दावथ प्रखंड क्षेत्र के सेमरी गांव मे बिजली करंट की चपेट मे आने से एक व्यक्ति की घटना स्थल पर हीं मौत हो गई। सेमरी निवासी मोहन प्रसाद ने बताया कि शनिवार की सुबह सात बजे सेमरी निवासी जगदेव शाह का 46 वर्षिय बेटा शिवमुरत साह सहजन के पेड़ पर चढ़कर सहजन का डाल काट रहे था। तभी पेड़ के ऊपर से गुजर रहा करंट प्रवाहित ग्यारह हजार वोल्ट तार के डाल सट गए। इसी क्रम मे पुरे पेड़ मे करंट प्रवाहित हो गया व करंट की चपेट मे आने से शिवमुरत साह की घटना स्थल पर हीं मौत हो गयी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस शव को सीएचसी ले आई।
थानाध्यक्ष शशिभूषण प्रसाद ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया गया है। वहीं वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार गुप्ता ने एसडीओ व जिलाधिकारी से बात कर मृतक के आश्रितों को मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। मौत पर दुख जताने वालों मे भाजपा नेता हरषु प्रसाद गुप्ता,उदय प्रसाद ,ओमप्रकाश गुप्ता आदि शामिल हैं। मृतक को दो बेटी व एक बेटा है।
वैन पलटने से ड्राइवर की जान गई
अकाेढ़ीगाेला मेंस्थानीय बक्सर सोन नहर के तटीय सड़क पर खपड़ा गांव के समीप शनिवार को अनियंत्रित पिकअप वैन नहर में पलट गई। जिसमें चालक की दबकर मौत हो गई। पुलिस शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल में भेज दिया है। चालक अगरेर गांव का 35 वर्षीय युवक विकास कुमार बताया जाता है। थानाध्यक्ष अनिल प्रसाद ने बताया कि चालक पिकअप वैन लेकर नोखा के तरफ से आ रहा था। जो अनियंत्रित होकर नहर में पलट गई और चालक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। पुलिस ने पिकअप को जब्त कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। परिजनों को सूचना दे दी गई है।
फारबिसगंज में शुक्रवार को दोपहर चिलचिलाती धूप में एक ठेला चालक को कुव्यवस्था की मार झेलनी पड़ी। भरगामा प्रखंड सिरसिया हनुमानगढ़ कला पंचायत के एक गरीब ठेला चालक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में ठेला चालक ने बताया कि अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं मिलने पर बीमार मां को ठेले पर लेटा 10 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचा। एम्बुलेंस के लिए अस्पताल फोन किया लेकिन, अस्पताल में एंबुलेंस की कमी कहकर एंबुलेंस नहीं दिया।
दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी श्रमिकों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए 21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन केंद्र में रहना अनिवार्य है। इसके लिए सभी प्रखंडों में क्वारंेटाइन केंद्र बनाए गए है। इन क्वारंेटाइन सेंटरों में रह रहे श्रमिकों को जिला प्रशासन की तरफ से समय से भोजन व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। बावजूद क्वारंेटाइन सेंटर में प्रशासन के निर्देश का सही से अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
करगहर प्रखंड के एसएन कॉलेज शाहमल देव खैरा को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। इसमें रह रहे प्रवासियों ने बताया कि केवल तैलीय एवं मसाला वाला भोजन दिया जा रहा है वो भी बासी। प्रवासियों ने बताया कि भोजन को पॉलिथीन में पैक कर दिया जा रहा है जबकि सरकार द्वारा हीं लोगों को जागरूक किया जाता है पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करे वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
भोजन भी अच्छी तरह से पका हुआ नहीं रहता
भोजन भी अच्छी तरह से पका हुआ नहीं रहता है। गंदगी के कारण रात भर मच्छर सोने नहीं देते। कमरे के आस-पास फैले कचरे के कारण दुर्गध आती रहती है। इसी तरह पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। श्रमिकों ने बताया कि क्वारंेटाइन केंद्र में तैनात कर्मियों को कहने के बाद भी कोई सुधार नहीं किया जा रहा है। श्रमिकों ने बताया कि सेंटर पर तैनात कर्मी अपने पीने के लिए आरओ का पानी मंगवाते हैं।
मजदूरों ने कहा-सुविधा के नाम पर लूट मची है
जब प्रशासन द्वारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं किया गया तो मजबूरन हमलोगाें को आरओ का पानी मंगवाना पड़ा। सुविधा के नाम पर लूट मची है। प्रवासी मजदूरों की मानें तों पिछले दो-तीन दिनों से यहां सैनेटाइजर का छिड़काव नहीं हो रहा है। मजदूरों को को स्वयं साफ-सफाई करनी पड़ती है। इसकी जब शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से की गई तो उन्होंने हमलोगों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर में सीआरपीएफ द्वारा कैमूर पहाड़ी के तराई में एवम झारखण्ड बिहार के सीमा से लगे सोन नदी में चलाया गया नक्सल विरोधी अभियान के दौरान यदुनाथपुर थाना अन्तर्गत मटियांव गांव स्थित सोन नदी के नाव घाट पर 30 क्विंटल महुआ जब्त किया है। ज्ञात हो कि यदुनाथपुर थाना अंतर्गतकैमूर पहाड़ी के तराई एवम सोन नदी में सीआरपीएफ एवं स्थानीय पुलिस नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से छापेमारी अभियान चला रही थी। इसी क्रम में सीआरपीएफ को सोन नदी के मटियांव गांव स्थित सोन नदी के नाव घाट पर 70 बोरा यानी 30 क्विंटल महुआ पर नजर पड़ गया । सीआरपीएफ ने महुआ को जब्त कर यदुनाथपुर पुलिस को सौप दिया।
सीआरपीएफ के सहायक समादेष्टा सुभाष चन्द्र झा ने बताया कि इस धंधा के मामला मे एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है। जिसका नाम बद्री साव ग्राम अमहुआ है। इस धंधा के संचालक नन्दा साव नावाडीह कला गांव के निवासी है।
नानपुर थाना क्षेत्र के सिंघाचौरी गांव स्थित फकीर तकिया टोला में गुरुवार की शाम बकरी चराने को लेकर हुई दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प में गंभीर रूप से जख्मी भरत दास की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गई। शनिवार की सुबह जैसे ही शव गांव लाया गया, एक बार फिर से तनाव शुरू हो गया। इस दौरान लोगों को समझाया गया कि अभी कोराना का संकट चल रहा है। इसके बाद अंतत: शव का अंतिम संस्कार 3 घंटे के बाद पंचायत भवन स्थित श्मशान में किया गया। तब तक शव वाहन में पड़ा रहा। वहीं पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि शनिवार की सुबह 9 बजे भरत दास का शव पटना से गांव लाया गया।
सूचना पर पुपरी एसडीओ धनंजय कुमार, डीएसपी संजय कुमार पांडेय, बोखड़ा बीडीओ अमरेंद्र पंडित, सीओ अवधेश कुमार श्रीवास्तव, पुलिस इंस्पेक्टर विजय कुमार, प्रभारी विजय कुमार सिंह, नानपुर थानाध्यक्ष राम प्रवेश उरांव के अलावा चोरौत और रुन्नीसैदपुर थाने की पुलिस, रैपिडेक्शन फोर्स और जिला पुलिस बल ने मोर्चा संभाला। पुलिस ने शव को घर पर ले जाने के बदले परिजनों से सिंघाचौरी पंचायत भवन के समीप ही श्मशान में अंतिम संस्कार कराने का आग्रह किया। तीन घंटे की मशक्कत के बाद परिजन उक्त स्थल पर शव का अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
प्राथमिकी में जाेड़ी गई धारा 302 और 307, 2 लोगों को पुलिस ने भेजा जेल
स्थिति को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी अभियुक्त मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार कर लिया। इसके एक दिन पूर्व शुक्रवार को आरोपी मोहम्मद शफीक उर्फ भोला को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। घटना के बाबत मृतक की चाची व भागवत दास की पत्नी सिया देवी उर्फ संझा देवी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें फकीर तकिया टोला के मोहम्मद शफीक साह उर्फ भोला, समशीर साह, तनवीर साह, शम्मी साह व सलीम उर्फ जसीम अहमद समेत 20 लोगों को नामजद किया गया है। भरत की मौत के बाद प्राथमिकी में धारा 307 के अलावा धारा 302 जोड़ दी गई। डीएसपी ने अनुसंधानकर्ता विजय कुमार सिंह के जगह पर अनुसंधान का कमान नानपुर थानाध्यक्ष राम प्रवेश उरांव को सौंपा है। उन्होंने थानाध्यक्ष को सभी नामजद अभियुक्तों को अविलंब गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। वहीं, गांव में उत्पन्न तनाव के मद्देनजर शनिवार की दोपहर एसपी अनील कुमार सिंघाचौरी गांव पहुंचे जहां मृतक के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी। कहा कि किसी भी स्थिति में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। एहतियात के तौर पर पंचायत भवन एवं मध्य विद्यालय सिंघाचौरी में मजिस्ट्रेट के साथ रैपिड एक्शन फोर्स व जिला पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
वीरपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पकड़ी मुनीचक में कोरोना वायरस महामारी को ले बनाये गये क्वारान्टीन सेंटर में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की जांच शनिवार को वीरपुर पीएचसी के डॉक्टरों द्वारा की गयी। स्वास्थ्य की जांच पीएचसी प्रभारी डॉ सुशील कुमार गोयनका, डॉ हादी फारुक व डॉ शीतल प्रसाद द्वारा किया गया। इस दौरान बाहर से आये व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन भी किया गया।
साथ ही विभिन्न राज्यों से आये लोगों का ट्रेवल हिस्ट्री लिया गया व उनकी सूची बनायी गयी। सीओ नवीन कुमार चौधरी ने बताया कि वर्तमान में कुल 68 लोग प्रखंड के तीन क्वारान्टीन सेंटर पर रह रहे हैं। जिसमें कई लोग दूसरे प्रदेशों में रहकर मजदूरी करते थे। इसमें से 6 व्यक्ति का सैम्पल जांच हेतु भेजा गया। मौके पर बीडीओ अखिलेश कुमार, हेल्थ मैनेजर आनंद ईश्वर आदि उपस्थित थे।
खोदावन्दपुर में आठ लोगों को किया गया क्वारान्टीन
खोदावन्दपुर मेंपश्चिम बंगाल के हुगली सहित अन्य शहरों से घर आये कुल आठ प्रवासियों को खोदावन्दपुर प्रशासन ने शनिवार को 21 दिनों के लिए क्वारान्टीन कराया गया है। बीडीओ अनुरंजन कुमार ने बताया कि प्रखंड के मेघौल पंचायत से एक, फफौत पंचायत के तारा गांव में दो, दौलतपुर पंचायत से पांच, अप्रवासी अपने-अपने संसाधनों से जैसे तैसे घर पहुंचे थे। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन को दिया। सूचना मिलते ही इन लोगो का पहले मेडिकल चेकअप कराया गया। फिर तारा बरियारपुर मध्य विद्यालय स्थित क्वारान्टीन सेंटर पर सभी को क्वारान्टीन कर दिया गया है।
बाघा में मैं बेगूसराय का बेटा हूं सामाजिक अभियान के तहत शहर के 11 किन्नर के बीच राशन का वितरण किया गया। लॉकडाउन की वजह से रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मॉल बंद होने से किन्नरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मैं बेगूसराय का बेटा हूं अभियान के रजनीकांत पाठक और भूमिपाल राय ने 11 किन्नरों के बीच 15 दिनों के लिए 5 केजी आटा, 5 केजी चावल समेत अन्य राशन की सामग्री का वितरण किया।
साथ ही कोरोना से बचाव के लिए किन्नरों को गमछा, मास्क और सैनिटाइजर भी दिया। सामग्री वितरण के दौरान किन्नरों ने लॉकडाउन और जागरूकता पर गीत गाकर पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। संस्था के रजनीकांत पाठक और जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय ने कहा कि लॉकडाउन में लगातार राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है।
राशन कार्डधारियों की त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा ठीक करने के लिए प्रखंड क्षेत्र में शनिवार से कर्मचारी और डीलरों ने युद्धस्तर पर काम जारी कर दिया है। डीबीटी डाटा ठीक करने के बाबत उपभोक्ताओं का अभिलेख जमा करते बरियारपुर पूर्वी के डीलर विवेक कुमार उर्फ मंतोष, न्याय सचिव रूपेश कुमार और वार्ड सदस्य प्रतिनिधि राजन कुमार ने बताया कि उनलोगों को डीबीटी डाटा ठीक करने के लिए प्रखंड से दो तरह का प्रपत्र उपलब्ध करवाया गया है। जिसमें त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा अपडेट करने के लिए त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा सूची और आरसी वन प्रपत्र शामिल है।
