कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए दूरस्थ ग्रामीण अंचल के गांव में सजगता एवं जागरूकता लाने के उद्देश्य सक्रिय भूमिका निभाने वाली महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा उल्लेखनीय काम किए जाने पर ग्राम पंचायत द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी नादरा खान में ग्राम पंचायत फतेहपुर की सरपंच मोती बाई पटेल, सचिव भारती पटेल, सहायक सचिव एवं ग्राम पटेल पूरन सिंह के द्वारा फतेहपुर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता माया श्रीवास्तव, उपकेंद्र कार्यकर्ता प्रीति गुर्जर, शांति बाई रावत, ग्राम पचीपुरा की कार्यकर्ता रामसखी लोधी, आशा कार्यकर्ता बबीता पाल और ग्राम स्वच्छता अभियान की प्रियंका विश्वकर्मा इत्यादि के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के ग्रामों में कोरोना वायरस से बचाव एवं सावधानी और उपाय के लिए जन जागृति फैलाने और सभी को सचेत करने समय-समय पर बाहरी प्रवासियों के आने की सूचना प्रशासन को देने में सजगता बरतने के लिए। ग्राम पंचायत की ओर से पुष्प मालाओं से उनका स्वागत करते हुए पुष्प वर्षा की गई। परियोजना अधिकारी नादरा खान द्वारा उन्हें सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स भेंट किए गए। इस अवसर पर मौजूद ग्रामवासियों द्वारा सभी कार्यकर्ताओं के काम की सराहना की।
कई दिनों से बंद पड़ी कृषि उपज मंडी की नीलामी शुक्रवार से शुरु होगी। यह निर्णय मंडी में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एक दिन में केवल 150 ट्राॅलियों के अनाज की नीलामी की जाएगी। जिसके लिए गेट पर ही किसानों को टोकन जारी किए जाएंगे। बैठक गुरुवार को दोपहर 12 बजे से मंडी सभागार में हुई। बैठक विधायक महेश राय एवं अनुविभागीय अधिकारी एवं भार साधक अधिकारी अमृता गर्ग की मौजूदगी में हुई।
बैठक में नीलामी को लेकर निर्णय लिया गया कि कृषि उपज में केवल ट्रैक्टर-ट्राॅली से लाई गई जिंस की ही नीलामी होगी। ऑटो, बैलगाड़ी, हाथ ठेला एवं फुटकर (ढेरी) उपज की नीलामी नहीं होगी। नीलामी के लिए कृषि उपज मंडी में गेहूं की ट्राॅली अलग लाइन में लगेगी एवं अन्य कृषि उपज चना, मसूर, बटरी, तेवड़ा एवं सोयाबीन की भी लाइन अलग से लगेगी। नीलामी के लिए किसानों को मंडी गेट पर टोकन नंबर दिए जाएंगे तथा एक ट्रैक्टर-ट्राॅली पर केवल एक ही जिंस की डाक नीलाम की जाएगी एवं ट्राॅली पर ड्राइवर सहित 2 से अधिक व्यक्ति का प्रवेश निषेध रहेगा।
प्रांगण में 1 से लेकर 150 नंबर तक ट्रैक्टर-ट्राॅली की डाक नीलामी टोकन नंबर के आधार पर की जाएगी। जिन्हें टोकन प्रवेश द्वार से प्राप्त होगा।नीलामी दिनांक 8 अप्रैल से समय सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक इसके बाद दोपहर 3 बजे तक अंत तक डाक की जाएगी।
बैठक में तहसीलदार संजय दुबे, मंडी सचिव वीएस तोमर, पूर्व मंडी अध्यक्ष अमर प्रताप सिंह, व्यापारी संघ अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव प्रवीण जैन, किसान शिवकुमार ठाकुर, मदन राजपूत, बाटू टडैया, धर्मकांटा संचालक प्रशांत राय, नवीन साहू, संतोष खरे, बनवारी लाल राय, मनोहर तिवारी, अभिषेक अग्रवाल एवं अन्य कृषक एवं व्यापारी उपस्थित रहे।
गुरुवार को शहर के आचवल वार्ड में रहने वाली 19 वर्षीय एक गर्भवती महिला ने अपने हाथ को चाकू से काट लिया और बाद में इलाज कराने के लिए अपने शराबी पति के साथ सिविल अस्पताल पहुंच गई। जांच के दौरान महिला से डॉक्टर ने चोट का कारण पूछा तो उसने गिर कर चोट आना बताया। बाद में डॉक्टर को शक होने पर उन्होंने पुलिस को मेमो भेज कर सूचना दी।
जानकारी अनुसार 19 वर्षीय महिला अपने पति के साथ हाथ में आई चोट का इलाज कराने पहुंची। जिसका बीपी बड़ा हुआ था और उसे घबराहट भी हो रही थी। उसके हाथ में चोट के निशान देखकर डॉक्टर हर्षिता परिहार ने महिला से चोट का कारण पूछा तो महिला ने बताया कि उसे चोट गिरने से आई है। बाद में जब डॉक्टर ने सख्ती से पूछताछ की तो महिला ने सब सच सच बता दिया। महिला ने बताया कि मम्मी-पापा उससे बात नहीं कर रहे हैं। इसलिए उसने अपने हाथ की नस काटने की कोशिश की थी।
कोरोना से उद्योग जगत में छाई मंदी से निपटने के लिए मप्र सरकार ने बड़ी पहल की है। कारखानों 6 को बड़ी राहत देते हुए 8 घंटे की शिफ्ट को 12 घंटे और ओवरटाइम को बढ़ाकर 72 घंटे कर दिया है। इसके साथ ही तीन माह तक फैक्ट्री इंस्पेक्टर के निरीक्षण पर रोक रहेगी और 61 रजिस्टर रखने व 13 रिटर्न भरने की व्यवस्था को भी बदलकर एक-एक ही कर दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर रूबरू होते हुए ये घोषणाएं कीं। माना जा रहा है कि इससे औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे, नया निवेश आएगा और श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी। यह सुधार करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, जिससे दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बाजारों में अनावश्यक भीड़ न बढ़े, इसके लिए ग्रीन जोन में दुकानें अब सुबह 8 से रात 10 बजे की बजाए सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुली रहेंगी। इससे अनावश्यक भीड़ नहीं रहेगी।
पंजीयन और लाइसेंस सिर्फ एक दिन में मिलेगा
पंजीयन और लाइसेंस बनाने में 30 दिन लगते थे, अब यह काम एक दिन में होगा। इससे कारखानों, दुकानों, ठेकेदारों, बीड़ी निर्माताओं, मोटर परिवहन से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा। मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम में आने वाली निर्माण एजेंसियों काे पंजीयन/लाइसेंस एक दिन में मिलेगा। कारखाने का लाइसेंस नवीनीकरण एक साल की बजाए दस साल में कराए जाने का प्रावधान किया गया है। इसकी ऑनलाइन व्यवस्था होगी। स्टार्टअप उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ एक बार पंजीयन जरूरी होगा। फैक्ट्री मालिक थर्ड पार्टी निरीक्षक से कारखाने का निरीक्षण करवा सकेंगे। पहले पंजीयन का कार्य मुंबई से होता था, अब यह अधिकार श्रमायुक्त मध्यप्रदेश को होगा। इसी तरह 50 से कम श्रमिकों को नियोजित करने वाली संस्थाओं को अलग-अलग श्रम कानूनों में निरीक्षण की परिधि से बाहर कर दिया गया है।
महिलाएं रात में कर सकेंगी काम
औद्योगिक विवाद अधिनियम अब 100 मजदूरों वाली स्थापना की जगह 300 मजदूरों वाली स्थापना पर लागू किया गया है। उद्योगों और स्थापना में कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को फिक्स टर्म एम्प्लॉयमेंट की सुविधा दी गई है। महिला श्रमिकों को कारखानों में तथा आईटी उद्योगों में रात्रिकालीन में कार्य की अनुमति होगी।
कोरोना से लड़ें या भूख से...
इंदौर में हाईवे पर दिन भर ऐसे लोगों की भीड़ है जो 500 से 900 किमी तक यात्रा कर घर लौटने की काोशिश में हैं। ट्रक में ठूंसे ये 50 लोग महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी से 555 किमी का सफर कर लौट रहे थे। युवक अनीस ने बताया- मैनेजर ने इन्हें यह कह रवाना कर दिया कि कामकाज बंद है, बैठे-बैठे खिला नहीं सकते। ये लोग उप्र के फैजाबाद जाएंगे।
राज्य शासन ने गुरुवार पांच आईपीएस अफसरों के तबादला कर नवीन पदस्थापना आदेश जारी किए हैं। जिसमें उज्जैन एसपी सचिन अतुलकर को हटाकर उनके स्थान पर मनोज कुमार सिंह को उज्जैन एसपी बनाया गया है। इससे पहले कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सोमवार को उज्जैन कलेक्टर शशांक मिश्रा का भी तबादला कर दिया गया था। माना जा रहा है अतुलकर को हटाने का कारण भी बढ़ता संक्रमण ही है। जिले से हटाए गए एसपी में कांग्रेस नेता के छोटे भाई भी शामिल हैं।
सिद्धार्थ चौधरी मंदसौर, सगर आगर मालवा एसपी
पांच आईपीएस अफसरों के तबादले |
नाम | वर्तमान | नवीन पदस्थापना |
सचिन अतुलकर | एसपी उज्जैन | एआईजी पुलिस मुख्यालय |
मनोज कुमार सिंह | एसपी आगर मालवा | एसपी उज्जैन |
हितेष चौधरी | एसपी मंदसौर | एसपी रेल भोपाल |
राकेश सगर | एसपी रेल भोपाल | एसपी आगर मालवा |
सिद्धार्थ चौधरी | एआईजी पुलिस मुख्यालय | एसपी मंदसौर |
शराब की आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसलिए ठेकेदार को दिए गए परमिट को भी यात्रा पास के रूप में मान्य किया जाएगा। वाणिज्यिक कर विभाग ने शराब ठेकेदारों को पास में आ रही परेशानी को देखते हुए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि शराब निर्माता इकाइयों और वेयर हाउस के प्रभारी अधिकारियों द्वारा वाहन और इकाई संबंधित व्यक्तियों को दिए गए यात्रा पास मान्य किया जाएं, जिससे बिना बाधा माल की आपूर्ति हो सके। जिला आबकारी अधिकारी और सहायक आबकारी आयुक्त के परमिट को भी यात्रा पास के रूप में मान्य किया जाए। शराब ठेकेदारों, विक्रेताओं, ड्रायवर, लेबर, मैनेजर, मुनीम आदि व वाहनों के लिए लॉकडाउन अवधि में कलेक्टर के अनुमोदन के बाद जारी पास ही मान्य किए जाएं।
कोरोना पॉजीटिव से संतराम की मौत होने के बाद गली नंबर 3 के 100 परिवार का कुछ हिस्सा करीब 100 मीटर के एरिया को कंटेनमेंट किया गया था । गली में देर रात दोनों तरफ बेरीकेट्स लगाकर नगर पालिका के द्वारा गली काे बंद किया गया है और दोनों दोनों तरफ पुलिस बल तैनात कर दिया गया है । देर रात तक यहां पर एसडीएम अमृता गर्ग,एसडीओपी डीआरएस चौहान,तहसीलदार संजय दुबे,थाना प्रभारी सौरभ त्रिपाठी,बीएमओ संजीव अग्रवाल,नगर पालिका इंजीनियर विवेक सिंह ठाकुर सहित पुलिस बल एवं नगर पालिका कर्मचारी उपस्थित रहे ।
भोपाल में साथ गए साथी को भेजा सागर- संतराम का इलाज कराने साथ गए इलाज कराने गए साथी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सागर तिली अस्पताल भेजा है। वही परिवार के वहीं उसकी पत्नी उसका एक वर्षीय बेटा,मकान मालिक की एक 10 वर्षीय बेटी एवं उसके एक अन्य साथी को घर में ही क्वारेंटाइन किया गया है ।
देर रात जांच करेंगे एपीडीमीईयो लॉजिस्ट- सिविल अस्पताल प्रभारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि कंटमेंट क्षेत्र कितने दिनों का रहेगा अभी यह बताना उचित नही होगा । देर रात एपीडीमीईयो लॉजिस्ट शशांक भार्गव आ रहे है । उनकी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि कंटमेंट क्षेत्र और बढ़ेगा और कितने दिन का होगा इसकी जांच की जाएगी।
कोलार कॉलोनी में ब्याज पर पैसे चलाने वाली राधा यादव का कत्ल तीन महिलाओं ने 1.80 लाख की सुपारी देकर करवाया था। महिला इन तीनों महिलाओं को रकम न लौटा पाने पर सरेआम जलील करती थी। महिला के गले पर चाकू से पहला वार करने वाला बचने के लिए नाले में कूदा और डूबने से उसकी जान चली गई। वह साईं बाबा नगर में रहता था, लेकिन वारदात के वक्त उसकी लोकेशन कोलार कॉलोनी में थी। उसकी कॉल डीटेल से इस अंधे कत्ल के राज खुलते चले गए। 50 दिन बाद चूना भट्टी पुलिस ने तीनों महिलाओं समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दस दिन पहले दिया था एडवांस
पंचवटी कॉलोनी, करोंद में रहने वाली 46 साल की राधा के कत्ल की प्लानिंग रेखा हरियाले, सुनीता प्रजापति और गुलाब बाई ने होली यानी 10 मार्च के दो दिन पहले ही कर ली थी। ताराचंद्र ने उन्हें अजय की मदद लेने के लिए कहा। अजय ने अपने दोस्त अभिषेक से बात की और कत्ल का सौदा 1.80 लाख रुपए में तय किया। तीनों महिलाओं ने अजय और अभिषेक को एडवांस के तौर पर 20 हजार रुपए दिए थे। ये रकम उन्होंने ताराचंद्र और मनोज से लेकर दी थी।
अभिषेक ने किया था पहला वार
प्रशिक्षु डीएसपी ऋचा जैन के मुताबिक 18 मार्च को राधा रकम मांगने कोलार कॉलोनी पहुंची थी। योजना के तहत महिलाओं ने अजय व अभिषेक को राधा के आने की सूचना दे दी। रात आठ बजे अभिषेक ने राधा के गले पर चाकू से पहला वार किया। वारदात के बाद अजय व अभिषेक अलग दिशाओं में भागे। अभिषेक को लगा कि कोई पीछा कर रहा है। बचने के लिए उसने नाले में छलांग लगा दी। यहां पानी में दम घुटने से उसकी मौत हो गई। पांच दिन बाद उसका शव हबीबगंज पुलिस को नाले में मिला था।
जलालत बनी हत्या की वजह
एसपी साउथ साईं कृष्णा ने बताया कि राधा की हत्या के मामले में रेखा, सुनीता, गुलाब बाई, ताराचंद्र मेहरा, अजय निरगुडे और मनोज मेहरा को गिरफ्तार किया गया है। रेखा, सुनीता और गुलाब बाई ने राधा से रकम उधार ली थी, लेकिन चुका नहीं पा रही थीं। इस वजह से राधा उन्हें जलील करती थी। इसलिए राधा को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। इसके लिए उन्होंने राधा के लिए कोलार कॉलोनी में मैनेजर के तौर पर काम करने वाले ताराचंद्र मेहरा की मदद ली। ताराचंद्र ने भी कुछ लोगों को 8 लाख दिलवाए थे।
...खुलता चला गया कत्ल का राज
नाले में मिले शव और शाहपुरा थाने में दर्ज गुम इंसान का हुलिया मेल खा रहा था। सीसीटीवी फुटेज में राधा के कत्ल के बाद एक युवक नाले की ओर भागता नजर आ रहा था। पुलिस ने अभिषेक की कॉल डीटेल खंगाली तो पता चला कि राधा के कत्ल के वक्त वह घटनास्थल के पास ही था। फोन पर उसकी आखिरी बात 23 मिनट की अजय से हुई थी। दूसरी कॉल डीटेल से अजय की भी लोकेशन वहां मिल गई। इस आधार पर पुलिस ने अजय को हिरासत में लिया। पूछताछ में रेखा, सुनीता, गुलाब बाई, ताराचंद्र और मनोज की करतूत भी उजागर हो गई और सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कि कोरोना से प्रदेश में उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किया गया है। चौहान ने फेसबुक लाइव के माध्यम से श्रम कानूनों में किए गए बदलावोंकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि बंद आर्थिक गतिविधियों को गति देने की ऐसी अभिनव पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। कोरोना संकट के बाद उद्योगों को जरूरी रियायतें देने औरफैक्ट्री मालिकों और मजदूरों के बीच सहयोग का वातावरण बनाने के लिए श्रम कानून में संशोधन किए गए हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना ने सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व से परिचित करा दिया है। बाजारों में भीड़ न हो इस उद्देश्य से प्रदेश की दुकानों के खुले रहने का समय सुबह 8 से रात्रि 10 के स्थान पर सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक रहेगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है। कारखानों में काम की पाली 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है। कारखाना मालिक अब खुद शिफ्ट परिवर्तित कर सकेंगे। हालांकि 8 घंटे के बाद बशर्ते श्रमिक श्रमिक काम करना चाहे। साथ ही अब सप्ताह में 72 घंटे ओवरटाइम कर सकेंगे, लेकिन इसका नियमानुसार मजदूरों को भुगतान करना होगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है। रजिस्ट्रेशन के लिए अब 30 दिन के बजाए एक दिन में किया जाएगा। रिन्यूअल के नियम को खत्म कर दिया गया है, अब एक बार ही रजिस्ट्रेशन होगा और वह भी ऑनलाइन होगा।
दुकानें सुबह 6 बजे से से रात को 12 बजे तक खुलेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधियों की पुन: शुरूआत की गयी है। नए उद्योगों को अनुकुल वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है। श्रम सुधारों के पीछे मुख्य उद्देश्य अन्य स्थानों से शिफ्ट हो रहे उद्योगों और नए उद्योगों को आकर्षित करना है। प्रदेश में सरलता से नए उद्योग लग सकेंगे, लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और मजदूरों के हित सुरक्षित हो सकेंगे।
रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस30 दिन के बजाए 1 दिन में मिलेगा
मुख्यमंत्री ने विस्तारपूर्वक श्रम सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस का काम 30 दिन में होने के बजाए एक दिन में होगा। इससे कारखानों, दुकानों, ठेकेदारों, बीड़ी निर्माताओं, मोटर परिवहन कर्मकार, मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम में आने वाली निर्माण एजेंसियों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस एक दिन में मिलेगा। साथ ही कारखाना लाइसेंस रिन्यूअल अब एक साल की बजाय दस साल में कराने का प्रावधान किया गया है। ठेका श्रम अधिनियम में एक कैलेंडर वर्ष की जगह ठेका की पूरी अवधि के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।
किसान घर बैठे बेच सकेंगे उपज
शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में मंडी अधिनियम में परिवर्तन कर किसानों को घर बैठे फसल बेचने की सुविधा दी गई है, निजी मंडियों में फसल बेचने जैसे विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे। प्रदेश में श्रमिकों के हित से कोई समझौता नहीं होगा। श्रम कानूनों में जो संशोधन किए गए हैं, इसके बाद प्रदेश को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा।
राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार दोपहर 24 नए संक्रमित मरीज मिले। भोपाल में मरीजों की संख्या 680 पर पहुंच गई। देर शाम या रात तक कुछ रिपोर्ट और आने परइनकी संख्या में इजाफा हो सकता है।आज मिले संक्रमितों में 11 जहांगीराबाद इलाके के हैं। अब यहां 141 संक्रमित मरीज हो गए हैं। 6 संक्रमित मंगलवारा इलाके के हैं। यहां मरीजों की संख्या 48 पर पहुंच गई है। वहीं, दोलोगों की मौत भी हुई है।
