धरमपुरी में 8 मई काे काेराेना पाॅजिटिव मरीज मिलने से कलेक्टर श्रीकांत बनोठ के निर्देश पर मनावर एसडीएम दिव्या पटेल ने धरमपुरी तहसील क्षेत्र में आगामी अादेश तक कर्फ्यू लगा दिया है। शनिवार सुबह से ही पुलिस प्रशासन ने धामनोद नगर सहित तहसील में बाहर घूमने वालाें पर सख्ती दिखाई।
धरमपुरी के मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री ने शासन-प्रशासन को चौंका दिया था। इसके चलते धरमपुरी के डॉक्टरों एवं धामनोद के एक दंत चिकित्सक से उपचार कराने पर धरमपुरी के 36 एवं धामनोद के 18 लोगों को क्वारेंटाइन करने के बाद कर्फ्यू लगाया है। धरमपुरी, धामनोद से बाहर जाना एवं भीतर आना प्रतिबंधित है। पूर्व में जारी सभी अनुमति व पास निरस्त कर दिए। शासकीय, अशासकीय कार्यालय,औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। परिवहन के सभी साधन पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अनिवार्य सेवाओं काे ही छूट रहेगी।
दूध की होम डिलीवरी करने वाले विक्रेता सुबह 7 से 11 एवं सायं 5 से 7 बजे तक बांट सकेंगे। गेहूं उपार्जन के लिए जिन किसानों को शासन से एसएमएस प्राप्त हुए वे ही दाे लाेग मय ट्रैक्टर-ट्राॅली के उपार्जन केंद्रों तक आने-जाने की छूट रहेगी। एसडीओपी एनके कंसाेटिया ने भी लाेगाें से घर में रहकर कानून व्यवस्था का पालन करने की समझाइश दी।
जिले के लिए राहत के साथ ही दु:ख की खबर है। एक और जहां 12 मरीज संक्रमण से मुक्त हुए हैं, साथ ही 86 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाई है ताे दूसरी अाेर जिले में दूसरी काेराेना के चलते दूसरी माैत हो गई है। कुक्षी की महिला ने इंदाैर में इलाज के दाैरान शनिवार काे दम ताेड़ दिया।
इधर 108 एंबुलेंस के पायलट की भी इंदाैर में माैत हाे गई। शुक्रवार काे उसकी तबीयत बिगड़ी थी। उसका सैंपल लिया गया है। डाॅक्टराें काे प्रथम दृष्टया उसकी माैत हार्ट अटैक से हाेने की अाशंका है। इधर धार के कंटेनमेंट एरिया से दाे लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया गया है। एरिया के जिन घराें में विभिन्न कारणाें से माैत हुई थी, उन घराें का भी सर्वे किया जा रहा है।
कंटेनमेंट एरिया से 2 लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया
कंटेनमेंट एरिया उटावद दरवाजा में दाे लाेगाें की स्क्रीनिंग के बाद उनका तापमान बढ़ा हुअा पाया। उनमें अन्य लक्षण भी दिखे। इस पर उन्हें क्वारेंटाइन किया गया। यह कार्रवाई प्रशासन अाैर स्वास्थ्य अधिकारियाें के निर्देश पर की गई। इधर कंटेनमेंट एरिया के जिन घराें में विभिन्न कारणाें से जिन लाेगाें की मृत्यु हुई थी, उनके घराें का टीम सर्वे कर रही है। उन्हें भी गाेली अाैर अन्य दवाइयां दी जा रही है। यह बात भी सामने अाई है कि कंटेनमेंट क्षेत्र में लाेग स्वास्थ्य विभाग का सहयाेग नहीं कर रहे थे। इस पर पुलिस की टीम भी पहुंची थी।
शुक्रवार काे डेहरी से कोरोना मरीज को लेकर धार अा रहे 108 एम्बुलेंस के पायलट कबरसिंह पिता भूरसिंह चाैहान की तबीयत बिगड़ गई थी। साथी ड्राइवर ने उसे पानी पीने के लिए कहा था लेकिन उसने पीपीई किट पहन रखा था इसलिए पानी नहीं पिया। जिला अस्पताल में पहुंचने के बाद वह बेहाेश हाे गया था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर जैसे-तैसे ड्राइवर उसे धार लेकर आया। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने पीपीई किट फाड़ कर उसका इलाज किया। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उसे इंदौर रैफर कर दिया गया था। जहां शनिवार काे बाॅम्बे हाॅस्पिटल में उसकी मौत हो गई है। कबरसिंह 24 अप्रैल से लगातार ड्यूटी कर रहा था। 108 एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप परमार ने शासन की घाेषणा के अनुसार 50 लाख का बीमा देने की मांग की है। परमार ने कहा कि एंबुलेंस चालक सबसे बड़े कोरोना वाॅरियर्स हैं जो लगातार कम तनख्वाह पर कोरोना संदिग्धों को लाने ले जाने का लगातार काम कर रहे हैं। कबरसिंह बाग में तैनात थे। परमार ने अाराेप लगाया कि कई लाेगाें काे बिना किट अाैर सुरक्षा साधनाें के ही काम करना पड़ रहा है। यदि बीमा नहीं दिया जाता है ताे हम अांदाेलन करेंगे।
4 दिन पहले सांस लेने में तकलीफ हाेने पर इंदाैर रैफर किया था
कुक्षी की काेराेना पाॅजिटिव मंजुला जैन 60 साल काे चार दिन पहले सांस लेने में तकलीफ हाेने पर उन्हें इंदाैर के अरबिंदाे अस्पताल में रैफर किया गया था। उनका अाॅक्सीजन लेवल भी कम हाे गया था। शनिवार काे उनकी मृत्यु हाे गई। जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. भंडारी के अनुसार उनका इंदाैर में ही पुलिस अभिरक्षा में अंितम संस्कार कर दिया गया। उनकी मृत्यु की सूचना उनके परिजन काे दे दी गई थी। गाैरतलब है कि उनके बेटे-बहू काे भी पाॅजिटिव पाया था। हालांकि परिवार के कुछ लाेग अब निगेटिव हाे चुके हैं।
पुलिस प्रशासन ने बाहर घूमने वालाें पर दिखाई सख्ती
धरमपुरी में 8 मई काे काेराेना पाॅजिटिव मरीज मिलने से कलेक्टर श्रीकांत बनोठ के निर्देश पर मनावर एसडीएम दिव्या पटेल ने धरमपुरी तहसील क्षेत्र में आगामी अादेश तक कर्फ्यू लगा दिया है। शनिवार सुबह से ही पुलिस प्रशासन ने धामनोद नगर सहित तहसील में बाहर घूमने वालाें पर सख्ती दिखाई।
धरमपुरी के मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री ने शासन-प्रशासन को चौंका दिया था। इसके चलते धरमपुरी के डॉक्टरों एवं धामनोद के एक दंत चिकित्सक से उपचार कराने पर धरमपुरी के 36 एवं धामनोद के 18 लोगों को क्वारेंटाइन करने के बाद कर्फ्यू लगाया है। धरमपुरी, धामनोद से बाहर जाना एवं भीतर आना प्रतिबंधित है। पूर्व में जारी सभी अनुमति व पास निरस्त कर दिए। शासकीय, अशासकीय कार्यालय,औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। परिवहन के सभी साधन पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अनिवार्य सेवाओं काे ही छूट रहेगी।
दूध की होम डिलीवरी करने वाले विक्रेता सुबह 7 से 11 एवं सायं 5 से 7 बजे तक बांट सकेंगे। गेहूं उपार्जन के लिए जिन किसानों को शासन से एसएमएस प्राप्त हुए वे ही दाे लाेग मय ट्रैक्टर-ट्राॅली के उपार्जन केंद्रों तक आने-जाने की छूट रहेगी। एसडीओपी एनके कंसाेटिया ने भी लाेगाें से घर में रहकर कानून व्यवस्था का पालन करने की समझाइश दी।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के पाठा गांव के पास एक ट्रक पलटने से पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे में 11 लोग घायल हैं। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। ट्रक में दो ड्राइवरों और एक कंडक्टर सहित कुल 18 लोग सवार थे। इनमें से 15 हैदराबाद में मजदूरी करते थे। सभी मजदूर आम से भरे इस ट्रक में बैठकर आगरा जा रहे थे।
हादसा एनएच 44 पर नरसिंहपुर और सिवनी सीमा के बीच हुआ है। ट्रक पलटने से 15 मजदूर इसके नीचे दब गए। हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर कलेक्टर और एसपी पहुंचे।नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि यह सभी मजदूरट्रक में छिपकर घर जा रहे थे।
एक मजदूर तीन दिन से बीमार, सभी का कोरोना टेस्ट होगा
सिविल सर्जन अनीता अग्रवाल के मुताबिक,गंभीर रूप से घायल दो लोगों को जबलपुर रेफर कर दिया गया है। इसमें से एक को सिर में गंभीर चोट आई है, वहीं दूसरे को फ्रैक्चर हुआ है। अन्य घायलों की हालत स्थिर है। इनमें से एक घायल को तीन दिन से सर्दी, खांसी और बुखार है। इसे देखते हुए 5 मृतकों समेत सभी 18 लोगों केसैंपल भी लिए गए हैं। सभी का कोरोना टेस्ट होगा।।
व्यापारियाें के प्रतिनिधिमंडल ने कई धंधों का कलेक्टर काे दिए प्रस्ताव में नाम छाेड़ दिया था। अब धीरे धीरे एक-दूसरे काे देखकर लगभग सभी प्रकार की दुकानें खुलने लगी हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति देखने के लिए निकलने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अब ऐसे छाेटे दुकानदारों की दुकानें सख्ती से बंद करा रहे हैं जिनके नाम सूची में नहीं हैं। इससे टकराव पैदा हो रहा है।
असमंजस के कारण अधिकारी व दुकानदारों के बीच राेज बहस हाे रही है। छाेटे व्यापारियों में प्रशासन के दाेहरे रवैए से अाक्राेश बढ़ रहा है। इससे निपटने कुछ व्यापारी प्रशासन के खिलाफ जनहित याचिका लगाने की तैयारी में हैं। नाराज कुछ दुकानदारों ने शनिवार काे वकीलाें से राय ली है।
माॅस्क और दूरी से परहेज
घंटाघर मेन मार्केट में दाेनाें शिफ्टाें में त्योहारी सीजन जैसी भीड़ उमड़ रही है। खुली चाय, नाश्ता, पान, पाउच सब बिक रहा है। वहीं मास्क व एक दूसरे से दूरी रखने से लाेग परहेज कर रहे हैं।
तहसीलदार ने बंद कराई दुकान, दुकानदार बाेले प्रशासन ने बनाई सूची?
तहसीलदार विंकी सिंहमारे शनिवार दाेपहर 12 बजे भ्रमण पर निकलीं। एक जगह रेडियम से नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान खुली थीं। जिसे उन्होंने यह तर्क देकर बंद कराया कि सूची में इस तरह की दुकान का नाम नहीं है। दुकानदार ने कहा कि जिस संगठन ने सूची दी वह अधिकृत नहीं है। उसे प्रशासन ने स्वीकृति भी नहीं दी है। इस बीच कुछ और दुकानदार जुट गए। बहस हाेने लगी। दुकानदारों ने कहा कि प्रशासन खुद ऐसी दुकानाें की सूची जारी कर समय तय कर दे। तहसीलदार ने लॉकडाउन के उल्लंघन में कार्रवाई की चेतावनी दी। तब दुकानदार ने दुकान बंद कर दी। ऐसी स्थिति कई तरह की दुकानाें पर बन रही है।
सूची में नाम नहीं हाेने के कारण बंद कराईं
व्यापारियाें के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर, एसपी काे प्रस्ताव दिया। प्रशासन ने अधिकृत अनुमति नहीं दी। व्यापारियों ने माैन स्वीकृति मान दाे शिफ्टाें में दुकानें खाेलना शुरू कर दिया। अन्य क्षेत्राें में ऐसी दुकानें भी खुलने लगीं, जिन पर पाबंदी ताे नहीं हैं, लेकिन उनके नाम संघ की सूची में नहीं थे। ऐसी दुकानाें काे अधिकारी बंद करा रहे हैं।
पुलिस ने गप लगा रहे युवकों की धुनाई की
कलेक्टर, एसपी एक ही गाड़ी में राठी पेट्रोल पंप के सामने से बाजार जा रहे थे। गैरेज के सामने एक कार से चिपककर 3 युवक एक दूसरे के गले में हाथ डालकर खड़े हाेकर गपशप कर रहे थे। एसपी ने गाड़ी राेकी। गार्ड उतरा और तीनाें काे जमकर डंडे लगाए। एक युवक चप्पल छाेड़कर भाग गया। अन्य जगह भी सख्ती की गई।
कपड़े व मोबाइल की खरीदी बढ़ी
बाजार में सबसे ज्यादा भीड़ रेडीमेड कपड़ाें व मोबाइल शाॅप पर दिखती है। इससे आने वाले समय में कारोबार में और बेहतर स्थिति आने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि सोशल डिस्टेंस प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, टीमें लगा रखी हैं।
हाेटल, रेस्टोरेंट छाेड़ अन्य दुकानें खाेलने पर राेक नहीं है
^हाेटल, रेस्टोरेंट आदि काे छाेड़कर निर्देशानुसार अन्य दुकानाें के खाेलने पर राेक नहीं है। निचले अमले काे जानकारी नहीं हाेगी, इसलिए दुकान बंद कराई हाेगी। मैं उन्हें बता देता हूं। लॉकडाउन का नियमानुसार पालन कराया जाएगा।
-अनुराग वर्मा, कलेक्टर, हरदा
लंबे समय से बंद चल रहीं शहर के किराना बाजार, मोबाइल मार्केट सहित 8 बाजारों को सोमवार से खोला जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने इन दुकानों पर तीन भागों में बांटा है। वहीं पहले से खुल रहीं 12 मार्केट सम-विषम (1 व 2) नंबर के आधार पर पहले की तरह यथावत खुलेंगे। वहीं दुकानें खोलने में थोड़ी राहत देते हुए उसका समय 7 बजे से 4 बजे तक कर दिया गया है। सोमवार से नए प्लान के तहत बाजार खुलेंगे लेकिन अफसरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बाजार में भीड़ रोकना व दुकानदारों व ग्राहकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना है। इधर, गणेशपुरा इलाके के वार्ड क्रमांक 32 व 33 में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने एक-एक गली को सील करवा दिया। लोहे की जालियां व बेरिकेट्स लगाकर इस तरह कवर्ड कर दिया है कि लोग गली से बाहर तो छोड़िए घर से भी बाहर नहीं निकल सकेंगे। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का गुस्सा इसलिए भी है कि 3 दिन से दोनों वार्डों में सब्जी, दूध की आपूर्ति भी बाधित है। नगर निगम की गाड़ियां घरों से कचरा कलेक्ट करने के लिए भी नहीं पहुंच रही। लोगों का दर्द है कि घरों से निकलने वाले कचरे को कहां फेंके।
