कोरोना संक्रमण के मरीज जिलेभर में लगातार बढ़ते जा रहे है। बुधवार को फिर एक महिला मरीज पॉजिटिव पाई गई। इसके साथ की पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 64 पर पहुंच गई है। आज जो महिला पॉजिटिव पाई गई है, वह बेगमगंज की रहने वाली है, जो भोपाल में इलाज करवा रही है, जो एक साल से बेगमगंज में नहीं है, लेकिन उसका पता बेगमगंज होने से वह रायसेन के पॉजिटिव मरीजों की सूची में शामिल हो गई है।
रायसेन में कोरोना संक्रमण का रोकने के लिए रायसेन शहर में 26 अप्रैल से कर्फ्यू लगा हुआ है, इस कर्फ्यू में दूसरी बार गुरुवार को सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक ढील दी जाएगी। इस दौरान दूध, सब्जी के साथ किराने की दुकानें खुलेंगी। जबकि मेडिकल की सेवा पहले भी भांति बनी रहेगी। हालांकि इस छूट से पहले ही बैंकों में जनधन खातों में आई राशि निकालने के लिए बुधवार को अच्छी खासी भीड़ देखी गई, जिससे कई जगह सोशल डिस्टेंस टूटती नजर आई। पुलिस को पहुंच कर लोगों को दूर-दूर खड़ा करवाना पड़ा। पुलिस के जाते ही स्थिति वैसी की वैसी ही नजर आई। इस तरह शहर में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जिले भर में कोरोना वायरस के 64 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं, जिनमें से तीन लोगों की मौत भी हुई है। इतना ही नहीं 20 लोग स्वास्थ्य होकर अपने घर भी पहुंच चुके है।
कर्फ्यू में ढील: बाजार में सोशल डिस्टेंस से ही करें खरीदारी
रायसेन में कोरोना के मरीज बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने 26 अप्रैल को कर्फ्यू लगा दिया था, जो 11 दिन से लगातार जारी है। इसमें एक बार 3 मई को ढील दी गई थी। ढील मिलते ही लोग बाजार में बड़ी संख्या में खरीदारी करने के लिए उमड़ पड़े थे। खतरे को भांप कर कलेक्टर 4 मई से कर्फ्यू फिर लागू कर दिया। इस कर्फ्यू में अब 7 मई गुरुवार को सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक ढील दी जा रही है, लेकिन लोगों से प्रशासन ने अपील की है कि वे बाजार में खरीदारी के दौरान सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखे।
राहत : 20 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव
कोरोना पॉजिटिव मरीजों से संबंधित 20 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जिसमें 11 महिलाएं और 9 पुरुष शामिल है। इस रिपोर्ट में खासकर बरेली का मरीज और ओबेदुल्लागंज के पॉजिटिव मरीज के परिजन भी शामिल है। इसके अलावा वे स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल है, जो संदिग्ध लोगों के सैंपल लेने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे है।
भोपाल में भर्ती है बेगमगंज की कोरोना पॉजिटिव महिला, 1 साल से बाहर
बुधवार को आई रिपोर्ट में बेगमगंज की एक महिला पॉजिटिव पाई गई है। यह महिला भोपाल में भर्ती है, जिसे डायलिसिस के लिए भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकेे सैंपल जांच के लिए भेजने के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। बताया जा रहा है कि यह महिला एक साल से बेगमगंज नहीं आई है। इसलिए बेगमगंज के लोगों को खतरे की आशंका नहीं है। वह एक साल से बाहर ही थी।
20 लोगों के सैंपल जांच के लिए एम्स भोपाल भेजे
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा 20 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जो जांच के लिए एम्स भेजे गए हैं। गुरुवार को टिफिन संचालक के परिजनों के सैंपल फिर से लेकर उन्हें जांच के लिए भेजे जाएंगे।
टिफिन संचालक ने कोरोना को हराया, स्वस्थ होकर लौटे
शहर के टिफिन संचालक ने कोरोना को हरा दिया है, वे स्वस्थ्य होने के बाद बुधवार को अपने घर लौट आए हैं। हालांकि उनके दो बेटों की मौत कोरोना से हो चुकी है, जबकि उनका 10 सदस्यीय परिवार कोरोना से जंग लड़ रहा है। घर लौटकर आए व्यापारी ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में रहे और स्वास्थ्य रहे। घर में रहकर ही कोरोना से बचे रह सकते हैं।
शहर सहित जिले में कई जगह बुधवार की शाम तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। शहर में भी सवा छह बजे करीब 15 मिनट बारिश हुई, इसके चलते सड़कें भीग गईं। वहीं देवनगर खरीदी केंद्र पर तुलाई के इंतजार में रखा 3 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया।
किसान शैतान धाकड़, रुपसिंह यादव, राजू, कपिल और बृजेश ने बताया कि वे एसएमएस मिलने के बाद अपना गेहूं देवनगर खरीदी पर लेकर आए थे। अचानक तेज बारिश होने से पूरा गेहूं भीग गया। गेहूं को बचाने के लिए किसानों ने जतन भी किया, लेकिन तेज बारिश के कारण उन्हें मौका ही नहीं मिल पाया। इस केंद्र पर 3000 क्विंटल से अधिक गेहूं खुले आसमान के नीचे खरीदी केंद्र पर पड़ा हुआ है। लेकिन अचानक मौसम बदलने से बारिश ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दीं। समिति प्रबंधक लक्ष्मीनारायण रघुवंशी ने बताया कि उनके केंद्र पर अभी तक 35 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। इसमें 30 हजार क्विंटल गेहूं का परिवहन भी किया जा चुका है। जबकि किसानों का गेहूं अधिक मात्रा में पड़ा हुआ है। इसी तरह जिले भरी में 157 खरीदी केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। वहां खरीदा गया गेहूं और तुलाई के लिए किसानों द्वारा लाया गया गेहूं बड़ी मात्रा पर खरीदी केंद्रों पर पड़ा हुआ है। बारिश ने सभी को परेशान कर दिया है। इसके अलावा देवरी में भी करीब 20 मिनट बारिश हुई है। गैरतगंज, सिलवानी, जैथारी, दीवानगंज सहित कई जगह हल्की बारिश हुई है। जबकि रायसेन में हुई बारिश से सड़कें तरबतर हो गई।
हवा और बारिश से गिरा दिन का तापमान
शहर सहित जिले में हवा और बारिश से दिन और रात के तापमान मेें गिरावट आई है। बुधवार को शहर में दिन का तापमान 2.2 डिग्री गिरकर 38 डिग्री पर आ गया। जबकि एक दिन पहले ही दिन का तापमान 40.2 डिग्री दर्ज किया गया था। इसी तरह रात का तापमान 0.4 डिग्री गिरकर 27.2 से 26.8 डिग्री पर आ गया।
आगे क्या : आगामी 24 घंटे में भी हल्की बारिश
मौसम के जानकार एसएस तोमर के मुताबिक आगामी 24 घंटे में भी तेज हवा के साथ बारिश की संभावना बनी हुई हैं। वहीं 9 मई तक तेज हवा और गरज चमक के साथ हल्की बारिश की स्थिति बनी रहेगी। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हो रही हैं। अभी पश्चिम दिशा से हवा चल रही है। आगामी दिनों में पश्चिम, पूर्व और बाद में उत्तर से हवा चलना शुरू हो जाएगी। तेज हवा के कारण ओलावृष्टि की संभावना भी बनी रहेगी। इसलिए खरीदी केंद्रों पर उचित प्रबंध करने की जरूरत है।
नगर में जन-धन के साथ किसान सम्मान निधि, मनरेगा व निराश्रित पेंशन की राशि खाताधारकों के खाते में जमा होने की जानकारी मिलने के बाद से नगर के बैंकों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। जिनका बैंकों में पैसा जमा नहीं हुआ है वे भी पहुंच रहे हैं। वहीं कई आधार लिंक कराने पहुंचे।
बैंकाें में पहुंचने वालाें ने लॉकडाउन सहित सोशल डिस्टेंसिंग की पालन नहीं किया। इसके चलते शासन की सारे बनाए गए नियम की धज्जियां उड़ रही हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने हर जगह सोशल डिस्टेंस पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन कस्बे में सरकारी बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया के बाहर, कियोस्क शाखाओं पर भारी भीड़ देखी जा रही है। वहीं बाजार में भी भीड़ देखी जा रही है।लोग भी सोशल डिस्टेसिंग को लेकर लापरवाह बने हुए हैं। अपने ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर बैंक में कोई उपाय नहीं हैं।
संक्रमण के खतरे को देखते हुए मिली हुई छूट में लोगों को परेशानी से बचाने और उन तक जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने चुनिंदा प्रतिष्ठानों को सीमित समय के लिए खोलने की इजाजत है।
नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंस का पालन : प्रशासन के सोशल डिस्टेंस का पालन करने के निर्देश के बाद नगर के दुकानदारों ने अपनी दुकान के बाहर गोल घेरा बनाकर लोगों को एक तय दूरी से आने कहा है। लेकिन यह सब महज खानापूर्ति नजर आ रहा है। लोगों की भीड़ वहां भी देखी जा रही है। इसी तरह से सब्जी बाजार में भी सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है। बैंकों ने भी गोल घेरा बनाया है, लेकिन उसे पालन कराने के लिए गंभीर नहीं है। इसके चलते इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
कुछ बैंकों ने पंफ्लेट लगाकर की खानापूर्ति
नगर के कुछ बैंकों ने एक समय में बैंक के भीतर 5 लोगों से ज्यादा के नहीं रहने संबंधी पंपलेट बैंक के बाहर लगाकर सिर्फ औपचारिकता पूरी की है। हकीकत यह है कि बैंक के बाहर लोग सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाने मजबूर हैं। बैंक प्रबंधन ग्राहकों को दूरी बनाकर रखने संबंधी कोई उपाय नहीं कर रहे हैं।
लोकडाउन में छूट मिलने के बाद बाजार में पहले की तरह चहल पहल शुरू हो चुकी है। अचानक बढ़ी भीड़ में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। इसके लिए बीनागंज चौकी प्रभारी अरुण सिंह तोमर ने नगरपरिषद के कर्मचारियों के साथ मिलकर बाजार में 10-12 दुकानों पर बिना मास्क लगाए घूम रहे लोगों और दुकानदारों पर चालानी कार्रवाई की।
इस कार्रवाई के तहत 200-200 रुपए के चालान काटें और लोगों को दुकानों में, चौराहों पर भीड़ न लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी। प्रशासन की ओर से सतर्कता रखते हुए और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार बाजार में गस्ती की जा रही है। जहां भी लोग भीड़ लगाते हुए मिले वहां पुलिस और कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क लगाने की चेतावनी दी। इसके साथ ही लोगोंे को समझाइश दी गई कि कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए नियमों का पालन करें।
समर्थन मूल्य पर गेहूं की उपज बेचने वाले किसानों को अब भुगतान के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसानों को नगद भुगतान 30 हजार रुपए किया जा रहा है। वहीं शेष राशि बैंक के खाते में डाली जा रही है।
इससे किसानों को बार-बार बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यह नजारा बमोरी के सेवा सहकारी बैंक में देखने को मिला। उपज बेचने वाले अधिकतर किसानों के खाते सहकारी बैंक में हैं, जबकि सहकारी बैंक इन दिनों कैश की किल्लत से जूझ रही हैं। ऐसे में खाते में पैसा आने के बाद भी किसानों को 8 से 10 दिन तक नकदी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
किसानों ने अपना पंजीयन गेहूं की उपज खरीदी केंद्र पर डालने के लिए कराया। बमोरी तहसील में अभी तक लगभग 20 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी हो गई है। वहीं के तहसील में खरीदी केंद्रों पर पड़ी उपज का 80 प्रतिशत परिवहन भी हो गया है। जिलेभर के 90 प्रतिशत किसानों का भुगतान उनके खाते में भी पहुंच गया है, लेकिन इस राशि का बैंक से भुगतान नहीं हो पा रहा है।
इसका कारण यह है कि समर्थन मूल्य पर उपज बेचने वाले अधिकतर किसानों के सहकारी बैंक में खाते हैं। ऐसे में सरकार ने उनके खातों में इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर तो कर दी है, लेकिन सहकारी बैंकों में कैश की किल्लत के चलते किसानों को नकदी नहीं मिल पा रही है।
किसान बार-बार बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। परिणामस्वरूप किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। जिला सहकारी बैंक की जिला मुख्यालय सहित कई शाखाएं हैं। इन शाखाओं में प्रतिदिन कैश की डिमांड है, लेकिन इतना कैश जिला सहकारी बैंक को भारतीय स्टेट बैंक गुना से मिल नहीं पा रहा है।
नहीं मिल रहा भुगतान
किसान नारायण सिंह, रामभरोसा, गणेशराम ने बताया कि समर्थन मूल्य पर सात दिन पहले गेहूं बेचा। उनके खाते में रुपए आ गए हैं, लेकिन खाते से उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि वे पिछले एक सप्ताह से बैंक के लगातार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन भुगतान नहीं हो पा रहा है।वहीं किसानों ने बैंक के एक कर्मचारी द्वारा अभद्रता करने की शिकायत भी की। किसानों का कहना था कि बैंक कर्मचारी उनके साथ अभद्रता से पेश आता है। वहीं बैंक के बाहर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिखा।
प्रतिदिन 150 किसानों को कर रहे भुगतान
