हिंदू रक्षा दल रामगढ़ की ओर से लॉकडाउन में ज़रुरतमंद व गरीबों को खाना खिलाया जा रहा है । इसके तहत मंगलवार को भी शहर के विकास नगर, करमाली टोला, रेलवे फाटक क्षेत्र,चाणक्यपुरी सहित कई क्षेत्रों में गरीबों के बीच पुड़ी व सब्जी का फूड पैकेट बांटा गया। हिन्दू रक्षा दल के किशन राम अकेला और दीपक मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन तक गरीबों के बीच फूड पैकेट वितरण किया जाएगा । इस सेवा कार्य में दल के किशन राम अकेला, दीपक मिश्रा के अलावा सदस्य सत्यजीत चौधरी, राहुल पासवान, रॉकी यादव, मोनू गुप्ता, पप्पू सोनी, प्रथम कुमार, अभिषेक गुप्ता, लालू गुप्ता, आयुष यादव, सुमिरन सिंदेरिया, अजय रॉकी, रोहित कुमार, राजेश, नितेश, राकेश कुमार सहयोग प्रदान कर रहे है ।
रामगढ़ जागरुक युवा मंच की ओर से कोरोना वॉरियर्स सफाई कर्मियों को सम्मानित किया गया। मंगलवार को शहरी क्षेत्र के वार्ड 3 के नेताजी सुभाषचंद्र बोस रोड(दुसाध मुहल्ला) में कैंटोनमेंट बोर्ड के सफाई कर्मियों को सम्मान दिया गया। यहां, मंच के संयोजक मुकेश कुमार नायक ने सफाई कर्मियों को अंगवस्त्र (गमछा) प्रदान कर सम्मानित किया । इस दौरान मंच के पदाधिकारी, सदस्य और लोगों ने ताली बजाकर स्वागत किया । वहीं, सभी के बीच मास्क वितरण किया गया । संयोजक मुकेश कुमार नायक ने कोरोना वॉरियर्स को सैल्यूट कर कहा कि सफाई कर्मी जान जोखिम में डाल कर शहर को संक्रमण से बचाने के लिए स्वच्छ बनाने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी,पुलिस कर्मी, मीडिया कर्मी के योगदान को देश नहीं भूलेगा, और इन लोगों की सेवा कार्य को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने, लोगों से लॉकडाउन में घर में रहने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने और साबुन से हाथ धोने की अपील की । मौके पर संतोष नायक, जितेंद्र सिंह,अजय पांडेय, सल्लू सोनी, निरंजन महतो, नीलू वर्मा, सूरज साव, आलोक शर्मा, दिलीप नायक, रूपेश पासवान,विवेक अग्रवाल मौजूद थे ।
सदियों से वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि को मनाए जाने वाले माता छिन्नमस्तिका की जयंती बुधवार को पहली बार बिना भक्तों की मौजूदगी के आयोजित की जाएगी। यह स्थिति कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन-3 से उत्पन्न हुई है। जिला प्रशासन के निर्देश पर पिछले 20 मार्च से ही सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। आम श्रद्धालुओं के लिए पट बंद होने के बाद मंदिर प्रक्षेत्र में पिछले 46 दिनों से सन्नाटा पसरा है। स्थानीय पुजारियों द्वारा यहां सिर्फ दैनिक पूजा, मंगल आरती, दोपहर में भोग और संध्या आरती ही हो रही है। इसमें आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह से निषेध है।
मंदिर के पट खुलने के साथ ही होगी मां छिन्नमस्तिका की विशेष पूजा
अन्य दिनों की तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्थानीय पुजारियों द्वारा सुबह चार बजे मंदिर का पट खुलने के साथ ही पांच पुजारियों की मौजूदगी में माता का विशेष पूजा होगी। इसके बाद दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ हवन और जाम और माता छिन्नमस्तिका का विशेष पूजा अर्चना का आयोजन कर भोग लगाया जाएगा। शाम 7:00 बजे संध्या आरती होगी।''
असीम पंडा, पुजारी, छिन्नमस्तिका मंदिर रजरप्पा।
मान्यता : वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था मां का प्रादुर्भाव मां छिन्नमस्तिका की जयंती के बारे में स्थानीय पुजारियों ने बताया कि जब राजा दक्ष द्वारा विराट यज्ञ का आयोजन किया गया था, उस यज्ञ में राजा दक्ष ने भगवान शिव को निमंत्रण देना भूल गए। इससे नाराज भोलेनाथ ने यज्ञ में आना पसंद नहीं किया। लेकिन, राजा दक्ष की पुत्री मां दुर्गा यज्ञ में जाने के लिए जिद पर उतर आई। इससे नाराज मां दुर्गा ने भगवान भोलेनाथ को विराट नौ रूप दिखाया। इसमें छठे स्वरूप में छिन्नमस्तिका नजर आई। जिस दिन मां छिन्नमस्तिका छठे स्वरूप को धारण किया, वह तिथि वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी थी। स्थानीय पुजारी असीम पंडा के अनुसार, उस दिन से मां छिन्नमस्तिका की जयंती मनाई जा रही है। हालांकि इस बार वो बात नहीं है।
पीवीयूएनएल पतरातू में काम कर रही हाईग्रे कंपनी के 15 मजदूर लॉकडाउन के दौरान पैसे की कमी, खाने पीने में दिक्कत और बढ़ती परेशानी से तंग आकर मंगलवार की सुबह पैदल हीं देवघर के लिए रवाना हो गए। इन मजदूरों का कहना था कि कंपनी की ओर से न वेतन दिया जा रहा था और न खाने-पीने की कोई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही थी। ऐसे में लंबे समय तक रहना मुश्किल हा़े गया था। अब वे लोग अपने घर जा रहे हैं। वहां खेती और अन्य काम कर अपना गुजारा कर सकेंगे। मजदूर सुबह चार बजे पीटीपीएस के जनता नगर से मेन रोड होते हुए निकले।
लॉकडाउन के दौरान जब प्रवासी मजदूरों का अपने शहर-गांव वापसी शुरू हुई है तब सिमडेगा से होकर हर रोज दर्जनों लोग गुजर रहे हैं। ओडि़शा और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से सड़क मार्ग से लौटने का रास्ता सिमडेगा होने के कारण झारखंड के अलावा बिहार और उत्तरप्रदेश के गरीब मजदूर फंसते-रुकते, भूखे प्यासे और गिरते-उठते यहां से गुजरते मिल रहे हैं। अपनी संवेदनशीलता के लिये हमेशा पहचान बनाने वाले सिमडेगा वासी कोरोना संकट की इस कठिन घड़ी में हर रोज सेवा की कई मिसाल पेश कर रहे हैं।
मंगलवार की सुबह 5 बजे सेवा भावना का यह सिलसिला शुरू हुआ। रामजानकी मंदिर पथ निवासी आनंद जैन जब सुबह घर से निकले तो उन्होंने साइकिल से 19 लोगों को आते देखा। ये लोग ओडि़शा के विभिन्न शहरों से निकल पलामू जिले के विभिन्न गांव जा रहे थे। पूछने पर पता चला कि रास्ते में खाने के लिये बहुत तकलीफ रही। जैन ने एक दुकान खुलवाकर सभी को बिस्किट और ब्रेड आदि दिया और रास्ते के लिये भी कुछ सामान दिए।
पैदल ही आसनसोल जा रहे थे 10 मजदूर सिमडेगा के लोगों ने की मदद, नाश्ता कराया
शाम साढ़े 4 बजे आनन्द भवन के निकट पैदल पहुंचे 10 लोगों की मदद आसपास के लोगों ने की। ये लोग ओडि़शा से आसनसोल जा रहे हैं। पिंटू अग्रवाल, मनोज अग्रवाल और गणेश कुलुकेरिया आदि युवकों ने इन्हें शीतल पेय और नाश्ता देने के बाद अंचलाधिकारी से संपर्क करके इनके लिये वाहन की व्यवस्था कराई। जिनके पास किराया देने के लिये पैसे नहीं थे उनके किराए का इंतजाम भी किया।
सिमडेगा : कोरोना एक नजर में
भेजे गए कुल सैम्पल | 287 |
सैम्पल रिजेक्ट | 05 |
नेगेटिव | 245 |
पॉजिटिव | 02 |
रिपोर्ट पेंडिंग | 35 |
डिस्चार्ज | 01 |
क्वारंटाइन | 42 |
होम क्वारंटाइन | 257 |
केरल से कुरडेग लौटे 5 मजदूरों को होम क्वारेंटाइन में भेजा गया
रोजगार के सिलसिले में केरल गए पाँच लोगों की वापसी के बाद उनकी स्वास्थ्य जाँच करते हुए उन्हें अपने घर भेजा गया।प्रखंड के विभिन्न गांवों से ये युवक मजदूरी करने केरल गए थे। कोरोना संकट के कारण देश व्यापी लॉक डाऊन में वे 40 दिनों तक फंसे रहे। सरकार द्वारा सभी मजदूरों को राँची तक लाया गया। सिमडेगा जिला प्रशासन द्वारा गाड़ी से सभी मजदूरों को कुरडेग पहुँचाया गया । बी डी ओ मृत्युंजय कुमार की उपस्थिति में सी एच सी में डाक्टर जगत बड़ाईक द्वारा सभी मजदूरों की स्वास्थ्य जाँच की गई। सभी को स्वस्थ पाया गया। इनके हाथ मे मोहर लगाकर होम क्वारेंटाइन में भेजा गया। बी डी ओ ने कहा कि सभी लोग 14 दिनों तक अपने घर में ही रहें। उन्हें इधर -उधर नही घूमना है।अगर ऐसा करते पाया गया तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कोविड-19 के महामारी में लाॅकडाउन के दौरान राज्य के बाहर फंसे झारखण्ड वासियों को सरकार के मदद से केरल, बेंगलुरू तथा रायपुर से 92 मजदूराें काे जिला प्रशासन के द्वारा सिमडेगा लाया गया। एसएस प्लस टू हाई स्कूल में बनाए गए रिसिविंग सेंटर में सबाें काे बस से लाया गया। जहां प्रशासन के पदाधिकारियों ने मजदूरों का स्वागत किया। केरल से 55 मजदूर धनबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, बेंगलुरू से 25 मजदूर रांची रेलवे स्टेशन पहुंचे थे तथा रायपुर से 12 मजदूर सिमडेगा पहुंचे। उपायुक्त सिमडेगा मृत्युंजय कुमार बरणवाल के दिशा-निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा धनबाद, रांची तथा रायपुर बसों को भेजकर मजदूरों को सिमडेगा लाया गया।
सिमडेगा आने के पश्चात मजदूरों की एस एस प्लस टू हाई स्कूल सिमडेगा में बनाए गए रिसिविंग सेन्टर में चिकित्सकों के द्वारा मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान चिकित्सकों की टीम के द्वारा इंफ्रारेड थर्मामीटर के माध्यम से मजदूरों के बॉडी टेंपरेचर को नापा गया। साथ ही साथ खांसी, बुखार जैसे लक्षण की भी स्क्रीनिंग की गई। जांचोपरांत ठीक पाए जाने पर मजदूरों के हाथों में होम क्वारेंटाइन का मोहर लगा उन्हें होम क्वारेंटाइन में भेजा गया। होम क्वारेंटाइन में मजदूरों को 14 दिनों तक रहने का निर्देश दिया गया है। एसएस प्लस टू सिमडेगा में दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए विभिन्न सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन हो इसके लिए उपायुक्त के निर्देश पर सभी काउंटरों के आगे सामान दूरी पर चेयर लगाए गए है। मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को संबंधित रिसिविंग सेन्टर में बनाये गए सुविधा काउन्टर में भेजा जा रहा है। जहां श्रमिकों का बायोटाडा लेते हुए उन्हें 14 दिनों के बाद मनरेगा से रोजगार मुहैया कराने की दिशा में पहल की गई। वहीं इस दिशा में श्रमिकों की राय भी ली गई।
अपर समाहर्ता सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार सिन्हा ने सदर प्रखंड के बेन्दोजोर करंजटोली की राशन डीलर ईमानदनी कुजूर का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। कार्यपालक दण्डाधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन का अवलोकन करते हुए संबंधित डीलर को कम खाद्यान्न वितरण करने के जुर्म में निलंबित करते हुए कटौती किए गए अनाज का मूल्य प्रति किलाे 40 रुपए की दर से कुल 2 लाख 16 हजार 800 रुपए जुर्माना राशि जमा करने का सख्त निर्देश दिया गया। दो दिनों में जुर्माना राशि नहीं जमा करने की स्थिति में अनुज्ञप्ति संख्या को रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
डीएसओने बताया कि डीलर कुजूर के द्वारा कार्डधारियों के बीच निर्धारित मात्रा से राशन की कटौती करते हुए कार्डधारियों के बीच कम खाद्यान्न वितरण किए जाने की शिकायत मिली थी। इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच कार्यपालक दण्डाधिकारी के द्वारा कराई गई। जांचोपरांत पाया गया कि डीलर द्वारा राशन कार्डधारियों के बीच 54 क्विंटल 20 किलाे कम खाद्यान्न का वितरण किया गया है।
बोलबा प्रखंड प्रशासन द्वारा 19 मजदूरों के खिलाफ लॉकडाउन तोड़ने का मामला दर्ज करा जेल भिजवाए जाने को लोग उचित नहीं मान रहे हैं। जिले में 2 दिनों से सोशल मीडिया में इसकी खूब चर्चा है और मंगलवार को इस मामले से हुसैनाबाद के विधायक कमलेश सिंह द्वारा सीएम को अवगत कराए जाने के बाद यह और चर्चा में आ गया है। इससे पूर्व भी बोलबा प्रखंड में ही 5 लोगों को ऐसे ही मामले में जेल भेजा गया था। जबकि अन्य प्रखंड में लॉकडाउन तोड़ने के आरोपियों पर कुछ नरमी रखते हुए उन्हें क्वारेंटिंन किया गया था, जेल नहीं भेजा गया। सोशल मीडिया में इसे दोहरा मापदंड बताया जा रहा है।
हुसैनाबाद विधायक कमलेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर सिमडेगा जेल में बंद हुसैनाबाद क्षेत्र के 5 मजदूरों के अलावा बिहार और उत्तरप्रदेश के कुल 19 मजदूरों को रिहा करने का आग्रह किया। विधायक को दैनिक भास्कर में छपी खबर से उक्त मामले की जानकारी मिली थी। उन्होंने सीएम को लिखा है कि ओडि़शा के झारसुगड़ा में भूषण स्टील प्लांट में मजदूरी करने वाले 19 मजदूर जो झारखण्ड के हुसैनाबाद, बिहार और उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। ये लोग साइकिल से अपने घर जा रहे थे । इन लोगों को सिमडेगा के बोलबा प्रखंड में हिरासत में लेकर लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में जेल भेज दिया गया था। सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इन सभी मजदूरों को रिहा किया जाए और केस वापस लिया जाए।
मजदूरों ने खाने पीने की कमी के कारण मजबूरी में सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर साइकिल से जाने का निश्चय किया था। इनके ऊपर केस दर्ज कर जेल भेजने को उन्होंने ज्यादती कहा है। साथ ही कहा कि जब पूरे भारत के राज्यों से मजदूर पैदल या साइकिल से अपने घर जा रहे हैं ।
चायत के कुम्हारटोली में महुआ शराब के अवैध कारोबार की गुप्त सूचना मिलने पर कार्रवाई की गई। बीडीओ मृत्युंजय कुमार और थाना प्रभारी मोहन बैठा ने टीम बनाकर छापामारी की। कारोबारी के घर से काफी मात्रा में शराब और एक क्विंटल जावा महुआ बरामद कर इसे नष्ट कर दिया गया। शराब बनाने में प्रयुक्त समानों को भी नष्ट किया गया।
लॉकडाउन के दौरान सरकारी शराब दुकान को सील कर दिया गया है। कहीं भी भीड़ नहीं लगाने की हिदायत दी जा रही है। लेकिन अवैध शराब के धंधेबाज बाज नही आ रहे हैं। छापामारी में बीसीईओ सुरेश नाथ साहदेव,एसआई उपेंद्र कुमार यादव, एसआई सतन राम और पुलिस जवान शामिल थे।
