एनीमिया यानी खून की कमी को नजरअंदाज न करें। इससे शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसे दूसरे नाम थैलिसिमिया भी कहा जाता है। यह रक्त जनित रोग है। यह मानव शरीर में हीमोग्लोबिन की उत्पादन को कम करता है।हीमोग्लोबिन द्वारा ही पूरे शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुचता है। हेमोग्लोबिन का कम स्तर शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की कमी करता है। इससे ग्रसित व्यक्ति के शरीर में रक्ताल्पता या एनीमिया की शिकायत हो जाती है। शरीर का पीलापन, थकावट एवं कमजोरी का एहसास होना इसके प्राथमिक लक्षण होते हैं। शीघ्रता से उपचार न मिलने पर थैलिसिमिया के मरीज के शरीर में खून के थक्के जमा होने लगते हैं। थैलिसिमिया के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से हर वर्ष 8 मई को विश्व थैलिसिमिया दिवस मनाया जाता है।
एनीमिया के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें : सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि थैलिसिमिया मूलतः अनुवांशिक होता है। अगर एनीमिया के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें। नजरअंदाज बिलकुल न करें।
खून की कमी के
यह प्रयास उपचार में हो सकता है सहायक | थैलिसिमिया से पीड़ित व्यक्ति को चेकअप के उपरांत उपचार दिया जाता है। मरीज के शरीर में रक्ताल्पता के स्तर के अनुसार इलाज बताया जाता है। एनीमिया की स्तिथि गंभीर होने पर उन्हें खून चढ़ाना भी पड़ सकता है।
रमजान के महीने में अल्पसंख्यक शिक्षकों की ड्यूटी क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं लगाने की मांग की गई है। इस मामले में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार प्रसाद ने कहा कि जिले के तमाम शिक्षक लंबे समय से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे।इन शिक्षकों का लगभग चार महीने से वेतन भुगतान नहीं होने से भुखमरी की नौबत आ गई है। वेतन के अभाव में बिहार के कई शिक्षक दम तोड़ चुके हैं। इसके अलावे कई शिक्षक गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। वेतन नहीं मिलने की वजह से अपना समुचित इलाज कराने में असमर्थ हैं। अध्यक्ष ने कहा कि विभाग में वेतन एवं सभी प्रकार के बकाया एरियर भुगतान करने के लिए रुपए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
इसके बावजूद शिक्षकों के वेतन और एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से शिक्षक आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। हड़ताल स्थगित होने के बाद शिक्षक योगदान कर रहे हैं। इस दौरान भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बकाया वेतन और एरियर का हो भुगतान
विभाग को चाहिए कि अविलंब चार माह का वेतन सभी प्रकार के शिक्षकों का बकाया एरियर का भुगतान यथाशीघ्र किया जाए। इसके अलावा रमजान के महीने में अल्पसंख्यक शिक्षकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर ड्यूटी नहीं लगाने की मांग की गई है। रमजान का महीना होने की वजह से क्वॉरेंटाइन सेंटर पर शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। संघ के जिलाध्यक्ष ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांग की है कि शिक्षकों की समस्याओं का अविलंब निदान किया जाए।
पटना हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश से यह तय किया है कि कालाबाजारियों से या ऐसे किसी दूसरे मामलों में जब्त किए गए अनाज व अन्य जरूरी वस्तुएं, जो जल्दी खराब हो सकती हैं, उसे रिलीज करने का अधिकार डीएम को नहीं है।
कोर्ट ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर ऐसे जब्त हुए अनाज या सामान को राज्यसात करने की प्रक्रिया में देरी होती है, तो उसे जनहित में नियंत्रित मूल्य पर बिक्री या नीलाम कर या जनवितरण प्रणाली की दुकानों के जरिए आम लोगों को बेचकर इसका पैसा राजकोष में जमा किया जाए। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह की एकल पीठ, गुरुवार को मो. जहांगीर की रिट याचिका को सुनते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि पूर्णिया जिला प्रशासन ने दो हजार बोरा गेहूं को सितम्बर 2019 में जब्त कर लिया।
अन्य प्रदेशों से आने वाले कुदरा प्रखंड के प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए 900 बेड क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। दूसरे प्रदेशों से बिहार के कैमूर जिला की सीमा में प्रवेश करते ही सभी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच व भोजन कराकर क्वारेंटाइन कराया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों के लिए प्रखंड मुख्यालय के बगल में आवासीय टेन प्लस टू विद्यालय में 250 बेड का क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। अब तक यहां 40 से भी अधिक प्रवासी मजदूरों को रखा गया है।
इस संबंध में बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों के रहने खाने एवं सोने की व्यवस्था की गई है। इस सेंटर में रखे गए लोगों को 21 दिन बाद स्वास्थ्य जांच कराकर ही छोड़ा जाएगा। इसके अलावा लालापुर में पाराडाइज चिल्ड्रन एकेडमी विद्यालय में भी 200 बेड का क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। जबकि जगदेव मेमोरियल कॉलेज सकरी में भी 50 बेड के अलावा कस्तूरबा बालिका विद्यालय सकरी समेत अन्य कई स्थानों पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया।
गरीबों को मास्क एवं साबुन का वितरण
कुदरा | प्रखंड की सलथुआ पंचायत के बहुआरा गांव की महादलित बस्ती मुसहर टोली में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर समाजसेवी कन्हैया राय द्वारा मास्क एवं साबुन का वितरण किया गया। लोगों को बताया कि अपने घरों में ही रहें। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें। चेहरे पर मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। समय-समय पर अपने हाथों की सफाई साबुन से करते रहें। यदि किसी को किसी प्रकार की परेशानी हो तो हमें सूचित करें। हर संभव सहयोग करने का प्रयास किया जाएगा।
राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी आर्थिक हल युवाओं के बल कार्यक्रम के अंतर्गत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ जिले के तीन कॉलेज के छात्रों को ही मिलेगा। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद योजना की पात्रता के लिए कई बदलाव किए गए हैं। राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त जिले के तीन कॉलेज जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल कॉलेज,ग्राम भारती कॉलेज, रामगढ़ और गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि राज्य के बाहर पढ़नेवाले छात्रों के लिए भी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद यानी नैक से ‘’ए’’ ग्रेड प्राप्त कालेजों में अगर एडमिशन नहीं हुआ तो अब बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना के विभिन्न प्रावधानों में सरकार ने काफी बदलाव कर दिया है। राज्य के बाहर सक्षम प्राधिकार से मान्यता प्राप्त गैर सरकारी अथवा निजी शिक्षण संस्थानों में नामांकित या नामांकन हेतु चयनित वैसे छात्रों को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा जिनके संस्थान को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक के द्वारा न्यूनतम ए ग्रेड प्राप्त है। इसके अलावे संस्थान में संचालित कार्यक्रमों का नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन यानी एनबीए के द्वारा एक्रीडिटेशन प्राप्त है या फिर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की रैंकिंग प्राप्त है। उन्हें ही बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिलेगा।
इस वित्तीय वर्ष जिले का परफॉर्मेंस रहा बेहतर
योजना को लेकर जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र की ओर से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। जिसका परिणाम है कि इस वित्तीय वर्ष योजना के तहत लक्ष्य का 80% उपलब्धि प्राप्त हुआ है। जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र के जरिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्वयं सहायता भत्ता और कुशल युवा कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं को योजनाओं का लाभ। दिया जा रहा है। लॉक डाउन की वजह से फिलहाल इस योजना पर ब्रेक लगा हुआ है।
जिले के 1406 छात्रों को पढ़ाईके लिए दिया गया लोन
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत अब तक कैमूर के 1406 छात्रों को विभिन्न कोर्स के लिए सरकार की ओर से लोन उपलब्ध कराया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक करीब 17 करोड़ रुपए फर्स्ट इंस्टॉलमेंट के रूप में इन छात्रों को दिया जा चुका है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाकर जिले के कई छात्र बेहतर संस्थानों में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। जबकि कई छात्र कुशल युवा, कार्यक्रम और स्वयं सहायता भत्ता योजना से लाभान्वित होकर स्वरोजगार के अलावा कई जगह नौकरी कर रहे हैं। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से गरीब और वंचित छात्रों को काफी फायदा मिल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार हालांकि नियमों में बदलाव की वजह से कई छात्रों को इस योजना का लाभ अब नहीं मिल पाएगा।
इन कॉलेजों के नाम पोर्टल से हटाए गए
राज्यस्तरीय रैंकिंग में 29 वें पायदान पर कैमूर
बिहार विकास मिशन की ओर से राज्य स्तरीय रैंकिंग रिपोर्ट में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में कैमूर 29 वें समय पायदान पर है। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता में 38 वां स्थान प्राप्त हुआ है जबकि कुशल युवा कार्यक्रम में छठवां स्थान प्राप्त हुआ है। उन्हें। बेहतर मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। महीने जारी होने वाले राज्य स्तरीय रैंकिंग रिपोर्ट में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य योजनाओं में कैमूर की स्थिति पहले से बेहतर हुई है।
तहसील कार्यालय में बनाए गए कोरोना कंट्रोल रूम में पिपरिया, बनखेड़ी और पचमढ़ी ब्लॉक से लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए संपर्क कर रहे हैं। ज्यादातर फोन उचित मूल्य राशन दुकान पर पात्रता पर्ची ना होने के आ रहे हैं। वहीं अन्य समस्याओं के समाधान की मांग भी कंट्रोल रूम से की जाती है। कोरोना कंट्रोल रूम में कार्यरत राजेश ग्यारसी ने बताया कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों से रोजाना 8 से 10 फोन राशन की उपलब्धता के लिए आ रहे हैं। ऐसी हालत में हम संबंधित व्यक्ति का नाम और फोन नंबर संबंधित वार्ड के प्रभारी या ग्राम पंचायत सचिव को दे देते हैं। वह अपने स्तर से जाकर मैदानी जांच कर लेते हैं और संबंधित की समस्या से अपने विभाग प्रमुख को अवगत कराते हैं। जहां से वह जानकारी खाद्य शाखा में पहुंच जाती है और उस समस्या का निराकरण या तो पात्रता पर्ची से या कोरोना में दिए जाने वाले विशेष अनुदान अनाज के माध्यम से संबंधित को राशन की सप्लाई दी जाती है। वहीं बाहर जाने के लिए भी लोग पास स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए भी लोगों के फोन आते हैं।
गुरुवार की सुबह हुई मूसलधार बारिश से कई सरकारी कार्यालय झील में तब्दील हो गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बीआरसी, प्रखंड एवं अंचल कार्यालय के समीप जलजमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल आने वाले आपातकालीन मरीजों की वाहन जलजमाव में फंस रही है। पंचायत समिति भवन,पशु अस्पताल,एसएफसी गोदाम, मनरेगा कार्यालय,पावर सब स्टेशन तथा बैकुंठपुर थाना में भी जलजमाव उत्पन्न हो गया है।
तेज आंधी के साथ हुई मूसलधार बारिश एक बार फिर मुश्किलें बढ़ा दी है । दिघवा दुबौली सब्जी मंडी, खादी भंडार रोड, डाक बंगला रोड, रेवतीथ बाजार, राजापट्टी कोठी बाजार सहित अन्य चौक-बाजारों पर जलजमाव से खरीदारी करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई किसान खेतों की जुताई कर धान के बिचड़े डालने की तैयारी में थे। तभी मुसलधार बारिश ने खेतों को जलमग्न कर दिया है।
(अखिलानंद मिश्र)कोरोना वायरस से बचाव को लेकर भोजपुरी कलाकार 80 वर्षीय कमला देवी ने अपने सुरीली आवाज में गाना गा रही “”मोदी का कहना हैं,कुछ दिन घर में रहना है’’बाहर में राक्षक कोरोना तबाह किया हर कोना----’’’’ ऐसे कई गाने वो अपने बेटों के साथ गाकर सोशल मीडिया के जरिए लाेगों का जागरूक कर रही है।
बेटा का भी मिलता है साथ
मीरगंज निवासी 80 वर्षीय कमला देवी ने कोरोना महामारी से बचने के लिए लॉकडाउन के दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए गीत गाकर ये पहल शुरू की। गायिका कमला देवी खुद गाने बनाकर गाती हैं। इस काम में उनका बड़ा बेटा कृष्ण कुमार ने तबला,छोटे बेटा गिटार बजाकर मदद करते है।
गाने के जरिए लॉकडाउन पालन करने का दे रही हैं संदेश
कोरोना जैसी महामारी को हराने के लिए हर कोई अपने-अपने स्तर से लगा हुआ है। ऐसे में गायिका कमला देवी की ये पहल लोगों को काफी पसंद आ रही है और काफी तारीफ भी हो रही है। इस उम्र में भी कमला अपने गीत के माध्यम से कोरोना के बारे में जागरुकता फैलाने में अपना योगदान दे रही हैं। गाने के जरिए लॉकडाउन पालन करने का संदेश दे रही हैं।
मोबाइल कैमरे से जाती है रिकॉर्डिंग
कमला देवी बताती है कि नित्य क्रिया कर्म और पूजा-पाठ करने के बाद प्रतिदिन संगीत उपकरणों की अपनी टीम के साथ स्टैंड पर मोबाइल कैमरा लगाकर कोरोना, लॉकडाउन, महामारी सम्बंधित अलग-अलग गीत बनाकर खुद गाती हैं। उसके बाद फेसबुक के जरिए यह संदेश लोगों तक पहुंचाने का काम करती है।
घरों में रहने की अपील
कमला देवी बताती है कि बचपन से ही वो संगीत से जुड़ी हैं, कोरोना से पूरा विश्व परेशान है। इससे बचाव को लेकर ही सरकार ने लॉकडाउन किया है। गायिका ने कहा कि सभी को इसका पालन करते हुए अपने घर में रहकर सुरक्षित रहना चाहिए। वो अपने गाने में भी लोगों को यही संदेश देती हैं।
कमेंट मिलते हैं रोज
वह आगे बताती है कि इस बीमारी से लड़ने के लिए जो लोग कमर कसे हुए उनके लिए गीत के माध्यम से हौसला अफजाई करने का प्रयास किया जा रहा हैं। गीत गाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक माह में 20 से 25 गीत उनके सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है।
लॉकडाउन से तमाम छोटे व्यापारों को बंद कर दिया। छोटे व्यापार जब बंद हुए तो लोगों को परिवार पालने के लिए अपने व्यापार को बदल लिया है। जिसमें सब्जी व फल बेचने का व्यापार अधिक लोगों ने किया है। शहर के मुख्य स्थान मौनिया चौक के अासपास हर सामान बेचने की दुकानें है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान लगे लाॅकडाउन में किराना,सब्जी और फल के दुकान खुले रहने के कारण थोक मंडी से सब्जी व फल खरीदे व ढील के दौरान दुकान में सब्जी लेकर बैठ गए। 4 घंटे में परिवार को पालन पोषण के लिए कमाई हो जाती है। यही कारण है कि बाजार में इन दिनों टेंट, सुनारी,पान दुकान आदि का व्यापार करने वाले लोग भी सब्जियां बेचते नजर आ रहे है।
आज से दुकानें खोलने की छूट, जानें समय
लॉकडाउन थ्री में छूट का दायरा बढ़ाते हुए कई प्रकार की गतिविधियों की डीएम अरशद अजीज ने इजाजत दी है। गुरूवार को डीएम ने लॉकडाउन में इलेक्ट्रानिक, ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, निर्माण सामग्री और प्रदूषण जांच केन्द्रों को खोलने का निर्देश दिया। डीएम ने कुछ दुकानें को एक सप्ताह में तीन दिन और कुछ दुकान को रविवार को छोड़कर खोलने का आदेश दिया है।इसके लिए रोटेशन तय किया गए है कि कौन दिन कौन दुकान कब और कितने बजे तक खुला रहेगा। पूर्व की भांति किराना दुकान,सब्जी दूकान दवा दूकानों उवं दुध की दुकानें खुली रहेगी।
पान की दुकान छोड़फल बेचने लगा अमित
मौनिया चौक के अमित पान स्टॉल। दुकान के नाम लिखा हुअ है। लेकिन अमित कुमार बताता है कि पान और गुटका बंद होने के कारण एक माह से दुकान बंद है। जो पैसा रखा था, वह लॉकडाउन के दौरान परिवार पालने में खत्म हो गया। इस लिए व्यापार बदलकर फल दुकान किया है। लॉकडाउन के कारण सुबह 10 बजे से 2 बजे तक ही दुकान खुल रहा है। इसी बीच परिवार के पालने के लिए कमाई हो जा रही है।
चूना गली में बेचता थासमोसा जिलेबी
राजू लॉक डाउन से पहले समोसा, कचौड़ी का काम करते थे। लॉक डाउन हुआ तो चाय नाश्ता की दुकानों पर भी ताले लग गए। राजू के सामने व्यापार का संकट खड़ा हो गया। एक दो दिन सोचने के बाद उन्होंने समोसा बनाने के सामान को एक तरफ रख दिया। राजू के अनुसार सब्जी बेच कर वह अपने परिवार को भरण पोषण आसानी से कर पा रहे है। राजू ही नहीं शहर के कई छोटे व्यापारी जो टेंट,पान की दुकान आदि का काम करते थे। वर्तमान में फुटकर सब्जी का व्यापार कर रहे है।
कम लागत के साथ तत्कालबिक जाती है सब्जी
अखिलेश और सोनू यादोपुर चौक पर पहले मुर्गा बेचते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद मुर्गा के दुकान बंद होने के बाद परिवार में खाने पीने की परेशानी को देख दोनों ने मिलकर हाथ ठेले पर सब्जी बेच कर परिवार चला रहे है। लॉक डाउन के दौरान सब्जियों की मांग बढ़ गई है। वर्तमान में सब्जियां सस्ती भी है। सीमित समय के लिए बाजार खुल रहे। ऐसे में ग्राहक जहां भी सब्जी नजर आती है, वहीं से खरीद लेते हैं। राजू के अनुसार कम लागत के साथ तत्काल बिक्री हो जाती है।
ये दुकानें रविवार को बंद रहेंगी
निर्माण सामग्री भंडारण और बिक्री से संबंधित प्रतिष्ठान जैसे सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, सीमेंट ब्लॉक, ईंट, प्लास्टिक पाइप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट व शटरिंग सामग्री की दुकानें सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक खोलने के आदेश दिए गए हैं। रविवार को बंद रहेंगी।
कोविड-19 के 102 मरीजों के साथ बिहार में कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुके मुंगेर में अब इस महामारी की रफ्तार थमने लगी है। पिछले 4 दिनों से जिले में कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिला है। दूसरी ओर तीन मई को पॉजिटिव मिले सात लोगों के संपर्क में आए 25 संदिग्धों की जांच रिपोर्ट गुरुवार को निगेटिव आई। सिविल सर्जन डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित 102 लोगों में से 38 लोग अब तक ठीक होकर घर जा चुके हैं। जबकि 63 लोग इलाजरत हैं। इनमें से 03 एनएमसीएच पटना में 35 क्वींस हॉस्टल जमालपुर व 25 जीएनएम आइसोलेशन में इलाजरत हैं। क्वींस जीएनएम आइसोलेशन में भर्ती 36 मरीजों का जांच पटना भेजा गया है, जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इनमें से पांच मरीज ऐसे भी है जिनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। यदि इन पांचों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आती है, तो सभी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने एनआईसी कक्ष में सिविल सर्जन, जिलाधिकारी व डीपीएम के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की। इस दौरान सचिव ने निर्देश दिया कि बाहरी राज्य से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों का स्क्रीनिंग के पश्चात ही क्वारेंटाइन में भर्ती करें। यह भी निर्देश दिया कि रेड जोन वाले जिला से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों का स्वाब जांच कराएं, ताकि वैसे प्रवासी मजदूरों से संक्रमण का भय नहीं रहे। ऐसे मजदूरों के रहने के लिए भी अलग व्यवस्था करें ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
सैंपल जांच के लिए मिलेगा टीआरयू मशीन
जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति पटना की ओर से कोरोना संक्रमितों के स्वाब का सैंपल जांच करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति को टीआरयू मशीन उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी स्वाब का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा जा रहा था। सिविल सर्जन ने बताया कि 3-4 दिन में मशीन मुंगेर पहुंच जाएगा। जबकि स्वाब सैंपल का किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके लिए यक्ष्मा विभाग के एक कमरा में लैब तैयार किया जा रहा है।
टीआरयू में पॉजिटिव मिलने के बाद पटना जाएगा सैंपल
टीआरयू मशीन की सहायता से एक दिन में 40 सैंपल की जांच की जा सकेगी। टीआरयू मशीन द्वारा सैंपल जांच में निगेटिव मरीजों का पता लगाया जा सकेगा। जांच के दौरान अगर किसी मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव पाया जाता है, तो कंर्फमेशन के लिए सैंपल को पुन: पटना भेजा जाएगा। अब स्वास्थ्य विभाग को अधिक संख्या में सैंपल जांच के लिए पटना भेजने की जरूरत नहीं होगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से करें पालन
जिले में अब कोरोना संक्रमण का कोई चेन नहीं है। मरीज इलाज के बाद ठीक होकर घर लौट रहे हैं यह राहत की बात है। प्रवासी मजदूरों के आने से संक्रमण की संभावना बढ़ी है। लोग सोशल डिस्टेंसिग का सख्ती से अनुपालन करें।
राजेश मीणा, डीएम, मुंगेर।
चैंबर ऑफ कामर्स के सदस्यों के साथ गुरुवार को डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि कंटेनमेंट जोन में कोई दुकानें नहीं खुलेंगी। इसके अलावा जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र में कहीं भी कोई दुकानें नहीं खुलेगी। हालांकि जमालपुर को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को इलेक्ट्रिक गुड्स, पंखा, कूलर, एसी, विक्रय एवं मरम्मत, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, यूपीएस, बैट्री आदि की विक्रय एवं मरम्मत, ऑटाेमोबाईल, टायर एवं ट्यूब्स, निर्माण सामग्री भंडारण एवं बिक्री, ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की दुकानें, प्रदूषण जांच केंद्र आदि दुकानें खुलेंगी।
ये दुकानें सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच ही खोली जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा। उल्लंघन करने वाले पर कार्रवई होगी।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के सरकारी दावों हवा हवाई साबित हो रहे हैं। बुलाने पर न तो एंबुलेंस पहुंचती है और न ही अस्पताल में समुचित इलाज मिल पा रहा है। ताजा मामला मुफ्फसिल थाना क्षेत्र जाफर नगर दियारा का है, जहां 55 वर्षीय शत्रुघ्न यादव को कई दिनों से पेट में दर्द कि शिकायत थी। बुधवार की रात अचानक उनकी तबियत ज्यादा खराबहो गई।
दर्द से झटपटाते शत्रुघ्न को उनके पुत्र नीतीश यादव ने अन्य तीन संगे-संबंधियों की की मदद से चारपाई पर डाल कर करीब 8 किलोमीटर की यात्रा कर गंगा तट पर पहुंचे। वहीं नाव की सहायता से गंगा पार करने के बाद जब वे लोग बबुआ गंगा घाट पहुंचे तो एंबुलेंस बुलाने के लिए 102 नंबर डायल किया तो फोन नहीं लगी तथा न ही एंबुलेंस का जुगाड़ हो पाया। अंतत: किसी तरह चारों ने फिर से चारपाई को अपने कंधे पर उठाकर मरीज को सदर अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में नहीं दिया गया स्ट्रेचर
इमरजेंसी वार्ड में वे लोग जब मरीज को लेकर पहुंचे तो पहले तो उन्हें रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पुर्जा कटवाने के लिए कहा गया। जबकि इमरजेंसी मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर की बजाए इमरजेंसी वार्ड में भी चिट्ठा काटने का प्रावधान है। जब मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने के लिए कहा गया। जब परिजनों ने स्ट्रेचर की मांग कि तो कर्मचारियों ने उसे स्ट्रेचर नहीं होने की बात कर टाल दिया तथा उसे चारपाई पर ही ले जाने को कहा। हार कर वे लोग फिर चारपाई पर ही मरीज को उठा कर वार्ड तक ले गए।
माह-ए-रमजान में जिले के सैकड़ों बच्चे अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के साथ-साथ रोजा रखकर खुदा की इबादत कर रहे हैं। ये बच्चे पांचों वक्त का नमाज अदा कर खुदा की सजदा कर रहे हैं।
सेहरी और इफ्तार भी समय पर कर रहे हैं। जिले में सैकड़ों ऐसे बच्चे हैं, जो पहली बार रोजा रख नियम का पालन भी कर रहे हैं। नौ साल की आतिवा फैसल ने कहा कि मैं पहली बार रोजा रख रही हूं, आगे भी रखूंगी। रोजा रखने से दिल को सुकून मिलता है। इसलिए रोजा रख रही हूं। सभी को रमजान माह में रोजा रखना चाहिए।
इमाद अहमद ने बताया कि देश जिस कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इसको नष्ट करने के लिए मैं रोजा रखा हूं। अल्लाह ताला इस बीमारी को जरूर नष्ट करेगा। हम जीतेंगे, कोरोना हारेगा। शना ने कहा कि रमजान में रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं। रोजा सभी काे रखना चाहिए। इससे पॉजिटिव एनर्जी मिलता है। मैं रोजा रख कोराेना को दूर करने के लिए अल्लाह ताला से दुआ कर रही है। अनिका फैसल ने कहा कि रमजान का महीना काफी अहम होता है। हम इस महीने का बेसब्री से इंतेजार कर रहे थे। सेहरी और इफ्तार करने से रोजेदार को ताकत मिलती है। कोरोना को दूर भगाने व देश की अमन-चैन के लिए दुआ कर रही हूं।
नन्हे रोजेदार अल्लाह को प्रिय: मौलाना
अभिभावकों ने कहा कि माह-ए-रमजान घर के लाेगों में इबादत के लिए जुनून पैदा करता है, इसलिए बच्चे भी इबादत में हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस बार छोटे बच्चे रोजा रखकर कोरोना को दूर भगाने व देश की अमन-चैन के लिए दुआ कर रहे हैं। खानकाह रहमानी के मौलाना इम्तियाज रहमानी ने बताया कि सामान्य रूप से 15 वर्ष या उससे ऊपर के किशाेरों को रोजा रखने का प्रावधान है। यदि 5 वर्ष या उससे बड़े बच्चे रोजा रखते है, तो उन्हें अल्लाह की नजदीकी जल्दी मिल जाती है।
असरगंज पंचायत के जन वितरण प्रणाली विक्रेता श्रीनिवास सुधांशु द्वारा राशन वितरण में अनियमितता बरते जाने के मामले में अनुमंडल पदाधिकारी उपेंद्र सिंह ने जांच के उपरांत उक्त डीलर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। एसडीओ ने बताया कि उक्त डीलर पर अपात्र, मृत एवं बाहर रहने वाले लोगों के नाम पर अपना अंगूठा लगाकर राशन उठाव करने का आरोप 18 अप्रैल को लगाया गया था। जिसकी जांच प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी नवीन कुमार के द्वारा की गई थी। जांच के क्रम में आरोप सही पाया गया।
जांच के बाद आरोप सिद्ध होने पर डीलर के लाइसेंस को रद्द किया गया है। बता दें कि डीलर द्वारा राशन वितरण में अनियमितता बरते जाने की शिकायत मुखिया प्रोफेसर दिलीप कुमार रंजन ने वरीय अधिकारी से की थी। अनुमंडल अधिकारी के इस कार्रवाई से प्रखंड क्षेत्र के डीलरों में हड़कंप देखा जा रहा है। मामले में मुखिया ने अनिश्चितकालीन अनशन की चेतावनी दी थी।
लॉकडाउन के कारण जिले में ठहर सी गई आर्थिक गतिविधि को एहतियात के साथ गति देने का काम शुरू हो गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर डीएम आलोक रंजन घोष ने गुरुवार को शहर में दुकान खोलने के आदेश के साथ समय सारिणी जारी कर दी। सरकार व प्रशासन के इस फैसले से व्यवसायियों और कामगारों को राहत मिली है। डीएम ने 9 सेक्टरों के विभिन्न प्रकार की दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को खोलने का आदेश जारी किया है। इसमें दुकान खोलने और बंद करने का समय भी दिया गया है। आदेश में दुकानदारों एवं ग्राहकों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। दुकान के आगे सफेद घेरा बनाकर ग्राहकों के खड़े होने की जगह भी इंगित करने का निर्देश है।
होम डिलेवरी की व्यवस्था को देना होगा प्रोत्साहन
डीएम ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि बाजार में भीड़ न लगे इसका ख्याल भी व्यवसायियों को रखना होगा। उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए होम डिलेवरी की व्यवस्था को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए दुकानदार ग्राहकों की इच्छा अनुसार फोन पर ऑर्डर लेकर होम डिलेवरी की व्यवस्था को प्रोत्साहित करेंगे।
मॉल, कपड़े और मिठाई की दुकानें नहीं खुलेंगी
जिलाधिकारी के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कौन सी दुकानें खुलेंगी और कौन सी दुकानें नहीं खुलेंगी। इसके तहत मॉल, कपड़े और मिठाई की दुकान को लेकर कोई विशेष निर्देश नहीं दिया गया है। इसके अलावा सरकारी कार्यालय के अंदर बनी दुकानों को लेकर भी जिलाधिकारी द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
आउटसोर्सिंग पर दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों काे भी मिलेगा वेतन
खगड़िया | संविदा आउटसोर्सिंग अथवा अन्य माध्यमों से दफ्तरों में कार्यरत कर्मियों को लॉकडाउन की अवधि के वेतन का भुगतान किया जाएगा। इस मामले में श्रम संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा काम कराना बंद है। राज्य सरकार को विभिन्न माध्यमों से ऐसी सूचना मिल रही है कि कुछ प्रतिष्ठान में कार्य करने वाले श्रमिकों को या तो कार्य से हटाया जा रहा है या उन्हें इस अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है।
एसडीओ और डीटीओ करेंगे मॉनिटरिंग
डीएम के आदेश में कहा गया है कि मोटर गैरेज, वर्क शॉप और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की दुकान पर भीड़ लगती है तो जिला परिवहन पदाधिकारी इसकी निगरानी करेंगे और रोस्टर के अनुसार दुकान खोलने की अनुमति प्रदान करेंगे। वहीं अन्य दुकानों की निगरानी का जिम्मा खगड़िया व गोगरी एसडीओ को दिया गया है।
इन दुकानों को मिली खोलने की अनुमति
खुली रहने वाली दुकान निर्धारित दिन निर्धारित समय
1-इलेक्ट्रिक गुड्स, पंखा, कुलर, एसी (बिक्री व मरम्मत) सोमवार, बुधवार व शुक्रवार 10 बजे दिन से 4 बजे शाम तक।
2-मोबाइल, लैपटॉप, यूपीएस व बैट्री (बिक्री व मरम्मत) सोमवार, बुधवार, शुक्रवार 10 बजे दिन से 4 बजे शाम तक।
3-ऑटोमोबाइल, टायर व ट्यूब्स, ल्यूब्रिकेंट्स मंगलवार, गुरुवार, शनिवार 10 बजे दिन से 4 बजे शाम तक।
4- ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्टस की दुकान मंगलवार, गुरुवार, शनिवार 10 बजे दिन से 4 बजे तक।
5- मोटर गैरेज एवं वर्क शॉप सोमवार से शनिवार 10 बजे दिन से 4 बजे शाम तक।
6- हाई सिक्योरिटी रिजस्ट्रेशन प्लेट सोमवार से शनिवार 10 बजे से शाम 4 बजे तक।
7- प्रदूषण जांच केंद्र सोमवार से शनिवार 10 बजे दिन से 4 बजे शाम तक।
8-निर्माण सामग्री के प्रतिष्ठान सोमवार से शनिवार 10 बजे से शाम 4 बजे तक।
9-नाई की दुकान, स्पा और सैलून सोमवार से शनिवार 7 बजे से 12 बजे दिन तक।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नगर के कुल आठ विभिन्न स्थानों पर ऑटोमेटिक सेनेटाइजिंग स्प्रे मशीन लगाए गए थे। जो महज एक दिखावे की वस्तु बन कर रह गई है। गुरुवार दोपहर में सभी सेनेटाइजिंग मशीनें बंद अवस्था में दिखी। जबकि नगर प्रशासन द्वारा सभी मशीनों को क्रियान्वित करने के लिए प्रति मशीन दो कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। लेकिन कहीं भी कोई कर्मी उपस्थित नहीं दिखा। खानापूर्ति के नाम पर सुबह शाम कुछ देर के लिए सेनेटाइजिंग मशीन को शुरू किया जाता है। फिर बन्द कर कर्मी अपने अपने घरों की ओर चले जाते हैं।
साथ ही लोगों द्वारा बताया गया कि जब मशीन चालू हालत में भी रहता है तो अधिकतर लोग उसका उपयोग करने में भी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। कुछेक लोग ही मशीन के अंदर प्रवेश कर सेनेटाइज्ड होते दिखते हैं। लॉकडाउन में नगर के विधि व्यवस्था को देखने के लिए नियुक्त मजिस्ट्रेट सह नप कनीय अभियंता रौशन कुमार पांडेय ने बताया कि जिस वक्त भीड़ रह रही है उस वक्त सेनेटाइजिंग मशीन अपना कार्य कर रहा है। दोपहर में वैसे भी लॉक डाउन के चलते लोगों का आवागमन कम रहता है।
लॉकडाउन-3 के दौरान प्रवासी मजदूराें के लिए बने क्वारान्टीन सेंटराें टेन प्लस टू हाई स्कूल, सरैंंया और बबुरा में लगातार संख्या बढ़ रही है। ये मजदूर हरियाणा, छतीसगढ़, गुजरात के सूरत, यूपी के आगरा, राजस्थान के अलवर व अन्य राज्याें से बस, ट्रक, पैदल व अपने खर्चे से आ रहे हैं। वर्तमान में कुल 48 प्रवासी मजदूरो में सरैंया सेंटर पर 35 और बबुरा सेंटर पर 13 क्वारान्टीन में रह रहे हैं। दाेनाें सेंटराें पर प्रत्येक मजदूराें को किट उपलब्ध करा दिया गया है। लगातार बढ़ रही संख्या के मद्देनजर सरैया में 40 व बबुरा में 45 किट दिए गए हैं।
जिसमें थाली, गिलास, कटोरा, मग, बाल्टी, साबुन, सर्फ, साबुन, सैनिटाइजर, महिला व पुरुष के कपड़े शामिल हैं। सरैया में राजस्व कर्मचारी राकेश प्रसाद व बबुरा में विष्णु देव सिंह ने बताया कि प्रवासियाें के सुविधा पर प्रशासन तत्पर है। हालांकि कुछ मजदूराें का आरोप है कि मच्छरदानी और बेड सीट अभी तक प्रशासन की ओर से उपलब्ध नही करायी गयी है। भोजन और बिछावन का समुचित व्यवस्था बताया जाता है। प्रवासी मजदूराें की जांच मेडिकल टीम द्वारा प्रतिदिन की जा रही है।
एमओआईसी डाॅ. अरविंद कुमार ने बताया कि टीम में डाॅ. स्वरुप संपत, डाॅ. अरविंद कुमार, डाॅ. त्यागी, स्वास्थ्य प्रबंधक शंभू कुमार, एएनएम व अन्य द्वारा लगातार जांच किया जा रहा है। अभी तक प्रखंड में करीब 1739 से अधिक लाेगाें की जांच थर्मल स्केनर से की गई है। ये प्रखंड के 22 पंचायताें के गांवाें के निवासी है। गुरुवार को बीडीओ सुशील कुमार ने दाेनाें सेंटराें पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में मजदूराें के भोजन, आवास व अन्य की जानकारी ली। प्रवासी मजदूरो द्वारा मांगे जाने पर मच्छरदानी और बेडसीट की खरीदारी कर ली गई है।
लॉक डाउन के वजह से स्थगित हुए मैट्रिक उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कार्य बुधवार से शुरू किया गया है। जो परीक्षा परिणाम के इंतजार में बैठे मैट्रिक परीक्षा के परीक्षार्थियों के लिए राहत की खबर है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देश पर मैट्रिक परीक्षा के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के सभी उपायों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। बोर्ड ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को मंगलवार को निर्देश जारी किया था।
डीईओ मो. अलीम ने बताया कि बोर्ड के अनुसार शिक्षा विभाग बिहार सरकार के द्वारा वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य के लिए सशर्त स्वीकृति प्रदान है। मूल्यांकन कार्य 6 मई से शुरू की गई है, जो 10 मई तक चलेगी। विषयवार बची हुई उत्तर पुस्तिकाओं की संख्या के अनुसार ही मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों का योगदान कराया है।
हड़ताल से लौटे शिक्षक करेंगे मूल्यांकन कार्य में योगदान
बोर्ड से निर्धारित समय पर मूल्यांकन कार्य संपन्न कराने के लिए हड़ताल से लौटने वाले शिक्षकों को योगदान कराया गया है। जिसे समय अवधि के अंदर मूल्यांकन कार्य संपन्न कर परीक्षा परिणाम प्रकाशित होगा। मूल्यांकन कार्य के दौराना कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से केन्द्रों पर पालन किया जाएगा।
16 % उत्तर पुस्तिकाओं का होना है मूल्यांकन
बिहार बोर्ड के निर्देशानुसार मैट्रिक उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए जिले में कुल 6 मूल्यांकन केन्द्र बनाए गए थे। इन केन्द्रों पर समिति द्वारा कुल 2 लाख 80 हजार उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए उपलब्ध करायी गई थी। जिसमें से लगभग 84 प्रतिशत यानी दो लाख 35 हजार उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कार्य लॉकडाउन से पूर्व संपन्न हो गया था। अब लगभग 16 प्रतिशत यानी 45 हजार उत्तर पुस्तिका बाकी है। जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है।
इन गाइडलाइन को पालन करना है अनिवार्य
मैट्रिक उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षक एवं कर्मियों को सेनेटाइज करने के बाद ही केन्द्र में प्रवेश दिया जाएगा। मूल्यांकन कार्य में शामिल पदाधिकारी, शिक्षक एवं अन्य कर्मी मूल्यांकन कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से करेंगे। समय-समय पर साबुन से हाथ धोना, प्रतिनियुक्त शिक्षक मास्क पहनना, केन्द्र के प्रवेश द्वार पर एक कर्मी नॉनकंटेंट थर्मामीटर केन्द्र में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों का जांच अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
खगड़िया से गुरुवार के अहले सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर तेलंगाना के लीगमपल्ली स्थित राइस मिल में काम करने वाले 222 मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना रवाना किया गया। डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने बिहार सरकार से मजदूरों को वापस काम पर भेजने का आग्रह किया था।
देर रात शार्ट नोटिस पर जब इस बात की सूचना मिली तो तेलंगाना सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मजदूरों की सूची में शामिल मजदूरों से संपर्क साधा गया। उनलोगों ने काम पर वापस जाने की इच्छा जताई। इसके बाद सभी लोगों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से काम पर वापस भेजा गया। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान यह बिहार से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन है जो दूसरे प्रदेश में काम करने वाले मजदूरों को वापस काम पर भेजने के लिए खोली गई है।
इस ट्रेन के खोले जाने से राजनीतिक गलियारे में घमासान मच गया है। राजद के कई नेताओं ने मजदूरों को कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के समय वापस भेजने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। राजद नेताओं ने कहा है कि एक तरफ बिहार सरकार दूसरे प्रदेश में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए तैयार नहीं है।मजदूर बिहार वापस आने को व्याकुल हैं। उनलोगों को वापस लाने के लिए सरकार कुछ नहीं सोच रही है। दूसरी तरफ मजदूरों को दूसरे प्रदेश में भेजने की इजाजत सरकार दे रही है।
यह खबर आम लोगों को भी सावधान करने वाली है। क्योंकि कोरोना का चेन अब बाहर से नहीं, यहीं से तैयार हो रहा है। इसके पहले भी जो नए पांच कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए थे। उनमें से चार भी औरंगाबाद में ही संक्रमित हुए थे। जिसमें रफीगंज के बलिगांव गांव का वह युवक भी शामिल था। जिसके संपर्क में आकर यह आवास सहायक भी संक्रमित हुआ।
जांच सैम्पल देने के बाद आवास सहायक घर व दफ्तर में बिताया समय
कोरोना पॉजिटिव रफीगंज का आवास सहायक मदनपुर प्रखंड के दधपी गांव का रहने वाला है। कोरोना का जांच सैम्पल देने के बाद उक्त आवास सहायक कई दिनों तक अपने दफ्तर में ड्यूटी पर गया। पंचायत में भ्रमण के लिए गया और घर पर समय बिताया। ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर इसके संपर्क में आया 16 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया है। सभी लोग इसके परिवार के बताए जाते हैं। लेकिन सवाल उठता है कि जब आवास सहायक दफ्तर गया। क्षेत्र में जाकर ड्यूटी की तो किसी न किसी के संपर्क में आया होगा। उनलोगों की भी ट्रैवल हिस्ट्री खंगालकर उन्हें क्वॉरेंटाइन करना चाहिए।
एंबुलेंस से जाने की बजाय बाइक चला सैम्पल देने औरंगाबाद गया था आवास सहायक
सूत्रों के अनुसार बलिगांव के कोरोना पॉजिटिव मरीज के ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर प्रशासन ने आवास सहायक को जांच सैम्पल के लिए दबाव बनाया था। एंबुलेंस से उसे भेजा जा रहा था। लेकिन वह खुद वरीय अधिकारियों से आग्रह कर मना लिया। उसने बताया कि एंबुलेंस में बैठने से उसे कोरोना हो सकता है। इसके बाद वह खुद बाइक चलाकर औरंगाबाद पहुंचा और अपना जांच सैम्पल दिया। फिर भी किस्मत उसे दगा दे गई। जब रिपोर्ट आया तो वह चौंक गया। रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
जिले में अब तक 563 संदिग्धों की हुई है जांच, अधिकांश की रिपोर्ट निगेटिव, 14 का पॉजिटिव
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में अब तक कुल 563 संदिग्धों का जांच सैम्पल लिया गया है। गुरूवार को 27 लोगों जांच सैम्पल जांच के लिए पटना भेजा गया। 563 में यह जांच सैम्पल भी शामिल है। अब कुछ ही जांच रिपोर्ट का आना बाकी है। अधिकांश का जांच रिपोर्ट आ चुका है। जिसमें 13 लोग यहां पाॅजिटिव पाए गए हैं और एक पटना के आईजीएमस में पॉजिटिव पाया गया था। कोरोना के कुल मरीज जिले में 14 पाए गए थे। इलाज के बाद आठ ठीक हो गए। डीपीएम डॉ. कुमार मनोज ने बताया कि 97 फीसदी से ज्यादा जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गयी है।
अब पांच प्रखंड ही बाकी, इन्हेंआप बचाइए
जिले में कोरोना काफी चालाकी के साथ धीरे-धीरे पांव पसार रहा है। पहले देव व ओबरा में खाता खोला। फिर औरंगाबाद शहर में दस्तक दिया। इसके बाद नवीनगर व रफीगंज में पहुंचा। मदनपुर प्रखंड के दधपी गांव निवासी रफीगंज के आवास सहायक कोरोना पाॅजिटिव पाया गया है। मंगलवार को 54 कोरोना संदिग्धों का जांच सैम्पल निगेटिव व इसके बाद आठ कोरोना मरीजों के ठीक होने से जिले के पदाधिकारी व आमलोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन अब मदनपुर से नया कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर एक बार फिर जिले के लोग दहशत में आ चुके हैं। हालांकि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। बस सावधानी बरतनी है।
गुरुवार की दोपहर एक तेज रफ्तार पिकअप स्टेरिंग फेल होने के कारण अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। इस घटना में उक्त पिकअप का चालक बाल-बाल बच गया। घटना देव अम्बा पथ के नरहर अम्बा गांव समीप स्थित चार नंबर फॉल समीप की है। पिकअप चालक दीपक कुमार सासाराम के गायघाट का रहने वाला है। उसने बताया कि वह सासाराम से पिकअप में सामान लोड कर चला था।
औरंगाबाद तथा देव में सामान डिलीवरी देकर अंबा जा रहा था। इसी क्रम में अचानक पिकअप की स्टेरिंग फेल हो गई। जब उसने गाड़ी रुकने के लिए ब्रेक लगाया तो अनियंत्रित होकर पलट गई। बीच सड़क पर पिकअप पलट जाने के कारण आवागमन बाधित हो गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना अम्बा पुलिस को दिया। सूचना मिलते ही अम्बा थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और पिकअप को सड़क से हटाकर आवागमन बहाल किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान से अलग गुरुवार को आंधी के साथ एक घंटे बारिश हुई। शुक्रवार को भी जिले के 6 प्रखंडों में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। गुरुवार 7 मई को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा जारी किए गए मौसम पूर्वानुमान को देखें तो चौथम प्रखंड में 0.7 एमएम और बेलदौर प्रखंड में 1.1 एमएम वर्षा का अनुमान व्यक्त किया गया था। वहीं हवा की गति न्यूनतम 8 किलोमीटर व अधिकतम 12 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने का अनुमान जारी किया गया था। लेकिन इन पूर्वानुमानों से अलग सदर प्रखंड समेत अन्य प्रखंडों में तेज हवा के साथ लगभग एक घंटे वर्षा हुई। जगह-जगह पेड़ व बिजली पोल गिरने की सूचना है। कृषि विज्ञान केंद्र ने 8 मई को अलौली प्रखंड को छोड़कर जिले के शेष छह प्रखंडों में न्यूनतम 1.4 एमएम व अधिकतम 4.6 एमएम वर्षा होने के साथ न्यूनतम 13 किमी व अधिकतम 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान व्यक्त किया है। किसान और पशुपालकों के साथ आम लोगों को मौसम के हिसाब से सचते किया गया है।
आंधी में बिजली के तार के साथ घर पर गिरा पेड़, बाल-बाल बचे दो परिवार
मानसी | गुरुवार को आई तेज आंधी के कारण बलहा पंचायत वार्ड नंबर 13 चौधरी टोले में एक खपरैल घर पर पेड़ के साथ बिजली का तार टूटकर गिर गया। इसके बाद स्थानीय लोगों में अफरातफरी मच गई। इस घटना में दो परिवार बाल-बाल बच गए। जब पेड़ के साथ बिजली का तार टूटकर गिरा था उस समय अजीत चौधरी व कैलू चौधरी के परिवार के सभी सदस्य घर में ही मौजूद थे। खपरैल का घर होने के कारण पेड़ का दबाव छत पर बढ़ता जा रहा था। इस कारण घर के सदस्यों के उसके नीचे दबने का भय पैदा हो गया। हालांकि बिजली तार के कारण पेड़ का ज्यादा दबाव घर पर नहीं पड़ सका। इस कारण घर के अंदर मौजूद लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। स्थानीय वार्ड सदस्य गुड्डू साह एवं सन्नी राज ने बताया कि पेड़ गिरने से पीड़ित परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पेड़ व बिजली तार को जल्द से जल्द हटाने की जरूरत है।
आंधी और बारिश में दीवार गिरने से एक बच्ची की हुई मौत, दो घायल
खगड़िया | अलौली थाना क्षेत्र के मेघौना गांव में गुरुवार शाम 5:30 बजे सीढ़ी की पक्की दीवार गिरने के कारण एक बच्ची की मौत हो गई वहीं दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजन दीवार के नीचे दबे बच्चों को निकाल कर ग्रामीण चिकित्सक के पास ले गए। एक बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजन उसे लेकर बेगूसराय रवाना हुए, लेकिन दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। विपिन सिंह की पुत्री पल्लवी कुमारी (6), दूसरी पुत्री अभिलाषा कुमारी (5) व कृष्ण कुमार के पुत्र रोशन कुमार (4) एक छत पर खेल रहे थे। आंधी आने के कारण तीनों नीचे उतरने लगे। इसी दौरान सीढ़ी की दीवार गिरने से तीनों दब गए। पल्लवी कुमारी की बेगूसराय ले जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई।
महेशखूंट थाना क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में आंधी में गिरी आम की टहनी को लेकर हुए विवाद में दो पक्षों में मारपीट हो गई। घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज रेफरल अस्पताल में कराया गया। घायल पक्ष के राजेश यादव ने बताया कि आंधी में आम टहनी टूटी थी। टहनी से मेरा बेटा आम का पत्ता तोड़ रहा था कि इतने में गांव के सुबोध मंडल, सरवीन मंडल, सागर मंडल, रोशन मंडल मेरे बेटे को पीटने लगा। जब हम बचाने गए तो सुबोध मंडल सपरिवार मुझे एवं मेरे भाई मनीष कुमार के साथ लाठी-डंडा व रॉड से मारपीट शुरू कर दिया। इससे हम सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों द्वारा बीच बचाव से जान बची। ग्रामीणों एवं पुलिस की सहायता से ही इलाज के लिए रेफरल अस्पताल लाया गया। इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ विकास ने कहा कि गोविंदपुर से आये हुए लोग गंभीर रूप से घायल थे। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेफर कर दिया गया। महेशखूंट थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि मारपीट की सूचना पर पुलिस ने घटनास्थल पहुंच घायलों को अस्पताल भेजा।
गुरूवार की शाम डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने शहीद जवान गोह प्रखंड के देवहरा निवासी संतोष कुमार मिश्रा के परिजनों से मुलाकात की। इसके साथ-साथ शहीद जवान के पत्नी दुर्गावती को ढांढस बंधाया। वहीं 11 लाख रुपए का चेक भी दिया। भविष्य में भी हमेशा मदद का भरोसा डीजीपी ने शहीद जवान के परिजनों को दिया।
कहा कि अगर किसी प्रकार की सहायता हो तो वे उनसे डायरेक्ट संपर्क कर सकते हैं। इस मौके पर डीएम सौरभ जोरवाल, एसपी दीपक बरनवाल, डीडीसी अंशुल कुमार, दाउदनगर एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह, एसडीपीओ राजकुमार तिवारी, बिडीओ संजय पाठक, सीओ अवधेश कुमार नेपाली, थानाध्यक्ष मनोज कुमार, मुखिया मंजू देवी मौजूद सहित अन्य मौजूद रहे।
देवहरा बाजार मुख्य पथ पर शहीद संतोष के नाम पर चौक निर्माण की मांग
डीजीपी का काफिला जैसे ही शहीद संतोष के घर पहुंचा कि वहां आसपास के दर्जनों ग्रामीण पहुंच गए। ग्रामीणों ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से देवहरा बाजार मुख्य पथ पर शहीद संतोष के नाम पर चौक निर्माण कराने की मांग की। जिसके बाद डीजीपी ने चौक निर्माण कराने का आश्वासन दिया।कहा कि चौक का निर्माण अवश्य कराया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि देश के लिए हर कोई को अपने प्राण न्योछावर करने सौभाग्य प्राप्त नहीं होता है। संतोष बहुत ही भाग्यशाली थे कि उन्हें भारत माता के लिए मिटने का गौरव प्राप्त हुआ। ये गर्व की बात है कि बिहार के लाल ने देश के लिए कुर्बानी दी।
सात निश्चय योजना की राज्य स्तरीय रैंकिंग में फरवरी की अपेक्षा खगड़िया जिले की रैंकिंग में दो पायदान का सुधार हुआ है। लेकिन अभी भी जिला राज्य में 31वें पायदान पर ही है। मार्च माह में बिहार विकास मिशन ने योजनाओं की प्रगति को लेकर जिले को 79.56 अंक दिया है। हर बार की तरह ओवरऑल रैंकिंग में नालंदा जिला 88.62 अंकों के साथ पहले स्थान पर कायम है। सबसे खराब स्थिति अररिया जिले की है। अररिया 74.27 अंकों के साथ सबसे निचले पायदान पर है। वहीं खगड़िया से कम अंक कटिहार, सुपौल, बांका, मधेपुरा, पूर्णिया और सहरसा की भी है। जबकि कैमूर जिले ने सीतामढ़ी को पछाड़ते हुए दूसरा तथा सीवान तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। जबकि सीतामढ़ी दूसरे स्थान से पिछड़कर छठे स्थान पर चला गया है। बताते चलें कि राज्य सरकार ने बिहार विकास मिशन को सात निश्चय योजनाओं की प्रगति जांचने और उसकी समेकित रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी दी है। इस क्रम में मिशन सूबे में चल रही सात निश्चय योजनाओं की अगल-अलग समीक्षा कर जिलों को अंक देता है। फिर सभी योजनाओं की एक समेकित रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसके आधार पर जिलों की रैंकिंग तय की जाती है।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में 8वां व स्वयं सहायता भत्ता योजना में मिला 3रा स्थान
सात निश्चय योजना के तहत आर्थिक हल युवाओं को बल कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में खगड़िया जिला 8वें स्थान पर है। जबकि सुपौल पहले तथा पूर्णिया जिला दूसरे स्थान पर है। पड़ोसी जिला बेगूसराय 9वें, भागलपुर 18वें, मुंगेर 20वें तथा सहरसा जिला 22वें स्थान पर है। सभी योजनाओं के लिए 100 नंबर की ग्रेडिंग करते हुए योजनाओं की स्थिति का आकलन करते हुए अंक दिए गए हैं।
वहीं मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना में खगड़िया जिला को तीसरा स्थान मिला है। जबकि इस योजना में शिवहर जिला इस बार भी प्रथम स्थान पर है। वहीं दूसरे स्थान पर सीवान जिले ने अपना कब्जा जमाया है।
गली नाली योजना में शहरी क्षेत्र की स्थिति अच्छी नहीं
राज्य स्तरीय रैंकिंग रिपोर्ट के आधार पर खगड़िया में शहरी क्षेत्र में पक्की गली नाली योजना की स्थिति बेहतर नहीं हैं। हालांकि पिछली रिपोर्ट कार्ड के अनुसार इसमें कुछ सुधार हुआ है। लेकिन इस योजना के तहत जिला का रैंक अब भी 17वां है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पक्की गली नाली योजना में खगड़िया राज्य रैंकिंग में 10वें स्थान पर है। जबकि शौचालय निर्माण में ग्रामीण क्षेत्र में जिले का स्थान 17वां तथा शहरी क्षेत्र में 13वां है।
मामूली बात को लेकर घर में घुसकर आरोपियों ने पंचायत के मुखिया शकीला खातुन समेत चार लोगों को आरोपियों ने पीट दिया। जिसके कारण वे सभी जख्मी हो गए। जख्मियों में जोगिया गांव निवासी मुखिया शकीला खातुन, अकबर अली, आसिफ राजा व मो. नासीर हुसैन शामिल है। घटना के बाद आसपास के लोगों ने सभी जख्मियों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। जहां सभी का इलाज किया गया। इस मामले में बारूण थानाध्यक्ष ने बताया कि मारपीट की सूचना मिली है। आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर आरोपियों खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी को कानून हाथ में लेने का हक नहीं है।
मुखिया ने लगायाआरोप
इस मामले को ले मुखिया शकीला खातुन ने बारूण थाना में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। उसने अपनी आवेदन में कही है कि उसी गांव निवासी मो. मोइन्बुद्दीन, मो. जाहीद, मो. उर्मर उर्फ राजा, मो. इमरान उर्फ नेपाली, मो. तौफीक, मो. वासीम, मो. सोनू, मो. कुतबुद्दीन, मो. अरमान उर्फ मिस्टर, मो. जावेद उर्फ पप्पू, मो. नेहाल, मो. टून्नू शर्मा लाठी-डंडे के साथ उसके घर पर पहुंचे और मारपीट करना शुरू कर दिया। जिसमें वे लोग जख्मी हो गए। इसके साथ-साथ उक्त लोगों ने उसके गले से सोने का चेन व घर में रखे 35 हजार रुपए भी लेकर फरार हो गए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संतोष कुमार दुबे ने हाई कोर्ट के आदेश पर सदर प्रखंड के भदास गांव स्थित कुष्ठ रोगी कॉलोनी का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि कॉलोनी में कुष्ठ मरीजों के लिए 54 अर्धनिर्मित घर बने हैं, लेकिन छत की जगह फूस के छप्पर से काम चलाया जा रहा है। वर्तमान में कॉलोनी में मात्र चार कुष्ठ रोगी रहते हैं। मरीजों ने बताया कि उन्हें बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना, परवरिश योजना, दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
बताया गया कि सरकार द्वारा कुष्ठ कॉलोनी के लिए 01 बीघा 12 कट्ठा जमीन अधिगृहीत की गई थी, जिसमें 54 घर बनाए गए हैं। मरीजों ने बताया कि सरकार द्वारा सूखा राशन मुहैया कराया जा रहा है। दवा, बैंडेज, मलहम दी जा रही है। दवा का कोर्स पूरा हो चुका है। सफाई व ब्लीचिंग का छिड़काव किया गया है। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन अभियान के तहत उन्हें वर्ष 2016 में दिव्यांग प्रमाण पत्र मिला था। लेकिन योजनाओं का लाभ नहीं मिला। मौके पर जिला विधिक प्राधिकार के सचिव ने सदर बीडीओ को उन्हें सरकारी लाभ दिलाने का निर्देश दिया।
कारोना काे लेकर किया जागरूक | विधिक प्राधिकार के सचिव ने कॉलोनी के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके भी बताए। उन्होंने कहा कि सफाई जरूरी है। हमेशा मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंस का पालन करें। जरूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन का सहयोग लें। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर स्थानीय प्रशासन अथवा डॉक्टर को सूचित करें। मौके पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खगड़िया के डॉक्टर, संजीव कुमार, सुभाष राम, को-ऑर्डिनेटर डीएफआईडी उपस्थित थे।
बुधवार को हसपुरा थाना क्षेत्र के पीरू मठिया गांव स्थित मिडिल स्कूल खेल मैदान पर क्रिकेट खेलने के विवाद में खिलाड़ियों के बीच मारपीट हो गई थी। जिसमें उसी गांव निवासी रंजीत कुमार जख्मी हो गया था। इस मामले में जख्मी युवक के मां सुमित्रा देवी के लिखित आवेदन पर हसपुरा थाना में मामला दर्ज किया गया है। जिसमें उसी गांव निवासी मधेश्वर यादव, पपु यादव, विजय यादव, पपु कुमार, प्रभात कुमार, दीनदयाल यादव, धीरेन्द्र कुमार, राजनंदन यादव को नामजद आरोपी बनाया गया है। थानाध्यक्ष धनंजय कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आईसीयू में भर्ती हैजख्मी रंजीत
जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम क्रिकेट खेलने के दौरान आपसी विवाद के बाद एक युवक ने रंजीत के सर पर पीछे से वार कर दिया। जिसके कारण उसका सर फट गया। जिससे वह गंभीर जख्मी हो गया। घटना के बाद आनन-फानन में उक्त युवक को हसपुरा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से नाजुक स्थिति देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया। जहां आईसीयू में भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा है।
प्रखंड के गौहरपुर पंचायत की सिंदुआरी गांव में बुधवार को हुई गोलीकांड की इलाके में दिन भर चर्चा होती रही। गुरुवार को गांव में विभिन्न पार्टी के नेताओं का आने का सिलसिला चलता रहा। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. अनिल कुमार सिंदुआरी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने उनका ढाढस बंधाया और धैर्य से काम करने की सलाह दी। आश्वासन दिया कि प्रशासन पर भरोसा करें। कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होती है तो उसका हम लोग स्वागत करें।
उन्होंने सरकार से मृतक के आश्रितों 20 लाख मुआवजा और घायलों का मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने की मांग सरकार से की। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि किसी भी हाल में कानून को अपने हाथ में नहीं लेना है क्योंकि एक व्यक्ति खराब हो सकता है पूरा समाज कभी खराब नहीं हो सकता है। कहा कि जिसने भी गलत काम किया है उसे प्रशासन की तरफ से कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा अवश्य मिलेगी। वहीं गोह के पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार सिंह ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की बात कही।
हत्याकांड के आरोपी जदयू नेता के घर मछली पार्टी में शामिल हुआ था एसआई
भाजपा के जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा ने एसएसपी से मांग किया है कि दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। कोंच थाने में पदस्थापित एसआई राजकुमार यादव के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि एसआई की शह पर ही यह घटना हुई। उन्होंने कहा कि वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा तबादला कर दिया है। चार मई को जदयू नेता के घर मछली पार्टी हुई जिसमें यह एसआई शामिल हुआ। इसमें लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाई गई। मछली पाटी में 25 से 30 लोग शामिल हुए थे। इसलिए वरीय पुलिस अधीक्षक उसे सस्पेंड करते हुए मामले का निष्पक्ष जांच कराएं।
सिंदुआरी में दो की हत्या की निंदा, जांच की मांग
दो किसानों की हत्या और हत्या में शामिल सत्ताधारी दल के नेता का होना सुशासन की कथित सरकार को ठेंगा दिखा गयी है। जिले के लोगों में जंगलराज का भय घर करने लगा है। बेलागंज में पं यदुनन्दन शर्मा किसान विकास मोर्चा के सदस्यों ने कड़ी निन्दा करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। किसान विकास मोर्चा के संयोजक सह युवा सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर कुमार ने कहा कि एक सत्ताधारी दल के नेता द्वारा दिनदहाड़े हत्या की घटना को अंजाम दिया जाना सरकार पर सीधी उंगली उठा रही है।
मैगरा थाना अंतर्गत चननियां स्कूल स्थित कल्याणी कंस्ट्रक्शन कंपनी के वर्क साइट पर लेवी के लिए रोड राेलर को फूंकने वाला तथाकथित नक्सली संगठन भारत नव निर्माण के सरगना भोला यादव उर्फ बाबा काे पुलिस ने बीती रात गिफ्तार कर लिया। रोड रॉलर अजय साव कंस्ट्रक्शन कंपनी का था। पुलिस सरगना से संगठन के अन्य सदस्यों के बारे में भी पुछताछ कर रही है। पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
इसमें रंगदारी मांगने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं की तहत सरगना और इसके साथियों को अभियुक्त बनाया गया है। मैगरा थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस घटना में आठ लोगों का गैंग शामिल है। यह संगठन छोटे-मोटे अापराधिक घटनाओं काे अंजाम देता था। भट्ठेदारों, ठेकेदारों और निर्माण काम करने वाले लोगों को धमकाकर रंगदारी वसूल करता था।
तेजाजी डांडा नजदीक मॉडल स्कूल में बनाए गए नए क्वारेंटाइन सेंटर पर समिति में कार्यरत एक जेईएन ने खाने को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद उसे बाहर से खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। उधर, प्रभारी मीणा ने बताया कि जेईएन यहां रहने के दौरान खासी समस्या पैदा कर रहे हैं। इस दौरान मीणा ने उसके क्वारेंटाइन सेंटर में गुटखा खाकर थूकने के सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए। स्टाफ के लोगों ने बताया कि जेईएन को बाहर से आने वाले टिफिन में गुटखा भी सप्लाई किया जा रहा है। गुरुवार को जेईएन व क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारी मीणा के बीच नोकझोंक भी हुई।
सीबीईओ व तहसीलदार ने दिए नोटिस
पंचायत समिति के जेईएन के किशनगंज से कोटा जाकर वापस आने के मामले में सीबीईओ सरोज दीक्षित ने नोटिस देकर वेतन रोक दिया है। जेईएन को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। वहीं जेईएन ने कलेक्टर की अनुमति दिए जाने का पत्र मैसेज किया है, लेकिन उसमें कहां जाकर वापस आना है यह नहीं दर्शाया गया है। वहीं खाने के मामले की शिकायत तहसीलदार जगमोहन शर्मा को मिलने पर उन्होंने जेईएन को नोटिस दिया है। वहीं पंचायत समिति विकास अधिकारी ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के बाहर के खाने की डिमांड करने पर उसे बाहर जा खाना उपलब्ध करवाया जा सकता है।जेईएन को लीवर संबंधी समस्या थी इसलिए उन्हें बाहर का खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है।
थर्मल परिसर में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का किया विरोध
छबड़ा| छबड़ा थर्मल में संचालित मजदूर यूनियन इंटक ने थर्मल परिसर में बनाए क्वारेंटाइन सेंटर के प्रति विरोध जताया है। इंटक की ओर से एसडीएम छबड़ा को दिए ज्ञापन में बताया कि सेंटर थर्मल कॉलोनी में बनाया गया है। जिससे थर्मल कर्मियों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसे कॉलोनी से दूर बनाना चाहिए क्योंकि थर्मलकर्मी लापरवाही बरतेंगे। क्वारेंटाइन सेंटर के बजाय अपने घरों पर आ जाएंगे जिससे संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
छबड़ा क्वारेंटाइन सेंटर पर भी हंगामा
क्वारेंटाइन सेंटरों पर अव्यवस्थाओं को लेकर गुरुवार को गर्ल्स स्कूल सेंटर पर भर्ती लोगों ने हंगामा किया। सेंटर पर दोपहर ढ़ाई बजे तक भी खाना नहीं पहुंचा। भर्ती लोग मुख्य गेट पर आ गए अौर अधिकारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इस सेंटर पर एक मासूम बालक भी भर्ती है। लोगों ने आरोप लगाया कि छोटे बच्चे होने के बावजूद खाने के समय का ध्यान नहीं रखा जा रहा। वही एक पैकेट में सिर्फ 5 पूड़ी पैक हो कर आ रही है। जिनसे लोगों का पेट नहीं भरता। सेंटर पर सेनेटाइजर, साबुन, तेल कुछ नहीं होने का आरोप लगाया। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस ने पहुंचकर समझाइश की। तीन दिन पूर्व भी कच्ची बासी रोटियों को लेकर यहां हंगामा हुआ था।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर देश में लॉकडाउन 3.0 लागू हैं। लॉकडाउन बढ़ने से सबसे ज्यादा दिक्कतें गरीब व लाचार परिवार को झेलनी पड़ रही है। दाने-दाने के लिए मोहताज है। सकंट की घड़ी में महाराणा विचार मंच आगे आकर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को बेलागंज स्थित रौना मध्य विद्यालय में कैंप लगाकर वृद्ध व विकलांगों के बीच सूखा राशन का पैकेट बांटा। राशन वितरण को लेकर सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा गया है। मंच के अध्यक्ष नागेन्द्र प्रसाद ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से हर वक्त जरूरतमंदों को सूखा राशन उपलब्ध कराया गया हैं।
इस बार खासकर वृद्ध व विकलांगों के बीच राशन बांटा गया। राशन प्राप्त करने के बाद गरीबों के चेहरे खुशी से खिल उठे। उन्होंने बताया कि मंच के संरक्षक विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह की पहल पर राशन वितरण एक अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। इस मौके पर छबिला सिंह, राणा अजय सिंह, पूर्व मुखिया उमा सिंह, अमित कुमार, मंटू पासवान, सतीश पासवान, संदीप पासवान, राजेन्द्र प्रजापत आदि मौजूद थे।
व्यवसायी इस कोरोना संकट के कारण बनी लॉक डाउन की परिस्थिति से अब परेशान होने लगे हैं। उनका धंधा चौपट है। दुकानों के शटर नहीं उठ रहे हैं। इसके बावजूद उनको कई तरह के फिक्स चार्ज लग रहे हैं, उसे रोज घाटा हो रहा है। सरकार सबकी सुन रही है, काश व्यवसायी वर्ग की भी सुने, यह अपेक्षा व्यवसायियों को है। इसी उम्मीद में व्यवसायियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के तहत व्यवसायियों ने उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव से मांग की है कि बिजली की जितनी दुकान में कहापट हो, यानी मीटर रीडिंग का ही पैसा सरकार ले, बाकी किसी तरह का कोई चार्ज न ले। अभी दुकानदारों की स्थिति सबसे नाजुक है। मंत्री ने विचार करने का भरोसा दिया है। पहले के बकाया का भुगतना कम्पाउंड कर मार्च 2021 के बाद लेने की भी मांग मंत्री से की गयी है।
मालुम हो कि तमाम दुकानदार फिक्स चार्ज को लेकर परेशान हैं। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता सोमनाथ पासवान ने बताया कि शहरी दुकानदारों के लिए ₹180 प्रति किलो वाट, जबकि ग्रामीण दुकानदारों, व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए 30 रुपए प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज लगता है। बताया कि फिक्स चार्ज वह है जिसे हर महीने विद्युत उपभोक्ता को देना पड़ता है, भले ही वह उस दौरान विद्युत ऊर्जा की खपत करे या ना करे। यानी शून्य विद्युत खपत होने पर भी यह तय राशि देनी होती है।
घरेलु उपभोक्ताओं के लिए भी फिक्स चार्ज
फिक्स चार्ज घरेलू उपभोक्ताओं को भी देना होता है। भले ही घर बंद हो, या उसमें किसी माह विद्युत खपत न किया गया हो। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 40 रुपए प्रति किलो वाट और ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 20 रुपए प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज देना होता है।
व्यवसायी बोले: हम टैक्स पेयर, चाहिए मदद
व्यवसायियों का कहना है कि वे सरकार को टैक्स देते हैं। उनको भी इसके लिए मदद चाहिए। व्यवसायी अंबुज कुमार एवं अमित कुमार कसौंधन ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जो रीडिंग आएगा उसी का पैसा ले। औसत बिल निकालकर व्यवसायियों को तंग किया जा रहा है। बहुत से लोग छोटे व्यापारी हैं। ज्यादातर छोटे व्यवसायी हैं और मकान का भाड़ा देना है। व्यवसायी टैक्स पेयर वर्ग है, और जब इसकी ही हालत खराब होगी, तो वह टैक्स कहाँ से देगा। इनका कहना है कि लॉकडाउन अवधि का बिजली बिल नहीं लिया जाना चाहिए।
बुधवार देर शाम को क्षेत्र में तेज आंधी चलनेे से घरों के टिन टप्पर उड़ गए गए। तेज आंधी से खेतों की नोलाइयों में लगी आग गांव तक पहुंच गई। आग से क्षेत्र के मायथा व पंचमपुरा गांव में 6 घर जलकर राख हो गए। पंचमपुरा गांव में आग से चार लोगों के घर जल गए। पंचमपुरा गांव के लेखराज,छीतरलाल,रामकुमार व बबलू के कच्चे मकान आग से जल गए। लेखराज के घर में रखी लहसून की फसल व 50 हजार की नकदी भी जल गई। क्षेत्र के मायथा गांव में तेज आंधी से खेतों की आग गांव तक पहुंच गई। जिसके कारण 2 किसानों के घर जल गए। तेज अंधड़ के कारण क्षेत्र के रानीबड़ोद गांव में मुरली सुमन के मकान के टीन टप्पर उठ गए।
बुधवार रात्रि को तेज तूफान के कारण क्षेत्र के कई गांव में करीब 100 बिजली के पोल टूटकर गिर गए। जिससे कई जगह बिजली सप्लाई भी ठप रही। एईएन नगेंद्र कुमार ने बताया कि टूटे हुए विद्युत पोलों को बिजली निगम के कर्मचारियों से दुरुस्त करवाया जा रहा है।
आग से सिलेंडर में विस्फोट
क्षेत्र के मोयदा गांव में एक घर में गैस सिलेंडर फट जाने के कारण सहरिया परिवार का घर ढह गया।जानकारी के अनुसार घर में चाय बनाते समय सिलेंडर में आग लगने से परिवार के सभी सदस्य घर से बाहर निकल गए। इसके बाद सिलेंडर में विस्फोट होने से गिरिराज सहरिया का मकान ढह गया। मकान ढहने से पीड़ित परिवार को खासा नुकसान हुआ है हालांकि इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
आंधी से मकान गिरे, बिजली पोल टूटा
क्षेत्र में बुधवार देर रात को चली तेज़ आंधी ने गुगोर व मूंडला पंचायत में कहर बरपाया है आंधी से जन जीवन भी अस्त व्यस्त हुआ मूंडला पंचायत के बल्हारपुर गांव में टीना मेघवाल का पक्का मकान आंधी से ढह गया और परिवार के लोग बाल बाल बच गए,समूचा घरेलू सामान व अनाज भी दब गया व बारिश से खराब हो गया। गुगोर पंचायत के सरपंच राजेन्द्र खारोल ने बताया कि गुगोर पँचायत क्षेत्र में भी आंधी बारिश से मकानो के चद्दर तीन टप्पर उड़ गए और दो कच्चे मकान भी ढह गए, मोतीपुरा चौकी थर्मल प्लांट के पास 1 विधुत पोल टूट गया।
अंता क्षेत्र में भी आंधी ने ढाया कहर, खेत में गिरे सोलर पैनल
क्षेत्र में बुधवार शाम को चली तेज आंधी होने किया जनजीवन प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की सोलर पैनल को भी काफी नुकसान हुआ है। कई पेड़ पौधे और बिजली पोल धराशायी हो गए। इसके कारण गुरुवार को क्षेत्र में पानी की सप्लाई नहीं हो सकी। अंता क्षेत्र में बुधवार शाम को तेज आंधियों का दौर शुरू हुआ जो काफी बढ़ता गया। जिसके चलते जनजीवन काफी प्रभावित हुआ। कई पेड़ धराशायी हो गए। नागदा गांव में किसान द्वारकालाल सुमन, भंवरलाल महावर के खेतों में सिंचाई के लिए लगे सोलर पैनल हवा के चलते कई फीट दूर जा गिरकर क्षतिग्रस्त हो गए। इसी के साथ में कस्बे में भी आंधियों का जोर काफी रहा। जिसके चलते विद्युत तंत्र पूरा चरमरा गया। देर रात्रि तक अंता कस्बे में बिजली सुचारु नहीं हो सकी। दूसरी ओर अंता कस्बे में नागदा बलदेवपुरा पेयजल योजना से गुरुवार सुबह पेयजल आपूर्ति नहीं हो सकी।
बुधवार की देर शाम मदार नदी से अवैध खनन को लेकर बालू माफिया व ग्रामीणों की बीच जमकर गोलीबारी हुई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। घटना पौथू थाना क्षेत्र के अचूकी गांव की है। इस मामले में दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग आवेदन देकर पौथू थाना में मामला दर्ज कराया गया है। दोनों एफआईआर में 14 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। कार्रवाई करते हुए मनोज यादव, बबलु यादव, निरंजन शर्मा व शशिभूषण शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। पहली एफआईआर अचूकी निवासी निरंजन शर्मा के आवेदन के आधार पर दर्ज की गई है।
गांव के ही मनोज कुमार यादव, बबलू यादव समेत सात लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। जबकि दूसरा एफआईआर मनोज यादव के बयान पर दर्ज की गई है। जिसमें निरंजन शर्मा उर्फ सोनू शर्मा, शशिभूषण शर्मा उर्फ रिंटू शर्मा समेत सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है। सूत्रों की मानें तो उक्त नदी से बालू उठाने के लिए पहले भी कई बार इस तरह की घटना हो चुकी है।पूर्व मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना महामारी से बचाव के लिए है। लेकिन पुलिस इसका नजायज फायदा उठा रही है। अवैध बालू लदे ट्रैक्टरों को पुलिस छोड़ रही व चौक-चौराहों पर बाइक वालों पर डंडे बरसाकर जुर्माना वसूल रही है।
अवैध खनन व शराब बिक्री का चल रहा खेल, राजस्व का हो रहा नुकसान
सूबे के पूर्व सहकारिता मंत्री व भाजपा के कदावर नेता रामाधार सिंह ने प्रेस वार्ता करते हुए औरंगाबाद पुलिस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिले में अवैध खनन व शराब बिक्री का खेल चल रहा है। जिससे सरकार की छवि धुमिल हो रही है। पत्रकारों को पूर्व मंत्री ने बताया कि जिले में रोजाना चार करोड़ रुपए की बालू चोरी हो रही है। सरकार को राजस्व का सीधा नुकसान हो रहा है। सरकार वैश्विक महामारी कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रही है। लेकिन जिले की पुलिस इस आपदा को अवसर बनाने में जुटी हुई है। बारूण, खैरा, ओबरा व दाउदनगर पुलिस सरेआम बालू का अवैध खनन करवा रही है। जिसकी तस्वीर व वीडियो आपसे से साझा कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर बुधवार की शाम 07:46 में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से फोन पर शिकायत किया हूं। इसके बाद कुछ बालू गाड़ियों को पकड़ा भी गया है।
आरोपाें की होगी जांच: डीजीपी
औरंगाबाद पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि आरोप लगते रहते हैं, लेकिन पहले लिखित शिकायत तो हो। पूर्व मंत्री द्वारा मौखिक शिकायत कुछ दिन पहले की गई थी। आरोपों की जांच कराई जाएगी। अगर काेई दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी।
लॉकडाउन 3 में धीरे-धीरे लोगों को राहत मिलनी शुरू हो गई है। कई सेक्टरों में छूट के बाद सब्जी बेचने के लिए किसान अब दूसरे जिले के मंडियों में जा सकेंगे। साथ ही अनाज की खरीदारी के लिए अब बाहर के व्यापारियों को बेगूसराय भी बुला सकेंगे। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने इसके लिए कृषि पदाधिकारी को ऐसे किसानों को पास निर्गत करने की जिम्मेदारी दी है। साथ ही बाहर से आने वाले व्यापारियों या उनके प्रतिनिधियों को भी उनके जिले अथवा राज्य में पास बनवाने की पहल करने को कहा है।
दरअसल जिला स्तर पर कृषि एवं पशु उत्पादों के व्यापार में आने वाले कठिनाइयों को लेकर डीएम ने अधिकारियों के साथ पिछले दिनों बैठक की थी। बैठक में सबसे पहले डीएम ने कृषि पदाधिकारी और सहकारिता पदाधिकारी से सभी तरह की समस्याओं की जानकारी ली। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि इस बार जिले में लगभग 27 लाख दो हजार 767 क्विंटल गेहूं, जबकि 20 लाख तीन हजार 400 क्विंटल मक्का का उत्पादन होने का अनुमान है। जिसमें जिले कि किसानों द्वारा मक्का की कटाई कर भंडारण का कार्य किया जा रहा है, लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर मक्का खेतों में लगा है, जिसकी कटाई चल रही है।
वहीं खरीद बिक्री को लेकर डीएओ ने बताया कि लॉकडाउन के पूर्व स्थानीय व्यापारी द्वारा 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मक्का की खरीद की जाती थी, लेकिन वर्तमान में 1500 रुपए प्रति क्विंटल भी व्यापारी किसानों से मक्का की खरीद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बाहर की कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा मक्का की खरीद जिला में किया जाता था। जिसके कारण किसानों को अच्छी कीमत मिलती थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण इस वर्ष किसी भी कम्पनी के द्वारा प्रतिनिधि नहीं भेजने के कारण स्थानीय बाजारों में ही मक्का की बिक्री महज 1400-1500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से हो रहा है।
जिसपर डीएम ने कहा है संबंधित कम्पनी से सम्पर्क कर उनके प्रतिनिधि को संबंधित राज्य से पास निर्गत कराते हुए बेगूसराय आने के लिए कह जाए। इसके अलावे कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में लगभग दो सौ खुदरा और थोक व्यापारी हैं जिनके द्वारा अनाज की खरीद बिक्री स्थानीय स्तर के साथ-साथ अंतर जिला और दूसरे राज्यों के मंडियों और प्रोसेसिंग प्लांट में किया जाता है।
कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे योद्धाओं को सम्मान देने के लिए “थैंक्यू कोरोना वॉरियर्स” की शुरुआत राष्ट्रीय स्तर की संस्था सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज के द्वारा किया गया। इस अभियान के माध्यम से चैंपियन परियोजना से जुड़ी पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अपने वार्ड एवं पंचायत की स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, पुलिस, सफाई कर्मी, जरूरत सामग्री को पहुंचाने वाले, सरकारी कर्मी को ग्राम स्तर पर सम्मान देने का कार्य किया जा रहा है।
इस अभियान के माध्यम से आशा एवं एनएम को घर-घर स्क्रीनिंग कार्य को करने में सहायता भी प्रदान की जा रही है। लोगों को भी अपेक्षित सहयोग करने के लिए आग्रह किया जा रहा है। ओबरा प्रखंड के कंचनपुर, मलवां व तेजपुरा पंचायत की महिला वार्ड सदस्य मंजू देवी, लीलावती देवी, सुषमा देवी व चंद्रावती देवी ने अपने वार्ड के आशा, आशा फैसिलिटेटर, एएनएम व आंगनवाड़ी सेविका का स्वागत फूल बरसा कर, ताली बजाकर एवं आरती उतारकर स्वागत उनके सेवा भाव के लिए उनका धन्यवाद किया।
स्वागत को देखते हुए सेवा प्रदाता आशा सुनीता कुमारी, कंचन कुमारी और चिंता कुमारी व आशा फैसिलिटेटर बसंती कुमारी ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा प्रयास है। जिला समन्वयक कमलेश राज ने कहा कि जब पूरे देश में डॉक्टरों स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर हमले, दुर्व्यवहार एवं असहयोग कर उनके अंदर एक डर का माहौल बनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अभियान की शुरुआत का उद्देश्य स्वास्थ सेवा प्रदाताओं के कार्य उनके योगदान को समुदाय के बीच रखने तथा उन्हें इस साहसी कार्य के लिए समाज के द्वारा धन्यवाद देना उनका सम्मान करना है।
हंदवाड़ा आतंकी हमला में शहीद हुए गोह प्रखंड के देवहरा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान संतोष मिश्रा को शोकसभा कर श्रद्धांजलि दी गई। जिले में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने दो मिनट का मौन रखते हुए दिवंगत जवान को याद किया। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष, विजेंदर सिंह, वीणा कुशवाहा, कुमार बलिराम सिंह, रविंद्र शर्मा, परमानंद पासवान, अनिल गुप्ता, सतीश कुमार सिंह, जिला महामंत्री रविशंकर शर्मा, मुकेश सिंह, विश्वनाथ विश्वकर्मा, जिला मंत्री विजय प्रसाद निराला, भोला यादव सुरेंद्र कुमार सिंह, उज्जवल कुमार सिंह प्रवक्ता अश्विनी कुमार तिवारी, आलोक कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
राजद आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी उपशाखा दाऊदनगर के सचिव डॉ प्रकाश चंद्रा की अध्यक्षता में दो मिनट का मौन रखकर शहीद सीआरपीएफ जवान संतोष मिश्रा को श्रद्धांजली दी गई।
कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगाने को लेकर किए गए लॉक डाउन से हर सेक्टर प्रभावित हुआ है। लेकिन खासकर अभी शादी विवाह का समय होने के कारण। इससे जुड़े व्यवसाय पर निर्भर रहने वाले लोग परेशान हैं। महिलाओं के गीत संगीत ,डीजे के धूम-धड़ाके और शहनाई की धुन की जगह हर सन्नाटा पसरा हुआ है। पिछले डेढ़ माह से जारी लॉक डाउन से प्रखंड क्षेत्र के तयशुदा सैकड़ों शादियांें को फिलहाल रद्द कर दिया गया है। पंडित संजय पांडेय बताते हैं कि अप्रैल माह में खरमास रहने के कारण शादियां नहीं हो सकी थी।
24 अप्रैल को खरमास समाप्त होने के बाद लगा था कि लॉकडॉउन खुलेगा और शादियां संपन्न हो जाएगी। लेकिन लगातार वायरस के प्रकोप बढ़ने के कारण लॉक डॉन की तिथि बढ़ गई। जिसका असर इससे जुड़े व्यवसायियों पर पड़ा है। 24 अप्रैल से 7 मई तक शादी विवाह का अच्छा मुहूर्त था । जिसमें सैकड़ों युवक व युवतियों की शादी की तैयारियां की गई थी। लेकिन लॉकडाउन ने इस पर पानी फेर दिया। लेकिन शादी विवाह से घर परिवार का लालन पालन करने वाले ब्राह्मण के साथ इसे जुड़े व्यवसायी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
जिसमें मनिहारी, कपड़ा, रेडीमेड, फूल, ब्यूटी पार्लर ,पंडाल, हलवाई, बैंड बाजा, शादी कार्ड, प्रिंटिंग प्रेस जैसे व्यवसाय तो ठप ही हो गए हैं। लग्न शुरू होने से पहले व्यवसायियों के द्वारा तैयारी कर ली गई थी। बाहर से कपड़ा सहित अन्य सामान भी मंगा लिया लिए गए थे । व्यवसायी संजय गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन से काफी नुकसान हुआ है। लॉक डाउन के कारण छोटे दुकानदारों को और ज्यादा नुकसान हुआ है।
गोह प्रखंड के खैरा मोहन गांव के 35 लोग सूरत के पण्डसरा में लॉक डाउन के बाद वहीं रह रहे थे।उनके पास जो भी खाने पीने का सामान था सब खत्म हो गया था। जिसके बाद से ही उनलोगों को दिक्कत होने लगा था । वे सभी लोग परेशान होने लगे थे। किसी के माध्यम से इसकी जानकारी उन्होंने जिले के वरिष्ठ समाज सेवी डॉ प्रकाश चन्द्रा को दी । जिसके बाद डॉ चन्द्रा ने जिले के युवा समाज सेवी मुकेश कुमार गुप्ता उर्फ लाल को इसके बारे में बताया।
मुकेश ने तत्काल बिना देर किए सूरत में फंसे उन मजदूरो में से संतोष राम से बात की और आश्वासन दिया कि इस विपदा की घड़ी में घबराने की जरूरत नही वो जितना बन सकेगा हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने दो दिनों के अंदर 35 मजदूरों को आटा चावल दाल सब्जी तेल मसाला सभी उपलब्ध कराया। इधर छात्र नेता अमित गुप्ता ने धनबाद से पटना पैदल जा रहे दस लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया। छात्र नेता ने बताया कि सुबह लगभग आठ बजे उसे एक व्यक्ति ने फोन किया कि 10 लोग धनबाद जॉब करते थे। लेकिन वहां नहीं कुछ व्यवस्था होने के कारण वे लोग भूखे प्यासे धनबाद से पैदल चलकर औरंगाबाद पहुंचे हैं। वे लोग पटना जा रहे हैं। छात्र नेता ने अपने घर पर त्तकाल उलोगों के लिए भोजन बनवाया।
गोगरी में गुरुवार को लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया गया। थानाध्यक्ष शरत कुमार के कड़े तेवर से बाजार में लोगों की दिनभर भीड़ नजर नहीं आई। बाजार में केवल जरूरतमंद लोगों का आवागमन दिखा। गुरुवार को थानाध्यक्ष ने सुबह 6 बजे ही जमालपुर बाजार पहुंच गए। सुबह-सुबह जमालपुर बाजार में लोगों की भीड़ को देख कर उन्होंने सख्ती से बाजार खाली करवाया। लॉकडाउन का सख्ती से पालन को लेकर थानाध्यक्ष सुबह से ही नगर पंचायत के विभिन्न भीड़ वाले इलाके में गश्ती करते नजर आए। इस दौरान जमालपुर बाजार के बघवा चौक, टावर चौक, बायपास गांधी चौक, सब्जी हाट, राम केसरी चौक, गोगरी बाजार, उसरी चौक आदि का भ्रमण कर रहे लोगों को समन कर वापस घर भेजा।
लॉकडाउन में कई बीमारियों की नहीं हो रही जांच, मरीज हो रहे परेशान
गोगरी | कोरोना संकट से अभी मुक्ति नहीं मिली है। चिकित्सक समुदाय भी दहशत में है और अपने बचाव के पर्याप्त उपायों में लगा हुआ है। लॉकडाउन और दूसरे सुरक्षा उपायों के जरिए निपटने में सभी लगे हैं। सरकारी अस्पताल खुले हैं। निजी अस्पताल भी धीरे-धीरे खुलते जा रहे हैं। लेकिन कई छोटे क्लीनिक अभी भी बंद हैं। इस कारण बीमार लोगों की मुश्किलें बढ़ीं हैं। निजी क्लिनिकों में नियमित चेकअप कराने वाले वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कोरोना मारे या न मारे नर्सिंग होम इसी तरह बंद रहे तो पुराने रोग ही मार डालेंगे। अस्पतालों में रोगियों की संख्या पहुंचने की काफी कम हो गई है। अनुमंडल के एक निजी अस्पताल संचालक की मानें तो पहले प्रतिदिन करीब सौ मरीजों की जांच के अलावे कई ऑपरेशन हुआ करते थे। जिससे अस्पताल की आर्थिक स्थिति ठीक थी। लेकिन अभी अस्पताल का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। कई स्टाफ को छुट्टी दे दी गई है लेकिन दूसरे तरह के खर्च का बोझ कम नहीं हुआ है। अस्पताल की आमदनी में 60 से 70 प्रतिशत की कमी आई है।
स्टेट बैंक शाखा मदनपुर द्वारा गुरुवार को थाना रोड स्थित सीएसपी एवं मदनपुर मेला रोड स्थित सीएसपी में ग्राहकों के बीच एक सौ से अधिक मास्क का वितरण किया। दूरदराज से आए ग्राहकों को एसबीआई शाखा प्रबंधक सत्येन्द्र कुमार एवं क्षेत्र पदाधिकारी राजीव रंजन ने वैश्विक महामारी कोरोना -19 के बारे में समझाया एवं हमेशा मास्क लगाने,साबुन या हैंडवॉश से हाथ धोने के लिए बताया। कोरोना वायरस के कारण लाॅकडाउन से उत्पन्न गरीब परिवारों में भुखमरी की समस्या से निजात के लिए एसबीआई शाखा द्वारा खाद्य सामग्रियां वितरण कर राहत पहुंचाने का भी सराहनीय प्रयास किया है।
लाॅकडाउन के नियम का पालन करते हुए वरीय प्रबंधक सत्येन्द्र कुमार, एकाउंटेन्ट बबन कुमार, मनोज कुमार, राजीव रंजन, मनोज कुमार और प्रकाश रजनीश,रंजन कुमार ने सीएसपी शाखा ग्राहकों के साथ मास्क वितरण कर सराहनीय कार्य किया। चार दिन पूर्व में गरीब परिवारों में सामग्रियां चावल, आटा, दाल, सब्जियां, तेल, साबुन सहित अन्य आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया गया। इस मौके पर सीएसपी शाखा के प्रबंधक विनोद कुमार सिंह, जैलेन्द्र कुमार सिंह मौजूद रहे।
रफीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों को अब पानी की समस्या नहीं होगी। हर घर नल का शुद्ध पेयजल मिलेगा। रफीगंज विधायक अशोक कुमार सिंह के अनुशंसा पर मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना के तहत 38 करोड़ 63 लाख का प्रस्ताव पारित हुआ है। जिससे रफीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में पानी टंकी का निर्माण होगा। इसके साथ-साथ पुरानी पानी टंकी का मरम्मत भी कराया जाएगा। यह कार्य पीएचईडी विभाग द्वारा कराया जाएगा। लेकिन उक्त राशि का भुगतान नगर विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। रफीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में हो रही पानी की समस्या को विधायक अशोक कुमार सिंह ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था।
जिसके बाद अधिकारियों द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र का सर्वे कर विभाग को रिपोर्ट सौंपी गई। जिसके बाद प्रस्ताव पारित हुआ। विधायक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि क्षेत्र की विकास उनकी पहली प्राथमिकता है। लोगों की समस्याओं को दूर करना उनका कर्तव्य है। जिसपर वे खरा उतरने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि जिनकी भी कोई समस्या हो उससे हमें अवगत कराएं। उस समस्या को दूर करने का वे हर संभव प्रयास करेंगे। विधायक ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का इमानदारी से पालन करें। डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पदाधिकारी व पुलिस जवानों का हौंसल बढ़ाएं। उनका सम्मान करें। तभी हम कोरोना वायरस पर जीत हासिल कर सकते हैं।
विधायक को पार्टी नेताओं ने दी बधाई
रफीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजलापूर्ति के लिए 38 करोड़ 63 लाख रुपए का प्रस्ताव पारित होने पर जदयू नेताओं ने विधायक अशोक कुमार सिंह को बधाई दिया है। नेताओं ने कहा कि रफीगंज विधानसभा विधायक अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में विकास के पथ पर अग्रसर है। बधाई देने वालों में जदयू के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह, युवा जदयू जिलाध्यक्ष अनिल कुमार मेहता, जिला महासचिव सुरजीत कुमार सिंह, युवा जेडीयू के प्रदेश सचिव सह रोहतास जिला के प्रभारी अभय प्रताप सिंह, रफीगंज प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा, जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद इलियास, बुनकर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद ख्वाजा, मदनपुर जदयू के प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, जिला महासचिव सह गोह विधानसभा के प्रभारी विजय विश्वकर्मा, तकनीकी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष कौशल चंद्रवंशी, नगर अध्यक्ष अजीत कुमार गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष संजय अंबेडकर, युवा जदयू जिला उपाध्यक्ष गुड्डू कुमार यादव, आईटी सेल के प्रखंड अध्यक्ष डॉ. सुधीर कुमार व दलित प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष संजीव कुमार पासवान शामिल हैं।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की खगड़िया जिला कमेटी द्वारा शहर के अस्पताल रोड स्थित सीपीएम कार्यालय में धरना देकर सीएए के खिलाफ पिछले दिनों हुए आंदोलनों में गिरफ्तार महिला नेताओं सफीरा, इशरत और गुलफ्शां की तुरंत रिहाई की मांग की गई। गुरुवार को हुए इस एक दिवसीय धरना में महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। इस दौरान महिलाओं के ऊपर भद्दे कमेंट करने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी की भी मांग की गई। धरना में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए शारीरिक दूरी कायम रखी गई। धरने पर बैठी महिलाओं ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की कि कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में राशन कार्ड से वंचित सभी लोगों को तीन माह का अग्रिम राशन मुहैया कराई जाए। साथ ही सभी लोगों को 10 हजार रुपये प्रति माह भत्ता भी दिया जाय। धरना में संगठन की जिला सचिव नीतू देवी, जिला नेत्री मंजू कुमारी, अंचल सचिव माला देवी, दुखनी देवी सहित दर्जन भर महिलाएं शामिल हुईं।
लॉकडाउन के कारण प्रदूषण कम होने से प्रकृति में आए बदलाव का असर इस साल मई महीने में भी देखा जा रहा है। जहां पिछले वर्ष 2019 में अप्रैल महीना में ही तपती गर्मी से लोग परेशान हो रहे थे। वहीं इस साल मई महीने में सावन जैसा अनुभव हो रहा है। प्रकृति में प्रदूषण का स्तर कम होने की वजह से इस साल तापमान में अभी तक वृद्धि नहीं हुई। जिसके कारण पिछले साल की अपेक्षा इस साल अधिकतम तापमान में 12 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। वहीं न्यूनतम तापमान में चार डिग्री तक की गिरावट हुई है।
मालूम हो कि पिछले साल मई को अधिकतम तापमान जहां 43 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री था। जिसके कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। वहीं इस साल सात मई को ही अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 20.3 डिग्री रहने के कारण मौसम सुहाना हो गया है। पिछले अप्रैल माह से ही मौसम सुहाना है, हल्की से गर्मी बढ़ते ही आसमान में बादल छा जाते हैं और बारिश होने के बाद मौसम अनुकुल हो जाता है।
जहां पिछले वर्ष अधिकतर जल स्त्रोत सुख गए थे, चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया था। वहीं इस साल अधिकतर जल स्त्रोत से जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत इन जल स्रोतों की साफ-साफाई और खुदाई का काम जोर नहीं पकड़ रहा है। मई महीने में गर्मी की बजाए सात मई को 16 मिमि बारिश हुई है।
सदर प्रखंड की रानी सकरपुरा पंचायत के लिए पक्की सड़क जैसे सपना सा हो गया था। अब सड़क निर्माण कार्य शुरू होने से यह सपना हकीकत में बदलता देख ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। रानी सकरपुरा पंचायत को बेला पंचायत से जोड़ने वाली इस सड़क का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया जा रहा है। इसका प्राक्कलन 2 करोड़ 36 लाख रुपए है। पंचायत के पूर्वी क्षेत्र की पंचायत समिति सदस्य आरती कुमारी ने कहा कि हमने कितनी बार सड़क निर्माण को लेकर मंत्री को आवेदन देकर मांग की थी। सड़क निर्माण के लिए भाजपा जिलामंत्री मनेंद्र कुमार ने भी प्रयास किया था। मनेंद्र ने कहा कि पहले इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री योजना के तहत होना था। लेकिन किसी कारण से इसे मुख्यमंत्री सड़क योजना से हरी झंडी मिली। युवा छात्र वंदन पाठक ने कहा हम जैसे रहें, जिस पद पर रहें अपनी पंचायत, अपने क्षेत्र के विकास के लिए काम करना चाहिए। युवा नेता पप्पू यादव, पंकज पासवान और भाजपा नेता मुरारी रस्तोगी ने कहा कि यह लड़ाई हम सभी ने खुद लड़ी और खुद जीती है। हमारे क्षेत्र को प्रगतिशील बनाने के लिए अभी लंबी लड़ाई लड़नी है। अशोक भास्कर, दीपक सिंह, दीपक महतो, रजनीश केशरी, अमन पाठक ने भी सड़क निर्माण पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण पंचायत वासियों की जीत है। युवा नेता दीपक शर्मा और युवा सदस्य अनिल कुमार सिंह ने कहा कि सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसमे ग्रामीण भरपूर सहयोग कर रहे हैं। वर्षों के संघर्ष बाद जब यह सड़क निर्माण शुरू हुआ है।
गोगरी नगर पंचायत क्षेत्र के केंद्र संख्या 234 सहित अन्य केंद्रों पर बांटे गए एक्सपायरी दूध को स्थानीय लोगों व अभिभावकों ने लापरवाही बताते हुए इससे जुड़े कर्मियों व अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि नगर पंचायत क्षेत्र के केंद्र संख्या 234 पर एक्सपायरी दूध वितरण का मामला सामने आया तो अभिभावकों ने सेविका से शिकायत की। उसके बाद सेविका द्वारा अभिभावकों से जबरदस्ती दूध बदलने का प्रयास किया गया। दूध वितरण के बाद अभिभावकों ने बताया था कि उसके बच्चे को उपलब्ध कराए गए दूध का पैकेट एक्सपायरी है, जिसके बाद अभिभावकों में व स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। वार्ड संख्या 15 के संतोष कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर बांटे गए एक्सपायरी दूध पैकेट के मामले में जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करें।
इस तरह की लापरवाही से कई अबोध बच्चों की जान जा सकती थी। इसी वार्ड के रूपेश कुमार मालाकार ने बताया कि संयोग से कुछ अभिभावक ने दूध की एक्सपायरी डेट चेक कर लिया था। पोषक क्षेत्र के बच्चों के लिए उपलब्ध कराए गए दूध पर जुलाई 2019 की एक्सपायरी डेट अंकित है। अभिभावक ने सवाल उठाया कि अगर बच्चे को कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता? अभिभावकों ने एक्सपायरी दूध वितरण से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कोरोना संक्रमण रोकथाम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में अभी से प्रयास शुरू कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इस संबंध में दिशानिर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि जिलास्तर पर डीएम की अध्यक्षता में एक महामारी रोकथाम समिति गठित है, जिसमें डीडीसी, एसपी, सिविल सर्जन, आपूर्ति विभाग, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पदाधिकारी शामिल हैं। यह समिति अपने जिले में बाढ़ या जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभव के आधार पर चिह्नित करेगी। साथ ही संभावित रोगों की रोकथाम एवं उपचार के लिए कार्य करेगी एवं इसके लिए प्रचार-प्रसार का भी सहारा लेगी।
बाढ़ पूर्व तैयारियों के अभ्यास का निर्देश | प्रधान सचिव ने बाढ़ से पहले की तैयारियों के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, गैर सरकारी संगठनों के साथ मॉक ड्रिल का नियमित अंतराल पर आयोजन करने को कहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी का शुद्धिकरण छोटे स्रोतों के लिए क्लोरीन व बड़े स्रोतों के लिए ब्लीचिंग पाउडर से करने को कहा है। जलजमाव के कारण मच्छर जनित रोग होने की आशंका रहती है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में डीडीटी का छिड़काव व फॉगिंग कराने का निर्देश जिला मलेरिया पदाधिकारी को दिया गया है।
नवजात व माताओं की सेवाएं नहीं होगी बाधित
सिविल सर्जन ने बताया कि बाढ़ के कारण नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण एवं गर्भवती माताओं के लिए संस्थागत प्रसव जैसी अन्य सुविधाएं बाधित नहीं होंगी। इसके लिए पूर्व से ही तैयारी करने की जरूरत है, जिसमें गर्भवती माताओं की पूर्व से पहचान, डिलीवरी किट तथा मैटरनिटी हट की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली जाए।
इन स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी करने का निर्देश
बाढ़ के दौरान डायरिया प्रबंधन
बाढ़ के कारण सर्पदंश एवं कुत्ते या सियार के काटने के उपचार की सुविधाएंं
अस्थायी अस्पताल एवं नौका औषधालय की व्यवस्था
जिला, प्रखंड स्तर पर स्थायी एवं चलंत चिकित्सा दलों का गठन
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व से पर्याप्त जरूरी दवाओं की उपलब्धता
चलंत पैथोलॉजिकल दल का गठन करना
जिले के कंटोनमेंट जोन छोड़कर अन्य सभी जगहों पर अब लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दुकानें खोली जा सकेंगी। इसके लिए ना तो किसी पास की जरूरत होगी ना ही आदेश की। सावधानी के तौर पर दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को लेकर एक-एक मीटर पर गोल घेरा बनाना होगा। साथ ही सैनेटाइजेशन का भी पूरा ख्याल रखना होगा। लेकिन अगर किसी दुकान पर भीड़ लगाने या लॉकडाउन के नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो उस दुकान के खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
हालांकि दुकान पर पहुंचने के लिए लोगों को पैदल ही आना होगा। अगर गाड़ी की आवश्यकता होती है तो उसके लिए पूर्व की तरह ही पास अनिवार्य होगा। डीएम ने कहा है कि अपर मुख्य सचिव गृह विभाग के आदेश के पर जिले के दुकानों को खोलने संबंधी पूर्व में दिए गए छूट के अतिरिक्त अब कुछ और सामग्रियों की दुकानों को खोला जा सकेगा। डीएम ने कहा है कि ऐसे सभी प्रतिष्ठान संचालकों को कम से कम कर्मियों से कार्य कराना होगा। साथ ही संबंधित दुकानदार को निर्देश दिया है कि प्रत्येक गतिविधि के दौरान सैनिटाईजेशन और ग्राहकों में सोशल डिस्टेंशिंग का पालन हर हाल में कराना होगा।
किस दिन खुलेगी कौन सी दुकानें
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे पंखा, कूलर, एसी, मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप, यूपीएस और बैट्री की खरीद बिक्री और मरम्मत करने वाली दुकान सोमवार व शुक्रवार को खुलेंगी। इनका समय सुबह के दस बजे से शाम के पांच बजे तक होगा। इसके अलावा ऑटोमोबाइल्स के तहत टायर और ट्यूब्स, लुब्रीकेंट के अलावा इसके स्पेयर पार्ट्स की दुकानें और मरम्मत केन्द्र मंगलवार और शनिवार को खुलेगी। इसी तरह निर्माण सामाग्री के भंडारण एवं बिक्री से संबंधित प्रतिष्ठान जैसे सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी, सिमेंट ब्लॉक, ईट, प्लास्टिक पाइप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा पेंट, शटरिंग के सामान की दुकानें प्रतिदिन खुलेंगी। इसके अलावा गैराज और वर्कशॉप, प्रदूषण जांच केन्द्र को प्रतिदिन खोलने का निर्देश जारी किया है। वहीं डीएम ने लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए किताब/स्टेशनरी की दुकानों के लिए भी दो दिन बुधवार और गुरुवार को सुबह के दस बजे से शाम के पांच बजे तक खोलने को कहा है। डीएम ने कहा है कि कंटोनमेंट जोन में उक्त दुकानों को खोलने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। साथ ही मार्केटिंग कॉम्पलैक्स, शॉपिंग मॉल में भी संचालित दुकानें नहीं खुलेगी।
यह इलाके हैं कंटोनमेंट जोन
बलिया, बछवाड़ा, बरौनी, भगवानपुर, मंसूरचक, वीरपुर इलाके से कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने के कारण इन्हें कंटोनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां रेड जोन जैसी कड़ाई का पालन किया जाएगा। जरुरी काम से को छोड़कर घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। जिन इलाकों को सील किया गया है वहां कमेटी के लोगों के द्वारा ही सामान पहुंचाए जाएंगे।
सुदृढ़ की जाएगी क्वारान्टीन केन्द्र की व्यवस्था
डीएम ने कहा है कि कुछ प्रखंडस्तरीय क्वारान्टीन केन्द्रों के संबंध में ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि अपर्याप्त व्यवस्था के कारण वहां आवासित प्रवासियों को परेशानी हुई है। इस संबंध में सभी संबंधित सीओ को अविलंब क्वारान्टीन सेंटर में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित सामाग्री नियमित अंतराल पर उपलब्ध कराने को कहा है।
सभी दिन खुलेंगे सैलून
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि सैलून, स्पा तथा ब्यूटी पार्लर सप्ताह के सातो दिन खुलेंगे। सैलून में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। जिस सैलून में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होगी उन्हें बंद करा दिया जाएगा।
वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर सबसे बदतर स्थिति मजदूरों की है। यहां के मजदूर देश के विभिन्न कोनों में जहां फंसे थे, परेशानियां झेलने को विवश थे। यह सोचकर कि अपने गांव घर लौटकर परिवार के साथ रहेंगे। तरह-तरह की समस्याओं को झेलते हुए पैदल, साइकिल से लेकर जैसे-तैसे अपनी जन्मभूमि लौट आए। किन्तु संक्रमण फैलने के डर से सरकार ने उनलोगों को क्वारांटीन सेंटर में रखने का फैसला लिया।
किन्तु यह कैसी विडंबना है कि बुधवार की रात मध्य विद्यालय बखरी क्वारांटीन सेंटर पर रोटी मांग रहे मजदूरों को बदले में लाठियां मिली। हुआ यह कि लगातार दोनों वक्त भात खाने से उब चुके मजदूरों ने प्रशासन से रोटी खिलाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। जब इसकी भनक प्रशासनिक अधिकारियों को लगी तो उन्होंने पहले बखरी पुलिस को भेजकर रोटी की मांग कर रहे कुछ मजदूरों पर नेतागिरी का आरोप लगाते हुए लाठियां चटकाई। फिर पीछे से पहुंचे प्रशासनिक महकमे के वरीय पदाधिकारियों ने मजदूरों के जले पर मरहम लगाने का काम किया।