कोरोना वायरस के चलते स्कूल-कॉलेज बंद पड़े हैं। लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है, ताकि लोग इस बीमारी से बचे रहें। घरों में रहने के कारण लॉकडाउन का असर स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। घर पर बैठे स्टूडेंट्स की पढ़ाई खराब न हो, इसके लिए केंद्र ने डिजिटल लाइब्रेरी बनाई है, जहां स्टूडेंट्स घर बैठे आईआईटी की किताबें पढ़ सकते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स को किसी तरह का शुल्क भी नहीं देना होगा। इस लाइब्रेरी को डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया का नाम दिया गया है।
छात्रों की सुविधा के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आईआईटी खड़गपुर के साथ मिलकर ऑनलाइन लाइब्रेरी तैयार की है। इसमें 68 लाख से अधिक किताबें उपलब्ध हैं। इन किताबों को प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक के बच्चे बिना कोई शुल्क दिए घर बैठे पढ़ सकते हैं। किताबें को पढ़ने के लिए स्टूडेंट्स ndl.iitkgp.ac.in पर जाकर लॉगइन करें।
किताबें टेक्स्ट, वीडियो और ऑडियो के रूप में उपलब्ध
डिजिटल लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स किताबों न सिर्फ पढ़ सकते हैं, बल्कि डाउनलोड भी कर सकते हैं। यहां किताबों का अच्छा कलेक्शन है और स्टूडेंट्स घर बैठे परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी विश्वविद्यालय को सर्कुलर भेजकर इस वेबसाइट के बारे में जानकारी दी है। इस ई-लाइब्रेरी पर ये किताबें टेक्स्ट, वीडियो और ऑडियो के रूप में भी उपलब्ध हैं। स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए कई वर्षों की मेहनत से इस लाइब्रेरी को तैयार किया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने जारी किया एनसीईआरटी का एकेडमिक कैलेंडर
एनसीईआरटी ने नया एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। इसमें 9वीं से 10वीं के लिए चार हफ्ते की प्लानिंग का सुझाव दिया गया है। लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लासों में पढ़ने के तरीके, तकनीक को शामिल कर इस कैलेंडर को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जारी किया है। गौर हो कि इससे पहले एनसीईआरटी पहले से 8वीं के लिए एकेडमी कैलेंडर घोषित कर चुका है। इस कैलेंडर को बनाते समय सोशल मीडिया को प्रमुखता दी गई है। इससे पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी। इस प्रक्रिया में पेरेंट्स, टीचर और स्टूडेंट्स को वॉट्सएप, फेसबुक, टि्वटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगआउट के जरिए एक-दूसरे से जोड़ सकते हैं। कैलेंडर में दिव्यांग भी शामिल किए हैं। दिव्यांग स्टूडेंट्स को ऑडियो, बुक्स रेडियो प्रोग्राम आदि की मदद से संबोधित किया जा सकता है।
चार भाषाओं को भी कैलेंडर में जोड़ा
इस कैलेंडर में अनुभव आधारित एजुकेशन के लिए आर्टिकल एजुकेशन और युवक को भी शामिल किया गया है। इसमें बच्चों को तनावमुक्त और चिंता से दूर रखने के उपाय बताए जाएंगे। कैलेंडर में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, और संस्कृत भाषाओं को भी जोड़ा गया है। इसमें ई-पाठशाला, एनआरओईआर, दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध मेटेरियल अपलोड किया गया है। गौर हो कि कैलेंडर में सभी विकल्प सुझाव के तौर पर दिए गए हैं। स्कूल़ अपनी अनुसार इसमें बदलाव भी कर सकते हैं।
कोरोना महामारी के चलते केंद्र सरकार की ओरसे देश भर के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल और काॅलेज बंद करने के आदेश हैं। लेकिन सरकारी प्राइमरी स्कूल जवद्दी में बच्चों को बुलाकर एडमिशन की जा रही है। जबकि सभी स्कूलों की ओर से ऑनलाइन ही एडमिशन करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके बावजूद स्कूल अध्यापकों ने बच्चों की एडमिशन की। वहीं, फोकल पाॅइंट नजदीक गुरु तेग बहादुर नगर काॅलोनी में सरकारी स्कूल लड़कियां की अध्यापकों व हेड टीचर की ओरसे ज़रुरतमंद परिवारों के घर राशन बांटा औरमौके पर 25 नई एडमिशन भी की।
प्राइवेट स्कूलों की ओर से फीस मांगने पर शिक्षामंत्री की ओर से कार्रवाई अमल में लाई गई थी, क्योंकि उनकी ओरसे नियमों का उल्लंघन किया गया था। अब सरकारी स्कूल अपनी मनमानी करते हुए लॉकडाउन में स्कूल खोल कर व घर घर जाकर एडमिशन करने लगे हैं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सरकारी स्कूलों पर भी की जाए कार्रवाई
एसोसिएटिड स्कूल्स जाॅइंट एक्शन फ्रंट पंजाब के सीनियर वाइस प्रधान ठाकुर आनंद व मेंबर जेपी भट्ठ ने कहा कि सरकारी स्कूल के अध्यापक अपने स्कूलों में एडमिशन बढ़ाने के लिए नियमों का उल्लंघन कर रहे जोकि गलत है। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंधी डीसी को भी पत्र लिखा गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर सरकारी स्कूलों को घर-घर जा या स्कूल खोल कर एडमिशन करने की इजाजत है जो ये छूट सभी स्कूलों को दी जानी चाहिए।
वहीं, पंजाब प्राइवेट स्कूल आर्गेनाइजेशन लुधियाना के एग्जीक्यूटिव मेंबर राजीव थापर ने बताया कि सरकार स्कूलों के साथ दोगली नीति चल रही है। एक तरफ स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए जा रहे है वहीं सरकारी स्कूल खोल कर एडमिशन की जा रही है। उन्होंने कहा कि या तो सभी स्कूलों को बंद रखा जाए या फिर सभी स्कूलों को एडमिशन करने की छूट दी जाए।
टिब्बा रोड इलाके में एक युवक को पीटने के बाद घर में बंधक बनाने का वीडियो वायरल हुआ है। पीड़ित पक्ष ने इंसाफ की गुहार लगाई है। फिलहाल पुलिस का कहना है उनके पास शिकायत नहीं आई है। आरोप लगाते सुखविंदर सिंह ने बताया कि इलाके में रहने वाले एक लीडर के साथ उनका मनमुटाव है। जिसके चलते पहले भी उनके साथ विवाद हो चुका है। रविवार को वे अपनी एक्टिवा पर गली से गुजर रहे थे। इन दौरान उक्त शख्स अपनी गाड़ी में आया। जब वो उसके पास से निकला तो उसने गली गलौज की। जब वापस आकर पीड़ित ने कारण पूछा तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे डंडे और ईंटों से हमला कर जख्मी कर दिया। फिर वो उसे उठाकर घर के अंदर ले गए और वहां भी पीटा, जिसकी वीडियो उनके परिजनों ने बनाई हैं।
पुलिस बोली, फुटेज देखी मगर नहीं मिली शिकायत
शिकायतकर्ता सुखविंदर ने बताया कि काफी मुश्किल से बचकर वो वहां से निकले और इसकी शिकायत थाना टिब्बा की पुलिस को दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। उधर, एसएचओ सतवीर सिंह ने कहा कि उन्होंने ऐसी वीडियो तो देखी है लेकिन कोई शिकायत अभी तक नहीं आई है। जब आएगी तो बनती कार्रवाई की जाएगी। उधर, लोगों का कहना है कि दोनो में पहले ही विवाद चल रहा है। जिसमें पर्चा भी दर्ज हुआ था।
सेहत व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड हॉस्पिटल्स के नॉन कोविड एरिया और नॉन कोविड हॉस्पिटल्स में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव एक्विपमेंट(पीपीई) किट्स के संबंध में हिदायतें जारी की हैं। मंत्रालय के मुताबिक ओपीडी एरिया के हेल्प डेस्क या रजिस्ट्रेशन एरिया में रिस्क ज्यादा न होने के कारण कर्मचारी ट्रिपल लेयर मास्क और ग्लब्स पहन सकते हैं। डॉक्टर्स चैंबर, फार्मेसी काउंटर और सेनेटरी स्टाफ में भी जहां पर एयरोसोल प्रोसिजर नहीं किए जाने वहां भी ट्रिपल लेयर मास्क और ग्लब्स जरुरी हैं। लेकिन डेंटल, ईएनटी और ऑप्थेलमोलॉजिकल डॉक्टर्स के चैंबर में रिस्क थोड़ा ज्यादा है। इसलिए वहां एन-95 मास्क, गॉगल्स, ग्लब्स और फेस शील्ड की जरुरत है।
आईपीडी में ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लब्स की जरूरत
इन पेशेंट डिपार्टमेंट(आईपीडी) में वॉर्ड, क्रिटिकल केयर के वॉर्ड में कम रिस्क होने के कारण ट्रिपल लेयर मास्क और ग्लब्स की जरुरत है। आईसीयू में रिस्क थोड़ा ज्यादा होने के कारण एन-95 मास्क, गॉगल्स, निट्राइल एग्जामिनेशन ग्लब्स और फेस शील्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर में ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क, फेस शील्ड और स्टेराइल लेटेस्क ग्लब्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। एमरजेंसी में बेहद बीमार मरीजों को देखते समय जिन्हें एयरोसोल एक्टिविटी की जरुरत है उस सूरत में पूरी पीपीई किट पहनना जरुरी है। एसएआरआई मरीजों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंबुलेंस में भी रिस्क ज्यादा होने के कारण पूरी पीपीई किट पहनना जरूरी है।
कोरोना वायरस के चलते लगाए गए कर्फ्यू के बीच अपने जन्मदिन न मनाए जाने पर मायूस हुए 4 साल के बच्चे को पुलिस ने सरप्राइज दिया। बच्चे के घर केक लेकर पहुंची पुलिस की पूरी टीम ने उसे बधाई देते हुए हैप्पी बर्थ-डे टू यू का गीत गाया। पुलिस के सरप्राइज से मासूम का चेहरा खिल गया। इसके साथ ही इलाके में पड़ोस के लोग भी पुलिस के इस कार्य को देख कर खुशी से झूम उठे और पुलिस की तारीफ की।
हुआ यूं कि सेखेवाल रोड सरदार नगर की गली नंबर दो निवासी किरण के बेटे दिव्यान का रविवार को जन्मदिन था। पिछले डेढ़ महीने से घर में बैठे दिव्यान को परिवार ने इतना तो समझा ही दिया था कि इस बार उसका जन्मदिन नहीं मनाया जा सकता।
किरण ने बताया कि कुछ दिन पहले पड़ोस की एक महिला ने उसे बताया कि लॉकडाउन के बीच पुलिस उन बच्चों के जन्मदिन मना रही है, जो घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। महिला की बात दिव्यान के दिमाग में घर कर गई। वो एक सप्ताह से शोर मचा रहा था कि उसके जन्मदिन पर पुलिस उसे केक देने के लिए आएगी। किरण ने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। रविवार सुबह उसे किसी ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन करने से उसकी मुश्किल का हल हो सकता है।
सुबह 8.30 बजे उसने पुलिस कंट्रोल रूम के 78370-18500 नंबर पर कॉल करके अपने बच्चे के जन्मदिन के बारे में जानकारी दी। खुशी से चहकती किरण ने कहा कि ठीक 9.15 बजे उसके घर के बाहर थाना दरेसी पुलिस की गाड़ी आकर रुकी। उसके पीछे पीसीआर का एक मोटरसाइकल भी था। जिसमें थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजय कुमार, एएसआई हरभजन सिंह, राजिंदर सिंह और पीसीआर पर तैनात एएसआई बलजीत सिंह व हरजीत सिंह थे। उन लोगों ने आकर बेल बजाई। इस पर दिव्यान के पापा कृष्ण गोपाल उसे लेकर बाहर गए।
पुलिस ने दिव्यान को केक और चॉकलेट देते हुए उसके जन्मदिन की बधाई दी और हैप्पी बर्थडे टूयू का गीत गाया। पहले दिव्यान केक व चॉकलेट लेने से झिझकता रहा। मगर बाद में उसने वो दोनों चीजें ले लीं। अपने जन्मदिन पर पुलिस की ओर से दिए गए उपहार को पाकर वो फूला नहीं समा रहा था। किरण ने कहा कि पुलिस ने उसके बेटे के जन्मदिन को यादगार बना दिया।
लुधियाना में रविवार को कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई। सीएमओ डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि बस्ती जोधेवाल की रहने वाली 62 साल की इस महिला को शुक्रवार रात को डीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इसके 24 घंटे से भी पहले रविवार तड़के 3 बजे के करीब बीमार महिला ने दम तोड़ दिया। महिला को मिलाकर अब लुधियाना में संक्रमितों की संख्या 122 हो गई है, जिनमें से यह पांचवीं मौत है। इसी के साथ राज्य में अब तक 21 लोगों की जान यह खतरनाक वायरस ले चुका है।
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल के अनुसार शुक्रवार को 180 से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इसमें से राजस्थान से लौटे मजदूर, नांदेड़ से आए श्रद्धालु और सिविल अस्पताल के फ्लू कॉर्नर पर जांच के लिए पहुंचे मरीजों के सैंपल शामिल थे। पॉजिटिव पाए गए कुल 23 में से 15 लोग जिले से हैं, जबकि आठ लोग दूसरे जिलों और एक हरियाणा से है। पॉजिटिव पाए गए 17 सैंपल की रिपोर्ट डीएमसीएच और छह सैंपल की रिपोर्ट पीजीआई से प्राप्त हुई है। पिछले चार दिन से जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। सेहत विभाग के अधिकारियों की मानें तो आने वाले दो-तीन दिन में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
चार दिन में 104 मरीज बढ़े
पिछले चार दिन में 104 मरीज बढ़ गए हैं, वहीं शुक्रवार रात को कोरोना वायरस से जिले के 22 लोग चपेट में आए थे। इसमें से 18 नांदेड़ साहिब से लौटे श्रद्धालु थे। गुरुवार को एक ही दिन में 48 लोग संक्रमित पाए गए थे जिसमें से 38 श्रद्धालु थे और दस अन्य अलग-अलग क्षेत्रों से थे। बुधवार को 11 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। इसमें से चार कोटा के स्टूडेंट्स और सात श्रद्धालु थे। अब शनिवार को एक साथ 23 केस आए हैं जिनमें 15 लोग लुधियाना जिले से और बाकी अन्य जिलों व एक हरियाणा से हैं।
एक दिन में 258 लोगों के सैंपल लिए
लुधियाना में जब से नांदेड़ साहिब से लौटे श्रद्धालु बड़ी संख्या में पॉजिटिव आ रहे हैं, उसे देखते हुए सेहत विभाग ने सैंपलिंग को भी बढ़ा दिया है। सेहत विभाग ने शनिवार को एक दिन में अब तक सबसे अधिक 258 सैंपल लिए गए।सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि सेहत विभाग की टीमों ने लुधियाना, रायकोट, खन्ना, जगराओं, साहनेवाल में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों के संपर्क में आए परिजनों, घर के आस-पड़ोस के लोगों के अलावा सिविल अस्पताल के फ्लू कॉर्नर पर आए मरीजों के सैंपल लिए हैं। पहली बार इतने अधिक सैंपल लिए गए हैं जिसमें से अकेले लुधियाना से ही 173 सैंपल जांच को भेजे गए हैं।
लोगों की सहूलियत के लिए शुरू किए गए ई-पास सिस्टम का फायदा अब आपराधिक प्रवृति के लोग उठाने लगे हैं। जोकि पास की मदद से अपने नाजायज धंधों को इसी आड़ में अंजाम दे रहे हैं। लेकिन ये विभाग की पकड़ से कोसों दूर है। हालात ये हैं कि धड़ाधड़ा पास तो बनाए जा रहे हैं, मगर इन्हें क्राॅस चेक नहीं किया जा रहा।
आंकड़ों की बात करें तो रोज 6 से 7 हजार के करीब आवेदन पास बनवाने के लिए आते हैं, मगर उसमें से 30 फीसदी ही सही होते हैं जोकि बन पाते हैं। जिनके दस्तावेज और रीजन को वहीं चेक किया जाता है, जबकि उसे मौके पर जाकर कभी जांचा नहीं गया। अब तक करीब ढाई लाख लोगों ने पास के लिए अप्लाई किया जिसमें से एक लाख 28 हजार को पास जारी किए हैं। ये पास कुछ घंटों से लेकर सात दिनों तक वैलिड रहते हैं।
फार्म में भर रहे 2 हजार का लंगर, असलियत में 200 लोगों का
इन दिनों लंगर बांटने का काम हर संस्था कर रही है। ज्यादातर लोग सही भी हैं। लेकिन इनमें बहुत से ऐसे भी हैं, जोकि लंगर बांटने के नाम पर सिर्फ तफरी के लिए पास बनवा रहे हैं। ऐसे में वो फार्म में तो लंगर की व्यवस्था 2 हजार लोगों के लिए भर रहे, असलियत में लंगर 200 का भी नहीं होता। जिसे देने के बाद वो सारा-दिन और रात तफरी करते हैं। कुछ अपराधिक मामलों में संलिप्त लोग अपने गैर-कानूनी धंधे इसी आड़ में कर रहे हैं। विभाग उनके दस्तावेज तो चेक कर रहा है कि लेकिन ग्राउंड लेवल पर पास लेकर कोई क्या कर रहा है, इस पर किसी की नजर नहीं।
रिश्तेदार यूज कर रहे पास
इन दिनों पास का भी अलग ट्रेंड शुरू हो गया है। जिसमें पास तो सही दस्तावेज देकर बन रहा, लेकिन इस्तेमाल रिश्तेदार कर रहे हैं। उन्हें सिर्फ शहर का माहौल देखना है, इसलिए पास का मजा ले रहे हैं। वहीं नाके पर भी किसी के दस्तावेज को उसके पास से मिलाकर नहीं देखा जाता। इसी का फायदा उठाकर लोग धड़ल्ले से पास बनवा रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए खूब प्रयास कर रहा है। जिसके लिए फोन पर ही ऑनलाइन दाखिले किए जा रहे है। पिछले साल से इस बार अधिक दाखिला बढ़ाने के लिए टीचरों की ड्यूटियां भी लगाई गई है। वहीं एक ओर पहल करते हुए शिक्षा विभाग ने दाखिले संबंधी अधिकारियों के हैल्पलाइन नंबर जारी किए है। शिक्षा विभाग के सचिव समूह जिला शिक्षा आफिसर को सूचित करते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग में इस समय एनरोलमेंट का काम जोरों पर चल रहा है।
