(पवन कुमार )झारखंड में सोमवार को लगातार दूसरे दिन कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला। सुनने में तो ये खबर सुकून देने वाली लगती है, मगर राज्य में महामारी के सर्विलांस में लगे इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) की रिपोर्ट ये सुकून हवा कर देती है। आईडीएसपी का आकलन है कि अभी कोरोना मरीजों की संख्या काबू में है। सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा इसे काबू में ही रखने की कोशिश भी शुरू कर दी है। मगर आने वाले 14-15 दिन काफी अहम होंगे। राज्य में कोरोना केसों की डबलिंग रेट और संक्रमण दर के अाधार पर आईडीएसपी की ओरसे तैयार प्रोजेक्शन रिपोर्ट के अनुसार अगले 14-15 दिनों में कोरोना केस की संख्या तीन गुनी हो सकती है। जो कि करीब 350 के आसपास होगी।
महाराष्ट्र में हर 100 टेस्ट पर 8 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, झारखंड में 0.91...मगरवह हमसे 1056% ज्यादा टेस्ट कर चुका है, तभी मरीज मिलने की दर ज्यादा
झारखंड में अभी प्रति 100 टेस्ट पर 0.91 मरीज मिल रहे हैं। यह दर बहुत कम है। जबकि महाराष्ट्र में प्रति 100 टेस्ट अभी 8.12 मरीज मिल रहे हैं। हालांकि सच्चाई ये भी है कि महाराष्ट्र में अब तक 1.5 लाख से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। यानी हमारे 13815 टेस्ट से 1056% ज्यादा टेस्ट हुए हैं।
प्रति 10 लाख की आबादी पर टेस्टिंग में हम पीछे : प्रति 10 लाख की आबादी पर टेस्टिंग के मामले में हम देश में बहुत पीछे हैं। हमसे बदतर स्थिति में सिर्फ चार राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और नगालैंड ही हैं।
प्रति 10 लाख आबादी पर टेस्टिंग
राज्य टेस्ट कुल केस
दिल्ली 2574 3738
अांध्र प्रदेश 2050 1525
तमिलनाडु 1824 2526
राजस्थान 1456 2666
झारखंड 339 116
असम 336 43
नागालैंड 308 01
बिहार 220 471
प. बंगाल 215 795
डबलिंग रेट ज्यादा, फिर भी झारखंड में टेस्ट कम
वर्तमान में झारखंड में कोरोना केस के डबलिंग की रफ्तार 9 दिन की आसापास है। वहीं देश का डबलिंग रेट 12 है। इसके बाद भी झारखंड में जांच की संख्या में तेजी नहीं अा रही है। सबसे बड़े टेस्ट सेंटर रिम्स की लैब बंद होने से भी टेस्टिंग की रफ्तार काफी कम हो गई है। सोमवार को भी पीएमसीएच धनबाद, एमजीएम जमशेदपुर व आरोग्यशाला इटकी को मिलाकर कुल 479 ही सैंपल जांचे गए। जबकि सिर्फ रिम्स में ही रोज 350 के करीब टेस्ट होते हैं। टेस्टिंग के मामले में देश में झारखंड 24वें स्थान पर है।
3 दिन से बंद रिम्स की लैब आज खुलेगी...मगर टेस्टिंग शुरू होने पर संदेह
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में चल रही कोरोना टेस्टिंग लैब 3 दिन बाद मंगलवार को दोबारा खुलेगी। यहां सैंपल कलेक्शन तो होगा, मगर टेस्टिंग शुरू होने पान पर अभी संदेह है। कारण ये कि रिम्स में आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे टेक्नीशियन हड़ताल पर हैं। 30 अप्रैल को कोरोना टेस्टिंग लैब के टेक्नीशियन के पॉजिटिव पाए जाने पर सभी टेक्नीशियन बेहतर किट और क्वारेंटाइन की मांग पर हड़ताल पर चले गए थे। अब 14 टेक्नीशियन ही काम पर लौट रहे हैं, जबकि 22 अब भी हड़ताल पर हैं।
डुमरी प्रखंड के लगभग एक दर्जन छात्र-छात्रा सोमवार को कोटा से अपने-अपने घर पहुंचे। सभी छात्र-छात्रा सरकार द्वारा चलाये जा रहे विशेष ट्रेन से धनबाद स्टेशन पहुंचे थे। जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियिुक्त दण्डाधिकारी की देखरेख में सभी को जिला मुख्यालय लाया गया। जहां से सभी को अपने अपने प्रखंड पहुंचाया गया। घर पहुंचे सभी छात्र-छात्राओं को होम क्वारंटाइन में रहने, सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने और घर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है। कोटा से डुमरी प्रखंड आने वाले छात्र-छात्राओं में पूजा कुमारी, गौतम कुमार राणा, सीमा पटेल, विनीता भगत, सचिन कुमार, अजहर हुसैन, दिव्या कुमारी, ज्योति कुमारी, हर्ष कुमार, अवन कुमार, शिवानी साह और प्रशांत कुमार हैं।
जिलावार व्यक्तियों की संख्या
अररिया-13, बांका-06, बेगूसराय-03, जमुई-04, कटिहार-01, खगड़िया-03, लखीसराय-07, मुंगेर-05, मुजफरपुर- 11, सहरसा-01, शेखपुरा-06, सुपौल-02, भागलपुर-04, मधेपुरा-04, दरभंगा-03, मधुबनी-03, मोतिहारी-06, नालंदा-06, नवादा-10, पटना-03, सीतामढ़ी-07, शिवहर-01
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनका झारखंड आना प्रारंभ भी हो गया है। जब तक वे सुरक्षित अपने घरों तक नहीं पहुंच जाते, तब तक दूसरे किसी छूट पर सरकार का ध्यान ही नहीं है। अन्यथा न हम छूट वाले क्षेत्र पर ध्यान दे पाएंगे और ना ही प्रवासियों पर ही। इसलिए जब तक मजदूर, छात्र व अन्य सुरक्षित अपने घर तक नहीं पहुंच जाते, तब तक झारखंड में लॉकडाउन यथावत रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्णय है कि बाहर से आनेवाले छात्रों और मजदूरों से कोई किराया नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाहर से आने वाले मजदूरों को होम क्वारैंटाइन में भेजने के साथ ही उन्हें 20 दिनों के अनाज का पैकेट दिया जा रहा है।
जरूरत के अनुसार प्रवासियों को लाने के लिए बसों की संख्या बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बसों से प्रवासियों को लाया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने पोर्टल बनाया है। उस पर आनेवाले और जानेवाले का पूरा डिटेल डाटा जमा हो रहा है। असने वालों की संख्या बढ़ने पर बसों की भी संख्या बढ़ायी जाएगी। एेसा नहीं है कि एक बस के जाने के बाद दूसरी नहीं जाएगी। धैर्य रखें, सबको झारखंड सरकार सुरक्षित लाएगी।
राज्य में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होमों के द्वारा गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं लिए जाने और इलाज से इंकार करने को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य सचिव नितिन कुलकर्णी ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी अस्पताल (सरकारी या फिर निजी) गैर कोरोना मरीजों को इलाज से वंचित नहीं रख सकते। लेकिन कई निजी क्षेत्र के अस्पताल अपने नियमित रोगियों को डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी तथा संस्थागत प्रसव जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में संकोच कर रहे हैं।
संक्रमण के भय के कारण वे अपने अस्पतालों और क्लिनिक को बंद रखे हुए हैं। यह भी देखा गया है कि कई स्थानों पर अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से पहले कोरोना जांच कराने पर पर जोर दे रहे हैं। जबकि आईसीएमआर के द्वारा कोविड-19 के टेस्ट के लिए गाइडलाइन निर्धारित है। आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के अनुसार ही कोविड-19 का टेस्ट किया जा सकता है। अगर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से यह आवश्यक हो तो अस्पताल संचालक पीपीई किट का उपयोग कर सकते हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि कोरोना रोगियों के डायलिसिस, ब्लड टांसफ्यूजन, गैर सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मामले को पता करने तथा व्यक्तिगत सुरक्षा के तर्कसंगत उपयोग पर भी दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। केंद्र सरकार की ओर से भी आदेश जारी किया गया है कि सभी अस्पताल क्लिनिक, विशेषकर निजी क्षेत्र के लोग मरीजों का इलाज करें।
डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी, संस्थागत प्रसव जैसी सेवाएं निश्चित रूप से संचालित करें। इसका अनुपालन उसका अनुपालन नहीं करने पर इसे गंभीरता से देखा जाएगा और कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें डिफॉल्टर अस्पताल नर्सिंग होम का पंजीकरण रद्द भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की जा रही तीन योजनाओं के माध्यम से 25 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है। इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपए लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा। यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करने का ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा सके। हमें सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है। झारखंड का रोजगार खेतों से जुड़ा है। संक्रमण के दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी व बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न न हो इस निमित्त कार्य योजना तैयार कर ली गई है। शुरू की गई योजनाएं निर्णायक भूमिका निभाने वाली होंगी। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित तीन योजनाओं के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के जरिये सरकार द्वारा सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधा का पट्टा भी दिया जाएगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधारोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। सरकार ने पंचायत स्तर पर खेल का मैदान निर्माण करने की योजना शुरू की है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के माध्यम से जहां एक ओर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के कार्य करेगी, वहीं, खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जाएगा। इस योजना का नाम वीर शहीद पोटो हो करने का उद्देश्य वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को वीर शहीद की वीरता से अवगत भी कराना है। वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। 1 जनवरी 1838 को सेरेंगसिया घाटी में वीर शहीद पोटो हो शहीद हो गए थे। इसलिए खूंटपानी में हर वर्ष पहली जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मनरेगा के तहत तेजी से रोजगार सृजन ही लक्ष्य: आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास मंत्री श्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग द्वारा योजनाओं को लागू किया जा रहा है। किसानों को लाभ देने के लिए नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना लागू की गई है। सामाजिक दूरी बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार देने का प्रयास होगा।
राज्य को जो चाहिए उसे धरातल पर उतारा जा रहा है: मिथलेश ठाकुर
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की यह अनूठी पहल है। यह राज्य के लिए सुनहरा दिवस है। झारखंड की धरती को जो चाहिए उसे धरातल पर उतारा जा रहा है। योजनाओं से कृषि की उत्पादकता क्षमता में वृद्धि होगी। इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।
प्रमुख योजनाएं एवं उसके मुख्य विशेषताएं
वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना
नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना
बिरसा हरित ग्राम योजना
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को वापस लौटने में कांग्रेस पार्टी मदद करेगी। मजदूरों के किराए की राशि पार्टी की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फंसे प्रवासी कामगारों की घर वापसी के लिए खर्च वहन किये जाने को लेकर लिये गये महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला लिया है और इसके लिए प्रदेश कांग्रेस को आवश्यक निर्देश दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर उरांव ने सोमवार को भास्कर को यह जानकारी दी।
डॉक्टर उरांव ने बताया कि मदद मांगने वाले सभी मजदूरों को उनके आने का किराया दिया जाएगा। यह राशि कैसे दी जाएगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है। राज्य के सभी जिलों में कांग्रेस पार्टी का कंट्रोल रूम खोला गया है। अब हेल्प लाइन कार्यालय खोला जाएगा। संबंधित जिलों में मजदूरों के परिजन उक्त कार्यालय से संपर्क कर बाहर में फंसे अपने परिजन का नंबर लिखा सकते हैं। उसे दिल्ली के कांग्रेस कार्यालय मे भेजा जाएगा और वहीं से सभी प्रवासी मजदूरों को किराए की राशि संबंधित राज्य में भेज दी जाएगी।
कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा लगातार प्रवासी श्रमिकों को मदद मुहैय्या कराने की मांग केन्द्र सरकार से की जा रही थी, जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया और ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने चार घंटे के शॉर्ट नोटिस पर पूरे देश में पूर्णतः तालाबंदी का निर्णय लिया और 40 दिन से अधिक समय से लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के समक्ष खाने-रहने को लेकर भी गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, मजदूर मुश्किल में है, उनका पॉकेट खाली है, ऐसे में रेलवे द्वारा इन्हें घर पहुंचाने में भी किराया वसूली का निर्णय लिया है, जो केन्द्र सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। इसलिए झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को ससम्मान उनके घरों में पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी ट्रेन का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।
डॉक्टर उरांव ने यह भी कहा कि झारखंड में फंसे मजदूरों को भी उनके राज्य में भेजने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से झारखंड के विभिन्न जिलों में भी फंसे कामगारों को पड़ोसी राज्यों की सीमा तक निःशुल्क रूप से छोड़ने का काम किया जा रहा है। जबकि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए विभिन्न राज्यों से स्पेशल ट्रेन चलाने की व्यवस्था को लेकर भी बातचीत की जा रही है। विभिन्न जिला मुख्यालयों से भी प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए सैकड़ों यात्री बस पड़ोसी राज्यों के लिए रवाना हो चुकी है।
