गुरुवार की शाम सीताकुंड डीह गांव में दो पक्षों के बीच हुए भिड़ंत व पुलिस टीम पर पथराव मामले की जांच करने देर रात पहुंची पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने दोबारा पथराव किया। बचाव में पुलिस टीम ने भी जमकर लाठियां चटकाई व कार्रवाई करते हुए 25 लोगों में से 19 नामजदों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी लिपि सिंह ने बताया कि गुरुवार को दो पक्षों के बीच गाली-गलौज, मारपीट और पथराव की घटना हुई। जानकारी पर एएसपी के नेतृत्व में छापेमारी दल गांव में गई। पुलिस पर भी पथराव हुआ। छापेमारी टीम ने मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों में दिलीप मंडल, बिट्टू मंडल, पारस मंडल, सुमित मंडल, नवीन मंडल, सोनू मंडल, मंटू मंडल, राजीव यादव, रणवीर यादव, पिंकु यादव, टुनटुन यादव, प्रकाश यादव, राजकुमार यादव, मिथुन यादव, रामराज यादव, नरेश यादव, रंजीत यादव, विनय यादव शामिल है। इसके अलावा विजय यादव की भी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस पर पथराव की प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। मामले को लेकर तीन प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आवेदन देकर जवानों पर कार्रवाई की मांग
बेटी की आवाज सुनकर जब हम बीच-बचाव करने आए तो उन्होंने मुझे एवं राजीव, प्रिती, स्मिता, आंचल एवं शशिकला को भी बेरहमी तरह से पीटा। छत पर चढ़ने के दौरान पड़ोसी दिनेश कुमार मंडल के पुत्र नवीन कुमार, सोनू कुमार, बिट्टू एवं सुजीत को भी बुरी तरह से पीटा। वहीं पुलिस के पिटाई से सीताकुंड डीह गांव के रोहित सहनी की पत्नी ब्यूटी कुमारी भी घायल हैं। महिलाओं ने न्यायालय में आवेदन देकर आरोपी जवान पर कार्रवाई की मांग की है।
घर में घुसकर जवानों ने बेटी की पिटाई की
पुलिस की पिटाई से घायल नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के पूर्व मुखिया दिलीप मंडल की पत्नी एवं एक दूसरी महिला ललीता देवी ने कहा कि घर से 500 मीटर की दूरी पर गुरुवार को छाेटे बच्चों की विवाद पर दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुई थी। इसी घटना को लेकर देर शाम लगभग 9 बजे अचानक 15 से 20 की संख्या में पुलिस के जवान आए। बगल वाले छत के सहारे मेरे छत पर आकर एसबेस्टस को तोड़कर कमरे में सो रहे बेटी को बाहर निकाल मारपीट करने लगा।
तेजाजी के डांडा स्थित जनजाति आवासीय बालिका विद्यालय राजकीय स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में संचालित क्वlरेंटाइन सेंटरों का भाजपा नेताओं ने जायजा लिया।
क्वारेंटाइन सेंटर में भाजपा नेताओं ने लोगों को दिए जाने वाले खाने व अन्य व्यवस्थाओं के बारे में सेंटर प्रभारी से जानकारी ली। इस दौरान भाजपा नेताओं ने यहां क्वारेंटाइन किए पंचायत समिति के एक अफसर से भी हालचाल जाने। इस दौरान भाजपा नेताओं ने यहां काम कर रहे कर्मचारियों को भी सुरक्षित रहकर कार्य करने की सलाह दी।
इस दौरान भाजपा के कोरोना संभाग प्रभारी व पूर्व विधायक हेमराज मीणा ने स्टाफ के सदस्यों को क्वारेंटाइन किए लोगों के लिए मास्क भी सौंपे। पूर्व विधायक मीणा के साथ अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मजीद मलिक कमांडो, पूर्व प्रधान मनोज चौधरी, ओबीसी मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री नाथूलाल नागर, भाजपा मंडल अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह हाड़ा व पूर्व नगर अध्यक्ष प्रहलाद सुमन सहित अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
विकास अधिकारी ने लिया क्वारेंटाइन सेंटर का जायजा: सारथल. कस्बे के मॉडल स्कूल में चल रहे क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं का शुक्रवार को विकास अधिकारी सूर्यप्रकाश जवाल ने जायजा लिया। विकास अधिकारी ने भोजन व्यवस्था की कुछ कमियों को दूर करवाया व क्वारेंटाइन किए गए लोगों को स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन देने के क्वारेंटाइन प्रभारी को निर्देश दिए। वहीं सेंटर में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। क्वारेंटाइन में मौजूद छोटे बच्चों व गर्भवती महिलाओं को भरपूर दूध और बिस्किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। सारथल मॉडल स्कूल में संचालित क्वारेंटाइन सेंटर में रेड जोन से आए लोगों को शिफ्ट किया हुआ है। वर्तमान में सारथल क्वारेंटाइन सेंटर में 97 लोग मौजूद हैं। सारथल क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारी बद्रीलाल नागर, सहायक प्रभारी ऋषिराज सिंह, सारथल चिकित्सा प्रभारी रूपनारायण आदि मौजूद रहे।
मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रंजीत कुमार वर्मा ने दो दिन पूर्व शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन से 25 फीसदी की कटौती नहीं करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे लॉकडाउन को देखते हुए कटौती में कम से कम 6 माह की छूट देने का भी अनुरोध किया है। साथ ही शिक्षा विभाग के वेतन सत्यापन कोषांग को वेतन सत्यापन का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए भी निर्देशित किए जाने का आग्रह किया है।
कुलपति ने बताया कि शिक्षा विभाग के वेतन सत्यापन कोषांग से सत्यापित होकर अधिकतर शिक्षकों की प्रतियां आ गई है, मगर अधिकांश शिक्षकेतर कर्मचारियों की बाकी रह गई है।
उन्होंने बताया कि नवसृजित मुंगेर विश्वविद्यालय में समूह सी के 169 एवं समूह डी के 202 यानि कुल 371 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का सप्तम वेतनमान के आधार पर दिसंबर 2019 में वेतन निर्धारण किया गया था। शिक्षा विभाग के आदेश के आलोक में अधिकांश कर्मियों की वेतन पर्चियां सत्यापन कोषांग से अप्राप्त रहने के कारण उनके वेतन में 25 फीसदी कटौती का आदेश देने के लिए बाध्य होना पड़ा था।
विश्वविद्यालय में तनातनी की स्थिति
विश्वविद्यालय प्रशासन के ताजा आदेश के बाद खासकर कर्मचारी महासंघ और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है। महासंघ ने कटौती का विरोध करते हुए कार्यों को ठप कर आंदोलन की धमकी दे डाली है। फिलहाल, कुलपति ने कर्मचारियों के हित में लचीला रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग को जानकारी दी है कि मुंगेर वर्तमान में कोरोना महामारी के रेड जोन में है। जिससे पारा 5(13) एवं 6 के प्रावधान को लागू करने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुंगेर नया विश्वविद्यालय है और सीमित संसाधनों के बीच कार्य करने को तत्पर है।
वेतन का जल्द भुगतान करे विवि प्रशासन
मुंगेर | मुंगेर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (मुगुटा) ने मुंगेर विवि प्रशासन से जल्द से जल्द वेतन और वेतनांतर की राशि की भुगतान की मांग की है। शुक्रवार को मुगुटा के महासचिव प्रो. हरिश्चंद्र शाही ने कहा कि जब सरकार हमारे वेतन की राशि विश्वविद्यालय को दे चुकी है, कुलाधिपति द्वारा समय पर वेतन एवं वेतनांतर राशि के भुगतान का स्पष्ट निर्देश आ चुका है। फिर भी भुगतान में विलंब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम शालीनता से वेतन की मांग कर रहे हैं।
शामपुर सहायक थाना में पदस्थापित एएसआई कृष्णदेव यादव पर आम लोगों के साथ शराब पीकर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी की हवेली खड़गपुर यूनिट ने जमकर प्रदर्शन किया और दरोगा केडी यादव का पुतला फूंका। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दरोगा को बर्खास्त करने शामपुर थाना पुलिस द्वारा गाली-गलौज बंद करने, रिश्वत मांगना बंद करने, झूठे मुकदमे में फंसाना बंद करने आदि की तख्तियां लिए अव्यवहारिक पुलिस पदाधिकारी पर अविलंब कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
पार्टी प्रभारी रमन सिंह ने कहा कि शामपुर थाना में कुछ दलालों के इशारे पर काम किया जा रहा है। दरोगा केडी यादव का शराब कारोबारी से सांठगांठ है। 7 मई को पार्टी कार्यकर्ता अशोक तांती के घर पर दारोगा ने जाकर गाली-गलौज की व तीन लोगों को थाने ले आए।
एसपी से की गई दारोगा पर कार्रवाई की मांग
पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुंगेर पुलिस अधीक्षक से अविलंब ऐसे भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी को निलंबित करने की मांग की है। इस दौरान ललन यादव, भूले मांझी, कारु तुरी, पप्पू, अर्जुन आदि मौजूद थे। इस बाबत दारोगा केडी यादव से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका।
पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे करीब 1243 छात्रों को लेकर 09835 डाउन कोटा-आरा स्पेशल ट्रेन शु़क्रवार की दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर आरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखने के लिए डीएम रोशन कुशवाहा एसपी सुशील कुमार, स्टेशन प्रबंधक बीके पाण्डेय, एसडीओ अरूण प्रकाश, जीआरपी, आरपीएफ सहित रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे।
स्पेशल ट्रेन से शाहाबाद के सात जिलों में भोजपुर के 241, बक्सर के 134, रोहतास के 376, कैमूर के 107, गोपालगंज 08, सीवान के 13 व सारण के 354 यानि कुल 1243 विद्यार्थी को कोटा से आरा लाया गया। दोपहर से लेकर शाम तक सभी विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सभी का थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद स्टेशन परिसर में लगी बसों की सहायता से रमना मैदान लाया गया। जहां से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उनके अभिभावक घर ले गए। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सख्त हिदायत दी है कि सभी को 14 दिनों तक होम क्वारान्टीन मेें रखना है। ट्रेन आने के पहले स्टेशन परिसर को नगर निगम के सैनिटाइजर वाहन से जो भी बसें आई थी उन्हें सैनिटाइज कराया गया था।
ट्रेनों से उतरते ही अपनों को ढूंढ रही थीं निगाहें
जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर आई तो उसमें बैठे सभी विद्यार्थियों की नजर अपनों को ढूंढ़ रही थी। उनके अभिभावक भी जल्द उनको घर ले जाने के लिए बेचैन दिखे। सभी विद्यार्थियों को जिला प्रशासन के तरफ से प्लेटफार्म नंबर एक पर एनाउंस कराया जा रहा था कि कोई भी ट्रेन से नहीं उतरेगा। पहले रजिस्ट्रेशन होगा तभी उतरना है।
प्रशासन का दावा फेल: जिला प्रशासन ने यह दावा किया था कि स्टेशन पर आनेवाले विद्यार्थियों के सामानों को ढोने की व्यवस्था मजदूर व कूली से करायी जाएगी। लेकिन स्टेशन परिसर से विद्यार्थी खुद अपने से सामानों को ढोकर बसों में चढ़ाते नजर आए। पूछने पर विद्यार्थियों ने बताया कि कहने पर भी कोई बस में सामान नही चढ़ा रहा है। वही रमना मैदान में भी बस जब पहुंच रही थी तो वहां से भी विद्यार्थियों को अपने घर जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ी।
सोशल डिस्टेंसिंग का नही हो रहा था पालन:छात्र-छात्राओं की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी व अधिकारी खुद की सुरक्षा भूल गए। पटना कोटा एक्सप्रेस के आरा पहुंचने के समय पुलिसकर्मियों, अधिकारियों व कर्मियों की इतनी भीड़ हो गई कि रेलवे परिसर भर गया। सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए था लेकिन किसी को इस बात का ध्यान ही नजर नहीं आ रहा था।
एक राहत यह भी : दो एएनएम समेत 38 लोगों की जांच रिपोर्ट आई निगेटिव
भोजपुर वासियों के लिए इस वक्त की सबसे बड़ी खबर यह है कि जिले से गुरुवार तक सैंपल जांच को गई सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी हैं। इन रिपोर्ट में दो एएनम समेत 38 लोगों का रिपोर्ट शामिल है। इस प्रकार अब केवल शुक्रवार को जो रिपोर्ट जांच करने के लिए पटना भेजा गया है, उसी का रिपोर्ट आना शेष रह गया है। इसकी जानकारी देते हुए डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि पहले की गई सभी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। शुक्रवार को कुल 43 लोगों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है। इन में सहार प्रखंड का 17, आगिआव से 17 और आरा प्रखंड से 9 लोगों का सैंपल ले कर भेजा गया है। इनमें आरा के धरहरा रिसोर्ट से 6 और रीगल होटल से 3 लोगों का गया सैंपल भी शामिल है।