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार गेहूं की खरीदी अधिक हुई है। 150 किसानों को प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है। जिला सहकारी बैंक गुना को एसबीआई से भुगतान मिलता है। किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हाेने दी जाएगी। -संतोष पंत, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक,
कोरोना महामारी के संक्रमण काल में पूरा प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है। इस दौर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी भूमिका सबसे प्रभावी ढंग से निभाकर मिसाल पेश कर रहे हैं। कई कर्मचारी तो महीने भर से बिना अवकाश के कोरोना के खात्मे का बीड़ा उठाए हुए हैं।
कोरोना से भयभीत लोगों को किया जागरुक : कोरोना महामारी के चलते 22 मार्च से निरंतर मेडिकल मोबाइल टीम में तो कभी टोल नाके पर अपनी सेवाएं दे रहे एएनएम मुकेश शर्मा ने टोल नाके पर बाहर से आए हुए कई भयभीत लोगों को कोरोना से बचाव एवं भय मुक्त रहने के कई तरीके बता कर लोगों को जागरूक किया। अगर लोगों के पास मास्क भी नहीं है तो उन्हें तौलिया या अपने रुमाल से मुँह ढकने की सलाह दी और कइयों को तो अपनी बनियान तक से मुँह ढकवाया टोल नाके पर आने वाले कई लोगों को तो ढाबे पर पानी गर्म करवा कर पिलवाया और खुद ने ही सबके ऊपर सैनिटाइजर छिड़क-छिड़क कर उनका डर दूर किया।
सैंपलों को लैब तक पहुंचाने का किया कार्य
स्वास्थ्य विभाग में इसरार खान और खलक सिंह वाहन चालक के पद कर कार्यरत हैं। वैसे तो इनका काम विभाग के वाहन चलाना है, पर कोरोना से जंग में सच्चे कोरोना फाइटर की भूमिका निभा रहे हैं। यह दोनों जिले के संदिग्ध कोरोना मरीजों के लिए गए सेंपल को प्रतिदिन समय से जांच के लिए लैब तक पहुंचा रहे हैं। विभाग द्वारा दिए गए इस काम को दोनों ही पूर्ण निष्ठा और जिम्मेदारी से बखूबी निभा रहे हैं। सेंपल ले जाते समय विभाग के द्वारा तय सभी सावधानियां का नियमानुसार पालन करते हैं फिर कार्य तो जोख़िम भरा है, जब इन जोखिमों के बारे में इनसे बात की गई तो इनका कहना है कि कार्य भले ही जोखिम भरा है। परिवार के सदस्यों की भी खतरे से बचाने की चिंता होती है। सबकी सुरक्षा के साथ हमारी और हमारे परिवार की सुरक्षा जुड़ी है।
आगे जीत हमारी होगी
निखिलश्री सिंह, स्टाफ नर्स का कहना है कि कोविड-19 में काम करते हुए मैं अपने आप आप को सौभाग्यशाली समझती हूं कि मुझे मरीजों की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं आगे भी इसी लगन के साथ सेवा करना पसंद करूंगी।
कर रहे स्क्रीनिंग का कार्य
कैंट डिस्पेंसरी में पदस्थ अतुल भार्गव फार्मासिस्ट कोरोना संक्रमण के चलते उनकी ड्यूटी मोबाइल मेडिकल टीम में 29 मार्च से लगी हुई है। बिना अवकाश के अतुल भार्गव अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। मोबाइल मेडिकल टीम का जब भी कोई कॉल आता है तो वहां पहुंचकर लोगों की स्क्रीनिंग कर कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय लोगों को बताते हैं।
जिला जेल में महिला बंदी के साथ मारपीट किए जाने के मामले में 2 महिला प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है। यह घटना 3 मई की है, जेल में बंद एक महिला की पहरा देने में ड्यूटी लगाई थी। इसी दौरान उसकी रात में नींद लग गई। यहां पदस्थ महिला प्रहरी ने देखा कि महिला तो आराम से सो रही है तो उसे जगाने के बाद जमकर मारपीट की गई।
महिला बंदी ने सुबह होने पर जेलर को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद एक लिखित में शिकायत भी की। महिला के शरीर पर चोट के निशान थे। जेलर ने जेल अधीक्षक का प्रभार संभाल रहे एसडीएम आरोन केएल यादव को सूचना दी। उन्होंने तुरंत ही जांच के आदेश दिए।
महिला का मेडिकल कराया गया। इसमें चोट भी पाई गई। इस घटना के बाद जेल में कैदियों ने नाराजगी छा गई। उन्होंने एसडीएम को बताया कि जेल में बेवजह अक्सर किसी को भी पीटा जाता है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।
एसडीएम ने की बंदी से बात
एसडीएम आरोन केएल यादव बुधवार सुबह जेल पहुंचे। इसके बाद उन्होंने महिला बंदी से चर्चा की। उसने पूरा घटनाक्रम बताया और कहा कि रोस्टर के अनुसार उसका नंबर रात में पहरा देने के लिए नंबर आया था। 3 मई की रात पहरा देते समय अचानक थकान की वजह से नींद आ गई तो वह सो गई। इसके बाद महिला प्रहरी प्रियंका भार्गव और रीना मिश्रा आईं। इन दोनों ने मारपीट शुरू कर दी।
हाथ जोड़ती रही फिर भी नहीं आया रहम
महिला बंदी जेल प्रहरी के सामने हाथ जोड़ती रही, बोली की वह थकने की वजह से सो गई थी। लेकिन दोनों महिला प्रहरी ने उसकी पिटाई लगा दी। इससे उसे चोट आई। रात में पिटाई की आवाज से अन्य कैदी भी जाग गए। उन्होंने भी यह पूरा घटनाक्रम देखा।
जामनेर के अलीगढ़ गांव से कुंभराज के केकड़ा गांव जा रही एक कार जामनेर की गोचा नदी के मोड़ पर अनियंत्रित होकर 15 फीट गहरी खाई में पलट गई। गनीमत यह रही कि दुर्घटना में चालक और उसमें सवार व्यक्ति को कोई गंभीर चोट नहीं लगी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार गोचा नदी के मोड़ पर उक्त कार आई और देखते-देखते अनियंत्रित होकर खाई की ओर चली गई। जहां 15 नीचे खाई में जाकर उलटी हो गई। घटना में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जामनेर थाना प्रभारी कृपाल सिंह ने बताया कि इस दौरान वहां मौजूद ग्रामीणों की मदद से कार सवार लोगों को उपचार के लिए पहुंचाया गया। कार सवार दोनों व्यक्तियों को मामूली चोटें आई हैं। यह दोनों व्यक्ति कुंभराज के केकड़ा गांव जा रहे थे कि अचानक मोड़ पर गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई।
बुधवार को एक बार फिर शाम को मौसम ने यू टर्न लिया। दिन में तेज गर्मी के बाद शाम को अचानक तेज आंधी के साथ बारिश हुई। शहर के अलावा बमोरी में भी कई जगहों पर मौसम में ऐसे ही रंग दिखाए। मई में यह तीसरी बार बारिश हुई है। इससे पहले 3 व 4 मई को जबरदस्त आंधी के साथ पानी व कई जगहों पर ओले गिरे। इन दो दिन के दौरान डेढ़ सेमी बारिश रिकॉर्ड हुई। बारिश व उसके बाद चली ठंडी हवा से मौसम पूरी तरह बदल गया। शाम साढ़े 5 बजे तक तापमान 37 डिग्री था। ढाई घंटे बाद इसमें 8 डिग्री की गिरावट आई और यह 29 पर आ गया। हालांकि दिन का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो पिछले दिन के मुकाबले एक डिग्री अधिक रहा। वहीं रात का तापमान भी मंगलवार के मुकाबले एक डिग्री बढ़कर 23.6 पर पहुंच गया।
क्यों हुई बारिश : हरियाणा के ऊपर बना चक्रवात अब राजस्थान की ओर शिफ्ट हाे गया है। साथ ही पूर्वी मप्र के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना है। इसी के साथ एक ट्रफ लाइन दक्षिण भारत तक जा रही है। इस वजह से अंचल में लगातार नमी आ रही है। वहीं दिन में तेज गर्मी रहती है। इसलिए शाम को मौसम में अचानक बदलाव आता है और गरज-चमक के साथ बारिश हो जाती है।
आगे क्या : 2 दिन बाद फिर आंधी-बारिश
मौसम में बदलाव का सिलसिला आने वाले दिनों में भी जारी रहने की संभावना है। 9 से 11 मई के बीच गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। इन हालात को देखते हुए यह तय है कि मई के पहले पखवाड़े में तीखी गर्मी पड़ने की उम्मीद कम है। हालांकि निजी मौसम एजेंसियों के मुताबिक 11 से 15 मई के बीच तापमान 44 से 45 डिग्री के बीच जा सकता है। उसके बाद बारिश से इसमें तेज गिरावट की संभावना है।
लॉकडाउन 3 के दौरान शहर को पाबंदियों में मिली छूट के बाद बाजारों में अचानक बढ़ी भीड़ को लेकर अब प्रशासन व पुलिस की चिंता बढ़ने लगी है। प्रशासन के सामने अब यह चुनौती है कि आर्थिक गतिविधियों को चलाए रखने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियम कायदों को किस तरह लागू कराए जाएं।
दूसरी चुनौती बाहर से आ रहे लोगों को लेकर है, जिनसे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इस पर बुधवार से ही विचार मंथन शुरू हो गया। कलेक्टर एस. विश्वनाथन व एसपी तरुण नायक ने शाम को आपात बैठक की। इसमें बीते कुछ दिन के दौरान बने हालातों पर विचार हुआ। इस बात पर सहमति बनी अब कुछ कदम उठाने होंगे। इसलिए यह भी तय हुआ कि अगली रणनीति बनाने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट समिति की बैठक बुलाई जाए। बैठक गुरुवार को रखी गई है। इसमें सभी जनप्रतिनिधियों एवं समाज के विभिन्न तबकों के लोगों से विचार किया जाएगा।
शराब दुकान: जहां सबसे ज्यादा चिंता थी वहां कायम रहे नियम
शराब दुकानों के खुलने को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह थी कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का क्या हाल होगा। लंबी-लंबी लाइन लगेंगी तो उन्हें कैसे व्यवस्थित कराएंगे। पर बुधवार को जब दुकानें खुली तो ऐसा कुछ नहीं हुआ। 43 दिन खुली इन दुकानों पर भीड़ नहीं टूटी।
पाबंदियां कम होने का यह मतलब नहीं कि नियम लागू करने में सख्ती न की जाए: पाबंदियों में छूट के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों और नियम कायदों का पालन कराने में ढिलाई शुरू हो गई थी। इसे लेकर अब तय किया गया है कि नियम तोड़ने वालों पर किसी तरह की रियायत नहीं दी जाना चाहिए। अधिकारियों को कहा गया है कि वे यह देखें कि दुकानों में सैनिटाइजर, मास्क आदि का इंतजाम है कि नहीं। अगर ऐसा न हो तो कार्रवाई की जाए।
प्रशासन के सामने ये चुनौतियां और उनके संभावित रास्तों पर आज जनप्रतिनिधियों के साथ होगी चर्चा
बाजार : सबसे बड़ी चिंता शहर के बाजारों को लेकर है। संकरी सड़कों और बड़ी संख्या में लोगों के आने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो रहा है। बुधवार बेरिकेड्स हटा लिए गए।
रणनीति : भीड़ को नियंत्रित करने के मामले में एसपी ने कहा कि बाजार में अलग-अलग तरह की दुकानों के खुलने के दिन अलग-अलग कर दिए जाएं। इसके अलावा ऑड-ईवन जैसा कोई नियम लागू कर दिया जाए। इन सभी के क्रियान्वयन को लेकर ही गुरुवार को बैठक बुलाई गई है।
सब्जी मंडी : सब्जी मंडी में उमड़ रही भीड़ भी बड़ी चिंता बनकर सामने आई है। हाट रोड और शास्त्री पार्क की सब्जी मंडियों में पाबंदियों में छूट के बाद से हालात और खराब हुए हैं। शास्त्री पार्क मंडी के सभी दुकानदार बोहरा मस्जिद रोड के किनारे खड़े होने लगे हैं। यहां बहुत भीड़ भाड़ हो जाती है।
रणनीति : पुरानी गल्ला मंडी में बुधवार से ही एसडीएम शिवानी गर्ग ने दुकानदारों को व्यवस्थित कराने की कोशिश शुरू कर दी है। दुकानदारों के लिए जो लाइनिंग की गई थीं, उसे अमल में लाया जा रहा है।
बाहरी लोग : बुधवार काे पुलिस व प्रशासन की संयुक्त बैठक में इस बात पर बड़ी चर्चा हुई। दरअसल बीते 43 दिन के दौरान गुना में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। सबसे ज्यादा खतरा बाहरी लोगों को लेकर है। एसपी ने बताया कि अब भी बाहर से लोग वाहनों से या जंगलों के रास्ते आ रहे हैं।
रणनीति : नगर पालिका एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों को कहा गया है कि वे गांव व शहर के स्तर पर अपना सूचना तंत्र बनाएं। निगरानी समितियां बनेंजो क्वारेंटाइन किए गए व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण करे।
गल्ला मंडी : बुधवार को नानाखेड़ी मंडी में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ रही। दरअसल किसानों के बीच यह सूचना फैल गई कि मंडी में डाक शुरू हो गई है। इसलिए अचानक भीड़ बढ़ गई। ।
रणनीति : मंडी में भीड़ को काबू करने के लिए गुरुवार से ही प्रयास शुरू हो जाएंगे। यहां हर जिंस की डाक के लिए अलग दिन तय कर दिए गए हैं। बुधवार को ही मंडी में यह घोषणा कर दी गई कि गुरुवार को गेहूं की ट्रॉलियां न लाई जाएं। सौदा पत्रक या डाक से उनकी बिक्री नहीं होगी।
लॉकडाउन में फंसे 3 हजार से ज्यादा लोगों ने अपने घर वापस लौटने के लिए ई-पास मांगा है लेकिन इसमें से सिर्फ 1 हजार लोगों को ही अनुमति मिल पाई है। इससे कई लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि उनके रिश्तेदार रेड जोन में फंसे हैं, उन्हें लाना है लेकिन अनुमति न मिलने से आ-जा नहीं पा रहे हैं। वहीं ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में आने-जाने को लेकर भी कई अनुमतियां रद्द की गई हैं। डिप्टी कलेक्टर नेहा सोनी ने बताया कि रात 2 बजे तक भी हमने ई-पास जारी किए हैं जिन मामले में बहुत ही जरूरी है, उस पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उनके मुताबिक डेथ मामले और मेडिकल इमरजेंसी के लिए अब तक किसी को आने-जाने के लिए नहीं रोका है। उन्हें अनुमतियां दी गई है लेकिन अगर कोई रेड जोन में फंसा है और ग्रीन जोन में आ रहा है तो उसे ई-पास जारी नहीं किया।
