वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से जंग लड़ रही बहराइच की एक महिला ने बुधवार को बच्चे को जन्म दिया।जिला महिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन कर महिला की गोद में उसके बच्चे को रखकरखुशियों की सौगात दी। करीब आधे घंटे चले ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं।महिला में मंगलवार को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। अब नवजात का भी सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा।
दरगाह थाना क्षेत्र के मोहल्ला बख्शीपुरा निवासी एकमहिला 9 माह की गर्भवती थी। वह अपना इलाज शहर के एक प्राइवेटक्लीनिक से कर रही थी। प्रसव का समय नजदीक होने पर महिला डॉक्टर को दिखाने पहुंची तो उसे कोरोना की जांच कराने की सलाह दी गई। मंगलवार को रिपोर्ट आई तो महिला संक्रमित निकली।महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद क्लीनिक को सील कर दिया। मोहल्ले को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया। बुधवार को महिला अचानक प्रसव पीड़ा से कराहनी लगी। उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला की हालत ठीक न होने के कारण ऑपरेशनकराने की सलाह दी।
परिवार की रजामंदी के बाद डॉ.ओपी पांडेय के नेतृत्व में गाइनकोलॉजिस्ट डॉ.आरके मिश्र, डॉ.प्रमोद कुमार ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। डॉ.पांडेय ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। चिकित्सकों की देख-रेख में उन्हें रखा गया है। नवजात के कोरोना संक्रमण की जांच को लेकर उच्चाधिकारी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, सैंपल कब भेजा जाएगा, इस पर अभी संशय बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमातियों पर कार्रवाई जारी है। बुधवार को कन्नौज में 11 और अलीगढ़ में श्रीलंका मूल के दो विदेशी जमातियों को कोर्ट में पेश करने के बादअस्थाई जेल भेज दिया गया। इन दोनों पर वीजा टूरिस्ट के उल्लंघन का आरोप है। इन सभी पर जमात में शामिल होने की जानकारी छिपाने व बीमारी फैलाने का भीआरोप है।
कन्नौज: शामली के रहने वाले हैं जमाती
20 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन मे मरकज में शामिल होने के बाद 11 जमाती कालिंदी एक्सप्रेस द्वारा कन्नौज पहुंचे थे, जो शहर की हाजी गंज में स्थित मक्का मस्जिद में ठहरे थे। यह सभीशामली के रहने वाले हैं। जिला प्रशासन ने इनको तिर्वा सीएचसी में मेडिकल जांच कराकर क्वारैंटाइन कर दिया था। 1 अप्रैल को पुलिस ने सदर कोतवाली में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। अब 34 दिन बाद बुधवार कोजिला अस्पताल में सभी कामेडिकल कराया गया और उसके बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर पुलिस ने सभी जातियों को शहर में पुलिस लाइन के पास सेंट जेवियरहायर सेकेंडरी इंटर कॉलेज में बनाएगएअस्थाई जेल में भेजा गया। पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद सिंह नेबताया कि अस्थाई जेल के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अलीगढ़: श्रीलंका के दो जमाती को हुई जेल
जिले में अभियान चलाकर तब्लीगी जमातियों की खोज की गई थी।इस दौरान नगर कोतवाली पुलिस ने रंगरेजान मस्जिद में मिले दो श्रीलंकाई मूल के जमाती मोहम्मद मुर्शीद वएमजे हपलूरहमानसहित 13 जमातियों को क्वारैंटाइन कर दिया था। विदेशी जमातियों के पासपोर्ट भी जब्त कर दूतावास को रिपोर्ट भेजी गई थी। दोनों टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे।2 दिन दिल्ली मरकज में शामिल होने के बाद ये दोनों 1 मार्च को अलीगढ़ पहुंच गए थे। जहांपहले ये शाहजमाल पहुंचे, फिर रंगरेजान मस्जिद आए थे। इन विदेशियों ने फार्म सी भी नहीं भरा था। क्वारैंटाइन अवधि पूरे होने पर दोनों को अस्थाई जेल भेज दिया।पुलिस ने श्रीलंका दूतावास को भी सूचित कर दिया है।एसपी सिटी अभिषेक ने बताया कि इन विदेशीजमातियों के अलावा पूरे जिले में72 जमाती पकड़े गए थे। इन्हें मस्जिदों में ही क्वारैंटाइन किया गया था।
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में 17 मई तकलॉकडाउन है। इस दौरान यातायात का सबसे बड़ा साधन रेलगाड़ीबंद हैं। सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़ीमालगाड़ियों को संचालित किया जा रहा है। ऐसे में जीआरपी व आरपीएफ के जवानों के पास ड्यूटी सिर्फ औपचारिकता भर रह गई है। ऐसे में महकमे को चिंता होने लगी थी कहीं इन जवानों की सेहत न बिगड़ने लगे। इसके लिए मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर प्रदूषण मुक्त रेलवे के प्लेटफार्मों को व्यायाम व योग प्रशिक्षण केंद्र बना दिया गया है। सुबह-शाम यहां जवान कसरत करते नजर आते हैं।