उधर, रायसेन में एक रिटायर्ड जेलर समेत दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दो नए केस सामने आने के बाद यहां मरीजों की संख्या 66 पर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि जेलर रिटायर होने के बाद अनाज का व्यापार करने लगे थे। अनाज की खरीदी शुरू होने पर कई दिन से रायसेन मंडी जा रहे थे। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मंडी के 20 हम्मालों और रिटायर्ड जेलर के संपर्क में आए करीब दो दर्जन अन्य लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।
पॉजिटिव मरीज की तलाश में 5 घंटे सर्चिंग, लेकिन नहीं मिला
देश के कई हिस्से में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करने वाले सिस्टम बनने के कारण मध्यप्रदेश में कुछ जिलों मेंबुधवार को हुई हल्की बारिश के बीच अगले 24 घंटों के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों के अलावा करीब आधा दर्जन स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान है।
राजधानी भोपाल में गुरुवार कोसुबह से ही मौसम शुष्क बना रहा। सूरजकी तेज किरणों के प्रभाव से दिन में गर्मी बनी रही। तापमान 41.4 डिग्री दर्ज किया गया है।यहांशुक्रवार को भीमौसम का मिजाज बदलेगा विशेषकर शाम के समय आंशिक रुप से बादल छाए रहने और हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। प्रदेश में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करने वाले नमी के कारणराज्य के कई स्थानों पर आंशिक बादल छाए रहे और कई स्थानों पर शाम के पहर के बाद तेज गति से हवाएं चली हैं।
आज नहीं बनाकोई सिस्टम
भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि गुरुवार कोराज्य में मौसम को प्रभावित करने वाला कोई सिस्टम नही बना है। बल्कि नमी के प्रभाव के कारण चंबल संभाग में आने वाले जिलों के अतिरिक्त उमरिया, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, छतरपुर, टीकमगढ़, शिवपुरी, ग्वालियर तथा दतिया जिले में कहीं-कहीं हल्की बारिश के आसार हैं। इन स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक तथा बौछारें पड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी संभावना है कि इन स्थानों पर हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की दर सेचल सकती है।
खरगोन में सबसे ज्यादा 44 डिग्री रहा तापमान
सरवटे ने बताया कि प्रदेश में मौसम का रुख फिलहाल एक दो दिन तक ऐसा ही बना रह सकता है। इस बीच मौसम की गतिविधियों में विशेष परिवर्तन होने के आसार नहीं है।मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के दूसरे स्थानों पर बने चक्रवात के प्रभाव के चलते बीत 24 घंटों के दौरान रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल, भोपाल, उज्जैन, होशंगाबाद, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई है। शेष स्थानों पर मौसम का रुख शुष्क बना रहा है। राज्य के ग्वालियर संभाग के जिलों में अधिकतम तापमान काफी बढ़ा और बाकी संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नही हुआ। प्रदेश में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस खरगोन में रिकार्ड किया गया है।
कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार देर रात तक मध्यप्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 3 हजार 255 पहुंच गई। इंदौर में 1 हजार 699 और भोपाल में 656 मरीज हो गए हैं। अब तक 190 की मौत हो चुकी। बुधवार को प्रदेश में 116 नए पॉजिटिव मरीज मिले, जबकि 7 लोगों की मौत हुई। जबलपुर मेंतीन महीनेकी बच्ची की जान चली गई।
झाबुआ और नीमच ग्रीन से ऑरेंज जोन में आए
उज्जैन में 7 महीने के बच्चे समेत 14 नए मरीज मिले। ग्रीन जोन में शामिल झाबुआ और नीमच कोरोना पॉजिटव मरीज मिलने से ऑरेंज जोन में आ गए। पेटलावद के पास नाहरपुरा गांव में एक महिला पॉजिटिव पाई गई। मुरैना, ग्वालियर और जबलपुर में 5-5 नए मरीज मिले। नए मरीज दूसरे शहरों से कुछ दिन पहले ही वापस आए थे।
जबलपुर में 5 नए केस, अब तक 115 संक्रमित
जबलपुर मेंबुधवार को कोरोना संक्रमित 5 नए मरीज मिले। 132 सैंपल की रिपोर्ट में अन्ना मोहल्ला निवासी 24 सालका युवक पॉजिटिव मिला।ग्वालियर से देर रात जारी 137 की जांच रिपोर्ट में 4 और मरीज सामने आए। जबलपुर में मरीजों की संख्या 115 हो गई। अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी।
इंदौर:पॉजिटिव कम आ रहे, 556 सैंपल में 18 मरीज मिले
लॉकडाउन फेज-1में इंदौर में मरीजों के ठीक होने की दर सिर्फ 6.50 फीसदी थी, जो बढ़कर 37.35 फीसदी हो गई है। एक हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों वाले शहरों में रिकवरी रेट में जयपुर (41.52 फीसदी) के बाद इंदौर दूसरे नंबर पर आ गया, जबकि राष्ट्रीय औसत 28.29 फीसदी है। सैंपलिंग के लिए प्रशासन ने 25 टीमें बनाकर तेजी ला दी है। पहले 450 के आसपास सैंपल लिए जा रहे थे, जो मंगलवार को 723 और बुधवार को 1174 हो गए।
भोपाल: 46 नए पॉजिटिव, 4 मौतें, 27 ठीक होकर घर लौटे
भोपाल में बुधवार को 46 पॉजिटिव मरीज मिले।राजधानी में यह एक दिन में नए संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इनमें एक वरिष्ठ आईपीएस शामिल हैं। हालांकि,उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई हैं।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, लगातार दूसरे दिन 4 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा। इनमें एक मरीज हमीदिया, एक चिरायु और एक एम्स में भर्ती था। जबकि एक महिला की मौत 2 दिन पहले हो गई थी, रिपोर्ट अब पॉजिटिव आई है।दूसरी ओर, सुपर हॉटस्पॉट जहांगीराबाद में 13 और संक्रमित मिले। यहां अब तक 127 लोगों में संक्रमण फैल चुका है।
ग्वालियर: 44 दिन में पहली बार एक ही दिन में 5 नए संक्रमित मिले
पिछले 44 दिन में जिले में बुधवार को पहली बार एक ही दिन में 5 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें एक ही परिवार के तीन लोग शामिल हैं।
मुरैना: 2 नर्सों औरचेन्नई से लौटे पिता-पुत्र समेत 5 संक्रमित
जिला अस्पताल में 2 स्टाफ नर्स समेत चेन्नई से ट्रक में बैठकर लौटे पिता-पुत्र औरअहमदाबाद से लौटा एक युवक कोरोना संक्रमित मिले। नर्सेंजिला अस्पताल के कोरोना वार्ड औरक्वारैंटाइन सेंटर में ड्यूटी कर रही थीं।
अपडेट्स
सीहोर:जिले में गुरुवार को एक महिला भोपाल में कोरोना पॉजिटिव पाई गई। उसकी हालत गंभीर है। उसे हमीदिया अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा है। सीएमएचओ सुधीर डेहरिया ने बताया कि बुधवार रात महिला को जिला अस्पताल लाया गया था, हालत गंभीर होने के चलतेभोपाल भेजा गया।गुरुवार सुबह महिला के सैंपल की रैपिड किट से जांच की गई, इसमें वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई।
महाराष्ट्र के पनवेल से मध्य प्रदेश के 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पहुंची। यहां जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों को दूसरे जिलों में ले जाने के लिए 50 बसों का इंतजाम किया गया था। मजदूरों को उनके घर भेजा गया।मजदूरों के लिए भोजन, पानी और स्क्रीनिंग दल भी मौजूद था।
मध्यप्रदेश और देश के अन्य राज्यों में फंसे करीब 600 कश्मीरी छात्रों को अपने घर जाकर ईद मनाने की अनुमति मिल गई है। यह मांग पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने की थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी अनुमित प्रदान कर दी है। इन छात्रों को 9 मई को कश्मीर भेजा जाएगा। गुरुवार को पहले फेज में हरियाणा और चंडीगढ़ में फंसे छात्रों को भेजा जा रहा है।
दिल्ली और महाराष्ट्र से श्रमिकों को लेकर तीन ट्रेनें आज भोपाल, जबलपुर और छतरपुर के लिए रवाना होंगी। अब तक करीब 70 हजार से अधिक मजदूर प्रदेश में लाए गए हैं। बुधवार रात को भी हैदराबाद से हबीबगंज 1030 मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लाए गए। 3500 से अधिक श्रमिकों को लेकर ट्रेनें नई दिल्ली, अकोला, अहमदनगर से मध्य प्रदेश के लिए आज रवाना होंगी। इन तीनों ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर देर रात या शुक्रवार सुबह पहुंचने की संभावना है।
सीहोरकी एक महिला गुरुवार को भोपाल में कोरोना पॉजिटिव पाई गई, जिसकी हालत गंभीर है और उसेहमीदिया अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है।सीएमएचओ सुधीर डेहरिया ने बताया किभोपाल में सीहोर की कोरोना पॉजिटिव महिला का इलाज चल रहा है। उनकी हालत गंभीर है और वेंटिलेटर पर रखा गया है।उन्हें बुधवार कोरात परिजन सांस लेने में तकलीफ के कारण जिला अस्पताल लेकर आए थे, जहां से उसे गंभीर हालत में भोपाल रेफर किया गया था। गुरुवार को सुबहमहिला के सैंपल की रैपिड किट से जांच की गई, इसमेंवह कोरोना पॉजिटिव पाई गई।सूचना के बाद स्वास्थ्य अमले ने सैनिटाइज करने के बाद क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को महिला मरीज की तबियत बिगड़ने परपरिजन उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। महिला दमा से पीड़ित है। जिले में अब तक एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं मिला था और ग्रीन जोन में शामिल था।
महिला की ट्रैवल हिस्ट्री तलाश कर रहा प्रशासन
कलेक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि महिला की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी ले रहे हैं। सीहोर में लॉकडाउन के 44दिन बाद कोरोना मरीज मिला है। अब तक जिला ग्रीन जोन में था, लेकिन अब एक मरीज मिल गया है।
महिला के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने शहर के इंद्रानगर कॉलोनी को सील कर दिया है। चारों तरफ से बैरीकेट्स लगा दिए हैं। महिला खेत में छप्पर बनाकर अपने पति और तीन बच्चों के साथ रहती थी। महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने को लेकर पूरे परिवार के सैंपल लिए जा रहेहैं।
मध्यप्रदेश और देश के अन्य राज्यों में फंसे करीब 600 कश्मीरी छात्रों कोअपने घर जाकर ईद मनाने की अनुमति मिलगई है।पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इनछात्रों को घर भेजने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी अनुमित प्रदान कर दी है और मध्य प्रदेश में फंसे करीब 600 विद्यार्थियों को 9 मई को कश्मीरभेजा जाएगा।गुरुवार को पहले फेज में हरियाणा और चंडीगढ़ में फंसे छात्रों कोभेजा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के भोपाल में 32, इंदौर में 54, ग्वालियर में 17 छात्र समेत करीब 600 छात्र लॉकडाउन की वजह से मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों मेंफंसे हैं।मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इन्हें भेजने की मांग की थी किलॉकडाउन में फंसे कश्मीरी छात्रों को रमजान में जम्मू-कश्मीर भेजने की व्यवस्था की जाए। लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्र फंसे हैं और हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।
तीर्थयात्रियों और कोटा में फंसेछात्रों को बुला सकते हैंतो कश्मीरी छात्रों को क्यों नहीं
दिग्विजय ने पत्र में लिखा था किजिस प्रकार काशी से दक्षिण भारत के 1000 तीर्थयात्रियों को और राजस्थान के कोटा से उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के हजारों छात्रों को उनके राज्यों तक भेजने की अनुमति और प्रबंध किए गए हैं। उसी प्रकार मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में फंसे जम्मू-कश्मीर के छात्रा-छात्राओं को भी उनके राज्य में वापस भेजने की व्यवस्था करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं।
महाराष्ट्र के पनवेल से मध्य प्रदेश के 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पहुंची। यहां पर सुबह से ही जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली थीं। मजदूरों को दूसरे जिलों में ले जाने के लिए बसें भी आ गई थीं। मजदूरों के लिए भोजन, पानी और स्क्रीनिंग दल भी पहुंच गया था। मजदूरों को बसों से उनके घरों के लिए भेजा जा रहा है। इसके पहले मजदूरों को भोजन कराया गया और उनकी हेल्थ स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद एक बस में 30 मजदूरों को बिठाया जाएगा। यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा। इसके लिए करीब 50 बसों का इंतजाम किया गया है।
मजदूर डेढ़ महीने से लॉकडाउन के कारण पनवेल में फंसे हुए थे, इस दौरान वहां पर फंसे मजदूरों का पैसा, राशन सब खत्म हो गया था। हबीबगंज स्टेशन पर मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग में खड़ा किया गया, यहां पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद इनके गृह जिलों के लिए बसों से रवाना किया जा रहा है। मजदूरों को 14 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। मजदूरों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे और परिवार भी हैं। अब तक मध्य प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों में फंसे करीब 90 हजार प्रवासी मजदूरों को मध्य प्रदेश लाया जा चुका है।
सीएम शिवराज ने किराया वहन करने की घोषणा की थी
मजदूरों को यहां पर लाए जाने के बदले 15 फीसदी किराया केंद्र सरकार और 85 फीसदी राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। हालांकि कुछ दिन पहले नासिक से भोपाल आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मजदूरों से किराया वसूला गया था और इसे लेकर काफी हंगामा भी मचा था। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला जाएगा। इसे राज्य सरकार वहन करेगी।
कटनी 997 मजदूरों को लेकर हैदराबाद से कटनी आई श्रमिक ट्रेन
मध्य प्रदेश के 997 मजदूरों को गुरुवार को करीब 1 बजे स्पेशल ट्रेन हैदराबाद से कटनी स्टेशन पहुंची। वहां पर सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की जा रही है। उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। इसके बाद उनके जिलों के लिए रवाना करने के लिए करीब 40 बसों का इंतजाम किया गया है।
दिल्ली से मजदूरों को लेकर छतरपुर रात 8 बजे आएगी ट्रेन
एक ट्रेन दिल्ली से छतरपुर लाया जाएगा। यहां भी करीब 12 सौ की संख्या होगी। दिल्ली के अलग-अलग मजदूरों को ठहराया गया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन होंगे। प्रवासी मजदूरों को लेकर आएंगे।श्रमिकों को लेकर तीन ट्रेन मध्यप्रदेश आएंगी। ट्रेन इस बीच में कहीं नहीं रुकेगी। सीधे छतरपुर में रुकेगी।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के वेंकटपुरम गांव में गुरुवार तड़केकेमिकल प्लांट से गैस लीक होने से2 बच्चे समेत अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। यह गैस एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के प्लांट से लीक हुई और 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल गई। एक हजार से ज्यादा लोग बीमार हैं। हालांकि विशाखापट्टनम में हुआ हादसा बहुत छोटा है, लेकिन गैस रिसाव कीघटना ने भाेपाल गैस त्रासदी की यादें ताजा कर दीं। यहांहजारों प्रभावित व्यक्ति आज भी उसके दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर हैं।
भोपाल में2 और 3 दिसंबर 1984की दरम्यानी रातमें यूनियन कार्बाइड कारखाने की गैस के रिसाव से हजारों लोगों की मौत हो गई थी।उस रात यूनियन कार्बाइड के प्लांट नंबर 'सी' में हुए रिसाव से बने गैस के बादल को हवा के झोंके अपने साथ बहाकर ले जा रहे थे और लोग मौत की नींद सोते जा रहे थे। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर एकाएक क्या हो रहा है? कुछ लोगों का कहना है कि गैस के कारण लोगों की आंखों और सांस लेने में परेशानी हो रही थी। जिन लोगों के फेफड़ों में बहुत गैस पहुंच गई थी, वे सुबह देखने के लिए जीवित नहीं रहे।
मौतों को लेकर असमंजस
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दुर्घटना के कुछ ही घंटों के भीतर तीन हजार लोग मारे गए थे। हालांकि गैर सरकारी स्रोत मानते हैं कि ये संख्या करीब तीन गुना ज्यादा थी। इतना ही नहीं, कुछ लोगों का दावा है कि मरने वालों की संख्या 15 हजार से भी अधिक रही होगी। मगर, मौतों का ये सिलसिला उस रात शुरू हुआ था औरबरसों तक चलता रहा। यह तीन दशक बाद भी जारी है, जबकि हम त्रासदी के सबक से सीख लेने की कवायद में लगे हैं।
40 टन गैस का रिसाव हुआ था
उस रात यूनियन कार्बाइड से करीब 40 टन गैस का रिसाव हुआ था और इसका कारण यह था कि फैक्ट्रीके टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस से पानी मिल गया था। इस घटना के बाद रासायनिक प्रक्रिया हुई और इसके परिणामस्वरूप टैंक में दबाव बना। अंतत: टैंक खुल गया और गैस वायुमंडल में फैल गई। इस गैस के सबसे आसान शिकार भी कारखाने के पास बनी झुग्गी बस्ती के लोग ही थे। उन्होंने नींद में ही अपनी आखिरी सांस ली। गैस को लोगों को मारने के लिए मात्र तीन मिनट ही काफी थे। कारखाने में अलार्म सिस्टम था, लेकिन यह भी घंटों तक बेअसर बना रहा। हालांकि इससे पहले के अवसरों पर इसने कई बार लोगों को चेतावनी भी थी।
डॉक्टर नहीं जानते थे क्या इलाज किया जाए...
