लॉकडाउन 3 के बीच अनावश्यक दुकान एवं जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार के निर्देश पर गठित 4 सदस्यीय टीम ने शनिवार को कई स्थानों पर पुलिस बल के साथ छापेमारी अभियान चलाई और जुर्माना भी वसूला। टीम की अगुवाई सिटी मिशन मैनेजर मनीष कुमार कर रहे थे।
छापेमारी के दौरान कई दुकानदारों से जुर्माना वसूला गया। गौरतलब है की पुस्तकालय रोड, झावक गली, छुआपटी, सदर रोड एवं फुलवरिया हाट अनावश्यक दुकान के खुलने से शहर में भीड़ के बढ़ते दवाब के कारण सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जा रहा था। इस मौके पर ईओ दीपक कुमार ने कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंस के मद्देनजर डिस्टेंस मार्किंग का घेरा बना कर लोगों को दूरी एवं एहतियात बरतने की सलाह दी। मौके पर मौजूद ईओ ने कहा सरकार के द्वारा आम नागरिकों के हित एवं आवश्यकता को देखते हुए जीवनपयोगी वस्तु एवं राशन दुकान को खोला गया है। ताकि लॉकडाउन के दरम्यान लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। मगर लोग समय के विकटता को नहीं समझ पा रहे हैं।
खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ लगा देते हैं। जिससे महामारी का खतरा बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है गाइडलाइन के अनुसार लोग अपनी अपनी दुकान नियत समय पर खोले। इस मौके पर थानाध्यक्ष कौशल कुमार के अलावे कर संग्रह कर्ता में सत्य प्रकाश, वसीम अहमद, अमित कुमार ,संजय जयसवाल ,रंजीत साहनी ,आर्यन राय, दिनेश वर्मा, विनय सिन्हा सहित महिला पुलिस पदाधिकारी एवं बल मौजूद रहे।
शहरी क्षेत्र में पॉजिटिव मरीज मिलने के तीसरे दिन शनिवार को सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा। मुख्य बाजार में लोगों की आवाजाही नहीं थी। मगर बस्ती मोहल्लों में किराना सामान व सब्जी के लिए लोग परेशान दिखें। सबसे अधिक परेशानी शनिवार को लोगों को दवाओं के लिए हुई। शहर में बड़ी संख्या में बीपी, सूगर सहित ऐसे मरीज हैं जिन्हें नियमित दवा की जरुरत होती है।
वहीं कई ऐसे मरीज हैं जिनको लगातार दवाओं का सेवन करना पड़ता है। ऐसे मरीज और उनके परिजन शनिवार को परेशान दिखे। दुकानें बंद रही और अस्पताल में उनकी जरुरत की दवाइयां नहीं थी। दूसरी ओर शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर पुलिस बल तैनात थी। गुजरने वाले वाहनों की जांच और आवश्यक पूछताछ करते दिखाई दिए। वहीं दवा के लिए लोगों को परेशान होने की सूचना पर दोपहर बाद एसडीएम शाहनवाज अहमद नियाजी व एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी शहर का निरीक्षण करने पहुंचे।
जहां माइक के द्वारा लोगों से अपील की दवाई व अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था की गई है। लोग घबराए नहीं अाैर पैनिक न हाें। आवश्यक वस्तु जल्द ही डोर टू डोर पहुंचाया जाएगा। जिसके बाद शहरी क्षेत्र का मुयायना कर पुलिस कर्मियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर सीआई इरशाद आलम व थानाध्यक्ष श्याम किशोर यादव ने चेक पोस्ट का जायजा लिया। जिसके बाद महेशबथना स्थित क्वारेंटाईन सेंटर की सुरक्षा का जायजा लिया।
जिले में शनिवार को एक और संदिग्ध की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। इस तरह अब जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या पांच हो गई है। पांचवां मरीज अलौली प्रखंड का निवासी है। वह गुजरात से आया था। सभी कोविड-19 के चारों मरीजों की अपनी-अपनी ट्रेवल हिस्ट्री है। रास्ते इनमें से प्रत्येक के संपर्क में 15 से 30 लाेग आए थे, जो समस्तीपुर, गोपालगंज और मुंगेर के टीकारापुर के थे। खगड़िया आने के बाद भी कई लोग उनके संपर्क में आए। चारों के संपर्क में आए 36 लोगों को क्वारेंटाइन कर उनके सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। जिसमें 24 वर्षीय युवक पॉजिटिव आया।
शनिवार को डीएम आलोक रंजन घोष ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि चारों को जिले में प्रवेश करते ही क्वारेंटाइन कर दिया गया था। इसलिए इनसे संक्रमण का चेन बनने की आशंका कम है। उन्होंने कहा कि सदर प्रखंड के एक मरीज को गांव की एक महिला ने खाना खिलाया था। उसका भी सैंपल भेजा गया है। शनिवार को भास्कर ने कोरोना पॉजिटिव पाये गए मरीजों से फोन के जरिए बात की तो उन्होंने अपने सफर की कहानी बताई। उन्होंने बताया कि अभी वे बिल्कुल फिट हैं। न सर्दी -जुकाम है न बुखार। फिर भी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई इससे वे आश्चर्यचकित हैं।
गोपालगंज, समस्तीपुर में भी किया चेक, खगड़िया में मिला पाॅजिटिव
राजस्थान के अलवर से 5 मई 2020 को लौटा कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उसने फोन से भास्कर से बातचीत में बताया कि वे गोपालगंज के रास्ते बिहार में दाखिल हुए थे। उनके साथ गोपालगंज, समस्तीपुर के लगभग 30 आदमी थे। उनमें से कुछ गोपालगंज में उतरे। उस समय उनलोगों का चेकअप हुआ। फिर समस्तीपुर में भी कुछ सवार उतरे तो उनके साथ सभी का थर्मामीटर से चेकअप हुआ। इसके बाद खगड़िया के बाजार समिति में भी चेकअप हुआ। इनके साथ खगड़िया के 17 लोग थे। सभी क्वारेंटाइन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वे खुद एहतियात बरत रहे हैं। घर वालों को भी अपने पास आने के लिए मना कर रखा है।
सर्दी, बुखार जैसे लक्षण नहीं, 40 लोगों के साथ पहुंचे थे खगड़िया
बड़ी मशक्कत के बाद 7 मई को दिल्ली से ट्रक की मदद से खगड़िया पहुंचा था। गांव के मुखिया ने कहा कि उनके रहने की व्यवस्था प्रखंड मुख्यालय में की गई है। वहीं जाकर रहना होगा। उसके बाद मैं किसी तरह से थाने पहुंचा और वहां करीब दो घंटे तक रहा। इसके बाद वहां एंबुलेंस आई और मुझे जांच के लिए सदर अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्होंने बताया कि वे दो लोग एक साथ गांव पहुंचे थे। उनलोगों के साथ 40 से 50 लोग थे। सभी ट्रक पर सवार होकर आए। ट्रक में सवार लोग समस्तीपुर समेत अन्य जिलों के थे। उन्होंने बताया कि वे लोग अभी पूरी तरह से फिट हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। किसी तरह की परेशानी नहीं है।
आज रेवाड़ी से खगड़िया पहुंचेंगे 1200 प्रवासी
रविवार को खगड़िया जंक्शन पर रेवाड़ी से विशेष प्रवासी ट्रेन के जरिए करीब 1200 लोग आएंगे। डीएम ने बताया कि ये सभी पूर्णिया, किशनगंज व अररिया जिले के हैं। जिनको खगड़िया जंक्शन पर विशेष जांच कर संबंधित जिलों के वाहन से संबंधित जिले के क्वारेटाइन सेंटर भेजा जाएगा।
चौथम में दो मरीजों के संपर्क में आए 22 किए गए क्वारेंटाइन
चौथम | चौथम प्रखंड के कोविड-19 पॉजिटिव आए दो मरीजों के संपर्क में आए 22 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। सभी को नमूना संग्रह के लिए सदर अस्पताल खगड़िया भेजा गया। बताया जाता है कि मरीजों की काउंसिलिंग के दौरान इन 22 लोगों के नाम सामने आए। थानाध्यक्ष नीलेश कुमार ने बताया कि दोनों पॉजेटिव का सम्पर्क परिवार या किसी ग्रामीण से नहीं हुआ था। पॉजिटिव पाए गए लोगों में एक युवक ट्रक से दिल्ली से आया था। बीते मंगलवार को बदला घाट के पास पुलिस ने उसे धुतौली के क्वारेंटाइन सेंटर में डाल दिया था। वहीं राजस्थान के अलवर से ट्रेन से आए युवक को बाजार समिति खगड़िया से चौथम शिवाधीन महावीर इंटर स्तरीय क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया था। तबियत खराब होने की आशंका पर हुए दोनों युवकों को सैम्पल जांच के लिए सदर अस्पताल खगड़िया भेजा गया था। जांच में दोनों युवक कोरोना पॉजेटिव पाये गये।
चारों संक्रमितों को पहुंचते ही किया गया क्वारेंटाइन: डीएम
खगड़िया | डीएम आलोक रंजन घोष ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि चारों मरीज अपने साधन से पहुंचे थे। स्थानीय लोगों द्वारा सूचना देने पर इनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इनमें दो लोग सदर प्रखंड और दो चौथम प्रखंड के हैं। ये लोग जिले में प्रवेश करते ही क्वारेंटाइन कर दिए गए थे। इसलिए इनके संपर्क में ज्यादा लोगों के आने की संभावना नहीं है। फिर भी मिली सूचना और संक्रमितों से हुई पूछताछ के आधार पर 36 लोगों को क्वारेंटाइन कर उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। साथ ही इनके संपर्क मे आए अन्य लोगों की पहचान के लिए तेजी से काम चल रहा है। सदर प्रखंड के एक संक्रमित को गांव में एक महिला ने खाना खिलाया था। उसका भी सैंपल लिया गया है। उन्होंने बताया कि चौथम प्रखंड का एक संक्रमित भी प्रखंड के एक परिवार से मिला था। उसकी भी पहचान की जा रही है।
क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है पूरा ख्याल
खगड़िया | डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि अभी विशेष ट्रेनों के माध्यम से बड़ी संख्या में प्रवासी लोग आ रहे हैं। सभी को प्रखंड स्तरीय क्वारेंटाइन केन्द्रों में रखा जा रहा है, जहां उनका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। वरीय पदाधिकारी एवं सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी की ओर से सभी क्वारेन्टाइन केन्द्रों का नियमित निरीक्षण कर वहां भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।
मैट्रिक परीक्षा के दौरान गोगरी के मध्य विद्यालय प्रखंड कॉलोनी परीक्षा केंद्र पर वीक्षक के रूप में तैनात किए गए दो शिक्षकों पर काम में लापरवाही और कदाचार के आरोप में गाज गिर सकती है। डीईओ ने दोनों शिक्षकों से दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। कन्या मध्य विद्यालय बलतारा के शिक्षक जयप्रकाश सिंह व मध्य विद्यालय रामनगर बेलदौर की शिक्षिका वीणा देवी को मैट्रिक परीक्षा में मध्य विद्यालय प्रखंड कॉलोनी गोगरी में वीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। मैट्रिक परीक्षा के प्रत्येक दिन कुल उत्तर पुस्तिकाओं एवं ओएमआर उत्तर पत्रक को केंद्राधीक्षक द्वारा जिला बज्रगृह में उसी दिन जमा कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन 18 फरवरी को द्वितीय पाली में संपन्न गणित की परीक्षा के ओएमआर एवं उपस्थिति पत्रक को सही ढंग से नहीं छाटा गया और ओएमआर को उपस्थिति पत्रक में ही रखदिया गया।
इस कारण एक परीक्षार्थी का ओएमआर पत्रक जिला बज्रगृह में उस दिन जमा नहीं कराया जा सका। ऐसे में उक्त परीक्षार्थी के ओमएआर पत्रक में कदाचार की आशंका है। इसे लेकर दोनों शिक्षक पर काम में लापरवाही, कर्तव्य के प्रति उदासीनता और कदाचार के आरोप में कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
देर रात घर लौट रहे बेलदौर निवासी एक 35 वर्षीय युवक की सीने में गोली मार हत्या कर दी गई। घटना शुक्रवार की है। जानकारी पर थानाध्यक्ष राजीव कुमार लाल, एसआई कौशल मिश्र, कृष्ण कुमार सिंह मौके पर पहुंच शव को अपने कब्जे में ले लिया। जानकारी के मुताबिक कंजरी गांव निवासी बिरजू यादव गांव के ही बलराम पंडित के दरवाजे से पूजा का प्रसाद खाकर घर लौट रहे थे। गांव के ठाकुरबाड़ी के समीप अज्ञात अपराधी ने उक्त युवक को रोक लूटपाट करने लगा। विरोध करने पर अपराधी ने बिरजू यादव के सीने में गोली मारकर हत्या कर दी तथा शव को मक्के के खेत में फेंक दिया। स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी सुबह में हुई। घटना के बाद गांव में भय का माहौल है। परिजनों ने बताया कि बिरजू ने प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किश्त के 40 हजार रुपए तीन दिन पूर्व बैंक से निकाले थे। यह रकम उसके पास थी। बताया जाता है कि मृतक की पत्नी का पूर्व में ही देहांत हो चुका था तथा उसके कोई संतान भी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि बिरजू सीधा-साधा इंसान था, गांव में किसी से कोई लड़ाई झगड़ा नहीं था। थानाध्यक्ष राजीव कुमार लाल ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। जबकि मामले में कोई आवेदन नहीं दिया गया है। आवेदन प्राप्त होने पर प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने काेरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे जंग के बीच मस्तिष्क ज्वर की समस्या से निपटने के लिए भी तैयारी शुरू कर दी है। कई जिलों में इस तरह के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है और इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस बावत सदर अस्पताल के डीएस डॉ. वाईएस प्रयासी ने बताया कि पूर्व की तरह इस बार भी मस्तिष्क ज्वर से निपटने की तैयारी की जा रही है। सभी स्वास्थ्य केन्द्र व आईसीडीएस के अलावा निजी क्लीनिकों के डाक्टरों के साथ बैठक कर ऐसे मरीजों पर नजर रखने की तैयारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया शून्य से 10 साल के बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की ज्यादा शिकायत होती है। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों में भी इसके लक्षण पाए जा सकते हैं। अप्रैल से सितंबर के बीच इस बीमारी का ज्यादा प्रभाव रहता है। डीएस ने अभिभावकों से बच्चों को भूखे पेट नहीं सोने देने की अपील की।