जीआरपी थाना प्रभारी उदय शंकर कुशवाहा ने बताया किसामान्य दिनों में गाड़ियों की आवाजाही के बीच जवान ड्यूटी करते रहते थे। लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में ट्रेनों का परिचालन ठप है और प्लेटफार्म खाली है। ऐसे में जवानों को चुस्त-दुरुस्त और स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रतिदिन भोर होते ही व्यायाम और योग कराया जा रहा है क्योंकि कहा गया है कि बेकार न बैठोनौजवानों कुछ न कुछ किया करो।खाली बैठने से अच्छा है कुछ किया जाए। क्योंकिरचनात्मक कार्य और साकारात्मक गतिविधियों को करके ही हम समाज को शुभ संकेत देने के साथ ही भरपूर सेवा कर सकते हैं। जवान अपने आपको नई ऊर्जा से ओतप्रोत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा-खाली घर शैतान का डेरा होता है। उसमें आलस्य और खुराफातकरने की इच्छा प्रबल होती है। एक जिम्मेदार नागरिक और सेवक होने के नाते लोगों की अपेक्षा ज्यादा रहती है। जन मानस की भावना के अनुरूप खरा उतरने का दायित्व बढ़ जाता है। इसलिए प्रतिदिन भोर होते ही सभी जवान स्टेशन पर आ जाते हैं। इससे एक पंथ दो काज होता है। दौड़ के दौरान एक तरफ वह व्यायाम कर लेते हैं तो दूसरी तरफ दौड़ते हुए ही संपूर्ण प्लेटफार्म का निरीक्षण भी हो जाता है। इसके बाद योग की कक्षा चलती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग और पीटी किया जाता है। ताकि लाक डाउन के दौरान सभी जवान स्वस्थ और चुस्त-दुरुस्त बनेरहें। कोरोना को स्वस्थ और सोशल डिस्टेंसिंगका पालन करके ही परास्त किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बुधवार को भी कोरोना वायरस से नौ और लोग संक्रमित मिले हैं। इस तरह जिले में अब कोरोना मामलों की संख्या 77हो गई है। राहत की बात यह भी है कि पहले से ही भर्ती 10 मरीजों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें बुधवार को ही डिस्चार्ज किया जाएगा।बुधवार को जो नए मरीज मिले हैं, उसमें जैतपुरा निवासी एक मरीज के संपर्क आए छह और मदनपुरा से जमातियों के संपर्क में आने वाले दो और लल्लापुरा में एक नए मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है।
डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आए 6 लोगों समेत नौ और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके बाद अब जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 77हो गई है, जिसमें एक्टिव केस बढ़कर 63हो गए हैं।
सीएमओ डॉ वीबी सिंह ने बताया कि केजीएमयू से मिली रिपोर्ट के अनुसार कुल नौ मरीज संक्रमित मिले हैं। सभी को आईशोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 10 मरीजों को डिस्चार्ज करने की तैयारी भी चल रही है।नौ मरीजों के मिलने से जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 77हो गई है औरवर्तमान में 63का अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिसमें 13 ठीक हो गए हैं, जबकि एक की मौत हो चुकी है।
जिले में 25 हॉटस्पॉट बन चुके हैं
वाराणसी के बाग बरियार, मदनपुरा, बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, महमूरगंज का सूर्या विला, लोहता का अलावल, गंगापुर, नक्खी घाट, पितरकुंडा, काजीपुरा खुर्द सोनिया, मड़ौली, अर्जुनपुर, संजय नगर कालोनी, जेरगुलर, सप्तसागर, हरतीरथ, काशीपुरा, छोटी पियरी, चोलापुर, दानगंज और सुजाबाद हॉटस्पाट क्षेत्र बनाए जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वारियर्स की सुरक्षा संबंधी अध्यादेश को मंजूरी प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट बैठक में एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश लोकस्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे गई,वहीं दूसरी ओरकोविड 19 के कारण जारी लॉकडाउन से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकने के लिए यूपी कैबिनेट ने पेट्रोल व डीजल का दाम बढ़ा दियाहै।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट की बैठक की।बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बातचीत में कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा किलॉकडाउन के कारण हमारा टैक्स कलेक्शन बहुत गिरा है। हमारी आर्थिक स्थिति इस महीने कमजोर रही है। इसे ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। हमारे लिए संसाधन जुटाना अति आवश्यक था।
कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के लिए अध्यादेश को मंजूरी
नए कानून के तहत डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान और पचास हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
नए कानून में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मियों, स्वच्छता कर्मी और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर से अभद्रता या हमला करने वाले के लिए सात साल तक कैद और पांच लाख तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे।
चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं किसी भी कोरोना वारियर्स पर थूकने या गंदगी फेंकने पर और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत कोरोना वारियर्स के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का और पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रवाधान है।
सीएम की अध्यक्षता में बनेगा महामारी नियंत्रण प्राधिकरण
इस नए अध्यायदेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष डीएम होगा। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
क्वारैंटाइन का उल्लंघन करने पर एक लाख तक का जुर्माना
कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारैंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों में अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और पचास हजार से एक लाख तक का जुर्माना होगा। इसमें लॉकडाउन तोड़ने और इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कोरोना पाजिटिव चाइल्ड केयर क्लीनिक चलाने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बुधवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर डाक्टर समेत स्टाफ के विरुद्ध कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि 29 अप्रैल को संक्रमित डॉक्टर ने जिला अस्पताल में आयोजित प्रशिक्षण में हिस्सा लिया था, जिसमें शहर के तमाम डॉक्टर शामिल हुए थे। इन डॉक्टरों के संक्रमित होने का भय था जिसकी वजह से 56 डॉक्टरों को प्रशासन ने होम क्वारैंटाइन किया था।
कोतवाल अतुल सिंह ने बताया कि कोरोना पाजिटिव निजी चिकित्सक और उनके स्टाफ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। कोतवाल ने बताया कि पुलिस ने जहानाबाद चौकी इंचार्ज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है।
दरअसल, मधुबन स्थित आस्था चाइल्ड केयर क्लीनिक चलाने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की रिपोर्ट रविवार रात पाजिटिव आई थी।
इसके बाद आनन फानन में प्रशासन ने संक्रमित डॉक्टर की क्लीनिक को सील कर इलाके को हॉटस्पॉट किया था। वहीं स्वास्थ्य टीम ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टर उनकी पत्नी समेत परिवार के अन्य पांच सदस्यों को दयानंद पीजी कॉलेज में बने क्वारैंटाइन सेंटर में शिफ्ट कराया था।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में मंगलवार रात कोरोना संक्रमित एक शख्स की मौत हो गई। दो दिन पूर्व हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। लेकिन मंगलवार रात उसकी अचानक हालत बिगड़ गई। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन उसने दम तोड़ दिया। जिले में कोरोना वायरस से ये 9वीं मौत है।
सब्जी कारोबारी था मृतक
सदर थाना क्षेत्र के रवींद्रपुरी का रहने वाला 54 वर्षीय एक शख्स सब्जी कारोबारी था।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 4 मई को हालत खराब होने पर उसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.राजकुमार ने बताया कि मरीज को खांसी और बुखार की समस्या के कारण भर्ती कराया गया था, उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी।
आज दोपहर आई पॉजिटिव रिपोर्ट
सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे आक्सीजन दी गई। लेकिन मंगलवार रात करीब 12 बजे उसकी हालत और अधिक खराब होने पर वेंटीलेटर पर रखा गया।डॉक्टरों ने सभी जरूरी इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। रात करीब पौने दो बजेउसकी मौत हो गई। उसके सैंपल की रिपोर्ट बुधवार को कोरोना पॉजिटिव आयी है। मृतक का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत कराया जाएगा।
प्रदेश में अब तक 58 की जान गई
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 2900 तक पहुंच गए हैं। यूपी के 66 जिलों में कोरोनावायरस का असर फैल चुका है जिसमें एक्टिव केस 1845 हो गए हैं। इसमें 1152 जमातियों की संख्या शामिल हैं। पूरे राज्य में मृतकों की संख्या 58 तक पहुंच गई हैं। अब तक 987 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। वहीं, मेरठ में अब तक163 संक्रमित मिल चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार कोशराब के साथ पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की है। सरकार ने वैट बढ़ाते हुए पेट्रोल की कीमत में दो रुपए प्रति लीटर व डीजल का दाम एक रुपए प्रति लीटर बढ़ाया है। इसके अलावा देशी व विदेशी शराब के मूल्य में 20 से 400 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है।
शराब बंदी में लोगों ने सैनिटाइजर पी लिया, इसलिए बढ़ाए दाम
