राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ था। दो दिन पहले यानी सोमवार तक राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 26 मामले यहीं पर थे। लेकिन, सरकार की सख्ती के चलते अब यहां के हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। तीन दिनों से यहां संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, अभी खतरा कम नहीं हुआ है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां 3 से 13 अप्रैल तक महा कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। इसके लिए शहर की सभी गलियों और कालोनियों की बैरिकेडिंग की जा रही है। स्थिति यह रहेगी कि लोग एक गली से दूसरी गली में भी नहीं जा सकेंगे।
पहलेदोअच्छी खबर:
1847 में से 1515 की रिपोर्ट निगेटिव:भीलवाड़ा में जबसे संक्रमण का मामला शुरू हुआ है तब से अब तक कुल 1847 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 1515 की रिपोर्ट की निगेटिव आई है। जबकि 306 की रिपोर्ट आना बाकी है।26 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यहां संक्रमण के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर से फैला था। ऐसे में कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका बन रही थी। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग पॉजिटिव आए हैं वह सभी हॉस्पिटल का स्टाफ हैं या मरीज और उनकेपरिजन हैं।
26 संक्रमितों में से 13 की रिपोर्ट निगेटिव: शहर में संक्रमण के अब तक 26 मामले सामने आए हैं। इनमें से इलाज के बाद 13 की कोरोनारिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी कोआइसोलेशन वार्ड से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वहीं दो की मौत हो चुकी है। अब 11 पॉजिटिव बचे हैं।इनमें सात भीलवाड़ा और चार जयपुर में भर्ती हैं। बाकी का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि जल्द रिकवर कर लेंगे।
कैसे किया नियंत्रण:
निजी वाहनों को बंद किया गया: भीलवाड़ा में 20 मार्च को संकमण का पहला केस डॉक्टर मेंमिला था। अगले दिन उसी अस्पताल के तीन डॉक्टर और स्टाफ में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे शहर मेंकर्फ्यू लगा दिया गया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसमें रोडवेज बस से लेकर ऑटो-रिक्शा, टैक्सी सभी शामिल थी।
छह हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया: डॉक्टर से संक्रमण फैलने का पता चलते ही हॉस्पिटल का स्टॉफ, उनके परिवार वाले, जो मरीज हॉस्पिटल में आए थे, उनके परिजन सभी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से शहर में करीब 11 हजार लोग संदिग्ध मिले। करीब 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया।
77 हजार घरों का तीन बार सर्वे: शहर में संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 77 हजार घरों का तीन बार सर्वे किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। इसमें पहले चरण में छह हजार टीमों ने 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में पूरी की। इसके दूसरे चरण में 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही सर्दी, जुखाम का इलाज किया गया।
थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में किया क्वारैंटाइन: कोरोना संदिग्धों को भीलवाड़ा के थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। वहीं, घर में क्वारैंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की गई।
अब आगे क्या:
3 से 13 अप्रैल तक महा कर्फ्यू: शहर में तीन से 13 अप्रैल तकमहा कर्फ्यू लगाया जा रहा है।इसमें सिर्फ बेहद जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों एवं वाहनों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके लिए पहले से बने उनके पास मान्य होंगे। बाकी कर्फ्यू के दौरान जारी किए गए सभी पास को कैंसिल कर दिया गया। यहां तक मीडिया को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।
घर-घर सब्जी-दूध पहुंचाने की तैयारी: शहर में सरस डेयरी के 324 बूथों के माध्यम से घर-घर दूध पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं। सभी बूथों पर आलू-प्याज भी मिलेंगे। सब्जियों के लिए वाहन लगाए गए हैं, जो निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक कालोनियों में पहुंचेंगे। वहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग खरीद सकेंगे। राशन भी इसी तरह से लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा।
(गिरीश शर्मा)जहां लोग कोरोना केनाम से डर रहे हैं वहीं आरएनटी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के चार वैज्ञानिक, चार विशेषज्ञ चिकित्सक, 11 लैब तकनीशियन सहित 19 लोगों की टीम लैब में कोरोना के सैंपलों की जांच में जुटी है। यह टीम रोज सुबह आठ से रात दोबजे तक इस काम में बड़ी शिद्दत से जुटी रहती है।
टीम अब तक उदयपुर के 117 सहित प्रदेश के 13 जिले के साथ-साथ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 522 कोरोना संदिग्ध मरीजों के नमूनों की जांच कर चुकी है। इनमें से प्रतापगढ़ के दंपती, डूंगरपुर के दादा-पिता-पुत्र सहित पांच रोगियों में कोरोना वायरस की पुष्टि कर चुकी है।
कोरोना के खतरनाक संक्रमण से बचने के लिए टीम पीपीई किट पहनकर निगेटिव चैंबर में कोरोना वायरस के आरएनए की जांच करती है। टीम का कहना है कि जब सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो हमें बहुत खुशी होती है। हम सभी दिल से चाहते हैं कि कोई भी इस खतरनाक वायरस का शिकार ना हो।
जैसे कुछ लोगों के नमूने पॉजिटिव आए हमें बड़ी निराशा हुई, लेकिन रिपीट टेस्ट में निगेटिव होने पर सुकून मिला। टीम ने बताया कि हमारे परिवार वाले भी हमारे जॉब को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन उन्हें भी हमारे जॉब पर गर्व है। परिवार को लेकर हम घर पर भी काफी एहतियात बरतते हैं। परिवार की हिम्मत ही हमारी असली ताकत है।
जोखिम इतना कि नमूनों की जांच में कदम-कदम पर बरतना होता है एहतियात
विभागाध्यक्ष डॉ. अंशु शर्मा और इंचार्ज डॉ. सुशील कुमार साहू बताते हैं कि सबसे पहले चिकित्सक कोरोना संदिग्ध मरीजों के थ्रोट स्वाब के नमूने लेकर जांच कराने लैब में भेजते हैं। इन नमूनों की आर्टीथीसिया तकनीकी के आधार पर कोरोना वायरस के आरएनए की जांच करते हैं।
सबसे पहले निगेटिव चैंबर में सैंपल के वायरस को कैमिकल्स से उसके विभिन्न अवयवों में विभाजित करते हैं। इसके बाद वायरस के आरएनए को बाहर निकालते हैं। मास्टर मिक्स के साथ आरएनए को मिलाकर रियल टाइम पीसीआर मशीन में उसका कई गुणा एम्लिफिकेशन यानी बहुगुणित करने का काम करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में चार से साढे चार घंटे का समय लगता है। निगेटिव प्रेशर रूम वहीं व्यक्ति प्रवेश कर सकता है जो सैंपल की उस समय जांच करता है। ना मोबाइल, ना ही किसी अन्य सामान को ले जाने की अनुमति है।
यह टीम कर रही इस वायरस की जांच
आरएनटी की लैब में कोरोना वायरस की जांच करने वालों में विभागाध्यक्ष डॉ. अंशु शर्मा, इंचार्ज डॉ. सुशील कुमार साहू, असिस्टेंट इंचार्ज डॉ. किरण मीणा, डॉ. संध्या मिश्रा, साइंटिस्ट डॉ. संगीता, डॉ. सुभांगी, डॉ. नीतेश चौहान, डॉ. शैलेश और लैब तकनीशियन जमना लौहार, रामकृष्ण टेलर, महेश लौहार, मनोज्ञ जोशी, जगदीश, श्रवण, राधाकृष्णा, नीतेश, विशाल पाटीदार, अजय प्रजापत, इंद्रजीत यादव शामिल हैं।
सर्वाधिक उदयपुर के 117, राजसमंद के 83, प्रतापगढ़ के 50 नमूने जांचे
यह टीम उदयपुर के 117, राजसमंद के 83, प्रतापगढ़ के 50, डूंगरपुर के 105, चित्तौडग़ढ़ के 68, सिरोही के 53, भीलवाड़ा के 16, बांसवाड़ा के 17, जोधपुर के 3, चुरु के 1, टोंक के 1, महाराष्ट्र के 3 मध्यप्रदेश के 3 सहित 522 मरीजों के जांच नमूने जांच चुकी है।
(विपिन सोलंकी)कोरोना वायरस के आने के बाद से बाजारों में सेनेटाइजर की कमी है। बड़े ब्रांड्स के सेनेटाइजर भी बाजार में बमुश्किल मिल रहे हैं। साथ ही घटिया क्वालिटी के सेनेटाइजर और महंगे दामों में बेचे जाने की शिकायतों के बीच राहत भरी खबर है। उदयपुर स्थिबत सरकारी कंपनी राजस्थान स्टेट बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) और निजी कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट लिमेटेड ने सेनेटाइज का उत्पादन शुरू किया है। दोनों की ब्रीकी गुरुवार से शुरू हुई।
आबकारी डीओ हेंमेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों कंपनियों के उदयपुर के मादड़ी स्थित प्लांट में सेनेटाइजर का प्रोडक्शन चालू है। आरएसबीसीएल 400 पेटी सेनेटाइइजर डेली बनारहीहै।आरएसबीसीएलमेडिकल कॉलेज और अस्पताल को डेली 25 पेटी सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहीहै। वहीं मेडिकल स्टोर्स को पांच पेटी, पंजीकृत संस्थाओं को 25 पेटी, गैर पंजीकृत संस्थाओं को पांच पेटी सेनेटाइजर उपलब्ध करा रहा है। हर पेटी में 180 एमएल की 48 बोटल हैं। इनकी कीमत है 37.50 रुपए प्रति सेनेटाइजर है। वहीं बाजार में इसकी कीमत 50 रुपए प्रति बोटल है।
इसके अलावा यूनाइटेड स्प्रिट लिमिटेड यूएसएल भी सेनेटाइजर बना रही है। यहां अभी तक 35 हजार लीटर सेनेटाइजर का प्रोडक्शन किया गया है। यहां कोर्पोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत प्रोडक्शन किया गया है, यानी यह सेनेटाइजर निशुल्क दिया जा रहा है।
सीएसआर के तहत उदयपुर, जयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर और जोधपुर स्थित सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज और उदयपुर स्थित सेना की छावनी में पांच-पांच हजार लीटर सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं सिरोही, जालौर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापनगर मेडिकल कॉलेज में एक-एक हजार लीटर सेनेटाइजर इस फंड के तहत दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार दोनों ही कंपनियों के सेनेटाइज अच्छी क्वालिटी के हैं।
(ताराचंद गवारिया).राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। वहीं उदयपुरजिले के कोल्यारी गांव ने एक अच्छी पहल करते हुए, यहां बाहर से आने वाले लोगों पर रोक लगा दी है।उदयपुर से करीब 70 किमी दूर कोल्यारी गांव के युवाओं ने गांव के मुख्य प्रवेश पर सड़क पेंट से लिख दिया कि कोरोना की वजह से बाहरी लोगो का गांव में प्रवेश मना है।इसके साथ में गांव में आने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए है।
गांव में किसी भी व्यक्ति को ना हो परेशानी इस ध्यान रखा
गांव के पूर्व सरंपच मोहन लाल ने बताया कि सभी रास्तों को बंद करने के साथ यह भी ध्यान रखा गया है कि गांव में किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो। इसके अलावा जरूरतंमदों तक राशन साम्रगी भी व्यवस्थाकी गई है। कोल्यारी गांव की तस्वीर बताती है किअपने गांव से कोरोना जैसी गंभीर बीमारी सेदूर रखने के लिए लोग मेहनत से जुटे हुएहैं।
उदयपुर में बेजुबानों की मदद में जुटे लोग
वहीं उदयपुर के कुछ युवाओं की टीम शहरभर बेजुबान जानवरों के भोजन की व्यवस्था में लगी है। बेजुबानों की मदद कर रहीं शौर्या जैन का कहना है कि इंसान अगर भूख लगी तो खाना मांग कर खा लेगा। मगर ये बेजुबान जानवर किसे कहे। इसलिए हमनेतय किया कि शहर की गलियों और टूरिस्ट पॉइंट पर जानवरों तक खाना पहुंचाया जाएगा। इसमेंहम गाय केलिए चारा, मछली के लिए आटा, कबूतर के लिए दाना, स्ट्रीट डॉग्सके लिए दूध बिस्किट और बंदरो के लिएकेले और रोटी का इंतजाम कर रहे हैं।
(डूंगरसिंह राजपुरोहित).प्रदेश में 29 दिन में 93 मरीज सामने आचुके हैं। इनमें 76 प्रदेश के हैं, जबकि 17 ईरान से लाए गए भारतीयाें में पाॅजिटिव मिले हैं। प्रदेश के 76 राेगियाें में से 48 या तो एक ही परिवार के सदस्य हैं, आपसी रिश्तेदार हैं या एक ही संस्थान के सहकर्मी हैं। सात शहरों में तो इतना आपसी संक्रमण फैल गया कि कई परिवार ताे ऐसे हैं, जिनमें शायद ही काेई व्यक्ति इस राेगी से पीड़ित बचा हाे। इस हिसाब से प्रदेश में फैमिली संक्रमण वालों का आंकड़ा 63.15 प्रतिशत हो गया है, जो खतरे का संकेत है। इस बीच, प्रदेश में कुल 20 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी। काेराेनाजाेन बने भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 26 में से 13 मरीजों की रिपोर्ट पाॅजिटिव से निगेटिव आई है। यहां दो मौतें हो चुकी हैं। झुंझुनूं में भी कुल 8 में 3, जयपुर में भी 21 मरीजों में से 4 की रिपोर्ट पाॅजिटिव से निगेटिव आई है। जोधपुर में दो की रिपोर्ट पहले पाॅजिटिव और अब निगेटिव आई।
जयपुर : दो रोगियों से 12 पॉजिटिव
2 मार्च को इटली का यात्री रोगी मिला। 48 घंटे बाद उनकी पत्नी भी पाॅजटिव मिली। ओमान से आए मरीज के दोस्त को संक्रमण हुआ। फिर उसके परिवार में माता व बेटा भी पाॅजिटिव मिले। दो परिवारों के 12 लोग पाॅजिटिव हुए।
जोधपुर: 3 रिश्तेदारों को रोगी बनाया
एक व्यक्ति विदेश से आया व पाॅजिटिव मिला। कुछ दिन घर पर रहने से उसके 3 रिश्तेदार भी संक्रमित हो गए। इसी तरह लंदन से दो दोस्त आए। जोधपुर में टेस्टिंग की तो पहले दिन एक और दूसरे दिन दूसरा साथी पाॅजिटिव निकला।
डूंगरपुर : 3 पीढ़ियां संक्रमित हो गईं
इंदौर से पिता-पुत्र लौटे। दोनों टेस्ट में पाॅजिटिव मिले। मंगलवार को 40 वर्षीय इस व्यक्ति के 65 वर्षीय पिता भी पाॅजिटिव निकले। इस तरह इनकी तीन पीढ़ी संक्रमित हो गई।
अलवर : साथी से मिला रोग
फिलिपींस से आए युवक को 30 मार्च को पाॅजीटिव घोषित किया। बताया जा रहा है कि अपनी बहन सहित कई लोगों से मिला। वह झुंझुनूं के कोरोना रोगी से संक्रमित हुआ था।
भीलवाड़ा : एक डॉक्टर की लापरवाही से अब तक 26 संक्रमित
बांगड़ अस्पताल के ही 6 डाॅक्टर-नर्स पहले दिन 20 मार्च को कोरोना पाॅजिटिव मिले। इसके बाद से अब तक 18 से अधिक इसी अस्पताल के सहकर्मी पाॅजीटिव मिल चुके हैं। इनमें टाइपिस्ट, लैब असिस्टेंट, अटेंडर आदि शामिल हैं। इसी अस्पताल में इलाज के दाैरान संक्रमित हुए 60 वर्षीय व्यक्ति की माैत हाे गई। इसके 12 घंटे बाद ही बेटा और पाेती भी पाॅजिटिव मिले। सुखद खबर यह है कि मंगलवार को यहां कोई नया रोगी नहीं मिला।
अजमेर : परिवार के पांचों सदस्यों को कोरोना ने घेरा
अजमेर में एक युवक में कोरोना की पुष्टि हुई। तीन दिन पहले उसके 57 वर्षीय पिता, 40 वर्षीय मां व 20 वर्षीय भाई भी पीड़ित मिले। मंगलवार को 17 वर्षीय बहन भी पाॅजीटिव हो गई। इस परिवार के पांचों सदस्यों को कोरोना हो गया।
झुंझुनूं : दुबई से लौटे युवक के कारण 6 घरवाले क्वारेंटाइन
दुबई से आया युवक क्वारेंटाइन में रखा गया। जांच रिपोर्ट आती तब तक भागकर घर पहुंच गया। घर वालों से मिला। मंगलवार काे उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। अब घर के छह लोग क्वारेंटाइन में रखे गए हैं।
राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बन गया है। जिसे कोरोनाजोन भी कहा जा रहा है। यहां अब तक सबसे ज्यादा 26 मामले सामने आए हैं। जो सभी यहां केबांगड़ अस्पताल से जुड़े हैं। भीलवाड़ा में सबसे पहला संक्रमित बांगड़ हॉस्पिटल का डॉक्टर मिला था।अब संक्रमण की चेन को तोड़ने क लिए यहां तीन से 13 अप्रैल तकमहा कर्फ्यू लगाया जाएगा। मंगलवार से इसकी तैयारी शुरू हो गई है।हर कॉलोनी की सभी सीमाएं सील की जा रही हैं। हर बस्ती के बाहर बेरिकैडिंग की जा रही है। रेलवे स्टेशन चौराहे और बाजार के चारों तरफ रोड पर बल्ली लगाकर बंद कर दिया गया है। मंगलवार को प्रदेश के डीजीपी भी यहां पहुंचे थे।
इस बीच भीलवाड़ा मेंघर-घर का सर्वे भी जारी है। सर्वे का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। इस बार का सर्वे पिछले से अलग होगा। इस बार उन 18 हजार लोगों का सर्वे के साथ ही इलाज किया जाएगा, जो पिछले सर्वे में सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मिले थे। इन्हें वापस सर्वे में शामिल करेंगे। इस बार सर्वे में पूछने के साथ ही इलाज के लिए नजदीकी डिस्पेंसरी या फिर पीएचसी ले जाया जाएगा। इससे सामान्य सर्दी, जुकाम और बुखार को ठीक करने के साथ ही किसी तरह के संदिग्ध होने पर पहचान भी आसान हो सकेगी। पिछले सर्वे में 6 हजार टीमें 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में हुई थी। इस दौरान पूरे जिले के लोगों में घर घर जाकर लोगों से जानकारी जुटाई गई थी। ताकि कोरोना प्रभावित, संदिग्धों और सामान्य बीमारों की पहचान हो सके। पहले सर्वे हिट रहा और प्रदेश भर में जिले के प्रशासन और चिकित्सा विभाग की सराहना की गई।
अच्छी खबर: अब तक 11 पॉजिटिव रोगियों की रिपोर्ट आ चुकी नेगेटिव
भीलवाड़ा में डर और दशहत के बीच एक राहत भरी खबर है। यहां हॉस्पिटल के आइसोलेश वार्ड में भर्ती चार और मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन चार को मिलाकर अब तक 11 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव हो चुकी हैं। इन 11 मरीजों में 9 मरीज भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में और दो जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इन सभी मरीजों को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। एमजी हॉस्पिटल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि इनकी एक और जांच नेगेटिव आने के बाद इनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा और होम आइसोलेशन में रखकर इनकी निगरानी की जाएगी।
रिसर्च - भीलवाड़ा में काेराेना के नए केस मिलने की रफ्तार 333% राजस्थान में 233, झुंझुनूं में 133