जिसके तहत राशन कार्ड उपभोक्ताओं से उसके साक्ष्य का महत्वपूर्ण अभिलेख जमा करना है।उन्होंने बताया कि त्रुटिपूर्ण डीबीटी सूचि की बावत लाभुकों के आईएफएससी कोड के साथ बैंक का खाता नम्बर और उसका मोबाइल नंबर लेना है।जबकि आरसी वन प्रपत्र के लिए आधार कार्ड, आईएफएससी कोड के साथ बैंक का खाता नम्बर और उसका मोबाइल नंबर जमा करना है। बताते चले कि प्रखंड मुख्यालय के पुस्तकालय भवन में शुक्रवार को त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा ठीक करने के लिए मंझौल एसडीएम दुर्गेश कुमार की अध्यक्षता में डीलर व कर्मचारियों की बैठक हुई।
जिस बैठक में एसडीएम के द्वारा बताया गया कि कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन में फंसे राशन कार्डधारियों की सहायता के लिए सरकार ने एक हजार रुपया प्रति कार्डधारी देने का फैसला लिया है। डीबीटी डाटा त्रुटिपूर्ण होने की वजह से लाभुकों के खाते में राशि हस्तांतरण नही हो पा रही है, जिसको लेकर एसडीएम द्वारा आदेश दिया गया कि वे लोग अपने क्षेत्राधीन राशन कार्डधारियों का महत्वपूर्ण अभिलेख डीबीटी डाटा सूचि से अविलम्ब लिंक करवाने का काम करें। ताकि इस आपातकाल से जूझ रहे राशन कार्डधारियों को सरकार द्वारा घोषित सहायता राशि उपलब्ध करवाया जा सके।
डीलर व कर्मचारियों को यह भी जानकारी दिया गया कि ऐसा करने से पारिवारिक राशन कार्ड नाम से वंचित उस परिवार के लोगो को भी राशन मिल सकता है।साथ ही बैठक में उनलोगों को यह भी जानकारियां दी गयी कि जीविका द्वारा उपलब्ध कराए गए लाभुकों के आवेदन का युद्ध स्तर पर जांच चल रहा है।जांचोपरांत सभी वैध लोगो को राशन कार्ड जल्द ही उपलब्ध करवा दिया जायगा।
परिहार प्रखंड जविप्र विक्रेताओं के अध्यक्ष रामदरेश राय ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवेदन दिया है। इसमें गोदाम प्रशासन पर कई आरोप लगाये गये है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि डोर स्टेप डिलेवरी में गोदाम प्रशासन के द्वारा अनाज कम दिया जाता है। श्रमिकों का पैसा भी नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जन वितरण प्रणाली के सभी विक्रेताओं द्वारा आपदा के इस घड़ी में सरकार के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। आम लोगों की सेवा की जा रही है। बहुत से डीलर अपने स्तर से भी लोगों को सहयोग कर रहे है। फिर भी गोदाम प्रशासन द्वारा अनाज के वजन में कमी किया जा रहा है। साथ ही अनाज को वाहन पर लादने और उतारने वाले श्रमिकों का भुगतान भी नहीं किया जाता है।
हमेशा लाइसेंस रद्द कर देने की धमकी दी जाती है
राय ने कहा कि जब ये बातें गोदाम प्रशासन को कही जाती है तो यह धमकी दी जाती है कि लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इससे डर कर जन वितरण प्रणाली के विक्रेता खामोश रहते है। श्री राय ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी से यह मांग की है कि एसएफसी गोदाम पर पदाधिकारी की उपस्थिति में अनाज का वजन कर जन वितरण प्रणाली को देने की व्यवस्था की जाए। आवेदन पर प्रखंड के 54 जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं के हस्ताक्षर हैं। हाल के दिनों में विभिन्न जविप्र विक्रेताओं पर अनाज कम देने का आरोप लगा है।
थाना क्षेत्र के जयनगर पंचायत अंतर्गत मुशहरी टोल के चौर में शनिवार को पोखर में नहाने के दौरान डूबने से एक बच्ची की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। मृतका बच्ची की पहचान मुशहरी टोल निवासी भूनटून राय की 5 वर्षीय पुत्री संध्या कुमारी के रूप में की गई है। घटना के बाद गांव में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। ग्रामीणों ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलने पर अवर निरीक्षक गौतम कुमार सिंह दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे औैर मामले की छानबीन कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। यहां पोस्टमार्टम करने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। मुखिया ललित किशोर पंडित ने बताया कि सुबह से बच्ची के घर में नहीं रहने पर परिजनों ने करीब 11 बजे से बच्ची की खोजबीन शुरू की।
लोगों ने बच्ची को पोखर की ओर जाते देखा था
खोजबीन के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि बच्ची को पोखर की ओर जाते हुए देखा गया है। इसके बाद परिजनों को शंका होने पर ग्रामीण गोताखोर की मदद से पोखर में बच्ची की खोजबीन शुरू की गई। इस दौरान पानी के अंदर बच्ची का पैर पकड़ में आया। शव पानी के अंदर मिट्टी में धंस गया था जिसे बाहर निकाला गया। इस दौरान मृतका की मां सुलिया देवी रो-रोकर बेहोश हो जा रही थी। पोखर से शव निकालने के दौरान घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही।
थाना क्षेत्र के भुतही स्थित रामदेव भगत बलदेव चौधरी बालिका उच्य माध्यमिक विद्यालय का ताला तोड़कर चोरों ने स्मार्ट क्लास के बेशकीमती सामान की चोरी कर ली। ग्रामीणों ने घटना की सूचना विद्यालय के एचएम सच्चिदानद प्रसाद को दी। एचएम के कहने पर विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र कुमार, मो. जैनुद्दीन और मृत्युंजय विद्यालय पहुंचे और गायब सामान का मुआयना किया। शिक्षक श्री कुमार ने बताया कि चोरों ने स्कूल के कमरे का ताला तोड़कर एलईडी टीवी, इन्वर्टर, बैटरी अाैर होम थियेटर सहित लाखों की संपत्ति की चोरी कर ली है। सरकारी आदेश के बाद भी विद्यालय में अब तक नाईट गार्ड की बहाली नहीं की गई है।
थाना क्षेत्र के संदलपुर पंचायत में मामूली विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में दो व्यक्ति गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों का इलाज बेगूसराय के निजी अस्पताल में चल रहा है। जहां दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। दोनों घायलों में एक की पहचान संदलपुर गांव निवासी इन्द्रदेव साह के पुत्र विकास साह जबकि दूसरे की पहचान ज्ञानटोल गांव निवासी शोभित यादव के पुत्र उमा यादव के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ज्ञानटोल गांव निवासी भूदेव यादव का पुत्र अमला यादव दूध का व्यवसाय करता है।
शुक्रवार की देर शाम को वह दूध लेकर संदलपुर गांव गया था, जहां इन्द्रदेव यादव के आटा चक्की मील के सामने रुक कर दूध बेचने लगा। इसी दौरान एक ग्राहक अपने सिर पर गेहूं लेकर मील पर पहुंचा। इन्द्रदेव साह ने अमला यादव को वहां से हटकर दूध बेचने के लिए बोला। परंतु अमला यादव दूध बेचने के धुन में उनकी बातों को अनसुना कर दिया। इन्द्रदेव साह ने फिर से उसे वहां से हटकर दूध बेचने के लिए बोला तो अमला यादव वहां से हटने से मना कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झड़प होने लगी जो गाली-गलौज से हाथापाई पर पहुंच गया।
शोर-शराबा व मारपीट होता देख वहां बहुत से लोग जमा हो गए। इसी बीच सूचना मिलने पर अमला यादव का दोस्त उमा यादव व इन्द्रदेव साह का पुत्र विकास साह वहां पहुंच गए और दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। गोलीबारी की इस घटना में जहां एक तरफ से विकास साह को जबकि दूसरे तरफ से उमा यादव को गोली लग गई। स्थानीय लोगों द्वारा दी गई सूचना पर पहुंचे एम्बुलेंस से दोनों घायल को पीएचसी लाया गया, जहां मौजूद चिकित्सक ने दोनों की स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया। इस संबंध में थानाध्यक्ष सुदीन राम ने बताया घायल के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
नगर थाना क्षेत्र के चकमहिला मिडिल स्कूल के समीप शनिवार की शाम बाइक सवार दो बदमाशों ने बाइक सवार प्रधान शिक्षक समेत दो लोगों को दो गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार बदमाश मधुबन की ओर भाग निकले। घटना के बाद आसपास के लोगों में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। स्थानीय लोगों ने दोनों जख्मी को इलाज के लिए नगर के रिंग बांध स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उनकी स्थिति गंभीर बताई गई है। दोनों जख्मी की पहचान चकमहिला निवासी ललितेश्वर कुमार और नथुनी अंसारी के रूप में की गई है। इधर, घटना की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष प्रभात रंजन सक्सेना दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
चकमहिला मिडिल स्कूल के पास घटना को दिया अंजाम
वहीं मामले की छानबीन कर बदमाशों की भागने की दिशा में छापेमारी अभियान चलाया। हालांकि छापेमारी अभियान के दौरान पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लग पाया। जानकारी के अनुसार, ललितेश्वर कुमार बाजपट्टी प्रखंड के बसहा कन्या मध्य विद्यालय के प्रधान शिक्षक हैं। इसी बीच शनिवार को ललितेश्वर अपने साथी नथुनी अंसारी के साथ बाइक से बाजार गए थे। देर शाम लौटने के क्रम में बाइक सवार दो बदमाशों ने चकमहिला मिडिल स्कूल के समीप ललितेश्वर के जांघ और नथुनी अंसारी के पैर में गोली मार जख्मी कर दिया।
प्रखंड क्षेत्र के कोइली पंचायत स्थित मध्य विद्यालय कोइली बालक में बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे अप्रवासी मजदूरों ने कुव्यवस्था से तंग आकर शनिवार को रून्नीसैदपुर-पुपरी मुख्य पथ काे जाम कर दिया। सभी लाेगाें ने सेंटर के सामने बीच सड़क पर बांस-बल्ला लगाकर सड़क को जाम कर धरना-प्रदर्शन किया और हंगामा करने लगे। इस दौरान नाराज अप्रवासी मजदूरों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन भी नहीं किया गया। इस सेंटर पर कुल 60 मजदूर रह रहे हैं। सड़क जाम की सूचना मिलने पर बीडीओ चन्द्रमोहन पासवान, सीओ नौशाद आलम, पुअनि. मो. इम्तेयाज खान सशस्त्र बलों के साथ मौके पर पहुंचे औश्र लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया गया।
दैनिक भत्ता के रूप में तीन सौ रुपए देने की भी मांग की गई
आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में उन लोगों को सरकार के द्वारा दैनिक भत्ते के रूप में तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिए जाने की जानकारी मिली थी। पर, अब तक इसके लिए किसी भी कर्मी या अधिकारियाें ने हमलोगों से कोई भी कागजात नहीं लिए। 12 दिन हो गए है, परंतु हमलोगों में से किसी की भी स्वास्थ्य जांच नहीं कराई गई है। बगैर जांच कराए ही हम लोगों को इस सेंटर पर रखा जा रहा है। कहा कि सुबह-शाम दोनों समय भोजन में चावल ही दिया जाता है। रोटी मांगने पर डांट-फटकार की जाती है। वहीं, सेंटर इंचार्ज गौतम कुमार ने बताया कि मजदूरों के द्वारा लगाया अारोप पूरी तरह बेबुनियाद है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
लाॅकडाउन में किसानों की परेशानियां बढ़ गई है। खेतों में लगे सब्जी की बिक्री नहीं होने से सब्जी खेत में ही खराब हो रहे हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठना पड़ रहा है। किसान लोहाडंडा निवासी राजकुमार सिंह ने बताया कि लगभग 4 एकड़ जमीन में खीरा, ककड़ी, भिंडी, नेनुआ, करेला ,मिर्च आदि फसल लगाया है। लॉक डाउन के कारण सब्जी का उचित दाम नहीं मिल रहा है, जिससे उसे काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है, साथ ही साथ खेत में ही सब्जी खराब हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 20 हजार रुपए कर्ज लेकर गरमा फसल की खेती किया गया है और इस वर्ष अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद जगी थी, पैदावार अच्छी हुई परंतु कोरोना वायरस के चलते उनका सब कुछ खत्म होने लगा है। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के कारण लगभग एक माह से क्षेत्र के किसी भी इलाके में हाट नहीं लग रहा है जहां सब्जी का उचित दाम मिल सके।
अब किसी तरह वे औने पौने दाम में सब्जी बेचने को विवश हैं। राजकुमार ने यह भी बताया कि इस बेमौसमी बारिश के कारण भी नुकसान झेलना पड़ा। जब बारिश से बचाकर फसल तैयार किया गया तो अब कोई खरीदारी करने वाले नहीं मिल रहा है इस स्थिति में वे कर्ज़ कर लगाएं पूंजी भी लौट नहीं सकता है। वहीं किसान तरवन निवासी रामाशंकर यादव, नईटांड निवासी रामचंद्र महतो,करियांवा निवासी किसान नौशाद अंसारी आदि किसानों ने बताया कि इस लाॅक डाउन में सब्जी बेचने में काफी मशक्कत हो रही है। सब्जी में लगे मेहनत व पूंजी भी लौट नहीं रहा जिससे काफी चिंता बढ़ गई है।
