महाराजपुरा क्षेत्र के डीडी नगर में लॉकडाउन के दौरान किराना दुकान खोलने वाले व्यापारी के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। इस किराना दुकान को लॉकडाउन के दौरान भी खोले जाने की शिकायत लगातार मिल रही थी। पुलिस ने दुकान संचालक महेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर ट्रैफिक व थाना पुलिस ने शहर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने व बिना मास्क के घूम रहे 65 लोगों को चालान भी किए।
नागपुर से आया, थाने पहुंचा, फिर कराया मेडिकल टीम से परीक्षण: कर्नल साहब की ड्योड़ी निवासी इरफान खान पुत्र नूर मोहम्मद नागपुर से कुछ दूर पैदल चल कर बाद में ट्रक को बदलता हुआ ग्वालियर आ गया। ग्वालियर आने के बाद वह सीधा इंदरगंज थाने पहुंचा और अपनी जानकारी दी। अफसरों ने इरफान को अस्पताल में डॉक्टरों से परीक्षण कराने के बाद होम क्वारेंटाइन करा दिया।
काम की तलाश में आए लोगों को हटाया
लॉकडाउन में मजदूरी करने वालों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। शनिवार को महाराज बाड़े पर काम की तलाश में आए मजदूरों की संख्या जब काफी बढ़ गई तो पुलिस ने उनको हटने के लिए बोल दिया।
कैंसर पहाड़ी पर शराब बेच रहा युवक पकड़ा
लॉकडाउन में अवैध शराब घर-घर जाकर बेच रहे युवक को पुलिस ने पकड़ लिया। युवक कैंसर पहाड़ी पर शराब बेच रहा था। पुलिस ने उससे शराब लाने के ठिकाने के संबंध में पूछताछ शुरू कर दी है। पकड़े गए युवक भानू जाटव के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सूरज की तेज तपन से दिन का तापमान पिछले दो साल में सबसे ज्यादा रहा। आमतौर पर नौ मई को तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए लेकिन शनिवार को अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री पहुंच गया। यह सामान्य से 1.2 डिग्री ज्यादा रहा। अब मौसम में फिर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। पाकिस्तान के रास्ते जम्मू-कश्मीर होकर आया पश्चिमी विक्षोभ नजदीक है। इससे रविवार को तेज हवा के बीच बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। साल 2018 में 9 मई को दिन का अधिकतम तापमान 39.7 और 2019 में 42.4 डिग्री दर्ज हुआ था, जबकि 9 मई 2020 को यह 42.6 पर जा पहुंचा। इसकी वजह से दिन में गर्मी ज्यादा रही।
वैज्ञानिक बोले- इस बार ज्यादा दमदार नहीं है पश्चिमी विक्षोभ
मार्च से लेकर अभी तक बार-बार अफगानिस्तान और पाकिस्तान की तरफ से बन रहे पश्चिमी विक्षोभ ने मौसम में कई बार बदलाव किए। जैसे ही मौसम थोड़ा गर्म होता है बारिश की बूंदे जमीन को ठंडा कर जाती हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी जो पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है। वह ज्यादा दमदार नहीं रहेगा। फिर भी मौसम में बदलाव करके जरूर जाएगा।
कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज करने के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो नई गाइडलाइन जारी की है। उसके लागू होते ही ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल (कोविड हाॅस्पिटल) में इलाज करा रहे 18 में से 10 मरीज बिना दूसरा टेस्ट कराए डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे, क्योंकि नई गाइडलाइन के अनुसार जिन मरीजों को कोविड केयर फैसिलिटी (सीसीसी) में भर्ती किया गया है। यदि दस दिन तक उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे, तीन दिन तक बुखार नहीं आएगा और सांस लेने में कोई तकलीफ भी नहीं होगी तो ऐसे संक्रमितों का दूसरी बार आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं कराया जाएगा और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि घर पहुंचने के बाद उन्हें सात दिन तक होम आइसोलेशन की शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा।
पुराने 13 मरीजों में से 10 में लक्षण नहीं
शनिवार को पांच नए संक्रमित सामने आए हैं। उनमें किस प्रकार के लक्षण है, इसकी अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। जबकि शेष 13 मरीज, जिनका वहां पहले से इलाज चल रहा है। उनमें से केवल एनएमक्यू शमशी के वृद्ध पिता फकरुद्दीन को आॅक्सीजन दी जा रही है। डाॅ. आकाश गढ़वाल, आरक्षक राजेंद्र मांझी और धर्मवीर में हल्के से लक्षण हैं। शेष संक्रमितों में बीमारी के लक्षण नहीं है। ऐसे में गाइडलाइन लागू होने के बाद इन सभी को 10 दिन की अवधि पूरी होते ही डिस्चार्ज करा जा सकता है। केवल शमशी के पिता का दूसरी बार आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।
विधिवत आदेश मिलने के बाद ही कार्रवाई करेंगे
सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल में संक्रमितों का इलाज कर रहे डाॅ. विजय गर्ग ने बताया कि गाइडलाइन के संबंध में उन्हें भी जानकारी प्राप्त हुई है। लेकिन अभी तक विधिवत आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में जब तक आदेश प्राप्त नहीं होता। संक्रमित मरीजों को पूर्व की गाइडलाइन के अनुसार डिस्चार्ज किया जाएगा।
शहर के प्रवेश मार्गों पर बनाए गए चेक पोस्टों पर वाहन और उनमें सवार लोगों की चेकिंग और स्क्रीनिंग अब मुस्तैदी के साथ नहीं हो रही है। इसका एक उदाहरण निरावली में बनाए गए ग्वालियर अाैर मुरैना चेकपोस्ट पर देखने काे मिला। दैनिक भास्कर की टीम के सामने ही चेकपोस्ट से कई भारी वाहन ट्रक और टैंकर की छतों पर बैठकर मजदूर अाते-जाते दिखे। पुलिस इन वाहनों को रोककर औपचारिक पूछताछ कर जाने दे रही थी। पुलिस का कहना था कि हम आधार कार्ड चेक कर लेते हैं इनमें मुरैना अाैर ग्वालियर के रहवासी नहीं होते हैं तो उन्हें जाने देते हैं। मुस्तैदी कम हाेने का कारण पुलिस, डॉक्टर, प्रशासन व अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारियाें का थकना बताया जा रहा है।
भास्कर रिपोर्टर ने ऐसे ही एक ट्रक को जाने से पहले उसे खुलवा कर चेक करने को पुलिस स्टाफ से कहा तो ट्रक ड्राइवर आनाकानी करने लगा। पुलिस के सख्ती करने के बाद जब ट्रक पीछे खोला गया तो सब्जी के ट्रक में 65 मजदूर मवेशियों की तरह भरे हुए थे। इनको ट्रक से उतारकर चेक किया गया तो इनमें से 7 मजदूर मुरैना जिले के निकले। इन्हें बाकी मजदूरों से अलग किया गया। मुरैना के मजदूरों को वहां के अधिकारियों ने स्क्रीनिंग के लिए रोक लिया और शेष को जाने दिया। मजदूरों ने बताया चेन्नई और बेंगलुरु से आ रहे थे और इनमें से कई को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाना है।
राजस्व अधिकारी और पुलिस स्टाफ के बीच नहीं है तालमेल : राजस्व का अमला ग्वालियर की ओर अाने वाले लोगों से पूछताछ कर रहा था वहीं पुलिस का अमला टेंट के अंदर बैठा हुआ था और चेक पोस्ट खाली था। मौके पर मौजूद एक राजस्व अधिकारी ने अपनी इस नाराजगी को दैनिक भास्कर से साझा भी किया।
मुरैना आरटीओचेक पोस्ट पार कर दो दिन में अाए 840 मजदूर
मुरैना में अारटीअो का चेक पोस्ट होने के बाद भी मजदूरों से भरे ट्रक ग्वालियर पहुंच रहे हैं, जबकि अायुक्त ने विगत दिवस सभी वाहनों के निरीक्षण के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को मुरैना के अारटीअो चेकपोस्ट को क्रॉस कर 350 मजदूर आए थे। शनिवार को भी लगभग 490 मजदूर पुरानी छावनी के निरावली चेकिंग पोस्ट तक अा गए। मोहना की सीमा पर पहुंचे 40 लोगों को परीक्षण कर क्वारेंटाइन किया गया है। पुरानी छावनी पहुंचे मजदूरों के कारण जब हाईवे जाम होने लगा तब प्रशासनिक अधिकारियों तक बात पहुंची, फिर अारटीअो एमपी सिंह को बसों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। इसके बाद 14 बसों से सभी मजदूरों को पन्ना, दबोह, टीकमगढ़ व छतरपुर के लिए रवाना किया गया। निरावली चेकिंग पोस्ट पर देर रात मजदूरों के लिए 6 बसें और मंगाई गई हैं। मजदूरों को खाना खिलाने के बाद टीकमगढ़ और शिवपुरी रवाना किया गया।
ड्यूटी पर नहीं अाने पर 5 परिवहन अारक्षक निलंबित : प्रवासी मजदूरों को लाने की ड्यूटी पर तैनात किए गए परिवहन अारक्षक शिवकुमार गुप्ता को ड्यूटी से गायब होने पर अपर अायुक्त ने निलंबित कर दिया है। परिवहन अारक्षक पीयूष मांडवी, कैलाश चंद्र चंदेल, आलोक शुक्ला व प्रेमनारायण कुशवाह को भी निलंबित किया गया है।
चेक पोस्टों पर हो रही लापरवाही बढ़ा रही कोरोना संक्रमण के केस
ग्वालियर में जितने भी काेराेना संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं, उनमें अधिकतर दिल्ली, भोपाल, आगरा, इंदौर अाैर अन्य रेड जोन वाले जिलों से लौट रहे लोगों के हैं। ग्वालियर में शनिवार तक 27 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर इन रेड जोन वाले जिलों से वापस आए हैं। यह सभी मरीज भी इसी तरह के चेक पोस्टों से होते हुए ग्वालियर में आए हैं। इन चेक पोस्टों पर बरती जा रही लापरवाही से ग्वालियर में कोरोना संक्रमण के प्रकरणों में हर दिन बढ़ोतरी हाेती जाएगी।
एक्सपर्ट कमेंट- अब थकने लगे हैं कोरोना योद्धा, सेकंड लाइन तैयार करेें
-हरगोविंद सिंह भदौरिया, रिटायर्ड संयुक्त कलेक्टर के मुताबिक, चेक पोस्ट पर तैनात पुलिस प्रशासन अाैर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को अब बदला जाना चाहिए। यह लोग अब थकने लगे हैं। अब वक्त आ गया है चेक पोस्ट पर और अन्य जगहों पर पुलिस, प्रशासन अाैर स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल स्टाफ की सेकंड लाइन तैनात की जाए और अगर कर्मचारियों की कमी महसूस हो तो फिर रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारियों से संपर्क कर उनको बीमा की सुविधा देकर कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल होने के लिए बुलाया जाए।
औरंगाबाद के करमाड के पास रेल की पटरी पर सो रहे 16 साथियों की दर्दनाक मौत को अपनी आँखों से देखने वाले श्रमिक मंडला निवासी साजन सिंह धुर्वे और इंदर सिंह धुर्वे दुर्घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी सकते में हैं। अपने साथियों की मौत का मंजर अभी भी उनकी आँखों के सामने घूम रहा है, जो दिमाग पर इस कदर हावी है कि घटना की जरा सी याद आने पर उनके शरीर में झुरझुरी सी हाेने लगती है, उन्हें चक्कर आने लगते हैं। अपने 16 साथियों के शव लेकर औरंगाबाद से जबलपुर पहुँचे साजन और इंदर ने जीआरपी थाने में करमाड में काल बनकर आई मालगाड़ी से हुए हौलनाक हादसे के बारे में आपबीती सुनाई। जिसे सुनकर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, एसआरपी सुनील कुमार जैन, सीएसपी ओमती आरडी भारद्वाज, जीआरपी थाना प्रभारी मनजीत सिंह दंग रह गए। फिर बयान दर्ज किए गए।
गरजने की आवाज आई और चीखों से आसमान गूँज उठा
साजन सिंह ने बताया किचारों ओर अँधेरा था, रेल की पटरियों पर हम मीलों पैदल चलकर आए थे, सभी पानी पीने के लिए पटरी पर बैठ गए, उसके बाद शरीर निढाल हो गया, सब सुस्ताने लगे और थकान से चूर हमारे 16 साथी लेट गए, पटरी को तकिया बनाकर आँखें बंद की तो नींद का झोंका आया और सब सो गए .. अचानक तेज हवा और गरजने की आवाज आई और फिर चीखों से आसमान गूँज गया। हम डर कर पटरी से दूर भागे, तो देखा यमदूत बनकर आई मालगाड़ी ने पटरी पर सो रहे हमारे साथियों को कुचल दिया।
आँखें खुलीं तो देखा चारों ओर बिखरी पड़ी थीं लाशें
इंदर सिंह ने बताया किरेल की पटरी पर 40 किलाेमीटर पैदल चलते-चलते सुबह के 5 बज गए थे, कुछ लोग पटरी पर थे, हम बाहर गिट्टी पर बैठे थे। सभी ने पानी पिया और पटरी पर सो गए। अचानक शोर सुनकर हम जागे तो देखा एक मालगाड़ी पटरी पर सो रहे हमारे साथियों को कुचलती हुई जा रही है। ट्रेन के गुजरने के बाद देखा चारों ओर लाशें बिखरी पड़ी थीं, हमारे लोग हमेशा के लिए मौत की नींद सो चुके थे। यह देखकर दिमाग सुन्न हो गया। लगा अब घरवालों को क्या जवाब देंगे।
जनपद पंचायत सिहोरा अंतर्गत कछपुरा गांव में पिछले 15 दिन से बुखार, पीलिया, टायफाइड के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। यहां दो दर्जन से ज्यादा लोग टायफाइड व पीलिया से पीडि़त हैं। लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या देख स्वास्थ्य विभाग के भी हरकत में आ गया है। बीएमओ के निर्देशन पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। जहां ग्रामीणों को उपचार दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो ग्रामीण दूषित पानी पीने से संक्रमण की चपेट में आए हैं। हालाकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने पीने के पानी की जांच के निर्देश दिए हैं। फिलहाल ट्यूबवेल के पानी को शुद्ध करने का उपाय किया गया है।
जानकारी के अनुसार सिहोरा जनपद पंचायत अंतर्गत कछपुरा गांव में बुखार, पीलिया, टायफाइड के मरीज लगातार बढऩे लगे। लगातार मरीज उपचार के लिए स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने लगे। एक ही गांव से लगातार मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हो गई। बीएमओ डॉ दीपक गायकवाड़ के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और मरीजों को उपचार दिया गया।
जलस्रोत तक पहुंच रहा गंदा पानी
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया कि गांव में जलापूर्ति के लिए तालाब के पास एक ट्यूबवेल है। जिससे पूरे गांव में जलापूर्ति की जाती है। वहीं गांव का दूषित जल नालियों के माध्यम से तालाब पहुंचता था, लेकिन कुछ दिनों पहले तालाब मालिक ने नाली का जलप्रवाह बंद कर दिया। यह जल ट्यूबवेल के बाजू में बने गड्ढे में होने लगा। ग्रामीणों को आशंका है कि दूषित पानी बोर में पहुंच रहा है, जिससे पीलिया, टायफाइड और बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं।
