कारा महानिरीक्षक ने जेलाें में भीड़ कम करने के लिए चार जेलाें से 200 से अधिक कैदियों को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। इनमें सेंट्रल जेल पलामू से सेंट्रल जेल रांची में 60 कैदी, मंडल कारा चतरा से धनबाद में 69 कैदी, मंडल कारा साहिबगंज से उपकारा राजमहल में 26 कैदी अाैर मंडल कारा चाईबासा से उपकारा घाटशिला में 60 कैदियों को स्थानांतरित किया जा रहा है।
एसएसपी ने रांची के सभी थाना प्रभारियों को बॉडीगार्ड नहीं रखने का निर्देश दिया है। सभी बॉडीगार्ड जो थानेदारों के साथ चल रहे हैं, उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लगाने को कहा है। कोरोना संकट काल में जवानों की ड्यूटी कई शिफ्टों में लगाई जा रही है, इसलिए जवानों की कमी को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है।
रांची के कैलाशनगर की बुलबुल लॉकडाउन से पहले पारिवारिक समारोह में मायके आई थी। लॉकडाउन के बाद वह अपने एक वर्ष के बच्चे के साथ यहीं फंस गई। उसके पति सोनू ने उसे ले जाने के लिए हजारीबाग में पास के लिए आवेदन किया, लेकिन पास नहीं बना। अब बुलबुल बच्चों के साथ हजारीबाग जाने को बेकरार है, लेकिन नहीं जा सकती। थक कर उसने वार्ड 28 के पार्षद के यहां आवेदन दिया है। इसी तरह रांची के स्वर्ण जयंती नगर केे राजमिस्त्री विनय मुंडा बेरोजगार बैठे हुए हैं। तीन बच्चे और पत्नी के साथ वह लातेहार अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन न तो कोई व्यवस्था है और न अनुमति। उन्होंने भी पार्षद से घर भेजने की गुहार लगाई है। बुलबुल व विनय की तरह 50 हजार से अधिक लोग रांची में फंसे हैं। कोई झारखंड के दूसरे जिले में जाना चाहता है, तो कोई बिहार, यूपी और बंगाल। इसके लिए रोजाना सैकड़ों लोग डीसी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई रास्ता नहीं निकल रहा है।
5000 से अधिक लोगों ने दूसरे राज्यों के लिए मांगा पास
रांची के 5000 से अधिक लोगों ने दूसरे राज्यों में जाने के लिए पास मांगा है। इनमें बिहार, बंगाल, अोडिशा, छत्तीसगढ़, असम आदि के लोग हैं। जो आवेदन किए हैं, उनमें से अधिकतर के आवेदन रिजेक्ट हो गए। क्योंकि जब तक परिवहन सेवा शुरू नहीं होगी, तब तक दूसरे राज्य या जिले में जाना संभव नहीं है। इसलिए लोग पार्षद, बीडीओ-सीओ के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
45 दिनों से अपने दो साल के बच्चे से मिलने को बेकरार है मां, नहीं मिला पास
पहले लॉकडाउन से ही एक मां अपने दो साल के बच्चे से मिलने को बेकरार है, लेकिन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा। वह अपने बच्चे की तस्वीर को कभी चूमती है, तो कभी उससे लिपट कर रोती है। 45 दिन हो गए उसे अपने बच्चे को गोद में लेकर प्यार किए। आजाद बस्ती की नौशाबा परवीन का बेटा जोहान लॉकडाउन-1 से अपनी नानी के पास खंूटी में है। नौशाबा ने बताया कि 22 मार्च को उनकी मां जोहान को लेकर खूंटी चली गई। 23 मार्च से लॉकडाउन लग गया। वे लोग उसे नहीं ला पाए। नौशाबा ने बेटे के लौटने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है।
शहर की पीडीएस दुकानों में बुधवार को सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। मेयर आशा लकड़ा जब राशन वितरण का जायजा लेने वार्ड नंबर-8 में एक पीडीएस दुकान पर पहुंचीं, तो वहां उमड़ी भीड़ देखकर भड़क गईं। राशन डीलर नित्यानंद प्रसाद को कड़ी फटकार लगाईं, साथ ही भीड़ लगाए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व भी समझाया। उन्होंने डीलर से कहा कि जब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करा सकते, तो राशन वितरण बंद कर दें। चावल देने के चक्कर में लोगों में बीमारी न बांटे। इसके बाद उन्होंने सभी राशन दुकान के सामने 5 फीट की दूरी पर चूना से घेरा लगाने का निर्देश दिया। साथ ही, एक ही जगह खड़े लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गोल घेरे में खड़ा होकर राशन लेने की नसीहत दी। इसके अलावा दुकानों में हैंड सेनिटाइर रखने को भी कहा।
झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा सिक्स सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे घोषित होने के 15 दिन बाद सफल अभ्यर्थी अपना पक्ष रखने के लिए सामने आए हैं। इनका कहना है कि परीक्षा नियम के अनुसार हुई है। न्यायालय के आदेश के आलोक में परीक्षा परिणाम प्रकाशित हुआ है। वर्ष 2015 में विभिन्न सेवाओं के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी। तथाकथित कुछ छात्र प्रतिनिधियों द्वारा विरोध किया जाना कहीं से उचित नहीं है। विरोध करने वालों में अधिकांश लोग सिक्स सिविल सेवा परीक्षा में शामिल भी नहीं हुए हैं। सफल अभ्यर्थियों ने आयोग से विभिन्न सेवाओं के लिए चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति अनुशंसा करने का अनुरोध किया है।
वहीं, दूसरी ओर कई अभ्यर्थियों ने सिक्स सिविल में कई तरह की गड़बड़ी होने के आरोप लगाए हैं। सेवा वितरण में मेरिट की अनदेखी और हिंदी-अंग्रेजी पेपर के अंक को नियम की अनदेखी कर मेरिट लिस्ट में जोड़ने का आरोप लगाया है। इनके समर्थन विधायक बंधु तिर्की और विधायक दशरथ गगराई ने सीएम को पत्र लिखकर विभिन्न बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।
केरल से 3 दिन का सफर तय कर बुधवार को ट्रेन से हटिया पहुंचे 1200 मजदूरों से रेलवे ने 825 रुपए प्रति टिकट के हिसाब से 9 लाख, 90 हजार वसूल किया। यह रेल टिकट पर प्रिंट किराया के हिसाब से है। जबकि मजदूरों का आरोप है- केरल के अलावा रेलवे स्टेशन पर टिकट पर लिखे प्रिंट रेट 825 से ज्यादा की वसूली की गई है। उनसे 830 से लेकर 890 रुपए तक वसूला गया है। स्टेशन पर मौजूद रेलवे के लोगों ने यह वसूली की है। इतना ही नहीं, पैसा लेने के बावजूद ट्रेन में सुविधा भी ठीक नहीं थी। 3 दिन के सफर में मात्र दो बोतल पानी दिया गया। दो टाइम दिया गया भोजन भी खाने लायक नहीं था। गढ़वा के सलीम रजा ने बताया कि किसी तरह ट्रेन से घर पहुंचे हैं। दूसरे राज्य में भूखे से मरने से अच्छा है कि अपने घर में अपनी मां की गोद में भूखे मरें, केरल में हमलोगों की स्थिति काफी खराब हो गई थी। अब अपने ही गांव घर में रहेंगे, बाहर नहीं काम करने जाएंगे।
70 मजदूरों का बॉडी टेंपरेचर बढ़ा हुआ था
हटिया स्टेशन पर केरल से पहुंचे 70 मजदूरों का जब थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंपरेचर मापा गया, तो सबका बढ़ा हुआ था। इन लोगों को रोका गया। रांची डीसी और एसएसपी हटिया स्टेशन पहुंचे और फिर से उनका टेंपरेचर लिया, तो नॉर्मल था। डीसी ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दे दी है, इन्हें उनके जिले में क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा।
रांची में जीएम ऑफिस रहने पर सहूलियत होती
कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड में रेलवे का जोनल ऑफिस नहीं है। जबकि इसके सभी पड़ोसी राज्यों में है। सरकार को रेलवे के तीन जोन के जीएम से संपर्क करना पड़ता है। काफी परेशानी हो रही है। अगर जीएम ऑफिस रहता, तो काफी सहूलियत होती।
रेलवे को झारखंड से सबसे अधिक आय : मंत्री
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि रेलवे और राज्य सरकार के बीच कोई तालमेल नहीं है। बीते वित्त वर्ष में झारखंड से रेलवे को सबसे ज्यादा 27000 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। इसके बाद भी रेलवे ने मजदूरों से किराया वसूला। राज्य सरकार के अधिकारियों को भी नहीं पता है कि ट्रेन कब, कहां से और कैसे चल रही है।
रांची जिले के हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी सहित सभी माइक्रो कंटेनमेंट जोन में हाउस-टू-हाउस सर्वे का काम बुधवार को पूरा कर लिया गया। कुल 10,218 घरों में जाकर मेडिकल टीम ने स्कीनिंग की। इसमें 52,344 लोगों के हेल्थ की जांच की गई। हिंदपीढ़ी में 30 स्थानों पर सर्वे हुआ, जिसमें कुल 7175 घरों में मेडिकल टीम ने जाकर 38,643 लोगों की स्क्रीनिंग की। इसके अलावा शहर के 11 माइक्रो कंटेनमेंट जोन के 415 घरों में रहनेवाले 6673 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बेड़ो प्रखंड के मोरो, केशा व करंजी, कांके प्रखंड के अरसंडे व बुंडू प्रखंड के ताऊ में मेडिकल टीम ने सर्वे किया। इन क्षेत्रों में 1628 घरों के 7028 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिनमें कोरोना के लक्षण मिले हैं, उन्हें चिह्नित किया गया है। उनकी स्वाब टेस्टिंग की जाएगी।
निगम ने मशीनें बढ़ाईं, मच्छर मारने के लिए दूसरी टीम होगी
रांची में कोरोना का फैलाव बढ़ने के बाद विभिन्न क्षेत्रों को सेनिटाइज किया जा रहा है। निगम हिंदपिढ़ी, कांटाटोली व बरियातू सहित अन्य क्षेत्रों को लगातार सेनिटाइजेशन करा रहा है। एटीएम और बैंक की शाखाओं को भी सेनिटाइज किया जा रहा है। बुधवार को वार्ड नंबर 26 के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित बैंक, एटीएम व पेट्रोल पंप सेनिटाइज किए गएा। नगर निगम ने सेनिटाइजेशन जे करनेे के लिए वाहनों की संख्या बढ़ा दी है, अब 25 वाहनों से काम लिया जा रहा है। इसके अलावा सभी वार्डों में 10-10 स्प्रे मशीनें भी दी गई हैं। इधर, नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि बहुत जल्द सेनिटाइजेशन और मच्छर मारने के लिए अलग-अलग टीम काम करेगी। मानसून से पहले शहर के नाले-नालियों की सफाई के लिए भी युद्धस्तर पर काम शुरू किया जाएगा।