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि लाकडाउन की स्थिति से उबरने के बाद कृषि विभाग किसानों को राहत देने के लिए लगातार विशेषज्ञों व कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क में है। राज्य सरकार की और से केंद्र से भी 3900 करोड़ रुपए का सहयोग राशि आपदा में इस स्थिति से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मदद करने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। किसानों का समय पर बीज उपलब्ध हो इसके लिए टेंडर निकाला गया था। सिंगल संवेदक के भागीदारी से दोबारा टेंडर करना पड़ रहा है। बादल सोमवार को प्रदेश कांग्रेस भवन में कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लाकडाउन की वजह से गतिविधियों में शिथिलता आई है। इसके बावजूद राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में हमेशा महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कृषकों की मुश्किल दूर करने में सरकार पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है।
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस राहत निगरानी (कोविड-19) समिति की बैठक रांची स्थित प्रदेश कांग्रेस कंट्रोल रुम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में हुई। इसमें एआईसीसी के महासिव सह प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव से प्रवासी श्रमिकों की वापसी को लेकर विस्तृत कार्ययोजना पर फोन पर बातचीत की।
लॉकडाउन तीन की सोमवार से शुरुआत हो चुकी है। किसी भी क्षेत्र में कोई छूट नहीं दी गई है। रांची रेड जोन में है। ऐसे में यहां पुलिस की सख्ती बरकरार है। सोमवार की सुबह से माैसम परिवर्तन ने भी लोगों को घरों में रोके रहने में मददगार साबित हुआ। सुबह से हो रही बूंदाबांदी की वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, शहर को सैनिटाइज करने के लिए 20 वाहनउतारे गए हैं।
राजधानी में चारों ओर कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने के बाद नगर निगम ने सैनिटाइजेशन का दायरा बढ़ा दिया है। निगम की ओर से अब गली मुहल्लों के अलावा झुग्गी झोपड़ियों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। सोमवार को निगम ने 20 वाहनों को सैनिटाइजेशन अभियान में लगाया। मंगलवार से 28 वाहन और 500 स्प्रे मशीन से शहर के सभी वार्डों को सैनिटाइज करने का अभियान शुरू किया जाएगा।
राजधानी रांची का मौसम सुबह से ही बदला, तेज हवा के साथ हुई बूंदाबांदी
रांची में सुबह तेज हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। ऐसे में सड़कों पर काफी कम वाहन दिखे । सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी ही अधिकतर सड़कों पर नजर आए, जो दफ्तर जा रहे थे। अपर बाजार खाद्य सामग्री की दुकान भी इक्का-दुक्का ही खुली हुई है। चौक चौराहों पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है, जो वाहन सवारों को रोककर पूछताछ करने में जुटी हुई है।
हिंदपीढ़ी में सीआरपीएफ को बाहर खड़ा किया, अंदर रांची पुलिस की खुली छूट
वहीं, सीआरपीएफ भी हिंदपीढ़ी में लॉकडाउन पूरी तरह पालन नहीं करा पा रही है। हिंदपीढ़ी को शहर से जोड़नेवाली हर सड़क पर बैरिकेडिंग करके वहां सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा यहां 37 सीसीटीवी कैमरे, 7 ड्रोन और एक हजार पुलिस जवान लगाए गए हैं। इसके बावजूद पूर्ण लॉकडाउन का पालन नहीं हो पा रहा है। सीआरपीएफ जवान तो मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन अंदर गलियों में तैनात जिला पुलिस सुस्त पड़ी हुई है। उसके सामने लोग भीड़ लगा रहे हैं, पर वह उन्हें रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है।
हिंदपीढ़ी में स्क्रीनिंग की रफ्तार तेज हुई
इधर, जिला प्रशासन ने कोरोना हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी के लोगों की स्क्रीनिंग का काम तेज कर दिया है। लगातार तीसरे दिन रविवार को कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी में स्वास्थ्य विभाग की 35 टीमें पहुंचीं और डोर-टू-डोर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की। रविवार को हिंदपीढ़ी के ग्वालटोली, नूर नगर, मुजाहिद नगर, तीसरी गली, बांस पुल और निजाम नगर में स्क्रीनिंग का काम हुआ। इस दौरान मेडिकल टीम में शामिल डॉक्टर, एएनएम एवं सहिया ने घर-घर जा कर लोगों से कोरोना के लक्षणों के बारे में पूछताछ की। साथ ही, इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंपरेचर जांची गई।
निगम ने सैनिटाइजेशन के लिए 200 स्प्रे मशीन, 26 टैंकर मंगाए
राजधानी के 53 में से 10 वार्डों में कोरोना फैल चुका है। इससे पूरे शहर के लोगों में हड़कंप है। लोग रोज पूरे शहर को सैनिटाइज कराने की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए नगर निगम ने 4 मई से बड़े पैमाने पर सैनिटाइजेशन अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 200 नई स्प्रे मशीनों की खरीदारी की गई है। साथ ही, कुल 26 टैंकर और वाहनों को तैयार किया गया है।
नए राशन कार्ड का आवेदन दिए हैं तो 10 किलो चावल मिलेगा
वहीं, रांची जिले में नया राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन करने वालों को 10 किलो चावल मिलेगा। इसका लाभ लेने के लिए आवेदकों को राशन कार्ड के आवेदन के एक्नॉलेजमेंट नंबर की रसीद और आधार कार्ड संबंधित डीलर को दिखाना होगा। इसके बाद ₹ एक रुपए की दर से आवेदक को 10 किलो चावल दिया जाएगा। रांची जिले के 18 प्रखंड और चार अंचल क्षेत्र में चावल वितरण शुरू हो गया है। अभी तक करीब 617490 केजी चावल बंट गया है।
राजधानी रांची में सोमवार सुबह सड़क हादसे में कोरोना वॉरियर की मौत हो गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उसे रिम्स में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना वॉरियर के सिर में चोट लगी थी। बताया जा रहा है कि मृतक रांची नगर निगम का सफाई कर्मी था। रांची के हॉट स्पॉट हिंदपीढ़ी स्थित वार्ड नंबर 23 में कूड़ा उठाने की ड्यूटी के लिए वो जा रहा था।
मृतक की पहचान नगर निगम कर्मी जीतेंद्र सुपन भगत के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, 26 वर्षीय जीतेंद्र रोजाना की तरह सोमवार को सुबह कांके स्थित अपने घर से हरमू बायपास स्थित मिनी कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन आ रहा था। यहां से उसे हिंदपीढ़ी अपनी ड्यूटी के लिए जाना था। इसी क्रम में पोटपोटो नदी के पास विपरीत दिशा से जा रहे एक वाहन से बचने के क्रम में उसका बैलेंस बिगड़ गया और वह स्कूटी सहित रोड पर गिर पड़ा। इससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में उसे रिम्स पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।
इधर, घटना के बाद नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दयानंद यादव ने बताया कि सरकार ने सफाई मित्रों का 50 लाख का बीमा कराने का वादा किया था। इसका लाभ मृतक के परिजन को दिलाने के लिए सभी कर्मचारी एकजुट हैं। ये लाभ मृतक के परिजनों को मिलना चाहिए।
हेमतपुर में मंडा पर्व सोमवार को संपन्न हुआ। अहले सुबह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पांच शिव भक्तों ने दहकते अंगारों पर चलकर शिव भक्ति का अटूट परिचय दिया। तीन दिवसीय इस मंडा पर्व में हुप्पु के पंडित सुरेश उपाध्याय ने भक्तों को विधि विधान से पूजा अर्चना करवाई। शिव भक्तों ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को जड़ से समाप्त करने की प्रार्थना की।
स्थानीय मुखिया बजरंग कुमार महथा ने बताया कि मंडा पर्व गांव में सदियों से मनाया जाता है। इसमें लोटन सेवा के अलावा संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता था। कोरोनावायरस कोविड 19 के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।
इसके तहत पांच लोगों को पूजा में शामिल होने की अनुमति गांव के लोगों ने दी। मौके पर राजेश कुमार महतो, अंजनी कुमार, जलेश्वर महतो, माना महथा, रोहन महथा, मंजीत कुमार, सुनील महथा, राज कुमार महथा, झरिया बेदिया, कामेश्वर महतो आदि लोग मौजूद थे।
बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत योजना का स्थल चयन, स्वीकृति कराकर अविलंब कार्य शुरू करें। 20 मई के पहले गड्ढा खुदाई तथा घेराव का कार्य को पूर्ण किया जाए। यह निर्देश सोमवार को डीडीसी अनन्य मित्तल ने समाहरणालय सभागार में मनरेगा योजना की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने मुख्यमंत्री जल समृद्धि योजना के तहत ट्रेंच सह बंड, फील्ड बंड, नाला की सफाई, लूज बोल्डर स्ट्रक्चर,सोक पिट (सार्वजनिक स्थान के लिए) योजना को स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराने का निर्देश सभी प्रखंडों को दिया गया।
अधिक से अधिक मजदूरों को कार्य में लगाने का निर्देश
सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को मनरेगा कार्य में तेजी लाने का निर्देशदिया गया। साथ ही अधिक मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराने का निर्देशदिया गया ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। मालूम हो कि राजधानी में चल रहे मनरेगा योजना के तहत 13 हजार से अधिक मजदूर कार्यरत है।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
मजदूरों को सोशल डिस्टेंनसिंग, नाक-मुंह को गमछा से ढंककर एवं हाथ की दूरी के साथ कार्य कराने का निर्देश दिया गया। डीडीसी ने स्पष्ट कहा कि कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है ताकि संक्रमण का खतरा किसी भी स्तर पर ना रहे। बैठक में निदेशक, डीआरडीए, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जेएसएलपीएस उपस्थित थे। इसके अलावा
बैठक में जिला के सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे।
लॉकडाउन के दौरान दर्द से कराह रही एक महिला को सदर थाना की पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया। सोमवार को पुलिस को सूचना मिली की गुड़िया नाम की गर्भवती महिला एक बच्ची के साथ लातेहार स्टेशन के प्लेटफार्म में बैठी थी। वाहन नहीं चलने के कारण लोग उसकी सहायता नहीं कर पा रहे थे। करीब ढाई घंटे बाद जब इस बात की जानकारी थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता को मिली जिसके बाद वे तुरंत स्टेशन पहुंचे।
इसके बाद उन्होंने पुलिस की जीप में गर्भवती महिला, उसकी अबोध बच्ची व एक ग्रामीण महिला को अपने वाहन में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। गर्भवती महिला ने बताया कि उसकी दो और छोटी बच्ची है, जो सदर थाना क्षेत्र के बेरी पंचायत अंतर्गत बेरितांड गांव में एक किराए के मकान में अकेली है। घर में खाने पीने के लिए अनाज भी नहीं है। उसका पति तीन दिन से लापता है। थाना प्रभारी ने उक्त महिला को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया। गर्भवती महिला अपने आप को बिहार के वैशाली जिला की रहने वाली बताती है।
थाना प्रभारी द्वारा मदद का भरोसा दिलाए जाने की बात सुन महिला रो पड़ी। महिला ने कहा कि इस संकट की घड़ी में मेरे लिए आप किसी भगवान से कम नहीं है। गौरतलब है कि लॉकडाउन थ्री में भी झारखंड सरकार ने ग्रीन जोन में रहने के बावजूद लातेहार जिले की जनता को राहत नहीं दी है। बाजार बंद है, वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। सुबह में 2 घंटे की छूट दिए जाने के दौरान ही लोग जरूरत के सामान के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। सुबह 9:00 बजे के बाद लातेहार की सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है।
सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड से रविवार की रात कोरोना संदिग्ध एक मरीज भाग निकला। वो मछरदानी के सहारे आइसोलेशल वार्ड के फर्स्ट फ्लोर से नीचे कूदा औरबाहर भाग निकला। मरीज पटना जिला के शेखपुरा का रहने वाला था। उसके भागने के संबंध में थाने को सूचना दे दी गई है।
35 वर्षीय मरीज में कोरोना के लक्षण दिखने परउसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था। चिकित्सकों द्वारा उसे गत 29 अप्रैल को सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां उसका स्वाब कलेक्शन करने के बाद उसे उसी दिन डोमचांच स्थित आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।
यहां से मरीज ने एक अप्रैल को भी भागने का प्रयास किया था। इसकी सूचना के बाद उसे सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लाया गया था। जहां से मरीज रविवार की रात वार्ड के पीछे मछरदानी के सहारे निकलकर भागने में सफल रहा। आइसोलेशन वार्ड में उसे एक अलग कमरे में रखा गया था। इस संबंध में डीएस रंजन ने बताया कि इस संबंध में थाने को सूचना दे दी गई है।
झारखंड में अब तक 116 कोरोना संक्रमण के केस आ चुके हैं। रविवार की देर शाम मुख्य सचिव सुखदेव सिंह द्वारा लॉक डाउन थ्री में किसी प्रकार की छूट नहीं दिए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया। कोरोना प्रभावित दूसरे राज्यों से भारी संख्या में आ रहे श्रमिकों, छात्रों को देखते हुए झारखंड में एहतियातके तौर पर अभी कोई छूट नहीं दी जाएगी। 21 अप्रैल के बाद 3 मई को पहली बार कोई संक्रमित नहीं मिला था। अब तक4 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में रविवार को 5 और मरीजों ने कोरोना को मात दे दी।
लॉकडाउन फेज-3 के पहले दिन सोमवार को राज्य के 11 संक्रमित जिलों विशेषकर रांची में सख्ती बरती जा रही है। वहीं अन्य जिलों में भी लॉकडाउन का पालन पुलिस-प्रशासन द्वारा सख्ती से कराया जा रहा है। सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाकर शहर के अंदर और जिले की सीमा पर वाहनों की जांच की जा रही है। पर्याप्त कागजात होने पर वाहनों का आगे जाने दिया जा रहा है। वहीं लॉकडाउन फेज-3 को लेकर राज्य में आवश्यक खाद्य सामग्रियों की दुकान, दूध, फल, सब्जी, मेडिकल व पंखा की दुकानें ही खुलीं हैं। अन्य किसी भी तरह की दुकानों को खोलने पर पाबंदी है। इस दौरान सोशल डिस्टेंस बनाकार ही समानों की खरीदारी करनी है।
कोरोना अपडेट्स
राज्य में कुल 116 संक्रमित: रांची के 84, बोकारो 10, पलामू 03, हजारीबाग 03, गढ़वा 03, धनबाद 02, गिरिडीह, 02, सिमडेगा 02, देवघर 04, जामताड़ा में 02 और गोड्डा में 01 मरीज में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