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा- लॉकडाउन के बीच प्रदेश में शराब बंदी रही। नतीजा कानपुर में 3 लोगों ने सैनिटाइजर पी लिया। जिससे उनकी मौत हो गई। इसी को देखते हुए आबकारी विभाग में भी वृद्धि की गई है। शराब पर बढ़े दाम से 2,350 करोड़ का राजस्व उत्तर प्रदेश सरकार को मिलेगा।
डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने से2,070 करोड़ का होगा फायदा
उन्होंने बताया कि, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके चलते पेट्रोल का दाम 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा है। वहीं, डीजल के दाम में 1 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि, राज्य में पेट्रोल 73.91 रुपए प्रति लीटर और डीजल 63.86 रुपए में प्रति लीटर मिलेगा। यह नई दरें बुधवार रात 12 बजे से लागू होगी। बताया कि, राज्य में 470 करोड़ लीटर पेट्रोल व 1130 करोड़ लीटर डीजल की खपत हो रही है। दाम में
वृद्धि होने से 2,070 करोड़ रुपए का राजस्व अधिक सरकार को प्राप्त होगा।
शराब के दामों में इतने रुपए बढ़े-
रेगुलर | प्रीमियम | विदेशी |
180 एमएल तक 20 रुपए | 180 एमएल तक 20 रुपए | 180 एमएल तक 100 रुपए |
500 एमएल तक 30 रुपए | 500 एमएल तक 30 रुपए | 500 एमएल तक 200 रुपए |
500 एमएल से अधिक पर 50 रुपए | 500 एमएल से अधिक पर 50 रुपए | 500 एमएल से अधिक पर 400 रुपए |
दिल्ली सरकार ने 70 फीसदी कोरोना सेस लगाया था
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार से लॉकडाउन फेज-तीन में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति प्रदान की है। यह दुकानें सुबह दस बजे से शाम सात बजे खुलेंगी। लेकिन शराब के लिए दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी हवा में उड़े। जबकि, हिदायत दी गई थी कि कंटेनमेंट को छोड़कर जहां भी शराब की दुकानें खुलेंगी वहां सोशल डिस्टेंसिंग का नियम पालन करना होगा। पांच से अधिक लोग इकट्ठा नहीं होंगे। वहीं,राजधानी में अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंगलवार से शराब पर 70% अतिरिक्त टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में जल्द ही कोरोना वायरस (कोविड-19) की टेस्टिंग लैब में जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।सूबे की कबीना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने बुधवार को बताया कि दीनदयाल वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी मथुरा में यह लैब तैयार हो रही है।उन्होंने बताया कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण से निजात दिलाने के लिए इसकी त्वरित चिकित्सा आवश्यक होती है। जांच रिपोर्ट के आए बिना चिकित्सा शुरू नहीं की जा सकती, इसलिए इसकी त्वरित जांच रिपोर्ट आना आवश्यक है।
प्रयोगशालाओं को वॉट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया
चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 वायरस की टेस्टिंग की 19 प्रयोगशालाएं स्थापित करा दी हैं, कुछ पर और भी काम चल रहा है। इन सभी प्रयोगशालाओं को वॉट्सएप ग्रुप से जोड़ने की व्यवस्था की गई है, जिससे कहीं पर काम अधिक होने पर उसे ऐसी प्रयोगशाला में भेजा जा सके, जिसमें काम कम है। इस व्यवस्था से टेस्ट की रिपोर्ट जल्दी आ सकेगी और संक्रमित व्यक्ति का इलाज जल्दी शुरू हो सकेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक मथुरा के कोविद-19 के नमूनों की जांच जे.एन.मेडिकल कालेज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हो रही थी, लेकिन वहां पर जांच की संख्या बढ़ने के कारण प्रायः जांच रिपोर्ट अति विलम्ब से आती थी,जिससे जहां एक ओर मरीज का इलाज शुरू होने में विलम्ब हो जाता था, दूसरी ओर कभी कभी असहज की स्थिति पैदा हो जाती थी।
उत्तर प्रदेश में मंगलवार देर रात तक 118 नए कोरोना संक्रमितमिले।प्रदेश में अब तक2900 केसहो गए हैं। इसमें1845एक्टिव हैं। कुल मरीजों में 1152 जमाती हैं।राज्य में मृतकों की संख्या 56 हो गई। अब तक 987 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रयागराज में कोरोना से एक इंजीनियर की मंगलवार देर रात मौत हो गई, जबकि लखनऊ में एक साथ 45 लोगों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया।
लखनऊ में आज आए खुलेंगी दुकानें
राजधानी मेंबुधवार से सैलून, ब्यूटी पार्लर, मॉल, रेस्टोरेंट को छोड़कर अन्य दुकानें खुलेंगी। बस शर्त यहीहोगी कि ये दुकानें किसी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में न हों। फिलहाल,हॉटस्पॉट जोन में दुकानें नहीं खुलेंगी। इधर,प्लम्बर, धोबी को भी काम करने की अनुमति दी गई हैं। हालांकि,स्कूल-कॉलेज, कोचिंग, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल के अलावासभी धार्मिक संस्थाएं अभी नहीं खुलेंगी।
कोरोना अपडेट्स