झारखंड में लॉकडाउन-3 के दौरान भी किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। पूर्ण पाबंदी है। दूसरे राज्यों से छात्र और मजदूर अपने राज्य में वापस आ रहे हैं, लेकिन जांच प्रक्रिया के तहत। कहने को तो झारखंड के सभी जिलों में पूरी सख्ती है। चेकनाकों पर पुलिस तैनात है। इसके बावजूद चोरी-छुपे मजदूरों का एक से दूसरे जिले तक आना-जाना बंद नहीं हुआ है। दूसरे जिलों से लिफ्ट लेकर मजदूर अभी भी आ-जा रहे हैं। चेकनाकों पर फिर वाहनों की जांच बंद हो गई है, जिससे यह लापरवाही हो रही है। यह महंगी पड़ सकती है, क्योंकि कोई व्यक्ति नहीं जानता दूसरे जिलों से आने वाले मजदूर संक्रमित हैं या नहीं। पुलिस ने बुधवार को भी तीन मजदूरों को कचहरी चौक के पास रोका। तीनों के पीठ पर बैग थे। यह पूछने पर कि कहां से आ रहे हो और कहां जाना है, तीनों युवकों ने बताया कि हम दुमका जिले से लिफ्ट लेकर रांची पहुंचे हैं, यहां से मुंबई जाना है।
ठाकुरगांव/रातू | बेड़ो पावर ग्रिड में काम करने वाले 11 मजदूर पुरानी साइकिल खरीद कर बेड़ो से बिहार और उत्तर प्रदेश अपने घर जा रहे थे, इसी दौरान बुढ़मू पुलिस की नजर उन पर पड़ी। पुलिस ने सभी के खाने पीने की व्यवस्था की और मांडर शेल्टर होम भेजा। इधर, पैदल ही पिस्कामोड़ से रायबरेली जा रहे चार लड़कों व दो लड़कियों को कमड़े शेल्टर होम भेजा गया। ये पैदल ही निकल पड़े थे।
रांची-टाटा रोड में दिउड़ी चेकनाका पर नहीं की जा रही जांच
रांची-जमशेदपुर रोड पर दिउड़ी मंदिर से पहले चेकनाका बनाया गया है। पुलिस भी तैनात है, लेकिन धड़ल्ले से वाहन आ-जा रहे हैं। पुलिसवाले एकाध वाहन को रोक कर पूछ लेते हैं। यह लापरवाही रांची जिले को मंहगी पड़ सकती है।
झारखंड में लॉकडाउन-3 के दौरान भी किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। पूर्ण पाबंदी है। दूसरे राज्यों से छात्र और मजदूर अपने राज्य में वापस आ रहे हैं, लेकिन जांच प्रक्रिया के तहत। कहने को तो झारखंड के सभी जिलों में पूरी सख्ती है। चेकनाकों पर पुलिस तैनात है। इसके बावजूद चोरी-छुपे मजदूरों का एक से दूसरे जिले तक आना-जाना बंद नहीं हुआ है। दूसरे जिलों से लिफ्ट लेकर मजदूर अभी भी आ-जा रहे हैं। चेकनाकों पर फिर वाहनों की जांच बंद हो गई है, जिससे यह लापरवाही हो रही है। यह महंगी पड़ सकती है, क्योंकि कोई व्यक्ति नहीं जानता दूसरे जिलों से आने वाले मजदूर संक्रमित हैं या नहीं। पुलिस ने बुधवार को भी तीन मजदूरों को कचहरी चौक के पास रोका। तीनों के पीठ पर बैग थे। यह पूछने पर कि कहां से आ रहे हो और कहां जाना है, तीनों युवकों ने बताया कि हम दुमका जिले से लिफ्ट लेकर रांची पहुंचे हैं, यहां से मुंबई जाना है।
ठाकुरगांव/रातू | बेड़ो पावर ग्रिड में काम करने वाले 11 मजदूर पुरानी साइकिल खरीद कर बेड़ो से बिहार और उत्तर प्रदेश अपने घर जा रहे थे, इसी दौरान बुढ़मू पुलिस की नजर उन पर पड़ी। पुलिस ने सभी के खाने पीने की व्यवस्था की और मांडर शेल्टर होम भेजा। इधर, पैदल ही पिस्कामोड़ से रायबरेली जा रहे चार लड़कों व दो लड़कियों को कमड़े शेल्टर होम भेजा गया। ये पैदल ही निकल पड़े थे।
रांची-टाटा रोड में दिउड़ी चेकनाका पर नहीं की जा रही जांच
रांची-जमशेदपुर रोड पर दिउड़ी मंदिर से पहले चेकनाका बनाया गया है। पुलिस भी तैनात है, लेकिन धड़ल्ले से वाहन आ-जा रहे हैं। पुलिसवाले एकाध वाहन को रोक कर पूछ लेते हैं। यह लापरवाही रांची जिले को मंहगी पड़ सकती है।
रिम्स की आउटसोर्सिंग एजेंसी प्राइम सर्विसेज कोरोना मरीजों के खाने में गड़बड़ी कर रही है। कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन देना है। इसमें फल, अंडा, पनीर अादि शामिल है। लेकिन एजेंसी गुणवत्ता का ख्याल नहीं रख रही। एजेंसी ने मरीजों को दो दिनों पहले खाने में सड़ा केला दिया। सब्जी से पनीर ही गायब था। शिकायत के बाद एजेंसी को शोकॉज किया गया। अब एजेंसी पर कार्रवाई के लिए फाइल तैयार की गई है। फाइल पहले रिम्स निदेशक के पास भेजी गई थी। निदेशक ने फाइल अब निदेशक प्रशासन को भेज दी है। इससे पहले भी प्राइम सर्विसेज पर खाने में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखने का आरोप लगे हैं।
आरोप...अधपकी रोटी मिल रही भोजन मानक के अनुरूप नहीं
मरीजों ने खाने की क्वालिटी पर वीडियो बनाकर रिम्स अधिकारियों समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भेजा है। इसमें बताया गया है कि रोटी अधपकी होती है। सब्जी की क्वालिटी भी ठीक नहीं है। अन्य खाद्य पदार्थ भी मानक के अनुरूप नहीं है। इस वीडियो के आधार पर भी एजेंसी पर कार्रवाई की जा रही है।
14 बार लग चुकी है पेनाल्टी, कम खाना देने का भी
14 बार लग चुकी है पेनाल्टी, कम खाना देने का भी आरोप... प्राइम सर्विसेज पर कई बार खाना की गुणवत्ता समेत अन्य गड़बड़ियां करने पर पेनाल्टी लगाई गई है। कंपनी का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो गया है। करीब एक साल बीत जाने के बाद भी टेंडर फाइनल नहीं किया गया। यहां तक कि इसी कंपनी के दूसरे रिश्तेदारों को फिर से नाम बदलकर टेंडर देने की कोशिश की गई।
पांच दिनों से स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे 22 आउटसोर्सिंग तकनीशियनों ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर दी और ड्यूटी पर लौटे। तकनीशियनों ने बताया कि वे अपनी मांगों को लेकर बुधवार की सुबह 8 बजे स्वास्थ्य मंत्री से मिले। मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही इनकी स्थाई नियुक्ति में आ रही रुकावटों को दूर कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कराएंगे। इसके लिए दो दिनों के अंदर ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन और 33 तकनीशियनों के साथ बात करेंगे। दोनों पक्षों की बातें सुनकर जल्द स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इधर, आउटसोर्स टेक्नीशियनों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कोराना की जांच धीमी हो गई थी।
राज्य में आमजन के साथ कोरोना वाॅरियर्स नर्स, पुलिसकर्मी और ड्राइवर भी महामारी की चपेट में आने लगे हैं। बुधवार को राजधानी में दो पॉजिटिव मरीज मिले, जिसमें एक रिम्स की स्टाफ नर्स है। संक्रमित नर्स रिम्स के कोविड19 वार्ड में ड्यूटी कर रही थी। ड्यूटी के बाद वह क्वारेंटाइन में होटल पार्क प्राइम में रह रही थी। वहीं से उसका सैंपल लिया गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे रिम्स के कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। इससे पहले हिंदपीढ़ी थाने के एएसआई, सदर अस्पताल की नर्सें और एंबुलेंस ड्राइवर संक्रमित हो चुके हैं। हिंदपीढ़ी की एक 52 वर्षीय महिला भी पॉजिटिव मिली है। इसके साथ ही राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या 128 हो गई है। 06 मई को रिम्स में कुल 167 सैंपलों की जांच हुई। इनमें 165 रिपोर्ट निगेटिव और दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
रिम्स के आइसोलेशन वार्ड से कोरोना संदिग्ध महिला फरार
रिम्स आइसोलेशन वार्ड से कोरोना संदिग्ध महिला (36) फरार हो गई है। वह हिंदपीढ़ी की है और सीने में दर्द की शिकायत पर उसे मंगलवार रात ट्राॅमा सेंटर ले जाया गया था। वहां वायरस के कुछ लक्षण मिलने पर उसका सैंपल भी लिया गया। आइसोलेशन वार्ड लौटने के क्रम में महिला लिफ्ट में चकमा देकर फरार हो गई। महिला का मोबाइल बंद होने से कॉल डिटेल निकाल लिया गया है। जल्द ही ढूंढ़ लिया जाएगा।
रिम्स में संदिग्ध की मौत...कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव
बुधवार को रिम्स में भर्ती एक संदिग्ध की मौत हो गई। हिंदपीढ़ी के रहने वाले इस व्यक्ति के भाई पहले पॉजिटिव आए थे और फिर स्वस्थ होकर घर लौट गए थे। जिनकी मौत हुई है वे जॉडिंस के कारण अंजुमन इस्लामिया में भर्ती थे। बुधवार की सुबह करीब 4:30 बजे हृदय संबंधी समस्या पर रिम्स लाया गया, इलाज के दौरान 5:30 बजे उनकी मौत हो गई। हालांकि उनकी कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
कोरोना संक्रमित 5 मरीज ठीक हुए कोडरमा के बाद अब गिरिडीह ग्रीन जोन में
राज्य में कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों के ठीक होने की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। बुधवार को पांच और मरीज ठीक हुए। इसके साथ ही ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। पांच मई तक 33 मरीज ठीक हो चुके थे। कोडरमा के बाद बुधवार को गिरिडीह भी ग्रीन जोन में आगया। राज्य में अब ग्रीन जोन जिलों की संख्या 13 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि यदि किसी जिले में 21 दिनों तक कोई मरीज नहीं मिलता है तो वह ग्रीन जोन में शामिल हो जाएगा। लेकिन इसके लिए पुराने मरीजों का ठीक होना भी जरूरी है। कोडरमा में 10 अप्रैल को मिला मरीज मंगलवार को एवं गिरिडीह में 13 को मिला मरीज बुधवार को ठीक हो गया।