राज्य में अब तक 04 की मौत: रांची में तीन जबकि बोकारो के एक मरीज की मौत हो चुकी है।
राज्य में स्वस्थ्य हुए 27 मरीज: रांची में 10, बोकारो में छह, धनबाद में दो, हजारीबाग में दो, देवघर में दो, सिमडेगा में एक जबकि राज्य के अन्य जिलों से संक्रमित मरीजों में 04 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
लॉकडाउन में सभी लोगों का स्वास्थ्य बना रहे इसके लिए रामगढ़ नगर परिषद उपाध्यक्ष मनोज महतो इन दिनो रोजाना जरूरतमंदों के बीच मास्क, साबुन तथा अनाज का वितरण कर रहे है। रविवार को भी उन्होंने क्षेत्र के वार्ड नं0 एक एवं दो के सांडी, तिलैया, धनहारा में करीब 1000 मास्क एवम साबुन का वितरण किया। मौके पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों का स्वास्थ्य बना रहे इसके लिए उनको हर संभव मदद किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाकर रहने ,लॉकडाउन में घर से निकलने से पहले मास्क लगाने व खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की लोगों से बात कही । मौके पर आजसू जिला मीडिया प्रभारी जयकिशोर महतो, तीर्थलाल बेदिया, भीम महतो, युगल महतो, रामप्रसाद बेदिया आदि मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों और श्रमिकों के लिए 20 लाख रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से वृहद कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने बताया कि श्रम कानून में संशोधन करने का कैबिनेट ने फैसला किया है, जल्द ही आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। इस वृहद कार्ययोजना के तहत जो भी हमारे श्रमिक और कामगार बाहर से आ रहे हैं, उन्हें विभिन्न इकोनोमिक सेक्टर्स में रोजगार देने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
यह जानकारी शनिवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों में वेतन देने की कार्यवाही करते हुए 56,696 इकाइयों में 641 करोड़ रुपए वितरण किए गए हैं। अब तक 31 लाख 23 हज़ार कामगारों को 312 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।
प्रदेश में 1800 एक्टिव केस, 1399 लोग उपचारित होकर लौटे अपने घर : अमित मोहन प्रसाद
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में इस समय 1800 एक्टिव केस हैं और 1399 लोग उपचारित होकर अपने घर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कल 4525 नमूनों की जांच की गई साथ में 334 पूल टेस्टिंग भी कि गई, जिसमें 25 पूल पॉजिटिव पाए गए। अब तक प्रदेश में कुल 1 लाख 24 हज़ार 791 नमूनों की जांच हो चुकी है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, साबुन-पानी से हाथ धोते रहें और मास्क से मुंह को ढककर रखें।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान अवनीश अवस्थी ने बताया कि अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित लाया जाए और कोई किसी भी हाल में पैदल ना निकलें।
अगले दो दिनों में 98 ट्रेने कामगारों को लेकर आएंगी
अवनीश अवस्थी ने बताया किशाम तक कुल मिलाकर 114 ट्रेनों में लगभग 1 लाख 20 हज़ार से अधिक लोग उत्तर प्रदेश पहुंच जाएंगे। इसके अतिरिक्त 98 ट्रेनों की अनुमति आगामी 2 दिवसों के लिए जारी कर दी गई है, यानि एक दिन में 40 से अधिक ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 दिनों में हरियाणा से लगभग 5 हज़ार से अधिक लोग और राजस्थान से लगभग 10 हज़ार से अधिक लोगों को लाया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तृतीय चरण के पहले तक हम 1 लाख 66 हज़ार से अधिक लोगों को प्रदेश ला चुके हैं।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक 11 ट्रेनें लखनऊ और गोरखपुर में आई हैं जोकि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के उतरते ही क्वारैंटाइन सेंटर में सभी का मेडिकल चेकअप किया जाता है और इसके बाद उन्हें अपने-अपने जनपद तक छोड़ दिया जाता है।
अवनीश अवस्थी ने बताया किआयुष कवच मोबाइल ऐप को लोग काफी संख्या में डाउनलोड कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड 19 कि जंग में महामारी से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकारी विभागों, निगमों और अन्य संस्थानों के कर्मियों के कार्य को लेकर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण में अब प्रदेश में 18 करोड़ लोगों के लिए राशन कि व्यवस्था कर दी गई है।
उप्र में मरीजों की रिकवरी दर 42 फीसदी
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मरीजों के रिकवरी प्रतिशत को और मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का रिकवरी प्रतिशत 42 प्रतिशत है लेकिन अभी इसको और भी अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने 52 हज़ार कोविड अस्पतालों के एल 1, 2, 3 बेड के लक्ष्य को पूरा करने पर संतोष व्यक्ति किया है। उन्होंने इस व्यवस्था को और आगे ले जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूल टेस्टिंग में भी हमारा प्रदेश प्रथम स्थान पर है लेकिन इस व्यवस्था को भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों में पीपीई किट और मास्क के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने जिलाधिकारी और सीएमओ को भी निर्देश दिया है कि आपातकालीन सेवा देने वाले अस्पतालों को व्यवस्थित रूप से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों में मजबूती से कार्य करने की आवश्यकता है।
आगरा में एक तरफ जहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 700 को पार कर गया है वहीं दूसरी ओर मृतकों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पर इलाज के लिए लाए गए सेंट्रल जेल के कैदी धीरेंद्र की शनिवार को कोरोना संक्रमण के चलते मौतहो गई है।शहर में यह 24वीं मौतहै। देवेंद्र इलाज के बाद तीसरे दिन आई रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। घटना के बाद जेल प्रशासन ने जेल को सैनिटाइज करवाया था और उसे आइसोलेट करने के साथ 14 अन्य कैदियों को क्वारैंटाइन किया गया था।
जेल अधीक्षक वीपी सिंह ने मौत की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अन्य कैदियों की अभी रिपोर्ट नहीं आई है। कैदी के मौत के बाद सेंट्रल जेल के कैदी और बंदी रक्षकों के अंदर दहशत फैली हुई है। जेल के अंदर कोरोना का संक्रमण होने के बाद से अब जेलों की व्यवस्था करना भी एक बड़ी चुनौती बन गया है।
चिकित्सकों को दी जा रही इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल की ट्रेनिंग
इस बीच आगरा के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल के लिए ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। इस दौरान एक बार में 13 से 25 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। डॉक्टरों को सीएमओ आगरा की देखरेख में ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक 250 से ज्यादा निजी चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। वहीं आगरा में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 700 के पार चला गया।
उत्तर प्रदेश में बहराइच के गंडारा के पास स्थित पैनाघाट के निकट वाहन चेकिंग के दौरान रोकने पर गौ तस्करों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी । जिसके जवाब में पुलिस ने मोर्चा सम्हालते हुए जवाबी फायरिंग की। पुलिस व गौ तस्करों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में एसओ समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी कर दो गौ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। पैर में गोली लगने के कारण दोनों तस्करों को भर्ती कराया गया है।
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। कैसरगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह अपने दलबल के साथ पैना घाट के निकट वाहन चेकिंग कर रहे थे। तभी दो व्यक्ति एक मोटरसाइकिल पर आते दिखाई दिए। बाइक पर नंबर प्लेट न होने पर पुलिस ने वाहन को रोका तो वाहन पर सवार लोगों ने फायर झोंक दिया और मोटरसाइकिल छोड़कर कच्चे रास्ते पर भागने लगे। पुलिस ने जब उन्हें दौड़ाया तो उन्होंने पुलिस पर ताबड़तोड़ कट्टे से फायरिंग कर दी।
जवाबी फारिंग में पुलिसकर्मी हुए घायल
इस फायरिंग में कोतवाल संजय कुमार सिंह, चौकी प्रभारी प्रकाश त्रिपाठी व मनीष यादव के हाथ में गोली लग लगी। जवाब में साथ मे मौजूद पुलिस कर्मियों ने गोली चलाई। जिसमें दुल्ला पुत्र पुत्तन व राजू पुत्र गोबरे के पैर में गोली लगी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को दबोच लिया व उन्हें घायल अवस्था में सीएचसी कैसरगंज में भर्ती कराया है।
पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया की पकड़े गये दोनों युवक शातिर इनामी अपराधी हैं। इनके ऊपर जनपद बहराइच , गोंडा में गो हत्या के 20से अधिक मामले समेत अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इनके पास से दो अवैध असलहे समेत काफी संख्या में कारतूस बरामद बरामद हुए है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच राज्य के जालौन में शनिवार को झांसी मेडिकल कॉलेज से आई जांच रिपोर्ट में 19लोग संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 31तक पहुंच गई है। पॉजिटिव आए लोागें में जिले के एक अस्पताल में डायलिसिस कराने वाला हमीरपुर का युवक भी शामिल है। वहीं उरई के एक चिकित्सक की लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनकी पत्नी भी पॉजिटिव पायी गई थीं लेकिन उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आज डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने 7 मई तक 665 लोगों के नमूने लेकर जांच के लिये भेज थे, जिसमें से 580 लोगों की रिपोर्ट शुक्रवार तक आ गई थी, जिसमें 19मरीज पॉजीटिव पाये गये थे, और 77 की रिपोर्ट आनी शेष थी। आज शेष रिपोर्ट में कुछ की रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास पहुंची, जिसमें से 19लोग पॉजिटिव पाए गये। जो लोग पॉजिटिव पाए गये है, उसमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। जबकि हॉटस्पॉट एरिया में 7 लोग कोरोना पोजिटिव पाए गये हैं। जिसमें 4 मरीज कृष्णा नगर, 2 मरीज तिलक नगर और 1 मरीज पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल है।
हॉटस्पॉट इलाके में 5 लोगों में कोरोना की पुष्टि
वहीं हॉटस्पॉट एरिया के बाहर कालपी नगर में 5 लोगों को कोरोना की पुष्टि हुई है। वही एक मरीज हमीरपुर जनपद के चिल्ली गांव का रहने वाला है जो उरई के कान्हा पैथोलॉजी में डायलिस कराने आया था। एक साथ 13 मरीजों की रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है साथ ही पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है साथ ही उनकी नमूने भी लिए जा रहे हैं जिससे उनकी रिपोर्ट झांसी मेडिकल कॉलेज भेजी जा सके वहीं जिला प्रशासन ने सभी मरीजों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज झांसी के लिए रेफर किया है।
जिलाधिकारी डाक्टर मन्नान अख्तर ने बताया कि आज जालौनी के 12 मरीज आये है, सबसे अच्छी बात है कि उनके बारे में उन्हें पहले ही पता था, और उनका इलाज किया जा रहा था। एक मरीज पुलिस लाइन का पॉजीटिव पाया गया जो आगरा से आआया था। उसके संपर्क में आये लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जो 25 रिपोर्ट आई है उसमें एक मरीज हमीरपुर जनपद का उसका भी नमूना यही लिया गया था। वहीं उन्होंने बताया कि जिन जिन इलाकों में कोरोना पॉजिटिव निकले हैं, उन इलाकों को पूरी तरह से सैनिटाइज और सील किया जा रहा है, जिससे कि मरीजों की संख्या में इजाफा ना हो सके।
उरई के चिकित्सक की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत
केजीएमयू के पीआरओ ने बताया कि 58 वर्षीय उरई निवासी चिकित्सक यहां केकोरोना वार्ड में भर्ती थे। शनिवार कोउनकी मृत्यु हो गयी है। इनकी पत्नी भी संक्रमित पाई गई थी।ये पहले रोगी थे, जिनको प्लाज्मा थेरेपी दी गयी थी। थेरेपी देने के बाद फेंफड़ों में बहुत सुधार आया था। वेंटीलेटर की आवश्यकता भी कम हो गयी थी। दुर्भाग्यवश यूरिन मेंइन्फेक्शन हो गया। इसके लिए उनका पूर्ण उपचार किया गया। रोगी की डायलिसिस भी की गई। आज इनकी दोनों बार की कोरोना जांच निगेटिवआ गयी थी।पत्नी की भी दोनों जांचे नेगेटिव आ गयी हैं। उन्हें आज डिस्चाजकर दिया जाएगा।
कई राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों की मदद के लिए कांग्रेस ने यहां शनिवार को एक वेब पोर्टल लॉन्च किया। कांग्रेस ने चैट पोर्टल tinyurl.com/UPmitra उत्तर प्रदेश के फंसे हुए कामगारों के लिए लॉन्च किया है। इस पोर्टल को वैल्यू फर्स्ट ने मुफ्त में तैयार किया है। उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार ने कहा, समस्याओं की सूची को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भी शेयर किया जाएगा।
17 जिलों में कम्युनिटी किचन चलाने का दावा
उन्होंने बताया, देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही प्रदेश के 17 जिलों में कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भोजन और राशन 47 लाख से ज्यादा लोगों को उपलब्ध कराया जा चुका है। शुक्रवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक लाख से ज्यादा मास्क लखनऊ भेजे हैं। पार्टी ने राज्य में चार लाख से ज्यादा प्रवासियों की मदद की है।
कोरोनावायरस से लड़ने के लिए भारत में इस समय लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है। जिस चीन से कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैला, वहां के कई शहर अब लॉकडाउन से मुक्त होकर सामान्य हो गए हैं। चीन के फूजियान प्रांत के जियामीन शहर में रहने वाले डॉ. सोहन सिंह यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के हैं। वेचीन की जियामीन यूनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर स्कूल में लेक्चरर हैं। जानिए जियामीन शहर में लॉकडाउन की कहानी, डॉ. सोहन सिंह की जुबानी...