हर घर में बीमार
ग्राम के पूर्व सरपंच नोखेलाल पटेल, दीपक प्रीतवानी, मुकेश दुबे, भैयाजी चौधरी, गोविंद विश्वकर्मा, सुरेंद्र यादव, कमलेश श्रीवास, मनोज पटेल, गनपत सिंह चौहान, मोहन चौधरी ने बताया कि गांव के अधिकांश घरों में बीमार हैं। टायफाइड और बुखार से लोग पीडि़त हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कछपुरा निवासी अवनी पटेल उम्र 5 वर्ष पिता मनोज पटेल व अनूप चौधरी पिता मोहन चौधरी उम्र 18 वर्ष को पीलिया, टायफाइड के चलते प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पानी का लिया सैंपल
पीएचई विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पानी का सैंपल एकत्रित किया है। वहीं ट्यूबवेल के बाजू में बने गड्ढे को ढक दिया गया है। ट्यूबवेल के नजदीक स्थित शौचालय से खुले में मल बहाने वाले तीन लोगों को नोटिस भी जारी किया गया है। बोर में दवा का छिड़काव भी किया गया है।
ये कह रहे जिम्मेदार
सचिव विजय पटेल ने बताया कि ट्यूबवेल के पीछे खोदे गये गड्ढा को ढक दिया गया है। पानी का सैंपल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा जांच के लिए भेज दिया गया है। ट्यूबवेल के नजदीक स्थित शौचालय का मल खुले में बहाने वाले तीन लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
इनका कहना है
ग्रामीणों को बुखार की शिकायत थी, लगातार मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव गई। लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए हैं व दवाई बांटी गई है। गांव के ट्यूबवेल के पानी का सैंपल लिया गया है। आशंका है कि दूषित पानी के कारण यह स्थिति बनी है।
डॉ दीपक गायकवाड़, बीएमओ सिहोरा
कोई एक महीने से ससुराल में रुका है तो कोई लड़की-दामाद के घर पर फँसे हैं, कुछ छात्र हैं जो अपने घर जाना चाहते हैं, किसानों को दूसरे जिले में जाकर फसल बेचने का काम करना है, लेकिन सभी को एक ही जवाब दिया जाता है कि वे
ई-पास के लिए आवेदन करें। ई-पास व्यवस्था है तो ठीक लेकिन उसका सर्वर चाहे जब धोखा दे देता है। शुक्रवार की दोपहर को सर्वर फेल हुआ तो शनिवार शाम तक नहीं सुधरा, जिससे पास बनाने का काम नहीं हुआ। सर्वर ठप होने से ई-पास बनवाने वाले सैकड़ों लोग परेशान होते रहे। ई-पास व्यवस्था की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के पास है, उनके भी फोन बंद हो जाते हैं, दूसरी तरफ अगर कोई कलेक्ट्रेट पहुँच भी जाता है ताे यहाँ तैनात कर्मचारी लोगों को बाहर से ही रवाना कर देते हैं, जिसके कारण जरूरतमंद यहाँ से वहाँ भटकते रहते हैं।
सर्वर डाउन होने के कारण ई-पास जारी करने में परेशानी हो रही है, संभवत: जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी। जो भी आवेदन आ रहे हैं उनकी जाँच करके पास बनाए जा रहे हैं। कुछ दलाल सक्रिय हैं जिनकी शिकायतें मिली हैं, उन पर नजर रखी जा रही है और कार्यवाही भी की जाएगी।
ललित ग्वालवंशी कंट्रोल-रूम प्रभारी
18 हजार से ज्यादा आवेदनई-पास बनवाने वालों की संख्या जिस तरह बढ़ रही है, उस अनुपात में पास नहीं बनाए जा रहे हैं। जबलपुर की ही बात करें तो 18 हजार से ज्यादा आवदेन हो चुके हैं। इसमें से 9 हजार से ज्यादा के आवेदनों को अधिकारियों ने कोई न कोई वजह बताकर रिजेक्ट कर दिया है। सिर्फ 6 हजार से ज्यादा आवेदक ही ऐसे हैं जिन्हें परमीशन मिली है।
पास बनवाने वाले दलाल सक्रिय
ई-पास के लिए आवेदनों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ रही है और आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं, इसे देखते हुए दलाल भी कलेक्ट्रेट में सक्रिय हो गए हैं। पास बनवाने के नाम पर मनमाने पैसे लिए जा रहे हैं। जिले से बाहर जाने प्रदेश के रेड जोन शहर में जाने और प्रदेश के बाहर जाने के लिए इन दलालों ने रकम तय कर रखी है। जरूरतमंद के भले ही पास न बनें लेकिन इनकी सेटिंग ऐसी है कि इनके पास बन जाते हैं। ये दलाल कहीं बाहर के नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट में काम करने वाले ही हैं।
महाकोशल चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री के प्रतिनिधियों द्वारा विधायक अशोक रोहाणी के नेतृत्व में की गई चर्चा के बाद संभागायुक्त महेश चंद्र चौधरी ने सोमवार 11 मई से सभी उद्योगों को बिना किसी अनुमति के आरम्भ करने की घोषणा की है। इस बारे में जल्द ही आदेश जारी करने का आश्वासन भी श्री चौधरी ने प्रतिनिधि मंडल को दिया।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल चेम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता एवं मानसेवी मंत्री शंकर नाग्देव ने चर्चा के दौरान श्री चौधरी को बताया कि बीते 20 मार्च से कोरोना की वजह से जबलपुर में औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियाँ ठप्प पड़ी हैं, जिनके कारण आर्थिक हालात सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। चेम्बर का कहना था कि केंद्र सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योगों को चालू करने के निर्देश जारी किए हैं, परंतु रेड ज़ोन क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन को निर्णय के लिए अधिकृत किया है। ऐसे में जबलपुर के अधारताल, रिछाई एवं ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योगों को आरंभ करने की इजाजत दी जाए। चर्चा के बाद संभागायुक्त ने सभी उद्योगों को 11 मई से शुरू करने के संबंध में जल्द आदेश जारी करने का आश्वासन प्रतिनिधि मंडल को दिया।
लघु उद्योगों को मिले राहत पैकेजवहीं, डिफेंस एन्सिलरी एसोसिएशन के एके गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्योग मंत्री नितिन गड़करी को पत्र भेजकर राहत पैकेज देने की माँग की है। पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान एमएसएमई सेक्टर को करीब 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए उन्हें आर्थिक राहत देना जरूरी है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पिछले 4 दिनों में पुलिस ने सख्ती बरतते हुए करीब 7 हजार लोगों को पकड़कर मौके पर कार्रवाई करते हुए उनसे करीब 8 लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया है। जिन क्षेत्रों में लाॅकडाउन से छूट दी गयी है वहाँ पर लाेग मनमानी पर उतारू हैं और बिना वजह घरों से बाहर निकल रहे हैं। इन लोगों पर सख्ती बरतने के लिए 5 मई की सुबह 6 बजे से विशेष कार्रवाई शुरू की गयी और करीब सौ घंटे में ही 7 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना वसूल किया गया।
शराब तस्करों पर शिकंजा - लाॅकडाउन के दौरान अवैध रूप से शराब की तस्करी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। अभियान के दौरान गोहलपुर पुलिस ने कुदवारी में अंगद उर्फ अनिल गोंटिया से 7 लीटर, माढ़ोताल में कृष्णा सोनी से 50 पाव, रांझी में गौरव कश्यप से 15 पाव, सचिन उर्फ मोनू पाल व आकाश खत्री से अंग्रेजी शराब, भरत उर्फ गोलू व दीपक सिंह से कच्ची शराब जब्त की है।
क्वारेंटाइन किया गया श्रमिक लापता - मझौली थाना क्षेत्र के ग्राम सिहोदा में महाराष्ट्र से लौटे श्रमिक पूरनलाल को 14 दिनों के लिए घर में होम क्वारेंटाइन कराया गया था, जो कि लापता हो गया। ग्राम सचिव ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराते हुए बताया कि श्रमिक को 7 मई को 14 दिन घर में रहने कहा गया था लेकिन वह उसी दिन दोपहर को कहीं लापता हो गया। परिजनों को भी उसकी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों ने संक्रमण फैलने की आशंका जताई है। शिकायत पर पूरन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।
इंफ्रा रिपोर्टर | ग्वालियर
शहर में काेराेना पाॅजिटिव जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, बैसे-बैसे कंटेनमेंट एरिया भी बढ़ रहे हैं। शनिवार काे चार नए कंटेनमेंट एरिया घाेषित हाेने से इनकी संख्या बढ़कर अब 11 हाे गई है। इनके बफर एरिया में लगभग सारा शहर ही शामिल हाे गया है। जबकि चेतकपुरी और टेकनपुर में मिले मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने के 28 दिन बाद इन दाेनाें क्षेत्राें काे कंटेनमेंट फ्री कर दिया गया है।
शुक्रवार को मिले पांच संक्रमितों के निवास क्षेत्रों हजीरा, कंपू, ढोकलपुर और बेंहट को नया कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। जबकि जेएएच के जूनियर डॉ.आकाश गढ़वाल के पॉजिटिव मिलने पर जेएएच को हाई रिस्क जोन में डाला गया है। यहां पर सुरक्षा कि लिहाज से आवागमन पूरी तरह बंद रहेगा। सभी कंटेनमेंट जोन और हाई रिस्क जोन में सर्वे का काम 10 मई से शुरू हो जाएगा। हालांकि कंटेनमेंट एरिया घोषित करने का आदेश जारी करने में अफसरों को पूरा दिन लग गया। अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहे। दैनिक भास्कर ने शनिवार रात जब कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन और हाईरिस्क जोन बना दिए गए हैं, वहां पूर्व की भांति तय नियमों के अनुसार ही सख्ती रहेगी।
4 नए कंटेनमेंट जोन और उनका एरिया
ये 5 एरिया बनेंगे कंटेनमेंट
शनिवार को पांच और पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद रविवार काे प्रशासन गुड़ा-गुड़ी का नाका, चंदन नगर, डीडी नगर, सागरताल और जीवाजीगंज को कंटेनमेंट घोषित कर सकता है। यहां पॉजिटिव मरीजों के घरों को एपीसेंटर मानकर चारों तरफ का क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से कवर किया जाएगा।
ये हैं 7 पुराने कंटेनमेंट जोन
ढोलीबुवा का पुल, सत्यदेव नगर, न्यू विजय नगर अामखाे, चंद्रबदनी नाका सिंधिया नगर, बहोड़ापुर की नारायण विहार काॅलाेनी, ट्रांसपोर्ट नगर, घोसीपुरा स्टेशन क्षेत्र पहले से ही कंटेनमेंट में शामिल हैं।
पिछले 24 घंटे में जेएएच का एक जूनियर डॉक्टर और नया बाजार स्थित कौल हॉस्पिटल में भर्ती प्रसूता के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दोनों अस्पतालों में हड़कंप मच गया। शहर में पहली बार संक्रमण ने अस्पतालों को प्रभावित किया है।
डिलीवरी होने के बाद महिला कोरोना पॉजिटिव मिली, काैल हॉस्पिटल बंद
नया बाजार स्थित कौल हॉस्पिटल में दाे दिन पहले ऑपरेशन से बच्चे काे जन्म देने वाली महिला काेराेना संक्रमित पाई गई है। सिकंदर कंपू स्थित सरदारजी का काॅम्पलेक्स के फ्लैट सी-205 स्थित मायके में पिछले तीन माह से रह रहीं कोमल पत्नी अनिल जैसवानी में संक्रमण की पुष्टि पैथकाइंड लैब ने की। काेमल का ससुराल माधौगंज कमाठीपुरा स्थित शीतला माता मंदिर के पास है। बताया गया है कि 20 मार्च को कोमल का भाई जयपुर से आया था। 5 मई की रात को उसे तेज प्रसव पीड़ा हाेने पर परिजन ने कौल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। यहां 6 मई को महिला ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने कोरोना का टेस्ट प्राइवेट लैब पैथकाइंड से कराया। 7 मई को दोपहर में ऑपरेशन से महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है। यह ऑपरेशन वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रत्ना कौल ने किया था। जच्चा और बच्ची दोनों स्वस्थ है।
महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से इंसीडेंट कमांडेंट शिवानी पांडेय, आरआई होतमसिंह यादव, शिवदयाल शर्मा की टीम कौल हॉस्पिटल पहुंच गई। प्रभारी सीएमएचओ डॉ. बिंदू सिंघल का कहना है कि कौल हॉस्पिटल को अभी ओपीडी और मरीज भर्ती करने से संचालक को मना कर दिया है। महिला और उसकी मां का सैंपल पुन: जांच के लिए जीआरएमसी भेजा गया है। इसमें संक्रमण की पुष्टि होने के बाद ही इस मरीज को सरकारी रिकॉर्ड में लिया जाएगा। महिला के परिजन से घर पर रहने को कहा गया है। कोमल के मायके के 4 तथा ससुराल के 8 लोग उनके संपर्क में रहे हैं।
भाई बोला-मुझे और मेरे परिजन को लक्षण नहीं
काेमल जैसवानी के भाई सन्नी माखीजा ने बताया कि मैं 20 मार्च को जयपुर से ग्वालियर लौटा था। मेरी बहन को 5 मई की रात को प्रसव पीड़ा होने पर कौल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। अभी तक मेरे परिवार के किसी सदस्य को कोरोना का कोई लक्षण नहीं है। बहन में भी कोई लक्षण नहीं हैं और वह भी स्वस्थ हैं।
पैथकाइंड लैब में अभी तक 74 मरीजों की जांच
शहर में जांच के लिए शासन ने पैथकाइंड और लाल पैथोलॉजी को अनुमति दी है। इनमें से पैथकाइंड लैब नया बाजार सैंपल ले रही है। 25 अप्रैल से पैथकाइन लैब के डॉक्टरों द्वारा 74 संदिग्ध के सैंपल लिए हैं। इनमें कोमल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 66 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 7 मरीजों की रिपोर्ट आना बाकी है।
मेरे और स्टाफ के सैंपल अभी जरूरी नहीं, बाद में देंगे