कोशी महाविद्यालय जिलेवासियों के लिए एक धरोहर है। इस महाविद्यालय में पढ़े सैकड़ों छात्र-छात्रा आज देश भर में विभिन्न पदों पर काबिज हैं। इस कॉलेज के छात्रों ने जिला ही नहीं देश में विभिन्न क्षेत्रों में खगड़िया का नाम रोशन किया है। इसके बावजूद यह कॉलेज कई दशकों से उपेक्षा का दंश झेलता रहा है। अब 70 वर्षों के बाद इस कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों ने इस धरोहर के जीर्णोद्धार की पहल की है। पूर्ववर्ती छात्रों ने 40 लाख की लागत से कॉलेज भवन की मरम्मत का काम शुरू किया है। इसके लिए कॉलेज के नए-पुराने प्राध्यापकों को शामिल करते हुए तीन समितियां बनाई गई है, जिसमें कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष के रूप में डाॅ. विवेकानंद को चुना गया है। पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव को सचिव, डाॅ. रमेश कुमार को कोषाध्यक्ष सहित तीन अन्य सदस्य को इस समिति में शामिल किया गया है।
वहीं क्रय विक्रय समिति में डाॅ. राजकुमार सिंह को अध्यक्ष, डाॅ जयनंदन सिंह को सचिव सहित अन्य चार लोगों को सदस्य बनाया गया है। तीसरी निगरानी समिति में डाॅ. कपिलदेव महतो को अध्यक्ष के साथ तीन अन्य सदस्य शामिल किए गए हैं। बताते चलें कि आगामी 18 एवं 19 अगस्त को नैक मूल्यांकन टीम द्वारा कोशी महाविद्यालय का निरीक्षण किया जाना है।
डाॅ. विवेकानंद व मनोहर कुमार यादव ने बताया कि समिति द्वारा लगभग 40 लाख रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। यह राशि कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों से सहयोग के रूप में ली जाएगी।
पूर्ववर्ती छात्रों की बनाई गई है सूची
कोशी महाविद्यालय के लगभग 140 पूर्ववर्ती छात्रों की सूची तैयार की गई है, जिसमें लगभग 15 पूर्ववर्ती छात्रों ने समिति द्वारा निर्धारित 5001 रुपए की सहयोग राशि भेज दी है। डाॅ. विवेकानंद ने बताया कि अब तक 80 हजार रुपए सहयोग राशि प्राप्त हुए हैं। जबकि कॉलेज जीर्णोद्धार में लगभग तीन लाख तक खर्च किया जा चुके हैं।
कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के बावजूद दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। एनएच 31 के रास्ते हर रोज मजदूरों के समूह को जाते देखा जा सकता है। शनिवार को साइकिल से मजदूरों का जत्था मानसी बस स्टैंड के समीप रुका। मजदूरों ने बताया कि वे लोग यूपी के आजमगढ़ से चार दिन पूर्व साइकिल से आ रहे हैं और कटिहार तक जाना है। मजदूरों ने बताया कि वे लोग कटिहार जिले के प्राणपुर थाना क्षेत्र के रामचंद्रपुर केवाला के रहने वाले हैं।
प्रवासी मजदूर मो. शफीक उल हक, मो. वसीम अकरम ने बताया कि आजमगढ़ में वे राजमिस्त्री के साथ मजदूरी कर रहे थे। लॉकडाउन हुआ तो काम रोजगार बंद हो गया। हमें पता चला कि लॉकडाउन लंबे समय तक चलेगा इसीलिए साइकिल से ही निकल गए। उन्होंने कहा कि रास्ते में छपरा में उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई, लेकिन कहीं भी खाने-पीने की व्यवस्था नहीं थी।
लॉकडाउन का समय भय के साए में गुजर रहा था। हॉस्टल के मेस भी बंद था बाजारों और होटलों के बंद रहने के कारण से खाने के सामान की काफी दिक्कत थी। बाहर निकलने में संक्रमित होने का भी खतरा था। इस कारण से घरों में रहते थे। कुछ समाजसेवी संस्थाएं समय-समय पर खाने पीने का सामान दे जाती थीं।
कई बार भूखे भी रहना पड़ा। जैसे तैसे समय गुजर रहा था। जब पता चल कि हम लोग ट्रेन से अपने घर वापस लौट सकेंगे। तब चैन की सांस मिली। रास्ते में खाने-पीने में कोई दिक्कत नहीं हुआ।ट्रेन का किराया भी नहीं वसूला गया।अब बिहार पहुंच कर राहत की सांस ले रहे हैं।उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगा। यह कहना था यूपी से अलीगढ़ से स्पेशल ट्रेन से लौटे छात्र- छात्राओं का। यूपी के अलीगढ से 1282 छात्र- छात्राओं को लेकर शाम 6.55 बजे शाम स्पेशल ट्रेन के पूर्णिया जंक्शन पहुंची।
अलीगढ से पहुंची ट्रेन में पूर्णिया के 88 छात्र-छात्राएं के अलावा किशनगंज के 182,कटिहार के 166, अररिया के91,अरवल के 3,औरंगाबाद के 23,बांका के 7, बेगूसराय के 30, भागलपुर के 27, भोजपुर के 1, बक्सर के 4, दरभंगा के 61,पूर्वी चंपारण के 27, गया के 24, गोपालगंज के 43, जमुई के 7, जहानाबाद के 4,कैमूर के 1, खगड़िया के 5, मधेपुरा के 5, मधुबनी के 20, मुंगेर के 11, मुजफ्फरपुर के 41, नालंदा के 14,नवादा के 17, पटना के 89, रोहतास के 22, सहरसा के 38, समस्तीपुर के 35, छपरा के 12, शेखपुरा के 5.शिवहर के 5, सीतामढ़ी के 20,सिवान के 63,सुपौल के 3,वैशाली के 6, पश्चिमी चंपारण के 82 यात्री शामिल थे। ट्रेन से आये मदरसा ने बच्चों की स्क्रीनिंग करवाकर बस के माध्यम से विभिन्न जिलों में भेज दिया गया।
प्लेटफॉर्म पर डॉक्टरों की टीम ने की स्क्रीनिंग, सुरक्षा का था इंतजाम
प्रशासन के द्वारा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करवाने के लिए बहेतर इंतजाम किया गया था।शाम के समय में जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची श्रमिकों को रिसीव करने के लिए खुद जिलाधिकारी राहुल कुमार और एसपी विशाल शर्मा ने श्रमिकों का अगुवानी कर उन्हें आवश्यक हिदायत दिया। प्लेटफार्म से पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी जिसके लिए 8 काउंटर बनाये गये थे और सभी काउंटर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराये गए फूड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया। इसके बाद उन्हें स्टेशन पर लगे बसों के माध्यम से इंदिरा गांधी स्टेडियम में बने वहाँ कोषांग भेजा गया। जहां से बसों के सहारे उन्हें अपने गृह जिला भेजा गया। अलीगढ़ से आए सभी छात्र 14 दिनों के होम क्वारेंटाइन में रहेंगे।
छात्रों ने किया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
प्लेटफॉर्म के बाहर यात्रियों के बैग के बाहर उनके बैग और थैले को सेनेटाइज भी किया गया ।शुक्रवार को जहां श्रमिक स्पेशल ट्रेन आने के बाद स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिला था। उससे अलग नजारा शनिवार को देखने को मिला। अलीगढ से वापस लौटने वाले छात्र पूरी तरह से अनुशासित दिखे और प्लेटफॉर्म से लेकर स्टेश परिसर में खड़ी बसों में चढ़ने के दौरान कतारबद्ध होकर अपनी बारी के इंतजार में खड़े दिखे।छात्र-छात्राओं के आने पर स्टेशन की विधि व्यवस्था बिगड़े नहीं इसको लेकर प्रशासन के द्वारा पहले से ही पुख्ता इंतजाम किया गया था।
प्रखंड के कौंरा गांव में उस वक्त चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया जब एक गाय ने दो सिर वाले बछड़े को जन्म दिया।इस तरह की प्राकृतिक कृति की चर्चा देखते ही देखते पूरे गांव में फैल गई।जन्मे बछड़े को देखने के लिए लोग का आना जाना शुरू हो गया।
सभी ईश्वर की इस कृति को देखकर हतप्रभ थे। कौंरा गांव निवासी स्व. गुलजार सिंह के पुत्र लालजी सिंह ने बताया कि शनिवार को अहले सुबह मेरी गाय ने एक दो मुंह वाले बछड़े को जन्म दिया। बछड़े का सर बड़ा होने एवं शरीर दुबला पतला होने के कारण उसे खड़े होने में परेशानी हो रही है।इसके लिए पशु चिकित्सक की सलाह लिए जाने की बात लालजी सिंह ने कही। इस कुदरत के करिश्मे की चर्चा पूरे दिन होती रही। लोगों में कैतूहल बना रहा।
जिला के लिए राहत की खबर है।शनिवार को जिले के 25 सैंपल का रिपोर्ट निगेटिव आया है। डीएम राहुल कुमार ने बताया कि जिले में अभी तक 347 सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। इसमें से 315 सैंपल की रिपोर्ट मिल चुका है। जिले में अभी सिर्फ दो ही कोरोना पॉजिटिव मरीज हंै। 313 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आया है। 32 लोगों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में प्रवासी लोगों का आना लगातार जारी है। जिले में कोटा के अलावा अन्य राज्यों से पहुंच रहे मदरसा के बच्चों को 14 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन में भेजा गया है। अन्य श्रमिकों को 21 दिनों के लिए प्रखंड स्तर पर बने होम क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है।
प्रखंड स्तरीय पर 5435 व पंचायत में 199 लोग क्वारेंटाइन : प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन ने बताया कि जिले में संचालित विभिन्न क्वारेंटाइन कैंपों में बाहर से आए 5435 प्रवासी रह रहे हैं। इनमें पूर्णिया पूर्व प्रखंड के सद्भावना मंडप कैंप में 17 तथा प्रखंड क्वारेंटाइन कैंप, प्रशिक्षण केंद्र में 20, एसबीआई, प्रशिक्षण केंद्र में 49, जवाहर लाल उच्च विद्यालय, गुलाबबाग में 85 एवं जमाना लाल बजाज बालिका उवि, गुलाबबाग में 82 प्रवासी शामिल है।वहीं श्रीनगर प्रखंड के शिक्षण-प्रशिक्षण महाविद्यालय में 99, बीएड काॅलेज, ब्याॅज हाॅस्टल, में 166 एवं बीएड काॅलेजगर्ल्स हॉस्टल में 118 व्यक्ति है। केनगर प्रखंड के मवि, प्रखंड कॉलनी कैंप में 42, आमवि काझा में 88, चंपानगर में 1 एवं विद्या बिहार, स्कूल, परोरा में 60 व्यक्ति को रखा गया है। कसबा प्रखंड के सीमांचल हॉस्पिटल कैंप में 59 एवं मिलिया कॉन्वेंट कसबा में 52 अप्रवासियों को रखा गया है। इसके अलावा जलालगढ़ प्रखंड के कस्तुरबा गांधी प्लस 2 बालिका आवासीय विद्यालय में 58, मॉडल उच्च विद्यालय एनडी रूंगटा, में 7, एनडी रूंगटा,उवि, में 85 एंव आमवि, जलालगढ़ में 68 व्यक्ति है। अमौर प्रखंड के आमवि,अमौर में 73, उउवि, बेलका में 161, मवि सिरोटोल में46 एवं कस्तुरबा गांधी बालिका आवासिय विद्याल ,अमौर में 35, मवि, गरैसा में 70, मवि मच्छट्ठा में 85, मवि, रामनगर में 10, उवि, बालुटोलइस्लामपुर में 18 एवं प्लस 2प्रोजेक्ट बालिका उवि, में 74 व्यक्ति है। प्रशासन के द्वारा बैसा प्रखंड के श्रीहाॅस्पिटल, रौटा कैंप में 19, उवि, रौटा में 64, मविआमबाड़ी में 49, आ0म0वि0 रौटा में 63, मदरसा मल्हारा, शीशाबाड़ी में 150, मदरसा, सिफातुल उलूम औरा नंदनिया में 110, मवि खुशहालपुर रायबेर में85 एवं उवि, मुंगराप्याजी में 90 व्यक्ति है।
डगरूआ प्रखंड के उवि डगरूआ, कैंप में 87, मवि, डगरूआ में 116 व्यक्ति, इंदिरा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल,डगरूआ में 112 एवं मदरसा जामेतुल, बनात में 180 अप्रवासियों को रखा गया है। बायसी प्रखंड के उवि बायसी कैंप में 140, मवि, चरैया में 86, मवि बायसी में 63 एवं प्रोजेक्ट कन्या उवि, बायसी में 109 बहार से आए अप्रवासियों को रखा गया है। जिले केधमदाहा प्रखंड के आमवि,अमारी में 141, आमवि, सरसी में 78, बीएनसी डिग्रीकाॅलेज, धमदाहा में 58, आमवि, निरपूर कैंप में 110, संत शिवानी मिशन स्कूल संतमी कैंप में 193, राजकृत उवि, धमदाहा में 66, मवि, संझाघाट में 25, मवि, जमुनिया में 20,गंगा मवि, दमगारा 71 एवं मवि, शरणार्थी टोला रंगपुरा उत्तर में 12 व्यक्ति है।
2882 लोगों को मिला राशन
