लाॅकडाउन के दौरान प्रवासी अपने घर आ रहे हैं। इन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जैतपुर उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय गंगासराय, बीएनएम कॉलेज बड़हिया, मध्य विद्यालय गिरधपुर, बुनियादी विद्यालय बीरूपुर में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया।
डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी, एसपी सुशील कुमार ने जैतपुर उच्च विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों की मिली रही व्यवस्था का निरीक्षण किया। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों से मिल रहे व्यवस्था व खाने-पीने के संबंध में पूछताछ की। डीएम ने बताया कि हर प्रखंड में प्रखंड क्वारेंटाइन सेंटर चल रहा है। जैतपुर में चल रहे क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया, जहां अभी 3 महिला समेत 33 व्यक्ति रह रहे हैं। सबको शुक्रवार की सुबह में नाश्ता, चाय व दूध और खाना दिया गया है। सभी को 21 दिनों का अवधि पूरा करनी है।
मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रंजीत कुमार वर्मा ने दो दिन पूर्व शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन से 25 फीसदी की कटौती नहीं करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे लॉकडाउन को देखते हुए कटौती में कम से कम 6 माह की छूट देने का भी अनुरोध किया है। साथ ही शिक्षा विभाग के वेतन सत्यापन कोषांग को वेतन सत्यापन का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए भी निर्देशित किए जाने का आग्रह किया है।
कुलपति ने बताया कि शिक्षा विभाग के वेतन सत्यापन कोषांग से सत्यापित होकर अधिकतर शिक्षकों की प्रतियां आ गई है, मगर अधिकांश शिक्षकेतर कर्मचारियों की बाकी रह गई है।
उन्होंने बताया कि नवसृजित मुंगेर विश्वविद्यालय में समूह सी के 169 एवं समूह डी के 202 यानि कुल 371 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का सप्तम वेतनमान के आधार पर दिसंबर 2019 में वेतन निर्धारण किया गया था। शिक्षा विभाग के आदेश के आलोक में अधिकांश कर्मियों की वेतन पर्चियां सत्यापन कोषांग से अप्राप्त रहने के कारण उनके वेतन में 25 फीसदी कटौती का आदेश देने के लिए बाध्य होना पड़ा था।
विश्वविद्यालय में तनातनी की स्थिति
विवि प्रशासन के ताजा आदेश के बाद खासकर कर्मचारी महासंघ और विवि प्रशासन के बीच तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है। महासंघ ने कटौती का विरोध करते हुए कार्यों को ठप कर आंदोलन की धमकी दे डाली है। फिलहाल वीसी ने कर्मचारियों के हित में लचीला रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग को जानकारी दी कि मुंगेर में कोरोना के रेड जोन में है। जिससे पारा 5(13) एवं 6 के प्रावधान को लागू करने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुंगेर नया विश्वविद्यालय है और सीमित संसाधनों के बीच कार्य करने को तत्पर है।
वेतन व वेतनांतर का जल्द भुगतान करे विवि
मुंगेर | मुंगेर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (मुगुटा) ने मुंगेर विवि प्रशासन से जल्द से जल्द वेतन और वेतनांतर की राशि की भुगतान की मांग की है। शुक्रवार को मुगुटा के महासचिव प्रो. हरिश्चंद्र शाही ने कहा कि जब सरकार हमारे वेतन की राशि विश्वविद्यालय को दे चुकी है, कुलाधिपति द्वारा समय पर वेतन एवं वेतनांतर राशि के भुगतान का स्पष्ट निर्देश आ चुका है। फिर भी भुगतान में विलंब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम प्राध्यापक हैं, राजनीतिज्ञ या व्यापारी नहीं।
इबादत के माह रमजान के दूसरे जुमा पर इस बार कोरोना वायरस का साया पड़ गया है। ऐसे में अकीदतमंद इस बार जुमा की नमाज मस्जिदों में अदा नहीं कर सोशल डिस्टेंसिंग के बीच अपने घर में कर रहें हैं। लोगों ने घर पर ही जुमा की नमाज पूरी शिद्दत के साथ अदा किया।
लॉकडाउन रहने के कारण लोग जुमा की नमाज के लिए मस्जिदों में नहीं गए। मस्जिदों में केवल मौलवी ने ही अपना नमाज अदा। इस कारण मस्जिदों में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों ने घरो में जुमे की नमाज अदा करने के बाद शाम में अजान के बाद अपने-अपने घरों में परिवार के सदस्यों के साथ रोजा खोला। बताया जाता है कि रमजान के पवित्र महीने का इंतजार साल भर होता है। इस महीने में अल्लाह बकरत बरसाते है।
गंगासराय पंचायत के तहदिया गांव के वार्ड संख्या आठ में तेज बारिश ने सात निश्चय योजना का पोल खोलकर रख दिया है। वार्ड 8 के कई घरों में बारिश का पानी घुस गया। रामगुलाब राम, राजा राम, सरवन महतो, सुरेश पंडित, उमाशंकर, भोला साव, नीतू दे, राधा देवी, रजनी देवी, कंचन देवी, शोभा देवी ने डीएम को आवेदन देकर सात निश्चय योजना में की गई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की है। आवेदन के माध्यम से बताया कि सात निश्चय योजना के तहत बनी गली-नाली योजना का काम काफी बुरा हुआ है। पिछले दिनों हुई बारिश से वार्ड के कई घरों में पानी घुस गया।
इससे घर में रखे सामान बर्बाद हो गए। लोगों का जीना दुर्लभ हो गया है। 5 मई को हुई हल्की बारिश ने योजना से हुए काम में की गई लापरवाही को पोल खोल दी है। लोगों ने कहा कि दो से 3 दिन तक बारिश होती रही तो हमलोगों का क्या हाल होगा ? यह भगवान ही जाने। वार्ड सदस्य विजय साव का भ्रष्टाचार अब सामने हैं। सात निश्चय योजना में तकनीकी विभाग ने किस हिसाब से इस वार्ड का प्राक्कलन तैयार किया है, जो हमलोगों को अब तक समझ में नहीं आया है। उपरोक्त समस्या का निदान करते हुए योजना में किए गए बड़ी लूट की जांच कराने व दोषी पर कार्रवाई की मांग की है। गंगासराय के मुखिया मेघु कुमार ने बताया कि काम अभी अधूरा है। काम पूरा होने से पहले जलजमाव का समस्या खत्म हो जाएगा। काम से पहले सबने कहा कि आप पहले काम करवा लिए हमलोग बाद में घर को उच्चा कर लेंगे।
आंधी में गिरा बन रहा पानी टंकी
चानन| बुधवार को आई तेज आंधी के कारण संग्रामपुर पंचायत के वार्ड संख्या 11 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल-जल योजना के लिए बन रहा पानी का टंकी गिरकर धाराशायी हो गया। टंकी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसकी सूचना वार्ड सदस्य धनेश्वर प्रसाद ने मुखिया उमेश महतो को दी। मुखिया ने बताया कि बीडीओ को पानी टंकी के गिरने की जानकारी दे दी गई है।
औरे में बनाई गई जलमीनार से पानी की नहीं हो रही आपूर्ति
रामगढ़ चौक| औरे गांव में पीएचईडी के लोगों को शुद्ध जल मुहैया कराने को लेकर बनाई गई जलमीनार से महादलित गांधी टोला के लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है। इसमें अब तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इससे यहां के लोगों को पेयजल की काफी परेशानी हो रही है।
औरे और गरसंडा में पीएचईडी द्वारा बनाए गए जलमीनार से इन दोनों के गांव के महादलित टोले में जलमीनार का पानी लोगों को नहीं मिल रहा है। इस कारण दर्जनों लोगों को इस लॉकडाउन में भी पानी के लिए बाहर निकलना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर विभाग को लिखित व मौखिक जानकारी देने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं की गई है। औरे गांधी टोला निवासी संतलाल दास, गरीब दास, सुनील दास, ललन दास, नीतीश दास, आनंदी दास, भूषण दास, अखिलेश दास ने बताया कि वाटर सप्लाई पाइप फटने के कारण जलमीनार का पानी रास्ते में ही रह जाता है। टोला तक पानी नहीं पहुंच पाता है। हम लोगों के द्वारा विभाग को लिखित व मौखिक जानकारी कई बार दी गई, आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। पंचायत के मुखिया राजीव सिंह ने बताया कि मेरे द्वारा भी पीएचईडी को कई बार लिखित व मौखिक शिकायत की गई है लेकिन विभाग इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
एआइवाईएफ लखीसराय ने राष्ट्रीय परिषद के आह्वान पर पेट्रोल और डीजल पर मनमानी टैक्स वृद्धि के खिलाफ और पीएम केयर फंड से सभी गरीबों को 15 हजार रुपए देने की मांग को लेकर वार्ड संख्या 33 के पास धरना दिया। धरने की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रंजीत पासवान ने की।
राज्य सचिव रौशन सिन्हा ने कहा कि भारत में पेट्रोल व डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद भी यहां दाम कम करने के बजाए और टैक्स बढ़ाकर जनता पर अतिरिक्त कर का बोझ डाल दिया गया है। कोरोना से देश एक बहुत बड़ी मुसीबत से घिरा है। अभी सरकार को टैक्स कम कर आधा दामों पर पेट्रोल-डीजल को देना चाहिए था। पाकिस्तान में 15 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल व डीजल बिक रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम केयर फंड में जमा हजारों करोड़ रुपए को गरीबों के खाते में 15-15 हजार रुपए भेजना चाहिए, जिससे लोगों का जीवनयापन करना आसान हो सके। जिलाध्यक्ष रंजीत ने कहा कि जब तक पेट्रोल-डीजल के दाम को कम नहीं किया जाता, तब तक हमारा संगठन लड़ाई लड़ते रहेगा। धरना में पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद कुमार, मुरारी कुमार, चंदन कुमार, राजा कुमार, राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में स्नातक सत्र 2020-23 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी हो गई है। महज पांच दिन में भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर जिले के 30 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थियों ने ऑनलाइन किया है। छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ केके सिंह ने बताया कि स्नातक नामांकन के लिए चारों जिलों में विद्यार्थी तेजी आवेदन कर रहे हैं। कोटा के तहत लिए दावा करने वाले विद्यार्थियों को आवेदन करने के समय कोटा का जिक्र करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के समय विद्यार्थी कोटा के ऑप्शन पर जाकर विवरण देंगे कि वह किस कोटा के तहत आवेदन करना चाहते है?
