कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार पुलिस-प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों सहित सामाजिक संस्था व कार्यकर्ता लगातार कार्य कर रही है। गुरुवार संध्या समय किशनगंज में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि होने के बाद इसका असर प्रखंड सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग पहले से अधिक सावधानी बरतने में लगे हुए हैं। दूसरी ओर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार नगर व ग्रामीण क्षेत्रों पर नजर रखते हुए प्रखंड से सटने वाली नेपाल और बंगाल सीमा पर गश्त तेज कर दी है। आशा, सेविकाओं, एएनएम की टीमें सर्वे कर जानकारी जुटा रही है। चिकित्सकों की टीम लगातार संदिग्ध मरीजों की सूचना मिलने पर उन्हें जांच करते हुए उच्चतर जांच के लिए किशनगंज रेफर कर रहे हैं। ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डाॅ. ए झा ने बताया कि इस माहौल में कोरोना महामारी से बचने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सके। उन्होंने लोगों से कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है। संयम और कुछ सावधानी बरतने से कोरोना से बचा जा सकता है।
क्या करें
सोशल डिस्टेसिंग का पालन हमेशा करना चाहिए। ,दिन भर में कम से कम दस बार हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोये। {संक्रमित या संदिग्ध मरीज से दूरी बनाये ,भीड़ वाले इलाके में जाने से बचे , घर में ही बना भोजन करें, बाहरी भोजन का त्याग करे,मास्क का अनिवार्य रूप से व्यवहार करें, मास्क न हो तो गमछा या रूमाल का इस्तेमाल करें।,नियमित व्यायाम करें व सांस सबंधी व्यायाम अवश्य करें। ,साफ-सुथरे कपड़ों के प्रयोग के साथ हमेशा बाहर जाते समय पूरे बदन को ढकने वाले कपड़ों का प्रयोग करें।
क्या न करें
बाहर में बने भोजन का प्रयोग न करने के साथ तैलीय चीजों का अधिक व्यवहार न करें। ,प्रयोग किये गये दस्ताने और मास्क को प्रत्येक दिन साफ करें।,बाहर निकलते वक्त हाफ बाजू वाले कपड़ों का व्यवहार न करें। ,छींकते समय रुमाल का प्रयोग करें। ,सर्दी-खांसी या अन्य बीमारी होने पर छिपाये नहीं। , अनावश्यक रूप से बाहर न निकले, घर में ही रहकर सुरक्षित रहे। डाॅ. झा का कहना है कि सावधानी बरतने और नियमों के पालन करने से कोरोना महामारी को मात दिया जा सकता है। लेकिन कैंसर, शुगर, टीवी, एड्स, अस्थमा और कम इम्युनिटी वाले मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
लॉकडाउन में श्रमिकों की घर वापसी के बीच उनका बिहार से बाहर जाने का क्रम भी शुरू हो गया है। खगड़िया से 222 मजदूरों को लेकर पहली ट्रेन शुक्रवार को हैदराबाद से सटे लिंगमपल्ली स्टेशन पहुंची। यह ट्रेन गुरुवार सुबह 3.45 बजे खगड़िया से रवाना हुई थी। यह वही ट्रेन थी जो सिकंदराबाद से मजदूरों को लेकर आई थी। लिंगमपल्ली स्टेशन पर स्क्रीनिंग के बाद श्रमिकों को नलगोंडा, मिरयालगुडा, करीमनगर, जगतियाल, पेड्डापल्ली, सुल्तानाबाद, मनचेरियल और सिद्दीपेट जिलों की मिलों तक भेजा गया। मजदूरों के लिए ट्रेन का इंतजाम तेलंगाना सरकार ने किया था। वहां की राइस मिलों में खगड़िया के कुशल श्रमिकों की खास मांग है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि बिहार से बड़ी संख्या में श्रमिक आना चाहते हैं और हम 20,000 मजदूरों को लेने को तैयार है। राव ने बीते माह बिहार सरकार से मजदूरों को भेजने का अनुरोध किया था। तेलंगाना की राइस मिलों में 90% श्रमिक बिहार के हैं और सभी होली में घर लौटे थे।
तेलंगाना ने राज्य सरकार से किया था आग्रह : डीएम
मजदूरों की रवानगी पर डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने बिहार सरकार से मजदूरों को वापस काम पर भेजने का आग्रह किया था। देर रात शाॅर्ट नोटिस पर सूचना मिली तो तेलंगाना सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई मजदूरों की सूची में शामिल मजदूरों से संपर्क साधा गया। उनलोगों ने काम पर वापस जाने की इच्छा जताई। इसके बाद सभी को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस भेजा गया। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान यह बिहार से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन है जो दूसरे प्रदेश में काम करने वाले मजदूरों को वापस काम पर भेजने के लिए खोली गई है।
राजद ने मजदूरों की वापसी पर दागे सवाल
राजद ने मजदूरों के भेजने पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के जिला कुमार रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि आखिर कोरोना पीड़ित राज्य तेलंगाना में जिले से मजदूरों को ट्रेन से क्यों भेजा गया। जिला प्रशासन को भेजे गये मजदूरों का ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए था। लॉकडाउन के बावजूद मजदूर स्टेशन कैसे पहुंचे। आखिर भेजे गए मजदूरों के टिकट का आरक्षण कब हुआ और किसने कराया। आश्चर्य तो इस बात का है कि भारत सरकार के श्रम मंत्री ने खगड़िया से मजदूरों को तेलंगाना भेजने की जानकारी मीडिया में दी, जबकि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी।
कर्नाटक के फैसले पर मचा था बवाल
कर्नाटक के रियल स्टेट और निर्माण क्षेत्र के दिग्गजों संग बैठक के बाद वहां की सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से इनकार कर दिया था। हो-हल्ला मचा तो सरकार मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा उन्हें भेजने को राजी हो गए। शुक्रवार को वहां से बिहार, यूपी और झारखंड के लिए ट्रेनें खुलने की सूचना है। कर्नाटक सरकार ने इस संबंध में राज्यों को सूचना दे दी है। यहां बता दें कि मजदूरों की वापसी पर रोक की बात सामने आने के पूर्व कर्नाटक से दो ट्रेनें बिहार आ चुकी है
जल जीवन हरियाली के तहत आहर-पइन व तालाब की खुदाई की जा रही है। लघु सिंचाई विभाग द्वारा जिले में 51 योजनाओं पर काम किया जाना है। जिसमें 40 पइन व 11 तालाब की योजनाएं शामिल हैं। इन आहर, पइन व तालाब का जीर्णोद्धार किया जाना है। 11 तालाब का भी जीर्णोद्धार होना है। गिरते जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार की यह अति महत्वपूर्ण योजना है। लेकिन जिले में इस योजना में मनमानी की शिकायतें मिल रही हैं। कहीं से नहर व पइन खुदाई के दौरान हरे-भरे पेड़ों की कटाई की शिकायत मिल रही है तक कहीं से बिना स्थल निरीक्षण के ही कागज पर योजना तैयार करने की।
इस मनमानी से स्थानीय ग्रामीणों में नाराजगी है। ऐसे ही एक मामला थरथरी प्रखंड के अस्ता खरजम्मा से जुड़ा है। हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग हरकत में आया है। वन विभाग द्वारा लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता को पेड़ की कटाई पर रोक लगाने के साथ-साथ कनीय अभियंता एवं कार्य एजेंसी पर एफआईआर दर्ज करने को कहा है। डीएफओ डा. नेसामणि ने बताया कि पइन व आहर-नहर की खुदाई के दौरान पेड़ काटे गए हैं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना दी थी।
उन्होंने बताया कि लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव पर सरकारी या गैर सरकारी भूमि से वृक्षों की कटाई नहीं करने का निर्देश है। फिर भी इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी इस तरह की शिकायतें मिली थी। फिर भी इस तरह की हरकत दुहराई गई। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष भागनबीघा के फलासी में भी पेड़ काटे जाने जी शिकायत मिली थी। बीते वर्ष 19 दिसम्बर को ही रोक लगाने के लिए कहा गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। कार्रवाई करने की जगह और जगहों पर पेड़ की कटाई की जारी रही।
नहीं लिया संज्ञान:कई बार लिखा गया पत्र
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा कई बार लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर वृक्षों की कटाई पर रोक लगाने को कहा गया था। इसके बावजूद लगातार वृक्षों की कटाई जारी रही। पुन: बीते 28 अप्रैल को अस्थावां खरजमा में पइन खुदाई में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों को नष्ट करने से संबंधित मामले में कार्रवाई के लिए कहा गया है। हालांकि अभी तक कार्रवाई की कोई सूचना नहीं है।
बीडीओ और सीओ को भी लिखा गया है पत्र
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि इस संबंध में प्रखंड के सीओ और बीडीओ को भी पइन खुदाई के दौरान पेड़ काटे जाने की सूचना दी गयी है। हालांकि अभी तक जांच नहीं हुई है। सीओ ने बताया कि राजस्व पदाधिकारी से स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलते ही वन विभाग को भेज दी जायेगी।
गड़बड़ी की एक और शिकायत, गलत स्थल को चिन्हित कर काम कराया जा रहा:विभाग के खिलाफ एक और गंभीर शिकायत है। विभाग के एक अधिकारी पर आरोप है कि गलत स्थल को चिन्हित कर काम कराया जा रहा है। चंडी प्रखंड के गंगौरा पंचायत के मुखिया सूरजदेव पासवान ने लघु सिंचाई विभाग के जेई विनोद कुमार पर यह आरोप लगाते हुए कार्यपालक अभियंता से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बदरवाली गांव में जेई के द्वारा ग्रामीणों को जानकारी दिये बगैर नक्शे पर ही मानचित्र स्थल को चिन्हित कर लिया गया है। जल जीवन हरियाली के तहत अतिक्रमित नहर-आहर, पइन, नदी आदि को अतिक्रमण से मुक्त कराना है। जबकि जेई द्वारा जिस स्थल को चिन्हित किया गया है वहां पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं है। जहां पर अतिक्रमण है वहां चिन्हित नहीं किया गया है।
पूर्व में हो चुका है काम
मुखिया के शिकायत के अनुसार जिन स्थलों को चिन्हित किया गया है वहां पर दो वर्ष पूर्व कई काम हो चुके हैं। मनरेगा से पौधारोपण, पीसीसी कैनाल और कहीं सड़क भी बना हुआ है। मुखिया ने जांच कर निर्माण कार्य कराने की मांग की है। उनके अनुसार यह सरकारी राशि का दुरुपयोग है।
जिले में 74 करोड़ की योजनाओं पर होगा काम: जिले में जल जीवन हरियाली के तहत जलस्रोतों के जीर्णोद्धार पर 74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस्लामपुर प्रखंड में सबसे ज्यादा 8, नूरसराय, एकंगरसराय, सिलाव और राजगीर में 5, रहुई, बिहारशरीफ व कतरीसराय में 1-1 आहर-पइन का जीर्णोद्धार होगा।
होगा जवाब तलब- क्यों नहीं की कार्रवाई
पइन खुदाई के दौरान पेड़ कटाई की वन विभाग द्वारा सूचना देने के बाद भी लघु सिंचाई विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किया जाना गंभीर विषय है। कार्रवाई क्यों नहीं हुई इस संबंध में शो कॉज किया जायेगा। निर्माण कार्य के दौरान विभाग को भी एजेंसी के कार्यों पर नजर रखनी है। यह लापरवाही है। -योगेन्द्र सिंह, डीएम
अब तक कोरोना मुक्त खगड़िया जिले में शुक्रवार को एक साथ चार मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन चार में से दाे चौथम प्रखंड और दो सदर प्रखंड के रहने वाले हैं। चारों प्रवासी हैं और दिल्ली और राजस्थान के अलवर से आए थे। इन चारों को बाहर से आने पर थर्मल स्कैनिंग के बाद सीधे प्रखंड मुख्यालयों में स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया था। वे अपने गांव नहीं जा पाए थे।
जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने चार मरीज के मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी मरीज क्वारेंटाइन सेंटर के हैं। इनमें कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उन्हें आइसोलेट करते हुए उनका सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी को डायट केंद्र में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करने की तैयारी की जा रही है।
डीएम ने बताया कि क्वारेंटाइन का फायदा अब दिखने लगा है। लोगों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करना होगा। इसके अलावा कोई और उपाय नहीं है। डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर हर वह कदम उठाया जाएगा जो उठाना चाहिए। डीएम ने तीन लोगों के दिल्ली और एक के राजस्थान के अलवर से आने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जिले वासियों को डरने की जरूरत नहीं है। ये चारों मरीज क्वारेंटाइन सेंटर के थे। उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है।