-जैसा वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ और कौल हॉस्पिटल की संचालक डॉ. रत्ना काैल ने भास्कर को बताया के मुताबिक, कोमल जैसवानी की दो प्रेग्नेंसी खराब होने के कारण उनका हमारे हॉस्पिटल में पहले से इलाज चल रहा था। 5-6 मई की दरम्यानी रात इमरजेंसी में उन्हें मेरे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन 6 मई को हमने एहतियात के तौर पर उनका कोरोना का सैंपल निजी लैब के जरिए कराया। चूंकि मरीज को लगातार पानी निकलने की शिकायत थी। इस कारण हमने 7 मई को कोमल का सीजर से प्रसव कराया और जच्चा एवं बच्चा को बचाया। हमें निजी लैब की रिपाेर्ट का इंतजार था, जाे 8 मई की रात हमें मिली, जिसमें काेमल में काेराेना का संक्रमण हाेने की पुष्टि हुई। इसकी सूचना हमने रात में ही कलेक्टर, सीएमएचअाे अाैर कंट्राेल कमांड सेंटर काे दे दी। सुबह स्वास्थ्य विभाग की टीम अाई और प्रसूता एवं उनकी मां का सैंपल लिया गया। हमने बच्चे को प्रसूता से अलग एक कमरे में रखा है। इस दौरान हॉस्पिटल में चार गर्भवती महिलाएं भर्ती हैं जो अलग-अलग कमराें में हैं। मैंने अपने अाैर स्टाफ के सैंपल कराने की बात भी स्वास्थ्य विभाग के अफसराें से कही है लेकिन उन्हाेंने कहा, 4 से 5 दिन में इसके लक्षण दिखेंेगे तब सैंपलिंग कराई जाएगी। अभी हमने पूरे स्टाफ और खुद को हाॅस्पिटल में ही क्वारेंटाइन कर लिया है। साथ ही नए मरीज और इमरजेंसी केस लेना भी बंद कर दिए हैं।
जेएएच की डायलिसिस यूनिट आईसीयू व पॉइजन वार्ड सील
जेएएच में मेडिसिन विभाग के जूनियर डाॅक्टर डॉ. आकाश गढ़वाल के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद शुक्रवार रात से शनिवार तक हड़कंप की स्थिति रही। प्रबंधन ने आईसीयू, डायलिसिस यूनिट और पॉइजन वार्ड काे पूरी तरह से बंद कर दिया। डॉ. आकाश डायलिसिस यूनिट में ड्यूटी कर रहे थे। अगले दो से तीन दिन तक आईसीयू, डायलिसिस यूनिट और पॉइजन वार्ड में मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे। इनके मरीज अन्यत्र भर्ती किए जाएंगे, लेकिन डायलिसिस यूनिट पूरी तरह बंद रहेगी। यहां पदस्थ डॉक्टर और स्टाफ की रिपोर्टर आने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। इन सभी वार्ड और यूनिट काे सेनिटाइज कराया जा रहा है। पांच सीनियर डाॅक्टराें ने एहतियातन अपने सैंपल दिए हैं और वे हाेम क्वारेंटाइन हाे गए हैं।
डाॅक्टराें की कमी दूर करने के लिए नया राेस्टर तैयार
जेएएच प्रबंधन ने इलाज के लिए डॉक्टरों की कमी न आए, इसे ध्यान में रखते हुए अन्य क्लीनिकल और नॉन क्लीनिक विभागों के डॉक्टर और जूनियर डॉक्टरों की भी सेवाएं लेने के लिए रोस्टर तैयार कर लिया गया है।
आईसीयू: 40 मरीजाें में से तीन की छुट्टी, शेष केआरएच में किए शिफ्ट
डाॅक्टर आकाश के संपर्क में रहने के कारण पांच सीनियर डाॅक्टराें का सैंपल कराकर उन्हें हाेम क्वारेंटाइन किया गया है। जेएएच के सहायक अधीक्षक डॉ. विनीत चतुर्वेदी ने बताया कि आईसीयू के स्टाफ से कहा गया था, जो सैंपल देना चाहे वह सैंपल दे सकता है। उधर आईसीयू में भर्ती 40 मरीजाें में से तीन की छुट्टी कर दी गई है। शेष मरीजों को केआरएच के एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। छह गंभीर मरीजों को पॉइजन वार्ड में रखा गया है।
डायलिसिस यूनिट: इंचार्ज क्वारेंटाइन में इसलिए यूनिट बंद
पिछले आठ दिन में यहां 13 लाेगाें का डायलिसिस हाे चुका है। राेज एक से तीन मरीज यहां आते हैं लेकिन शनिवार काे इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। अगले कुछ दिन यह यूनिट बंद रह सकती है, क्याेंकि यूनिट के इंचार्ज खुद हाेम क्वारेंटाइन हाे गए हैं।
पाॅइजन वार्ड: यहां मरीजों की आमद पहले से ही नहीं हो रही
इस वार्ड में सांप काटने और जहरखुरानी या जहर खाकर आत्महत्या के प्रयास करने वाले मरीज आते हैं। लाॅकडाउन के कारण इसमें मरीजाें की अामद पहले से ही न के बराबर है।
सीनियर ब्वाइस हॉस्टल: डॉ. आकाश का रूम सील, 44 छात्र क्वारेंटाइन
डॉ. आकाश सीनियर ब्वाइस हॉस्टल के कमरा नंबर 72 में रहते हैं। इस हॉस्टल में करीब 45 मेडिकल स्टूडेंट रह रहे हैं। डॉ. आकाश के कमरे को सील कर दिया गया है। साथ ही हॉस्टल को सेनिटाइज कराने के बाद सभी मेडिकल स्टूडेंट से कहा है कि वह अपने कमरों में ही रहें।
केआरएच में बनाया अलग वार्ड
केआरएच में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग से वार्ड बनाया गया है, जहां आईसीयू के मरीजों को वहीं शिफ्ट कर उन्हें वार्ड में ही क्वारेंटाइन कर दिया गया है। मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. ओपी जाटव का कहना है कि आईसीयू से शिफ्ट किए गए मरीजों के लिए जीवन रक्षक उपकरणों के भी इंतजाम किए गए हैं।
सराफा-दरहाई क्षेत्र 12 अप्रैल से जिस डर से सिसका और थमा था, आज उसमें उत्साह और खुशी का संचार होते जिसने भी देखा भाव विभोर हुए बगैर नहीं रह सका। शनिवार की शाम जब यहाँ के जैन परिवार के 8 सदस्य जिसमें एक की उम्र 73 साल है और राठौर परिवार के दो सदस्य सदस्य कोरोना पर विजय पाकर क्षेत्र में आए तो वहाँ के नागरिकों ने घर की बालकनी, छतों, दरवाजे पर खड़े होकर घंटियाँ, थाली बजाकर उनका जबरदस्त स्वागत किया। पिछले 28 दिनों से खौफजदा चेहरों पर चमक आई। कुछ ऐसा ही उत्साह 30 अप्रैल को कोरोना फतह कर लौटे 9 साल के आकर्षण के आने पर था, वहीं 10 लोगों के एक साथ घर वापसी ने लोगों में आत्मविश्वास भर दिया।
यहाँ 12 अप्रैल को 70 वर्षीय सुरेंद्र सोनी नामक बुजुर्ग सबसे पहले कोरोना संक्रमित पाए गए थे, बाद में यह संक्रमण राठौर और जैन परिवार तक पहुँचा। 24 अप्रैल को यहाँ जैन परिवार के 8 सदस्य एक साथ पॉजिटिव आए तो पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। 24 अप्रैल के बाद से यहाँ कोई नया मामला नहीं आया है, वहीं सुखसागर क्वारेंटाइन में रखी गईं राठौर परिवार की ज्याेति जरूर 5 मई को पॉजिटिव आईं, लेकिन वे इंस्टिट्यूशनल क्वारेंटाइन थीं और संक्रमित परिवार से जुड़ी हैं तो उन्हें क्षेत्र का नया मामला नहीं माना जाएगा। यहाँ से कुल 24 पॉजिटिव केस आए, जिनमें से 15 स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं।
कोरोना संक्रमण के लिए हॉट स्पॉट बने हनुमानताल के चांदनी चौक क्षेत्र में दो औरपॉजिटिव मिले हैं। शनिवार की रात आईसीएमआर से मिली 59 सैंपलों की रिपोर्ट में यहां के शहनाज अंसारी (55) और गुलाम हुसैन (25) कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। दोनों ही कंटेनमेंट क्षेत्र के निवासी हैं तथा पूर्व में यहां से मिले संक्रमितों के संपर्क में रहे हैं। चांदनी चौक से अब तक मृतका शायदा बेगम को मिलाकर 33 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। इन नए मरीजों को मिला कर जिले में पॉजिटिव केसों की संख्या 121 हो गई है जिनमें से 29 स्वस्थ हो चुके हैं।
40 दिन का बच्चा संक्रमित
मेडिकल काॅलेज में शनिवार से शुरू हुई वायरोलाॅजी लैब में पहले दिन 42 सैंपलों की जांच हुई, इसमें वहां भर्ती संदिग्ध मरीजों के साथ ही पॉजिटिव के रिपीट टेस्ट शामिल हैं। देर रात मिली जानकारी के अनुसार इसमें दो नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसमें 40 दिन का एक बच्चा जिसके परिजन गोहलपुर में रहते हैं तथा दक्षिण मिलौनीगंज निवासी 42 साल का व्यक्ति है। कोविड वार्ड में 25 मई को पॉजिटिव आने के बाद भर्ती हुई एक महिला का रिपीट सैंपल पॉजिटिव आया है। इस रिपोर्ट कि काॅलेज या जिला प्रशासन द्वारा अधिकृत पुष्टि नहीं की गई है।
बदली परिस्थितियों में भारत में खाद्य तेलों की मासिक खपत घटकर 14 से 15 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पाम तेल का उत्पादन इंडोनेशिया- मलेशिया में बढ़ेगा और खपत में कमी आएगी। क्रूड तेल की घोर मंदी ने बायोडीजल के कार्यक्रम को गड़बड़ा दिया है। खाद्य तेलों की आयात पड़तल कम है। अत: धीरे-धीरे भारतीय बाजारों में भाव घटते चले जाएंगे। लॉकडाउन के दौरान बड़ी मात्रा में उपभोक्ताओं ने खाद्य तेल का स्टॉक कर लिया है। आने वाले महीनों में अभी शादी- समारोह भी नहीं होंगे और गर्मी में खाद्य तेलों की खपत में स्वाभाविक रूप से गिरावट आती है। अप्रैल में 7.90 लाख टन, मार्च में 9.40 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया गया है। मई में 8 लाख टन के आसपास आयात का अनुमान लगाया जा रहा है। बेरोजरागी बढ़ने से भी खपत में गिरावट आना संभव है।
खपत में 4 लाख टन की कमी
खाद्य तेल विशेषज्ञ ने बताया लॉकडाउन से होटल, रेस्टोरेंट, गली-मोहल्ले की छोटी-बड़ी भजिए, समोसे, फाफड़े आलू बड़े आदि बेचने वाली दुकानें बंद हैं। गर्मी में खाद्य तेल की खपत कम होती है और दीपावली पूर्व विवाह समारोह भी नहीं है। लॉकडाउन से मजदूरों में घबराहट बढ़ने से रोजगार छोड़कर गांव की ओर चले गए हैं और चले जा रहे हैं। कई दशकों बाद बेरोजगारी चरम सीमा पर होगी। ऐसी स्थिति में आने वाले महीनों में खाद्य तेलों की खपत घटकर 14 से 15 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लॉकडाउन के कुछ माह पूर्व तक खाद्य तेलों की मासिक खपत औसत रूप से 18-19 लाख टन की मानी जाती रही थी। एक अनुमान के अनुसार प्रतिमाह 4 लाख टन की खपत में गिरावट आएगी। इसका प्रभाव तेल एवं तिलहन भावों पर आगे-पीछे पड़ना स्वाभाविक है। पता नहीं तेल उद्योग को आयात शुल्क में वृद्धि की धुन क्यों चढ़ी रहती है। उद्योग का प्रयास होना चाहिए कि खपत कैसे बढ़े वरन् उद्योग खपत घटाने के प्रयास करता रहता है। लाॅकडाउन की वजह से यदि सर्वाधिक दुर्गति हुई है तो तिलहन उत्पादक किसानों की हुई है। जिसकी भरपाई संभव नहीं है, उद्योग किसानों का सरकार से भला करवाने के बजाय आगे आकर कोई आदर्श प्रस्तुत करें जिसे याद रखा जा सके।
60 से 65 प्रतिशत आयात
भाव कुल खपत का 60 से 65 प्रतिशत खाद्य तेलों का आयात करता है। शेष आपूर्ति देशी खाद्य तेलों से होती है। भारत के आयातकों को विशेष परेशानी नहीं होगी। सोया तेल अर्जेंटीना से एवं पाम तेल इंडोनेशिया से आयात कर लिया जाएगा। हालांकि पिछले वर्षों में मलेशिया से सर्वाधिक मात्रा में पाम तेल का आयात होता था किंतु कश्मीर मुद्दे पर मलेशिया की टिप्पणी से संबंधों में दरार पड़ गई और केंद्र सरकार ने रिफाइन पाम तेल का आयात परमिट के माध्यम से कर दिया। इससे मलेशिया से आयात लगातार घटता जा रहा है। सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि पाम का उपयोग, होटल, हलवाई, नमकीन निर्माता, बेकरी उद्योग आदि अधिक मात्रा में करते हैं। सस्ता होने से दक्षिण भारत में मिलावट में भी जा रहा था। पिछले 54-55 दिन से होटल, रेस्टारेंट, नमकीन उद्योग बंद हैं। अत: आयात में कमी का प्रभाव भावों पर किसी प्रकार का नहीं पड़ रहा है। सस्ता होने के बावजूद मांग कम है।
बड़ी मात्रा में स्टॉक
जानकारों का मत यह भी है कि लॉकडाउन के दौरान घबराहट में अनेक परिवारों ने बड़ी मात्रा में खाद्य तेल का स्टॉक कर लिया है। इस वजह से भी आने वाले दिनों में मांग कमजोर रहेगी। सोया-सनफ्लावर तेल में मांग रहेगी। अप्रैल माह में सीपीओ 3.55 लाख टन एवं 30 हजार टन आरबीडी, 1.84 लाख टन सोया और 2.21 लाख टन सनफ्लावर का आयात हुआ है। इस माह में कनौला तेल का आयात नहीं किया गया। अत: कुल आयात 7.90 लाख टन हुआ है। मार्च में 9.40 लाख टन का आयात किया गया था। मई माह में 8 लाख टन खाद्य तेल के आयात की संभावना व्यक्त की जा रही है। खरीफ मूंगफली की फसल किसानों एवं नैफेड के पास है। गुजरात में अगले सप्ताह कुछ मंडियां खुल सकती है। इससे मूंगफली आवक बढ़ने लगेगी। आवक बढ़ने पर तेल मिलों की मांग कैसी रहेगी, यह भी विचारणीय है।
पाम तेल का उत्पादन बढ़ेगा
इंडोनेशिया एवं मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन बढ़ना लगभग तय है। इसके अलावा बायोडीजल का प्रोग्राम भी गड़बड़ा गया है। क्रूड तेल के भावों की मंदी से इन दोनों देशों की आर्थिक हालात आज नहीं तो कल खराब हो जाएगी। पाम का फल पेड़ों से तोड़कर निकाला जाता है। प्रति वर्ष पेड़ फल देते ही हैं। इन फलों का त्वरित उपयोग नहीं किया तो खराब हो जाते हैं। जहां तक उत्पादन का सवाल है, पेड़ों को खाद एवं पानी पर्याप्त मात्रा में दिया जाता है, तब उत्पादन अधिक होता है, इनका उपयोग कम होने या नहीं होने पर पेड़ों पर फल कम लगते हैं। इससे पाम तेल की उत्पादन लागत कम बैठ जाती है। इस वर्ष पाम तेल का उत्पादन अधिक होगा और भाव और घट सकते हैं। इस संबंध में पिछले दिनों दोराब मिस्त्री ने भी धारणा व्यक्त कर दी थी।
तिलवारा थाने के अंतर्गत घुंसौर में दो पक्षों के बीच बकरी चराने को लेकर हुए विवाद में दो लोगों की हत्या कर दी गई। दोनों पक्षों के एक-एक लोगों की हुई मौत के अलावा करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनमें से तीन लोगों को मेडिकल अस्पताल भिजवाया गया है। यह घटना रात करीब साढ़े आठ बजे की बताई जा रही है। मरने वालों में खेमराज एवं रामजी यादव शामिल हैं। इनमें से रामजी की तो गर्दन ही तलवार से काट दी गई।
वहीं खेमराज को सिर व गर्दन में घातक चोटें आईं। इस संबंध में सीएसपी रवि चौहान ने जानकारी दी है कि घुंसौर ग्राम के दो किशोर बकरी चराने गए थे। करन मल्लाह एवं कृष्ण कुमार की बकरियाें को राजेश ठाकुर एवं आकाश यादव ने रोक लिया। इस बात को लेकर कि वे उनके क्षेत्र में बकरी क्याें चराते हैं। इस बात की रिपोर्ट शाम को तिलवारा थाने में दर्ज कराई गई थी।
उसके बाद मल्लाह एवं यादव दोनों पक्षों की ओर से तलवार, लाठी व कुल्हाड़ी आदि लेकर आक्रमण होने लगे। इस दौरान रामजी एवं खेमराज को घातक चाेटें आईं तथा उनके साथ ही नन्ही बाई, मंगल एवं करन को भी चोटें आईं व अन्य तीन भी घायल हुए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घुुंसौर ग्राम पहुँची और फिर दोनों मृतकों को पीएम के लिए भेजने के बाद घायलों को मेडिकल अस्पताल भिजवाया गया। इधर दोनों पक्षों के खिलाफ हत्या एवं बलवा का प्रकरण दर्ज कर आधा दर्जन आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। इस पूरे मामले में आरोपियों की संख्या एक दर्जन से अधिक बताई जा रही है।