डाॅ. सोहन बताते हैं- ‘‘चीन में लॉकडाउन 23 जनवरी को शुरू हुआ था। मैं उस समय इंडोनेशिया में था। 29 जनवरी को में जकार्ता से डायरेक्ट फ्लाइट लेकर जियामीन पहुंचा। वहां एयरपोर्ट पर पूरा फिल्मी सीन था। स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट पहनकर स्क्रीनिंग कर रहे थे। वहां से करीब तीन घंटे के बाद जब निकला तो जिस एरिया में रहता हूं, वहां के लोकल सिक्योरिटी ब्यूरो में रिपोर्ट करनीपड़ी। उन लोगों ने भी मोबाइल नंबर से मुझे ट्रैक कर बुलाया और दोबारा स्क्रीनिंग की।’’
‘‘जियामिन में 18 मार्च तक लॉकडाउन रहा। मैं 45 दिन में सिर्फ 6 बार घर से निकला। वह भी खाने-पीने की चीजें खरीदने। किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। जिन जियांयु रोड पर हर सेकंड हजारों वाहन निकलते थे, वहां सन्नाटा था। चेंग गोंग ब्रिज पर पहला मौका था, जब वहां रफ्तार का शोर नहींथा। मैज्जिओ बीच पर लोगों की चहल-पहल नहीं, सिर्फ लहरों का संगीत सुनाई दे रहा था। डेक्स्यू रोड से रौनक गायब थी, यहां लजीज व्यंजनों की महक की जगह सिर्फ सिक्योरिटी फोर्सका पहरा था।’’
सरकार ने कहा तो लोगों ने पालन भी किया
डॉ. सोहन के मुताबिक, ‘‘चीन सरकार ने ऐलान कर दिया था कि कोई बाहर नहीं जाएगा तो कोई भी बाहर निकला भी नहीं। कोई बाहर निकला तो सिक्योरिटी फोर्स उसे टोकाऔर वापस भेज दिया। बिल्डिंग से निकलने पर सिक्योरिटी गार्ड भी टोकता था। सोसाइटी में आने-जाने से पहले थर्मल स्कैनिंग होती थी।’’
‘‘भारत से ऐसी रिपोर्टें आई, जिसमें पता लगा कि लोग तफरी लेने निकल रहे हैं,लेकिनचीन में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया गया। कोई भी बिना काम के घर से नहीं निकला। मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स भी आई कि कुछ लोग जान-बूझकर लिफ्ट के बटनों में थूक लगा रहे हैं। इसके बाद सरकार ने कानून पास कर दिया था कि कोई भी जानबूझकर कोरोना फैलाएगा तोउसे जेल भेजा जाएगा। इसके बाद ऐसी घटना नहीं हुई।’’
चीन इस महामारी से इन 3 फैसलों के बल पर लड़ा
लोगों ने सरकार का साथ दिया, इसलिए राहत मिली
डॉ. सोहन सिंह बताते हैं कि लोगों ने सरकार के बनाए नियमों का बखूबी पालन किया। अब स्कूल-कॉलेज खुल गए हैं। मेट्रो भी चालू है। शॉपिंग मॉल खुलेहैं। मास्क पहनना अभी भी जरूरी है। हालांकि, ऐहतियातन अभी भी सरकार ने 1 से 5 तक के स्कूल, जिम, सिनेमाघर बंद ही रखे हैं।
शाकाहार-योग अपना रहे चीनी
चाइनीज कम्युनिटी अब शाकाहार की ओर बढ़ रहीहै। सरकार भी लोगों को योग और शाकाहार अपनाने के लिए कह रही है। लोगों को समझाया जा रहा है कि योग और शाकाहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार श्रमिकों को वापस लाने के साथ ही उनको रोजगार देने की कार्ययोजना बनाने में भी जुटी है। इसके लिए संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। योगी ने कहा है कि आने वाले दिनों में दूसरे प्रदेशों से लौटे श्रमिकों के बूते उत्तर प्रदेश रेडिमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले सह उत्पादों का हब बन सकता है। इस बाबत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जा चुका है।
लखनऊ में कोर टीम के साथ बैठक के दौरान योगी ने यह बाते कही। उन्होंने कहा कि हमारी कार्ययोजना क्वारैंटाइन पूरा करने वाले श्रमिकों को तुरंत काम देने की है। मनरेगा, ईंट भट्ठे, चीनी मिलें और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़ी इकाइयों में इनको समायोजित किया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकिंग, ट्रांसपोर्टेशन और विपणन के क्षेत्र में भारी संभावनाएं हैं। इसी तरह हम यूपी को रेडिमेड गारमेंट का भी हब बना सकते हैं।
अपने श्रमिकों को ससम्मान सुरक्षित वापसी करने वाला पहला राज्य यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की। मार्च के अंतिम हफ्ते से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से शुरू यह सिलसिला जारी है। अब तक विभिन्न राज्यों से ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं। उम्मीद है कि कुल 20 लाख प्रवासी इस दौरान अपने घरों को लौटेंगे।
योगी ने कहा कि इन सबको स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने को हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दीर्घकालीन और अल्पकालीन दोनों तरह की योजनाएं सरकार के पास हैं। हर हालात में हम कोरोना जनित इस संकट को अवसर में बदलेंगे। इसके लिए हमने श्रम कानूनों में संसोधन भी किया है।
सीएम ने कहा कि पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनोंसे प्रवासी श्रमिक यूपी पहुंच चुके हैं। 35 ट्रेन रास्ते में हैं। अभी अगले कुछ दिनों तक रोज श्रमिकों को लेकर 35 से 40 ट्रेन यूपी में पहुंचेंगी। खाड़ी देशों से आज हवाई जहाज से आने वालों में भी सब अपने प्रदेश के श्रमिक एवं कामगार ही हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरेाना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। इसकेचलते गौतमबुद्धनगर जिले में रहने वाले 65 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई। कोरोना से मौत का जिले का यह दूसरा मामला है। हालांकि इनके अलावा गाजियाबाद के एक अन्य संक्रमित व्यक्ति की मौत भी नोएडा में इलाज के दौरान हुई थी।
नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के निदेशक ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि नोएडा में सेक्टर 66 के मामूरा गांव में रहने वाला 65 वर्षीय व्यक्ति गलगोटिया यूनिवर्सिटी में क्वारैंटाइन में रह रहा था। उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, लेकिन जब उसकी जांच की गई तो वह मृत पाया गया।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि गौतमबुद्धनगर में रहने वाले कोविड-19 से संक्रमित यह दूसरे व्यक्ति की मौत है। उन्होंने बताया कि इससे पहले नोएडा के सेक्टर 22 में रहने वाले एक व्यक्ति की शुक्रवार सुबह संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। इससे चार दिन पहले सेक्टर 137 स्थित फ्लिक्स अस्पताल में इलाज के दौरान गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी के रहने वाले 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी।
नोएडा में कोरोना के 214 मरीज
नोएडा में शुक्रवार शाम तक कोविड-19 की आई जांच रिपोर्ट में 12 और लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं। वहीं यहां के अलग-अलग अस्पतालों से इलाज के दौरान ठीक होने के बाद 10 मरीजों को घर भेज दिया गया है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 214 हो गई है और दो व्यक्तियों की मौत भी हुई है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना का असर तेजी से फैलता जा रहा है। अब तक यूपी में कोरोना से 60 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। लॉकडाउन के बीच ललितपुर के जिला अस्पताल में आईसीटीसी डिपार्टमेंट में काउंसलर के पद पर कार्यरत युवक की 8 मई को झांसी मेडिकल कॉलेजमें मौत हो गई थी। शनिवार कोउसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रिपोर्ट आने के बाद जिला अस्पताल के दो डॉक्टर समेत 26 कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रताप सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में आईसीटीसी में काउंसलर को6 मई को सांस लेने में परेशानी होने के चलते उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसके संपर्क में आने वालों की सूची बनाई जा रही है।
शुक्रवार कोभेजा गया था सैंपल
सीएमओ नेबताया- 7 मई को हालत गम्भीर होने पर रात साढ़े दस बजे उपचार के लिए झांसी मेडिकल कालेज रेफर किया गया था। शुक्रवार को झांसी मेडिकल कालेज में मौत हो गई हैं। उसकी कोरोना जांच 7 मई को भेजी गई थी जो शनिवार कोपॉजिटिव आई है। युवक के मोहल्ले को सील कर सैनिटाइज किया जा रहा है।
कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने की जरूरत पर बल देते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग नें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से याचिकाओं पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आयोग ने इस सम्बन्ध में 6 मई को एक विस्तृत आदेश जारी किया है, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस आदेश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के संचालन के लिए समग्र प्रोटोकाल और विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का लिंक संबंधित पक्षों को उनके ई-मेल आईडी पर भी भेजा जाएगा
उन्होंने बताया कि आयोग सुनवाई के विषय में नोटिस संबंधित पक्षों को भेजेगा और इससे संबंधित सूची वेबसाइट पर भी अपलोड करेगा। इसके अतिरिक्त संबंधित सुनवाई के लिएवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का लिंक संबंधित पक्षों को उनके ई-मेल आईडी पर भी भेजा जाएगा। आयोग ने सभी पक्षों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया से परिचित होने की अपेक्षा की है, जिसमें दस्तावेज अपलोड करना, स्क्रीन साझा करना आदि शामिल है।
ताजा स्थिति के लिए वेबसाइट
सूत्रों ने बताया कि याचिकाओं की लिस्टिंग (सूचीकरण) की अद्यतन स्थिति जानने के लिये सभी पक्षकार नियमित रूप से आयोग की वेबसाइट देखते रहे, जिससे उन्हे अपनी याचिका की ताजा स्थिति पता चल सके।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद खुले उद्योगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के दौरान श्रमिकों से 12-12 घंटा काम कराने के प्रस्ताव के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बिगुल बजा दिया है। मायावती ने शनिवार को चार ट्वीट किया और कहा कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा। बसपा प्रमुख ने कहा कि श्रमिकों का पहले ही बुरा हाल है। आठ के स्थान पर 12 घंटे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुन: देश में लागू करना अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण देश में गरीब, मजदूर, कामगार तथा श्रमिकों की स्थिति बेहद खराब है। यूपी सरकार के श्रम कानून को निलंबित करने असर का श्रमिकों पर पड़ेगा। कोरोना प्रकोप में मजदूरों एवं श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, फिर भी उनसे आठ के स्थान पर 12 घण्टे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुन: देश में लागू करना अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाब साहब अम्बेडकर की वजह से ओवरटाइम की व्यवस्था में परिवर्तन आया
मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 12 नहीं बल्कि 8 घण्टे श्रम व उससे ज्यादा काम लेने पर ओवरटाइम देने की युगपरिवर्तनकारी काम तब किया था जब देश में श्रमिकों एवं मजदूरों का शोषण चरम पर था। इसे बदलकर देश को उसी शोषणकारी युग में ढकेलना क्या उचित है। देश में वर्तमान हालात के मद्देनजर श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिये ताकि खासकर जिन फेक्ट्री एवं प्राइवेट संस्थानों में श्रमिक कार्य करते हैं वहीं उनके रूकने आदि की व्यवस्था हो।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी स्थिति में वे भूखे ना मरे और ना ही उनन्हें पलायन की मजबूरी हो ऐसी कानूनी व्यवस्था होनी चाहिये। वैसे तो अभी काम का पता नहीं है, परन्तु सरकारें बेरोजगारी व भूख से तड़प रहे करोड़ों श्रमिकों/मजदूरोंके विरुद्ध शोषणकारी आदेश लगातार जारी करने पर तत्पर हैं। उन्होंने यह अति-दु:खद व सर्वथा अनुचित जबकि इस कोरोना के संकट में इन्हें ही सबसे ज्यादा सरकारी मदद व सहानुभूति की जरूरत है।