यदि आवेदन के समय विद्यार्थी कोटा ऑप्शन का चयन नहीं करेगा तो बाद में कोटा के लिए दावा नहीं करेगा। पोर्टल पर एनसीसी, स्पोर्ट्स, फाइन आर्ट्स, कल्चरल, डोनर, एक्स-आर्मी और वार्ड कोटा का जिक्र किया गया है। विद्यार्थी जिस कोटा के तहत आते हैं, उसका चयन फार्म भरने के समय ही कर लें। कोटा में निर्धारित सीट के तहत ही विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाएगा। गौरतलब हो कि 31 मई तक स्नातक पार्ट वन सत्र 2020-23 में नामांकन के लिए इच्छुक विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने का समय दिया गया है। आवेदन के लिए प्रति विद्यार्थियों से 300 रूपया ऑनलाइन शुल्क लिया जा रहा है। 15 अगस्त तक नामांकन की प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद सितंबर माह से वर्ग संचालन का कार्य प्रारंभ करने की संभावना जतायी जा रही है।
नामांकन समिति की अनुशंसा के बाद होगा मेरिट लिस्ट का प्रकाशन
मेरिट लिस्ट में किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिले, इसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि नामांकन समिति की अनुशंसा के बाद ही प्रत्येक मेरिट लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा। कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शिक्षकों को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें कही।
कुलपति बोले- लाॅकडाउन के बाद 15 दिनों का दिया जाएगा कप्यूटर प्रशिक्षण
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर कोर्स वर्क करने वाले विद्यार्थियों को कम्प्यूटर सेंटर अथवा एमसीए विभाग में 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के बारे में बताया जाएगा। तब तक विद्यार्थी यूट्यूब वीडियो एवं लेक्चर से थ्योरी की पढ़ाई करें। मालूम हो कि पीएचडी कोर्स वर्क के पाठ्यक्रम में 20 अंक का पेपर कम्प्यूटर से है। प्रथम पेपर में 80 अंक रिसर्च एवं 20 अंक कम्प्यूटर से मिलेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में पीएचडी कोर्स को लेकर कई विद्यार्थियों ने अपनी समस्याओं को रखा था। जिसको ध्यान में रखते हुए कुलपति ने प्रैक्टिकल कराने का आश्वासन दिया है। इधर, कई विषयों के विद्यार्थियों ने कहा कि विश्वविद्यालय के पोर्टल पर कोर्स वर्क को लेकर पर्याप्त मेटेरियल नहीं है। जिस पर कुलपति ने कहा कि अभी विश्वविद्यालय एवं कॉलेज के शिक्षक यूजी एवं पीजी के नोट्स को पोर्टल पर अपलोड करने में काफी व्यस्त है। पीडीएफ फाइल से लेकर वीडियो बनाकर शिक्षक पोर्टल पर अपलोड कर रहे है। जिन शिक्षकों को यह कार्य करने में परेशानी आ रही है। वह भी कम्प्यूटर सेंटर से सहायता लेकर वीडियो बनाने का प्रयत्न कर रहे है। पीएचडी कोर्स वर्क छह महीने का है। विद्यार्थियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
पीरीबाजार के घोसैठ पंचायत अंतर्गत सुअरकोल संथाली टोला के वार्ड संख्या नौ में सात दिनों से बिजली नहीं है। इस कारण लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। पिछले दिनों आई आंधी और पानी के साथ हुए वज्रपात के कारण सुअरकोल प्राथमिक विद्यालय के पास ट्रांसफाॅर्मर क्षतिग्रस्त हो गया है।
ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने के कारण लगभग 30 परिवार अंधेरे में रात गुजार रहे हैं। आए दिन आंधी के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। बिजली उपभोक्ताओं ने विभाग के अधिकारी से ट्रांसफाॅर्मर बदलने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि ट्रांसफाॅर्मर खराब होने के कारण बच्चों की पढ़ाई के साथ मोबाइल चार्ज करना और टीवी समाचार देखना भी मुश्किल हो गया है। इधर, विभाग के कनीय अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि सुअरकोल में ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने की सूचना नहीं थी। जानकारी मिलने के बाद क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर को स्थलीय निरीक्षण कर जल्द ही तकनीकी कमी को दूर कर बिजली आपूर्ति बहाल की जाएगी।
पावर ग्रिड में घुसकर मारपीट करने का आरोप
बड़हिया| पावर ग्रिड प्रतापपुर में कार्यरत एसबीओ ललन कुमार के हेल्पर उमेश कुमार के साथ कुछ लोगों ने बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाकर ग्रिड में घुसकर मारपीट की। बिजली विभाग के ग्रामीण कनीय अभियंता निक्की कुमार ने बताया कि प्रतापपुर के ग्रामीण दीवार फांदकर आया और एसबीओ के हेल्पर ललन कुमार के साथ मारपीट व गाली गलौज करते हुए चला गया। घटना की पूरी मामले की जानकारी ली जा रही है। मामले जांच कर दोषी ग्रामीण के ऊपर बड़हिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाया जाएगा। बड़हिया थानाध्यक्ष ने बताया कि मारपीट की घटना नहीं है। आपसी कहासुनी हुई है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और सूर्यगढ़ा विस के पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि 1986 में स्थापित सबसे पुराना और 1927 से भारतीय रेलवे के वरीय अधिकारियों का प्रशिक्षित करने के लिए देश में सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रेलवे इंस्टीट्यूट जमालपुर मुंगेर को रेलवे विवि के रूप में विकसित करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। प्रशिक्षण केंद्र को लखनऊ स्थानांतरण करने को लेकर भ्रामक स्थितियां बनी थीं। इसके लिए सीएम नीतीश कुमार ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर रोकने का आग्रह किया था।
सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रेल मंत्री को पत्र लिखा था। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रेल मंत्री से बात कर कहा कि रेल मंत्रालय का कोई भी इरादा स्थानांतरित करने का नहीं है, बल्कि इस संस्थान को रेल विवि के रूप में विकसित करने का है। रेल मंत्री के इस आश्वासन से साफ हो गया कि जमालपुर रेल प्रशिक्षण संस्थान को बड़े संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए रेल मंत्री के प्रति आभार के साथ सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद राजीव रंजन को बधाई
देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व एनडीए सरकार का शुरू से बिहार के विकास के प्रति लगाव रहा है। स्पेशल पैकेज के साथ अन्य विकास योजनाओं द्वारा बिहार को विकास से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य तथा लक्ष्य भी रहा है।
कोरोना ने अब कोसी में दस्तक दे दी है। कोसी प्रमंडल के मधेपुरा के बाद सहरसा और सुपौल में भी कोरोना का मरीज मिला है। पॉजिटिव आए मरीज महाराष्ट्र के इस्लामिया मदरसा में पढ़ता था। बुधवार को महाराष्ट्र के नंदूरबार से चली स्पेशल ट्रेन रात करीब 8:45 बजे सहरसा आई थी। इनमें सुपौल के अलावा सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णियां, कटिहार, दरभंगा, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, किशनगंज, गोपालगंज, आदि जिलों के कुल 1132 बच्चे थे जो सीधे महाराष्ट्र से आए थे। उसी दिन सहरसा जिला प्रशासन द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में 8 के संक्रमित होने की संभावना व्यक्त करते हुए इनके सैंपल लेकर जांच के लिए डीएमसीएच भेजा गया था।
इनमें शुक्रवार को आई रिपोर्ट में तीन के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। जिसमें एक सहरसा का नागरिक है एवं एक सुपौल जिले का तथा दूसरा नेपाल के सत्तर गांव का नागरिक है। स्थानीय विकास भवन सभागार में शुक्रवार की शाम एक प्रेस ब्रीफिंग में डीएम कौशल कुमार ने कहा कि 6 मई को महाराष्ट्र के नंदूरबार से इस्लामिक मदरसा में पढ़ने वाले 994 बच्चों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन सहरसा आई थी। उस ट्रेन में सहरसा जिले के 177 बच्चे आए थे। ट्रेन से आनेवाले सभी बच्चों की स्क्रीनिंग की गई थी। जिसमें 8 बच्चों में कोरोना के लक्षण पाये गए थे। सभी 8 बच्चों को आइसोलेट कर सदर अस्पताल भेज दिया गया था। एवं उन लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जिसमें तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
डीएम ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाये जानेवालों में एक सहरसा जिले के सौर बाजार का निवासी है। इसके अलावा एक सुपौल एवं एक नेपाल का नागरिक है। इन सबों को सदर अस्पताल में क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
सौरबाजार से जुड़ा है पहले काेरोना पॉजिटिव की हिस्ट्री
बैजनाथपुर/सौर बाजार।सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र के कांप पूर्वी पंचायत क्षेत्र अंतर्गत एक लड़का महाराष्ट्र स्थितमदरसा में पढ़ने दिसंबर 2019 में गया था। बीते रमजान में सईद अनवर घर आया था। बुधवार को ट्रेन से सहरसा पहुंचे अनवर की चिकित्सकों की टीम ने जांच के बाद सहरसा में ही क्वारेंटाइन कर जांच के लिए डीएमसीएच दरभंगा भेज दिया था। जहां से शुक्रवार को कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट की सूचना मिलते ही सौर बाजार क्षेत्र में भी खलबली मच गई। हालांकि पोजिटिव मरीज की मां ने बताया हमलोग उनके संपर्क में नहीं आए हैं। चाचा उससे मिलने गया है।
मरीज के पिता व उसका एक भाई राजस्थान में मजदूरी करता था जो वहीं फंसा हुआ है। दूसरा भाई गोवा में काम करता है। एक छोटा भाई जो सहरसा के एक दुकान पररहता था जो मरीज केपास है।
44 लाेगाें की रिपाेर्ट अभी आनी है : जिलाधिकारी
सहरसा के डीएम ने कहा कि बुधवार 6 मई के दिन 22 लोगों का सेंपल जांच के लिए भेजा गया था। जिसमें 20 की रिपोर्ट आ गयी है । इस 20 में से 17 निगेटिव एवं 3 पाजीटिव आयी है। जिनकी रिपोर्ट पोजिटिव आयी है उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया है। जिस कोरोना पोजिटिव बच्चों के संपर्क में आनेवालों को सभी लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है। डीएम ने बताया कि नंदूरबार से आनेवाले जिले के सभी 177 बच्चों को 6 मई की रात में पालिटेक्निक स्थित क्वारेंटाइन सेंटर पर रखा गया था। जहां से उसे होमक्वारंटाइन में भेजा गया है। उनमें से 40 का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। डीएम ने कहा कि 44 लोगों की रिपोर्ट और आना बाकी है।
बलुआ बाजार में मरीज मिलने के बाद घरों में कैद हो रहे लोग
सुपौल/बलुआ बाजार | जिले के बसंतपुर प्रखंड के बलुआ बाजार थाना क्षेत्र निवासी 16 वर्षीय किशोर के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। हालांकि राहत की बात यह है कि कोरोना पाॅजिटिव किशोर महाराष्ट्र के नंदीग्राम से ट्रेन से 06 मई को सहरसा जंक्शन पर उतरा था। जहां थर्मल स्क्रीनिंग में संदिग्ध पाए जाने पर किशोर को सहरसा में ही क्वारेंटाइन कर दिया गया था। जहां किशोर के स्बाव का सैंपल लेकर जांच में भेजा गया था। जिसके बाद शुक्रवार की दोपहर संदिग्ध किशोर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इधर, डीपीआरओ अनुराग कुमार ने बताया कि जिले में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी छात्रों एवं मजदूरों का आगमन शुरू हो चुका है। जहां शुक्रवार की दोपहर तक कुल 4502 लोगों को पंजीकरण किया गया था। जहां से जांच के बाद सभी को संबंधित प्रखंड क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाया गया। जहां सभी लोग अगले 21 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहेंगे। अब तक जिले में संचालित कुल 211 अप्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में चिह्नित 30 विद्यालयों में रखा गया है। इसके अलावा जिले के 11 प्रखंड में कुल 41 कैंप बनाए गए हैं। जिनमें कुल 2943 अप्रवासियों को रखा गया है। वर्तमान में सदर अस्पताल के क्वारेंटाइन वार्ड में कुल 58 कोरोना संदिग्धों को रखा गया है। अब तक कुल 450 संदिग्धों की सैंपलिंग की गई है। जिसमें 393 सैंपल के रिपोर्ट निगेटिव आए हैं। जबकि 57 सैंपल को गुरूवार को जांच के लिए डीएमसीएच भेजा गया है। जिसका रिपोर्ट आना शेष है। अब तक जिले में एक भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि नही हुई है।
बलुआ बाजार के लोगों में बेचैनी : बलुआ बाजार थाना क्षेत्र के एक युवक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर ने इलाके के लोगों में बेचैनी पैदा कर दी है। हालांकि युवक को राजस्थान से आने के क्रम में सरहसा में ही जांच कर क्वारेंटाइन कर दिया गया है। इसके बावजूद लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। दरअसल, इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए लोग पूरी तरह लॉकडाउन का पालन कर अपने-अपने घरों में कैद हैं।
स्थानीय प्रखंड के पीरो-अगिआंव बाजार पथ पर स्थित बरौली मोड़ से बरौली गांव तक काली करण किए जा रहे सड़क कार्य को ग्रामीणों ने रोक दिया। कार्य में लगे मजदूरो को भगा दिया और इसकी शिकायत ग्रामीण कार्य विभाग को मोबाइल से दी। सड़क उखड़ने की स्थिति का वीडियो वायरल किया। जिसके बाद जांच करने पहुंचे ग्रामीण कार्य विभाग के जेई सुशील कुमार को ग्रामीणों से सड़क निर्माण की स्थिति को दिखाया। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क का निर्माण जनवरी 2019 में ही किया जाना था और कार्य की समाप्ति तिथि जनवरी 2020 दिखाया गया था।
इधर, जब 17 माह बाद कार्य शुरू हुआ तो सड़क निर्माण कार्य घटिया है। सड़क पर जमे धूल और गिट टी को साफ नहीं किया गया तथा जैसे-तैसे काली करण कर दिया गया। ज्ञात हो कि बरौली मोड़ से बरौली गांव तक जाने वाली 1.270 किमी लंबी सड़क का निर्माण कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कराया जा रहा था। जिसकी लागत 72 लाख 58 हजार रुपए है। इस सड़क का 5 सालाें तक रख रखाव किया जाना है जिसके लिए 5 लाख रूपया राशि अनुमोदित है।पिछले दो-तीन दिनों से सड़क का काली करण किया जा रहा था। शुक्रवार को ग्रामीणों ने देखा कि गुरूवार कालीकरण बनी सड़क सुबह ही वाहनों के चक्के के साथ उखड़ने लगी है। जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और निर्माण कार्य को रुकवा दिया।