शहर के वार्ड क्रमांक 32 व 33 को गुरुवार को 2 नर्सें कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद कंटेनमेंट जोन बनाया गया था। 2 दिन तक तो यहां दुकानें व अन्य व्यापारिक गतिविधियां बंद थी, लोग सिर्फ अपने-अपने घरों के बाहर बैठकर समय व्यतीत कर रहे थे। चूंकि पूरे इलाके में रहने वाले लोग वार्ड के अंदर ही सब्जी व दूध की सप्लाई के लिए आश्रित थे। लेकिन शनिवार को एसपी डा. असित यादव ने वार्ड में पहुंचकर पूरे इलाके को सख्ती से सील करा दिया। हाालात यह हो गए कि एक-एक गली के बाहर लोहे की जालियां तार से बांध दी गईं हैं ताकि लोग पैदल भी नहीं निकल सकें। पुलिस की सख्त व्यवस्था से स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। अंतोबाई गली में रहने वाली उर्मिला शर्मा ने बताया कि वार्ड के लोगों को बाजार में नहीं निकलने देते लेकिन दूसरी गलियों से हम बच्चों के लिए दूध लेकर आते थे, वह भी बंद करा दिया। मैथिली भदोरिया कहती हैं कि 2 दिन से वार्ड में सब्जी की सप्लाई हुई न दूध की। ऐसे में मेरी 1 साल की छोटी बच्ची दूध के लिए भी परेशान है। प्रशासनिक अफसरों को वार्ड में सब्जी-दूध की सप्लाई तो बहाल करना चाहिए था।
सोमवार से यह 8 मार्केट की दुकानें सप्ताह में दो-दो दिन खुलेंगी
शहर के पंसारी बाजार, सब्जी मंडी स्थित कामदगिरि कॉम्पलेक्स, छोटी बजरिया (मोबाइल व इलेक्ट्रोनिक्स मार्केट), शंकर बाजार (कपड़ा मार्केट), महामाया मंदिर रोड पालिका बाजार, सराफा बाजार, बिहारी जी मंदिर का पड़ाव में स्थित 1000 से 1200 दुकानों को खुलवाने के लिए प्रशासन ने नए सिरे से तैयारी कर रखी है। दरअसल संकरी गलियों में स्थित इन बाजारों में दुकानें अधिक हैं। ऐसे में ऑड-इवन नंबर से इन्हें खुलवाने पर भीड़ उमड़ेगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकेगा। अब इन मार्केट में स्थित दुकानों पर एक, दो व तीन के आधार पर नंबरिंग कराई जा रही है। ताकि एक नंबर की दुकानों को सोमवार-गुरुवार, 2 नंबर की दुकानों को मंगलवार-शुक्रवार व 3 नंबर की दुकानों को बुधवार-शनिवार को खोला जा सकेगा।
यह बाजार पहले की तरह खुलेंगे
शहर के सदर बाजार, स्टेशन रोड, एमएस रोड, नैनागढ़ रोड, गर्ल्स कॉलेज रोड, मिल एरिया रोड, नाला नंबर-02, लोहिया बाजार, जीवाजी गंज (एमएस रोड से राम मंदिर तक), न्यू बस स्टैंड परिसर, अंबाह रोड व एबी रोड पर स्थित दुकानों पर 1 व 2 नंबर अंकित किए गए हैं। 1 नंबर की दुकान/प्रतिष्ठान सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार तथा 2 नंबर की दुकानें मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक खुलेंगी।
सहसराम-पहाड़गढ़ सड़क मार्ग की हालत दयनीय स्थिति में पहुंच गई है। हालत यह है कि अब सड़क पर डंपर कुछ ही जगह रह गई है, जबकि 40 किलोमीटर का यह मार्ग अधिकांश जगह उखड़कर केवल पत्थर गिट्टी बची है। यह सड़क मार्ग प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाया गया था।
उक्त सड़क मार्ग जंगल से होता हुआ 40 किलोमीटर लंबा होकर पांच पंचायतों के 25 गांव कस्बों से होकर सीधे शिवपुरी ग्वालियर मोहना से हाईवे सड़क मार्ग पर निकलता है। इस मार्ग से काफी संख्या में माल वाहनों का हर रोज आना जाना होता है, वहीं यह सड़क मार्ग यहां के जंगली क्षेत्र गांवों को तहसील जिला मुख्यालय से जोड़ता है। यह मार्ग अब पूरी तरह वाहनों के न चलने योग्य हो चुका है। कन्हार गांव में 14 जनवरी 2020 को तत्कालीन प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव ने सड़क को तत्काल बनवाए जाने के लिए घोषणा कर आश्वासन दिया था और कलेक्टर प्रियंका दास के समक्ष यह घोषणा की थी, मगर गत बीते रोज कलेक्टर प्रियंका दास कन्हार गांव में पुनः इसी खराब मार्ग से पहुंची। वहां कोरोना बीमारी के तहत आदिवासियों को राशन आदि वितरण करने पहुंची। तब भी उनके आगे वहां के वासीयो ने यही मांग की कि जंगल में हमें पीने को पानी और आवागमन के लिए सड़क दे दो।
कोरोना संकट के चलते दिहाड़ी मजदूर घर बैठे हैं और निर्माण कार्य शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन काम बंद हैं इसलिए मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन-3 में कलेक्टर रोहित सिंह ने सभी निकायों, पंचायतों और अन्य विभागों को रुके हुए काम शुरू कराने के निर्देश भी दिए ताकि स्थानीय लोगों को काम मिल सके। लेकिन अभी तक मनरेगा के अलावा कहीं कोई काम नहीं चल रहा है। नगरपालिका ने भी अपने रुके हुए काम शुरू नहीं कराए। जबकि काम इतने ज्यादा हैं कि एक बार शुरू होने के बाद कभी खत्म नहीं होंगे।
शहर की सबसे बड़ी कॉलोनियों में शामिल रामनगर और बुंदेला कॉलोनी में तीन महीने के अंदर सीसी सड़कों का निर्माण पूरा होना था। लेकिन डेढ़ साल से दोनों ही सड़कें अधूरी बनी पड़ी हैं। लोगों को भी समझ नहीं आ रहा है कि इन सड़कों का निर्माण कभी पूरा होगा भी या नहीं। पूरे दिन अधूरी सड़कों पर धूल और गड्ढों के कारण लोगों की जो हालत हो जाती है वह वे ही समझ सकते हैं। सड़कों के निर्माण को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बैठे जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली है। इसलिए भी नगर पालिका इनका निर्माण पूरा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। पिछले डेढ़ साल में कई सीएमओ बदल गए लेकिन कभी भी किसी ने भी इनका निर्माण पूरा कराना तो दूर वहां निरीक्षण तक नहीं किया। न ही ये जानने की कोशिश की गई कि आखिर निर्माण क्यों रुका है। अगर इन सड़क का निर्माण शुरू होता है तो 15 से 20 मजदूरों को कम से कम 15 दिन का काम तो मिलेगा ही, सड़क निर्माण भी पूरा हो जाएगा।
बुंदेला कॉलोनी में बस स्टैंड बायपास से पुरानी कलेक्टोरेट तक लगभग 900 मीटर लंबी सड़क और बायपास से ही रामनगर कॉलोनी में लगभग 500 मीटर सीसी सड़क का निर्माण अक्टूबर 2018 में प्रारंभ हुआ था। दोनों सड़कें लगभग छह करोड़ की लागत से बनाई जाना थी। निर्माण कार्य शुरू हो गया। बीच में सीवर लाइन डलने की वजह से निर्माण कार्य में विलंब हुआ और जब सीवर की दिक्कत दूर हुई तो विधानसभा चुनाव प्रभावित होने के कारण सड़कों का निर्माण कार्य बंद करा दिया गया। चुनाव के बाद मप्र में सरकार बदली तो शहर में सड़कों के बुरे दिन शुरू हो गए। 18 महीने बाद प्रदेश से कमलनाथ सरकार गई और मार्च में पुन: शिवराज सरकार आ गई। लेकिन तब तक कोरोना महामारी आ गई और पूरे भारत में लॉकडाउन लग गया। लेकिन अच्छी बात यह है कि हम अब तक ग्रीन जोन में हैं। शिवराज सरकार ने हाल में ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि ग्रीन जोन में निर्माण कार्य शुरू कराए जाएं। कलेक्टर सिंह ने भी पीडब्ल्यूडी, पीआईयू, नगर पालिका, मनरेगा आदि की समीक्षा करते हुए निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए ताकि स्थानीय लोगों को काम मिल सके।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निजी स्वार्थों की पूर्ति और सत्ता की लोलुपता में जनादेश का अपमान किया। लोकतंत्र का मजाक बनाकर चुनी हुई सरकार को अवैध तरीके से गिराकर पाप किया। इसलिए कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता को सिंधिया के साथ नहीं जाना चाहिए। सिंधिया का राजनैतिक अस्तित्व तब तक बढ़ा था जब तक वह आम जनता और गरीबों की पार्टी कांग्रेस के नेता हुआ करते थे। अब उनकी हैसियत भाजपा में जाते ही बहुत छोटी हो गई है। इसका परिणाम सिंधिया को केन्द्र सरकार में मंत्री बनाने की मांग पर भाजपा नेताओं द्वारा जवाब में दिए जा रहे अपमान जनक बयानों से समझा जा सकता है। यह बात मप्र कांग्रेस कमेटी प्रदेश उपाध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने शनिवार को अपने निवास पत्रकार वार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा कि दतिया में भी कुछ पुराने कांग्रेस नेता हैं जिनकी आस्था पार्टी में है। लेकिन अपना नेता सिंधिया को मानते हैं। उनसे मैं कहना चाहता हूं कि सिंधिया के साथ जाकर अपना राजनैतिक भविष्य बर्बाद न करें। क्योंकि जनता के वोट को बेचने का घृणित कार्य जो सिंधिया मंडली द्वारा किया गया उससे भी उनकी छवि खराब हो जाएगी। मैं पार्टी का जिम्मेदार पदाधिकारी होने के नाते ऐसे नेताओं से कहूंगा कि कांग्रेस के दरवाजे उनके लिए खुले हैं। जो गलती से या सिंधिया के दबाव में पार्टी से अलग होने की बात कर चुके हैं ऐसे सभी नेताओं की उनके स्थाई घर कांग्रेस में वापसी के रास्ते खुले हैं। जिन 22 विधायकों ने पार्टी से गद्दारी करके और अपने क्षेत्र के मतदाताओं के जनादेश का अपमान किया है उन सबकी चुनाव में जमानत जब्त कराके जनता बदला लेगी। जल्द ही फिर से प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ नेतृत्व में सरकार बनेगी। इस दौरान यादव महासभा के जिलाध्यक्ष रामकिशोर यादव, नगर उपाध्यक्ष नाजिम खान, जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि केशव सिंह यादव, अमोल रावत, अमित राजपूत, राजकुमार सरपंच, नासिर वक्स मंसूरी, लला धमना, कल्ला रावत, गुड्डन परासरी आदि मौजूद रहे।
कैलारस जनपद में कुल 65 ग्राम पंचायत हैं, इनमें से 20 ग्राम पंचायतों में नल जल योजना चालू थी, लेकिन इस वर्ष भीषण गर्मी में 17 ग्राम पंचायतों की नल जल योजना पूर्ण रूप से बंद पड़ी है। पानी की किल्लत हो रही है। कुछ ग्राम पंचायतों में हैंडपंप भी खराब पड़े है। पथरीले क्षेत्र एवं आदिवासी परिवार पानी की समस्या से जूझ रहे है। लोग एक किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। जबकि कोरोना बीमारी का दौर चल रहा है और लॉक डाउन में ग्रामीण पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। सरपंच, सचिव और पीएचई विभाग शिकायत के बाद भी लोगों की समस्या नहीं सुन रहा है। इसकी शिकायत खेड़ाकला सरपंच मीरा रमेश शाक्य ने कई बार शिकायत की। उनका कहना है गांव में खुदाई करवा दी है लेकिन पाइप आज तक नहीं पहुंचे हैं, कोई सुनवाई नहीं हुई। नलजल योजना के लिए बनाईं गईं पानी की टंकियां शोपीस बनी हुई हैं। पनिहारी, मामचौन गांव के आदिवासी परिवार के लोग कुआं एवं नदी का पानी पी रहे हैं। वहीं गुलपुरा, खेड़ाकला, डमेजर, डुगरावली, देवरी, किसरौली, पनिहारी, नेपरी, पचेखा, चमरगवा, सगोरिया, सुजर्मा, उचाड़, बधरेटा, शहदपुर, कुटरावली, डोगरपुर ग्राम पंचायत में नलजल योजना बंद पड़ी है। पानी की भारी किल्लत से ग्रामीण जूझ रहे हैं। कैलारस की कोटसिथरा, दीपेरा में नलजल योजना संचालित हो रही है। हालांकि इनमें भी कुछ क्षेत्र में पाइप नहीं बिछाए गए हैं। कुछ मोहल्लों में पानी नहीं जाता है। दीपेरा गांव के लोग पानी के लिए शिकायत कर रहे हैं।
सरपंच, सचिवों की नहीं रूचि
पानी के लिए परेशान ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच सचिवों को पानी के काम में कुछ मिलता नहीं है, इस कारण यह लोग ध्यान नहीं देते। सरकार के आला अधिकारियों को इस और ध्यान देना चाहिए। पानी टैंकर परिवहन के नाम पर फर्जी रूप से पैसा आहरण किया जा रहा है। कैलारस जनपद के रीझोनी गांव से जनपद सदस्य रेखा ऋषिकेश शर्मा ने भी नल जल योजना की शिकायत की है। पर आज तक बंद पड़ी नल जल योजना को पीएचई विभाग ने चालू नहीं कराया है। इस विभाग का कैलारस में कोई कार्यालय नहीं है, सबलगढ़ है। इस कारण और परेशानी होती है।
कलेक्टर ने दिए निर्देश फिर भी असर नहीं
चार दिन पहले ही मुरैना कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि नलजल योजनाओं को चालू कर ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से उबरा जाए, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि पानी की समस्या से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
जल्द चालू करवा देंगे
