बेगूसराय में छह एक्टिव मरीज में से एक मरीज ऐसा है, जिसकी 7 रिपोर्ट अभी तक पॉजिटिव आ रही है। इलाज कर रहे चिकित्सक मरीज की लगातार पॉजिटिव रिपोर्ट आने से परेशान हैं। अन्य पांच मरीजों में से सूरत से लौटने वाला एक मरीज जहां एक दिन पहले पॉजिटिव पाया गया है, वहीं शेष 4 मरीज की अब भी रिपोर्ट कभी निगेटिव व कभी पॉजिटिव आ रही है। स्वास्थ्य विभाग लगातार पॉजिटिव आ रहे मरीज तथा अन्य चार मरीजों का रिपोर्ट लगातार निगेटिव नहीं आने के बाद उन मरीजों के इलाज का स्थान परिवर्तन करने की योजना बना रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि हो सकता है मनोवैज्ञानिक असर के कारण मरीज निगेटिव नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ 86 मरीज की जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
चेन खंगालने में टीम हो रही है परेशान
वीरपुर, भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती गांव से 2 मई को एक पॉजिटिव मरीज से मिलने के बाद तीन प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग उसके चेन को खंगालने के लिए वैज्ञानिक तकनीक का सहारा ले रही है, इस दौरान पुलिस कोविड-19 टीम के लिए इस चेन को खंगालने में पसीना बहाना पड़ रहा है, क्योंकि युवक का ननिहाल बछवारा में है और उस क्षेत्र में कई गांव उसका आना-जाना है, जिसके कारण सर्विलांस टीम की भूमिका काफी बढ़ गई है।
सूरत से आए कोरोना पॉजिटिव का खंगाला जा रहा है चेन
शुक्रवार को एसबीएसएस कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में रह रहे सूरत से बेगूसराय आए युवक के पॉजिटिव मिलने के बाद उसके चेन को खंगाला जा रहा है। सूरत से बेगूसराय आने के दौरान ट्रेन में उक्त युवक कितने लोगों से मिला, साथ में खाना खाया या हाथ मिलाया इसे खंगालने में स्वास्थ्य विभाग लगी हुई है। इसको लेकर पॉजिटिव मरीज से कई बार पूछताछ की जा चुकी है। इस कार्य में लगे कर्मियों की माने तो सबसे कठिन कार्य बोगी के अंदर वह कितने लोगों से मिला था यह तलाशना कठिन साबित हो रहा है। सदर डीएसपी ने कहा सर्विलेंस टीम की भूमिका करोना पॉजिटिव मरीज के चेन को खंगालने में काफी अहम होती है। सदर डीएसपी राजन सिन्हा ने बताया कि इस टीम में इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार एवं सब इंस्पेक्टर ज्योति सहित कई पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं, जो पॉजिटिव मरीज द्वारा दी गई जानकारी की सत्यता को जांचने के लिए सीडीआर का सहारा लेते हैं और उस आधार पर उनके संपर्क में आए हुए लोगों की तलाश कर स्वास्थ्य विभाग की टीम को सौंपा जाता है।
50 साल से ऊपर के सभी मजदूरों की सैंपलिंग की जा रही
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि 15 व्यक्तियों को स्थानीय आइसोलेशन में जबकि 82 व्यक्ति को पंचायत स्तरीय क्वारान्टीन में तथा 2276 प्रवासियों को प्रखंड स्तर के क्वारान्टीन सेंटर में रखा गया है। रेड जोन से आने वाले 50 साल की आयु से अधिक वाले प्रवासी मजदूरों के सैंपल भी प्राप्त कर जांच हेतू पटना भेजा गया है। डीएम ने बताया कि अब तक 44 ऐसे प्रवासी मजदूरों का सैंपल जांच हेतु पटना भेजा गया है। अब तक 1652 सैंपल जांच हेतु भेजे गए हैं, जिसमें से 1584 सैंपल का रिपोर्ट प्राप्त हो चुका है। डीएम ने बताया कि 1570 का रिपोर्ट नेगेटिव है। डीएम ने बताया कि विभिन्न प्रखंडों में संचालित 30 क्वारान्टीन सेंटरों की जांच की गई।
आशा की मौत के बाद लिया गया सैंपल
सदर प्रखंड के वंद्वार निवासी आशा की मौत के बाद शनिवार को कोरोना जांच के लिए शव को सदर अस्पताल लाया गया। जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने सैंपल लेकर जांच के लिए पटना भेजा। आशा रेणु देवी गांव में घुम-घुम कर सर्वे करती थी। जिनकी मौत शनिवार की सुबह हो गई। आशा की मौत की जानकारी जब अधिकारी को दी गई तो उन्होंने सदर अस्पताल से एम्बुलेंस मंगवाकर आशा कार्यकर्ता के शव को कोरोना जांच के लिए सदर अस्पताल भेजवाया। परिजनों ने बताया कि शनिवार की सुबह उन्हें सांस लेने में भारी तकलीफ महसूस हुई जिसके बाद उन्हें पटना इलाज के लिए ले जाया जा रहा था कि पटना पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। देर शाम उनका दाह संस्कार कर दिया गया।
शनिवार की रात 12 और मरीज कोरोना पॉजिटिव हुए। अब मरीजों की संख्या 26 हो गई है। जबकि 18 ऐक्टिव मरीज हैं। गढ़पुरा प्रखंड के क्वारान्टीन सेंटर से चार, बखरी के क्वारान्टीन सेंटर से तीन, छौड़ाही, बलिया और खोदावंदपुर से एक-एक मरीज पॉजिटिव मिले हैं। रात दो दिन पहले 68 मजदूरों की सैंपलिंग पटना भेजी गई थी, जिसकी जांच रिपोर्ट देर शाम मिली। एक मजदूर जहां बरौनी क्वारान्टीन सेंटर में है वही दूसरा मरीज साहेबपुर कमाल क्वारान्टीन सेंटर का है। पॉजिटिव पाए गए बरौनी क्वारान्टीन सेंटर के मरीज की उम्र जहां 36 वर्ष है।
वहीं साहेबपुर कमाल क्वारान्टीन सेंटर पर पॉजिटिव पाए गए मरीज की उम्र 58 साल है। पॉजिटिव मरीजों की जानकारी मिलने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम कोविड-19 सर्विलांस टीम के साथ दोनों प्रखंडों के क्वारान्टीन सेंटर पर पहुंच चुकी है तथा दोनों पॉजिटिव मरीज से पूछताछ कर रही है। साहेबपुर कमाल में पॉजिटिव पाए गए मजदूर के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार वह दिल्ली के सदर मंडी में रहता था तथा 55 सौ रुपए खर्च कर ट्रक के माध्यम से हसनपुर पहुंचा था। हसनपुर से वह पैदल ही लाभ गांव पहुंचा, जहां से उसका पुत्र उसे लेकर साहेबपुर कमाल के रघुनाथपुर स्थित उसके गांव पहुंचा।
ग्रामीणों की पहल पर उक्त मरीज को साहेबपुर कमाल प्रखंड के क्वारान्टीन सेंटर पर भेज दिया गया जहां उसकी सैंपलिंग की गई थी। वहीं बरौनी क्वारान्टीन सेंटर पर पॉजिटिव पाया गया मजदूर बीहट नगर परिषद क्षेत्र का बताया जाता है तथा वह असुरारी स्थित क्वारान्टीन सेंटर में है। बरौनी वीडियो सेंटर पर पहुंच कर उससे पूछताछ कर रहे हैं। बरौनी क्वारान्टीन सेंटर पर पॉजिटिव पाए गए मजदूर के बारे में मिली जानकारी के अनुसार वह सियालदह से सड़क मार्ग से होकर बेगूसराय पहुंचा था। सिमरिया पुल स्थित चेकिंग प्वाइंट पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने जांच के दौरान उसे रोककर असुरारी स्थित क्वारान्टीन सेंटर भेज दिया था। दो दिन पहले उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जिसकी शनिवार की शाम पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। इधर जिले में फिर से दो नए कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है।
बेगूसराय में पहली बार वाट्सएेप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की गई। हालांकि दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति के कारण न्यायालय ने मामले की सुनवाई सोमवार को फिर से करने का निर्देश दिया है। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बीच उच्चतम न्यायालय, पटना हाईकोर्ट और जिला न्यायधीश के पत्रांक 131(मिसलेनियस) दिनांक 14-4-2020 के आलोक में महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से करने का निर्देश दिया है।
जिसे देखते हुए अधिवक्ता प्रिंस राहुल और कुणाल कुमार ने जिले में पहली बार घर बैठे वाट्सऐप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से एडीजे-2 सह एक्साइज कोर्ट में अपने मुवक्किल का पक्ष रखा। विशेष लोक अभियोजन अशोक चौधरी के गैर हाजिरी और उनका मोबाइल स्विच ऑफ़ होने की वजह से जमानत आवेदन पर पूरी सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को करने का आदेश दिया है। इधर वाट्सऐप के माध्यम से किसी मामले की सुनवाई होना लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना रहा। लोगों ने कहा कि ये काफी सराहनीय प्रयोग है।
जिले में 11 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद न तो सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है और न ही शहर के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को अब तक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। शहर में दो दो कोरोना पॉजिटिव मिलने के बावजूद भी इन प्रभावित सड़कों और मोहल्लों में बैरिकेडिंग तक नहीं की गई है। कंटेनमेंट जोन में बिना अनुमति वाली अन्य दुकानें खुली देखी गई। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बैरिकेडिंग था उसको भी लाेगाें ने हटा दिया है। हालांकि प्रशासन एक दो दिनोंं में कंटेनमेंट जाेन घोषित किए जााने की बात कह रहा है। लेकिन यह लापरवाही कहीं आमलोगें पर भारी न पड़ जाए।
दुकानें खुलने से बाजार में चहल पहल है पर भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं है। शहर में दो पॉजिटिव केस है पर एक ही क्षेत्र काे कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इतना ही नहीं कंटनमेंट जोन में लगाए गए बैरिकेडिंग पर पुलिस की सख्ती भी पहले जैसी नहीं दिखी। लोहियानगर में न तो बैरिकेडिंग किया गया है और न ही अब तक कंटेनमेंट जाेन का सीमा निर्धारण हाे पाया है। जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। वहीं दुकान खोलने की छूट मिलने पर लॉकडाउन का प्रभाव घट रहा है। कदवा में कोरोना पॉजिटिव इलाके के लोगों ने बैरिकेडिंग तक हटा दिया है।
कटिहार कपड़ा मंडी खोलने देने की मांग
जिले में सशर्त कुछ दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। दुकानदार शिफ्ट वाइज दुकान खोल रहे हैं। लेकिन ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बाजारों में केवल हार्डवेयर, कंप्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्राॅनिक्स, इलेक्ट्रिक, किताब, गैरेज की दुकानें खुली हैं। जबकि रमजान में लाेग कपड़े की खरीददारी अधिक करते थे। लेकिन कपड़े की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं मिली है। चेंबर अध्यक्ष बिमल सिंह बेगानी और क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन के अभय जैन ने जिला प्रशासन से शर्तों के आधार पर कटिहार कपड़ा मंडी खोलने देने की मांग की है।
वाहनों का सैनिटाइजेशन नहीं, बोले-पुलिस के बिना संभव नहीं
स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंटेनमेंट जोन से बाहर निकलने वाले सभी वाहनों को सैनिटाइज करने के लिए कर्मी को लगाया है। इसके लिए सिरसा मिलिट्री कैंप, हाजीपुर, मनिहारी मोड़ के समीप सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई है। लेकिन बिना पुलिस के सहयोग से वाहनों को सैनिटाइज कर पाना संभव नहीं हाे पा रहा है। सिरसा कैंप के समीप प्रतिनियुक्त सदर पीएचसी के कर्मी ने कहा कि अधिकांश गाड़ी तो रुकती ही नहीं है, क्योंकि यहां न तो बैरिकेडिंग है और न ही कोई बैरियर लगा है। इसलिए सभी वाहनों को सैनिटाइज करना संभव नहीं हाे पा रहा है।
एक सप्ताह से वाहनों की नहीं हाे रही चेकिंग, हटा रहे बैरिकेड
अब वाहनों की चेंकिंग नहीं हो रही है। एक सप्ताह से वाहनों की चेकिंग बंद है। बाजार में भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं है। छोटे-छोटे गलियों में ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। बड़े दुकानाें में ताे सोशल डिस्टेंस का पालन हाे रहा है, लेकिन छोटे दुकानदार नहीं कर रहे। आरंभ में लोगों ने पॉजिटिव केस मिलने के बाद अपने-अपने सड़कों और मोहल्लों में बैरिकेडिंग की थी। लेकिन अब ये बैरिकेडिंग नदारद है। अावागमन के लिए लोग बैरिकेडिंग हटा रहे हैं।
कंटेनमेंट जाेन की सीमा तय, जल्द अमल में लाया जाएगा
कंटेनमेंट जोन की सीमा तय है। इस पर अमल किया जा रहा है। बिना अनुमति वाली दुकान खुलती है तो कार्रवाई होगी। दुकानों में सोशल डिस्टेंस का पालन के साथ मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग जरूरी है।
नीरज कुमार, एसडीएम, कटिहार
बरौनी-समस्तीपुर रेलखंड पर तेघड़ा स्टेशन के समीप गेट नंबर 13 के पास एक मालवाहक ट्रेन की चपेट में आने से फुलवड़िया निवासी व कीमैन वकील राम की मौत हो गई। शनिवार की दोपहर कीमैन 50 वर्षीय वकील राम डाउनलाइन पर कार्य कर रहा था। तभी डाउनलाइन पर समस्तीपुर की ओर से आ रही मालवाहक ट्रेन की चपेट में आ गया तथा वकील राम का शरीर क्षत-विक्षत हो गया।
जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। वकील राम गेट नंबर 13-14 के बीच का कीमैन था। इधर घटना की खबर आसपास के इलाकों में फैल गई और स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। वहीं घटना के उपरांत बरौनी जीआरपी की पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर शव के कब्जे में लेकर बरौनी रेलवे अस्पताल भेजा गया जहां से पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया।
इधर बरौनी स्टेशन से घटना स्थल पर पहुंचे पदाधिकारियों ने बताया कि वकील राम रेलवे कर्मी था और परिजनों को नियमानुकूल सुविधा मिलेगी। इधर घटना स्थल पर पहुंचे वकील राम के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।