सड़क निर्माण कार्य कीजांच
ग्रामीणों से मिली शिकायत के बाद सड़क निर्माण कार्य कीजांच किया गया। सड़क पर किए गए कार्य को उखाड़कर फिर से इसे बनाया जायेगा - सुशील कुमार, जेई, ग्रामीण कार्य विभाग,पीरो
रेडक्रॉस भवन के प्रांगण में विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डीडीसी सह रेडक्रॉस के उपाध्यक्ष हरि नारायण पासवान ने झंडोत्तोलन कर किया। रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव विभा सिन्हा व अन्य सदस्यों ने सोसायटी के संस्थापक हेनरी ड्यूनेन्ट के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। डीडीसी हरि नारायण पासवान ने कहा कि इस वैश्विक महामारी की विकट परिस्थितियों में एक-दूसरे के सहयोग से पीड़ित मानवता को सेवा करना है। कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. एसके रूंगटा ने कहा कि रेडक्रॉस सोसाइटी की स्थापना 1863 में जेनेवा स्वीट्जरलैंड में हुआ।
इसका मुख्य उद्देश्य दूसरों की सेवा करना है। कार्यक्रम का संचालन सोसायटी के सचिव विभा सिन्हा व धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष डॉ. प्रतीक ने किया।रक्तदान कार्यक्रम करने के लिए डीडीसी ने कुमार मंगलम, विकास कुमार, दिव्यांश कुमार, साहिल कौशिक, दीपराज, अमोद कुमार, रंजीत राम, भोला प्रसाद, ओम प्रकाश, दुर्गा पासवान को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सरफराज अहमद, अमित कुमार, डी राजन, डॉ निर्मल कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, प्रवीण सिन्हा, ऋतुराज व अन्य थे।
भीमपुर थाना के पास मध्य विद्यालय में बने राहत आपदा शिविर में गुरुवार की बीती रात आए 62 प्रवासी मजदूराें ने अनियमितता का आरोप लगाते हुए करीब एक घंटे जमकर हंगामा किया। हरियाणा के हिसार से आए मजदूरों ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है। क्वारेंटाइन में बने कमरे व शौचालय गंदे अवस्था में है। जिसमें रहना मुश्किल हो रहा है। साथ ही पीने का पानी का भी अभाव है। बतादें कि इस राहत शिविर में कुल 65 प्रवासी मजदूर रहते हैं। बीती रात आये प्रवासी मजदूर का कहना था कि इस सेंटर में किसी तरह की व्यवस्था नहीं है। इसमें ना तो मच्छरदानी का व्यवस्था है और ना सोने की व्यवस्था है।
कहा कि रात में सोने का कमरा में झाड़ू तक नहीं लगाया गया था चारों ओर गंदगी फैली हुई थी। जिसको लेकर शिकायत भी किया गया लेकिन उसकी बात सुनने वाला कोई नहीं था। मजदूरों ने बताया कि रात में आने के बाद खाने में खिचड़ी दिया गया जिसके कारण बाहर से आये भूखे मजदूर ठीक से खाया भी नहीं। वहीं शुक्रवार की सुबह नाश्ता में थाली की जगह प्लेट मिलने से मजदूर आक्रोश में आ गए और नाश्ता को देख हंगामा करने लगे।
मजदूरों ने बताया कि व्यवस्था के नाम पर अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। यहां तक कि बाहर से आये 62 प्रवासी मजदूरों के लिए अभी तक मेडिकल टीम की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिससे उसका स्क्रीनिंग हो सके। हालांकि इस बीच विद्यालय के शिक्षक जय कुमार सिंह और सूचना पर आये दंडाधिकारी व छातापुर बीईओ राम नारायण मेहता ने लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन आक्रोशित प्रवासी मजदूरों ने अधिकारी की आने की मांग पर अड़े थे। उनका कहना था कि इस सेंटर में सारी व्यवस्था किया जाय नहीं तो हमलोग सड़क जाम करेंगे। इसके बाद भीमपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद रवि व एएसआई संजय कुमार शुक्ला ने सभी को समझाया जिसके बाद लोग शांत हुए।
जिले भर में गुरुवार की शाम आई आंधी से फसल सहित संपत्ति का नुकसान हुआ है। तेज हवा के कारण सबसे अधिक नुकसान मकई की फसल को हुआ है, खड़ी फसल गिरने से भारी नुकसान हुआ हैं।
कोरोना संकट के बीच जारी लॉकडाउन में शुक्रवार को 1243 विद्यार्थी स्पेशल ट्रेन से आरा पहुंचे। उन्होंने लॉकडाउन के बाद हुई परेशानियों के बारे में जब बयां किया तो वह दिल दहलानेवाला था। कोटा में लैंडमार्ग सिटी स्थानीय हॉस्टल में रहकर एलेन कोचिंग संस्थान में मेडिकल की तैयारी कर रही जगदेव नगर निवासी अभिलाषा कुमारी ने बताया कि ट्रेन में आने में कोई परेशानी नहीं हुई। उसने बताया कि लॉकडाउन के पहले सबकुछ ठीक था। जैसे ही लॉकडाउन हुआ। मेस से खाना भी ठीक नहीं मिलता था।
बार-बार न्यूज पेपर पढ़कर ही कोरोना से संबंधित खबर भी मिलती थी। कोचिंग संस्थान वाले कभी-कभी खाना भी भेजते थे। हमे जल्द घर जाना था, इसके लिए इस कोचिंग संस्थान में जो भी आरा के रहनेवाले विद्यार्थी थे सभी ने मिलकर स्थानीय प्रशासन व डीएम से बात की तब जाकर पता चला कि स्पेशल ट्रेन जानेवाली है। 300 से ज्यादा विद्यार्थी इस कोचिंग संस्थान में पढ़ते है जो आरा के रहनेवाले है। आरा स्टेशन से मेरे पिता डा राजेन्द्र प्रसाद व मेरे चाचा राजीव कुमार मिले तो मेरी आंखे नम हो गई। बड़ा सुकुन महसुस अपने घर में कर रही हूं।
भोजपुर जिले के सहार प्रखंड के बरूही गांव के रहनेवाले छात्र रौशन कुमार ने बताया कि हमलोगोंको खाना उस हिसाब से नहीं मिल पा रहा था। मानसिक तनाव भी रहता था। इंस्च्यूट के जो भी सदस्य थे वे मदद करते रहे। पर जब लॉकडाउन बढ़ा तो और परेशानी बढ़ गई जिसके कारण अब हम कोटा नहीं गांव में ही रहकर पढ़ाई अभी करेंगे। जब स्थिति सुधरेगी और कोरोना संकट दुर होगा तभी हम जाने की अगर आवश्यकता पड़ी तो जाएंगे। ऐसे सभी पढ़ने की किताबें हम कोटा से ला दिए है। सरकार को पहले से ही ट्रेन चलाना चाहिए था, तो सभी छात्र व छात्राएं पहले ही घर पहुंच जाते।
एलेन कोचिंग संस्थान का छात्र कतिरा निवासी सत्यम राज ने बताया कि कोटा से आरा तो आ गया। पर रमना मैदान में बस सिर्फ छोड़ दिया, मै अपने माता व पिता को बुलाया और उनके साथ घर गया। परेशानी तो हुई। वही अपनी बेटी को लेने आए अभिभावक परमानंद राय ने बच्चों को उनके घर तक नहीं पहुंचाने की सुविधा पर कहा कि व्यवस्था ठीक नहीं है। अगर किसी के अभिभावक नहीं आते तो बच्चों को परेशानी जरूर झेलनी पड़ती। इस मामले में जिला प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए था।
कोटा में ऐलेन कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रहे छपरा के रहनेवाले फरहान नजर ने बताया कि सबसे ज्यादा खाने की समस्या हो रही थी। साथ पढ़नेवाले साथी सभी अपने-अपने अभिभावक से घर ले जाने के लिए मोबाइल से जिरह करते रहते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण वे कुछ नहीं कर पा रहे थे। मै जब टीवी में देखता था। पढ़ने में मन नहीं लगता था हमेशा घर के लोग याद आते थे। जब बिहार के राजनीतिक व सामाजिक लोगों का दवाब बढ़ा तो सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाई जिससे हम घर आज पहुंचे है। अब कोटा जाने की इच्छा नहीं हो रही है।
प्रखंड के बनैलीपट्टी पंचायत अंतर्गत वार्ड 06 में गुरुवार की रात घात लगाए अज्ञात अपराधियों ने पूर्व पैक्स अध्यक्ष गणेश यादव एवं उनके भांजा प्रदीप यादव को गोली मार दी। इस गोली कांड में पैक्स अध्यक्ष के 25 वर्षीय भांजे प्रदीप यादव की मौत हो गई। जबकि गोली लगने से गंभीर रूप से घायल गणेश यादव का इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
घटना की जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व पैक्स अध्यक्ष गणेश यादव के साथ उनका भांजा पंचायत के रामजानकी चौक स्थित अपनी दुकान बंद कर करीब आठ बजे रात में बाइक से वार्ड 12 स्थित गणेश यादव के घर लौट रहा था। उसी क्रम में वार्ड 06 स्थित बाढ़ राहत आश्रय स्थल के निकट पूर्व से घात लगाए अपराधियों ने सड़क को बांस से घेर रखा था। यह देख प्रदीप यादव ने बाइक मोड़ने का प्रयास किया। तब तक घात लगाए अपराधियों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरु कर दी। जिसमें बाइक चला रहे प्रदीप यादव को एक गोली सीने में लग गई एवं दूसरी गोली सिर को छूकर निकल गई। जबकि गणेश यादव के कमर एवं पैर में एक-एक गोली लगी है। घटना के क्रम में शोर सुन मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने दोनों घायलों को उठाकर वीरपुर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉ कुमार बीरेंद्र प्रसाद ने प्रदीप यादव को मृत घोषित कर दिया। जबकि खून से लथपथ घायल गणेश यादव को बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर कर दिया।
पूर्व प्रमुख ने लोगों से की पुलिस काे सहयोग करने की अपील : अनुमंडल अस्पताल पहुंचे पूर्व प्रखंड प्रमुख छातापुर सह राजद नेता जहूर आलम ने कहा कि लॉक डाउन के बावजूद गोली कांड हुई है। इस गोली कांड में हमारे राजद कार्यकर्ता गणेश यादव के भांजे प्रदीप की सीने में गोली लगने से मौत हो गयी है। हमारे कार्यकर्ता गणेश यादव की दो गोली लगने से हालत गंभीर है। जिसे चिकित्सक द्वारा रेफर किया गया है। ऐसी घटना अत्यंत हीं शर्मनाक है। लोगों से अपील करता है कि पुलिस अपना काम कर रही है। उसे सहयोग प्रदान करे। जल्द ही पुलिस हत्यारे को पकड़ेगी। इधर, एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल ने बताया कि प्रथम दृष्टया में घटना आपसी राजनीतिक रंजिश का प्रतीत हो रहा है।
जख्मी के भाई ने वर्तमान मुखिया पर लगाया आरोप
घायल गणेश यादव के बड़े भाई बेचू यादव ने कहा कि घटना चुनावी रंजिश का नतीजा है। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना में वर्तमान मुखिया जगदीश कोड़गिया का हाथ है। घटना के बाद शुक्रवार को वीरपुर एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल और थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने महिला पुलिस बल के साथ स्थल का जायजा लिया। इसके बाद शक के आधार पर बनैलिपट्टी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष मनीष कुमार के आवास पर गए। उनके पिता से मनीष के बारे में पूछताछ की। मनीष के पिता ने बताया कि वह सुबह से घर पर नहीं है।
कोरोना महामारी को लेकर सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। वहीं सरकार के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता एवं अध्ययनरत छात्रा भी कोराेना के विरूद्ध जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कोरोना वायरस का चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन को लेकर क्षेत्र की अध्ययनरत छात्राएं आर्थिक उन्नयन के लिए भी प्रभावी कदम उठा रही हैं। अपनी खर्च व मेहनत से इस घड़ी में समाज के साथ खड़ी दिख रही है। ऐसी ही दो छात्राओं में बीडी कॉलेज पटना एमकॉम सेमेस्टर वन में अध्ययनरत छात्रा पूनम राय व जेडी विमेंस कॉलेज पटना की स्नातक की छात्रा श्रुति मेहता शामिल हैं। जो छुट्टी में अपने गांव पिपराखुर्द आकर खुद अपने हाथों से सिलाई कर इन दिनों मास्क बना रही है। जो आसपास की महिलाओं के सहयोग से जंग से जुड़ चुकी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सिलाई मशीन से मास्क बनाकर गरीब, नि:सहाय व जरूरतमंदों के बीच बांट रही है। छात्रा पूनम राय व श्रुति मेहता का कहना है कि अकेले सरकार सब कुछ नहीं कर सकती। गरीब, नि:सहाय व जरूरतमंद लोगों के लिए मास्क तैयार कर बांटा जाएगा। मास्क तैयार करना बेहद आसान तरीका है। सर्दी, जुकाम होने पर मास्क लगाकर निकलना चाहिए।
गरीबों की सेवा ही वास्तविक धर्म
गरीबों की सेवा से ही वास्तविक धर्म है। इसलिए सबों को इस दिशा में हाथ बढ़ाना चाहिए। इंसानियत, भलाई, सहायता सेवा जैसे महान कार्य ही समाज का मूल आधार है। कर्मों से ही इंसान की पहचान होती है। इसलिए इस संकट की घड़ी में सभी साधन संपन्न परिवार को गरीबों के लिए दरियादिली दिखानी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस महामारी से बचने के लिए स्वच्छता अति आवश्यक है। इस दौरान बचाव के लिए हमेशा मुंह, नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढंकने के प्रति भी जागरूक कर रही है। उन्होंने कहा कि मास्क बनाने का कार्य शुरू किया है। ताकि आम लोगों को मास्क की कमी नहीं होने पाए। उन्होंने क्षेत्र के आम जनों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर अपने-अपने घरों में रहने, बार बार साबुन से हाथ धोने, सामाजिक दूरी बनाने, आस-पड़ोस साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
छातापुर प्रखंड क्षेत्र के केवला वार्ड 2 में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट का मामला सामने आया है। मामले को लेकर पीड़ित राकेश कुमार यादव ने एसपी और थाना के अलावा एसडीएम त्रिवेणीगंज को आवेदन दिया है। आवेदन में पीड़ित ने बताया है कि 28 अप्रैल की शाम उनकी जमीन में बने रास्ते को पड़ोस के ही रामविलास यादव ने जोर जबरदस्ती घेर दिया। इसी बात को लेकर जब उसे कहने गए तो रामविलास यादव व उनके पुत्र राजेश यादव और मुकेश यादव उनके मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच मेरी मां सुनीता देवी जब बीच बचाव करने आई तो मुकेश यादव ने मेरी मां के गले से एक भरी सोना का चैन छीन लिया और भाग निकला। भीमपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद रवि ने बताया कि दोनी पक्षों की ओर से आवेदन दिया गया है।
