकेंद्र सिंह, वनरक्षक नंद लाल, शंभूलाल मौके पर आए। सहायक वन सरक्षक राजसमंद विनोद कुमार रॉय, रेंजर इस्माइल शेख भी पहुंचे।
तेंदुए 14 अप्रैल को रात 8 बजकर 48 मिनट पर आई और एक शावक को शिफ्ट किया। वन विभाग की टीम ने सोमवार को तेंदुए के शावकों को उनके स्थान पर सुरक्षित कर तेंदुए के घर में आने-जाने के रास्ते, मूवमेंट वाली जगह को चिन्हित किया। घर के मेन गेट के सामने सोमवार शाम को ट्रैप कैमरा लगवाया। मादा तेंदुएपीछे के रास्ते से घर में घुस कर एक शावक को मुंह में दबाकर बाहर निकल गई। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया। इसके बाद वह 15 अप्रैल को आई और दूसरे बच्चेको ले गई, लेकिन तीसरे को अभी तक नहीं ले गई है।
(गिरीश शर्मा)। कोरोना वायरस महामारी में लोगों के बचाव-उपचार में जुटे उदयपुर के इन चिकित्सकों की कहानी भी अनूठी है। बड़गांव रेपिड रिस्पोंस टीम के चिकित्सक डॉ. नवल चौधरी की 16 अप्रैल को शादी थी, जिसे स्थगित कर दिया है। डॉ. नवल का कहना है कि शादी बाद में भी हो जाएगी, लेकिन महामारी से लोगों को बचाने का मौका फिर नहीं मिलेगा। जनरल सर्जन डॉ. राजवीर सिंह ड्यूटी से पहले और बाद में जरूरतमंदों को राशन-भोजन पैकेट वितरण करते आ रहे हैं।
ये लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति भी जागरूक करते हैं। कुशलगढ़ में कोरोना संक्रमितों की पड़ताल कर लौटे और कोरोना पॉजिटिव वार्ड में मरीजों का इलाज कराने वाले चिकित्सकों की टीमें 14-14 दिन के लिए रिसोर्ट में क्वारेंटाइन कर दी गई हैं। ये शहर में रहते हुए भी परिजनों के साथ ना बर्ड-डे सेलिब्रेट कर पाएंगे, ना ही उनके मिल सकेंगे।
डॉ. नवल चौधरी: 16 अप्रैल को थी शादी, बोले- शादी आगे भी हो जाएगी, सेवा का ये मौका फिर नहीं मिलेगा
पीएचसी धार के मेडिकल ऑफिसर भरतपुर निवासी डॉ. नवल चौधरी की 16 अप्रैल को शादी निर्धारित थी। उन्हें शिक्षिका पियूषा के साथ विवाह बंधन में बंधकर नए जीवन की शुरूआत करनी थी, लेकिन फिलहाल शादी स्थगित कर दी है। सारी तैयारियां हो चुकी थीं। आमंत्रण कार्ड बंट चुके थे। डॉ. नवल 31 मार्च से बड़गांव रेपिड रिस्पोंस टीम के सदस्य के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। उनका कहना है कि वे चाहते तो 10-15 लोगों की सशर्त अनुमति लेकर शादी कर सकते थे, लेकिन जन सेवा का यह मौका फिर नहीं मिलेगा।
सेवानिवृत्त डा. आशा खमेसरा: आज इनका जन्म दिन, सेलिब्रेट करने के बजाय पीएम फंड में दिए 2 लाख रु.
सेवानिवृत्त चिकित्सक दंपती डा. आशा खमेसरा और डा. एचएल खमेसरा भी इस घड़ी में लोगों की सेवा में जुटे हैं। 17 अप्रैल को डा. आशा खमेसरा का 65वां जन्म दिन हैं। उन्होंने बर्थ डे सेलिब्रेट करने के बजाए पीएम केयर फंड में 2 लाख दान दिए। ये बच्चों की फीस, स्टेशनरी सहित जरूरतमंदों की सेवा में तत्पर रहते हैं। करगिल युद्ध के समय भी इन्हाेंने एक माह का वेतन दिया था। डा. एचएल खमेसरा फाेन के जरिए मरीजों को निशुल्क परामर्श दे रहे हैं।
जनरल सर्जन डॉ. राजवीर : ड्यूटी से पहले और बाद में रोज जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं राशन-भोजन
जनरल सर्जन डॉ. राजवीर सिंह एमबी अस्पताल-अंबा माता अस्पताल में मरीजों की सर्जरी में जुटे हैं। ये रोज सुबह 6 से 8.30 बजे और शाम 6 से 7.30 बजे तक कार में राशन और भोजन पैकेट लेकर घर से निकलते हैं और उन्हें शहर से बलीचा, तीतरड़ी, प्रतापनगर, नाई आदि क्षेत्रों में जरूरतमंदों को बांटने के बाद अपनी ड्यूटी पर पहुंचते हैं। सेवा का ये क्रम 20 दिनों से जारी है।
रेपिड रिस्पोंस टीम : डेढ़ माह रहेंगे परिवार से दूर, डॉ. बामनिया परिवार के साथ नहीं मना पाएंगे जन्मदिन
कुशलगढ़ में 15 दिन तक संक्रमितों की पड़ताल कर लौटे आरएनटी की रेपिड रिस्पोंस टीम के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. आशीष जैन, डॉ. कमलेश बामनिया, डॉ. राजेश्वर पारीक, डॉ. संजय मीणा, डॉ. मनोज आर्य और नर्स कृष्णगोपाल शहर के एक रिसोर्ट में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन हैं।
डॉ. बामनिया का 18 अप्रैल को जन्मदिन है, लेकिन वे परिवार के साथ सेलिब्रेट नहीं कर सकेंगे। वे बोले- पहली बार इस माैके पर परिवार से दूर रहूंगा। वहीं लंबे समय से एमबी के कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे डॉ. बलदेव मीणा, डॉ. विनोद दाधीच, डॉ. अतुल दवे, डॉ. इंद्रनील बनर्जी, रेजीडेंट डॉ. जगदीश चौधरी, डॉ. हर्षित, डॉ. नागराज, डॉ. सोनू भी 14-14 दिन के लिए क्वारेंटाइन हैं। ये सभी एक से डेढ़ माह परिवार से दूर रहेंगे।
भीलवाड़ा के एमजी हाॅस्पिटल का आइसोशेन वार्ड। यह कभी सबसे क्रिटिकल आइसोलेशन वार्ड था। यहां पर एक ही दिन में छह कोरोना पॉजिटिव रोगी भर्ती हुए और लगातार संख्या बढ़ती जा रही थी। जिसके बाद यहांएक साथ 20 से अधिक पॉजिटिव रोगी भर्ती थे, लेकिन धीरे-धीरे रोगी ठीक हुए और अब इस वार्ड में केवल एक ही पॉजिटिव रोगी बचा है। यह रोगी बापूनगर का शिक्षक हैं। इसकी नौ अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। लेकिन खुशी इस बात की है कि शिक्षक को यहां भर्ती कराने के बाद की गई जांच में उसकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई है।
इनकी तबीयत भी ठीक हैं। दूसरी रिपोर्ट बुधवार को आने की संभावना है। दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शिक्षक को स्टेप डाउन जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने पर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जाएगा। इधर, रायला की एक विवाहिता की दो रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। यह महिला पहले से स्टेप डाउन जनरल वार्ड में भर्ती हैं। इसकी भी तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जाएगा। लगातार जिले में संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।
अब तक 4276 सैंपल लिए, 5 दिन से कोई रिपाेर्ट पाॅजिटिव नहीं
15 अप्रैल को सुबह 9बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 4323 सैंपल लिए भेजे जा चुके हैं। अब रैंडमसैंपलिंग चल रही है। बापूनगर के शिक्षक की रिपोर्ट नौ अप्रैल को पॉजिटव आई थी। 10 अप्रैल से लेकर अब तक जिले में किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।
28 जिटिव मरीज में से 24 ठीक होकर घर जा चुके
भीलवाड़ा में अब तक 28 पॉजिटिव रोगी मिले हैं। इनमें से 24 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। अभी ये सभी 14 दिन के होम क्वारैंटाइन में हैं। दो पॉजिटिव रोगियों की मौत हो चुकी हैं। बाकी दो में से एक बापूनगर के शिक्षक की पहली और रायला की विवाहिता की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। दोनों की तबीयत ठीक है।
भीलवाड़ा मॉडल जिसकी चर्चा
कंटेंट- नरेंद्र जाट
जिले के कुशलगढ़ में सोमवार देर रात 6 और लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद यहां कुल संक्रमित लोगों का आकड़ा 59 पहुंच गया। वहींकुशलगढ़ के चुड़ादा आवासीय छात्रावास में क्वारैंटाइन के लिए भर्ती महिला की मौत होगई। संदिग्ध मानते हुए महिला के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। वह एहतियात के तौर पर क्वारैंटाइन में थी। उस श्वास लेने में दिक्कत थी। चिंता इसलिए है क्योंकि उसके पति और 14 वर्षीय और 9 वर्षीय दो पोतों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद उन्हें उदयपुर में शिफ्ट किया गया। पहले भी कुशलगढ़ की एक महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन उसके अंतिम संस्कार में शामिल हुई 3 महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
इधर, सेामवार को 100 सैंपल की रिपोर्ट आई है जिसमें 6 और पॉजिटिव रोगी सामने आए। कुशलगढ़ में संक्रमितों में महिलाओं की संख्या अधिक बढ़ रही है। सेामवार को आई रिपोर्ट में 4 महिलाएं हैं जिनकी उम्र 35 से 65 साल तक की है। वहीं 94 की रिपोर्ट निगेटिव है। इसके अलावा 3 संक्रमितों के सैंपल की दोबारा जांच होने के बाद उनकी रिपोर्ट भी अब निगेटिव आई है।
पॉजिटिव रिपोर्ट आने से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
मृतका के सैंपल तो जांच के लिए भेज दिए हैं, लेकिन विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि मृतका को अस्थमा की बीमारी थी, फिर भी सैंपल लेने जरूरी है। लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो परेशानी और चिंता इसलिए भी बढ़ सकती है क्योंकि क्वारैंटाइन वार्ड में उसके अलावा भी 60 से अधिक लोगों काे भर्ती रखा गया था। जहां सख्ती के बाद भी सभी लोग आपस में संपर्क में थे। सभी संदिग्ध आपस में रिश्तेदार और एक ही मोहल्ले के थे। इस स्थिति में सभी के दोबारा सैंपल लेने पड़ सकते हैं।
कुशलगढ़ में बोहरा समुदाय की आबादी 526, सभी की जांच, 8 की रिपोर्ट आना बाकी
