बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोनावायरस की वजह से सामने आए बड़े संकट की इस घड़ी में भी सरकार अमीरों के साथ खड़ी दिख रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट काल में भी राज्य सरकारें गलत व्यवहार कर रही है। क्वारैंटाइन सेंटर में रहने के साथ ही खाने की व्यवस्था नहीं की गई है। केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी हर जगह पर पूंजीवादी समर्थक रवैया अपना रही हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह बातें कही। उन्होंनेकहा कि कोरोना वायरस से दुनिया के साथ हम भी त्रस्त हैं। हमारा देश भी कोरोना के कहर से काफी पीडि़त है। अभी इसका कोई निदान न होते देख जनता काफी दुखी है। इनमें भी गरीब तथा मजदूर सबसे ज्यादा दुखी हैं। इनको तो आगे का कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा है। अब गरीबों को रोजी-रोटी नहीं मिल रही है। इसके साथ ही प्रवासी लोग बहुत परेशान हैं।
19 प्रवासी मजूदरों की मौत बेहद दुखद
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 19 प्रवासी मजदूरों की मौत की घटना बेहद दुखद है। यह काफी विचलित करने वाली घटना है। इन सभी को जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो रेल की पटरी पकड़कर अपने घर जा रहे थे। रास्ते में इनको कहीं पर भी रोका नहीं गया। यह तो बड़ी लापरवाही है। इस घटना से मैं और पार्टी बहुत दुखी है। औरंगाबाद की यह घटना सरकारों की लापरवाही का बड़ा नतीजा है। राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले। सरकार किस दिन काम आएगी।
मायावती ने कहा कि सरकार का काम है कि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाएं। मजदूरों से अमानवीय व्यवहार न करें। मजदूरों से क्रूरता से किराया ले रहे। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी अमीरों के लिए दयावान सरकार बनी हैं। सरकारें अमीरों के बच्चों के लिए मेहरबान हैं। अमीरों को लाने के लिए सरकार विदेश में हवाई जहाज भेज रही हैं।
कई राज्यों में फैक्ट्रीवालों ने मजदूरों को निकाल दिया है
मायावती ने कहा कि हमको पता चला है कि कई प्रदेशों में फैक्ट्री वालों ने मजदूरों को निकाल दिया। इसके बाद वह बेकार होने के कारण पैदल ही घरों की ओर चल पड़े हैं। सिर्फ उनसे अनुरोध करने से काम नहीं चलेगा, जहां की कोई गरीब या मजदूर हाई-वे पर पैदल चलता दिखे, उसको वहीं पर रोका जाए और खाने-पीने के साथ ही घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को गरीब-मजदूर नजर नहीं आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले सभी को कुछ समय देना चाहिए था। जिससे कि लोग अपने साधनों से अपने घरों तक पहुंच सकते थे। यहां तो कुछ घंटों में लॉकडाउन शुरू हो गया। जिससे किसी को भी व्यवस्थित होने के लिए समय नहीं मिला।
मालगाड़ी से कटकर औरंगाबाद में 16 मजदूरों की हुई मौत
दरअसल, महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास रेलवे ट्रैक पर 16 प्रवासी मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई है। सभी मजदूर मध्य प्रदेश जा रहे थे। हादसा औरंगाबाद में करमाड स्टेशन के पास हुआ। घटना उस वक्त हुई, जब मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। 5 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।
यहां कोल्ही क्षेत्र में आठ साल की बच्ची के साथ उसके पड़ोसी ने दुष्कर्म किया। पुलिस ने शुक्रवार को बताया, गुरुवार को बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसी समय आरोपी विक्रम ने उसे बहाने से अपने पास बुला लिया और रेप किया। वह बच्ची के पड़ोस में ही रहता है। बाद में बच्ची ने पूरी घटना अपने परिजनों को बताई। इसके बाद घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची का मेडिकल परीक्षण किया गया।
कार-ट्रक टक्कर में मां-बेटी की मौत, तीन घायल
फरेंद्र क्षेत्र में ट्रक और कार की टक्कर में मां-बेटी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया, 60 साल की कैलाशी देवी और उसकी 27 साल की बेटी ममता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना गुरुवार शाम की है। वहीं, उनके तीन अन्य रिश्तेदार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है। परिवार के लोग नौतवां जा रहे थे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं, ट्रक जब्त कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश की संगमनगरी प्रयागराज एक समय में कोरोना से मुक्त हो गया था लेकिन उसके बाद एक बार फिर यहां संक्रमितों के मिलने से अधिकारी परेशान हो गए हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली से आए लोग कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने का कारण बन रहे हैं। एक मई से सात मई तक सिर्फ पांच दिन में संक्रमितों की संख्या पांच से 17 हो गई। यानी सात दिन में कोरोना के 12 मरीज बढ़े। अब प्रवासियों की आमद से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल करीब 50 हजार लोगों के सर्वे और 28 हजार लोगों की जांच के साथ 531 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वादरैंटाइन सेंटरों में रखा गया है।जिले में एक मई को चार संदिग्ध मरीजों में कोरोना संक्रमण होने के बाद इनकी संख्या पांच से नौ हो गई। दो मई को 278 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें सभी निगेटिव रहे। तीन मई को 295 मरीजों की जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ ही तीन दिन में यह संख्या चार से बढ़कर दस पहुंच गई।
पॉजिटिव मामलों की संख्या लगातार बढ़ी
चार मई को 84 लोगों की जांच में सभी निगेटिव रहे लेकिन पांच मई को मिली 39 लोगों की रिपोर्ट में पांच लोगों के पॉजिटिव मामले सामने आए। इसी दिन रात में कोरोना संक्रमित इंजीनियर की उपचार के दौरान जान चली गई। इससे जिले में कोरोना से हुई मौत का पहला मामला आंकड़ों में दर्ज किया गया।मई की छह तारीख को 139 नमूनों की जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं सात मई को आई रिपोर्ट ने लोगों को चौंका दिया। बृहस्पतिवार को 147 नमूनों की जांच में दोकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दिन भर में 182 नमूने जांच के लिए भेज गए।
सीएमओ मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन सेंटरों में कुल 531 लोगों को रखा गया है। ब्लॉक स्तर पर क्वारैंटाइन सेंटरों के साथ शहर के अन्य स्थानों पर क्वारंटीन किए गए लोगों की संख्या इसमें शामिल नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3175 हो गई है। 62 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार सुबह सूरत से 1200 मजदूर और प्रवासी लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन वाराणसी पहुंची। सभी को जांच के बाद रोडवेज की बसों से उनके गृह जिलों मेंभेजा जाएगा। उधर, कोरोना संक्रमण सेआगरा में एक वरिष्ठ पत्रकार औरझांसी में 37 साल के युवक की मौत हो गई। उधर, बसपा नेता मायावती ने कहा कि प्रवासी मजदूर दुखी और परेशान हैं। केंद्र और राज्य सरकारें उनके साथ गलत और खराब व्यवहार कर रही हैं। उनके लिए न तो खाना और न रहने की व्यवस्था की जा रही है।
सूरत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर सुबह साढे़ 5 बजे पहुंची। कामगारों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ट्रेन से उतारा गया और फिर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। बाद में प्रशासन की तरफ से उन्हें जूस, चिप्स केपैकेट औरपानी दिया गया। गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ और अन्य जगहों पर लोगों को बसों से भेजा जा रहा है। श्रमिक मनोहर ने बताया कि सूरत में वहलूम चलाते थे। वहां सेठों ने पैसा देना बंद कर दिया था। कर्ज लेकर किसी तरह से जीवन कटा।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पंडितों का आरोप- प्रशासन ने पास रद्द किए
लॉकडाउन के बीच वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि आरतीकी गई। प्रशासन की तरफ सेइसका वीडियो भी जारी किया गया। दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर में यह पूजा रोज होती है। इसके लिए प्रशासन की तरफ से पास जारी किए गए थे। कुछ पंडित का आरोप है कि उनके पास कैंसल कर दिए गए और उन्हें मंदिर में पूजा करने के लिए नहीं जाने दिया गया।
कोरोना अपडेट्स:
झांसी:कोरोना की चपेट में आए 37 साल के युवक की महारानी लक्ष्मीबाईमेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। इस मरीज़ को गुरुवारदेर रात मेडिकल कॉलिज में भर्ती कराया गया था। उसे क्षय रोग भी था।2 दिन पहले एक मरीज़ अपनी जान गंवा चुका है। अब झांसी में संक्रमितों की संख्या 20 हो गई है।
लॉकडाउन में साइकिल से छत्तीसगढ़ निकले एक मजदूर परिवार को लखनऊ के शहीद पथ पर किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मर दी। इस हादसे में मजदूर दंपत्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल दोनों बच्चों का इलाज लोहिया अस्पताल में किया जा रहा है। मूल रूप से छत्तीसगढ़ का रहने वाला 35 साल का कृष्णा जानकीपुरम इलाके में झोपड़पट्टी में परिवार समेत रहता था। पति-पत्नी राजधानी लखनऊ में अलग-अलग जगह पर जहां काम मिलता था वहां मजदूरी करते थे।
लॉकडाउन का एक लंबा समय इस परिवार ने काट लिया था, लेकिन पैसे की किल्लत होने के चलते कृष्णा ने फैसला किया कि वह अपने घर छत्तीसगढ़ जाएगा। जिसके बाद साइकिल से ही अपनी पत्नी और दो बच्चों को लेकर जानकीपुरम से छत्तीसगढ़ के लिए निकल पड़ा। लखनऊ के शहीद पथ पर किसी अज्ञात वाहन ने कृष्णा की साइकिल में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। चारों साइकिल समेत उछलकर सड़क पर गिर गए।कृष्णा और प्रमिला को गंभीर चोटें आईं जबकि दोनों बच्चे भी घायल हो गए थे। वहां से गुजर रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सभी को अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान कृष्णा और प्रमिला ने दम तोड़ दिया।
शहीद पथ पर बुधवार देर रात हादसा हुआ
डीसीपी ईस्ट सोमेन वर्मा ने बताया- सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में शहीद पथ पर बुधवारदेर रात का यह हादसा है, जिसमें मूल रूप से छत्तीसगढ़ निवासी कृष्णा और उसकी पत्नी प्रमिला की मौत हुई है। जबकि उसके दो बच्चे 3 साल का बेटा निखिल और 4 साल की बेटी चांदनी घायल हैं। दोनों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चंदा कर किया अंतिम संस्कार
हादसे की सूचना पाकर कृष्णा के परिजन लखनऊ पहुंचे और शवों का अंतिम संस्कार कराया। कृष्णा के भाई राजकुमार के अनुसार लॉकडाउन के चलते कृष्णा के पास कोई काम नहीं था। उसके पास बचत के पैसे थे जो बीते दिनों खर्च हो चुके थे। राजकुमार के पास भी आर्थिक तंगी के चलते शवों के अंतिम संस्कार का पैसा नहीं था, तब कुछ मजदूरों ने चंदा करके 15 हज़ार रुपये जुटाए, जिसके बाद देर शाम गुलाला घाट पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।
लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर पैदल व अन्य संसाधनों से अपने घरों की तरफ पलायन कर रहे हैं। कुछ तो सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुंच रहे हैं तो वहीं कुछ के साथ आपराधिक वारदातें भी शुरू हो गई हैं। ताजा मामला मुरादाबाद जिले का है। यहां श्रमिक राम सिंह पर दो बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर एक हजार रुपए लूट लिए। हालांकि, राम सिंह नेदिलेरी दिखाते हुए शोर मचाया तो स्थानीय लोगों ने एक को पकड़ लिया। जबकि, दूसरा बदमाश मौके से फरार हो गया। लोगों ने बदमाश युवक को पेड़ से बांधकर पीटा है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने लुटेरे को अपनी सुपुर्दगी में लिया है।
पीड़ित राम सिंह ने बताया कि, वे बिजनौर जिले के चांदपुर से लखनऊ जा रहे थे। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। लेकिन रास्ते में मुरादाबाद जिले के कटघर थाना क्षेत्र के गोविंद नगर इलाके में पहुंचे, तभी दो लुटेरों ने हमला कर दिया। बदमाशों ने जेब में रखे एक हजार रुपए लूट लिए। यह देख अन्य लोगों ने शोर मचाया। तब लूटपाट करने वाले बदमाश भागने लगे। हालांकि, एक बदमाश में पकड़ में आ गया।
जिसके बाद उसे पेड़ से बांधकर जमकर पिटाई की गई।कुछ लोगों ने लुटरे को बचाने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने भी इसका विरोध किया।इस बात की सूचना जब पुलिस को लगी विभाग में हड़कंप मच गया।मौके पर पहुची पुलिस लुटेरे को अपने साथ थाने ले आयी और घायलों का उपचार कराया गया।
प्रवासी मजदूर राम सिंह ने इस बाबत थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। दूसरे फरार आरोपी की तलाश जारी है।
कभीचर्चा में रहाआगरा मॉडल अब ध्वस्त हो चुका है। यहां कोरोनावायरस का संक्रमण थम नहीं रहा है। अब तक 678संक्रमित केस मिल चुके हैं। गुरुवार रात यहां एक अखबारके वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत हो गई। आगरा के पंचकुइयां स्थितअशोक नगर निवासी कुलश्रेष्ठ की कोरोना रिपोर्ट 4 मई को आई थी। उसमें वह पॉजिटिव निकले थे। उसके बाद से वह आइसोलेशन में भर्ती थे। उनकी तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें एसएनएमसी में वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके निधन से पत्रकार जगत स्तब्ध है। कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी ने पत्रकार कुलश्रेष्ठ के निधन पर अपनी संवेदनाएं प्रकट की है।