थाना पुलिस ने अवैध खनन कर पत्थर ले जा रहे ट्रैक्टर चालक को गिरफ्तार कर ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त किया है। थानाधिकारी द्वितीय रामकिशन बैरवा ने बताया कि गश्त के दौरान अलावड़ा शराब ठेके के पास पत्थरों से भरे ट्रैक्टर को रोका व कागजात दिखाने को कहा। यहां किसी तरह कागजात नहीं मिले व पत्थर अवैध खनन कर लाना बताया। इस पर चालक नबाव पुत्र सौदान मेव निवासी मांदला खुर्द को गिरफ्तार कर ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर लिया गया।
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के मद्देनजर केंद्र सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे उद्योगों को सशर्त प्रारंभ करने का आदेश जारी किया था। केंद्र सरकार ने रियायत संबंधी आदेश दूसरे लॉकडाउन अर्थात 14 अप्रैल को जारी किया था। उसमें ग्रामीण क्षेत्र के छोटे एवं कुटीर उद्योग के साथ साथ सड़क निर्माण एवं भवन निर्माण संबंधी कार्य प्रारंभ करने की छूट दी गई थी। किंतु गुमला जिला में उस रियायत का कोई असर भवन निर्माण विभाग के कार्यों पर नहीं पड़ा है।
गुमला जिले में भवन निर्माण विभाग के माध्यम से संचालित करीब एक सौ करोड़ से अधिक की एक दर्जन से अधिक योजनाओं पर कार्य बंद होने के कारण योजनाएं अधूरी पड़ी हुई है। सरकार द्वारा रियायत दिए जाने के बाद भी ठेकेदारों के पास पैसे की कमी और कार्य के लिए कुशल मजदूर नहीं मिलने के कारण डेढ़ महीना से कार्य पूर्णत: ठप है। इसमें अधिकांश शिक्षा क्षेत्र से जुड़े भवन निर्माण की योजनाएं शामिल है। झारखंड में कोरोना को लेकर लॉकडाउन थ्री प्रारंभ हो गया है। ऐसे में निकट भविष्य में भवन निर्माण की लंबित योजनाएं प्रारंभ होगी इसमें संशय बरकरार है।
भवन निर्माण में गुमला से बाहर के मजदूर करते हैं कार्य, लौटना मजबूरी
भवन निर्माण विभाग के सहायक अभियंता शिवशंकर प्रसाद ने बताया कि भवन निर्माण के विभिन्न कार्यों में गुमला से बाहर के कुशल मजदूर कार्य करते हैं। जैसे टाइल्स बिछाने के लिए ठेकेदार के द्वारा पलामू जिला के हुसैनाबाद के मजदूरो से कार्य कराया जा रहा था।वैसे ही अलग अलग योजनाओं में बाहर के मजदूरों से कार्य कराया जाता है। लॉकडाउन की स्थिति में मजदूरों के आवागमन पर रोक तथा काम करने के बाद भी मजदूरी भुगतान को लेकर संशय की स्थिति के कारण कार्य बंद है। करीब एक सौ करोड़ से अधिक की योजनाएं जिला में बंद है।
जिले की इन योजनाओं पर पड़ा लॉकडाउन का असर
जिले की इन योजनाओं पर पड़ा लॉकडाउन का असर गुमला जिले में भवन निर्माण से संबंधित गत वर्ष की कई योजनाएं लंबित है। उसमें सिसई में बीएन जालान डिग्री कॉलेज, गुमला के केओ कॉलेज में मल्टीपर्पस हॉल का निर्माण, गुमला में ही कोल्ड स्टोरेज का निर्माण , बिशुनपुर, घाघरा और बसिया प्रखंड में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का भवन निर्माण तथा बिशुनपुर में कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालय का निर्माण संबंधी कार्य लॉक डाउन के कारण बंद है। सभी योजनाओं को भवन निर्माण विभाग द्वारा टेंडर के माध्यम से ठेकेदारों को कार्य आवंटित किया गया है।
राज्य सरकार ने भुगतान पर लगा रखी है रोक
एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार ने लॉकडाउन के कुप्रभाव से बचने के लिए केंद्र के आदेश का पालन करते हुए भवन निर्माण के कार्य प्रारंभ करने की अनुमति तो प्रदान कर दी। किंतु दूसरी तरफ वेतन मद को छोड़कर शेष सभी प्रकार के विपत्रों पर रोक लगाने का रोक लगा दी है। राज्य में नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य में वित्तीय संकट के मद्देनजर सभी प्रकार के बिलों के भुगतान पर रोक गत दिसंबर माह से ही लगा दी गई है। इस कारण ठेकेदार विवश होकर कार्य को बंद कर दिया है।
झारखंड राज्य सहकारी क्रय विक्रय एवं आहरण संघ समिति के प्रबंध निदेशक ने गुमला जिला के उपायुक्त को पत्र प्रेषित कर लाह कृषकों से डोर टू डोर संपर्क कर लाह आहरण के लिए वाहन परिचालन कराने को कहा है। उपायुक्त को भेजे पत्र में झास्कोलैंप के प्रबंध निदेशक ने कहा है कि भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के लिए लाह आहरण योजना 1 मई से प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है। चुकी कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण हाट एवं किसानों के द्वारा संग्रहित लाह की बिक्री खुले बाजार में नहीं हो पा रहा है जिस कारण लाह कृषकों को आर्थिक क्षति हो रही है। ऐसे में उनके जीविकोपार्जन के साधन के रूप में आय सृजन प्रभावित हो रहा है।उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त से कहा गया है कि उनकी अध्यक्षता में पूर्व में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति द्वारा चयनित लाह हरण केंद्रों को लाह कृषकों से डोर टू डोर संपर्क कर लाह संग्रहित करने को कहा है।
रायडीह थाना क्षेत्र के सिलम चढ़ान के समीप मंगलवार को दिनदहाड़े दो नकाबपोश अपराधियों द्वारा मां बेटी के साथ की गई लूटपाट की घटना का मास्टर माइंड ऑटो चालक ही निकला है। पुलिस ने ऑटो चालक के साथ उसकी निशानदेही पर उसके साथी संदीप कुजूर को भी गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही इसके अन्य साथियों के गिरफ्तारी की प्रयास जारी है। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर लूट के 20 हजार 100 रुपया भी बरामद की है। अन्य रुपए की बरामदगी का प्रयास जारी है। 45000 रुपए लूट लिए गए थे। मां-बेटी ने गांव के ऑटो चालक संतोष लोहरा पर संदेह जाहिर किया था।
चूंकि संतोष के ही ऑटो पर सवार होकर पैसा निकासी करने आए थे। एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने घटना के उदभेदन को लेकर छापामारी दल का गठन किया। टीम का नेतृत्व एसडीपीओ कुलदीप कुमार कर रहे थे। जबकि एसडीपीओ के अलावा टीम में थाना प्रभारी संजय कुमार, प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर नीतीश कुमार, उज्ज्वल कुमार, कृष्णा कुमार, सआनि फागू उरांव, नागमणि सिंह, हवलदार कुल मेहतर, जवान रविन्द्र महतो शामिल थे।
नगर परिषद अध्यक्ष दीपनारायण उरांव ने नप में फंड की कमी की वजह से कर्मियों को अप्रैल माह का वेतन देने के लिए पैसे नहीं होने के मामले में उपायुक्त व विभाग से शीघ्र दिशा-निर्देश प्राप्त कर सफाई कर्मियों का वेतन भुगतान करने का निर्देश ईओ हातिम ताई राय को दिया है। इसके अलावा जो भी सामान कोरोना वायरस के रोकथाम के दौरान क्रय किया गया है। उसका भी भुगतान अविलंब करने को कहा है।
पत्र के जरिए आदेश देते हुए अध्यक्ष ने कहा है कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी महामारी के समय में सफाई कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर निष्ठापूर्वक काम कर रहे है। ऐसे में समय पर उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जब पहले से यह ज्ञात था कि पैसे की कमी होने वाली है, तो ऐसी परिस्थिति में पूर्व से कोई प्रयास क्यों नहीं किया गया और न ही उपायुक्त या विभाग को मामले से अवगत कराना जरूरी समझा गया। पांच मई तक वेतन भुगतान नहीं होने व क्रय की गई वस्तुओं का भुगतान नहीं होने पर खेद भी प्रकट किया है।
जिले के एसपी ह्रदीप पी जनार्दनन ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में अपराध नियंत्रण को लेकर तीनों अनुमंडल क्षेत्र के एसडीपीओ, डीएसपी व पुलिस निरीक्षक के साथ बैठक कर लंबित आपराधिक व नक्सली कांडों के निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश दिया। वहीं हर थाना क्षेत्रों में पुलिस गश्ती तेज करने के साथ आपराधिक वारदात पर भी नजर रखने को कहा। एसपी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के थाना प्रभारी अपने नेटवर्क और मजबूत करें। थाना प्रभारी हाइटेक हो कर और बेहतर कार्य करें। जिससे आम लोगों का जुड़ाव पुलिस के साथ हो सके।
बैठक में अपराधियों से निपटने के गुर बताते हुए उनके मामलो में आने वाले पैरवी को भी एसपी ने नजर अंदाज करने की सलाह दी। उन्होंने रमजान व आने वाले ईद के मौके पर विधि-व्यवस्था में भी तेजी लाने का सख्त निर्देश दिया। कहा कि पर्व के दौरान हर पुलिस अधिकारी क्षेत्र के आम लोगों से जुड़ें। जिससे उन्हें क्षेत्र की हर जानकारी पलभर में मिल सके। बैठक में एसपी का मिजाज देखने के बाद हर पुलिस अधिकारियों में भी यह बात बैठ गया कि लंबित कांड में अब देर नहीं चलेगी। देरी होने पर उन्हें दंडित भी किया जा सकता है। बैठक के दौरान एसपी ने कांड के अनुसंधानकर्ता एवं साइबर टीम के सदस्यों को तकनीकी शाखा से संपर्क कर कांड में अपराध कर्मियों द्वारा प्रयोग में लाए गए मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक यंत्र का लोकेशन, बैंक, क्रेडिट कार्ड के विवरण प्राप्त कर संबंधित ठिकानों पर छापेमारी कर कांड का उद्भेदन करने हेतु निर्देश दिया गया। सर्विलांस प्रोसिडिंग भेजने को कहा गया। पेट्रोलिंग व पीसीआर वैन को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया।एसपी ने कहा कि पुलिस टीम संगठित अपराध को लेकर बेहतर कार्य कर रही है। आपराधिक गिरोह पर अंकुश लगाने के लिए विशेष तैयारी की गई है। कोविड-19 भी एक बड़ी चुनौती है।
व्यापारी इन दिनों चिंतित व परेशान है। चुंकि खाद्य सामग्री लाने के लिए उनका पास नहीं बन पा रहा है। चैंबर के अनुसार डीसी का स्पष्ट कहना है कि खाद्यान्न लाने के लिए पास जरूरी नहीं है। लेकिन बिना पास जाने पर पुलिस रोक रही है और पास बनवाने के लिए बीडीओ कार्यालय जाने पर बीडीओ कार्यालय से गायब मिलती है। ऐसे में व्यापारी जाए, तो कहां जाएं। इस संबंध में चैंबर अध्यक्ष हिमांशु केशरी ने कहा कि ऐसी ही स्थिति रही, तो गुमला में खाद्यान्न संकट होने की पूरी आशंका है।