बीके पांडे, सहायक यंत्री पीचई विभाग सबलगढ़ के मुताबिक, कैलारस जनपद के सरपंच सचिव नल जल योजना में रुचि नहीं लेते हैं, ऐसे में नलजल योजना कैसे चालू कराएं। गांवों में विवाद होता है। इस कारण नलजल योजना बंद पड़ी है। कैलारस सीईओ को आवेदन भी दिया, पर किसी का सहयोग नहीं मिला। हालांकि जिलास्तर पर समस्या बताकर बंद नल जल योजना जल्द ही चालू करवा देंगे।
हथियार तस्करी का आराेपी प्रधान आरक्षक राेहित पिता नारायण सिंह यादव काे खरगोन जिले की भीकनगांव से पुलिस शनिवार काे खिरकिया लेकर पहुंची। पुलिस टीम ने पंचनामा बनाकर उसके घर का ताला खाेला। हालांकि, पुलिस ने प्रधान आरक्षक के घर से क्या-क्या जब्त किया, इसका खुलासा नहीं किया है। आधा घंटे की तलाशी के बाद आराेपी काे पुलिस उसे गृहग्राम बांदरिया थाना हरसूद के लिए लेकर रवाना हाे गई। देर रात वापस लाैटी भीकनगांव पुलिस ने आराेपी प्रधान आरक्षक की पत्नी के बयान भी लिए।
जिले के पुलिस लाइन में पदस्थ प्रधान आरक्षक रोहित यादव को बुधवार को खरगोन जिले की भीकनगांव पुलिस ने बमनाला चौकी के समीप हथियारों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है। उसके पास से 5 पिस्टल, 3 देसी कट्टे और 6 कारतूस जब्त किए थे। इस मामले में आरोपी छह दिन की पुलिस रिमांड पर है। मामले की जांच के लिए खरगोन जिले की पुलिस की टीम आरोपी को लेकर शनिवार काे खिरकिया पहुंची। टीम काे आरोपी के छीपाबड़ स्थित मकान पर ताला लगा मिला। टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर अन्ना बघेल, एएसआई रमेश पंवार, हरिप्रसाद पाल, आरक्षक ज्ञान सिंह, भरत सिंह ने पंचनामा बनाया और ताला खाेलकर छानबीन की। हालांकि मकान से पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया। इस बारे में टीम ने कोई खुलासा नहीं किया। इस दौरान मोहल्ले के लोग भी एकत्रित हो गए। इसके बाद पुलिस टीम आरोपी रोहित को अपने साथ उसके गृहग्राम बांदरिया थाना हरसूद लेकर गई।
खरगोन पुलिस ने मकान से क्या मिला, यह नहीं बताया
टीआई ज्ञानू जायसवाल ने बताया कि खरगोन पुलिस की टीम आरोपी रोहित के साथ थाने आई थी। थाने में आमद देकर उसके मकान की तलाशी ली है। फिर वापस रवाना हो गई। पुलिस ने मकान की तलाश में क्या मिला। इस बारे में कुछ नहीं बताया है। मामले की पूरी जांच खरगोन पुलिस ही कर रही है। मालूम हो कि हथियारों की तस्करी के मामले में एसपी मनीष अग्रवाल ने बुधवार को ही रोहित यादव को सस्पेंड कर दिया गया था।
कोटा बैराज या अधिक वर्षा होने से मुरैना जिले के कई गांव एवं नगरीय निकायों के वार्ड के वार्डों में बाढ़ जैसे हालात निर्मित न हों। इससे निजात पाने के लिये चुनाव की तर्ज पर प्रत्येक विकासखंड स्तर पर 7 दिन के अंदर कम्युनिटी प्लान बनाएं। यह निर्देश समस्त एसडीएम, जनपद सीईओ, नगर पालिका/पंचायत सीएमओ की बैठक में कलेक्टर प्रियंका दास दे रहीं थीं।
इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि जिले मे 52 गांव ऐसे हैं, जो चंबल नदी में उफान आने पर न केवल टापू बन जाते हैं, बल्कि जन-जीवन प्रभावित हो जाता है। इन गांवों में केवल सूचना तंत्र मजबूत किया जाए, बल्कि बाढ़ के दौरान आवश्यक सामग्री, नाव, बोट, रस्सा, टोर्च आदि की सूची बनाकर लिस्टिंग की जाए। उन्होंने कहा कि कोटा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की लगातार माॅनीटरिंग जारी रहे। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिये कि जिला स्तर पर डिजास्टर मैनेजमेंट बना हुआ है, इसी तर्ज पर तहसील स्तर पर भी डिजास्टर मैनेजमेंट बनाया जाए। राहत कैम्प ऐसे होने चाहिये जहां पूरी तरह सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो सके। इसके लिये नजदीकी शासकीय भवन, स्कूल, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी या स्थानीय वाटरपू्रफ टेंट का प्रबंध अभी से चिन्हित करें।
कोरोना महामारी के इस दौर में कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। इलाके में लॉक डाउन है, बीमारी का प्रकोप है, लोग घरों में हैं, किंतु कोरोना वॉरियर्स ऐसे हालात में भी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। कोरोना महामारी के संकट और आग बरसाते आसमान यानी भीषण गर्मी में यह स्टाफ अपने देश और समाज के लिए फर्ज निभा रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर सिविल अस्पताल से आई है, यहां बाहर से आने वाले मजदूरों, छात्र-छात्राओं, विदेश से आने वाले व स्थानीय लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए संविदा कर्मी के तौर पर नियुक्त डॉ. तेज सिंह आयुष मेडिकल ऑफिसर मुरैना, डॉ. रौनक, एएनएम विमला देवी, अनिता बघेल की ड्यूटी लगी हुई है एक अन्य कर्मचारी एमपीडब्ल्यू रामदास भी इस टीम में शामिल हैं। यह टीम 24 मार्च से अब तक 6000 लोगों की जांच कर चुकी है। जबकि सुविधाओं के नाम पर इस टीम के चिकित्सकों को मात्र एक बार अच्छी क्वालिटी के मास्क व किट उपलब्ध कराई गई, वहीं अन्य स्टाफ को सादा मास्क ही एक बार दिए गए। जबकि सुरक्षा किट नहीं दी गई। अब तक सैकड़ों लोगों की जांच करने वाली इस टीम को मात्र दो सेनेटाइजर की बोतल दी गई हैं, जिस स्थान पर यह स्टाफ ड्यूटी देता है वहां पर पंखे की सुविधा भी नहीं है। इसके बावजूद भी चिकित्सकों व कर्मचारियों का यह दल सिविल अस्पताल पहुंचने वाले लोगों की निरंतर बिना थके हारे जांच कर रहा है।
वहीं आयुष मेडिकल ऑफिसर तेज सिंह का कहना है कि मुश्किल की इस घड़ी में बिना संसाधनों के काम करना मुश्किल है, किंतु अपनी नौकरी के प्रति दायित्व और देश भक्ति उन्हें और उनके साथियों को लगातार कार्य करने के लिए प्रेरित करती रहती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन अगर ड्यूटी बदलता रहे तो मानसिक तौर पर राहत मिलती है। लगातार ड्यूटी करने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, किंतु जनता की सेवा के लिए वह और उनका स्टाफ परेशानियों को नजरअंदाज कर लगातार कार्य कर रहा है।
भोजन पानी की भी नहीं सुविधा
दिनभर खतरों के बीच जांच करने वाली इस टीम के लिए स्थानीय स्तर पर भोजन पानी का भी उचित प्रबंध नहीं है। अभी तक समाज सेवी संस्थाएं इनको भोजन और पानी उपलब्ध कराती रहीं, किंतु कुछ दिनों से समाजसेवी संस्थाओं द्वारा भोजन वितरण बंद कर दिया गया है। अब यह टीम अपने स्तर पर यह सुविधाएं खुद जुटा रही हैं। डॉ. तेज सिंह का कहना है कि वह प्रतिदिन 9 बजे मुरैना से अंबाह आते हैं और जब तक मरीज आते रहते हैं वह और उनकी टीम ड्यूटी पर तैनात रहती है। वह अपने स्तर पर भोजन और पानी का प्रबंध कर रहे हैं, उनका यह भी कहना है कि इस ड्यूटी के चलते वह अपने घर पर भी परिजनों से मिलने नहीं गए हैं, शासन द्वारा मुरैना में उपलब्ध कराए गए होटल में ही वह ठहरे हुए हैं।
45 साल के व्यक्ति की जमीनी रंजिश के चलते गांव के लोगों ने लाठियों से सरेआम पीट-पीटकर हडि्डयां तोड़ दीं। हालात यह है कि बुरी तरह से जख्मी व्यक्ति घर की घटिया पर डला कराहते हुए अपने बेटे को याद करते हुए रो रहा है लेकिन रीवा में टोल टैक्स पर नौकरी करने वाला उसका बेटा लॉकडाउन की वजह से फंसा हुआ है। हालत यह है कि अपने जख्मी पिता को देखने के लिए बेटा झटपटा रहा है लेकिन वह घर लौटने में अक्षम है।
जानकारी के अनुसार जितेंद्र सिंह जादौन (45) निवासी बाला का तोर को जमीनी रंजिश के चलते आरोपी महावीर सिंह, दीपू जादोन ने 28 अप्रैल को खेत में सरेआम लाठियों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। कमर में कट्टा लगाए वृद्ध पर लाठियां बरसाते आरोपियों का वीडियो भी वायरल हुआ। इसके बाद घायल वृद्ध जितेंद्र इलाज के बाद अपने धर पहुंच गया लेकिन दर्द से कराहता वृद्ध हर पल अपने बेटे योगेंद्र जादौन (21) को याद करता रहता है। उसकी सिर्फ यही ख्वाहिश है कि कोई मेरे बेटे को बुला दो। लेकिन बेटा योगेंद्र इस समय रीवा टोल टैक्स पर फंसा हुआ है। उसने घर लौटने के लिए कई जतन किए लेकिन सीमाएं सील होने की वजह से आ नहीं पा रहा। ऐसे में वृद्ध पिता अपने बेटे को देखने के लिए लालायित है लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा।
वीजा अवधि खत्म, ओमान में फंसा मजदूर बेटियां-पत्नी देख रहीं लौटने की राहत
अपनी 6 बेटियों व एक बेटे सहित पत्नी का पेट भरने के लिए ओमान में मजदूरी करने के लिए गया सबलगढ़ के रामपुर रोड पर रहने वाला एक अधेड़ वहीं फंस गया है। वीजा अवधि खत्म होने की वजह से कंपनी ने भी उसे नौकरी से निकाल दिया है लेकिन उसके इतना पैसा भी नहीं कि वह कुछ खा-पी सके और भारत आ सके। गोपाल की पत्नी रामकली ने बताया कि मेरे पति का फोन आया था, कह रहे थे कि यहां फंस गया हूं। लेकिन कोई भी मदद करने को तैयार नहीं है। रामकली ने बताया कि मेरे पति जिस कंपनी में काम करते थे, उसके मालिक ने एक साल का वेतन तक नहीं दिया, जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। पीड़ित मजदूर ने फेसबुक पर अपनी व्यथा शेयर कर देश के पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मदद मांगी है लेकिन अभी तक उसकी मदद को कोई आगे नहीं आ सका है।
दुरसड़ा थाने में पदस्थ एएसआई हुकुम सिंह यादव को पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने शनिवार को आदेश जारी कर सस्पेंड कर दिया है। एएसआई का एक ऑडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक दलाल से अवैध शराब बिकवाने की छूट देने को लेकर पांच हजार रुपए मांगते हुए सुने जा रहे हैं। एसपी कार्यालय से जारी आदेश में उल्लेख किया गया कि शनिवार को सोशल मीडिया वाट्सएप ग्रुप पर एक ऑडियो वायरल किया गया है जिसमें जीतू वाल्मीकि निवासी बसवाहा नामक व्यक्ति के द्वारा राधाचरण के बारे में थाना दुरसड़ा में पदस्थ एएसआई हुकुम सिंह यादव से अवैध शराब विक्रय करने की छूट दिए जाने संबंधी बातचीत की जाकर पांच हजार रुपए के लेन देन की बातचीत की जा रही है। एएसआई यादव द्वारा मोबाइल पर अवैध शराब विक्रय कराने के लिए 5 हजार रुपए लेन देन की बातचीत की जाकर संदिग्ध एवं भ्रष्ट आचरण का परिचय देकर आम जनता में पुलिस की छवि धूमिल की गई है। इसलिए एएसआई को निलंबित कर पुलस लाइन में अटैच किया गया है।
सेंवढ़ा ब्लाॅक के ग्राम दभैरा, कसेरूआ, लोधीपुरा, चकबैना और देलुआ में 30- 30 लाख की लागत से गोशाला का निर्माण होगा। इसके लिए जनपद पंचायत प्रशासन ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। बतादें कि पिछली सरकार द्वारा गोशाला निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश ग्रामीण विकास विभाग को दिए गए थे। इसके बाद सेंवढ़ा ब्लाॅक में कुल 9 गोशालाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ। फिलहाल 5 गोशालाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जबकि 4 का अंतिम चरण में है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पुरानी सरकार की प्राथमिकता को बरकरार रखते हुए पंचायतों को गोशाला के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सेंवढ़ा जनपद में एपीओ कपिल तिवारी द्वारा पूर्व से इस दिशा में कार्य कर रही पंचायतों के प्रस्तावों को आगे बड़ा दिया है।
गत वर्ष अगस्त माह में प्रदेश सरकार ने पंचायत पर एक एक गोशाला के साथ साथ नगरीय मुख्यालय पर बृहद गोशाला खोलने की घोषणा की थी। पर इतनी अधिक राशि की व्यवस्था नहीं होने के कारण शासन ने पशु पालन विभाग से विकास खंड स्तर पर 10-10 गोशालाओं के प्रस्ताव मांगे। पहले चरण में कुल 9 चिन्हित स्थानों पर गोशाला का निर्माण प्रस्तावित किया। इनमें बेरछा, अतरेटा, ग्यारा, बघावली, डिरोलीपार, सिकरी, खैरोनाघाट, चिमघन, बागपुरा शामिल थी। कार्य को जल्द से जल्द करवाने के लिए सितम्बर 2019 में तीन माह की मियाद तय की गई। दिसम्बर में पुनः कार्य में तेजी के निर्देश दिए गए। जिसके बाद सेंवढ़ा ब्लाॅक की चिमघन, अतरेटा, बघावली, ग्यारा एवं सिकरी की गोशाला का निर्माण तेजी से हुआ। फिलहाल चिमघन गोशाला में गायों का रूकना भी प्रारंभ हो गया, जबकि बेरछा, डिरोलीपार बागपुरा में कार्य जारी है। इसी बीच नई सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग को संख्या के बंधन से मुक्त करते हुए आदेश दिया, कि जो भी पंचायतें नियमों के अनुसार जगह की उपलब्धता करवाती हैं, उन सबमें गोशाला का निर्माण करवाया जाए। चूंकि गोशाला का निर्माण मनरेगा के तहत होना है इसलिए बजट की भी कोई समस्या नहीं हैं।