कुशलगढ़ कस्बे में 59 काेराेना पाॅजिटिव संक्रमित लाेगाें की पहचान हाे चुकी है, जाे अब वहां की करीब 10 हजार की अाबादी के लिए खतरा बन गया है। एेसे में अब पूरे विभाग की काेराेना काे लेकर गंभीरता पर ही सवाल खड़े हाे रहे हैं। क्याेंकि पहले ताे संदिग्ध महिला के शव का पूरी सुरक्षा में अंतिम संस्कार नहीं किया, वहीं दूसरी अाेर कुशलगढ़ में लाॅकडाउन के बाद भी लाेगाें ने घराें में चाेरी छिपे सामूहिक रूप से नमाज अदा की। यहीं कारण है कि सभी संक्रमित बाेहरा समुदाय के ही सामने अा रहे हैं। विभाग के सर्वे के मुताबिक कुशलगढ़ में बाेहरा समुदाय के 130 मकानाें में 526 लाेग निवास करते हैं। वहीं कुशलगढ़ में 561 से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। यानी करीब करीब समुदाय के सभी लाेग शामिल हाे चुके हैं। इन्हीं में से 59 संक्रमित मिले हैं। वहीं जाे निगेटिव रिपाेर्ट वाले लाेग हैं उन्हें भी एक साथ क्वारैंटाइन वार्ड में भर्ती रखा गया है। जहां विभाग की लापरवाही के कारण साेशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। इन्हीं क्वारैंटाइन लाेगाें में एक संदिग्ध महिला की माैत हाे गई है। जिसके सैंपल लिए गए हैं।
सब्जी मंडी में रात 11 से सुबह 6 बजे तक प्रवेश पर रोक
शहर के ओजरिया बाईपास पर संचालित निजी सब्जी मंडी में अब रात 11 से सुबह 6 बजे तक कोई भी सब्जी विक्रेता या अन्य प्रवेश नहीं कर सकेगा। सब्जी मंडी मेंभीड़भाड़ से कोरोना संक्रमण फैलने के डर से पुलिस प्रशासन ने यह सख्त निर्णय लिया है। कोतवाल भैयालाल आंजना ने बताया कि मंडी में रात 11 से सुबह 6 बजे तक किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। क्योंकि अंधेरे की वजह से मंडी में भीड़ बेतरतीब हो जाती है और कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए 6 बजे बाद लाइन से एक- एक कर प्रवेश दिया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर क्यूआरटी टीम की भी मदद ली जा रही है। खांदु पुलिस चौकी को भी मंडी में भीड़ जमा होने से रोकने के निर्देश दिए है। मंडी में क्रेता और विक्रेता आए लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है।
(गिरीश शर्मा)। पिछले 20 दिनों के कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे उदयपुरवासियों को अब गुड न्यूज मिली है। शहर की रजा कॉलोनी में 12 दिन पूर्व कोरोना संक्रमित मिले भाई-बहन, नर्स ताई-ताऊ की सोमवार को दूसरी रिपोर्ट भी कोरोना निगेटिव निकली है। अब उदयपुर जिले का एक भी रोगी कोरोना संक्रमित नहीं है।
आईसीएमआर-डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार अगर नया संक्रमित मरीज नहीं मिलता तो उदयपुर 16 अप्रैल को कोरोना मुक्त हो जाएगा क्योंकि इंदौर के खजराना से लौटा रजा कॉलोनी का भाई दो अप्रैल को और उसकी बहन, एमबी अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड प्रभारी नर्स ताई और नेत्र रोग सहायक ताऊ तीन अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। आखिरी संक्रमित रोगी के 14 दिन पूरे करते ही उदयपुर कोरोना मुक्त हो जाएगा।
कोरोना को हराने वाले भाई-बहन का कहना है कि उन्होंने कोरोना को हराने का श्रेय आरएनटी मेडिकल कॉलेज-जिला प्रशासन के बेहतर प्रबंधन और मां और ताई के धैर्य बंधाने के दिया है। अब इन चारों को सुपर स्पेशियलिटी के कोरोना निगेटिव वार्ड में अलग भर्ती किया गया है।
तब्लीगी जमात से जुड़ा डूंगरपुर के सीमलवाड़ा का युवक भी दूसरी रिपोर्ट में निगेटिव
डूंगरपुर की आसपुर तहसील के पारड़ा सोलंकी गांव के दादा-बेटा-दोनों पोतों की भी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। तब्लीगी जमात से जुड़ा डूंगरपुर के सीमलवाड़ा का युवक भी दूसरी रिपोर्ट में निगेटिव निकला है
बांसवाड़ा के कुशलगढ़ में सबसे पहले पॉजिटिव मिले पिता-पुत्र और उन्हीं के परिवार की एक महिला की भी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। यहां उपचार के बाद रिकॉर्ड 12 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं। एमबी में कुशलगढ़ की 2 साल की बच्ची सहित 50 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं।
उदयपुर। उदयपुर में सोमवार को धानमंडी थाने मेंदो लोगों के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के मामले दर्ज किए गए। दोनों मामलों में आरोपियों को गुटखा खाकर सार्वजनिक स्थान पर थूकते पाया गया। राजस्थान में कोरोना के बढ़ते कहर के चलते सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर बैन लगा दिया गया है।
एक मामला जाकिर हुसैन (40) पुत्र जहूर अहमद के खिलाफ दर्ज किया गया है। पुलिस ने उसे धानमंडी स्थित राजकीय हॉस्पिटल के सामने सार्वजनिक स्थान पर गुटखा खाकर थूकते हुए पकड़। दूसरा मामला सुरेश कुमार (45) पुत्र रंगलाल के खिलाफ दर्ज किया गया है। उसे भी गुटखा थूकते हुए पकड़ा गया।
नेहरू गेट के पास लखारा चौक मेंराजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर बैन लगा दिया गया है। ऐसा करते पाए जाने पर व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।पान, जर्दा और तंबाकू खाकर थूकने पर बैन रहेगा। गुजरात और महाराष्ट्र में ये कानून पहले से ही लागू है।
सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना वैश्विक महामारी है। इससे बचाव के लिएव्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजित स्तर पर स्वच्छता का बहुत महत्व है। सामन्य तौर पर आम लोगों द्वारा पान, तंबाकू और अन्य चबाए जाने वाले उत्पात को सार्वजनिक स्थानों पर थूक दिया जाता है जिससे कोरोना फैलने की आशंकारहती है। इसके चलते थूकने पर बैन लगाया जा रहा है।
थूकने पर छह माह का कारावास और जुर्माना भी
इसमें 6 माह का कारावास और जुर्माने की सजा होगी। जिसमें थानाप्राभारी लेवल पर जमानत का भी प्रावधान है। इसके अलावा धारा 54, आपदा प्रबंधन एक्ट, राजस्थान एपेडेमिक एक्ट की धारा 3 में भी केस दर्ज होगा। रिसर्च के अनुसार थूक में ऐसे जर्म्स होते हैं जो 24 घंटों तक जिंदा रहते हैं और किसी वायरस से होने वाली बीमारी फैलने का सबसे बड़ा कारण है।
भीलवाड़ा के लिए एक और राहत वाली खबर आई है। जिले के बापूनगर का जो शिक्षक कोरोना पॉजिटिव था, उसके सभी परिजनों की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक अन्य संदिग्ध व्यक्ति की रिपोर्ट भी निगेटिव आई। यह व्यक्ति शनिवार को वार्ड की खिड़की तोड़कर भाग गया था। जिसे पुलिस ने सुवाणा के नजदीक से पकड़कर वार्ड में भर्ती करवाया।
बापूनगर में रहने वाले शिक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसकी पत्नी और दोनों बेटियों को भी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उनका सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजा था। शिक्षक के20 मार्च से लगातार घर में ही होने से उनके परिजनों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका थी, लेकिन तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली। अब हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में एक ही पॉजिटिव रोगी बचा है। इसी तरह पॉजिटिव से निगेटिव होने के बाद रायला की एक विवाहिता जनरल वार्ड में भर्ती हैं।
ठीक होने के बाद भी 14 दिन घर में क्वारैंटाइन में रहेंगे लोग
जानकारी अनुसार, एमजी अस्पताल में आए 28 मरीजों में से चार को जयपुर भेज दिया गया था। दो की मौत हो गई। 20 मरीजों को डिस्चार्ज कियाजा चुका है। एक पेशेंन्ट निगेटिव है जो फिल्हाल जनरल वार्ड में भर्ती है। एक पॉजिटिव है जो आइसोलेशन में है।डिस्चार्ज हुए लोग14 दिन अपने घर में क्वारैंटाइन में रहेंगे।
भीलवाड़ा मॉडल जिसकी हो रही चर्चा
जिले के कुशलगढ़ में संक्रमित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को आई रिपोर्ट एक पांच साल की बच्ची को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टी हुई है। वो भी वार्ड 12 से ही है। कुशलढ़ में अब तक कुल 8 बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इससे पहले रविवार को2 साल और 9 साल की बच्ची के अलावा 8 साल का बच्चा भी संक्रमित मिला था। कुशलगढ़ में अब कुल 53 पॉजिटिव हो गए हैं।
पहले सभी संक्रमित एक ही वार्ड 12 में मिले थे। अब संक्रमित वार्ड-11 और 14 से भी मिले हैं। पहली बार पड़ोसी वार्ड से दो मरीजों के मिलने ने चिंता बढ़ा दी है कि संक्रमण अब एक ही वार्ड तक सिमित नहीं रहा है। ऐसे में अब समुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने का खतरा ओर भी बढ़ गया है।
घराेंमें क्वारेंटाइन कर ताला लगा दाे- पीड़ित
बाेहरा समुदाय के लाेगाें की मांग थी कि यदि क्वारेंटाइन ही करना है ताे उन्हें अपने घरों में ही क्वारेंटाइन कर दिया जाए। प्रशासन बाहर से ताले लगा दे, जिससे वे दूसरे परिवारों के संपर्क में भी नहीं आ सकेंगे। अपने घर में अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जी सकेंगे।
महिलाओंके बाथरूम में चिटकनी तक नहीं है
क्वारेंटाइन हाउस में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हैं। सभी का खान-पान, दवाएं, परहेज अलग-अलग हैं। इसके बावजूद खाना एक सा आ रहा है। पीने के लिए नगर पालिका से ठंडे पानी के कैंपर आ रहे हैं, जाे इस माहाैल में पीने योग्य नहीं। टीएडी हॉस्टल चूड़ादा में इन परिवारों ने अपने खर्च पर मिनरल वाटर के 50 कार्टून मंगवाए हैं। यहां लगभग साै लाेग क्वारेंटाइन हैं, जिनमें से 90 बाेहरा समुदाय के हैं। लेडीज व जेंट्स के लिए अलग-अलग पांच-पांच लेट बाथ हैं। महिलाओं के बाथरूम में चिटकनी तक नहीं। इस हॉस्टल में अाने वाले सफाईकर्मी से काफी मिन्नतें की ताे उसने एक डाेरी लाकर दी, जिसे बांधकर दरवाजा बंद किया जा रहा है। बच्चे व अन्य चाय-दूध तक काे तरस रहे। लेट-बाथ में पानी के मग्गे बाल्टियां तक नहीं थी, जाे बाद में उन्होंने मंगवाई।