काेराेनाेजाेन भीलवाड़ा और राजस्थान में काेराेना संक्रमिताें की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार काे चिंता में डाल दिया है। काेराेना वायरस से प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित भीलवाड़ा में पिछले 10 दिनाें में 333 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण फैला। वहीं झुंझुनं में संक्रमण फैलने की रफ्तार 133 फीसदी रही। पूरे राजस्थान में संक्रमण फैलने की रफ्तार 233 फीसदी है जाे कि भीलवाड़ा से काफी कम है। जिस गति से भीलवाड़ा, झुुंझुनूं में पाॅजिटिव मरीज बढ़ रहे हैं उससे कहा जा सकता है कि यदि लाेग कुछ दिनाें तक और घराें में नहीं रहे ताे अभी और मुश्किलें आने वाली हैं, क्याेंकि भीलवाड़ा में काेराेना वायरस तीसरी स्टेज में चल रहा है और अब यह कम्यूनिटी स्टेज में पहुंच सकता है।
(गिरीश शर्मा) एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में डूंगरपुर के 38 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव गजेंद्र (परिवर्तित नाम) और उसका 14 वर्षीय बेटा भर्ती है। दोनों के साथ मंगलवार को गजेंद्र के पिता की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। गजेंद्र ने भास्कर को अपनी आपबीती बताकर दूसरे लोगों को उनसे सबक लेने की गुजारिश की है।
गजेंद्र ने बताया कि एक-दूसरी जगह मूव करने पर हम कैसे बेवजह खुद ही नहीं, दूसरों को भी परेशानी में डाल देते हैं। मैं 25 मार्च को मेरे 14 साल के बेटे को बाइक पर इंदौर से डूंगरपुर की आसपुर तहसील स्थित अपने गांव पारड़ा सोलंकी पहुंचा। मैंने मेरे माता-पिता और बेटे ने दादा-दादी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
हम बाप-बेटे पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन रात में बेटे की तबीयत खराब हो गई। उसे बुखार-खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी होने लगी तो मेरे 65 वर्षीय पिता उसे छाती से चिपका कर बैठ गए। बेटे के सबसे नजदीक उसके दादाजी रहे।
तब वे बिल्कुल स्वस्थ थे। देर रात मेडिकल रिस्पोंस टीम को सूचना दी। जो डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर ले गई, जहां उपचार किया गया। मेरी और बेटे की इंदौर की हिस्ट्री पूछकर हम दोनों को वहीं आइसोलेट कर दिया गया।
दूसरे दिन जांच रिपोर्ट में हम दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसकी हमें सपने में भी कल्पना नहीं थी। हमें पता ही नहीं है कि हम इंदौर में किस कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए। इसके बाद वही हुआ जिसका हमें डर था - मेरे पिताजी भी कोरोना संक्रमित हो गए। अब हम तीनों एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। इंदौर में मेरा बड़ा बेटा और भाई व उसकी पत्नी को कोरोना संदिग्ध मानकर वहां एमवाय अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। उम्मीद है सब कुछ ठीक होगा।
गजेंद्र ने यह अपील की
मेरी सभी से यही गुजारिश है कि इस महामारी के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए जो जहां है, वहीं रुक जाए। अगर हम इंदौर में रुक जाते तो पिताजी संक्रमित नहीं होते। सभी लोग कमरों में बंद रहकर कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने में जुट जाएं। गनीमत है कि हम तीनों स्वस्थ हैं। तीनों में से किसी को भी न सांस लेने में तकलीफ है, न ही किसी भी तरह की घबराहट। हम तीनों ने ठान ली है कि हिम्मत और आरएनटी के चिकित्सकों के उपचार से इस कोरोना को हराकर ही जल्द घर लौटेंगे। कुछ लोग यह झूठ भी फैला रहे हैं कि मैं कोरोना वायरस का इलाज कराने एक भोपा के पास गया था। यह बिलकुल गलत है।
(विपिन सोलंकी) उदयपुर. लॉकडाउन में हरवेनजी का खुर्रा स्थित इलेक्ट्रॉनिक की दुकान खोलकर व्यापार करने वाले व्यापारी के खिलाफ घंटाघर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। थानाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि सरकार के आदेशों की पालना नहीं करने पर व्यापारी प्रकाश पुत्र भैरूलाल लौहार के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उसे अरेस्ट कर लिया है।
उन्होंने बताया कि थाने का जाब्ता हरवेनजी का खुर्रा से हाथीपोल गेट तक सुबह गश्त कर रहा था। इसी दौरान सुबह 10.30 बजे नाकोड़ा इलेक्ट्रॉनिक नामक दुकान खुली मिली। वहां दो-तीन लोग और खड़े थे जो पुलिस को देख भाग गए।
पुलिसकर्मी दुकान पहुंचे और मालिक को लॉकडाउन में सरकारी आादेश के तहत दुकान बंद रखने के लिएकहा। दुकानदार ने कहा,तुम कौन होते हो मना करने वाले, मैं दुकान खोलकर सामान बेचूंगा। मैं भारत और राज्य सरकार का आदेश नहीं मानूंगा। फिर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
(विपिन सोलंकी) उदयपुर. खाद्य सामग्री पर प्रिंट रेट से अधिक राशि वसूलने को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर डीएसओ ने दो दुकानदारों पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना लगाया और एक की दुकान सीज की है। थानाधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि कृषि मंडी स्थित भंवरलाल रंगलाल आइल्स प्राइवेट लिमीटेड के अरविन्द पुत्र जयंतीलाल जैन और आरबी ट्रेडिंग कंपनी के रविन्द्र पुत्र ब्रजलाल मोटवानी पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।
साथ ही सेक्टर 3 विवेक नगर स्थित जय झामेश्वर दूध डेयरी और जनरल स्टोर को सीज किया जिसका मालिक विनोद पुत्र केवा पटेल है। उन्होंने बताया कि शहर में खाद्य सामग्री पर प्रिंट रेट से ज्यादा राशि वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद एएसपी सिटी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने जिला स्पेशल टीम और थाने के जाप्ते की टीम बनाई।
मिल रहीं थीं शिकायतें
कृषि मंडी में ज्यादा राशि लेने की शिकायत प्राप्त हुई तो मौके पर पहुंचे। वहां पर व्यापारी भंवरलाल रंगलाल आइल्स प्राइवेट लिमीटेड के अरविन्द और आरबी ट्रेडिंग कंपनी के रविन्द्र द्वारा सामग्री पर ज्यादा राशि वसूलने और बिल नहीं देना पाया गया।
मौके पर डीएसओ जयमल सिंह राठौड़ और एसीटीओ श्यामप्रताप सिंह को बुलाया जिन्होंने कार्रवाई करते हुए 25000-25000 का जुर्माना लगाया। इसी प्रकार सेक्टर 3 विवेक नगर स्थित जय झामेश्वर दूध डेयरी और जनरल स्टोर को सीज किया।
जांच में पाया कि मालिक विनोद पटेल अपनी दुकान से किराने के सामान पर अधिक राशि वसूल रहा था। एडिशनल डीएसओ जयमल सिंह राठौड और एसीटीओ श्याम प्रताप सिंह ने दुकान को सीज करने की कार्रवाई की।
(विपिन सोलंकी) उदयपुर. हिरणमगरी थाने में 26 मार्च को 45 लीटर सॉल्वेंट से भरे ड्रम में ब्लास्ट होने से झुलसे लांगरी (खानसामे) सराड़ा के नठारापाल निवासी भूपेन्द्र पुत्र हकरा मीणा की सोमवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। ब्लास्ट से भूपेन्द्र करीब 50 प्रतिशत तक झुलस गया था।
थानाधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि झुलसे लांगरी का एमबी हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में उपचार चल रहा था। वह अस्थाई रूप से नौकरी पर लगा हुए था। उसकी जगह उसके छोटे भाई को नौकरी पर लगाने की अनुशंसा हुई है, साथ ही थाने के स्टाफ ने अार्थिक सहायता दी है।
बता दें कि लांगरी भूपेन्द्र पिछले तीन साल से थाने में नियुक्त था। वह मेस में खाना बनाने का काम कर रहा था। मेस के कुछ ही दूर 45 लीटर सॉल्वेंट से भरा ड्रम रखा था जिसमें ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट होने से निकले लपटों की चपेट में भूपेंद्र आ गया।
2017 में जब्त किया था, कोर्ट में डिस्पोजल की अर्जी लगा रखी है
सॉल्वेंट के ड्रम को वर्ष 2017 में जब्त किया गया था। तभी से थाने में अलग रखा हुआ था। कोर्ट के आदेश पर छह प्रकार के माल का कुछ दिनों पहले ही डिस्पोजल किया गया और सॉल्वेंट के डिस्पोजल के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई हुई है।
उदयपुर (अभिषेक श्रीमाली).उदयपुर जिले के कानोड़ थाना क्षेत्र के गुलाबपुरा गाव में मंगलवार को अलसी के खेत में काम कर रहे ग्रामीणों पर पैंथर नेहमला कर दिया। हो हल्ला मचने पर पैंथर ने ग्रामीणों को छोड़ दिया और वहीं छिप गया। पुलिस औरवन विभाग की टीम सुबह से मौके पर डेरा डाले हुए है,लेकिन पैंथर का शाम तक कुछ पता नहीं चला।
जानकारी के अनुसार ग्रामीण खेत में आराम से गेहूंकटाई का काम कर रहे थे। उन्हें जरा भी भान नहीं था कि कोई खतरनाक जानवर उन पर नजरे गढ़ाए हुए है। अचानक पैंथर ने एक ग्रामीण पर हमला किया। उसके चिल्लाने पर पास में मौजूद ग्रामीणों ने हल्ला मचाया तो पैंथर ने उन पर भी हमला भी कर दिया।
यह सब बिजली की तेजी से हुआ और किसी को कुछ समझने-संभलने का मौका ही नहीं मिला। सैकंडोमें ही पैंथर खेत में ओझल हो गया। हल्ला मचने पर ग्रामीण एकत्र हो गए और पुलिस व वन विभाग को सूचना दी।
पुलिसने चार घायल किसानों को कानोड़ अस्पताल पहुंचाया। पैंथर ने एक ग्रामीण के शरीर में कई जगहों पर दांत व पंजों से नोचा है। हालत नाजुक होने पर उसे उदयपुर रैफर कर दिया गया।
गुलाबपुरा निवासी भैरु लाल पिता नारायण लाल गायरी, भंवर लाल पिता रामा गायरी, रामेश्वर पिता कैला गायरी, प्रथा पिता गमेरा गायरी पैंथर के हमले में घायल हुए हैं। भीण्डर से सहायक वन अधिकारी सोमेश्वर त्रिवेदी, वन विभाग की टीम और कानोड़ थानाधिकारी श्रवण जोशी मय जाब्ता गुलाबपुरा पहुंचे तथा खेतों में पैथर की तलाश शुरू की।
पटाखे फोड़े लेकिन पैंथर बाहर नहीं आया
ग्रामीणों ने खेतों के पास पटाखे छोड़े, हल्ला मचाया, लेकिन पैंथर नहीं निकला। पुलिस ने खेतों पर ड्रोन भी उड़ाया लेकिन पैंथर नजर नहीं आया। वन विभाग का मानना है कि पैंथर रात को आराम करने से पहले शाम को पानी पीने निकलता है। लेकिन वह शाम को भी नहीं निकला।
भीलवाड़ा.राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना का एपिसेंटर बन गया है। यहां अब तक संक्रमण के 26 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, दो संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है। भीलवाड़ा में संक्रमण का पहला केस यहां के बांगड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर में मिला था। बाकी यहां जितने भी संक्रमित मिले हैं वह डॉक्टर या हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं। हालांकि, अब यहां पर कम्यूनिट में संक्रमण फैलने की आशंका है। संक्रमण की इस चेन को रोकने के लिए प्रशासन ने तीन से13 अप्रैल तक यहां महा कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। मंगलवार से भीलवाड़ा में महाकर्फ्यू की तैयारी शुरू हो गईं। यहां हर कॉलोनी की सभीसीमाएं सील की जा रही हैं। हर बस्ती के बाहर बेरिकैडिंग की जा रही है। इसके लिए प्रशासन ने टेंट का सामान किराए पर लिया है।रेलवे स्टेशन चौराहे और बाजार के चारों तरफ रोड पर बल्ली लगाकर बंद कर दिया गया है।
भीलवाड़ा मेंसाेमवार काे जिस व्यक्ति की पाॅजिटिव रिपाेर्ट आई वहयहां के बांगड़ अस्पताल में डाॅक्टर काे चेकअप कराने गया था। जिस डाॅक्टर काे चेकअप कराने गया था वह और उसकी पत्नी भीकाेराेना पाॅजिटिव है और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती है।
अच्छी खबर:अब तक 11 पॉजिटिव रोगियों की रिपोर्ट आ चुकी नेगेटिव
भीलवाड़ा में डर और दशहत के बीच एक राहत भरी खबर है।यहां हॉस्पिटल के आइसोलेश वार्ड में भर्ती चार और मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन चार को मिलाकर अब तक 11 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव हो चुकी हैं। इन 11 मरीजों में 9 मरीज भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में और दो जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इन सभी मरीजों को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। एमजी हॉस्पिटल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि इनकी एक और जांच नेगेटिव आने के बाद इनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा और होम आइसोलेशन में रखकर इनकी निगरानी की जाएगी।
रिसर्च - भीलवाड़ा में काेराेना के नए केस मिलने की रफ्तार 333% राजस्थान में 233, झुंझुनूं में 133
काेराेनाेजाेन भीलवाड़ा और राजस्थान में काेराेना संक्रमिताें की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार काे चिंता में डाल दिया है। काेराेना वायरस से प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित भीलवाड़ा में पिछले 10 दिनाें में 333 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण फैला। वहीं झुंझुनंमें संक्रमण फैलने की रफ्तार 133 फीसदी रही। पूरे राजस्थान में संक्रमण फैलने की रफ्तार 233 फीसदी है जाे कि भीलवाड़ा से काफी कम है। जिस गति से भीलवाड़ा, झुुंझुनूं में पाॅजिटिव मरीज बढ़ रहे हैंउससे कहा जा सकता है कि यदि लाेग कुछ दिनाें तक और घराें में नहीं रहे ताे अभी और मुश्किलें आने वाली हैं, क्याेंकि भीलवाड़ा में काेराेना वायरस तीसरी स्टेज में चल रहा है और अब यह कम्यूनिटी स्टेज में पहुंच सकता है।
(दीपक शर्मा) डूंगरपुर। डूंगरपुर के आसपुर में बुधवार को और कोरोना पॉजिटिव सामने आया। जो पॉजिटिव आया है उसका बेटा और पोता पहले ही पॉजिटिव आ चुके हैं। इनका इंदौर में व्यवसाय है और ये लोग हाल ही डूंगरपुर में अपने घर लौटे हैं। एक ही परिवार के तीन लोग पॉजिटिव आने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। इलाके को पहले ही सीज किया जा चुका है।
पारडा सोलंकी निवासी पिता-पुत्र के बाद अब 65 वर्षीय दादा की रिपोर्ट कोरोना पोजेटिव आई है। इसके साथ ही जिले में कुल पॉजिटटिव केस की संख्या तीन हो गई है। आसपुर ब्लॉक के पारड़ा सोलंकी गांव में पिता-पुत्र की 27 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
घर के सभी सदस्यों के स्वाब जांच के लिए उदयपुर आरएनटी मेडिकल कॉलेज भेजे गए थे। आसपुर क्षेत्र का 38 वर्षीय युवक इंदौर की एक सोड़ा वैन में काम करता था। 25 मार्च की सुबह इंदौर से निकलकर अपने 8 साल के बेटे के साथ बाइक से शाम को गांव पहुंचा था।
पूरी रात परिवार के साथ रहा। सुबह तबीयत खराब होने पर बेटे के साथ आसपुर सीएचसी पहुंचा। यहां हालत संदिग्ध दिखी तो डूंगरपुर की जिला अस्पताल की धर्मशाला में बनाए विशेष आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया।
दादा एक दिन बाद घर लौटा
पिता-पुत्र के आसपुर आने के एक दिन बाद 26 को दादा इंदौर से कार के जरिये यहां पहुंचा था। यहा पहुंचने पर उसे भी क्यारंटाइन किया गया और बीती देर रात उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। इस परिवार की इंदौर में दुकान है। इनकी दुकान पर रोज बड़ी संख्या में ग्राहक आते हैं। संभव है किसी ग्राहक के संपर्क में आने से ही इनमें से कोई एक संक्रमित हुआ और उससे दोनों। स्वास्थ विभाग जांच में जुटा है।
फोटो : सिद्धार्थ शाह
भीलवाड़ा. सोमवार को भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 26पहुंच गई। यहां आज 40 साल के एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिन्होंने बांगड़ अस्पताल के ओपीडी में भर्ती थे।इससे पहले रविवार सुबह भी कॉरोना पॉजिटिव केस सामने आया था। जो भीलवाड़ा की 53 साल की महिला है। जिस महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है वो भी बांगड़ अस्पताल में भर्ती थी। जिनका बांगड़ अस्पताल की आईपीडी में डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था। इनके हार्ट की एंजियोप्लास्टी की गई थी। वहीं कोरोनावायरस की दहशत के बीच राजस्थान के भीलवाड़ा ने इच्छाशक्ति के दम पर बड़े स्तर पर संदिग्धों की स्क्रीनिंग का नया माॉडल देश के सामने पेश किया है। उसने महज 9 दिन में 6 हजार टीमें लगाकर जिले के 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर दी है।
भीलवाड़ा में 3 से 13 अप्रैल तक लगेगा महा कर्फ्य़ू, मीडिया पर भी बाहर निकलने पर रोक
भीलवाड़ा में कोरोना के खिलाफ जिला प्रशासन का बड़ा कदम उठाने जा रही है। जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने जानकारी दी की भीलवाड़ा शहर में 3 अप्रैल से 13 अप्रैल की रात 12:00 बजे तक रहेगा महा कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान मीडिया विभिन्न संगठनों को जारी कर्फ्यू पास भी मान्य नहीं होंगे। भट्ट ने सभी से अपील की है कि इस अवधि में सभी घर में रहे और एक कदम भी बाहर ना रखें अन्यथा फिर पुलिस अपना काम करेगी। एक टाइम टेबल जारी किया जाएगा। जिसमें लिखा होगा की आपके एरिया में सब्जी और जरूरत के सामान की वेन कब आएगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए सामान लें। घर से बिल्कुल बाहर नहीं निकलें।
यह कवायद 19 मार्च को उस समय शुरू की गई थी, जब एक साथ छह लोग पॉजिटिव मिले। तब हालात नियंत्रित करना प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती था। तब कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ऊपर से आदेश का इंतजार किए बिना स्थिति को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया। दूसरे ही दिन जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनाई, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके। फिर जिले में एक-एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की तैयारी की। इस पर अमल के लिए 6 हजार टीमें बनाईं और पूरे जिले में स्क्रीनिंग शुरू कर दी। तब से महज 9 दिन यानी रविवार तक इन टीमों ने जी-जान लगाकर 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर ली। यह देश के किसी भी शहर में की गई अब तक की सबसे बड़ी स्क्रीनिंग है। स्क्रीनिंग के दौरान करीब 18 हजार लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण पाए गए। इनकी जांच के लिए दूसरा चरण सोमवार को शुरू किया जाएगा। वैसे शहर में अब तक 25 मामले सामने आए हैं। इनमें से 7 लोग स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि दो लोगों की मौत हुई।