थाना क्षेत्र के बांधा गांव में बच्चों के बीच पूर्व में हुआ विवाद तूल पकड़ लिया और दो पक्ष आपस में भिड़ गये। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे से हुई मारपीट की घटना में दोनों पक्षों के 2 महिलाओं समेत 5 लोग जख्मी हो गये। घटना को लेकर दोनों पक्षों ने थाने में अलग-अलग केस दर्ज करायी है। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के दो-दो लोगों समेत कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। जख्मियों में एक पक्ष के स्व. नारद महतो की पत्नी लखमुना कुंअर व पुत्र शत्रुघ्न कुमार और दूसरे पक्ष के शिवशंकर यादव की पत्नी गुंजेश्वरी देवी के अलावा भगवान यादव व मरकट यादव का इलाज बिहिया स्थित सीएचसी में कराया गया।
पुलिस के अनुसार मारपीट की घटना को लेकर एक पक्ष के लखमुना कुंवर और दूसरे पक्ष के गुंजेश्वरी देवी ने केस दर्ज करायी है। बिहिया के प्रभारी थानाध्यक्ष शशिकांत ने बताया कि इस मामले में एक पक्ष के श्रीभगवान यादव व मरकट यादव और दूसरे पक्ष के रामभजु महतो और धीरेन्द्र महतो समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। बताया जाता है कि बांधा गांव में पिछले दिनों बच्चों के बीच विवाद हुआ था। बच्चों के बीच हुए उक्त विवाद में रास्ते से जाने को लेकर फिर बात बिगड़ गयी और बकझक के बाद दो पक्ष आपस में भिड़ गये।
सकड्डी नासरीगंज स्टेट हाइवे पर संदेश थाना के अखगांव प्रतापपुर मोड़ पर ट्रक के कुचलने से साइकिल सवार की मौत घटनास्थल पर हो गयी । साइकिल सवार प्रतापपुर गांव के स्व नथुनी लाल साव का 65 वर्षीय पुत्र टुन्नी लाल साव बताया जाता है । जो साइकिल से प्रतापपुर गांव से अखगांव बाजार जा रहे थे । घटना के बाद ग्रामीण अखगांव प्रतापपुर बाईपास मोड़ पर जिलाधिकारी को बुलाने, दस लाख रुपया मुआवजा देने व मोड़ पर रोड ब्रेकर बनाने कि मांग को लेकर सड़क जाम किया।
ग्रामीणों ने बताया मात्र दो वर्ष पहले बाई पास सड़क का निर्माण हुआ है । तब से छः लोग दुर्घटना ग्रस्त हो गए हैं । जिसको लेकर पहले भी रोड ब्रेकर बनाने कि मांग की गई है । लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे गम्भीरता से नहीं ले रही है । घटना स्थल पर संदेश थानाध्यक्ष सुदेह कुमार, अजीमाबाद थानाध्यक्ष प्रभात कुमार व चांदी थानाध्यक्ष मनोज कुमार पहुंच, स्थिति को नियंत्रण में किए। कुछ देर बाद अंचलाधिकारी महेश प्रसाद, प्रखंड विकास पदाधिकारी विन्दु कुमार पहुंचे।
मृतक के परिजन को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीस हजार, कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार व आपदा प्रबंधन से चार लाख रुपया व रोड ब्रेकर बनाने की आश्वासन दिए । फिर भी लोग जिलाधिकारी को घटनास्थल पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे । मालूम हो टुन्नी लाल टेंट ,सामियाना,जेनरेटर भाड़ा पर चलाकर गुजारा करते थे । उनके शरीर से दो बेटा व दो बेटी है । उनकी मौत से पत्नी सीतापति का रो रो कर बुरा हाल था । ट्रक ड्राइवर व खलासी ट्रक छोड़कर भाग निकले।
टेटिया बंबर प्रखंड में पिछले दिनों 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से प्रशासनिक पदाधिकारियों ने इसके रोकथाम की कवायद तेज कर दी है। वहीं दूसरी ओर बाहरी राज्यों से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है। इन प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रखने के लिए प्रखंड में कुल चार क्वारेंटाइन कैंप बनाए गए हैं। जिसमें मुख्यालय स्थित कस्तूरबा हॉस्टल में गुरुवार तक 20 मजदूरों को रखा गया था। वहीं शुक्रवार को यहां और 43 मजदूरों के आने के बाद इनकी संख्या 63 हो गई है। इन प्रवासी मजदूरों को मेडिकल जांच के बाद 21 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखा गया है।
जहां इनके लिए भोजन, पानी के अलावा बेड की व्यवस्था कराई गई है। इस व्यवस्था की देखरेख के लिए शुक्रवार को एडीएम विद्यानंद सिंह, खड़गपुर एसडीएम संजीव कुमार सहित कई प्रशासनिक पदाधिकारी कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय स्थित क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे एवं क्वारेंटाइन कैंप में रह रहे प्रवासी मजदूरों से उनका हाल-चाल जाना। इसके बाद उन्होंने कैंप प्रभारी को निर्धारित मापदंड के तहत सारी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने साफ-सफाई के साथ नियमित मेडिकल जांच कराने का निर्देश स्वास्थ्य कर्मियों को दिया। इस मौके पर बीडीओ दृष्टि पाठक, स्वास्थ्य प्रबंधक नाज़नीन खातून, थानाध्यक्ष नीरज पांडे सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
टेटिया बंबर में प्रखंड प्रशासन ने शुरू किया सैनिटाइजेशन कार्य
टेटिया बम्बर | प्रखंड के भलगुड़ी एवं शिवनगर में विगत दिनों 2-2 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद अब जाकर प्रखंड प्रशासन की नींद खुली है। इसके बाद शुक्रवार को बीडीओ दृष्टि पाठक के नेतृत्व में प्रखंड के सातों पंचायतों में सेनिटाइजेशन का कार्य आरंभ किया गया। इसका शुभारंभ चुनाव आयोग के जिला आईकॉन राजन कुमार द्वारा किया गया। मौके पर राजन कुमार ने कहा कि पूरे देश में इस महामारी पर जीत हासिल करने के लिए एक प्रकार से युद्ध लड़ा जा रहा है। इसके तहत व्यक्तिगत स्वच्छता को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने-अपने घरों में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए तथा समाज के लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है।
असरगंज में क्वारेंटाइन में रखे गए 15 लोग
असरगंज | लॉकडाउन-3 के दौरान प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को प्रखंड के अमैया, बैजलपुर, मासूमगंज, रहमतपुर, चाफा, ममई गांव के 15 लोग असरगंज पहुंचे। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि बाहर से आए लोगों का प्रतिदिन स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन एवं मच्छर से बचाव के लिए फागिंग किया जा रहा है। मध्य विद्यालय जलालाबाद एवं उच्च विद्यालय रहमतपुर स्थित क्वारेंटाईन केंद्र पर कुल 50 लोगों को रखा गया है। जिसमें एक महिला शामिल है।
मई का महीना शुरु हो गया है। शहर में धीरे धीरे गर्मी बढ़ने लगी है और आने वाले समय में पानी की किल्लत बढ़ जाएगी। इसके लिए आरा नगर निगम के 45 वार्डों में सबमर्सिबल लगाया जाना था। पिछले नवंबर माह में लॉटरी के माध्यम से इसका टेंडर निकाला गया। इसके बाद इस कार्य को पूरा करने के लिए 1 माह का समय दिया गया था। लेकिन सात माह बीत जाने के बाद भी कार्य शुरू नहीं पाया है।
आठ माह पहले लॉटरी के माध्यम से टेंडर हुआ। नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में दो सबमर्सिबल लगाना है। कुछ वार्ड में 5, 16, 36, 37 में एक सबमर्सिबल लगाना है। इस योजना से एक सबमर्सिबल लगाने में 3 लाख 93 हजार का खर्च तय किया गया था। टेंडर होने के बाद ठेकेदार को कार्य को बांट दिया गया।
टेंडर होने के बाद इस प्रोजेक्ट को नगर निगम के द्वारा एक माह में कार्य पूरा कर लेना था। लेकिन, अब तक कार्य शुरु भी नही किया गया है। गर्मी के सीजन में भू-जलस्तर काफी नीचे चले जाने से आरा शहरवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। सभी वार्ड में सबमर्सिबल लग जाने से पानी की समस्या दूर हो जाएगी और शहर वासी इसका लाभ लेंगे।
नगर निगम की मासिक बैठक में भी उठा था मसला
जनवरी माह में हुए निगम की मासिक बैठक में सभी वार्ड में सबमर्सिबल नहीं लगाने के मुद्दों पर सदन में गरमाया था। इसके बाद पिछले सत्र के बजट में इसका जिक्र भी हुआ था। इसके बाद भी विभाग के द्वारा इस पर कोई कार्य शुरु नहीं किया गया है। इस कार्य को लेकर नगर आयुक्त के द्वारा मुख्य अभियंता को डांट भी पड़ी थी। इसके बाद भी कार्य को शुरू नहीं किया गया। डिप्टी मेयर पुष्पा कुशवाहा ने कहा कि इस योजना को गर्मी से पहले पूरा कर लेना है। ताकि लोगों को कोई परेशानी ना हो। इस योजना का लाभ सभी को मिल सके।
पांच माह तक नहीं हुआ कोई काम अब बना रहे लॉकडाउन का बहाना
इस कार्य को पूरा करने के लिए विभाग ने एक माह का टाइम दिया था। लेकिन सात माह बीत जाने के बाद भी कार्य में कोई भी सुगबुगाहट नहीं दिख रहा है। हालांकि, नगर निगम के अधिकारी लॉकडाउन का बहाना बना रहे हैं। लेकिन, लॉकडाउन मार्च में शुरू हुआ है। इसके पहले नगर निगम के अधिकारी क्या कर रहे थे। बचा 4 महीने में किसका इंतजार कर रहे थे। जो अब तक कार्य को शुरू नहीं कराया गया है। हालांकि, इस सवाल पर नगर निगम के कोई भी अधिकारी जवाब देने से कतरा रहे हैं। लॉकडाउन के वजह से सभी मार्केट बंद था। इसके वजह से सबमर्सिबल के सामान की खरीदारी नहीं हो पाई है। अब लॉकडाउन डाउन खुल गया है, दुकान भी खुले हैं।- देवेंद्र प्रसाद चौरसिया, मुख्य अभियंता नगर निगम,आरा।
कोरोना संक्रमित इलाकों की साफ-सफाई में जुटे सफाई कर्मी भी कोरोना वारियर्स हीं हैं। ऐसे सफाई कर्मियों से लोग दूरी जरूर रखें, परंतु इनसे भेदभाव नहीं करना चाहिए। उक्त बातें शुक्रवार को नगर भवन में आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित लाइव शो कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सदगुरू महाराज ने कही। लाइव शो कार्यक्रम में नगर आयुक्त श्रीकांत शास्त्री, उपनगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद, दीनानाथ, सिटी मैनेजर विनय कुमार के अलावा सभी वार्ड पार्षद, वार्ड जमादार व सफाई कर्मी मौजूद थे। लाइव शो कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए सदगुरू महाराज ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने की जरूरत है। सफाई कर्मी संक्रमित जोन वाले स्थानों पर जाकर साफ-सफाई कर रहे हैं, ऐसे में उनसे दूरी जरूर बना कर रखें परंतु उनसे भेदभाव करना कदापि उचित नहीं होगा।
डीएम के सप्ताह में तीन दिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तथा मास्क पहनने की अनिवार्यता के साथ कुछ सीमित क्षेत्र का दुकान खोले जाने के आदेश के बाद शुक्रवार को तारापुर बाजार और सड़क पर लोगों की भीड़ दिखाई दी। इससे लग रहा है कि लोग कोरोना के संक्रमण को आमंत्रण दे रहे हैं। लोग बिना मास्क के ही सड़क पर निकल आए तो दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का खुला उल्लंघन होता नजर आया। खासकर सब्जी की दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ती देखी गई। दुकानदारों को जिस शर्त का पालन करने के निर्देश दिया गया था उसका भी पालन होता नजर नहीं आया।
दुकानें समय से पहले ही खुल गई और समय खत्म होने के बाद भी खुली रही। इस कारण पुलिस को दुकान बंद करने की चेतावनी देनी पड़ी। इलेक्ट्रिक एवं मोबाइल दुकान को भी सुबह 11 बजे से 4 बजे तक की छूट दी गई है। लेकिन उन दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई। सब्जी एवं फलों की दुकान खुलते ही ग्राहकों की भीड़ लग गई। ग्राहकी में मस्त दुकानदारों ने भी ग्राहकों से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर कोई जहमत नहीं उठाई। किराना दुकानों पर भी लोगों की भीड़ लगी रही।
नगर पालिका व रसद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने व मुंह पर मास्क नही लगाने पर 28 लोगों पर 77 सौ रुपए जुर्माना वसूल किया गया है।
कनिष्ट अभियंता सुरेश चन्द ने बताया कि शुक्रवार को नगर पालिका व रसद विभाग की प्रवर्तन निरीक्षक रेखा खींची द्वारा देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर तीसरे दौर में 14 दिन के लॉकडाउन के तहत कस्बे के जलेबी चौक, बापू बाजार, मेला मैदान, तहसील कार्यालय परिसर व पुराना बाईपास रोड पर मुंह पर मास्क नहीं लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने पर 28 लोगों पर 77 सौ रुपए का जुर्माना वसूल किया गया।
उक्त कार्रवाई में निर्धारित समय से पहले दुकान खोलने वाले कई दुकानदार शामिल है। इसके अलावा बापू बाजार के सामने एक दुकान पर प्रतिबंधित गुटखा के स्टॉक होने की सूचना पर निरीक्षण किया गया। ऐसे में प्रवर्तन निरीक्षक रेखा खींची ने दुकानदारों को प्रतिष्ठानों के सामने सफेद व लाल रंग से गोल घेरे बनाकर ग्राहकों को निर्धारित दूरी के साथ सामान वितरण के निर्देश दिए है। इस अवसर पर कार्यवाहक सफाई निरीक्षक जीतेन्द्र सिंह, लिपिक बृजमोहन पण्डा, नितिन शर्मा, फायरमैन जसवीर सिंह आदि मौजूद थे।
लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य की परमिशन मिलने के बाद एनएच-31 पर बनने वाले फोर लेन के निर्माण कार्य ने फिर से गति पकड़ ली है। एनएचएआई की देखरेख में पुंजलॉयड ने काम करना शुरू कर दिया है। जिसके तहत बलिया से बेगूसराय तक फोरलेन निर्माण को लेकर अब कहलगांव से प्रतिदिन 50-100 ट्रक प्लाय एश गिराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहर के अंदर भी जहां काम अधूरा रह गया था, वहां पर फिर से काम शुरू हो गया है। हालांकि इस दौरान डीएम ने कई तरह की शर्त भी रखी है।
जिसके तहत अब काम के लिए बाहर से मजदूर को नहीं लाना होगा, स्थानीय मजदूर ही काम करेंगे। काम के दौरान सोशल डिस्टेशिंग का ख्याल रखना होगा। साथ ही काम पर लौटे मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच करानी होगी। फोरलेन निर्माण के लिए लगातार दो किश्त मिलने के बाद पुंजलॉयड द्वारा बलिया बाजार से आगे काम शुरू कर दिया गया है। काम जल्दी हो इसके लिए पहले प्लाय एश गिराया जाएगा फिर पेवर से सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावे शहर में हर-हर महादेव चौक से कपस्या चौक के बीच भी शुक्रवार से काम शुरू कर दिया गया है।
मालूम हो कि इस बीच में टेलिफोन एक्सचेंज के पास ड्रेनेज सिस्टम को पूरा करने का काम भी शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है।बेगूसराय से बलिया तक फोर लेन निर्माण को लेकर एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि बेगूसराय से बलिया तक की सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। लॉकडाउन के कारण कार्य काफी प्रभावित हुआ है। लेकिन चिंता की बात नहीं है, एक बार फिर से काम तेज गति से शुरू हुआ है, मेटिरियल भी समय पर बेगूसराय पहुंच रहा है। अगर किसी प्रकार की आगे बाधा नहीं होती है तो इस साल बारिश से पहले तक बेगूसराय से बलिया तक सड़क निर्माण काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंनें बताया कि इस बार बेगूसराय से बलिया तक की सड़क का काम प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया गया है।
जनवरी में शुरू हुआ था काम, 23 मार्च से रुका था निर्माण
मालूम हो कि जनवरी में काम शुरू होने के बाद कोरोना वायरस के कारण 23 मार्च के बाद से काम बंद हो गया था। इससे पहले पिछले साल भारी बारिश के कारण काम बंद हो गया था। बारिश जब छूटी और शर्त के साथ पुंजलॉयड को एनएचएआई और संबंधित बैंकों ने निर्माण कार्य के लिए प्रथम किश्त की राशि 7.68 लाख रुपए जारी किए तो सबसे बड़ी समस्या मिट्टी की हो गई। बाद में कहलगांव एनटीपीसी से फ्लाय एश मिलने के बाद काम शुरू हुआ था। लेकिन बीच में कोरोना के कारण काम बंद हुआ था अब फिर से काम शुरू हुआ है तो बेगूसराय के लोगों में एक उम्मीद जगी है। मालूम हो कि एनएच-31 पर बनने वाले फोरलेन निर्माण में 107 छोटे बड़े मंदिर, 16 गेट और बिजली के पोल अब भी बाधक बने हुए हैं। हालांकि मंदिर और अन्य निर्माण को हटाने के लिए कम्पनी को पांच करोड़ एप्रुवल भी मिल चुका है। लेकिन यह काम जिला प्रशासन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। ज्ञात हो कि सिमरिया से खगड़िया तक एनएच 31 पर 60.232 किलोमीटर तक फोरलेन का निर्माण होना है।
प्रखंड के बरियारपुर उत्तरी पंचायत अंतर्गत बरियारपुर बस्ती गांव में पासवान परिवार की ओर से डेढ़ सौ गरीब लोगों को चिह्नित कर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया गया। खाद्यान्न वितरण का नेतृत्व कर रहे आशीष कुमार, विनोद कुमार, विवेक कुमार, दीपक कुमार, प्रिंस कुमार, विकास, चंदन, विक्रम, विशाल, कुंदन, धर्मवीर, बीरबल आदि ने बताया कि लॉक डाउन के कारण गरीबों के समक्ष विकट परिस्थिति को देखते हुए पासवान परिवार द्वारा खाद्यान्न सामग्री वितरण का निर्णय लिया गया। चिन्हित डेढ़ सौ गरीबों के बीच 5 किलो चावल, 3 किलो आटा, 2 किलो आलू, 1 किलो प्याज, 1 किलो नमक, आधा किलो सरसों तेल, सर्फ, साबुन, मास्क, सैनिटाइजर आदि का वितरण किया गया।
लॉकडाउन थ्री में छूट मिलने के बाद शुक्रवार से दुकानें तो खुलीं तो पूरे शहर में 48 दिन के बाद रौनक आ गई। आवश्यक सामान की दुकानें खुलने से बाजार में रौनक दिखी। राशन, दवा और डेयरी पहले से ही खुले थे, वहीं अब किताब, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान के दुकान शुक्रवार को खुले मिले। इसके अलावा एनएच 31 पर भी गैराज में काम शुरू किया गया। हालांकि अब भी वाहनों के चलने के लिए पास को अनिवार्य किया गया गया है। जरूरी सामान के लिए पैदल या साइकिल से ही निकलने की छूट है। यदि वाहनों की आवश्यकता होती है तो उसके लिए पास बनवाना जरूरी किया गया है।
बाजार खुले लेकिन नहीं आ रहे हैं ग्राहक
भले ही शर्तों के साथ जिला प्रशासन ने आवश्यक सामान की दुकानें अलग-अलग दिनों में खोलने की अनुमति दी है, लेकिन वाहनों के परिचालन पर रोक रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अब भी बाजार नहीं पहुंच पा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक सब्जी की दुकान पर और मंडी में भीड़ है। इसके बाद किराना, दवा के अलावा कुछ हद तक इलेक्ट्रिक दुकान पर ग्राहक दिखने को मिल रहे हैं।
ग्राहक कम ,घूमने वाले ज्यादा दिखे फिर भी पुलिस रोक नहीं रही थी: ऑटोमोबाइल्स वर्कशॉप, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अन्य छोटी दुकानें खुलने से शहर में भीड़ बढ़ गई है । इस दौरान सड़क पर पुलिस ने लोगों को नहीं रोका। हालांकि शाम 5 बजते ही दुकानें बंद होने लगीं।
सरकारी काम के शुरू होने से मजदूरों को मिलने लगा काम
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि रोजगार सृजन के उद्देश्य से कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं के कार्य प्रारंभ किए गए हैं। हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत 43 जगहों पर काम शुरू किया गया है। जिसमें 298 मजदूरों को काम दिया गया है। जबकि मुख्यमंत्री ग्रामीण गली नाली योजना के तहत 67 जगहों पर 495 मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा जल जीवन हरियाली योजना का कार्य 140 स्थानों पर क्रियान्वित किया जा रहा है।
पुलिस देख 8 महिला ग्राहक समेत दुकान में बंद हुआ मालिक, दो घंटे के प्रयास के बाद हुआ गिरफ्तार
लॉकडाउन में छूट मिलने की खबर के बाद शुक्रवार को विष्णुपुर मोहल्ले में श्रीमान् वस्त्रालय भी खोल दिया गया। इस दौरान जब पुलिस की गश्ती जीप पहुंची तो दुकानदार को जानकारी दी कि अभी केवल आवश्यक वस्तुओं की ही दुकानों को खोलना है। जिसके बाद दुकानदार मंटुन यादव पुलिसकर्मियों से बदतमीजी करने लगा। पुलिसकर्मियों ने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी। जिसके बाद थानाध्यक्ष वहां पहुंचे। हालांकि थानाध्यक्ष के पहुंचने से पहले ही मंटुन दुकान में आईं आठ महिला ग्राहकों को लेकर दुकान के अंदर से ही शटर गिराकर बंद हो गया। बाद में वहां पहुंचे नगर थानाध्यक्ष ने लाउडस्पीकर से दुकानदार को दुकान का शटर खोलने को कहा, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी। हालांकि दो घंटे की मशक्कत के बाद उसने दुकान का शटर खोला। जिसके बाद हड़कत में आई पुलिस ने मंटू यादव, उसके पुत्र समेत आठ महिला ग्राहकों को वहां से छुड़ाया सभी को लेकर थाना पहुंचे। नगर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार झा ने बताया कि पुलिस मंटुन यादव एवं उनके पुत्र पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने पुलिस अफसरों के साथ बदतमीजी करने एवं ग्राहकों को जबरन बंधक बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। दोनों आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
लॉकडाउन के कारण करीब डेढ़ माह से बंद पड़ा नियमित टीकाकरण जिला स्वास्थ्य समिति ने शुक्रवार से आरंभ कर दिया गया। कोरोना संक्रमित कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों को छोड़ कर अन्य ग्रामीण इलाकों में ही नियमित टीकाकरण शुरू किया गया। सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण अभियान आरंभ करने को लेकर दिए गए आवश्यक निर्देश के अनुसार कंटेनमेंट जोन, बफर जोन सहित जिन क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमित मरीज पाए गए हैं उन क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण नहीं किया जाना है। जिसमें मुंगेर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र सहित जमालपुर, बरियारपुर और टेटिया बंबर के संक्रमित क्षेत्र शामिल हैं।
सिविल सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि जिले के 1475 केंद्राें पर प्रसूती महिलाओं और बच्चों का नियमित टीकाकरण सप्ताह में दो दिन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में बुधवार और शुक्रवार तथा शहरी क्षेत्र में सप्ताह में 5 दिन टीकाकरण होता है। परंतु जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के अधिक मामले सामने आने के कारण संक्रमित क्षेत्र के 375 केन्द्रों में टीकाकरण नहीं किया जाएगा। शेष 1100 केंद्रों पर नियमित टीकाकरण आरंभ किया गया है। इस कार्य में एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी सेविका को लगाया गया है।
इन क्षेत्रों में नहीं शुरू हुआ टीकाकरण
कोरोना संक्रमित पाए गए मुंगेर के सदर प्रखंड के चुरंबा व शहरी क्षेत्र के 6 लोगों के पॉजिटिव होने के कारण मुंगेर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण आरंभ नहीं किया गया है। इसके अलावा जमालपुर शहरी क्षेत्र और जमालपुर प्रखंड के चंदनपुरा पंचायत में भी नियमित टीकाकरण आरंभ नहीं किया गया है। जबकि बरियारपुर के खरिया तथा उससे सटे असरगंज प्रखंड के अमैया पंचायत और टेटियाबंबर प्रखंड के शिवनगर तथा मोहनपुर में टीकाकरण अभी शुरू नहीं किया गया है।
पंचायत में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
बरियारपुर | कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रखंड के बरियारपुर उत्तरी पंचायत की मुखिया रूबी देवी के द्वारा पंचायत की गलियों में ब्लीचिंग का छिड़काव के साथ घरों का सैनिटाइजेशन कराया गया। मुखिया प्रतिनिधि पवन कुमार ने बताया कि पंचायत के प्रत्येक गलियों में ब्लीचिंग का छिड़काव कर सभी घरों का सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। इस दौरान लोगों को सामाजिक दूरी का अनुपालन करने और बेवजह घरों से नहीं निकलने की अपील की जा रही है।
चार दिन के बाद बेगूसराय में एक और व्यक्ति के कोरोना पॉजीटिव होने की जानकारी मिली है। एक और मरीज मिलने के बाद से बेगूसराय में पॉजीटिव मरीजों की संख्या 14 हो गई है। हालांकि 8 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं, इसलिए एक्टिव मरीज अब छह ही बचे हैं। सदर प्रखंड क्षेत्र के एक सुदूर गांव के 18 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव युवक मिलने की पुष्टि हुई है। युवक की कोरोना पॉजीटिव होने की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और उक्त युवक की ट्रेवल हिस्ट्री जानने के लिए सदर अस्पताल लाया गया।
सूत्रों की मानें तो गुरुवार को एशबीएशएश कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड से 8 लोगों का टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया था, जिसमें से एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि उक्त युवक को प्रदेश से आने के बाद सीधे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था, जिसके कारण उसके परिजन उसकी संपर्क में नहीं आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम पॉजीटिव मरीज के बेगूसराय आने के दौरान वह कितने लोगों के संपर्क में रहा था, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। युवक नीमा चांदपुरा का रहने वाला है और सूरत से आया है।
इसके साथ ही विभिन्न प्रखंडों में देश के 78 रेड जोन जिलों से आए हुए लोगों का टेस्ट सैंपल लेना प्रारंभ हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक दिन कोरोना की जांच के लिए 50 सैंपल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह जानकारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. आनंद शर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि 50 वर्ष उम्र पार करने वाले सभी रेड जोन से आए लोगों का सैंपल कलेक्शन का अभियान प्रारंभ हो गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक पीएचसी के क्वारान्टीन सेंटर से सूची लेकर जांच की जा रही है।
