आज से विशेष शर्त पर जिले के कुछ प्रतिष्ठान खोले जाएंगे। जिसमें ओॅटोमोबाइल्स, टायर व ट्यूब्स, माेबिल व सभी वाहनों के मरम्मत किए जाने का दुकान अथवा प्रतिष्ठान सुबह के 8 बजे से दोपहर के 1 बजे तक खोले जाएंगे। वहीं निर्माण सामग्री के भंडारण व बिक्री से संबंधित प्रतिष्ठान सुबह के आठ बजे से दोपहर के एक बजे तक खोले जाएंगे। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के प्रतिष्ठान सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को 8 बजे से 1 बजे तक खोले जाएंगे। बिजली के समान में पंखा, कूलर व एसी के बिक्री व मरम्मत का समय दोपहर के 1 बजे से शाम के 6 बजे तक वहीं मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप व वैट्री इसी समय के दौरान होगा। जबकि हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की दुकान खोलने के लिए डीटीओ से अनुमति लेना अनिवार्य होगी। प्रदूषण जांच केंद्र दोपहर के 1 बजे से 6 बजे तक खोले जाएंगे।
सुरक्षा के मानकों का पालन करना होगा अनिवार्य, शिकायत मिली तो कार्रवाई तय
विशेष शर्त पर खुलने वाले इन सभी प्रतिष्ठानों को कोविड-19 के सुरक्षा के मानकों का पालन अनिवार्य रुप से करना होगा। किसी भी परिस्थिति में दुकानदार सोशल डिस्टेसिंग, मास्क का उपयोग व अपने प्रतिष्ठानों पर साबुन व सेनेटाइजर की व्यवस्था रखेंगे। यदि इनमें किसी प्रकार की लापरवाही अथवा शिकायत मिलती है तो संबंधित दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी। इसकी सूचना एसडीओ, एसडीपीओ व सभी थाना प्रभारियों को इसका अनुपालन कराए जाने के लिए निर्देश दिया गया है।
कोरोना वायरस महामारी से लगे लॉकडाउन के बीच गुरुवार को हरियाणा से पांच मजदूर खजौली पहुंचे हैं। हरियाणा से खजौली पहुंचे पांच मजदूरों में से एक दुर्गेश कुमार ने बताया कि वह लोग हरियाणा स्थित सब्जी मंडी में काम करता था। कोरोना महामारी के बीच लगे लॉकडाउन के कारण खाने पीने में दिक्कत होने लगी थी, सभी पांचों साथी ने मिलकर एक जुगाड़ ठेला का इंतजाम किया। पांच मई को सुबह तीन बजे हरियाणा से मधुबनी के लिए निकले। मजदूरों ने बताया कि हरियाणा बॉर्डर पर सभी मजदूरों को मेडिकल जांच की गई।
बुधवार की रात छपरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जमकर हंगामा हुआ। हुआ यूं कि ऑन ड्यूटी पर डॉ राकेश कुमार के साथ अमनौर के भाजपा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा द्वारा कथित दुर्व्यवहार के मामले में चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा को भी बाधित कर दिया। इस दौरान इलाज एवं स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे सैकड़ों मरीजों ने जमकर बवाल काटा। जिसके बाद सिविल सर्जन ओपीडी पहुंचे और चिकित्सकों की बैठक के बाद ओपीडी में कार्य प्रारंभ किया गया।
चिकित्सक संगठन ने किया विरोध
सदर अस्पताल उपाधीक्षक कार्यालय में सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा की अध्यक्षता में चिकित्सकों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान सभी चिकित्सकों ने एक स्वर में अमनौर विधायक के खिलाफ आक्रोश जताया। इस दौरान भासा सचिव डॉ केएम दुबे द्वारा सिविल सर्जन को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें विधायक के द्वारा चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार किए जाने पर आक्रोश जताया गया। भासा सचिव डॉक्टर के एम दुबे ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए समाज हित में ओपीडी सेवा बाधित किए जाने के निर्णय को वापस ले लिया गया है।
मरीज के बारे में पूछने गए थे विधायक
छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ राकेश कुमार के बयान पर अमनौर के भाजपा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा के खिलाफ भगवान बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि अमनौर विधायक लॉक डाउन के दौरान बिना परिचय ड्यूटी कक्ष में पहुंचे और इलाजरत मरीज परसा के श्रीरामपुर निवासी सुरेंद्र प्रसाद के पुत्र रत्नेश कुमार श्रीवास्तव एवं रिपु राज श्रीवास्तव के इलाज के संबंध में पूछताछ करने लगे तथा दोनों का जख्म प्रतिवेदन उनके मन-मुताबिक बनाने का दबाव बनाने लगे।
इस दौरान उनके द्वारा अमर्यादित एवं और असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया। जिससे सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हुई और उनके मानसिक आघात पहुंचा। ऐसी स्थिति करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। इस मामले में सारण एसपी हर किशोर राय ने बताया कि चिकित्सक के बयान पर अमनौर विधायक के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
मशरक थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में मामूली बातों के लिए हुए मारपीट में दो युवती और एक महिला घायल हो गई। पहले मामले में थाना क्षेत्र के पूर्वी पंचायत के दक्षिण टोला गांव में पहले से चलें आ रहे मामूली विवाद में एक युवती को आधा दर्जन लोगों ने मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
घायल युवती को परिजनों द्वारा इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया जहां युवती की पहचान मजिस्टर राय की 18 वर्षीय पुत्री मधु कुमारी के रुप में हुई। घायल युवती के पिता ने बताया कि पहले भी पड़ोसी द्वारा मारपीट की घटना हुई है जिसमें केस किये है उन्हीं लोगों द्वारा फिर से मारपीट कर मेरी बेटी को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। पीएचसी पर इलाज के दौरान चिकित्सकों ने घायल युवती की गंभीर हालत देख छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
दूसरी घटना में कर्ण कुदरिया गांव में युवकों द्वारा गुली-डन्डा खेलने के दौरान गुल्ली पास के घर में बार बार जाने पर कहां सुनीं में मारपीट की घटना में मौसाहेब हुसैन की 35 वर्षीय पत्नी हसबुन निशा और तेरह वर्षीय पत्नी मुस्कान खातून घायल हो गई। घायलों को इलाज के पीएचसी में भर्ती कराया गया। वहीं दोनों मामलों में पुलिस को आवेदन दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
झंझारपुर प्रखंड के रैयाम पश्चिमी पंचायत के मुखिया रेखा देवी के पति जयप्रकाश पाल ने गनौली टोल वार्ड एक में दुसरे प्रदेश से आए व्यक्तियों की सुधि लेने ज्यों ही पहुंचे लोगों ने उन्हें घेरकर तीन घंटा तक बंधक बनाए रखा और विभिन्न तरह की मांग करने लगे। उसी वक्त टोला के लोगों ने विरौल-पैटघाट पथ को बांस बल्ला लगाकर जाम कर दिया और जाम स्थल पर लिख कर टांग दिया कि उक्त मुख्य पथ मुखिया पति जय प्रकाश पाल के कहने पर बंद कर दिया गया है। करीब तीन घंटा तक यह सब चलता रहा। बाद में स्थानीय लोगों की पहल पर मुखिया पति को लोगों ने छोड़ा। मुखिया रेखा देवी एवं उनके पति ने घटना की पुष्टि की है।
मुखिया पति की बात पर भड़के लोग
पाल पर टोला के लोगों ने आरोप लगाना प्रारंभ कर दिया कि उनलोगों को खाद्यान नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा घोषित एक हजार की राशि भी उनलोगों के खाता में नहीं पहुंची है। साथ ही यह भी शिकायत करने लगे कि पंचायत द्वारा उनके टोला में लाइट भी नहीं लगाया गया है। मुखिया पति के यह कहने पर कि राशि सीधे सरकार जरूरतमंदों के खाता में पहुंच रही है, उनका इस मुद्दे से कोई लेना देना नहीं है। यह कहते ही लोग भड़क गए। लोगों ने सड़क जाम कर दिया और हंगामा किया। तीन घंटा तक मुखिया पति लोगों के बीच बंधक बने रहे। भैरवस्थान पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस के पहुंचने से पूर्व मुखिया पति को छोड़ा जा चुका था।
मशरक थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में मामूली बातों के लिए हुए मारपीट में दो युवती और एक महिला घायल हो गई। पहले मामले में थाना क्षेत्र के पूर्वी पंचायत के दक्षिण टोला गांव में पहले से चलें आ रहे मामूली विवाद में एक युवती को आधा दर्जन लोगों ने मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
घायल युवती को परिजनों द्वारा इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया जहां युवती की पहचान मजिस्टर राय की 18 वर्षीय पुत्री मधु कुमारी के रुप में हुई। घायल युवती के पिता ने बताया कि पहले भी पड़ोसी द्वारा मारपीट की घटना हुई है जिसमें केस किये है उन्हीं लोगों द्वारा फिर से मारपीट कर मेरी बेटी को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। पीएचसी पर इलाज के दौरान चिकित्सकों ने घायल युवती की गंभीर हालत देख छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
दूसरी घटना में कर्ण कुदरिया गांव में युवकों द्वारा गुली-डन्डा खेलने के दौरान गुल्ली पास के घर में बार बार जाने पर कहां सुनीं में मारपीट की घटना में मौसाहेब हुसैन की 35 वर्षीय पत्नी हसबुन निशा और तेरह वर्षीय पत्नी मुस्कान खातून घायल हो गई। घायलों को इलाज के पीएचसी में भर्ती कराया गया। वहीं दोनों मामलों में पुलिस को आवेदन दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लूट की योजना बना रहे सात अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर कन्या विद्यालय के पास से अपराधियों की गिरफ्तारी हुई। एसपी हरकिशोर राय ने बताया है कि अपराधी सीएसपी लूट की योजना बना रहे थे।
इसी दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है उसमें प्रणय कुमार उर्फ नौटंकी, अप्पू साह, अभिराज कुमार, गदर सिंह, राजन सिंह, अभिषेक सिंह के अलावा मलखाचक दिघवारा का बमभोला सिंह शामिल है। बमभोला के अलावा सभी छह मुबारकपुर गांव के ही रहने वाले हैं। गिरफ्तार अपराध कर में लूट, डकैती, हत्या के मामले में पूर्व में भी जेल जा चुके हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। अपराधियों के पास से एक देसी पिस्टल, कट्टा, नौ जिंदा कारतूस, चाकू एवं मोबाइल बरामद किया गया है। सदर एसडीपीओ के निर्देशन में पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस टीम में मांझी थाना अध्यक्ष नीरज कुमार मिश्रा, दाउदपुर थानाध्यक्ष सुजीत चौधरी, एकमा थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी आदि शामिल थे।
ये मामले हैं दर्ज
एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के विरुद्ध जिले के कई थानों में लूट, रंगदारी, आर्स एक्ट, डकैती आदि के केस दर्ज हैं। ये लोग पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं। पुलिस उनसे गम्भीरता से पूछताछ कर रही है। जिसमे कई मामलों के उद्भेदन की उम्मीद है। छापेमारी दल में मांझी थानाध्यक्ष के अलावा सअनि. गयूर अली असद दाउदपुर थानाध्यक्ष सुजीत कुमार चौधरी, एकमा थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी व सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए पिछले कई दिनों से पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। लेकिन लॉकडाउन में आमलोगों की जरूरतों को देखते हुए सरकार की ओर से कुछ और दुकानें खोलने में छूट दी गई है। सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन कराने के लिए गुरुवार को डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी एसडीओ, बीडीओ, सीओ व थाना प्रभारियों से कहा कि गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के तहत जिले में सशर्त कुछ प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दी गई है। जिसका कड़ाई से अनुपालन कराना है।
निर्माण सामग्री के भंडारण एवं बिक्री से संबंधित प्रतिष्ठान सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, गिट्टी, सीमेंट , ईंट, प्लास्टिक पाइप, हार्डवेयर, सेनिटरी फिटिंग, लोहा, पेंट, शटरिंग से संबंधित प्रतिष्ठानों को सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करते हुए प्रत्येक दिन खोलने की अनुमति दी गई है। दुकान खोलने की अवधि सुबह 10 से शाम के 5 बजे तक ही निर्धारित की गई है। शाम को 5 बजे के बाद से ये सभी दुकानें खुली नहीं रहनी चाहिए। साथ ही आमलोगों की आवश्यकता को देखते हुए इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें भी एक दिन के अंतराल पर ही खुलेगी।
इलेक्ट्रिकल गुड्स
प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को 10 बजे से 5 बजे के बीच इलेक्ट्रिकल गुड्स- बल्ब, ट्यूब लाइट, पंखा, कूलर, एयर-कन्डीशनर्स विक्रय एवं मरम्मत, ऑटोमोबाईल्स, टायर एवं ट्यूब्स, मोटर वाहन, मोटर साईकिल व स्कूटर मरम्मत और ऑटोमोबाईल स्पेयर पार्टस की दुकानें खोलने का आदेश दिया गया है। लेकिन गैरेज एवं वर्कशॉप प्रतिदिन खोला जा सकता हैं।
इलेक्ट्रॉनिक गुड्स
वहीं प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक गुड्स- मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप, यूपीएस एवं बैट्री, हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की दुकानें खुलेंगी। इसके साथ ही प्रदूषण जांच केन्द्र को भी खोलने का आदेश दिया गया है।
एसडीपीओ व थानाध्यक्ष आदेश का पालन कराएं : एसएसपी
