किसानों तक सूचना नहीं पहुंच पाई, ऐसे में वह ट्रैक्टर ट्राॅली में उपज भरकर मंडी में बेचने आ गए। यहां पता चला मजदूरों ने हड़ताल कर दी। खरीदी बंद है। दिन भर सैंपल लेकर व्यापारियों से संपर्क करते रहे। किसी ने उपज नहीं खरीदी। किसान दिन भर परेशान रहे। हम्माल मजदूर शार्ट टेक प्लाटों पर सौदा पत्रक से हो रही गेहूं खरीदी की तौल मजदूरी मांग रहे हैं। शार्ट टेक प्लांट मालिकों का कहना है सौदा पत्रक के माध्यम से जो अनाज खरीद रहे हैं उसकी तौल का भुगतान उन मजदूरों को कर चुके हैं। जो तौल कर रहे हैं।
जिस अनाज की मंडी के हम्माल मजदूरों ने तौल नहीं की उसका डबल भुगतान नहीं कर सकते। इसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मंडी के हम्माल मजदूरों ने तौल करने से इंकार कर दिया। इससे मंडी में चना, मसूर, सोयाबीन की नीलामी नहीं हुई। दूसरी तरफ गलत मांग से गुस्साए व्यापारियों ने सौदा पत्रक के माध्यम से गेहूं के सौदे नहीं किए। इससे वह किसान परेशान रहे। जिनको विवाद के कारण मंडी बंद होने की खबर नहीं थी। अनाज लेकर बेचने आ गए थे।
नए प्रांगण में व्यवस्था नहीं बना पाए
कृषि मंडी में लाइसेंसी व्यापारियों की संख्या 450 है। नियमित खरीदी करने वाले 150 हैं। वर्तमान में एक दर्जन बड़े व्यापारी सौदा पत्रक के माध्यम से गेहूं खरीद रहे हैं। धर्मकांटे पर ताैल होने के बाद किसान से अनाज प्लांटों पर ही खाली कराया जा रहा है। शेष व्यापारियों के पास बाहर खरीदी के लिए जगह नहीं है। इससे वह कारोबार नहीं कर पा रहे। पुराने मंडी प्रांगण में तौल पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है। नए प्रांगण में व्यवस्था नहीं बना पाए हैं।
शार्टटेक प्लांटों पर अलग मजदूर
नगर में 20 शार्ट टेक प्लांट हैं। इन पर अलग मजदूर काम करते हैं। इनमें से एक दर्जन प्लांट शहर के अंदर और पुरानी मंडी के आसपास स्थित हैं। वर्तमान में सौदा पत्रक पर जो भी खरीदी हो रही है। उसकी मजदूरी प्लांट पर कार्यरत मजदूरों को ही मिल रही है। इसके कारण कृषि मंडी के लाइसेंसी हम्माल मजदूरों को सीजन के मान से काम और मजदूरी नहीं मिल पा रही।
हमने इंसाफ मांगा है: माल मजदूर अध्यक्ष
हम माल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष चेतन अहिरवार का कहना है कि हमने सिर्फ इंसाफ मांगा है। इसके लिए काम रोका। लेकिन हम काम करने तैयार हैं। हर साल सीजन के दौरान मंडी की पूरी व्यवस्था संभालते हैं, लेकिन संकट के समय यदि हमें दरकिनार किया जा रहा है। तो यह न्याय संगत नहीं है। तो दूसरी तरफ शार्ट टेक प्लांट यूनियन के अध्यक्ष हरीश खंडेलवाल का कहना है जो कार्य हम्माल मजदूर यूनियन के सदस्यों ने किया ही नहीं उसका डबल भुगतान नहीं कर सकते। यदि हम माल चाहे तो प्लांटों पर तौल कर सकते हैं।
नई मंडी में चना, मसूर, सोयाबीन की नीलामी, 200 ट्रैक्टर-ट्रॉली आती है
वर्तमान में नए कृषि मंडी प्रांगण में प्रशासन ने चना, मसूर, सोयाबीन की नीलामी व्यवस्था शुरू की है। इस व्यवस्था के तहत अधिकतम 200 ट्रैक्टर ट्राली उपज विक्रय को आती है। इसके कारण लाइसेंसी मजदूरों को पर्याप्त काम और मजदूरी नहीं मिल पा रही। इससे उनका आक्रोश बढ़ रहा है। वर्तमान व्यवस्था के चलते मजदूरों के दो फाड़ हो गए हैं। एक तरफ लाइसेंसी मजदूर हैं और दूसरी तरफ प्लांटों पर कार्यरत मजदूर हैं।
प्लांटों पर भी लाइसेंसी मजदूरों से कार्यकराया जाए
कृषि मंडी में 485 लाइसेंसी मजदूर हैं। इसके अतिरिक्त 61 लाइसेंसी तुलावट है। इस साल विकासखंड में सबसे ज्यादा उत्पादन गेहूं का हुआ है। जितना गेहूं समर्थन मूल्य पर सरकार किसानों से खरीद रही है। उससे अधिक किसान बाजार में बेच रहे हैं। सौदा पत्रक के माध्यम से हो रही खरीदी के कारण कृषि मंडी के लाइसेंसी हम्मालों को काम नहीं मिल पा रहा। इसके कारण परेशान हैं। उनकी मांग है जितना अनाज खरीदा गया। उसकी तौल मजदूरी दी जाए। प्लांटों पर भी उनके माध्यम से कार्य कराया जाए।
समस्या का हल दोनों को निकालना है
अरविंदर ताम्रकार सचिव ,मंडी समिति गंजबासौदा के मुताबिक, हम्माल यूनियन के निर्णय से अनाज एवं तिलहन व्यापारी संघ को अवगत करा दिया था। इसका हल दोनों को निकालना है। दोनों यूनियनों की तरफ से कोई अब तक सूचना नहीं मिली।
भारतीय किसान संघ जिला स्तरीय बैठक में किसानों की समस्या को लेकर 11 तहसीलों के अध्यक्ष द्वारा 6 मई को अपने अपने मुख्यालयों पर एसडीएम और तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। संगठन के जिला महामंत्री नारायण सिंह रघुवंशी ने बताया कि जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सोसायटियों के माध्यम से सरकार ने किसानों के लिए मीडियम टर्म लोन योजना 2018 में लागू की थी। इसमें किसान से किस्त वसूली के लिए तीन वर्ष का समय रखा गया था। इसमें दूसरी किस्त वसूली का समय 27 मार्च 2020 रखा गया था।
कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन होने के कारण सरकार ने बैंकों की ऋण वसूली की तारीख बढ़ाकर 31 मई कर दी। इससे किसानों ने दूसरी किस्त 27 मार्च तक जमा नहीं की। अब बैंक द्वारा दूसरी किस्त राशि के साथ मार्च तक ब्याज 11 प्रतिशत और 27 मार्च के बाद का ब्याज 14 प्रतिशत मांगा जा रहा है। इसका संगठन ने विरोध करने का फैसला लिया है। इस ब्याज को माफ करने के लिए मांग उठाई है।
देशव्यापी लॉकडाउन के चलते देश के विकास की रफ्तार रुक गई है। देश-प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां, बाजार, शैक्षणिक संस्थान, मॉल व दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। इसी के चलते देशभर में विद्युत खपत पर भी असर दिखाई दिया है। इसी मामले में अगर ब्यावर डिवीजन की बात की जाए तो वर्ष-2019 के मुकाबले इस वर्ष अप्रैल माह की विद्युत खपत 50 प्रतिशत घट गई है। इसके साथ ही अप्रैल के अंतिम दस दिनों की खपत भी वर्ष -2019 के मुकाबले काफी कम दर्ज की गई है।
ब्यावर विद्युत वितरण निगम के अधिशाषी अभियंता दिनेश सिंह ने बताया कि इस वर्ष मार्च महीने में जब लॉकडाउन लागू हुआ तब 27 मार्च को ब्यावर डिवीजन की विद्युत खपत 03 लाख 89 हजार यूनिट दर्ज की गई। यह खपत वर्ष 2020 में तब तक का सबसे कम विद्युत खपत वाला दिन रहा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मार्च-2020 में कुल विद्युत की खपत 302.85 लाख यूनिट दर्ज की गई है, वहीं, मार्च-2019 विद्युत खपत 349.62 लाख यूनिट दर्ज की गई थी। मार्च माह में खपत वर्ष 2019 के मुकाबले 46 लाख 78 हजार यूनिट कम दर्ज की गई।
अप्रैल में सबसे कम खपत
अप्रैल-2020 में ब्यावर डिवीजन में 196 लाख यूनिट विद्युत खपत दर्ज की गई। वहीं, अगर अप्रैल-2019 की बात की जाए तो अप्रैल माह में यह विद्युत खपत 391 लाख यूनिट दर्ज की गई थी। डिवीजन के आंकड़ों के मुताबिक गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अप्रैल माह में 50 प्रतिशत विद्युत खपत में कमी आई है। विद्युत वितरण निगम के आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 को 5.19 लाख यूनिट विद्युत खपत रही जो 30 अप्रैल को बढ़कर 8.30 लाख यूनिट हो गई। इस दौरान विद्युत खपत बढ़ने का कारण तापमान में हुई बढ़ोत्तरी को बताया जा रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही घरेलू विद्युत खपत में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। निगम अधिकारियों ने अनुमान लगाया आने वाले दिनों में घरेलू विद्युत खपत बढ़कर लगभग 10 लाख यूनिट प्रतिदिन हो जाएगी।
कृषि श्रेणी में 35 हजार यूनिट प्रतिदिन रही खपत
लॉकडाउन के दौरान कृषि विद्युत खपत 30 से 35 हजार यूनिट प्रतिदिन दर्ज की जा रही है। निगम अधिकारियों ने बताया कि अजमेर डिस्कॉम के एमडी के निर्देश हैं कि लॉकडाउन के दौरान विद्युत व्यवस्था सुचारू रखी जाए। सरकार की ओर से चलाए जा रहे क्वारेंटाइन सेंटर, लैब्स, शेल्टर होम, हॉस्पिटल एवं घरेलू उपभोक्ताओं के साथ अन्य महत्वपूर्ण जगह पर विद्युत सप्लाई हर हालत में निर्बाध दिए जाने के निर्देश हैं। इसी के तहत निगम के तकनीकी कर्मचारी व अधिकारी व्यवस्था को बनाए रखने में दिनरात जुटे हुए हैं।
मंगलवार को भी इंदौर, देवास, भोपाल आदि जिलों से 33 लोग ग्रामीण क्षेत्रों में अपने घर वापस आए। इन सभी की त्योंदा शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्क्रीनिंग की गई। उनको होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया। पूरे विकासखंड में करीब 5 से 7 हजार ग्रामीण रोजगार की तलाश में प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित राजस्थान महाराष्ट्र में जाते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण जिन उद्योगों में कामकाज करते हंै। सभी बंद हो चुके हैं। इसके कारण लोग डेढ़ महीने से विभिन्न शहरों में रुक गए थे, जैसे ही उनको मौका मिल रहा है। वापस अपने घर आ रहे हैं। इसके कारण स्वास्थ्य दलों की ग्रामीण क्षेत्र में निगरानी लगातार बढ़ रही है। लेकिन चेतावनी के बाद भी ग्रामीण मास्क और सोशल डिस्टेंस नियमों का पालन नहीं कर रहे। बाइक पर सिर्फ एक व्यक्ति को सफर करने की अनुमति है, किंतु तीन-तीन बैठकर घूम रहे हैं।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में निर्देशों का पालन नहीं
लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है। लेकिन इसका पालन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं हो रहा है। प्रशासन की चेतावनी के बाद नागरिक कोरोना संक्रमण को गंभीरता से नहीं ले रहे। इसके कारण सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन दिखाई नहीं दे रहा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्योंदा के बीएमओ डाॅ. लोकेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि रेड जोन से लगातार लोग वापस आ रहे हैं, कई बार संक्रमण के लक्षण 10 से 14 दिन बाद दिखाई देते हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा रहता है। इसके कारण ही लोगों को अनावश्यक घर से न निकलने। सोशल डिस्टेंस नियम का पालन और मास्क लगाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, किंतु लोग उसे गंभीरता से नहीं ले रहे।
भारत स्काउट विदिशा इकाई ने मंगलवार को कोरोना वॉरियर्स पुलिस कर्मियों का पुष्प माला पहनाकर सम्मान किया। स्काउट की विदिशा इकाई ने शहर के हर चेक प्वाइंट पर जाकर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर जहां सम्मान किया, वहीं सिटी कोतवाली में तैनात सभी पुलिसकर्मियों का गीत गाकर मनोबल बढ़ाया। इस दौरान कोतवाली परिसर में मोमबत्ती जलाकर 2 मिनट का मौन रखकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने ऐसी महामारी से लड़ने में अपने प्राणों की आहुति दी। इसके साथ ही विदिशा इकाई द्वारा फायर ब्रिगेड के कर्मियों का भी सम्मान किया। बुधवार को सफाई कर्मियों का माला पहना कर सम्मान किया जाएगा। इस मौके पर मुख्य अतिथि अतुल शाह ने सभी पुलिसकर्मियों को जीवन रक्षक के रूप में संबोधित कर पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई की।
नगर व्यापार संघ ने शराब दुकान खोले जाने पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा है कि शासन को अपने राजस्व की चिंता है। इसलिए शराब दुकान खोल दीं। लेकिन उन छोटे व्यापारियों की चिंता नहीं जो पिछले 40 दिनों से कोरोना संक्रमण के संकट से निपटने के लिए देश को सहयोग करते हुए अपनी दुकानें बंद किए हुए हैं और तन-मन-धन से सहयोग कर रहे हैं।