प्रखंड के कई गरीब परिवारों को राशन नहीं मिलने के मामले में कांग्रेस महामंत्री अशफाक आलम ने विधायक विक्सल कोंगाडी को आवेदन दिया है। गरीब परिवारों को चावल मिलना चाहिए मगर इसके पास राशन कार्ड भी नहीं है। अशफाक आलम ने यह भी बताया कि इन्हें जब से लॉक डाउन हुआ है तब से मात्र इन्हें एक बार 10 किलो चावल मुखिया द्वारा दिया गया था। जबकि सरकार द्वारा जिनके पास राशन कार्ड है उनको तीन-तीन माह का राशन दे दे देने के बावजूद अब दो 2 महीने का राशन एक साथ प्रत्येक कार्ड धारी को यानी कि कार्ड धारी में जितने लोग का नाम है सभी मेंबर को 10 - 10 केजी चावल दिया जा रहा है। जिस घर में 10 लोग हैं उस परिवार को एक कार्ड में 1 क्विंटल चावल दिया गया इस तरह से 3 माह का चावल पहले ही उन्हें प्रत्येक मेंबर को 15 -15 केजी दिया गया था। इस तरह से राशन कार्ड वालों के घर चावल भरपूर है जबकि जिनको नहीं है उन्हें मात्र 5 केजी से 10 केजी चावल देखकर मुखिया ने अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है।
ई-मुलाकात के माध्यम से उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचलाधिकारियों सहित जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीसी ने कहा कि अवैध शराब की चुलाई एवं बिक्री करने वाले व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए शराब नष्ट करें। अवैध शराब की चुलाई एवं बिक्री करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ क्षेत्रों में सघन छापामारी अभियान चलाएं। बैठक में डीसी ने कहा कि आकस्मिक सुविधा हेतु प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराई गई ड्राई फूड चुड़ा, गुड, चना का जरूरत मंदों के बीच वितरण करें।
बैठक में डीसी ने कहा कि ठेठईटांगर प्रखंड में पाए गए कोविड-19 पॉजिटिव केस नेगेटिव पाए जाने तथा उनके सम्पर्क में आने वाले परिजन व व्यक्तियों का भी मेडिकल जांच नेगेटिव पाए जाने एवं 28 दिन पूर्ण होने पर किसी भी प्रकार की संक्रमित स्थिति नहीं पाए जाने पर संबंधित एरिया को कंटेंमेंट जोन से मुक्त किया जा चुका है। उपायुक्त ने इस क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरते हुए हाट-बाजार लगाने की बात कही।छूटे हुए सुयोग्य लाभुकों को जनवितरण प्रणाली से जोड़ने की दिशा में उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को विशेष सर्वे करने का निर्देश दिया।जिसमें वैसे कार्डधारी एवं सदस्य जिनकी मृत्यु हो चुकी हो, जिला से बाहर रहते है व अन्य कारणवश लम्बे समय से पीडीएस दुकान से राशन का उठाव नहीं कर रहे हैं, वैसे कार्डधारियों को सूचीबद्ध करते हुए उनके स्थान पर छूटे हुए सुयोग्य लाभुकों को जोड़ते हुए योजना से अच्छादित करने का निर्देश दिया।
ई-मुलाकात के माध्यम से उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचलाधिकारियों सहित जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीसी ने कहा कि अवैध शराब की चुलाई एवं बिक्री करने वाले व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए शराब नष्ट करें। अवैध शराब की चुलाई एवं बिक्री करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ क्षेत्रों में सघन छापामारी अभियान चलाएं। बैठक में डीसी ने कहा कि आकस्मिक सुविधा हेतु प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराई गई ड्राई फूड चुड़ा, गुड, चना का जरूरत मंदों के बीच वितरण करें।
बैठक में डीसी ने कहा कि ठेठईटांगर प्रखंड में पाए गए कोविड-19 पॉजिटिव केस नेगेटिव पाए जाने तथा उनके सम्पर्क में आने वाले परिजन व व्यक्तियों का भी मेडिकल जांच नेगेटिव पाए जाने एवं 28 दिन पूर्ण होने पर किसी भी प्रकार की संक्रमित स्थिति नहीं पाए जाने पर संबंधित एरिया को कंटेंमेंट जोन से मुक्त किया जा चुका है। उपायुक्त ने इस क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरते हुए हाट-बाजार लगाने की बात कही।छूटे हुए सुयोग्य लाभुकों को जनवितरण प्रणाली से जोड़ने की दिशा में उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को विशेष सर्वे करने का निर्देश दिया।जिसमें वैसे कार्डधारी एवं सदस्य जिनकी मृत्यु हो चुकी हो, जिला से बाहर रहते है व अन्य कारणवश लम्बे समय से पीडीएस दुकान से राशन का उठाव नहीं कर रहे हैं, वैसे कार्डधारियों को सूचीबद्ध करते हुए उनके स्थान पर छूटे हुए सुयोग्य लाभुकों को जोड़ते हुए योजना से अच्छादित करने का निर्देश दिया।
झारखंड में मंगलवार शाम 10 और संदिग्धों में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।नए मरीजों में आठ रांची के हिंदपीढ़ी के जबकि दो दुमका के निवासीहैं। कोरोना संक्रमित जिलों में दुमका की नयी एंट्री हुई है। उधर, कोडरमा के कोविड-19 सेंटर से एक जबकिरिम्स के कोविड-19 सेंटर से आज सात मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए। राज्य में अब कोरोनावायरस के पॉजिटिव केस की संख्या बढ़कर 126 हो गई है। इनमें से 4 की मौत हो चुकी है। 35 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।
उधर, राज्य में महामारी के सर्विलांस में लगे इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) की रिपोर्ट का आकलन है कि आने वाले 14-15 दिन काफी अहम होंगे। रिपोर्ट के अनुसार अगले 14-15 दिनों में कोरोना केस की संख्या तीन गुनी हो सकती है,जो कि करीब 350 के आसपास होगी।
कोरोना से लड़ रहे निगम कर्मियों का भी होगा 50 लाख रुपए का बीमा
कोरोना संकट में जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ-साथ अब शहरी नगर निकाय कर्मियों को भी 50 लाख का जीवन बीमा कर दिया गया है। यह 30 मार्च से 30 जून तक प्रभावी रहेगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने इस संबंध में सोमवार को राज्य के सभी डीसी और सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के तहत कोरोना की रोकथाम और इलाज में लगे लगभग 22.12 लाख सरकारी, निजी और अनुबंध पर काम कर रहे लोग दायरे में आएंगे। इनमें सरकारी स्वास्थ्य प्रदाता, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी, निजी अस्पताल कर्मी, सेवानिवृत्त स्वैच्छिक कर्मी, स्थानीय शहरी निकाय, 108 एंबुलेंस कर्मी, अनुबंध कर्मी, दैनिक मजदूर, एडहॉक, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के कर्मचारी शामिल हैं।
कोरोना अपडेट्स
राज्य में कुल 126 संक्रमित: रांची के 92, बोकारो 10, पलामू 03, हजारीबाग 03, गढ़वा 03, धनबाद 02, गिरिडीह, 02, सिमडेगा 02, देवघर 04, जामताड़ा में 02, दुमका में 02 और गोड्डा में 01 मरीज में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
राज्य में अब तक 04 की मौत: रांची में तीन जबकि बोकारो के एक मरीज की मौत हो चुकी है।
राज्य में स्वस्थ्य हुए 35मरीज: रांची में 10, बोकारो में छह, धनबाद में दो, हजारीबाग में दो, देवघर में दो, सिमडेगा में एक जबकि राज्य के अन्य जिलों से संक्रमित मरीजों में 04 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
राज्य में मंगलवार को 10 नए कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है। इनमें आठ मरीज रांची के हिंदपीढ़ी जबकि दो दुमका के निवासी हैं। कोरोना संक्रमित जिलों में दुमका की नयी एंट्री हुई है।नए मरीज मिलने के बाद रांची में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 92 हो गई है। वहीं राज्य में कुल आकड़ा बढ़कर 126 हो गया है।मंगलवार काे दुमका में दाे मरीज मिलने के साथ ही राज्य के 12 जिले अब काेराेना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डाॅ. नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि मंगलवार काे एमजीएम जमशेदपुर में छह, रिम्स रांची में दाे और पीएमसीएच धनबाद में दाे पाॅजिटिव मरीज मिले। रांची के जिन आठ लाेगाें में काेराेना की पुष्टि हुई है, उनमें तीन महिलाएं, चार पुरुष और एक सात साल का बच्चा है। हिंदपीढ़ी के हैदरी अपार्टमेंट में रहने वाले इस बच्चे के माता-पिता सहित परिवार के तीन लाेग पहले ही पाॅजिटिव मिले थे, जिनका रिम्स के काेविड सेंटर में इलाज चल रहा है। यह बच्चा रिम्स के आइसाेलेशन वार्ड में भर्ती था। उधर, दुमका में काेराेना पाॅजिटिव मिलने के बाद यह ग्रीन से ऑरेंज जाेन में आ गया है। इसके साथ ही ग्रीन जाेन के जिलाें की संख्या बढ़कर 11 हाे गई है।
वहींरिम्स के कोविड-19 सेंटर से मंगलवार को सात जबकि कोडरमा के कोविड-19 सेंटर से एकमरीज ठीक होकर अपने घर लौटे।राज्य में कोरोना पर विजय पाने वाले कुल मरीजों की संख्या अब 35 हो गई है।राज्य में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 4 की मौत हो चुकी है।बता दें कि पिछले दो दिन रविवार और सोमवार को कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया था। इससे पहले राज्य में 21 अप्रैल को अंतिम बार ऐसा हुआ था कि एक दिन की जांच में कोई भी संक्रमित मरीज नहीं मिला था।
वहीं राज्य में महामारी के सर्विलांस में लगे इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) की रिपोर्ट का आकलन है कि आने वाले 14-15 दिन काफी अहम होंगे। रिपोर्ट के अनुसार अगले 14-15 दिनों में कोरोना केस की संख्या तीन गुनी हो सकती है। जो कि करीब 350 के आसपास होगी।
उधर, रेड जोन रांची के हॉट स्पॉट हिंदपीढ़ी व सटे इलाकों की हेल्थ स्क्रीनिंग फिर से शुरू हुई है। मेडिकल टीम घर-घर जाकर स्क्रीनिंग कर रही है। डीसी राय महिमापत रे ने बताया कि 6 मई तक यहां स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। बरियातू के जोड़ा तालाब रोड स्थित लेक व्यू हॉस्पिटल के सभी 54 डॉक्टरों और कर्मचारियों की दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। जोड़ा तालाब के मधुमति अपार्टमेंट में रहने वाले पूर्व डीडीसी की मौत के बाद लेक व्यू हॉस्पिटल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था। यहां के स्टाफ और कर्मचारियों को हॉस्पिटल में ही क्वारैंटाइन किया गया था।
सदर थाना क्षेत्र के सासंग गांव के तुरीटोला में भतीजे ने अपनी चाची की गला रेतकर हत्या कर दी। वो अवैध संबंध बनाना चाहता था पर महिला ने इसका विरोध किया। इसपर युवक ने महिला की हत्या कर दी। घटना मंगलवार की सुबह की है। पुलिस ने आरोपी कला भुइयां को गांव से ही गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार तुरीटोला निवासी केशो भुइयां अपने घर से बाहर गया हुआ था। उसकी पत्नी मांगो देवी घर पर अकेली थी। इसी मौका का फायदा उठाकर उसका भतीजा कला भुइयां उसके घर पहुंचा और अपनी चाची के साथ जबरन अवैध संबंध बनाने की कोशिश करने लगा, जिसपर मांगो देवी ने विरोध किया। इससे नाराज भतीजा कला भुइयां ने गुस्सा में आकर पसूल व हसुआ से अपनी चाची की गला रेतकर हत्या कर दी।
ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना सदर थाना पुलिस को दी गई। घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वीरेंद्र राम व पुलिस निरीक्षक सह थानेदार अमित कुमार गुप्ता घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली।पुलिस ने पोस्टमाॅर्टम के बाद शव को उसके परिजनों को शव सौंप दिया है।
कोरोनावायरस की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने तीसरी बार लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई है। यह 17 मई तक लागू रहेगा। लेकिन लॉकडाउन फेज 3 में कई जगह पर लापरवाही दिख रही है। आम लोगों से लेकर पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी साफ दिख रही है। इसका असर शहर में साफदिखा। मंगलवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों का मूवमेंट काफी ज्यादा दिखाई दिया। इधर, दो दिनों बाद मंगलवार को रांची से आठकोरोना संक्रमित मरीज मिले। सभीहिंदपीढ़ी के रहने वाले हैं। वहीं, काेरोना संक्रमणसे सात मरीज स्वस्थ होने के बाद उन्हेंशाम कोरिम्स के कोविड-19 सेंटर से छुट्टी दे दी गई।
उधर, आम दिनों में जाम रहने वाला रातू रोड का न्यू मार्केट चौराहा लॉकडाउन होने के बाद से लगातार खाली रहता था लेकिन मंगलवार को यहां काफी संख्या में वाहनोंका आवागमन देखा गया।इधर, लोगों की बढ़ती लापरवाही से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़नी शुरू हो गई है। अगर इसे जल्द ही कंट्रोल नहीं किया गया तो संक्रमण का भी दायरा बढ़ सकता है।
लेक व्यू के 54 डॉक्टर-कर्मी की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव क्वॉरेंटाइन से बाहर निकले
बरियातू के जोड़ा तालाब रोड स्थित लेक व्यू हॉस्पिटल के सभी 54 डॉक्टरों और कर्मचारियों की दूसरी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। जोड़ा तालाब के मधुमति अपार्टमेंट में रहने वाले पूर्व डीडीसी की मौत के बाद लेक व्यू हॉस्पिटल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था। यहां के स्टाफ और कर्मचारियों को हॉस्पिटल में ही क्वारैंटाइन किया गया था। हॉस्पिटल स्टाफ की सैंपल जांच की गई थी।
राज्य के युवा जो शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं उनके लिए अच्छी खबर है। जल्द ही सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया राज्य सरकार शुरू करने जा रही है। यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दी। मंगलवार बिष्टुपुर स्थित परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के करीब 23 हजार पद खाली हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद इन पदों को भरने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस नियुक्ति प्रक्रिया में अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को नौकरी मिलेगी। इसके लिए नए सिरे से स्थानीय नीति लागू की जाएगी। इसके लिए एक कमेटी का गठित की जाएगी जो अपनी रिपोर्ट देगी।
पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा बनाई गई स्थानीय नीति पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने बिना किसी आधार के 1985 के पहले राज्य में आने वाले लोगों को शामिल कर स्थानीय नीति बना दी जो सही नहीं है। इसकी वजह से झारखंड के लोगों को नियुक्ति में पूरी हिस्सेदारी नहीं मिल पा रही है। राज्य बनने का यही उद्देश्य था कि यहां के अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके। इसके लिए 1932 या 1964 के खतियान को आधार बनाना चाहिए था। ताकि यहां के लोगों को नौकरियों में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