एसएसपी बाबू राम ने सभी एसडीपीओ एवं थानाध्यक्ष से कहा कि लॉकडाउन अवधि में सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से कुछ दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को सशर्त खोलने का आदेश जारी किया गया है। इस आदेश की जानकारी रखें एवं आदेश का अनुपालन कराएं। उन्होंने कहा कि अपने सब-ऑर्डिनेट पुलिस कर्मी को सरकार एवं जिला प्रशासन के निर्देशों से अवगत करा दे ताकि भ्रम की कोई स्थिति नहीं रहे। एसएसपी ने कहा कि एक ही प्रतिष्ठान में विभिन्न प्रकार के सामग्री बेचने वाले प्रतिष्ठानों को भी इसी आदेश के तहत कारोबार करना होगा। अगर किसी प्रतिष्ठान में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह की गुड्स की बिक्री होती हो तो वहां भी प्रत्येक दिवस के लिए निर्धारित की गई सामग्री की ही सिर्फ खरीद बिक्री होगी।
गया जंक्शन पर बुधवार को तेलंगाना व गुजरात से दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार के विभिन्न जिलों के 2316 प्रवासी पहुंचे। सभी की स्क्रीनिंग, पंजीकरण व क्वारेंटाइन मुहर लगाकर प्लेटफार्म से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर निकाला गया। जांच के दौरान दोनों ट्रेनों से 9 संदिग्ध पाए गए। जंक्शन परिसर में राज्य के विभिन्न जिलों के लिए खड़ी बसों में प्रवासियों को बैठाया गया। जहां से वे संबंधित प्रखंडों में 21 दिन के क्वारेंटाइन के लिए भेजे गए। स्पेशल ट्रेन से बिहार लौटने वालों में महिला व बच्चे भी शामिल थे।
बुधवार की सुबह 6.30 में गया जंक्शन पहुंची पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन (07005) तेलंगाना के बीबीपुर स्टेशन से खुली थी। ट्रेन से आठ जिलों के 1124 प्रवासी उतरे। इनमें गया सहित अरवल, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कैमूर, रोहतास व भभुआ जिलों के प्रवासी शामिल थे। इस ट्रेन से उतरे 6 लोग संदिग्ध पाए गए। वहीं दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन (09381) गुजरात के वीरमगाम स्टेशन से खुली थी। जंक्शन पर 16:30 में पहुंची ट्रेन में राज्य के विभिन्न जिलों के 1192 प्रवासी शामिल थे। ट्रेन में जांच के दौरान 3 लोग कोरोना संदिग्ध पाए गए।
लौटने वालों में अधिकांश उतर बिहार के जिलों के लोग शामिल थे। 24 कोच वाली दोनों ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर एस्कार्ट दल मौजूद थे। पूरी व्यवस्था के लिए बनाए गए जंक्शन के वरीय प्रभारी सह नगर निगम आयुक्त सावन कुमार के साथ स्टेशन डायरेक्टर जेपी भारती, स्टेशन प्रबंधक केके त्रिपाठी, आरपीएफ सहायक सुरक्षा आयुक्त मनोज सिंह चौहान, रेल डीएसपी सुनील कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर एएस सिद्दीकी, रेल थानाध्यक्ष केके सिंह व अन्य चौकस थे।
गुजरात में पंजीकरण के लिए पैसा लिया फिर कटाया टिकट, 24 घंटे नहीं मिला खाना
प्लेटफार्म पर उतरे प्रवासियों ने बताया कि गुजरात के वीरमगाम से घर लौटने के लिए पुलिस द्वारा पंजीकरण कराया गया। जहां उनसे 700 रुपए लिए गए। जब वे स्टेशन पहुंचे तो उन्हें एक-एक कर 695 रुपए का कटाया हुआ टिकट देकर सीट पर बैठाया गया। स्टेशन पर उनसे पैसे नहीं लिए गए। 6 मई की शाम ट्रेन में बैठे थे। विरमगााम से गया जंक्शन तक (1654 किमी) उन्हें कहीं खाना व पानी नहीं मिला। गया जंक्शन पर नाश्ता व पानी मिला। वहीं सुबह 6:30 में तेलंगाना से गया जंक्शन पहुंची स्पेशल ट्रेन से उतरे लोगों ने बताया कि वे निकटतम थाने में घर लौटने के लिए पंजीकरण करवाया था। वहां बीबीनगर(तेलंगाना) स्टेशन पर 695 रुपए का टिकट देकर ट्रेन पर बैठाया गया। लेकिन उनसे टिकट का पैसा नहीं लिया। पूरे रास्ते तीन बार फूड पैकेट व पानी दिया गया।
फैक्ट्री बंद हो गई थी, खाना तो मिल रहा था लेकिन नही बन रही थी हाजिरी
जंक्शन लौटे प्रवासियों ने बताया कि फैक्ट्री बंद हो गई थी, उन्हें खाना तो मिल रहा था, लेकिन हाजिरी नहीं बन रही थी। वहीं धीरे-धीरे जरुरी सामान के लिए खुद के जमा पैसे भी खत्म हो रहे थे। लॉकडाउन बढ़ने व फैल रही बीमारी से चिंता बढ़ने से लौटने का निर्णय लिया। वहीं पत्नी व बच्चों के साथ लौटे प्रवासी ने बताया कि घर का किराया लग रहा था। काम बंद होने से परिवार के साथ परदेश में रहना काफी मुश्किल हो रहा था।
लाॅकडाउन के कारण विदेशों में हजारों भारतीय फंसे हैं। केंद्र सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर विदेश से भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत गया में लगभग 8 हजार प्रवासी भारतीयों को लाया जाएगा। एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट से इन्हें मध्य एशियाई देशों व यूएई से लाया जाएगा। एयरपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, गया में पहली स्पेशल फ्लाइट 11 मई को आएगी। हालांकि एयरपोर्ट डायरेक्टर दिलीप कुमार ने बताया, दूसरे चरण में भारतीयों की वापसी फ्लाइट के दौरान गया एयरपोर्ट पर प्रवासी भारतीयों को लाया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को गया एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ाई गई है। इसके तहत उसे दो एयरोब्रिज मिला है। यह अभी निश्चित नहीं है कि बाहर से आने वाले भारतीयों को बोधगया में ही 14 दिनों का क्वारेंटाइन कराया जाएगा या उन्हें संबंधित जिलों में भेजा जाएगा।
गया में क्वारेंटाइन कराने के लिए सूबे के सीवान, गोपालगंज व दरभंगा जिले के नागरिकों को खाड़ी के देशों से लाया जाएगा। सीवान कोरोना संक्रमण का हाॅट स्पाॅट है। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल के तहत इनकी स्क्रीनिंग होगी व उनकी वापसी यात्रा पेमेंट आधारित होगी। जांच के आधार पर उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर या अस्पताल भेजा जाएगा। यूएई से भी भारतीय को लाया जाना है। गया में मिले छह पाॅजिटिव मरीजों में दो की टेवेल हिस्ट्री यूएई की थी, जो लाॅकडाउन से कुछ दिन पहले ही वापस लौटे थे। गया एयरपोर्ट सूबे का एक मात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहां अति संवेदनशील क्षमता का लगेज स्कैनर व आव्रजन से संबंधित इंफ्रास्टक्चर मौजूद है।
होटल औरमोनास्ट्री को रखा गया तैयार
इंटरनेशनल ट्रैवलर एकोमोडेशन सेंटर बोधगया को बनाया गया है। इस संबंध में डीएम अभिषेक सिंह ने बुधवार को बैठक भी की। उन्होंने बताया, बोधगया के होटल एवं मोनास्ट्री की जो सूची उन्हें उपलब्ध कराई गई है, उसके अनुसार इन होटलों में कुल 1860 कमरे एवं सभी मोनास्ट्री में 1000 से ऊपर कमरे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे भी लोग आएंगे, जो अन्य देशों में छोटे-मोटे काम करने के लिए गए थे और उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही होटल का किराया निर्धारित किया जाना है।
पुलिस ने बहेड़ी-सिंघिया मार्ग पर मोटगाह चेक पोस्ट पर दरभंगा के एक निजी स्कूल का बैनर लगाकर दिल्ली से यात्रियों को लाने वाली टाटा मैजिक को जब्त कर लिया। मैजिक पर कुल 13 यात्री सवार थे। जिसमें 3 लोग बिरौल थाना क्षेत्र व 10 लोग बहेरी थाना क्षेत्र के थे। पुलिस ने चालक सहित सभी यात्रियों को कन्या मध्य विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर पर स्वास्थ्य जांच के लिए रखा। सोनकी थाना क्षेत्र के बीएमपी 13 के निकट मेनवेल पब्लिक स्कूल का बैनर लगाकर बीआर 06 पीई 2788 नम्बर की टाटा मैजिक दिल्ली, पंजाब व अन्य राज्यों से लोगों को लाती थी। वो 8 बार दिल्ली से लोगों को ला चुका था। बघनोची के लोगाें के दिल्ली से लाने की सूचना पर पुलिस ने बुधवार की रात बाजार की चारों ओर नाकेबंदी कर दी। जिसके बाद एक बजे रात गश्ती की टीम ने उसे रोककर पकड़ा। पुलिस ने यात्री समेत वाहन को कब्जे में ले लिया। वाहन सोनकी के वासुदेवपुर का बताया जाता है।
अब तक लाए गए लोगों की पहचान में जुटी पुलिस
पुलिस चालक से अब तक लाये गए यात्रियों की पहचान में जुटी है। थानाध्यक्ष राजन कुमार ने बताया कि प्रशिक्षु एसआई शिवनारायण, प्रतिमा व आराधना की मदद से गाड़ी को पकड़ा गया। इसको लेकर वाहन चालक व मालिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। साथ ही पूर्व में अन्य राज्यों से लाये गए यात्रियों की भी खोजबीन कर उसकी रिपोर्ट स्वास्थ विभाग को दी जाएगी।
गाेलीकांड के बाद सिंदुआरी गांव पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। पांच पुलिस पदाधिकारी और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती कर दी गई है। पुलिस ने गुरुवार की सुबह छापेमारी कर राजकुमार महतो नामक अभियुक्त को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। राकेश यादव और संजीव यादव को बुधवार को ही पुलिस ने पकड़ लिया था। शेष तीन आरोपी विमलेश यादव, रामबालक यादव और अनिल यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।बता दें कि इस कांड के बाद यहां टिकारी एसडीओ मनोज कुमार, टिकारी डीएसपी श्री सिंह, कोंच थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार सहित खिजरसराय अनुमंडल के तीन प्रशिक्षु पुलिस पदाधिकारी को तैनात किया गया है।
वहीं रैपिड एक्शन फोर्स के द्वारा पूरे गांव में फ्लैग मार्च किया गया। मृतक गिरजेश की पत्नी और उनके पिता को उनके मौत की कोई जानकारी नहीं है। जबकि पटना में उनका दाह संस्कार कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि किसानी करने वाला गिरजेश काफी गरीब थे। उनके जाने के बाद उनकी तीन पुत्रियां और एक पुत्र का गुजारा कैसे होगा यह सोचने वाली बात है। जबकि पुत्र अभी काफी छोटा है। मृतक उदय शर्मा की चार पुत्रियां हैं जिनमें से दो की शादी हो चुकी है वहीं दो की शादी होनी अभी बाकी है। इधर एसडीओ ने डीएम और एसएसपी से दूरभाष पर बात करने के बाद ग्रामीणों से कहा कि आप लोग हथियार के लिए आवेदन करें।
पांचवी शती में बोधगया पहुंचे चीनी यात्री फाह्यान ने लिखा है, जहां बोधिसत्व ने छह साल कष्टदायक तपस्या की थी, वहां चारों ओर घना जंगल था। यहां से तीन ली पश्चिम वे उस स्थान पर आए जहां बुद्ध स्नान करने के लिए पानी में गए थे। इससे दो ली उत्तर वह जगह थी, जहां ग्रामिका लड़कियों ने दूध से बने चावल-घृत को बुद्ध को भेंट किया था। इससे दो ले उत्तर वह जगह थी, जहां एक विशाल पेड़ के नीचे चट्टान पर बैठा था और पूर्व की ओर मुंह करके उसने खाया। वर्तमान समय में पेड़ और चट्टान मौजूद हैं।
चट्टान की चौड़ाई और लंबाई छह हाथ और ऊंचाई दो से अधिक हाथ है। इस स्थान से उत्तर-पूर्व की ओर जाने वाली आधी योजना चट्टानों में एक गुफा थी, जिसमें बोधिसत्व ने प्रवेश किया और पूर्व में अपना चेहरा कर ध्यान मुद्रा में बैठे। उन्होंने खुद से कहा, अगर मुझे पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना है और बुद्ध बनना है, तो इस संबंध में एक अलौकिक उपस्थिति बनो। इस वृतांत को आधार बनाकर शोधकर्ता दीपक आनंद व स्थानीय जैकी विश्वकर्मा और प्रह्लाद कुमार ने उक्त चट्टान की खोज 2018 में की थी, जिसपर बैठकर बुद्ध ने खीर खाया था।
2019 में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर उस इवेंट को रीक्रिएट किया गया था। इस बार लॉक डाउन के कारण इवेंट को रीक्रिएट नहीं किया जा सका। फाह्यान के अनुसार चट्टान 2 ली (एक ली- 350 मीटर) उस जगह के उत्तर में थी, जहां सुजाता ने सिद्धार्थ को चावल-घृत (खीर) चढ़ाया था। सुजाता द्वारा भोजन अर्पित करने का स्थान 2 ली उत्तर की ओर था, जहां सिद्धार्थ नदी में स्नान करने गए थे। स्नान स्थल उस स्थान से 3 ली पश्चिम में था, जहां सिद्धार्थ ने तपस्या की थी।
12 फीट चैकोर है रत्नागिरि चट्टान: रत्नागिरी की चट्टान लगभग 12 फीट चैकोर और 6 फीट ऊंची है। सैमुअल बील ने स्टोन का 6 फीट वर्ग और 2 फीट ऊंचाई में उल्लेख किया है। जेम्स लेग के अनुसार, रॉक की चौड़ाई और लंबाई में छह हाथ हो सकते हैं, बल्कि ऊंचाई में दो से अधिक हाथ हो सकते हैं। लेग का विवरण 9 फीट गुने 9 फीट गुने 3 फीट (1 क्यूबिट = 1.5 फीट) में अनुवाद करता है।
कहतें हैं दीपक आनंद
रत्नागिरि चट्टान को बोधगया में बकरौर में 200 मीटर पूर्व मतंगवापी के निकट फाह्यान द्वारा उल्लिखित रॉक साइट के संकेत पर खोजा गया। इसे संरक्षित करने की जरूरत है।
थाना क्षेत्र के पाली गांव के पाली बाजार अवस्थित दो किराना दुकानों में अज्ञात लोगों के द्वारा पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई। बुधवार रात के बारह बजे के करीब घटित इस घटना में पाली गांव के ग्रामीण विनोद कुमार झा के विनोद किराना स्टोर और विजय कुमार झा के विजय किराना स्टोर को पूरी तरह जलाने की मंशा से आपराधिक तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना में विनोद किराना स्टोर आंशिक रूप जल पाई जिसमें ढाई लाख का किराना सामग्री जलकर राख हो गया। वहीं विजय किराना स्टोर का भी दस हजार रुपए की सामग्री आग से जल कर राख हो गया। सुबह चार बजे के करीब मकान मालिक के द्वारा सूचित किए जाने पर किराना स्टोर के मालिक विनोद कुमार झा और उनके पड़ोसी ने बाजार पहुंचकर आग पर काबू पाया। घटना की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार झा भी घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार झा ने जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा बाजार में अवस्थित दो दुकानों में आग लगा दी गई। दुकानों का सीसीटीवी खंगाला जा रहा है।
