राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की जांच बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद रैंडम चेकिंग बढ़ाए जाएंगे। जांच रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार ने टीबी जांच मशीन सीबी नेट से भी जांच शुरु करने का निर्देश दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने भी इससे हरी झंडी देने के साथ-साथ दिशा निर्देश भी जारी किया है।
राज्य में इसकी शुरुआत पटना और दरभंगा से होगी। जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में भी सीबी नेट से कोरोना की जांच शुरु हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए कार्टिलेज खरीद करने के लिए आर्डर भी दिया है। इससे एक तरफ जहां कम समय और अधिक संख्या में कोरोना संक्रमण की जांच हो सकेगी, वहीं इसके लिए टीबी की जांच मशीन का ही उपयोग किया जाएगा।
एक से दो घंटे में आ सकती है कोरोना जांच रिपोर्ट
दरअसल, अभी जो कोरोना वायरस की जांच होती उसमें न्यूक्लिक एसिड (आरएनए) मरीज के स्वैब से लैब में निकाला जाता है। यह काम रियल टाइम मैथेड से मैनुअल किया जाता है। न्यूक्लिक एसिड निकालकर उसे पीसीआर मशीन में रन करना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में चार से पांच घंटे लग जाते हैं। जबकि सीबी नेट कार्टेज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड टेस्ट मशीन है। सीबी नेट में मैनुअल काम करने का झंझट नहीं है। एक बार सैंपल लगाकर मशीन चला दें, एक-दो घंटे में जांच पूरी हो जाती है। सीबी नेट मशीन में सामान्य कर्मचारी को प्रशिक्षण देकर ट्रेंड किया जा सकेगा। वहीं, जिला अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट को ट्रेनिंग देकर रिपोर्टिंग भी स्थानीय स्तर पर मुमकिन हो सकेगी।
सीबी नेट मशीन में केवल कार्टिलेज व कैसेट बदलने की जरूरत
राज्य में कोरोना जांच के नोडल संस्थान राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(आरएमआरआईएस) के निदेशक डॉ. प्रदीप दास बताते हैं कि सीबी नेट मशीन से भी कोरोना जांच की जाती है। आईसीएमआर ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है। टीबी जांच मशीन में कोरोना जांच के लिए केवल कार्टिलेज व कैसेट बदलने की जरूरत पड़ती है। यह सुविधा सभी जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज में है।
मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड में शुक्रवार को मछली पकड़ने के विवाद में दो पक्ष के लोग भिड़ गए। दोनों तरफ के लोगों ने पहले लाठी से एक-दूसरे पर हमला किया। इसके बाद पथराव और गोलीबारी हुई। घटना में दोनों तरफ से 10 लोग घायल हो गए। एक महिला की स्थिति गंभीर है, उसे एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया है।
घटना ऊफरौली-लोधी गांव की है। गोलीबारी में तीन माह का बच्चा भी जख्मी हुआ है। बच्चे को गोद में लेकर महिला अपने घर में बैठी थी तभी गोली दीवार भेदते हुए आई और बच्चे को जख्मी कर दिया। दोनों तरफ से छह राउंड फायरिंग हुई। भाला भी चलाया गया। गोलीबारी की सूचना पर एएसपी अमितेश कुमार पहुंचे। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। कुछ घायलों का इलाज स्थानीय पीएचसी में हो रहा है। वहीं, कुछ को एसकेएमसीएच भेजा गया है।
तालाब से मछली पकड़ने के लिए हुआ विवाद
दोनों पक्ष के बीच विवाद बुधवार को शुरू हुआ था। एक पक्ष ने अपना तालाब मछली पालने के लिए पट्टा पर झमेली सहनी को दिया। झमेली ने दूसरे व्यक्ति को पट्टा दे दिया। बुधवार को दूसरा व्यक्ति मछली पकड़ने के लिए तालाब से पानी निकाल रहा था तो तालाब के मालिक की ओर से इसका विरोध किया गया। इसपर दोनों तरफ से विवाद हुआ। पुलिस आई और मामला शांत कराकर चली गई। आज फिर तालाब से मछली पकड़ने की कोशिश की गई, जिससे विवाद भड़क गया।
बिहार के 11 और मरीजों ने कोरोनावायरस से जंग जीत ली है। दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी को नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल(एनएमसीएच) से छुट्टी मिल गई है। स्वस्थ होने वाले मरीजों में पश्चिमी चंपारण के पांच, बक्सर के तीन, सासाराम, मुंगेर, सारण और सीवान के एक-एक मरीज शामिल हैं।
नाम | जिला | कब भर्ती हुए थे |
शहनवाज | सासाराम | 22 अप्रैल |
हाशिमा बेगम | बक्सर | 25 अप्रैल |
मो. मुस्ताक | मुंगेर | 26अप्रैल |
पूजा देवी | सारण | 30अप्रैल |
लाल बाबू महतो | सीवान | 3 मई |
मनोज मुखिया | पश्चिमी चंपारण | 4 मई |
कमलेश कुमार | पश्चिमी चंपारण | 4 मई |
गुड़िया कुमारी | पश्चिमी चंपारण | 4 मई |
सीता कुमारी | पश्चिमी चंपारण | 4 मई |
आयशा | बक्सर | 4 मई |
चांदनी कुमारी | बक्सर | 4 मई |
एनएमसीएच में 119 लोग ठीक हुए
पटना के एनएमसीएच से अब तक 119 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। बिहार में 257 लोग कोरोना से रिकवर हुए हैं। अब तक 569 केस सामने आए हैं। राज्य का रिकवरी रेट बढ़कर 45.16 प्रतिशत हो गया है। तीन दिन पहले यह 25 प्रतिशत था।
जिला | अब तक मरीज मिले | ठीक होकर घर लौटे | मौत |
पश्चिमी चंपारण | 11 | 5 | 0 |
बक्सर | 56 | 29 | 0 |
सासाराम | 54 | 23 | 1 |
मुंगेर | 102 | 39 | 1 |
सारण | 8 | 5 | 0 |
सीवान | 32 | 26 | 0 |
जिलाधिकारी कुमार रवि और एसपी उपेंद्र शर्मा ने 150 ट्रैफिक पुलिस को फेस सील दिया और ड्यूटी के दौरान इसे लगाने को कहा है। कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को फेस सील बांटा गया है।
डीएम का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस सड़क पर लोगों के बीच अपना काम कर रहे हैं। यहां संक्रमण के खतरे की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। इसी को लेकर संक्रमण से बचाव के लिए विशेष प्रकार का फेस सील उपलब्ध कराया गया है। बता दें कि आईटीआई द्वारा 50 और जिला प्रशासन द्वारा 100 फेस सील तैयार किया गया है।
सुपौल जिले के बीरपुर थाना क्षेत्र के बनेलीपट्टी गांव के निकट अपराधियों ने पूर्व पैक्स अध्यक्ष के भांजेकी गोली मारकर हत्या कर दी। गोलीबारी में पैक्स अध्यक्ष भी घायल हो गए। पूर्व पैक्स अध्यक्ष गणेश यादव गुरुवार देर रात अपने भांजा प्रदीप यादव के साथ बाइक से घर लौट रहे थे तभी पहले से घात लगाए अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी। घटना में प्रदीप की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गणेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गए।
गणेश को बेहतर इलाज के लिए दरभंगा भेजा गया है। घटना के कारण का पता नहीं चल सका है। प्रदीप का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
(गिरिजेश कुमार) बिहार के सारण के रहनेवाले आईएएस ऑफिसर सोमेश कुमार उपाध्याय यूपीएससी के फ्रेशर्स को ऑनलाइन राह दिखा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने http://ias34.com/ नाम से ब्लॉग बनाया है जहां यूपीएससी की तैयारी के संबंध में वे गाइडेंस देते हैं। नोट्स, इंटरव्यू के टिप्स और किताबों की लिस्ट के बारे में भी यहां अपडेट मौजूद है।
सोमेश ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के लिए एक अभ्यर्थी की जो भी जरूरतें हैं वो सारा मैटेरियल यहां एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने टेलीग्राम पर चैनल(@UPSCsomesh) भी बनाया है जहां वे अभ्यर्थियों के सवालों का जवाब देते हैं। सिविल सर्विस एक्जाम 2019 के अभ्यर्थियों को इंटरव्यू की तैयारी के बारे में भी वे बता रहे हैं।
यह चैनल 2 दिन पहले ही शुरू किया गया है और एक दिन में करीब 1500 अभ्यर्थी इससे जुड़ चुके हैं। ये सारी चीजें अभ्यर्थियों के लिए मुफ्त हैं। सोमेश अपने ऑफिस के बाद बचे हुए समय का इस्तेमाल अभ्यर्थियों को गाइड करने में करते हैं। सोमेश सारण जिले के मढ़ौरा थाना के आवारी गांव के रहनेवाले हैं। सिविल सर्विस परीक्षा 2016 में उन्होंने देशभर में 34 वां रैंक हासिल किया था। फिलहाल वे उड़ीसा में स्वास्थ्य विभाग में ओएसडी के तौर पर कार्यरत हैं।
लॉकडाउन में 10 गुणा बढ़ा ट्रैफिक
लॉकडाउन में जहां सारी चीजें बंद हैं वहीं अभ्यर्थी ऑनलाइन पढ़ाई पर शिफ्ट कर रहे हैं। सोमेश ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान ब्लॉग पर 10 गुणा ज्यादा ट्रैफिक बढ़ गया है। इसलिए समय निकालकर सबसे पहले ब्लॉग अपडेट करते हैं। हाल ही में यूपीएससी ने जब सिविल सर्विस परीक्षा 2020 के प्रिलिम्स को स्थगित किया तो तत्काल उन्होंने ब्लॉग पर अपडेट कर बताया कि अब आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा स्थगित हुई है प्रतियोगिता नहीं, इसलिए अभ्यर्थियों को तैयारी जारी रखनी चाहिए। पहले ब्लॉग पर 100 -150 लोग रोज आते थे अब 1000 -1500 अभ्यर्थी रोज आ रहे हैं।
जो खुद फेस किया, नहीं चाहते कोई और करे
सोमेश ने बताया कि अभ्यर्थियों को गाइड करने का एक ही मकसद है कि जो खुद फेस किया वह दूसरे न करें। गाइडेंस मिलना आसान नहीं है। हमने इन चीजों को खुद की तैयारी में फेस किया है। गूगल, यूट्यूब से नोट्स ढूंढ़े, मुश्किलें आईं, लेकिन लक्ष्य पर टिके रहे। अब कोई इस स्थिति से न गुजरे यही प्रयास है। इसके अलावा यह भी उद्देश्य है कि जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्र हैं, कोचिंग नहीं कर पा रहे हैं या जो कोचिंग कर भी रहे हैं, लेकिन भीड़ में वे पीछे रह जा रहे हैं, सवाल नहीं कर पा रहे, उन्हें हेल्प करना। इस ब्लॉग पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमों के छात्रों के लिए तैयारी के टिप्स मौजूद हैं। हिंदी मीडियम से जिन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास की है वे खुद किताबों और नोट्स के बारे में बताते हैं।
ट्यूशन पढ़ाकर हासिल किया था 34वां रैंक
सोमेश ने ट्यूशन पढ़ाकर सिविल सर्विस परीक्षा 2016 में देश में 34वां स्थान हासिल किया था। टाटा रिसर्च इंस्टीट्यूट से एमएससी करने के बाद 2014 में यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। अगले ही साल 31 मई 2015 को पिता उपेंद्र उपाध्याय का निधन हो गया। उसके बाद सोमेश काफी टूट गए फिर चाचा ने हौसला बढ़ाया। सोमेश का परिवार शुरू से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पिता के निधन के बाद सोमेश और उनकी दो छोटी बहनों ने ट्यूशन पढ़ाकर घर चलाया।
लॉकडाउन के कारण परीक्षाएं स्थगित होने से स्टूडेंट्स के बीच अनिश्चितता का माहौल बन गया था। परीक्षा की तैयारी भी धीमी हो गई थी। इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा जेईई मेन्स और नीट परीक्षा की तारीख की घोषणा के बाद अनिश्चितता के बादल तो छंट गए पर विद्यार्थियों के सामने एक नया प्रश्न खड़ा हो गया है। वह यह कि बचे हुए समय में परीक्षा की अच्छे ढंग से तैयारी कैसे की जाए।
विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए जेईई मेन्स की परीक्षा 18 से 23 जुलाई तक चलेगी वहीं मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा 26 जुलाई को होगी। यानी अभी स्टूडेंट्स के पास 2 माह से अधिक का समय बचा हुआ है। सबसे पहले तो इसे सकारात्मक तरीके से लेना चाहिए। भले ही लॉकडाउन के चलते कुछ विलम्ब हुआ, लेकिन स्टूडेंट्स को परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के लिए एक अवसर और मिला है। ऐसा अवसर जिसमे न तो स्कूल-कॉलेज जाने की बाध्यता है और न ही शाम को कोचिंग क्लासेज के लिए समय निकालना है। सेल्फ-स्टडी और रिवीजन के लिए पर्याप्त समय है।
अब पूरे सिलेबस का अगले 12-15 दिनों में अच्छे से रिवीजन कर लें। इसके बाद गंभीरता से एक ऑनलाइन मॉक-टेस्ट दें। इस मॉक-टेस्ट के रिजल्ट से आपको अपनी कमजोरियों और ताकत के बारे में पता चलेगा। मॉक टेस्ट देने के बाद ऐसे सभी टॉपिक्स की एक लिस्ट तैयार कर लें, जिनसे जुड़े सवालों के जवाब देने में आप कॉन्फिडेंट नहीं थे। अगले एक महीने तक इन टॉपिक्स को काफी डिटेल में पढ़ने का प्रयास करें। अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छे नोट्स का सहारा लें, यूट्यूब पर कुछ वीडियो भी देख सकते हैं। लॉकडाउन में अगर मन नहीं लग रहा हो तब आप दोस्तों केे साथ थोड़े समय के लिए फोन या वीडियो कॉल के जरिए परीक्षा से जुड़े विषय पर चर्चा भी कर सकते हैं। इससे रिवीजन भी हो जाएगा और मन भी लगा रहेगा।
अब बचे हुए एक महीने में 15 दिन का एक रुटीन बनाएं। इस दौरान फिर से पूरे सिलेबस का अच्छे से रिवीजन करें। इन दो सप्ताह में कम से कम 5 मॉक टेस्ट दें। इसी दरम्यान आप महत्वपूर्ण फॉर्मूले और कॉन्सेप्ट्स का एक छोटा सा नोट्स भी बनाते रहें। जिसका रिवीजन प्रतिदिन किया जा सके। आखिरी 15 दिन आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होंगे। इस समय एकदम तनाव मुक्त रहें। आपने जो छोटा सा नोट्स बनाया है उसके रिवीजन पर ज्यादा ध्यान दें और इस बीच हर दूसरे दिन एक मॉक-टेस्ट जरूर दें। परीक्षा के दो-तीन दिन पहले मॉक-टेस्ट देना बंद कर दें। शांत मन से पूरे कॉन्फिडेंस के साथ एग्जामिनेशन-सेंटर पर जाएं।