छातापुर प्रखंड क्षेत्र के केवला वार्ड 2 में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट का मामला सामने आया है। मामले को लेकर पीड़ित राकेश कुमार यादव ने एसपी और थाना के अलावा एसडीएम त्रिवेणीगंज को आवेदन दिया है। आवेदन में पीड़ित ने बताया है कि 28 अप्रैल की शाम उनकी जमीन में बने रास्ते को पड़ोस के ही रामविलास यादव ने जोर जबरदस्ती घेर दिया। इसी बात को लेकर जब उसे कहने गए तो रामविलास यादव व उनके पुत्र राजेश यादव और मुकेश यादव उनके मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच मेरी मां सुनीता देवी जब बीच बचाव करने आई तो मुकेश यादव ने मेरी मां के गले से एक भरी सोना का चैन छीन लिया और भाग निकला। भीमपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद रवि ने बताया कि दोनी पक्षों की ओर से आवेदन दिया गया है।
विश्व रेडक्रॉस दिवस पर शुक्रवार को ब्लड बैंक में वैश्विक महामारी के बीच खून की कमी न हो। लिहाजा 15 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। जिसमें नगर परिषद अध्यक्ष उदय गुप्ता, रेडक्रॉस चेयरमैन सतीश कुमार सिंह समेत 15 लोग शामिल हैं। विश्व रेडक्रॉस दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को डीएम सौरभ जोरवाल, एसपी दीपक बरनवाल व डीडीसी अंशुल कुमार ने फीता काटकर उद्धाटन किया।
इस अवसर पर नप चेयरमैन, रेडक्रॉस चेयरमैन, को-ऑपरेटिव चेयरमैन संतोष कुमार सिंह, पूर्व रेडक्रॉस चेयरमैन संजय सिंह, जिले के प्रख्यात समाजसेवी रविन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष मरगुब आलम, सचिव दीपक कुमार, कोषाध्यक्ष अजीत चंद्रा, प्रबंध समिति सदस्य पंकज वर्मा, अरुनजय कुमार सिंह, हिमांशु कुमार, दिलीप गुप्ता समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण दुनिया के कई देशों में लॉक डाउन है। संक्रमण के कारण लोगों में दहशत है। ऐसे में पूरे देशभर में खून की कमी है।
रक्तदान को इसीलिए महादान कहा जाता है। एसपी दीपक बरनवाल ने बताया कि खून का रिश्ता नहीं रहते हुए भी आप रक्तदान कर किसी परिवार से खून का रिश्ता जोड़ सकते हैं। रक्तदान एक पुण्य कार्य है। डीडीसी अंशुल कुमार ने बताया कि वैश्विक महामारी में खून की कमी हो गई। इसके बीच रक्तदान करने वाले काेरोना फाइटर्स हैं। जिले के प्रख्यात समाजसेवी व कारोबारी रविन्द्र कुमार सिंह व उनके बेटे अरूणजय कुमार दोनों ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया। रविन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मीडिया के माध्यम से खबर मिली कि लॉक डाउन के बीच कई ग्रुप के खून नहीं मिल रहे। लिहाजा मैं अपने पुत्र के साथ इस गंभीर विषय पर बात किया और हम दोनों ने रक्तदान करने का फैसला किया। जिसके बाद यहां पहुंचकर रक्तदान किए।
प्रवासी मजदूरों के लिए की जा रही क्वारेंटाइन की व्यवस्था को को लेकर एसडीएम सुभाष कुमार एवं एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल की संयुक्त अध्यक्षता में गुरुवार को प्रखंड के पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव और विद्यालय के प्रधान शिक्षकों के साथ विश्वकर्मा कॉलेज वीरपुर में बैठक हुई।
जहां एसडीएम सुभाष कुमार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन करना हमलोगों की पहली प्राथमिकता है। इस कार्य से जुड़े व्यक्ति स्वास्थ्य की दुहाई देकर उत्तरदायित्व से बचना चाहते हैं। इस कार्य में किसी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। एसडीएम श्री कुमार ने कहा कि बसंतपुर में सबसे ज्यादा प्रवासियों के आने की खबर है। इसके लिए हमें पूर्ण रूप से तैयारी करके रखनी होगी। उन्होंने सभी मुखिया को निर्देश दिया कि वे अपने वार्ड सदस्य, वार्ड पंच के माध्यम से अपने पंचायत के सभी विद्यालयों को क्वारेंटाइन सेंटर के लिए तैयार रखें। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर पर बिजली, पानी, शौचालय, थाली, बिछावन एवं भोजन की समुचित व्यवस्था के लिए बसंतपुर सीअो से मिल सभी वस्तुएं प्राप्ति कर सकते हैं। बैठक में नपं वीरपुर के ईओ सुशील कुमार, सीओ विद्यानंद झा, कार्यपालक दंडाधिकारी अजय कुमार, चिकित्सा प्रभारी बसंतपुर डॉ अर्जुन चौधरी मौजूद थे।
सेंटर से परिजनों से मिलने जाने वाले प्रवासी पर होगी कार्रवाई : वहीं एसडीपीओ वीरपुर रामानंद कुमार कौशल ने कहा कि प्रखंड के विद्यालय के साथ-साथ पंचायत सरकार भवन को भी क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल में लिया जा सकता है। इसके लिए पंचायत के मुखिया भी तैयार रहें। एसडीपीओ श्री कौशल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अथवा उनके परिजन क्वारेंटाइन किए गए लोगों से मिलने सेंटर पर किसी भी परिस्थिति में नहीं आएंगे। क्वारेंटाइन किए गए लोग भी किसी हाल में सेंटर से बाहर नहीं जाएंगे, अन्यथा उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरडीओ बसंतपुर देवानाद कुमार सिंह ने कहा कि बसंतपुर पंचायत में करीब 5 हजार लोगों के आने की उम्मीद है।
कोराेना संक्रमित आवास सहायक के संपर्क चेन में 50 ज्यादा लोगों को शामिल होने की संभावना है। प्रशासन द्वारा उसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। लेकिन इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। आवास सहायक मदनपुर प्रखंड के दधपी गांव का रहने वाला है। लेकिन वह रफीगंज में आवास सहायक के रूप में कार्यरत है। इसलिए उसके संपर्क चेन में मदनपुर से लेकर रफीगंज तक में शामिल हैं। मदनपुर में परिवार समेत 25 से 30 लोग शामिल हैं। जबकि रफीगंज में भी इतने ही लोगों को शामिल होने की बात कही जा रही है। लेकिन रफीगंज में उसका संपर्क चेन बड़ा हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार कोरोना पॉजिटिव रफीगंज का आवास सहायक 23 अप्रैल को बलिगांव गांव में संक्रमित हुआ। वह बलिगांव के संक्रमित युवक के संपर्क में आया था। वह वहां राहत सामग्री वितरण व अन्य ड्यूटी कार्य में लगा था। लेकिन उसकी तबीयत बिल्कुल ठीक थी। लिहाजा उसे शक नहीं हुआ। जब बलिगांव का युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो तत्काल उसका संपर्क चेन खंगाला गया। जिसमें आवास सहायक भी शामिल था।
औपचारिकता के लिए उसकी भी जांच करायी गई। जब जांच रिपोर्ट आया तो सभी चौंक गए। लेकिन इस दौरान वह छह दिनों तक ड्यूटी किया। 28 अप्रैल तक वह लगातार ड्यूटी किया है। मंगलवार को आयोजित आवास सहायकों के आयोजित मीटिंग में शामिल हुआ था। इस दौरान वह कई लोगों के संपर्क में आया होगा। इसलिए उसका संपर्क चेन मदनपुर के तुलना में रफीगंज में बड़ा हो सकता है। उसके संपर्क चेन को तत्काल होम क्वॉरेंटाइन करना चाहिए।
ऑफिस के बाबू से लेकर सहकर्मियों मेंहड़कंप, हर कोई चाहता हमारी जांच हो
नाम न छापने के शर्त पर एक आवास सहायक ने बताया कि ऑफिस के बाबू से लेकर सारे सहकर्मियों में भय का माहौल है। वह ड्यूटी के दौरान रोजाना एक बाबू को रिपोर्ट सौंपता था। वह बहुत डरे हुए हैं। वहीं उसके साथ समय बिताने वाले सहकर्मी भी चिंतित हैं। उनका लिस्ट बना है या नहीं, लेकिन वह खुद को उस लिस्ट में मानते हुए अपने घरों में खुद को परिवार से अलग कर समय गुजार रहे हैं। खाना-पीना सभी अलग थाली, ग्लास में कर रहे हैं। उनके इस हरकत से घर के लोगों में भी चिंता है। लेकिन वे घबराए हुए नहीं हैं। सभी सहकर्मियों को भरोसा है कोरोना से सिर्फ जांच हो जाए, बाकी नतीजा से हम नहीं डर रहे।
27 प्रवासियों की जांच रिपोर्ट आयी निगेटिव
डीपीएम डॉ. कुमार मनोज ने बताया कि शुक्रवार को 27 प्रवासी मजदूराें का जांच रिपोर्ट निगेटिव आया है। लगातार निगेटिव रिपोर्ट आ रही है। 97 फीसदी से ज्यादा जांच रिपोर्ट निगेटिव है। अब तक 11 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। शुक्रवार को 52 प्रवासियों का सैम्पल जांच के लिए पटना भेजा गया है।
बोले डीएम
समाज के सभी लोगों को कोरोना के प्रति सावधान होकर सावधानी व एहतियात बरतनी चाहिए। आपकी सावधानी से ही कोरोना हारेगा और हम जीतेंगे। मरीज यहां तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। यह अच्छी बात है।
सौरभ जोरवाल, डीएम
शुक्रवार की सुबह बालू उठाव के दौरान अश्लील गाना बजाने को लेकर अंबा थाना क्षेत्र के परता व किशनपुर गांव के ग्रामीणों के बीच जमकर मारपीट हुई। मारपीट के इस घटना दोनों गांव के कई लोगों के जख्मी होने की सूचना है। सूत्रों के अनुसार किशनपुर गांव निवासी भीम सिंह व परता गांव निवासी रामजतन भुइयां के बीच मारपीट हुई है। भीम सिंह अपना ट्रैक्टर लेकर बालू लोड करने बटाने नदी पहुंचा था। जहां रामजतन भुइयां के घर की महिलाएं नदी में स्नान करने गई थी। बालू लोड करने के दौरान ट्रैक्टर चालक द्वारा अश्लील गाना बजाया जा रहा था। मना करने पर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए।
उक्त गांव में मारपीट की सूचना के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। इस संबंध में पूछने पर थानाध्यक्ष वीरेंद्र पासवान ने बताया कि मारपीट की सूचना मिली है, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं गया है। न ही किसी ने कोई लिखित आवेदन दिया है। आवेदन मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। कुटुंबा प्रखंड में लॉक डाउन के दौरान भी अवैध बालू व शराब का कारोबार चरम पर है। अंबा, कुटुंबा व रिसियप थाना क्षेत्र के विभिन्न गांव से होते हुए बटाने व बतरे नदी गुजरती है। इनमें से शायद ही ऐसा कोई गांव हो जहां बालू चोरी नहीं होती है।
अवैध खनन कर रहे चार ट्रैक्टर जब्त, वसूला जुर्माना
शुक्रवार को बालू के अवैध खनन में लगे चार ट्रैक्टर को बारूण पुलिस जब्त किया है। सभी ट्रैक्टरों को एनीकट बालूघाट से पकड़ा गया है। पकड़े गए वाहनों बारूण थाना में रखा गया है। जुर्माना वसूलने के बाद छोड़ा जाएगा। यह कार्रवाई बारूण सीओ बसंत कुमार राय के नेतृत्व में की गई। बालू की अवैध ढुलाई की सूचना प्रशासन को मिली। जिसके बाद सीओ ने बारूण थानाध्यक्ष रंजय कुमार के साथ छापेमारी शुरू की। जैसे ही सीओ दल-बल के साथ एनीकट बालू घाट पहुंचे तो बालू माफियाओं में हड़कंप मच गई। ट्रैक्टर छोड़कर भागने लगे। जिसके बाद चार ट्रैक्टरों को जब्त किया गया। बारूण थानाध्यक्ष ने बताया कि वाहन को जब्त कर खनन विभाग के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन द्वारा लॉकडाउन में इतनी सख्ती अपनाने के बावजूद बारूण प्रखंड के कई बालू घाटों से दिन के उजाले में बालू की ढुलाई जारी है।
शुक्रवार को अचानक एक घर में आग लग गई। जिसके कारण घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। इस घटना में मकान मालिक को हजारों रुपए का नुकसान हुआ है।घटना ओबरा थाना क्षेत्र के कंचन बिगहा गांव की है। अगलगी की घटना उसी गांव निवासी टुल्लू भुईयां व लक्ष्मण भुईयां के घर में हुई है। मकान मालिक ने बताया कि अगलगी के कारण घर में रखे अनाज, बर्तन, कपड़ा एवं नगद रुपए जलकर राख हो गए। जिसके कारण उन्हें हजारों रुपए का नुकसान हुआ है।
ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग प्रशासन से की है। इस संबंध में ओबरा सीओ ने बताया कि राजस्व कर्मचारी को भेजकर मुआवजा का आंकलन कराया जाएगा। ओबरा थाना क्षेत्र के कंचन बिगहा गांव निवासी टुल्लू भुईयां व लक्ष्मण भुईयां के घर से अचानक धुंआ उठने के बाद परिजनों ने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि आग पर काबू नहीं हो रहा था।
शुक्रवार को मछली पकड़ने को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग जख्मी हो गए। जिनका इलाज सदर अस्पताल में कराया जा रहा है। घटना फेसर थाना क्षेत्र के कृपा बिगहा गांव की है। जख्मी लोगों में एक पक्ष के बंगाली पासवान, मुगल पासवान, धर्मेंद्र पासवान, गुड्डू पासवान, दीपक पासवान, उपेन्द्र पासवान, सत्येंद्र पासवान, सबीर पासवान, रविंद्र पासवान, राजेंद्र पासवान, मुन्ना पासवान समेत अन्य लोगों का नाम शामिल है। जबकि दूसरे पक्ष के सुदर्शन कुमार, किरण यादव, बिगन यादव, अरुण यादव, राजेश यादव जख्मी हो गए।
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ ग्रामीण सार्वजनिक तालाब में मछली मार रहे थे। जबकि पक्ष के लोग उन्हें रोकने पहुंचे थे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुई और मारपीट शुरू हो गया। घटना के बाद सभी जख्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां उनका इलाज जारी है। सूचना पर नगर थाना की पुलिस वहां पहुंची और बारी-बारी से दोनों पक्ष के जख्मियों का फर्द बयान दर्ज किया।
थाना पुलिस ने गुरुवार की रात त्रिवेणीगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गणपति ठाकुर के नेतृत्व में थाना क्षेत्र के गुडिया पंचायत स्थित एक सुनसान बांसबाड़ी से 1681 बाेतल विदेशी शराब और 160 बोतल बीयर केन बरामद किया गया है। जदिया थाना अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना आधार पर यह छापेमारी की गई थी। जिसमेें पुलिस को पंचायत स्थित एक सुनसान बांसबाड़ी से विभिन्न ब्रांड का 180 एमएल का 1466 बोतल व 750 एमएल का 215 बोतल विदेशी शराब बरामद किया गया। साथ ही 500 एमएल का 160 बोतल बीयर केन भी पुलिस ने बरामद किया। बताया कि मामले में उत्पाद अधिनियम की विभिन्न धराओ के तहत अज्ञात के विरुद्ध कांड दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी दल में डीएसपी के साथ त्रिवेणीगंज थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार, जदिया थाना अध्यक्ष पंकज कुमार व पुलिस बल शामिल थे। पुलिस की इस कार्रवाई से शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
पैक्स चुनाव के दौरान वोटिंग बूथ पर फायरिंग करने वाला भरूब पैक्स अध्यक्ष को ओबरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को उक्त पैक्स अध्यक्ष की गिरफ्तारी ओबरा बाजार से की गई है। गिरफ्तार पैक्स अध्यक्ष मनीष कुमार पांडे ओबरा थाना क्षेत्र के भरूब गांव का रहने वाला है। ओबरा थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि गिरफ्तार पैक्स अध्यक्ष द्वारा पैक्स चुनाव में वोटिंग के दौरान बूथ पर फायरिंग की गई थी। जिसका नामजद अभियुक्त उक्त पैक्स अध्यक्ष था। गिरफ्तार पैक्स अध्यक्ष को रिमांड के लिए कोर्ट भेज दिया गया है। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पैक्स चुनाव के दौरान हुई थी पथराव व गोलीबारी
पैक्स चुनाव के दौरान भरूब बूथ पर गोलीबारी की गई थी। इसके साथ-साथ दाे पक्षों के बीच पथराव भी हुअा था। जिसमें कुछ लोग जख्मी भी हुए थे। घटना के दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग एफआईआर ओबरा थाना में दर्ज करायी गई थी। जिसमें वर्तमान भरूब पैक्स अध्यक्ष मनीष कुमार पांडे को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। मामला दर्ज करने के बाद ओबरा पुलिस तहकीकात में जुटी। तहकीकात के दौरान पैक्स अध्यक्ष मनीष पांडे पर गोलीबारी का लगाया गया आरोप सत्य पाया गया। जिसके बाद पैक्स अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया। थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है।
कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित न हो, इसे लेकर अनुमंडल मुख्यालय स्थित रेसिडेंशियल गुरुकुल स्कूल में ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था शुरू की गई है। विद्यालय की प्राचार्या रूबी चौधरी ने बताया कि समिति संसाधनों के बावजूद विद्यालय के शिक्षक प्रतिदिन वीडियो लेक्चर व कंटेट विद्यालय के फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल, व्हाट्सएप ग्रुप तथा गूगल क्लास रूम पर अपलोड किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक बच्चे लाभांवित हो सके। विद्यालय के डायरेक्टर राकेश चौधरी ने बताया कि एलकेजी से दशम वर्ग के छात्र एवं छात्राओं को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, हिंदी व अंग्रेजी विषय के अतिरिक्त उनकी रुचि के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पढ़ाई जा रही है। विद्यालय के सचिव रवि प्रकाश ने बताया कि अगले सप्ताह से साप्ताहिक व मासिक जांच परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन कराया जाएगा। इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है। सरकार के दिशा-निर्देश के मुताबिक छात्र व छात्राओं से मासिक शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। मौके पर एकेडमी सुपरवाइजर विकास आंनद, विवेक कुमार, मणिभूषण चोधरी, अभिषेक आनंद आदि मौजूद रहे।
सदर प्रखंड अंतर्गत सुपौल-सहरसा सीमा पर तैनात पुलिस कर्मी के लिए खुद को सुरक्षित कर पाना बड़ी चुनौती साबित हो रही है। गुरूवार को सुपौल-सहरसा सीमा पर उपस्थित अधिकारी एवं पुलिस बल दबी जुबान से आपबीती एक-दूसरे को सुना रहे थे। उपस्थित अधिकारी एवं पुलिस जवानों ने बताया कि हम कुछ नहीं कह सकते हैं।
हम लोग कुछ कहेंगे तो हम लोगों पर कार्रवाई हो जाएगी। इसलिए हम लोग सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाते हैं और जैसे-तैसे अपनी जिंदगी बसर करते हैं। वहीं पता चला कि सीमा पर अधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति तो कर दी गई है। लेकिन अधिकारी एवं पुलिस बल के रहने, खाने-पीने, शुद्ध पेयजल का उचित प्रबंध नहीं किया गया है। यहां तक की शौचालय एवं बिजली की कोई व्यवस्था ही नहीं है। पुलिस प्रशासन द्वारा एक टेंट बना दिया गया। जिसमें एक अवर निरीक्षक, एक सहायक अवर निरीक्षक एवं 8 पुलिस जवान रहते हैं। वहीं 10 आदमी के लिए पुलिस प्रशासन ने केवल 4 सिंगल बेड दिया है। वहीं सीमा बॉर्डर पर बनी कैंप के बगल के बगीचे में एक चदरा का घर स्थानीय लोगों का बना है। जो पुलिस बल को रहने के लिए दे दिया है।
प्रतिनियुक्त अधिकारी एवं पुलिस जवानों के लिए सुबह शौचालय जाने एवं नित्य क्रिया से निवृत होने से ही परेशानी शुरू हो जाती है। कैंप के चारों ओर किसानों का खेत खलिहान होने के कारण शौचालय जाने में भी काफी कठिनाई होती है। वहीं शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। लिहाजा सभी चापाकल के आयरनयुक्त पानी पीने को विवश हैं। वहीं बिजली की कोई सुविधा नहीं रहने के कारण अधिकारी एवं पुलिस बल दिन में किसी तरह अपनी ड्यूटी तो निभा लेते हैं। लेकिन रात के समय में सीमा की सुरक्षा एवं अपने हथियार की रक्षा करने के लिए सभी जवानों पूरी रात जागना पड़ता है। दबी जुबान से पुलिस बल कहते है कि रात में अंधेरा के कारण कई तरह के कीड़े-मकोड़े एवं जहरीले सांप भी दिखाई पड़ते हैं। जिससे भय का माहौल बना रहता है। इस बाबत सदर एसडीपीओ विद्यासागर ने कहा कि कैंप प्रतिनियुक्त अधिकारियों एवं जवान को अगर किसी प्रकार की असुविधा है तो उसे जल्द ही दूर किया जाएगा।
लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक परेशानी मजदूरों को हो रही है। ये प्रतिदिन जो कमाते थे, उसी पैसे से अनाज घर में आता था और उनके घर का चूल्हा जलता था। दैनिक मजदूरी करने वाले परिवारों की इस समय सबसे अधिक आर्थिक हालत खराब है। ऐसे संकट काल में मनरेगा पर ग्रामीण मजदूरों की निगाहें टीकी हुई है। इधर कोरोना को लेकर दूसरे प्रदेशों में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों की घर वापसी को देखते हुए मनरेगा विभाग ने भी कमर कस लिया है। उधोगों और रोजगार के दूसरे अवसरों के बंद रहने की स्थिति में मनरेगा ग्रामीण गरीबों के लिए संबल साबित होगा।
2998 योजनाओं को करने के लिए मिली है स्वीकृति
पंचायतों की बैठक में प्रखंड में सृजित योजनाओं के तहत रोजगार देने के लिए प्रखंड मेंं कुल 2998 योजनाओं की मंजूरी मनरेगा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ले ली है। बिहार ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी की मानें तो जो भी रोजगार मांगेगा उसे रोजगार दी जाएगी। फिलहाल करीब चार हजार परिवारों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता है। प्रखंड में 20616 मजदूर पंजीकृत हैं जिसमें से 5537 एक्टिव मजदूरों की श्रेणी में हैं। ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने वाले कामों के अलावा पौधारोपण के कामों में भी काफी लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा।
कई बंद पड़ी योजनाएं हो सकती है शुरू
विभाग लॉकडाउन के कारण बंद पड़ीं कई योजनाओं को फिर से शुरू करने जा रही है तथा कई नई योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाने की पहल की गयी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न पंचायतों में एक्टिव मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलने का रास्ता साफ है। कई पंचायतों में स्थानीय स्तर पर काम शुरू भी किए गए हैं। इन मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर ही मास्क, हैंडवाश और साबुन आदि की व्यवस्था की गयी है। सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी आवश्यक किया गया है।
शुरू किया जा रहा काम मांगो अभियान
कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि सभी गांवों में ग्रामीणों के बीच काम मांगो अभियान के तहत पंचायत रोजगार सेवक ग्रामीण इलाकों में घूम-घूम कर काम करने के इच्छुक लोगों से आवेदन लेंगे। नए मजदूरों को इससे लाभ मिलेगा। इसकी शुरुआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा व्यक्तिगत लाभ वाली योजनाएं जैसे ग्रामीण पौधरोपण, पौधशाला, छोटे तालाब का निर्माण व उड़ाही तथा जल संचयन संरचना का निर्माण करवाने पर बल दिया गया है।
जल जीवन हरियाली अभियान शुरू
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा जल-जीवन-हरियाली योजना से संबंधित वैसी सभी योजनाओं पर भी काम तुरंत शुरू कर दिया जायेगा। विभागीय कर्मियों को पौधा लगाने के संबंध में वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया है। पौधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी वन विभाग की है। गड्ढे खोदने के लिए मजदूरों से संपर्क शुरू कर दी गयी है।
पंचायत स्तर पर ली गयी कुल योजनाएं:
मनरेगा कार्यालय के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र के बराव पंचायत में 178, वेरकप पंचायत में 149, भैंसहां पंचायत में 239, भलुआड़ी में 258, चकन्हा में 378, दहाउर में 202,दरिहट में 166, गंगौली में 147, मझीआंव में 266, मथुरी में 350, पतपूरा में 156 और सर्वाधिक पहलेजा में 423 एवं सबसे कम जमुहार में 86 योजनाएं ली गयी हैं।
कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है। कोरोना को लेकर सरकार द्वारा लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान कई लोग गरीब व असहायों की मदद में जुटे हुए हैं। इसी दौरान समाजसेवी विवेक कुमार पांडेय उर्फ सोनू पांडेय ने लोगों की सहायता के लिए इंफ्रारेड थर्मामीटर मंगाया है। जिससे की कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्र सहित सभी लोगों के शरीर के तापमान की जांच हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस हमारे कोरोना योद्वा है।
उन्होंने करगहर थानाध्यक्ष के शरीर के तापमान इंफ्रारेड थर्मामीटर से जांच कर कार्य शुरूआत की। कहा कि पुलिस अपने परिवार से दूर रहकर हम सभी की रक्षा के लिए दिन रात ड्यूटी में लगे हैं। इस लड़ाई में अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो और इन्फ्रारेड थर्मामीटर मंगाया गया है। जो कोचस और बड़हरी थाना को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
नगर पंचायत के वार्ड 11 स्थिति सार्वजनिक श्रीरामजानकी मंदिर समिति के सदस्यों ने गुरुवार को वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर में नगर पंचायत के सफाई कर्मियों का फूल और मालाओं से स्वागत किया। वहीं समिति की ओर से अंग वस्त्र भी प्रदान किया गया।
जरूरत के अनुसार सफाईकर्मियों के बीच राहत किट का भी वितरण किया गया। जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के सचिव जयशंकर कुमार ने बताया कि मंदिर समिति समय-समय पर सामाजिक कार्यो में अग्रसर रहा है। कोरोना महामारी के संक्रमण काल में पीएम केयर फंड में कमेटी की ओर से 5100 रुपए भेजा गया। इससे पहले भी कई अवसरों पर गरीब कल्याण के क्षेत्र में समिति ने कार्य किया है। आज भी कोरोना वारियर्स को सम्मानित कर उन्हें राहत किट प्रदान किया गया है। मौके पर हरेंद्र साह, प्रमोद गुप्ता, आलोक जैन, कमल सिंह, अनिल कुमार, महेंद्र दास, राजीव मिश्रा, शिवजी साह, सुशील वैश्य मौजूद थे।
वर्ल्ड थैलेसिमिया डे पर शुक्रवार को एएनएमएमसीएच ब्लड बैंक में शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के 11 युवाओं ने रक्तदान किया। शिविर का उद्घाटन ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष सोनी कुमार वर्मा और ऋषिमुनी कुमार ने किया। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि थैलेसिमिया एक गंभीर व जटिल बीमारी है जिसमें मरीजों के शरीर में रक्त का निर्माण नहीं हो पाता है। इसके कारण इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को बाहर से खून चढ़ाने की हमेशा जरूरत पड़ती है। अधिकांश इस बीमारी से बच्चे ग्रसित होते हैं जो पूरी तरह दूसरे के खून पर ही निर्भर होते हैं।
श्री वर्मा ने कहा कि युवाओं को समाज के लिए रक्तदान को आगे आना होगा तभी खून की कमी को दूर की जा सकेगी। आज भी देखा जाता है कि लोगों में ऐसी भ्रांतियां हैं कि वे अपने निकट परिवार को भी खून देना नहीं चाहते हैं। वे समझते हैं कि खून देने से वे कमजोर हो जाएंगे। जबकि ऐसा नहीं है और जो खून शरीर से बाहर निकलता है उसे 48 घंटे में शरीर पुन: निर्माण कर लेती है। रक्तदान करने वालों में सोनू कुमार, ऋषि मुनि कुमार, गोल्डी गायब, विवेक कुमार उर्फ बिल्लू, साबिर, पवन यादव, सागर सेठ, सौरभ सिंह, विकास कुमार, दीपक चंद्रवंशी, ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष साहिल कुमार उर्फ जोंटी शामिल थे।ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को कुल 13 यूनिट रक्तदान किया गया।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रंजीत कुमार मिश्रा को फारबिसगंज विधानसभा प्रभारी बनाए जाने पर उनके पैतृक गांव बलुआ बाजार एवं आसपास के क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की है। खुशी जाहिर करते हुए ललन झा, गौरव मिश्रा, लक्ष्मी सरदार, डोमी राय, भुवनेश्वर झा, सरयुग साह, मुन्ना कुमार साह आदि ने बताया कि रंजीत मिश्रा जैसे समर्पित कार्यकर्ता को फारबिसगंज विधानसभा प्रभारी बनाए जाना अत्यंत खुशी की बात है। इससे स्थानीय स्तर पर पार्टी की नींव मजबूत होगी। रंजीत मिश्रा जमीन से जुड़े कार्यकर्ता हैं। वही रंजीत मिश्रा ने बताया कि पार्टी ने जो उन्हें दायित्व सौंपा है उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे। हम लोगों को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सभी योजनाओं को समाज के अंतिम लोगों तक पहुंचाने का दायित्व मिला है। जिसके लिए हम लोग हमेशा तैयार हैं।
गौरतलब हो कि रंजीत मिश्रा पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय लेखानंद मिश्र के पुत्र हैं। करीब 15 वर्ष पहले पंचायत अध्यक्ष के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करते हुए वो बिहार प्रदेश में किसान मोर्चा के सदस्य रहे हैं। साथ ही छातापुर विधानसभा सदस्यता प्रभारी एवं जिला कार्यसमिति सदस्य के रूप में भी सेवा प्रदान की है। श्री मिश्र ने फारबिसगंज विधानसभा प्रभारी बनाए जाने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल एवं प्रदेश महामंत्री सुशील चौधरी एवं आनंद मिश्रा सहित प्रदेश के सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