पुलिस बल तैनात
हत्याओं के बाद ग्राम में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कुछ आरोपियों को हिरासत में भी ले लिया गया है।
-सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी
11 महीने से फरार 10 हजार रुपए का इनामी बदमाश सलमान लाला शुक्रवार काे कुछ घंटाें की मशक्कत में मंडी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
मामला नागदा मंडी थाना क्षेत्र का है। थाने से 700 मीटर दूर स्थित बालाराम कुटिया क्षेत्र के एक मकान से पुलिस ने अवैध हथियाराें व कारतूस का बड़ा जखीरा बरामद किया। शनिवार सुबह 4 बजे पुलिस की छापामार कार्रवाई में सलमान पिता शेरू लाला सहित 5 कुख्यात गुंडे पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। शनिवार रात 10 बजे मंडी थाने में प्रेस वार्ता में सीएसपी मनाेज रत्नाकर और थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा ने बताया सूचना मिली थी बालाराम कुटिया क्षेत्र के एक मकान में बाहरी राज्य के कुछ गुंडे शरण लिए हुए हैं। पुलिस ने तत्काल मकान की घेराबंदी की। अंदर से ताला हाेने पर एक टीम सीढी लगाकर छत के रास्ते घुसी। टीम के कुछ जवान पहली मंजिल ताे कुछ जवान तलघर में तलाशी लेने पहुंचे। पुलिस की आहट से चाैकन्ने बदमाशाें ने आरक्षक नीरज की कनपटी पर पिस्टल तान दी। तभी तलघर में तलाशी लेने पहुंची टीम ने मकान का मुख्य दरवाजा खाेल दिया। थाना प्रभारी शर्मा औरजाबांज जवानाें ने पांचों आराेपियाें काे धरदबाेचा। पुलिस ने आराेपियाें के पास से 5 पिस्टल और तलाशी में कारतूसाें का जखीरा मिला है। जिस बड़ी मात्रा में पुलिस काे असलहा बरामद हुआ है, पुलिस का मानना है गिरफ्तार गुंडों का संपर्क अंडरवर्ल्ड से भी हाे सकता है।
बहोड़ापुर की नारायण विहार कॉलोनी निवासी मुबारक हुसैन की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 18 दिन बाद शनिवार को उसे सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। मुबारक 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। अभी तक 11 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इनमें 8 मरीज ग्वालियर तथा 3 मरीज श्योपुर के हैं।
मुबारक 19 अप्रैल को छिपकर दिल्ली से जिस ट्रक में बैठकर ग्वालियर आया था, उस ट्रक ड्राइवर सोनू शर्मा, क्लीनर नरेंद्र सिंह निवासीगण डबरा तथा ड्राइवर का दोस्त कश्मीर सिंह निवासी कश्मीर के साथ आया था। जिन्हें श्याम वाटिका में क्वारेंटाइन किया गया था।
574 सैंपल लिए और 411 मरीजों की आई रिपोर्ट
दूसरे शहरों से मजदूर बड़ी संख्या में ग्वालियर आ रहे हैं। इस कारण सैंपलों की संख्या भी बढ़ गई है। जिला अस्पताल मुरार और जेएएच की कोल्ड ओपीडी में 5 सीनियर डॉक्टरों के साथ 574 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए। उधर शनिवार को जीआरएमसी की वायरोलॉजी लैब में 411 संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इसमें 5 मरीजों को कोरोना होने की पुष्टि हुई जबकि दो सैंपल रिजेक्शन कर दिए गए। अन्य मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव रही। अभी तक जिले में 5170 मरीजों के सैंपल लिए जा चुके हैं जिसमें से 27 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 4575 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
बैंक खाते से बिना ओटीपी लिए रुपए निकालने वाले ऑनलाइन ठग गिरोह के पकड़ाए पांच बदमाशों के पास से मप्र के तीन हजार लोगों का डेटा मिला है। इनमें इंदौर के 334, भोपाल के 750, उज्जैन के 450, ग्वालियर के 650 और जबलपुर के 600 लोगों का डेटा है। देशभर के 13 हजार लोगों के डेटा इनके पास हैं, जो इन्होंने विदेशी वेबसाइट्स से खरीदे। बदमाश डेबिट वक्रेडिट कार्डधारक के नंबर व सीवीवी कोड हैक कर धोखाधड़ी करते थे। ठगी बिना ओटीपी के करते थे। एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया उज्जैन की एक महिला से बदमाश मो. शादाब अली, मतीउल्ला खान, फिरोज आलम, फैजल मोहम्मद, फिरोज खान ने बिना ओटीपी के खाते से 49 हजार रुपए निकाले थे। मार्च में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इन्होंने विदेशीहैकरों से ये डेटा 8 से 10 डॉलर में खरीदे थे। ये इंटरनेशनलसाइट से लाखों के इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीद चुके हैं।
द्वारकापुरी थाने के सिपाही का फेसबुक अकाउंट किया हैक
अब पुलिस हैकरों के निशाने पर है। शुक्रवार को किसी ने द्वारकापुरी थाने के कांस्टेबल विकास पांडे का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया। उसके परिचित गोलू सोलंकी व अन्य रिश्तेदार, दोस्तों से 10 हजार तो किसे से पांच हजार रुपए ले लिए। इस तरह 30 हजार से ज्यादा की ठगी की। कांस्टेबल ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। इसके पहले सराफा टीआई, संयोगितागंज थाने के एएसआई के साथ भी ऐसा हो चुका है।
कोरोना से जंग जीतनी है तो हमें हर प्रतिबंध का पालन कराना होगा और हर सावधानी बरतनी होगी। देवास रोड स्थित महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सतिंदर कौर सलूजा ने लॉकडाउन के चलते 70 महिलाओं की डिलीवरी कराई। उनके परिजन भी आए-गए लेकिन किसी को भी संक्रमण की कोई शिकायत नहीं हुई। ऐसा इसलिए हुआ कि अस्पताल को स्वच्छ रखा जाता है, सैनिटाइजिंग होता है, वार्डों में मरीजों के बीच तथा बाहर उनके परिजनों की बैठक व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है। जांच कराने आई महिलाओं को भी कोरोना से बचाव के लिए टिप्स दिए जाते हैं।
डॉ. सलूजा शहर की अनुभवी महिला रोग विशेषज्ञ हैं और क्षेत्र के रहवासियों को उनके इलाज पर भरोसा है। इसलिए वे कोरोना के लॉकडाउन के बीच भी अपने परिवार की डिलीवरी या गर्भवती की जांच के लिए उनके अस्पताल पहुंचते हैं। लॉकडाउन के चलते डॉ सलूजा 70 महिलाओं की डिलीवरी करा चुकी हैं। उनके पास इस दौरान कई महिलाएं जांच के लिए भी पहुंची। डॉ.सलूजा कहती हैं कोरोना से डरना नहीं लेकिन सावधानी बहुत आवश्यक है। वे मानती हैं कि हमे कोरोना से बचना है कि हर प्रतिबंध और सावधानी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। सबसे पहले कोरोना से बचें। क्योंकि संक्रमण स्वयं और बच्चे के लिए बड़ा खतरा भी हो सकता है। यदि संक्रमित हो जाएं तो डरें नहीं, इलाज लें और अपने आप को तनाव से मुक्त रखें।
गर्भवती व प्रसूताओं के लिए सावधानी
घर के बाहर न निकलें। अस्पताल जाना हो तो मुंह पर मास्क, हाथ में ग्लब्स पहनें। सैनिटाइजर साथ रखें। किसी भी चीज को छूने के बाद हाथ सैनिटाइज करें।
घर में रहते हुए और बाहर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, किसी से बात करते वक्त दूर रहें। {अस्पताल जाने पर यदि नंबर आने का इंतजार करना है तो अपनी गाड़ी में रहें या सुरक्षित जगह पर बैठें। {पोष्टिक आहार लें। खान-पान का विशेष ध्यान रखें। {हर समय साबुन या सैनिटाइजर से हाथ साफ करते रहें। {हर समय मुंह पर मास्क लगाए रखें। घर में भी और बाहर भी।
कोरोना महामारी के चलते अप्रैल से जून तक स्कूल नहीं लगना है। इसके बावजूद स्कूलों ने फीस के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इन्हीं हालात पर चर्चा के लिए इंदौर पेरेंट्स एसोसिएशन ने सांसद शंकर लालवानी के साथ ऑनलाइन संवाद किया। इंदौर पेरेंट्स एसोसिएशन में इंदौर के करीब 50 हजार परिवार जुड़े हैं। इनमें से 100 अभिभावक शामिल हुए। सभी ने तीन माह की फीस से राहत में सरकार से मदद की मांग उठाई।
अभिभावकों ने कहा कि राज्य सरकार स्पष्ट तौर पर कह चुकी है कि इस साल कोई भी स्कूल फीस ना बढ़ाएं। कई स्कूल फरवरी-मार्च में ही 10% फीस बढ़ा चुके हैं। पेरेंट्स ने यह फीस आने वाले वक्त में समाहित करने की मांग की। कुछ ने कहा ट्यूशन फीस छोड़ बाकी सभी फीस ना ली जाए।
स्कूल बंद, फिर भी मेस फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस देने के लिए बना रहे दबाव
पेरेंट्स का कहना था कि स्कूल बंद होने के बावजूद मेस फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस के लिए स्कूल लगातार दबाव बना रहे हैं। कुछ पेरेंट्स ने कहा- कोरोना के कारण लोगों के काम बंद हैं। नौकरियों पर संकट है। ऐसे में सरकार को इस मामले में कड़ा निर्णय लेना चाहिए। लालवानी ने स्कूलों और प्रदेश सरकार से बात कर समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।
राहुल दुबे. जूनी इंदौर की भीमगिरी गली में एक परिवार के दो सदस्यों की मृत्यु एक दिन के अंतराल में हो गई। पत्नी को लेने के लिए पति इंदौर आए थे। तभी लॉकडाउन हो गया और वह यहीं फंस गए। इस बीच पत्नी की बड़ी बहन की तबीयत खराब हो गई। स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन ने घर को बैरिकेड लगाकर क्वारेंटाइन कर दिया। कोरोना संक्रमण की आशंका, घर को बाहर से सील देख दामाद तनाव में आ गए, जबकि वह पूरी तरह ठीक थे। वह गुमसुम रहने लगे। कमरे से बाहर भी नहीं निकलते। 7 मई को उनकी तबीयत बिगड़ी, शरीर पसीना-पसीना हो गया। अस्पताल ले जाने के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। 8 मई को उनकी पत्नी की बहन संध्या की भी मृत्यु हो गई। हालांकि संध्या की संक्रमण के बाद मृत्यु होने की जानकारी विभाग ने जारी नहीं की है। लगभग 21 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग का अमला भीमगिरी गली में एक महिला की मौत के बाद इस परिवार के घर के बाहर भी बैरिकेडिंग कर गया था। एक महिला के संक्रमित होने की आशंका में यह किया गया। दामाद अनिल पुरी गोस्वामी पत्नी को लेने आए थे।
लॉकडाउन के चलते वह वापस नहीं जा सके। ससुराल को पैक किए जाने, सदस्यों को क्वारेंटाइन किए जाने के बाद से ही वह तनाव में थे। पहले अनिल फिर संध्या की मृत्यु से परिवार गहरा धक्का लगा। परिवार के लोग आखिरी समय में दोनों को देख तक नहीं पाए। अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम शवों को पहुंचा दिया गया। दोनों ही मामलों में कोरोना संक्रमित होने की कोई जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने जारी नहीं की है।
हाइपर टेंशन, फ्लू का इलाज कराने गई, कोरोना संक्रमित हो गई
55 बरस की विमला वर्मा। हाइपर टेंशन, फ्लू, रेस्पिरेटरी सिंड्रोम जैसी बीमारियों का इलाज कराने ईएसआईसी अस्पताल पहुंची थी, लेकिन वहा जाकर कोरोना संक्रमित भी हो गई। 28 अप्रैल को भर्ती हुई थी। एक मई को उन्हें संक्रमित बता दिया गया। इतनी बीमारियों के बाद भी उन्होंने 10 दिन संघर्ष किया। बार-बार डॉक्टर्स से वह बोलती भी कि मैं जल्दी ही ठीक हो जाऊंगी ना। घर के बहुत काम बचे हैं। सब पूरे करना हैं। वहीं परिजन भी बेबस थे। अस्पताल के बाहर खड़े रहने, आते-जाते लोगों से तबियत पूछने के सिवाए कोई चारा नहीं था। कभी-कभी मोबाइल से भी बात हो जाती। तसल्ली देते कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन शुक्रवार शाम पांच बजे करीब विमला की सांसें थम गई। पति, बच्चे अन्य परिजन ने आखिरी बार उनको 28 अप्रैल को देखा था। निधन के बाद अंतिम दर्शन तक परिवार नहीं कर पाया। अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम शव को पहुंचाया। मात्र आठ से 10 घंटे में दाह संस्कार भी हो गया। जब चिता जल रही थी तब परिवार के लोगों को घर में अलग-अलग रहने, घर को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा था।
नगर निगम के अपर आयुक्त शृंगार श्रीवास्तव ने शनिवार को नायता मुंडला के गोदाम में छापा मारकर 12 टन सब्जियां जब्त की। पूछताछ में पता चला कि सब्जियां चोरी-छिपे शहर में बेची जा रही थीं। इसके बदले व्यापारी लोगों से मनमानी कीमत वसूल रहे थे। हालांकि अभी गोदाम मालिक का नाम पता नहीं चला है। अपर आयुक्त ने सुबह करीब 5 बजे यह दबिश दी थी।
इसके अलावा बायपास से पत्थर मुंडला के बीच तीन पिकअप वाहन तथा देवगुराड़िया से शहर में घुसने का प्रयास कर रहे चार ट्रक पकड़े। इन सभी में सब्जियां थीं। जब्त सब्जियों को चिड़ियाघर भेजा गया है।जोन 12 में आ गई जोन एक की सब्जियां : सुबह जूनी इंदौर ब्रिज पर एक पिकअप वाहन को पकड़ा गया। इस वाहन में जोन-1 का पास लगा था। जांच में खुलासा हुआ कि व्यापारी ये सब्जियां जोन-12 में भेज रहा था। व्यापारी ने गलती मानी तो चेतावनी देकर गाड़ी छोड़ दी गई।
गलियों में भी होगी जांच
अल्ट्रावाॅयलेट किरणों से वायरस मुक्त कर नगर निगम डोर-टू-डोर सब्जी पहुंचा रहा है। इसके बाद भी जो व्यापारी चोरी-छिपे सब्जियां बेच रहे हैं उन्हें पकड़ने के लिए निगमायुक्त ने टीमें बनाई हैं। ये गलियों में घूमकर ऐसे लोगों को पकड़ेंगे, क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा है।
इन जगह पर भी कार्रवाई
आजाद नगर के कंटेनमेंट एरिया में दूध बांटने के बहाने बाइक पर सब्जियां बेचने वाले, बिचौली हप्सी में वैन में सब्जी और फल बेचने, राऊ में चाय बेचने और जूनी इंदौर में घर के बाहर कोल्ड ड्रिंक बेचने के आरोप में लोगों पर कार्रवाई की गई।