माले कार्यकर्ताओं ने शनिवार को काली पट्टी लगाकर विशाखापत्तनम गैस कांड और औरंगाबाद रेल हादसे के खिलाफ देशव्यापी शोक और धिक्कार दिवस मनाया। मालूम हो कि विशाखापत्तनम में गैस रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई और 800 लोग अस्पताल में भर्ती है। वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत ट्रेन से कटकर हो गई। मौके पर माले के जिला सचिव दिवाकर कुमार ने मोदी सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों की मौत, मौत नहीं हत्या है।
माले उन मजदूरों के परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है । साथ ही मारे गए प्रवासी मजदूर के परिजनों को 20 - 20 लाख रुपए मुआवजा देने और परिवार के एक - एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही घायलों को सरकारी खर्च पर इलाज करने की मांग की। उन्होंने कहा देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। वहीं विदेश में रह रहे अमीर लोगों को मोदी सरकार हवाई जहाज से भारत ला रही है। खेग्रामस के जिला सचिव सह एक्टू प्रभारी चन्द्र देव वर्मा ने कहा कि मोदी-शाह की सरकार श्रमिक विरोधी कानूनों को लॉकडाउन की अवधि में बखूबी लागू कर रही है।
महान योद्धा महाराणा प्रताप का 479वां जन्मोत्सव पनहान्स चौक स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह पार्क में शनिवार को युवा जदयू जिलाध्यक्ष गौरव सिंह राणा के नेतृत्व में मनाया गया। भारत का वीर महापुरुष बेगूसराय जिले के सोशल डिसटेंस मेंटेन करते हुए मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर निगम के पूर्व मेयर सह जदयू नेता संजय सिंह, विशिष्ट अतिथि आर्यभट्ट कोचिंग शिक्षण संस्थान निदेशक अशोक कुमार सिंह अमर, अतिथि बाइट कम्प्यूटर कोचिंग शिक्षण संस्थान के निदेशक संजय कुमार सिंह, बच्चों की पाठशाला के संचालक रौशन, मुकेश कुमार जैन, अनिता राय, सौरभ कुमार, युवा नेता समीर सिंह चौहान ने महाराणा प्रतात के तैल्यचित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी। पूर्व मेयर ने कहा कि अपने शौर्य, पराक्रम और बहादुरी के लिए पहचाने जाने वाले महाराणा प्रताप एक ऐसा नाम है, जिनकी कहानी से इतिहास के पन्ने भरे हुए हैं।
वहीं आर्यभट्ट के निदेशक ने कहा कि मातृभूमि के गौरव और सम्मान के लिए आजीवन युद्धरत रहने वाले वीर शिरोमणि, महान योद्धा महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करते हैं। बाइट कम्प्यूटर के निदेशक ने कहा कि महाराणा प्रताप उन महान योद्धाओं में से एक हैं जो जंगल में रहकर घास की रोटी खाना स्वीकार किया लेकिन अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। उन्होंने अपनी मातृभूमि के मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दी। मौके पर वार्ड पार्षद परमानंद सिंह, कृष्णा सिंह, डॉ राजीव कुमार सिंह, कृष्णा सिंह, विलो सिंह, जगत कुमार, मुकेश कुमार, उतम कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
शनिवार को जिले का मौसम साफ रहा। इसके साथ ही अधिकतम तापमान में 2 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि 2 दिन पूर्व मौसम में परिवर्तन हुआ था। जिससे तापमान में भी गिरावट आई थी। उसके बाद से मौसम लगातार साफ है। हालांकि हल्की हवा भी चल रही है, लेकिन तापमान में वृद्धि जारी है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 2 दिनों में मौसम में काफी उतार-चढ़ाव रहेगा। कृषि विज्ञान केंद्र की मौसम वैज्ञानिक स्वीटी कुमारी ने कहा कि 10 मई को मौसम साफ रहेगा। जबकि 11, 12 और 13 मई को आसमान में बादल छाए रहने के साथ छिटपुट बारिश की संभावना है। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमानित अवधि में अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। इस बीच औसतन हवा 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।
जबकि सापेक्षिक आद्रता सुबह में करीब 70 फीसदी तथा दोपहर में 30 प्रतिशत रहने की संभावना है।मौसम वैज्ञानिक स्वीटी कुमारी ने किसानों से कहा है कि बारिश की संभावना को देखते हुए परिपक्व मक्का की फसल की कटाई कर उसे संरक्षित स्थान पर भंडारित कर लें।
दो जून की रोटी और रात में चैन की नींद के लिए एक कम्पाउंडर इन दिनों सड़क पर परिवार के साथ सब्जी बेच रहा है। दिन में बच्चे परेशान ना करें इसके लिए उसने सब्जी के ठेले के नीचे बच्चे के सोने के लिए पालना बना दिया, इससे जब भी बच्चे को दिन में नींद लगती है तो बच्चे को उस पालना में सुलाकर आराम से ठेला चलाकर शहर में पत्नी संग सब्जी बेचता है। जबकि शाम के पांच बजते ही वह अपने घर चला जाता है। दरअसल बाघा निवासी राजन कुमार शहर में ही एक डाक्टर के यहां कम्पाउंडर का काम करता था।
लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन होने के कारण डॉक्टर ने ओपीडी बंद कर दिया तथा जिसके बाद क्लिनिक पर मरीज आने बंद हो गए, जिस कारण वहां काम समाप्त हो गया। खुद कम्पांउडर ने बताया कि लगभग एक माह पहले ही क्लिनिक बंद हो गया था। जिसके बाद काम भी समाप्त हो गया। इससे खाने तक की समस्या हो गई। उन्होंनें बताया कि घर बैठे घर का खर्चा निकल नहीं सकता था, और दूसरा नया काम भी नहीं दिख रहा था। एक दिन ख्याल आया कि क्यों ना ऐसा काम किया जाए जिससे की घर का खर्चा के साथ खाने की समस्या भी नहीं हो सके। जिसके कारण मोहल्ले से ही एक पुराना ठेला उधार लिया और मंडी पहुंच गया।
राजन ने बताया कि अब वह रोज अपनी पत्नी रेखा कुमारी और दो बेटे राजू और पीयूष के साथ घर से सब्जी लेकर निकलता है और दिन भर सब्जी बेचने के बाद शाम को अपने घर चला जाता है। इससे रोज का खर्चा भी निकल जाता है साथ ही खुद के खाने के लिए भी सब्जी मिल जाती है। इसके अलावे बताया कि अब पत्नी को भी एक अलग ठेला दे दिया है ताकि अधिक सब्जी बेची जा सके। साथ ही बताया कि घर से निकलने के बाद वह शाम तक घर नहीं जा सकता है और बच्चे को भी घर पर अकेला नहीं छोड़ सकता है। इसलिए दोनों बेटे को भी साथ रखता है। बड़ा बेटा तो साथ खड़ा रहता है लेकिन छोटा थक जाता है इसलिए उसके सोने के लिए ठेले के नीचे ही पालना बना दिया है।
समेली के पोठिया ओपी क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग-31 डूमर पुल पर अज्ञात वाहन ने एक बाइक सवार को धक्का मार दिया। जिससे बाइक सवार बुरी तरह जख्मी हो गया। जख्मी युवक बरारी थाना क्षेत्र के गुरुबाजार का रहने वाले 22 वर्षीय रिंकू सिंह है। घायल युवक का पैर पूरी तरह से फ्रेक्चर हो चुका है। एक घंटे तक घायल युवक सड़क पर तड़पता रहा पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई। बीडीओ सत्येन्द्र सिंह ने जानकारी मिलते ही घटना स्थल पर पहुंचकर समेली, बरारी, कुरसेला के स्वास्थ्य प्रबंधक से संपर्क कर बरारी पीएचसी से एम्बुलेंस मुहैया कराया। जहां से इलाज के लिए घायल युवक को सदर अस्पताल कटिहार भेजा गया। कुरसेला बीडीओ नूतन कुमारी, पूर्व प्रमुख प्रकाश मंडल, कुर्सेला थानाध्यक्ष दिनेश कुमार, पोठिया ओपी के सअनि विनय कुमार तिवारी अन्य पुलिस कर्मी घटनास्थल पर उपस्थित थे। लोगों ने विधायक से क्षेत्र में एंबुलेंस देने की मांग की है।
मनिहारी वार्ड-14 का रहने वाले एक 17 वर्षीय किशोर जावेद की पोखर में डूबने से मौत हो गई। शनिवार की सुबह वह शौच के लिए जोगिया पोखर किनारे गया था और पांव फिसलने से पोखर में डूब गया। कुछ लोगों ने उसे डूबते देख बाहर निकाला और पीएचसी लगए। जहां से अनुमंडल अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। किशोर के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते कहा कि डॉक्टर खुर्शीद ने कोरोना मरीज समझ कर समय पर इलाज नहीं किया, जिस कारण उसकी मौत हो गई। वहीं अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि किशोर के धड़कनों की जांच की थी लेकिन वह मर चुका था। जिस कारण मैंने उसे मृत घोषित कर दिया था। मेरे ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। विदित हो कि मृतक मों जावेद के पिता मो. जैनुल किराना दुकान चलाते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। मृतक के घर में कोहराम मचा है। मनिहारी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया है।
बाहर से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है। विशेष ट्रेन से आने के अलावा मजदूर पैदल भी अपने गांव पहुंच रहे हैं। हालांकि ग्रामीण ही इन्हें वापस जांच के लिए भेज रहे हैं। अधिकारियों द्वारा क्वारान्टीन सेंटरों का निरीक्षण भी किया जा रहा है। शनिवार को डीडीसी राकेश कुमार ने बेन, परबलपुर, इस्लामपुर और एकंगरसराय प्रखंड में क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण किया। मध्य विद्यालय के क्वारान्टीन सेंटर में 39, पंचायत सरकार भवन बेन में 23, मध्य विद्यालय परबलपुर में 43, नेताजी सुभाष उ.वि. इसलामपुर में 35, एएनएम स्कूल इस्लामपुर में 54, सुखदेव एकेडमी एकंगरसराय में 94 लोग आवासित हैं।
डीडीसी ने क्वारान्टीन लोगों से बातचीत कर वहां की व्यवस्था के साथ-साथ यह भी जानकारी ली कि वह क्या रोजगार करते थे और कैसे पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने कुछ केन्द्रों पर अस्थायी शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त करने, प्रतिदिन सुबह-शाम चाय, एक बार दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। बच्चों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में दूध उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
डीडीसी ने भोजन की जांच की
डीडीसी ने भोजन की क्वालिटी को भी देखा। उन्होंने बीडीओ को नाश्ता और भोजन समय पर उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही उन्हें प्रतिदिन लोगों से मिलते-जुलते रहने और बातचीत करने के निर्देश दिये।
गर्भवती एएनएम को क्वारान्टीन सेंटर में ड्यूटी करते देख भड़के एडीएम, एमओआईसी को लगायी फटकार
एडीएम सह प्रखंड के वरीय पदाधिकारी शनिवार को डायट क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ड्यूटी में कार्यरत एएनएम ने एडीएम को बताया कि वह गर्भवती है। विभाग को जानकारी देने के बाद भी क्वारान्टीन सेंटर में ड्यूटी पर लगा दिया गया है। एएनएम की बात सुन एडीएम ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को बुलाकर गर्भवती नर्स को ड्यूटी से हटाने निर्देश दिया। सेंटर पर छह दिनों से एएनएम ड्यूटी कर रही थी। डायट सेंटर पर 48 और हाई स्कूल सेंटर पर 79 सहित कुल 127 प्रवासी रह रहे हैं। आज तक एक भी प्रवासी का सैम्पलिंग नहीं किया गया है। यह देख एडीएम भड़क गये। एडीएम ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सैम्पलिंग कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। एसडीएम ने हाई स्कूल सेंटर पर पहुंचकर प्रवासियों से बातचीत भी की। निरीक्षण के क्रम में सेंटर के वरीय प्रभारी सह प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अनील कुमार अनुपस्थित मिले। सेंटर के वरीय प्रभारी बीते चार दिनों से गायब हैं। एडीएम ने रोस्टर देख ड्यूटी में तैनात सभी कर्मियों के बारे में बीडीओ राहुल कुमार, सीओ अमलेश कुमार से पूछताछ की।
मुजफ्फरपुर से महिला समेत चार लोग घर हरनौत पहुंचे
हरनौत में शनिवार की सुबह प्रखंड के बराह पंचायत के टांड़ापर गांव में मुजफ्फरपुर से तीन युवक व एक महिला घर लौटे हैं। सभी के गांव आने की जानकारी मिलते ही गांव के बुद्धिजीवियों ने उन्हें व उनके परिवार को कोरोना खतरे के बारे में समझाया और उन्हें कल्याण बिगहा अस्पताल भेजा। हालांकि जांच में कोई सिमटम नहीं मिला है। चारों को चौदह दिन होम क्वारान्टीन की सलाह देकर छोड़ दिया गया।
सिलाव थाना अंतर्गत रतन बिगहा गांव के टांड़ापर खंधा में शनिवार की सुबह अधेड़ की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों से सूचना पाकर पुलिस मौके पर आ गई। घंटों बाद मृतक की पहचान राजगीर थाना क्षेत्र के गोबर विगहा गांव निवासी स्व. छोटे लाल मिस्त्री के 55 वर्षीय पुत्र अवधेश मिस्त्री के रूप में की गई। मृतक के शरीर पर किसी तरह के जख्म के निशान नहीं थे। जिससे अज्ञात बीमारी से मौत का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है।
सूचना पाकर परिजन भी मौके पर आ गए। मृतक के पुत्र रवि कुमार ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन में काम नहीं मिलने के तनाव में उसके पिता की मौत हुई है। थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। जिसके बाद शव उनके हवाले कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि अधेड़ कार पेंटर का काम करते थे।
दो दिन पहले वह घर से काम की तलाश में निकले थे। लॉकडाउन में उनके समक्ष परिवार के पेट भरने की समस्या आन खड़ी हुई थी। काम नहीं मिलने के कारण वह तनाव में थे। अंदेशा है कि तनाव के कारण उनकी मौत हुई। पावाडीह मुखिया दिनेश राम ने कबीर अंत्येष्टी के तहत परिवार को तीन हजार की सहायता दी। जिप सदस्य सत्येंद्र पासवान ने भी आर्थिक सहयोग किया।
गुरूवार को हुए नाव हादसे से अगर प्रशासन ने सबक नहीं लिया तो आगे भी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। कुरसेला में गंगा पार कई एकड़ दियारा की जमीन पर तरबूज और खीरा की खेती होती है। विडंबना यह है कि तरबूज लाने के लिए किसान या व्यापारी छोटे या निजी नाव का उपयोग करते हैं। यहां तक कि किसान अपने परिवार और बच्चों को भी ले जाते हैं। नाव छोटी होती है और इसमें क्षमता से अधिक लोग लाद दिए जाते हैं। ऐसे नाव का रजिस्ट्रेशन भी नहीं होता और सरकारी नाव भी नहीं चलती।