संक्रमितों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही
कोरोना पॉजिटिव चारों मरीज की अपनी-अपनी ट्रेवलिंग हिस्ट्री है। चौथम के मालपा के मरीज को दिल्ली से आने के बाद सीधे प्रखंड मुख्यालय में बने शिवाधीन उच्च विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया था। इसके बाद प्रत्येक केंद्र पर चल रहे रेंडम जांच के लिए उन्हें सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में लाया गया। इसी तरह ठुठ्ठी गांव के मरीज के राजस्थान के अलवर जिले से आने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि उसके पहले बाजार समिति में आने के बाद उसे क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया। रेंडम जांच के दौरान इनके भी सैंपल लिए गए थे। इसी तरह चांदपुरा खुर्द के रहने वाले दोनों मरीजों के भी दिल्ली से आने की बात कही जा रही है। ये लोग किन साधनों से खगड़िया पहुंचे इस बात की अभी तक अधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने में प्रशासन जटा है।
प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में मौजूद लोगों की हो रही जांच
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती लोगों की जांच बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार की जा रही है। बताया गया कि खगड़िया के विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती 40 लोगों के सैंपल 7 मई काे जांच के लिए भेजे गए थे। जबकि 8 मई को कुल 23 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
कोरोना के मरीजों की पहचान के लिए रैंडम टेस्टिंग का लिया फैसला
खगड़िया | जिले में कोविड-19 के मरीजों की पहचान करने के लिए अब रैंडम टेस्टिंग की शुरुआत की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में रैंडम टेस्टिंग कराने का आदेश दिया दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि रैंडम टेस्टिंग से ना सिर्फ कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकेगा बल्कि लोगों में सुरक्षा की भावना भी पैदा होगी। विभाग की तरफ से कोरोना जांच का दायरा बढ़ाने के लिए सदर अस्पताल में तय प्रोटोकॉल के अनुसार ट्रू नैट किट्स उपलब्धता कराया गया है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शुक्रवार को सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. वाईएस प्रयासी ने सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि अपने-अपने अस्पताल में ही रेंडमली स्वाब कलेक्शन कर जिला अस्पताल में भेजना सुनिश्चित करें। बताया जाता है कि पहले दिन विभिन्न पीएचसी से कुल 42 रैंडमली स्वाब कलेक्शन किए गए।
मानसी क्वारेंटाइन सेंटर में आए 6 नये प्रवासी, संख्या बढ़कर हुई 65
मानसी | कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए सरकार व जिला प्रशासन के निर्देश पर मानसी प्रशासन द्वारा मध्य विद्यालय एकनियां व बापू जी स्मारक मध्य विद्यालय चकहुसैनी में दो प्रखंड स्तरीय क्वारेंटाइन सेंटर चलाए जा रहे हैं। बीआरपी दिनेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को 6 नए प्रवासी क्वारेंटाइन किए गए। चकहुसैनी में 5 तथा एकनियां में एक नए प्रवासी को लाया गया। शुक्रवार को एक भी प्रवासी को नहीं छोड़ा गया। शुक्रवार की शाम तक दोनों जगह कुल 65 प्रवासी थे।
बस कर्मियों के लिए भोजन और ठहरने की नहीं है व्यवस्था
खगड़िया | कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के तीसरे चरण में प्रवासियों को विभिन्न स्थानों पर पहुंचा रहे बस कर्मियों के प्रति शासन और नहीं प्रशासन गंभीर नहीं है। ऐसे कर्मी संक्रमण का खतरा होने के बावजूद प्रवासियों को सेवा दे रहे हैं। लेकिन इस दौरान उन्हें भूखे पेट काम करना पड़ रहा है। भले ही उन्हें खाने के पैसे मिल रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन में होटल व ढाबों के बंद रहने के कारण उन्हें कहीं भोजन और पानी नहीं मिल रहा है। प्रशासन ने इनके लिए न तो ठहरने की कोई प्रशासनिक व्यवस्था की है और न भोजन की। इन्हें घंटों विभिन्न जगहों के पड़ाव पर रुक कर प्रवासियों के आने का इंतजार करना पड़ता है और उनके आने के बाद ही इन्हें प्रवासियों के साथ ही भोजन-पानी का थैला थमा दिया जाता है। इसके बाद फिर कोई पूछने वाला नहीं होता है। आलम यह है कि कोविड-19 के पोस्टर देखकर सफर के दौरान लोग इनसे दूरी बनाने लगे हैं। लाइन होटल वाले भी इन्हें सामने रुकने एवं भोजन देने से इंकार करने लगे हैं। इस हालत में भी सेवा दे रहे इन कोविड वारियर्स को प्रतिदिन प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है। एक चालक ने बताया कि हम लोगों को कोई पूछने वाला नहीं। बिस्किट पर काम चला रहे हैं। बस भले ही सैनिटाइज की जा रही है, लेकिन हमारी सुरक्षा का प्रशासन को कोई ख्याल नहीं हैं। हमारे पास न तो सैनिटाइजर होता है और न मास्क।
प्रखंड क्षेत्र के गिलानी गांव के लतिफ बाग में लगभग सात एकड़ में 18 प्रकार के आम से बगीचा गुलजार है। बगीचे में मालदह, मिठुआ, बिजुआ, एलफांसों, आम्रपाली, कपुरिया, कलकतिया मालदह, किशन भोग, सिकुल, रोहनिया, मलिका, गुलखास, दशहरी, जरदालु आदि लगा हुआ है। गिलानी आम के लिये वर्षों से जाना जाता है। गिलानी में बिहारशरीफ, बरबीघा, शेखपुरा, पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों से खरीदार आते हैं। गिलानी बाग के आम के हर वेरायटी का स्वाद लेने के लिये लोग इंतजार करते रहते हैं।
बारिश से किसानों को क्षति
बेमौसम बारिश से बगीचे में लगे आम को काफी नुकसान हुआ है। बगीचा मालिक सबा आजम ने बताया कि फल अभी छोटा है। आंधी पानी से छोटे फल टूटकर भारी मात्रा में जमीन पर गिर रहे हैं। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित देश के अन्य राज्यों से अच्छे पेड़ मंगाकर लगाये गये हैं। इस बार पेडों पर आम अधिक की संख्या में लगे हैं लेकिन आंधी-पानी से भारी नुकसान हो रही है। बड़ी संख्या में आम पेड़ से टूटकर गिर रहे हैं। मौसम बहुत तेजी से बदल जा रहा है।
40-50 हजार की लागत पर चार से पांच लाख तक कमाई
अच्छे उत्पादन के लिये काफी मेहनत किया जाता है। पेड़ की सिंचाई से लेकर गुराई तथा समय समय पर कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है। लागत लगभग 40 से 50 हजार रुपये तक आता है। प्रत्येक पेड़ में समय सही रहने पर चार से दस मन आम लगता है। अगर फल सही रहा तो कमाई लगभग चार से पांच लाख की होती है। उन्होने बताया कि लगातार रुक-रुककर हो रही आंधी-पानी से काफी नुकसान हुआ है। लगभग 25 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।
प्रखंड के तेलिहार गांव में शुक्रवार को एक साथ दो प्रवासी मजदूरों के शव पहुंचते ही दोनों परिवार में कोहराम मच गया। तेलिहार गांव के वार्ड संख्या 6 निवासी नरेश सिंह (30 वर्ष) व बलराम कुमार (20 वर्ष) राजस्थान के बीकानेर में टॉवर लगाने का काम करते थे। लॉकडाउन के कारण वहां कामकाज बंद हो तो मजबूरी में वे लोग अपने घर रवाना हुए। उनके अलावा आधा दर्जन मजदूर वहां से पैदल ही बेलदौर के लिए निकल गए। कुछ दूर चलने के बाद उन्होंने एक ट्रक से लिफ्ट ली और उस पर सवार होकर आने लगे। यूपी के दौसा जिले के सिकंदरा में रास्ते पर झुकी पेड़ की डालियों से टकराने के बाद ऊपर बैठे मजदूर गिर पड़े। इनमें तेलिहार के नरेश सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बलराम कुमार की मौत इलाज के दौरान हो गई। बहरहाल शुक्रवार को दोनों मजदूरों का शव एंबुलेंस से घर लाया गया।
प्रखंडों में बनाये गये क्वारान्टीन सेंटरों का डीएम योगेन्द्र सिंह ने पदाधिकारियों के साथ शुक्रवार को निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूरों से भी बातचीत की। उन्होंने भोजन की व्यवस्था व अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। लोग कहां से आये हैं। बाहर क्या रोजगार करते थे, कैसे पारिश्रमिक का भुगतान होता था, परिवार में कौन-कौन है आदि के बारे में उन्होंने जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान एसपी निलेश कुमार भी मौजूद थे। शुक्रवार को भी कई जगहों पर लॉकडाउन उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में सात दुकानदारों पर प्राथमिकी
स्थानीय बाजार में लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में 7 दुकानदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। बाद में जमानतीय धारा के तहत सभी को मुक्त कर दिया गया। थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि स्थानीय बाजार के सभी दुकानदारों को आगाह किया गया है कि सिर्फ जरूरी आपूर्ति की दुकान के अलावा किसी तरह की दुकान नहीं खुलेगी। सरकार के आदेश को कुछ दुकानदार उल्लंघन कर दुकान खोलकर बेवजह भीड़ लगाते पकड़े गये। जिसमें चूड़ी दुकानदार अरविंद कुमार लहेरी, कपड़ा दु़कानदार मोनू कुमार, कन्हैया कुमार, मोहन कुमार, किराना दुकानदान श्याम शरण प्रसाद, मोबाइल दुकान अमित कुमार, रेडिमेड दुकानदार आमीन उद्दीन के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। सभी दुकानदारों पर लॉकडाउन उलंघन मामले में मुकदमा दर्ज कर थाने से जमानत दे दिया गया है।
डीएम ने की 50 प्रवासी मजदूरों से बातचीत
प्रवासी मजदूरों के लिए रामबाबू हाई स्कूल में बनाये गये क्वारान्टीन केंद्र का शुक्रवार को डीएम योगेन्द्र सिंह ने जायजा लिया। डीएम ने क्वारान्टीनमें रह रहे 50 प्रवासी मजदूरों से मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछताछ की। इस मौके पर एसडीओ विवेक रंजन मैत्रैय, थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद आदि उपस्थित थे।
एमडब्लू टीम द्वारा शुक्रवार को सकुनतकला मांझी टोला के 30 गरीब और निर्धन परिवारों तथा विधवा महिलाओं के बीच एक सप्ताह के राशन का वितरण किया। टीम के अध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि इन परिवारों की माली हालत काफी खराब हो चुकी है। राशन कार्ड नहीं रहने के कारण सरकारी सहायता भी नहीं मिल पायी है। ये लोग रोज कमाने-खाने वाले थे। जिनके लॉकडाउन में कमाई बंद हो गयी है। इस मौके पर पंचम नारायण, अनिल कुमार, गोपाल प्रसाद, संजय कुमार, शशिभूषण कुमार, सुजीत कुमार, सुभाष सिंह, सुबोध गुप्ता, लक्ष्मण साव, शील कुमार, राकेश कुमार, सुनील कुमार, रविन्द्र कुमार, गिरिश कुमार, मनोज सक्सेना आदि उपस्थित थे।
एक्शन एड एसोसिएशन एवं बिहार समाज कल्याण प्रतिष्ठान पावापुरी शाखा द्वारा शुक्रवार को प्यारेपुर एवं रैतर पंचायत में 111 गरीब परिवारों के बीच राहत सामाग्री का वितरण किया गया। प्रतिष्ठान के निदेशक गिरिश चन्द्र बोस ने बताया कि लॉकडाउन में प्रतिदिन खाने-कमाने वाले गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए संस्थान राहत सामग्री दी गई। प्यारेपुर पंचायत के ईशुआ गांव में 60 एवं रैतर पंचायत के काली बिगहा के रविदास टोला में 51 परिवारों के बीच राशन दिया गया। इस मौके पर पूर्व प्रमुख सरोज देवी, सुनील कुमार, महिला अधिकार मोर्चा के संरक्षिका उषा कुमारी, मुखिया अंजू देवी, उप मुखिया संजय कुमार, फूला देवी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
अलौली पुलिस ने जिला एसटीएफ के सहयोग से मेघौना पंचायत के पूर्व मुखिया जगदीश चंद्र बसु व शिक्षक श्यामसुंदर मुखिया हत्याकांड के आरोपी 25 हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। पूरी कार्रवाई एसडीपीओ आलोक रंजन के नेतृत्व में की गई। पुलिस ने उसके पास से एक देसी कट्टा व 5 जिंदा कारतूस बरामद किया है।