उपयंत्री को निर्देश कल तक दें प्रमाणीकरण: जिन स्थानों पर नवीन गोशालाओं के प्रस्ताव तैयार हुए हैं, उनके संबंध में जनपद पंचायत द्वारा उपयंत्रियों से प्रमाणीकरण मांगा गया है। यह प्रमाणीकरण 11 मई तक प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए है। प्रमाणीकरण स्थल निरीक्षण के उपरांत पानी, बिजली, चारगाह हेतु भूमि की उपलब्धता आदि पर आधारित होगा। बतादें कि गोपालन विभाग के नियमों के अनुसार ऐसे स्थल जहां 6 एकड़ शासकीय जमीन हो, जंगल पास में हो, पशु पेयजल हेतु पास में नदी एवं समीपस्थ पक्की सड़क वहीं गोशाला का खोला जाना गोवंश के लिए लाभदायक होता है। इन सभी मापदंडों को पूरा करने का प्रमाण पत्र पशु चिकित्सा विभाग द्वारा को भेजा जाता है।
गोशाला बनने के बाद ग्रामीणों को मिलेगी राहत
गोशाला के निर्माण होते ही ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। इससे फसल को होने वाले नुकसान की बचत होगी तथा गायों से अपनी पकी फसल बनाने के लिए पहरेदारी करने वाले ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र की इन गौशालाओं को गोपालन विभाग के निर्देशन में चलवाया जाएगा, जिससे गाय के गोबर तथा पेशाब के उपयोग की भी प्रक्रिया प्रचलन में आएगी और ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।
सर्वसुविधा युक्त बन रही गोशालाएं
अब तक गोशाला संचालन के लिए शासन से काफी कम राशि गायों के भरण पोषण के लिए दी जाती थी। पहली बार पंचायत स्तर पर 30 लाख की राशि से शासन गोशाला का निर्माण करवाएगा। गोशालाएं सर्वसुविधा युक्त होगी। गोशाला 7 चरणों में बन रही है। छह एकड़ जमीन में एक एकड़ में दो गोशाला शेड बनाए जाएंगे। 22.5 बाई 6.40 मीटर के इन शेडों पर 17 लाख का खर्च प्रस्तावित किया गया है। पशु पेय के लिए चार हौद यानि टंकियों का निर्माण होगा। इस पर 40 हजार का खर्च प्रस्तावित है। एक बछड़ा शेड बनेगा, जिसकी लागत 1.20 लाख निर्धारित की गई है। 7 लाख 30 हजार की लागत से एक विशाल गोडाउन बनेगा जहां पशु चारा रखा जाएगा। गोशाला में ट्यूबवेल स्थापित होगा उसमें मोटर डलेगी तथा नल लगाए जाएंगे। इस बावत भी 2 लाख रुपए खर्च की योजना बनाई गई है। ग्राउंड समतलीकरण एवं तार फेंसिंग के लिए 1 लाख 80 हजार तथा कम्पोस्ट यूनिट के लिए 30 हजार का प्रस्ताव है। इस प्रकार 30 लाख में एक भव्य गौशाला का निर्माण होगा।
बदलते दाैर में अब महिलाएं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ अब आर्थिक संकट से उबरने में भी मददगार साबित हाे रही हैं। कुछ मामलों में ताे महिलाएं ड्यूटी के साथ-साथ घर में बच्चों के लिए मां के अलावा पिता का राेल भी निभा रही हैं। नौकरीपेशा हाेने के कारण पति दूसरे जिलाें में पदस्थ हैं।
8 माह के बेटे काे घर छाेड़कर चेक पाेस्ट पर स्क्रीनिंग में लगी हैं अनिता
खंडवा और हरदा जिले की सड़क मार्ग की सीमा पर प्रशासन द्वारा पाेखरनी में चेक पाेस्ट बनाई है। यहां एएनएम अनिता गार्वे पूरी मुस्तैदी से दूसरे जिलाें से अाने वाले या यहां से निकलने वाले लाेगाें की स्क्रीनिंग कर रजिस्टर में ब्योरा दर्ज करती हैं। वे बताती हैं कि अभी उनका बेटा केवल 8 माह का है। जिसकी देखभाल के साथ साथ वह चेक पाेस्ट पर बखूबी ड्यूटी निभा रही हैं। वे बताती हैं पति कंप्यूटर ऑपरेटर हैं। बच्चे की देखभाल सास-ससुर करते हैं। भटपुरा कंटेनमेंट एरिया के आसपास के गांवाें में भी सर्वे किया।
बच्चाें की जिम्मेदारी के साथ सैनिटाइज व काेविड रिपोर्टिंग भी कर रहीं हैं राधा
जिला अस्पताल में मलेरिया अधिकारी के रुप में पदस्थ राधा चाैहान भी पति से कई किमी दूर अपने ड्यूटी व घरेलू दायित्व बखूबी निभा रही हैं। उनके पति अलीराजपुर में हैं। 3 साल का बेटा, 9 साल बेटी की वे खुद देखभाल करती हैं। दिनभर ड्यूटी के बाद शाम काे उनके होमवर्क में मदद करती हैं। अस्पताल में वे आईडीएसपी के दायित्व के अलावा काेविड 19 की पूरी रिपोर्टिंग संभालती हैं। टीम काे साथ लेकर सैनिटाइजिंग का भी जिम्मा संभालती हैं।
पेंटिंग में गहरी रुचि रखने वाले नगर के युवक ने लाॅकडाउन के दाैरान 36 दिनाें में घर में 72 पेंटिंग और कई पुतले बना दिए। जिन्हें लाेगाें काे जागरूक करने और काेराेना वायरस का डर बताने के उद्देश्य से मेन मार्केट, सार्वजनिक चाैराहाें और बंद दुकानों की शटर पर लगवाया गया। कई जगहाें पर पुराने कपड़े और बांस की चिंपी तथा पुराने पेपर तथा कलर से पुतले बनाकर लगाए। लोगों ने प्रयास की प्रशंसा की है।
घंटाघर के पास रहने वाले 32 साल के मनाेज उर्फ माेनू साेकल ने लाॅकडाउन के दाैरान काेराेना वायरस के खतरे और इससे बचाव के सरल उपाय बताने के लिए अपने स्तर पर ड्राइंग पेंटिंग तैयार की। वे राेज घर में औसतन दाे पेंटिंग व पुतले राेज तैयार करते थे। खास बात यह थी कि वे यह प्रयास करते थे कि राेज बनाई जाने वाले पेंटिंग में अलग अलग संदेश हाें। कलात्मकता भी दिखाई दे। लाेग उसकी एक झलक देखें ताे उसे ठीक तरह से देखने के लिए रुकें और उसके संदेश काे समझकर अमल में लाएं।
घर में खाली समय मिला तो उसके सदुपयोग के लिए सूझा यह आइडिया
मनाेज ने बताया कि शुरुआती 3-4 दिन तक ताे उसने कुछ नहीं किया। फिर उसे घर में बोरियत महसूस हाेने लगी। तभी उसका ध्यान अपनी एक अधूरी पेंटिंग पर गया। जिसे उसने पूरा करने की शुरुआत की। इस बीच उसके मन में यह विचार आया कि क्याें न काेराेना के संक्रमण व बचाव काे लेकर कुछ अलग किया जाए। इसके बाद मुंह पर मास्क, ये वक्त भी गुजर जाएगा, पुलिस व डाॅक्टराें काे नमन, काेराेना गैजेट डाेरेमाॅन घर पर रहाे, जैसे चित्र बनाए। इन्हें बंद दुकानों की शटर, घंटाघर, नारायण टाॅकीज, परशुराम चाैक, सब्जी मंडी, रेलवे स्टेशन अादि जगहाें पर लगाए। प्रशासन व कई नागरिकों ने प्रशंसा की।
नगर से जमात में अहेरी गए लाेग शनिवार को वापस घर लौटे। सूचना मिलते ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके घर पहुंची और चारों को जांच लिए। चारों के सैंपल लेकर ग्राम कामथ की सीमा में बनाए क्वारेंटाइन सेंटर बालक छात्रावास में रूकवाया। हालांकि चारों जमाती पूरी तरह से स्वस्थ हैं। ये चार लाेग महाराष्ट्र के अहेरी जिला के गड़चिरोली की जमा मस्जिद में 12 फरवरी से रुके थे। तीन महीने बाद चारों नगर में लौटे।
बीएमओ डॉ. उदय प्रताप तोमर ने बताया चारों की सुबह स्क्रीनिंग की। इसके बाद इन्हें क्वारेंटाइन किया। दोपहर में सभी के सैंपल लिए हैं। उन्होंने बताया किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं है और चारों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बालक छात्रावास में इनकों ठहराया है। जहां इन पर नजर रखी जाएगी। समय-समय पर इनके स्वास्थ्य का फॉलोअप भी किया जाएगा।
अब तक मुलताई ब्लॉक से भेजे गए 27 सैंपल
मुलताई ब्लॉक से अब तक 27 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। जिसमें से 22 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 5 की आना बाकी है। इन पांच में शनिवार को जिन चार जमातियों के सैंपल भेजे हैं वह भी शामिल हैं। बीएमओ ने बताया नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में बाहर से आए लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक साढ़े पांच हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
भग्गूूूढाना गांव के युवक की करंट लगने से मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम किया है। जानकारी के मुताबिक भग्गूढाना निवासी लाखू भादू धुर्वे अपने मकान के छत पर खपरे बिछा रहा था। काम शुरू करने पर पहले उसने घर के बिजली के तार निकाल दिए थे। इसके बाद देर शाम मकान पर कवेलू बिछाने के बाद बिजली का तार जोड़ने लगा। इस दौरान करंट लग गया अाैर वह नीचे गिर गया। उसके ऊपर बिजली का करंट वाला तार गिर गया। इससे वह बुरी तरह से झुलस गया। उसके बाद परिजनों ने बिजली का तार हटाने के बाद उसे निजी वाहन से चिचोली अस्पताल ले गए। इस दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कराकर शव परिजनों काे साैंप दिया।
शनिवार को भांडेर नगर काफी चर्चा में रहा। वह भी दो आरक्षकों की आपस में हुई हाथापाई को लेकर। शुक्रवार-शनिवार रात 12 बजे भांडेर में रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली को छोड़ने और पकड़ने को लेकर सब इंस्पेक्टर की मौजूदगी में दो आरक्षकों के बीच पहले गाली गलौज हुई फिर हाथापाई भी हो गई। शनिवार को सुबह दोनों आरक्षकों ने एक दूसरे के खिलाफ एसडीओपी को आवेदन दिए। एसडीओपी ने कहा कि उनके संज्ञान में जानकारी आई है और वे जांच करा रहे हैं कि असल मामला क्या है और गलती किसकी है।
शुक्रवार रात के 12 बजे थे। पूरा भांडेर नगर भीषण गर्मी के कारण कूलर, पंखों की ठंडी हवा में सो रहा था। लेकिन पुलिस सड़कों पर घूम रही थी। पुलिस गश्त करने के लिए नहीं बल्कि रेत से भरे ट्रैक्टरों को निकलवाने और पकड़ने को लेकर घूम रही थी। रात 12 बजे पहूज नदी से रेत से भरा ट्रैक्टर ट्रॉली नगर में घुसा। तभी भांडेर थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर रमेश सिंह जाट और आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा ट्रैक्टर को पकड़ने पहुंच गए। एसआई जाट और आरक्षक शर्मा ने ट्रैक्टर को रोक लिया, लेकिन जैसे ही आरक्षक दिलीप राजपूत को पता चला तो वह ट्रैक्टर को छुड़वाने के लिए पहुंच गया। इसी बात को लेकर आरक्षक धर्मेंद्र और दिलीप में पहले गाली गलौज शुरू हुई और फिर हाथापाई होने लगी। एसआई जाट ने हाथापाई होते देख बीच बचाव कराया और थाने लौट गए। ट्रैक्टर भी छूट गया। वहीं रात में ही भांडेर थाने के बाकी स्टाफ को भी जानकारी लग गई।
शनिवार को दोपहर में दोनों आरक्षकों ने एक दूसरे के खिलाफ दो आवेदन एसडीओपी मोहित सिंह यादव को दिए। बता दें कि भांडेर में पिछले कुछ दिनों से बेरछ और बिछौंदना घाट से जमकर रेत उत्खनन हो रहा था। यह रेत उत्खनन भांडेर टीआई रहे शेर सिंह के समय में चालू हो गया था, लेकिन थाना स्टाफ ने विरोध नहीं किया। रेत उत्खनन की जानकारी नगर में फैली तो गुरुवार को समाजसेवियों ने एक आवेदन अफसरों को दिया था। शुक्रवार शाम को चंबल रेंज एडीजी डीपी गुप्ता ने टीआई शेर सिंह को दतिया से श्योपुर अटैच कर दिया था और रात में ही शेर सिंह को श्योपुर के लिए रवानगी भी मिल गई थी। इसके बाद थाने का चार्ज सब इंस्पेक्टर आकाश शंसिया के पास आ गया।
मैं जांच करा रहा हूं
मोहित सिंह यादव, एसडीओपी के मुताबिक, रेत को लेकर जो भी बात हुई है वह मेरे संज्ञान में आई है। उसमें जांच हो रही है। जिसके साथ जो घटना हुई उन्हें भी बुलाया है। रुपए लेकर झांसी के किसानों को प्रवेश देने की मैं जांच कर रहा हूं। अगर किसी से पैसे लिए हैं तो वे हमसे शिकायत करें। हमने पटवारी और शिक्षक की भी ड्यूटी वहां लगाई है। जिस दिन ये घटना हुई उस दिन शिक्षक और पटवारी नहीं थे इसलिए मैंने एसडीएम साहब से कहा कि आप उनसे स्पष्टीकरण लें। हमने शिक्षक और पटवारी को लगाया भी इसलिए है कि अगर पुलिस कुछ गलत करती है तो वे हमें रिपोर्टिंग दे सकें।
गाड़ी खाना क्षेत्र में कोरोना का एक संदिग्ध मरीज मिला है। यहां लोगों में भय का माहौल है। संक्रमण न फैले इसलिए स्थानीय शिक्षक शैलेन्द्र मुढ़िया ने सीएमओ एमए गनी को फोन लगाया और सेनेटाइजेशन के लिए कहा। इस पर सीएमओ ने कहा वहां सेनेटाइजेशन हो चुका है। शिक्षक ने कलेक्टर रोहित सिंह को फोन लगा कर क्षेत्र को सेनेटाइज करने व सीएमओ द्वारा नहीं सुनी जाने की बात कही। कलेक्टर ने गनी को शिक्षक का नंबर दिया और सेनेटाइज करने के लिए कहा। सीएमओ नपा ने श्री मुढ़िया को फोन लगाया और कहा कि किस वार्ड से बोल रहे हैं। मुढ़िया ने कहा वार्ड 5 से। सीएमओ बोले- चुनाव लड़ना है इसलिए नेतागिरी कर रहे हो।
वार्ड से चुनाव लड़ना है क्या... इसलिए कर रहे हो नेतागिरी...