ऐप से निगरानी, बाहर निकलते ही पुलिस को जा रहा है अलर्ट
क्वारेंटाइन के लिए संदिग्धों को थ्री स्टार होटल और रिजॉर्ट तक में रखा गया। कई जगह तो हर कमरे के लिए अलग गार्डन भी है। घर में क्वारेंटाइन 6445 लोगों की ऐप से निगरानी की जा रही है। सभी लोगों के मोबाइल में एप है। इस पर संबंधित व्यक्ति रोज दोपहर 12 बजे तक अपनी स्थिति अपडेट करता है। क्वारेंटाइन शख्स या घर का कोई भी सदस्य बाहर निकलता है तो तुरंत कंट्रोल रूम में अलर्ट जाता है। हालात बिगड़ने की आशंका से 13,100 बेड और तैयार करवाए जा रहे हैं।
शहर छोड़कर दूसरे जिलों में भाग गए लोग
भीलवाड़ा में संक्रमण का पहला केस बांगड़ अस्पताल के एक डॉक्टर में आया था। डॉक्टर अपने सऊदी से आए दोस्तों से मुलाकात के दौरान संक्रमित हुआ था। डॉक्टर को संक्रमण का पता नहीं था और वह लगातार हॉस्पिटल में आकर मरीजों को देखता और इलाज करता रहा। यहां संक्रमण के जो 24 केस आए हैं, वह सभी हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं यानी हॉस्पिटल के कर्मचारी हैं या फिर मरीज और उनके परिजन संक्रमित मिले हैं। संक्रमण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने भीलवाड़ा की सीमाएं सील कर दी। इसके बावजूद कोरोना के खौफ के कारण बड़ी संख्या में यहां के लोग भागकर दूसरे जिलों में जा चुके हैं, उनसे भी कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा है।
कोरोना के डर के कारण रात को सो भी नहीं पा रहे लोग
भीलवाड़ा कोरोना संक्रमण के लिहाज से देश का सबसे संवेदनशील जिला हो गया है। यहां जिन दो बुजुर्गों की मौत हुई है उस इलाके के लोग डरे हुए हैं। वह रात को सो नहीं पा रहे हैं। कारण यह है कि जब बुजुर्ग बीमार थे, तब उनका हाल-चाल लेने के लिए आसपास के लोग उनके घर गए थे। बाद में उनके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। अब दोनों मृतकों के दो-दो परिजनों की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इलाके के लोग अपने बच्चों को लेकर बहुत सहमे हुए हैं। उनको कोरोना संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। इसलिए पुलिस ने दोनों एरिया को पूरी तरह सील कर दिया है।
पूरे शहरी क्षेत्र को किया जा रहा सैनिटाइज
भीलवाड़ा नगर परिषद की ओर से सोडियम हाईपोक्लोराइड का छिड़काव शहर में किया जा रहा है। इसके साथ कोरोना पॉजीटिव की मौत होने को लेकर एमजी अस्पताल, उसके मकान और आसपास क्षेत्र को फिर से सैनिटाइज करने के लिए छिड़काव किया गया। सभापति मंजू चेचाणी ने बताया कि शहर में जहां भी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं उन कॉलोनियों में सुबह-शाम स्प्रे किया जाएगा।
उदयपुर। एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती डूंगरपुर के कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र की तबीयत नियंत्रण में है। एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि इन दाेनाें को अभी तक श्वांस लेने में कोई परेशानी नहीं है। कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव में बदला प्रतापगढ़ का दंपती भी सुपर स्पेशियलिटी के अलग वार्ड में भर्ती है।
इनकी दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। इन्हेंसोमवार को डिस्चार्ज कर सकते हैं। यहघर जाकर 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहेंगे। इसके बाद भर्ती होने की तारीख से 28 दिन तक जिला-पुलिस-चिकित्सा विभाग की निगरानी में रहेंगे। रविवार को सुपर स्पेशियलिटी विंग में उदयपुर के चार कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया है।
इसमें दुबई भ्रमण से लौटी शक्तिनगर निवासी 21 वर्षीय युवती, मुंबई से आए 21 वर्षीय युवक, नागपुर से लौटे 38 वर्षीय युवक सहित शहर का एक अन्य युवक शामिल हैं। इन चारों संदिग्धों की रिपोर्ट सोमवार को आएगी। फिलहाल सुपर स्पेशियलिटी विंग में 12 कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती हैं।
इनमें से 8 संदिग्ध पहली रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव निकले हैं। अस्पताल से छुट्टी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मिलेगी। इन्हें बुखार-खांसी-जुकाम जैसे लक्षणों और बाहर से आने के चलते भर्ती किया गया है। इस दिन उदयपुर के 4, डूंगरपुर के 18, प्रतापगढ़ के 3, सिरोही के 4 और जोधपुर के 3 सहित 33 कोरोना संदिग्धों की जांच की गई और सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
चित्रकूट नगर में 100 करोड़ की लागत से बना 100 बैड्स का ईएसआईसी अस्पताल भी अधिगृहीत किया जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण अध्यक्ष और कलेक्टर आनंदी ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए अब चित्रकूट नगर स्थित करीब 100 करोड़ की लागत से नवनिर्मित 100 बैड्स के ईएसआईसी अस्पताल को अधिगृहीत करने के आदेश जारी किए हैं।
इसमें तैनात सभी चिकित्सा स्टाफ को मय संसाधनों के अधिगृहीत कर लिया है। जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उदयपुर के निर्देशानुसार कार्य करेंगे। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि अगर उदयपुर में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा हुई तो यह ईएसआईसी अस्पताल कारगर साबित होगा। संभागीय आयुक्त विकास एस भाले ने इसे अधिगृहीत करने का सुझाव दिया है।
आदेश-सभी 37 हजार लोग होम क्वारेंटाइन रखें खुद को, वरना अब होगी सख्त कार्रवाई
कलेक्टर आनंदी ने फिर सभी एएसडीआो को आदेश दिए हैं कि होम क्वारेंटाइन के निर्देशों की पालना नहीं करने वालों को संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाएगा। जिलेभर में विदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, झुंझुनूं, भीलवाड़ा व अन्य संक्रमित शहरों से आने वाले 37 हजार से ज्यादा संदिग्धों पर पुलिस भी नजर रख रही है।
आदेश की पालना नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई अलग से की जाएगी। कलेक्टर आनंदी काे कहना है कि होम क्वारेंटाइन किए गए लोग भले ही स्वस्थ हैं, लेकिन घरों में भी 14 दिन तक अपने परिजनों से भी सोशल डिस्टेंस बनाए रखें, क्योंकि कोरोना वायरस के लक्षण 14 दिन के अंदर उभरते हैं तब तक वायरस एक स्वस्थ दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में चला जाता है।
अब आरएनटी में संभागभर के पीड़ितों का इलाज होगा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशालय ने आदेश जारी किए हैं कि अब प्रदेशभर के सभी कोरोना पीड़िताें का इलाज संभाग मुख्यालय स्थित मेडिकल कॉलेज स्तर के बड़े अस्पतालों में किया जाएगा। अब आरएनटी मेडिकल कॉलेज में उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और चित्तौडग़ढ़ के कोरोना संक्रमितों का इलाज करना होगा। अब पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर के रोगियों का इलाज डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में किया जाएगा।
(गिरीश शर्मा) उदयपुर। घर में बच्चे बिलख रहे हैं- पापा, दो मिनट मिलना है। 10 दिन से आपको नहीं देखा। पत्नियां मन मसोस रही हैं कि बच्चे आपको याद करके रो पड़ते हैं, कैसे समझाएं इन्हें। दूर से ही सही, एक झलक देख तो लें। शहर में रहकर भी परिवार को फोन पर जवाब मिलता है - ऐसी ही भावनाओं में बहकर देश-दुनिया के लाखों लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चेन नहीं तोड़ पा रहे हैं।
हम सब यहां खुद को संभाले हुए हैं, आप घर में अपना और सबका ध्यान रखिए। यह कहानी उदयपुर के उन 7 चिकित्सकों समेत 10 सदस्यों वाली मेडिकल रेपिड रिस्पोंस टीम की है, जो राजस्थान में कोरोना जोन बने भीलवाड़ा में 9 दिन की ड्यूटी देकर शनिवार रात ही लौटे हैं।
इस टीम ने भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव, संदिग्धों सहित इनके संपर्क में आने वाले 200 से ज्यादा लोगों की पर्सनल, ट्रैवल समेत हर तरह की हिस्ट्री जुटाई। काम का एक चरण पूरा होने पर जब ये अपने शहर उदयपुर लौटे तो गाइड लाइन के अनुसार इन्हें सज्जनगढ़ के पास एक रिसोर्ट में क्वारेंटाइन किया गया है। यहां इन्हें 14 दिन रहना है। फिर जांच के बाद तय होगा कि ये परिवार में लौट सकेंगे या नहीं।
नौ दिन बांगड़ अस्पताल के स्टाफ सहित 200 क्लोज कॉन्टैक्ट वालों की हिस्ट्री खंगाली, नहीं मिल रहा संक्रमण का केंद्र
आरएनटी के इन सात चिकित्सकों सहित 10 लोगों का स्टाफ गत 19 मार्च को भीलवाड़ा के ब्रजेश बांगड़ अस्पताल डॉक्टरों के कोरोना संदिग्ध पाए जाने के बाद हिस्ट्री पता करने पहुंचा था। दल के डॉ. मेघवाल बताते हैं कि टीम ने ब्रजेश बांगड़ अस्पताल के चिकित्सा स्टाफ सहित 200 से ज्यादा क्लोज कॉन्टैक्ट वाले लोगों की हिस्ट्री खंगाली। किसने कब, कहां चाय पी, नाश्ता, भोजन किया, किसने कराया, कौन कहां सोया, कौन कहां-कहां गया। इसके बाद भी यह हिस्ट्री नहीं मिली है कि कोरोना वायरस का यह संक्रमण आया कहां से।
क्वारेंटाइन में यह कर रहे : अच्छी डाइट, सुबह-शाम एक्सरसाइज, चेहरे पर न शिकन, न थकान
इस टीम में शामिल आरएनटी मेडिकल कॉलेज के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल मेघवाल, पीएसएम के डॉ. चंदन, मेडिसिन के डॉ. गौतम बुनकर, डॉ. महेश, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. शिवकुमार, डॉ. राजकुमार, मेल नर्स शिखर,एंबुलेंस चालक भंवरलाल और प्रवीण सिंह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
इस टीम के सभी सदस्यों ने रविवार को तीनों टाइम की पर्याप्त डाइट ली। रेस्ट करने के साथ फोन पर परिवार के अलावा बाहर के साथी चिकित्सकों से भी बातचीत की। डॉ. मेघवाल के मोबाइल पर बेटे नक्षत्र और बेटी तितिक्षा ने कहा- पापा आपसे एक बार सिर्फ दो मिनट के लिए मिलना चाहते हैं।
आपको 10 दिन से नहीं देखा। डॉ. मेघवाल ने जवाब दिया कि कि कोरोना वायरस एक स्वस्थ दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति में तेजी से फैलता है। इसलिए इस जानलेवा वायरस की चेन को तोड़ने के लिए क्वारेंटाइन के नियम की पालना करना सबका जिम्मा है।
डॉ. महेश को उनकी पत्नी अभिलाषा बोल रही थीं कि बच्चे मिलने के लिए रो रहे हैं। डॉ. महेश समझा रहे थे कि मैं एक अच्छा पिता होने का कर्तव्य तभी अदा कर सकता हूं, जब यहां 14 दिन रहकर यह साबित कर सकूं कि मैं कोरोना ग्रसित बिल्कुल नहीं हूं।
सबसे मिलने के लिए बहुत मन कर रहा है, देश-दुनिया के लोग भावनाओं में बहकर ही इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की चेन को नहीं तोड़ पा रहे हैं। बाद में दोनों की पत्नियां और बच्चे भी इनकी बात मान गए। हालांकि इन चिकित्सकों के चेहरे पर परिवार से नहीं मिलने की उदासी दिखाई दे रही थी। जबकि ये चिकित्सक कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की दवा का डोज भी ले चुके हैं।
उदयपुर. किसी इलाके में अगर पुलिस की गाड़ी आए तो लोग सोचने लग जाते है कि आज मौहल्ले में कुछ अनहोनी हुई है और यही सोचकर लोग दूर हो जाते है। लेकिन आजकल एक पुलिस की गाड़ी उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में एंट्री करती है तो लोग उस गाड़ी को देखकर कतारबंध होकर खड़े हो जाते है। ये लोग कोई अपराधी नही बल्कि जरूरतमंद और तीमारदार है और ये पुलिस की गाड़ी जरूरतमंदों को मदद पहुचाने आई है।
गाड़ीसे एक पुलिसवालाउतरता है लेकिन इनके हाथ में लट्ठ की जगह सैनेटाइजर की बोतल है। नाम है हनुवंत सिंह। हिरण मगरी थाने में एसएचओं। गाडी में पीछे अपराधी की जगह खाने के पैकेट्स और दुसरे साथियों के हाथ में कपड़े के मास्क। कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन करना पड़ा। ज्यादा असर गरीब तबके के लोगों पर पड़ा। देशभर से कई तस्वीरें आई जिसमें खाना नहीं मिलने पर लोग रोने लग गए। लेकिन उदयपुर में हिरण मगरी थाना और पिंक पर्ल सोसायटी ने मिलकर निश्चय किया ही यहां कोई भूखा नही सोएगा। इसके लिए सोसायटी ने रोटी बनाने के मशीन मंगवा ली और शुरू हो गया जरूरतमंदो तक भोजन पहूचाने का काम।
रोजाना 2500 के करीब खाने के पैकेट
हिरण मगरी थाने के एसएचओ हनुवंत सिंह बताते है कि अभी देश के हालात बहुत ही नाजुक है। जितनी जिससे हो सके जरूरतमंदों की मदद करें लेकिन तरीके से। हिरण मगरी थाना और पिंक पर्ल सोसायटी दोनों मिलकर जनता कर्फ्यू से ही जरूरतमंदो के लिए रोजाना 2500 पैकेट खाने बन रहे। इसके लिए सोसायटी के नीचे ही रसोई बनाई गई है जिसमें रोटी बनाने के लिए मशीन खरीदी गई जिससे खाना जल्दी बन सके और लोगों तक पहूंच सके।
बच्चें से लेकर सोसायटी की महिलाएं बना रही है खाना
हुनवंत सिंह का पूरा परिवार इस काम में लगा है। उनकी पत्नी डॉ लता सिंह बताती है कि इस रसोई में सारा खाना खुद सोसायटी के लोग ही बनाते है बाहर से किसी हलवाई को नही बुलाया गया है। साथ ही बच्चें भी मदद करते है। रोटी बनाने वाली मशीन पर युवराज , प्रखर , तन्मय , हर्षित और हर्षवर्धन मदद करते है ये सभी बच्चे 10 से 15 साल के है। साथ ही सोसायटी की महिलाएं श्रीमति वंदना, मंजू , हिना पूरोहित ,भावना सुथार,शिल्पी डेविड , नूपूर आदि मदद कर रहे है।
व्हाट्सएप ग्रुप पर आ रही है मदद की गुहार
हनुवमत सिंह बताते है कि उन्होने बहुत सारे व्हाट्सप ग्रुप बना रखे है जिस पर भी मदद की जा रही है। एक ग्रुप बना रखा है जिसमें 60 साल के लोग जो अकेले रहते है उनकों जोड़ रखा है। उन्हें दवाई, खाना और जो भी जरूरत होती है उन तक पहुचाई जा रही है।
भीलवाड़ा. रविवार सुबह शहर में एक और कॉरोना पॉजिटिव केस सामने आया। जो भीलवाड़ा की 53 साल की महिला है। जिस महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है वो भी बांगड़ अस्पताल में भर्ती थी। जिनका बांगड़ अस्पताल की आईपीडी में डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था। इनके हार्ट की एंजियोप्लास्टी की गई थी। वहीं इससे पहले शनिवार को यहां कॉरोना पॉजिटिव तीन नए केस सामने आए थे। ये तीनों बांगड़ अस्पताल के कर्मचारी हैं। इनमें एक 21 साल की युवती, 22 और 27 साल के युवक हैं। भीलवाड़ा में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 25 पहुंच गई है। भीलवाड़ा में अब कम्यूनिटी इंफेक्शन यानी स्थानीय लोगों को एक-दूसरे से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण तीसरी स्टेज में पहुंच गया है। भीलवाड़ा में गुरुवार को संक्रमित बुजुर्गों की मौत हो चुकी है।
7 की रिपोर्ट आ चुकी नेगेटिव
वहीं भीलवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड से अच्छी खबर आई है। शनिवार को दो और पॉजिटिव मरीजों की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसी तरह जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती एक डॉक्टर व एक नर्सिंगकर्मी की दूसरी रिपोर्ट भी शनिवार को निगेटिव हो गई है। अब तक भीलवाड़ा 25 में सात मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है। इनमें पांच भीलवाड़ा व दो जयपुर में भर्ती हैं।
शहर छोड़कर दूसरे जिलों में भाग गए लोग
भीलवाड़ा में संक्रमण का पहला केस बांगड़ अस्पताल के एक डॉक्टर में आया था। डॉक्टर अपने सऊदी से आए दोस्तों से मुलाकात के दौरान संक्रमित हुआ था। डॉक्टर को संक्रमण का पता नहीं था और वह लगातार हॉस्पिटल में आकर मरीजों को देखता और इलाज करता रहा। यहां संक्रमण के जो 24 केस आए हैं, वह सभी हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं यानी हॉस्पिटल के कर्मचारी हैं या फिर मरीज और उनके परिजन संक्रमित मिले हैं। संक्रमण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने भीलवाड़ा की सीमाएं सील कर दी। इसके बावजूद कोरोना के खौफ के कारण बड़ी संख्या में यहां के लोग भागकर दूसरे जिलों में जा चुके हैं, उनसे भी कम्यूनिटी इंफेक्शन का खतरा है।
कोरोना के डर के कारण रात को सो भी नहीं पा रहे लोग
भीलवाड़ा कोरोना संक्रमण के लिहाज से देश का सबसे संवेदनशील जिला हो गया है। यहां जिन दो बुजुर्गों की मौत हुई है उस इलाके के लोग डरे हुए हैं। वह रात को सो नहीं पा रहे हैं। कारण यह है कि जब बुजुर्ग बीमार थे, तब उनका हाल-चाल लेने के लिए आसपास के लोग उनके घर गए थे। बाद में उनके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। अब दोनों मृतकों के दो-दो परिजनों की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इलाके के लोग अपने बच्चों को लेकर बहुत सहमे हुए हैं। उनको कोरोना संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। इसलिए पुलिस ने दोनों एरिया को पूरी तरह सील कर दिया है।
1950 लोगों की टीम ग्रामीण और 332 की टीम शहरी क्षेत्रों में कर रही स्क्रीनिंग
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि भीलवाड़ा में 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग का काम वहां चिकित्सा विभाग की टीम कर रही है। 1950 लोगों की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में और 332 लोगों की टीम शहरी क्षेत्रों में काम कर रही है। शहर में तो 20 लोग ऐसे हैं, जिनकी दो-दो बार स्क्रीनिंग हुई है। कह सकते हैं कि हालात काबू में है। भीलवाड़ा की सीमाएं सील की हुई है।
सिटी के 77 हजार घरों का तीसरी बार सर्वे करना पड़ रहा, 133 विदेश से आए लोग हाई रिस्क पर
भीलवाड़ा में 11 हजार लोग संदिग्ध हैं, जिनमें से 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उन पर अब पहरा बैठाया गया है। इस पूरे जिले के कम्यूनिटी इंफेक्शन की जड़ भीलवाड़ा का बांगड़ हॉस्पिटल है। यहां का संक्रमित डॉक्टर करीब सात हजार लोगों के संपर्क में आया। यह कुल 86 बेड का अस्पताल है। संक्रमित डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर, कर्मचारी, मरीज और परिजनों तक संक्रमण का फैलता गया। हालात ऐसे बन गए कि शहर के 77 हजार घरों का तीसरी बार सर्वे करना पड़ रहा है। 650 को आइसोलेशन में लेकर सैंपलिंग की जा रही। 149 मरीज हाई रिस्क पर है। इसमें से 133 विदेश से लौटे हैं।