विधायक नीरज कुमार ने प्रशासन को इससे सबक लेते हुए ऐसे नाव के परिचालन पर रोक लगाने की मांग प्रशासन से की है। कुरसेला में गुरुवार को नाव हादसा में लापता लोगों की तलाश शनिवार तक जारी रही। शनिवार की सुबह एसडीआरएफ की टीम ने दो और शव बरामद की है। अब तक छह लाश बरामद हुए हैं। इसमें कटिहार का एक तरबूज व्यवसायी अशफाक भी है। लापता सात लोगों में से छह लोगों का शव मिला है। एसडीआरएफ टीम का सर्च ऑपरेशन शनिवार तक चला। बता दें कि गुरुवार को आई तेज आंधी दो नाव डूबी थी। पांच लोग तैरकर पार हो गए थे। छह की लाशें बरामद हो गई हैं। शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को साैंप दिया गया है।
तरबूज की खेती पर आश्रित हैं टोलावासी
कुरसेला प्रखंड के जरलाही पंचायत के गुमटी टोला के किसान गंगा नदी के उस पार दर्जनों एकड़ जमीन में तरबूज तथा खीरा की खेती करते हैं। इसी पर गुमटी टोला के किसान आश्रित हैं। जिस किसान का खेत नदी के पार है वे नाव से सुबह खेत जाते हैं और शाम में लौट आते हैं। गंगा के पार से तरबूज लाने का एक मात्र साधन नाव ही है।
दियारा क्षेत्र में होती है तरबूज की खेती परिवार के लोगों को भी ले जाते हैं साथ
बहरहाल एक हादसा हो चुका है। अगर गंगा पार जाकर खरबूज लाने का सिलसिला इसी तरह जारी रहता है तो फिर दुर्घटना हो सकती है। चूंकि कोसी नदी में चलने वाले नावों का रजिस्ट्रेशन नहीं है और न ही मानक का पालन होता है। क्षमता से अधिक लोग नाव पर सवार होते हैं। यहां तक कि महिला और बच्चे भी नाव पर सवार होकर जाते हैं। गुरुवार को जो नाव हादसा हुआ उसमें महिला और बच्चे भी सवार थे।
मिलेगा चार-चार लाख रुपए मुआवजा
सांसद दुलालचंद गोस्वामी, विधायक नीरज कुमार, जदयू संगठन प्रभारी ललनजी ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सीओ ने कहा है कि आश्रितों को चार-चार लाख मुआवजा मिलेगा।
कोरोना से जंग के लिए जिला से प्रखंड स्तर तक बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटरों में प्रवासी मजदूरों की जिंदगी बदल रही है। उनके दिन की शुरुआत योगाभ्यास से होती है। शरीर का इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए सुबह-सुबह उन्हें योग कराया जा रहा है। चाय की जगह उन्हें काढ़ा पीने को मिल रहा है। स्कूलों के शारीरिक शिक्षक मजदूरों को योग के गुर सिखा रहे हैं। अनुलोम-विलोम, पुशअप, सीट अप समेत अन्य प्रकार के योग सिखाए जा रहे हैं। कटिहार डीपीआरओ अनिकेत कुमार ने बताया कि डीएम के तनुज के निर्देश पर क्वारेंटाइन केंद्र पर योग की शिक्षा दी जा रही है। इस दौरान शारीरिक दूरी का पूरा पालन किया जा रहा है। प्रवासी भी पूरी दिलचस्पी से योग कर रहे हैं। वे कहते हैं कि योग कई प्रकार के रोगों को दूर भगाता है। मजदूरों को सुबह में गिलोय, अदरक आदि से बना काढ़ा पीने को दिया जा रहा है।
दिनभर की गतिविधियों का खाका तैयार
सेंटरो पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए दिनभर की गतिविधियों का खाका तैयार किया गया है। उसके लिए अधिकारियों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ताकि सब कुछ समय पर संचालित हो सके। इससे क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों को बोझिल नहीं लगेगा और आसानी से क्वारेंटाइन अवधि पूरा कर सकेंगे। गुरुवार से योग शिविर की शुरुआत की गई है। डीपीआरओ अनिकेत कुमार ने बताया कि समेली प्रखंड के चकला खेड़ा मध्य विद्यालय में योग प्रशिक्षक संतोष कुमार ने प्रवासी को योग के गुर बताए। धीरे धीरे सभी सेंटरों में यह लागू किया जाएगा।
योग से कई रोगों से मिलता है छुटकारा
प्रशिक्षक ने बताया कि नियमित योग से मनुष्य शारीरिक व मानसिक विकास के साथ बीमारियों से भी छुटकारा पा सकते हैं।
स्नातक अधिकार मंच के सहयोग से पूर्णिया के मधुबनी कुईयां के छात्र को पूर्णिया के लिए रवाना किया गया। किसान नरेन्द्र कुमार का पुत्र मनोहर कुमार विशेष ट्रेन से बिहारशरीफ आया था और पूर्णिया नहीं जा सका था। मंच के संयोजक दिलीप कुमार ने उसे दो दिन तक अपने पास रखकर भोजन सहित सभी जरूरी सुविधाएं दी। शनिवार को प्रशासन द्वारा गाड़ी उपलब्ध कराने पर उसे पूर्णिया रवाना कर दिया गया। बिहार थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने गाड़ी से पूर्णिया भेजने की व्यवस्था की थी।
मंच के संयोजक ने मिठाई, सैनिटाइजर, साबुन, मास्क और शॉल देकर विदा किया। मनोहर कोटा में 11वीं के साथ-साथ इंजीनियरिंग की भी तैयारी कर रहा है। किसान परिवार से आने के कारण इनके अभिभावक न तो कोटा एडमिशन कराने गये और न ही देखने गये। बताया कि इंस्टीच्यूट द्वारा उन्हें स्कॉलरशिप दिया गया है। इंस्टीच्यूट द्वारा उसे भोजन और नाश्ता भी दिया गया। उसने जिला प्रशासन के स्टेशन पर व्यवस्था की भी तारीफ की।
कोरोना संक्रमण से बचाव व लॉकडाउन को लेकर शारीरिक दूरी का पालन कराने को लेकर पहल की जा रही है, लेकिन संक्रमण के खतरे के बाद भी लोग शारीरिक दूरी का पालन करने को तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे में खासकर बैंकों से पैसा निकालना बड़ी समस्या है। इसी को देखते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) चलाया है और लोग बैंक में रखे पैसे को डाकघर के माध्यम से निकाल रहे हैं।
डाक अधीक्षक उदयभान सिंह ने बताया कि आधार आधारित पेमेंट प्राणाली में नालंदा मंडल ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंदों के घर-घर जाकर एक ही दिन में जिले के 16 हजार से भी अधिक लोगों के अलग-अलग बैंको के खाते में जमा राशि का भुगतना किया है। डाक अधीक्षक ने बताया कि 8 मई को एक ही दिन में स्पेशल ड्राइव चलाकर एक करोड़ से भी अधिक राशि का भुगतान किया गया है। डाकघर सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए लोगों को सेवा दे रही है।
पत्र-लेखन व पेंटिंग प्रतियोगिता का होगा आयोजन: डाक विभाग के बिहार प्रमंडल द्वारा लॉकडाउन में पत्र लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रतियोगिता होना है। डाक अधीक्षक ने बताया कि पत्र हमेशा ही संबंधों में प्रगाढ़ता लाती है। जबकि पेंटिंग रचनात्मक सोच को विकसित करती है। उन्होने बताया कि पत्र लेखन सिर्फ संदेश प्रेषण का ही माध्यम नहीं है बल्कि अपनों से जुड़ने एवं जोड़ने का सबसे अच्छा माध्यम है। इसी सोच के साथ यह प्रतियोगिता शुरू की जा रही है। जो 10 मई से शुरू होगी और 1 जून तक ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन किया जा सकेगा।
इस पते पर भेजें
ऑनलाइन के माध्यम से अपने फाइल कॉपी पीडीएफ या एमएस वर्ड बनाकर lockdown letterwrtng competition@gmail.com ई-मेल करना होगा। ऑफलाइन के माध्यम से किसी भी नजदीकी डाकघर में जाकर स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री इस पते पर भेंज सकते है। सहायक निदेशक-01,कार्यालय पोस्टमास्टर जनरल,पूर्वी क्षेत्र,बिहार सर्किल, नेधदूत भवन (तीसरी मंजिल), जीपीओ कैंपस, पटना-800001 तथा सहायक निदेशक (बीडी), कार्यालय चीफ पोस्टमास्टर जनरल, मेधदूत भवन (पहली मंजिल)। बिहार सर्किल, जीपीओ कैंपस, पटना-800001 पर भेजा जा सकता है।
दैनिक भास्कर की ओर से चलाये जा रहे कोरोना वायरस का संक्रमण से बचाव के लिए चलाये जा रहे जागरुकता अभियान के तहत पुरैनी पंचायत के पुरैनी गांव में ग्रामीणों को जागरूक किया गया। ग्रामीणों को वैश्विक कोरोना महामारी से बचाव के बारे में जानकारी दी गयी। दैनिक भास्कर के स्थानीय रिपोर्टर वीरेन्द्र कुमार ने ग्रामीणों को संक्रमण का लक्षण, कारण और बचाव के बारे में जानकारी दी। ग्रामीणों से कहा गया कि जितना अधिक सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखेंगे संक्रमण से उतना ही सुरक्षित रहेंगे।
जान-बूझकर लॉकडाउन का उल्लंघन करना बहादुरी नहीं बल्कि खुद, परिवार और समाज के लिए खतरा बनना है। वार्ड संख्या 4 की सदस्य लक्ष्मीणिया देवी, पैक्स अध्यक्ष अरविंद कुमार यादव ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन के लिए अपने घर के पड़ोसी से भी दूरी बनाकर रखें। किसी जरूरी काम से बाजार जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ दास्ताने और शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनकर जायें। घर से बाहर निकलने पर मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। इस मौके पर रामवती देवी, मीणा देवी, श्रद्धा देवी, सरिता देवी, बसंती देवी, गोरे लाल यादव, चिंटू साव, बिन्नु मिस्त्री, शंकर यादव, बलिराम यादव आदि उपस्थित थे।
जहां-तहां नहीं थूकें
ग्रामीणों को जहां-तहां नहीं थूकने और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकने की सलाह दी गयी। कहा गया कि थूक से कोरोना वायरस ही नहीं और भी दूसरी संक्रामक बीमारियों का खतरा रहता है।
सरकार के निर्देशों का पालन करने का संकल्प
इस अवसर पर ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए सरकारी निर्देशों का पालन करने का संकल्प दिलाया गया। ग्रामीणों ने बिना काम के घर से बाहर नहीं निकलने, सार्वजनिक स्थल पर नहीं थूकने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क, गमछा, सेनेटाइजर, साबुन आदि का प्रयोग करने, साफ-सफाई बरतने का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने कहा कि दूसरे लोगों को भी इन सावधानियों के बारे में जागरूक करना होगा।
नहीं छिपायेंगे जानकारी
इस मौके पर ग्रामीणों ने प्रशासन से किसी भी तरह की जानकारी नहीं छुपाने और हर संभव सहयोग करने का भी संकल्प लिया। ग्रामीणों ने कहा कि लॉक डाउन का पूरी तरह पालन करने के साथ-साथ यदि बाहर से कोई आता है तो उसकी जानकारी भी प्रशासन को दी जायेगी। किसी को कोरोना संक्रमण से मिलता-जुलता लक्षण है तो उसे प्रेरित कर स्थानीय अस्पताल भेजा जायेगा। क्वारान्टीन में रहने के बाद लोग स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। ग्रामीणों से साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही।
अपराधियों ने शुक्रवार की रात बरहट स्थित वन विभाग के आवासीय कार्यालय में घुसकर वन विभाग के पदाधिकारी सहित वनरक्षियों के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। मारपीट में फाॅरेस्टर सुबोध झा और वनरक्षी रंजेश कुमार, सुजीत कुमार, नवीन कुमार व भोला यादव सहित कुल आधा दर्जन लोग घायल हो गए।
घायलों में वनरक्षी रंजेश कुमार की हालत गंभीर है। उसके सिर में और हाथ में गहरी चोट लगी है। घटना की सूचना स्थानीय पुलिस व सीआरपीएफ को दी गई। सूचना मिलते ही स्थानीय थानाध्यक्ष अब्दुल हलीम सीआरपीएफ जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तबतक सभी अपराधी फरार हो गया था। पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए सदर में भर्ती कराया गया है। घटना का कारण लकड़ी का अवैध कारोबार करने वालों पर वनविभाग द्वारा कार्रवाई किया जाना बताया जा रहा है। घायल वनकर्मियों ने बताया कि एक दिन पूर्व वन विभाग के अधिकारी ने साइकिल से अवैध रूप से लकड़ी लेकर जा रहे बरहट के नेपाल साह और सुधीर पासवान सहित तीन लोगों की साइकिल जब्त कर ली थी। लकड़ी माफियाओं को वन विभाग की उक्त कार्रवाई रास नहीं आई और उन्होंने स्थानीय अपराधियों की मदद से घटना को अंजाम दिया।
शाम 8 बजे ग्रामीणों के पहुंचने पर भाग निकला आरोपी
लकड़ी जब्ती के विरोध में शुक्रवार की देर शाम 8 बजे तीन लोग वन विभाग के आवासीय कार्यालय में दीवार फांदकर माफिया घुस गए और वहां तैनात फाॅरेस्टर सहित सभी वनकर्मियों के साथ गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। हो-हल्ला सुनकर स्थानीय ग्रामीण पहुंचे और फिर लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। पुलिस के पहुंचने से पहले तीनों लोग वहां से फरार हो गए। रात के 11 बजे जब सभी वनकर्मी खाना खाकर अपने-अपने आवास में सोने चले गए थे। इसी दौरान कार्यालय परिसर के पिछले हिस्से से दीवार फांदकर लगभग दर्जनभर लोग अंदर आ गए और गाली-गलौज करते हुए सबों के साथ मारपीट की।
पांच नामजद सहित दर्जनभर अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज
घटना की सूचना मिलते ही खड़गपुर वन क्षेत्र के रेंजर व मलयपुर वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर सरोज कुमार बरहट स्थित वन कार्यालय पहुंचे और घटना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने घायल वनकर्मियों का हाल चाल लिया। रेंजर सरोज कुमार के निर्देश पर स्थानीय थाने में पांच नामजद व दर्जन भर अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गई। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार नामजद अभियुक्तों में सभी बरहट थाना क्षेत्र का निवासी हैं। आरोपियों में कुख्यात अपराधी हनी यादव सहित नेपाल साह, सुधीर पासवान, सरोज राय व तुफानी राय के नाम शामिल हैं।
थाना व कैंप से महज दो किमी की दूरी पर है आवासीय कार्यालय