लॉकडाउन में आम जनता को बच्चों की एडमिशन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए अधिकारियों के फोन नंबर जारी किए गए है। सहायक डायरेक्टर गुरजोत सिंह (9815297396), सहायक डायरेक्टर कर्मजीत सिंह (8146700538), सहायक डायरेक्टर कर्मजीत कौर (9888205947), सहायक डायरेक्टर कुलविंदर कौर (9872451333), एससीईआरटी लेक्चरार संजीव भूषण (9501474200)। इसी तरह जिले के काम को सूचारु ढंग से चलाने के लिए जिला वाइस नोडल अफसरों के नंबर जारी किए गए है। जिसमें लुधियाना की बलबीर कौर (7508656238) को नोडल आफिसर चुना गया है।
इग्नू से घर बैठे सीखें विदेशी भाषाएं कोरियन और पर्शियन
लॉकडाउन में आप घर बैठे विदेशी भाषाएं सीख सकते हैं। इसके लिए आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) आपके लिए ये सुविधा लेकर आया है। दरअसल आजकल कई नौकरियों में विदेशी भाषाओं की नॉलेज रखने वालों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा कई वैज्ञानिक शोध भी ये बताते हैं कि ज्यादा भाषाएं सीखने से दिमाग की क्षमता बढ़ती है। कम्युनिकेशन स्किल भी बेहतर होती है। इग्नू ने फिलहाल दो विदेशी भाषाओं पर प्रोग्राम शुरू किया है। ये भाषाएं हैं- कोरियन और पर्शियन। इग्नू ने ये प्रोग्राम अपने रेडियो चैनल ज्ञान वाणी पर शुरू किया है। मोबाइल पर ज्ञान वाणी एप डाउनलोड कर इसे सुन सकते हैं।
अब 15 तक करवाएं रजिस्ट्रेशन
देश में कोरोना वायरस के कारण बने हालातों के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं इग्नू ओपेनमेट, जेएनयूईईई 2020, आईसीएआर नेट 2020 की आवेदन की तारीखें बढ़ा दी हैं। एनटीए ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट nta.ac.in पर इस बारे में जानकारी साझा की है। इग्नू ओपेनमेट 2020 एमबीए परीक्षा, इग्नू पीएचडी प्रवेश परीक्षा, जेएनयूईईई 2020 प्रवेश परीक्षा और आईसीएआर 2020 के साथ एनसीएचएम 2020 के लिए आवेदन की तारीखें बढ़ा दी गई हैं। उम्मीदवार अब 15 मई तक इन परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
जिले में बड़ी संख्या में कोरोना के पॉजिटिव मरीज सामने आने का सिलसिला लगातार चौथे दिन भी जारी है। शनिवार रात को 23 नए मामले सामने आए हैं। जिससे कि जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ कर 122 हो चुकी है। शुक्रवार रात तक 99 मामले सामने आए थे। इन 23 मामलों में 15 लुधियाना जिले से संबंधित हैं।
7 दूसरे जिलों से और 1 हरियाणा से संबंधित है। 7 अन्य जिलों में 4 फतेहगढ़ साहिब से हैं। हरियाणा से संबंधित व्यक्ति ड्राइवर है। काबिलेजिक्र है कि बुधवार से बड़ी संख्या में ही मामले सामने आ रहे हैं। 29 अप्रैल को 11, 30 अप्रैल को 48, 1 मई को 22 और 2 मई को 23 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। जिनसे चार दिनों में ही जिले में 104 नए केस सामने आ चुके हैं। जबकि इससे पहले जिले के 18 ही केस थे। अब तक कुल 112 केस एक्टिव हैं।
मैरिटोरियस स्कूल से पॉजिटिव मरीज सिविल अस्पताल लाए गए
मैरिटोरियस स्कूल में श्री हजूर साहिब से आए लोगों में से 150 से ज्यादा के सैंपल हो चुके हैं। पॉजिटिव आ रहे कुछ लोगों को मदर चाइल्ड हॉस्पिटल और कुछ को सिविल हॉस्पिटल लुधियाना में रखा गया है। वहीं, पहली बार खन्ना और आसपास के इलाकों में शुक्रवार देर रात आई रिपोर्ट में कुल 7 कोरोना संक्रमित निकले। जिससे खन्ना भी हॉट स्पॉट में आ गया है।
अजमेर से आई बस, रायकोट में क्वारेंटाइन
शनिवार को जिले में अजमेर शरीफ से बस पहुंची। बस में सवार 36 लोगों को रायकोट लाया गया। इसमें से 4 लोगों को जालंधर भेज दिया गया। वहीं, 32 लोगों को गुरु हरगोबिंद सिंह नर्सिंग कॉलेज में क्वारेंटाइन कर दिया गया।
23 में से 4 फतेहगढ़ साहिब की महिलाएं
शनिवार को पॉजिटिव आए 23 लोगों में से 15 लोग लुधियाना जिले से हैं। इसमें से 10 महिलाएं और 5 पुरुष हैं। इनमें जगराओं का लड़का(13), खन्ना की लड़की(14) और खन्ना का लड़का(16) भी शामिल है। इसके अलावा साहनेवाल के गांव जुगियाना से महिला(63), महिला(57), महिला(47), महिला(73) शामिल हैं। रायकोट से पुरुष(40), खन्ना के गांव सलोदी से महिला(42), महिला(68), जगराओं के गांव मानूके से पुरुष(57), महिला(62), पुरुष(45), महिला(60) और महिला(65) शामिल है। वहीं 4 महिलाएं फतेहगढ़ साहिब से संबंधित हैं।
डीएमओ की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजिटिव
शनिवार तक जिले में कोरोना वायरस के 2799 शकी मरीजों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें से 2210 मरीजों के सैंपल्स की रिपोर्ट मिल चुकी है। शनिवार को 258 लोगों के सैंपल भेजे गए। कुल 475 सैंपल्स की रिपोर्ट पेंडिंग है। जिले में 99 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से जिले के 6 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि 59 रैपिड रिस्पाॅन्स टीमों द्वारा 294 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें से 206 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया।
अमरपुरा में 60 घरों में 236 लोगों, चौकीमान में 25 घरों में 127 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें किसी भी व्यक्ति में इस बीमारी के संबंध में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं। डीएमओ जसबीर कौर की दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बुधवार को उनके सैंपल भेजे गए थे। जिसके बाद उनकी दूसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। वहीं, एसएचओ, एएसआई और एसीपी नॉर्थ अनिल कोहली की पत्नी की तीसरी रिपोर्ट आनी बाकी है।
ईएसआई के 17 स्टाफ मेंबर्स के लिए सैंपल
ईएसआई हॉस्पिटल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. मधु गुप्ता ने बताया कि 30 अप्रैल को छावनी मोहल्ला की महिला के पॉजिटिव आने के बाद उसके संपर्क में आने वाले ईएसआई हॉस्पिटल के 17 स्टाफ मेंबर्स के भी सैंपल लिए गए हैं। उक्त महिला ईएसआई हॉस्पिटल में 14-28 अप्रैल तक एडमिट थी। इसके बाद उन्हें सिविल हॉस्पिटल भेजा गया। जहां 30 अप्रैल को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
खुद जाकर बुलाना पड़ रहा डॉक्टर्स को
यूसीएचसी सेक्टर-32 में एडमिट पॉजिटिव मरीज ने बताया कि उनका सही ढंग से ध्यान नहीं रखा जा रहा है। डॉक्टर्स को खुद जाकर बुलाना पड़ता है। कई बार तो दवाई देने का समय भी निकल जाता है। जिस पर वो खुद नर्सिंग स्टाफ को जाकर बता रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि गुणवत्ता वाला खाना नहीं मिल रहा है। खाना समय पर भी नहीं मिल रहा है। वहीं, फल भी खराब मिल रहे हैं। मरीज ने बताया कि हॉस्पिटल के तीसरे फ्लोर पर उन्हें रखा गया है। जहां पॉजिटिव मरीज भी हैं। पॉजिटिव मरीज कॉरिडोर में घूमते रहते हैं।
58000 ने पलायन के लिए भरा फॉर्म
जिले से दूसरे राज्यों में जाने वाले माइग्रेटरी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने कोविड हेल्पलाइन वेबसाइट से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दी है। पिछले 24 घंटों के दौरान जिले से 58,000 से ज्यादा लोगों ने यूपी-बिहार समेत अन्य राज्यों में जाने के लिए आवेदन भरे हैं। इसकी पुष्टि डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार अग्रवाल ने की है। डीसी ने बताया कि पंजाब सरकार की वेबसाइट(http://www.covidhelp.punjab.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन का फॉर्म अपलोड किया गया है, जहां तकरीबन 25 व्यक्ति एक फॉर्म में अपनी जानकारी भरेंगे। फॉर्म भरने वाले लोगों की मूवमेंट तभी संभव होगी जब दोनों राज्यों में सहमति होगी। यहां से ले जाना तभी संभव होगा जब आवेदन करने वाला पूरी तरह से फिट पाया जाएगा।
ऐसे करें आवेदन
शहर से दूसरे राज्य में जाने वाले आवेदक सीधे वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें और इस फॉर्म पर अपना नाम एड्रेस में फैमिली मेंबरऔर दूसरे राज्य में जाने का पूरा पता भी भरना होगा। इस फॉर्म में कम से कम 25 लोग अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। फार्म सबमिट होने के बाद ये सीधा जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में आ जाएगा, जहां जिला प्रशासन की तरफ से दूसरे राज्यों से टाइअप करते हुए यहां से जाने वाले लोगों के लिए प्रबंध किया जाएगा।
दूसरे राज्यों ने भी जारी किया वेब लिंक
डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि दूसरे राज्यों ने भी अपनी वेबसइड जारी की हैं। जैसे तमिलनाडु(http://tnepass.tnega.org), केरला(https://www.registernorkaroots.org) जाने वाले लोग भी वहां की वेबसाइट पर भी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले बिहार की तरफ से अपने नागरिकों के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए भी वेबसाइट(http://www.aapda.bih.nic.in) तैयार की है। इस वेबसाइट पर भी बिहार निवासी आवेदन कर सकते हैं।
कोरोना वॉरियर्स के साथ सरकार और प्रशासन कितना इंसाफ कर रहा है ये डॉक्टर्स द्वारा काले बिल्ले लगा कर जाहिर किए जा रहे रोष और दो दिनों से रेगुलर होने और तनख्वाह में बढ़ोतरी की मांग को लेकर धरने पर बैठे काॅन्ट्रेक्ट मुलाजिमों से जाहिर हो रहा है। ये कोरोना वॉरियर्स पिछले 50 दिनों से बिना रुके लगातार हॉस्पिटल में आने वाले कोरोना के मरीजों और दाखिल मरीजों के अलावा गर्भवतियों की भी देखभाल कर रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा इन्हीं को ही नजरअंदाज किया जा रहा है। सिविल हॉस्पिटल लुधियाना में शनिवार को 20 के करीब डॉक्टर्स ने दो माह से तनख्वाह न मिलने के चलते काले बिल्ले लगा कर रोष जाहिर किया।
वहीं, 8-10 सालों से 4500-6500 तक की सैलरी पर काम कर रहे 80 के करीब कांट्रेक्ट मुलाजिमों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। मुलाजिम शुक्रवार पूरी रात हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन करने के लिए बैठे रहे। धरने में स्टाफ नर्स, क्लास फोर और सफाई सेवक शामिल हैं। मांगों को लेकर मुलाजिम डीसी प्रदीप अग्रवाल के पास भी पहुंचे। लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। अब सोमवार को डीसी ऑफिस जाकर मुलाजिम मांग पत्र देंगे। इसके लिए मुलाजिमों ने पैदल मार्च कर डीसी दफ्तर तक जाने का निर्णय लिया है। वहीं, शनिवार को दोपहर तक उन्होंने धरना उठा लिया।
4500 वेतन, वो भी देरी से मिल रहा
मुलाजिमों ने कहा कि इतनी कम तनख्वाह पर लंबे समय से काम कर रहे हैं। लेकिन सेहत विभाग और प्रशासन द्वारा तनख्वाह बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। पिछले 50 दिनों से आइसोलेशन वॉर्ड में भी ड्यूटी दे रहे हैं। लेकिन इस समय में भी उनकी तनख्वाह बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। यही नहीं सैलरी भी समय पर नहीं दी जा रही है।
डॉक्टर्स बोले-काम नहीं करेंगे बंद
सिविल हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर्स द्वारा भी दो माह से सैलरी न मिलने पर काले बिल्ले लगाकर रोष जताया गया। डॉक्टर्स ने बताया कि इस समय में उनकी जरुरत है ऐसे में वो अपना काम करना तो बंद नहीं कर सकते। जानकारी के मुताबिक 18 तारीख से वो विभिन्न अफसरों से बात कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सिर्फ वायदों के अलावा कुछ नहीं मिला है।
धरने में शामिल कच्चे मुलाजिमों को निकालने की दी जा रही धमकी
धरने में शामिल कच्चे मुलाजिमों को हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा फोन करके निकालने की धमकी दी जा रही है। शनिवार दोपहर को मुलाजिम घरों को लौट गए थे। लेकिन शाम को उन्हें फोन कर कहा गया कि आपको निकाल कर दूसरे मुलाजिमों को रखेंगे। अगर हॉस्पिटल में बने रहना है तो हॉस्पिटल को माफी नामा सौंपना होगा। वहीं, कोविड-19 के कारण सिविल हॉस्पिटल के प्राइवेट रूम में रह रही नर्सेस को भी बाहर निकलने के लिए कह दिया गया।
शनिवार को रात 10 बजे के आसपास बिजली गरजने के बाद बारिश के साथ बड़े-बड़े ओले भी गिरे। जबकि कुछ इलाके सूखे भी रहे। वहीं, जिले के अन्य इलाकों खन्ना, जगराओं में भी देर रात को बारिश होने की सूचना है। शनिवार को सुबह साढ़े छह बजे के तकरीबन हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर में कुछ देर धूप निकलने के बाद बादल छा गए। जिससे मौसम में तबदीली हुई।
शनिवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री रहा। कुल मिलाकर मौसम सुहावना हो गया है। 6 मई तक मौसम ऐसा ही रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक 6 मई तक रोजाना तेज हवाएं चलेंगी। जिसमें 3 व 5 मई को बारिश होने का भी अनुमान है।
लाॅकडाउन में नियमों को फाॅलो न कर घरों से मॉर्निंग वाॅक के लिए निकले लोगों को शनिवार सुबह पुलिस ने अपने ही ढंग से पाठ पढ़ाया। उन्हें न तो ओपन जेल भेजा और न ही उन पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने फूल माला पहना कर उन्हें शर्मसार करते हुए घर से न निकलने की बात कही। थाना डिवीजन आठ, थाना पीएयू और चौकी घुमारमंडी की पुलिस की टीमों ने सुबह रोज गार्डन, रखबाग और पीएयू के बाहर सैर के लिए आने वाले लोगों को रोका।
उन्हें माला पहनाई, फिर उन्हें कहा कि तुहाड्डा बोहत बोहत धनवाद, तुसीं साड्डे कीते कराये ते पाणी फेर रहे हों...। इस दौरान एक सज्जन ने कहा कि मुझे आज मौसम बहुत अच्छा लगा, इसलिए कदम नहीं रोक सका और सैर के लिए आ गया। वहीं, अलग अलग जगहों पर पुलिस द्वारा उल्लंघन करने वाले 100 के करीब लोगों को पुलिस ने ओपन जेल में पहुंचाया। इसके अलावा 70 से ज्यादा लोगों के चालान भी काटे गए।
लुधियाना में कर्फ्यू के बीच शनिवार को पुलिस की खासी फजीहत हुई। एक तरफ जहां शहर में रोज राशन के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं आज फिर उस वक्त हालात बिगड़ गए, जब यहां पुलिस ने राशन बांटने के लिए लोगों को बुलाया था। दरअसल, हेल्पलाइन नंबर 1905 पर राशन की डिमांड करने वाले लोगों को शनिवार को मोती नगर में बुलाया था। लोग सुबह 8 बजे से ही लाइनों में लगना शुरू हो गए और नतीजा यह हुआ कि बुलाया 400 को गया था, जबकि यहां 1 हजार से ज्यादा की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की भी धज्जियां उड़ी नजर आई। बड़ी मुश्किल से लाठचार्ज करकेइन्हें काबू करना पड़ा।
लुधियाना महानगर के मोती नगर इलाके में शनिवार को एकाएक भीड़ दिखना शुरू हो गई। बताया जाता है कि यहां पुलिस ने उन लोगों को राशन देने के लिए बुलाया था, जिन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1905 पर राशन की जरूरत के बारे में कॉल किया था। लोग सुबह 8 बजे से ही लाइनों में लगना शुरू हो गए। फिर जब पुलिस अधिकारी कम्युनिटी सेंटर के अंदर बैठकर राशन बांट रहे थे तो बाहर भारी भीड़ जुटी थी। घंटों अपनी बारी का इंतजार करके परेशान हो चुके लोग गेट पर एकत्रित हो गए।
लोगों का आरोप है कि पुलिस बार-बार बाहर आकर लोगों को डंडे भी मार रही है।दूसरी तरफ पुलिस का कहना था कि बेकाबू हुई भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना जरूरी हो गया था। विभाग ने ओटीपी जारी कर राशन के लिए 400 लोगों को बुलाया था, जबकि यहां एक हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए।
चंडीगढ़ के सेक्टर 49 की डिस्पेंसरी में तैनात नर्स शर्मीला कुमारी की शादी 1 मई को थी। कार्ड छप चुके थे। लेकिन 3-4 दिन पहले ही उसनेयह कहकर शादी कैंसिल कर दी कि ‘काेरोना महामारी का खात्मा करने के बाद ही वह दुल्हन बनूंगी’। शुक्रवार 1 मई को सुबह उठी व तैयार होने लगी। बस फर्क इतना था कि लहंगे की जगह पीपीई किट। मेहंदी-चूड़े की जगह हाथों में ग्लव्स और कलीरे, जो मामा ने बड़े प्यार से तैयार करवाए थे, उनकी जगह हाथ में कोरोना को टेस्ट करने की मशीन थामी। वहीं, आजकल उनकी ड्यूटी सेक्टर-26 की ग्रेन मार्केट में कोरोना को जांचने के लिए थर्मल स्कैनिंग में लगी है।
ड्यूटी से मुंह फेर लेती तो कभी माफ नहीं कर पाती