प्रयागराज:लॉकडाउन में जरूरतमंदों की मददगार बने लूकरगंज के इंजीनियर वीरेंद्र सिंह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हार गए। मंगलवार देर रात उन्होंने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में दम तोड़ दिया। शहर में कोरोना से यह पहली मौत है। 6दिन पहले उनकी तबियत खराब होने पर जांच कराई गई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पहले कोटवां-बनी स्थित कोविड-19 लेवल-1 हॉस्पिटल ले जाया गया था। लेकिन सांस लेने में तकलीफ होने पर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय रेफर कर दिया गया था।
लखनऊ:राजधानी के लिए मंगलवार का दिन राहत भरा रहा। यहां एक साथ 45 लोग स्वस्थ होने परडिस्चार्ज किए गए। इनमें लखनऊ के 14, सहारनपुर के 8, दिल्ली के 7, असम के 3 औरअण्डमान निकोबार का 1 और एकमरीज भी शामिल है।
वाराणसी:जिले में अब तक 68 कोरोना मरीज मिले हैं। अभी लखनऊ केजीएमयू से 154 मरीजों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। बुधवार सुबह से ही पुलिस यहां पुलिस सक्रिय नजर आने लगी। हरआने-जाने वालेसे पूछताछ की जा रही है।राशन की दुकानें भी रोजमर्रा की तरह खुलने लगी हैं। सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि 22 हॉटस्पॉट इलाकों में 6753 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। 33 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग इन इलाकों में हो चुकी है। 3 संदिग्ध मिले हैं।
शायर मुनव्वर राणा ने की मीट की दुकानें खोलने की अपील
लॉकडाउन के तीसरे फेजमें शराब की दुकानें खुलने के बाद अब नॉनवेज की चाहत रखने वालों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। मशहूर शायर मुनव्वर राना ने मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ से गुजारिश की है कि मीट की दुकानों को खोला जाए।
राणा का ट्वीट-
अब तक 2900 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 640, कानपुर नगर में 276, लखनऊ में 233, सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 193, फिरोजाबाद में 165, मेरठ में 163, मुरादाबाद में 116, गाज़ियाबाद में 104, वाराणसी में 68, बुलन्दशहर में 56, रायबरेली में 46, हापुड़ में 44, अलीगढ़ में 42, मथुरा, अमरोहा, बस्ती में 32, बिजनौर में 34, शामली में 29 , संतकबीरनगर में 26, रामपुर में 25, मुज़फ़्फरनगर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत में 17 और बदायूं में 16 मरीज सामने आए हैं।
इसके अलावा बहराइच में 15, सिद्धार्थ नगर में 14, प्रतापगढ़-औरैया में 13, एटा में 11, बरेली-प्रयागराज में 10-10, झांसी, में 9, जौनपुर-मैनपुरी-आजमगढ़ में 8-8 पाए गए। बांदा-कन्नौज-हाथरस-श्रावस्ती-महाराजगंज में 7-7, गोंडा-ग़ाज़ीपुर में 6-6, लखीमपुर खीरी-इटावा में 4, पीलीभीत-मिर्जापुर-कासगंज-जालौन-गोरखपुर-सुल्तानपुर में 3-3, हरदोई- कौशाम्बी-गोंडा-भदोही-उन्नाव-बाराबंकी-महोबा-कानपुर देहात- देवरिया में दो-दो, शाहजहांपुर-मऊ-बलरामपुर- अयोध्या-अमेठी-कुशीनगर में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाए गए हैं।
देश के कई राज्यों में शराब बिक्री शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में भी सोमवार से शराब के ठेके खुल गए। कानपुर के भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने शराब केठेके खुलने का विरोध किया है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर रेड जोन में शराब की बिक्री बंद करने का अनुरोध किया है।उन्होंने कहा है कि जो रेड जोन वाले जिले हैं वहां अभी शराब की दुकानें न खोली जाएं।
कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि लॉकडाउन में शराब की दुकानों में भीड़ एकत्र हो रही है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। सांसद ने सरकार की 40 दिनों की मेहनत खराब होने की आंशका भी व्यक्त की है।
40 दिन के लॉकडाउन के परिणाम पर संकट
मंत्री सत्यदेव पचौरी ने लिखा कि यूपी में जिस तरह कोविड-19 पर नियंत्रण पाया जा रहा है वह प्रशंसनीय है। शराब की बिक्री को लेकर छूट दी गई है, सुबह से ही शराब की दुकानों में जिस तरह भीड़ लग रही है, लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं उससे 40 दिनों के लॉकडाउन के परिणाम पर संकट गहराता नजर आ रहा है।
सांसद ने लिखा, 'मेरा आपसे आग्रह है कि रेड जोन में आने वाले जिलों में लॉकडाउन के दौरान तक शराब की दुकानों पर पूर्व की भांति पूर्ण बंदी लागू की जाए। मैं कानपुर नगर की जनता की ओर से आपकी कर्मठता, योग्यता और क्षमता के लिए आपका बहुत-बहुत साधुवाद और अभिनंदन करता हूं।'
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर मामले को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि आखिर एक महिला अफसर के सम्मान को लेकर राज्य सरकार चुप क्यों है?