उन्होंने कहा है कि व्यवसायी कई दिनों से गुमला बीडीओ कार्यालय पास बनवाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। परंतु गुमला बीडीओ संध्या मुंडू अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं रह पा रही हैं। चैंबर का प्रतिनिधिमंडल ने भी उनसे कई बार उनके कार्यालय में मुलाकात करने की कोशिश की। परंतु कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई है। चैंबर प्रतिनिधिमंडल द्वारा उपायुक्त शशिरंजन को भी अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि खाद्यान्न लाने के लिए पास की जरूरत नहीं है।
डीआईजी अखिलेश झा ने कहा कि जिले की पुलिस टीम नए एसपी हृदीप पी जनार्दनन के नेतृत्व में संगठित अपराध व नक्सल के खात्मे को लेकर बेहतर कार्य कर रही है। आपराधिक गिरोह पर अंकुश लगाने के लिए विशेष तैयारी की गई है। वहीं कोविड-19 एक बड़ी चुनौती है। लॉकडाउन के तृतीय चरण में पुलिस अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कैसे काम का निष्पादन करें इसे लेकर कई निर्देश दिए गए है। पुलिस की छवि बदली है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रवाह को रोकने के साथ पुलिस सामाजिक सेवा में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है। 100 नम्बर डायलिंग के बाद जरूरतमन्दो, भूखे प्यासे, बीमार लोगो को घरों तक दवाइयां व खाद्यान्न सामग्री पहुंचाई जा रही है। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के संबंध में पता लगाकर कार्रवाई की जा रही है। पूरे क्षेत्र में सिर्फ कानून का राज चलेगा। पत्रकारों से बात करने के बाद डीआईजी ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। मौके पर एसपी के अलावा एसडीपीओ दीपक कुमार, डीएसपी प्राण रंजन, एसडीपीओ कुलदीप कुमार आदि उपस्थित थे।
लॉकडाउन की अवधि में झारखंड छत्तीसगढ़ अंतरराज्यीय सीमा पर छत्तीसगढ़ से भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को झारखंड सीमा पर भेजा जा रहा है। गृह मंत्रालय के आदेशानुसार मुख्य सचिव के दिशा निर्देश पर प्रवासी मजदूरों के परिवहन को सुगम बनाने एवं विधि व्यवस्था संधारण के उद्देश्य से उपायुक्त शशि रंजन ने मांझा टोली अंतरराज्यीय चेकनाका पर पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया है। प्रथम पाली में सुबह 6 बजे से अपराह्न 2 बजे तक कार्यपालक दंडाधिकारी भागीरथ महतो, सहायक अभियंता एनआरईपी धर्मेंद्र कुमार एवं कनीय अभियंता ग्रामीण विकास विभाग, कार्य प्रमंडल संजय कुमार सिंह की प्रतिनियुक्ति की गई है।
द्वितीय पाली अपराह्न 2 बजे से रात 10 बजे तक के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी महेन्द्र रविदास, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी रायडीह महेन्द्र राम एवं कनीय अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल पवन किशोर की प्रतिनियुक्ति की गई है। तृतीय पाली रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक कार्यपालक दंडाधिकारी विभूति मण्डल, सहायक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल उमेश कुमार एवं कनीय अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल पंकज उरांव की प्रतिनियुक्ति की गई है। उपायुक्त ने सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों को निर्देश दिया है कि उक्त स्थान से जिन प्रवासी मजदूरों को बस से गन्तव्य स्थान की ओर भेजा जाएगा वे अपने गन्तव्य स्थान पर ही उतरेंगे।
गुमला जिला के तीन प्रखंडों के 41 मजदूर तेलंगाना राज्य में फंसे हुए है। इसकी पुष्टि कांग्रेस के उपाध्यक्ष मानिकचंद्र साहू ने की है। उन्होंने मजदूरों की सूची कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव को भेज दी है। इसकी प्रतिलिपि कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा, जोनल कॉर्डिनेटर रखा खलखो व जिलाध्यक्ष रोशन बरवा को भी दी गई है। मानिकचंद्र ने बताया कि सभी तेलंगाना राज्य के जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (श्री सलेम प्रोजेक्ट), डोमलपेंटा, थाना -अमरबाद मंडलम, जिला-नागरकर्णल (तेलंगाना) स्थित कंपनी में काम करने गए थे, जो लॉकडाउन में फंस गए है।
इनमें घाघरा प्रखंड के खंभिया गांव के मजदूर, गुमला प्रखंड अंतर्गत भंडरिया गांव एवं पालकोट प्रखंड के बघिमा नकटीटोली के मजदूर शामिल है। फंसे एक मजदूर खंभिया के बाबूलाल साहू ने उन्हें फोन कर इसकी जानकारी दी है। साथ ही अन्य मजदूरों का नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर एवं मजदूरों का फोटो भी भेजा है। जिसके बाद इसकी जानकारी हासिल कर उन्होंने उन अप्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने के लिए सूची डॉ रामेश्वर उरांव को भेजते हुए फोन पर भी इस संबंध में बातचीत की है। इसपर उरांव ने आश्वस्त किया कि उन लोगों को शीघ्र घर वापस लाया जाएगा।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर घोषित लॉक डाउन में भरनो में पूरा असर डाला है। जिस कारण भरनो के गोपालक किसानों के समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। पिछले एक माह से लॉकडाउन में भरनो के सभी होटल, रेस्टाेरेंट, ठेल और चाय की गुमटियां बंद है जिसके कारण गोपालक किसानों के दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है। दूध नहीं बिकने के कारण इन किसानों के समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। आर्थिक तंगी के कारण किसान गायों को सही ढंग से चारा भी नहीं खिला पा रहे हैं। लॉकडाउन में दुकानदारों ने पशु चारा की कीमत भी बढ़ा दी है।
पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं मिलने से किसान की गायें-भैंस भी बीमार पड़ रही हैं। भरनो प्रखंड के गोपालक उत्पादित दूध को भरनो मुख्यालय स्थित कई होटलों में बिक्री करते थे। भरनो प्रखंड के भरनो, तुरिअम्बा, डहूटोली, पीपीरटोली, समसेरा, जामटोली, मलगो, बोंडो, कुम्हरों आदि गांव के किसान गौ पालन कर दूध का कारोबार करते हैं। लॉकडाउन में इन किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। भरनो के गौ पालक सूरज केसरी ने बताया कि उसने बैंकों से लाखों रुपए का कर्ज लेकर खटाल खोला है। उसके खटाल में रोजाना लगभग डेढ़ सौ लीटर दूध का उत्पादन होता है।
जिसे वह अपने मुख्यालय चौक स्थित होटल में मिठाई बनाने के साथ दूध की बिक्री भी करता है। परंतु इधर लॉकडाउन में दूध की बिक्री बंद होने से हमारे परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गौ पालकों पर प्रशासन का भी ध्यान नहीं है। सूरज केशरी ने बताया कि सरकार द्वारा भरनो व गुमला जिले में किसानों के दूध खरीद की कोई व्यवस्था नहीं है। अन्य जिलों में दूध संग्रह केंद्र के माध्यम से किसानों का दूध खरीदा जाता है।
लॉकडाउन लागू होने के बाद से खूंटी-सिमडेगा मुख्य पथ पर प्रतिदिन प्रवासी मजदूरों को पैदल व साइकिल से अपने-अपने गंतव्य स्थानों की ओर लौटने का सिलसिला जारी है। ऐसा ही एक ताजा मामला देखने मिला कि कुल दस मजदूर साइकिल से उड़ीसा हरिहरपुर रोड से अपने गंतव्य बिहार समस्तीपुर जाने के लिये निकले हैं। कामडारा के स्थानीय पत्रकारों से मुलाकात होते ही उन्होंने बताया कि वे लोग उड़ीसा में कपास जिलिंग हेमंती बोरा कंपनी मे काम करने के लिये गये हुए थे।
परंतु वहां पर अभी कोरोना को लेकर काम बंद है। लॉकडाउन होने के कारण वे लोग फंस गए तथा काफी दिक्कत हो रही थी। जिसके कारण वे सभी लोग 3,400 रुपए में एक-एक साइकिल खरीदने के बाद अपने घर बिहार, समस्तीपुर थाना-ताजपुर गांव-बसीभिंडी के लिये विगत एक अप्रैल को निकले हैं। वहीं खाने के लिए सूखा चूड़ा व सत्तू साथ में रखा है। पिछले पांच दिनों से भात व रोटी भी नसीब नहीं हुई है। इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय पत्रकारों ने कामडारा पुलिस व प्रखंड प्रशासन की मदद से उक्त प्रवासी मजदूरों को दाल-भात केंद्र में भोजन कराकर उन्हें अपने गंतव्य के लिये रवाना
किया गया।
केरल के केएसके कंपनी से प्रवासी मजदूर बसंत तोपनो अपने घर कामडारा प्रखंड के बम्हनी गांव लौटा। सरकार और प्रशासन के सहयोग से अपने घर पहुंचे बसंत ने आभार प्रगट करते हुए सरकार और प्रशासन को थैंक्स कहा। गुमला से प्रशासन ने प्रवासी बसंत को उसके घर तक पहुंचाया। कामडारा पहुंचने पर जेई गौरव सिंह और रोजगार सेवक बसंत साहु ने उसका स्वागत किया। इसके बाद सीएचसी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एमकेएम शाही ने थर्मल स्कैनिंग करने के बाद प्रमाण पत्र दिया। 14 दिन का होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी।