शर्मिला ने कहा कि एक लड़की के लिए शादी बहुत अहमियत रखती है। लेकिन मैं पहले भारतीय हूं। इस समय मेरे देश को मेरी जरूरत है। शादी तो जिंदगी के किसी भी मोड़ पर हो जाएगी। अगर इस समय अपनी ड्यूटी से मुंह फेर लेती तो खुद को कभी माफ नहीं कर पाती। मम्मी-पापा को बताया तो वे भी राजी हो गए। अपने फियांसे दिनेश भारद्वाज से बात की। उन्होंने भी मेरे फैसला को समाज हित में बताया।
इधर, बटाला में दुल्हे को पुलिस ने शादी से मना किया तो वह अकेले की दुल्हन के घर पहुंच गया
कर्फ्यू के चलते बटाला में जब एक दूल्हे को शादी के लिए पुलिस ने परमिशन नहीं दी तो वह अकेले ही लड़की के घर पहुंच गया। बाद में पुलिस ने नवविवाहित जोड़े से केक कटवा शादी की शुभकामनाएं दी। दूल्हा तरणबीर गांव गंडेविंड व दुल्हन नेहा गगड़भाना की है।
नाजायज संबंधों और जमीन पर कब्जा करने की नीयत से एक आरोपी ने पत्नी के साथ साजिश रच कर अपने भाई की हत्या करवा दी। पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ भवानीगढ़ पुलिस थाने में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक के मौसेरे भाई परमिंदर सिंह निवासी भट्टीवाल कलां ने बताया है कि उसकी मासी के लड़के लखबीर सिंह की शादी नवप्रीत कौर के साथ हुई थी। उसकेे भाई वरिंद सिंह की शादी गांव भुल्लरहेड़ी में हुई थी लेकिन वह अभी दुल्हन को घर नहीं लाया था। उससे पहले लखबीर एक कत्ल के आरोप में जेल चला गया था। उसके बाद वरिन्द्र सिंह गांव कृष्णगढ़ में अपनी बुआ के घर रहने लगा था। इस दौरान उनके रिश्तेदार मनप्रीत सिंह की लखबीर की पत्नी नवप्रीत कौर के साथ पहचान हो गई। वरिन्द्र जब गांव भट्टीवाल कलां वापस आया तो उसे शक हो गया कि भाभी के मनप्रीत के साथ संबंध हैं। इस कारण वरिन्द्र अपने घर आने से मनप्रीत को रोकने लगा तो दोनों के बीच रंजिश हो गई।
परमिंदर सिंह ने बताया कि वह वीरवार शाम को मोटरसाइकिल से खेत जा रहा था। तभी देखा कि खेत के पास 2 मोटरसाइकिल पर मनप्रीत सिंह और उसके भाई बहादुर सिंह, दोस्त गगनदीप सिंह व हरप्रीत सिंह ने एक कार को घेर रखा था। कार में वरिन्द्र सिंह व उसका दोस्त धरमिंदर सिंह थे। चारों आरोपियों ने वरिन्द्र सिंह को कार से निकाला और तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। जब धरमिंदर ने शोर मचाया तो चारों आरोपी फरार हो गए। बाद में वरिन्द्र को संगरूर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसकी मौत हो गई। परमिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि वरिन्द्र सिंह का कत्ल उसकी भाभी नवप्रीत कौर, जेल मेंं बंद वरिन्द्र सिंह के भाई लखवीर सिंह ने एक साजिश के तहत चारों आरोपियों से करवाया है तांकि वरिन्द्र के हिस्से की जायदाद लखबीर सिंह हासिल कर सके। पुलिस ने मनप्रीत सिंह, बहादुर सिंह, गगनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, नवप्रीत कौर और लखबीर सिंह के विरूद्ध भवानीगढ़ पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नाभा में घरेलू कलह के चलते पत्नी की कुल्हाड़ी से की हत्या
नाभा के गांव छींटावाला में शुक्रवार सुबह पति ने घरेलू कलह के चलते कुल्हाड़ी से पत्नी की हत्या कर दी। आरोपी फरार है। जानकारी के अनुसार बल्लू राम का उसकी पत्नी रानी कौर के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया तैश में आकर उसने कुल्हाड़ी से पत्नी के सिर पर वार कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतका रानी का बेटा जगतार सिंह जो अनाजमंडी में दिहाड़ी पर मजदूरी करने गया था उसे उसके चाचा ने घटना की जानकारी दी और पुलिस को सूचित किया। जगतार सिंह के मुताबिक वह जब वह मंडी से वापस आ रहा था तो रास्ते में उसे उसका पिता भागता हुआ दिखाई दिया। उसे यह शक नहीं हुआ कि उसका पिता मां की हत्या कर देगा। पुलिस ने मामला दर्ज करवाई शुरू कर दी है।
इधर, युवक ने अपने दोस्त की गोली मारकर हत्या की
शहर में एक युवक ने अपने दोस्त की गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार नाभा के गांव साधोहेड़ी के दो दोस्तों जफरदीन उर्फ मन्ना खान और हरजिदर सिंह उर्फ काका सिंह के बीच पहले मामूली तकरार हुई जो बाद में झगड़े में बदल गई। इस पर हरजिंदर सिंह ने पिस्तौल से जफरदीन के सीने में गोली मार दी आैर मौके से फरार हो गया। फिलहाल झगड़े के पीछे कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मृतक के पिता के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
लुधियाना जेल में कोरोना पॉजिटिव पाई गई 35 वर्षीय महिला भजन कौर संगरूर के अधीन पड़ते अमरगढ़ के गांव बागड़िया की है। महिला को पुलिस ने 27 अप्रैल को बागड़िया से ढढोगल जाने वाली लिंक सड़क से 11 ग्राम चिट्टे समेत गिरफ्तार किया गया था। 28 अप्रैल को अदालत ने उसे लुधियाना जेल भेज दिया था। जहां उसकी मेडिकल स्क्रीनिंग करवाई गई थी। इसकी रिपोर्ट वीरवार रात पॉजिटिव आने पर लुधियाना प्रशासन की ओर से इसकी सूचना संगरूर प्रशासन को दी गई है।
संगरूर में कई मुलाजिमों के सैंपल टेस्ट भी जांच के लिए भेजे
ऐसे में संगरूर पुलिस की ओर से गांव बागड़िया को सील कर महिला को गिरफ्तार कर लुधियाना जेल छोड़ने वाले संगरूर के सभी 7 पुलिस कर्मचारियों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। टीम के सदस्यों को 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा गया है। इनमें 2 महिला पुलिसकर्मी भी हैं। यह पुलिस कर्मचारी सीआईए स्टाफ बहादूर सिंह वाला में तैनात हैं। संगरूर में अब कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 7 हो गई है। इनमें 3 व्यक्ति ठीक होकर जा चुके हैं। अमरगढ़ क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव का यह तीसरा केस है। इससे पहले वीरवार को अमरगढ़ के गांव बनभौरी और खानपुर से दो व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सेहत विभाग की टीमें पॉजिटिव महिला की कांटेक्ट हिस्ट्री को तलाशने में जुट गई है।
राजस्थान-पंजाब बाॅर्डर पर स्थित साधुवाली गांव के सरकारी स्कूल में बने क्वारेंटाइन सेंटर में पंजाब के 102 मजूदर ठहरे हैं। फरीदकोट की महिला छिंदो ने रोते हुए बताया कि मुश्किल से पंजाब जाने की अनुमति मिली। वीरवार को दो बसों में मजदूर यहां पहुंचे तो चेकिंग के दौरान उम्मीद थी कि जल्द घर पहंुच जाएंगे। लेकिन यहां एंट्री बंद होने से मजदूरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
बच्चे फोन करके पुछदे ने-तुसीं घर कदों वापस आऊंगे
छिंदो ने रोते हुए बताया कि ‘2 बच्चे 13 साल दा मुंडा ते 7 साल की कुड़ी घर पर है। दोनों चाचे काेल छड्डे हण, आेह बार-बार फोन करदे पूछदे आं कि घर कदो आओगे। हुण बच्चियां दा भी साडे बिना मन नहीं लगदा’। असीं पंजाब दे बशिंदे हां, अगर सरकार ने सानूं पंजाब च वड़न ही नहीं होण देना तां गोली मार देओ। छिंदो के पति काका सिंह ने बताया पंजाब से हरियाणा सरकार अच्छी है। वहां से कुछ लोग भी बीकानेर में आए थे। उन्हें सरकार ने एंट्री देकर फतेहाबाद के स्कूलों में रखा है। जहां रहने और खाने की पूरी व्यवस्था है।
सीएम कैप्टन बोले- डरन दी कोई लोड़ नी
उधर, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से क्वारेंटाइन से नहीं डरने की अपील की हैै। उन्होंने कहा, क्वारेंटाइन कुछ नहीं बल्कि पंजाब में आने वाले लोगों को अलग रखना है। यहां डाॅक्टरों की तरफ से उनकी जांच कर ही घर भेजा जाएगा।
मजदूर बोले- श्रद्धालु व एनआरआई क्यों नहीं राेके
अबोहर केे जसपाल और बठिंडा की जसमेल कौर समेत अन्य ने कहा कि सरकार ने पहले एनआरआई को एंट्री दी, उन्होंने कोरोना फैलाया। फिर नांदेड़ में फंसे लोगों को बुलाया। उन्होंने भी कोरोना फैलाया। उन्हें नहीं रोका। हमारा मेडिकल व हम क्वारेंटाइन हो चुके हैं। फिर भी पंजाब हुकूमत हमें जानवरों जैसा मान एंट्री देने से मना कर रही है।
विदेशों में रहने वाले प्रवासी पंजाबी व विद्यार्थी की मुश्किलें दूर करने को सरकार ने विभिन्न देशों के लिए कोआर्डिनेटर नियुक्त किए हैं जो पंजाबियों के साथ जुड़ेंगे। मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि विदेश मंत्रालय के साथ मीटिंग करके एनआरआई को सहायता देने बारे बात की गई है। कहा कि कोआर्डिनेटर विदेशों में नोडल अफसरों के संपर्क में हैं और भारतीयों की समस्याओं को उठा रहे हैं। सोढी ने मेल आईडी sportsministerpunjab@gmail.com पर संपर्क करने को कहा है।
विदेश में फंसे अपनों की सहायता के लिए यहां करें कॉल
कोरोना ने जिले में बड़ा पलटवार किया है। हम लक्ष्मण रेखा लांघते रहे और महामारी घर बुलाते रहे। अब एक ही दिन में 48 नए संक्रमित केस सामने आए हैं। नए केसों में से 38 हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु हैं, जबकि शहर के अलग-अलग इलाकों से भी 10 पॉजिटिव आए हैं। इनमें से किसी का सोर्स पता नहीं और अब संक्रमण घनी बस्तियों में भी पहुंच चुका है। ये सबसे बड़ा खतरा है। 24 मार्च को जिले में पहला पॉजिटिव केस आया था। 37 दिन बाद एक ही दिन में महामारी का महाविस्फोट हो गया। जिले में कुल 77 पॉजिटिव केस हो चुके हैं। बुधवार को भी जिले में 11 नए पॉजिटिव केस सामने आए थे। कुल 29 पॉजिटिव थे। नए संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट वीरवार को मिली।
डीसी ने बताया कि जिले में अब तक 2380 सस्पेक्टेड मरीज आए। इनमें से 2018 की रिपोर्ट निगेटिव है। 316 की रिपोर्ट पेंडिंग है। नए 48 केसों में से श्रद्धालुओं के अलावा दूसरे राज्यों से लोटी 2 लेबर, महिला जेल से संबंधित एक मरीज और 6 शहर के विभिन्न इलाकों से और एक केस बीडीपीओ के संपर्क का है। डीसी ने लोगों से घरों में ही रहने व लॉकडाउन के नियमों का पालने करने अपील की है। नहीं तो हालात गंभीर हो जाएंगे। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि वीरवार को 44 रैपिड रिस्पाॅन्स टीमों ने 63 लोगों की जांच की। अमरपुरा इलाके में 120 घरों में 573 लोगों और चौकीमान में 49 घरों में 229 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें किसी भी व्यक्ति में बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए।
कोरोना संक्रमित होने वालों में 8-9 साल के बच्चे, 80 साल के बुजुर्ग भी
वीरवार को एक ही दिन में सामने आए 48 पाॅजिटिव केसों में 8 और 9 साल की बच्चियों से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग भी शामिल हैं। वहीं, लुधियाना के घुलार, सेह गांव व आर्या कॉलोनी से भी एक-एक नए केस सामने आए हैं। नए केसों के 34 संक्रमितों में से 12 मरीज एमसीएच वर्धमान में, 21 सिविल हॉस्पिटल लुधियाना और 1 व्यक्ति को सिविल हॉस्पिटल खन्ना में एडमिट हैं। वहीं, 7 अन्य संक्रमित मैरिटोरियस स्कूल में हैं, जबकि 7 अन्य को ट्रेस किया जा रहा है। नए पॉजिटिव केसों में हर उम्र वर्ग के लोग हैं। बच्चियाें में से एक लक्कड़ मंडी दोराहा और एक खमाणो से संबंधित है। वहीं, जिले में अब तक के सबसे उम्र दराज व्यक्ति भी पॉजिटिव आए हैं। 80 वर्षीय बुजुर्ग न्यू जनता नगर से संबंधित हैं। कई परिवारों के 2-2 लोग भी पॉजिटिव पाए गए हैं। सबसे बड़ी बात है कि इनमें से ज्यादातर के सोर्स पता ही नहीं हैं।
न्यू जनता नगर में 4, जनता नगर और शिमलापुरी में 3-3 पॉजिटिव केस
नए आए मामलों में न्यू जनता नगर, जनता नगर और शिमलापुरी जैसे इलाके भी हॉटस्पॉट बनने की ओर हैं। शिमलापुरी में जहां पहले एक मामला आ चुका है। वहीं, नए मामलों में भी शिमलापुरी के तीन नए मामले सामने आ गए हैं। वहीं, न्यू जनता नगर के एक साथ चार और जनता नगर से तीन मामले सामने आए हैं।
पॉजिटिव केसों में रायकोट से पुरुष(32), घुलार से पुरुष(48), आर्या कॉलोनी से महिला(38), शिमलापुरी से पुरुष(70), शिमलापुरी से पुरुष(75), शिमलापुरी से युवक(28), धांधरा से महिला(45), कोहाड़ा से युवक(27), शाम नगर से पुरुष(36), न्यू जनता नगर से पुरुष(63), न्यू जनता नगर से पुरुष(61), न्यू जनता नगर से पुरुष(80), जनता नगर से पुरुष(63), न्यू जनता नगर से पुरुष(63), छावनी मोहल्ला से महिला(65), अबदुल्लापुर बस्ती से पुरुष(23), ढोलेवाल से पुरुष(41), डॉ.अंबेडकर नगर से पुरुष(35), इस्लामगंज से पुरुष(22), देव नगर कॉलोनी से युवती(20), ग्यासपुरा से पुरुष(48), बागड़िया से पुरुष(30), जनता नगर से महिला(62), जनता नगर से पुरुष(65), लक्कड़ मंडी दोराहा से बच्ची(8), दोराहा से महिला(56), मुंडियां से युवक(18), समराला से पुरुष(49), घुंघराली सिखां से पुरुष(54), घुंघराली सिखां से महिला(51), खमाणो से महिला(39) व बच्ची(9), मोहाली से युवती(26), फतेहगढ़ साहिब से युवक(32) शामिल हैं। वहीं, देर रात छावनी मोहल्ला और शिमलापुरी को सील कर दिया गया है।
अब तब 221 श्रद्धालु आ चुके, कई अभी भी घरों-माेहल्लों में
श्री हजूर साहिब से 221 श्रद्धालु लुधियाना पहुंच चुके हैं। जिन्हें सिविल अस्पताल, मैरिटोरियस स्कूल, यूसीएचसी वर्धमान में रखा गया है। वहीं कुछ श्रद्धालु अभी भी घरों में हैं जिन्हें घरों से लाने के लिए छावनी मोहल्ला, अब्दुल्लापुर बस्ती, इस्लामगंज और ग्यासपुरा में सेहत टीम जुटी रही। वहीं, यूसीएचसी वर्धमान में कुल 100 मरीजों को दाखिल किया गया है। इसमें हजूर साहिब से लौटे 69, कोटा से 26, गुजरात से 1, हिमाचल प्रदेश से 1, मध्यप्रदेश से 2 और छत्तीसगढ़ से 1 मरीज को दाखिल किया गया है।
एसपीएस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स सहित 28 स्टाफ मेंबर्स निगेटिव
एसपीएस हॉस्पिटल में इलाज के लिए दाखिल हुई 6 महीने की बच्ची के पीजीआई चंडीगढ़ में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एसपीएस हॉस्पिटल के 28 स्टाफ मेंबर्स के सैंपल लिए गए थे। इसमें 4 डॉक्टर्स भी शामिल थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। हॉस्पिटल के एमडी जय सिंह और सीओओ डॉ.जतिंदर अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए अलग से स्टाफ को ड्यूटी दी गई थी।
एसीपी की पत्नी, एसएचओ की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव
फोर्टिस में दाखिल एसीपी नॉर्थ की पत्नी पलक कोहली, डीएमसी में दाखिल एसएचओ बस्ती जोधेवाल अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल और एसपीएस हॉस्पिटल में दाखिल एएसआई सुखदेव सिंह की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी के तीसरे सैंपल भेजे जाएंगे। उसके निगेटिव आने के बाद ही इन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जाएगा। वहीं, डीएमओ जसबीर कौर का दूसरा सैंपल बुधवार को भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। जानकारी के मुताबिक कुल 115 पुलिस अधिकारियों के सैंपल लिए गए थे, सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इनमें से 85 पुलिस मुलाजिम क्वारेंटाइन पीरियड खत्म कर ड्यूटी जाॅइन कर चुके हैं।
घर जाने को करें covidhelp.punjab.gov.in पर अप्लाई
जिले में दूसरे राज्यों से आए लोग(सिर्फ माइग्रेटरी) अगर अपने राज्यों को जाना चाहते हैं तो ये सुविधा अब जिला प्रशासन की तरफ से देने की बात की गई है। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि दोनों राज्यों(जहां काम कर रहे और जहां जाना है) की तरफ से परमिशन मिलने के बाद उन लोगों को उसके घर पहुंचा दिया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इसके लिए पंजाब सरकार की वेबसाइट पर जाकर जानकारी सबमिट करनी होगी । इसके लिए बाकायदा वेबसाइट जारी की गई है। covidhelp.punjab.gov.in पर एक दो दिन में प्रोसेस अपलोड किया जाएगा।
हेरोइन तस्करी के लिए 40 प्रतिशत हिस्सा लेकर धंधा करने वाले तीन सप्लायरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि मुख्य तस्कर महिला फरार है। पुलिस ने आरोपियों से 810 ग्राम हेरोइन बरामद की है। जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत पांच करोड़ के करीब बताई जा रही है। थाना एसटीएफ मोहाली की पुलिस ने घोड़ा कॉलोनी की हीना, ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के बॉबी, कश्मीरी और अर्जुन राय के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। जबकि आरोपी हीना की तलाश जारी है। एएसआई रामपाल ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि उक्त आरोपी हेरोइन की तस्करी करने के लिए एक्टिवा पर जा रहे हैं। पुलिस ने सिविल अस्पताल के पास नाकाबंदी दौरान आरोपियों को बिना नंबर प्लेट लगी एक्टिवा पर आते देख शक के आधार पर रोका। चेकिंग के दौरान पुलिस ने आरोपियों से 810 ग्राम हेरोइन बरामद की। पुलिस ने आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर उनसे बरामद एक्टिवा को जब्त कर लिया है।