जिले में शनिवार को 6 नए कोरोना संक्रमित मरीज जांच में सामने आए हैं। इनमें से एक प्रसूता भी शामिल है। हालांकि, महिला ने रिपोर्ट आने से पहले ही बच्ची को जन्म दिया है। जच्चा और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं। अन्य जो पांच मरीज सामने आए हैं ये सभी दूसरे रेड जोन वाले शहरों से ग्वालियर आए हैं। इन पांच लोगों में से एक को छोड़ अन्य सभी बिना परमीशन के शहर में आए हैं। इन सभी को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया है। अब तक जिले में 27 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं जिसमें से 11 मरीज सिर्फ दो दिन में मिले हैं। 8 मरीज डिस्चार्ज होकर अपने घर जा चुके हैं। उधर भिंड में लगातार दूसरे दिन एक आैर कोरेना मरीज पाया गया है।
कौल हाॅस्पिटल हुआ बंद, जेएएच के तीन वार्ड सील
ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मरीजों का असर अब निजी और सरकारी अस्पतालों पर होने लगा है। नया बाजार स्थित कौल हाॅस्पिटल में एक प्रसूता के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इस अस्पताल को क्वारेंटाइन किया गया है। यहां नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे। पूरे स्टाफ के सैंपल भी कराए जाएंगे। निजी लैब से शनिवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद कौल हाॅस्पिटल में हड़कंप मच गया। उधर जेएएच के एक जूनियर डॉक्टर के संक्रमित पाए जाने के बाद शनिवार को यहां आईसीयू, डायलिसिस यूनिट और पॉइजन वार्ड को सील कर
दिया गया।
1. कोमल जैसवानी (30)
सिकंदर कंपू सरदार जी का कॉम्प्लेक्स के फ्लैट नंबर सी-205 में अपने मायके में रह रही कोमल जैसवानी पत्नी अनिल जैसवानी तीन माह पहले ससुराल से मायके आई थी। 20 मार्च को उसका भाई सन्नी माखीजा जयपुर से आया था। 6 मई को कौल हॉस्पिटल में गर्भवती कोमल का सैंपल लिया गया। 7 मई को ऑपरेशन से उसने बेटी को जन्म दिया है। 8 मई को उसकी प्राइवेट लैब पैथकाइन लैब से पॉजिटिव आई है। उसे कौल हॉस्पिटल में ही क्वारेंटाइन किया गया है।
2.मुबीन खान 20
गुढ़ा-गुढ़ी का नाका खजांची साहब की दरगाह के पास रहने वाला मुबीन खान 7 माह पहले चेन्नई में गया था। मुबीन साथी अवरोज के साथ 6 मई को ट्रक से ग्वालियर आया। विक्की फैक्ट्री में पुलिस ने उसे रोक लिया और 7 मई को सैंपल के बाद जैन छात्रावास में ठहरा दिया। यहां से मुबीन को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया है।
3. मुस्कान (20)
चंद्रवदनी नाका स्थित चंदन नगर निवासी मुस्कान पति राकेश के साथ 20 मार्च को बुआ के यहां आगरा गई थीं। आगरा से बिना परमीशन पति-पत्नी 2 मई को ग्वालियर आ गए। 4 और 8 मई को उन्होंने जेएएच पहुंचकर सैंपल दिया। मुस्कान को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि के बाद सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
4. मिथुन (22)
डीडी नगर विक्रमपुर पहाड़ी निवासी मिथुन अपने भाई विजेंद्र, सोनू और प्रमोद के साथ बिना परमीशन के अहमदाबाद से 7 मई को ग्वालियर आए। यहां उन्होंने सैंपल दिया। एक दिन पहले मिथुन का भानजा आकाश धाकड़ भी अहमदाबाद से आया है। मिथुन के परिवार में 11 लोग हैं। मिथुन को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया है।
5. संजय सिंह (26)
सागर ताल निवासी संजय सिंह अहमदाबाद में फर्नीचर का काम करता है। 1 मई को अहमदाबाद से कभी पैदल कभी बस, ट्रक से वह 7 मई को बिना परमीशन के ग्वालियर आया। वह पहले जिला अस्पताल गया वहां सैंपल नहीं हुआ तो जेएएच गया और सैंपल दिया। वहां से घर आ गया। घर में पत्नी और 2 बच्चे हैं। संजय को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
6.नवीन गुप्ता (39)
जीवाजीगंज निवासी नवीन गुप्ता परमीशन लेकर 6 मई को अपनी बहन को कार द्वारा इंदौर सिलीकॉम सिटी स्थित शिव सिटी में छोड़ने के बाद 7 मई को देर शाम वापस लौट आया। 8 मई को जेएएच में अपना सैंपल दिया। वह ड्राइवर सहित अपने परिवार के 10 लोगों के संपर्क में आया है। ड्राइवर को क्वारेंटाइन करा दिया गया है।
लॉकडाउन के बीच कलाकारों के बाद अब व्यंग्यकारों ने भी डिजिटल प्लेटफार्म को अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करने का माध्यम बनाया है। पहली बार डिजिटल राष्ट्रीय व्यंग्य महोत्सव के रूप में इसकी शुरुआत हुई है। जिसमें देशभर के 93 व्यंग्यकारों ने सहभागिता की और 35 ने व्यंग्य पाठ किया।
व्यंग्य लेखक समिति (वलेस) ने 93 व्यंग्यकारों को मोबाइल पर जोड़कर यह 10 दिनी डिजिटल राष्ट्रीय महोत्सव किया। इसका संयोजन एवं समन्वय उज्जैन के वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. पिलकेंद्र अरोरा, डॉ. हरीश कुमार सिंह
और शांतिलाल जैन ने किया। महोत्सव में प्रतिदिन 3 से 4 व्यंग्यकारों ने रचनापाठ का वीडियो अपलोड किया।
दो किलो आलू, चार दयालु नहीं चलेगा
डिजिटल महोत्सव में रायपुर के राजशेखर चौबे ने वर्तमान संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित तबके की खबर लेते हुए कोरोना संकट में अभागे भाई का पत्र पढ़ते हुए कहा आशा है भैया आप भी हमारी तरह बदहाल होंगे। हमें दिन में एक वक्त का भोजन मिल जाता है, कभी कभी दो टाइम का भी। हमारी तरह अमीर घर के बच्चे भी परेशान हैं, क्योंकि उन्हें भी पिज्जा, बर्गर, चाउमीन नहीं मिल पा रहा है। चार दानदाता भी आए थे, दो किलो आलू लेकर। हमने कह दिया कि दो किलो आलू और चार दयालु नहीं चलेगा। अब होना चाहिए चार दयालु, आठ किलो आलू।
मप्र, महाराष्ट्र, उप्र, छग, कर्नाटक के व्यंग्यकारों ने की सहभागिता
महोत्सव में निर्मल गुप्त (मेरठ), धर्मपाल जैन (टोरंटो), शशांक भारतीय, शशांक दुबे (मुंबई), अरविंद तिवारी (शिकोहाबाद), नीरज शर्मा (बिजनौर), मीना अरोरा (हल्दवानी), समीक्षा तेलंग (पुणे), कमलेश पांडे, अर्चना चतुर्वेदी, अनीता यादव, शशि पांडे (नईदिल्ली), वीना सिंह, इंद्रजीत, अलंकार रस्तोगी (लखनऊ), अरुण खरे (बंगलुरु), बीएल आच्छा (चेन्नई), शरद उपाध्याय (कोटा), मोहन मोर्य (अलवर), राजशेखर चौबे (रायपुर), जयप्रकाश पांडेय, विवेक रंजन (जबलपुर), शांतिलाल जैन, वीजी श्रीवास्तव, मलय जैन, साधना बलवटे, सुदर्शन सोनी (भोपाल), कैलाश मंडलेकर (खंडवा), जवाहर चौधरी, ब्रजेश कानूनगो, मृदुल कश्यप (इंदौर), मुकेश राठौर (खरगोन), डॉ. पिलकेंद्र अरोरा, डॉ. हरीश कुमार सिंह, राजेंद्र देवधरे (उज्जैन) ने सहभागिता करते हुए व्यंग्य पाठ किया। इसमें वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने दो बार व्यंग्यकारों को ऑडियो क्लिप द्वारा मार्गदर्शन दिया। समापन में श्रेष्ठ रचना, श्रेष्ठ वीडियो आदि की घोषणा की गई और विजेताओं को मोबाइल पर ही डिजिटल ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
मूसाखेड़ी में 27 वर्षीय युवती की पीलिया बिगड़ने के कारण मौत हो गई। अगले ही दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर पूरे परिवार की जांच की। तीन दिन पहले छावनी में हार्ट अटैक से 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई थी। टीम ने वहां भी पहुंचकर परिजन की जांच की थी। शहर में इसी तरह से स्वास्थ्य विभाग की टीम 100 से ज्यादा घरों में पहुंच चुकी है। जहां जरूरत पड़ी वहां कोरोना की जांच के लिए सैंपल भी लिए।
कोरोना के बाद सबसे ज्यादा मौतें कैंसर, अटैक, टीबी से
दरअसल विभाग ऐसी मौतों को लेकर ज्यादा चिंतित है जो किसी पुरानी बीमारी से हो रही हैं। ऐसे मरीजों में कोरोना होने की आशंका ज्यादा है जो ब्लड प्रेशर, शुगर, कैंसर, टीबी या हार्ट से जुड़ी बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों की मृत्यु होने पर परिजन अंतिम संस्कार कर देते हैं। जैसे ही विभाग को पता चलता है टीम संबंधित घरों तक पंहुच रही है, ताकि किसी भी आशंका से बचा जा सके। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के बाद सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक, कैंसर और टीबी से हो रही हैं।
पूर्व जनपद अध्यक्ष के परिवार सहित 50 से ज्यादा के सैंपल लिए
मूसाखेड़ी के न्यू पंचशील नगर में रहने वाले उज्जैन के पूर्व जनपद अध्यक्ष शिवलाल बोराना के कोरोना पाॅजिटिव निकलने के बाद प्रशासन अाैर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके परिवार, घर में काम करने वाली महिला सहित पूरी काॅलाेनी की जांच की। इनमें उनके परिवार के छह महीने और चार साल के बच्चे सहित काॅलाेनी के 50 से ज्यादा लाेगाें के सैंपल लिए। जांच रिपोर्ट सोमवार शाम तक आने की संभावना है। बाेराना के पूरे परिवार को क्वारेंटाइन कर सभी को 22 मई तक घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा है। कॉलोनी को एक तरह से सील कर दिया है। आसपास के घरों से भी लोगों को बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। चेतावनी दी है कि काेर्इ भी घर से बाहर निकलेगा ताे उसे 14 दिन किसी सेंटर में क्वारेंटाइन कर दिया जाएगा।
इंदौर. होम आइसोलेशन वाले पॉजिटिव मरीजों को जिला प्रशासन पल्स ऑक्सीमीटर देने जा रहा है। इन्हें दिन में तीन से चार बार इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर लेना होगा और उसकी रीडिंग मोबाइल एप्लीकेशन पर अपलोड करना होगी। जिससे कंट्रोल रूम में बैठी डॉक्टरों की टीम मॉनिटरिंग कर सके। यदि किसी में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है तो तुरंत एम्बुलेंस भेजकर मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने सौ नए पल्स ऑक्सीमीटर सिर्फ मरीजों के लिए खरीदे हैं। अभी सिर्फ पांच पॉजिटिव मरीजों को ही होम आइसोलेशन में रखा गया है।
सरकार ने ए-सिम्टाेमेटिक यानी ऐसे मरीज जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं है, उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी है। नई गाइडलाइन के अनुसार जिन मरीजों में बीमारी का कोई लक्षण नहीं है उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। लेकिन उसके लिए शर्तें तय कर दी गई है। ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है जिनके घर बड़े हों। कमरे में अटैच वॉशरूम हो ताकि बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़े। घर में ऐसा कोई सदस्य हो जो खाने-पीने का ध्यान रख सके। एप्लीकेशन में उन्हें तीन-चार अपडेट करना होगा। कंट्रोल रूम में डॉक्टरों की टीम उसकी मॉनीटरिंग करेगी। इनमें से किसी के भी पैरामीटर खराब हो गए ताे तत्काल एम्बुलेंस भेज देंगे। बार-बार हेल्थ वर्कर काे देखना नहीं पड़ेगा।
महान देशभक्त महाराणा प्रताप की 480वीं जयंती पर शनिवार को उनका पुण्य स्मरण किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल सिंह चंदेल ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा महाराणा प्रताप के अनुयायियों को इस कोरोना महामारी के संकट के दौर में सभी जाति, सभी धर्मों को मानने वाले जरूरतमंदों की मदद करना चाहिए।
उन्होंने कहा महाराणा प्रताप को पूरा देश इसीलिए पूजता है क्योंकि उन्होंने मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की और अपनी मातृभूमि के लिए अंतिम सांस तक युद्ध लड़ा। महाराणा प्रताप ने मातृभूमि के लिए जो युद्ध लड़ा, उसमें प्रत्येक जाति प्रत्येक धर्म को मानने वाले उनके साथ थे। आज हमें भी कोराेना के खिलाफ लड़ाई में बिना किसी जाति भेद के सबको साथ लेकर चलना होगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरदयालसिंह ठाकुर, युवा विंग शहर अध्यक्ष आनंदसिंह खींची, प्रदेश सचिव दर्शन ठाकुर, शहर कार्यकारी अध्यक्ष चंदरसिंह भाटी, शहर महामंत्री अनिलसिंह राजपूत, राहुल सिंह ठाकुर, सुरेंद्रसिंह सिसौदिया, अभिषेकसिंह चौहान, प्रिंससिंह सोलंकी सहित पदाधिकारियों व समाजजन ने कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए अपने-अपने घरों पर महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा महाराणा प्रताप जयंती की शाम को समाजजन ने अपने घर पर दीप प्रज्वलन कर आदरांजली अर्पित की।
संजय गुप्ता .कोरोना से जूझ रहे इंदौर में शनिवार का दिन एक बड़ी राहतभरी खबर लाया। 1196 सैंपल में से 78 नए पॉजिटिव मरीज मिलने से कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1858 हो गई, लेकिन अब शहर में एक्टिव (भर्ती) मरीज 878 ही रह गए हैं, जबकि उससे ज्यादा यानी 891 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। लगभग 47 दिन के कोरोनाकाल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्वस्थ मरीजों की संख्या उपचाररत मरीजों से अधिक हो गई है। हालांकि मरीज और पॉजिटिव रेट कम होने के बाद भी शहर में 17 मई को लॉकडाउन नहीं खुल पाएगा। यह 30 मई तक जारी रह सकता है। चरणबद्ध तरीके से छूटें मिलती जाएंगी। जब तक पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, राहत नहीं मिलेगी। राजबाड़ा, 56 दुकान जैसी भीड़ वाली जगहें दो से तीन महीने तक खुलना मुश्किल है। मॉल, टॉकिज भी नहीं खुलेंगे, क्योंकि जून-जुलाई में फिर वायरस के पीक पर आने की आशंका है।
-मनीष सिंह, कलेक्टर के मुताबिक, स्थिति 80% नियंत्रण में आ गई है। आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, लेकिन अभी भीड़ से बचना है और फिर बारिश के समय भी ध्यान रखना है। इसलिए 30 मई तक लोग घरों में ही रहें, तभी संक्रमण पूरी तरह खत्म होगा।
टीपीआर 4 फीसदी भी तो 30-40 मरीज मिलेंगे
गुजरात के मोरवी से मप्र के 130 मजदूरों को लेकर आई बस ने धोखे से मजदूरों को नरवर से 3 किमी दूर कड़छा फंटे पर उतार दिया। ये मजदूर सतना, रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल आदि जिलों के हैं, जिन्हें शनिवार दोपहर 1 बजे बस ड्राइवर ने चाय-पानी के लिए उतारा और बस लेकर भाग गया।