पूरे शहरी क्षेत्र को किया जा रहा सैनिटाइज
भीलवाड़ा नगर परिषद की ओर से सोडियम हाईपोक्लोराइड का छिड़काव शहर में किया जा रहा है। इसके साथ कोरोना पॉजीटिव की मौत होने को लेकर एमजी अस्पताल, उसके मकान और आसपास क्षेत्र को फिर से सैनिटाइज करने के लिए छिड़काव किया गया। सभापति मंजू चेचाणी ने बताया कि शहर में जहां भी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं उन कॉलोनियों में सुबह-शाम स्प्रे किया जाएगा।
(गिरीश शर्मा) उदयपुर। एमबी अस्पताल के कोरोना वायरस वार्ड में गत 21 मार्च से भर्ती प्रतापगढ़ का कोरोना पीड़ित काबिल और उनकी पत्नी की रिपोर्ट आठ दिन इलाज के बाद शनिवार को निगेटिव आई है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि काबिल को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइड लाइन के अनुसार मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के 400-400 एमजी की दो डोज और एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसिन की तीन टेबलेट खिलाई गईं।
पत्नी को संपर्क में आने की वजह से कोरोना हुआ था, इसलिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के 400-400 एमजी की दो डोज दिए गए। रविवार को वापस दोनों की जांच होगी। दंपती को अब सुपर स्पेशियलिटी विंग के अलग वार्ड में भर्ती किया है।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए जयपुर से आरएनटी के लिए लोपिनाविर 200 एमजी/रिटोनाविर 50 एमजी, स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली ओस्लेटामिविर और मलेरिया में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा का कॉम्बिनेशन भेजा गया था।
इसमें से सिर्फ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का ही उपयोग किया। फिर भी मरीज को स्वस्थ कर दिया गया है। डॉ. पोसवाल का कहना है कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बावजूद दंपती ने हिम्मत नहीं हारी, इसलिए इस रोग को हरा सके हैं। कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सा स्टाफ ने इस दंपती को बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख वार्ड में राउंउ द क्लॉक इलाज दिया है।
पती का हर सामान डिस्पोज होगा, वार्ड में देर रात डूंगरपुर के पिता-पुत्र भर्ती
दंपती के उपयोग में आने वाले चद्दर, इनके कपड़े, भोजन करने वाले पात्र सभी को पीली थैली में पैककर जलवाया जाएगा। अब एमबी में डिस्पोजेबल चद्दर मंगवाए गए हैं। इस वार्ड को भी डिसइन्फेक्टेड कराया गया है, क्योंकि यहां डूंगरपुर के कोरोना पॉजिटिव पिता-पुत्र को भर्ती किया गया है। इन्हें देर रात एंबुलेंस से लाया गया।
डूंगरपुर 6, प्रतापगढ़-चित्तौड़ के 8, बांसवाड़ा-भीलवाड़ा के 1-1 संदिग्ध भी निगेटिव मिले
उदयपुर के 17 सहित संभाग के सभी 40 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। भीलवाड़ा का संदिग्ध पुरुष भी निगेटिव है। उदयपुर के 17 में 5 संदिग्ध एमबी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं अन्य संदिग्ध अन्य अस्पतालों में आइसोलेट हैं। डूंगरपुर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए पिता-पुत्र के संपर्क में आने वाले सभी 6 लोगों की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। प्रतापगढ़ के 4, चित्तौडग़ढ़ के 4, बांसवाड़ा और भीलवाड़ा के 1-1 संदिग्ध की भी रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्रशासन और विभाग का कहना है कि हालात काबू में हैं।
कोरोना को हराने वाले प्रतापगढ़ के काबिल बोले-
आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एमबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती कोरोना पॉजिटिव प्रतापगढ़ के दंपती की आठ दिन बाद शनिवार को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आई है। कोरोना वार्ड में भर्ती प्रतापगढ़ के सदर बाजार निवासी मरीज काबिल ने दैनिक भास्कर को बताया कि जिंदगी देने और लेने वाला अल्लाह है। फिर कोरोना वायरस से क्या डरना? मैं 55 साल की उम्र में अभी-भी एक मिनट से ज्यादा समय तक श्वांस रोक सकता हूं।
हम कोरोना वायरस को हराकर ही वापस जाएंगे इसी सोच के साथ इस कोरोना वार्ड में आराम से भर्ती हैं। हमें एक भी दिन यह फील नहीं हुआ कि हम बहुत ज्यादा बीमार हैं। यहां तैनात डॉक्टर-नर्सेज से भी यही बोलते आ रहे हैं कि आप चिंता मत करो- हम ठीक होकर ही घर जाएंगे। बुखार-सर्दी-जुकाम हुआ है, ठीक हो जाएगा। मुझे और मेरी 45 वर्षीय पत्नी फरीदा को आज भी यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि हम कोरोना संक्रमित हैं या रह चुके हैं। हमने यह अनुभव किया है कि हिम्मत इस वायरस को हराने में बेहद कारगर है।
घरों में की गई इबादत बखूबी कबूल करता है अल्लाह
मैं स्वस्थ था इसीलिए 13 मार्च को बावड़ी मस्जिद, प्रतापगढ़ में नमाज अदा करने गया था। यह वायरस एक स्वस्थ्य व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है, इसलिए जब तक इसका साया मंडरा रहा है, तब तक लोग घरों में ही रहें।
अल्लाह घरों में की गई इबादत और दुआएं भी बखूबी कबूल करता है। काबिल-फरीदा ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा स्टाफ का अच्छे व्यवहार के लिए आभार जताया है। काबिल का कहना है कि अस्पताल से घर जाने के बाद लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करेंगे ताकि लोग बिल्कुल भी नहीं घबराएं। सबसे अहम बात यह है कि हम इस उम्र में भी तंदुरुस्त हो गए हैं। लोगों को अपनी सेहत का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। यही सबसे बड़ी पूंजी है।
दूसरे राज्यों से आए 37 हजार लोग, रहना होगा क्वारेंटाइन
दूसरे राज्यों-जिलों से आने वाले लोगों की संख्या 37 हजार से पार पहुंच गई है। इन्हें अनिवार्य रूप से होम क्वारेंटाइन रहना होगा। पंचायत स्तर पर बने निगरानी दलों को इसकी सख्ती से पालना के निर्देश दिए हैं। जिला परिषद सीईओ कमर चौधरी ने बताया कि इसकी मॉनिटरिंग सभी एसडीएम और बीडीओ भी करेंगे।
अगर निगरानी टीम को कोई रोगग्रस्त मिलता है, तो तुरंत नियंत्रण कक्ष को सूचित करे। बीडीओ या पटवारी मेडिकल टीम के नहीं आने पर भी होम क्वारेंटाइन वाले घर के बाहर नोटिस चस्पा कर सकेंगे। इधर कलेक्टर आनंदी ने जिले के समस्त पेट्रोल पम्प, गैस एजेन्सी डीलरशिप और उनके कार्मिकों, खाद्य निगम के डिपो से गेहूं के उठाव में लगे हुए कर्मचारियों, संबंधित वाहनों व उचित मूल्य दुकानदारों को लॉकडाउन से मुक्त रखा है।
बाहर इतने लोग आए
ब्लॉक | केस | निगरानी | मुक्त |
गोगुंदा | 7170 | 7170 | 00 |
सलूंबर | 5559 | 5549 | 46 |
सराड़ा | 4938 | 4891 | 47 |
मावली | 4223 | 4151 | 72 |
गिर्व | 3319 | 3223 | 96 |
भींडर | 2952 | 2900 | 52 |
बड़गांव | 2320 | 2273 | 47 |
ऋषभदेव | 2032 | 1959 | 73 |
झाड़ोल | 1750 | 1738 | 12 |
लसाड़िया | 1487 | 1486 | 01 |
खेरवाड़ा | 952 | 911 | 41 |
कोटड़ा | 607 | 607 | 00 |
ग्रामीण | 440 | 395 | 45 |
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। बृहन्नमुंबई महापालिक (बीएमसी) के चीफ कमिश्नर प्रवीण परदेसी का तबादला कर दिया गया है। परदेसी की जगहशहरी विकास विभागमें प्रिंसिपल सेक्रेटरी इकबाल चहल को बीएमसी का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार परदेसी के कई फैसलों से नाराज चल रही थी। राज्य के मंत्री ही परदेसी पर मनमानी का आरोप लगा रहे थे। इसके अलावा गुरुवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कोरोना संंक्रमण से मारे गए लोगों के शव सायन अस्पताल में मरीजों के साथ रखे थे और उद्धव सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था।
राज्य में अब19हजार 063 संक्रमित हैं और 731 की जान जा चुकी है
इस बीच, राज्यमें शुक्रवार को कोरोनावायरस के 1089 नए मामले सामने आए जबकि 37 लोगों की मौत हुई।राज्य में अब19हजार 063 संक्रमित हैं और 731 की जान जा चुकी है।राज्य में आज मुंबई में 25, पुणे में 10, जलगांव और अमरावती में एक-एक की मौत हुई। मृतक 19 पुरुष और 18 महिलाएं हैं। मृतकों में 17 की उम्र 60 साल से अधिक, 16 की उम्र 40 से 60 के बीच और 4 की उम्र 40 साल से कम है। इनमें से 27 मरीजों में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लडप्रेशर और ह्रदय रोग की समस्या थी।
फाइनल ईयर छोड़ यूनिवर्सिटी के बाकी छात्र अगली क्लास में प्रमोट होंगे
उद्धव सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन के चलतेफाइनल ईयर को छोड़कर यूनिवर्सिटी केबाकी छात्र बिना परीक्षा दिए अगली क्लास में प्रमोट होंगे। फाइनल ईयर के एग्जाम जुलाई में होंगे। वहीं,अलग-अलग देशों में फंसे भारतीयों की घर वापसी शुरू हो गई है।
विदेशों में फंसे 1900 भारतीय मुंबईआएंगे
‘वंदे भारत मिशन’ के तहत लगभग 15 हजार भारतीयों को विशेष विमानों से यहांलाया जा रहाहै। मुंबई के भी1900 यात्री लौटेंगे। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इन लोगों को क्वारैंटाइन करने के लिए शहर के 88 होटलों में 3343 कमरों का इंतजाम किया है। 7 मई से 64 स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए देश के 14 हजार 800 लोगों को दुनियाभर के अलग-अलग देशों से वापस लाया जाएगा।
प्रवासी मजदूरों को मेडिकल सर्टिफिकेटनहीं लेना होगा
लॉकडाउन की वजह से राज्य में फंसे मजदूरों को अपने गांव जाने के लिए रेल यात्रा से पहले मेडिकल सर्टिफिकेट देने की शर्त सरकार ने वापस ले ली है। इस बारे में गुरुवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए गए। सरकार ने यह साफ किया है कि अब ट्रेन में चढ़ने से पहले ही मजदूरों की फ्री मेडिकल जांच की जाएगी। यह जांच सरकारी डॉक्टर करेंगे। इस जांच के बाद एक ट्रेन से जाने वाले सभी प्रवासी यात्रियों का एक ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनेगा।
शराब तस्करी रोकने के लिए अन्य राज्यों की सीमाएं सील
लॉकडाउन के दौरान पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने की कवायद में महाराष्ट्र नेअपनी सीमाओं को सील कर दिया है। 12 जांच चौकियों पर पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया गया है। प्रदेशमें मुंबई को छोड़कर अन्य जगहों परशराब की दुकानों को फिर से खोल गयाहै।
औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आकर 16 मजदूरों की मौत
महाराष्ट्र मेंशुक्रवार तड़के मालगाड़ी की चपेट में आकर 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। हादसा औरंगाबाद के पास बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच हुआ। सभी मजदूर मध्य प्रदेश के थे और पैदल जा रहे थे। रात को आराम करने के लिए ये लोग पटरी पर ही सो गए थे। लोको पायलट नेनजर पड़ते ही इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है।
77 कैदीऔर 26 जेल कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित
आर्थर रोड जेल में 77 कैदी और26 जेल कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। शुक्रवार सुबह इन्हेंजीटी हॉस्पिटल और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में भर्ती किया जाएगा।संक्रमित कैदी एक ही बैरक के हैं। उधर, मुंबई के जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में कोरोना के 26 पेशेंट मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुताबिक, राज्य के करीब 500 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में हैं। गुरुवार को सोलापुर में एक पुलिसकर्मी की कोरोना से मौत हो गई।
सिडको एग्जिबिशन सेंटर में फंसे 200 लोग
मुंबई और नवी मुंबई से उत्तर प्रदेश औरकर्नाटक के लिए निकले 200 लोग वाशी के सिडको एग्जिबिशन सेंटर में फंस गए। पिछले दिनों कर्नाटक से इन्हें लेने के लिए बस भी आई थी, लेकिन कर्नाटक सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण वह बस खाली ही लौट गई। इनके खाने की व्यवस्था स्थानीय समाजसेवी कर रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों को लाने की यूपी सरकार ने मंजूरी नहीं दी: कैबिनेट मंत्री
कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि पहले यूपी सरकार प्रवासियों की कोविड-19 की जांच रिपोर्ट मांग रही थी। बाद में कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के तहत वापसी को लेकर तैयार है। महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पास लिस्ट भेजी जा रही है, लेकिन वहां से कोई मंजूरी नहीं मिल रही है। लिस्ट पर अनुमति नहीं मिलने से प्रवासियों की वापसी में दिक्कत आ रही है। मलिक ने कहा कि कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के प्रवासियों को भेजने में भी अड़चन आ रही है। वहां की राज्य सरकारों को निर्णय लेना चाहिए।
कोरोना मरीजों को दी जा रही तोसलिजुमाब दवा
मुंबई केनायर अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों को तोसलिजुमाबदवा दी जा रही है। यह एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर की दवा है। अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर मोहन जोशी ने बताया कि अब तक 19 मरीजों कोयह दवा दी है, इनमें से 16 मरीजों में 24 घंटे के अंदर सकारात्मक बदलाव नजर आए हैं।
छह जिमखानों को क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी में जुटा बीएमसी
बीएमसी ने दक्षिण मुंबई स्थित 6 जिमखानों को क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, इसमें पुलिस जिमखाना, कैथोलिक, ग्रांड मेडिकल, पीजी हिंदू जिमखाना, इस्लामिक और पारसी जिमखाना शामिल हैं। इन जिमखानों में ज्यादातर क्रिकेट एक्टिविटीज होती हैं। लॉकडाउन के बाद से ये खाली पड़े हैं।
एसआरपी की तैनाती होनी चाहिए: राज ठाकरे
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार को सुझाव दिया कि कंटेनमेंट जोन में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई जाए। पुलिस कर्मचारी थक चुके हैं, इसलिए अब उनकी जगह पर एसआरपी को तैनात किया जाए। कई जगहों पर छोटे दवाखाने बंद हैं, इससे मरीजों की तकलीफ बढ़ती जा रही हैं। उन्हें तत्काल खोला जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां-वहां अटके विद्यार्थियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था तत्काल की जाए।
हॉस्पिटल की व्यवस्था ठीक करनी पड़ेगी: देवेंद्र फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मुंबई और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। गंभीर मरीजों कोतत्काल इलाज मिलना चाहिए। जो स्वास्थ्यकर्मी बीमार पड़ रहे हैं, उनके इलाज की भी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने सरकार से कहा कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए कहां-कहां क्या-क्या व्यवस्था है, किस अस्पताल में कितने बिस्तर उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी देने के लिए एक डैशबोर्ड बनाना चाहिए।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने सोशल मीडिया के माध्यम से महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा, 'पिछले 2-3 दिनों से अफवाह है कि मुंबई में सेना तैनात की जाएगी। यहां सेना की तैनाती की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने आज तक जो भी किया है वह नागरिकों को सूचित करके किया है। आप सभी को अनुशासित रहना चाहिए और यही पर्याप्त होगा। यहां सेना बुलाने की जरूरत नहीं।'
'औरंगाबाद की घटना ने मुझेदुखी किया'
उद्वव ने प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए कहा,'आप संयम बनाये रखे, आपका संयम इस वक्त बहुत जरूरी है। किसी भी अफवाह का शिकार न हों। संभाजीनगर से ट्रेन छूटेगी ऐसी खबर सुनकर भुसावल जाने वाले 20 मजदूरों का एक दल संभाजीनगर रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहा था और थकान से ट्रैक पर ही सो गए और मालगाड़ी से दुर्घटना का शिकार हो गया। ये घटना मुझे अंदर से काफी द्रवित कर रही है।
'लॉकडाउन बढ़ाना है या नहीं, यह आपके कदम पर निर्भर'
सीएम ने आगे कहा,'लॉकडाउन का यह चरण काफी महत्वपूर्ण है। इसे आगे बढ़ाना है या नहीं यह सिर्फ आप लोगों पर निर्भर करता है। अगर आप नियम पालन करेंगे तो हम आगे छूट पर विचार करेंगे।' सीएम ने आगे कहा, 'इस काल में कई संक्रमित महिलाओं ने ऐसे बच्चों को जन्म दिया जो पूरी तरह से कोरोना नेगेटिव थे। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।'
'हम कम नहीं करने जा रहे परीक्षण'
उद्धव ने कहा- मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हम परीक्षण कम नहीं कर रहे हैं। जहां भी आवश्यक होगा हम परीक्षण करेंगे। उस पर कोई समझौता नहीं होगा। लेकिन हमने देखा है कि कुछ मामलों में लोग अंतिम समय पर आ रहे हैं। दुर्भाग्य से उन्हें बचाना संभव नहीं है।'
लॉकडाउन के 45 दिन से ज्यादाबीत चुके थे। मजदूरी का काम भी बंद था। पैसा खत्म हो रहा था। ऐसे में महाराष्ट्र के जालना में रहने वाले 20 मजदूर पिछले कुछ दिन से घर जाना चाहते थे। इन्हें पता चला कि भुसावल या औरंगाबाद से मध्यप्रदेश के भोपाल के लिए ट्रेन मिल जाएगी। फिर क्या था सभी ने निकलने का फैसला लिया। सोचा था कि ट्रेन मिली तो ठीक नहीं तो पैदल ही घर तक का सफर किया जाएगा। सड़क पर पुलिस का पहरा था। इसलिए, ट्रेन की पटरियों का रास्ता चुना। यही, रास्ता उन्हें मौत तक ले गया। पैदल चलते-चलते औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास पहुंच गए। इतना थक गए कि पटरियों पर ही लेट गए। सुबह मालगाड़ी की चपेट में आकर इनमें से 16 की मौत हो गई। इस हादसे में दोमजदूरवीरेंद्र सिंह औरसज्जन सिंह ने बतायाकी नींद टूटी तो उनके सामने उसके 16 साथियों की लाशें बिखरी हुई थीं।