महासंघ के अध्यक्ष मनोज डागा ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा और ऑरेंजजोन का हवाला देते हुए। दुकानें नहीं खोलने की बात की जा रही हैं। यह समय पूरे साल का मुख्य सीजन है। इसके बाद बारिश शुरू हो जाएगी। व्यापारियों का व्यवसाय पिट जाएगा। इससे व्यापारियों की सब्र जवाब देने लगी है। शासन को व्यापारियों के पक्ष में जल्द उचित निर्णय लें लेना चाहिए। डागा ने कहा कि जब शराब दुकान सरकार अपने राजस्व के खातिर संक्रमण को दरकिनार करते हुए खोल सकती है। तो छोटे व्यापारियों को भी अपना कारोबार करने की अनुमति देना चाहिए। उनकी भी हालत लॉकडाउन के कारण खस्ताहाल हो चुकी है। शराब दुकानोंपर सोशल डिस्टेंस दिखाई नहीं दिया।
अतिथि शिक्षक संघ ब्लॉक लटेरी द्वारा मानदेय विसंगति व सम्बन्धित अधिकारियों के संतोषजनक निराकरण न करने को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम लटेरी को सौंपकर निराकरण की मांग की गई।
अतिथियों ने बताया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की आदेश अनुसार कोरोना महामारी के चलते प्रत्येक विभाग के कर्मचारियों को मार्च व अप्रैल माह का सम्पूर्ण वेतन व मानदेय दिया जाना चाहिए था। लेकिन ब्लॉक के सम्बंधित अधिकारियों द्वारा पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते हुए कम मानदेय भुगतान किया गया है। जबकि इन्हीं मार्च अप्रैल माह का जिले की अन्य तहसीलों में पूर्ण मानदेय का भुगतान किया है। ज्ञात हो कि मार्च व अप्रैल माह में कुल 45 दिवस का भुगतान किया जाना था, जबकि इन अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते सिर्फ 40 दिवस का भुगतान हुआ है। इन्हीं माह का जिले की अन्य तहसीलों में 45 दिवस तक का भुगतान किया गया है। इन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से सैकड़ों अतिथि शिक्षकों को आर्थिक नुकसान हुआ है। लॉकडाउन को ध्यान में रख सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए ज्ञापन देने वालों में संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़, संरक्षक धर्मेंद्र पाटीदार, मनोज गुरु व अमित चतुर्वेदी उपस्थित रहे।
कृषि उपज मंडी में बुधवार से कुछ जिंसों की खरीद पर व्यापारियो को 2 प्रतिशत अधिक शुल्क देना होगा।विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय ने मंगलवार को अधिनियम में संशोधन करते हुए,मंडी अधिनियम में नई धारा 17 ए को जोड़ा गया है। इस धारा के जोड़े जाने के बाद राज्य में कृषक कल्याण फीस 2 प्रतिशत की दर का प्रावधान किया गया है । जिसे तत्काल प्रभाव से 2 प्रतिशत की दर से कृषक कल्याण फीस मंडी क्षेत्र में आने वाली विक्रय या क्रय होने वाले कृषि जिंसों पर लिया जाएगा।
इस प्रकार वसूला जाएगा शुल्क
मंडी अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न जिंसों पर अलग-अलग शुल्क व्यापारियों से वसूला जाता है। जैसे ज्वार, बाजार, मक्का व जौ पर व्यपारियो से आधा प्रतिशत शुल्क वसूला जाता था, जहां नए आदेश के बाद अब 2.50 प्रतिशत मंडी शुल्क वसूला जाएगा। इसी प्रकार रायड़ा, तारामीरा, सोयाबीन व तिल पर पूर्व मे 1 प्रतिशत शुल्क के स्थान पर अब व्यापारियों को 3 प्रतिशत शुल्क जमा करवाना होगा। वही मूंग, मोठ, दहलन, गेहूं, कपास, गुड़, शक्कर व घी पर 1.6 प्रतिशत शुल्क की जगह 3.60 प्रतिशत शुल्क देना होगा।
वही मंडी शुल्क मे हुई बढ़ोतरी पर व्यपारियों ने रोष जताया है, उनका कहना है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडॉउन की वजह से पहले ही व्यापार मंदा चल रहा था,ऐसे मे शुल्क में बढ़ोतरी से व्यपारियो को ओर नुकसान उठाना पड़ेगा।
अतिरिक्त शुल्क किसान कल्याण कोष में जमा होगा
^ मुख्यालय ने आदेश जारी कर मंडी शुल्क मे 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। यह अतिरिक्त शुल्क किसान कल्याण कोष में जमा होगा।
महेश शर्मा, सचिव, कर्षि उपज मंडी, ब्यावर
लॉकडाउन के दौर का उपयोग कई लोग अपनी प्रतिभा को निखारने में कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान शहर के कुछ युवाओं ने ऑनलाइन ही अपनी प्रतिभा का समुचित उपयोग किया है। शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन कर चुके एंकर आकाश ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान शहर के युवाओं की एक संस्था ‘कलाकार’ द्वारा लॉकडाउन में ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा रहा है। लॉकडाउन में अब तक संस्था ‘कलाकार’ की ओर से बिग बॉस गेम , एस . जे. टॉक्स , आवाज ऑनलाइन सिंगिंग प्रतियोगिता व टिक- टॉक कॉन्टेस्ट कराया जा चुका है। जिसमें शहर के कई युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। संस्था ‘कलाकार’ की ओर से आयोजित कराए जा रहे कार्यक्रमों में युवाओं को एक्टिंग, सिंगिंग सहित अन्य क्रिएटिव व प्रोडेक्टिव टास्क दिए जाते हैं। जिससे लोग घर बैठकर ही अपना मनोरंजन कर सकें। इसके साथ ही संस्था से जुड़े सदस्य लोगों से घरों में रहने की अपील भी करते हैं।
संस्था ‘कलाकार’ की ओर से आयोजित कराए जा रहे कार्यक्रमों का संचालन आकाश लालवानी, हैप्पी मारोठिया ,विभोर प्रजापति, आदित्य कुमावत ,सागर जेसवानी , विकास सोलंकी सहित युवाओं द्वारा किया जा रहा है। लाॅकडाउन के दौरान शहर के युवाओं की ओर से किया जा रहा यह प्रयास काफी प्रशंसनीय है।
पोस्टर बना कर रहे जागरुक
शहर के कई विद्यालयों की ओर से अपने विद्यार्थियों को घरों में ही रहकर लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा जा रहा है। इसे लेकर विद्यार्थियों की ओर से कई पोस्टर भी बनवाए गए हैँ। इसी के तहत स्थानीय मंगल न्यूटन के छात्र तंमय सिंह ने एक पोस्टर बनाकर लोगों को घरों में सीमित रहने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने व कुछ देर के अंतराल में हाथों को धोने के लिए प्रेरित किया है।
कोरोना महामारी के दौरान जहां आम तौर पर लोग अपनों से भी मुंह मोड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर नर्सिंग सेवाओं से जुडा एक पेशा ऐसा है जो संक्रमित मरीजों के सबसे ज्यादा और करीबी संपर्क में आते हैं लेकिन उन्हें कोई ना तो उचित सम्मान मिलता है और ना ही उनके बारे में ज्यादा लोग जानते हैं। वे हैं मरीजों के सेंपल लेने और जांच करने वाले लैब टैक्नीशियन। लैब टैक्नीशियन का कार्य सबसे ज्यादा कठिन होता है और संक्रमित मरीज से संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा भी सैंेपल कलेक्शन और जांच के दौरान रहता है फिर भी इन योद्धाओं को कोई पहचान नहीं मिल पा रही है।
बिना छुट्टी लगातार कर रहे काम
कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव दोनों के सीधे संपर्क में आने वाले लैब टेक्नीशियन बिना छुट्टी के लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। पॉजिटिव और निगेटिव सभी का सैंपल कलेक्शन का काम लैब टेक्नीशियन करते हैं। सैंपल लेने के बाद लैब में जाच का जिम्मा भी इन्हीं के हाथों में है।
जांच से पहले इन्हें भी नहीं पता होता है कि जिस संदिग्ध का यह सैंपल ले रहे हैं उनमें से ही कोई संक्रमित भी हो सकता है, और उनसे संक्रमण इन टेक्नीशियन को भी फैल सकता है। कोरोना वायरस किसी भी संदिग्ध के सीधे संपर्क में आने से नाक व मुंह के माध्यम से दूसरे में फैलता है। जबकि सैंपल की जांच मुंह से ही स्वाब लेने के बाद की जाती है।
कोरोना जांच के लिए आसान नहीं सैंपल लेना
कोरोना जांच के लिए सैेपल लेने का कार्य भी आसान नहीं है। लैब टैक्नीशियन को पूरा पीपीई किट पहनने के बाद संदिग्ध के पास भेजा जाता है। जहां लैब टेक्नीशियन द्वारा अपने मोबाइल से आरटी पीसीआर एप पर मरीज की जानकारी भर कर रजिस्ट्रेशन किया जाता है। जिसके बाद मरीज के मोबाइल पर ही एक ओटीपी आता है।
ओटीपी आने के बाद ऑनलाइन फॉर्म भरा जाता है जिसे लैब टेक्नीशियन द्वारा किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जाकर मरीज के गले से सैंपल लिया जाता है जिसकी प्राइमरी पैकेजिंग वहीं की जाती है। उसके बाद गाइडलाइन के अनुसार सैंपल को पूरा पैक कर आइसपैक में सुरक्षित रख दिया जाता है। जहां से एक लैब टेक्नीशियन ही दिन भर में कलेक्ट किए गए सैंपल को लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भिजवाया जाता है।
ऐसे में बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा
कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल नाक या मुंह से लेना होता है। जैसे ही टेस्ट स्वाब स्टिक नाक या गले में डाली जाती है वैसे ही संदिग्ध कोरोना मरीज द्वारा छींकने या उल्टी करने की संभावना रहती है। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अमृतकौर अस्पताल में वैसे तो 20 से अधिक लैब टेक्नीशियन कार्यरत हैं कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल लेने और उन्हें हायर सेंटर पर ले जाने का कार्य करने वालों में लैब टेक्नीशियन विनोद जोशी, दिनेश जैन, देव नारायण शिशोदिया, वैभव शर्मा, पुष्पेंद्र चोरोटिया, ब्रजेश मसीह, हरीश गहलोत, लैब सहायक घनश्याम सिंह, लक्ष्मण सैनी, सुनील गंडेर और सुनील परिहार शामिल है।
भारत विकास परिषद व आर्य समाज ब्यावर की ओर से लगातार रोडवेज बस स्टैंड पर अलग- अलग स्थानों से आए प्रवासी श्रमिको व अन्य लोगों के लिए अल्पाहार व भोजन की व्यवस्था जारी है।
आर्य समाज के मंत्री भूदेव आर्य व भारत विकास परिषद के सचिव प्रशान्त पाबूवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते देश में लाॅकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों को स्थानीय प्रशासन अपने गंतव्य स्थान पर भेजने का कार्य कर रही है।
इसी के तहत ब्यावर आगार से सैकड़ों प्रवासियों को बसों से रवाना कर अपने घरों की भेजा जा रहा है। इन सभी प्रवासियों के लिए रोडवेज बस स्टैंड पर अल्पाहार व भोजन की व्यवस्था भारत विकास परिषद व आर्य समाज ब्यावर की ओर से कराई जा रही है। भारत विकास परिषद के अध्यक्ष राजेन्द्र काबरा ने बताया कि मंगलवार को सैकड़ों प्रवासियों को सुबह अल्पहार में ब्रेड-नमकीन व भोजन में हरी सब्जी- पूड़ी व शाम को आलू-टमाटर, मिर्ची व पूड़ी का भोजन कराया गया।
शाम को तीन बसें ब्यावर से अपने गन्तव्य के लिए रवाना हुई। ये सभी प्रवासी गुजरात-रतनपुरा बॉर्डर से आए थे। इनमें से कई अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, मेहसाणा, भचाऊ आदि स्थानों से आए थे। दोनो संस्थाओं के पदाधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में भी प्रवासियों के लिए सेवा कार्य जारी रहेंगे। इस मानव सेवा कार्य में ओमप्रकाश नवाल, राजेन्द्र काबरा, भूदेव आर्य, प्रशान्त पाबूवाल, अनिल भराडिया, राजेंद्र काबरा, ब्रजेश मालू, सतीश सर्राफ, रवि धूत, पंकज बंट, कन्हैयालाल शर्मा, अशोक मेवाड़ा, विजय काबरा , अभय आर्य , पवन जैन, संजय गर्ग, जितेंद्र गर्ग, अनिल कुमावत, लोकेश धूत, पीयूष , संजय अरोड़ा आदि मौजूद रहे।
मंत्रिमंडल का विस्तार लॉकडाउन खत्म हाेने तक लगभग टल गया है। मुख्यमंत्री इस विस्तार में कुछ पद 24 सीटों के उप चुनाव के नतीजे आने तक के लिए खाली रखने पर विचार कर रहे हैं। वे 22 से 24 मंत्री व राज्यमंत्री बना सकते हैं। फिलहाल संगठन प्रदेश कार्यसमिति के गठन और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर सकता है। प्रदेश के तमाम संगठन मंत्री मंगलवार को भोपाल पहुंचे। संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ मुलाकात हुई।