कड़छा फंटे पर रहने वाले जितेंद्र वर्मा और संजय वर्मा ने भूखे-प्यासे मजदूरों के भोजन का इंतजाम किया और नरवर थाने पर इसकी सूचना दी। थाना प्रभारी हेमसिंह वर्मा, एसआई विक्रम सिंह चौहान, इंस्पेक्टर कांतिलाल चौधरी मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी वर्मा ने बताया मजदूरों को गंतव्य स्थान पर भेजने के लिए जिला पंचायत सीईओ को सूचना दी है। उमरिया जिले के रोहित पाल ने बताया शुक्रवार शाम 5 बजे बस 130 सवारियों को लेकर मोरबी से निकली थी और उन्हें उनके गंतव्य स्थान पर छोड़ना था, जिसके लिए बस मालिक ने प्रत्येक सवारी से ₹900 किराया लिया था लेकिन कड़छा फंटा नरवर आकर ड्राइवर ने सवारियों को चाय-पानी के लिए उतारा और बस लेकर भाग गया। उत्तरप्रदेश के संत कबीर नगर के मजदूर अर्जुन ने बताया हमें उप्र भिजवाने की व्यवस्था का बोलकर बस मालिक लाया था। यहां से हमारा घर 1400 किमी दूर है, हमारे साथ छोटे बच्चे भी है। हमारे पास न रुपए है न खाने-पीने का इंतजाम। एसआई चौहान ने बताया मजदूरों शासकीय स्कूल में रुकने के इंतजाम किया है।
लॉकडाउन के संकट को झेल रहे लोगों को साइबर ठग शिकार बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अरविंद नगर के रहने वाले बिल्डिंग मटेरियल के व्यापारी के साथ हुआ। उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग के लिए बिग बाजार में कॉल किया लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया। कुछ देर बाद एक दूसरे नंबर से कॉल आया। कॉलर ने कहा कि वह बिग बाजार से बोल रहा है। सामग्री की लिस्ट वाट्सअप पर मंगवाई। इसके कुछ ही देर बाद व्यापारी के अकाउंट से 23 हजार रुपए निकल गए।
अरविंद नगर के रहने वाले मुकेश अग्रवाल ने बताया शुक्रवार दोपहर उन्होंने बिग बाजार के मोबाइल नंबर 8825870717 पर कॉल किया था। किसी ने कॉल रिसिव नहीं किया और कुछ देर बाद मोबाइल नंबर 8250095496 से अग्रवाल के पास कॉल आया। कॉलर ने कहा- आपने बिग बाजार पर कॉल किया था अगर आपको राशन चाहिए तो सामान की सूची वाट्सएप पर भेज दीजिए। अग्रवाल ने नंबर पर राशन सामग्री की लिस्ट भेज दी। कॉलर ने फिर से कॉल किया और एक फॉर्म भरकर 11 रुपए का ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा। इसके बाद अग्रवाल के मोबाइल नंबर पर एक कोड आया। कॉलर ने कोड पूछा और कहा कि आपकी बुकिंग हो गई है। कुछ ही देर बाद अग्रवाल के बैंक खाते से पहले 19 हजार और कुछ ही मिनटों बाद 4 हजार रुपए कुल 23 हजार रुपए निकल गए। अग्रवाल को ठगी की आशंका हुई तो उन्होंने तत्काल अकाउंट का पिन नंबर बदल दिया। इसके बाद उक्त नंबर पर कॉल किया तो फिर से कॉलर ने फोन उठाकर बातचीत की, कहा कि उसने अकाउंट से कुछ भी रुपए नहीं निकाले, किसी और ने चीटिंग की है। भास्कर ने उक्त नंबर पर कॉल किया तब भी वह बातचीत कर रहा है और खुद को बिग बाजार का कर्मचारी राहुल वर्मा बता रहा है।
इधर बिग बाजार के प्रबंधन ने बताया कि राहुल नाम का कोई व्यक्ति उनकी शॉप में नहीं है। बिग बाजार ने उक्त कॉलर के खिलाफ थाने में आवेदन दिया है। प्रभारी टीआई मुनेंद्र गौतम ने बताया अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शॉप के नाम से धोखाधड़ी करने की शिकायत की है। मामले में जांच की जा रही है। सायबर सेल प्रभारी प्रकाश वास्कले ने बताया शिकायत मिली है, जांच की जा रही है।
बिग बाजार के कर्मचारी शक के घेरे में
बिग बाजार से सामग्री मंगवाने में 23 हजार की धोखाधड़ी के शिकार हुए अग्रवाल ने कहा कि ऐसे कैसे हो सकता है कि बिग बाजार में कॉल करने पर कोई और फोन कर धोखाधड़ी करें। इसमें बिग बाजार के किसी कर्मचारी की मिलीभगत की आशंका है। बिग बाजार में किसे शिकायत करें, यहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं हैं।
समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को 48 से 72 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। शनिवार को पंचक्रोशी मार्ग पर खरीदी केंद्र के बाहर कतार में लगे किसानों की माने तो वे दो दिन से कतार में लगे हैं। गांव पास में है इसलिए वहां से भोजन मंगवा लेते हैं। इसी तरह 14 सोसायटियों के खरीदी केंद्र मानपुर सायलो की कतार एक तरफ नागझिरी तो दूसरी ओर शंकरपुरा तक पहुंच गई है।
किसानों का कहना है कि गेहूं बेचने के लिए तपती धूप में ट्रैक्टर-ट्रॉली के पास खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। न जाने कब आगे की ट्राॅली चल पड़े और अपनी ट्रॉली को आगे करना पड़े। उन्हें जिस दिन गेहूं बेचने के एसएमएस भेजे गए हैं वे उसी दिन केंद्र पर पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें दो से तीन दिन इंतजार करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण मंडियां बंद हैं। किसानों की मांग पर सरकार ने 22 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू तो करवा दी लेकिन केंद्र तक पहुंचने वाले किसानों को अब भी कोई राहत नहीं है। भास्कर टीम ने किसानों से चर्चा तो उन्होंने बताया-वे 48 से 72 घंटे तक कतार में लगे हैं। नंबर कब आएगा, उन्हें पता नहीं है।
किसान बोले- जितनी क्षमता उतने एसएमएस भेजने थे
गांव से भाई को बुलाना पड़ा
शुक्रवार सुबह 10 बजे से कतार में लगे हैं। उन्हें पता था कि आज नंबर नहीं आएगा। रात को कितनी बजे नंबर आए, इसका भी कोई अंदाजा नहीं है। रास्ते में पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है। बड़े भाई ट्रैक्टर लेकर आए थे। शनिवार सुबह तक वे खड़े रहे। फिर मोबाइल कर मुझे बुलाया। अब मुझे भी पता नहीं की आज रात तक गेहूं की तुलाई हो जाएगी या नहीं।
-गोविंद सिंह, साहिब खेड़ी
अफसरों ने आकर देखा तक नहीं
एसएमएस से खरीदी का सिस्टम एकदम सही है लेकिन इसका संचालन भोपाल एनआईसी से होता है। वहां बैठे कंप्यूटर ऑपरेटरर्स को पता ही नहीं कि यहां जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। वे आंखें मूंदकर एसएमएस भेज रहे हैं। पहले एक केंद्र पर छह किसानों से तुलाई का नियम था। अब उसे बढाकर 40 कर दिया है। उन्हें यह पता नहीं कि यहां क्या व्यवस्था है।
- कमलसिंह चौहान, सेमल्या
एसएमएस भोपाल से भेजे जा रहे हैं : जिला आपूर्ति अिधकारी एमएल मारू ने बताया एनआईसी भोपाल से एसएमएस भेजे जा रहे हैं। इसमें स्थानीय स्तर पर कंट्रोल नहीं किया जा सकता। खरीदी केंद्रों पर ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है।
गेहूं तुलवाने पहुंच रहे किसानों को लगवा रहे चक्कर
किसानों को गेहूं तुलवाने में परेशानी आ रही है। खरीदी केंद्रों पर कम मात्रा के एसएमएस भेजे जा रहे हैं जिससे किसानों को ज्यादा वाहन लेकर पहुंचना पड़ रहै। पूर्व मंडी उपाध्यक्ष शेरू पटेल ने कलेक्टर आशीष सिंह को इस संबंध में अवगत कराया। उन्होंने बताया किसानों को गेहूं तुलवाने के लिए सोसायटियों से केवल 10 से 20 क्विंटल के मैसेज आ रहे हैं जो बहुत कम हैं, इन्हें बढ़ाया जाए क्योंकि हर किसान के पास ट्रैक्टर-ट्राली नहीं है। नागझरी स्थित साइलो केंद्र पर किसानों को पीने का शुद्ध पानी, बैठने की उचित व्यवस्था, 5 दिन में पेमेंट करने आिद सुविधा करने का एक ज्ञापन भी सौंपा।
जिले में विभिन्न अन्य जिलाें के रहने वाले लोग अब आसानी से अपने जिले में लौट सकेंगे। राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला स्तर पर इसकी सूची तैयार की जा रही है। कलेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि शासन के आदेश के बाद जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। विभिन्न जिलाें के लोग जाने के लिए यहां आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद दूसरे जिलें के हाेशंगाबाद में फंसे लोगों को वापस भेजने की कवायद तेज हो गई है। जिसके चलते एसडीएम को आदेश देकर अपने क्षेत्र में दूसरे जिलाें के काम करने वाले मजदूरों की सूची तैयार कराने के आदेश दिए गए हैं। जिससे जिले के अनुसार सूची को तैयार कर उनकाे भेजा जा सके। कलेक्टर ने बताया कि जिला स्तर पर पड़ोसी जिलाें से बात चल रही है। जिलाें की अनुमति मिलने के बाद ही मजदूरों को जिला केंद्र तक भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन के आदेश के अनुसार दूसरे जिलाें को जाने वाले मजदूरों को जांच के बाद ही उनकाे पहुंचाया जाएगा। जहां जिला प्रशासन उन्हें अपने यहां ले जाकरक्वारेंटाइन करेंगे।
दीपेश शर्मा.काेराेना के कारण लॉकडाउन में रोजगार ताे पहले ही छिन गया। अब जैसे-तैसे घर लाैट रहे हैं ताे लालच का वायरस उनकी बची-खुची बचत काे निगल रहा है। यह दर्द है सैकड़ाें किलाेमीटर दूर अपने घर काे निकले मजदूराें का। इंदाैर शहर के बायपास से हर दिन एेसे हजाराें मजदूर गुजर रहे हैं। भास्कर ने एक बार फिर इन मजदूरों की अापबीती जानी। मजदूराें से भरा एक ट्रक रुकवाया। उसमें बैठे मजदूराें ने बताया कि वे छह दिन पहले मुंबई से पैदल चले थे। राऊ गोल चौराहे पर पहुंचे ताे इस ट्रक वाले ने भाेपाल तक पहुंचाने के लिए 500-500 रुपए लिए, जबकि इंदौर-भोपाल रूट पर एसी चार्टर्ड वोल्वो बस का किराया 350 रुपए ही है। ट्रक वाले से इस बारे में पूछा तो वह घबराकर मुकर गया और बोला कि मैं तो सेवा कर रहा हूं।
दृश्य 1 : तीन से चार गुना रुपए मांग रहे ट्रक वाले
मुंबई से 585 किमी का सफर कर अाए कैलाश साकेत ने बताया कि हमें रीवा जाना है, लेकिन अब पैरों में जान नहीं बची। हमारे पास तीन हजार रुपए थे। सोचा था कि घर जाकर इससे कुछ दिन का गुजारा हो जाएगा। ट्रक वाले तीन से चार गुना रुपए मांग रहे हैं।
दृश्य 2 : भाई का हाथ पकड़ ले जा रही है बच्ची
खंडवा रोड पर छह साल की बच्ची संतो दिखी। वह अपने अपने छोटे भाई रवि का हाथ पकड़कर पैदल जा रही थी। पूछा कि माता-पिता कहां है ताे थोड़ी ही दूरी पर रुके मजदूरों की तरफ इशारा कर बताया कि मां-पिता वहां हैं। वे सभी पैदल बुरहानपुर जा रहे हैं।
दृश्य 3 : बनारस जाना है, किराए में ही रुपए खत्म
वडोदरा से आ रहे संतोष कुमार ने बताया कि हम ट्रक और लोडिंग वालों को किराया देते हुए इंदौर तक पहुंचे हैं। अब हमारे पास कोई पैसा नहीं बचा। सब किराए में खत्म हाे गए। बनारस जाना है। 20 लोग हैं। समझ नहीं आता कैसे पहुंचेंगे? पैदल ही जा रहे हैं।
दृश्य 4 : पसीजे पुलिस वाले, ट्रक राेककर बैठाया
खंडवा जा रहे मजदूर, दिव्यांग बुजुर्ग महिला को तेजाजी नगर चौराहे पर देख पुलिसकर्मियों ने खाली ट्रक रुकवाकर उसमें बैठा दिया। मजदूरों ने कहा हम दो दिन से यहीं रुके थे। वहीं, जवानों ने कहा कि शासन से आदेश मिले तो हम पैदल जाने वालों को ट्रकों में बैठा दें।
अमृत योजना के तहत नर्मदा पेयजल की सप्लाई फेफरताल में शुरू हो चुकी है। यहां की टंकी का निर्माण पूरा हो गया है। टंकी की फिनिशिंग का काम चल रहा है, लेकिन निर्माण कंपनी ने पेयजल की सप्लाई यहां शुरू करा दी है। कंपनी इंजीनियरों का कहना है कि बाकी काम लॉकडाउन की वजह से धीमा चल रहा है, लेकिन सप्लाई शुरू करा दी गई है। दरअसल से फेफरताल टंकी का निर्माण कार्य विवादों की वजह से स्थगित हो गया था। अमृत पेयजल योजना के तहत शहर में 7 टंकियों का निर्माण किया है जिसमें केवल फेफरताल टंकी का निर्माण ही अधूरा रह गया था जो कि अब पूरा हो चुका है।
वहीं फेफरताल टंकी से नर्मदा पेयजल की सप्लाई शुरू करने के बाद अब निर्माण कंपनी अगले सप्ताह से ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित पानी की टंकी से अमृत पेयजल की सप्लाई शुरू करेगी। ह्युम पाइप कंपनी के इंजीनियर भूपेश ढोडके ने बताया कि अमृत की नर्मदा पेयजल योजना के तहत फेफरताल में पेयजल की सप्लाई शुरू कर दी गई है। अगले हफ्ते ट्रेंचिंग ग्राउंड पानी की टंकी से भी सप्लाई शुरू की जाएगी। यहां टेस्टिंग का काम करा लिया गया है। छुटपुट लीकेज की मरम्मत के बाद सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हरने कॉलोनी में पहले ही सप्लाई शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिलने से काम में थोड़ा विलंब हो रहा है लेकिन पेयजल की सप्लाई को जल्द से जल्द सभी टंकियों से शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है।
लगातार हो रही मौतों से दहशत भरे माहौल में आरडी-गार्डी मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रहे काेरोना संक्रमित रोगियों के मन से डर भगाने के लिए शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह पीपीई किट पहनकर उनके बीच जा पहुंचे। सभी के हालचाल जाने और हौंसला अफजाई करते हुए जल्द ठीक होने का भरोसा दिलाया।
उज्जैन में बढ़ते कोरोना रोगियों व लगातार हो रही मौतों के कारण यहां न केवल आमजन, रोगी, डॉक्टर्स, चिकित्सा सहित अन्य ड्यूटी में जुटे सभी कर्मचारियों के मन में डर है। कई भ्रांतियां व अफवाहें भी हैं। कलेक्टर सिंह यह मिथक तोड़ने के लिए आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में गए। उनके साथ नोडल अधिकारी एसएस रावत व डॉ. अपूर्व निगम, डॉ. रशील पुरी भी थे। कोरोना वार्ड में 52 रोगी भर्ती हैं। इनमें बच्चे, जवान व बुजुर्ग शामिल हैं। कलेक्टर ने इनके पलंग के पास जाकर सभी के हालचाल पूछे, उनकी समस्याओं व तकलीफों को सुना। रोगियों की हौंसला अफजाई करते हुए कहा वे बिल्कुल भी न डरें, जल्द ही इस बीमारी से हम लड़ाई को जीतेंगे। इस लड़ाई में स्वयं को अकेला न समझें। कलेक्टर, डाॅक्टर और पूरा मेडिकल स्टाफ उनके साथ खड़ा। पूरा समाज सभी के स्वस्थ होने की कामना कर रहा है।
मेडिकल स्टॉफ से बोले- आपकी इस सेवा की कोई दूसरी मिसाल नहीं होगी