अपनों से ना मिल पाने का दर्द
इंदौर में 43 दिन से फंसे भाई से बात होते ही आंखें भर आती हैं: जीनघर निवासी अनीस खान का कहना है कि उनका छोटा भाई इंदौर में फंसा हुआ है। वह कारोबार के सिलसिले में गया था लेकिन वहां फंस गया। एक परिवार ने उन्हें शरण दे रखी है। 43 दिन से वह दूसरों के यहां भोजन आदि कर रहा है। वह कब तक उसे रखें। रोज बात होती है तो आंखें भर आती हैं। हमे भाई को लाने के लिए अनुमति नहीं मिल रही है।
कई चक्कर लगाए नहीं हुई सुनवाई : बमोरी के मथुरालाल चक में रहने वाले बब्लू का कहना है कि उसके भाई लॉकडाउन के बाद से ही रतलाम और उज्जैन में फंसे हैं। यह दोनों वहां पर होटल में काम करते थे लेकिन अब वह घर नहीं लौट पा रहे हैं। कई जगह चक्कर लगाए, लेकिन अनुमति नहीं मिल पा रही है।
बहु को नहीं ला पा रहे: गुना निवासी रहीस खान भी अपनी बहु को लाने के लिए परेशान हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन से पहले ही उनके बेटे की शादी हुई थी। 2 दिन बाद बहु मायके चली गई। फिर लॉकडाउन लग गया। बहु अशोकनगर के चंदेरी में मायके में फंसी है।
मजदूर हर जोन से आ रहे हैं तो हमें अनुमति क्यों नहीं
ई-पास न मिलने से कई लोग नाराज हैं, उनका कहना है कि रेड, आरेंज और ग्रीन जोन तक से मजदूरों को निकाल कर अपने-अपने घर भेजा जा रहा है तो ई-पास मांगने वालों को क्यों अनुमति नहीं दी जा रही है। लोगों का कहना है कि वह नियम का पूरा पालन कर अपने घर लौटना चाहते हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।
हर हाल में घर लौटने की कसक : ऑटो से नासिक से उप्र की ओर निकले दो परिवार
संकट के दौरान हर कोई अपने घर और अपने लोगों के बीच लौटना चाहता है। कई लोग पैदल निकल पड़े तो कुछ साइकिल से चले जा रहे हैं। बुधवार को नासिक (महाराष्ट्र) से ऑटो में बैठक दो परिवार उप्र जा रहे थे। अपनी तरह का यह पहला मामला था। यह ऑटो जब बीनागंज से गुजर रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें रोका। पूछताछ में पता चला कि एक ऑटो खराब हो गया था इसलिए उसे सुधरवाने के लिए वे लोग कस्बे के बीच से गुजर रहे थे। उन्होंने बताया कि नासिक में वे ऑटो चलाकर ही परिवार को पाल रहे थे। आज उन्हीं से वे वापस लौट रहे हैं। उनके पास बाकायदा अनुमति भी थी। हालांकि यह सवाल है कि ऑटो को शहरी या जिले के बाहर ले जाने की इजाजत कैसे मिल सकती है? आमतौर पर उन्हें एक सीमित इलाके का ही परमिट मिलता है। पर नासिक से यहां तक उन्हें कहीं नहीं रोका गया तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वापस लौटते हुए मजदूरों के मामले में अब नियम कायदों की जगह व्यवहारिकता पर जोर दिया जा रहा है। इन दोनों परिवारों को उप्र में अपने घर तक पहुंचने में कम से कम 2 दिन और लग जाएंगे।
कोरोना संकट के कारण काम धंधे बंद होने से लोगों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए कई समाजसेवियों और संस्थाओं ने लोगों को भोजन के पैकेट और खाद्यान्न सामग्री बांटकर उनकी मदद की।
इसके तहत पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुशीला साहू और उनके पति पहलवान साहू जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने जरूरतमंद लोगों को 240 क्विंटल आटा, नमक, मिर्ची, तेल, साबुन के पैकेट वितरित किए। पूर्व नपाध्यक्ष सुशीला साहू ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि हमारी संस्कृति में मानवता ही धर्म है। हमारी वस्तु का उपयोग करना प्रकृति है। दूसरों से छीनकर उपयोग करना विकृति है, जबकि अपनी वस्तु राशन या अन्य चीज देना संसकृति है। मोदी जी की इसी भावना का पालन करते हुए हमने लोगों को खाद्यान्न सामग्री वितरित की। उल्लेखनीय है कि नपाध्यक्ष सुशीला साहू एवं उनके पति 4 अप्रैल से जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न सामग्री वितरित करने का कार्य कर रहे हैं।
कस्बे में पिछले दो-तीन साल से ईंट भट्टे का व्यवसाय फैल रहा है। पहले ईंट भट्टे कस्बे से दूर लगाए जाते थे। लेकिन अब कस्बे में दर्जनों जगह बस्ती के बीच में लगा लिया गया है। इससे गर्मी के मौसम में इनसे बस्ती में आगजनी का खतरा लगा रहता है। खास बात है कि बहादुरपुर कस्बे में कहां-कहां कितने ईंट भट्ठा लगाए गए इसकी जानकारी सदर पटवारी को भी नहीं है।
दरअसल, क्षेत्र में लगाए गए सभी भट्ठे अवैध हैं। इन्हें लगाने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति विभिन्न विभागों से नहीं ली गई है। ईंट बनाने में प्रयुक्त की जाने वाली मिट्टी अवैध खनन कर लाई जाती है। पिछले दस वर्षों में ईंट बनाने वालों ने कैथन नदी के किनारे खोद दिए हैं, जिससे बरसात के दिनों में बाढ़ का पानी बस्ती के अंदर भर जाता है। इसी तरह भट्ठों में ईंट पकाने के लिए लकड़ी भी जंगलों से लाई जा रही है। पटवारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें यहां का चार्ज मिले अभी दो महीने हुए हैं। उसी में से कुछ समय करीला मेला की तैयारियों में तो बाकी समय कोरोना के चलते लॉक डाउन में चला गया। उन्होंने ईंट भट्ठों के बारे में जानकारी जुटाकर नोटिस जारी कराने की बात कही है।
गर्मी बढ़ने के साथ ही क्षेत्र का जलस्तर भी गिरने लगा है। इससे कस्बारेंज पंचायत क्षेत्र के अधिकतर जलस्रोतों में पानी कम हो गया है। इस कारण स्थानीय रहवासियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एक तरफ कोरोना महामारी के कारण लोगों को घरों में रहना पड़ रहा है। वहीं ऐसे में लोगों को मजबूरी में पानी भरने के लिए घरों से बाहर जाना पड़ रहा है।
कस्बारेंज और चंदेरी रोड के रहवासी पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। कस्बारेंज के रहवासी एक ही हैंडपंप से पानी भर रहे हैं। वहीं चंदरी रोड के लोग एक कुएं से और कस्बारेंज क्षेत्र में एक ही हैंडपंप से लोग पानी भर रहे हैं।
एक हैडपंप के भरोसे 150 परिवार
कस्बारेंज क्षेत्र में पानी की समस्या कितनी गंभीर है। इसका अंजादा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में एक हैंडपंप से कॉलोनी के 150 से अधिक लोग पानी भर रहे हैं। 150 परिवारों की बस्ती में एकमात्र हैंडपंप लगा है। इसी से स्थानीय रहवासी दिनभर पानी भरते हैं।
पाइप लाइन डलने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी
कस्बारेंज पंचायत क्षेत्र में नगर परिषद ने पाइप लाइन डाल दी है। लेकिन इसके बाद भी आज तक लोगों को पानी नहीं मिल पाया है। इससे लोग परेशान हो रहे हैं। साहू कालोनी निवासी राकेश साहू, मुन्ना रजक, बाबूलाल ने बताया कि इस भीषण गर्मी में हम मोहल्ले के लोग एक ही कुएं से पानी भरने को मजबूर हैं। हमारे यहां नप ने पाइप लाइन डाल दिए हैं। मगर आजतक वह चालू नहीं हो सकी है। इससे पूरे मोहल्ले वासी परेशान हो रहे हैं।
पानी भरने में कर रहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश में लोग परेशान हैं। इसको लेकर लोगों में धीरे-धीरे जागरुकता बढ़ रही है। कस्बारेंज के रहवासी हैंडपंप पर पानी भरते समय सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं। लोगों द्वारा एक निश्चित दूरी बनाकर पानी भरा जा रहा है। इसी प्रकार चंदेरी रोड पर भी कुएं से पानी भरते समय लोग एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बना रहे हैं। क्षेत्र में लॉकडाउन के चलते एक तरफ लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। वहीं नगर परिषद ने शहर में पाइप लाइन डालने के बाद भी सप्लाई चालू नहीं कर लोगों को परेशान किया जा रहा है। आगामी समय में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी। वैसे-वैसे पानी की समस्या और बढ़ती जाएगी। इसलिए नगर परिषद को जल्द ही पानी सप्लाई को चालू करना चाहिए।
जल्द कराया जाएगा चालू
कस्बा रेंज क्षेत्र में बिछाई गई नवीन पाइप लाइन की जल्द टेस्टिंग कराई जाएगी। इसके बाद इसे जल्द चालू कराया जाएगा। इससे लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
विनोद उन्नीतान, सीएमओ नगर परिषद मुंगावली
हर साल होती है समस्या
नल जल योजना के तहत जब कस्बारेंज में पाइप लाइन डालने का काम शुरू हुआ था तो यहां के रहवासियों में खुशी थी। क्षेत्र के रहवासी वर्षों पुरानी पानी की समस्या को खत्म होते देख रहे थे। लेकिन काम के धीमी गति से चलने के कारण अभी तक लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। इससे ऐसा लगता है कि इस साल गर्मी के मौसम में भी लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा।
मुंगावली तहसील में 7 दिन तक क्वारेंटाइन रहकर 4 मई को डबरा गए 7 श्रमिकों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली है। बुधवार की रात इससे अफरा तफरी मच गई। श्रमिकों को छोड़ने गए वाहन के चालक सहित उनके परिवार को होम क्वारेंटाइन पर रख दिया। अब इन लोगों के संपर्क में आए लोगों की तलाश जारी है। 26 अप्रैल को भोपाल से पैदल गंजबासौदा होते हुए डबरा निवासी 7 श्रमिक मुंगावली पहुंचे। इन श्रमिकों को क्वारेंटाइन पर रखा था। जो श्रमिक भोपाल से मुंगावली पहुंचे उनमें अरविंद पुत्र गब्बर कुशवाह 18 साल निवासी दशमेश नगर भोपाल, पवन पुत्र भोलाराम कुशवाह 16 साल निवासी दशमेश नगर भोपाल,अंकित विश्वकर्मा आंतरी, राजेंद्र विश्वकर्मा आंतरी, प्रदीप विश्वकर्मा दतिया, जयदेव गौड़ ग्वालियर, राजेश्वरी गौड़ चेतावरी डबरा निवासी थे। जिनको मुंगावली छात्रावास में बने क्वारेंटाइन सेंटर पर 7 दिनों तक रखा गया। 4 मई को इन श्रमिकों को मुंगावली से बोलेरो वाहन से छुड़वाया। डबरा में इन श्रमिकों के सैम्पल में से दो श्रमिक अरविंद और पवन की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली।
गंजबासौदा से आए थे ट्रक में- मुंगावली में स्क्रीनिंग सभी ठीक श्रमिक थे। क्वारेंटाइन सेंटर में इन श्रमिक के साथ 14 अन्य लोग भी थे। अब उन लोगों के साथ चिकित्सीय स्टाफ की लिस्टिंग कर क्वारेंटाइन पर रखा जाएगा। सीएमएचओ डाॅ. जेआर त्रिवेदिया रात को ही मुंगावली पहुंच गए।
क्वारेंटाइन पर श्रमिक ठीक थे। इनको अलग ही कमरे में रखा था। गुरुवार को इनके संपर्क में आए सभी लोगों के सैम्पल लेंगे। लोगों की तलाश की जा रही है। -डाॅ. दिनेश त्रिपाठी, मेडिकल ऑफिसर मुंगावली।
साेशल डिस्टेंस का पालन करवाने और मास्क लगवाने के लिए लाेगों को प्रेरित करने अब पुलिस ने मोर्चा संभाला है। पुलिस ने शहर में दिनभर पेट्राेलिंग की और बाइक पर दाे लाेग और बिना मास्क घूमने वालों के चालान बनाए। 650 चालान पुलिस ने बनाए, जिनसे 65 हजार रुपए वसूल किए गए।
दरअसल लॉकडाउन के बाद मिली छूट के बाद शहर की बिगड़ रही व्यवस्था को फिर से सुधारने के लिए प्रशासनिक अधिकारियाें से लेकर पुलिस कर्मी भी प्रयास कर रहे हैं। बुधवार काे टीआई पीपी मुदगल सहित पुलिस जवान शहर में पेट्रोलिंग करते देखे गए। शहर मेें कई लोग बिना मास्क लगाए घूमते मिले। साथ ही साेशल डिस्टेंस का पालन न करते हुए एक ही बाइक पर दाे लोग बैठे मिले। जिन्हें पुलिस ने रोककर चालान बनाए ताकि लोग सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन करें।
युवक को फटकार लगाई
ऐसे ही एक बाइक सवार को जब पुलिस ने रोका तो युवक ने 100 रुपए का चालान तो बनवा लिया लेकिन चालान बनवाने के बाद गाड़ी घर पर ही भेजने की बात कहने लगा। जब इस मामले की जानकारी पुलिस कर्मियों ने टीआई काे दी तो उन्होंने युवक को जमकर फटकार लगाई और सोशल डिस्टेंस का पालन करने को कहा।
टीआई ने बताया कि 650 चालान बनाए गए जिनसे 65 हजार रुपए वसूल किए गए। इस दौरान एसआई एसआर भगत, एसआई नीरज अहिरवार, देवेन्द्र शर्मा, हेड कांस्टेबल कदीर खान, आरक्षक अतेन्द्र यादव, देवेन्द्र खटीक, सुरेश, कुलदीप शर्मा, श्रीकृष्ण, राजीव सहित नगर रक्षा समिति के सदस्य मौजूद रहे।
बुधवार को गुन्हेरू से सिहोरा जा रहा ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे ट्रैक्टर चालक को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शिशुपाल कलावत ग्राम गुन्हेरू से सिहोरा ट्रैक्टर से जा रहा था।
रास्ते में उसका ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे वो बुरी तरह घायल हो गया। घायल को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। डॉ.योगेन्द्र सिंह ने बताया कि शिशुपाल की पेट की पसलियां टूट गई थी, जिस कारण उसकी मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया और मर्ग कायम कर ली।