शुक्रवार को एसडीपीओ ने अलौली थाने में प्रेस वार्ता कर बताया कि कुख्यात शमशेर मुखिया की गिरफ्तारी एसटीएफ के सहयोग से गंगौर थाना क्षेत्र के कोनियां गांव से गुप्त सूचना के आधार पर की गई। गुप्त सूचना मिलते ही अलौली थाना अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह, गंगौर ओपी अध्यक्ष प्रवेन्द्र कुमार एवं एसटीएफ की टीम ने कोनियां गांव में दबिश दी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। तालाशी के दौरान उसके पास से एक देसी पिस्तौल व 5 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। ज्ञात हो कि 27 दिन पूर्व 11 अप्रैल को मेघौना पंचायत के पूर्व मुखिया सह माकपा नेता जगदीश चंद्र बसु उर्फ मुन्ना यादव की कौकरहा गांव के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस समय वे सनोखर गांव से कोरोना महामारी को लेकर मीटिंग करके अपने घर मेघौना आ रहे थे। माकपा नेता क्षेत्र में अपराधियों का विरोध किया करते थे। इस वजह से अपराधियों ने क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए उनकी हत्या कर दी थी। वहीं 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के दिन शहरबन्नी के प्राथमिक विद्यालय चिकनी से झंडोत्तोलन कर अपने घर सरदही जा रहे शिक्षक श्यामसुंदर मुखिया की भी कौकरहा ढाला के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों हत्याकांड में पुलिस को शमशेर मुखिया की तलाश थी।
अलौली के थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश शमशेर मुखिया उर्फ राजू पर समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा के कई थानों में हत्या, लूट, छिनतई के 20 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसके विरुद्ध पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। पुलिस को 15 नए मामलों में उसकी तलाश थी, जिनमें डकैती, छिनतई, आर्म्स एक्ट के मामले हैं।
खगड़िया में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। बीते गुरुवार को पूर्वानुमान के बगैर ही तेज आंधी के साथ बारिश हुई। शुक्रवार की सुबह भी शहर में घना कोहरा छाया रहा। लगातार बदलते मौसम ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शुक्रवार की सुबह न्यूनतम तापमान 23 डिग्री थी। इस वजह से लोगों को मई में हल्की ठंड का अहसास हो रहा था। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जारी किये गए मौसम पूर्वानुमान में शुक्रवार को सभी प्रखंडों में बारिश की संभावना व्यक्त की गई थी। लेकिन शुक्रवार को एक भी बूंद बारिश नहीं हुई। लेकिन सुबह में कोहरे के कारण लोगों को ठंड का अहसास हो रहा था। कृषि विज्ञान केंद्र ने 8 मई को अलौली प्रखंड को छोड़कर जिले के शेष छह प्रखंडों में न्यूनतम 1.4 एमएम और अधिकतम 4.6 एमएम वर्षा होने के साथ न्यूनतम 13 किलोमीटर व अधिकतम 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान व्यक्त किया था। जानकारों की मानें तो बीते 10 वर्षों में लोगों ने मई माह में मौसम में इस तरह का बदलाव नहीं देखा था।
अगले चार दिनों का मौसम पूर्वानुमान
दिनांक न्यूनतम अधिकतम बारिश की संभावना
8 मई 23 28 हां
9 मई 24 34 नहीं
10 मई 24 36 हां
11 मई 24 24 नहीं
जिंदगी मिले न मिले दुबारा अब तो अपने घर जाकर ही दम लूंगा अगर मरना भी पड़े तो अपनों के बीच मरुंगा गैरों के बीच क्यों। इसी तरह उम्मीद लगाएं लोगों की संवेदना कोरोना काल में देखने को मिल रहा है। कलकत्ता से ट्रक पर चढ़ कर डेहरी पहुंचा प्रवासी इंजीनियर और फिर पैदल ही अपने गांव की तरफ कुच कर गया। कई घण्टे पैदल चलने के बाद 47 किलोमीटर की सफर पूरी कर बिक्रमगंज में रात के 10 बजे पहुंचा। चेहरे व माथे से पसीना बहा रहा, पैरों में दर्द हो रहा था।
प्रवासी मजदूरों की तरह यह प्रवासी इंजीनियर के पैरों के ऊपर फोड़े उग आए थे। ऐसा नहीं है कि दुखदायी कहानी सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों की है। गुरुवार को जाने वाला व अपनी पीड़ा बताने वाला इंजीनियर गेल कंपनी कलकत्ता में कार्यरत है। उसके साथ एक सहयोगी है। जो उसी के साथ काम करता था। पैदल चलने के आदत नहीं होने के कारण जांघों में कच्छ लग गया था। बिक्रमगंज में खाना खाया कुछ देर आराम किया फिर सिवान के लिए पैदल चल पड़ा मंजिल भले दूर हो लेकिन हौसले में कमी नही थी। जाने से पहले पैरों का इलाज कराया बड़े सूटकेस को खींचते हुए जा रहा था।
दुकानदारों में रही असमंजस की स्थिति
लेकिन शुक्रवार को दुकानदारों में असमंजस की स्थिति बनी रही। निर्देशित भी अधिकतर दुकान नहीं खुली। इतना ही नहीं वाहनों के परिचालन में किसी तरह के ढील नहीं दिए जाने से ग्रामीण भी गांव से नहीं निकले। इस लिए यह सब एक कटसी बनकर रह गया। वही रेड जोन जिला के सीमा को लांघकर प्रतिदिन सैकड़ों के तादाद में प्रवासी अलग अलग जगहों के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। गांव में एंट्री पर रोक, स्कूल में क्वारेंटाइन हो रहे हैं। जिन्हें 14 दिनों तक यही रहना है। इस बीच वह बेहतर रह रहे हैं। किसी तरह के दिक्कत नहीं हो रहा है तो उन्हें घर भेजा जाएगा। अनुमंडल प्रशासन द्वारा इसके लिए अलग अलग जगहों पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। बाहरी राज्यों बंगाल, उतर प्रदेश, झारखंड से आने वाले कामगारों के भीड़ अभी हर रात में पार कर रहा है।
प्रवासियों के लिए पंजीयन भी हो रहा छलावा साबित
प्रवासियों के लिए रजिस्ट्रेशन भी महज छलावा साबित हो रही है। सरकारी व्यवस्था भी ध्वस्त हो गया है। प्रवासी इंजीनियर ने बताया कि आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया कोई फायदा नहीं हुआ। तब ट्रक से डेहरी आया वहां से बिक्रमगंज आया। जहां से खाने पीने के बाद जा रहे हैं। रात में प्रवासियों के चलने का सिलसिला जारी है। ऐसे प्रवासियों के लिए शहर की महिला डॉक्टर सोनम सिंह देवदूत बन साबित हो रही हैं। जो लोगों को खाना खिलाने से लेकर निःशुल्क इलाज कर रही हैं। कोरोना काल मे डॉ दंपति से प्रभावित होकर साई बीएड एंड डीएलएड कॉलेज शिवपुर के सचिव धनंजय सिंह भी रात दिन एक कर असहाय लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण कर रहे हैं। डेढ़ महीने के बाद जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में कुछ ढिलाई करते हुए निर्धारित समय के अनुसार निर्देशित दुकानों को खोलने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन के निर्देश पर नगर परिषद के अंदर खुलने वाली दुकानों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश के साथ-साथ समय सारणी को नगर परिषद के कर्मियों के द्वारा बताए गए। नगर परिषद के अंदर मुख्य सड़कों पर नगर प्रबंधक आफताब आलम एवं नगर कर्मी रंग बहादुर सिंह के द्वारा ध्वनि प्रदूषण के माध्यम से अनाउंस किया गया। इस दौरान उन लोगों ने निर्धारित समय को निर्देशित करते हुए मास्क गमछा सभी को अनिवार्य किया।
उन लोगों के द्वारा यह भी निर्देशित किए गए कि कोई भी दुकानदार एवं दुकान पर रहने वाले कर्मी बिना मास्क के या गमछे के बिना नहीं रह सकते और जो भी खरीददार दुकान पर सामग्री खरीदने पहुंचते हैं। अगर वह लोग भी इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो कृपया उन्हें सामग्री उपलब्ध दुकानदार द्वारा नहीं कराया जाए। आवश्यक निर्देश का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ जुर्माना भी देना पड़ेगा।
वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए सरकार के द्वारा लॉक डाउन किया गया है। जिसको लेकर प्रशासन के द्वारा सख्त निर्देश जारी किया गया है। इस जारी किए गए निर्देश को पटल पर उतारने के उद्देश्य से नगर परिषद के कर्मियों के द्वारा मुख्य मार्गों पर ध्वनि प्रदूषण के माध्यम से लगातार एनाउंस किया गया। बताते चलें कि सरकार के द्वारा समय सीमा एवं दुकान खोलने का दिन भी निर्धारित किया गया है।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इस व्यक्त पूरा देश त्रस्त है। जिसके वजह से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा सभी लाभार्थियाें तीन माह का अनाज एवं अप्रैल मई एवं जून में इन लाभार्थी के खाते में 1 हजार रुपया प्रत्येक महीने लाभार्थी के खाते में राज्य सरकार द्वारा भेजना था। नगर पंचायत में कुल 55 सौ लाभार्थी हैं। जिसमे लगभग 43 सौ लाभार्थियाें के खाते में प्रथम किस्त की राशि भेज दी गई है। जिनके खाते में अभी प्रथम क़िस्त की राशि नहीं गई है।
उनका खाता आधार से लिंक नहीं होने से उसका पैसा नहीं जा पाया है। जिसको नगर पंचायत द्वारा इसको खाता एवं आधार का लिंक कराने के लिये मांगा गया है। इसके बाद उनके खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार रुपया भेजा जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए नगर कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि जिन लाभार्थी के खाता आधार से लिंक है उनको खाते में राज्य सरकार द्वारा राशि भेजी जा रही है।
जिनका लिंक उसकी सूची बना कर उनको आधार लिंक खाता की मांग की गई है। उनको जांच करा सभी को अपलोड कर दिया गया है। बहुत जल्द ही उनके भी खाते में यह राशि भेज दी जाएगी। नोखा नगर पंचायत के 15 वार्ड में लगभग 12 सौ लाभार्थियाें का खाता आधार से लिंक नही है। इन सभी का कागजात आधार से लिंक वाला खाता की मांग की गई है।सभी विकास मित्र को यह निर्देश दिया गया है और उनको वैसे लाभार्थी की सूची भी दी गई है। ताकि यह कार्य को जल्द पूरा किया जा सके।
212 लोगों को नया राशन कार्ड बनाने के लिये आए हैं आवेदन: नगर पंचायत में लगभग 212 लोगों को नया राशन कार्ड बनाने के लिये आवेदन कार्यालय में प्राप्त हुए हैं। जिसको जांच करा कर बहुत जल्द ही उनको कार्ड मुहैया कराया जाएगा। ताकि उन लाभार्थी को भी इसका लाभ मिल सके।
43 दिन क बाद शहर की कई दुकानें खुल गईं। इससे कई दुकानदारों के चेहरे पर जहां खुशी देखी गई, वहीं कई ऐसे दुकानदार हैं जो दुकान नहीं खुलने से मायूस थे। अधिकांश दुकानों में सोशल डिस्टेंस, दुकानदारों और कर्मियों के लिए मास्क और ग्राहकों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था देखी गई। पहले दिन अधिकांश दुकानों में भीड़भाड़ नहीं दिखी। मनाही के बावजूद कंटेनमेंट जोन की भी दुकानें खुलीं।
डीएम ने दो शिफ्टों में सशर्त दुकान खोलने के लिए जारी आदेश में कहा है कि कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामाग्री के अलावे दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। इसके बावजूद मिरचाईबाड़ी में इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रोनिक्स, हार्डवेयर की दुकानें खुली थी। जबकि मिरचाईबाड़ी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सहायक थाना तक कंटेनमेंट जोन में है। जबकि पास ही दूसरा पॉजिटिव केस है। एसडीएम नीरज कुमार के अनुसार शहर में दो कंटेनमेंट जोन हैं। मिरचाईबाड़ी में पाए गए मरीज का कंटेनमेंट जोन सीमा निर्धारित हो चुकी है, जबकि दूसरे क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन का सीमा निर्धारण नहीं हुआ है।
दो शिफ्टों में खुलेंगी दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान दोपहर तक
शुक्रवार को दुकानें दो शिफ्ट को खुली। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों को 1 बजे के बाद खोलने की अनुमति है। जबकि अन्य दुकानों को सुबह 8 बजे से 1 बजे तक खाेलने की अनुमति है। मिरचाईबाड़ी कंटेनमेंट जोन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। निर्देश के आलोक में जो दुकानें खुली हैं उसमें सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखने के लिए कई घेरा बनाया गया है। कई दुकानदार भीड़ से बचने के लिए पूरा गेट नहीं खोल रहे। दुकानों में सैनिटाइजर रखा गया है और कर्मी मास्क पहनकर कार्यरत हैं।
लंबी अवधि के बाद दुकान खुलने से जिले के व्यवसायियों को मिली राहत
विजय इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोपराइटर सोम कुमार ने कहा कि 43 दिन के बाद हमारी दुकान खुली है। लेकिन जानकारी के अभाव में आज ग्राहक नहीं के बराबर पहुंचे। वहीं कसबा हार्डवेयर के मालिक अनिल आर्या का कहना है कि लंबे समय के बाद दुकान खुलने से हमलोगों को राहत मिली है। हालांकि आज पहले दिन की बिक्री सामान्य रही। बोले साधन के अभाव में अभी लोगों का अाना मुश्किल है। कागज, कलम एवं स्टेशनरी के थोक विक्रेता अरविंद पटेल का कहना है कि हमारी दुकान तो खुल गई, लेकिन जब तक शिक्षण संस्थान नहीं खुलेंगे, तब तक सेल में वृद्धि नहीं होगी।