बीडीओ विशाल कुमार ने पंचायत स्तरीय समिति और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाहर से आने वाले श्रमिकों और छात्रों के संबंध में चर्चा की। बीडीओ ने कहा कि बाहर से आने वाले मजदूरों और छात्र-छात्राओं को पूरी सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि। अभी उन्हें पूरी तरह चिकित्सीय जांच करने के बाद ही प्रमाण पत्र के साथ मुहर लगाकर होम क्वारेंटाइन में भेज जा रहा है। बीडीओ ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों व समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि ग्रामीणों को इस संबंध में जागरूक करेंगे।बैठक में खाद्यान्न आपूर्ति की निगरानी करने, मनरेगा योजना में डोभा, टीसीबी इत्यादि योजनाओं को अविलंब चालू करने का निर्देश दिया गया। मौके पर थाना प्रभारी सिद्देश्वर सिंह, उपप्रमुख एतवा उरांव, मुखिया मनी देवी, पंचु उरांव, मंजू देवी, रश्मि लकड़ा, इंद्रो देवी, सूरजमनी उरांव, सहित सभी मुखिया मौजूद थे।
उधर विभिन्न स्थानों से लौटे मजदूरों को चिकित्सीय जांच कराकर होम क्वारेंटान के लिए भेज दिया गया। देर रात केरल से लौटे आठ मजदूर जिनमें बोण्डो गांव के अगनु उरांव, संजय उरांव, सूरज उरांव, मुर्गू चैली टोली के रमेश उरांव, नीलांबर उरांव, लरंगो के जगदेव उरांव, जलका के विजय उरांव, निजमा के शिवनाथ उरांव और मंगलवार को छत्तीसगढ़ दुर्ग से आए नगर लाल माटी गांव के 3 मजदूर रमेश उरांव, सतीश उरांव, करमा उरांव बसों के द्वारा सिसई पहुंचे। सभी मजदूरो का रेफरल अस्पताल सिसई में डॉक्टरों द्वारा जांच एवं स्क्रीनिंग किया गया। जिसके बाद घर भेजा गया।
प्रखंड क्षेत्र के मुरूमकेला गांव (डुडगु टोली) निवासी अलेक्जेंडर तोपनो के घर को दो जंगली हाथी ने घर ध्वस्त कर करीब दो क्विंटल धान खा गए। यह घटना सुबह लगभग चार बजे सुबह की है। अलेक्जेंडर तोपनो ने बताया कि हमलोग परिवार के साथ अलग कमरा में सोये हुए थे। लगभग चार बजे सुबह घर का छत व दिवाल गिरने की आवाज सुनाई दी।
दो जंगली हाथी को देख हमलोग दबे पांव दूसरा दरवाजा से भाग गांव वालों को जानकारी दी।इधर मामले की जानकारी मिलते ही जेएमएम के प्रखंड अध्यक्ष रोशन तोपनो, फेडरिक तोपनो तथा अमित कंडूलना गांव जाकर अलेक्जेंडर से मिले और ध्वस्त घर का मुआयना कर सरकारी प्रावधान के तहत सरकारी लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
जिला मुख्यालय की रहने वाली एक विवाहित महिला के साथ पहले शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने के बाद में 7 माह की गर्भवती होने पर उसे गर्भ गिराने के लिए लगातार धमकी दिया जा रहा है। पीड़ित महिला के दो छोटे छोटे बच्चे भी है। घटना को लेकर वह जब भी आरोपी अमित तिर्की के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने थाना जाती है तो उसे भगा दिया जाता है। साथ ही पीड़िता के थाना आने की जानकारी आरोपी तक पहुंचा दी जाती है। जिसके फौरन बाद आरोपी पीड़िता को लगातार फोन कर धमकी देना शुरू कर देता है। जिसके कारण वह न्याय के लिए अबतक दर दर की ठोकरे खा रही है।
घटना के बावत पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी वरुण भारती नामक युवक के साथ हुई थी। शादी के बाद हमदोनों के दो बच्चे हुए। मगर 8 वर्ष पूर्व वरुण उसे छोड़ कर भाग गया। तब से वह दो बच्चों के साथ शहर के एक व्यवसायी के घर पर किराये में अकेले रह रही है। साथ ही उक्त व्यवसायी के यहां ही दाई का काम कर दोनों बच्चों का परवरिश कर रही है। इसी क्रम में वर्ष 2019 फरवरी माह में उक्त व्यवसायी के यहां ही काम करने वाला आरोपी अमित तिर्की उसके किराये के मकान में आने जाने लगा। साथ ही पति के छोड़ देने की बात का हवाला देते हुए उससे शादी करने का झांसा देकर एक दिन जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। वह अक्सर इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाता रहा। परिणाम स्वरूप वह सात माह की गर्भवती हो गई। इसके बाद वह जब भी उसे शादी के लिए बोलती तो आरोपी उसके साथ मारपीट शुरू कर देता है। वर्तमान में वह उक्त व्यवसायी के यहां से दाई काम छुड़वाकर देवा की स्थित एक आदिवासी के घर किराये में रखा हुआ है। जहां पर भी मारपीट कर रहा है।
बसिया प्रखण्ड स्थित डोलगसेरा में पीडीएस दुकान में ग्रामीणों की शिकायत पर प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी ने औचक जांच कर लाभुकों को निर्धारित से कम अनाज देते पकड़ा है जिसे तत्काल प्रभाव से जिला आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार डोलनगसेरा निवासी पीडीएस दुकानदार नंदकिशोर साहू पांच मई को लाभुकों को निर्धारित मात्रा से कम अनाज दे रहा था।
लाभुकों ने प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी से शिकायत की। जिसपर त्वरित करवाई करते हुए बीओ दुकान पहुंचकर जांच करते हुए शिकायत सही पाया। साथ ही समय पर दुकान नहीं खोलने, अंगूठा का निशान लेकर राशन नहीं देने, लाभुकों से दुर्व्यवहार सम्बन्धी शिकायत मिली थी। वही जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने दुकान निलंबित करते हुए सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने काे कहा है।
सिसई थाना के समीप हनुमान वाटिका का पांचवी वर्षगांठ सादे समारोह में मनाया गया। वर्षगांठ मनाने में सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया। मात्र पांच लोग हनुमानजी की पूजा अर्चना में शामिल हुए। पूजा की शुरुआत आचार्य शैलेश कुमार शर्मा के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। हनुमान वाटिका में 6 मई 2015 में प्राण प्रतिष्ठा किया गया था। उस वक्त निवर्तमान स्पीकर सह विधायक दिनेश उरांव भी शामिल हुए थे।
मंदिर के संस्थापक दिनेश साहू ने बनारस से मूर्ति मंगाकर स्थापना कराई थी। निवर्तमान थाना प्रभारी अशोक कुमार ने भी सहयोग किया था। शुरुआत में ग्रामीणों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और सहयोग दिया। वर्ष 2016 17 में मंदिर हनुमान वाटिका की चहारदीवारी संस्थापक दिनेश साहु, कमेटी के पदाधिकारियों और ग्रामीणों के सहयोग से चहारदीवारी का निर्माण किया गया। फुलवारी लगाया गया, लेकिन अब तक मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है।
हनुमान वाटिका के संरक्षक शंभु शर्मा, अध्यक्ष धनीराम यादव ने बताया कि अभी लाॅकडाउन है। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद कमेटी बैठक कर मंदिर निर्माण की पहल करेगी। माैके पर कमेटी के सचिव प्रकाश वर्मा, कोषाध्यक्ष प्रदीप साहु, गीता देवी, प्रभा देवी, दीप्ति कुमारी, युगल किशोर उरांव, कुंदन शर्मा, दिग्विजय साहु, अन्नु कुमार साहु शामिल हुए।
चैनपुर प्रखंड के बेन्दोरा, बारडीह, बामदा गांव में एराऊज संस्था के द्वारा गरीबो व असहायों लोगों के बीच चावल का वितरण किया। मौके पर एसडीओ सत्य प्रकाश ने सभी लोगों को चावल का वितरण किया। उप प्रमुख सुशील दीपक मिंज ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए हमें जागरूक होना होगा। एक दूसरे से डिस्टेंस बनाकर रहना होगा। एराऊज संस्था के डायरेक्टर फादर अनुरंजन पूर्ति ने कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए हमें सरकार के आदेश का पालन करना होगा। चैनपुर प्रखंड के 886 गरीब लोगों के बीच 25 किलो चावल, दाल, तेल, साबुन, नमक, मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स का वितरण किया गया। मौके पर ललित कुमार जेम्स, क्रिकेटर तिर्की विनोद मौजूद थे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के बैनर तले पूरे झारखंड में एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल किया गया। जिसमें भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के जिलाध्यक्ष शकील अख्तर भी अपने घर पर ही रहते हुए इस हड़ताल में शामिल हुए। उन्होंने कहा हमारी पांच मुख्य मांगे है। जिसे लेकर आज सभी जगहों पर मंच के बैनर तले यह हड़ताल किया जा रहा है। मांगों में मुख्य रूप से सूचना आयुक्तों की बहाली अविलंब करने, आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराए जाने, आरटीआई कार्यकर्ताओं पर झूठा मुकदमा बंद कराने, सूचना के अधिकार कानून 2005 को सशक्त बनाना शामिल है।
इधर मांगों को लेकर लोहरदगा जिला से प्रदेश संरक्षक प्रदीप राणा, प्रखंड अध्यक्ष अफरोज आलम, कुडू प्रखंड अध्यक्ष मेराज अंसारी, कैरो प्रखंड अध्यक्ष वसीम अकरम, जिला उपाध्यक्ष सुमन साहू, जिला उपाध्यक्ष एजाज अख्तर, जिला सचिव संजय पांडेय, पेशरार से नंदू माहली, सुमित सिंह, रवि कुमार वर्मा नगर लोहरदगा से सभी आरटीआई एक्टिविस्ट अपने अपने आवास पर लॉक डॉन का पालन करते हुए एक दिवसीय सांकेतिक रूप से भूख हड़ताल पर रहे।
प्रखण्ड कार्यालय परिसर मे छिछवानी, जनावल, केडेंग सहित कई गांव के ग्रामीणों ने अपने जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में बीडीओ डॉक्टर शिशिर कुमार सिंह से मुलाकात कर समस्या से रु ब रु कराते हुए। महिलाओं ने कहा कि हम सभी ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन किए हुए हैं, परंतु हमें इसका लाभ अब तक नहीं मिला है। जिससे हमें इस लॉकडाउन में कठिनाई हो रही है। समस्या सुनने के बाद बीडीओ ने कहा कि सभी पंचायतों को आप सभी आवेदक के हिसाब से पंचायत सचिव को चावल आवंटित कर दिया गया है। वे सभी अपने अपने क्षेत्रों मे बारी बारी से वितरण शुरू कर दी है। फिर भी दुरुस्त क्षेत्र मे एक ही दिन मे वितरण संभव नहीं होता है। आप सभी को चावल मिल जाएगा।