चंदेरी से 12 किमी दूर ग्राम सिरसौद में 50 वर्षीय वृद्ध की कुएं में लाश मिली है। लाश को कुएं के पानी को पंप से निकलवाकर बाहर निकाला गया। जिसके सिर के पीछे चोट के निशान थे। जिसका पीएम कर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक कम्मोदी के बेटे राकेश कुशवाह ने बताया कि हम फतेहाबाद नई बस्ती में रहते हैं। पापा सिरसौद में खेत पर सब्जी लगाए हुए हैं वे उधर ही रहते थे। हमें सुबह रिश्तेदारों ने फोन कर बताया कि तुम्हारे पापा रात से दिखाई नहीं दे रहे। कुआं के पार पर खून डला है, तो हम सुबह 10 बजे सिरसौद पहुंचे। जिनको तैरना आता था, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है।
ऐसा बताया जा रहा है कि कुआ पर कुछ लोगों की पार्टी हुई थी और उस दौरान झगड़ा हुआ था। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। नगर निरीक्षक संजीव तिवारी ने बताया कि अभी एफआईआर नहीं हुई। कुएं पर दो चप्पलें अलग-अलग मिली हैं।
जहरीला पदार्थ खाने से मौत
अशोकनगर। 35 वर्षीय युवक को जहरीला पदार्थ खाने से गंभीर हालत में जिला अस्पताल में रैफर किया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 1 मई को जितेन्द्र पुत्र मोहर सिंह कटारिया 35 साल निवासी खुटिया बामोरी बहादुरपुर ने 1 मई को जहरीला पदार्थ खा लिया था जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। 5 मई को युवक की मौत हो गई।
आबकारी विभाग ने मंगलवार को शराब कारोबारी पीएन ग्रुप के दफ्तर के बाहर नोटिस चस्पा किया था। इसके बाद जिले के ठेकेदार घनश्याम राठौर ने प्रेसवार्ता बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग में आने वाली दिक्कतों सहित कोविड-19 संक्रमण से खतरा बताते हुए प्रदेश के हालत सामान्य नहीं होने तक शराब दुकान न खोलने की बात कही थी। लेकिन शासन के दिशा निर्देश पर आबकारी विभाग के दबाव में बुधवार की दोपहर शराब दुकानें खुल गईं।
शराब दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दुकान के बाहर पहले गोल घेरे बना गए। दुकान की सील खुलते ही मौके पर शराब ठेकेदार श्री राठौर सहित स्टाफ ने खड़े होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया। 40 दिन बाद शराब दुकानें खुली तो शाम 7 बजे तक बड़ी संख्या में लोग गोल घेरे में खड़े नजर आए।
जिले की सड़कों से हर दिन बड़ी संख्या में प्रदेश सहित दूसरे प्रांतों के मजदूरों का पलायन हो रहा है। बुधवार को भी धार जिले से पैदल चलते हुए 1 हजार किमी दूर झारखंड के गड़वा गांव के लिए निकले 10 श्रमिक शहर पहुंचे। इस लंबे सफर में लॉकडाउन की वजह से पिछले दिनों में अनुभव बुरे रहे। इसलिए भूख मिटाने रास्ते से चना लिया और उसको बोतलों में डाल दिया। जब चलते-चलते थकावट के साथ भूख लगती है तो रुककर विश्राम करते हुए इन गले चने को ही खा लेते हैं।
10 श्रमिकों के ग्रुप में शामिल नागेन्द्र कुमार ने बताया कि जिस दिन लॉकडाउन लगा था उसके एक दिन पहले ही वे धार काम पर पहुंचे थे। इसके बाद लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे। कारखाने बंद होने के बाद जब लॉकडाउन-3 शुरू हो गया और हाथ में जो पैसा था वह खर्च हो गया तो घर की तरफ पलायन कर लिया। श्रमिकों ने बताया कि परिजनों के फोन आ रहे हैं लेकिन वे उनको यह नहीं बता पा रहे कि कब तक घर पहुंच पाएंगे। श्रमिकों ने बताया कि 1 हजार किमी का सफर पूरा करना है। अशोकनगर कलेक्टोरेट में पहुंचकर श्रमिकों ने वाहन व्यवस्था भी मांगी लेकिन उनको कोई वाहन नहीं मिला। हालाकि कुछ समाजसेवियों को इन श्रमिकों की जानकारी लगी तो श्रमिकों के भोजन का प्रबंध कराया।
जिन कोरोना वॉरिर्यस की वजह से अब तक हम सुरक्षित हैं। उनकी एक अनदेखी जिले को कभी भी मुश्किल में डाल सकती है। 8 दिन पहले भोपाल से पैदल चलते हुए 60 साल का बुजुर्ग बुधवार को सर्दी, जुकाम, खांसी और सांस लेने की तकलीफ की वजह से जिला अस्पताल पहुंचा। बुजुर्ग के पास आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नहीं था, इसलिए उसे 3.5 घंटे तक जिला अस्पताल में सैम्पल का इंतजार करते हुए यहां वहां घूमता रहा। ऐसे में अगर उसका सैंपल टेस्ट पॉजिटिव आता है तो पूरा जिला मुश्किल में आ सकता है।
जिला अस्पताल में सुबह 10 बजे भोपाल से 8 दिनों में पैदल चलकर पहुंचे अमरोद गांव के मोहनलाल सोनी उम्र 60 साल ने बताया कि उसका बेटा भोपाल में चांदबड़ में रहता है। लॉकडाउन की वजह से वह तीन माह से वहीं फंस कर रह गया। 8 दिन पहले वह भोपाल से पैदल ही गांव के लिए चल पड़ा। गांवों में रात काटते हुए सुबह जब वह सलमाई पहुंचा तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इस दौरान एक ग्रामीण ने उसकी मदद करते हुए बाइक पर बैठाया और जिला अस्पताल छोड़ दिया। लेकिन सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंचे बुजुर्ग का सैम्पल साढ़े 3 घंटे बाद भी नहीं हो सका। जब हमने मौके पर पहुंचकर इसी वजह जानी तो बड़ा आश्चर्य हुआ कि शासन द्वारा बनाए गए नियमों में सैम्पल के लिए मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालना अनिवार्य है। इन नंबरों की वजह से बुजुर्ग जिला अस्पताल में ही बैठा रहा।
खतरा की ये है वजह
बातचीत में बुजुर्ग ने बताया कि जब वह भोपाल से चला था तभी से उसको सर्दी, जुकाम और खांसी थी। लेकिन अब उसको इन दिक्कतों के अलावा सांस लेने में तकलीफ और हाथ पैरों में तेज दर्द है। जिला अस्पताल में 3.5 घंटे तक बुजुर्ग यहां-वहां घूमता रहा। इतना ही नहीं बाहर पहुंचकर उसने 5 रुपए देकर किसी ने चाय भी लेकर पी। इस दौरान उसने हैंडपंप पर पानी भी पीया। ऐसे में अगर मान लिया जाए कि युवक कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो ये लापरवाही बड़ी घातक हो सकती है।
बड़ा सवाल- किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं तो उसका नहीं होगा कोरोना टेस्ट
3.5 घंटे तक सैंपल न लेने की वजह वहां मौजूद डॉक्टरों ने बुजुर्ग के पास आधार कार्ड और मोबाइल न होना बताया। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि अगर किसी कोरोना संदिग्ध के पास आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नही है तो क्या उसकी सैम्पलिंग नहीं होगी। शासन द्वारा निर्धारित किए गए ये नियम भविष्य में जिले के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं, क्योंकि इन दिनों सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों का पलायन यहां से वहां चल रहा है।
403 सैम्पल भेजे हैं अब तक जिले से
कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित लॉकडाउन के बाद जिले से अब तक 403 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 315 सैम्पल की जांच निगेटिव आई है जबकि 38 सैम्पल रिजेक्ट हुए हैं। अभी 50 सैम्पल की रिपोर्ट आना शेष है। बुधवार को 48 व्यक्तियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
^सरकार ने ऑनलाइन फार्म भरने की प्रक्रिया कर दी है। इसमें ओटीपी जनरेट होता है, इसका मैसेज मरीज के मोबाइल पर आता है। तभी उसके सैम्पल को मान्य मानते हैं अन्यथा वह रिजेक्ट हो जाता है। मरीज के साथ कोई अटैंडर भी नहीं था ऐसे में उसको सैम्पल नहीं ले सकते थे। डाॅ. बीएल टैगोर, मेडिकल ऑफिसर
मीडिया के हस्तक्षेप से सीएमएचओ ने कराई जांच
जब मीडिया ने संबंधित मामले को उठाया और सीएमएचओ डाॅ. जेआर त्रिवेदिया से बातचीत की तो उन्होंने बुजुर्ग का सैम्पल आइसोलेशन वार्ड में करवाने के लिए कहा। इसके बाद वाहन भी उपलब्ध नहीं मिला। बाद में 108 वाहन से बुजुर्ग को आइसोलेशन वार्ड भेजा गया जहां सैम्पल लेकर भर्ती करने की बजाय होम क्वारेंटाइन पर गांव छुड़वाया गया।
एक सवाल यह भी
दुकानें बंद, फिर कैसे मिली चाय
चाय की दुकानें लॉकडाउन में बंद हैं। ऐसे में बुजुर्ग को 5 रुपए में कहां से चाय मिली यह भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
बाद में हैंडपंप सहित बुजुर्ग जहां बैठा, सभी कराया सैनिटाइज
बुजुर्ग अस्पताल में जहां बैठा था उस स्थान को सैनिटाइज करने के बाद बाहर लगे हैंडपंप को भी सैनिटाइज किया गया। इसके बाद मीडिया ने चाय वाले लड़के को खोजा, लेकिन वह नहीं मिला।
लॉकडाउन में 38 दिन तक शराब दुकान बंद रहने के कारण बुधवार दोपहर करीब पौने 3 बजे अचानक से खुल गई। शराब दुकान खुलने की सूचना शहर में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते शराब की दुकानों पर बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम लग गया। फिर क्या था न मोल किया न भाव कहीं फिर न बंद हो जाए शराब की दुकान इसलिए बड़ी मात्रा में लोगों ने शराब खरीद कर स्टाक कर लिया।
शराब खरीदने आए लोग न तो सोशल डिस्टेंस में नजर आए और न ही कोरोना से बचाव करने मास्क लगाए। साथ ही शराब दुकानों के आसपास लोगों के वाहनों का जमावड़ा लग गया। हालात यह बने कि रेलवे वायपास स्थित अंग्रेजी शराब दुकान एवं आगासौद रोड स्थित शराब दुकान पर लग रही भीड़ के कारण आवागमन प्रभावित होने लगा। सोशल डिस्टेंस एवं आवागमन प्रभावित होता देख दुकानों पर पुलिस बल तैनात किया गया। फिर कहीं जाकर कुछ व्यवस्थित तरीके से दुकानें संचालित हुई ।
लोगों ने किया स्टाक
38 दिन के बाद दुकानें खुलने के बाद फिर कहीं लॉकडाउन में शराब दुकान बंद न हो जाए। इसे देखते हुए लोगों ने 1 बोतल के स्थान पर कई बोतल शराब खरीद कर स्टाक बनाया। इसी तरह एक व्यक्ति ने आगासौद रोड पर कई बोतल शराब की खरीदी। शराब की मात्रा इतनी थी कि बैग में भरने के बाद उसकी चैन नहीं लग रही थी। यह देख दुकान के बाहर मौजूद पुलिस बल उसे पकड़ लिया और थाने ले गई । जबकि गलती दुकानदार की भी थी कि आखिर इतनी मात्रा में एक व्यक्ति को शराब क्यूं दी गई।
शहर की पांचों शराब दुकानों पर लगा जमाबड़ा
शहर में शराब की 5 दुकानों में 3 अंग्रेजी एवं 2 देशी शराब दुकानें संचालित है । अंग्रेजी दुकानों में 1 रेलवे वायपास,1 आगासौद रोड एवं 1 छोटी बजरिया एवं देशी शराब दुकानों में 1 झांसी गेट स्थित वायपास वहीं दूसरी पुराना रेलवे बस स्टैंड के पास संचालित है। इनके खुलने की सूचना पर सभी दुकानों पर शराब की खरीदी करने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई। कई दिनों से सूनी पड़ी इन दुकानों पर फिर से चहल पहल नजर आने लगी ।
गरीबों को राशन दिलाने, शहर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करने आदि कई मांगों को लेकर नगर पालिका के पूर्व नेता प्रतिपक्ष संजय सिंह ने अन्य पूर्व पार्षदों के साथ एसडीएम अमृता गर्ग को ज्ञापन सौंपा। गौरतलब है कि बुधवार को पूर्व नेता प्रतिपक्ष सहित कई पूर्व पार्षदों के द्वारा नगर पालिका में सुबह 11 बजे से धरना प्रदर्शन का आयोजन था। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए धरना प्रदर्शन स्थगित कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ठाकुर ने बताया कि एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर गरीब, मजदूर, असहाय जरूरतमंद लोगों को शीघ्र सर्वे कराकर उन्हें पर्याप्त राशन देने, शहर में घर घर कचरा गाड़ी पुनः चलाने, मच्छरों को मारने के लिए फागिंग मशीन चलाने एवं कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने, पूरे शहर को सैनिटाइज करने, स्वाब कलेक्शन बूथ खोलने, सैनिटाइजर कंट्रोल सेंटर शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
इसके अलावा उन्होंने एसडीएम को जानकारी देते हुए कहा कि नगर पालिका में करीब 46 लाख 88 हजार की संचित निधि जमा है। जिसका उपयोग सिर्फ महामारी या संक्रमण काल में ही किया जा सकता है। परंतु नगर पालिका में निर्वाचित कमेटी गठित न होने के कारण उक्त राशि का आहरण नहीं हो सका है। अतः प्रशासक होने के नाते उक्त राशि की निकासी की परमिशन लेकर गरीबों को राशन, सैनिटाइजर की व्यवस्था, स्वाब कलेक्शन बूथ का निर्माण एवं कोरोना संकट से निपटने के लिए इस राशि का उपयोग किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व पार्षद अभिषेक बिलगैंया, मधुर ठाकुर, प्रकाश अहिरवार शामिल रहे।
ग्राम पंचायत किशनपुरा के सहयोगी गांव बेरखेड़ी में मनरेगा के काम में मशीन चलाने को लेकर किसान मनोज यादव के खेत को बिना नापे मशीन चलाई जा रही थी। इसी बात को लेकर किसान एवं सहायक सचिव के भाई अनिल जो कि कार्य करवा रहा था उसमें कहासुनी एवं मारपीट हो गई।