लाॅकडाउन के दौरान मंगलवार रात को बलाड़ रोड पर दो जोड़ों ने फेरे लेकर जिंदगी के हमसफर बने। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से सरकार की गाइड लाइन की पूरी तरह पालना की गई। बलाड़ रोड निवासी रमेशचंद्र और उनकी पत्नी बीनादेवी गहलोत ने माली समाज द्वारा 2 अप्रैल को होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपनी दो पुत्रियों पूजा गहलोत और मोना गहलोत के विवाह का पंजीयन कराया। मगर लॉकडाउन के दौरान सरकार की गाइड लाइन की पालना में समाज की ओर से आयोजित होने वाला यह सामूहिक विवाह सम्मेलन स्थगित हो गया।
ऐसे में रमेशचंद्र ने सादगीपूर्ण तरीके से अपने दोनों पुत्रियों की शादी 5 अप्रैल को करने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय पर समधी पक्ष ने भी सहमति जताई। इस पर सभी की सहमति से लॉकडाउन की पूरी पालना करते हुए मंगलवार को बलाड़ रोड स्थित अपने निवास पर यह शादी संपन्न हुई।
लाॅकडाउन के दौरान बलाड़ रोड स्थित जय अंबे कालोनी काली माता मंदिर के समीप मंगलवार को दो बारातें पहुंची। जिनमें दूल्हे के साथ बाराती भी मास्क पहने हुए सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी तरह पालना करते नजर आए। इससे पहले दोनों पक्षों ने शादी की अन्य रस्मों को फौरी तौर पर घर पर ही निभाकर पाणिग्रहण संस्कार संपन्न कराने पर सहमति जताई। बड़ी बेटी पूजा की बारात छावनी फाटक बाहर पोखर सांखला के पुत्र दुर्गेश सांखला की और छोटी बेटी मोना की बारात प्रताप कालोनी निवासी किशन टाक के पुत्र रवि टाक की आई। विवाह में सरकार की गाइड लाइन मुताबिक दोनों पक्षों की ओर से सीमित संख्या में परिजन शामिल हुए।
काश्तकारों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने के उद्देश्य से क्रय विक्रय सहकारी समिति द्वारा शहर के कृषि उपज मंडी में एक मई से शुरू हुए खरीद केन्द्र पर एक भी काश्तकार अब तक उपज का बेचान करने नही पहुँचा है। कोरोना वायरस के चलते पहले ही खरीद केंद्र को 18 अप्रैल की जगह 1 मई से शुरू हुआ है। जिसके तहत एक मई से ही पंजीयन की ऑनलान प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी थी। इसके पीछे मुख्यालय का उद्देश्य खरीद केन्द्र में काश्तकारों की भीड़ ना पड़े। जहां कोरोना वायरस से काश्तकारों का बचाव किया जा सके। लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी एक भी काश्तकार ने पंजीयन नही करवाया है। वही क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों की ओर से खरीद केन्द्र पर इस बार सीसीटीवी लगने के साथ ही विडियो ग्राफी करवाई जाएगी। खरीद केन्द्र शुरू होने पर काश्तकार की उपज को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी। इससे काश्तकारों को मंडी में बिचौलियों से निजात प्राप्त होने के साथ ही उपज का सही दाम प्राप्त होगा। क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों ने बताया कि समर्थन मूल्य स्कीम योजना के तहत एक मई से खरीद क्रेन्द्र शुरू हो चुका है। जिसके लिए काश्तकार चना व सरसों की उपज को खरीद केन्द्र पर लाकर बेच सकता है। इसके लिए कृषि उपज मंडी के प्लेटफार्म संख्या 1 पर खरीद केन्द्र को शुरू किया गया है।
यह बता रहे कारण
समिति के अधिकारियों ने बताया कि खरीद केन्द्र पर उपखंड के काश्तकार ही कृषि उपज मंडी में चना व सरसों की उपज की तुलाई करवा सकते हैं। शहर की कृषि उपज मंडी में चने व सरसों की आवक सोजत, रायपुर, चंडावल, निम्बाज, रास बाबरा, मेगडदा, पींसागन, गोविंदगढ, जेठाना, दांतड़ा, गोला, सराधना, मांगलियावास आदि क्षेत्रों से होती है। जबकि उपखंड में पत्थरिली भूमि होने के कारण चना व सरसों की उपज नहीं के बराबर है। इसके अलावा खरीद केंद्र के देरी से शुरू होने के कारण भी काश्तकारों ने पहले ही चने का बेचान व्यपारियो को कर दिया। वही सरसो की आवक अब तक मंडी मे हुई ही नही है।
समर्थन मूल्य में गत वर्ष की तुलना में हुई बढ़ोत्तरी
इस बार शुरू हो रहे खरीद केन्द्र पर आने वाली उपज में मुख्यालय ने 470 रुपए की समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीद केन्द्र पर केवल चना व सरसों की ही खरीद की जाएगी। जहां चना पर 4 हजार 875 रुपए प्रति क्विंटल व सरसों 4 हजार 425 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी। जबकि पूर्व में चना 4 हजार 620 व सरसों 4 हजार 200 रुपए प्रति क्विंटन समर्थन मूल्य पर खरीद की गई थी। ऐसे में इस बार काश्तकारों को दोनों उपज पर 470 रुपए का लाभ प्राप्त होगा।
ई मित्र पर होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
खरीद केन्द्र पर अपनी उपज को बेचने के लिए काश्तकार को ई मित्र द्वारा ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करा कर खरीद का टोकन प्राप्त करना होगा। काश्तकार सुबह 9 से शाम 6 बजे तक ही ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इसके लिए काश्तकार को भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, गिरदावरी रिपोर्ट सहित काश्तकार को बायोमेट्रिक प्रणाली से खुद की उपस्थिति में अंगूठे का निशान देना होगा। इस बार काश्तकारों को खरीद केन्द्र पर स्वंय आकर अपनी उपज का बेचान करना अनिवार्य होगा। इसके लिए खरीद केन्द्र पर भी बायोमेट्रिक मशीन लगाई गयी है। रजिस्ट्रेशन के बाद जारी की गई तारीख के सात दिन के अंदर ही उपज की तुलाई करवानी होगी। इसके अतिरिक्त काश्तकार को जमाबंदी व गिरदावरी दस्तावेज तुलाई के समय भी पेश करने होंगे। काश्तकार को बैंक खाता,आईएफसी कोड, बैंक का नाम व शाखा का सही विवरण पंजीकरण के समय देना होगा। काश्तकार को राजफैड द्वारा ऑनलाईन भुगतान सीधा ही किसान के बैंक खाते में किया जाएगा।
इनका कहना है
^एक मई से चने व सरसो के लिए खरीद केंद्र शुरू किया गया है। लेकिन अब तक एक भी काश्तकार की ओर पंजीयन नही करवाया है।
हेमराज बलाई,खरीद प्रभारी, क्रय विक्रय सहकारी समिति
कमलनाथ सरकार के समय हुई संवैधानिक नियुक्तियों को शिवराज सरकार द्वारा निरस्त करने के आदेश पर हाईकाेर्ट ने राेक लगा दी है। भाजपा सरकार ने मप्र राज्य अनुसूचित जाति आयाेग के अध्यक्ष आनंद अहिरवार और सदस्य प्रदीप अहिरवार की नियुक्ति निरस्त कर दी थी। जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने सरकार से दाे सप्ताह में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 25 मई काे हाेगी। उल्लेखनीय है कि दाेनाें की नियुक्ति कांग्रेस सरकार ने 15 मार्च काे की थी। 24 मार्च काे भाजपा सरकार ने नियुक्तियां निरस्त कर दी थीं। अब हाईकोर्ट के स्थगन के बाद अब आयोग के अध्यक्ष और सदस्य अपने पद पर बने रहेंगे।
लॉकडाउन फेज-3 के दौरान ऑरेंज और ग्रीन जोन में कुछ छूट मिलने की वजह से नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। सड़कोंपर सामान्य दिनों से ज्यादा भीड़ देखीजारही है। बाजार, सब्जी मंडी और बैंकों के अलावा मोहल्लों में भीऐसा नजारा देखने कोमिलरहा है, जैसे कोरोना से मुक्ति मिल गई हो। सोशल डिस्टेंसिंग को दूर की बात है, लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं। जिला प्रशासन ने अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मंजूरी नहीं दी है, लेकिन लोग मिनी ट्रकोंसे आते-जाते दिखे। राज्य में संक्रमितों की संख्या 3049 हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में 1654 हैं।
बुराहनपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा का परिवार भी कोरोना की चपेट में आ गया। तीन दिन पहले विधायक के भाई की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सोमवार को विधायक की बहू, भतीजा, सवा साल केपोते की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। उज्जैन के बड़नगर के कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। विधायक की आपत्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनके सैंपल को फिर से जांच के लिए भेजा है।
लॉकडाउन में छूट मिलते ही सब्र टूटा
जोनवार दुकानें खोलने की व्यवस्था
कोरोना अपडेट्स
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 3049 संक्रमित: इंदौर 1654, भोपाल 571, उज्जैन 184, जबलपुर 106, खरगोन 79, धार 75, रायसेन 63, खंडवा 49, होशंगाबाद-मंदसौर 36-36, बुरहानपुर 34, बड़वानी-देवास 26-26, मुरैना 17, रतलाम 16, विदिशा 13, आगर मालवा 12, शाजापुर 7, ग्वालियर-सागर और छिंदवाड़ा 5-5, श्योपुर 4, हरदा-अलीराजपुर-शहडोल-टीकमगढ़-अनूपपुर में 3-3, रीवा-शिवपुरी में 2-2, बैतूल, डिंडोरी, अशोकनगर, पन्ना-निवाड़ी में एक-एक संक्रमित मिला। अन्य राज्य के 2 मरीज हैं।
लॉकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश के दो जिलों मेंबड़ेहादसेहुए। सीहोर और रायसेन में नर्मदा नदी मेंडूबने से 5 लोगों की मौत हो गई है। ये सभी नहाने गए थे। रायसेन में 3 युवकों और सीहोर में 2बच्चों की मौत हुई है।बताया जा रहा है कि इन्हें तैरना नहीं आता था और यह गहरे पानी में चले गए थे। प्रशासन ने रायसेन में 2शव निकाले हैं, तीसरे की तलाश की जा रही है।वहीं, सीहोर में गोताखोरों की मदद से बच्चों के शव पानी सेनिकाले गए।
रायसेन:दो युवकों के शव निकाले, एक लापता
जिले में नर्मदा नदी में नहाने गए 3 युवकों की डूबने से मौत हो गई। घटना देवरी स्थित नर्मदा घाट की है। पुलिस ने नदी से 2 युवकों का शव निकाल लिया है। तीसरे की तलाश जारी है। युवकों की पहचान साहिल लोधी (18) उसका भाई साहब लोधी (22) और कृष्णपाल (22) रुप में हुयी है। थाना प्रभारी अनिरुद्ध गौर ने बताया कि यहां सोकलपुर घाट पर नहाने गए थाला गांव के 3 युवक डूब गए। इनमें दो युवक थाला दीघावन एक रमखिरिया गांव का निवासी है। बताया जा रहा है कि नहाते हुए तीनों गहरे पानी में चले गए और डूब गए।
सीहोर:दो बच्चे डूबे, साइकिल से नहाने आए थे
जिले के नीलकंठ घाट पर दो बच्चे साइकिल से नर्मदा में नहाने गए थे।गहरे पानी में चले जाने से दोनों डूब गए। पुलिस ने रेस्क्यू चलाकर गोताखोरों की मदद से दोनों का शव निकाला। दोनों राधेश्याम कॉलोनी के रहने वाले हैं। दोनों की उम्र 12-15 साल के बीच बताई गई। एसडीओपी प्रकाश मिश्रा ने कहा कि रोहित पवार और सौरभ यदुवंशी की नर्मदा नदी के नीलकंठ घाट में डूबने से मौत हुईहै। सूचना के बाद पुलिस-प्रशासन की टीमें वहां पहुंचीं।स्थानीय गोताखोरों की मदद से बच्चों को मृत अवस्था में निकाला गया।
देश के कई हिस्से में बने सिस्टम के प्रभाव से मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर कल हल्की बारिश के बीच अगले 24 घंटेके दौरान फिर सेहल्की बारिश का अनुमान है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि प्रदेश के मौसम की गतिविधियों में प्रभाव डालने में विशेषकर तीन सिस्टम बनेहैं। इनमें दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में ऊपरी हवाओं में चक्रवात बनने के साथ ही दक्षिण पूर्व मध्यप्रदेश में भी ऊपरी हवाओं में चक्रवात बना हुआ है।
इसके अलावा बिहार के पूर्वी हिस्से से लेकर तमिलनाडु के बीच एक द्रोणिका (ट्रफ लाइन) बनी है, जो यह राज्य के दक्षिण पूर्व हिस्से से गुजर कर जा रही है। ऐसी स्थिति में रीवा, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडौरी, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, रायसेन, सीहोर जिले में अगले 24 घंटों के दौरान कहीं-कहीं हल्की बारिश का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि ऐसी आशंका है कि इन स्थानों पर गरज चमक की स्थिति के साथ तेज हवाएं चल सकती है। इन स्थानों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। देश में कल कई स्थानों पर बने सिस्टम के प्रभाव के कारण रीवा, सागर एवं शहडोल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई। साथ ही जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन औरभोपाल संभागों के जिलों में भी कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। राज्य में कल अमरकंटक, खजुराहो, उमरिया, अजयगढ़, कोतमा, सिंगरोली, नौगांव, राजनगर, कटनी, पन्ना, रीवा, गुढ़, रामनगर, सतना, बलदेवगढ़, मंदसौर, जावद, शिवपुरी, करैरा, पिछोर औरकोलारस में हल्की वर्षा रिकाॅर्ड दर्ज की गई।