पति की मौत के बाद शुरू की नशे की तस्करी
पुलिस के अनुसार हीना की कुछ साल पहले ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के एक युवक से शादी हुई थी। तभी उसकी मुलाकात आरोपियों से हुई। पति की मौत के बाद हीना घोड़ा कॉलोनी में मायके रहने लगी। घर का खर्च न चलने पर उसने तस्करी शुरू कर दी। एक साल पहले उसने उक्त आरोपियों को भी धंधे में शामिल किया। पुलिस के मुताबिक आरोपी बॉबी कबाड़ का काम करता है। उसके खिलाफ पहले भी दो केस दर्ज हैं। आरोपी कश्मीरी पत्थर व टाइलें लगाने का काम करता है। जबकि अर्जुन मजदूरी करता है।
पेरोल पर आया कैदी दोस्त संग हेरोइन तस्करी करने जाते काबू
लुधियाना। 10 साल की सजा होने पर पेरोल पर छूटकर आए कैदी को दोस्त के साथ तस्करी करने जाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों से 300 ग्राम हेरोइन बरामद की है, जिसकी कीमत दो करोड़ के करीब आंकी गई है। थाना मोती नगर पुलिस ने ईशर नगर के राज कुमार उर्फ गगी और बेदी नगर के बलविंदर कुमार के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। सब इंस्पेक्टर जसपाल सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि उक्त आरोपी हेरोइन की तस्करी करने जा रहे हैं। पुलिस ने रेड कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
कोरोना वायरस के चलते 38 दिनों से लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते इंटरनेशनल हलवारा एयरपोर्ट का काम भी बीच में ही बंद हो गया था। अभी किसानों को जमीन एक्वायर करने के एवज में मुआवजा राशि देनी बाकी थी। लॉकडाउन के चलते इसमें ब्रेक लग गई, लेकिन एयरपोर्ट के लिए अब फिर से कदम आगे बढ़ने शुरू हो चुके हैं। गलाडा के एडिशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर भूपिंदर सिंह ने इसकी पुष्टि की कि गलाडा की तरफ से दोबारा पब्लिक नोटिस जारी किया गया है, जिसके तहत मुआवजा धारकों को चेक लेने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा पिछले दो दिनों के दौरान करीब 10 लोगों को मुआवजा राशि के चेक बांटे गए हैं।
राशि बंटने के बाद लगेगा टेंडर
बता दें कि हलवारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 161.2703 एकड़ जमीन एक्वायर की जानी है। उसमें से हर किसान को प्रति एकड़ 9.75 लाख रुपए के हिसाब से मुआवजा तय किया गया है। जबकि पूरी जमीन पर 15.72 करोड़ से ज्यादा मुआवजा राशि के चेक बांटे जाएंगे। इसके अलावा 90 परिवार ऐसे हैं, जो ज्यादा प्रभावित होंगे, उनमें प्रति परिवार 5.50 लाख रुपए की मुआवजा राशि अलग से देने का प्रावधान किया गया है। मुआवजा राशि बांटने के बाद गलाडा निर्माण कार्य के लिए टेंडर लगाने की शुरूआत करेगा। बता दें कि इंटरनेशनल लेवल के एयरपोर्ट को बनाने के लिए तीन साल की डेडलाइन तय की गई।
लॉकडाउन में अगर किसी व्यक्ति को अपना पार्सल देश कहीं भेजना है तो रेलवे ने इसके लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। अब रेलवे ने पार्सल बुक करवाने के लिए रेलवे स्टेशन तक न पहुंच सकने वालों को एक और सुविधा दी है। रेलवे ने दावा किया है कि वह ऐसे लोगों के कर्फ्यू पास तक बनवाने में सहायता करेगी, जिनको स्टेशन पर अपने पार्सल बुक करवाने या लेने के लिए आना है। रेल अफसरों का मानना है कि अब इस पहल से जहां रेलवे की बुकिंग में बढ़ोतरी होगी। बता दें कि लॉक डाउन में अब तक 500 टन जरूरी सामान बुक कर पहुंचाया गया है।
बुकिंग में दिक्कत आए तो इन नंबरों पर करें संपर्क
कई स्टेशनों पर बुकिंग करवाने में लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। ऐसे में फिरोजपुर डिवीजन ने छह स्टेशनों के सीएमआई के मोबाइल नंबर जारी किए हैं। इनमें अमृतसर स्टेशन के सीएमआई प्रदीप कुमार 9779233961, फिरोजपुर के जसवंत सिह 9779233960, लुधियाना के अजय पाल सिंह 9779233954, जालंधर के दीपक जोसेफ 9779233932, पठानकोट के राजिंदर सिंह 8146633340 व फिरोजपुर के ही मलकीत सिंह 9779233933 है।
हमने लापरवाहियां तो बहुत कीं और लगातार कर भी रहे हैं, फिर भी लॉकडाउन के 38 दिन 4 घंटे की आजादी मिल गई है। रोजमर्रा की जरूरतों की हाेम डिलीवरी कर रहीं पहले से मंजूरशुदा दुकानें अब काउंटर सेल भी कर सकेंगे। सुबह 7 से लेकर 11 बजे तक ही। लोग इन पर जाकर सामान खरीद सकेंगे, लेकिन कुछ नियम शर्तों का पालन करना होगा। उल्लंघन की स्थिति में जिला प्रशासन ने कार्रवाई की चेतावनी दी है। इसी तरह से गेटेड कॉलोनियों के अंदर, रेजिडेंशियल कॉलोनियों, बेहड़ों में भी इक्का दुक्का दुकानें खुल सकेंगीं। सभी को कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। कंटेनमेंट एिरया या हॉटस्पाट में ऐसी कोई मंजूरी नहीं दी गई है।
निर्माण के रुके व नए प्रोजेक्ट शुरू करने को मंजूरी, ग्रामीण इलाकों के लिए भी सहूलियतें
1. सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक अपने आसपास की दुकान तक जरूरत का सामान लेने के लिए हर परिवार से सिर्फ एक ही मेंबर जा सकेगा, वो भी पैदल।
2. उसके चेहरे पर मास्क, हाथ में ग्लब्स होना जरूरी, हर दुकानदार को अपनी दुकान के आगे दो 2 मीटर का गोल चक्कर बनाना होगा, भीड़ इकट्ठी होने से रोकना होगा।
4. आम लोगों काे सुबह के इन चार घंटों में निकलने के कोई पास की जरूरत नहीं होगी। लेकिन यह छूट केवल जरूरी सामान खरीदने के लिए हैं, किसी और मकसद से निकलने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
6. सुबह 11 बजे के बाद से शाम 7 बजे तक दुकानदार होम डिलीवरी कर सकेगा। काम करने वाले हर वर्कर को मास्क, गलब्स पहनना सुनिश्चित करना होगा।
7. गेटेड कॉलोनियों, सोसाइटीज, रेजिडेंशियल कॉलोनियों, बेहड़ों में भी स्थित रोजमर्रा की जरूरतों वाली इक्का-दुक्का दुकानें, जिनके अगल-बगल कोई और दुकान नहीं हैं, भी तय समयसीमा व नियमों के तहत खुल सकेंगी।
8.शॉपिंग माल्स, शॉपिंग-मार्केट कॉम्प्लेक्स, बाजार में स्थित दुकानें, रेस्टोरेंट, शराब ठेके-अहाते, नाई की दुकानें, सैलून-पार्लर, दो या उससे अधिक फ्लोर वाले मार्केट फिलहाल अभी बंद ही रहेंगे। बस, जरूरी वस्तुओं के होलसेल मार्केट सुबह 11 बजे के बाद खुल सकेंगे
9.ग्रामीण इलाकों में भी दुकानें काउंटर सेल के लिए सुबह 7 से 11 बजे तक खोली जा सकेंगी, यहां भी लोगों का पैदल ही जाना होगा। देहात एरिया में भी स्थित शॉपिंग माल्स को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
10.अब सभी तरह के निर्माण किए जा सकेंगे। ग्रामीण इलाकों में कोई भी रुका या नया निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। लेबर अगर उसी गांव की है तो किसी पास की जरूरत नहीं होगी, यदि बाहर से आती है तो सब डिवीजन के एसडीएम पास जारी करेंगे। निर्माण प्रोजेक्ट्स में प्राइवेट, रेजिडेंशियल, कॅमर्शियल शामिल हैं।
11. बस कॉन्ट्रैक्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि लेबर साइट पर ही रहे निर्माण संबंधी कार्य शुरू करने के लिए acgludhiana@gmail.com पर अप्लाई किया जा सकता है। इसमें लेबर की डिटेल व अन्य ब्योरा देना है।
26 व 27 अप्रैल को श्री हजूर साहिब व कोटा(राजस्थान) से लौटे श्रद्धालुओं और स्टूडेंट्स की सिर्फ स्क्रीनिंग यानि तापमान ही चेक कर हॉस्पिटल या आइसोलेशन सेंटर की बजाए घर में क्वारेंटाइन करने का निर्णय भारी पड़ना शुरू हो गया है। सरकार व प्रशासन द्वारा दूसरे राज्यों से लाए गए श्रद्धालुओं और स्टूडेंट्स की सैंपलिंग और आइसोलेशन वॉर्ड में क्वारेंटाइन न करने के निर्णय में की गई देरी का खामियाजा ये भुगतना पड़ रहा है कि जिले में 11 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ गए हैं। यही नहीं, इन 11 केसेस के एक्टिव होने से जिला अब रेड जोन की कैटेगरी में पहुंच गया है। नियम के मुताबिक जिस जिले में 15 से ज्यादा एक्टिव केस होते हैं उस जिले को रेड जोन की श्रेणी में शामिल किया जाता है। जिले में अब कुल 19 एक्टिव केस हैं।
वापस लौटे लोगों की स्क्रीनिंग में हॉस्पिटल में ज्यादा से ज्यादा 3 मिनट लगाए गए। उनकी स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें घर भेज कर 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन रहने के लिए कहा गया था। श्री हजूर साहिब से लौटे 7 लोग पॉजिटिव आए हैं जिसमें 8 वर्षीय बच्चा भी शामिल है। जोकि हाॅट स्पाॅट अमरपुरा का रहने वाला है। एक ही गांव के तीन लोग भी पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें घुलार से 59 वर्षीय पुरुष, 56 वर्षीय पुरुष, 55 वर्षीय महिला और गांव सेह से 58 वर्षीय पुरुष पॉजिटिव हैं। शिमलापुरी से 52 वर्षीय महिला, आर्या कॉलोनी से 62 वर्षीय महिला पॉजिटिव आई है। इसके अलावा कोटा से लौटे 4 स्टूडेंट्स पॉजिटिव आए हैं। जोकि एक ही कोचिंग इंस्टीट्यूट से संबंधित हैं। इसमें चंद्र नगर से 19 वर्षीय युवक, संधू नगर से 20 वर्षीय युवक, न्यू हरगोबिंद नगर से 19 वर्षीय युवती, नीची मंगली से 18 वर्षीय युवक पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी को मदर चाइल्ड हॉस्पिटल वर्धमान चंडीगढ़ रोड में दाखिल किया गया है।
रविवार पहुंचे श्रद्धालुओं को 60 घंटे बाद लाए सिविल हॉस्पिटल
रविवार सुबह 4 बजे श्री हजूर साहिब से पहुंचे 26 और दोपहर 1 बजे पहुंचे 17 लोगों को स्क्रीनिंग कर घरों में 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन रहने के लिए कहा गया। दोबारा से आदेश आने पर उन्हें तकरीबन 60 घंटे बाद हॉस्पिटल लाया गया। चिंता का विषय ये है कि सभी पॉजिटिव श्रद्धालुओं ने घर पहुंच कर घर की चीजों का इस्तेमाल करने के अलावा परिजनों से भी संपर्क बनाए रखा। ऐसे में इन सभी के परिजनों के भी पॉजिटिव आने का खतरा बना हुआ है।
आर्या कॉलोनी नहीं की सील
श्री हजूर साहिब से लौटी आर्या कॉलोनी मोती नगर की महिला(62) भी पॉजिटिव आई हैं। इसी के साथ अन्य महिला को भी टीम द्वारा जाकर हॉस्पिटल लाया गया। एक महिला के पॉजिटिव आने के बाद भी पुलिस द्वारा इलाके को सील नहीं किया गया।
72 घंटे का सफर, रास्ते में 2 जगह रुके भी, स्क्रीनिंग नहीं
श्री हजूर साहिब से लौटे और पॉजिटिव आए अमरपुरा के बच्चे(8) के पिता ने बताया कि वापसी पर 72 घंटे के सफर में 2 जगह बस रुकी। लेकिन वहां से सफर शुरू होने से लेकर लुधियाना तक पूरे जत्थे की स्क्रीनिंग नहीं हुई। यहां तक कि बठिंडा में भी उनकी स्क्रीनिंग नहीं हुई। सीधे लुधियाना सिविल हॉस्पिटल आकर तापमान चेक किया और घर भेज दिया। पिता ने बताया कि मेरा बेटा स्वस्थ है, बावजूद इसके वो पॉजिटिव आया। मेरे घर में मेरी पत्नी, दो बेटियां भी हैं। हम सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
सिविल और मैरिटोरियस स्कूल में क्वारेंटाइन
लॉक डाउन के कारण नांदेड़ साहिब में फंसे श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था बुधवार शाम को लुधियाना पहुंचा। इस जत्थे में 193 श्रद्धालु हैं जिनको 5 बसों में लुधियाना लाया गया है। पहली गलती से सबक लेते हुए इस बार सभी श्रद्धालुओं को सिविल अस्पताल लाया गया और सैंपल लिए गए। रिपोर्ट आने तक सभी को सेहत विभाग द्वारा सिविल अस्पताल और रोजगार्डन स्थित मैरिटोरियस स्कूल में क्वारेंटाइन कर दिया गया है। इस बार भी अव्यवस्था के चलते श्रद्धालु सिविल अस्पताल के परिसर में इधर-उधर घूमते रहे।
वहीं, सैंपलिंग में देरी होने से नाराज श्रद्धुालुओं द्वारा सिविल अस्पताल में प्रदर्शन भी किया गया। इससे पहले रविवार को नांदेड़ साहिब से लौटे श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग कर घर भेज दिया था। तरनतारन में नांदेड साहिब से वापस आए श्रद्धालु पॉजिटिव आने पर पंजाब सरकार ने दोबारा आदेश दिए कि सभी वापस आए श्रद्धालुओं का कोरोना टेस्ट करवा कर उनको क्वारेंटाइन किया जाए।
ड्राइवरों, कंडक्टर का भी कराया मेडिकल
श्रद्धालुओं को लुधियाना तक लेकर आने के लिए हर बस में दो या तीन ड्राइवर, कंडक्टर, इंस्पेक्टर व पुलिस कर्मी मौजूद थे। सिविल अस्पताल में इन सबके भी मेडिकल करवाए जा रहे हैं।
बॉर्डर तक मिले अलग कंपार्टमेंट, बठिंडा से बस में एक साथ बैठाए 25 स्टूडेंट्स
कोटा से चलकर 27 अप्रैल को लुधियाना पहुंचे 25 स्टूडेंट्स में से 4 पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें कुछ मंगलवार को दोपहर तक पहुंचे। सभी स्टूडेंट्स एक ही कोचिंग इंस्टीट्यूट से संबंधित हैं। संधू नगर के युवक(20) ने बताया कि 26 अप्रैल को शाम चार बजे कोटा से बसों में बैठाया गया। वहां चलने से पहले हम सभी की स्क्रीनिंग की गई। उन स्लीपर बसों में सभी स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग कंपार्टमेंट थे। राजस्थान-पंजाब बॉर्डर पर बसें बदली गई। वहां भी हमारी स्क्रीनिंग की गई। पीआरटीसी की बसों में हमें बैठाया गया। 28 स्टूडेंट्स एक साथ थे, लेकिन इस दौरान बस में किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बनी, सभी साथ-साथ ही बैठाए गए।
12 घंटे का सफर तय कर 27 अप्रैल को शाम 7.30 बजे लुधियाना पहुंचे। लुधियाना में सिर्फ स्क्रीनिंग करने के बाद घर भेज कर 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन कर दिया गया। युवक ने बताया कि उसके घर में मां-बाप, भाई-बहन और मामा रहते हैं। अब एमसीएच वर्धमान में लाया गया और 3 बजे दोपहर को सैंपल लिए गए। लेकिन यहां भी श्री हजूर साहिब के श्रद्धालुओं और कोटा वाले स्टूडेंट्स को एक साथ रखा गया। शुरुआत के 4-5 घंटे तो हमें कॉरिडोर में ही रहे। यहां तक कि सभी ने बाथरूम भी एक इस्तेमाल किया। बठिंडा में बस बदलने के दौरान और हॉस्पिटल में ही शायद किसी पॉजिटिव के संपर्क में आए हैं।
नीट की तैयारी कर रहे थे सभी
कोटा में पढ़ाई कर रहे चंद्र नगर के युवक(19) ने बताया कि वो कोटा में नीट की तैयारी कर रहा है। बस से कोटा से लुधियाना तक का ही सफर किया। 27 को स्क्रीनिंग के बाद घर भेज दिया गया और होम क्वारेंटाइन रहने के लिए कहा गया था। लेकिन 28 अप्रैल को उन्हें हॉस्पिटल लाकर सैंपल लिए गए। न्यू हरगोबिंद नगर की युवती(19) और युवक(18) के भी सैंपल लिए गए हैं।
एसीपी के ड्राइवर को किया डिस्चार्ज
जिले में अब तक 32 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। जिसमें से 29 मरीज लुधियाना, 1 जालंधर, 1 बरनाला और 1 फिरोजपुर से हैं। 8 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिसमें कांस्टेबल परमजोत सिंह(एसीपी का ड्राइवर) को बुधवार को सिविल हॉस्पिटल फिरोजपुर से डिस्चार्ज कर दिया गया। बुधवार को 43 रैपिड रिस्पाॅन्स टीमों द्वारा 130 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें से 93 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया। हॉटस्पॉट घोषित अमरपुरा इलाके में 185 घरों में 723, गांव चौकीमान में 56 घरों में 291 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण देखने को नहीं मिले हैं।
लॉकडाउन और मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते हवा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर की टीम द्वारा सेटेलाइट इमेज का विश्लेषण किया गया। जिसके मुताबिक पावर प्लांट्स, वाहन व इंडस्ट्री न चलने के कारण डीजल जलने से उत्पन्न होने वाली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा में 40-50 फीसदी की गिरावट हुई है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड इन्हीं यूनिट्स से निकलती है। पंजाब रिमोट सेंसिंग की टीम का निर्देशन डॉ. ब्रिजेंद्र पटेरिया ने किया।
उनके साथ डॉ. आरके सेतिया और अनुश कुमार ने कॉपरनिकस सेनटिनेल-5पी सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण किया। जिसमें मार्च 1 से 22 तक और 20 अप्रैल तक की इमेज को देखा गया जिसमें वायुमंडलीय गैस को देखा गया। उन्होंने बताया कि पंजाब के अहम शहरों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा में पिछले साल के मुकाबले 40-50 फीसदी की गिरावट सामने आई है।