मारपीट को देखते हुए मशीन चालक मशीन लेकर भाग गया एवं वहां पर कार्य बंद हो गया। प्रत्यक्षदर्शी किसान दिनेश गौतम ने बताया की पंचायत द्वारा जो कार्य मजदूरों द्वारा होना थे वहां पर मशीन के द्वारा किए जा रहे हैं। इससे जहां मजदूरों में असंतोष है । वही बिना नापे ही किसी की भी जमीन पर मशीन चलाई जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा लाकडाउन के चलते पूरे प्रदेश में मजदूरों के लिए राहत कार्य खोले गए हैं लेकिन इन सब चीज के विपरीत कतिपय सरपंच के द्वारा रातो रात मशीन चला कर कार्य किए जा रहे हैं । इससे गरीब मजदूर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं । मशीन चलाने के बाद रिकॉर्ड में मजदूर दर्शा कर मजदूरों के नाम पर राशि बैंक से निकली जा रही है । जिसके चलते आए दिन पंचायत में पंचायत प्रतिनिधि और मजदूरों में बैंकों से पैसे निकल जाने पर विवाद होते देखा गया ।
जब इस संबंध में सबइंजीनियर सचिन दुबे से मोबाइल पर बात की तो उन्होंने बताया कि मैं अभी राहतगढ़ मैं हूंू मुझे बिना बताए बिना जानकारी दिए काम लगाया गया है और बेरखेड़ी ग्राम में मशीन द्वारा कोई भी कार्य के लिए अनुमति नहीं दी गई है । अगर मशीन के द्वारा मनरेगा में कार्य किया गया है तो इसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी । अगर ऐसा था तो मुझे और किसान को भी इसकी जानकारी दी जानी थी और जगह को पटवारी से नाप कर कार्य किया जाना था।
कोरोना महामारी से छाई आर्थिक मंदी के बीच सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है। मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने बुधवार को एक आदेश जारी किया। इसके मुताबिक वे 3000 प्रोजेक्ट जो 15 मार्च के बाद साल के अंत तक पूरे होने थे, उनके निर्माण की अवधि 6 माह बढ़ा दी है। साथ ही बिल्डर तथा एजेंट द्वारा रिटर्न जमा करने की तारीख भी 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। पहले इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च थी। दरअसल, बीते डेड़ महीने से प्रदेश में निर्माण संबंधी गतिविधियां ठप हैं। बिल्डरों ने रेरा से अनुराध किया था कि वह प्रोजेक्ट कम्पलीशन की तारीख बढ़ा दे।
रेरा चेयरमैन अंटोनी डिसा ने बताया कि निर्माण संबंधी सभी कामकाज पूरी तरह ठप हो गए हैं। यदि अब बिल्डर काम शुरू करेगा तो उसे सीमेंट, गिट्टी, रेत समेत अन्य निर्माण सामग्री इकट्ठा करने और उसे प्रोजेक्ट को पूरा करने में समय तो लगेगा।
15 मार्च तक कोई छूट नहीं
ऐसे प्रोजेक्ट जो 15 मार्च तक पूरा होने थे, बिल्डर्स को उन्हें तय समय सीमा में ही पूरा करके देना होगा। इस अवधि में यदि प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है तो रेरा बिल्डर्स को तय नियमों के हिसाब से दंडित करेगा।
इसलिए बढ़ी अवधि: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने गत 19 फरवरी को कोरोना त्रासदी को फोर्स मेज्योर की श्रेणी मे रखा गया है। आवासीय एवं नगरीय विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधीन गठित केंद्रीय सलाहकार समिति ने भी कोरोना त्रासदी के मद्देनजर पंजीकृत प्रोजेक्ट को 6 माह का विस्तार देने की अनुंशसा की है। इसी तारतम्य में अनेक संस्थाओं ने भी प्राधिकरण को राहत देने के आवेदन दिए थे।
ऐसे समझें राहत का मतलब
मान लीजिए यदि कोई प्रोजेक्ट 31 मार्च तक पूरा होना था तो अब वह 30 सितंबर तक पूरा होगा। इसके आगे की कम्प्लीशन तारीख में छह माह और जुड़ जाएंगे।
आर्थिक समिति की अनुशंसा :पैसा जुटाने 20-30 साल के बॉन्ड लाएगी सरकार
पॉलिटिकल रिपोर्टर . भोपाल |कोरोना संकट से बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार आने वाले दिनों में 20 से 30 साल के लिए बॉन्ड जारी कर अतिरिक्त संसाधन जुटाएगी। इसमें राज्य सरकार की कंपनियां, कॉर्पाेरेशन और बोर्ड शामिल रहेंगे। इससे सरकार गारंटी देकर वित्तीय बोझ से बाहर हो जाएगी। इस संकट से निपटने के लिए गठित आर्थिक सलाहकार समिति ने यह अनुशंसाएं सरकार से की हैं। इन पर काम शुरू हो गया है।
मप्र सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि उनके बाजार से कर्ज लेने की सीमा को वित्तीय वर्ष में 5% किया जाए। वर्ष 2019-20 में यह सीमा 3.5% रही। इससे सरकार को 14 से 15 हजार करोड़ रुपए मिल सकेंगे। अनुसंशाओं में कुछ अहम बिंदु और भी हैं। खासतौर पर केंद्र सरकार से भी मप्र कुछ मदद मांगने जा रही है। इसमें महत्वपूर्ण राहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से जुड़ी है। शेष | पेज 4 पर
आरबीआई ने मप्र सरकार की 2 हजार 560 करोड़ की तदर्थ (एड-हाक या लिमिट) सीमा तय की है। इस राशि पर ब्याज लगता है। मप्र सरकार चाहती है कि इस राशि पर आरबीआई ब्याज न ले। शेष | पेज 4 पर
साथ ही ओवर ड्रॉफ्ट होने पर अधिकतम 50 दिन में स्थिति सुधार की सीमा को 72 दिन तक करके राहत दे। इन अहम आर्थिक सुधारों को मप्र सरकार अमल में लाने जा रही है।
जुलाई में संभावित बजट में होंगे ये सुधार
- राजस्व खर्च में कटौती।
- समान दोहरी योजनाओं में से एक को समाप्त करना।
- एपीएल के लिए सब्सिडी खत्म करना।
प्रमुख अनुशंसा
- एमएसएमई को मोरेटोरियम अवधि के ब्याज से मुक्त किया जाए
- एमएसएमई को अतिरिक्त ऋण लेने पर स्टांप शुल्क से छूट मिले। साथ ही उनकी आर्थिक मदद की जाए।
- पीएम किसान योजना में अतिरिक्त सहायता मिले।
- नाबार्ड और आरबीआई एनपीए के वर्गीकरण में छह माह की छूट दे।
- पीएम गरीब कल्याण योजना को बढ़ाकर 6 माह करना।
- भविष्य निधि अंशदान की शर्त में संशोधन कर 15000 तक वेतन पाने वाले सभी कर्मचारियों को लाभ दिया जाए।
- महिलाओं की तरह जन-धन खाताधारकों को भी 500 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाए।
-शहरी क्षेत्रों की गरीब बस्तियों में मुफ्त खाने की सुविधा के लिए केंटीन सुविधा शुरू की जाए।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में वित्तीय स्थिति का आंकलन करके एक्स-ग्रेशिया का भुगतान हो।
- किसान किसी भी निजी गोदाम में अपनी उपज रखे और गोदाम संचालक प्रमाण लेकर दे तो उसे उपज का भुगतान किया जाए।
-फूड प्रोसेसिंग वालों को किसान के घर से खाद्यान्न खरीदने की अनुमति दी जाए।
शराब दुकानें खोलने को लेकर प्रदेश सरकार और ठेकेदारों की तकरार बुधवार को खत्म हो गई। इसके बाद बुधवार दोपहर 2 बजे से 49 जिलों में 2700 से ज्यादा शराब दुकानें खुलीं। इनमें ग्रीन जोन के 24, ऑरेंज के 19 और रेड जोन के भोपाल, इंदौर, उज्जैन को छोड़कर बाकी छह जिलों की दुकानें शामिल हैं। भोपाल, इंदौर उज्जैन में शराब दुकानें नहीं खुलेंगी। पहले दिन सरकार को कितना राजस्व मिला, यहां आंकड़ा गुरुवार को आएगा, लेकिन डिपो से माल उठने, चालान कटने और ड्यूटी पटाने से करीब 150 करोड़ रु. का राजस्व सरकार को तत्काल मिलने लगेगा। एक दिन पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ठेकेदारों को दो टूक कह दिया था कि यदि वे दुकान नहीं खोलते हैं तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा। प्रदेश में कुल 3605 दुकानें हैं, सरकार के तेवर गर्म देख 2700 दुकानें खुल गई हैं। अब तक चले विवादों के बीच पुराने ठेकेदार सामने आए है।गोपाल बंसल ने कहा कि अगर वित्तीय वर्ष के शराब ठेकेदार दुकानें नहीं खोलना चाहते है तो सरकार पुराने ठेकेदारों को दुकानें सौंप दें। हम छोटे ठेकेदार हैं। पुराने रेट पर 10 प्रतिशत ज्यादा एक्साइज ड्यूटी पर दुकानें लेने को तैयार है।
इन तीन मुद्दों पर लड़ाई
सीएम से नहीं मिल पाए अफसरों के साथ बैठक
ठेकेदारों ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने की कोशिश की, लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने आबकारी अफसरों के साथ बैठक की। मध्यप्रदेश लीकर एसोसिएशन के सचिव राहुल जायसवाल ने बताया कि अफसरों ने हमारी मांगें सुन ली हैं। आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने बताया कि ठेकेदारों से कहा गया है कि पहले दुकानें खोलें, जो भी उचित मांगें होंगी, उन पर विचार किया जाएगा।
कोरोना हॉट स्पॉट जिलों में फंसे लोग भी ई-पास लेकर घर जा सकेंगे। स्टेट कंट्रोल रूम के प्रभारी व अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बुधवार को नए निर्देश जारी किए हैं। अब तक प्रदेश या दूसरे राज्य के हॉट स्पॉट जिलों से आने-जाने की अनुमति नहीं थी। इसके लिए दूसरे राज्य के हॉट स्पॉट जिलों में फंसे लोगों को घर आने के लिए मैप-आईटी के पोर्टल पर अपने वाहन नंबर सहित आवेदन करना होगा। इसी तरह भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, खंडवा व खरगोन जिले से अन्य जिलों में जाने के लिए मेडिकल इमरजेंसी, मृत्यु व शादी के अलावा कोई ई-पास जारी नहीं किया जा रहा था। इसमें भी छूट दी गई है, अब इन जिलों से भी लोग ई-पास के जरिए प्रदेश के दूसरे जिलों में जा सकेंगे। कलेक्टर इसके लिए अनुमति देंगे।
इस पास पर सिर्फ एक बार कर सकेंगे यात्रा
इस तरह के ई-पास केवल एक बार की यात्रा के लिए ही जारी किए जाएंगे, ताकि उनका दुरुपयोग न हो। जिले में आने वाले व्यक्ति की डॉक्टरी जांच की जाएगी। जांच में संदिग्ध पाए जाने पर 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाएगा।
मंगलवारा इलाके में कुम्हारपुरा की इस गली में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। चार फीट चौड़ी गली में एक महीने में 31 पॉजिटिव केस आ चुके हैं। गली के 50 मकान(250 लोग) हैं। यानी हर दूसरे घर में संक्रमण। ज्यादातर प्रजापति समाज के हैं। पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य अमला खाद्य सामाग्री पहुंचाने में लगा है। यहां संक्रमण का मुख्य कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना है। इधर कोरोना संक्रमण के सबसे बड़े केंद्र जहांगीराबाद में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 127 हो गई है। यहां की एक किमी लंबी चर्च रोड के दोनों तरफ करीब 50 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जबकि अहीरपुरा में 40 से ज्यादा। दोनों ही इलाकों में पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने से ज्यादातर लोग संक्रमित हुए। यहां पर संक्रमण का एक कारण लॉकडाउन के दौरान भी किराना दुकानों का खुलना भी रहा।
सबसे हॉट स्पॉट जहांगीराबाद इलाके में 127 तक पहुंच गई पॉजिटिव केसों की संख्या
कुम्हारपुरा की गली में एक ही परिवार के तीन सदस्य संक्रमित
बुधवार को आई रिपोर्ट में कुम्हारपुरा की गली में एक ही परिवार के तीन लोग पॉजिटिव आए हैं। पॉजिटिव मरीजों के परिजनों ने बताया कि लॉकडाउन में घर में ही रहते थे, फिर भी संक्रमित हो गए है। ये समझ में नहीं आ रहा है कि संक्रमण कैसे हुआ।
एक महीने से घर से बाहर झांका भी नहीं फिर हो गया संक्रमण
चर्च रोड निवासी 21 वर्षीय युवती ने बताया कि उसके पिता सीधी में नौकरी करते हैं। वह मां और भाई के साथ यहां पर रहती हैं। पिछले एक महीने में वो घर से नहीं निकली और न ही उसके घर में कोई आया गया। लेकिन फिर भी घर के लोग संक्रमित हो रहे हैं।
गली में सब्जी खरीदने के लिए बाहर निकलते थे तभी हुआ संक्रमण
जहांगीराबाद इलाके में बुधवार को एक ही परिवार के चार लोग संक्रमित मिले हैं। परिवार के सदस्य ने बताया कि लॉकडाउन में सब्जियां लेने के लिए ही वो बाहर आते थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि संक्रमण हो जाएगा।
लॉकडाउन तीन के शुरुआती दौर में शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर राहत के संकेत मिल रहे हैं। एक हफ्ते पहले शहर के 9 वार्ड सुपर हॉट स्पॉट(रेड जोन) में थे। लेकिन अब 6 वार्ड ही एेसे बचे हैं, जहां लगातार बड़ी संख्या में नए मरीज मिल रहे हैं। इन इलाकों के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है।
30 अप्रैल से 7 मई के बीच राजधानी में वार्ड वाइज रेड जोन की संख्या 9 से घटकर 6 पर आ गई है। ये तीन वार्ड अब ऑरेंज जोन में यानी हाई रिस्क (जोखिम) से लो रिस्क की स्थिति में आ गए हैं। वहीं ऑरेंज जोन की संख्या 18 से अब सिर्फ 6 रह गई है। ऑरेंज जोन के 15 वार्ड यलो जोन में शिफ्ट हो गए हैं। इसका मतलब है कि लो रिस्क एरिया से अब ये वार्ड लैस-रिस्क एरिया में आ गए हैं। मरीजों के ठीक होने से एक्टिव पेशेंट की संख्या घट रही है। वहीं, नए पेशेंट मिलने की दर घट रही है। इसके चलते संक्रमण के फैलाव का खतरा भी घटता जा रहा है।
रेड जोन :ऐसे वार्ड जहां 10 से ज्यादा कोरोना मरीज निकले हैं, और लगातार इनकी संख्या अब भी धीरे-धीरे बढ़ ही रही है। यहां हालात अब भी काबू में नहीं हैं। इन इलाकों में विशेष निगरानी के साथ रैंडम सैंपलिंग भी की जा रही है।वार्ड संख्या - 8, 9, 20, 32, 34, 42