सभी बेड दूरी पर रखे हैं- सीएमएचओ
सभी लाेगाें के बेड के बीच एक-एक मीटर की दूरी रखी। पालना ताे स्वयं उन्हें ही करनी हाेगी। सैंपलिंग की रिपोर्ट के बाद पॉजिटिव पाई जाने वालाें काे उदयपुर आरएनटी मेडिकल काॅलेज और निगेटिव रिपोर्ट वालाें काे स्थानीय क्वारेंटाइन सेंटरों में भिजवाया जा रहा है। हम उन्हें घरों मेंं भी क्वारेंटाइन कर सकते थे। लेकिन आशंका थी कि वे एक-दूसरे के संपर्क में आएंगे, इसलिए क्वारेंटाइन सेंटर पर रखा गया है।
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के लिए 44 पीपीई किट
कोरोना संदिग्ध की जांच और सेंपलिंग के लिए डॉक्टरों और स्टाफ को पीपीई किट पहनना जरूरी है, लेकिन यह किट भी जिले में पर्याप्त नहीं है। ड्रग वेयरहाउस में मात्र जिलेभर में वितरण के लिए 44 पीपीई किट ही स्टॉक में होना बताया गया। इसके अलावा 12 एन-94 मास्क और 63 सेनेटाइजर ही उपलब्ध है। ट्रिपल लेयर मास्क तक का स्टॉक खत्म हो चुका है। गाइड लाइन के अनुसार डॉक्टर्स को एक दिन में 3 बार पीपीई किट्स बदलनी पड़ती हैं।किट में गाउन, टोपी, शू-कवर, मास्क व ग्लव्स आते हैं अाैर एक पीपीई सिर्फ एक बार इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर के अलावा आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ, टेस्टिंग व सैंपलिंग में जुटे लोगों को इसकी जरूरत है।
कुशलगढ़ में कोरोना लगातार संक्रमित सामने आ रहे हैं। रविवार को यहां 15 नए केस पॉजिटिव मिले। इस बार 2 साल की मासूम भी कोरोना की चपेट में आ चुकी है। रिपोर्ट में 2 साल और 9 साल की बच्ची के अलावा 8 साल का बच्चा भी शामिल हैं। वहीं 84 साल के बुजुर्ग समेत 4 महिलाएं और 8 पुरुष हैं। कस्बे में अब तक 7 बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। कस्बे में कुल संक्रमितों की संख्या अब 52 तक जा पहुंची है। जिसके बाद छोटा सा कुशलगढ़ कस्बा प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव शहरों में दूसरे नंबर पर आ गया है।
पहले सभी संक्रमित एक ही वार्ड 12 में मिले थे। अब संक्रमित वार्ड-11 और 14 से भी मिले हैं। पहली बार पड़ोसी वार्ड से दो मरीजों के मिलने ने चिंता बढ़ा दी है कि संक्रमण अब एक ही वार्ड तक सिमित नहीं रहा है। ऐसे में अब समुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने का खतरा ओर भी बढ़ गया है। हालांकि, अभी भी सभी संक्रमित एक ही समुदाय के सामने आए है। इसके अलावा सर्वाधिक वार्ड 12 से संक्रमित मिले है। स्वास्थ्य विभाग पॉजिटिवों की हिस्ट्री निकालने के लिए आरएनटी मेडीकल कॉलेज के विशेषज्ञों की टीम जुटी हुई है।
351 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव
कुशलगढ़ में अब तक411 लोगों के सैंपल लिए गए। जिसमें से 351 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। वहीं 52 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं 8 की रिपोर्ट आना बाकी है।
कुशलगढ़ में दमकल से कर रहे सेनेटाइज
पिछले दो दिन में कुशलगढ़ में 25 काेराेना पाॅजिटिव पाए गए। कुल मामले 37 पर पहुंच गए। यहां काेराेना विस्फाेट जैसी स्थिति हाे गई। लेकिन लगता है कि इस सबसे ओजरिया निजी सब्जी मंडी के विक्रेताओं और वहां आने वालाें काे काेई फर्क नहीं पड़ता। प्रशासन ने फैसला लिया था, मंडी सुबह 6 बजे खुलेगी। किसान शाम काे माल बेचने अाएंगे, लेकिन दाे दिन यह व्यवस्था चली और सबकुछ पहले जैसे हाे गया। रात दाे बजे से मंडी खुल रही है। किसान भी इसी दाैरान माल बेचने आ रहे है, ऐसे में फिर बेलगाम भीड़ हाे गई है। ओजरिया मंडी की यह डराती तस्वीर सुबह 4 बजे की है। यहां मंडी में दूरी बनाए रखने की भी काेई व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए शहर में यहां से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। पुलिस और प्रशासन भी इसे हल्के में ले रहा है।
संकरी गलियों में कनात बांधकर रोका रास्ता, सब्जीमंडी वीरान
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शहर में भी इसका असर दिखाई दिया। यहां नई आबादी, बोहरावाड़ी में स्थानीय लोगों ने खुद ही एहतियातन प्रवेश मार्गों पर बेरिकेडिंग लगा दी। संकरी गलियों में कनात बांध दिए और हर रास्ते पर निजी स्तर पर सुरक्षा कर्मी तैनात नजर आए। आने-जाने वाले हर व्यक्ति को सुरक्षाकर्मी पूरी जानकारी लेने के बाद ही एंट्री देते दिखाई दिए।
शनिवार को कोरोना से ठीक हुए 9 व्यक्तियों को किया डिस्चार्ज किया गया। ये लोग लगातार तीन जांच निगेटिव होने के बाद वायरस फ्री घोषित किए गए। जिसके बाद कलक्टर ने डिस्चार्ज टिकट दे सभी को विदा किया। अब डिस्चार्ज हुए लोग14 दिन अपने घर में क्वारैंटाइन में रहेंगे। गौरतलब है कि सभी एमजी अस्पताल केआइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। अब भीलवाड़ा में 28 में सिर्फ दो रोगी बचे हैं।
डॉक्टर ने बताया कि एमजी अस्पताल में आए 28 मरीजों में से चार को जयपुर भेज दिया गया था। दो की मौत हो गई। 20 मरीजों को डिस्चार्ज कियाजा चुका है। एक पेशेंन्ट निगेटिव है जो फिल्हाल जनरल वार्ड में भर्ती है। एक पॉजिटिव है जो आइसोलेशन में है।
पॉजिटिव केस में भीलवाड़ा प्रदेश में चौथे नंबर पर आया
रिकॉर्ड के अनुसार अब भीलवाड़ा कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या के मामले में प्रदेश में चौथे स्थान पर आ गया है। सबसे ज्यादा 183 पॉजिटिव मरीजों के साथ जयपुर पहले, 42 संख्या के साथ जोधपुर दूसरे और 31 की संख्या के साथ झुंझूनूं तीसरे स्थान पर है। भीलवाड़ा में अब तक 28 पॉजिटिव केस आ चुके हैं।
शहर में होम आइसोलेशन में रह रहे 320 लोगों पर अब सरकारी कर्मचारी निगरानी रखेंगे। इसके लिए भीलवाड़ा एसडीएम ने सभी 320 लोगों के घरों पर तीन-तीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। इन सभी कर्मचारियाें काे आठ-आठ घंटे तक संबंधित व्यक्ति के घर पर ड्यूटी देनी हाेगी और उन पर निगरनी रखनी हाेगी। कहीं ये लाेग घराें से बाहर ताे नहीं निकल रहे हैं। सुबह छह से दाेपहर दाे बजे, दाेपहर दाे से रात 10 बजे और रात 10 से सुबह छह बजे की तीन पारियाें में हर पारी में अलग-अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। इन कर्मचारियाें में अधिकांश शिक्षक हैं।
सरकारी शिक्षक है आखिरी बचापीड़ित, कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं
अब जो व्यक्ति पॉजिटिव बचा हैवह बापूनगर ए सेक्टर में रहता है।बेगूं क्षेत्र के सादी गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक (47) हैं। जानकारों के अनुसार शिक्षक को पिछले कुछ दिन से खांसी-जुकाम था। वह कुछ दिनों पहले बापूनगर डिस्पेंसरी में चैकअप कराने गया था लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने पर एक-दो दिन पहले उसने एमजी हॉस्पिटल जाकर सैंपल दिया था। जो पॉजिटिव निकला।
भीलवाड़ा मॉडल जिसकी हो रही चर्चा
(रवि धाकड़) इनसान भी तो इन कठपुतलियों की तरह ही है, जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है। उदयपुर में बागोर की हवेली के म्यूजियम में तरह-तरह की ये कठपुतलियां मौजूदा दौर में कोरोना वायरस के कारण पनपे माहौल में गंभीर संदेश दे रही हैं। इस म्यूजियम में रखीं कठपुतलियों को इन दिनों मास्क पहनाकर सोशल डिस्टेंस पर बैठाया गया है। इन कठपुतलियों में राजा भी हैं और रंक भी, सेनापति भी हैं तो सिपाही भी, मंत्री भी हैं तो प्रजा भी, स्त्री है तो पुरुष भी।
इसके पीछे संदेश ये....
... ऐसा करनेके पीछे यहसंदेश देने की कोशिश की गई है कि भले ही आाप कोई भी हों, लेकिन कोरोना ऐसी खतरनाक बीमारी है जो किसी में भी भेद नहीं करती है। वह किसी को भी हो सकती है। बचाव ही इसका उपचार है और इसके तीन मंत्र हैं. ...घरमें रहें,मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंस रखें।
कोरोना वायरस से लड़ रहे भीलवाड़ा में गुरुवार देर रात एक नया केस पॉजिटिव आया। जिसने प्रशासन और चिकित्सा विभाग को चिंता में डाल दिया है। दरअसल अब तक भीलवाड़ा में जितने केस सामने आए, वो सभी बांगड़ अस्पताल से जुड़े थे। वहीं गुरुवार को सामने आया नया केस की ट्रैवल हिस्ट्री इस अस्पताल से जुड़ी नहीं है।
सरकारी शिक्षक है पीड़ित, कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं
जिस व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई वह बापूनगर ए सेक्टर में रहता है और वे बेगूं क्षेत्र के सादी गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षक (47) हैं। जानकारों के अनुसार शिक्षक को पिछले कुछ दिन से खांसी-जुकाम था। वह कुछ दिनों पहले बापूनगर डिस्पेंसरी में चैकअप कराने गया था लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने पर एक-दो दिन पहले उसने एमजी हॉस्पिटल जाकर सैंपल दिया था। जो पॉजिटिव निकला।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा के अनुसार उसने बताया कि वह 21 मार्च के बाद स्कूल नहीं गया और घर पर ही रह रहा है। एक-दो बार मोहल्ले में ही बाहर निकला था। वहीं गुरुवार दोपहर तक एमजी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती तीन पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट भी निगेटिव आने से जिले में कोई पॉजिटिव नहीं बचा था, लेकिन शिक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से अब आइसाेलेशन वार्ड में फिर एक पॉजिटिव मरीज हो गया है। शिक्षक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेडिकल टीम उसके घर पहुंची और उसे एंबुलेंस से लेकर एमजी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया। उसकी पत्नी भी टीचर हैं। शिक्षक की पत्नी और दोनों लड़कियों को भी हॉस्पिटल के संदिग्ध मरीजों के वार्ड भर्ती करवाकर उनका भी सैंपल लिया है।