लॉकडाउन में बंद पड़ी जरूरतमंद दुकानदारों व लोगों को जिला प्रशासन ने बड़ी राहत दी है। लोगों के लिए जरूरी दुकानों को खोलने को लेकर अनुमति दी है। हालांकि इस दौरान सख्त निर्देश देते हुए स्पष्ट किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में अनुपालन करते रहना है। यदि ऐसा करते हुए नही पाया गया तो वैसे दुकानदारों के विरुद्ध न केवल कार्रवाई की जाएगी बल्कि दुकान खोलने की दी गई अनुमति पर रोक लगा दी जाएगी। इसके लिए बराबर माॅनिटरिंग करायी जाएगी।
डीएम अमन समीर ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान यह जानकारी दी। डीएम द्वारा दिए प्रतिष्ठानों व दुकानों के संचालकों को सशर्त दुकानों को खोलने की अनुमति के लिए इस प्रकार से शर्तें रखी गई है। जिसमें संबंधित दुकानों के आगे सफेद पेंट से 6 फीट की दूरी पर ग्राहकों को खड़ा होने के लिए गोलाकार आकृति बनायी जाएगी, ताकि कतारबद्ध होकर तथा एक दूसरे से दूरी बना कर ही लोगों के द्वारा खरीददारी किया जा सके। हालांकि सफेद पेंट से गोलाकार वृत बनाने की जिम्मेदारी संबंधित दुकानों के दुकानदार की होगी।
मास्क लगाकर ही सभी को निकलना होगा
वही दुकानों पर या बाजार में मास्क, फेस कवर पहनना दुकानदारों एवं ग्राहकों के लिए अनिवार्य होगा तथा दुकानदार दस्ताना पहनकर अपना काम करेंगे। इसके साथ ही सभी दुकानों पर दुकानदार एवं ग्राहकों के लिए सैनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। सभी ग्राहक दुकान की काउन्टर पर पहुंचने के पहले अपने हाथों को अच्छे तरह से सैनेटाइज कर ही दुकानदार से समान की खरीददारी करेंगे व पैसे देंगे।
डिजिटल माध्यम से सभी लोग करें पेमेंट
डीएम ने सुझाव के तर्ज पर कहा कि यदि सम्भव हो तो प्रत्येक दुकान पर डिजिटल पेमेंट लेने की सुविधा बनायी जाय और इसको लेकर ग्राहकों को इसके लिए प्रोत्साहिेत भी किया जाय। उन्होंने प्रतिदिन दुकान, प्रतिष्ठान को पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट (ब्लीचिंग, सोडियम हाइपोक्लोराइड के सम्यक घोल से) कराने को निदेशित किया है। मौके पर एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा, डीडीसी अरविंद कुमार, एडीएम चंद्रशेखर झा, डीटीओ मनोज कुमार रजक, ओएसडी डीपी शाही आदि मौजूद रहे।
एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा कि लॉकडाउन का पालन कराने को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सजग है। उन्होंने बताया कि एमवी एक्ट के तहत वाहन चेकिंग के दौरान 4321 गाड़ियों से 34 लाख 11 हजार पांच सौ रुपये जुर्माना वसूला गया। वही कंटोनमेंट एरिया नया भोजपुर में लॉकडाउन नियमों के उल्ल्घंन मामले में 63 लोगों के विरुद्ध कुल दस केस दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही जिले स्तर पर कुल 54 केसेस में 136 लोगों के विरूद्ध किया गया है। एसपी ने कहा कि सभी जगहों पर पुलिस गश्ती करने को सख्ती से निदेशित किया गया है। खासकर नया भोजपुर के कंटोनमेंट जोन में सख्ती से लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन कराने को लेकर निदेशित किया गया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जरूरी हो तभी घर से निकले।
कंटेंनमेंट जोन में नहीं खुलेंगी दुकानें: डीएम
कन्टेंमेंट जोन नया भाेजपुर में दुकान आदि खोले जाने को लेकर कोई छुट नही है। डीएम अमन समीर ने स्पष्ट कर दिया है कि इस गांव को इपीसेंटर मानते हुए तीन किलो मीटर के रेडियस में चिन्हित कंटेंमेंट जोन वाले इलाके की दुकानें आम लोगों के लिए नहीं खोली जाएगी। इसका सख्ती से अनुपालन करने को लेकर उन्होंने एसडीओ हरेन्द्र राम को निदेशित किया है। वही अन्य जगहों के दुकानदारों से अपील किया है कि जो भी ग्राहक मास्क, रूमाल अथवा गमछा का प्रयोग नहीं करेंगे उन्हें समान नहीं दें। उन्होंने गुटखा, तम्बाकू एवं थूकने आदि पर सख्त प्रतिबंध रहने की बात कही है।
थाना क्षेत्र के बनगांव गांव में बिजली का तार टूटने को लेकर दो पक्षों के बीच हुए मारपीट की घटना में एक महिला समेत दो लोग जख्मी हो गए। जख्मी सुरेन्द्र महतो अाैर जनकनंदिनी देवी का इलाज स्थानीय पीएचसी में कराया गया। प्रथम पक्ष की ओर से जख्मी जनकनंदिनी देवी ने थाने में आवेदन देकर एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें गांव के ही सुरेंद्र महतो अाैर भरत महतो को आरोपित किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में बताया कि वह घर में अकेली थी। इसी बीच उक्त आरोपी हरवे हथियार से लैंस होकर उसके घर में घुस गए। वहीं गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडा से प्रहार कर जख्मी कर दिया। घटना के बाद घर में रखी पेटी में से 30 हजार रुपए के गहने लेकर भाग गए। वहीं, दूसरे पक्ष की ओ से जख्मी सुरेंद्र महतो ने थाने में आवेदन देकर एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें रितेश झा और अजय झा को आरोपित किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में बताया कि उक्त आरोपित हरवे हथियार से लैंस होकर उसके घर में घुस गए। वहीं उसके साथ गाली-गलौज करते हुए चाकू से प्रहार कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। घटना के बाद जेब से 25 हजार रुपए निकालकर भाग गए। थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर मामले को दर्ज कर लिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कोविड-19 के संक्रमण काल में टेलीमेडिसिन व्यवस्था एक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण माध्यम बताया है। यह वरदान से कम नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं जिससे घर बैठे लोग अपने अस्पतालों में टेलीमेडिसिन के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे युवा विकास सोसायटी के वाईवीएस विड़ मेड टेलीमेडिसिन एेप का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुभारंभ करते हुए अपने विचार रखें।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में टेलीमेडिसिन बहुत उपयोगी है।यह भारत के लिए बहुत आवश्यक है और कोविड 19 जैसे महामारी के वर्तमान समय में बहुत अधिक आवश्यक है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने बताया कि वर्तमान सरकार ने मौजूदा कॉलेजों में मेडिकल कॉलेजों और सीटों की संख्या में वृद्धि की है। इसके साथ हमें प्रौद्योगिकी और चिकित्सा का एकत्रित रूप, टेलीमेडिसिन को व्यापक रूप में विभिन्न डॉक्टरों और रोगियों द्वारा अपनाया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थकेयर और हेल्थकेयर डिलीवरी में डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में कई पहल की हैं। ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की खाई को कम करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भारत में टेलीमेडिसिन (टीएम) के उपयोग के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जानकारी आईटी सेल के नितीन मुकेश ने दी।
कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है। यूपी या अन्य जगहों से वीर कुंवर सिंह पुल के सहारे बक्सर पहुंचने वालों को चिह्नित कर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जो हर किसी पर न केवल नजर रख रहे हैं बल्कि यूपी से बिहार लौटने वालों की सूची बनाकर रिपोर्ट करते हुए जांच केंद्र पर भेज रहे हैं। सख्ती से ड्यूटी करने को लेकर उत्प्रेरक, शिक्षक व न्यायमित्रों की ड्यूटी लगा दी गई है। डीएम अमन समीर के निर्देश के आलोक में बीडीओ रोहित मिश्रा ने तीन शिफ्टों में इन्हें तैनात किया गया है। इन तीन शिफ्टों में पहला शिफ्ट छह बजे से दो बजे तक है। जबकि दूसरा शिफ्ट 2 बजे दाेपहर से रात 10 बजे तक व तीसरा 10 बजे रात से छह बजे सुबह तक है।
प्रथम में शिफ्ट में एसआई ज्ञान प्रकाश, दूसरे शिफ्ट में एसआई कमल नयन पांडेय जबकि रात वाले में राघव दयाल ड्यूटी निभा रहे हैं। सुशील कांत राम, प्रभाकर दूबे, लाल बाबू मिश्रा आदि शिक्षक मुस्तैद रह रहे हैं। वहां ड्यूटी कर रहे शिक्षक प्रभाकर दूबे हर किसी आने वालों का रजिस्ट्रेशन कराते हुए उन्हें जांच सेंटर पर भिजवा रहे थें। वहीं पुलिस अफसर वाहनो की जांच के साथ ही शराब आदि पर भी नजर रख रहे हैं। इस तरह यूपी से आने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है। बता दें कि यूपी से हर आने वाले गाड़ियों, पैदल चलकर आने वाले आदि का रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही उन्हें जांच सेंटर बिहार पब्लिक स्कूल भेजा जा रहा है।
(सत्यप्रकाश पांडेय) जहां पूरे विश्व में कोरोना की महामारी सुर्खियों में है, वहीं भारत में मजदूरों के बीच भूख का भय, बेरोजगारी की चिंता सताने लगी है। अपनों से मिलने की बेताबी से पैदा हो रही अफरा-तफरी से उत्पन्न हो रहे माहौल की खबरों की सुर्खियां कोरोना के खतरों से भी ज्यादा चिंताजनक हो गई हैं। कहीं सैकड़ों मील पैदल चल पड़ने, तो कहीं साईकिल से ही निकल पड़ने की खबर हमारी मानवीय संवेदनाओंको झंकझोर दे रही है।
इसी तरह वक्त के मारे दो मजदूर इस चिलचिलाती धूप में भूखे प्यासे डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तय कर चौसा पहुंचे। पूछने पर पता चला कि आगे भी इनको लगभग पांच सौ किलोमीटर जाना था। गुडन कुमार का दाहिना पैर किसी हादसे में कट चुका है और बेयरिंग की बनी हुई काठ की गाड़ी को एक हाथ के सहारे सड़क पर घरघराने हुये जा रहा था।
दिव्यांग के साथ चल रहा था उसका दोस्त: साथ में सुनील भी कपड़ो की गठरी लिए पैदल अपने दोस्त के पीछे- पीछे चल रहा था। जो भी इस दृश्य को देखते उनके मुंह से बरबस निकल पड़ता कि ये कैसा भय और कैसी मजबूरी खड़ा हो गयी है। जिस दूरी को लोग बाइक से सफर करने के नाम पर पसीना छूट जाता है।आज वह दूरी भी मजबूरी के आगे तुच्छ हो गयी है। पूछने पर पता चला कि दोनों पटना किसी लाइन होटल में जुट्ठे बर्तन धोने का काम करते थे। जिससे इनका गुजरा हो जा रहा था।
पटना से चार दिन में पहुंचे थे चौसा
दोनों ने बताया पहले सब ठीक था। लेकिन, लॉकडाउन के कुछ दिनों के बाद मालिक द्वारा हाथ खड़े कर दिए गये तो दोनों युवकों द्वारा घर जाने की हिम्मत जुटा चल दिये। जो पटना से चार दिन की दूरी तय कर चौसा बारे मोड़ पहुंचे थे। आगे पूछने पर इलाहाबाद जाना है बताया। चौसा में एक सज्जन द्वारा दोनों को भोजन कराया गया। भोजन करने के बाद वही सड़क के पास ही एक बन्द दुकान पर खाली चौकी पर दोनों लेट गये।कुछ देर आराम करने पर फिर चल दिये।यह कहना गलत ना होगा कि आज मजदूर वर्ग सदी की सबसे बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है।
सदर अस्पताल में बिना किसी कार्य के आने या परिसर में बेवजह घुमने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। इस तरह के लोग यदि पकड़े जाते है। तब उनसे आर्थिक जुर्माना वसूला जाएगा। इस आशय की जानकारी अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरी तरह से एहतियात बरता जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह प्रयास किया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया जाये। इसलिए जो भी मरीज आते है। उन लोगों को अस्पताल परिसर में लगे टेंट में बैठाया जाता है।
फिर एक-एक कर मरीज को अस्पताल के अंदर दाखिल होने दिया जाता है। ताकी भीड़-भाड़ नहीं हो। साथ ही समय-समय पर अस्पताल को सैनिटाइजर किया जा रहा है। पूरा ऐहतियात बरता जा रहा है। क्योंकि अस्पताल में आने वाले लोग किसी न किसी बीमारी से पीड़ित होते है। उनलोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए पूरी सावधानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में बेवजह लोग नहीं आये। इसलिए पूरी सख्ती बरती जा रही है। इसके लिए सीसीटीवी की भी मदद ली जा रही है। अस्पताल में हर आने जाने की निगरानी इसके माध्यम से हो रही है।