दो दिन तक ऐसी स्थिति ही रहने की संभावना
उन्होंने बताया कि मौसम के मिजाज में अगले कम से कम दो दिन तक ऐसी स्थिति ही रहने की संभावना है। विशेषकर शाम के समयतेज हवाएं व गरज चमक की स्थिति बन सकती है। मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर एवं सागर संभागों के जिलों में अधिकतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। शेष संभाग के जिलों में विशेष परिवर्तन नही हुआ। सर्वाधिक अधिकतम तापमान प्रदेश के खरगौन में 45 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड हुआ है। राजधानी भोपाल में आज मौसम का मिजाज शुष्क रहा। शाम के पहर से तेज हवाएं चलती रही। यहां कल शाम के समय आसमान में आंशिक रूप में बादल छाए रहने के आसार हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच शराब की दुकानें खोलने के मामले में सरकार और ठेकेदार आमने-सामने आ गए।प्रदेश में आज से शराब दुकानें खोले जाने को लेकरसरकार ने आदेशजारी किया था, लेकिनठेकेदारों ने दुकानें नहीं खोलीं। इधर,सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए ठेकेदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। मुख्य न्यायाधीश एके मित्तल औरन्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की जॉइंट बेंचने मामले मेंसुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेशदिए। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब शराब दुकानों के खुलने का निर्धारित समय कम कर दिया गया है तो इनके ठेकों की पूर्व निर्धारित रकम क्यों नहीं घटाई जा रही है।
दरअसल, एक मई को आबकारी विभाग ने दुकानें खोलने का सर्कुलर कलेक्टरों को भेजा था, लेकिन इस आदेश पर शराब ठेकेदारों ने आपत्ति जता दी है। सोमवार को मुख्य सचिव आईसीपी केशरी के साथ ठेकेदारों की बैठक हुई। ठेकेदारों ने कहा- शराब दुकानें बंद रखी जाएं। बैठक चल रही थी, इसी दौरान आबकारी विभाग ने दुकानें खेलने का आदेश जारी कर दिया। ठेकेदारों को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने जनहित में दुकानें बंद करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन दबाव बनाता है तो हम कोर्ट जाएंगे। ठेकेदारों कोवित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 10,650 करोड़ रु. रेवेन्यू के साथ शराब दुकानें आवंटित हुई हैं। यह एक्साइज ड्यूटी एक अप्रैल से प्रभावी है।अभी दुकानें बंद हैं, इससे सरकार को 1000 करोड़ का नुकसान हुआ है। ठेकेदार नई शर्तों के साथ ड्यूटी नहीं देना चाहते।
शराब ठेके के मामले में राज्य सरकार को नोटिस
ठेकेदारों नेप्रदेश में शराब ठेके की राशि कम किए जाने की मांग लेकर लेकर याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है किकोरोना के कारण लॉकडाउन की वजह से वेअपनी दुकानों का संचालन नहीं कर पाए।ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए उनकी ठेके राशि कम की जाए। जॉइंट बेंचने आदेश में कहा कि प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद अगली सुनवाई में अंतरिम राहत पर विचार किया जाएगा।
पहले 14 घंटे खोली जाना थी दुकानें
याचिका में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा जब वर्ष 2020 -2021 के लिए टेंडर आमंत्रित कर शराब ठेके दिए गए थे। तब परिस्थितियां अलग थीं। याचिकाकर्ता ने टेंडर के माध्यम से ठेके लिए थे। टेंडर के अनुसार ठेके की अवधि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक थी। इसके अलावा दुकान का संचालन 14 घंटे तक कर सकते थे। टेंडर आवंटित होने के दौरान उन्होंने निर्धारित राशि जमा कर दी थी। टेंडर शुरूहोने के पहले ही करोना के कारण देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था।इसके बाद लॉकडाउनअवधि में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा अब कुछ जिलों और इलाकोंमें शराब दुकान संचालन की अनुमति दीगई है। इन इलाकोंमें महज कुछ घंटेदुकान संचालन की अनुमति रहेगी। उनके द्वारा कई हजार करोड़ों में ठेका लिया गया है।
राशि कम करने की मांग
ठेकेदारों का कहना है किजितने दिन दुकान बंद रही हैं और दुकान संचालन के घंटोंमें कटौती का आकलन कर ठेका राशि उतनी कम की जाए। ऐसा नहीं करने पर उनकी जमा राशि वापस की जाए और नए सिरे से ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएं।इस याचिका की सुनवाई शराब ठेका को चुनौती देने वाली पहलेदायर याचिकाओं की साथ की गई।बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
30 शराब ठेकेदारों ने याचिका दायर की
मंगलवार को हाईकोर्ट में मां वैष्णो देवी इंटरप्राइजेज जबलपुर के आशीष शिवहरे समेत छिंदवाड़ा, लखनादौन, सिवनी, भोपाल, टीकमगढ़ औरअन्य जिलों के 30 शराब ठेकेदारों ने याचिका दायर की। अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट को तर्क दिया कि जब याचिकाकर्ताओं ने संबधित शराब दुकानों के ठेके लिए तो निविदा की शर्तें कुछ और थीं। इनके तहत शराब दुकानों को दिन में 14 घंटे खोले जाने की अनुमति थी। दुकान के साथ में शराब पीने के लिए अहाता संचालन की भी अनुमति थी। लेकिन 23 मार्च के बाद से परिस्थितियां बदल गईं हैं। इसके चलते याचिकाकर्ता ठेकेदारों को बड़ानुकसान हो रहा है। राज्य सरकार ने ठेकों की निर्धारित राशि कम करने के लिए कोई पहल नहीं की है। सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।
विदिशा के सिरोंज तहसील के नायब तहसीलदार मनीराम कोंदल मंगलवार कोशराब के नशे में डंडा लेकर निकले और हंगामा किया। उन्होंने डंडा भांजते हुएलोगों पर रौब भीझाड़ा।घटना सुबह 11 बजे ही है।जिले में शराब की बिक्री बंद है।इसके बाद भी नायब तहसीलदार को पीने के लिएशराब कहां से मिली। इसकी जांच की जा रही है।
कोंदलनशे में सरकारी गाड़ी से पहले लिंक रोड पर पहुंचे। यहांबीच सड़क पर गाड़ी खड़ी कर दी।इसके बादडंडा लेकर सड़क पर घूमने लगे।एक व्यक्ति पर रौब झाड़ते हुए डंडा फटकारते रहे।इसकी सूचना एसडीएम अनिल सोनी को मिली तो उन्होंने नायब का मेडिकल कराया, इसमें वह शराब केनशे में पाए गए। एसडीएम ने कहा कि मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को भेज रहे हैं।
नायब तहसीलदार ने कहा- हम तो गरीब आदमी हैं
सिरोंज में लिंक रोड पर नशे में नायब तहसीलदार को घूमते देख लोगों ने भी जमकर मजे लिए। वहां से निकल रहे वाहन चालकों ने उनसे पूछा किहमें तो शराबदोमहीने से नहीं मिल रही आपको कहां से मिल गई। दो पैग हमें भी दे दो। नशे में धुत नायब तहसीलदार ने जवाब दिया- हम तो गरीब आदमी हैं।मामले की जानकारी सिरोंज पुलिस को लगी और पुलिस उन्हें लेकर सीधे थाने आ गई।
प्रदेश में उद्योगों और श्रमिकों के हित में 4 केन्द्रीय और 3 राज्य अधिनियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी की जा रही है। इसके साथ ही लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में 18 सेवाओं को एक दिन में देने का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ बैठक में विभिन्न अधिनियमों में प्रस्तावित संशोधनों में चर्चा कर कोरोना संकट के बाद उत्पन्न स्थिति में आगामी एक हजार दिनों में उद्योगों को विभिन्न रियायतें देने की जरूरत बताई थी। मुख्यमंत्री ने निवेश बढ़ाने और श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से श्रम कानूनों में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे।
निम्म अधिनियम हो रहे बदलाव
गृह औरलोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में पुलिस परिवारों की सहायता करने के लिए हेल्पडेस्क की शुरूआतकरने के निर्देश दिए। गृहमंत्री ने उच्चतम वेतनमान पर कार्यरत पुलिसकर्मियों को पदनाम देने पर सैद्धांतिक सहमति जताई। इस संबंध मेंप्रस्ताव देने के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमारी दिनचर्या को प्रभावित किया है। हमें इसके अनुसार ही अपनी तैयारियां करनी होंगी और आवश्यक रणनीति बनाकर कार्य करना होगा। इससे पहलेगृहमंत्री और पुलिस महानिदेशक विवेक जोहरी ने कोरोना जंग में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में आम व्यक्ति का पुलिस के प्रति नजरिया बदला है। कोरोना की जंग में पुलिस विभाग ने जिस तन्मयता, एकाग्रता और शालीनता के साथ कार्य किया, उसकी आमजनता ने दिल से सराहना की है। लॉकडाउन की अवधि में जब आम व्यक्ति घरों में रह रहा था, तब पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा के लिएकार्य करते हुए जनता के दिलों में अपना विशेष स्थान बनाया।
मुश्किल दौर में पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने की जरुरत
उन्होंने कहा कि इस मुश्किल दौर में पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिएउनके कल्याण के लिएकार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के कल्याण की प्रक्रिया नीचे से ऊपर की ओर चलेगी। पुलिसकर्मियों की क्रमोन्नति, पदोन्नति पर निर्णय लिएजाने संबंधी आवश्यक कार्यवाही तत्परतापूर्वक की जाए। जिन परिस्थितियों में आज पुलिस विभाग कार्य कर रहा है, उनके कल्याण के लिएविभाग आगे बढ़कर कार्य करेगा। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से आवश्यक सुझाव भी मांगे हैं।
पुलिसकर्मियों को कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जाएगा
गृहमंत्री ने कोरोना की जंग से निपटने में पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के हौसले और परिश्रम का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उन सभी पुलिसकर्मियों को कर्मवीर पदक से सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने कोरोना की जंग में तीस दिन तक अपनी सेवाएँ दी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग सुधारात्मक प्रक्रिया के अंतर्गत वन स्टेप-अप होकर कार्य करेगा। डायल 100 एफआरवी लोगों की शिकायत पर घर जाकर एफआईआर दर्ज करेगी। शीघ्र ही इसके लिये आवश्यक कदम उठाएं जा रहे हैं।
कंटेनमेंट जोन में 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात
पुलिस महानिदेशक विवेक जोहरी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न कंटेनमेंट जोन में 6 हजार से अधिक पुलिसकर्मी सक्रियता पूर्वक मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। कोरोना की जंग में इंस्पेक्टर देवेन्द्र कुमार चंद्रवंशी और यशवंत पाल, सब इंस्पेक्टर मायाराम खराड़ी और आरक्षक टिंकू रावत सेवा करते हुए शहीद हुएहैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 86 पुलिसकर्मी और 5 होमगार्ड के जवान कुल 91 कर्मचारी कोरोना संक्रमित होकर उपचाररत हैं। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन के जरिये प्रदेश के पांच लाख से अधिक लोगों को राहत पहुंचायी गई है। प्रदेश में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में सीएम. हेल्पलाइन नम्बर 181 आम नागरिकों और सभी जरूरतमंदों के लिये सबसे बड़ा आसरा केन्द्र बन गया है।इस नंबरपर अब तक 5 लाख 50 हजार 752 लोगों के फोन करने पर भोजन, राशन, दवाओं, परिवहन तथा अन्य प्रकार की राहत उपलब्ध कराई गई है। इस माध्यम से अब तक किसानों की फसल कटाई, फसल परिवहन आदि की 1024 समस्याओं का तुरंत निराकरण सुनिश्चित किया गया है।