सीएमओ गनी- हैलो, कौन बोल रहे।
शिक्षक शैलेन्द्र- गाड़ी खाना से बोल रहा हूं।
सीएमओ गनी- कौन बोल रहे नाम बताओ अपना।
शिक्षक शैलेन्द्र- चन्द्र प्रकाश विश्वकर्मा।
सीएमओ गनी- हां बोलो।
शिक्षक शैलेन्द्र- फोन लगाया था आपने क्या अभी।
सीएमओ गनी- हां फोन लगाया था, क्या समस्या है तुम्हारी।
शिक्षक शैलेन्द्र- फोन आपने लगाया था तो समस्या आप बताओ
सीएमओ गनी- आपने अभी कहीं फोन लगा कर समस्या बताई थी।
शिक्षक शैलेन्द्र- सेनेटाइज कराना है क्षेत्र का।
सीएमओ गनी- कौन सा वार्ड है
शिक्षक शैलेन्द्र- वार्ड नंबर 5
सीएमओ गनी- गाड़ी खाना, कल सेनेटाइज कराया था। वीडियो है
शिक्षक शैलेन्द्र- जाने आपके पास कहां से वीडियो आ जाते हैं। यहां नहीं हुआ।
सीएमओ गनी- चुनाव लड़ रहे हो क्या वार्ड नंबर 5 से
शिक्षक शैलेन्द्र- बिल्कुल।
सीएमओ गनी- झूठी रिपोर्टिंग कर रहे हैं आप, यह बात कलेक्टर साहब को बताऊंगा। ( फोन डिस्कनेक्ट )
नहीं हुआ सेनेटाइजेशन
शैलेन्द्र मुढ़िया, शिक्षक के मुताबिक, वार्ड के कुछ क्षेत्र में सेनेटाइजेशन हुआ। मैंने कलेक्टर साहब को फोन लगाया। कलेक्टर के फोन के बाद सीएमओ का फोन आया था। जिस पर उन्हें कहा चुनाव लड़ रहे हो, इसलिए नेतागिरी कर रहे।
गलत तरीके से कर रहा बात
एमए गनी, सीएमओ दतिया के मुताबिक, सेनेटाइज को लेकर जो भी बात कर रहा है। वह गलत तरीके से बात कर रहे हैं। मुझसे कहते हैं कि आप आ जाएं पैसे ले जाएं। यह गलत तरीका है बातचीत का। क्षेत्र में सेनेटाइजेशन किया जा चुका है।
नगर पालिका के कंट्रोल रूम में राशन के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रतिदिन 300 से अधिक लोग राशन की मांग के लिए आवेदन करने आ रहे है। अभी तक 1700 आवेदन नगर पालिका में आ चुके हैं। इनके सत्यापन का काम शुरू हो चुका है। सत्यापन का काम पूरा होने के बाद इसकी सूची खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को भेजी जाएगी, उसके बाद पात्र और जरूरतमंद लोगों को 10-10 किलो गेहूं का वितरण किया जाएगा।
कंट्रोल रूम के राशन के प्रभारी अनुज शिवहरे के अनुसार 1 मई से लेकर 8 मई तक 1700 जरूरतमंद लोगों ने राशन की मांग के लिए आवेदन किए हैं। चूंकि राशन पात्र लोगों के पास ही पहुंचे इसलिए शासन के निर्देश पर इनका सत्यापन का काम किया जाना है।
सत्यापन का काम निकाय के विभिन्न 30 वार्डों में बनाए गए निगरानी समिति के माध्यम से किया जा रहा है। वार्ड प्रभारियों को उनके वार्डों की सूची तैयार कर दे दी गई है। उस सूची के माध्यम से इन टीमों के सदस्यों ने सत्यापन का काम शुरू कर दिया है।
इसलिए बढ़ रही आवेदनों की संख्या
दरअसल लॉक डाउन शुरू होने के बाद कई सामाजिक संस्थाओं ने जरूरतमंद लोगों को कच्चा राशन और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए थे। लेकिन लॉक डाउन बढ़ता गया तो सामाजिक संस्थाओं द्वारा दी गई राशन सामग्री भी खत्म हो गई। अब अधिकांश सामाजिक संस्थाओं ने राशन सामग्री और भोजन के पैकेट भी बांटना बंद कर दिए हैं। जिससे लोग अब खाने-पीने के लिए मोहताज हो गए हैं, जिससे वह राशन की मांग के लिए नगर पालिका आवेदन करने पहुंच रहे हंै।
ग्राम पोहर से हिरडी जाने वाले मार्ग पर अंभोरा नदी में शनिवार को गोबर खाद से भरी ट्रैक्टर-ट्राॅली पलट गई। घटना में ट्रैक्टर ड्राइवर की दबने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई। दाेपहर में हिवरखेड़ निवासी अशोक कुंभारे (40) स्वयं की ट्रैक्टर-ट्राॅली में गोबर खाद भरकर खेत में ले जा रहा था। नदी में पानी नहीं होने से अशोक ट्रैक्टर-ट्राॅली को नदी में से निकाल रहा था।
नदी के किनारे पर चढ़ाई में ट्रैक्टर-ट्राॅली अनियंत्रित होकर पीछे की ओर लुढ़ककर पलट गई। जिसमें अशोक ट्रैक्टर के नीचे दब गया। ट्रैक्टर पर गांव का उमेश माकोड़े भी सवार था। वह एक ओर फिंकाने बच गया। उमेश ने घटना की सूचना ग्रामीणों और मासोद पुलिस चौकी प्रभारी उत्तम मस्तकार को दी। पुलिस ने जेसीबी बुलाकर ट्रैक्टर सीधा कर दबे हुए अशोक कुंभारे को निकाला। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उमेश की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया है।
(पवन सिंह ठाकुर) पति की मौत के बाद चार बच्चों की जिम्मेदारी मां के कांधे पर आ गई। इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी। छात्रावास में रसोईया का काम करके किसी तरह अपने बच्चों को पढ़ाया। इनमें से दो बेटे अब शिक्षक हैं।
भौंरा निवासी गोस्वामी परिवार की बुजुर्ग महिला सदस्य रमादेवी गोस्वामी त्याग और संघर्ष की मिसाल हैं, जिनके संघर्ष से वाकिफ भौंरा के लोग उनके अागे श्रद्धा से नतमस्तक होने में अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं। 1975 में पति की मृत्यु के बाद 4 बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। यहीं से उनके संघर्ष की शुरुआत हुई।
रमादेवी गोस्वामी ने एक छात्रावास में रसोइया के रुप में काम करते हुए अपने बच्चों को पढ़ाया और उनके विवाह कराकर गृहस्थी को संवारा। लगभग 81 साल की आयु में भी वे परिवार का संबल हैं।
छोटे पुत्र विपिन गोस्वामी ने बताया हमारी मां का कर्ज हम कभी नहीं उतार सकते। उन्होंने बताया कि मेरी आयु 4 माह की थी, तब पिता की मृत्यु हो गई थी। मां ने रसोइया का काम करते हुए सभी को पढ़ाकर 3 भाइयों एवं बहन का विवाह कराया। 1975 से 1990 तक उन्होंने बिना थके परिश्रम किया आज 81 साल की आयु में भी वे परिवार का छत्र हैं। बड़े बेटे द्वारका प्रसाद एवं बबलू गोस्वामी का कहना है मां से ही हमारी पहचान है, हमें उन पर गर्व है।
शाहपुर के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष अशोक सिरोठिया जो भौंरा में सरपंच भी रह चुके हैं ने बताया कि रमादेवी का संघर्ष एक मिसाल हैं। उन्होंने कर्मयोगी का जीवन जिया है। वास्तव में वे ऐसी माता हैं जो वंदन योग्य हैं।
जिले में कोरोना का संकट मंडरा रहा है। दतिया के गाड़ी खाना क्षेत्र में मिले संदिग्ध के साथ उसके तीन परिजनों की रिपोर्ट का इंतजार बना हुआ है। इससे क्षेत्र के लाेग दहशत में हैं लेकिन इस बीच एक अाैर खतरा पैदा हाे गया है। सेंवढ़ा अनुभाग के ग्राम सिरसा में एक साथ 10 संदिग्ध और मिले हैं। सिरसा के दस लाेगाें काे इस अाधार पर संदिग्ध माना जा रहा है क्योंकि यह लोग ग्वालियर के बेहट में मिले दो कोरोना संक्रमितों के साथ अहमदाबाद में एक ही परिसर में रहते थे। सभी ने इन दोनों संक्रमितों के साथ यात्रा की थी। 6 मई को यह लोग गांव पहुंचे। ग्वालियर के बेहट में संक्रमित सामने आने के बाद ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर सेंवढ़ा में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम सिरसा पहुंची। सभी 10 लोगों को जिला अस्पताल लाकर आइसोलेट किया। संदिग्धों के घरों को सेनेटाइज कराया गया। इसी के साथ जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की संख्या अब 22 हो गई। इनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग रविवार को भेजेगा।
शनिवार को जैसे ही लोगों ने समाचार पत्र में देखा कि ग्वालियर की बेहट निवासी भूरी कुशवाह व देवेन्द्र कुशवाह कोरोना संक्रमित है तो सेंवढ़ा में हड़कंप मच गया। कारण भूरी अहमदाबाद में जिस परिसर में रहती थी, उसी परिसर में ग्राम सिरसा के 8 लोग रहते थे। इन 8 लोगों के साथ गांव के 2 अन्य लोग 6 मई को बेहट के संक्रमितों के साथ उसी बस से सेंवढ़ा पहुंचे थे। सुबह 9 बजे जैसे ही सिरसा के ग्रामीणों का संक्रमित लोगों के साथ रहने की बात फैली।
ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच को सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम पहुंची। एसडीएम राकेश परमार व तहसीलदार कल्पना कुशवाह भी मौके पर पहुंची। इन सभी के साथ 2 उन लोगों को भी आइसोलेशन के लिए जिला अस्पताल लाया गया जो उन्हें ट्रैक्टर में बैठा कर गांव तक लाए थे। इसके अलावा परिजनों को घर पर ही होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
सिरसा के संदिग्धों की यह है ट्रेवल हिस्ट्री
ग्राम पंचायत सरपंच ममता रजक के पति नबाब बताते हैं कि सभी लोग 6 मई की दोपहर में गांव पहुंचे थे। इनमें 3 बच्चे, 3 महिलाएं व 4 पुरुष शामिल हैं। यह अहमदाबाद के मेहदानी क्षेत्र में पानी की टिकिया बेचने का काम करते थे। इनके साथ इसी परिसर में बेहट निवासी संक्रमित भूरी देवी अाैर देवेंद्र कुशवाह भी रहते थे।
इन 10 लोगों को किया गया आइसोलेट, 24 लोगों को किया गया है होम क्वारेंटाइन
जंाच के लिए अर्जुन पुत्र ग्यासी कुशवाह 32 वर्ष, शकुंतला पत्नी अर्जुन कुशवाह 28 वर्ष, राहुल पुत्र अर्जुन कुशवाह 16 वर्ष, मुकेश पुत्र राजाराम कुशवाह 32 वर्ष, लाड़ो पत्नी मुकेश कुशवाह 28 वर्ष, राज पुत्र मुकेश कुशवाह 10 वर्ष, कृष्णा पुत्र मुकेश कुशवाह 8 वर्ष, मुंशी जाटव पुत्र परशुराम जाटव 28 वर्ष, राजकुमारी पत्नी मुंशी 26 वर्ष, कार्तिक पुत्र मुंशी 5 माह शामिल हैं। यह तीन परिवार अहमदाबाद से उसी बस से आए थे जिससे आए 13 लोगों की जांच में 2 पॉजिटिव निकले हैं। इसके अलावा इन लोगों को लाने वाले राजाराम कुशवाह 55 वर्ष तथा चालक वीर सिंह कुशवाह को भी जांच के लिए दतिया ले जाया गया है।
4 दिन में 22 आइसोलेट, 12 की रिपोर्ट का इंतजार
जिला अस्पताल में बुधवार से शनिवार तक 22 लोग आइसोलेट किए जा चुके हैं। बुधवार को प्रदीप विश्वकर्मा और उसके माता-पिता व बहन को आइसोलेट किया गया था। इसके बाद सेंवढ़ा से आए 10 लोगों को आइसोलेट किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को दो और सैंपल जांच के लिए डीआरडीओ ग्वालियर भेजे हैं। अब तक 86 संदिग्धों के सैंपल भेजे जा चुके हैं। जिसमें से 74 की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई है। अब 12 लोगों के सैंपल रिपोर्ट आना बाकी है। इसमें प्रदीप और उसके परिवार की रिपोर्ट भी शामिल है। साथ ही सेंवढ़ा से आए 10 संदिग्धों के सैंपल रविवार को भेजे जाएंगे।
कोटा-झांसी हाईवे पर शुक्रवार की रात हुए दो सड़क हादसों में महाराष्ट्र से उप्र लौट रहे 44 मजदूर घायल हो गए। इनमें से दस मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अमोला पुल के पास सड़क हादसे के बाद मजदूर सड़क पर सामान के साथ पड़े नजर आए। पुलिस ने एंबुलेंस से घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। अन्य घायलों को सिरसौद ले गए। ट्रक क्षतिग्रस्त हो जाने पर अन्य मजदूरों को दूसरा कोई साधन नहीं मिल रहा था। पुलिस ने ट्रक रुकवाए और बिठाकर यूपी रवाना कर दिया। इधर, अस्पताल आने के बाद भी उनकी परेशानी कम नहीं हुई। दो सड़क हादसों की वजह से घायलों की संख्या अधिक हो गई। हालात यह रहे कि जिला अस्पताल स्थित ट्रोमा सेंटर में स्ट्रेचर कम पड़ गए। घायल मजदूर फर्श पर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।1
गर्मी अब अपना असर दिखाने लगी है। दिन में निकल रही तेज धूप के कारण दिन का पारा तीन दिन से बढ़त बनाए हुए है। शनिवार को दिन का पारा पिछले दिन की अपेक्षा 2 डिग्री बढ़कर 44 डिग्री पर पहुंच गया,जो कि इस सीजन में सबसे अधिक दर्ज किया गया। पारे में आई इस बढ़ोत्तरी की वजह से तेज गर्मी का अहसास हुआ और लोग गर्मी से परेशान नजर आए।
पिछले दो दिनों की तरह शनिवार को भी सुबह से ही मौसम में तेज गर्माहट बनी हुई थी। धूप निकलते ही गर्माहट ओर बढ़ गई और पारा तेजी से बढ़ता गया। दोपहर 12 बजे तक ही पारा 40 डिग्री पर पहुंच गया था, उसके दो घंटे बाद ही पारा 4.3 डिग्री और बढ़कर 44.3 पर पहुंच गया था। यह अधिकतम पारा इस सीजन में सबसे अधिक दर्ज किया गया। जबकि पिछले दिन शुक्रवार को दिन का अधिकतम पारा 42.3 डिग्री दर्ज किया गया था। लगातार गर्मी से लोग बेहाल होने लगे हैं। मौसम विभाग गर्मी तेज होने की बात कह रहा है।
गहराने लगा जलसंकट
गर्मी बढ़ने के साथ जलसंकट गहराने लगा है। ग्रामीण अंचलों में लोग पानी के लिए परेशान हो रहे। वहीं 3 मई 40, 4-5 मई को 37, 6-7 मई को 40.3 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज हुआ।
रात में 230 रहा पारा
हालांकि रात के न्यूनतम पारे में 1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, रात का न्यूनतम पारा 23 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि इससे पिछली रात का न्यूनतम पारा 24 डिग्री दर्ज किया गया था।
शाम 7 बजे 420 रहा
पारे में आई इस बढ़ोत्तरी की वजह से लोग गर्मी के कारण बेहाल हो गए, शनिवार शाम 7 बजे तक भी पारा 42 डिग्री पर बना हुआ था, जिससे शाम को भी गर्मी से राहत नहीं मिली। शाम के वक्त लोग घरों की छतों पर भी गर्मी से राहत पाने पहुंचे, लेकिन खासी गर्मी का अहसास रहा।
पिछले वर्ष 410 था
पिछले वर्ष 9 मई को दिन का अधिकतम पारा 41 डिग्री और रात का न्यूनतम पारा 25 डिग्री दर्ज किया गया था। इस तरह पिछले वर्ष का अधिकतम पारा 4 डिग्री कम रहा। हालांकि न्यूनतम पारा पिछले वर्ष 9 मई को 2 डिग्री अधिक रहा था। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी पारा इसी तरह बना रहेग, गर्मी और बढ़ेगी।
सिविल अस्पताल के जच्चा वार्ड में प्रसूताओं की डिलीवरी कराए जाने के बाद स्टाफ द्वारा सेफ डिलीवरी किट को अस्पताल परिसर में ही खुले में फेंका जा रहा है। इसकी वजह से मरीजों और यहां आने वाले लोगों को संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। जबकि नियमानुसार इस किट को बायो डिस्पोज किया जाना चाहिए। यही नहीं अन्य मेडिकल बेस्ट भी अस्पताल परिसर में फेंक दिया जाता है। यह एक गंभीर लापरवाही साबित हो सकती है।
शहर में स्थित एकमात्र सिविल अस्पताल में कोरोना वायरस महामारी के बावजूद भी लापरवाही बरती जा रही है। यहां तक की जच्चा वार्ड में प्रसूताओं को भर्ती करने से पहले न तो स्क्रीनिंग होती है न ही सैंपलिंग कराई जाती है। ऐसे में प्रसव होने के बाद स्टाफ द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए जो किट पहनी जाती है उसे सीधे ही अस्पताल परिसर में खुले में फेंक दिया जाता है। जिसकी वजह से मरीजों में संक्रमण फैल सकता है। इसके अलावा हवा से यह किट यहां वहां उड़ रही है, जिसकी वजह से आसपास के लोगों को भी खतरा बढ़ गया है । नियमानुसार उपयोग के बाद किट को सही तरीके से डिस्पोज किया जाना चाहिए, जिससे संक्रमण न फैले। शनिवार को करीब बारह सेफ डिलीवरी किट अस्पताल परिसर में पड़ी हुई थी। खास बात यह है कि यह स्थिति आए दिन बन रही है, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