ऑरेंज जोन :ऐसेवार्ड जहां अब तक 6 से लेकर 10 तक कोरोना मरीज मिले हैं। लेकिन फिर संख्या नहीं बढी। हालात लगभग नियंत्रण में। लेकिन संक्रमण के खतरे की आशंका मौजूद है।
वार्ड संख्या - 6, 23, 29, 35, 39, 69
यलो जोन
वार्ड जहां 5 से ज्यादा केस नहीं आए। हालात नियंत्रित हो गए। वार्ड - 1, 2, 4, 7, 10, 11, 13, 14, 15, 17, 19, 21, 24, 25, 26, 27, 30, 31, 33, 36, 37, 38, 40, 41, 43, 44, 45, 46 , 47, 48, 49, 50, 51, 52, 53, 54, 55, 57, 58, 59, 60, 61, 62, 63, 64, 66, 67 ,68, 70, 71, 72, 73, 74, 75 76, 77, 78, 79, 80, 81, 82, 83, 84, 85
ग्रीन जोन- अब तक कोरोना मरीज नहीं मिला। वार्ड - 3, 5, 12, 16,18,22, 28, 56, 65
दिन में तपिश, फिर बादल, शाम काे बूंदाबांदी अाैर तेज हवा। पिछले 3- 4 दिन से शहर में माैसम का मिजाज कुछ एेसा ही है। माैसम वैज्ञानिकाें का कहना है कि यह प्री मानसून गतिविधि है।बुधवार काे भी एेसा ही माैसम रहा। दिन का तापमान 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें 1.3 डिग्री की बढ़ाेतरी हुई। इसके बावजूद यह सामान्य से ज्यादा नहीं हाे सका। दिन में तपिश रही, लेकिन शाम 4:30 बजे के बाद माैसम बदल गया। तेज हवा चलने लगी। शाम के वक्त हवा की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे रही।
80% नमी भी...मई के पहले हफ्ते में ही बने सिस्टम से बढ़ी गतिविधि माैसम वैज्ञानिकाें का कहना है कि यह प्री मानसून गतिविधि है। मई के पहले हफ्ते में ऐसेसिस्टम बन गए हैं, जिनसे यह गतिविधियां बढ़ गईं।
...ये सिस्टम बने थे, जिनसे माैसम में आया बदलाव
अंडमान सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना। इससे आंध्र और ओडिशा से नमी मिली। बांग्लादेश के ऊपर चक्रवाती हवा के घेरे से झारखंड व बिहार से नमी आई। प्रदेश के कई इलाकाें में नमी 80 फीसदी हाे गई थी।
राजधानी के रोशनपुरा इलाके में कोरोना पॉजिटिव मरीज के नहीं मिलने से सनसनी फैल गई। मरीज के दिए गए पते पर जब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची तो पता चला कि जो नाम रिपोर्ट में दिया है, उस नाम का कोई व्यक्ति रोशनपुरा झुग्गी बस्ती में नहीं रहता है। करीब 5 घंटे तक पुलिस के जवानाें और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियाें ने संक्रमित 27 साल के युवक की तलाश के लिए 1800 झुग्गियाें में सर्चिंग की।
यहां के रहवासियाें से से भी पूछताछ की लेकिन युवक का पता नहीं चला। रहवासी वाहिद लस्करी ने बताया कि बुधवार काे दाेपहर स्वास्थ्य विभाग अाैर पुलिस के जवान यहां पर आए थे। उन्हाेंने कहा कि राेशनपुरा झुग्गी बस्ती में एक युवक काेराेना पाॅजिटिव है। लेकिन उसका पता और न ही माेबाइल नंबर सही है। माेबाइल बंद अा रहा है। एेसे में यह चिंता हाे रही है कि वाे मरीज यहां का रहने वाला है या नहीं। स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ पूरी बस्ती की जांच कर डाली।
कुछ माल वाहन मालिक औरउनके ड्राइवर लाकडाउन में मजदूराें की मजबूरी का फायदा उठाकर अवैध रूप से ज्यादा किराया वसूल रहे हैं। श्रमिकों को एक से दूसरे स्थान पर भेजने के नाम पर उनसे हजारों रुपए ऐंठरहे हैं। ऐसी अवैध वसूली पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग ने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला लिया है।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बी. मधुकुमार ने एक आदेश जारी कर सभी परिवहन अधिकारियों, जिला परिवहन अधिकारियों व चैक पोस्ट प्रभारियों से कहा है कि उनके क्षेत्र से गुजरने वाले हर मालवाहक वाहन को चैक करें। यदि कोई मालवाहक वाहन अवैध रूप से मजदूरों को ले जाता पकड़ाए तो उसके खिलाफ संबंधित थाने में तुरंत एफआईआर दर्ज कराएं।
पांच मई को एक बस जिसका नंबर एमपी 41पी 0775 द्वारा अवैध रूप से बाहर से लाए जा रहे मजदूराें से प्रति व्यक्ति 2500 रुपए किराया वसूलने की शिकायत मिली थी। इस गाड़ी की एफआईआर संबंधित थाने में दर्ज करवा दी गई है। एेसी कई शिकायतें विभाग काे मिल रही थी। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने अपने निर्देश में कहा है कि चैकिंग लगातार हाेनी चाहिए।
तीन-चार दिन में प्रदेश के कई इलाकाें में आंधी और बारिश के आसार हैं। कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। पिछले दाे दिन से ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, विंध्य में आंधी और बारिश का कहर जारी है। राजस्थान की सीमा से सटे श्योपुर जिले में आंधी से मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के बड़ोदा स्थित अति उच्च दाब उपकेन्द्र के 4 टावर डेमेज हो गए। इसके अलावा इसी जिले में 33 केवी क्षमता के 24 फीडर तथा 11 केवी के 64 से अधिक फीडर डेमेज हो गए। 33 केवी क्षमता के 240 से ज्यादा और 11 केवी के 1000 से ज्यादा खंभे धराशायी हो गए।
5 सिस्टम एक साथ सक्रिय, इसलिए ऐसा माैसम
माैसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस जाते-जाते पांच सिस्टम छाेड़ गया। पश्चिमी राजस्थान और हरियाणा चक्रवाती हवा के घेरे बने हुए हैं। इनके कारण अरब सागर से नमी आरही है। दाे चक्रवाती हवा के घेरे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार एवं बांग्लादेश मे बने हैं। इनके कारण बंगाल की खाड़ी से नमी आरही है। जबलपुर संभाग के हिस्साें से सटे इलाकाें से विदर्भ हाेती हुई तमिलनाडु तक ट्रफ लाइन बनी है। यह ट्रफ लाइन अपनी ओर नमी खींच रही है।
हम लोग हैदराबाद से यहां आए हैं। खुशी है कि हम अब अपने घर पहुंच गए हैं। वापस जाएंगे या नहीं यह बाद में तय करेंगे। हमसे टिकट का कोई पैसा नहीं लिया गया। यह बात तेलंगाना स्पेशल ट्रेन से हबीबगंज स्टेशन पहुंचे मजदूरों ने कही।
बुधवार रात 8.30 बजे 1030 मजदूर व उनके परिजन यहां पहुंचे। यहां इनकी स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद प्रशासनिक अमले, आरपीएफ, जीआरपी सहित स्थानीय थाना पुलिस ने इन मजदूरों को बसों से उनके जिलों में भेजा। एक श्रमिक ने हैदराबाद पुलिस पर मारपीट करने और अभद्रता के आरोप भी लगाए।
कोरोना संक्रमण को रोकने लॉकडाउन की बढ़ती अवधि का साइड इफेक्ट शहर के विकास कार्यों पर भी पड़ेगा। इसका असर यह होगा कि हाउसिंग फॉर अॉल (एचएफए) के तहत निर्माणाधीन मकानों से लेकर गलियारे और मोहल्लों में सड़कें नहीं बन पाएंगी। कांग्रेस सरकार बनने के बाद खास तौर से भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पार्षदों और विधायकों ने लगभग 150 करोड़ रुपए के सड़क, नाली, पाइपलाइन, ओपन जिम और पार्क जैसे कार्य स्वीकृत कराए थे। एक तो सरकार बदल गई, दूसरा निगम का खजाना खाली है, ऐसे में इन पर ब्रेक लगना तय है।
तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा की अनुशंसा पर हो रहे विश्राम घाटों के विकास कार्य भी अटके हुए हैं और इनके लिए भी बजट में वास्तविक इंतजाम की संभावना नहीं है। मनुआभान की टेकरी पर भारत माता मंदिर का निर्माण भी होना मुश्किल नजर आ रहा है।
हाउसिंग फॉर ऑल के तहत पहले चरण में बन रहे हैं 6 हजार मकान
हाउसिंग फॉर ऑल के तहत पहले फेज में शहर में 6 हजार मकान बनाने काम चल रहा है। कोकता ट्रांसपोर्ट नगर, 12 नंबर स्टॉप, श्याम नगर अरेरा हिल्स, गंगा नगर, आराधना नगर कोटरा, राहुल नगर माता मंदिर, भानपुर चौराहा, मालीखेड़ी विदिशा रोड और खजूरीकलां में इनका निर्माण किया जा रहा है। कोकता ट्रांसपोर्ट नगर की साइट पर 2 हजार से ज्यादा फ्लैट बनाए जा रहे हैं। यह काम जुलाई 2020 तक पूरा होने की उम्मीद थी। यहां करीब 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। 23 नई लोकेशन पर एचएफए योजना के तहत 18 हजार से ज्यादा नए मकान बनाए जाना हैं। जिन इलाकों में मकान बनने हैं, उनमें खजूरीकलां, बागमुगालिया, हिनोतिया आलम, शाहपुरा, गौतम नगर ज्योतिबा फुले नगर, चूनाभट्टी, धरमपुरी आदि शामिल हैं।
400 करोड़ रुपए की देनदारी- दूसरी ओर स्थिति यह है कि बड़े विकास कार्यों से लेकर बिजली बिल और स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुए कार्यों से लेकर अन्य को जोड़ा जाए तो नगर निगम पर 400 करोड़ रुपए की देनदारी है।
732 करोड़ में से वसूले 250 करोड़ और लॉकडाउन हो गया
निगम को पिछले वित्त वर्ष यानी 31 मार्च तक 732 करोड़ रुपए की वसूली करना थी, लेकिन आंकड़ा 250 करोड़ तक पहुंचा और लॉकडाउन शुरू हो गया। जब आय रुक गई तो पहले से उधारी में चल रहे निगम के लिए डेवलपमेंट के काम जारी रखना भी मुश्किल हो जाएगा।
नगर निगम को सरकार से 350 करोड़ मिलने की भी उम्मीद नहीं
कई सरकारी विभागों, एजेंसियों से निगम को 350 करोड़ लेना है। तत्कालीन प्रशासक कल्पना श्रीवास्तव व निगमायुक्त बी विजय दत्ता ने शासन से इनके बजट में निगम कर के लिए प्रावधान कराने का अनुरोध किया था। शासन भी खर्चों में कटौती कर रहा है, ऐसे में यह राशि मिलने की उम्मीद कम है।
निश्चित रूप से कोरोना के कारण वसूली पर असर पड़ा है। इससे निगम की संभावित आय में लगभग 100 करोड़ रुपए का अंतर है, हालांकि पिछले 2018-19 के मुकाबले 40 करोड़ अधिक आय हुई है। हमें उम्मीद है कि राज्य शासन की मदद से विकास कार्य जारी रखे जा सकेंगे । - बी विजय दत्ता, कमिश्नर, नगर निगम)
राजगढ़ जिले में मजदूर के टॉयलेट में क्वारेंटाइन किए जाने के मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ गई है। कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि जिस स्कूल के टॉयलेट में मजदूर को क्वारेंटाइन किए जाने की बात कही जा रही है, वह मेरे पूर्व लोकसभा क्षेत्र गुना-शिवपुरी का नहीं, बल्कि राजगढ़ लोकसभा के राघौगढ़ विधानसभा का है।
दरअसल, कांग्रेस ने देवीपुरा गांव के स्कूल में मजदूर को क्वारेंटाइन किए जाने को लेकर ट्वीट किया था। इसके तुरत बाद राघौगढ़ से विधायक जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि हमारी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने तो स्कूलों में टॉयलेट शौच के लिए बनवाए थे। अब सरकार शौच का इस्तेमाल मजदूरों के क्वारेंटाइन में कर रही है, जो उचित नहीं है। सरकार की जिम्मेदारी है कि इस संकट की घड़ी में लौटे मजदूरों का उचित क्वारेंटाइन करे।
औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में अब तक 250 से अधिक उद्योगों को उत्पादन शुरू करने की अनुमति दी जा चुकी है, लेकिन श्रमिकों के अभाव में कई उद्योग उत्पादन शुरू नहीं कर पा रहे हैं। 35% श्रमिक क्षमता के साथ भी उत्पादन शुरू करने के लिए इन्हें करीब 20 हजार श्रमिकों की जरूरत है। बड़ी संख्या में मजदूरों के पलायन कर जाने और भोपाल जिले के दायरे में आने वाले क्षेत्रों से श्रमिकों को लाने में लगी बंदिशों के कारण श्रमिकों की उपलब्धता 10 हजार से भी कम है। इसके चलते उद्योग संचालकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंडीदीप में लॉकडाउन से पहले 60 हजार से अधिक श्रमिक थे। सीमेंट कांक्रीट की यूनिट चलाने वाले सुधीर बंसल कहते हैं कि समरधा मंडीदीप के करीब है, वहां हमारे मजदूर रहते हैं।
लेकिन बंदिशों के चलते वे बाइक से नहीं आ सकते। मंडीदीप का ब्रिज पार करते ही भोपाल जिला लग जाता है। वहां से भी मजदूरों को नहीं आने दिया जा रहा है। दाल-चावल की प्रोसेसिंग करने वाली दावत एग्रो कंपनी के प्लांट हेड राजिंदर वाधवान कहते हैं कि लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मांग आटा-चावल की है। लेकिन हम मांग पूरी नहीं कर पा रहे। हमें 200 श्रमिकों की जरूरत है। मंडीदीप कहने को तो रायसेन जिले में आता है, लेकिन वह भोपाल से कनेक्टेड है। प्लांट मालिक से लेकर मजदूर तक सब भोपाल से आते जाते हैं। ऐसे में भोपाल से आने पर लगी रोक भी इसके आड़े आ रही है।
दिक्कत... सरकारी बंदिशों के चलते भी फैक्ट्रियों तक नहीं पहुंच पा रहे मजदूर
समस्या यह भी... मालिकों को भी प्लांट तक जाना हो रहा मुश्किल
आने वाले दिनों में घरेलू मांग बढ़ेगी तो हमें श्रमिकों की जरूरत होगी, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए श्रमिक जुटाना बहुत मुश्किल होगा।
एस पॉल, डॉयरेक्टर, वर्धमान यार्न
न केवल लेबर कम हैं, बल्कि उनका मेहनताना ज्यादा देना पड़ रहा है। हम बाहर से लेबर नहीं ला सकते। ऐसे में उत्पादन करना खासा चुनौतीपूर्ण है। अभी बहुत परेशानी हो रही है।
संजय खंडेलवाल, संचालक, विनिजन पॉलीफेब
समस्या लेबर की नहीं है, मंडीदीप में संचालित सारी कंपनियों के मालिक भी भोपाल में रहते हैं। उन्हें ही प्लांट तक पहुंचने में परेशानी हो रही है।
राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, मंडीदीप इंडस्ट्रियल एसो.