राजधानी पटना के एक दवा दुकान में गुरुवार देर रात भीषण आग लगने से पांच लाख का सामान जलकर राख हो गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना मालसलामी थाना क्षेत्र श्रीराम मेडिकल हॉल की है।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है शॉर्ट सर्किट की वजह के दुकान में आग लगी है। दुकानदार ने बताया कि वह रात में दुकान बंद करके घर गया था। देर रात फोन पर सूचना मिली की दुकान में आग लग गई है। मौके पर पहुंचे तो देखा कि दुकान में रखी सारी दवाई और अन्य सामान जल गए। इस घटना में लगभग पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
राजधानी पटना में 47 दिनों बाद इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और हार्डवेयर समेत कई दुकानें शुक्रवार को खुल गई। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों में उत्साह थोड़ा कम है और सिर्फ जरूरत का सामान खरीदने के लिए ही लोग बाजार में निकले हैं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 25 मार्च को लॉकडाउन के आदेश के बाद से ही पटना में सभी दुकानें बंद थी। सिर्फ आवश्यक सामग्री जैसे राशन, दूध, दवा की दुकानों को खुला रखने की इजाजत थी।
डीएम के आदेश के बाद इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, पंखा, कूलर, एसी, मोबाइल, कंप्यूटर, यूपीएस, बैट्री की दुकानें और सर्विस सेंटर शुरू हो गए हैं। अभी सप्ताह में तीन दिन(सोमवार, बुधवार और शुक्रवार) ही दुकान खोलने की इजाजत है।
प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का कितना पालन कर रहे हैं। समीक्षा के बाद ही मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को दुकान खोलने की अनुमति मिलेगी।
दुकानों को खोलने के लिए प्रशासन की तरफ से जारी किए गए गाइडलाइन-
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की रफ्तार अब 45 फीसदी हो गई है। तीन दिन पहले यह 25 प्रतिशत था। पिछले 72 घंटे में कोरोना के 112 मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। अब तक कुल 246 मरीज स्वस्थ हुए हैं। कैमूर, बक्सर, रोहतास, मुंगेर और गोपालगंज में तेजी से मरीज रिकवर हो रहे हैं।
चार दिनों से संक्रमण की रफ्तार कम
बिहार में पिछले चार दिनों में मरीजों के संक्रमित होने की रफ्तार भी कम हुई है। चार मई को छः केस, 5 मई को सात, 6 मई को छः और सात मई को आठ नए मरीज मिले हैं। यह पिछले दो हफ्ते में सबसे कम है। यह बिहार के लिए अच्छी खबर है।
मरीजों की डबलिंग रेट में भी आई कमी
बिहार में कोरोना के मरीजों को दोगुनी रफ्तार में भी कमी आई है। राज्य में पहले सात दिनों में कोरोना के मरीज दोगुने हो रहे थे। उसके बाद यह रफ्तार तेज हुई और चार दिनों में ही केस डबल होने लगे। 26 अप्रैल से 5 मई तक के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब 9 दिन में केस डबल हो रहे हैं।
कोरोना से प्रभावित टॉप 10 जिले
जिला | केस | ठीक हुए | मौत |
मुंगेर | 102 | 38 | 1 |
बक्सर | 56 | 26 | |
रोहतास | 54 | 22 | 1 |
पटना | 47 | 20 | |
नालंदा | 36 | 35 | |
सीवान | 32 | 25 | |
कैमूर | 32 | 16 | |
मधुबनी | 24 | 0 | |
गोपालगंज | 18 | 17 | |
भोजपुर | 18 | 10 |
नागपुर से आए प्रवासी श्रमिकों ने गुरुवार काे ट्रेन से उतरने के बाद जंक्शन पर ही अपनी मातृभूमि को साष्टांग प्रणाम कर इसकी मिट्टी का तिलक लगाया। स्पेशल ट्रेन से उतरने पर इनकी स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद इन्हें क्वारेंटाइन हाेने के लिए बस से संबंधित जगहाें पर भेजा जाना था। लेकिन, बस में जाने से पहले इन श्रमिकों ने जब अपनी धरती काे साष्टांग प्रणाम किया ताे अधिकारी औरसुरक्षाकर्मियाें समेत वहां उपस्थित लाेगाें की आंखें भर आईं। इन श्रमिकाें ने कहा कि अपने घरऔर गांव-जवार इलाके में आने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे सब कुछ मिल गया। लाॅकडाउन के बाद ताे सबसे ज्यादा इसी की इच्छा थी। लेकिन, ऊपरवाले, सरकार औरमीडिया के शुक्रगुजार हैं कि अपने परिजन और समाज के लोगों से मुलाकात होगी।
24 ट्रेनों से पहुंचे 28467 प्रवासी, 20 ट्रेनों से आज आएंगे 20 हजार
लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों का बिहार आने का सिलसिला तेज हो गया है। गुरुवार को आईपीआरडी सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि 7 राज्यों से 20 ट्रेनों के जरिए 20629 प्रवासी श्रमिक व अन्य लोग बिहार पहुंचेंगे। वहीं गुरुवार को 24 ट्रेनों से 28467 लोग वापस लौटे। शुक्रवार को आंध्र से सहरसा, बरौनी और दरभंगा में 1200-1200 यात्री, हरियाणा से मुजफ्फरपुर और कटिहार में क्रमशः 1210 और 1200 यात्री, गुजरात से पूर्णिया में 1240, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और भोजपुर में क्रमशः 1200-1200 यात्री, महाराष्ट्र से मोतिहारी में 1200, राजस्थान से भोजपुर व सहरसा में क्रमशः 1246 व 1333 यात्री आएंगे।
कर्नाटक भी राजी, आज से खुलेंगी ट्रेनें
रीयल स्टेट और निर्माण क्षेत्र के दिग्गजों संग बैठक के बाद प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से इनकार करने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस यदुरप्पा अब उन्हें भेजने को राजी हो गए है। उम्मीद है कि शुक्रवार को वहां से बिहार, यूपी और झारखंड के लिए ट्रेनें खुलेंगी।
वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर दूसरे प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों के आवासन के लिए प्रखंड के हाईस्कूल गोरौल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी राष्ट्रगान गाते हैं। यहां कई राज्यों के 47 प्रवासी रह रहे हैं। भारत-स्काउट गाइड द्वारा प्रवासियों से योग भी कराया जाता है। प्रवासियों के मनोदशा बदलने एवं स्वच्छ मन के लिए उक्त गतिविधियों के अतिरिक्त सेंटर को सजाकर एक अलग लुक दिया गया है। इस सेंटर में यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, एमपी, दिल्ली से आए प्रवासी रह रहे हैं।
जानकारी अनुसार प्रखंड क्षेत्र में अन्य 3 विद्यालय प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय गोरौल, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कटरमाला एवं मध्य विद्यालय भीखनपुरा उर्दू को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में चयन किया गया है। स्काउट गाइड शिक्षक नरेंद्र सिंह द्वारा प्रवासियों से योग कराया जाता है। बीडीओ प्रेमराज ने बीआरपी सह स्काउट-गाइड के प्रखंड प्रभारी धर्मेंद्र कुमार को सेंटरों पर हॉस्पिटैलिटी और सोशल डिस्टेंसिंग कोषांग का नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया है। सेंटर के नोडल पदाधिकारी बीसीओ अमरजीत कुमार बनाए गए हैं।
राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में बने क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासियों ने गुरुवार को घटिया भोजन मिलने पर नाराजगी जाहिर की। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश से आए 36 प्रवासी मजदूरों को राघोपुर स्थित कस्तूरबा विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर पर रखा गया है। जहां बुधवार की रात प्रवासी मजदूरों को खाना में अधपका चावल की खिचड़ी एवं चोखा दिया गया, जिसके बाद सभी प्रवासी मजदूरों ने नाराजगी जताते हुए स्थानीय प्रशासन पर घटिया भोजन देने का आरोप लगाया।
इस दौरान बनारस से आए मजदूर विजय कुमार, गुड्डू कुमार, अखिलेश कुमार आदि ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर पर घटिया भोजन देने की शिकायत राघोपुर पूर्वी के मुखिया प्रतिनधि लड्डू साह से की है। क्वारेंटाइन सेंटर पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने आरोप लगाया कि गुरुवार को भी उनलोगों को भोजन नहीं दिया गया है। सभी बारिश के पानी में भींग रहे है। प्रवासियों ने बताया कि जब खाना देने के बारे में क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त कर्मी से पूछा तो उसने धमकी भरे लहजे में कहा कि किसी को भी खाना नहीं मिलेगा। क्वारेंटाइन सेंटर पर रहने वाले प्रवासियों ने बताया कि जब खाना ही सही तरीके से नही मिलेगा तो उनलोगों की बीमारी से कैसे बचाया जा सकता है।
महुआ देसरी सड़क मार्ग के मिर्जानगर हाई स्कूल के पास दूध देकर जा रहे एक वृद्ध की बाइक से ठोकर लगने के मौत हो गई। मौत के बाद नाराज लोगों ने सड़क को जाम कर दिया। वहीं बाइक चालक भी दुर्घटना के बाद बेहोश हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार मिर्जानगर गांव निवासी धनेश्वर सिंह मिर्जानगर के दूध सेंटर पर दूध देते थे। गुरुवार की शाम मिर्जानगर स्थित दूध सेंटर से दूध देकर अपने घर पैदल ही लौट रहे थे। इसी दौरान देसरी जा रहे एक तेज गति की बाइक ने उन्हें मिर्जानगर हाई स्कूल के पास जोरदार टक्कर मार दी। जिसके कारण धनेश्वर सिंह घायल हो गए। जिन्हें स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए डोगरा के एक निजी नर्सिंग होम में ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, टक्कर मारने के बाद बाइक सवार एक युवक सड़क पर गिरकर कर बेहोश हो गया।
जिसे स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। मौत से नाराज लोगों ने महुआ देसरी सड़क मार्ग को जाम कर दिया। बाद में लोगों ने इसकी सूचना महुआ पुलिस को दी।
कोरोनो महामारी के कारण लागू लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के उद्देश्य से गुरुवार को महुआ में पुलिस ने सघन वाहन जांच अभियान चलाया। पुलिस की इस कार्रवाई से बाइक चालकों में हड़कंप मचा रहा। जानकारी के अनुसार महुआ थानाध्यक्ष कृष्णा नंद झा के नेतृत्व में एसआई अर्चना कुमारी ने थाना के निकट सघन वाहन जांच अभियान चलाया। इस दौरान बिना कागजात एवं हेलमेट वाले बाइक चालकों को पकड़कर चालान काटा गया।
पुलिस की इस कार्रवाई से बाइक चालकों में हड़कंप मचा रहा। इस संबंध में थानाध्यक्ष कृष्ण नंद झा ने बताया कि लॉकडाउन में बेवजह घर से बाहर निकलकर सड़क पर घूमने वालों बाइक चालकों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि हर दिन कुछ लोग बेवजह घर से निकल रहे हैं, जिसके कारण संक्रमण फैलाने की संभावना रहती है।
पटेढ़ी बेलसर ओपी क्षेत्र के करनेजी में एक किसान का गायब होना व वैशाली प्रखण्ड के सिमरा बांध पर मोटरसाइकिल मिलने की खबर में नया मोड़ आ गया है।पूरे क्षेत्र में किसान के द्वारा आत्महत्या की कहानी को पुलिस अब हर पहलू पर जांच शुरू कर दी है। विगत एक मई को गायब होने और दो मई को मोटरसाइकिल सिमरा बांध पर मिलने के बाद एसडीआरएफ द्वारा नदी में खोजने की सिलसिला चल रहा था। गायब गोरौल थाना क्षेत्र के पिरापुर मथुरा गांव निवासी सोने लाल भगत के परिजन ने बताया कि इसी बीच उनके मोबाइल पर अलग अलग नंबर से काल आने पर किसी अनहोनी की शक हो रही है।
जिसको ले बेलसर ओपी में किसान सोने लाल भगत के पुत्र आदित्य राज उर्फ भोला ने आवेदन दिया था।जिसमे बताया है कि पिछले बीस वर्षों से उसके पिता सोने लाल भगत पटेढ़ी बेलसर ओपी क्षेत्र के करनेजी गांव स्तिथ मध्य विद्यालय के पास लीज पर जमीन पर खेती करते थे। गायब किसान वैशाली लोकसभा के सांसद प्रतिनिधि राम इकबाल कुशवाहा के चचेरे भाई है। जिन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से एसडीआरएफ के टीम द्वारा नदी में खोजबीन जारी है।इसी बीच उनके गायब भाई के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आने पर अन्य शंका को बढ़ा दिया है। इस मामले में ओपी अध्यक्ष सन्तोष कुमार सिंह ने कहा कि मामले की हर पहलू से छानबीन की जा रही है। कॉल आये नंबर को खंगाला जा रहा है।
देश के कई राज्यों से आने वाले प्रवासी कामगारों को अग र्धारित सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने को लेकर बवाल हो रहा है। स्थित क्वारेंटाइन सेंटर पर घटिया खाना व बदतर इंतजाम के लिए आवासित प्रवासियों ने जमकर हंगामा किया। भेजा गया खाना फेंक दिया। हद तो यह है कि केंद्र पर प्रतिनियुक्त किए गए केंद्र प्रभारी व संबंधित कर्मियों के रिपोर्ट करने के बाद भी जिम्मेवार अफसरों के स्तर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। यहां तक जिलास्तर के जिम्मेवार अफसर भी रटा-रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
सेंटरों पर घटिया खाना की शिकायत के सवाल पर जिला प्रशासन के हवाले से जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि निर्धारित डायट चार्ट-मेनू के अनुसार क्वारेंटाइन लोगों को वसायुक्त भोजन नहीं देना है। दोनों टाइम सादा भोजन ही दिया जाना है। क्वारेंटाइन किए गए लोगों का कहना है कि वे लोग कहां मांस-मछली, अंडा व तला हुआ पकवान मांग रहे हैं। सादा भोजन का यह मतलब तो नहीं कि भोजन के समय बाद नाश्ता दिया जाए। नाश्ता में सूखी व एंठी रोटिया, खट्टा दाल व सब्जी तो नहीं देना है?