प्रखंड के गौहरपुर पंचायत की सिंदुआरी गांव में बुधवार को हुई गोलीकांड की इलाके में दिन भर चर्चा होती रही। गुरुवार को गांव में विभिन्न पार्टी के नेताओं का आने का सिलसिला चलता रहा। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. अनिल कुमार सिंदुआरी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने उनका ढाढस बंधाया और धैर्य से काम करने की सलाह दी। आश्वासन दिया कि प्रशासन पर भरोसा करें। कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होती है तो उसका हम लोग स्वागत करें।
उन्होंने सरकार से मृतक के आश्रितों 20 लाख मुआवजा और घायलों का मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने की मांग सरकार से की। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि किसी भी हाल में कानून को अपने हाथ में नहीं लेना है क्योंकि एक व्यक्ति खराब हो सकता है पूरा समाज कभी खराब नहीं हो सकता है। कहा कि जिसने भी गलत काम किया है उसे प्रशासन की तरफ से कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा अवश्य मिलेगी। वहीं गोह के पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार सिंह ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की बात कही।
हत्याकांड के आरोपी जदयू नेता के घर मछली पार्टी में शामिल हुआ था एसआई
भाजपा के जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा ने एसएसपी से मांग किया है कि दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। कोंच थाने में पदस्थापित एसआई राजकुमार यादव के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि एसआई की शह पर ही यह घटना हुई। उन्होंने कहा कि वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा तबादला कर दिया है। चार मई को जदयू नेता के घर मछली पार्टी हुई जिसमें यह एसआई शामिल हुआ। इसमें लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाई गई। मछली पाटी में 25 से 30 लोग शामिल हुए थे। इसलिए वरीय पुलिस अधीक्षक उसे सस्पेंड करते हुए मामले का निष्पक्ष जांच कराएं।
सिंदुआरी में दो की हत्या की निंदा, जांच की मांग
बेलागंज में दो किसानों की हत्या और हत्या में शामिल सत्ताधारी दल के नेता का होना सुशासन की कथित सरकार को ठेंगा दिखा गयी है। जिले के लोगों में जंगलराज का भय घर करने लगा है। बेलागंज में पं यदुनन्दन शर्मा किसान विकास मोर्चा के सदस्यों ने कड़ी निन्दा करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। किसान विकास मोर्चा के संयोजक सह युवा सामाजिक कार्यकर्ता रविशंकर कुमार ने कहा कि एक सत्ताधारी दल के नेता द्वारा दिनदहाड़े हत्या की घटना को अंजाम दिया जाना सरकार पर सीधी उंगली उठा रही है।
डीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड व कोरोना वार्ड में भर्ती मीर शिकार और शोभन गांव के 5 कोरोना पॉजिटिव सहित इनके संपर्क में आए 12 लोगों का फिर से गुरुवार को सैंपल लिया गया। साथ ही कोलकाता से आए 1 कोरोना सहित 5 संदिग्ध लोगों का भी सैंपल लिया गया। सभी का सैंपल अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार की मौजूदगी में लैब टेक्नीशियन ने लिया। सभी सैंपल को जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजा जाएगा। ज्ञात हो कि पिछले माह में शोभन में कोरोना के पॉजिटिव मरीज पाए गए थे। वहीं पॉजिटिव के संपर्क में आए 8 लोग जो निगेटिव पाए गए उनका भी सैंपल लिया गया।
कोलकाता से भाग कर आए पांच संदिग्ध डीएमसीएच में भर्ती
कोलकाता से आए एक कोरोना सहित पांच संदिग्ध लोग कोलकाता में भागवत कथा, रामायण सहित धार्मिक कथा वाचक मंडली में शामिल थे। पश्चिम बंगाल सरकार से 2 अप्रैल को पास प्राप्त कर 14 सीट वाली गाड़ी से 11 लोग बिहार के लिए रवाना हुए। आने से पूर्व हावड़ा में कोरोना का जांच करवाए थे। इसकी रिपोर्ट नहीं आई थी। आने के क्रम में जैसे ही झारखंड होते हुए खगड़िया पहुंचे तो कोलकाता गोलावारी थाना से फोन आया तो जानकारी मिली कि एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है।
डीएसपी दिलीप कुमार झा ने पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया
जो 6 लोग ढ़रहा बसंतपुर के थे। उनको वहीं उतार लिया गया। शेष 5 लोग जिसमें 4 बिरौल प्रखंड के बुआरी गांव के और एक बेनीपुर प्रखंड के मकमपुर निवासी थे। सभी 5 अप्रैल की रात 1 बजे के आस-पास बिरौल थाना को स्वयं की सूचना दी। प्रशासन की मदद से इन्हें क्वारेंटाइन सेंटर मध्य विद्यालय बलिया में भेजा गया। डीएसपी दिलीप कुमार झा ने पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया।
कोशी कॉलेज के पास इंतजार करते रहे लोग, कोई पूछने वाला नहीं
हैदराबाद से आए लदहो निवासी दंपती सिकंदर पंडित ने बताया कि करीब 250 की संख्या में हमलोग जांच के बाद आए हैं। 2 घंटे से जनता कोशी महाविद्यालय के पास इंतजार कर रहे है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। कई लोग तो अपने घर चले जाते हैं। बीडीओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि अधिक संख्या में लोग आने के कारण पंचायत क्वारेंटाइन में भेजा जा रहा।
लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए सरकार स्पेशल ट्रेन चला रही है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अन्य प्रदेश से आए थे और यहां फंस गए हैं। ऐसा ही एक परिवार जंक्शन पर फंसा हुआ है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की फूलवती देवी पति के साथ जनकपुर तीर्थ के लिए आई थी। लौटने के दौरान उन्हें दरभंगा से ट्रेन पकड़ना था, लेकिन लॉकडाउन हो जाने के कारण उन्हें दरभंगा में ही रुकना पड़ा। अब फूलवती देवी और उनके पति किसी तरह जंक्शन परिसर में जीवन काट रहें हैं। इसी दौरान गुरुवार को वो बारिश में छाता लगाकर खाना बनाने दिखी, जो उनकी पीड़ा को बयां कर रही है।
प्रखंड की रसूलपुर पंचायत के रसूलपुर गांव में कोरोना को लेकर सर्वे करने वाली आंगनबाड़ी सेविका के साथ बदसलूकी का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में हायाघाट थाना में बदसलूकी करने वाले रसूलपुर गांव निवासी मो. जुबैर के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। उसे शराब के नशे में घर से गिरफ्तार कर लिया गया। प्रखंड क्षेत्र के रसूलपुर गांव में कोविड-19 का सर्वे कर चुकी आंगनबाड़ी सेविका के घर पर गुरुवार को रसूलपुर निवासी मो. जुबैर नशे की हालात में पहुंचा और सेविका से सर्वे प्रतिवेदन में से अपना नाम काट कर हटा देने की जिद करने लगा। इसी बीच नशेड़ी ने सेविका के साथ गाली-गलौज भी की। थाने में दिए गए आवेदन में सेविका ने बताया है कि 2 मई से 6 मई तक विभागीय आदेशानुसार वह कार्य कर रही थी। लगातार तीन दिनों से नशेड़ी मो. जुबैर उसके घर पर आकर गलत बातें कह रहा था। उसने इसकी जानकारी सीडीपीओ हायाघाट को दी एवं हायाघाट थाना अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार अमर को जानकारी देते हुए कहा है कि आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देते हुए दबाव बनाया है कि कभी भी कोई सर्वे करने मेरे घर पर नहीं आना। वहीं आरोपी ने गाली-गलौज करते हुए लोहे के रॉड से भी हमला कर दिया। हायाघाट थाना अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार अमर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया वहीं मामला दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।
विशाखापत्तनम त्रासदी से शुरू हुई बुद्ध पूर्णिमा की सुबह। इस मौके पर बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति का साक्षी रहा बोधिवृक्ष व वज्रासन के निकट विशेष पूजा हुई। सूबह नौ बजते ही बीटीएमसी आवासीय परिसर से सचिव नांजे दोरजे के नेतृत्व में 10 बौद्ध भिक्षु कतारबद्ध महाबोधि मंदिर की ओर चल पड़े। भिक्षु चालिंदा के हाथ भगवान बुद्ध को अर्पित करने के लिए खीर था, तो सचिव नांजे दोरजे के हाथ में पवित्र चीवर। गर्भगृह में प्रवेश के बाद चीवर बदला गया व खीर अर्पित कर पुष्प चढ़ाए गए। बाद में भिक्षु डा मनोज द्वारा वज्रासन पर पुष्प वर्षा की गई।
बोधिवृक्ष के नीचे सभी 10 भिक्षु व सचिव सहित बीटीएमसी कर्मी सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए बैठे। चार आर्यसत्य सुत्त का पाठ किया गया। भगवान बुद्ध ने बोधगया में दु:ख से मुक्ति का ज्ञान प्राप्त किया था। यह चार आर्यसत्य के रूप में जाना जाता है। शाम में 2564 वीं परिनिर्वाण दिवस पर इतनी ही दीप प्रज्वलित की गई। इसके अलावा कोरोना व विशाखापटनम त्रासदी में मृत लोगों की आत्मा की शांति को मंगलसुत्त का पाठ किया गया।
कार्यक्रम का हुआ वर्चुअल लाइव
लॉक डाउन के कारण मंदिर में सार्वजनिक पूजा पर लगे प्रतिबंध व बौद्धों में बुद्ध पूर्णिमा के प्रति आस्था को देखते हुए फेसबुक पर इसे लाइव किया गया। महाबोधि मंदिर के पेज से इसे कई संस्थानों ने लाइव किया। इसे वैश्विक दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने देखा।
वैशाख पूर्णिमा है महत्वपूर्ण
बौद्ध धर्म में पूर्णिमा का महत्वपूर्ण स्थान है। सबसे महत्वपूर्ण वैैशाख पूर्णिमा माना जाता है। भगवान बुद्ध का जन्म 623 ई पू. में वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ और 35 साल की आयु में 588 ई पू. में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी वैशाख पूर्णिमा को और 45 साल तक उन्होंने धर्म प्रसार का काम किया। 80 साल की उम्र में अर्थात् 543 ई पू. में उनका महापरिनिर्वाण भी वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ। इसी मान्यता के तहत भारत सरकार ने 1956 में उनके महापरिनिर्वाण के 2500 साल पूरे होने पर समारोह का आयोजन किया और पुनः 2006 में 2550 साल पूरा होने के अवसर पर समारोह आयोजित किया।
घर के अंदर सभी सुरक्षित रहें, इसी से हारेगा कोरोना : चालिंदा
महाबोधि मंदिर के मुख्य भिक्षु चालिंदा ने संदेश जारी करते हुए कहा, यह पवित्र दिन बुद्ध के जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण का स्मरण कराता है। कोरोना महामारी के प्रकोप ने गंभीर वैश्विक सामाजिक-आर्थिक व्यवधान पैदा किया है, और इस भयानक वायरस से खुद को बचाने के लिए हम सभी को सुरक्षित घर के अंदर बना दिया है। हम अपने सभी धम्म मित्रों से अपील करते हैं कि कृपया सुरक्षित रहें, घर के अंदर रहें और अपने परिवार/दोस्तों के साथ अपने घरों से प्रार्थना और ध्यान करके इस पवित्र दिन का पालन करें और सभी मनुष्य, जानवरों व प्रकृति की भलाई और भलाई के लिए गुणों का हस्तांतरण करें। जल्द से जल्द इस भयानक वायरस संकट को दूर करने की आशा करते हैं और एक बार फिर से शांति और खुशी के साथ रहते हैं।
बुद्ध ने कहा था पर्यावरण की करें रक्षा
बेलागंज:बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नगर प्रखंड के कंडी गांव में जय भीम क्लब में महात्मा बुद्ध जयंती पर पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन जितेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने कहा, गौतम बुद्ध का कहना था कि मनुष्य को प्रकृति में पेड़ पौधे सहित तमाम जीव जंतुओं व नदी तालाब की रक्षा करना चाहिए। आज लोगों को गौतम बुद्ध के बताए हुए रास्ते पर चलने की जरूरत है। मौके पर वरीय सदस्य बृज कुमार , कृष्णा भारती, अरविंद आदि लोग उपस्थित थे।
दरभंगा रेलवे स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचाने वाले बस चालक की लापरवाही गुरुवार को मो. शोएब के लिए जानलेवा साबित होती, लेकिन पिंडरूच और मुहम्मदपुर के कुछ युवाओं की पहल पर उसकी जान बची। गुरुवार की सुबह मुंबई से दरभंगा पहुंची ट्रेन से प्रखंड के माधोपट्टी पंचायत के माधोपट्टी गांव निवासी 50 वर्षीय मो. शोएब भी पहुंचे। आवश्यक जांच पड़ताल के बाद खाना-पानी देकर उन्हें बस में बैठाकर केवटी प्रखंड मुख्यालय के लिए विदा किया गया। इस बस में सिंहवाड़ा और जाले प्रखंड के लोगों को ही बैठाया गया था। बस चालक ने सिंहवाड़ा, जाले में लोगों को छोड़कर जब लौट रहा था, तो बस में सिर्फ शोएब ही बचे थे। उनके गांव से जब बस गुजर रही थी, तो बस चालक ने उन्हें माधोपट्टी में ही उतार दिया। जबकि उन्हें केवटी मुख्यालय में ही छोड़ना चाहिए।
चौक पर लोगों ने शुरू कर दिया था विरोध
चौक पर ही लोगों ने शोएब का विरोध करना शुरू कर दिया। फिर वे मुहम्मदपुर बाजार की ओर भागा। शोएब अपने पीछे आ रहे भीड़ को देखकर डर गया था लेकिन पिंडरूच और मुहम्मदपुर के युवाओं ने पुलिस काे तुरंत सूचना दी। कमतौल थानाध्यक्ष ने पहुंचकर पिंडारुच पंचायत भवन परिसर में उसे रख दिया। बाद में केवटी सीएचसी की एम्बुलेंस से क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया।
देखते हैं कि किस स्तर पर चूक हुई : डीटीओ
डीटीओ रवि कुमार ने बताया कि बस से जाने वाले यात्रियों की जानकारी संबंधित प्रखंड के बीडीओ एवं थानाध्यक्ष को दी जाती है। बीडीओ व थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी है कि सवारों को क्वारेंटाइन सेंटर पर भेजें। देखते हैं कि किस स्तर पर चूक हुई है। अभी तक 20 हजार से ज्यादा लोगों को क्वारेंटाइन किया जा चुका है।
प्रखंड के सभी सोलह पंचायतों में मनरेगा से आहर एवं पइन की खुदाई तेजी से चल रहा है। इससे दूसरे प्रदेश से अपने गांव पर आने वाले मजदूरों का रोजगार आसानी से मिल रहा है। साथ ही जल जीवन हरियाली योजना को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने के लिए सरकार मनरेगा से एक पंचायत को दूसरे पंचायत से जोड़ने वाली आहर व पइन की खुदाई करवाने पर विशेष प्राथमिकता दिया है।गुरुआ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि व राजद के वरिष्ठ नेता मुरारी प्रसाद दांगी एवं गुनेरी पंचायत के मुखिया पति उदय कुमार मंडल ने बताया कि दूसरे प्रदेश से आने वाले मजदूरों को रोजगार दे रहे हैं।