अनुमंडल में जिला प्रशासन के निर्देश का पालन कराने में अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। कई दुकानदार बिना रोस्टर के भी खुलने वाली अपनी दुकान खोलकर नियमों की धज्जियां उड़ाते रहे। शनिवार को भी थाना रोड में साइबर कैफे, कॉपी-किताब की दुकानें, फोटो स्टेट की दुकानें, चाय-पान, नाश्ते की दुकानें, टेलरिंग दुकान, मालगोदाम रोड में बैकरी, साइकिल दुकान, हार्डवेयर, पान-मसाला, स्टेशनरी, मोबाइल रिचार्ज, गैस रिफिलिंग, साइकिल मरम्मत, इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान, महावीर चौक के समीप कॉपी-किताब दुकान, साइकिल दुकान, कुलदीप मार्केट में कॉपी-किताब, इलेक्ट्रॉनिक्स के दुकान, गुदरी रोड में कपड़े की दुकान, रिचार्ज दुकान खुली रही
सोम, बुध, शुक्र को खुलने वाले प्रतिष्ठान
डीएम ने सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को इलेक्ट्रिकल्स व इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स की दुकानें सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ही खोलने की इजाजत दी है।
मंगल, गुरु, शनि को खुलने वाली दुकानें : डीएम के निर्देशानुसार मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को ऑटोमोबाइल्स व शहरी क्षेत्रों में गृह निर्माण से संबंधित दुकाने नें खोलने की अनुमति दी है। बावजूद रोस्टर के बिना भी कई प्रकार की प्रतिष्ठान शुक्रवार को भी खुली पाई गई थी।
रोजाना खुलने वाली दुकान: डीएम के निर्देशानुसार गैरेज, वर्कशॉप, प्रदूषण जांच केंद्र, एचएसआरपी, स्पा व सैलून को प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक खोलने की मंजूरी दी है।।
इधर, चमथा बॉर्डर पर पुलिस सख्त दिखी
विद्यापतिनगर| प्रखंड के बाजिदपुर चमथा बोर्डर चेक पोस्ट पर दोपहर 1:20 बजे दंडाधिकारी आलोक कुमार व एएसआई राधामोहन पासवान व पुलिस बल के जवान कड़ी धूप में डियूटी पर तैनात थे। सड़के सुनसान पड़ी थी। आवाजाही पर पूर्ण रूप से रोक लगी थी। इस दौरान ठेला चालक बाजिदपुर बाजार से चमथा गांव जा रहे थे। जिन्हें पुलिसकर्मियों ने पूछताछ कर जाने दिया। वहीं चमथा गांव से राशन दुकान की सामग्री पहुंचाकर लौट रहे मालवाहक ऑटो को पूछताछ कर जाने दिया गया।
जिला से प्राप्त निर्देश को लेकर शहर में माइकिंग करवाते हुए रोस्टर से खुलने वाली दुकानों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। बावजूद बिना रोस्टर के दुकान खोलने वाले व शर्तों का सख्ती के साथ पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -विष्णुदेव मंडल, एसडीओ, दलसिंहसराय
थाना क्षेत्र के धर्मपुर बांदे गांव में शनिवार को महाराष्ट्र से आए तीन छात्र सहित चार लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में भेजने को लेकर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए । बताया जाता है कि महाराष्ट्र से चलकर ट्रेन द्वारा छह मई को तीन छात्र सहित चार लोग समस्तीपुर पहुंचे थे। वहां से सरकारी बस द्वारा पटोरी अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया था। अस्पताल में प्रारंभिक जांच के बाद छात्रों द्वारा दिखाए गए महाराष्ट्र का होम क्वारेंटाइन सर्टिफिकेट के आधार पर परिजनों को सौंप दिया गया। प्रदेश से घर आने की खबर पर ग्रामीणों ने क्वारेंटाइन सेंटर भेजने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही पटोरी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार और हलई ओपी अध्यक्ष संदीप पाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। वहीं महाराष्ट्र से आए सभी चारों को थाना ले आए। ग्रामीणों सभी को क्वारेंटाइन में लेकर आक्रोशित थे। काफी समझाने के बाद लोग शांत हुए। सूचना पर पटाेरी थाना पर पहुंचे एसडीओ मो. शफीक, एएसपी विजय कुमार, बीडीओ डॉ नवकंज कुमार, सीओ चंदन कुमार ने मामले की जानकारी बड़ी पदाधिकारी को दी। पटोरी थाना क्षेत्र के आने वाले धर्मपुर बांदे गांव का प्रखंड मोरवा एवं अनुमंडल समस्तीपुर होने के कारण इसकी सूचना जिलाधिकारी एवं एसपी समस्तीपुर को दी गई। जिला से अगले आदेश के आने तक प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में रखा गया है ।
पंचायत के लोगों में कोरोना के संक्रमण का सता रहा था भय
तीन छात्र समेत चार लोग महाराष्ट्र से चलकर ट्रेन द्वारा छह मई को अनुमंडल अस्पताल पटोरी पहुंचे थे। महाराष्ट्र का सर्टिफिकेट देखने के बाद प्रारंभिक जांच के बाद चारो को होम क्वारेंटाइन रहने को कहा गया था। हलई ओपीध्यक्ष संदीप कुमार पाल के अनुसार स्थिति को शांत करा लिया गया। सभी चारों लोगों को पटाेरी भेज दिया गया है।
प्रशासन की पहल पर शांत किया गया मामला
मुखिया विभा देवी व मुखिया प्रतिनिधि अशोक दास ने बताया कि चारों छात्रों होम क्वारेंटाइन का लेटर लेकर घर में थे। धर्मपुर बांदे में क्वारेंटाइन रहने को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस प्रशासन के सहयोग व पटोरी में क्वारेंटाइन कराने के बाद मामला शांत हुआ।
पटोरी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय में रखा गया
सभी चार लोगों को पटोरी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय में रखा गया है। वरीय पदाधिकारी के आदेश आने तक ये सभी यही रहेंगे। ग्रामीणों समझा-बुझाकर थानाध्यक्ष द्वारा शांत करा दिया गया है।
-मो. सफीक, एसडीओ,पटोरी
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार के निर्देशानुसार अप्रवासी लोगों को 21 दिनों के लिये क्वारान्टीन सेन्टर पर रखने का प्रावधान किया गया है। इस कार्य मे ग्रामीणों द्वारा भी प्रशासन को भरपूर सहयोग दिया जा रहा है। अप्रवासी लोगों के लिए अभी तक प्रखंड में तीन क्वारान्टीन सेंटर प्रारंभ किया जा चुका है। जिसमें दुधिपट्टी मध्य विद्यालय को भी एक केंद्र बनाया गया है। इस सेंटर पर अभी 66 लोगों को क्वारान्टीन के लिये रखा गया है। लेकिन सभी के बीच दैनिक क्रिया कलापों के लिए मात्र आठ बाल्टी और मग उपलब्ध कराया गया है।
जिससे क्वारान्टीन किये गए लोगों में संक्रमण की सम्भावना बनी रहती है। इसको लेकर क्वारान्टीन किये गये लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। नाम नहीं छापने के शर्त पर क्वारान्टीन किये गये एक व्यक्ति ने बताया कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण ही नया भोजपुर में संक्रमण का खतरा उत्पन्न हुआ। लेकिन इस बात से सबक लेने के बजाय प्रशासन द्वारा उसी गलती को दुहराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा क्वारान्टीन सेंटर में रह रहे व्यक्तियों के लिये तमाम तरह की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और ही बया करती है।
केंद्रों पर लगा कूड़ों का अंबार:क्वारान्टीन सेंटर के पूर्वी भाग की घेरा बंदी नहीं किया गया है। जिससे क्वारान्टीन किये गये लोगों को सेंटर से भागने की आशंका बनी हुई है। वही सेंटर के मध्य में कूड़ों का अंबार लगा हुआ है। तीनों जगह के क्वारान्टीन सेंटर्स के लोगों ने बताया कि जिस तरह की व्यवस्था दी गयी है, उससे स्वास्थ्य आदमी भी अस्वास्थ्य हो जाएगा। वहीं, मच्छरों के प्रकोप के करण सारी रात जागरण करना पड़ता है। इसके अलावा, दोनों समय खाने में चावल दिया जा रहा है। जिसके कारण मधुमेह, गैस रोगों के अलावा नाना प्रकार की बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। लोगों ने बताया कि दूध की जगह चाय दिया जा रहा है, जो पीने लायक नही होता। वहीं, आर्सेनिक युक्त पानी पीने को दिया जा रहा है, जिससे कई बीमारियों की उत्पन्न होने की संभावना उत्पन्न हो गयी है। दूसरी ओर, इन केंद्रों पर कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। वहीं, प्रखंड में पूछताछ आधारित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
दूध के लिए बिलखते रहे बच्चे: मध्य विद्यालय बड़का राजपुर में पारिवारिक क्वारान्टीन सेन्टर बनाया गया है। जिसमें पति, पत्नी व उनके बच्चों को रहने की व्यवस्था की गई है। दम्पति ने बताया कि शनिवार को दूध के लिये बच्चे बिलख रहे थे। लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था में लगे अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिये गये। हालांकि, ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर से मासूमों के लिये दूध उपलब्ध कराया। क्वारान्टीन सेंटर के लोगों ने कहा कि यहां जेलों से भी बदतर व्यवस्था के बीच हमलोगों रह रहे है।
राजपुर थाना क्षेत्र के हेठुआ पंचायत के देवकीडेरा गांव में जमीन के विवाद को लेकर शुक्रवार की देर शाम को दो पक्षों के जमकर मारपीट हुई। इस मारपीट की घटना में दोनों पक्षों के कुल सोलह लोग घायल हो गये। मिली जानकारी के अनुसार देवकी डेरा गांव में दो पक्षों के बीच जमीन के विवाद को लेकर पूर्व में दोनों पक्षों के बीच में समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत दोनों पक्ष शांति से रह रहे थे। लेकिन अचानक शुक्रवार को एक पक्ष के द्वारा उस जमीन पर घर बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया।
जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने नाराजगी जताते हुए समझौते की याद दिलाई। इसी बात को लेकर पहले कहा सुनी हुई इसके बाद जमकर लाठी डंडे चलाये जाने लगा। इस दौरान मारपीट की घटना में मनीष यादव, तेजनारायण यादव, राजेन्द्र सिंह, कृष्ण मुरारी, पिन्टू, रमावती देवी, दिनेश सिंह, रिंकू कुमारी, रानी देवी, सबिता देवी, राजेश यादव, शशिकांत सिंह, राधेश्याम सिंह, रामप्रवेश सिंह, महेन्द्र सिंह, संध्या कुमारी गम्भीर रूप से घायल हो गये। सभी लोगों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राजपुर में भर्ती कराया गया।
इस दौरान मनीष यादव, तेजनारायण यादव, राजेन्द्र सिंह यादव की स्थिति खराब होने के कारण बेहतर इलाज के लिए बक्सर रेफर कर दिया गया। मामले को लेकर दोनों पक्षों की ओर से राजपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गयी है।
शहरी क्षेत्रों में मीटर रीडरों ने वेतन कटौती सहित अन्य मांगों को लेकर मीटर रीडिंग कर स्पॉट बिलिंग के कार्यो का बहिष्कार किया है। कोविड-19 महामारी मेंभी मार्च के वेतन में की गई कटौती की राशि की भरपाई करने, अप्रैल माह का वेतन देने व 20 लाख रुपए का बीमा करने की मांग की है। उनका कहना है कि वर्ष 2018 व 2019 में भी मनमाने ढंग से वेतन में कटौती की गई थी। मीटर रीडर पिछले 8 वर्षो से अपने कार्यो का निष्ठा के साथ निर्वहन कर बिजली विभाग के राजस्व संग्रहण करने में मदद कर रहे है। लेकिन उनकी समस्याओं का अभी तक समाधान नहीं हुआ है। इस बारे में कंपनी के सुपरवाइजर से लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों तक पत्र लिखकर समस्याओं के बारे में अवगत कराकर गुहार लगा चुके है लेकिन सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। एक तो कंपनी की ओर से वेतन कम दिया जा रहा है वहीं इसमें भी कटौती की जा रही है। जबकि वे कठिन परिश्रम कर शहरी क्षेत्रों में स्पॉट बिलिंग का कार्य कर रहे हैं।
वेतन की कटौती होने से आर्थिक स्थिति दयनीय
मीटर रीडर संजय कुमार, विकास कुमार, जितेंद्र कुमार, धीरज कुमार चौधरी, मनीष कुमार झा, सबीन कुमार, अरविंद कुमार, अमजद हुसैन व कमरूल होदा का कहना है कि कम वेतन में भी कटौती करने से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। उन्होंने इसका समस्या का समाधान करने की मांग की है। आइकिया कंपनी के सुपरवाइजर कंचन कुमार का कहना है कि मार्च महीने के काटे हुए वेतन को लेकर कंपनी की ओर से विचार किया जा रहा है। वहीं अप्रैल माह का वेतन लॉकडाउन टूटने पर निर्णय लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलिंडर का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के खाता में मई माह की राशि भेज दी गई है। इस आशय की जानकारी ओएमसी के जिला नोडल पदाधिकारी एवं इंडियन ऑयल पटना के सेल्स ऑफिसर अंकित रंजन ने दी। उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने 30 अप्रैल तक अपनी अग्रिम राशि का उपयोग कर गैस ले लिया है। उन्हें कंपनी की ओर से मई महीने की अग्रिम राशि दी जाने लगी है। परन्तु वैसे उज्ज्वला ग्राहक जिन्होंने बुकिंग 30 अप्रैल या उससे पहले की थी। लेकिन, अभी तक उन्हें गैस प्राप्त नहीं हुआ है या वे नहीं ली हैं।