लालगंज में दोपहर बाद नाश्ते में आई सूखी रोटियां
नाश्ता के इंतजार में बारह बज जाने के बाद प्रवासी भूख से बिलबिला कर थाली पिटने लगे। इसी बीच जब नाश्ता आया तो उसे देख इनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और गुस्से में आग बबूला हुए प्रवासियों ने नाश्ता को फेंक दिया और जमकर नारेबाजी करने लगे। मामला प्रखंड क्षेत्र के वैशाली बीएड कॉलेज और भगवान शंकर उच्च विद्यालय सह क्वारेंटाइन सेंटर का है, जहां ठहरे प्रवासी सुबह से नाश्ता का इंतजार कर रहे थे। इंतजार करते-करते दोपहर के बारह बज गए। तपती धूप में भूख से तड़पते इन प्रवासियों का गुस्सा भड़कता जा रहा था। वहीं, दोपहर के बाद आए नाश्ता की गुणवत्ता देख सभी भड़क उठे और उसे उठाकर फेंक दिया। इनका आरोप है कि समय से नाश्ता-खाना नहीं मिलता और जो खाना मिलता है, वह खाने लायक नहीं रहता। इतना हीं नहीं पानी भी चार दिन पहले टंकी में भरा गया, उसे ही पीने को मजबूर हैं।
सेंटर पर तैनात कर्मचारी ने भी आरोपों पर लगाई मोहर
इस संबंध में वैशाली बीएड कॉलेज सह क्वारेंटाइन सेंटर पर तैनात शिक्षक सुभाष चंद्र ने भी इनके आरोपों को सही ठहराते हुए कहा कि इस संबंध में अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई मगर कोई सुधार नहीं हो रहा है।
बिदुपुर प्रखंड क्षेत्र के अमेर पंचायत स्थित वार्ड नंबर-10 की कोरोना संक्रमित की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्रशासन की ओर से किलो मीटर एरिया के बफर जोन के बनाए गए बारह सीलिंग प्वाइंट से बैरिकेडिंग हटा लिया गया है। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। पिछले सप्ताह उक्त कोरोना संक्रमित महिला की जांच रिपोर्टर निगेटिव आने के बाद से प्रशासन ने धीरे-धीरे सीलिंग एरिया के अलावा बफर जोन से बैरिकेडिंग हटाया जा रहा है। साथ ही गांव से पुलिस को हटा लिया गया है। हालांकि, उक्त गांव में लोग अभी भी लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने से परहेज कर रहे है। सीलिंग एरिया में ही युवक बीच सड़क पर क्रिकेट खेल रहे है।
चालू हुआ बालू का अवैध धंधा
सिलिंग एरिया व बफर जोन से बैरिकेडिंग हटने के दिन से नदी घाटों से बालू का अवैध कारोबार शुरू हो गया है। रात के अंधेरे में जहां पुलिस के संरक्षण में ओवरलोडेड बालू के ट्रकों को पास कराया जा रहा है। दिन भर ट्रैक्टर से बालू की ढ़लाई हो रही है। बालू माफिया दिन में ही गोपालपुर घाट पर वर्चस्व को लेकर एक युवक की हत्या के बाद गुटबाजी कर धंधा करने में जुटे हैं।
सामान्य दिख रही है हालत
महिला की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद से अमेर पंचायत के अलावा आस-पास के गांवों में कोरोना संक्रमण के आने से पहले जैसे हालात दिख रहे है। हालांकि, शाम के समय पुलिस माइकिंग के माध्यम से लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रही है। साथ ही पुलिस सड़क पर बाइक से घूमने वाले की पिटाई करने के बाद चालान काट रही है। लॉकडाउन का हवाला देकर सब्जी विक्रेताओं को खदेड़कर भगाने वाली पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के कोई भी पदाधिकारी राजकीय उच्च विद्यालय परिसर में बनाए गए इकलौता क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासियों का हाल जानने नहीं जातें है।
सबलपुर के कोरोना पॉजिटिव युवक का दूसरा सैंपल आया निगेटिव
सोनपुर मेंकोरोना पॉजिटिव पाए गए सोनपुर सबलपुर का दूसरा युवक का गुरुवार को दूसरा सैम्पल रिपोर्ट निगेटिव आया है। छपरा आइसोलेशन वार्ड में रखे गए उक्त चर्चित कारोबारी व समाजसेवी युवक के कैंसर पीड़ित पिता के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उक्त युवक का पहली सैम्पल जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद सोनपुर में खलबली मच गई थी। उक्त युवक के एक सप्ताह के ट्रैवल हिस्ट्री में राहत सामग्री वितरण से लेकर, एक भोज का आयोजन के साथ-साथ मुजफ्फरपुर व हाजीपुर, सबलपुर आदि क्षेत्रों के कई लोगों की मिलने की खबर से प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई थी और आमजन में भी भय व्याप्त हो गया था। लेकिन पांच दिनों के बाद ली गई दूसरी सैम्पल का रिपोर्ट निगेटिव पाया गया।
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को एप के माध्यम से कई जानकारियां दी जा रही है, ताकि वह संक्रमित व्यक्ति के इलाज के साथ-साथ वह अपने आप को भी इस महामारी से बचाव कर सकें। इस संबंध में जानकारी देते हुए नोडल पदाधिकारी सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एसके रावत ने बताया कि आई गोट दीक्षा एप के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों को वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। जिसे समझ कर स्वास्थ्यकर्मी अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पोर्टल के माध्यम से पूछे गए सवालों के सही-सही जवाब देकर अपनी योग्यता का ऑन लाईन प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने बताया कि जिले के साथ-साथ सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को इस एप के माध्यम से वायरस से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में उनके निर्देश पर जिला के प्रशिक्षित डीपीसी सुचित कुमार गुरूवार को महुआ के अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक, स्वास्थ्य प्रबंधक, चिकित्सा पदाधिकारी, एसटीएस, एसटीएलएस, एएनएम एवं डॉटा ऑपरेटर सहित अठारह कर्मियों को एप पर नामित कर प्रशिक्षण दिया गया। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी सीधे रोगियों के नजदीक पहुंच रहे है।
ऐसे में उन सभी में संक्रमण का खतरा होने की संभावना ज्यादा रहती है। जिससे बचने के लिए यह एप एक सुरक्षा कवच का काम करेंगा। उन्होंने बताया कि यह एप भारत व बिहार सरकार के सहयोग से संचालित की जा रही है। जिसके राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ बीके मिश्रा है। उन्होंने बताया कि इस एप के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूक करने के लिए जिला मूल्यांकन सह अनुश्रवण पदाधिकारी, डीपीसी, केयर इंडिया की टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
वार्ड संख्या 23 इसाकपुर में बुधवार को युवक का शव मिलने के मामले को लेकर युवक के बड़े भाई मनोज कुमार सिंह के द्वारा महनार थाना में 5 लोगों के विरुद्ध भाई की हत्या का आरोप लगाते हुए नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। महनार थाना की पुलिस को मनोज कुमार सिंह द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि उनके छोटे भाई सरोज कुमार सिंह की हत्या 09 मई को ब्रजेश कुमार पिता स्वर्गीय सोनेलाल सिंह, रघुवीर पासवान पिता जगलाल पासवान, धर्मेंद्र पासवान पिता सुगन पासवान, विनोद पासवान पिता फौदर पासवान एवं अभिषेक पासवान उर्फ मूसा पासवान पिता स्वर्गीय सुरेंद्र पासवान ने कर दी है।
हत्या करने के बाद लाश को बगीचे में फेंक दिया। उन्होंने कहा है कि घटना के संबंध में उन्हें महनार थाना अध्यक्ष से जानकारी मिली। मनोज कुमार सिंह ने पुलिस को दिए गए आवेदन में कहा है कि सभी लोग पहले भी सरोज कुमार सिंह एवं उनके पिता पर कई बार जानलेवा हमला कर चुके हैं। अनेकों बार पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देते रहे हैं। ब्रजेश कुमार ने संपत्ति हड़पने की नियत से उपरोक्त सभी लोगों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।
राजस्थान के उदयपुर से 1174 प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुई ट्रेन संख्या 09773 श्रमिक स्पेशल ट्रेन निर्धारित समय से करीब पांच घंटे लेट हाजीपुर स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन को दोपहर 14 बजे पहुंचना था। प्रवासी मजदूरों को जांच व अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर बसों के जरिये उनके गृह जिले में भेजने के लिए प्रशासनिक स्तर पर वृहत व्यवस्था की गई थी। प्रशासनिक अफसरों के साथ पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी को लंबा इंतजार करना पड़ा। गाड़ी नम्बर 09773 प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के 34 जिलों के 1174 प्रवासी मजदूरों को लेकर आ रही थी।
ट्रेन के हाजीपुर पहुंचने का समय गुरुवार को दोपहर 02 बजे बताया गया था। श्रमिकों की जांच व अन्य प्रक्रियाओं के बाद स्पेशल बसों से उनके गृह जिलों तक ले जाने के लिए स्टेशन कैंपस में बसें खड़ी थी। डीएम उदिता सिंह, एसपी गौरव मंगला, डीडीसी विजय प्रकाश मीणा, डीआरडीओ निदेशक, डीटीओ, एसडीओ संदीप शेखर प्रियदर्शी, एसडीपीओ राघव दयाल के अलावा आरपीएफ, जीआरपी के सीनियर अफसर विशेष रूप से मुस्तैद थे। ट्रेन के लेट होने पर सभी सीनियर अफसर लौट गए। हालांकि पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी स्टेशन कैंपस व प्लेटफॉर्म पर डेरा डाले रहे।
शाम करीब सात बजे बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची। इससे पहले अफसर मौके पर पहुंच चुके थे। प्लेटफार्म एक पर बाहरी जिला के लोगों के लिए काउंटर लगाया गया था। जबकि दो पर रजिस्ट्रेशन के साथ स्वास्थ्य जांच के 12 काउंटर लगाए गए थे। बताया गया सीएम के निर्देशानुसार अपने किराए से टिकट लेकर पहुंचे श्रमिकों को तत्काल किराए के साथ अतिरिक्त रूप से 500 नकद दिया गया।
प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही भावुक हुए प्रवासी
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रुकते ही श्रमिकों में बेताबी नजर आई। लॉकडाउन अवधि में सहे गए कष्ट, पीड़ा उनके चेहरे पर झलक रहा था पर प्लेटफॉर्म पर कदम रखते ही मानो वे अपने सारे दु:ख भूल गए। उनके चेहरे खिले नजर आए। हालांकि उन सभी श्रमिकों को अपने गृह प्रखंड में पहुंचना बाकी था। किसी ने ट्रेन से उतरते ही प्लेटफार्म की जमीन को स्पर्श कर सिर से लगाया तो किसी ने जमीन को चूमा। अब भी वे घर से दूर होते हुए भी राहत व खुशी महसूस कर रहे थे। उनके हाव-भाव से ऐसा लग रहा था मानो मौत के मुंह से निकल कर आ रहे हों।
आज से जिले में इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और हार्डवेयर की भी दुकानें खुलेंगी। बिहार सरकार की गाइडलाइन के दूसरे दिन डीएम ने आदेश जारी किया है। डीपीआरओ ने बताया कि डीएम के आदेश के आलोक में कोविड-19 के नियंत्रण एवं रोकथाम को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के दौरान कुछ आवश्यक सेवाओं के संचालन में छूट प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि भीड़ को कम करने एवं जिला को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उक्त सामग्री की दुकानों को निर्धारित दिवस में खोलने का आदेश दिया गया है। इस दौरान उक्त सभी प्रतिष्ठान व दुकान के संचालक कार्य अवधि में मास्क, सैनिटाइजर, हैंडवाश आदि का उपयोग भी करने का आदेश दिया गया है। वहीं, कंटेनमेंट जोन में दुकानें नहीं खुल सकेंगी।
शॉपिंग माॅल, सिनेमा, जिमखाना, शैक्षणिक संस्थान पर अभी भी रोक
डीपीआरपो ने बताया कि मार्केटिंग काॅम्प्लेक्स, शॉपिंग माॅल, सिनेमाघर, जिमखाना, शैक्षणिक संस्थान, पार्क, पर्यटक स्थल आदि पर अभी भी रोक जारी है। उक्त सभी आदेश का अनुपालन एसडीओ को कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे दुकानदार, प्रत्येक गतिविधियों के दौरान सैनिटाइजर मास्क और हैंडवाश का उपयोग एवं ग्राहकों में सोशल डिस्टेंस का अनुपालन कराना सुनिश्चित कराएंगे। इसके अलावा सभी दुकान के सामने एक 1 मीटर की दूरी पर स्थाई पेंट के द्वारा गोले का निर्माण कराना भी सुनिश्चित करेंगे। वहीं, नियमों के उल्लंघन करने पर संबंधित दुकानदार और व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी।
निर्माण स्थल पर तीन फीट की दूरी अनिवार्य: जिले में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती है। निर्माण कार्य में लगे अभियंता, संवेदक एवं श्रमिक किसी भी परिस्थिति में जिले के बाहर के नहीं होंगे। सभी स्थानीय होंगे। अभियंता, कर्मी एवं श्रमिक का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही निर्माण स्थल पर जाने की इजाजत होगी। निर्माण कार्य स्थल पर सभी श्रमिकों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी बनाकर रखना अनिवार्य होगा। अगर किसी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, सरदर्द, बुखार के लक्षण हों तो उसे कार्य पर नहीं लगाया जाएगा। साथ ही इसकी सूचना निकट के स्वास्थ्य केन्द्र को दिया जाएगा। बाल काटने की दुकानें एवं सैलून के लिए भी शर्तें लागू होंगी।
165 लोगों का सैंपल टेस्ट भेजा गया, 154 की रिपोर्ट निगेटिव
अब तक 165 लोगों का सैंपल टेस्ट भेजा जा चुका है जिसमें 154 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है। सभी रिपोर्ट निगेटिव हैं। जिला प्रशासन ने सभी प्रखंडों में प्रति प्रखंड 100-100 बेड का क्वारान्टीन सेंटर बनाया गया है। साथ ही जिला मुख्यालय के ब्वाॅयज हॉस्टल में 200, गर्ल्स हॉस्टल में 200, मॉडल स्कूल 300, एससी/एसटी हॉस्टल न्यू 200, संजय गांधी कॉलेज में 200, इस्लामिया विद्यालय 200 एवं आरडी कॉलेज में 200 व्यक्तियों को रहने के लिए क्वारान्टीन सेंटर का निर्माण किया गया है। लॉकडाउन के बाद अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों का आना जारी है। सभी की जांच की जा रही है।
विदेश में फंसे भारतीय को लाने के लिए भारत सरकार स्पेशल विमान भेज रही है। यह सराहनीय कदम है। लेकिन देश के कई कोनों में स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को लाने में स्थानीय जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ताज़ा मामला शेखपुरा के दर्जनों बच्चें राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल राजस्थान के अजमेर में फंसे होने का है। दरअसल, ये बच्चें राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा पास कर मिल्ट्री स्कूल में पढ़ाई के लिए दाखिला लिए है लेकिन कोरोना महामारी की वजह से स्कूल के प्राचार्य ने बच्चों को घर वापस ले आने के लिए अभिवावकों को पत्र जारी किया है। स्कूल में पठन-पाठन भी बंद है। लिहाजा बच्चे डरे हुए है और फोन पर अपने मां-बाप से बिलख कर वापस आने के लिए गुहार लगा रहे है।
