टोडरा पंचायत के स्कूल के टॉयलेट में शरण लेने को मजबूर सहरिया आदिवासी परिवार के मामले ने सोमवार को भारी तूल पकड़ लिया। कांग्रेस के आला नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीटर पर बयानों की झड़ी लगाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। खुद कलेक्टर एस. विश्वनाथन, एसपी तरुण नायक और अपर कलेक्टर लोकेश जांगिड़ इस परिवार से मिलने पहुंचे। पंचायत के तमाम कर्मचारियों से पूछताछ हुई और अब उन पर कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है। परिवार को फिलहाल देवीपुरा के उसी स्कूल के कमरों में क्वारेंटाइन कर दिया गया है, सोमवार को जिसके टॉयलेट में उन्हें रहने को मजबूर होना पड़ा। इस दौरान कलेक्टर-एसपी ने गांव के लोगों और परिवार के अन्य परिजनों से बात की। पर लोगों के मन में बैठे डर को देखते हुए फिलहाल परिवार को अलग ही रखने का फैसला किया गया।
यह परिवार शनिवार को राजगढ़ से आया था। इसकी जानकारी पंचायत स्तर के अमले को मिल गई थी। फिर भी उन्होंने परिवार को किसी सरकारी भवन या उसके अपने घर में क्वारेंटाइन करने के लिए प्रयास नहीं किए। मजबूरी में इस परिवार को देवीपुरा के प्राइमरी स्कूल भवन के टॉयलेट में शरण लेना पड़ी। यहां का फोटो वायरल हो गया। इसे लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री द्वय पीसी शर्मा और जीतू पटवारी ने सरकार को आड़े हाथों लिया।
3 साल बाद बमोरी में फिर से रक्तदान शिविर लगा, इस बार लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की कमी से स्थिति बिगड़ी हुई है। इसी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र से भी रक्त जुटाने के लिए कलेक्टर एस विश्वनाथन ने योजना बनाई। इसके बाद बमोरी के उत्कृष्ट विद्यालय में शिविर का आयोजन सोमवार सुबह से ही किया गया। पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी सबसे पहले पहुंचे। उन्होंने यहां सूचना लगा दी कि बिना मास्क के कोई भी शिविर स्थल पर न आए। बमोरी थाना, तहसील और स्वास्थ्य विभाग का अमला जुटा। सबसे पहले रक्तदान कौन करें? इसे लेकर चर्चा चलती रही। इसी बीच हाल में पदस्थ हुई नायब तहसीलदार सेलजा मिश्रा ने रक्तदान की इच्छा जताई। फिर तो एक के बाद एक अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीण भी आगे आ गए। गांव की ही एक महिला पति को लेकर पहुंची, बोली कि हम दोनों भी रक्तदान करेंगे क्योंकि मेरी जिंदगी भी इसी से 4 साल पहले जिला अस्पताल में बची है। इसमें खास बात ये हैं कि गुना में 10 दिन पहले लगे शिविर में 57 यूनिट ब्लड आया था पर गांव में यह आंकड़ा 107 पर पहुंच गया।
सीजर हुआ था, तब 5 यूनिट ब्लड गुना से मिला था : बमोरी निवासी रचना वर्मा अपने पति मुरली वर्मा को लेकर रक्तदान शिविर में पहुंची। उसने बताया कि हम दोनों पहली बार रक्तदान करने आए हैं। महिला ने कहा कि 4 साल पहले जिला अस्पताल में सीजर से डिलेवरी हुई थी। उस समय मुझे 5 यूनिट रक्त ब्लड बैंक से चढ़ा था, तब मेरी जिंदगी बची थी। तभी से सोच रही थी कि मुझे भी इस महादान में शामिल होना है। लेकिन बमोरी में शिविर लगने से मौका मिला। महिला ने अपने पति के साथ रक्तदान किया। इसका असर यह हुआ कि गांव के अन्य लोग भी आगे आ गए।
कलेक्टर की अपील करें रक्तदान: कलेक्टर एस विश्वनाथन ने लोगों से अपील की, वह ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें। क्योंकि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इसे स्टोरेज करके रखा जाता है। ज़रूरत पड़ने पर इससे कई लोगों की जिंदगी बताई जाती हैं।
3 साल पहले ग्रामीण अंचल में हुई थी शुरुआत
जिले में पहले सिर्फ शहर से ही रक्तदान शिविर लगाए जाने की परंपरा थी। लेकिन पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी वर्ष 2017 में शिविर लगवाने शुरु किए। इसके बाद वह रिटायर्ड हो गए तो यह कार्य रुक गया। हालांकि कलेक्टर के दिशा-निर्देश मिलने के बाद फिर से इसकी शुरुआत उनके ही द्वारा की गई।
ग्राम पंचायत परिसर में भोर के प्रहरियों का सम्मान किया। कस्बे में समाचार पत्र वितरक मोतीसिंह, रामेश्वरलाल शर्मा, विष्णुदत्त शर्मा काे उपरना ओढ़ाकर आर्थिक संबल देकर सरपंच श्यामलाल शर्मा ने सम्मान किया।
इस दौरान बाबूलाल मूंदड़ा, राजेंद्र शर्मा, नरेंद्रसिंह जवासिया, तेजसिंह नरूका, वार्डपंच बनवारीलाल माली, मदनलाल रैगर, राजेंद्रकुमार पाराशर, मुकेश कुमार खटीक, प्रतिनिधि कालूसिंह संजय जैन सम्मान किया। सरपंच शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में इन भोर के प्रहरियों की बदौलत ही हमे सुबह घर बैठे देश दुनिया के बारे में सटीक जानकारी अखबारों के माध्यम से मिल रही है। समाचार पत्र वितरक मोतीसिंह बेटे के माध्यम से व अन्य वितरक रामेश्वरलाल शर्मा स्वयं सुबह बस्सी जाकर अखबार लेकर विजयपुर में घर घर पाठकों को पहुंचाते हैं।
कपासन-रूपाखेड़ी में डेयरी चेयरमैन व पूर्व विधायक बद्रीलाल जाट द्वारा दुग्ध उत्पादन समिति पर मास्क वितरण कर वरिष्ठ पत्रकार को सम्मानित किया गया। आयुर्वेदिक विभाग के दिनेशचंद्र शर्मा के निर्देशन में 65 जड़ी बूटियों से काढ़ा बनाकर वितरित किया। आयुर्वेदिक विभाग एवं डेयरी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अब तक 49 हजार मास्क वितरित किए जा चुके हैं वहीं एक लाख 56 हजार लोगों को घर-घर जाकर काढ़ा पिलाया गया। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पथिक का सम्मान किया गया। इस अवसर पर पूर्व प्रधान मोहब्बतसिंह राठौड़, कैलाश बारेगामा, सरपंच लक्ष्मण कीर, डेयरी सुपरवाइजर बद्रीलाल छापरी, संदीप चौधरी, पटवारी विकास कुमार, ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल बैरवा आदि मौजूद थे।
कोरोना महामारी के संक्रमण काल में पूरा प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है। इस दौर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी भूमिका सबसे प्रभावी ढंग से निभा कर मिसाल पेश कर रहे हैं।
कई कर्मचारी तो महीने भर से बिना अवकाश के कोरोना के खात्मे का बीड़ा उठाए हुए हैं। वहीं ड्यूटी कर रहे चिकित्सक भी अपने घर में छोटे बच्चों व बुजुर्ग माता-पिता को छोड़कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उनके साहस और समर्पण को सलाम करते हुए उनसे बात की गई।
तकनीकी सहयोग प्रदाय कर रहे अल्ताफ अली: चाई संस्था के जिला कोर्डिनेटर अल्ताफ अली जिला स्वास्थ्य विभाग को लॉक डाउन से ही लगातार तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहे हैं। इसमें वह जिला कार्यक्रम प्रबंधक बीजू थॉमस एवं जिला एपीडिमियोलॉजिस्ट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रतिदिन 12 घंटे समय दे रहे हैं। तकनीकी सहयोग के तहत विभिन्न प्रकार के रिपोर्टिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट करने में सहयोग प्रदान करना, विभिन्न आंकड़ों को जिले से एकत्रित करने एवं उन्हें कंपाइल करने में सहयोग कर रहे हैं। श्री अली जिले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत विभिन्न डोनर एवं तकनीकी एजेंसियों में से इकलौते कोर्डिनेटर हैं जो ऑफिस में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
फाइटर की भूमिका निभा रहे 108 प्रभारी के सत्येंद्र शर्मा
जिले में विदेश से आए व्यक्तियों को मार्च से लगातार 28 दिन तक के लिए होम क्वारेंटाइन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। क्वारेंटाइन सेंटर के नोडल अधिकारी डाॅ. एडी विंचुरकर के साथ 108 प्रभारी के रूप में प्रतिदिन क्वारेंटाइन में आए हुए व्यक्तियों की देखरेख व समन्वय स्थापित कर गंभीर मरीजों को रेफर मेडिकल काॅलेज व जिला चिकित्सालय में भर्ती कराना। कोरोना के एक संदिग्ध मरीज को टास्क के रूप में रेफरल मरीज को 108 के माध्यम से रात्रि 11 बजे गजराजा मेडिकल काॅलेज के पूर्व अधीक्षक डाॅ. अशोक मिश्रा से समन्वय स्थापित कर रात्रि 3 बजे संबंधित मरीज को सुपर स्पेशलिटी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया तथा निरंतर संपर्क बनाकर उसका उपचार कराया गया। वर्तमान में वह व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ्य है। आकस्मिक सेवा में शामिल एंबुलेंस के कर्मचारी, ड्राइवर, ईएमटी से समन्वय स्थापित करना पड़ता है।
बुजुर्ग मां-बाप व 4 साल की बेटी को छोड़कर डाॅक्टर दंपती ने निभाया कर्तव्य
डाॅ. अनूप सोनी आयुष चिकित्साधिकारी भदौरा 24 मार्च से लगातार मोबाइल मेडिकल यूनिट में कार्यरत हैं। इनके द्वारा काॅल आने पर अलग-अलग ग्रामों में जाकर बाहर से आए यात्रियों एवं बीमार व्यक्तियों की जांच एवं उपचार किया जा रहा है। अभी तक कुल 930 व्यक्तियों की जांच एवं उपचार के साथ ही होम्योपैथिक औषधि आर्सेनिक एल्वा 30 का वितरण किया। पत्नी डाॅ. निकिता सोनी आयुष चिकित्साधिकारी आरबीएसके गुना शहरी द्वारा टेलीमेडीसिन के द्वारा चिकित्सीय परामर्श एवं सुझाव 24 मार्च से लगातार दी जा रही है एवं 181 पर आई शिकायतों का निवारण एवं लोगों को कोरोना से बचाव के सुझाव एवं मरीजों को औषधि आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। डाॅ. सोनी बताते हैं घर में एक 4 साल की बेटी एवं बुजुर्ग डायबिटिक माता एवं पिताजी हैं, जिन्हें घर में अकेले छोड़कर दोनों को एक ही समय में घर के बाहर ड्यूटी पर जा रहे हैं।
आईसोलेशन वार्ड में जिम्मेदारी से सेवाएं दे रहीं नमिता खादिकर
जिला चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड में अभी तक 103 कोविड-19 के संभावित मरीजों को भर्ती किया गया। 23 अप्रैल से आइसोलेशन वार्ड प्रभारी नमिता खादिकर लगातार अपनी सेवाएं कोविड-19 के संभावित मरीजों को दे रही हैं। उक्त मरीजों में कुछ स्थानीय तथा कुछ अन्य जिलों एवं राज्यों से है, आइसोलेशन में भर्ती मरीजों में से कुछ मरीजों का व्यवहार अच्छा तथा कुछ मरीजों का व्यवहार अच्छा नहीं रहा, कुछ मरीजों के तो अभद्र व्यवहार का भी सामना कभी-कभी करना पड़ा, पर नमिता खादिकर ने संयम और अच्छे व्यवहार के साथ सभी भर्ती मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल की। साथ ही सभी परेशानियों को सामना करते हुए आज भी विनम्र व्यवहार के साथ मरीजों की देखभाल कर रही हैं ।
इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या लोगों को न हो इसके लिए समाधान तलाशते हुए शंकर कॉलोनी में बोरवैल शुरू किया गया। जिसका शुभारंभ पूर्व विधायक जजपाल सिंह ने किया है। शंकर काॅलोनी स्थित कबीरा रोड़ रहवासी पूर्व विधायक जजपाल सिंह से लगातार पानी की समस्या बता रहे थे। जिसको ध्यान में रखते हुए कबीरा रोड़ पर नपा द्वारा बोरबेल खनन करवाया था जिसका पूर्व विधायक ने शुभारंभ किया। इस दौरान पूर्व विधायक ने लोगों से कहा मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। इस दौरान पार्षद मनोज शर्मा मौजूद रहे।
कोरोना वायरस से जहां एक ओर पूरा देश और प्रदेश इस संकट से जूझ रहा है इसके कारण सब कुछ लॉक डाउन है संपूर्ण जनमानस पूर्ण समर्पित होकर इस विकट संकट की दिशा में पूरा राष्ट्र जुटा है।
देश प्रदेश की जनता के साथ साथ इस महा अभियान में जुटे कर्मवीर और राष्ट्रभक्त सभी अधिकारी, कर्मचारीगण जान जोखिम में डालकर कोरोना को हराने में जुटे हैं। इस अभियान में शहर के जागरुक नागरिक भी लोगों से लाॅक डाउन खुलने के बाद लोगों से इसका लाभ उठाने का आह्वान कर सावधानी बरतने की समझाईश दे रहे हैं।
इस संबंध में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रजनीश शर्मा एवं कांग्रेस कार्यकर्ता का कहना है कि महामारी के चलते उद्योग धंधे और व्यवसाय बंद पड़े हैं। आम आदमी को मजदूरी के लाले पड़े हैं इस परिस्थिति के कारण हजारों मजदूर बेरोजगार हैं इस मुश्किल घड़ी में विडंबना तो देखो प्रदेश की मौजूदा सरकार शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब की दुकानें और अहाते शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। मौजूदा सरकार का यह आचरण निश्चित रूप से असंवेदनशील है और यह निर्णय भी निश्चित रूप से निंदनीय है।