अखिलेश यादव भी कर चुके हैं आलोचना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मजदूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम कानून के ज्यादातर प्रावधानों को तीन साल के लिए स्थगित किए जाने पर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को गरीबों की नहीं पूंजीपतियों के हितों की चिंता है। भाजपा ने महंगाई बढ़ाने का कुचक्र तो रचा ही है, साथ ही मजदूरों के शोषण के लिए भी रास्ते खोल दिए हैं। भाजपा सरकार के इन जनविरोधी निर्णयों से जनता में गहरा आक्रोश है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में शनिवार तड़केशिवरतनगंज थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में एक घर के अंदर अचानक आग गई, जिसमें घर में सो रहे मां और उसके दो बेटे ज़िंदा जलकर राख हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, जैसे-तैसे शव को बाहर निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही साथ पुलिस आग लगने के कारणों को पता लगाने में जुट गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव निवासी इसरार रोजी रोटी के चक्कर में गुजरात में रहकर मजदूरी करता है। पत्नी तब्बसुम उर्फ 'सीमा' (35) और दो बेटे नुरुल (10) व शोएब (6) गांव में बने घर पर रहते थे। रोज की तरह मां बेटों को साथ लेकर सो रही थी कि रात के किसी पहर एकाएक उसके घर में आग लग गई।
जब तक ग्रामीणों को इसकी खबर होती और लोगों आग की लपटों में फंसे मां-बेटों को बचाने का जतन करते तब तक आग ने तीनों को अपनी आगोश में ले लिया था। शहरी के समय जब ग्रामीणों में से किसी की आंख खुली और उसने इसरार के घर से आग की लपटों को उठता देखा तो उसने गुहार लगाई। तब लोगों आग बुझाने के लिए दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
उधर ग्रामीणों ने आग पर बड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया और तत्काल पुलिस को सूचना दिया। सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज, सीओ मुसाफिरखाना सन्तोष सिंह, एसओ शिवरतनगंज अजीत सिंह ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया। फिलहाल पुलिस ने तीनो शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए आग के कारणों का पता लगाना शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3215 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे मेंप्रदेश में कोरोना के 155 नए मामले सामने आए,66 मौतें हुई। इनमें से 1761 मरीजों का इलाज चल रहाहै। उधर, वाराणसी में क्लस्टर जोन बनाकर बाहर से आएलोगों की पहचान करथर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके लिए बड़े स्तरपर सर्वे का काम किया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग की 92 टीमों ने23 क्लस्टर जोनमें 2595 घरों का सर्वे किया है।
वाराणसी में हॉटस्पाट क्षेत्रों में संक्रमित के घर के सदस्यों और उनके संपर्क में आने वालोंको चिह्नितकिया जा रहा है। इन सबको होम क्वारैंटाइन के लिए कहा गया है।आसपास के लोगाेंकाभी स्वास्थ्य परीक्षण औरथर्मल स्क्रीनिंग की जा रही।
वाराणसी में खुली पान की दुकान
वाराणसी में पान की दुकानें खुलने लगी हैं।लहुराबीर और लंका में लोग पान का स्वाद लेते नजर आ रहे हैं।करीब डेढ़ महीने बादलॉकडाउन फेज 3 में इन दुकानों को खोलने की मंजूरी दी गई है। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तंबाकू और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक जारी रखी है।
आगरा में निजी चिकित्सालयों के स्टाफ को दी जा रही ट्रेनिंग
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए आगरा के प्राइवेट हॉस्पिटलके डॉक्टरोंको इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। सीएमओ की देखरेख में एक बार में 13 से 25 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अभी तक 250 से ज्यादा डॉक्टरोंकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। येसभी आईसोलेशन वार्ड में काम करने वाले डॉक्टरों की मदद करेंगे।
नोएडा:सेक्टर 137 स्थित फ्लिक्स अस्पताल सील किया गया
नोएडा के जिला प्रशासन ने सेक्टर 137 स्थित फ्लिक्स अस्पताल को सील कर दिया है। 4 मई को गाजियाबाद केखोड़ा कॉलोनी का एक संक्रमित मरीज यहां भर्ती हुआ था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बाद में इस अस्पताल की एक नर्स भी संक्रमित पाई गई।
पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 706, कानपुर नगर में 294, लखनऊ में 247, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 211, सहारनपुर में 203, मेरठ में 196, फिरोजाबाद में 184, गाज़ियाबाद में 126, मुरादाबाद में 120, वाराणसी में 78, बुलंदशहर में 61, हापुड़ में 54, अलीगढ़ में 53, रायबरेली व मथुरा में 47-47, बस्ती में 35, अमरोहा में 34, बिजनौर में 33, सन्तकबीरनगर में 30, शामली में 29, रामपुर में 28, संभल में 27, मुज़फ़्फरनगर में 26, सीतापुर में 22, बागपत में 21, झांसी में 20, सिद्धार्थ नगर में 19 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।
इनके अलावा, बांदा-प्रयागराज में 18-18, बहराइच-बदायूं में 17-17, औरैय्या में 13, प्रतापगढ़ में 12, बरेली-गोंडा- मैनपुरी में 11-11, जालौन में 10, जौनपुर-आजमगढ़-हाथरस-एटा-श्रावस्ती में 9-9, महराजगंज-कन्नौज में 7-7, गाजीपुर में 6, अमेठी में 5, लखीमपुर खीरी-पीलीभीत-कासगंज, सुल्तानपुर-मिर्जापुर में 4-4, गोरखपुर-चित्रकूट- इटावा-उन्नाव-देवरिया में 3-3, हरदोई-बाराबंकी-कौशाम्बी-भदोही-बलरामपुर-कानपुर देहात-महोबा-कुशीनगर- फतेहपुर में 2-2, शाहजहांपुर-मऊ-अयोध्या में 1-1 पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। 23 साल के युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है। युवक बेलीपार के भरवल गांव का रहने वाला है। वह 5 मई को मुंबई से आया था।स्क्रीनिंग के बाद मुंबई से आने के कारण उसे डेंटल कॉलेज गीडा में क्वारैंटाइन किया गया था। जहां से उसका सैंपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आरएमआरसी में भेजा गया था। शनिवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इसकी पुष्टि सीएमओ डॉक्टर श्रीकांत तिवारी ने की है।रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर गांव पहुंचकर पहले से क्वारैंटाइन कर उसके परिवार के पांच सदस्यों को 100 बेड के टीबी अस्पताल में 108 एम्बुलेंस की मदद क्वारैंटाइनकरदिया गया है।
वायरल वीडियो की जांच करने के दौरान गांव वालों ने किया पथराव
इससे पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जॉइंट मैजिस्ट्रेट और पुलिस की टीम पर गांव वालों ने पथराव कर दिया था। टीम जिले के सहजनवां के हड़हा सोनबरसा में क्वारैंटाइन सेंटर की बदहाली को लेकर वायरल विडियो की जांच करने पहुंची थी। पुलिस ने मामले से जुड़े एक युवक को हिरासत में लिया है। इस बीचजिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। 23 साल के युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है।
बताया गया कि हिरासत में लिए गए युवक ने ही क्वारैंटाइन सेंटर पर सुविधा के अभाव का वीडियो वायरल किया था। प्राथमिक विद्यालय में बने क्वारैंटाइन सेंटर में 15 लोग क्वारैंटाइन किए गए हैं। गांव के एक युवक ने सेंटर की बदइंतजामी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इस विडियो की सच्चाई जानने के लिए बुधवार की रात 10 बजे जॉइंट मैजिस्ट्रेट अनुज मलिक पुलिस के साथ पहुंचे।
पुलिस ने जैसे ही युवक को हिरासत में लिया तो गांव वाले भड़क गए। उन्होंने टीम पर पथराव शुरू कर दिया। गनीमत रही कि कोई घायल नहीं हुआ। पुलिस के वाहन क्षतिग्रस्त होने की खबर है। इसके बाद भारी पुलिस बल बुलाकर हालात पर काबू पाया गया और युवक को हिरासत में लिया गया। पत्थरबाजों पर केस दर्ज करने की तैयारी हो रही है।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेज से फैलता जा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार की पहल के बाद दूसरे देशों से भी भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हो रही है। इसी बीच शनिवार को शारजाह से लखनऊ की पहली फ्लाइट अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेगी। इसके यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग कर घर भेजा जाएगा। इसी बीच एयरपोर्ट पर लगे उपकरणों के जांच पूरी कर ली गई। केंद्र की ओर से विदेश में फंसे नागरिकों को भारत लाया जा रहा है। रात 8 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट उतरेगी और 9 बजे विमान यहां से दिल्ली जाएगी।
होम क्वारैंटाइन रहेंगे सभी आए श्रमिक: सीएम योगी ने शनिवार को टीम 11 की बैठक में सभी अधिकारियों विदेशों में फंसे प्रवासी कामगारों-श्रमिकों की पहली फ्लाइट लखनऊ आ रही हैं। आज शारजाह से लेकर लखनऊ पहुंचेगी इस जहाज में यूपी के विभिन्न क्षेत्रों के वे कामगार और श्रमिक मौजूद हैं जो रोजगार के लिए खाड़ी देश गए थे। सभी प्रवासी श्रमिकों - कामगारों को सरकारी क्वारंटीन सेंटरों में स्वास्थ्य जांच के पश्चात राशन पैकेट व भरण पोषण भत्ता देकर होम क्वारंटीन में रखने की सभी तैयारियों की समीक्षा की हैं।
सऊदी अरब से आएगी फ्लाइट: नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि प्रदेश के जो नागरिक सऊदी अरब में फंसे हैं, उन्हें लेकर शारजाह से एयर इंडिया की फ्लाइट नौ मई की रात 8.30 बजे लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेगी। इसमें करीब 200 यात्री प्रदेश वापस आ रहे हैं। आने वाले यात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने एवं समस्त यात्रियों की स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिए गए हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि फ्लाइट से उतरते ही यात्रियों की प्राथमिक मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। प्राथमिक जांच में यदि कोरोना के लक्षण नहीं मिले तो लखनऊ के बाहर के यात्रियों को बस और टैक्सी द्वारा उनके संबंधित जिलों में भेजा जाएगा। इसका खर्च यात्री स्वयं उठाएंगे। जो यात्री लखनऊ के निवासी होंगे उनको तीन श्रेणियों के होटल में 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। होटल एक हजार, दो हजार व तीन हजार रुपये प्रतिदिन के भुगतान पर यात्रियों को मिलेंगे।
मंत्री ने बताया कि कोरोना लक्षण वाले संदिग्ध लोगों के टेस्ट सैंपल एकत्र किए जाएंगे। रिपोर्ट प्राप्त होने तक उन यात्रियों को सामान्य रूप से भुगतान के आधार पर होटल में आइसोलेट कर दिया जाएगा।एकत्र किए गए सैंपल में जो व्यक्ति पॉजिटिव पाए जाएंगे उन्हें कोविड अस्पताल में उपचार के लिए भेज दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। कानपुर में एक अमानवीय घटना प्रकाश में आई है। एक अज्ञात शव 20 घंटे तक अंडरपास पर पड़ा रहा। संक्रमण से मौत की आशंकाहोने पर उसे किसी ने हाथ नहीं लगाया। पुलिस गई तो वो भी देखकर लौट आई। पुलिस ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना दे दी गई है। वो जांच करेगी और फिर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार करेगी। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग की टीम 20 घंटे बाद भी नहीं पहुंची। शव पूरी रात और शुक्रवार दोपहर तक उसी जगह पड़ा रहा है।
बर्रा थाना क्षेत्र केअंडरपास के पास लगभग40 वर्षीय शख्स भीखमांग कर अपना पेट भरता था। अंडरपास के नीचे रहता था।गुरुवार शाम लगभग 8 बजे उसकी मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने को लोगों ने बताया कि मृतक काफी दिनों से बीमार था। हो सकता है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इसकी मौत हुई हो।
पूरी रात अंडरपास के नीचे ही पड़ा रहा शव