बच्चों को अजमेर से लाने के लिए अभिवावकों ने गाड़ी के पास के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया है लेकिन जिला प्रशासन की संवेदनहीनता की वजह से अभी तक जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को लाने के लिए पास निर्गत नहीं किया है। इस सम्बन्ध में शेखोपुरसराय प्रखंड के अम्बारी गांव के अभिभावक निरंजन कुमार ने बताया कि शेखपुरा जिले के 10 बच्चे अजमेर के राष्ट्रीय मिल्ट्री स्कूल में फंसे हुए है। जिसमें उनका बच्चा भी शामिल है। पास निर्गत करने के लिए पिछले शनिवार को ही ऑनलाइन आवेदन दिया है लेकिन उन्हें अभी तक अनुमति नहीं मिली है। इस वजह से बच्चों को लाने में असुविधा हो रही है।
अब तक ऑनलाइन तकनीक का उपयोग शिक्षण संस्थानों में आवेदन जमा लेने, नामांकन, परीक्षा फॉर्म भरने, रजिस्ट्रेशन, फीस जमा करने आदि में हो रहा है। लेकिन अब लॉकडाउन में विभिन्न स्तरों पर कक्षा संचालन में इस तकनीक का उपयोग बड़े पैमाने पर होना आफत की घड़ी में एक क्रांतिकारी बदलाव व उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। जिले में विभिन्न शिक्षण संस्थान अपनी सुविधा एवं संसाधन के हिसाब से इन तकनीकों का उपयोग कर इस दिशा में अपने को लगातार आगे ले जाने का प्रयास कर रही हैं। जिले में संत मैरी इंग्लिश मीडियम स्कूल, डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल, डीएवी, उषा पब्लिक स्कूल, एटेक्स कंप्यूटर सेंटर सहित कई शिक्षण संस्थानों में ऑन लाइन क्लासेज के माध्यम से शिक्षण की नई तकनीक में एक नई लकीर खींचने की कोशिश की जा रही है।
अच्छे लेक्चर का तैयार हो रहा संकलन: जानकारों का मानना है कि इस दौरान अच्छे लेक्चर का एक संकलन भी तैयार हो रहा है। जो सभी कॉलेज के विद्यार्थी के लिए उपलब्ध है। ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह के विशेषज्ञों के ऑनलाइन क्लासेज के रिकार्ड अगले शैक्षणिक सत्र के लिए लाभकारी हो सकेगा। इधर सरकारी विद्यालयों में भी दूरदर्शन के माध्यम से कक्षाएं चल रही है, यह बात और है कि विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों व असुविधा की वजह से इसका लाभ अधिकांश बच्चों को नहीं मिल रहा है। अब तो बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई को आत्मसात करने लगे हैं। कई निजी विद्यालय अब ऑनलाइन टेस्ट लेने की भी तैयारी में है।
कई शिक्षण संस्थानों में ई-लर्निग के माध्यम से चल रही पढ़ाई: डेढ़ दर्जन शिक्षण संस्थानों में पहली बार ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ाई चल रही है। इसमें गूगल क्लास रूम, यूट्यूब वीडियो, वॉट्सएप ग्रुप, फेसबुक एवं वेबसाइट का उपयोग हो रहा है। कई संस्थान अपने छात्रों को वेबसाइट के साथ-साथ वॉट्सएप ग्रुप एवं फेसबुक के माध्यम से पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध करा रहा है।
संपूर्ण देश वैश्विक महामारी के संक्रमण से जूझ रहा है ऐसे में मौसम ने भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को सीवान जिले के विभिन्न प्रखण्डों में आंधी-तूफान व गरज के साथ बारिश की वजह से कई जगह पेड़ की डालियां टूट गईं। आंधी और बारिश के कारण किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है। खेत में गेहूं की फसल कटी हुई थी जो पूरी तरह से भीग गई। बता दें कि खरीफ के समय भी अधिक बारिश होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। लोगों को उम्मीद थी कि रबी से उसकी भरपाई हो जाएगी। जब फसल घर लाने की बारी आई तो बारिश की मार पड़ गई। बेमौसम बरसात ने रबी फसल की बोआई के समय भी परेशानी में डाला था। फसल बर्बाद होने से किसानों की कमर टूट गई है। लोग कर्ज में डूब गए हैं।
गेहूं की कटनी और दवनी प्रभावित
जिले में आई आंधी व पानी से किसानों के सामने संकट ही संकट आ जा रही है। गुरुवार को एक बार फिर घने काले बादलों को देखकर किसान डर गए। काले बादलों को देख लोग अचंभित हो गए। बतादें कि पानी होने से गेंहू की फसल पहले ही काफी नष्ट हो गई है। जो कुछ भी बचे हुए हैं उसे बचाने के लिए किसान तेज धूप की वाट खोज रहे हैं कि हर दो दिन पर बारिश हो जा रही है। गुरुवार को एक बार फिर तेज हवा आने व बारिश हो जाने से किसानों की गेंहू की होने वाली दौनी का कार्य व कटनी कार्य प्रभावित हो गया। किसान अपने खेतों में पड़ी फसलों को बचाने का लाख प्रयत्न करना पड़ा लेकिन फिर भी फसल नही बच पाई। मौसम विभाग की माने तो इस आंधी से पेंड़ों में लगे फलों को काफी नुकसान हुआ है। लोग अपने फसल देख कर भगवान से अब बचाने की गुहार लगा रहे हैं। इस बार बार आने वाली आंधी पानी से सब्जी की फसलों को भी नुकसान हो रहा है।
बारिश के चलते गुल है बत्ती
बुधवार को विद्युत विभाग की लपरवाही से आठ घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई नहीं हो सकी। मंगलवार को बारिश के चलते बिजली गुल हुई थी। अगले दिन आठ घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई बंद रह। इस महामारी में घर में समाजिक दूरी बनाकर रहना और बीच में बिजली सप्लाई गायब रहना जन-जीवन को परेशान करनेवाला है। इस महाकाल में लोग हवा की बेचैनी में घर छोडकर इधर-उधर भटकने लगते हैं। रघुनाथपुर प्रखंड के संठी गांव में हवा के लिए मां व बेटी पडोसी के घर के पास छज्जे के नीचे बैठी थी। अचानक छज्जा टूटकर नीचे गिरा। इस घटना में मां-बेटी की मौत हो गई थी। इस माहौल में बिजली नियमित सप्लाई रहती तो ग्रामीणों को आसानी होगी। जेई दर्शन कुमार का कहना है तेज आंधी बारिश के कारण बिजली सप्लाई बाधित रही। ग्रामीण क्षेत्रों के कई इलाकों में बिजली के तार भी टूट गए हैं । इसको लेकर समस्या उत्पन्न हुई है। मरम्मत का कार्य चल रहा है शीघ्र ही ठीक कर विद्युत बाहर कर दिया जाएगा।
शहर के लक्ष्मीपुर मोहल्ले में नगर परिषद के सभापति सिंधु सिंह और पार्षद प्रमिला देवी की देखरेख में गरीब, असहाय, निर्धन लोगों के बीच राशन किट का वितरण किया गया। उन्होंने अपील की है कि कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते घरों से बाहर नहीं निकलें। एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहें। अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं। मास्क का प्रयोग करें जिससे आप सुरक्षित रहेंगे। वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर 5 में पूर्व नगर पार्षद और भाजपा जिला मंत्री धनंजय सिंह ने भी राशन का वितरण किया। दो सौ जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाया गया। राशन किट में 5 किलो आटा, चावल, अरहर की दाल, सरसों का तेल, नमक का पैकेट, सब्जी व मसाला शामिल है। मौके पर बंका साह, बलीराम, लालू कुमार सतीश शाह मौजूद रहे।
मैरवा में मास्क बांटो... गीत गाकर लोगों को किय गया जागरूक
मैरवा। मैरवा के कुम्भार टोली में अपोलो अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. सुनील कुमार ने सांसद प्रतिनिधि उमेश सिंह तथा सूबेदार मेजर के साथ सैकड़ों लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करते हुए मास्क तथा साबुन बांटा। डॉ सुनील कुमार ने कोरोना को हराने के लिए घरों से बेवजह नहीं निकलने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने , मास्क का प्रयोग तथा अच्छे से साफ-सफाई और हाथ धोने को जरूरी बताया। वहीं उनके साथ गए गायक कमलकांत ने अपने गीत ‘लाॅकडाउन के सभे पालन करी निकली जन घर से, भारत के बचावे के बा कोरोना के कहर से...’ गीत गाकर लोगों को जागरूक किया। अपील कमी गई कि सोशल डिस्टेंसिंग ही समय की मांग है। इसको लेकर दूसरे को भी प्रेरित करें। इस मौके पर उमेश सिंह, मेजर सूबेदार विनोद कुमार सिंह, निकेत पांडेय समेत मोहल्ले के कई लोग मौजूद थे।
‘विश्व थेलेसीमिया दिवस’ प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य थेलेसीमिया रोग के प्रति लोगों को जागरूक करना है। थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग है। इस बार का थीम है। नए युग के लिए थैलिसिमिया का चित्रण: वैश्विक प्रयासों के जरिए मरीजों को सस्ते एवं आसानी से उपलब्ध होने वाली नोबल थीरेपी’। केयर इंडिया के मातृ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद ने बताया थैलिसिमिया एक गंभीर रोग है जो वंशानुगत बीमारियों की सूची में शामिल है। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है जो हीमोग्लोबिन के दोनों चेन( अल्फा और बीटा) के कम निर्माण होने के कारण होता है।
अभी भारत में लगभग 1 लाख थैलिसीमिया मेजर के मरीज है और प्रत्येक वर्ष लगभग 10000 थैलिसीमिया से ग्रस्त बच्चे का जन्म होता है। अगर केवल बिहार की बात करें तो लगभग 2000 थैलिसीमिया मेजर से ग्रस्त मरीज है, जो नियमित ब्लड ट्रांसफयूजन पर है। जिन्हे ऊचित समय पर ऊचित खून न मिलने एवं ब्लड ट्रांसफयूजन से शरीर में होने वाले आयरन ओवरलोड से परेशानी रहती है और इस बीमारी के निदान के लिए होने वाले बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) के महंगे होने के कारण इसका लाभ नहीं ऊठा पाते हैं। इसलिए खून संबंधित किसी भी तरह की समस्या पति, पत्नी या रिश्तेदार में कहीं हो तो सावधानी के तौर पर शिशु जन्म के पहले थैलिसिमिया की जांच जरुर कराएं।
थैलेसीमिया के दाे प्रकार होते हैं
थैलासीमिया दो प्रकार का होता है। यदि पैदा होने वाले बच्चे के माता-पिता दोनों के जींस में माइनर थेलेसीमिया होता है, तो बच्चे में मेजर थेलेसीमिया हो सकता है, जो काफी घातक हो सकता है। किन्तु पालकों में से एक ही में माइनर थेलेसीमिया होने पर किसी बच्चे को खतरा नहीं होता। यदि माता-पिता दोनों को माइनर रोग है तब भी बच्चे को यह रोग होने के 25 प्रतिशत संभावना है। अतः यह अत्यावश्यक है कि विवाह से पहले महिला-पुरुष दोनों अपनी जांच करा लें।
बार-बार शरीर में खून की कमी
इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है। जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। सूखता चेहरा, लगातार बीमार रहना, वजन ना ब़ढ़ना और इसी तरह के कई लक्षण बच्चों में थेलेसीमिया रोग होने पर दिखाई देते हैं।
पहचान तीन माह की आयु के बाद: इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान तीन माह की आयु के बाद ही होती है। त्वचा और नाखूनों में पीलापन आने लगता है।
समय पर जरूर लें दवा
यह महत्वपूर्ण है कि विवाह से पहले महिला-पुरुष की रक्त की जांच कराएं, गर्भावस्था के दौरान इसकी जांच कराएं , रोगी की हीमोग्लोबिन 11 या 12 बनाए रखने की कोशिश करें, समय पर दवाइयां लें और इलाज पूरा लें।
गर्भ में बीमारी की पुष्टि होने पर कराया जा सकता है गर्भपात
थैलेसीमिया से पीड़ित महिलाओं को प्रेग्नेंसी के चार महीने के भीतर गर्भस्थ की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। अगर गर्भ के बच्चे को बीमारी की पुष्टि होती है तो गर्भपात करवाया जा सकता है। थैलेसीमिया का इलाज इस बीमारी के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। पिछले कुछ सालों में थैलेसीमिया के इलाज में काफी सुधार हुआ है। मध्यम और गंभीर थैलेसीमिया से पीड़ित लोग अब लंबी जिंदगी जी रहे हैं। थैलेसीमिया मेजर के रोगियों के इलाज में क्रोनिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन थेरेपी, आयरन कीलेशन थेरेपी आदि शामिल हैं। इसमें कुछ ट्रांसफ्यूजन भी शामिल होते हैं, जो मरीज को स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की अस्थायी रूप से आपूर्ति करने के लिए आवश्यक होते हैं, ताकि उनमें हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य हो सके और रोगी के शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम हो।
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को ट्रेन से उतारने व उनकी जांच के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही है। ताकि, ट्रेन से लोगों के उतरने के दौरान किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। जांच के बाद उन्हें आसानी से बस से संबंधित जिले की बसों पर बैठाया जा सके। इसके लिए गुरुवार को एसडीओसंजीव कुमार ने स्टेशन की जानकारी ली और व्यवस्था के बारे में सबंधित अफसर व कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। ट्रेन में 1200 लोगों के आने की संभावना है। इसको लेकर चार दिन से तैयारी चल रही है। मेडिकल टीम समेत अन्य कर्मियों की ड्यूटी भी शुरू हो गई है। ट्रेन आने के चार घंटा पहले सबको अलर्ट कर दिया जाएगा।
पहले सीवान स्टेशन पर दो निकास गेट बनाने की चर्चा थी। लेकिन, स्टेशन से जल्द निकाल कर बस में बैठाने के लिए चार निकास गेट बनाने की तैयारी की गई है। इसमें पहला पार्सल के पास, दूसरा मुख्य गेट के पास व तीसरा निकास गेट के पास व चौथा जीआरपी थाने के बगल से शामिल है। एक ट्रेन में 24 बोगी लगने की संभावना है। इसलिए, प्रत्येक गेट से छह बोगी के लोगों को निकालने की तैयारी चल रही है। ट्रेन से उतरने के साथ ही प्लेटफॉर्म पर ही मेडिकल टीम जांच करेगी। इसके लिए प्लेटफॉर्म पर ही सोशल डिस्टेंस से संबंधित गोल घेरा बना दिया गया है। यात्री उतर कर खड़े रहेंगे और मेडिकल टीम उनकी थर्मल स्कैनर से जांच करेगी।
क्वारेंटाइन सेंटर में 56 मजदूर व छात्र