कोरोना काल में गुना को अब तक ग्रीन में हैं। अब तक जिस कोई भी संक्रमित मरीज जिले में नहीं मिला है। शहर के लोगों ने भी बीमारी को गंभीरता से लेकर संयम से काम लिया है लेकिन जिस प्रकार से हाल ही में जिला प्रशासन ने लॉक डाउन मे ढील दी है, उसका लोग नाजायज़ फायदा भी उठाते दिख रहे है मसलन इन सबके बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिख रहा है जो खतरनाक साबित हो सकता है।
लोगों को चाहिए कि वे सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को समझे अन्यथा ग्रीन से रेड जॉन आने में देर नही लगेगी। यह कहना है जागरुक ग्रुप के अमित तिवारी का उन्होंने लोगों से सख्ती से पालन करने की अपील की है। ताकि हमारा जिला ग्रीन जोन में बना रहे।
लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के लोग अब भी गांव में फंसे हुए हैं। करीब 1 महीने से 35 मजदूर हाईस्कूल परिसर में रह रहे हैं। ऐसे में गांव के युवा लगातार उनकी मदद में जुटे हैं। सोमवार को भी गांव के युवाओं ने एक सप्ताह का राशन सहित खाद्य सामग्री की व्यवस्था की। इस दौरान अमित मालवीय, अश्विन सावले, सचिन कैथवास, अनवर मंसूरी, नारायण फरकले आदि युवाओं का सहयोग रहा।
जिले में ग्रीन जोन में रहने के बाद प्रशासन ने लॉकडाउन 3 में कई तरह की छूट लोगों को दी है। इसके तहत सोमवार को शहर में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक किराना, मेडीकल, सब्जी, फल बिल्डिंग मटेरियल के अलावा कपड़ा, रेडीमेड, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल्स, स्टेशनरी और मोबाइल की दुकानों को छूट दी गई।
एक महीने से अधिक समय के बाद शहर का बाजार खुला है। इस कारण बाजार खुलने के पहले दिन सुबह से ही शहर सहित आसपास के ग्रामीण अंचल से बड़ी संख्या में लोग खरीददारी करने के लिए बाजार में आए। सबसे अधिक भीड़ कपड़ा, रेडीमेड, इलेक्ट्रॉनिक्स और जूते की दुकानों पर रही। इसके अलावा स्टेशनरी की दुकानें खुलने के बाद नई कक्षाओं के कोर्स लेने के लिए भी लोग स्टेशनरी की दुकानों पर पहुंचे। इन दुकानों पर खरीददारी के लिए लगी भीड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा। न ही दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर आने वाले ग्राहकों के हाथ धुलवाने के लिए सैनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की। इसके अलावा बाजार में आने वाले अधिकतर लोग मुंह पर मास्क भी नहीं लगाए थे।
नहीं की जुर्माना की कार्रवाई
कलेक्टर ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी शहर में दुकानों पर 5 से अधिक लोग इकट्ठे होकर सामान खरीदते रहे। सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के निर्देश देने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी दिखाई नहीं दिया। शहर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए रसीद कट्टा लेकर कोई दिखाई नहीं दिया।
होटल वालों ने शटर गिराकर बनाया सामान
शहर में लॉकडाउन के बाद भी कुछ होटल वालों ने शटर गिराकर अंदर सामान बनाया। किसी ग्राहक के आने पर शटर उठाकर सामान दे देते थे। इस तरह की लापरवाही हमें कभी भी भारी पड़ सकती है। इस तरह की लापरवाही से 40 दिन के लॉकडाउन पर पानी फिर सकता है और हमारा जिले ग्रीन से ऑरेंज या रेड जोन में आ सकता है। इसके लिए शहर में सोशल डिस्टेंस का पालन जरूरी है।
लॉकडाउन में छूट मिलते ही बाजार में लगी लोगों की भीड़, नियम का पालन नहीं हुआ
अथाईखेड़ा | हमारा जिला ग्रीन जो में होने के कारण लॉकडाउन 3 में लोगों को कई तरह की छूट दी गई है। लॉकडाउन में छूट मिलते ही लोगों की भीड़ एकदम दुकानों पर उमड़ पड़ी। इस दौरान लोगों ने न तो मासक लगाया था और न ही दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। लोग झुंड बनाकर दुकानों पर खड़े होकर सामान खरीद रहे थे। अस्पताल में पदस्थ सुपरवाइजर महेंद्र पुष्पद ने कहा कि लोगों को समझना होगा कि अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है। हमारी जरा सी लापरवाही हमें ग्रीन से ओरेंज और ओरेंज से रेड जोन में पहुंचा सकती है। श्री पुष्पद ने लोगों व दुकानदारों को समझाइश देते हुए मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में समझाया।
हल्ला बोल संघर्ष समिति द्वारा पिछले करीब 38 दिनों से जरूरतमंद लोगों को निशुल्क भोजन वितरण का कार्य किया जा रहा था। इसमें 100 से अधिक कोरोना योद्धाओं ने वार्डों में पहुंचकर जरूरतमंद लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए।
जनता रसोई के लिए शहर के समाजसेवियों ने नगद राशि का दान और खाद्यान्न सामग्री का वितरण लगातार किया गया। समिति के निष्काम सेवा कार्य को लेकर कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा ने समिति के सदस्यों को सम्मानित किया जा चुका है। जनता रसोई में कार्य कर रहे कोरोना योद्धाओं को समापन मौके पर शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। साथ ही उनकी हौसला अफजाई करते हुए संगठन के संचालक नीरज जैन ने सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। साथ ही आगामी समय में इस तरह के संकट काल में सहयोग करने की अपील की है।
लॉकडाउन 3 में हमारा जिला ग्रीन जोन में आने के कारण प्रशासन ने दुकानदारों को कई तरह की छूट दी। इस दौरान तय समय के बाद दुकान खोलने पर तहसीलदार ने दो दुकानों पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया। उन्होंने सभी दुकानदारों को हिदायत देते हुए कहा कि वह लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंस का पालन करें और मुंह पर मॉस्क लगाकर बाहर निकलें।
सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग सामान खरीदने के लिए उमड़ पड़े। शहर में 40 दिन बाद जूते, कपड़े, इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रिकल की दुकानें खुली थीं। दुकानों में खरीदारी के लिए ग्रामीण अंचल सहित शहर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचगए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया। कुछ दुकानदारों ने निर्धारित समय के बाद भी दुकानें खोलीं। इसको लेकर प्रशासन ने कार्यवाही की। तहसीलदार कमल सिंह मंडेलिया एवं थाना प्रभारी सुरेशचंद नागर ने शहर का निरीक्षण किया तथा अवैध रूप से दुकानें संचालित करते पाए जाने पर एक कूलर पंखे की दुकान पर 2 हजार रुपए और एक किराना दुकान पर चालान बना कर 500 रुपए की राशि वसूली। इससे पहले पुलिस ने सुबह से पूरी बस्ती में इस बात के लिए हिदायत भी दी थी कि लोग भीड़ ने लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। दुकानदार निर्धारित समय में ही अपनी दुकानें निर्देशों के पालन करते हुए खोलें।
रमजान के पवित्र माह में रोजेदार 40 डिग्री से अधिक तापमान में रोजे रख रहे हैं। रमजान माह का दूसरा असरा शुरू हो गया है। दूसरे असरे में रोजेदार अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी और मगफिरत की दुआ करेंगे।
मदरसा सिद्धिकिया सिराजुल ततारपुर के कारी मोहम्मद खलील ने बताया कि मगफिरत (मोक्ष) की बात सभी मजहबों में कही गई है जैसे जैन धर्म में मोक्ष के लिए रत्नत्रय अर्थात सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चरित्र, सनातन धर्म में सदाचार यानी सत्पुरुषार्थ, सत् चिंतन,कर्मज्ञान भक्ति, ईसाई धर्म में लॉली ड्यूटीज एंड मर्सी फॉर दा सेल्वेशन आफ साउल की अहमियत है। इस्लाम में मगफिरत के लिए तक्का सत्कर्म और संयम को अहमियत दी गई है। पवित्र कुरआन के पहले पारे अध्याय-1 की शुरुआत में सिरातुल मुस्तकीम का जिक्र है। इसके मायने है सच्चाई का रास्ता। तक्वा दरअसल सच्चाई का रास्ता है। तक्वा के लिए रोज़ा जरूरी है क्योंकि रोज़ा सब्र और सयंम का संदेश तथा सत्कर्म का आदेश है। अल्लाह सब्र सयंम और सत्कर्म को पसंद करता है। रोजा यानी अल्लाह का वास्ता। रोज़ा यानी मगफिरत का रास्ता। ग्यारहबा रोज़ा दरअसल रमजान माह के मगफिरत के अशरे का स्टार्टिंग पाइंट है। ग्यारहवे रोजे से बीसवे रोजे तक का अशरा कालखण्ड दरअसल मगफिरत का अशरा मोक्ष का कालखण्ड है। बुराइयों से बचते हुए जब रोज़ा रखकर गुनाहों की तौबा के साथ मगफिरत की दुआ की जाती है तो अल्लाह सुनता है। अल्लाह दरअसल नूरानी बाग है। रमजान इस नूरानी बाग का रूहानी पेड़ है। रोज़ा इबादत की टहनी पर मगफिरत का फूल है। पवित्र कुरआन में जिक्र है बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बिना देखे डरते हैं। उनके लिए मगफिरत और अजे-अजीम मुकर्रर है।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को तहसील कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में महाराष्ट्र के पालघर में साधु संतों की भीड़ ने घेरकर नृशंस हत्या कर दी थी। विहिप बजरंगदल ने ज्ञापन में साधु संतों की हत्या की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है।
विहिप बजरंगदल ने सोमवार को नायब तहसीलदार मयंक खेमरिया को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने कहा कि विगत दिनों महाराष्ट्र के पालघर में निहत्थे निर्दोष साधू संतो की पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने पीट-पीट कर निर्मम कर दी। पीडित संत अपनी जान की गुहार पुलिस स्टाफ से लगाते रहे। किंतु पुलिस ने संतो को भीड़ के हवाले कर दिया। इस घटना से न केवल साधु समाज बल्कि समस्त सनातन समाज आक्रोषित हैं। भारत जैसे देश में जहां संतो की पूजा की जाती है वहां इस प्रकार संतों की हत्या किया जाना वह भी कानून की उपस्थिति में निश्चय ही संदेह उत्पन्न करती है। महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक घटना की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं की है। इसलिए इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराई जाए। घटना के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार उन्हें मृत्युदंड दिया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में विहिप प्रखंड प्रमुख सुशील शर्मा, सत्येन्द्र रघुवंशी, जगदीश रजक, अरविन्द ओझा आदि मौज्ूद थे।
शहर के सोशल मीडिया ग्रुप के सदस्यों ने सिलेंडर फटने से लगी आग से झुलसे गरीब परिवार के तीन लोगों की इलाज के लिए मदद की है। इस दौरान एकत्र की गई राशि को जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और अधिकारियों ने घायल व्यक्ति के बेटे को सौंपी है।
दरअसल शनिवार को कुशवाह कॉलोनी में सिलेंडर फटने से आग लग गई थी। घटना में ब्रजलाल कुशवाह, उसकी पत्नी उर्मिला और पुत्री रूपा गंभीर रूप से जल गए। घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाएं जहां गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रैफर कर दिया। जिला अस्पताल में इलाज के बाद सभी को ग्वालियर रैफर किया गया। डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि आग लगने से पति ब्रजलाल 95 प्रतिशत, उसकी पत्नी उर्मिला और पुत्री 60 प्रतिशत जल गए। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण उन्हें इलाज कराने में परेशानी होती है। समाजसेवियों ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया ग्रुप मुंगावली ब्रेकिंग पर डाल दी। इसके बाद शहर के समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने जनसहयोग से 1 लाख 36 हजार रुपए इकट्ठे किए। इस राशि को पूर्व विधायक ब्रजेंद्र सिंह यादव ने सोमवार को ब्रजलाल कुशवाह के 12 वर्षीय पुत्र को दी। इस मौके पर थाना प्रभारी रोहित दुबे, सीएमओ विनोद उन्नीतान, राजकुमार नरवरिया, रूपेश जैन, बंटी टुंडेले आदि मौजूद थे।
इन लोगों ने दी सहायता राशि
सांसद केपी यादव, पूर्व विधायक ब्रजेंद्र सिंह यादव, डॉ. दिनेश त्रिपाठी, दीपक पालीवाल, रूपेश जैन, राजकुमार नरवरिया, जितेंद्र राय, सीएमओ विनोद उन्नीतान, जितेंद्र शर्मा, नितेश भोपाली, राजाराम कुशवाह, जलील खान जमींदार, दीपक टुंडेले, कुलदीप नरवरिया, डॉ. पंकज सोनी, राजदीप अग्रवाल, सिरिल नरेश, सचिन यादव, सतेंद्र, राकेश, संतोष पाठक, अमित पांडे, मनीष सोनी, नरेंद्र कुशवाह, धर्मेंद्र जैन, दुष्यंत राजपूत, नारायण कुशवाह, मनीष राय, नरेश कुशवाह, विक्रम यादव, जाकिर खान, शिवजीत यादव, श्याम परिवार आदि शामिल हैं।