कई अहम पदों पर रहे कुलश्रेष्ठ
पंकज कुलश्रेष्ठवरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर के बाद डेस्क इंचार्ज बनाए गए थे। उन्होंनेमथुरा ब्यूरो चीफ की भी जिम्मेदारी निभाईथी। कुलश्रेष्ठ ने पूरे ब्रजमंडल में अपनी कलम की धार का लोहा मनवाया था। इस बीच कुछ पत्रकार जगत के लोग प्रशासन द्वारा सही व्यवस्थाएं ना देने के कारण उनकी मौत का आरोप भी लगा रहे हैं, हालांकि इस मामले में प्रशासन दुख व्यक्त कर रहा है और किसी भी तरह के बयान देने से पीछे हट रहा है।
आगरा: यहां 15 पत्रकारसंक्रमित
ताजनगरी आगरा में कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, यहां अब तक 15पत्रकार संक्रमित हो चुके हैं।हालांकि, ये संख्या इससे अधिक है। अभी कई पत्रकारों की कोरोना टेस्ट नहीं हुआ है। मीडिया कर्मी लगातार कोरोना संक्रमण से लड़ते हुए जन-जन तक हर एक पल की खबर पहुंचा रहे हैं। पत्रकारों केसंक्रमित होने की कड़ियांप्रशासन को मालूम है, क्योंकि यहां एक निजी संस्थान के डेस्क पर काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार को उनके डॉक्टररिश्तेदार के जरिए कोरोना का संक्रमण हुआ और संस्थान में काम करते हुए लोगों तक पल-पल की खबर पहुंचाने के दौरान उनके संपर्क में आए 12 पत्रकार पॉजिटिव निकले। इसके साथ ही एक अन्य संस्थान का पत्रकार और दो अन्य पत्रकार भी पॉजिटिव पाए गए।
प्रियंका ने प्रकट की शोक संवेदना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कुलश्रेष्ठ की पत्नी को खत भेजकर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की है। प्रियंका ने लिखा- पंकज जी के निधन के समाचार से मुझे बहुत कष्ट हुआ है। मुझे एहसास है कि, आपको और आपके परिवार को इस पीड़ा को सहन करना कितना कठिन होगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि इस दुख की घड़ी में आपको और सभी परिजनों को कष्ट सहने का साहस दे।
आगरामें अब मरने वालों की संख्या 20 पहुंची
शुक्रवार को आगरा में11 नए मामले आने के बाद पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 678 तक पहुंच गया है। जबकि मौत की संख्या 20 पहुंच गई है। वर्तमान में 294 मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं और 364 लोग अभी भी कोरोना की जंग लड़ रहे हैं। वहीं, अब तक राज्य में 3175 संक्रमित मिल चुके हैं। बीते 24 घंटे में 5 लोगों की मौत हुई। इनमें आगरा मेंदो व मेरठ, झांसी व ग्रेटर नोएडा में एक-एक संक्रमित की जान गई है। कुल संक्रमितों में1153 केस तब्लीगी जमात के हैं।अभी तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 1250 कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। कोरोना के 1765 एक्टिव केस हैं। अब तक कोरोना से 65लोगों की मौत भी हो चुकी है।
आगरा में बुजुर्ग महिला ने भी दम तोड़ा
शहर निवसी65 वर्षीया अनीता जैन का कुछ दिनपहले डायलिसिस हुआ था। उसके बाद उनकी तबियत खराब होने पर देहली गेट स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला को बुखार और सांस लेने की तकलीफ देखते हुए कोरोना की जांच कराई गई। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस पर उन्हें छह मई को एसएनएमसी में भर्ती कराया गया। शुक्रवार की सुबह सात बजे उनका ब्लडप्रेशर कम हो गया धड़कन तेजी से चलने लगी। उन्हें वेंटीलेटर पर रखकर बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन सुबहहृदय गति रुक जाने से मौत हो गई।
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को कोरोनावायरस से संक्रमित 60 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। ये जिले की पहली मौत है। बुजुर्ग ने प्राइवेट लैब में कोरेानावायरस का टेस्ट कराया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद गुरुवार रात उन्हें जिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बुजुर्ग की मौत परिवार के लोग सदमेमें हैं। डीएम सुलास एलवाई ने कहा- मृतक के संपर्क में आने वालों का पता लगाया जा रहा है। सभी की सैंपलिंग की जाएगी। परिवार वालों को क्वारैंटाइन किया जा रहा है।
गुरुवार को टेस्ट पॉजिटिव आया था
सेक्टर 22 निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग को कई दिनों से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिस पर परिजनों ने उनका नोएडा के मेट्रो अस्पताल में इलाज कराया। जहां डॉक्टरों ने उनकी कोरोना जांच कराई तो टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। जिसके बाद उन्हें ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां तड़के तीन बजे उनकी मौत हो गई।
24 घंटे में10नए मामले,संक्रमितोंका आकड़ा 202
बीते 24 घंटे मेंगौतमबुद्धनगर (नोएडा/ग्रेटर नोएडा) मेंकोरोनावायरस के 10 नए मामले सामने आए।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीते24 घंटे में 124 लोगों की रिपोर्ट आई। इसमें 114 निगेटिव और 10पॉजिटिव आई।इनमें शारदा अस्पताल के तीन युवक, ग्रेटर नोएडा केमढिया गांव में चार साल की बच्ची व 15 साल की किशोरी के अलावा एक महिला भी संक्रमण का शिकार है। शहर के एपिसेंटर सेक्टर-8में एक किशोरी औरसेक्टर-137 फेलिक्स अस्पताल में महिला समेत दो नए केस आए। अब तक 3,854 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें से 202 केस पॉजिटिव हैं। 93 एक्टिव केस है।366 लोग क्वारैंटाइन सेंटर में हैं। कोरेाना को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 17 मई तक देशव्यापीलॉकडाउन किया है। जिसके मद्देनजर यहां धारा 144 प्रभावी है।
राज्य में 3175 संक्रमित, 65 की मौत
अब तक राज्य में 3175 संक्रमित मिल चुके हैं। बीते 24 घंटे में 5 लोगों की मौत हुई। इनमें आगरा मेंदो व मेरठ, झांसी व ग्रेटर नोएडा में एक-एक संक्रमित की जान गई है। कुल संक्रमितों में1153 केस तब्लीगी जमात के हैं।अभी तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 1250 कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। कोरोना के 1765 एक्टिव केस हैं। अब तक कोरोना से 65लोगों की मौत भी हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं। इस बीच झांसी में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण दूसरी मौत का मामला सामने आया है। गुरुवार देर रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव 37 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक को गंभीर हालात में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। रात दो बजे उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।यह जिले में कोरोना वायरस से मौत का दूसरा मामला है।
वहीं श्रमिकों को छोड़ने गई रोडवेज बस का चालक भी कोरोना पॉजिटिव निकला है। उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवा कर उपचार शुरू कर दिया गया है।झांसी में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 20 पहुंच गई है। इनमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि तीन की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
गुरुवार को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था
मिली जानकारी के मुताबिक, शहर कोतवाली क्षेत्र के विसातखाना के रहने वाले 37 वर्षीय व्यक्ति को 7 मई को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसकी आज रात 2 बजे मौत हो गई। मृतक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी ट्रैवलिंग हिस्ट्री का अभी पता नहीं चल पाया है।
वहीं दूसरा व्यक्ति यूपी परिवहन का ड्राइवर है। उसकी ड्यूटी 30 अप्रैल को एमपी यूपी बॉर्डर ने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों की ओर ले जाने के लिए लगी थी। उस व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। अब जनपद में तीन हॉटस्पॉट एरिया हो गए। सभी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नगर निगम की टीम सैनिटाइज का काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जिले में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। नोएडा में संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन जनता है कि मान नहीं रही है। इसका नजारा शुक्रवार तड़के नोएडा सेक्टर 88 की एक सब्जी मंडी में दिखा जहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं। सब्जी मंडी में सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। इसमें सब्जी खरीदने वालों के साथ-साथ बड़ी संख्या में खरीदार भी थे। इस तरह की और भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में इसी तरह की भीड़ के बाद कई लोगों को कोरोना संक्रमित भी पाया गया था।
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंसोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाए जाने के बाद मार्केट कमिटी के सेक्रेटरी ने कहा, 'हम कल से 100 से 150 पास ही जारे करेंगे। अब से सिर्फ पास धारक रेहड़ी वालों को ही मार्केट में आने दिया जाएगा।' सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सैकड़ों की संख्या में सब्जी और फल के विक्रेता अपने ठेले के साथ मौजूद हैं और उनके आसपास ढेर सारी भीड़ जमा है।
मंडी समिति का दावा- हमने काफी हद तक भीड़ कंट्रोल किया
नोएडा सेक्टर 88 की मार्केट समिति के सेक्रेटरी संतोष ने आगे कहा, 'हमने एक हद तक भीड़ को कंट्रोल किया है लेकिन लॉकडाउन के बढ़ने के कारण ही कुछ और काम करने वाले मजदूर भी मंडियों में ही काम करने आने लगे हैं। कहीं और कुछ और काम करके कमाने वाले भी यहां आ रहे हैं। हमने मार्केट में करीब पांच हजार से छह हजार मास्क और ग्ल्वस भी बांटे हैं।'
उत्तर प्रदेाश के कानपुर में गुरूवार का दिन शहर के लिए राहत भरा रहा। लगभग 20 दिनों बाद ऐसा हुआ है कि शहर में सिर्फ दो संक्रमित पाए गए। जिसमें कर्नलगंज थाने तैनात सिपाही और एक अन्य युवक जिसकी प्राइवेट लैब से रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। शहर में संक्रमितों की संख्या 290 पहुंच गई है। वहीं 51 पेसेंट डिस्चार्ज हो चुके है और 6 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही शहर के 7 ऐसे हॉटस्पॉट एरिया जहां बीते 21 दिनों से एक भी पेसेंट सामने नहीं आया है। उन्हे ग्रीनजोन में तब्दील किया जाएगा।
जीएसवीए मेडिकल की कोविड-19 लैब से 245 और लखनऊ के केजीएमयू 55 आई रिपोर्ट में एक सिपाही संक्रमित पाया गया है। संक्रमित सिपाही कर्नलगंज थाने में तैनात था। उसकी ड्यूटी हॉटस्पॉट एरिया में लगी थी शहर में संक्रमित पुलिसकर्मियों संख्या बढकर 25 हो गई। संक्रमित सिपाही की टै्रवल हिस्ट्री जुटाई जा रही है। इसके साथ ही नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं दूसरा संक्रमित बाबूपुरवा का रहने वाला है। एक प्राइवेट लैब से कोरोना टेस्ट कराया था। गुरूवार को युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
अधिकारियों ने बैठक कर हालात की समीक्षा की
मंडलायुक्त ने स्वास्थ्य विभा, पुलिस प्रशासन और डीएम के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें शहर के 7 हॉटस्पॉट एरिया को ग्रीनजोन में बदलने का फैसला किया गया है। जिसमें जिसमें बाबूपुरवा की सुफ्फा मस्जिद का एरिया , घाटमपुर , सजेती , मछरिया का एरिया शामिल है। दरसल बीते 21 दिनों से इन हॉटस्पॉट एरिया में से एक भी पॉजिटिव पेसेंट सामने नही आया है। हॉटस्पॉट एरिया से ग्रीनजोन बनते ही पीएसी और पुलिस बल हटा लिया जाएगा। आने जाने वाले रास्ते खोल दिए जाएगें।
इसके साथ ही 27 हॉटस्पॉट एरिया को मर्ज करके 17 रेडजोन बना दिए गए हैं और 2 ऑरेंज जोन बनाए गए हैं। दरअसल जिस भी क्षेत्र से सक्रमित मिल रहे थे उनको हॉटस्पॉट एरिया बनाया जा रहा था। इस तरह से शहर में 34 हॉटस्पॉट बनाए जा चुके थे। इन सभी एरिया में प्रशासन जरूरी सामाग्री होम डिलीवरी के माध्यम से पहुंचाई जा रही थी। क्षेत्र में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जा रही थी।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। पिछले 24 घण्टे में यूपी में 73 नए कोरोना संक्रमण के मरीज मिले हैं और कोरोना का संक्रमण राज्य के 67 जिलों में फैल गया है। सूबे में अब तक कुल 3175 कोरोना के पॉजिटिव केस सामने आए, जिनमें 1153 केस तब्लीगी जमाती शामिल हैं। कोरोना के 1765 एक्टिव केस हैं। अभी तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 1250 कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। अब तक कोरोना से 62 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कैसरबाग का मछली मोहल्ले का पूराइलाकासील: कैसरबाग के कुल 6 इलाके सील किए गए,लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई हैं। जरूरी सामान के लिए 2 वॉलंटियर नियुक्त किये गए हैं इस इलाके के हर व्यक्ति की जांच होगी। इस इलाके में 8 कोरोना के मरीज मिल चुके हैं।बीते 24 घंटे में आगरा में 11, लखनऊ में पांच, मेरठ में 10, कानपुर ने 6, अलीगढ़-बांदामें 4-4, झांसी 3, रामपुर-हाथरस-अमेठी-रामपुर-फिरोजाबाद-प्रयागराज, में 2-2, जालौन-हापुड़-मैनपुरी-सिद्धार्थ नगर-बिजनौर-मिर्जापुर-आजमगढ़-गोंडा-सहारनपुर-श्रावस्ती-सहारनपुर में 1-1 नए मरीज मिले हैं। वहीं आगरा में चार और मेरठ में एक मौत के बाद मरने वालों का आंकड़ा 62 पहुंच गया हैं।