भगवानपुर महाविद्यालय में बनाए गए प्रखंडस्तरीय क्वारंेटाइन सेंटर का गुरुवार को सीओ युगेश दास ने निरीक्षण किया। उन्होंने अप्रवासी मजदूरों व छात्रों के साथ सेंटर की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। बताया कि निरीक्षण में मजदूरों व छात्रों ने सेंटर में मिल रहे सुविधाओं को संतोषजनक बताया। उनके साथ स्वास्थ्य प्रबंधक गुलाम रब्बानी भी थे। क्वांरेंटाइन सेंटर में प्रदेश से आए 24 अप्रवासी मजदूर व छात्रों को रखा गया। डॉ. कुसुम खातून ने सभी की जांच की।
गोपालगंज, सारण और सीवान के लिए बसें तय
स्टेशन के बाहर अभी तीन जिले की बसें खड़ी करने की तैयारी की गई है। हनुमान मंदिर के पास सारण जिले की बस, स्टेशन के मुख्य गेट के सामने गोपालगंज जिले की बस स्टेशन के पश्चिम साइड में सीवान जिले की बस लगेगी। अन्य जिलों के भी यात्री के आने की सूचना पर उस जिले के लिए भी बसें लगाई जाएंगी। स्टेशन के सरकुलेटिंग एरिया में टेंट लगाया जा रहा है। वहीं पर खाने की भी व्यवस्था होगी। ट्रेन से उतरने के साथ ही यात्रियों को पानी का बोतल दिया जाएगा, ताकि वे अपनी प्यास बुझा सके। साथ ही खाने के भी पैकेट दिए जाएंगे। पूछताछ काउंटर भी बनाया जा रहा है। किस जिले के लिए कहां पर बस लगी है, इसकी जानकारी पूछताछ काउंटर से मिलेगी। वहीं स्टेशन पर सुरक्षा के लिए भी तैयारी की जा रही है। ट्रेन से उतरने के बाद कोई यात्री बिना जांच के ही कहीं चले न जाएं, इसके लिए स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। निरीक्षण के दौरान डीसीआई गणेश यादव, आरपीएफ के इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह, जीआरपी के प्रभारी मो. इमरान आलम आदि मौजूद थे।
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर देश में लागू लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न शहरों में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर अपने घर जाने की अनुमति मिलते ही गुरुवार को गुठनी के बिहार-यूपी की सीमा श्रीकरपुर पुलिस चेकपोस्ट के रास्ते सैकड़ों की संख्या में मजदूरों का आना शुरू हो गया है। आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को बिहार में प्रवेश करते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से आइसोलेशन सेंटर के रूप में चिह्नित आरबीटी विद्यालय में भोजन और नास्ता कराने के बाद मेडिकल जांच के लिए गठित टीम द्वारा थर्मल स्केनिंग कराकर बसों से उनके गृह जिला के लिए रवाना किया जा रहा है। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।
इस बीच जहां जहां मजदूरों को ठहरने, अल्पाहार, भोजन और मेडिकल जांच की व्यवस्था की गई है उन सभी क्वारेंटाइन सेंटरों पर बीडीओ धीरज कुमार दुबे, सीओ राकेश कुमार और जिला परिवहन पदाधिकारी के साथ कई आला अधिकारी मौजूद रहे। थानाध्यक्ष मनोरंजन कुमार ने बताया कि चेकपोस्ट से बिना सूचना इंट्री कराए कोई बिहार की सीमा में प्रवेश न करे, इसके लिए पोस्ट पर तैनात पुलिस कर्मियों को कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। गुठनी प्रखंड बिहार यूपी की सीमा है जिसके वजह से डीटीओ कृष्णमोहन सिंह, एमवीआई अर्चना कुमारी के अलावा स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ सिमा का निरीक्षण करते हुए सभी क्वारेंटाइन सेंटरों का जायजा लेते हुए मॉनिटरिंग करने में लगे हुए हैं।
गोरखपुर से पैदल ही पश्चिम बंगाल के लिए निकले मजदूर
मैरवा: लाॅकडाउन के बाद रोजगार बंद होने के कारण लगातार मजदूरों का पलायन जारी है। आय के साधन बंद होने के कारण दिहाड़ी मजदूरों का धैर्य टूटने लगा है। वे पैदल ही अपने घरों को पलायन करने लगे हैं। बुधवार की रात मैरवा में पश्चिम बंगाल के मधु कुमार, विपल कुमार, भदल मंडल, खनकु ऋषि, साजन कुमार, झूलन देवी, मनोज कुमार, निरंजन कुमार, पुष्पा देवी, राजकुमार, संजय कुमार, सूदन कुमार, साजन कुमार ,मलिक कुमार, शुकन कुमार आदि लगभग डेढ़ दर्जन मजदूर गोरखपुर से चलकर मैरवा पहुंचे। मजदूरों ने बताया कि वे गोरखपुर में रहकर मजदूरी करते थे। पिछले डेढ़ महीने से काम धंधा बंद है। खाने का पैसा भी समाप्त हो गया है। इस महामारी का प्रकोप कब तक रहेगा यह कोई नहीं जानता है। घर पहुंचना उनके लिए जरूरी है।
कोविड-19 से निबटने के लिए लगे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गांवों में संचालित मनरेगा कार्यों से ग्रामीण काफी राहत महसूस कर रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में काम पर कहीं बाहर न जा पाने की स्थिति में मनरेगा कार्यों से उन्हें गांव में ही रोजगार मिल रहा है। मनरेगा की मजदूरी से वे इस कठिन दौर में भी अपने आप को सुविधाजनक स्थिति में पा रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति भी मिल रही है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रखंड के सभी 13 पंचायतों में मनरेगा के तहत इच्छुक व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
जिसे लेकर आधे से अधिक पंचायतों में काम शुरू हो गया ।प्रखंड के भीखपुर पंचायत में पइन सफाई का कार्य चल रहा है। सिंचाई विस्तार, जल संचय और जल संरक्षण के कार्य भी प्राथमिकता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। इन सभी कार्यों के दौरान कार्यस्थल पर शारीरिक दूरी और स्वच्छता के मानकों का पालन किया जा रहा है। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने मजदूर हाथ धुलाई, मुंह-चेहरा ढंकने और मास्क जैसे उपाय भी नियमित अपना रहे हैं।
योजनाओं को जल्द परदेश से पहुंच रहे प्रवासियों
कोरोना ने हर जगह दहशत का माहौल बना रखा है। हर कोई कोरोना संक्रमण को लेकर डरे सहमे हुए हैं। लोगों के अंदर कोरोना का डर इस तरह समा चुका है कि अब प्रदेश कमाने गए लोगों का घर वापसी निरंतर जारी है। पीओ प्रमोद कुमार यादव ने निर्देश दिया है कि इन सभी योजनाओं में बाहर से आए श्रमिकों को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए इनका जॉब कार्ड भी बनाने का निर्देश दिया गया है। प्रखंड के बगौरा पंचायत के मुखिया चुन -चुन शर्मा ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के बाद पंचायतों में मजदूरों की किल्लत कम हुई है। जिससे मनरेगा और जल जीवन हरियाली जैसी योजनाएं समय से पूरी हो जाएगी। अकसर इन योजनाओं में मजदूरों के अभाव के कारण ही योजनाओं को समय से पूरा नहीं किया जाता था। बाहर से आए मजदूरों को चिन्हित कर उन्हें जॉब कार्ड बनाने का कार्य भी तेजी गति से किया जा रहा है।
ट्विनसिटी में 8 मई से लगभग सारी दुकानें निर्धारित समय के लिए खुलेंगी। इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर गाइड लाइन जारी की गई है। इसके मुताबिक तंग बस्तियों व गलियों में संचालित होने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं होगी। दुर्ग में फिलहाल ऐसे स्थलों पर दुकान को बंद रखे जाने को लेकर निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं भिलाई में जोन 1 नेहरूनगर के वार्ड 5 लक्ष्मी नगर सुपेला में हार्डवेयर लाइन, चूड़ी लाइन, जोन 3 मदर टेरेसा में वार्ड 23 में आने वाले सर्कुलर मार्केट का मसाला दुकान, बूट हाउस, रेडीमेड कपड़े की दुकानें, जोन 5 सेक्टर 6 क्षेत्र के अंतर्गत बीएसपी टाउनशिप क्षेत्र में सिविक सेंटर स्थित चौपाटी शामिल हैं। इन जगहों पर दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। नई गाइड लाइन के बाद टि्वनसिटि में 44 दिन बाद ज्वेलरी और कपड़ा दुकानें खुलेंगी।
दुर्ग में आज लिया जाएगा निर्णय: भिलाई में कुछ बाजार पूर्ण रूप से बंद करने का फैसला लिया है। जबकि दुर्ग शहर में 8 मई को लगभग सभी क्षेत्रों में दुकानें खुलेंगी। भीड़ को ध्यान रखते हुए आगामी दिनों में निर्णय लिया जाएगा।
भिलाई के इन मार्केट में नहीं खुलेंगी दुकानें, जानिए
भिलाई निगम उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने बताया कि शहर में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता, इसलिए इन जगहों पर दुकानें नहीं खोली जा सकेगी। इनमें वार्ड 5 लक्ष्मी नगर सुपेला में हार्डवेयर लाइन, चूड़ी लाइन, वार्ड 23 में सर्कुलर मार्केट के मसाला दुकान, बूट हाउस, रेडीमेड कपड़ा की दुकानें, जोन-5 सेक्टर-6 क्षेत्र के अंतर्गत बीएसपी टाउनशिप क्षेत्र में सिविक सेंटर स्थित चौपाटी शामिल हैं। टाउनशिप में होम डिलीवरी सेवा को लेकर भी तैयारी हो रही है।
जिले के ये कंटेनमेंट जोन, जहां सबकुछ प्रतिबंध है...
जिले में अब तक कोरोना के 10 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जहां-जहां पॉजिटिव मरीज मिले, उस इलाके को कंटेनमेंट घोषित किया है। इनमें शांतिनगर कैंप-1, पुरानी बस्ती सुपेला, फरीदनगर, हाउसिंग बोर्ड घासीदास नगर, ईडब्ल्यूएस हाउसिंग बोर्ड, आनंद विहार बोरसी दुर्ग व कुम्हारी में वार्ड 10, 11 है।
हफ्ते में 6 दिन सोमवार से शनिवार तक सब्जी और फल की दुकानें खुलेंगी
फल, सब्जी की दुकानें, कृषि मंडी सोमवार से शनिवार तक खुलेंगी। सुबह 7 से 4 बजे तक ये दुकानें खुलेंगी। वर्तमान में इन्हें ही अनुमति जारी की गई है।
सोमवार से शुक्रवार तक ज्वेलरी शॉप, कपड़ा समेत सभी दुकानों को छूट
शहरी क्षेत्र में सभी ट्रेड लाइसेंस और पंजीकृत दुकानों को खोले जाने की अनुमति होगी। इसमें ज्वेलरी शॉप, कपड़ा समेत सभी रजिस्टर्ड दुकानों को खोलने की अनुमति है। सुबह 9 से शाम 4 बजे निर्धारित है।
जिले में ये दुकानें रोज खुलेंगी
(कंटेनमेंट जोन को छोड़कर) दूध, डेयरी, मिल्क पार्लर सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोले जा सकेंगे। बैंकिंग सेवाएं, इंश्योरेंस कंपनी, एनबीएफसी, गैस एजेंसी, सुबह 9 से शाम 4 बजे के मध्य खोले जा सकेंगे। मेडिकल सेवाएं, चश्मे की दुकानें, पेट्रोल पंप, एटीएम, मीडिया संस्थान, टेलीफोन एवं इंटरनेट, फॉयर ब्रिगेड, गुड्स एवं कैरियर, पेयजल, सफाई, बिजली सेवाएं व अन्य आकस्मिक सेवाएं के लिए कोई टाइम लाइन नहीं है।
पूरी तरह इन पर प्रतिबंध
होटल, रेस्तरां नहीं खुलेंगे, लेकिन रेस्तरां रात 9 बजे तक होम डिलीवरी दे सकेंगे। सेलून, स्पॉ, सार्वजनिक परिवहन वाले वाहन टैक्सी, बसें, ई-रिक्शा बंद रहेंगे। शॉपिंग मॉल, सिनेमा घर, चौपाटी व अन्य ऐसी जगह जहां भीड़ जुटती हो बंद रहेंगी। इसमें ठेले, खोमचों में बिकने वाली खाद्य सामग्री चाट-गुपचुप, पकौड़ा, फास्ट फूड की दुकानें शामिल हैं।
इन पर अब भी रहेंगे प्रतिबंध
पान ठेले व दुकानें खुलेंगे, लेकिन इन जगहों पर सिगरेट, बीड़ी, पान, गुटखा सहित अन्य का उपयोग नहीं किया जाएगा।
सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, खेलकूद, धार्मिक सहित अन्य सामूहिक आयोजन प्रतिबंधित हैं।
दो पहिया वाहन में केवल एक व्यक्ति, चार पहिया में दो विशेष परिस्थितियों में 3 व्यक्ति को आवाजाही की अनुमति होगी।
अंत्येष्ठि, अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 व्यक्तियों को शामिल होने की ही अनुमति रहेगी।
हर व्यक्ति को मास्क लगाया जाना अनिवार्य है, सार्वजनिक जगहों पर थूकना प्रतिबंधित है।
पटना में दूसरे दिन भी काेराेना के पाॅजिटिव मरीज मिले। बिहार सैन्य पुलिस यानी बीएमपी-14 के रिटायर्ड हवलदार (उम्र 60 साल) की रिपाेर्ट गुरुवार की देर शाम पाॅजिटिव आगई। वे झारखंड के गुमला के रहने वाले हैं। वे इसी साल 31 मार्च का रिटायर हुए हैं। लाॅकडाउन की वजह से घर नहीं जा सके। तीन-चार दिनाें से उन्हें सर्दी-खांसी व बुखार था। मंगलवार की शाम काे वे जांच कराने एम्स गए।
बुधवार काे उनका सैंपल लिया गया और गुरुवार की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आगई। इससे पटना में काेराेना मरीजाें की संख्या 46 से बढ़कर 47 हाे गई। ये पटना के पहले सुरक्षाकर्मी हैं, जाे काेराेना की चपेट में आए हैं। उनका इलाज एम्स में चल रहा है। एम्स सूत्राें के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है। अभी एम्स में हवलदार समेत चार पाॅजिटिव मरीजाें का इलाज चल रहा है। तीन अन्य लोग खाजपुरा चेन से जुड़े हैं। बुधवार काे पटना में काेराेना के दाे नए मरीज मिले थे।
बैरक में 16 जवान साथ रहते हैं, सभी काे किया गया क्वारेंटाइन
रिटायर्ड हवलदार के साथ बैरेक में 9 जवान रहते हैं। सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बीएमपी परिसर पहुंची औरउन 9 जवानाें के साथ उनके संपर्क में आए 16 लोगों काे लेकर पाटलिपुत्र खेल परिसर में क्वारेंटाइन करा दिया। सिविल सर्जन डाॅ. आरके चाैधरी ने बताया कि जिन 16 लोगों काे क्वारेंटाइन किया गया, उनका सैंपल लिया गया है। उसकी जांच कराई जा रही है।
चेन का नहीं चला पता, खाजपुरा के बगल में ही बीएमपी परिसर
वे पिछले छह माह से घर नहीं गए हैं। यहीं बैरक में रह रहे हैं। 23 और 24 अप्रैल को ये बैरक से बाहर निकले थे। 26 अप्रैल और 27 अप्रैल को इनमें लक्षण दिखा तो 29 अप्रैल को कैंपस में रहने वाले डॉक्टर से दिखाया था। 30 अप्रैल को बुखार होने की सूचना दी थी। हालत में सुधार नहीं होने पर छह मई को पटना एम्स में इनकी कोरोना जांच कराई गई। सात मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह मधुमेह से पीड़ित हैं। बीएमपी परिसर से चंद मीटर की दूरी पर खाजपुरा है। प्रशासन उनके चेन के बारे में पता लगाने में जुटी है। ऐसी आशंका है कि वे सब्जी खरीदने या किसी काम से खाजपुरा गए हाें। उसी परिसर में बीएमपी 5 व 10 भी है। डीएम ने कहा कि पूरे इलाके को सेनेटाइज कराया जाएगा। कटेंनमेंट जोन बनाने का इरादा नहीं है।
डीएम कुमार रवि ने कहा कि शुक्रवार, सोमवार और बुधवार को गृह विभाग द्वारा अनुमति दी जाने वाली दुकान जिले के कंटेनमेंट जोन के निकट के क्षेत्रों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में नहीं खुलेगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी और थानाध्यक्ष को सख्ती से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शहरी क्षेत्र के स्लम एरिया में हाउस टू हाउस सर्वे पूरा: डीएम कुमार रवि ने कहा कि शहरी क्षेत्र के स्लम एरिया में हाउस टू हाउस सर्वे का काम पूरा हो गया है। 145 स्लम एरिया में कुल 18702 घरों के 82957 परिवारों का सर्वे किया गया है। इस दौरान दो व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण का लक्षण पाया गया था। दोनों लोगों की जांच करायी गयी, रिपोर्ट निगेटिव आयी है। हाउस टू हाउस सर्वे के दौरान स्लम बस्ती में रहने वाले लोगों के बीच कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर ‘क्या करें एवं क्या नहीं करें’ से संबंधित लीफलेट का वितरण किया गया है।