भीलवाड़ा में अब 28 केस, जिसमें 15 पहले डिस्चार्ज हो चुके, 10 जनरल वार्ड में
भीलवाड़ा के 28पॉजिटिव में से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बाकी तीन पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट भी गुरुवार दोपहर में निगेटिव आने से प्रशासन व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। डॉ. नंदा ने बताया कि पॉजिटिव से निगेटिव हुए तीन मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनको स्टेप डाउन जनरल वार्ड में भर्ती किया है। पहले के सात और गुरुवार के तीन मरीज मिलाकर अब जनरल वार्ड में 10 मरीज हो गए हैं। इनकी एक और रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद इनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। 27 में से 15 मरीजों की पहले ही छुट्टी हो चुकी है। 10 जनरल वार्ड में भर्ती हैं और दो की मौत हो चुकी हैं।
शुक्रवार सुबह कुशलगढ़ के 12 और कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें दो बच्चे, पांच महिलाएं और पांच पुरुष हैं। अब तक सामने आए रोगी आमने-सामने एक ही गली के रहने वाले और आपस में रिश्तेदार हैं। कुशलगढ़ में 4 अप्रैल को पहली बार पिता-पुत्र पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद एक ही सप्ताह में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 24 पर पहुंच गई है। बच्चे पहली बार संक्रमित पाए गए हैं। यह सभी एक समुदाय से और वार्ड-12 के हैं। सभी एक ही गली से सामने आने के बाद ये बात पुख्ता हो गई है कि संक्रमित लोग आपस में सामूहिक भोज और नमाज के दौरान आपस में मिले थे, इससे उनमें संक्रमण फैल गया।
कुशलगढ़ में सभी संक्रमितवार्ड नंबर 12 में पाए गए है। यह सभी एक ही समुदाय के हैं। जिसके बाद भी यहां के लोग जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। यहां तक लोग घरों के बाहर ताला लगाकर अंदर कैद हो गए। अभी तक वार्ड के 525 लोगों में से 216 की स्क्रीनिंग हो पाई है। अब इसका अलग कारण सामने आया है, जिसमें बताया कि क्वारेन्टाइन वार्ड में व्यवस्थाएं बहुत खराब है। ऐसे में लोगों को डर है कि जांच कराने के लिए उन्हें वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।
लोगों का कहना है कि बेहतर सुविधाओं वाली जगह पर शिफ्ट किया जाए तो सभी जांच के लिए सामने आ जाएंगे। विकल्प के रूप में बांसवाड़ा कस्बे की अब्दुल्ला पीर दरगाह, एमएसबी स्कूल अथवा डूंगरपुर जिले के गलियाकोट स्थित दरगाह की धर्मशाला का सुझाव दिया गया है।
समुदाय का प्रतिनिधिमंडल मिलने पहुंचा
जानकारी अनुसार प्रशासन और मेडिकल की टीमें जब घरों में सर्वे व जांच के लिए पहुंची तो उन्हें भीतर से कोई जवाब नहीं दिया जाता। उन्होंने बांसवाड़ा में समाज के लोगों से फोन पर बात कर सहायता की अपील की। इस पर बोहरा समाज का दो सदस्यी प्रतिनिधिमंडल गुरुवार दोपहर कलेक्टर कैलाश बैरवा और एडीएम नरेश बुनकर से मिलने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को बताया कि मेडिकल जांच के बाद बोहरा समुदाय के जिन लोगों को प्रशासन ने क्वारेन्टाइन वार्ड में भेजा है। वहां की सुविधाओं का अभाव है। बोहरा समुदाय अच्छी जीवन शैली जीने के आदी हैं। उनके घरों में सारी सुख- सुविधाएं मौजूद हैं। टीएडी होस्टल में सवा सौ महिला-पुरुषों को रखा गया है। वहां दस शौचालय-बाथरूम आदि हैं। तेज गर्मी में और परेशानी बढ़ रही है। अत: इन लोगों को होटलों अथवा ऐसी अन्य जगहों पर रखा जाएं अटैच लेट-बाथ के साथ ही अन्य बेहतर सुविधाएं हो।
1000 की ओपीडी वाले एमजी अस्पताल में इक्का-दुक्का मरीज
यहां अस्पताल में सुबह 10 बजे इक्का-दुक्का मरीज ही नजर आए। आम दिनों में यहां सुबह ओपीडी के वक्त लंबी कतार लगी रहती है। लेकिन धारा 144 और लाॅकडाउन का असर जिले के सबसे बड़े एमजी अस्पताल में भी दिखाई दिया। 900 से 1000 की औसत ओपीडी वाले इस अस्पताल में अब रोजाना 100 से 150 तक ही मरीज पहुंच रहे है। पूरे अस्पताल को क्वारेंटाइन और आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। 160 बैड इसके लिए रिजर्व कर लिए गए है। प्रवेश द्वार को भी बंद कर दिया गया है। सुरक्षा के तौर पर अस्पताल में प्रवेश से पहले और बाहर निकलने वालों के लिए ऑटो सेनेटाइज डोर बनाया गया है। यहां पर बाहरी किसी व्यक्ति को कड़ी पूछताछ के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। सामान्य दिनों में अस्पताल में एक मरीज के साथ पांच से भी ज्यादा परिजन और रिश्तेदार पहुंचते थे अब उस पर भी सख्ती कर दी गई है। छुट्टी मिलने पर मरीज को प्रवेश पर द्वारा पर ही परिजनों के हवाले कर घर भेजा जा रहा है। इसके अलावा इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि बेहद जरूरी होने पर ही किसी मरीज को भर्ती किया जाए। मुख्य द्वारा पर जहां पहले ओपीडी काउंटर था वहां अब स्क्रिनिंग टीम तैनात रहती है।
संकरी गलियों में कनात बांधकर रोका रास्ता, सब्जीमंडी वीरान
कोरोनापॉजिटिव आने के बाद शहर में भी इसका असर दिखाई दिया। यहां नई आबादी, बोहरावाड़ी में स्थानीय लोगों ने खुद ही एहतियातन प्रवेश मार्गों पर बेरिकेडिंग लगा दी। संकरी गलियों में कनात बांध दिए और हर रास्ते पर निजी स्तर पर सुरक्षा कर्मी तैनात नजर आए। आने-जाने वाले हर व्यक्ति को सुरक्षाकर्मी पूरी जानकारी लेने के बाद ही एंट्री देते दिखाई दिए। हालांकि, एकाएक बदली इस व्यवस्था से रोजमर्रा की चीजों के लिए बाहर निकले कुछ लोगो को परेशान भी हाेना पड़ा। यहां पाला रोड से, कोतवाली वाली गली से उपाध्याय पार्क के पीछे के रास्ते से होकर नई आबादी की तरफ जाने वाले हर रास्ते पर प्रवेश रोक दिया गया। लॉकडाउन के बाद भी सुबह गोल चौराहा और बाकि इलाकों में थोड़ी बहुत चहल-पहल दिखाई देती थी लेकिन गुरुवार को यहा सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। मौजूद केप्टन फरहज दत्त ने बताया कि सेल्फमोनिटरिंग की जा रही है। जिससे की संक्रमण न फैल पाए। हलांकि, इस संबंध में प्रशासन से जानकारी ली तो बताया गया कि शहर के किसी भी इलाके को अलग से सील करने के कोई आदेश जारी नहीं किए है। इससे सटी हुई सब्जीमंडी इन दिनों वीरान हैं। इसी वजह से इस इलाके में पूरे दिन चहल-पहल रहती थी।
केवल किराणा, मेडिकल और दूध डेयरी ही खुली
शहर की खांदू काॅलाेनी में लॉकडाउन के चलते केवल केवल किराणा, मेडिकल अाैर दूध डेयरी की खुली हैं। इसके अलावा सब्जीवाले घर-घर सब्जी देने जा रहे हैं। हालांकि कुछ सब्जीवालों की दुकानें भी खुली हैं। खासबात ये कि यहां कई शिवमंदिर भी हैं, जहां केवल पूजा के बाद ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। सुबह 8 बजे कुछ लाेग दूध अाैर सब्जियां लेने बाहर अाए। सुबह 11 बजे तक डिस्पेंसरी पर मरीज इलाज लेने अाैर दवाइयां लेने अाते रहे, लेकिन इसके बाद वहां की सड़कें सुनी हा़े गई। यहां चौराहे पर कुछ पुलिसकर्मी तैनात हैं। नर्सिंग स्टूडेंट्स घर-घर सर्वे कर रहे हैं। बाहुबली काॅलाेनी के बीच में ही जिनालय है, जहां कुछ सब्जी वाले बैठे हुए थे। इससे अागे हैंडपंप से कुछ लाेग पीने का पानी लेते नजर अाए। लेकिन इसके अलावा बेवजह लाेग बाहर नहीं निकले। काॅलाेनी के मुहाने पर तीन सब्जी अाैर फल विक्रेता के लाेग खड़े हुए थे। सुबह 11 बजे तक वहां से लाेग सब्जियां अाैर फल ले जाते नजर अाए। दाेनाें ही काॅलाेनी में अंधेरा हाेते ही लाेग टहलने निकल गए। हालांकि इस दाैरान उन्होंने साेशल डिस्टेंस की पालना की।
सुबह-शाम ढीला लॉकडाउन दोपहर में पुलिस की सख्ती
डूंगरपुर रोड और उदयपुर रोड प्रताप सर्किल। जहां सुबह 8 बजे से ही काफी लोगों की आवाजाही देखी गई। डूंगरपुर रोड पर पुलिस का बना प्वॉइंट है, लेकिन सुबह 8 बजे तक वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं नजर आ रहा था। लोग डूंगरपुर रोड से गांवों से शहर में आ रहे थे। उसके बाद सुबह 9 बजे पुलिसकर्मी यहां पहुंचे। वहीं प्रताप सर्किल पर सुबह से ही कुछ पुलिसकर्मी थे जो धीरे धीरे समय गुजरता गया पुलिसकर्मियों की भी संख्या बढ़ती गई। लेकिन लोग घरों से बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे थे। लोग बैंक, अस्पताल, राशन, मेडिकल सहित कई जरूरी सामान की बात कहकर शहर में प्रवेश कर रहे थे। साथ ही कई लोग तो अपनी बाइक पर तीन तीन लोगों बैठाकर अंदर आना चाह रहे थे। महिलाएं अपनी मजबूरी का हवाला देते हुए अंदर आने की कोशिश कर रही थी। शहर के अंदर भी ऐसे ही हालात थे। बैंकों के बाहर काफी भीड़ देखने को मिल रही थी। उसके अलावा राशन की हर दुकान के बाहर 5-7 लोग थे, गैस एजेंसी के बाहर भीड़, बाइक से बाहर घूमते हुए लाेग। दोपहर 2 बजे के बाद वास्तव में शहर में लॉक डाउन जैसी स्थिति दिखती है।