रविवार शाम को आई आंधी ने शहर में भारी तबाही मचाई। अलग-अलग जगहों पर 100 से ज्यादा पेड़ गिर गए। नए कलेक्टोरेट के शेड का बड़ा हिस्सा उड़ गया। पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप हो गई। सोमवार दोपहर तक बिजली अमला व्यवस्था को सामान्य करने में लगा रहा। आंधी बारिश की वजह से मौसम में भी बदलाव आ गया। रविवार के मुकाबले तापमान में 2 डिग्री की गिरावट आई और यह 40.2 पर आ गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी 3 डिग्री गिरकर 22.4 पर आ गया।
नॉलेज : आंधी की रफ्तार इतनी तेज क्यों
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम लगभग आधे घंटे के दौरान हवा की औसत रफ्तार 20 नॉट यानि 36 किमी प्रति घंटा रही। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि दिन में बहुत ज्यादा गर्मी थी। साथ ही नमी का स्तर भी बढ़ गया था। इससे गर्म हवा हल्की होकर ऊपर की ओर उठी और नीचे बने कम दबाव का क्षेत्र भरने के लिए आसपास से ठंडी हवा आने लगी।
मौसम में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना, 10 के बाद तेज गर्मी
मौसम में अभी उतार चढ़ाव बने रहने की संभावना है। तापमान भी बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा, क्योंकि राजस्थान में बारिश की वजह से तापमान काफी कम है। इसलिए गरज चमक के साथ आंधी-बारिश की संभावना बनी रहेगी। पर 10 मई के बाद स्थिति बदल सकती है। निजी मौसम एजेंसियों का अनुमान है कि मई के दूसरे हफ्ते तापमान 45 डिग्री के पार जा सकता है।
कितना नुकसान
लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पहली बार मंडी में धनिया, गेहूं, चना और सरसों की खुली नीलामी हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। 1200 से ज्यादा ट्राॅली पहुंच गई। धनिया के अधिकतम दाम 8200 रुपए रहे, वहीं सबसे कम 3800 रुपए रहे। गेहूं ज्यादातर सौदा पत्रक से ही बेचा गया। 500 ट्राॅली धनिया की नीलामी हुई तो 200 किसानों को अच्छे दाम नहीं मिले तो सौदा पत्रक से इसे विक्रय कर दिया। किसानों की इतनी ज्यादा भीड़ थी कि संभालना मुश्किल हो रहा था। मंडी समिति किसानों से आग्रह करती रही कि सामाजिक दूरी बनाए रखें, इसी का ख्याल रखते हुए नीलामी कराई। एसडीएम शिवानी गर्ग भी पूरी नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखी रहीं ।
200 ग्राम बारदाने का ज्यादा वजन काटा
मंडी में एसडीएम शिवानी गर्ग ने तौल कांटों की जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि आरोन के एक किसान ने 38 क्विंटल माल तुलाया था, लेकिन बारदाने का वजन 200 ग्राम ज्यादा काटा जा रहा था। यानी किसान को 200 ग्राम उपज का नुकसान था। इस वजह से एसडीएम ने व्यापारी से कहा कि किसान को पूरे उपज के दाम दिए जाएं। वहीं निर्देश दिए कि जितना वजन वारदाने का है, उतना ही काटा जाए।
भास्कर संवाददाता | बमोरी
3 साल बाद बमोरी में फिर से रक्तदान शिविर लगा, इस बार लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की कमी से स्थिति बिगड़ी हुई है। इसी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र से भी रक्त जुटाने के लिए कलेक्टर एस विश्वनाथन ने योजना बनाई। इसके बाद बमोरी के उत्कृष्ट विद्यालय में शिविर का आयोजन सोमवार सुबह से ही किया गया। पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी सबसे पहले पहुंचे। उन्होंने यहां सूचना लगा दी कि बिना मास्क के कोई भी शिविर स्थल पर न आए। बमोरी थाना, तहसील और स्वास्थ्य विभाग का अमला जुटा। सबसे पहले रक्तदान कौन करें? इसे लेकर चर्चा चलती रही। इसी बीच हाल में पदस्थ हुई नायब तहसीलदार सेलजा मिश्रा ने रक्तदान की इच्छा जताई। फिर तो एक के बाद एक अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीण भी आगे आ गए। गांव की ही एक महिला पति को लेकर पहुंची, बोली कि हम दोनों भी रक्तदान करेंगे क्योंकि मेरी जिंदगी भी इसी से 4 साल पहले जिला अस्पताल में बची है। इसमें खास बात ये हैं कि गुना में 10 दिन पहले लगे शिविर में 57 यूनिट ब्लड आया था पर गांव में यह आंकड़ा 107 पर पहुंच गया।
सीजर हुआ था, तब 5 यूनिट ब्लड गुना से मिला था : बमोरी निवासी रचना वर्मा अपने पति मुरली वर्मा को लेकर रक्तदान शिविर में पहुंची। उसने बताया कि हम दोनों पहली बार रक्तदान करने आए हैं। महिला ने कहा कि 4 साल पहले जिला अस्पताल में सीजर से डिलेवरी हुई थी। उस समय मुझे 5 यूनिट रक्त ब्लड बैंक से चढ़ा था, तब मेरी जिंदगी बची थी। तभी से सोच रही थी कि मुझे भी इस महादान में शामिल होना है। लेकिन बमोरी में शिविर लगने से मौका मिला। महिला ने अपने पति के साथ रक्तदान किया।
कलेक्टर की अपील करें रक्तदान: कलेक्टर एस विश्वनाथन ने लोगों से अपील की, वह ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें। क्योंकि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में इसे स्टोरेज करके रखा जाता है। ज़रूरत पड़ने पर इससे कई लोगों की जिंदगी बताई जाती हैं।
3 साल पहले ग्रामीण अंचल में हुई थी शुरुआत
जिले में पहले सिर्फ शहर से ही रक्तदान शिविर लगाए जाने की परंपरा थी। लेकिन पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामवीर सिंह रघुवंशी वर्ष 2017 में शिविर लगवाने शुरु किए। इसके बाद वह रिटायर्ड हो गए तो यह कार्य रुक गया। हालांकि कलेक्टर के दिशा-निर्देश मिलने के बाद फिर से इसकी शुरुआत उनके ही द्वारा की गई।
गुना| सेन समाज विकास संगठन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सैलून खोले जाने की मांग की। संगठन ने जिला अध्यक्ष बाबूलाल हरिपुर के नेतृत्व में सेन बंधुओं द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान कलेक्ट्रोरेट में डिप्टी कलेक्टर द्वारा ज्ञापन लिया गया और जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। संगठन के सदस्यों ने बताया कि ग्रीन जोन में आने के बाद दुकान खोलने का अनुमति प्रदान नहीं की गई है। इसलिए ज्ञापन देकर शीघ्र हेयर सैलून की दुकानें खोलने की मांग की गई है। ताकि समाजजनों के डेढ़ माह से बंद रोजगार के साधन फिर आरंभ हो सकें। लॉक डाउन के दौरान कई परिवारों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। ज्ञापन देते समय सदस्य मोनू, व्यापारी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष मनोज सेन, हरिबाबू, घनश्याम, लक्ष्मीनारायण, श्री लाल, सुनील, पप्पू, अनिल, प्रदीप, आकाश, उमेश, हरीश जाट मोहल्ला, रविंद्र आदि समाज बंधुओं ने ज्ञापन सौंपा।
कोरोना वायरस से जहां एक ओर पूरा देश और प्रदेश इस संकट से जूझ रहा है इसके कारण सब कुछ लॉक डाउन है, संपूर्ण जनमानस पूर्ण समर्पित होकर इस विकट संकट की दिशा में पूरा राष्ट्र जुटा है।
देश प्रदेश की जनता के साथ साथ इस महा अभियान में जुटे कर्मवीर और राष्ट्रभक्त सभी अधिकारी, कर्मचारीगण जान जोखिम में डालकर कोरोना को हराने में जुटे हैं। इस अभियान में शहर के जागरुक नागरिक भी लोगों से लाॅक डाउन खुलने के बाद लोगों से इसका लाभ उठाने का आह्वान कर सावधानी बरतने की समझाईश दे रहे हैं।
इस संबंध में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रजनीश शर्मा एवं कांग्रेस कार्यकर्ता का कहना है कि महामारी के चलते उद्योग धंधे और व्यवसाय बंद पड़े हैं। आम आदमी को मजदूरी के लाले पड़े हैं इस परिस्थिति के कारण हजारों मजदूर बेरोजगार हैं इस मुश्किल घड़ी में विडंबना तो देखो प्रदेश की मौजूदा सरकार शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब की दुकानें और अहाते शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। मौजूदा सरकार का यह आचरण निश्चित रूप से असंवेदनशील है और यह निर्णय भी निश्चित रूप से निंदनीय है।
कोरोना काल में गुना को अब तक ग्रीन में हैं। अब तक जिस कोई भी संक्रमित मरीज जिले में नहीं मिला है। शहर के लोगों ने भी बीमारी को गंभीरता से लेकर संयम से काम लिया है लेकिन जिस प्रकार से हाल ही में जिला प्रशासन ने लॉक डाउन मे ढील दी है, उसका लोग नाजायज़ फायदा भी उठाते दिख रहे है मसलन इन सबके बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिख रहा है जो खतरनाक साबित हो सकता है।
लोगों को चाहिए कि वे सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को समझे अन्यथा ग्रीन से रेड जॉन आने में देर नही लगेगी। यह कहना है जागरुक ग्रुप के अमित तिवारी का उन्होंने लोगों से सख्ती से पालन करने की अपील की है। ताकि हमारा जिला ग्रीन जोन में बना रहे।
गुना-नानाखेड़ी से ऊमरी-सिरसी मार्ग बमोरी क्षेत्र को जोडऩे वाला प्रमुख मार्ग की 65 करोड़ की लागत निर्माण कार्य चालू है। इस कार्य को 20 दिसंबर 2020 तक पूर्ण किया जाना है। लेकिन धीमी गति के कारण यह कार्य इस अवधि में पूरा होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है।
निर्माणाधीन मार्ग पर इन दिनों धूल के गुबार दिखाई दे रहे हैं। जिससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों व ग्रामीणों को परेशानी का सामान करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों अपनी फसल लेकर इस मार्ग से आवागमन कर रहे हैं। जिसमें उन्हें खासी परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है।
कर्मचारी और किसान ज्यादा प्रभावित : गुना से ऊमरी-बमोरी, सिरसी को जोडऩे वाले इस मार्ग से किसान और कर्मचारी जुड़े हुए हैं। हर दिन स्कूलों के लिए स्टाफ इस मार्ग से अपडाउन करता है। किसान भी बमोरी क्षेत्र से गुना के लिए इसी मार्ग से आते हैं। साथ ही इसी मार्ग पर गुना का विस्तार कुड़ी मंगवार गांव तक हो गया है। लोगों को निकलने में काफी असुविधा होती है। बताया जाता है कि कुछ समय पूर्व जिला योजना समिति में बमौरी विधानसभा क्षेत्र में सड़क बनने में हो रही देरी को लेकर श्री सिसौदिया ने नाराजगी जाहिर की थी, इसके बाद भी काम में सुधार नहीं आया।
निहाल देवी व केदारनाथ जाने का है प्रमुख रास्ता : निहाल देवी मंदिर और केदारनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालु इसी रास्ते से होकर जाते हैं। इन दोनों मंदिरों में जाने वाले लोगों के लिए आगामी समय में यह मार्ग उपयोगी होगा। वर्तमान में लोगों को इन धर्म स्थल तक जाने के लिए परेशानी उठाना पड़ती है। कई जगहों पर यह रास्ता बेहद खतरनाक भी है। इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सिंगल मार्ग बनेगा टू-लेन
प्राप्त जानकारी के अनुसार बमोरी क्षेत्र को गुना शहर से जोडऩे वाला गुना-ऊमरी-सिरसी मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में बदला हुआ है। 55 किमी लंबे गुना-ऊमरी-सिरसी सिंगल मार्ग को टू-लेन में तब्दील किया जाना है। 65 करोड़ के इस प्रोजेक्ट डेढ़ साल में पूरा होना था, लेकिन आधा समय गुजर गया है। इस रोड का काम समय पर शुरू नहीं होने से बमोरी ब्लॉक के सबसे पिछड़े गांवों से संपर्क सुगम नहीं हो पाया है। नई प्रोजेक्ट में यह रोड 7.50 मीटर चौड़ी हो जाएगी। लेकिन काम में देरी होने से पूरे क्षेत्र को गड्ढों से दिक्कत हो रही है।
कोरोना महामारी से लड़ाई में नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, विजयपुर इकाई स्थित विंध्याचल क्लब एवं दिल्ली पब्लिक स्कूल नेे गुना कोरोना रिलीफ फंड में 1,25,000 रुपए तथा 56,148 रुपए की राशि का योगदान दिया है। यह राशि विंध्याचल क्लब के सदस्यों व दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्टाफ द्वारा एकत्रित की गई।