27 तरह की सामग्रियों कीदुकानें खुलीं, बढ़ेगी बिक्री
चेंबर के अध्यक्ष बिमल सिंह बेगानी का कहना है कि 27 तरह की सामग्रियों की दुकानें खुलीं हैं। दो तीन दिनों में दुकान खुलने की सूचना के बाद बिक्री बढ़ेगी। चेंबर दुकान खोलने की सूचना के लिए माइकिंग कराएगा।
आदेश के आलोक में ही खुलेंगी जिले की दुकानें
निर्देश के आलोक में जिले की दुकानें खुलेंगी। कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामाग्री के अलावे कोई अन्य दुकान नहीं खुलेगी। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया है।
नीरज कुमार, एसडीएम, कटिहार
जिले में एकमात्र नारायण मेडिकल कॉलेज में हीं काेरोना पाॅजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। इलाज के क्रम में कोरोना मरीजों का ठीक होने का दौर भी जारी है। इस क्रम मे शु्क्रवार को यहां इलाजरम 12 और मरीज अब कोरोना मुक्त हो गए है। इस प्रकार यहां इलाजरत 46 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 34 ठीक हो गए हैं, एक की मौत हो चुकी है, जबकि 11 का इलाज अभी चल रहा है। इलाजरत 11 मरीजों की भी हालात बेहतर बताई जाती है, कोई मरीज क्रिटीकल नही हैं। एनएमसीएच के पीआरओ भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इलाजरत 12 मरीजों की रिपोर्ट निगेटीव आई है। लगभग एक पखवाड़े से इलाजरत थे।
हाल के दिनों में इनके सैंपल की दो बार जांच की गई, दोनों बार रिपोर्ट निगेटीव आने पर इन्हें कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित किया गया। इसके बाद आज इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों के तालियों के गूंज के बीच ये मरीज खुशी-खुशी विदा हुए। इस अवसर पर संस्थान के सचिव गोविंद नारायण सिंह, अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रभात कुमार, उपेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी परिचारिका अधीक्षक शशांक शेखर सिंह, कोरोना वार्ड के नोडल डाॅ. अभिषेक कामेन्दु, डॉ. अभिनव कुमार, डॉ. राजीव रंजन समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद थे। मुक्त किए गए सभी मरीज अगले 21 दिन तक होम कारंटाइन रहेंगे।
5 दिन में ठीक हुए 34 मरीज
एक पखवाड़े से जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच गत सोमवार को पहली सकारात्मक खबर आई थी। जब 6 मरीज कोरोना मुक्त हुए थे। इसके बाद मंगलवार को 17 और मरीज ठीक हो गए। बुधवार को 5 और मरीज कोरोना मुकत् हुए। अब शुक्रवार को सबसे अधिक एक साथ 12 मरीज ठीक हुए। इस तरह कुल 54 पॉजिटिव मरीजों के द्वितीय सैंपल की जांच के बाद अब तक 34 को कोरोना मुक्त बताया गया है। ज्ञात हो कि पहला मामला गत 21 अप्रैल को सामने आया था। 1 मई तक पॉजिटिव केसों की संख्या 52 हो गई। 7 मई को दो और रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
मृत कोरोना पॉजिटिव का सैंपल बीएचयू में भी लिया गया था
सासाराम| जिले के 54 कोरोना पाॅजिटिव में से मात्र एक की मृत्यु हुई है। वर्षीय वृद्ध की मौत गुरूवार को हुई थी। गुरुवार को ही उसके कोरेना पाॅजिटिव की रिपोर्ट भी आई थी। अब स्वास्थ्य महकमा पहले मृतक के कांटेक्ट को तलाशने में जुट गया है। वो खुद कहां संक्रमित हुआ इसकी भी जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है। उससे जुड़े 23 लोगों को कारंटाइन कर दिया गया है। जबकि डाररेक्ट कंटेक्ट वालों का सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है। बताते हैं कि वृद्ध अपने इलाज के लिए बीएचयू भी गया था।
5 परिजनों का लियाा गया सैंपल
सिविल सर्जन ने बताया कि मृत कोरोना पाॅजिटिव के कंटेक्ट को युद्ध स्तर पर खंगाला जा रहा है। जिसमें अबतक 23 लोगों को चिंहित किया गया है, जिसमें 5 निकट के परिजन थे, जिनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जबकि 18 अन्य को भी काेरंटाइन कर दिया गया है। उनमें भी किसी प्रकार का लक्षण पाए जाने पर तुरंत सैंपल लिया जाएगा। 5 लोगों में से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इनके कंटेक्ट को भी खंगाला जाएगा।
गांव में रात्रि में घूमने को लेकर पूछने पर दाे पक्षाें में जमकर मारपीट हुई। जिससे चार लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच कर घायलों काे इलाज के लिए पीएचसी करकट पुर भेजा। पुलिस ने जख्मी के आवेदन पर आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज किया। थानाध्यक्ष अनिल प्रसाद ने बताया कि नावाडीह निवासी राजा कुमार, प्रमोद कुमार, पिन्टू कुमार व दिनेश कुमार हाथ में डंडा व लोहे कि रॉड लेकर गांव के गली में लगभग नौ बजे घूम रहे थे। उसी दौरान लव कुमार खाना खाकर घर से बाहर निकला। उन लोगों को गली मे घूमते देखकर पूछा कि आप लोग इतनी समय गली मे क्यों घूम रहे हो।
पूछते ही राजा कुमार पीछे से रॉड से वार कर दिया। जिससे मेरा सर बुरी तरह जख्मी हो गए। जख्मी के शोर मचाने पर परिजन पहुंचे तो सभी लोग परिजनों पर भी डंडा रॉड से वार कर दिया। डंडा व रॉड के चपेट मे आने से कुश कुमार व लक्ष्मण कुमार कि भी सर फट गई। तीनों लोग के जख्मी होते देखकर महिला शोर मचाना शुरू कर दिया। महिला के शोर मचाते देखकर राजा कुमार व प्रमोद कुमार लव कुमार कि पत्नी लक्ष्मी देवी को पीटते हुए भाग निकले। महिलाओं कि शोर पर ग्रामीण पहुंच कर पुलिस को सूचना दिया। उन्होंने ने बताया कि सभी आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस मामला कि जांच कर रही है।
आठ दिनों के भीतर कटिहार में एक और महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। हालांकि शुक्रवार को जिस महिला की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है, उसका कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। प्रशासन ने महिला के नजदीकी पांच लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया है। अब तक जिले में कुल पॉजिटिव केस की संख्या 11 हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला का पति एक सप्ताह पूर्व गाजियाबाद से आया था। वह वहां मजदूरी करता था। कटिहार के गेड़ाबाड़ी में प्रवेश करते ही उसे गेड़बाड़ी क्वारेंटाइन सेंटर में क्वारेंटाइन कर लिया गया। तीन-चार दिन रहने के बाद वह क्वारेंटाइन सेंटर से फरार हो गया और भागलपुर से होते हुए अपने घर पहुंच गया। जहां वह परिवार के साथ दो दिन तक रहा। लेकिन गांव वालों की सूचना पर फिर उसे गेड़ाबाड़ी ले जाकर क्वारेंटाइन कर दिया गया। शंक के आधार पर महिला का सैंपल लेकर उसे होम क्वारेंटाइन में रखा गया था। जब उसकी रिपोर्ट आई तो पॉजिटिव निकली। सदर एसडीओ नीरज कुमार ने शुक्रवार को एक और महिला की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने की पुष्टि की है।
प्रशासनिक खेमे और गांव में दहशत का माहौल
प्रशासनिक खेमे और गांव में दहशत है। प्रशासन महिला की हिस्ट्री खंगालने में जुटा है और महिला के संपर्क में आने वाले पांच लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। महिला के पति एवं अन्य का सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है। प्रशासन महिला से बने चेन को ट्रेस करने में लगा है गांव की नाकाबंदी कर दी गई है। गांव वालों ने भी आने जाने पर पाबंदी लगा दी है। गांव वालों का कहना है कि जो महिला पॉजिटिव पाई गई है उसके घर के समीप के चापाकल से तीन परिवार पानी भरते थे। अभी पांच लोगों का सैंपल लिया गया है। जबकि पति का सैंपल लेकर जांच में भेजा गया है।
शुक्रवार को अंबाला से पहुंचे 1188 यात्री
कटिहार | दूसरे राज्यों से बिहार के मजदूरों का आना लगातार जारी है। शुक्रवार को अंबाला से 1188 मजदूर कटिहार स्टेशन पहुंचे। जिसमें कटिहार के 300 यात्री शामिल थे। गुरुवार को दो ट्रेनों से 2599 यात्री कटिहार पहुंचे थे, जबकि बुधवार को तीन ट्रेनों से 3500 हजार यात्री कटिहार पहुंचे। प्रशासन द्वारा यात्रियों को उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। स्टेशन परिसर में 1 मीटर की दूरी पर सफेद वृत्त बनाकर आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाती है। स्टेशन परिसर में विभिन्न जिलों के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं। प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को यात्रियों की सूची सौंपी जाती है। 25 यात्रियों को ही बैठने का निर्देश है। कटिहार के यात्रियों को उनके प्रखंड में बने क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाया जाता है। एसडीएम नीरज कुमार ने बताया कि जिला व रेल प्रशासन की मदद स यात्रियों की हर संभव मदद की जा रही है। यात्रियोंंको क्वारेंटाइन मेें रहने का निर्देश दिया गया है।
सकड्डी नासरीगंज स्टेट हाइवे पर संदेश थाना के अखगांव प्रतापपुर मोड़ पर ट्रक के कुचलने से साइकिल सवार की मौत घटनास्थल पर हो गयी । साइकिल सवार प्रतापपुर गांव के स्व नथुनी लाल साव का 65 वर्षीय पुत्र टुन्नी लाल साव बताया जाता है । जो साइकिल से प्रतापपुर गांव से अखगांव बाजार जा रहे थे । घटना के बाद ग्रामीण अखगांव प्रतापपुर बाईपास मोड़ पर जिलाधिकारी को बुलाने, दस लाख रुपया मुआवजा देने व मोड़ पर रोड ब्रेकर बनाने कि मांग को लेकर सड़क जाम किया । ग्रामीणों ने बताया मात्र दो वर्ष पहले बाई पास सड़क का निर्माण हुआ है।
तब से छः लोग दुर्घटना ग्रस्त हो गए हैं । जिसको लेकर पहले भी रोड ब्रेकर बनाने कि मांग की गई है । लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे गम्भीरता से नहीं ले रही है । घटना स्थल पर संदेश थानाध्यक्ष सुदेह कुमार, अजीमाबाद थानाध्यक्ष प्रभात कुमार व चांदी थानाध्यक्ष मनोज कुमार पहुंच, स्थिति को नियंत्रण में किए । देर बाद अंचलाधिकारी महेश प्रसाद, प्रखंड विकास पदाधिकारी विन्दु कुमार पहुंचे । मृतक के परिजन को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीस हजार, कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार व आपदा प्रबंधन से चार लाख रुपया व रोड ब्रेकर बनाने की आश्वासन दिए।
लॉक डाउन की समाप्ति के बाद स्कूलों में सत्र 2020-21 की कक्षाओं में ऑड-ईवन सिस्टम के तहत एक दिन में सिर्फ 50 फीसदी छात्रों के साथ ही कक्षाओं की शुरुआत की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा लॉकडाउन के बाद स्कूलों में नये सेशन की क्लासेस के लिए ऑड-ईवन सिस्टम को लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
विभिन्न स्कूलों को कक्षाओं के आयोजन की अनुमति होगी लेकिन उन्हें सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा, जिसके लिए ऑड-ईवन एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।स्कूलों में लॉक डाउन के बाद कक्षाओं के आरंभ को लेकर ऑड-ईवन के बारे में दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किये जा सकते हैं। कक्षाओं में ऑड-ईवन लागू होने से शिक्षकों के पास छात्रों के बेहतर ढंग से पढ़ाने में मदद मिलेगी। स्कूलों की कक्षाओं में दिनों के हिसाब से ऑड-ईवन लागू करने से अलग साप्ताहिक रूप से ऑड-ईवन की व्यवस्था को लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल के प्रोडक्शन में जुटा एनसीईआरटी
छात्रों की हो रही प्रभावित हो रही पढ़ाई को देखते हुए एनसीईआरटी ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल के प्रोडक्शन में लगा है, जिसका प्रसारण टेलीविजन चैनलों पर किया जा सकेगा। इस स्टडी मेटेरियल से उन स्कूलों को भी मदद मिलेगी जिनके पास इंटरनेट आधारित ऑनलाइन कक्षाओं के आयोजन के लिए जरूरी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है।स्कूलों में पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के लिए सभी विषयों के लिए स्टडी मेटेरियल के टेलीविजन पर प्रसारण को पर्याप्त समय मिले, इसके लिए हर स्टैंडर्ड के लिए एक डेडिकेटेड चैनल पर भी विचार किया जा रहा है।