इसके अलावा शनिवार को आपदा राहत केंद्र और कम्युनिटी किचन के माध्यम से 603 लोगों को भोजन करवाने के साथ-साथ रूपौली प्रखंड में 12, भवानीपुर में10, बनमनखी में193, कसबा में 325, श्रीनगर में195 ,जलालगढ़ में 518, पूर्णिया पूर्व प्रखंड में1592, अमौर में 03 एवं डगरूआ में 34 कुल 2882 सुखा राशन पैकेट का वितरण किया गया।
नगर के बिशेन टोला स्थित बड़की दालान पर दर्जनों युवाओं द्वारा महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई।इस दौरान उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनको नमन किया गया। मौके पर बीजेपी के अखिलेश कुमार सिंह ने महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र की चर्चा करते हुए कहा कि वे मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले अदम्य साहस और स्वाभिमान के प्रतीक जांबाज वीर योद्धा थे।
उनका संघर्ष, वीरता एवं शौर्य की गाथा हम सभी के लिए अनुकरणीय है। वहीं सतीश सिंह ने कहा कि देशप्रेम, स्वाभिमान,और पराक्रम से भरी महाराणा प्रताप जी की गाथा सम्पूर्ण देशवासियों के लिए सदैव ही प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।इस दौरान रिंटू सिंह,सतीश सिंह,दीपक सिंह,सोनू सिंह अविनाश सिंह, भोलू सिंह, अंकल सिंह, नितेश सिंह, राहुल सिंह, रंजन सिंह, राजा सिंह समेत अन्य थे।
जिला प्रशासन द्वारा रोक के बावजूद भी कोईलवर थाना क्षेत्र के सोन नद में नावाें से बालू का अवैध उत्खनन कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोईलवर में नवनिमार्णाधीन पुल से लेकर उत्तर में जमालपुर गांव के सामने तक राेजाना एक सौ की संख्या में नाव बालू का अवैध उत्खनन करते है। जो नावाें पर बालू को लोड कर डोरीगंज, सोनपुर, पटना की ओर निकल जाते है। स्थानीय लोगो ने बताया कि दूसरे जिले से आने वाले नाव पर सवार मजदूरों से कोरोना संक्रमण का डर बना रहता है।
क्योंकि यह मजदूर नगर के विभिन्न दुकानों पर पहुँच राशन, सब्जी की खरीदारी करते है। जो मजदूर ना ही मास्क, गमछा का प्रयोग करते है ना ही किसी प्रकार का सेनेटाइजर रखते है। नगरवासी प्रेम, सतीश ने बताया कि सोन नद में दूसरे जिले से उत्खनन के लिए आने वाले नाव पहले नद के बेड से बालू को नावाें पर लोड करते थे। लेकिन अब अधिकांश नाव नद किनारे लगा सूखा बालू को काट नावाें पर लोड कर रहे है। जिससे सोन नद का किनारे भी जहाँ तहां गड्ढा बन गया है।
लोगो ने बताया कि नद के किनारे अवैध उत्खनन प्राकृतिक सुंदरता को खराब कर रहा है। जिसे खनन विभाग द्वारा रोकने की कोई पहल नहीं कि जा रही है। सोन नद में अवैध उत्खनन से जिला को भारी राजस्व की क्षति भी उठानी पड़ रही है। इधर सोन नद में छापेमारी के लिए पहुँचे खनन विभाग के प्रधान लिपिक अरविंद कुमार ने बताया कि सीमित संसाधनों के बीच दूसरे जिले से गंगा नदी के रास्ते सोन नद में आने वाले बाहरी से नावाें को रोकना मुश्किल है। जब छापेमारी की जाती है। सभी नाव भाग जाते है। लेकिन छापेमारी खत्म होते ही पुनः उत्खनन शुरू कर देते है।
साथ ही बताया कि भोजपुर जिला में छापेमारी के लिए दो स्टीमर था। जिसका पंखी टूट जाने से एक सिन्हा घाट व दूसरा कोईलवर में खराब पड़ा है। अभी छापेमारी के लिए सारण जिला से स्टीमर मंगाया जाता है। जिसके गंगा नदी के रास्ते सोन में आते ही बालू लोड करने वाले नाव भाग जाते है। सोन नद में उत्खनन कर जहाँ नावाें से बालू को अनलोड किया जाता है। वहां कारवाई किया जाये तो अवैध उत्खनन पर रोक लग सकता है।
अमौर थाना क्षेत्र अंतर्गत मच्छटा पंचायत के रहिका टोला गांव समीप एक दिन पूर्व परमान नदी में भैंस नहलाने के क्रम में डूबे रहिका टोला गांव निवासी चंदर यादव (50) का शव घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर पलसा पुल के समीप नदी में तैरता हुआ बरामद हुआ है।
सूचना पर अमौर थानाध्यक्ष विजय कुमार यादव पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना स्थल पर मृतक पत्नी सुथरी देवी ने रोते बिलखते हुए कहा कि उनके पति चार छोटे छोटे संतान छोड़ गए हैं। जिसमें दो बेटा और दो बेटी है। इन बच्चों की परवरिश को लेकर वे काफी संघर्ष कर रहे थे। भैंस पालन कर तथा उसका दूध बेचकर परिवार का भरण पोषण करते थे। शुक्रवार को वह भैंस चराने निकले थे और दोपहर में भैंस को नहलाने के लिए परमान नदी में गए थे जहां भैंस को नहलाने के क्रम में ऐ नदी में डूब गए। देर शाम जब भैंस लौट कर घर आ गई और वह घर नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू कर दी। रात भर गांव के आस पास व नदी के किनारे परिजनों ने खोजबीन की लेकिन उनका कहीं कोई अता पता नहीं चल सका। 08 मई को पलसा पुल से कुछ दूर रहिका टोला गांव के समीप इसी परमान नदी में भैंस नहलाने के क्रम में डूबने से चंदर यादव की मौत हुई है।
विभिन्न राज्यों में काम करने के लिए गए मजदूरों को कोरोनावायरस ने आखिरकार अपने गांव अपने मातृभूमि की अहमियत बता ही दी। कोरोना के वजह से बाहर से आ रहे मजदूरों का परदेश के चकाचौंध एवं भागदौड़ भरी जिंदगी से अब मन भर गया है। अब वे अपनी मातृभूमि को किसी भी हाल में छोड़ कर अन्यत्र शहरों में जाने को तैयार नहीं हैं। प्रखंड क्षेत्र के दावां ग्राम के राजकीय मध्य विद्यालय, हरिगांव ग्राम स्थित विद्यालय समेत नगर के सवारथ साहू हाई स्कूल में क्वारान्टीन हुए कुछेक मजदूरों ने बताया कि अब वे लोग किसी भी परिस्थिति में परदेश नहीं जाएंगे।
अपने गांव अपने घर अपनी मातृभूमि पर रहकर ही अपनी तथा अपने परिवार भरण पोषण करेंगे। इसके लिए चाहे जो कुछ भी करनी पड़े। प्रखंड क्षेत्र में बाहर से आए लोगों के लिए जो क्वारान्टीन सेंटर बनाया गया है उसमें गुजराज के सूरत, बड़ोदरा, हैदराबाद, सिकंदराबाद, राजस्थान, हरियाणा सहित देश के अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों को क्वारान्टीन किया गया है। यहां उनके रहने खाने समेत चिकित्सीय सुविधा की भी व्यवस्था की गई है। लॉकडाउन के कारण तमाम तरह के परेशानियों को झेलते हुए अपने गृह प्रखंड पहुंचे प्रवासी मजदूरों के चेहरे पर सुकून तो दिखी लेकिन लॉक डाउन की अवधि और रास्ते में मिली असहनीय पीड़ा भी उनके चेहरे पर स्पष्ट रूप से झलक रही थी।
जैसे-तैसे गृह प्रखंड पहुंचे रविरंजन कुमार ने बताया कि लग ही नहीं रहा था कि हम अब कभी अपने लोगों से मिल पाएंगे। कहा कि अब चाहे भूखे ही क्यों न रहना पड़े लेकिन बाहर कमाने के लिए नहीं जाएंगे। सिकंदराबाद से लौटे विकास कुमार, राजन कुमार ने कहा कि यहां आने से पहले काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।यहां तक कि भूखों मरने की नौबत तक आ गई थी।बाहर में सालों से जिनके यहां काम कर रहे थे। उन्होंने भी इस विपत्ति के समय मुंह मोड़ लिया। अब तो परदेस जाने के ख्याल से भी डर सा लगने लगा है।
वहीं गुजराज के सूरत से लौटे सन्नी कुमार ने कहा कि ईश्वर की कृपा रही कि हम और हमारे अन्य साथी,परिवार कुशल मंगल से अपनी मातृभूमि अपने गाँव आ गए। अब गांव पर ही रह कर कोई रोजगार करेंगे। वहीं लॉक डाउन में फंसे होने पर सिकंदराबाद से काम छोड़कर आये राजन कुमार, बीरबल तुरहा ने कहा कि मुश्किल वक्त में कंपनी के मालिक ने सहयोग के बदले अपने हाथ खड़े कर दिए।जमा पूंजी भी खत्म होने को चली थी। तब काफी मुश्किलों का सामना करते हुए जैसे तैसे अपने गांव तक पहुंचकर दिल को सुकून मिला है।
अगिआंव में चार जगहों पर 184 लाेग क्वर्टी और 16 होम क्वारान्टीन में भेजे गए
अगिआंवप्रखण्ड के चार जगहों पर बने 184 बिहार के बाहर से आए लाेगाें को क्वारान्टीन सेंटर में रखा गया है। जिसमे अगिआंव में तीन जगहों में बने क्वारान्टीन सेंटर में 152 और एक चौथा बना क्वारान्टीन सेंटर पंचायत सरकार भवन बरुणा में 26 लोगों को क्वारान्टीन सेंटर में रखा गया है। वही शनिवार को बिहार के बाहर से आए सोलह लोगों को थर्मल स्क्रीनिंग से जांच कर होम क्वारान्टीन के लिए भेज दिया गया। वहीं प्रखण्ड के सभी जगहों पर बने क्वारान्टीन सेंटर में रह रहे लोगों को सीओ ललन कुमार ने कोरोना से बचाव के लिए किट वितरित किया। जिसमें थाली, ग्लास, कटोरी, साबुन, तेल, ब्रश, पेस्ट व अन्य समान किट में दिया गया। गौरतलब हो कि पिछले रविवार से अगिआंव प्रखण्ड के विभिन्न गांव के लोगों को बिहार के बाहर से आने का सिलसिला जारी है। जो रविवार से दस से बढ़कर एक सप्ताह के अंदर दो सौ पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ तीन क्वर्टी सेंटर से शुक्रवार को सत्रह क्वारान्टीन लोगों का स्वाब जांच के लिए भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। प्रभारी सीओ ललन कुमार ने बताया कि कोरोना से देश मेंहुए लॉकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे लोगों का अपने घर आने का सिलसिला जारी है।
कोरोना बीमारी का संक्रमण लगातार बढ़ते जाने से अधिकिरियों, जनप्रतिनिधियों सहित कई अन्य संस्थानों द्वारा रोक-थाम के लिए लगातार प्रयास जारी है। क्षेत्र के पश्चिमी इंग्लिश गांव में राम जन्म फाउंडेशन सोसाइटी के तत्वाधान में मास्क तथा साबुन का वितरण किया गया। संस्था के अध्यक्ष कमलेश सिंह तथा सचिव सूर्यजीत कुमार सिंह ने पश्चिमी इंग्लिश गांव सहित कोठियां, पूर्वी इंग्लिश गाँव के लोगों के बीच मास्क, साबुन वितरण कर उन्हें लॉक डाउन का पालन करने का संदेश दिया।
सूर्यजीत कुमार सिंह ने ग्रामीणों को स्वयं तथा अपने आस पास साफ सफाई रखने, हाथ साबुन से धोकर भोजन करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का सलाह दिया। कहा कि बाहर से आने वाले हर शख्स की जानकारी प्रशासन को दिया जाय। इस मौके पर कई उपस्थित थे। वहीं, दूसरी ओर बाहर से आने वाले अब तक 143 लोगों को क्वारान्टीन पर रखा गया है। बीडीओ अभिषेक चंदन ने बताया कि तरारी में 47, सिकरहटा स्कूल में 69 तथा बागर पंचायत भवन में 27 लोगों को कवारेंटीन पर रखा गया है। हालांकि संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
बायसी अनुमंडल मुख्यालय से सटे सादीपुर भूतहा पंचायत के वार्ड संख्या एक बरेली गांव के मो. शरीफ का पुत्र मो. रजाउल का बांस की झाड़ी में शव मिलने से गांव में सनसनी फैल गई।
जानकारी के अनुसार सुबह खेत में मजदूर काम करने पहुंचे तो पता चला कि मो. रजाबुल का शव फांसी पर लटका है। इसके बाद घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ वहां जमा हो गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि वह शुक्रवार 12 बजे से ही गायब था और फोन करने पर फोन रिसीव नहीं किया जा रहा था। सुबह सूचना मिली घर से 2 किलोमीटर की दूरी पर बांस की झाड़ी से उसका शव लटका हुआ मिला है। परिजनों ने बताया कि उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। इस घटना को लेकर मृतक रजाउल के चाचा ने बताया कि घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर बांस की झाड़ी से लटका उसका शव बरामद किया गया है। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने कयास लगाए जा रहे हैं कि फांसी खुद से नहीं लगाई गई है। पहले उसे किसी ने मार दिया फिर बांस की झाड़ी से लटका दिया। ताकि मामला आत्महत्या का हो जाए। बायसी थानाध्यक्ष सुनिल कुमार मंडल सदलबल घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पूर्णिया भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा कि मामला आत्महत्या का है या हत्या कर लटका देने का।
लॉकडाउन में आंध्रप्रदेश में फंसे बक्सर के लगभग दो दर्जन छात्रों को स्पेशल ट्रेन से सहरसा लाया गया। ये सभी सैनिक स्कूल के छात्र हैं। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम सहरसा की बस द्वारा सभी छात्रों को पटना, आरा के रास्ते बक्सर ले जाया जा रहा था।
इसी बीच आरा-पटना नेशनल हाइवे पर कोईलवर प्लस टू विद्यालय के समीप बस खराब हो गया। जिससे लगभग दो घंटा तक सैनिक स्कूल के छात्र कोईलवर में फंसे रहे। इसकी सूचना जैसे ही अभिभावकों को मिली, कोईलवर पहुँच अपने अपने बच्चों को लेकर बक्सर गए। हालांकि, कई छात्र बस ठीक होने तक कोईलवर में फंसे रहे। जो बस को ठीक होने के बाद बक्सर की ओर रवाना हुए।