सीएम. हेल्पलाइन के जरिये अब तक भोजन संबंधी 4 लाख 46 हजार 770, परिवहन संबंधी 29 हजार 282, दवाइयों संबंधी 30 हजार 141, आवश्यक वस्तुएं जैसे दूध, सब्जी आदि संबंधी 15 हजार 96 तथा अन्य प्रकार की 29 हजार 463 समस्याओं की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर सहायता मुहैया कराई गई।
विदिशा के सीएसपी विकास पांडे और उनकी होने वाली जीवनसंगिनी सागर की डिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग ने दूसरों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। दोनों की4 मई को शादी की तारीख तय हुईथी, लेकिन ड्यूटी और कर्तव्य के चलते इन्होंनेइसे पीछे छोड़ दिया। दोनों का कहना है कि हम चार लोगों को बुलाकर शादी कर सकते थे, लेकिन वे किसी की भी जान जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं। दोनों का कहना है कि वे शादी करेंगे तो कोरोना से जंग जीतने के बाद।
17 नवंबर को सगाई हुई थी, मार्च तक पूरी तैयारियांहो चुकी थीं
अमृता ने बताया कि परिवार के लोगों ने उनकी शादी विकास के साथ 17 नवंबर 2019 को तय की थी, इसी दिन सगाई भी हुई। 4 मई को सतना से शादी होना थी। सगाई के बाद से ही घर में शादी की तैयारियों का माहौल था। लॉकडाउन के पहले ही घर में कपड़ों की खरीदी से लेकर सभी जरूरी सामान लिया जा चुका था। लेकिन, लॉकडाउन चलते तैयारियां थम गईं और फिर लॉकडाउन की तारीख औरकोरोना के संक्रमित जैसे-जैसे बढ़ते गए, हम दोनों काम और ड्यूटी में उतने ही व्यस्त हो गए। जब शादी की तारीख नजदीक आई तो इसे आगे बढ़ाने का फैसला लिया। क्योंकि हम दोनों के लिए शादी से ज्यादा देश के प्रति फर्ज अदा करना महत्वपूर्ण है।
हर दिन 17 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं दोनों
विदिशा सीएसपी विकास पांडेय का कहना है कि शादी की नई तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है। क्योंकि इन दिनों मैंसुबह 7 बजे घर से निकलता हूं और रात 12 बजे घर पहुंचता हूं। इसलिए किसी से भी बात करने का समय नहीं है। अब शादी की नई तारीख कोरोना से जीतने के बाद ही तय होगी।
यहां मंगलवार को12 लोग कोरोना संक्रमणसे स्वस्थ होने के बाद अपने घर चले गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शशि ठाकुर के अनुसार, सभी लोगों की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। इन लोगों को कोविड केयर सेंटर इंडियन चौराहे से घर भेजा गया। वहीं, 5 लोगों को चिरायु अस्पताल भोपाल से छुट्टी मिल गई है।रायसेन में इस समय कर्फ्यू लगा है।
इस तरह 12 घंटे के अंदर 17 मरीज कोरोना से मुक्त हो गए हैं। तीन लोग पहले ही ठीक हो चुके है। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 20 हो गई। जिलेमें कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 63 है। जबकि 2 लोगोंकी कोरोना से मौत हो गई। अब कुल 41 एक्टिव केसहैं। इन सभी लोगों का रायसेन और भोपाल में इलाज चल रहाहै।रायसेन में अग्रवाल परिवार में दो सगे भाईयों की मौत हो गई थी।इसके बाद उनका तीसरा भाई, तीन बहुएं, माता-पिता और तीन बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए। इन सभी का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
मरीजों ने कहा- हमें अस्पताल आने के बाद नहीं लगा डर
डिस्चार्ज होने वाले मरीजों ने अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का आभार जताया। कहा- कोरोना पॉजिटिव होने के बाद डर ज्यादा लगा, लेकिन यहां आने के बाद हमारा डर चला गया और अब स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं। अस्पताल में हमें कभी परेशानी नहीं आई। डिस्चार्ज होने पर मेडिकल स्टॉफ ने मरीजों के लिए ताली बजाई और उनका सम्मान किया।
मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए भोपाल में चुनिंदा जरूरी सुविधाओं को छोड़कर पहले की तरह ही सख्ती से लॉकडाउन लागू रहेगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की गाइडलाइन को लेकर शहर में हो रही गफलत के बाद कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। इनके मुताबिक शहर में सरकारी दफ्तर खुलेंगे, लेकिन उनमें भी सिर्फ 33 फीसदी स्टाफ को आने की इजाजत है। कंटेनमेंट एरिया में रह रहे कर्मचारी घर से ही काम करेंगे। एसी-फ्रिज, पंखे, स्टेशनरी, फूड प्रोडक्ट्स की दुकानें खुलेंगी, लेकिन सिर्फ होम डिलीवरी के लिए ही। ये दुकानें भी गली-मोहल्ले की अकेली दुकानें होंगी। बाजार खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। कुछ अन्य सुविधाओं में सशर्त अनुमति दी गई हैं। आवश्यक सेवाओं वाली इंडस्ट्री खोली जाएंगी। बेकरी और बेक्ड फूड प्राेडक्ट काराेबारी अपनी दुकानें हाेम डिलीवरी के लिए खोल सकेंगे। चश्मे की दुकानें भी खुलेंगी, जहां केवल नजर के चश्मे बनाए और सुधारे जाएंगे। कंटेनमेंट जाेन में हाॅस्पिटल ओपीडी और क्लीनिक खुल सकेंगे, लेकिन इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना होगी। 10 साल से कम उम्र के बच्चाें, 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गाें और गर्भवती महिलाओं के भी घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कंटेनमेंट के बाहर हो सकेंगे मनरेगा के काम
कंटेनमेंट एरिया के बाहर संचालित अतिआवश्यक सामान का उत्पादन करने वाली इंडस्ट्री खोली जा सकेंगी। ग्रामीण क्षेत्र में भी कंटेनमेंट जाेन के बाहर इंडस्ट्रियल एक्टिविटी, निर्माण कार्य, मनरेगा के काम शुरू हाे सकेंगे। अन्य इंडस्ट्रीज के संचालन की अनुमति, काेराेना संक्रमण की समीक्षा के बाद दी जाएगी।
लॉकडाउन में मिली 4 घंटे की छूट में सोमवार को जब दुकानें खुलीं तो इस कदर भीड़ होने लगी कि लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करना भी भूल गए। पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी लोग सुनने को तैयार नहीं हो रहे हैं। दूसरी तरफ व्यापारियों की पीड़ा यह है कि उनके पास सामान तो पर्याप्त है लेकिन उनका कहना है कि लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि कई लोग तो बिना मास्क लगाए ही दुकानों पर आ जाते हैं। इसके बाद उन्हें बोलना पड़ता है कि आप मास्क लगाएं। कहीं यह लापरवाही महंगी ना पड़ जाए, इसके लिए यह चिंता का विषय है।
लॉकडाउन में कुछ पाबंदियां कम हो गई हैं पर अब जिम्मेदारी आपकी है। अभी सीहोर जिला ग्रीन जोन में है। यह भी उस समय जब आसपास के अधिकांश जिले रेड और ऑरेंज जोन में हैं। तमाम प्रयासों के कारण ही यह संभव हो सका है कि सीहोर जिले में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। इसी के कारण जिले के लोगों को कुछ बंदिशों में छूट दी गई। प्रशासन ने ग्रीन जोन होने के कारण जिले की सभी इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रानिक्स दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी। इसी तरह कृषि उपकरणों के अलावा किसानों से संबंधित सभी तरह के सामान की दुकानें भी खोल दीं। रविवार को चार घंटे के लिए कपड़ा बाजार को भी खोल दिया। ये छूट तो मिलीं लेकिन अब लोग अपनी सही जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं जिससे समस्या खड़ी हो रही है।
शहर में साेमवार रात 10 बजे 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली। इस वजह से पुराने शहर में रायल मार्केट इलाके में ताज मार्केट के पास 11 केवी यानी बड़ी लाइन का तार टूट गया। इससे पूरे इलाके में आधा घंटे बिजली गुल रही। इसके अलावा भदभदा, सूरज नगर, एअरपाेर्ट राेड, भानपुर समेत कई इलाकाें में हवा के कारण बिजली गुल रही। रविवार रात 12 बजे कराेंद इलाके में ट्रुबा काॅलेज के पास के इलाके में दाे घंटे एवं छाेला इलाके में 15 मिनट बिजली गुल रही। इसके पहले रविवार की रात को भी शहर के कई इलाकों में दो घंटे तक बिजली गुल रहने की शिकायतें मिली हैं। वहीं, बिजली विभाग शहर के अलग-अलग इलाकों में प्री-मानसून मेंटेनेंस के लिए शटडाउन का शेड्यूल जारी कर रहा है।
बिजली कंपनी के डीजीएम डीके तिवारी का कहना है कि तेज हवा के दाैरान एहतियात के ताैर पर सप्लाई बंद करनी पड़ती है। चालू लाइन में यदि तार टकराते हैं ताे फाॅल्ट करंट ज्यादा हाेने के कारण तार टूटकर नीचे गिर सकते हैं। एेसे हालात में अप्रिय स्थिति से बचने के लिए एहतियात के ताैर पर सप्लाई बंद कर दी जाती है।
मौसम विभाग ने जारी किया 13 जिलों में यलो अलर्ट
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने प्रति चक्रवात के कारणगरज-चमकके साथ बारिश और ओलावृष्टिकी संभावना है। इससे आज भी राजधानी समेत अन्य जिलों में तेज आंधी और तूफान आ सकता है।भोपाल-मौसम विभाग ने जारी किया 4 संभाग और 13 जिलों में यलो अलर्ट। भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग और रीवा, सतना, सीधी, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, दमोह, सागर, छतरपुर, होशंगाबाद, बैतूल और इंदौर में संभावना जताई गई है।
लॉकडाउन में राजधानी की जिला अदालत के कामकाज को प्रदेशभर की मॉडल कोर्ट होने का गौरव मिला है। हाईकोर्ट ने भोपाल कोर्ट के कामकाज के संबंध में एक परिपत्र जारी कर प्रदेशभर की अदालतों को ज्यादा से ज्यादा इसका पालन करने के निर्देश दिए हैं।हाइकोर्ट नेअदालतों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिएसुनवाई करने को कहा है। हाईकोर्ट ने भोपाल कोर्ट के कार्यकी प्रंशसा करते हुए जिला अदालतों को जहां तक संभव हो सके, इसे अपनाने की बात कही है।
राजधानी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा कीनिगरानी में लॉकडाउन के दौरान अदालतों के बेहतर कामकाज से भोपाल कोर्ट को यह सम्मान मिला है। हाइकोर्ट ने लिखा है कि लॉकडाउन के दौरान तत्काल मामलों की सुनवाई के लिए हाइकोर्ट के निर्देशों और उनका पालन करके भोपाल कोर्ट में अच्छा काम हो रहा है। एकरूपता और समानता बनाए रखने के लिए, भोपाल कोर्ट को मॉडल जिला और सत्र न्यायालय, जहांतक संभव हो, अपनाया जा सकता है। इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायालय, भोपाल के कामकाज के संबंध में एक पीडीएफ भी अटैच की गई है। इसमें उन्होंने प्रदेश की सभी अदालतों से भोपाल के कामकाज को मॉडल की तरह अपनाने और ऑनलाइन सुनवाई के निर्देश दिए हैं।
खेल एवं युवा कल्याण मप्र शासन द्वारा प्रदेश में संचालित 18 खेलाें की 19 अकादमियों में करीब 1000 खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते हैं, इनमें से करीब 20% खिलाड़ियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। ये खिलाड़ी प्रदर्शन के आधार पर बाहर किए जाएंगे। 40 दिन के लाॅकडाउन के दौरान अकादमियों के सभी प्रशिक्षकों कोनिर्देशित किया गया था कि वर्क फ्रॉम होम के तहत घर बैठकर अपनी अपनी अकादमियाें के खिलाड़ियों की परफार्मेंस के आधार पर लिस्ट तैयार करें।
प्रशिक्षकों नेलिस्ट तैयार करके विभागीय अधिकारियों को भेज दी है, इसमें करीब 20% खिलाड़ी पिछले सत्र में किए गए प्रदर्शन के आधार पर बाहर होंगे। यह प्रक्रिया हर साल अप्रैल माह में पूरी कर ली जाती है, लेकिन इस साल कोरोनावायरस औरलॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो सका। हर साल बाहर हुए खिलाड़ियों की जगह नई खिलाड़ियों की भर्ती की जाती रही है, लेकिन इस साल भर्ती प्रक्रिया के लिए अब समय नहीं बचा है। हर साल नया सत्र जुलाई में शुरू हो जाता है, इसलिए इस वर्ष नए खिलाड़ियों की भर्ती नहीं होगी।