कुरसेला पीएचसी में नवजात की मौत से आक्रोशित परिजनों ने हंगामा किया और डॉक्टर और कर्मी पर लापरवाही बरतने और पैसे लेने का आरोप लगाया है। कुरसेला के दीरा चांदपुर निवासी सोनी देवी प्रसव के लिए गुरुवार सुबह केंद्र में भर्ती हुई थी। रात में प्रसव के बाद बच्चे की स्थिति बिगड़ने लगी। डाक्टर के पहुंचने से पहले बच्चे की मौत हो गई। इस बीच डॉक्टर तथा परिजनों में तू-तू मैं-मैं भी हुई। शोर सुनकर आसपास के लोग पीएचसी पहुंचे।ी जानकारी कुरसेला पुलिस को दी गई। कुरसेला पुलिस ने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मामले को शांत कराया। परिजनों के अनुसार डॉक्टर लेट पहुंचे। जबतक पहुंचे जिससे मौत हुई। परिजनों ने कहा कि पीएचसी में दवा उपलब्ध नहीं रहता है। प्रसव के दौरान बाहर से दवा लाने को कहा गया। एएनएम ने 600 रुपए लेकर प्रसव करवाया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि बच्चा कमजोर पैदा हुआ था। बच्चे को ऑक्सीजन भी लगाया गया तथा बेहतर इलाज के लिए रेफर भी कर दिया गया था। पैसे लेने का आरोप झूठा है।
रोहतास जिले के राजपुर प्रखंड में वर्ष 2012 में 33 शिक्षकों के नियोजन में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता में शामिल विभागीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं शिक्षकों सहित अन्य 26 आरोपियों के विरुद्ध निगरानी विभाग ने चार्जशीट दायर कर दी है। निगरानी के विशेष कोर्ट में निगरानी ने तत्कालीन डीईओ रामेश्वर पांडेय और डीपीओ विनायक पांडेय, असिस्टेंट राधेश्याम सिंह, बीडीओ श्रीष चौहान , बीईओ राजेन्द्र राम, प्रखंड प्रमुख राजेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रखंड शिक्षक रविन्द्र कुमार राय, प्रताप कुमार राय, जीना प्रताप सिंह, रामगति राम, सुनील राम, शिवपूजन राम, प्रतिभा कुमारी, सुमन कुमारी, आशा कुमारी, संयोग सिंह, योगेन्द्र राम,उमेश राय, संजीव राय, सीमा कुमारी, शालिनी कुमारी, ममता कुमारी, अरविंद कुमार मिश्र, नागेन्द्र कुमार सिंह और हरेराम राय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
जबकि, रोहतास के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी ओम प्रकाश शुक्ला, डीपीओ रूपेंद्र कुमार, जिला शिक्षक नियोजन के अपीलीय प्राधिकार किरण शंकर को निगरानी विभाग ने आरोप मुक्त कर दिया है। निगरानी द्वारा किए गए कार्रवाई की पुष्टि करते हुए डीईओ ने बताया कि जिले के राजपुर प्रखंड में वर्ष 2012 में 33 शिक्षकों के नियोजन में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई थी। बड़े पैमाने पर हुई धांधली का मामला तब उजागर हुआ जब इसकी जांच हुई। स्थानीय लोगों की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने जांच की और साल 2013 में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। अन्य प्रखंड नियोजन इकाइयों पर भी कार्रवाई की प्रकिया तेज है।
तत्कालीन डीईओ ने जांच में नियोजन को दिया था अवैध करार
जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश के आलोक में राजपुर की प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई ने आनन फानन में तीन दिन के अंदर नियोजन प्रक्रिया को पूरा करते हुए 18 जून 2012 को तीन दर्जन शिक्षकों का नियोजन किया था। मामले को जदयू नेता अमरेश चौधरी द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद तत्कालीन डीईओ ओमप्रकाश शुक्ला ने जांच की थी। जिसमें शिकायत को सही पाते हुए नियोजन प्रक्रिया को गलत करार देते हुए नियोजित शिक्षकों हटाने व अन्य कार्रवाई के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा था। जिसके बाद निदेशक नियोजित शिक्षकों के अलावा इकाई के पदाधिकारियों पर प्राथमिकी समेत अन्य कार्रवाई का निर्देश डीएम व डीईओ को दिया था। निर्देश के आलोक में तत्कालीन डीपीओ स्थापना रूपेंद्र कुमार सिंह ने आठ मार्च 2013 को राजपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें 33 शिक्षकों के अलावा निवर्तमान प्रखंड प्रमुख, बीडीओ व बीईओ को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया था।
भारतीय जन औषधि योजना के तहत गरीब परिवारों को जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ते दामों पर जरूरी दवा उपलब्ध कराई गई है। लाॅकडाउन के समय महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर महिला केंद्रित 40 प्रकार की दवा सस्ते दामों में राज्य के जन औषधि केंद्रों पर मिलेंगी।
इन केंद्रों के विषय में पूरी जानकारी केंद्र सरकार की जन औषधि वेबसाइट से ली जा सकती है। साथ ही गूगल प्ले स्टोर से जन औषधि सुगम एप भी डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप के माध्यम से उपलब्ध दवाओं की स्थिति के साथ नजदीकी जन औषधि केंद्रों की भी सुगमता से जानकारी मिल सकती है। क्रियाशील केंद्रों के बारे में केंद्र सरकार की वेबसाइट पर संपूर्ण जानकारी दी गई है। वेबसाइट खोलने के बाद कुल 4 तरह का टैब ओपन है। जिसमें सेलेक्ट टाइप, सेलेक्ट स्टेट, सेलेक्ट स्टेटस एवं सेलेक्ट सिटी के ऑप्शन दिए गए हैं। सेलेक्ट स्टेटस टैब के अंदर क्रियाशील एवं आने वाले समय में नए खुलने वाले केंद्रों के ऑप्शन दिए गए हैं। साथ ही सेलेक्ट सिटी की सहायता से राज्य के जिन शहरों में जन औषधि केंद्र क्रियाशील है, उसकी जानकारी ली जा सकती है। इस एप में क्रियाशील जन औषधि केंद्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
जिसमें शहर का नाम, केंद्र का पता एवं केंद्र संचालक का नाम भी दिया गया है। कटिहार जिले में एक जन औषधि केंद्र क्रियाशील है जो सदर अस्पताल परिसर में स्थित है।
टोल फ्री नंबर से भी लोग ले सकते हैं केंद्र की जानकारी
सुगम जन औषधि एप में दवाओं से संबंधित किसी भी प्रकार जानकारी देने के लिए एप में नोटिफिकेशन का ऑप्शन दिया गया है। साथ ही टोल फ्री नंबर का भी ऑप्शन है। जन औषधि केंद्र एवं दवाओं से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 18001028080 जारी की गई है। इस टोल फ्री नंबर पर कॉल कर जन आौषधि केंद्र एवं योजना के विषय में जानकारी ली जा सकती है। साथ ही इससे लोग व्यवसाय व सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
कोरोना वायरस को ले चल रहे लॉकडाउन के दौरान सासाराम में फंसे नावादा के एक किशोर की मौत गुरूवार को इलाज के अभाव में हो गई। जिसके बाद उसके शव को ले जाने के लिए सदर अस्पताल प्रबंधन ने एम्बुलेंस का प्रबंध कर शव को उसके गांव भेजने की व्यवस्था की दी। लेकिन कोरोना मरीज के मौत की पुष्टी के बाद उस एम्बुलेंस में रखे गए शव को उतार कर कोरोना पॉजिटिव शव को लाने के लिए नारायण मेडिकल कॉलेज एण्ड अस्पताल भेज दिया गया। जिसके बाद मृतक के साथियों ने चंदा लगाकर 15 हजार रूपये में निजी एम्बुलेंस को बुक किया।
शव को लेकर देर रात नवादा के लिए रवाना हुए। शव लेकर जाने वाले मृतक के गांव का ही एक साथी मुकेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा कोई सुविधा नहीं दिए जाने से काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा। गुरूवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक शव लेजाने के लिए वाहन पास बनवान के लिए अनुमंडल कार्यालय तो कभी डीएम कार्यालय का चक्कर लगाते रहे। दो बजे तक वाहन पास निर्गत किया गया। सदर अस्पताल पहुंचकर ढ़ाई बजे के बाद शव को एम्बुलेंसे में रख दिया गया था।
सदर अस्पताल परिसर से निकलने के क्रम में चालक के मोबाईल पर एक फोन आता है। उसके बाद ठोड़ी दूर चलकर चालक एम्बुलेंस में खराबी आने की बात कह जाने से इंकर कर दिया। उसने सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष स्थित पोस्टमार्टम हाउस के समीप शव को उतार दिया। एम्बुलेंस बनवाने के नाम पर शव को छोड़ गया चालक जब रात के 8 बजे तक वापस नहीं लौटा तो साथियों ने उसके मोबाईल नम्बर पर संपर्क किया। तो उसने एम्बुलेंस नहीं बनने की बात कह असमर्थता जताई। पुन: फोन करने पर चालक ने एक निजी एम्बुलेंस चालक का नंबर दिया। जिससे बात करने पर 15 हाजार रूपये भाड़ा की मांग की गई। लॉक डउन को देखते हुए 15 हजार रूपये में एम्बुलेंस बुक करा कर शव को घर तक पहुंचाया गया।
कहा- जरूरी था पॉजिटिव के शव को पहुंचान
सदर अस्पताल प्रबंधक संजीव धुकर ने बताया कि नावादा के शव को ले जाने के लिए सुबह 9 बजे ही एम्बुलेंस उपलब्ध करा दिया गया था। लेकिन शाम तक शव को नहीं ले जाया गया। इसी बीच एनएमसीएच जमुहार से एक कोरोना पॉजिटिव के मौत की सूचना मिली। चुकी जिले में मात्र एक ही शव वाहन है।
फोन पर गलत सूचना देने के आरोप में सीओ रघुवंश कुमार ने एक व्यक्ति पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है। सीओ को मोबाइल पर एक सूचना मिली कि पीरमुकाम मस्जिद में करीब 200 से 300 आदमी तरावी की नमाज अदा करने हेतु जमा होकर रहते हैं। जिससे लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होता है। सूचना देने वाला व्यक्ति ने अपना नाम फारुख बताया। सूचना मिलते ही फलका थानाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार राय पुअनि अली शेर खान को लेकर मस्जिद के पास पहुंचे। वहां से सूचना दाता के मोबाइल पर फोन किया तो उसने कॉल रिसीव नहीं किया।
उपस्थित ग्रामीण में से मो. इरफान को अंदर भेज कर यह सत्यापन किया गया तो पाया गया की मस्जिद के अंदर एक भी आदमी मौजूद नहीं थे। सीओ ने सूचना दाता द्वारा झूठी सूचना देकर प्रशासन को दिग्भ्रमित करने एवं सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में अज्ञात के खिलाफ फलका थाना में मामला दर्ज कराया है। पुलिस मोबाइल नंबर की जांच कर रही है।
कटिहार रेल मंडल के दालकोला-किशनगंज रेलखंड के मध्य कानकी में नेपाल से पैदल आ रहे एक 20 वर्षीय युवक की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई। मृतक गोपाल ऋषि बलरामपुर थाना क्षेत्र के मुसहरी टोला का निवासी था। परिवार वालों के अनुसार गोपाल नेपाल में मजदूरी करता था। लॉकडाउन की वजह से वह पिछले एक महीने से नेपाल में ही फंसा था। ऐसे में घर आने के लिए वह रेलवे लाइन पकड़ अपने आठ दस साथियों के साथ पैदल ही चल पड़ा। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल के कानकी के पास गोपाल ऋषि मालगाड़ी की चपेट में आ गया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मृतक के पास से मिले आधार कार्ड से पहचान कर दोलकोला जीआरपी पुलिस द्वारा बलरामपुर थाना को सूचना दी गई। शव को पोस्टमार्टम हेतु रायगंज अस्पताल भेजा गया।
बक्सर जिले में कोरोना का खतरा कम होने के बाद सरकार व प्रशासन ने लॉकडाउन-3 में लोगों को थोड़ी राहत दी है। इस क्रम में शुक्रवार को शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर आम दिनों की अपेक्षा सड़कों पर थोड़ी अधिक चहलकदमी देखने को मिली। सुबह होते ही सड़क पर धीरे-धीरे लोग की भीड़ दिखने लगी। 10 बजे तक ऑफिस जाने वालों का तांता लग गया। लेकिन, ऑफिस जाने वाले भी लॉकडाउन के नियमों का पालन करते दिखे। एक बाइक पर एक व्यक्ति सवार होकर जा रहा था।
पुलिस-प्रशासन की सख्ती के कारण ही रुकी संक्रमितों की चेन
मामले में टाउन थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर जो सख्ती बरती गई थी, उसके कारण संक्रमण के चेन को रोका जा सका। लेकिन, खतरा अभी टला नहीं है। लोगों को अभी भी सचेत व सजग रहना पड़ेगा। हर स्थान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। ताकि, संक्रमण के सांभवित खतरे को रोका जा सके। बिना लोगों के मदद के यह सम्भव नहीं है। लॉकडाउन-3 में जो छूट मिली है, उसका गलत प्रयोग करना लोगों को महंगा पड़ेगा।
कोरोनावायरस डिजीज (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव के संबंध में विचार-विमर्श के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक पार्टी के जिलाध्यक्षों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता डीएम अमन समीर ने की। डीएम ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण को जिले में फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन पूरी दक्षता के साथ कार्य कर रहा है। इसमें आमजनों का भी पर्याप्त सहयोग प्रशासन को मिल रहा है। वर्तमान में अन्य राज्यों अथवा अन्य जिलों से आने वाले अप्रवासी कामगारों एवं मजदूरों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है।