प्रशासन: सुबह से रात तक कुशलगढ़ क्षेत्र पर ही नजर
जिला कलेक्ट्रेट कक्ष इन दिनों काेराेना महामारी से निपटने के लिए वार रूम बना हुआ है। जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा, एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ गोविंद सिंह राणावत की टीम सुबह से रात तक यहीं से पूरे जिले की मॉनिटरिंग कर ही है। एडीएम बुनकर सुबह अाते ही सबसे पहले जिले के कुशलगढ़ बीडीओ से बात कर वहां की स्थिति की जानकारी लेते हैं। कर्फ्यूग्रस्त कुशलगढ़ के जिन तीन वार्डों काे पूरी तरह सील किया गया, वहां के लाेगाें की स्क्रीनिंग, उस इलाके में खाद्य सामग्री, दूध सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का अपडेट लिया जा रहा है। मेडिकल टीमों ने कितनों की स्क्रीनिंग कर ली, कहीं काेई परेशानी ताे नहीं। इसके साथ ही शेल्टर हाेम में रहने वाले लाेगाें की स्थिति, उनके खाने-पीने सहित अन्य जानकारियां। उनके उपचार व निगरानी में लगे कार्मिकों काे काेई परेशानी या सहायता की आवश्यकता के बारे में बातचीत। समस्या सामने आने पर तत्काल समाधान के लिए संबंधित अधिकारी काे निर्देश। सीईओ गोविंद सिंह राणावत रसद विभाग, एसडीएम, तहसीलदार, सभी बीडीओ व आवश्यकता हाेने पर ग्राम विकास अधिकारियों से बातचीत कर हर पात्र व्यक्ति के खाते में सरकारी सहायता राशि जमा कराने की कार्यवाही में व्यस्त। इस बीच जिला कलेक्टर इन अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर अपने स्तर पर संबंधित से बातचीत कर आवश्यक निर्देश देते हैं। मतलब हर विभाग, हर अधिकारी इन दिनाें पूरा व्यस्त है, मकसद सिर्फ यह है कि जिला काेराेनामुक्त हाे।
ढाई घंटे में 345 बाइक कार-जीप की आवाजाही
मकोड़िया पुल पर पुलिस ने गश्ती बढ़ा दी। यहां सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 से रात 10 और रात 10 से सुबह 6 बजे तक तीन शिफ्टों मंे 4-5 पुलिसकर्मी सेवा दे रहे हैं। हर अाने जाने वाले काे राेककर पूछताछ की जा रही है। जरूरी हाेने पर ही इन लाेगांे काे शहर में प्रवेश दिया जा रहा है। गुरुवार सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक दाे घंटे अाैर दाेपहर 1 से 1.30 बजे तक कुल 345 वाहनाें की अावाजाही रही, इनमें बाइक, कार, जीप, पिकअप, ट्रैक्टर, ट्रक शामिल रहे। इनमें कार अाैर बाइक सवार अधिकांश लाेगाें से राेककर पूछताछ की ताे बताया कि वे बाजार मंे दवा लेने, निजी अस्पताल में बताने, बैंक और एटीएम से रुपए निकालने, किराणा और सब्जी खरीदने रहे हैं। यहां पर हर आने जाने वाले को पुलिस रोककर पूछ रही थी। पुलिस से पूछने पर बताया कि कुशलगढ़ में 12 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ऐसे में कुशलगढ़ से बांसवाड़ा और बांसवाड़ा से कुशलगढ़ जाने का एक मात्र रास्ता यही है। जरा सी लापरवाही तो कहीं कुशलगढ़ का कोरोना बांसवाड़ा में न घुस जाए। इसलिए इस चैकपोस्ट पर सभी को रोककर पूछताछ की जा रही है।
जेल विभाग से शुरू हुए ई-मुलाकात याेजना का लाॅकडाउन में कैदी लाभ ले रहे हैं। हर दिन 5 से 6 कैदी अपने परिवार के सदस्याें से जेल में बैठे-बैठे बात कर रहे हैं। इससे संक्रमण का डर भी नहीं है। गुरुवार काे भी टीडी के पडुणा फला निवासी बंदी विजय पुत्र भगताराम ने अपने परिवार के साथ वीडियाे काॅलिंग कर बात की। उसने परिवार के सदस्याें काे काेराेना संक्रमण से बचाव के लिए घर से नहीं निकलने और आवश्यकता हाेने पर निकलने से पहले मास्क लगाने के लिए कहा।
जेल अधीक्षक एसपी शेखावत ने बताया कि विभाग की 2 अप्रैल से शुरू हुई याेजना में कैदियाें काे उनके परिवार के सदस्योंके साथ वीडियाे काॅलिंग से बात करवा रहे हैं। इसमें 5 मिनट मुलाकात का समय दिया जाता है। इसके बाद काॅल काट देते है। इसके लिए जेल में वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष काे उपयाेग में लिया जा रहा है।
यह याेजना : जेल में वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा पहले से ही है। इसी से कैदियाें के परिजनाें की ऑनलाइन मुलाकात कराई जा रही है। परिजनाें काे माेबाइल से कनेक्ट कर दिया जाता है औरकाॅलिंग पर बात करवाते है। पहले परिजनाें काे विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करना हाेता है। आवेदन काे जेल अधीक्षक वेरिफाई करने के बाद अनुमति देते है। इसके बाद जेल से काॅल किया जाता है। अभी अंडर ट्रायल कैदियाें काे सात दिन में और सजायाफ्ता काे 15 दिन में एक बार जेल में परिजनाें से मिलने की अनुमित दी जाती है।
प्रदेश में काेराेना वायरस की शुरुआती दस्तक उदयपुर में घूमकर गए इटली के दल में शामिल दंपती के जयपुर में काेराेना पाॅजिटिव आए जाने काे लेकर हुई। इसके बाद यहां पुलिस और प्रशासन ने बड़ी मुस्तैदी के साथ इसे गंभीरता से लेते हुए क्विक एक्शन लिए। इसी का नतीजा है कि उदयपुर में यह वायरस कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति में नहीं पहुंचा। हालांकि माैजूद वक्त में उदयपुर शहर में एक ही परिवार के चार स्थानीय लाेग काेराेना की जद में हैं, लेकिन इनमें संक्रमण के मूल स्राेत का अभी पता नहीं लग पाया है। वहीं रजा काॅलाेनी में रहने वाले इस परिवार के केस काे भी पुलिस ने गंभीरता से हैंडल किया।
काेराेना काे लेकर पुलिस के एक्शन प्लान काे लेकर एसएसपी कैलाश चन्द्र बिश्नाेई ने भास्कर से खास बातचीत में बताया कि इटली के दंपती के केस की जानकारी मिलते ही, 240 पुलिसकर्मियाें की 80 टीम बनाकर हमने दाे दिन में 1200 हाेटल काे चैक किया। वहां पर ठहरे हुए विदेशियाें के रिकाॅर्ड लिए और उनके मूवमेंट की जानकारी रखी गई। साथ ही देश के संदिग्ध जिलाें औरराज्याें से आने वालाें काे हाेम क्वारैंटाइन किया औरउनकी निगरानी के लिए पुलिस अधिकारी और बीट कांस्टेबल काे तैनात किया।
प्रश्न : चार पाॅजिटिव एक ही घर से मिलने के बाद क्या प्लानिंग की?
जवाब -मल्लातलाई सहित 16 कर्फ्यू क्षेत्र में 15 जगहों पर कड़ी नाकाबंदी की गई। तीन शिफ्ट में 100 का जाब्ता लगाया जिसकी माॅनिटरिंग डीएसपी स्तर के अधिकारी काे दी गई। सभी सीधे मेरे संपर्क में हैं। कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर तुरंत कार्रवाई की। जैसे बुधवार काे मस्जिद में इकट्ठा हाेने पर 9 लाेगाें के खिलाफ मुकदमा औरफैक्ट्री खुली हाेने पर व्यापारी पर मुकदमा दर्ज किया गया।
प्रश्न : प्रदेश में सबसे ज्यादा 80000 लाेग उदयपुर जिले में क्वारेंटाइन हैं, कैसे व्यवस्था की जा रही है?
जवाब- हां, उदयपुर में अभी 80000 लाेग क्वारैंटाइन हैं। विदेश, देश के अलग राज्याें औरजिलाें से आने वाले लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया। घराें पर नाेटिस चस्पा किए। इनकी निरागनी पुलिस अधिकारी औरबीट कांस्टेबल कर रहे हैं। उल्लंघन पर मुकदमा भी दर्ज किया।
प्रश्न :अचानक गुजरात से हजाराें मजदूर पलायन कर उदयपुर बाॅर्डर पर पहुंचे, इस चुनाैती से कैसे निपट रहे हैं?
-जिले के नाकाें की संख्या बढ़ाई और परिवहन, चिकित्सा की टीमें लगी। यहां तक कि गुजरात से जिले में आने वाले कच्चे रास्ताें पर करीब 20 जगह नाकाबंदी कराई। स्क्रिनिंग कर 838 मजदूराें काे प्रशासन से निर्धारित 6 शेल्टर हाेम में भेजा। रतनपुर बाॅर्डर पर अंतरराज्यीय समन्वय बैठक के बाद पलायन रुका।
प्रश्न :मार्च में प्रदेश में काेराेना की दस्तक के साथ ही शुरुआती प्लानिंग क्या रही?
जवाब- संक्रमण की शुरुआत बाहरी लाेगाें से हाे रही थी इसलिए हाेटल, धर्मशाला, एयरपाेर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर जाब्ते काे भेजा। गुजरात से अाने वाले रास्ताें पर नाकाबंदी की। मेडिकल टीम काे साथ लेकर स्क्रिनिंग शुरू कर दी थी।
प्रश्न :जिले में कितना जाब्ता है अाैर कितने की जरूरत, नाकाबंदियाें में कैसे व्यवस्था की?
जवाब-जिले में पुलिस का 3000 और 500 से ज्यादा आरएसी औरएमबीसी का जाप्ता तैनात है, जाे फिलहाल कम नहीं है। पहले गुजरात, चित्ताैड़, सिराेही से लगती सीमा काे सील किया। शहर की बाहरी सीमा में लाॅक किया। शहर में भी 60 जगह नाकाबंदी लगाई। इन नाकाें पर 300 से अधिक पुलिस और450 हाेमगार्ड तैनात किए।
प्रश्न : जयपुर में कर्फ्यू क्षेत्र में लगातार काेराेना के मामले सामने अा रहे हैं, यहां विस्फाेटक स्थिति बनने से कैसे राेका?
जवाब -शुरू से ही सख्ती के कारण बेकाबू वाली स्थिति नहीं हाेने दी। एड्रेस सिस्टम और सायरन का यूज कर लाेगाें काे पालना के निर्देश दिए। उल्लंघन करने पर 28 मुकदमे दर्ज कर 33 लाेगाें काे गिरफ्तार किया। निराेधात्मक प्रावधानाें में 167 गिरफ्तार किए। अनावश्यक घर से निकलने पर 633 चालान और1822 वाहन जब्त किया।
प्रश्न : एक हाथ से पुलिस कानून व्यवस्था कर रही अाैर दूसरे हाथ से जरूरतमंदों काे खाना दे रही?
जवाब -प्रत्येक पुलिसकर्मी इस वक्त अपने दायित्वाें का निर्वहन कर रहा है। ड्यूटी के दाैरान जरूरतमंद व्यक्तियाें काे एनजीओ की सहायता से फूड पैकेट्स, खाद्य सामग्री, मास्क सेनेटाइजर बांट रहे हैं, वहीं लाॅकडाउन औरकर्फ्यू काे लेकर सख्ती भी बरती जा रही है।
प्रश्न :14 मार्च तक लाॅकडाउन के बाद की क्या प्लानिंग है?