जब बड़ी संख्या में लोग गैस से प्रभावित होकर आंखों में और सांस में तकलीफ की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों को भी पता नहीं था कि इस आपदा का कैसे इलाज किया जाए? संख्या भी इतनी अधिक कि लोगों को भर्ती करने की जगह नहीं रही। बहुतों को दिख नहीं रहा था तो बड़ी संख्या में लोगों का सिर चकरा रहा था। सांस लेने में तकलीफ तो हरेक को हो रही थी। मोटे तौर पर अनुमान लगाया गया है कि पहले दो दिनों में लगभग 50 हजार लोगों का इलाज किया गया। डॉक्टरों को ही ठीक तरह से पता नहीं था कि क्या इलाज किया जाए। शहर में ऐसे डॉक्टर भी नहीं थे, जिन्हें मिक गैस से पीड़ित लोगों के इलाज का कोई अनुभव रहा हो। हालांकि गैस रिसाव के आठ घंटे बाद भोपाल को जहरीली गैसों के असर से मुक्त मान लिया गया, लेकिन वर्ष 1984 में हुई इस हादसे से भोपाल उबर नहीं पाया है।
पर्यावरण पर असर
क्या बनता था इस कारखाने में
अन्य प्रदेशों में फंसे प्रदेश के मजदूरों को विभिन्न साधनों से लाने का कार्य जारी है। अब तक करीब 70 हजार से अधिक मजदूर प्रदेश में लाए गए हैं। बुधवार रात को भी हैदराबाद से हबीबगंज 1030 मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लाए गए। इन्हें जांच के बाद गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है। करीब साढ़े तीन हजार से अधिक श्रमिकों को लेकर ट्रेनें नई दिल्ली, अकोला, अहमदनगर से मध्य प्रदेश के लिए आज रवाना होंगी। इन तीनों ट्रेनों के विभिन्न स्टेशनों पर आज देर रात या शुक्रवार सुबह पहुंचने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार एक ट्रेन अहमदनगर से भोपाल दूसरी ट्रेन अकोला से जबलपुर और तीसरी ट्रेन नई दिल्ली से छतरपुर के लिए आज रवाना होगी। महाराष्ट औक दिल्ली सरकार द्वारा मजदूरों की स्क्रीनिंग के बाद सफर की इजाजत दी जाएगी। मजदूरों के भोजन की व्यवस्था राज्य सरकारों द्वारा की जा रही है।
हैदराबाद से हबीबगंज स्टेशन पहुंचे 1030 मजदूर
बुधवार देर रात भोपाल, बालाघाट, विदिशा, होशंगाबाद सहित विभिन्न जिलों के 1030 मजदूर अपने परिवारों के साथ हैदराबाद से भोपाल पहुंचे। हबीबगंज स्टेशन पर उनकी स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सभी को भोजन कराकर उनके गृह जिलों के लिए रवाना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सुबह चाय-बिस्किट और दोपहर में बिरयानी, दाल-चावल का पैकेट दिया गया। हमें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। हम लोग हैदराबाद से यहां आए हैं। खुशी है कि हम अब अपने घर पहुंच गए हैं। वापस जाएंगे या नहीं यह बाद में तय करेंगे। हमसे टिकट का कोई पैसा नहीं लिया गया।
कोरोना हॉट स्पॉट जिलों में फंसे लोग भी ई-पास लेकर घर जा सकेंगे। स्टेट कंट्रोल रूम के प्रभारी व अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बुधवार को नए निर्देश जारी किए हैं। अब तक प्रदेश या दूसरे राज्य के हॉट स्पॉट जिलों से आने-जाने की अनुमति नहीं थी। इसके लिए दूसरे राज्य के हॉट स्पॉट जिलों में फंसे लोगों को घर आने के लिए मैप-आईटी के पोर्टल पर अपने वाहन नंबर सहित आवेदन करना होगा।
इसी तरह भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, खंडवा व खरगोन जिले से अन्य जिलों में जाने के लिए मेडिकल इमरजेंसी, मृत्यु व शादी के अलावा कोई ई-पास जारी नहीं किया जा रहा था। इसमें भी छूट दी गई है, अब इन जिलों से भी लोग ई-पास के जरिए प्रदेश के दूसरे जिलों में जा सकेंगे। कलेक्टर इसके लिए अनुमति देंगे।
इस पास पर सिर्फ एक बार कर सकेंगे यात्रा
इस तरह के ई-पास केवल एक बार की यात्रा के लिए ही जारी किए जाएंगे, ताकि उनका दुरुपयोग न हो। जिले में आने वाले व्यक्ति की डॉक्टरी जांच की जाएगी। जांच में संदिग्ध पाए जाने पर 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाएगा।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट और प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में भी इस बार समर वेकेशन नहीं होगा। चीफ जस्टिस एके मित्तल के आदेश के बाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजेन्द्र कुमार वानी ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। हाईकोर्ट और निचली अदालतों में 18 मई से 12 जून 2020 तक समर वेकेशन निर्धारित था। हाईकोर्ट ने इस अवधि को वर्किंग दिन घोषित किया है। हाईकोर्ट की स्थापना के बाद संभवत: ऐसा पहली बार होगा जब अदालतों में समर वेकेशन नहीं होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने संबल योजना काे रिलांच कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानने इस योजना को लांच करते हुएयह योजना गरीबों को उनके जन्म के पहले और मृत्यु के बाद तक फायदा पहुंचाती है। सीएम चौहान ने कहा किजब हम महामारी से जूझ रहे हैं, ऐसे मेंलोगोंकी जिंदगी में सहारा देने वाली संबल योजना को हम फिर से शुरू कर रहे हैं।
संबल योजना के तहत प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा में अधिकतम अंक लाने वाले 5000 छात्रों को 30 हज़ार रुपये का पुरस्कार देगी। सरकार ने 'सुपर 5000' नाम से एक योजना कीशुरुआत की है जो कि संबल परिवार के बच्चों की मदद करेगा।यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जन कल्याण संबल योजना के तहत मंगलवार को लिया गया।कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने योजना पर रोक लगा दी थी।यह योजना कम आय वाले परिवारों को मदद करने के लिए शुरू की गई थी।
फिर से शुरू की संबल योजना
सीएम शिवराज नेसंबल योजना की शुरुआत करते हुए कहा, "जब हम एक महामारी से जूझ रहे हैं, ऐसे मेंलोगोंकी जिंदगी का सहारा बनने वाली संबल योजना को हम फिर से शुरू कर रहे हैं, जब संबल योजना कीपात्र कोई गरीब महिलाकिसी शिशु को जन्म देगी तो जन्म देने से पहले 4 हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपए उनके खाते में भेजे जाएंगे।
1 लाख श्रमिकों के खाते में 10 करोड़ 50 लाख ट्रांसफर
इधर, मध्यप्रेदश से बाहर फंसे 1 लाख 5 हज़ार श्रमिकों के खाते में सरकार ने मंगलवार को10 करोड़ 50 लाख ट्रांसफर कर दिए। प्रत्येक मजदूर के खाते में 1 हज़ार रुपए भेजे गए हैं। इसके पहले भी भी 700 से ज्यादा श्रमिकों के खाते में भेजे गए थे 1-1 हजार रुपये।
आम लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट सैंपल लेने के दो से तीन या फिर इससे भी ज्यादा दिन बाद आ रही हैं, लेकिन एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर के 24 घंटे में तीन बार सैंपल लिए गए और तीनों रिपोर्ट आ भी गईं। पहली रिपोर्ट में वह पॉजिटिव मिले, जबकि दो अन्य रिपोर्ट निगेटिव आईं। उन्होंने बताया कि मैंने खुद को क्वारेंटाइन कर लिया है। उन्हें हल्की खांसी है।
सूत्रों के अनुसार, पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उनकी शाखा का कुछ स्टाफ जहांगीराबाद क्षेत्र में भी रहता है। इसलिए संभव है कि किसी स्टाफ के संपर्क में आने के कारण उन्हें संक्रमण हुआ हो। उन्होंने चौथा सैंपल एम्स में दिया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। ऐसा ही वाकया करीब महीनेभर पहले एक युवा आईपीएस अफसर के साथ भी हो चुका है। उनकी स्क्रीनिंग रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी, लेकिन फाइनल रिपोर्ट निगेटिव।
सरकारी कर्मियों में कोरोना
अब तक स्वास्थ्य विभाग के 115 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 28 डॉक्टर हैं। 47 पुलिसकर्मी और दो आईएएस अफसरों को भी कोरोना हुआ है।
प्रदेश सरकार मजूदरों की घर वापसी को लेकर दावे कर रही है लेकिन अन्य राज्य में फंसे लोगों की सुनवाई तक नहीं हो रही है। बुधवार को गुजरात के जूनागढ़ क्षेत्र से 30 मजदूर 63 हजार रुपए किराया देकर बस से यहां आए। मजदूरों ने बताया कि गुजरात व मप्र की सरकार ने घर पहुंचाने के लिए हमें कोई सहयोग नहीं दिया। 26 अप्रैल से गुजरात के अफसर हमसे कार्यालयों के चक्कर लगवाते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं की। बुधवार को लौटे मजदूरों ने बताया कि मप्र सरकार द्वारा जारी अधिकारियों के किसी भी मोबाइल नंबर पर फोन नहीं लगा। इसके अलावा जिले के 1050 मजदूरों को राजकोट से विशेष ट्रेन से शुक्रवार को रतलाम लाया जाएगा। रतलाम से बड़वानी लाने के लिए 40 से ज्यादा बस की व्यवस्था की है।
झाबुआ के 61 मजदूर हरियाणा से पैदल तीन दिन में बुधवार को राजस्थान के नीमथाना पहुंचे। यहां सभी ने 60 हजार रुपए एकत्र किए और बस से यहां आए। कहीं से भी मदद नहीं मिली।
छतरपुर: यूपी से पैदल आए फिर प्रशासन ने भेजा
छतरपुर. बुधवार काे करीब 800 मजदूर यूपी से पैदल मप्र की सीमा में देवरी बंधा हाेते हुए अाए। यहां से प्रशासन द्वारा मजदूरों काे बस, ट्रक, ट्रैक्टर, पिकअप आदि से उनके गांव भेजा जा रहा है। मजदूरों की बॉर्डर पर जांच नहीं की जा रही।
रायसेन : ओडिशा से मजदूर खुद वाहन कर आए
रायसेन. यहां 63 मजदूर रीवा और सतना बसों से भेजे गए। प्रशासन ने इन्हें खाना खिलाया और भोजन के पैकेट भी दे दिए गए। ओडिशा से 22 मजदूर रात में खुद वाहन कर के आए। सीहोर में 327 लोग बाहर से आए। ये सभी परमिशन लेकर खुद वाहन कर के आए हैं।
बैतूल : पांच दिन बाद तेलंगाना से पैदल मुुलताई पहुंचे 27 मजदूर, स्क्रीनिंग की गई
बैतूल. दूसरे जिलाें से 499 लोग अपने-अपने साधनाें से अाए। प्रशासन ने बसों की काेई व्यवस्था नहीं की। स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें होम क्वारेंटाइन कर दिया। मंगलवार रात तेलंगाना से 27 मजदूर पैदल मुलताई आए। ये पांच दिन पहले चले थे। सड़क पर इन मजदूरों को पुलिसकर्मियों ने देखा तो स्वास्थ्य विभाग काे सूचना दी। रात में ही मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई। हरदा में करीब 60 लाेग हैं। इनमें यूपी,बिहार व मप्र के लाेग शामिल हैं। नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह चाैहान ने बताया कि बसाें का इंतजाम हाेते ही इन्हें रवाना किया जाएगा।
नीमच : प्रशासन ने बसों से घर भेजा
नीमच. राजस्थान में फंसे मजदूरों की घर वापसी जारी है। प्रशासन द्वारा नयागांव बॉर्डर से रोज मजदूरों को बसों से घर भेजा जा रहा है। बुधवार को रतलाम, झाबुआ सहित अन्य स्थानों के 240 मजदूरों को जांच के बाद 3 बसों से गंतव्य के लिए रवाना किया।
रतलाम... दूसरे राज्यों के 598 लोग रुके
रतलाम. बुधवार को राजस्थान से 435 और गुजरात से 75 मजदूर आए। प्रशासन ने उन्हें बसाें से उनके गांव पहुंचाया। मंदसौर में राजस्थान और गुजरात सीमा से अाए 598 लोग अभी रुके हैं। प्रशासन का कहना है कि इनके लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है। 307 लोगों को भेजा जा चुका है।
जीवन शक्ति योजना के तहत मास्क बना रहीं महिलाएं उन्हें नपा कार्यालय में जमा कर रही हैं। इन महिलाओं के बैंक खाते में शासन द्वारा राशि भी जमा की जाने लगी है। दीनदयाल अंत्योदय मिशन योजना शहरी आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी 30 महिलाओं ने जीवन शक्ति योजना के तहत मास्क बनाने के लिए पंजीयन करवाया है। इन महिलाओं ने मास्क बना कर नपा में जमा करना भी शुरू कर दिए हैं। दो दिन में चार महिलाओं ने 800 मास्क बना कर नपा में प्रभारी रोहित तोमर के पास जमा भी कर दिए है। इस संबंध में जानकारी देते हुए ज्योति दुबे ने बताया कि योजना के तहत टू लेयर मास्क सरकार द्वारा बनवाए जा रहे हैं और महिलाओं को प्रति मास्क 11 रुपए का भुगतान भी किया जा रहा है। अभी तक मयूरी पंथी, सरदार बाई, भागवती पंथी और पूजा पंथी ने मास्क बना कर जमा कर दिए हैं। इनमें से दो महिलाओं के खातों में राशि भी पहुंच गई है।
नगर में छोटे बड़े डेढ़ दर्जन से जयादा बैंक शाखाएं हैं। लेकिन किसी भी बैंक में पार्किंग सुविधा नहीं है। इससे खातेदार वाहन सड़क पर पार्किंग करते हैं। इससे याताiयात समस्या का कारण बनता है। सड़क पर जाम के हालात बनते हैं। इन दिनों किसान ऋण जमा कराने और समर्थन मूल्य का भुगतान लेने बैंकों में आ रहे हैं। इससे वाहन सड़क पर ही पार्क कर रहे हैं। अतिक्रमण और गुमठियों के कारण पूरे शहर में पटरियां गायब हो चुकी हैं। कई बार जगह न होने के कारण खातेदारों को दुकानों के आगे वाहन पार्क करना पड़ते हैं। इससे दुकानदार और खातेदारों में विवाद की स्थिति बनती है। नगर में लंबे समय से पार्किंग स्थल चिन्हित करने की मांग चल रही है। लेकिन इस दिशा में कोई कार्य न होने से समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
शहर में कहीं भी पार्किंग स्थल नहीं
नगर में दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन पार्किंग स्थल के लिए जगह चिहिंत नहीं की जा रही है। इससे पूरे नगर में सड़कें ही पार्किंग स्थल बनी हुई हैं। इससे नगर की यातायात व्यवस्था लगातार गिरती जा रही है।
बैंकों के आसपास पार्किंग सुविधा ही नहीं
एसबीआई के खातेदारों की वाहन पार्किंग फोर लाइन सड़क पर हो रही है। जिला सहकारी बैंक परिसर में किसान दो पहिया वाहन सड़क पर आड़ा तिरछा खड़ा करने के बाद काम काज को जा रहे हैं। इससे कर्मचारियों को आने जाने में समस्या आती थी। उसने परिसर के चारों तरफ बाउंड्रीवाल बना दी। बाउंड्री के अंदर कर्मचारियों के वाहन खड़े होते हैं। बाहर सड़क पटरी पर चाय पान की गुमठियां लगी हैं। इससे किसान सड़क पर दो व चारपहिया वाहन खड़ा कर रहे हैं। इसी प्रकार एसबीआई बैंक के आगे पेवर लगाकर ऊंचा किया गया है। इससे बैंक आने जाने वाले ग्राहक वाहनों सड़क तक खड़ा करते हैं। यही हालत विजया, बीओटी, सेंट्रल, आईसीआईसी, एचडीएफसी, पंजाब नेशनल, एक्सीस, आईबीडीआई, यूको, यूनियन, नागरिक, क्षेत्रीय ग्रामीण, यूनियन बैंकों आदि की है। इससे खातेदार मुख्य मार्ग पर वाहनों की पार्किंग कर रहे हैं। इससे आधे से ज्यादा मुख्य मार्ग प्रभावित रहता है। मार्ग पर दो पहिया वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।
कई बार डाली जा चुकी है लाइन
प्रशासन और नपा के ढुलमुल रवैया के कारण शहर की यातायात व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है। नपा कई बार चूने की लाइन डाल चुका। इसके बाद उसकी कार्रवाई इस सीमा से आगे नहीं बढ़ पाती। प्रशासन नपा पर टालता है। नपा प्रशासन पर टल कर शहर में यातायात की समस्या को जटिल बना रहा है।
नपा को जगह चिन्हित करना है
नगर मेें पार्किंग व्यवस्था के लिए नपा को जगह चिन्हित करना है। पार्किंग स्थल न होने से बैंकों के सामने समस्या आ रही है। इस समस्या का स्थाई हल नपा को करना है। -वीरेंद्र झा, नगर निरीक्षक गंजबासौदा।