प्रसूताओं की जरुरी जांचें नहीं हो सकी शुरू
प्रत्येक प्रसूता की डिलीवरी से पहले एचबी एससी, एचआईवी, एचबी, ब्लड ग्रुप आदि जांचें अनिवार्य रुप से किया जाना चाहिए, लेकिन अस्पताल में अाने वाली प्रसूताओं को इनमें से एक भी जांच नहीं कराई जा रही हैं। ऐसे में आगे चलकर यह लापरवाही घातक साबित हो सकती है। प्रसूताओं की एचबी की जांच नहीं होने से यह पता भी नहीं चल पाता है कि वह एनीमिक तो नहीं है। जबकि एनीमिक होने पर प्रसूता की जान को भी खतरा हो सकता है। लेकिन एक माह का समय गुजरने के बाद भी जांचें नहीं कराई जा रही हैं।
नर्सों ने फेंकी होगी किट, समझा दिया है
डॉ. सुरेंद्र सिंह सोलंकी सीबीएमओ के मुताबिक,रात के समय प्रसूताओं की डिलीवरी के बाद स्टाफ द्वारा किट फेंक दी गई होगी। सभी नर्सांे को समझा दिया है कि वह इस तरह से किट न फेंकें। साथ ही खुले में पड़े बायो बेस्ट को उचित डिस्पोज के लिए हटवा दिया है। अस्पताल स्टॉफ को आगे से बायो बेस्ट न फेंकने की सख्त हिदायत दी गई है।
औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर की 125 में 15 कंपनियां लॉकडाउन के दौरान चल रही हैं। इनमें भी महज 5 प्रतिशत श्रमिक ठेकेदारी प्रथा पर काम कर रहे हैं। बाकी फैक्टरी इसलिए चालू नहीं हो पा रही हैं क्योंकि काम करने वाली लेबर नहीं पहुंच रही है। ऐसे में इंडस्ट्रीज एरिया में काम करने वाले 15 हजार वर्करों में से 700 से 800 श्रमिक ही काम कर रहे हैं।
यहां बता दें कि सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र की सभी कंपनियों को चलाने का आदेश जारी किया है। लेकिन इंडस्ट्रीज में काम करने वाला 90 फीसदी स्टाफ ग्वालियर से अपडाउन करता है। लेकिन ग्वालियर कलेक्टर ने कंपनी प्रबंधकों को स्पष्ट कहा है कि वह वर्करों को बार-बार न ले जाएं। अगर लेबर ले जानी है तो कंपनी में ही रखें। ऐसे में फैक्टरी मालिक इतने वर्करों को एक साथ रखने को तैयार नहीं हैं। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार के निर्णय अनुसार क्षेत्र के लोकल लोगों से ही काम कराया जाएगा।
कंपनियों में प्रोडक्शन हुआ कम
मालनपुर में एसआरएफ, नोवा, पारस, गोदरेज, सुप्रीमो, सूर्या जैसी बड़ी कंपनियां ही चल रही हैं जबकि अन्य फैक्टरी पूरी तरह से बंद हैं। इन कंपनियों में भी प्रोडक्शन बेहद कम हो गया है। उत्पादन न होने की वजह से माल का निर्यात भी घट गया है। इन परिस्थितियों में छोटी इकाइयों पर दबाव बढ़ गया है। क्योंकि इनमें बिजली, पानी का बिल हर महीने भरना होता है। साथ ही जो कंपनियां संचालित हैं वह बसों का भाड़ा दे रही हैं जबकि वर्कर कम पहुंच पा रहे हैं।
जनता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों और कलमकारों का शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवकों ने सम्मानित किया। कोरोना योद्धाओं को तिलक लगाकर मास्क व सेनेटाइजर के साथ गमछा दिए गए।
तहसील कार्यवाह कुंजबिहारी बरुआ ने कहा कि इस समय कोरोना महामारी में अगर कोई सबसे ज्यादा मेहनत कर रहा है तो वह पुलिस अमला है जो अपनी जान माल की चिंता न करते हुए रात दिन आम लोगों की सेवा कर रहे हैं। पुलिस अमला आज के संकट में देवतुल्य के समान है। उन्होंने कहा मीडिया कर्मियों की भी इस समय बड़ी भूमिका है। जब हम अपने घर रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं ऐसे में देश विदेश के साथ क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी पहुंचाई जा रही है। कार्यक्रम में चेतन भदौरिया, सुभाष शर्मा, कल्याण नरवरिया, भूरे ओझा, दिवाकर मिश्रा, चंदन सिंह, शिवप्रताप सिंह, रोशन दीक्षित, राहुल अग्रवाल, सालिगराम सूर्यवंशी, सुभाष थापक, कमल दीक्षित, रणवीर परमार, सौरव जैन, केदार गुप्ता, अजय जैन और हरिओम कटारे मौजूद थे।
थाना प्रभारी बोले- आप लोगों का स्नेह ही हमें शक्ति मिलती है
थाना प्रभारी मनोज राजपूत ने कहा कि आमजन का इतना प्रेम और स्नेह हम लोगों को काम करने की शक्ति देता है। हमारे जवान अपने परिवार की चिंता न करके आप लोगों की सुरक्षा में 24 घंटे का समय दे रहे हैं। गोरमी में जब से लॉकडाउन हुआ है तब से संघ गरीबों को राशन एवं रोजाना लोगों को मास्क वितरण कर रहा है। इसके साथ जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई जा रही है।
समर्थन मूल्य पर चल रही गेहूं खरीदी में किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला उजागर होने पर बदरवास थाना पुलिस ने शनिवार को तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। सेवा सहकारी संस्था बिजरौनी द्वारा उपार्जन केंद्र पीएच वेयर हाउस बदरवास पर उपज खरीदी के दौरान किसानों से ताैल के नाम पर ज्यादा गेहूं लिया जा रहा था। यही नहीं गेहंू में नमी बताकर किसानों से 5 किग्रा वेयरहाउस का कर्मचारी ले रहा था और सैंपल पास करने के एवज में सर्वेयर पांच सौ से एक हजार रुपए वसूल रहा था। सहायक समिति प्रबंधक ओमप्रकाश ओझा, सर्वेयर मोहन बिहारी और वेयर हाउस कर्मचारी हरिओम ग्वालियर के खिलाफ धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। जिले के अन्य खरीद केंद्राें पर भी यही स्थिति है। जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हुए हैं।
किसानों की शिकायत पर कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी 2 मई को तहसीलदार को साथ लेकर बदरवास पीएच वेयर हाउस पहुंचे थे। बिजरौनी सोसायटी द्वारा किसानों की तौलकर रखीं गईं 28 बोरियों की फिर से तौल कराने पर ज्यादा गेहूं पाया गया। किसानों ने बयान दर्ज कराए। उक्त मामले में शुक्रवार को सहकारिता विस्तार अधिकारी बदरवास एवं प्रशासक चमनसिंह ने बदरवास थाने में आवेदन दिया। जिसमें गेहूं की खरीदी के दौरान किसानों के साथ धोखाधडी कर गेहूं अधिक तौल और सैंपलिंग जांच के नाम पर 5 किग्रा गेहूं बेईमानी से तथा फीस के रूप में 500 रुपए व 1 हजार रुपए बताकर लिए जा रहे थे। किसानों की ज्यादा उपज तौलने से लेकर बदरवास थाना पुलिस ने आरोपी सहायक समिति प्रबंधक एवं उपार्जन केंद्र प्रभारी ओमप्रकाश ओझा व सर्वेयर मोहन बिहारी और पीएच वेयर हाउस कर्मचारी हरिओम ग्वाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
जिला उपार्जन समिति सदस्यों की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
जिला उपार्जन केंद्र समिति शिवपुरी के सदस्य नारायण शर्मा जिला आपूर्ति अधिकारी शिवपुरी, वायके सिंह महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी, चंद्रशेखर शरणागत जिला प्रबंधक आपूर्ति निगम शिवपुरी, सीएल मौर्य प्रभारी सहायक आयुक्त सहकारिता शिवपुरी, राजेश कुमार पाठक जिला प्रबंधक स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन शिवपुरी द्वारा सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बिजरौनी ने 2 मई को उपार्जन केंद्र पीएच वेयर हाउस बदरवास की जांच की थी। उक्त अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर कलेक्टर ने मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।
किसान बोले- सैंपल पास कराने के लिए हमसे लिए गए रुपए
जांच के दौरान तहसीलदार डीडी शर्मा उपस्थित थे, जिन्होंने किसान राजेश राठौर निवासी बिजरौनी, आनंद किरार के कथन लिखे। किसानों ने बताया कि 50 किग्रा के स्थान पर उपार्जन केंद्र पर 52 किग्रा तौल की जा रही है। सैंपल पास करने के नाम पर 500 रुपए वेयर हाउस के कर्मचारी ले रहे हैं। मौके पर जांच में खरीदी केंद्र प्रभारी ओमप्रकाश ओझा और पीएच वेयर हाउस के नौकर हरिओम द्वारा नमी के नाम पर किसानों के जिन्स की तौल 51 और 52 किग्रा तक की जा रही थी। सर्वेयर मोहन बिहारी द्वारा सैंपल जांच के नाम पर 5 किग्रा गेहूं व 500 रुपए तक लिए जाने का पंचनामा तैयार किया।
सायगोहान गांव में कई लोगों के बीमार मिलने और इलाज नहीं कराने के मामले में नया खुलासा हुआ है। यहां लोग माता का प्रकोप होने और उसे शांत करने के लिए लगातार उपवास रख रहे थे। विशेषज्ञों ने इसे अंधविश्वास बताया है। अब जांच में ग्रामीणों के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम पाई गई अाैर हीट स्ट्रोक यानी लू लगने की कारण बीमार हाे गई। यह निष्कर्ष स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 28 ग्रामीणों की मेडिकल जांच करके निकाला है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झल्लार में उपचार किया जा रहा है। ग्रामीणों के उपवास रखने की पुष्टि बोथिया सरपंच दिनेश बारस्कर ने भी शनिवार काे की है।
दूसरी तरफ झल्लार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी संख्या में हीट स्ट्रोक और कमजोरी के मरीज लाए गए। इसके बाद केंद्र पर बेड कम पड़ गए। जमीन पर दरी बिछाकर मरीजों को भर्ती किया गया। सेलाइन बॉटल लगाई गई।
शनिवार तक 28 लाेग उपचार कराने पहुंचे
शुक्रवार को भैंसदेही के सायगोहान गांव में बुखार के बाद एक आदिवासी मजदूर उपेन्द्र लोखंडे की संदिग्ध मौत हाेने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी। यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण बुखार से पीड़ित मिले थे। 22 ग्रामीणों को झल्लार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लाकर ब्लड की जांच करवाई। शनिवार शाम तक झल्लार अाने वाले ग्रामीणों की संख्या 28 हाे गई। इनके ब्लड की जांच में अधिकांश में हीमोग्लोबिन की कमी मिली। उनका उपचार किया जा रहा है। पहले मरीजाें काे बैतूल जिला अस्पताल लाने की योजना थी, एक बस और एंबुलेंस का भी इंतजाम किया गया, लेकिन अब झल्लार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही उपचार किया जा रहा है।
सरपंच बोले- ग्रामीण सोच रहे थे जल चढ़ाने से देवी को शांत कर लेंगे, इलाज का असर दिखा तो बढ़ा विश्वास
बोथिया सरपंच दिनेश बारस्कर ने बताया सायगोहान के ग्रामीणों में बुखार होने और एक की मौत होने की सूचना मुझे मिली थी। उसके अंतिम संस्कार के पहले मैंने नायब तहसीलदार देवशंकर धुर्वे को सूचना दी थी। गांव वालों का कहना है कि माता दिखी है, वे गांव के देवी मंदिर में उपवास रखते हुए लगातार जल चढ़ा रहे थे। उनका मानना है कि जल चढ़ाने से माता का प्रकोप ठंडा हो जाएगा। हालांकि शुक्रवार को उपचार के बाद ग्रामीणों के स्वस्थ होने पर अन्य ग्रामीण भी उपचार के लिए पहुंचे।
11 मरीजों की दूसरी बार जांच की
ग्राम सायगोहान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झल्लार के डॉ. तरुण शर्मा को शुक्रवार को मरीजों की जांच किए जाने के बाद बुखार और कमजोरी के 22 मरीज मिले थे, सभी मरीजों का झल्लार अस्पताल में उपचार किया था। डॉ. शर्मा ने बताया कि शनिवार काे 11 मरीजों की दूसरी बार जांच की गई सभी के हालात में सुधार हो रहा है।
हीमोग्लोबिन की कमी है, उपचार कर रहे हैं
^सायगोहान गांव में के ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच करवाई है। लगातार उपवास रखने के कारण हीट स्ट्रोक हो गया था। हीमोग्लोबिन की कमी भी सभी में पाई गई है। कोरोना जैसे लक्षण किसी में नहीं थे इसी कारण सैंपल नहीं लिए।
डॉ. जीसी चौरसिया, सीएमएचओ
एंडोरी गांव निवासी रामकिशोर उर्फ बड़े लला (50) पुत्र किंदर सिंह तोमर ने काफी शराब पी रखी थी। साथ ही उसके सिर में भी चोट थी। ऐसे में माना जा रहा है कि शराब के नशे में वह सिर के बल गिरा, जिससे उसकी मौत हुई है। हालांकि उसका बिसरा जांच के लिए एफएसएल सागर के लिए भेजा गया है, इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि आखिर उसकी मौत की सही वजह क्या रही।
दरअसल, रामकिशोर उर्फ बड़ेलला का शव शुक्रवार की दोपहर ढाई से तीन बजे के करीब एंडोरी गांव में मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के सामने सड़क पर पड़ा हुआ देखा गया। इसके बाद परिजन ने आरोप लगाया कि जहरीली शराब पीने से उसकी मौत हुई है। आक्रोशित परिजन ने शराब की दुकान और जिला आबकारी अधिकारी की गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी थी। हालांकि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद उनका गुस्सा शांत हुआ। वहीं मृतक के शव को पीएम के लिए गोहद अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि शनिवार को जब भास्कर ने बड़ेलाल का पीएम करने वाले डॉ. अालाेक शर्मा से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उसने काफी ज्यादा शराब पी रखी थी । साथ ही उसके सिर में भी चोट थी, जिससे हो सकता है कि अत्यधिक नशे में सिर के बल गिरने से भी उसकी मौत हुई हो। हालांकि जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि बिसरा की जांच के बाद पता चलेगा। इधर पुलिस ने शव का पीएम कराकर परिजन के सुपुर्द कर दिया।
शहर के चक्कर रोड इलाके में 17 साल की नाबालिग को बंधक बनाकर देह व्यापार कराने का मामला उस नाबालिग के भागकर पुलिस में पहुंचने के बाद सामने आया। चक्कर रोड पर रहने वाली महिला किरण पंडागरे और उसकी बेटी शीतल नाबालिग को बंधक बनाकर दो माह से देह व्यापार करवा रही थी। नाबालिग शुक्रवार रात काे छूटकर कोतवाली पुलिस के पास पहुंची और आपबीती बताई। पुलिस ने आरोपी मां और बेटी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। पुलिस नाबालिग काे मां-बेटी काे बेचने वाली महिला जाेया काे तलाश रही है।
उत्तरप्रदेश के बिजनौर क्षेत्र की रहने वाली 17 साल की नाबालिग दो माह पहले चाचा के साथ अजमेर में दरगाह पर झाड़फूंक के लिए गई थी। जहां वह चाचा से बिछड़ गई। एक सप्ताह तक वह अजमेर में भटकती रही, इसी दाैरान उसे एक महिला मिली, जिसने अपना नाम जोया बताया। जोया उसे घुमाने के बहाने इंदौर लेकर आ गई। फिर 8 मार्च को जोया उसे बैतूल लेकर पहुंची। जहां चक्कर रोड की रहने वाली किरण पंडागरे को छह हजार रुपए में बेच दिया। पुलिस ने किरण और शीतल को हिरासत में लिया है और जोया की तलाश जारी है। टीआई ने कहा मां और बेटी से पूछताछ की जा रही है।