बता दें कि जिले में अब तक कोविड 19 वायरस से संक्रमित 8 मरीज स्वस्थ होकर अपने अपने घर जा चुके हैं। 31 मार्च को बेगूसराय में पहली बार एक युवक का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया। उक्त युवक 23 मार्च को दुबई से पटना के रास्ते सड़क मार्ग से बेगूसराय आया था, आश्चर्यजनक रूप से 2 अप्रैल को उक्त युवक का रिपोर्ट नेगेटिव आ गया। इसके बाद पांच रिपोर्ट नेगेटिव आए तो इसके बाद 7 अप्रैल को बेगूसराय के दो नाबालिग किशोर का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया।
दोनों युवक दिल्ली के धर्म प्रचारक ग्रुप के सदस्यों से संपर्क में आए थे। फिर 9 अप्रैल को दो युवकों का 12 अप्रैल को दो युवक, 13 अप्रैल को एक युवक का, 17 अप्रैल को एक युवक का, 29 अप्रैल को दो युवकों का रिपोर्ट पॉजिटिव आया। इनमें से एक युवक को छोड़कर बाकी सभी युवक धर्म प्रचारक ग्रुप से जुड़े थे।
कोरैय पंचायत के वार्ड 15 बाहा टोल में मकान ढलाई से पहले की जा रही शटरिंग के दौरान आई आंधी और तेज बारिश के कारण एक युवक नीचे गिर गया। इस दौरान छड़ और अन्य सामान के नीचे दबने से उसकी मौत हो गई। युवक मालीपुर पंचायत के वार्ड 5 निवासी 30 वर्षीय श्रवण पासवान था। वह परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य थआ। इस घटना से मृतक की पत्नी कला देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घटना के संबंध में बताया गया है कि बाहा टोल में श्रवण अन्य लोगों के साथ एक मकान में शटरिंग लगाकर छड़ बांध रहा था।
उसी समय तेज आंधी के साथ आई वर्षा में श्रवण सेंटिंग और छड़ के साथ करीब 25 फीट दूर फेंका गया। नीचे गिरते ही वह शटरिंग और छड़ के नीचे दब गया तथा गंभीर रूप से घायल हो गया। लोगों द्वारा तत्काल उसे इलाज के लिए हसनपुर ले जाया गया। मगर रास्ते में ही श्रवण की मौत हो गई। यह घटना गांव में आग की तरह फैल गई तथा देखने वालों की भीड़ लग गई। बताया गया है कि श्रवण दो भाई में बड़ा था तथा परिवार का सारा बोझ उसी पर था।
बेगूसराय नेशनल हाईवे 31 पर धबौली गांव के पास सड़क निर्माण के लिए सर्वे के दौरान करंट लग जाने से 26 वर्षीय विजय कुमार की मौत हो गई। मृतक विजय लाखो सहायक थाना क्षेत्र के धबौली नया नगर विष्णुपुर वार्ड 1 का निवासी था। लाखों सहायक थाना के प्रभारी अरविंद कुमार सुमन ने बताया कि विजय सड़क निर्माण के दौरान किए जाने वाले सर्वे के काम में मदद कर रहा था। उन्होंने बताया कि सर्वे कर रही कंपनी रोड के लेवलिंग का काम करती है।
लोहे के पाइप को ऊंचा करने के लिए कहा तो इसी दौरान शीशम के पेड़ के बीच गुजर रहे 11000 वोल्ट के तार में पाइप सट गया। जिससे विजय को करंट लग गया। आनन-फानन में परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया मृतक के परिजनों ने बताया कि विजय अपने घर में कमाने वाला इकलौता कमाऊ सदस्य था। वह दो भाइयों में सबसे बड़ा था उसकी चार बहन है। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया।
आपके आत्मविश्वास में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए, क्योंकि आपका काम काफी महत्वपूर्ण है, परंतु सुरक्षा को लेकर गंभीरता अवश्य बरतें, यह सबसे महत्वपूर्ण है। उक्त बातें शुक्रवार को नगर निगम सभा भवन में संक्रमण के बीच जिंदगी दाव पर लगाकर सफाई कार्य कर रहे कोरोना वॉरियर्स को प्रेरित करते हुए प्रख्यात मोटीवेटर सद्गुरु जग्गी वासूदेव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहीं।
सद्गुरू ने कोरोना को विश्वयुद्ध से ज्यादा खतरनाक बताते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन में प्रदूषण में काफी कमी आई है, लॉकडाउन के दौरान लोगों को आत्ममंथन और आत्म मुक्ति के लिए प्रयास करनी चाहिए। जग्गी वासूदेव ने कहा कि मुक्ति का मतलब सिर्फ सांसारिक क्रियाकलाप से मुक्ति नहीं होता, बल्कि तन मन से मनोवैज्ञानिक तरीके से अपने को तनाव मुक्त करना होता है।
पहला कोरोना संक्रमित मिलने के बाद जिला प्रशासन सकते में है। संक्रमित मरीज चार मई को किशनगंज आया था। कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने पीड़ित के आवास स्थल से तीन किलोमीटर की रेडियस को पूरी तरह सील करने का आदेश जारी कर दिया है। तीन किलोमीटर की जद में पूरा शहर आ जाता है। पीड़ित का आवास रेलवे कॉलोनी है, जो शहर के बीच में है। इसलिए पूरा शहर ही कंटेनमेंट जोन बन गया है। जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने कंटेनमेंट जोन के अंदर पड़ने वाले सभी निजी, सरकारी व सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को इसका सीधा असर शहर में देखने को मिला। सड़कें वीरान रही। गुरुवार की देर रात ही एसडीएम शहनवाज़ अहमद नियाजी ने सभी आम नागरिकों एवं दुकानदारों को माइकिंग के माध्यम से बन्द की जानकारी दी। लोगों ने भी इसका पालन किया। कुछ दुकानें खुली तो प्रशासन ने सुबह ही नए आदेश की जानकारी देते हुए सभी दुकानों को बंद करवा दिया। इसमें दवा, किराना, फल, सब्जी, दूध जैसी अत्यावश्यक वस्तुओं की दुकानें भी शामिल है। बैंक बंद रहे। इस बीच जिला प्रशासन पीड़ित के संपर्क में आने वालों की तलाश में जुट गया है। पीड़ित के संपर्क में कौन-कौन आए। इन सबकी शिनाख्त कैसे हो। फिलहाल 13 लोगों की पहचान कर उसे आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करवाया गया है। रेलवे कॉलोनी से शहर के विभिन्न रास्तों को निकलने वाले मार्ग को बांस बल्ले से पूरी तरह बंद करने की कवायद में प्रशासन जुट गया है।
नगर परिषद ने पूरे क्षेत्र को किया सैनिटाइज
रेलवे कॉलोनी स्थित पीड़ित के घर को शुक्रवार की सुबह नगर परिषद के द्वारा सेनिटाइज्ड कर डिसइंफेक्ट किया गया। इसके अलावे पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया में नगर परिषद जुट गया है। इसमें फायर ब्रिगेड के वाहनों का उपयोग किया जा रहा है। इसी वाहन में एसओपी का घोल तैयार कर आवास सहित सड़कों और पूरे क्षेत्र में छिड़काव किए जाने की प्रक्रिया जारी है।
13 लोगों को भेजा गया आइसोलेशन सेंटर
जिला प्रशासन ने मरीज के संपर्क में आने वाले 15 लोगों को ट्रैस किया है। इसमें 13 लोगों को आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया है, जहां उसका स्वैप सैंपल लिया जाएगा। इसके अलावा दो अन्य लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। प्रशासन इन दो लोगों सहित उनके संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है।
कंटेनमेंट जोन की परिधि के बाद दो किमी. रेडियस में बफर जोन
जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने कंटेनमेंट जोन की परिधि की सीमा समाप्त होने से अगले दो किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया है। सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि बफर जोन में पड़ने वाले किशनगंज प्रखंड के क्षेत्र एवं नगर परिषद के संबंधित वार्डों में अवस्थित सभी स्वास्थ्य संस्थान, सरकारी व निजी सहित, दवा दुकान को सूचीबद्ध करें, साथ ही इन दुकानों व संस्थानों से बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ वाले रोगियों की भी सूचना प्राप्त करें।
कंटेनमेंट जोन में लगातार सर्वे का काम जारी
^कंटेनमेंट जोन में लगातार सर्वे का काम जारी है ताकि संदिग्धों एवं रोगियों की पहचान की जा सके। सिविल सर्जन को सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों में आए कोरोना लक्षण के संदिग्धों की पहचान ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कोविड 19 से ग्रसित रोगी का कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी लगातार जारी है।-आदित्य प्रकाश, डीएम
कहलगांव में दो बहनों के पास और ससुराल झंडापुर गया था रेलकर्मी
चौसा| चौसा पूर्वी पंचायत के व्यक्ति जो किशनगंज रेलवे में काम करते हैं, उसके कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद चौसा प्रशासन की पहल पर शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने गांव पहुंचकर रेलवे कर्मी के परिवार सहित 15 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने गांव के वार्ड सदस्य सहित 15 लोगों को चौसा पूर्वी पंचायत सरकार भवन में क्वारेंटाइन के लिए भर्ती कराया है। पीएचसी पदाधिकारी डॉक्टर अमित कुमार सिंह ने बताया कि क्वारेंटाइन लोगों में रेलकर्मी के परिवार के दो अन्य भाई, वहां का वार्ड सदस्य सहित 15 लोग हैं। दो दिन बाद जिले से मेडिकल टीम पहुंचकर सभी 15 लोगों का कोवेडि-19 के लिए सैंपल लेगी। बताया गया कि उक्त रेलकर्मी किशनगंज से ड्यूटी कर छुट्टी बिताने 15 मार्च को अपने घर आए थे। इसके बाद लॉकडाउन हो जाने पर यहीं रह गए। परिजनों के अनुसार इस बीच एक मई को वे भागलपुर जिले के कहलगांव के आमापुर में अपनी बहन के यहां गए थे। दो मई को दूसरी बहन के यहां कहलगांव के मजदाहा धमोरा गांव गए थे। उसके बाद वहां से ही उसी दिन वे अपने ससुराल झंडापुर चले गए। 3 मई को मधेपुरा के चौसा पूर्वी पंचायत के अपने घर आ गए। 4 मई को वे किशनगंज ड्यूटी ज्वाइन करने गए। जहां उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया।
सदर अस्पताल स्थित दिनकर ब्लड बैंक में शुक्रवार को विश्व थैलेसीमिया दिवस पर लायंस क्लब द्वारा रक्तदान शिविर लगाई गई। इस अवसर पर लायंस क्लब के 8 महिला एवं पुरुष सदस्यों ने जिला के थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान किया। मौके पर शंभू मंगोलिया ने कहा कि सदर अस्पताल थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को प्रत्येक माह निशुल्क एवं बिना डोनर के रक्तदान उपलब्ध कराता है, यह बड़ी बात है।
ऐसे में जिला के विभिन्न संगठनों को चाहिए कि समय-समय पर दिनकर ब्लड बैंक में रक्तदान कर थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को जिंदगी जीने की शक्ति प्रदान करें। इस अवसर पर पहली बार रक्तदान कर रही रितु रानी अग्रवाल ने कहा कि वे रक्तदान कर बेहतर महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके रक्तदान करने से बच्चों की जिंदगी बेहतर होती है, तो इससे बड़ा और क्या पुण्य का काम हो सकता है। शिविर में अंकिता मंगोतिया, लायंस क्लब के अध्यक्ष राजकुमार मंगोतिया, संजीव मसकरा, प्रणव सिन्हा, अभिनव अग्रवाल ने रक्तदान किया।
एसडीएम शहनवाज़ अहमद नियाजी ने शुक्रवार को शहर के सभी व्यवसायियों के साथ अनुमंडल सभागार में बैठक की। बैठक में कंटेनमेंट ज़ोन में होम डिलीवरी को लेकर चर्चा की गई। बताते चलें कि गुरुवार की शाम एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद पूरा शहर कंटेनमेंट घोषित कर दिया गया है। इससे अब न तो कोई बाहर निकल सकेंगे और न ही कहीं आ सकेंगे। जिला प्रशासन ने आम लोगों को आवश्यक वस्तु उपलब्ध कराने के लिए होम डिलीवरी करने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन ने इसको लेकर एक हेल्पलाइन जारी है। एसडीएम ने कहा कि सभी व्यवसायी वर्ग को अलग अलग क्षेत्र का दायित्व दिया जाएगा। वे अपने-अपने क्षेत्रों में जरूरत मन्दों को सामान उपलब्ध करवाएंगे। साथ ही ग्राहक से ही सामान का उचित कीमत लेंगे। इसके लिए सभी होम डिलीवरी करने वालों को पहचान पत्र उपलब्ध करवाया जाएगा। सभी आवश्यक सामान के लिए समय निर्धारित होगा। किराना सामान, फल, सब्जी, दूध, दवा सभी आवश्यक वस्तु अब आमलोगों को घर तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में एएसडीएम साकेत सुमन, डीएसओ अरुण कुमार, मारवाड़ी मर्चेंट कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद बैद सहित कई व्यापारी मौजूद थे।
लोगों को बाहर जाने की इजाजत नहीं
एसडीएम शहनवाज़ अहमद नियाजी ने कहा कि पूरे शहर कंटेनमेंट की जद में है। लोगों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। सभी लोगों को जरूरत की चीजें घर तक पहुंचाया जाएगा। लोगों से अपील की गई है कि इस संकट की घड़ी में लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साथ जिला प्रशासन के गाइड लाइन का पालन अनिवार्य रूप से करना आवश्यक है।उन्होंने कहा। कि इस विषम परिस्थिति में संयम बनाए रखें,घबराए नहीं।