जगदीप शाह सिंह, महाप्रबंधक प्रभारी द्वारा योगदान राशि के चेक एस. विश्वनाथन कलेक्टर एवं तरुण नायक पुलिस अधीक्षक गुना को सौंपे। इससे पूर्व भी नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, विजयपुर इकाई के कर्मचारियों नेे गुना कोरोना रिलीफ फंड में एक लाख रुपए का योगदान दिया है। साथ हीं कंपनी के सभी कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन जो कि तकरीबन 88 लाख रुपए बनता है पीएम केयर्स फंड में जमा कराया है।
इस तरह की मुश्किल स्थिति में भी एनएफएल अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए किसानों को उर्वरक की सुचारू और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र की उर्वरक उत्पादन में देश की अग्रणी कंपनी है और समय पर समाज के प्रति अपने दायित्वों की पूर्ति विभिन्न माध्यमों से करती है।
लोकडाउन 3.0 के लागू होने का साथ ही औरेंज और ग्रीन जोन वाले इलाकों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के उद्देश्य से शासन द्वारा दुकानदरों, व्यापारियों सहित अन्य लोगों को भी छूट प्रदान की। बाजार में निश्चित समय के लिए अपने-अपने प्रतिष्ठान खोलने के निर्देश दिए गए। जिससे लोगों ने राहत अनुभव की। इसी के साथ दुकानदारों ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए और शासन के निर्देशों का पालन करते हुए अपने अपने प्रतिष्ठान खोले और सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य गतिविधियों पर ध्यान दिया।
वहीं जिन व्यवसायों और दुकानों को प्रतिबंधित किया था उनके खुले मिलने की सूचना मिलने पर उन्हें बंद कराया गया। बाजार में कपड़े की दुकानों पर अचानक लॉकडाउन खुलने से भीड़ बढ़ गई। लॉकडाउन में छूट मिलने से बाजार में रौनक आ गई परंतु छोटी सी लापरवाही होने से स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके लिए दुकानदारों और प्रशासन को मिलकर योजनाबद्ध रूप से क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। जिससे किसी भी वर्ग के व्यक्ति को परेशानी न हो और सभी कार्य सुचारू रूप से चलते रहें। जिन दुकानों पर लोग नियमों का पालन करते हुए नहीं देखे वहां नियमों को पालन कराने के लिए पुलिस दल बाजार में गश्त करता रहा। वहीं बैंकों के बाहर भी किसानों और अन्य लोगों की भीड़ देखी गई। मंडी खुलने से कुछ किसान अपनी फसल को बेच नई फसल की तैयारी में जुट गए। जिसके लिए बैंकों से पैसे निकाल बाजार में मोटर, पाइप सहित अन्य कृषि उपकरण खरीदते दिखे। वहीं कुछ किसानों की फसल अभी भी खुले आसमान के नीचे खलिहानों में रखी है जिसे मौसम की मार से बचाने के लिए बरसाती भी खरीदते मिले।
लॉकडाउन से व्यापार प्रभावित हुआ
जनरल स्टोर संचालक अमित कुमार ने बताया कि लंबे समय के बाद दुकान खुलने से राहत महसूस हो रही है। इसी के साथ ही हमने भी शादी, ब्याह के सीजन को देखते हुए दो-तीन माह पहले ही दुकान में सामान भरा था। लेकिन लॉकडाउन में बंद की वजह से काफी व्यापार प्रभावित हुआ है। दुकानदार सौम्य खंडेलवाल ने बताया कि सीजन को देखते हमने अपनी दुकान के नए-नए चूडी, कंगन और अन्य सामग्री क्रय की थी।
फिलहाल लॉकडाउन खुलने के बाद पहले दिन दुकान पर चहल पहल देखने को मिली है।
ऑनलाइन वालों के यहां पर कम दिखे ग्राहक
स्टेशनरी, मोबाइल शॉप और ऑनलाइन वालों के यहां बहुत कम रही ग्राहकों की भीड़, स्टेशनरी, ऑनलाइन शाप संचालक नमित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद सभी स्कूल, कोचिंग सेंटर बंद है और गर्मी की छुट्टी भी लगभग शुरू हो चुकी है। जिससे लॉक डाउन खुलने के बाद कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला परंतु जो भी ग्राहक दुकान पर सामग्री खरीदी के लिए आता है उसके लिए सेनिटाईजिंग की व्यवस्था हमारे द्वारा की गई है।
हल्ला बोल संघर्ष समिति द्वारा पिछले करीब 38 दिनों से जरूरतमंद लोगों को निशुल्क भोजन वितरण का कार्य किया जा रहा था। इसमें 100 से अधिक कोरोना योद्धाओं ने वार्डों में पहुंचकर जरूरतमंद लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए।
जनता रसोई के लिए शहर के समाजसेवियों ने नगद राशि का दान और खाद्यान्न सामग्री का वितरण लगातार किया गया। समिति के निष्काम सेवा कार्य को लेकर कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा ने समिति के सदस्यों को सम्मानित किया जा चुका है। जनता रसोई में कार्य कर रहे कोरोना योद्धाओं को समापन मौके पर शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। साथ ही उनकी हौसला अफजाई करते हुए संगठन के संचालक नीरज जैन ने सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। साथ ही आगामी समय में इस तरह के संकट काल में सहयोग करने की अपील की है।
रविवार देर शाम अचानक आए तेज आंधी तूफान और बारिश के कारण हरिपुर रोड ग्राम माधोपुरा में कृषक अवधेश श्रीवास्तव का पाली हाउस पाली हाउस नष्ट हो गया।उन्होने बताया की 4000 वर्ग मीटर में फैले इस पाली हाउस में गुलाब की खेती की जा रही थी।
चूंकि कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉक डाउन के दौरान गुलाब की फसल को पहले से ही काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। इसके बाद कल रविवार को आए इस आंधी तूफान के कारण पाली हाउस उखड़ कर नष्ट हो गया। कृषक अवधेश श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री कृषक योजना के तहत अपने पाली हाउस का निर्माण करवाया था जो 4000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। जिसमें गुलाब की खेती की जा रहीं थी परन्तु लॉकडाउन के चलते पिछले दिनों से गुलाब के फूल की बिक्री बंद थी जिसके कारण कृषक को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ रहा था। ऐसे में बीती अचानक आंधी तूफान ने पूरे पाली हाउस का विध्वंस कर दिया जिसमें पुरा पॉली हाउस नष्ट हो गया।
कस्बे बिजली बाधित होने का असर जल प्रदाय पर पड़ रहा है। नगरपालिका ने सुबह ऐलान करवाया की बंदरगढ़ा पर बिजली फाल्ट होने के कारण पानी की समस्या हो सकती है इसका हमें खेद है पुलिस की सहायता लेकर टैंकरों द्वारा मोहल्लों में पानी सप्लाई शुरू की गई। वार्ड 5 के लोगों का कहना था कि बिजली फाल्ट होेने की स्थिति में व्यवस्था के तहत जनरेटर भी मौजूद रहते हैं लेकिन नपा ने इनका उपयोग क्यों नहीं किया। इस दौरान लोगों ने बताया कि भीषण गर्मी में उन्हें घंटों लाइन में लगकर पानी भरना पड़ा। यही हाल रहे तो कस्बे में पानी की समस्या विकराल रूप ले सकती है। इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान दिया जाना चाहिए।
रविवार रात जिले में कई स्थानों पर आई आंधी बारिश में कई स्थानों पर की रात 7 बजे अचानक बिजली सप्लाई ठप हो गई। विद्युत लाइन में आए फाल्ट को बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने सारी रात ढूंढा। जिसे दुरुस्त कर सप्लाई शुरू की। बिजली नहीं मिलने के कारण कस्बे में पानी सप्लाई नहीं हो सका। नगरपालिका ने सारा दिन टैंकरों से शहर में पानी की पूर्ति की।
नलों में पानी नहीं आने के कारण परेशान हुए लोग
शहर की जनता को नहीं मालूम था कि आज नलों में पानी नहीं आएगा। टैंकरों से पानी की सप्लाई होगी। सुबह 7 बजे से पानी की राह देख रहे पानी आते ही लोगों में पानी भरने की होड़ मच गई। वहीं ऐहतियात के तौर पर पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में पानी सप्लाई किया गया। कुछ लोग पानी भर पाए कुछ नहीं भर पाए और टैंकर चल दिए।
जिले के सभी फोटोग्राफरों ने अपने संस्थान खोलने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि बाजार में अधिकांश दुकानों को खोलने की छूट दी गई है। ऐसे में फोटोग्राफी, फूलमाला, फुटवियर की दुकानें बंद हैं। कोरोना संकट के चलते फोटोग्राफरों का व्यवसाय शादियों व आयोजन पर लगे प्रतिबंध के कारण खत्म हो गया है। दुकानें बंद होने से छोटा मोटा कार्य भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में फोटोग्राफरों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं फूलमाला विक्रेता व फुटवियर दुकानदारों ने भी कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन देकर दुकानें खोले जाने की अनुमति मांगी है।
कोरोना वायरस के मरीज रायसेन में लगातार बढ़ते जा रहे है। सोमवार को फिर से चार नए मरीज मिले है, जिनके साथ ही यह आंकड़ा बढ़कर 63 पर पहुंच गया है, जो नए मरीज मिले है, उनमें से शहर के तीन मरीज तो पॉलीटेक्निक कॉलेज के क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे हुए थे, जबकि चौथी मरीज महिला है, जो अल्ली गांव की है, उसके परिजन भी पहले कोरोना पॉजिटिव आए थे, इस कारण वह गांव में ही होम क्वारेंटाइन में निवास कर रही थी। इन चारों मरीजों को शहर के इंडियन चौराहे स्थित कोविड सेंटर में लाकर शिफ्ट कर दिया है।
रायसेन और उसके आसपास के क्षेत्र में लगातार कोरोना के मरीज मिलने से प्रशासन की चिंता खत्म नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि शहर में 26 अप्रैल से कर्फ्यू लगा हुआ है, एक दिन पहले रविवार को कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई थी, लेकिन लोगों ने इस ढील में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा। शहर के लोग समूह के रूप में सामान खरीदने के लिए शहर में उमड़ पड़े, प्रशासन और पुलिस को सोशल डिस्टेंस का पालन करवाने के लिए अच्छी खासी मशक्कत करना पड़ी। लोगों की इस नादानी का ही परिणाम है कि 4 अप्रैल से मिलने वाली लॉकडाउन की छूट का लाभ शहर के लोगों को नहीं मिल पाया। कोरोना वायरस का संक्रमण को खत्म करने के लिए कर्फ्यू को अभी नहीं हटाया है।
कोरोना के नए मरीज वार्ड 2, 17 और अल्ली गांव के
सोमवार को कोरोना के जो नए मरीज मिले है, वे सभी कंटेनमेंट एरिया वाले ही है। उनमें से दो मरीज शहर के वार्ड क्रमांक 2 और एक मरीज वार्ड क्रमांक 17 का रहने वाला है, जो वर्तमान में पॉलीटेक्निक कॉलेज के क्वारेंटाइन सेंटर में क्वारेंटाइन में थे, जबकि महिला अल्ली गांव की है। इन सभी मरीजों की उम्र 17 साल से लेकर 25 साल के बीच है। अल्ली गांव का एक ओर मरीज मिलने के साथ ही इस गांव में मरीजों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।
ये भी जरूरी : 12 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे
ओबेदुल्लागंज के बीएमओ डॉ. अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि शहर के वार्ड क्रमांक 5 में एक 70 साल के बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 12 लोगों के सैंपल लिए है, जिनमें पॉजिटिव आए व्यक्ति के 9 परिजन सहित मरीज के संपर्क में आए एक चचेरे भाई, एक प्राइवेट कंपाउंडर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओबेदुल्लागंज में उपचार कर भोपाल रेफर करने वाले चिकित्सक का सैंपल शामिल है।
राहत की खबर : अब तक आठ लोगों ने कोरोना को हराया, डिस्चार्ज होकर अपने घर भी पहुंचे
जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद और सीएमएचओ डॉ. शशि ठाकुर ने बताया कि जिले में अब तक 63 कोरोना के मरीज मिल चुके है, जिनमें से तीन मरीजों की मौत हुई है, जबकि आठ मरीज अब तक कोरोना को हराकर स्वस्थ हो चुके है, वे डिस्चार्ज होकर अपने घर भी पहुंच चुके हैं। कोविड केयर सेंटर रायसेन में 35 मरीजों को रखा गया है। ओबेदुल्लागंज के वार्ड क्रमांक- 5 में 186 घरों के 1042 सदस्यों की जानकारी एकत्रित की गई। सर्वे के दौरान 12 कोरोना संदिग्ध व्यक्ति मिले हैं, जिनके जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। उन पर नजर रखी जा रही है। उनकी रिपोर्ट भी कुछ दिन में आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं प्रशासन ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि वे घर पर ही रहें।
43 लोगों को ताली बजाकर घर के लिए किया विदा