अब तक 3175 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 670, कानपुर नगर में 292, लखनऊ में 269, सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 193,फिरोजाबाद में 178, मेरठ में 184, मुरादाबाद में 117, गाजियाबाद में 110, वाराणसी में 77, अलीगढ़ में 53, हापुड़ में 54, बुलन्दशहर में 57, रायबरेली में 47, मथुरा में 38, अमरोहा-बस्ती में 36-36, बिजनौर में 35, संतकबीरनगर में 30, शामली में 29 , रामपुर में 27, मुजफ्फरनगर में 24, संभल में 22, सिद्धार्थनगर ,सीतापुर में 20-20, बांदा-बागपत में 17- 17 और बदायूं में 16 मामले सामने आए हैं।
वहीं प्रयागराज-बहराइच में 15-15, प्रतापगढ़ में 14-14, औरैय्या में 13, एटा में 12, मैनपुरी-बरेली में 11-11, गोंडा में 10, हाथरस-झांसी में 9-9, श्रावस्ती-जालौन- जौनपुर-आजमगढ़ में 8-8 पाए गए। कन्नौज-महराजगंज में 7-7, ग़ाज़ीपुर 6, लखीमपुर खीरी-सुल्तानपुर-इटावा में 4-4, पीलीभीत-मिर्जापुर-कासगंज-अमेठी-चित्रकूट-गोरखपुर में 3-3, हरदोई-कौशाम्बी-गोंडा-भदोही-उन्नाव-बाराबंकी-महोबा-कानपुर देहात-कुशीनगर-बलरामपुर-देवरिया में दो-दो, शाहजहांपुर-मऊ-अयोध्या में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।
1250 कोरोना स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 220, लखनऊ से 161, मुरादाबाद से 116,गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 111, ,सहारनपुर से 79, मेरठ से 55, गाजियाबाद से 51, कानपुर नगर से 34, फ़िरोज़ाबाद से 33, अमरोहा से 27, शामली से 28, बस्ती से 20, बुलन्दशहर-बिजनौर से 21-21, मुजफ्फरनगर से 19, रामपुर से 16, सीतापुर से 17, बागपत से 15,वाराणसी से13, मुजफ्फरनगर से 9, बरेली, हापुड़-सम्भल-महराजगंज-प्रतापगढ़ से 6- 6, जौनपुर-गाजीपुर से 5-5, लखीमपुर खीरी-मैनपुरी-कन्नौज-आज़मगढ़-हाथरस-मथुरा-औरैया-अलीगढ़ से4-4, बाँदा-एटा-मैनपुरी-कन्नौज-पीलीभीत से 3-3, हरदोई-बदायूं-कौशाम्बी से 2-2, शाहजहांपुर-बाराबंकी-कासगंज-प्रयागराज-मऊ-उन्नाव-भदोही-सम्भल-इटावा से 1-1 कोरोना मरीज कोडिस्चार्ज किया गया है।
जिले के कांशीराम अस्पताल के कोविड-19 वार्डमें भर्ती तीन साल की बच्ची का योग करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वह योग के आसन व अनुलोम-विलोम करते हुए कोरोना को मात देने का संदेश दे रही है। ये नन्ही बच्ची कोरोना मरीजों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।बच्ची के पिता पुलिस मेंसिपाही के पद पर तैनात हैं। वह भीअस्पताल में भर्ती हैं।
दरअसल, रायपुरवा थाने में तैनात सिपाहीअनवरगंज थाने के अवासीय परिसर में पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ रहता है। सिपाही की हॉटस्पॉट एरिया में लगाई गई थी। 27 अप्रैल को वह संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद सिपाही को कांशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिपाही के परिवार का भी कोरोना टेस्ट कराया तो पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई, वहीं तीन साल की बच्ची संक्रमित पाई गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने पिता के साथ बच्ची को भी कांशीराम ट्रामा सेंटर के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया।
अब बच्ची अपनी शरारती व बालपन कीहरकतों से पूरे वार्ड का मनोरंजन करती है। इसके साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ भी उसे बेहद प्यार देता है। संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर जो भी उसे बताते हैं, उसका वह अनुसरणकरती है। हालांकि, रात के वक्त वो अपनी मां को याद करके पिता को परेशान होतीहै।शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सभी मरीजों को योगकरने की सलाह दी गई है।अन्य मरीजों कोयोगकरते देख बच्ची भी योगाभ्यासकरना शुरू कर दिया है। योगकरते हुए बच्ची के वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब पंसद किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में गैर राज्यों से श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। कई राज्यों से स्पेशल ट्रेनें कामगारों को लेकर यूपी के अलग-अलग जिलों में पहुंच रही हैं। इस बीच सूरत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन वाराणसी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को सुबह ही 1200 लोगों को लेकर पहुंची। इस दौरान श्रमिकों ने कहा कि लॉकडाउन में काम बंद हो गया था जिसकी वजह से कर्ज लेकर किसी तरह गुजारा चल रहा था। अपने घर पहुंचने से काफी राहत महसूस हो रही है।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ट्रेन से उतरने पर उनकी थर्मल स्कैनिंग की गई लोगों का डिटेल दर्ज किया गया उन्हें जूस और चिप्स का पैकेट दिया गया व पानी दिया गया सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उन्हें बस पर बैठाकर रवाना किया जा रहा है।
मौके पर एडीएम सिटी और एसपी सिटी दिनेश सिंह मॉनिटरिंग कर रहे थे। पहुंचे लोगो का कहना है कि बस उनके मन मे एक ही इक्षा है कि वो अपने घरों को पहुंच जाएं।गाजीपुर ,जौनपुर,आज़मगढ़, बलिया,मऊ और अन्य जगहों पर लोगो को बसों से भेजा जा रहा है।मनोहर ने बताया कि सूरत में वो लूम चलाते थे। वहां सेठो ने पैसा देना बंद कर दिया था। कर्ज लेकर किसी तरह से जीवन कटा।
वही काशी में मरीजों की संख्या 77 जिसमे एक कि मौत 21 स्वस्थ हो गए है।272 लोगो के रिपोर्ट का इंतजार है।डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि किताब और मोबाईल की दुकानें 7 से 2 बजे तक ही खुलेंगी। 10 मई से एकल चाय पान की दुकानें बंद रहेंगी। इसमें मेडिकल स्टोर,राशन गल्ला अंडा,पशु चारा की दुकानें 2 बजे तक ही रोज खुलेंगी।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक औरपूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादवकी अचानक तबियत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट में भर्ती कराया गया। उन्हें पेट संबंधी दिक्कत है। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उनकी हालत ठीक बताई है। गुरुवार को मुलायम के छोटे भाई व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है किशुक्रवार को उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।
पांच दिनों से है कब्ज की परेशानी
मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कपूर ने बताया ने 81 साल के मुलायम सिंह यादव को तकरीबन पांच दिनों से कब्ज परेशानी हो रही है। इस वजह से उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एंडोस्कोपी के जरिए उनका इलाज किया गया, अब उनकी स्थिति सामान्य है। डॉक्टर्स उनकी देख-रेख कर रहे हैं। मुलायम सिंह यादव बढ़ती उम्र की वजह से आने वाली बीमारियों से ग्रस्त हैं। शुक्रवार को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है।
डिंपल वअखिलेश ने अस्पताल पहुंच जाना हाल
अस्पताल में उनके साथ बहू डिंपल यादव और भाई शिवपाल सिंह यादव मौजूद हैं। दोपहर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनका हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे थे। चार घंटे रहने के बाद अखिलेश यादव घर चले गए।
जिले के कांशीराम अस्पतालकोविड-19 वार्डमें भर्ती एक तीन साल की बच्ची का योग करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वह योग के आसन व अनुलोम-विलोम करते हुए कोरोना को मात देने का संदेश दे रही है। ये नन्ही बच्ची कोरोना मरीजों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।बच्ची के पिता पुलिस विभाग मेंसिपाही के पद पर तैनात हैं। वह अपने पिता के साथ अस्पताल में भर्ती है।
दरअसल, रायपुरवा थाने में तैनात सिपाहीअनवरगंज थाने के अवासीय परिसर में पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ रहता है। सिपाही की हॉटस्पॉट एरिया में लगाई गई थी। बीते 27 अप्रैल को वो संक्रमित पाया गया। इसके बाद सिपाही को कांशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिपाही के परिवार का भी कोरोना टेस्ट कराया तो पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई, वहीं तीन साल की बच्ची संक्रमित पाई गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने पिता के साथ बच्ची को भी कांशीराम ट्रामा सेंटर के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया।
अब बच्ची अपनी शरारती व बालपन कीहरकतों से पूरे वार्ड का मनोरंजन करती है। इसके साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ भी उसे बेहद प्यार देता है। संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर जो भी उसे बताते हैं, उसका वह अनुसरणकरती है। हालांकि, रात के वक्त वो अपनी मां को याद करके पिता को परेशान होतीहै।शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सभी मरीजों को योगकरने की सलाह दी गई है।अन्य मरीजों कोयोगकरते देख बच्ची भी योगाभ्यासकरना शुरू कर दिया है। योगकरते हुए बच्ची के वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब पंसद किया जा रहा है।
कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते देश व प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। इसे पटरी पर लाने के लिए गुरुवार कोसूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 611 कपड़ा निर्यात इकाइयों को खोलने का निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने इस बाबत आदेशजारी कर दिया है। इससे उन कपड़ा निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है, जिनके पास विदेशी ऑर्डर तो मौजूदथा, लेकिन लॉकडाउन में ऑर्डर पूराकर सप्लाई का संकट बना हुआ था। इस कारण करीब पांच हजार करोड़ रूपएसे अधिक का ऑर्डर हाल ही में विदेशी खरीदारों ने रद्दकर दिया था। इससे कपड़ा उद्योग वेंटीलेटर पर चला गया था, लेकिन सरकार एक फैसले ने उद्योग को संजीवनी प्रदान कर दी है।
गारमेंट्स एवं टेक्सटाइल उद्योग है जिले की पहचान
चार मई को प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से एक ऑनलाइन पोर्टल जारी किया था। इस पोर्टल पर कंटेनमेंट जोन के बाहर संचालित इकाइयों को कुछ शर्तों के साथ नोएडा-ग्रेटर नेएडा में संचालन की अनुमति प्रदान की जा रही थी, लेकिन इसमें उन इकाइयों को ही अनुमति जारी की गई थी, जो आकस्मिक सेवा और निरंतर चलने वाली इकाइयांथीं। इस पर नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट कलस्टर ने आपत्ति जताते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग को पत्र जारी किया था।
पत्र में लिखा गया कि गौतमबुद्धनगर एक जिला एक उत्पाद में गारमेंट्स एवं टेक्सटाइल उद्योग में दर्ज है। यहां पर तीन हजार से अधिक इकाइयां संचालित हो रही है। इसमें करीब 900इकाइयां गारमेंट्स एक्सपोर्ट ओरिएंटेड (ईओयू) हैं, लेकिन जो अनुमति ईओयू को प्रदान की जा रही है, उसमें केवल एनएसईजेड (नोएडा विशेष आर्थिक जोन) में संचालित इकाइयां शामिल हैं। विभाग इसके बाद संचालित इकाइयों को ईओयू मान ही नहीं रहा है। इसके बाद एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने मामले को तत्काल मुख्यमंत्री के समक्ष रखा और समस्या का समाधान कर आदेश पत्र जारी कर दिया।
2 हजार करोड़ रुपए का आर्डर किया जाएगा पूरा
नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट कलस्टर चेयरमैन ललित ठुकराल ने बताया कि कपड़ा निर्यात उद्योग के लिए यह आदेश संजीवनी है। इससे कुछ निर्यातकों को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है, क्योंकि करीब 2000करोड़ रूपएका ऑर्डर अभी भी पूरा किया जाना बाकी है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन राष्ट्रीय सचिव राजीव बंसल ने बताया कि उनकी कंपनी में अभी करीब 300करोड़ रूपएका ऑर्डर पूरा किया जाना बाकी है। लॉकडाउन के कारण ऑर्डर को पूरा नहीं किया जा सका। अगले एक से डेढ़ माह में यह ऑर्डर सप्लाई कर दिया जाएगा।
कपड़ा निर्यातकों की हल हुई समस्या
जिला उद्योग केंद्र एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के उपायुक्त अनिल कुमार ने बताया कि,विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के प्रयास से 24 घंटे से पहले ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कपड़ा निर्यातकों की समस्या को हल कर आदेश जारी कर दिया है।
10नए मरीजों के साथ संक्रमित मरीजों का आकड़ा 202 पहुंचा
गुरुवार को नोएडा में कोरोनावायरस के 10 नए मामले सामने आए।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीते24 घंटे में 124 लोगों की रिपोर्ट आई। इसमें 114 निगेटिव और 10पॉजिटिव आई।इनमें शारदा अस्पताल के तीन युवक, ग्रेटर नोएडा केमढिया गांव में चार साल की बच्ची व 15 साल की किशोरी के अलावा एक महिला भी संक्रमण का शिकार है। शहर के एपिसेंटर सेक्टर-8में एक किशोरी औरसेक्टर-137 फेलिक्स अस्पताल में महिला समेत दो नए केस आए। अब तक 3,854 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इसमें से 202 केस पॉजिटिव हैं। 93 एक्टिव केस है।366 लोग क्वारैंटाइन सेंटर में हैं।
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में गुरुवार की दोपहर दो बाइकों की भिड़ंत में एक होमगार्ड की मौत हो गई। जबकि उसकी पत्नी व दूसरी बाइक पर सवार युवक घायल हुए हैं। युवक की हालत नाजुक है। उसे जिला अस्पताल से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। मृतक होमगार्ड पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर खाद्यान्न लेने जा रहा था।