इस परिस्थिति में वैसे ग्राहक तो 10 मई तक गैस का डिलीवरी लेना अत्यंत अवश्यक है। तभी वो मई महीने की अग्रिम राशि के पात्र होंगी। इन उपभोक्ताओं के खाता में 15 मई से राशि स्थान्तरित की जाएगी। अन्यथा उन्हें इस माह का लाभ नहीं मिल पायेगा। अंकित रंजन ने बताया कि जो उज्ज्वला उपभोक्ता अप्रैल माह में गैस ले ली हैं। वह मई माह में भी गैस लेकर प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना का लाभ लें। विदित हो कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए मार्च माह लॉकडाउन शुरू किया गया था।
गरीब परिवारों को परेशानी नहीं हो इसके तहत उज्ज्वला योजना से जुड़े लाभुकों को अप्रैल, मई व जून माह का मुफ्त रिफिल देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। जिसका लाभ जिले 74 हजार 250 लाभुकों को मिला। इस प्रक्रिया के तहत पहले अप्रैल माह की राशि भेजी गई थी। लाभार्थी अंतिम बुकिंग के 15 दिन बाद ही दूसरी बुकिंग करा सकते है। रिफिल की बुकिंग आईवीआरएस, व्हाट्सएप इंडियन ऑयल एप्प पर होगा। यह उसी मोबाइल नंबर से होगा। जो गैस एजेंसी में पंजीकृत किया गया होगा। अंकित रंजन ने बताया कि इस योजना के तहत पांच किलोग्राम वाले सिलिंडर दिए गए थे।
क्वारान्टीन सेंटरों पर रहने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग हो गया है। सेंटरों पर प्राप्त गाइड लाइन के अनुसार सभी तरह की सुविधाओं को बहाल कराने को लेकर डीएम अमन समीर खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं और जहां कमियां नजर आ रही है वहां तत्काल दिशा निर्देश दे रहे हैं। बता दें कि सभी क्वारान्टीन सेंटरों पर उनके ठहरने व खाने तक का इंतजाम करना है।
इसी क्रम में डुमरांव के प्रखंड के चिलहरी स्थित बीएड कॉलेज व नंदन गांव स्थित डीएवी स्कूल क्वारान्टीन सेंटर पर रहने वालों को डुमरांव सीओ विजय कुमार सिंह के द्वारा मच्छरदानी के साथ सामग्री का किट दिया गया। मच्छरदानी के साथ उन्हें बर्तन में थाली, कटोरी, ग्लास के साथ ही लूंगी आदि दिया गया। दोनों सेंटरों को मिलाकर करीब 34 लोगों को इस तरह की व्यवस्था दी गई। जहां सीओ ने खुद लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहने व स्वच्छता के साथ रहने की अपील की। उन्होंने उन्हें बराबर हाथों की धुलाई आदि करते रहने के बारे में भी जानकारी दी।
केवटा में भूमि विवाद में हुए एसिड अटैक के मामले में पुलिस ने 3 महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल जाने वालों में आरोपी विष्णु राय की पत्नी तारा देवी, बेटी प्रियंका कुमारी, उषा देवी व उसके पति रामबाबू राय शामिल हैं। जिले में भूमि विवाद को लेकर तीन बार लोग एसिड अटैक कर चुके हैं। लोग एसिड को ही हथियार बनाकर एक-दूसरे पर हमला कर देते हैं। दलसिंहसराय में शुक्रवार को हुए एसिड अटैक से पूर्व 24 फरवरी 2015 में लोकनाथपुर में एसिड अटैक से कई लोग झुलस गए थे। पूसा थाना क्षेत्र में भी वर्ष 2004 में भूमि विवाद में ही एसिड अटैक से एक दर्जन लोग झुलस गए थे।
एसिड की वजह से 9 लोग झुलस गए थे दोनों ओर से दर्ज की गई थी एफआईआर
केवटा वार्ड संख्या नौ में शुक्रवार की सुबह भूमि विवाद में हुई एसिड अटैक में दोनों पक्ष की ओर से आवेदन देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। घटना को लेकर एक पक्ष से स्व. धूपा राय के पुत्र जीवछ राय ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वह अपने भाई भूपदेव राय के घर पर मकान का कार्य करवा रहे थे। इसी दौरान विष्णु राय, उसकी पत्नी तारा देवी, बेटी प्रियंका कुमारी, उषा देवी, दामाद रामबाबू राय योजनाबद्ध होकर कार्यस्थल पर पहुंच कर अपने-अपने हाथ मे रखे एसिड को हमारे परिवार पर फेंकने लगा। एसिड की वजह से परिवार के नौ लोग झुलस गए। वहीं, विष्णु राय की पत्नी तारा देवी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि हम सभी अपने घर पर थे। इसी समय सूचना मिली की मेरी जमीन पर जीवक्ष राय, भूपदेव राय, अरुण राय, प्रेम कुमार, चन्द्रकला देवी, राम दुलारी देवी मिलकर पक्का मकान बनवा रहे हैं।
पुलिस कर रही छापेमारी
एसिड अटैक की घटना को पुलिस गंभीरता से ले रही है। 4 को गिरफ्तार किया गया है। घटना में शामिल अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी में जुटी है।
- प्रवीण कुमार मिश्र, थानाध्यक्ष, दलसिंहसराय
लॉक डाउन के दौरान पर्यावरण में भारी बदलाव देखने को मिले हैं। इस क्रम में अभी जिले में मौसम में लगातार बदलाव होने है। मौसम विभाग ने किसानों के लिए अलर्ट जारी किया है। इस क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वस्तु विशेषज्ञ डॉ. देव करन ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार आगामी 2 दिनों में बक्सर जिले के कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ वर्षा की संभावना है। मिली जानकारी के अनुसार 10 मई को दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री होगी।
साथ ही, वातावरण में आद्रता अधिकतम 64 प्रतिशत के साथ हवा की गति 18 किलोमीटर प्रति घंटे की दर से बहेगी। वहीं, 11 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री होने की संभावना है। वातावरण की अधिकतम आद्रता 54 प्रतिशत व हवा की गति 19 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहने के आसार हैं। शनिवार को भी अधिकतम तापमान 36 डिग्री व न्यूनतम 25 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि, हल्के बादल होने के कारण लोगों थोड़ी अधिक उमसभरी गर्मी का एहसास हुआ।
फसलों के भंडारण से पूर्व अच्छे से सूखा लें: कृषि वैज्ञानिक का कहना है की मौसम खराब हो इससे पहले किसान फसलों का भंडारण कर लें। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान फसलों की मड़ाई अति शीघ्र करें। साथ ही, वह मौसम देखकर कृषि क्रियाएं करें। गेहूं, चना, मसूर आदि खाद्यान्न का भंडारण धूप दिखाकर करें। गेहूं के भंडारण के लिए अलुमिनियम फास्फाइड दवा का प्रयोग करें। इन दवाओं को बच्चों से दूर रखें। दालों के भंडारण के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करें। वहीं, खाली खेतों में मिट्टी पलट कर हल्की गहरी जुताई करें। बागवानी करने वाले किसान फसल लगाने के लिए गड्ढों की खुदाई करें। आम के बगीचे में फल पैदावार के लिए 2 ग्राम बोरेक्स एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। साथ ही, मिट्टी परीक्षण हेतु खेत से मृदा नमूना ले। किसान सूरजमुखी व गरमा फसल में एक दिन के अंतराल में सिंचाई करें।
बिहार-यूपी क्षेत्र में ट्रफ लाइन बनने से बारिश की संभावना: डॉ. देव करन ने बताया कि मॉनसून के आने से पहले प्री मॉनसून ने दस्तक दे दी है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते गर्मी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिणी अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र बना हुआ है। जिसके कारण मौसम में बदलाव हो रहे हैं। फिलहाल बारिश की सम्भावना है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लू के प्रकोप से मई के पहले सप्ताह तक राहत बरकरार है। लू से इस राहत की वजह है लगातार होती रही प्री-मॉनसून वर्षा। सामान्य से अधिक वर्षा के कारण ही उत्तर भारत के भागों में तापमान नहीं बढ़ा और लू अपना असर नहीं दिखा सकी। हालांकि अब मौसम में बदलाव हो रहा है। उत्तर भारत के कुछ इलाके लू की गिरफ्त में आ गए हैं।
जिले में कोरोना के सात पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। बेगूसराय सीमा पर दलसिंहसराय में मजदूर बेरोक-टोक आ-जा रहे हैं। वहीं दरभंगा सीमा पर कल्याणपुर में भी लोगों की आवाजाही जारी है। जबकि दोनों ही जिले में पहले से ही कोरोना का पॉजिटिव मामला आया हुआ है। जिले में पॉजिटिव मामला आने के बाद इन्हीं हालातों को जानने के लिए दैनिक भास्कर के रिपोर्टरों ने सीमाओं का जायजा लिया।
दलसिंहसराय : बिना जांच के दाेनाें ओर के अफसराें ने लोगों को जाने दिया
दलसिंहसराय| शनिवार को दलसिंहसराय-बछवाड़ा एनएच 28 के ढ़ेपुरा बाॅर्डर पर गाड़ियों को पास चेक करने के बाद प्रवेश दिया जा रहा था। इसी दौरान 1:30 बजे दिन में दिल्ली से जमशेदपुर जा रही कार को दारोगा रीना झा ने रोककर पास चेक किया। वहीं गोरखपुर से पश्चिम बंगाल जा रहे संजय पाल, सनोचित पाल सहित 14 प्रवासी मजदूर साइकिल से बिना पूछताछ के बॉर्डर पार कर गए।
हसनपुर : डबल लोडिंग बाइक सवार को बैरिकेडिंग पार किए बिना लौटाया
हसनपुर| रामपुर गांव के निकट टेंगराहा बांध पर दोपहर 2 बजे सील किए गए स्थल पर तैनात हसनपुर थाना के एएसआई सुरेश चंद्र पांडेय व मजिस्ट्रेट मुकेश रंजन ने मालीपुर की तरफ से आ रहे डबल लोडिंग बाइक सवार को रोका। रोके जाने के बाद पास व आवश्यक कागजातों की मांग किया। बाइक सवार द्वारा कागजात व पास प्रस्तुत किए जाने पर बिना बैरिकेटिंग पार किए ही वापस कर दिया।
रोसड़ा: कार से जा रहे थे डॉक्टर कागजात दिखाने पर जाने दिया गया
रोसड़ा| अनुमंडल क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के 6 मरीजों के मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर से विशेष चौकसी बरती जा रही है। शनिवार को 1:20 बजे रोसड़ा-बेगूसराय मुख्य पथ के जीरोमाईल पर दंडाधिकारी फनिश कुमार व पुलिस पदाधिकारी सीताराम दास ने रोसड़ा से खोदावंदपुर जा रहे कार को रोका। सभी रोसड़ा से डॉक्टर के यहां से अा रहे थे। कागजातों की जांच बाद उन्हें जाने दिया गया।
कंटेनमेंट जोन में शामिल डुमरांव के जंगलीनाथ शिवमंदिर रोड में सब्जी विक्रेताओं द्वारा अवैध तरीके से सब्जी की मंडी लगाई जा रही है। हर दिन अहले सुबह सजने वाली इस मंडी में सैकड़े की संख्या में खरीददार आ रहे है। इस बाजार में न तो साेशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और न ही सब्जी विक्रेता और खरीददार मास्क तक लगा रहे है। हालांकि यह जगह स्थायी बाजार नहीं है।
लेकिन जानकारों की मानें तो नया भोजपुर में कोरोना मरीज मिलने के बाद पहले जिस जगह पर बाजार लगता था वह जगह प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। वही आस पास की स्थायी सब्जी दुकानें भी बंद है। इस इलाके में सब्जी का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। सब्जी उत्पादकों को जब अपने उत्पादित सब्जी का बेचने के लिए बाजार नहीं मिला तो उन्होंने प्रशासन से बगैर स्वीकृति के अवैध तरीके से बाजार ही लगाने लगे है।
सुबह दो घंटे के लिए लगता है बाजार: खास बात यह है कि उनका यह बाजार अहले सुबह मात्र एक-दो घंटे के लिए ही लगता है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस दौरान सैकड़ों लोग उस बाजार में सब्जी खरीदने आते है तथा भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है। इस बाजार में आने वाले लोग मास्क तक नहीं पहन रहे है और न ही सामान खरीदने व बेचने से पूर्व हाथों पर सेनेटाइजर का छिड़काव कर रहे है। जिससे किसी दिन स्थिति गंभीर हो सकती है।
सोसल डिस्टेंसिंग का पालन है जरूरी: भले ही नया भोजपुर में कोरोना का चेन टूट गया है तथा अब यह गांव कोरोना से मुक्त होने की दहलीज पर खड़ा है। बावजूद अभी भी बक्सर जिला रेड जोन में ही शामिल है। जिस कारण लोगों को एहतियात बरतना बहुत जरूरी है। बाजार में भीड़ इकट्ठा होने की सूरत में कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। लिहाजा सभी जगहों पर साेशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है।
एकांत इलाके में होने से प्रशासन को नहीं है सुधि