पहले कराया काम, फिर देह व्यापार
टीआई ने बताया चक्कर रोड निवासी किरण पंडागरे के साथ उसकी बेटी शीतल भी रहती थी। नाबालिग को छह हजार रुपए में खरीदने के बाद मां-बेटी ने उसे एक मकान में उसे बंधक बनाकर रखा था। पहले उससे घर का काम करवाया। बाद में उससे देह व्यापार करवाने लगी। नाबालिग द्वारा मना करने पर दोनों उसे धमकी देती थीं।
चक्कर रोड पर रहने वाली दो आरोपी हिरासत में
बैतूल के चक्कर रोड पर रहने वाली आरोपी मां-बेटी द्वारा एक नाबालिग से देह व्यापार करवाने का मामला सामने आया है। आरोपी मां और बेटी को हिरासत में ले लिया है। एक महिला की तलाश की जा रही है।
- राजेंद्र धुर्वे, टीआई, कोतवाली
समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों पर एक बार फिर शनिवार को ऑपरेटर के अलावा तुलावटी, हम्माल- पल्लेदारों ने काम करने से हाथ खड़े कर दिए। इनका कहना था कि तीन दिन पहले एसडीएम ने मेहनताना का भुगतान करा दिए जाने का आश्वासन दिया था लेकिन संबंधितों के खाते में एक भी रुपया नहीं आया है। जब खरीद केंद्र पर पहुंचे नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक राकेश चौधरी ने कहा कि भुगतान जल्दी ही करा दिया जाएगा तब इन लोगों ने कहा यह बात एसडीएम भी तीन दिन पहले कहकर गए थे। इस पर प्रबंधक ने कहा कि हमने भोपाल बात की है सोमवार को आवश्यक कार्रवाई करा दी जाएगी इसके बाद मंगलवार- बुधवार तक भुगतान आ जाएगा।
यहां बता दें ऑपरेटर के अलावा तुलावटी और हम्माल पल्लेदारों का भुगतान न होने से लॉकडाउन की अवधि में इन लोगों को जबरदस्त आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऑपरेटरों को काम करते हुए तीन- चार महीने हो गए हैं और तुलावटी और हम्माल पल्लेदार 16 अप्रैल से कामकाज कर रहे हैं। आखिर मजदूरी करने वाले लोग बगैर मेहनताना के कितने दिन तक काम कर सकते हैं। यह बात संभवत: अब तक संबंधित अधिकारियों के समझ में नहीं आई है। हालांकि श्रमिकों से चर्चा करते हुए प्रबंधक अग्रवाल ने यह भी कहा कि उन्हें जिले में आए हुए कुछ ही दिन हुए हैं इसके पहले भुगतान को लेकर क्यों ध्यान नहीं दिया गया इसकी भी जानकारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया आॅपरेटरों के संदर्भ में भोपाल में बात कर ली है जरूरी जानकारी भिजवा दी गई है। मंगलवार- बुधवार तक राशि संबंधितों के खातों में आ जाएगी। तुलावटी और हम्माल पल्लेदारों की साख सीमा की कार्रवाई बैंक द्वारा नहीं किए जाने से भुगतान नहीं आ पा रहा है। इसके लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।
जवाहर नवोदय विद्यालय में शनिवार को असम के सोडलपुर जवाहर नवोदय विद्यालय से जिले के लगभग 25 छात्र आए। यहां आने के बाद प्रशासन व डॉक्टरों की टीम ने सभी बच्चों का परीक्षण किया। साथ ही जिस बस से वह आए थे उसे तथा पूरे सामान को सेनेटाइज किया। इसके बाद बच्चों को उनके घर पहुंचाने के साथ होम क्वारेंटाइन किया जाएगा।
जवाहर नवोदय विद्यालय पिछोर डबरा से 21 बच्चों को लेकर 6 मई को बस असम के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद असम से शनिवार को ग्वालियर जिले के 25 बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय पिछोर वापस आए। बस से वापस आए कृष्ण कुमार चौबे, विवेक रावत, लव-कुश लोधी, किरण पाल, अंजलि राठौर, उन्नति कुशवाह, सरिता भगत, करिया, मुस्कान सहित 17 बालक एवं 8 बालिका जवाहर नवोदय विद्यालय वापस आए। डॉक्टर उदयभान कुशवाह ने बच्चों एवं साथ में आने वाले शिक्षकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इस मौके पर आनंद गोस्वामी, प्राचार्य अजय राज सिंह, नेतराम पचौरी, विनोद तिवारी, सुरेंद्र कुशवाह मौजूद थे।
भितरवार थाना क्षेत्र के ग्राम बागवई तिराहा के पास शनिवार को सुबह करीब साढ़े गयारह बजे एक चार पहिया वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो लोग घायल हो गए। दोनोंे ग्राम बागवई की ओर बाइक से जा रहे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों घायलों को एक साइड किया।
घायलों में एक डॉक्टर ने बीएमओ को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलने पर अस्पताल की गाड़ी घटना स्थल पर पहुंची और दोनों घायलों को सामुदायिक अस्पताल लेकर आई। जहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने दोनों घायलों का उपचार किया। जानकारी के अनुसार सामुदायिक अस्पताल में पदस्थ मलेरिया इंस्पेक्टर रामजीलाल शाक्य 58 पुत्र बाबूलाल शाक्य तथा डॉ. पीएम शाक्य 60 पुत्र डीसी शाक्य शनिवार को सुबह लगभग 11.30 बजे ग्राम बागवई तथा आसपास के गांवों में कोरोना संदिग्ध लोगों की जांच करने के लिए बाइक से जा रहे थे।
परंतु बागवई तिराहे पर पहुंचते ही डबरा की ओर से आ रहे एक चार पहिया वाहन के चालक ने लापरवाही बरतते हुए बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक पर बैठे दोनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके से गुजर रहे लोगों ने दोनों घायलों की मदद की और साइड में किया और अस्पताल के वाहन से इलाज के लिए सामुदायिक अस्पताल भिजवाया। जहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने दोनों घायलों का उपचार किया।
लॉकडाउन में हरियाणा में फंसे सागर समेत मप्र के 18 जिलों के मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन दूसरे दिन शनिवार को भी सागर पहुंची। इस ट्रेन में सागर के 16 समेत कुल 1280 श्रमिक समेत उनके बच्चे भी शामिल थे। जिनकी जांच करते हुए उन्हें अपने जिलों के लिए बसों से रवाना किया गया। हरियाणा के रेवाड़ी से स्पेशल ट्रेन शनिवार को सुबह 6 बजे सागर रेलवे स्टेशन पहुंची। इस दौरान सभी श्रमिकों को बारी-बारी उनके कोच से उतारा गया।
अलग-अलग जिलों के श्रमिकों को परिसर के बाहर खड़ी बसों तक पहुंचाने के लिए निकासी भी अलग-अलग बनाई गई थी। निकासी गेट पर ही उनके हाथों को सैनिटाइज से साफ कराया गया। रेलवे स्टेशन पर पहले से ही तैनात मेडिकल टीमों ने उनका जांच की तो उनके नाश्ता, भोजन आदि पानी की व्यवस्था की गई थी।
मजदूरों की घर वापसी को लेकर उनकी चेहरों पर सुकून भी नजर आया है तो उनके बच्चे भी खुश थे। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराते हुए परिसर के बाहर तक ले जाया गया। जहां सैनिटाइज बसों से अपने-अपने जिलों को रवाना किया। इस दौरान कलेक्टर प्रीति मैथिल, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरवार, उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे, अपर कलेक्टर अखिलेश जैन, संयुक्त कलेक्टर अंजली शाह, सिटी मजिस्ट्रेट पवन वारिया, सीएचएमओ डॉ. एमएस सागर, नोडल अधिकारी डॉ. धीरेंद्र मिश्रा,आरटीओ प्रदीप शर्मा, स्मार्ट सिटी सीईओ राहुल सिंह राजपूत, एसडीएम संतोष चंदेल, तहसीलदार नरेंद्र बाबू यादव, स्टेशन प्रबंधक नरेन्द्र सिंह, आरआरटी टीम, आरपीएफ, जीआरपी, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य, राजस्व, स्कूल शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी मौजूद थे।
यह बोले श्रमिक
महाप्रसाद पाल ने बताया कि डेढ़ महीने से काम बंद था। पैसे की कोई व्यवस्था नही थी। काफी परेशान होना पड़ रहा था। लेकिन सरकार मजूदरों की सुध ली और घर वापसी का इंतजाम कराया।
घनश्याम कोरी वहां मजदूरों की सबसे खराब हालात है। राहत सामग्री पहुंचाई तो मिल रही थी, लेकिन बच्चों दूध के लिए परेशान हो जाते थे। घर वापस आकर खुश हूं।
ट्रेन और बसों को कराया गया सैनिटाइज
मजदूरों को लेकर आई स्पेशल ट्रेन को उनके जाने के बाद सैनिटाइज किया गया। वहीं अधिकारियों के वाहन भी समेत जिन बसों में मजदूरों को भेजा गया है। वह सभी भी सैनिटाइज किए गए।
राशन दुकानों से खाद्यान्न केवल उन्हीं लोगाें को मिलेगा। जिनके नाम बीपीएल, पीला परमिट या पात्रता पर्ची में दर्ज हैं। बाकी को अन्य किसी स्रोत से इंतजाम करना होगा।
यह बात कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने कैंट बोर्ड सागर की मीटिंग में कही। वे शनिवार को कैंट ऑफिस में कोरोना को लेकर चल रही तैयारियां व कार्रवाइयों पर चर्चा करने गई थी। इस दौरान मुख्य रूप से उपाध्यक्ष प्रभुदयाल पटेल, वरिष्ठ पार्षद वीरेंद्र पटेल, जिलानी मकरानी, विमल यादव, बीना चौकसे, शेखर चौधरी, किरण केशरवानी और सीईओ राजीवकुमार मौजूद रहे।
पार्षदों ने खाद्यान्न की समस्या बताई लेकिन बात नहीं बनी: कैँट के पार्षदों ने कलेक्टर मैथिल को बताया कि हमारे क्षेत्र में सैकड़ों परिवारों के नाम बीपीएल सूची से हटा दिए गए। इस संबंध में हम लोग एसडीएम से लेकर प्रभारी मंत्री तक अपनी बात रख चुके हैं। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब जब बीते 45 दिन से लॉक डाउन है तो इन लोगों की हालत बहुत खराब हो चली है। जेैसे-तैसे हम लोगों अपने स्तर पर खाद्यान्न का बंदोबस्त किया और इनकी मदद की। जवाब में कलेक्टर ने कहा कि सरकार ने बिना परमिट वालों को खाद्यान्न देने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए हैं, इसलिए कुछ नहीं किया जा सकता।
कैंट प्रशासन ने शनिवार को अपने कर्मचारियों के निवास के लिए बनी क्वार्टर बिल्डिंग का लोकापर्ण किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर संजय ठाकरन थे। उन्होंने कहा कोरोना के इस माहौल में मैं कैंट के स्टाफ व निवासियों से अपील करता हूं कि वे सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें। साबुन का लगातार उपयोग करें। इस अवसर कैंट के पार्षद, सीईओ समेत अन्य नागरिक मौजूद
भैंसदेही के आरिफ अंसारी ने कोरोना से जंग जीत ली है। अब वे होम क्वारेंटाइन होकर 14 दिन बिता रहे हैं। आरिफ का कहना है कि हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और मल्टीविटामिन दवाओं के साथ गर्म पानी और काजू-बादाम ने उनके स्वस्थ होने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसका मानना है कि इस लड़ाई में भाइयों भाई जमीर और साबिर अंसारी ने उन्हें हर तरह से हिम्मत दी और ठीक होने में मदद की। घर से गर्म पानी बोतल में भरकर आइसोलेशन वार्ड में आता था। तीन लीटर गर्म पानी वे गले की सिंकाई के लिए पीते थे। काजू बादाम खाने से भी काफी मदद मिली। 6 अप्रैल से 2 मई तक 26 दिन हाैसले से लड़ाई लड़ी।
उसका कहना है कि पूरी तरह स्वस्थ हूं, सभी तरह की सावधानियां रख रहा हूं। एक दिन गले में खराश के बाद उसे कोई परेशानी या लक्षण नहीं दिखे लेकिन पॉजिटिव होने के कारण उन्होंने ठीक होने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
नागपुर में एटीएम या डॉक्टर के यहां पर संक्रमण का शिकार होने की आशंका
आरिफ ने बताया कि में नागपुर के मोमिनपुरा में बर्तन के कारोबार के सिलसिले में रुका था। लॉकडाउन में घर में ही था, लेकिन एक दिन रुपए निकालने के लिए एटीएम जाना पड़ा, यहां पर भीड़ ज्यादा थी, यहां संक्रमित होने की आशंका है। पेट दर्द होने के कारण एक दिन डॉक्टर की क्लीनिक पर भी गया था, वहां पर भी भीड़ थी। उसे शक है कि यहां से भी वह संक्रमित हाे सकता है। लेकिन आरिफ ने माना कि हर हाल में सोशल डिस्टेेेंस मेंटेन रखना जरूरी है।
7 दिन तक दोनों टाइम दी गई हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, एक दिन गला खराब : बीएमओ
बीएमओ डॉ. एमएस सेवरिया ने बताया कि आरिफ को 7 दिनों तक सुबह शाम हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन गाेली दी गई। दो गोली प्रतिदिन उसे दी गई। इसके बाद मल्टीविटामिन की गोलियां दी गईं। खाने-पीने का कोई परहेज नहीं था। भरपेट भोजन करे यही प्रयास रहता था। केवल एक दिन ही आरिफ का गला थोड़ा खराब होने की सूचना मिलने पर हमने उसे एजीथ्रोमाइसिन गोली दी थी। इस गोली के लेने के बाद उसका गला पूरी तरह ठीक हो गया था।
6 अप्रैल से 2 मई तक 26 दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और अस्पताल में रहना पड़ा
6 मई को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद आरिफ अंसारी को घर पर ही होम आईसोलेट किया गया। इसके बाद उसे भैंसदेही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया। यहां से 27 अप्रैल को उसे बैतूल जिला अस्पताल की कोरोना कंट्रोल यूनिट में रैफर किया गया। यहां से 2 मई को दो सैंपल लगातार निगेटिव आने के बाद उसे वापस घर भेज दिया गया। इस तरह 26 दिन तक वह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैंसदेही और बैतूल कोरोना कंट्रोल यूनिट में रहा।
यह था रोज का रुटीन
विशेष किशोर पुलिस इकाई ने मालथौन के हरिपुर गांव में 14 वर्षीय बालिका के साथ होने जा रही 30 साल के लड़के की शादी रोक दी है। इकाई की ज्योति तिवारी ने बताया कि शनिवार को दोपहर के वक्त मुखबिर ने मालथौन थाने के तहत आने वाले हरिपुर गांव में एक 14 साल की लड़की का विवाह रचाए जाने की सूचना दी थी।
सूचना मिलते ही टीम पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के निर्देश पर मौके पर रवाना हो गई। टीम जब गांव पहुंची तब लड़की को हलदी लगाने की रस्म अदा की जा रही थी। टीम ने परिवार से लड़की की उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे। जांच करने पर लड़की की उम्र 14 वर्ष निकली। चूंकि लड़का भी गांव का ही था। लिहाजा टीम उसके घर भी पहुंची। दस्तावेज जांचने पर उसकी उम्र 30 वर्ष पाई गई। टीम ने लड़की पक्ष के लोगों को बुलाकर यह विवाह राेकने की बात कही। काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्ष शादी रोकने तथा बालिग होने के बाद लड़की का ब्याह करने के लिए तैयार हुए। टीम में अविनाश रजक, भानु प्रताप, कल्याण सिंह लोधी तथा अन्य शामिल थे।
मजदूरों को राशन बांटा
इसी दौरान टीम ने जन साहस विकास युवा मंडल की मदद से खुरई ब्लॉक में पलायन कर आए मजदूरों के परिवारों को 1 माह का राशन बांटा। टीम ने ग्राम अंडेला, खिमलासा, पथरिया जेगन में अलग-अलग स्थानों पर मिले आदिवासी व गरीब वर्ग के लोगों को एक बोरी आटा, 10 किलो चावल, 5 किलो दाल, 3 किलो शक्कर, 5 लीटर तेल, नमक, हल्दी तथा साबुन दिया।