थाना जखौरा के कस्बा बांसी निवासी 54 वर्षीय गोरेलाल झा होमगार्ड था।वह इस समय कोतवाली ललितपुर में रात्रि में ड्यूटी कर रहा था। गुरुवार की दोपहर 1 बजे के बीच वह अपनी 50 वर्षीय पत्नी प्रभा के साथ बाइक से कस्बा बार उचित दर विक्रेता की दुकान से खाद्यान्न लेने के लिए जा रहा था।जब वह बार बांसी मार्ग पर स्थित ग्राम पुलवारा के निकट पहुंचा, कि तभी सामने से आ रही दूसरी बाइक से उसकी टक्करहो गई। जिसके चलते होमगार्ड गोरेलाल झा, उसकी पत्नी और दूसरी बाइक पर सवारभावनी निवासी युवक घायल हो गए।
तीनोंको उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने होमगार्ड गोरेलाल को मृत घोषित कर दिया। वहीं, दूसरे युवक की हालत गंभीर होने पर उसे उपचार के लिए झांसी मेडीकल काॅलेज रेफर कर दिया गया। शहर कोतवाल संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मृतक होमगार्ड के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
राजधानी लखनऊ में चारबाग रेलवे स्टेशन पर दूसरे प्रदेशों से आए श्रमिकों पर सोडियम हाईपोक्लोराइडके छिड़काव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद नगर निगम ने दो कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, मामला मंगलवार को गुजरात से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची थी। तभी यहां गाड़ियों को सैनिटाइज कर रहे नगर निगम के कर्मियों ने एक मजदूर परिवार को भी सैनिटाइज करने के लिए उन पर केमिकल का छिड़काव कर दिया था। डेढ़माह पूर्व बरेली जिले में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था।
यह है पूरा मामला
गुजरात से पहुंचे मजदूरों को जिला प्रशासन थर्मल स्कैनिंग के बाद बसों में बिठाकर उन्हें उनके गृह जनपद भेज रहा था। इसी बीच एक परिवार स्टेशन परिसर में बैठकर बस का इंतजार कर रहा था। तभी नगर निगम के श्रमिकों ने मजदूर के परिवारीजनों पर केमिकल का छिड़काव कर दिया। इतना ही नहीं श्रमिकों के पास जो सामान रखा था, उस पर भी केमिकल का छिड़काव किया गया। यह मामला तूल पकड़ने के बाद नगर आयुक्त नेएक सुपरवाइजर और एक ऑपरेटर को बर्खास्त कर दिया है।
इस संबंधमेंनगर आयुक्त इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि,सुपरवाइजर आयुष बाजपेई और ऑपरेटर सूरज भारती को से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।इसके साथ लापरवाही बरतने वाले एसएफआई सुभाष चौधरी को प्रतिकूल प्रविष्टि भी जारी की गई है। जोनल अधिकारी सुभाष त्रिपाठी को भी चेतावनी जारी की गई है।
मजदूरों पर सैनिटाइजर स्प्रे करने के मामले की नगर निगम ने जांच भी करवाई। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि चारबाग स्टेशन पर बसों को सैनिटाइज करने का जिम्मा एक एजेंसी को दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक से दूसरी बस को सैनिटाइज करने के दौरान वहां खड़े यात्रियों पर भी स्प्रे पड़ गया। यात्रियों को जानबूझ कर सैनिटाइज करने का कोई उद्देश्य नहीं था।
इससे पहले बरेली में आया था ऐसा मामला
करीब डेढ़ माह पहलेदिल्ली, नोएडा, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से सैकड़ों लोग बरेली पहुंचे थे। जिसमें पुरुष, बच्चे व महिलाएं भी थीं। सभी को बस स्टैंड पर जमीन पर बैठा दिया गया। इसके बाद आग बुझाने वाली फायर ब्रिगेड के टैंक में भरे पानी में सोडियम हाइपोक्लोराइड केमिकल मिलाकर सभी को अनोखे तरीके से विसंक्रमित किया गया। इस दौरान कुछ लोगों और बच्चों की आंखों में जलन होने लगी थी। इसके बाद डीएम नीतीश कुमार को मामले में सफाई देनी पड़ी थी। तब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए योगी सरकार को निशाने पर लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोनावायरस महामारी के बीच शराब की बिक्री पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किया है। अब मामले की सुनवाई 12 मई को होगी।
दरअसल, लॉकडाउन फेज तीन में केंद्र सरकार ने शराब की दुकानों को सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक खोलने की अनुमति दी है। लेकिन शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते लोगों में कोरोनावायरस का संक्रमण और फैलने की संभावना है। ऐसी दशा में अधिवक्ता सुनील चौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर शराब की बिक्री पर रोक लगाए जाने की मांग की। उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि, शराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ से लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ी हैं। जिससे महामारी फैलने की आशंका है। यदि बहुत जरूरी हो तो ऑनलाइन, होम डिलीवरी सिस्टम से बेचा जाए।
इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने राज्य सरकार को पांच दिन के भीतर इस संबंध में जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सवाल किया है कि, क्या शराब की दुकानों के खुलने से कोरोनावायरस महामारी का खतरा बढ़ सकता है। बेंच ने ऑनलाइन शराब की बिक्री और होम डिलीवरी के संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से जारी लॉकडाउन से लोगों में चिड़चिड़ापन बढ़ा है और घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। नगर के एक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विवेक अग्रवाल कहते हैं कि लगातार एक ही जगह या घर मे कैद रहने से स्वभाव मे चिड़चिड़ापन आ जाता है, जो हिंसा को बढ़ावा देता है। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अलग-अलग मोर्चों पर जूझ रही पुलिस को अब इस मोर्चे पर भी निपटना पड़ रहा है।
सामान्य दिनों से अधिक मामले
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम ने कहा कि राज्य के 75 जिलों में लगभग हर जिले से 20 से ज्यादा घरेलू हिंसा की सूचनाएं आ रही हैं, जो सामान्य दिनों से कहीं अधिक है। लॉकडाउन लागू होने के पहले घरेलू हिंसा की इतनी सूचना आयोग को नहीं मिलती थी, लेकिन अब इसमें आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हो गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के पहले आयोग को घरेलू हिंसा की 123 शिकायत मिली थीं, जो लॉकडाउन लागू होने के बाद बढ़कर करीब 250 हो गई हैं। अभी यह समय भी नहीं कि आयोग इस पर कार्रवाई शुरू कर दे। सोमवार से शराब की बिक्री शुरू होने के बाद नई मुसीबत शुरू हो गई है। इटावा मे एक युवक शराब के नशे मे नदी मे डूब गया तो रायबरेली मे छह नशेड़ियों ने शराब पीकर खूब हंगामा किया।
बच्चों का व्यवहार भी बदल रहा
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि लॉकडाउन से लोगों मे अवसाद के लक्षण बढ़ जाते हैं और ये अधिकतर कामकाजी पुरुष और महिलाओं मे होता है। जो महिला घर के काम मे ही लगी होती हैं, उनमें अवसाद के लक्षण कम पाए जाते हैं, लेकिन जो महिलाएं घर के साथ ऑफिस मे भी काम करती हैं, उनके लिए लॉकडाउन एक नई मुसीबत है। लॉकडाउन से बच्चों के व्यवहार मे बदलाव आ रहा है। वो जिद्दी और चिड़चिड़े होते जा रहे हैं।
पति-पत्नी के व्यवहार में बदलाव
घर मे पतियों और पत्नी के व्यवहार मे परिवर्तन आ रहा है। खासकर उन पतियों मे ज्यादा परिवर्तन नजर आ रहा है, जो शराब या किसी अन्य चीज का नशा करते हैं। ऐसे लोग ज्यादा आक्रामक व्यवहार करते हैं और अपना गुस्सा पत्नी और बच्चों पर निकालते हैं। घरेलू हिंसा के बढ़ने के मुख्य कारणों मे इसे गिना जा रहा है।
कोरोना से जल्दी मुक्ति नहीं
डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि इससे मुक्ति का उपाय तो यह कि हालात जल्दी सामान्य हो और लोग आम दिनों की तरह पहले जैसी जिंदगी जीने लगें, लेकिन कोरोना से इतनी जल्द मुक्त होने के अभी लक्षण तो नजर नहीं आ रहे।
लॉकडाउन के बीच प्रदेश वजिले की सीमाएं सील होने के बावजूद प्रवासीमजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है। ताजा मामला फिरोजाबाद जिले का है। यहांराजस्थान से आए सैकड़ो मजदूरों ने आगरा-फिरोजाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने रोका तोउन लोगों ने जमकर हंगामा किया। सीओ और एसडीएम टूंडला बॉर्डर पर पहुंचकर मजदूरों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी।वहीं आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र के अधिकारी भी मौके पर आ गए। इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं। आखिरकार तीन बसों का इंतजाम कर मजदूरों को रवाना किया गया है।
जयपुर से बिहार पैदल निकले थे मजदूर
कोरोनावायरस को लेकर संपूर्ण भारत में 17 मई तक लॉकडाउन है। प्रदेश सरकार गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को ट्रेन से उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचा रही है। लेकिन तमाम मजदूर ऐसे भी हैं, जिन्हें यह सहायता नहीं मिल सकी है। वे पैदल ही अपने सफर पर निकल पड़े हैं। ऐसे ही कई मजदूरजयपुर से पैदलव अन्य वाहनों से बिहार के लिए निकल पड़े हैं। गुरुवार दोपहर उन्हें फिरोजाबाद जिले की टूंडला तहसील में पड़ने वाली सीमा पर पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। मौके पर एसडीएम टूंडला एकता सिंह और सीओ अजय चौहान मौके पर पहुंचे और हंगामा करने वाले मजदूरों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन मजदूर नहीं माने और हंगामा करने लगे। उन्होंने सड़कों पर बैठकर शासन व प्रशासन के खिलाफनारेबाजी भी की।
मजदूरों ने बताया कि वह राजस्थान में काम कर रहे थे। वहां फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद वह अपने घर बिहार जा रहे हैं। यहां प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। प्रवासी मजदूरों को गंतव्यों के लिए रवाना करने के लिए तीन बसों की व्यवस्था की गई, जबकि अन्य बसों की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया। तीन बसों में मजदूरों को बैठाकर रवाना किया गया।
प्रशासन कर रहा बसों का इंतजाम
वहीं, बाकी रह गए मजदूर तेज धूप से बचने के लिए पेड़ों की छांव के नीचे आराम करते नजर आए। मजदूरों का कहना था कि वह तीन दिन से पैदल चलकर यहां तक आए हैं। एसडीएम एकता सिंह का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को समझाया जा रहा है। उनके जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। कोरोना वायरस को रोकने के उद्देश्य से इन्हें बॉर्डर पर रोका गया है।
दुनिया में दहशत का पर्याय बना सूक्ष्म विषाणु कोविड-19 से निपटने में फिलहाल अनुशासित जीवनशैली अचूक अस्त्र साबित हो सकती है। मेरठ के शोभित विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात सूक्ष्मजीव वैज्ञानिकों की ऑनलाइन संगोष्ठी (वेबिनार) में यह विचार व्यक्त किए गए।
टीका बनने तक मुश्किल
चीन में जिनजिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी की पूर्व एमीरेट्स प्रोफेसर डॉ.अमीना अथर ने कहा कि दुनिया को कोरोना वायरस के खात्मे का इंतजार करने के बजाय उससे लड़कर ही जीना सीखना होगा। इसका सफल टीका बनने या प्रभावी उपचार मिलने तक पहले जैसा जीवन जीने के बारे में सोचना भी बेमानी होगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ईमानदारी से करना होगा
ओल्डनबर्ग विश्वविद्यालय जर्मनी में वैज्ञानिक निर्देशक अनुसंधान के पद पर कार्यरत डॉ. अथर की कोरोना पर विशेष शोध करने पर चीन और यूरोपीय देशों द्वारा उनकी बड़े पैमाना पर सराहना की गई है। उन्होने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ईमानदारी से करने की जरूरत है। मास्क के बगैर घर से बाहर निकलना सूक्ष्म विषाणु का निमंत्रण देने के समान होगा। विवाह या अन्य किसी समारोह से परहेज, हाथ मिलाने को फिलहाल अलविदा कहकर और स्कूलों को एक तिहाई छात्र संख्या के आधार पर कई शिफ्टों में चलाने जैसी चीजों को निजी जिंदगी में शामिल करना होगा।
दिनचर्या में बदलाव से ही जंग जीतना संभव
शोभित विवि के कुलपति और जाने माने सूक्ष्मजीव विज्ञानी प्रो. डॉ. अमर प्रकाश गर्ग ने कहा कि सामाजिक और दिनचर्या में बदलाव की आदत डालकर ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है। डॉ. गर्ग ने कहा, ‘जब तक कोरोना वायरस का प्रभावी उपचार मिले या सफल टीका बन जाए और हमारे देश के हर नागरिक को मिल जाए, तब तक तो मास्क के बगैर बाहर निकलना, विवाह समारोह जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होना लोगों को भूलना ही होगा।’ उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से निपटने में अभी कितने साल लगेंगे, कहा नहीं जा सकता, क्योंकि बेहद तेजी से संख्या वृद्धि होने के कारण ही कोरोना वायरस का टीका बनने में समय लग रहा है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी सिर्फ अपनी जीवनशैली को फिलहाल बदलकर ही कोरोना को मात दी जा सकती है।
स्कूलों में मास्क अनिवार्य करना होगा
कोरोना के कहर से निकल चुके देशों की चर्चा करते हुए संगोष्ठी में सूक्ष्मजीव विज्ञानियों ने काफी बाद में कोरोना की चपेट में आए भारत जैसे देश के लोगों को सलाह दी कि वे सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कोई कसर न छोड़ें वरना इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। शिक्षकों और छात्रों के लिए मास्क अनिवार्य करने के साथ ही एक तिहाई संख्या के आधार पर दो से तीन शिफ्टों में चलाए जाने की शर्त पर ही स्कूल खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना होगा
संगोष्ठी में बताया गया कि दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना संक्रमितों के मल से भी इसके अंश मिले हैं, जो संक्रमण चेन बना सकते हैं, जिसके मद्देनजर सीवेज को दशमलव पांच प्रतिशत क्लोरीन की रासायनिक प्रतिक्रिया से वायरस मुक्त किया जाना अत्यन्त जरूरी है। कोरोना के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए सात से आठ घंटे की नींद, विटामिन-सी युक्त भोजन और योग आदि की भी सिफारिश की गई।
केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस महामारी के बीचजारी लॉकडाउन फेज तीन में ग्रीन जोन में रोडवेज की 50 फीसदी बसों को संचालित करने की रियायत दी है। शाहजहांपुर जनपद ग्रीन जोन में है। इसलिए यहां प्रशासन ने बुधवार से 9 बसों को सड़कों पर दौड़ाया। लेकिन जब विभाग ने गुरुवार को नुकसान व लागत का गुणा गणित लगाया तो वे उनके होश उड़ गए। एक दिन में यहां महज 6 हजार रुपए की कमाई हुई। जबकि, विभाग को 16 हजार रुपए का डीजल बसों में डालना पड़ा था। ऐसे में यदि ऐसे ही हालात रहे तो विभाग को हर दिन लाखों रुपए का नुकसान तय है। बता दें, सामान्य दिनों मेंरोडवेज विभाग एक दिन में 30 लाख रूपएकी आमदनी करता था। इस तरह 46 दिन लॉकडाउन से विभाग को13 करोड़ 80 लाख रूपएका नुकसान उठाना पड़ा है।
1.20 करोड़ रुपए हर माह बंटती है सैलरी
25मार्च से शाहजहांपुर जिले में रोडवेज के पहिए ठप हैं।एआरएम एसके वर्मा ने बताया कि, बस में अधिकतम 25 सवारी बैठाने के आदेश दिएगए हैं। ताकि बसों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। 6 मई के दिन 9 बसें चलीं। लेकिन सवारियों के नाम पर महज 180 लोगोंने सफर किया। जिनसे रोडवेज विभाग को महज 6,877 रूपएकी ही आमदनी हो सकी। जबकि 16 हजार रूपएका डीजल रोडवेज विभाग को डलवाना पड़ा था। यहां विभाग में 744 कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनको 1 करोड़ 20 लाख रूपएप्रति माह सैलरी बांटी जाती है। लेकिन लाॅकडाउन से अब तक 13 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व का नुकसान हो चुका है।अगर ऐसा ही रहा तो कर्मचारियों की सैलरी बांटना भी टेढ़ी खीर हो जाएगा।
कुल 122 बसें, आधी मजदूरों को ढो रहीं
शाहजहांपुर में रोडवेज विभाग के पास 122 बसेहैं,जो अन्य जिलों और दूसरे राज्यों में जाने वाली हैं। लाॅकडाउन में 66 बसें सरकार ने मजदूरों को लाने के लिए हरियाणा वअन्य प्रदेशों मे भेजी है। आमदनी के नाम पर सिफर इस विभाग को उनके मेंटीनेंस पर भी खर्च करना भारी पड़ रहा है।
संविदा ड्राइवरों का अपना दर्द
विभाग में कई संविदा ड्राइवर भी हैं। जिनमें से किसी को 14 हजार रूपए तो कोई 10 हजार रूपए प्रतिमाहसैलरी पाता है। जिससे इनके परिवार का भरण पोषण होता है। लेकिन ड्राइवर हरिओम वाजपेयी और अमित कुमार का कहना है कि उनको बताया गया कि अब सैलरी में से तीन से चार हजार रूपएकाट लिएजाएंगे। उनका कहना है कि जब पीएम मोदी और सीएम योगी ने कहा था कि लाॅकडाउन में किसी भी कर्मचारियों की सैलरी नहीं काटी जाएगी तो फिर अब ऐसा क्यों किया जा रहा है।
देश में लॉकडाउन की सीमा 17 मई तक बढ़ा दी गई है। इस बीच उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से श्रमिकों को लेकर रेलगाड़ियां अलग-अलग जिलों में पहुंच रही हैं। इस बीच गुरुवार को पंजाब के जालंधर जिला से करीब 1200 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन फैजाबाद पहुंच गई है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही उन्हें रोडवेज बसों के माध्यम से गंतव्य तक भेजा गया।
पहुंचाने की व्यवस्था के लिए डीएम एके झा व एसएसपी आशीष तिवारी अन्य अधिकारियों की टीम के साथ पहले से ही मौजूद थे। फैजाबाद रेलवे जंक्शन पर ही उनको लंच पैकेट भी दिए गए। डीएम के मुताबिक पंजाब से यहां पहुंची जिले की पहली श्रमिक ट्रेन में सवार अयोध्या बस्ती संतकबीरनगर रायबरेली अमेठी गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्त,सुल्तानपुर व अंबेडकर नगर आजमगढ़ आदि जिलों के श्रमिक सवार थे। सभी को उनके घरों को भेजने के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था की गई है।श्रमिकों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करवाते हुए थर्मल स्क्रीनिंग करवाई गई है।
डीएम एके झा के मुताबिक, पंजाब सरकार व यूपी सरकार के कोआर्डिनेशन में श्रमिकों को लाया गया है। जिसमें कुल 1188 श्रमिक इस ट्रेन से पहुंचे हैं। जिसमें से 600 श्रमिक अयोध्या के ही हैं। सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग करवाने के बाद सूचीबद्ध कर उनके जिलों वे तहसीलों को भेजा जा रहा है जहां वहां की टीम की सुपुर्दगी में इनको दे दिया जाएगा। जो इनको होम क्वारैंटाइन व अन्य व्यवस्था करेगी।गांव तथा मोहल्ले स्तर पर बनी निगरानी समितियां इन पर निगरानी रखेंगी।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शराब के ठेकों को खोलने की इजाजत दे दी है। इसे लेकर विधायक से लेकर साधु संत तक सरकार की आलोचना कर रहे हैं। प्रयागराज स्थित अखाड़ा परिषद ने लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोले जाने के बाद अब मंदिरों को भी आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की मांग उठने लगी है। है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरी ने कहा है कि सरकार ने शराब की दुकानें खोली हैं तो आखिर देवालयों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए अब तक क्यों बंद रखे गए हैं।
हरिद्वार के धर्माचार्यों और काशी विद्वत परिषद के बाद अब साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी लॉकडाउन में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी छोटे-बड़े मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की मांग की है।
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि मंदिर खोले जाने की मांग को लेकर अखाड़ा परिषद के महामंत्री और पंच दशनाम जून अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि से बातचीत के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी लिखेंगे।
दो माह से मंदिरों कपाट बंद, पुजारियों और कर्मचारियों को नहीं मिल रहा वेतन
महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि कोरोना को लेकर पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन है और लगभग दो माह से मंदिरों के कपाट बंद हैं। ऐसे में मंदिरों में पुजारियों और अन्य कर्मचारियों को वेतन देने में भी बहुत कठिनाई आ रही है। जब राजस्व के लिए सरकार शराब की दुकानें खोले जाने की अनुमति दे सकती है, तो उसे दूसरी दुकानें और मंदिरों को भी खोले जाने की अनुमति दे देनी चाहिए। जिससे लोगों की रोजी-रोटी भी चलती रहे।
जिले केमाधवपुरवा गांव में जमीनी विवाद को लेकर गुरुवार दोपहर दो सगे भाईयों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले। इस बीच चाचा ने अपनी भतीजी की हंसिया से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने मृतका के परिजनों की तहरीर पर चाचा-चाची समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जांच में पता चला है कि, मृतका की 23 मई को शादी तय थी। घटना के बाद मृतका के घर मातम पसरा है।एसएसपी देहात रवींद्र सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है।
हरदी थाना क्षेत्र में दहाव गांव के मजरा माधवपुरवा में गुरुवार को दशरथ यादव का अपने छोटे भाई राजमंगल, राजमन से जमीन के बंटवारे को लेकरपंचायत हो रहीथी। पंचायत में बात जमीन के कुछ हिस्से को लेकर कहासुनी होने लगी। इसके बाद लाठी-डंडे चलने लगे। इस पर दोनों परिवार के लोगभी आ गए और मामला बढता चला गया। इसी दौरान चाचा राजमगंल व राजमन ने अपनी 19 वर्षीय भतीजी ज्योति को पकड़कर उस परहंसिए से गले पर हमला कर दिया।
ज्योतिखून से लथपथ होकर मौके पर गिर पड़ी और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। मारपीट में मृतका के भाई श्रवण कुमार व बहन शीला देवी को भी गंभीर चोटे आईं। घटना की सूचना पर एएसपी रवींद्र सिंह, सीओ शंकर प्रसाद व थानाध्यक्ष शिवानंद यादव घटना स्थल पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
एसपी विपिन मिश्रा ने बताया कि इस प्रकरण में मृतका के परिजनों के तहरीर पर चाचा-चाची समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, मृतका ज्योति की मां अल्पना ने रोते हुए बताया कि बिटिया की शादी पड़ोस के बेलासपुर गांव निवासी दिनेश के साथ तय हुई थी। 23 मई को शादी होनी थी।
लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानें खुलने से घरेलू हिंसा व अन्य वारदात अचानक बढ़ गए हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है। यहां बुधवार देर रात शराब पीकर घर लौटे शख्स ने बवाल करना शुरू कर दिया। इस दौरान पति-पत्नी के बीच मारपीट हुई। तभी पत्नी ने पति पर गड़ासे से हमला कर दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरोपी पत्नी पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आला कत्ल बरामदकर लिया है।
ये वारदातपिसावां थाना क्षेत्र के भिठारीपुरवा गांव की है। यहां रहने वाला 30 वर्षीयतौले शराब की आदीथी। लॉकडाउन के दौरान शराब से पाबंदी हटते ही तौले ने बुधवाररात जमकर शराब पी और घर आकर अपनी पत्नी रजनी से उलझ गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि विवाद से तंग आकर पत्नी ने घर में रखे धारदार हथियार गड़ासे से उस पर हमला कर दिया।
इस हमले से पति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। चीख पुकार सुनकर आस पड़ोस के लिए मौके पर जुट गए।घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सीओ मिश्रिख अभय प्रताप मल्ल ने कहा- मामले में परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
जिलेमें कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्यादिन-प्रतिदिन बढ़तीजा रहीहै। गुरुवार को दो नए मामले सामने आए। यहां एक सब्जी विक्रेता और बीएससी में पढ़ने वाला छात्र संक्रमित मिला है। छात्र के गले में कई दिनों से दर्द था, जिसका सैंपल जांच के लिएझांसी भेजा गया था।अब यहां संक्रमितों की संख्या10 हो गई है।
संक्रमित महिला के संपर्क में आने सेसब्जी बेचने वाला हुआ बीमार
जनपद में कोरोना का पहला मामला 25 अप्रैल को आया था। पहला पॉजिटिव मरीज जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक था।जिसके बाद उनकी पत्नी, पीएल कमला नर्सिंग होम का ओटी मैनेजर और कान्हा डायलिसिस सेंटर का एक युवक कोरोना पॉजीटिव पाया गया था। ये तीनों पहले मरीज के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए थे।बाद में जिला प्रशासन की टीम इस चेन को खोजते हुए100 से अधिक लोगों का नमूना जांच के लिए भेजाथा।जिसमें उरई की रहने वाली एक महिला और उसके एक बेटा व एक बेटी कोरोना पॉजिटिव निकले थे। वहीं ओटी मैनेजर के संपर्क में आने वाला एक शख्स भी कोरोना पॉजीटिव निकला था। इसके बाद प्रशासन ने इन सभी के संपर्क में आने वाले लोगों के सैम्पल लिया।जिसमें महिला के घर सब्जी लेकर आने वाला कारोबारी पॉजिटिव निकला।
पहले मरीज की हालत में सुधार
जिलाधिकारी डॉक्टर मन्नान अख्तर ने बताया कि जनपद में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। मरीजों के कांट्रैक्ट में आने वालों को ट्रेस किया जा रहा है। जालौन ऑरेंज जॉन में है, जबकि उरई को रेड जोन में रखा गया है। दोनों मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। वही, उन्होंने बताया कि पहले मरीज चिकित्सक की हालत में सुधार है।
यहां मिल एरिया थाना क्षेत्र में स्थितपेट्रोल पंप पर मंगलवार रात दबंगों ने तमंचा लहराते हुए बवाल काटा। दबंगअपने को एक हिस्ट्रीशीटर का साथी बताकर फ्री में पेट्रोल चाहते थे। लेकिन सुरक्षाकर्मी ने दिलेरी दिखाते हुए बदमाशों को रोका और हवाई फायरिंग भी की। मामला बिगड़ता देख आरोपी मौके से भाग निकले। बताया जा रहा है कि, आरोपी युवक शराब के नशे में थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
मिल एरिया थाना क्षेत्र के हरदासपुर में पेट्रोल पंप है। यहां शराब के नशे में धुत तीन बाइकों पर सवार होकर छह युवकपेट्रोल भराने पंप पर पहुंचे। फ्री में पेट्रोल लेने का दबाव बनाते हुए सभी ने हाथों में तमंचे निकाल लिया। इसको लेकर पंप कर्मियों व बदमाशों के बीच कहासुनी होने लगी। इसी बीच मैनेजर संजय बाहर निकला तो दबंगों ने उस पर तमंचा तान दिया। यह देख सुरक्षाकर्मी दौड़ा और उसने बदमाशों पर हमला करने की कोशिश की। बावजूद इसके एक बदमाश मौके पर डटा रहा तो गार्ड ने हवाई फायरिंग की।फायरिंग की आवाज सुनते ही दबाव बना रहे युवक भाग निकले।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाईशुरू कर दी है। थाना अध्यक्ष मिल एरिया राकेश सिंह ने कहा- अज्ञात युवक नशे में धुत होकर पेट्रोल पंप पर फ्री में पेट्रोल मांग रहे थे। वह अपने आप को हिस्ट्रीशीटरपप्पू गिलिहा का साथीबता रहे थे। जल्द आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
कोरोना संकट काल में लॉकडाउन अब रोज कमाकर परिवार का भरण पोषण करने वालों पर भारी पड़ने लगा है। ताजा मामला ताजनगरी आगरा का है। यहां एक मजदूरी की बेटी भूख व इलाज के अभाव में मौत हो गई। मजदूर की दूसरी बेटी भी हालत खराब है। इससे प्रशासन की डोर स्टेप डिलीवरी व जरुरतमंदों को मदद देने के दावों की भी पोल खुल गई है। बेटी की मौत की खबर जब प्रशासन को लगी तो गुरुवार सुबह जिला पूर्ति अधिकारी व एसओ न्यू आगरा राशन लेकर मजदूर के घर पहुंचे। जिलाधिकारी ने सीएमओ को बीमार बेटी का इलाज कराने का निर्देश दिया है।
पत्नी की बीमारी में बिक गया था मकान