इन जगहों पर नहींखोली जाएंगी दुकानें
डीएम कुमार रवि ने कहा कि शुक्रवार, सोमवार और बुधवार को गृह विभाग द्वारा अनुमति दी जाने वाली दुकान जिले के कंटेनमेंट जोन के निकट के क्षेत्रों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में नहीं खुलेगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी और थानाध्यक्ष को सख्ती से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शहरी क्षेत्र के स्लम एरिया में हाउस टू हाउस सर्वे पूरा: डीएम कुमार रवि ने कहा कि शहरी क्षेत्र के स्लम एरिया में हाउस टू हाउस सर्वे का काम पूरा हो गया है। 145 स्लम एरिया में कुल 18702 घरों के 82957 परिवारों का सर्वे किया गया है। इस दौरान दो व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण का लक्षण पाया गया था। दोनों लोगों की जांच करायी गयी, रिपोर्ट निगेटिव आयी है। हाउस टू हाउस सर्वे के दौरान स्लम बस्ती में रहने वाले लोगों के बीच कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर ‘क्या करें एवं क्या नहीं करें’ से संबंधित लीफलेट का वितरण किया गया है।
इन जगहों पर नहींखोली जाएंगी दुकानें
(राजू कुमार)राजधानी का वाटर लेवल इस बार नीचे नहीं गया है। इसका कारण लॉकडाउन में पानी की कम खपत है। अमूमन, अप्रैल-मई में राजधानी का वाटर लेवल 70 से 75 फीट के करीब रहता है। इस वर्ष मई में वाटर लेवल 55 फीट है। वर्ष 2019 में इसी माह में यह 75 फीट के स्तर पर था। पिछले साल की अपेक्षा इस साल वाटर लेवल 20 फीट ऊपर है। 4 साल में पहली बार शहर का वाटर लेवल नॉर्मल है। वर्ष 2015-16 में वाटर लेवल 55 फीट के आसपास था। वाटर लेवल नीचे नहीं जाने से लोगों को इस बार जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एएन कॉलेज के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. मनीष कंठ ने बताया कि लॉकडाउन में पानी की कम खपत होने तथा अप्रैल व मई में हुई बारिश ने वाटर लेबल को बरकरार रखा है। इससे शहर के लोगों को पानी की किल्लत या ग्राउंड वाटर नीचे जाने जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन घोषित है। इससे करीब 44 दिनों से मॉल, होटल, बाजार और उद्योग बंद होने के कारण पानी की खपत 30 फीसदी कम हाे रही है। वहीं घरेलू स्तर पानी की खपत 10 फीसदी तक बढ़ गई है। इससे भूजल स्तर में सुधर आया है।
दो घंटे कम चलाना पड़ रहा पंप, बिजली की खपत भी हुई कम
पटना नगर निगम की जलापूर्ति शाखा की ओर से 117 बोरिंग के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। नगर निगम करीब 16 घंटे तक पानी की सप्लाई करता है। अभी 14 घंटे पानी की सप्लाई दी जा रही है। पानी का लेबल नीचे जाने की स्थिति में दो घंटे अधिक पंपों को चलाना पड़ता था। इससे पंप हाउस में बिजली की खपत भी कम हुई है।
कुम्हरार में 10 फीट पाइप जोड़ा गया ताे पानी के साथ आने लगा बालू
पटना जलापूर्ति शाखा की ओर से गर्मी शुरू होने से पहले पंप हाउस के पंपों में 10 फीट पाइप का एक्सटेंशन दिया जाता है, ताकि पानी सप्लाई में किसी प्रकार की परेशानी न हो। जरूरत पड़ने पर इसे 10 फीट और बढ़ाया जाता रहा है। हालांकि, इस बार ग्राउंड वाटर नीचे जाने से सबसे अधिक मुश्किल झेलने वाले मुहल्ले कुम्हरार में निगम के जलापूर्ति शाखा की तैयारी परेशानी बढ़ाने वाली रही। जलापूर्ति शाखा की ओर से यहां के पंप में 10 फीट का एक्सटेंशन लगाया गया। लेकिन, पानी का लेबल कम नहीं होने के कारण लोगों के घरों में पानी के साथ-साथ बालू भी आने लगा। इसके बाद इसे हटाना पड़ा। जलापूर्ति शाखा के इंजीनियर विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि लोगों की शिकायतों के बाद इसे हटाया गया है। अब पानी साफ आने लगा है।
बाेतलबंद पानी की मांग 90% तक घटी
निगम की ओर से एक व्यक्ति को कम से कम 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है। राजधानी के लोग औसतन 140 लीटर पानी का उपयोग एक दिन में करते रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में 155 लीटर पानी की खपत लोग घरों में कर रहे हैं। लॉकडाउन में किसी तरह की पार्टी, मीटिंग, सेमिनार अादि का आयोजन नहीं हो रहा है। रेलवे व बसों का परिचालन भी काफी कम है। इससे बोतलबंद पानी की मांग सामान्य दिनों की तुलना में महज 10 फीसदी ही रह गई है।
शहर केवाटर लेवल नॉर्मल: मेयर
पिछले 4 साल से अगर तुलना करें तो इस बार शहर केवाटर लेवल नॉर्मल है। अबतक किसी वार्ड में बोरिंग सूखने की शिकायत नहीं आई है। शहर में वाटर लेवल 55 फीट है, जबकि 2019 में यह 75 फीट था। पिछले साल की तुलना में वाटर लेवल बेहतर है। पानी की खपत बहुत कम हो गई है। बाजार, मॉल, होटल आदि बंद हैं, जिसका भी असर पड़ रहा है। - सीता साहू, मेयर, नगर निगम, पटना
(राजू कुमार)राजधानी का वाटर लेवल इस बार नीचे नहीं गया है। इसका कारण लॉकडाउन में पानी की कम खपत है। अमूमन, अप्रैल-मई में राजधानी का वाटर लेवल 70 से 75 फीट के करीब रहता है। इस वर्ष मई में वाटर लेवल 55 फीट है। वर्ष 2019 में इसी माह में यह 75 फीट के स्तर पर था। पिछले साल की अपेक्षा इस साल वाटर लेवल 20 फीट ऊपर है। 4 साल में पहली बार शहर का वाटर लेवल नॉर्मल है। वर्ष 2015-16 में वाटर लेवल 55 फीट के आसपास था। वाटर लेवल नीचे नहीं जाने से लोगों को इस बार जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एएन कॉलेज के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. मनीष कंठ ने बताया कि लॉकडाउन में पानी की कम खपत होने तथा अप्रैल व मई में हुई बारिश ने वाटर लेबल को बरकरार रखा है। इससे शहर के लोगों को पानी की किल्लत या ग्राउंड वाटर नीचे जाने जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन घोषित है। इससे करीब 44 दिनों से मॉल, होटल, बाजार और उद्योग बंद होने के कारण पानी की खपत 30 फीसदी कम हाे रही है। वहीं घरेलू स्तर पानी की खपत 10 फीसदी तक बढ़ गई है। इससे भूजल स्तर में सुधर आया है।
दो घंटे कम चलाना पड़ रहा पंप, बिजली की खपत भी हुई कम
पटना नगर निगम की जलापूर्ति शाखा की ओर से 117 बोरिंग के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। नगर निगम करीब 16 घंटे तक पानी की सप्लाई करता है। अभी 14 घंटे पानी की सप्लाई दी जा रही है। पानी का लेबल नीचे जाने की स्थिति में दो घंटे अधिक पंपों को चलाना पड़ता था। इससे पंप हाउस में बिजली की खपत भी कम हुई है।
कुम्हरार में 10 फीट पाइप जोड़ा गया ताे पानी के साथ आने लगा बालू
पटना जलापूर्ति शाखा की ओर से गर्मी शुरू होने से पहले पंप हाउस के पंपों में 10 फीट पाइप का एक्सटेंशन दिया जाता है, ताकि पानी सप्लाई में किसी प्रकार की परेशानी न हो। जरूरत पड़ने पर इसे 10 फीट और बढ़ाया जाता रहा है। हालांकि, इस बार ग्राउंड वाटर नीचे जाने से सबसे अधिक मुश्किल झेलने वाले मुहल्ले कुम्हरार में निगम के जलापूर्ति शाखा की तैयारी परेशानी बढ़ाने वाली रही। जलापूर्ति शाखा की ओर से यहां के पंप में 10 फीट का एक्सटेंशन लगाया गया। लेकिन, पानी का लेबल कम नहीं होने के कारण लोगों के घरों में पानी के साथ-साथ बालू भी आने लगा। इसके बाद इसे हटाना पड़ा। जलापूर्ति शाखा के इंजीनियर विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि लोगों की शिकायतों के बाद इसे हटाया गया है। अब पानी साफ आने लगा है।
बाेतलबंद पानी की मांग 90% तक घटी
निगम की ओर से एक व्यक्ति को कम से कम 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है। राजधानी के लोग औसतन 140 लीटर पानी का उपयोग एक दिन में करते रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में 155 लीटर पानी की खपत लोग घरों में कर रहे हैं। लॉकडाउन में किसी तरह की पार्टी, मीटिंग, सेमिनार अादि का आयोजन नहीं हो रहा है। रेलवे व बसों का परिचालन भी काफी कम है। इससे बोतलबंद पानी की मांग सामान्य दिनों की तुलना में महज 10 फीसदी ही रह गई है।
शहर केवाटर लेवल नॉर्मल: मेयर
पिछले 4 साल से अगर तुलना करें तो इस बार शहर केवाटर लेवल नॉर्मल है। अबतक किसी वार्ड में बोरिंग सूखने की शिकायत नहीं आई है। शहर में वाटर लेवल 55 फीट है, जबकि 2019 में यह 75 फीट था। पिछले साल की तुलना में वाटर लेवल बेहतर है। पानी की खपत बहुत कम हो गई है। बाजार, मॉल, होटल आदि बंद हैं, जिसका भी असर पड़ रहा है। - सीता साहू, मेयर, नगर निगम, पटना
राज्य में कोविड-19 के मरीजों की पहचान करने के लिए अब रैंडम टेस्टिंग कराई जाएगी। गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को पूरे राज्य में रैंडम टेस्टिंग कराने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रैंडम टेस्टिंग से ना सिर्फ कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकेगा बल्कि लोगों में सुरक्षा की भावना भी पैदा होगी। उन्होंने कोरोना जांच का दायरा बढ़ाने के लिए सभी जिला अस्पतालों में तय प्रोटोकाॅल के अनुसार ट्रू-नैट किट्स की उपलब्धता जल्द से जल्द करने की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों का विधिवत प्रशिक्षण भी कराया जाए। कोरोना संक्रमण की चिन्हित चेन की फिर से पूरी पड़ताल की जाए ताकि कोई काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग में छूटे नहीं। ऐसा करने पर ही कोरोना संक्रमण की चेन को पूरी तरह तोड़ा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को प्रखंड क्वॉरेंटाइन सेंटर की लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा ताकि वहां रहने वाले प्रवासी मजदूरों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। बड़ी संख्या में बिहार आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर को भी अपग्रेड कर वहां प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर की तरह व्यवस्था की जाए। प्रवासी मजदूरों के स्किल सर्वे से प्राप्त प्रोफाइल के अनुसार रोजगार सृजन के लिए सभी विभाग अग्रिम तैयारी रखे।
कोरोना संक्रमण कब तक रहेगा बताना मुश्किल: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति कब तक रहेगी, यह अभी कोई नहीं बता सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही कोरोनावायरस संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को जदयू के प्रदेश पदाधिकारियों साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के हालात का जायजा लिया। जदयू नेताओं ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में दो माह का बिजली बिल माफ करने की मांग उठाई। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पार्टी के प्रखंड अध्यक्षों के साथ बात करेंगे।
फारकिया रोड स्थित बाबा सुपर मिनरल कम्पनी के लेबर ठेकेदार की ओर से बिहार के सात प्रवासी मजदूरों को काम से निकाल देने पर श्रीनगर पुलिस ने लेबर ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफतार कर लिया।
लेबर काॅन्ट्रेक्टर चरित्र राय के खिलाफ धारा 188 आईपीसी व आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 58 के तहत मामला दर्ज किया गया है। काम से निकाल देने का खुलासा मजदूरों ने उस वक्त किया जब बिहार जाने के लिए पैदल निकले सातों मजदूर अजमेर में 6 मई को शाम के समय अलवरगेट थाना पुलिस के हत्थे चढ गए। अलवरगेट पुलिस ने श्रीनगर थाना प्रभारी प्रभुदयाल वर्मा को मामले की जानकारी दी। अलवरगेट पुलिस के थाने के हेड कांस्टेबल सुभाष चंद्र ने श्रीनगर से अजमेर पहुंचे। सहायक उपनिरीक्षक श्रवणलाल चौधरी को सातों मजदूरों को सौंप दिया ।
जानकारी के अनुसार सात में से तीन मजदूर मुुंशी मांझी पुत्र राजेन्द्र मांझी उम्र 38 साल व हरि पुत्र सुदाम मांझी , गोविंददास पुत्र नेपाली दास उम्र 48 साल, बिहार के जमुई जिले के ग्राम सुंंदरटाड,पुलिस थाना लक्ष्मीपुर के रहने वाले है । जबकि दो मजदूर गुडडू कुमार पुत्र टूनमन मांझी उम्र 22 साल व अक्षय कुमार मांझी पुत्र शिवनंदन मांझी उम्र 25 वर्ष बिहार के जिला गया पुलिस थाना परैया गाव बछेडिया के रहने वाले हैं । दो अन्य मजदूर कैलाश कुमार मांझी पुत्र मेघन उम्र 19 वर्ष व विष्णुकुमार पुत्र झूमन मांझी बिहार के जिला जमुई थाना झझा गांव धमना के रहने वाले हैं ।
श्रीनगर पुलिस ने मजदूराें को श्रीनगर स्थित फैक्ट्री के पास अपने रहने के स्थान पर भिजवा दिया है । प्रवासी मजदूरों ने पुलिस को जानकारी देते हुए बाबा सुपर मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के लेबर ठेकेदार चरित्र राय पुत्र बच्चू राय पर कोरोना बीमारी में लाॅकडाउन के कारण फैक्ट्री में काम नहीं होने पर नौकरी से निकाल देने अाैर घर चले जाने की बात कहने का आरोप लगाया है। लेबर ठेकेदार ने 6 मई को सुबह साढे नाै बजे बुलाकर कहा कि अब कम्पनी राशन व वेतन भी नहीं देगी।
मजदूरों ने बताया कि 6 मई को लेबर ठेकेदार ने खाना भी नही खिलाया ।मजबूरी में सातों श्रमिक पैदल ही अजमेर के लिए रवाना हो गए। शाम को अलवरगेट थाना पुलिस ने परमिशन नहीं होने पर वापस श्रीनगर लौटने का फरमान सुना दिया। श्रीनगर पुलिस ने बाबा सुपर मिनरल्स कम्पनी के लेबर ठेकेदार चरित्र राय के खिलाफ धारा 188 आईपीसी,व धारा 58 आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है ।
(कुमार जितेंद्र ज्योति)कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण 2021 की जनगणना प्रक्रिया भी रुक गई है और यह अपने तय अप्रैल महीने में शुरू नहीं हाे पाई है। यह जनगणना जब होगी तो कई आंकड़े बदलेंगे। सबसे बड़ा बदलाव जनसंख्या के हिसाब से देश के बड़े राज्यों के क्रम में होगा।