आंगतुकों को स्क्रीनिंग के पश्चात प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन सेंटर्स में 21 दिनों के लिए रखा जाना है। बाहर से आने वाले कोई भी कामगार या मजदूर स्क्रीनिंग से छूट न जाए इसके लिए डीएम ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की। एक भी संक्रमित के छूट जाने से पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। साथ ही कोरोनावायरस के तेजी से फैलने की भी इसकी आशंका बनी रहेगी।
मौजूद रहे तीन विधायक और अन्य प्रतिनिधि
बैठक में सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, डुमरांव विधायक ददन यादव, ब्रह्मपुर विधायक शंभूनाथ यादव के अलावा जिला परिषद अध्यक्ष, नगर परिषद की मुख्य पार्षद, विभिन्न राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षगण, प्रमुख एवं जिलास्तरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
रेडजोन से आने वाले मजदूरों का प्राथमिकता के आधार पर होगा टेस्ट
डीएम ने बताया कि वर्तमान में रेड जोन से आने वाले कामगारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रतिदिन 30 से 40 टेस्ट करवाया जाएगा। इसमें वृद्ध एवं संदेह वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रेन के द्वारा आने वाले बक्सर जिला के आप्रवासी मजदूरों, कामगारों एवं विद्यार्थियों को लाने हेतु विभिन्न जिला में बसों को जिला से भेजा जा रहा है। बसों से लाने के पश्चात उन्हें प्रखंड स्तरीय क्वारान्टीन सेंटर्स पर स्क्रीनिंग एवं रजिस्ट्रेशन के पश्चात भेज दिया जाता है।
जनप्रतिनिधियों ने किया प्रशासन की मदद का वादा
बैठक को संबोधित करते हुए एशपी उपेन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि इस समय हम सभी को दलगत भावना से ऊपर उठकर प्रशासन को पूर्ण सहयोग करना चाहिए। ताकि कोरोना संक्रमण के प्रभाव को जिला में समाप्त किया जा सके। किसी भी तरह के अवांछित तरीके से कामगारों के आगमन की सूचना प्रशासन को अविलम्ब दें। ताकि उनकी चिकित्सकीय जांंच एवं क्वारान्टीन सेंटर्स में रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। बैठक में माननीय विधायकगणों ने मुक्त कंठ से जिला प्रशासन के द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। सभी ने क्वारान्टीन सेंटर्स पर बेहतर सुविधा देने में अपना-अपना सहयोग देने का भी वायदा किया।
यह तस्वीर चकाई प्रखंड के पेटारपहरी पंचायत के उर्वा गांव स्थित बड़का आहार की है। देश में कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है। बिहार में जुमई अब तक सुरक्षित जिला है। जहां अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है। कहीं इसी का खुशी तो नहीं, अगर ऐसा है तो सावधान हो जाएं। आपकी यह लापरवाही खतरनाक साबित हो सकता है। शुक्रवार को उर्वा गांव के बड़का आहर में सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक करीब 200 बच्चे, बूढ़े और महिलाएं मछली पकड़ने पहुंच गए। भीड़ इतनी की गिनती करके नहीं बता सकते हैं। देखने से ऐसा लग रहा है कि इन्हें कोरोना संक्रमण का डर नहीं है। लोगों में कोरोना से बचाव को लेकर जागरूकता का भी आभाव दिख रहा है। इसमें पुलिस-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों की कमजोरी झलक रही है। लोग यह समझ ही नहीं रहे हैं कि मछली पकड़ने के चक्कर में वे खुद कोरोना के जाल में फंस सकते हैं। फोटो-धनंजय, कंटेंट-अमित कौशिक
सुरक्षा कारणों से आरा से 15 कैदियों को सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। इन सभी पर आरोप था कि गुरुवार को आरा जेल में हुई हिंसक झड़प में यह लोग शामिल थे। एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। इस आशय की जानकारी जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने दी। उन्होंने बताया कि शिफ्ट करने पूर्व सभी की स्क्रीनिंग की गई। इन सभी को अलग सेल में रखा गया है। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरा केंद्रीय कारा में गुरुवार को कैदियों के दो गुटों में हिंसक झड़प हुई थी।
इस दौरान दोनों गुटों ने एक दूसरे पर जमकर ईंट-पत्थर फेंके थे। इस मारपीट को रोकने आए पुलिसकर्मियों पर भी पथराव हुआ था। मजबूर होकर पुलिस को लाठियां भाजनी पड़ी थी। किसी तरह जवानों ने मामले को शांत कराया था। दोबारा इस तरह का बवाल नहीं हो इस बात को ध्यान में रखते हुए एक पक्ष के सभी कैदियों को वहां से हटा दिया गया। सभी को बक्सर केंद्रीय कारा भेज दिया गया है। वहीं दूसरी ओर नए कैदियों के आने के बाद केंद्रीय कारा की भी सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। आने जाने वाले हर व्यक्ति के गहन तलाशी के बाद ही उसे कारा परिसर में प्रवेश करने दिया गया।
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चौसा यादव मोड़ स्थित यूपी बिहार सीमा के पास से रात दिन सैकड़ों बालू से लदी ओवरलोड ट्रकों को दंडाधिकारी की मौजूदगी में पार कराया जा रहा है। जिससे अधिकारी एवं मौजूद सिपाहियों के सेटिंग गेटिंग से इनकार नहीं किया जा सकता। जब इसके बारे में सीमा पर मौजूद मजिस्ट्रेट के रूप में अनुमण्डल कृषि पदाधिकरी से बात की गयी तो बताया गया कि कंस्ट्रक्शन से सम्बंधित वाहनों को नहीं रोकना है। बता दें कि देश मे वैश्विक महामारी को ले पहले चरण के लॉकडाउन में राज्य से सटे सीमाओं को पूरी तरह से सील कर वाहनों को सीमा में आने जाने पर पूरी तरह से पाबन्दी लगा दी गयी थी।
यहीं स्थित दूसरे चरण के लॉकडाउन में भी रही। लेकिन तीसरे चरण के लॉकडाउन में थोड़ी रियायत देते हुए बड़ी वाहनों को आने-जाने की गाइडलाइन जारी किया गया। लेकिन बड़ी वाहनों के सीमा में आने जाने की पाबंदी हटते ही सीमा पर तैनात दंडाधिकारी एवं सिपाहियों के लिए जैसे सोना बनाने का कारखाना ही मिल गया हो। बिहार से यूपी की सीमा में पहले की तरह ही बिहार के लाल बालू का काला कारोबार प्रारम्भ हो गया। चाहे रात का अंधेरा हो या दिन के उजाले हो सेटिंग-गेटिंग के तहत धड़ल्ले से सैकड़ों बालू की ओवरलोड़ ट्रकों को बिहार का सीमा पार करा दिया जाता है। वही चौसा यादव मोड़ पर तैनात दंडाधिकारी ने बताया कि कंस्ट्रक्शन सम्बन्धी वाहनों को नहीं रोकना है।
नया भोजपुर में अब स्थिति तेजी से सामान्य होने लगी है तथा ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी जिला प्रशासन द्वारा करवाई जा रही है। जिससे उनकी मुसीबतें कम होने लगी है। शुक्रवार को जिला प्रशासन के नेतृत्व में बैंककर्मियों द्वारा इस गांव में डोर-टू-डोर पहुंच स्वाइप मशीन के सहारे लोगों के खाते से उनका पैसा निकाला गया। पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से इस गांव में बैंक सुविधाएं बंद है। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा था।
कई लोगों के खातें में पैसा था लेकिन घर से निकलने में पाबंदी व कंटेनमेंट जोन में बैंकों के बंद होने से ग्रामीण अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे थे। ग्रामीणों के मांग के बाद जिला प्रशासन ने उनके खाते से पैसा निकालने का उपाय निकाला तथा स्वाइप मशीन लगवा खाताधारियों के आधार नंबर से उनका पैसा निकाला गया। वही दूसरी तरफ स्वास्थ विभाग की गतिविधियां भी इस गांव में जारी रही। शुक्र्रवार को भी पीएचसी के डा बलवन कुमार के नेतृत्व में ग्रामीणों की थर्मल स्क्रीनिंग और अन्य जांच की गई।
कंटेनमेंट जोन में शामिल है पुराना भोजपुर
नया भोजपुर में कोरोना मरीज मिलने के बाद तीन किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सभी आवश्यक दुकानों को बंद कर दिया गया है। नया भोजपुर के साथ ही पुराना भोजपुर व डुमरांव स्टेशन के इलाके में 16 अपै्रल से ही सभी तरह की दुकानें बंद है। एक तरफ प्रशासन द्वारा नया भोजपुर में आवश्यक सामानों की आपूर्ति के लिए हेल्प लाईन नंबर जारी किया गया है। लेकिन यह सुविधा न तो पुराना भोजपुर में ह और न ही कंटेनमेंट जोन में शामिल डुमरांव के कुछ वार्डो में। जानकारों की मानें तो इन जगहों पर स्वास्थ विभाग व प्रशासन द्वारा लोगों की स्क्रीनिंग तक नहीं कराई गई है।
तेजी से ठीक हो रहे है मरीज
नया भोजपुर के कोरोना पीड़ित अब तेजी से ठीक हो रहे है। सूत्रों की मानें तो जो 11 एक्टिव मरीज बचे हैं उनके तीन अब ठीक होने के कगार पर है। यदि सबकुछ सामान्य रहा तो अगले सप्ताह मेें यह गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो जाएगा। हालांकि अभी जिले के लोगों को काफी सतर्क और सचेत होकर रहना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ 17 मई तक लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करना ही होगा।
बक्सर में कोरोना संक्रमित 56 मरीजों में 54 ठीक हो गए हैं। अब मात्र दो मरीज ही पॉजिटिव हैं। जिनके जल्द स्वस्थ हो जाने की संभावना है। शुक्रवार को नौ अन्य मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए। अब दो अन्य मरीज सेंटर पर बचे हैं। बता दें की पहले दिन जिले में दो मरीज पॉजिटिव मिले थे। इधर, डीएम अमन समीर ने शुक्रवार को प्रखंड परिसर में मुखिया के साथ बैठक किया। बैठक में घर लौटे परदेसियों को क्वारान्टीन सेंटर पर भेजने की अपील किया। ताकि कोरोना संक्रमण होने पर अंकुश लगाया जा सके।
बैठक के बाद डीएम ने नवोदय विद्यालय का जायजा लिया। साथ ही विद्यालय के प्राचार्य सुरेंद्र नाथ पाठक को आवश्यक निर्देश दिया गया। इसके बाद रूपसागर क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण करने डीएम पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रवासियों मजदूरों से भोजन समेत अन्य व्यवस्था की जानकारी लिया। साथ ही किसी तरह का कोताही नही बरतने की निर्देश तैनात कर्मियों को दिया। दुध की मात्रा समय से देने, क्वारान्टीन सेंटर से बिना सुचना घर भागने वाले प्रवासियों पर अविलंब आपदा एक्ट के तहत केस दर्ज कराने की प्रखंड के अधिकारियों को निर्देश दिया। ज्ञान ज्योति स्कूल रूपसागर मे 101 संदिग्ध प्रवासियों को रखा गया है।
जमुई जिला अबतक येलो जोन में है, अबतक यहां एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया। इसके मद्देनजर आम लाेगों को राहत देने के उद्देश्य से आवश्यक सेवाओं में छूट दी गई। इस छूट में राज्य सरकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में डीएम धर्मेंद्र कुमार ने जिले में निर्धारित समय सीमा में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलावे मोबाइल, ऑटो मोबाइल, पार्टस, सेनेट्री, इलेक्ट्रीक, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि दुकानों को खोलने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को निर्धारित समय सीमा के पहले ही बाजार की कई दुकानें सुबह से ही खोली जा चुकी थी। लेकिन दुकान में खरीदारों की कमी दिखी। बाजार में ज्यादा भीड़ नहीं थी, लेकिन कुछ लोग जो बाहर निकल रहे थे उनके चेहरे पर बाजार खुलने की थोड़ी खुशी दिख रही थी। हालांकि राशन की दुकान और मेडिकल स्टोर पर लोगों की भीड़ थी, लेकिन सेनेट्री, पेंट, हार्डवेयर, मोबाइल दुकान आदि में लोगाें की भीड़ नहीं थी। एक दो ग्राहक ही इन दुकानों पर पहुंच रहे थे।
दुकानदारों में भी कोरोना का भय देखने का मिल रहा था। डरे-सहमे लोग दुकान तो खोलने आए लेकिन पैसों के लेन-देन में वे असहजता महसूस कर रहे थे। दुकानदारों को पैसे से कोरोना फैलने का भी डर सता रहा था।
समय से पहले खुली महाराजगंज की कई दुकानें
जिला प्रशासन द्वारा दुकान खोलने के लिए दोपहर के 12 बजे से शाम के 4 बजे तक का समय निर्धारित किया है, लेकिन महाराजगंज व महिसौड़ी रोड़ में सुबह से ही कई दुकानें खोल दी गई थी। बोधवन तालाब रोड़ में छड़, सीमेंट, एसबेस्टस आदि की बिक्री देखी गई। जहां-तहां रूके निर्माण कार्य को लोग कराने के लिए अब खरीदारी शुरू कर दिए थे। वहीं सुबह-सुबह महाराजगंज बाजार में स्टील के बर्तनों के भी कई दुकान खुले थे जो 11 बजे तक बंद कर दिए गए। एक खास बात यह दिखी की जिनका दुकान के आस-पास घर था छूट के बाद भी दुकान को वैसे दुकानदार ही खोल रहे थे। दूर दराज या मुख्यालय से बाहर से आने वाले दुकानदार दुकान नहीं खोल रहे थे।