रुईधासा स्थित खानका मोहल्ले की एक महिला की तबीयत शुक्रवार की दोपहर खराब हो गई। कहीं कोई वाहन नहीं मिल रही थी और घर पर भी दो बच्चे व एक युवक के अलावा कोई नहीं था। महिला शबीना बेगम के पेट में अचानक से जोरों का दर्द होने लगा। एक-दो लोगों की मदद से शबीना के परिजन घर के पास खड़ी एक ठेले में बिठाकर सदर अस्पताल जाने लगे। डेमार्केट रोड पर पहुंचते ही गुजर रहे एक एंबुलेंस को पुलिसकर्मियों ने रोककर अस्पताल भेजा।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लगाये गये लॉकडाउन के बाद क्षेत्र में पहुंचे लोगों को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए क्वारान्टीन सेंटर में रखा गया हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की जांच व बचाव के लिए बनाए गए इन केन्द्रों पर जरूरी सुविधाओं का अभाव है। इन लोगों को अबतक सैनिटाइजर तो दूर साबुन या हैंडवास भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। यहां ठहरे हुए कुछ लोगों के परिजनों नें बताया कि उन्हें आशंका है कि उनके परिजन तो यहां ठहरने के कारण बीमार हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार वे फर्श पर रात गुजार रहे हैं। फर्श पर भी पर्याप्त बिछावन उपलब्ध नहीं है। केंद्र में उनके लिए बीमार होने की स्थिति में न तो कोई दवा उप्लब्ध है और न ही खाने-पीने एवं सोने का सही प्रबंध किया गया है। दोनों शाम घटिया किस्म के अरवा चावल का भात खिलाया जा रहा है। जबकि कुछ मजदूरों ने डायबिटीज के रोगी होने की बात कही है। बिजली जाने पर प्रकाश की व्यवस्था नहीं रहने से उन्हें अंधेरे में ही रहना पड़ रहा है। कुल मिलाकर यहां ठहरने के लिए आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। इस केंद्र पर अभी 70 लोग क्वारान्टीन किए गए हैं। इन लोगों की इस स्थिति से उनके परिजनों में असंतोष है।
29 अप्रवासी मजदूरों को किया गया क्वारान्टीन
खोदावन्दपुर: प्रखंड में पहुंचे 29 अप्रवासी कामगारों को प्रशासन ने तारा बरियार पुर मध्य विद्यालय सेंटर पर क्वारान्टीन कराया। इसकी जानकारी सीओ सुबोध कुमार ने दी है। सीओ ने बताया कि असम एवं बंगाल में रह रहे प्रखंड के 29 मजदूरों को वहां की सरकार ने अपने संसाधन से बिहार के बॉर्डर पर छोड़ दिया। वहां से बिहार सरकार ने बस द्वारा उनके गृह प्रखंड खोदावन्दपुर पहुंचा दिया। स्वस्थ्य कर्मियों द्वारा इन सभी अप्रवासियों का मेडिकल चेकअप करने के पश्चात 21 दिनों के लिए क्वारान्टीन किया गया है।
क्वारान्टीन होम के 112 मजदूरों के हेल्थ की चेकअप की गई
नावकोठी:प्रखंड के मिडिल स्कूल नावकोठी में क्वारान्टीन के लिए ठहराए गए मजदूरों का हेल्थ चेकअप मेडिकल टीम ने की। डॉ. केके यादव ने बताया कि इस केन्द्र पर यूपी, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल आदि स्थानों से आए 12 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस केन्द्र पर ठहरे मजदूरों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए। मौके पर बीसीएम सुशील कुमार, अजीत कुमार, पप्पू कुमार आदि शामिल थे। एडिशनल एसडीओ शहजादअहमद, बीडीओ निरंजन कुमार ने प्रखंड के दोनों क्वारान्टीन केंद्र का जायजा लिया।
बखरी नगर के वार्ड 15 स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय क्वारान्टीन सेंटर में मजदूरों के साथ अनुचित व्यवहार पर पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर जिला प्रशासन के सम्मानित मेहमान हैं। इनके साथ किया गया अमानवीय व्यवहार निंदनीय है। दूसरे प्रदेश से लॉकडाउन का कष्ट झेल कर अपने घर पहुंचे मजदूरों की समुचित व्यवस्था सरकार और प्रशासन की महती जिम्मेवारी है। सरकारी प्रावधानों के मुताबिक इनके रहने, खाने-पीने एवं साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
लेकिन जिले के कई क्वारान्टीन सेंटरों से कुव्यवस्था व्याप्त होने की जानकारी सामने आ रही है। कहा क्वर्टी सेंटर में जहां भी अगर इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है,वहां प्रशासन को चाहिए लोगों को समझा-बुझाकर स्थिति सामान्य करते हुए कमियों को दूर करे। अगर इसमें सुधार नहीं हुआ तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। पूर्व सांसद ने मीडिया के क्वारान्टीन सेंटर में प्रवेश पर रोक लगाने पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि केवल सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है।
सरकार को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए। इधर सामाजिक संस्था जनपहल के संयोजक विकास वर्मा ने भी मामले की निंदा करते हुए कहा कि कोविड-19 से निपटने की आड़ में एपिडेमिक एक्ट-1897 कानून का ठीक उसी तरह दुरुपयोग हो रहा है, जिस तरह गुलाम भारत में ब्रिटिश पुलिस भारतीय लोगों पर कर रही थी। कोरोना संकट के समय इमरजेंसी जैसी हालत पैदा कर दी गई है और आम आदमी के मौलिक अधिकारों को डंडे के दम पर कुचला जा रहा है।
थाना क्षेत्र के गोविंदपुर तीन पंचायत के रुपसवाज गांव में गुरुवार को मवेशी का चारा काटने के विवाद में दलित महिला के साथ मारपीट में समसीपुर गांव के पांच लोगों के खिलाफ गोविंदपुर थाना में आवेदन देकर मारपीट करने की शिकायत की गयी है।
पीड़ित महिला रूपसवाज गांव निवासी सीताराम पासवान की पत्नी मीना देवी ने बछवाड़ा थाना में आवेदन देकर कहा है कि हम अपने घर पर थे, वहीं वार्ड संख्या दो निवासी राम बहादुर ईश्वर हमारे घर पर आया तथा खेत से मवेशी का चारा काटकर घर पहुंचाने के लिए बोला। जब हम घास काटने के लिए तैयार नहीं हुए तो उक्त व्यक्ति ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर गाली-गलोज करते हुए मारपीट करने लगा। जब मेरे बेटे द्वारा इसका विरोध किया गया तो विजय कुमार ने मेरे बेटे को चारा काटने वाला हंसुआ से सर में मारकर जख्मी कर दिया।
वहीं छोटा बेटा को गुलशन कुमार व रौशन कुमार दोनों मिलकर पिस्तौल के बट से मारा जिससे वह भी घायल हो गया। मारपीट के बाद उक्त लोगो ने हम लोगो को धमकी देते हुए कहा कि हम लोगो की शिकायत अगर पुलिस से किया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। मामले में थानाध्यक्ष परशुराम सिंह ने बताया कि मामले की जांच के बाद दोषी लोगों पर करवाई की जाएगी।
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी स्थित रानीनगर से पैदल चलकर तीन दिन बाद शुक्रवार को 20 मजदूरों का जत्था किशनगंज पहुंचा। जत्थे में शामिल आबिद, रहमान, मोहम्मद आलम, मो. शब्बीर, तुफैल आदि ने बताया कि वे सभी पश्चिम बंगाल के रानीनगर में बीएसएफ कैंप के मकान निर्माण का काम करते थे। कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण मजदूरी का काम बंद हो गया और सभी लोग वहां फंस गए।
एक माह तक सभी लोग अपने जमा पूंजी को खर्च कर खाते-पीते रहे। पैसा खत्म हो जाने के बाद वे सभी पैदल पश्चिम बंगाल के रानीनगर से भाया सिलीगुड़ी होते हुए करीब 185 किलोमीटर का सफर तय कर आज तीसरे दिन किशनगंज पहुंचे हैं। इन मजदूरों के जत्थे में चार महिलाएं तीन छोटे बच्चे और दो बूढ़े भी शामिल हैं। जत्थे में शामिल लोगों ने बताया कि इन सभी को पूर्णिया जिला स्थित धमदाहा के समीप रामपुर गांव जाना है।
वीरपुर थाना क्षेत्र के सहुरी निवासी राम कृष्ण महतों ने दो युवकों पर नशे की हालत में जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़ित वर्तमान में बाघा गांधी चौक के पास रहता है। पीड़ित ने वीरपुर थाना को दिये आवेदन में कहा है कि गुरुवार की रात्रि करीब नौ बजे बाघी वार्ड संख्या 25 निवासी अमित कुमार उर्फ अभिषेक कुमार एवं जाॅनसन कुमार घर पर आये। इन दोनों ने मुझे मेरे चार पहिया वाहन से चलने को कहा। रास्ते में अमित ड्राइविंग सीट से हटाकर खुद ड्राइविंग करने लगा। दोनों नशे की हालत में थे।
देर रात सहुरी पहुंचकर गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने लगा। तब मेरे द्वारा वीरपुर थाना को फोन किया गया। इस संबंध में थानाध्यक्ष सुचित कुमार ने बताया कि पीड़ित द्वारा देर रात्रि घटना से संबंधित सूचना दिये जाने पर त्वरित कार्रवाई करते हुये दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों नशे की हालत में थे, जांच में भी इसकी पुष्टि हुई। थानाध्यक्ष ने बताया कि एफआईआर दर्ज करते हुये दोनों युवकों को आगे की कार्रवाई के लिए बेगूसराय कोर्ट भेजा गया है।
वीरपुर प्रखंड के नौला पंचायत की महिला सिपाही व भगवानपुर प्रखंड के जोकिया पंचायत के एक युवक के पूर्व में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से वीरपुर प्रखंड के 33 वार्ड की सतत निगरानी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। नौला पंचायत के 21, डीह पर पंचायत के 6, गेन्हरपुर के 2 एवं वीरपुर पश्चिम पंचायत के 4 वार्डों में कुल 33 टीम द्वारा प्रतिदिन डोर टू डोर री विजिट किया जा रहा है। हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर ने बताया कि इस कंटोनमेंट जोन में लगातार 28 दिन तक सर्वे किया जाना है।
इस कार्य में कुल 12 सुपरवाइजर को लगाया गया है। टीम में आंगनवाड़ी सेविका, आशा, एएनएम आदि को लगे हैं। कार्य की मॉनिटरिंग डब्ल्यूएचओ मॉनिटर प्रेम कुमार, बलजीत कुमार, राजीव कुमार, यूनिसेफ के बीएमसी सुधीर कुमार, बीएमसी वकील मोची, केअर इंडिया के रूपेश कुमार व हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर द्वारा किया जा रहा है। आईसीडीएस की महिला पर्यवेक्षिका अर्चना कुमारी, प्रमिला कुमारी व कुमारी इंदु भी पर्यवेक्षण कर रही हैं। हेल्थ मैनेजर ने बताया कि टीम 3450 घर का री विजिट कर चुकी है।
गुरुवार तक शहर का व्यापारी वर्ग व आम लोग खुश थे। खुशी इस बात की थी कि कल शुक्रवार से दुकानें खुलेंगी। कारण कि तब तक जिले में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया था। अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद गुरुवार की शाम डीएम आदित्य प्रकाश ने इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया। इसमें अलग-अलग दिनों में विभिन्न वस्तुओं की दुकानें खोले जाने का निर्देश था। देर शाम कोरोना जांच में आई एक पॉजीटिव रिपोर्ट ने न सिर्फ हलचल मचा दी, बल्कि डीएम को अपने पुराने आदेश को रद्द करते हुए नया आदेश जारी करना पड़ा। मामले की पुष्टि होते ही प्रशासन हरकत में आ गया।
फटाफट क्षेत्र को सैनिटाइज कर डिसइंफेक्ट करने और तीन किलोमीटर के क्षेत्र को पूरी तरह सील करने का निर्देश जारी हुआ। गुरुवार की रात से ही एसडीएम को अपने वाहन से शहर में घूम-घूमकर लोगों को नए आदेश की जानकारी देकर अपने घरों में रहने की अपील करते सुना गया। इस आदेश के बाद लोगों में भी अफरा तफरी का माहौल हो गया। जरूरी सामानों विशेषकर सब्जियों के दाम मुंहमांगे हो गए। शुक्रवार की अहले सुबह भी लोग राशन सहित जरुरी सामानों की खरीदारी करने घरों से निकलने पर प्रशासन ने उन्हें वापस घर भेज दिया। पूरा शहर सन्नाटे में डूब गया। सड़क पर सिर्फ पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व पारामेडिकल स्टाफ ही नजर आए। पूरा शहर कंटेनमेंट जोन घोषित हो गया। दूसरी ओर इस सबसे अनभिज्ञ रहने वाले वैसे लोग जिन्हें राशन या अन्य सामानों की जरुरत थी, उनका चेहरा उतर गया। सभी दुकानें अचानक बंद हो जाने से कई लोगों को राशन व दवा सहित अन्य जरुरी सामानों के लिए शुक्रवार को परेशान देखा गया।
वीरपुर पीएचसी द्वारा शुक्रवार को सात आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर ने बताया कि पीएचसी वीरपुर में एएनएम द्वारा स्थायी रूप से टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है।
इसके अलावा प्रखंड के सात आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका व आशा कार्यकर्ता के सहयोग से टीकाकरण का कार्य किया गया। इस दौरान बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीके दिये गये। इस कार्य का निरीक्षण डब्ल्यूएचओ मॉनिटर प्रेम कुमार व बीसीएम वकील मोची द्वारा किया गया।
जिले सहित प्रदेशभर में आने वाली 28 श्रमिक स्पेशल ट्रेन मे से एक ट्रेन दुर्ग स्टेशन भी आएगी। इस ट्रेन में दुर्ग समेत 8 जिले के 1200 मजदूर पहुंचेंगे। इसकी तैयारी शुक्रवार को की गई। आने वाले श्रमिकों का थर्मल स्क्रीनिंग स्टेशन में ही करेंगे। उसके बाद उन्हें उनके जिले के क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रखेंगे। इसके बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी। बताया गया कि यह स्पेशल ट्रेन रविवार को दुर्ग आ सकती है।