बरहट स्थित फाॅरेस्टर के जिस आवासीय कार्यालय में घुसकर वनकर्मियों के साथ स्थानीय अपराधियों ने मारपीट की। वह बरहट थाना व सीआरपीएफ कैंप से महज दो किमी की दूरी पर स्थित है। हालांकि घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस व सीआरपीएफ दोनों पहुंची और घटना को अंजाम देने वाले की खोजबीन भी शुरू कर दी, लेकिन इसे लकड़ी माफियाओं की दबंगई ही कही जा सकती है, कि घटना को अंजाम देने के पूर्व न तो उसे स्थानीय पुलिस का कोई भय था और न ही बरहट में तैनात सीआरपीएफ का। घटना के बाद से उक्त आवासीय परिसर में रह रहे वन विभाग के अधिकारी सहित सभी वनकर्मियों में दहशत व्याप्त है।
कुख्यात हनी यादव भी घटना में शामिल
फाॅरेस्टर सहित अन्य वनकर्मियों के साथ मारपीट करने के मामले में जिन पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है उनमें बरहट निवासी हनी यादव जिले का कुख्यात अपराधी रह चुका है। उसके विरुद्ध बरहट व लक्ष्मीपुर थाने में हत्या व रंगदारी मांगने के कई मामले दर्ज हैं। शुरुआत में यह कुख्यात रमेश हेम्ब्रम गिरोह का सदस्य था। उसके साथ रहकर इसने कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। सड़क निर्माण कार्य करा रहे जेकेएम कंपनी के एक जेसीबी पर दहशत पैदा करने के लिए इसने गोली चलाई थी। कुछ दिनों बाद उसने बरहट छोड़कर सोनो थाना क्षेत्र के इलाकों को अपना ठिकाना बना लिया था।
दोषियों के खिलाफ दर्ज कराई प्राथमिकी
वन विभाग द्वारा दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार एक भी अभियुक्त को बख्सा नहीं जाएगा। उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
अब्दुल हलीम, थानाध्यक्ष, बरहट
कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन के साथ ग्रामीण स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी जुटे हैं। इसी बीच लॉकडाउन में बाहर से आए लोगों की सूचना देने पहुंचे स्थानीय जनप्रतिनिधि को पदाधिकारी ने गाली-गलौज देकर भागा देने का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार जिले के गिद्धौर प्रखंड के पतसंडा पंचायत के वार्ड-7 के वार्ड सदस्य ऊषा देवी ने लिखित आवेदन में कहा गया है कि मंगलवार को उसके घर के पड़ोसी भोलू चौधरी की बेटी और दामाद लखीसराय जिला से आए थे। जब उसने इसकी सूचना अंचलाधिकारी को देने पहुंची तो उन्हाेंने अभद्र व्यवहार किया। साथ ही गाली देते हुए प्रखंड परिसर से भगा दिया। वार्ड सदस्या ऊषा देवी ने डीएम को लिखित आवेदन डाक से माध्यम से भेजकर अंचलाधिकारी के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं आवेदन की प्रतिलिपि सूचना पंचायती राज विभाग पटना एवं एसपी को भी दे गई।
जीविका दीदियों को जीविकोपार्जन के लिए मौसम अनुकूल खेती की जानकारी दी जा रही है। शनिवार को जीविकोपार्जन विशेषज्ञ राजेश कुमार रंजन ने जीविका दीदियों को इस संबंध में जानकारी दी। जीविका दीदियों को सब्जी के खेतों का भ्रमण कराया गया। सारिलचक गांव की बीआरपी निरूपा देवी ने भी कई सुझाव दिए। ताकि उत्पादन में और ज्यादा वृद्धि हो सके। मौसम में परिवर्तन को देखते हुए उन्होंने मौसम के अनुकूल खेती का भी सुझाव जीविका दीदियों को दिया।
सामाजिक दूरी और मास्क पहनने का भी सुझाव दिया। किचन गार्डनिंग, खीरा, कद्दू, भिंडी, मूंगफली तथा श्रीविधि से लगाए गए गेहूं कटनी का सभी ने जायजा लिया। पिंकी देवी, उषा देवी, रिंकू देवी, मंजू देवी आदि को खेतों का भ्रमण कराया गया। इस मौके पर सामुदायिक समन्वयक अनुपम कुमारी प्रथम, अनुपम कुमारी, मिंटू कुमारी, अंजली कुमारी उपस्थित थे।
रहुई थाना अंतर्गत बाजार इलाके में शनिवार को अनाज लोड पिकअप से कुचलकर बच्चे की मौत हो गई। मृतक बजरंगी मोड़ निवासी दीपक कुमार का 6 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार है। घटना के बाद चालक, वाहन छोड़ भाग निकला। मौके पर आई पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया। मौत के बाद गांव में परिवार की दहाड़ गूंज रही है।
बच्चा बाजार से बिस्किट लाने गया था। उसी दौरान सड़क पार करने के क्रम में अनाज लोड पिकअप ने उसे कुचल दिया। जिससे बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया। ग्रामीणों के सहयोग से परिजन जख्मी को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाएं। जहां से उसे रेफर कर दिया गया। पटना जाने के दौरान रास्ते में बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद चालक, वाहन छोड़ फरार हो गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि वाहन को जब्त कर पुलिस अग्रतर कार्रवाई में जुटी है।
थाना क्षेत्र के पतसंडा पंचायत के महादलित टोला में बच्चों के बीच खेलने के दौरान शुरू हुआ विवाद अचानक बड़ों के बीच मारपीट में बदल गया। इस मारपीट में एक पक्ष से सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायल बिंदिया देवी ने बताया कि शुक्रवार की शाम में बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। इसी बीच किसी बात को लेकर बच्चों के बीच लड़ाई शुरू हो गई। इसी विवाद में शनिवार की सुबह बच्चों की शिकायत उनके परिजन से की तो पप्पू चौधरी, उमेश चौधरी, वर्षा देवी, भारती कुमारी, अजय चौधरी आदि ने मिलकर रॉड व लाठी से मुझे व मेरे परिजन के साथ मारपीट की। इयस मारपीट में पीड़िता के परिवार से कदम चौधरी, शिवा चौधरी, किरानी चौधरी, अनिता देवी, झोलु चौधरी व सौठवा देवी घायल हो गई। सभी घायलों को ग्रामीणों व अन्य परिजनों की मदद से दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर लाया गया। इस संबंध में थाने में आवेदन दिया गया है।
कृषि विज्ञान केंद्र हरनौत की गृह वैज्ञानिक डा. ज्योति सिन्हा ने किसानों को अनाज भंडारण के टिप्स बताते हुए कहा कि अनाज के भंडारण में नमी और ताप बहुत मायने रखती है। भंडारण में सिर्फ कीट के खाने से नहीं, बल्कि उसके द्वारा फैलाये गये संदूषण से भी अनाज की क्षति होती है। खाद्यान्न में नमी अधिक रहने पर यदि तापमान बढ़ेगा तो उसमें रासायनिक व जैविक क्रिया बढ़ेगी। यह कवक, कीट व अन्य सूक्ष्म जीवों की वृद्धि में सहायक होती है। अधिक नमी वाले खाद्यान्न में तापमान बढ़ने से उसकी अंकुरण क्षमता घटती है।
क्योंकि किसान इसका प्रयोग बीज के रूप में भी करते हैं। इससे बने खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता घटने के साथ मात्रात्मक हानि भी होती है। उन्होंने कहा कि भंडारण के लिये पूरी तरह सूखाने के बाद अनाज को ठंडा करना चाहिए। भंडार गृह के फर्श पर 75 सेमी भूसे की परत बिछानी चाहिए। दीवार व फर्श से सीधे संपर्क से नमी बढ़ने की आशंका होती है। उससे बचाव को लकड़ी के तख्तों व मोटी गेज वाले पॉलीथिन का प्रयोग कर सकते हैं। भंडार गृह की दीवारों पर नमी रोधी पेंट व छिद्रों को सीमेंट अथवा मिट्टी से भर देना चाहिए।
अनाज को सुरक्षित रखने के लिये नयी बोरियां या ग्रीन कैरी बैग ही उपयोग करें। मिट्टी वैज्ञानिक डा. यूएन उमेश ने कहा कि बीज वाले अनाज को ऐल्यूमिनियम फास्फाइड की गोली से उपचारित करके रखें। इससे चूहे, चिड़िया आदि कीटों के भंडार गृह में प्रवेश की आशंका कम होगी। इसके अलावा उड़ने वाले पतंगे दिखें तो डाइक्लोरवास सौ ईसी की प्रति मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से छिड़काव करें। पारंपरिक भंडारण में नीम, लहसुन, करंज के सूखे पत्तों अथवा राख मिले भूसे का उपयोग कर सकते हैं।
थाना क्षेत्र के बलथर पंचायत के भीठरा में शुक्रवार शाम में जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुआ। दोनों पक्षों द्वारा थानाध्यक्ष को आवेदन देकर मामले की जानकारी दी गई है। एक पक्ष से भीठरा निवासी सरयू रविदास ने दिए आवेदन में सहोदर भाई श्यामसुंदर दास, भतीजा ललन रविदास सहित इनिया देवी व पिंकी देवी को आरोपित करते हुए बताया है कि शुक्रवार शाम वह अपने परिवार के साथ अपने बीमार बूढ़ी मां के इलाज के लिए बातचीत कर रहा था, तभी इनिया देवी और पिंकी देवी गाली-गलौज करते हुए आई और उसकी बहू इंदू देवी के साथ मारपीट करने लगी। इसी बीच उसका भतीजा ललन रविदास टांगी लेकर आया और उसके सिर पर वार कर दिया। इससे उसका सिर फट गया। बचाने आए बेटे प्रकाश दास के साथ भी उन लोगों ने मारपीट की। वहीं दूसरे पक्ष से श्यामसुंदर दास ने भी मामला दर्ज कराया है।
क्षत्रिय युवा महासभा ने मध्य विद्यालय रसलपुर में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक बनवारी सिंह ने की। इस मौके पर प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि राजपूतों की पहचान दूसरे की भलाई के लिए है न कि अत्याचार करने के लिए। यदि निःसहाय लोगों पर कोई अत्याचार करता है तो उसे बचाने के लिए तलवार भी उठाना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए।
इस मौके पर ठाकुर धनंजय सिंह, भूपेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह शेरा, डा. अजय कुमार, प्रवीण सिंह, संजय सिंह, रंजीत सिंह, चन्द्रदेव सिंह, प्रकाश सिंह, रविन्द्र सिंह, चन्द्रमणि सिंह, राजू सिंह, शंकर सिंह, राज कपूर, लक्की सिंह, सुमंत सिंह, विशाल सिंह, रितेश सिंह, रोहित सिंह, गौरव, ऋतिक कुमार, नीतीश कुमार, बमबम सिंह, अंकित कुमार, सूर्यदेव सिंह, गयानन्द सिंह, धीरज सिंह डुमरी, अंशु कुमार आदि उपस्थित थे।
अपने-अपने घर में दीप जलाया
बिहारशरीफ: राष्ट्रीय राजपूत महासभा द्वारा महाराणा प्रताप की जयंती शनिवार को स्थानीय कार्यालय उदंतपुरी में सोशल डिस्टेंस का पालन कर मनायी गयी। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जीतेंद्र कुमार सिंह ने महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण कर की। उन्होंने बताया कि जयंती के अवसर पर महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर शनिवार की शाम महासभा से जुड़े लोगों ने अपने-अपने घर में दीप प्रज्ज्वलित किया। इस अवसर पर निरंजन कुमार सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप राष्ट्र के धरोहर थे। इस अवसर पर पूर्व मुखिया रामविलास, राम प्रसाद सिंह, पंचायत समिति सदस्य उमेश राउत, अखिलेश कुमार, रविरंजन सिंह, रोहित राज, अमित राज, अर्णव उत्कर्ष आदि उपस्थित थे।
थाना क्षेत्र के बनवारीपुर गांव में दो दिनों से दो गुटों के बीच चल रहा विवाद शुक्रवार को बढ़ गया। इसी विवाद में शुक्रवार की शाम में गोलीबारी हुई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। हालांकि आधिकारिक तौर पर फायरिंग की पुष्टि नहीं की गयी है। हिरासत में लिए गए लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार हिलसा थाना क्षेत्र के वनवारीपुर गांव में रास्ता विवाद को लेकर दिनों से दो गुटों के बीच विवाद हो रहा था।
दो दिन पूर्व भी रास्ता विवाद को लेकर दिनेश प्रसाद द्वारा प्रशासन को जानकारी दी गयी थी। शुक्रवार की शाम रास्ता विवाद को लेकर दोनों गुटों में फायरिंग होने लगी। ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिनेश प्रसाद और भागवत प्रसाद के पूर्व से विवाद चला आ रहा था। दोनों गुट द्वारा बाहर से गुर्गे को बुलाकर दहशत फैलाने के लिए फायरिंग की गयी। हालांकि गोलीबारी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
घटना की जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर जख्मी शर्मिला देवी एवं चंदन कुमार को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने बताया कि फायरिंग की सूचना नहीं है। दोनों के बीच मारपीट की घटना घटी है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
मुख्यालय स्थित विशेष नवजात शिशु इकाई केंद्र में शनिवार को एक नवजात की मौत हो जाने से परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। खैरा बाजार निवासी विजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि बीते छह मई को उसकी भतीजी नंदा देवी प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक नवजात को जन्म दिया था। जन्म के समय से ही बच्चे को दूध पीने में तकलीफ हाे रही थी। इसे लेकर चिकित्सक द्वारा इलाज के लिए सदर अस्पताल स्थित विशेष शिशु नवजात इकाई केंद्र में चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी थी। बीते आठ मई कि शाम करीब 7:00 बजे अपने नवजात को लेकर एसएनसीयू में भर्ती कराया। लेकिन करीब पांच घंटे बीत जाने के बाद भी किसी डॉक्टर ने नहीं देखा।
पदाधिकारियों से शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे चिकित्सक
भर्ती कराए पांच घंटा बीत जाने के बाद भी किसी चिकित्सक द्वारा नवजात की जांच नहीं किए जाने की परिजनों द्वारा वरीय पदाधिकारी से शिकायत की गई। तब जाकर चिकित्सक डाॅ. संजय कुमार ने बच्चे के स्वास्थ्य की पड़ताल कर बताया कि इसे जांडिस सहित अन्य परेशानी है। स्वस्थ होने में कुछ समय लग सकता है। उसने बताया कि 9 मई की सुबह बच्चे की मां ने उसे स्तनपान भी कराया था। लेकिन दोपहर होने के बाद स्वास्थ्य कर्मी ने जानकारी दिया कि आपका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं है। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए करीब चार घंटे तक जमकर हंगामा किया। डीएस ने बताया कि घटना की जांच करके जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर अवश्य कार्रवाई की जाएगी।