जेपीएससी छठी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की होगी जांच
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा छठी सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम के कट ऑफ मार्क्स में त्रुटि का मामला सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इसकी जांच कराने की बात कही है। किसी भी परीक्षार्थी को इस परीक्षा के रिजल्ट को लेकर कोई शिकायत है तो वह सीधे मुझसे संपर्क कर सकता है। मालूम हो कि रिजल्ट आने के साथ ही इस पर सवाल उठ रहे हैं और इसमें कई स्तर पर गड़बड़ी की बात कही जा रही है। छात्रों का कहना है कि जेपीएससी ने क्वालिफाइंग पेपर हिंदी और इंग्लिश के मार्क्स को जोड़कर मुख्य परीक्षा का रिजल्ट निकाल दिया गया है।
कोर्स पूरा करने के लिए 5 घंटे की जगह 7 घंटे चलेंगे स्कूल
शिक्षा मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक कार्य पूरी तरह बाधित हुआ है। ऐसे में स्कूल खुलने पर इसे कैसे पूरा किया जाएगा, इसे लेकर कार्य योजना तैयार की गई है। सरकारी स्कूलों में पहले पांच घंटे पढ़ाई होती थी। लेकिन अब 7 घंटे होगी। कोई हाफ डे नहीं होगा। हर दिन फूल डे पढ़ाई होगी। सत्र शुरू होने के साथ ही बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि सिलेबस पूरा किया जा सके।
लॉकडाउन अवधि की फीस मांगने वाले निजी स्कूलों की अभिभावक करें शिकायत, होगी कार्रवाई : शिक्षा मंत्री
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि लॉकडाउन अवधि का फीस और बस भाड़ा निजी स्कूलों को नहीं लेने का निर्देश सरकार ने दिया है। इसका स्कूलों को हर हाल में पालन करना होगा। अगर कोई स्कूल सरकार के आदेश की अवहेलना करती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह रोक एक महीने के लिए लगाई गई है। इसका मूल्यांकन करने के लिए कमेटी का गठन किया गया जो अपनी रिपोर्ट जल्द देगी। इसके आधार पर नया निर्देश जारी किया जाएगा। तब तक स्कूल अभिभावकों से फीस नहीं मांग सकते हैं।
अगर किसी स्कूल ने ऐसा किया है तो अभिभावक सीधे मुझे शिकायत करें, मैं हमेशा फोन पर उपलब्ध रहता हूं। ऐसे स्कूल के खिलाफ त्वरित कार्रवाई होगी। इस दौरान स्कूलों को शिक्षकों को पूरी तनख्वाह भी देनी होगी। जब स्कूलों ने बच्चों को कुछ पढ़ाया ही नहीं तो फीस किस चीज की मांग रहे हैं। यह स्कूलों को खुद सोचना चाहिए। वहीं जब पूछा गया कि स्कूल ऑनलाइन क्लास चलाने का हवाला देकर फीस मांग रहे हैं तो शिक्षा मंत्री ने कहा कि सबको पता है, ऑनलाइन क्लास कितना चलता है। मंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार व विभाग के पास पर्याप्त कानून हैं।
सब फ्री फिर भी सरकारी की जगह निजी स्कूलों में बच्चों का जाना चिंता का विषय
अपने जमशेदपुर दौरा के दौरान शिक्षा मंत्री ने परिसदन में जिले के शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें अलग-अलग योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जब सरकारी स्कूलों में मुफ्त की पढ़ाई के साथ ही खाना, ड्रेस व किताबें भी मुफ्त में दी जा रही हैं तो इसके बाद भी सरकारी स्कूलों की जगह अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन निजी स्कूलों में क्यों करा रहे हैं। हालांकि अधिकारी इसका कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए।
इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगली बैठक में फिर इस स्थिति की समीक्षा करूंगा और तब मुझे इसका जवाब चाहिए। उन्होंने सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन एजुकेशन उपलब्ध कराने की भी समीक्षा की। इसमें यह बात सामने आई कि अधिकतर अभिभावकों के पास स्मार्टफोन का न होना और ग्रामीण क्षेत्रों में नेट कनेक्टिविटी की समस्या बड़ी बाधा बन रही है। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को इसका समाधान ढूंढने को कहा।
जल्द शुरू होगा मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन
शिक्षामंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से मैट्रिक व इंटर की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य जल्द शुरू होगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। मूल्यांकन के बाद रिजल्ट भी समय पर जारी किया जाएगा। वहीं लॉकडाउन के दौरान बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिए टीवी चैनलों व डीटीएच कंपनियों से बात की जा रही है। दूरदर्शन की मदद भी ली जा रही है, ताकि बच्चों को उनके घरों तक टीवी के माध्यम से शैक्षणिक मैटेरियल उपलब्ध कराया जा सके। गिरीडीह में इस मॉडल का ट्रायल भी किया जा चुका है।
कोरोना के इस महासंकट में शिक्षकों का वेतन भुगतान करें कॉलेज : शिक्षा मंत्री
झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार पांडेय ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मिलकर इंटरमीडिएट शिक्षकों के मानदेय भुगतान और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन में भी इन शिक्षकों को शामिल करने की मांग की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में किसी का मानदेय रोकना अपराध है। संबंधित लोग यथाशीघ्र मानदेय का भुगतान करें। उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी शामिल करने के लिए जैक सचिव और अध्यक्ष से बात करेंगे।
लॉकडाउन के दौरान तिलैया पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। सोमवार की रात तिलैया पुलिस के एक दारोगा ने अपनी बेटी को अस्पताल में भर्ती कराकर लौट रहे एक व्यवसायी की बेरहमी से पिटाई कर डाली। घटना सोमवार की रात करीब 11.30 बजे की है। घटना के सबंध में पीड़ित किराना व्यवसायी मनोज मोदी ने बताया कि वे रात को अपनी पुत्री को आर्यन हॉस्पिटल में भर्ती कराकर बाइक से वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान तिलैया थाना के समीप जांच कर रहे थाना के एसआई अखिलेश सिंह के द्वारा उन्हें रोककर पूछताछ के दौरान बेरहमी से उनकी पिटाई की गई।
पीड़ित ने बताया कि वे पुलिस से बार-बार कहते रहे कि वह हॉस्पिटल से लौट रहे हैं, लेकिन तिलैया थाना के पदाधिकारी नशे में थे और वे उनकी एक नहीं सुनी तथा उसके शरीर पर ताबड़तोड़ लाठियां बरसानी शुरू कर दी। घटना के बाद पीड़ित ने अपने पुत्र को मौके पर बुलाया, जिसके बाद वे घर पहुंचे। घटना को लेकर पीड़ित के पुत्र सूरज कुमार ने ट्वीटर के जरिए जिला के पुलिस अधीक्षक सहित मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी।
पीड़ित के पुत्र सूरज ने बताया कि घटना के बाद जब वे अपने पिता को लाने गए तो देखा कि उक्त पुलिस पदाधिकारी थाने में नशे की हालत में बैठे थे। वहीं सोशल मीडिया में मामला सामने आने के बाद एसपी डॉक्टर एहतेशाम बकारिब ने दारोगा को लाईन हाजिर कर दिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में थाना प्रभारी के द्वारा दारोगा के शराब पीकर ड्यूटी किए जाने की जानकारी दी गई है। उक्त दारोगा पर आगे की कार्रवाई भी की जा रही है।
19 अप्रैल को एक दुकानदार का मारकर हाथ तोड़ दिया था
लॉकडाउन के दौरान इसके पूर्व तिलैया पुलिस द्वारा मास्क लगाए जाने को लेकर गत 19 अप्रैल को शहर के खुदरा पट्टी स्थित बुजुर्ग ताराटांड निवासी दारोगी लाल दुकानदार के साथ मारपीट कर उसका हाथ तोड़ दिया था। इसके अलावा कई अन्य लोगों के साथ भी बेरहमी से पिटाई की गई थी। इस मामले की जानकारी लोगों ने ट्वीट के जरिए डीजीपी सहित पुलिस मुख्यालय व सीएम हेमंत सोरेन को दी गई थी, जिसके बाद डीजीपी के निर्देश पर एसडीपीओ को जांच का जिम्मा सौंपा गया था।
जिला के कोविड अस्पताल होली फैमिली में भर्ती कोरोना पीड़ित मरीज की दूसरी रिर्पोट आर-2 के निगेटिव आने के बाद मंगलवार को उसे डिस्चार्ज किया गया। मौके पर उपायुक्त रमेश घोलप, एसपी एतेहशाम वकारिब, डीडीसी आलोक त्रिवेदी, सीएस पार्वती कुमारी नाग के अलावा अन्य पदाधिकारियों ने कोरोना पीड़ित मरीज को ताली बजाकर व पुष्पवर्षा कर विदाई दी। स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट रहे युवक ने बेहतर इलाज की सुविधा के लिए जिला प्रशासन सहित चिकित्सकों के प्रति आभार जताया। युवक ने बताया की उसे आज काफी खुशी है की वह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट रहा है।
मौके पर उपायुक्त घोलप ने मरीज को स्वस्थ होने पर बधाई देते हुए कोविड अस्पताल के सभी स्वास्थ्य कर्मियों व जिला के सभी स्वास्थ कर्मियों और जिला प्रशासन की टीम को भी बधाई दी है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में हमें और भी सतर्क रहने की जरूरत है, चूंकि अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर व अन्य लोगों का जिला में आगमन हो रहा है। ऐसे लोगों का जांच करके 28 दिनों के लिए होम क्वारैंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। मौके पर उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि क्वारैंटाइन के लिए दिए गये निर्देशों का अनुपालन करें और अन्य राज्यों व अन्य जिलों से आए लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को दें। वहीं होम क्वारैंटाइन का उल्लंघन करने वालों के बारे में भी जानकारी दें।
11 अप्रैल को रिर्पोट पॉजिटिव आने के बाद किया गया था भर्ती
जिलेमें एक मात्र कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज कोविड अस्पताल होली फैमिली में 11 अप्रैल से किया जा रहा था। पॉजिटिव मरीज गिरिडीह जिला के राजधनवार प्रखंड अंतर्गत ग्राम जहनाडीह के निवासी है। इस मरीज का कोरोना पॉजिटिव गत 11 अप्रैल को आया था, जिसके बाद कोडरमा अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड से उसे कोविड अस्पताल होली फैमिली में भर्ती किया गया था। इसका पहला आर-1 निगेटिव रिपोर्ट 2 मई को आया था। वहीं आर-2 का रिपोर्ट 4 मई की शाम निगेटिव आई थी।
23 मार्च को मुंबई से लौटा था
कोरोना पॉजिटिव मरीज गिरिडीह जिला के ग्राम जहनाडीह निवासी है, जो मुंबई से 23 मार्च को अपने घर पहुंचा था। उसमें खांसी, सर्दी, बुखार के लक्षण दिखाई देने के बाद मरकच्चो बंधन चौक स्थित एक झोलाछाप चिकित्सक से अपना इलाज कराया था। स्थिति बिगड़ने पर वे अपने एक अन्य साथी के साथ स्कूटी से मरकच्चो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए गया। जहां पर चिकित्सकों द्वारा कोरोना के लक्षण को देखते हुए उसे 4 अप्रैल को एम्बुलेंस से सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था और उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था।11 अप्रैल की सुबह उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था। उसके पूरे परिवार को जांच कराकर क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था और सभी परिवार के लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। उसकी मां की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, जिसे गिरिडीह कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि बाकि सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आयी थी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉक डाउन पीरियड में मंगलवार को नामकुम स्थित भारतीय रॉल और गोंद संस्थान परिसर का भ्रमण किया। प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया। वहां लाह पर किए जा रहे अनुसंधान के बारे में जानकारी हासिल की। अधिकारियों के साथ लगभग एक घंटे तक भ्रमण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में यह एक अलग तरह का केंद्र है। यहां लाह पर रिसर्च होता है। एक समय लाह के नाम पर झारखंड दुनिया में अपना अलग पहचान बनाता था। यह आय का एक बहुत बड़ा जरिया रहा है। पर सीधे तौर पर यह विलुप्त होने लगा है, जिससे ग्रामीण सीधे तौर पर जुड़े होते थे। यह उनके आय का स्रोत हुआकरता था। वह कारण जानने में लगे हैं कि अचानक ऐसा क्यों हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लगातार वैल्यू एडिशन, रोजगार से जोड़ने और यहां के आंतरिक संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके अलावा और क्या-क्या संभव है, उसे एक-एक कर देख रहे हैं। सोमवार को ही रोजगार सृजन को लेकर तीन योजनाएं शुरू की गई हैं। इस कड़ी को और कैसे जोड़ा जाए, उस पर काम कर रहे हैं। क्योंकि इस तरह की अनगिनत कड़िया हैं, जिसे बेहतर तरीके से जोड़ा जाए तो राज्य की आर्थिक गतिविधि और रोजगार की असीम संभावनाएं पैदा होंगी। फिर यहां के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसीलिए हर उस कोने को देखने में लगा हूं जहां से रोजगार सृजन हो सके।
प्रवासियों के आवगमन पर ममता बनर्जी से बात हुई है
पश्चिम बंगाल बोर्डर पर झारखंड के मजदूरों के फंसे होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात हुई है। उन्होंनेसहमति दी है। इसके बाद उन्होंने अपने प्रधान सचिव और अन्य अधिकारियों को समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया है ताकि प्रवासियों को झारखंड लाया जा सके।
कोविड- 19 कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में घोषित लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में फंसे 350 मजदूरों को मंगलवार को गढ़वा लाया गया। सभी मजदूर विशेष ट्रेन से राजस्थान के नागौर से झारखंड के बरकाकाना स्टेशन पहुंचे थे। जहां से जिला प्रशासन ने बसें भेज कर मजदूरों को जिला मुख्यालय स्थित एसएसजेएस नामधारी महाविद्यालय परिसर में लाया गया। उपायुक्त हर्ष मंगला के निर्देश पर सभी लोगों का स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य की जांच कराई गई और मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन का मुहर लगाया गया।