देश के हरेक शख्स को जारी हो रहे यूआईडी आधार कार्ड के आंकड़ाें से इसका अनुमान लगाया जा सकता है। 30 अप्रैल तक के आधार के आंकड़ाें की मानें ताे जनसंख्या के हिसाब से महाराष्ट्र को एक पायदान पीछे छोड़कर बिहार देश का दूसरा बड़ा राज्य होगा। उप्र पहले और प. बंगाल चौथे नंबर पर भले रहेंगे, लेकिन जनगणना 2011 के छठे स्थान को पीछे छोड़कर मध्य प्रदेश पांचवां स्थान हासिल करने जा रहा है। पिछली जनगणना में आठवें स्थान पर रहा राजस्थान छठे स्थान पर आजाएगा।
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुकाबले आधार के आंकड़े बता रहे हैं कि जनसंख्या के हिसाब से कर्नाटक और गुजरात भी एक-एक पायदान ऊपर चढ़ेंगे। 2011 में कर्नाटक नौवेंऔर गुजरात 10वें नंबर पर था। बंटवारे के कारण आंध्र प्रदेश पांचवें से 10वें स्थान पर आजाएगा, ताे केरल जन्म-दर पर नियंत्रण के कारण 12वें से नीचे उतरकर 14वें क्रम पर दिखेगा। छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, असम और जम्मू-कश्मीर भी एक-एक पायदान नीचे आ जाएंगे।
मप्र 5वें, राजस्थान 6वें व गुजरात 9वें क्रम पर
प्रदेश | अनु. जनसंख्या | पायदान | जनगणना 2011 | पायदान |
उत्तर प्रदेश | 23.78 | 1 | 19.98 | 1 |
बिहार | 12.47 | 2 | 10.40 | 3 |
महाराष्ट्र | 12.31 | 3 | 11.23 | 2 |
प. बंगाल | 09.96 | 4 | 09.12 | 4 |
मध्य प्रदेश | 08.53 | 5 | 07.26 | 6 |
राजस्थान | 08.10 | 6 | 06.85 | 8 |
तामिलनाडु | 07.78 | 7 | 07.21 | 7 |
कर्नाटक | 06.75 | 8 | 06.10 | 9 |
गुजरात | 06.38 | 9 | 06.04 | 10 |
आंध्र प्रदेश | 05.39 | 10 | 08.45 | 5 |
ओड़िशा | 04.63 | 11 | 04.19 | 11 |
अनुमानित जनसंख्या, जनगणना आंकड़े करोड़ में
(आलोक द्विवेदी)कोरोना काे हरा कर घर लाैटे लोगों और उनके परिवार काे सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित परिवार से पड़ोसी, दोस्त और रिश्तेदारों के साथ सफाईकर्मी, सब्जी विक्रेता, पुलिसकर्मी और दुकानदारों ने भी दूरी बना ली है। मिलना-जुलना ताे दूर, काेई इनसे फाेन पर भी बात नहीं करना चाहता।
किसी काेराेना पाॅजिटिव का काेई परिजन सामान लेने के लिए दुकान पर चला जाए, ताे दूसरे लाेग बिना सामान लिए घर लाैट जाते हैं। फिर कुछ दिनाें तक काेई भी व्यक्ति उस दुकान से खरीदारी नहीं करता। कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए बचाव जरूरी है। पर व्यक्ति से नफरत ठीक नहीं है। इससे काेराेना के खिलाफ लड़ाई कमजाेर हाेगी।
आईजीआईएमएस, पटना के कम्युनिटी मेडिसिन के हेड डाॅ. संजय कुमार और कोविड अस्पताल, एनएमसीएच के नोडल पदाधिकारी डा मुकुल सिंह का कहना है कि पाॅजिटिव हुआमरीज निगेटिव हाे जाता है ताे वह पूरी तरह स्वस्थ्य रहता है। फिर भेदभाव या शक करना गलत है। काेराेना किसी काे चपेट में ले सकता है। चाहे वह समाज का काेई भी है।
बाजार निकलते हैं तो लोग दूर भागने लगते हैं
केस-1: नंदलाल छपरा के गौतम ठीक होकर लौटे तो सब्जी वाला औरसफाईकर्मी ने घर आने से मना कर दिया। लोग गौतव व परिवार के सदस्यों से दूर भागते हैं। चौसा में पुश्तैनी दुकान है। लोगाें ने जबरन बंद करवा दी।
हद तो ये कि अब लोग यमराज कह बुलाते हैं
केस-2: जमालपुर के जुम्मन को लोग कभी-कभी यमराज कह कर संबोधित करते हैं। वार्ड काउंसलर रह चुके हैं। उनकी राशन की दुकान है। अब स्थिति ये कि जो लाेग घर आकर बैठे रहते थे, अब फाेन उठाने से भी परहेज करते हैं।
बीमार हुए तो लोगों ने दुआ सलाम तक छोड़ा
केस-3: बिहारशरीफ के डॉक्टर जहांगीर पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। अब ठीक हो गए हैं। कहतें हैं-लोग अब भी उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं। मिलना-जुलना तो अब है ही नहीं, दुआ-सलाम भी बंद है।
भेदभाव या शक करना गलत
जिन काेराेना पाॅजिटिव मरीजों कीरिपोर्टनिगेटिव आ गईहै।वे पूरी तरह स्वस्थ हाे गए हैं। ठीक हुए लोगों से भेदभाव या शक करना गलत है।-डाॅ. संजय कुमार, हेड, कम्युनिटी मेडिसिन, आईजीआईएमएस, पटना
इम्यूनिटीबेहतर हो जाती है
ठीक हुए मरीजों से संक्रमण फैलने की संभावना नहीं रहती है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी भी बेहतर हो जाती है। ऐसे मरीजों से भेदभाव करना सही नहीं है। -डाॅ. मुकुल सिंह, नोडल पदाधिकारी, कोविड अस्पताल, एनएमसीएच
राज्य के सबसे बड़े कोरोना फ्री अस्पताल आईजीआईएमएस की दाे नर्स, एक महिला सफाईकर्मी, एक एक्स-रे टेक्नीशियन समेत 7 काेराेना पाॅजिटिव हाे चुके हैं। इसके अलावा एक डॉक्टर भी, जिसकी गिनती इसलिए नहीं है क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने माइनर पॉजिटिव बताकर क्वारेंटाइन कर दिया। बाद में रिपोर्ट निगेटिव आई। बड़ा सवाल ये कि एनएमसीएच में काेराेना पाॅजिटिव का इलाज हाे रहा है, यहां अब तक काेई स्टाफ या नर्स पाॅजिटिव नहींं हुए, फिर आईजीआईएमएस में ऐसी कौन-सी लापरवाही हुई?
चाैंकाने वाली बात है कि इनके संक्रमण की चेन नहीं पता चल रही। बुधवार को पॉजिटिव पाई गई नर्स के विषय में कयास लगाया जा रहा है कि उसकी कोई परिचित मछली गली की है और वहीं से उसे यह संक्रमण हुआ। यहां बता दें कि पहले काेराेना मरीजाें का इलाज आईजीआईएमएस में भी हाेता था। 5 अप्रैल से यह बंद हाे गया। इसके बाद जाे भी मरीज आए, उन्हें एक हाॅल आइसाेलेशन में रखा जाने लगा। काैन मरीज कहां से किसके साथ आया, इस पर ध्यान ही नहीं गया। इन मरीजाें की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आने के बाद संस्थान के डाॅक्टर्स औरस्टाफ मांग करने लगे हैं कि सभी की काेराेना जांच हो।
पटना बीएमपी के पूर्व हवलदार भी पॉजिटिव, इनको भी संक्रमण किससे? नहीं पता
राज्य में गुरुवार को कोराना के 8 नए मरीज मिले। इनमें इनमें पटना का बिहार सैन्य पुलिस यानी बीएमपी-14 का रिटायर हवलदार (उम्र 60 साल) शामिल है। पूर्व हवलदार को संक्रमण किससे? ये अभी तक पता नहीं चल सका है। इसके अतिरिक्त सासाराम के दो पॉजिटिव मरीजों में 70 वर्षीय बुजुर्ग है। बुजुर्ग की मौत हो गई। यह राज्य में कोरोना से हुई 5वीं मौत है। बीएमपी हवलदार के बैरक में रहने वाले 9 जवानाें काे पाटलिपुत्र खेल परिसर में क्वारेंटाइन करा दिया।
सुखद: 24 घंटे में 30 मरीज ठीक हुए
पटना में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे में बिहार के लिए खुशी की बात यह है कि अभी तक कुल संक्रमित मरीजों में से लगभग 40% कोरोना को हराने में सफल रहे हैं। इस मामले में राष्ट्रीय औसत 29% है। गुरुवार को 30 लोग ठीक हुए,अबतक कुल 218। गुरुवार को रोहतास के 15, मुंगेर के 8, औरंगाबाद 5, पटना और गया के एक-एक मरीज कोरोना वायरस को शिकस्त दी है।
दुखद: मौत, बाद में रिपोर्ट पॉजिटिव
सासाराम:राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5 हो गई है। सासाराम के धौडाड़ गांव के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग ने गुरुवार को नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह दमा के मरीज थे उनके कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आज ही पटना से पहुंची थी। परिजनों ने मंगलवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। इससे पहले कोरोना से मुंगेर, वैशाली, सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण में 1-1 मौत हो चुकी है।
जिलाधिकारी नवीन कुमार ने गुरुवार को कोरोना के नए पॉजिटिव मामले आने के बाद एक बार फिर जिलेवासियों को आगाह किया। उन्होने कहा कि कोरोना से अब भी डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है। इसके लिए एक मात्र रास्ता लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन है। उन्होने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन पूरे मामले से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन आम लोगों को भी अपनी जीवन सुरक्षा के इस अहम मामले में सतर्क और संवेदनशील रहने की सख्त जरूरत है। उन्होने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन में थोड़ी रियायतें इसलिए दी हैं कि लोगों का जीवन पटरी पर आ सके। लेकिन इसका मतलब कतई यह नहीं कि वे कोराेना के खतरे के प्रति बेपरवाही दिखाकर अपनी व समाज की व्यापक जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने लगें। उन्होने कहा कि अधिकारियों को संक्रमित के गांव व आसपास के तीन किलोमीटर के कंटेंटमेंट जोन को पूरी तरह सील कर वहां सैनिटाइजेशन की हिदायत दी गई है जिस पर काम शुरू हो चुका है।
सेंटरों पर महिलाओं की सुरक्षा के इंतजाम करने की हिदायत दी : उन्होंने प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों को निदेश दिया कि वे प्रतिदिन नियमित रूप से अपने क्षेत्र के क्वारेंटाईन सेन्टर का निरीक्षण करें तथा आने वाली समस्याओं का समन्वय के साथ निष्पादन करावें। क्वारेंटाईन सेन्टर में रह रहे महिलाओं एवं बच्चों पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है। अगर कोई महिला गर्भवती अवस्था में है।
क्वारंटाइन सेंटरों से जुड़े अधिकारियों की शाम में लगी क्लास, सबकी रिपोर्ट पर किया गौर, दिए कई निर्देश
डीएम ने अपने कार्यालय कक्ष में प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संबंधित इलाकों में संचालित क्वारेंटाईन सेन्टरों में दी जा रही सुविधाओं का अद्यतन जानकारियां प्राप्त की। उन्होने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि क्वारेंटाईन सेन्टरों में जरूरी व मूल-भूत सुविधाओं को लेकर वे पूरी जिम्मेदारी व संवेदनशीलता के साथ काम करें। किसी भी हालत में सेंटरों पर रह रहे लोगों की हकमारी नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होने संबंधित अंचल अधिकारियों को निदेश दिया कि क्वारेंटाईन सेन्टर की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, रौशनी, भोजन इत्यादि की समुचित व्यवस्था लगातार सुदृढ़ रखें। साथ हीं सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि चिकित्सक नियमित रूप से क्वारेंटाईन सेन्टर में जा रह रहे ।
राष्ट्रीय जनता दल के जिला इकाई द्वारा संगठन को सशक्त एवं धारदार बनाने के उद्देश्य से सभी प्रखंडों में प्रखंड प्रभारी नियुक्त किया है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए राजद जिलाध्यक्ष महेश ठाकुर ने बताया कि जहानाबाद ग्रामीण मे वरीय जिला उपाध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा,रतनी -फरीदपुर प्रखंड में जिला पार्षद सह वरिष्ठ राजद नेता धर्मेंद्र पासवान, मखदुमपुर ग्रामीण एवं नगर में जिला सचिव उमेश कुमार यादवेंदु, घोसी प्रखंड में वरिष्ठ राजद नेता विनोद कुमार यादव, हुलासगंज प्रखंड में जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी मनोज यादव, मोदनगंज प्रखंड मे जिला उपाध्यक्ष मृत्युंजय सिंह यादव एवं काको प्रखंड में जिला महासचिव धर्मपाल सिंह यादव को प्रखंड प्रभारी नियुक्त किया गया है।जिलाध्यक्ष ने कहा कि आगामी अक्टूबर-नवंबर 2020 में विधानसभा के संभावित चुनाव को देखते हुए 15 मई तक प्रखंड कमेटी एवं पंचायत अध्यक्षों का चुनाव निश्चित रूप से करबाने के साथ ही 30 मई तक बूथ कमिटी का गठन करवाने की भी जिम्मेवारी प्रखंड प्रभारियों को सौंपा गया है। पांच सदस्यीय जिला निगरानी समिति का भी गठन किया गया है।
बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी को एक बार फिर से बढ़ा दी है। गुरूवार की दोपहर में अचानक आंधी-पानी के साथ कहीं-कहीं हल्की ओलावृष्टि भी हुई जिससे फसलों की भारी क्षति हुई है। पेड़ में फले आम,एवं सब्जी के खेती की खूब क्षति हुई है। इधर बारिश होने से किसानों के कटने दौनी का काम फिर ठप पड़ गया। कई किसानों की गेहूं- चना की फसल खेत खलिहान में भींगकर फंसी है। किसानों ने बताया कि कड़ी मेहनत एवं काफी पूंजी झोककर रबी एवं सब्जी की खेती की थी। फसल तैयार हुआ तब उसपर पानी पड़कर खराब हो रहा है। इधर बारिश के बाद शहर के कई सड़कें पर भी कुछ वक्त के लिए हल्का जलजमाव हो गया। मलाहचक से एरोड्रम जाने वाली सड़क ,मेन रोड में पीएनबी बैंक के पास भी जल जमाव हो गया है जिससे लोगों के आने जाने में कठिनाई का सामना करना पड़। इधर शहर के राजा बाजार, गांधीनगर, पुराने बिजली कॉलोनी ,रामगढ़ ,सब्जीमंडी में भी जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से आने जाने वाले रास्ते किचड़मय हो गया है।
काको प्रखंड में अचानक आई तेज आंधी और पानी ने प्रखंड में खासी तबाही मचाई
काको : प्रखंड में अचानक आई तेज आंधी और पानी ने प्रखंड में खासी तबाही मचाई। बारिश से किसानों को बड़े पैमाने पर क्षति की सूचना है। इधर आंधी की वजह से बिजली आपूर्ति भी कई घंटे बाधित रही। आंधी पानी में काको थाना की चारदीवारी भी धरासाई हो गई। थानाध्यक्ष संजय शंकर ने बताया कि तेज बारिश में थाना की उत्तर तरफ का चारदीवारी धरासाई हो गई है, जिसे सुरक्षा के दृश्टिकोण से तत्काल बांस बल्ला से घेरा गया है। वही एन एच 110 पर ऑलियाचक के पास तेतीस हजार केवीए के संचरण लाइन पर एक पेड़ गिर जाने के कारण कई फीडरों मेआपूर्ति बाधित रही। जानकारी के बाद बिजली कर्मियों ने युद्धस्तर पर पेड़ को हटाकर लगभग तीन घंटे के बाद आपूर्ति बहाल करा दिया। इधर तेज बारिश से प्रखंड के कई गांवों के किसानों को बड़े पैमाने पर फसलों को बर्बाद किया है। किसानों के रबी फसल खलिहान में दौनी के लिए रखा गया था, भारी मात्रा में बर्बाद हो गया।
दोपहर अचानक तेज धूल भरे आंधी पानी आई जिसके कारण दिन में ही रात सा नजारा दिखने लगा