इन खेलों की है अकादमी भोपाल में : पुरुषों हॉकी, घुड़सवारी, शूटिंग, वाटर स्पोर्ट्स, बॉक्सिंग, जुडो, कराते, कुश्ती, तलवारबाजी, ताइक्वांडो, एथलेटिक्स। जबलपुर: तीरंदाजी, होशंगाबाद: तैराकी, ग्वालियर: बैडमिंटन, महिला हॉकी, शिवपुरी: क्रिकेट।
राजधानी में सोमवार को 11 नए कोरोना पाॅजिटिव मिले। इनमें से नौ शहर के नए हॉटस्पॉट मंगलवारा क्षेत्र से हैं। दो जमातियों के संक्रमित मिलने के बाद देर रात हज हाउस खाली करा लिया गया। एम्स में इलाज के दौरान ऐशबाग क्षेत्र के एक मरीज ने दम तोड़ दिया। इन सबके बावजूद दो राहत भरी खबरें भी हैं। पहली- 30 और कोरोना मरीज डिस्चार्ज हो गए। दूसरी- जिला प्रशासन ने 340 कंटेनमेंट क्षेत्रों को घटाकर अब 160 कर दिया है। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि रविवार रात एक हजार सैंपल की रिपोर्ट में सिर्फ 25 पॉजिटिव मिले। वहीं इंदौर में 43 नए संक्रमित मिले, जबकि 3 मरीजों की मौत हो गई। जबकि धार में एक दिन में 20 पॉजिटिव मिले। यहां अब 71 संक्रमित हो चुके हैं। उज्जैन में 17 मरीज मिले। 3 मृतकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
बुरहानपुर विधायक की बहू, भतीजा, पोता संक्रमित; बड़नगर विधायक कोरोना संदिग्ध
बुरहानपुर में सोमवार को 16 नए मरीज मिले। इनमें निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा की बहू, भतीजा और सवा साल का पोता शामिल है। विधायक के भाई पहले ही संक्रमित हो चुके हैं। यहां कुल 34 संक्रमित हैं। इनमें पूर्व पार्षद और उनके परिवार के 10 सदस्य, दो डॉक्टर हैं। उधर बड़नगर में पांच पॉजिटिव मिले। जबकि कांग्रेसी विधायक मुरली मोरवाल और उनके बेटे शिवम की रिपोर्ट प्री-पॉजिटिव आई है। दोनों इंदौर इलाज कराने गए हैं। विधायक का कहना है कि उन्हें आरडी गार्डी अस्पताल की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। वे फिर से जांच कराएंगे।
कोरोना संक्रमण के बीच शराब की दुकानें खोलने के मामले में सरकार और ठेकेदार आमने-सामने आ गए हैं। एक मई को आबकारी विभाग ने दुकानें खोलने का सर्कुलर कलेक्टरों को भेजा था, लेकिन इस आदेश पर शराब ठेकेदारों ने आपत्ति जता दी है। सोमवार को मुख्य सचिव आईसीपी केशरी के साथ ठेकेदारों की बैठक हुई। ठेकेदारों ने कहा- शराब दुकानें बंद रखी जाएं। बैठक चल रही थी, इसी दौरान आबकारी विभाग ने दुकानें खेलने का आदेश जारी कर दिया। ठेकेदारों को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने जनहित में दुकानें बंद करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रशासन दबाव बनाता है तो हम कोर्ट जाएंगे।
ठेकेदारों की तीन महत्वपूर्ण मांग
1.लाइसेंस की शर्तों को शिथिल किया जाए, क्योंकि चालू वर्ष में 2019-20 की तुलना में 25 फीसदी राशि बढ़ाई गई है।
2. डिपो से जितनी सप्लाई हो, दुकानों में जितनी खपत हो, उसी के हिसाब से ड्यूटी तय की जाए।
3. यदि फिर भी जरूरी हो तो सरकार दुकानों को अपने पजेशन में लेकर चलाए।
मीटिंग में उठे मुद्दे
ठेकेदार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राहुल जायसवाल ने कहा कि इस समय प्रशासनिक अमला, राजस्व के लोग व पुलिस कोरोना वायरस से संघर्ष में लगी है। ऐसे में शराब की दुकानें खुलती है तो कानून व्यवस्था का जिम्मा कौन संभालेगा। वैसे भी नीलामी के समय जो लाइसेंस की शर्तें थी वह दूषित हो चुकी हैं। इसे सरकार द्वारा शिथिल किया जाना चाहिए। इसका प्रजेंटेशन सरकार को दिया है। ठेकेदारों ने यह भी कहा कि दुकानों पर लंबी लाइन लगी और व्यवस्थाएं बिगड़ी तो जिम्मेदारी किसकी होगी। शराब एक जिले से दूसरे जिले में जाएगी, ऐसे में कोरोना फैलने का डर है। 25-50 लोग एक साथ दुकानों पर आ गए तो मुश्किल होगी। अधिकारियों ने कहा कि इस व्यवस्था का ध्यान रखा जाएगा। मांगों का जहां तक सवाल है तो इस पर निर्णय बाद में लेंगे।
जोनवार दुकानें खोलने की व्यवस्था
- भोपाल, इंदौर, उज्जैन में शराब दुकानें बंद रहेंगी। जबलपुर, धार, बड़वानी, पूर्वी निमाड़, देवास, ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें खुलेंगी
- शहडोल, श्योपुर, डिंडौरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, विदिशा, मुरैना एवं रीवा के कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर बाकी जगहों पर दुकानें खुलेंगी।
- ग्रीन जोन के सभी जिलों में सभी जगहों पर दुकानें संचालित होंगी।
फीस का पेंच
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 10,650 करोड़ रु. रेवेन्यू के साथ शराब दुकानें आवंटित हुई हैं। यह एक्साइज ड्यूटी एक अप्रैल से प्रभावी है, अभी दुकानें बंद हैं, इससे सरकार को 1000 करोड़ का नुकसान हुआ है। ठेकेदार नई शर्ताें के साथ ड्यूटी नहीं देना चाहते।
हौसले के आगे आसमान छोटा पड़ जाता है, यह कहा और सुना तो कई बार जाता है, लेकिन देखने को कम ही मिलता है। मंगोलिया की एक ओनोन (कोयल की प्रजाति) ने अपनी परवाज से इसे महसूस करने का मौका दिया है। मंगोलियन कुकू प्रोजेक्ट के तहत 29 अप्रैल को केन्या से उड़ान भरने वाले इस परिंदे ने हर दिन एक हजार किमी की उड़ान भरते हुए महज पांच दिन में ही पांच हजार किमी का सफर तय कर सोमवार को मप्र की सीमा में प्रवेश किया है।
प्रोजेक्ट के तहत ओनोन के माइग्रेशन के दौरान आवास, व्यवहार आदि पर शोध किया जा रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि उसके पसंदीदा स्थल कौन से हैं। कहां वह ठहरना पसंद करती है। सोमवार दोपहर ढाई बजे के आसपास ओनोन गुजरात में द्वारिका से आगे स्थित बराड़िया गांव की तरफ से मप्र में आई। यहां उसकी लोकेशन रतलाम से पहले कुंदनपुर के पास वरोठ माता मंदिर और जैन तीर्थ बिबड़ोद के पास मिली है। आश्चर्य की बात है कि ओनोन ने पूरा अरब सागर पार करते हुए 5000 किमी का सफर तय किया है।
एक साल पहले जून 2019 में मंगोलिया से कोनोन नेपाल के रास्ते भारत आया था। 7 सितंबर को यह प्रदेश के उत्तरी हिस्से में ग्वालियर के आंतरी, बिलौआ और पनिहार इलाके से गुजरते हुए राजस्थान में प्रवेश कर सिंध प्रांत के रास्ते अरब सागर की ओर आगे बढ़ गया था। इसके बाद यह ओमान, सउदी अरेबिया, यमन, इरीट्रिया, इथोपिया होते हुए केन्या और तंजानिया पहुंचा।
प्रोजेक्ट में भारत भी
मंगोलिया के वाइल्ड लाइफ साइंस एंड कंजर्वेशन सेंटर और ब्रिटिश ट्रस्ट ऑफ ऑर्निथोलॉजी के तहत मंगोलियन वैज्ञानिकों ने 2019 में 20 से ज्यादा पक्षियों के अप्रवास के दौरान उनकी दिनचर्या को जानने के लिए मंगोलियन कुकू प्रोजेक्ट शुरू किया है। 4 से 8 जून 2019 के बीच कोयल प्रजाति के 5 अलग-अलग पक्षियों के कंधों पर सैटेलाइट टैग लगाकर छोड़ा गया है। प्रोजेक्ट में इंडोनेशिया, मलेशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, न्यूजीलैंड भी सहयोगी हैं।
पौने दो साल के बच्चे को गोद में लिए, पीछे 5 से 10 किलो वजन का झोला या बैग, सरपट बढ़ते कदम। ललाट से लगातार बहता पसीना, धूप एेसी कि आंखें भी बराबर नहीं खुल रहीं। ऊपर से गर्म हवा के थपेड़े। इतनी विषमताओं से जूझते हुए पैदल पांच सौ से एक हजार किलोमीटर का सफर। लाॅकडाउन के कुछ दिन बाद से ही यह दृश्य बायपास पर देखे जा रहे हैं। मजदूरी के ठिकाने नहीं, रोजाना मांग कर खाना, किसी दिन भूखे ही सो जाना। कोरोना संक्रमण ने दिहाड़ी मजदूरों की कमर तोड़ कर रखी है। अपने घर (उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान) जाने के लिए चिलचिलाती धूप में यह महासफर रोंगटे खड़े कर देने वाला, झकझोर कर रख देने वाला है।
राऊ चौराहा से मांगलिया तक हर किमी पर ये दृश्य
राऊ चौराहा से मांगलिया तक के बायपास पर लगभग हर एक किलोमीटर की दूरी पर एेसे ही हजारों मिल की दूरी पैर-पैर पूरी करने वाले मिल रहे हैं। किसी का एक बच्चा गोद में है तो दूसरा नन्हे कदमों से लंबी दूरी खत्म करने में माता-पिता की मदद कर रहा है। किसी गांव से भोजन का पैकेट मिल गया तो कहीं से पानी भरकर 15 से 20 दिन की दूरी इसी तरह पूरी की जा रही है।
सीमा पार तक छुड़वाने की व्यवस्था में जुटा निगम
निगमायुक्त आशीष सिंह का कहना है कि लोगों की मदद के लिए हमने जगह-जगह स्टॉल लगा दिए हैं। पानी, भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ इंदौर की सीमा खत्म होने तक छुड़वाने की व्यवस्था भी की है। एसपी वेस्ट महेशचंद्र जैन का कहना है कि हमने इंदौर में प्रवेश की हर सीमा पर टेंट-तंबू लगा दिए हैं। वहां पर पलायन करने वालों की मदद की जा रही है।
कोलार के ललिता नगर में सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे नगर निगम कर्मचारी राहुल कुमार अपने साथी सोनू के साथ कोलार स्थित सुमित्रा परिसर में सैनिटाइजेशन करने पहुंचे थे। कॉलोनी में सैनिटाइजेशन कर लौट रहे थे। तभी उमा विहार कॉलोनी में रहने वाले कुलदीप सिंह ने उन्हें रोक लिया। कॉलोनी में सैनिटाइजेशन करने की बात कही तो राहुल ने दवा खत्म होने की बात कही। इस पर कुलदीप भड़क गए और गाली गलौज शुरू कर दी। दवा की जगह तुम लोग पानी का छिड़काव कर रहे हो का आरोप लगाते हुए राहुल की सैनिटाइजेशन मशीन जमीन पर पटक दी और पहचान पत्र छीन लिया। विरोध करने पर कुलदीप ने राहुल के साथ मारपीट शुरू कर दी। ये देख कुलदीप का भाई प्रदीप भी आ गया। इस दौरान राहुल के कपड़े तक फट गए। टीआई अनिल बाजपेयी के मुताबिक राहुल की शिकायत पर कुलदीप और प्रदीप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
मंगलवारा के छावनी व कुम्हारपुरा में काेराेना के संक्रमण के बढ़ते मामले सरकारी सिस्टम के लिए नए खतरे का अलार्म है। मंगलवारा थाने से 50 फीट की दूरी पर कुम्हार गली में 11 कोराेना संक्रमित मरीज मिले हैं। अब दिक्कत ये है कि 5 फीट संकरी गलियाें में साेशल डिस्टेंसिंग कैसे मेंनटेन हाे? क्योंकि नियम के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट की दूरी होना चाहिए। जिस गली में पाॅजिटिव हैं, वहां कंटेनमेंट के भीतर सड़क पर बच्चे खेल रहे हैं। बड़ाें काे भी काई फर्क नहीं है।
साेमवार शााम 4 बजे जब डीअाईजी इरशाद वली यहां पहुंचे ताे वे भी यहां कंटेनमेंट जाेन में गलियाें का नजारा देखकर दंग रह गए। उन्हाेंने मंगलवारा टीआई से कहा कि यहां हर घर से सैंपलिंग हाे। डीआईजी जब यहां माैजूद थे, तभी मुख्य सड़क के दूसरे माले से झांक रहे लाेगाें काे देखकर उन्हाेंने टीआई से कहा कि यहां लाेगाें की काउंसलिंग कराएं और उन्हें जरूरी ताैर पर माॅस्क पहनने के लिए कहें। भास्कर संवाददाता ने मंगलवारा की अलग-अलग गलियाें का मुआयना किया ताे लाेग यहां दहलीज पर पहुंच चुके संक्रमण से बेफिक्र दिखे। थाने के आसपास बेरीकेड्स लगे हैं लेकिन लाेग इन्हें हटाकर आवाजाही कर रहे हैं। थाने के पुलिसकर्मियाें ने बताया कि जिन्हें इमरजेंसी हाेती है, उन्हें ताे वे राेक ही नहीं सकते। कुम्हारपुरा की गलियाें से निकलकर पलक और अर्सी एक निजी नर्सिंग होम में ड्यूटी करने जा रही हैं। हमें देखकर वे इस क्षेत्र की गलियों में जाकर यहां का माहौल देखेन की अपील करती हैं। पलक बताती हैं कि इन गलियों में पूरे समय भीड़ लगी रहती है। जब पॉजिटिव मरीजों को यहां से लेकर जा रहे थे तो भी लोग चिपक-चिपक कर जा रहे थे। डीआईजी ने इन गलियों में रहने वाले थर्ड जेंडर कम्यूनिटी के प्रमुख लोगों से भी चर्चा की और उनसे कहा कि अभी कुछ दिन लोगों से मेलजोल नहीं करें।