सदर एसडीओ प्रदीप कुमार ने कहा कि 4 मई को सभी श्रमिक मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से रामगढ़ स्थित बरकाकाना स्टेशन लाया गया था। जहां सभी की थर्मल स्क्रीनिंग और मेडिकल जांच की गई थी। मजदूरों को गढ़वा लाने के लिए कुल 16 बसें भेजी गई थी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रत्येक बस में 24-25 लोगों को बैठाकर रामगढ़ से गढ़वा लाया गया। राजस्थान के नागौर के प्रवासी मजदूरों के अलावा छत्तीसगढ़ के कोरिया, ओडिसा के सुंदरगढ़ एवं कर्नाटक के श्रमिक मजदूर, विद्यार्थी एवं श्रद्धालुओं को भी जिला प्रशासन द्वारा गढ़वा में लाया गया। यात्रा के दौरान बस में सैनिटाइजर, मास्क, पानी की बोतल व नाश्ता की भी व्यवस्था प्रशासन द्वारा किया गया था। एसएसजेएस नामधारी महाविद्यालय के परिसर में सभी के लिए कुर्सियां लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठने की व्यवस्था की गई थी। मजदूरों को भोजन कराया उन्हें घर भेजा गया। स्वास्थ्य जांच में सभी स्वस्थ और सामान्य पाए गए।
वहीं जांच के दौरान एक व्यक्ति में हल्का बुखार पाया गया। जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया। इसके बाद हाथ पर अमिट स्याही से होम क्वारैंटाइन की स्टैंपिंग की गई। एसडीओ ने कहा कि सभी श्रमिक मजदूरों, श्रद्धालुओं एवं विद्यार्थियों को अपने-अपने प्रखंडों के लिए छोटे वाहन से रवाना कर दिया गया। गढ़वा जिला के विभिन्न प्रखंडों के श्रमिकों, श्रद्धालुओं एवं विद्यार्थियों में गढ़वा प्रखंड के लिए 22 व्यक्ति, मेराल प्रखंड के 88, डंडई के 47, रमना के 25, बिशुनपुरा के 43, बंशीधर नगर के 13, सगमा के 2, खरौंधी 40, भवनाथपुर 27, केतार 14, मंझिआंव 38, कांडी 14, बरडीहा, चिनिया व रंका के 6-6, रमकंडा से 19, बड़गड़ के एक, भंडरिया के 4 और धुरकी प्रखंड के 20 लोगों को उनके अपने-अपने प्रखंडों में भेजा गया। लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा छोटी-छोटी वाहनों की व्यवस्था की गई थी। वापस अपने गृह जिला पहुंचे लोगों ने जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
पुलिस प्रशासन ने सभी लोगों को अपने-अपने घरों में 14 दिनों तक होम क्वारैंटाइन रहने की अपील किया। वहीं नियम का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई। विदित हो कि 4 मई 2020 को राजस्थान के नागौर से अपने गृह राज्य झारखंड आ रहे श्रमिक मजदूरों को रामगढ़ से गढ़वा लाने के लिए नोडल पदाधिकारी डीआरडीए के डायरेक्टर ओनिल क्लेमेंट ओड़िया को नियुक्त किया गया था। जबकि सहायक नोडल पदाधिकारी के रूप में कार्यपालक दंडाधिकारी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अरुण उरांव को नियुक्त किया गया था। सभी को रामगढ़ से गढ़वा लाने के लिए गढ़वा जिला के विभिन्न प्रखंडों से विशेष रूप से 16 कर्मी रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, प्रखंड समन्वयक आदि को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। जिनकी देखरेख में सभी श्रमिक मजदूरों को गढ़वा लाया गया।
वैसे तो दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार कीपहल पर ट्रेन से वापस लाया जा रहा है। लेकिन कुछ मजदूर खुद से भी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर घर पहुंच रहे हैं। मंगलवार को तीन दिनों की बस यात्रा कर मांडर ब्लॉक के कुरकुरा के रहने वाले 37 मजदूर अपने घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि बस को कुल एक लाख 92 हजार रुपए किराया देना पड़ा। वहीं, मांडर पहुंचने पर रेफरल अस्पताल में सभी की थर्मल स्कैनर से जांच की गई। इसके बाद भौजन का पैकेट देकर उन्हें होम क्वारैंटाइन के लिए भेज दिया गया।
बिजुपाड़ा से ट्रैक्टर में बैठ मजदूर अपने घर पहुंचे। तीन दिनों तक बस में यात्रा करने के बाद भी गांव पहुंचते ही उनकी सारी थकान मिट गई। घर आने की खुशी उनके चेहरे पर साफ दिखाई पड़ रही थी। गुजरात से मांडर लौटे अमुस सुरजीत कुजूर ने बताया कि वे लोग सूरत स्थित विभीन्न कपड़ा मील में मजदूरी करते थे। पहली बार 21 दिनों के लॉकडाउन में मील मालिक ने उन्हें खाना के साथ वेतन भी दिया। लेकिन इसके बाद लॉकडाउन की बढ़ती मियाद के कारण उसने पैसा व खाना देने से मना कर दिया। इसके बाद सभी मजदूर अपने-अपने स्तर से घर जाने के लिए जुगाड़ लगाने लगे।
पहले ऑफलाइन पास बनाकर आने का प्रयास किया तो उन्हें वापस भेज दिया गया। इसके बाद मांडर विधायक बंधु तिर्की के पहल पर ऑनलाइन पास बना, तब जाकर वे घर पहुंचे। बस में 37 मजदूर चान्हो के और 18 मजदूर चतरा के सवार थे। मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सभी होटल और ढाबा बंद रहने के कारण उन्हें रास्ते में चना और बिस्किट खाकर घर आना पड़ा। वापस लौटे मजदूरों का कहना था कि सरकार रोजगार की व्यवस्था करेगी तो हमलोग कभी भी बाहर काम करने नहीं जाएंगे। मांडर सीओ शंकुर कुमार विद्यार्थी ने बताया कि सभी की जांच करने के बाद उन्हें हाेम क्वारैंटाइन मेंरहने को कहा गया है। साथ ही स्थानीय प्रशासन की नजर इनलोगों पर है।
इधर रांची से पैदल घर जाने वाले मजदूरों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को आधा दर्जन मजूदर पैदल ही पांकी (पलामू) के लिए रवाना हुए। उन्होंने बताया कि वे लोग रांची में पुल-पुलिया निर्माण कार्य में मजदूरी करते थे। काम बंद हो गया, खाने पीने के लाले पड़ गए। इसलिए पैदल ही घर जाना पड़ रहा है। उनका कहना था कि सरकार मजदूरों को घर भेजने के नाम पर मजाक कर रही है। हम जैसे अनपढ़ मजदूरों को कहीं से काेई सहारा और सहायता नहीं मिला है।
जिला ग्रामीण विकास विभाग में तैनात जिला प्रशिक्षक समन्वयक से साइबर अपराधियों ने 22 हजार रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित ने इस बाबत सदर थाना में लिखित शिकायत दर्ज करायी है। उधर, मामला दर्ज करने के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है।
पीड़ित चंद्रशेखर यादव ने बताया कि वे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए मोबाइल एप फोन-पे का यूज करते हैं। सोमवार की शाम को साइबर अपराधी ने उन्हें 7699751101 मोबाइल नंबर से फोन किया। अपराधी ने खुद को फोन-पे कस्टमर केयर से फोन करने की बात कही। उसने पूछा कि क्या आप फोन-पे यूज करते हो? इसके बाद चंद्रशेखर ने हां कहा...। फिर साइबर अपराधी ने कहा कि आपको फोन-पे कंपनी की ओर से 5999 रुपए का अवार्ड मिला है। इस राशि का यूज आप मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल भुगतान आदि के लिए कर सकते हैं।
इसके बाद अपराधी ने फोन-पे एप पर लॉगिन करने को कहा। फिर 5999 रुपए के संबंध में आए हुए लिंक को फारवर्ड करने को कहा। चंद्रशेखर ने बताया कि लिंक फारवर्ड करते ही उसने पर्सन पासवर्ड भी मांगा। उन्होंने बिना सोचे समझे पासवर्ड दे दिया। थोड़ी देर के बाद उनके अकाउंट से 22 हजार रुपए कट गए। उन्होंने बताया कि वे गोड्डा के रहनेवाले हैं और उनका सैलरी अकाउंट भी गोड्डा के ब्रांच में है। उधर, इस संबंध में पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है।
सात मजदूर केरल से मंगलवार को घाघरा पहुंचे। यहां पहुंचते ही सातों को ब्लॉक क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया। यहां खाना खिलाने के बाद सभी को होम क्वारैंटाइन के लिए वाहन से अपने-अपने घर पहुंचा दिया गया है। बताते चलें कि ये मजदूर ट्रेन से सोमवार कोधनबाद स्टेशन पहुंचे थे। वहां से फिर इन्हें बस के माध्यम से गुमला के घाघरा तकपहुंचाया गया।
इस दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजिस्ट्रेट के रूप में मौजूद अजीत पांडे ने बताया कि सभी मजदूरों को होम क्वारैंटाइन के लिए घर पहुंचाया गया। साथ ही सभी मजदूरों को एक सर्टिफिकेट दिया गया है, जिसमें सभी मजदूरों ने शपथ लेने के तौर पर कहा है कि हम सभी घर में ही क्वारैंटाइन होकर रहेंगे, बाहर नहीं निकलेंगे। साथ ही घर के किसी भी सदस्य के संपर्क में नहीं आएंगे। यदि ऐसा नहीं करते हुए हमें पकड़ा गया तोहम पर प्रशासन कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इस मौके पर मजदूर लालदेव उरांव ने बताया केरल से सरकार के द्वारा चलाए गए ट्रेन से वह सभी सकुशल कुशल पहुंचे हैं। उन्होंने सरकार के साथ-साथ प्रशासन को आभार व्यक्त किया है।
अन्य राज्यों से बिशुनपुर पहुंचे सात प्रवासी मजदूर
इधर, लॉकडाउन के बाद केरल, बंगलुरु, तमिलनाडु व अन्य राज्यों में फसे बिशुनपुर प्रखंड के 7 प्रवासी मजदूरों को लेकर गुमला से बस बिशुनपुर पहुंची। जहां पर बीडीओ चंदा भट्टाचार्य के नेतृत्व में सातों प्रवासी मजदूरों को बिशुनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां पर उनकी जांच करने के बाद ब्लॉक क्वारैंटाइन में सुरक्षा की दृष्टि से रखा गया।
झारखंड में आकाशीय बिजली गिरने से चार बच्चाें की माैत हाे गई। वहीं, चार लाेग झुलस गए। साेमवार की सुबह 6.45 बजे माैसम बदला और घना अंधेरा छा गया। अचानक तेज हवा के साथ बारिश हाेने लगी। पलामू में चैनपुर के खुरा खुर्द गांव के बच्चे आंधी में आम चुनने गए थे। इसी दाैरानआकाशीय बिजली गिरी। गांव के जगदीश उरांव के बेटे आकाश (12), बिगन उरांव की बेटी मोहिता (11) की मौत हो गई, जबकि जगदीश उरांव का बेटा रामू झुलस गया। उसे सदर अस्पताल मेदिनीनगर में भर्ती कराया गया है। खुरा कला गांव के वीरेंद्र ठाकुर के बेटे विकास ठाकुर (13) की भी आकाशीय बिजली गिरने से जान चली गई। सभी तीसरी और चाैथी क्लास में पढ़ते थे।
इधर, गुमला में भरनो प्रखंड के मारासिली अम्बेराटोली गांव में आकाशीय बिजली गिरने से बंधना उरांव के बेटे सूरज उरांव (12) की घटनास्थल पर मौत हो गई। वह सुबह 8 बजे अपने घर के पास खड़ा था, तभी बारिश होने लगी। इसी दाैरान आकाशीय बिजली गिरी और सूरज की माैत हाे गई। वह तीसरी क्लास का छात्र था।
आकाशीय बिजली गिरने से घर में लगी आग, एक घायल
वहीं, लातेहार के सदर थाना क्षेत्र के सोतम गांव के मंगरा तुरी के घर में अचानक गिरे आकाशीय बिजली के कारण आग लग गई। इस घटना में घर में रखा सामान जलकर राख हो गया। गनीमत यह रही कि जिस समय घर में वज्रपात हुआ, उस समय घर में कोई सदस्य नहीं था। घर पर ताला लगा हुआ था। इधर, आकाशीय बिजली गिरने से पास में ही सोतम गांव के त्रिवेणी यादव जख्मी हो गया। वो अपने घर में ही बिजली का कार्य कर रहा था। इसी दौरान आकाशीय बिजली गिरी और उसे भी झटका लगा। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लॉकडाउन के दौरान बरवाडीह 10+2 विद्यालय में क्वारेंटाइन की अवधि पूरा करने के बाद मध्यप्रदेश का रहनेवाला देव सिंह सोमवार को अपने परिजनों के साथ वापस अपने घर लौट गया है। उसे वापस मध्यप्रदेश ले जाने के लिए सोमवार को बरवाडीह पहुंचे उसके भाई शिवकरण कचनारे, सूरज नायक व ओम यादव ने बताया कि वर्ष 2003 से मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वह घर से लापता था, जिसे ढूंढ़ने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मिला। 16 साल बाद बरवाडीह पुलिस से जब देवी सिंह के बारे में जानकारी मिली और दैनिक भास्कर में छपी खबर देखी ताे खुशी का ठिकाना न रहा। बता दें कि लापता देव सिंह के क्वारेंटाइन सेंटर में रखे जाने की खबर को दैनिक भास्कर ने 03 मई, 2020 के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद देवी सिंह के परिजन मध्यप्रदेश और झारखंड सरकार की अनुमति के बाद सड़क मार्ग से बरवाडीह पहुंचे और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद देवी सिंह को अपने साथ ले गए।
विदाई के दौरान परिजन बोले- कल्पना नहीं थी कि देवी मिलेगा
इस मौके पर बरवाडीह थाना प्रभारी दिनेश कुमार, सअनि महादेव उरांव, पंचायत सेवक बद्री प्रसाद, मुखिया सुनीता टोप्पो, आंगनबाड़ी सेविका मीना देवी, मानमती देवी ने देवी सिंह को शॉल भेंट करके उन्हें विदा किया। देवी के परिजन शिवकरण कचनारे, सूरज नायक व ओम यादव ने कहा कि कल्पना नहीं की थी कि उनका भाई देव सिंह अब दोबारा मिलेगा, लेकिन झारखंड पुलिस और दैनिक भास्कर की पहल से आज यह संभव हो पाया है, जिसका हमलोग जिंदगीभर शुक्रगुजार रहेंगे।
चार मई से लॉक डाउन 3.0 लागू हो गया है। इसके साथ ही पलामू पुलिस और भी सख्त हो गई हैं। लाख समझाने के बाद भी लॉक डाउन का मजाक उड़ाने वालों पर पलामू पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। लॉक डाउन 3.0 के पहले दिन सदर एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता के नेतृत्व में चले अभियान में छहमुहान पर 150 दो पहिया वाहनों की जांच की गई। इसमें सही कारण से शहर में आने वालों को छोड़ दिया गया तथा बिना कारण मटरगश्ती करने वाले 47 लोगों को धारा 188 के तहत नोटिस दिया गया। नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर वाहन चालकों को अपना स्पष्टीकरण देना होगा। अगर स्पष्टीकरण सही और जायज़ पाया गया तो कार्रवाई नहीं होगी अन्यथा लॉक डाउन के बाद विशेष न्यायालय में सुनवाई के उपरांत करवाई होगी। अभियान में दण्डाधिकारी अमरेन्द्र कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज रुद्रनंद सरस, एएसआई एसके गुप्ता, जगनमोहन बांद्रा, हवलदार शलवंती डोगो, सहायक पुलिस अंकेश कुमार,शैलेन्द्र कुमार,धर्मेन्द्र कुमार, राकेश कुमार, शीतल प्रजापति,किरण गुप्ता आदि शामिल थे।
शहर में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर हाे रही है चेकिंग
शहर में कई जगहों पर पुलिस बैरिकेडिंग कर दी है। रेड़मा चौक, बैरिया चौक, छहमुहान समेत कई जगहों पर कार और बाइक से जाने वालों को पुलिस रोक रही है। यही नहीं घर से बाहर निकलने का कारण भी लोगों से पूछ रही है। जो बिना वजह के निकले हैं, उनको लौटने के लिए बोला जा रहा है। कुछ लोग दवा का बहाना बना रहे है तो पुलिस उनको डॉक्टर की पर्ची दिखाने के लिए बोल रही हैं। सोमवार को पकड़े गए अधिकांश लोग शहर में दवा लेने के लिए आए हुए थे।गौरतलब है कि करोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है इसका फैलाव एक दूसरे के संपर्क में आने से होता है । इसे देखते हुए पलामू जिला प्रशासन ने जिलेभर में धारा 144 लागू कर चार या चार व्यक्ति से ज्यादा लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बिना कारण घर से बाहर निकलने से भी मनाही की गई है । पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ केएन सिंह का कहना है कि यदि कोई अनावश्यक सड़कों में घूमेंगे तो वायरस के चैनल को पनपने का मौका मिलेगा और वे भी इसे प्रभावित होंगे। इस कारण लोगों को खतरा मोल नहीं लेना चाहिए।