रात से सुबह हो गई और सुबह से दोपहर मगर स्वास्थ्य विभाग टीम नहीं पहुंची। स्थानीय लोगों ने जब देखा कि 20 घंटे से ज्यादा समय बीत गया और शव उसी स्थान पर पड़ा है, तो उन्हे संक्रमण फैलने का खतरा सताने लगा। क्षेत्रीय लोगों ने इस घटना से आलाधिकारियों को अवगत कराया। दोपहर के वक्त दोबारा पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त के प्रयास किए। जब उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी तो पुलिस ने सीमित संसाधनों में किसी तरह से उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय के मुताबिक लोगों ने लोग उसे कोरोना संदिग्ध बता रहे थे,इसलिए स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई थी। शव के पास रात में दो सिपाही लगाए गए थे। सुबह तक स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आई तो शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
वाराणसी में कोरोनावायरस का असर तेजी से बढ़ रहा है। इसको रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच डीएम के निर्देश के बाद कोविड-19 के पाजीटिव मरीज मिलने पर घोषित किये गये हॉट स्पाट क्षेत्रों में कार्यवाही करते हुये कान्टेक्ट ट्रेसिंग के अन्तर्गत पाजिटिव मरीज के घर के सदस्यों और उनके निकट सम्पर्क मे आने वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया जा रहा है।इस बीच शनिवार सुबह पांच बजेर तेलंगाना के लिंगा पल्ली से वाराणसी स्पेशल श्रमिक ट्रेन पहुंची।जिसमें कुल 1253 व्यक्ति थे जिनमेंपूर्वांचल के 19 जनपदों के लोग शामिल थे। वहीं इसट्रेन में 66 व्यक्ति वाराणसी के थे।
अब तक 8581 व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की गयी।2 टीमों द्वारा 23 क्लस्टरों में 2595 घरों का सर्वे किया गया है। क्षेत्रीय निवासियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग किया जा रहा है। पाजिटिव मरीज के परिवार के सदस्यों तथा उनके निकट सम्पर्क मे आने वालों कोहोम क्वारेंटाइन के लिए निर्देशित किया गया है। क्लस्टर कन्टेनमेन्ट में स्वास्थ्य विभाग की 92 टीमों द्वारा 23 क्लस्टरों में 2595 घरों का सर्वे किया गया, ताकि बाहर से यात्रा कर के आये व्यक्तियों और कोरोना संक्रमण से मिलते जुलते लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान हो सके
जिलाधिकारी कौशल राज ने बताया कि वर्तमान के 23 हॉट स्पाट क्षेत्रों में कई दिनों से चिकित्सकीय दल द्वारा कान्टेक्ट ट्रेसिंग होमकोरोनटाइन के निर्देशन, स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग तथा नमूना जॉच संग्रह का कार्य किया जा रहा है। 23 हॉट स्पाट क्षेत्रों मे यह कार्य किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के 05 हॉट स्पाट क्षेत्र (सेवापुरी ब्लाक क्षेत्रान्तर्गत अर्जुनपुर और काशीविद्यापीठ ब्लाक क्षेत्रान्तर्गत मड़ौली, सीर गोवर्धन, शिवाजी नगर, सूजाबाद) हैं।बाकी शहरी इलाके है।
डॉक्टरों की अलग-अलग टीमें कर रही हैं स्कैनिंग
उन्होंने बताया कि रेवड़ी तालाब में डा मनीषा पाण्डेय के नेतृत्व में हॉट स्पाट क्षेत्र में चिकित्सकीय दल द्वारा 259 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग की गयी। अब तक 2852 व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की गयी। मदनपुरा में डा सुधा शुक्ला के नेतृत्व में हॉट स्पाट क्षेत्र में चिकित्सकीय दल द्वारा 972 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्कैनिंग की गयी।
वाराणसी में आने-जाने वालों पर प्रशासन की कड़ी नजर
कोरोना संक्रमण को रोकने की कवायद में वाराणसी जिला प्रशासन ने बनारस से बाहर जाने वाले प्रवासियों के लिए 27 कॉलम का प्रपत्र अनिवार्य किया है। यदि किसी भी व्यक्ति ने किसी अन्य जनपद से पास लिया भी हो तो उसे भी काशी इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मिर्जामुराद पहुॅचकर विवरण व मेडिकल परीक्षण कराना आवश्यक होगा।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिले के सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर वाराणसी में बाहर से आने वाले व्यक्ति, प्रवासी श्रमिक, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र एवं अन्य लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। जिले की सीमा में आने वाले सभी बस, निजी वाहनों को सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस मिर्जामुरादा स्थित परीक्षण केंद्र पर पहुंचाएंगे।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है। यूपी में शराब की दुकानें खुलने के बाद से ही एक तरफ तहां मुस्लिम धर्मगुरु मांस की दुकानों को खोलने की अपील कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में बंद देवालयों को भी खोलने की मांग उठने लगी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने लंबे इंतजार के बाद मंदिरों के ताले खुलवाने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और मांग की है कि निर्धारित गाइडलाइन के तहत देवालयों के ताले खुलवाए जाएं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और महामंत्री महंत हरी गिरी ने पीएम के साथ ही मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, लिहाजा मठ और मंदिरों के भी ताले खुलवाए जाएं । साथ ही वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजेशन का प्रबंध मठ और मंदिर के प्रबंध तंत्र के जरिए कराया जाए।
अखाड़ा परिषद ने दिया डब्लूएचओ की गाइडलाइन फालो करने का भरोसा
महंत हरिगिरि से इस मुद्दे पर विचार विमर्श के बाद पत्र लिखा गया है। पत्र में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा-डेढ़ माह से देश भर में सभी छोटे बड़े मठ-मंदिरों के द्वार बंद हैं। हालांकि परिसर में भगवान का पूजन पुजारी नियमित कर रहे हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसपूर्ण निर्णय लिया है। इससे महामारी का संकट अब कम हो रहा है। उन्होंने भरोसा दिया है कि मठ और मंदिर कोरोना से बचाव के लिए केंद्र सरकार और डब्लूएचओ के निर्देशों का पूरी तरह से पालन भी करेंगे।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि कोरोना को लेकर पिछले डेढ़ माह से देश में लॉकडाउन है और लगभग दो माह से मंदिरों के कपाट बंद हैं। ऐसे में मंदिरों में पुजारियों और अन्य कर्मचारियों के वेतन देने में भी बहुत कठिनाई आ रही है। उन्होंने कहा है मंदिर खुलने से लोग यदि मंदिर में दर्शनों को जायेंगे तो अपने आराध्य से कोरोना को खत्म करने के लिए प्रार्थना भी करेंगे।
स्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में जरूरी सामान की खरीददारी की इजाजत का स्वागत किया है।इसके साथ ही महली ने प्रदेश सरकार से मांस के व्यापार पर लगी रोक हटाने की मांग की है।उनका कहना है कि राज्य में मांस को खरीदने और बेचने को लेकर लगाई गई पाबंदी को हटाया जाए।
महली का कहना है कि मांस के कारोबार से आर्थिक फायदा भी होगा।इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि मांस के कारोबार से रोज कमाने और खाने वाली बड़ी आबादी जुड़ी हुई है।उनका ये भी कहना है कि मांस के व्यापार पर लगी रोक की वजह से तमाम व्यापारी बेहद परेशान हैं।
सरकार ने मांस की बिक्री पर पाबंदी लगा रखी है
दरअसल योगी सरकार ने राज्य में मांस की बिक्री पर फिलहाल रोक लगा रखी है।ऐसा नहीं है कि राज्य में पहली बार ऐसी मांग उठी है।अभी कुछ दिन पहले ही मशहूर कवि मुनव्वर राणा ने भी मांस का कारोबार फिर से शुरू कराने की अपील की थी।मुनव्वर राणा ने इसे लेकर एक ट्वीट किया था।उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, "योगी जी शराब पीने वालों को शराब पिलवाइए लेकिन हम लोगों को भी गोश्त खाने दीजिए।"
इससे पहले प्रख्यात शायर मुनव्वर राणा ने एक शायरी भी ट्वीट की थी।उन्होंने लिखा था, "कम से कम इंसाफ़ का दामन ना छोड़ो हाथ से, मैं नहीं कहता कि तुम मेरी तरफदारी करो।"
कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने कई हिदायतें भी लागू की थीं।उनमें से ही एक मांस बिक्री को लेकर था।योगी सरकार ने 30 मई तक यूपी में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी।लेकिन अब जब शराब की बिक्री शुरू करवा दी गई है तो लोग मांस की बिक्री को लेकर भी आवाज उठा रहे हैं।
लॉकडाउन के बीचतमिलनाडु के कोयम्बटूर में फंसे 20 मजदूरों ने घर वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है। ये सभी बाराबंकी जिले के टिकैतनगर कस्बे के रहने वाले हैं। मजदूरी के सिलसिले में वहां गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद से बेरोजगार हैं और उनके पास अब खाने का संकट है। श्रमिकों ने वीडियो संदेश जारी कर कहा-10 फुट लंबे व इतने ही चौड़ाई के एककमरे में 20 रहने को मजबूर हैं। ऐसे मेंसोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे करें? उनके पास पैसा, राशन सब खत्म है और उनके साथ भेदभाव भी किया जा रहा है। उनका समय मुश्किलों भरा है, उत्तर प्रदेश में सभी राज्यों के लोग वापस बुलाएजा रहे हैं, तो ऐसे में उन्हें घर वालों से दूर क्यों रखा जा रहा है?
किसी से मांगों पानी तो वह भगा देता है: मजदूरों का आरोप
मजदूरों ने कहा- वे मजदूरी के लिए तमिलनाडु के कोयम्बटूर गए हुए थे और लॉकडाउन में वहीं फंस गए हैं। तीन चरणों में बढ़ने वाले लॉकडाउन मेंयह आशा बंध जाती है कि इस बार का लॉक डाउन समाप्त होते ही वह घर जा सकेंगे, मगर एक चरण के खत्म होने के बाद लॉकडाउन अगले चरण के लिए शुरू हो जाता है।अब उनके पास कमाए गए पैसे भी खत्म हो चुके हैं और भूख सेमरने के दिन आ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि,हिन्दी भाषी होने के नाते उनके साथ कोयम्बटूर मेंभेदभाव किया जाता है। अगर वह किसी से पानी की भी मदद की मांग करते हैं तो वह अपने दरवाजे से भगा देता है।
नहीं हुई पहल तो पैदल घर आने के लिए होंगे विवश
श्रमिकों ने अपने क्षेत्रीय विधायक सतीश शर्मा से भी घरवापसी के लिए पहल करने की अपील की है। श्रमिकों नेस्थानीय उद्यमियों को भी अपने इस वीडियो से आश्वस्त किया कि, वे रोजीरोटी की तलाश में यहां आए हैं, घर जाने के बाद वह लोग फिर वापस आएंगे और फिर से काम करेंगे। केन्द्र और प्रदेश की सरकार ने अगर अतिशीघ्र उनके घर भेजने की व्यवस्था न की तो वह लोग तमिलनाडु से बाराबंकी पैदल यात्रा करने को विवश होंगे।
लॉकडाउन के बीचसूरत में फंसे 1200 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को कानपुर पहुंची। मजदूर अपने प्रदेश पहुंचे तो उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लेकिन उनके दिल में बेरोजगारी के संकटकाल में तय मूल्य से ज्यादा टिकट के दाम की वसूली का दर्द भी था। मजदूरों ने कहा- हम टिकट देकर अपने घर लौटे हैं, इसमें कोई गम नहीं है। कभी भी आते तो रुपए तो खर्च करना ही पड़ता। लेकिन रेलवे 650 रुपए का टिकट 100 रुपए ज्यादा वसूलकर 750 रुपए में दिया है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन है। इसके साथ ही यह अपील भी की गई थी कि जो जहां है वहीं रहकर लॉकडाउन का पालन करें। लेकिन गैर राज्यों में फंसे श्रमिकों की मांग पर उन्हें घर पहुंचाने की पहल भी शुरू हुई है। इसी क्रम में शुक्रवार कोसूरत से 1200 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन कानपुर पहुंची।स्टेशन पर यात्रियों को लंच पैकेट और पानी दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराते हुए यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। मेडिकल रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के बाद सभी यात्रियों को स्टेशन के बाहर खड़ी बसों में बैठाकर उनके जनपदों को भेजा गया। लेकिन इस दौरान मजदूरों का दर्द भी छलक पड़ा।
दर्द-ए-सफर की कहानी-मजदूरों की जुबानी...