बाजार तो खुले पर सोशल डिस्टेंसिंग भूल गए लोग
महिसौडी रोड़ में फल, सब्जी व कई छोटे-मोटे कपड़ों की भी दुकानें खुली थी। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था। यही हाल महाराजगंज बाजार स्थित फल मार्केट का है, फलों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ इस कदर उमड़ रही थी मानो अति आवश्यक हो। लोग यह भी भूल गए कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाना जरूरी है। साथ ही दुकानदारों द्वारा सैनिटाइजर और हैंडवास का भी बहुत कम ही जगह इस्तेमाल किया जाना देखा गया। बाइक रिपेयरिंग की दुकानें खुली तो वहां कई बाइक बनवाने के लिए लोग पहुंचे और अपने बाइक की मरम्मति कराई। कई ऐसे भी लोग बाजार में घूम रहे थे जो मुंह पर मास्क भी नहीं लगा रखे थे।
कोरोना संकट के बीच झारखंड सरकार प्रवासी मजदूरों को वापस अपने घर ला रही है। ऐसी परिस्थिति में सरकार के समक्ष लोगों को रोजगार मुहैया कराना बड़ी चुनौती है। सरकार मजदूरों को अपने ही पंचायत क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य में तीन तरह के रोजगार सृजन योजनाएं चलाने पर फोकस कर रही है। जिसे धरातल पर उतारने में तेजी लाने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
शुक्रवार को इसी के मद्देनजर राजनगर के बीडीओ प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने मनरेगा कर्मियों के साथ प्रखंड सभागार मे बैठक की। बैठक में मनरेगा के बीपीओ मनोज कुमार तियु एवं नरेश प्रामाणिक सभी सहायक एवं कनीय अभियंता व रोजगार सेवक शामिल हुए। बीडीओ ने कहा कि लॉकडाउन के मध्य सरकार ने लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए तीन तरह की योजनाएं चलाने का निर्देश दिया है।
विश्व रेडक्राॅस के महाजनक हेनरी डुनांट की 153वीं जयंती पर डुमरांव रेडक्राॅस के सदस्यों ने शुक्रवार को नया भोजपुर व डुमरांव में तैनात पुलिसकर्मियों के बीच मास्क, सैनिटाइजर व साबुन का वितरण कर रेडक्राॅस दिवस मनाया। यह कार्यक्रम रेडक्राॅस के आपदा प्रबंधन के अध्यक्ष डॉ. रमेश सिंह व मानद सचिव शत्रुघ्न्न प्रसाद उर्फ मोहनजी गुप्ता के नेतृत्व में किया गया। डॉ. रमेश सिंह ने कहा कि रेडक्राॅस का उदेश्य युद्ध महामारी व प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संघर्षरत स्वयंसेवकों व कर्मचारियों की बहादूरी, योगदान व प्रतिबद्धता को सम्मान देना है।
डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण एक वैश्विक महामारी बन गई है। जिसमें अबतक लाखों जिंदगिया समाप्त हुई है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस काल में रेडक्राॅस की भूमिका बढ़ गई है। वही मानद सचिव मोहन गुप्ता ने कहा कि विपदा के इस घड़ी में कोरोना योद्धाओं ने जो साहस दिखाया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने जान की बाजी लगा अपने कर्तव्य पर डटे रहेन वाले डॉक्टर, पुलिस व सफाईकर्मियों की तारीफ की है। इस दौरान करीब 100 पुलिसकर्मियों को मास्क व सैनिटाइजर दिया गया।
हर दिन की तरह शुक्रवार की सुबह कुमार गांव से दर्जनों महिला मॉर्निंग वॉक करने के लिए निकली। इसी दौरान सड़क किनारे चल रही एक महिला को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। घटना के बाद वाहन लेकर चालक फरार हो गया।
इस घटना में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। बताया जाता है कि कुमार गांव निवासी पप्पू सिंह की पत्नी रंजू देवी ( 50 वर्ष) दर्जनों महिलाओं के साथ कुमार गांव से सुबह टहलने के लिए निकली। ठहलने के दौरान तुलाडीह होते हुए रामडीह मोड़ के समीप नवादा की ओर से तेज गति में आ रहे अज्ञात वाहन की चपेट में आने से वह बुरी तरह से घायल हो गई। घायल रंजू देवी को ग्रामीणों की मदद से सिकंदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां चिकित्सकों ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया। बाद में घायल रंजू देवी को चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। बता दें कि थाना क्षेत्र के कुमार गांव से प्रतिदिन दर्जनों महिलाएं मॉर्निंग वॉक करने के लिए निकलती हैं।
डुमरांव थाना परिसर में गुरुवार विभिन्न कांडों में जब्त 1200 लीटर शराब को विनष्ट किया गया। शराब का विनष्टिकरण डुमरांव थानाध्यक्ष संतोष कुमार के नेतृत्व में बतौर मजिस्ट्रेट कृष्णकन्हैया प्रसाद के समक्ष किया गया। मजिस्ट्रेट कृष्ण कन्हैया प्रसाद ने कहा कि शराब और इसके कारोबार को लेकर प्रशासन सख्त है। वहीं थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि शराब तस्करों की गिरफ्तारी व शराब बरामद करने को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शराब के धंधे को किसी भी सूरत में पनपने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि डुमरांव थाना क्षेत्र से बरामद शराब का विनिष्टीकरण किया गया। विनष्ट हुए शराब में 1000 लीटर क्रेजी रोमियो ब्रांड और 200 लीटर देशी अर्धनिर्मित शराब था। थानाध्यक्ष ने बताया कि शराब कारोबारियों पर नकेल कसी जा रही है। गौरतलब है कि लाक डाउन के दौरान भी शराब तस्कर इस क्षेत्र में सक्रिय है। पुलिस की कार्रवाई में पिछले दिनों डुमरांव के साथ ही नया भोजपुर व कोरानसराय पुलिस द्वारा शराब बरामद करने व तस्करों की गिरफ्तारी से यह बात साफ हो गई है कि लाक डाउन का असर शराब तस्करों पर नहीं है।
2 एकड़ जमीन के विवाद ने दबंगों ने एक युवक को गोली मार दी। गंभीर हालत में सदर अस्पातल से पीएमसीएच रेफर किया गया। घटना सिकंदरा थाना क्षेत्र के दरखा गांव की है। दरखा के सुरेश महतो और उपेंद्र सिंह के बीच 20 साल से जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था, 2 माह पहले कोर्ट ने घायल सुरेश महतो के पक्ष में फैसला सुनाया था, शुक्रवार की शाम अपनी जमीन पर खेती करवा रहा था, तभी उपेंद्र सिंह अपने 6 समर्थकों के साथ पहुंचकर सुरेश महतो पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, सुरेश महतो के बाएं हाथ में गोली लगी है, वहीं, उसके चेहरे, छाती सहित अन्य हिस्सों में गोली के छर्रे लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया है। सिकंदरा के प्रभारी थानाध्यक्ष ध्रुव कुमार अपने दल बल के साथ मामले की छानबीन में जुट गई है।
कंटेन्मेंट जोन नया भोजपुर के इलाके में परेशान लोगों को मदद करने को लेकर मेरी हेल्थ वार्ड मिशन पुराना भोजपुर की ओर से राहत सामग्री का वितरण किया गया। फादर फ्रांसिस, डॉ. टेरेसिटा, डीएसपी केके सिंह व समाजसेवी रामनाथ तिवारी की मौजूदगी में प्रत्येक जरूरतमंदों को राहत का पैकेट दिया गया। इस मौके पर फादर फ्रांसिस ने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा सच्ची सेवा है। आपदा की इस घड़ी में ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए। वहीं डॉ. टेरेसिटा ने कहा कि वैसे सभी जरूरतमंदों को राहत सामग्री दी गई, जिन्हें निश्चित रूप से जरूरत था। उन्होंने लॉकडाउन का अनुपालन करने की अपील किया। इसके साथ ही हाथों की धुलाई करते रहने का सलाह दिया। डीसएसपी केके सिंह पुलिस प्रशासन के साथ सहयोग करने में तत्पर रहे।
उन्होंने कहा लॉकडाउन के नियमों की चर्चा करते हुए सभी से इसका पालन करने की अपील की। इस मौके पर समाजसेवी रामनाथ तिवारी ने कहा कि कोरोना वॉरियर डुमरांव की टीम लगातार जरूरतमंदों की सेवा कर रही है। आपदा की इस घड़ी में जरूरतमंदों की सेवा करने वालों को प्रोत्साहित करते हुए कहा टीम के सदस्य का मेहनत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा में आगे भी तत्पर रहूंगा। इस दौरान टीम के सदस्यों में अंकित केशरी, सूर्यभान प्रसाद, प्रिंस, राजेश कुमार, मुकेश कुमार, राजेश कुमार, प्रमोद सिंह आदि है। जबकि मिशन की ओर से फादर प्रताप, सिस्टर शालिनी, विजय सिंह, मनोज सिंह, एसआई आलोक सिंह, नयाभोजपुर थानाध्यक्ष राजीव रंजन आदि रहे।
नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर शुक्रवार को स्थानीय नगर परिषद के सभागार में कोरोना त्रासदी के बीच स्वच्छता कार्य से जुड़े कोरोना वॉरियरों को आध्यात्मिक गुरू जग्गी वासुदेव उर्फ सद्गुरू का वेबकास्ट प्रसारण सुनाया गया। सद्गुरू का साथ नामक इस अभियान के तहत नगर परिषद के सभी सफाई कर्मी, जीविका समूह से जुड़ी महिलाएं आदि को यू ट्यूब पर प्रसारित होने वाले सद्गुरू के संदेश को सुनाया गया। इसका उदेश्य कोरोना वारियरों के मनोबल को उंचा रखने तथा विपदा की इस घड़ी में उन्हें कर्तव्य पथ पर डटे रहने की पे्ररणा देना है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यपालक सुजीत कुमार ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देश पर कोरोना वारियरों में आत्मगौरव बढ़ाने तथा संकट के समय में मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि सभी कोरोना वारियरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए बैठाया गया था। मौके पर प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह, सहायक ब्रिजेश राय, मिशन प्रबंधक कुमारी रश्मि, सहायक ब्रजेन्द्र राय, राजकुमार आदि थे।
भेलवा मोहनपुर में एक दबंग द्वारा जबरन घर में रखा सामान उठाकर ले जाने के मामले में गुरुवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उक्त आरोपी के घर से तकरीबन एक लाख रुपए मूल्य का सामान बरामद कर लिया।
पुलिस अवर निरीक्षक मृत्युंजय कुमार पंडित ने बताया कि भेलवा केदार यादव ने गांव के ही दासो यादव पर उसकी अनुपस्थिति में घर में रखा तकरीबन पांच लाख रुपए मूल्य का सामान उठाकर ले जाने, मना करने पर मारपीट करने व जान मारने की धमकी। पीड़ित ने सोनो थानाध्यक्ष को आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। दासो यादव के घर छापेमारी की गई और उसके घर से तकरीबन एक लाख रुपए मूल्य का सामान बरामद किया गया और इसे केदार यादव के जिम्मे सौंप दिया गया। केदार ने गोतिया दशरथ यादव, राजेश यादव, नुनुलाल यादव, जोधनी देवी, बेबिया देवी व अंजू देवी पर आरोप लगाते हुए बताया कि हत्या के एक मामले में वह सपरिवार फरार था। बाद में जेल चला गया। घर में कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था।
लॉकडाउन के दौरान ठप पड़े छठिया पोखरा के सौदर्यीकरण व घाट निर्माण का काम एक बार फिर से शुरू हो गया है। राज्यसभा सांसद सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के सांसद निधि से छठिया पोखरा पर लगभग 15 लाख की लागत से 100 फिट लंबी सीढ़ी का निर्माण काम लॉकडाउन के पहले शुरू हुआ था। लेकिन 22 मार्च के बाद से यह काम ठप हो गया था। लेकिन अब निर्माण कार्यों मंे छूट के बाद एक बार फिर से सीढ़ी के निर्माण का काम शुरू हो गया है। बता दें कि इसके पहले स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री अश्विनी चैबे द्वारा भी लगभग 15 लाख के लागत से ही 100 फिट लंबी व 28 फिट चैड़ी सीढ़ी का निर्माण जनवरी महीने में ही संपन्न हो चुका है।
इस संबंध में स्थानीय वार्ड पार्षद सोनू राय ने कहा कि तत्कालीन बक्सर डीएम अरबिंद कुमार वर्मा से उन्होंने सीढ़ी निर्माण की गुहार लगाई थी। उन्होंने सीढ़ी निर्माण करवाने का आश्वासन दिया वही स्थानीय सांसद अश्विनी चैबे से भी मिल छठिया पोखरा के महत्व को बताते हुए सीढ़ी निर्माण कराने को कहा था। जिसके बाद उन्होंने अपने निधी से सीढ़ी निर्माण के लिए राशि दिया था। छठिया पोखरा डुमरांव का सबसे बड़ा व ऐतिहासिक तालाब है। सीढ़ी निर्माण शुरू होने से एक बार फिर से शुरू होने से स्थानीय निवासियों की खुशी की लहर है।