यातायात प्रभावित
जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा। रेलवे स्टेशन आने जाने वाले यात्री, नागरिक, ऑटो, रिक्शा, चार पहिया व दो पहिया वाहनों की भीड़ शुरु हो जाएगी। यही हालत बरेठ रोड और मील रोड पर हो रहे हैं। इस बार फसल अच्छी है। किसानों को फसल का भुगतान सोसायटियां बैंक खातों के माध्यम से कर रही हैं। भुगतान बैंक के माध्यम से किसानों को किया जा रहा है। इससे किसान बड़ी संख्या में बैंक शाखाओं में जमा हो रहे हैं। लेकिन न तो बैंकों द्वारा व्यवस्थित पार्किंग के लिए व्यवस्था की जा रही है। पुलिस प्रशासन इस समस्या पर ध्यान दे रहा है। लॉकडाउन व्यवस्था में लगा है।
सड़क के अतिक्ति जगह नहीं
स्टेशन क्षेत्र में वर्तमान में राजस्व विभाग के सरकारी सर्वे की मानें तो उसमें सड़क सहित सरकारी जगह 75 फीट दर्शाई गई है। लेकिन हालत या है कि स्टेशन से लेकर सुभाष चौक तक सड़क का सीसी करण छोड़ कर पटरी भी उपलब्ध नहीं है। पटरी पर गुमठियों व सब्जी बेचने वाले दुकानदारों का स्थाई कब्जा है। जैसे ही लॉक डाउन खत्म होगा फिर से अपनी जगह पर कारोबार शुरू कर देंगे। बरेठ रोड, त्योंदा रोड, पुराना शहर में कहीं भी सड़क किनारे पटरियां दिखाई नहीं देतीं।
बुधवार को नगर में पुलिस के साए में शराब की दुकान खुली। दिनभर नगर में शराब की दुकानें बंद रहीं, लेकिन समाचारों के माध्यम से मिल रही जानकारी के बाद बड़ी संख्या में लोग बासौदा रोड पर नहर के पास स्थित शराब की दुकान पर शराब लेने के लिए पहुंचे। यहां पर दुकान बंद देख कर वापस लौट गए। हालांकि दुकान के बाहर बन रहे सफेद गोलों को देख कर उन्हें दुकान खुलने की उम्मीद जरूर बंधी रही और वे दिनभर दुकान के चक्कर काटते रहे। इसके बाद शाम को 6 बजे आबकारी अधिकारी अर्चना जैन दुकान पर पहुंचीं। उन्होंने पंचनामा बना दुकान शराब की दुकान खुलवाई। इसी बीच मौके एक दर्जन पुलिस के जवान भी पहुंच गए। वे शाम 7 बजे जब दुकान बंद हुई इसके बाद ही वापस लौटे। दुकान के दोनों ओर सोशल डिस्टेंस के गोले बनाए गए थे और खरीदारों की कतार भी दोनांे ओर लगी हुई थी। कई लोग दूर खड़े होकर कतार खत्म होने का इंतजार करते दिखाई दिए। इसी तरह के हाल ढाल बाजार स्थित शराब की दुकान के बाहर भी दिखाई दिए।
लॉकडाउन के बावजूद नगर में ठेला चालकों की मनमानी खत्म नहीं हो पा रही है। सब्जी और फल विक्रेताओं को सुबह 11 बजे तक की परमिशन मिली है। इसके बाद भी वे मुख्य बाजार की सड़क पर दिनभर डटे रहते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों के वाहन दिनभर सड़कों पर घूमते हैं लेकिन कोई भी कार्रवाई की कोशिश नहीं करता।
लॉकडाउन अवधि के दौरान जिला प्रशासन द्वारा सब्जी और फल विक्रेताओं के लिए सुबह 7 से 11 बजे तक का समय निर्धारित किया है। इसके बाद का समय दुकानदारों को दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने भी ठेला चालकों को इसी समय पर सब्जी और फल विक्रय का निर्देश देते हुए उन्हें मुख्य बाजार को छोड़ कर गलियों में जाकर सब्जी विक्रय करने कहा है। इन निर्देशों का ठेला चालकों द्वारा तनिक भी पालन नहीं किया जा रहा है। वे सुबह 8 बजे से ही मुख्य बाजार में खड़े होने लगते हैं और इसके बाद दिनभर एक ही स्थान पर खड़े दिखाई देते है। इक्का-दुक्का सब्जी और फल विक्रेता गलियों में पहुंचते भी हैं तो वे बाजार में खड़े अन्य विक्रेताओं को देख कर खुद भी बाजार में ही आ जाते हैं। नगर के मुख्य बाजार के साथ ही छतरी चौराहा, बामौरा रोड, ढाल बाजार और पुराना बस स्टैंड पर ठेला चालक सब्जी और फल विक्रेताओं की कतार दिनभर लगी दिखाई देती है।दिनभर बनती है जाम की स्थिति
ठेला चालक सड़क के दोनों ओर कब्जा जमा लेते हैं। वे सुबह से लेकर शाम तक वहीं पर डटे रहते हैं। कलेक्टर ने दुकानदारों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे सामान सड़क पर न रखे। इससे सड़कों पर जाम नहीं लगेगा। दुकानदार तो उनका कहना मान रहे हैं, लेकिन ठेला चालक अपनी मनमानी पर कायम हैं। उनके सड़क पर खड़े होने की वजह से मुख्य बाजार में दिनभर कई बार जाम की स्थिति बनती है। इस वजह सोशल डिस्टेंस का नियम पूरी तरह हवा हो जाता है।
जिम्मेदार भी नहीं देते ध्यान: जाम की वजह से आम और खास सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक-दो बार प्रशासन ने कार्रवाई भी की तो ठेला चालक उन्हें देख कर गलियों में पहुंच जाते हैं और उनके जाते ही वे वापस मुख्य सड़क पर आ जाते हैं। हालांकि अधिकतर अधिकारी ठेला चालकों की मनमानी को अनदेखी करते हुए जाते है। बुधवार को दोपहर में एसडीएम अनिल सोनी और शाम को तहसीलदार अलका सिंह खुद वाहन से मुख्य बाजार में पहुंची लेकिन किसी ने भी ठेला चालकों पर कार्रवाई नहीं की।
अभी नहीं तो कभी नहीं
ठेला चालकों की मनमानी नगर में स्थाई समस्या है। लॉकडाउन के पहले भी प्रशासन कई बार उन्हें कई बार समझाइश दे चुका है, लेकिन हर बार उन्होंने नियम-कायदों को ठेंगा दिखाया है। इस बार तो कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है और लॉकडाउन को लेकर सख्ती भी है। इसके बाद भी प्रशासन उनकी मनमानी पर काबू नहीं कर पा रहा है। हालात यह है कि अब तो ठेले पर सब्जी और फल के अलावा तोष, जूते-चप्पल और मटकों की दुकानें भी लगने लगी हैं।
कई बार समझा चुके,अब हम चालानी कार्रवाई करेंगे
ठेला चालक दुकानदारों को हम कई बार समझाइश दे चुके हैं, लेकिन उनकी मनमानी बेकाबू होती जा रही है। अभी तक हमने चालान की कार्रवाई शुरू नहीं की थी। अब हम चालान की कार्रवाई के साथ ही उनके ठेले भी जब्त करेंगे।गिरीश श्रीवास्तव, सीएमओ नपा सिरोंज।
बींज गांव में अपनी बहन के घर रहने आए अजय स्वीपर ने ही बहन के देवर गुलाब वाल्मीकि को मौत के घाट उतारा था। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अजय की बहन को उसका देवर गुलाब बुरी नजर से छेड़ता था। इस बात का खुलासा पुलिस ने बुधवार को किया है। हालांकि हत्या के दूसरे दिन 29 अप्रैल को आरोपी ने गुमराह करने कुछ और ही कहानी बताई थी, लेकिन पुलिस की जांच में नया ही मामला निकलकर सामने आया है। पुलिस ने 3 दिन में अंधे कत्ल का पर्दाफाश कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
शमशाबाद क्षेत्र के बींज गांव में 2 मई को एक अज्ञात लाश ठाकुर बना के कुएं में मिली थी। पुलिस दल द्वारा मौके के मुआयने पर पाया गया कि लाश गांव के गुलाब वाल्मीकि नामक 20 वर्षीय युवक की है, लाश को पत्थर से बांधकर कुएं में डुबोना पाया गया। थाना प्रभारी अजय दुबे ने बताया कि मर्ग कायम कर जांच शुरू की तो पाया कि मृतक की भाभी के भाई द्वारा 29 अप्रैल को रिपोर्ट लिखाई थी कि खेत पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। जिससे स्वयं अजय घायल हुआ व मृतक गुलाब मौके से भाग गया था। परंतु पुलिस को जांच में अजय द्वारा बताई गई कहानी फर्जी समझ आई।
ऐसे दिया घटना को अंजाम... पजामे से पत्थर बांधकर शव को डुबो दिया था
आरोपी अजय ने अपनी बहन के साथ देवर गुलाब को छेड़छाड़ का प्रयास करते देख लिया था। इसी बात पर से 28 अप्रैल की शाम को कुएं के पास दोनों के बीच विवाद हुआ। अजय ने गुलाब को कुएं में धकेल दिया व कुएं में उतरकर पत्थर से गुलाब को पजामे से पत्थर बांधकर शव को डुबो दिया। रात भर इधर-उधर भटकता रहा व अगले दिन 29 मई को वापस घर आया। परिवार जनों को झूठी कहानी बताई कि कुछ लोगों द्वारा इनके साथ मारपीट की गई, गुलाब मौके से भाग गया। स्वयं घायल होकर वहीं डैम के पास पड़ा रहा। अजय स्वीपर को गिरफ्तार कर जेल गंजबासौदा भेजा गया है।
सुबह धूप रही और दोपहर में बादल छाना शुरू हो गए। इसके बाद शाम तेज हवा चली और इसके बाद बारिश शुरू हो गई। शाम को करीब 15 मिनट तक बारिश हुई। बारिश होने के बाद उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया। इस बीच शहर में बिजली भी गुल हो गई। इस वजह से लोगों को घरों में बहुत परेशानी हुई। बुधवार को दिन का पारा 40 डिग्री और रात का पारा 28 डिग्री दर्ज किया गया।
सीहोर कृषि कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर ने बताया कि यह पूरा सप्ताह बादल युक्त रहेगा। गुरुवार को भी तेज हवा, गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इसका पूर्वानुमान मौसम विभाग की तरफ से पहले से दिया जा रहा था लेकिन उसके बाद भी मंडी में खुली पड़ी उपज को बचाने के इंतजाम न के बराबर थे। तिरपाल से जरूरी बोरों को बचाया गया लेकिन तिरपाल भी कम पड़।
पश्मिचमी विक्षोभ ट्रफ लाइन के रूप में सक्रिय
एसएस तोमर ने बताया कि अफगानिस्तान के ऊपर एक किमी ऊंचाई पर पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ लाइन के रूप में सक्रिय है। इससे हरियाणा और बांग्लादेश के ऊपर मजबूत चक्रवात बना हुआ है। शहर में रोजाना बिजली गुल हो रही है। बुधवार शाम को तेज हवा चली और बारिश हुई। इसके बाद करीब पौन घंटे के लिए बिजली गुल हो गई। शाम को करीब 6.15 बजे बिजली गुल हो गई जो शाम को 7 बजे आई। सुबह धूप रही और दोपहर में बादल छाना शुरू हो गए। इसके बाद शाम तेज हवा चली और इसके बाद बारिश शुरू हो गई। शाम को करीब 15 मिनट तक बारिश हुई। बारिश होने के बाद उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया।
जिले के सभी कोरोना संक्रमित 13 मरीज नेगेटिव आने के बाद अब विदिशा जिला 8 मई के बाद ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन में आ सकता है। इससे पहले 10 अप्रैल को एक साथ 11 पॉजिटिव मरीज मिलने के
बाद विदिशा जिला रेड जोन में आ गया था।
रेड जोन में आने के बाद लॉक डाउन में सख्ती हो गई थी । इसके अलावा 12 कंटेनमेंट एरिया भी घोषित कर दिए गए थे। साथ ही कर्फ्यू भी जिला प्रशासन ने लगाया था। अब चूँकि विदिशा जिले के सभी 13 कोरोना पॉजिटिव मरीज नेगेटिव आ चुके हैं इसलिए विदिशा पहले 4 मई को ऑरेंज जोन में आ गया था लेकिन अब आखिरी पॉजिटिव मरीज मिलने के 28 दिन बाद 8 मई से जिला ग्रीन जोन में आ सकता है। यदि ग्रीन जोन में विदिशा जिला आता है तो 8 मई के बाद जिले के अंदर लोगों की सुविधाओं में और इजाफा हो सकता है। इसके अलावा लॉक डाउन में भी राहत मिलने की संभावना है। कपड़ा, सर्राफा, जनरल स्टोर और फुटवियर की दुकानें भी खुल सकती हैं।
व्यापारियों ने प्रशासन कोे 3 दिन में बाजार में कारोबार चालू करने का दिया अल्टीमेटम
सर्राफा कारोबार को भी भारी नुकसानः लॉक डाउन के चलते शहर का सर्राफा कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है । शहर में छोटा सराफा, बड़ा सराफा सहित गलाई की कुल 200 से अधिक दुकानें हैं। इन सभी में कारोबार बंद पड़ा हुआ है। रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। लोग नए आभूषण नहीं खरीद पा रहे हैं। जिन लोगों के आभूषण पहले से दुकानों में रखे हुए हैं वह भी उन्हें नहीं उठा पा रहे हैं। इस कारण सराफा बाजार खुलता है तो लोगों को काफी सहूलियत मिल सकेगी।
जनरल और फुटवियर स्टोर भी 40 दिन से बंदः लॉक डाउन के कारण शहर के 200 से अधिक जनरल स्टोर और 125 से अधिक फुटवेयर स्टोर भी बंद पड़े हुए हैं । लॉक डाउन के कारण अभी तक इस व्यवसाय को अनुमति नहीं मिली है। कारोबारियों ने जल्द ही प्रशासन से अनुमति देने की मांग की है।
ग्रीन जोन में आने के लिए 28 नहीं 21 दिन की है गाइडलाइनः बलेचा
विदिशा व्यापार महासंघ के महामंत्री चेतन बलेचा ने बताया कि बुधवार को कलेक्टर के साथ विदिशा व्यापार महासंघ और गंजबासौदा व्यापार महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई है। इसमें प्रशासन को अगले 3 दिन में बाजार में बंद कारोबार को चालू करने का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि शनिवार तक बाजार में सभी प्रकार के कारोबार चालू नहीं होते हैं तो सोमवार से अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक विदिशा जिले को ग्रीन जोन में आने के लिए 28 दिन नहीं बल्कि 21 दिन की मियाद पूरी होना जरूरी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक विदिशा जिला ग्रीन जोन में आ चुका है लेकिन अभी तक घोषित नहीं किया गया है। बैठक में व्यापारमहासंघ के अध्यक्ष मुन्ना भैया , पूर्व अध्यक्ष राजेश जैन आदि व्यापारी शामिल थे।
ग्रीन जोन का निर्णय करेगी सरकार
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने कहा कि विदिशा, गंजबासौदा के व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई है ।चूंकि अभी विदिशा जिला ऑरेंज जोन में है। इस कारण केवल अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही खोलने की अनुमति दी गई है। कलेक्टर डॉ.पंकज जैन ने कहा कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक हालांकि ग्रीन जोन के लिए 21 दिन का नियम है लेकिन उसका निर्णय सरकार स्वयं करेगी ।जिला प्रशासन इसका निर्णय नहीं करेगा।
जिले में आखिरी कोरोना पॉजिटिव मरीज 10 अप्रैल को मिला था
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन के मुताबिक विदिशा जिले को ऑरेंज जॉन से ग्रीन जोन में लाने के लिए 28 दिन की मियाद पूरी होना जरूरी है। यानी जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिलने की तिथि से अगले 28 दिन तक कोई नया संक्रमित मरीज नहीं मिलना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो जिला ग्रीन जोन में आ सकता है । विदिशा जिले में विगत 10 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आखिरी मरीज मिला था। 10 अप्रैल के बाद 8 मई तक कोई नया मरीज नहीं मिलना चाहिए। यदि विदिशा जिला ग्रीन जोन में आता है तो इससे नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी हो सकेगी।
जिले के अंदर आवागमन शुरू होने की संभावना, बसें चलने लगेगी
आगामी 8 मई के बाद विदिशा जिला यदि ग्रीन जोन में आता है तो जिले के अंदर आवागमन शुरू होने की संभावना बढ़ जाएगी। निजी वाहनों के अलावा जिले के अंदर एक से दूसरे स्थानों तक जाने के लिए बसों की सुविधा भी मिल सकेगी। अभी जिले के अंदर आवागमन सुविधा पूरी तरह से बंद है । 22 मार्च से ही बसों का संचालन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्रीन जोन में आने के बाद यदि बसें चलती है तो कुल क्षमता की 50% सवारियों के साथ आवागमन की सुविधा को मंजूरी मिल सकेगी। जिससे सभी को फायदा होगा, लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा।
कपड़ा और रेडीमेड व्यवसाय को भी मिल सकती अनुमति