बाइक सवारों के खिलाफ चलता रहेगा अभियान
सदर एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है लेकिन कुछ लोग इसका मजाक बनाने में लगे हैं। ऐसे लोगों के साथ पुलिस सख्ती के साथ पेश आ रही है। शहर में निजी गाड़ियों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक है। धारा 144 लागू है। ऐसे में सड़कों पर बेवजह गाड़ियों को निकालने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी कर रही है।
श्रमिकाें काे लाने वाली ट्रेन डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर भी रुकेगी
मेदिनीनगर|दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लाने वाली विशेष ट्रेन अब डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर भी रुकेगी। जहां से स्टेशन पर स्क्रीनिंग के पश्चात उन्हें दूसरे जिला हो जिला में भेजा जाएगा। राज्य सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन ने ट्रेन आने पर स्टेशन पर स्क्रीनिंग व अन्य तैयारियों को अंजाम देने के लिए बैठक की। बैठक में आवश्यक दिशा निर्देश सभी अधिकारियों को उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने दी। जानकारी के अनुसार रांची रेलवे स्टेशन पर ज्यादा ट्रेन आने से भीड़ होने की संभावना के मद्देनजर ऐसा निर्णय लिया गया है कि दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की विशेष ट्रेन को पलामू में पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन लाया जाए। जहां से राज्य के विभिन्न जिलों में स्क्रीनिंग के पश्चात उन्हें सुरक्षित वाहनों के द्वारा भेजा जा सके। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने मेडिकल स्क्रीनिंग टीम का गठन कर दिया है साथ ही पुलिस प्रशासन व अन्य अधिकारियों की को भी जिम्मेवारी सौंपी है। एसपी अजय लिंडा ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के उद्देश्य से और रांची में ज्यादा भीड़ ना बढ़े इस वजह से पलामू को भी सेंटर बनाया गया है। यहां प्रवासी मजदूरों की विशेष ट्रेन पहुंचने के बाद सबसे पहले स्टेशन पर उनका स्क्रीनिंग किया जाएगा। स्क्रीनिंग के पश्चात सुरक्षित वाहन से संबंधित जिला के अधिकारी उन्हें गंतव्य तक ले जाएंगे। इसके बाद संबंधित जिला में भी उन सभी का स्क्रीन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए विशेष बैठक पलामू उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई है जिसमें अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारी करने में जुटा है।
कड़ी सुरक्षा में गढ़वा रोड पर रुकी श्रमिक स्पेशल ट्रेन
महाराष्ट्र के कई हिस्से में कोरोना वैश्विक महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के वजह से फंसे झारखंड प्रदेश के कई जिले के 1200 मजदूर को लेकर नादेड़ से श्रमिक स्पेशल ट्रेन बरकाकाना जाने के क्रम में सोमवार अपराह्न दो बजे गढ़वा रोड मॉडल स्टेशन पर कॉशन के लिए रुकी। यहां जिला प्रशासन के निर्देश पर पूरे रेलवे स्टेशन क्षेत्र को जिला पुलिस व आरपीएफ पुलिस बल ने पूरी तरह से नाकेबंदी कर रखी थी, ताकि ट्रेन में बैठे कोई भी श्रमिक यहां उतर नहीं सके। इसको लेकर रेहला व विश्रामपुर थाना तथा नावाडीहकला ओपी के प्रभारी सहित दर्जनभर एसआई व एएसआई तथा बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिसबल 24 डिब्बेवाले श्रमिक स्पेशल को उसके आने के पूर्व व आने के पांच मिनट बाद खुलने तक कवच बनाए पूरे प्लेटफॉर्म को कब्जे में रखे हुए थे। विश्रामपुर थाना प्रभारी श्रीभगवान सिंह व ओपी प्रभारी अनंत सिंह तथा रेहला थाना प्रभारी लालजी यादव के साथ बतौर रेल अधिकारी गढ़वा रोड स्टेशन प्रबंधक सतीश कुमार व सीएलआई सह गढ़वा रोड रनिंग रूम इंचार्ज एचके सिंह पूरे वक़्त मौजूद रहकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन को पूर्ण सुरक्षित तरीके से यहां से गंतव्य को रवाना कराए। रेल यातायात निरीक्षक ने बताया कि बरकाकाना में ट्रेन की यात्रा पूरी हो जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन को लेकर सोमवार को नवलशाही के साप्ताहिक हाट को जमुनियाटांड में शिफ्ट कराया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार व नवलशाही थाना प्रभारी अब्दुल्लाह खान साप्ताहिक हाट में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर पूरी तरह मुस्तैद दिखे। बाजार लगाने के पूर्व पदाधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बनाए गए गोल घेरे में विक्रेता और खरीदार को लाइन लगाकर सब्जी की खरीदारी कराई गई। साथ ही इस बाजार में आने वाले सभी लोगों को मास्क पहनने का निर्देश दिया। बिना मास्क वाले को बाजार के अंदर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बीडीओ ने बताया की भीड़ को कम करने के लिए सप्ताह में एक दिन के बजाए दो दिन सोमवार व गुरुवार को हाट लगाए जाएंगे इसकी जानकारी लिए विक्रेताओं के बीच पत्र भी बांटा गया है जो व्यापारी सोमवार की हाट में अपनी दुकान लगाएंगे, वो गुरुवार की हाट में अपनी दुकान नही लगाएंगे । इस मौके पर मौजूद थाना प्रभारी सीओ के अलावा ए एस आई मुन्ना हांसदा,उमेश प्रसाद समेत कई पुलिस कर्मी मौजूद थे।
सोमवार को मौसम में एक बार फिर बदलाव देखने को मिला। दोपहर 3 बजे तक कड़ाके की धूप के बाद अचानक आसमान में काले बादल मंडराने लगे और तेज गर्जन के साथ लगभग एक घंटे तक मूसलाधार बारिश होती रही। बारिश से शहर की सड़कों पर जल जमाव का नजारा देखने को मिला। वहीं तापमान में भी काफी गिरावट आई है। सोमवार का तापमान न्यूनतम 23 डिग्री व अधिकतम 29 डिग्री दर्ज की गई है। वहीं बेमौसम हुई बारिश के बाद किसानों में चिंता बढ़ गई है। एक तरफ किसानों के गरमा फसल में फायदा दिख रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ किसानों के खलियान में कट कर रखें गेहूं की फसल बर्बाद होने की आशंका सताने लगी है। किसानों का कहना है कि हाल ही में खेतों से गेहूं की कटाई कर अधिकांश गेहूं खलिहान में रखा गया है।
पिछले कई माह से बेमौसम में बारिश के कारण क्षेत्र में पहले ही चना, मसूर, सरसों आदि फसल को काफी नुकसान हुआ है। अब ऐसे में अगर बारिश हो रही है तो किसानों को एक तरफ फायदा हो रहा है, तो दूसरी तरफ नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। वहीं बेमौसमी बारिश से खेतों के अलावा सड़कों पर पूरी तरह जलजमाव बन गया है, जिससे लोगों का आवागमन करने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिवाकर यादव ने बताया कि बेमौसम बारिश से लोगों को खांसी, सर्दी, बुखार आदि कई तरह का बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में लोग गरम पानी पीयें और गरारा करें, ताकि मौसम बदलाव के कारण खासी सर्दी और बुखार से निजात मिल सके।
सदर अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड से रविवार की रात एक कोरोना संदिग्ध मरीज के भाग गया। संदिग्ध मरीज मच्छरदानी के सहारे आइसोलेशन वार्ड के फर्स्ट फ्लोर के नीचे कूदकर भाग निकला। जबकि वहां भर्ती मरीजों की सुरक्षा में पुलिस के जवानों के अलावा एटेंडेंट की प्रतिनियुक्ति की गई है। फरार हुआ मरीज पटना जिला के शेखपुरा कर रहने वाला है। संदिग्ध मरीज के भागे जाने के संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. रंजन कुमार की ओर थाने में मामला दर्ज कराया गया। 35 वर्षीय मरीज में कोरोना का लक्षण दिखने पर उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। चिकित्सकों ने बताया की उसे 29 अप्रैल को सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया था, जहां उसका स्वाब कलेक्शन करने के बाद उसे उसी दिन डोमचांच स्थित आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया था। यहां से मरीज ने एक अप्रैल को भी भागने का प्रयास किया था, इसकी सूचना के बाद उसे सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लाया गया था। जहां से मरीज रविवार की रात आइसोलेशन वार्ड से मच्छरदानी के सहारे निकलकर भागने में सफल रहा। मालूम हो कि आइसोलेशन वार्ड में उसे एक अलग कमरे में रखा गया था।
इस संबंध में डीएस डाॅ. रंजन ने बताया कि संदिग्ध मरीज के भागे जाने के संबंध में थाना को सूचना दे दी गई है। इधर पुलिस उक्त मरीज को पकड़ने के प्रयास में लगी है। मगर उसका कोई पता नहीं चल पाया है। कोरोना बीमारी को लेकर सदर अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में इसके पूर्व अबतक दो संदिग्ध मरीजों की मौत हो चुकी है। गत एक मई को यहां भर्ती एक कोरोना संदिग्ध वृद्ध की माैत हो गई थी। वृद्ध मरीज को हार्ट की बीमारी थी, जिसका इलाज रांची से चल रहा था। सांस लेने में आई दिक्कत के कारण उसके परिजन सदर अस्पताल उसे इलाज के लिए ले गए थे। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया था और उसका सैंपल लेकर जांच के लिए रांची भेजा था, जिसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आया था। वहीं 19 अप्रैल को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती जयनगर गोहाल निवासी मुकेश भुइयां की मौत हो गई थी। जिसका भी रिपोर्ट निगेटिव आया था। इस मामले में चिकित्सकों की लापरवाही का आरोप परिजनों की ओर से लगाया गया था।
क्वारेंटाइन सेंटर से भी भागे थे 4 लोग
जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा विद्यालय में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर से 16 अप्रैल को बिहार राज्य के नवादा के रखे गए चार लोग फरार हो गए थे। जिनमें से पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर दो लोगों को पकड़ने में सफलता पाई थी। वहीं दो लोग अभी भी पकड़ से बाहर है। ये सभी क्वारेंटाइन रखे गए लोग वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों को झासा देकर वहां से फरार हो गए थे। ये सभी लोग नवादा जिला, थाना रजौली के ग्राम सिमरकोल के रहने वाले है।
पिछले दो मानसून से मौसम बिल्कुल अनिश्चित रूप से चल रहा है। प्रायः प्रमुख ऋुतुओंजाड़ा, गर्मी और बरसात के संबंध में पूर्वानुमान फेल होने लगे हैं। मौसम की अनिश्चितता का असर किसी और क्षेत्र में कम पड़ता हो मगर सबसे ज्यादा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ता है। किसान पूर्वानुमान के आधार पर फसल लगाता है और जब मौसम अनुमान के मुताबिक सही रहता है किसानों को अपनी मेहनत का रिटर्न अच्छा मिलता है लेकिन जब वही मौसम अनुमान के विपरीत होता है तो किसानों की मेहनत और पूंजी सब पानी हो जाता है। संयोग से विगत दो वर्षों से मौसम का व्यवहार किसानों को रुलाता रहा है।
हर खरीफ एवं रबी मौसम में कड़ी मेहनत करके खेतों में फसल लगाने वाले किसानों के लिए वर्ष 2019-20 अच्छा नहीं रहा है। अनियमित वर्षा के कारण जिले के 50 प्रतिशत से अधिक किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए, जो कुछ किसान किसी तरह लगाए भी उन्हें भी सौ प्रतिशत उपज नहीं मिल पाया। उसी प्रकार रबी मौसम में अकस्मात भारी वर्षा के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ। जिले में आलू की फसल दो-दो बार नष्ट हुई। इधर जब पिछले आघातों से किसान उबरने की कोशिश कर रहे थे, तो एक बार फिर पिछले सप्ताह आंधी पानी और भारी ओलावृष्टि के कारण किसानों को खेती में भारी क्षति हुई। सदर प्रखंड के बैहरी पंचायत के दर्जनों किसान से महाजन से कर्ज लेकर हर सब्जियों के फसल लगाये थे, पिछले सप्ताह की आंधी पानी और ओलावृष्टि में तबाह हो गए है।
सरकार को पूंजीपतियों की फिक्र, किसानों की नहीं : मेहता
हजारीबाग के पूर्व सांसद व भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि देश के अन्नदाताओं का दुर्भाग्य है कि वर्तमान समय में केंद्र में ऐसी सरकार है जो को देश के भगौड़े और बड़े बड़े पूंजीपतियों का 68 हजार करोड़ रुपये कर्ज का पैसा एक झटके में राइट ऑफ कर सकती है लेकिन अन्नदाताओं को संकट से उबारने के लिए बड़े फैसले नहीं ले सकती।
किसानों के लिए फिलहाल कोई योजना नहीं:डीएओ
खेती में प्रकृति के प्रकोप और किसानों की हालत को देखते हुए उनके राहत के लिए जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह साल किसानों के लिए अच्छा नहीं चल रहा है मगर क्या करें किसानों को राहत पहुंचाने के लिए फिलहाल सरकार की कोई योजना नहीं चल रही है। एक प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना है, जिसमें वर्ष भर में दो दो हजार रुपये के किस्तों में छह हजार रुपये जाना है, उसी एक-एक किस्त किसानों के खाते में गया था, दूसरा किस्त भी जाएगा। उसके लिए अंचल अधिकारी के कार्यालय में निबंधन होता है। इसके अलावा कोई योजना नहीं है।
कोविड 19 के बढ़ते कहर के कारण पूरा देश लॉकडाउन है। जिंदगी थम सा गया है। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई की चिंता है। पूरे राज्य में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सभी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दिया है। अब स्कूल कॉलेज की पढ़ाई मोबाइल, टैब, लेपटॉप और डेस्कटॉप पर पहुंच गई है। यह पढ़ाई बच्चों के लिए कितना कारगर है । इस बात पर अभिभावक को ध्यान देना जरूरी हो गया है। ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने कहीं आपका बच्चा गलत राह पर तो नहीं जा रहा है।
ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान साइबर बुलिंग का खतरा रहता है हालांकि थोड़ी सी सावधानी बरत कर आप अपने बच्चों को गलत राहत पर जाने से रोक सकते हैं । इसके लिए अभिभावकों को थोड़ा सचेत रहने की जरूरत है । ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चों पर नजर रखने के लिए कुछ एप हैं, उसका मदद ले सकते हैं । इस एप से आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि आपका बच्चा कौन कौन सा साइट सर्च किया है । वहीं बच्चों को भी नहीं लगेगा कि आप उस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं । लॉकडाउन में टेली काउंसिलिंग के माध्यम से अभिभावकों को सलाह दी जा रही है। जहां ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सीबीएसई, आईसीएसई स्कूलों को प्रमोट कर रहे हैं, वहीं बच्चों पर नजर रखने के लिए सचेत भी कर रहे हैं । आइए जानते हैं कि किन एप्लीकेशन से बच्चों पर आप नजर रख सकते हैं ।
इन एप को मोबाइल में डाउनलोड कर रख सकते हैं नजर
पढ़ाई के दौरान दूसरा साइट्स देखने लगते हैं बच्चे : ऐसा देखा गया है कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान दूसरा साइट्स खोलने लगते हैं। अभिभावक इस पर ध्यान दें । इसके लिए अभिभावक को तकनीक रूप से मजबूत होने की जरूरत है।
क्या कहते हैं हजारीबाग के साइबर एक्सपर्ट :हजारीबाग साइबर सेल प्रभारी अमिता लकड़ा ने बताया कि जरूरत के अनुसार बच्चे पर ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान नजर रखें। नई तकनीक का सहारा लें। बच्चे को अकेले पढ़ाई ना करने दें। अभिभावक विभिन्न एप के जरिए नजर तो रख ही सकते हैं।
रविवार सुबह का दिन चरही और आस-पास के लोगों के लिए बेहद काला दिन रहा। लोग अभी सो ही रहे थे कि सड़क दुर्घटना की खबर से सभी की नींद खुली। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। रविवार देर रात ही सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
चरही घाटो मोड़ के पास हुई सड़क दुर्घटना का जायजा उपायुक्त डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने घाटो मोड़ को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में लागू प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी। अब तक चरही घाटो मोड़ पर लगभग 50 से ऊपर लोगों की जान जा चुकी है। सभी मृत लोगों की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब चरही घाटो मोड़ के पास ओवरब्रिज का निर्माण हो और प्रशासन अविलंब चौक पर अतिक्रमित दुकान और ठेले वालों सख्ती से हटाए।
उजड़ गई 5 परिवार की दुनिया
बैजू ठाकुर उर्फ विजय ठाकुर तीन भाई है। राजेश ठाकुर और बिरजू ठाकुर लेकिन अपने बीमार पिता मंशु ठाकुर जो लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रसित है उनकी वह दिन-रात सेवा किया करता था। तीनों भाई जो भी कमाते थे, उसका एक बड़ा हिस्सा बीमार पिता की दवाई में लग जाया करता है। वेल्लोर अस्पताल में उनके पिता का इलाज चल रहा है। ऐसी स्थिति में दो भाई ही बचे है अब अपने पिता की देख रेख के लिए। साथ ही बैजू ठाकुर के दो बच्चें है एक 7 साल का बेटा और दूसरा 5 साल का। अब इनकी परवरिश कैसे होगी यह एक बड़ा सवाल है? दोनों भाई भी छोटी-मोटी प्राइवेट नौकरी करते है। अब हजारीबाग उपायुक्त के द्वारा दिए गए आश्वासन, जिसमें पीड़ित परिवार को एक जनवितरण प्रणाली की दुकान, बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा और उचित मुआवजा पर ही परिवार का भविष्य टिका है। वहीं दिलीप कुमार जो चरही चौक पर खैनी की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करता था, जानकी प्रजापति भी शादी विवाह में खाना बनाने का काम कर अपने पूरे परिवार की जीविका चलाता था, राजेन्द्र प्रजापति ठेला पर पानी-पूरी बेच कर परिवार का पेट पालता था, ओम प्रकाश रजक चरही नवल सिंह के पेट्रोल पंप में तेल भरने का काम कर अपने परिवार की जीविका का एक मात्र सहारा था। अब जिला प्रशासन द्वारा मुआवजे, बच्चों की पढ़ाई तथा जनवितरण प्रणाली की दुकान मिलने से ही इन लोगों के परिवार की आगे की जिंदगी की दशा और दिशा तय हो पाएगी।
मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल बानो में पढ़ रही चाईबासा की छात्रा बबीता सिंकू ने नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा में पूरे राज्य में तृतीय स्थान प्राप्त कर अपने स्कूल का नाम रोशन किया है। साथ ही द्वितीय वर्ष की परीक्षा में सलबिना मुर्मू ने भी जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। झारखंड नर्सिंग कौंसिल रिम्स रांची द्वारा आयोजित एएनएम की परीक्षा में मदर टेरेसा एएनएम स्कूल की कुल 60 छात्राओं ने भाग लिया था। इसमें सभी छात्राओं ने सर्वोच्च अंक प्राप्त कर पुनः अपने स्कूल का नाम रोशन किया है । इस स्कूल से 12 छात्राएं स्टेट टाॅपर होकर नर्सिंग के क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। निदेशक डाॅ. प्रहलाद मिश्रा, उपनिदेशिका निभा मिश्रा ने बुके देकर बबीता सिंकू को सम्मानित करते हुए उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी। प्राचार्या प्रभा सुरीन, को-आॅर्डिनेटर रविकांत मिश्रा , ट्यूटर्स एवं सभी स्टाफ ने सभी छात्राओं को बधाई देते हुए शुभकामना दी है।
पूरे देश में जब राज्य सरकारें अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वापस लाने और सुरक्षित भेजने में जुटी हैं ऐसे समय मे झारखंड से लगने वाली ओडि़शा सीमा पर बेहद तकलीफदेह स्थिति देखने को मिली। ओडि़शा के विभिन्न जिलों की पंचायतों में बने क्वारेंटाइन केंद्रों से पैदल ही रिलीज कर दिएे गए करीब एक सौ श्रमिक बॉर्डर पर भूखे प्यासे फंसे दिखे। झारखंड-बिहार के इन मजदूरों के लिये वहां न पानी है और न ही भोजन का कोई इंतजाम। इनके पास है सिर्फ वह कागज जो कह रहा है कि इन्होंने क्वारेंटाइन का 2- 3 हफ्ता गुजार लिया है। मुश्किल हालात में क्वारेंटाइन का दिन गुजारने के बाद मुक्त किए जा चुके इन लोगों को रखने के लिए अब ओडि़शा पुलिस प्रशासन तैयार नहीं है और झारखंड पुलिस अपने यहां पैदल घुसने देने को तैयार नहीं है।
इन सबके बीच बांसजोर के बीडीओ प्रभाकर ओझा से फोन पर सम्पर्क करने पर उन्होंने कहा कि ये लोग कहां क्वारेंटाइन थे और कहां जा रहे हैं यह छानबीन के बाद ही कुछ कह सकेंगे। इस स्थिति में वहां एक भी अधिकारी ऐसा नहीं मिला जो इन्हें यह दिलासा दे सके कि वे कुछ इंतजार करें, रहने और भोजन का इंतजाम हो जाएगा।
फंसे मजदूरों ने बताया कि वे रामगढ़, पलामू,बोकारो, डाल्टेनगंज, चक्रधरपुर तथा बिहार के समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, गोड्डा, दुमका आदि जिलों के हैं। मजदूरों ने बताया कि उन्हें ओडिशा के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया आज दिन में संबंधित क्षेत्र के मुखिया और बीडीओ ने उन्हें पैदल जाने की इजाजत दे दी। लेकिन सीमा पर रोक लिए गए तथा खाने को कुछ भी नहीं है।
13 मार्च को केरल से लौटे युवक की तबीयत बिगड़ी, आइसोलेशन वार्ड में कराया गया भर्ती
प्रखंड की हेठमा पंचायत निवासी एक युवक को कुरडेग के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। यह युवक मजदूरी करने के लिए केरल गया था और 13 मार्च को गांव वापस आया था। तबीयत खराब होने पर उसने 14 मार्च को बीरू अस्पताल में इलाज कराया था। उसे दवा देकर घर भेज दिया गया था। अब डेढ़ माह बाद युवक को सांस लेने में परेशानी, गले में ख़राश और बुखार होने की सूचना मिली है। बीडीओ मृत्युंजय कुमार को यह जानकारी मिलने पर युवक को कुरडेग के सीएचसी में लाया गया । जहां डाॅ. जगत बडाईक ने उसकी जांच की। युवक को आइसोलेशन वार्ड में रखते हुए गहन जांच की जा रही है। इधर युवक के परिवारवालों को निर्देश दिया गया है कि वे गांव में इधर- उधर न घूमें और घर में ही रहें। उनकी निगरानी के लिए कर्मचारी की नियुक्ति की गई है।
सिमडेगा : कोरोना एक नजर में
जिल सिमडेगा
भेजे गए कुल सैम्पल : 271
सैम्पल रिजेक्ट : 05
नेगेटिव : 237
पॉजिटिव : 02
रिपोर्ट पेंडिंग : 27
डिस्चार : 01
क्वारेंटाइन : 85
होम क्वारेंटाइन : 77
कंटेनमेंट जोन से मुक्त हुआठेठईटांगर
कंटेनमेंट जोन से मुक्त किए जाने के बाद ठेठईटांगर के लोग 21 दिन बाद घरों से निकले। बीडीअाे मनोज कुमार अाैर थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि ठेठईटांगर और गड़गड़बहार निवासियों ने प्रशासन का भरपूर साथ दिया जिसका नतीजा यह हुआ कि प्रखंड में दोबारा कोरोना पॉजिटिव का कोई मामला नहीं आया। ठेठईटांगर वासियों ने कहा अभी भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। प्रशासन के गाइड लाइन पर चलना है तभी हमारा क्षेत्र स्वस्थ रहेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कोरोना पर विजय प्राप्त करेंगे।
कर्नाटक से आज रांची पहुंचेंगे 23 मजदूर, लाने के लिए भेजी गई बस
साेमवार को सरकार की मदद से कर्नाटक से रांची आ रहे सिमडेगा जिला के 23 व्यक्तियों को रांची रेलवे स्टेशन से लाने हेतु सिमडेगा जिला प्रशासन के द्वारा विशेष बस रवाना की गई। जिला के 23 व्यक्ति रेलवे के माध्यम से रांची रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। जहां उन्हें जिला से प्रतिनियुक्त कर वाहन संग भेजे गए नोडल पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी के द्वारा उपायुक्त के आदेशानुसार सामाजिक दूरी का अनुपालन कराते हुए जिला लाया जाएगा।
पाकुड़ जा रही बस को रोका गया, की पूछताछ
जलडेगा|ओडिशा के झारसुगुड़ा से आ रही एक बस को बांसजोर चेकपोस्ट में रोककर उनके गंतव्य स्थान के बारे पूछताछ की गई। बस में 25 लोग बैठे हुए थे और पाकुड़ जा रहे थे। इन्हें पाकुड़ ले जाने के लिए प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने बताया कि लॉकडाउन से चार दिन पूर्व ये लोग राजमिस्त्री का काम करने झारसुगुड़ा गए थे। लॉकडाउन लागू होने पर ये वहीं फंस गए थे। सबों का सत्यापन करने के बाद उन्हें जाने दिया गया।
कृषक बंधु की ओर से जरूरतमंदों में राशन और बच्चों काे दिए बिस्कुट
सिमडेगा | सदर प्रखंड के कोचेडेगा में असहाय लोगों के बीच राशन सामग्री का वितरण किया गया। कृषक बंधु संस्था के सचिव प्रभात कुमार ने राशन वितरण करते हुए सबों से लॉकडाउन और सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील की। कहा, अभी की स्थिति में हर नागरिक को आगे आकर जरूरतमंदों की मदद करने की जरूरत है। लोगों से कहा गया कि वे अंधविश्वास और अफवाह पर ध्यान नहीं दें और पुलिस- प्रशासन के निर्देश का अनुपालन करें। इस अवसर पर छोटे-छोटे बच्चों के बीच बिस्कुट का वितरण किया गया।
मजदूर नेता ने मजदूरों के बीच अनाज वितरण किया
झारखंड मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह की अाेर से तामड़ा पंचायत के बिरदोटोली गांव में मजदूरों के बीच में अनाज का वितरण किया गया। मौके पर राजेश कुमार सिंह ने कहा सभी मजदूरों का हित का ख्याल रखना उनका कर्तव्य है और क्षेत्र में किसी भी मजदूर को कोई भी प्रकार की समस्या होती है तो इन समस्याओं को अपनी समस्या समझते हुए दूर करने का प्रयास करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में घूम घूमकर अनाज का वितरण किया गया है और आगे भी जारी रहेगी।
कोविड-19 के वैश्विक महामारी को देखते हुए लाॅक डाउन के दौरान राज्य एवं जिला से बाहर फंसे व्यक्तियों को लाने की दिशा में उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरणवाल के दिशा-निर्देश में श्रमिकों काे लाने की दिशा में त्वरित गति से कार्य किया जा रहा है। बस्तर (छतीसगढ़), रायपुर (छतीसगढ़) एवं अंगुल (अाेडिशा) राज्यों के लिए श्रमिकों काे लाने के लिए बस रवाना की गई थी। अंगुल से 12 व्यक्तियों को साेमवार काे सिमडेगा लाया गया। जिसमें 11 व्यक्ति पाकरटांड़ एवं एक व्यक्ति कोलेबिरा के है। सिमडेगा पहुंचने पर एसएस प्लस टू स्कूल में में बनाये गए रिसिविंग सेन्टर में जिला प्रशासन के द्वारा पुष्पगुच्छ देकर इन श्रमिकों का स्वागत किया गया। वहीं जलपान कराते हुए उनका थर्मल स्कैनर मेडिकल जांच कराया गया। सभी 12 व्यक्ति जांचोपरांत स्वस्थ पाए गए। सभी के हाथ में मोहर लगाते हुए होम क्वारेंटाइन के लिए भेजा गया। सिमडेगा पहुंचने के उपरांत सभी व्यक्तियों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
इधर उपायुक्त के द्वारा जिला में लौट रहे सभी श्रमिक एवं छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा गया कि सभी लोग राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करेंगें। क्वारेंटाइन में सामाजिक दूरी का अनुपालन करें ताकि इस संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। अनुमंडल पदाधिकारी कुंवर सिंह पाहन ने कहा कि सरकार के आदेशानुसार उपायुक्त सिमडेगा के दिशा-निर्देश में लॉकडाउन के दौरान छह राज्यों में फंसे व्यक्तियों को जिला लाने की दिशा में जिला प्रशासन कृत संकल्पित है। कर्नाटक से रेल के माध्यम से रांची पहुंचने वाले 23 व्यक्तियों काे लाने हेतु बस भेजी जा चुकी है। रायपुर एवं बस्तर वाले राज्यों में फंसे व्यक्ति मंगलवार काे सिमडेगा
पहुंच जाएंगे।
सदर अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड से रविवार की रात एक कोरोना संदिग्ध मरीज भाग गया। मरीज मच्छरदानी के सहारे आइसोलेशन वार्ड के फर्स्ट फ्लोर के नीचे कूदा और फरार होगया, जबकि वहां भर्ती मरीजों की सुरक्षा में पुलिस के जवानों के अलावा एटेंडेंट तैनात हंै। फरार मरीज पटना जिला के शेखपुरा कर रहनेवाला है। संदिग्ध मरीज के भागने के संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. रंजन कुमार की ओर थाने में मामला दर्ज कराया गया। 35 वर्षीय मरीज में कोरोना का लक्षण दिखने पर उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। चिकित्सकों ने बताया कि उसे 29 अप्रैल को सदर अस्पताल केआइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया था, जहां उसका सैंपल लेने के बाद उसे उसी दिन डोमचांच स्थित आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया था। यहां से मरीज ने एक अप्रैल को भी भागने का प्रयास किया था। इसकी सूचना के बाद उसे सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लाया गया था, जहां से मरीज रविवार की रात मच्छरदानी के सहारे निकलकर भागने में सफल रहा। मालूम हो कि आइसोलेशन वार्ड में उसे एक अलग कमरे में रखा गया था। इस संबंध में डीएस डाॅ. रंजन ने बताया कि संदिग्ध मरीज के भागने के संबंध में थाना को सूचना दे दी गई है। इधर पुलिस उक्त मरीज को पकड़ने के प्रयास में लगी है, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया है। कोरोना बीमारी को लेकर सदर अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में इससे पूर्व अबतक दो संदिग्ध मरीजों की मौत हो चुकी है। गत एक मई को यहां भर्ती एक कोरोना संदिग्ध वृद्ध की माैत हो गई थी। वृद्ध मरीज को हार्ट की बीमारी थी, जिनका ईलाज रांची से चल रहा था।