बंडा तहसील मुख्यालय में सागर-कानपुर रोड पर दोपहर में एक मजदूर युवक अचानक पैदल चलते-चलते गिर गया। जब तक मौके पर मौजूद पुलिस युवक को अस्पताल ले जाती उसकी मौत हो चुकी थी। मजदूर का शव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है। पुलिस ने युवक के पास से मिले आधार कार्ड के आधार पर परिजनों तथा उप्र के सिद्धार्थनगर थाने की पुलिस को घटना के संबंध में सूचना दे दी है। परिजन रविवार को बंडा पहुंचेंगे।
बंडा पुलिस थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक मकसूद अली ने बताया कि शनिवार को दोपहर करीब 3 बजे सागर की ओर से एक युवक कंधे पर बैग टांगे पैदल छतरपुर की ओर जा रहा था। राम सारथी होटल के सामने अचानक युवक गिर गया और एक-दो मिनट तक नहीं हिला। हम लोग दौड़कर उसके पास पहुंचे तो वह बेसुध हो चुका था। तत्काल वाहन के जरिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। यहां मिले ड्यूटी डॉक्टर शिवकुमार कौशल ने युवक को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। युवक के बैग और कपड़ों की तलाशी के दौरान उसके पास से एक सैमसंग कंपनी का मोबाइल और आधार कार्ड मिला है। आधार कार्ड के अनुसार मृतक का नाम रामबली पिता हंसराज (36) था। वह उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले के नौगढ़ शहर का रहने वाला था। पुलिस के अनुसार युवक के आधार कार्ड में दर्ज भाषा कन्नड़ जैसी लग रही है। संभावना है कि वह कर्नाटक के किसी शहर में मजदूरी करता था और वहां से पैदल वापस अपने गांव लौट रहा था। हालांकि अभी इस बारे में स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता। उसका शव बंडा अस्पताल में रख दिया गया है। आधार से मिली जानकारी की मदद से कंट्रोल रूम के जरिए सिद्धार्थनगर पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई है। वहां की पुलिस ने युवक के परिजनों को घटना के संबंध में जानकारी दे दी है। वे रविवार को बंडा आ सकते हैं।
कई लोग अन्य राज्यों में काम करने के लिए गए थे जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए शासन ने लाॅकडाउन लगा दिया। जिसके कारण से लोग वहां पर फंस गए थे। जो वहां से पैदल और वाहनों से आए थे उन लोगों का शासन द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया एवं हायर सेकंडरी स्कूल में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया। तहसीलदार मनोज चौरसिया ने इन लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। खाना के लिए स्व सहायता समूह द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई जो दोनों टाइम इन लोगों को खाना देंगे।
डेढ़ माह के लॉकडाउन से किराना दुकानों पर जरूरी खाद्य सामग्री की कमी आने लगी है। इस बीच जो लोग गुटखा और सिगरेट के शौकीन हैं उनके सामने लॉकडाउन ने समस्या खड़ी कर दी है। हालत यह है कि इसकी लत ऐसी है कि 10 रुपए के गुटखा पाउच को लेने के लिए लोग 5 किमी तक का सफर तय कर शहर में आ रहे हैं।
यहां पर लॉकडाउन की छूट के समय यह मिल जाते हैं। अब गुटखा, पाउच सहित पान मसाला की कीमत आसमान छू रही है। शहर की कई दुकानों में 10 रुपए में मिलने वाले गुटखे की कीमत अब 60 रुपए हो गई है। शनिवार को बाजार पहुंचे पुलिसकर्मियों ने एक युवक के थैले की तलाशी लेने पर बीस रुपए बिक्री वाले राजश्री के करीब दस पाउच की जब्त किया।
थूकने पर जुर्माना
कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरे प्रदेश में नया आदेश हाल ही में जारी किया गया है। इसमें सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर एक हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। इस संबंध में नगर परिषद की ओर से मुनादी के माध्यम से नशे से संबंधित पदार्थ बाजार में न बेचने के दुकानदारों को निर्देश दिए थे। निर्देश के बाद भी दुकानों में यह गुटखा, पाउच, बीड़ी, सिगरेट सहित अन्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो रही है। हालांकि इनके दाम में दो से पांच गुना तक बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा लॉकडाउन की अवधि में बाल प्रतिभाओं को निखारने के लिए पांच दिवसीय ऑनलाइन व्यक्तित्व विकास शिविर आयोजित किया जा रहा है। 11 मई से शुरू होने जा रहे इस शिविर में संदेश स्लोगन लेखन, चित्रकला, समूह व एकल गान, महापुरुष बनो व राष्ट्र गीत व भजन आधारित नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी। इनमें केवल भिंड जिले के विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र- छात्राएं भागीदारी कर सकेंगे।
बताया गया है संदेश स्लोगन लेखन प्रतियोगिता कोरोना जागरूकता विषय पर होगी। इसमें कोई भी संदेश व स्लोगन कागज पर लिखकर ऑनलाइन भेजना होगा। इसी प्रकार 12 मई को पर्यावरण संरक्षण विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता होगी। जबकि 13 मई को समूह व एकल गान प्रतियोगिता में कोई भी एक राष्ट्र गीत या भजन का 2 मिनट की अवधि का वीडियो बनाकर भेजना होगा। प्रविष्टियों में नाम, पता, कक्षा व मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए। इन प्रतियोगिताओं में पहला दूसरा और तीसरा स्थान पाने वालों को लॉकडाउन के बाद प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
ऑनलाइन ही स्वीकार की जाएंगी सभी प्रविष्टियां
प्रतियोगिता तीन स्तर पर होगी। कक्षा 8 तक, कक्षा 9 से 12 तक एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए होगी। प्रविष्टियां मोबाइल नंबर 9893668737, 7974175623 व 9425734304 पर भेजी जा सकेंगी। सभी प्रविष्टियां चित्र तथा वीडियो फेसबुक पेज व्यक्तित्व विकास शिविर जिला भिंड एवं उक्त वाट्स एप नंबर पर भेजी जा सकेगी।
महापुरुषों की वेशभूषा में तैयार होकर भेजना होगा वीडियो
14 मई को महापुरुष बनो प्रतियोगिता में किसी भी महापुरुष की वेशभूषा में तैयार होकर अपना चित्र भेजना होगा। 15 मई को राष्ट्र गीत व भजन आधारित नृत्य का 2 मिनट की अवधि का वीडियो बनाकर भेजना होगा। प्रतियोगिता के 98260.45698, 98262.30341, 98268.02136, 98262.20072 पर संपर्क किया जा सकता है।
नगर के सुभाष वार्ड में घर में चाय बनाते समय बाप और 2 बेटे आग से जलकर गंभीर घायल हो गए। उपनिरीक्षक धनेंद्र यादव ने बताया सुभाष वार्ड में नरेश लोधी पिता विनोद लोधी उम्र 36 वर्ष अपने घर में गैस पर चाय बना रहा था, वहीं पर पास में ऊपर पटिए पर मिट्टी तेल से भरी हुई कुप्पी बिना ढक्कन की रखी हुई थी। वह गैस पर गिर गई, जिससे पूरे कमरे में आग फैल गई और नरेश के शरीर में आग लग गई।
नरेश लोधी के चीखने की आवाज से उसका छोटा भाई महेश लोधी उम्र 32 वर्ष एवं पिता विनोद लोधी उम्र 60 वर्ष पहुंच गए और आग बुझाने को लेकर महेश और विनोद भी आग में झुलस गए, जिन्हें घायल अवस्था में देवरी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को जिला चिकित्सालय सागर रैफर कर दिया गया। देर शाम सागर में इलाज के दौरान नरेश ने दम तोड़ दिया।
एक तरफ जहां लॉकडाउन के कारण लगभग पूरी दुनिया अपने घरों में कैद है, वहीं दूसरी तरफ गांव की महिलाएं इस चुनौती पूर्ण समय में नवाचार अपनाकर सबको हैरान कर रही हैं। सागर जिले के रहली ब्लॉक में समूह की महिलाओं द्वारा कॉर्पोरेट कंपनियों की तर्ज पर ऑनलाइन गूगल हैंग-आउट मीटिंग करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया और ये दिखा दिया है की तकनीक के इस्तेमाल में वो भी अब पीछे नहीं रही हैं।
रहली ब्लॉक में स्थित यह उन्नति संकुल स्तरीय संगठन महिलाओं का ऐसा संगठन है जिसमे लगभग 30 गांवों की 3000 से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। पिछले 2 माह से कोरोना संक्रमण के चलते जहां पूरे भारत में समूह और संकुल संगठनों की बैठक नहीं हो पा रही हैं, जिसके कारण कई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में ट्रंस्फोर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन के मैनेजर सौरभ शर्मा ने उन्हें ऑनलाइन मीटिंग के बारे में बताया, संकुल के पदाधिकारियों ने कार्यकारी समिति के सदस्यों से इस बारे में चर्चा की और सभी ने इसके लिए उत्साह जताया।
लेकिन सबके पास एंड्रॉइड मोबाइल नहीं था, इसके लिए सभी महिलाओं ने अपने आस पड़ोस में रहने वाले युवक-युवतियों से मदद मांगी और बात बन गई।
इस बैठक में संकुल संगठन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें किस प्रकार समूह ऐसी परिस्थिति में प्रशासन और सरकार की मदद कर सकता है। जैसे, गांवों में लौटने वाले श्रमिकों की जांच पूर्ण रूप से करवाने मे मदद करना, क्वारेंटाइन किए गए प्रवासी मजदूरों पर निगरानी रखना, गांव में कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैलाना, कमजोर व अति गरीब परिवार जिनको राशन नहीं मिल पाया है उनकी सूची बनाकर शासन को उपलब्ध करवाना, कमजोर व गरीब परिवारों की मदद करना ऐसे सभी परिवार जिनकी आजीविका लॉकडाउन के कारण संकट में है। सभी की समूहों द्वारा मदद की जाएगी, व उनकी सूची बनाकर प्रशासन को उपलब्ध कराई जाएगी
घरेलू हिंसा से बचाव
लॉकडाउन के कारण बढ़ रही घरेलू हिंसा की घटनाओं पर काबू पाने के लिए ग्राम स्तर पर एक महिला की नियुक्ति की गई है तथा संकुल स्तर पर 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जो की सीधे पुलिस के संपर्क में रहेंगे और ऐसी कोई घटना होने पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।
मजदूरों को रोजगार से जोड़ना
देशभर के अलग-अलग शहरों से आने वाले श्रमिकों को मनरेगा से जुड़ने मे ंमदद करना ताकि अगले 3-4 माह तक गांव में रोजगार प्राप्त कर सकें। शहरों से लौटे प्रत्येक परिवार के साथ गांव में आजीविका की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी।
दूसरे राज्यों में फंसे लोगों का आना अब भी जारी है। शनिवार को शहर में करीब 500 लोग आए, जिनमें कई लोग परिवार के साथ पैदल ही घर पहुंचे। लहार में अहमदाबाद से आई एक 50 सीटर बस में 70 लोग बैठकर आए। बस में इस कदर भरी थी कि लोग एक-दूसरे से बिलकुल सटकर बैठे थे। वहीं अहमदाबाद में पानी पूरी का धंधा करने गए विजय कुमार अपनी पत्नी और 2 वर्ष के बेटे के साथ साइकिल पर गृहस्थी लादकर 8 दिन बाद घर पहुंचे। विजय कुमार ने बताया कि जेब में इतना पैसा नहीं बचा था कि बस का 3 हजार रुपए किराया दे पाते, इसलिए पैदल ही चल दिए। रास्ते में चल चलकर पैरों में छाले पड़ गए। शनिवार को सुबह साढ़े 10 बजे कठिन यात्रा करके यह परिवार सकुशल वार्ड 37 में अपने घर पहुंच गया। उनका कहना था कि अहमदाबाद में एक-एक दिन काटना मुश्किल हो गया था। अब घर पहुंचकर राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि यात्रा के दौरान समाजसेवियों ने बहुत मदद की।
बेटी ने चलाई साइकल, पिता ने सामान उठाया सोनीपत से 3 दिन में भिंड पहुंचे पिता-पुत्री
फूप निवासी जयवीर सिंह सोनीपत में हलवाई का काम करते हैं। वह 8 साल की बेटी आरती के साथ फंस गए थे। जयवीर ने घर पहुंचने के लिए काफी प्रयास किया पर वाहन नहीं मिला फिर गुरुवार की सुबह 5 बजे उसने बेटी को साइकिल पर सवार किया और खुद सामान हाथ में लेकर चल पड़ा। 20 किलोमीटर चलने के बाद जयवीर को एक ट्रक चालक ने बिठा लिया और शुक्रवार की शाम 7 बजे ग्वालियर छोड़ दिया। यहां कुछ खाना पीना खाकर दोनों ने फिर यात्रा शुरू कर दी। दोनों पिता, पुत्री शनिवार को सुबह 10 बजे भिंड पहुंचे यहां से वह जांच कराकर सीधे फूप के लिए रवाना हो गए।
भगवानदास चंदेल वार्ड में जेल राेड पर स्थित स्वयं के घर में 20 वर्षीय युवक अमित राठाैर नेबीती रात फांसी लगा ली। परिजनाें ने जब सुबह देखा ताे पुलिस काे सूचना दी।
पुलिस के मुताबिक फरियादी विनाेद पिता अाशाराम राठाैर उम्र 39 वर्ष ने जानकारी दी कि वह खेती का काम करता है। उसके दाे बेटे हैं। बड़ा बेटा अमित राठाैर 20 वर्ष घर पर ही जनरल स्टाेर की दुकान खाेले था, वह सुबह 7-8 बजे दुकान खाेल लेता था। लेकिन अभी लाॅकडाउन के कारण दुकान बंद थी, जिससे वह घर पर ही था। रात 11 बजे सभी ने खाना खाया। उसके बाद अमित दादी के कमरे में साेने चला गया। सुबह उसे देखा ताे ऊपर वाले कमरे का दरवाजा बंद था।
वेंटीलेटर पर नशेनी लगाकर झांककर देखा ताे अमित कमरे की बीम से साड़ी बांधकर फांसी लगाकर लटका हुअा था। एक बच्चे ने नशेनी से कमरे के अंदर जाकर दरवाजा खाेला। अमित की मृत्यु हाे गई थी। साड़ी खाेलकर उसे उतारा और पुलिस काे सूचना दी। वह करीब एक साल से परेशान एवं मानसिक तनाव में रहता था। उसका इलाज भी करवाया था । पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।
कराहल कस्बे में कियोस्क संचालक दोस्त को रकम दोगुनी करने का लालच देकर एक तांत्रिक 9 लाख रुपए लेकर चंपत हो गया। पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार कराहल कस्बे के चार खंभा मोहल्ला निवासी रामसिंह गुर्जर (37) पनवाड़ा तिराहे पर हलवाई की दुकान लगाता है। उसने अपने घर पर भैरो जी और पठान बाबा का चबूतरा बना रखा है। वह अपने शरीर में देवता आने का दावा करता था। बरगंवा में कियोस्क संचालक भोला राठौर ने पुलिस को आवेदन में बताया कि उसने अपने पिता की फसल और केसीसी लोन पर उठाए नौ लाख रुपए तांत्रिक के कहे अनुसार 27 अप्रैल को शाम को उसके घर पर आटे की टंकी में रख दिए थे। तांत्रिक ने उसे नौ लाख रुपए तंत्र मंत्र से 19 लाख रुपए होने का भरोसा दिया था। इसके बाद 30 अप्रैल को सप्तमी तिथि पर तांत्रिक के शरीर में पठान बाबा आया। पठान बाबा उसे नागदा जाकर विशेष पूजा कराने का आदेश दिया। इसके बाद 1 मई को वह तांत्रिक रामसिंह के साथ मोटरसाइकिल से नागदा पहुंचा। जहां सीप नदी किनारे पूजा की गई। तत्पश्चात शाम को वापस कराहल पहुंचे। 2 मई को वह सुबह तांत्रिक के घर पर दीपक जलाने गया था। इसके बाद वे दोनों एक साथ घर से निकले थे। बाजार में तांत्रिक को छोड़कर वह अपने कियोस्क सेंटर के लिए रवाना हो गया। उसके गायब होने का पता 3 मई को चला।