सिकंदरा के दरखा गांव में शुक्रवार की देर संध्या जमीन जोतने व कब्जा करने को लेकर गोरेलाल यादव व सुरेश महतो के बीच जमकर मारपीट व गोलीबारी हुई जिसमें दोनों पक्षों से एक -एक लोग घायल हाे गए। घायल गोरेलाल यादव ने बताया कि उसके पिताजी व उपेद्र सिंह, रामेश्वर सिंह से 30 वर्षों पहले जमीन खरीदी थी। वर्तमान में वह लगातार उसका जोत करता आ रहा है। इसी बीच शुक्रवार की देर संध्या धनेश्वर महतो के भाई सुरेश महतो अपने कुछ लोगों के साथ उसके जमीन को ट्रैक्टर से जोतने लगा जब इसका विरोध किया तो वे सभी मिलकर लाठी डंडा व राड से पीटकर घायल कर दिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी भी हुई जिसमें सुरेश महतो भी घायल हो गया। सभी का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है।
दरखा फुलवारी इलाके का प्रसिद्ध स्थान था और उस जमीन का मालिक सामे स्टेट के राजा बाबू रामेश्वर सिंह थे। राजतंत्र खत्म होने के बाद उक्त जमीन राजा रामेश्वर सिंह ने बेच दिया। जिसे उपेद्र सिंह 81 डिसमिल व गोरेलाल यादव के पिता ने 79 डिसमिल जमीन खरीदा। जबकि कुछ बचे जमीन दूसरे पक्ष धनेश्वर महतो के द्वारा भी खरीद की गई । बताया जाता है कि खरीदी जमीन पर वर्तमान में उपेद्र सिंह व गोरेलाल यादव का ही कब्जा है। ये दोनों के कब्जे वाली जमीन को जबरन कब्जा करने को लेकर बीते 3 मार्च को दोनों पक्षों में जमकर गोलीबारी हुई थी। बताया जाता है कि उक्त जमीन का विवाद कोर्ट में भी चल रहा है। घायल गोरेलाल यादव व सुरेश महतो के द्वारा सिकंदरा थाना में लिखित आवेदन दिया गया है।
लॉकडाउन में फंसे मजदूर अब अपने घर जाने के लिए कोई न कोई उपाय करने में जुटे हैं। शुक्रवार की देर शाम साइकिल से अपने घर औरंगाबाद जा रहे दो मजदूरों को सिकंदरा-नवादा मुख्य मार्ग स्थित महना पुल के पास एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी।
इस दुर्घटना में साइकिल सवार दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्रारंभिक उपचार के बाद चिकित्सक देवेंद्र कुमार ने दोनों की हालत गंभीर बताते हुए बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया। घायल मजदूरों ने बताया कि वह दोनों औरंगाबाद जिला के संढ़य गांव का निवासी बिगन शर्मा का पुत्र मुन्ना कुमार और तैतीराम शर्मा का पुत्र राजकुमार है। दोनों भागलपुर में फर्नीचर बनाने का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से दोनों भागलपुर में फंसा रह गया था। बचे हुए पैसे से किसी तरह इतने दिनों तक अपना गुजर बसर किया, लेकिन जब पैसे खत्म हो गए तो दोनों को खाने की भी आफत आ गई। इस परेशानी में दोनों साइकिल से ही अपने घर जाने के लिए निकल पड़ा। फिलहाल राजकुमार की हालत गंभीर बनी हुई है। इधर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायल मज़दूर के परिजनों को सूचना दी गई है।
कोरोना से लड़ाई की जंग अब जमुई में बेहद ही संवेदनशील और निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। सूबे में जमुई इकलौता जिला है, जहां अबतक कोरोना का एक भी पॉजिटिव नहीं है। सभी सैंपल की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। अबतक भेजे गए 397 सैंपल में 322 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 75 की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इस बीच विभिन्न प्रदेशों से आने वाले परदेसियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जिन्हें संबंधित प्रखंड के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है। क्वारेंटाइन करने से पहले प्रवासियों की जांच स्टेडियम मैदान में चिकित्सकों द्वारा की जा रही है। जिले में प्रवासियों के लिए 63 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। अबतक जिले में दो हजार प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों से आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रवासियों का सैंपल भी जांच के लिए भेजा जा रहा है।
शहर से सटे पॉलिटेक्निक कॉलेज में बने आपदा राहत केंद्र से एक संदिग्ध मरीज को इलाज के लिए सदर अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। उक्त संदिग्ध को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उक्त युवक महाराष्ट्र से तीन दिन पहले आया है जो आपदा राहत केन्द्र में रह रहा था। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध में कोई वैसा लक्षण नहीं मिला है।
क्वारेंटाइन सेंटर से घर जा रहे प्रवासी, बढ़ा खतरा
जिले के सोनो, खैरा, चकाई सहित अन्य क्वारेंटाइन केंद्रों से प्रवासी अब घर लौट रहे हैं। प्रशासन की सहमति के बाद वे होम क्वारेंटाइन के लिए शपथपत्र भरने के बाद अपने घर जा रहे हैं। इससे गांव वालों में कोरोना का भय समाया है।दरअसल प्रारंभिक जांच स्क्रीनिंग कर प्रवासियों को होम क्वारेंटाइन में भेजने से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। वैसी स्थिति में जब मुबई, तमिलनाडू, दिल्ली जैसे बड़े हॉटस्पाट से प्रवासी लौटे हों, ऐसे में यह कदम बिहार के इकलौते कोरोना मुक्त जिला के लिए खतरा है।
जिले के क्वारेंटाइन सेंटरों की कुव्यवस्था और लापरवाही हर दिन सामने आ रही है। सेंटर की खामियों को लेकर प्रवासियों ने शनिवार को सड़क जाम कर दिया। मामला अमरपुर प्रखंड का है, जहां भरको गांव के क्वारेंटाइन सेंटर की कुव्यवस्था के खिलाफ वहां रहने वाले 40 मजदूरों ने भरको- शंभूगंज पथ को जाम कर दिया। सड़क पर वाहनों की कतार लग गई।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हम हैदराबाद से बांका आए। यहां जांच के बाद सबको भरको के क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया। रात डेढ़ बजे चावल, दाल व सब्जी खाने में मिला। अगले दिन दोपहर 12 बजे तक नाश्ता और खाना नहीं दिया गया। सेंटर में पंखा और बिजली नहीं है। पीने का पानी भी काफी गंदा है। सेंटर में छह महिलाएं और उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई है। महिलाओं के लिए स्नान करने की भी सुविधा नहीं है। इधर, जाम की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष कुमार सन्नी, अनि प्रभाष झा, सअनि बीके तिवारी पुलिस बलों के साथ पहुंचे। पदाधिकारियों ने मजदूरों से जाम हटाकर क्वारेंटाइन सेंटर जाने की अपील की। फिर बांका के एसडीएम मनोज चौधरी, एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, बीडीओ सरस्वती कुमारी, सीओ सुनील साह क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचकर मजदूरों को जल्द सभी सुविधाएं देने का आश्वासन दिया। इस पर सभी जाम हटाकर सेंटर चले गए।
पंचायत के सरपंच राकेश साह ने बताया कि सेंटर की चारदीवारी नहीं होने के कारण सेंटर में रह रहे मजदूर भरको हाट में घूमते रहते हैं। इस कारण ग्रामीण कोरोना फैलने से आशंकित हैं। उन्होंने अधिकारियों से सेंटरों में बांस लगाकर चारदीवारी की मांग की, ताकि एक भी मजदूर सेंटर से बाहर नहीं जा सकें। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से शांतिपूर्वक सेंटरों में रहने की अपील की।
फागा गांव के लोगों ने क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचकर जताया आक्रोश
बौंसी के सीएम कॉलेज भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां बाहर से आए लोग क्वारेंटाइन किए गए हैं। सेंटर के पास के फागा गांव के लोगों का आरोप है कि सेंटर में रह रहे लोग उनके गांव के आसपास घूमते रहते हैं। इससे उनके गांव में भी कोरोना के संक्रमण का खतरा है। इससे नाराज फागा के लोगों ने शनिवार को कॉलेज परिसर के समक्ष पहुंचकर प्रदर्शन किया। ग्रामीण का कहना है कि प्रशासन के लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से यह सही नहीं है।
क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासियों सेे मिलने आते हैं उनके परिजन
कटोरिया के सूईया रोड स्थित कांवरिया धर्मशाला में क्वारेंटाइन किए गए प्रवासी सेंटर के आसपास घूमते रहते हैं। मुख्य बाजार तक जा रहे हैं। इनकी देखरेख के लिए अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है। सुरक्षा के नाम पर चार चौकीदार तैनात हैं, लेकिन इसका असर नहीं है। प्रवासियों का इस तरह क्वारेंटाइन सेंटर से निकलकर आसपास के क्षेत्रों में घूमने व लोगों से जाने-अनजाने में संपर्क के कारण लापरवाही भारी पड़ सकती है। जिस तरह ये प्रवासी आबादी वाले और लोगों की आवाजाही वाले जगहों पर जा रहे हैं, उससे बड़ा खतरा बना है। ज्ञात हो कि सेंटर में 150 प्रवासी हैं। इन प्रवासियों के परिजन भी धड़ल्ले से मिलने आ रहे हैं। जिनको रोकने वाला कोई नहीं है। दर्जनों औरतें व बच्चे सेंटर पहुंचकर अपने परिजनों से मिलजुल रहे हैं।
बेलुटीकर गांव में मां ने बेटे काे अपनी फुफेरी भाभी से प्रेम-प्रसंग काे समाप्त करने की बात कही ताे बेटे काे यह बात इतनी नागवार गुजरी की उसने अपनी मां की गला घाेंट कर और धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। सुबह हाेते ही ग्रामीणों ने पुलिस काे घटना की सूचना दी। पुलिस ने अाराेपी बेटे बजरंगी कुमार काे गिरफ्तार कर शव काे पाेस्टमार्टम के लिए बांका भेज दिया। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कबूल लिया। पुलिस आरोपी बेटे को जेल भेजने की प्रक्रिया कर रही है।
जानकारी के अनुसार बेलुटीकर निवासी बजरंगी कुमार का प्रेम-प्रसंग उसके अपने फुफेरे भाई की पत्नी से वर्षों से चल रहा था। आरोपी की मां पारो देवी अवैध संबंध का विरोध करती आ रही थी। इसी बीच शुक्रवार की रात भी वे अपने भाभी से रात के दो बजे फोन से बात रहा था, जब मां ने पूछा कि आखिर इतने रात को किससे बात कर रहे हो तो उसने भाभी से बात करने की बात कही। इसके बाद मां ने इस प्रेम-प्रसंग को समाप्त करने को कहा कि बेटे को ये बात नागवार लगा। मां-बेटे में विवाद होने लगा। विवाद इतना बढ़ा कि युवक ने मां की हत्या कर दी। जब सुबह उसकी मां देर तक घर से बाहर नहीं आई तो लोगों को शक हुआ और लोग उसके घर गए तो देखा की उसकी मां मृत पड़ी है। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही बाराहाट थानाध्यक्ष परीक्षित पासवान दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और हत्यारे पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी मिलते ही बांका के एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचकर मामले की तहकीकात की। मां का हत्या बरंगली ने भी अपने जुर्म को कबूल करते हुए पुलिस को बयान ने दिया है। इस मामले की प्राथमिकी हत्यारे के चचेरे भाई के बयान पर बाराहाट थाना में दर्ज की गयी है।
एक साल पहले आरोपी भाभी को लेकर आया था अपने घर
जानकारी के अनुसार बजरंगी व उसके फुफेरे भाई गोड्डा निवासी की पत्नी से उसका प्रेम-प्रसंग लंबे समय से चल रहा था। एक साल पूर्व भी उसने अपने भाभी के साथ शादी करने की बात करते हुए उसे अपने घर ले आया था, लेकिन जब गांव में पंचायती की गयी, तब उसे उनके घर भेजा गया। लेकिन इन दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलता ही रहा। महिला के पति दिल्ली उसे लेकर भी चले गये, फिर भी दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला नहीं थमा। उसकी भाभी उससे मिलने दिल्ली ये यहां आ जाया भी करती थी, जिसकी वजह से उसके और उसके मां के बीच आये दिन विवाद हुआ करता था। ज्ञात हो कि महिला को एक पुत्री व एक पुत्र ही है।
आरोपी के चचेरे भाई के बयान पर दर्ज की गई प्राथमिकी
आरोपी बेटे ने जुर्म कबूल कर लिया है। जिसे जेल भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। हत्या मामले की प्राथमिकी युवक के चचेरे भाई मनोज कुमार के बयान पर दर्ज की गई है।
-परीक्षित पासवान, थानाध्यक्ष, बाराहाट
चिरैया गांव स्थित पोस्ट ऑफिस के डाकिया ने ढिमड़ा के ग्रामीणों से खाते में पैसा जमा करने के नाम पर लाखाें रुपए की ठगी कर ली। मामले पर से पर्दा तब उठा, जब डाकिया की माैत हाे गई।
डाकिया की माैत के बाद खाताधारियाें द्वारा जमा की गई राशि की जानकारी लेने के लिए डाकिया के घर पर पहुंचे ताे उनके बेटे ने उनकाे शाहकुंड पाेस्ट ऑफिस जाने काे कहा। जब खाताधारी ब्रांच पहुंचे ताे उनके खाते में पैसे जमा नहीं थे। ग्रामीण वार्ड छह के वार्ड सदस्य मो. शकील से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। खाताधारियाें का कहना है कि डाकिया दीपनारायण साह ने हमलोग खाते में पैसा जमा करने के लिए प्रतिदिन डाकिया के घर जाकर रुपए देते थे। 25 दिन पूर्व डाकिया की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 60 ग्रामीणों ने डाकिया से खाता खुलवाया था।
क्षतिग्रस्त चांदन पुल का राजद जिलाध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ठाकुर की अध्यक्षता में शनिवार को राजद कार्यकर्ताओं ने जायजा लिया। मौके पर बेलहर विधायक रामदेव यादव उपस्थित हुए।
राजद जिलाध्यक्ष अर्जुन प्रसाद ठाकुर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान देखा गया कि पर अब दीवाल से प्रतिबंध पुल के बीच का 6 से 7 पिलर बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो गया है। और आवागमन पूरी तरह से बंद हो चुकी है। जिससे झारखंड व बंगाल का संपर्क टूट चुका है। बेलहर विधायक रामदेव यादव के ने कहा कि चांदन पुल क्षतिग्रस्त होने का कारण बालु उठाव , जो चांदन पुल के करीब से बालू उठाव किया गया। जिससे पुल पूरी तरीका से क्षतिग्रस्त हो गया है।