दरगाह शरीफ वाले 43 संदिग्ध लोगों को पॉलीटेक्निक कॉलेज के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आने और उनकी क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण होने पर सोमवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। इस मौके पर तहसीलदार अजय पटेल, जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. विनोद परमार और कोतवाली टीआई जगदीश सिंह सिद्दू मौजूद रहे। जिन लोगों को डिस्चार्ज किया गया है, वे कंटेनमेंट एरिया और अल्ली गांव के रहने वाले है। क्वारेंटाइन अवधि पूर्ण होने पर तालियां बजाकर उनका हौसला भी बढ़ाया गया। इन सभी को अभी 14 दिन तक घर पर होम क्वारेंटाइन में रखने की हिदायत दी गई है। रायसेन में अभी भी 31 लोग क्वारेंटाइन सेंटर में निवास कर रहे हैं।
जिले में पहले ही गेहूं की खरीदी 25 मार्च की जगह 15 अप्रैल से यानि की 20 दिन देरी से शुरू हो पाई है। इसके बाद भी जिले में सबसे अधिक समस्या बाड़ी के 27 खरीदी केंद्रोें पर आ रही हैं। यहां तय मापदंडों के मुताबिक गेहूं न आने के कारण अधिकतर केंद्रों पर गेहूं की खरीदी बहुत ही धीमी है।
यहां मिट्टी मिले गेहूं की खरीदी के लिए क्या रास्ता निकाला जाए। हालांकि इसके लिए खरीदी केंद्रों पर मशीनें भी भेजी गई है। इससे गेहूं से मिट्टी अलग की जा सके। लेकिन उससे भी कोई परिणाम नहीं निकल पाए। इसको लेकर सोमवार को कमिश्नर कविंद्र कियावत, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और सरकारी खरीदी से जुड़े सभी अधिकारियों की टीम ने बाड़ी क्षेत्र के भारकच्छ, गूगलवाड़ा, मनकापुरा और पलकाश्री का भ्रमण किया और यहां समस्या की जानकारी ली। इस दौरान विधायक देवेंद्र पटेल मौजूद थे।
किसानों को राशि का होने लगा भुगतान
जिले भर सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीदी के लिए 157 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। गेहूं की तुलाई के बाद परिवहन के लिए तैयार होने के साथ किसानोें के बैंक खाते में गेहूं खरीदी का पैसा भी पहुंचने लगा है। जिले में अभी तक गेहूं खरीदी को लेकर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 135 करोड़ की राशि जारी कर दी गई है।
सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी द्वारा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए है। इसके बाद उनके समर्थकों ने भी बड़ी संख्या में कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी थी।इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के लिए काम बंद कर डॉ. चौधरी के लिए फिर काम शुरू कर दिया था। इसको देखते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष मुमताज खान ने सोमवार को रायसेन शहर कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष बृजेश चतुर्वेदी और सांची ब्लॉक अध्यक्ष मनोज अग्रवाल की प्रथामिक सदस्यता रद्द कर उन्हें छह साल के पदों से हटा दिया। इस तरह का पत्र कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री नारायणसिंह ठाकुर द्वारा जारी किया गया है। पार्टी से निकाले जाने को लेकर दोनों ब्लॉक अध्यक्षों को का कहना है कि वे ताे कांग्रेस पहले ही छोड़ चुके हैं। इधर, पूर्व मंत्री डॉ. चौधरी के भाजपा सरकार में मंत्री बनने की पूरी संभावना को देखते हुए उन्होंने क्षेत्र में भ्रमण शुरू कर दिया है।
पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं
हमने 50 पदाधिकारियों के साथ पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब तो ये लोग औपचारिकता कर रहे हैं। डॉ. चौधरी कद्दावर नेता हैं। हम तो डॉ. चौधरी के लिए काम करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।
मनोज अग्रवाल, पूर्व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष सांची
बृजेश चतुर्वेदी, पूर्व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष, रायसेन के मुताबिक, जिस दिन सिंधियाजी ने कांग्रेस छोड़ी थी, हमने भी उसी दिन कांग्रेस छोड़ दी थी। हम डॉ. प्रभुराम चौधरी के साथ हैं। हमने कांग्रेस में रहकर पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं किया। इसलिए पहले ही पार्टी छोड़ दी। जबकि कई लोग पार्टी में होने के बाद भी पार्टी के खिलाफ काम करते आ रहे हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 62 मरीज सामने आ चुके हैं। इन सबके बीच जिला अस्पताल में सुरक्षित प्रसव करवाना किसी खतरे से कम नहीं है, फिर भी महिला डॉक्टर जान जोखिम में डालकर न केवल सुरक्षित प्रसव करवा रही है, बल्कि जच्चा-बच्चा को भी संक्रमण से दूर रखने का प्रयास कर रही हैं।
हाल में ज्वॉइन करने वाली दो महिला डॉक्टरों को लॉकडाउन के कारण 15 दिनों तक ड्यूटी रूम में ही रहना पड़ा, हालांकि अब उन्होंने किराए का मकान लेकर वहां शिफ्ट हो गई। वहीं जिला अस्पताल में कंटेनमेंट एरिया से प्रसव कराने के लिए आने वाली महिलाओं के लिए प्रबंधन ने अलग से वार्ड बना दिया है।
वृद्ध मां और दो साल के भतीजे से बना ली दूरी : डॉ. प्रीति बाला
जिला अस्पताल की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ. प्रीति बाला कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच न केवल गर्भवती महिलाओं का चेकअप करने के साथ ही सुरक्षित प्रसव भी करवा रही है। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट एरिया से भी प्रसव के लिए महिलाएं अस्पताल में आ रही है, इस दौरान उनकी चुनौती ज्यादा बढ़ गई है। एक कोरोना वायरस से पीडित महिला की डिलेवरी यहां पर पूरी सुरक्षा के बीच कराई है। जिससे उन्हें भी खतरा बना हुआ है, इस कारण उन्होंने अपनी वृद्ध मां और दो साल के भतीजे से घर में दूरी बना ली है।
खतरा है पर सुरक्षित प्रसव कराना धर्म : डॉ. सुनीता अतुलकर
जिला अस्पताल में पदस्थ सीनियर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता अतुलकर का जवान बेटे का एक्सीडेंट में निधन हो गया, उसके गम से उभर भी नहीं पाई थी कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लॉकडाउन प्रारंभ हो गया। इस कठिन दौर में उन्हें जिला अस्पताल में सभी प्रकार की सावधानियां बरते हुए सुरक्षित प्रसव करवाना पड़ रहे है। उन्होंने बताया कि अल्ली और महू पथरई गांव के साथ ही शहर के कंटेनमेंट एरिया की महिलाएं भी प्रसव के लिए आई है। इस कारण उन्हें प्रसूती गृह में ज्यादा ध्यान देना पड़ रहा है।
15 दिन तक ड्यूटी रूम में रहना पड़ा: डॉ. शशि श्रीवास्तव
जिला अस्पताल में ज्वॉइन करने वाली डॉ. शशि श्रीवास्तव ने बताया कि ज्वॉनिंग के बाद ही उनके सामने कठिन परिस्थितियां निर्मित हो गई। नया शहर था और कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन हो गया। इस दौरान उन्हें 15 दिन तक जिला अस्पताल के ड्यूटी रूम में ही रहना पड़ा। पहले तो टिफिन ले लेते थे, लेकिन जब टिफिन सेंटर से ही संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा तो उन्होंने उसे बंद कर दिया। अब उन्हें किराए का मकान मिल गया है, वहां शिफ्ट हो गई है, लेकिन इन खतरों के बीच ड्यूटी करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
महामारी में काम करने का मिल रहा अनुभव : डॉ. श्रेया त्रिपाठी
जिला अस्पताल में दो महीने पहले ज्वॉइन करने वाली महिला चिकित्सक डॉ. श्रेया त्रिपाठी ने बताया कि महामारी के बीच ड्यूटी करने से उन्हें अनुभव ही मिल रहा है। कठिन परिस्थितियों में कैसे इलाज करना है और अपने आपको को भी सुरक्षित रखना है, यह सब उन्हें सीखने को मिल रहा है। लॉकडाउन लगने से उन्हें भी 15 दिन अस्पताल के डयूटी रुम में रहना पड़ा था, अब जाकर स्थिति ठीक हुई है। मम्मी- पापा और बहन से फोन ही बात करती है और उनका हाल चाल लेते रहते हैं।
माैसम में बार-बार बदलाव आ रहा है, कभी तेज गर्मी पड़ रही है ताे कभी तेज अांधी के साथ बूंंदाबांदी हाे रही है। हालांकि जिले में कई जगह मौसम साफ रहा और तेज धूप खिली रही, वहीं बरेली में 4 बजे करीब आसमान पर घने बादल छा गए और बूंदाबांदी भी हुई। जिससे खरीदी केंद्रों पर खुले में रखा गेहूं भीग गया। सोमवार को दिन का पारा 41.4 डिग्री पर आ गया। वहीं रात का पारा भी 29 डिग्री पर आ गया। वहीं किसान भी गेहूं की भीगने से बचाने के लिए लगे रहे।
शहर सहित जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 62 पर पहुंच गई है। इससे कंटेनमेंट एरिया भी बढ़ता जा रहा है। कंटेनमेंट एरिया में न तो दुकानें खुल सकती और न ही लोगों को आवाजाही की अनुमति है। इस तरह से शहर के वार्ड नंबर 3, 5, 6, 7, 8, 17 और 18 में कंटेनमेंट एरिया में शामिल हैं। यहां करीब 10 हजार से अधिक लोग निवास करते हैं।
उन लोगों को राशन, दूध और सब्जी की सप्लाई बनाई रखने की जिम्मेदारी प्रशासन के पास हैं। लेकिन मॉनीटरिंग की कमी के कारण लोगों तक जरुरत का सामान पहुंचने में समस्या आ रही है। दैनिक भास्कर में सोमवार को खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने कंटेनमेंट एरिया में एक किराना दुकान संचालक को वहां सामान लेकर भिजवाया और लोगों ने वहां जरुरत का सामान भी लिया।
कंटेनमेंट और कर्फ्यू के कारण नहीं खुलीं दुकानें: कंटेनमेंट एरिया में जिन किराना व्यापारियों को सामान सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनमें से कुछ की दुकानें ही कंटेनमेंट एरिया में आ गई। अधिकारियों ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते कंटेनमेंट क्षेत्र में लोगों को किराना सामग्री की कमी होने लगी। वहीं कुछ दुकानदारों ने कंटेनमेंट क्षेत्र में सामान भेजने में अपनी असमर्थता पहले ही जता दी थी।
फोटो के भरोसे अधिकारी इसलिए आ रही समस्या
कंटेनमेंट एरिया में 7 वार्डाें की आबादी आती हैं। इसलिए उन्हें जरुरत के सामान भी बड़ी मात्रा में चाहिए होता है। चाहे सब्जी हो, दूध हो या किराना। इनकी सप्लाई सही ढंग से हो पा रही है या नहीं, इसकी सही ढंग से मॉनीटरिंग नहीं होने से समस्या आ रही है। अधिकारी मौके से वॉट्सएप पर सामान सप्लाई करते हुए फोटो मंगा लेते हैं। इसके बाद कितने क्षेत्र में सामान की सप्लाई हो पाई अथवा नहीं, उनके पास कोई जानकारी ही नहीं होती।
दुकानदारों को संक्रमण का डर
किराना व्यापारी, दूध और सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक शहर की पुरानी बस्ती में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिलने से जगह-जगह बेरिकेट्स लगाकर रास्ते बंद किए हुए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। इसलिए मुख्य मार्गों तक ही जाकर लौट आते हैं। संक्रमण का डर तो उन्हें भी लगता है।
लॉकडाउन के 40 वें दिन बाद सोमवार से कुछ दुकानों को छोड़कर सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक बाजार खोला गया। बाजार खुलने के बाद लोगों ने जमकर ख़रीदारी की। बाजार में दिन भर चहल पहल नजर आई।
ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शहर पहुंचे और अपनी जरुरत का सामान लिया। बाजार में लोग सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करते नजर आए। वहीं 1 बाइक पर एक सवारी की अनुमति होने के बावजूद एक से अधिक लोग बाइकों पर सामान के साथ घूमते हुए नजर आए। लेकिन ग्रस्त के दौरान पुलिस ने लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाने एवं नियमानुसार खरीदी करने की समझाइश दी। इसके अलावा लोहा, सीमेंट, बिस्कट एवं ब्रेड के दुकानदारों ने विधायक महेश राय के पास पहुंचे और दुकानों को खुलवाने की मांग की ।
खरीदी के लिए लगी भीड़- लॉकडाउन के 40 दिन के बाद बाजार खोलने की घोषणा के बाद सोमवार को दुकानदार सुबह अपनी दुकान पहुंचे और दुकानों की साफ सफाई करने के बाद विधिवत तरीके से दुकान खोली। दुकानें खुलते ही राशन की दुकान, कृषि उपकरण, खाद्य बीज, कूलर, इलेक्टि्रक सहित अन्य दुकानों पर खरीदी करने के लिए बड़ी संख्या में लोग दुकानों पर पहुंचे। शहर के सर्वोदय चौक, गांधी तिराहा, महावीर चौक आदि भी भीड़ भाड़ रही ।
विधायक से दुकानें खुलवाने कही मांग
कलेक्टर गाइड लाइन अनुसार लोहा, सीमेंट सेंनेटरी, बिस्कट एवं ब्रेड की दुकानें नही खोले जाने के कारण लोहा,सीमेंट एवं सेंनेटरी व्यापारी संघ विधायक महेश राय के पास पहुंच कर दुकानों को एक निश्चित समय सीमा में खोलने की मांग की।व्यापारियों ने विधायक से कहा कि शासन से प्रधान मंत्री आवास के कार्य शुरु करने की अनुमति दे दी गई है। लेकिन बिना सामग्री के आवास का निर्माण कैसे संभव होगा।