मायावती ने ट्वीट किया-
हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस रानी नागर ने 4 मई को चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटते ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पीछे कारण सरकारी डयूटी पर व्यक्तिगत सुरक्षा को बताया गया है। उन्होंने ईमेल से मुख्य सचिव हरियाणा को इस्तीफा भेजा था।इसकी प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व निदेशकों को भेजी थी।
रानी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के नियमों का हवाला देते हुए इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है।पद से इस्तीफा देने के बाद रानी नागर सोमवार को ही बहन रीमा नागर के साथ अपने पैतृक नगर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद लौटी थीं।इसकी जानकारी उन्हें अपने ट्वीट के जरिए दी थी।
##ताजनगरी आगरा कोरोनावायरस का केंद्र बनता जा रहा है। यहां बुधवार को 13 नए केस सामने आए। अब यहां संक्रमितों की संख्या 653 हो चुकी है। 16 मरीजों की मौत हो चुकी है। यहां 241 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से छुट्टी पा चुके हैं। इस बीच एसएन मेडिकल कॉलेज में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक कैंसर पीड़त महिला के पैर को चूहों ने कुतर दिया। उसे 9 दिन पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। आरोप है कि, इस बीच उसका इलाज नहीं हुआ। चूहों के कुतरने के बाद उसके पैरों के जख्मों पर मरहम पट्टी भी नहीं की गई। महिला के पति ने वीडियो वायरल कर स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोली है। डीएम प्रभु नारायण सिंह ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
प्राइवेट डॉक्टर से चल रहा था इलाज
लोहामंडी निवासी सर्राफ इंद्र खंडेलवाल ने बताया कि, उनकी 40 वर्षीय पत्नी साक्षी को एक साल पहले कैंसर हो गया था और थाना न्यू आगरा क्षेत्र में प्रैक्टिस करने वाले कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय गुप्ता से इलाज चल रहा था। लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद सभी निजी हॉस्पिटल बंद हो गए तो ऐसे में पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर 27 अप्रैल को वे डाक्टर अजय गुप्ता के हॉस्पिटल गए थे। हॉस्पिटल में स्टाफ ने 500 रुपए जमा कराने के बाद डॉ. अजय गुप्ता से फोन पर बात कराई थी। मगर वे इस दौरान मरीज को देखने नहीं आए और फोन पर ही एडमिट करने से इंकार कर दिया।
बीते रविवार को पैरों को चूहों ने कुतरा
परेशान होकर इंद्र खंडेलवाल ने पत्नी साक्षी को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया तो वहां सबसे पहले कोविड-19 की जांच कराई गई। जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने पर डॉक्टरों ने उनकी रेडियोथैरेपी कर दी। इसके बाद तबियत में सुधार न होने पर भी दूसरी बार रेडियोथैरेपी नहीं की। दो दिन पूर्व रविवार रात में सोते समय साक्षी के पैर को चूहों ने कुतर दिया। जिससे पैरों से खून बहने लगा। आरोप है कि, इंद्र खंडेलवाल ने मरहम पट्टी के लिए काफी मिन्नतें की, लेकिन कोई कर्मचारी उनकी हालत देखने नहीं आया और उन्होंने खुद पैर की पट्टी कर ली। जिसके बाद उन्हें डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया।
रेडियोथेरेपी के लिए तैयार नहीं कोई
परिवार ने निजी अस्पतालों में इलाज की गुहार लगाई मगर कोई रेडियोथैरेपी करने के लिए तैयार नहीं है। उनकी पत्नी की हालत लगातार बिगड़ रही है। इस मामले में प्रधानाचार्य डॉ. जीके अनेजा से संपर्क साधने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद जिलाधिकारी प्रभु नारायण ने जानकारी कर पीड़िता को मदद दिलाने की बात कही है। पीड़िता साक्षी के पति ने वीडियो बनाकर अपनी पूरी व्यथा सोशल मीडिया पर वायरल की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक विवाद पर अपना अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर अपनी मुहर लगाई है। बेंच ने तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है। यह भर्ती प्रक्रिया बीते डेढ़ साल से अटकी थी। प्रदेश के करीब 4 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी निर्णय का इंतजार कर रहे थे।
4,10,440 परीक्षार्थियों ने दी थी परीक्षा
दरअसल, सूबे के परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। छह दिसंबर से 20 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इसके बाद छह जनवरी 2019 को राज्य के 800 परीक्षा केंद्रों पर 4,10,440 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। 21 हजार 26 परीक्षार्थी गैर हाजिर रहे।