रोगियों को ढांढस बंधाने के अलावा कलेक्टर सिंह ने पॉजिटिव वार्ड में काम कर रहे डॉक्टर्स ,नर्सेज ,कंपाउंडर वार्ड बॉय तथा सफाई कर्मियों से भी चर्चा की। उनकी हौसला अफजाई करते हुए कहा कि वे एक ऐसा सेवा कार्य कर रहे है जिसकी दूसरी मिसाल नही होगी। ऐसा अवसर प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में केवल एक बार ही आता है। आप सब यहां लोगों का जीवन बचा रहे हैं इससे बड़ा पुण्य का कोई काम नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी सावधानी बरतते हुए कैसे कार्य करे इसके बारे में अच्छी तरह से जान लें। निर्भीक होकर ड्यूटी करें। कलेक्टर ने रेजिडेंट डॉक्टर्स एवं स्टाफ के लोगों से भी चर्चा की। कहा कि उन्हें आवश्यक सुरक्षा सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्य व जिलों में जाने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए ई-पास की व्यवस्था की गई। इस नई व्यवस्था शुक्रवार रात से वेबसाइट में सुधार कार्य के कारण बंद है। शनिवार काे भी इसमें सुधार का काम पूरा नहीं हाे पाया। जिससे काफी संख्या में लोग मायूस हो गए। उनकी मायूसी का कारण सर्वर का नहीं चलना है। इसके कारण किसी का ओटीपी आ गया तो पासर्वड नहीं मिल रहा है, तो कोई ओटीपी आने का इंतजार कर रहा है। किसी का ई-पास आवेदन हाेने के बाद भी ई पास जिले से जारी नहीं हाे पा रहा है।
ई-पास के लिए मैप आईटी की साइट पर आवेदन करने वालों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि सर्वर की रफ्तार ही धीमी हो गई। शुक्रवार दोपहर बाद लिंक ने काम करना बंद कर दिया। इसके कारण दूसरे राज्यों में लाॅकडाउन में फंसे लोगों को वापस घर आने की बेसब्री बढ़ गई। अब किसी भी कीमत पर अपने घर लौटना चाहते हैं। वे आसानी से अपने घर लौट सकें सरकार ने इसके लिए व्यवस्था को आसान कर दिया है। बावजूद इसके देर रात तक लोग परेशान रहे। लोगों की परेशानी से परेशान विभाग को सूचना मिलने के बाद इसे मुख्यालय को अवगत कराया गया, पर स्थिति जस की तस बनी रही। भाेपाल में मैप आईटी के सीईओ नंदकुमारन ने साइट काे क्लाउड पर डालने के प्लान किया पर वह भी सफल नहीं रहा। अब नया सर्वर बनाकर रविवार से साइट सही से काम करेगी। इसका भराेसा दिलाने की बात कही जा रही है।
राजस्थान का नहीं मिलेगा ई-पास
कोरोना वायरस की चपेट में आए राजस्थान में कई क्षेत्रों को रेड जोन घोषित किया गया है। वहां के लिए भी कई लोगों द्वारा ई-पास विभाग की ओर से मांगा जा रहा है। लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा अपनी सीमा सील करने के कारण वहां के पास जारी नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे करीब 200 आवेदन लॉकडाउन में विभाग को प्राप्त हुए, जिसे विभाग की ओर से जांच करने के बाद रद्द कर दिया गया।
ऐसे करें लिंक पर आवेदन
सरकार द्वारा जारी किए गए इस वेब लिंक https://mapit.gov.in/covid-19/ पर जाए। इसके बाद पंजीकरण के लिए अपना मोबाइल नंबर डालें और प्राप्त ओटीपी से अपने मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन करें। अब अपना नाम और आधार संख्या टाइप करें। आधार से नाम के मिलान के बाद अन्य सूचना भी भरकर सबमिट करें। इसके कुछ देर बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक लिंक आएगा। उस लिंक को खोले और अपना ई-पास डाउनलोड कर लें।
^लिंक पर अचानक काफी दबाव बढ़ गया है जिसके कारण रफ्तार काफी स्लो हो गई। इस संबंध में सुधार कार्य करते हुए त्वरित समाधान का प्रयास किया जा रहा है, ताकिलोगों को ई-पास लेने में परेशानी न हो।
नंद कुमारन, सीईओमैप आईटी
कोरोना के कारण 49 दिन से चले आ रहे लॉकडाउन में अब मध्यमवर्ग की परेशानी भी सामने आने लगी है। लोगों के घरों में महीने का राशन खत्म हो चुका है। उनके व्यापार-व्यवसाय बंद होने के बाद घरों में रहते हुए जमा राशि भी खर्च हो गई है। महीना खत्म होने के साथ ही घर का राशन भरने का समय है लेकिन शहर में दुकानें बंद है। होम डिलीवरी के लिए 8-8 दिन लग रहे हैं।
1 मई को डीमार्ट में राशन बुकिंग कराई, अब तक नहीं मिला
फ्रीगंज क्षेत्र में कियोस्क सेंटर संचालित करने वाले विशाल जोनवाल ने बताया 1 मई को डीमार्ट में ऑनलाइन राशन की बुकिंग करवाई थी जो दो दिन तक नहीं मिला। दो दिन बाद बिग बाजार की वेबसाइट पर बुकिंग की। 4500 रुपए का बिल भी ऑनलाइन पेमेंट कर दिया है। 8 दिन बीतने को आए हैं अब तक राशन नहीं मिला है। बिग बाजार में फोन कर शिकायत की तो बताया कि प्रशासन ने पास निरस्त कर दिए हैं इसलिए कर्मचारी नहीं आ सकता।
दुकान बंद लेकिन किराया देना पड़ेगा, कर्ज और बढ़ जाएगा
फ्रीगंज क्षेत्र में एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटर संचालित करने वाले राजेश ने बताया एक साल पहले ही उन्होंने फ्रीगंज में दुकान लेकर काम शुरू किया था। 45 दिन से लॉकडाउन होने के कारण 20-25 हजार जो कमाई होना थी वो तो नुकसान हुआ ही है। दुकान के मालिक को 5 हजार रुपए किराया भी देना पड़ा। जो कुछ बचत के रुपए जमा थे सब घर में खर्च हो गए। कुछ दोस्तों से रुपए उधार लेने के लिए बात की है अब कर्ज का बोझ और ज्यादा बढ़ जाएगा।
बड़े भाई मदद नहीं करते तो परिवार को भूखा रखना पड़ता
पिंगलेश्वर क्षेत्र में रहने वाले नवेद खान हरिफाटक रोड़ पर मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाते हैं। इसी की कमाई से परिवार का पालन पोषण होता है। डेढ़ महीने से लॉकडाउन के कारण दुकान नहीं खुली तो घर का राशन और जमा राशि खत्म हो गई। बड़े भाई पीडब्ल्यूडी में नौकरी करते हैं उन्होंने घर का राशन भरवाया। यदि बड़े भाई मदद नहीं करते तो परिवार को भूखा रहना पड़ता। उन्हें अब जल्द ही लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है।
ये हैं शहर की योद्धा मां प्रतीक्षा कुशवाह। माधव नगर थाने में आरक्षक है। डेढ़ माह से कोरोना से जंग के लिए ड्यूटी कर रही है। साढ़े चार साल के बेटे रुद्र को पीपलीनाका में मायके में छोड़ दिया। याद आती है तो उसे देखने चली जाती है। उनके पति सत्येंद्र कुशवाह पुलिस लाइन में चालक है। वे भी डेढ़ महीने से ड्यूटी कर रहे हैं।
जिले में आने या यहां से जाने के ई-पास के लिए लाेग वेबसाइट https://mapit.gov.in/covid-19/ के साथ ही http://epass.mapit.gov.in पर भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद ई-पास मोबाइल पर आएगा। नोडल अधिकारी अाैर अपर कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि आवेदन के साथ ही अपना आईडी और वाहन नंबर भी डालना है। जिनके पास निजी वाहन नहीं है, वह ट्रेवल्स से वाहन ले सकते हैं। ज्यादा लोग हैं तो ट्रेवल्स से बात कर बस आदि ले सकते हैं और इनका वाहन नंबर दे सकते हैं। हालांकि जितने सीटर वाहन होंगे, उससे 50 फीसदी कम लोग ही बैठ सकेंगे। अब तक 13 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं, जिनमें करीब नौ हजार पास जारी हो चुके हैं। पास में देरी नहीं हो, इसलिए अब टीमें तीन जगह पर लगातार काम रही हैं।
पेंशन... घर के पास वाली बैंक शाखा से ले सकेंगे पेंशन, जाकर देना होगा आवेदन
बैंक बंद होने से पेंशनरों को पेंशन लेने मंे समस्या अा रही है। एेसे में कलेक्टर मनीष सिंह ने अादेश जारी किया है कि पेंशनरों को घर के पास वाली पेंशन संबंधी बैंक की शाखा में जाकर आवेदन करना होगा। संबंधित बैंक लीड बैंक मैनेजर को ई-मेल कर इसकी जानकारी देंगे और आॅनलाइन मंजूरी लेंगे। मंजूरी मिलने पर बैंक पेंशनर को तय समय देकर उन्हें बुलाएंगे। यह मंजूरी 11 से 25 मई तक के लिए जारी की है। पेंशनर काे बैंक जाने-अाने के लिए अलग पास की जरूरत नहीं होगी। उन्हें पेंशन बुक, पेंशन पेमेंट आॅर्डर आदि साथ में रखना होगा। बैंक पेंशनराें तक पहुंचने के लिए मोबाइल वैन के जरिए कियोस्क भी चला सकते हैं। इसके लिए बैंक प्रबंधन एडीएम बीबीएस तोमर के पास आवेदन कर कियोस्क की मंजूरी ले सकते हैं। जिले में अभी करीब सवा लाख पेंशनर हैं।
टीकाकरण... गीता भवन अस्पताल में हर बुधवार बच्चों को लगेंगे टीके, 13 से शुरू
लॉकडाउन के चलते बच्चों को टीका लगाने को लेकर परिजनों के सामने परेशानी आ रही है। ऐसे में गीता भवन अस्पताल में अब हर बुधवार दोपहर तीन से पांच बजे तक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। यह सेवा 13 मई से शुरू होगी। अभी यहां रोज सुबह नौ से दोपहर डेढ़ बजे तक सभी विभागों की ओपीडी और आईपीडी सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अलावा लगभग 44 दिन में 800 से अधिक मरीजों का डायलिसिस किया गया है। गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन और अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आरके गौड़ ने बताया कि हाॅस्पिटल में रोज सुबह-शाम विभिन्न विभागों में ओपीडी लग रही है। कोरोना महामारी के कारण शहर में लॉकडाउन के चलते जिला प्रशासन ने गीता भवन हाॅस्पिटल को ग्रीन कैटेगरी के अस्पतालों की सूची में रखा है।
नर्मदा कॉलेज से लेकर मीनाक्षी चौक तक की सड़क का चौड़ीकरण अभी नहीं होगा। लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम शुरू हो सकेगा। दरअसल मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर विकास के विभिन्न कार्यों को स्वीकृति दी थी। जिसके तहत एनएमबी कॉलेज से मीनाक्षी चौराहे तक सड़क का चौड़ीकरण, आनंद नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, आदमगढ़ पुलिया पर सड़क निर्माण, रसूलिया से फेफरताल को जोड़ने के लिए 1 किलोमीटर बायपास सीसी सड़क निर्माण सहित अन्य नाली और सड़कों के निर्माण शामिल थे। उक्त निर्माण कार्यों के लिए नपा ने टेंडर भी जारी कर दिए थे, लेकिन टेंडर जारी होने के बाद भी निर्माण शुरू नहीं हुआ। एनएमबी कॉलेज तिराहे के पास बारिश का पानी सड़क पर भर जाता है जिसके लिए यहां नालियों का निर्माण होना था। साथ ही आदमगढ़ पुलिया से आनंद नगर तक सड़क का निर्माण होना था। 2018 में टेंडर होने के बाद भी अब तक यह निर्माण नहीं हुए।
बायपास सड़क से ये होता फायदा
रसूलिया से फेफरलताल 1 किलोमीटर बायपास सड़क की मांग स्थानीय लोग लंबे समय से कर रहे थे। यह सड़क शासन के मास्टर प्लान के तहत ली गई थी। सड़क के निर्माण से आदमगढ़ आने जाने वालों को 4 किलोमीटर घूम कर आने से राहत मिलती। फिलहाल रसूलिया से फेफरताल जाने के लिए एसपीएम गेट अथवा ग्वालटोली से घूम कर जाना पड़ता है। वहीं आनंद नगर से आदमगढ़ तक सड़क लंबे समय से जर्जर है बारिश में सड़क पर आवागमन नहीं हो पाता है।
लॉकडाउन से सारे कार्य बंद हैं
^लॉकडाउन की वजह से सभी निर्माण कार्य बंद है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत बहुत सारे काम हुए हैं। उक्त कार्यों की फाइल देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
माधुरी शर्मा, सीएमओ
शुक्रवार को बहन को रुपए देने बाइक से पत्नी के साथ जा रहे युवक को बाइक सवार दो बदमाशों ने गंगवाल बस स्टैंड के पास लूट लिया। पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया। छत्रीपुरा टीआई आरएन भदौरिया के अनुसार, लूट जबरन कॉलोनी निवासी हिमांशु चौहान और उनकी पत्नी निकिता के साथ हुई। गिरफ्तार बदमाश सुशील पिता सुरेश डोडिया निवासी विनोबा नगर और करण पिता योगेंद्र निवासी 15वीं बटालियन पुलिस लाइन हैं। निकिता ने पुलिस को बताया कि कंजर मोहल्ला निवासी ननद को रुपयों की जरूरत थी। पति-पत्नी 10 माह की बेटी को लेकर रुपए देने जा रहे थे। महू नाका स्थित पंप से पेट्रोल भरवाया। वहां से दो बदमाश पीछे लग गए और गंगवाल बस स्टैंड के पास शिवानी होटल के सामने रोक लिया। चाकू अड़ाकर 27 हजार रुपए और मोबाइल छीन लिया। दंपती थाने पहुंचे। टीआई ने पेट्रोल पंप के फुटेज खंगाले। संदिग्ध आरोपियों की बाइक का नंबर मिला। इसके आधार पर गाड़ी मालिक हेमंत मेहरा के घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मामा का बेटा सुशील तीन दिन पहले बाइक ले गया है। इसके बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची। दोनों नशेड़ी हैं और अपना जुर्म कबूल लिया है। करण के रिश्तेदार एसएफ में है।
ये हालात शहर के लिए ठीक नहीं है। कोरोना रोकथाम की गतिविधियों के बावजूद शहर के 54 में से 28 वार्डों में कोरोना फैल चुका है। प्रशासन अब इन वार्डों में गंभीरता से फोकस करते हुए प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य का हेल्थ सर्वे करवा रहा है। इस उम्मीद के साथ की किसी में भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर उसे तत्काल इलाज दिया जाएगा।
कंटेनमेंट क्षेत्र के इन 28 में से 13 वार्डों में जिला प्रशासन दो दिन पहले ही हेल्थ सर्वे शुरू करवा चुका था। शनिवार को कंटेनमेंट क्षेत्र के बचे हुए 15 तथा नॉन कंटेमनेंट वाले 26 वार्डों में भी सर्वे के लिए दलों को प्रशिक्षण दिया गया। दावा किया जा रहा है एक-दो दिन में सभी 54 वार्डों में हेल्थ सर्वे शुरू हो जाएगा। इधर इस बीच पहले चरण में 13 वार्डों में शनिवार तक किए 8326 परिवारों के सर्वें में सर्दी-खांसी के 531, सांस लेने में तकलीफ के 51, कैंसर-हाइपरटेंशन सहित अन्य गंभीर बीमारी के 375 रोगी सामने आए हैं। 7 ऐसे परिवार भी मिले हैं जिनकी की हिस्ट्री कोरोना पॉजिटिव वाली रही हैं। उक्त बीमारों के ट्रीटमेंट शुरू किए जा चुके हैं।
सर्वे पूरी तरह सफल हो इसलिए यह करना होगा
प्रत्येक सर्वे दल के कुछ लोगों से गोपनीय स्तर पर ये फीडबैक लेते रहना होगा कि कहीं कोई तकलीफ तो नहीं, कोई असहयोग तो नहीं कर रहा? जानकारी तो नहीं छुपाई जा रही है?