साथ ही इस कार्य में बड़ी संख्या में मजदूर काम करते है। दुकानें खुलने के बाद लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इसलिए कलेक्टर से इस दुकानों को खुलवाने के लिए अनुमति दी जाए। विधायक ने सभी को आश्वासन दिया कि कलेक्टर से आगामी बैठक में इन दुकानों को खाेले जाने पर चर्चा की जाएगी।
जिला चिकित्सालय के लिए सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के उपचार संबंधी बड़ी मात्रा में चिकित्सकीय सामग्री मिली है। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन की ओर से जिला अस्पताल को 300 पीपीई किट्स, 5000 थ्री प्लाई मास्क, 30 थर्मल स्कैनर एवं ग्लव्स दिए गए हैं।
अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन की कोविड-19 की विदिशा की वालेंटियर कृति प्रधान के प्रयासों से विदिशा जिला अस्पताल के लिए इतनी बड़ी मात्रा में यह सामग्री मिली है। कृति प्रधान ने सोमवार को कलेक्टर डॉ पंकज जैन से मिलकर फाउंडेशन द्वारा कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए दी गई यह सामग्री उपलब्ध कराई।
इस दौरान कृत्ति प्रधान ने बताया कि ये पहली खेप है और दूसरी खेप में 800 एन-95 मास्क और 1 वेंटीलेटर भी आएगा। इस मौके पर एडीएम बृंदावन सिंह, सिविल सर्जन डॉ संजय खरे, डॉ प्रमोद मिश्रा, डॉ सचिन गर्ग, ऋषि जालोरी, विनय प्रकाश सिंह, आनंद चंद्रवंशी, विनोद काले, आलोक शर्मा उपस्थित थे।
नगर पालिका रायसेन द्वारा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से बचाव के लिए शहर के कोविड सेंटर, क्वारेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर एवं स्वास्थ्य विभाग की 108, जननी एक्सप्रेस, एंबुलेंस, आरआर टी वाहन एवं पुलिस विभाग के समस्त वाहनों को सैनिटाइज किया गया।
इसके अलावा तहसील कार्यालय, जिला चिकित्सालय, जिला न्यायालय परिसर, इंडियन चौराहेे से सागर तिराहे तक, यातायात थाना, महामाया चौक, इंद्रा मार्केट, चूड़ी मार्केट, गंज बाजार, काली मंदिर एवं वार्ड क्रमांक 11 तालाब मोहल्ला से लेकर मुखर्जी नगर माता मंदिर तक के क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया। इस काम को नपा के कर्मचारी राजेंद्र यादव, सोनू कुशवाह, राहुल यादव, अर्जुन लोधी, राहुल विश्वकर्मा, खेत सिंह, सरदार सिंह, भीम सिंह प्रजापति, सुरेश, रूपसिह, परम, टीकम महत्वपूर्ण निभा रहे हैं।
दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को घर भेजने के लिए रेलवे केे द्वारा ट्रेनों को चालू कर दिया गया है। सोमवार को स्थानीय रेलवे स्टेशन से 3 ट्रेनें यूपी के लिए निकलीं। जिनमें करीब 3696 लोगों ने यात्रा की। स्टेशन पर ट्रेनों का स्टापेज कर ट्रेनों में वाटरिंग कराई गई एवं स्टाफ चेंज कर ट्रेनों को रवाना किया गया। इसके अलावा 2 ट्रेनों में करीब 2508 यात्रियों को भोजन एवं पानी की सप्लाई की गई। ट्रेनों के स्टेशन पर पहुंचने के पहले एवं बाद प्लेटफार्म को सैनिटाइज किया गया। ट्रेनों की सुरक्षा को देखते हुए प्लेटफार्म के दोनों तरफ आरपीएफ एवं जीआरपी स्टाफ मौजूद रहा।
सोमवार को अहमदाबाद से मुज्जफरपुर जा रही 09411 स्पेशल 22 बोगी की ट्रेन सुबह 10 बजकर 47 मिनट पर प्लेटफार्म क्रमांक 2 पर आई। जिसकी प्रत्येक बोगी में 60 लोग यात्रा कर रहे थे। ट्रेन की 22 बोगियों में यात्रा कर रहे 1320 यात्रियों को स्थानीय रेलवे स्टेशन पर भोजन एवं पानी की व्यवस्था की गई। इसके बाद यह ट्रेन 10 बजकर 55 मिनट पर रवाना हुई। इसी तरह बड़ोदा से लखनऊ जा रही ट्रेन क्रमांक 9401 स्पेशल 22 बोगी की ट्रेन सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर स्थानीय स्टेशन पर पहुंची। जिसकी प्रत्येक बोगी में 54 लोग यात्रा कर रहे थे। स्टेशन पर करीब 1188 यात्रियों को भोजन-पानी िदया गया। इसके बाद तीसरी ट्रेन साबरमती से जोनपुर जाने वाली स्पेशल ट्रेन क्रमांक 09413 स्पेशल 22 बोगी की प्लेटफार्म क्रमांक 4 पर 12 बजकर 40 मिनट पर बीना पहुंची। जिसका स्टाफ बदल कर एवं ट्रेन में वाटरिंग कर स्टाफ चेंज कर ट्रेन को रवाना कर दिया गया। इस ट्रेन में भोजन एवं पानी की व्यवस्था आगामी स्टेशन पर की जा चुकी थी।
दोनों तरफ लगाया बल
स्टेशन पर आने वाली स्पेशल ट्रेन पर अन्य कोई यात्री स्थानीय स्टेशन से न चढ़ जाए। इसकी सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन के दोनों तरफ आरपीएफ बल तैनात किया गया। स्टेशन पर एसएस वीके दुबे, डिप्टी एसएस संजय जैन, डीसीआई सुनील पांडे, सीटीआई पाल, आरपीएफ पोस्ट प्रभारी विपिन कुमार, जीआरपी थाना प्रभारी एसएन मिश्रा सहित स्टाफ मौजूद रहा।
715 का टिकट लेकर की यात्रा, एंट्री न होने के कारण कुछ यात्रियों को नहीं मिला भोजन
अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि वह 715 रुपए का टिकट लेकर यात्रा कर रहे हैं। स्थिति ठीक नहीं थी फिर भी पैसों की व्यवस्था कर अपने घर जा रहे हैं। इन सभी यात्रियों को रेलवे के द्वारा स्टेशन पर मुफ्त भोजन एवं पानी दिया गया। ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों को ट्रेन के दरवाजे पर ही भोजन पैकेट एवं पानी की बाॅटल एक साथ दे दी गई। भोजन वितरण के दौरान कई यात्री तक भोजन नहीं पहुंच सका। भोजन बांटने के दौरान कई यात्रियों के द्वारा एक से अधिक पैकेट रख लिए। कई यात्री अपने साथ बच्चों को भी लिए थे। जिनकी एंट्री नहीं होने के कारण कुछ यात्रियों को भोजन एवं पानी नहीं पहुंच सका। जिस पर यात्रियों ने नाराजगी व्यक्त की।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में राशि निकालने के लिए आने वाले किसानों को कैश नहीं मिलने से परेशान होना पड़ रहा है। सुबह से ही राशि निकालने के लिए बैंक के बाहर किसानों की लाइनें लग जाती है, लेकिन जब तक किसानों का नंबर आता है, तब तक कैश खत्म हो जाता है, जिससे किसानों को बिना राशि निकाले ही वापस लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इन दिनों बैंक से गेहूं खरीदी की राशि किसानों के खाते में आने लगी है, जिससे निकालने के लिए किसान बड़ी संख्या में बैंक पहुंच रहे है। दो दिन पहले तक बैंक से सिर्फ 5 हजार की राशि किसान निकाल पा रहे थे, तब भारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष मिट्ठूलाल मीणा ने किसानों की इस समस्या से एसडीएम को अगवत कराया। इसके बाद बैंक से किसानों को 50 हजार की राशि एक दिन में निकालने की सुविधा मिल गई है। बैंक में सिर्फ दो कर्मचारी ही व्यवस्था संभाल रहे है, जिससे अव्यवस्था फैल रही है। यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जिससे कोरोना वायरस संक्रमण का भी खतरा बना हुआ है।
ये भी एक कारण : देवनगर शाखा में आती है पांच सोसायटियां
देवनगर शाखा के अंतर्गत 5 सहकारी समितियां आती हैं, जिसमें देवनगर, मुड़िया खेड़ा, नरवर, हिनोतिया महलपुर और सांचेत शामिल है। इन सोसायटियों के किसानों द्वारा अपनी उपज सायलो केंद्र पर बेची जा रही है। किसान मिट्ठू लाल मीणा, पवन कुशवाह, राम मोहन बघेल, भैरव सिंह, श्रीराम, राजेश, चरण सिंह धाकड़, मुन्ना लाल कुशवाहा, वीर सिंह सेन ने बताया कि बैंक से पूरा भुगतान नहीं होने से किसानों को रोज राशि निकालने के लिए बैंक आना पड़ रहा है। इसके बाद भी कैश खत्म होने या फिर कोई दूसरा बहाना बनाकर किसानों को खाली हाथ लौटाया जा रहा है।
मार्केटिंग सोसायटी ग्राम सेऊ द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में किसानों से भेदभाव किए जाने से रोष है। किसानाें का कहना है छोटे किसानों के गेहूं की तौल नहीं कराई जा रही। जबकि बड़े किसानों का एक पर्ची पर दो-दो दिन तौल कराई जा रही है।
ग्राम मूडरा पीतांबर के रतनसिंह रघुवंशी ने बताया कि वह अस्सी बोरा गेहूं का ढेर लगाकर एक मई से तुलाई का इंतजार रहे हैं। लेकिन उनका गेहूं सोमवार तक तुल पाया। इसी प्रकार ग्राम नरखेड़ा खड्या के जितेंद्र रघुवंशी ने बताया उनका 80 बोरे का ढेर खेत में पड़ा हुआ है। तीन दिन में तौल नहीं हो पायी। जबकि प्रभावी किसानों की एक-एक पर्ची पर 4 से 5 ट्रॉलियों तौली जा रही हैं। सोसायटी द्वारा जिस जगह खरीदी केंद्र बनाया गया है। वहां जगह कम है। इसके कारण दो स्थानों पर ताैल की व्यवस्था की गई है।
एक स्थान पर तीन से चार कांटे पर तौल कराई जा रही है। जबकि दूसरे स्थान पर एक मात्र कांटा लगाया गया है, उस पर भी तौल बंद है। किसान परेशान हैं। रविवार की रात आंधी और पानी के कारण खुले में गेहूं की सुरक्षा के लिए किसानों को परेशान होना पड़ा। किसानों का कहना है कि भेदभाव के चलते समय पर तौल नहीं हो पाई तो उनका गेहूं बारिश से भीगने पर खराब हो सकता है। किसानों का कहना है कि केंद्र प्रभारी गजेंद्र सिंह से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन वह सुनने तैयार नहीं हैं।
अप्रैल माह के 30 दिनों में 52 बालक व 48 बालिकाओं ने जन्म लिया। बालक बालिकाओं का जन्म होते ही अस्पताल परिसर नवजात बच्चों की किलकारियों से गूंज उठा।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के दिनों में नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नागरिक कोरोना वायरस के संक्रमण से स्वयं को बचाए जाने के लिए अनेक एहतियात बरत रहे हैं,लेकिन इन सब के बीच नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने वाली प्रसुति महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यू तो चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इन सब के बीच अस्पताल स्टाफ के द्वारा उपचार हेतु आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित संसाधनों के बीच उपलब्ध कराई जा रही है। तहसील और आसपास के गांवों से मरीज सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों से विभिन्न बीमारियों का उपचार करा कर स्वस्थ्य हो रहे है। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसुति सहायता योजना के प्रारंभ होने से लगातार अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन लगाया गया है। लोग लॉक डाउन का पालन भी कर रहे हैं लेकिन सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने हेतु प्रसुति महिलाओं के आने की संख्या लगातार बढ़ रही है। लॉक डाउन के दौरान अप्रैल माह मे रिकार्ड एक सौ प्रसव महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा अस्पताल आने वाली प्रसुति महिलाओं के कराए गए। अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार अप्रैल माह में कुल एक सौ बेटे बेटियों का जन्म होने से अस्पताल परिसर में बच्चों की किलकारियां गंूजी। जन्म लेने वालों में 52 बालक व 48 बालिकाएं शामिल है। प्रसव कराने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा प्रसुति महिलाओं को स्वास्थ्य परीक्षण किया जाकर आवश्यक दवाएं दी जाती है। प्रसव के बाद बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी से भी अवगत कराया जाता है। इसके अतिरिक्त अस्पताल में प्रसव कराने वाली प्रसुति महिलाओं को राज्य सरकार की तय आर्थिक योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है।
आवागमन बंद होने से भी बड़ी संख्या : दरअसल लॉकडाउन के कारण आवागमन पूरी तरह से बंद है। न ही नगर के लोगों को सिलवानी से बाहर आने जाने की अनुमति मिल रही है। यही वजह है कि लोग सरकारी अस्पताल में डिलेवरी करवाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। इससे पहले कई लोग रायसेन, विदिशा, भोपाल आदि में डिलेवरी करवाने के लिए जाते थे। अस्पताल में ग्रामीण अंचल की महिलाएं भी डिलेवरी करवाती थी।
गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। मई माह के प्रथम सप्ताह में ही दोपहर के समय तीखी धूप के चलते सड़कों सन्नाटा छा जाता है। अक्सर गुलजार रहने वाले चौक चौराहे भी दोपहर के समय वीरान दिखने लग जाते हंै।