दुर्ग स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-1 पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन रूकेगी। यहां से मजदूरों को 4 गेट से बाहर निकाला जाएगा। इस गेट पर ही मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए थर्मल स्क्रीनिंग करेंगे। मजदूर बड़ी संख्या मे पहुचेंगे इसलिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ रेलवे विभाग के डॉक्टर और स्टाॅफ थर्मल स्क्रीनिंग का कार्य करेंगे। अधिकारियों की माने तो दुर्ग जिले के 2 हजार से ज्यादा मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं। जिन्हें वापस लाने की तैयारी है।
जिले में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आएंगे
स्पेशल ट्रेन से आने वाले सबसे ज्यादा मजदूर महाराष्ट्र के हैं। यहां से 700 मजदूर पहुंचेंगे। गुजरात राज्य से 240 मजदूरों के आने का पंजीयन करवाया गया है। आन्ध्रप्रदेष, कर्नाटक, झारखंड और तेलंगाना राज्य से 260 मजदूरों की आने की सूचना हैं। इसी हिसाब से मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए प्रशासन कार्य योजना बना रही हैं।
40 बसों से भेजे जाएंगे अन्य जिले: प्रशासन द्वारा स्पेशल ट्रेन से आए मजदूरों को दूसरे जिले में ले जाने के लिए 40 बसों की व्यवस्था की जा रही है। इन मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग से बसों में बिठाए जाऐंगे और रवाना करेंगे। दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, धमतरी, राजनांदगांव, कोंडागांव और नारायणपुर जिले के श्रमिक इस स्पेशल ट्रेन में दुर्ग स्टेशन पहुंचेंगे। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
स्टेशन में थर्मल स्क्रीनिंग: मजदूरों का दुर्ग रेलवे स्टेशन में थर्मल स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। दुर्ग शहरी क्षेत्र के मजदूरों को सन पब्लिक स्कूल दुर्ग के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। भिलाई क्षेत्र के मजदूरों को रूंगटा कालेज में क्वारेंटाइन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को उनके गांव के बाहर बनाए गए सेंटर में क्वारेंटाइन किया जाएगा। यहां उनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था ग्राम पंचायत के जिम्मे होगी।
सबसे ज्यादा धमधा में सेंटर: अन्य प्रांतों से आने वाले मजदूरों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने जिले में 273 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए है। दुर्ग ब्लाक में 43, धमधा ब्लाक 119 और पाटन ब्लाक में 112 क्वारेंटाइन सेंटर का इंतजाम किया गया है। इन सेंटरों में मजदूरों को क्वारेंटाइन करेंगे। अभी में 258 श्रमिक ही इन सेंटरों में क्वारेंटाइन किए गए है। ये वें मजदूर हैं जो खुद से होकर यहां पहुंचे हंै। दुर्ग क्षेत्र में 65, धमधा 43 और पाटन क्षेत्र में 60 श्रमिक क्वारेंटाइन हुए हैं।
कोरोना से लोगों की रक्षा के लिए नियमों व जांच करने में पुलिस-प्रशासनिक और स्वास्थ विभाग के अधिकारी रात-दिन एक किये हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की चार टीमों और 23 अन्य एएनएम की टीमें भी जांच में जुटी है। इसके साथ पोलियो की तर्ज पर डोर टू डोर सर्वे करने व सर्दी-खांसी, बुखार से पीड़ित लोगों की जानकारी जुटाने में आशा और सेविकाओं की भी टीम लगी हुई है। ताकि महामारी को मात देने में कोई कसर न रह जाए। बीसीएम कौशल कुमार ने कहा पोलियो की तर्ज पर कोरोना से बचाव के लिए दूसरे चरण में आशा-सेविकाओं की टीम ने 57 हजार 116 घरों का का सर्वे किया है। साथ ही दो लाख 86 हजार 822 लोगों से सर्दी-खांसी, बुखार है कि नहीं जानकारी ली गई है। एक संदिग्ध मरीज मिलने पर उसे जांच के लिए जिला भेजा गया है। लेकिन टीम को कहीं-कहीं विरोध का भी सामना करना पड़ा था। नेपाल और बंगाल सीमा पर स्थित ठाकुरगंज में कोरोना महामारी से लोगों की रक्षा के लिए स्वास्थ विभाग लगातार कार्य कर रही है।
बखरी के दर्जन भर महादलित मजदूर लाॅकडाउन के कारण राजस्थान में फंसे हुए हैं। जो वहां के गांव वालों की सहायता से जीवनयापन करने को विवश हैं। इन गांव वालों के सिवा उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है। लॉकडाउन के बाद से मजदूर हजारों किलोमीटर दूर देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों से ये लोग किसी तरह जान जोखिम में डाल कर घर वापस लौटने का जोखिम उठा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर यहां से दूर राजस्थान के सब्जी खेतों में काम करने गए इन मजदूरों की हालात दयनीय हो चुकी है। करीब दर्जन भर की संख्या में फंसे ये मजदूर लॉकडाउन से पहले मजदूरी करने के लिए राजस्थान के जिला कसौली अंतर्गत कसबा तुलसीपुर नामक जगह पर गए हुए थे। ये सभी महादलित समुदाय के बताए जाते हैं। जो बागवन पंचायत के साबरकोटी गांव से वहां गए हुए थे। उसी गांव के पंकज सदा से मोबाइल पर संपर्क करने पर वहां फंसे मजदूरों की दास्तां लोगों के दिल को दहलाने वाली है।
खेतों में काम कर चलाते थे घर गृहस्थी
पंकज ने बताया कि वे लोग वहां के गांव में सब्जी की खेतों में काम कर किसी तरह अपनी घर गृहस्थी चलाते थे।लाॅकडाउन की घोषणा होने के करीब महीने भर बाद तक उनलोगों का काम चलता रहा।तब तक उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानियां नहीं हुई।किन्तु बीते पंद्रह दिनों से काम बंद हो गया है।लिहाजा बगैर काम किए रुपये की किल्लत होने लगी।बहुत दिनों तक तो सबके पास रखे कुछ रुपये के सहारे राशन पानी खरीदकर काम चलाया।लेकिन उसके बाद तो भूखे मरने की नौबत आ गई।यहां की सरकार से कोई मदद नहीं मिलता देख वे लोग सरपंच के पास सहायता की गुहार लगाने पहुंचे। उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि इस मामले में तुमलोगों को किसी प्रकार की मदद बिहार सरकार ही कर सकती है। जिसके बाद गांव वालों से सहायता मांग किसी तरह गुजर बसर करने को विवश हैं।
घर वापसी के लिए वहां जमा कराया था फॉर्म
पंकज ने बताया कि जब हमलोगों ने यह सुना कि दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को घर वापस भेजने के लिए सरकार ट्रेन चलाने की व्यवस्था कर रही है। तब यह आस जगी थी कि देर से ही सही किन्तु उनलोगों की परेशानियां कम होंगी। फिर हमलोग घर वापसी का फार्म भरकर स्थानीय थाना में जमा करने गए, किन्तु थानेदार ने कभी वरीय पदाधिकारियों के पास तो कभी कहीं और फार्म जमा करने की बात कह दौड़ाने लगे। निराश होने के बाद थक हार कर उन लोगों ने अपने बागवन पंचायत के मुखिया रामप्रयाग राय के पुत्र सीपीआई नेता संजय राय से संपर्क साधा और उनसे घर वापसी के निमित्त मदद की गुहार लगाई है। पंकज ने बताया कि उसके अलावे उसी के गांव के धर्मेन्द्र सदा, प्रभु सदा, ऋषिदेव सदा, अरूण सदा, राजेश सदा, अनिल सदा, लालो सदा, नक्षत्र सदा, मनीष ऋषिदेव, पवन ऋषिदेव अपनी सरजमीं वापसी की वाट जोह रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे बिहार के 34 जिलों के 1087 प्रवासी बिहारियों को लेकर नेल्लोर रेलवे स्टेशन से बुधवार को चली 07205 श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार की दोपहर 12:50 बजे बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 4 पर पहुंची। ट्रेन की बरौनी जंक्शन पहुंचने के पूर्व से ही आरपीएफ, आरपीएसएफ, जीआरपी व बिहार पुलिस के जवान तैनात थे। जबकि ट्रेन से आए प्रत्येक रेल यात्रियों के थर्मल स्क्रीनिंग स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक पूछताछ एवं रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक बोगी के सामने पांच-पांच कर्मियों की टीम को तैनात किया गया था। ट्रेन के प्लेटफार्म पर रुकने के बाद सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए बारी-बारी से यात्रियों को बोगी से उतारकर थर्मल स्कैनिंग रजिस्ट्रेशन व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रत्येक यात्री को नाश्ते का पैकेट एवं सील बोतलबंद पेयजल जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाया गया।
बसों से अलग-अलग जिला के लोगों को भेजा गया उनके जिला मुख्यालय
ट्रेन से आए बेगूसराय जिला के कुल 45 लोगों को बसों से उनके प्रखंड मुख्यालय स्थित क्वारन्टीन सेंटर पहुंचाया गया। जहां 21 दिनों तक उन्हें क्वारन्टीन किया जाना है। इस दौरान सेंटर पर ही उन्हें रहने खाने-पीने एवं समय-समय पर स्वास्थ्य जांच किए जाने की समुचित व्यवस्था का दावा जिला प्रशासन ने किया है। इसके अलावा अन्य जिलों के रेल यात्रियों को अलग-अलग बसों से उनके जिला मुख्यालय भेजा गया है। इनमें अररिया के 17, अरवल के 9, औरंगाबाद के 38, बांका के 11, बेतिया के 19, भभुआ के 6, भागलपुर के 22, भोजपुर के 19, बक्सर के 21, दरभंगा के 17, गया के 17, गोपालगंज के 48, जमुई के 22, कटिहार के 30, खगड़िया के 91, किशनगंज के 1, मधेपुरा के 15, मधुबनी के 150, मोतिहारी के 43, मुंगेर के 27, मुजफ्फरपुर के 74,नालंदा के 4, नवादा के 9, पटना के 5, पूर्णिया के 70, रोहतास के 107, सहरसा के 46, समस्तीपुर के 6,सारण के 41, सीतामढ़ी के 6, सिवान के 40, सुपौल के 7 एवं वैशाली के 4 प्रवासी बिहारी सवार थे।
2277 किमी की यात्रा के लिए 840 रुपए देना पड़ा ट्रेन का भाड़ा
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर रेलवे स्टेशन से श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बरौनी जंक्शन तक की कुल 2277 किलोमीटर की यात्रा के लिए प्रत्येक रेल यात्रियों को ₹840 रेल भाड़ा के रूप में भुगतान करना पड़ा। इस संबंध में रेल यात्री राहुल कुमार ,विनोद कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि ट्रेन के नेल्लौर से प्रस्थान करने के पूर्व वहां के पुलिस द्वारा उन लोगों को स्टेशन तक लाया गया। जहां प्रत्येक रेल यात्री से ₹840 लेकर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के स्लीपर बोगी का टिकट उपलब्ध करवाया गया। जिसके बाद ही उन लोगों को ट्रेन में बैठाया गया।
कोविड-19 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से नेल्लौर से बरौनी के बीच 2277 किलोमीटर की यात्रा के दौरान भोजन की बात तो दूर पानी तक को तरस रहे बच्चों ही नहीं व्यस्क रेल यात्रियों को भी बरौनी जंक्शन पर जब रेल प्रशासन की ओर से नाश्ते का पैकेट व बोतलबंद शुद्ध पेयजल मिला तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। कई लोग तो प्लेटफॉर्म पर ही खाने को बैठ गए। लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें अपने बस में जाकर खाने की हिदायत के बाद वे प्लेटफार्म से बाहर तो निकले।
लेकिन भूख और प्यास से छटपटा रहे कई लोग बस तक पहुंचने के पूर्व फुटओवर ब्रिज पर रुक कर तो कई लोग सर्कुलेटिंग एरिया में पेड़ के नीचे बैठकर पहले अपनी भूख और प्यास मिटानी शुरू कर दी। जबकि कई छोटे नन्हे नन्हे बच्चे रास्ते में ही चलते चलते पैकेट से ले ले कर खाते व घुट घुट पानी पीते देखे गए। ट्रेन से आए मधुबनी के रामकुमार, मुकेश कुमार व पिंकी देवी ने बताया कि ट्रेन के नेल्लोर रेलवे स्टेशन से प्रस्थान करने के पूर्व वहां के प्रशासन ने नाश्ते का एक छोटा पैकेट उपलब्ध करवाया था। लेकिन 2 दिनों में 2277 किलोमीटर की यात्रा के दौरान रास्ते में भरपेट भोजन की बात तो दूर कहीं भी ना तो किसी प्रशासनिक महकमे ने और ना ही किसी संस्थान ने पीने के लिए समुचित पानी की व्यवस्था की।
रेल यात्रियों के अनुसार रास्ते में जिसे स्टेशन पर भी ट्रेन रुकती थी, वहां तैनात सुरक्षा बल के जवान किसी भी हाल में उन लोगों को प्लेटफार्म पर उतरने ही ही नहीं देते थे। ताकि प्लेटफार्म पर लगे नलों से भी वे लोग पीने के लिए पानी ले पाते। रोहतास के गुड्डू, शबनम एवं रफीक ने बताया कि ट्रेन के नेल्लौर से खुलने के दौरान ही बोगियों में ना तो पानी की व्यवस्था थी और ना ही ट्रेन के बोगियों में लगे पंखे का चलना संभव हो रहा था। ऐसे में एक ओर जहां तपती धूप की गर्मी में वे लोग पानी के अभाव में प्यास से परेशान थे, वही बोगी में पानी नहीं होने के कारण 2 दिनों तक नित्य क्रिया एवं अन्य आवश्यक कार्यों में उन लोगों को जो फजीहत हुई। वह चर्चा के लायक नहीं है।
रमजान में इमान की अपनी अहमियत है। इसलिए रमजान जैसे पाक माह में इमान को बनाए रखना हर रोजेदार का वसूल होना चाहिए। उक्त बातें विष्णुपुर जामा मस्जिद के इमाम शमशेर रब्बानी ने मंगलवार को कहीं। वे लॉकडाउन के कारण मस्जिद में सोशल डिस्टेंस में तकरीर के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस्लाम में पवित्र धर्म ग्रंथ कुरान शरीफ नाजिल होने के कारण इस माह को पाक माह कहा जा रहा है। ऐसा इस्लामिक मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब पर लेयलत-उल-कद्र के मौके पर पवित्र धर्म ग्रंथ कुरान शरीफ नाजिल होने के मौके पर इस माह को पाक माह के रूप में मनाया जाने लगा।