जंगलीनाथ शिव मंदिर का इलाका काफी एकांत व सुनसान है। उस तरफ न तो घनी आबादी है और न ही पहले से कोई बाजार लगता रहा है। इधर कोरोना संकट के बीच जब नया भोजपुर में कोरोना मरीज मिलने लगे तक प्रशासन द्वारा इस गांव के बाहर सजने वाली सब्जी मंडी को पूरी तरह से सील कर दिया गया तथा सड़क किनारे सब्जी बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस इलाके में पुलिस गश्त के अभाव तथा आबादी से दूर होने के कारण किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। अक्सर सुबह में मार्किंग वाक के नाम पर घर से निकलने वाले लोग इस बाजार में पहुंच सब्जी खरीद रहे है।
कोरोना संक्रमण से बचाव एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को युवाशक्ति के अध्यक्ष निमेज पंचायत निवासी समाजसेवी जय प्रकाश पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय के द्वारा निमेज पंचायत के पूरवा टोला को सैनिटाइज किया गया। इसके पहले भी गुड्डू पांडेय द्वारा प्रवासी मजदूरों को ब्रह्मपुर चौरास्ते पर प्रतिदिन खाना खिलाने की व्यवस्था की गयी थी।
बीच मे प्रशासन के आदेश पर यह कार्य बंद हो गया फिर भी इनके द्वारा भूखे प्यासे मजदूरों को बिस्किट आदि की व्यवस्था की जाती रही है। लकडाउन में इनके द्वारा गरीबो के प्रति किये गए कार्य काफी सराहनीय है।आदमी के साथ साथ पशु पंछियों का भी ये ख्याल रखते है। एन एच 84 पर योगिया टावर के समीप भूखे प्यासे बंदरों को फल एवं पानी की व्यवस्था कराया। बता दें कि गाड़ियाें के आवागमन बन्द होने के कारण बन्दर भूख से बेहाल थे। उन्होंने बताया कि सैनिटाइज का कार्यक्रम पंचायत के पांचों गांव में क्रमबद्ध तरीके से हर एक गांव को सैनिटाइज किया जाएगा।
चौगाई प्लस टू हाई स्कूल में बाहर से आए हुए लोगों को रखने के लिए क्वारान्टीन सेंटर का निर्माण किया गया है। इस सेंटर में ऐसे लोगों को रखा जाना है। जो लोग प्रवासी मजदूर हैं। इसके लिए कर्मियों की भी प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है। लेकिन, इसकी सच्चाई तब उजागर होने लगी। जब इस क्वारान्टीन सेंटर का निरीक्षण करने के लिए अमसारी बीडीसी सदस्य झमकू राम पहुंचे। वहां पर उन्होंने देखा कि उनके पंचायत के कई लोगो को लूंगी की जगह पर विभाग के द्वारा लूंगी को दो टुकड़ों में विभाजित करके एक लूंगी में दो लोगों को दिया जा गया था।
देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि गमछे के भी बराबर भी यह लूंगी का टुकड़ा नहीं दिख रहा था इन लोगों ने कहा की हम लोग प्रवासी मजदूर हैं। हम लोगों ने आस लगाकर के लगभग 15 किलोमीटर दूर से जैसे तैसे पैसे का जुगाड़ करके साइकिल खरीदा। और उस साइकिल के सहारे रायपुर से चलते हुए भूखे प्यासे क्वारान्टीन सेंटर पर पहुंचे। ताकि हमारे और हमारे परिवार के लोगों से मुलाकात हो सके। हम बिना किसी प्रशासनिक दबाव खुद ही क्वारान्टीन सेंटर पर आ गए। लेकिन, दुर्भाग्य है कि विभाग के द्वारा क्वारान्टीन में आने के बाद लूंगी का टुकड़ा मिला।
हम लोगों ने ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। हमने सपना सजाया था कि हम मध्य प्रदेश से यहां बिहार अपने पंचायत में आएंगे। तो हमें अपने और अपनों का साथ मिलेगा। लेकिन यहां पर हमारे साथ इस तरह की घटना घटित होगी। हमने कभी सोचा भी नहीं था। बीडीसी सदस्य ने दैनिक भास्कर को इन लोगों का तस्वीर लेकर के उपलब्ध कराया। इन लोगों ने यह दिखाया कि हम लोगों को विभाग के द्वारा मात्र दो से ढाई फीट का लूंगी ही उपलब्ध कराया जा रहा है।देखने से ऐसा प्रतीत होता है। जैसे एक लूंगी को दो टुकड़े में बांट करके दो लोगों को लूंगी के नाम पर उपलब्ध करा दिया गया है। रायपुर से आए हुए सुनील, राज किरण चौधरी,चंचल ने कहा कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमें अपने घर में ही इस तरह के जिल्लत का सामना करना पड़ेगा। सीओ बद्री प्रसाद गुप्ता ने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी।
बंजरिया अंचल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रधान सचिव समेत डीएम के निर्देश के बावजूद हैदराबाद से शनिवार को बंजरिया पीएचसी पहुंचे 8 लोगों को अंचल प्रशासन ने क्वारेंटाइन नहीं किया। उल्टे सीओ ने सवाल दागते हुए कहा कि मजदूर किसके आदेश से पीएचसी गए। इधर मजदूरों ने कहा कि प्रशासनिक आदेश की जानकारी के बाद उन्होंने स्वयं जाकर स्क्रीनिंग कराना जरूरी समझा। इस दौरान मजदूर 5 घंटे तक क्वारेंटाइन सेंटर ले जाए जाने के लिए बैठे रहे। अंतत: थक हार कर अपने घर चले गए। प्रखंड प्रशासन की इस लापरवाही से प्रवासी मजदूर के गांव वाले डरे हुए है। घर जाने के बाद गांव के लोगो मे कई तरह आशंकाएं फैल गई है। यह स्थिति तब है जब प्रखंड के जटवा में 3 कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिले है। बाबजूद इसके अंचल प्रशासन सजग नही हो पाई है।
बताते चले कि प्रखंड के अजगरी पंचायत के 8 मजदूर गुरुवार को किराए की बस रिजर्व कर हैदराबाद से बंजरिया पीएचसी पहुंचे। पीएचसी के चिकित्सको ने उनकी स्क्रिनिग कर क्वारेंटाइन सेंटर जाने का निर्देश दे दिया। परंतु वह बैठे रहे लेकिन अंचल प्रशासन उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर नहीं ले गया। अंतत: थक हार कर सभी अपने-अपने घर चले गए।
ग्रामीण बोले- कोई पॉजिटिव मिला तो ये लापरवाही होगी
मजदूरों ने बताया प्रति व्यक्ति 11 हजार रुपया किराया देकर 3 दिन व रात लगातार यात्रा कर वह मोतिहारी पहुंचे। बस उनको छोड़ कर वापस चली गई, लेकिन पहुंचने पर प्रशासन का रवैया बिल्कुल विपरित देख हम दंग गए। इससे बेहतर तो वहीं थे जहां हम थे। सीओ मणी कुमार वर्मा से पूछने पर बताया कि वे जिस गाड़ी से आए हंै उसी गाड़ी से मोखलिशपुर उच्च विद्यालय में जाए। उनके लिए कोई गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो सकती है। सीओ ने मजदूरों के पीएचसी जाने पर हीं सवाल खड़ा कर दिया कि वह किसकी अनुमति से पीएचसी में गए। इधर मजदूरों के कहा कि सरकारी आदेश की जानकारी होने के बाद उन्होंने स्वयं पीएचसी जाकर स्क्रीनिंग कराना जरूरी समझा। वहीं ग्रामीण बताते हंै कि प्रशासन के लोगों को इन्हें क्वारेंटाइन करना चाहिए। यदि नहीं करते तो यह उनकी लापरवाही मानी जाएगी। गांव में तो आ गए हैं, लेकिन ये किनके सम्पर्क में आएंगे, कौन संक्रमित होगा कुछ भी पता नहीं।
जिले के 81 क्वारेंटाइन सेंटरों पर बनानी होगी विधि-व्यवस्था
मोतिहारी|जिले में बने कई प्रखंड स्तरीय क्वारेंटाइन सेंटर पर विधि व्यवस्था में मिलने वाली को कोताही को लेकर जिला प्रशासन ने इसे चुस्त दुरूस्त बनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए सबी एसडीएम को जांच करने का भी निर्देश दिया गया है। क्वारेटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों व दंडाधिकारियों को हर हाम में विधि व्यवस्था को बनाए रखने को कहा गया है। जिले के सभी प्रखंडो में बनाए गए 81 क्वारेंटाइन सेंटर पर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पर्याप्त संख्या में पदाधिकारी व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। डीएम शीर्षत कपिल अशोक व एसपी ने संयुक्त निर्देश जारी कर कहा है कि क्वारेंटाइन सेंटर पर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी तथा गड़बड़ी करने वाले पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासी मजदूरों को हर हाल में क्वारेंटाइन सेंटर में रहने का सख्त निर्देश दिया है। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले मजदूरों पर कड़ी कार्रवाई करने निर्देश जारी किया है। इसके मद्यनजर प्रत्येक एसडीओ तथा एसडीपीओ को प्रतिदिन कम से कम दो क्वारेंटाइन सेंटर के जांच की जिम्मेवारी सौपी गई है तथा उसका रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग व गोपनीय शाखा को देने के लिए निदेशित किया गया है।
मुंबई के ठाणे से शुक्रवार की देर रात मोतिहारी आए श्रमिकों का सफर बेहद दुखदायी रहा। रास्ते में श्रमिकों को न तो ठीक से खाना मिला न पानी। उन्हें ट्रेन में सफर करने के लिए टिकट भी कटाना पड़ा था। जबकि सरकार उन्हें मुफ्त में लाने की बात कह रही है। 1830 किमी के 31 घंटे का सफर कुछ श्रमिकों के लिए ब्रेड अचार पर तो कुछ का खिचड़ी पर ही कट गया। पटना के हरेंद्र कुमार ने बताया कि थाणे से माेतिहारी आने के लिए 745 रुपए का ट्रेन का किराया देना पड़ा। उसने 745 रुपए का टिकट कटाया। बताया गया कि इसमें सुपरफास्ट एवं खाने की सुविधा मिलेगी। उन्हें ठीक से पानी तक नहीं मिला।
लक्ष्मीपुर लक्ष्मणवा पंचायत के वार्ड नंबर 7 व 10 के अनुसूचित जाति बस्ती में शनिवार को मस्तिष्क ज्वर व चमकी बुखार पर चौपाल का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया। अधिकारियों ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर एक गंभीर बीमारी है। जिसका इलाज समय से होने के बाद यह ठीक हो सकता है। अत्यधिक गर्मी व नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है। एक से पंद्रह वर्ष तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। इस बीमारी में सर दर्द, तेज बुखार का आना, जिसका पांच से सात दिनों से ज्यादा रहना, अर्ध्द चेतना व मरीज में पहचानने की क्षमता नखो देना आदि है। इसके अलावे भ्रम की स्थिति में होना, बच्चे का बेहोश हो जाना। शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में थरथराहट होना। पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना या हाथ पैर का अकड़ जाना। यह मस्तिष्क ज्वर व चमकी बुखार की लक्षण है।
रोगी के अभिभावक क्या नहीं करें
बच्चे को खाली पेट लीची ना खिलाएं। बच्चे को कंबल या गर्म कपड़ों में ना लपेटें। बच्चे की नाक बंद नहीं करें। बेहोशी की अवस्था में बच्चे के मुंह से कुछ ना दें। मौके पर यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक सतीश कुमार शाही, महिला पर्यवेक्षिका सुनीता कुमारी विकास मित्र उमाशंकर राम, केयर के राजीव रंजन, संतोष कुमार, एएनएम रीता कुमारी सभी आशा सेविकाएं व ग्रामीण महिला एवं पुरुष उपस्थित थे।
प्रखंड क्षेत्र के सवंगिया पंचायत की माड़ीपुर मिलिक के भदोही चौक पर शुक्रवार की देर रात अचानक आग लगने से पांच दुकानें जल गई। मुखिया भाग्यमति देवी ने बताया कि धुआ और आग की लपटों को देखकर ग्रामीण अग्निशामक दस्ता को इसकी इसकी सूचना दिए तथा आग पर काबू पाने के लिए पानी का छिड़काव करने लगे। मौके पर पहुंचे अग्निशामक कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने से लगभग पांच लाख की संपत्ति का नुकसान हुआ है। आग की लपटों ने अमलेश चौधरी की दुकान, राजेश्वर ठाकुर का सैलून, रामेश्वर पटेल का किराना और भूजा दुकान, सलीम मियां का पान और किराना दुकान, अलाउद्दीन मियां का चिकेन शॉप जल गया है।
इधर, अगलगी में तीन घर जले
चकिया | थाना क्षेत्र के शीतलपुर पंचायत की हताहर पुर टोला वार्ड 15 में आग लगने से तीन घर जल गया। घटना शनिवार दोपहर की है। अगलगी की घटना में राजकुमार गिरी का एक घर व भसौली जल गया।
जिले के किसानों को लगातार दूसरे साल हरी चादर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। किसान खेतों में मूंग व ढैंचा की खेती नहीं कर सकेंगे। कृषि विभाग द्वारा टेंडर नहीं किए जाने के कारण अनुदानित दर पर मूंग व ढैंचा का बीज अनुदानित दर पर नहीं मिलेगा। कृषि विभाग इसके लिए पिछले साल लोकसभा चुनाव तो इस वर्ष कोरोना को जिम्मदार बता रहा है। जबकि किसान इसे कृषि विभाग की लापरवाही या उदासीनता बता रहे हैं। बहरहाल कृषि विबाग की लापरवाही के कारण मूंग व ढ़ैंचा की खेती की आस लगाए किसान निराश हैं। किसानों की आर्थिक तरक्की के लिए सरकार व कृषि विभाग कई योजनाएं चला रही है। कृषि रोड मैप के तहत कृषि विभाग कम लागत में अच्छी उपज के लिए किसानों को जागरूक कर रही है। वैज्ञानिक तरीके से खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को अनुदानित दरों पर बीज देकर उन्हें आर्थिक मदद कर रही है। हरी चादर योजना भी सरकार व कृषि विभाग की एक महत्वाकांक्षी योजना है। लेकिन यह महत्वकांक्षी योजना कृषि विभाग की उदासीनता व कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण इस साल सफलीभूत नही हो रहा है। मूंग की खेती के पश्चात व ढैंचा की खड़ी फसल को खेतों में दबा दिया जाता है। जो सड़ कर उत्तम खाद बन जाता है। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है। किसानों को हरी चादर योजना के तहत मूंग के बीज पर 80 प्रतिशत व ढैंचा के बीज पर 90 प्रतिशत अनुदान मिलता था।
यह है योजना | हरी चादर योजना रबी फसलों की कटनी के बाद खाली खेतों में किसानों को मूंग व ढैंचा के बीज अनुदानित दरों पर उपलब्ध कराया जाता है। ताकि किसान अपने खेतों में ढैंचा व मूंग की बुआई कर सके। विभाग द्वारा जिले के 2234 हेक्टयेर में मूंग की खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। वहीं 2914 हेक्टयेर में ढैंचा की खेती की भी योजना थी। कृषि विभाग 2234 हेक्टेयर के लिए 447 क्विंटल मूंग का बीज व 2914 हेक्टेयर के लिए 583 क्विंटल ढैंचा बीज उपलब्ध कराने के लिए सरकार को भेज दिया था।
लॉकडाउन के कारण टेंडर नहीं होने से किसानों को अनुदानित दर पर मूंग व ढैंचा का बीज उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।
डॉ. ओंकारनाथ सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण
कोरोनावायरस से सबसे अधिक खतरा पुलिस, स्वास्थकर्मी, सफाईकर्मी सहित अन्य कोरोना वारियराें को है। खासकर नया भोजपुर जैसे कोरोना संक्रमित क्षेत्र में ड्यूटी करना इन कोरोना फाइटरों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे जगहों पर ड्यूटी के लिए उन्हें मजबूत सुरक्षा कवच की जरूरत भी है। लेकिन अभी तक जिले में पीपीई किट की कमी थी। जिस कारण कई स्वास्थकर्मी व पुलिसकर्मी साधारण मास्क व किट से ही काम चला रहे थे वो भी तब जबकि नया भोजपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही थी।
इस विकट घड़ी में अनुमंडल प्रशासन के पहल पर चिलहरी गांव के सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष त्रिपाठी, लक्ष्मण राय, सौरभ राय उर्फ विक्की व सुमित राय ने दिल्ली से ऑनलाइन पचास पीपीई किट मंगवा उसे अनुमंडल प्रशासन को सौंपा। शनिवार को एसडीएम हरेन्द्र राय व एसडीपीओ केके सिंह को दोनों युवाओं ने पीपीई किट भेंट कर उसे पुलिसकर्मियों व स्वास्थ कर्मियों में बांटने की गुहार लगाई। इस संबंध में जानकारी देते हुए विक्की ने कहा कि एक किट की कीमत 800 रुपये है। दोनों द्वारा 40 हजार रुपये की लागत से 50 किट मंगवाए गए है।
विक्की व सुमित ने कहा कि कोरोना त्रासदी के बीच अपने कर्तव्य पर डटे रहने वाले, डाॅक्टर, पुलिस व सफाई कर्मियों सहित अन्य कोरोना वारियराें की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेवारी है। आशुतोष त्रिपाठी, लक्ष्मण राय, विक्की व सुमित ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे आगे भी प्रशासन व पीड़ित मानवता की सेवा को तैयार है। वही एसडीएम हरेन्द्र राम व एसडीपीओ केके सिंह ने उनके इस योगदान व कोराेना फाइटरों के सुरक्षा की चिंता व सम्मान की भावना के लिए दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं काआभार जताया।
शनिवार को बाबूबरही में जिला प्रशासन की ओर से प्रवासियों के लिए करवाए गए घटिया भोजन को देखकर प्रवासियों का घुस्सा फूटा पड़ा। प्रशासन की मौजूदगी में प्रवासियों ने क्वारेंटाइन सेंटर से निकलकर सड़क पर आ गए। उन्होंने सड़क को बांस से घेरकर जमकर बबाल कटा। वहीं, दूसरी ओर लखनौर के क्वारेंटाइन सेंटर धरावती प्लस टू विद्यालय रूपौली में प्रवासी मजदूरों ने जिला प्रशासन के ओर से की गई भोजन की व्यवस्थाओं की सराहना भी की।
खाने योग्य नहीं है भोजन : बाबूबरही क्वॉरेंटाइन सेंटर में विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मजदूर सुबह करीब 9 बजे भोजन में अनियमितता को लेकर उग्र हो गए। प्रवासी मजदूर सेंटर से निकलकर सड़क पर उतर आए। उन्होंने प्लस टू जगदीश नंदन उच्च विद्यालय के सामने मधुबनी-खुटौना मुख्य मार्ग पर बांस बला से घेर दिया। इसके बाद सड़क को जाम करते हुए बवाल काटने लगे। सभी का आरोप था कि सेंटर में उन्हें जो भोजन परोसा जा रहा है। हंगामा करने की सूचना मिलने पर एसआई प्रेम कुमार पासवान दल बल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे। व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन देकर जाम खत्म करवाया।
प्रवासियों ने बताया- डॉक्टर कभी भी सेंटर के अंदर देखने के लिए भी नहीं आते हैं
प्रवासियों का कहना है कि क्वारेंटाइन सेंटर में सूची के अनुसार से भोजन नाश्ता नहीं मिलता है। सेंटर के अंदर बिजली, चापाकल, शौचालय, बाल्टी, जाग की समुचित व्यवस्था नहीं है। प्रवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि एक भी पदाधिकारी या डॉक्टर कभी भी सेंटर के अंदर देखने के लिए नहीं आते हैं। फोन पर बात करने से एक दूसरे के ऊपर टालमटोल कर देते हैं।
समय से नहीं मिलता भोजन, एक भी गार्ड नहीं, प्रवासी घूमने के लिए निकल जाते हैं
पिछले 4-5 दिनों से रहे प्रवासियों को समय से भोजन नहीं मिल रहा है। शनिवार को जलपान में चुरा में हल्दी मिलाकर दिया गया। जिसके कारण हम लोगों ने सड़क को जाम कर दिए। यहां पर एक भी गार्ड नहीं हैं। जिसकी वजह से कुछ प्रवासी बाहर घूमने के लिए जाते हैं। एक प्रवासी ने बताया कि शुक्रवार को 4 प्रवासी बिना बताए अपने अपने घर चले गए।
झंझारपुर में सड़क पर घूम रहे क्वारेंटाइन किए गए लोगों को देखकर भड़के ग्रामीण
झंझारपुर | झंझारपुर के लोगों ने ललित नारायण जनता काॅलेज के पास मुख्य सड़क को बांस बल्ला से जाम कर विरोध किया। झंझारपुर के ललित नारायण जनता काॅलेज में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में आए लोगों को शनिवार के सुबह सड़क पर सामान खरीदारी करते हुए देख कर लोगों ने भड़क गए और बांस बल्ले सड़क को घेर कर विरोध करना शुरू कर दिया। सड़क जाम होते ही जाम स्थल के दोनों ओर वाहनों की लाइन लगने लगी। सड़क जाम की सूचना पर झंंझारपुर बीडीओ विनोद कुमार सिंह और थाना पुलिस के पहुंचने पर लोगों ने अपना आक्रोश निकाला। तीन घंटे के बाद समझाने बुझाने के पर सड़क जाम हटाई गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि एक तो सघन बस्ती में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। जहां लोगों के अंदर डर बना हुआ है और काफी चिंतित हैं। वहीं प्रशासन द्वारा सुरक्षा की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। क्वारेंटाइन के लिए रखे गए प्रवासी लोग काॅलेज कैम्पस से निकल कर झंंझारपुर कोर्ट चौक पर खुलेआम घूम रहे थे और सामान की खरीदारी भी कर रहे थे।
प्रवासी बोले- रात में नहीं मिला खाना
इधर, क्वारेंटाइन में आए लोगों का कहना है कि शुक्रवार शाम में पहुंचे। कोई सुविधा नहीं है। रात भर प्रशासन के लोग भी नहीं आए। जिस कारण सड़क पर निकलना पड़ा। क्वारेंटाइन सेंटर की देखभाल करने का मुख्य जबावदेही सीआरसी शिक्षक मो. रियाजुद्दीन को दी गई। सीआरसी मो. रियाजुद्दीन ने बताया कि शुक्रवार के शाम 7 लोग काॅलेज पर पहुंचे थे। जिन्हें खाना दिया गया। वहीं कुछ लोग रात के 12 बजे पहुंचे थे। जिन्हें भोजन उपलब्ध अधिक रात रहने के कारण नहीं दिया गया था। शनिवार को सभी व्यवस्था पूरा कर दिया गया है। कल से खाना कालेज कैंपस में ही बनेगा।
विशाखापत्तनम गैस लीक कांड व महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के ट्रेन से कट जाने को लेकर दुल्फा तथा हाजीपुर में भाकपा माले ने शोक सभा व धिक्कार दिवस मनाया। इस दौरान दुल्फा व हाजीपुर में में भाकपा माले के नेताओं द्वारा दुर्घटना में मारे गए लोगों की याद में शोक सभा का आयोजन कर मौन रखा। इस दौरान किसान सभा के जिला सचिव व पूर्व मुखिया वीरेंद्र सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र व विशाखापत्तनम दोनों घटनाएं सरकार की नकामी का नतीजा है। उन प्रवासी मजदूरों का क्या दोष था जो ट्रेन से कट गए।
यदि महाराष्ट्र की सरकार उन मजदूरों को वहीं पर रहने, खाने व उनकी परिवार की चिंता करती तो मजदूरों की जान बच जाती। उद्घव की सरकार निकम्मी सरकार साबित हो रही है। अस्पताल की व्यवस्था जर्जर है। महाराष्ट्र सरकार इतनी संवेदनहीन है कि अस्पताल में एक ओर कोराेना के मरीज तो दूसरी ओर शव रखा गया है। वही विशाखापत्तनम में जहरीले गैस से दर्जनों लोग अचानक मारे गए। इसमें में सरकार की संवेदनहीनता दिखाई दे रही है। लॉकडाउन के बावजूद व जहरीला गैस का प्लांट कैसे चलता रहा यह भी जांच का विषय है। इस दौरान दुल्फा में आनंद राम, राजेश राम, राधेश्याम राम,मोहरीहां में लालजी राम, शिवबली राम के नेतृत्व में शोकसभा व धिक्कार दिवस मनाया गया।
लगातार तीसरे दिन श्रमिक स्पेशन ट्रेन छपरा जंक्शन पहुंची। सूरत से आने वाली यह दूसरी खेप की ट्रेन थी। गुरुवार को सूरत से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आयी थी और शुक्रवार को तेलंगना से आयी। शनिवार सर्वप्रथम जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के द्वारा ट्रेन की सबसे पिछली बोगी तक जाकर निकलने वाले सबसे पहले व्यक्ति का स्वागत किया गया। इसके बाद बारी-बारी से लोगों के उतरने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने अपने धैर्य का परिचय दिया और सभी प्रक्रियाओं का समुचित रूप से पालन किया। प्लेटफार्म पर हीं लोगों को और उनके बैग या थैले को सैनिटाइज किया गया। इसके लिए टीम लगी हुयी थी।
स्टेशन पर खाने और पीने की भी की गई थी पूरी व्यवस्था
प्लेटफार्म से बाहर निकलने पर सभी की स्क्रीनिंग की गयी। जिसके लिए 14 काउण्टर बनाये गये थे और सभी काउण्टर पर दो-दो प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी लगाये गये थे। इसके बाद सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराये गये फुड पैकेट्स और पानी का बोतल दिया गया। बच्चों को अलग से बिस्किट, टॉफी और कुरकुरे का पैकेट दिया गया। उसके बाद लोगों को उनके गंतव्य के जिलों में बसों के माध्यम से भेज दिया गया। जंक्शन पर काफी अच्छी व्यवस्था की गयी थी, छपरा जंक्शन को फुलों और गुब्बारों से सजाया गया था। प्रवासी यात्री छपरा पहुंच कर काफी खुश दिखे। आगंतुकों के द्वारा यहां की गयी व्यवस्था को काफी अच्छा बताया गया। छपरा जंक्शन पर आये 1206 लोगों में सबसे अधिक मुजफ्फरपुर जिला के 375, सारण जिला 321, गया के 175, पटना 169, दरभंगा के 77, पुर्णिया 28, सहरसा के 23, भागलपुर 20, और मुंगेर जिला के 15 व्यक्ति शामिल थे।
21 दिन गृह प्रखंड में बनाए गए क्वारेंटाइन कैंप में रखा जाएगा
इस अवसर पर मीडिया से वार्ता में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि आये हुए सभी लोगों को उनके गृह जिला में भेजा जा रहा है जहां से उन्हें उनके गृह प्रखंड में बनाए गये क्वारेंटाइन कैम्प में रखा जाएगा। सारण जिला में भी जो 321 लोग आज सूरत से आये है। उन्हें भी उनके गृह प्रखंड में बनाये गये क्वेरेंटाइन कैम्प में भेजा जा रहा है। इस कैम्प में उन्हें 21 दिन रखा जाएगा। वहां सभी लोगों को डिग्निटी किट उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें पहनने का कपड़ा, थाली-ग्लास, बाल्टी-मग, साबुन-सर्फ, ऐनक-कंघी, टूथपेस्ट-ब्रस आदि रहेगा। इन कैम्पों में सुबह में नाष्ता और दो बार का भोजन ससमय उपलब्ध कराया जाएगा।
इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले लोगों के लिए गए सैंपल
जिलाधिकारी ने बताया कि बाहर से आये हुए 134 प्रवासियों का सैम्पल जांच के लिए भेजा गया है तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि कोरेन्टाइन कैम्प में रह रहे एवं आने वाले प्रवासियों में सभी बुजुर्ग व्यक्तियों तथा इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले व्यक्तियों का सैम्पल लेकर जांच करा ली जाये।
55 बसों से राज्य के विभिन्न जिलों के लिए भेजे गए सभी यात्री
1206 लोगों को सूरत से लेकर स्पेशल ट्रेन छपरा जंक्शन पर पहुंची ट्रेन की अगवानी करने के लिए डीएम एसपी एसडीओ समेत तमाम पदाधिकारी तैनात थे। अफसरों ने यात्रियों का स्वागत किया फिर उनकी स्वास्थ्य जांच कराई। उनके जिलों के लिए विदा कर दिया छपरा जंक्शन से कुल 55 बसें बिहार के विभिन्न जिलों के लिए खुली।
यात्रियों ने सारण की धरती को चूमकर जताई खुशी
छपरा जंक्शन पहुंचते हे यात्रियों ने उन्होंने धरती को चूमा और फिर बहुत ही खुशी जताई उन्होंने कहा कि सारण में आ गए हैं तो हम अपने घर में आ गए हैं अब कोई टेंशन नहीं है ना ही ना ही कोई परेशानी है यात्री अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि वे सूरत में एक फैक्ट्री में काम करते थे जहां पर वह किराए में रहते थे कंपनी बंद हो गई तो किराएदार ने भगाना शुरू कर दिया वह अपना किराया मांगने लगा ऐसे में घर वापस होना मजबूरी थी।
बेनीपट्टी थाने में थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मारपीट की हुई घटनाओं को लेकर 8 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है। थाना क्षेत्र के जगत गांव के बटोही यादव ने रौशन यादव, सचिन यादव, छोटू यादव, प्रदीप यादव, अरुण यादव, ज्ञानी यादव व फूलो देवी पर ठेकेदार का गिट्टी ले जाने से मना करने पर लाठी-डंडा, फरसा, रॉड, टेंगारी से हमला कर मारपीट कर जख्मी करने, गाली-गलौंज करने, जान से मारने की कोशिश करने और बाइक छोड़कर भागने का आरोप थाने में दर्ज प्राथमिकी में लगाया है। वहीं जगत गांव के अरुण यादव की पत्नी फूलो देवी ने सरोज यादव सहित नौ लोगों के खिलाफ में डायन कहकर अपमानित करने, गले में गमछा लगाकर मारपीट करने आदि आरोप दर्ज प्राथमिकी में लगाई है। पाली मझिला टोल के राजेश कुमार गुप्ता ने सत्यनारायण पंडित सहित छह लोगों पर उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करने, भतिजा के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं सत्यनारायण पंडित ने अशोक गुप्ता सहित एक दर्जन लोगों पर फरसा से सिर पर हमला कर जख्मी करने का आरोप लगाया है। छोलकाढ़ा के बेचन पासवान ने शाहपुर के अनिल सिंह उर्फ लाल सिंह सहित तीन लोगों पर जबरन गाड़ी में बैठाकर घर ले जाकर बंद करने, मारपीट करने, गाली-गलौंज करने, पिस्तौल सटाने व जाति सूचक शब्द कहकर प्रताड़ित करने, सादा कागजात पर हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया है। फुलबरिया के योगेंद्र प्रसाद ने रामनारायण पांडे व उनके दो पुत्रों पर उनके व उनकी पत्नी के साथ मारपीट करने व छिनतई करने का आरोप लगाया है। सनहौली के मो. वसी अहमद की पत्नी चांदनी खातून ने नौशाद सहित सात लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। इधर, पुलिस ने थाने में छोलकाढ़ा के अगरोपट्टी चौक के पेड़ा दुकानदार रामअवतार मुखिया पर दुकान में अंग्रेजी शराब रखने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
मशरक प्रखंड कार्यालय परिसर के बगल में बाबा वासुदेव सिंह डिग्री कालेज मशरक महाविद्यालय मशरक में दूसरे राज्यों से आये 223 प्रवासी लोगों को क्वारेटिंन कैम्प में घर, समाज से अलग रखकर सारी सुविधाएं दी जा रही है। शनिवार तक टोटल 223 लोग कैम्प में पहुंचे हैं जिनका प्रतिदिन मशरक पीएचसी के द्वारा गठित मेडिकल टीम सभी का थर्मल स्कैनिग मशीन द्वारा स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है। सीओ ललित कुमार सिंह, बीडीओ राजीव कुमार सिन्हा, थानाध्यक्ष रतनेश कुमार वर्मा ने क्वारेंटिंन कैम्प का जायजा लिया।
सीओ ललित कुमार सिंह ने बताया कि डिग्री कालेज और इंटर कॉलेज में बने क्वारेन्टीन सेन्टर में 223 लोगों को रखा गया है। इन केन्द्रों पर ठहरे लोगों के लिए ताजा गर्म भोजन, पीने का साफ पानी, अलग अलग बेड पर गद्देदार बिछावन, प्रयाप्त रोशनी व पंखा लगा है। पहले से शौचालय था। इसके बाद भी डीएम के निर्देश पर प्रयाप्त मात्रा में शौचालय व स्नानघर बनाया गया है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान चावल, दाल व आलू-पटर का सब्जी खिलाया जा रहा था।
बावजूद कुछ लोग घर जाना चाह रहे है। अन्य बुनियादी सुविधाओ की व्यवस्था की गयी है। वही सेंटर पर रह रहे लोगों के स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीम की एक टुकड़ी मौजूद है। जो इलाज के साथ दवाएं भी उपलब्ध करा रहीं हैं। बीडीओ राजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि क्वारेटिंन कैंप में रह रहे प्रवासी के लिए सेन्टर पर सदृढ़ व्यवस्था की गई है। खाना बनाने से लेकर खिलाने और सुरक्षा के लिए कर्मचारी लगाये गये है।
समाज में मां के रूप को सर्वोच्च स्थान मिला है। क्योंकि बच्चों के लिए मां सबसे अधिक कोमल है तो उनकी रक्षा के लिए वे सबसे शक्तिशाली भी बन जाती है। इसका सही उदाहरण सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में कार्यरत किरण कुमारी हैं। पति की मौत के बाद ससुराल वालों ने अपनाने से मना कर दिया फिर कुछ दिनों बाद मायके वालों ने भी ताना मारना शुरू कर दिया लेकिन बच्चों की परवरिश के कारण उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनकी कहानी संघर्ष व सफलता की मिसाल पेश करती हैं। अब जीवन का एक ही लक्ष्य है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर बड़े अधिकारी बनाने की ताकि उनका सपना उनके बच्चे पूरा करें व बच्चों की सफलता से मैं सारी परेशानियों को भूल सकूं।
2007 में हुई थी शादी : किरण कुमारी ने बताया कि वर्ष 2007 में उनकी शादी हुई थी। जिसके बाद वे अपने पति के साथ दिल्ली में रह रही थी। 2014 में उनके पति का निधन हो गया। उस समय उनकी बेटी की उम्र महज 06 साल व बेटे का उम्र 03 साल था। 15-20 दिनों के बाद अपनाने में आनाकानी शुरू हो गई, जिसके बाद वो मायके चली गई। लेकिन, मायके में भी छह-सात माह बीतने के बाद इनको व इनके बच्चों को मायके में भी आस पड़ोस के लोगों ने ताना मारना शुरू कर िदया। अलग से भाड़े पर घर लेकर बच्चों की परवरिश शुरू कर दी।
बच्चाें काे नहीं हाेने दी कभी किसी चीज की कमी: किरण कुमारी ने बताया कि पति के निधन के बाद ससुराल व मायके से बिना किसी सहयोग के अकेले दोनों बच्चों को पालने में कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन कभी भी बच्चों पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। 2018 से सदर अस्पताल में कार्यरत हैं।
डीएम सुब्रत कुमार सेन के द्वारा बताया गया है कि बाहर से आ रहे सारण जिला के 3470 लोगोंको प्रखंडों में बनाये गये 60 क्वेरेंटीन कैम्प में रखा गया है जबकि प्रखंडों में कुल 127 क्वेरेंटीन कैम्प बनाये गये है। जहां 16 हजार लोगों को आवासित किया जा सकता है। अभी तक बाहर से तीन ट्रेनें छपरा जं0 पर आयी है जिससे दो ट्रेन सूरत से तथा एक घटकेसर (तेलंगना) से आयी है। जिसमें सारण जिला के कुल 757 लोग आये हंै। प्रति दिन बिहार के दूसरे जिले से भी लोग सारण आ रहे हैं। सभी लोगों को प्रखंड क्वेरेंटीन कैम्प में रखने की व्यवस्था बनायी गयी है।
डीएम ने बताया कि 8 मई को कोटा से 350 छात्र ट्रेन के माध्यम से आरा जिला आये। जहां से उन्हें बस से छपरा लाया गया और उनके संबंधित प्रखंडों में स्वास्थ्य जांच कराकर तथा उनसे स्वघोषणा पत्र लेकर उन्हें उनके अभिभावक को सौंप दिया गया। जहां वे होम क्वेरेंटाइन में रहेंगे। डीएम ने बताया कि प्रवास से आये 134 लोगो का सैम्पल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा गया है जिसमें 34 का रिपोर्ट प्राप्त हो गया है जो निगेटिव आया है। इस प्रकार जिला से अभी तक 907 सेम्पल जांच के लिए भेजा गया है।
जिसमें 770 का रिपोर्ट प्राप्त है। जिला में कुल 35 लोगों को जिला के क्वेरेंटाइन में तथा एक पॉजीटिव व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है। छपरा जं.पर अभी तक 9 सस्पेक्टेड व्यक्तियों की पहचान की गयी है। 10 एवं 12 मई को भी जिले में सूरत से प्रवासियों के आने की सूचना प्राप्त है। डीएम के द्वारा बताया गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा 320544 घरों की डोर टू डोर सर्वे कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
1,34,680 प्रवासियों को मिले एक-एक हजार
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया है कि मुख्यमंत्री विशेष सहायता के लिए सारण जिला के 134680 प्रवासियों के भुगतान की अनुशंसा जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग बिहार, पटना को किया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इन सभी के खाते में रूपया 1000/- की राशि हस्तांतरित की गयी है। यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अब किसी का आवेदन लंबित नहीं है।
कहां कितने दर्ज कराए गए कॉल
डीएम ने कहा कि विभागीय निर्देशानुसार गठित सभी कोषांग सफलतापूर्वक कार्यरत हंै। जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र 06152-245023 पर 4566 काॅल, जिला नियंत्रण कक्ष 06152-242444 पर 456 काॅल, स्वास्थ्य विभाग सारण, छपरा के नियंत्रण कक्ष 06152-244812 पर 1376 काॅल, प्रखंड स्तरीय चिकित्सा केन्द्र पर स्थापित नियंत्रण कक्ष पर 15182 काॅल प्राप्त हुए हैं।
ईट भट्ठा और अन्य कार्यों से जीवन यापन करने वाले सैकड़ो मजदूर परिवारों की लाइन इन दिनों सुबह से शाम तक एनएच 722 पर लगी रह रही है। मुजफ्फरपुर दरभंगा समस्तीपुर मधुबनी आदि जिलों से टमटम (घोड़ागाड़ी )से जाते सैकड़ों को ये परोसी राज्य झारखंड के रांची के रहने वाले हैं।
पिछले दिनों सरकार ने बस से प्रवासी मजदूरों का लाने का कार्य शुरू किया परंतु ग्रामीण और पिछड़े इलाके में ऐसे कई लोग हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उन लोगों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण बस की सुविधा नहीं मिली बाद में थक हार कर घोड़ा गाड़ी पर सभी समान लाद कर सपरिवार अपने घर को चल दिए इन सभी से भास्कर टीम ने जब पुनः कब आकर काम करने का प्रश्न पूछा तो जवाब था कि अब अपने घर पर ही रह कर जो काम मिलेगा।
जहां सरकार कोविड-19 वायरस से बचाव एवं इसे खत्म करने के लिए कई तरकीब अपना रही है। तो वही जयनगर सब्जी बाजार में लोग खतरनाक कोविड 19 वायरस से जैसे बेपरवाह है। ये अदृश्य वायरस मानव के टच में आते ही तेजी से बड़े पैमाने पर लोगो को अपने चपेट में ले सकते है।
कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ने के लिये लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग एक मात्र दवा है। इसके बाबजूद खासकर सब्जी बाजारो में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही कर रहे है। और न ही दुकानदार नियम का पालन ढंग से कर रहे है। इस प्रकार का आलम किराना गली में भी देखा जा रहा है। नरार, बरही,कमलाबाड़ी समेत बॉर्डर से सटे सैकड़ो गांव के लोग खरीदारी को लेकर शहर पहुंचते है। बता दे की नरार में दो, बरही में दो एवं कमलाबाड़ी फुलकाहा में एक कोरोना पोजेटिव मरीज मिल चुके है। बाबजूद प्रशासन सब्जी बाजार में लगने वाली भीड़ पर कंट्रोल नही कर पा रही है।
प्रति दिन बाजार एवं शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है। ऐसी बात नहीं है कि प्रशासन इस दिशा में पहल नही कर रही है।
वरीय अधिकारियों के द्वारा सख्ती से कार्रवाई करने के बाबजूद कुछ लोग चौक चौराहे पर अनावश्यक रूप से जमाबड़ा लगाने से बाज नही आ रहे है। प्रशासन ने कई बार लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग नियमो को तोड़ने वाले के विरुद्ध केस दर्ज करने की बात कही है। किराना गली, प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बैंक, ग्राहक सेवा केंद्रों समेत सार्वजनिक जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग फेल है। ईओ अमित कुमार ने बताया की सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने वाले के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।