वहीं दुब्बा पंचायत के मुखिया पति डाॅ मनोज कुमार यादव और उप प्रमुख नागेंद्र पासवान ने बताया कि हमलोग से प्रत्येक दिन अलग-अलग टीम में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए करीब डेढ सौ मजदूर मिट्टी काटने में लगाया गया हैं। इसमें दुब्बा पंचायत को बरमा, पलुहारा एवं रघुनाथ खाप पंचायत को जोड़ने वाले आहर में मनरेगा से काम करवा रहे हैं। इसी प्रकार गुनेरी मुखिया सरिता देवी, चिलोर पंचायत के मुखिया मंजू देवी, राजन मुखिया परमेश्वर चौधरी, बेलौटी मुखिया नगीना यादव, नदौरा मुखिया संजय दास द्वारा मनरेगा से आहर एवं पईन की खुदाई तेजी से चल रहा है।
सरकार बोधगया को इंटरनेशनल ट्रैवलर एकोमोडेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत बोधगया के होटल व मोनास्ट्री में प्रवासी भारतीयों को ठहराया जाएगा। होटल एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर बैठक कर कुछ शर्तों के साथ सरकार व प्रशासन की मदद पर अपनी मुहर लगाई है। एसोसिएशन का कहना है कि कोविद 19 के तहत होटलकर्मियों की बीमा हो। उनकी पूरी रिस्क कवर होनी चाहिए। इसके अलावा पीपीई किट की उपलब्धता सुनिश्चित हो, ताकि स्क्रीनिंग सहित अन्य जांच में सुविधा हो सके। सबसे विकट स्थिति होटल में कर्मियों की अनुपलब्धता है। सभी कर्मचारी घर लौट गए हैं।
सभी स्टाफ, कूक, क्लिनर, हाउस कीपिंग, मैनेजर आदि कार्य नहीं कर रहे हैं। पूरी तरह से होटल बंद है। उन्हें वापस बुलाना भी मुश्किल है। एसोसिएशन की बैठक के बाद स्थानीय विधायक व होटल संचालक कुमार सर्वजीत ने कहा, होटल सरकार के साथ है, लेकिन सशर्त। सरकार एयोसिएशन की मांग को माने। कोरोना त्रासदी के कारण होटल व्यवसाय खत्म हो चुका है। सरकार से इसे पैकेज की जरूरत है।
बैठक में रणविजय सिंह, विनय कुमार, अश्विनी कुमार, शंकर यादव, अमरदीप, राजेश कुमार, जितेंद्र कुमार, मो आरिफ हुसैन सहित अन्य होटलों के संचालक मौजूद थे। कुमार सर्वजीत ने बताया कि प्रशासन द्वारा पीपीई किट की उपलब्धता, महामारी एक्ट के तहत सभी कर्मियों की बीमा, सेनेटाइजर मशीन लगाना, लॉक डाउन अवधि के बिजली बिल की माफी व ठहराव के दौरान अनुदानित मूल्य पर बिजली चार्ज का आरोपण सहित अन्य मांगे है। इसकी स्वीकृति के बाद ही प्रशासन को होटल दिया जा सकता है।
40 फीसदी देगी डिस्काउंट
बैठक के दौरान होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जय सिंह ने कहा कि होटल एसोसिएशन कमरे के टैरिफ रेट का 40 प्रतिशत डिस्काउंट सरकार को देने के लिए तैयार है।
बुद्ध की है कृपा
होटल एसोसिएशन के महासचिव सह होटल डेल्टा इंटरनेशनल के निर्देशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया सहित बुद्ध सर्किट में भगवान बुद्ध की कृपा है कि अभी तक कहीं भी कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त है।
वैश्विक महामारी के इस दौर में जहां हर कोई मानवता का परिचय दे रहा है, वहीं जिले के मधुबनी प्रखंड के एक प्लाई मशीन प्लांट से तीन दिन के भूखे 23 मजदूराें को बाहर निकाल दिया गया है। मामला बुधवार शाम का है। प्लांट से निकाले जाने के बाद सभी मजदूर जांच के लिए मधुबनी पीएचसी गए, जहां जांच केे बाद उन्हें तमकुहवा के क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया। मजदूरों का कहना है कि यहां क्वारेंटाइन किए गए लोगों ने उनके साथ मानवता दिखायी और भोजन कराया लेकिन प्रशासन उनसे बर्बरता से पेश आई है। सभी मजदूरों को तमकुहवा क्वारेंटाइन संेटर से गुरुवार की शाम उनके घर के लिए रवाना किया जा रहा है। इस संबंध में मधुबनी सीओ रंजीत कुमार ने बताया कि मजदूरों द्वारा लगाया गया आरोप गलत है। हम सभी उन्हीं की बेहतर व्यवस्था में लगे हुए है। बुधवार की शाम भोजन करने के दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों की काफी भीड़ लग गई। सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करते हुए सभी ने भीड़ लगा दी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया।
क्वारेंटाइन में रह रहे प्रवासियों ने अपने हिस्से का खिलाया
मजदूरों ने बताया कि जब उन्हें मधुबनी में जांच के बाद तमकुहवा के क्वारेंटाइन सेंटर में ले जाया गया तो वहां पहले से ही कुछ मजदूर थे। खाना उतने ही लोगों के लिए बना हुआ था। लेकिन जब उन मजदूरों को इस बात की जानकारी मिली की ये सभी 23 मजदूर पिछले तीन दिनों से भूखे है। कुछ खाने को नहीं मिला तो वहां रह रहे सभी मजदूरों ने अपने अपने हिस्से में से सभी को थोड़ा थोड़ा खिलाया। जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। मजदूरों ने बताया कि तीन दिनों की भूख तो नहीं मिटी लेकिन, लगा कि प्राण लौट आया हो।
मधुबनी के शिव शक्ति प्लाई मशीन प्लांट में काम करने के लिए आए थे
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला के रहने वाले मजदूरों ने बताया कि हमारे जिले का ठेकेदार को मधुबनी के शिव शक्ति प्लाई मशीन प्लांट में काम करने के लिए लाया था। लेकिन लॉक डाउन से पहले ही वह घर चला गया तथा वही फंस गया। लॉकडाउन के बाद इस प्लांट के मालिक अनुराग बंसल व मैनेजर विनोद बंसल के द्वारा शुरुआती दौर में भोजन की व्यवस्था की गई। लेकिन बाद में मैनेजर ने कहा कि कबतक तुम लोगाेंको बैठाकर खिलाएंगे, अपने पैसे से खाओ या घर जाओ।
प्रवासी हुए उग्र- मजदूरों के लिए किया हंगामा
मजदूरों ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर पर मधुबनी सीओ के आदेश पर पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे अन्य मजदूर पुलिस वालों पर आक्रोशित हो गए और जमकर विरोध जताया।
मैनेजर ने कहा- अपनी मर्जी से लौट रहे मजदूर
शिव शक्ति प्लाई मशीन प्लांट के मैनेजर विनोद बंसल ने बताया कि मजदूर गलत आरोप लगा रहे हैं। सभी मजदूरों को भोजन दिया जा रहा था। बुधवार को सभी ने प्लांट छोड़कर घर के लिए निकल गए।
(संजय पांडेय) 26 और 28 अप्रैल का वह मनहूस दिन एक साथ 15 परिवार के 113 लोगों की चिंता बढ़ा दिया था। 9 दिन और 10 रातें सभी ने तिल-तिल कर जीआ। 10 वें दिन बुधवार की दोपहर पटना से आई सीलबंद लिफाफा खुलते ही 113 लोगों की खोई मुस्कान लौटा दी। जिले के 26 लाख की आबादी के मन में बैठा अज्ञात भय को दूर दिया। डॉक्टरों में आत्मविश्वास भर दिया।
कोरोना को हराने वाले 14 लोगों को एक साथ ताली बजाकर हेल्थ महकमा और प्रशासन ने घर भेजा तो परिवार वालों ने स्वागत कर डॉक्टरों को थैंक्स बोला। भास्कर ने ठीक होकर लौटे 6 मरीजों से 5 सवाल किए जिसका जवाब जानना बहुत जरूरी है। मरीजों के जवाब में उनकी नादानी, बहादूरी, कोरेना वॉरियर्स के प्रति सम्मान और अनुशासन के पालन का संदेश छिपा है।
डर बना हुआ था कि कुछ अनहोनी न हो जाए
आज भी हम यहीं सोचते हैं कि यह बीमारी मुझे लगी कहां से? पहले से कोई बीमारी नहीं थी। कहीं भी नहीं गए थे। हां बाजार में लोगों सब्जी वगैरह खरीदते समय भीड़ के कारण चार-पांच लोगों से टच हुए थे। खांसी-जुकाम हुआ तो आशा कार्यकर्ता मेरी जांच कराई। पॉजिटिव रिपोर्ट की जानकारी मिली तो मैं डर गया। पेपर व टीवी में न्यूज देखे थे कि इस बीमारी की दवा अभी नहीं बनी है। अमेरिका और इटली की खबरों ने मेरी चिंता बढ़ा दी थी। विदेशों में मौत खबरों ने मेरी नींद उड़ा दी थी। यह भी डर था कि मेरी गोद में खेलने वाली 4 साल की बेटी संक्रमित न हो जाए। रिपोर्ट जब निगेटिव आई तो आधे घंटे तक भरोसा नहीं हुआ। -प्रदीप पांडेय, भोरे
मुझे भरोसा था कि मै ठीक हो जाऊंगा
पुणे में काम करता हूं। काम बंद होने के बाद एक महीने जक फंसा रहा। बाद में घर आने को ठान लिया। पुणे से दिन-रात बाइक चलाकर घर पहुंच गया। हां रस्ते मे खाने-पीने की बड़ी दिक्कत हुई। थकावट और बढ़िया आहार नहीं मिलने से इम्यूनिटी कम हो गई। तब भी बिंदास था। कोई बीमारी नहीं थी। जांच रिपोर्ट आई तो भी कोई डर नहीं लगा। आइसुलेशन में नियम का पालन करते रहा। हमेशा पॉजिटिव रहा। ज्यादा हंसने और हंसाने का काम करता रहा। हंस कर कोरोना का हराया। आज पूरा परिवार मुस्कुरा रहा है। - रामेश्वर चौहान, बनकट
बिहार जैसा बेहतर जगह कहीं नहीं, यहां टैलेंटेड है डॉक्टर
मैं मुबई के साइन का रहने वाला हूं। 23 अप्रैल को दरभंगा क लिए चले थे। बलथरी चेकपोस्ट पर प्रशासन ने मेरा स्क्रीनिंग कराया और संदिग्ध पाए जाने पर मुझे गोपालगंज में क्वारेंटाइन किया। पॉजिटिव रिपोर्ट आने बाद आइसुलेट हुआ। बिहार में डॉक्टरी संसाधन की कमी सूना था। छोटे शहर में था, इसलिए जीवन की उम्मीद छोड़ चुका था। मान गए.... गजब का टैलेंट है यहां के डॉक्टरों में। 10 दिन में ही ठीक कर दिया। मैने तो अपने महाराष्ट्र के फ्रैंड्स सर्कल ग्रुप पर भी लिख दिया हूं कि- कोरोना को मात देने के लिए बिहार से बेहत्तर जगह कहीं नहीं है। यहां के डॉक्टर और प्रशासन काबिल-ए-तारीफ है। गोपालगंज का कर्जदार हो गया, इसने मुझे नया जीवन दिया है। -नईम रोशन कादरी, मुंबई
दमा की शिकायत थी, पता नहीं कब हो गए
65 साल का हो चुका हूं। दम फुलने की शिकायत रहती है। जब भी मौसम बदलता है, ऐसी शिकायत आ जाती है। शुरू में मुझे दमा ही लगा। यह तो मेरे गांव की आशा है उसी ने चेकअप कराया। इस बीमारी के बारे में हम कुछ जयादा नहीं जानते हैं। दो-तीन बाजार बाजार सब्जी के लिए गए थे। अब देह में कौन सटा, कौन नहीं मुझे कोई जानकारी नहीं है। अस्पताल में बढ़ियाइलाज हुआ। सब कुछ ठीक-ठाक थ वहां, तभी तो ठीक हुआ हूं। -रामायण राम, जगतारी
स्थानीय जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर बने प्रखंडस्तरीय क्वारेंटाइन कैंप पर टंकी में पानी व तौलिया, साबुन आदि समान नहीं मिलने से प्रवासियों ने बुधवार की शाम हंगामा किया। इस दौरान प्रवासियों ने कैंप में मिलने वाला किट नहीं देने तथा टंकी में पानी का प्रबंध नहीं करने का आरोप प्रशासन पर लगा रहे थे। बीएओ धीरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ उमेश कुमार पांडेय आदि प्रतिनियुक्त कर्मियों को प्रवासियों के आक्रोश को झेलना पडा़। चिकित्सक पांडेय समेत अन्य कर्मियों के समझाने के बाद मामला शांत हुआ। हंगामे की सूचना पर बीडीओ जनार्दन तिवारी व सीओ धर्मेन्द्र प्रसाद गुप्ता तो नहीं पहुंचे किंतु आधा घंटा बाद सेनेटाइजर व साबुन का वितरण प्रवासियों के बीच किया गया। पीएचसी के चिकित्सक डॉ उमेश पांडेय व डाॅ प्रभात शुभाषम ने बताया कि काम करने के बावजूद वरीय अधिकारी लगातार डीएम को पत्र लिख देने की धमकी दे रहे हैं।
4 प्रवासियों ने खाना नहीं देने का लगाया आरोप
दूसरी ओर गौरीपुर मध्य विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में चार प्रवासियों ने भोजन नहीं देने तथा इसके बदले कोई भी राशि नहीं देने का आरोप लगाया है। सीओ धर्मेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि एकमात्र प्रखंडस्तरीय क्वारेंटाइन कैंप जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन को बनाया गया है। वहीं पानी के लिए चार नल एवं चार चापाकल का प्रबंध है। टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 11 मई को किट उपलब्ध होगा, तब वितरण किया जाएगा। तत्काल प्रवासियों को सेनिटाइजर, साबून व मास्क का वितरण कर दिया गया है।
शिकारपुर थाना के विशुनपुरवा वार्ड संख्या 10 में संचालित उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र का ताला तोड़ चोरो ने नगदी समेत हजारों रुपए मूल्य के सामान पर हाथ साफ कर दिया है। घटना बुधवार की रात्रि की बताई जाती है। हालांकि सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि भसुरारी पंचायत के विशुनपुरवा वार्ड संख्या 10 में उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र हैं। गुरूवार की सुबह जब केन्द्र के संचालक साफ सफाई के लिए गया तो देखा की दरवाजे में लगे दो ताले टुटे पड़े है। केन्द्र के अंदर आलमीरा में रखा 26 हजार नकदी कैश, लैपटॉप, पॉश मशीन, पास बुक, एटीएम व अन्य सामान गायब था। संचालक ने घटना की सूचना मुखिया प्रतिनिधि अखिलेश शर्मा को दिया। इस संबंध में सीएसपी संचालक मोहम्मद शमीम अंसारी ने शिकारपुर थाना में आवेदन दिया है। जिसमें अज्ञात चोरों पर ग्राहक सेवा केंद्र में चोरी करने का आरोप लगाया है।
कोरोना की दवा की खोज अभी पूरा विश्व कर रहा है। अस्पतालों में संसाधनों की कमी है। इसके बावजूद गोपालगंज के डॉक्टरों ने अपनी कुशलता से पूरे प्रदेश को यह मैसेज दे दिया है कि उनमें कोरोना का हराने की जिद है। इस अज्ञात बीमारी वे लड़ने वे में पूरी तरह से सक्षम हैं। जिले में अब तक कोरोना के 18 में 17 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। अब आपके मन में जिज्ञासा होगी कि वह कौन सी जादुई छड़ी है आपके डॉक्टरों के पास जिससे कोरोना की जंग जीत रहे हैं। वह जादू छड़ी है- ट्रीटमेंट पर कमांड और आत्म विश्वास। इस जंग को जीतने के जिए हेल्थ महकमा ने उन्ही अनुभवी चिकित्सकों को जिम्मेदारी है जिन पर पूरा गोपालगंज गर्वान्वित रहता है। मिलिए इन योद्वाओं से और जानिए उनका अनुभव ...
एक केस क्रिटिकल था: डॉ. कौशर जावेद
शुरू से ही हमने जटिल केस हैंडल किए हैं। हालांकि यह नई बीमारी है, इसलिए पहली बार मन में सवाल चलते रहे। एक केस क्रीटिकल जरूर हो गया। मन में विश्वास था। अनुभव पर भरोसा था। उपर वाले ने भी साथ दिया। दवा देने में कुछ अलग प्रयोग किया और नुख्सा कामयाब हो गया। दो घंटे में ही गजब का सुधार हुआ।
एक-एक क्षण महत्वपूर्ण था: डॉ. पीसी प्रभात
कोरोना वायरस के अब तक 17 मरीज ठीक हो गए हैं। एक मरीज और है वह भी आज-कल में घर चला जाएगा। उसमें भीसुधार दिखने लगे हैं। मरीजों को बार- बार देखने जाते थे। उनकी देखभाल के लिए नर्सिंग स्टाफ उनके साथ 24 घंटे रहते थे। पूरी टीम को पहले दिन से भरोसा था कि हमारी जीत होगी और हम कुछ अजूबा करेंगे।
कारगर रही है स्ट्रेटजी: डॉ. कैप्टेन एसके झा
जब पहला मरीज भोरे से आया था तभी से हमने एक टीम बनाकर वायरस से निपटने के लिए स्ट्रेटजी बनाई थी जो काफी कारगर रही। पहली प्राथमिकता थी कि किसी तरह से इसको फैलने से रोका जाए। इसमें हम अब तक सफल हुए हैं। मेडिसिन को लेकर हमने गाइडलाइन को फॉलो किया है और उसमें भी हमें सफलता मिली है।
मरीजों का हौसला बढ़ाते थे: अमित कुमार
चिंता शरीर का नाश का नाश करती है। यह सीख मेरे पिताजी ने दी थी। डॉक्टरों के इलाज करने और दवा देने के बाद हमने आसुलेशन में वार्ड में इसी साख को हकीकत में उतारा। मरीज जो चिंतित थे, उनके साथ गप्पे मारने लगा। तनावमुक्त होने से उनमें हिम्मत दिखने लगी। वे लड़े और दवा ने असर दिखाया।
मरीजों का हौसला बढ़ाते थे: अमित कुमार
चिंता शरीर का नाश का नाश करती है। यह सीख मेरे पिताजी ने दी थी। डॉक्टरों के इलाज करने और दवा देने के बाद हमने आसुलेशन में वार्ड में इसी साख को हकीकत में उतारा। मरीज जो चिंतित थे, उनके साथ गप्पे मारने लगा। तनावमुक्त होने से उनमें हिम्मत दिखने लगी। वे लड़े और दवा ने असर दिखाया।
पिपरासी थाना क्षेत्र से यूपी की सीमा में आने जाने को लेकर बुधवार को विवाद उत्पन्न हो गया। बिहार एवं यूपी के सीमावर्ती गांव के लोग आमने सामने हो गए, जिसके बाद दोनों ओर से रोड़ेबाजी भी हुई। हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
सूचना के बाद दोनों प्रदेशों की पुलिस घटना स्थल पर पहुंचे मामले को शांत कराया। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि धर्मेंद्र चौहान ने बताया कि सीमावर्ती यूपी के कोतवाली पडरौना क्षेत्र के चैती गांव के समीप बिहार को जाने वाली सड़क को यूपी पुलिस ने जेसीबी से खोदवा कर बन्द करा दिया है। लेकिन घोड़ाहवा वे आसपास के लोग किसी तरह इसको पार कर यूपी के बाजारों में जा रहे है।
इस प्रकार ही बुधवार को कुछ लोग यूपी जा रहे थे। तभी चैती गांव के लोग उन्हें गाली देकर भगाने लगे। इस पर इधर के लोग भी उग्र हो गए। इस पर दोनो तरफ से ईंट पत्थर भी चलने लगे। इसकी सूचना कुछ लोगों ने दोनों तरफ के पुलिस को दी। मौके पर पहुंच दोनों प्रदेशों के थानों की पुलिस ने मामले को शांत कराया। पिपरासी थानाध्यक्ष संजय कुमार यादव ने बताया कि मामला शांत है।
यूपी पुलिस ने सड़क काे खोदकर कराया बंद
ग्रामीणों ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में बसे अधिकांश लोगों का घर यूपी व बिहार दोनों तरफ है। वहीं ज्यादातर यूपी निवासियों का खेत बिहार में ही है। यूपी के गांव के लोगों के रास्ते रोकने के कारण बिहार के गांव के लोग भी यूपी से आने लोगों को भी रोक दिए। जिसके बाद विवाद बढ़ा और दोनों ओर तनाव हो गया। हालांकि सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों गांव के लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत करवा दिया।
वैशाख के महीने में ही सावन जैसी झड़ी लग गई है। मई के 7 दिनों में 3 दिन तेज बारिश हुई। इस महीने की औसत वर्षापात 34.1 मिमी है। जबकि महीने के पहले सप्ताह में ही 46.3 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश की संभावना बनी हुई है। गुरुवार की दोपहर अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। दिन में ही अंधेरे ने घेर लिया।
तेज आंधी के साथ जमकर एक घंटे बारिश हुई इससे पूरा शहर और ग्रामीण इलाका पानी-पानी हो गया है। कृषि विभाग में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ ठंडी हवा चलने से तापमान 2 डिग्री लुढ़क कर 33 डिग्री पर आ गया। जिले में यह पश्चिमी विक्षोभ की बारिश है। बीते साल 11 जून को पहली बारिश 6.6 मिमी दर्ज की गई थी। बारिश के कारण गर्मी से पूरी तरह से छुटकारा मिल गया। दिन में पंखे भी कूलर जैसी ठंडी हवाएं दे रहे थे।
एक घंटा गिरा पानी
बता दें कि सुबह बादलों के बाद 11 बजे मौसम साफ हो जाने से गर्मी के साथ उमस ने परेशान कर दिया था। दोपहर 1 बजे के बाद मौसम ने करवट बदली अाैर तेज बारिश हुई। दिन भर आसमान में बादलों ने डेरा डाल दिया।
तैयारी: नप ने पूरी की नालों की सफाई
बारिश का दौर शुरू होते ही नगर परिषद ने नालों की सफाई भी तेज कर दी थी। बता दें कि बीते साल तेज बारिश के कारण मिंज स्टेडियम रोड, अधिवक्ता नगर, शिक्षा विभाग, कोर्ट परिसर व बस स्टैंड आदि स्थानों पर जल जमाव की स्थित पैदा हो गई थी। इसका प्रमुख कारण था कि नाले चाेक हो गए थे। नगर परिषद के ईओ सुनिल कुमार ने बताया कि शहर के सभी नालों की सफाई पूरी कर ली गई है। ताकि बारिश के सीजन में फिर से शहर में कहीं जल जमाव की स्थित पैदा न हो।
आगे क्या: बढ़ेगा तापमान
रविवार तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। धूप- छांव के साथ तापमान में रोजाना एक डिग्री वृद्धि होने की संभावना हैं। उत्तरी हवा के कारण गर्म हवा से राहत मिलेगी। लेकिन उमस परेशान कर सकती है।
मई में पिछले साल से बेहतर बारिश
जिले की औसत बारिश 11 एमएम रिकार्ड की गई। जिसमें पूर्वाचल में 4 एमएम, पश्चिमी इलाके में 12 एमएम और जिले के दक्षिणी इलाके में 12 एमएम बारिश दर्ज की गई। बता दें कि जिले की सलाना औसत बारिश 1020 एमएम है।
पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में इजाफा
पिछले चार सालों में मौसम की गतिविधियों को देखते हुये इसकी तात्कालिक वजह पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में इजाफा होना है। बीते जनवरी- फरवरी में पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा आये, अभी मई में ही दो बार पश्चिमी विक्षोभ आ चुके है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि कम समय के अंतराल पर और बार- बार पश्चिमी विक्षोभ के आने के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट वर्षा चक्र पर असर डालता है।
शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरवर दयाल सिंह की ओर से पत्रांक 773 दिनांक 6- 5- 2020 को जारी पत्र के संबंध में सोशल मीडिया(व्हाट्सएप) पर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक सह बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा के नाम से प्रर्दशित पोस्ट को लेकर संघ ने खंडन किया है। संघ के प्रदेश महासचिव नागेंद्रनाथ शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर प्रदेश अध्यक्ष के नाम से दृष्टिगत हो रहे पोस्ट से अध्यक्ष व संगठन का कोई लेना देना नहीं है। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा इस तरह का कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया(व्हाट्सएप) पर नहीं डाला गया है। वास्तव में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जहां तक पत्र में जो बिंदु निर्दिष्ट है उससे कोरोनावायरस महामारी के परिप्रेक्ष्य में कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है।
एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में हो रही कठिनाई
लॉक डॉउन की स्थिति में जहां सोशल डिस्टेंसिंग सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस परिस्थिति में शिक्षक/ शिक्षिका का कार्यालय में जाकर योगदान करना, शिक्षकों के फरवरी से अप्रैल माह तक लंबित वेतन भुगतान व हड़ताल के दौरान शिक्षकों पर हुई दंडात्मक कार्रवाई (यथा एफआईआर/ निलंबन/ बर्खास्तगी) से मुक्ति के स्पष्ट विभागीय निर्देश को लेकर विभाग से दिशा-निर्देश जारी करने को लेकर पत्राचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 3 माह से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और लॉक डाउन में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में कठिनाई है।
वर्ल्ड थैलेसीमिया डे पर विभागीय निर्देश के आलोक में सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी प्रभारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले लोगों को इस रोग के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इसको लेकर एक अभियान चलाकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को जागरूक करने की पहल की जाए ताकि इस रोग से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के समय में यह देखा गया है कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को जल्द ही अपनी जद में लेता है। कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या में भी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में थैलेसीमिया के मरीजों पर भी खतरा बढ़ जाता है। आज पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और उन लोगों को है जिनकी रोग प्रतिरोध क्षमता सबसे कम होती है। इस तरह देखें तो थैलेसीमिया के रोगियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस बीमारी से बचने के लिए समय -समय पर रोगी को खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। इसका स्थायी इलाज के लिए बोन मैरो का प्रत्यारोपन ही सटीक इलाज है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर मां और पिता दोनों माइनर हैं तो यह संभावना रहती है कि बच्चा थैलेसीमिया का मेजर रेागी हो। ऐसे में जन्म के बाद बच्चे का न तो शारिरिक विकास हो पाता है और न ही उसकी आयु लंबी होती है।
कोरोना लॉकडाउन के बीच अन्य प्रदेशों से आने वाले मजदूरों को बलथरी चेकपोस्ट से स्क्रीनिंग के बाद उसके घर बस से जिला प्रशासन भेज रही है। प्रशासन दावा कर रही है कि सोशल डिस्टेंसिंग पालन किया जा रहा है। बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गृह प्रखंड में बस से भेजा जा रहा है। लेकिन हकीकत कुछ और है। जिन मजदूरों को बस से उनके घर तक भेजना है। बस के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग पालन भी करना है। लेकिन यहां तो छत पर बैठाकर उसको घर भेजा जा रहा है। बस के छत पर बैठकर जा रहे बस को रोकर कर डीएम ने वापस लौटाया। साथ ही अधिकारियों को फटकार भी लगाया।
बंजारी चौक पर डीम ने खुद की जांच,बस की छत पर थे बैठे
शहर के बंजारी चौक पर प्रशासन ने यूपी से आने वाहनों की जांच एनएच 28 पर कर रहे थे। चेकपोस्ट से खगड़िया जाने वाली बस के अंदर भेड़ बकरियों की तरह बैठाए गए थे। वहीं बस के छत भी बैठकर भेजा जा रहा था। इसकी सूचना पर बंजारी पहुंचे डीएम, एसपी ने दो बसों के छत पर बैठे लोगों को देख भड़क गए और डीटीओ को बुलाकर फटकार लगाया। उसके बाद दोनों बसों को लौटा दिया गया।
श्रमिक एक्सप्रेस से 443 प्रवासी मजदूर गोपालगंज पहुंचे
महाराष्ट्र,पंजाब,राजस्थान आदि जगहों से श्रमिक एक्सप्रेस से आने वाले 443 मजदूरों को 17 बस से गोपालगंज लाया। इन्हें कमला राय महाविद्यालय रखने के बाद उनके प्रखंड भेजा जा रहा है। जो प्रखंड में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखे जाएगें। ये मजदूर पटना, मुजफ्फरपुर आदि स्टेशनों से जिला प्रशासन ने बस भेजकर लाया है।
ज्यादातर कटेया व फुलवरिया के मजदूर
कमला राय में तैनात अधिकारी ने कहा कि श्रमिक एक्सप्रेस से आने वाले 443 मजदूरों में अधिक कटेया और फुलवरिया के है। उत्तर प्रदेश से आए मजदूरों ने कहा कि लॉकडाउन के चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके आय के स्रोत बंद हो गए थे।
अब शहर में भी नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक चौक चौराहे पर भीड़ लगी रहती है। पुलिस तैनात है। फिर भी लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे है। कभी कभार आलाअधिकारियों को देख चौक चौराहे पर जांच की खानापूर्ति की जाती है।
राजस्थान के कोटा से स्पेशल ट्रेन से मोतिहारी पहुंचे 650 छात्रों को जिला प्रशासन ने 50 बसों से गुरूवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था में बेतिया लाया। शहर के एमजेके कॉलेज के परीक्षा भवन में सभी छात्रों का थर्मल स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद छात्रों से सेल्फ डिकिलिरेशन एक फार्म पर लिया गया व उसके बाद उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया। वही नरकटियागंज व बगहा अनुमंडल के छात्रों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद बसों से भेजा गया। जबकि करीब 200 से ज्यादा छात्रों के अभिभावकों के नहीं आने पर उनको बसों में बैठाकर उनके प्रखंड मुख्यालय भेज दिया गया । मौके पर सदर एसडीएम विद्यानाथ पासवान, डीटीओ राजेश कुमार, डीएफओ मनीष कुमार श्रीवास्तव, नगर थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर सहित भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व महिला-पुरूष पुलिस जवान शामिल रहे।
छात्रों को फल, नाश्ता व पानी कराया गया उपलब्ध
राजस्थान के कोटा से मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे छात्रों को लाने पहुंचे अधिकारी व कर्मियो ने पूरा ख्याल रखा। बस में सवार होने के पहले सभी छात्रों को नास्ता उपलब्ध कराया गया। जिसमें फल, बिस्कुट, टाफी व पानी शामिल था। उसके बाद सभी छात्रों को भारी सुरक्षा व्यवस्था में बेतिया लाया गया। इसके लिए प्रशासन व सरकार को धन्यवाद है।
सरकार और जिला प्रशासन के प्रयास से लौटे घर
राजस्थान के कोटा से लौटे छात्रों के चेहरे चमक रहे थे। वही छात्रों को एमजेके कॉलेज में लेने पहुंचे उनके अभिभावकों ने घर आने राहत पर की सांस लिया। मेडिकल की तैयारी कर रही बानुछापर के स्मृति प्रिया, परसौना के नीतीश कुमार, नवलपुर के रश्मि व इंजीनियरिंग की तैयार करने गये बेतिया के इलमराम के अभिषेक कुमार, चखनी के मोहित, योगापट्टी के आदित्य रंजन ने कहा लॉकडाउन लागू होने पर कुछ दिनों तक सब ठीक चल रहा था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उसके बाद परेशानियां बढ़ने लगी। लग ही नहीं रहा था कि जल्द घर वापसी होगी। लेकिन सरकार व जिला प्रशासन के प्रयास से घर वापसी हुई है।
तेज आंधी में पेड़ गिरने से एक वृद्ध महिला की मौत हो गई। हादसा मीरगंज के बरईपट्टी गांव में घटित हुई। महिला का शव पेड़ काटकर निकला गया। पेड़ गिरने के बाद अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। महिला को प्रधान मंत्री आवास योजना से मकान नहीं मिला था। घटना की जानकारी होते ही बीडीओ और स्थानीय पुलिस पहुंची जहां आपदा के तहत मुआवजा देने का भरोसा दिया।
जानकारी के अनुसार मीरगंज थाना क्षेत्र के बरईपट्टी गांव में गुरुवार के सुबह आंधी के साथ बारिश शुरू होने पर ज्योतिष महतो की पत्नी रामसखी देवी अपने झोपड़ी में चली गई।। इसी दौरान झोपड़ी के बगल में खड़ा वट का विशाल पेड़ झोपड़ी के ऊपर गिर गया। जिससे झोपड़ी में बैठी वृद्ध महिला की दबने से मौत हो गई।घटना के बाद गांव में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई और घटना की जानकारी लेने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। वहीं घटना के बाद वृद्ध महिला के घर पर चीख-पुकार मची हुई है।
आपदा राहत कोष से दी जाएगी राहत राशि
सीओ विपिन कुमार सिंह, मुखिया हिरालाल सिंह, वार्ड सदस्य प्रतिनिधि प्रदीप कुमार और मीरगंज पुलिस पदाधिकारी इंद्रा रानी द्वारा मौके पर पहुंचकर झोपड़ी के ऊपर गिरे पेड़ को कटवा कर उसके नीचे दबी महिला के शव को निकाला गया। मौके पर पहुंचे स्थानीय हथुआ सीओ विपिन कुमार सिंह ने बताया कि महिला के परिजनों को आपदा राहत राशि से ₹4 लाख प्रदान किया जाएगा। वहींस्थानीय बीडीओ रवि कुमार ने कहा कि परिवारिक लाभ योजना के तहत यह परिवार को सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
एसएच 90पर तेज रफ्तार टैंकर ने बाजार जा रहे साइकिल सवार को रौंदा डाला जिससे उसकी मौत हो गई।वहीं हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गया। हादसा महम्मदपुर थाना क्षेत्र के महम्मदपुर पुरानी बाजार के समीप घटित हुई। मौत की खबर मिलते ही लोग आक्रोशित हो उठे और मुआवजा की मांग करते हुए लॉक डाउन में सड़क जाम कर दिया।सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को किसी तरह से समझा बुझाकर शांत कराया।
पुलिस ने टैंकर चालक को गिरफ्तार कर लिया है।जानकारी के अनुसार महम्मदपुर थाना क्षेत्र के पश्चिम टोला निवासी गणेश सहनी का पुत्र गोविंदा सहनी गुरुवार को साइकिल से तरबूज लाने के लिए बाजार जा रहा था ।इसी दौरान छपरा की तरफ से तेज रफ्तार से आ रहा टैंकर ने साइकिल में टक्कर मार दी जिसमें गोविंद सहनी और कबाड़ दुकानदार मनोज सहनी गंभीर रूप से जख्मी हो गए ।दोनों को घायल अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल लाया गया जहां गोविंद की मौत हो गई।
हादसे के बाद ग्रामीणों ने पीछा कर टैंकर चालक को पकड़ा
हादसे के बाद चालक वाहन समेत भागने की कोशिश कर रहा था ।जिसे ग्रामीणों ने पीछा कर धर दबोचा ।इसके बाद उसकी पिटाई कर दी ।पुलिस ने किसी तरह से चालक को अपने कब्जे में लिया ।इसके बाद लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज करते हुए इलाज के बाद जेल भेज दिया।वहीं इस घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है।
सड़क जाम रहने से पुलिस को हुई परेशानी, बाद में माने ग्रामीण
हादसे के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और मुआवजा की मांग करते हुए सड़क को जाम कर दिया।पुलिस के आश्वाशन के बाद लोग शांत हुए और सड़क जाम हटाया।
थाना क्षेत्र के खीरीड़ीह पंचायत के रामपुर के स्वं चक्रधर राम के पुत्र 50 वर्षीय सूरज राम की कोरोना वैश्विक महामारी संक्रमण के चलते रविवार की रात्रि में महाराष्ट्र के मुंबई नगर के अंधेरी के कूपर अस्पताल में दर्दनाक मौत हो गई । नगर प्रशासन की देखरेख में मृतक का दाह संस्कार एक सामाजिक कार्यकर्ता शरद शिंदे द्वारा करा दिया गया । उसके बाद इस घटना की खबर शरद शिंदे ने मृतक की पत्नी को मोबाइल फोन से दिया । खबर सुनकर पत्नी संध्या देवी के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। किंतु सही गलत की जानकारी के लिए उसने गांव के ही गिरजा यादव नामक व्यक्ति से संपर्क कर घटना की जानकारी ली, तो पता चला कि घटना सही है और सूरज राम की मृत्यु कोरोना से हो गई है।
उक्त घटना के संबंध में सूरज राम के घर पहुंचने पर जानकारी ली गई तो उसकी पत्नी संध्या ने सूरज की पूरी कहानी बताते हुए शरद शिन्दे से फोन से बात कराई । शिन्दे ने बताया कि 20 अप्रैल को वह बीमार पड़ गया तो अंधेरी के कूपर अस्पताल में भर्ती कराया गया तथा उसकी देखरेख किया जा रहा था, किंतु रविवार को चिकित्सकों ने सूरज राम को वैश्विक महामारी से मृत घोषित कर दिया ।इस आशय की जानकारी परिजनों को बता दिया गया है। सूरज परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था जो मजदूरी करता था ।
7 फरवरी को गया था कमाई करने
7 फरवरी को वह मुंबई गया था जहा से परिवार के लिए अभी कमाकर कुछ भेजता तब तक उनके मरने की खबर आ गई। सूरज राम के पास रहने के लिए एक झोपड़ी है । परिवार में पत्नी संध्या के आलावा दो लड़के और एक लड़की है । बड़ी लड़की 9 वर्ष की है जिसका नाम निशु कुमारी है । लड़कों में बड़ा सत्यम 6 वर्ष का तथा छोटा शिवम कुमार 4 वर्ष का है। मजदूरी के अलावे कमाने का कोई साधन नहीं है । सूरज राम दो भाई है । बड़े भाई का नाम बाबूलाल राम है जो दैनिक मजदूरी करता है और गांव पर ही रहता है। दोनों भाई अलग-अलग रहते हैं परिवार की स्थिति अत्यंत दयनीय है।
बेमौसमी बारिश के रूप में सूबे के कई जिलों में बुधवार को भी आफत बरसी। फरीदकोट में ओले गिरे वहीं मोगा में बारिश हुई। मोगा व फाजिल्का में भी जोरदार बारिश हुई। फाजिल्का जिले के गांव सजराणा के एक किसान जयचंद पर खेत में आसमानी बिजली गिरने कारण किसान की मौत हो गई।
शाम 6.30 बजे शुरू हुई बारिश के बीच वह घर लौट रहा था। मौसम विभाग के मुताबिक सूबे में मौैसम अभी बदलाव पर ही है। पिछले 6 दिनाें से तेज हवाएं, आसमान में बादल छाने और बीच बीच में बारिश भी हुई है। अब 9 मई से फिर हल्की बारिश के अलावा आंशिक बादल छाने के साथ साथ धूल भरी हवाएं भी चलेंगी।
कोरोना वायरस ने कारोबार के साथ-साथ क्राइम रेट और एक्सीडेंट में भी कमी ला दी। लेकिन एक नशा ऐसी चीज है, जिसकी डिमांड और सप्लाई दोनों जारी है। बस फर्क इतना है कि तस्करी के तरीके बदल गए, ताकि उनपर कोई शक न करे। ऐसा नहीं कि कोई पकड़ में नहीं आया, मगर तस्करी का ये धंधा जोरों पर चल रहा है।
आकंड़ों की बात करें तो पुलिस द्वारा लाॅकडाउन के इन 40 दिनों में आधा किलो से ज्यादा हेरोइन और शराब बरामद की गई है। हालांकि, पुलिस द्वारा एक दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद इतना जरूर क्लीयर हो गया कि वो कैसे ला रहे हैं और कैसे इसकी सप्लाई कर रहे हैं? इसके बाद से पुलिस की परेशानी इस बात को लेकर भी बढ़ गई है कि इन पर कैसे रोक लगाई जाए। मगर, तस्कर अपना ट्रेंड लगातार बदलते जा रहे हैं और सेटिंग कर तस्करी कर रहे हैं। जोकि पुलिस की पकड़ से कोसों दूर है।
अब इस्तेमाल कर रहे नए ट्रिक
दूध के कैन का इस्तेमाल
शराब व नशा तस्करी के लिए तस्कर दूध वाले कैन का इस्तेमाल कर रहे हैं। शराब को बोतल की बजाए लिफाफे में डालकर कैन में डाल रहे हैं, ताकि किसी को शक न हो। वहीं, पुलिस भी इन्हें चेक नहीं करती, क्योंकि दूध बेचने वाले पर कोई पाबंदी नहीं है। इसी का फायदा उठाकर शराब की सप्लाई की जा रही है।
मेडिसिन डिलीवरी की आड़ में तस्करी
इसी तरह से मेडिकल नशे का धंधा भी अच्छा फल-फूल रहा है। क्योंकि अगर नाके पर रोककर मुलाजिम को दवाई दिखा भी दें तो उन्हें पता नहीं चल रहा कि दवाई नशे की है। बस इसी की मदद से नशे की दवाइयां इधर से उधर पहुंच रही है।
सामान की बजाय नशे की डिलीवरी
कुछ डिलीवरी ब्वाॅय भी इन दिनों सामान के साथ नशे की सप्लाई लेकर निकले हैं। कुछ दिन पहले राजपुरा चौक के पास पुलिस ने एक डिलीवरी ब्वाॅय को शराब की बोतल की सप्लाई देने जाते पकड़ा था। हालांकि, उक्त मामले में कोई एफआईआर नहीं दर्ज हुई। लेकिन ये ट्रेंड भी जारी है।
नशा सप्लाई के दो मामले
केस स्टडी 1 : 10 दिन पहले एसटीएफ स्टाफ की टीम ने एक बाप-बेटे को 360 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों को पकड़ा तो उनकी बाइक में से हेरोइन मिली। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को पूछताछ में पता चला कि उन्होंने दवाई लेने के लिए पास अप्लाई किया था। उक्त पास मिला तो उसी की आड़ में हेरोइन की सप्लाई देने के लिए निकल पड़े, लेकिन धरे गए।
केस स्टडी 2 : लुधियाना कमिश्नरेट की पुलिस ने दो पेटी शराब समेत तस्कर को काबू किया था। शराब बेचने वाला शख्स दूध का कारोबार करता था और इसी आड़ में उसने सप्लाई शुरू की। क्योंकि, दूध वालों की कोई चेकिंग नहीं होती। उनके खिलाफ एफआईआर हुई।
सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड की तैयारियों के लिए प्रबंधन लापरवाह बना हुआ है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अस्पताल में अभी तक खिड़कियां टूटी हैं। इन्हें दुरुस्त करने के लिए अस्पताल प्रबंधन कोई प्रयास नहीं कर रहा। यही नहीं हर बेड को अलग करने के लिए होने वाला एल्युमिनियम का काम भी अधर में ही लटका है। नियमों के मुताबिक आइसोलेशन वॉर्ड पूरी बंद होना चाहिए। जहां पर सिर्फ इन्फेक्टेड या सस्पेक्टेड मरीजों को रखने के अलावा वॉर्ड में काम करने वाले ही जा सकें।
अस्पताल के एंट्री गेट्स को बस बंद कर दिया गया है। वहीं, सीढ़ियों पर भी एल्युमिनियम का काम करवाकर सीढ़ियों की एंट्री तो बंद कर दी गई, लेकिन अस्पताल में इसके अलावा कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। बस मरीजों को लाकर रखा जा रहा है। भले ही सस्पेक्टेड, पॉजिटिव मरीजों को अलग-अलग रखा जा रहा है। मगर हर बेड को भी अलग करने के बारे में कहा गया था।
डब्ल्यूएचओ टीम को दौरा किए 34 दिन बीते, काम अब भी अधूरा
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने पहली अप्रैल को सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड की तैयारियों का जायजा लिया था। उस समय भी आइसोलेशन वॉर्ड का काम अधूरा ही था। इसे जल्द पूरा कराने के बारे में कहा गया था। तत्कालीन एसएमएओ डॉ. रवि दत्त ने जानकारी दी गई थी कि हर बेड को एल्युमिनियम के क्यूबिकल से अलग किया जाएगा, लेकिन 34 दिन बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हो सका। वहीं, वर्तमान एसएमओ डॉ. गीता कटारिया को बार-बार फोन करने के बावजूद भी उनकी तरफ से जवाब नहीं मिला।
एलईडी इंस्टॉल तो हुई, मगर चलती नहीं
आइसोलेशन वॉर्ड के लिए एलईडी लाई गई थीं, ताकि वॉर्ड में मरीजों का मनोरंजन हो सके। मगर इन एलईडी में से कुछ को इंस्टॉल तो कर दिया गया, फिर भी चलाई नहीं जाती। सिर्फ नाम के लिए ही एलईडी लगा दी गई हैं। डायर्स एसोसिएशन की ओर से दिए गए 15 एसी भी इंस्टॉल किए गए हैं। इसके अलावा नई वॉशिंग मशीनें भी लगाई गई हैं।
पंजाब रोडवेज-पनबस कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के सरपरस्त सिकंदर सिंह गिल की अगुवाई में बस अड्डे पर सरकार का पुतला फूंक कर रोष प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की हिदायतों पर पनबस मुलाजिम अलग-अलग जगहों पर ड्यूटी करने के बावजूद मुलाजिमों को कोई सेहत सुविधा नहीं दी जा रही। हजूर साहिब में पहले तो वॉल्वो बसें भेजकर सरकार ने कोरोना को बुलावा दिया। फिर श्रद्धालुओं और मुलाजिमों को भीड़ वाली जगह पर इकट्ठे रखकर बीमारी को बढ़ाने में कई कसर नहीं छोड़ी।
सरकार और प्रशासन के प्रबंध के कारण श्रद्धालु ही नहीं, लखनपुर सवारियां छोड़ने गए पनबस के 24 मुलाजिम महामारी की चपेट में आचुके हैं। जैसलमेर और हजूर साहिब ड्यूटी पर गए मुलाजिमों की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने कहा कि अमृतसर में रिपोर्ट निगेटिव वाले पनबस मुलाजिम को पॉजिटिव कहकर प्रशासन की ओर से उठाना और रिपोर्ट पॉजिटिव वाले श्रद्धालुओं को अन्य लोगों में तीन दिन घूमते रहना साफ दर्शाता है कि हमारे मुलाजिम और श्रद्धालु सुरक्षित नहीं।इस मौके पर बलवीर सिंह, कर्मजीत सिंह, सुरिंदर, मलकीत सिंह, सिमरन सिंह, मनदीप सिंह मौजूद रहे।
मांगें न मानीं तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे
यूनियन ने कहा कि अगर किसी मुलाजिम को कुछ होता है तो सरकार बाकी राज्य की तर्ज पर 50 लाख की राशि परिवार को देने का पत्र जारी करे। मुलाजिमों ने सरकार से मांग की कि पंजाब सरकार कोविड-19 में ड्यूटी करने वाले मुलाजिमों को तुरंत अच्छी सेहत सुविधा देकर ठीक करवाए, अगर बीमारी के कारण किसी को मौत होती है तो उसके परिवार को 50 लाख रुपए और सरकारी नौकरी का तुरंत नोटिफिकेशन जारी करें, एमरजेंसी ड्यूटी दे रहे मुलाजिमों को पक्का किया जाए, मुलाजिमों को पीपीई किट, मास्क-ग्लब्स, सेनेटाइजर और रहने का इंतजाम किया जाए।
रेलवे स्टेशन से राेज ट्रेनें प्रवासियों काे लेकर जाएंगी। इसके लिए निगम ने लोगों काे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए शेड्यूल तैयार किया है। इसके मुताबिक हर ट्रेन में 1200 से 1500 यात्रियों काे रवाना किया जाएगा। लोगों काे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए प्लान तैयार कर 150 टीमें बनाई गई हैं। यात्रियों काे स्टेशन पर लेकर जाने के लिए 150 बसें लगाई जाएंगी। एक टीम के जिम्मे एक बस रहेगी। हर बस में कुल 5 मुलाजिम तैनात रहेंगे। इनमें एक मुलाजिम निगम, 2 पुलिस और दाे मुलाजिम रोडवेज महकमे के हाेंगे। एक बस में 30 लोगों काे लाने की जिम्मेदारी हाेगी।
ग्रुप वाइज काम करेंगी टीमें:
पलायन को 5.10 लाख ने कराई रजिस्ट्रेशन
डीसी प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि जिले से 5.10 लाख लोग अपने राज्यों में लौटने के लिए पंजाब सरकार की वेबसाइट पर अप्लाई कर चुके हैं। जिन लोगों ने दूसरे राज्यों में जाने के लिए आवेदन किया है, वाे अपनी बारी इंतजार करें। प्रशासन के भेजे मैसेज के मुताबिक ही जाने की तैयारी करें। इसके अलावा लौटने के इच्छुक लोग वेबसाइट www.covidhelp.punjab.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। यह सुविधा कोवा एप पर भी उपलब्ध है। अब असम सरकार ने भी अपने लोगों को वापस बुलाने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। इच्छुक 7428159966 पर कॉल कर सकते हैं।
इस पर उसे 48 घंटों में लिंक मिलेगा, जिसे वह खोलकर देख सकता है जानकारी भर सकते हैं। इसके अलावा assamtransportrelief@gmail.com पर भी विवरण भेज सकते हैं। वहीं, केरल से संबंधित व्यक्ति registernorkaroots.org, तमिलनाडु से संबंधित tnepass.tnega.org पर संपर्क कर सकते हैं। वहीं, बिहार ने अपने नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए www.aapda.bih.nic.in स्थापित की है। इस पर आवेदन कर बिहार सरकार अपने लोगों के खातों में प्रति व्यक्ति 1000 रुपए भेज रही है। वहीं, लुधियाना स्टेशन से मंगलवार रात को चलने वाली गाड़ी बुधवार को 12:50 पर प्रयागराज पहुंचेगी।
जालंधर बाईपास सब्जी मंडी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन नहीं कर पा रहे। मंडी में तैनात पुलिस मुलाजिमों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। लोग न ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर पा रहे हैं और न ही मास्क-ग्लब्स पहन रहे हैं। वहीं, मार्केट कमेटी के अफसरों-मुलाजिमों को क्वारेंटाइन करने का रोना रो रही है। ऐसे में अब कौन मंडी में आने वाले लोगों को रोके, ताकि कोरोना के बढ़ते प्रकोप से लोगों को बचाया जा सके। पुलिस-प्रशासन भी महीने से अधिक समय से मंडी में होने वाली भीड़ पर रोक लगाने के लिए कई हथकंडे अपना चुकी है।
परंतु वहां तैनात कुछ पुलिस मुलाजिमों की मिलीभगत से गाड़ियां दिन में तो क्या रात को भी मंडी में एंटर हो रही है। मंडी में गाड़ियों के अंदर-बाहर जाने के लिए समय प्रशासन की ओर से तय किया गया। वहीं, बस्ती जोधेवाल पुलिस ने देर शाम को सब्जी मंडी में घूम रहे लोगों पर हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा। मंगलवार को सब्जी मंडी में शाम तक लोग घूमते नजर आए। इसमें वेंडर ही नहीं, बल्कि रेहड़ी चालक, स्कूटर-एक्टिवा और पैदल लोग मंडी में सब्जियां लेने पहुंचे। वहीं, आढ़तियों को भी बार-बार समझाने पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बना पा रहे हैं और महामारी को न्योता दे रहे हैं। अधिकतर लोगों ने ग्लब्स-मास्क नहीं पहने।
अफवाहों के कारण स्टेशन पर लगा रहा मजदूरों का जमावड़ा
प्रवासी मजदूरों में किसी ने अफवाह फैला दी थी कि यूपी की तरफ जाने वाली ट्रेन में कोई भी जा सकता है। ऐसे में तकरीबन 500 के करीब ऐसे लोग स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गए जो यूपी व बिहार जाने के इच्छुक थे। पुलिस व प्रशासन ने सतर्कता दिखाते हुए इन सभी लोगों को समझा कर वहां से वापस भेजा।
सूबे में लॉकडाउन और चप्पे-चप्पे पर पुलिस। फिर भी वारदातों का सिलसिला जारी है। मामले चोरी और स्नेचिंग की नहीं। बल्कि सरेआम गोलियां चल रही हैं। इसमें अवैध असलहा इस्तेमाल हो रहा है, जोकि लगातार शहर में आ रहा है। मगर इन पर किसी तरह का कोई चेक नहीं है, क्योंकि पुलिस कोरोना के चक्रव्यूह में घिरी है। हैरानीजनक है कि गोलीकांड के ये मामले उन इलाकों में हुए, जहां पुलिस की सबसे ज्यादा चौकसी थी।
आकंड़ों की बात करें तो लॉकडाउन के 40 दिनों में अवैध असलहे के 4 मामले सामने आए। इसमें से एक शख्स को ही पुलिस ने असलहे के साथ गिरफ्तार किया था। उसने खुलासा किया था कि अवैध असलहे का धंधा शहर में तेजी से चल रहा है। असलहा देने वाले भी यहीं के है और लेने वाले भी। बस फर्क इतना है कि पुलिस को नजर नहीं आ रहे। जबकि वो खुलेआम इस धंधे को कर रहे हैं।
सामान डिलीवरी की आड़ में असलहा सप्लाई
सूत्रों के मुताबिक दूसरे राज्यों से आया देसी असलहा शहर में लॉकडाउन से पहले का पड़ा है। इसकी सप्लाई अब होने लगी है। इसके लिए डिलीवरी पास अहम भूमिका निभा रहा है। दस्तावेज लगाकर पास बनवाने के बाद उसी आड़ में असलहा इधर से उधर पहुंच रहा है। रास्ते में चेकिंग तो नहीं होती। सिर्फ पास देखकर जाने दिया जाता है। इसी वजह से असलहा आसानी से शहर में मूव कर रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक डिवीजन 7 और बहादुरके रोड पर जो फायरिंग के दो मामले सामने आए वो दोनों ही देसी असलहे से किए गए हैं।
दोगुने रेट पर बेच रहे हथियार
सप्लाई का रिस्क बढ़ा तो सप्लायरों ने असलहे का रेट भी बढ़ा दिया है। 40 हजार में मिलने वाला देसी असलहा अब 75 और 80 हजार में बिक रहा है। इसकी डील के लिए सप्लायर मैसेंजर काॅल्स कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें इतना पता चल गया है कि वॉट्सएप काॅल्स भी रिकॉर्ड हो सकती हैं। लिहाजा उन्होंने असलहे की सप्लाई का ट्रेंड चेंज कर दिया। एक महीने पहले पुलिस ने देसी कट्टे के साथ पकड़े एक शख्स ने भी इसका खुलासा किया था।
इन मामलों में हुआ देसी असलहे का इस्तेमाल
लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन काबू
लुधियाना| लाॅकडाउन में रात को लोगों से लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को सीआईए-3 की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गुरमीत सिंह उर्फ सन्नी, प्रेम सिंह उर्फ काकू और प्रिंस कुमार के रूप में हुई है। उनके कब्जे से मोबाइल और बाइक बरामद हुआ है। सीआईए इंचार्ज यशपाल शर्मा ने बताया उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि जीटी रोड पर कानपुरी ढाबा के नजदीक आरोपी घूम रहे हैं, जोकि लूटपाट को अंजाम देते हैं। पुलिस तीनों आरोपियों को काबू कर लिया।
कुल्हाड़ी मार लूटी नकदी, मोबाइल
लुधियाना| लोहारा में सब्जी लेने जा रहे शख्स के पैर को कुल्हाड़ी से काट तीन लूटेरो ने नकदी और मोबाइल लूट लिया। लोगांे ने घायल उदय को निजी अस्पताल में पहुंचाया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
लाॅकडाउन और सरकारी नियमों को ताक पर रखने वाले लोगों की तस्वीर को अब पुलिस सोशल मीडिया पर पोस्ट करेगी। ऐसा करने का मकसद लोगों को रूल्स फाॅलो करवाना और उन्हें उनकी गलती का अहसास करवाना होगा। फिलहाल इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं। इसे आने वाले दिनों में लॉन्च कर दिया जाएगा। इससे नियमों की अनदेखी में कमी आएगी। साथ ही लोगों को यह डर भी रहेगा कि अगर नियम तोड़ा तो उन्हें लोगों के लिए तमाशा बनना पड़ेगा। बता दें कि कुछ साल पहले पुलिस ने यह सिस्टम शुरू किया था, लेकिन वो स्कीम कुछ महीने बाद ही दम तोड़ गई थी। लिहाजा अब इसे नए सिरे से शुरू करने की कवायद की जा रही है।
55,000 फॉलोअर फेसबुक और ट्विटर पर
लुधियाना पुलिस के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर 55 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं। इसपर रोज डाली जा रही पोस्ट पर एक दिन में 225 के करीब कमेंट्स एवरेज हैं। ऐसे में अगर किसी एक की तस्वीर डलती है तो लोग समझ लें कि उन्हें कितने कमेंट्स के जवाब देने होंगे और कितनों के आगे शर्मिंदा होना पड़ेगा। पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल का कहना है कि इस सिस्टम को शुरू किया जाएगा। मगर वो लोगों से अपील करते हैं कि वो नियमों की पालना करें, ताकि उनकी तस्वीर यहां न लगाई जाए।
सेफ सिटी कैमरों की ली जाएगी मदद, लोग भी भेज सकेंगे तस्वीरें
पुलिस की ओर से शहर में लगाए गए सेफ सिटी कैमरों की मदद से वॉयलेशन करने वालों की तस्वीरें निकाली जाएंगी। इसके साथ ही लोगों की भी मदद ली जाएगी। इसमें वॉयलेशन करने वालों की तस्वीर लोग भी खींचकर पुलिस को भेज सकते हैं। इन्हें पुलिस अपलोड करेगी कि उक्त शख्स ने कहां और कैसे गलती की। इस वजह से उसकी तस्वीर को सोशल साइट्स पर डाला गया। लोगों के साथ अगर कोई पुलिस मुलाजिम गलती करता है तो उसकी भी फोटो डालेंगे, ताकि लोगों को ये न लगे कि सिर्फ आम लोगों को ही निशाने पर रखा गया है।
जेल में भेजने की जानकारी भी डालेंगे
नियमों के साथ लॉकडाउन के दौरान कैसे पुलिस के समझाने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते, राशन के दौरान भीड़ लगाते हैं, बिना किसी काम के लॉकडाउन में घूम रहे हैं। ऐसे लोगों की तस्वीरों को भी वाॅल ऑफ शेम पर डाला जाएगा। साथ ही कितने लोगों को रोज ओपन जेल में भेजा गया और कितनों पर एफआईआर रजिस्टर की गई। इन सबको फेसबुक पर अपलोड किया जाएगा, ताकि वो लॉकडाउन का पालन करें।
सोमवार रात को 13 और मंगलवार को 1 पॉजिटिव केस सामने आया। इनमें 6 रायकोट और जगराओं से हैं। सिविल अस्पताल में भर्ती 7 मरीजों में 6 पुरुष और 1 महिला है। मंगलवार को आया केस बठिंडा से जुड़ा है। इनमें 9 हजूर साहिब से लौटे, 4 कंबाइन चलाने वाले मजदूर परिवार के लोग और 1 अन्य बठिंडा से जुड़ा है। जगराओं के सिविल अस्पताल में 5 पॉजिटिव मरीजों को दाखिल किया गया। इसमें 1 केस जगराओं और 4 केस रायकोट से जुड़े हैं। जगराओं मानूके का 54 वर्षीय पुरुष भी पॉजिटिव है। इसके साथ रखे गए 4 अन्य लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन इन सभी को एक साथ एक वॉर्ड में रखा गया था।
4 साल की बच्ची भी पॉजिटिव
वहीं, 4 साल की बच्ची भी पॉजिटिव है। ये अब तक का सबसे कम उम्र का पॉजिटिव केस है। गांव कालसा के कंबाइन चालक और गांव लक्खा सिंह वाले के मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसके 4 घरवालों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव है। इसमें 4 साल की बच्ची, 31 वर्षीय महिला, 65 वर्षीय महिला और 68 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव हैं। एसडीएम रायकोट डॉ. हिमांशु गुप्ता ने बताया कि कालसा का कंबाइन चालक के 4 घरवालों और जलालदीवाल के श्री हजूर साहिब नांदेड़ से आए सिख श्रद्धालु की बीती रात रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
अब तक 2831 को किया होम क्वारेंटाइन
मंगलवार तक जिले से 3454 शकी मरीजों के सैंपल भेजे गए हैं। इसमें से 2963 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। मंगलवार को 165 लोगों के सैंपल भेजे गए। 349 सैंपल्स की रिपोर्ट आनी शेष है। अब तक कुल 142 लोग जिले में पॉजिटिव आए हैं। इसमें से 124 लुधियाना और 18 अन्य जिलों-राज्यों से हैं। जिले के 8 लोग स्वस्थ होकर लौट चुके हैं। वहीं, 5 की मौत हो चुकी है। जिले में अब तक कुल 2831 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया जा चुका है।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि मंगलवार को 47 रैपिड रिस्पांस टीमों ने 286 लोगों की स्क्रीनिंग की। इसमें से 229 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया। सिविल अस्पताल में काम कर चुकी और पॉजिटिव आई हाउस सर्जन के संपर्क में आने वाले स्टाफ मेंबर्स के सैंपल के सवाल पर डॉ. बग्गा ने बताया कि जो लोग उनके संपर्क में आए हैं, उनके सैंपल 5 दिन बाद लिए जाएंगे।
ईएसआई के 4 डॉक्टर्स समेत 26 की रिपोर्ट निगेटिव
ईएसआई के 26 लोगों के लिए सैंपल निगेटिव मिले हैं। इसमें 4 डॉक्टर्स, 3 मरीज और 19 अन्य स्टाफ मेंबर्स की ओर से सैंपल दिए गए थे, जोकि निगेटिव आए हैं। वहीं, दो अन्य डॉक्टर्स की ओर से प्राइवेट लैब में सैंपल दिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इन स्टाफ मेंबर्स ने जॉइन कर लिया है।
पॉजिटिव मरीज के परिवार के लिए सैंपल
हरगोबिंद नगर के 30 साल के मरीज के नवांशहर में पॉजिटिव आने के बाद उसके घरवालों और 5 दूसरे परिवारों के सैंपल लिए गए। कुल 14 मेंबर्स के सैंपल लिए गए। सैंपल दिलवाने के लिए मौके पर पुलिस पहुंची, जिन्होंने मेडिकल टीम को मौके पर बुलाया और सभी के सैंपल ले जाकर क्वारेंटाइन किया गया।
लॉकडाउन के 43 दिन बाद भी सरकारी राशन बांटने की मुकम्मल व्यवस्था नहीं बन पाई है। तीन प्रकार का सरकारी राशन बांटने की बात प्रशासन, निगम, पुलिस और सत्ताधारी नेता कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद रोज जरूरतमंद जगह-जगह सड़क पर उतर रहे हैं। भूख के कारण लेबर पलायन को मजबूर है। मगर प्रशासन, निगम, पुलिस और नेता एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। अभी तक शहर में 3 तरह का सरकारी राशन जरूरतमंदों तक पहुंचाने को आया। मगर किन लाेगाें काे मिला, पता नहीं।
सबसे पहले पंजाब सरकार ने किटें भेजीं। इसमें 10 किलाे आटा, 2 किलाे चीनी और 2 किलाे दाल प्रति 5 मेंबरों के परिवार काे देने की बात की है। दूसरा सरकारी योजना के तहत निगम ने 95 वॉर्डों में जरूरतमंदों तक सूखा राशन देने के लिए हर कौंसलर काे 4 क्विंटल चावल, 4 क्विंटल आटा औैर 90 किलो दाल हर वॉर्ड में पहुंचा दी। इसके अलावा फूड सप्लाई महकमा केंद्र का सरकारी राशन बांट रहा है। इसमें प्रति मेंबर 15 किलो गेहूं, 3 किलो दाल देनी है।
अभी तक राशन बांटने काे 5 योजनाएं बनीं, एक भी सफल नहीं
1905 सुबह से रात तक नहीं मिलता
प्रशासन ने सरकारी राशन के लिए 1905 नंबर जारी किया है। इसके अलावा 7 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जोकि सुबह से लेकर रात तक नंबर नहीं लगते। मजदूर यूनियन के नेता हरि सिंह साहनी ने बताया कि उनके पास रोज सैकड़ों वेहड़ों से फोन आरहे हैं कि राशन नहीं मिला। निगम ने उनसे सभी मजदूरों के फॉर्म भरवाए थे और राशन पहुंचने की बात की थी, लेकिन अभी तक राशन नहीं पहुंचा। दाे बार प्रदर्शन के बावजूद राशन वॉर्ड 30 में नहीं पहुंचा। निगम के भेजे राशन से सिर्फ 90 लोगों का ही पेट हफ्तेभर तक भरेगा। मगर उनके वॉर्ड में सवा लाख के करीब लेबर रहती है। इनमें से अंधे से ज्यादा लोग रोज कमा कर खाने वाले हैं।
सिर्फ निगम का राशन पहुंचा : विपक्ष
निगम में नेता विपक्ष हरभजन डंग ने बताया कि उनके पास दो बार निगम का ही राशन पहुंचा है। इससे तो एक सप्ताह ही निकल पाएगा। मगर सरकारी राशन आज तक नहीं आया। राशन न मिल पाने के कारण ही यहां से अब लेबर ज्यादातर अपने राज्यों को जाने के लिए तवज्जो दे रही है। उधर, वार्ड 79 के कौंसलर एनी सिक्का ने बताया कि उनके वॉर्ड में अभी सिर्फ सरकारी राशन के तौर पर निगम का ही 4 क्विंटल आटा, 4 क्विंटल चावल औैर 90 किले दाल अधर है। मगर सरकारी किटें जाने जिला प्रशासन की तरफ से भेजी जानी थी, वे अभी तक पूरे लॉकडाउन के दौरान नहीं पहुंची।
कई ओटीपी तो कोई बारी का करते रहे इंतजार
पुलिस-प्रशासन ने राशन जल्दी पहुंचाने को वेबसाइड पर लिंक तो दिया, लेकिन लोगों की परेशान और बढ़ गई। किसी को ओटीपी नहीं मिल रहा तो किसी का अप्लाई होने के बाद बारी नहीं आ रही। वहीं, अब लोगों की समझ से बाहर है कि राशन प्रशासन बांटेगा या फिर पुलिस। आंकड़ों की बात करें तो पुलिस ने 38 दिन में खाने के 46 लाख पैकेट बांटे हैं, जोकि एनजीओ की मदद से आए। साथ ही 34 हजार 874 राशन किटें बांटी हंै, लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ, क्योंकि 60% लोगों का कहना है कि उनके पास एक बार भी राशन नहीं आया है।
वहीं, सीपी-डीसी की ओर से सोमवार को राशन के लिए 1905 के साथ ही दिए गए लिंक पर फॉर्म भरने के लिए कहा। इसके बाद तुंरत वो रजिस्टर हो जाएंगे और उन्हें राशन भी आसानी के मिलेेगा। मंगलवार को जिन लोगों ने भी इस फॉर्म को भरा, उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकतर लोगों ने कहा कि फॉर्म भरने के बाद उनके फोन पर ओटीपी ही नहीं आता। जिनके पास ओटीपी आने के बाद फॉर्म रजिस्टर हो गया तो उन्हें अगले दिन या एक दिन बाद राशन के लिए समय दिया जा रहा है। मगर यहां फिर परेशानी होती है।
इधर, केंद्रीय योजना में 22% राशन ही बंटा
नीले कार्ड धारकों को केंद्र ने भी दाल और गेहूं देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना चलाई। इसमें 20 हजार क्विंटल गेहूं और 12 हजार क्विंटल दाल केंद्र ने जिले को भिजवाई। एक कार्ड पर 3 किलो दाल व प्रत्येक व्यक्ति को 15 किलो गेहूं 3 महीने के लिए दिया जा रहा है। अब तक यह काम 22% ही पूरा हो पाया है।
लाॅकडाउन और सरकारी नियमों को ताक पर रखने वाले लोगों की तस्वीर को अब पुलिस सोशल मीडिया पर पोस्ट करेगी। ऐसा करने का मकसद लोगों को रूल्स फाॅलो करवाना और उन्हें उनकी गलती का अहसास करवाना होगा। फिलहाल इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं। इसे आने वाले दिनों में लॉन्च कर दिया जाएगा। साथ ही लोगों को यह डर भी रहेगा कि अगर नियम तोड़ा तो उन्हें लोगों के लिए तमाशा बनना पड़ेगा। सीपी राकेश अग्रवाल का कहना है कि इस सिस्टम को शुरू किया जाएगा। मगर वो लोगों से अपील करते हैं कि वो नियमों की पालना करें, ताकि उनकी तस्वीर यहां न लगाई जाए।
नियम तोड़ने पर पुलिस वालों की गलती पोस्ट की जाएगी
शहर में लगाए गए कैमरों की मदद से वॉयलेशन करने वालों की तस्वीरें निकाली जाएंगी। इसके साथ ही लोगों की भी मदद ली जाएगी। इसमें वॉयलेशन करने वालों की तस्वीर लोग भी खींचकर पुलिस को भेज सकते हैं। इन्हें पुलिस अपलोड करेगी कि उक्त शख्स ने कहां और कैसे गलती की। इस वजह से उसकी तस्वीर को सोशल साइट्स पर डाला गया। लोगों के साथ अगर कोई पुलिस मुलाजिम गलती करता है तो उसकी भी फोटो डालेंगे, ताकि लोगों को ये न लगे कि सिर्फ आम लोगों को ही निशाने पर रखा गया है।
कर्फ्यू के दौरान मेडिसन सप्लाई का पास बनवाकर हेरोइन की खेप लेकर जा रहे दो तस्करों को एसटीएफ ने लुधियाना में अरेस्ट किया है। आरोपियों की पहचान अमित शर्मा और राजन (36) के रूप में हुई है। अमित की पत्नी किरण बाला की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। आरोपियों से 1 किलो 350 ग्राम हेरोइन, 150 ग्राम स्मैक और साढ़े 17 लाख रुपए की ड्रग मनी भी बरामद हुई है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर चूहड़पुर रोड के नजदीक नाकाबंदी के दौरान यह बरामदगी की। अमित पर पहले भी नशा तस्करी के कई मामले दर्ज हैं।
मुख्य सप्लायर के घर रेड में मिला नशा व लाखों रुपए
पुलिस ने आरोपी अमित के घर पर रेड की तो 150 ग्राम स्मैक व 6 लाख 60 हजार बरामद हुए। वहीं, राजन के किराये के कमरे से 320 ग्राम हेरोइन और 10 लाख 90 हजार मिले। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों के पारिवारिक मेंबरों पर भी नशा तस्करी के कई-कई पर्चे दर्ज हैं।
कोरोना वायरस के खौफ और कर्फ्यू के कारण शहर में क्राइम ग्राफ काफी कम हो गया है। अगर जनवरी से लेकर अप्रैल तक के क्राइम रिकाॅर्ड को देखें तो जनवरी से 23 मार्च तक शहर में कुल 470 वारदातें हुईं। जबकि 24 मार्च से 4 मई तक कर्फ्यू के 42 दिनों में मात्र 37 मामले ही सामने आए हैं। इनमें चोरी, लूट, स्नेचिंग, एक्सिडेंट, मर्डर, किडनैपिंग, शराब तस्करी, गैंगरेप, रेप, नौसरबाजी, ठगी के मामले शामिल हैं।
इसके अलावा नशा तस्करी की बात करें तो पिछले 83 दिनों में पुलिस ने 20 किलो के करीब हेरोइन, 5 किलो के करीब अफीम व नशीली वस्तुएं पकड़ी हैं।
जबकि कर्फ्यू में सिर्फ 30 अप्रैल को ही एक किलो हेरोइन के साथ तस्कर पकड़े गए। इन 39 दिन में 20 मामले शराब तस्करी के है। इसके अलावा मारपीट 10, स्नेचिंग 4, मर्डर 2, लापता 3, चोरी 8, तस्करी 5, रेप 3, सट्टेबाजी 2, लूट 1, खुदकुशी को मजबूर करने 3, खुदकुशी 4 के मामले सामने आए हैं। इस दौरान तीन छोटे एक्सिडेंट भी हुए हैं। वहीं कफ्र्यू से पहले रोज कभी हत्या, कभी लूट तो कहीं अन्य क्राइम के केस आते थे। इस तरह से लॉकडाउन के दौरान कोरोना के डर से अपराधी खुद ही घरों में क्वारेंटाइन हो गए हैं।
पुलिस को भी मिली बड़ी राहत
इन वारदातों और हादसों के कारण पुलिस मुलाजिम इन्हीं में फंसे रहते थे। जिस कारण शहर की सुरक्षा में काफी दिक्कतें आती थी। लेकिन इन वारदातों के रुकने पर पुलिस को भी बड़ी राहत मिल सकी है। हालांकि, उन्हें करोना वायरस के दौरान नाकों व शहरवासियों की सुरक्षा में लगाया गया है। जबकि इसी तरह आगे भी चाहिए कि वारदातों को कम किया जाए, ताकि शहर सुरक्षित रह सके। जबकि इसी के साथ नशा तस्करी पर भी लगाम लगाई जा सकी है। पहले हेरोइन समेत अन्य नशों की खेप पकड़ी जा रही थी। लेकिन पिछले 42 दिनों में नशा तस्करी के सिर्फ 3 से 4 मामले ही सामने आए हैं। इन मामलों के कम होने पर नशा भी कम हो सकेगा।
दाना मंडी में एसीपी अनिल कोहली के बाद कोरोना वायरस की चपेट में आई थाना बस्ती जोधेवाल की एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण उन्हें डीएमसी अस्पताल भर्ती कराया गया था। एसएचओ की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई। जबकि तीसरी रिपोर्ट फिर पाॅजिटिव आ गई है। इसके बावजूद अर्शप्रीत के हौसले बुलंद हैं और उनका मकसद सिर्फ कोरोना से जीतना है। इलाज के दौरान एसएचओ अर्शप्रीत ग्रेवाल से फोन पर बातचीत की गई। उन्होंने कोरोना पॉजिटिव आने के बाद किस तरह हौसला के साथ लड़ रही हैं इसकी पूरी कहानी बताई।
स्वीमर होने के चलते पता था कि स्वीमिंग करते कैसे सांस लेते हैं, उसी तरीके को अपनाया
शरीर को थकावट महसूस होने और ठीक न होने पर मैंने 11 और 12 अप्रैल को छुट्टी पर रही। 12 तारीख को एसीपी अनिल कोहली की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मेरे और मुलाजिमों के सैंपल लिए गए। रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही मुझे डीएमसी में भर्ती कराया गया। मुझे बुखार नहीं हुआ, लेकिन गला काफी दर्द कर रहा था। फिर एकदम सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो गई। चार दिन तो सांस ले ही नहीं पा रही थी। तब मेरी हिम्मत टूटने लगी। मैं अंदर से काफी टूट चुकी थी। बार-बार कोरोना संबंधी बातें दिमाग में घूमती रही।
लेकिन स्वीमर होने के चलते पता था स्वीमिंग दौराना सांस टूटने पर कैसे सांस लेनी है। मैंने वहीं प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सांस लेनी शुरू की। हर समय कोरोना संबंधी बातें घूमती थी जो मुझे निगेटिव कर रही थी। फिर खुद को समझाया और अपने मन को दूसरी ओर घुमाया। फिर अपने मोबाइल से फिल्में और अन्य चीजें देखनी शुरू की। घरवालों से बातचीत होती रहती थी। जबकि रिश्तेदारों और दोस्तों ने काफी साथ दिया। उनके साथ ऑनलाइन गेम्स खेलनी शुरू कर अपना मन बीमारी से हटाया। भाई ने अपना बर्थ-डे नहीं मनाया। उसे घर स्पेशल केक भेजा। जिसके चलते धीरे-धीरे बीमारी से लड़ती रही। - जैसा एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल ने बताया।
परिवार, सीएम, डीजीपी, सीपी ने की सपोर्ट
अर्शप्रीत कौर ने बताया कि परिवार, सीएम, डीजीपी, सीपी के सपोर्ट ने ताकत बढ़ाई। पुलिस कमिश्नर की ओर से उनके लिए योगा टीचर भी लगाया गया है। जिनकी ओर से रोजाना सुबह एसएचओ करोना के अन्य पीड़ित मुलाजिमों का ऑनलाइन योगा सिखाया जाता है। वहीं लोगों ने ठीक होने के लिए पाठ भी रखवाया।