'ठेकेदार पैसे देने की स्थिति में नहीं था, 7 मई को भी तनख्वाह नहीं मिली'
अपने साथी को खोने वाले मजदूर वीरेंद्र सिंह ने दिव्य मराठी को बताया, ‘‘ठेकेदार हमें पैसे दे पाने की स्थिति में नहीं था। वादा किया कि 7 मई को पैसे मिलेंगे। लेकिन 7 तारीख को भी पगार नहीं मिला। मध्यप्रदेश में हमारे परिवार को भी हमारी जरूरत थी। घर के लोग परेशान हो रहे थे। इसलिए हम एक हफ्ते से पास बनवाने की कोशिश में थे। दो-तीन बार कोशिश कर चुके थे, लेकिन मदद नहीं मिल पा रही थी।’’
'मालगाड़ी के ड्राइवर ने हॉर्न बजाया, लेकिन उसकी रफ्तार काफी तेज थी'
वीरेंद्र सिंह ने बताया,‘‘जब कोई रास्ता नहीं बचा तो हमने तय किया कि पटरियों के रास्ते हम सफर तय करते हैं। पहले औरंगाबाद पहुंचेंगे और वहां से आगे का रास्ता तय करेंगे। हम जालना से गुरुवार शाम 7 बजे रवाना हुए। कई किलोमीटर का रास्ता तय कर लिया। देर रात जब थक गए तो कुछ-कुछ दूरी पर हमारे साथी पटरियों पर बैठने लगे। मैंने कई साथियों से कहा कि पटरियों से दूर रहो। लेकिन जो साथी आगे निकल गए थे, वे पटरी पर लेट गए। उनकी नींद लग गई। हम पटरी से थोड़ा दूर थे, इसलिए बच गए। हमने मालगाड़ी को आते देखा। मालगाड़ी के ड्राइवर ने हॉर्न भी बजाया, लेकिन उसकी रफ्तार तेज थी। हमने आवाज दी, लेकिन तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था। हम दौड़कर नजदीक पहुंचते तब तक मालगाड़ी गुजर चुकी थी।’’
'हम बैग लादे ही लेट गए थे, ट्रेन आई और बैग खींच ले गई'
इस हादसे में बाल-बाल बचे और हॉस्पिटल में भर्ती सज्जन सिंह ने बताया कि हमारी आंख लग गई थी। हम इतना थक गए थे कि मालगाड़ी की आवाज ही नहीं आई। हम लोग पटरी से थोड़ा दूर थे। हमने बैग पीठ पर लाद रखा था। बैग लादे ही हम उसके सहारे टिककर सो गए। जब मालगाड़ी गुजरी तो बैग खींचते हुए ले गई। जान तो बच गई, लेकिन चोटें आईं। जो साथी बैग सहित पटरी के बीच में थे, वे नहीं बच सके।
आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के चलते बिगड़ रहे हालत के बीच उद्धव सरकार नेबड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। बृहन्नमुंबई महापालिक (बीएमसी) के चीफ कमिश्नर प्रवीण परदेसी का तबादला कर दिया गया। परदेसी की जगहशहरी विकास विभागमें प्रिंसिपल सेक्रेटरी इकबाल चहल को बीएमसी का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं, परदेसी को अब शहरी विकास विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेट्री के पद पर कम करेंगे।1985 बैच के आईएएस अधिकारी परदेसीइससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त सचिव रहे हैं।
इसके अलावा ठाणे नगर निगम के कमिश्नर संजीव जायसवाल को बीएमसी का नया एडिशनल कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं इस पद पर अभी तक तैनात आबासाहेब जरहाद को रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन विभाग मेंसचिव बनाया गया है।
क्यों हुआपरदेसीका तबादला?
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, प्रवीण परदेसी द्वारा मुंबई मेंकोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लिए गए फैसलों से सरकार में कई मंत्री नाखुश चल रहे थे। छगन भुजबल ने तो बिना किसी का नाम लिए अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया था। वहीं, गुरुवार को सायन हॉस्पिटल का वीडियो वायरल होने के बाद से ही मुख्यमंत्री उद्धव पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा था। इस वीडियो मेंकोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही इस बीमारी सेमृतहुए लोगों के शव वार्ड में रखे गए थे।
वहीं,धारावी में कोरोना के बढ़ते मामले भी परदेसी के लिए मुसीबत बन गए। यहां करीब800 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं और 21 से ज्यादा की मौत हुई है। इसके अलावा मुंबई में 11 हजार के करीब केस पहुंचना भी परदेसी के काम पर सवालिया निशान लगा रहाथा।
जालना की एक सरिया फैक्ट्री। 45 दिन पहले लॉकडाउन के चलते यह बंद हो गई। रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए। ज्यादातर यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के थे। नाम की जमापूंजी थी। किसी तरह महीनाभर काम चलाया। फिर सामाजिक संगठनों और सरकार के भरोसे। पेट भरने की ये मदद दो या तीन दिन में एक बार ही नसीब हो रही थी। इस बीच एक खबर आई। पता लगा कि सरकार दूसरे राज्यों के मजदूरों को घर भेजने के लिए औरंगाबाद या भुसावल से कोई ट्रेन चलाने वाली है।
जालना से औरंगाबाद की दूरी 50 किमी है। मध्य प्रदेश के 20 मजदूर रेलवे ट्रैक से सफर पर निकल पड़े। पास कुछ था तो बस, 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी। 16 के लिए यहयात्रा, अंतिम यात्रा साबित हुई।
सफर का सहारा : 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी
मजदूरों ने सोचा, घर पहुंच जाएंगे। गुरुवार शाम मिलकर 150 रोटियां बनाईं। एक टिफिन में चटनी भी थी। ताकि, सूखी रोटी मुंहसे पेट तक का सफर आसानी से कर सके। कुछ देर बाद सब भुसावल के लिए निकल पड़े। सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। कुछ शहडोल के थे तो कुछ कटनी के। औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे तो रात गहरी हो चली थी। सोचा, खाना खाकर कुछआराम कर लिया जाए।
फिर सभी की नींद लग गई, कुछ की कभी नहीं खुलेगी
सज्जन सिंह इसी जत्थे में शामिल थे। वो बच गए। कहते हैं, “भूख लगी थी साहब। ट्रैक पर ही बैठकर खाना खाने लगे। हमें वो साफ और सुरक्षित लगा। खाना खत्म हुआ। कुछ चाहते थे कि सफर फिर शुरू किया जाए। कुछ का दिल कर रहा था कि थोड़ा सुस्ता लिया जाए। सहमति आराम करने पर बनी। भूखे पेट को रोटी मिली थी। इसलिए, पटरी का सिरहाना और गिट्टियां भी नहीं अखरीं। सो गए। नींद खुली तो भयानक मंजर था। मेरे करीब इंटरलाल सो रहा था। उसने मुझे खींच लिया। मैं जिंदा हूं।”
इसलिए हुई गलती
सज्जन आगे कहते हैं, “आंख खुली तो होश आया। देखा मेरा बैग ट्रेन में उलझकर जा रहा है। हमने सोचा था कि ट्रेनें तो बंद हैं। इसलिए, ट्रैक पर कोई गाड़ी नहीं आएगी। आसपास झाड़ियां थीं। लिहाजा, ट्रैक पर ही झपकी का ख्याल आया। ट्रेन जब रुकी तब तक तो सब खत्म हो चुका था। 16 साथियों के क्षत विक्षत शव ट्रैक पर पड़े थे। किसी को पहचान पाना मुश्किल था।”
लोगों से मदद मांगी
सज्जनके मुुताबिक, “ पहले तो लगा कि कोई बुरा सपना देखा है। पल भर में हकीकत पर यकीन हो गया। 20 में से चार जिंदा बचे। डर को थोड़ा दूर किया।ट्रैक से कुछ दूर बने एक घर पहुंचे। मदद मांगी। उन्होंने पानी पिलाया। फिर पुलिस को जानकारी दी।”
अपनों का सामना कैसे करूंगा मैं
आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची। उसने अपना काम शुरू किया। रुंधे गले को संभालकर और भीगी आंखों को पोंछकर वीरेंद्र शांत आसमान की तरफ देखते हैं। फिर कहते हैं, “जिन लोगों के साथ कुछ घंटे पहले बैठकर रोटी खाई थी। अब उनकी लाशें मेरे सामने हैं। कुछ तो मेरे बहुत करीबी दोस्त थे। अब, क्या कहूंगा उनके घरवालों से? कैसे सामना करूंगा उनका? मेरा फोन, बैग सब गायब हैं। पीठ में चोट है। ये जख्म भर जाएगा। लेकिन, दिल में जो नासूर पैदा हो गया है, वो तो लाईलाज रहेगा। ताउम्र।”
यस बैंक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रमोटर्स, वधावन भाइयों की सीबीआई हिरासत को 10 मई तक बढ़ा दिया गया है। सीबीआई ने उन्हें पिछले महीने महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से गिरफ्तार किया था।
शुक्रवार को दोनों भाइयों को मुंबई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया हया था। सीबीआई की ओर से अदालत में दलील दी गई कि साजिश का खुलासा करने के लिए और कपूर के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिए आगे भी छानबीन करने की जरूरत है। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
यह है दोनों भाइयों पर आरोप
अधिकारियों ने बताया कि वधावन बंधुओं को कपूर और अन्य द्वारा की गई बैंकिंग धोखाधड़ी के सिलसिले में सीबीआई की प्राथमिकी में नामजद किया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर (62) ने खुद को और अपने परिवार को उनके मालिकाना हक वाली कंपनियों के मार्फत अनुचित फायदा पहुंचाने के एवज में यस बैंक के जरिये डीएचएफएल को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई थी। सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के ऋणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये थे। इसके एवज में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी यस बैंक घोटाले के सिलसिले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच कर रहा है।
लॉकडाउन के बीच पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली उर्फ 'डैडी'की बेटी योगिता की शादी शुक्रवार को मराठी एक्टरअक्षय वाघमारे के साथ हुई। मुंबई की दगड़ीचॉल मेंसादगी से हुईइस शादी में अरुण गवली के अलावा दोनों परिवार के पांच-पांच लोग शामिलहुए। कोरोना संकट को देखते हुए दूल्हा-दुल्हन के साथगवली ने भी मास्क पहना हुआ था। पहले 29 मार्च को यह शादी मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में होने वाली थी।
परिवार को पुणे से मुंबई जाने की अनुमति मिली थी
मराठी फिल्मों के अभिनेता दादा कोंणके के परिवार से आने वाले अक्षय और गवली की बेटी योगिता की सगाई दिसंबर में हुई थी। अक्षय का परिवार पुणे में रहता है। पुणे पुलिस ने परिवार को मुंबई जाने की अनुमति दी थी। गवली परिवार ने पुलिस को शादी के बारे में सूचित किया था। पुलिस नेदोनों परिवारों की ओर से केवल पांच-पांच मेहमानों केशामिल होने की मंजूरी दी थी।
इससे पहले अक्षय नेबतायाथा, 'हमने शादी के लिएपुलिस से अनुमति मांगी थी। वह ईमेल के जरिए मुझे मंगलवार रात को मिली। इसलिए जल्दी ही हमने शादी की तारीख 8 मई ही तय कर ली।' अक्षय के मुताबिक, लॉकडाउन खत्म होने के बाद रिसेप्शन देंगे। अक्षय ने कहा, 'मैं योगिता को पिछले पांच साल से जानता हूं। हमारे घरवालों ने भी कहा किहमें शादी कर लेनी चाहिए। हम दोनों काफी खुश हैं।'
अरुण गवली की सबसे छोटी बेटी है योगिता
पेशे से वकील योगिताअरुण गवली की सबसे छोटी बेटी है। वे एक एनजीओ भी संचालित करती हैं। योगिता की बड़ी बहन गीता गवली राजनीतिमें हैं। वहीं भाई महेश गवली कारियल स्टेट का बिजनेस है।
मुंबई मेंशिवसेना के पार्षद कमलाकर जामशांडेकर की हत्या में 2012 से सजा काट रहे अरुण गवली इसी साल 27 फरवरी को पैरोल पर बाहर आए थे। शादी की तारीख आगे बढ़ने पर उनकी तरफ सेबॉम्बे हाई कोर्ट में पैरोल की अवधि बढ़ाने की अर्जी दी गई।
अरुण गवली की जिंदगी परबनी हैं कई फिल्में
दूध बेचने के कारोबार से जुड़े रहे अरुण गवली कभी अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिमके लिए भी काम करते थे। हालांकि, भाई की हत्या के बाद गवली ने खुद का एक गैंग बनाया। 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद दाऊद कोदेश छोड़ना पड़ा था। इसके बादमुंबई में काफी समय तक अंडरवर्ल्ड मेंगवली का नाम चला। बताया जाता है कि गवली अपना धंधा मुंबई की दगड़ी चाल से चलाता था। उसकी लाइफ पर हिन्दी और मराठी भाषा में कईफिल्में भी बनी हैं। साल 2017 में आईअर्जुन रामपाल की फिल्म 'डैडी' गवली के जीवन पर आधारित थी।इसके अलावा कुछ मराठी फिल्में भी उन पर बनी हैं।
दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की बात छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 इंडोनेशियाई नागरिकों को यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को जमानत दे दी। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मुख्यालय कोरोना वायरस का एक ‘हॉटस्पॉट’ बनकर उभरा था।
जमानत पाने वाले लोगों में छह महिलाएं भी शामिल हैं। ये सभी तबलीगी जमात के सदस्य हैं और मार्च में निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। बाद में, यह ग्रुप मुंबई पहुंचा, लेकिन अधिकारियों को यह नहीं बताया कि वे कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
मुंबई पुलिस ने बाद में इन लोगों का पता लगा लिया और फिर क्वारैंटाइन सेंटर में भेज दिया था, जिसकी अवधि पूरी होने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उपनगर बांद्रा स्थित अदालत से जमानत न मिलने पर इन लोगों ने सत्र अदालत में जमानत याचिका दायर की। कोरोना वायरस संबंधी जांच में ये सभी लोग संक्रमणमुक्त पाए गए। याचिका के तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
22 दिनों तक छिपते रहे ये लोग
ये विदेशी नागरिक सात मार्च को मुंबई पहुंचे और 29 मार्च को अपार्टमेंट में रहने लगे। इसका मतलब यह हुआ कि वह 22 दिन तक घूमते रहे। उन्होंने बताया, 'चिकित्सीय जांच में 12 में से दो लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद दस अन्य को 20 दिन के क्वारैंटाइन कक्ष में भेज दिया गया।' उन्हें 23 अप्रैल को अदालत में पेश कर बांद्रा पुलिस ने रिमांड में लिया था।
महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पासरेलवे ट्रैक पर 16प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई।सभी मजदूरमध्य प्रदेश जा रहे थे। हादसा औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास हुआ। घटना उस वक्त हुई, जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। 4 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेशऔर महाराष्ट्र सरकार नेमृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।
रेल मंत्रालय ने बताया कि घटना बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच की है। यह इलाका रेलवे के परभणी-मनमाड़ सेक्शन में आता है।शुक्रवार तड़के मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। मालगाड़ी के ड्राइवर ने उन्हें देख लिया था, बचाने की कोशिश भी की, पर हादसा हो गया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
ट्रेन पकड़ने की आस में निकले थे मजदूर
मजदूर जालना की एसआरजे स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। औरंगाबाद से गुरुवार को मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। इसी वजह से जालना से ये मजदूर औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। रेलवे ट्रैक के बगल में 40 किमी चलने के बाद वे करमाड के करीब थककर पटरी पर ही सो गए। औरंगाबाद ग्रामीण एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया,‘‘हादसे में 14 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में 2 और ने दम तोड़ दिया। एक की हालत गंभीर है। बचे 4 अन्य लोगों से बातचीत की जा रही है।’’ मृतक मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया के हैं।
मजदूरों का सब बिखर गया
मोदी ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। लिखा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हरसंभव सहायतामुहैया कराई जाएगी।
####शिवराज सिंह का ट्वीट
##मृतकों में 10 शहडाेल के
1) धन सिंह गोंड (शहडोल)
2) निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल)
3) बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल)
4) अच्छेलाल सिंह (उमरिया)
5) रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल)
6) सुरेश सिंह कौल (शहडोल)
7) राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल)
8) धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल)
9) बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया)
10) प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया)
11) संतोष नापित
12) बृजेश भैयादीन (शहडोल)
13) मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया)
14) श्रीदयाल सिंह (शहडोल)
15) नेमशाह सिंह (उमरिया)
16) दीपक सिंह गौड़ (शहडोल)
जख्मी: सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे (खजेरी)
लॉकडाउन के दौरान पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी रोकने की कवायद में महाराष्ट्र ने उनके साथ अपनी सीमाओं को सील कर दिया है और 12 जांच चौकियों परकर्मियों को तैनात किया है। आबकारी विभाग ने यह कदम कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाई पाबंदियों में ढील के बाद उठाया है, जिसमें शराब की दुकानों को फिर से खोलना शामिल है।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र में शराब की मांग बढ़ने पर राज्यों में संगठित गिरोहों द्वारा शराब की तस्करी की आशंका है। उन्होंने कहा,इस देखते हुए आबकारी विभाग ने पड़ोसी राज्यों के साथ लगती सीमाओं पर स्थित जिलों में उड़न दस्तों और सतर्कता टीमों को तैनात किया है।
12 चौकियों पर बढ़ाई गई चौकसी
उन्होंने कहा, "इस अवधि के दौरान तस्करी से बचने के लिए हमने 12 जांच चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी है और आसपास के राज्यों के साथ सीमाओं को सील कर दिया है।" अधिकारी ने बताया कि इससे शराब की तस्करी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक शराब की अवैध आपूर्ति के कम से कम 4,829 मामले दर्ज किए गए और 438 वाहनों को जब्त किया गया। इसके अलावा ऐसे मामलों में कम से कम 2,104 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बंद के बाद से अब तक 12.63 करोड़ की शराब जब्त
बंद के बाद से 12.63 करोड़ रुपएकी शराब तथा अन्य सामग्री जब्त की गई है। अधिकारी ने बताया कि आबकारी विभाग ने एक नियंत्रण कक्ष बनाया है, जहां लोग शराब के अवैध निर्माण या बिक्री के संबंध में सूचना मुहैया करा सकते हैं।