उन्हाेंने यह भी कहा कि मैं आज ही पंचायत सचिव व आपके जनप्रतिनिधियों को आपके क्षेत्र के बचे लाभुकों के अनुरूप आपके समस्या का तत्काल समाधान कर वितरण सुनिश्चित कर रहा हूं। साथ ही उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए पुरा देश सशक्त है। इसी से बचाव के लिए लॉकडाउन का आदेश पारित है। ऐसे मे आप सभी भी जागरूक रह पहले अपनी जान हिफाजत करें। और इस तरह सैकडों की भीड़ लगाकर प्रखण्ड कार्यालय इस लॉकडाउन मे ना आएं। आपको जो भी समस्या है अपने जनप्रतिनिधियों से बात कर रखें। साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों को भी निर्देश दिया कि इनकी सुरक्षा आपकी और हम सभी की जिम्मेवारी है। आप सभी गांव से मिलने वाली समस्या को स्वयं लेकर आएं समाधान जरूर होगी।
समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय में बुधवार को उपायुक्त आकांक्षा रंजन ने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से सोशल डिस्टेंस में आगामी विकास योजनाओं को लेकर बैठक की। जिसमें 4 मई 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लांच किए गए बिरसा हरित ग्राम योजना, पोटो हो खेल विकास योजना और नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना को आवश्यक रूप से लागू करने को लेकर उपायुक्त द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया।
बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को प्रत्येक ग्राम में मनरेगा के तहत पांच योजनाएं अकुशल श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रारम्भ करने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त आर रॉनिटा, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनरेगा के परियोजना पदाधिकारी व अन्य उपस्थित थे।
बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत राज्य के प्राकृतिक संसाधनों में वृद्धि करने की कोशिश की जाएगी। ताकि राज्य के लोगों को रोजगार मिल सके। इस योजना के तहत परिवारों को फलदार पौधों का पट्टा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे जिले पौधरोपण किया जाएगा। इसमें आम वृक्षारोपण, मिश्रित फलदार पौधों का रोपण, तसर एवं लाख का वृक्षारोपण किया जाएगा। गैरमंजरूआ जमीन पर वृक्षारोपण की जाएगी। साथ ही सड़क किनारे रैखिक वृक्षारोपण की जाएगी।
शहीद पोटो हो खेल विकास योजना राज्य में खेल प्रतिभा तराशने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत पंचायत स्तर पर खेल के मैदान बनाए जाएंगे। खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम और शौचालय का निर्माण कराया जाएगा।नीलाम्बर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के जरिये वार्षिक जल संरक्षण क्षमता में वृद्धि होगी। बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए बंजर भूमि का संवर्धन होगा। इससे मनरेगा के तहत अधिकतम मानव दिवस का सृजन किया जाएगा। इस योजना के तहत टांड़ की मेढ़बंदी, नाला का पुनर्जीवन कार्य, नाले से गाद की निकासी, सोख्ता गड्ढा का निर्माण आदि कार्य किए जाएंगे। इसका उद्देश्य पानी के बहाव को कम करना, जल संचय, पानी को खते में रोकना, जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाना आदि है।
उपायुक्त आंकाक्षा रंजन ने कुड़ू थाना क्षेत्र के चीरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बने क्वारेंटाइन सेंटर व कौशल विकास केंद्र में बने आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भर्ती मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं कि जानकारी ली।
मौके पर डीसी ने बीडीओ मनोरंजन कुमार को कई दिशा निर्देश भी दिए। बीडीओ ने डीसी को बताया कि आइसोलेशन वार्ड में चार और क्वारेंटाइन सेंटर में 42 मरीज भर्ती हैं। मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने के बाद उपायुक्त ने वहां मौजूद चिकित्सक तथा अन्य कर्मियों से भी जानकारी ली। डीसी ने बीडीओ को निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले मजदूरों की लगातार निगरानी करें।
मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन के दौरान घर से नहीं निकलने दे व मजदूरों काे रोजगार के साधन उपलब्ध कराए। मजदूरों मे किसी प्रकार का लक्ष्ण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लें तथा जरूरत पड़ी तो क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कराएं। मौके पर सीओ कमलेश उरांव, चिकित्सा प्रभारी सुलामी होरो सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 नियमावली 2020 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अपने क्षेत्राधिकार में 17 मई 2020 तक पूर्णतया तालाबंदी करने का आदेश दिया गया है। इसपर जिला प्रशासन द्वारा बताया गया कि आदेशों का अनुपालन नहीं करने के स्थिति में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की आशंका है।
ऐसे में सम्पूर्ण अनुमंडल लोहरदगा क्षेत्रांतर्गत धारा 144 के अन्तर्गत निम्न प्रकार के निषेधाज्ञा पारित किया गया है। इसपर एसडीओ ज्योति कुमारी झा ने सम्पूर्ण अनुमंडल क्षेत्र में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत अगले आदेश तक निषेधाज्ञा पारित की है। जिसके तहत संध्या 7ः00 बजे से लेकर प्रातः 7ः00 बजे तक कोई भी व्यक्ति (अत्यावश्यक कार्य को छोड़कर ) घर से बाहर निकलने की मनाही है। स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक आवश्यकताओं के कारणों को छोड़कर 65 वर्ष से उपर आयु के लोग, बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे घर के अन्दर रहेंगे।
जिले में प्रवासी मजदूरों को लाने को लेकर बनाए गए अलग अलग सेंटरों में कुल 33 मजदूरों को बुधवार शाम तक लाया गया। इस क्रम में 21 मजदूरों को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से बीएस कॉलेज स्टेडियम एवं सेन्हा में बनाए गए स्क्रीनिंग सेंटर पर स्क्रीनिंग किया गया। उनमें 10 सेन्हा के,1पेशरार, 7 लोहरदगा के और 2 किस्को और एक कुडू के थे। वहीं केरल से जिले के 12 मजदूरों को कुडू स्थित बनाए गए स्क्रीनिंग सेंटर पर लाया गया। उनमें कुडू के 10, कैरो के 01 तथा लोहरदगा के 01 शामिल थे। एमपी व छत्तीसगढ़ से लाए गए मजदूरों की जांच के क्रम में अपर समाहर्ता अंजनी मिश्रा, जिला परिवहन पदाधिकारी अमित बेसरा, नजारत उप समाहर्ता परमेश कुशवाहा, अवर निबंधक मनोजित प्रसाद, जिला योजना पदाधिकारी राजीव रंजन, नारायण राम सहित अन्य मेडिकल टीम व सुरक्षा बल उपस्थित थे। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डॉ शम्भू चौधरी के साथ सभी मजदूरों की स्वास्थ्य की जानकारी ली गई तथा टीम द्वारा थर्मल गन से तापमान की माप व अन्य स्क्रीनिंग की गई।
उन्हें मास्क उपलब्ध कराई गई। इस दौरान पदाधिकारियों ने सभी मजदूरों से घर जाने के बाद अनिवार्य रूप से 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया। वहीं केरल से कुडू सेंटर लाए गए मजदूरों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जांच की गई तथा टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग होने के बाद सभी मजदूरों को पदाधिकारियो एवं कर्मियों द्वारा अलग-अलग वाहनों से उनके घरों तक सुरक्षित उन्हें पहुंचाया गया।
समाहरणालय स्थित विकास भवन में जिले के विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक संयुक्त रूप से सोशल डिस्टेंस में हुई। इसकी अध्यक्षता करते हुए उप विकास आयुक्त आर राॅनिटा ने सभी संयोजकों के समक्ष राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के निर्देश पर पीएम किसान समिति का गठन किया।
जिसके अध्यक्ष उप विकास आयुक्त आर रॉनिटा, संयोजक एलडीएम रविकांत सिन्हा, सदस्य-जिला कृषि पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार, सदस्य-डीडीएम, नाबार्ड सत्येंद्र द्ववेदी को बनाया गया। इसके अलावा सदस्य 12 बैंकों के जिला संयोजक बनाए गए। जिसमें बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ओरिएंटल बैंक और यूनियन बैंक शामिल है। गठन के बाद उप विकास आयुक्त द्वारा सभी बैंकों को निर्देश दिया गया कि जिला के सभी लाभुकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के केसीसी से अच्छादित करें। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक रविकांत सिन्हा द्वारा बताया गया कि जिले में लाभुकों के केसीसी अच्छादन का कार्य अंतिम चल रहा है। बैठक में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, जिला कृषि पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड, सभी 12 बैंकों के जिला संयोजक उपस्थित थे।
उप विकास आयुक्त आर राॅनिटा की अध्यक्षता में विभिन्न सात एनजीओ व सिविल सोसायटी संस्थाओं के साथ बैठक अभिलाषा कक्ष में हुई। बैठक में उक्त संस्थाओं द्वारा लाॅकडाउन अवधि के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा में कहा गया कि संस्था प्रदान, एलजीएसएस, होप, मित्तल ट्रेवल, भारतीय लोक कल्याण संस्थान, रेड क्रॉस के द्वारा किए कार्यो की रिपोर्ट मांगी गई। साथ ही उन्हें लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया। लोगों को सामाजिक दूरी, मास्क पहनने, हाथ धोने जैसे कार्य के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। इसी प्रकार भारतीय लोक कल्याण संस्थान को भी लोक कल्याणकारी जागरूकता कार्य करने का निर्देश दिया गया।