जवाब -लाॅकडाउन का सरकार स्तर पर ही निर्णय लिया जाएगा। आगे लाॅकडाउन काे बढ़ाया जाएगा ताे भी इसी प्रकार से सख्ती रहेगी।
कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए नगर निगम स्तर पर किए जा रहे प्रयास के तहत अब निगम ने ऑटोमेटिक सैनिटाइजर केबिन भी तैयार कर लिया है। इसको शुक्रवार को एमबी हॉस्पिटल परिसर में लगाना तय किया है। निगम की गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी, शाखा प्रभारी बाबूलाल चौहान, विद्युत शाखा के एईएन हरकलाल माली के प्रयासों से अब निगम ने ऑटोमेटिक सैनिटाइजर केबिन तैयार किया है।
10 सैकंड में आदमी हो जाएगा पूरा सैनिटाइज
निगम के इस सिस्टम की खासियत यह है कि एक बार आदमी इस केबिन के अंदर जाने पर 10 सैकंड में वह फूल सैनिटाइज होकर बाहर निकलेगा। एमबी हॉस्पिटल परिसर में शुक्रवार को जगह तय कर इस केबिन को रखा जाएगा। निगम इससे पहले महाकाल मंदिर तिराहे, एमबी हॉस्पिटल परिसर में सुपर स्पेशियलिटी विंग बिल्डिंग के बाहर और भूपालपुरा क्षेत्र में सीएमएचओ ऑफिस जाने वाले रास्ते पर सैनिटाइजर शॉवर लगा चुके हैं।
लोगो को सावधानी रखने की भी जरूरत
आदमी के इस केबिन के अंदर जाने पर सेंसर ऑन होकर स्प्रे से सैनिटाइजर शुरू हो जाएगा। पानी और सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल का स्प्रे होगा। ऐसे में आदमी को 10 सैकंड तक आंख और मुंह बंद रखने की सावधानी रखनी होगी। संभव हो सके तो इन 10 सैकंड में सांस रोकने का प्रयास भी करना ठीक रहेगा। ताकि शरीर के अंदर इस रसायन का प्रवेश नहीं हाे
(विशु वाट्स).कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच पुलिस के जवान दिन-रात सड़कों पर तैनात हैं। ऐसे में इनके संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादाहै। जिसके चलते हनुमानगढ़जिले कीसंगरिया पुलिस की ओर से सैनिटाइजर चेंबर बनाया गया है। इसकी शुरुआत बुधवार को एसपी राशि डोगरा ने की। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को अपनी चिंता होना लाजमी है। इसके लिए पुलिस के जवान अपने स्तर पर भी इंतजाम करने लगे हैं। सैनिटराइजर चेंबर संगरिया थाने के स्टाफ एवं हर आने जाने बाले को संक्रमण से बचाने के लिए बनवाया है।
थानाप्रभारी ने लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों की चिंता करते हुए उनको सैनिटाइजकरने के लिए यह पहल की है। जिसमे सैनिटाइजर का स्प्रे किया जाता है। इस चेंबरमें पांच सेकंड में ही पुलिस के जवान पूरेसैनिटाइजहो रहे हैं। यह तरीका अन्य थाने भी अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे बाहर से आने वाली जनता और स्टाफ पूरी तरह से सिर से लेकर पैरतक सैनिटाइज हो जातेहैं। जिससे कोरोना संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
पूछताछ करते वक्त भी दूरी बनाए रखे
एसपी राशि डोगरा ने बताया कि उन्होंने जिले की पुलिस को ग्लब्ज, मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराए हैं। साथ ही पुलिस जवानो को अन्य व्यक्तियों से पूछताछ करने, समझाइश करते समय जरूरी दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
जिले के कुशलगढ़ कस्बा कोरोना महामारी की जद में आ चुका है। बुधवार को यहां एक नया केस सामने आया। जिसमें 50 साल की महिला कोरोना संक्रमित मिली। जो पहले पॉजिटिव मिले लोगों से संपर्क में आई थीं। संक्रमितों में 6 महिलाएं हैं। बीते 72 घंटे में कस्बे में 10 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि ने स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।
मंगलवार को यहां 7 लोग पॉजिटिव मिले थे। सभी संक्रमित कुशलगढ़ कस्बे के एक ही वार्ड 12 के और एक ही समुदाय के है। संक्रमित आपस में एक-दूसरे के रिश्तेदार भी हैं। कुशलगढ़ में तैनात आरएनटी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों की रेपिड रिस्पोंस टीम पिता-पुत्र के संपर्क आने वाले 200 लोगों की लिस्ट तैयार कर चुकी है। 300 अन्य लोगों की लिस्ट तैयार करने में जुटी हुई है।
सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन कस्बे में कोरोना संक्रमण कैसे और किस रास्ते पहुंचा। संक्रमित खुद बाहर गए थे या कोई बाहरी व्यक्ति इन्हें संक्रमित कर गया, यह भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि गुजरात और मुबई से आए लोगों से संक्रमण फैलने की आशंका मौटे तौर पर जताई जा रही है। 4 दिन पहले तक पूरे प्रदेश में बांसवाड़ा को कोरोना से सुरक्षित जिले के तौर पर जाना जा रहा था वहीं अब बांसवाड़ा प्रदेश में 8वें पायदान पर आ गया है। अब तक 155 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिसमें 102 निगेटिव और 10 पॉजिटिव आए हैं। 45 की जांच पेंडिंग है।
बरसी में हुआ था सामूहिक भोज
17 मार्च को कस्बे में एक समुदाय विशेष में बरसी का कार्यक्रम हुआ था, जहां सामूहिक भोज हुआ। जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी लोग भी शामिल हुए। संक्रमित भी उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार ने बताया कि इस सामूहिक भोज में बाहर से भी लोगों के आने की आशंका है। जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है। यहां भर्ती बुजुर्ग की कोरोना संदिग्ध पत्नी की 31 मार्च को मौत हो गई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। मृतक महिला के जनाजे में शामिल होने वालों की भी तलाश की जा रही है।
शादी समारोह में कुवैत से आए थे लोग
मार्च में कुशलगढ़ में हुए एक शादी समारोह से वायरस फैलने की आशंका है। 26 फरवरी को शादी थी और एक मार्च को रिसेप्शन हुआ। इसी रिसेप्शन में बोहरा समुदाय के काफी लोग में शरीक हुए थे। समारोह में कुवैत से भी कुछ मेहमान आए थे। यहां से संक्रमण फैलने की आशंका इसलिए भी ज्यादा जताई जा रही है क्योंकि, इसी समारोह में कोरोना पॉजिटिव व्यापारी भी शामिल हुआ था। रेपिड रिस्पोंस टीमें इस दिशा में भी जांच में जुट चुकी है। मंगलवार को सामने आए पॉजिटिव रोगियों के भी इस शादी में जाने की बात सामने अा रही है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज की टीम के विशेषज्ञों ने भी शादी में शामिल लोगों की जांच के लिए स्थानीय अधिकारियों को सुझाव दिए है।
जिले के कुशलगढ़ कस्बे में मंगलवार को यहां 7नए लोग पॉजिटिव पाए गए। जिसमें 28 साल का एक युवक,चार महिलाएं, वहींदो 55 और 45 साल के पुरुषशामिल हैं। सभी पहले पॉजिटिव पाए गए दो लोगों के परिवार से हैं या फिर संपर्क में आए। अब इस सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। वहीं सबसे पहले संक्रमित पाए गए पिता-पुत्र की हिस्ट्री भी मेडिकल और प्रशासन की टीमों के लिए मिस्ट्री बन गई है। अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि कोरोना कस्बे में कैसे आया। अब यहां संक्रमितों की संख्या 6 हो गई है।
जिले में अब तक 98 सैंपल लिए जा चुके हैं। जिसमें 62 लोगों की निगेटिव रिपोर्ट आई हैं। वहीं 30 सैंपलों की रिपोर्ट आनी अभी शेष है। कुशलगढ़ मेंपॉजिटिव केस आने के बाद लगातार 3 किमी क्षेत्र में सैंपलिंग ली जा रही है। इसी में यह 4 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। अब इनकी ट्रेवलिंग हिस्ट्री जुटाई जा रही है। पिता-पुत्र कोरोना से संक्रमित कैसे हुए इसका पता अब तक नहीं चल पाया है। ऐसे में इन चार एक ही समुदाय के लोगों में पॉजिटिव रिपोर्ट आने से अब फिर से कम्यूनिटी स्प्रेट का खतरा बढ़ गया है।
अब 3 किमी के दायरे में होगी स्क्रीनिंग, कर्फ्यू में ड्रोन कैमरे से रखी जाएगी नजर
पहले स्क्रिनिंग और जांच का दायरा संक्रमित पिता पुत्र के घर से 1 किमी तक का रखा गया था जो अब बढ़ाकर 3 किमी तक कर दिया है। यानी 3 किमी तक के दायरे में रहने वाले लोगों की जांच की जा रही है। उधर, बांसवाड़ा में पिता-पुत्र की हिस्ट्री खंगाल रही आरएनटी मेडिकल कॉलेज की रेपिड रिस्पोंस टीम को पता लगा है कि वहां विभिन्न कार्यक्रम और नमाज के दौरान करीब 100 घरों के 500 लोग इनके संपर्क में आए, जिनकी लिस्टिंग और टेस्टिंग का काम चल रहा है। सोमवार को भी कुशलगढ़ में सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। कुशलगढ़ में कर्फ्यू की के दौरान निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है।
जाब्ते की कमी पर 600 पुलिस मित्रों की फौज तैयार
कुशलगढ़ में पॉजिटिव केस मिलने के बाद पड़ोसी आसपुर के पारड़ा सोलंकी और सीमलवाड़ा के कुछ हिस्से में भी कर्फ्यू है। कुशलगढ़ में 4 पॉजिटिव केस सामने आने पर चार दिन से कर्फ्यू लगा है। इस समय प्रदेशभर में पुलिस जाब्ते की जरूरत पड़ रही है। इसी स्थिति को भांपते हुए और आगे पुलिस जाब्ते की कमी न पड़े इसलिए बांसवाड़ा पुलिस ने पुलिस मित्रों की पूरी फौज तैयार कर दी है। थानेवार शहर, गांव और कस्बों से करीब 600 नौजवानों की एक पूरी बटालियन बनाई गई है। अब इन्हीं पुलिस मित्रों की मदद से रात का गश्त से लेकर जरूतमंदों तक भोजन पहुंचाने और पाइंट पर तैनात पुलिस तक जरूरी सामान पहुंचाने में सहयोग लिया जा रहा है।
डूंगरपुर के सीमलवाड़ा निवासी कोरोना पॉजिटिव 22 वर्षीय युवक औकआसपुरा तहसील के पारड़ा साेलंकी गांव के 11 वर्षीय किशाेर काे सोमवार को आरएनटी की सुपर स्पेशियलिटी विंग के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती किया है। 22 वर्षीय युवक ने बताया कि वह तब्लीगी जमात से जुड़ा है। इसी के सिलसिले में 23 फरवरी से 26 मार्च तक गुजरात के गोधरा स्थित हल्का नंबर-5 में रहा था।
60-70 लाेग साथ ही नमाज अदा करते थे
युवक ने बताया कि वहां करीब 60-70 लाेग साथ ही नमाज अदा करते थे। 27 को सीमलवाड़ा आए तो अस्पताल में जांच कराई। इसके बाद चार दिन घर के एक कमरे में क्वारेंटाइन रहा। घर में माता-पिता, भाई-भाभी, बहन और ढाई साल की बच्ची है। इसके बाद उसे गांव के पास एक हॉस्टल में क्वारैंटाइन किया गया। उस हॉस्टल में 17 अन्य साथी भी रहते थे, जिनकी रिपोर्ट अभी निगेटिव आई है। युवक ने बताया कि वह चार माह के चिल्ले पूरे करने के बाद दिल्ली स्थित मरकज में एक दिन के लिए जाना चाहता है।
डूंगरपुर जिला प्रशासन और गुजरात सरकार युवक के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की तलाश और संक्रमण के केंद्र को ढूंढने में जुट गए हैं। यह युवक तब्लीगी जमात से संबंध रखता है या नहीं, और कितने लोग इसके संपर्क में रहे हैं, यह हकीकत पुलिस जांच के बाद सामने आएगी। वहीं संभाग का अब तक का सबसे छोटा 11 साल का कोरोना पॉजिटिव किशोर, हालही में पॉजिटिव से निगेटिव हुए पिता-पुत्र-दादा के ही परिवार से है।
उदयपुर के लाेगाें की सुधर रही सेहत : बांसवाड़ा के पिता-पुत्र के संपर्क में आए 100 घरों के 500 लोगों को तलाश रही है मेडिकल टीम
सुपर स्पेशियलिटी के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती रजा कॉलोनी, मल्लातलाई के भाई-बहन, नर्स ताई-ताऊ की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। वहीं कुशलगढ़ बांसवाड़ा के पिता-पुत्र को भी फिलहाल ताे काेई परेशानी नहीं हुई है लेकिन डाॅक्टर फिर भी पूरी एहतियात बरतरहे हैं। बांसवाड़ा में पिता-पुत्र की हिस्ट्री खंगाल रही आरएनटी की रेपिड रिस्पोंस टीम को पता लगा है कि वहां विभिन्न कार्यक्रम और नमाज के दौरान करीब 100 घरों के 500 लोग इनके संपर्क में आए, जिनकी लिस्टिंग और टेस्टिंग का काम चल रहा है। यह किशोर 3 मार्च को उदयपुर में क्रिकेट खेलने अपने साथियों के साथ आया था।
किशोर बोला : कोरोना वायरस बहुत बुरा है, भाई के पास सोने से मुझे भी चिपक गया, सर्दी-बुखार-खांसी कर दी