महाराष्ट्र में आज कोरोना संक्रमितों की संख्या 18 हजार के पार पहुंच गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि गुरुवार को 1,362 नए मामले आए हैं। अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 18 हजार 120 हो गई है। राज्य में अब तक 651 लोगों की जान कोरोना के चलते गई है। वहीं, मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में 77 कैदी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। जेल के 26 कर्मचारी भी संक्रमित हैं। कुल 144 लोगों का टेस्ट किया गया था।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने शाम को सर्वदलीय बैठक की। इसमें राज्य में कोरोना से लड़ने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई और उपायों पर चर्चा भी की गई।
मुंबई में 24 घंटे में 680 नए संक्रमित, 25 की मौत
मुंबई में 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव 680 नए केस मिले, जबकि 25 मरीजों की मौत हुई। मुंबई में अब तक कुल संक्रमित 11394 और 437 मौत हो चुकी हैं। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 1216 पॉजिटिव केस मिले। पिछले 24 घंटे में 43 मरीजों की मौत हुई। महाराष्ट्र में अब तक कुल कोरोना मरीज 17974 और 694 मरीजों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 24 पुरुष और 19 महिलाएं शामिल हैं। 29 मरीजों में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और किडनी की परेशानी थी।
मजदूरों की घर वापसी पर मंत्री ने उठाए सवाल
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों पर लौटना चाहते हैं, उन्हें अब मेडिकल सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। उनकी सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के क्लीनिक के बाहर बड़ी कतार से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है।
राज्य कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें राज्य सरकार के लिए अशोभनीय हैं। लॉकडाउन के संबंध में प्रशासन के विरोधाभासी आदेशों के कारण अफरा-तफरी का माहौल है।
पश्चिम रेलवे को 716 करोड़ रुपए का नुकसान
लॉकडाउन में ट्रेनेंबंद होने से पश्चिम रेलवे को अब तक लगभग 716 करोड़ रुपए का नुकसानहुआ है। इसमें लंबी दूरी और मुंबई लोकल दोनों के नुकसान का आंकड़ा शामिल है।पश्चिम रेलवे को करीब 237 करोड़ रुपए रिफंड करने हैं। अकेले मुंबई डिवीजन से115 करोड़ रुपए का रिफंड किया जाएगा। पश्चिम रेलवे में अब तक 37.18 लाख यात्रियों के टिकट रद्द हुए हैं।
धारावी में 700 से ज्यादा कोरोना संक्रमित, अब तक 21 की मौत
कल्याण-डोंबिवली, अंबरनाथ से मुंबई जा सकेंगे लोग
कल्याण-डोंबिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ, बदलापुर महानगरपालिका ने रोजानामुंबई जाकर काम करने वाले लोगों केशाम कोवापस आने पर रोक लगाने का फैसला रद्द कर दिया है। यह आदेश 8 मई से लागू होनाथा। फैसले पर विवाद खड़ा होने परमनपा अधिकारियों ने कहा है कि मुंबई में काम करने वाले लोगों के रहने की वहां अभीव्यवस्था नहीं हो पाई है। इस कारण से आदेश कोफिलहाल वापस लिया जाता है।
ऑनलाइन देख सकेंगे चिड़ियाघर
मुंबई में लॉकडाउन के बीच भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान (रानीबाग) ने एक बड़ी पहल की है। अब आप यहां रहने वाले जानवरों, पक्षियों और प्रकृति का घर बैठे आनंद ले सकते हैं। इसके लिए प्राणी उद्यान प्रशासन अपना यूट्यूब चैनल और ट्विटर लिंक जारी करेगा।
देश के सबसे सुरक्षित माने जाने ऑर्थर रोड जेल में बंद 72 कैदियों और 7 जेल स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। इन सभी को मुंबई के जी.टी हॉस्पिटल और सेंट जार्ज हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। राज्य का यह पहला मामला है जब किसी जेल में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। आर्थर रोड जेल की सुरक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके अंडा सेल में 26/11 आतंकी हमले में पकड़ा गया अजमल कसाब को भी रखा गया था।
जानाकारी के मुताबिक, संक्रमण की पुष्टि सबसे पहले 50 साल के एक विचाराधीन कैदी में हुई। जिसके बाद उसके कांटेक्ट में आए अन्य कैदियों की कोरोना जांच करवाई गई और गुरुवार दोपहर तक 72 कैदियों में इसकी पुष्टि हुई है।
150 लोगों का हुआ कोरोना टेस्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले दिनों ही महाराष्ट्र सरकार से यह पूछा था कि क्या जेल के अंदर कोई ऐसा कैदी है जो कोरोना वायरस से संक्रमित है। ऐसे में जेल में कोरोना से संक्रमित कैदी के मिलने के बाद जेल प्रशासन सतर्क हो गया है. एहतियात के तौर पर जेल प्रशासन ने 150 से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया, जिसमें कैदी और जेल के अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।
अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई चर्चित चेहरे इस जेल में हैं बंद
800 लोगों की क्षमता वाली जेल में इस समय 2000 से ज्यादा कैदी रह रहे हैं। ऑर्थर रोड जेल में कोरोना का मरीज मिलना इसीलिए भी चिंताजनक ही क्योंकि इस जेल में आम कैदियों के साथ अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई अपराधी भी रहते हैं। इनमें 26/11 आतंकी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार अबू जिंदाल, हाई प्रोफाइल हेमा उपाध्याय मर्डर केस का आरोपी चिंतन उपाध्याय, छोटा राजन का शार्प शूटर सतीश कालिया भी इस जेल में बंद हैं।
महाराष्ट्र की पांच जेलों में भी है लॉकडाउन
इससे पहले 9 अप्रैल को कैदियों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मुंबई, पुणे और ठाणे जिलों के पांच केंद्रीय कारागारों को लॉकडाउन करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश के मुताबिक किसी नए कैदी को यहां नहीं लाया जाएगा और किसी को बाहर भी नहीं जाने दिया जाएगा। यहां तक कि जेल के कर्मी भी यहां से बाहर नहीं जाएंगे। यह आदेश मुंबई की आर्थर रोड जेल तथा भायखला जेल, ठाणे और कल्याण की जेल और पुणे की यरवडा जेल के लिए था।
यहां के सायन अस्पताल में कोरोना केमरीजों के मामले मेंएक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों के पास संक्रमण मारे गए लोगों के शव भी रखे जा रहे थे। मरीज और उनके परिजन ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत भी की, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब वीडियो वायरल हो गया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने राजेश टोपे नेकहा- मृतकों के परिजन 30 मिनट के भीतर बॉडी ले जाते हैं। लेकिन, कई बार वे हिचकिचाते हैं। इसके बाद शव मॉर्चुरी में भेज दिया जाता है। सभी प्रोसीजर पूरे करने में वक्त मिलता है।
राजेश टोपे ने कहा कि अब हमने आदेश दिया है कि बॉडी को 30 मिनट के भीतर हटा दिया जाए। इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। प्रोटोकॉल के तहत बॉडी को काली पॉलिथिन में लपेटा जाता है ताकि संक्रमण ना फैले।
वॉर्ड में 10 शव रखे थे
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगोंमें कोरोना से जान गंवाने वाले लोगोंकेशव भी बेडपर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कोकंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीचऐसे 19 शव रखे गए थे।
हॉस्पिटल ने दी सफाई
अस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने वायरल वीडियो की पुष्टि की है। डॉक्टर इंगले के मुताबिक, अस्पताल में स्टाफ की कमी है। उधर, रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए इन्हें वार्ड में रखा गया। मॉर्चुरी में जो 15 शेल्फ हैं, उनमें से 11 भरे हुए हैं।
रिपोर्ट आने तक पड़े रहते हैं शव
नीतेश राणे का ट्वीट
भाजपानेता नीतेशराणे ने भी वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘सायन अस्पताल में शवों के बीच मरीज भी सो रहे हैं। यहशर्मनाक है।'
##कम्युनिटी वर्कर मतिउर्रहमान बताते हैं कि जिस रोजवे अपने अंकल तालिब शेख को सायन अस्पताल लेकर गए थे तो एक शव रात से वॉर्ड में रखा हुआ था। दूसरी मौत सुबह 10 बजे हुई थी। वह शव भी शाम 5 बजे तक वहीं रखा हुआ था। आसपास दूसरे मरीज थे। लेकिन जिसकी मौत होती है, उसकी कोविड की रिपोर्ट आए बिना कोई शव को हाथ भी नहीं लगाता है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तोऐसे ही उसकी बॉडी परिवार वालों को दे दी जाती है। लेकिन रिपोर्ट आने तक शव वहीं रखा रहता है।
पूर्व सीएम ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
इस घटना पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'सायन हॉस्पिटल में हुई यह घटना बेहद गंभीर है। शव के बगल में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज जारी रखना एक गंभीर बात है।सवाल यह है कि क्या मुंबईकरों का कोई रखवाला नहीं बचा?सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो।'
सायन अस्पताल में केवल कोरोना की जांच होती है। जांच में अगर कोई पॉजिटिवपाया जाता है तो उसे इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल भेज दिया जाता है। लेकिन जिस तरह से धारावी में मामले बढ़ रहे हैं अस्पताल के लिए उन्हें संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है। धारावी में सोशल वर्क से जुड़े फहाद अहमद बताते हैं कि जो आंकड़ा धारावी का बताया जा रहा है वह सिर्फ दस फीसदी है। वहां ऐसे कई लोग हैं जो कोरोना केमरीज हैं लेकिन अस्पताल नहीं जा रहे हैं। टेस्ट नहीं करवा रहे हैं।
वहीं, धारावी के नगर पार्षदबाबू खान का कहना है कि कोरोना के मरीजों की लाशें जिंदा लोगों के साथ रखी गई हैं। शुरू में तो ऐसे ही बिना कपड़े के बॉडी पड़ी रहती थी, लोग डर के मारे दुबके अपने-अपने बेड पर पड़े रहते थे, अब बस इतना हुआ है कि उसे लपेट दिया जाता है। खबर चाहे अब आ रही हो लेकिन यहां ऐसा शुरू से ही हो रहा है।
इनपुट-अशीष राय
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने परप्रांतीय मजदूरों का गांव जाने का मार्ग थोड़ा आसान कर दिया है। सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अब पहले से ही मेडिकल सर्टिफिकेट लेने के अपने निर्णय में संशोधन किया है। इसके अनुसार जिन मजदूरों को उनके मूल गांव जाने की अनुमति मिलेगी। उनकी रवानगी से कुछ घंटे पहले अधिकृत सरकारी डॉक्टर से उनकी स्क्रीनिंग होगी।
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजोय मेहता द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि परप्रांतीय मजदूरों को उनके मूल गांव रवाना किया जाना होगा उससे कुछ घंटे पहले डिजिटल थर्मामीटर से स्क्रीनिंग होगी और संबंधित व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं या नहीं इसकी कड़ाई से जांच होगी। यह परीक्षण सरकारी या महानगरपालिका के मेडिकल ऑफिसर या फिर रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के जरिए की जाएगी।
मजदूरों को मेडिकल रिपोर्ट के लिए देने पड़ रहे हैं 100 रुपए
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से कोरोना स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य किया था। जिसकी वजह से मुंबई, ठाणे, पालघर सहित महाराष्ट्र के अन्य जिलों में फंसे परप्रांतीय मजदूरों को डॉक्टरों के क्लिनिक के बाहर घंटों लंबी लाइन लगानी पड़ रही थी। अधिकांश मजदूरों का लॉकडाउन की वजह से आमदनी का मार्ग बंद हो चुका है। इसके बावजूद उन्हें डॉक्टर का सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए कम से कम 100 रुपए चुकाने पड़ रहे थे।
पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह ने दिया था सरकार को सुझाव
इस बात की जानकारी होने पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार को सुझाव दिया कि परप्रांतीय मजदूरों को उनके मूल गांव रवाना करने से कुछ घंटे पहले मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। क्योंकि डॉक्टरों मजदूरों को जो सर्टिफिकेट दे रहे हैं। उसकी समय मर्यादा दिन तीन है और यदि तीन दिन के भीतर मजदूर अपने मूल गांव नहीं जाता है, तो इस मेडिकल सर्टिफिकेट की वैधता भी समाप्त हो जाती है।
राज्य में जारी कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें राज्य सरकार के लिए अशोभनीय हैं। यह सब देखकर मन बेचैन है। भुजबल ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन के संबंध में प्रशासन के विरोधाभाषी आदेशों के कारण भ्रम पैदा होने के साथ ही राज्य में अफरातफरी का माहौल बन रहा है। भुजबल ने यह बातें एक मराठी चैनल से बातचीत के दौरान कहीं हैं।
आपदा प्रबंधन कानून नेछीनीमंत्रियों से शक्तियां
छगन भुजबल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण फंसे लोग घर वापस जाने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। राज्य सरकार की ओर से बार-बार जारी हो रहे विरोधाभाषी आदेशों के चलते भ्रम पैदा होने के साथ ही लोगों में अफरातफरी के हालात पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के लागू होने के कारण अधिकतर शक्तियां मंत्रियों के बजाय प्रशासनिक अधिकारियों के पास है।
सीएमउद्धव ठाकरे ने की सर्वदलीय बैठक
दूसरी ओर, शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक सर्वदलीय बैठक की। ठाकरे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। उन्होंने राज्य में कोरोना की रोकथाम को लेकर किए जा रहे उपायों पर चर्चा की। सर्वदलीय बैठक में डेप्युटी सीएम और एनसीपी नेता अजीत पवार, पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस, कांग्रेस के अशोक चव्हाण, राज ठाकरे और अन्य नेता भी मौजूद थे।
गुरुवार को मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात एक 55 वर्षीय सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई है। कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीमा सुरक्षा बल में दो और केंद्रीय रिजर्व पुलिस में एक अर्धसैनिक बलों के बीच यह चौथी मौत है।
राज्य में487 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित
इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से राज्य में 487 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था और इसे 17 मई तक बढ़ा दिया गया है।
देशमुख ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, "लॉकडाउन के बाद से अब तक 487 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर कोविड-19 से संबंधित कॉल्स की संख्या बढ़ी है। मंत्री ने बताया कि इस नंबर पर अब तक 85,309 कॉल्स आई हैं।
2.24 लाख लोगों कोक्वारैंटाइन किया गया
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि आवश्यक सेवा प्रदाताओं और आपात स्थिति में फंसे लोगों को अब तक 3,10,694 से पास जारी किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य में 2,24,219 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है और 649 लोग क्वारैंटाइन नियम का उल्लंघन करते हुए पाए गए।
उन्होंने ट्वीट किया, "राज्य सरकार 4,738 राहत शिविर चला रही है जहां 4,35,030 प्रवासी मजदूरों को भोजन के साथ शरण मुहैया कराई गई। अवैध परिवहन के 1,281 मामले दर्ज किए गए हैं।"
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत 96,231 मामले दर्ज किए हैं जिससे 18,858 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 53,330 वाहनों को जब्त किया गया।देशमुख ने कहा, "कुल मिलाकर उल्लंघनकर्ताओं से 3,56,81,994 रुपये का जुर्माना वसूला गया। पुलिसकर्मियों पर हमले की 189 घटनाएं दर्ज की गई।"
महाराष्ट्र में अब तक हुई5 पुलिसवालों की मौत
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में 58 वर्षीय एक सहायक उप निरीक्षक की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हो गई। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि इसके साथ ही राज्य में अब तक पांच पुलिसकर्मियों की मौत इस खतरनाक संक्रमण से हो चुकी है। सहायक उप निरीक्षक सोलापुर के एमआईडीसी पुलिस थाने में तैनात थे और कोरोना वायरस संक्रमित होने की वजह से उन्हें मंगलवार को सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।
राज्य पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ पुलिस महानिदेशक समेत महाराष्ट्र पुलिस के सभी रैंक के अधिकारियों ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।’’ पिछले महीने मुंबई पुलिस के तीन कर्मी और पुणे पुलिस के एक कर्मी की मौत कोविड-19 की वजह से हो गई थी। राज्य में अब तक 42 अधिकारियों समेत 456 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
##शिवसेना ने मुंबई की शराब की दुकानों के बाहर इस हफ्ते भारी भीड़ लगने पर बृहस्पतिवार को नाखुशी जताई और कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि शराब कोरोना वायरस का टीका नहीं है। शिवसेना ने पार्टी के "मुखपत्र" सामना में छपे एक संपादकीय में कहा गया है कि शराब बिक्री के माध्यम से 65 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने के लिए "65,000 कोरोना वायरस संक्रमण मामलों को खरीदना" उचित नहीं है।
नियम नहीं पालन करने के कारण बंद कर दी गई दुकानें
संपादकीय में कहा गया है कि लोगों ने शराब की दुकानों पर जमा होने के दौरान एक दूसरे से दूरी बनाने के नियम का पालन नहीं किया। महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को ऐलान किया था कि कोरोना वायरस के गैर निषिद्ध जोनो में शराब की दुकानों से गली-मोहल्लों की दुकानें खुलेंगी। मगर सोमवार और मंगलवार को शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। मुंबई के नगर निकाय के आयुक्त ने मंगलवार रात एक आदेश जारी करके शहर में शराब की दुकानों समेत सभी गैर जरूरी सामान की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया।
सिर्फ 24 घंटे में दिखा शराब की दुकान खोलने का दुष्प्रभाव
शिवसेना ने कहा, "शराब की दुकानों के खुलने पर उनकी (लोगों की) खुशी अल्पकालिक थी। प्रशासन को शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश देना पड़ा। अकेले मुंबई में, दो दिनों में शराब बिक्री के माध्यम से 65 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। लेकिन मंगलवार को शहर में कोविड-19 के एक दिन में सबसे ज्यादा 635 मामले आए और करीब 30 लोगों की मौत हुई। "उसने कहा कि शराब की दुकान खोलने के दुष्प्रभाव 24 घंटे में दिख गए।
शराब कोविड-19 का टीका नहीं है
शिवसेना ने आगे कहा, "65 करोड़ रुपये के राजस्व के लिए हम कोरोना वायरस संक्रमण के 65,000 मामले खरीदना वहन नहीं कर सकते हैं... लोगों को समझना चाहिए कि शराब कोविड-19 का टीका नहीं है।" संपादकीय में कहा गया है कि शराब की दुकाने खोलने की वजह से प्रशासन और पुलिस पर अतिरिक्त दबाव आ गया, जहां एक-दूसरे से दूरी बनाने के नियम का पालन नहीं किया गया।
महाराष्ट्र में एक दिन में 43 करोड़ 75 लाख की शराब बिकी
महाराष्ट्र में बुधवार को एक दिन में 43 करोड़ 75 लाख रुपए की शराब बिक्री हुई है। आबकारी मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि मुंबई, उस्मानाबाद और लातूर जिले में शराब बिक्री पर कोविड-19 की वजह से फिलहाल रोक लगी हुई है, परंतु राज्य के अन्य 18 जिलों की 2,967 शराब की दुकानों से पिछले एक दिन में कुल 12.50 लाख लीटर विभिन्न प्रकार की शराब की बिक्री हुई है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में देशी शराब की 4,159, वाईन शॉप की 1,685, बीयर शॉप की 4,947 और सिर्फ वाइन शॉप की 31 लाइसेंसी दुकानें हैं। इन 10, 822 शराब की दुकानों में से 2,967 की दुकानों में सशर्त शराब बिक्री की अनुमति दी गई है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 3 मई को शराब बिक्री करने संबंधित गाइड लाइन जारी की थी। तब से मंगलवार तक राज्य में 16.10 लाख लीटर यानी करीब 62.55 करोड़ रुपए की शराब बिकी थी। होती है। इस तरह से महाराष्ट्र में पिछले चार दिनों में कुल 106.3 करोड़ रुपए की शराब बिकी है।
आम दिनों में राज्य में औसतन रोजाना 24 लाख लीटर है शराब की खपत
महाराष्ट्र के आबकारी विभाग के अनुसार राज्य में रोजना करीब 24 लाख लीटर और सालाना लगभग 86.7 करोड़ लीटर शराब की खपत होती है। इसमें 35 करोड़ लीटर देसी शराब, 20 करोड़ लीटर विदेशी शराब, 31 करोड़ लीटर बीयर और 70 लाख लीटर वाइन का समावेश है।
इनपुट: विनोद यादव
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देश में कोरोना संकट के बीच एक राहत की उम्मीद नजर आई है। कोरोना के इलाज के लिए 90 साल पुरानी बीसीजी की दवा के क्लीनिकल ट्रायल को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह ट्रायल महाराष्ट्र में पुणे के ससून हॉस्पिटल में किया जाएगा। मुंबई के परेल स्थित हाफकिन इंस्टीट्यूट में इस दवाई पर रिसर्च की जा रही है।
फ्रैंच बैक्टीरियालॉजिस्ट अल्बर्ट काल्मेट और कैमिल गुरीन को इस वैक्सीन को बनाने में 1908 से 1921 के बीच 13 साल का वक्त लगा था। अब तक इसका इस्तेमाल टीबी के मरीजों के लिए किया जाता है। नतीजे बेहतर रहे तो कोविड-19 के खिलाफ भी ये वैक्सीन बड़ा हथियार बन सकती है।
पुणे के ससून हॉस्पिटल के अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज में भी इस दवा का ट्रायल किया जाएगा। हालांकि, डब्लूएचओ ने कहा है कि अभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि बीसीजी का टीका कोविड-19 के लिए कारगार है या नहीं। बीजे मेडिकल कॉलेज और ससून जनरल हॉस्पिटल्स के डीन डॉ. मुरलीधर ताम्बे ने कहा, 'वैक्सीन का अगले सप्ताह से कोविड -19 रोगियों परक्लिनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा।'
मध्यम संक्रमित मरीजों पर किया जाएगा ट्रॉयल
डॉ. ताम्बे ने आगे बताया कि इसका परीक्षण केवल मध्यम असर वाले रोगियों पर किया जाएगा। गंभीर या हल्के संक्रमण वाले रोगियों को इससे बाहर रखा गया है।ऐसे रोगियों में खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। मध्यम रोगियों पर इसकेक्लिनिकल ट्रायल के पीछे का मकसद यह है कि हम बीमारी की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने की अवधि और इलाज के परिणामों की बारीकी से निगरानी कर सकें।
हाफकीन के विशेषज्ञों के साथ एक मीटिंग और होगी
डॉ. मुरलीधर ताम्बे ने आगे बताया, 'ट्रायल की अनुमति ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने हाफकीन इंस्टिट्यूट को दी थी। इसके बाद हाफकीन के अधिकारियों ने रविवार को बीजे मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और दो मीटिंग के बाद यहां पर इसके ट्रायल को मंजूरी दी गई है। गुरुवार यानी आज हम हाफकीन विशेषज्ञों के साथ एक और चर्चा करेंगे ताकि रोगियों की वास्तविक संख्या तय की जा सके जो परीक्षण में शामिल होंगे।'
1899 में स्थापित हुए था हाफकीन इंस्टीट्यूट
हाफकीन इंस्टीट्यूट देश के सबसे पुराने बायोमेडिकल रिसर्च संस्थानों में से एक है। यह 1899 में स्थापित किया गया था और इसका नाम वैज्ञानिक (डॉ. वाल्डेमर मोर्दकै हफकाइन) के नाम पर रखा गया था जिन्होंने प्लेग के टीके का आविष्कार किया था। तब से, हाफकीन संस्थान संक्रामक रोगों के विभिन्न पहलुओं के प्रशिक्षण, अनुसंधान और परीक्षण में लगे एक बहु-आयामी संस्थान के रूप में उभरा है।
सरकार द्वारा स्पेशल ट्रेनों और बसों के शुरू होने के बावजूद प्रवासी मजदूरों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 43 दिनों के इस लॉकडाउन में इनके रोजगार छिन चुके हैं। सारी जमा-पूंजी खत्म हो गई है और शहर में कमाई के सभी अवसर खत्म हो चुके हैं। मजदूरों में ज्यादातर का कहना है कि अगर वे अपने घर नहीं जाएंगे तो वे यहां जीवित नहीं रह पाएंगे। जिसके चलते मुंबई और आस-पास के सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने पैतृक गांवों की ओर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर पैदल और साइकिल से ही निकल पड़े हैं।
अपने 11 महीने के बेटे को साथ ले जाते हुए प्रीति ने पूछने पर कहा, "हमारे पास क्या विकल्प है? हमारे पास खाना खरीदने के लिए कोई पैसा नहीं है। इस लॉकडाउन के दौरान हम कैसे बचेंगे? मैं अपने 11 महीने के बच्चे को क्या खिलाऊंगी?" हमारे पास अपने मूल स्थानों पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जहां हम अपने परिवारों के साथ रह सकते हैं और कुछ समय के लिए जीवित रह सकते हैं।
कई प्रयास के बावजूद नहीं मिली कोई भी ट्रेन
मुंबई-नासिक राजमार्ग पर ज्यादातर मजदूर पैदल थे तो कुछ साइकिल पर। मुंबई में टैक्सी चलाने वाले एक प्रवासी मजदूर ने कहा कि वह टैक्सी में रहता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से उसके पास न तो कोई आदमनी का साधन है और न ही रहने के लिए कोई जगह। उसने कहा कि मेरे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। अगर मैं अपने मूल स्थान पर नहीं जाता हूं। मैं यहां भूखा रहूंगा। हमने ट्रेन की यात्रा के लिए अपने मूल स्थान पर आवेदन करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस का कहना है कि कोई ट्रेन नहीं है। इसलिए 20 दिन की पैदल यात्रा करने का फैसला किया।
हर दिन काम करके रहते हैं जिंदा
बढ़ई का काम करने वाले एक अन्य प्रवासी मजदूर ने कहा,"हम हर दिन काम करके जीवित रहते हैं। हमें बिना पैसे या भोजन के छोड़ दिया गया है। शहर में जीवित रहने के लिए कठिन हो रहा है। मेरे पिता और मैं अपने गांव जा रहे हैं, जहां मेरी मां हमारी प्रतीक्षा कर रही है।" प्रवासी मजदूरों ने कहा कि वे चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए शाम, रात और सुबह के समय चलते हैं और दिन के दौरान शरण लेते हैं। कुछ एनजीओ इन प्रवासियों की मदद कर रहे हैं।
कुछ एनजीओ कर रही हैं मदद
डॉक्टरों की एक ऐसी टीम को उन्हें भोजन, दवाइयां आदि की मदद करते हुए देखा गया है। डॉप्रशांत पिंगले ने कहा,"1 मई से, हम यहां इस पलायन को देख रहे हैं। मुंबई, कल्याण और ठाणे शहरों के हजारों प्रवासी अपने मूल स्थानों पर जा रहे हैं। हम एक छोटी सी टीम हैं और हम जितना हो सके, उतनी मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी मजदूर लंबे समय तक भूखे प्यासे चलने के कारण मांसपेशियों में दर्द से पीड़ित होते हैं, जिसके लिए वे उन्हें ओआरएस, दर्द निवारक और कुछ भोजन प्रदान करते हैं। पिछले चार से पांच दिनों में, हमने महिलाओं को अपने छोटे बच्चों और पुरुषों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते देखा है। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की है कि वे इन स्थितियों में अपने मूल स्थानों में न जाएं। लेकिन उनका कहना है कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
पूर्वी मुंबई के कुर्ला में दो पुलिस कांस्टेबल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को कुर्ला पुलिस थाने के इन कांस्टेबलों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई और उन दोनों को पृथक-वास में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों की उम्र 40-50 वर्ष के करीब है और उनमें से एक ऐरोली में रहता है, जबकि दूसरा नेहरू नगर की पुलिस कॉलोनी में रहता है। पुलिस विभाग में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए एक कांस्टेबल ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हम अपने परिवारों के बारे में चिंतित हैं। कौन जानता है कि कितने लोग संक्रमित पुलिसकर्मियों के संपर्क में आए थे? कई कर्मियों की उम्र 50 से ऊपर हैं और वे अभी भी काम कर रहे हैं।'
इस बीच कुर्ला पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक दत्तात्रय शिंदे ने कहा, 'यह सच है कि 50 साल से अधिक उम्र के पुलिसकर्मी अभी भी काम कर रहे हैं, लेकिन हमने 55 साल से अधिक की उम्र वाले पुलिसकर्मियों को छुट्टी दे दी है।' उन्होंने कहा कि बीएमसी कुर्ला पुलिस थाने में अन्य कर्मचारियों की जांच करने का फैसला करेगी।
महाराष्ट्र में संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है।बुधवार को संक्रमण से राज्य में34 लोगों की जान गई। इनमें मुंबई में 26, पुणे और अकोला में 3-3 की मौत हुई। इसके अलावा, जलगांव और सोलापुर में एक-एक मरीज की जान गई। मृतकों में 21 पुरुष और 13 महिलाएं हैं। इनमें 18 की उम्र 60 साल से अधिक, 13 की उम्र 40 से 60 साल के बीच और 6 की उम्र 40 साल से कम है। 34 मृतकों में से 27 में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और किडनी जैसी बीमारियां थी। इसे मिलाकर राज्य में संक्रमण से मौत का आंकड़ा 651 तक पहुंच गया।
1233 नए मामले आए
वहीं, महाराष्ट्र में बुधवार को संक्रमण के 1233 नए मरीज सामने आए। इसे मिलाकर राज्य में कुल मरीजों की संख्या 16,758 तक पहुंच गई है। राज्य में बुधवार शाम तक कुल 1,90,879लोगों की कोरोनाजांच हुई है। इसमें से 1,73,838 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 16,758 पॉजिटिव आई है। वहीं,अब तक कुल 2,819 लोग कोरोना मुक्त हो चुके हैं।
मुंबई में शराब दुकानें बंद होंगी
मुंबई में लगातार दो दिनशराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने मंगलवार रात बड़ा फैसला लिया। उन्होंंने सभी प्रकार के गैर-जरूरी सामान और शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है। हालांकि, किराना और मेडिकल स्टोर जैसे जरूरी सामान की दुकानेंखोलने की पहले की तरह छूट जारी रहेगी। इससे पहले, दुकानें खोलने को लेकर दो दिन तक भ्रम का माहौल बना रहा।
सोमवार को 4 लाख लीटर शराब बिक्री हुई
मुंबई के आसपास ठाणे, कल्याण और उल्हासनगर समेत अन्य शहरों में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। मुंबई में कई जगहों पर भीड़ बढ़ने पर पुलिस की मदद लेनी पड़ी। सोमवार को महाराष्ट्र में 4 लाख लीटर शराब बिकी। आम दिनों में करीब 24 लाख लीटर बिक्री होती है।
शराबदुकानदारों ने फैसले का विरोधकिया
बीएमसी के शराब दुकान बंद करने के फैसले पर फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरेको पत्र लिखा। इसमें उन्होंनेकहा-हम मुख्यमंत्रीद्वारा गैर जरूरी उत्पादों पर दी गई राहत के बाद अब बीएमसी के ऑर्डर को देखकर हैरान हैं। हमारे एसोसिएशन और सदस्यों ने कभी किसी राहत के लिए नहीं कहा, लेकिन जब सरकार ने इस बात की घोषणा की तो हमने यह सोचकर इसे स्वीकार किया कि इससे इकोनॉमी सुधरेगी। वाइन शॉप को शुरू करने का सरकार का फैसला अच्छा विकल्प था, क्योंकि इससे सरकार को राजस्व मिलता।
राज्य में पहले यह आदेशथा
महाराष्ट्र में अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लाने के लिए गैर-जरूरी सामानों की बिक्री करने वाली पांच दुकानें हर रोड पर खोलने का आदेश दिया गया था। मुंबई में इस संबंधमें फैसलालेने का पूरा अधिकार कमिश्नर के पास है। कई दुकानदार तो गैर-जरूरी सामान बेचने की तैयारी कर रहे थे, इस बीच इन दुकानों को पूरी तरह से बंद करने का फैसला कर दिया गया।
हिंगोली में 36 एसआरपीएफ जवान संक्रमित
महाराष्ट्र में राज्य पुलिस बल (एसआरपीएफ) के 36 जवानों के अलावा एक नर्स भी कोरोना से संक्रमित पाई गई। 1 मई के बाद कोरोनासे एक दिन में सर्वाधिक जवान संक्रमित हुए हैं।सोमवार रात 22 जवानों और एक नर्स की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
कोरोना अपडेट
मुंबई:धारावी में बुधवार को 68 नए मामले सामने आए हैं। यहां एक मरीज की मौत भीहुई है। इसके बाद इलाके में कुल 773 केस सामने आ चुके हैं और अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है।
मीरा भायंदर: महानगरपालिका के उपमहापौर हसमुख गहलोत ने कहा है कि कोरोना के मद्देनजर संपत्ति और जल कर में कटौती पर विचार किया जा रहा है। इस संबंधमें जल्द ही आयुक्त से चर्चा कर विशेष बैठक बुलाने की इजाजत मांगी जाएगी। गहलोत भाजपा के नगरसेवक हैं और महासभा में भाजपा का बहुमत है।
भिवंडी: एक सर्वेक्षण में अभी तक 1700 से अधिक हाई रिस्कवाले व्यक्तियों की पहचान की गई है। भिवंडी मनपा इलाके में अभी तक कुल 19 कोरोना संक्रमित मरीज पाए, इनमें दो मरीज ठीक होकर घर भी आ गए हैं। इसके अलावा 293 लोगों को भिवंडी-कल्याण बाईपास पर रांजनोली गांव के टाटा आमंत्रण स्थित सरकारी क्वारैंटाइन में रखा गया है और 55 लोग होम क्वारैंटाइन में हैं।
पुणे:11 साल के बच्चे समेत पांच और मरीजों ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। सिर्फ मंगलवार को यहां 79 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2,201 तक पहुंच गया। वारजे-मालवाड़ी इलाके के रहने वाले 11 वर्षीय बच्चे को 3 मई को पॉजिटिव पाए जाने के बाद भर्ती करवाया गया था। कोरोना से मृत होने वाला यह संभवतः सबसे कम उम्र का मरीज है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बुधवार को गुजरात और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्रियों से बात करके उन्हें कोरोना वायरस‘कोविड-19’ के संक्रमण से लड़ने में केन्द्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
डॉ हर्षवर्धन ने वीडियाे कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा, “आइए हम सभी को मिलकर जल्द से जल्द मरीजों का पता लगाना है और उनका समय पर उपचार करना है ताकि मौतों की दर को कम किया जा सके।”
डॉ हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के साथ गुजरात के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन भाई पटेल और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में समय रहते कोेरोना संक्रमितों का पता लगाने और इनसे निपटने की तैयारियों पर चर्चा की।
प्रभावी सर्विलांस, लोगों के संपर्क सूत्रों का पता लगाने की आवश्यकता है: डॉ हर्षवर्धन
दोनों राज्यों में कोराेना की स्थिति और इससे निपटनेे के लिए किए जा रहे उपायों पर प्रस्तुति करण देखने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के कुछ जिलों में उच्च मृत्यु दर पर चिंता जताते हुए कहा कि उन्हें प्रभावी सर्विलांस,लोगों के संपर्क सूत्रों को पता लगाने और रोग के जल्द निदान पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है ताकि लोगों की मौतों को राेका जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अचानक से हुए गंभीर श्वसन तंत्र संक्रमण (एसएआरआई) और इंफ्लूूएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) के मामलों की उपयुक्त जांच, परीक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि इन्हेें अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोका जा सके।
‘कंटेनमेंट रणनीति को लागू करने की आवश्यकता है’
उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों को अपने यहां हो रही मौतों को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में उपयुक्त ‘कंटेनमेंट’ रणनीति को लागू करने की आवश्यकता है तथा इसे प्राथमिकता के तौर पर लिया जाना चाहिए। इसके अलावा चरणबद्ध तरीके से समग्र प्रयास किए जाने की भी जरूरत है और दोनों राज्यों को केन्द्र सरकार की तरफ से जारी किये गये प्रोटोेकॉल का पालन करने की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र केठाणे में एक 90 साल की बुजुर्ग महिला ने कोरोना वायरस को मात दी। मंगलवार को महिला को यहां केसिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। महिला का इलाज करने वालेडॉक्टर कैलाश पवार ने कहा, 'इतनी ज्यादा उम्र की होने के बावजूद उनमें कोरोना से लड़ने का जज्बा देखने लायक था।' महिला कोउनके पति को अपने पोते-पोतियों से यह संक्रमण हुआ था।
बुजुर्ग महिला को22 अप्रैल को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनकी दो बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया। हालांकि, उनके पोते-पोतियों मेंकी रिपोर्ट अभीपॉजिटिव है। इसलिए अभी भी वे हॉस्पिटल में रहेंगे। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के दौरान महिला ने नाम आंखों से डॉक्टर्स का शुक्रिया अदा किया।
इसके अलावा,ठाणे जिले के मीरा भायंदर नगर में सात महीने के बच्चे के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा दो परिवार के कुल 10 लोगों समेत 16 संक्रमित मरीज मंगलवार को ठीक होकर वापस अपने घर गए हैं। ठाणे जिला सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर और नर्सों ने सभी का तालियां बजाकर विदाई दी।
पांच पुलिस कर्मी हुए संक्रमित
वहीं, कल्याण डोम्बीवली में मंगलवार को आए 11 मामलों में पांच पुलिस कर्मी हैं। कल्याण डोम्बीवली के निगम आयुक्त विजय सूर्यवंशी ने बताया किइलाके में रहने वाले और मुंबई में काम करने वाले निवासियों को आठ मई से कल्याण से जाने या प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। यह फैसला कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से किया गया है।
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे, सेना और अन्य केंद्रीय उपक्रमों के अस्पतालों से आग्रह किया है कि वे राज्य में मौजूद अपनी सुविधाएं सरकार के लिए उपलब्ध करवाएं। राज्य सरकार मामले बढ़ने के साथ ही गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) के बेड की संख्या में इजाफा करना चाहती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोविड-19 मरीजों के इलाज और आईसीयू बेड की चिंता को लेकर निजी तौर पर उच्च अधिकारियों से चर्चा की है। बयान के मुताबिक, 'योजना के तहत, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में रेलवे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, भारतीय सेना, नौसेना और केंद्र सरकार के अन्य उपक्रमों के अस्पतालों, संस्थानों और इमारतों की सुविधाएं उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।'
परिक्षण की संख्या में वृद्धि से बढ़ी मरीजों की संख्या
राज्य सरकार ने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस से निपटने में जुटे हैं और इसकी रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए हैं। बयान के मुताबिक, 'परीक्षणों की संख्या में व्यापक वृद्धि की गई है, ऐसे में मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। स्वस्थ होने वाले और अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।'
अब तक तकरीबन 3 हजार मरीज ठीक होकर घर पहुंचे
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि कुल 2,819 मरीज विभिन्न अस्पतालों से ठीक होकर जा चुके हैं। बयान में कहा गया, 'केंद्र ने मई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया है, राज्य सरकार ने मुंबई और पुणे में आइसोलेशन और आईसीयू सुविधाएं तैयार की हैं।'
ठाणे के भिवंडी के रहनल गांव में बुधवार दोपहर एक केमिकल गोदाम में भीषण आग लग गई। मौके पर आधा दर्जन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची हुई है। इसमें अभी तक किसी भी तरह की जनहानि की खबर नहीं है। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोदाम से निकलने वाला धुंआ कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है।
आग लगने के कारणों का भी पता नहीं चल पाया है। आसपास के लोग और फायर बिग्रेड के कर्मचारियों की मदद से आग को बुझाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, आसपास स्थित फैक्ट्री में काम बंद रहने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई मौके तक पहुंचने के लिए।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ने रेलवे से यह स्पष्ट करने के लिये कहा है कि लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी श्रमिकों को वापस उनके घर भेजने में रेल यात्रा में आने वाली लागत का 85 फीसदी वह वहन करेगा या नहीं। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक वीडियो संदेश में कहा कि इन श्रमिकों के पास नौकरी नहीं है और इन लोगों से रेलवे को किराया नहीं वसूलना चाहिए।
भाजपा ने उठाई थी सरकार से किराया देने की मांग
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को कहा था कि रेलवे ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए चलाईजाने वाली विशेष ट्रेनों के किराये में 85 प्रतिशत सबसिडी दे रही है और बाकी बचे 15 फीसदी किराये का भुगतान राज्य सरकार को करना चाहिए।
रेलवे की तरफ से नहीं दी गई आधिकारिक जानकारी
इस पर अनिल देशमुख ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार की ओर से, मैं भारतीय रेल से इसमें स्पष्टता चाहता हूं कि वह टिकट का 85 प्रतिशत वहन कर रहा है या नहीं। अब तक रेलवे से इस बारे में आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।'उन्होंने बताया किया कि हर व्यक्ति यह जानता है कि इन प्रवासी श्रमिकों के पास पिछले 40 दिन से नौकरी नहीं है और वे अपने घर वापस जाने के लिए बेचैन हैं।
अब तक तकरीबन 36 हजार श्रमिकों को उनके घर भेजा गया
एक अधिकारी ने बताया कि अबतक, करीब 36 हजार प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र से अपने गृह स्थान के लिए निकल चुके हैं । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी की राज्य इकाई कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे जरूरतमंद प्रवासी श्रमिकों के टिकट का खर्च वहन करेगी।
लॉकडाउन के बीच सरकार ने प्रवासी मजदूरों को वापस उनके राज्यों तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सोमवार और मंगलवार से राज्य के अलग-अलग शहरों में मजदूरों की भारी भीड़ प्राइवेट क्लिनिक के सामने फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए उमड़ी है। इसके अलावा भीड़ पुलिस स्टेशनों पर भी नजर आ रही है। क्योंकि, फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के बादमजदूरों को पुलिस स्टेशन या जिला मुख्यालय पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद ही वे ट्रेन या बस से अपने राज्यों तक जा सकते हैं। मुंबई में करीब 7 लाख से अधिक लोग हैं, जिन्हें दूसरे राज्यों में जाना है। एक बार सर्टिफिकेट जारी करने के बाद कितने दिन तक उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर भी क्लियरिटी नहीं है।
फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए500 रुपए वसूलने का आरोप
घर वापसी के लिए लगने वाले दस्तावेजों में हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य है। इसके लिए सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी क्लिनिक के सामने प्रवासी मजदूरों की कतार लगी हुई है। कुछ लोग मौके का फायदा उठा 500 रुपए तक सर्टिफिकेट के लिए शुल्क ले रहे हैं। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने महाराष्ट्र के डॉक्टरों से अपील की है कि 100 से अधिक शुल्क हेल्थ सर्टिफिकेट के लिए न लिया जाए।
10 मिनट में एक सर्टिफिकेट
डॉक्टरों के अनुसार, सही तरीके से सर्टिफिकेट जारी करने में एक व्यक्तिपर 10 मिनट लग रहा। पहले उनका बॉडी टेम्प्रेचर लिया जाता है। फिर सर्दी-जुकाम या बुखार की हिस्ट्री ली जाती है, उसके बाद ही सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
जानकारी का अभाव बनी मजदूरों की सबसे बड़ी चुनौती
धारावी में रहने वाले राधेश्याम मिश्रा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले हैं। वे एक पाइप बनाने वाली कंपनी में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के बाद से उनके ठेकेदार ने भी उनकी मदद नहीं की और अब वे पूरे परिवार के साथ वापस उत्तर प्रदेश जाना चाह रहे हैं। शुरू के दो दिनों में उन्हें पता ही नहीं चला कि लॉकडाउन में घर लौटने की क्या प्रक्रिया है। कुछ स्थानीय लोगों ने पूरी प्रक्रिया समझाई तो पूरे दिन खड़े रहने के बाद मंगलवार शाम को उन्हें डॉक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट मिला है। अब उनके सामने एक और चुनौती है धारावी पुलिसस्टेशन से घर जाने का पास लेने की। राधेश्याम की तरह ही कई हजार मजदूर अभी भी मुंबई में फंसे हुए हैं।
राज्य के अलग-अलग शहरों का हाल
राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे खतरे को देखते हुएमुंबई के सभी लाइसेंस प्राप्त डॉक्टरों (प्राइवेट) को ड्यूटी करनेके लिए कहा गया है। अगर कोई भी डॉक्टर ड्यूटी करने से इनकार करता है तो उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि कम से कम डॉक्टर्स को 15 दिन की ड्यूटी अलग-अलग हॉस्पिटल मेंकरनी होगी। हालांकि, 55 साल से अधिका उम्र के डॉक्टरों को लिए इसमें छूट दी गई है।
अपनी इच्छा से चुन सकते हैं हॉस्पिटल
राज्य सरकार ने ये सुविधा दी है कि 25,000 पंजीकृत डॉक्टर अपनी इच्छा और पसंद की जगह पर काम करने के बारे में बता सकते हैं। बीएमसीकमिश्नर प्रवीण परदेशी ने एक ऑर्डर जारी कर मुंबई के सभी 24 वॉर्डों के असिस्टेंट कमिश्नर को अधिकार दिया है कि वह मुंबई के प्राइवेट हॉस्पिटल्स एवं नर्सिंग होम को कोविड-19 से लड़ाई के लिए तैयार करें। कमिश्नर ने अपने ऑर्डर में साफ जिक्र किया है कि महानगर में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है।
नियम उल्लंघन करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
बीएमसी हॉस्पिटल्स एवं सरकारी हॉस्पिटल्स में मरीजों का इलाज हो रहा है। और बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हो रहे हैं। इसके बावजूद भविष्य में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इसलिए असिस्टेंट कमिश्नर अपने-अपने वॉर्ड में ऐसे प्राइवेट हॉस्पिटल्स एवं नर्सिंग होम चिन्हित करें और उन्हें कोविड-19 से लड़ाई के लिए तैयार करें। कमिश्नर ने ऑर्डर में कहा है कि यदि कोई इसका विरोध करता है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाए।
बीएमसी को अंदेशा आने वाले समय में बढ़ सकते हैं केस
कई प्राइवेट हॉस्पिटल भी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे हैं, इसके बावजूद बीएमसी को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बीएमसी को आशंका है कि आने वाले समय में मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इससे निपटने के लिए बीएमसी नेस्को ग्राउंड गोरेगांव में 1240 बेड, एमएमआरडीए ग्राउंड में 1000 बेड ऑक्सिजन सहित क्वारंटीन सेंटर बनवा रही है।
जबकि, 300 बेड का आइसोलेसन वॉर्ड महालक्ष्मी रेसकोर्स में, 100 वरली के नेहरू सेंटर में और 200 बेड नेहरू प्लेनेटोरियम और 200 बेड का आइसोलेसन वॉर्ड रिचर्डसन ऐंड क्रुडास में बनवा रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में तेजी से बढ़ते कोरोनासंक्रमण पर सख्त रूख कायम कर लिया है। उन्होंने सोमवार को सभी जिलों के अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और उन्हें हर हाल में 31 मार्च तक राज्य को कोरोना मुक्त करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर अफसर को अपना इलाका ग्रीन जोनमें लाना होगा, भले चाहे इसके लिए कितनी भी सख्ती क्यों न करनी पड़े। उन्होंने कहा किकलेक्टर स्थानीय स्तर पर हर जरूरी फैसला ले सकते हैं, लेकिन कोरोनाको नियंत्रित करने में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंगलवार कोसंक्रमण से 34 की मौत
वहीं,महाराष्ट्र में मंगलवार को संक्रमण से 34 लोगों की मौत हुई। इनमें मुंबई में 26, पुणे में 6 और औरंगाबाद और कोल्हापुर में एक-एक की जान गई। मृतकों में 24 पुरुष और 10 महिलाएं हैं। इनमें से 14 की उम्र 60 साल से अधिक, 16 की उम्र 40-60 साल के बीच और 4 की उम्र 40 साल से कम है। इसे मिलाकर राज्य में संक्रमण से अब तक617 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, मंगलवार को संक्रमण के 984 नए पॉजिटिव केस मिले। राज्य में अब संक्रमितों का आंकड़ा 15 हजार पार करके 15,525 पर पहुंच गया है।
मुंबई: बीडीडी चॉल अगले सात दिनों के लिए बंद की गई
मुंबई के सबसे ज्यादा संक्रमण प्रभावित वर्ली इलाके में स्थित बीडीडी चॉल इमारतों को अगले सात दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इन इमारतों में अब तक 40 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। पूरे वर्ली में 817 संक्रमित हैं। वर्ली और एनएम जोशी मार्ग मुंबई का सबसे अधिक कोरोना प्रभावित इलाका है। बीडीडी चॉल में रहने वाले लोग लॉकडाउन के बावजूद सड़कों पर घूम रहे थे।
अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही
कोरोना के गंभीर मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या देखते हुए बृहन्मंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) ने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 3 हजार से बढ़ाकर 4 हजार 750 करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत केईएम, नायर, सेंट जॉर्ज और सेवन हिल्स अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
बीएमसी ने शुरू कीबुजुर्गों की जांच
कोरोना की चपेट में बड़ी संख्या में बुजुर्गों के आने के बाद बीएमसीने घर-घर जाकर वरिष्ठ नागरिकों की जांच करनी शुरू की है। स्वास्थ्य कर्मियों ने अब तक झुग्गी बस्तियों में3 लाख 43 हजार 717 घरों में पहुंचकर 42 हजार 752 बुजुर्गों की जांच की।
मुंबई पहुंचा 3 लाख 61 हजार मीट्रिक टन सामान
लॉकडाउन के 34 दिनों में समुद्र के रास्ते 3 लाख 61 हजार मीट्रिक टन सामान मुंबई पहुंचा। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अनुसार, लॉकडाउन के बाद से पोर्ट पर 110 से अधिक कार्गो जहाज पहुंचे हैं। इन जहाजों के माध्यम से शक्कर, बेस ऑइल कंटेनर, गाड़ियां, लोहे के एंगल और लोहे के कोइल समेत अन्य सामान मुंबई में उतरे हैं। कोरोनावायरस के प्रभाव की वजह से पोर्ट पर यात्री जहाज की आवाजाही पर रोक लगी है।
जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में 12 पुलिसकर्मीकोरोना संक्रमित
मुंबई केजोन 1 स्थित जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में कार्यरत 6 पुलिस अधिकारी और6 सिपाही भी कोरोना की चपेट में आ गए। इसके अलावा 6 अधिकारियों और 48 कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया गया है। अभी तक मुंबई पुलिस के 211 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, डीसीपी रैंक केएक अधिकारी भी संक्रमण का शिकार हो गए हैं।
कोरोना संक्रमण काल के बीच भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ट्रोल सोशल मीडिया में धमकियां दे रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर नागपुर के नगर भाजपा अध्यक्ष प्रवीण दटके और अन्य ने नागपुर पुलिस आयुक्त के पास एक कंप्लेंट दर्ज करवाई है। इसमें यह भी कहा गया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक शिकायत पार्षद प्रसाद लाड ने मंगलवार को रत्नागिरि के पुलिस अधीक्षक से की है।
प्रवीण दटके ने आरोप लगाया कि विधानसभा में नेता विपक्ष फडणवीस जब भी सोशल मीडिया पर कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में बात करने के लिए आते हैं, उन्हें मुठभेड़ की धमकी दी जाती है। उन्होंने कहा, "जब नेता विपक्ष को इस तरह की धमकी दी जा रही है तो महाराष्ट्र में आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा?"
नागपुर से ही ताल्लुक रखनेवाले भाजपा नेता एवं विधान पार्षद अनिल सोल ने कहा कि भाजपा के नेताओं को पिछले कुछ दिन से लगातार ट्रोल (परेशान) किया जा रहा है। उन्होंने कहा,"अनेक टिप्पणियां बहुत ही निजी प्रकार की और निकृष्ट हैं।"
इन मंत्रियों को भी किया जा रहा है परेशान
फडणवीस के अतिरिक्त पूर्व मंत्रियों-चंद्रशेखर बावनकुले, सुधीर मुनगंटीवार और विनोद तावडे को भी सोशल मीडिया पर कथित तौर पर परेशान किया गया। मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा को निशाना बनाने के लिए ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "मुझे मेरे फेसबुक लाइव के दौरान तथा अन्य भाजपा नेताओं को परेशान करने वालों का डेटा हासिल कर लिया है। मैंने पाया कि अनेक ऑनलाइन एकाउंट में एक ही नाम हैं जिसका मतलब है कि कुछ लोग इरादतन हमें ट्रोल कर रहे हैं।"
राज्य में कोरोना संक्रमित पुलिसवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोमवार शाम तक पूरे राज्य में 48 पुलिस अधिकारी और 409 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके थे। इनमें 100 से ज्यादा पॉजिटिव पुलिसकर्मी मुंबई में ही हैं। वहीं इस महामारी की चपेट में आकर 4 पुलिसकर्मी अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं।
मुंबई में एक आईपीएस अधिकारी भी कोरोना की चपेट में आ गया है। इस आईपीएस अधिकारी के साथ काम करने वाले कुछ स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस पुलिस अधिकारी में कोरोना के कोई लक्षण नहीं (एसिंप्टोमेटिक) पाए गए हैं। कई आईपीएस अधिकारियों और उनके स्टाफ का कोरोना टेस्ट किया गया है और रिपोर्ट का अभी इंतजार है।
जेजे पुलिस स्टेशन के 48 पुलिसकर्मी भी हुए संक्रमित
अभी हाल में दक्षिण मुंबई के जेजे पुलिस थाने में 12 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें 6 अधिकारी हैं जबकि 6 पुलिसकर्मी हैं जिनमें कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 6 अधिकारियों और 48 पुलिसकर्मियों को क्वारनटीन किया गया है। इससे पहले भी कई पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।
धारावी और शाहूनगर थाने के कई पुलिस अधिकारी और कर्मियों में कोरोना की पुष्टि हुई है। मृतकों का आंकड़ा देखें तो महाराष्ट्र पुलिस में कोरोना से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 3 मुंबई से जबकि 1 पुणे से है।