भाकपा माले,खेग्रामस व ऐक्टू के देशव्यापी शोक व धिक्कार दिवस को जिले भर में मनाया गया। आरा शहर में भी कई मुहल्लों में इसका अायाेजन किया गया। इस दौरान भाकपा-माले जिला कार्यालय पर काला झंडा लगाकर व हाथ में काला पट्टी लगाकर मुम्बई एवं विशाखापट्टनम में एलजी गैस रिसाव के चलते मारे लोगों को याद कर शोक व्यक्त किया गया। भाकपा-माले जिला सचिव जवाहरलाल सिंह कहा कि विशाखापट्टनम में जहरीली गैस से रिसाव के कारण लगभग 11 लोगों की मौत और 800 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों को ट्रेन द्वारा रौंद कर मार दिए जाने की वीभत्स घटना काे लाॅकडाउन जनसंहार का नाम दिया जाना चाहिए।
भाकपा-माले के केन्द्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव ने कहा कि देशव्यापी आह्वान पर पूरे प्रखंड में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए तीनों संगठनों के लोग अपने घरों अथवा कार्यालयों पर, काली पट्टी बांधकर और पोस्टर लेकर धरना भी दे रहे है । दोनों घटनाएं महज दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है। भाकपा-माले ने मारे गए लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त माले नेताओं कहा कि ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को घर पहुँचा सकती थीं, लेकिन वे रौंद दिए गए. प्रवासी श्रमिकों के लिए दुखों व यातनाओं का कोई जैसे अंत ही नहीं है। मौके पर नगर सचिव दिलराज प्रीतम, आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार, जिला कार्यालय सचिव जितेंद्र सिंह, जिला कमेटी सदस्य परशुराम सिंह, गोपाल प्रसाद आिद थे।
पूर्णिया विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रशासन द्वारा बिना मान्यता प्राप्त किए विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसमें पीएचडी, एमबीए एवं एलएलएम प्रमुख है।
पूर्णिया विश्वविद्यालय अवैध पाठ्यक्रमों का संचालन कर पूर्णिया कॉलेज की आधारभूत संरचना पर दबाव बढ़ा रहा है। इतना ही नहीं पीयू में संचालित मैनेजमेंट के कोर्स को एआईसीटीई से मान्यता नहीं मिली है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय एमबीए की पढ़ा करवा रहा है। राजभवन के पत्रांक बीएसयू (रेग्यूलेशन) 05/2010-2196 / (जीएस) आई 19 जुलाई 2019 के अनुसार पूर्णिया विश्वविद्यालय के पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया, लेकिन फिर भी पूर्णिया विश्वविद्यालय ने पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू किया जो पूर्ण रूप से अवैध है। उक्त बातें छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष राजू मंडल ने विज्ञप्ति जारी कर कही। राजू ने आगे बताया कि किसी भी विवि महाविद्यालय को प्रबंधन के पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने से पूर्व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से मान्यता प्राप्त करनी होती है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर शैक्षणिक सत्रों के अनुसार जानकारी उपलब्ध होती है की संपूर्ण भारत में किस संस्था को कौन-कौन से पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति है। एआईसीटीई की वेबसाइट के अनुसार बिहार के केवल 24 संस्थानों को ही प्रबंधन में पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति 2019-20 सत्र के लिए प्राप्त है। पूर्णिया प्रमंडल में केवल एक संस्था मिलिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रामबाग पूर्णिया को 2019-20 सत्र में प्रबंधन में स्नातकोत्तर स्तर (एमबीए) का पाठ्यक्रम चलाने की मान्यता अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से प्राप्त है।
विवि की सर्वोच्च संस्था सीनेट की पूर्ण स्थापना नहीं हुई
किसी भी पाठ्यक्रम को शुरु करने के लिए आधारभूत संरचना, नियामक एवं प्राधिकार से अनुमति की आवश्यकता होती है। कुलपति मनमाने तरीके से कार्य करने के लिए ही विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था सीनेट की पूर्ण स्थापना नहीं होने दे रहे हैं। नियमानुसार किसी भी नए पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने के लिए सीनेट से अनुमोदन, विभिन्न नियामकों की मंजूरी आदि आवश्यक शर्त है। यह तथ्यात्मक रूप से सत्य है की आधारभूत संरचना की कमी के कारण पूर्णिया विश्वविद्यालय ने मान्यता प्राप्त करने की कोशिश किए बिना ही अवैध रूप से पाठ्यक्रमों को प्रारंभ किया और पूर्णिया प्रमंडल के छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने की कुत्सित कोशिश की है।
जिले के केनगर प्रखंड के काझा गणेशपुर गांव निवासी नंदकिशोर राय उर्फ बुद्धन राय को गोली मारने के मामले में जख्मी के पिता योगेंद्र राय ने केनगर थाना में आवेदन देकर दो लोगों पर मामला दर्ज कराई है। पूछे जाने पर केनगर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने बताया कि काझा गणेशपुर के अमित साह उर्फ अनंता एवं उमा दास पर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार की रात से ही संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इधर गोली लगने से जख्मी नंदकिशोर राय का शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
परिजनों ने बताया कि नंदकिशोर राय का ऑपरेशन कर पेट में फंसी गोली निकाल दी गई है। वह अब खतरे से बाहर है। गोली लगने की घटना के बाद गांव के लोगों में भय व्याप्त है। ज्ञात हो कि शुक्रवार की देर शाम काझा गणेशपुर गांव निवासी नंदकिशोर राय उर्फ बुद्धन राय को बाइक से आए दो अपराधियों ने पीछे से गोली मार दी थी। गोली से जख्मी युवक को इलाज के लिए शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
गणेशपुर पंचायत के पूर्व मुखिया सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि आरोपी विदेशी शराब का तस्कर बन गया है। आरोपी के घर पर अब भी बंगाल नंबर की कार लगी हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए। केनगर थाना पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी के सभी सगे संबंधियों के यहां छापेमारी की गई है।
कोरोना वायरस को आम लोगों ने नहीं देखा लेकिन चिकित्सकीय सेवा में लगे जानकारों ने उस वायरस का स्वरूप जैसा बताया है वैसा ही एक फूल पीरो बीडीओ के आवास में इस समय सामने आया तो देखने कई लोग पहुंच गए।
प्रकृति में कई तरह के फूल हैं जिसमें इस स्वरूप का फूल फिलहाल चर्चा में आ गया है जब कोरोना महामारी से लोग जूझ रहे हैं।बीडीओ मानेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि यह जानकारी नहीं है कि इसकी प्रजाति क्या है। कैसे यहां उपजा है। शुक्रवार को शिक्षक अनील कुमार गुडडू सहित कई अन्य लोग पहुंचे तो उस फूल पर नजर पड़ी।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ एवं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वित प्रयास से शनिवार को सुबह 09 से 10 बजे तक दूरदर्शन बिहार पर मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम (सुरक्षित शनिवार) से संबंधित कार्यक्रम प्रसारित हुआ। इसके तहत विभिन्न प्रकार के आपदाओं से बचाव के तरीकों वो भी खासकर के बिहार के परिप्रेक्ष्य में की जानकारी दी गई। बीईपी के मीडिया प्रभारी मनोहर प्रसाद सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का प्रसारण लॉकडाउन की स्थिति में भी विभिन्न विद्यालयों के छात्रों को आपदाओं से बचाव के तरीकों को सिखाने के लिए किया गया। शनिवार के पहले एपिसोड में प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं एवं उससे प्रभावित बिहार के क्षेत्रों की पहचान तथा बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई। अपने आसपास एवं विद्यालय में हजार्ड हंट यानि जोखिमों को पहचान करने एवं योजना बनाने के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों से सवाल-जवाब भी किया गया। उक्त कार्यक्रम का प्रसारण प्रत्येक शनिवार को निर्धारित समय पर डीडी बिहार पर होगा।
पहले ही शुरू हो चुकी है पढ़ाई
इसके पूर्व मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय अभियान के तहत नौवीं और दसवीं वर्ग के छात्र-छात्राओं को घर बैठे पढ़ाया जा रहा है। लॉकडाउन में डीडी बिहार पर सिलेबस के अनुसार बच्चों को पढ़ाई हो रही है। आज वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदा और मानव जनित आपदा में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। आपदा से पूरा समाज प्रभावित होता है और इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। आपदा कम करने लेकर विद्यालयों के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है। अब सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चे आपदा का जोखिम कम करने से संबंधित टिप्स लेंगे।
हर आपदा मेंप्रभावित होती है बच्चों की शिक्षा
डीपीओ एसएसए सतीश कुमार वर्मा ने कहा कि सुरक्षित बिहार तभी होगा जब प्रत्येक नागरिक आपदाओं के जोखिम की पहचान, उनकी समझ एवं निपटने की क्षमता का विकास कर सकेंगे। किसी भी तरह की आपदा से स्कूली बच्चों एवं उनके शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बच्चों के लिए यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी है।
आपातकालीन किट रखना जरूरी
सभी लोगों को आपातकालीन किट के रूप में रेडियो, टॉर्च, बैटरी, मजबूत रस्सी, माचिस, मोमबत्ती, पानी, सूखा भोजन व खाद्य सामग्री आदि हमेशा रखना चाहिए। इसके अलावा पॉलिथीन बैग या वाटरप्रूफ बैग में कपड़े, महंगे सामान, जरूरी दस्तावेज़, छाता, चीनी, नमक और मजबूत रस्सी व एक लंबी लाठी भी रखनी जरूरी है। ये बहुत काम आते हैं।
बताए गए ये उपाय| दूरदर्शन पर सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के दौरान बिजली कौंधने पर खुले आसमान के नीचे रहने पर घुटनों के बल उकड़ू बैठ जाना, भवनों में तड़ित चालक लगवाना, स्कूल व अस्पतालों में तड़ित चालक अनिवार्य रूप से लगाना, बारिश होने या बिजली चमकने पर किसी भी पेड़ के नीचे शरण नहीं लेना जैसे उपाय बताये गए। ताकि वज्रपात से होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके, जैसी जानकारी दी सकेगी। इसी प्रकार भूकंप, अगलगी और बाढ़ जैसी स्थिति में किस तरह की सावधानियां बरतने की बारे बताया गया। टीवी के माध्यम से छात्र-छात्राएं मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा के समय जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है यह सीखा।
विशाखापट्टनम गैस लीक और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन हादसे में मजदूरों की मौत पर भाकपा माले ने देशव्यापी शोक व धिक्कार दिवस का आयोजन किया गया। इसी क्रम में शनिवार को भाकपा माले कार्यालय में पार्टी नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए धरना देकर विरोध प्रकट किया। इस दौरान एक्टू के जिला सचिव सह माले नेता कॉ. इस्लामुद्दीन ने बताया कि विशाखापट्नम मे जहरीली जैसा रिसाव के कारण लगभग 13 लोगों की मौत और 1000 लोगों के अस्पताल मे भर्ती होने के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद मे 16 लोगों को ट्रेन द्वारा रौंदकर मार दिए जाने की घटना को भाकपा माले एक्टू और खेग्रामस ने लॉक डाउन जनसंहार कहा है ।कॉम. इस्लाम उद्दीन ने बताया कि पूरे देश में भाकपा माले एक्टू और खेग्रामस के द्वारा घटना के विरोध में शुक्रवार को देशव्यापी शोक व धिक्कार दिवस मनाया गया । कॉ. इस्लामुद्दीन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार को सिर्फ पूंजीपतियों की ही चिंता है।उन्हें गरीब मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है।लाखों की संख्या में मजदूर भूखे प्यासे हैं।लोग जैसे-तैसे पैदल,साइकिल के सहारे अपने घर आ रहे हैं। विशाखापट्नम गैस रिसाव कांड भी घोर लापरवाही का नतीजा है।धिक्कार दिवस के अवसर पर कॉ. अभीनाश पासवान, कॉ. मो. इस्लाम छोटा समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भाग लिया।