11 साल के किशोर उमेश (परिवर्तित नाम) ने बताया कि यहां भर्ती गजेंद्र (परिवर्तित नाम) उसके ताऊ हैं। वह अपने माता-पिता के साथ इंदौर में रहता है। वह 25 मार्च को बाइक से इंदौर से गांव आया था। किशोर ने बताया कि वह उस रात कोरोना पॉजिटिव रहे गजेंद्र के बेटे के पास ही सो गया था। जिसे 11 दिन बाद बुखार-खांसी-सर्दी की शिकायत हुई तो डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आरएनटी रैफर कर दिया गया। 11 साल के किशोर ने बताया कि यह वायरस बहुत खराब है, जो ताऊ के बेटे के पास सोने से ही उससे चिपक गया और उसने बहुत तेज बुखार-खांसी-सर्दी कर दी। किशोर का कहना है कि यह कोरोना वायरस उसके पूरे परिवार के लिए अभिशाप बनकर आया है, परिवार के 6 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।
नगर निगम ने सोमवार को एमबी हॉस्पिटल परिसर में सुपर स्पेशियलिटी विंग बिल्डिंग के बाहर भी सैनेटाइजर शॉवर लगा दिया। इसी बिल्डिंग में कोरोना पॉजीटिव वार्ड है। निगम ने यह व्यवस्था भास्कर के सुझाव पर की है। दाे दिन पहले निगम ने मल्लातलाई के रजा नगर में काेराेना पाॅजिटिव केस सामने आनेके बाद महाकाल मंदिर तिराहे पर सैनिटाइजर शावर लगाया था।
भास्कर ने बताया था कि ऐसी व्यवस्था आरएनटी मेडिकल काॅलेज परिसर में भी जरूरी है, जहां बाल-एमबी, जनाना अस्पताल हैं। इनमें चिकित्सकाें सहित मरीजाें और सैकड़ाें तीमारदाराें की आवाजाही रहती है। निगम की गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि एमबी परिसर में भी एक टैंकर में 4000 लीटर पानी में 40 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का घोल किया है। मिश्रण के बाद यहां सौनिटाइजर शॉवर शुरू कर दिया गया।
सैनिटाइजेशन : 70 में से 45 वार्डाें में काम पूरा, शेष में दो दिन में पूरा होगा
नगर निगम ने शहर के 70 में से 45 वार्डो में प्रत्येक गली-मोहल्ले में सेनेटाइजर छिड़काव का काम पूरा कर लिया है। डिप्टी मेयर और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि आने वाले 2 दिन में शेष सभी वार्डों में यह काम करवाने का लक्ष्य है। वेणीराम सालवी ने बताया कि 7 वाहन इस काम में लगे हुए हैं। नगर में प्रतिदिन 2 घंटे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन, सभी थानों के वाहन का भी सैनटाइजर किया जा रहा है, उसके बाद ही वाहन फील्ड में जा रहे हैं।
वार्ड में जाने वाला हर व्यक्ति होगा सैनिटाइज : निगम हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर ही इसे लगा रहा था, लेकिन प्रिंसिपल डाॅ. लाखन पोसवाल ने इसे सुपर स्पेशिएलिटी विंग के यहां लगाने को कहा, क्योंकि अभी सबसे संवेदनशील क्षेत्र यही है। वार्ड में आने-जाने वाला प्रत्येक व्यक्ति को सैनिटाइज किया जा सकेगा। इस सिस्टम को तैयार करने में गैराज शाखा के प्रभारी बाबूलाल चौहान और विद्युत शाखा के एईएन हरक लाल माली का अहम रोल रहा है जिन्होने अपने स्तर पर इसको बनाया है।
(गौतम सिंह राठौड़)। बांसवाड़ा जिले मेंनवागांव कस्बे के बायीं मुख्य नहर के पास सोमवार को युवक का सड़ा-गला शव मिलने पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सड़ने के कारण शव में कीड़े पड़ गए थे तथा एक टांग की केवल हड्डी ही बची थी। पैर का एक पंजा भी शरीर से गायब था।मृतक पिछले पांच दिन से लापता था। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया। पुलिस के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन शव लेने को तैयार हुए।
जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने बायीं मुख्य नहर के पास एक शव देखा। सूचना पर बांसवाड़ा डिप्टी अनिल, सदर थाना पुलिस के अलावा आंबापुरा थाना जाप्ता, कलिजरा थाना जाप्ता, एमबीसी व रिजर्व पुलिस लाइन का जाप्ता मौके पर पहुंचा। शव भापोर के वडलीपाड़ा निवासी 22 साल का संतोष है। मृतक की पहचान उसके पिता छगनलाल दायमा ने की। वह पिछले पांच दिन से लापता था तथा परिजनों ने इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
शव में पड़े कीड़े, एक टांग का मांस गायब
शव की हालात बड़ी ही गंभीर थी, पूरे शरीर मे कीड़े लग चुके थे। शव के 50 फिट से भी अधिक दूरी तक दुर्गंध आने से उसके पास जाना तक दूभर था। मृतक के एक पैर की हड्डी ही दिखाई दे रही थी। एक पैर का पंजा पूरा गायब था। परिजनों ने युवक की हत्या का आरोप भी लगाया तथा शव लेने से इनकार कर दिया। मामले की गंभीरता को देख डिप्टी ने स्वयं जांच कर आरोपापियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस पर परिजन शव उठाने को तैयार हुए।
हालत खराब होने के कारण फिनाइल का छिड़काव कर शव गाड़ी में रखकर बासवाड़ा मोर्चरी भिजवाया गया। मृतक के पिता ने उसके लड़के को अगुवा कर हत्या करने, व साक्ष्य छुपाने के मामले में सदर थाना में मुकदमा दर्ज करवाया। वही इस मामले में सदर थानाधिकारी बाबूलाल मुरारिया ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा है। शव पूरी तरह सड़-गल गया है। शव की हालत देखकर लगता है कि युवक को पांच से छह दिन पहले मारा गया है।
(विपिन सोलंकी)यहां डबोक थाना क्षेत्र में क्वारैंटाइन में रखे गए एक युवक रविवार सुबह फांसी के फंदे पर लटका मिला। जिसके बाद पुलिस महकमे में अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि युवक 31 मार्च से अपने दो दोस्तों के साथ क्वारैंटाइन में था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। जिसके बाद शव को एमबी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।
जानकारी अनुसार, उदयपुर और गुजरात बॉर्डर पर मजदूर लगातार पलायन कर रहे हैं। जिन्हे उदयपुर के गीतांजली कॉलेज में क्वारैंटाइन के लिए रखा जा रहा है। इसमे से ही यूपी हाथरस के विष्णु (19) को अपने दो दोस्तों के साथ यहां क्वारैंटाइन किया गया था। जो सूरत में वेटर का काम करते थे। तेज सिंह अलग कमरे में था। वहीं उसके दोस्त अलग कमरे में रखे गए थे। शनिवार सुबह जब दोस्त उसके कमरे में गए तो युवक फंदे से लटका मिला। जो पलंग पर बिछाई गई बेडशीट से लटका मिला।
डबोक थाना इंचार्ज आईपीएस प्रोबेशनर राजर्षि ने बताया कि विष्णु 31 तारीख को गुजरात से पलायन होकर आया था। इसके साथ में दो अन्य युवक थे जो मथुरा के रहने वाले हैं। 160 लोगों के साथ इन तीनों को भी गीतांजलि कॉलेज में क्वॉरेंटाइन किया गया था। कल रात को करीब 11:00 बजे तक वह साथ में ही थे। उसने किसी भी बात की परेशानी का जिक्र नहीं किया। रात को सब सो गए। सुबह आत्महत्या के बारे में जानकारी मिली।
जिले में कोरोना संक्रमण का शनिवार को पहला मामला आया है। यहां एक साथकुशलगढ़ क्षेत्र में रहने वाले56 साल के बुजुर्ग और उसके 16 साल का बेटा पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। पिता-पुत्र को सर्दी-खांसी और हल्के बुखार की शिकायत थी। शुक्रवार को दोनों के सैंपल उदयपुर भेजे गए थे। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम यह पता करने की कोशिश कर रही है कि बासवांड़ा में संक्रमण का सोर्स क्या है। यहां संक्रमण कैसे पहुंचा। इसके लिए दोनों कीट्रैवल हिस्ट्री की जांच की जा रही है।यह किन-किन लोगों के संपर्क में आए हैं वह भी पता लगाया जा रहा है।आसपास क्षेत्र के एक किमी में सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
बांसवाड़ा में अब तक कुल 27 सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें 20 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। पांच की रिपोर्ट आनी बाकी है। दो दिन पूर्व कुशलगढ़ की एक वृद्धा को सर्दी-जुकाम के कारण यहां केएमजी अस्पताल में भर्ती किया था। वह टीबी से भी पीड़ित थी। इनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। शुक्रवार रात वृद्धा की मौत हो गई थी, लेकिन वृद्धा काअंतिम संस्कार कोरोना संदिग्ध मानते हुए किया गया। इसके बाद कुशलगढ़ से चार लोगों के एहतियात के तौर परसैंपल लिए गए। इसमें वृद्धा के पति, बेटे और बेटी के अलावा डॉक्टर शामिल थे। शनिवार को वृद्धा के पति और बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कस्बे के सभी लोगों को होम आइसोलेशनकिया गया था।
पूरे कस्बे की स्क्रीनिंग
अब चिकित्साकर्मियों में सभी की ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने में लगे हैं। वृद्धा में कोरोना के लक्षण तो दिखे थे लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं उनके पति और बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद संक्रमण कहां से फैला इसका पता लगाया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि वृद्धा के पति और बेटे को किसी दूसरे के संपर्क में आने से संक्रमण हुआ है। सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार सहित मेडिकल टीम पहुंच गई है और स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।
बांसवाड़ा: अब घर-घर पहुंचाया जाएगा राशन
बांसवाड़ा मेंराशन के लिए गरीबों को अब घरों से बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीलर खुद उन्हें घर-घर जाकर राशन पहुंचाएंगे। दुकानों पर भीड़ उमड़ने से बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए नई व्यवस्था लागू की है। शहरभर में वार्डवार राशन उपभोक्ताओं तक वितरण के लिए डीलरों को 20 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा संकरी गलियों में बड़े वाहनों के नहीं पहुंच पाने की स्थिति में ऑटो से राशन ले जाया जाएगा।
भीलवाड़ा. कोरोनाजोन बन चुके भीलवाड़ा में पांच दिन बाद नया कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया। जो बांगड़ अस्पातल की ओपीडी में अपनी इलाज करा चुका था। इससे पहले संक्रमित मिले लोग भी इसी अस्पताल से संबंधित थे। भीलवाड़ा में अब तक कुल 27 लोग संक्रमित आ चुके हैं। जिसमें से 17 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी हैं। इनमें से 9 को शुक्रवार को डिस्चार्ज भी कर दिया गया। वहीं दो की मौत हो चुकी है।
9 लोगों को डिस्चार्ज करते वक्त भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट खुद मौजूद रहे। जिन्होंने गुलाब का फूल देकर सभी सही हुए लोगों को डिस्चार्ज किया। राजेंद्र भट्ट ने बताया कि 26 में से 17 पेशेंट्स निगेटिव आ चुके हैं। जिसमें से 9 को डिस्चार्ज किया जा रहा है। जो पूरी तरह वायरस फ्री हो चुके हैं। इनके तीन टेस्ट लगातार निगेटिव आए हैं।
भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1933 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1893 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 14 की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं 26 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।
अब सिर्फ 8 पॉजिटिव बचे
शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। जिसमें दो की मौत हो गई। वहीं इलाज के बाद 17 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जिसमे से 9 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब 7 पॉजिटिव बचे थे। अब नया केस सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 8 हो गई है। यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है।
क्वारंटाइन में रखे मरकज के 33 में से तीन भागे, पकड़ा
भीलवाड़ा के मंगरोप रोड स्थित रिसोर्ट में क्वारंटाइन किए नई दिल्ली निजामुद्दीन मरकज से आए 33 लोगों में से तीन शुक्रवार को भाग गए। इससे प्रशासनिक, पुलिस व मेडिकल विभाग के अधिकारी सकते में आ गए। सूचना मिलते ही पुलिस और चिकित्सा विभाग की टीम तलाशने निकली। कुछ देर बाद तीनों भदाली खेड़ा के एक मकान में मिल गए। वहां से तीनों को एंबुलेंस से वापस रिसोर्ट में लाया गया।