संस्था रेड क्राॅस द्वारा वॉलेंटियर प्रतिनियुक्त किये जाने एवं उनके द्वारा ब्लड डोनेशन का कार्य करने सहित जागरूकता बढ़ाने को कहा गया है। बैठक में उप विकास आयुक्त द्वारा लाॅकडाउन के दौरान संस्थाओं के द्वारा किये जा रहे कार्यों को इसी तरह जारी रखने की अपील की। उप विकास आयुक्त ने कहा कि इस लाॅकडाउन के अवधि में एनजीओ व सीएसओ अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं और लोगों तक उनकी जरूरत की वस्तुएं पहुंचा रहे हैं तथा जागरूक किया जा रहा है। संक्रमण से बचाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का कार्य करें। बैठक में जिला योजना पदाधिकारी राजीव रंजन, कौशल मित्तल सहित सभी 7 एनजीओ व सीएसओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए प्रखंड मुख्यालय के सभागार में मुखिया, वार्ड सदस्य व ग्राम प्रधान की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता बीडीओ मनोज कुमार ने की। बैठक में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के रोक थाम के लिए अपनाये जाने वाले सावधानियों, बाहर से आ रहे मजदूर, छात्र छात्राओं के देखरेख करने, उन्हें होम क्वारेंटाइन का पालन कराने, अफवाह से बचने, लॉक डाउन का पालन करने, मास्क का उपयोग करने आदि विषयों पर विचार विमर्श किया गया। मौके पर बीडीओ ने कहा हमें सजग रहने की आवश्यकता है। बाहर राज्यों से मजदूर श्रमिक आ रहे है। बाहर से आये लोगों की देखरेख करना है। कि वे होमक्वारेंटाइन का पालन कर रहें है या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में सभी के सहयोग से कोरोना पर जीत हासिल करना चाहती है।
सभी लोगों को सरकार का सहयोग करना चाहिए। कहा बाहर से लोग आ रहे है उनका देख रेख करना हमारी जिम्मेवारी है। उन्होंने लोगों से कहा कि लोग लॉक डाउन का पालन करें, बिना मतलब घर से बाहर न जाएं, मास्क का उपयोग करें, हाथों को बार बार धोएं, सोशल डिस्टेंस का पालन करे। उन्होंने सभी मुखिया, पंचायत समिति सदस्यों व ग्राम प्रधान से सहयोग करने की अपील करते हुए गांव घर में देख रेख करने की बात कही। मौके पर प्रमुख अनिता उरांव, उपप्रमुख दिलीप सिंह, पंचायती राज पदाधिकारी सुनील चन्द्र कुंवर, बीपीओ मृणाल कुमार, पंचायत समिति सदस्य शरत कुमार विद्यार्थी, मुखिया गौत्री देवी, पिंकी कुमारी, कर्मचन्द भगत, विजय कुमार एक्का के अलावा ग्राम प्रधान उपस्थित थे।
किस्को के पाखर पंचायत क्षेत्र में मनरेगा योजना में काफी अनियमितता बरती जा रही है। यहां मनरेगा कर्मी प्रखंड मुख्यालय से ही मनरेगा योजनाओं का क्रियान्वयन कराया करते हैं। केवल जियो टैग जैसे कार्य के लिए ही योजना स्थल पहुंचते हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन से कोई मतलब नहीं रखते हैं तथा मेठ पर ही निर्भर रहते हैं। योजना स्थान पहुंचने के बजाय मंगलवार और शनिवार के दिन मेठ को ही प्रखंड मुख्यालय में बुलाकर मास्टर रोल जमा एंव अन्य काम किया जाता है। यहां के रोजगार सेवक 13वर्षों से किस्को में ही एक ही प्रखंड एवं 3वर्षों से एक ही पंचायत में जमे होने के कारण काफी पकड़ बनाए हुए हैं। इसी कारण प्रखंड मुख्यालय से ही सारा डीलिंग किया जाता है।
वहीं पाखर में ऐसे कई योजनाओं को कार्य पूर्ण किए बिना ही राशि की निकासी कर योजना क्लोज कर दिया गया। वर्तमान में पाखर पंचायत अंतर्गत सलैया केरा झरिया में मगैन नगेसिया के डोभा निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई है। यहां डोभा खोदाई कम और ज्यादा मिट्टी डालकर डोभा का रूप दिया जा रहा है। इस योजना के नाम से 43 हजार रुपये का पेमेंट हो गया है। जबकि इस योजना स्थल पर जियो टैग करने के अलावा एक दिन भी मनरेगा कर्मी और न ही संबंधित कोई पहुंचे हैं। अपनी मनमर्जी करते हुए आंख बंद करके 43 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा पूर्व के योजना राजू नगेसिया के डोभा निर्माण कार्य में धांधली एंव विश्राम नगेसिया निर्माण कार्य में तीन मजदूरों का मजदूरी भुगतान बाकी है। मामले पर रोजगार सेवक अनूप कुमार का कहना है कि लॉक डाउन के कारण नहीं पहुंचे थे। उन्होंने कहा गुरुवार को पहुंचकर योजना देख लिया जाएगा। मामले पर किस्को बीडीओ संदीप भगत ने कहा कि मामले को देख लिया जाएगा।
हजारीबाग पुलिस ने शहर में हाइवे पर 29 अप्रैल की रात लूट की घटना को अंजाम देने के दौरान ट्रक चालक की भुजाली से हत्या करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस को हाईवे पर लूटपाट करने वाले चार सड़क लुटेरों को पकड़ने में सफलता मिली है। जबकि इस घटना में शामिल एक अपराधी फरार है। जिस दिन हजारीबाग सदर पुलिस ने ट्रक चालक का शव बरामद किया था उसी दिन बतौर नए एसपी कार्तिक एस ने योगदान दिया था। एसपी को आपराधिक घटना की पहली चुनौती मिली थी।
एसपी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पकड़े गए सड़क लुटेरों के गिरोह ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कोयला लदा ट्रक संख्या जेएच 02 एटी 5540 के चालक कमलेश कुमार यादव की हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। गिरफ्तार आरोपियों में अभिषेक सिंह, कटकमसांडी , पंकज साहनी कटकमदाग, श्रीकांत सिंह, कटकमदाग, विशाल कुमार यादव कानी बाजार हरिजन मोहल्ला थाना सदर शामिल है। लूटपाट में संलिप्त एक आरोपी फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से ट्रक चालक के पास से लूटा गया मोबाइल, कागजात, लूटपाट के उपयोग में लाए गए होंडा हॉरनेट मोटरसाइकिल पंजीयन संख्या जेएच 02 एआर 8048 और तीन अन्य मोबाइल बरामद किए गए हैं।
हजारीबाग-विष्णुगढ़ मार्ग पर सिलवार के पास सड़क दुर्घटना में विष्णुगढ़ थाना अंतर्गत गल्होबार निवासी 55 वर्षीय महिला ममता गुप्ता पति रत्न गुप्ता की मौत हो गई जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्य घायल हो गए। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात तेज आंधी में एक आम का पेड़ उखड़ कर सड़क पर गिर गया था। वन विभाग के कहने पर पेड़ की टहनियों को स्थानीय लोगों ने काट दिया था। इसी दौरान ममता गुप्ता अपने परिवार के साथ बीमार समधी को देखने कार से विष्णुगढ़ की ओर जा रही थी।
बगोदर की ओर से एक दूसरा वाहन आ जाने के कारण चालक की नजर सड़क पर गिरी पेड़ पर नहीं पड़ी और कार पेड़ से टकरा गई। इसमें मौके पर ही ममता गुप्ता की मौत हो गई है । बेटा अखिलेश गुप्ता और दो अन्य लोग घायल हैं । ये लोग लगभग चार बजे सुबह विष्णुगढ़ की ओर जा रहे थे। इसी दौरान यह घटना घटी। मृतक महिला और घायलों लोग नूतन नगर के बताया जा रहा है। अन्य घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। इससे पहले रात में ही करीब 11:30 बजे मंगलवार रात को पेट्रोल के मालिक घर जा रहे थे। इसी दौरान तेज आंधी के चपेट में आने से पेड़ गिर पड़ा जिससे पेट्रोल पम्प के मालिक का गाड़ी पेड़ से दब गई थी स्थानीय लोगो के सहयोग से किसी तरह गाड़ी को निकाला गया।
ईचाक थाना क्षेत्र के झरपाे गांव में तीन मई की रात एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। इस बाबत पीड़िता की मां ने ईचाक थाना में आवेदन देकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। थाना को सौंपे गए आवेदन में कहां है कि तीन मई की रात 11:00 बजे बेटी शौच के लिए बाहर निकली। इसी दौरान दिलीप रविदास अचानक बेटी का मुंह दबाकर कुछ दूर ले गया। वहां एक दूसरा युवक मोटरसाइकिल लेकर खड़ा था। उसके बाद दोनों को मोटरसाइकिल पर बैठाकर लोधी जंगल की ओर ले गया। इसके बाद बेटी और आरोपी युवक को छोड़कर एक युवक मोटरसाइकिल लेकर चला गया। इस दौरान दिलीप ने बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म किया और चार मई की शाम तक जंगल में ही छुपाए रखा। उसने आवेदन में लिखा है कि मेरी बेटी चार मई की शाम करीब 5:00 बजे वापस लौटी और अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। इस संबंध में युवक के खिलाफ कांड संख्या 86/20 मामला दर्ज करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
हजारीबाग एचएमसीएच अस्पताल को कोविड-19 सेंटर बनाए जाने के बाद यहां के लेबर रूम को डेमोटांड़ स्थित श्रीनिवासन अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को भर्ती किया जाता रहा है। लेकिन वैसे गर्भवती महिलाएं जो कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध हों या फिर कोविड-19 पाॅजिटिव पाए गए हैं। उनके प्रसव के लिए एचएमसीएच अस्पताल के लेबर रूम में विशेष व्यवस्था की गई है। जहां सारे सुरक्षा संसाधनों का उपयोग करते हुए महिलाओं का प्रसव कराया जाएगा।
इसी क्रम में गुजरात से 42 लोग हजारीबाग पहुंचे। जिनका स्क्रीनिंग एचएमसीएच अस्पताल में किया गया। इनमें एक दंपति भी शामिल है। बताया गया कि महिला गर्भवती है इसलिए उसे एचएमसीएच के विशेष रूप से बनाए गए लेबर रूम में भर्ती कर क्वारेंटाइन किया गया है, जबकि बाकी सभी बाहर से आए पुरुष मजदूर को नीलांबर-पितांबर स्थित फैसिलिटी क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इन सभी का स्वाब सैंपल लेकर जांच के लिए रिम्स भेजा जाएगा। अगर महिला के प्रसव की स्थिति बनी तो एचएमसीएच के लेबर रूम में ही सुरक्षित तरीके से उसका प्रसव भी कराया जाएगा। अगर स्वाब जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव भी आती है तो प्रसव कराने में लगे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण का खतरा नहीं होगा। महिला सूरत से पति के साथ आई है। दोनों पति-पत्नी क्वारेंटाइन में हैं।