न्यू आगरा थाना क्षेत्र के कौशलपुर निवासी राम सिंह जूते का फिटर बनाकर परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करता था। लेकिन उसकी पत्नी बबिता को अचानक पैरालिसिस (लकवा) की बीमारी हो गई तो उसके इलाज के लिए राम सिंह को अपना मकान भी बेचना पड़ा। इसके बाद राम सिंह वाटरवर्क्स चौराहे पर लाल मस्जिद के पास मलिन बस्ती में किराए के मकान में रहने लगा। वह जैसे तैसे मजदूरी कर पत्नी बबिता, बेटी दीपेश (13 वर्ष), वैष्णवी (11 वर्ष), परी (07 वर्ष) और बेटे भरत (05 वर्ष) का पेट भरने लगा। लेकिन 23 मार्च के बाद शुरू हुए लॉकडाउन के बाद उसकी मजदूरी भी छूट गई।
क्वारैंटाइन सेंटर व चौकी के लंच से भर रहा था पेट
राम सिंह इतने रुपए नहीं कमा पाता था कि वह भविष्य के लिए भी कुछ पैसे जोड़ सके। बताया जाता है कि, वह अग्रवन क्वारैंटाइन सेंटर से खाने के पैकटों के जरिए वह बच्चों का पेट भर रहा था। लेकिन एक हफ्ते पहले क्वारैंटाइन सेंटर में हंगामा हुआ तो खाने का पैकेट मिलना बंद हो गया। अब उसे पुलिस चौकी से ही एक टाइम लंच का पैकेट मिल रहा था। इसी बीच उसकी 11 वर्षीय बेटी वैष्णवी की तबियत खराब हो गई। उसका शरीर पीला पड़ गया था। मजबूरी में राम सिंह न तो उसका इलाज करा सका न ही उसका पेट भर सका। 28 अप्रैल को वैष्णवी ने दम तोड़ दिया। राम सिंह को बेटी के अंतिम संस्कार के लिए भी दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ा। लोगों ने कुछ लकड़ियों का इंतजाम किया तो उसने यमुना घाट पर बेटी का अंतिम संस्कार किया। इसके बाद अब उसकी बड़ी बेटी दीपेश में भी वैसे ही बीमारी के लक्षण दिखने लगे हैं।
डीएम ने कार्रवाई के निर्देश दिए
मौत की खबर पाकर कुछ समाजसेवियों ने राशन व कुछ पैसों की मदद की है। फिलहाल जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने इस मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद गुरुवार सुबह प्रशासन ने भी पीड़ित परिवार की मदद की है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। इस बीच राज्य में शराब की बिक्री को लेकर अब भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने अपनी ही सरकार के फैसले की आलोचना की है। भाजपा विधायक ने सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। उन्होंने शराबबंदी के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी तारीफ की है और साथ ही यह भी कहा कि राजस्व संग्रह के लिये इंसान की जान से समझौता करना उचित नहीं है।
बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानों को खोले जाने को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। सिंह ने कहा कि भले ही कोई अन्य सुविधा बंद कर दी जाये और राजस्व प्राप्ति के लिए कोई दूसरा उपाय किया जाय लेकिन समाज हित में शराब की बिक्री रोका जाना आवश्यक है, क्योंकि इससे अराजकता फैलती है। साथ ही शराब की बिक्री के बीच लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन संभव नहीं है।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए दावा किया है कि नीतीश कुमार इकलौते ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने बिहार के गरीब प्रांत होते हुए भी इंसान को इंसान बनाने के लिए शराबबंदी कर आमदनी के बहुत बड़े स्रोत को बंद कर दिया। यह नीतीश कुमार जैसे नेता के ही वश की बात है।
यूपी सरकार ने शराब के दाम बढ़ा दिए हैं
दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार कोशराब के साथ पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की थी। सरकार ने वैट बढ़ाते हुए पेट्रोल की कीमत में दो रुपए प्रति लीटर व डीजल का दाम एक रुपए प्रति लीटर बढ़ाया है। इसके अलावा देशी व विदेशी शराब के मूल्य में 20 से 400 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कोर्ट के निर्णय के क्रम में एक सप्ताह के भीतर 69000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया सुनिश्चित कराएं। सीएम योगी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय से शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त हुआ है।उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के विद्यालयों को योग्य शिक्षक मिलेंगे। यह भी स्पष्ट हुआ है कि शिक्षक भर्ती के प्रकरण में राज्य सरकार का पक्ष और रणनीति सही थी। दरअसल हाईकोर्ट नेकोर्ट ने सरकार के फैसले को सही बताया है साथ ही तीन माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने कहा कि उच्च न्यायालय का ऑर्डर वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है। ऑर्डर मिलने के बाद 69000 भर्ती मामले में आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
यह है मामला
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए कटऑफ (सामान्य के लिए 65 फीसदी व आरक्षित के लिए 60 फीसदी अंक) पर मुहर लगा दी है। इससे योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है।
न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने बुधवार को सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाते हुए राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की अपील पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही बताया है साथ ही तीन माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों के चयन के लिए कटऑफ बढ़ाए गए थे।
ताजनगरी आगरा में अब सेंट्रल जेल पर कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। कारण यहां झांसी जिले के रहने वाले एक सजायाफ्ता कैदी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसे हाई ब्लड प्रेशर व ब्रेन स्ट्रोक के चलते बीते दिनों से एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। इसके बाद उसके संपर्क में आए 14 अन्य कैदियों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। इनकी सैंपलिंग होगी।
ब्रेन स्ट्रोक होने पर एसएन मेडिकल कॉलेज में हुआ इलाज
झांसी क रहने वाला 60 वर्षीय बंदी हत्या के प्रकरण में आगरा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। वह पिछले साल दिसंबर माह में यहां लाया गया था। जेल प्रशासन के अनुसार, तीन मई को ब्रेन स्ट्रोक होने पर उसे एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। उस समय बंदी का टेस्ट कराया गया था। बंदी तब से वहीं भर्ती है। बुधवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
डीआईजी बोले- संपर्क में आने वालों की होगी सैंपलिंग
डीआईजी जेल लव कुमार ने बताया कि, बंदियों की मुलाकात मार्च माह से बंद है। स्टॉफ को भी सैनिटाइज होने के बाद अंदर जाने दिया जाता है। बंदी के संपर्क में आए बैरक के 14 बंदियों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। इसके अलावा बंदी की दोबारा सैंपल लेकर कोरोना टेस्ट कराया जाएगा।
कैसे हुआ संक्रमित, उठे कई सवाल
बंदियों की मुलाकात बंद है। वह इलाज के लिए बाहर नहीं गया। इसके बाद वह कैसे संक्रमित हो गया? इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पहले यह आशंका जताई जा रही थी, कि वह एसएन में भर्ती होने के दौरान संक्रमित हुआ होगा, लेकिन बंदी का कोरोना टेस्ट भी चार मई को हुआ है। इतनी जल्दी पॉजिटिव रिपोर्ट आने में संशय है। आशंका यह भी है कि, जेल परिसर में ही किसी बंदी रक्षक के संपर्क में आकर वह संक्रमित हुआ है।
आगरा में अब तक 16 की जान गई
प्रदेश में बीते 24 घंटे में 155 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इसके साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 3159 हो गई है। इसमें एक्टिव केस 1824 हैं और 1152 जमाती शामिल हैं। मौतों का आंकड़ा 60 पहुंच गया है। कोरोना की चपेट में सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बने आगरा में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटे में यहां एक महिला सिपाही समेत तीन की मौत हुई। आगरा में अब तक 655 संक्रमित मिल चुके हैं।
राजस्थान सरकार के रजिस्ट्रेशन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कराने वाले 320 श्रमिकों को गुरुवार को कानपुर से राजस्थान भेजा गया। अपनों के बीच जाने की खुशी मजदूरों और महिलाओं में साफ देखी जा सकती थी। राजस्थान जाने से पहले महिलाओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया। सभी यात्रियों की झकरकटी बस अड्डे पर डॉक्टरों ने थर्मल स्क्रिनिंग कर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया। इसके बाद सभी को लंच पैकेट के साथ 16 बसों से रवाना किया गया।
लॉकडाउन के बाद कानपुर में राजस्थान के 320 लोग फंसे हुए थे। लगभग 280 श्रमिक थे और उनके परिवार के सदस्य थे। इसके साथ ही कुछ महिलाएं अपनी रिश्तेदारी में आई शहर आई थी। कुछ छात्राएं भी शामिल थी। बीते 45 दिनों से कानपुर फंसे लोग अपने प्रदेश जाने के लिए झकरकटी बस अड्डे पहुंची तो उनके चहरे खुशी से चमकने लगे।
मां के इलाज के लिए आयी थी लेकिन लॉकडाउन में फंस गई
छात्रा प्रिया शाह ने बताया कि मैं कानपुर अपनी मां के इलाज के लिए आई थी। लॉकडाउन लगने की वजह से हम लोग यहां पर 40 दिनों से फंसे हुए है। हम उत्तर प्रदेश सरकार का धन्यवाद करना चाहते है। हमें वापस अपने राज्य पहुंचाया जा रहा है। सुरभि चौहान ने कहा- मैं चित्तौडगढ से हूं। यहां पर पिछले डेढ महीनें से फंसी हुई हूं। अब मैं वापस जा रही हूं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं।
अपर नगर मजिस्ट्रेट अमित कुमार के मुताबिक प्रदेश सरकार के अवाहान पर और राजस्थान गवर्मेंट के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर 320 प्रवासी मजदूरों ने जो यहां फंसे हुए थे। उन्होने रजिस्ट्रेशन कराया था जिसके संबध में 13 बसों से सोशल डिस्टेसिंग की गाइड लाइन से भेजा जा रहा है। प्रवासी श्रमिकों के लिए डॉक्टरों की टीम लगाकर थर्मल स्क्रिनिंग कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ इनके लिए खाने और पीने के पानी की भी व्यवस्था कराई गई है। सुरक्षाकर्मियों के साथ भरतपुर बार्डर पर सभी को छोड़ा जाएगा। 320 यात्रियों के अलावा भी जाना चाहते है उन्हे भी भेजा रहा है।
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक ग्राम प्रधान के बेटे व उसके सहयोगियों द्वारा युवक की पिटाई के बाद उसका सिर मुड़वाकर गांव में घुमाने का मामला सामने आया है। घटना इटवा थाना क्षेत्र के लोहटा गांव की है। आरोप है कि, घटना के समय हल्का सिपाही व यूपी 112 की पीआरवी में तैनात जवान तमाशबीन बने रहे। मामला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आने के बाद बुधवार की शाम छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। सिपाहियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
प्रधान पुत्र ने कराई थी पंचायत
दरअसल, लोहटा गांव में दो मई की देर रात पड़ोसी गांव जगजीवनपुर का तौलेश्वर एक व्यक्ति के घर में घुस आया था। ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पीटा। विवाद बढ़ता देख यूपी 112 पीआरवी व ग्राम प्रधान पुत्र बब्बू ने पंचायत की। समझौता कराने के बाद दोनों पक्षों को अलग अलग कर दिया गया। दो दिन बाद चार मई को लोहटा गांव निवासी महिला ने तहरीर दी कि उसके पति करम हुसैन के साथ तौलेश्वर ने मारपीट की है। पुलिस ने आरोपित तौलेश्वर का शांतिभंग में चालान कर दिया। पांच मई को इसी बात को लेकर दोनों पक्ष की महिलाएं आमने सामने हो गईं। कुछ दबंग युवक भी मौके पर एकत्र हो गए। इसी बीच तौलेश्वर का चचेरा भाई राजेंद्र पहुंच गया। वह महिलाओं से उलझ गया। तभी वहां मौजूद दबंगों ने राजेंद्र का सिर मुंडवा दिया। इसकी शिकायत जब पुलिस अधीक्षक को मिली तो उन्होंने इटवा पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए उदयभान यादव, चंद्रभान यादव, दाऊद अली, अब्दुल जब्बार, परवेज व बशीर को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने सीओ को सौंपी जांच
वहीं, घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- जो भी दोषी होंगे, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या कोई और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस अधीक्षक विजय ढुल ने बताया कि इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। नामजद सभी 6 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गयी है। विवेचना सीओ इटवा को सौंपी गयी है, आगे की कार्रवाई गुण दोष के आधार पर की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में बुधवार दोपहर से गुरुवार सुबह तक 155 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इसके साथ राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर3159 हो गई। इसमें एक्टिव केस 1824 हैं। इसमें 1152 जमात से जुड़ेहैं। इधर,मैनपुरीजिलेके महमूदनगर और सिकंदरपुर में पकड़े गए 10जमातियों के विरुद्ध कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सभी को पहले ही क्वारैंटाइन किया जा चुका है।
राज्य में कोरोना से मौत का आंकड़ा 60 हो गया हैं। वहीं, यूपी सरकार ने 25 मार्च को पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला वापस लेते हुए केवल (निकोटिन) तंबाकू की बिक्री पर रोक जारी रखी है। तम्बाकू एवं निकोटीन युक्त पान मसाला व गुटखा पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आगरा में