कोरोनाजोन बने भीलवाड़ा में राहत की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। जहां 26 पॉजिटिव लोगों मे से 17 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। वहीं इसमें से शुक्रवार शाम 9 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। यहां भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट खुद मौजूद रहे। जिन्होंने गुलाब का फूल देकर सभी सही हुए लोगों को डिस्चार्ज किया। बता दें की भीलवाड़ा में अब तक पॉजिटिव मिले सभी लोग एक निजी अस्पताल से संबंधित हैं। वहीं दो की मौत हो चुकी है।
सही हो चुके लोगों के डिस्चार्ज करते वक्त भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने बताया कि 26 में से 17 पेशेंट्स निगेटिव आ चुके हैं। जिसमें से 9 को डिस्चार्ज किया जा रहा है। जो पूरी तरह वायरस फ्री हो चुके हैं। इनके तीन टेस्ट लगातार निगेटिव आए हैं।
भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1933 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 1893 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 14 की रिपोर्ट आना बाकी है। वहीं 26 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।
अब सिर्फ 7 पॉजिटिव बचे
शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 17 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जिसमे से 9 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब 7 पॉजिटिव बचे हैं यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है। वहीं दो की मौत हो चुकी है।
कैसे किया नियंत्रण:
निजी वाहनों को बंद किया गया: भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर में मिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।
छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया।
77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।
थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई।
राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ था। तीन दिन पहले यानी सोमवार तक राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 26 मामले यहीं पर थे। लेकिन, लोगों के अनुशासन, संयम और सरकार की सख्ती के चलते अब यहां के हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। चार दिनों से यहां संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, अभी खतरा कम नहीं हुआ है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां तीन से 13 अप्रैल यानी आज से महा कर्फ्यू लगा दिया है। लोग महा कर्फ्यू का उल्लंघन न करें इसके लिए सड़कों पर तीन हजार जवान तैनात किए गए हैं। शहर की सभी गलियों और कालोनियों की बैरिकेडिंग की जा रही है। स्थिति यह रहेगी कि लोग एक गली से दूसरी गली में भी नहीं जा सकते हैं।
पहले राहत की बात:
1933 में से 1893 की रिपोर्ट निगेटिव: भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1933 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 1893 की रिपोर्ट की निगेटिव आई है। जबकि 14 की रिपोर्ट आना बाकी है। 26 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनके परिजन हैं।
26 संक्रमितों में से 17की रिपोर्ट निगेटिव: शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 17की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वहीं दो की मौत हो चुकी है। अब 7पॉजिटिव बचे हैं यह सभी भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयपुर में भर्ती डॉक्टर संपत्ति की रिपोर्ट भी गुरुवार को निगेटिव आने के बाद अब जयपुर में भर्ती भीलवाड़ा के चारों पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है।
अब सख्ती की बात:
घर से बाहर निकलने की सख्त मनाही: महा कर्फ्यू के दौरान तीन हजार जवानों को शहर में तैनात किया गया है। इसमें 50 से ज्यादा बाइक सवार भी हैं। यह शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर मार्च निकालेंगे। प्रशासन ने पहले ही साफ तौर पर कह दिया है कि महा कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
केवल बेहद जरूरी सेवाएं ही: बेहद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों एवं वाहनों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके लिए पहले से बने उनके पास मान्य होंगे। बाकी कर्फ्यू के दौरान जारी किए गए सभी पास को कैंसिल कर दिया गया। यहां तक मीडिया को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।
घर-घर सब्जी-दूध पहुंचाई जाएगी: शहर में सरस डेयरी के 324 बूथों के माध्यम से घर-घर दूध पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं। सभी बूथों पर आलू-प्याज भी मिलेंगे। सब्जियों के लिए वाहन लगाए गए हैं, जो निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक कालोनियों में पहुंचेंगे। वहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग खरीद सकेंगे। राशन भी इसी तरह से लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा।
कैसे किया नियंत्रण:
निजी वाहनों को बंद किया गया: भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर में मिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।
छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया।
77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।
थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई।
शुक्रवार को उदयपुर में कोरोना पॉजिटिव के तीन नए मामले सामने आए। जो शहर के मल्लातलाई क्षेत्र में पहले संक्रमित मिले 16 साल के किशोर के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। वहीं संक्रमित मिले परिवार के लोगों में एक महिला चिकित्साकर्मी बताई जा रही है। जिसके बाद कुल आंकड़ा 4 पर पहुंच गया है। साथ ही प्रशासन ने हाथीपोल, घंटाघर और अंबामाता थाना क्षेत्र के 16 कॉलोनियों में कर्फ्यू लगा दिया है। जो 16 अप्रैल तक रहेगा।
जानकारी अनुसार, आज पॉजिटिव मिले तीन लोगों में से एक महिला पहले संक्रमित मिले 16 साल के किशोर की मौसी है। जो उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एमबी अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड में इंचार्ज है। भीलवाड़ा के बाद उदयपुर राजस्थान में पहली ऐसी जगह है जहां किसी चिकित्साकर्मी में कोरोना पॉजिटिव मिला है। जिसके बाद महिला से संपर्क में आए 24 मेडिकल स्टाफ के भी सैंपल लिए गए हैं।
किशोर इंदौर से ट्रेन से आया था उदयपुर, बोगी में साथ बैठे लोगों की तलाश शुरू
सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव किशोर इंदौर से ट्रेन से उदयपुर आया था, जो 21 मार्च को सुबह यहां पहुंचा था। यह ट्रेन के टिकिट से पता चला है। अब ट्रेन की उस बोगी में बैठे लोगों को तलाशा जा रहा है। किशोर के क्लोज कॉन्टेक्ट में परिवार के 12 लोगों के अलावा 5 अन्य लोग भी हैं। इनमें से 16 लोगों के सैंपल ले लिए गए हैं। 60 टीमों में क्षेत्र के 1888 घरों का सर्वे कर 9664 लोगों की स्क्रीनिंग की। इनमें से 6 लोग सर्दी-जुकाम से पीड़ित पाए गए हैं, जिनका उपचार किया गया है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों की रेपिड रिस्पोंस टीम ने किशोर के घर तथा नगर निगम की टीम ने रजा कॉलोनी क्षेत्र में डिसइन्फेक्शन किया है।
एमबी अस्पताल की नर्स बोलीं : जब ये उदयपुर आया था तब ठीक था, हो सकता है संक्रमण मुझसे लग गया हो
गुरुवार को एमबी अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड की इंजार्च फीमेल नर्स ने बताया था कि कोरोना पीड़ित किशोर उनकी बहिन का बेटा है। जो इंदौर में पढ़ता है। 20 मार्च को उदयपुर आया था। तब स्वस्थ था। हम सब एक ही घर में रहते हैं। हालांकि अलग-अलग कमरों में रहते हैं। हो सकता है कि किशोर को संक्रमण मेरे कपड़ों व अन्य माध्यम से लग गया होगा। मैं कोरोना वायरस वार्ड के नीचे ही स्वाइन फ्लू वार्ड में नौकरी करती आ रह हूं। मेरी बहिन का बेटा कोरोना पॉजिटिव निकल जाएगा इसकी कल्पना नहीं की थी। पिछले दो सप्ताह से एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के डोज भी लिए हैं।
कंटेंट- गिरीश शर्मा
कोरोनावायरस प्रदेश में तेजी से पैर पसार रहा है। गुरुवार को भी 13 नए रोगी मिले। इनमें उदयपुर और धौलपुर का भी एक-एक पॉजिटिव शामिल हैं। इन दोनों जिलों में कोरोना रोगी मिलने के साथ ही प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 14 में कोरोना एंट्री कर चुका है। नए रोगियों में जयपुर के रामगंज के 7 लोग, 3 तब्लीगी (झुंझुनूं, भरतपुर और धौलपुर से 1-1), जाेधपुर के दो और उदयपुर का एक नाबालिग शामिल है। अब प्रदेश में कुल 133 राेगी और तीसरी माैत हाे गई। डराने वाली बात यह है कि जयपुर में कुल 39 राेगी हैं। इनमें से 33 रामगंज में ही मिले हैं।
वहीं, अलवर के काेरोना पॉजिटव 85 वर्षीय बुजुर्ग ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। जयपुर के एसएमएस के बर्न वार्ड में एक दिन पहले ही उन्हें भर्ती कराया गया था। गांव को हाई रिस्क जोन घोषित कर मृतक के संपर्क में आए 3 परिजन, 4 डाॅक्टरों सहित कुल 11 लोगों को अलवर में क्वारेंटाइन किया गया है। बुजुर्ग ने कोई विदेश यात्रा नहीं की थी और न हीं वह किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आए थे।
ऐसे में लोकल ट्रांसमिशन की आशंका ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में अब तक कोरोना से तीन लोगों को मौत हो चुकी है।दो लोग भीलवाड़ा के थे। हालांकि, इसके अलावा इटली के एक नागरिक की भी मौत हो चुकी है, लेकिन वे कोरोना मुक्त हो चुके थे। दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई थी। वहीं, प्रदेश में तब्लीगी जमात के अब तक 5 शहराें में कुल 14 राेगी मिल चुके हैं।बुधवार काे टाेंक में 4 तथा चूरू में 7 तब्लीगी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। एसीएस हाेम ने प्रदेश में तब्लीगी जमात के 538 लाेगाें के आने की पुष्टि की थी। प्रदेश के 13 शहरों में पुलिस धरपकड़ अभियान चल रहा है।
रैपिड किट से पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों का फिर कराएंगे रैंडम सर्वे : चिकित्सा मंत्री
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया-अब तक प्रदेश में ओपीडी में 38 लाख लाेगाें की स्क्रीनिंग हुई है। इनमें 27 हजार लोगों की टीमों द्वारा घर-घर सर्वे के दाैरान की गई 4.23 लाख लोगों की स्क्रीनिंग भी शामिल है। तब्लीगी लोगों द्वारा नए स्तर पर संक्रमण को देखते हुए अब अलग से रैंडम सर्वे शुरू किया जा रहा है। रेपिड किट द्वारा धार्मिक स्थलों, पर्यटक स्थलों का रैंडम सर्वे कराएंगे। 12.43 लाख लाेगाें को काढ़ा भी पिला चुके हैं।
उदयपुर : नाबालिग रोगी मिलने के बाद 2 डॉक्टर समेत 33 लोगों को करेंगे क्वारेंटाइन
उदयपुर का पहला पॉजिटिव रजा कॉलोनी, मल्लातलाई निवासी 16 साल का किशाेर है। कॉलोनी सीज कर दी गई है। एक किमी की परिधि में घर-घर स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। यह किशाेर 20 मार्च को इंदौर से उदयपुर आया था। एमबी अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में फीमेल नर्स इस किशाेर की मौसी हैं, जो एक ही घर में रहते हैं। नर्स के अलावा दो डाॅक्टराें और18 नर्सिंग स्टाफ औरअन्य कर्मियों काे 14 दिन क्वारेंटाइन करने की तैयारी है।
भरतपुर : तब्लीगी जमात में गया था, पॉजिटिव मिला, कर्फ्यू लगा
भरतपुर के कामां तहसील के जुरहरी गांव में तब्लीगी जमात से जुड़ा 70 वर्षीय वृद्ध पाॅजिटिव मिला। इसके परिवार में माता-पिता समेत 8 सदस्य हैं। संक्रमण रोकने के लिए जुरहरी गांव में कर्फ्यू लागू कर दिया है।