यह तय किया गया था कटऑफ
भर्ती विज्ञापन में न्यूनतम कटऑफ अंक की बात तो की गई थी, लेकिन कटऑफ कितने प्रतिशत होगा, इसका जिक्र शासनादेश में नहीं किया गया था। लिखित परीक्षा के अगले दिनन सात दिसंबर 2019 को न्यूनतम कटऑफ की घोषणा की गई। इसके तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 में से 97 (65 फीसदी) और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 में 90 अंक (60 फीसदी) लाने होंगे। इसी कटऑफ को लेकर परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई के बाद 3 मार्च 2020 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
अभ्यर्थियों की यह थी मांग
दरअसल, सितंबर 2018 में 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सामान्य व ओबीसी वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी कटऑफ अंक तय हुआ था। अभ्यर्थियों का एक वर्ग पुराने कटऑफ अंक लागू करने की मांग कर रहा था तो वहीं कई अभ्यर्थी शासन की ओर से जारी कटऑफ अंक के पक्ष में थे।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जमात प्रमुख नसीम अहमद (65) का मंगलवार की रात इंतकाल हो गया। तब्लीगी मरकज से लौटे बांग्लादेशी नागरिकों को शरण दिलाने और उनकी जानकारी छिपाने के आरोप में उन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। शहर के फिरोसेपुर निवासी नसीम को दो अप्रैल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह क्वारैंटाइन सेंटर और फिर अस्थायी जेल में रखे गए थे।
एक सप्ताह पूर्व तबीयत खराब होने पर नसीम को जिला अस्पताल लाया गया था, जहां से बीएचयू रेफर कर दिया गया था। हालत में सुधार होने पर दोबारा अस्थायी जेल में रख दिया गया था।मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे नसीम की तबीयत फिर खराब हो गई। आनन-फानन में जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर परिजन भी जिला अस्पताल पहुंच गए।
एसडीएम सदर व अस्थायी जेल के अधीक्षक नीतीश कुमार सिंह ने बताया कि जेल में रखे गए बंदी नसीम की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्हें हार्ट की बीमारी थी। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। जांच कराई जा रही है।
उपचार के बाद अस्थायी जेल में ही रखे गए थे ठीक हुए तीन कोरोना मरीज
नसीम अहमद जिले में जमात प्रमुख थे। जमात में आने वाले उनसे संपर्क के बाद ही अन्यत्र जाते थे। 29 मार्च को लाल दरवाजा क्षेत्र से पकड़े गए 14 बांग्लादेशी समेत 16 जमातियों को बड़ी मस्जिद से निकालकर लाल दरवाजा क्षेत्र के एक मकान में शरण दिलाने का उन पर आरोप था। इन्हीं 16 में से 2 जमातियों में कोरोना की पुष्टि होने पर वाराणसी भेज दिया गया।
उपचार के बाद स्वस्थ होने पर उन्हें जौनपुर लाने के बाद अस्थायी जेल में शिफ्ट किया गया था। बदलापुर के वार्ड नम्बर 8 से पकड़े गए पुरानी दिल्ली निवासी कोरोना संक्रमित जमाती को भी वाराणसी में उपचार के बाद ठीक होने पर इसी जेल में रखा गया था। उनके साथ रहे जमात प्रमुख की मौत से लोग सहम गए हैं।
उत्तर प्रदेश के जालौन में 1 दिन में 3 कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। कोरोना पॉजिटिव की अब संख्या बढ़कर 8 हो गई है। आज जो तीन कोरोनो पॉजिटिव पाये गये उसमें दो सगे भाई है। जबकि तीसरा पीएल कमला नर्सिंग होम में डिलेवरी कराने आई महिला का पति है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आए लोगों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।
दरअसल, पहला कोरोना पॉजिटिव का मामला 25 अप्रैल को आया था, जहां जिला अस्पताल के चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे, बाद में उनकी पत्नी पॉजिटिव पाई गई थी। उसके बाद पीएल कमला नर्सिंग होम का ओटी मैनेजर भी चिकित्सक के संपर्क में आने के कारण कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके अलावा चौथा मरीज कान्हा डायलिसिस में डायलिसिस कराने वाला युवक निकला था।
बाद में जिला प्रशासन की टीम को सूचना मिली थी कि कृष्णा नगर में एक महिला को कई दिन से बुखार आ रहा है, जिसके बाद टीम द्वारा उसका और उसके परिवार का खून का नमूना लिया था, जिसमें महिला की रिपोर्ट पॉजीटिव पाई गई थी और जनपद में कुल 5 पॉजिटिव मरीज हो गये थे। वही उनके बच्चों की रिपोर्ट आनी शेष थी। आज उनकी भी रिपोर्ट आ गयी जिसमें महिला की पुत्री और पुत्र की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव पाई गई, इसके अलावा पीएल कमला नर्सिंग होम में डिलेवरी कराने आई महिला का पति ओटी मैनेजर के संपर्क में आने के कारण कोरोना पॉजीटिव पाया गया।