हमनें पानी दिया, प्रशासन ने लंच पैकेट
स्टेशन डॉयरेक्टर हिमांशु शेखर ने बताया कि, रेलवे ने यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था की है और उनके लंच पैकट की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है। इसके साथ ही यहां गुजरने वाली ट्रेनों को हम खाना उपलब्ध करा रहे हैं। जिलाप्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई हैं। प्रवासी श्रमिकों का मेडिकल चेकअप कर रही हैं। थर्मल स्क्रीनिंग कर उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही हैं। इसके साथ ही सभी यात्रियों की डिटेल नोट की जा रही है।
लॉकडाउन के बीच प्रतापगढ़ जिले में शुक्रवार को भूमाफिया के दो गुटों में ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इस दौरानदोनों पक्षों से 8 लोग जख्मी हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां से सभीको प्रयागराज रेफर कर दिया गया,लेकिन उसकी मौत हो गई। तनाव को देखते हुए मौके पर फोर्स मुस्तैद है। एसपी अभिषेक सिंह ने लापरवाही के आरोप में सिविल लाइन चौकी इंचार्ज चंद्रशेखर यादव को निलंबित कर दिया है। सभी आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने का निर्देश दिया है।
नगर कोतवाली क्षेत्र के बराछा निवासी रामपांडेय प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था। सर्वेश तिवारी औरआनंद तिवारी भीकाम में हिस्सेदार थे। इन लोगों ने कोतवाली क्षेत्र केदहिलामऊ चांदमारी में मारुतनगर से प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त शुरू की थी। शुक्रवार की दोपहर ये सभी हिस्सेदार मारुतनगर में थे। तभी इनके बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ा- दोनों गुट मारपीट करने लगे। इसी बीच राम पांडेय ने आनंद तिवारी को गोली मार दी। इसके बाददोनों गुटों ने पिस्टल निकालकर एक दूसरे पर फायर करना शुरू कर दिया। से राम पांडेय, उनका भाई लक्ष्मण पांडेय व सुभाष, सुरेंद्र और दूसरे पक्ष से सर्वेश, आनंद, राहुल व साहब गोली लगने से घायल हो गए।
फायरिंग की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां सभी को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन राम पांडेय की मौत हो गई। उसके सीने में गोली लगी थी।सूचना पर पुलिस के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल पर तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा-रियल स्टेट का काम करने वाले दो गुटों मेंपैसे को लेकर विवाद हो गया था। जिसमें फायरिंग की गई। मौके से लाइसेंसी रिपीटर 12 बोर, लाइसेंसी पिस्टल 32 बोर बरामद की गई है। सिविल लाइन चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक चंद्रशेखर यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।इस मामले में आरोपियों परएनएसए की भी कार्रवाईकी जाएगी।
देशव्यापीलॉकडाउन के फेज तीन में गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को उत्तर प्रदेश विशेष श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों से लाने का सिलसिला जारी है। इस बीच शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक बड़ा हादसा टल गया। यहां अमृतसर से गोंडा जा रही श्रमिक एक्सप्रेसट्रेन से पांच मजदूर कूद गए। हालांकि, किसी को चोट नहीं आई है। जीआरपी ने पांचों मजदूरों को पकड़कर क्वारैंटाइन कर दिया है।
ये मामला थाना सदर बाजार के रोजा जंक्शन काहै। अमृतसर से मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन गोंडा जा रही थी। इसी ट्रेन में पांच मजदूर खुदागंज थाना क्षेत्र के रहने वाले सवार थे। सभी अमृतसर में रहकर मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पाल रहे थे। लाॅक डाउन होने के कारण वह फंस गए थे।
जीआरपी सीओ केके शुक्ल ने बताया-अमृतसर से गोंडा जा रही सुपरफास्ट विशेष ट्रेन आज सुबह 5 बजे रोजा पहुंची।ट्रेन को सीतापुर होकर जाना था। जबट्रेन की रफ्तारकम हुई, तो शाहजहांपुर जिले में रहने वाले पांच मजदूर चलती ट्रेन से कूद गए।रोजा रेलवे पुलिस चौकी पर तैनात उप निरीक्षक विनोद तिवारी ने जब मजदूरों को ट्रेन से कूदते हुए देखा, तो उन्होंने पुलिस बल के साथ मिलकर उन्हें पकड़ लिया तथा हिरासत में ले लिया। मजदूरों को रोजा थाने के सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद उन्हेंतिलहर थाना क्षेत्र में बने क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में कुचेसर चौपले के पास शुक्रवार अलसुबह एनएच-9 पर एक कैंटर और कार की भीषण टक्कर हो गई। कार सवार तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई, जो हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारी जाटू के रहने वाले थे। मृतकों में शामिल एक व्यक्ति अपने पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर जा रहाथा। बीच रास्ते में यह हादसा हो गया। कैंटर चालक व क्लीनर गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है। पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है।
बाबूगढ़ थाना निरीक्षक उत्तम सिंह राठौर ने बताया कि मृतकों की पहचान सुंदर, संजय और कार चालक सुरेश उर्फ पप्पू के रूप में हुई है। सुंदर अपने पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए अपने रिश्तेदार एवं कार चालक के साथ भिवानी के लोहारी जाटू से गढ़मुक्तेश्वर के लिए निकला था। हापुड़ के नजदीक कुचेसर चौपले से आगे एनएच-9 पर उनकी कार और एक कैंटर की जोरदार टक्कर हुई। इसमें कार सवार तीनों लोगों की मौत हो गई।
राठौर ने बताया कि कैंटर चालक रोहित और क्लीनर हरीश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रोहित की हालत नाजुक है। उन्होंने बताया कि हादसे में मारे गए तीनों लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं। हादसे की सूचना मृतकों के परिजन को दे दी गई है।
जिले में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार की सुबह भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल के पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) विभांशु वशिष्ठ की दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे पहले पीएसओ के पिता की भी कोरोना से इलाज के दौरान मेरठ में मौत हो चुकी है। मृतक की मां और भाई भी कोरोना पॉजिटिव हैं। वहीं, दोपहर बाद शहर के साकेत एरिया निवासी 45 वर्षीय शख्स की मौत हो गई। उन्हें लीवर व डायबिटीज की समस्या थी।
पीएसओ के पिता की भी हो चुकी मौत
भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल के पीएसओ विभांशु की उम्र 25 वर्ष थी। साबुन गोदाम एरिया में रहने वाले इस परिवार में सबसे पहले कोरोना संक्रमण का पता पिता के सैंपल पॉजिटिव आने के बाद चला था। परिवार की जांच कराने पर पीएसओ और उनका भाई भी कोरोना पॉजिटिव आया था। 22 अप्रैल को सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दोनों को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 24 अप्रैल को पिता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पीएसओ के पॉजिटिव आने के बाद महानगर अध्यक्ष समेत विधायक, सांसद और अन्य भाजपा नेताओं ने खुदको होम क्वारैंटाइन कर लिया था। महानगर अध्यक्ष को उनके परिवार के साथ क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। दो दिन पहले वह क्वारैंटाइन पूरा कर वापस घर लौटे हैं।
हालत बिगड़ने पर दिल्ली भेजा गया था
महानगर अध्यक्ष के पीएसओ की मेडिकल अस्पताल में तबियत अधिक खराब होने पर दिल्ली हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था। दिल्ली में उसे सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि पीएसओ कोरोना पॉजिटिव था, इसके अलावा उसकी आंतों में भी बीमारी थी। पहले उसकी मां की रिपोर्ट निगेटिव आयी थी, लेकिन गुरूवार को पीएसओ की मां की दूसरी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी है, जबकि उसका एक भाई पहले से ही कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती है। इस परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों की भी जांच करायी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी उनके पास अधिकारिक सूचना इस संबंध में नहीं मिली है।
आज दो नए केस, संक्रमितों की संख्या 186 पहुंची
सीएमओ डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि, 45 वर्षीय शख्स का निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था। वह लीवर व डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित था। अस्पताल ने कोरोना की जांच कराई थी। लेकिन उससे पहले ही मरीज की मौत हो गई। मरने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।इसके अलावा आज कोरोना के दो नए केस सामने आए।इनमें एक मरीज माधवपुरम का रहने वाला है, जबकि दूसरा इस्लामाबाद क्षेत्र का रहने वाला है। इन दोनों मरीजों की प्राइवेट डॉक्टर के यहां ओपीडी के दौरान सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जो पॉजिटिव आए। मेरठ जिले में पिछले चार दिन में 70 से ज्यादा नए कोरोना संक्रमण के केस सामने आ चुके हैं। यहां अब तक 186 संक्रमित केस मिल चुके हैं। जबकि 11रोगियों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार के सदस्यों को सप्तर्षि आरती के लिए मंदिर में प्रवेश से रोके जाने से नाराज अर्चकों ने बृहस्पतिवार को बाबा विश्वनाथ की सप्तर्षि आरती सड़क पर की। अर्चकों ने सड़क पर पार्थिव शिवलिंग बनाकर अर्चना भी की। महंत परिवार के सदस्यों का आरोप है कि कैलाश मंदिर का कुछ हिस्सा तोडने का विरोध करने के कारण उन्हें मंदिर में जाने से रोक दिया गया है जबकि मंदिर प्रशासन का कहना है कि अर्चकों ने आरती से इंकार कर दिया है। इसके कारण मंदिर प्रबंधन ने मंदिर के नियमित अर्चकों से बाबा की सप्तर्षि आरती कराई।
दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ध्वस्तीकरण के दौरान एक प्राचीन मंदिर सामने आया है। बुधवार की देर रात इस मंदिर के क्षतिग्रस्त होने की अफवाह के बाद से ही माहौल में तनाव है। महंत परिवार के सदस्यों का आरोप है कि बृहस्पतिवार की शाम को सप्तर्षि आरती की सामग्री के साथ विश्वनाथ मंदिर पहुंचे तो उन्हें ढुंढिराज द्वार पर सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया।
रोकने का कारण पूछने पर बताया गया कि यह रोक एसपी ज्ञानवापी के आदेश पर है।आरती के मुख्य अर्चकों ने एसपी ज्ञानवापी से बात की तो अर्चकों को ज्ञानवापी स्थित गेट नंबर चार पर बुलाया। सभी अर्चक ज्ञानवापी पहुंचे तो वहां से भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। प्रतीक्षा करने के बाद जब कोई सक्षम अधिकारी उनका पक्ष सुनने के लिए नहीं पहुंचा तो सप्तर्षि आरती के अर्चकों ने सड़क पर ही आरती करने का निश्चय किया। अर्चकों ने एक पार्थिव शिवलिंग बनाया और उसे ज्ञानवापी द्वार के सामने सड़क पर ही रखकर सप्तर्षि आरती शुरू कर दी।
प्रशासन पर लगाया 300 सालों की परम्परा तोड़ने का आरोप
काशी विश्वनाथ महंत परिवार से जुड़े अर्चको का दावा है कि 300 सालों से बाबा के आरती में सम्मलित होते आ रहे हैं। हालांकिबताया जा रहा है कि बुधवार को बाबा के मंदिर के बगल में कैलाश मंदिर मंदिर का गुम्बज गिरने की खबर को लेकर कुछ मन मुटाव मंदिर प्रशासन और इनके बीच हुआ था। वहीं,सुरक्षा मंदिर के कार्यपालक अधिकारीविशाल सिंह ने बताया कि गुरुवार को दैनिक समाचार पत्रों में मंदिर के रेड जोन में स्थित कैलाश मंदिर के शिखर तोड़े जाने की खबर प्रकाशित हुई। इसकी जानकारी मिलते ही मंदिर प्रशासन ने इस घटना की तत्काल जांच कराई।
कोरोनावायरस वैश्विक महामारी को लेकर 17 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन है। ऐसे में बुजुर्गों व बच्चोंको घर से निकलने की इजाजत नहीं है। लोग शादी-विवाह व अन्य आयोजनों को टाल दिया है। ऐसे मेंउत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपती ने अपनी 50वीं सालगिरह मनाने की उम्मीद छोड़ दी थी। क्योंकि उनका इकलौता बेटा नोएडा में फंसा था और वे उससे दूरमुरादाबाद में थे। ऐसे में बेटे ने माता-पिता की इच्छाओं को पूरा करने के लिए इलाकाई पुलिस से मदद मांगी। पुलिसकर्मी माला, केक व अन्य सामान लेकर बुजुर्ग के घर पहुंच गए। यह सरप्राइज गिफ्ट देखकर बुजुर्ग दंपती की आंखें नम हो गईं। सभी ने दंपती को बधाई दी। दंपती ने भी पुलिसकर्मियों का आभार जताते हुए कहा- उनके बेटे ने सालगिरह को यादगार बना दिया।
कोतवाली इंस्पेक्टर ने दंपती व उनके बेटे को दी सरप्राइज
शहर के लोहागढ़ निवासी सुरेश चंद्र अग्रवाल की आज शादी की 50वीं सालगिरह है। लेकिन उनका इकलौता बेटा अनुज परिवार के साथ इन दिनों लॉकडाउन के चलते नोएडा में है। सबकी इच्छा थी कि, माता-पिता की 50वीं सालगिरह को यादगार बनाएंगे। लेकिन कोरोनावायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। हालांकि, अनुज ने आस नहीं छोड़ी थी।
खाकीधारियों ने यादगार बनाया पल
अनुज ने सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शक्ति सिंहको फोन कर मदद मांगी और अपनी पूरी बात बताई। उस वक्त शक्ति सिंह ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। लेकिन शुक्रवार को वेचौकी इंचार्ज मंडी चौक एसआई संदीप कुमार और महिला कांस्टेबल के साथ फूलों की माला, फूल, केक लेकर बिना किसी पूर्व सूचना के बुज़ुर्ग दंपति के आवास पर पहुंच गए। सभी ने एक साथ मिलकर सुरेश चंद्र अग्रवाल एवं उनकी पत्नी सुषमा के साथ उनकी 50वीं शादी की सालगिरह को मनाया। सुरेश चंद्र अग्रवाल एवं उनकी पत्नी सुषमा ने पुलिस टीम का आभार जताया है।इसके बाद अनुज ने भी कॉल कर मुरादाबाद पुलिस को धन्यवाद दिया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने श्रम कानून के अधिकतर प्रावधानों को तीन साल के स्थगित करने को अमानवीय बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को इस कृत के लिए त्याग पत्र दे देना चाहिए।
यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश से मज़दूरों को शोषण से बचानेवाले ‘श्रम-क़ानून’ के अधिकतर प्रावधानों को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया है। ये बेहद आपत्तिजनक और अमानवीय है। श्रमिकों को संरक्षण नहीं दे पाने वाली ग़रीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।’
ये कहा राज्य सरकार ने