वस्त्र और रेडीमेड रेडीमेड वस्त्र व्यापार को भी अनुमति मिल सकती है। विदिशा शहर में करीब 300 वस्त्र और रेडीमेड वस्त्रों की दुकानें हैं । पिछले 40 दिनों से वस्त्र व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। कपड़े नहीं मिलने से जिन घरों में शादी हो रही हैं उन्हें भी असुविधा का सामना करना पड़ा है। वरिष्ठ व्यापारी घनश्याम बंसल बताते हैं कि अप्रैल और मई महीने में शादियों के कई शुभ मुहूर्त थे लेकिन लॉक डाउन के कारण वस्त्र कारोबार शुरू नहीं हो सका । इस संबंध में पीएम को भी पत्र लिखकर छोटे-मझोले व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया है ।
जिले के सभी कोरोना संक्रमित 13 मरीज नेगेटिव आने के बाद अब विदिशा जिला 8 मई के बाद ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन में आ सकता है। इससे पहले 10 अप्रैल को एक साथ 11 पॉजिटिव मरीज मिलने के
बाद विदिशा जिला रेड जोन में आ गया था।
रेड जोन में आने के बाद लॉक डाउन में सख्ती हो गई थी । इसके अलावा 12 कंटेनमेंट एरिया भी घोषित कर दिए गए थे। साथ ही कर्फ्यू भी जिला प्रशासन ने लगाया था। अब चूँकि विदिशा जिले के सभी 13 कोरोना पॉजिटिव मरीज नेगेटिव आ चुके हैं इसलिए विदिशा पहले 4 मई को ऑरेंज जोन में आ गया था लेकिन अब आखिरी पॉजिटिव मरीज मिलने के 28 दिन बाद 8 मई से जिला ग्रीन जोन में आ सकता है। यदि ग्रीन जोन में विदिशा जिला आता है तो 8 मई के बाद जिले के अंदर लोगों की सुविधाओं में और इजाफा हो सकता है। इसके अलावा लॉक डाउन में भी राहत मिलने की संभावना है। कपड़ा, सर्राफा, जनरल स्टोर और फुटवियर की दुकानें भी खुल सकती हैं।
व्यापारियों ने प्रशासन कोे 3 दिन में बाजार में कारोबार चालू करने का दिया अल्टीमेटम
सर्राफा कारोबार को भी भारी नुकसानः लॉक डाउन के चलते शहर का सर्राफा कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है । शहर में छोटा सराफा, बड़ा सराफा सहित गलाई की कुल 200 से अधिक दुकानें हैं। इन सभी में कारोबार बंद पड़ा हुआ है। रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। लोग नए आभूषण नहीं खरीद पा रहे हैं। जिन लोगों के आभूषण पहले से दुकानों में रखे हुए हैं वह भी उन्हें नहीं उठा पा रहे हैं। इस कारण सराफा बाजार खुलता है तो लोगों को काफी सहूलियत मिल सकेगी।
जनरल और फुटवियर स्टोर भी 40 दिन से बंदः लॉक डाउन के कारण शहर के 200 से अधिक जनरल स्टोर और 125 से अधिक फुटवेयर स्टोर भी बंद पड़े हुए हैं । लॉक डाउन के कारण अभी तक इस व्यवसाय को अनुमति नहीं मिली है। कारोबारियों ने जल्द ही प्रशासन से अनुमति देने की मांग की है।
ग्रीन जोन में आने के लिए 28 नहीं 21 दिन की है गाइडलाइनः बलेचा
विदिशा व्यापार महासंघ के महामंत्री चेतन बलेचा ने बताया कि बुधवार को कलेक्टर के साथ विदिशा व्यापार महासंघ और गंजबासौदा व्यापार महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई है। इसमें प्रशासन को अगले 3 दिन में बाजार में बंद कारोबार को चालू करने का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि शनिवार तक बाजार में सभी प्रकार के कारोबार चालू नहीं होते हैं तो सोमवार से अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक विदिशा जिले को ग्रीन जोन में आने के लिए 28 दिन नहीं बल्कि 21 दिन की मियाद पूरी होना जरूरी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक विदिशा जिला ग्रीन जोन में आ चुका है लेकिन अभी तक घोषित नहीं किया गया है। बैठक में व्यापारमहासंघ के अध्यक्ष मुन्ना भैया , पूर्व अध्यक्ष राजेश जैन आदि व्यापारी शामिल थे।
ग्रीन जोन का निर्णय करेगी सरकार
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने कहा कि विदिशा, गंजबासौदा के व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई है ।चूंकि अभी विदिशा जिला ऑरेंज जोन में है। इस कारण केवल अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही खोलने की अनुमति दी गई है। कलेक्टर डॉ.पंकज जैन ने कहा कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक हालांकि ग्रीन जोन के लिए 21 दिन का नियम है लेकिन उसका निर्णय सरकार स्वयं करेगी ।जिला प्रशासन इसका निर्णय नहीं करेगा।
जिले में आखिरी कोरोना पॉजिटिव मरीज 10 अप्रैल को मिला था
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन के मुताबिक विदिशा जिले को ऑरेंज जॉन से ग्रीन जोन में लाने के लिए 28 दिन की मियाद पूरी होना जरूरी है। यानी जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिलने की तिथि से अगले 28 दिन तक कोई नया संक्रमित मरीज नहीं मिलना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो जिला ग्रीन जोन में आ सकता है । विदिशा जिले में विगत 10 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आखिरी मरीज मिला था। 10 अप्रैल के बाद 8 मई तक कोई नया मरीज नहीं मिलना चाहिए। यदि विदिशा जिला ग्रीन जोन में आता है तो इससे नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी हो सकेगी।
जिले के अंदर आवागमन शुरू होने की संभावना, बसें चलने लगेगी
आगामी 8 मई के बाद विदिशा जिला यदि ग्रीन जोन में आता है तो जिले के अंदर आवागमन शुरू होने की संभावना बढ़ जाएगी। निजी वाहनों के अलावा जिले के अंदर एक से दूसरे स्थानों तक जाने के लिए बसों की सुविधा भी मिल सकेगी। अभी जिले के अंदर आवागमन सुविधा पूरी तरह से बंद है । 22 मार्च से ही बसों का संचालन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्रीन जोन में आने के बाद यदि बसें चलती है तो कुल क्षमता की 50% सवारियों के साथ आवागमन की सुविधा को मंजूरी मिल सकेगी। जिससे सभी को फायदा होगा, लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा।
कपड़ा और रेडीमेड व्यवसाय को भी मिल सकती अनुमति
वस्त्र और रेडीमेड रेडीमेड वस्त्र व्यापार को भी अनुमति मिल सकती है। विदिशा शहर में करीब 300 वस्त्र और रेडीमेड वस्त्रों की दुकानें हैं । पिछले 40 दिनों से वस्त्र व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। कपड़े नहीं मिलने से जिन घरों में शादी हो रही हैं उन्हें भी असुविधा का सामना करना पड़ा है। वरिष्ठ व्यापारी घनश्याम बंसल बताते हैं कि अप्रैल और मई महीने में शादियों के कई शुभ मुहूर्त थे लेकिन लॉक डाउन के कारण वस्त्र कारोबार शुरू नहीं हो सका । इस संबंध में पीएम को भी पत्र लिखकर छोटे-मझोले व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया है ।
जिले के सभी कोरोना संक्रमित 13 मरीज नेगेटिव आने के बाद अब विदिशा जिला 8 मई के बाद ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन में आ सकता है। इससे पहले 10 अप्रैल को एक साथ 11 पॉजिटिव मरीज मिलने के
बाद विदिशा जिला रेड जोन में आ गया था।
रेड जोन में आने के बाद लॉक डाउन में सख्ती हो गई थी । इसके अलावा 12 कंटेनमेंट एरिया भी घोषित कर दिए गए थे। साथ ही कर्फ्यू भी जिला प्रशासन ने लगाया था। अब चूँकि विदिशा जिले के सभी 13 कोरोना पॉजिटिव मरीज नेगेटिव आ चुके हैं इसलिए विदिशा पहले 4 मई को ऑरेंज जोन में आ गया था लेकिन अब आखिरी पॉजिटिव मरीज मिलने के 28 दिन बाद 8 मई से जिला ग्रीन जोन में आ सकता है। यदि ग्रीन जोन में विदिशा जिला आता है तो 8 मई के बाद जिले के अंदर लोगों की सुविधाओं में और इजाफा हो सकता है। इसके अलावा लॉक डाउन में भी राहत मिलने की संभावना है। कपड़ा, सर्राफा, जनरल स्टोर और फुटवियर की दुकानें भी खुल सकती हैं।
व्यापारियों ने प्रशासन कोे 3 दिन में बाजार में कारोबार चालू करने का दिया अल्टीमेटम
सर्राफा कारोबार को भी भारी नुकसानः लॉक डाउन के चलते शहर का सर्राफा कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है । शहर में छोटा सराफा, बड़ा सराफा सहित गलाई की कुल 200 से अधिक दुकानें हैं। इन सभी में कारोबार बंद पड़ा हुआ है। रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। लोग नए आभूषण नहीं खरीद पा रहे हैं। जिन लोगों के आभूषण पहले से दुकानों में रखे हुए हैं वह भी उन्हें नहीं उठा पा रहे हैं। इस कारण सराफा बाजार खुलता है तो लोगों को काफी सहूलियत मिल सकेगी।
जनरल और फुटवियर स्टोर भी 40 दिन से बंदः लॉक डाउन के कारण शहर के 200 से अधिक जनरल स्टोर और 125 से अधिक फुटवेयर स्टोर भी बंद पड़े हुए हैं । लॉक डाउन के कारण अभी तक इस व्यवसाय को अनुमति नहीं मिली है। कारोबारियों ने जल्द ही प्रशासन से अनुमति देने की मांग की है।
ग्रीन जोन में आने के लिए 28 नहीं 21 दिन की है गाइडलाइनः बलेचा
विदिशा व्यापार महासंघ के महामंत्री चेतन बलेचा ने बताया कि बुधवार को कलेक्टर के साथ विदिशा व्यापार महासंघ और गंजबासौदा व्यापार महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई है। इसमें प्रशासन को अगले 3 दिन में बाजार में बंद कारोबार को चालू करने का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि शनिवार तक बाजार में सभी प्रकार के कारोबार चालू नहीं होते हैं तो सोमवार से अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक विदिशा जिले को ग्रीन जोन में आने के लिए 28 दिन नहीं बल्कि 21 दिन की मियाद पूरी होना जरूरी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक विदिशा जिला ग्रीन जोन में आ चुका है लेकिन अभी तक घोषित नहीं किया गया है। बैठक में व्यापारमहासंघ के अध्यक्ष मुन्ना भैया , पूर्व अध्यक्ष राजेश जैन आदि व्यापारी शामिल थे।
ग्रीन जोन का निर्णय करेगी सरकार
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने कहा कि विदिशा, गंजबासौदा के व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई है ।चूंकि अभी विदिशा जिला ऑरेंज जोन में है। इस कारण केवल अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही खोलने की अनुमति दी गई है। कलेक्टर डॉ.पंकज जैन ने कहा कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक हालांकि ग्रीन जोन के लिए 21 दिन का नियम है लेकिन उसका निर्णय सरकार स्वयं करेगी ।जिला प्रशासन इसका निर्णय नहीं करेगा।
जिले में आखिरी कोरोना पॉजिटिव मरीज 10 अप्रैल को मिला था
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन के मुताबिक विदिशा जिले को ऑरेंज जॉन से ग्रीन जोन में लाने के लिए 28 दिन की मियाद पूरी होना जरूरी है। यानी जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिलने की तिथि से अगले 28 दिन तक कोई नया संक्रमित मरीज नहीं मिलना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो जिला ग्रीन जोन में आ सकता है । विदिशा जिले में विगत 10 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आखिरी मरीज मिला था। 10 अप्रैल के बाद 8 मई तक कोई नया मरीज नहीं मिलना चाहिए। यदि विदिशा जिला ग्रीन जोन में आता है तो इससे नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी हो सकेगी।
जिले के अंदर आवागमन शुरू होने की संभावना, बसें चलने लगेगी
आगामी 8 मई के बाद विदिशा जिला यदि ग्रीन जोन में आता है तो जिले के अंदर आवागमन शुरू होने की संभावना बढ़ जाएगी। निजी वाहनों के अलावा जिले के अंदर एक से दूसरे स्थानों तक जाने के लिए बसों की सुविधा भी मिल सकेगी। अभी जिले के अंदर आवागमन सुविधा पूरी तरह से बंद है । 22 मार्च से ही बसों का संचालन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ग्रीन जोन में आने के बाद यदि बसें चलती है तो कुल क्षमता की 50% सवारियों के साथ आवागमन की सुविधा को मंजूरी मिल सकेगी। जिससे सभी को फायदा होगा, लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा।
कपड़ा और रेडीमेड व्यवसाय को भी मिल सकती अनुमति
वस्त्र और रेडीमेड रेडीमेड वस्त्र व्यापार को भी अनुमति मिल सकती है। विदिशा शहर में करीब 300 वस्त्र और रेडीमेड वस्त्रों की दुकानें हैं । पिछले 40 दिनों से वस्त्र व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। कपड़े नहीं मिलने से जिन घरों में शादी हो रही हैं उन्हें भी असुविधा का सामना करना पड़ा है। वरिष्ठ व्यापारी घनश्याम बंसल बताते हैं कि अप्रैल और मई महीने में शादियों के कई शुभ मुहूर्त थे लेकिन लॉक डाउन के कारण वस्त्र कारोबार शुरू नहीं हो सका । इस संबंध में पीएम को भी पत्र लिखकर छोटे-मझोले व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया है ।
जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण चालू होने के बाद विदिशा जिले में कुछ कर्मचारी व अधिकारी सच्चे कोविड-19 के वॉरियर्स के रूप में उभर कर सामने आए हैं।इनमें विदिशा के सिविल सर्जन डॉ संजय खरे, सीएमएचओ डॉ. के एस अहिरवार, नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन और सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी उप संचालक डाॅ.पीके मिश्रा आदि भी शामिल हैं। जिन्होेंने किस तरह से इस दौरान अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा को महत्व दिया।
संबंधों से ज्यादा डॉ.खरे ने कर्तव्य को दिया महत्व
विदिशा जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय खरे की बुजुर्ग माताश्री पार्वती देवी पत्नी स्वर्गीय बीएल खरे की 13 अप्रैल को आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। उसके बाद वे उस दिन मां के दाह संस्कार में शामिल हुए । इसके बाद दूसरे दिन से अपने कर्तव्य पर उपस्थित होकर लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं। डॉ. खरे ने बताया कि मुझे कार्यों के प्रति प्रेरणा पिता पूर्व आईएएस अधिकारी रहे स्वर्गीय बीएल खाने और माता से मिली है। वे जिला अस्पताल की चौथी मंजिल पर क्वॉरेंटाइन और कोरोना वायरस संक्रमित वार्डों में पहुंचकर मुआयना कर रहे हैं। अपने ऑफिस के बाजू वाले रूम में ही रहकर रात दिन मौजूद रहकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं।
जान जोखिम में डालकर नपाध्यक्ष ने स्वयं किया कीटनाशक दवा का छिड़काव
नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन भी कोरोना वायरस वॉरियर्स के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं। वे रोजाना 13 घंटे से अधिक कार्य कर नगर पालिका अधिकारियों और कर्मचारियों की हौसला अफजाई कर रहे हैं । इतना ही नहीं अब अपनी जान जोखिम में डालकर स्वयं फायर ब्रिगेड की गाड़ी चलाते हुए शहर में रोजाना कीटनाशक दवा हाइपो सोडियम क्लोराइड का छिड़काव भी कर रहे हैं। इसके अलावा शहर भर में लोगों को निशुल्क मास्क, सैनिटाइजर और भोजन सामग्री बांटकर राहत दे रहे हैं। इसके अलावा एक कोरोना नाटक टीम बनाकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं कि कोरोना रूपी यमराज बाहर घूम रहा है । इस कारण उससे बचाव के लिए अपने घरों के अंदर ही रहें।
रोजाना 13 घंटे काम कर डॉ अहिरवार कर रहे स्वास्थ्य अमले को प्रोत्साहित
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर के एस अहिरवार का कोरोना के खिलाफ लगातार संघर्ष जारी है। कोरोना महामारी घोषित होने के बाद से ही लॉक डाउन चल रहा है। ऐसे में वे लगातार सक्रिय होकर सुबह 11 से लेकर रात 12:00 बजे तक अपने कार्यालय में काम कर रहे हैं। इससे पहले और बाद में भी जरूरत पड़ने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मीटिंग करते हुए जरूरी सेवाओं को बहाल कर रहे हैं। प्रतिदिन प्रदेश सरकार से मिलने वाले आदेशों और निर्देशों को समन्वय के साथ लागू करना और उनकी मॉनिटरिंग करना उनकी दिनचर्या में शामिल है । रात 12 बजे के बाद घर पहुंच कर ही भोजन और विश्राम कर पाते हैं। अगले दिन की कार्य योजना भी बना लेता है।
जोधपुर में बेटी का एक्सीडेंट हुआ फिर भी ड्यूटी पर डटे रहे डॉ. पीके मिश्रा:
सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी उप संचालक 59 वर्षीय डॉ पी के मिश्रा जिले के अधिकारी हैं जो हर परिस्थिति में पीड़ितों की मदद करने से नहीं चूकते। रात दिन जरूरतमंदों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। उनकी बेटी डॉ सौम्यता मिश्रा जोधपुर एम्स में पदस्थ हैं। हाल ही में उनका एक्सीडेंट हो गया था। कोहनी के ऊपर का हिस्सा फैक्चर हो गया था। इसके बाद विषम परिस्थिति में भी वे जोधपुर नहीं गए और जिले के 189 से अधिक मजदूरों के खातों में राशि जमा करवाने, 735 प्रवासी मजदूरों के खातों में राहत राशि भेजने, अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के काम में जुटे हुए हैं। उनका बेटा प्रसून मिश्रा भी भोपाल एम्स में डॉक्टर है।
इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है। जिसके कारण बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज लेकर शासन द्वारा गेहूं खरीदने के लिए बनाए गए खरीदी केंद्राें पर लेकर पहुंच रहे हैं। केंद्रों पर ले जा रहे गेहूं की क्वालिटी खराब होने के कारण उनके माल की तौल नहीं होने से किसान आक्रोशित हो रहे हैं।
बुधवार को प्रदेश की अन्य खरीदी केंद्रों की तरह भीलखेड़ी रोड पर निर्मल श्री गार्डन के समीप एक निजी वेयर हाउस में बने तौल केंद्र पर कुछ किसानों के गेहूं को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया है वह खराब है। उसके बाद किसानों ने गेहूं की ट्राली के खाली करके उसको साफ किया गया। उसके बाद भी गेहूं को नहीं खरीदा गया। जिसकी शिकायत किसानों ने तहसीलदार रमेश सिसोदिया तथा अन्य अधिकारियों से की व खरीदी नहीं होने का विरोध नारेबाजी कर किया। इस दौरान खरीदी केंद्र पर काम देखने वाले कर्मचारी और किसानों की बीच में मारपीट जैसी स्थिति बनी गई, लेकिन लोगों ने इसे संभाल लिया। इस बारे में पिपलोन निवासी किसान हिम्मत सिंह राजपूत का कहना है कि ताजपुर, मंडवार, सहित कुछ अन्य गांवों के किसानों के माल का तौल समय पर नहीं होने तथा उनके माल को रिजेक्ट करने के कारण किसानों को गुस्सा आ गया था। क्योंकि माल खरीद रहे कर्मचारियों ने पहले कहा कि माल खराब है तो इसे साफ कर दिया गया। उसके बाद भी करीब 15 किसानों का गेहूं नहीं लिया जा रहा था। जिसकी जानकारी तहसीलदार रमेश
सिसोदिया को दी।
इस बारे में तहसीलदार श्री सिसोदिया का कहना है कि कुछ जगह पर इस प्रकार की शिकायतें मिल रही हैं। इस बारे में सोसायटी के कर्मचारियों से चर्चा की गई है। मेरे द्वारा भी मौके पर पहुंचकर किसानों की समस्याओं को सुना गया।
नगर पालिका ने नगर के सभी वार्डों में कोरोना महामारी की रोकथाम एवं उपाय विषय पर खुली प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें चित्रकला व प्रभावी स्लोगन के तहत 2 प्रकार के आयोजन किए गए। यह प्रतियोगिता कोरोना महामारी अंतर्गत शासन आदेश व वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशानुसार एसडीएम विवेक कुमार, सीएमओ प्रदीप शास्त्री के मार्गदर्शन व आदेश से नोडल अधिकारी राहुल जाखड़ के निर्देशानुसार आयोजित की गई थी।
प्रतियोगिता में कोरोना महामारी के संक्रमण को नियंत्रण करने व शहर के बच्चे, युवा व वृद्धजनों में उत्साह बढ़ाने को व जनजागरूकता का संचार करने के लिए वार्डों में कोरोना फाइटर टीम के सहयोग से आयोजित कराई गई। जिसमें कोरोना महामारी को लेकर विभिन्न प्रकार के स्लोगन व चित्रकला प्राप्त हुई। जिनका वार्ड स्तर पर कोरोना फाइटर टीम व अनुभवी व्यक्ति के माध्यम से निर्णय वार्ड स्तर ही कराए गए थे। इसके बाद विजेताओं का निर्णय होने पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नगर स्तर पर निर्णय के लिए निर्णायक दल बनाया गया। दल में विधायक इंदर सिंह परमार, पूर्व नपा अध्यक्ष रचना जैन, पूर्व प्राचार्य मधु मंडलोई, श्रीराम परमार, ग्रीष्मा शाह, गोपाल राय शामिल थे।
निर्णायक दल ने मंगलवार को वार्ड विजेताओं में से नगर स्तर पर निष्पक्ष निर्णय कर अंतिम रूप से दिया। जिसमें चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम अनिता परमार, द्वितीय नैनिस राय व तृतीय श्रेया विजयवर्गीय रहे व स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम अर्पिता चौपड़ा, द्वितीय आकाश विजयवर्गीय, तृतीय सुदर्शन शर्मा का चयन हुआ। ही निर्णायक दल ने चित्रकला में 25 सांत्वना पुरस्कार व स्लोगन में 7 सांत्वना पुरस्कार देने का निर्णय लिया। इस दौरान चित्रकला व स्लोगन की प्रदर्शनी का एसडीएम, तहसीलदार व पूर्व नपा अध्यक्ष संदीप सणस ने निरीक्षण किया। विजेताओं को पुरस्कार के रूप में अलग अलग प्रशासन द्वारा निर्णय लेकर 5, 3 व 2 हजार रुपए प्रथक-प्रथक प्रदान करने की अलग से सूचना जल्द ही दी जाएगी। इस अवसर पर नगर पालिका से प्रतियोगिता प्रभारी मोहन परमार, राहुल जाखड़, महेश बिजानिया, कमल सिंह परमार, प्रहलाद मालवीय, सोहन खत्री, लोकेन्द्र, अक्षय, ओम सेन आदि थेे।
मुख्यमंत्री पेयजल मिशन से लगभग 10 करोड़ रुपए की नलजल योजना का कम तय समय सीमा के निकल जाने के बाद भी पूरा नहीं हुआ। नगर परिषद नगर में तीन दिन में एक समय ही पानी सप्लाई हो रहा है वो भी पर्याप्त मात्रा नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार को दिसंबर माह की अंतिम समय सीमा दी गई थी। इसके बाद भी परिषद में ओर समय बढ़ा दिया था। सीप नदी से 5 किमी पाइप लाइन डालने का कार्य हो जाए तो नगर में पानी की समस्या हल हो सकती है।
नगर में पिछले वर्ष गर्मी का मौसम काफी कष्टदायक रहा, क्योंकि नगर परिषद पानी की ठीक ढंग से व्यवस्था नहीं कर पाई थी। नगर में टैंकरों से पानी खरीदा गया, लेकिन नगरवासी पानी के लिए परेशान रहे। इस साल भी गर्मी का मौसम शुरू होते ही पानी के लिए लोगों को परेशान होते हुए देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री पेयजल मिशन के तहत नगर में 9 करोड़ 98 लाख रुपए से नलजल योजना के तहत दो पानी की टंकी, फिल्टर प्लांट बन रहा है। साथ ही सीप नदी पर बन रहे डेम से नगर तक पाइप लाइन डालना था। इसके साथ ही नगर में भी पाइप लाइन डाली जाना है। ठेकेदार ने अभी सीप नदी पर संपवेल का निर्माण किया है। वहीं गंजीबड़ टंकी के पास फिल्टर प्लांट व पशु चिकित्सालय में भी पानी की नई टंकी का निर्माण किया है। वहीं गंजीबड़ पानी की टंकी के पास नई टंकी के लिए पिल्लर खड़े हैं टंकी बनना अभी बाकी है। इस पूरे कार्य की समय सीमा निकल चुकी हैं और ठेकेदार को अंतिम मौके के रूप में दिसंबर माह का समय दिया गया था। दिसंबर माह भी बीत चुका है लेकिन अभी तो कार्य ही शुरू नहीं हुआ है। नगर परिषद ने लसूड़िया से आई पाइप लाइन को धनपाल के ढाबे के पास से टंकी तक ठीक किया है। इससे पांगरी तालाब के पास निजी ट्यूबवेलों से पानी लाए जाने की प्लानिंग नगर परिषद की है। अभी तक नगर परिषद ने यहां से पानी की सप्लाई शुरू नहीं की है।
भविष्य को देखकर बनी योजना
नगर परिषद ने 2035 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए नल जल योजना तैयार की है। इसके तहत 3500 घरों में नल कनेक्शन दिए जाने हैं। वर्तमान में 1500 नल कनेक्शन हैं और इन सभी परिवारों को तीन दिन में एक समय पानी सप्लाई किया जा रहा है।
नगर में डालनी है पाइप लाइन
नगर में लगभग 35 किमी लंबी पाइप लाइन डाली जाना है, लेकिन अभी तो 22 किमी लंबी इछावर जामली लाइन के डालने का कार्य भी शुरू नहीं हुआ है। पिछले एक वर्ष से टंकी प्रांगण में पाइप लाकर रख दिए गए हैं, लेकिन लाइन डालने का कार्य शुरू नहीं किया गया।
पाइप लाइन डालना जरूरी
नगर के लिए मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत सीप नदी से पाइप लाइन का डाला जाना बहुत जरूरी है। लसूडिय़ा कांगर के बाद इस योजना का लाभ नहीं मिला। परिषद के साथ ही अधिकारी भी भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं।-सुनील राठी, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष।
सीप नदी से 2 साल में भी नहीं डाली जा सकी 22 किमी लाइन
कांकड़खेड़ा से इछावर तक 8 किमी लाइन एक सप्ताह में आ गई थी, लेकिन सीप नदी से 22 किमी लाइन आने में 2 वर्ष हो गए। यह सब ठेकेदारों का खेल है, लेकिन इससे नगर वासी पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।
-अमित गुप्ता, रहवासी।
कार्य न करने की अधिकारियों को दे दी गई है जानकारी
ठेकेदार द्वारा समय सीमा में कार्य नहीं करने की जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को दे दी गई है। ठेकेदार से कहा था कि वो कम से कम पाइप लाइन का कार्य तो पूर्ण कर दे। नगर में पानी की समस्या न हो इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहें हैं।-एनएस चौहान, सीएमओ।
वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के चलते माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं-12वीं की वार्षिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का गृह मूल्यांकन कराया जा रहा है। कॉपिया जांचने की लिए 10 दिन की समय सीमा दी थी। जिले में अब तक 80 फीसदी मूल्यांकन पूरा हो चुका है। खास बात यह है कि ओएमआर शीट भरने का काम भी 60 प्रतिशत हो चुका है। गुरुवार से 10वीं अंग्रेजी विषय की का मूल्यांकन होगा।
जिले में 80 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन हो चुका है।
चूंकि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया है। लिहाजा जिस तरह शिक्षकों के घर-घर कॉपियां मूल्यांकन के लिए भेजी गई हैं, वैसे ही जमा भी कराई जाएंगी। जिला समन्वयक एवं उत्कृष्ट स्कूल प्राचार्य रविंद्र कुमार बांगरे ने बताया प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता शिक्षक से लगातार संपर्क हैं। रोज चेक होने वाली कॉपियों की गणना कर राेज की अपडेट रिपोर्ट ली जा रही है। कॉपियां जांचने के लिए सीहोर सहित आष्टा, इछावर, बुदनी विकासखंड के शिक्षकों को दी गई है। पूरी कॉपी जांचने में करीब एक सप्ताह और लग सकता है। इसके बाद इन्हें जमा करने का सिलसिला शुरू होगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन 17 मई तक आगे बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए है। इस कारण जिस तरह शिक्षकों के घरों में कॉपियां भेजी गई थीं।
अंग्रेजी की 25 हजार कॉपियों का मूल्यांकन आज से
जिले में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य के नोडल अधिकारी एडीएम विनोद कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पहले चरण में 17 मार्च तक की परीक्षाओं की करीब 2 लाख 4 हजार उत्तर-पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आई थीं। लेकिन 17 मार्च के बाद 10वी की अंग्रेजी विषय की परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाएं भी मूल्यांकन के लिए आई हैं। करीब 25 हजार कॉपियों का मूल्यांकन गुरुवार से शुरु होगा। यही नहीं 12वीं की कृषि विज्ञान की करीब 2 हजार अतिरिक्त कॉपियां भी मूल्यांकन के लिए आई हैं।
10 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन डिप्टी हेड करेंगे
जिले में किए जा रहे मूल्यांकन के बाद ओएमआर शीट भरने का काम भी शुरू कर दिया है। यह सभी विकासखंड के शिक्षकों को समन्वयक संस्था उत्कृष्ट विद्यालय आकर ही करना होगा। इसे प्रारंभिक अंकसूची भी कह सकते हैं। इसमें शिक्षकों को अंक भरना होंगे। ओएमआर शीट भरने का काम 60 प्रतिशत हो चुका है। प्राचार्य श्री बांगरे ने कहा कि जांची गई कॉपी में से 10 प्रतिशत का मूल्यांकन डिप्टी हेड करेंगे। इसके अलावा शून्य अंक और 90 अंक व अधिक वाली कॉपियों का भी डिप्टी हेड को पुन: परीक्षण करना होगा।
बिलकिसगंज थानांतर्गत फ्रीगंज में हुई मां-बेटी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे में सुलझा ली है। दरअसल पति राजमल ने ही चरित्र शंका के चलते अपनी पत्नी सुमन की हत्या की थी। यही नहीं बाद में उसने अपनी सास पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। मृतका सुमन की चार साल की बेटी ने पुलिस को बताया था कि पापा ने छाती पर बैठकर मम्मी को मारा लेकिन आरोपी का कहना था कि रात के समय वह घर पर गया ही नहीं। संदेह के आधार पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी राजमल टूट गया और उसने दोनों की हत्या करना कबूल किया।
एडि. एसपी समीर यादव ने बताया कि मंगलवार सुबह बिलकिसगंज के पास वीरपुर डेम रोड स्थित फ्रीगंज में 26 साल की सुमन पत्नी राजमल राठौर अौर उसकी मां लीलाबाई 45 साल की हत्या की सूचना डायल 100 को मिली थी। पूछताछ के दौरान मृतिका सुमन की चार साल की बेटी ने पुलिस को बताया था कि पापा ने छाती पर बैठकर मम्मी को मारा। पुलिस ने पूछताछ में जब सख्ती दिखाई तो राजमल ने दोनों की हत्या करना कबूल कर लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी राजमल को अपनी पत्नी सुमन के चरित्र को लेकर शंका थी। राजमल रात करीब 11 बजे घर पहुंचा था। जहां उसने अपनी पत्नी की गला दबाकर और सास की कुल्हाड़ी से हत्या की थी।
कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोगों ने नए-नए तरीके अपना लिए हैं। बुधवारा रोड स्थित जिला सहकारी मर्यादित बैंक में ग्राहकों की लंबी लाइन सुबह से ही लग जाती है लेकिन जैसे ही धूप तेज होती है तो फिर यहां पर खड़े रहना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लोगों ने अपने गोल घेरे में जूते और चप्पल रख िदए और खुद दूर जाकर बैठ गए। इस तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन भी हो गया और धूप से भी बच गए। इससे एक फायदा और हुआ है। सड़क पर लोगों के कतार लगाने से जाम की स्थिति बनती थी। लोगों के सड़क पर खड़ा होने से वाहन चालकों को निकलने में काफी कठिनाई हो रही थी। इस तरह से अब जाम की समस्या भी नहीं हो रही है।
बुधवार को बार-बार मौसम का अलग-अलग मिजाज दिखाई दिया। सुबह से तेज धूप के बीच बादलों की लुकाछिपी चलती रही, वहीं शाम के समय 5 मिनट के लिए बारिश भी हुई। करीब 0.5 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। मौसम विभाग ने अभी कुछ दिन और ऐसा ही मौसम रहने की संभावना जताई है। बुधवार को अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पिछले तीन दिनों से दिन और रात के तापमान में मामूली गिरावट का दौर चल रहा है। लेकिन बुधवार को दिन का तापमान स्थिर रहा, हालांकि रात के तापमान में एक डिग्री की गिरावट हुई है। बुधवार को सुबह से तेज धूप थी, लेकिन दोपहर करीब 2 बजे के बाद घने काले बादलों की लुकाछिपी शुरू हो गई। तेज हवा के साथ बादलों का जमावड़ा बढ़ता गया। शाम करीब 5 बजे बूंदाबांदी शुरु हुई और देखते ही देखते तेज बारिश होने लगी। करीब 5 मिनिट की बारिश से सड़कों पर से पानी बह निकला। अचानक फिर से बारिश बंद हो गई और धूप निकल गई। हालांकि गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले मंगलवार को अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री ही दर्ज हुआ था ।
इंद्रधनुष देखने घरों से निकले लोग
बुधवार को शाम के समय बारिश के बाद अचानक धूप निकलने से आसमान में सतरंगी इंद्रधनुष दिखाई दिया। लोग इंद्रधनुष को देखने के लिए घर से बाहर निकल आए। खासकर बच्चे इंद्रधनुष को देखकर बहुत खुश थे।
ओले भी गिर सकते हैं
आरएके कॉलेज स्थित ग्रामीण मौसम सेवा केंद्र के डॉ. सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अभी एक सप्ताह तक इसी तरह बादलयुक्त मौसम रहेगा। इस दौरान शुक्रवार को मामूली राहत मिल सकती है, लेकिन इसके बाद फिर दो दिन के लिए मौसम बिगड़ेगा।
डेढ़ माह बाद बुधवार को जब गैरजरूरी सामान की दुकानें खुलीं तो ऐसा लगा मानो ये बाजार त्योहारी सीजन का हो। लोग खरीदी करने सुबह से ही पहुंच गए। जरनल स्टोर्स पर काफी भीड़ देखी गई। बाजार में इस कदर लोगों की भीड़ हो गई कि शुरू के एक घंटे में ही व्यवस्था गड़बड़ाने लगी थी। बाजार का दृश्य देखते ही यह लग ही नहीं रहा था कि कोरोना जैसी महामारी के बीच लोग लॉकडाउन में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस दौरान कहीं पर भी सोशल डिस्टेंस का पालन होता नहीं दिखा।
इस दौरान शहर में शराब की दुकानें भी खुलीं लेकिन यहां पर कोई कतार नहीं दिखी। पहली बार लॉक डाउन के बाद बाजार की अधिकांश दुकानें खुलीं। केवल प्रतिबंधित श्रेणी की दुकानें ही बंद थीं। दुकानें खुलते ही भीड़ होने लगी। इससे पुलिस ने लोगों को रोकना शुरू कर दिया। इस पर लोगों ने नाराजगी जताई। इस पर पुलिस का कहना था कि बाजार में भीड़ हो रही थी इसलिए लोगों को थाेड़ा-थोड़ा कर बाजार जाने की इजाजत दी। लॉकडाउन तोड़ने और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पुलिस ने 13 लोगों पर मामला दर्ज किया है।
43 दिन बाद खुली ये दुकानें तो लोग नियम ही भूल गए
जरनल स्टोर्स : जरनल स्टोर्स पर लोगों की काफी भीड़ देखी गई। यहां पर लोग अपने जरूरत का सामान ले रहे थे। बाजार में इस तरह की तीन दर्जन से भी अधिक दुकानें हैं। इन सभी दुकानों पर भीड़ देखी गई।
बेकरी सहित खाद्य सामग्री की दुकानें: इन सभी दुकानों पर भी भीड़ देखी गई। लोग इन दुकानों के खुलने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। बुधवार को जब दुकानें खुलीं तो नमकीन, बिस्कुट सहित अन्य सामान लेने भीड़ लगी रही।
गांधी रोड पर भी रही भीड़: गांधी रोड पर भी भीड़ देखी गईँ। हालांकि पुलिस ने नमक चौराहा पर इस बाजार में जाने से लोगों को रोका। यहां से पैदल लोगों को जाने दिया जा रहा था। इस बाजार में कपड़े की काफी खरीदी की जाती है।
लोगों में नाराजगी, चार घंटे की छूट है तो पुलिस क्यों नहीं जाने देती
कई लोगों में पुलिस को लेकर काफी रोष देखा गया। इनका कहना था कि अमर टॉकीज पुल पर पुलिस बाजार तरफ आने नहीं दे रही है। उनका कहना था कि जब बाजार खोला है और चार घंटे की छूट है तो लोगों को बाजार के अंदर जाने दिया जाना चाहिए। इनका कहना था कि पुलिस उन्हें खरीदी करने बाजार नहीं देना चाह रही है। इधर पुलिस का कहना था कि उन्हें तो सोशल डिस्टेंस का पालन भी कराना है। इसलिए कुछ देर रोककर लोगों को बाजार के लिए भेजा गया। पैदल जाने के लिए भी कहा गया ताकि परेशानी कम हो। इस दौरान शराब की दुकानों पर िबल्कुल भी कतारें नहीं लगीं।
शराब दुकानें तो खुलीं लेकिन न हीं दिखाई दीं कतारें
बुधवार से शराब दुकानों को भी खोल दिया गया। इससे सुबह के समय तो दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा लेकिन जैसे ही यह खबर लगी कि आज शराब दुकानें खुलेंगी तो लोग घर से शराब खरीदने निकल पड़े। अच्छी बात ये रही कि इन दुकानों पर कहीं कोई कतारें नहीं दिखाई दी।
महाराष्ट्र से ट्रक के ऊपर बैठकर अपने उत्तर प्रदेश के इटावा में अपने घर लौट रहे मजदूरों में से एक मजदूर का शव संदिग्ध हालत में ढाबे के पास नाले में फंसा हुआ मिला है। मजदूर ट्रक पर बैठकर इंदौर से आ रहे थे। बाद में ट्रक लेकर चालक वाहन भाग निकला। पुलिस ने सूचना देकर उसे रुठियाई चौकी में पकड़वाकर खड़ा करवाया है। शहर थाना प्रभारी रविंद्र चावरिया ने बताया कि इटावा निवासी 22 वर्षीय प्रशांत पुत्र अरविंद सिंह चौहान मुरैना के शिशुपाल जाटव के साथ महाराष्ट्र के बीड़ शहर के एक आईटीआई में काम करता था। दाे माह वहा फंसे रहने के बाद वे अपने घर के लिए निकले थे। जैसे- तैसे वे इंदौर आए और वहां से ट्रक के ऊपर बैठकर ग्वालियर तक जा रहे थे। रास्ते में ट्रक चालक बुधवार दोपहर को ब्यावरा के कांचरी गांव के पास शिवा ढाबे पर खाना खाने रुका था। यहां ट्रक स्टाफ व उसके ऊपर बैठे दोनों मजदूरों ने खाना और कुछ देर के लिए आराम करने रुके थे। शाम करीब 4 बजे प्रशांत की लाश नाले में मिली। साथी मजदूर शिशुपाल ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो ट्रक चालक वाहन लेकर वहां से भाग निकला। गुरुवार सुबह शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंपा जाएगा।
महाराष्ट्र से उप्र जा रहे थे दंपती, वाहन की टक्कर से गंभीर घायल, रैफर : डेढ़ महीने से महाराष्ट्र में फंसे यूपी के दंपती को बाइक से घर लौटते वक्त अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें गंभीर हालत में भोपाल रैफर किया गया है। सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार झांसी के रहने वाला राममूर्ति व उनकी पत्नी शारदाबाई पुणे में मजदूरी करने थे। विधिवत अनुमति लेकर बाइक से वापस अपने घर लौट रहे थे, तभी बुधवार को नाईपुरिया गांव के पास किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
शहर के मातामंड क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने के दौरान बीती 14 अप्रैल की रात चीता स्क्वाड सवार पुलिस कर्मियों पर हमला करने वाले आरोपियों में से पांचवीं महिला आरोपी को शहर थाना पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। यहां से कोर्ट ने महिला को जेल भेज दिया है।
शहर थाना प्रभारी रविंद्र चावरिया ने बताया कि पुलिस जवानाें पर हमले के आरोपियों में से बल्ली पुत्री शेरू खान निवासी मातामंड फरार चल रही थी। उसे गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया था। यहां से मजिस्ट्रेट ने जमानत नामंजूर करते हुए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जबकि इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपी शहीद उर्फ गोलू पुत्र रज्जाक खान व उसके पिता राजू उर्फ रज्जाक खान पुत्र मोहम्मद अली, मुश्ताक पुत्र मोहम्मद अली, सोनू पुत्र रज्जाक खान सभी निवासी मातामंड टाल मोहल्ला को बीती 16 अप्रैल को गिरफ्तार कर पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी है, यहां ये उन्हें जेल भेजा था।
ये हैं मामला: बीती 14 अप्रैल की रात 8 बजे शहर थाने के दो आरक्षक बलवीर मीणा, बलराम मीणा चीता स्क्वाड से मातामंड क्षेत्र के शीतला माता मंदिर के पीछे टाल मोहल्ला में राउंड लेने गए थे। वहां मुख्य आरोपी सहित करीब 10 से 12 असामाजिक तत्व झुंड बनाकर खड़े थे।
पुलिस कर्मियों ने इन्हें घर जाने की बात कही तो वे भड़क गए थे और पुलिस कर्मियों पर हमलाकर दिया था। इसमें आरोपियों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किय था। पुलिस ने मुख्य आरोपी गोलू खान व एक महिला समेत 5 को आरोपी बनाकर सभी के खिलाफ 8 धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था।
आगर जिले के नलखेड़ा के पास कुंडालिया डेम सिंचाई परियोजना के तहत नहर निर्माण का कार्य कर रहे झारखंड राज्य के 24 से ज्यादा मजदूर घर जाने के लिए लम्बे समय से इंतजार कर रहे थे। परिवहन के साधन न हाेने और मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचाए जाने के लिए अनुमति नहीं मिलने से ये मजदूर रुके हुए थे। मंगलवार काे वे अपने घर पर जाने के लिए पैदल ही चल पड़े। सिर पर भारी भरकम बोझ लादे मजदूर 40 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर जीरापुर पहुंचे। वहां प्रशासन को इसकी जानकारी लगने पर गांव मान्याखेडी के नजदीक पुलिस ने मजदुरो को रोक कर उन्हें देर शाम वापस नलखेड़ा कंपनी के प्लांट पर पहुंचा दिया।
मजदूरों अनुज, रामपूरण, रामचंद्रन और मुरारी आदि ने गिड़गिड़ाते हुए बताया कि बच्चे और परिवार महीने से परेशानी उठा रहे हैं। हमें पैसे भी पूरे नहीं दिए गए हैं कई बार ठेकेदार से बोला पर अनुमति नहीं होने की बात कहकर रोके रखा।
रात 8 बजे मजदूरों को लेकर बस प्लांट पर पहुंची। जहां कंपनी के लेबर इंजीनियर कृष्णा भार्गव ने समझाइश दी, पर मजदूर घर जाने की ज़िद पर अड़े रहे। उन्होेंने कहा कि झारखंड सरकार अपने लोगों को वापस बुला रहीं हैं। वे अपनी मर्जी से पैदल जा रहे हैं। इसी प्लांट से मजदूरों का एक समूह ओर पैदल राजगढ़ पहुंच गया जिसे वही रोका गया है। कुंडालिया डैम परियोजना के एसी अजय गुप्ता ने कहा मजदूरों के जाने की व्यवस्था कराएंगे।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जिले में जारी लॉकडाउन-3 के बीच बुधवार को जिला प्रशासन सख्त नजर आया। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर संक्रमण से बचाव को लेकर जिले के अलग-अलग हिस्सों में कार्रवाई की गई। जीरापुर और छापीहेड़ा में बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के चल रहे करीब 15 निजी क्लीनिक सील करवाए गये, वहीं पचोर में कपड़े की दो दुकानों पर भीड़ अधिक उमड़ने की स्थिति में दुकानों में ताले जड़े गये, ब्यावरा में भी कार्रवाई की गई। इधर, बुधवार देर शाम जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक अब तक कुल 49 हजार 480 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। अब तक कुल 353 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हुई, सभी की रिपोर्ट निगेटिव है जबकि 12 मरीजों की रिपोर्ट अभी भोपाल से आना शेष है।
रापुर में अनधिकृत रूप से संचालित तीन प्राइवेट क्लीनिक पर प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्रवाई की। इस दौरान इन अवैध क्लीनिक को सील भी किया है। बुधवार दोपहर को ब्लाक मेडिकल आफिसर डाॅ. विवेक दुबे, तहसीलदार सौरभ शर्मा सहित स्वास्थ विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा चहक क्लीनिक डाॅ. मुमीना ख़ानम, आलम क्लीनिक व अमजद खान क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई की। जो बिना अनुमति व रजिस्ट्रेशन के संचालित किए जा रहे थे। कार्रवाई के दौरान क्लीनिकों से मेडिसिन भी जब्त की गई। बीएमओ डॉ विवेक दुबे ने बताया कि नगर में तीन क्लीनिक अवैध रूप से संचालित हो रहे थे।
हेल्थ बुलेटिन... अब एेसी है जिले की स्थिति
छापीहेड़ा में मास्क नहीं लगाने वालों पर जुर्माना
पुलिस-प्रशासन ने दुकानदारों को सख्त हिदायत देने के साथ ही मास्क नहीं लगाने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माना और चालान करने की कार्रवाई की। नगर में बस स्टैंड अस्थाई चौकी के सामने सहित अन्य स्थलों पर दोपहर बाद तक पुलिस ने यह अभियान चलाया। थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती ने बताया 24 मोटरसाइकिल के चालान 250 रुपए के हिसाब से बनाए है। वहीं आगे से मास्क लगाने के लिए भी हिदायत दी है।
छापीहेड़ा में भी मंगलवार सील किए थे क्लीनिक
मंगलवार देर शाम छापीहेड़ा में भी प्रशासन की टीम ने बिना लाइसेंस के संचालित किए जा रहे क्लीनिक सील कर दिए। इस दौरान नायब तहसीलदार मोहित सीनम, चिकित्सा अधिकारी मोहित गुप्ता, थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती, नगर परिषद के सीएमओआरसी वर्मा एवं पुलिस, राजस्व, नप एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
इधर... आगर मालवा जिले में एक संक्रमित युवक मिला
बड़ोद में 25 वर्षीय युवक कोरोना पाॅजिटिव मिला। अभी तक जिले में 13 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे, जिसमें से एक की मौत हेा गई। वहीं 10 लोगों की तीसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हे एक दिन पहले डिस्चार्ज किया जा गया है। इसी बीच बड़ोद का एक युवक संक्रमित मिला है। इसके संपर्क में आने वाले लोगों की एक बार फिर संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ सकती है।
पड़ाना | इंदौर से आए लोगों को किया क्वारेंटाइन: निशाना गांव में इंदौर से आए चार लोगोंको गांव में ही क्वारेन्टाइन किया है। जानकारी के अनुसार ग्रामीण कामकाज के लिए आए दिन बाहर जाते है। इसी दौरान इंदौर से चार लोग गांव में आए। जिन्हें समझाइश देकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
बिना लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक चल रहे थे, उन्हें बंद करवाया गया है। ऐसे क्लीनिक पर लोग चले जाते हैं इलाज कराने और उनकी स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। लॉकडाउन के बीच ऐसी खबरें आ रही थीं, ऐसे क्लीनिक भी खुलने लगे हैं उनको बंद किया जाना जरूरी था, इसलिए यह कार्रवाई की गई है।
-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर
तय समय सीमा के बाद भी खोली किराने की दुकान, व्यापारी पर मामला दर्ज
ब्यावरा। ग्रीन जोन में शामिल राजगढ़ जिले में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के दौरान दी गई सुबह 7 से शाम 4 बजे तक बाजार खोलने की छूट के बाद भी कई व्यापारी ज्यादा देर तक दुकानें खोल रहे हैं। इन्हें सबक सिखाने के लिए पुलिस द्वारा इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे ही शहर के अहिंसाद्वार पर निर्धारित समय से ज्यादा देर तक किराने की दुकान खोलकर बैठे व्यापारी मोरजा अली सैफी पुत्र अकबर अली के खिलाफ शहर थाना पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में प्रकरण दर्ज कर व्यापारी को गिरफ्तार किया है।
पिछले करीब सवा माह से ज्यादा समय से जारी लॉकडाउन के बीच प्राकृतिक बदलाव भी देखने में आ रहे हैं। आप भले ही एक माह से घर से बाहर नहीं निकले हैं, लेकिन हम आपको तस्वीरों के बता रहे हैँ कि हमारे जिले की सबसे बड़ी परियोजना मोहनपुरा डैम और आसपास प्राकृतिक नजारे इस समय कैसे दिख रहे हैं।
मोहनपुरा डैम अभी लगभग 300 मिलियन घन मीटर पानी भरा हुआ है। इस मई माह के अंतराल में यहां मछली पकड़ने का काम जोरों पर चलना था, इसके लिए प्रादेशिक स्तर पर ठेका हुआ था, मछली पकड़ने गांधी सागर, बिहार, जबलपुर से मछुआरे आए हुए थे, लेकिन उन्हें लॉकडाउन के चलते यह काम रोकना पड़ा। करीब 70 नावें किनारे पर खड़ी हैं।
झूम के नाच रही प्रकृति : तेज गर्मी के बाद जैसे ही बादल छाए, मोर नाच उठा
स्थानीय तहसील कार्यालय परिसर में खड़ी तहसीलदार की जीप में बुधवार की दोपहर अचानक आग लग गई। जिससे परिसर में चारों ओर धुआं ही धुआं दिखाई देने लगा, जिससे आसपास हड़कंप मच गया। वाहन चालक सहित अन्य लोगों ने तत्परता से आग बुझाई अाैर बड़ा नुकसान होने से बच गया।
जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर तहसीलदार अंबर पंथी की जीप तहसील परिसर में खड़ी हुई थी तभी अचानक उनकी गाड़ी में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई और भारी मात्रा में धुआं निकलने लगा। जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग जीप के पास पहुंच गए। वाहन चालक एवं अन्य लोगों ने आग पर काबू किया। घटना की जानकारी मिलने पर कार्यालय में बैठे एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी अपने कक्षों से बाहर निकल आए। और आग लगने का कारणा पता किया। तत्परता से आग पर काबू हो जाने से बड़ा हादसा होने से बच गया। तहसीलदार अम्बर पंथी ने बताया कि जीप में किसी तकनीकी खराबी की वजह से अचानक आग लग गई। परन्तु कोई बड़ा नुकसान नही हुआ है।
प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को 98 नए पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें 46 भोपाल के हैं। राजधानी में यह एक दिन में नए संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इनमें एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर शामिल हैं। हालांकि उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। 27 मरीज डिस्चार्ज भी हुए।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, लगातार दूसरे दिन 4 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है। इनमें एक मरीज हमीदिया, एक चिरायु और एक एम्स में भर्ती था। जबकि एक अन्य महिला की मौत 2 दिन पहले हो गई थी, उनकी रिपोर्ट अब पॉजिटिव आई है। दूसरी आेर, सुपर हॉट स्पॉट जहांगीराबाद में 13 और संक्रमित मिले हैं। यहां अब तक 127 लोगों में संक्रमण फैल चुका है।
हर दिन नए घरों से मरीज मिल रहे हैं। वहीं दूसरे सुपर हॉटस्पाॅट मंगलवारा में 4 नए मरीज मिले। यहां अब 42 संक्रमित हैं। आजाद नगर बरखेड़ा के एक ही परिवार के चार सदस्यों में संक्रमण पाया गया है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। लगातार हॉटस्पॉट बने क्षेत्रों में लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है।
37% की दर के साथ इंदौर रिकवरी में देश में दूसरा
18 नए पॉजिटिव, 2 मौत, 1174 सैंपल लिए :भास्कर न्यूज. इंदौर| इंदौर में बुधवार को 556 सैंपल में से 18 मरीज मिले, जबकि 2 की मौत हो गई। यहां एक दिन में सबसे ज्यादा 1174 सैंपल लिए गए। बाकी की रिपोर्ट आना बाकी है। दूसरी ओर इंदौर में मरीजों के ठीक होने की रिकवरी दर पहले 6.50 फीसदी थी, जो बढ़कर 37.35 फीसदी हो गई है। एक हजार से अधिक कोविड मरीजों वाले शहरों में रिकवरी रेट में जयपुर (41.52 फीसदी) के बाद इंदौर दूसरे स्थान पर आ गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 28.29 फीसदी है।
उज्जैन: 14 संक्रमित मिले, सीएमएचओ और प्रभारी सिविल सर्जन को हटाया
उज्जैन जिले में 14 पॉजिटिव मिले, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। नए मरीजों में बड़नगर के वेद परिवार के 3 सदस्य हैं। जबकि विधायक मुरली मोरवाल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। संक्रमण की बिगड़ती स्थिति से नाराज शासन ने सीएमएचओ डॉ. अनुसुइया गवली और प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा को हटा दिया है। नीमच में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएल मालवीय को उज्जैन सीएमएचओ बनाया गया है।
नीमच और झाबुआ में कोरोना की एंट्री, मंदसौर में एक परिवार में 13 संक्रमित
अब तक ग्रीन जोन में रहे नीमच और झाबुआ में भी संक्रमण फैल गया है। झाबुआ जिले में पेटलावद के पास नाहरपुरा गांव में एक महिला संक्रमित मिली। वह जैसलमेर से 29 अप्रैल को जिस बस से गांव लौटी, उसमें दाहोद का 11 लोगों का परिवार था। दाहोद के इसी परिवार के नीमच में रहने वाले 82 रिश्तेदारों के सैंपल लिए गए ताे 4 पॉजिटिव मिले। वहीं मंदसौर में एक ही दिन में 13 नए संक्रमित मिले हैं।
अफसर का 24 घंटे में3 बार कोरोना टेस्ट, एक पॉजिटिव, दो निगेटिव
सिटी रिपोर्टर. भोपाल| आम लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट सैंपल लेने के दो से तीन या फिर इससे भी ज्यादा दिन बाद आ रही हैं, लेकिन एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर के 24 घंटे में तीन बार सैंपल लिए गए और तीनों रिपोर्ट आ भी गईं। पहली रिपोर्ट में वह पॉजिटिव मिले, जबकि दो अन्य रिपोर्ट निगेटिव आईं। उन्होंने बताया कि मैंने खुद को क्वारेंटाइन कर लिया है। उन्हें हल्की खांसी है।
सूत्रों के अनुसार, पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उनकी शाखा का कुछ स्टाफ जहांगीराबाद क्षेत्र में भी रहता है। इसलिए संभव है कि किसी स्टाफ के संपर्क में आने के कारण उन्हें संक्रमण हुआ हो। उन्होंने चौथा सैंपल एम्स में दिया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। ऐसा ही वाकया करीब महीनेभर पहले एक युवा आईपीएस अफसर के साथ भी हो चुका है। उनकी स्क्रीनिंग रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी, लेकिन फाइनल रिपोर्ट निगेटिव।
सरकारी कर्मियों में कोरोना
अब तक स्वास्थ्य विभाग के 115 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 28 डॉक्टर हैं। 47 पुलिसकर्मी और दो आईएएस अफसरों को भी कोरोना हुआ है।
बाइक से 740 किलोमीटर का सफर 13 घंटे में पूर्ण कर सिलवानी आए मंदिर के पुजारी ने बताया कि वह बगैर कहीं रुके नॉनस्टाप सिलवानी आए। हालांकि रास्ते में दो, तीन स्थानों पर पुलिस के द्वारा रोक कर पूछताछ की गई लेकिन बाद में जाने दिया गया।
रोसरा गांव स्थित श्रीराम जानकी मंदिर के पुजारी संजय दास त्यागी ने बताया कि वह निजी कार्य से गुजरात प्रदेश के खेड़ा जिला स्थित लॉली गांव गए हुए थे इसी बीच कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने की घोषणा कर दी गई। लॉकडाउन लगते ही वह लॉली गांव में ही रुक गए। वापिस आने के लिए प्रशासन के द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही थी। लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को उनके निज निवास घर तक जाने हेतु ई-पास जारी किए जाने की घोषणा पर उनके द्वारा ई- पास के लिए प्रयास किया गया। ई-पास के बनते ही वह गुजरात प्रदेश के लॉली गांव से सिलवानी के रोसरारानी गांव के लिए बाइक से रवाना हुए। उनके द्वारा 740 किलो मीटर का सफर बाइक से 13 घंटे में पूर्ण किया गया। सिलवानी आकर उन्होंने सबसे पहले सरकारी अस्पताल में अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।
आईटीआई कर अपना भविष्य निर्माण की राह देख रहे छात्रों को इस साल भी सरकारी आईटीआई का लाभ नहीं मिल पाएगा। मजबूरन प्राइवेट कॉलेजों में मोटी फीस देकर छात्रों को आईटीआई करना पड़ेगा या फिर नई राह चुनना पड़ेगी। क्योंकि नगर में लंबे समय से आईटीआई कॉलेज की मांग की जा रही है। जिसकी स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य भी चालू हो गया था। लेकिन निर्माण एजेंसी की धीमी गति के कारण भवन समय सीमा में बनकर तैयार नहीं हो पाया है। 30 प्रतिशत निर्माण कार्य अभी भी शेष है जिसको करने में अभी भी तीन से चार माह का समय लग सकता है। लेकिन शासन से निर्माण कार्य की अनुमति मिलने के बाद भी निर्माण एजेंसी ने अभी काम शुरु नहीं किया है। जिससे इस साल सरकारी आईटीआई भवन का लाभ नगर के छात्रों को नहीं मिल पाएगा।
ठेकेदार की लापरवाही के कारण स्टूडेंट्स को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण के लिए नवीन भवन का लाभ नहीं मिल पाएगा। करीब दस साल पहले स्वीकृति मिली लेकिन जगह के अभाव में आईटीआई बरेली चली गई। बाद में फिर प्रयास किए गए और राजस्व अमले ने क्षेत्रीय विधायक ठाकुर रामपाल सिंह के प्रयासों से ढाई एकड़ जमीन आवंटित की और आईटीआई का निर्माण गिर्राज कंस्ट्रक्शन के द्वारा शुरू किया गया है। दिसम्बर में ठेकेदार द्वारा बताया गया था कि भवन में थोड़ा सा काम रह गया है फरवरी में विधिवत भवन का उद्घाटन कराया जाएगा। लेकिन चार माह बाद भी लेकिन भवन बनकर तैयार नहीं हो सका। अप्रैल माह में लॉकडाउन शुरू हो गया तो काम और पिछड़ गया। अब स्थिति यह है कि भवन की बाउंड्री का मुख्य द्वार का काम शुरू कर दिया गया है,भवन की डेंटिंग-पेंटिंग भी अधूरी है। मप्र राज्य सहकारी आवास संघ के द्वारा मप्र शासन कौशल विभाग योजनांतर्गत ढाई एकड़ जगह में चारों ओर बाउंड्री वाल के साथ पानी निकासी के लिए नाले का निर्माण भी अभी पूरा नहीं हो सका है। इस परिसर में एक आईटीआई भवन बनाकर जिसमें कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। वहीं अधिकारियों स्टाफ आदि के रहवास के लिए एफ टाइप क्वाटर्स का निर्माण तथा छात्र-छात्राआें के लिए अलग-अलग छात्रावास भवन का निर्माण किया गया है। जिसमें करीब 50-50 छात्र छात्राएं यहां रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगें। वहीं भवनों तक पहुंचने के लिए मार्ग भी बनाए जा रहे है पार्किंग के लिए भी स्थान सुनिश्चित किया गया है जिसके रंग रोगन का काम अभी बाकी है।
अभी भवन को तैयार होने में लगेगा तीन माह का अतिरिक्त समय
8 करोड़ 43 लाख की लागत से ढाई एकड़ परिसर में चार भवनों सहित बाउंड्री वॉल,नाला निर्माण पेयजल स्थल आदि का निर्माण गिर्राज कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा है। भवन को तैयार होने में अभी भी करीब तीन माह का अतिरिक्त समय और लग जाएगा। जिससे इस साल आईटीआई में प्रवेश लेना मुश्किल होगा। अभी क्षेत्र के लोग प्राइवेट आईटीआई में प्रवेश लेकर फीस अदाकर प्रशिक्षण ले रहे है जबकि शासकीय आईटीआई संचालित है उसमें कम ही बच्चे प्रशिक्षण ले रहे है। लोगों को उम्मीद थी कि भवन तैयार होते ही आसपास के कस्बों सहित क्षेत्र के युवा प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे लेकिन ठेकेदार की लापरवाही ने लोगों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
जल्द से जल्द करवाएंगे भवन निर्माण
संबंधित निर्माण एजेंसी और अफसरों से चर्चा कर आईटीआई भवन निर्माण में तेजी लाने के निर्देश देंगे। ताकि भवन का जल्द से जल्द निर्माण हो सके और नगर के छात्रों को नए भवन का लाभ मिल सके और नए सत्र से प्रवेश लेकर अपना भविष्य बना सकें।संजय उपाध्याय,एसडीएम
छात्र बोले- जल्द हो निर्माण, कर सकें पढ़ाई
कौशल प्रशिक्षण लेकर लोगो को अपनी सेवाएं देने की इच्छा अपने दिल में रखने वाले युवा संदीप कुमार, शादाब मंसूरी, यशवंत ठाकुर, जय कुमार, महेन्द्र सिंह, विक्की जैन, शुभम श्रीवास्तव, मोहनी शर्मा, रागनी लोधी, सरिता शर्मा, मेहनाज खान, अरूषी यादव आदि का कहना है कि क्षेत्र के पढ़े लिखे युवाओं को यह उम्मीद थी कि इस वर्ष से उन्हें भवन तैयार मिलने से लोग एडमिशन लाभ उठा सकेंगे । लेकिन भवन अभी अधूरा होने से इस बार फिर प्राइवेट आईटीआई में ही प्रवेश लेना पड़ेगा क्योंकि शासकीय आईटीआई के पास व्यवस्थित भवन नहीं है। जिसके चलते छात्र सरकारी आईटीआई में प्रवेश लेने से कतराते हैं। इस संबंध में गिरिराज कंस्ट्रक्शन के सुपरवाइजऱ मुकेश परिहार ने बताया कि कार्य प्रगति पर है फरवरी में कार्य पूरा कराकर विभाग को सौंपना था लेकिन अभी काम अधूरा रह गया है बाद में लॉकडाउन के चलते काम बंद रहा अब काम शुरु किया है जल्द ही भवन तैयार कर विभाग को सौंप दिया जाएगा। इस नवीन सत्र से भवन में आईटीआई शुरू हो जाएगी।
वार्ड नंबर 12 गैरतपुर में बीते मंगलवार को एक युवक की कुएं में डूबने से मौत के मामले में परिजनों ने नामजद आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया है। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों एवं वार्डवासियों ने गैरतगंज-सिलवानी सड़क मार्ग पर शव को रखकर जाम लगा दिया। लगभग एक घंटे तक मृतक के परिजन सड़क पर डटे रहे। बाद में प्रशासन एवं पुलिस की समझाइश पर परिजन माने, तब मृतक का अंतिम संस्कार हो सका। पुलिस ने 4 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।
गैरतपुर में रहने वाले प्रहलाद सिलावट के पुत्र गौरव की संदिग्ध परिस्थितियों में कुएं में डूबने से मौत हो गई थी। परिजनों ने हत्या की आशंका जताकर संदिग्ध लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। परंतु जब दूसरे दिन कोई कार्रवाई नहीं की गई तो परिजनों ने जाम लगा दिया। एसडीओपी ओपी त्रिपाठी, तहसीलदार अंबर पंथी, टीआई डीडी आजाद मौके पर पहुंचे।
पिता ने कहा-बेटे को शराब पिलाकर मार डाला
मृतक के पिता प्रहलाद सिलावट ने बताया कि वार्ड के ही कुछ युवक मंगलवार की दोपहर उनके बेटे को घर से बुलाकर ले गए थे। उन्होंने शराब पिलाकर बेटे की हत्या कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका बेटा पानी में तैरना जानता था, फिर वह कैसे डूब सकता है।
4 युवकों को हिरासत में लेकर कर रहे पूछताछ
परिजनों द्वारा जताए संदेह एवं लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस ने गैरतपुर वार्ड निवासी अजय अहिरवार, राहुल बंसल, छोटू बंसल एवं शुभम शर्मा को हिरासत में लिया है। टीआई डीडी आजाद ने बताया कि परिजनों की शंका के आधार पर इन सभी लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है।