जहां भी ऐसी बातें सामने आए तो संबंधित परिवारों से अधिकारी को भी बातें करना चाहिए। उन लोगों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों व उनके धर्मगुरुओं आदि की भी बातें करवाना चाहिए ताकि वे सहीं जानकारी दें।
जिन क्षेत्र व वार्ड में सर्वे चल रहा है उन क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स संचालकों से भी ये जानकारी ली जा सकती हैं उनके यहां से कौन-कौन सर्दी-खांसी, बुखार या सांस में तकलीफ आदि की दवाई ले जा रहे हैं? हो सके तो केवल डॉक्टरों के पर्चे पर ही दवाई देने का पालन करवाया जाएं।
13 वार्डों में सर्वे जारी है
कंटेनमेंट से जुड़े 28 में से 13 वार्डों में पहले ही सर्वे शुरू करवा चुके है। बचे 15 कंटेनमेंट और नॉन कंटेनमेंट क्षेत्र के 26 वार्डों में भी सर्वे करवाने जा रहे हैं।
बिदिशा मुखर्जी, अपर कलेक्टर व नोडल अधिकारी
ये वार्ड जिनमें पॉजिटिव मिले, मौतें हुई
वार्ड 4 नागेश्वर धाम कॉलोनी
वार्ड 6 गांधी नगर व शिवशक्ति नगर
वार्ड 9 नयापुरा, केडी गेट मार्ग
वार्ड11 व 13 जानसापुरा वार्ड 12 दानीगेट
वार्ड14 कमरी मार्ग व रामप्रसाद भार्गव मार्ग
वार्ड 15 रवींद्रनाथ टैगोर मार्ग, अवंतिपुरा, गीता कॉलोनी व बुधवारिया बड़े साहब की गली
वार्ड 17 ढांचा भवन वार्ड 20 निकास चौराहा
वार्ड 21 सिंहपुरी वार्ड 22 बारी मोहल्ला की गली
वार्ड 23 नईपेठ व जवाहर मार्ग
वार्ड 25 निजातपुरा
वार्ड 26 ब्राह्मण गली व बहादुरगंज
वार्ड 27 अमरपुरा, खाराकुआं नईपेठ व कोट मोहल्ला
वार्ड 28 तोपखाना व शिकारी गली
वार्ड 30 बेगमबाग कॉलोनी
वार्ड 31 कोट मोहल्ला गली नंबर 5 व अहिल्याबाई गलीनंबर 6 व 4
वार्ड 32 नलिया बाखल, तोपखाना व गुदरी
वार्ड 33 मोतीबाग
वार्ड 34 नीलगंगा से जुड़ा होने के कारण
वार्ड 43 लक्ष्मीनगर
वार्ड 46 बंगाली कॉलोनी, शास्त्रीनगर
वार्ड 48 कृष्णा पार्क वार्ड 49मुनिनगर
वार्ड 51 महानंदानगर वार्ड 54 सांई बिहार कॉलोनी
जानकारी- जिला प्रशासन से प्राप्त।
वाल्मीकि कॉलोनी में रहने वाली सोनम शिंदे की 11 मई को शादी है। शनिवार को घर में माता पूजन तक हो गया। हल्दी-मेहंदी रचाए, हार-फूल से सजी सोनम मेला कार्यालय में शादी की परमिशन के लिए जद्दोजहद कर रही है। शादी की परमिशन मिल जाए तो राजस्थान से बरात आ सके।
सोनम की शादी राजस्थान के चित्तौडगढ़ निवासी विकास पंडित से होना है। सोनम के अनुसार जब शादी की परमिशन के लिए आवेदन दिया था तो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि शादी कर लो, इसमें परमिशन की जरूरत नहीं है। शादी में ज्यादा लोग नहीं होना चाहिए। अनेक बार आवेदन करने पर भी शादी की अनुमति नहीं दी। उधर चित्तौड़ से बरात के आने-जाने की अनुमति तो मिल रही है लेकिन इसके लिए शादी की परमिशन मांगी जा रही है।
वहां बरात में आने वाले सभी लोगों का कोविड टेस्ट भी हो चुका है लेकिन आने-जाने की परमिशन जारी करने के लिए शादी की परमिशन मांगी जा रही है। सोनम का कहना है कि शादी में केवल एक दिन बचा है।
परमिशन दफ्तर का सर्वर ही डाउन हो गया
आने-जाने की ऑनलाइन अनुमति देने वाले दफ्तर का सर्वर डाउन चल रहा है। शनिवार को स्थिति यह थी कि न तो आवेदन अपलोड हो रहे थे और न ही परमिशन जारी हो पाई। एक परमिशन की प्रक्रिया में एक घंटे का समय लग रहा था। शहर से बाहर जाने वालों की अब तक 1500 परमिशन जारी की जा चुकी है। इनमें 30 परमिशन शादी के लिए आने-जाने की है।
लॉकडाउन में घरों में कैद बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर से ज्यादा कनेक्ट हो गए हैं। साथ ही पढ़ाई भी ऑनलाइन हो रही है। सामान्य दिनों में आधे घंटा मोबाइल चलाने वाले बच्चे अब 3 से 5 घंटे मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिता रहे हैं। जिससे आंखों में परेशानी आना शुरू हो गई है। डॉक्टरों का मानना है इतनी देर तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने रहने से 2 साल के भीतर चश्मा लगने के साथ ही शारीरिक विकास रुकने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। आंखों संबंधी परेशानियां उन लोगों को भी उठाना पड़ सकती है जो ज्यादा देर मोबाइल या कंप्यूटर चलाते हैं।
2 घंटे मोबाइल पर गेम और 1 घंटे ऑनलाइन अध्ययन
सूरज नगर में रहनेवाले 10 साल के शुभ दाता लॉक डाउन में 3 से 4 घंटे मोबाइल चलाते हैं, जिसमें 2 घंटे मोबाइल पर गेम खेलना और 1 घंटे ऑनलाइन पाठशाला से पढ़ाई करना भी शामिल है। इसके अलावा एक घंटा वाट्सएप और फेसबुक पर अपना टाइम बिताते हैं, जिससे आंखें कुछ भारी होने लगी हैं।
3 घंटे गेम खेलने में गुजर जाते हैं
अलकापुरी में रहने वाले 5 साल के क्रिशिव बंसल 2 से 3 घंटे मोबाइल पर ही गेम खेलते हैं, जबकि सामान्य दिनों में वह केवल आधा घंटा ही मोबाइल चलाते थे। इसके कारण उनकी आंखें भारी होने के साथ कभी- कभी आंखों से पानी भी आ जाता है।
मोबाइल पर ही ऑनलाइन पढ़ाई
ऋषि नगर में रहने वाले 13 साल के आदित्य मोदी सातवीं की इस साल पढ़ाई करेंगे। इसके लिए अभी से ही मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करने में जुटे हुए हैं। रोजाना घर में रहकर एक से डेढ़ घंटे मोबाइल पर पढ़ाई करने के साथ ही वे लगभग 2 घंटे मोबाइल पर गेम खेलते हैं। जिसके कारण उनकी आंखों में पानी भी आने लग जाता है।
सुझाव : हर 15 मिनट बाद स्क्रीन से नजर हटाएं
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि अगर दिनभर में 3 से 5 घंटे मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठा जाए तो अगले 1 से 2 वर्ष के भीतर आंखों की समस्याएं आना शुरू हो जाती है। आंखों में पानी के तीन स्तर होते हैं। ज्यादा देर स्क्रीन के सामने रहने से टीयर फिल्म यानी पानी की लेयर पतली हो जाती है, जिससे आंखों में चुभन, आंखे लाल होना, सिर दर्द, धुंधला दिखना आदि समस्याएं शुरू हो जाती है। चश्मा लग जाता है। बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी नहीं हो पाती, जिसके कारण फिजिकल विकास भी रुक जाता है। आंखों को बेहतर रखने के लिए आम, पपीता, गाजर, संतरा, टमाटर, हरी सब्जियां और विटामिन-ए से जुड़े पदार्थ लेना चाहिए। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप व्यास ने बताया ज्यादा देर स्क्रीन के सामने होने से आंखों में ड्राइनेस आने लग जाती है। क्योंकि स्क्रीन पर फोकस होने से पलकें झपकना कम हो जाता है। इसके कारण आंखों में सूखापन लगता है। इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कहते हैं। आंखें लाल होना, आंखों से पानी आना आदि समस्याएं इसमें होती है। बेहतर होगा कि 15 से 20 मिनट के भीतर मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन से नजरें कुछ देर के लिए हटा ली जाए। आंखों को लगातार स्क्रीन के सामने ना रखें।
लॉकडाउन के 46 दिन बाद बाजार में कुछ दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानों को 3 दिनों के लिए सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खोला जा रहा है। पहली बार किराना व्यापार 3 दिनों के लिए बंद रहेगा। अभी तक लॉकडाउन में किराना व्यापारको ही अनुमति प्रदान की जाती रही है। डेयरी सुबह 6 बजे से 9 बजे तक प्रतिबंध से मुक्त रहेगी। इसके अलावा सब्जी मार्केट पूर्व की तरह डोर टू डोर ही विक्रय किया जाएगा।
इन पर रहेगी पाबंदी- आज खुलने वाले बाजार में होटल, चाय दुकान, सोना-चांदी व्यवसाय, काेल्ड्रिंक्स, आइस्क्रीम, सेलून,ब्यूटी पार्लर की दुकानें बंद रहेगी, शेष दुकानें खुली रहेगी।
जिला कलेक्टर द्वारा आदेश जारी होने के बाद शनिवार को एसडीएम मनीष जैन ने सभी व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। साथ ही उन्हें प्रशासन के आदेश और निर्देश के बाद जानकारी दी गई। बैठक में तहसीलदार ओशीन विक्टर, सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा आदि मौजूद थे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, दुकान पर आने वाले ग्राहक को मास्क बंधे होना, दुकान पर दूरी बनाकर ग्राहकों से व्यापार करना, दुकान के अंदर अगर कोई ग्राहक आता हैं तो उसके हाथों को सैिनटाइजर से साफ करवाना, दुकानों के आगे गोले में रहकर ग्राहकों से व्यापार करना आदि नियमों का पालन करना होगा।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार अगर इन 3 दिन की छूट में अगर सोशल डिस्टेसिंग का पालन सही तरीके से हुआ तो आगामी 3 दिन बाद फिर से प्रशासन छूट देगा। अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया तो फिर प्रतिदिन के लिए दुकानें खोलने की छूट दे दी जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का पालन करना होगा
कुछ दुकानों को छोड़कर आज से अन्य दुकानें खोली जा रही है। इन 3 दिन में किराना दुकानें बंद रहेगी। इस दौरान व्यापारियों को सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करना होगा।
-मनीष जैन, एसडीएम सुसनेर
उज्जैन में शनिवार को 16 और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें से दो की मौत हो गई है। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी दे रहे 36 साल के डॉक्टर को भी कोरोना संक्रमण मिला है। उन्हें मरीजों से यह संक्रमण हुआ। डॉक्टर का घर आगर रोड पर शिवांश पैराडाइज सिटी में है। प्रशासन उस क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया बनाया है।
अब रविवार से पूरे शहर का सर्वे शुरू होगा। शनिवार को सर्वे टीम को नानाखेड़ा स्टेडियम में प्रशिक्षण दिया, जो अब मैदान में उतरेगी। सर्वे होने से बीमार मरीज सामने आएंगे। इससे अगले एक सप्ताह में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 320 पार होने के आसार है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया इससे घबराने की जरूरत नहीं है, मरीज सामने आएंगे तो उनका इलाज होगा। संक्रमण और ज्यादा फैलने से रुकेगा। इधर शनिवार को 154 रिपोर्ट आई, इसमें से 132 निगेटिव रही। राहत इस बात की है कि है कि 11 मरीज और ठीक हो गए हैं। जिनकी मौत हुई, उनमें अब्दालपुरा निवासी 62 वर्षीय पुरुष और केडी गेट निवासी 43 वर्षीय महिला शामिल हैं। जिले में अब तक 45 मरीजों की मौत हो चुकी है।
मध्यप्रदेश के सबसे ज्यादा संक्रमित सदस्यों वाले परिवार ने कोरोना के खिलाफ आधी जंग जीत ली है। बड़नगर के वेद परिवार के 24 सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए थे। इनमें से चार की मौत हो चुकी है। शनिवार को दो सदस्य ठीक होकर घर लौटे। इससे पहले 7 सदस्य डिस्चार्ज हो चुके हैं। इनमें 20 माह का बच्चा भी है। बाकी 11 सदस्य इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, जिनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। यहां उन्हें 10 दिन हो गए हैं। अगले छह-सात दिन में उनके भी ठीक होने की उम्मीद है।
परिवार के सदस्य की जुबानी, कोरोना से जंग की कहानी...
हमारा परिवार कई दशकों से बड़नगर के शिवाजी रोड पर रहता है। हम 250 सदस्य है। परिवार में सोना-चांदी, जरनल स्टोर्स, नमकीन, मिठाई के व्यापारी और डॉक्टर, इंजीनियर, बैंककर्मी, सेलटैक्स अफसर, वैज्ञानिक है। बड़नगर के अलावा इंदौर, मुंबई और विदेश में भी कुछ सदस्य रहते हैं। हमारे घर कोरोना इतनी चालाकी से घुसा कि पता ही नहीं चला। 30 मार्च को परिवार के बुजुर्ग व मेरे बड़े पापा रमेश वेद उम्र 72 साल का निधन हो गया। इनकी कोरोना जांच नहीं हुई। अभी इन्हें खोने का गम था ही कि 9 दिन बाद 8 अप्रैल को रमेश जी के लड़के नीलेश वेद उम्र 44 साल का निधन हो गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम आई, सैंपल लिए। दो दिन बाद रिपोर्ट निगेटिव आई तो राहत की सांस ली कि कोरोना का कहर नहीं है लेकिन 20 अप्रैल को मेरे एक और बड़े पापा डॉ.पुष्पेंद्र वेद उम्र 70 साल का निधन हो गया। इन्हें इंफेक्शन था, कोरोना जांच नहीं कराई। इनके अंतिम संस्कार के कुछ घंटे बाद ही काका राजकुमार वेद उम्र 62 साल की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई।
चंदन नगर की रानी पैलेस कॉलोनी में बाइक पर जा रहे तीन युवकों को रोकने पर पुलिस से विवाद करने वाले चार आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें जेल भेजा जाएगा। चंदन नगर टीआई योगेश सिंह तोमर के अनुसार सिपाही विशाल भिलावेकर, गोविंद और प्रवीण से विवाद करने वाले आरोपी जावेद मुनीरुद्दीन, अकरम पिता जफर मंसूरी और दो अन्य को गिरफ्तार किया है। यहां की घटना का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दिख रहा है कि भीड़ ने पुलिस को घेर रखा है। लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया। किसी छत से यह वीडियो बना रहे बच्चे गालियां दे रहे हैं। नीचे कुछ युवक पुलिसकर्मियों से विवाद कर रहे हैं। पुलिसकर्मी जैसे-तैसे अपना बचाव कर रहे हैं।
रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण महाराष्ट्र व गुजरात से मजदूरों का आना-जाना जारी है। शनिवार को भी 1000 से ज्यादा लोग जिले में आए। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इन लोगों को भोजन पैकेट दिए गए। खुद भोजन करने से पहले महिलाओं ने बच्चों को पहले खाना खिलाया, ताकि वह भूखा न रहे। दूध तक पीने को नहीं मिला। समाजसेवियों ने छोटे बच्चों के लिए दूध की भी व्यवस्था की है। लॉकडाउन में जहां दुकानें, होटल सब बंद है, बच्चों को दूध मिलने पर वे खुश नजर आई।
धूप से बचाने के लिए आंचल ही सहारा
44 डिग्री तापमान में बच्चे को तेज धूप से छुपाने के लिए मां ने उसे अपने आंचल में छुपा लिया। तेज धूप से आमजन हलाकान है। वहीं मजदूरों को घर पहुंचने के लिए धूप में संघर्ष करना पड़ रहा है। महिला परिवार के साथ गुजरात के मोरबी में मजदूरी करने गई थी। डेढ़ माह से परिवार के साथ गुजरात में फंसी थी। किराए से वाहन लेकर मजदूर गुजरात से घर लौट रहे हैं।
24 घंटे बाद मिला खाना, बच्चों को खिलाया
सोमाबाई मेहताब शनिवार को गुजरात से जिला मुख्यालय स्थित निजी स्कूल पहुंची। यहां जांच के बाद खाने मिला। खाना मिलने पर सोमाबाई ने डेढ़ साल के बेटे विकास को गोद में लिया और उसे खिलाने लगी। पास ही उसका 3 साल का बेटा अमजद भी बैठा था। दोनों को बारी-बारी से खाना खिला रही थी। महिला ने बताया शुक्रवार दोपहर में खाना खाया था, जो अब मिला है।
दूध मांगकर पिलाया तब चुप हुआ बालक
सलमा फिरोज शेख परिवार के साथ वर्ली मुंबई से उप्र के फिरोजाबाद जाने के लिए ऑटो से निकले थे। इनके तीन बच्चे हैं। 10 माह का बेटा दोपहर से दूध के लिए रो रहा था। जुलवानिया में सेवा भारती का स्टाॅल देखा, तो सलमा ने झिझकते हुए कार्यकर्ता से दूध मांगा। बच्चे को रोता देख कार्यकर्ता ने एक गिलास दूध महिला को दे दिया। दूध पीकर बच्चा चुप हो गया।
स्टाल से खाना लाकर बेटे को खिलाया
योगिता सुरेश परिहार मुंबई से उल्हास नगर जाने के लिए निकले थे। साथ लाया भोजन खत्म हो गया। बच्चा खाने के लिए रो रहा था। शुक्रवार रात 10.30 बजे जुलवानिया पहुंचे, तो सेवा भारती के स्टाल पर लंबी लाइन देखी। बेटे के लिए खाना लेने मां सीधे स्टाल पर पहुंच गई। बच्चे को रोता देख सदस्यों ने उन्हें पत्तल में खिचड़ी दी। महिला स्टाल के पास ही बेटे खाना खिलाने बैठ गई।
शनिवार का दिन जिले के लिए एक और खुश खबर लेकर आया। आशाग्राम में बनाए कोविड केयर सेंटर से एक और कोरोना संक्रमित की इलाज के बाद छुट्टी हो गई। सेंधवा निवासी फरीदा इकबाल खत्री की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने पर शनिवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उन्होंने डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टॉफ के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। जिले में अब तक 26 संक्रमितों में से 24 मरीजों की छुट्टी हो चुकी है।
वहीं शनिवार शाम 46 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस तरह अब तक जिले में 648 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जिले से 756 सैंपल भेजे गए। 53 और लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है। जबकि 25 सैंपल रिजेक्ट हुए हैं। सीएमएचओ डॉ. अनीता सिंगारे ने होम क्वारंटाइन पूरा कर शुक्रवार की शाम को ड्यूटी ज्वाइन कर ली। शनिवार को सुबह 11 बजे से डिस्ट्रीक मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में कलेक्टोरेट पहुंचने पर कलेक्टर अमित तोमर व जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम ने उनका स्वागत तालियां बजाकर किया। उन्होंने बताया अब मात्र 2 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। बड़वानी व इंदौर के अस्पताल में 1-1 मरीज भर्ती है। इनकी रिपोर्ट भी जल्द आने की संभावना है। उम्मीद है कि दो दिन में दोनों मरीजों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आएगी और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलेगी।