कोरोना संकट के बीच शिक्षक संघ बिहार रोहतास इकाई ने लॉकडाउन का पालन करते हुए ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को एक आपात बैठक की। जिसमें सर्वसम्मति से बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति रोहतास से अलग होने का निर्णय लिया गया। बैठक की संचालन जिला कोषाध्यक्ष जयराम सिंह यादव द्वारा किया गया। अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष उत्तम प्रकाश ने कहा कि समन्वय समिति द्वारा लगभग ढ़ाई माह तक नियोजित शिक्षकों को गुमराह कर हड़ताल पे रखा गया। जबकि समिति के नेता हड़ताल में शामिल होने का दिखावा करते रहे।
एक तरफ वे हड़ताल में शामिल होने की बात करते थे वहीं दूसरी ओर चुपके विद्यालय में जाकर हाजिरी बनाते रहे। उन नेताओं की दोहरी नीति के कारण ही कुछ दिनों में हड़ताल कमजोर पड़ने लगा। जो अपना स्वार्थ देखते हैं वो कभी दूसरे का भला नहीं कर सकते। इसलिए ऐसे शिक्षक नेताओं से अलग होना ही सही है। बैठक में समन्वय समिति में बने रहने, हड़ताल की समीक्षा एवं संगठन के मजबूती व विस्तार रूप से चर्चा की गई। इन बिंदुओं पे चर्चा के दौरान जिला प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह ने कहा कि समन्वय समिति में वैसे घटक दल शामिल हैं।
जिन्होंने अपने नियुक्ति के समय से हीं कभी विद्यालय नहीं गए। सिर्फ गैर शैक्षणिक कार्यो में प्रतिनियोजित हो आम शिक्षकों को दिग्भ्रमित कर रहें। वहीं जिला महासचिव रामाकांत शर्मा ने कहा हमने पूर्व में ही अध्यक्ष को आगाह किया था कि वैसे लोगों के साथ किसी भी आन्दोलन में भाग नहीं लेंगे जिनके द्वारा सुप्रीमकोर्ट के नाम पे चंदा वसूली किया गया एवं उसका प्रयोग स्वहित में किया गया। सासाराम प्रखंड संयोजक संतोष कुमार निराला ने कहा कि हम अनुकम्पा प्राप्त शिक्षक है।
जो इस पूरे रोहतास जिले के सभी संघों के नेतृत्व कर्ता से अपने सेवा पुस्तिका संधारण, वेतन वृद्धि व एरियर के लिए गुहार लगा तक चुके थे। लेकिन सभी को दलाली का मार्ग ही सूझता था। जिला उपाध्यक्ष निरंजन पाल, जिला राज्य प्रतिनिधि आशुतोष पांडेय, मीडिया प्रभारी कपिल मुनि तिवारी, जिला संयोजक उदय नारायण, अनुपमा कुमारी, विकास दुबे, अनिल पासवान आदि ने अपना विचार रखा।
जिले में गुरुवार को 40 किलोमीटर प्रतिघंटा के रफ्तार से चली तेज हवा के कारण कुछ देर आंधी आ गई। इस दौरान 1.4 मिलीमीटर की बारिश भी हुई। तेज हवा चलने के कारण शहर के कई जगहों पर लगे सरकारी बैनर होर्डिंग भी टूटकर बिखर गए। जबकि कई जगहों पर कुछ बृक्षों के गिरने से आसपास के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हो गए। अपराह्न के करीब पौने तीन बजे आई आंधी से शहर के खरैहिया बस्ती वार्ड संख्या 10 के अरुण झा के घर पर एक आम का पेड़ गिरा गया। पेड़ गिरने के कारण घर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इसी तरह शहर के कई मोहल्लों में फुस घर के टिन का छत उड़ गया। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गुरुवार को सुबह से काफी उमस भरी गर्मी पड़ रहा था। जिससे लोग काफी हलकान महससुस कर रहे थे। तेज रफ्तार से हवा बहने के कारण लोगों ने ठंड महसूस किया। लोगों ने गर्म कपड़े पहन पड़े। तेज रफ्तार की हवा के साथ हुई बारिश ने किसानाें ने परेशानी बढ़ा दी। मकई की फसल काटने के पूर्व ही खेताें में धराशायी हाे गए।
अचानक मौसम में बदलाव और तेज रफ्तार की हवा बहने के कारण आम के बगीचों में काफी मात्रा में छोटे छोटे आम टूटकर गिर गया, जिससे आम के व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचा है। तेज रफ्तार की हवा बहने से किसान के खेत में लगे मकई के पौधों को काफी नुकसान हुआ है। खेत में लगी मकई के पौधे बीच से ही टूटकर खेताें में गिर गए। जिससे किसान एक बार फिर सकते में आ गई है। मकई की खेती करने वाले किसान संजय सिंह, मो मोईन, सुधीर विश्वास ने बताया कि इस वर्ष बार बार तेज आंधी तूफान आने के कारण हम किसान काफी चिंतित हैं। लॉक डाउन में सब कार्य बाधित हो गया है और खेत में लगी मकई की पौधे भी टूटकर गिर गया।
व्यवसायी इस कोरोना संकट के कारण बनी लॉक डाउन की परिस्थिति से अब परेशान होने लगे हैं। उनका धंधा चौपट है। दुकानों के शटर नहीं उठ रहे हैं। इसके बावजूद उनको कई तरह के फिक्स चार्ज लग रहे हैं, उसे रोज घाटा हो रहा है। सरकार सबकी सुन रही है, काश व्यवसायी वर्ग की भी सुने, यह अपेक्षा व्यवसायियों को है। इसी उम्मीद में व्यवसायियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के तहत व्यवसायियों ने उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव से मांग की है कि बिजली की जितनी दुकान में कहापट हो, यानी मीटर रीडिंग का ही पैसा सरकार ले, बाकी किसी तरह का कोई चार्ज न ले। अभी दुकानदारों की स्थिति सबसे नाजुक है। मंत्री ने विचार करने का भरोसा दिया है।
पहले के बकाया का भुगतना कम्पाउंड कर मार्च 2021 के बाद लेने की भी मांग मंत्री से की गयी है। मालुम हो कि तमाम दुकानदार फिक्स चार्ज को लेकर परेशान हैं। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता सोमनाथ पासवान ने बताया कि शहरी दुकानदारों के लिए ₹180 प्रति किलो वाट, जबकि ग्रामीण दुकानदारों, व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए 30 रुपए प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज लगता है। बताया कि फिक्स चार्ज वह है जिसे हर महीने विद्युत उपभोक्ता को देना पड़ता है, भले ही वह उस दौरान विद्युत ऊर्जा की खपत करे या ना करे। यानी शून्य विद्युत खपत होने पर भी यह तय राशि देनी होती है।
घरेलु उपभोक्ताओं के लिए भी फिक्स चार्ज
फिक्स चार्ज घरेलू उपभोक्ताओं को भी देना होता है। भले ही घर बंद हो, या उसमें किसी माह विद्युत खपत न किया गया हो। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 40 रुपए प्रति किलो वाट और ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 20 रुपए प्रति किलो वाट फिक्स चार्ज देना होता है।
व्यवसायी बोले: हम टैक्स पेयर, चाहिए मदद
व्यवसायियों का कहना है कि वे सरकार को टैक्स देते हैं। उनको भी इसके लिए मदद चाहिए। व्यवसायी अंबुज कुमार एवं अमित कुमार कसौंधन ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जो रीडिंग आएगा उसी का पैसा ले। औसत बिल निकालकर व्यवसायियों को तंग किया जा रहा है। बहुत से लोग छोटे व्यापारी हैं। ज्यादातर छोटे व्यवसायी हैं और मकान का भाड़ा देना है। व्यवसायी टैक्स पेयर वर्ग है, और जब इसकी ही हालत खराब होगी, तो वह टैक्स कहाँ से देगा। इनका कहना है कि लॉकडाउन अवधि का बिजली बिल नहीं लिया जाना चाहिए।
डेहरी अनुमंडल अंतर्गत इंद्रपुरी पटनवां कला में स्थापित भव्य हनुमान मंदिर के प्रांगण में नौवां श्री हनुमान महोत्सव लॉकडाउन लागू होने के कारण आयोजक द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सादे समारोह में हवन यज्ञ कर संपन्न हुआ। लगातार नौ वर्ष से हनुमान महोत्सव का आयोजन कर रहे पटनवा कला निवासी विजय सिंह उर्फ भोला जी ने बताया की आज के दिन प्रतिवर्ष श्री हनुमान महोत्सव आयोजक मंडली द्वारा भव्य देवी जागरण तथा सार्वजनिक भंडारा का आयोजन होते आ रहा है।
पूर्व में आज के दिन इस अवसर पर यहां देश के नामचीन कई कलाकार से लेकर सांसद, विधायक समेत जिले भर के काफी गणमान्य लोगों का जमावड़ा लगता था। क्षेत्र के लोगों के लिए यह दिन यादगार रहता था, परंतु इस बार देश में कोरोना वायरस के महामारी के चलते लागू लॉकडाउन का पालन करते हुए आयोजक के धर्मपत्नी सुमन सिंह एवं अन्य परिवारजनों ने उपस्थित होकर मंदिर परिसर में हवन यज्ञ किया। भगवान हनुमान से मानव कल्याण हेतु इस विश्वव्यापी महामारी कोरोना से लोगों की रक्षा करने की कामना की। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा -पूरा पालन करते हुए सिर्फ पूजा-पाठ कर कार्यक्रम को समाप्त किया गया।
कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन में फंसे महाराष्ट्र के नंदुरबार से गुरुवार को स्पेशल ट्रेन से महाराष्ट्र से 1006 लोगों को अररिया लाया गया। जिसमें मजदूर और छात्र शामिल हैं। अररिया स्टेशन पहुंचने पर उनके बेहतर सुविधा को लेकर रेलवे स्टेशन परिसर में संचालित विभिन्न गतिविधियों का जायजा लेते हुए जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच एवं पुलिस अधीक्षक धुरत शायली ने जरुरी निर्देश दिए। जिसमें सामजिक दूरियों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई। जिले के हर प्रखंड के लिय़े अलग अलग काउंटर अररिया रेलवे स्टेशन परिसर में बनाये गए हैं। मजदूर एवं छात्रों के पहुंचने के बाद स्टेशन पर तैनात अधिकारी व डाक्टरों की टीम ने स्क्रीनिंग की।
21 दिनाें के बाद ही जा पाएंगे घर
ट्रेन से उतरे प्रवासियों के चेहरे पर घर लौटने की खुशी देखी गई। स्क्रीनिंग के बाद अलग-अलग बसों से उन्हें उनके प्रखंड मुख्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया, जहां वे 21 दिनों तक रहेंगे। इसके बाद ही अपने परिवार से मिल पाएंगे। ट्रेन से उतरने वालाें में बांका, किशनगंज, भागलपूर जिले के लोग भी शामिल थे। उनके गृह जिला भेजने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। इनके अाने के पहले पहले स्टेशन परिसर को भी सैनिटाइज किया गया ।
नगर सहित आसपास के गांवों में इस गर्मी और और लॉक डाउन की दोहरी मार झेल रहे है। जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल लॉकडाउन के कारण लोग ज्यादातर समय घरों में बिता रहे हैं।
ऐसे में लाईट नहीं होने से गर्मी के कारण परेशान हो रहे हैं। सरकार गांव में 24 घंटे का दावा करती है लेकिन हर 10 मिनिट में लाईट जा रही है। जिसके चलते लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो रहा है।
उपभोक्ता राहुल जैन और माधव सिंह का कहना है कि दिन भर लाईट आती जाती रहती है 10 मिनिट के लिए आती है तो दस मिनिट में चली जाती है। जब मौसम खराब हो तो लाईट का जाना समझ में आता है लेकिन यह हालात मौसम साफ होने पर भी रहते हैं।
इससे बच्चों और बुजुर्गों को बहुत परेशानी होती है। एक तो गर्मी ऊपर से लॉक डाउन में हर हाल में घर पर ही रुकना पड़ता है और ऐसे में टी वी और कूलर आदि का सहारा ही लोगों के लिए रहता है। यही नही इस भीषण गर्मी ग्रामीण अंचलों में तो बहुत बुरे हालात है। वहीं दिन में चली गई तो शाम को आएगी और शाम को गई तो सुबह आएगी। अफसरों, लाइनमैन को फोन लगाकर जानकारी लेते हैं तो संतोषजनक जबाव नहीं दिया जाता है।
बार-बार बिजली जाने के कारण ग्रामीण रामहरण सिंह राजपूत और यशपाल यादव का कहना है कि हालात यह है कि एक व्यक्ति को स्विच बोर्ड के पास ही टी वी आदि चालू बंद करने के लिए खड़े रहना पड़ता है। प्रशासन को इस और ध्यान देना चाहिए।।
इस सबंध में जे ई अमित कुमार प्यासी का कहना है कि सभी फीडर एक ही फीडर से जुड़े हुए हैं इसीलिए कई बार एक फीडर पर दिक्कत होने से सभी फीडर को परेशानी होती है इसके सुधार के लिए हम लोग कोशिश कर रहे हैं। फिर भी शिकायत आई है तो हम इस मामले को दिखवाते है
माह-ए-रमजान का महीना मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण त्योहारों में एक है। जिसमें 30 मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह से अपने किए गए गुनाहों की माफी मांगते हैं। मजहबे इस्लाम में रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला, दूसरा और तीसरा अशरा कहा जाता है। यह बातें बातें हाफिज मो असगर अली नदवी ने अपने तकरीर में कहा। तकरीर में मो. असगर अली नदवी ने कहा कि रमजान के पहले 10 दिन पहला अशरा, दूसरा 10 दिन बाद, तीसरा 10 के बाद होता है। पहला अशरा रहमत का होता है। दूसरा अशरा बरकत व तीसरा आशरा मगफिरत यानी गुनाहों से माफी तथा जहन्नम (नर्क) की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। माह-ए-रममान के शुरूआत में रहमत है, बीच में बरकत व अंत मे मगफिरत यानी माफी है व जहन्नम से बचाव है।रमजान महीने के पहले 10 दिन रहमत के होते हैं रोजा नमाज करने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है।
खुल जाते हैं जन्नत के आठों दरवाजे
पटेगना | खवासपुर पंचायत अंतर्गत मोमिन टोला के मदरसा दारूल उलुम सुजातिया मकसुदिया पलासी के नाजिम मौलाना अब्दुल माजिद नईमी ने कहा जब रमजान का चांद नजर आता है तो अल्लाह ताला रहमत का दरवाजा खोल देता है। जन्नत के आठों दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। रमजान मे दो चीजें रोजेदारो के लिए अल्लाह की खास नेअमत है। सेहरी व इफतार। अल्लाह ताला सेहरी व इफ्तार के वक्त की दुआ कुबूल फरमाता है। सच्चा व अच्छा दोस्त वह है जो अपने दोस्त को दुआ मे याद करता है और उसके भलाई के लिए दुआ करता है। हम सब चाहिए के इस कठिन घडी के लिए दुआ करें के हमारे मुल्क से करोना वायरस जैसे महामारी बीमारी दूर हो जाएं।
जिला प्रशासन व पुलिस की सजगता के कारण कोरोना का खतरा अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। प्रशासन अब जिले को रेड जोन से बाहर लाने को प्रयासरत हैं। इस क्रम में गुरुवार को डीएम अमन समीर, एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा व डीडीसी अरविंद कुमार ने जिले के सभी अनुमंडल, बीडीओ, सीओ, थानाप्रभारी व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस क्रम में डीएम ने सभी अधिकारियों से कहा कि क्वारान्टीन सेंटर का संचालन सरकार के दिशा-निर्देश एवं मापदंड के अनुसार किया जाए।
क्वारान्टीन सेंटर्स में आने वाले कामगारों एवं मजदूरों का सर्वप्रथम निबंधन कराना है। उसके बाद सभी निबंधित पुरुष एवं महिला के लिए अलग-अलग आवश्यक सामग्री का किट उपलब्ध कराया जाए। तत्पपश्चात सभी को कमरा आवंटित किया जाए। प्रत्येक क्वारान्टीन सेंटर में 100 व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। वहांं उनके नास्ता, दिन का खाना एवं रात के खाने के साथ दूध सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए उपलब्ध कराया जाए।
क्वारान्टीन सेंटर्स के सभी कमरों की सफाई पर दें ध्यान
शौचालय, खाना बनाने एवं खाने का स्थान एवं अन्य स्थलों को प्रतिदिन सेनेटाईज कराया जाए। ताकि, संक्रमण का खतरा न बढ़े। साथ ही, क्वारान्टीन सेंटर में एक नियंत्रण कक्ष हो, जहां से लाउडस्पीकर के जरिए माइकिंग कर आवश्यक जानकारी एवं दिशा-निर्देश समय-समय पर करने को कहा गया। डीएम ने कहा कि सूचना मिल रही है कि सेंटर पर मनोरंजन की सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को बोरियत महसूस कर रहे हैं। इसके लिए लोगों का मनोरंजन करना जरूरी है। इसके क्रम में सभी क्वारान्टीन सेंटर पर एक टीवी लगाया जाए। साथ ही, सोशल डिस्टेंस के तहत उनके बैठने की व्यवस्था हो।
एसडीओ व एसडीपीओ अपने प्रखंड का करें निरीक्षण
प्रतिनियुक्त चिकित्सक के द्वारा प्रतिदिन क्वारान्टीन सेंटर में रहने वाले व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांंच करने का निदेश उपस्थित चिकित्सकगणों को दिया गया। प्रतिदिन सभी प्रखण्डों के बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी को संयुक्त रूप से बैठक कर क्वारेंटाइन सेंटर्स में की गई व्यवस्थाओं के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करने का भी निदेश दिया गया। जिले के दोनों एसडीओ व एसडीपीओ क्वारान्टीन सेंटर्स की समीक्षा करें।
क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण करेंगे थानेदार: इस क्रम में एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने भी अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने प्रखण्ड के अन्तर्गत निर्मित क्वारान्टीन सेंटर का दिन में एक बार भ्रमण अवश्य करें। भ्रमण कर प्रतिनियुक्त पुलिस बल व चौकीदार से संबंधित क्वारान्टीन सेंटर की गतिविधियों को जाने एवं हर हाल में सभी क्वारान्टीन सेंटर्स में रहने वालों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करें। किसी भी तरह की समस्या एवं विशेष घटना की जानकारी तत्काल अपने अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी को देने को भी कहा गया। अपर समाहर्त्ता बक्सर, विशेष कार्य पदाधिकारी बक्सर एवं जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी बक्सर उपस्थित थे।
फारबिसगंज पुलिस ने चोरी की बाइक के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे पूछताछ के बाद अररिया जेल भेज दिया। वहीं दूसरी ओर गुरुवार को मार्केटिंग यार्ड परिसर स्थित सब्जी मंडी से बाइक की चोरी करते एक युवक को स्थानीय लोगों ने रंगेहाथ पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार युवक का नाम फूल कुमार ठाकुर है, जो सिमराहा के मिर्जापुर कोठी का रहने वाला है। पुलिस काे सूचना मिली थी एक व्यक्ति चोरी की बाइक से फारबिसगंज जा रहा है। थानाध्यक्ष ने नाकेबंदी कर सुभाष चौक पास बिना नंबर की बाइक के साथ गिरफ्तार कर लिया। वही दूसरी ओर मार्केटिंग यार्ड परिसर स्थित सब्जी मंडी से बाईक चोरी करते एक चाेर काे लोगों ने रंगेहाथ पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। गिरफ्तार युवक मुकेश कुमार रंगदाहा मझुआ के राजदेव मंडल का पुत्र है। मामले में बांसबाड़ी के मो. इस्माइल ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। दारोगा दिनेश चंद्र यादव, विजेंद्र कुमार सिंह व टाईगर मोबाईल के जवान मौजूद थे।
जिले में 16 अप्रैल को दो कोरोना मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद लगातार यह संख्या बढ़ते गई। संक्रमण ने अपना पांव पसारते हुए 56 लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था, लेकिन गिरफ्त में आये लोगों ने हिम्मत और साहस का परिचय दिया। संक्रमित हुए लोग लगातार ठीक होने लगे। अब तक कुल 45 मरीज ठीक हो चुके हैं। बुधवार को पॉजिटिव मरीजों की संख्या घटकर 38 पर आ गई थी। वहीं गुरुवार को 26 लोगों ने एक साथ कोरोना को मात दिया। जिस कारण जिले में मात्र 11 लोगों को ही अपने जाल में फंसाया है।
उम्मीद की जा रही है कि यह लोग भी जल्द ठीक हो जाएंगे। इस आशय की जानकारी एसीएमओ डाॅ. आरके सिंह ने दी। वहीं दूसरी ओर प्रशासन व आम लोगों के सहयोग से कोरोना चेन भी तोड़ दिया गया है। अब वह दूर नहीं है। जब कोरोना वायरस इस जिले से विदा हो जाएगा। 26 लोगों के एक साथ ठीक होने पर आम जनता व प्रशासन ने राहत की सांस ली है। देर शाम सभी को छुट्टी दी गई। हालांकी प्रशासन की ओर से बार-बार आगाह किया जा रहा है कि इस खुशी के अवसर पर किसी तरह की लापरवाही नहीं करें। बल्कि घर में सुरक्षित रहें।
बाहर से आने वाले लोगों के बारे में दें प्रशासन को जानकारी
यदि आपके आस-पास में कोई राज्य के बाहर से आता है। तब इसकी जानकारी प्रशासन को दें। ताकी ऐसे लोगों को क्वारान्टीन किया जा सके। बाहर से आये किसी भी व्यक्ति से यह संक्रमण दोबारा विकराल रूप ले सकता है।
तीसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सबको किया गया विदा
17 पुरुष व नौ महिलाओं की तीसरी नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद स्वस्थ्य हुये लोगों को सदर अस्पताल ले जाया गया। फूलों की बारिश के साथ इनलोगों की विदाई दी गई।
स्वास्थ्य विभाग का जताया आभार
स्वस्थ्य होकर गये मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति आभार जताया है। इनलोगों का कहना है कि क्वारान्टीन सेंटर्स में स्वास्थ्य विभाग की टीम सदैव तैनात रहती थी। समय-समय पर चेकअप किया जाता था। टीम के सदस्य हमेशा हौसला देते थी कि आप लोग हिम्मत के साथ रहें। किसी भी तरह की परेशानी होगी। तब हमलोगों आपके साथ है। उनलोगों के सहयोग से जल्द ठीक होने में मदद मिली।
सदर अस्पताल से मिली छुट्टी
विदित हो कि इन सभी की तीनों रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है। हालांकी इनलोगों को कहीं पर भी बाहर घुमने से रोक है। इनसभी को होम क्वारान्टीन में रहना होगा। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम इनलोगों का चेकअप करते रहेंगी। डीएम अमन समीर ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि यह सब सभी लोगों के सहयोग से संभव हो पाया है। सोशल डिस्टेंस का पालन करने से ही कोविड -19 पर कंट्रोल हो सकता है।
स्वस्थ होने वालों में ये लोग हैं शामिल: विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वस्थ्य होने वालों में हरियाणा के हार्वेस्टर चालक हरप्रीत सिंह, नया भोजपुर निवासी लव वर्मा, मो. अहमद मियां, पवन कुमार वर्मा, वीर कुमार वर्मा, आदित्य वर्मा, विनय कुमार वर्मा, विनोद गुप्ता, राज कुमार प्रजापति, विरेंद्र सिंह, मो. अफताब, मो. जावेद, नफीस राजा, मो. रिजवान, मो. फिरोज, मो. जमील, स्वर्ण लक्ष्मी वर्मा, संतोषी वर्मा, शिवांगी वर्मा, राधा वर्मा, उमावती देवी सहित अन्य शामिल है।
लॉकडाउन में ट्रेन की चपेट में आने से होने वाली मौतों का सिलसिला थमा हुआ था। लेकिन, बीते दिन दानापुर-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड के डुमरांव स्टेशन के समीप मालगाड़ी की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गयी। घटना बुधवार की देररात की है। जब देररात अप लाइन से मालगाड़ी गुजर रही थी। इस बीच डुमरांव व बरुना स्टेशन के बीच पश्चिम उपकारी ब्रह्म स्थान के समीप पोल संख्या 646/3-5 के समीप अज्ञात युवक ट्रेन की चपेट में आ गया। रेल सूत्रों के मुताबिक दुर्घटना के तुरंत बाद ही उसकी मौत हो गयी।
घटना में उसके दोनों पैैर कट गए। साथ ही, उसके शरीर व पीठ पर गंभीर चोट लगी है। ट्रेन की टक्कर से उसके सिर में भी चोट लगी है, जो उसके मौत का कारण बनी। रेलकर्मियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब मालगाड़ी के चालक ने स्टेशन मास्टर को किसी चीज से टक्कर होने की खबर दी। उसके बाद लाइन मैन को भेज कर स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा। जहांं से उसे डुमरांव स्टेशन लाया गया।
उसके बाद जीआरपी ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। तत्पश्चात शव को पोस्टमार्टम के लिए एमटी स्पेशल ट्रेन से बक्सर भेजा गया। जहां से उसे सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। मृतक के सम्बंध में थानाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के शरीर पर सिर्फ एक बनियान थी। उसके अलावा उसके पास कोई दूसरा सामान नहीं था।
कोरोनामुक्त होने के करीब पहुंच चुके नया भोजपुर में प्रशासन व स्वास्थ विभाग की कवायद अभी भी जारी है। चेन टूटने के बावजूद अभी भी इस गांव के तीन दर्जन एक्टिव मरीज है। वहीं कोरोना की जंग जीतकर गांव लौटे लोगों की निगरानी भी स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार की जा रही है।
बुधवार को एक तरफ डॉ. बलवन के नेतृत्व में स्वास्थ विभाग के कर्मियों द्वारा ग्रामीणों का थर्मल स्क्रीनिंग किया गया तथा स्वस्थ हो चुके मरीजों का काउंसलिंग किया गया। ग्रामीणों को भी अभी एहतियात बरतने की सीख दी जा रही थी। डॉक्टरों लोगों से सफाई बरतने, मास्क लगाने तथा किसी भी तरह के बीमारी की सूचना तत्काल डॉक्टर को देने को कह रहे हैं।
सख्ती से होगा लॉकडाउन का पालन
डुमरांव एसडीपीओ केके सिंह खुद नया भोजपुर पहुंच स्थिति की समीक्षा किए तथा वहां तैनात पुलिस पदाधिकारियों व डॉक्टरों से अबतक की स्थिति की समीक्षा की। एसडीपीओ ने पुलिसकर्मियों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने को कहा। एसडीपीओ ने कहा कि भले ही अब इस गांव मंे कोरोना के नए मरीज नहीं मिल रहे हैं। बावजूद इसके सख्ती जारी रहेगी तथा अभी किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
3 दिन से नहीं मिला नया मरीज: नया भोजपुर गांव में पिछले तीन दिनों से कोरोना के एक भी मरीज नहीं मिले हैं। डा बलवन ने कहा कि अभी जो मरीज ठीक नहीं हुए है वे एक-दो दिन के अंदर ठीक हो जाएंगे।
जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। तीनों एक ही परिवार के है। तीनों फेनहारा के युवक के संपर्क में आए थे। अभी इस परिवार के तीन सदस्यों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। वैसे फेनहारा के युवक की जांच रिपोर्ट अभी निगेटिव है। वहीं तीन मामले की पुष्टि होने के बाद प्रशासनिक महकमे में चिंता बढ़ है। जानकारी के अनुसार, शिवहर स्थित नाबाव उच्च माध्यमिक स्कूल स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे एक ही परिवार के तीसरा व्यक्ति 10 वर्षीय एक बालक भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। गत 18 अप्रैल को जिले के शिवहर प्रखंड के एक गांव के कैंसर मरीज के साथ चार लोग मुंबई से शिवहर आए थे। जिसमंे मोतिहारी के फेनहारा का एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
हालांकि उसकी दूसरी व तीसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है, लेकिन इसके संपर्क में आने वाले एक ही परिवार के तीन व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। पहले कैंसर पीड़ित व्यक्ति की पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। बाद में 3 मई को उनकी दूसरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। इसके बाद कैंसर पीड़ित उक्त कोरोना पॉजिटिव मरीज को अाइसोलेशन केंद्र में भेज दिया गया। गत 6 मई को उसकी पत्नी की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद 7 मई को आई रिपोर्ट में कैंसर पीड़ित दंपत्ती के 10 साल के बेटे में भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद सभी कोराेना पॉजिटिव मरीज को आइसोलेशन केंद्र में भेज दिया गया है। इस परिवार के तीन अन्य सदस्य का जांच रिपोर्ट आना शेष है।
संपर्क में आने वाले 51 व्यक्तियों को किया गया है क्वारेंटाइन
मोतिहारी जिले के फेनहारा गांव निवासी एक युवक का पहले जब कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया था, उसके बाद बाद प्रशासन ने जिले के गढ़वा व सुगिया गांव को सील कर दिया। हालांकि उक्त मरीज का दूसरा व तीसरा रिपोर्ट भी निगेटिव आया है। लेकिन, इसके संपर्क में आने वाले कुल 51 व्यक्तियों को क्वारेंटाइन किया गया है। इसमें सुगिया के 41 व गढ़वा के 10 व्यक्ति शामिल है। इस बीच गांव में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है।
दूसरे राज्यों से आए 6 लोगों को भेजा गया घर
डुमरा | कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे लोगों को सरकार द्वारा स्पेशल ट्रेन से जिला तक लाने की व्यवस्था की गयी है। इसी बीच ट्रेन से आयी एक परिवार में महिला, उसका पति एवं दो बच्चा शामिल था। जिसे घर जाने के लिये प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल नहीं की गयी थी। इस कारण उस परिवार के लोगों को स्टेशन परिसर में दो घंटा तक इंतजार करना पड़ा। इसकी जानकारी मिली तो उक्त परिवार के बारे में सदर एसडीओ कुमार गौरव एवं एसएन मिश्रा को दी गयी।
जो भी मरीज मिले हैं, वो मुंबई से आए थे
तीसरा मरीज कोरोना पॉजिटिव मिला है। इससे घबराने की कोई बात नहीं है। अभी तक जिले में जो भी मरीज मिला है, वे सभी दूसरे प्रदेश मुम्बई से आये थे। इसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति के दोंनों गांव को सील कर दिया गया है। चिन्हित लोगों की जांच की जा रही है।
- अवनीश कुमार सिंह, डीएम, शिवहर।
कैंसर पीड़ित एक व्यक्ति कोराेना पॉजिटिव मिला था। इसके बाद उसकी पत्नी व 10 वर्षीय पुत्र भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इनको आइसोलेशन केंद्र में रखा गया है। परिवार के अन्य तीन सदस्यों का जांच रिपोर्ट आना बाकी है।
- डॉ. धनेश कुमार सिंह, सिविल सर्जन, शिवहर।
कोरोना पाॅजिटिव मरीज के संपर्क में आने के बाद क्वारान्टीन हुई अनुमंडलीय अस्पताल की महिला डॉ. प्रेमा कुमारी ने अपना क्वारान्टीनअवधि पूरा कर अस्पताल में योगदान कर लिया है। उनके साथ क्वारान्टीन किए गए अन्य आठ स्वास्थकर्मी भी अपने कर्तव्य पर लौट आए है। जिससे अनुमंडलीय अस्पताल में खुशी का माहौल है। गुरुवार को रेडक्राॅस सोसाएटी के मानद सचिव सह रोगी कल्याण समिति के सदस्य शत्रुघ्न्न प्रसाद गुप्ता उर्फ मोहन गुप्ता व अखिलेश केशरी अस्पताल पहुंच डॉ. प्रेम को बुके दे सम्मानित किया। इस दौरान मोहन गुप्ता ने उनके साहस व निष्ठा से क्वारान्टीन का समय बिताने के लिए धन्यवाद भी दिया। मोहन गुप्ता ने कहा कि डॉ. प्रेम के साथ ही अन्य स्वास्थकर्मियाेंके आने से अब अस्पताल में स्वास्थ सुविधा और सुदृढ़ हो गई है।
कोरोना पॉजिटिव महिला का कराया था प्रसव: बता दें कि नया भोजपुर के तीसरे कोरोना पाॅजिटिव की रिपोर्ट आने के चार दिन पहले अनुमंडलीय अस्पताल में उसका प्रसव भी हुआ था। 18 अप्रैल को जैसे ही उसके पाॅजिटिव होने की रिपोर्ट आई तथा पता चला था कि 14 को ही उसने अनुमंडलीय अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया है तो अस्पताल कर्मियों में हड़कंप मच गया था। स्वास्थ विभाग व जिला प्रशासन द्वारा तत्काल प्रसव कराने वाली डॉ. प्रेमा कुमारी के साथ ही उस समय ड्यूटी करने वाले सभी नौ स्वास्थकर्मियों को क्वारान्टीन कर दिया था तथा अस्पताल को बंद कर दिया गया था। बाद में हुई जांच में सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। बावजूद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने एहतियाती तौर पर उनकी क्वारान्टीन अवधि पूरा करवाया। डॉ. प्रेमा ने कहा कि वे कोरोना संकट में एक पखवाड़े तक अस्पताल से दूर रहने पर कुछ असहज जरूर महसूस कर रही थी कि इस संकट के समय में वे अपने मरीजों की सेवा नहीं कर पा रही है।
लाॅकडाउन-3 का पालन कराने के लिए डुमरांव पुलिस मुश्तैद हो गई है। बुधवार को भी पुलिस ने पूरे दिन शहर में लाकडाउन का पालन कराने के लिए वाहन जांच से लेकर शहर में गश्त चलाया। इस दौरान पुलिस ने बाइक चालकों पर काफी सख्ती दिखाई। डुमरांव की सड़क से गुजरने वाले हर बाइक चालक से पुलिस काफी कड़ाई से पूछताछ कर घर से बाहर निकलने का कारण पूछ रही थी। इसके अलावे दुकानदारों को भी सबक सिखाया जा रहा था। पुलिस के तेवर देख स्टेशन रोड व राजगोला रोड में पूरे दिन वीरानगी छाई रही।
इसके अलावे विभिन्न गली मुहल्लों में भी पुलिस वाहन गष्त कर रही थी। थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि लाक डाउन का पालन कड़ाई से कराया जा रहा है। वही दूसरी तरफ नया भोजपुर ओपी पुलिस ने डुमरी रोड में किराना दुकान खोलने वाले एक दुकानदार मुन्ना साह को चिन्हित कर उसपर एफआईआर दर्ज कराया तथा जुर्माना वसूला। पुलिस के इस तेवर के बाद कंटेनमंेट जोन में दुकान खोलने वाले दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ गई है।
तेलंगाना के चर्लपल्ली से 22 बोगियों की स्पेशल ट्रेन गुरुवार को 11:20 मिनट पर 1126 प्रवासियों को लेकर सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पहुंची। इनमें सीतामढ़ी के 755 लोगों के अलावा पूर्वी चंपारण के 264 व शेष 107 शिवहर जिला के लोग शामिल थे। प्लेटफार्म पर बाेगियों से उतरने वाले यात्रियों के लिए एक मीटर की दूरी पर पीली लकीरें खींची गई थी। इसके बाद स्क्रीनिंग और मास्क काउंटर से होते हुए भोजन के काउंटर तक पहुंचे। इस दौरान प्लेटफार्म से लेकर बस स्टैंड तक जिला प्रशासन और रेल प्रशासन को मुस्तैद देखा गया।
स्पेशल ट्रेन पहुंची 2:20 घंटा विलंब कड़ी थी सुरक्षा व्यवस्था : चर्लपल्ली में फंसे लाेगों को लेकर गुुरुवार को नियत समय सुबह 9 बजे से 2:20 मिनट विलंब से स्पेशल ट्रेन 11:20 मीनट पर सीतामढ़ी स्टेशन पहुंची। ट्रेन 6 मई की रात 12:15 चर्लपल्ली से चली थी। इधर, सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। जैसे ही प्लेटफार्म पर ट्रेन खड़ी हुई, सुरक्षाबलों ने घेर लिया। प्लेटफार्म पर न तो मीडियाकर्मियों को जाने की इजाजत थी और न ही अन्य किसी बाहरी यात्रियों की। ट्रेन की बोगियों से उतरने वाले यात्रियों को प्लेटफार्म पर खींची गई पीली रेखा से होकर गुजरने का सख्त निर्देश दिया गया था। उन्हें पीलीरेखा से गुजरने के बाद अन्य प्रक्रियाओं से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर जाने वाली बस तक पहुंचा दिया गया।
सुरक्षा के बीच बसों से किया गया रवाना
सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया था। डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा, एसपी अनिल कुमार, सदर एसडीओ कुमार गौरव आदि पदाधिकारी स्वयं चौकसी बरत रहे थे। काफी संख्या में पुरूष व महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। आरपीएफ इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष राजकुमार राम जवान प्लेटफार्म पर पेट्रोलिंग कर रहे थे।
क्वारेंटाइन केंद्रों में 21 दिनों तक रहना होगा
लोगों को संबंधित बीडीओ, सीओ एवं थानाध्यक्ष की निगरानी में संबंधित क्वारेंटिन केंद्रो पर भेजा गया। इससे पूर्व यात्रियों को स्क्रीनिंग के बाद भोजन व पानी मुहैया कराया गया। सभी को 44 सेनिटेराइज बसों में बैठाया कर विदा करते क्वारेंटाइन केंद्रो में 21 दिनों तक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहने की हिदायत दी गई तथा सभी को ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की सख्त चेतावनी दी गई।
थाना क्षेत्र के सोनबरसा पंचायत अंतर्गत औरा गांव में गुरुवार को स्नान करने के दौरान तलाब में डूबने से एक किशोर की घटनास्थल पर मौत हो गई।
मृतक किशोर की पहचान औरा गांव निवासी कमोद साहनी के 13 वर्षीय पुत्र अजीत कुमार उर्फ कालू के रूप में की गयी है। घटना को लेकर गांव में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। ग्रामीणों ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं मामले की छानबीन कर शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल शिवहर भेज दिया।
प्रखंड के उच्च विद्यालय योगिवाना स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में गुरुवार को उस समय हंगामा किया गया, जब गुजरात से आए एक व्यक्ति को रखने की बात हुई। हालांकि इसकी प्रशासनिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन, सूत्रों के अनुसार, जब तक उक्त व्यक्ति को परिजनों के हवाले नहीं किया गया, तब तक हंगामा शांत नहीं हुआ। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के तेवर को देखते हुए उक्त व्यक्ति को परिजनों के हवाले कर दिया गया। बताया गया है कि एक सप्ताह पूर्व उच्च विद्यालय योगिवाना क्वारेंटाइन सेंटर में गुजरात से आये एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर उसे एसकेएमसीएच रेफर किया गया था। बीमार उक्त व्यक्ति तीन दिन पहले एसकेएमसीएच से अपने घर भाग आया था। ग्रामीणों के विरोध पर उसे मेजरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया। उसे सदर अस्पताल से उक्त क्वारेंटाइन सेंटर लाया गया।
लॉकडाउन में फंसे कोटा से गुरुवार को सीतामढ़ी पहंुचे 350 विद्यार्थियों ने परिवार के सदस्यों से मिलकर आपबीती बताई। छात्रों ने बताया कि लॉकडाउन में कोटा का इंस्टीच्यूट जब बंद हो गया और भोजन पानी की संकट सामने आई, तो महसूस होने लगा कि किसी भी व्यक्ति के लिए घर कितना जरूरी होता है। परिवार के सदस्यों भूमिका की लकीर मन मस्तिष्क में छाया था। दिन तो किसी तरह कट जाता था लेकिन, रात को बहुत रोते थे। अब क्या होगा। क्या परिवार के सदस्यों से मिले बगैर ही कोई अनहोनी का शिकार तो नहीं हो जाएंगे। इस तरह के कई विचार मन में उथल-पुथल मचाता था। बेलाही गांव निवासी संजय कुमार सिंह के पुत्र सिद्धांर्थ व दिव्यांग ने कोटा स्पेशल ट्रेन से मुजफ्फरपुर तक पहुंचाया गया। लेकिन, मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ी। किसी भी प्रकार बुधवार की देर रात बस से सीतामढ़ी लाया गया। कहा कि वह कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी करता था। घर पहुंचते ही पहले धरती माता को प्रणाम करते हुए ईश्वर को शुक्रिया किया। गहरी सांस लेते हुए कहा-सही सलामत घर तक पहुंच गए। परिवार के सदस्यों से कहा- लॉकडाउन में जब इंस्टीच्यूट बंद हो गया तो कुछ दिन घर में रहकर ही बिताया। लेकिन, जब भोजन पानी की समस्या हुई तो घर की याद आने लगी। गोशाला निवासी धर्मेंद्र कुमार के पुत्र विकास कुमार, मुकेंद्र साह के पुत्र शिवम कुमार व उदय साह के पुत्र रोहित कुमार ने कहा- घर वापसी के लिए हर किसी से पैरवी किया करते थे। जब लौटने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आया तो शांत होकर मन को दिलाश दिया करते थे। भोजन पानी की समस्या तो थी लेकिन, मन विचलित होता था। फिर परिवार के सदस्यों से मोबाइल पर बात किया करते थे। मां-पिता फोन पर हर रोज दिलासा दे रहे थे कि अब बहुत जल्द घर वापसी की व्यवस्था कर रहे है। लेकिन हर रोज निराश होते थे। पिताजी से अधिक बात इसलिए शेयर नहीं करते थे कि परिवार के सदस्य को अनावश्यक चिंता नहीं हो।
सर मैं कोरोना पॉजिटिव हूं। तीन दिन से मुझे यहां होटल में रखा गया है। लेकिन मेरी बीमारी का कोई इलाज अब तक शुरू नहीं किया गया है। यहां रखे जाने के बाद मुझे कोई देखने भी नहीं आया है और न ही किसी तरह का चेकअप ही किया गया है। यही नहीं आज सुबह से नाश्ता-चाय भी नहीं मिला है। कल सुबह नाश्ते में ब्रेड मिला था, पर आज गायब है। दोपहर डेढ़ बजे खाना आया भी है तो ऐसा लगता है जैसे गाय-भैंस को खाना दिया गया है। एक ही प्लेट में चावल - सब्जी परोस दी गई है। पीने के लिए पानी भी नहीं दिया गया है। पूछने पर बोला जाता है कि नल से पीना पड़ेगा, जबकि कल तक पीने के लिए पानी की बोतल दी गई थी। ऐसे में कोरोना से कोई मरे या न मरे, ऐसे ही मर जाएगा। मैं यही कहना चाहता हूं कि इस पर कार्रवाई की जाए।
-(जैसा कि कोरोना पॉजिटिव युवक ने वायरल वीडियो में बताया)।
ट्रक से दिल्ली से आया था और घरवालों से भी मिला था युवक
कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद दिल्ली से लौटे उक्त युवक को जिला प्रशासन की टीम ने शहर के एक होटल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया था। युवक गत 26 अप्रैल को दिल्ली से ट्रक द्वारा विद्यापतिनगर लौटा था। 27 अप्रैल से वह दलसिंहसराय के एएनएम स्कूल स्थित आइसोलेशन सेंटर में भर्ती हुआ था। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 4 मई की देर शाम युवक को होटल लाया गया था।
कोरोना पॉजिटिव का जिले में एकमात्र केस
समस्तीपुर में कोरोना पाॅजिटिव का यह एकमात्र मामला है। जिले में अब तक कोई दूसरा केस नहीं आया है। युवक दिल्ली से लौटने के बाद गांव में पारिवारिक सदस्यों के अलावा और भी कई लोगों से मिला था। 15-20 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। गांव के अलावा तीन किलाेमीटर के क्षेत्र को सील कर दिया है।
मेडिकल टीम कर रही निगरानी
डीएम शशांक शुभंकर ने कहा वीडियो वायरल होने के बाद युवक की डॉक्टरों ने कांउसिलिंग की गई है, उसे समझाया गया है कि कोई परेशानी नहीं है तो दवा की जरूरत नहीं है, साफ सफाई व खानपान से ठीक हो जाएंगे। डीएम ने कहा कि युवक को नाश्ता व दो वक्त का भोजन दिया जा रहा है। युवक का स्वास्थ्य स्थिर है। उसे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है। डॉक्टरों की टीम युवक पर निगरानी रख रही है।
स्वस्थ है युवक
सिविल सर्जन डॉ आरआर झा ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं तो कोई दवा नहीं है। कोरोना पॉजिटिव युवक स्वस्थ है। खानपान व साफ-सफाई रहने से वह ठीक हो जाएगा। युवक का शुक्रवार को कोरोना जांच के लिए दोबारा सैंपल लिया जाएगा।
कोरोना जांच के लिए युवक का आज दोबारा लिया जाएगा सैंपल
दोबारा सैंपल जांच के बाद युवक की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो लगातार तीन बार युवक की कोरोना जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट तीनों बार निगेटिव आएगी, तब उसे आइसोलेशन वार्ड से घर जाने की इजाजत होगी। इसके साथ ही कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी जाएगी। इधर, युवक के संपर्क में आए 15-20 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके साथ ही आसपास के लोगों ने भी राहत की सांस ली है।
पाटन विधानसभा क्षेत्र के 143 गांव में पिछले लंबे समय से वोल्टेज एक बड़ी समस्या है। आए दिन स्थानीय ग्रामीणों को वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा। बिजली कंपनी के सर्वे में इसका खुलासा हुआ। अब इन गांव के आसपास लगे ट्रांसफार्मर को अपग्रेड किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर नए ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे। इसके सर्वे का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। करीब 63.70 लाख रुपए इस पर खर्च होंगे। इसकी प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति बिजली कंपनी द्वारा ली गई है। इस अपग्रेडेशन से ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ेगी।
बिजली कंपनी ने पूरे पाटन क्षेत्र में किया है सर्वे
बिजली कंपनी ने पूरे पाटन क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर सर्वे किया। इस दौरान 143 गांव तक बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी पहुंचे। 43 नग 11 केवी फीडरों का अंतिम छोर तक परीक्षण किया गया। लगे ट्रांसफार्मर व ट्रांसफार्मरों से गई एलटी लाइन की जानकारी जुटाई गई।
9 गांव में लगेंगे अतिरिक्त ट्रांसफार्मर
सर्वे के बाद प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसमें मेटनेंस के अलावा 9 गांव में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाया जाना तय किया गया। इन गांव की 5 बस्तियों में सिंगल फेस लाइनों को थ्री फेस में परिवर्तित करना तय किया गया। इस प्रकार अलग-अलग 25 कार्यों को स्वीकृति दी गई। कार्यपालक निदेशक संजय पटेल ने बताया कि स्वीकृत कार्यों को शुरू किया जा चुका है। वोल्टेज की समस्या दूर करेंगे।
जुलाई तक काम होगा पूरा
नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने, बिजली तारों को बदलने व पुराने ट्रांसफार्मर का मेटनेंस शुरू कर दिया गया है। कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी नियमित रूप से कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे। जुलाई तक कार्य पूर्ण करने का टार्गेट रखा है।
जल्द कार्य को पूरा करेंगे
"इन कार्यों में कुल व्यय होने वाली राशि 63 लाख 70 हजार रुपए है। स्वीकृति उपरांत कार्यादेश जारी किए गए हैं एवं टेंडर प्रक्रिया चालू कर दी गई। कार्यों को जुलाई माह के अंत तक पूर्ण कर लेंगे।"
-वीआर मौर्या, अधीक्षण अभियंता
लॉक डाउन के कारण प्रदूषणरहित हुए वातावरण से मई माह में भी बारिश की संभावना बनी है। गुरुवार को जिले में दिन के करीब 12 बजे बादलों ने घेर लिया। इस दौरान करीब आधे घंटे तक तेज आंधी चलती रही। जिसके बाद करीब 2 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। सुबह से तेज धूप के बाद एकाएक आई बारिश ने किसी को संभलने का मौका नहीं दिया। सुबह से आकाश में बादलों का नामोनिशान तक नहीं था। जबकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार ही तेज आंधी के साथ एकाएक जमकर बारिश हुई। बताया जाता है कि तीन घंटे में ही 16 एमएम बारिश हुई। पूसा मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. गुलाब सिंह ने बताया कि करीब 2 घंटे में 16 एमएम बारिश हुई।
प्रदूषणमुक्त हो गया वातावरण
यह बारिश पूरे मई माह में सामान्य रूप से होने वाले 15 एमएम तक के बारिश से भी अधिक है। वहीं अगले 48 घंटे में इसी तरह के हालात बने रहेंगे। कभी भी तेज आंधी के साथ इस प्रकार की बारिश हो सकती है। बताया गया कि लॉक डाउन के दौरान सभी प्रकार की गाड़ियां व फैक्ट्रियों पर रोक लगे होने से वातावरण में प्रदूषण नहीं रह गया है। इससे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और भुखमरी के संकट को लेकर जहां लॉकडाउन के प्रति काफी सख्ती बरती जा रही है। वहीं चौसा पंचायत स्थित रेलवे स्टेशन के पास स्टेशन से उत्तर खाली पड़े सरकारी जमीन पर लंबे समय से रह रहे दो सौ से अधिक बंजारों के समक्ष इनदिनों भोजन संकट की स्थिति भयावह बनी हुई है। जिनके लिए प्रकृति जनकल्याण संस्थान भगवान बनी हुई है। संस्थान के लोगों द्वारा सभी को भोजन कराया जा रहा है। इसके पहले ये सभी लोग गेहूं के खेतों से बालियां चुनकर लाते थे। उसे सुखाकर शाम को मिल में पिसवाते फिर उसे ही खाकर गुजारा कर रहे थे। सोशल मीडिया में इसकी सूचना किसी ने डाली तो संस्थान के सदस्यों ने इसपर पहल करते हुए लोहों को भोजन का व्यवस्था कराया है।
आर्टिफिशियल फूल बनाकर बेचना इनका पेशा: इनका मुख्य पेशा फूल का गुलदस्ता बनाकर बेचना है। लेकिन लॉकडाउन में न इनका फूलों का काम बंद है। यह न कामगार है, ना ही उनका यहां कोई रोजी-रोजगार है। मसलन, इन्हें रोज भूख से जद्दोजहद करनी पड़ रही है। दुधमुंहे बच्चों की भोजन व्यवस्था के लिए उन्हें रोज मजबूरन घर घर जाकर भिक्षाटन करना पड़ता है।
कोई हाल पूछने वाला भी नहींं
करीब तीन दशक पहले आकर यंहा बसे इन बंजारों का यह कहना है कि वे जन्म से ही इसी हाल में है। इसी हाल में उसे एक दिन मरना भी है। असल में उनके पास वोटर आईडी है और चुनाव के समय सफेद पोशों की लंबी कतार लगती है। और लंबे वादे किए जाते है। लेकिन इस भुखमरी के घड़ी में इनका हाल चाल भी पूछने नहीं आते।
नहींं मिलता बीपीएल, अंत्योदय, आवास का लाभ
इन्होंने बताया कि आवास, बीपीएल, अंत्योदय जैसी कोई सरकारी सुविधा नसीब नहींं है। प्रशासन और राजनेताओं ने इन्हें ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहींं कराई। काफी कुछ कहने व सुनने के बाद भी सुविधाएं उसे नहींं मिली। झोपड़ीनुमा प्लास्टिक टेंट आंधी-तूफान व बरसात से बचने का एकमात्र सहारा है। उनकी ये शिकायत है जब अपात्र लोग बीपीएल, अंत्योदय, आवास आदि लाभ पा सकते, तो उसका क्या है? फिलहाल इनकी सुनने वाला कोई नहींं है।
प्रकृति जनकल्याण संस्थान बनी इनका सहारा
बहरहाल, इन परिवारों को जीविका संकट से उबरने को लेकर ऊतरे प्रकृति जनकल्याण संस्थान के लोगो के द्वारा समय समय से भोजन समाग्री, साबुन, मास्क उपलब्ध कराया गया। वहीं संस्थान द्वारा इन सभी बंजारों को भोजन बना कर खिलाया जा रहा है। साथ ही संस्थान के सचिव अभिमन्यू सिंह द्वारा प्रखंड व जिले के तमाम अधिकारियों से इन परिवारों को सुविधा देने की मांग की है। जिनके साथ संस्थान के अध्यक्ष राजू खरवार, जिला पार्षद बुचिया देवी, सुनीता सिंह, पीयूष कुमार, संजय कुमार रावत, बबलू गुप्ता, संत सिंह, इश्वरचन्द मौर्या, ईश्ववर बहेलिया, उदय यादव, हृदय नारायण मौर्या, शीवजी कुशवाहा, राहुल चौधरी, अभिनव यादव आदि लोगों का भी सराहनीय सहयोग है।
केरल से ट्रेन से सहरसा पहुंचे आधा दर्जन लोगों को बक्सर के बिहार पब्लिक स्कूल के क्वारान्टीन जांच सेंटर रास नहींं आ रहा है। उन्हें न तो समय पर खाना मिला और न ही पानी ऐसे में बक्सर पहुंचे इन लोगों को खासा परेशानियां झेलनी पड़ी। यह कहानी नहींं बल्कि उनलोगों की जुबानी है। उनकी मानें तो एक तो केरल में ही जो जेब में पैसे बचे थे उसे रेलवे का टिकट खरीदने में खर्च करना पड़ गया और रास्ते में मिले एक टाइम चावल व दो दो केले से काम चलाना पड़ा। इन लोगों ने बताया कि किसी तरह 5 मई की रात सहरसा पहुंचे। जहां खाने को मिला।
इसके बाद बस के रास्ते यहां पहुंचे। जहां दोनों टाइम चावल नसीब हो रहा है। हालांकि पहले दिन तो यहां भी झेलना पड़ा। जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के मानिकपुर रहने शिवजी सहनी कहते हैं कि ट्रेन का भाड़ा वही केरल के पंचायत में ले लिया गया। यही कहना था प्रभु सहनी व धनजी सहनी का। जो खासा परेशान थें। सवाल यह है कि एक ओर सरकार द्वारा बिना टिकट के भेजे जाने की बात कही जा रही है जबकि वहां इन लोगों से टिकट तक का पैसा वसूल लिया जा रहा है। वहीं बनारस से पैदल चलकर मुजफ्फरपुर के लिए बक्सर पहुंचे बाला कुमार राय व मो सराजु ने बताया कि रात को साढ़े तीन बजे पुल पर पहुंचे थें। जिसके बाद यहां लाया गया। इन लोगों ने बताया कि यहां आने के बाद काफी देर के बाद दोपहर में खाना मिला। नाश्ता का हाल खाश्ता ही रहा।
वही झारखंड के लिए यहां पहुंचे अरविंद गुप्ता की भी कहानी इसी तरीके से है। इस सेंटर पर फर्श पर सो रहे अरविंद ने बताया कि सुबह में चना व गुड़ तो कभी बिस्कुट मिल रहा है। वहीं दोपहर व रात में चावल दाल मिलता है। जो ठीक ठाक रहता है। रात में मच्छरों के काटने से परेशानी हो रही है। झारखंड से यहां पहुंचे आधा दर्जन लोंग यहां चार से पांच दिनों तक फंसे हुए है। ऐसे में यहां से जाने के लिए पूरी तरह से परेशान है। पानी की बात करे तो चापाकल एक मात्र सहारा है। मालूम हो कि इस सेंटर पर आये दिन दर्जनों लोगों का आना जाना लगा हुआ है।
ऐसे में यहां आने वाले लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार के गाइडलाइन के अनुसार क्वारान्टीन वाले लोगों को बर्तन आदि दिया जाना है। ऐसा नहीं है कि नहीं दिया जा रहा है। परंतु कई ऐसे लोगों ने बताया कि न तो बर्तन मिला है और न ही लूंगी आदि मिला है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां हर आने जाने वाले बाहरी लोगों को कितनी परेशानी होती होगी। कई लोगों ने तो कहा कि इससे अच्छा होता कि जहां थे वही रह जाते।
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर 25 मार्च से जारी संपूर्ण लॉक डाउन का तीसरा चरण जारी है। इस दौरान आम व्यवसायियों की स्थिति को सामान्य बनाने को लेकर राज्य सरकार ने दिन निर्धारित कर दुकानों को खोलने की छूट दी है।
इसको लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम शशांक शुभंकर ने सीएस आरआर झा के साथ इसकी जानकारी दी। डीएम ने बताया कि सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक गुड्स की दुकानें खुलेंगी। वहीं मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को ऑटोमोबाइल्स व शहरी क्षेत्रों में निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानें खुलेंगी। लॉक डाउन के दौरान गैरेज व वर्कशॉप एवं प्रदूषण जांच केन्द्र की दुकानें प्रतिदिन खोली जाएंगी। वहीं एचएसआरपी के लिए डीटीओ अपने स्तर से किसी एक दुकान को अनुमति देंगे। डीएम ने बताया कि सभी दुकानें व प्रतिष्ठान सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक खोले जाएंगे। इससे ज्यादा देर या पहले दुकान खोलने पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले दवा और राशन के अलावा फल और सब्जी की दुकानें खुल रही थीं।
दवा दुकान और सुधा के काउंटर रात आठ बजे तक खोल पाएंगे
बताया गया कि लॉक डाउन में आवश्यक वस्तुएं सब्जी, किराना, फल की दुकानें की दुकानें 6 बजे शाम तक खुली रहेंगी। वहीं दवा व सुधा के काउंटर रात 8 बजे तक चलेंगे। इसके अलावे सड़कों पर पूर्व की तरह ही गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से बंद रहेगा।
कपड़े, स्पोर्ट्स व जूते-चप्पल की दुकान अभी नहीं खोली जाएगी
डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि निर्देश में बताए गए दुकान के अलावे कपड़े, स्पोर्ट्स, जूते-चप्पल, गिफ्ट आइटम, पान-मसाला आदि की दुकानें नहीं खुलेंगी। ऐसी दुकान खुली मिलेगी तो कार्रवाई होगी। वहीं किताब की दुकानों के लिए अलग से निर्देश निकाला जाएगा।
कब क्या खुलेगा
सोमवार, बुधवार व शुक्रवार
पंखा, कूलर, एसी (विक्रय व मरम्मत) मोबाइल, कम्प्यूटर,लैपटॉप, यूपीएस व बैट्री (विक्रय व मरम्मत)
मंगलवार, गुरुवार व शनिवार
शहरी क्षेत्र में सीमेंट, स्टील, बालू, गिट्टी, सीमेंट ब्लॉक(ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व से निर्देश) सभी जगह ईंट, प्लास्टिक पाइप, हार्डवेयर, सेनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट व शटरिंग सामग्री, टायर व ट्यूब्स, ल्यूब्रिकेन्ट, मोटर वाहन व मोटर साइकिल की मरम्मति, ऑटोमोबाईल के स्पेयर पार्टस की दुकानें
प्रतिदिन खुलने वाली दुकानें
गैरेज व वर्कशॉप, प्रदूषण जांच केंद्र, एचएसआरपी, सैलून व स्पा।
निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को डीएम अमन समीर व एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने सिमरी में बनाये गए क्वारान्टीन सेंटर्स का निरीक्षण किया। इस क्रम में अधिकारियों की टीम भी उनके साथ थी। निरीक्षण के क्रम में डीएम ने बीडीओ अजय कुमार सिंह को दिशा-निर्देश दिए। कहा कि सभी क्वारान्टीन सेंटर्स की बैरिकेडिंग अवश्य कराई जाए, ताकि लोगों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए संबंधित थानाध्यक्ष से समन्वय स्थापित कर सभी सेंटर्स पर पुलिस कर्मियों को प्रतिनियुक्त करें।
डीएम ने खाना बनने व खाना खाने वाले स्थान की साफ-सफाई करने का निर्देश दिया। साथ ही, सेंटर्स को सेनेटाइज करने को कहा। खाने का मेनू जांचने के क्रम में डीएम ने नास्ते व रात के खाने में क्वारान्टीन सेंटर में रहने वाले लोगों को एक ग्लास दूध अवश्य देने को कहा। बताया कि सेंटर्स में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी प्रशासन की है। उन्हें अच्छा भोजन खिलाया जाए, ताकि वह स्वास्थ्य राह सके। मौके पर अनुमण्डल व प्रखंडस्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र अंतर्गत धरहरा सब्जी मंडी में आए दिन सब्जी विक्रेताओं एवं खरीदारों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहा नियमों को ताक पर रख लोगों की भारी भीड़ उमड़ती हैं। जिन्हें ना तो खुद संक्रमित होने की डर है और ना ही दूसरों को सुरक्षित रखने की चिंता। बता दें कि लॉक डाउन के दौरान धरहरा सब्जी मंडी में मेला जैसा नजारा देख आसपास के गाँवो में दहशत का माहौल बना हुआ है कि इनकी लापरवाही का दंश कही कोरोना की सौगात न दे दे। धरहरा में हर दिन सुबह में सब्जियों की बड़ी मंडी सजती है। जहा दूर-दूर के सब्जी विक्रेता व आस पास के गांवों के लोग सब्जी खरीदने आते है। इस दौरान सब्जी खरीदने एवं बेचने के लिए यहाँ एक साथ सैकडों की तादाद में लोग इक्कठा होते हैं। वही इन लोगों के आगे स्थानीय पुलिस भी विवश नजर आती हैं।
सब्जी मंडी से फैल सकता है संक्रमण: यदि इस तरह ही हालात बना रहा तो यह कहना गलत नहीं होगा कि धरहरा सब्जी मंडी भयंकर बीमारी को दावत दे रही है। थानाध्यक्ष मनोरंजन प्रसाद का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए पुलिस के तरफ से प्रयास किया जा रहा हैं। इसके लिए बाजार में चैकीदारों द्वारा पहरेदारी भी की जाती हैं। किन्तु, स्थानीय लोग भीड़ लगाने से बाज नहीं आ रहे है। थानाध्यक्ष ने कहा कि सब्जी मंडी के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जमीन पर लाईनिंग व गोल घेरा बनाया गया है।
विभिन्न कांडों में जब्त बारह सौ लीटर शराब पर जेसीबी चलवा कर पुलिस ने किया नष्ट
डुमराँव | डुमराँव थाना परिसर में गुरूवार विभिन्न कांडो में जब्त 1200 लिटर शराब को विनष्ट किया गया। शराब का विनष्टिकरण डुमरांव थानाध्यक्ष संतोष कुमार के नेतृत्व में बतौर मजिस्ट्रेट कृष्णकन्हैया प्रसाद के समक्ष किया गया। मजिस्ट्रेट कृष्ण कन्हैया प्रसाद ने कहा कि शराब और इसके कारोबार को लेकर प्रशासन सख्त है। वही थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि शराब तस्करों की गिरफ्तारी व शराब बरामद करने को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शराब के धंधे को किसी भी सूरत में पनपने नहींं दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि डुमराँव थाना क्षेत्र से बरामद शराब का विनिष्टीकरण किया गया। विनष्ट हुए शराब में 1000 लीटर क्रेजी रोमियो ब्रांड और 200 लीटर देशी अर्धनिर्मित शराब था। थानाध्यक्ष ने बताया कि शराब कारोबारियों पर नकेल कसी जा रही है। गौरतलब है कि लाक डाउन के दौरान भी शराब तस्कर इस क्षेत्र में सक्रिय है। पुलिस की कार्रवाई में पिछले दिनों डुमरांव के साथ ही नया भोजपुर व कोरानसराय पुलिस द्वारा शराब बरामद करने व तस्करों की गिरफ्तारी से यह बात साफ हो गई है कि लाक डाउन का असर शराब तस्करों पर नहींं है।
थाना क्षेत्र के बालकृष्णपुर मड़वा गांव में कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने की खबर मिलते ही ग्रामीण व प्रखंड क्षेत्र के लोगों के साथ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली। एसडीओ विष्णुदेव मंडल ने बताया कि निगेटिव पाए गए सभी लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सभी लोगों को होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी गई है। वहीं घोषित कंटेनमेंट जोन में 21 दिनों तक पाबंदी रहेगी। कंटेनमेंट जोन के लोग 21 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं गुरुवार को सीओ अजय कुमार ने कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कंटेनमेंट जोन में लगी बैरिकेडिंग पर दंडाधिकारी समेत पुलिस बल से जानकारी ली।
कंटेनमेंट जोन को कराया जा रहा सेनेटाइज
घोषित तीन किमी कंटेनमेंट जोन में लगातार अग्निशमन वाहन से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कर सेनेटाइज कराया जा रहा है। गुरुवार को कंटेनमेंट जोन में शामिल साहिट पंचायत में भी सेनेटाइजिंग का काम किया गया।
प्रवासियों एवं बाहरियों पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी
सीओ अजय कुमार ने प्रखंड के सभी मुखिया व पंचायत जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में आने वाले सभी प्रवासियों एवं बाहरी व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यदि कोई भी व्यक्ति उनके क्षेत्र में बाहर से आता है तो वह इसकी सूचना अविलंब संबंधित बीडीओ, सीओ या थानाध्यक्ष को दें।
थैलिसिमिया एक रक्त जनित रोग है जो की मानव शरीर में हेमोग्लोबिन की उत्पादन को कम करता है और हेमोग्लोबिन द्वारा ही पूरी शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन को पहुंंचाने का काम होता है। हेमोग्लोबिन का कम स्तर शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की कमी करता है। इससे ग्रसित व्यक्ति के शरीर में रक्ताल्पता या एनीमिया की शिकायत हो जाती है। शरीर का पीलापन, थकावट एवं कमजोरी का एहसास होना इसके प्राथमिक लक्षण होते हैं। तुरंत उपचार ना होने पर थैलिसिमिया के मरीज के शरीर में खून के थक्के जमा होने लगते हैं।
थैलिसिमिया के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर वर्ष 8 मई को विश्व थैलिसिमिया दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष वर्ल्ड थैलिसिमिया डे 2020 का थीम ‘नए युग के लिए थैलिसिमिया का चित्रण: वैश्विक प्रयासों के जरिए मरीजों को सस्ते एवं आसानी से उपलब्ध होने वाली नोबल थेरेपी’ है। केयर इण्डिया के मातृ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद ने बताया थैलिसिमिया एक गंभीर रोग है जो वंशानुगत बीमारियों की सूची में शामिल है। इससे शरीर में हेमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है जो हेमोग्लोबिन के दोनों चेन (अल्फा और बीटा) के कम निर्माण होने के कारण होता है।
थैलिसिमिया मूलतः अनुवांशिक बीमारी होती है
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केके राय ने बताया कि थैलिसिमिया मूलतः अनुवांशिक होता है एवं पति पत्नी को शिशु के बारे में सोचने के समय पूरा रक्त जांच करवाना चाहिए जिससे आने वाले समय में किसी भी तरह के जटिलता से बचा जा सके। अगर एनीमिया के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें व नजरअंदाज बिलकुल न करें। साथ ही अगर किसी गर्भवती स्त्री में मधुमेह के लक्षण हों तो उन्हें और सतर्कता बरतनी चाहिए और नियमित जांच करानी चाहिए। मरीज के शरीर में रक्ताल्पता के स्तर के अनुसार इलाज बताया जाता है और एनीमिया की स्तिथि गंभीर होने पर उन्हें खून चढ़ाने की सलाह दी जाती है।
थैलिसिमिया से ग्रसित शिशु या व्यक्ति में ये प्रारंभिक लक्षण
तेलंगना के लिंगमपल्ली से दरभंगा जा रही मजदूर स्पेशल ट्रेन के यात्रियों ने गुरुवार को स्थानीय स्टेशन पर पानी का पैसा मांगे जाने पर विरोध जताया। यात्रियों का कहना था कि तेलंगाना से ट्रेन खुली उसके बाद रास्ते में खाने के भोजन व पानी दिया गया है। जिसकी राशि नहीं मांगी गई। लेकिन समस्तीपुर में पानी का पैसा मांगा जा रहा है। मजदूरों के दर्द के साथ मजाक किया जा रहा है। मजदूर परदेस में खाने के एक-एक दाने को मोहताज थे। किसी तरह से वापस लौट रहे हैं। हालांकि यात्रियों के विरोध को देखते हुए प्लेटफार्म पर तैनात डीसीआई दिलीप कुमार आदि रेलवे कर्मियों ने यात्रियों को समझा बुझाकर शांत कराया। उन्होंने कहा कि रेलवे के नियमानुसार नामित वेंडर पैसा मांग रहे हैं, इसमें से कोई गलत नहीं है।
20 मिनट तक रुकी ट्रेन इस दौरान जताते रहे विरोध
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व केरल से आयी ट्रेन में पानी के लिए परेशान यात्रियों को देख कर रेलवे द्वारा स्थानीय स्टेशन पर सशुल्क रेलनीर, स्नेक्स, बिस्कुट आदि की व्यवस्था की गई थी। जानकारी अनुसार सुबह तेलंगाना के लिंगमपल्ली से मजदूरों को लेकर ट्रेन दरभंगा जाने के क्रम में स्थानीय स्टेशन पर रुकी थी। उक्त ट्रेन का इंजन बदला जाना था। जिस कारण ट्रेन करीब 20 मिनट तक स्टेशन पर रुकी रही। इसी दौरान ट्रेन के यात्रियों ने पानी लेकर खड़े वडर से पानी मांगा तो उससे पैसा मांगा गया जिसके बाद लोगों ने विरोध जताया।
नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत हर तरफ सफाई का डंका बज रहा है। कोरोना जैसे महामारी में अपने जान जोखिम में डाल सफाई कर्मी नगर के विभिन्न जगहों पर साफ सफाई में लगे हुए हैं। सरकार द्वारा भी विभिन्न माध्यमों से लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। मगर अभी भी शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सफाई की महत्ता बताने की जरूरत है। इसके बगैर समाज को स्वच्छ नहींं बनाया जा सकता है।
स्वच्छ समाज बनाने के लिए सभी लोगों को आगे आकर योगदान करना होगा, तभी कुछ हासिल हो सकता है। अभी भी लोग जानकारी के बावजूद कूड़ा करकट इधर-उधर फेंकने से बाज नहींं आ रहे। शहर के मुनीम चौक प्रत्येक रोज सुबह में लगने वाले फलों के थोक मंडी में सुबह से लेकर दोपहर तक गंदगी का अंबार लगा रहता है। हद ती तब हो जाती है जब इं फलों को खुलेआम सडकों पर फेंक दिया जाता है। वहीं मंडी के आसपास के नाले भी जाम से कराहते रहता है। इससे लोगों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
फल विक्रेताओं को भी संक्रमण का डर: लगातार कई दिनों से जिले एम बारिश होने से वैसे ही मच्छर समेत अनेक विषाणुओं की पनपने का डर हमेशा बना रहता है। विदित हो कि जिले के विभिन्न हिस्सों में यहीं से खुदरा वविक्रेता फल की खरीददारी कर बेचते हैं। ऐसे में कैसे इन फलों को सुरक्षित माना जाय। अगर गंदगी पसरी रहेगी, तो स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य शहर कैसे पूरा कर पाएगा। इसलिए सफाई के लिए लोगों को आगे आना होगा। इस पर प्रशासन के द्वारा सख्ती की जरूरत है।
सड़े फलों के बिखरने से लोगों की बढ़ी परेशानी
सड़कों पर सड़े फल बिखरे रहने से मुनिम चौक और इसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं। बचे हुए गले और सड़े फलों को मंडी में आढ़तियों द्वारा सड़कों पर फेंक दिया जाता है। जिसका नतीजा यह निकलता है कि सड़कों पर पशुओं का जमावड़ा लग जाता है। और इसके बाद इससे निकलने वाली दुर्गंध का सामना यहां रहने वाले रहवासियों और इस मार्ग से गुजरने वाले नागरिकों को करना पड़ता है।
शिकायतों पर भी कार्रवाई नहींं
कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को लिखित और मौखिक स्थानीय लोगों ने शिकायत की। पर अब तक कोई कार्रवाई नहींं हुई। यहां गंदगी के अंबार लगे रहने के बावजूद भी सफाई के लिए कोई आगे नहींं आता। यहां के तकरीबन तीन दर्जन से अधिक दुकानदार और आढ़ती इन फलों को सीधा मुख्य डाकघर भवन और पार्क के मध्य रास्ते में फेंक देते हैं। जिससे यहां पशु इकठ्ठे होकर के सड़े-सड़े फलों को खाते हैं और गंदगी को इधर उधर फैलाते रहते हैं।
बीमारी को दे रहे आमंत्रण
यहां रहने वाले लोगों की शिकायत है कि गंदगी और दुर्गंध इतनी अधिक है कि यहां सांस लेना बेहद मुश्किल है। एक तो पशु यहां गंदगी बिखेर जाते हैं। वहीं सड़े फलों की दुर्गंध सहन कर करके लोग परेशान हो गए है। वहीं इन्हें खा कर पशु गंभीर बीमारी को आमंत्रित कर रहे हैं। इससे आस पास के लोगों का भी स्वास्थ्य प्रभावित होना स्वाभाविक है।
लाॅकडाउन के दौरान निर्माण कार्यो में कुछ शर्त के साथ मिली छूट के बाद निर्माण मजदूरों में खुशी छाई है। हालांकि अभी बहुत कम जगहों पर निर्माण काम चल रहा है, लेकिन जहां चल रहा है वहां मजदूरों को रोजगार मिलने लगा है। स्थानीय प्रखंड के नेनुआ गांव में भी हर घर नल योजना के तहत पाइप बिछाने के लिए मजदूरों द्वारा मिट्टी की कटाई की जा रही है।
योजना के तहत करीब आधा दर्जन मजदूर सोसल डिस्टेंसिंग का पालन कर पाइप बिछाने के लिए सड़क की कटाई कर रहे है। सभी मजदूर आस पास के गांवों के ही बावजूद उनके आने जाने में परेशानी न हो इसके लिए विभाग द्वारा उन्हें पास मुहैया कराया गया है। नेनुआ के साथ ही कई अन्य गांवों में भी सोसल डिस्टेंसिंग का पालन कर निर्माण कार्य शुरू किया गया है। बता दें कि डेढ़ महीने से लॉकडाउन के कारण मजदूरों की रोजी-रोटी ठप पड़ गई थी।
क्षेत्र में तीसरे चरण का लॉकडाउन लागू हो गया है। तीसरे चरण के लॉकडाउन में भी सख्ती पहले की तरह बरकरार है। बाहर से आने और जाने वाले वाहनों पर पूरी तरह से छानबीन जारी है। चौक-चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात है। पुलिस लगातार क्षेत्र में गश्त कर हालात का जायजा लेती रही और लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील भी करती दिखी। बता दे कि तीसरे चरण का लॉकडाउन के लागू का आज पांचवां दिन हो गया है। जैसी सख्ती पिछले दो चरणों के लॉकडाउन में दिखी वैसी ही सख्ती तीसरे चरण में भी बरकरार है।
दिनभर प्रखण्ड की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।वही चौसा यादव मोड़ स्थित तिराहा पर पुलिस द्वारा सघन वाहन जांच अभियान चला जुर्माना भी वसूला गया।थानाध्यक्ष मुकेश कुमार द्वारा बताया गया कि जांच अभियान में बेवजह बाइक से घूमने वालो से हेल्मेट, डीएल ना होने पर उनसे जुर्माना वसूल हिदायत दे के छोड़ दिया गया। वहीं क्षेत्र में चिकित्सकों, मेडिकल स्टोर एवं राशन को छोड़कर कोई भी दुकान नहींं खुली।
चौसा बीडीओ अपनी टीम के साथ प्रखण्ड क्षेत्र में गश्त कर लोगों से पहले की तरह इस चरण के लॉकडाउन का पालन करने की अपील करते रहे। इसके अलावा सड़क पर घूमते मिले लोगों को भी बीडीओ सीओ ने विनम्रता पूर्वक घर जाने के लिए कहा। इसके अलावा जरूरी कार्य के लिए घरों से बाहर निकले लोगों को मास्क पहनकर ही घर से निकलने की नसीहत दी।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों में स्वर्णलक्ष्मी भी शामिल थीं। उन्हें गुरुवार को ठीक हो जाने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बारे में पहले न्यूज में ही सुना था। अचानक यह खबर आयी कि नया भोजपुर में दो लोग संक्रमित पाये गये है। तब उस समय भी विशेष ध्यान नहींं दिया था। हमेशा यहीं सोचते रहती थी कि जो लोग घर से बाहर निकलते हैं वहीं इसकी चपेट में आयेंगे। अचानक एक दिन मेडिकल टीम आयी। उसने हमलोगों के पड़ोसी को ले गई। वह लोग कोरोना पाॅजीटिव पाये गये। उसी आधार पर हमलोग के परिवार को भी मेडिकल टीम ले गई। जांच में कोरोना पाॅजीटिव पाये गये। क्वारान्टीन सेंटर में जब एकाग्र होकर सोचा। तब पता चला कि सरकार बार-बार क्यों कहती थी कि घर में रहें। बाहरी से संपर्क में नहींं आये।
उक्त बातें कोरोना को मात देने वाली स्वर्ण लक्ष्मी वर्मा ने कहना है। उनका कहना है कि हमलोग की जरा सी चूक का परिणाम था कि कोरोना की चपेट में आ गये। इस तरह की गलती कोई नहींं करें। सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखें। होम क्वारान्टीन व उसके बाद भी इस नियम को पूरा पालन करेंगी। साथ ही दूसरों को भी सलाह देंगी कि इस तरह की गलती नहींं करें। क्वारान्टीन सेंटर में 12 दिनों में एकाग्रता बनाये रखी। स्टाफ ने इसमें पूरा सहयोग दिया। तभी आसानी से कोरोना को मात देकर बाहर निकले।
य ह नजारा पकड़ीदयाल प्रखंड के बड़कागांव स्थित इलाहाबाद बैंक परिसर का है। गुरुवार की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे बुजुर्ग, महिलाएं और स्कूली बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। बड़े-बुजुर्गों की यह भीड़ जनधन योजना का पैसा लेने और बच्चों की भीड़ पोशाक व साइकिल राशि का पैसा निकालने के लिए थी। मगर कोरोना वायरस के मद्देनजर खतरनाक थी। इस दौरान लोगों के साथ-साथ बैंककर्मियों की लापरवाही भी सामने आई। क्योंकि जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या आठ है। इसमें एक पकड़ीदयाल में भी है। फिर भी खाताधारकों ने सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ा कर रख दिया। बताया जाता है कि खाताधारी सुबह 6:00 बजे से ही अाकर लाइन में गए। इसमें सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि लेने के लिए महिलाएं व पाेशाक-साइकिल के पैसा के लिए छात्र भी थे। शाखा के खुलते ही वहां भीड़ अनियंत्रित हाे गई। शाखा प्रबंधक रोहित कुमार ने बताया कि जिनका खाता संख्या एक लाख से अधिक की संख्या में है, उनका खाता मेन ब्रांच से लॉक हो गया है। इसलिए भीड़ जुट गई। साेशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हाेने पर वे कुछ भी नहीं बाेल पाए।
जिले में कोरोना मरीज मिलने के बाद पूरा जिला रेड जोन में शामिल हो गया है। ऐसे जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है। लेकिन अनुमंडल के बैंकों के बाहर इसका पालन नहींं हो पा रहा है। खासकर प्रधानमंत्री महिला जनधन खाते में प्रत्येक महीने आ रही पांच सौ की राशि को पाने के लिए महिला उपभोक्ताओं द्वारा लाकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का हर दिन मखौल उड़ाया जा रहा है। यह समस्या शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक जैसी समस्या है। लेकिन सबकुछ जानते हुए भी पुलिस प्रशासन मौन है। जिससे अनुमंडल में एक बार फिर से कोरोना संकट बढ़ सकता है।
बता दें कि डुमरांव के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के बैंक व सीएसपी के बाहर भी हर दिन महिला उपभोक्ताओं की लंबी लाईन लग रही है। जबकि लाक डाउन के दौरान प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का सख्त निर्देश दिया गया है। लेकिन महिला उपभोक्ताओं पर इसका कुछ भी असर नहींं पड़ रहा है। खास यह कि बार-बार की सूचना के बाद भी पुलिस प्रशासन इसे रोकने में विफल साबित हो रही है। हालांकि बैंक प्रबंधनों द्वारा बार-बार यह बताया जा रहा है कि उपभोक्ता अपना पैसा कभी भी निकाल सकते है। लेकिन उपभोक्ता भीड़ इकट्ठा करने से बाज नहींं आ रहे है।
प्रखंड के स्थानीय नया बाजार स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में पैसा निकालने के लिए लोगों को घंटों धूप में खड़ा होना पड़ता है। लॉकडाउन की इस परिस्थिति में लोगों की समस्याएं काफी बढ़ गई है। बैंक से पैसा निकालने के लिए लोग सुबह से शाम तक बैंक के कैंपस में खड़ा होने को विवश हैं। लोगों की इतनी भीड़ जुट जाती है कि बैंक कर्मचारियों को भी काफी फजीहत झेलनी पड़ती है।
बैंक कर्मियों के लाख समझाने के बावजूद भी लोग भीड़ जमा करने व लॉकडाउन के नियमों को ताख पर रखने को अमादा हैं। सबसे ज्यादा भीड़ सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं में भेजे गए पैसों के कारण हो रही है। प्रधानमंत्री द्वारा जन धन खाते में 5 सौ रुपए की राशि भेजी जा रही है। उस पैसा को निकालने के लिए और भी भीड़ बढ़ती जा रही है।
अफवाहों से परेशान हो रहे लोग
लोगों के अंदर ऐसी धारणा बन गई है कि जब तक सरकार द्वारा भेजी गई राशि खाता से नहींं निकाला जाएगा। तब तक दूसरी राशि नहींं आएगी। जबकि यह बिल्कुल ही गलत सोच है। किसी भी योजना का जब पैसा खाता में आ जाता है तो वह पैसा लौट कर वापस नहींं जाता है। इस तरह की अफवाह फैलाने वालों को सरकार व प्रशासन द्वारा मनाही किया गया है।
बिना जरूरी काम के भी जा रहे हैं बैंक
बैंक कर्मी लोगों को समझा रहे हैं कि बेवजह बैंक परिसर में भीड़ नहींं लगाए, पर लोगों पर इसका कोई असर नहींं हो रहा है। लोग इस बात को मानने पर तैयार नहींं है। सबसे ज्यादा भीड़ किसी भी बैंक की शाखा एवं केंद्रों पर सिर्फ 5 सौ रुपए और एक हजार रुपये निकालने को लेकर हो रही है। इसी के चलते लोग बिना जरूरी कार्य के भी बैंकों में जाकर भीड़ बढ़ा रहे हैं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है।
गुरुवार को प्रखंड क्षेत्र के सहियार गांव में युवा चेतना मंच द्वारा खाद्य सामग्री का वितरण किया गया।युवा चेतना के प्रदेश महासचिव सतेन्द्र सिंह अप्पू के नेतृत्व में सैकड़ों जरूरतमंद लोगों के घर पर भोजन सामग्री पहुचाई गया। ताकि सोशल डिस्टेंसिग का सुगमता से पालन किया जा सके। इस अवसर पर मंच के प्रदेश सचिव श्री अप्पू ने कहा की कोरोना के संक्रमण से पूरा देश परेशान है।लॉक डाउन के कारण गरीब भूखे मरने की स्थिति में आ गये हैं।लेकिन नीतीश सरकार कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है।
उन्होंने ने कहां की युवा चेतना मंच का लक्ष्य ही गरीबों की सेवा करना है जो हम कर रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा की चुनाव के समय तो सभी पार्टियो के उम्मीदवार वोट वोट मांगने जनता के बीच आ जाते हैं। लेकिन इस विपदा की घड़ी में सभी गायब नजर आ रहे हैं। वहीं इस अवसर पर शिवानंद चौधरी, विमल चौरसिया, रंजन रजक, उपेन्द्र सिंह,संतोष यादव,डब्लू रजक, नवनीत सिंह,दिलीप कुमार, कन्हैया यादव, उपेन्द्र चौधरी के साथ अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कोटा से मोतिहारी तक 28 घंटे का सफर गुरुवार को महज साढ़े 16 घंटे में तय हो गया। स्पेशल ट्रेन वहां फंसे 1204 छात्रों को लेकर सुबह 5:33 बजे बापूधाम स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन में मोतिहारी के 555 के अलावे बेतिया, गोपालगंज, शिवहर, वैशाली के छात्र थे। स्टेशन पर पहुंचते ही उपस्थित अधिकारियों ने बच्चों का ताली बजाकर स्वागत किया। जबकि अंदर से बच्चे भी हाथ हिलाकर व विक्ट्री चिन्ह दिखा व शोर मचा आभार व्यक्त किए।
ट्रेन पहुंचते ही 24 बोगियों में बैठे सभी छात्र-छात्राओं ने फार्म भर कर घर में क्वारेंटाइन रहने की शपथ ली। अधिकारियों ने तीन-तीन बोगी के बच्चों को एक बार में ट्रेन से उतारा गया। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर हाथ पर मुहर लगाई गई। उसके बाद बच्चें अपना सामान लेकर बाहर चले अाए। मुख्य द्वार पर खड़े अधिकारी ने बच्चों को फूल देकर उनका स्वागत किया। स्टेशन के बाहर खड़ी बस में बच्चों को नाश्ता का पैकेट व पानी दिया गया। पुलिस सुरक्षा में सभी बच्चें अनुमंडल मुख्यालय गए। वहां से उन्हें घर को भेज दिया गया। स्टेशन पर अभिभावकों के प्रवेश पर प्रशासन ने रोक लगा रखी थी। जिस कारण बच्चें अपना सामान खुद ही बाहर निकाले। हालांकि, उनकी सहायता के लिए रेल कर्मियों को ट्राली के साथ लगाया गया था। सामान अधिक होने के कारण बच्चों को काफी परेशानी हुई। अपर समाहर्ता शशी शेखर चौधरी ने बताया कि एक-दो बच्चें मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वैशाली व पटना के आ गए थे। जिन्हें छोटी गाड़ियों से भेजा गया।
छात्रों के पहुंचते खुशी से बजाने लगी तालियां
स्टेशन पर जब ट्रेन पहुंची तो ट्रेन में बैठे छात्र-छात्राओं ने खुशी जाहिर करते हुए ताली बजाई। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों व कर्मियों ने भी ताली बजाकर व हाथ हिलाकर उनकास्वागत किया। ट्रेन से उरतने वाले सभी छात्र-छात्राओं के चेहर पर मुस्कान थी।
बच्चों ने कहा- कोटा में एक-एक दिन बिताना हो रहा था मुश्किल
राजा बाजार के आशीष रंजन गिरि ने बताया कि लॉकडाउन के पहले कोटा में घर की याद नहीं आती थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान एक-एक दिन काटना भी मुश्किल हो रहा था। संग्रामपुर थाना क्षेत्र के इंद्रगाछी निवासी रितिक रोशन ने बताया कि सुबह-शाम मोबाइल से अपनों के बीच की दूरियां मिटाने की कोशिश कर रहे थे। ढाका के पड़री निवासी जुनेउल्लाह ने बताया कि ट्रेन खुली तो राहत मिली।
बसों से भेजा गया बेतिया व गोपालगंज
ट्रेन से आए 1166 छात्र-छात्राओं को बेतिया, गोपालगंज व शिवहर भेजने के लिए वहां से बसें आई थी। डीटीओ अनुराग कौशल सिंह ने बताया कि मोतिहारी के लिए 22, बेतिया से 30 व गोपालगंज के लिए 14 बसों की व्यवस्था की गई थी। पूर्वी चंपारण के बच्चों को प्रखंडवार मुख्यालय में भेजा गया। जबकि बेतिया व गोपालगंज के बच्चों को जिला मुख्यालय। वहीं शिवहर के बच्चों को मधुबन तक भेजा गया।
गुजरात के सुरत से चलकर विशेष ट्रेन छपरा जंक्शन पर करीब 9ः45 बजे सुबह में जैसे ही पहुंची रिसीव करने पहुंचे सभी पदाधिकारियों में खुशी की लहर चल पड़ी। सर्वप्रथम जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और पुलिस अधीक्षक के द्वारा ट्रेन की सबसे पिछली बोगी तक जाकर निकलने वाले सबसे पहले व्यक्ति का स्वागत किया गया। इसके बाद बारी-बारी से लोगों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने अपने धैर्य का परिचय दिया और सभी प्रक्रियाओं का समुचित रूप से पालन किया।
प्लेटफार्म पर ही लोगों को और उनके बैग या थैले को सेनेटाइज किया गया। इसके लिए टीम लगी हुयी थी। प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 10 काउंटर बनाये गये थे और सभी काउंटर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराये गये फूड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया और लोगों को उनके गंतव्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया।
4 घंटे विलंब से पहुंची ट्रेन
छपरा जंक्शन पर सूरत स्पेशल ट्रेन करीब 4 घंटे विलंब से पहुंचे इस ट्रेन को सुबह 6:00 बजे आना था लेकिन या 9:40 पर पहुंची तब तक अधिकारी ट्रेन के आगमन का इंतजार करते रहे और पल-पल की स्थिति का जायजा लेते रहे 4 घंटे के विलंब ने अधिकारियों को काफी परेशान किया साथी तैयारी की व्यवस्था को भी प्रभावित किया जिले के वरीय अधिकारी हर पल ट्रेन के आगमन को लेकर जानकारी ले रहे थे।
छावनी में तबदील जंक्शन
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पूरे जंक्शन को पुलिस छावनी में बदल दी गई थी इनमें जिला पुलिस आरपीएफ जीआरपी आदि के जवान थे। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एसपी हरकिशोर राय एसडीओ अभिलाषा शर्मा डीआरडीए डीडीसी डीआरडीए निदेशक डीएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने यात्रियों के प्रस्थान पर अपनी नजरें गराई रखें इस दौरान लाउडस्पीकर के माध्यम से सभी प्रकार की जानकारियां दी जा रही थी। कोविड-19 से बचाव एवं एहतियात से संबंधित ही जानकारियां दी जा रही थी
पैक्सों द्वारा गेहूं की खरीदारी कर नकद भुगतान नहीं किए जाने से किसान कम दाम पर बाहर गेहूं बेच रहे हैं। साथ ही 250 टन की गेहूं खरीद की बाध्यता के कारण भी पैक्स गेहूं की खरीददारी नहीं कर रहे हैं। साथ हीं पैक्सों पर किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थिति और विकट हो गई है।
इसकी वजह से 17 दिन बीतने के बाद मात्र अभी तक जिला में 50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हो सकी है। जबकि 17 जुलाई तक 17500 मिट्रिक टन खरीददारी का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक मात्र दो पैक्स ने हीं गेहूं की खरीदारी शुरू की है। जबकि जिले में 175 पैक्स व व्यापार मंडल को गेहूं अधिप्राप्ति करने का निर्देश दिया गया है। किसानों से 1925 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की खरीद करनी है। एक किसान अधिकतम 150 क्विंटल गेहूं व गैर रैयत किसान 50 क्विंटल गेहूं बेच सकता हैं। सरकार के निर्देश के अनुसार गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से लेकर 15 जुलाई तक करनी है। प् जिले को इस बार 17500 मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति का लक्ष्य मिला है। जबकि अभी तक मात्र 50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हुई है। सरकार की ओर से चालू रबी मौसम के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1925 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। पैक्सों व व्यापार मंडल के माध्यम से उक्त दर पर ही किसानों से खरीद की जानी है। सरकार का उद्देश्य किसानों को उनके अनाज की अधिप्राप्ति कर बिचौलियों की मनमानी से बचाना तथा सरकारी खाद्यान्न
योजनाओं के लिए भंडारण की स्थिति को मजबूत करना है। किसानों को गेहूं की बिक्री से पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है।
अभी तक 361 किसानों ने दिया आवेदन
बताया जाता है कि अभी तक 361 किसानों ने गेहूं की खरीद के लिए आवेदन दिया है। इसमें व्यापार मंडल के लिए 65 व पैक्स के लिए 296 है। गेहूं अधिप्राप्ति के लिए 118 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। जबकि 243 आवेदन सत्यापित नहीं हुआ है। वहीं 5 आवेदन को तकनीकी कारण से रद्द किया गया है। जबकि मात्र 16 किसानों से 54 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है।
गेहूं अधिप्राप्ति के लिए सभी पैक्स व व्यापार मंडल को निर्देश दिया गया है। सभी को लक्ष्य के अनुसार खरीदारी करनी है। खरीदारी नहीं करने वाले पैक्स व व्यापार मंडल पर कार्रवाई की जाएगी।
- नयन प्रकाश, जिला सहकारिता पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण
थाना क्षेत्र के दीपही गांव में बुधवार की देर रात हथियारबंद बदमाशों ने सोये हुए अवस्था में किसान रूपलाल राय को गोली मारकर घायल कर दिया। आनन-फानन में परिजनों ने उसे इलाज के लिए शहर के निजी नर्सिंग में भर्ती कराया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।
बताया जाता है कि बदमाशों ने 60 वर्षीय रूपलाल राय को दो गोली मारी है। जिसमे एक गोली किसान के जांघ में व दूसरी गोली उसके इंटर्नल पार्ट में लगी है। थानाध्यक्ष इन्द्रजीत पासवान ने घटनास्थल पर पहुंच कर छानबीन शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि घटना
के पीछे भूमि विवाद सामने आ रहा है। जख्मी किसान के परिजनों ने बताया कि घटना के समय
रूपलाल राय घर के बरामदा में सोये हुए थे। गोली मारने के बाद सभी बदमाश भाग निकले।
कोरोना लॉकडाउन में किसी जिले में जाने के लिए अनुमति देने के लिए जिला प्रशासन ने तहसीलदार तथा एसडीएम को अधिकार दे रखे हैं, मगर सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ही खुद को नोडल अधिकारी मानते हुए अपने स्तर पर ही अनुमति जारी कर रहे हैं। यह मामला लापोद गांव का है। इस गांव में एक संक्रमित मरीज भी मिल चुका है। प्रशासन ने नोडल अधिकारी गांव में कोरोना लॉकडाउन की व्यवस्थाओं पर मॉनिटरिंग करने के लिए बना रखा है। उनको किसी को जिले से बाहर जाने की अनुमति देने का अधिकार नहीं होने के बाद भी वे धड़ाधड़ पास जारी कर रहे हैं।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि एक परिवार को राजसमंद जाने की अनुमति 29 मार्च को ही जारी कर दी, जबकि उस वक्त गांव में संक्रमित मरीज मिलने के बाद हालात दुरुस्त नहीं हुए थे। संक्रमित मरीज के निगेटिव होने के बाद उसे सुमेरपुर में क्वारेंटाइन कर रखा था। मामले में कलेक्टर ने प्रिंसिपल काे कारण बताअाे नाेटिस जारी किया है। जानकारी के अनुसार गांवों में कोविड-19 को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के मिले दिशा-निर्देशों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन की पालना कराने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर रखी है। इसमें शिक्षा विभाग के कार्मिक भी शामिल है। इस गाइडलाइन में किसी को भी जिले से बाहर जाने की अनुमति देने का अधिकार नहीं होने के बाद भी लापोद गांव के प्रिंसिपल व नोडल अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जिले से बाहर जाने की अनुमति प्रदान कर दी। ज्ञात रहे कि लापोद गांव में कोरोना संक्रमित मरीज भी मिल चुका है।
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा घोषित कंटेनमेंट जोन को छोड़कर आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य प्रतिष्ठान/दुकानो को खोलने का भी निर्देश दिया है। परन्तु उसके लिए तिथि, समय एवं शर्तें निर्धारित की गयी है जिसका अनुपालन प्रतिष्ठान व दुकान संचालक को करनी होगी।
जिलाधिकारी ने जारी आदेश में कहा है कि ऑटोमोबाईल्स, टायर एवं ट्यूब्स, लुब्रीकेंट (मोटर वाहन,मोटर साईकिल, स्कूटर मरम्मत सहित) दिन के 9ः00 बजे से 2ः00 बजे तक केवल सोमवार, बुधवार, एवं शुक्रवार को, निर्माण सामग्री के भंडारण एवं बिक्री से संबंधित प्रतिष्ठान यथा, सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी सीमेंट ब्लाॅक, ईट, प्लास्टिक पाईप, हार्डवेयर, सैनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग सामग्री की दुकानें 10ः00 से 1ः00 बजे तक प्रतिदिन, ऑटोमोबाईल, स्पेयर पाटर्स की दुकानें 9ः00 बजे से 2ः00 बजे तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, गैरेज, साईकिल, मोटर साईकिल मरम्मत एवं वर्कशॉप 9ः00 बजे से 2ः00 तक केवल सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को, इलेक्ट्रिक गुड्स पंखा, कुलर, एयर-कंडीषनर्स (विक्रय एवं मरम्मत) 3ः00 बजे से 6ः00 बजे तक केवल मंगलवार, गुरूवार, एवं शनिवार को, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स-यथा, मोबाईल, कम्प्यूटर, लैपटाॅप, यूपीएस एवं बैट्री (विक्रय एवं मरम्मत) 3ः00 बजे से 6ः00 बजे तक केवल मंगलवार, गुरूवार, एवं शनिवार को, हाई सेक्युरिटी रजिस्ट्रेशन पलेट की दुकान 11ः00 बजे से 2ः00 तक प्रति दिन खुलेगी लेकिन इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी, सारण से अनुमति प्राप्त कर जिला में केवल एक सेंटर खोला जाना है।
प्रदूषण जाँच केन्द्र 11ः00 बजे से 2ः00 बजे तक प्रतिदिन, बाल काटने के लिए दुकान, सैलून, स्पा 7ः00 बजे से 11ः00 बजे तक केवल रविवार, सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को तथा काॅपी, किताब तथा स्टेशनरी की दुकान 11ः00 बजे से 2ः00 तक मंगलवार गुरूवार एवं शनिवार खुलेंगे।
इसके लिए शर्तें भी निर्धारित की गयी है। शॉपिंग काॅम्पलेक्स/मार्केट कॉॅम्प्लेक्स एवं शॉपिंग माॅल में अवस्थित कोई भी दुकानें नहीं खुलेंगी ताकि एक ही परिसर में दुकानों के खुलने से भीड़ नहीं हो। कंटनेमेंट जोन में दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। दुकानदार ग्राहकों के इच्छानुसार टेलीफोन पर ऑर्डर लेने एवं होम डिलेवरी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ताकि भीड़ को नियंत्रित रखा जा सके। सभी प्रतिष्ठानों/दुकानों के संचालक सभी कर्मियों के द्वारा अनिवार्य रूप से मास्क/सेनिटाईजर/हैंडवास का उपयोग करते हुए कार्य कराना सुनिश्चित करेंगे। सभी प्रतिष्ठान/दुकानों के संचालकों को कार्य स्थल पर कार्य करने वाले कर्मियों के द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन स्वयं करना होगा तथा ग्राहकों से भी करवाना होगा।
प्रत्येक दुकानदार अपने स्तर से दुकान के काउन्टर एवं उपयोग में आने वाली सामग्रियों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था रखेंगें। कार्य स्थल पर तम्बाकू का सेवन एवं यत्र तत्र थूकने पर दंड के भागी होगें। कार्य स्थल पर कर्मियों का टेम्परेचर स्क्रीनिंग तथा सैनिटाइजर/साबुन की पर्याप्त व्यवस्था रखना होगा। कार्य स्थल पर कोरोना से बचाव हेतु “क्या करें और क्या न करें“ का फलैक्स बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
24 अप्रैल को डीएम निलेश रामचंद्र देवरे ने जरूरी सामान की दुकान खोलने का आदेश दिया था। लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया था। वहीं सभी सरकारी कार्यालयों में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया था। वहीं घर से जरूरी काम के लिए निकलने वालों लोगों को भी मास्क लगाने का आदेश दिया गया था। उसके बाद भी जिले में लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर मधेपुर में कोरोना संकट से निपटने को लेकर टीपीसी भवन में गुरुवार को अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक को संबोधित करते हुए झंझारपुर के डीसीएलआर नंद किशोर चौधरी ने कहा कि घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य है। बिना मास्क लगाए बाहर निकलने पर 2000 रुपए फाइन या एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने थानाध्यक्ष को इसका विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया। दुकानदार भी मास्क लगाएं और बिना मास्क लगाए ग्राहकों को सामान नहीं देने की बात कही। मास्क लगाने के साथ ही किसी भी कार्य में सोसल डिस्टेंसिंग अति महत्वपूर्ण है। जिसे स्वयं भी पालन करें और दूसरों को भी पालन करने की हिदायत दें। बैठक में बीडीओ नलिनी कुमारी, डीआईओ डॉ. शैलेन्द्र कुमार, मधेपुर थानाध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह, भेजा थानाध्यक्ष अंजेश कुमार, पीएचसी प्रभारी डॉ. अफजल अहमद, पीओ गोपाल कृष्ण, जीविका के नवीन कुमार आदिथे।
जयनगर में 6 लोग मिल चुके हैं संक्रमित, फिर भी सोशल डिस्टेंसिंग नहीं करा पा रहा प्रशासन
जयनगर| नरार, बरही, कमलाबाड़ी समेत बॉर्डर से सटे सैकड़ों गांव के लोग खरीदारी को लेकर शहर पहुंचते हैं। नरार में दो, बरही में दो और कमलाबाड़ी, फुलकाहा में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। बावजूद प्रशासन सब्जी बाजार में लगने वाली भीड़ पर कंट्रोल नहीं कर पा रही है। प्रतिदिन बाजार एवं शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है। प्रशासन ने कई बार लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग नियमों को तोड़ने वाले के विरुद्ध केस दर्ज करने की बात कही है। किराना गली, प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बैंक, ग्राहक सेवा केंद्रों समेत सार्वजनिक जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग फेल है। ईओ अमित कुमार ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने वाले के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
डीसीएलआर ने कहा- डोर -टू-डोर किया जाएगा सर्वे
डीसीएलआर ने कहा कि घर घर जाकर लोगों का सर्वे किया जाएगा। सर्वे के दौरान परिवार के मुखिया, परिवार में कुल सदस्यों की संख्या, लिंग, बाहर से आनेवाले सदस्यों की जानकारी तथा बीमारियों के बारे में पूछा जाएगा। उन्होंने आमलोगों से सर्वे कार्य में सहयोग करने का आह्वान किया। गाइड लाइन का पालन करें मुखिया डीसीएलआर ने पंचायत के मुखियाओं को निर्देश दिया कि सरकार के गाइड लाइन का पालन हर हाल में करते हुए उसे धरातल पर उतारें। उन्होंने मुखियाओं से कहा कि प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन करवाएं, पंचायतों में दुकानों को नहीं खुलने दें, हाट बाजार में भीड़ नहीं लगने दें। सामाजिक दूरी बनाकर कोई कार्य करने का हिदायत दें। पंंचायत में प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक करने का निर्देश मुखिया को दिया। डीसीएलआर ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि बाहर से लौटे लोगों के साथ प्रेमपूर्वक मधुर बात करें। क्वारेंटाइन सेंटर में रखने के उद्देश्य के बारे में उन्हें अच्छी तरह से समझाएं।
मैट्रिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की 94.19% जांच गुरुवार तक जिले में पूरी कर ली गई। जिले के 6 मूल्यांकन केंद्रों पर कॉपियों की जांच की जा रही है। इनमें से 3 मूल्यांकन केंद्रों पर शत-प्रतिशत जांच पूरा कर लिया गया है। वाट्सन प्लस टू उच्च विद्यालय मूल्यांकन केंद्र में हिंदी की 45636 आवंटित उत्तरपुस्तिकाओं में से 41700 की जांच गुरुवार तक पूरी कर ली गई है, जबकि शेष 3936 की जांच शेष है। उर्दू की 6458 उत्तरपुस्तिकाओं में से सभी की जांच पूरी कर ली गई है। अरबी की भी एक उत्तरपुस्तिका की जांच पूरी कर ली गई है। प्लस टू उवि जितवारपुर के एक मूल्यांकन केंद्र पर अंग्रेजी की 522128 में से 45560 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी कर ली गई है।
सभी मूल्यांकन केंद्रों को किया गया सेनेटाइज
वहीं प्लस टू उच्च विद्यालय जितवारपुर के दूसरे मूल्यांकन केंद्र पर गणित विषय की 52 हजार 147 उत्तरपुस्तिकाओं में से 45 हजार 431 की जांच पूरी कर ली गई है, जबकि 6 हजार 716 की जांच शेष है। यहां उच्च गणित के सभी उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी कर ली गई। कुल 3 लाख 13 हजार 518 उत्तरपुस्तिकाओं में से 2 लाख 95 हजार 298 उत्तरपुस्तिकाओं की विषवार जांच की गई। जबकि 18 हजार 220 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच शेष है। डीईओ नसीम अहमद ने कहा कि मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच युद्ध स्तर पर चल रही है। सभी केंद्रों को सेनेटाइज किया गया है।
शहर के लक्ष्मीपुर मोहल्ले में नगर परिषद के सभापति सिंधु सिंह और पार्षद प्रमिला देवी की देखरेख में गरीब, असहाय, निर्धन लोगों के बीच राशन किट का वितरण किया गया। उन्होंने अपील की है कि कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते घरों से बाहर नहीं निकलें। एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहें। अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं। मास्क का प्रयोग करें जिससे आप सुरक्षित रहेंगे। वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर 5 में पूर्व नगर पार्षद और भाजपा जिला मंत्री धनंजय सिंह ने भी राशन का वितरण किया। दो सौ जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाया गया। राशन किट में 5 किलो आटा, चावल, अरहर की दाल, सरसों का तेल, नमक का पैकेट, सब्जी व मसाला शामिल है। मौके पर बंका साह, बलीराम, लालू कुमार सतीश शाह मौजूद रहे।
मैरवा में मास्क बांटो... गीत गाकर लोगों को किय गया जागरूक
मैरवा के कुम्भार टोली में अपोलो अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. सुनील कुमार ने सांसद प्रतिनिधि उमेश सिंह तथा सूबेदार मेजर के साथ सैकड़ों लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करते हुए मास्क तथा साबुन बांटा। डॉ सुनील कुमार ने कोरोना को हराने के लिए घरों से बेवजह नहीं निकलने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क का प्रयोग तथा अच्छे से साफ-सफाई और हाथ धोने को जरूरी बताया। वहीं उनके साथ गए गायक कमलकांत ने अपने गीत ‘लाॅकडाउन के सभे पालन करी निकली जन घर से, भारत के बचावे के बा कोरोना के कहर से...’ गीत गाकर लोगों को जागरूक किया। अपील कमी गई कि सोशल डिस्टेंसिंग ही समय की मांग है। इसको लेकर दूसरे को भी प्रेरित करें। इस मौके पर उमेश सिंह, मेजर सूबेदार विनोद कुमार सिंह, निकेत पांडेय समेत मोहल्ले के कई लोग मौजूद थे।
प्रखंड मुख्यालय स्थित प्लस टू भोला उच्च विद्यालय सह क्वारेंटिंन सेंटर में 22 प्रवासी मजदूर को रखा गया है। जहां रहने खाने के अलावा आवश्यक मूलभूत सुविधा प्रखंड प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन क्वारेंटाइन में रहने वाले लोग उपलब्ध सुविधाओं को नाकाफी बता रहे है। बताया कि प्लास्टिक के काले रंग वाले पॉलीथिन में सब्जी, रोटी खाने के लिए भेज दिया जाता है। जिस बात को लेकर बुधवार को प्रवासियों ने काफी हंगामा किया था। जिसके बाद उसी दिन देर शाम बीडीओ क्वारेंटाइन सेंटर पर पहुंचकर सभी को समझा बुझाकर शांत किया। जिसके बाद बीडीओ के निर्देश पर सेंटर पर ही खाना बनाने की व्यवस्था की गई है। क्वारेंटाइन में रहने वाले मनोज कुमार मंडल, पृथ्वी लाल कामत, दुर्गानंद यादव, संदीप कुमार मंडल सहित कई लोगों ने बताया कि बुधवार को एक व्यक्ति बीमार था, जिसकी सूचना बीडीओ को दी गई। लेकिन गुरुवार तक उसे मेडिसिन नहीं दी गई। 22 लोगों के नहाने के लिए तीन बाल्टी और दो मग दिया गया है। सोने वाले कमरा में न तो पंखा लगा हुआ है न ही किसी को मच्छरदानी दी गई है। साफ-सफाई के अभाव में मच्छरों के प्रकोप बढ़ रही है। सभी रात भर जागकर समय काटने को विवश हैं।
धीरे-धीरे सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी : बीडीओ | प्रवासियों ने कहा कि साफ-सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करने और वरीय अधिकारियों को शिकायत करने की बात पर बीडीओ पिटाई करने की धमकी देते हैं। पृथ्वी लाल कामत, मनोज कुमार मंडल, संदीप मंडल सहित प्रवासियों ने बीडीओ को आवेदन देकर अपने घर में ही होम क्वारेंटाइन में रहने की मांग की है। बीडीओ सम्राट जीत के कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, बीमार व्यक्ति को दवा दी गई है। अन्य सुविधा भी धीरे-धीरे उपलब्ध करा दी जाएगी।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद भेजा क्वारेंटाइन सेंटर
घोघरडीहा|अन्य राज्यों अभी भी प्रवासियों का आने सिलसिला जारी है। इसके लिए जिला प्रशासन बसों की व्यवस्था की है। अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को प्रखंडों स्थित पीएचसी में लेकर आते हैं। इसके बाद वहां मेडिकल जांच और थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। फिर उनको क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया जाता है। वहीं प्रवासियों को खाने और रहने की व्यवस्था प्रशासन को करनी है। इन लोगों को अभी 21 दिनों के लिए यहीं पर रखना है। उसके बाद इनकी फिर मेडिकल जांच के बाद घर भेज दिया जाएगा।
बड़हरिया क्षेत्र में भाजपा नेता सह सांसद प्रतिनिधि अनुरंजन मिश्रा ने लगातार 36 वे दिन गुरुवार को बढ़िया प्रखंड के हबीबपुर में असहाय,जरूरतमंद, विधवा महिला सहित एक सौ दो लोगों को खाद्य सामग्री प्रदान की। भाजपा नेता अनुरंजन मिश्रा ने कहा कि ग्यारह हजार लोगों के बीच छत्तीस दिनों में पहुंचकर खाद्य सामग्री दी गई है उन्होंने कहा कि मैं संकल्पित हूं कि करोना महामारी के समय लाकडाऊन की स्थित में कोई व्यक्ति भूखा न सोये।
इसी संकल्प के साथ और सेवा भाव के साथ बड़हरिया में राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य प्रखंड के लगभग सभी गांव में राशन पहुंचाना है। इस मौके पर साधु जी, पंकज पांडेय, भिखारी साह, भोलू तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे ।
लाॅकडाउन के कारण विदेशों में हजारों भारतीय फंसे हैं। केंद्र सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर विदेश से भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत गया में लगभग 8 हजार प्रवासी भारतीयों को लाया जाएगा। एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट से इन्हें मध्य एशियाई देशों व यूएई से लाया जाएगा। एयरपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, गया में पहली स्पेशल फ्लाइट 11 मई को आएगी। हालांकि एयरपोर्ट डायरेक्टर दिलीप कुमार ने बताया, दूसरे चरण में भारतीयों की वापसी फ्लाइट के दौरान गया एयरपोर्ट पर प्रवासी भारतीयों को लाया जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को गया एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ाई गई है। इसके तहत उसे दो एयरोब्रिज मिला है। यह अभी निश्चित नहीं है कि बाहर से आने वाले भारतीयों को बोधगया में ही 14 दिनों का क्वारेंटाइन कराया जाएगा या उन्हें संबंधित जिलों में भेजा जाएगा। गया में क्वारेंटाइन कराने के लिए सूबे के सीवान, गोपालगंज व दरभंगा जिले के नागरिकों को खाड़ी के देशों से लाया जाएगा। सीवान कोरोना संक्रमण का हाॅट स्पाॅट है। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल के तहत इनकी स्क्रीनिंग होगी व उनकी वापसी यात्रा पेमेंट आधारित होगी। जांच के आधार पर उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर या अस्पताल भेजा जाएगा।
यूएई से भी भारतीय को लाया जाना है। गया में मिले छह पाॅजिटिव मरीजों में दो की टेवेल हिस्ट्री यूएई की थी, जो लाॅकडाउन से कुछ दिन पहले ही वापस लौटे थे। गया एयरपोर्ट सूबे का एक मात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहां अति संवेदनशील क्षमता का लगेज स्कैनर व आव्रजन से संबंधित इंफ्रास्टक्चर मौजूद है।
इंटरनेशनल ट्रैवलर एकोमोडेशन सेंटर बोधगया को बनाया गया है। डीएम अभिषेक सिंह ने बुधवार को बैठक भी की। उन्होंने बताया कि बोधगया के होटल एवं मोनास्ट्री की जो सूची उन्हें उपलब्ध कराई गई है, उसके अनुसार इन होटलों में कुल 1860 कमरे एवं सभी मोनास्ट्री में 1000 से ऊपर कमरे हैं। होटल के जो सामान्य दिनों के चार्ज हैं, उनसे कम औसत चार्ज, जो रिजनेबल लगे वही लेना होगा। उ ऐसे भी लोग आएंगे, जो अन्य देशों में छोटे-मोटे काम करने के लिए गए थे और उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही होटल का किराया निर्धारित किया जाना है।