सोमवार को प्रदेश में मौसम ने दो रंग दिखाए। निमाड़ व मालवा क्षेत्र के इलाके खूब तपे। खरगोन में पारा 44.5 और खंडवा में 43.1 डिग्री पर पहुंच गया। भाेपाल में कुछ राहत रही। यहां तापमान करीब एक डिग्री गिरकर 41.2 डिग्री पर पहुंच गया। जबकि ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य के कई शहरों में बारिश हुई। ग्वालियर में 15 मिलीमीटर पानी बरसा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि राजस्थान के पास बना चक्रवाती हवा का घेरा हरियाणा की तरफ से शिफ्ट हो गया। पूर्वी मध्य प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक एक तरफ लाइन बनी हुई है एवं एक अन्य ट्रक लाइन भी यहां से होकर गुजर रही है। इन कारणों से तापमान बढ़ा और बारिश हुई।
भोपाल| लाॅकडाउन 3.0 के पहले दिन लोग जल्दबाजी दिखाते हुए सड़कों पर उतर आए। कोलार, एमपी नगर , न्यू मार्केट, नेहरू नगर, पीरगेट, कोहेफिजा समेत प्रमुख इलाकों में हालात यह थे कि सुबह 10 से 12 बजे तक वाहनों की कतारें नजर आने लगी। स्थिति बिगड़ते देख प्रशासन ने सख्ती शुरू की। पुलिस ने अनाउंसमेंट किया और चेतावनी दी कि अभी लॉकडाउन जारी है। घर पर ही रहें। दरअसल , ग्रीन जाेन में रियायताें की खबराें को लेकर लोगों में भ्रम था। एक माह बाद सड़कों पर सोमवार को ज्यादा लाेग दिखाई दिए। कुछ गैर जरूरी सामानों की दुकानें भी खुल गईं। आखिरकार पुलिस की सख्ती के बाद दुकानाें के शटर दाेपहर तक फिर गिरने लगे।
-तरुण पिथोड़े, कलेक्टर के मुताबिक,पुलिस ने अलग-अलग क्षेत्रों में समझाइश दी और सख्ती भी की। इसके बाद सड़कों पर आवाजाही कम हो गई।
कृपया घर पर ही रहें
सुबह 11:05 बजे....तस्वीर कोलार रोड की है। सोमवार को करीब 40 दिन बाद यहां ट्रैफिक जाम का नजारा देखने को मिला। विभिन्न जोन में ढील मिलने की गफलत में लोग गाड़ियां लेकर सड़कों पर निकल आए। बाद में पुलिस ने समझाया कि कोई ढील नहीं मिली है। कृपया घर पर ही रहें।
लॉकडाउन में 43 दिन बाद मिली छूट से बाजार में गदर मच गया। जहां देखों वहां भीड़ ही भीड़ दिखाई दी। सुबह से बाजार में दीपावली पर खरीदारी का दृश्य जैसा दिखाई दिया। दोपहर बाद कलेक्टर डाॅ मंजू शर्मा ने निरीक्षण किया तो बाजार में ग्राहक, दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते मिले। कई दुकानदार और बाइक चालकों पर जुर्माना वसूलते हुए 4 दुकानों को सील किया गया। सोमवार को बाजार में दृश्य को देखने के बाद वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए नए प्लान बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
लॉकडाउन में मिली छूट और ग्राहकों की भीड़ देखकर सोमवार को दुकानदार भी कोरोना संक्रमण को भूल गए। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात, कई दुकानदार खुद मास्क लगाए नजर नहीं आए। लॉकडाउन में छूट कुछ शर्तों के आधार पर मिली थी जिसका पालन कम ही दुकानदारों ने किया। दोपहर को जब कलेक्टर डाॅ. शर्मा बाजार में निकली तो भीड़ इतनी थी कि उनका वाहन भी फंस गया। पैदल घूमकर बाजार का भ्रमण करने के बाद कलेक्टर ने अधिकारियों की टीम को सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने इस दृश्य को देखने के बाद सोशल डिस्टेंस बना रहे, इसके लिए शीघ्र ही नया प्लान बनाए जाने की संभावना है। फिलहाल प्लान तैयार कर जनप्रतिनिधियों की सलाह और उनके परामर्श के बाद ही लागू होगा।
वे कारण, जिनसे उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
1.सब्जी, फल विक्रेता- शहर में सब्जी, फल विक्रेताओं को दोपहर 12 बजे तक की परमिशन लॉकडाउन में घूमकर सब्जी बेचने की थी। लेकिन सोमवार को 4 बजे तक परमिशन होने की वजह से कई स्थानों पर स्थाई खड़े होकर झुंड में सब्जी, फल बेचते रहे।
2.बाइक और वाहन- शहर में सोमवार को दोपहिया वाहनों की बाढ़ आ गई। सुबह से चारों तरफ बाइक, स्कूटर के अलावा ऑटो, टैक्सी, कारें भी सड़कों पर दौड़ती रहीं। इस दौरान शर्तों का उल्लंघन करते हुए बाइक पर दो से तीन लोग घूमते नजर आए।
3.दुकानदारों ने नहीं किया पालन- एक दिन में अधिक कमाने की वजह से दुकानदार 5 से अधिक लोगों को न बुलाने की शर्त भी भूल गए। दुकानों के अंदर भीड़ खड़ी रही। बाहर सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखने के लिए गोले तक नहीं बनाए।
4. एक साथ सभी दुकानें खुलना- सोमवार को एक साथ ही सभी दुकानें खुल गईं। इस बीच मंडी भी चालू रही। वहीं 6 मई को तगड़ी लग्न होने की वजह से दुकानें खुलने का इंतजार कर रहे लोग भी बाजार में टूट पड़े। एक साथ पूरा बाजार खुलना और शादी-विवाह का सीजन भी एक बड़ा कारण रहा।
शर्तें न मानी तो इन सुविधाओं पर लग सकती है रोक
लोग माने नहीं, फिर किया जुर्माना
जब सुबह 9 से 1 बजे तक भी लोग नहीं माने तो कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासनिक टीम ने कार्रवाई शुरू की। इस दौरान लवली फुट वियर, सांवरिया किराना, जिंद बाबा ऑटो पार्टस, श्रीराम कृषि सेवा केन्द्र की दुकानों को सील कर दिया। वहीं 46 दुकानों को शर्तों का उल्लंघन करने और 28 वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 39600 का जुर्माना वसूला।
शर्तों का उल्लंघन देखकर कलेक्टर बोलीं, मान गए तो ठीक नहीं तो नया प्लान करेंगे लागू
सोमवार को बाजार की स्थिति खुद आंखों से देखने के बाद कलेक्टर डाॅ. मंजू शर्मा ने भास्कर से बातचीत में कहा कि हम ग्रीन जोन के लिए सोच रहे हैं, लेकिन ऐसी स्थिति तो संकट में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि अगर मंगलवार को यही स्थिति रही तो जनप्रतिनिधियों की सलाह और सहमति से नया प्लान लागू करेंगे। उन्होंने दुकानदारों से अपील की वे स्वयं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और ग्राहकों से करवाएं। अन्यथा की स्थिति में उन्होंने आर्डर बदलने की चेतावनी भी दी है।
अशोकनगर| काफी दिनों बाद बाजार खुला ऐसे में शहर में भीड़ भाड़ रही। दुकानदार और ग्राहक बिना मास्क के नजर आए। ऐसे में पूर्व विधायक ने दुकानदारों पर पहुंचकर दुकानदारों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपील की। उन्होंने हाथ जोड़कर दुकानदारों को समझाया। पूर्व विधायक जजपाल सिंह, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष नीरज मानोरिया ने बाजार में पहुंचकर दुकानदारों एवं लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की। दुकानदारों से आग्रह किया कि वे स्वयं खुद मास्क लगाएं और अपने ग्राहकों को भी मास्क लगाने की बात कहें। उन्होंने कहा अगर आप सही तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते है और मास्क लगाते हैं तो बाजार प्रतिदिन खुलता रहेगा। अगर किसी भी दुकानदार ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया तो जिला प्रशासन बाजार बंद कर सकता है। इससे बचने के लिए सभी दुकानदार भाई अनिवार्य रूप से मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का कढ़ाई से पालन करें।
देवपुर चक्क के ग्रामीणों ने कलेक्टर से फर्जी तरीके से कराए गए पंजीयन को निरस्त किए जाने की मांग की। ग्रामीणों के आरोप हैं कि जिस व्यक्ति का जिस भूमि पर खाता नहीं है जबकि उसके नाम से पंजीयन गलत तरीके से कर दिया है। जिसे निरस्त कराए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है।
बलविंदर सिंह ने बताया कि हमारे खाते की 1 हजार बीघा भूमि स्थित हैं। जिसका पंजीयन गलत तरीके से ग्राम के मंगल सिंह पुत्र बलवंत सिंह सिख निवासी अचलगढ़ देवपुर चक्क ने कराकर 3 हजार क्विंटल गेहूं को खरीद केन्द्र पर बेच दिया। जबकि उक्त भूमि पर मंगल सिंह का कोई खाता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाए कि पटवारी से मिलकर फर्जी तरीके से पंजीयन कराया है। उसने गांव के अन्य लोगों के गेहूं कम कीमत पर खरीदकर केन्द्र पर बेच दिए, उक्त पंजीयन निरस्त कराए जाएं और संबंधितों पर कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर बलविंदर सिंह, गुरमेज सिंह, गुजर सिंह, सुखदेव सिंह, जुगिन्दर सिंह, कपूर सिंह ग्रामीण मौजूद रहे। इस संबंध में पटवारी रामगोपाल यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि इन सबका पहले सम्मिलित खाता था। बाद में बंटवारा हुआ है।
यूसी मेहरा, तहसीलदार मुंगावली के मुताबिक, मामले की जांच कराई जाएगी, जिसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब तक मेरे पास किसी तरह की कोई शिकायत लेकर नहीं आया था। कलेक्टर के पास शिकायत की गई है तो उसे दिखवाएंगे।
लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में ही कैद हैं। ऐसे में नशे के आदी नशेढ़ियों ने अब घरों के बाहर लगे एलईडी बल्व, सीएफएल को चोरी करना शुरू कर दिया है। बीती रात शहर के एडवांस पैथोलॉजी गली से चोर पैथोलॉजी के छज्जे पर लगे 6 बल्व चुरा ले गए।
इसी तरह गली में मोनू जैन सहित अन्य घरों के बाहर लगे बल्व चुरा लिए। उल्लेखनीय है कि स्मैक सहित अन्य नशों में डूबे नशेढ़ियों द्वारा पहले भी इस तरह चोरी की घटनाएं सामने आई हैं। यहां तक एसी में लगी पाइप लाइन को काटकर चोरी की घटनाएं पहले हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री निकाह योजना में जिले के 346 मुस्लिम जोड़ों ने सामूहिक रूप से निकाह कराया था। निकाह कराए करीब 1 साल हो गया लेकिन उन्हें शासन की योजना के अनुरूप अब तक 51 हजार रुपए की राशि नहीं मिली है। यह मुस्लिम जोड़े और उनके परिजन राशि प्राप्त करने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं मिल पाया है।
जिला सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से नगरीय निकाय द्वारा विवाह और निकाह सम्मेलन करवाए गए थे। मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत नगर पालिका के सम्मेलन में 104 मुस्लिम जोड़ों का निकाह हुआ था। जबकि शेष 242 निकाह जनपद क्षेत्र में हुए थे। इस तरह 346 जोड़ों के निकाह होने पर 51 हजार प्रति निकाह के मान से करीब 1 करोड 76 लाख 46 हजार रुपए की राशि मिलना है। तीन हजार रुपए प्रति कन्या के हिसाब टेंट खर्च, भोजन व निकाह सहित अन्य मदों पर खर्च होना थी, जबकि शेष 48 हजार रुपए प्रति जोड़े को दिए जाने थे, लेकिन निकाह कराने वाले जोड़ों को 48-48 हजार रुपए की राशि अब तक प्राप्त नहीं हुई है। जबकि यह राशि निकाह करने वाली कन्याअों के खातों में डाली जानी थी। इस संबंध में अंजुमन इस्लाम कमेटी सदर अलीम खान पप्पू ने बताया कि कई ऐसे परिवार हैं जिनको निकाह योजना की राशि नहीं मिली। कलेक्टर से बात कर राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
ससुराल वाले कर रहे शक
अशफाक खान, हनीफ खां ने बताया कि निकाह योजना की राशि कन्याओं के खाते में नहीं पहुंचने पर बच्चियों के ससुराल वाले शक करते है कि कहीं कन्या ने राशि निकालकर अपने माता पिता को तो नहीं दे दी है। कई बार उन्हें बैंक ले जाकर पास बुक की इंट्री उनके सामने करवाने के बाद उन्हें संतुष्ट किया है।
सोमवार को मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 27 जिलों में कई संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी। इसके चलते फिलहाल जिला पंचायत में संविदा पर नियुक्त तीन कर्मचारी इस दायरे में आ रहे हैं।