बेहतर हो कि उद्योग संचालक धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटने की कोशिश करें। सरकार ने ये बंदिशें सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखकर लगाई गई हैं।
जेएन व्यास, ईडी, एमपीआईडीसी
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि हम चाहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र में मंत्री बनें, परंतु इसका निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। राजपूत ने यह बात बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से चर्चा में कही। वे यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मिलने पहुंचे थे। राजपूत ने शर्मा से उपचुनाव को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिंधिया के नेतृत्व में 24 सीटों पर उपचुनाव जीतना हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अधिकार क्षेत्र में है। गौरतलब है कि लॉक डाउन के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार होना संभावित है। वर्तमान में मंत्रिमंडल में सीएम सहित छह मंत्री हैं। इनमें से राजपूत व तुलसी सिलावट सिंधिया खेमे के हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के आठ और बागियों के मंत्री बनने की संभावना है।
मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष से मुलाकात के बाद केदारनाथ बोले- सौ फीसदी मंत्री बनूंगा
भोपाल | सीएम शिवराज सिंह चौहान का पहला मंत्रिमंडल विस्तार भले ही लॉकडाउन तक टल गया है, लेकिन तमाम दावेदारों ने सियासी जोड़तोड़ शुरू कर दिया। सीधी से सीनियर विधायक केदारनाथ शुक्ला ने बुधवार को मुख्यमंत्री और बाद में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की। इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि मंत्रिमंडल विस्तार में आपको जगह मिलने की कितनी संभावना है तो शुक्ला बोले-100 फीसदी। शुक्ला के अलावा विंध्य से गिरीश गौतम, नागेंद्र सिंह नागोद और नागेंद्र सिंह गुढ़ के साथ रामलल्लू वैश्य भी दावेदारी कर रहे हैं।
लॉकडाउन फेज-3 का आज तीसरा दिन है,लेकिनहालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 3138 पर पहुंच गई। 185 की मौत हो चुकी है। इंदौर में 1681 और भोपाल में 627 संक्रमित हैं। हालात सामुदायिक संक्रमणजैसे हैं। जिन 43 जिलों में लॉकडाउन में ढील दी गई, वहां सोशल डिस्टेंसिंग नदारद दिखी। प्रदेश में रोज 3 हजार सैंपललिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले हफ्ते से रोज 3500 सैंपल लिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने बीते 5 दिन से पैंडिंग सैंपल कीजानकारी देने वाला कॉलमबुलेटिन में देना बंद कर दिया है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि पैंडिंग सैंपल की संख्या 15 हजार से ज्यादा हो सकती है।
भोपाल में बुधवार को 34 नए केस सामने आए, इसमें एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत भी शामिल है।इससे पहले मंगलवार को प्रदेश में108 नए संक्रमित मिले और 16 की मौत हो गई। मौतों का यह एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। भोपाल में 533 सैंपल की रिपोर्ट आई, इनमें36 पॉजिटिव मिले। दो जीएमसी के रेसिडेंट डॉक्टर हैं। एक सीनियर ऑफिसर की रिपोर्ट भी देर रात पॉजिटिव आने की खबर है। चार लोगों की मौत हुई है, इनमें एक मरीज राजगढ़ का था। भोपाल में कोरोना से मृतकों की संख्या 24 हो गई। कोरोना से लगभग मुक्त हो चुके शिवपुरी में 39 दिन बाद एक पॉजिटिव मिला। यहां अब तीन संक्रमित हैं। इनमें दो इलाज लेकर ठीक हो गए। ग्वालियर में पांच दिन बाद मंगलवार को दो नए मरीज मिले। यहां अब तक 11 मरीज संक्रमित हैं। इनमें 6ठीक हो चुके हैं।
मई के आखिरी या जून के पहले हफ्ते में हालात चरम पर होंगे
कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी चौंकाने वाली है,लेकिनअभी मरीजों की यह संख्याचरम पर नहीं मानी जा रही। आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। दिल्ली एम्स के निदेशक प्रो. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, देशमें मई के आखिरी या जून के पहले हफ्ते में कोविड-19 चरम पर पहुंच सकता है। लॉकडाउन के कारण अभी मरीज बढ़ने की दर कम रही है। दूसरी तरफ, एम्स के ही कम्युनिटी मेडिसिन के प्रो. संजय राय कहते हैं कि अभी इसी रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ती रहेगी। सितंबर से अक्टूबर में मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या हो सकती है।
कोरोना अपडेट्स
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 3138 संक्रमित: इंदौर 1681, भोपाल 605, उज्जैन 184, जबलपुर 109, खरगोन 79, धार 76, रायसेन 63, खंडवा 50, होशंगाबाद 36, मंदसौर 40, बुरहानपुर 38, बड़वानी-26, देवास 30, मुरैना 17, रतलाम 20, विदिशा 13, आगर मालवा 13, शाजापुर 8, ग्वालियर 7, सागर और छिंदवाड़ा 5-5, नीमच- श्योपुर 4-4, हरदा-अलीराजपुर-शहडोल-टीकमगढ़-अनूपपुर-शिवपुरी में 3-3, रीवा 2, बैतूल, डिंडोरी, अशोकनगर, पन्ना-निवाड़ी, सतना में एक-एक संक्रमित मिला। अन्य राज्य के 2 मरीज हैं।
राज्य सरकार से शराब कारोबारियों को मिले आश्वासन के बाद बुधवार दोपहर से प्रदेश में शराब की दुकानें खुल गईं। हालांकि दुकानों के खुलने की जानकारी लोगों को तक नहीं पहुंचने से भीड़भाड़ के नजारे आज देखने नहीं मिले हैं। खजुराहो में महिलाओं ने लाइन में लगकर शराब खरीदी तो कई लोग महीनेभर का स्टाॅक खरीदकर ले गए। जबलपुर में शराब पीकर लोग सड़क पर तमाशा करते नजर आए।
दो दिन से सरकार और शराब कारोबारियों के बीच तनातनी के बाद अंतत: बुधवार दोपहर से प्रदेश में शराब की दुकानें खुल गई। सरकार से मिले आश्वासन के बाद कारोबारी दुकानें खोलने राजी हुए हैं। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। सरकार को दो सप्ताह में जवाबदेना है। आज शराब कारोबारियों और आला अधिकारियों की बैठक के बाद दुकानें खोलने का निर्णय हुआ। सरकार ने ठेकेदारों की मांग पर तीन-चार दिन में विचार करने का आश्वासन दिया है। फिलहाल, लॉकडाउन के कारण सरकार ने सिर्फ ग्रीन जोन की दुकानें और ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट एरिया के बाहर की दुकानें खोलने की छूट दी है।
ठेकेदारों की सरकार से ये है मांग
प्रदेश के ग्रीन जोन वाले 24 जिलों में शराब की दुकान खोलने को लेकर शराब ठेकेदार तैयार हो गए हैं। बीते दो दिन से सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच बनी तकरार बुधवार को बैठक के बाद खत्म हो गई है। आबकारी विभाग के अफसरों के रुख के बाद शराब ठेकेदारों ने तत्काल शराब दुकान खोलने का फैसला लिया है। शराब ठेकेदारों ने सरकार से इस बात की मांग की थी कि जितना माल बेचा जाए उतनी ही ड्यूटी लगाई जाए। साथ ही बीते दो महीने में जो नुकसान हुआ है उसके कोटे से उन्हें बंधन मुक्त किया जाए। सरकार का आश्वासन मिलते ही ठेकेदारों ने अनुमति वाले सभी इलाकों में तत्काल शराब की दुकानें खोलने का ऐलान कर दिया।
ठेकेदारों के सुझाव
भोपाल में बुधवार को 34 नए केस सामने आए, इसमें एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत भी शामिल है। महिला तलैया थाना क्षेत्र की बताई जा रही हैं।भोपाल में अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या छह सौ के आंकड़े को पार करते हुए 605 हो गई है। वहीं कोरोना संक्रमण सेअब तक 20 मौतें हो चुकी हैं। बुधवार को आए नए कोरोना पॉजिटिव में 13 मामले जहांगीराबाद, 4 मंगलवार, 5 कोहेफिजा के संक्रमितशामिल हैं। शहर के हॉटस्पॉट बने जहांगीराबाद में संक्रमितों की संख्या 100 पार चुकी है। यहां पर लगातार सैंपलिंग की जा रही है, जिससे मरीजों की तादात में इजाफा हो रहा है। वहीं, कंटेनमेंट एरिया मंगलवारा और कोहेफिजा में भी मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।
रायसेन में कोरोना से मिली राहत, 20 रिपोर्ट निगेटिव आईं
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के अनुसार कोरोना पॉजीटिव तीन मरीजों की भोपाल के अस्पतालों में मृत्यु हुई है। इनके अतिरिक्त 22 मरीजों को उपचार उपरांत स्वस्थ्य होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। कोविड केयर सेंटर रायसेन में 24 मरीजों को रखा गया है। रायसेन नगर के कंटेनमेंट एरिया वार्डो, औबेदुल्लागंज और ग्राम मकोड़िया, शीतल टाउन ्शिप मंडीदीप, रायसेन तहसील के ग्राम अल्ली तथा मासेर कंटेनमेंट एरिया में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है।
जिले में 64 कोरोना पॉजिटिव
जिले से अभी तक कुल 946 संदिग्ध मरीजों के सेम्पल जांच के लिए भेजे गए है। जिनमें जिले के 56 तथा जिले से बाहर 08 मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव है। इसी प्रकार 799 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव है तथा 58 सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है। इनके अतिरिक्त 32 सैंपल रिजेक्ट हो गए हैं। जिले के विभिन्न संस्थागत कोरेंटाइन सेंटर में 214 संदिग्ध व्यक्तियों को रखा गया है।
देश के दो स्थानों पर बने ऊपरी हवाओं में चक्रवात के प्रभाव के साथ-साथ बंगाल और अरब सागर की ओर से आ रही नमी के कारण मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल समेत एक दर्जन स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान है। मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करने वाले सिस्टम देश के कई स्थानों पर बनने की वजह से मौसम का मिजाज बदलता है। इससे कारण प्रदेश में बुधवार कोकई स्थानों पर आंशिक बादल छाए रहे और तेज हवाएं चलती रहीं। राज्य के सीधी, दमोह में हल्की बारिश हुई। भोपाल में तेज हवाओं के बीच आसपास कई स्थानों पर बूंदाबांदी हुई है।
भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उससे सटेे हरियाणा के बीच ऊपरी हवाओं में बने चक्रवात के साथ एक अन्य चक्रवात पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर इससे सटे बिहार तक बना हुआ है। इसके परिणाम से प्रदेश के मौसम का मिजाज बदला है। इस कारण राजधानी भोपाल, चंबल, ग्वालियर संभाग में आने वाले जिले के अतिरिक्त नीचम, मंदसौर, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, सागर, छतरपुर और टीकमगढ़ जिले में अगले 24 घंटों के दौरान कहीं-कहीं हल्की वर्षा, कहीं गरज चमक की स्थिति तो कहीं बौछारें पड़ने का अनुमान है।
आगे क्या : दो दिन तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा
उन्होंने बताया कि इन सभी स्थानों पर यह भी आंशका है कि 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की दर से तेज हवाएं चल सकती है। शेष राज्य के अन्य स्थानों पर मौसम का मिजाज शुष्क बने रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कम से कम दो दिन तक मौसम में विशेष परिवर्तन होने के आसार नही है। विशेषकर शाम के समय मौसम की गतिविधियों का प्रभाव ज्यादा देखने को मिल सकता है। उन्होंने बताया कि देश के तीन स्थानों पर कल बने सिस्टम के प्रभाव के चलते ही राज्य के रीवा, सागर, ग्वालियर, एवं चंबल संभाग में आने वाले जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा दर्ज हुई है। बाकी राज्य के शेष संभाग के जिलों में मौसम शुष्क बना रहा।
गुरुवार को भी बादल छाए रहेंगे, कहीं-कहीं बूंदाबांदीहोगी
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के ग्वालियर तथा शहडोल संभागों में आने वाले जिलों में अधिकतम तापमान काफी गिरे तथा शेष संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नही हुआ। राज्य के खरगोन में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। राजधानी भोपाल मेंदोपहर के बाद से रूक-रूककर तेज हवाएं चलती रही। इससे सूर्य की तेज किरणों का असर फीका पड़ने से गर्मी का असर कम रहा। यहां गुरुवार को आकाश की स्थिति आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
मध्यप्रदेश में परिवहन आयुक्त वी.मधुकुमार ने सभी परिवहन अधिकारियों को यात्री वाहन और मालयानों की चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं।मधुकुमार ने कहा कि इससे प्रवासी मजदूरों के अवैध परिवहन एवं मोटरयान अधिनियम का उल्लंघन करने से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। इसलिए इस पर रोक लगाने के लिएसभीवाहनों की चेकिंग जरूरी हहो गई है। उन्होंने कहा है कि सभी कर्मचारी-अधिकारी मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी वाहनों के दस्तावेजों की वैधता संबंधी एडवायजरी का भी पालन सुनिश्चित करें।
सतना और ग्वालियर में हुई कार्रवाई
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवश्यक वस्तुओं के निर्बाध परिवहन के लिये प्रदेश में किसी भी मालयान का रोकना निषेध किया गया था, परंतु कुछ मालयान चालकों/मालिको द्वारा इस आदेश का दुरूपयोग कर एक राज्य से दूसरे राज्य के मध्य प्रवासी मजदूरों का अवैध परिवहन करने के साथ ही मजदूरों से किराया भी वसूल किया जा रहा है। इस संबंध सतना और ग्वालियर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करवाहन चालकों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन स्थितियों के मद्देनजर वाहनों की चेकिंग का निर्णय लिया गया है।
मजदूरों के अवैध परिवहन से संक्रमण का खतरा
5 मई को ग्वालियर में अवैध रूप से प्रवासी मजदूरों को लाया जा रहा था, इसमें प्रति यात्री 2500 रुपए किराया वसूल किया गया। इस वाहन के विरूद्ध भी पुलिस में एफआईआरदर्ज की गई है। मोटरयान चालकों/मालिकों द्वारा गरीब मजदूरों का शोषण किया जा रहा है, वहीं अवैध रूप से मजदूरों को लाए जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वाहनों की चेकिंग नहीं होने से ये मामले बढ़ रहे हैं और इनकी शिकायतें भी हो रही हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कहीं भी इलाज में गैप न हो, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ पूरी क्षमता से कार्य करें। कोरोना के उपचार के लिए डेडीकेटेड अस्पतालों में रोगियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएं। विशेष रूप से उज्जैन में ट्रामा सेंटर में उपचार का कार्य प्रारंभ करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रोगियों की स्थिति पर निरंतर नजर रखी जाए, जो रोगी आईसीयू अथवा वेंटीलेटर पर हैं उनके उपचार के लिए आवश्यक हो तो इंदौर और भोपाल से भी विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त की जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर समीक्षा बैठक के दौरान ही अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने एम्स भोपाल से चिकित्सा विशेषज्ञ को उज्जैन रवाना होने के निर्देश प्रदान किए। समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई।राज्य के कुछ स्थानों जहां पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ गई थी। अब वहां स्थिति नियंत्रित हो रही है। ऐसे जिलों में धार, खरगोन और रायसेन जिले शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन जिलों की जानकारी विशेष रूप से प्राप्त की।