(ओम प्रकाश सिंह)मातृ दिवस पर दो माताओं की दर्द भरी कहानी जो मुश्किल वक्त में घबराने की बजाए हौंसलाें से काम लिया और बच्चों को सफल बनाई। ऐसे हर माताओं को दैनिक भास्कर नमन करता है। किसान की विधवा सिर से पति के साया उठने पर बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनायी।
जो देश की बड़ी कंपनी विप्रो में एक बड़े पद पर कार्यरत है। जबकि दूसरी मां की ऐसी कहानी है भी ऐसी है, जो आपको रूला सकती है। शहर के पीएचडी कॉलोनी की रहने वाली कुमकुम ने पति के निधन के बाद अपने हौंसले को डिगने नहीं दिया। न सिर्फ नन्हे-नन्हे बच्चों को पाल पोशकर बड़ा किया। बड़ी बेटी को प्रोफेसर तो तीन-तीन बेटों को इंजीनियर बनायी। छोटी बेटी को भी मैनेजमेंट की पढ़ाई कराकर नौकरी दिलायी।
साहस खोने के बजाए बेटे को बनायी सॉफ्टवेयर इंजीनियर
आमतौर पर पति के निधन के बाद महिलाएं टूटकर बिखर जाती हैं। लेकिन सदर प्रखंड की रहने वाली विमला सिंह इतिहास गढ़कर दिखायी। सन् 2000 में किसान पति शिववंश सिंह हमेशा के लिए अलविदा कह आखरी सफर पर नकल गए। उस वक्त बेटा सुमित दसवीं कक्षा में था। दो बड़ी बेटियां थी। बड़ी बेटी अनीता और छोटी बेटी शोभा। सुमित को पिता इंजीनियर बनाना चाहते थे। विमला कुंवर पहले बेटियों की शादी की। इसके साथ अपने पति के सपने को उड़ान देने को ठान ली। सुमित डीएवी औरंगाबाद से प्लस टू तक की पढ़ाई की। विमला ने सुमित करे चचेरे भाई इंजीनियर बबन सिंह के पास जमशेदपुर कोचिंग के लिए भेजा। वहां वह एक साल तक वह रहा। इसके बाद उसकी मां ने उसे बैंगलुरू में भेज दी। वहां वह बापू जी इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पुरी की और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना। सुमित उसी शहर में देश के प्रतिष्ठित कंपनी विप्रो टेक्नो में बड़े ओहदे पर कार्यरत हैं। जिसका सलाना पैकेज लाखों में है।
पति ने छोड़ा साथ तो तीन बेटों काे इंजीनियरएक बेटी को प्रोफेसर बनायी
शहर की रहने वाली गृहणी कुमकुम चौबे ने बतायी कि 1994 में अचानक पति का साथ छूट गया। उस वक्त उनके तीन बेटे व एक बेटी नन्हे-मुन्हे छोटे मासूम थे। जबकि बड़ी बेटी शादी की उम्र में थी। हौंसला हारने के बजाय बड़ी बेटी मंजू की शादी की। आज मंजू आरा में प्रोफेसर की पद पर कार्यरत है। बड़ा बेटा कुंदन पिता के निधन के समय आठ साल का था। दूसरा बेटा कुणाल, छोटी बेटी कुमुद स्मृति व सबसे छोटा बेटा मृणाल गोद में था। सभी की अच्छे से परवरिश की और पढ़ाया। उनके हौंसले हमेशा बढाया और उन्हें बड़े सपने दिखाकर उड़ान भरने का जज्बा व जुनून उनमें भरी। लिहाजा आज बड़ा बेटा अहमदाबाद में सिविल इंजीनियर है। दूसरा बेटा मुंबई के अदानी कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर तो सबसे छोटा बेटा पटना में सिविल इंजीनियर। बेटी कुमुद स्मृति मैनेजमेंट की कोर्स कर नौकरी की। लेकिन शादी के बाद नौकरी छोड़ दी। उनका कहाना है अगर आप किसी भी मुश्किल घड़ी को साहस और संयम के साथ डटकर मुकाबला करेंगे तो कठीन से कठीन समय को आसान बनाकर अपने कार्यो में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
रानीपतरा स्थित चांदी व रजीगंज पंचायत में जिला पार्षद राजीव सिंह ने सूखा राशन वितरण किया गया। इसमें ऐसे गरीब परिवार थे जो सरकारी योजना के किसी भी लाभ से वंचित है। वैसे निर्धन परिवार को चिह्नित कर उनके बीच सूखा राशन का वितरण किया गया।
इस क्रम में शनिवार को चांदी पंचायत रानीपतरा के गुमटी ऋषि टोला, पैकागोला ऋषि टोला और रजीगंज के गरैय्या ऋषि टोला के 100 गरीब परिवारों को सुखा राशन दिया गया है। बता दें की सरकार के द्वारा लॉकडाउन के घोषणा बाद से हीं जिला पार्षद राजीव सिंह, कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक तो कर हीं रहे है। जरूरतमंदों के बीच अपने निजी कोष से आवश्यक खाद्यान सामग्री भी वितरण कर रहें हैं। इससे अभी तक चांदी, रजीगंज पंचायत से करीब 1600 असहाय परिवार को सूखा राशन दिया जा चुका है। वहीं जिला पार्षद राजीव सिंह ने कहा कि अपनी यथाशक्ति से आने वाले समय में भी जरूरत मंद परिवारों के बीच राशन मुहैय्या करता रहूंगा। वहीं इस अभियान को सफल बनाने के लिए मौके पर यददु ऋषि, दीपक कुमार, दिलीप चौधरी, कन्हैया कुमार, डम्पू साह, निलेश कुमार, सुमित कुमार, गुंजन कुमार, मनोज कुमार, जयंत कुमार, कालो देवी, छितनी देवी आदि मौजूद थे।
कोरोना संक्रमित आवास सहायक के संपर्क चेन में रफीगंज व मदनपुर के 76 लोग शामिल हैं। रफीगंज से 40 लोग व मदनपुर से 19 लोग बताए जा रहे हैं। इसके पहले उसके परिवार के 17 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया था। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। मदनपुर व रफीगंज में उसके संपर्क चेन तोड़ने के लिए सभी संभावित उपाय किए जा रहे हैं। प्रशासन पूरी तरह से चौकस है। ताकि कोरोना वायरस को ओबरा, देव, औरंगाबाद सदर की तरह यहां भी मात दी जा सके।
आवास सहायक के चेन से जुड़े 56 लोगों का जांच सैम्पल भेजा गया पटना
विभागीय सूत्रों की मानें तो रफीगंज के आवास सहायक व दधपी गांव निवासी संक्रमित युवक की चेन में शामिल 56 लोगों का जांच सैम्पल शनिवार को लिया गया। ये 56 लोग रफीगंज व मदनपुर दोनों प्रखंड से जुड़े हैं। सभी जांच सैम्पल को पटना भेज दिया गया है। इस चेन का जांच सैम्पल अभी और भी लिया जा सकता है। इसके साथ ही आने वाले रिपोर्ट पर प्रशासनिक अधिकारी व उसके संपर्क चेन के सभी लोगों की उम्मीदें टिकी है। आगे क्या होगा? उम्मीद है रिपोर्ट निगेटिव आएगी। क्योंकि उसके संपर्क चेन में शामिल सभी लोगों की सेहत बिल्कुल सामान्य है। उनमें सर्दी-बुखार का कोई लक्षण नहीं। इसलिए रिपोर्ट निगेटिव आने की उम्मीद की जा रही है।
प्रशासन ने 19 लोगों को चिह्नित किया, दोस्त पड़ोसी व गोतिया भी इसमें शामिल
सूत्रों की मानें तो कोरोना संक्रमित मदनपुर के दधपी गांव निवासी आवास सहायक के संपर्क चेन में दोस्त, पड़ोसी व गोतिया भी शामिल हैं। प्रशासन ने ऐसे 19 लोगों को चिन्हित किया है। जिनका जांच कराया जाएगा। सभी लोग होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे। शनिवार को इसमें शामिल कुछ लोगों का जांच सैम्पल लिया भी गया है। दधपी गांव में उक्त आवास सहायक अपने दोस्तों के साथ इधर-उधर समय बिताया था। पास-पड़ोस में भी बैठा था। अब उसके कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसके सभी नजदिकियों में हड़कंप मचा हुआ है। उसके संपर्क चेन से गांव के अन्य लोग बच रहे हैं।
डीएम बोले- संपर्क चेन में शामिल सभी लोग चिह्नित| डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि संक्रमित आवास सहायक के संपर्क चेन में शामिल सभी लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। कुछ लोगों का जांच सैम्पल लेकर पटना भेजा गया है। लोग डरें नहीं, बस सतर्क रहें।
जिले से मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति व जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना में सभी वर्गों को मिलाकर कुल 651 आवेदकों ने आवेदन किया है। जिसे स्क्रुटनी के लिए भेज दिया गया है। उक्त बातों की जानकारी देते हुए जिला उद्योग केंद्र जीएम संजय कुमार वर्मा ने बताया कि शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। अब तक जिले से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से कुल 566 आवेदकों ने आवेदन दिया है। जबकि अत्यंत पिछड़ी जाति वर्ग से महज 83 आवेदकों का आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया ऑनलाइन प्राप्त सभी आवेदनों को स्क्रुटनी के लिए संबंधित विभाग पटना को भेज दिया गया है। चयनित लोगों को 10 लाख रुपये तक ऋण सरकार देती है।
चयन होने पर आवेदक को मिलेगा 50 प्रतिशत का अनुदान: योजना के बारे में बताते हुए जीएम संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस योजना में आवेदक को उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है। जिसमें आवेदक को 50 प्रतिशत का अनुदान भी राज्य सरकार के द्वारा प्राप्त होने का प्रावधान भी है। 10 लाख तक के ऋण में केवल पांच लाख की राशि ही चुकानी होती है। वो भी सात वर्ष के अंदर 84 किस्तों में चुकाने का प्रावधान भी दिया गया है। पहले यह ऋण राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यवसाय करने के लिए ही दिया जाता था। किंतु इस योजना में अब अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी शामिल कर दिया गया है। ऋण लेेने के लिए बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। ऋण सीधे मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लाभुक के खाते में तीन किस्तों में दी जाती है।
ऋण लेने के लिए यह हैं पात्रताएं : योजना के तहत ऋण लेने के लिए विभिन्न पात्रताएं आवश्यक हैं। वह व्यक्ति बिहार का स्थाई निवासी हो, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र हों, आयु सीमा- 18 वर्ष से 52 वर्ष तक होना चाहिए, आवेदक के पास अपना पेन कार्ड एवं व्यवसायिक इकाई निबंधित होना चाहिए, शैक्षणिक योग्यता- कम से कम 12 वीं पास होना चाहिए।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत युवाओं ने इन उद्यमों की शुरुआत के लिए दिया है आवेदन
नूडल्स उत्पादन, दाल मिल्स, पापड़ एवं बड़ी उत्पादन, पोपर्कोन उत्पादन, अचार मुरब्बा उत्पादन, चुढ़ा उत्पादन, टेंट हाउस, मसाला उद्योग आदि सहित सैकड़ों प्रकार के उद्योग के लिए आवेदकों ने आवेदन दिया है।
बिहार बॉर्डर से 6 किलोमीटर दूर झारखंड के पलामू जिले के चपरवार में क्रेशर प्लांट में नक्सलियों ने हमला कर 7 से 8 हाईवा को आग के हवाले कर दिया। इस घटना को देखते हुए जिले में चौकसी बढ़ा दी गई है। नवीनगर के जंगलों में कमांडेंट राजेश कुमार के नेतृत्व में सशस्त्र सीमा बल 29वीं वाहिनी कालापहाड़ के असिस्टेंट कमांडेंट द्वारा दल-बल के साथ सघन छापेमारी अभियान चलाया गया। एसएसबी 29वीं वाहिनी काला पहाड़ के असिस्टेंट कमांडेड अभिषेक कुमार ने बताया कि लेवी के लिए 7 से 8 हाईवा को फूंक दिया है।
दर्जनों गांवों में चलाया गया सर्च अभियान: कमांडेंट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड के पलामू जिला में नक्सलियों द्वारा की गई घटना पर हमारी पैनी नजर है। एसएसबी जवानों के नेतृत्व में सशस्त्र जवान, स्वान दस्ते, डीएसएमडी, कुटुंबा थाना के सहायक उपनिरीक्षक लाल साहब तिवारी के साथ बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र संडा, पिपरा बगाहा आदि में सर्च अभियान चलाया गया।
शुक्रवार की रात को एक बालू लदे ट्रैक्टर को बैक करवा रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने उसे रौंद दिया। जिसके कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना अंबा थाना क्षेत्र के प्लस टू उच्च विद्यालय चिल्हकी अम्बा समीप न्यू एरिया की है। मृतक 22 वर्षीय आनंद कुमार थाना क्षेत्र के परसावां बिगहा गांव का रहने वाला था। घटना की सूचना मिलते ही अंबा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष वीरेंद्र पासवान ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को कब्जे में ले लिया गया है।
चार घंटे तक ट्रक में फंसा रहा युवक का शव: आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक युवक ट्रैक्टर लेकर बालू गिराने पहुंचा था। जहां बालू लदे ट्रैक्टर को बैक करवा रहा था। इसी क्रम में हरिहरगंज से आ रही एक तेज रफ्तार ट्रक ने पहले ट्रैक्टर में टक्कर मारा। इसके बाद अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे बने नाला से जा टकराया। इस क्रम में उक्त युवक किसी तरह ट्रक के चपेट में आ गया और दबकर उसकी मौत हो गई। घटना के बाद ट्रक का चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। जबकि ट्रैक्टर को भी घटनास्थल से हटा दिया गया।
चालक के विरुद्ध दर्ज कराई एफआईआर
थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर मृतक के भाई गणेश कुमार ने लिखित आवेदन देकर ट्रक चालक और उसके मालिक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। उसने बताया कि उसका भाई दवा लेने जा रहा था। इसी क्रम में तेज रफ्तार ट्रक चालक ने लापरवाही से ट्रक चलाते हुए उसे रौंद दिया।
कोरोना संक्रमण से बचाव ही इसका उपचार है। इसी सोच के तहत मां पंचा देवी हॉस्पिटल में मरीज व अन्य लोगों की सुविधा के लिए सैनिटाइज टनल लगाया गया। शुक्रवार को लाइन बाजार स्थित मां पंचा देवी स्टोन हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर लगाए गए टनल का उद्घाटन हॉस्पिटल के सीएमडी डाॅ.ए.के गुप्ता व सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र साह ने किया।
उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व घर में रहने पर फोकस किया। समाजसेवी व प्रसिद्ध सर्जन डाॅ.ए.के गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित रोग है। अस्पताल में हर रोज सैंकड़ों लोग आते हैं, इससे दूसरों को भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। अस्पताल में आने वाले लोग अब प्रवेश से पहले पूरी तरह सैनिटाइज हो जाएंगे। रोजाना छोटे-छोटे बोतलों में सैनिटाइजर से लोगों के हाथ धुलाने से बेहतर है कि 2-3 सेकंड में फुल बॉडी सैनिटाइज हो जाय। डाॅ. गुप्ता ने बताया कि इतना ही नहीं मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग की भी सुविधा दी गई है। सेनिटाइज मशीन में हाइड्रो क्लोराइड के सोलूशन का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने लोगों से घर में रहने व बहुत जरूरी होने पर बाहर निकलने पर सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में पालन करने की अपील की। सामाजिक कार्यकर्ता व इनरिका कंप्यूटर के डायरेक्टर रवींद्र साह ने कहा कि शहर में जगह-जगह सार्वजनिक स्थलों पर आम लोगों की सुविधा के लिए सैनिटाइजर टनल लगाया जा रहा है। अबतक सदर अस्पताल, कसबा और आरएनसाह चौक पर लोगों को संक्रमण से बचने के लिए सेनिटाइज मशीन लगा चुके हैं। अब पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन पर भी इनरिका कम्प्यूटर द्वारा मशीन लगाई जाएगी।
शुक्रवार की देर रात कुट्टी लदे एक वाहन को पहले अपराधियों ने रूकवाया। जैसे वाहन रूका की कुट्टी व्यवसायी को वाहन से उतारकर अपराधियों ने पिटना शुरू कर दिया। जिससे व्यवसायी गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
घटना फेसर थाना क्षेत्र के फतेहा मोड़ समीप की है। जख्मी कुट्टी व्यवसायी अभिषेक कुमार फतेहा गांव का ही रहने वाला है। घटना के बाद जख्मी कुट्टी व्यवसायी को ओबरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज किया गया। घटना की सूचना मिलती ही ओबरा पुलिस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची और जख्मी कुट्टी व्यवसायी का फर्द बयान दर्ज किया। कुट्टी व्यवसायी ने फेसर थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद निवासी धर्मेन्द्र यादव, गुड्डू कुमार, चुन्नू कुमार, दिलीप कुमार, मुन्ना कुमार, सुजीत कुमार व पुकार यादव पर मारपीट का आरोप लगाया है। उसने बताया कि वह कुट्टी लेकर सोहरईया स्थित कांटा पर वजन कराने जा रहे था। वह जैसे ही फतेहा मोड़ समीप पहुंचा कि उक्त लोगों ने रूकवाया। जब रूककर वाहन से नीचे उतरा तो सभी लोगों ने उसपर रॉड से हमला कर दिया। वहीं 25 हजार नगद रुपए लेकर फरार हो गए। इस मामले में फेसर थानाध्यक्ष ने बताया कि फर्द बयान या आवेदन मिलने पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
ट्विटर पर सरकार व धार्मिक उन्माद फैलाने वाला आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले दाउदनगर के एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसका खुलासा शनिवार को प्रेस वार्ता कर दाउदनगर एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने किया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार युवक मो. रेहान राजा उर्फ रेहान रंगरेज उर्फ राजू दाउदनगर शहर के वार्ड 11 स्थित सुतहटी गली का रहने वाला है। जिसकी सूचना दाउदनगर पुलिस को मिली। सूचना के फौरन बाद दाउदनगर थाना में एफआईआर दर्ज कर मामले में तहकीकात शुरू की गई। जिसमें मामला सत्य पाया गया।
एक विशेष समुदाय को टारगेट कर युवक डालता था पोस्ट
एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सरकार, सेना व एक विशेष समुदाय को टार्गेट कर पोस्ट डालता था। उसके पोस्ट से दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है। लिहाजा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उक्त आरोपी के फेसबुक अकाउंट भी खंगाला जा रहा है। इसके साथ-साथ उक्त पोस्ट को लाइक करने वाले व कमेंट करने वालों को भी पुलिस चिह्नित कर रही है।
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 21 एवं 22 के बीचोंबीच गुजरने वाली जर्जर सड़क को मोहल्ले वासियों ने अपने पैसे से ईंट गिरवाकर निर्माण करवाया। यहां के लोगों ने अपने से ईंट सोलिंग करवाई। यहां के ई विनोद कुमार ने बताया कि इस जर्जर सड़क निर्माण को लेकर यहां के लोगों द्वारा विधायक विजय खेमका को भी आवेदन देकर निर्माण की मांग की थी। लेकिन विधायक ने लोगों की बात नहीं सुनी। जर्जर सड़क के कारण हमेशा आने जाने वाले लोग दुर्घटना के शिकार होते रहते थे। यहां के लोगों ने चंदा लगाकर जर्जर सड़क पर ईंट सोलिंग करवाई। निर्माण करवाने वालों में टूनटून गुप्ता, चंद्र कुमार यादव, विनोद यादव, शुंभू शरण, जितेंद्र ठाकुर, अशोक सहनी, गोपाल कुमार, पंकज गुप्ता आदि शामिल थे।
कृषि विभाग से संचालित योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए बीएओ और कृषि समन्वयक को लैपटॉप मिलेगा। विभागीय निर्देश के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभागीय कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने के लिए सभी बीएओऔर कृषि समन्वयक को लैपटॉप मुहैया कराया जाएगा। इससे उन्हें मोबाइल से ऑनलाइन काम करने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा कार्य में भी तेजी आएगी। विभाग को भी समय से सभी आंकड़े मिल जाएंगे। इसके अलावा कागजी दस्तावेजों के रखने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। डीएओ शंकर झा ने बताया कि कृषि कार्यों के लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए विभाग द्वारा यह पहल की गई है। कृषि निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए जिले से सूची की मांग की गई है। योजना के तहत बीएओ और कृषि समन्वयकों को योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए उन्हें लैपटॉप उपलब्ध करवाया जाएगा।
ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन डाटा रखने में सहूलियत होगी : बीएओ ने बताया कि सरकार के द्वारा कृषि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसानों तक मिल सके इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकार की चलाई जा रही योजनाओं की ऑनलाइन रियल टाइम मॉनिटरिंग की की जा रही है। वहीं बिना निबंधित किसानों को सरकार के द्वारा किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। कई बार बीएओ और कृषि समन्वयकों के डाटा उपलब्ध नहीं रहने के कारण से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। वहीं लैपटॉप मिल जाने के बाद ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन डाटा रखने में सहूलियत होगी। इससे समय की भी बचत होगी।
50 हजार तक का खरीद सकते है लैपटॉप : लैपटॉप खरीद कर विभाग में मूल विपत्र जमा करना होगा। विभागीय निर्देशानुसार सभी कृषि समन्वयक और प्रखंड कृषि पदाधिकारी को लैपटाप मुहैया कराया जाना है। इसके लिए कृषि समन्वयक एवं बीएओ को लैपटॉप खरीद का मूल विपत्र जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा। अधिकतम 50 हजार की राशि से लैपटॉप की खरीद की जा सकती है।
बिना निबंधन के नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ
बिना निबंधन के किसानों को किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। चाहे फसल सहायता योजना हो या किसान सम्मान निधि योजना जिन किसानों ने ऑनलाइन निबंधन कराया है। उन्हें ही इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। सभी प्रखंडों में डीबीटी किसान पोर्टल पर अधिकार किसानों ने निबंधन करा लिया है। किसानों से संबंधित सभी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त की जाएगी।
नगर निगम क्षेत्र के मधुबन यादव टोला, रिफ्यूजी कॉलोनी, प्रभात कॉलोनी, पूर्णिया कॉलेज छात्रावास, बावनबीघा, पूर्णिया कोट स्टेशन सहित विभिन्न मोहल्ला में जन अधिकार पाटीं (लो.) चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष आलोक अकेला लगातार फॉगिंग कर रहे हैं। जाप नेता आलोक कुमार अकेला ने कहा कि अभी तक सरकार ने कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। सिर्फ अखबार या टीवी पर घोषणा की जा रही है। अभी केवल सांसद, विधायक से सिर्फ फंड लिया जा रहा है और ग्राउंड पर जीरो काम हो रहा है। खैर कोई बात नहीं है। आप सभी को डरने की कोई बात नहीं है। हमसे जो भी संभव होगा हम करेंगें। हम आपकी सेवा लिए चौबीसों घंटे तैयार है। हम सेवक के रूप में आमलोगों की सेवा करते रहेंगे। मौके पर युवा शक्ति जिलाध्यक्ष सुड्डु यादव, जन अधिकार छात्र परिषद जिलाध्यक्ष सुमित यादव, युवा राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र यादव, विवि अध्यक्ष नीतेश गुप्ता, जाप नेता विक्रम राज, कार्यालय सचिव संजय पौद्धार, गुलाब यादव उपस्थित थे।
शुक्रवार की शाम मुफस्सिल थाना के पुलिस ने शहर के जसोईया मोड़ स्थित सीमेंट फैक्ट्री के समीप से एक अज्ञात अधेड़ का शव बरामद हुआ है। थानाध्यक्ष सुजीत कुमार ने बताया कि बरामद शव के शरीर पर कोई दाग या धब्बा नहीं है। अभी तक उसका शिनाख्त नहीं हो सका है। शव मिलने की खबर लोगों में हड़कंप है। हालांकि स्थानीय लोग उसे विक्षिप्त बता रहें है। विगत कई दिनों से वह सीमेंट फैक्ट्री के समीप रह रहा था। उसकी मौत कैसे हुई इसकी स्पष्ट जानकारी किसी को नहीं है।
पुलिस स्वाभाविक मौत मान रही है। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस यूडी केस दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसके मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम करा कर शिनाख्त के लिए 72 घंटे तक थाना परिसर में रखा जाएगा। अगर शिनाख्त हुआ तो शव अंतिम संस्कार के लिए उसके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। अन्यथा पुलिस उसका दाह संस्कार करवाएगी।
हंदवाड़ा आतंकी हमले में शहीद हुए देवहरा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान संतोष कुमार मिश्रा को याद करते हुए गोह व मदनपुर प्रखंड में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। गोह प्रखंड मुख्यालय में लोगों ने हाथ में तिरंगा लेकर शहीद जवान के तस्वीर पर पुष्पांजलि किया। सबसे पहले सेवानिवृत सेना के जवान रवीन्द्रनाथ सिंह ने फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में सभी लोगो ने कैंडल जलाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर अमरेंद्र कुमार, अजय सिंह, शंकर सिंह, विकास कुमार, जगलाल पासवान, शिवकुमार चौबे, रवि शेखर, सुरेंद्र मिश्रा,अरविंद सिंह, कौशल सिंह, नन्दकिशोर साव,ज्योति कुमार, आशा कुमारी, कुंदन कुमार, अभिषेक कुमार,संतोष मिश्रा, अभिजीत कुमार, योगेंद्र कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
मदनपुर के बनिया गांव में शहीद हुए संतोष मिश्रा के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। बनिया के वार्ड सदस्य सह भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री एवं पूर्व संज्ञा समिति के अध्यक्ष उमा शंकर पाठक की अध्यक्षता सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर समाज सेवी व प्रशासनिक पदाधिकारी रहे लल्लू पाठक के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया। इस अवसर पर मनोज पांडेय, पूर्व पैक्स अध्यक्ष सतीश पाठक, ब्रजेन्द्र कुमार पाठक,सुनील पाठक, ललन पाठक, संकेत मिश्र, संजय पाठक, मुकेश पाठक शामिल रहे।
मुंगेर के क्वारेंटाइन सेंटर में पिछले दो दिन से रह रहे 11 प्रवासियाें के स्वाब के सैंपल जांच के बाद शनिवार की शाम को अाई रिपोर्ट में दो लोग पॉजिटिव मिले हैं। सबके स्वाब के सैंपल शुक्रवार की शाम को जांच के लिए पटना भेजा गया था। दोनों मुंबई से आए थे।
डीएम राजेश मीणा ने बताया कि इनसे संक्रमण का चेन नहीं बनेगा। हालांकि प्रवासियों की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। बताया कि बाहर से आए सभी लोगों की जांच की अलग से व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि प्रवासी मजदूरों सहित सीमावर्ती जिलों भागलपुर, बेगूसराय व खगड़िया में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए जिले के कुल 24 लोगों के स्वाब का सैंपल शुक्रवार की रात कलेक्ट कर जांच के लिए आरएमआरआई पटना भेजा गया।
मुंगेर व जमालपुर के आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत 41 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का स्वाब भी पटना गया है। इनमें से 38 वैसे मरीज हैं, जिनका 12 दिन उपचार होने के बाद फाइनल तीसरी जांच काे भेजा गया है। सिविल सर्जन डा.पुरूषोत्तम कुमार ने बताया कि सबके सैंपल शनिवार दोपहर पटना में रिसीव हुए। रिपोर्ट शनिवार की देर रात या रविवार की सुबह पहुंचेगा। जिन 38 लोगों का फाइनल जांच भेजा गया है उनमें से निगेटिव रिपाेर्ट वालाें काे घर भेजा जाएगा। क्विंस आइसोलेशन में इलाजरत कोरोना पॉजिटिव 01 पुरूष का फाइनल रिपोर्ट निगेटिव पाने पर जांच के बाद घर भेजा गया है। जिला में मिले 102 कोरोना पॉजिटिव मरीज में से 43 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। 58 एक्टिव मरीज इलाजरत हैं। इनमें से 38 लोगों की तृतीय व फाइनल जांच रिपोर्ट रविवार को मिलेगा।
आज घर भेजे जा सकते हैं आइसोलेशन से कई मरीज
जमालपुर क्विंस हॉस्टल से 31 पॉजिटिव मरीजों में 28 तथा जीएनएम स्कूल आइसोलेशन में भर्ती 25 पॉजिटिव मरीजों में 13 का सैंपल पटना भेजा गया है। जिसमें से 38 वैसे हैं, जिनका तीसरा और अंतिम सैंपल जांच को भेजा है। रिपोर्ट निगेटिव आई तो घर भेजा जाएगा।
11 लोगों का लिया गया स्वाब
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार की देर शाम 24 नए लोगों का सैंपल संदेह के आधार पर लिया गया है। इसमें 11 वैसे लोग हैं जो हाल के दिनों में बाहरी राज्यों से आए हैं। जबकि 13 वैसे हैं जो हाल में भागलपुर, बेगूसराय या खगड़िया में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए हैं। विभाग से मिली सूची के आधार पर संपर्क में आए 13 लोगों काे खोजकर सबका स्वाब जांच के लिए भेजा है।
पिछले छह दिन में नहीं आया था नया मामला
जिले में 3 मई के बाद कोरोना संक्रमण का एक भी नया मामला नहीं आया था। पॉजिटिव मिले मरीज भी क्विंस हॉस्टल और जीएनएम स्कूल आइसोलेशन में इलाज के बाद ठीक होकर घर जा रहे हैं। इससे जिलेवासियाें के साथ जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग काे भी राहत महसूस हाे रहा है। जिले में फिलहाल संक्रमण का कोई चेन नहीं है। लेकिन बाहर से आ रहे मजदूरों के कारण संक्रमण की अाशंका को लेकर सबकी स्क्रीनिंग और संदिग्ध मरीजाें के स्वाब जांच करा रहे हैं।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेलवे लाइन पर ट्रेन से कटकर हुए मजदूरोें की मौत के विरोध में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने धिक्कार व शोक दिवस मनाया। ओबरा के चपरा में भाकपा माले के जिला सचिव मुनारिक राम के नेतृत्व में मनाया गया। जिला सचिव ने कहा कि अभी तक लॉक डाउन के वजह से 300 सौ से ऊपर मजदूरों की मौतें हो चुकी है। इसलिए आम जनता को संवेदहीन सरकार के खिलाफ आगे आना ही होगा। यह सरकार गरीब व मजदूरों के लिए नहीं बल्कि उद्योगपतियों और पूंजीपतियों की सरकार है।
इस सरकार को गरीबों से कोई लेना देना नहीं है। अगर होता तो आज गरीब व मजदूर इतने बेबस और लाचार नहीं होते। किसी भी हादसे के पहले सरकार मजदूरों के प्रति क्रूरता दिखाती है। जब हादसा हो जाता है तो मुआवजा देकर अपनी औपचारिकता पूरा कर लेती है। इस मामले में केंद्र व राज्य सरकार दोनों समान रूप से दोषी है। कार्यक्रम में कृष्ण ठाकुर, बाड़ू राम, अनुज कुमार, रामजन्म राम, सुरेंद्र यादव, सत्यदेव राम, अशोक पासवान, छोटन ठाकुर, कमलेश राम, रामबली राम, अमित कुमार, अभिषेक कुमार सहित अन्य सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शामिल हुए।
भाकपा माले के ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के कार्यकर्ताओं ने हसपुरा प्रखंड के बंगाली विगहा गांव में केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ बढ़ती मंहगाई को लेकर विरोध जताया। फेडरेशन के कार्यकर्ताओं ने लाॅकडाउन को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए गांव के चौराहे पर झंडा-बैनर के साथ विरोध जताया। जिसका नेतृत्व यूथ फेडरेशन के जिला समन्वयक अरूण कुमार रंजन ने किया। फेडरेशन के अनुज कुमार, बिलास कुमार सक्सेना, प्रभात कुमार ने सरकार से किसानों के खाते में 15 हजार भेजने, पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने, गरीब-मजदूर व असहायों को लगातार छह माह तक मुफ्त में अनाज देने, किसानों का कर्ज माफ करने की आवाज उठाया।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के करमाड के पास रेल हादसे में 16 मजदूराें के मौत की घटना से सबक लेते हुए रेल प्रशासन ने रेल लाइन या उसके सहारे सफर कर रहे 43 मजदूरों को वहां से हटा दिया।
इसके बाद ये मजदूर सड़क मार्ग से अपने घरों को रवाना हुए। शनिवार की दोपहर अलवर-मथुरा रेल लाइन पर रेवाडी की तरफ से सफर करते हुए 43 मजदूरों के दो जत्थे रेल्वे स्टेशन पर पहुंचे। यहां रेलवे सुरक्षा बल ने मजदूरों को बृज नगर स्टेशन पर रोक लिया।
मजदूरों ने रेल्वे अधिकारियों को लॉकडाउन का हवाला देकर सड़क मार्ग पर वाहन नहीं मिल पाने की मजबूरी बताई तो रेल प्रशासन ने सुरक्षा को दृष्टिगत रख मजदूरों को कस्बा नगर की तरफ भेज दिया। बाद में मजदूर सड़क मार्ग से डीग की तरफ चले गए। यूपी के जोगियापुर हरदोई निवासी राजेश, मुकेश व शहजादपुर के रामररीत ने बताया कि उक्त लोग मार्च माह में रेवाडी के लिए सरसों कटाई कार्य करने गए थे। लेकिन लॉकडाउन होने से वाहनों के बंद होने पर आवागमन रूक गया। अब 6 मई से घरों को जाने के लिए पैदल सफर करना पड़ रहा है।
सामाजिक संगठन कर रहे है खाने का इंतजाम
अलवर-मथुरा रेल लाइन पर पटरियों के सहारे घर वापिस में जुटे मजदूरों को सामाजिक संगठनों द्वारा नाश्ता व खाने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उक्त संगठनों के कार्यकर्ता शारीरिक परेशानी को लेकर प्राथमिक उपचार व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर मास्क व सेनेटाइजर का वितरण कर रहे है।
स्वाभिमान के प्रतिक महाराणा प्रताप की 480 वीं जयंती पर जिले में लोगों ने याद किया। उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। शहर के महराणा प्रताप चौक पर शनिवार को स्मारक स्थल पर लोग पहंुचे और उनके गौरव गाथा को याद किया। कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक मानवीय मूल्यों के रक्षक तथा संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी थे।आज जबकि समस्त मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है। ऐसे में समाज और राष्ट्र को स्वाभिमान से जोड़ना आवश्यक हो गया है।
स्वाभिमान को जगा कर ही सत्य,अहिंसा,त्याग इत्यादि की भावनाओं से जोड़ा जा सकता है। स्वाभिमान से रहित होकर कोई भी व्यक्ति, समाज या राष्ट्र विकासशील नहीं बन सकता। भारतीय इतिहास में सत्य, अहिंसा, त्याग इत्यादि के अनेकानेक उदाहरण है, पर स्वाभिमान का प्रतीक महाराणा प्रताप को ही कहा जा सकता है। जिस पर सभी जाति, धर्म समान रूप से गर्व कर सकती है। हल्दीघाटी का युद्ध हिंदू और मुस्लिम के बीच की लड़ाई नहीं, बल्कि आक्रांता और स्वतंत्रवेता मन के बीच का संघर्ष था।
तो हकीम खां के तौर पर मुस्लिम कौम की भी सहभागिता थी।फिर वैश्य समुदाय के भामाशाह तो उनके साथ थे जिन्होंने सर्वस्व त्याग किया। संस्थान के सम्मानित सदस्य बुद्धिजीवी उनके जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित किए। संस्था के अध्यक्ष ललित कुमार सिंह,सचिव अनिल कुमार सिंह, उपाध्यक्ष परमेश्वर प्रसाद, महावीर प्रसाद जैन, उप सचिव श्रीराम सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत सिंह, राजीव प्रताप सिंह मौजूद रहे।
शनिवार सुबह करीब छह बजे फरदा प्रेम टोला में तीन युवक एनएच 80 के पास घर के सामने बैठे थे। तभी लखीसराय की ओर से तेज रफ्तार मैजिक ने पहले तीनों युवकों नीरज यादव पिता भिखारी यादव उम्र लगभग 40 वर्ष, राजेंद्र यादव पिता स्व. लूखो यादव उम्र 30 वर्ष तथा संतोष यादव पेसर स्व. झींगो यादव को जोरदार ठोकर मारी। मौजिक इतने पर भी नहीं रुकी तथा थोड़ी दूर आगे खड़ी मृतक नीरज यादव के ऑटो से जा टकराई इसके बाद मुंगेर की ओर भागती चली गई। घटना में नीरज यादव तथा राजेंद्र यादव गंभीर रुप से जख्मी होे गया तथा संतोष यादव को हल्की चोटें आई। परिजन दोनेां जख्मी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। जहां जख्मी नीरज यादव ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने राजेंद्र यादव की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मायागंज भागलपुर रेफर कर दिया। इसके बाद वहां पहुंचते ही राजेंद्र यादव ने भी दम तोड़ दिया।
करुण कंद्रण से गमगीम हुआ गांव
दोनों युवकों की असामयिक मौत से दोनों के आश्रितों के आंसू नहीं रूके रहे थे। दोनों की पत्नी के चित्कार से माहौल गमगीन हो गया। इधर मृतक के पड़ोसियों का कहना है कि दोनों ही परिवार काफी गरीब था। अब इसके आश्रितों की परवरिश कौन करेगा। इधर दोपहर बाद लगभग एक बजे नीरज यादव का शव उसके घर पहुंचा। इसके बाद परिजनों के चित्कार से पूरा गांव गमगीन हो गया।
अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था नीरज
दुर्घटना में जान गंवाने वाला नीरज यादव अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। वह अपने पीछे अपनी सास पंचा देवी, पत्नी सोसो देवी तथा तीन बच्चे दो पुत्र कृष्णा कुमार तथा छोटू कुमार तथा पुत्री चंदा कुमारी को छोड़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि नीरज यादव कई साल पहले अपने ससुराल में ही बस गया था तथा अपने सास के साथ ही परिवार सहित रहता था। उसके ससुर की पहले ही माैत हो चुकी है। जबकि विगत साल नीरज यादव के एक पुत्र की झूला झूलते समय दुर्घटना होने से मृत्यु हो गई थी। अब एक साल बाद उसके निधन से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब उसके परिवार में कोई कमाउ सदस्य नहीं बचा है। ऐसे में उसके दो बच्चे तथा पत्नी तथा सास का कोई सहारा नहीं है। वह ऑटो चलाकर तथा मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था।
समझाकर जाम करने से रोका
परहम पंचायत के पूर्व मुखिया टुनटुन चौधरी, मृतक की पत्नी पोशो देवी, रूबी देवी सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि सूने रोड पर गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती है। खतरा बना रहता है। दो मजदूर की मौत का मुआवजा कौन देगा। ग्रामीण सड़क जाम के लिए एकजुट हुए। लेकिन सफियाबाद ओपी प्रभारी गौरव कुमार ने ग्रामीणों को समझा कर सड़क जाम से रोक दिया।
प्रावधान के अनुसार दी जाएगी सहायता राशि
दुर्घटना के दूसरे मृतक 30 वर्षीय राजेंद्र यादव अपने पीछे पत्नी रुबी देवी, तीन पुत्री जिसमें बड़ी बेटी श्वाति की सादी हो चुकी है। अर्चना कुमारी तथा माधवी कुमारी एवं दो पुत्रों में से एक बिट्टू कुमार दिव्यांग तथा एक छोटा बेटा रौशन कुमार को छोड़ गया है। राजेंद्र यादव भी परिवार का एकमात्र कमाउ सदस्य था। इस प्रकार दुर्घटना ने कुल दो परिवारों काे उजाड़ दिया है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी डॉक्टर खगेश चंद्र झा ने बताया कि सामूहिक दुर्घटना का मामला है। परिजनों को प्रावधान के अनुसार चार चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
हसपुरा प्रखंड के कोईलवां गांव के आचार्य पंडित लालमोहन शास्त्री ने कोरोना वाॅरियर्स के हौसले को अफजाई किया। श्री शास्त्री ने कोरोना बचाव में लगे बीडीओ अमरेश कुमार, हसपुरा रेफरल अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों, महिला काॅलेज में आइसोलेशन केन्द्र में ड्यूटी मे तैनात कर्मियों, इटवां पेट्रोल पंप के समीप, पीरू नाला के समीप,त्रिसंकट के पास बेरिकेडिंग पर तैनात पुलिस कर्मियों, व मिडिया कर्मियों सम्मानित कर हौसला बढ़ाया।
सम्मानित करते हुए श्री शास्त्री ने कहा वैश्विक महामारी में स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस-प्रशासन, मिडिया कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर अपने को सुरक्षित रखतें है। इस मौके पर भाजपा नेत्री शांति देवी, नेता रविशंकर शर्मा, अमन कुशवाहा, कन्हैया पांडेय, राजेश कुमार, मनील कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे।
सीआरपीएफ जवान पहुंचा रहें राहत सामाग्री
देव में कोरोना वायरस के बढते संक्रमण को लेकर राहत पहुंचाने की मुहिम में सीआरपीएफ के जवान आगे बढ़कर ग्रामीणों तक मदद पहुंचा रहे है। 153 बटालियन सीआरपीएफ देव द्वारा लॉकडाउन की अवधि में गांव गांव जाकर गरीबों के बीच खाद्यान्न सामग्री चावल, आटा, दाल ,साबुन, मास्क और सेनेटाइजर का वितरण किया जा रहा है। ताकि ग्रामीणों को लॉकडाउन की अवधि में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। शनिवार को 153 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट सौरभ कुमार चौधरी के नेतृत्व में कंपनी कमांडर पवन जयसवाल सहित अन्य जवानों ने प्रखंड के गंजोई, बंदा, विष्णुबांध, सेवरी नगर आदि गांव में जाकर 100 गरीबों के बीच राशन, साबुन, मास्क और सेनेटाईजर का वितरण किया।
शुक्रवार रात पचरूखी बड़की मुसहरी गांव में जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट के बाद घर में आग लगा दी गई। दोनों पक्षो के संजीव कुमार सिंह, संजय मांझी, अजय मांझी, बजरंगी मांझी सहित पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। इस दौरान एक पक्ष के बजरंगी मांझी के फूस का घर जल गया। पीड़ित बजरंगी मांझी ने धरहरा थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने बताया कि गांव के सबलू सिंह, कुम्हरा सिंह, पंचू सिंह, छोटा टिल्ला, बड़ा टिल्ला, राम सिंह, बमबम सिंह, बटेश्वर सिंह, बगरोइया सिंह सहित 10 अन्य लोगों ने मिलकर ट्रैक्टर से जबरन मेरे जमीन को जोतने का प्रयास किया। विरोध पर मेरे एवं परिजनों के साथ मारपीट कर फूस के घर में तेल छिड़ककर आग लगा दी। वहीं दूसरे पक्ष के संजीत कुमार सिंह ने बताया कि मामला जमीन विवाद का है। घर में स्वयं ही आग लगाकर हमें फंसाया जा रहा है।
अंबा थाना क्षेत्र के परता गांव में शुक्रवार को बालू उठाव को लेकर हुई मारपीट मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रामजतन भुइयां व भीम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में दोनों पक्ष के लोगों ने अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराया है़। पहली प्राथमिकी परता गांव निवासी कईला भुइयां ने दर्ज कराया है। उसने अपने आवेदन में किशुनपुर गांव निवासी भीम सिंह व करण सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया है। वहीं दूसरी ओर से भीम सिंह ने आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराया है।
उसने अपने आवेदन में परता गांव निवासी गौरा भुइयां, रामजतन भुइयां, अवधेश भुइयां व आकाश भुइयां को नामजद अभियुक्त बनाया है। उक्त दोनों ने एक दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। विदित हो कि शुक्रवार को बालू उठाव को लेकर किशुनपुर व परता गांव के ग्रामीणों के बीच खूनी झड़प हुई थी। जिसमें दोनों पक्ष के कई लोग जख्मी हुए थे। जिनका इलाज स्थानीय निजी क्लिनिक में कराया गया था। मारपीट की घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि मामले में सुलह का प्रयास कर रहे थे। लेकिन दोनों पक्ष समझौता के लिए तैयार नहीं हुए और थाना पहुंचकर एफआईआर के लिए आवेदन दिया। थानाध्यक्ष वीरेंद्र पासवान ने बताया कि मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पक्ष के एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई की जा रही है।
खनन कर बालू ढाेने वाले दो ट्रक जब्त
बारूण मेंं अवैध तरीके से खनन कर स्टॉक किए गए बालू ढोने वाले दो ट्रकों को बारूण पुलिस ने जब्त किया है। जब्त ट्रकों पर परिवहन व खनन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उक्त ट्रकों को बारूण थाना क्षेत्र के धमनी गांव समीप से पकड़ा गया है। शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि धमनी गांव के पास अवैध तरीके से बालू डंप किया गया है और उसे दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है। सूचना के फौरन बाद खनन पदाधिकारी मुकेश कुमार, सीओ बसंत कुमार राय व थानाध्यक्ष रंजय कुमार संयुक्त रूप से धमनी गांव के पास छापेमारी किया।
शुक्रवार देर रात महमदपुर गांव में एक युवक को सांप के डसने के बाद युवक की हालत बिगड़ने लगी। घरवालों ने युवक को इलाज के लिए तारापुर अनुमंडलीय अस्पताल के लिए निकले लेकिन रास्ते में ही युवक ने दम तोड़ दिया। बता दें कि महमदपुर गांव निवासी मकुनी सिंह के 14 वर्षीय पुत्र राजू कुमार अपने बरामदे पर सोया था। तभी छत से एक करैत सांप उसके शरीर पर गिर पड़ा और गले में लिपटकर कान के पास डस लिया। इधर मकुनी सिंह के बयान पर तारापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने शव काे पोस्टमार्टम हेतु मुंगेर भेज दिया है। मुंगेर प्रक्षेत्र के रेंजर सरोज कुमार ने बताया कि प्रावधान के तहत सहायता राशि दी जाएगी।
मुंगेर विश्वविद्यालय में सातवें वेतनमान के आधार पर शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतनांतर की राशि के भुगतान की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विवि प्रशासन 10 महीने के एरियर क्लेम को 11 मई को भुगतान करेगा। हालांकि शनिवार तक मात्र 6 कॉलेजों के द्वारा ही एरियर क्लेम का विपत्र विश्वविद्यालय में भेजा गया था। अभी भी 11 कॉलेजों से आना बाकी है। कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि अप्रैल, 2019 से जनवरी 2020 तक कुल 10 महीने का सातवें वेतनमान के आधार पर शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतनांतर की राशि का भुगतान पेंडिंग है। जो 11 मई को पूरा करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। बताया कि शनिवार तक छह कॉलेजों ने एरियर क्लेम का विपत्र भेज दिया है। शेष बचे 11 कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वे 11 मई तक हर हाल में बकाए राशि का भी विपत्र बनाकर विश्वविद्यालय को भेज दें। अन्यथा उन्हें बाद में भुगतान होगा। तेजी से प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
वज्रपात से बचाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अमेरिकी कंपनी के साथ मिलकर सेंसर लगाने व कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। बावजूद हाल में ही बिहार में वज्रपात से दाे दर्जन जानें चली गई। इस त्रासदी को ध्यान में रखकर आपदा प्रबंधन विभाग ने वज्रपात से बचाव के लिए इंद्रवज्र नामक मोबाइल ऐप जारी किया है। इस ऐप की मदद से ठनका गिरने से जान माल की होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है। इंद्रवज्र ऐप खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए काफी लाभकारी साबित होगा।
बता दें कि ठनका गिरने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जान-माल की क्षति ज्यादा उठानी पड़ती है। वज्रपात मामले के जानकार कर्नल संंजय श्रीवास्तव का मानना है कि मोबाइल ऐप इंद्रवज्र के उपयोग से इस प्रकार की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है। क्योंकि इस ऐप की खासियत है कि यह ठनका गिरने से पहले ही हमें सूचनाएं पहुंचा देता है।
अलार्म टोन देकर यूजर को करेगा अलर्ट
इंद्रवज्र मोबाइल ऐप कोई भी स्मार्टफोन यूजर उपयोग कर सकते हैं। मोबाइल ऐप में वज्रपात से 40 मिनट पूर्व ही अलार्म टोन के साथ यूजर को अलर्ट करेगा। साथ ही यह बताएगा कि 20 किलोमीटर की परिधि में ठनका गिरने वाला है। इससे उपयोगकर्ता को ठनका गिरने से पूर्व ही आभास हो जाएगा। जिससे व्यक्ति सुरक्षित स्थान पर जा सकता है। इस ऐप में जीपीएस के माध्यम से ठनका गिरने वाले स्थान के बारे में लोग जान जाएंगे।
ऐसे कर सकते हैं इस ऐप को इंस्टॉल
इंद्रवज्र मोबाइल ऐप कोई भी स्मार्टफोन यूजर आसानी से अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इंस्टॉल कर सकते हैं। उसके बाद इसमें अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें। इसके बाद एक ओटीपी आएगा। फिर एक चित्र दिखेगा ऑल मोबाइल एप्लीकेशन की अनुमति के लिए अलाउ बटन पर क्लिक करें। तत्पश्चात इस ऐप को उपयोग में ला सकते हैं। इसके बाद आपको वज्रपात से संबंधित जानकारियां मिलती रहेंगी।
मौसम के साथ तापमान भी बताएगा
इंद्रवज्र मोबाइल ऐप मौसम के पूर्वानुमान की भी जानकारी देगा। साथ ही यह स्मार्ट मोबाइल एप अधिकतम और न्यूनतम तापमान भी बताएगा। आपदा प्रबंधन विभाग ने इंद्रवज्र मोबाइल ऐप को तमाम सुविधाओं से लैस किया है। यह हर तरह से उपयोगी है।
ठनका से पूर्व की चेतावनी
इंद्रवज्र ऐप ठनका से पूर्व की चेतावनी के साथ इससे बचाव के भी उपाय बताएगा। यदि आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं, तो समझ लीजिए कि आपके आसपास ठनका गिरने का खतरा है। अनहोनी से बचने के लिए हाथों से बालों को ढंक कर सिर को घुटने से छुपा लें। आसमान में बिजली चमके तो पेड़ के नीचे खड़े ना हों।
जदयू नेत्री की पुत्रवधू किरण देवी द्वारा शुक्रवार की देर रात मुढेरी पंचायत के मुजफ्फरगंज हाट के समीप पारिवारिक कलह में ख़ुदकुशी को लेकर मृतका के पिता प्रकाश साह ने ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाया है। मृतका के पिता ने सास, ससुर, पति समेत पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराया है। मृतक किरण देवी के पिता प्रकाश साह ने खड़गपुर थाना में आवेदन देकर अपनी बेटी किरण की हत्या दहेज़ को लेकर ससुरालवालों द्वारा किए जाने की बात कही है। आवेदन में पिता प्रकाश साह ने सास रीता देवी, ससुर विनोद साह, पति अमित कुमार साह सहित ननद और नंदोसी पर अपनी बेटी की हत्या करने और आत्महत्या का रंग देने का आरोप लगाया है।
प्रकाश साह ने बताया कि चार वर्ष पूर्व बेटी की शादी विनोद साह के पुत्र अमित कुमार साह से हुई थी। तभी से ही ससुराल वालों द्वारा बराबर दहेज़ को लेकर मेरी बेटी को प्रताड़ित और उसके साथ मारपीट किया जाता था। शुक्रवार को बेटी की मौत की सूचना पाकर मुजफ्फरगंज पहुंचा। कहा कि मेरी बेटी ने आत्महत्या नहीं किया बल्कि ससुरालवालों ने उसकी हत्या की है। थानाध्यक्ष मिंटू कुमार सिंह ने बताया कि मृतका किरण देवी के पिता प्रकाश साह के द्वारा सास रीता देवी, ससुर विनोद साह, पति अमित कुमार साह सहित ननद और नन्दोसी पर दहेज़ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है। इधर खड़गपुर पुलिस ने ससुर विनोद साह और पति अमित कुमार साह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अन्य नामजदों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।