बड़कागांव पुलिस ने चेलंगदाग गांव स्थित बड़की नदी मांझी ग्वाट के पास अवैध कोयला खदान में छापेमारी की। छापेमारी में पुलिस ने अवैध खदान स्थल से 10 टन डंप किया गया कोयला बरामद किया। त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रात में ही जेसीबी मशीन लगाकर अवैध कोयला खदान को डोजरिंग कर भर दिया। थाना प्रभारी स्वप्न कुमार महतो ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में मुनेश्वर गंझू और सुखदेव गंझू को नामजद आरोपी बनाया गया है। दोनों अवैध ढंग से खदान से कोयले की निकासी कर कालाबाजारी कर रहे थे।
कोरोना महामारी जानें लील ही रही है। इससे बचाव के लिए लॉकडाउन के उपाय ने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। दूसरे राज्य गए मज़दूर अपने घर-गांव लौट रहे हैं। अब उनके सामने भी जीविकोपार्जन की समस्या पैदा होने लगी है। लेकिन खुशखबरी है कि खाद्यान्न संकट को दूर करने के लिए कल्याण विभाग से जुड़े झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी (जेटीडीएस) ने एक कारगर योजना बनाई है। सरकार को सार्थक सुझाव भी दिया है। योजना है कि दाल, चावल और सब्जी की सालों भर आदिवासी बहुल गांवों में दिक्कत नहीं होगी। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। जेटीडीएस 14 जनजातीय जिलों में 13 लाख एकड़ जमीन पर खरीफ फसलों की खेती करवाना चाहती है। लगभग साढ़े 7 लाख जनजातीय गांवों तक योजना का लाभ पहुंचाना है।
7.5 लाख जनजातीय गांवों को लाभ
लॉकडाउन के बाद रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाना संभव नहीं होगा। गांव पर आबादी का बोझ बढ़ेगा। जबकि आय के स्रोत कम होंगे। खाने-पीने की परेशानी बढ़ेगी। इन सभी संकट के समाधान के लिए विभाग ये कल्याणकारी योजना लेकर आया है। चिह्नित गांव में पहले बीज भेजा जाएगा। योजना के तहत 70-75 हजार एकड़ में धान, 25 हजार एकड़ में मक्का, 25 हजार एकड़ में अरहर, 10-12 एकड़ में मड़ुवा, 20 हजार एकड़ में तिलहन फसल उगाने की योजना है। लोग योजना का फायदा उठा सकें, इसके लिए ग्रामसभा की मदद ली जाएगी।
रोजगार के लिए हरित ग्राम योजना :आम, अमरूद व नींबू की होगी मिश्रित बागवानी
रांची जिले में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत होने वाली बागवानी को लेकर स्थल चयन की प्रक्रिया रांची जिले में शुरू कर दी गई है। डीडीसी अनन्य मित्तल ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में मनरेगा योजना की समीक्षा के दौरान पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि योजना स्वीकृत कराकर अविलंब कार्य शुरू करें। 20 मई के पहले गड्ढा खुदाई तथा घेराव का कार्य पूरा कराएं। मालूम हो कि बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत पहले गरीब परिवारों की रैयती जमीन पर आम का पौधा लगाया जाता था। अब आम के अलावा अब अमरूद और नींबू आदि का मिश्रित पौधरोपण किया जा सकता है। डीडीसी ने कहा कि अधिक से अधिक मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराएं, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। मुख्यमंत्री जल समृद्धि योजना के तहत भी प्रखंडों में काम शुरू करें, ताकि लोगों को रोजगार मिले।
चुटिया थाना क्षेत्र में मिले कोरोना संक्रमित क्षेत्र को अभी भी पूरी तरह से सील रखा गया है। सोमवार को इन क्षेत्रों में पुलिस की निगरानी में उन सभी लोगों की जांच शुरू हुई, जो कोरोना संक्रमित के घर के आसपास रहते हैं। सिटी एमपी सौरभ खुद चुटिया थाना क्षेत्र के उन सभी कंटेनमेंट जोन में पहुंचे, जहां पहले कोरोना संक्रमित मिले हैं। सिटी एसपी ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि जांच के दौरान कोई भी व्यक्ति हंगामा न करे। अगर कहीं भी ऐसी शिकायत मिलती है, तो उन लोगों पर थाना प्रभारी त्वरित कार्रवाई करें। मौके पर चुटिया थाना प्रभारी रवि ठाकुर भी उपस्थित थे। वहीं जांच टीम में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि वे 7:30 बजे से ही पीपीई किट पहन कर जांच के लिए तैयार थे, लेकिन उन्हें उन क्षेत्रों तक पहुंचने में काफी देर हुई। कई जगह दिन के 1:00 बजे जांच की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसकी वजह से उनको काफी परेशानी भी हुई।
अन्य राज्यों में अलग-अलग कारणों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी बिहारियों की आखिरी उम्मीद के रूप में रविवार को बिहार सरकार ने जिन 23 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के ऑनलाइन पोर्टल / वेबसाइट के लिंक की पुष्टि की, उनमें 13 एड्रेस बेकार हैं। सरकार की ओर से जारी चंडीगढ़ की साइट पर प्रवासियों के लिए कोई लिंक नहीं है, जबकि दिल्ली के लिए जारी दिल्ली पुलिस की साइट पर एनसीआर के वाहन पास की ही व्यवस्था है। गुजरात, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, राजस्थान और यूपी में फंसे बिहारियों के लिए जारी वेब एड्रेस पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। उड़ीसा और कर्नाटक की साइट पर होगी भी तो स्थानीय भाषा लिपि समझना संभव नहीं है। केरल का ऑनलाइन पता वहां लौटने वालों के लिए हैं। लद्दाख की साइट पर भी वाहन पास ही संभव है। महाराष्ट्र वाले पर कोरोना के सर्वे की व्यवस्था है। तेलंगाना का ऑनलाइन एड्रेस अत्यधिक दबाव के कारण ठप है। यह साइट सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू होगी। अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तामिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के ऑनलाइन पते सही निकले।
10 पतों पर ढूंढ़ने से मिला लिंक, ऐसे दो और लिंक मिले
पड़ताल में 13 ऑनलाइन पते पर प्रवासी झारखंडियों के लिए कोई सुविधा नहीं
मुसीबत : झारखंड में फंसे प्रवासी मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं
सभी राज्यों की सरकारें अपने प्रवासी मजदूरों को बुला रही हैं। इसके लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें भी चल रही हैं। लेकिन कई ऐसे भी प्रवासी मजदूर हैं, जो झारखंड में काम करने आए थे और लॉकडाउन में यहां फंस गए हैं। अब ना तो अपने राज्य लौट पा रहे हैं और ना ही यहां इन्हें सुविधा मिल रही है। रांची में ही ऐसे हजारों मजदूर हैं। अब ये लोग जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें भी वापस भेजने का इंतजाम किया जाए। सरकार का दावा है कि थानों में प्रवासी लोगों के खाने की व्यवस्था है, लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य लौट जाने की सलाह दे रही है।
भोपाल से छह माह पहले कमाने के लिए रांची आए थे... स्टेशन रोड स्थित एक होटल में छोटे-छोटे बच्चों के साथ 32 लोग पिछले 40 दिनों से फंसे हुए हैं। ये लोग भोपाल के रोनाया गांव के रहने वाले हैं। छह माह पहले कमाने के लिए रांची आए थे। यहां लोहे के औजार बनाकर बेचते थे। इन्हें जिस दिन लौटना था, उसी दिन पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। अब इनके सब्र का बांध टूट गया है। अपने गांव लौटने के लिए मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं।
झारखंड में वज्रपात से चार बच्चाें की माैत हाे गई। वहीं, चार लाेग झुलस गए। साेमवार की सुबह 6.45 बजे माैसम बदला अाैर घना अंधेरा छा गया। अचानक तेज हवा के साथ बारिश हाेने लगी। पलामू में चैनपुर के खुरा खुर्द गांव के बच्चे आंधी में आम चुनने गए थे। इसी दाैरान ठनका गिरा। गांव के जगदीश उरांव के बेटे आकाश (12), बिगन उरांव की बेटी मोहिता (11) की मौत हो गई, जबकि जगदीश उरांव का बेटा रामू झुलस गया। उसे सदर अस्पताल मेदिनीनगर में भर्ती कराया गया है। खुरा कला गांव के वीरेंद्र ठाकुर के बेटे विकास ठाकुर (13) की भी वज्रपात से जान चली गई। सभी तीसरी अाैर चाैथी क्लास में पढ़ते थे। इधर, गुमला में भरनो प्रखंड के मारासिली अम्बेराटोली गांव में वज्रपात से बंधना उरांव के बेटे सूरज उरांव (12) की घटनास्थल पर मौत हो गई। वह सुबह 8 बजे अपने घर के पास खड़ा था, तभी बारिश होने लगी। इसी दाैरान वज्रपात हुआ और सूरज की माैत हाे गई। वह तीसरी क्लास का छात्र था। दूसरी अाेर, लातेहार के सोतम गांव में मंगरा तुरी के घर पर वज्रपात से आग लग गई। वहीं, गुमला में किस्काे में वज्रपात से शिव मंदिर का गुंबज क्षतिग्रस्त हाे गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन और उसके बाद श्रमिकों के लिए तीन योजनाएं सोमवार को शुरू कीं। कहा- बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के जरिए मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। इससे लाखों श्रमिकों को करीब 20 करोड़ रुपए पारिश्रमिक मिल सकेगा। कोरोना संकट से जूझ रहे झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने को लेकर ये योजनाएं काफी निर्णायक भूमिका निभाएंगी। प्रोजेक्ट भवन में योजनाओं की शुरुआत करते हुए हेमंत ने कहा कि संकट के इस दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ईमानदारी व तत्परता से काम करने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। उनके नाम से योजना शुरू करने का उद्देश्य पीढ़यों को उनकी वीरता बतानी भी है।
जानिए इन 3 योजनाओं से कैसे मिलेगा फायदा
1. बिरसा हरित ग्राम : राज्य में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। 5 लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा दिया जाएगा। पौधे सुरक्षित रखने में पांच साल सहयोग किया जाएगा। बुजुर्गों और विधवाओं को प्राथमिकता। पौधारोपण के तीन साल बाद हर परिवार को 50 हजार रु. की वार्षिक आय की संभावना।
2. वीर शहीद पोटो हो खेल विकास : राज्यभर में 5000 खेल मैदान बनेंगे। युवक-युवतियों को मिलेगी खेल सामग्री। प्रखंड और जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र चलेंगे। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में विशेष अारक्षण मिलेगा।
3. नीलांबर-पीतांबर जल सम़द्धि : जल संरक्षण की संरचनाएं बना खेत का पानी खेत में रोकने का लक्ष्य। वार्षिक जल संरक्षण क्षमता 5 लाख करोड़ लीटर की वृद्धि कर 5 लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्द्धन किया जाएगा।
कठिन हालात में प्रभावी योजनाएं लागू कर रहे : आलमगीर
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग प्रभावशाली योजनाएं लागू कर रहा है।सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास होगा। वहीं पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन और उसके बाद श्रमिकों के लिए तीन योजनाएं सोमवार को शुरू कीं। कहा- बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के जरिए मनरेगा के तहत 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। इससे लाखों श्रमिकों को करीब 20 करोड़ रुपए पारिश्रमिक मिल सकेगा। कोरोना संकट से जूझ रहे झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने को लेकर ये योजनाएं काफी निर्णायक भूमिका निभाएंगी। प्रोजेक्ट भवन में योजनाओं की शुरुआत करते हुए हेमंत ने कहा कि संकट के इस दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ईमानदारी व तत्परता से काम करने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। उनके नाम से योजना शुरू करने का उद्देश्य पीढ़यों को उनकी वीरता बतानी भी है।
जानिए इन 3 योजनाओं से कैसे मिलेगा फायदा
1. बिरसा हरित ग्राम : राज्य में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। 5 लाख परिवारों को 100-100 फलदार पौधों का पट्टा दिया जाएगा। पौधे सुरक्षित रखने में पांच साल सहयोग किया जाएगा। बुजुर्गों और विधवाओं को प्राथमिकता। पौधारोपण के तीन साल बाद हर परिवार को 50 हजार रु. की वार्षिक आय की संभावना।
2. वीर शहीद पोटो हो खेल विकास : राज्यभर में 5000 खेल मैदान बनेंगे। युवक-युवतियों को मिलेगी खेल सामग्री। प्रखंड और जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र चलेंगे। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में विशेष अारक्षण मिलेगा।
3. नीलांबर-पीतांबर जल सम़द्धि : जल संरक्षण की संरचनाएं बना खेत का पानी खेत में रोकने का लक्ष्य। वार्षिक जल संरक्षण क्षमता 5 लाख करोड़ लीटर की वृद्धि कर 5 लाख एकड़ बंजर भूमि का संवर्द्धन किया जाएगा।
कठिन हालात में प्रभावी योजनाएं लागू कर रहे : आलमगीर
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग प्रभावशाली योजनाएं लागू कर रहा है।सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास होगा। वहीं पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।
लाॅकडाउन के बाद झारखंड की स्थिति कैसी हाेगी। सरकार की काैन सी नीतियां झारखंडवासियों काे संकट के दाैर से उबारने में सहायक हाेंगी, इस पर दैनिक भास्कर आज से सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें आप अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों से जानेंगे कि कैसे कोरोनाकाल के बाद विकास के नए युग की शुरुआत होगी। आज पढ़िए सीआईआई के झारखंड चैप्टर के चेयरमैन संजय सभरमल के विचार...