गंभीर रोगी का तत्परता से इलाज हो
कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने का कार्य बड़े स्तर पर जारी है। अभी तक करीब 70 हजार श्रमिक प्रदेश में वापस लाये जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल-रूम आईसीपी केशरी ने जानकारी दी है कि मुख्य रूप से आज गुजरात से 2 हजार लोग लाये गये हैं। वापस लाये गये श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उनके गृह स्थानों में भेजा जा रहा है।
केशरी ने बताया है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे मध्यप्रदेश के ही करीब 45 हजार श्रमिकों को पिछले 10 दिनों में उनके गृह स्थान पहुंचाया गया है। महाराष्ट्र से श्रमिकों को लेकर 5 मई को एक ट्रेन रवाना हुई है। महाराष्ट्र से ही 6 मई को 3 ट्रेन और केरल से एक ट्रेन रवाना होगी। महाराष्ट्र से कुल 22 ट्रेन मध्यप्रदेश आयेंगी। तेलंगाना से 2 ट्रेन आयेंगी। हरियाणा से 2 ट्रेन और दिल्ली से एक ट्रेन 7 मई को रवाना होगी। शेष ट्रेनों को भी शीघ्र चलवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
रेलवे को एक करोड़ रुपए की राशि दी गई
अपर मुख्य सचिव आई.सी.पी. केसरी ने बतायाकि अन्य राज्यों से श्रमिकों की वापसी का कार्य निरंतर चल रहा है । इसके लिए रेलवे को एक करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है। कुछ ट्रेंस अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश के लिए आने वाले 3 दिन में रवाना की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के श्रमिकों से किसी भी स्थिति में किराए की राशि नहीं ली जाए। बैठक में बताया गया पंजाब और तेलंगाना राज्यों ने श्रमिकों का किराया खुद वहन करने की सहमति दी है। प्रदेश के लगभग 70,000 श्रमिक द्वितीय चरण में इस सप्ताह वापस लौटेंगे। प्रथम चरण में करीब 70,000 श्रमिक मध्य प्रदेश वापस आ चुके हैं।
काेराेनावायरससे बचाव के लिए लॉकडाउन-3 लागू किया गया। इधर, लोगों को सहूलियत देने के लिए नियमों में थोड़ीढील दी गई। लेकिन,बाजार और सार्वजनिक जगहाें पर लाेगाें की लापरवाही सामने आरही है। ब्यावरा में भीड़ राेकने के लिए एक दिन पहले सोमवार को साप्ताहिक हाट बाजार निरस्त किया गया था। अगले ही दिन मंगलवार को बाजार में हाट-बाजार से ज्यादा भीड़ उमड़ पड़ी। इस भीड़ काे रोकने के लिए न तो पुलिस- प्रशासन का अमला तैनात रहा और न ही लोगों ने समझदारी दिखाई।
व्यापारियों ने भी अपनी दुकान पर आए लाेगाें के बीच सामाजिक दूरी बनाने जैसे कोई उपाय नहीं किए। सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करती ब्यावरा और राजगढ़ की यह तस्वीरें बाजार, राशन दुकानों और बैंक के पास दिखाई देना अब जैसे आम बात है।
यहां वीरपुर डैम रोड स्थित फ्रीगंज में घर में सोते वक्तशादीशुदाबेटी और उसकीमांकी हत्या कर दी गई। घटनासोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात की है। पुलिस ने दामादको हिरासत में लिया है। उससेपूछताछ की जारही है। उसका कहना है कि रात में वह घर नहीं गया। बताया जा रहा है किछोटी बच्चीने पुलिस को बतायाकि पापा मम्मी की छाती पर बैठकर मार रहे थे।पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या की वजह अवैध संबंध हो सकते हैं।
मंगलवार सुबह 9.30 बजेडायल 100 पर सूचना मिली कि बिलकिसगंज के पास फ्रीगंज मोहल्ला में दो लोगों की हत्या हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि बाहर वाले कमरे में 26 साल की सुमन मृत अवस्था में पड़ी है। अंदर वाले कमरे में सुमन की मां लीलाबाई (45 साल) का शव पड़ा था। लीलाबाई की गर्दन पर बांई तरफ कुल्हाड़ी से हमला करने का घाव था। पुलिस ने पड़ोसियों से घटना को लेकर पूछताछ की। लेकिन, कोई सुराग नहीं मिला।
हालांकि, संदेह के आधार पर पुलिस ने सुमन के पति राजमल राठौर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।लेकिन, देर शाम तक पुलिस हत्या की वजह नहीं बता सकी। बताया जाता है कि सुबहराजमल का भाई दूध लेकर वहां गया था।सबसे पहले उसने देखा कि घर में दोनों की हत्या हो गई। इसके बाद उसने राजमल और अन्य को बताया।
महिला की बेटी घर में थी और बेटे पास के गांव में
बताया जाता है कि सुमन के तीन बच्चे हैं। इनमें एक 4 साल बेटीघर में ही घटना के वक्त साथथी। मंगलवार को जब पुलिस पहुंची तो बच्ची बहुत डरी और सहमी हुई थी। जबकि सुमन के दो अन्य बेटे अपने पिता के साथ दूसरेगांव गए थे। पड़ोसियोंने बताया कि फ्रीगंज में यह मकान राजमल ने अपनी सास लीलाबाई के सहयोग से बनाया था। लेकिन, अक्सर राजमल अपने गांव पर रहता था और फ्रीगंज में सुमन और उसकी मां रहते थे। सूत्रों के अनुसार, सुमन की बेटी का कहना है कि पापा छाती पर बैठकर मार रहे थे। पुलिस के अनुसार, राजमल राठौर का कहना है कि वह रात के समय घर नहीं गया।
अभी जांच की जा रही है
सीहोर केएडि. एसपीसमीर यादव ने बताया किपुलिस हर पक्ष पर बारीकी से जांच कर रही है। महिला के पति से भी पूछताछ की जा रही है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
मेडिकल स्टोर से सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार की दवा लेकर खाने वालों पर भी अब प्रशासन नजर रख रहा है। खासकर जहांगीराबाद, ऐशबाग, तलैया, टीला जमालपुरा, कोतवाली, अशोका गार्डन, स्टेशन बजरिया थाना क्षेत्रों में स्थित मेडिकल स्टोर संचालक ऐसे लोगों के नाम-पते नोट कर रहे हैं, जो इन बीमारियों की दवा खरीद रहे हैं। स्टोर संचालक ऐसा ड्रग इंस्पेक्टर्स के निर्देश के बाद कर रहे हैं, ताकि दवा लेकर इन बीमारियों को दबाया न जाए। क्योंकि संभव है कि आगे चलकर वह कोविड-19 में तब्दील हो जाए। पिछले कुछ दिनों में ही प्रशासन ने ऐसे करीब 125 लोगों का कोविड-19 टेस्ट करवाया है, जिन्होंने मेडिकल स्टोर्स से इन बीमारियों की दवा खरीदी है।
कंटेनमेंट जोन प्रभारी पंकज कुमावत (आईपीएस) के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में शामिल होने के बाद भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो कोविड-19 टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। इसलिए प्रशासन के निर्देश के बाद ड्रग इंस्पेक्टर्स की मदद ली जा रही है। स्टोर संचालक अब ऐसे लोगों के नाम-पते नोट कर रहे हैं, जो बगैर डॉक्टर की पर्ची के सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार की दवा लेने आ रहे हैं। ये नाम-पते रोजाना ड्रग इंस्पेक्टर्स से इन लोगों के नाम-पते शेयर कर रहे हैं ताकि उन लोगों का कोविड-19 टेस्ट करवाया जा सके। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों की सैंपलिंग करवाना है, ताकि उन्हें भविष्य में गंभीर बीमारी का शिकार होने से बचाया जा सके।
अतिसंवेदनशील... जोन में मेडिकल स्टोर संचालकों की ले रहे मदद
राजधानी के अति संवेदनशील कंटेनमेंट जोन के दायरे में आने वाले मेडिकल स्टोर्स की सूची तैयार की गई है। सभी दवा स्टोर संचालकों को इलाके के ड्रग इंस्पेक्टर के नंबर शेयर करवाए गए हैं।
41 अतिसंवेदनशील कंटेनमेंट जोन
जिले में अब तक 205 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। इनमें 41 को अतिसंवेदनशील माना गया है। इन क्षेत्रों में कोतवाली, शाहजहांनाबाद, कोहेफिजा, टीला जमालपुरा, हनुमानगंज, तलैया, टीटी नगर, कमला नगर, जहांगीराबाद, हबीबगंज, बजरिया, ऐशबाग, अशोका गार्डन, गोविंदपुरा, पिपलानी, छोला मंदिर, ईटखेड़ी, निशातपुरा, कोलार रोड और नजीराबाद की कुछ बस्तियां शामिल हैं।
अतिसंवेदनशील जोनपर एसआई बने प्रभारी
अति संवेदनशील जोन में शामिल 41 कंटेनमेंट जोन पर एक-एक सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है। ये प्रभारी अपने-अपने इलाके के टीआई-सीएसपी को रोजाना रिपोर्ट करेंगे। इसके लिए वायरलेस सेट पर एक अलग चैनल तैयार करवाया गया है, जिस पर केवल कोविड-19 से जुड़े संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। हर कंटेनमेंट जोन प्रभारियों की मदद के लिए एक-एक नगर निगम और प्रशासन के अफसर भी तैनात किए जा रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी इलाके में सैनिटाइजेशन और होम डिलीवरी की आपूर्ति कराना होगी।
प्रदेश में शराब दुकानें खुलेंगी या नहीं, इसे लेकर राज्य सरकार और ठेकेदार आमने-सामने आ गए हैं। ठेकेदार लॉकडाउन में दुकानें नहीं खोलना चाहते, जबकि सरकार ग्रीन जोन वाले 24 जिलों में राजस्व जुटाने दुकानें खोलने का आदेश दे चुकी है। सरकार ने ठेकेदारों को स्पष्ट कर दिया है कि यदि वे जिद पर अड़े रहे तो दूसरे विकल्पों पर विचार करेंगे। संभवत: ठेके रद्द भी किए जा सकते हैं। दूसरी ओर, हाईकोर्ट ने भोपाल, इंदौर समेत कई जिलों के 30शराब ठेकेदारों की याचिका पर सरकार से पूछा है कि जब लॉकडाउन में शराब दुकानें खोलने का समय सरकार ने कम कर दिया है तो इनके ठेकों की पूर्व निर्धारित बिड राशि क्यों नहीं घटाई। कोर्ट ने आबकारी आयुक्त व सरकार को नोटिस जारी कर 19 मई तक जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि निविदा के वक्त 14 घंटे शराब दुकानें खोलने
की अनुमति थी, जबकि सरकार ने अब 4-5 घंटे दुकानें खोलने का आदेश दिया है।
दिल्ली जैसी व्यवस्था संभव नहीं, क्योंकि...
हमारी आबकारी नीति अलग है। 70% ड्यूटी नहीं लगा सकते। ठेके बंटने के पहले दरें तय होती हैं। एक्साइज ड्यूटी दरों पर लगती है। शराब नीति में साफ है कि कोटे के हिसाब से शराब उठाने पर पहले 5% और बाकी 95% 15 दिन में जमा करना होंगे। नीति में ठेकेदार को तय कोटे की शराब उठानी पड़ेगी। लॉकडाउन में कोटे की 50 फीसदी बिक्री हो, लेकिन एक्साइज ड्यूटी पूरे कोटे की भरना होगी।
सरकार को मार्च-अप्रैल में 1800 करोड़ रु. के राजस्व का नुकसान
तकरार क्यों : सरकार इसलिए दुकान खुलवाना चाहती है क्योंकि दो माह में उसे 1800 करोड़ रु. राजस्व का नुकसान हुआ, मई में एक हजार करोड़ का नुकसान होगा। ठेकेदार इसलिए परेशान हैं क्योंकि उन्हें मिनिमम गारंटी कोटा में तय शराब खरीदनी पड़ेगी, लेकिन उतने खरीदार नहीं होंगे। एक्साइज ड्यूटी तय चुकाना पड़ेगी। कोटे से स्टॉक बढ़ेगा। मिनिमम कोटा मतलब मई का टारगेट देखा जाए तो 10% के हिसाब से ठेकेदारों को ड्यूटी के एक हजार करोड़ रु. चुकाने होंगे।
सरकार का पक्ष-गृह मंत्री नरोत्तम मिश्राने जैसा कहा
ठेकेदारों का पक्ष-मप्र लिकर एसो. के सचिव राहुल जायसवाल बोले
समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण के समक्ष 14 अप्रैल 1972 को मुरैना के जौरा में महात्मा गांधी की तस्वीर के सामने आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व दस्यु मोहर सिंह का 86 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। वह 60 के दशक में चंबल के सबसे बड़े गिरोह के मुखिया थे। मोहर ने जेपी से बोला था कि बाबूजी सबसे पहले मैं आपके पास आया हूं, पहला सरेंडर तो मेरा ही होगा। एक खूंखार दस्यु के हृदय परिवर्तन की 48 वर्ष पुरानी इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने दैनिक भास्कर को मोहर का वह साक्षात्कार मुहैया कराया जो, उन्होंने आत्मसमर्पण से पूर्व लिया था। उन्होंने पूर्व संपादक स्व. प्रभाष जोशी, गांधीवादी स्व. अनुपम मिश्रा के साथ इस घटनाक्रम पर एक पुस्तक ‘चंबल की बंदूकें गांधी के चरणों में’ भी लिखी है।
पुलिस लट्ठ देत थी, गांव बालन ने जमीन छिनाय लई तासे बागी बन गए
सवाल : बीहड़ में कितने वर्ष से हैं?
तेरह साल हो गए।
सवाल : बागी कैसे बन गए?
बागी हम ऐसे बन गए कि पुलिस रोज लट्ट देत थी और हमें थाने में बेंड़ देत थी।
सवाल : आप बागी कैसे बने?
जमीन छुड़ाई लई हमाई सगरी। लट्ठ से सिर फोड़ दओ। जटपुरे गांव की बात है पाल्टी बन्दी भई, गांव बालन ने लट्ठ से जमीन छिनाय लई, तासे बागी बन गए।
सवाल : गिरोह में कितने लोग हैं।
सैंतीस।
सवाल : ये जीवन कैसा लगता रहा?
नीको नाय लगत। बुरो लगत।
सवाल : हाजिर होने की बात आपसे किसने कही।
हमसे कई जे तहसीलदार दद्दू बैठे हैं, पुजारी हैं, रामदेव शर्मा, लोकमन, महाबीर।
सवाल : आपको इनकी बात अच्छी क्यों लगी?
अच्छी क्यों लगी? जनता में हम भी सामिल हैं। फायदा है, अपन आराम में रहेंगे जीवन बितीत करेंगे और का फायदा है?
सवाल : साथियों को कैसा लगा?
सबको अच्छौ लगौ। अच्छौ काम है। सबको अच्छौ लगो।
सवाल : आपने अपने साथियों को समझाया कैसे?
हमने जई बताई कि चलो अपने बच्चों में रहेंगे, अपने भाई-बन्धों में रहेंगे सब।
सवाल : विनोबाजी को देखा है?
हां। पहले जब आए। दौड़ा करो जब उनने तब देखो है। बिनके साथ हम दो घण्टा जेल में बिडे सो दो घंटा देखे।
सवाल : वे कैसे आदमी है?
विनोबाजी महात्मा हैं, बिनकी सबई बातें अच्छी लगत हैं।
सवाल :जयप्रकाश जी की?
सोई उनकी
तब जेपी से बोला था मोहर
सवाल : आपकी कैसी बंदूक है?
बन्दूक हम पै ऑटोमेटिक है।
सवाल : उसकी विशेषता क्या है?
चन्ती ना, बन्द रहत है।
सवाल : आप कितने दिनों बाद अपने गांव आए हैं?
तेरा साल बाद।
सवाल : इससे पहले कभी सुख की नींद सोए हैं?
नई! भगतई रहे हम तो।
सवाल :अब गांव वालों से मिले हैं, कैसा लगा आपको ?
भौत अच्छौ लगौ।
सवाल :आप दो दिन बाद आत्म समर्पण करने वाले हैं तो आपके मन में कैसे विचार आ रहे हैं, कैसा लग रहा है आपको?
हमको तो भौत अच्छा लग रहा है। जेल में जाएंगे, आराम में रहेंगे, भजन करेंगे। छूट जाएंगे तो अपने बुखरुआ हांकेंगे, खेती करेंगे।
सवाल :जेल से छूटने पर समाज की कटुता यदि बनी हो तो उसे कैसे हल करेंगे?
प्रेम सेईं हल करेंगे।
सवाल : कौन-सा धर्मग्रन्थ अच्छा लगता है?
रामायण अच्छी लगत है। पढ़ी तो मैं नाय, सुनी है चौपाई कोउ याद नाय हमें भैया।
सवाल : लिखने पढ़ने की इच्छा भी होती है?
होत तो हती लेकन पढ़ै नई हैं। हमतो भैंस चरावत ते। पढ़त कांते।
सवाल : पढ़ने का मौका मिलेगा तो पढ़ेंगे। सीख जाएंगे तो क्या पढ़ेंगे?
हां बिलकुल। फिर रामायण पढ़ेंगे। और का पढ़ेंगे।
सवाल : आपको देश विदेश की खबरें कैसे पता चलती थीं?
हां हां। अखबारों से पता चलत्तौ दुनिया कौ। जे मैं ना जनतौ कहां से आत ते।
सवाल : रेडियो भी सुनते होंगे?
हां हां। समाचार और भाषण भी सुन लेत ते, गानउ थोरे भौत सुन लेत ते।
सवाल : आपने शहर कितने सालों से नहीं देखा।
कबहूं नाय देखौ। गांव में रहत थे पहले तो हम।
सवाल : ऊंची पहाड़ी से आपने शहर की बिजली वगैरह तो देखी होगी?
सो तो देखी है। भौत अच्छी लगत ती। भां तो उजेरो होतौ खूब। सहर के बारे में कहत हैं कि अच्छी गली-फली है। अच्छौ बजार है। अच्छी दुकान-फुकान धरी है। पेड़ा, फेरा, जलेबी-फलेबी खायवे के खातर।
सवाल : सिनेमा वगैरह तो आपने देखा नहीं होगा?
नाय, कबहूं नाय देखा। इच्छा तो होत ती पर देखत कैसे। इच्छा होत तो खूब है मनो पहुंचो तो, जाय तबई तो।
164 बागियों ने किया था आत्मसमर्पण
मोहर सिंह ने जब आत्मसमर्पण किया तब उनकी उम्र करीब 37 वर्ष थी। उन्होंने अपनी एसएलआर बंदूक और 200 कारतूसों के साथ सरेंडर किया था। उनके साथ मोहर सिंह गैंग के कुल 44 बागियों ने महात्मा गांधी की तस्वीर के सामने हथियार डाले थे। 14 और 16 और 17 दिन यह आत्मसर्मपण की कार्यवाही चली और कुल 164 बागियों ने आत्मसमर्पण किया था।