शहरों में ज्यादा दिखाई दी गिरावट
साइंटिस्ट डॉ. आरके सेतिया ने बताया कि ओजोन लेयर अल्ट्रा वॉयलेट रेंज से बचाने का काम करती है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड इस समय ओजोन बन रही है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के कारण ट्रोपोसफेरिक ओजोन कंसंट्रेशन में बदलाव दर्ज किया जा रहा है। 28 मार्च और 3 अप्रैल को ट्रोपोसफेरिक ओजोन कंसंट्रेशन में इजाफा हुआ। वहीं, 14 अप्रैल को कमी आई है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में कमी शहरी इलाकों में ज्यादा देखने को मिली है। इसमें लुधियाना, अमृतसर और जालंधर जैसे अहम शहरों में ज्यादा गिरावट रही है।
वातावरण में NO2 बढ़ने से आती है सांस की समस्या
उच्च तापमान पर तेल, डीजल के जलने पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड(NO2) पैदा होती है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का लेवल हवा में बढ़ने से इंसानों में सांस संबंधी समस्याएं होती हैं। फेफड़ों पर इसका प्रभाव पड़ने के कारण इम्युनिटी कमजोर होने पर फेफड़ों का इनफेक्शन भी हो सकता है। स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर बच्चों में अस्थमा की समस्या भी हो सकती है।
भामियां रोड पर गार्डन सिटी में एक व्यक्ति ने शकी हालातों में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। चौकी भामियां कलां की पुलिस ने लाश कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। लाश को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल रख दी है। मरने वाला हरप्रीत सिंह(35) गोल्डन सिटी का रहने वाला है। जानकारी के अनुसार हरप्रीत सिंह शादीशुदा है। उसके एक 2 साल की बेटी है। हरप्रीत एक प्राइवेट फैक्ट्री में नौकरी करता है। उसकी बहन राजिंदर कौर अनुसार कुछ दिन पहले हरप्रीत का अपनी पत्नी के साथ झगड़ा हो गया।
इसके चलते पत्नी अपने मायके चली गई। राजिंदर अनुसार बुधवार को हरप्रीत रोजाना की तरह इलाके में रहती अपनी मां के घर खाना खाने आया था। खाना खाने के बाद वह अचानक रोने लगा और अपने घर चला गया। राजिंदर अनुसार जब वह थोड़ी देर बाद उसके घर गए तो किसी ने गेट नही खोला।उन्होंने गेट तोड़ा तो देखा कि उसकी लाश पंखे से लटक रही थी। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। अभी उसकी मौत के कारण का पता नहीं चल सका है।
चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग्स (सीआईसीयू) ने लॉकडाउन के चलते इंडस्ट्री के सामने पैदा हुए संकट के मद्देनजर अपने मेंबरों को प्रोत्साहित करने की मुहिम चलाई है। इसके तहत सीआईसीयू के मेंबरों को समय का सदुपयोग करने के टिप्स दिए जाने के साथ ही अपग्रेडेशन के बारे में प्रोत्साहित किया जा रहा है।संस्था के प्रेसिडेंट उपकार सिंह आहूजा ने बताया कि इसी मकसद से वेबिनार की सीरीज के तहत दो कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
इसमें एक सेशन के दौरान डेली मैनेजमेंट को लेकर संस्था के ज्वाइंट सेक्रेटरी एसपी सिंह द्वारा विशेष कार्यक्रम का संचालन किया गया।इसके तहत इंडस्ट्रियलिस्ट्स को प्रभावी तरीके से अपनी गतिविधियों को संचालित करने के अलावा मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई।जबकि गत दिवस दूसरे सेशन के दौरान एडवांस एमएस-एक्सेल के प्रभावी तरीके से उपयोग के बारे में बताया गया। इंट्रेक्टिव सेशन के दौरान प्रोफेशनल कॉरपोरेट ट्रेनर दीपक मारवाह ने अहम जानकारियां दीं। इस कार्यक्रम में सैकड़ों मेंबर जुड़े रहे।
लुधियाना में एक घर पर दो दर्जन के करीब लोगों ने हमला कर दिया। ईंट-पत्थर, कांच की बोतलें भी फेंकी और तोड़फोड़ की। इस बात से आहत हुए बुजुर्ग ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पहुंची थाना टिब्बा पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया और कार्रवाई पूरी करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने 21 व्यक्तियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। साथ ही हमले के सीसीटीवी फुटेज को भी पुलिस ने जांच का हिस्सा बनाया है।
मृतक की पहचान न्यू शक्ति नगर के गली नंबर 17 में रह रहे 60 वर्षीय प्रेम सिंह के रूप में हुई है। कुछ समय पहले तक वह गोशाला, गुरुद्वारे में सेवा करता था और आजकल घर में ही रहता था। थाना टिब्बा के एएसआई जसपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने उसके बेटे मनदीप सिंह की शिकायत पर उसी इलाके में रहने वाले नदीम मलिक, उसके तीन बेटे, शोएब, शिवम, सोढी, जग्गी, लवप्रीत और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक मृतक प्रेम सिंह के बेटे मनदीप ने अपने बयान में उसने बताया कि 27 अप्रैल की शाम करीब साढ़े 7 बजे उसका छोटा बेटा परमजीत बाजार से कुछ सामान लेने के लिए गया था। वहीं पुरानी रंजिश के चलते वहां कुछ लोगों के साथ उसकी बहसबाजी हो गई। इसके बाद उन्होंने घर पर हमला कर दिया। अगले दिन मंगलवार सुबह वह पुलिस के पास मामले की शिकायत दर्ज कराने के लिए चले गए। दोपहर को जब घर लौटे तो देखा के उसके पिता का शव पंखे से झूल रहा था। दूसरी ओर एएसआई जसपाल का कहना है कि हमले का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लग गया है। फिलहाल आरोपियों की तलाश की जा रही है।
अब सूबे और जिले में एंट्री करने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग होगी। ये आदेश सेहत महकमे ने सभी जिलों के डीसी और सिविल सर्जन को दिए। आदेश के मुताबिक डीसी एंट्री करने वाले हर व्यक्ति की जानकारी रखेंगे। अगर व्यक्ति दूसरे जिलों में जाने वाले हैं तो उनके बारे में संबंधित जिलों के डीसी को पूरी जानकारी 24 घंटे में भेजी जाएगी। इससे संबंधित जिले में भी उन लोगों की सेहत पर 14 दिन तक निगरानी हो सकेगी। इसके लिए सिविल सर्जन इन लोगों पर 14 दिन तक नजर रखेंगे। ये प्रोसेस ठीक वैसे ही चलेगा, जैसे विदेश से यात्रियों के आने पर जिलों ने काम किया।
आदेश के मुताबिक नेशनल-स्टेट हाईवे, जिले की अहम सड़कों पर मेडिकल टीमें लगाने के आदेश दिए गए हैं। इन पॉइंट्स के जरिए ही सूबे में एंट्री मिलेगी। जहां पर जिले के सिविल सर्जन की ओर से मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर्स को लगाया जाएगा, जोकि लोगों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें एंट्री देंगे। आदेश के मुताबिक एंट्री पॉइंट्स पर अगर किसी भी व्यक्ति में लक्षण देखने को मिलते हैं तो उन्हें सबसे नजदीकी सब-डिवीजनल अस्पताल में ले जाकर फ्लू कॉर्नर में व्यक्ति की जांच करवाई जाएगी। हालांकि जिले में एेसा कोई एंट्री पॉइंट नहीं है, लेकिन सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा के मुताबिक इंटर स्टेट से आने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग, सैंपलिंग और क्वारेंटाइन किया जाएगा।
कटाई के लिए आने वाली लेबर की भी होगी स्क्रीनिंग
कटाई के लिए आने वाली लेबर की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। वहीं, जिस जगह पर ये वर्कर जाएंगे, उस इलाके के सरपंच, पंचायत, सेक्रेटरी, पटवारी और एसएचओ की जिम्मेदारी होगी कि ये लेबर सिर्फ तय की गई जगह पर ही रुकें। साथ ही इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मुंह ढकने के नियमों का भी पूरा पालन करना होगा।
230 रैपिड टीमों ने की 3649 लोगों की जांच
रैपिड रिस्पांस टीमें अपने जोन में जाकर लोगों की सेहत की जांच कर रही हैं। जिले में 230 रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई हैं। इन 20 दिनों में 3649 लोगों की सेहत की जांच के अलावा 2285 लोगों को होम क्वारेंटाइन भी किया गया है। वहीं, लक्षणों वाले लोगों के सैंपल भी दिलवाए जा रहे हैं। 4 अप्रैल से लेकर अब तक ये टीमें रोजाना जोन के अनुसार जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही हैं। क्वारेंटाइन किए लोगों के घरों के बाहर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं, ताकि आसपास भी सतर्क रहें।
तीन हॉटस्पॉट इलाकों में स्क्रीनिंग तेज
अमरपुरा, चौकीमान और एहतियातन गुड़े इलाके को प्रशासन ने हॉटस्पॉट घोषित किया, जहां पर 12 अप्रैल से घर-घर स्क्रीनिंग की जा रही है। अमरपुरा की आबादी 7500, चौकीमान की 4447 और गुड़े की करीब 3430 है। पहले राउंड में 20 अप्रैल तक स्क्रीनिंग हुई। इसके तहत अमरपुरा में 1878 घरों में 7520 लोगों, चौकीमान में 875 घरों में 4447 लोगों, गुड़े में 68 घरों में 343 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। गुड़े और चौकीमान में तो किसी भी व्यक्ति में कोरोना जैसे लक्षण देखने को नहीं मिले। मगर अमरपुरा में अब तक 17 लोगों में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिले हैं। दूसरे राउंड की स्क्रीनिंग में अमरपुरा में अब तक 1396 घरों के 5569 लोगों, चौकीमान में 590 घरों में 2954 और गुड़े में 503 घरों में 2460 लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
फूड इंस्पेक्टर के संपर्क में आए 10 निगेटिव मिले
मंगलवार को 152 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। अब तक जिले में 1991 शकी मरीजों के सैंपल भेजे जा चुके हैं। इसमें से 1755 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, 215 मरीजों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। अब तक जिले में कुल 21 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। इसमें से 18 लुधियाना, 1 बरनाला, 1 जालंधर और 1 फिरोजपुर से संंबंधित हैं। इसमें से 7 मरीज ठीक हो चुके हैं। 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिले में अब भी 9 केस एक्टिव हैं। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि मंगलवार को 51 रैपिड रिस्पांस टीमों ने 193 लोगों की स्क्रीनिंग की। इसमें से 142 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया। वहीं, अमरपुरा में 170 घरों में 692 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। वहीं, चौकीमान में 90 घरों में 453 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें किसी भी व्यक्ति में बीमारी के कोई लक्षण देखने को नहीं मिले। उधर, फूड सप्लाई इंस्पेक्टर के संपर्क में आए 10 लोगों के सैंपल भी निगेटिव पाए गए हैं।
कांस्टेबल की तीसरी रिपोर्ट भी निगेटिव
फिरोजपुर के सिविल हॉस्पिटल में दाखिल एसीपी अनिल कोहली के कांस्टेबल की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आई है। 17 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें फिरोजपुर में एडमिट किया गया था। उनकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद तीसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई। उधर, गुरुद्वारा हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं के सैंपल भी देर रात तक लिए जाते रहे। वहीं, ताजपुर रोड के व्यक्ति को सांस फूलने की समस्या होने पर पड़ोसियों ने शिकायत की। इस पर उसे रात को सिविल अस्पताल लाया गया।
बाहर से आने वालों की करा रहे जांच
नए नियमों के मुताबिक नांदेड़ और कोटा से आने वाले सभी श्रद्धालुओं और स्टूडेंट्स की टेस्टिंग करवाई जाएगी। इसके बाद जो भी रिजल्ट आएगा, उसके मुताबिक उन्हें आइसोलेशन या क्वारेंटाइन किया जाएगा। -प्रदीप अग्रवाल, डीसी
शहर के पाॅश इलाके सिविल लाइंस से ट्रैफिक मार्शल की वर्दी पहनकर आए चोर ने दिनदहाड़े स्कूल प्रिंसिपल की एक्टिवा पर हाथ साफ कर दिया। पीड़ित पक्ष ने जब घर के बाहर लगे सीसीटीवी चेक किए तो मामला साफ हुआ। फिलहाल उन्होंने इसकी सूचना थाना डिवीजन 8 पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फुटेज कब्जे में लेकर चोर की पहचान शुरू कर दी है। अभी तक पुलिस कई ट्रैफिक मार्शल्स से पूछताछ कर चुकी है।
पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में रिकॉर्ड
हर्शल हांडा ने बताया कि उनका घर के नीचे ही प्राइवेट स्कूल है। मंगलवार सुबह उनके पिता मार्केट से सब्जी लेकर आए थे। सामान ज्यादा होने की वजह से वो चाबी एक्टिवा में ही भूल गए और वो उसी में लगी रही। दोपहर करीब 12.30 बजे जब वो बाहर आए तो देखा कि एक्टिवा वहां नहीं थी। जब उन्होंने घर में लगे सीसीटीवी फुटेज चेक की तो उसमें पता चला कि एक शख्स जिसने सफेद शर्ट और खाकी पेंट पहन रखी है, वो पहले गली में इधर-उधर चक्कर लगाता है।
कुछ देर बाद वो एक्टिवा के पास आता है और महज 4 मिनट में एक्टिवा चुरा ले जाता है। चेहरे पर रूमाल बंधा होने की वजह से उसकी पहचान नहीं हो पाई। हर्शल ने बताया कि उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने फुटेज और बाकी डिटेल्स जुटाई, लेकिन बयान लेने के लिए पहले उन्हें शाम को थाने बुलाया, फिर अफसर के पास भेज दिया। अफसर ने उन्हें दोबारा थाने भेज दिया, लेकिन वहां उन्हें कहा गया कि वो सुबह आए।
24 से ज्यादा मार्शल्स से थाने में पूछताछ
पुलिस ने करीब 24 मार्शल को थाने बुलाकर पूछताछ की। उनका हुलिया और कद-काठी चोर से मिलती थी। फिलहाल उनमें से कोई भी वो नहीं था, लेकिन फिर भी पुलिस बाकी के मार्शल्स की स्क्रीनिंग कर रही है। उन्हें इस बात का डर है कि कहीं वो चोर मार्शल न निकल आए। लिहाजा पुलिस इसकी चेकिंग में जुटी हुई है। सूत्रों की माने तो आरोपी ट्रैफिक मार्शल्स ही था, क्योंकि जिस तरह के कपड़े उसने पहने थे वो मार्शल्स ही पहनते हैं।
आजाद युवा शक्ति संस्था के मेंबर्स ने जरूरतमंदों तक सरकारी राशन न मिलने पर सड़कों पर बैठ भूख हड़ताल की। संस्था के लोगों का आरोप है कि सरकारी राशन के लिए लोगों ने कई बार 1905 नंबर पर फोन किया, पर फोन नहीं मिला। कई बार इलाका पार्षद को भी राशन के लिए मदद को कहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जरूरतमंदों की मांग को लेकर ही वह मजबूर होकर धरने पर बैठे हैं। अवधेश, राजवीर सिंह, आशु राणा, जितेंद्र सुबह 9 बजे से जमालपुर मेट्रो रोड विश्वनाथ मंदिर के सामने सड़क पर भूख हड़ताल शुरू की और धरना भी दिया। शाम 3 बजे मौके पर एसपी अजिंदर सिंह ने संस्था के लोगों को समझा-बुझाकर और आश्वासन देकर हड़ताल खत्म करवाई।
जगदीशपुरा के वेहड़े में 10 दिन से नहीं मिला राशन
ताजपुर रोड पर जगदीशपुरा के वेहड़े में पिछले 10 दिन से राशन नहीं मिला। जगमोहन नागपाल ने बताया कि उनके वेहड़े में 44 के करीब लोग परिवारों के साथ रहते हैं। उनके लिए राशन की व्यवस्था करने के लिए हेल्पलाइन नंबर पर उन्होंने काॅल किया और ऑनलाइन अप्लाई भी किया। मगर इतने दिन बाद भी राशन का एक दाना भी लोगों तक नहीं पहुंचा। पुलिस को ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद भी फॉर्म पूरा भरा नहीं जाता।
भाजपा नेताओं ने लिया आड़े हाथों
सरकार की बेरुखी के चलते प्रवासी लेबर सूबे से भागी तो इंडस्ट्री को बड़ी आर्थिक मार झेलनी पड़ेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता इंद्र अग्रवाल ने सरकार को आड़े हाथों लेकर कहा कि बाहरी राज्यों के अनपढ़ और गरीब मजदूरों को कहा जा रहा है कि वह 1905 पर डायल करें, जबकि नंबर मिलता ही नहीं। उनके वॉर्ड 57 में 6 हजार प्रवासियों की सूची इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के मुख्याधिकारी को सौंपी, मगर राशन की 10-20 थैलियां भेज दी गईं। उधर, वॉर्ड 84 से भाजपा पार्षद सुरिंदर अटवाल ने कहा की जरूरतमंदों तक राशन नहीं पहुंच रहा। अनदेखी के कारण अगर लेबर पलायन करती है तो उद्योग तबाह हो जाएंगे।
5 दिन बाद भी थानों में नहीं पहुंच पाया राशन
वहीं, कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने ऐलान तो कर दिया गया कि थानों में राशन भेजा जाएगा और फिर मुलाजिम उन्हें बांटेंगे। सूत्रों की माने को थानों में राशन पहुंच ही नहीं रहा। एेसे में जाहिर-सी बात है कि राशन बंटेगा कैसे। अगर राशन मिलेगा तो बंटेगा। फिलहाल समझ से बाहर है कि लोगों के लिए जो राशन बांटा जाना है वो आखिर है कहां और अगर है तो बंट कहां रहा है।
इधर, पलायन रोकने की पहल
जिले से पलायन कर रही लेबर को रोकने के लिए प्रशासन ने कंस्ट्रक्शन वर्क को मंजूरी दी है। डीसी प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि सिर्फ उन कंस्ट्रक्शन साइटों को ही मंजूरी दी जाएगी, जो लॉकडाउन से पहले चल रहे थे। कॉन्ट्रेक्टर को मंजूरी लेनी होगी। बिना मंजूरी के काम करते पकड़े गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नियमों के मुताबिक कॉन्ट्रेक्टर को कंस्ट्रक्शन साइट पर ही लेबर के लिए रहने, खाने-पीने का बंदोबस्त करना होगा। मूवमेंट न करने की इजाजत होगी।
ऐसे करें अप्लाई
डीसी ने बताया कि मंजूरी लेने के लिए आवेदक जिला प्रशासन की वेबसाइट www.ludhiana.nic.in, फेसबुक पर डीपीआरओ के पेज facebook.com/dproludhianapage, ट्विटर पर @LudhianaDpro of District Public Relations Officer,Ludhiana पर परफॉर्मा अपलोड कर दिया गया है। कोई भी आवेदक कंस्ट्रक्शन का काम शुरू करने के लिए यहां पर प्रोफॉर्मा के अनुसार सभी प्रकार की जानकारी भरनी होगी। जांच के बाद ही मंजूरी दी जाएगी।
शहर में सुबह से शाम तक हर गली-मोहल्ले, चौक-चौराहों और सड़कों पर गाड़ियां दौड़ रही हैं। अगर ऐसी ही लापरवाही जारी रही तो कोरोना ही जीतेगा। इसी बीच मंगलवार दोपहर को फिरोजपुर रोड पर वेरका प्लांट के पास वाहनों की कतारें लगी रहीं।
कोरोना से जूझ रहे पंजाब पुलिस के मुलाजिम और लोगों का माइंड डायवर्ट करने को लुधियाना पुलिस ने एक अलग ही तरीका अपनाया है। इसके जरिए मरीजों को फीलगुड कराया जा रहा है। साथ ही उनका मनोरंजन भी कर रहे हैं, ताकि उन्हें ऐसा न लगे कि वो बीमार हैंऔर बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिले। बता दें कि पुलिस के 130 के करीब मुलाजिम होम क्वारेंटाइन हैंऔर एसएचओ समेत कई पाॅजिटिव हैं। इनकी देखरेख के साथ वो दिनभर क्या कर रहे हैं। किस तरह खुद को बिजी रख रहे हैं, इनपर भी पुलिस नजर जमाए बैठी हैं। इसकी रिपोर्ट अफसरों को दी जा रही है। वहीं, लोग घरों में रहें। इसके लिए पुलिस उनके जन्मदिन तक मना रही है।
एसीपी के ड्राइवर ने कहा- फेवरेट सिंगर आर-नेट, वीडियो कॉल करवाई
एसीपी के ड्राइवर परमदीप सिंह का हाल जानने को विभाग ने उन्हें काॅल की। इन दिनों क्या और कैसे कर रहे हैं। उसके बारे में पूछा गया। तभी एक सवाल परम से पूछा गया कि उनका फेवरेट सिंगर कौन है तो उसने जवाब दिया आर-नेट। इसके बाद काॅल डिसकनेक्ट हो गई। कुछ मिनट बाद परम के फोन पर वीडियो काॅल आया, जैसे ही उसने ऑन किया सामने उनका फेवरेट सिंगर आर-नेट था। इसे देखकर वो हैरान हो गए। सिंगर ने उनका हाल जाना और उन्हें फोन अपना डिफाॅलटर गाना भी सुनाया। इसी तरह से एक शख्स ने बीनू ढिल्लों से बात करने की इच्छा जाहिर की, जिसे भी वीडियो काॅल के जरिए मरीज से बात करवाई गई।
योग और वेब सीरिज बनी सहारा
इन दिनों मुलाजिमों का सहारा योगा और वेब सीरिज बने हैं। एसएचओ अर्शप्रीत कौर ने कहा कि वो टाइम पास करने को योगा करती है और वेब सीरिज देखती है। इसी तरह से बाकी के मरीज भी घरों में इसी तरह से अपना टाइम पास करने में लगे हैं। इसके अलावा पुलिस अफसर भी इन मरीजों और अपने मुलाजिमों को काॅल कर उनका हाल जान रहे हैं, ताकि उनका ध्यान बीमारी से हटा रहे।
लुधियाना में पुलिस ने एक होटल में रेड करके दो युवकों और उनके साथ दो सगी बहन दो युवतियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिकयुवकों ने सोशल नेटवर्किंग साइट ओयो से मॉडल टाउन इलाके में कमरे बुक करवाए और फिर वहां वो अपनी महिला मित्रों के साथ पहुंच गए। गनीमत रही कि समय रहते पुलिस को इसकी भनक लग गई और पुलिस की टीम ने वहां रेड करके चारों को गिरफ्तार कर लिया। उधर, होटल का मालिक वहां से फरार हो गया।
आरोपी युवकोंकी पहचानहैबोवाल के राजेश नगर निवासी पंकज, सुनील पार्क निवासी शीनू भारद्वाज के रूप में हुई है।उनके साथ चंद्र नगर निवासी दो सगी बहने थीं। इस बारे मेंएएसआई दविंदर सिंह से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को सोमवार को सूचना मिली थी कि मॉडल टाउन इलाके में मॉडल टाउन निवासी गौरवप्रीत सिंहअपना होटल खोलकर बैठा हुआ था। टीम वहां आए मेहमानों के लिए खाना भी परोस रही थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने होटल में दबिश देकर दोनों युवतियों के साथ चोर लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उन लोगों ने बताया कि उन लोगों ने होटल के लिए ऑनलाइन बुकिंग की थी। दविंदर सिंह ने कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि लॉकडाउन के दौरान ऑन लाइन कंपनी ने कैसे होटल बुक कर दिया। ऐसा भी हो सकता है कि पकड़े गए युवक झूठ बोल रहे हों।आरोपियोंके खिलाफ सरकारी आदेश की अवेहलना और बीमारी फैलाने वाली धारा लगा जांच पड़ताल शुरू की गई है।पुलिस को होटल पैराडाइज के मालिक मॉडल टाउन निवासी गौरवप्रीत सिंह की तलाश है।
लुधियाना रेलवे स्टेशन पर 19 लाइनों और 7 यात्री प्लेटफॉर्मोंपर बने पुराने बंद पड़े यात्री पुलों को गिरा दियागया है। 2014 में जब नए पैदल पुल चालू किया था, तब से पुल (एक चार से सात टन वजन के 8 स्पैन और14 से 20 मीटर लंबाई के) को गिराने कीयोजना चल रही थी, लेकिन यह स्थान कई स्थायीढांचे-जैसे दो समीपस्थ पैदल पुलों, उच्च क्षमता वाले विद्युतीकरण पोर्टल, पूरे प्लेटफॉर्म पर बने यात्री शेडों, मुख्य स्टेशन बिल्डिंग, जलापूर्ति लाइनों से सघनता से घिरा है। इसके लिए सभी लाइनों को लंबे अवधि के लिए बंद करना एक बहुत बड़ीकार्य योजना का हिस्सा थी।
140 टन वाली क्रेनों का इस्तेमाल
फिरोजपुर मंडल के इंजीनियरिंग विभाग ने मैकेनिकल, टीआरडी विभाग, परिचालन, विद्युत, दूरसंचार विभागों के साथ मिलकर लॉकडाउन की अवधि का सदुपयोग करते हुए सोमवार से इस जीर्ण-शीर्ण यात्री पुल को तोड़ने का कार्य शुरूकिया है। यह लुधियाना यार्ड में सभी विभागों द्वारा मिलकर प्रतिदिन 8-10 घंटे का यातायात ब्लॉक लेकर 8 दिनों में पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके लिए 140 टन वाली रेलवे क्रेन का उपयोग प्रतिदिन किया जा रहा है।
यात्री सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
मंडल रेल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस कार्य के लिए सीआरएस (कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी) का अनुमोदन 20 अप्रैल को ले लिया गया था। यात्री सुरक्षा के लिए यह कार्य करनाबड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही यह भी ध्यान में रखा गया है कि काम के दौरान सोशल डिस्टेंस के पालन के साथकर्मचारियों और मजदूरों को सैनिटाइजर, मास्क औरदस्ताने आदि उपयोग में लाए जाएं।
(रागिनी कौशल)पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) द्वारा लॉकडाउन के दौरान किसानों को बीजों लेने में आ रही समस्याओं को हल करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की है। जिसके माध्यम से किसान पीएयू के बीज बिक्री केंद्रों से जुड़ कर अपनी ज़रुरत के मुताबिक बीज हासिल कर सकते हैं। पीएयू के डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन के कुशल निर्देशन में फार्म इनपुट्स (Farm Inputs) नाम से मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की गई है। जिसे मोबाइल पर डाउनलोड कर जानकारी हासिल की जा सकती है।
पीएयू बीज बिक्री केंद्र व किसानों को मिलाने का काम करेगा। जिससे कि किसानों को घर बैठे जानकारी मिल सके कि कौन सा बीज किस केंद्र में उपलब्ध है। बुकिंग करने के बाद किसान को तय समय दिया जाएगा जिससे कि किसान बीज बिक्री केंद्र में जाकर बीज ला सकें। पीएयू की इस मोबाइल एप को विभिन्न दफ्तरों के जरिए किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं, जल्द ही इसे औपचारिक तौर पर रिलीज भी किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक अब तक 700 से ज्यादा किसानों द्वारा इसे डाउनलोड भी कर लिया गया है।
किस केंद्र में कौन सा बीज उपलब्ध मिल जाएगी जानकारी
डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ. जसकरन सिंह माहल ने बताया कि इस मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के बाद किसान को अपनी रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। किसान ये देख सकेगा कि किस जिले में कौन से बीज उपलब्ध हैं। घर बैठे बीज की बुकिंग हो जाएगी। लेकिन किसान को बीज स्टोर पर जाकर बीज लाना होगा और पेमेंट इत्यादि भी वहीं होगी। इसमें पीएयू का रोल नहीं होगा। अभी हमने होम डिलीवरी का सिस्टम शुरू नहीं किया है। किसानों को रियल टाइम इंफॉर्मेशन मिलेगी। किसान अपने जिले के अलावा अन्य जिलों में भी बीजों की उपलब्धता देख सकेंगे। इसमें वैरायटी के मुताबिक बीज का रेट भी मालूम हो जाएगा। फसलों में सभी अहम फसलों के बीजों की उपलब्धता की जानकारी मिलेगी। इसी तरह सब्जियों में भी बीजों की जानकारी हासिल की जा सकती है।
प्राइवेट फर्म के साथ भी होगा लिंक
डॉ. माहल ने बताया कि पहले फेज में हमने पीएयू से संबंधित बीज बिक्री केंद्रों को ही इस एप में जोड़ा है। दूसरे फेज में हम प्राइवेट फर्म के साथ जोड़ेंगे। जिससे कि किसान ये चुनाव कर सकेंगे कि उन्हें पीएयू रिकमंडेड बीज लेने हैं या प्राइवेट फर्म के। लेकिन इसके लिए प्राइवेट फर्मों को रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। जिसके बाद किसान अपनी ज़रुरत के मुताबिक दोनों में से किसी भी जगह से बीज की जानकारी लेने के अलावा बुकिंग कर सकेंगे।
पुलिस ने राशन बांटने, लोगों की सुरक्षा और कालाबाजारी समेत कई काम करने की जिम्मेदारी तो ले ली लेकिन एक भी काम सही ढंग से नहीं कर पा रही है। पुलिस द्वारा कर्फ्यू की शुरूआत में ही सभी सड़कों व इलाकों में मुलाजिम तैनात किए गए और गश्त भी बढ़ा दी गई। लेकिन फिर धीरे-धीरे मुलाजिम गायब होने शुरू हो गए। इसी तरह शहर के कई दुकानदार अभी भी ज्यादा कीमत पर समान बेच रहे हैं। लेकिन उन पर भी शिकंजा नहीं कसा जा सका।
पुलिस की ओर से दुकानें खोलने व बिना परमिशन के घूमने वालों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। लेकिन असलियत में पुलिस द्वारा खुद गश्त करके चेक करना व कार्रवाई करना तो दूर उन्हें फोन कर बताने पर भी कार्रवाई नहीं होती। जबकि कई इलाकों में तो पुलिस गश्त तक नहीं करती। पुलिस अफसरों द्वारा मुस्तैदी से काम करने की असलियत जानने के लिए दैनिक भास्कर द्वारा खुद इसकी रियलटी चेक की गई। जिसके चलते कई इलाकों में जाकर पहले खुली दुकानों व घूम रहे लोगों की फोटो ली गई। जिसके बाद संबंधित थाने में फोन कर मुंशी व 112 पर सूचित किया गया।
पहले तो आधे घंटे से पहले किसी भी जगह मुलाजिम नहीं पहुंचे। कई जगह पुलिस पहुंची ही नहीं और कई जगह काफी समय बाद पहुंचकर दुकानें खोलकर भीड़ जुटाने वालों पर कार्रवाई की जगह उनकी दुकानों को बंद करवाने लग गए। यहां तक कि दुकानदार को साथ भी ले गए और आगे जाकर छोड़ दिया। इसी तरह कई इलाकों में जाकर चेक किया गया। इसमें बहादुर के रोड, मिल्लरगंज, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, शेरपुर और मोती नगर इलाके चेक किए गए।
पहले ही सायरन बजा देते हैं मुलाजिम, सुनते ही लोग गिरा लेते शटर
रियलटी चेक के दौरान मालूम हुआ कि कई इलाकों में नियमों की उल्लंघना करने वालों पर कार्रवाई करने की जगह पुलिस उनका बचाव करने में जुटी हुई है। इसके चलते पुलिस द्वारा इलाकों में पहुंचने से पहले ही सायरन बजाकर उन्हें अपनी मौजूदगी के बारे में बता दिया जाता है। जिसके चलते लोगों को पुलिस के आने का पता चल गया। वह तुरंत अपनी दुकानें बंद कर भाग निकले, जबकि सड़कों पर इकट्ठी भीड़ अपने घरों में घूस गई। इसी तरह मिल्लरगंज व शहीद भगत सिंह कॉलोनी में देखने को मिला। जहां पर मुलाजिम गाड़ी में आए और सायरन बजाया। जिसके चलते सभी पहले ही घरों में घूस गए। जबकि भगत सिंह कॉलोनी में उस समय सड़क पर करीब 100 से अधिक लोग मौजूद थे। जबकि अगर पुलिस इसी तरह कार्रवाई करेगी तो कानून तोड़ने वालों को कैसे पकड़ा जा सकेगा।
केस:1 दुकानदारों को पकड़ा और थोड़ी देर बाद बिना कार्रवाई के छोड़ दिया
सुबह आठ बजे थाना मोती नगर में फोन कर शहीद भगत सिंह कॉलोनी में दुकानें खुली होने की बात कही गई। जबकि लोकेशन भी बताई गई। पहले तो 25 मिनट तक कोई मुलाजिम नहीं आया। लेकिन उसके बाद दूसरी साइड पुलिस की गाड़ी आई। लेकिन पहले ही सायरन बजाने के चलते एक सड़क खाली हो गई। जबकि एक दुकान पर भीड़ लगी थी। भीड़ में खड़े लोग भाग निकले, लेकिन पुलिस ने दुकानदार को पकड़ लिया। लेकिन फिर बिना एफआईआर दर्ज किए उसे छोड़ दिया गया। पता चला था कि कुछ दुकानों पर पुलिस कभी कार्रवाई नहीं करती। जब दोबारा मुलाजिम को फोन कर उन दुकानों के बारे में बताया तो आगे से मुलाजिम ने कहा कि कोई न हम कार्रवाई कर लेगें। जबकि पुलिस इलाके में होने के बावजूद 100 से अधिक लोग खड़े थे।
केस:2 मेडिकल स्टोर पर भीड़, पीसीआर आते ही आधा शटर किया बंद, फिर खोला
इसी तरह काराबारा रोड पर एक मेडिकल स्टोर मालिक द्वारा ग्राहकों की भीड़ इकट्ठी करके दवाई दी जा रही थी। जबकि पुलिस द्वारा खुद डिस्टेंस रखने के लिए कहा जाता है। जबकि उसके बाद भी वहां भीड़ जुटी हुई थी। दुकानदार ने थोड़ी दूरी पर अपने वर्कर खड़े किए थे। पीसीआर मुलाजिम आने पर वर्कर ने इशारा किया तो भीड़ साइड कर दी। पीसीआर मुलाजिमों ने स्टोर का शटर गिरा दिया। लेकिन फिर थोड़ी देर बाद दोबारा शटर खोल दिया गया। फिर पीसीआर आई तो दुकानदार ने खुद ही शटर बंद कर दिया। लोगों को आई वॉश करने के लिए पुरा दिन इसी तरह काम चलता है। इसी तरह विश्वकर्मा कॉलोनी में भी मार्केट में लोगों की भीड़ देख 112 पर कॉल की गई। लेकिन पुलिस नहीं पहुंची।
लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते पिछले 35 दिनों से स्मार्ट सिटी के तहत लुधियाना में चल रहे प्रोजेक्ट भी बंद थे, लेकिन जिला प्रशासन की मंजूरी के बाद बंद पड़े प्रोजेक्ट अब शुरू हो चुके हैं। इसकी पुष्टि करते हुए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ आईएएस संयम अग्रवाल ने बताया कि सिधवां कनाल वॉटर फ्रंट, पक्खोवाल रोड आरओबी/आरयूबी, मल्हार रोड और कारकस प्लांट के प्रोजेक्टों को शुरू कर दिया गया है, हालांकि इन प्रोजेक्टों में 1 महीने से ज्यादा दिन की समय की देरी से काम थोड़ा प्रभावित हुआ है लेकिन इसे पूरा करने के लिए कॉन्ट्रेक्टर को कहा गया है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ गाइड लाइन का भी ध्यान रखने की हिदायत जारी की गई हैं।
शुरू हुए प्रोजेक्टों पर एक नजर
इनके लिए दोबारा मंजूरी लेनी पड़ेगी
सिटी में स्मार्ट सिटी के तहत नए प्रोजेक्ट भी शुरू होने थे, जिनकी मंजूरी सरकार के पास भेजी गई थी और मंजूरी के बाद उन प्रोजेक्ट के टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते सिस्टम बदलने के कारण मंजूरी के लिए भेजे गए प्रोजेक्टों को दोबारा अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद ही टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्मार्ट सिटी के तहत 242 करोड़ रुपए की लागत वाले 7 नए प्रोजेक्टों के टेंडर लगाए जाने थे जिसमें मल्टी लेवल कार पार्किंग, इंडोर स्विमिंग पूल, आपदा में प्रयोग आने वाला फायर फाइटिंग सिस्टम अपग्रेड करना, मलबे का निस्तारण करने के लिए c&d प्लांट लगाना, 80 कंपैक्टर में मशीनें लगाना, डिजिटल लाइब्रेरी प्रोजेक्ट और बरसाती सीजन में कमजोर पड़े हुए सीवरमैन हॉल को अपग्रेडेशन करने का प्रोजेक्ट शामिल है, इनकी फाइलें अप्रूव्ड हो चुकी थी और उनके टेंडर लगाने की मंजूरी मिलनी बाकी थी, लेकिन अब इनके दोबारा अप्रूवल होने पर टेंट लगेंगे।
रेलवे स्टेशन पर 9 घंटे चला कंडम पुल गिराने का काम
रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म पर कंडम घोषित पुल को हटाने का काम सोमवार से शुरू हो गया। इस काम को करने के लिए रेलवे के 100 से ज्यादा कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे। करीब 9 घंटे तक काम चला और इस दौरान 10% ही काम खत्म हो पाया है। ये काम 10 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया। जबकि काम करने के लिए जालंधर से भी कुछ लोगों को लुधियाना लाया गया था। अफसरों का खुद का मानना है कि यह काम सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर किया ही नहीं जा सकता। फिर भी खानापूर्ति के लिए मास्क व सेनेटाइजर के लिए एक काउंटर लगा रखा था।
(सुनील)ट्रेनों के पहिए थमे तकरीबन एक महीना हो गया। प्लेटफॉर्म सूने-सूने हैं। खुशी खुशी यात्रियों का बोझकर उठाकर अपना घर चलाने वाले दौड़ते भागते कुलियों पर भी लॉकडाउन की बड़ी मार पड़ी है। इनके सामने भी परिवार पालने का संकट खड़ा हो गया। जो पैसे जोड़े थे, उससे किसी तरह अब तक काम चला। लुधियाना रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले करीब 53 कुलियों के सामने खाने के लाले पड़ने की नौबत आ गई है। अफसोस है इनके लिए न तो रेलवे की तरफ से कोई इंतजाम किया गया और न ही शासन-प्रशासन या किसी सामाजिक संस्था की अब तक इन बेचारों पर नजर पड़ी है। इनमें से ज्यादातर फील्डगंज और मुंडियां की बादल कॉलोनी में रहते हैं।
20,000 के करीब कुली देश में
वैसे तो देश में 20 हजार के करीब कुली रेलवे और यात्रियों की सेवा में लगे हुए हैं। कमाई का कोई और जरिया न होने के कारण ये सभी इन दिनों ये बेसहारा हो गए हैं। रेलवे विभाग ने भी इन्हें इनकी हालत पर ही छोड़ दिया है। कुलियों का आरोप है कि कर्फ्यू के ऐसे हालात में भी रेलवे न तो उनकी सुध ले रहा और न ही उनकी पहले की ही मांगों पर ध्यान दिया जा रहा है। संकट की घड़ी में उन्हें रेल विभाग द्वारा दरकिनार कर दिया गया है। वहीं कुलियों के यूनियन ने भी रेलव अफसरों पर उनकी अनदेखी का आरोप लगाया है।
करियाना वाले भी नहीं दे रहे उधार
लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में करियाना वाले उधार में राशन दे देते थे। अब उन्होंने ने भी बंद कर दिया है। परिवार में छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं। अब खाने-पीने की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल लंगर बांटने वालों के सहारे ही एक समय की रोटी खा कर गुजारा कर रहे हैं।- बब्लू
डीआरएम से लेकर उच्च अधिकारियों तक की मांग
लॉकडाउन में कुलियों को उचित मुआवजा देने के लिए रेलवे के डीआरएम से लेकर रेलवे से उच्च अधिकारियों तक से मांग की गई है। सारे अफसरों ने यूनियन की मांग को नजरअंदाज किया है। जिससे कुली समुदाय में काफी गुस्सा भी है।- सरवन कुमार, जनरल सेक्रेटरी, ऑल इंडिया रेलवे लाल वर्दी यूनियन
न रुपए हैं और न खाने-पीने का सामान
कर्फ्यू के कुछ समय तक तो गुजारा होता रहा। अब खाने के लिए ना तो राशन है और ना ही कुछ खरीदने के लिए पैसे। लंगर बांटने वाले आते हैं, उनसे एक वक्त की रोटी लेकर गुजारा कर रहे हैं रेलवे प्रशासन हमारे बारे कुछ नहीं सोच रहा। - सुरिंद्र
कुली निराश, रेलवे कोई कदम नहीं उठा रहा
कुलियों की मांग को रेलवे ने अक्सर नजरअंदाज ही किया है। लॉकडाउन के दौरान भी रेलवे द्वारा ऐसा ही रवैया अपनाया जा रहा है, जिसको लेकर कुलियों में रोष है। अब कुली परिवार के पालन-पोषण को लेकर निराश हो चुके हैं। -कश्मीरी लाल, प्रधान, ऑल इंडिया रेलवे लाल वर्दी यूनियन
67 डिवीजन, 20 हजार कुलियों में महिलाएं भी
पूरे भारत में रेलवे की 67 डिवीजन है और 17 जोन हैं। इन सभी डिवीजन के मुख्य रेलवे स्टेशनों पर कुली तैनात रहते हैं। कुली यूनियन के सदस्यों के मुताबिक पूरे भारत में लगभग 20 हजार कुली हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
चौकीमान के जमाती मो. रफीक(15) और अमरपुरा की पूजा रानी के छोटे बेटे दीपक(20) की रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आई है। इनकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जिसके बाद तीसरी बार सैंपल भेजे गए थे। दोनों को बीच-बीच में बुखार की शिकायत हो रही थी। वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल में एडमिट एसीपी नॉर्थ की पत्नी पलक कोहली के दूसरे सैंपल भेजे गए। उनकी पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आए 14 दिन होने के बाद दूसरे सैंपल भेजे गए हैं।
एसपीएस हॉस्पिटल में एडमिट एएसआई सुखदेव सिंह के भी दूसरे सैंपल भेजे गए हैं। उनकी भी तबीयत ठीक बताई जा रही है। एसपीएस हॉस्पिटल के अधिकतर स्टाफ के सेंपल भी निगेटिव आए हैं। जिसमें 25 के तकरीबन सैंपल निगेटिव आए हैं। वहीं, बीडीपीओ नवदीप कौर के कोरोना पॉजिटिव पति फूड इंस्पेक्टर प्रभजोत के संपर्क में आए पांच लोगों के भी सैंपल लिए गए हैं।
कोरोना अपडेट : 1839 सैंपल, 1620 की रिपोर्ट निगेटिव, 198 पेंडिंग
सोमवार तक लुधियाना में 1839 शकी मरीजों के सैंपल लिए गए। इसमें से 1620 के रिपोर्ट निगेटिव आई है। सोमवार को 132 मरीजों के सैंपल भेजे गए। 198 की रिपोर्ट पेंडिंग है। अब तक 21 पॉजिटिव मरीज जिले में सामने आए हैं। जिसमें से 18 लुधियाना, 1 जालंधर, 1 बरनाला और 1 फिरोजपुर से संबंधित हैं। अब तक जिले में 7 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि 33 रैपिड रिस्पांस टीमों ने 96 लोगों की स्क्रीनिंग की। जिसमें से 61 को क्वारेंटाइन किया गया। हॉटस्पॉट घोषित अमरपुरा में 181 घरों में 700, चौकीमान में 64 घरों में 328 और गुडे गांव में 78 घरों में 375 की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें किसी भी व्यक्ति में बीमारी के लक्षण देखने को नहीं मिले हैं।
1 मई को मैरिटोरियस स्कूल का सेंटर होगा शुरू
डीसी प्रदीप अग्रवाल ने मैरिटोरियस स्कूल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर का दौरा किया। 700 बेड की सहूलियत वाले सेंटर को 1 मई से चालू करने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि अगले स्तर पर पीएयू, गांव किशनगढ़ और रायकोट में बनाए गए ऐसे सेंटर्स को विकसित किया जाएगा।
चोरी के आरोपी का भाई बोला-नहीं लाएंगे वापस
सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कोरोना पॉजिटिव सौरव जोकि अब स्वस्थ हो चुका है। वो सोमवार को भी अपने घर नहीं लौट सका। उसके परिजनों द्वारा उसे घर वापस लाने से साफ इंकार कर दिया गया। सौरव के भाई गौरव ने बताया कि उन्होंने सौरभ को गलत आदतों के कारण 2016 में ही बेदखल कर दिया था।
जीटी रोड पर स्कैन सेंटर में स्कैन के लिए आई सात महीने की गर्भवती चक्कर खाकर गिर गई। महिला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया है। महिला की पहचान फतेहगढ़ साहिब के खमाणों के गांव बड़ला की सुनीता के रूप में हुई। महिला के पति रंजीत सिंह ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ खन्ना में स्कैन करवाने आए थे। उसकी पत्नी पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की मरीज थी। इसकी दवा भी चल रही थी।
सोमवार सुबह वो लोग खन्ना में स्कैन सेंटर पर आए थे तो जैसे ही वह लोग स्कैन करवाने के बाद वहां से निकले तो उसकी पत्नी का ब्लड प्रेशर बढ़ गया और वो चक्कर खाकर वहीं गिर गई। उसे सिविल अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। लाश को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है।
लॉकडाउन के 35 दिनों के बाद भी सरकार और जिला प्रशासन की ओर से सरकारी राशन बांटने को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया जा सका है। इसी के चलते कई जरूरतमंद राशन न मिलने से सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं या फिर पलायन कर रहे हैं। वहीं, अन्न का भंडारण बताने वाले खाद्य आपूर्ति विभाग की कथनी और करनी में भी जमीन-आसमान का अंतर दिखने लगा है।
खाद्य आपूर्ति विभाग दावा कर रहा है कि शहर में रोजाना 10000 जरूरतमंदों को सरकारी राशन पहुंचाया जा रहा है। वहीं, हेल्पलाइनों पर कॉल करने पर संबंधित थानों की ओर से जरूरतमंदों को राशन दिया जा रहा है। वहीं, एडीसीपी हरीश कुमार के मुताबिक हेल्पलाइन नंबर 1905 पर रोजाना 7000 से 10000 कॉल आने और लुधियाना के 30 थानों के जरिए 4000 लोगों को राशन बांटने का भी दावा किया जा रहा है। इन दावों के उलट प्रदर्शन की तस्वीरें ये सच्चाई बयां कर रही हैं कि शहर में आखिर किन जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया जा रहा है। जबकि जरूरतमंद भुखमरी के चलते सड़कों पर रोजाना धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 3 दिन से लगातार अलग-अलग इलाकों में राशन न मिलने से परेशान होकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
वॉर्ड 30 : लोगों ने दूसरी बार किया प्रदर्शन
विपक्ष के नेता पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि सत्ताधारियों की ओर से पिक एंड चूज की नीति अपनाई जा रही है। सरकार के हारे हुए नेताओं, विधायकों, सत्ताधारी पार्षद जैसे कई सत्ताधारियों के नजदीकियों के द्वारा सरकारी राशन बंटवाया जा रहा है। वहीं, विपक्ष के जिस नेता ने इलेक्शन लड़कर पार्षद की सीट हासिल की उसके लिए जरूरतमंदों की भूख भारी पड़ने लगी है। निगम वॉर्ड नंबर-30 के शिअद पार्षद जसपाल सिंह ग्यासपुरा के इलाके में भारी संख्या में लेबर और प्रवासी लोग रहते हैं। ये दूसरी बार हुआ कि लेबर और प्रवासी जरूरतमंदों ने पार्षद का दफ्तर घेरा है। सोमवार को भारी संख्या में राशन की मांग को लेकर जरूरतमंद पार्षद के दफ्तर के बाहर पहुंच गए।
ऐसे में जब पार्षद अपनी गाड़ी से वहां पहुंचे तो नौबत तोड़फोड़ तक की आ गई थी। लेकिन पार्षद ने लोगों समझाया और बताया कि पंजाब सरकार ने उन्हें कुछ देने से मना कर दिया है।1905 नंबर पर ही राशन मिलेगा। इसके अलावा जिला प्रशासन के भी हेल्पलाइन नंबर हैं वहां कॉल करके अपना एड्रेस बताएं राशन पहुंचेगा। प्रदर्शनकारियों ने पार्षद के समक्ष ही यहां तक कहा कि वे पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन और 1905 पर कॉल कर रहे हैं लेकिन आज तक उनके पास राशन नहीं पहुंचा है। पार्षद ने अपने पास से राशन देकर आश्वासन दिया कि वे सरकार से इस संबंध में बात करेंगे और प्रधानमंत्री तक भी जरूरतमंदों की शिकायत पहुंचाएंगे।
वॉर्ड 02 : लाइव होकर सुनाई अपनी व्यथा
निगम वॉर्ड-2 के अधीन आती गोल्डन विहार कॉलोनी के निवासियों ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के लोगों द्वारा चहेतों को तो राशन रात में बांटा जा रहा है जबकि बाकी लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है। आरोप लगाया कि वोट मांगते समय तो घर-घर हाथ जोड़ते रहे आज मुश्किल की घड़ी में सिर्फ चहेतों को ही राशन क्यों बांटा जा रहा है। अब इस मुश्किल घड़ी में वे लोग कहां जाएं। गोल्डन बिहार के निवासियों ने मांग की है कि प्रशासन इलाके में आकर लोगों की समस्याएं जाने और उन तक राशन पहुंचाए। वहीं सत्ताधारी नेताओं को उन्होंने चेतावनी दी कि आज अगर वह वोट बैंक की नीति के तहत ऐसा कर रहे हैं तो अगले चुनावों में उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
वहीं, जनकपुरी में भी सरकारी राशन न मिलने से लोग गलियों में निकल आए और नारे लगाने लगे। पुलिस को जब इस बारे में सूचना मिली तो पहले सभी को घरों में वापस जाने को कहा गया लेकिन न मानने पर पुलिस ने सभी को खदेड़ दिया। लोगों का कहना है कि प्रशासन अगर राशन की व्यवस्था नहीं कर सकता है तो हमें हमारे घरों में वापस जाने का प्रबंध करा दें जिससे हम अपने घरों को ही लौट जाएं।
अब तक एक पैकेट राशन भी नहीं पहुंचा
मजदूर यूनियन के नेता कामरेड हरि सिंह साहनी ने 20 दिन पहले निगम कमिश्नर को करीब 3500 दिहाड़ीदारों की लिस्ट भेजी थी। इसके अलावा उन्होंने कुल 10000 लोगों की सूची तैयार की जिन्हें राशन की जरूरत है। अब निगम कमिश्नर की तरफ से उन्हें ये कह दिया गया है कि जरूरतमंद अब 1905 पर कॉल करें। जोनल कमिश्नर से बात की तो उन्होंने प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर दिए, लेकिन आज तक एक भी पैकेट किसी के पास नहीं पहुंचा है।
कांग्रेस पक्षपात का रवैया अपना रही : सुनीता शर्मा
निगम में विपक्ष की भाजपा नेता सुनीता शर्मा ने कहा की कांग्रेस इस विषम परिस्थितियों में भी गंदी राजनीति से बाज नहीं आ रही। एक तरफ ्रधानमंत्री राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर हर प्रदेश को हर संभव सहायता दे रहे। वहीं, प्रदेश में कांग्रेस पक्षपात का रवैया अपना कर भोली भाली जनता को परेशान कर रही है। लुधियाना में कांग्रेस के विधायक व प्रशासन जरूरतमंदों को सरकारी राशन पहुंचाने का पुख्ता सिस्टम नहीं बन पा रहे हैं।
कांग्रेसी जरूरतमंदों को वोटों के चश्मे से देख रहे : सिक्का
हैबोवाल से भाजपा के पार्षद पति रोहित सिक्का ने कहा की सरकारी दावे भले ही कुछ हों, हकीकत में सरकारी राशन के वितरण में भेदभाव हो रहा है। जरूरतमंद लोगों को वोटों के चश्मे से देखा जा रहे है। उन्होंने कांग्रेस के विधायक व जिला प्रशासन पर आरोप लगाया की हमारे दफ्तरों का इस्तेमाल करके हमें बोला जाता है कि आप गरीब लोगों के आधार कार्ड इक्क्ठे करो। मगर जब हम आधार कार्ड लेकर आते हैं तो उन तक राशन नहीं पहुंचता।
नोवल कोरोना वायरस के सस्पेक्टेड केसेस में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीमारी के डर के कारण लोग सामने आने से भी डर रहे हैं। लेकिन सेहत विभाग द्वारा भी लगातार खांसी, जुकाम और सांस में शिकायत वाले मरीजों को नजदीकी सेहत केंद्र में जाकर जांच करवाने की अपील की जा रही है। हालांकि कुछ मरीजों द्वारा चौकसी दिखाते हुए सिविल हॉस्पिटल पहुंच कर जांच करवाई जा रही है। ऐसे सस्पेक्टेड मरीजों का हौसला बढ़ाने और मरीजों का मनोरंजन के लिए सिविल हॉस्पिटल के स्टाफ मेंबर्स एक अच्छी पहल कर रहे हैं।
हॉस्पिटल में आने वाले सस्पेक्टेड मरीजों की देखभाल तो कर ही रहे हैं। साथ ही मनोरंजन भी कर रहे हैं जिससे कि सस्पेक्टेड मरीज चिंता में न आएं। क्लास फोर मुलाजिम राज कुमार हैप्पी ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई दूसरे हॉस्पिटल्स की वीडियो देखने के बाद सिविल हॉस्पिटल लुधियाना में भी इसी तरह एक्टिविटी करने के बारे में ख्याल आया।
रोजाना आधे घंटे मरीजों को डांस और गाने की एक्टिविटीज करवाई जाती है। जिसमें सभी मरीज भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। इसमें स्टाफ नर्स और क्लास फोर मुलाजिम हिस्सा लेते हैं। जोकि आइसोलेशन वॉर्ड में दाखिल सस्पेक्टेड मरीजों को डांस भी करवाते हैं। इसमें मरीज भी पूरी दिलचस्पी से हिस्सा ले रहे हैं।
(वैवस्वत वेंकट)उत्तर भारत की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल सिटी लुधियाना की 12 कंपनियों ने पीपीई किट का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। अब तक इन्हें केंद्र व राज्यों सरकारों की ओर से 216 करोड़ रुपए की करीब 9 लाख पीपीई किट बनाने का ऑर्डर मिल चुका है। पंजाब में 17 कंपनियों को पीपीई किट बनाने की मंजूरी मिली है। इनमें 15 लुधियाना की हैं। यहां की 3 कंपनियों का एन-95 मास्क बनाने की भी मंजूरी मिल चुकी है। इन्हें भी जल्द ही केंद्र से ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। वहीं, लुधियाना की ही 100 से अधिक कंपनियां ने पीपीई किट बनाने की मंजूरी को आवेदन किया हुआ है।
मेक इन इंडिया, मेक इन पंजाब
टेक्सटाइल, होजरी, साइकिल, ऑटो पाट्र्स जैसे उद्योगों में अपना वर्चस्व स्थापित करने के बाद लुधियाना की इडस्ट्री कोरोना के खिलाफ जंग में बेहद जरूरी उपकरण बनाने में आगे आई है। मेक इन पंजाब, मेक इन इंडिया के दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। गौर हो कि पीपीई किट री-यूज़ेबल और सिंगल यूज, दो तरह की होती हैं। इनकी कीमत 400 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक है।
चुनौती को पूरी टीम जुटी
यह एक बड़ी चुनौती थी, हमने इसे स्वीकर कर काम शुरू किया। पहले रैपिड रिस्पांस टीम तैयार की फिर फैक्ट्री के अंदर एक वॉर रूम बनाया। अलग तरह के एनओसी लिए और रॉ मैटेरियल जुटाया। फिर परमिशन ली। अब टीम ऑर्डर पूरा करने में जुटी है।-अमित जैन, एमडी शिंगोरा टेक्सटाइल्स लि.