करोना महामारी के संकटग्रस्त समय में जरूरतमंद परिवार के बीच खाद्यान्न किट का वितरण जैनाचार्य नयवर्धन सुरीश्वर महाराज की प्रेरणा से श्री भारतवर्षीय जिन शासन सेवा समिति द्वारा करीब 15 हजार से भी ज्यादा परिवारों तक खाद्यान्न किट का वितरण करवाया गया। मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद आदि शहरों के जैनियों द्वारा भगवान महावीर की भूमि पर बहुत से लोगों को सहायता हेतु यह कार्य आज भी जारी है।
आचार्य नयवर्धन सुरीश्वर महाराज ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी पूरे विश्व में फैली हुई है। धरती पर सभी मानव जाति को सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा के साथ मांसाहार को त्याग कर अपने प्राण की भांति दूसरे की प्राण जैसे जीव जंतु मानव सभी प्राणियों की रक्षा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमुई जिले के आसपास जिले में कोरोना के दस्तक से लोग विचलित है। लेकिन करुणा के सागर भगवान महावीर की कृपा से अभी तक जमुई जिला कोरोना के संक्रमण से अछूता है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की धरती पर हिंसा और मांसाहार नहीं हो और हमारे द्वारा सभी को शांति मिले एवं सद्भावना बढ़े ऐसी भावना व्यक्त की जाती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने को लेकर सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में कई लोगों को खाने-पीने की समस्याएं उत्पन्न हो गई है। जिसको लेकर भगवान महावीर की कृपा से विभिन्न प्रदेशों के श्रेष्ठियों के द्वारा उपलब्धकराए गए।
महाराष्ट्र के पनवेल से प्रवासी मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को दानापुर पहुंची। यहां सभी को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद नाश्ते का पैकेट दिया गया और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बसों से क्वारैंटाइन सेंटर ले जाया गया। सभी को यहां 21 दिनों तक रहना होगा।
इसके अलावा राजस्थान के कोटा से 1246 छात्रों को लेकर स्पेशल ट्रेन आरा पहुंची। सभी छात्रों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद नाश्ते का पैकेट दिया गया। इसके बाद सभी को लोकल थाने ले जाया गया। यहां पूरी डिटेल लेने के बाद छात्रों को उनके घर भेजा गया जहां उन्हें 21 दिनों तक क्वारैंटाइन रहने का आदेश दिया गया है। इस दौरान कोरोना का कोई भी लक्षण मिलने पर तुरंत जिला प्रशासन को बताने को कहा गया है।
स्पेशल ट्रेन में भोजपुर के अलावा बक्सर, रोहतास, सारण और कैमूर के रहने वाले छात्र थे। दूसरे जिलों के छात्रों को स्क्रीनिंग के बाद बस में बिठाया गया। बस से सभी छात्रों को उनके गृह जिले भेजा गया। सभी छात्रों से एक शपथ पत्र भरवाया गया है जिसमें 21 दिनों तक घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है।
लॉकडाउन की वजह से छात्र करीब डेढ़ महीने से कोटा में फंसे थे। उनके लौटने की खुशी चेहरे पर साफ दिखी। छात्रों का कहना है कि घर लौटकर काफी खुशी हो रही है। कोटा स्टेशन पर लोगों ने हमें ताली बजाकर रवाना किया। पूरे सफर में कई बार नाश्ता और पानी के लिए पूछा गया।
तेलंगाना से 1250 प्रवासी मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को छपरा पहुंची। स्टेशन पर डीएम और एसपी ने मजदूरों का स्वागत किया। सभी लोगों के बैग सैनिटाइज करने के बाद उन्हें प्लेटफॉर्म से बाहर लगाया गया जहां उनकी स्क्रीनिंग की गई। सभी को नाश्ते का पैकेट और पानी का बोतल दिया गया।
वापस लौटने वालों में छपरा के 263 लोगों के अलावा मधुबनी के 723 और सीवान के 264 लोग शामिल हैं। दूसरे जिलों के लोगों को बस से उनके घर भेजा गया जहां वे 21 दिनों तक क्वारैंटाइन सेंटर में रहेंगे।
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया ने कि सभी लोगों को उनके गृह जिले में भेजा जा रहा है। सभी को 21 दिन सेंटर में रहना होगा। सेंटर में लोगों को किट दिए जाएंगे। लोगों को सुबह में नाश्ता और दो बार भोजन दिया जाएगा। क्वारैंटाइन सेंटर में मनोरंजन के लिए टीवी भी लगाया गया है। लोगों को स्वस्थ रखने के लिए सुबह-शाम योग कराया जा रहा है।
बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 571 हो गई है। शुक्रवार को समस्तीपुर के छह लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से चार पुरुष रोसरा के हैं। हसनपुर के लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। समस्तीपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 हो गई है।
दरभंगा के बिरौल के 38, 50 और 47 साल के तीन पुरुष की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिले के सोभन की 60 साल की महिला कोरोना संक्रमित हो गई है। खगड़िया में चार संक्रमित मिले हैं।सहरसा के सउरबाजार में रहने वाले 13 साल के दो बच्चे कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। सुपौल के भलवाबाजार का 16 साल का युवक संक्रमित हुआ है। वहीं, कटिहार के गेराबदी में रहने वाली 40 साल की महिला कोरोना की मरीज बन गई है। पूर्वी चंपारण की 8 माह की बच्ची संक्रमित हुई है। बांका और भागलपुर में भी कोरोना के दो मरीज मिले हैं।
मुंगेर है सबसे अधिक प्रभावित
जिला | संक्रमित | ठीक हुए | मौत |
मुंगेर | 102 | 38 | 1 |
बक्सर | 56 | 26 | |
रोहतास | 54 | 22 | 1 |
पटना | 47 | 20 | |
नालंदा | 36 | 35 | |
कैमूर | 32 | 16 | |
सीवान | 32 | 25 | |
मधुबनी | 24 | ||
गोपालगंज | 18 | 17 | |
भोजपुर | 18 | 10 | |
औरंगाबाद | 14 | 6 | |
बेगूसराय | 13 | 8 | |
भागलपुर | 14 | 3 | |
प. चंपारण | 11 | ||
कटिहार | 11 | ||
सारण | 8 | 4 | |
पू. चंपारण | 10 | 1 | |
समस्तीपुर | 7 | ||
सीतामढ़ी | 6 | 1 | 1 |
गया | 6 | 5 | |
दरभंगा | 9 | ||
अरवल | 5 | 1 | |
जहानाबाद | 5 | ||
नवादा | 4 | 3 | |
लखीसराय | 4 | 2 | |
खगड़िया | 4 | ||
बांका | 4 | ||
वैशाली | 3 | 2 | 1 |
शिवहर | 3 | ||
अररिया | 2 | ||
मधेपुरा | 2 | 2 | |
शेखपुरा | 1 | ||
पूर्णिया | 2 | ||
किशनगंज | 1 | ||
सहरसा | 2 | ||
सुपौल | 1 |
बिहार में संक्रमितों की संख्या शुक्रवार को 571हो गई। समस्तीपुर में 6, खगड़िया में 4, दरभंगा में 4, सहरसा में 2 और बांका, भागलपुर,सुपौल, पू. चंपारण व कटिहार में एक-एक नए मरीज मिले हैं।दूसरी ओर, प्रवासी मजदूरों के राज्य लौटने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को 24 ट्रेनों से 28467 प्रवासी आए। आज 20 ट्रेनों से 20629 आएंगे। महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे ज्यादा प्रभावित राज्यों से लौटने वाले इनमजदूरों की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। सरकार ने रोज एक हजार मजदूरों के रैंडम टेस्ट का फैसला किया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा- हमने प्रवासी श्रमिकों को तीन कैटेगरी (रेड, ऑरेंज और ग्रीन) में बांटा है। वो किस जगह से आए हैं, इस आधार पर कैटेगरी तय की जाएगी। रेड जोन वालों की जांच पहले की जाएगी।
40% संक्रमित अब स्वस्थ
राज्य के लिए राहत की बात यह है कि कुल संक्रमितों में 40 फीसदी अब स्वस्थ हैं। इस मामले में राष्ट्रीय औसत 29% है। अब तक 246 मरीज ठीक हुए हैं। गुरुवार को रोहतास के 15, मुंगेर के 8, औरंगाबाद के 5 के अलावापटना और गया के एक-एक मरीज ने कोरोना वायरस को शिकस्त दी। गया में छह मामले थे। 5 स्वस्थ हो गए हैं। मधेपुरा में दो केस थे। दोनों ठीक हो गए हैं।
पटना: इलेक्ट्रिक और ऑटोमोबाइल की दुकानें खुलीं
लॉकडाउन के बाद शुक्रवार को पहली बार पटना में इलेक्ट्रॉनिक्सऔर ऑटोमोबाइल की दुकानें खुलीं। यहां हफ्ते में तीन दिन (शुक्रवार, सोमवार और बुधवार) दुकान खोलने की मंजूरी है। कंटेनमेंट जोन में यह छूट नहीं दी जाएगी।
इन जगहों पर नहीं खोली गईं दुकानें
प्रखंड स्तर पर 3432 क्वारैंटाइन सेंटर
आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि राज्य में प्रवासियों को 21 दिनक्वारैंटाइन में रखने के लिए ब्लॉकस्तर पर 3432 क्वारैंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें फिलहाल 19123 लोग हैं। पंचायत स्तर पर बनाए गए 1102 क्वारैंटाइन कैंप में 10 हजार लोगों को रखा गया है। 186 आपदा राहत केंद्रों के जरिए 65758 लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है।
मध्य प्रदेश के कटनी में फंसे बिहार के 13 छात्र घर वापसी के लिए 15 दिनों से लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान वे बिहार और मध्य प्रदेश के 1260 कमिश्नर, डीएम, एसएसपी के साथ ही कोविड-19 से जुड़े अधिकारियों को फोन कर चुके हैं। इसके साथ ही फोन के माध्यम से लगभग 350 रिश्तेदारों से बिहार वापस बुलाने की गुहार लगाई है। पीएम और सीएम को ट्वीट किया। खगड़िया के डीएम को छोड़कर किसी भी ने छात्रों के बिहार वापसी की बात तो दूर फोन पर सही तरीके से रिस्पांस भी नहीं दिया। कई लोगो ने फोन ही कट कर दिया, तो कई ने वापसी के लिए इंतजार करने की बात कहकर फोन काट दिया।
खगड़िया के डीएम ने छात्रों से उनकी समस्या पूछते हुए वापसी के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया। इसी तरह से अहमदाबाद में फंसे एक दर्जन ऐसे लोग हैं, जिनके पास पैसे खत्म हो चुके है। वे सड़क पर खड़े होकर विभिन्न संस्थाओं की ओर से दिए जाने वाले भोजन के पैकेट के सहारे अपना पेट भर रहे हैं।
लॉकडाउन बढ़ा तो भोजन बांटने वाले संस्थान ने खिंचे अपने हाथ
अहमदाबाद में फंसे चंदन कुमार कहने को तो आईटी कंपनी में कार्यरत है। लेकिन, पिछले 20 दिनों से वे अपने दूसरे दोस्तों के साथ सड़क पर भोजन का पैकेट बांटने वालों के सहारे अपना गुजारा कर रहे हैं। उनके पास पैसे खत्म हो चुके हैं। कंपनी ने दो महीने से सैलरी नहीं दी। अब नौकरी से निकालने की धमकी दे रही है। ऐसे में चंदन कुमार सहित उनके सभी दोस्तों को काफी परेशानी हो रही है। लॉकडाउन बढ़ने की वजह से विभिन्न संस्थाओं ने भी अपने हाथ पीछे खिंच लिए हैं। ऐसे में कई संस्थाओं ने भोजन का पैकेट और राहत सामग्री बांटना बंद कर दिया।
पटना के डीएम कुमार रवि का कहना है कि देश के अन्य हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर दिन विभिन्न स्थानों से ट्रेन के माध्यम अप्रवासी बिहार पहुंच रहे हैं। लोगों को धैर्य रखने की जरुरत है। उनकी समस्या भी खत्म की जाएगी।
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राज्य के क्वारैंटाइन सेंटर बदहाल हैं। यहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। प्रवासी मजदूरों को लाने में भी सरकार की कार्रवाई नाकाफी है। 10 मई को पूरे राज्य में सरकार के विरोध में पार्टी काला दिवस मनाएगी। 10 से 12 बजे तक अपने घरों नेता व कार्यकर्ता काली पट्टी बांध सत्याग्रह करेंगे। शुकवार को वे पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से फेसबुक लाइव के माध्यम से बात कर रहे थे।
कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना जैसी महामारी से निपटने में नाकाम साबित हो रही है। क्वारैंटाइन सेंटर की बदहाली का सच उजागर करने वालों पर पाबंदी लगाना गलत है। कुशवाहा ने मांग की है कि बाहर फंसेमजदूरों के खाते में 10 हजार रुपए दिए जाएं। राज्य के गरीबों को दूसरी किस्त की एक हजार की राशि दी जाए। राज्य में रोजगार की उपलब्धता के लिए सरकार ठोस योजना बनाए। किसानों के नुकसान की भरपाई की जाए। कोरोना जांच में तेजी लाई जाए ताकि संक्रमित की पहचान की जा सके।
समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के केवटा गांव में शुक्रवार सुबह तेजाब से हमले में छह महिलाएं सहित एक दर्जन लोग जख्मी हो गए। उन्हें इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। गांव केविष्णुदेव राय और जीवछ राय के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। शुक्रवार को जीवछ राय के बेटे अरुण राय मकान बनवा रहे थे। इसी बीच उन लोगों पर तेजाब से हमला किया गया।
इस हमले में जीवछ राय, अनूठा देवी, अरुण राय, गनिता देवी, प्रेम कुमार राय, चंद्रकला देवी, भूदेव राय, निर्भय राय और रामदुलारी देवी जख्मी हो गए। दूसरे पक्ष से विशुनदेव राय, उनकी बेटी प्रियंका कुमारी और पत्नी जख्मी हैं। प्राथमिक इलाज के बाद सभी को सदर अस्पताल समस्तीपुर रेफर किया गया।