एसपी कार्तिक एस ने जिले के लोगों से अपील की है कि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन कानून का इज्जत करें। उन्होंने दुपहिया वाहनों पर डबल और ट्रिपल लोड चलने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि लॉकडाउन उल्लंघन करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज होनी शुरू हो गई है। साथ में फाइन भी लगाया जा रहा है। दो दिनों में तीन दर्जन से अधिक लोगों पर लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। वही एक लाख से अधिक रुपए फाइन में वसूल किए गए हैं। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक पूरे जिले में 144 लागू कर दिया गया है। इस अवधि में लोग घर से बाहर नहीं निकले। दिन में अति आवश्यक काम पड़ने पर ही घर से मास्क लगाकर बाहर निकले। साथ में सामाजिक दूरी का पालन करें। कोरोना के खिलाफ लड़ाई घर में ही रहकर जीती जा सकती है। इसलिए घर में रहे सुरक्षित रहें और अपने जीवन को बचाएं।
टाटीझरिया में दाे गिरफ्तार, बोलेरो जब्त
कोरोना जैसे आपदा के समय में पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। बुधवार को देर शाम में हजारीबाग से गिरिडीह जिले के सरिया जा रहे एक बोलेरो को बतौर मजिस्ट्रेट टाटीझरिया के सीओ विजय कुमार अाैर थाना प्रभारी चन्दन कुमार साव ने थाना के सामने चेकिंग में जब्त किया है। इस बोलेरो में सवार बरही के दो व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार दोनों व्यक्ति को थाना से ही फिलहाल जमानत पर छोड़ दिया गया। इस संबंध में देशव्यापी लाॅकडाउन को तोड़ने तथा इसका उल्लंघन करने के आरोप में टाटीझरिया थाना में मामला दर्ज किया गया है।
बड़कागांव : छह लोगों पर मामला दर्ज
बड़कागांव | बड़कागांव थाना में सीओ सह बीडीओ वैभव कुमार सिंह के आवेदन पर कोविड-19 से संबंधित लॉकडाउन 144 उल्लंघन मामले को लेकर छह लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। मामले को लेकर थाना प्रभारी स्वपन कुमार महतो से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बड़कागांव में छह लोगों पर लॉकडाउन धारा 144 उल्लंघन करने मामले में गुरुचट्टी निवासी महेंद्र महतो, चेपाखुर्द निवासी गुलाम गोस, जगरनाथ, कांडतरी निवासी रविंद्र कुमार, बड़कागांव निवासी अभय कुमार, चौधरी महतो पर मामला दर्ज किया गया है। बीडीओ ने प्रखंड के तमाम लोगों से अपील की है कि लोग घरों में रहें, बाहर नहीं निकले।
जिले में बुधवार को विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 309 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें 60 लोग राज्य के विभिन्न शहरों से आए हुए और 249 लोग दूसरे राज्य के महानगरों से आने वाले शामिल हैं। स्क्रीनिंग के बाद 11 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है, जबकि 52 लोग फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखे गए हैं, वहीं 246 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया। बुधवार को जिन स्वास्थ्य संस्थानों में स्क्रीनिंग की गई उनमें एचएमसीएच अस्पताल हजारीबाग में 39 लोग, बरही में 42, बरकट्ठा में 89, बड़कागांव में छह, चौपारण में 54 चुरचू में 10, इचाक में 10, कटकमसांडी में 14 ,केरेडारी में 12, विष्णुगढ़ में 25 और सदर सीएचसी 3 लोग शामिल हैं। इनमें रांची से वापस लौटे एक युवक और मुंबई से अपनी गाड़ी से लौटने वाले 3 लोग सहित गुजरात, सूरत से लौटने वाले शामिल हैं। बताया गया कि रांची के कांटा टोली में रहकर कैटरिंग का काम करने वाला चतरा जिले के पत्थलगडा निवासी युवक वापस लौटा था। इसकी सूचना प्रशासन को मिलने के बाद उसे स्क्रीनिंग के लिए एचएमसीएच अस्पताल भेजा गया। जहां स्क्रीनिंग के बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। इनके अलावा 3 ऐसे लोग हैं जो हजारीबाग पेलावल ओपी क्षेत्र के रहने वाले हैं वे मुंबई में रहकर अपनी गाड़ी चलाया करते थे।
केरेडारी के गर्रीकला निवासी स्व. घनश्याम महतो के पुत्र कुलेश्वर उर्फ तुलेश्वर का शव चार मई को उसके ससुराल वालों ने अचानक दस बजे रात पहुंचाया। परिजनों के अनुसार मृतक के शरीर में सूजन व चोट के निशान थे जिससे उसके परिजन व ग्रामीण भड़क गए। ससुराल मुफ्फसिल (हजारीबाग) थाना क्षेत्र के सिलवार गांव में है। परिजनों का आरोप है कि ससुराल वालों ने हत्या की है। परिजन व ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि पांच मई को सुबह शव को रोड में रख कर ससुराल वालों की गिरफ्तारी होने तक धरना पर बैठने की तैयारी करने लगे तब सांसद प्रतिनिधि बालेश्वर कुमार, थाना प्रभारी बमबम कुमार सिंह, एसआई अरुण कुमार रवानी आदि गरीकला पहुंचकर समझाया की कार्रवाई होगी।
आप थाना में आवेदन करें। केरेडारी थाना प्रभारी ने मुफ्फसिल थाना प्रभारी से बात भी की। फिर लोग शव का अंतिम संस्कार कर मृतक के चाचा मोहन महतो ने ससुराल वालों के खिलाफ मुफ्फसिल थाना में आवेदन किया। आवेदन में कहा गया है कि कुलेश्वर पिछले 24अप्रैल को पत्नी पूनम और सास के साथ ससुराल सिलवार गया था और विगत तीन मई को संध्या सात बजे उसके साला संजय महतो ने फोन किया कि कुलेश्वर की तबीयत खराब है। उसे सदर अस्पताल हजारीबाग में भर्ती किए हैं। ऐसी सूचना पर चार मई को सुबह हमलोग सदर अस्पताल गए वहां कोई नहीं मिला तब फिर फोन लगाए। पहले बोला गया ठीक हो गए हैं। घर पहुंचा देंगे। फिर बताया गया कि रिम्स में भर्ती हैं और रात दस बजे अचानक शव लेकर गांव पहुंच जाते हैं। जिससे मृतक के चाचा ने आवेदन में पत्नी पूनम देवी, सास, साला सुरेश महतो, संजय महतो, छोटू महतो और सभी सरहज को आरोपी बनाया है।
हजारीबाग जिले में केवल छह हजार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड मिला है। जबकि सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के अनुसार जिन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त है उन शत-प्रतिशत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करना है। लीड बैंक मैनेजर द्वारा उपलब्ध किए गए आंकड़ों के अनुसार हजारीबाग जिले में लगभग 64 हजार किसानों को कृषि सम्मान निधि प्राप्त है, उन 64 हजार किसानों में से सिर्फ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलना चिंता का विषय है।
किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित से संबंधित बैठक में उप विकास आयुक्त विजया जाधव ने इस विषय में सारे बैंकों को निर्देश दिया कि जिन किसानों को किसी तकनीकी कारणों से कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है ऐसे लाभुकों की सूची अभियुक्ति के साथ अविलंब उपलब्ध करायएं। जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि ऐसी सूची के प्राप्त होने के पश्चात इसे प्रखंड और पंचायत स्तर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी या किसान मित्र के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तकनीकी कारणों को तत्काल दूर कराए और ऐसे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिलाए। नाबार्ड के प्रबंधक द्वारा यह बताया गया कि प्रत्यक्ष किसानों के हाथ में क्रेडिट कार्ड होनी चाहिए । इसके लिए बैंकों को योग्य लाभुकों को क्रेडिट कार्ड देने के संबंध में निर्देश दिए गए।
पीएम किसान सम्मान निधि लेने वाले किसान केसीसी के याेग्य
बैठक में यह भी कहा गया कि जिन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त नहीं हुआ है परंतु जो किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने योग्य हैं ऐसे किसानों की सूची अविलंब उपलब्ध कराते हुए उनके जमीन के विवरण अंचल ऑफिस से मांगे जाएंगे जिससे जिले के अधिकतम किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल सकेगा। उप विकास आयुक्त द्वारा इस कार्य के प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह की जाएगी । बैठक में एलडीएम सहित अन्य बैंकों के प्रतिनिधि, जिला कृषि पदाधिकारी, एनआईसी के कर्मचारी तथा नाबार्ड के जिला प्रबंधक उपस्थित थे।
दारू थाना अंतर्गत शराब की धड़ल्ले से होम डिलीवरी की जा रही है। इसमें महुआ शराब शराब का धंधा भी शामिल है। शराब के धंधा से जुड़े कारोबारी न केवल शराब का गोरख धंधा कर रहे बल्कि लॉकडाउन का भी घोर उल्लंघन कर रहे हैं। इस धंधे से जुड़े लोगों द्वारा न केवल सामान्य लोगों को बल्कि होम क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों अथवा लाॅकडाउन का पालन करने वाले लोगों के लिए महुआ शराब की पाउच बनाकर घर-घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
इसी क्रम में बुधवार को ही जिनगा पंचायत के जोन्हिया में मुखिया लक्ष्मी देवी की तत्परता से बीडीओसह सीओराम रतन कुमार वर्णवाल ने महुअा शराब को प्लास्टिक के पाउच बनाकर होम डिलीवरी के लिए ले जाते हुए पकड़ा। शराब की होम डिलीवरी करने वाला युवक धीरज कुमार, उम्र 25 वर्ष खरिका का रहने वाला है। धीरज अपनी साइकिल से महुआ शराब का प्लास्टिक पैकेट बनाकर थैले में डालकर जोन्हिया गांव के हरिजन टोला ले जा रहा था और उसमें शराब के कई बोतल भी रखे हुए थे। जिसे घर-घर जाकर पहुंचाना था कि वह पकड़ में आ गया। बीडीओ ने लाॅकडाउन के उल्लंघन सहित महुआ शराब की अवैध बिक्री करने के आरोप में पकड़ कर दारु थाना प्रभारी विनोद तिर्की को आवश्यक कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया।