लौकहा थाना क्षेत्र के अंधारवन गांव स्थित एक चिमनी भट्ठा पर अज्ञात अपराधियों ने एक व्यक्ति को गोली मारकर हत्या कर दिया। पहले उक्त व्यक्ति के सर पर धारदार हथियार से वार किया गया। इसके बाद तीन राउंड गोली मारी गई। उसकी पहचान रामपुर गांव के 50 वर्षीय जय नारायण यादव के रूप में हुई है। अंधारवन गांव में गणपति ईट भट्ठा है, जहां पूर्व से दो पार्टनर मिलकर ईट भट्ठा को संचालित कर रहा था। वहीं नए पार्टनर के रूप में जय नारायण यादव उन लोगों के साथ पार्टनरशिप किया था। इसके बाद तकरीबन 85 लाख रुपए पूर्व के दोनों पार्टनर को जयनारायण ने दिया था। वहीं शनिवार को तकरीबन 12 बजे जय नारायण यादव पांच लाख रुपए लेकर ईंट भट्टा पर गया था। जहां ईंट भट्ठा के कार्यालय में जय नारायण यादव को अपराधियों ने गोली मार दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है
जल्द ही गिरफ्तार होंगे बदमाश : डीएसपी
इस संबध में फुलपरास डीएसपी सुनीता कुमारी ने बताया कि जय नारायण ईंट भट्टा का प्रबंधक था। इनकी गोलीमार हत्या कर दी गई। अभी तक परिजनों के द्वारा आवेदन नहीं दिया गया। अभी अपराधियों की पहचान नहीं हुई। पुलिस बदमाशाेंके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
तीन थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दबोचे गए सातों अपराधियों को पूछताछ के बाद शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। दो अपराधी हत्या के केश में वांटेड थे। सात में तीन के खिलाफ पहले से ही मामला जिले के विभन्न थानों में दर्ज है। तीन अपराधी पहले भी जिले के विभिन्न थानों से डकैती, हत्या तथा लूट की घटना में पहले भी जेल जा चुके हैं। चार पहली बार अपराध की योजना बनाते पुलिस के हत्थे चढ़े है।
गिरफ्तार प्रणय कुमार उर्फ नौटंकी के विरुद्ध मांझी थाने में पहले से हत्या, आर्म्स एक्ट तथा लूट की तीन कांड तथा अमनौर में दो लूट की प्राथमिकी दर्ज है। अप्पू के विरुद्ध पहले ही अमनौर में दो लूट की प्राथमिकी दर्ज है। जबकि बमभोला के विरुद्ध दिघवारा में हत्या तथा आर्म्स एक्ट की प्राथमिकी दर्ज है। सभी अपराधियों की उम्र 18 से 20 वर्ष के बीच है।
सीवान में शुरू हुई छापेमारी
पुलिस ने पूछताछ के बाद मिले कुछ महत्वपूर्ण सुराग के बाद अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी की लिए लगातार सीमावर्ती क्षेत्रों सहित कई जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी है। वहीं संदेह के घेरे में आये लोगो से पूछताछ कर रही है। पुलिस पड़ोसी जिले के कई थानों की पुलिस से सम्पर्क कर संदिग्धों की पहचान में जुटी है। अपराधियों के पास से बरामद मोबाइल के सीडीआर पुलिस खंगाल रही है। सीडीआर से कई अपराधियों की पहचान होने की जानकारी मिली है। उनके मोबाइल लोकेशन लेकर गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। स्थल पर प्रयोग किये गये मोबाइल से सभी की पहचान पुलिस के द्वारा की जा चुकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कई लोग संदेह के घेरे में है। जल्द हीं एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने की उम्मीद है।
किराना दुकान का फाटक तोड़ कर अज्ञात चोरों ने गल्ले से सिक्के चुराये
थाना क्षेत्र के फुटानी बाजार स्थित रामजान किराना स्टोर का टिन का फाटक रात में तोड़कर अज्ञात चोरों ने गल्ले से लगभग 500 से 600 रुपये के सिक्के की चोरी कर ली है।इस संबंध में दुकानदार फरीदपुरा निवासी मो.रामजान ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है।पीड़ित का कहना है कि गुरुवार की संध्या वह अपना दुकान बन्द करके घर चला गया।जब सुबह दुकान पर पहुंचा तो दुकान का टिन से निर्मित फाटक थोड़ा सा टूटा हुआ था। फिर उसने पुलिस को सूचना दिया फिर जब पुलिस गयी तो वह अपने दुकान का ताला खोला तो दुकान का समान सब ठीक था। केवल गल्ले के कुछ सिक्के गायब थे। पुलिस जांच कर रही है।
स्कूल से बैट्री समेत अन्य समान चोरी के आरोप में पुलिस ने किया दस युवकों को किया गिरफ्तार
परसा बाजार में छापेमारी कर स्थानीय पुलिस ने दस युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तार सभी युवक परसा बाजार के ही निवासी है। दस दिन पूर्व उत्क्रमिक मध्य विद्यालय परसागढ़ हिंदी स्कूल से इनवर्टर बैटरी सोलर आदि सामनो की गई थी वही उमाशंकर मोड़ के एक दुकानों में भी चोरी की गई थी जिसमें इन सभी की संलिप्तता बताई गई। पुलिस के इस करवाई से स्थानीय बाजार में तरह तरह के चर्चाएं हो रही है । गिरफ्तार युवकों में मुख्य रूप से राहुल कुमार, मनीष कुमार, राकेश कुमार, लालू कुमार, टुन्ना कुमार, नीरज कुमार, चंदन कुमार, प्रेम कुमार, पंकज कुमार,आदि शामिल है।
शहर के ब्रह्मपुर पुल के पास वार्ड नं 2 में सड़क पर जलजमाव के कारण लोग वर्षो से परेशान हैं। इसको लेकर लोगों ने एनएच 19 पर प्रदर्शन किया।बताया जाता हैं कि जलजमाव के कारण दर्जनों घर के परिवारों को नाला में घुस कर सड़क पार करना पड़ता हैं जिसे बच्चे, बुजुर्ग साईकिल सवार हमेशा गिरते पड़ते रहते हैं। जिसे दर्जनों परिवारों के लोगों को घर से निकलने में भाड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। यह मुख्य सड़क एनएच 19 को जोड़ती हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि जलनिकासी को मांग को लेकर स्थानीय विधायक एवं वार्ड पार्षद को अवगत कराने पर विधायक द्वारा जलजमाव का स्थिति का जायजा लिया गया। लेकिन फिर भी उचित कार्रवाई नही की गई।
वहीं विकलांग राजेश शर्मा ने कहा की वर्षो से जल एकत्रित होने के कारण यहां कीड़े मकोड़े एवं मच्छरों का अंबार लगा है जिसे मेरे और परिवारों के सदस्यों का हमेशा तबियत खराब रहता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बाद में मरेंगे पहले हमलोग दूषित जल के गन्ध से मर जाएंगे। उन्होंने कहा जल एकत्रित होने कारण मैं केवल दिव्यांग पेंशन लेने के लिए बाहर जाता हूं। वही भूषण राय ने कहा की नाला का पानी के गन्ध से यहाँ रहना दुष्वार हो गया हैं हमेशा घरों के दरवाजे खिड़की बंद रखना पड़ता हैं।
बताया जाता हैं उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक एवं वार्ड पार्षद को इस समस्या को लेकर कई बार अवगत कराया गया।जिसके बाद प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकरने वाले में सुनीता देवी ,अनिता देवी, जानकी देवी ,राजेश शर्मा, भूषण राय, रमेश श्रीवास्तव,पवन मिश्रा,बिगन चौधरी,अनिल कुमार के अलावा आदि लोग मौजूद रहे।
शनिवार को गुजरात के भरुच से 11 छात्र बाबूबरही स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। पहुंचने के बाद छात्रों को स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र बाबूबरही से प्रखंड विकास पदाधिकारी के चेंबर तक कई घंटों तक चक्कर लगाना पड़ा। इसके बाद भी दिन के 12 बजे तक एक भी छात्र की स्वास्थ्य जांच नहीं हो पाई। छात्रों ने बताया कि डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह बीडीओ के पास भेज देते हैं और बीडीअाे के पास जाते हैं तो वे डॉक्टर के पास भेज देते हैं। जिसके कारण से छात्रों में बेचैनी व गुस्सा देखा गया। सभी छात्र रोजा रखे थे। इसके बाद भी स्वास्थ्य केंद्र तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी के चक्कर लगाना पड़ा।
बीडीओ बोले- मेरे संज्ञान में नहीं है ऐसी काेई भी जानकारी
गुजरात के भरुच से आए मदरसा के छात्रों ने स्वास्थ्य विभाग तथा बाबूबरही के कोरोना मैनेजमेंट के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि शनिवार रात्रि तकरीबन 3 बजे रात्री में बाबूबरही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र और प्रखंड कार्यालय के कई घंटा तक चक्कर लगाते रहे। लेकिन स्वास्थ्य जांच नहीं हो पाई। वहीं चिकित्सा विभाग का कहना है कि यहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। देश के अन्य राज्यों से आए प्रवासियों को पहले किसी क्वारेंटाइन सेंटर में रहना है, जहां मेडिकल टीम जाकर उन लोगों के स्वास्थ्य जांच करती है। वहीं बीडीओ प्रकाश कुमार ने बताया कि इस तरह की बात हमारे संज्ञान में नहीं आई है।
कोरोना संक्रमण काल में सरकार द्वारा जहाँ इसकी रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं अन्य जरुरी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है। इस दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने परिवार नियोजन सुविधाओं में भी एक नया बदलाव किया है।
वर्ष 2011 में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधनों की होम डिलीवरी करने के मकसद से वर्ष में होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’ (एचडीसी) योजना की शुरुआत की गयी थी, जो अभी भी चलायी जा रही है। अब केंद्र सरकार ने इस योजना में बदलाव किया है। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के जॉइंट कमिश्नर डॉ. सुमिता घोष ने राज्य को पत्र लिखकर एचडीसी योजना में किये गए संसोधन के विषय में जानकारी दी है।
योजना के तहत अब होगी सिंगल पैकेजिंग:पत्र में जानकारी दी गयी है कि एचडीसी योजना के तहत एचडीसी सप्लाई एवं फ्री सप्लाई के दो विभिन्न पैकेजिंग भी की जा रही थी ताकि एचडीसी एवं फ्री सप्लाई में अंतर किया जा सके।लेकिन योजना की समीक्षा में यह पाया गया कि दो विभिन्न पैकेजिंग के कारण इसकी सप्लाई की ट्रैकिंग में भी समस्या देखी गयी. कभी-कभी एचडीसी सप्लाई पैक्स नहीं रहने की दशा में आशाओं को फ्री सप्लाई पैक्स ही दी जाती थी। जिससे रिपोर्टिंग में दिक्कत होती थी एवं इसकी सप्लाई करने पर आशा लाभर्थियों से कोई चार्ज भी नहीं कर पाती थी। इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि गर्भनिरोधक की अब केवल फ्री सप्लाई ही की जाएगी। एचडीसी सप्लाई ,जिसमें लाभार्थी को उनके घर जाकर आशा द्वारा गर्भनिरोधक दी जाती थी, उसकी जगह केवल फ्री सप्लाई की सिंगल पैकेजिंग की जाएगी।
प्रखंड के तरैया बाजार स्थित भूतनाथ चौक के पास खदरा नदी पर स्थित जर्जर ब्रिटिश कालीन पुल के निर्माण कार्य तीन माह पूर्व शुरू किया गया था। लेकिन निर्माण कंपनी द्वारा बिना डायवर्सन बनाए ही सड़क को तोड़ दिया गया।जिससे आवागमन बाधित हो गया।फिर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कंपनी द्वारा तोड़े गए सड़क का मिट्टी करण कर आवागमन आंशिक रूप से बहाल किया गया। जहां आज वर्षात के कारण मिट्टी का क्षरण होने से गढ़ा बन गया है।
जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। शनिवार की सुबह एक तरबूज लदा हुआ पिकअप खादरा नदी में पलट गया है। जिससे चालक बाल-बाल बच गया।लेकिन निर्माण कंपनी द्वारा अब तक पुल निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। जिससे स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित है।ग्रामीणों का कहना है कि वर्षात होते ही खदरा नदी में पानी भर जायेगा।जिससे मुख्य बाजार तरैया एवं अन्य गांवों का प्रखण्ड मुख्यालय एवं थाना से सम्पर्क टूट जायेगा।
पुल निर्माण की मिली है मंजूरी लेकिन नहीं हो रहा निर्माण
जर्जर ब्रिटिश कालीन पुल तरैया बाजार को प्रखंड मुख्यालय और थाना से जोड़ता है।विधायक मुद्रिका प्रसाद राय के प्रयास के बाद पुल के नवनिर्माण के लिए बिहार सरकार की ओर से स्वीकृति मिल गई है।2 करोड़ 47 लाख 97 हजार 870 रुपये की लागत से पुल का निर्माण होना है। निर्माण कार्य का शिलान्यास 7 मार्च 2020 को विधायक ने किया था।
थाना क्षेत्र के नवरत्नपुर गांव में चापाकल का पानी गिराने पर गांव के ही कुछ लोगों ने मां-बेटी को मारपीट कर घायल कर दिया है। घायल बिन्दु देवी और उसकी पुत्री मनीषा कुमारी का प्राथमिक उपचार रेफरल अस्पताल तरैया में किया गया। इस सम्बंध में पीड़िता बिन्दु देवी ने सात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया है। जिसमें छोटेलाल माँझी, विशुनदेव माँझी, सेवालाल माँझी,प्रमिला देवी, अमरावती देवी, पुतुल देवी एवं लालमुनी देवी को अभियुक्त बनाया गया है। पीड़िता का आरोप है कि वह अपने चापाकल पर वर्त्तन धो रही थी। जिसका पानी भी अपने ही जमीन में गिरा रही थी। जिसको लेकर उक्त लोगों ने उसे मारपीट कर घायल कर दिया गया। जब उसे बचने उसकी पुत्री मनीषा कुमारी आयी तो उसे भी मारपीट कर घायल दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
भागवतपुर गांव में मछली पकड़ने के लिए अपने पोखड़े से पम्पसेट द्वारा पानी निकालने के कारण गांव के ही कुछ लोगों ने उसे मारपीट का घायल कर दिया है। घायल पीयूष प्रताप सिंह का प्राथमिक उपचार रेफरल अस्पताल तरैया में किया गया। पीड़ित ने इस सम्बंध में एक शिकायत प्रतिवेदन थाने में दिया है। जिसमें कन्हैया सिंह, दिनेश सिंह एवं महानारायण सिंह पर मारपीट करने तथा दिनेश सिंह पर मछली का 30 हजार रुपये छीनने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिकारपुर थाना के एक गांव में दो नाबालिग लड़कियों का वीडियो बनाने व विरोध करने पर जबरन दोनों का हाथ पकड़कर छेड़खानी करने का मामला प्रकाश में आया है। लड़कियों द्वारा परिजनों को बताए जाने पर परिजनों द्वारा आरोपियों के घर इस संबंध में पूछताछ करने जाने पर पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटकर उनका मोबाइल व चेन छीन लिया गया है। मामले में पीड़ित पिता ने शिकारपुर थाना में एक आवेदन दिया है। थानाध्यक्ष केके गुप्ता ने बताया कि आवेदन मिला है। आवेदन आधार पर आरोपियों के घर छापेमारी की गई है। लेकिन आरोपी फरार हो गए है। पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।
बकरी चराने गई थी सगी बहनें : थाना को दिए आवेदन में किशोरियों के पिता ने कहा है कि शुक्रवार की संंंध्या उसकी दो नाबालिग लड़कियां बकरी चराने सरेह में गई थी। जहां क्रिकेट खेल रहे मिंटू मियां, अफजल मियां एवं गोल्डन मियां ने अपने अपने मोबाइल से दोनों का वीडियो बनाने लगे। किशोरियों ने जब इसका विरोध किया तो तीनों उनके पास पहुंच कर हाथ पकड़ लिया और दोनों से छेड़खानी करने लगे। किसी प्रकार आरोपियों से हाथ छुड़ाकर उनके चंगुल से भागकर दोनों लड़कियां घर पहुंची और अपने परिजनों को अपनी आपबीती सुनाई।
दी गई जातिसूचक गाली, बुरी तरह पीटा
दो बेटियों के साथ ऐसी घटना के बाद किशोरियों के पिता आरोपियों के घर पूछताछ करने गए। जिसपर आरोपियों ने उन्हें जातिसूचक गालियां देते हुए ढकेल दिया। विरोध करने पर आरोपियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और उनका मोबाइल तथा चेन छीन लिया। इसके बाद वे किसी प्रकार घर पहुंचे जहां से उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां मरहम पट्टी व दवा देने के कुछ घंटों बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पीडि़ताओं के पिता ने बताया कि आरोपी दबंग किस्म के बदमाश है। इस घटना के बाद उन्हें भय है कि वे कुछ कर न दे। इस वजह से थाना को आवेदन दिया है और न्याय तथा सुरक्षा की गुहार लगाई है।
कोचिंग पहुंचकर लड़की का हाथ पकड़ लिया, गले पर रख दी चाकू
किशोरी व युवतियों से छेड़खानी के मामलों में इजाफा होता जा रहा है। शुक्रवार को ही एक और मामला शिकारपुर थाना पहुंचा था। जहां शिकारपुर के ही एक गांव की महिला ने एक प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि उसकी पुत्री को गांव का एक दबंग किस्म का युवक हमेशा परेशान करता है। उसको सरेराह रोककर छेड़खानी करता है तथा शादी का दबाव बनाता है। शुक्रवार को भी वह उस किशोरी के कोचिंग में पहुंचकर सरेआम उसका हाथ पकड़ लिया और छेड़खानी करना शुरू कर दिया था। फिर चाकू गर्दन पर रखकर शादी का दबाव बनाने लगा। जिससे कोचिंग की अन्य छात्र भी भयभीत हो गए। घटना को घर में बताने के बाद किशोरी की मां ने शिकारपुर थाना में एक एफआईआर दर्ज करायी थी।
जांच के लिए पुलिस गई है
थानाध्यक्ष केके गुप्ता ने बताया कि आवेदन के आधार पर आरोपियों के घर छापेमारी की गई है। लेकिन आरोपी फरार हो गए हैं। मामले की जांच के लिए पुलिस को भेजा गया है। अविलंब पकड़ लिया जाएगा। इधर, नरकटियागंज एसडीपीओ सूर्यकांत चौबे ने बताया कि दोनों मामलों की गहनता से जांच की जा रही है। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महाराणा प्रताप की जीवनी राष्ट्र के लिए अनुकरणीय है। उनका त्याग एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण आम लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।महाराजगंज के बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने शनिवार को अपने आवास पर महाराणा प्रताप की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद कही। श्री सिग्रीवाल अपने पत्नी शिव कुमारी देवी एवं अन्य परिवार के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लाकडाउन में आमलोगों के प्रति चिंतित है।सही समय पर लिए गए निर्णय के कारण ही आज देश सुरक्षित है।मांझी विधानसभा के बीजेपी के युवा नेता प्रमोद सिग्रीवाल ने कहा कि युवाओं के लिए महाराणा प्रताप का जीवन आज भी आत्मसात करने वाला है।
अदम्य वीरता और साहस के प्रतीक थे महाराणा प्रताप: प्राचार्य अरुण
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती अलग-अलग संगठनों व दलों ने मनाया। लॉक डाउन के कारण कोई भव्य आयोजन नहीं हुआ। शहर के कटरा स्थित एसडीएस पब्लिक स्कूल तथा महाराणा प्रताप क्षत्रिय संगठन ट्रस्ट में भी अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। एसडीएस पब्लिक स्कूल में प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी महाराणा प्रताप से युगों-युगों तक प्रेरणा लेती रहेगी। महाराणा प्रताप अदम्य वीरता व साहस के प्रतीक थे। बीजेपी नेता अनिल सिंह, धर्मेंद्र चौहान, डॉक्टर राकेश सिंह, मदन कुमार सिंह, विनोद कुमार, राजकुमार, आशुतोष पांडे, फुलटन सिंह,अरविंद,छोटू मुख्य रूप से थे। वहीं महाराणा प्रताप क्षत्रिय संगठन ट्रस्ट कार्यालय में भी जयंती कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर अपने संबोधन में डॉ जयराम सिंह ने कहा की देश के लोगों के लिए उनका जीवन प्रेरणादायी है।
इसुआपुर: महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई
जदयू के वरीय नेता प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह के आवास पर शनिवार को महाराणा प्रताप सिंह की जयंती मनाई गई। कोरोना वायरस के महामारी से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए उनके चित्र पर फूल माला चढ़ाकर उन्हें नमन किया गया। उनके वीरता तथा शौर्य को याद किया गया। इस अवसर पर जदयू के प्रखंड अध्यक्ष छविनाथ सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप जंगलों में गुजर-बसर की। घास की रोटी खाई। इस मौके पर जदयू जल श्रमिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश महतो, सत्येंद्र प्रसाद, श्री भगवान प्रसाद, जितेंद्र सिंह, लंकेश बाबा, श्याम प्रसाद हरीलाल भगत डा उपेंद्र सिंह व अन्य थे।
वीरता और स्वतंत्रता के पर्याय थे महाराणा प्रताप: शैलेंद्र प्रताप सिंह
जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने जिस वीरता, स्वाभिमान और त्यागमय जीवन को वरण किया, उसी ने उन्हें एक महान लोकनायक और वीर पुरुष के रूप में सदा-सदा के लिए भारतीय इतिहास में प्रतिष्ठित कर दिया। यही कारण है कि महाराणा प्रताप वीरता और स्वाधीनता के पर्याय बन गए। महाराणा का काल ऐसा था जब मुगल सम्राट अकबर को अपनी विशिष्ट कार्य-शैली के कारण ‘महान’ कहा जा रहा था। लेकिन महाराणा प्रताप ‘महानता’ के पीछे छिपी साम्राज्यवादी आकांक्षा के विरुद्ध थे, इसलिए वे मुगलों के आगे कभी नहीं झुके। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने जिस वीरता, स्वाभिमान और त्यागमय जीवन को वरण किया, उसी ने उन्हें एक महान लोकनायक और वीर पुरुष के रूप में सदा-सदा के लिए भारतीय इतिहास में प्रतिष्ठित कर दिया। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वीर शिरोमणि योद्धा महाराणा प्रताप अदम्य वीरता व साहस के प्रतीक, असंख्य भारतीयों के प्रेरणास्रोत, मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर भारतवर्ष की धरती को धन्य करने वाले वीर थे। आज के युवाओं को महाराणा प्रताप के जीवन का अनुसरण करना चाहिए। महाराणा न कभी झुके और न कभी रुके।
योगापट्टी प्रखंड के बासोपट्टी पंचायत के राजकीय मध्य विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासियों ने वहां की व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई है। प्रवासियों ने कहा है कि क्वारेंटाइन सेंटर पर भर पेट भोजन नहीं मिल रहा है। हर चीज में कोताही की जा रही है। बार बार कहने के बाद भी प्रशासन इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है। जिसकी वजह से उन्हें हंगामें पर उतारु होना पड़ा है। हालांकि सूचना के बाद प्रशासन व स्थानीय लोगांे ने प्रवासियों को समझा बुझाकर शांत कराया है। बताया जाता है कि केरल, राजस्थान, दिल्ली व लुधियाना से आए योगापट्टी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों व गांवों के 80 प्रवासियों को बासोपट्टी स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। बाहर से आए प्रवासियों में कुछ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से तो कुछ पैदल व दूसरे वाहनों आदि से प्रखंड से यहां तक पहुंचे है।
प्रवासी अनिरुद्ध प्रसाद, रंगीला राम, आलम अंसारी, मकसूद आलम, तेजामुल अंसारी, नाजिम अंसारी ने बताया कि सरकार इम्युनिटी बढ़ाने की बात कह रही है। लेकिन यहां के भोजन से वे लगातार कमजोर होते जा रहे है। आसपास के लोग तो अपने घरों से भोजन मंगाकर भूख शांत कर ले रहे। लेकिन बाहर के प्रवासियों को आधे पेट खाकर ही गुजारा करना पड़ रहा है।
क्वारेंटाइन सेंटर पर संक्रमण की रोकथाम के लिए नहीं मिली है किट
प्रवासियों ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर पर आधे पेट भोजन के अलावा अन्य कोई व्यवस्था नहीं की गई है। न तो मास्क और नहीं सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है। जिसकी वजह से सेंटर पर संक्रमण का खतरा हरपल बना रह रहा है। इसके लिए भी प्रशासन से कई बार कहा गया लेकिन अधिकारी कहते है कि ऊपर से आने के बाद ही यह सब मुहैया कराया जा सकता है। प्रवासियों ने बताया कि साफ सफाई का भी घोर अभाव है। साबुन तक भी किसी को नहीं दिया गया है। नियमित जांच भी नहीं की जा रही है।
ग्रामीणों को सताने लगा है संक्रमण का भय
ग्रामीण विजय कुशवाहा, मनोज प्रसाद, पारस महतो, मदन शाह, लाल बिहारी कुशवाहा, जगदीश महतो, बुधन शाह आदि ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे प्रवासी सेंटर से बाहर निकल जा रहे है। शुक्रवार की शाम कुछ प्रवासी मजदूर सेंटर के बाहर निकलकर सड़कों पर टहलते देखे गए। प्रवासियों को समय सीमा के अंदर सेंटर से बाहर निकलकर घूमते देखे गए। ग्रामीणों ने बताया कि अगर प्रशासन ने इस पर रोक नहीं लगाया तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। लोगों में भय है।
क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे सभी प्रवासियों को दोनों शाम का भोजन व अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। प्रवासियों द्वारा लगाया गया आरोप गलत है।
-अभिषेक कुमार, सीओ, योगापट्टी
प्रखंड के शिवगंज निवासी एक महिला ने अपने प्रथम प्रसव में तीन स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। महिला शिवगंज निवासी ललन साह की 21 वर्षीय पुत्री प्रियंका कुमारी बतायी गयी है । प्रियंका की शादी दो वर्ष पूर्व इसुआपुर के चिठ्ठी में हुई थी । शादी उपरांत गर्भ धारण करने पर तीन महीने पूर्व से अपने पिता के घर रह रही थी । बीती रात एक बजे के करीब उसे तेज प्रसव पीड़ा हुई।
आनन फानन में परिजन उसे स्थानीय रेफरल ले गये। इस दौरान परेशानी बढ़ने पर उसे निजी क्लीनिक ले जाया गया। जहां उसने तीन स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। तीन बच्चें होने के कारण उनका वजन कम होने की समस्या थी। बच्चें की सुरक्षा को लेकर उसे छपरा रेफर किया गया है। हालांकि चिकित्सक के अनुसार जच्चा बच्चा सभी स्वस्थ थे।
उत्तर प्रदेश से पांच दिहाड़ी मजदूर साइकिल से शुक्रवार की रात्रि नरकटियागंज पहुंचे हैं। पांचों मजदूर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से नरकटियागंज तक का सफर साइकिल से किए हैं। दिहाड़ी मजदूरों की पहचान नरकटिया गांव निवासी महताब आलम, जहांगीर आलम तथा गौनाहा थाना के मुरली भरवां गांव निवासी समसुद्दीन मियां, इकबाल मियां एवं समसूल मियां के रूप में किया गया है। उक्त लोगों ने बताया कि वे लोग बाराबंकी में दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। लाॅकडाउन के बाद से सभी लोगों का काम बंद हो गया। उनके पास जो भी पैसा था खत्म हो गया था। दो-दो दिनों तक भूखे पेट रहते थे। कभी कभी कोई सामाजिक संगठन के लोग आकर खाना दे जाते थे। मकान मालिक भी घर से निकलने का रोज तगादा कर रहे थे। लाॅकडान थ्री होते ही उनकी परेशानी बढ़ गई। सामाजिक संगठन के लोगों का आना भी बंद हो गया था। जब दो दिनों तक खाना देने कोई नहीं आया तो घर जाना ही इन लोगों ने मुनासिब समझा। चार दिन पहले पांचों मजदूर अपने-अपने साइकिल पर सामान बांध कर बाराबंकी से निकल पड़े। मजदूरों ने बताया भूखे पेट साइकिल भी नहीं चलती थी। रास्ते में दो तीन जगह पुलिस ने पकड़कर पिटाई भी किया। रात दिन साइकिल चलाकर वे नरकटियागंज पहुंचे हैं। मजदूरों ने बताया कि वे चार दिनों से कुछ भी नहीं खाया है।
मजदूरों ने बताया कि वे अपने गांव नहीं जाएंगे। गाइड लाइन का पालन करते हुए पहले क्वारेंटाइन में जाएंगे।
कोरोना की इस महामारी में जरुरतमंदो के जरुरतों को पूरा करने के लिये इसुआपुर के मुखिया संगम बाबा लगाकर क्षेत्रों में दौरा कर उनकी जरुरत की चीजें घर-घर पहुंचा रहे हैं वहीं संगम बाबा ने शुक्रवार को इसुआपुर प्रखंड के अफजलपुर, गोहाँ और मुङवाँ गाँव में असहायों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण किया। वहीं संगम बाबा ने बताया की कोरोना को लेकर रोजगार के सभी साधन बंद हो गये हैं गांवों में जहाँ बिहार के बाहर प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं बेरोजगारी भी चरम सीमा पर है। अब मजदूरों को गांवों में खेतीबाड़ी को हीं आधार बनाकर इसी में रोजगार तलाशने होंगे और अपने परिवार का भरण-पोषण करना होगा। मौके पर विभिन्न गांवों में डा० जगलाल पंङित, पूर्व सरपंच कांति सिंह, ब्रजभूषण पंङित, विकास बाबा, टिन्कू सिंह, डा० नवलेश सिंह, वार्ड तेरस महतो, नागेश्वर साह, संतोष साह, लालबहादुर ठाकुर, चन्द्रदीप महतो, धर्मनाथ सिंह, जगदीश सिंह, बिरेंद्र सिंह,श्रीराम सिंह, मनोज स मौजूद थे।
कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव व इसकी रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन, रामगढ़ द्वारा कोविड-19 को रोकने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को उपायुक्त संदीप सिंह ने जिले प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना के विरुद्ध हो रहे कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उपायुक्त ने एमएचए द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे रामगढ़ के प्रवासी मजदूरों/ नागरिकों के वापस लौटने के संबंध में पदाधिकारियों के साथ विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने सिविल सर्जन, रामगढ़ को वापस आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों/नागरिकों का अनिवार्य रूप से सैंपल इकट्ठा कर कोविड-19 जांच कराने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने वापस लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों/ नागरिकों से अनिवार्य रूप से होम क्वारेंटाइन का पालन कराने को कहा । कहा कि जितने भी लोग अलग-अलग राज्यों से वापस लौट रहे हैं उन सभी को अनिवार्य रूप से होम क्वारेंटाइन में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा 28 दिन तक उन सभी की मॉनिटरिंग की जानी है। बड़ी संख्या में देश के अलग-अलग राज्यों से लोगों के वापस आने के बाद संक्रमण के खतरे को देखते हुए वापस आने वाले सभी व्यक्तियों को आरोग्य सेतु एप से जोड़ा जाए।
इसके लिए जिनके पास स्मार्टफोन है उनके स्मार्टफोन फोन पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करा कर व जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है उन्हें दूरभाष संख्या 1921 पर फोन कर आरोग्य सेतु एप से जुड़ने के संबंध में जानकारी दी जाए। जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित की गई इमारतों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने सभी क्वारेंटाइन सेंटर्स पर अनिवार्य रूप से पर्याप्त मात्रा में मास्क, सैनिटाइजर सहित अन्य जरूरी सामान अनिवार्य रूप से उपलब्ध रखने का निर्देश दिया। मौके पर उप विकास आयुक्त संजय सिन्हा, अपर समाहर्ता जुगनू मिंज, अनुमंडल पदाधिकारी कीर्तिश्री जी सहित जिले के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
केरल से श्रमिक स्पेशल ट्रेन शनिवार देर शाम 12 सौ प्रवासियों को लेकर बेतिया रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यह ट्रेन केरल के अल्लपूझा से श्रमिकों को लेकर आ रही है। इस ट्रेन को बेतिया स्टेशन पर शनिवार संध्या 4 बजे पहुंचनी थी। लेकिन 6 घंटे विलंब से ट्रेन करीब 8 बजे बेतिया रेलवे स्टेशन पर पहुंची। स्टेशन अधीक्षक अनंत बैठा ने बताया कि केरल से आने वाली ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब चार घंटे विलंब से चल रही है। ट्रेनों के विलंब से चलने को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं कर्मियों की परेशानी बढ़ती दिखी। वहीं कार्य पर तैनात रेलकर्मी की परेशानी भी कम नहीं रही। बेतिया पहुंचने वाले प्रवासियों की सुविधा एवं उनकी थर्मल स्क्रिनिंग कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 16 काउंटर बनाए गए थे। सभी काउंटर पर जिला प्रशासन के निर्देश पर कर्मियों की तैनाती की गई थी।