हुलासगंज : प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार की दोपहर अचानक तेज धूल भरे आंधी पानी आई जिसके कारण दिन में ही रात सा नजारा दिखने लगा। घरों में अंधेरा छा गया एवं तेज हवाओं के साथ बारिश के साथ ओले पड़ने लगे। जिसके कारण कुछ समय के लिए जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोगों के घर के ऊपर से करकट एवं लोहे की सीट तथा फुसकी छपर एव डीटीएच के एंटीना उड़ने की खबर प्राप्त हो रही है। फसलों की भी व्यापक क्षति हुई है। हुलासगंज बाजार में बाजार समिति के पास एक वृक्ष की गिर गया लेकिन किसी के जान माल का नुकसान नहीं हुआ। क्षेत्र में मूंग की फसल बड़े पैमाने पर लगाइ जाती हैं एवं इस समय मूंग की फसल में फूल आना शुरू हो गया है। ओले पड़ने के कारण फूलों को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में किसानों के रबी फसल के भूंसे से भींग गए। कम अंतारालों पर लगातार बारिश होने के कारण भूसे की सड़ने की संभावना बनी हुई है जिससे किसानों के समने मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है।
युवा जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह डिहरी विधानसभा प्रभारी(प्रदेश) दिलीप कुशवाहा, अरवल जिला संगठन प्रभारी जेपी चंद्रवंशी, राजगीर विधानसभा प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बिहार के जमालपुर स्थित रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को बंद कर लखनऊ स्थानांतरित करने पर रेल मंत्रालय के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई है। श्री कुशवाहा ने कहा कि जमालपुर के रेलवे प्रशिक्षण संस्थान बिहार का सबसे पुराना प्रशिक्षण संस्थान है। एशिया का सबसे बड़ा व प्रसिद्ध रेल इंजन कारखाना जमालपुर की स्थापना 8 फरवरी 1862 को हुई थी। इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग नाम से यह प्रशिक्षण संस्थान 1888 में खोला गया, इसमें 1927 से रेलवे के मैकेनिकल इंजीनियर को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। रेलवे के छह मुख्य संस्थानों में यह सबसे पुराना है। पहले भी केंद्र सरकार इस संस्थान को साज़िश के तहत बन्द करने के प्रयास किया है।
2015-16 में भी ऐसे प्रयास हुए थे, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केंद्र सरकार के फैसले पर रोष जताया था। उनका कहना था कि अगर प्रधानमंत्री देश में रेलवे यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है तो क्यों नही जमालपुर के इस संस्थान को ही यूनिवर्सिटी बना देते। तब रेलवे बोर्ड ने आश्वासन दिया था कि संस्थान बंद नहीं होगा। लेकिन, केन्द्र सरकार और रेलवे बोर्ड एक साजिश के तहत इतने पुराने और उच्च श्रेणी के संस्थान को बंद कर दूसरे राज्य में स्थानांतरित करना चाहती है। केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। इसके लिए बिहार के तमाम सांसदों को भी इस मामले पर रेल मंत्री से बात करना चाहिए क्योंकि यह बिहार के अस्तित्व और पहचान का सवाल है। वहीं श्री चंद्रवंशी और श्री सिंह ने कहा कि एकतरफ बिहार के लोग आस लगाए बैठे हैं कि बिहार में रोजगार की संभावना बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार कोई इंडस्ट्री लगाएगी, इधर जो सहारा पहले से है वो भी छीन लिया जा रहा है।
शु़क्रवार को दुनियाभर में वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाया जा रहा है। यह दिन उनलोगों को समर्पित किया गया है, जो रक्त की इस अनुवांशिक रोग से पीड़ित हैं। थैलेसीमिया से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर जनजागरूकता की जरूरत है। इस बीमारी का लक्षण भी कोरोना की तरह सांस की परेशानियों से जुड़ा है। इस वर्ष वर्ल्ड थैलिसिमिया डे 2020 का थीम ‘नए युग के लिए थैलिसिमिया का चित्रण वैश्विक प्रयासों के जरिए मरीजों को सस्ते एवं आसानी से उपलब्ध होने वाली नोबल थीरेपी’ है। सिविल सर्जन डा.विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस जटिल रोग से उबरने के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि इसके बारे में लोगों को जरूरी जानकारियां दी जा सके। स्वास्थ्य विभाग इस रोग के नियंत्रण के लिए लगातार काम कर रहा है।
हीमोग्लोबिन बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है थैलेसीमिया
थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है। माता पिता दोनों में से किसी एक में जीन की गड़बड़ी होने के कारण यह रोग अगली पीढ़ी के सदस्यों को होता है। सीएस ने बताया कि इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नहीं बनता है। खून में पर्याप्त स्वस्थ्य लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होने के कारण शरीर के अन्य हिस्सों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। इससे पीड़ित बहुत जल्द थक जाता है। उसे सांस की कमी महसूस होती है। कोरोना काल में ऐसे मरीजों को बचने की जरूरत है क्योंकि इस बीमारी में भी कोरोना की तरह सांस लेने में ही परेशानी होती है।
इन लक्षणों से की जाती है थैलेसीमिया की पहचान: शिशुओं में चार से छह माह की उम्र में थैलीसीमिया के लक्षण नजर आने लगते हैं। इन्हें इन लक्षणों से पहचाना जा सकता है। बच्चों का शरीर पीला पड़ जाता है। शिशु का मानसिक विकास में रूकावट होता है तथा शारीरिक विकास भी क्षीण हो जाता है। बच्चे के लीवर व तिल्ली प्रभावित होने लगता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। जाहिर है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए संबंधित रोगियों को ऐसे में अपेक्षाकृत कही ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।
सालाना 10 हजार थैलिसीमिया ग्रस्त बच्चे लेते हैं जन्म: केयर इंडिया के मातृ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ प्रमोद ने बताया थैलेसिमिया एक गंभीर रोग है जो वंशानुगत बीमारियों की सूची में शामिल है. प्रत्येक वर्ष लगभग दस हजार थैलिसीमिया से ग्रस्त बच्चे का जन्म होता है। बिहार में लगभग दो हजार थैलेसीमिया मेजर से ग्रस्त मरीज हैं, जो नियमित ब्लड ट्रांसफयूजन पर आधारित है।
थैलीसीमिया पीड़ितों के लिए आज लगेगा रक्तदान शिविर
लॉकडाउन में ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी है। जहानाबाद समेत पूरे बिहार के ब्लड बैंक में रक्तदाता कम पहुंच रहे हैं। ऐसे में थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों और जरूरतमंदों को ध्यान में रखकर थैलीसीमिया दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में शुक्रवार को किया जा रहा है। जिले में रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय संस्था रक्त सेवा के अध्यक्ष रजनीश कुमार विक्कू ने बताया कि थैलीसीमिया दिवस पर पूरे बिहार में भारत सरकार द्वारा तय मापदंडों को पूरा करते हुए सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखकर बिहार के सभी ब्लड बैंकों में रक्तदान किया जाएगा। मां वैष्णो देवी सेवा समिति के तत्वावधान में पूरे बिहार में हो रहे इस मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव में रक्तसेवा के सदस्य भी जहानाबाद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
दंपति अपने खून की नियमित जांच जरूर कराएं
विशेषज्ञों का मानना है कि विवाहित दंपतियों को अपने खून की नियमित जांच का अधिक ख्याल रखना चाहिए। यदि पति या पत्नी दोनों में से किसी को भी थैलीसीमिया है तो डॉक्टर से बात कर परिवार बढ़ाने की योजना बनानी चाहिए। इससे बच्चों में यह बीमारी होने की संभावना को समझने में आसानी होगी। थैलेसीमिया से इस प्रकार भी बचाव किया जा सकता है। इसके लिए खून की जांच कर रोग की मौजूदगी की पुष्टि कराना चाहिए। साथ ही विवाह से पूर्व लड़का व लड़की के रक्त का परीक्षण भी किया जाना चाहिए। कई समुदायों में नजदीकी रिश्ते में शादी विवाह होते हैं. ऐसे नजदीकी रिश्ते में विवाह संबंध बनाने से परहेज किया जाना ही बेहतर होता है।
वैश्विक कोरोना महामारी संक्रमण से जारी लॉक डाउन के बीच विभागीय आदेश के बाद जमीन खरीद बिक्री 20 अप्रैल से शुरू हो गई है। लॉक डाउन को लेकर सहायक निबंधन महानिरीक्षक अवधेश कुमार झा ने दस्तावेज के निबंधन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कर्मियों को कार्यालय आने का निर्देश दिया है। निर्देश में उन्होंने कहा है कि किसी भी दस्तावेज का निबंधन करने के लिए पक्षकारों को निबंधन विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना होगा। इसके बगैर के किसी भी दस्तावेज का निबंधन नहीं किया जाएगा। नया नियम के लागू होने के बाद
निबंधन कार्यालय में अब तक एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई है। कार्यालय में सन्नाटा छाया हुआ है। कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि ऑफिस में सन्नाटा छाए रहने की मुख्य वजह वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में किया गया लॉक डाउन है।
सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन
विभागीय आदेश के बाद भवन के सभी कच्छ में प्रतिदिन केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत प्रवेश करने की इजाजत दी जा रही है। किसी भी दस्तावेज से संबंधित पांच व्यक्तियों को ही एक समय में प्रवेश दिया जा रहा है। जमीन निबंधन के लिए सिर्फ ई स्टांप ही लिए जा रहे हैं। निबंधन पदाधिकारी प्रसून कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जमीन के निबंधन के लिए केवल ई स्टांप और ई चालान स्वीकार किया जाएगा। अप्वाइंटमेंट लेने के बाद निर्धारित समय में तैयार दस्तावेज मुद्राक, निबंधन शुल्क चुकाने का प्रमाण पत्र लेकर कार्यालय पहुंचना होगा। इसके बाद उन्हें रजिस्ट्री के लिए आधे घंटे का समय दिया जाएगा। कार्यालय में एक समय में 5 लोगों को अंदर आने की अनुमति मिलेगी।
भगवानपुर प्रखंड के जैतपुर कला पंचायत के जैतपुर कला गांव में मनरेगा के तहत तालाब खुदाई का काम चल रहा है। जिसमें सैकड़ों मजदूर काम कर रहे हैं। गुरुवार जब करीब 50 की संख्या में मजदूर तालाब खुदाई करने के लिए जैतपुर कला गांव गए तो उनसे योजना स्थल पर जमीन की मापी कराने के बाद ही काम करने की बात कही गई। जबकि मजदूरों का कहना था कि उन्हें इसके पहले बाहा की खुदाई का काम दिहाड़ी पर कराया गया है।
लेकिन योजना स्थल पर काम कराने वाले मुंशी का कहना था कि तालाब की खुदाई में जमीन की मापी करने के बाद ही मिट्टी फेंकना होता है। इसके बाद ही मजदूरों को काम करना होगा।
जब मजदूरों ने रोजाना पर काम करने की बात कही तो उन्हें वहां से भगा दिया गया। जबकि कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश में जहां लॉक डाउन है। संकट की इस घड़ी में सबसे ज्यादा परेशान गरीब मजदूर वर्ग है। ऐसे में काम से मजदूरों को भगा देना, कहीं से भी उचित नहीं है। योजना स्थल से बिना काम कराए भगाए जाने के बाद सभी मजदूर इसकी शिकायत करने भगवानपुर बीडीओ मयंक कुमार सिंह के पास पहुंचे।
बीडीओ को दियालिखित आवेदन
उन्होंने बीडीओ को लिखित आवेदन भी दिया। मजदूरों का कहना था कि योजना स्थल पर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। कुछ मजदूरों से दिहाड़ी पर काम कराया जा रहा है तो कुछ मजदूरों की बिना काम कराए ही हाजरी बना दी जा रही है। एक महिला मजदूर कहना था कि बाहा की खुदाई में हम लोगों से रोजाना पर काम कराया गया था। लेकिन तालाब खुदाई में मापी कराने के बाद काम करने की बात कही जा रही है। उन्हें रोजाना पर काम करने दिया जाए। इस संबंध में बीडीओ ने कहा कि मजदूर मेरे पास शिकायत लेकर आये थे। मैने उनसे मनरेगा पीओ से शिकायत करने को कहा है। इसके बारे में मनरेगा पीओ सुमित सिन्हा से भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
नल जल योजना पर करोड़ो खर्च करने के बाद भी इस तपिश में चेहरिया पंचायत की जनता को पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में बुधवार को चेहरिया पंचायत के वार्ड सात के ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिला है। पानी के लिए हम लोगों को यहां से एक किलोमीटर दूर सबमर्सिबल पंप के पास जाना पड़ता है।
लोगों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी पीएचईडी की है : मुखिया
इस संबंध में पंचायत की मुखिया बंदना कुमारी ने बताया कि चेहरियां पंचायत में वार्ड समिति की देखरेख में जो भी नल जल योजना चल रही थी, सब लगभग पूरी हो गई है। पांच योजनाएं पीएचईडी विभाग
द्वारा कराई जा रही हैं। वह भी लगभग पूरी होने के कगार पर हैं। जहां तक वार्ड 7 में नल जल की बात है तो इसकी जिम्मेदारी और उस वार्ड के लोगों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग
की है।
तरैथा पंचायत के बेलाढ़ी गांव बुधवार की संध्या में पहुंचे 12 प्रवासी कामगारों की जानकारी मिलने के बाद मुखिया प्रभावती देवी ने उन्हें जायसवाल उच्च विद्यालय में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखवा दिया। जहां प्रवासी कामगारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कामगारों ने बताया कि मुखिया ने तो हम लोगों को 21 दिनों के लिए यहां ला कर छोड़ दिया लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां स्नान करने से लेकर सोने तक की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लाइट की भी व्यवस्था सही नहीं है। बता दें कि प्रखंड में आपदा विभाग द्वारा बनाए गए कुल 9 क्वारेंटाइन सेंटरों में अभी सिर्फ दो में ही लोगों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है। बालिका आवासीय विद्यालय में 40 व इंटर स्तरीय हाई स्कूल में 27 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग को करनी है व्यवस्था
इस संबंध में मुखिया प्रतिनिधि गंग दयाल प्रजापति का कहना है कि ग्राम पंचायत को सिर्फ बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन कराना है। वहां खाने पीने व सोने की व्यवस्था आपदा प्रबंधन विभाग को करनी है। सीओ ने बताया कि यह सेंटर बुधवार की शाम से ही चालू हुआ है। इसलिए व्यवस्था में कुछ कमी रह गई थी।