लॉकडाउन में बाहर फंसे मजदूरों का श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए आना जारी है। 24 घंटे के अंदर पूर्णिया में चार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1337 प्रवासी श्रमिक पहुंचे हैं। शुक्रवार शाम करीब 2 घंटे देरी से 4.20 में पंजाब के लुधियाना से श्रमिक स्पेशल ट्रेन पूर्णिया पहुंची। ट्रेन में पूर्णिया जिले के 1210 लोगों के साथ पड़ोसी अररिया समेत अन्य जिले के 42 लोग शामिल थे। लुधियाना से पूर्णिया पहुंचे मजदूरों ने बताया कि टिकट का पैसा नहीं लिया गया। रास्ते में भी खाने-पीने की परेशानी नहीं हुई। लेकिन, अब बाहर जाने से पहले एक बार सोचेंगे जरूर।
डीएम राहुल कुमार ने बताया कि लुधियाना, भरूच, नंदूरबार और सूरत से आए अन्य जिलों के प्रवासियों को उनके जिले में भेज दिया गया है। जिले के श्रमिकों को उनके गृह प्रखंडों में बने होम क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया है। महाराष्ट्र के नंदूरबार मदरसा से आए 88 बच्चे 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। बाहर से आ रहे मजदूरों ने बताया कि बाहर जाकर कमाना-खाना मजबूरी है। कमाने नहीं जाएंगे तो परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। लॉकडाउन से पहले तक कोई परेशानी नहीं थी। लॉकडाउन के बाद काफी जिल्लत उठानी पड़ी। जैसे-तैसे दिन गुजर रहा था, ट्रेन में बैठने के बाद राहत मिली।
मजदूरों ने कहा-सरकार यदि बिहार में देगी रोजगार के अवसर तो नहीं जाएंगे बाहर
स्टेशन पर ट्रेन से उतरे हुए मजदूरों ने काफी राहत की सांस ली। ये मजदूर काफी हतोत्साहित और परेशान नजर आ रहे थे। कहा- ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे उनका पुनर्जन्म हुआ है। मजदूरों ने बताया कि यदि बिहार सरकार हमें अपने ही राज्य में रोजगार का अवसर देगी तो कभी बाहर नहीं जाएंगे। आज यदि यहां रोजगार मिलता तो हमारी यह हालत नहीं होती। लाॅकडाउन लगते ही सभी उद्योग बंद हो गए। मालिक ने काम से भी निकाल दिया। जो पैसे थे उससे जैसे-जैसे गुजारा किए। पैसा खत्म होने के बाद गुरुद्वारा और अन्य दाताओं के सहयोग से एक वक्त की रोटी नसीब हो रही थी।
महाराष्ट्र के नंदूरबार से पहुंचे 1282 यात्रियों में ज्यादातर मदरसा के बच्चे, सभी को भेजा गया होम क्वारेंटाइन, किशनगंज के 188
गुरुवार की देर रात 1.15 बजे महाराष्ट्र के नंदूरबार से 1282 यात्रियों को लेकर ट्रेन पूर्णिया जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन में ज्यादातर मदरसा के बच्चे थे। नंदूरबार से पहुंची ट्रेन में पूर्णिया के 88 यात्रियों के अलावा किशनगंज के 182,कटिहार के 166,अररिया के 91,अरवल के 3,औरंगाबाद के 23,बांका के 7,बेगूसराय के 30, भागलपुर के 27,भोजपुर के 1, बक्सर के 4, दरभंगा के 61,पूर्वी चंपारण के 27, गया के 24, गोपालगंज के 43, जमुई के 7, जहानाबाद के 4,कैमूर के 1, खगड़िया के 5, मधेपुरा के 5, मधुबनी के 20, मुंगेर के 11, मुजफ्फरपुर के 41, नालंदा के 14,नवादा के 17,पटना के 89, रोहतास के 22, सहरसा के 38,समस्तीपुर के 35,छपरा के 12, शेखपुरा के 5, शिवहर के 5,सीतामढ़ी के 20,सिवान के 63,सुपौल के 3,वैशाली के 6 व पश्चिमी चंपारण के 82 यात्री शामिल थे। ट्रेन से आए मदरसा के बच्चों की स्क्रीनिंग करवाकर बस के माध्यम से उन्हें विभिन्न जिलों में भेज दिया गया।
भरूच से आए 1240 यात्री, अररिया के सबसे ज्यादा 633, पूर्णिया के 29
गुजरात के भरूच से 1240 यात्रियों को लेकर एक ट्रेन शुक्रवार की देर रात पूर्णिया जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन में अररिया जिले के सबसे ज्यादा 633 लोग शामिल थे। ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही सभी यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग करवा कर उन्हें गृह जिला में भेजा गया।बाहर से आने वाले सभी यात्रियों को 21 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होगा। भरूच से आने वाली ट्रेन में अररिया के 633 लोगों के अलावा कटिहार के 291, किशनगंज के 65, मधुबनी के 55, सहरसा के 45, सुपौल के 36, पूर्णिया के 29, गोपालगंज के 24, सिवान के 7, दरभंगा के 16, भागलपुर के 10, खगड़िया के 7, पश्चिम चंपारण के 6, मुजफ्फरपुर के 5, मधेपुरा के 3, पूर्वी चंपारण के 3, बांका के 3, सारण के 1, पटना के 1 यात्री शामिल है। अहमदाबाद के भरूच से आने वाले यात्रियों को 51 बसों के माध्यम से उनके गृह जिला भेजा गया। यात्रियों को ले जाने के लिए अररिया से 25, कटिहार से 12, किशनगंज से 3, मधुबनी, सहरसा, सुपौल से 2-2 और गोपालगंज से 1 बस पहुंची थी।
24 घंटे के अंदर पूर्णिया में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सूबे के 5 हजार से ज्यादा श्रमिक और मदरसा के बच्चे आए
24 घंटे के अंदर पूर्णिया में चार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के सहारे सूबे के 5 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिक और मदरसा के बच्चे पूर्णिया पहुंचे हैं। इनमें जिले के 1337 लोग शामिल हैं। पूर्णिया में गुरुवार की रात्र 8 बजे गुजरात के सूरत से पहली ट्रेन पहुंची थी। इसमें पूर्णिया के 10 यात्री शामिल थे। देर रात 2 बजे के आस-पास महाराष्ट्र के नंदूरबार से 1282 लोगों को लेकर एक ट्रेन पहुंची। इस ट्रेन में ज्यादातर मदरसा के बच्चे शामिल थे। इसमें पूर्णिया जिले के मदरसे के 88 बच्चे शामिल थे। शुक्रवार को पंजाब के लुधियाना से 1250 लोगों को लेकर पहली ट्रेन पहुंची। इस ट्रेन में 1210 लोग पूर्णिया के ही थे। रात में ही गुजरात के भरूच से 1240 लोगों को लेकर एक ट्रेन पहुंची। इसमें पूर्णिया के 29 यात्री शामिल थे।
एक तरफ जहां प्रशासन जलालगढ़ के कोरोना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आए सात लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद राहत की सांस ले रहे था, वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को पीड़ित युवक के चचेरे भाई के संपर्क में आए तीन लोगों में संदिग्ध लक्षण पाए जाने के बाद जांच के लिए एम्बुलेंस से पूर्णिया भेजा गया है।
पीएचसी जलालगढ़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भीमलाल ने बताया कि शुक्रवार को भी कंटेनमेंट जोन में डोर टू डोर सर्वे का काम जारी रहा। डोर तो डोर सर्वे के दौरान गांव से तीन संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की पहचान हुई है। तीनों लोग पीड़ित युवक के चचेरे भाई जिसकी बाइक पर बैठ कर युवक एक मई को अपने गांव पहुंचा था, उसके संपर्क में आए थे। उन सभी को एहतिहातन जांच के लिए पूर्णिया भेजा गया है, जहां से उसका सैंपल जांच के लिए भेजा जा सकता है।
उधर, युवक के संपर्क में आए पीड़ित की मां, दादी, पत्नी, दो बहनें और दो वर्षीय भांजा तथा और एक युवक की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में ही रखा जाएगा। बीडीओ मोनालिसा प्रियदर्शी ने बताया कि कंटेनमेंट जोन का पूरा एरिया सील है। लोगों को लगातार घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लगातार पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है। इस दौरान लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
केनगर प्रखंड के काझा गणेशपुर गांव में आपसी रंजिश को लेकर बाइक सवार अपराधियों ने गांव के नंद किशोर राय उर्फ बुद्धन राय को पीछे से गोली मार दी और फरार हो गया। घटना शुक्रवार रात 8.30 बजे की है। गोली बुधन राय के पेट में लगी है। इससे स्थानीय लोगों ने उपचार के लिए शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।
केनगर थाना प्रभारी मिथिलेश कुमार ने बताया कि गोली से जख्मी पीड़ित को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि गोली से जख्मी नंद किशोर राय ने पुलिस को बताया कि गोली मारने वाला अमित साह उर्फ अनंता एवं उमा दास उसके साथ था। मौके पर उपस्थित गणेशपुर पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि गोली मारने वाला आरोपी अमित शाह इन दिनों शराब का कारोबार करता है। गोली की घटना को अंजाम देकर बाइक सवार आरोपी अमित शाह एवं उसके सहयोगी फरार हो गया है। इधर, पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। गोली की घटना के बाद गणेशपुर पंचायत में सनसनी फैल गई। बताया जाता है कि 2 माह पूर्व आरोपी एवं गोली से जख्मी दोनों एक साथ ही रहते थे। पुलिस इसकी छानबीन कर रही है।
रसेली घाट में गुरूवार की संध्या नाविक के साथ मारपीट कर लूटपाट किए जाने और घाट पर परिचालित नाव पर अवैध रूप कब्जा कर घाट आवागमन बाधित किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। शुक्रवार को रसेली घाट के नाविक मो करीम द्वारा 15 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए अमौर थाना प्रशासन को आवेदन दिया गया है। इसकी प्रतिलिपि अमौर सीओ को भी उपलब्ध कराई गई है।
आवेदन में कहा गया है कि गुरुवार की संध्या गेरिया गांव निवासी मो. अलाउद्दीन व मो मुबारक दोनों बाप बेटा अपनी बाइक के साथ रसेली घाट में नाव पर पार हो रहे थे। घाट पर नाविक के रूप कार्यरत मेरा लड़का मो. मेहरबान ने नाव का किराया मांगने पर मो. अलाउदीन नाव से उतर कर मेरे लड़के के साथ बुरी तरह से मारपीट करने लगा। मेरे लड़के को मारपीट करते देख गेरिया गांव निवासी मो कैयुम बचाने आया तो अलाउद्दीन ने उसके साथ भी अभद्र व्यवहार किया और कहा कि मुझे पैसे के लिए टोकता है। आज से इस घाट को बंद कर देते हैं। कुछ देर बाद अलाउदीन की शह पर उसके गांव के दर्जनों लोग लाठी सोटा, लोहे की रड के घाट पर हमला कर दिया। हमलावरों ने घाट पर बने कच्ची मकान व नाव पर बाइक आदि चढ़ाने के लिए बने मचान को तोड़कर गिरा दिया। घाट पर लड़के के पास रखे कलमदान जिसमें नाव का किराया वसूल किए एक हजार रूपए थे लूट लिया और घाट पर चलने वाली नाव को भी कब्जे में लेकर घाट से कुछ दूरी बांध दिया। उन्होंने घटना की सूचना पंचायत मुखिया, सरपंच, समिति सदस्य को दी। मो करीम ने घटना से जुड़े नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिसिया कार्रवाई किए जाने का अनुरोध थानाध्यक्ष से किया है।
मार्च- अप्रैल में ओला वृष्टि से किसानों की रबी की फसल तबाह हो गई थी। किसान खून के आंसू रो रहें थे। किसानों के आंसू पोछने के लिए सरकार ने इनपुट सब्सिडी के माध्यम से किसानों को अधिकतम साढ़े तेरह हजार क्षतिपूर्ति देने की घोषणा किया था। इसके लिए किसानों को सरकारी बेव पोर्टल इनपुट सब्सिडी रबी मौसम (आकस्मिक वर्षा/ओलावृष्टि) 2019 - 20 पर ऑनलाइन आवेदन करना था। जिसका तिथि 6 अप्रैल से 18 अपैल तक था। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉक डाउन व प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण जानकारी के अभाव में ज्यादातर किसान आवेदन नहीं कर पाए।
जिसको देखते हुए किसानों के शिकायत पर सरकार ने दुबारा तिथि निर्धारित की। जो 4 मई से 11 मई है। जिसमे शर्त रखा गया कि आवेदन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ही पोर्टल खुलेगा। नई तिथि के घोषणा तो कर दिया गया लेकिन सर्वर डाउन रहने के कारण पोर्टल खुल ही नहीं रहा है। किसान सुबह से शाम तक ऑनलाइन दुकान के आगे इंतजार करते परेशान हो रहें है। कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेन्स का भी पालन करना है। ऐसे में किसान दिन भर धूप में खड़े होकर बीमार हो रहें है।
दाउदनगर में भी किसानों को हुआ नुकसान, किसानों की बढ़ी चिंता
दाउदनगर प्रखंड में भी किसानों को मार्च माह में हुए ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ था। जिससे किसान परेशान थे। वहीं इधर कोरोना वायरस ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी। विभागीय जानकारी के अनुसार प्रखंड में ओलावृष्टि से 79 हेक्टेयर में लगा जौ, 240 हेक्टेयर में लगा चना, 562 हेक्टेयर में लगा मसूर, 64 हेक्टेयर में लगा मटर व 48 हेक्टेयर में लगा सरसो का फसल बर्बाद हुआ था। जिसका सर्वे भी कराया गया था। इससे हजारों किसान प्रभावित हुए थे। वहीं लाॅकडाउन लागू होने के कारण गेहूं की कटाई भी काफी प्रभावित हुई है। जिससे किानां पर दोहरी मार पड़ी है। हालांकि दाउदनगर प्रखंड में पिछले बार ही लगभग एक हजार से ज्यादा किसानों ने क्षतिपूर्ति मुआवजा के लिए आवेदन किया था। नए तिथि घोषणा हाेने के बाद कितने किसानों ने विभाग के पोर्टल पर आवेदन किया है। इसकी जानकारी नहीं है।
हसपुरा में चार दिनों में मात्र 6 किसानों का ही हो पाया ऑनलाइन आवेदन
परेशानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हसपुरा प्रखंड में इनपुट सब्सिडी चार दिनों के अंदर शुक्रवार तक प्रखंड में मात्र 5 से 6 किसानों का ही आवेदन जमा हो पाया है। ऐसे में किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। ऑनलाइन संचालक राजेश कुमार ने बताया कि पहले 24 घंटे पोर्टल पर आवेदन लिया जा रहा था। जिसके कारण रात व सुबह 6 बजे तक जब नेट का ट्रैफिक कम रहता था तो किसानों का ऑनलाइन हो जाता था। अब एक भी किसान का ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है। वहीं ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि में महज तीन से चार दिन का समय बचा है। इस स्थिति में उनका आवेदन हो पाएगा की नहीं। जबकि हजारों निबंधित किसान हैं।
बोले कृषि पदाधिकारी-प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि पोर्टल पर क्षतिपूर्ति मुआवजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाना है। जो किसान आवेदन करेंगे। उन्हें जांच के बाद खाते में ही क्षतिपूर्ति के तहत मुआवजा की राशि मिलेगी।