इस बार मई माह का प्रथम सप्ताह जमकर तप रहा है। नगर में लगातार दूसरे दिन सोमवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री पहुंच गया। गर्मी के तीखे तेवर बने रहने से तापमान 42 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सुबह के दस बजते ही आसमान में चटक धूप तप रही है। और बेचैनी भरी गर्मी शाम तक बनी रहती है। इसी बीच गर्म हवाएं भी अपना असर दिखा रही है। गर्मी के बढ़ते ही लोग भी आवश्यक काम से घरों से निकल रहे हैं।
हालांकि अभी कोरोना वायरस के चलते लोग मास्क का उपयोग कर रहे है। साथ ही अधिकतर घरों के अंदर ही समय व्यतीत कर रहे है। कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के कारण आइसक्रीम की बिक्री अभी प्रारंभ नहीं हुई है।
बीते सालों में पंच दिवसीय होलिका पर्व समाप्त होते ही नगर व अंचल में बड़े पैमाने पर आइसक्रीम की बिक्री प्रारंभ हो जाती थी।
इसके अतिरिक्त कोल्डड्रिंक की दुकानें भी गली मोहल्लों में खुल जाती थी। लेकिन लॉक डाउन होने से अभी तक आइसक्रीम व कोल्डड्रिंक की बिक्री भी शुरू नहीं हुई है।
भोजपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा ने सोमवार को चिकलोद कला पहुंचकर उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया और अफसरों से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाए।
विधायक पटवा को संस्था प्रबंधक धर्मेंद्र राय ने बताया है कि तुलाई केंद्र पर अभी तक लगभग 17 हजार क्विंटल गेहूं की तुलाई की जा चुकी है एवं जिसमें से परिवहन 13300 क्विंटल गेहूं का किया जा चुका है एवं शेष लगभग 3700 कुंडल गेहूं तुलाई केंद्र पर रखा हुआ है एवं किसानों का गेहूं का भुगतान एक करोड़ 36 लाख 41 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
विधायक ने किसानों से अपील की है कि सभी किसान भाई मास्क लगाएं एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें एवं अपने हाथों को सैनिटाइज करते रहें एवं घर से बेवजह न निकलें। इस दौरान विधायक जब वापस जा रहे थे तब कुछ ग्रामीणों ने विधायक को रास्ते में रोककर सड़क के गड्ढे दिखाते हुए कहा कि इन गड्ढों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने तत्काल अफसरों को सड़क की मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम गौहरगंज विनीत तिवारी, तहसीलदार गौहरगंज संतोष बिठोलिया, भोजपुर मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र गिरी,भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष ओमप्रकाश मीणा, विधानसभा सह प्रभारी जयंत डागा, डीई साहब कमल किशोर कुशवाहा, जूनियर इंजीनियर विवेक गौतम, थाना प्रभारी रामकिशन लोहिया, चौकी प्रभारी नरेंद्र पांडे सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
नगर के विभिन्न हिंदू संगठनों ने कलेक्टर उमा शंकर भार्गव और आईजी अरविंद सक्सेना को ज्ञापन सौंपकर 26-27 की रात में हुए गो हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वरिष्ठ व्यापारी शिवनारायण मालानी के नेतृत्व में संत समाज, व्यापार महासंघ, हिंदू उत्सव समिति ने ज्ञापन सौंपकर गो हत्या के हत्यारों को निष्पक्ष रुप से पकड़ने की मांग की। रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में समस्त हिंदू संगठनों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी बात रखी। संगठन की ओर से बृज गोपाल लोया द्वारा ज्ञापन पढ़कर संगठन का पक्ष रखा। आईजी अरविंद सक्सेना ने कहा कि वास्तव में यह हत्याकांड में दोषी को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। दोषी किसी समाज जाति का हो इसकी निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर कलेक्टर उमा शंकर भार्गव ने कहा कि बेकसूरों को दंडित नहीं किया जाएगा और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। व्यापारियों ने हिंदू संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके मंगलवार से बाजार खोलने की सहमति जताई। उल्लेखनीय है कि 27 तारीख को होने वाले इस गो हत्या को लेकर 30 मार्च को साधु संतों द्वारा भी ज्ञापन सौंपा गया था और शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की गई थी। सोमवार को भी उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग दोहराई। इस अवसर पर एसडीएम बृजेंद्र सिंह,एसडीओपी अशोक घनघोरिया, पूर्व जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह,पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष केशव पटेल, हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बृज किशोर शर्मा, व्यापार महासंघ अध्यक्ष संजू रघुवंशी, मंडल अध्यक्ष ऋषि परमार मौजूद रहे।
प्रशासन ने सोमवार से छूट का दायरा बढ़ाते हुए सुबह 7 बजे से 2 बजे तक कर दिया है। इस दौरान दवा, सब्जी, किराना और कृषि यंत्रों की दुकानें ही खोलने की अनुमति दी है। लेकिन इन दुकानों पर छूट के दौरान एक साथ भीड़ जमा हो रही है। जिसके चलते संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
हालांकि यह अच्छी बात है कि नगर में अभी तक कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं निकला है लेकिन सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाने के प्रति जागरूक रहना चाहिए। सोमवार को बाजार में भीड़ देखकर ऐसा लगा कि जैसे मेला लगा हुआ है। बाजार में भीड़ ज्यादा होने के कारण प्रशासनिक अफसरों ने चारों तरफ से बेरिकेट्स लगवा कर वाहनों को बाहर ही खड़ा करवा दिया और खरीदारी करने वालों को पैदल ही खरीदारी करने की अनुमति दी जिसके बाद कुछ हद तक भीड़ को नियंत्रित किया जा सका है। वहीं बाजार में भी प्रशासनिक अफसर सोशल डिस्टेंस को लेकर लोगों को बार-बार समझाइश दे रहे हैं। लेकिन व्यापारी मुनाफे के कारण जहां ग्राहकों से स्वयं संक्रमित हो रहा है तो दूसरों को भी संक्रमित कर रहा है। कई किराना, दवा दुकानों पर सोशल डिस्टेंस को लेकर व्यवस्था ही नहीं की गई। न ही इसके लिए वह ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में यदि संक्रमण फैला तो इसका जिम्मेदार कोन होगा। यह समझ से परे हैं। जिला मुख्यालय पर 62 मरीज कोरोना पॉजिटिव मरीज निकले हैं जिसको लेकर प्रशासनिक अफसर पूरी तरह से सतर्क होकर व्यवस्था बना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम के लोग भी जानकारी लगने पर तत्काल संदिग्ध के घर पहुंच रहे है ताकि उसका सैंपल लिया जा सके और मरीज व उसके परिजनों का तत्काल इलाज किया जा सके।
5934 लोगों को किया होम क्वारेंटाइन, 32 के लिए सैंपल
जिले में बढ़ने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए नगर अभी सुरक्षित बना हुआ है लेकिन इसमें आमजनों का सहयोग मिलता रहे तो कोरोना से जंग जीती जा सकती है। बता दें कि 20 मार्च से 4 मई तक तहसील में 5934 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया एवं 76 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया जिनमें कुल 32 लोगों की सैंपलिंग की गई इन में 28 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई एवं पांच लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग है। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर 20 मार्च से ही प्रशासन के द्वारा नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा एवं जागरूकता को लेकर बरेली ब्लाक अंतर्गत आने वाले 255 गांवों में 51 एएनएम 241 आशा कार्यकर्ता 12 आशा सहयोगी 7 स्टाफ नर्स एवं साथ ही ओपीडी के बाद डॉक्टर जागरूक कर रहे हैं। वहीं आयुष के डॉक्टर आशीष खटीक इस दौरान अपनी सेवाएं सिविल अस्पताल बरेली में दे रहे हैं। बीएमओ डॉक्टर गिरीश वर्मा ने बताया की एसडीएम एवं जिला कार्यालय के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ए0एनएम आशा एवं आशा सहयोगी यों के द्वारा मास्क, सैनिटाइजर हाइडोक्लोरो क्यून गोली का वितरण किया जा रहा है। वहीं क्षेत्र के लिए यह सुखद खबर है कि जिन 5934 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया था उन लोगों में से 5314 के 14 दिन पूरे हो गए बाकि 619 लोगों अभी 14 दिन पूरे नहीं होने के कारण आने वाले दिनों में भी होम क्वारेंटाइन रहेंगे वर्तमान में बाड़ी एवं बरेली में पांच पांच लोग क्वारेंटाइन सेंटर में मौजूद हैं। होम क्वारेंटाइन लोगों के स्वास्थ्य सहित बाहर से आने वाले लोगों की प्रतिदिन की रिपोर्ट आशा एवं एएनएम के द्वारा ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है।
होम क्वारेंटाइन लोग कर रहे थे व्यवसाय, पुलिस की जांच तो घर ही मिले
नगर में दीपक जैन, मुकेश जैन, प्रकाश जैन एवं अरविंद साहू, सीमा बाई को होम क्वारेंटाइन किया गया था। डॉक्टरों के पास सूचना मिली कि यह होम क्वारेंटाइन होकर भी व्यवसाय कर रहे है। डॉक्टरों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी, मौके पर पहुुंची पुलिस ने होम क्वारेंटाइन लोगों को घरों के अंदर पाया और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर ताला लगा हुआ था। जिसके बाद पुलिस समझाइश देकर वापस आ गई। होम क्वारेंटाइन लोगों पर जहां प्रशासनिक अफसरों की नजर है तो वहीं मोहल्ले के लोग भी इन लोगों पर नजर बनाए हुए हैं। इनके घर से बाहर निकलते ही तत्काल प्रशासन को सूचना दे रहे हैं ताकि संक्रमण से बचाव किया जा सके।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कर रहे कार्रवाई
बृजेंद्र रावत, एसडीएम के मुताबिक, लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई लगातार की जा रही है। आमजनों का सहयोग तो मिल रहा है लेकिन सोशल डिस्टेंस और मास्क के प्रति गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। सभी शहरवासी संक्रमण से बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखें ताकि संक्रमण से बच सकें।
समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले चना एवं मसूर के उपार्जन के लिए स्थापित किए गए केंद्र का शुभारंभ सोमवार को एसडीएम प्रियंका मिमरोट ने किया। इस मौके पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए कृषकों की उपज की तौल भी की गई।
समर्थन मूल्य पर चना एवं मसूर की उपज की खरीदी के लिए विकासखंड में 4 उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। जिसमें विपणन सेवा सहकारी समिति, सेवा सहकारी समिति गैरतगंज एवं हिनोतिया महलपुर द्वारा यह केंद्र संचालित किए जाएंगे। सोमवार को एसडीएम प्रियंका मिमरोट ने विपणन सहकारी समिति के तौल कांटे का पूजन कर उपार्जन केंद्र का शुभारंभ किया। शुभारंभ के अवसर पर किसान मुकेश लोधी चांदपुर, खिलान सिंह चुरक्का एवं कमलरानी जैन गुंदरई के चने की तौल की गई। इस अवसर पर एसडीएम ने केन्द्र प्रबंधकों को सुचितापूर्ण ढंग से केंद्र संचालन के निर्देश दिए। इस मौके पर तहसीलदार अम्बर पंथी, एसएडीओ केके ठाकुर, खाद्य निरीक्षक मयूर मरकाम, प्रबंधक वीरू पटवा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
स्टेट हाईवे पर नए पुल का निर्माण किया जा रहा है यही वजह है कि निर्माण एजेंसी ने पुराना पुल तोड़कर पास ही से वाहनों के आवागमन को लेकर कच्चा रास्ता बनाया है। लेकिन धीमी गति से हो रहे पुल निर्माण से वाहन चालकों सहित राहगीरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