काेराेना महामारी संकट में राहत की बात यह है कि इस साल देश और राज्य दाेनाें में अच्छी खेती हुई है। किसानाें के खेत में फसलें, सब्जियां तैयार हैं, सरकार इन्हें बाजार उपलब्ध कराने की कार्यवाही कर रही है। जरूरतमंद, गरीबाें और मजदूराें के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं, यह सब तरीके सही प्रकार से जमीन पर उतरें, ताे लाॅकडाउन खत्म हाेते ही एक माह से बंद पड़ी इकाेनाॅमी के इंजन काे बहुत अच्छा स्टार्ट मिल सकता है। 70 प्रतिशत आम जनता के पास जब पैसे हाेंगे, तभी देश में डिमांड बनेगा और सारी उत्पादन प्रक्रिया, चाहे प्राेडक्शन हो या सर्विस, अपने पुराने अस्तित्व में आपाएंगी। इससे लाेगाें काे राेजगार मिलेगा, सरकारी खजाने काे पैसा। झारखंड उन चंद राज्याें में है जहां संक्रमण कम है। 24 में 9 जिलाें में ही संक्रमण पाया गया, वह भी मुख्यत: रांची तक सीमित है। ऐसे में सरकार की चुनाैती है कि संक्रमण काे कंट्राेल में रखे, जल्द लाॅकडाउन खाेले।
पर हां, लाॅकडाउन खाेलना जहां अत्यधिक जरूरी है, वहीं यह भी महत्वपूर्ण है कि साेशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित हाे, लाेगाें काे अासानी से मास्क, सेनिटाइजर, अस्पतालाें की सुविधाएं मिल पाएं, ऐसेनहीं हाेने पर खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में हर व्यक्ति या संस्थान काे सेल्फ डिसिप्लीन रखना हाेगा, सरकारी नियमाें का पूरा पालन करना हाेगा, डर से नहीं अपनी इच्छा से। लाॅकडाउन के बाद सरकार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। किसान-मजदूर हाें या बड़े उद्याेगपति सभी मुश्किल में हैं, वे जल्द से जल्द राहत चाहेंगे। ऐसे में सरकार काे अल्टरनेटिव मेकेनिज्म तैयार रखना हाेगा। जाे नीतियां बनें, वे जमीन तक पहुंचें, यह सुनिश्चित करना हाेगा।जैसे उन्हाेंने पंकज त्रिपाठी काे बताया
ये कदम हाे सकते हैं गेम चेंजर
केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए लांच किए गए आरोग्य सेतु ऐप को रांची जिला में अब तक 3,15,181 मोबाइल यूजर डाउनलोड कर चुके हैं। इस ऐप को सभी सार्वजनिक, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और कंटेनमेंट जोन के लिए अनिवार्य किया गया है। सोमवार को दैनिक भास्कर ने तीन कंटेनमेंट जोन के पास इस ऐप का रिएलिटी चेक किया। रतन टॉकिज चौक के समीप खड़े होने पर पता चला कि 500 मीटर के दायरे में 1173 यूजर्स ने ऐप डाउनलोड किया और 19 ने सेल्फ असेस्मेंट किया। 2 अस्वस्थ व किसी पॉजिटिव की सूचना ऐप ने नहीं दी।
जबकि, एक किमी के दायरे की जानकारी लेने पर पता चला कि 5158 ने ऐप डाउनलोड किया। 78 ने सेल्फ असेस्मेंट, 3 ने खुद को अस्वस्थ बताया। वहीं, एक कोरोना पॉजिटिव या हाई रिस्क वाले व्यक्ति की सूचना ऐप ने दी। रतन टॉकिज से एक किमी के दायरे में हिंदपीढ़ी का नाला रोड और कुर्बान चौक आता है, जहां से अबतक 58 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इधर, कांटाटोली में नेताजी नगर के पास खड़े होने पर ऐप से जानकारी मिली कि 500 मीटर के दायरे में कुल 948 यूजर्स ने इसे डाउनलोड किया है। एक भी पॉजिटिव नहीं है। भुइयां टोली में भी एक भी पाॅजिटिव नहीं मिला। जबकि यहां एक-एक कोरोना पॉजिटिव मिला है।
बॉडीगार्ड की तरह काम करता है आरोग्य सेतु
5 हजार लोग रोज कर रहे रांची जिले में ऐप डाउनलोड
ऐप डाउनलोड कराने को लेकर कंट्रोल रूम व सीएससी (प्रज्ञा केंद्र) का भी सहयोग लिया जा रहा है। सेंसेक्स 2011 के अनुसार जिले की आबादी 29,14,253 है। 90 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल उपलब्ध माना जाता है। शिवचरण बनर्जी (जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी) के अनुसार प्रत्येक दिन रांची में 4-5 हजार मोबाइल यूजर इस ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं।
रांची में सूची बनाने के बाद कराया जा रहा डाउनलोड
कोई पॉजिटिव मिलता है तो ट्रेसिंग के दौरान डायरेक्ट व इनडायरेक्ट संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर उनकी जांच कराई जा रही है। इसके साथ जिला के कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 1950 से उन व्यक्तियों को मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है। जिला में 2133 लोग जो होम क्वारेंटाइन थे उन्हें ऐप डाउनलोड कराया गया।
रांची पुलिस ने सोमवार को कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी की एक तस्वीर जारी की। इसमें कुर्बान चौक सीआरपीएफ के जवानों के साये में है और गलियां सुनसान हैं। कंटेनमेंट जोन की यही तस्वीर होनी चाहिए। पर, उसी हिंदपीढ़ी के सेंट्रल स्ट्रीट की तस्वीर दैनिक भास्कर के फोटो जर्नलिस्ट ने भी दोपहर दो बजे खींची। उसमें मेला सा नजारा है। दोनों तस्वीरें रांची की जनता की अदालत में है। फैसला आपका है...क्योंकि एक इलाके के दो चेहरे नहीं हो सकते। कंटेनमेंट जोन का तो एक ही चेहरा होना चाहिए। घरों में लोग और सुनसान गलियां-बाजार। जबकि रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता का कहना है कि सोमवार को दिन भर सीआरपीएफ के जवानों के साथ रांची पुलिस यहां गलियों और मोहल्लों में गश्त करती रही। जवान नाला रोड, ग्वालाटोली रोड, तिवारी स्ट्रीट, सेंट्रल स्ट्रीट, लाह फैक्ट्री रोड, नूर नगर, निजाम नगर, खेत मोहल्ला, मोती मस्जिद समेत अन्य जगहों पर घूमते रहे और उनकी सख्ती से लोग घरों में दुबके रहे।
कोरोना को लेकर यूनिवर्सिटीज और कॉलेज बंद हैं। लंबे समय से शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण छात्र अवसाद में न चले जाएं, इसलिए उनका हौसला बढ़ाने के लिए रांची यूनिवर्सिटी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (डीएसपीएमयू) में काउंसिलिंग सेल बनाया गया। लेकिन सेल के सदस्यों को लॉकडाउन में पढ़ाई के अलावा निजी समस्याओं का हल भी बताना पड़ रहा है। स्नातक के एक स्टूडेंट ने रोते हुए काउंसलर डॉ. आभा एक्का को फोन किया। कहा- जिससे मैं प्यार करता था, उससे ब्रेकअप हो गया, अब मैं जिंदा नहीं रह सकता, मर जाऊंगा। क्या करूं? आभा बोलीं कि पहले रोना बंद करें, पूरी बात बताएं। 70 मिनट की बातचीत के बाद कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ऑफिस आएं। वहीं, एक स्टूडेंट ने खुशी से पूछा कि परीक्षा लिये बिना ही रिजल्ट जारी हाेगा ना...। तब उसे बताया गया कि साेशल मीडिया में गलत जानकारी चल रही है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। विवि की वेबसाइट देखते रहें। वहीं सही जानकारी मिलेगी।
थानेदार ने पूछा- कोरोना को लेकर डिप्रेशन में हूं, इससे कैसे बचूं...?
काउंसलर डॉ. शशि प्रसाद ने बताया कि एक थानेदार ने फोन कर पूछा कि कोरोना को लेकर मैं डिप्रेशन में हूं, इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए। जवाब में बताया कि चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा मानकों का पालन करें। काउंसलरों का कहना है कि डिप्रेशन से संबंधित अधिक कॉल आ रहे हैं।
मेरे मां-पिता ताे भूखे नहीं साेते हाेंगे...?
रिमांड होम के बच्चाें ने भी अपने वार्डन के माध्यम से काउंसलर डॉ. आभा से कई सवाल पूछे। एक बच्चे का सवाल था कि लॉकडाउन में मेरे मां-पिता को खाना मिलता होगा या भूखे सो जाते होंगें? पढ़ाई की तैयारी कैसे करें? मन नहीं लग रहा है? काउंसलर ने प्रश्नों के जवाब दिए। वार्डन ने बताया कि रिमांड होम की काउंसलर अभी नहीं आ रही हैं।
भूखा हूं, पैसे नहीं... और पहुंच गया राशन
काउंसलर सेल के को-ऑर्डिनेटर मनोवैज्ञानिक सह जेपीएससी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. परवेज हसन हैं। इन्हें स्टूडेंट्स, कामकाजी लोग समेत कई लोगों के फोन आ रहे हैं। मोरहाबादी और बरियातू से अलग-अलग दो कॉल आए। लॉकडाउन में काम नहीं मिल रहा है। भूखा हूं, पैसे नहीं हैं। दोनों का पता लिया गया और उनके घर राशन भेज दिया गया।
कोरोना संकट में जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ-साथ अब शहरी नगर निकाय कर्मियों को भी 50 लाख का जीवन बीमा कर दिया गया है। यह 30 मार्च से लागू है और 30 जून तक प्रभावी रहेगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने इस संबंध में सोमवार को राज्य के सभी डीसी और सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के तहत कोरोना की रोकथाम और इलाज में लगे लगभग 22.12 लाख सरकारी, निजी और अनुबंध पर काम कर रहे लोग दायरे में आएंगे। महामारी से लड़ने वाले और उसे खत्म करने में इन कर्मचारियों की भूमिका काफी अहम है। ऐसे में उनके मन में सुरक्षा की भावना आए और वे इस लड़ाई में उठा रहे जोखिम और किसी अनहोनी के प्रति पारिवारिक रूप से असुरक्षा के घेरे से दूर रहे, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. कुलकर्णी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है। इसमें कोरोना संकट से लड़ रहे कर्मचारियों के लिए 50 लाख रुपए का जीवन बीमा करने की बात कही गई है।
ये निजी-सरकारी कर्मी आएंगे दायरे में
सरकारी स्वास्थ्य प्रदाता, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी, निजी अस्पताल कर्मी, सेवानिवृत्त स्वैच्छिक कर्मी, स्थानीय शहरी निकाय, 108 एंबुलेंस कर्मी, अनुबंध कर्मी, दैनिक मजदूर, एडहॉक, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के कर्मचारी।
लॉकडाउन 3.0 में मिली छूट के बाद अलग-अलग राज्यों से अपने घरों को लौट रहे श्रमिकों को ला रही ट्रेनों के किराये पर अब पूरे देश में बहस छिड़ गई है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि इस मुश्किल वक्त में केंद्र सरकार और रेलवे मजदूरों से किराया वसूल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राज्य इकाइयां इन मजदूरों का किराया भरेंगी। उनके इस बयान के बाद झारखंड में रामेश्वर उरांव ने भी घोषणा कर दी कि मजदूरों का किराया कांग्रेस देगी। उधर, भाजपा नेताओं का कहना था कि मजदूरों के किराये में रेलवे 85% सब्सिडी दे रहा है, जबकि 15% किराया राज्य सरकारों को देना है। रेलवे ने भी आधिकारिक तौर पर कहा कि ट्रेनें राज्य सरकारों की मांग पर चलाई जा रही हैं, अत: किराया भी सरकारों को ही देना है। मगर तमाम बयानबाजी के बावजूद घर लौट रहे श्रमिकों को ही किराया देना पड़ रहा है। मंगलवार को तीन ट्रेनों से 3529 मजदूर झारखंड पहुंचे। बेंगलुरु से हटिया आए 1225 श्रमिकों को 900 रुपए का टिकट लेना पड़ा। दो ट्रेनों में 2304 श्रमिक केरल से लौटे। इनमें जस्सीडीह तक गई ट्रेन में श्रमिकों को 875 और धनबाद तक गई ट्रेन में 860 रुपए का टिकट कटाना पड़ा। यानी तमाम बयानबाजियों के बीच रेलवे ने इन मजदूरों से 31 लाख रुपए किराये में वसूल भी लिए।
रेलवे ने कहा था-राज्य किराया एकत्रित कर हमें देंगे...अब किराया वसूलने पर चुप्पी
रेलवे ने 2 मई के आदेश में कहा है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना करते वक्त यात्रियों की संख्या के मुताबिक गंतव्य के लिए टिकट प्रिंट करके राज्य सरकार को सौंपे जाएंगे। राज्य के अधिकारी यात्रियों को टिकट देंगे। राज्य के अधिकारी टिकटों का किराया एकत्रित कर रेलवे को सौंपेंगे। इस आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि किराया किससे वसूला जाएगा। रेलवे के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई का कहना है कि रेलवे की ओर से इस संबंध में एक गाइड लाइन पहले ही जारी की जा चुकी है, जिसमें राज्यों की मांग पर रेल मंत्रालय ट्रेन चलाएगा और राज्य सरकार उसका भुगतान रेलवे को करेंगी। मगर अब मजदूरों से किराया वसूले जाने पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। कोविड-19 रेलवे के झारखंड नोडल अधिकारी रांची रेल मंडल के डीआरएम नीरज अंबष्ठ ने कहा कि मजदूरों से वसूला गया किराया मामला पॉलिसी मैटर है। इसमें हम कुछ नहीं बोल सकते हैं।
रामेश्वर उरांव बोले-राज्य सरकार की अंडरटेकिंग पर ट्रेन चला रहा है रेलवे
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि रेलवे, राज्य सरकार की अंडरटेकिंग के बाद ही ट्रेन चला रहा है। अंडरटेकिंग का मतलब है कि किराया राज्य सरकार को भरना है। सूचना आ रही है कि रेलवे राज्यों से 15% राशि लेगा। विधिवत सूचना नहीं मिली है। ऐसा होता है तो राज्य शेष राशि ही जमा करेगा। आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि 15% राशि भी कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार को देगी।
उद्धव ने कहा- किराया नहीं ले केंद्र; बिहार में क्वारेंटाइन के बाद रिफंड
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र से आग्रह किया कि मजदूरों से ट्रेन का किराया न वसूला जाए। वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार छात्राें के लिए सीधे रेलवे काे किराया दे रही है। वहीं, श्रमिकाें काे 21 दिन का क्वारेंटाइन पूरा करने के बाद यात्रा खर्च रिफंड किया जाएगा। साथ में 500 रुपए और दिए जाएंगे। दूसरी तरफ, साेनिया की घाेषणा के बाद राजस्थान अाैर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियाें ने घाेषणा की कि घर जाने वाले प्रवासियाें के लिए राज्य सरकार रेलवे काे भुगतान करेगी।
सीएम हेमंत बोले- छात्रों व मजदूरों से आने का नहीं लिया जाएगा कोई किराया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनका झारखंड अाना प्रारंभ भी हो गया है। जब तक वे सुरक्षित अपने घरों तक नहीं पहुंच जाते, तब तक किसी छूट पर सरकार का ध्यान ही नहीं है। जब तक मजदूर, छात्र सुरक्षित अपने घर तक नहीं पहुंच जाते, तब तक झारखंड में लॉकडाउन यथावत रहेगा। सरकार का स्पष्ट निर्णय है कि छात्रों और मजदूरों से किराया नहीं लिया जाएगा।