विधायक ने कहा कि लालू यादव और जयप्रकाश यादव के काल में यह पूल बना और मैं उस वक्त विधायक था।
वहीं, बरसात दस्तक दे चुका है अगर जल्द पुल का निर्माण नहीं हुआ तो लोगों को और परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
लॉकडाउन का असर केवल बाजार और सड़कों पर ही नहीं बल्कि थाना में दर्ज हो रहे मामलों पर भी पड़ा है, जिसके कारण बरौनी थाना समेत कुल 5 ओपी को मिलाकर 50 दिनों में 30 मामले दर्ज हो पाए हैं। पुलिस प्रशासन की चुस्ती कहें या फिर कोरोना का डर जिस वजह से इन 50 दिनों में किसी भी तरह की हत्या, राहजनी, लूट काण्ड, अपहरण, अपहरण कर हत्या, फिरौती के लिये अपहरण, बैंक डकैती, बैंक लूटकाण्ड सहित कई संगीन मामलों को लेकर किसी भी तरह कोई घटना नहीं घटी। इसके कारण कोई प्राथमिकी भी लॉकडाउन में दर्ज नहीं हो पाई। अगर वर्ष 2019 में अप्रैल तक डाटा देखें तो कुल 198 मामले दर्ज किए गए जबकि अप्रैल 2020 तक में 120 मामले दर्ज हुए हैं।
17 मार्च के बाद जीरोमाइल ओपी में एक भी मामला नहीं आया
बरौनी थाना के अंतर्गत कुल पांच ओपी में चकिया, एफसीआई, जीरोमाइल, रिफाइनरी और गढ़हरा ओपी शामिल हैं। सबसे खास बात यह रही कि जीरोमाइल ओपी में 17 मार्च के बाद अब तक किसी भी प्रकार की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है। वहीं रिफाइनरी ओपी में सबसे अधिक 12 केस दर्ज किए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन की अवधि में बरौनी थाना के रिफाइनरी ओपी में अबतक में 12 केस, चकिया ओपी में कुल 04 केस, एफसीआई ओपी में 2 केस, गढहारा ओपी में 3 केस, जबकि बरौनी थाना के खुद के खाते में 8 मामले दर्ज किए गए।
इस प्रकार लॉकडाउन के बाद बरौनी थाने सहित पांच ओपी मिलाकर कुल 30 केस दर्ज हुए हैं। बीते अप्रैल माह में 24 मामलों में तथा चालू माह मई में 6 मामलों में केस दर्ज किए गए। जिसमें उत्पाद, आर्म्स एक्ट, साइबर आई टी एक्ट, आत्महत्या एवं मारपीट से संदर्भित मामले दर्ज किए गए हैं। इस सम्बंध में बरौनी थाना अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि बांकि वर्षों की अपेक्षा इस बार 8 मई तक बहुत कम मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से अधिकांश मारपीट, उत्पाद अधिनियम, आर्म्स एक्ट से संबंधित हैं। पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अपराध पर अंकुश लगाने की भरपूर कोशिश की गई है।
कहा कि वर्ष 2019 में 10 मई तके 198 मामलों में, वर्ष 2018 में 10 मई तक 169 मामलों में, 2017 में 9 मई तक 160 मामलों में, वर्ष 2016 में 10 मई तक 188 मामलों में, वर्ष 2015 में 10 मई तक 170 मामलों में केस दर्ज किया गया है। वहीं बरौनी रिफाइनरी ओपी अध्यक्ष विवेक भारती, चकिया ओपी अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता, एफसीआई ओपी अध्यक्ष राजीव रंजन कुमार, जीरोमाइल ओपी अध्यक्ष समरेंद्र कुमार, गढहारा ओपी अध्यक्ष अजय कुमार उपाध्याय मानते हैं कि ये सब पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उप महानिरीक्षक बेगूसराय के कुशल नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है।
बांका परिसदन में शनिवार को राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने डीएम सुहर्ष भगत अाैर एसपी अरविंद गुप्ता के साथ की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जिलाधिकारी अाैर एसपी ने मंत्री को कई मामले काे लेकर बिंदुवार ब्यौरा दिया।
डीएम ने मंत्री को बताया कि जिले में करीब पांच हजार श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बांका आ चुके हैं। इन्हें प्रखंडों के क्वारेंटाइन सेंटराें में क्वारेंटाइन किया गया है। उन्हें भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। उनके यहां आने पर स्टेशन पर ही सभी लोगों की स्क्रीनिंग कराकर नाश्ता और पानी उपलब्ध कराकर बस से प्रखंड मुख्यालय स्थित क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया, जहां उन्हें क्वारेंटाइन किया गया है।
उच्च क्वालिटी का दाल कराया जाएगा उपलब्ध
समीक्षा बैठक में जिले में राशन कार्डधारियों को प्रति कार्डधारी अब एक किलो दाल भी मिलना शुरू होगा। जिले काे दाल का आवंटन हो चुका है। तीन महीने तक प्रतिमाह एक किलो उच्च क्वालिटी का दाल राशन कार्डधारियों को दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दूध के पैकेट का वितरण शुरू हो रहा है, ताकि गरीब परिवारों के बीच दूध की किल्लत नहीं हो। साथ ही इस माह के अंत तक जिले के 38 हजार नए राशन कार्डधारियों को नया राशन कार्ड मिलना शुरू हो जाएगा।
वहीं, जीविका दीदी द्वारा जो सर्वे हुआ है, उसका भी सत्यापन का काम अंतिम चरण पर है। इसके बाद इनलोगों को भी यथाशीघ्र राहत से संबंधित सुविधा
मिलना शुरू हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में जो प्रवासी श्रमिक रह रहे हैं, उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
कसहा दियारा भूमि अधिग्रहण मुक्ति मोर्चा के बैनर तले किसानों द्वारा अपनी जमीन बचाने को लेकर एनटीपीसी के अधिकारियों के सामने प्रदर्शन किया। लॉकडाउन के बाद शनिवार को ज्यों ही एनटीपीसी के अधिकारी जेसीबी लेकर खेत पर काम कराने दियारा दियारा पहुंचे, वहां पहले से मौजूद किसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जेसीबी के सामने जमीन पर ही बैठ गए। जिसके कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। किसानों का कहना है कि बिहार सरकार द्वारा हमारी जमीन का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है, लेकिन हमलोग जान दे देंगे लेकिन अपनी जमीन नहीं देगें।
इसके अलावे भाजपा नेता अमरेंद्र अमर, गोपाल कुमार, हेमंत कुमार,अशोक सिंह, शंभू सिंह, रामाकांत सिंह, मुकेश कुमार, गोपाल सिंह, राजेश कुमार, पप्पू सिंह सहित अन्य ने कहा कि वर्ष 2011 से आज तक ना तो किसानों को फसल उगाने दिया जा रहा है ना कोई रास्ता निकाला जा रहा है। हमलोग जब भी अपनी बात सरकार के सामने रखना चाहते हैं तो उनके अधिकारी बरगलाने का काम करते हैं। जबकि दूसरी तरफ ठेकेदार के द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिया जाता है।
उपजाऊ जमीन एनटीपीसी को दे दिया गया
वहीं अन्य किसानों ने कहा कि बिहार सरकार ने उनकी जमीन को एनटीपीसी को दे दी है और अब एनटीपीसी इस उपजाऊ जमीन पर एस पौंड बनाना शुरू भी कर दिया है। लेकिन हम किसान इस जमीन को अपने मरते दम तक सरकार को नहीं देंगे, क्योंकि इस जमीन पर हमारा परिवार, शादी, श्राद्ध, बच्चों की की पढ़ाई निर्भर है। अगर सरकार इस जमीन का जबरन अधिग्रहण करती है तो इससे पचास हजार की आबादी प्रभावित होती है, जो हम किसानों को कतई बर्दाश्त नहीं है। साथ ही किसानों ने कहा कि जब इस जमीन का सैकड़ों वर्षों से हम किसान अपना रशीद कटवा कर सरकार को लगान देते आएं हैं। उसी जमीन का मुआवजा पाईप लाइन, और बिहार सरकार दे चुकी है, फिर आज सरकार उसी जमीन की गैरमजरूआ बता रही है, ये सरकार की कैसी मानसिकता है। किसानों की मांग पर पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने भी पहल की, सूचना मिलने पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बात कर उन्हें इस मामले से अवगत कराया। साथ ही इस संबंध में पहल कर किसानों की समस्या का निराकरण करने का निवेदन किया है।
केंद्रीय मंत्री की पहल पर टल गया टकराव
वहीं किसानों के साथ खेत पर पहुंचे अमरेन्द्र कुमार अमर ने कहा कि किसान व अधिकारियों के बीच का टकराव गिरिराज सिंह की पहल के कारण टल गया। सांसद प्रतिनिधि के तौर पर मैने वहां मौजूद एनटीपीसी के अधिकारियों से कहा कि विकास भी होना है और किसान को उनका हक भी मिलना चाहिए, कांग्रेस नेता कुमार रत्नेश टुल्लू ने कहा कि किसानों के इस मुद्दों को बेगूसराय नगर विधायक अमिता भूषण के द्वारा विधानसभा में भी उठाया गया है, लेकिन सरकार की ओर से कोई जबाब नहीं दिया गया है। साथ ही कहा कि विधानपरिषद में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री रजनीश कुमार ने भी इस मुद्दों को उठाया है। लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है। किसानों के विरोध के बाद एनटीपीसी के अधिकारी ने उनके साथ वार्ता की। इस वार्ता में एनटीपीसी के पदाधिकारी पांडा, बीजेपी जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह किसान मौजूद थे। वार्ता में कहा गया कि जब तक किसान और सरकार के बीच कोई वार्ता नहीं होती तब तक जमीन पर कोई कार्य नहीं किया जाएगा। साथ ही तय किया गया कि आगे इस वार्ता में बेगूसराय डीएम, पटना के अधिकारी, एनटीपीसी के पदाधिकारी और किसानों के प्रतिनिधि मंडल वार्ता होगी।
तेघड़ा नगर पंचायत के वार्ड 06 में चल रहे नल जल योजना का कार्य कर रहे मजदूरों के साथ कुछ बदमाशों ने मारपीट की तथा काम बंद करवाकर दस लाख रुपए रंगदारी देने की मांग की है। इस संबंध में संवेदक ने तेघड़ा थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। संवेदक सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि वार्ड 06 में जल नल योजना से उसका कार्य चल रहा था। शनिवार की सुबह कुछ बदमाश पिस्तौल लेकर आ धमके और मजदूरों के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी।
उन्होंने बताया कि मधुरापुर निवासी गुलशन कुमार अपने चार अन्य बदमाशों के साथ पहुंचकर साइड इंचार्ज रामचंद्र शर्मा के कनपटी में पिस्तौल सटाकर काम बंद करने को कहा और कहा कि ठेकेदार को दस लाख रुपए रंगदारी देने कहो। उसके बाद वापस जाते हुए धमकी दिया कि अबकी बार आएंगे तो गोली मार देंगे। इधर सुनील कुमार चौधरी ने तेघड़ा थाने में आवेदन देकर जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
बताते चलें कि इससे पहले भी तेघड़ा नगर पंचायत क्षेत्र में चल रहे विकास कार्य को अवरूद्ध करने के लिए बदमाशों द्वारा संवेदक से रंगदारी मांगने की कई घटना घट चुकी है। लेकिन पुलिस द्वारा इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है। तेघड़ा बाजार में भी बदमाशों का खौफ व्यवसायियों पर छाया हुआ है। इस संबंध में पूछने पर तेघड़ा थाना इंस्पेक्टर हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिली है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना संक्रमण के बीच आमलोगों के इलाज में लगे शहर के कई कोरोना योद्धा डाक्टरों को पूर्व मेयर सह वार्ड नंबर 21 के पार्षद संजय कुमार ने शनिवार को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मानव का रूप धर परमात्मा की तरह कल्याण करने वाले डाक्टर हैं, इस विकट परिस्थिति में जहां मंदिरों में जाना बंद हो गया लेकिन अस्पताल के भगवान का दरवाजा आज भी खुला हुआ है। जो विपदा के समय में लोगों के कष्टों को नारायण की तरह दूर कर रहे हैं।
पूर्व मेयर ने कहा कि यह सम्मान डाक्टरों के सेवा भाव व मानवता के उदगार के लिए है। उन्होंने डॉ शशि भूषण प्रसाद शर्मा, डॉ धीरज शांडिल्य, डॉ रंजन चैधरी, डॉ संजीव कुमार एवं निदान के डायरेक्टर संजीव कुमार को पीपीई कीट देकर सम्मानित किया। इस मौके पर इन डाक्टरों द्वारा मुझे सहयोग राशि भी दिया गया।
युवाओं ने सम्मानित कर दिया 11 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग
वार्ड पार्षद पिंकी देवी ने बताया कि वार्ड नंबर 17 के दलित मुहल्ला में आपका सेवक आपके द्वार अभियान के तहत निस्सहाय, विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांग को खाद्य सामग्री वितरण किया गया। वहां के युवाओं ने जो कुछ किया वह देखकर अभिभूत हो गया। पसपुरा के उत्साही युवाओं ने अंग वस्त्र से सम्मानित कर पुष्प बरसा कर राहत वितरण में 11 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग किया। इसके लिए उन युवाओं का मैं शुक्रगुजार हूं। इस मौके पर राजीव कुमार, सौरभ कुमार, वैभव भारद्वाज, मुकेश पासवान, बमबम पासवान, सुशील पासवान, मिलन दास, ऋषिकेश पासवान, अरविंद पासवान, किशोर दास, सावित्री देवी, रेखा देवी, पूनम देवी उपस्थित थे।
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 3 के उलाव में लॉकडाउन से पीड़ित सौ से अधिक जरूरतमंदों के बीच मेयर उपेंद्र प्रसाद सिंह ने शनिवार को निजी कोष से राहत सामग्री वितरण किया। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क भी सभी को उपलब्ध कराया। मेयर यूपी सिंह ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए वैसे जरूरतमंदों को राहत दी जा रही है जिन्हें राशन की सख्त जरूरत है।
साथ ही कहा कि हमारा प्रयास है कोई भूखा ना रहे, इसके लिए लगातार राशन वितरण का कार्य जारी रहेगा। मेयर उपेंद्र प्रसाद सिंह ने उपस्थित लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने एवं घर से बाहर निकलने वक्त मास्क या गमछे का इस्तेमाल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन का अनुपालन करते हुए सभी घर में रहें, तभी सुरक्षित रहेंगे। इस मौके पर उप मेयर राजीव रंजन, पार्षद प्रतिनिधि अशोक कुमार, इफ्फतुर रहमान, सुरेश राम, सुमित कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
शहर के विभिन्न वार्डों में किया गया सैनिटाइजेशन
उपमेयर राजीव रंजन ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आईटीआई मैदान में बनाए गए वाहन कोषांग में नगर निगम के कर्मियों को प्रतिनियुक्त कर सभी वाहनों का नियमित सैनिटाइज कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए शहर में बनाए गए सभी क्वारिन्टाइन सेंटर एवं आइसोलेशन सेंटर का विशेष रूप से सैनिटाइज कराया जा रहा है। उप मेयर ने बताया कि सुपर सकर वाहन से वार्ड नं0-43 के रेलवे ढ़ाला, खातोपुर, अनुसूचित जाति एवं जनजाति थाना, विष्णुपुर मेन रोड, डाकबंगला होते हुए काली स्थान चैक तक सोडियम हाइपरक्लोराइड मिश्रण का छिड़काव किया गया। स्वचालित स्प्रे मशीन से सभी सरकारी कार्यालय, प्रधान डाकघर, मूल्यांकन केन्द्र व सार्वजनिक संस्थानों में सैनिटाईज कराया गया।
बलहपुर पंचायत दो में लगभग 85 लाख की लागत से बना अतिरिक्त स्वास्थ्य उप केन्द्र बनकर वर्षों पूर्व तैयार हुआ। यहां के लोगों को आस जगी कि अब 10 किलोमीटर दूर रेफरल अस्पताल मटिहानी नहीं जाना पडे़गा। लेकिन अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बनने के बाद भी उद्घाटन नहीं होने से यहां के लोगों में मायूसी छाई हुई है। यह इलाका बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इस अस्पताल से लगभग 50 हजार की आबादी का इलाज हो सकता है। स्थानीय विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने कहा की स्मृति शेष डेजी देवी के नाम से जमीन बिहार सरकार को दान स्वरूप दिया।
जिसमें भवन भी बनाया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण आज तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका। रेफरल अस्पताल मटिहानी के चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी संतोष झा ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा भवन बनाया गया लेकिन गुप्ता लखमीनिया बांध से अस्पताल तक एप्रोच पथ एवं बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण ठेकेदार द्वारा हैंडओवर नहीं किया गया। इस कारण अस्पताल का उद्घाटन नहीं हो पाया।
वहीं चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में चारदीवारी एवं एप्रोच पथ बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवा दी गई है जिसमें काम शुरू किया गया है। लॉकडाउन होने के कारण निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। ग्रामीण राम रतन कुंवर ने बताया कि अस्पताल में ठेकेदार और विभाग की लापरवाही के कारण ना तो बिजली व्यवस्था की गई है और ना ही पानी की। कोरोना वायरस महामारी में इसकी उपयोगिता शून्य साबित हो रही है। मटिहानी बीडीओ भुवनेश मिश्र ने बताया कि चारदीवारी और एप्रोच पथ बनने के बाद स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर किया जाएगा।
केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार के कारण 16 मजदूरों की मौत ट्रेन से कटकर हुई। उक्त आरोप भाकपा के पूर्व विधायक अवधेश राय ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लगाया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 16 मजदूरों को सड़क पर चलने से रोक दी। इस कारण भूखे प्यासे सभी मजदूरों की मौत ट्रेन से कटकर हुई। इसके लिए रेल प्रशासन, महाराष्ट्र सरकार की पुलिस और भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियां ही जवाबदेह है।
लॉकडाउन में मजदूरों के रहने खाने पीने की व्यवस्था करने में महाराष्ट और केंद्र सरकार विफल हुई। उन्होंने कहा कि सीपीआई मांग करती है कि तमाम मृतक मजदूरों के पूरे परिवार के भरण पोषण की पूरी गारंटी ली जाए, उनके आश्रितों को नौकरी की भी गारंटी की जाए और ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए जिससे भविष्य में ऐसी दुखद घटना की पुनरावृति नहीं हो।
संगठित मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करे कंपनी: केन्द्र सरकार की घोषणा के बाद भी आईओसी, एनटीपीसी, एचयूआरएल में कार्यरत हजारों असंगठित मजदूरों को मजदूरी नहीं दी गई। उक्त बातें एटक महासचिव प्रह्लाद सिंह ने शनिवार को कहीं। साथ ही कहा कि जिले के औद्योगिक नगरी बरौनी में तीन केंद्रीय उपक्रम आईओसी, एनटीपीसी, एचयूआरएल में करीब 14 हजार असंगठित मजदूर कार्यरत हैं। कोरोना महामारी के कारण भारत सरकार पूरे देश में तालाबंदी की घोषणा की है, जो 17 मई तक का है। केन्द्र सरकार ने घोषणा की है कि कार्यरत असंगठित मजदूरों को कारखाना बंद रहने के दौरान भी मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। अभी तक तीनों कारखानों को मिलाकर लगभग 10 हजार मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं हुआ है। स्थानीय कंपनी या बाहरी कंपनी कार्यरत लोगों को कह रही है कि बिना काम हम भुगतान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि महामारी का निषेध कमजोर लोगों पर ही नहीं बल्कि ऐसे प्रबंधन पर भी किया जाए।
प्रवासी मजदूर को कोरोना से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने 21 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखने की व्यवस्था की है। क्वारेंटाइन सेंटर पर सभी बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और है।
अररिया प्रखंड के रजोखर मध्य विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों ने शनिवार को हंगामा किया। यही नहीं उन्हाेंने एनएच 327ई सड़क को स्कूल के सामने विद्यालय के बेंच-डेस्क को रखकर जाम कर दिया। सेंटर में रह रहे प्रवासियों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से पूछने के लिए कोई नहीं आता। लोगों का आरोप है कि सेंटर पर प्रवासी मजदूरों के पास साबुन तो दूर मास्क तक भी नही है। मजदूरों का कहना है भोजन देने में गड़बड़ी की जा रही है। शुक्रवार की रात का जिक्र करते हुए कहा कि इस सेंटर में 85 प्रवासी रह रहे हैं। लेकिन खाना मात्र 30-35 लोगों का ही लाया गया। आधे से अधिक भुखे ही रह गए। वहीं मौके पर अररिया आरएस कें थानाध्यक्ष बबन सिंह, एएसआई मंजूर आलम व दल बल कें साथ घटना स्थल पर जाकर मजदूरों कों समझा बुझा कर मामला शांत कराया। शांत कराने के बाद सभी को फिर से क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया।
मवि क्वारेंटाइन सेंटर में नशे में हंगामा कर रहा व्यक्ति गिरफ्तार
कुर्साकांटा | प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुर्साकांटा पंचायत के वार्ड 7 अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय को बाहर से आई महिलाओं के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। उक्त सेंटर में वर्तमान में तीन महिला एवं एक किशोरी को रखा गया है। शुक्रवार की संध्या एक व्यक्ति शराब के नशे में सेंटर के अंदर घुस कर हंगामा करने लगा। जिसको लेकर अंचल अधिकारी विजय कुमार सिन्हा ने उक्त व्यक्ति पर शराब के नशे में हंगामा करने, महामारी एक्ट व राष्ट्रीय आपदा अधिनियम आदि एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है।शुक्रवार की संध्या उक्त केंद्र का निरीक्षण करने बीडीओ मधु कुमारी पहुंची थी। उसी समय एक व्यक्ति क्वारेंटाइन सेंटर के अंदर घुस कर हंगामा कर रहा था। व्यक्ति के पास क्वारेंटाइन सेंटर के अंदर जाने का भी कोई आदेश पत्र नहीं था। हंगामा करते हुए व्यक्ति की जानकारी तत्काल बीडीओ ने थाना अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह को दी। सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष सदलबल उक्त क्वारेंटाइन सेंटर पर पहुंचे। हंगामा कर रहे व्यक्ति को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। पकड़ाए व्यक्ति के मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। पकड़ाया व्यक्ति रतीश चंद्र रमन पिता जगदीश प्रसाद मंडल ग्राम बैरगाछी वार्ड 3 थाना बरदाहा का रहने वाला है। पकड़ाए व्यक्ति को पीएचसी लाया गया जहाँ पर चिकित्सक ने जांच में शराब पीने की पुष्टि की।थाना अध्यक्ष ने बताया कि शराब पीने एवं बिना बैध कागजात के क्वारेंटाइन सेंटर के अंदर प्रवेश करने, नशे में हंगामा करने, सेंटर पर कार्यरत कर्मी के साथ अभद्र व्यवहार करने, महिला चौकीदार को अपने कार्य करने से रोकने के करण उक्त व्यक्ति को जेल भेज दिया गया है।
क्वारेंटाइन सेंटर के निरीक्षण में दो शिक्षक पाए गए अनुपस्थित
अररिया| कोविड-19 अंतर्गत विद्यालय में बनाये गए क्वारेंटाइन सेंटर में सहयोग नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। इसको लेकर डीईओ ने एक सेंटर के प्रभारी एचएम व शिक्षकों को सख्त हिदायत देते हुए जवाब मांगा है। रानीगंज के अंचल अधिकारी ने क्वारेंटाइन सेंटर के निरक्षण में दो शिक्षक को अनुपस्थित पाया था। इसकी शिकायत अंचल अधिकारी ने डीएम को दी थी। शिकायत के आलोक में आठ मई को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने रामानुग्रह उच्च विद्यालय हांसा कमालपुर के क्वारेंटाइन सेंटर का औचक निरक्षण किया था। क्वारेंटाइन सेंटर पर कार्यरत शिक्षक कुमार सुभाष और अचल कुमार आनंद को अनुपस्थित पाए गए। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उच्च विद्यालय के प्रभारी एचएम विजय कुमार विश्वास को पत्र लिख कर अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविड-19 हाउस टू हाउस व्यापक सर्वे कराया गया। विगत 20 दिन से चल रहा हाउस होल्ड सर्वे का काम जिले में शुक्रवार को पूरा हो गया। शनिवार को जारी सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में 4 लाख 98 हजार से अधिक घरों में 20 दिन तक सर्वे कार्य कराया गया।
राज्य सरकार के निर्देश पर कराया गया कोविड-19 हाउस टू हाउस व्यापक सर्वे पूरा हो गया। 20 दिन से हाउस होल्ड सर्वे का काम चल रहा था। रोहतास जिले में यह सर्वे शुक्रवार को पूरा हो गया। शनिवार को सर्वे की रिपोर्ट भी जारी कर दी गई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में 4 लाख 98 हजार से अधिक घरों में 20 दिन तक सर्वे कार्य कराया गया, जिसमें सर्दी-खांसी बुखार वाले मात्र 121 मामले मिले हैं। राज्य सरकार भले ही सर्वे रिपोर्ट पर अपनी पीठ थप-थपा ले लेकिन 28 लाख से अधिक लोगों में इतने कम मामले पर सवाल उठने लगे हैं।
यह सर्वेक्षण कार्य गत 18 अप्रैल को शुरू हुआ था। 20 दिन तक चले सर्वे में जिले के सभी 245 पंचायतों में हाउस टू हाउस सर्वे कराया गया। दो सदस्यीय टीम डोर-टू-डोर सर्वे में शामिल रही। दो सदस्यीय टीम में आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता शामिल थी। जबकि पर्यवेक्षिकाओं के द्वारा सर्वे कार्य की मानीटरिंग की जा रही थी। 8 मई को पूर्ण हुए सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 4 लाख 98 हजार 405 घरों के 28 लाख 61 हजार 935 सदस्यों का सर्वे किया गया है। सर्वे का मुख्य उद्देश्य घरों के उन सदस्यों को चिंहित करना था जो बुखार, कफ एवं सांस लेने में तकलीफ की बीमारी से ग्रसित हो। सर्वे रिपोर्ट बताती है कि 28 लाख से अधिक सदस्यों में मात्र 121 लोग बुखार, कफ एवं सांस लेने में तकलीफ से ग्रसित थे।
बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के 114 मामले: सर्वे रिपोर्ट बताती है कि बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के अर्थात ऐसे लोग जो राज्य से बाहर नहीं गए थे, उनमें सबसे अधिक कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं। बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के ऐसे लोगों की संख्या कुल 114 हैं। जबकि किसी अन्य राज्य से लौटे लोगों में ऐसे मामलों की कुल संख्या मात्र 7 है। जबकि विदेश से लौटे लोगों में बुखार, कफ एवं सांस में तकलीफ के मामलों की संख्या शून्य बताई गई है।
सर्वे के नाम पर पूरा किया गया काेरम: अब जब सर्वे में 4 लाख 98 हजार से ज्यादा घरों में 28 लाख से अधिक सदस्यों पर किए गए सर्वे में मात्र 121 लोगों में कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं, तब सर्वे पर सवाल उठने लगे हैं। या तो सर्वे के नाम पर कोरम पूरा किया गया, या फिर लोगों ने ही सर्वे टीम काे सही-सही जानकारी नहीं दी। इस संबंध में पूछने पर आइसीडीएस के डीपीओ सुनीता कहती है कि जिले में कोविड 19 का हाउस होल्ड सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। सर्वे रिपोर्ट में कुल 121 लोगों में कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं। कम संख्या के संबंध में कहा कि सर्वे तो यही संख्या बताते हैँ, इसमें क्या कहा जा सकता है। इस संबंध में सीएस जनार्दन शर्मा ने बताया कि हाउस होल्ड सर्वे में जिन लोगों में कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं, उनमें से कुछ का सैँपल जांच किया गया, अन्य का भेजा जाएगा।
तीन श्रेणियों में किया गया सर्वे: सर्वे के दौरान सर्वे टीम को घरों में जाकर यह जानकारी लेनी थी। घर के सदस्यों के ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर जानकारी लेने थी। प्रत्येक घर में सर्वे टीम ने यह पूछा कि क्या कोई सदस्य विदेश से लौटा है, अगर लौटा है तो क्या उसे बुखार, कफ या सांस की तकलीफ की समस्या है। दूसरा सवाल पूछना थ कि कोई सदस्य बिहार के बाहर किसी अन्य राज्य से लौटा है क्या?
फारबिसगंज में इक्का दुक्का छोड़ प्रायः विद्यालयों के क्वारेंटाइन सेंटर आईसीयू में नजर आ रहा है। कई सेंटरों पर बिना रोक टोक के लोग घूम फिर कर बाहर प्रवेश कर जाते हैं। प्रवासियों के रहने का महज कागजी घोड़ा ही दौड़ रहा है। जबकि वास्तविकता कुछ और बयां करती है। जहां न तो कोई चिकित्सा की व्यवस्था है और न ही इनके नियमित रहने पर कोई नियंत्रण।
ग्रामीणों की शिकायत पर भास्कर टीम ने क्वारेंटाइन सेंटरों की पड़ताल की तो कई मामला देखने को मिला। मध्य विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर में रहने के बजाए लोग बाहर घूमते नजर आ रहे थे। वहीं पड़ताल के दौरान प्रखंड के रामपुर उत्तर स्थित अंबेडकर आवासीय उच्च विद्यालय में बने क्वारंेटाइन में लोगों के द्वारा शारीरिक दूरी की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही थी। यहां सुरक्षा के अभाव में परिजनों द्वारा विद्यालय के गेट पर भीड़ लगाकर खाने की सामग्री देते नजर आएं। ग्रामीणों में रमन यादव, निशार फिरोज, रूपेश यादव, रोहित यादव, सूरज यादव ,पवन कुमार, ललित राज सहित अन्य लोगों ने कहा की कुछ परिजन चहार दिवारी से फांद कर क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवेश करते हैं और खाना पहुंचाते हैं। इससे वहां रहने वाले अन्य लोगों में भय का माहौल है।
वहीं भास्कर टीम जब सिमराहा मध्य विद्यालय स्थित क्वारेंटाइन टाइन सेंटर का जायजा लिया तो यहां की स्थिति और बदत्तर देखने को मिली। यहां कोई बाहर से चाय पीकर तो कोई घर से खाना खाकर क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवेश करते नजर आए। जिन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं था। इस दौरान जैसे ही कैमरा का प्लैश चमका लोग हड़बड़ा गए और इधर-उधर भागने लगे। कोई दीवार फांद कर अंदर प्रवेश तो कर लिया पर इस दौरान उनका मोबाइल बाहर ही छूट गया।
गार्ड बिना वर्दी के घूमते हैं क्वारेंटाइन सेंटर के बाहर
पड़ताल के दौरान टीम ने पाया कि सिमराहा मध्य विद्यालय में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में 43 प्रवासियों को रखा गया है। लेकिन इस सेंटर पर सुविधाओं का घोर अभाव है। सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर बाजार निकल आराम से घूमते हैं और सामानों की खरीददारी कर वापस सेंटर में चले जाते हैं। सेंटर पर सुरक्षा का भी इंतेजाम नहीं है। जबकि प्रतिनियुक्त गार्ड खुद बिना वर्दी के क्वारेंटाइन से बाहर ही घूमते हैं। इस संबंध में जब भास्कर टीम ने जानकारी लेने का प्रयास किया तो बताया कि उन्होंने कहा कि सब लोग बाहर निकलते हैं, इसीलिए हम भी बाहर आकर यहीं से ही नियंत्रण करते हैं। वर्दी के विषय कहा कि हमलोग बाहर से आये हैं। हमे लॉकडाउन के कारण यही योगदान देना पड़ा इसीलिए वर्दी नहीं है। इन्हीं सुरक्षा की कमी के कारण यहां रखे गए प्रवासी मजदूरों के परिजन उनसे यहां आकर यहां आराम से मिलते हैं। यहीं नहीं बेरोकटोक खाना के साथ जरूरी समान भी पहुंचाते हैं। इस क्वारेंटाइन सेंटर पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों की शिकायत है कि सिर्फ दो वक्त ही भोजन दिया जाता है। दो मजदूरों पर एक छोटा सा साबुन दिया जाता है। सैनिटाइजर भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। यहां प्रवासियों के बाहर घूमने से ग्रामीण भी काफी भयभीत है।
घर नजदीक होने के कारण सामग्री देने आते हैं : परिजन
सेंटर पर रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने कहा कि हमलोगों को खाना ढंग का नहीं मिलता है और न ही अन्य जरूरी सुविधा मिल रही है। क्वारंेटाइन सेंटर से कुछ बच्चे बाहर चाय पीने निकल जाते हैं। जिन्हें हमलोग समझा रहे हैं। घर वाले मिलने के लिए आते हैं और उनसे हमलोग गेट पर ही मुलाकात कर लेते हैं। वहीं कई परिजनों ने बताया कि घर नजदीक होने के कारण कुछ सामग्री देने के लिए यहां आते हैं।
सेंटर में सुरक्षा की है कमी
क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले वाले सभी लोगों को बाहर नहीं निकलने का निर्देश दिया जाता है। बावजूद परिजनों की इतनी भीड़ लग जाती है कि संभालना मुश्किल हो जाता है। सुरक्षा की कमी के कारण भी ऐसा हो रहा है। मैं खुद सख्त हिदायत दे रहा हूं।
मेराज, इंचार्ज सिमराहा मध्य विद्यालय
सदर अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए डीएम को सौंपा आवेदन
अररिया | अररिया सदर अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था किए जाने को लेकर सीमांचल युवा जागरण मोर्चा के अध्यक्ष गगन कुमार झा ने शनिवार को डीएम को आवेदन दिया है। सौंपे गए आवेदन में अध्यक्ष ने बताया है कि वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सदर अस्पताल में वेंटिलेटर होना अति आवश्यक है। जिससे मरीजों की आकस्मिक मृत्यु पर रोक लगाई जा सके।
प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक दर्जन की संख्या में राजस्थान से आए प्रवासियों अपनी स्वास्थ्य जांच कराने के लिए पहुंचे, परंतु घंटों बैठे रहने के बाद भी एवं संबंधित अधिकारियों से फोन से बात करने के बावजूद भी जांच नहीं होने के बाद निराश होकर अपने गांव लौटे गए। ज्ञात हो कि देश कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में है। अपनी परिवार के भरण पोषण करने के लिए दूसरे प्रदेश में जाकर काम करने वाले प्रवासी अब अपने घर लौट रहे हैं।
लौटने के बाद उन्हें अपने प्रखंड में बने क्वारेंटाइन सेंटर पर 21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन रहना है। वहीं सरकार द्वारा सारे निर्देशों को पालन करने के उद्देश्य से मजदूरों का जत्था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोहतास पर गया था, परंतु वहां घंटों बैठने के बावजूद भी उन सभी की स्वास्थ्य जांच नहीं हुई। मजदूरों ने कहा कि काफी देर बैठाया गया। उसके बाद भी हमारी जांच नहीं हुई।
बीडीओ बोले- जांच कराई जा रही है, सबको क्वारेंटाइन रखा जा रहा
बाहर से आए सभी प्रवासी मजदूरों को प्रखंड में स्थापित किए गए क्वारेंटाइन सेंटर पर 21 दिनों के लिए रखा जा रहा है एवं जांच कराई जा रही है। -मनोज पासवान, प्रखंड विकास पदाधिकारी, रोहतास
तुंबा आईटीआई सेंटर में मुख्यालय से कुछ को भेजा गया: सीओ
प्रवासी मजदूरों को तुंबा आईटीआई सेंटर में मुख्यालय परिसर से कुछ को भेजा गया है और बाकी लोग को ले जाया जा रहा है। -विकास कुमार, अंचलाधिकारी, रोहतास
बस से पहुंचे, हाथों पर क्वारेंटाइन की मुहर
रोहतास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने वालों में मजिगांवा निवासी विशाल पासवान, प्रदीप पासवान, अखिलेश पासवान, अरविंद पासवान आदि थे। ये सभी बाहर से आए थे। इन प्रवासी मजदूरों ने बताया कि हम लोग बस के माध्यम से अपने गांव पहुंचे हैं। राजस्थान से आने के क्रम में कर्मनाशा के पास हम लोगों की स्वास्थ्य जांच कर हमारे हाथों पर मुहर लगाई गई है। फिर भी हम सभी सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने हेतु स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए आए थे और क्वारेंटाइन सेंटर जाएंगे। इन मजदूरों का कहना था कि भले ही जांच नहीं हुई पर वे सभी तरह की एहतियात बरत रहे हैं। हालांकि जांच हो जाती तो मन में जो डर-भय है वह खत्म हो जाता।
क्वारेंटाइन सेंटर की संख्या बढ़ाई गई
कोरोना को लेकर प्रवासी मजदूरों के लिए स्थानीय प्रखंड के यदुुनाथपुर विद्यालय एवम अनुमण्डल डिग्री कॉलेज पहाड़िया प्रवासी मजदूरों को अधिक के संख्या में आने से आइसोलेशन केंद्र का वार्ड भर गया है। सभी केंद्रों पर 383 प्रवासी मजदूर हो गए हैं। बीडीओ ने कहा कि देश के कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों को आने की अभी और सूचना है। जिससे नए आइसोलेशन केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं। इस प्रखंड के प्रत्येक गांव में बाहर के प्रवासी मजदूर लगातार आ रहे हैं। नौहट्टा रेफरल अस्पताल के डॉ रूपेश रंजन डॉ पंकज कुमार ने बताया कि चिकित्सा संबंधी जानकारी सुबह शाम लिया जा रहा है।
नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र में चौकीदार की मौत शुक्रवार की शाम कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर से ड्यूटी के बाद घर लौटने पर हार्ट अटैक से हो जाने से मौत का मामला सामने आया है। मृतक खैरा पंचायत के वार्ड संख्या 15 निवासी 50 वर्षीय रमेश पासवान पिता स्वर्गीय सुखदेव पासवान बताए गए है। नरपतगंज थानाध्यक्ष के अलावा पूरे विभाग में शोक की लहर है। मिली जानकारी अनुसार रमेश पासवान 1985 से चौकीदार के पद पर सेवा दे रहे थे। वे अपने पीछे 2 पुत्र के अलावा तीन पुत्री छोड़ गए है। जबकि शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के फरही पंचायत में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में ड्यूटी के बाद देर शाम घर पहुंचे और कुछ ही क्षण बाद तबीयत बिगड़ने के कारण वह बेहोश हो गए। आनन-फानन में इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नरपतगंज में भर्ती कराया जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. पी के गुप्ता ने मृत घोषित कर दिया।
तुंबा स्थित क्वारेंटाइन सेंटर पर कोटा से आए मजदूरों को स्थानीय प्रशासन द्वारा क्वारेंटाइन करने के पश्चात मजदूरों ने बीती रात खाना एवं व्यवस्था को लेकर विरोध कर हंगामा किया। रात में मिले खाना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। शनिवार की सुबह कोटा से आए क्वारेंटाइन हुए युवकों के परिजनों द्वारा पुलिस प्रशासन पर मारपीट का आरोप लगाया गया। तुंबा निवासी प्यारी कुंअर ने बताया कि मेरे बेट के साथ मारपीट कर दूसरे के सेंटर में ले जाया गया। वही जोखन राम की पत्नी राजा की मां ने बताया कि मेरे पुत्र राजा से मोबाइल छीन कर दूसरे क्वा रेंटाइन सेंटर में ले जाया गया।
सीसीटीवी की निगरानी में हैं सभी: बीडीओ
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि सभी केंद्रों पर खाने बनवा कर समयानुसार पहुंचाया जा रहा है। चारों केंद्रोंं पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैंै। जिसकी निगरानी में क्वारेंटाइन सेंटर के सारे क्रियाकलाप लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो रहे हैं। वही सभी सेंटर पर पहुंचे प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइनन करने के पश्चात एक बाल्टी एवं किट सहित साबुन, मास्क, टूथब्रश तक मुहैया कराई गई है। मभोजन के मीनू के संदर्भ में बताया कि सुबह चना और गुड़, दोपहर के खाने में चावल, शाम को दूध और रात के खाने में चावल दी जा रही है।
माह-ए-रमजान मुस्लिम समाज के पवित्र त्योहारों में एक है। इस त्योहार का बहुत ही महत्व है। इस माह में लोग अपनी दिनचर्या को ईश्वर के लिए समर्पित कर अल्लाह की इबादत में लग जाते हैं। उक्त बातें युवा हाफिज मो हामिद ने दूसरे जुम्मे नमाज के दौरान कही। उन्होंने कहा कि रमजान सभी महीनों में सबसे पवित्र व त्याग का महीना है। पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है और भारत में भी लॉकडाउन है।
ऐसे में मस्जिदों में नमाज पर पाबंदी है। जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को इबादत में थोड़ी परेशानी आ रही है। लेकिन पूरी अकीदत के साथ छोटे-बड़े, बुजूर्ग, महिला अपने अपने घरों में रमजान की फजीलत को समझते हुए ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा को मजबूत बनाने के लिए 14 घंटे से अधिक की रोजा रख रहे हैं और ईश्वर से नमाज में दुआ करते हैं। वहीं दुनिया की हर समस्या का हल कहे जाने वाले पवित्र पुस्तक कुरान भी इसी महीने नाजिल हुई। रमजान की कुरान में बहुत फजीलत (महत्व) है।
इसलिए कलाम पाक की तिलावत भी खूब की जाती है। इस माह में रात्रि नमाज के बाद तरावीह में खड़े होकर पूरी कुरान सुनी जाती है। खासतौर पर इस माह में रोजेदार अल्लाह के करीब आने के लिए अपनी सारी आकांक्षाओं को छोड़कर इबादत में लग जाते है। हाफिज मोहम्मद हामिद ने अपने बारे में बताया कि महाराष्ट्र के अक्कलकुवा स्थित मदरसा से कुरान ए करीम को हिब्ज यानी याद किया और हर साल रात्रि के समय तरावीह में पूरी कुरान पढ़कर सुनाते हैं। इसके साथ ही इस्लाम में बताए गए सबसे बेहतर कार्य तिजारत यानी व्यवसाय से जुड़े हैं। वहीं सादिक जुनैद रमजान के इस पवित्र माह में वैश्विक महामारी से छुटकारा और मुल्क में अमन शांति कायम के लिए अल्लाह से दुआ मांगने की लोगों से अपील की ताकि देश में पुनः पूर्व की स्थिति जल्द कायम हो सके और लोग अपने जीवन यापन को बेहतर तरीके से जी सके।