कोरोना महामारी को लेकर सरकार पूरी तरह दृढ़ संकल्पित दिख रही है। आम लोगों को जागरूक करने में सरकार व प्रशासन जुटी हुई है। जिसका असर भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रही है। इसी तरह शुक्रवार को ओबरा प्रखंड के तेजपुरा गांव में ग्रामीणों ने स्वंय से गांव के मुख्य द्वार पर बैरियर लगाकर बाहरी लोगों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। मुखिया प्रतिनिधि हरि नारायण, सरपंच विजेन्द्र कुमार, छात्र पवन कुमार, धीरेंद्र, पिंटू, प्रिंस, सुधीर, पवन, धर्मेंद्र, कुंदन, मुन्ना, शत्रुघ्न, गुड्डू सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन के समीप गांव में जाने वाले मुख्य सड़क पर ही बैरियर लगा दिया गया है।
यहां तक कि सुबह 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक सतत निगरानी रखी जा रही है। ताकि बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूर गांव में प्रवेश ना करें। मुखिया प्रतिनिधि हरी नारायण गुप्ता एवं सरपंच बिजेंद्र कुमार ने बताया कि गांव के मध्य विद्यालय में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों को रखा जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों के द्वारा निर्णय लिया गया है। किसी तरह के कोई प्रवासी मजदूर गांव में ना प्रवेश करें। कहा की कोरोना महामारी से हम सबों को बचने के लिए जागरूक होने की जरूरत है।
बेवजह घर से बाहर ना निकले तथा अपने हाथों को हर दो घंटे पर वॉश करें। मास्क का प्रयोग करें और अपने चेहरे को बार-बार ना छुए। बताया कि जब तक लॉक डाउन जारी रहेगा तब तक बाहरी लोगों का प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रहेगा। हम सभी ग्रामीणों को इस वायरस से बचाव के लिए जागरूक होने की जरूरत है। तभी निश्चित रूप से कोरोना को भगाया जा सकता है।
कोरोना महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है। लिहाजा पूरे देश को 17 मई तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। इस लॉकडाउन के कारण सभी परेशान हैं। चाहे वो मजदूर हो या किसान। छात्र हो या आमलोग। सब कोई किसी न किसी कारण से परेशान हैं। लेकिन कोरोना महामारी से बचने का एक मात्र उपाय भी लॉक डाउन ही है। इस लॉकडाउन के कारण जिले के दर्जनों युवक मुंबई में फंसे हैं।
जिन्होंने घर वापसी के लिए जिला प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाया है। जिले के केताकी पंचायत के निरंजन चौधरी, मधुसुधन भुईयां, ओमप्रकाश कुमार, चंदन कुमार, सोनू कुमार चौधरी, छोटू भुईयां, उदय राम, ब्रिजेश चौधरी, देवप्रकाश कुमार, छोटू भुइयां मुंबई के थाने शिवाजी नगर, महेन्द्रा कॉलोनी गोवान्डी में फंसे हुए हैं। इन लोगों ने औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह व जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि कोरोना से हम सभी की जान जाए या न जाए, लेकिन भूखे जरूर जा सकती है।
क्योंकि जब हमलोग दिन को खाना खाते हैं तो रात की चिंता होती है और रात को खाते हैं तो दिन की। यहां तक कि किसी-किसी दिन भूखे सोना पड़ता है। उक्त लोगों ने कहा कि पास घर वापसी के लिए जिस कंपनी में काम करते हूं। उक्त कंपनी के अधिकारियों को दिया है। लेकिन अब तक उनका पास नहीं बन सका है।
प्रखंड में विभिन्न प्रांतों से आए 275 प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन और 293 विद्यार्थियों को होम क्वारेंटाइन किया गया है। बीडीओ रघुनंदन आनंद एवं सीओ अनुज कुमार ने बताया कि प्रखंड में बिहार प्रदेश से 12 एवं अन्य प्रांतों में से बंगाल से 04, यूपी से 06, सिक्किम से 05, मध्य प्रदेश से 02, राजस्थान से 40, झारखंड से 06, केरल से 121, कर्नाटक से 17, गुजरात से 18, हरियाणा से 01, जयपुर 08, बंगलोर 12, महाराष्ट्र से 01 एवं आंध्रप्रदेॆश से 01 प्रवासी मजदूर आए हैं, जिसे चिकित्सकों द्वारा स्क्रीनिंग के बाद प्रखंडस्तरीय क्वारेंटाइन कैंप में रखा गया है।
इसमें प्रखंड के क्वारेंटाइन कैंपों में आदर्श मध्य विद्यालय अमौर में 73, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेलका में 161, मध्य विद्यालय सिरोटोल में 30 एवं कस्तूरबा विद्यालय में महिला सहित 11 प्रवासियों को रखा गया है। इसके अलावे दूसरे प्रदेशों से 14 छात्र एवं 01 छात्रा आए हैं, जिसे होम क्वारेंटाइन में रखा गया है। प्रखंड में विभिन्न प्रांतों से आए 293 विद्यार्थियों को होम क्वारेंटाइन किया गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एतेमामूल हक ने बताया कि प्रखंड क्वारेंटाइन कैंप में रेड जोन से आए सात लोगों को प्रथम चरण में विशेष स्वास्थ्य जांच के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल भेजा गया है। इसमें रंगरैया लालटोली, तालबाड़ी, विष्णुपुर, मझुवा हाट, दलमालपुर, आमगाछी एवं पोठिया गंगेली पंचायत के प्रवासी मजदूर शामिल हैं।
राजस्थान से आए 10 प्रवासी मजदूरों को सुमरित स्कूल में किया क्वारेंटाइन
प्रखंड क्षेत्र के बहोरा में गुरुवार सुबह गांव पहुंचे 10 प्रवासी मजदूरों वार्ड पांच के प्राथमिक विद्यालय बहोरा घाट स्कूल से बिना भोजन पानी के रात बिताने को मजबूर थे। ग्रामीणों ने बताया कि 10 प्रवासी मजदूर राजस्थान से प्राइवेट गाड़ी से गुरुवार सुबह गांव पहुंचे थे। ग्रामीणों ने इससे गांव में घुसने न देकर स्थानीय स्कूल में रहने को भेजा। तत्काल इसकी सूचना पंचायत मुखिया व अन्य ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारी को भी दिया, लेकिन सूचना के बावजूद भी संबंधित अधिकारी ने मजदूरों का हाल-चाल लेने स्कूल नहीं पहुंचे।
समाजसेवी एवं वार्ड अध्यक्ष बजरंगी मंडल द्वारा इसकी सूचना स्थानीय पत्रकारों को दी, जिन्होंने एसडीएम एवं सीओ से संपर्क स्थापित कर यहां रह रहे प्रवासी मजदूर की समस्याओं से संबंधित सूचना दी। सूचना पर शुक्रवार संध्या स्थानीय पुलिस के साथ बीडीओ स्कूल पहुंचकर वहां रह रहे 10 प्रवासी मजदूरों को बनमनखी स्थित सुमरित उच्च विद्यालय भवन में बने क्वारंेटाइन केंद्र में 21 दिनों तक रखने भेजा। इस संबंध में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास ने बताया कि बोहरा गांव में आए सभी प्रवासी मजदूरों को सुमरित उच्च विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया है।
सेंट्रल जेल के नवनिर्मित भवन में खुला स्पेशल कोविड-19 प्रमंडलीय कारा
शनिवार से प्रमंडल के चारों जिले के नवागंतुक बंदियों को रखा जाएगा इसमें
पूर्णिया | कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा पूर्णिया सेंट्रल कारा में नव निर्मित चार खंडों को प्रमंडलीय स्पेशल कोविड 19 जेल बनाया गया है। यहां प्रमंडल के अररिया, कटिहार, किशनगंज जिले के नये बंदियों को रखा जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए पूर्णिया सेंट्रल जेल के अधीक्षक जितेन्द्र कुमार ने बताया कि शनिवार से स्पेशल कोविड 19 जेल में बंदियों को रखना शुरु कर दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि महिला बंदियों को अब दरभंगा के उपकारा बेनीपुर भेजा जायेगा। सहरसा के बंदियों के लिए वीरपुर के उप कारा को खाली कराया गया है। सहरसा के बंदियों को उपकारा वीरपुर में रखा जायेगा। सेंट्रल जेल पूर्णिया के उपकारधीक्षक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि स्पेशल कोविड 19 जेल के चार नवनिर्मित खंडों में अलग-अलग जिले के बंदियों के रहने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों के जेलों में बंदियों में कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से सरकार द्वारा स्पेशल कोविड 19 जेल अगले 30 जून 2020 तक के लिए बनाया गया है।
सरकार के लाख प्रयास के बावजूद डीलर की मनमानी थमने का नाम ही नहीं ले रही है। जब लाभुक स्थानीय स्तर पर डीलर के खिलाफ शिकायत कर थक गए तो अपनी व्यथा को सीएम नीतीश कुमार के मेल पर आवेदन देकर सुनाई। ताजा मामला प्रखंड के रघुनाथपुर पंचायत के जनवितरण प्रणाली के डीलर तस्लीमुद्दीन से जुड़ा हुआ है।
रघुनाथपुर पंचायत के वार्ड संख्या 1 और 2 के लाभुकों ने डीलर पर आरोप लगाया है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार के द्वारा घोषित लॉकडाउन के चलते गरीबों के घर चूल्हा जलाने के उद्देश्य से सभी राशन कार्ड धारी को प्रति यूनिट पांच किलो मुफ्त राशन देने का एलान किया गया। डीलर के द्वारा राशन का उठाव कर राशन वितरण शुरू कर भी दिया गया। सही तरीके से लाभुक तक राशन वितरण सुनिश्चित कराने के लिए पूर्णिया जिलाधिकारी राहुल कुमार ने पंचायतवार नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त कर दिया। नोडल पदाधिकारी की गाड़ी भी क्षेत्र में राशन दुकानों की तरफ फर्राटे भी भरने लगी।
डीलर तस्लीमुद्दीन ने अपने यहां के 254 कार्डधारी में से सिर्फ 190 लोगों को ही राशन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। शेष लाभुक अपना कार्ड लेकर डीलर की दुकान का चक्कर लगाते-लगाते थक गए। लाभुकों को राशन तो नहीं मिला, लेकिन डीलर तस्लीमुद्दीन की फटकार जरूर मिली। लाभुकों ने आवेदन में यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले दिसंबर माह से अप्रैल माह तक का राशन नहीं मिला है। डीलर तस्लीमुद्दीन के मनमानी रवैये से परेशान होकर पहले तो लाभुकों ने एमओ, बीडीओ और एसडीओ के दफ्तर में लिखित शिकायत की। जब उन्हें वहां से न्याय मिलता नजर नहीं आया तो थक हार कर सीएम को लिखित आवेदन मेल कर न्याय की गुहार लगाई है।
काेरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने को लेकर सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है। इस दौरान कुछ दुकानों को शर्तो के साथ खोलने की छूट दी गई है। लेकिन अभी भी ज्वेलरी, कपड़ा दुकानों व श्रृंगार स्टोर को खोलने की छूट नहीं दी गई है। पर इसके बावजूद चोरी छिपे कुछ दुकानें खोली जा रही है। इसी तरह दाउदनगर बाजार में एक ज्वलेरी दुकान खोला गया था। उसका शटर गिरा दिया गया था ताकि यह लगे की दुकान बंद है। पर तभी इसकी जानकारी दाउदनगर सीओ स्नेहलता देवी को मिली।
सूचना मिलने के तुरंत बाद सीओ दाउदनगर शहर के बजाजा रोड में निरीक्षण करते उक्त जेवर दुकान में पहुंचकर सख्त चेतावनी दी। जब वे निरीक्षण करने पहुंची तो जेवर दुकान अंदर से खुला हुआ था। बाहर से शटर लगा हुआ था। सीओ ने बताया कि बजाजा रोड में अलंकार ज्वेलर्स के अंदर से खुले होने की गुप्त सूचना मिल रही थी।इसमें कपड़े की दुकान भी है। दुकानदार को सख्त चेतावनी दी गयी है कि लॉकडाउन का पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। सीओ ने दुकानदार को सख्त रूप से चेतावनी देते हुये कहा कि दुकान को बंद रखें। अगर अगली बार उन्हें पकड़ा जायेगा तो दुकान सील करते हुए नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
रफीगंज प्रखंड के टिकरपुर बिगहा भुईयां टोली निवासी दिलीप रिकियासन के बेटे विवेक की मौत भौरा काटने से हो गई। जिसकी सूचना रफीगंज विधायक अशाेक कुमार सिंह को मिली। सूचना के फौरन बाद विधायक ने रफीगंज जदयू प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा को पीड़ित परिवार को राहत सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही। जिसके बाद जदयू प्रखंड अध्यक्ष के नेतृत्व में जदयू कार्यकर्ता उक्त गांव पहुंचे और राहत सामग्री उपलब्ध कराई। रफीगंज प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि इस दुख की घड़ी में वे पीड़ित परिवार के साथ हैं।
किसी भी चीज की आवश्यकता होगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष संजय अंबेडकर, जिला सचिव उदय कुमार सिंह, जिला सचिव विजय विश्वकर्मा, तकनीकी प्रकोष्ट के जिलाध्यक्ष कौशल कुमार चंद्रवंशी, दलित प्रकोष्ट के प्रखंड अध्यक्ष संजीव पासवान, सेवा दल प्रखंड अध्यक्ष गुड्डू यादव, चेंव पंचायत अध्यक्ष प्रवीण चंद्रवंशी, प्रभात कुमार, वार्ड सदस्य सतेंद्र दास सहित अन्य मौजूद रहे।
महुआ के पेड़ के नीचे बैठे विवेक पर भौरा किया हमला, इलाज के बाद मौत
रफीगंज प्रखंड के टिकरपुर बिगहा भुईयां टोली निवासी दिलीप रिकियासन के बेटे विवेक गांव के बधार में गया था। जहां एक महुआ के पेड़ के नीचे बैठकर आराम कर रहा था। उसी पेड़ पर भौरा अपनी छता लगाए हुए थे। अचानक काफी संख्या में भौरा उड़ते हुए विवेक पर हमला बोल दिया। जिसके कारण विवेक की हालत गंभीर हो गई। रात में अचानक उसकी मौत हो गई।
हरियाणा में फंसे औरंगाबाद के 25 मजदूरों को जिले के निवासी आईएएस अधिकारी संजय कुमार के प्रयास से काफी राहत मिली है। शहर के क्लब रोड के रहने वाले संजय कुमार सहारनपुर के मंडलायुक्त हैं। गोह प्रखंड के दादर गांव के 25 मजदूर हरियाणा में फंसे हुए थे। उनके पास भोजन और रहने की काफी समस्या थी। मजदूरों ने दादर निवासी व कांग्रेस नेता अरविंद शर्मा को फोन कर अपनी बदहाली की जानकारी दी। अरविंद शर्मा ने आईएएस अधिकारी संजय कुमार के बड़े भाई कपिल कुमार को इसकी सूचना दी। अपने भाई के माध्यम से मदद पहुंचवाने की पहल की।
कपिल कुमार ने अपने आईएएस भाई को सूचना दी। जिसके बाद संजय ने हरियाणा में फंसे मजदूरों को सहारनपुर बुलवाया और उन्हें वहां चलाये जा रहे प्रभु जी की रसोई में सभी को भोजन कराया और आराम करने के बेहतर जगह उपलब्ध करायी। यहां तक कि मजदूरों के कहने पर उनसभी को बस के माध्यम से वाराणसी तक पहुंचाने के लिए भी बस का प्रबंध कर रखे हैं। शुक्रवार की शाम सभी मजदूरों को भोजन कराने के बाद उन्हें वाराणसी तक बस के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। अरविंद शर्मा ने बताया कि मजदूरों से बात हुई है। मजदूरों ने बताया कि सहारनपुर के आयुक्त ने काफी बेहतर व्यवस्था कर रखें है। हम लोगों को काफी राहत मिली है। फोन पर आईएएस अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि इस विपदा की घड़ी में सबको मिलकर काम करना है।
लॉकडाउन के बीच ओबरा देवी मंदिर में सोशल डिस्टेंस अपनाते हुए एक दिव्यांग युवक व युवती की शादी संपन्न कराई गई। गोह प्रखंड के टापू गांव के रहने वाले दिव्यांग युवक विनोद कुमार व ओबरा प्रखंड के मनोरा वाजितपुर गांव की अमृता कुमारी ने एक दूजे का हाथ थामा। काफी सादे तरीके से शादी की प्रक्रिया संपन्न कराई गई। मंदिर के पुजारी संजय पांडेय के द्वारा पूरे विधि विधान से शादी कराई गई। दोनों पक्षों से परिवार के सदस्य ही शादी समारोह में शामिल हुए । बिना किसी ताम- झाम के शादी की पूरी प्रकिया हुई। शादी के बाद वर वधु ने मंदिर पर स्थित मां भगवती का आशीर्वाद लेते हुए सुखमय जीवन की कामना की।
देवी मंदिर परिसर में आयोजित शादी में लॉक डाउन के नियमों का पालन वर व वधू पक्ष के परिवारों के द्वारा किया गया। जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद नियमानुसार विनोद व अमृता की शादी कराई गई। विनोद पेशे से शिक्षक है और वे औरंगाबाद जिला मुख्यालय में कोचिंग संस्थान चलाते हैं । उन्होंने एमए की पढ़ाई की हुई है तो वही अमृता प्रखंड के मनोरा गांव की रहने वाली है। वह भी इंटर की पढ़ाई कर चुकी है। हालांकि विनोद दोनों पैर से दिव्यांग है।
युवक के पिता लक्ष्मण शर्मा व युवती के पिता कृष्णा शर्मा ने बताया कि उन लोगों ने अपने बच्चों की शादी पहले से ही तय कर रखी थी। पिछले माह के 24 अप्रैल को शादी समारोह होना था। लेकिन इसी दौरान कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर लॉक डाउन कर दिया गया । जिसके कारण पहले उन लोगों ने सोचा कि लॉक डॉन खत्म होने के बाद शादी करेंगे। लेकिन फिर से लॉक डाउन बढ़ा दिया गया । जिसके बाद निर्णय लिया गया कि वे दोनों अपने बच्चों की शादी सादे तरीके से देवी मंदिर में कर लेंगे। इसके लिए बाकायदा उन लोगों ने जिला प्रशासन से अनुमति ली उसके अनुसार शादी किया।
इसी तरह से हो शादी तो दहेजप्रथा हो जाएगी समाप्त
शादी के बाद वर वधु को मंदिर में मौजूद लोगों ने सुखमय जीवन की शुभकामनाएं दी। दूल्हा विनोद ने बताया कि वह पेशे से शिक्षक हैं और सामाजिक सेवा में भी आगे रहते हैं। दिव्यांग होने के बावजूद उनका हौसला कभी भी कम नहीं हुआ है। उन्होंने अपनी शादी में पूरी तरह से लॉक डाउन का पालन किया है । मास्क लगाकर शादी के रश्में निभाई गई है। उन्होंने सभी लोगों से वायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंस अपनाने की अपील की है। इसी तरह से हमेशा शादी विवाह होता रहे तो दहेज प्रथा समाज से खत्म हो जाएगा।
हर जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाई जा रही है। वहीं महिलाओं के सहयोग से मास्क बनाकर हर गांव तक लोगों के बीच वितरण किया जा रहा है। उक्त बातें बीजेपी जिलाध्यक्ष संजय मेहता ने कही। शुक्रवार को रफीगंज प्रखंड के फ़तेहपुर गांव में मास्क बनाने का काम शुरू किया गया। जिसमें गांव के ही 25 महिलाएं स्वेच्छा से मास्क बनाने का काम कर रही हैं। महिलाओं के द्वारा बनाए मास्क का वितरण रफीगंज प्रखंड के विभिन्न गांवों में किया जाएगा। जिला अध्यक्ष ने बताया कि फतेहपुर गांव में कुशवाहा मेमोरियल ट्रस्ट के भवन में मास्क बनाने का काम शुरू किया गया है।
महिला आशा देवी, विमला देवी, शिवानी कुमारी, कौशल्या देवी, रंजू देवी ,मुन्नी देवी, राजमती देवी, रीता कुमारी, सीमा कुमारी, सृष्टि कुमारी, निभा कुमारी, श्वेता कुमारी, रीमा कुमारी के सहयोग से मास्क निर्माण किया जा रहा है। जिला मंत्री उज्जवल कुमार सिंह ने कहा कि जागरूकता व सर्तकता से ही हम काेरोना के जंग को जीतेंगे। इसमें महामंत्री दीनानाथ विश्वकर्मा, उज्जवल कुमार, बबल सोनी ,शिव नारायण साहू, संजय कुमार, अनूप मिश्रा, अमित कुमार, प्रदीप चौरसिया ने सहयोग किया। कुशवाहा मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव हरिद्वार प्रसाद भी इसमें सहयोग कर रहे हैं।
राजनगर कोर्ट में पेशी के लिए आया आरोपी पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी सहित भाग खड़ा हुआ। हालांकि कुछ ही देर में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे खजुराहो थाना की पुलिस चौकी अकौना के 2 पुलिसकर्मी एक आरोपी मंगलदीन अहिरवार को हथकड़ी लगाकर राजनगर न्यायालय में पेश करने लाए थे। इसी प्रक्रिया के दौरान एक पुलिस कर्मी न्यायालय के अंदर चला गया, जबकि दूसरा पुलिसकर्मी आरोपी के साथ था। इसी दौरान मौका पाकर उक्त आरोपी हथकड़ी सहित भाग गया और पुलिस कर्मी उसे पकड़ने पीछे दौड़े तब तक वह गायब हो चुका था। मुलजिम के भाग जाने पर न्यायालय परिसर में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में एसडीओपी मनमोहन बघेल, थाना प्रभारी खजुराहो पुरुषोत्तम पांडे ने सतर्कता दिखाते हुए उक्त फरार आरोपी को राजनगर में उसके घर से हथकड़ी सहित गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया। खजुराहो टीआई पुरुषोत्तम पांडे ने बताया कि मंगलदीन अहिरवार निवासी फौजदार मुहल्ला के पास राजनगर का रहने वाला है। वह शातिर चोर है। इस पर पूर्व में भी 4 से 6 अपराध दर्ज हैं , आरोपी के खिलाफ खजुराहो थाने के अंतर्गत अकौना पुलिस चौकी के ग्राम पहरा पुरवा के पास से बकरी चोरी की शिकायत दी गई थी। जिस पर चौकी प्रभारी आरबी सिंह ने मंगलदीन अहिरवार को धारदार हथियार बका सहित गिरफ्तार किया था। उस पर आर्म्स एक्ट की धारा 25 बी का मुकदमा दर्ज किया गया था।
आज आरोपी को चौकी प्रभारी आरबी सिंह तथा सिपाही महेंद्र गुप्ता ने न्यायालय में पेश किया। न्यायालय से उसका जेल वारंट जारी होने की कार्रवाई चल रही थी। इसी दौरान आरोपी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर भाग गया। जिसे उसके घर से फिर से पकड़कर एक और धारा 224 लगाकर जेल भेज दिया गया है।
बीते पांच दिनों से जिले में कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिला है। 3 मई को पॉजिटिव मिले सात मरीजों के संपर्क में आए 25 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य प्रबंधन यह दावा कर चुका है कि जिले में अब कोरोना संक्रमण की कोई चेन नहीं है। लेकिन प्रशासन का यह दावा जल्दबाजी में दिया हुआ बयान मालूम होता है। बता दें कि कतर से लौटे चुरंबा के युवक से बनी संक्रमण की चेन के समय भी प्रशासन ने यहीं जल्दबाजी दिखाई थी। उस चेन से संक्रमित हुए सभी 6 लोगों के फिट होने के बाद जिला प्रशासन ने मुंगेर को कोरोना फ्री घोषित कर दिया था। लेकिन इस घोषणा के बाद जमालपुर से शुरू हुए जमाती चेन ने मुंगेर को बिहार का सर्वाधिक संक्रमित जिला बना दिया। जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या 102 हो गई।
मात्र पांच दिन में कोई नया मरीज नहीं मिलने के बाद प्रशासन का यह दावा कि अब जिले में कोरोना का कोई चेन नहीं है, वहीं पुरानी गलती सरीखा लगता है। अब भी जिले में कोरोना के 59 मरीज एक्टिव हैं। दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों का सिलसिला अभी शुरू ही हुआ है। जिनमें से चार की की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन मरीजों के ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी तक विभाग को नहीं है। आइसोलेशन में इलाज करा रहे जिन पांच पॉजिटिव मरीजों की पहली रिपोर्ट 06 मई को निगेटिव आई, शुक्रवार को उसमें से एक की रिपोर्ट फिर पॉजिटिव आ गई।
अपने साधनों से आ रहे लोगों की जांच नहीं
प्रशासन का दावा है कि प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें 21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि अपने साधनों से जिला में प्रवेश करने वाले मजदूरों सीधे अपने घर पहुंच रहे हैं। बुधवार को भी पांच से छह की संख्या में लोग साइकिल से वाया जमुई होते हुए असरगंज लौटे हैं।
29 अप्रैल से स्वाब जांच में बरती जा रही सुस्ती
दूसरी तरफ 29 अप्रैल के बाद से स्वाब जांच में भी सुस्ती बरती जा रही है। ये सुस्ती क्यों बरती जा रही, समझ से परे है। बता दें कि 13 लाख से अधिक की आबादी वाले मुंगेर में अभी तक 2640 संदिग्धों की जांच की गई। जिनमें 102 पॉजिटीव मिले जबकि 2484 निगेटिव। 378 लोग अभी भी सरकारी क्वरेंटाइन में हैं जबकि 7682 लोगों को होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है।
लगातार 21 दिनों तक पॉजिटिव मरीज नहीं मिलने पर रेड से ऑरेंज जोन में आएगा जिला
रेड जोन में शामिल मुंगेर में लॉकडाउन को और सख्ती से पालन कराने का निर्देश डीएम ने संबधित अधिकारियों को दिया हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार रेड जोन में अंतिम पॉजिटिव मिलने के लगातार 21 दिनों तक अगर कोई पॉजिटिव केस नहीं मिलता है तो जिला रेड से ऑरेंज जोन में शिफ्ट होगा, फिर 21 दिनों तक कोई केस नहीं मिलने पर संबंधित जिला ग्रीन जोन में शिफ्ट होगा। फिर भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का प्रयोग, हाथ धोना आदि बरतना ही होगा।
गोलमटोल जवाब दे रहे सिविल सर्जन
उपरोक्त बिंदुओं पर सिविल सर्जन डॉ. पुरषोत्तम कुमार ने पूछा गया तो वे गोलमटोल जवाब देते दिखे। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव का निगेटिव व पुन: पॉजिटिव होना बीमारी की एक प्रक्रिया है। जांच की बावत पूछने पर उन्होंने कहा कि अंदर-बाहर सभी संदिग्धों की जांच चल रही है। लेकिन बीते दो दिनों में कितने जांच हुए इसका जवाब सीएस महोदय नहीं दे सके।
कोरोना के खौफ के बीच जी रहे शहरवासियों के लिए राहत की खबर है, शुक्रवार को कोरोना संक्रमित चार मरीजों ने जिंदगी की जंग जीत ली। क्वींस हॉस्टल में इलाज करा रहे चार कोरोना संक्रमितों की फाइनल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेज दिया गया। ये सभी लोग अगले 21 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। इन चार मरीजों के फिट होने के साथ ही जिले में कोरोना को मात देने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई। अब मात्र 59 मरीज एक्टिव हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इस समय जिले के 56 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज मुंगेर में जबकि तीन का इलाज पटना में चल रहा है।
क्वींस हॉस्टल व जीएनएम स्कूल में इलाज करा रहे 36 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वाब का सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को पटना भेजा था। जिसमें से 05 लोग वैसे थे जिनका तृतीय व फाइनल जांच भेजा गया था। जिसमें 04 लोगों का रिपोर्ट निगेटिव निकला। जिनमें 03 महिलाएं व एक पुरुष शामिल हैं। महिलाओं की उम्र क्रमश: 46, 32 व 30 वर्ष तथा 14 वर्षीय बालक शामिल है। सिविल सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि बुधवार को आइसोलेशन में इलाजरत कुल 36 लोगों के स्वाब का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, जिनमें 31 लोगों का द्वितीय रिपोर्ट तथा 05 लोगों का फाइनल जांच शामिल था। द्वितीय जांच वाले सभी 31 लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आया है, जबकि फाइनल 05 में से 01 रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया है। शेष 04 लोगों का फाइनल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेज दिया गया।
जिले में घट रही कोरोना के मरीजों की संख्या
जिले में अब कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या लगातार घटती जा रही है। जिले के लिए सबसे बड़ा राहत यह रहा कि 3 मई को 7 कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद उनके संपर्क में आने वाले 25 लोगों का भेजा गया सैंपल निगेटिव पाया गया। शुक्रवार को किसी संक्रमित का स्वाब जांच के लिए नहीं लिया गया।
प्रवासियों की निगरानी को बनी समिति
दूसरे राज्य व जिलों से चोरी छिपे आने वाले प्रवासी लोगों को ट्रैक करने के लिए अधिकारियों द्वारा पंचायत स्तर पर निगरानी समिति बनाई गई है। जो ऐसे लोगों से पूछताछ कर प्रशासन को सूचित करेंगे। जिसके बाद ऐसे लोगों को 21 दिनों तक के लिए पंचायतों में ही बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखा जाएगा। जानकारी देते हुए बीडीओ राजीव कुमार ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के आगमन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है। ऐसे लोगों की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए सभी पंचायतों में निगरानी समिति बनाई गई है। जिसमें पंचायत के मुखिया से लेकर वार्ड सदस्य एवं पंच तक को शामिल किया गया है।
जमाती चेन से संक्रमित हुए थे चारों मरीज
स्वस्थ मरीजों के सम्मान में शुक्रवार को बीडीओ, सीओ सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में मरीजों को सम्मान पूर्वक विदाई दी गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने स्वस्थ्य मरीजों को घर में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए साबुन से हाथ धोते रहने का सुझाव दिया। बता दें कि ये चारों जमाती चेन से संक्रमित हुए थे।
21 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहें
नौ दिन इलाज करा चुके 31 पॉजिटिव मरीजों का दूसरा और 12 दिन इलाज करा चुके 5 मरीजों का तीसरा सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जिसमें 31 मरीजों का दूसरा जांच रिर्पोट निगेटिव पाया गया है। जबकि जिन 5 मरीजों का अंतिम सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, उसमें 4 मरीजों का रिर्पोट निगेटिव आया, जबकि एक मरीज का रिर्पोट पॉजिटिव पाया गया है। जिन 4 लोगों का रिर्पोट निगेटिव मिली, सभी को स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेज दिया गया। सभी होम क्वारेंटाइन में रहेंगे।
- डॉ. पुरुषोत्तम कुमार, सिविल सर्जन, मुंगेर।