आगरा में 655, कानपुर नगर में 292, लखनऊ में 269,सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 193, फिरोजाबाद में 177, मेरठ में 174, मुरादाबाद में 116, गाजियाबाद में 110, वाराणसी में 77, अलीगढ़ में 50, बुलन्दशहर में 57, रायबरेली में 46, हापुड़ में 47, मथुरा, अमरोहा, बस्ती में 36, बिजनौर में 34, संतकबीरनगर में 30, शामली में 29, रामपुर में 25, मुजफ्फरनगर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, सिद्धार्थनगर, बागपत में 17- 17 और बदायूं में 16, प्रयागराज-बहराइच में 15-15, बांदा-प्रतापगढ़ में 14, औरैयामें 13 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
कोरोना अपडेट्स
वाराणसी: वाराणसी में फंसे राजस्थान और झारखंड के लोगों कोवापस भेजा जा रहा है।इससेपहले सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कीजा रही है।जिला प्रशासन की ओर से सभी को संस्कृत यूनिवर्सिटी मैदान में इकठ्ठा किया गया। यहांसे स्वस्थलोगों कोयूपी रोडवेज की बसों से घरभेजा जा रहा है।इस दौरानसोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया।
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के मांडा थाना क्षेत्र में आंधियारी गांव में बुधवार की देर रात दंपती और उनकी बेटी की गला रेत कर हत्या कर दी गई। किशोरी का शवउसके बिस्तर पर बिना कपड़ों के मिला, इस वजह से उसके साथ गैंगरेप की आशंका जताई जा रही है।घटना के वक्त मकान के अलग-अलग कमरों में दंपती के पांच बच्चे और सो रहे थे, लेकिन उन्हें वारदात की भनक भी नहीं लगी। गुरुवारसुबहपुलिस अधिकारियों ने फॉरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड बुलाकर जांच पड़ताल कराई गई।
गांव से बाहर खेत में घर बनाकर रहता था परिवार
मांडा थाना क्षेत्र के अंधियारी गांव निवासी 50 साल का व्यक्तिखेती किसानी करके परिवार का भरण पोषण करता था। उसके परिवार में पत्नी के अलावा चार बेटियां औरहैं। नंदलाल यादव अपना पुश्तैनी मकान छोड़कर गांव से कुछ दूर पर स्थित खेत में मकान बनाकर परिवार समेत रहता था। बुधवार रात पति-पत्नी खेत की रखवाली करने के लिए घर के बाहर सो रहे थे। सभी छह बच्चे मकान के अलग-अलग कमरों में सो रहे थे।गुरुवार की सुबह पता चला कि घर के बाहर पति-पत्नी और एक कमरे में 16 साल की बेटी का शव पड़ा है। तीनों की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।
जांच के लिए टीमें गठित
पुलिस का कहना है- लड़की अपनेकमरे में सोई हुई थी। उसके शरीर परकपड़े नहीं थे, ऐसी आशंका है कि हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। हालांकि अभी तक पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि हत्या की वजह क्या है। एसपी यमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी का कहना है कि फिलहाल तीनों शवोंको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हत्या की वजह और हत्यारों के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं।पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि हत्या के समय घर केबाकी लोगों को इसकी भनक कैसे नहीं लगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है। संक्रमण फैलने के बाद से ही बंद हुई औद्योगिक परियोजनाओं का काम अब धीरे-धीरे शुरू हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार नोएडा में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करते हुए बुधवार से प्राधिकरण ने 30परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इन सभी साइटों पर मजदूरों की दो बार थर्मल स्केनिंग की गई।
प्राधिकरण महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने चिल्ला एलिवेटड निर्माण साइट का निरीक्षण किया। इस दौरान साइट पर उनकी टीम की भी थर्मल स्कैनिंग की गई। जिसके बाद ही उन्हें साइट में प्रवेश दिया गया। आठ परियोजनाएं वर्क सर्किल-1 से 5 में व सर्किल-6 से 1० में शेष परियोजनाएं शामिल हैं। सभी में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए ऐसे में अधिकारियों ने साइटों का औचक निरीक्षण भी किया। बता दें कोरोना संक्रमण के चलते अब इन परियोजनाओं को समय से पूरा करना प्राधिकरण के लिए चुनौती है।
14 ग्रुप हाउसिग वाली परियोजाओं को भी मंजूरी
सरकारी के अलावा प्राधिकरण ने बुधवार को 5 बिल्डर परियोजनाओं के काम को मंजूरी दे दी। इससे पहले मंगलवार को 14 परियोजनाओं के काम शुरू करने को मंजूरी दी गई थी। ओएसडी का कहना है कि 7 आवेदन अभी लंबित रखे गए हैं क्योंकि ये कंटेन्टमेंट जोन में आते है। इस जोन से बाहर निकलने पर इनको भी मंजूरी दे दी जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने बताया कि साइटों पर संक्रमण न फैले इसके लिए नियमों का पालन कराया जा रहा है। लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएग। समय समय पर औचक निरीक्षण किया जाता रहेगा।
उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी में भी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। यहां अब तक 77 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें 20 ठीक हुए हैं, जबकि एक रोगी की मौत हो गई थी। इसी बीच यहां लॉकडाउन मेंराजस्थान व झारखंड केफंसे पर्यटक, विद्यार्थी व अन्य लोगों को प्रशासन गुरुवार को उनके घर भेज रहा है। राजस्थान की श्रमिक मधु ने कहा- खाली चावल खाकर कई दिनों रहना पड़ा है। अब जीते जी घर पहुंच जाए, यही इच्छा है। वहीं, मार्बल कटिंग का काम करने वाले मोहम्मद अली ने कहा- सेठ पैसा नहीं दे रहे हैं। काम भी नहीं हो रहा है। ऐसे में घर अपनों के बीच पहुंच जाएं, यही बहुत है।
1494 मजदूरों को भेजा हा रहा, सभी की जांच हुई
प्रशासन ने प्रवासी कामगारों को निशुल्क उनके घर भेज रहा है। इनमेंश्रमिकों के अलावा विद्यार्थी, तीर्थयात्री, पर्यटक शामिल हैं।डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि निशुल्क रजिस्ट्रेशन के बाद ही लोगों कोभेजा जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों को लगाया गया है। संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी और कैंट से बसों को भेजा जा रहा है। राजस्थान के 494 लोगों को भरतपुर और झारखंड के 900 लोगों को गढ़वा भेजा जा रहा है। सभी की स्क्रीनिंग की गईहै।बिहार के लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उनको 8 या 9 मई को रवाना किया जाएगा।
बस ड्राइवर ने कहा- नहीं मिला खाना-पानी
वहीं बस के ड्राइवरों का आरोप है कि रात में ही हमें बुला लिया गया था। खाना पानी भी कुछ नहीं दिया गया। बसों को नालों के पास लगवा दिया। बदबू से पूरी रात सो नहीं सके। ड्राइवर राजा ने बताया कि, 30 गाड़ियों में 60 ड्राइवर थे। किसी ने पानी तक नहीं दिया। लम्बीदूरी तय करना है। आराम नहीं करेंगे तो जाएंगे कैसे? लेकिन सरकार के निर्देशों का पालन करना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार अपने राज्य के सभी श्रमिकों को लाना चाहती है। इसके लिए संबंधित राज्य सरकारें यूपी के प्रवासी कामगारों की जनपदवार सूची उपलब्ध करायें। जो राज्य सरकारें सूची उपलब्ध कराएं ताकिउन्हें लाने की व्यवस्था हम तत्काल दे सकें।उन्होंने कहा है कि अभी तक दूसरे प्रदेशों से प्मगारों को लेकर 37 ट्रेनें आ चुकी हैं। इससे क़रीब 30 हज़ार से अधिक प्रवासी श्रमिक कामगार आए हैं। इसके अलावा पिछले सप्ताह हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश से भी बसों से तीस हज़ार से अधिक श्रमिक एक लाए गए हैं।
योगी ने कहा कि श्रमिकों को लेकर आज 20 ट्रेनें आ रही हैं। कल भी 25 से 30 ट्रेनें प्रवासीकामगारों को लेकर प्रदेश में आएंगी। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की 10,000 से ज्यादा बसें लगाई गई हैं। हम यहाँ आने वाले हर श्रमिक को जांच के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में रखने और उन्हें सुरक्षित घरों तक पहुँचाने की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही प्रत्येक कामगार को खाद्यान्न और एक हज़ार रुपए का भरण पोषण भत्ता भी दे रहे हैं।
यूपी में क्वारेंटाइन सेंटरों की क्षमता 12 लाख से ज्यादा
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश के क्वारैंटाइन सेंटरों की क्षमता अब 12 लाख से ज़्यादा की हो गई है। सभी के चेकअप के लिए 50 हज़ार से अधिक लोगों की मेडिकल टीमें लगाई गई हैं।योगी ने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे सभी प्रवासी कामगारों से सहानुभूति पूर्ण सम्मान जनक व्यवहार करते हुए उन्हें समय से खाद्यान्न, भरण पोषण भत्ता व नौकरी रोज़गार उपलब्ध कराया जाए।
उत्तर प्रदेश में झांसी मिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा हर हैं। जिले में 3 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 2 पुलिसकर्मी और एक ग्रामीण शामिल है। कुल मामलों की संख्या 18 पहुंच चुकी है। इनमें से एक बुजुर्ग की मौत भी ही चुकी है। दोनों पुलिसकर्मियों की पैरामेडिकल कॉलेज स्थित क्वारैंनटाइनसेंटर में ड्यूटी लगाई गई थी। वे पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव निकले। फिलहाल सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। नए मरीजों की संपर्क हिस्ट्री चेक की जा रही है। नए हॉटस्पॉट एरिया को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यहां सैनिटाइज का काम कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जिले के गरौठा थाना क्षेत्र के जलालपुर गांव के रहने वाले एक व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। उस व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने से कोरोना संक्रमण की आंच ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच गई। अब जनपद में दो हॉटस्पॉट एरिया हो गए।
राजस्थान से श्रमिकों को लेकर आज आएंगी बसें
जिले में बृहस्पतिवार को राजस्थान से श्रमिकों की घर वापसी होगी। इसे लेकर जिले सेरोडवेज बसों को मथुरा भेजा गया है। जहां से श्रमिकों को लेकर बसें झांसी समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रवाना होंगी।
लॉकडाउन के दौरान बाहरी प्रदेशों से श्रमिकों की घर वापसी का सिलसिला चल रहा है। अब सरकार ने राजस्थान में फंसे श्रमिकों की घर वापसी के लिए राजस्थान सरकार से करार करते हुए मथुरा को केंद्र बनाया है। सीडीओ रोडवेजबसें मथुरा रवाना की गई हैं। जो राजस्थान से आ रहे श्रमिकों को लेकर झांसी और अन्य जिलों में पहुचेंगी।
उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में 155 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इसके साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 3159 हो गई है। इसमें एक्टिव केस 1824 हैं और1152 जमाती शामिल हैं। दो कोरोना संक्रमित की मौत होने के बाद यह आंकड़ा 60 पहुंच गया है। वहीं यूपी सरकार ने 25 मार्च को पान मसाला पर प्रतिबंध लगाए जाने का फ़ैसला वापस लेते हुए केवल (निकोटिन) तंबाकू की बिक्री पर रोक जारी रखी है। तम्बाकू एवं निकोटीन युक्त पान मसाला व गुटखा पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
उत्तर प्रदेश में अब तक60 लोगों की मौत हो चुकी हैं।कोरोना की चपेट में सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बनेआगरा में 16, मेरठ में 8, मुरादाबाद में 7, कानपुर में 5, मथुरा में चार, फिरोजाबाद में तीन, ग़ाज़ियाबाद, अलीगढ़ में 2-2 और कानपुर देहात, श्रावस्ती1, एटा, मैनपुरी, अमरोहा, प्रयागराज, बिजनौर, बस्ती, बुलंदशहर, बरेली में 1-1 मौत अब तक हुई हैं।
अब तक 3159 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 655, कानपुर नगर में 292, लखनऊ में 269,सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 193,फिरोजाबाद में 177, मेरठ में 174, मुरादाबाद में 116, गाजियाबाद में 110, वाराणसी में 77, अलीगढ़ में 50, बुलन्दशहर में 57, रायबरेली में 46, हापुड़ में 47, मथुरा, अमरोहा, बस्ती में 36, बिजनौर में 34, संतकबीरनगर में 30, शामली में 29 , रामपुर में 25, मुजफ्फरनगर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, सिद्धार्थनगर , बागपत में 17- 17 और बदायूं में 16 पॉजिटिव पाए गए हैं।
वहीं प्रयागराज-बहराइच में 15-15, बांदा-प्रतापगढ़ में 14, औरैय्या में 13, एटा में 12,बरेली में 10, मैनपुरी- झांसी, में 9-9, श्रावस्ती- जालौन-जौनपुर-आजमगढ़ में 8-8 पाए गए। कन्नौज- हाथरस- महराजगंज में 7-7, गोंडा-ग़ाज़ीपुर में 6-6, लखीमपुर खीरी- इटावा में 4, पीलीभीत-मिर्जापुर-कासगंज-चित्रकूट-गोरखपुर-सुल्तानपुर में 3-3, हरदोई- कौशाम्बी-गोंडा-भदोही-उन्नाव- बाराबंकी- महोबा- कानपुर देहात-कुशीनगर- देवरिया में दो-दो, शाहजहांपुर-मऊ- बलरामपुर-अयोध्या-अमेठी,में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।
1130 कोरोना स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 208, लखनऊ से 161, मुरादाबाद से 116,गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 111, सहारनपुर से 79, मेरठ से 55, गाजियाबाद से 50, कानपुर नगर से 34, फ़िरोज़ाबाद से 33 , अमरोहा से 26, शामली से 27, बस्ती से 20, बुलन्दशहर, बिजनौर से 21-21, मुजफ्फरनगर से 19, रामपुर से 16, सीतापुर से 17, बागपत से 14, , वाराणसी, से 13-13, , मुजफ्फरनगर से 9, बरेली-हापुड़-सम्भल-महराजगंज-प्रतापगढ़ से 6- 6, जौनपुर-गाजीपुर से 5-5, लखीमपुर- खीरी-मैनपुरी-कन्नौज-आज़मगढ़-हाथरस-मथुरा-औरैया-अलीगढ़ से4-4, बांदा-एटा-मैनपुरी-कन्नौज-पीलीभीत से 3-3, हरदोई-बदायूं-कौशाम्बी से 2-2, शाहजहांपुर-बाराबंकी-कासगंज-प्रयागराज-मऊ-उन्नाव-भदोही-सम्भल-इटावा से 1-1, कोरोना मरीज को स्वस्थ पूर्णतया करवाकर डिस्चार्ज किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के हैलट के मैटरनिटी विंग के कोविड-19 वार्ड से 17 मरीजों को बुधवार देर रात डिस्चार्ज कर दिया गया। पैरामेडिकल स्टॉफ ने तालियां बजाकर उनकों विदाई दी। इस दौरान स्वस्थ्य हुए मदरसा छात्रों ने सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि यह डॉक्टर नहीं फरिश्ते हैं। असल तालीम इन फरिश्तों ने हासिल की है। इसके साथ ही बुधवार को 15 नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं। सभी संक्रमितों को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शहर में संक्रमितों की संख्या बढकर 288 पहुंच गई है। वहीं 6 संक्रमितों की मौत हो चुकी है और 51 मरीज डिस्चार्ज हो चुके है ।
शहर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हॉटस्पॉट एरिया से संक्रमितों का आना जारी है। इसके साथ ही संक्रमण शहर अन्य स्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ बढ़ रहा है। बुधवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कोविड-19 लैब और लखनऊ के केजीएमयू से आई रिपोर्ट में 15 लोग सक्रमित पाए गए है। 15 में से 10 संक्रमित हॉटस्पॉट एरिया से पाए गए है। वहीं एक कपड़ा व्यापारी का तीन साल का बच्चा और उसके परिजनों में संक्रमण की पुष्टी हुई है।
कोरोना के खिलाफ इस जंग में कानपुर का हैलट अस्पताल सबसे बेहतर काम कर रहा है। कानपुर बुंदेलखंड के सबसे बड़े हैलट अस्पताल में सबसे अधिक भार भी है। बुधवार को हैलट अस्पताल के मैटरनिटी विंग के कोविड-19 वार्ड से 17 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज किए गए पेसेंटों की दो कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। 17 पेसेंटों में कुली बाजार , मछरिया , जाजमऊ मदरसा के छात्र समेत कर्नलगंज , किदवई नगर और कुलीबाजार की महिलाएं और पुरूष थे। शहर में अलग-अलग कोविड-19 अस्पतालों से 51 पेसेंट डिस्चार्ज किए जा चुके है। जिसमें से 39 पेसेंट सिर्फ हैलट अस्पताल से डिस्चार्ज हुए है। 11 पेसेंट सरसौल सीएचसी से और एक पेसेंट उर्सला अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं।
युवक के संक्रमित पाए जाने के बाद उसके दोस्तों की नींद उड़ी
कानपुर में एक बड़ा ही अनोखा मामल सामने आया है। दोस्त की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के जानकारी दूसरे दोस्तों को हुई तो सभी में हड़कंप मच गया। संक्रमित युवक का एक दोस्त तो घर छोड़कर भाग गया । पुलिस ने उसे सर्विलांस के माध्यम से जंगलों के बीच पकड़कर लाना पड़ा। दरसल सूरत में काम करने वाले 12 दोस्त बीते 2 मई को एक साथ ट्रक से लौटे थे। कानपुर देहात के मनेथू निवासी में संक्रमित पाया गया तो दोस्तों में खलबली मच गई।
बिधनू के बाबीपुरवा में रहने वाला युवक घर से भाग गया। पुलिस को सर्विलांस की मदद लेनी पड़ी। पुलिस ने भागे हुए युवक को जंगल से बरामद किया। युवक ने बताया कि मेरे साथ ट्रक में बिधनू के करौली गांव के 10 और रमईपुर के एक युवक ट्रक में शामिल थे। फिलहाल पुलिस ने सभी को नारायणा कॉलेज में क्वारैंटाइन कराया गया है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार सुबह तेज आंधी के साथ काले बादल घिर आए। कई स्थानों पर छिटपुट बारिश हुई तो कई जगह तेज बादल गड़गड़ा कर निकल गए। राजधानी लखनऊ में इतने काले बादल आसमान में छा गए कि लगा सुबह में ही रात हो गई। गोंडा में भी तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहेगा।
देश के दो स्थानों पर बने ऊपरी हवाओं में चक्रवात के प्रभाव के साथ पश्चिम बंगाल और अरब सागर की ओर से नम हवाएं आ रही हैं। इस कारण से मौसम का रुख बदल गया है। मौसम के बदले रुख का एक कारण लॉकडाउन भी है।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि डेढ़ महीने से कारखाने, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और 75 फीसदी से ज्यादा वाहनों का संचालन बंद है। इस कारण कार्बन उत्सर्जन 60 से 70 फीसदी तक कम हो गया है। वायुमंडल में कार्बन डाईआक्साइड की मात्रा घटने से ग्रीन हाउस प्रभाव भी घटा है और इसी कारण मौसम में बदलाव हो रहे हैं।
प्रदूषण कम होने से पश्चिमी विक्षोभ का पैटर्न बदल रहा है
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदूषण कम होने की वजह से पश्चिमी विक्षोभ का पैटर्न भी बदल रहा है। पहले जहां मार्च की महीने तक ही पश्चिमी विक्षोभ आता था, वहीं अब तक इस बार मई तक आ रहा है।मई का पहला हफ्ता भी बारिश-बदली और आंधी के बीच गुजरेगा। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के कारण शहर समेत प्रदेश भर में आंधी-बारिश के आसार हैं। शहर में आने वाले दिनों में भी बादल छाए रहेंगे। कई जगह बारिश भी हो सकती है।
आगरा में कोरोनावायरस से संक्रमित महिला सिपाही की बुधवार को मौत हो गई। चार दिन पहले उसने बेटी को जन्म दिया था। तभी उसकी सैंपलिंग हुई थी। मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद महिला के शव को कोई छूने के लिए तैयार नहीं है। उसका शव दोपहर से ही घर के बाहर गाड़ी में पड़ा है। मौत की जानकारी पाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम रवाना हुई है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत उसका अंतिम संस्कार कराने के साथ परिवार के अन्य लोगों को क्वारैंटाइन व उनकी सैंपलिंग की जाएगी। मृतका की ट्रैवेल हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है।
सिकंदरा थाना क्षेत्र के ककरेठा के ईश्वर नगर निवासी रवि जीवन प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनकी पत्नी विनीता चौधरी (27) की कानपुर जिले के बिल्हौर थाने में तैनाती थी। वह गर्भवती थी, इसलिए 5 अप्रैल को छुट्टी लेकर वह इन दिनों अपनी ससुराल में थी। विनीता का मायका मैनपुरी जिले में है। चार दिन पहले दो मई को विनीता ने लेडी लॉयल अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। प्रसव पूर्व उसकी कोरोना जांच हुई थी।
बुधवार सुबह अचानक तबियत बिगड़ी। जिस पर उसे परिजनों ने रेनबो हॉस्पिटल पहुंचाया। आरोप है कि, अस्पताल कर्मियों ने इलाज करने से मना कर दिया। इसी बीच दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास सिपाही ने दम तोड़ दिया। वहीं, सिपाही की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। जैसे ही यह बात लोगों को पता चली तो लोगों ने दूरी बना ली। कोई भी महिला के शव को हाथ लगाने के लिए तैयार नहीं है। शव गाड़ी में ही पड़ा है।
गुजरात के राजकोट से बुधवार को उत्तर प्रदेश के बलिया पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार 68 कामगार बीमार मिले हैं। इससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। वहीं, एक श्रमिक की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। जबकि, बाकी को क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया है। सभी की सैंपलिंग की जाएगी।
एडिशनल सीएमओ डॉक्टर केडी प्रसाद ने बताया कि, सुबह करीब आठ बजे 32 जिलों के 1296 श्रमिक बलिया में ट्रेन से उतरे। यह कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी होते हुए बलिया पहुंची थी। जिनकी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 68 मजदूरों का तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक था। जबकि, एक श्रमिक की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। शेष 67 मजदूरों को जयपुरिया स्कूल में क्वारैंटाइन कर दिया गया है।
एसीएमओ प्रसाद ने बताया कि, जिला अस्पताल में भर्ती मरीज की सैंपलिंग कर ली गई है। उसे जांच के लिए भेज दिया गया है। वहीं, क्वारैंटाइन किए गए मजदूरों की भी सैंपलिंग की जा रही है। उनकी स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगरानी भी हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद हुए गाजीपुर के रहने वाले सीआरपीएफजवान अश्वनी कुमार यादव का अंतिम संस्कारबुधवार को उनके पैतृक गांव चकदाउद में पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया। शहीद अश्वनी के चार साल के बेटे आदित्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। दूर खड़ी उनके 6 साल की बेटी आयशा ने उन्हें सलामी दी। ये दृश्य देखकर लोगों की आंखें भर आईं।
पति की शहादत को सलाम किया
शहीद अश्वनी की पत्नी अंशुजब पति के पार्थिव शरीर के पास पहुंची तो वह कुछ देर तक शांत रही। फिर उसने ताली बजाकर अपने पति की वीरता का स्वागत किया। यह देख अन्य लोगों ने भी ताली बजाई। गांव की महिलाओं ने अंशु को मालाएं पहनाईं। उन्होंने कहा- आपके पति ने देश के लिए प्राण न्याैछावर करके हमारा मान बढ़ाया है।
शहीद की पत्नी ने कहा- बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, अब मुझे उसकी चिंता
शहीद की पत्नी ने कहा,'मेरे पति बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे। मुझे अब उसकी चिंता है।' इस दौरानसीआरपीएफ केअफसरों ने परिवार की मदद काआश्वासन दिया।वहीं, पत्नी ने कहा- मैं चाहती हूं कि मुझे अपने बच्चों के जीवन यापन के लिए आधार दिया जाए। मुझे अपने बच्चों को आगे ले जाना है।
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे अश्वनी
शहीद सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार तीन भाइयों में सबसे बड़े थे, जबकि उनके दो छोटे भाई अंजनी और अमन है। शहीद जवान अश्वनी यादव की शादी2012 में हुई थी।उनके 6 साल की बेटी परी और 3 साल का बेटाआदित्य है।
शहीद के परिवार को आर्थिक सहयोग
यूपीसरकार ने शहीद के परिवार को50 लाख रुपए और परिवार के एकसदस्य कोनौकरी देने का ऐलान किया है। इसमें से 25 लाख का सहयोग दे दिया गया। डीएम व एसपी ने शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद उनकीपत्नी को 20 लाख औरमां को 5 लाख रुपए का चेक सौंपा है।
कोरोनावायरस को लेकर केंद्र सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन के फेज तीन को लागू किया है। इस बीच गैर राज्यों में फंसे श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने का काम योगी सरकार द्वारा किया जा रहा है। बुधवार कोगुजरात के सूरत से 1,191 श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर पहुंची। यहां सोशल डिस्टेंसिंग काध्यान रखते हुए थर्मल स्क्रीनिंग और मेडिकल फिटनेस की जांच हुई।इसके बाद अलग-अलग जिलों के यात्रियों को बसों के माध्यम से उनके घर भिजवाने की व्यवस्था की गई।इस दौरान उन्हें खाने के लिए लंच पैकेट और बिस्किट, फल और पानी भी उपलब्ध कराया गया।
एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने बताया कि,सूरत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन शाम 4:30 बजे गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर पहुंची। उन्होंने बताया कि, ट्रेन से आए 1191 यात्री अपना 14 दिनों का क्वारैंटाइन पीरियड पूरा कर चुके हैं। उन सभी के नाम, पता व अन्य डिटेल लिया गया है। श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसके लिए हर एक बोगी में महज 50 श्रमिक थे। उन्होंने बताया कि, ये चौथी ट्रेन जो अन्य राज्यों से श्रमिकों को लेकर आई है। अब तक करीब 4500श्रमिक गोरखपुर आ चुके हैं।
ये श्रमिक गोरखपुर के अलावा कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज समेत आसपास जिलों के हैं। इन सभी की स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच की गई। इसके बाद बसों से उन्हें घर भेजा गया। इस दौरान श्रमिकों को मास्क भी वितरित किया गया। सभी को घर पर क्वारैंटाइन रहने की हिदायत दी गई है।
जिले में एक झोलाछाप डॉक्टरकी गुंडई का वीडियो सामने आया है। यहां बलरामपुर-गोंडा हाईवे पर दो दिन पूर्व एक शख्स ने अपने मरीज व उसके भाई की लाठी-डंडे व लोहे की रॉड से पिटाई की। जिससे मरीज को गंभीर चोटें आई हैं। जबकि, उसके भाई के हाथ-पांव टूट गए। दोनों घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टरव उसके तीन सहयोगियों पर केस दर्ज किया है। आरोपी फरार हैं।
ये मामला कोतवाली नगर के चीनी मिल गेट के सामने का है। यहां रहने वाला सलमान ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले दाद, खाज व खुजलीके रोगियों को दवा देने का काम करता है। वह अपनी दवासे मर्ज के शर्तिया इलाज की गारंटी भी लेता है। खरगूपुर थाना क्षेत्र के रमनगरा निवासीअजय कुमार ने भी सलमान से दवा ली थी। सलमान ने शर्तिया इलाज की गारंटी देते हुए पांच हजार रुपए लिए थे।लेकिन काफी दिन बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। जिस पर अजय अपने चचेरे भाई हरिशंकर के साथ शिकायत करने के लिए सलमान के पास पहुंचा।
जिससे सलमान भड़क गया और अपने कई साथियों के साथ मिलकर अजय व हरिशंकरको सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर लोहे की रॉड और डंडेसे पीटना शुरू कर दिया। स्थानीयलोगों के शोर मचाने पर दोनों भाइयों की जान बच सकी। घटना के फौरन बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। आसपास के लोगों ने एंबुलेंस के जरिएदोनों को जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां दोनों का इलाज जारी है। पीड़ित के पिता की तहरीर पर कोतवाली नगर की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।
अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा ने बताया कि बलरामपुर चीनी मिल गेट के पास एक चिकित्सक जो चर्म रोग का इलाज करता है। उसका एक गन्ना किसान के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया किचिकित्सक की दवा फायदा नहीं कर रही थी। मामले में कार्रवाई चल रही है।