करीब 4 माह पूर्व पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। लेकिन इन चार महीनों में 10 प्रतिशत कार्य भी पूर्ण नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार स्टेट हाईवे 44 पर शिवाजी नगर के पास मुख्य मार्ग पर पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। एमपीआरडीसी के द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य में निर्माण एजेंसी के द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। नवीन पुल निर्माण किए जाने के लिए करीब 60 साल पूर्व बने पुल को तोड़ा जा रहा है। पुल का निर्माण कार्य किए जाने के लिए पुराने पुल के बगल में ही नदी में से अस्थाई रुप से मिट्टी व बजरी डालकर रास्ता बना दिया गया है। इस कच्चे रास्ते से ही रेत, गिट्टी, डामर से भरे डंपर, ट्रक, कंटेनर सहित अन्य दो, चार पहिया वाहन बड़ी संख्या में दिन रात निकलते है। सोमवार को दोपहर के समय कच्चे रास्ते पर सामान से भरा एक ट्रक फंस गया जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गई जिससे जाम की स्थिति निर्मित हुई। ऐसी स्थिति दिन में कई बार बनती है। जानकारी के अनुसार इस पुल का निर्माण बारिश से पहले बनकर तैयार होना है लेकिन अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत ही काम हो सका है जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। वाहन चालक मुकेश साहू, सतीश जैन, अनवार खान आदि ने बताया कि पुल तोड़कर आवागमन के लिए नदी में से कच्चा रास्ता बनाया गया है। इस कच्चे रास्ते पर अकसर ही वाहन खराब होकर फंस जाते है। जिससे जाम लग जाता है। जाम लगने से आवागमन में परेशानी होती है। बरसात तक पुल का निर्माण होना संभव नही लग रहा है। यदि बारिश से पहले पुल निर्माण नही हुआ तो परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। नगर के उमेश कुमार, संजीव जैन, मयंक, प्रदीप प्रजापति, कमलेश धाकड़ अादि ने प्रशासन से मांग की है कि तेज गति से पुल का निर्माण कराया जावे, ताकि आने वाली बारिश में लोगों को परेशानी न हो सके।
मई की झुलसा देने वाली गर्मी और उस पर बिजली की कटौती लोगों पर भारी पड़ रही है। दिन में बिना किसी पूर्व सूचना के कई बार कटौती की जा रही है।
वहीं रात के संयम भी बिजली गोल होने से लोग हलाकान हो रहे है। रात के समय घर के कुछ सदस्य तो बिजली नहीं होने पर घर के बाहर निकल जाते है या जिनके पक्के मकान है वे छत पर पहुंच जाते है लेकिन मरीजों का बुरा हाल है व न तो घर के बाहर निकल सकते है और न जीने चढ़कर छत पर जा सकते है।
वहीं दिन में बिजली जाने पर गर्मी के कारण परेशानियां उठाना पड़ रही है। जिनके घरों में इनवर्टर है वे थोड़ी बहुत देर पंखे चला लेते है लेकिन इनवर्टर भी अधिक लोड नहीं उठा पाते हैं जिससे लोगो को हाथ के पंखे उपयोग करना मजबूरी बन गया है। असमय बिजली चली जाने से लोगो की दिन चर्या भी प्रभावित हो रही है घरों का पानी नहीं भर पाता तो शाम के समय बिजली जाने से गृहणियों का काम प्रभावित होता है। व
िशेषकर रमजान माह में रोजा रखने वाली महिलाएं शाम के समय ही भोजन व इफ्तारी आदि तैयार करती है ऐसे में बिजली चली जाने से उनका काम पिछड़ता है जिससे घरों में विवाद की स्थिति निर्मित होती है। नगर के लोगों ने बताया कि यदि कटौती का समय घोषित कर दिया जाए तो लोग उस हिसाब से अपना काम निपटा सकते है लेकिन बिना घोषित कटौती से लोग दिक्कतों का सामना कर रहे है आसमान से आग बरसाती गर्मी उस पर बिजली कटौती ने लोगो को हलाकान कर दिया है।
नगर के लोगों पूर्व पार्षद श्रीप्रकाश जैन, शफी मो. तत्तू, भाव सिंह पंथी, हारून अनवर, बाबू भाई, ग्या प्रसाद शाक्या, रजनीश ताम्रकार, शाकिर दादा, प्रवीण जैन, रफीक मंसूरी, अनवार खां राइन, गोविंद साहू, सुनील शर्मा, महेश नेमा, गंभीर सिंह, मुकेश पंथी, महेंद्र लोधी, आदि ने प्रशासनिक अधिकारियों से बिजली पूरे समय उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध में बिजली कंपनी के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संतराम उइके का कहना है कि कटौती नहीं की जा रही है अधिक लोड होने या फिर किसी फाल्ट के कारण ही बिजली जा रही है जिसे समय रहते सुचारू किया जाता है।
तहसील मुख्यालय पर बनाए गए समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी के सायलो बैग केंद्र पर किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां पहले तौल कांटे की गड़बड़ी और मशीनें खराब होने से परेशान रहे किसान अब तुलाई की धीमी रफ्तार से कतार में लगकर परेशान हो रहे हैं।
सोमवार को तुलाई के लिए किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली वाहन की पांच किमी लंबी कतार इस केंद्र पर देखी गई। सिलवानी मार्ग पर 9 समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी केंद्रों को जोड़कर बनाए गए सायलो बैग केंद्र पर बीते एक पखवाड़े से ज्यादा समय से खरीदी का कार्य चल रहा है। केंद्र शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। पहले यहां किसान तौल में गड़बड़ी और मशीनों की खराबी से तुलाई के लंबे इंतजार में उलझे रहे तो अब तुलाई की धीमी चाल किसानों को परेशानी पैदा कर रही है। सोमवार के दिन केंद्र के बाहर पांच किमी की दूरी तक तपती एवं भीषण गर्मी के बीच सैकड़ों किसानों को कई घंटों इंतजार करना पड़ा। कई किसान तुलाई न होने दूसरे दिन भी उन्हें पूरा दिन इंतजार करना पड़ा। किसान रामप्रसाद गौर, प्रेमनारायण पंथी, किशनलाल, सीताराम आदि ने बताया कि वे रविवार दोपहर से केंद्र पर अपनी तुलाई का इंतजार कर रहे है। पहले तौल कांटे में गड़बड़ी के चलते उनका अनाज नहीं तुल पाया, तो आज तुलाई में अनावश्यक देरी की जा रही है। यही नहीं केंद्र पर किसानों के लिए न तो भोजन पानी की व्यवस्था है और न ही खड़े होने एवं बैठने के लिए छायादार स्थान ही उपलब्ध कराया गया है। उधर भीषण गर्मी में भी सायलो बैग प्रबंधन इन समस्याओं को ठीक करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
केंद्र व राज्य सरकार ने गरीब व निर्धन परिवारों के खाते में सहायता राशि व वृद्धावस्था पेंशन डाली है जिसको निकालने के लिए हितग्राही अपनी जान हथेली पर रखकर लाईनों में लग रहे हैं या फिर अनाज से भरी ट्रॉलियों के नीचे बैठकर इंतजार कर रहे हैं। जिससे हादसा होने की आंशका बनी हुई है।
हितग्राही अपनी जान की परवाह न करते हुए धूप से बचने के लिए अनाज की भरी ट्रॉली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं यदि ट्राली अनियंत्रित होकर गिरती है तो नीचे बेठे लोगों के साथ बड़ी घटना हो सकती है। बावजूद इसके लोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं। उपज की नीलामी न होने के कारण किसान ने गेहूं के बोरों से भरी ट्राली घर के सामने लाकर खड़ी कर दी। किसान को नहीं पता था कि सुबह उसकी ट्रॉली नीचे लोग बैठ जाएंगे। अल सुबह से ही बैंक के सामने हितग्राही लाईन लगा लेते हैं। लाईन लंबी होने व धूप होने के कारण कुछ लोग यहां वहां बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते है। सोमवार को भी दर्जनों लोग गेहूं से भरी ट्राली के नीचे बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखे गए। लेकिन प्रशासन या बैंक प्रबंधक ने इन्हें यहां से हटाने की कोशिश नहीं की। यदि हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कोन होता। इस मार्ग से रोजाना प्रशासनिक अफसरों को निकलना होता है लेकिन किसी का इस तरफ ध्यान नहीं है। पैसे निकालने वालों के नाम बाबूलाल अहिरवार समनापुर, बुद्धू जमनिया, हल्के वीर नोरिया रोड़ा, बृजलाल खमरिया, बुद्धू नोरिया ने बताया कि शासन द्वारा राशि आई है एवं वृद्धावस्था पेंशन निकालने के लिए हम लोग लाइन में लगे हुए हैं।
सोशल डिस्टेंस का पालन सुनिश्चित कराने प्रशासन हर तरह के प्रयोग कर रहा हैं। यही वजह है कि जहां पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा है उसके कारणों का पता कर समाधान कर रही है।
पुराने बस स्टैंड, गांधी बाजार, शिवालय के पास स्थित दुकानों पर मेला जैसी भीड़ लग रही थी। जब प्रशासन की टीम यहां पर पहुंची तो आवागमन के लिए भी जगह नहीं थी। जिसको लेकर प्रशासन ने यहां पर दुकानदारों को चेतावनी देकर अपना अपना सामान अंदर रखने और अस्थाई दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी लेकिन दुकानदारों ने नहीं हटाया तो सोमवार को प्रशासनिक अफसरों की टीम दलबल के साथ पहुंची और सख्ती से अतिक्रमण हटाया। प्रशासन की इस कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप मच गया और अपना अपना सामान उठाकर ले जाने लगे। तो कई अपने अस्थाई शेड या फिर पन्नी तानकर व्यवसाय कर रहे लोग अपना सामान स्वयं हटाने को मजबूर हो गए। एसडीएम व प्रशासक संजय उपाध्याय, नायब तहसीलदार सपना झिलोरिया, टीआई घनश्याम शर्मा, सीएमओ बीएल सिंह सहित पुलिस बल व नगर रक्षा समिति सदस्यों की मौजूदगी में करीब तीन घंटे तक चली इस कार्रवाई में जहां उक्त सामग्री हटवाई गई वहीं किराना व्यवसाईयों के जरिए अपने मकान दुकान के छज्जे के नीचे रखी नमक की बोरियों, तेल की टंकियां भी हटवाई गई। चबूतरे पर रखी अलमारियों को भी हटवाया गया। होटल के सामने रखी सामग्री व पान की कुछ गुमठियों भी हटवाई गई। प्रशासन की सख्ती के चलते लोग अपना सामान ले जाते दिखे। नगर के प्रबुद्ध नागरिकों सहित पीड़ितों ने एसडीएम संजय उपाध्याय से मांग की है कि जिस तरह पुराना स्टैंड पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है उसी तरह बड़े व्यापारियों के जरिए स्थाई तौर पर अपनी दुकानों के सामने किया गया अतिक्रमण सहित पूरे नगर में व नगर के अंदरूनी हिस्सों में सड़कों तक पर किया गया पक्का अतिक्रमण हटवाकर आमजन को सहूलियत प्रदान की जाए। इस संबंध में एसडीएम व प्रशासक नगर पालिका संजय उपाध्याय का कहना है कि शीघ्र ही वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देश पर पूरे नगर का अतिक्रमण हटवाया जाएगा।
नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव भटेरा निवासी शिक्षक देवेन्द्र सिंह राजपूत को पीलिया झड़वाने के लिए वह अपनी पत्नी क संगीता राजपूत के साथ बीकोर गांव आए हुए थे।
इसी गांव के पास गौरखपुर में शिक्षक देवेन्द्र सिंह की ससुराल होने के कारण रुक गए। इसी बीच 1 मई को दोपहर में देवेन्द्र की तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उसके साला सोनू ठाकुर और परिजन देवेन्द्र को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आए जहां डॉक्टरों ने दूर से ही देखकर देवेंद्र को रायसेन या उदयपुरा ले जाने की बात कही। लेकिन डॉक्टरों ने न तो रेफर का पर्चा बनाया ही प्राथमिक उपचार किया। जिसके बाद परिजनों ने नगर में ही प्राइवेट डाॅक्टरों को चेकअप करवाकर वापस ससुराल गौरखपुर ले जाने लगे। लेकिन देवेन्द्र सिंह ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
परिजन और उसकी पत्नी देवेन्द्र के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव ले जा रहे थे लेकिन मदनपुर चेकपोस्ट पर अफसरों ने गांव ले जाने से मना कर दिया इसकी सूचना प्रशासनिक अफसरों और पुलिस के आला अधिकारियों को दी। परिजनों ने अफसरों से कई बार निवेदन भी किया लेकिन अफसरों ने पैतृक गांव ले जाने से मना कर दिया। जिसके बाद परिजन शिक्षक के शव को वापस गौरखपुर ले लाए। यही नहीं भटेरा गांव में भी मृतक के घर पुलिस भेजकर परिजनों को शव को लाने से मना कर दिया। परिजनों की विनती के बाद सिर्फ 5 लोगों को भटेरा से गौरखपुर जाने की परमिशन दी। मृतक के साले सोनू ठाकुर ने बताया कि अफसरों को लोगों की परम्पराओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। कई बार उनके पैतृक गांव ले जाने की अनुमति मांगी लेकिन उनका दिल नही पसीजा। इस संबंध में तेंदू खेड़ा एसडीएम आरएस राजपूत ने बताया शव लाने की परमिशन नहीं है इसलिए जिले की सीमा में शव लाने से मना किया था। गौरखपुर में यदि अंतिम संस्कार कर दिया तो दिक्कत क्या है।
कोरोना संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने केंद्र से 1200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज मांगा है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यह मांग की। मिश्रा ने राहत पैकेज के प्रस्ताव के अनुमोदन का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन थेरेपी से कोरोना वायरस की बीमारी के उपचार में मदद मिली है। भोपाल के चिरायु अस्पताल में इस थेरेपी से इलाज किया जा रहा है और यहां भर्ती हुए 600 मरीजों में से किसी की मृत्यु नहीं हुई है। एम्स व इंदौर में भी इस पद्धति से इलाज किया जा रहा है। केंद्र का कोई दल यहां आकर उस थेरेपी का अध्ययन करे, जिससे उसका लाभ देश के अन्य स्थानों पर भी मिल सके। हर्षवर्द्धन ने तत्काल इसके लिए निर्देशित किया।