कोरोना के कारण बदली स्थिति में पर्यावरण की चिंता जरुरी है । इस समय ने सभी को एक तरफ अपने घरों में रहने को मजबुर है वही सभी को पर्यावरण के विषय पर भी गंभीरता से सोचने पर विवश किया है । इसी विषय को लेकर स्थानीय भाजपा नेता मनोज सिंह ने दर्जनों फलदार वृक्ष का वितरण कर लोगों से वृक्ष लगाने की अपील की । इस दौरान मनोज सिंह ने खुद भी एक पेड़ लगाकर उसके पोषण की जिम्मेवारी ली । मनोज सिंह ने कहा कि उनका पेड़ पौधों और प्रकृति से बचपन से लगाव रहा है।
कोरोना के कारण लोगों की रफ्तार के थमने से भी प्रकृति में बेहतर बदलाव आया है। यह समय अपने पर्यावरण को और अधिक बेहतर बनाने का भी है । हम सभी को वृक्षारोपण के लिये प्रेरित होना चाहिये और अधिक वृक्ष लगाकर पर्यावरण को आगे के लिये भी संतुलित, बेहतर बनाने के प्रयास जुट जाना चाहिये। बताचदे कि भाजपा नेता मनोज सिंह ने पिछ्ले साल अपने पिताजी के स्मृति में भी दस हजार फलदार वृक्षों का वितरण करवाया था और लोगों को वृक्षारोपण के लिये प्रेरित किया था। तब उक्त कार्यक्रम में पहुंचे बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी इस तरह की सोच की प्रशंसा की थी । मनोज सिंह ने कहा कि अपने जन्मदिन पर पेड़ लगाना एक सुखद अनुभव है और सभी को ऐसा करना चाहिये। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष रामाशंकर प्रसाद मिठू, अध्यक्ष पूर्वी अनिल शर्मा, अध्यक्ष पश्चिमी बद्री नारायण सिंह, अश्विनी सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे में बिहार के लिए खुशी की बात यह है कि अभी तक कुल संक्रमित मरीजों में से लगभग 54 फीसदी कोरोना वायरस को हराने में सफल रहे हैं। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
कोरोना संक्रमण से ठीक होने का राष्ट्रीय औसत 29 फीसदी के लगभग है। शनिवार को राज्य के 51 लोगों ने कोरोना वायरस को मात दिया। अभी तक कुल 318 लोगों को कोरोना संक्रमण पर जीत मिली है। शुक्रवार को 49 लोगों को हॉस्पिटल से छुट्टी मिली थी, जबकि बुधवार को 30, मंगलवार को 46 और सोमवार को 13 संक्रमित लोगों की अंतिम रिपोर्ट निगेटिव आई है।
शुक्रवार को गोपालगंज के 14, कैमूर और बक्सर के 9-9 मरीज, रोहतास के 6, सारण के 3, पश्चिम चंपारण के 3, औरंगाबाद के 2 के साथ-साथ पटना, मुंगेर और सीवान के एक-एक कोरोना संक्रमित स्वास्थ होकर घर गए।
नगर निगम में कार्यरत स्वास्थ्य अधिकारी गौतम भाटिया की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटव आई है। भाटिया अब तक कोविड-19 की ड्यूटी में तैनात रहकर फील्ड मेंकाम कर रहे थे। अपर आयुक्त रजनीश कसेरा ने भाटिया के अधीनस्थ सभी स्टाफ की जांच कराने की बात कही है। शनिवार रात आई रिपोर्ट में 78 नए कोरोना मरीज मिलने से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1858 पर पहुंच गई है।
जानकारी के अनुसार भाटिया के संपर्क में रहने वाले ड्राइवर, अधीनस्थ सीएसआई, एसीएसआई, दरोगा औरअन्य स्टाफ की एहतियात के तौर पर जांच कराई जा रही है। हालांकि, अपर आयुक्त कसेरा का कहना है कि किसी भी निगमकर्मचारी में कोरोनावायरस के लक्षण नहीं हैं। इसके बावजूद एहतियात के तौर पर जांच कराई जा रही है।
गीता भवन अस्पताल में हर बुधवार बच्चों को लगेंगे टीके, 13 से शुरू
लॉकडाउन के चलते बच्चों को टीका लगाने को लेकर परिजनों के सामने परेशानी आ रही है। ऐसे में गीता भवन अस्पताल में अब हर बुधवार दोपहर तीन से पांच बजे तक बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। यह सेवा 13 मई से शुरू होगी। अभी यहां रोज सुबह 9 से दोपहर डेढ़ बजे तक सभी विभागों की ओपीडी और आईपीडी सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अलावा लगभग 44 दिन में 800 से अधिक मरीजों का डायलिसिस किया गया है। गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन और अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आरके गौड़ ने बताया कि हाॅस्पिटल में रोज सुबह-शाम विभिन्न विभागों में ओपीडी लग रही है। कोरोना महामारी के कारण शहर में लॉकडाउन के चलते जिला प्रशासन ने गीता भवन हाॅस्पिटल को ग्रीन कैटेगरी के अस्पतालों की सूची में रखा है।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद के मुताबिक, मुल्क पर बढ़ते कर्ज की वजह से उसके एटमी हथियार खतरे में हैं। जावेद ने कहा- अगर हमने आईएमएफ जैसे संगठनों का कर्ज नहीं चुकाया तो वो हमारा एटम बम ले जाएंगे। इतना ही नहीं, मियांदाद ने इन कर्जों को चुकाने के लिए एक बैंक अकाउंट भी खोल लिया है और उसमें लोगों से पैसा जमा करने की अपील की। इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा- मैं लोगों से मुल्क की खातिर भीख मांग रहा हूं।
लूटने वाले अब मुल्क बचाएं
मियांदाद ने शनिवार रात ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया। कहा, “मैंने नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान में एक अकाउंट खुलवाया है। मैं आप लोगों से भीख मांगता हूं कि इसमें पैसा जमा करें ताकि हमारा एटम बम बचाया जा सके। अगर हमने आईएमएफ जैसे संगठनों का कर्ज नहीं लौटाया तो वो इस बम को ले जाएंगे। मैं जानता हूं कि इस देश के लोगों ने अपने ही मुल्क को खूब लूटा है। अब वक्त है जब वो मुझे भीख देकर अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं। विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी भी अब फर्ज निभाएं।”
इंटरनेशनल बैंक अकाउंट
मियांदाद भारत के मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम के समधी हैं। वीडियो में वो आगे कहते हैं, “मेरा नया अकाउंट इंटरनेशनल है और इसका इस्तेमाल सिर्फ मैं करूंगा। हम आईएमएफ का कर्ज चुकाएंगे। लोग हर महीने इसमें पैसा डिपॉजिट करें। हमारे ऊपर पहले ही बहुत कर्ज है। अगर अब हम आईएमएफ से कर्ज लेने जाएंगे तो वो सबसे पहले हमारे एटमी हथियार यानी हमारा बम मांगेंगे। इसे बचाना है तो उनका पैसा वापस करना होगा। इसके लिए मैं आपसे भीख मांग रहा हूं।”
इमरान से करीबी और दूरी
कश्मीर मुद्दे पर मियांदाद ने प्रधानमंत्री इमरान खान का साथ दिया था। सड़कों पर मार्च भी निकाला। हालांकि, मैदान पर दोनों के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। आरोप है कि इमरान के इशारे पर वकार यूनिस और वसीम अकरम ने जावेद के खिलाफ टीम में गुटबाजी की थी। इसके बाद मियांदाद को कप्तानी छोड़नी पड़ी थी। जावेद 1992 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद पैसों के बंटवारे को लेकर भी इमरान पर आरोप लगा चुके हैं। इमरान उस टीम के कप्तान थे।
इस साल 10 मई को मदर्स डे मनाया जा रहा है। दुनियाभर में यह अलग-अलग दिन मनाया जाता है, जबकि भारत में मई के दूसरे रविवार को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण समेत खेल के कई भारतीय दिग्गजों ने मां को याद किया।
लक्ष्मण ने ट्वीट किया, ‘‘आप जब भी मां की तरफ देखते हैं, तो आप एकदम शुद्ध प्रेम की तरफ देखते हैं। इसे आप कभी समझ नहीं पाएंगे। मेरी जिंदगी का सबसे मजबूत सहारा बनने के लिए धन्यवाद अम्मा।’’
सचिन ने मां को धन्यवाद कहा
सचिन ने मां के साथ वाली बचपन की एक तस्वीर शेयर की। साथ ही लिखा, ‘‘आप मेरे लिए आई हैं, क्योंकि आप सबकुछ के अलावा हमेशा अद्भुत और अपूर्णीय हो। मेरे लिए आपने जो कुछ भी किया, उसके लिए धन्यवाद।’’
सहवाग ने कहा- मां जैसा कोई नहीं
पूर्व भारतीय ओपनर सहवाग ने मां के नाम एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने कहा कि बच्चा चाहे लायक हो या नालायक, वह चाहे या न चाहे, हर स्थिति में उसे मां का प्यार मिलता है। मां ने मुझे घर वालों से लड़कर क्रिकेट फीस के लिए 100 रुपए दिए थे। सहवाग ने पोस्ट में लिखा, मां का प्यार वह प्यार होता है, जिसे आप तब भी पाते हैं, जब आप उसके हकदार हों या चाहे न हों। मां के जैसा कोई नहीं है।’’
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि वे मानसिक तौर पर पूरी तरह तरोताजा हैं। कोरोनावायरस के कारण जहां से उन्होंने क्रिकेट को छोड़ा था, वहीं से फिर शुरू कर सकते हैं। दरअसल, कोरोनावायरस के कारण खेल के लगभग सभी टूर्नामेंट दो महीने से बंद हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।
लॉकडाउन में फिट रहने के लिए कोहली घर पर ही जिम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए अच्छी बात है कि मेरे घर पर ही जिम और उसका सारा सामान है, इसलिए मैं ट्रेनिंग करने में सक्षम हूं और यह मेरे लिए कोई बड़ी समस्या भी नहीं है।’’
क्रिकेट के शुरुआती दिनों में दिक्कत आएगी
भारतीय कप्तान ने स्टार स्पोर्ट्स के क्रिकेट कनेक्टेड शो में कहा, ‘‘मैं उन लोगों में से हूं, जिनका ज्यादा ध्यान मानसिक पहलू पर होता है। मैं कई घंटों तक नेट पर प्रैक्टिस करते हुए समय नहीं बिताता। इसलिएजानता हूं कि यदि मैं मानसिक तौर पर मजबूत रहा तो खुद को सकारात्मक और खुश रख सकूंगा। साथ ही इसी मानसिकता के साथ वहीं से क्रिकेट को शुरू कर सकूंगा, जहां से मैंने छोड़ा था।’’ हालांकि, कोहली ने यह भी माना है कि शुरुआती दिनों में थोड़ी समस्या जरूर आएगी।
‘हर चीज को सकारात्मक तौर पर देखें’
लॉकडाउन को लेकर कोहली ने कहा, ‘‘शुरुआती दिनों में यह थोड़ा मुश्किल था, लेकिन आप इसे अलग नजरिए से देखते हैं, तो समय बहुत जल्दी निकल जाता है। क्योंकि आपको यह पता चल जाता है कि आपके नियंत्रण में कुछ भी नहीं है। आप सिर्फ अपनी मानसिक स्थिति पर ही काबू रख सकते हैं। यदि आप सभी चीजों को सकारात्मक तौर पर देखेंगे तो पाएंगे कि यह इतना मुश्किल नहीं है। मैं लगातार प्रैक्टिस कर रहा हूं। यह मेरे लिए पहले भी समस्या नहीं थी, क्योंकि मैं खुद को फिट रखता हूं और लगातार प्रैक्टिस करता रहा हूं।’’
ऑस्ट्रेलिया में भारत को 4 टेस्ट 3 वनडे खेलना है
भारतीय टीम को साल के आखिरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है, जहां 4 टेस्ट और 3 वनडे की सीरीज खेलनी है। इससे पहले 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया में ही टी-20 वर्ल्ड कप भी होना है, जिसकी संभावना बहुत कम है। क्रिकेट जानकारों की मानें तो इस साल कोरोना के कारण कोई भी टूर्नामेंट या सीरीज होना मुश्किल है। सिर्फ साल के आखिर में भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज ही संभव लग रही है।
रेसलर साक्षी मलिक पहली बार लगातार 15 दिन तक घर पर हैं। लॉकडाउन के कारण वे अभी रोहतक स्थित घर पर ट्रेनिंग कर रही हैं। इस दौरान उन्हें नकारात्मक विचार आते हैं। 2016 रियो ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी का टोक्यो ओलिंपिक में उतरना मुश्किल है। एशियन ओलिंपिक क्वालिफायर के मुकाबले में वे सोनम मलिक से हार गईं।
एशियन क्वालिफायर के मुकाबले मार्च 2021 में होने हैं। यदि सोनम को यहां से ओलिंपिक को टिकट नहीं मिलता है तो अप्रैल 2021 में वर्ल्ड क्वालिफायर से पहले एक बार फिर साक्षी और सोनम के बीच मुकाबला हो सकता है।
क्वारेंटाइन में जीवन पूरी तरह अलग है
साक्षी ने कहा, ‘मैंने सोचा था कि लॉकडाउन 15 दिन तक चलेगा। लेकिन यह बढ़ता रहा।’ 27 साल की साक्षी 15 साल से रेसलिंग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार है कि मैं इस तरह की चीजों का अनुभव ले रही हूं। घर में क्वारेंटाइन हूं। जीवन पूरी तरह से अलग है। मैं एक जगह पर 15 दिन से ज्यादा कम ही रही हूं। पहले प्रशिक्षण या टूर्नामेंट के लिए मुझे जाना ही पड़ता था।
कोरोनावायरस के कारण क्रिकेट अभी पूरी तरह से ठप है। टी-20 लीग आईपीएल को भी अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। ऐसे में बोर्ड कम समय में ज्यादा मैच खेलकर नुकसान की भरपाई का प्लान बना रहा है। इसके मुताबिक टेस्ट और टी-20 सीरीज के लिए दो अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी। दोनों एक साथ सीरीज खेलेंगी। ऐसे में कम समय में अधिक से अधिक मैच खेले जा सकेंगे।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘कोई नहीं जानता है कि खेल कब शुरू होगा। स्पॉन्सर्स से लेकर फैंस की बात करें तो हमें सभी को ध्यान में रखना है। ऐसे में एक विकल्प यह है कि हम दो टीमें बनाएं। जो साथ-साथ टेस्ट सीरीज और टी-20 सीरीज खेल सकें।’
ब्रॉडकास्टर के हितों को ध्यान में रखना होगा
बीसीसीआई को ब्रॉडकास्टर के हितों को ध्यान में रखना है तो उसे दो टीमें बनानी होंगी। दिन में टेस्ट मैच होंगे और फ्लड लाइट में टी-20 मैच का आयोजन किया जाएगा। लेकिन दो टीम बनाने से पहले कोचिंग स्टाफ को भी लेकर काम करना होगा। क्योंकि एक कोचिंग स्टाफ दो जगह काम नहीं कर सकेगा। इसके पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम ऐसा कर चुकी है। 2017 में 22 फरवरी को एडिलेड में श्रीलंका से टी-20 मैच खेलने के बाद टीम ने 23 फरवरी को पुणे में टेस्ट मैच की शुरुआत की थी। इसके लिए दो अलग-अलग टीम बनाई गईं थीं। कुछ ऐसा ही उपाय टीम इंडिया भी कर सकती है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर क्वारेंटाइन रहेंगे भारतीय खिलाड़ी
टीम इंडिया को नवंबर-दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है। जहां टीम को चार टेस्ट खेलने हैं। सीरीज में एक टेस्ट को और जोड़ने को लेकर बातचीत जारी है। बीसीसीआई ने इसके लिए खिलाड़ियों को दो हफ्ते तक क्वारेंटाइन रखने पर सहमति दे दी है। ऐसे में सभी बोर्ड घाटे को कम करने के लिए कम दिनों में अधिक से अधिक मैच खेलने की तैयारी कर रहे हैं। यदि आईपीएल नहीं होता है तो बोर्ड को 4 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
चीफ सिलेक्टर बोले- टी-20 से सीजन की शुरुआत हो
टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर सुनील जोशी ने बीसीसीआई को नए सीजन की शुरुआत टी-20 से करने का सुझाव दिया है। पिछले दिनों नेशनल सिलेक्शन कमेटी की वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में ऐसा प्रस्ताव दिया गया। अगर बोर्ड इस पर सहमत होता है तो अगस्त में शुरू होने वाले सीजन का आगाज सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट से हो सकता है। सिलेक्शन कमेटी के मुताबिक, इससे खिलाड़ी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार हो सकेंगे। वर्ल्ड कप के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। अधिकतर इंटरनेशनल खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं देते हैं। लेकिन मौजूदा हालात में उन्हें टूर्नामेंट से प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा।
सतीश कुमार देश के पहले बॉक्सर हैं, जिसने सुपर हैवीवेट में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। 2016 के रियो गेम्स में तो वे ऐसा करने से चूक गए थे। लेकिन, इस साल मार्च में उन्होंने91 किलोग्राम से ज्यादा भारवर्ग में टोक्यो का टिकट कटा लिया।
ये अलग बात है कि कोरोना की वजह से टोक्यो ओलिंपिक एक साल के लिए टल गए। हालांकि, सतीश मायूस होने की बजाए इसे भी एक मौके की तरह ले रहे हैं। उनका कहना है कि ओलिंपिक टलने की वजह से उन्हें अपनी स्ट्रेंथ पर काम करने का और मौका मिल गया।
वह इस एक साल में अपनी कमियों को दूर करेंगे। पूरे देश में लॉकडाउन के कारण कैंप स्थगित हैं और वह उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर स्थित अपने घर पर ही फिटनेस पर काम कर रहे हैं। करियर और ओलिंपिक तैयारियों को लेकर सतीश ने भास्कर से खास बात की....
सतीश: टोक्यो ओलिंपिक के एक साल टलने से मुझे प्रैक्टिस के लिए काफी समय मिल गया है। मैं इस एक साल में अपनी कमियों को दूर करूंगा। स्ट्रेंथ में मैं कमजोर हूं, इसलिए इस पर काम कर रहा हूं। ताकि 2021 में होने वाले गेम्स में बेहतर चुनौती पेश कर सकूं।
सतीश:स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए वेट ट्रेनिंग कर रहा हूं। इसके लिए घर पर हीइंतजाम किया है। इसमें डंबल, प्लेट्स और रॉड शामिल है। मैं हाथों में मजबूती लाने के लिए ट्रक के टायर पर हथौड़ेमारता हूं, ताकि हाथों में मजबूती आए।
'इसके साथ ही वेट भी उठाता हूं। बुलंदशहर में अपने घर के पास ही पेड़ पर रस्सी बांधकर उस पर चढ़ता हूं। वहीं मेंढकजंप का भी अभ्यास करता हूं। स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए कई और एक्सरसाइज भी करता हूं। जोकोच ने बताई है।'
सतीश: ओलिंपिक में मेरा मुख्य मुकाबला तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बॉक्सरों से हैं। इन दोनों देशों के मुक्केबाज मुझसे स्ट्रेंथ और तकनीक में ज्यादा मजबूत हैं। उनकी तुलना में मेरी स्पीड ज्यादा है। इसलिए मैं स्ट्रेंथ पर काम कर रहा हूं।
सतीश: किसी भी खिलाड़ी का लक्ष्य ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करना होता है। इसे सोचकर ही खिलाड़ी अभ्यास करता है। हां, जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है, उन मुक्केबाजों पर थोड़ा फर्क पड़ेगा। उन्हें फिटनेस पर ज्यादा काम करना होगा।
सतीश: अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ (आईओए), जापान सरकार और अलग-अलग देशों के संघ खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को जोखिम में नहीं डाल सकते। इसलिए जापान सरकार और आईओए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लेंगे। 2021 में भी अगर गेम्स नहीं होते हैं तो 2024 ओलिंपिक की तैयारी के लिए जुटना होगा। तब तक कई युवा खिलाड़ी सामने आ जाएंगे। तब ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
सतीश: लॉकडाउन के कारण मैं बुलंदशहर में ही हूं। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से कोच ऑनलाइन प्लान भेजते हैं। उसी पर काम करता हूं। अभी केवल फिटनेस को लेकर प्लान आ रहा है। मैं उसी पर वर्क कर रहा हूं। इन दिनों जिम भी बंद है, ऐसे में कुछ इक्विपेंट का इंतजाम कर घर पर ही फिटनेस ट्रेनिंग कर रहा हूं।
तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बॉक्सरों के मैच के वीडियो देख रहा हूं। अपने पुराने मैच के भी वीडियो देखकर खेल का एनालिसिस कर रहा हूं।
सतीश: जी, इन दिनों गेहूं की कटाई का समय है। मैं कटाई करने तो नहीं गया। लेकिन, कटाई के बाद जब गेहूं और भूसे को अलग किया जाता है, तो उसमें जरूर परिवार की मदद की।
सतीश: हम चार भाई हैं। मैं दूसरे नंबर का हूं। बड़े भाई सेना में हैं। उनकी वजह से ही सेना में आया।आर्मी में आने से पहले तक बॉक्सिंग के बारे में कुछ भी नहीं जानता था। जब मैं आर्मी में भर्ती हुआ तो, मुझे इसके बारे में पता चला। मैं रानीखेत में ट्रेनिंग कर रहा था। बैरक के पास ही बॉक्सिंग सेंटर था।
'आर्मी के बॉक्सिंग कोच ने मेरी हाईट (1.88 मीटर) और फिटनेस देखकर मुझे बॉक्सिंग खेलने का सुझाव दिया। इसके बाद मैं खेल से जुड़ गया। धीरे-धीरे सेना के अंदर होने वाले टूर्नामेंट जीते और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर भारतीय टीम में पहुंचा। इसकी मेहनत का नतीजा है किमैं 2014 एशियन गेम्स में 91 किलो से ऊपर की वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता।'
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने पिछले दिनों कहा कि 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ क्रिकेट जीतने वाली टीम विराट कोहली की वर्तमान वनडे टीम को हरा सकती है। यह बयान कुछ लोगों को विवादास्पद लग सकता है। 1980 के लोगों के लिए यह जीत विशेष थी। शास्त्री ने ऑलराउंड प्रदर्शन किया। श्रीकांत और जावेद मियांदाद को पीछे छोड़ते हुए शास्त्री प्लेयर ऑफ द सीरीज भी बने थे। शास्त्री को ऑडी कार मिली जो उस समय काफी चर्चित रही।
1983 वर्ल्ड से पहले टीम इंडिया का वनडे में प्रदर्शन अच्छा नहीं था। 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में विंडीज पर अप्रत्याशित जीत ने दुनिया काे अचंभित कर दिया। इसने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी। 1984 में टीम ने शारजाह में एशिया कप जीता। इसी जगह एक साल बाद रोथमैंस कप जीता। इन दोनों के बीच 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप की जीत शानदार थी।
भारतीय टीम कागजों पर मजबूत नहीं थी
इसने भारतीय क्रिकेट के भविष्य को तय किया। रंगीन कपड़ों में खेल रहे खिलाड़ी और टीवी पर कवरेज ने इसे और शानदार बनाया। टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया। टीम टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला हारी ही नहीं। इसने साबित किया कि 1983 वर्ल्ड कप में मिली जीत अप्रत्याशित नहीं थी। शास्त्री की बात आंकड़ों से बेमेल खाती है। लेकिन 1983-1985 की टीम कागजों पर मजबूत नहीं थी लेकिन खिताब जीतने के मामले में आगे थी। जब तक विराट कोहली और उनकी टीम ऐसा नहीं कर सकती और भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपनी छाप छोड़ सकती है। तब तक 1985 और 2020 की टीमों के बीच बात चलती रहेगी।
করোনা লকডাউনে প্রচারের একমাত্র মাধ্যম হয়ে উঠেছে সোশ্যাল মিডিয়া। ফেসবুক আর টুইটারের তাই রমরমা। এই পরিস্থিতি প্রচারে ঝড় তুলতে তৃণমূল তৈরি করল এক নয়া হ্যাশ ট্যাগ। ‘ভাট বকছে বিজেপি'- এই হ্যাশ ট্যাগে প্রচারে ঝড় তুলতে চাইছে তৃণমূল কংগ্রেস। সম্প্রতি বিজেপির কুৎসা-অপপ্রচারের
গোয়েন্দাদের কাছে খবর রয়েছে যে, ১১ মে ভারতে বড়সড় নাশকতার পরিকল্পনায় রয়েছে পাকিস্তানি জঙ্গিরা। এর আগে এপ্রিলের শেষ থেকে সেনার ওপর উপত্যকায় একের পর এক হামলা করে চলেছে জঙ্গিরা। অন্যদিকে, করোনার আবহে করোনা আক্রান্ত জঙ্গিদের ভারতে পাচারের চেষ্টায় রয়েছে ইমরান খানের
লকডাউন কি খুব শিগগিরিই তুলে নিতে চলেছে কেন্দ্র? এই প্রশ্ন উস্কে দিয়ে এবার কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রকের কাছ থেকে এলো বড়সড় বার্তা। উল্লেখ্য, বর্তমানে লকডাউনের তৃতীয় পর্বে দেশ। আর ১৭ মে পর্যন্ত এই তৃতীয় পর্বের মেয়াদ রয়েছে বলে জানানো হয়েছে। আর তার আগে
বিজেপি ভুয়ো খবর ছড়াচ্ছে বলে দীর্ঘদিন বলে অভিযোগ করে আসছেন তৃণমূল নেতা-কর্মীরা। আর এটা বিজেপির একটা অ্যাজেন্ডা। তৃণমূলের অভিযোগ, সম্প্রতি একটি ভিডিও সোশ্যাল মিডিয়ায় ঘুরে বেড়াচ্ছে। সেটাই প্রমাণ করছে বিজেপি কুৎসাকেই পাথেয় করে রাজনীতি করতে চাইছে। অমিত শাহের একটি পুরো ভিডিও
আগামী চার দিন ঝড়-বৃষ্টির সম্ভাবনা রাজ্যে। মঙ্গল ও বুধবার ব্যাপক ঝড় বৃষ্টির সম্ভাবনা দক্ষিণবঙ্গে। ঘণ্টায় ৭০ কিলোমিটার গতিবেগ হতে পারে ঝড়ের। উত্তরবঙ্গ ভারী বৃষ্টির পূর্বাভাস। ভারী বৃষ্টি হতে পারে দক্ষিণবঙ্গের দু-এক জেলায়। কলকাতায় আংশিক মেঘলাআকাশ ও সকাল থেকেই আদ্রতাজনিত অস্বস্তি চরমে। {image-cyclone1-1586955603.jpg
করোনার আবহে ক্রমেই বাড়ছে চিনকে ঘিরে উত্তেজনা। আর এদিন সিকিম সীমান্তে ফের একবার চিনের পিএলএ সেনা ও ভারতীয় সেনার মধ্যে উত্তেজনার মাত্রা চড়ে। এই ঘটনা ফের একবার ডোকলাম পরিস্থিতির কথা উস্কে দিয়েছে। ৩০০ টি নতুন করোনা হটস্পট দেশে! কোন পদ্ধতিতে সন্ধান পেয়ে যাচ্ছে কেন্দ্র
করোনার জেরে গোটা দেশে পরিস্থিতি ক্রমেই উদ্বেগজনক হচ্ছে। দেশে সুস্থতার পরিসংখ্যান ২৯ .৯১ শতাংশ হয়েছে। তবে তাতেও বাগ মানছে না পরিস্থিতি। এবার ৬৩ হাজার আক্রান্তের সংখ্যা ছোঁয়ার পথে করোনার আক্রান্তের সংখ্যা।
এক বছরেই রাজনীতির অনেক আটঘাটই শিখে নিয়েছেন বসরিহাটের তৃণমূল সাংসদ নুসরত জাহান। তা দিয়েই তিনি একে একে বিজেপির সমস্ত ফাঁস কেটে চলেছেন। বিজেপি যে মস্ত ফন্দি আঁটছেন, তা কেটে মানুষের কাছে ফাঁস করে দিচ্ছেন নুসরত। ফলে বিজেপির মুখোশ খুলে যাচ্ছে।
করোনার দানবীয় দংশনে লকডাউনের তৃতীয় পর্যায়ে দেশ। তবুও আক্রান্তের সংখ্যা ৬৩ হাজার ছুঁয়ে ফেলতে চলেছে। কিছুতেই বাগে আসছে না করোনা পরিস্থিতি। এমন অবস্থায় দেশে নতুন করে ৩০০ টি হটস্পটের সন্ধান পেয়ে গিয়েছে কেন্দ্র। 'ভয় পেয়েছে মমতা', ৯ দিনে মুখ্যমন্ত্রী সাংবাদিকদের মুখোমুখি না হতেই বিজেপি সরব নয়া পদক্ষেপে
মহারাষ্ট্রের ঔরাঙ্গাবাদে পরিযায়ী শ্রমিকদের ট্রেন দুর্ঘটনায় মৃত্যুশোক এখনও ভুলে উঠতে পারেনি দেশ। এরইমধ্যে ফের শ্রমিক মৃত্যুর খবর প্রকাশ্যে আসতে শুরু করেছে। মধ্যপ্রদেশের দুর্ঘটনার জেরে রীতিমতো উদ্বেগ বাড়ছে পরিযায়ী শ্রমিকদের নিয়ে। প্রাথমিকভাবে মৃত শ্রমিকরা পরিযায়ী কি না, তা নিয়ে খানিকটা বিভ্রান্তি থাকলেও,
এক সপ্তাহের বেশি সময় হয়ে গিয়েছে। রাজ্যে কেন্দ্রীয় পর্যবেক্ষক দল ঘুরে যাওয়ার পরই যখন নিত্যদিন প্রবল সংখ্যক করোনা রোগীর সন্ধান মিলতে শুরু করেছে, তখনই সাংবাদিকদের প্রশ্নের মুখোমুখি হচ্ছেন না রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। এই পরিস্থিতিতে তৃণমূল সুপ্রিমোকে আক্রমণের যাবতীয় হাতিয়ার শানিয়ে
অধীর চৌধুরী দাবি করেছেন, কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহের কাছে তাঁর ফোন যাওয়ার পরই রাজ্যের জন্য ৮টি ট্রেন বরাদ্দ করে পরিযায়ী শ্রমিকজের ঘরে ফেরানো হচ্ছে। এতে রাজ্য সরকারের কোনও উজ্জ্বল উদ্যোগ নেই। আর অন্যদিকে, এই ইস্যুতে ভারতীয় রেলের টুইটকে 'অসত্য' বলে দাবি
কলকাতা পুরসভার বোর্ড অব অ্যাডমিনিস্ট্রেটর নিয়োগ সংক্রান্ত সিঙ্গল বেঞ্চের নির্দেশকে চ্যালেঞ্জ করে ডিভিশন বেঞ্চে মামলা দায়ের হল। আগামী সোমবার হাইকোর্টের ডিভিশন বেঞ্চে মামলার শুনানির সম্ভাবনা রয়েছে। প্রসঙ্গত, কলকাতা পুর নিগমে রাজ্যের গঠিত প্রশাসক বোর্ডকে 'কেয়ারটেকার বোর্ড' হিসেবে চিহ্নিত করে তাদের এক মাসের
দিনভর গুজব চলছিল প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী বুদ্ধদেব ভট্টাচার্যকে নিয়ে। শেষমেশ আলিমুদ্দিন স্ট্রিটকে হস্তক্ষেপ করতে হল। প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রীর স্বাস্থ্য নিয়ে উদ্বেগের নিরসন করে সিপিএম জানায়, সম্পূর্ণ সুস্থ আছেন বুদ্ধদেব ভট্টাচার্য। রাজ্য সম্পাদক সূর্যকান্ত মিশ্র জানান, যে খবর ছড়ানো হচ্ছে তা ভিত্তিহীন। ওইসব গুজবে
বাংলার পরিযায়ী শ্রমিকদের সুষ্ঠুভাবে ঘরে ফেরার বিষয়ে সিপিএম কর্মীদের সজাগ হতে বললেন সিপিএমের রাজ্য সম্পাদক সূর্যকান্ত মিশ্র। তিনি বলেন, শুধু সরকারের ভরসায় না থেকে জেলায় জেলায় সিপিএমে'র নেতৃবৃন্দ ও কর্মীবৃন্দকেও সতর্ক ও প্রস্তুত থাকতে হবে। পরিযায়ী শ্রমিকদের সুরক্ষার কথা ভেবে তাঁদেরই
ভিনরাজ্য থেকে ফিরে আসা পরিযায়ী শ্রমিকরা এবং অন্যান্য যাত্রীরা করোনা ভাইরাসের সংক্রমণ ছড়িয়ে দিতে পারে। এমনই আশঙ্কা করল বিহার রাজ্য সরকার। নীতীশ কুমারের সরকার জানিয়েছে, ইতিমধ্যে যাঁরা ফিরেছেন তাঁদের পরীক্ষা করে দেখা গিয়েছে, তাঁদের মধ্যে কমপক্ষে ৯৬ জনের করোনা সংক্রমণ রয়েছে।
করোনার আবহে তৃণমূল ও বিজেপির এই বাকযুদ্ধকে গটআপ গেম বলে ব্যাখ্যা করল সিপিএম। পরিযায়ী শ্রমিকদের ঘরে ফেরানো নিয়ে কেন্দ্র ও রাজ্য সরকারের টালবাহানায় তীব্র ক্ষোভ প্রকাশ করে সিপিএমের রাজ্য সম্পাদক সূর্যকান্ত মিশ্র বলেন, অযথা বিলম্ব করা হচ্ছে শ্রমিকদের ঘরে ফেরানোর কাজে।
জম্মু ও কাশ্মীরের হানদোয়ায় এনকাউন্টার অপারেশনের পাঁচ দিন পর দায় স্বীকার করল সৈয়দ সালাহউদ্দিনের নেতৃত্বে পাকিস্তান-ভিত্তিক হিজবুল মুজাহিদিন গোষ্ঠী। শনিবার তারা পাঁচজন নিরাপত্তা রক্ষীর প্রাণহানির জন্য দায়ী বলে স্বীকারোক্তিতে জানিয়েছে। বিজেপির মুখপাত্র সম্বিত পাত্র সম্প্রতি একটি ভিডিও ক্লিপিং শেয়ার করে এ
এবার জম্মু-কাশ্মীর বিতর্কে জড়াতে দেখা গেল গুগলকেও। ভারতীয় আবহাওয়া দফতর (আইএমডি) পাক অধিকৃত কাশ্মীরের (পিওকে) অধীনে থাকা গিলগিট-বালতিস্তান এবং মুজাফফারাবাদের পূর্বাভাস দিতে শুরু করা পরেই এবার জম্মু-কাশ্মীর নিয়ে নতুন চিত্র তুলে ধরল গুগল ম্যাপ।
টানা দশদিন করোনা যুদ্ধে করোনাকে হারিয়ে জয়ী হয়ে বাড়ি ফিরলেন বসিরহাট জিরাকপুর নিবাসী বছর পঞ্চাশের প্রাক্তন সেনা কর্মী পরিতোষ মুখার্জি, যিনি আলিপুর কমান্ডো হাসপাতালে করোনা পজিটিভ নিয়ে ভর্তি ছিলেন। তারিখটা ছিল ২৯ এপ্রিল, যেদিন সকালে চারিদিকে চাউর হয়ে যাওয়া একটি আবরে
১৮৭২ সালে প্রথমবার মাতৃদিবস পালন শুরু হয়েছিল আমেরিকায়। মার্কিন কবি ও লেখক জুলিয়া ওয়ার্ড হাও এই দিবসটির ধারণা মানুষের মনে জন্ম দেন। মূলত 'দ্য ব্যাটল হিম অব দ্য রিপাবলিক' গানটির জন্য বেশি পরিচিতি ছিল জুলিয়ার। তবে ১৮৭২ সালে আমেরিকার বস্টনে প্রথম
মলদ্বীপ থেকে নৌবাহিনীর যুদ্ধজাহাজ জলস্বতে শুক্রবার রাতে দেশে ফিরলেন ৬৯৮ জন ভারতীয়। এদের মধ্যে ৫৯৫ জন পুরুষ, ১০৩ জন মহিলা রয়েছেন। এই ১০৩ জন মহিলার মধ্যে আবার ১৯ জন সন্তান সম্ভবা। অপারেশন সমুদ্র সেতুর মাধ্যমে এদের দেশে ফিরিয়ে আনা হল। {image-pti10-26-2018-000156b-1580280980-1589035894.jpg
বিশ্বজুড়ে সমুদ্র-স্তরের বৃদ্ধি হচ্ছে উদ্বেগজনকভাবে। প্রত্যাশার চেয়ে অনেক দ্রুত গতিতে সমুদ্রস্তর বাড়ছে বলে শতাধিক শীর্ষস্থানীয় আন্তর্জাতিক বিশেষজ্ঞরা এক সমীক্ষায় জানিয়েছে। সমীক্ষা রিপোর্টে প্রকাশ ২১০০-য় এক মিটার এবং ২৩০০-য় পাঁচ মিটার বাড়ছে সমুদ্রস্তর। বিজ্ঞানীরা বলেছেন আগে এই সমুদ্র-স্তর বৃদ্ধির হার খুব কম ছিল।
দেশে ক্রমেই ভয়াবঙ আকার ধারণ করছে করোনা মহামারি। লাফিয়ে লাফিয়ে বাড়ছে মৃত ও আক্রান্তের সংখ্যা। এমতমাবস্থায় এবার করোনা রোগীদের চিকিত্সার ক্ষেত্রে একগুচ্ছ সংশোধিত নির্দেশিকা জারি করতে দেখা গেছে স্বাস্থ্য ও পরিবার কল্যান মন্ত্রককে।
আমেরিকায় তিন মার্কিন সচিবের করোনা ধরা পড়ার পর থেকেই আরও দানা বেধেঁছে করোনা আতঙ্ক। এরই মাঝে শনিবার নিজের ট্যুইটার অ্যাকাউন্ট থেকে ট্যুইট করে নিজের শারীরিক অসুস্থতা সংক্রান্ত গুজবকে নস্যাৎ করলেন কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহ। তিনি জানান, গুজবের উপর ভিত্তি করে মানুষ