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण के बाद प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था और निवेश को पुनर्जीवित करने के लिए उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट का प्रावधान है। राज्य सरकार ने श्रम विधियों से अस्थायी छूट अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया है। राज्य सरकार ने कहा, वर्तमान में कोविड-19 वायरस महामारी के प्रकोप ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रियाकलापों व आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। औद्योगिक क्रियाकलापों व आर्थिक गतिविधियों की गति कम हो गई है, जिसके कारण श्रमिकों के हितों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लाॅकडाउन की लम्बी अवधि में औद्योगिक प्रतिष्ठान, कारखाने और उनसे जुड़े औद्योगिक क्रियाकलाप तथा उत्पादन लगभग बंद रहे हैं। औद्योगिक क्रियाकलापों व आर्थिक गतिविधियों को पुनः पटरी पर लाने के लिए प्रदेश में नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा करने होंगे तथा पूर्व से स्थापित पुराने औद्योगिक प्रतिष्ठानों व कारखानों में औद्योगिक क्रियाकलापों एवं उत्पादन आदि को गति प्रदान करनी होगी।
श्रम अधिनियमों से तीन वर्ष की छूट का प्रावधान
नए औद्योगिक निवेश, नए औद्योगिक प्रतिष्ठान व कारखाने स्थापित करने और पूर्व से स्थापित पुराने औद्योगिक प्रतिष्ठानों व कारखानों आदि के लिए प्रदेश में लागू श्रम विधियों से कुछ अवधि के लिए अस्थायी रूप से उन्हें छूट प्रदान करनी होगी। आगामी तीन वर्ष की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लागू श्रम अधिनियमों में अस्थायी छूट प्रदान किया जाना आवश्यक हो गया है। इसके लिये ‘उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थायी छूट अध्यादेश, 2020’ लाया गया है। इस अध्यादेश में समस्त कारखानों व विनिर्माण अधिष्ठानों को उत्तर प्रदेश में लागू श्रम अधिनियमों से तीन वर्ष की छूट प्रदान किए जाने का प्राविधान है।
तब्लीगीजमात के सर्वेसर्वा मौलाना साद के ससुर की कोरोना रिपोर्ट ही गायब हो गई है। साद के ससुर मौलाना सलमान के भाई विदेश से आए थे, उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। स्वास्थ्य विभाग ने मौलाना साद के ससुर मौलाना सलमान सहित करीब 15 लोगों का सैंपल नोएडा की लैब में जांच के लिए भेजा था। इस दौरान ये सभी लोग क्वारैंटाइन में रहे। इस बीच कोरोना सदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन इन रिपोर्ट्स में मौलाना साद के ससुर मौलाना सलमान की रिपोर्ट नहीं थी।
सहारनपुर के सीएमओ डॉ. बी एस सोढी ने इस मामले मे नोएडा लैब से सम्पर्क किया तो पता चला कि मौलाना सलमान की रिपोर्ट मिसिंग है। जांच में सामने आया कि मौलाना सलमान के अन्य परिवारवालों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। डॉ. सोढी ने कहा कियह कोई पहला मामला नहीं है, अब तक सहारनपुर से भेजे गए 21 से अधिक सैंपल मिस हो चुके हैं।
दोबारा भेजा जाएगा साद के ससुर का सैंपल
डॉ. सोढ़ी ने कहा कि सैंपल मिस होने के कई कारण हो सकते हैं, ओवरलोड भी इसका कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में दोबारा से सैंपल को टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। मौलाना सलमान का भी सैंपल फिर से भेजा जा रहा है। जिसकी एक सप्ताह में रिपोर्ट आने की संभावना है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से हर दिन सैकड़ों लोग बीमार व तमाम असमय मौत के गाल में समा रहे हैं। ऐसे में कोरोना को मात देना जंग जीतने जैसा है। शुक्रवार को बहराइच में भाजपा नेता की बहू समेत 11 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। अस्पताल से निकलते समय मरीजों ने कोरोना वॉरियर्स को सलामी दी और अपनी खुशी की इजहार किया। भाजपा नेता की बहू ने मां दुर्गा की स्तुति गीत के साथ डांस करने लगीं। कोरोना वॉरियर्स ने मरीजों पर फूलों की बारिश कर उन्हें विदाई दी। इनमें तीन मरीज श्रावस्ती जिले के थे।
22 अप्रैल को एक साथ आठ केस मिले थे
ग्रीन जोन में चल रहे बहराइच जिले में22 अप्रैल को एक साथ आठ कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिले थे।सभी को चितौरा में बने लेवलवन अस्पतालमें इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इसके बाद मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ। स्थिति यहां तक आ पहुंची कि जिले में 17 मरीज हो गए थे। 12 दिन बाद फिर से एल वन में भर्ती 11 मरीजों का सैंपल भेजा गया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। पहली रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिलेवासियों व जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसके बाद दोबारा सैंपल भेजा गया तो फिर 11 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई। शुक्रवार को इन मरीजों को घर जाने के लिए बाहर निकाला गया तो वे इतना खुश थे कि वह अस्पताल के मुख्य गेट से निकलते समय डांस करने लगे। यहीं नहीं भाजपा नेता की बहू ने भी जमकर डांस किया। डाक्टर और ईश्वर को हाथ जोड़कर प्रणाम किया।
कोरोना को हराया, खुश होकर गए घर
सीएमओ डॉक्टर सुरेश सिंह ने कहा-जिले के आठ मरीज व श्रावस्ती के तीन मरीज मिलाकर कुल 11 मरीज अपने घर जा रहे है। सबने कोरोना को हराया है। खुश होकर सभी ने डांस किया और अपने घर चले गए। सभी को 14 दिन होम क्वारैंटाइन रहने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले में शुक्रवार को कोरोना वायरस से दो नए संक्रमित मिले। दोनोंशुकुल बाजार थाना क्षेत्र के हैं। मुंबई से लौटने के बाद इनकी सैंपलिंग कराई गई थी।प्रशासन ने दोनों युवको को सुल्तानपुर के कुड़वार सीएचसी में बने आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट कराया है। अब जिले में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजोंकी संख्या 5 हो गई है।
डीएम अरुण कुमार ने बताया कि, मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के शुकुल बाजार अन्तर्गत बादलगढ़ गांव में दो युवक बीते दिनों मुम्बई से आए थे। इन्हे शुकुल बाजार में बने शेल्टर होम में क्वारैंटाइन कराया गया था। आज इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही इन्हेंसुल्तानपुर के कुड़वार सीएचसी में बने आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया है।
डीएम ने कहा किसभी एसडीएम और थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए थे किलॉकडाउन के नियमों का पालन का सख्ती से होगा।प्रभावितस्थान को एक किलोमीटर की रेंज में सील कर दिया गया है। जिले में धारा 144 लागू है, इसलिए 5 से ज्यादा लोग एक जगह पर जमा नहीं होंगे।
इससे पहले 6 मई को दो कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे। दोनोंअजमेर से अमेठी आए थे। वहीं, गुरुवार कोमुसाफिरखाना के एएच इंटर कालेज में क्वारैंटाइन की गई दो महिलाएं कोरोना पाजिटिव पाई गई थीं। बीते 1 मई को बस द्वारा 28 लोग अजमेर से अमेठी आए थे।
ग्रीन जोन में शामिल रहे फतेहपुर जिले में शुक्रवार को कोरोनावायरस का पहला केस सामने आया है। वह बिंदकी तहसील के नयापुरवा गांव का रहने वाला है। डीएम संजीव कुमार ने गांव को कंटेनमेंट एरिया घोषित करते हुए सील कर दिया है।गांव को सैनिटाइज कराया जा रहा है। किसी को बाहर जाने या बाहरी के प्रवेश पर प्रतिबंध है।
महाराष्ट्र से गांव आकर दो दिनों टहलता रहा पीड़ित
डीएम संजीव कुमार व एसपी प्रशांत वर्मा ने गांव का जायजा लिया है।डीएम ने बताया कि, संक्रमित मरीज दो मई को महाराष्ट्र से आया था, जो सीधे गांव में गया। यहां दो दिन रहने के दौरान उसनेगांववालों से मुलाकात भीकी।4 मई को ग्रामीणों को जब उसकी मुंबई से वापसी की बात पता चली तो विरोध शुरू हुआ। इसके बाद उसने जिला अस्पताल में पहुंचकर अपनी जांच कराई। जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया। उसे नेलवापुर क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया था। डीएम-एसपी ने सभी से घरों में रहने की अपील की है।
सांसद ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की अपील की
जिले में पहला केस सामने आने के बादसांसद व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कोरोना से बचाव के लिए एक वीडियो जारी कर जनता से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है। सांसद नेकहा- जिले मेंकोरोनानेदस्तक दे दिया है।लोगघरों में रहें, कहींभीड़ न लगाएं।इसमहामारी से बचाव के लिए लोग उचित दूरी बनाएं।उन्होंनेसरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने की बात कही है।
लॉकडाउन के फेज तीन में शराब की दुकानों के खुलने के बाद घरेलू हिंसा के मामलों में अचानक इजाफा हो गया। गुरुवार रात हरदोई जिले में एक रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी ने शराब पीने के बाद घर में खूब हंगामा किया। उन्होंने लाइसेंसी पिस्टल से ताबड़तोड़ छह फायर किए। फायरिंग से दहशत में आए आस पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस पहुंची आरोपी बाथरूम में छिप गया। जिसे पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला। पुलिस ने आरोपी के घर से दो अवैध असलहे भी बरामद किए।
बहू-बेटे से नाराज था आरोपी
यह मामला कोतवाली शहर के अशराफ टोला विष्णुपुरी का है। परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रतन बाबू गुप्ता ने गुरुवार शाम शराब पी। इसके बादअपने बेटे और बहू को जान से मारने के लिए लाइसेंसी पिस्टल से उन पर ताबड़तोड़ छह फायर किए। बहू-बेटे ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। वहीं, फायरिंग की आवाज सुनकर आसपड़ोस के लोग भी अपनी खिड़की व छतों पर आ गए। इसकी सूचना नगर कोतवाली पुलिस को दी गई। कुछ देर बाद जब पुलिस पहुंची तो रतन ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। पुलिस ने दरवाजा खोलकर बाहर आने की अपील की। लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने पहले घर का मेन गेट फिर बाथरूम का दरवाजा तोड़कर आरोपी को बाहर निकाला।
पुलिस ने आरोपी रतन के कमरे सेदो अवैधअसलहे भी बरामद किए हैं। साथ ही लाइसेंसी पिस्टल को भी जब्त कर लिया गया है। एएसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि,पुलिस ने आरोपी को अपनी हिरासत में लिया है, जिसे जेल भेजा जा रहा है।
सामान्य दिनों से अधिक मामले
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम ने कहा कि राज्य के 75 जिलों में लगभग हर जिले से 20 से ज्यादा घरेलू हिंसा की सूचनाएं आ रही हैं, जो सामान्य दिनों से कहीं अधिक है। लॉकडाउन लागू होने के पहले घरेलू हिंसा की इतनी सूचना आयोग को नहीं मिलती थी, लेकिन अब इसमें आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हो गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के पहले आयोग को घरेलू हिंसा की 123 शिकायत मिली थीं, जो लॉकडाउन लागू होने के बाद बढ़कर करीब 250 हो गई हैं। अभी यह समय भी नहीं कि आयोग इस पर कार्रवाई शुरू कर दे। सोमवार से शराब की बिक्री शुरू होने के बाद नई मुसीबत शुरू हो गई है। इटावा मे एक युवक शराब के नशे मे नदी मे डूब गया तो रायबरेली मे छह नशेड़ियों ने शराब पीकर खूब हंगामा किया।
उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों ने खाने-पीने की सुविधाओं की मांग को लेकर अस्पताल से बाहर निकलकर हंगामा किया। आरोप है कि, अस्पताल प्रशासन उन्हें सूखी रोटी खाने में दे रहा है। इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने पांच मरीजों पर केस दर्ज किया है। कोतवाली पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन व महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की है। बता दें कि, संत कबीरनगर जिले में अब कोरोना के30 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं।
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खलीलाबाद में बने कोरोना लेवल वन वार्ड में 30 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है। सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर वीपी पांडेय ने बताया कि, यहां जिले के 28 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। बुधवार को इन्हीं लोगों के परिवार के चार और लोग संक्रमित मिले। वार्ड में स्थान नहीं होने के कारण नए संक्रमित मरीजों को बस्ती के मुंडेरवा में भर्ती के लिए भेजा जाने लगा। इसके विरोध में मरीजों ने हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया।
संतकबीर नगर के खलीलाबाद सीएचसी में कोविड एल वन का अस्पताल है। जिसमें कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार चल रहा है। यहां कुछ मरीजों को बस्ती ट्रांसफर किया जा रहा था। जिसका विरोध करने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर धारा 188, 279 व 270 आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एक ही परिवार के हैं। निगेटिव को एमसीएच बिल्डिंग है। जो पॉजिटिव हैं, हैं उपचार चल रहा है।
उत्तर प्रदेश में गैर राज्यों से श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश के हर श्रमिक एवं कामगार को सुरक्षित उनके घर तक लाएगी। यह प्रक्रिया मार्च के अंतिम सप्ताह से ही जारी है। जरूरत के अनुसार हम इसके लिए ट्रेन और बसों की मदद ले रहे हैं।
योगी ने सरकारी आवास पर टीम 11 के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बातें कही। उन्होंने बताया कि देश के अलग-प्रदेशों महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना आदि प्रदेशोंके श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेनें रास्ते में हैं। शनिवार तक ये अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी।योगी ने कहा कि 56 ट्रेनों से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश और केरल आदि राज्यों से करीब 70 हजार श्रमिकों की वापसी हो चुकी है।
ट्रेनों के अलावा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की करीब 10 हजार बसें भी आने वालों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा रही हैं। शुक्रवार को भी हरियाणा से 30,000 श्रमिक अपने प्रदेश में पहुंचेगें।मुख्यमंत्री ने अपील की है कि खुद के स्वास्थ्य और सुरक्षा के नाते कोई भी श्रमिक पैदल, साइकिल या दो पहिया से अपने घर के लिए न निकले। ये सारी व्यवस्था उसके लिए ही की गई है। धैर्य रखें सरकार उन तक जल्दी ही पहुंचेगी।
क्वारैंटाइन सेंटर पर आवश्यक रूप से होगी सभी की जांच
योगी ने कहा-आने वाले हर प्रवासी के स्वास्थ्य की जांच उस जिले के क्वारैंटाइन सेंटर पर अनिवार्य रूप से हो रही है। स्वस्थ लोगों को उनके घर इस हिदायत के साथ भेजा जा रहा है कि वह घर पर होम क्वारंटीन के मानकों का अनुपालन करेंगे। संदिग्ध को पूरी जांच के लिए सेंटर में ही आइसोलेट किया जा रहा है। घर जाने वाले हर श्रमिक को अनिवार्य रूप से भरण-पोषण के लिए एक हजार रुपये और तय मात्रा में खाद्यान्न भी दिया जा रहा है।