किफायती दामों पर बनाएंगे
मेरी डॉक्टर चाची ने प्रोटेक्शन किट्स के बारे में बताया तो फैसला किया की हम इसे तैयार करेंगे। पहले इंडस्ट्री की सारी वर्किंग पॉइंट बदली। वर्कर्स के लिए प्रोटेक्शन गियर, सेनिटाइज प्राथमिकता रही। हमारी लगातार आरएनडी चल रही है और हम पीपीई सूट्स पर फोकस रखेंगे।-वरुण मित्तल, डायरेक्टर कुडु निट प्रोसेस प्रा. लि.
15 कंपनियां लुधियाना कीं
लुधियाना की 15 कंपनियों को पीपीई किट्स बनाने की मंजूरी मिली है। पंजाब में लुधियाना की ही सबसे अधिक कंपनियों को इन्हें बनाने की मंजूरी मिली है। कई और कंपनियों ने भी आवेदन दिए हैं। आने वाले दिनों में इन्हें भी परमिशन मिलेगी और ऑर्डर भी सरकार द्वारा दिए जाएंगे।- महेश खन्ना , जनरल मैनेजर जिला इंडस्ट्री सेंटर
सरकार साथ दे तो इंडस्ट्री के लिए कुछ भी असंभव नहीं है
सरकार साथ दे तो इंडस्ट्री के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। कहां ब्लैंकेट्स और फैब्रिक्स और कहां पीपीई किट्स का उत्पादन। हम ऐसे बदलाव को तैयार नहीं थे। यह बड़ी चुनौती थी, जिसे हमने स्वीकार किया। सरकार इसी तरह साथ दे तो इंडस्ट्री के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। - रमेश जगोता,एमडी, यंग मैन वूलन मिल्स
लुधियाना की इन चुनिंदा 12 कंपनियों को पीपीई किट्स के ऑर्डर मिले
कंपनी | पीपीई किट्स |
स्वामी टेक्सटाइल्स | 1 लाख |
शिवा टेक्सटाइल्स | 1 लाख |
वर्सेटाइल | 1 लाख |
एवरशाइन इम्पेक्स | 2.5 लाख |
शिंगोरा टेक्सटाइल्स | 1 लाख |
कुड्डु नीट प्रोसेस प्रा. ली | 50,000 |
यंग मैन | 50,000 |
आईरिस निटवेयर्स | 50,000 |
स्वैन इंडस्ट्री | 50,000 |
ग्रैंडवे इंकॉर्पोरेटेड | 10,000 |
यू वी एंड डबलू | 10,000 |
अभिनव इम्पेक्स | 10,000 |
पुलिस मुलाजिमों के घरों व थानों में हाथ धोने से लेकर सेनेटाइज करने तक का काम अब हाथों की बजाए पैरों से किया जाएगा। क्योंकि पुलिस द्वारा नई मशीनें लगवाई गई हैं, जिनकी वर्किंग पैरों से होती है। एेसे में नल को हाथ लगाकर इंफेक्टेड होने की परेशानी खत्म हो गई।
पुलिस लाइन और सीपी दफ्तर में कुल 6 मशीनें लगाई गई हैं। जिसे पानी, सेनेटाइजर और हैंडवाॅश शेंपू के साथ पाइप के जरिए जोड़ा गया है। इसमें कहीं भी कुछ भी चलाने के लिए हाथ लगाने की जरूरत नहीं है। इन मशीनों को थानों और उन जगहों पर लगाया जा रहा है, जहां पब्लिक का ज्यादा आना जाना होगा।
शहर में सरकारी राशन बांटने को लेकर सियासी रोटियां सेकी जा रही हैं, इसका खुलासा दैनिक भास्कर पहले ही कर चुका है और ये भी बताया जा चुका है कि आने वाले समय में भी हालात ऐसे ही रहेंगे। वहीं 3 मई के बाद लाॅकडाउन बढ़ता है तो लोग सड़कों पर उतरना शुरू हो जाएंगे। लेकिन उससे पहले ही नतीजा सामने आ चुका है। पिछले 2 दिनों से कई इलाकों में लोग भूख से परेशान होकर लाॅकडाउन तोड़ धरना-प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरने लगे हैं।
रविवार को 2 वाॅर्डों में जरूरतमंद लोग सरकारी राशन न मिलने से सड़कों पर आए और वाॅर्ड कौंसलर के खिलाफ भी धरना दे दिया। इतना ही नहीं दो दिन पहले भी मामला उठने पर फूड एंड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू ने नई व्यवस्था बनाई। जिसके तहत हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने पर जरूरतमंदों को संबंधित इलाके के थाने का नंबर दिया जाएगा और फिर थाने से जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। लेकिन फिर भी स्थिति ज्यों की त्यों है।
राशन बांटने के दावों की मुंह चिढ़ाती तस्वीर
वाॅर्ड नंबर एक और दो के बीच आते कुछ प्रवासी मजदूरों ने राशन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, लेकिन प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों को वाॅर्ड 2 के कौंसलर गुरमेल सिंह ने मौके पर जाकर समझाया। उनके पास मौजूद निजी राशन जो एनजीओ और सहयोगियों के जरिए इकट्ठा किया था वह बांट कर शांत किया। इसी तरह गत दिवस डाबा रोड पर निर्मल पैलेस के आगे प्रवासी मजदूर राशन को लेकर सड़क पर उतर आए थे और यहां तक आरोप लगा रहे थे कि 15 दिन से परेशान हैं। उन तक प्रशासन की तरफ से कोई राशन नहीं पहुंचाया जा रहा। लेकिन पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाकर घर भेज दिया था।
काराबारा चौक : राशन खत्म तो हुए मजबूर
वहीं,वाॅर्ड नंबर 87 में लगा। वहां पर कराबारा चौक में पब्लिक सड़क पर उतर आई। इनमें ज्यादातर लोग रोजाना कमा कर खाने वाले और फैक्ट्री वर्कर थे। इनके घरों में अब राशन खत्म हो चुका है। वाॅर्ड नंबर 87 के धरनाकर्मियों ने सड़क पर उतर कर ये आरोप लगाए हैं कि इलाका काउंसलर रात के समय चहेतों को राशन दे देता है लेकिन उन्हें राशन नहीं पहुंचा रहा है, जब भी वे उनके पास राशन मांगने जाते हैं तो नीले कार्ड का राशन आने की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है।
इससे परेशान होकर दिन-ब-दिन परेशानी झेल रहे प्रवासियों ने रास्ता यहीं अपनाया की वह लाॅकडाउन और कर्फ्यू के दौरान सरकार के खिलाफ पिक एंड चूज की नीति अपनाए जाने को लेकर प्रदर्शन करेंगे। इसी के तहत कारबारा चौक पर पार्षद के खिलाफ धरना देने उतर गए।
सुबह से लेकर रात तक नहीं मिलता 1905
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने अपने से पल्ला झाड़ने के लिए 1905 नंबर जारी किया है और सभी को ये कह रहे हैं कि इस पर कॉल करें आपको राशन मिल जाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुबह से लेकर रात तक लगातार इस नंबर पर फोन करते हैं लेकिन ये फोन लगता ही नहीं है। उनका आरोप है कि राशन ना देने का बहाना करते हुए सरकार ने उन्हें बेवकूफ बनाने को ये नया रास्ता ढूंढ लिया है। इतना ही नहीं मंत्री आशू की तरफ से बनाई गई नई व्यवस्था के तहत पुलिस थानों से भी राशन नहीं मिल पा रहा है।
शासन प्रशासन की ओर से नई-नई व्यवस्था बनाई जाती हैं लेकिन जरूरतमंदों का उससे कोई भला नहीं होता है। उनका कहना है कि वे अब सड़कों पर बता रहे हैं कि उन्हें राशन की जरूरत है। इसके बावजूद भी उन तक राशन क्यों नहीं पहुंचाया जा रहा है।
राशन के लिए यहां करें कॉल
सरकारी राशन के लिए जरूरतमंद 9115601159, 9115601160, 9115601161, 0161-2776019, 0161-2776020, 0161-2776021, 0161-2776022 पर संपर्क करें। इन नंबरों पर संपर्क करने के बाद संबंधित थाने का नंबर दिया जाएगा। जिसके बाद उक्त नंबर पर फोन कर ज़रुरतमंद थाने जाकर राशन ले सकेगा।
पुलिस मुलाजिमों के घरों व थानों में हाथ धोने से लेकर सेनेटाइज करने तक का काम अब हाथों की बजाए पैरों से किया जाएगा। क्योंकि पुलिस द्वारा नई मशीनें लगवाई गई हैं, जिनकी वर्किंग पैरों से होती है। ऐसे में नल को हाथ लगाकर इंफेक्टेड होने की परेशानी खत्म हो गई। इन्हें कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान ही नहीं, बल्कि इसके बाद भी नाकों पर इस्तेमाल किया जाएगा। आकंड़ों की बात करें तो कोरोना के दौरान ड्यूटी दे रहे एसीपी शहीद हुए, एसएचओ पाॅजिटिव आए और 130 के करीब मुलाजिमों को होम क्वारेंटाइन किया गया।
जोकि इंफेक्टेड शख्स के संपर्क में या फिर उनके द्वारा इस्तेमाल की चीजों के संपर्क में आकर इस बीमारी का शिकार हुए हैं। इसी वजह से इस आधुनिक सिस्टम का इस्तेमाल करके लुधियाना पुलिस के 4500 से ज्यादा मुलाजिमों को इससे बचाने की कवायद की जा रही है। बतां दे कि दैनिक भास्कर की टीम ने मुलाजिमों सेफ्टी से खिलवाड़ का रियलिटी चक किया था, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन ने इस सिस्टम की शुरूआत की है।
जहां पब्लिक का ज्यादा आना जाना वहां लग रही मशीन
अभी तक पुलिस लाइन और सीपी दफ्तर में कुल 6 मशीनें लगाई गई हैं। जिसे पानी, सेनेटाइजर और हैंडवाॅश शेंपू के साथ पाइप से जोड़ा गया है। इन तीनों चीजों को चलाने के लिए पैर में लगे एंगल की मदद ली गई है। इन्हें टाॅयलेट और बाकी की जगहों पर सेट किया गया है। इनकी टंकियों में फिलिंग के िलए हैंडवाॅश शैंपू और पानी की सुविधा प्राॅपर दी गई है। फिलहाल इन मशीनों को थानों और उन जगहों पर लगाया जा रहा है, जहां पब्लिक का ज्यादा आना जाना होगा।
पुलिस लाइन में बनी मेडिकल शाॅप, फ्री मिलेगा सामान
पुलिस अधिकारियों मुलाजिमों की सेफ्टी के लिए सेनेटाइजर व ग्लब्स देने के लिए पुलिस लाइन में मिनी मेडिकल शाॅप खोली है। जहां से सुबह ड्यूटी जाते और शाम को ड्यूटी से घर जाते हुए मुलाजिम वहां से सेफ्टी किट का कोई भी सामान ले सकते हैं। जोकि निशुल्क है। ये सुविधा नाकों पर भी मुलाजिमों को दी जा रही है। इसके अलावा नाकों पर ही उन्हें विटामिन और उनकी बीमारी से संबंधित दवाइयां दी जा रही हैं, ताकि उन्हें कोई दिक्कत परेशानी न आए।
सिविल हॉस्पिटल में एडमिट सौरभ को रविवार को हॉस्पिटल की ओर से डिस्चार्ज तो कर दिया गया। लेकिन सौरभ के परिजनों के न पहुंचने के कारण वो हॉस्पिटल में ही रहा। असल में चोरी के इल्जाम लगने के कारण सौरभ को परिजनों द्वारा बेदखल किया गया है। उसे जमानत तो मिल गई है। पुलिस द्वारा परिजनों से संपर्क साधने के लिए कौंसलर पति गुरमुख सिंह मिट्ठू से बात की गई है। कौंसलर पति द्वारा परिजनों को मनाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, रविवार को रामगढ़ भुल्लर के रियासत अली को भी सिविल हॉस्पिटल जगराओं से छुट्टी मिल गई।
9577200003 पर लें चिंता से बचने के उपाए
पंजाब यूथ डेवल्पमेंट बोर्ड द्वारा यूथ डेवल्पमेंट हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है। जिससे कि युवाओं को डिप्रेशन, स्ट्रेस और चिंता से बचाने के अलावा उनकी मदद की जा सके। चेयरमैन सुखविंदर सिंह बिंद्रा ने बताया कि युवा 95772-00003 पर सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
हॉस्पिटल में योग कर रहे हैं पुलिस मुलाजिम
ऑनलाइन इंस्ट्रक्टर की मदद से एसएचओ अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल, एएसआई सुखदेव सिंह और कांस्टेबल प्रभजोत सिंह योग व मेडिटेशन कर रहे हैं। एसएचओ अर्शप्रीत कौर जहां डीएमसी में दाखिल हैं। वहीं, एएसआई सुखदेव सिंह एसपीएस हॉस्पिटल में और कांस्टेबल प्रभजोत सिंह सिविल हॉस्पिटल फिरोजपुर में दाखिल हैं।
कोरोना को लेकर लाॅकडाउन को 1 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। इस दौरान शहर में दूसरे राज्यों से आए हुए कामगारों को कारोबार बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ सरकारी राशन बांटने को लेकर भी चल रही पिक एंड चूज की नीति के तहत भी कामगारों को राशन के लिए जूझना पड़ा है। इस मुश्किल घड़ी में ईपीएफओ ने अंशधारकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए 3 दिन में फंड मुहैया कराने की सुविधा दी है।
अगर पिछले 20 दिनों की बात करें तो जिला ईपीएफओ ने करीब 3100 लोगों को कोरोना काॅल में एमरजेंसी के दौरान 6 करोड़ के करीब राशि ट्रांसफर की है। इसी तरह सामान्य में ईपीएफओ से राशि निकालने वालों को करीब ₹140000000 तक की धनराशि ट्रांसफर कर दी है। इसकी पुष्टि रीजनल पीएफ कमिश्नर धीरज गुप्ता ने की है। अगर सामान्य और कोरोना के समय दी जा रही सुविधा की बात करें तो ईपीएफओ ने जिले के 7000 से ज्यादा कर्मचारियों को ₹200000000 की धनराशि ट्रांसफर कर दी है।
लुधियाना की 481 इंडस्ट्री को दिया प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना का लाभ
रीजनल पीएफ कमिश्नर-II बृज मोहन सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से मासिक ईपीएफ के भुगतान के लिए एक योजना शुरू की है। इसके तहत ऐसे संस्थान जिसमें 100 से कम कर्मचारी हैं या 90% कर्मचारियों का वेतन ₹15000 से कम है। उनका संपूर्ण ईपीएफ यानी 12% नियोक्ता और 12% कर्मचारी के हिस्से का कुल 24%(बेसिक सैलरी का) का भुगतान अगले 3 महीने मार्च से लेकर मई तक सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस योजना का लाभ लुधियाना के 481 संस्थानों को दिया गया है।
उन्होंने बताया कि ऐसे संस्थानों द्वारा 7956 कर्मचारी को लाभ मिला है। केंद्र सरकार द्वारा संस्थानों को 1 करोड़ 21,16,019 रुपए धनराशि दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ 3 महीने तक ही दिया जा रहा है। अगर लुधियाना की बात करें तो ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 1200 संस्थान ऐसी हैं जिनको ये लाभ मिल सकता है।
जरूरत पड़ने पर ही निकाले पैसा नहीं तो ब्याज का होगा नुकसान
रीजनल पीएफ कमिश्नर-II बृज मोहन सिंह ने बताया कि भले ही ईपीएफओ ने कोरोना काल में जरूरत पड़ने पर खाते में जमा फंड निकालने की सुविधा प्रदान की है लेकिन इस फंड को जरूरत के अनुसार ही समझ कर निकालें। बेवजह पैसा निकालने से उसको मिलने वाला 8 से 9% ब्याज का नुकसान होगा। कोरोना के दौरान 75 फीसदी पैसा निकालने की सुविधा दी गई है। मान लीजिए आपने 50000 रुपए निकाल लिए तो आपको साल का मिलने वाला ब्याज ₹5000 का नुकसान होगा।
15 मई तक जमा करा सकते ईसीआर
क्षेत्रीय आयुक्त-II सुमित सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से नियोक्ताओं को भी राहत प्रदान की गई है। इस कोरोना काल के दौरान नियोक्ता को 15 मई तक ईसीआर(इलेक्ट्रॉनिक चालान रसीद) की तारीख को बढ़ा दिया गया है। पहले ये तारीख 15 अप्रैल थी, इसे अब 15 मई तक कर दिया गया है।
जीवन प्रमाण पत्र को लगाया ड्रॉप बॉक्स
ईपीएफओ की तरफ से रीजनल कार्यालय में पेंशन धारकों के लिए प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए ड्रॉप बॉक्स की सुविधा दी है। पेंशन धारक इन ड्रॉप बॉक्स में जीवन प्रमाण पत्र डाल सकते हैं। 24 घंटे बाद ड्रॉप बॉक्स को खोल कर आए हुए जीवन प्रमाण पत्रों को अपडेट किया जा रहा है।
प्रशासन द्वारा लोगों तक राशन पहुंचाने दावे किए जा रहे हैं। लेकिन यह दावे सिर्फ दावे ही हैं। क्योंकि असलियत में कर्फ्यू को एक महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी कई इलाकों में अभी तक राशन नहीं पहुंच सका है। जिसके चलते लोग परेशान है। प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों पर भी संपर्क करने पर ज्यादातर लोगों को मदद नहीं मिल पा रही। अगर कइयों तक पहुंचा तो वह भी सिर्फ नाम का ही। इसी तरह 9 दिन लंबा इंतजार करने के बाद मिलरगंज स्थित ढोलेवाल के रहने वाले वरिंदर को प्रशासन द्वारा राशन पहुंचाया गया। राशन के नाम पर सिर्फ आटे की पांच किलो की थैली दे दी गई। आटा देने आए युवक ने उसे कहा कि अभी आप इसी से काम चला लो, अगर और कोई सामान आएगा तो दे दिया जाएगा। वहीं, आठ अन्य जरूरतमंदों ने हेल्पलाइन नंबरों पर एक हफ्ता पहले संपर्क किया था। लेकिन अभी तक उन्हें सहायता नहीं मिल सकी है।
एक दिन बाद राशन का दिया था आश्वासन
वरिंदर के अनुसार 9 दिन पहले एसडीएम ने कहा था कि एक दिन बाद राशन मिल जाएगा। जिसके चलते वह इंतजार करता रहा। लेकिन कुछ नहीं आया। आखिर उसने कई दिन फोन मिलाया, लेकिन व्यस्त आने से बात नहीं हो सकी। शुक्रवार को दोबारा मिलाने पर किसी तरह बात हुई। फिर एसडीएम ने दोबारा पूरी डिटेल ली और बोले कि जल्द राशन आएगा। वरिंदर के अनुसार रविवार सुबह उसे फोन आया और ढोलेवाल मिलिट्री कैंप के पास बुलाया गया। वहां पर पहुंचा तो उन्होंने आटे की थैली थमा दी और चले गए। वरिंदर के मुताबिक अब अकेले आटे के साथ कैसे पेट भरे। पूरा दिन अपना पेट भरने को इंतजाम करने में ही व्यतीत हो जाता है।