मुफ्ती अबु तलहा ने कहा कि रमजान के महीने में रोजा रखने का अर्थ केवल रोजेदार को उपवास रखकर, भूखे-प्यासे रहना नहीं है, बल्कि इसका सच्चा अर्थ है अपने इमान को बनाए रखना। मन में आ रहे बुरे विचारों का त्याग करना। रोजे का अर्थ है अपने गुनाहों से तौबा करना। इसलिए रमजान में किसी रोजेदार को अपने इमान को सर्वोपरि बनाए रखना होता है। इस दौरान रोजेदार को किसी के बारे में बुरा भला नहीं कहना चाहिए। इस दौरान झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही किसी को झूठा वादा करना चाहिए। रमजान को लेकर एक और मान्यता है कि इस पाक महीने में जन्नत के दरवाजे रोजेदारों के लिए खुल जाते हैं, जो लोग रोजा रखते हैं। अल्लाह उन्हें जन्नत भेजता है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक अगले दो दिनों तक सब्जी-फल सहित अन्य जरूरत की ही दुकानें खोली जाएंगी। अनाज व अन्य दुकानें नहीं खोली जा सकेंगी। हालांकि पूरे हफ्ते मिल्क पार्लर, बैंकिंग सेवाएं, मेडिकल स्टोर्स, चश्मे की दुकानें, गुड्स एवं कैरियर सेवाएं, पेयजल, सफाई, बिजली सहित अन्य आकस्मिक सेवाओं से जुड़ी दुकानें खोलने की अनुमति होगी।
इतना ही नहीं अगले दो दिनों तक लॉक डाउन का सख्ती से पालन होगा। इसमें बेवजह बाहर निकलकर घूमने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंखन करने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। दुकानदारों को भी सील करने की कार्रवाई की जाएगी। प्रसासनिक स्तर पर इसे लेकर आदेश भी जारी किए गए हैं। दो दिनों तक जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह से सक्रिय रहेगी। रविवार को केवल आवश्यक सेवाओं को छोड़कर हर दुकानें बंद रखने के निर्देश जारी हुए हैं।
जिला प्रशासन ने सशर्त दी है दुकानें खोलने की अनुमति
केंद्र द्वारा जारी गाइड लाइन व राज्य शासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने सशर्त दुकानें खोलने की अनुमति जारी की है। शहरी क्षेत्र की सभी ट्रेड लाइसेंस को सोमवार से शुक्रवार और फल व सब्जी दुकानों के लिए शनिवार तक की छूट दी गई है। दूध, डेयरी, मिल्क पार्लर, बैंकिंग सेवाएं, इंश्योरेंस कंपनी, एनबीएफसी, गैस एजेंसी, मेडिकल, पेट्रोल पंप, गुड्स कैरियर सहित अन्य जरूरत वाली सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं होगा।
जुटी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाया
इधर दुर्ग में लगभग सभी बाजार शुक्रवार को खुले। नया बस स्टैंड क्षेत्र की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह क्षेत्र कंटेनमेंट जोन में है। वहीं भिलाई में सुपेला, पॉवर हाउस, सर्कुलर मार्केट, जवाहर मार्केट खुले। ज्वेलरी शॉप, रेडिमेड गारमेंट, शू, हार्डवेयर, मोबाइल दुकान खुली। लगभग सभी जगह सुबह से लोगों की भीड़ देखी गई। किराना, अनाज व अन्य जरूरत के सामानों की दुकानों में अधिक भीड़ रही।
बिहार के प्रवासी छात्रों के सकुशल एवं सरकारी खर्च से अविलंब घर लाए जाने की मांग को लेकर एआईएसएफ बीहट नगर इकाई द्वारा शुक्रवार को मध्य विधालय बीहट स्थित संगठन कार्यालय में एक दिवसीय सांकेतिक उपवास रखा गया। इसके पूर्व छात्रों ने दो मिनट का मौन रख कर विशाखापत्तनम में हुए जहरीली गैस रिसाव एवं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन से कटकर मरने वाले सभी लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर एआईएसएफ जिला उपाध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार के ढुलमुल नीति के कारण बिहार से बाहर पढ़ रहे हजारों छात्रों को भयानक कष्ट का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार को विशेष व्यवस्था कर ऐसे छात्रों को घर लाना चाहिए। संगठन के बरौनी प्रखंड सचिव ईशु वत्स एवं धर्मेन्द्र कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार अपने राज्य के लोगों को वापस लाने में सक्षम नहीं है। अगर वे सक्षम नहीं तो उन्हें अपने पद को छोड़ देना चाहिए। उपवास कार्यक्रम में बीहट नगर सचिव केशव कुमार झा एवं बिट्टू आजाद ने भी हिस्सा लेते हुए छात्रों को वापस लाने के लिए ट्रेन के अलावे भी वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की।
हर्ल बरौनी के निर्माण कार्य में लॉकडाउन के दौरान स्थानीय मजदूरों से ही काम लिया जाएगा। इसको लेकर बरौनी हर्ल के मुख्य महाप्रबंधक अतुल तिवारी ने प्रेस को बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर स्थानीय मजदूरों को ही अधिक से अधिक काम में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल 25 फीसदी ही मजदूरों को काम मे लगाया जाएगा। मुख्य महाप्रबंधक ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि निर्माण कार्य में लगे स्थानीय मजदूरों की अधिक भागीदारी से संक्रमण का कम खतरा होगा।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हमारे निर्धारित निर्माण कार्य के लक्ष्य पर इसका प्रभाव पड़ेगा और जो निर्धारित लक्ष्य था मई 2021 उसके समय में भी बढ़ोतरी होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर बहुत जल्द ही हालात ठीक होते हैं तो यह कोशिश होगी कि हम निर्धारित समय पर अपनी यूनिट को तैयार कर पाए।
उन्होंने बरौनी हर्ल में शुरू हुए काम की जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल लॉकडाउन की वजह से ही मजदूरों को बेस केम्प से बस के द्वारा लाया जा रहा है और सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन से काम लिया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि वर्षा से पहले निचले हिस्से का काम पूरा कर लिया जा सके, ताकि किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। मौके पर मुख्य परियोजना प्रबंधक संजय कुमार, सुरक्षा सलाहकार वी के सिंह भी मौके पर उपस्थित थे।
जिले के विभिन्न क्वारान्टीन सेंटर की अब जिला स्तरीय अधिकारी और अनुमंडल स्तरीय अधिकारी अब जांच करेंगे। क्वारान्टीन सेंटर से लगातार मिल रही शिकायत के बाद डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने शुक्रवार को जिलों के प्रवासी मजदूर व अन्य व्यक्तियों के आवासन हेतु संचालित प्रखंड स्तरीय क्वारान्टीन केंद्रों में अनियमितता की शिकायतों की जांच के लिए दस जिलास्तरीय/अनुमंडलस्तरीय अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया है। डीएम ने प्रतिनियुक्त जांच अधिकारियों को निर्धारित क्वारान्टीन केंद्रों में तत्काल जाकर जांच करने को कहा है। इस दौरान क्वारान्टीन केंद्रों की मूलभूत सुविधाओं जैसे शौचालय, पेयजल, बिजली, सीसीटीवी, चिकित्सा व्यवस्था, भोजन, डिग्निटी किट, आवासन क्षमता, सैनिटाईजेशन की स्थिति के संबंध में निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। जांच के लिए बेगूसराय सदर प्रखंड के तीन, वीरपुर के एक, मटिहानी के एक, बरौनी के तीन, बलिया एवं साहेबपुर कमाल के एक-एक, डंडारी के दो, तेघड़ा के एक, बछवाड़ा के तीन, भगवानपुर के दो, मंसूरचक के एक, बखरी के तीन, गढ़पुरा के दो, नावकोठी के दो, चेरियाबरियारपुर के एक, खोदावंदपुर के एक और छौड़ाही के एक प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन केंद्रों की जांच की जाएगी।
जांच के लिए इन अधिकारियों को किया प्रतिनियुक्त
नगर आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, योजना पदाधिकारी, अल्पसंख्यक पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस), अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मंझौल, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बखरी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तेघड़ा, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बलिया और भूमि सुधार उप समाहर्त्ता तेघड़ा को शामिल किया गया हैं। इसके अतिरिक्त सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को भी अपने-अपने अनुमंडल के दो प्रखंडों के प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन केंद्रों के निरीक्षण का निदेश दिया गया है। मालूम हो कि जिले में 120 से अधिक प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन केंद्रों को संचालन हेतु चिह्नित किया किया गया है।
अस्थावां प्रखंड के एक गांव में शुक्रवार को एक अधेड़ कोरोना पॉजिटिव मिले। इसके साथ ही मरीजों की संख्या जिले में 37 हो गई। हालंाकि इनमें 35 लोग ठीक हो चुके हैं। अब कुल दो लोग जिले में कोरोना से संक्रमित हैं। डीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि अस्थावां में एक संक्रमित मिला है। कुल 88 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। इधर, वैश्विक महामारी को मात देने के लिए नागरिक लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। पुलिस की सख्ती भी लॉकडाउन पर जारी है।
मटरगश्ती करने वालों को चौक-चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मी सब सीखा रहे हैं। शहर के कुछ इलाकों में नियमों की अवहेलना हो रही है। कंटेंटमेंट जोन सकुनत के समीप की दुकानें शुक्रवार को खुली रही। जहां ग्राहकों की भीड़ देखी गई। ऐसे दुकानदारों की रोकटोक नहीं हो रही है। डीएम और एसपी भ्रमण कर क्वारान्टीन सेंटरों का जायजा ले रहे हैं। रहुई के क्वारान्टीन सेंटर पर इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए संदिग्धों को योगाभ्यास की शिक्षा दी जा रही है।
शहर में लापरवाही, बाजार में उमड़ी लोगों की भारी भीड़
शहर के तीन मोहल्लों सकुनत, शेखाना और खासगंज को प्रशासन ने कंटेंटमेंट जोन घोषित किया है। इन इलाकों के तीन किलोमीटर के रेडियस में दुकानों के खुलने और यातायात की पाबंदी है। बावजूद इसके इसके सकुनत के समीप दुकानें खुली रही और ग्राहकों की भीड़ भी देखी गई। नागरिकों की लापरवाही से शहरवासी चिंतित हैं। ऐसे दुकानदारों पर प्रशासन की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। ये कोताही भारी पड़ सकती है।
क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण: डीएम योगेंद्र सिंह और एसपी निलेश कुमार ने चंडी के क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने तैनात कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कराया जा रहा योग
संक्रमण से बचने के लिए सभी तरह का एहतियात बरता जा रहा है। रहुई के क्वारान्टीन सेंटर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संदिग्धों को योग की शिक्षा दी जा रही है।
वाहन चालकों से वसूला जा रहा जुर्माना: ट्रैफिक पुलिस की सख्ती वाहन चालकों पर जारी है। अस्पताल चौक पर यातायात थानाध्यक्ष जयगोविंद सिंह यादव वाहन चालकों से जुर्माना वसूलने में जुटे हैं। कंटेंटमेंट जोन के 3 किलोमीटर की रेडियस में घूमने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।
शुक्रवार को शहर के दोनों ओर एनएच पर बने खगड़ा चेकपोस्ट व फरिंगगोला चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस टीम को वायरलेस सेट दिया गया। एसपी कुमार आशीष के निर्देश पर थानाध्यक्ष श्याम किशोर यादव ने खगड़ा व रामपुर चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस अधिकारी को वायरलेस सेट दिया। फिर उन्होंने वायरलेस सेट चलाने की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करना है। जैसे बंगाल की ओर से आ रहे वाहन को रोकें और वह रुकने के जगह भाग निकले। परिस्थिति में कंट्रोल रूम को जानकारी देंगे ताकि दूसरे चेक पोस्ट पर उस वाहन को घेराव कर पुलिस पकड़ लें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पोस्ट पर बहस कर लेते हैं। इसकी जानकारी भी देंगे। इससे मौके पर गश्ती वाहन पहुंचकर उसे थाना लेकर जाएगी। किसी भी परिस्थिति में कानून को हाथ में नहीं लेना है। कुछ गड़बड़ होने पर इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दें। थानाध्यक्ष ने कहा कि एनएच 31 पर आने वाले वाहनों की रफ्तार तेज रहती है। ऐसे में सामने जाकर नही रोकें, बेरिकेडिंग के पीछे से ही रुकने का इशारा करेंगे। सामने से रोकने पर बड़ा हादसा हो सकता है। बाहर से आने वाले वाहनों का नंबर, नाम और मोबाइल नंबर अवश्य लें।
कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगाम कसने के बाद दोबारा कोई संक्रमित न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेड जोन से आने वाले प्रवासियों की प्राथमिकता के आधार पर सैंपलिंग करने के निर्देश दिये गये हैं। चार स्थानों की सूची जारी की गई है। ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर सैंपल लिया जायेगा। महाराष्ट्र, यूपी, हरियाणा, तामिलनाडु जैसे रेड जोन से आने वाले लोगों को क्वारान्टीन सैम्पल लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है।
सीएस डॉ. राम सिंह ने बताया कि जिले को कोरोना से सुरक्षित करने के लिए बाहर से आने वालों की सैम्पलिंग हो रही है। बिहारशरीफ के कुछ मुहल्लों के अलावा नालंदा एवं अस्थावां में रेड जोन से आने वालों को चिन्हित किया जायेगा। क्वारान्टीन सेंटर में भी रेड जोन से आने वाले को चिन्हित किया जा रहा है।
77 लोगों का लिया गया सैम्पल
सीएस ने बताया कि अब तक 77 लोगों का सैम्पल लिया जा चुका है। जिसमें मंगलास्थान और पोष्ट ऑफिस मोड़ से 19, अस्थावां से 8 एवं जेपी इंस्टीच्यूट स्थिति क्वारान्टीन सेंटर से 50 लोगों का सैम्पलिंग किया गया है। सभी लोगों का सैम्पल जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है।
निगेटिव की रिपोर्ट जिले में होगी कन्फर्म : कोरोना संक्रमण की स्वैब जांच के लिए अब सदर अस्पताल में ही व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए विभाग द्वारा ट्रू नट मशीन लगाया जा रहा है। सीएस ने बताया कि इस मशीन के माध्यम से निगेटिव मरीज की रिपोर्ट जिला में ही कन्फर्म कर दी जायेगी। पॉजिटिव मरीज का फाइनल कन्फर्मेशन के लिए सैम्पल को पटना भेजा जाएगा। पटना सैम्पल भेजने की संख्या में काफी कमी आएगी और शीघ्र ही रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगा।
10 दिन के अंदर शुरू होगी जांच प्रक्रिया: सीएस ने बताया कि इसकी तैयार जोर-शोर से की जा रही है। ट्रू नट मशीन लगाने के लिए टीबी विभाग का चयन किया गया है। मशीन को ऑपरेट करने एवं डाटा अपलोड करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियो को प्रशिक्षण देने की तैयारी चल रही है।
अप्रवासी 12 मजदूरों का जत्था शुक्रवार को लखनउ, गुजरात व अन्य स्थानों से ठाकुरगंज उच्चविद्यालय में आवासीय क्वारंटाइन केन्द्र पहुंचा। जहां पूर्व से उपस्थित प्रखंड नोडल अधिकारी सह सीओ उदयकृष्ण यादव, पुलिस अधिकारी सत्येंद्र सिंह, ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र के चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य कर्मी उपस्थित थे। डाॅ. ए के झा ने सभी अप्रवासी मजदूरों की जांच करते हुए बताया कि सभी 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन किए जाएगे। प्रत्येक दिन इनके स्वास्थ की जांच की जाएगी। संदिग्ध लक्षण होने पर उन्हें आइसोलेशन वार्ड भेजकर उनके ब्लड जांच के लिए जिला भेजा जाएगा। दो चिकित्सक सुबह-शाम क्वारंटाइन केन्द्र का जायजा लेते रहेंगे।एक एएनएम और एक आशा कार्यकर्ता तैनात रहेगी। प्रखंड नोडल अधिकारी उदयकृष्ण यादव ने बताया कि गुरुवार संध्या समय पांच और शुक्रवार को 12 मजदूरों का जत्था पहुंचा है। क्वारंटाइन होने वाले लोगों को डिग्नीटी कीट जिसमें तौलिया, लुंगी, बर्तन, ब्रश व अन्य समान प्रदान किये गये हैं। सुबह के नाश्ता व दो वक्त के भोजन की व्यवस्था की गई है। साथ ही मास्क, सेनेटाइजर, हाथ धोने के साबुन व शुद्ध पानी की व्यवस्था है। सुरक्षा के लिए होमगार्ड का जवान तैनाती के साथ सीसीटीवी से भी निगरानी हो रही है। क्वारंटाइन होने वाले रोजेदारों के लिए सेहरी और इफ्तार की सुविधा उपलब्ध है।
परबलपुर थाना अंतर्गत कतरु बिगहा गांव में गुरुवार की रात बदमाशों ने लाठी और ईंट-पत्थर से पीट-पीटकर ताड़ी विक्रेता को मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम दे बदमाश बुलेट मौके पर छोड़, फरार हो गए। मृतक स्व. चलितर मांझी का 40 वर्षीय पुत्र खीरु मांझी उर्फ रविन्द्र मांझी है। सूचना पाकर मौके पर आई पुलिस शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल ले गई। ताड़ी पीने के विवाद में विक्रेता का कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। उसी रंजिश में हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप है।
मृतक के भाई रामानंद मांझी ने 4 नामजद व दो अज्ञात को आरोपित कर एफआईआर दर्ज कराई है। नामजद आरोपियों में रामबाबू मांझी, श्याम बाबू मांझी, शिवशंकर मांझी और दीपक पंडित शामिल है। पुलिस बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। घटना के बाबत परिजनों ने बताया कि देर रात करीब आधा दर्जन बदमाश आ धमके और खीरु मांझी को जबरन घर से खींचकर ले गए। इसके बाद बदमाश लाठी और ईंट-पत्थर से उसकी पिटाई करने लगे।
जब ग्रामीणों की भीड़ जमा होने लगी तो बदमाश मौके पर अपनी बुलेट छोड़ भाग निकले। परिजन व ग्रामीणों के सहयोग से जख्मी को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के भाई रामानंद मांझी ने बताया कि खीरु, गांव के पूरब खंधा में ताड़ी बेचने का काम करता था। कुछ दिन पहले ताड़ी पीने के विवाद में उनके भाई का कुछ बदमाशों से झगड़ा हुआ था। बदमाशों ने उनके भाई की पिटाई करते हुए देख लेने की धमकी दी थी। अंदेशा है कि उसी रंजिश में बदमाशों ने भाई को मौत के घाट उतारा है। कुछ वर्ष पहले पत्नी, खीरु को छोड़कर चली गई थी। उसके दो बच्चे भी अलग रहते हैं।
8 दिन में गिरी 7 लाशें
जिले में हत्या की घटना लगातार हो रही है। इस माह अब तक 7 लोगों की लाश गिराई जा चुकी है। इसके अलावा अन्य आपराधिक घटनाओं में भी तेजी है। कतरीसराय, परबलपुर, चेरो, हरनौत, मानपुर और इसलामपुर थाना इलाके में हत्याएं हुई। थानाध्यक्ष कुणाल चंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व की रंजिश में घटना का आरोप है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जल्द ही बदमाशों को पकड़ लिया जाएगा। मौके से एक बाइक बरामद की गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन के हवाले कर दिया गया।
कोरोना महामारी काल में गुरूवार की संध्या किशनगंज में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से सनसनी मच गई थी। लेकिन शुक्रवार की सुबह कुछ शर्तों के साथ दुकानों के खुलने के साथ ठाकुरगंज नगर में अन्य दिनों से अधिक चहल-पहल देखी गई। सीमेंट, पंखा, टीवी व कुछ अन्य दुकानों पर लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए खरीदारी करते देखे गए। लेकिन छूट का फायदा उठाकर यातायात नियमों के विरूद्ध चलने वाले पांच वाहन चालकों से पुलिस ने पांच हजार जुर्माने की राशि वसूली। विभागीय आदेश के अनुसार शर्तों के साथ खुलने वाली दुकानों का दिन-समय और नियम भी तय किये गये हैं, जो इस प्रकार से है- इलेक्ट्रिकल गुड्स की दुकानें (पंखा, कूलर, एसी मरम्मत और बिक्रय) और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स की दुकानें (मोबाईल, बैट्री, कंम्प्यूटर, लैपटाप आदि) सोमवार और शुक्रवार दस बजे से पांच बजे तक खुलेगी, आॅटोमाेबाइल्स, टायर, टूयूब्स, स्पेयर पार्ट्स की दुकानें मंगलवार और शनिवार दस से पांच, गैरेज और वर्कशाप, प्रदूषण जांच केन्द्र, सीमेंट, बालू, पत्थर, ईंट, प्लास्टिक, पाईप, हार्डवेयर, लोहा, पेंट आदि की दुकानें प्रतिदिन खुलेगी, किताब और स्टेशनरी की दुकानें बुधवार और गुरुवार दस से पांच, सैलून और बाल काटने की दुकानें सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को सात से दो बजे तक खुली रहेगी। दुकानदारों को सोशल डिस्टेसिंग व अन्य नियमों के साथ मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना वायरस को लेकर जहां लोग घर में बंद हैं वहीं स्कूलों की पढ़ाई भी ठप पड़ी है। शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के उद्देश्य से बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा दूरदर्शन के माध्यम से बच्चों के लिए सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के तहत कक्षाएं चलायी जायेगी। इसमें बच्चों को आपदा के समय जोखिम को कम करने से संबंधित उपाय की जानकारी दी जाएगी। यह कार्यक्रम शनिवार को सुबह 9 बजे प्रसारित किया जाएगा।
पहले ही शुरू हो चुकी है पढ़ाई
इसके पूर्व मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय अभियान के तहत नौवीं और दसवीं वर्ग के छात्र-छात्राओं को घर बैठे शिक्षा दिया जा रहा है। लॉकडाउन में घर बैठे ही डीडी बिहार पर सिलेबस के अनुसार बच्चों को पढ़ाई हो रही है। डीईओ मनोज कुमार ने बताया कि आज वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदा और मानव जनित आपदा में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। आपदा से पूरा समाज प्रभावित होता है और इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। बताया कि आपदा कम करने लेकर विद्यालयों के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है। अब सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चे आपदा का जोखिम कम करने से संबंधित टिप्स लेंगे। नई सड़कों के निर्माण एवं गाड़ियों की बढ़ती संख्या से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही है। डीईओ ने कहा कि सावधानी बरतकर एवं सजग होने के साथ-साथ नियमों का पालन कर इन दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
बताये जायेंगे ये उपाय
दूरदर्शन पर सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के दौरान बिजली कौंधने पर खुले आसमान के नीचे रहने पर घुटनों के बल उकड़ू बैठ जाना, भवनों में तड़ित चालक लगवाना, स्कूल व अस्पतालों में तड़ित चालक अनिवार्य रूप से लगाना, बारिश होने या बिजली चमकने पर किसी भी पे़ड़ के नीचे शरण नहीं लेना जैसे उपाय बताये जायेंगे ताकि वज्रपात से होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके, जैसी जानकारी दी सकेगी। इसी प्रकार भूकंप, अगलगी और बाढ़ जैसी स्थिति में किस तरह की सावधानियां बरती जा सकती है इसकी भी जानकारी दी जायेगी। एपीओ जयंत कुमार आचार्या ने बताया कि टीवी के माध्यम से छात्र-छात्राएं मॉक ड्रील के माध्यम से आपदा के समय जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है यह सीख सकेंगे। एडीपीसी अर्जुन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री सुरक्षा कार्यक्रम के तहत मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा के समय बचाव के तरीके बताए जाएंगे।
आपदा से प्रभावित होती है बच्चों की शिक्षा: मास्टर ट्रेनर प्रशांत प्रियदर्शी और डॉ अभिनव कुमार ने बताया कि सुरक्षित बिहार तभी होगा जब हर नागरिक आपदाओं के जोखिम की पहचान, उनकी समझ एवं निपटने की क्षमता का विकास कर सकेंगे। उन्होने बताया कि किसी भी तरह की आपदा से स्कूली बच्चों एवं उनके शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
आपातकालीन किट रखना जरूरी
मास्टर ट्रेनर ने बताया कि सभी लोगों को आपातकालीन किट के रूप में रेडियो, टॉर्च, बैटरी, मजबूत रस्सी, माचिस, मोमबत्ती, पानी, सूखा भोजन व खाद्य सामग्री आदि हमेशा रखना चाहिए। इसके अलावा पॉलिथीन बैग या वाटरप्रूफ बैग में कपड़े, महंगे सामान, जरूरी दस्तावेज़, छाता, चीनी, नमक और मजबूत रस्सी व एक लंबी लाठी भी रखनी जरूरी है। ये बहुत काम आते हैं।
वर्ल्ड रेडक्रॉस दिवस के मौके पर लगातार 5 दिन तक कार्यक्रमों के आयोजन के बाद शुक्रवार को रेडक्रॉस कार्यालय में रेडक्रॉस के सचिव मिक्की साहा द्वारा ध्वजारोहण कर वर्ल्ड रेडक्रॉस दिवस मनाया गया। शहर में कोरोना संक्रमीत मरीज मिलने के बाद शहरी क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित होने के कारण जिला प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए खुद ही ध्वजारोहण किया।
रेडक्रॉस के वोलेंटियर ने अपने निवास के आस-पास के जरूरतमंदों व असहाय लोगों के बीच राशन वितरित किया। सचिव श्री साहा ने बताया कि वर्ल्ड रेडक्रॉस दिवस के आगमन को लेकर पिछले पांच दिनों से डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश के निर्देशानुसार रेडक्रॉस द्वारा लगातार विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। लोगों को जागरूक करने के लिए इस संकट की घड़ी में साबुन से हाथ धोने का सही तरीका, कोरोना संक्रमण से बचने का तरीका, ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता, मास्क बांटे।