इस आदेश के बाद संविदा कर्मचारियों में भय के साथ अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता हो गई है। जिपं में पदस्थ तकनीकी विशेषज्ञ अजय रघुवंशी ने बताया कि एक तरफ जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसी भी सरकारी एवं प्राइवेट संस्था में कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त नहीं करने का निर्देश दिया है। वहीं दूसरी तरह प्रदेश के ऐसे कर्मचारी जो इस दौर में सेवानिवृत्त हो रहे थे उनको कोरोना से लड़ने प्रदेश सरकार ने तीन माह का एक्सटेंशन दिया है। एक तरफ नियमित कर्मचारियों की संविदा बढ़ाई जा रही है, वहीं संविदा कर्मचारियों की आजीविका खत्म कर दी है। श्री रघुवंशी ने बताया कि जिले में तीन संविदा कर्मचारियों के सामने इस आदेश से आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।
रेडक्राॅस सोसायटी विश्व रेडक्रॉस दिवस पर रेडक्रॉस सप्ताह मनाएगा। इसमें कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। साथ ही अस्पताल परिसर की साफ सफाई, सेनेटाइज किया जाएगा। जिसके लिए 7 दिवसीय कार्यक्रम तय किए गए हैं। हर दिन अलग अलग तरह की एक्टिविटी की जाएंगी।
रेडक्रॉस सोसायटी चेयरमेन दीपक मिश्रा ने बताया कि पिछले सालों की तरह रेडक्रास सप्ताह मनाया जाता रहा है उसी तरह इस बार भी मनाया जाएगा। कलेक्टर व सोसायटी अध्यक्ष डॉ.मंजू शर्मा ने सहमति दी है। 8 मई को अस्पताल के गेट पर जल सेवा, 9 मई को अस्पताल की सफाई व सैनिटाइज। 10 मई को सामाजिक दूरी के लिए रेडक्रॉस के चिन्ह सार्वजनिक जगहों में लगाए जाएंगे। 11 मई को कोरोना से बचाव के लिए जागरुकता कार्यक्रम होंगे। 12 मई को वृद्धाश्रम पर वृद्धजनों से चर्चा की जाएगी और आवश्यकतानुसार सहयोग किया जाएगा। 13 मई को मध्यम वर्गीय परिवार में राशन सामग्री बांटी जाएगी और 14 मई को रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा।
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती घेरा बनने के कारण रविवार की रात अचानक शहर का मौसम बदल गया। शाम 8 बजे अचानक तेज आंधी के साथ बारिश हुई। शहर में करीब 8 बजे से पहले तेज हवा चली। करीब 15 मिनट बाद 20 से 25 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली अाैर फिर बूंदाबांदी शुरू हुई। बीच में हवा की रफ्तार करीब 30 से 35 किमी प्रतिघंटा भी रही। इससे शहर में 3 घंटे ब्लैक आउट रहा। तेज आंधी के चलते जिले के कई क्षेत्रों में पेड़ उखड़ गए और बिजली लाइनें टूट गईं। बारिश से खरीदी केन्द्रों पर रखा गेहूं भी भीग गया। तेज आंधी और बारिश का सिलसिला करीब 10 बजे तक चला। इसके बाद 15 से 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से रात 11 बजे तक ठंडी हवा चलती रहीं।
तीन घंटे रहा ब्लैक आउट
तेज आंधी के चलते पूरे शहर में बिजली गुल होने से अंधेरा छा गया। इस दौरान सबसे अधिक परेशानी जिला अस्पताल में मरीजों को उठाना पड़ी। हवाकी रफ्तार कम होने के बाद रात को 11 बजे शहर की बिजली सप्लाई बहाल हो सकी। शहर में गनीमत ये रही कि तेज आंधी से कोई हताहत नहीं हुआ।
खरीदी केन्द्रों पर भीगा गेहूं- बारिश के चलते खरीदी केन्द्रों पर गेहूं भीग गया। भैसरवास खरीदी क्रमांक-2 पर तिपाल होने के बाद भी बारदाना में नीचे रखा गेहूं भीग गया। पठार स्थित स्टेडियम में भी थोड़ा बहुत गेहूं भीगा है। हालाकि बारिश कुछ ही मिनट हुई, अगर तेज बारिश होती तो सैकड़ों क्विंटल गेहूं भीग जाता।
बारिश से न्यूनतम तापमान 4 डिग्री गिरकर 22.40
शाम को मौसम बदलने के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान रविवार को 26.4 डिग्री दर्ज किया गया था जो एक ही दिन में 4 डिग्री लुढ़ककर 22.4 डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य से 2 डिग्री कम रहा। वहीं अधिकतम तापमान भी 1.8 डिग्री कम होकर 40.4 डिग्री दर्ज किया गया। हालाकि दिन का तापमान सामान्य की तुलना में एक डिग्री अधिक रहा।
जिले में गौरैया अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत पंचायत स्तर पर पक्षियों के लिए सकोरे टांगे जा रहे हैं। अशोकनगर जनपद क्षेत्र में टांगे गए सकोरों का जनपद सीईओ प्रमोद कुमार ने निरीक्षण किया। उन्हें कई जगह पक्षी सकोरों से पानी पीते हुए मिले। उन्होंने बताया कि उद्देश्य पूरा होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने सकोरों में नियमित रूप से पानी भरने के निर्देश भी जारी किए।
बीते 40 दिन में सोमवार को सबसे कम पाबंदियों के साथ बाजार खुला। लगभग 90 फीसदी दुकानें खुल गई। जो बची हैं उनमें, शराब व गुटका कारोबारियों काे छोड़ बाकी ने पाबंदियां हटाने की मांग उठाना शुरू कर दी। पहले दिन बाजार में त्याेहारी सीजन जैसी खरीददारी हुई। कई चीजोंं की खरीददारी 40 दिन से लंबित पड़ी थी। अभी जो अनिश्चितता बनी है उसे देखते हुए लोगों को यह आशंका भी है कि कहीं दोबारा लॉकडाउन न हो जाए। इसलिए अभी दो-तीन दिन बाजार में भीड़ ज्यादा रह सकती है।
इसके बावजूद लोग सावधान दिखे। ज्यादातर दुकानदारों ने मास्क लगा रखा था। वहीं खरीददार भी किसी न किसी कपड़े या मास्क से अपना चेहरा ढंके हुए थे। जो लोग लापरवाही दिखा रहे थे उन पर पुलिस व नपा की टीम नजर रखे हुए थे। इसलिए पूरे दिन में 32 चालान बनाए गए। रविवार को कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने जो आदेश जारी किया, उसमें कई दुकानों को शामिल नहीं किया गया। जूते-चप्पल, फोटोग्राफी और सैलून की दुकानदारों ने उनके कारोबार काे खोलने की मांग की।
नपा व पुलिस की कड़ी नजर : 11 हजार 200 का जुर्माना वसूला
पाबंदियों में मिली छूट के दौरान हालात बेकाबू न हो जाएं, इसके लिए पुलिस और नपा की टीम दिनभर बाजार में घूमती रहीं। वे यह सुनिश्चित कर रही थीं कि कोई सार्वजनिक स्थल पर न थूके और सोशल डिस्टेंस के नियम का उल्लंघन न हो। इसलिए नपा और पुलिस की संयुक्त टीम ने सचिन स्टील सौलत गली, इंडिया बूट हाउस, राजीव मार्ट जैसी बड़ी दुकानों पर कार्रवाई की। शहर में आज की गई जुर्माने की कार्रवाई में छह व्यक्तियों पर सार्वजनिक स्थल पर थूकने के चालान बनाए गए और 32 लोगों को बगैर मास्क लगाने पर जुर्माना किया गया इस तरह से कुल 32 लोगों पर 11200 का जुर्माना लगाया गया।
पाबंदियां हटने से इन जगहों पर बढ़ी चिंता
भगत सिंह चौक : शास्त्री पार्क सब्जी मंडी बंद रहने की वजह से अब सारे दुकानदार भगत सिंह चौक और बोहरा मस्जिद रोड के आसपास जमा होने लगे हैं। लोगों का मानना है कि इन सब्जी वालों को वापस मंडी में शिफ्ट किया जाना चाहिए। वहां उन्हें दूर-दूर बिठाने का इंतजाम होना चाहिए। नियम तोड़ने पर सख्त जुर्माना लगाया जाए तो लोग अपने आप सुधर जाएंगे।
सदर बाजार : यहां दुकानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन कराना आसान नहीं होगा। यहां सड़क पर घेरे बनाकर वहां ग्राहकों को खड़ा भी नही किया जा सकता। अगर ऐसा करने की कोशिश की गई तो बाजार में जाम लग जाएगा। अगर यहां वाहनों की आवाजाही को रोका जाए तो स्थिति बेहतर हो सकती है। यह मौका है जब बापू पार्क में पार्किंग की व्यवस्था लागू की जा सकती है। इसके अलावा वन वे लागू करके भी स्थिति ठीक की जा सकती है।
हाट रोड : यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग की समस्या खड़ी हो गई। ठेले वाले फिर से सड़क के दोनों आकर खड़े हो गए। जबकि पुरानी गल्ला मंडी में उन्हें शिफ्ट करके यह समस्या हल की जा सकती है। इन दुकानदारों पर भी कड़ाई की जाए तो स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
यातायात बढ़ने से एबी रोड पर लगे बेरीकेड हटाए
सोमवार को लगभग पूरा बाजार खुलने की वजह से सड़कों पर वाहनों की संख्या भी बढ़ गई। इसलिए लॉकडाउन के दौरान लगाए गए बेरिकेड्स हटान का काम भी शुरू कर दिया गया। एबी रोड पर जयस्तंभ चौराहे पर लगाई गईं रुकावटों को हटा दिया गया। हालांकि बाजार में अब भी बेरिकेड लगे हुए हैं और उन्हें तुरंत हटाए जाने की संभावना कम ही है।
ठेकेदार शराब दुकान खोलने के खिलाफ
कोरोनाकाल में जहां ज्यादा से ज्यादा कारोबारी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनकी दुकानें व संस्थान को खोलने की अनुमति मिल जाए। वहीं शराब कारोबारी इसके ठीक उलटी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी दुकानों को बंद रखा जाए। ऐसा नहीं है कि यह मांग सिर्फ गुना में उठ रही है बल्कि पूरे प्रदेश में यही हालत है। जिले के शराब कारोबारी विनोद राठौर ने बताया कि प्रदेश के सभी ठेकेदारों ने मिलकर तय किया है कि हम अपनी दुकान नहीं खोलेंगे। यही सवाल जब हमने आबकारी विभाग के जानकारों से पूछा तो उनका कहना था कि कोरोना काल में दुकानों की आमदनी घटेगी। क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग नियम और दुकान खोलने का समय कम रहेगा। वहीं कारोबारियों को तय ड्यूटी तो भरना ही होगी। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि गुना जिले का ठेका 1.62 लाख में गया है। इस लिहाज से हर माह 13 करोड़ से ज्यादा ड्यूटी सरकार को मिलना चाहिए। ठेकेदारों को लग रहा है कि इस समय इतनी आमदनी मुश्किल है। उन्होंने बताया कि इस बार वैसे भी ठेके बहुत ज्यादा राशि पर गए हैं।
अवैध शराब बेचने के लिए एक ढाबा संचालक ने तो नया तरीका निकाल लिया। उसने अपने ढाबे में रखे डमरू नुमा स्टूल में शराब की बोतलें भर ली, फिर इसे ढंक कर इसी पर बैठ गया। इस ढाबे पर अवैध शराब बेचे जाने की कई सूचनाएं मिलीं, लेकिन आरोपी रंगे हाथों पकड़ में नहीं आ रहा था। मुखबिर ने पुलिस को इस बार पूरी जानकारी दी, और कहा कि स्टूल में छिपाकर खराब रखी हुई है। इसके बाद कैंट थाना प्रभारी मदन मोहन मालवीय ने अपनी टीम तैयार की। एबी रोड वायपास स्थित देव ढाबा पर दबिश देकर ढाबे को चैक किया तो वहां डमरू आकार के रखे चार स्टूल दिखे। इस पर खुद आरोपी बैठा हुआ था।
पुलिस को देखकर बोला साहब बैठिए। उसने इसी डमरू नुमा स्टूल पर भी पुलिस को बैठने के लिए कहा, ताकि कोई शक न कर सके। लेकिन पुलिस पूरी तैयारी से थी। इन स्टूल को खोला तो अंदर शराब भरी हुई थी। मौके से ही 4 स्टूल और 36 क्वार्टर जीनियस शराब के एवं 13 क्वार्टर देशी लाल मसाला शराब के जब्त किए।
रोरी गांव से जब्त की शराब
कैंट पुलिस ने ही रोकी गांव से भी अवैध शराब जब्त की। गांव में रहने वाले आरोपी छोटू पुत्र सुरेश आदिवासी उम्र 19 साल निवासी को गिरफ्तार किया। उसके पास से हाथ भट्टी की बनी 12 लीटर शराब जब्त की गई है। वह कई दिनों से अवैध शराब बेचने का कार्य कर रहा था।
लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पहली बार मंडी में धनिया, गेहूं, चना और सरसों की खुली नीलामी हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। 1200 से ज्यादा ट्राॅली पहुंच गई। धनिया के अधिकतम दाम 8200 रुपए रहे, वहीं सबसे कम 3800 रुपए रहे। गेहूं ज्यादातर सौदा पत्रक से ही बेचा गया। 500 ट्राॅली धनिया की नीलामी हुई तो 200 किसानों को अच्छे दाम नहीं मिले तो सौदा पत्रक से इसे विक्रय कर दिया। किसानों की इतनी ज्यादा भीड़ थी कि संभालना मुश्किल हो रहा था। मंडी समिति किसानों से आग्रह करती रही कि सामाजिक दूरी बनाए रखें, इसी का ख्याल रखते हुए नीलामी कराई। एसडीएम शिवानी गर्ग भी पूरी नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखी रहीं ।
200 ग्राम बारदाने का ज्यादा वजन काटा
मंडी में एसडीएम शिवानी गर्ग ने तौल कांटों की जांच की। इस दौरान उन्होंने पाया कि आरोन के एक किसान ने 38 क्विंटल माल तुलाया था, लेकिन बारदाने का वजन 200 ग्राम ज्यादा काटा जा रहा था। यानी किसान को 200 ग्राम उपज का नुकसान था। इस वजह से एसडीएम ने व्यापारी से कहा कि किसान को पूरे उपज के दाम दिए जाएं। वहीं निर्देश दिए कि जितना वजन वारदाने का है, उतना ही काटा जाए।