तीनों मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया
जनपद में एक साथ 3 लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद जिला प्रशासन में अफरा तफरी मच गई है। प्रशासन ने सभी लोगों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है जिनका इलाज शुरू करा दिया गया है इसके अलावा उनके संपर्क में आए अन्य लोगों को भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने बताया कि महिला की पुत्री नोएडा से आई हुई थी।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज़ों का आंकडा 200 के आंकड़े को भी पार कर गया है। संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर प्राधिकरण की तरफ से अब जुर्माना लगाया जाने लगा है। मंगलवार देर शाम को प्राधिकरण ने तीन लोगों पर 500-500 रुपए यानी कुल 1500 रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही उनको हिदायत भी दी गई साथ ही कोविड-19 के प्रति जागरूक भी किया गया। ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े गए इसलिए 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। दोबारा पकड़े जाने पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
जन स्वास्थ्य के वरिष्ठ परियोजना अभियंता एससी मिश्रा ने बताया कि ककराला में सलीम पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया यहा ब्रह्मपाल सिंह की टीम ने उन्हे सार्वजनिक स्थान पर थूकते हुए पकड़ा। इसी तरह राहुल कुमार निवासी चौड़ा सेक्टर-21ए स्टेडियम के पास थूकते मिले इन पर राजेंद्र सिंह ने 500 रुपए का जुर्माना लगाया।
वहीं, राजू कुमार निवासी नंगला गांव में थूकते हुए पकड़े गए इन पर ब्रह्मपाल ने 500 रुपए का जुर्माना लगाया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर सार्वजनिक स्थानों पर पहली बार थूकने पर 500 रुपए और दूसरी बार थूकने पर 1000 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में संक्रमण के लगातर मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 2900 तक पहुंच गए हैं। यूपी के 66 जिलों में कोरोनावायरस का असर फैल चुका है जिसमें एक्टिव केस 1845 हो गए हैं। इसमें 1152 जमातियों की संख्या शामिल हैं। पूरे राज्य में मृतकों की संख्या 57 तक पहुंच गई हैं। अब तक 987 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।
लखनऊ में आज आए खुलेंगी दुकानें: राजधानी में बुधवार से नाई की दुकानों, ब्यूटी पार्लर, मॉल, रेस्टोरेंट को छोड़कर अन्य दुकानें खुलेंगी। बस शर्त यहीं है कि, ये दुकानें एकल हों, बाज़ार में न हों और हॉटस्पॉट इलाकों में न हों। बाई, प्लम्बर, धोबी को भी काम करने के लिए अनुमति दे दी गई है।हालाकिं स्कूल-कॉलेज, कोचिंग, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल, सभी धार्मिक संस्थानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
अब तक 2900 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 640, कानपुर नगर में 276, लखनऊ में 233, सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 193, फिरोजाबाद में 165, मेरठ में 163, मुरादाबाद में 116, गाज़ियाबाद में 104, वाराणसी में 68, बुलन्दशहर में 56, रायबरेली में 46, हापुड़ में 44, अलीगढ़ में 42, मथुरा, अमरोहा, बस्ती में 32, बिजनौर में 34, शामली में 29 , रामपुर में 25, संतकबीरनगर में 26, मुज़फ़्फरनगर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत में 17 और बदायूं में 16 मरीज सामने आए हैं।
वहीं बहराइच में 15, सिद्धार्थ नगर में 14, प्रतापगढ़-औरैय्या में 13, एटा में 11,बरेली-प्रयागराज में 10-10, झांसी, में 9, जौनपुर-मैनपुरी-आजमगढ़ में 8-8 पाए गए। बांदा-कन्नौज-हाथरस-श्रावस्ती-महाराजगंज में 7-7, गोंडा-ग़ाज़ीपुर में 6-6, लखीमपुर खीरी-इटावा में 4, पीलीभीत-मिर्जापुर-कासगंज-जालौन-गोरखपुर-सुल्तानपुर में 3-3, हरदोई- कौशाम्बी-गोंडा-भदोही-उन्नाव-बाराबंकी-महोबा-कानपुर देहात- देवरिया में दो-दो, शाहजहांपुर-मऊ-बलरामपुर- अयोध्या-अमेठी-कुशीनगर में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाए गए हैं।
987 कोरोना स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 208, मुरादाबाद से 116,गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 109, लखनऊ से 71,सहारनपुर से 79, मेरठ से 55, गाजियाबाद से 50, कानपुर नगर से 34, फ़िरोज़ाबाद से 33, शामली से 27, बिजनौर से 21, सीतापुर से 17, बागपत से 14, बुलन्दशहर-वाराणसी-बस्ती से 13-13, अमरोहा से 12,मुजफ्फरनगर से 9, रामपुर से 7, बरेली-हापुड़-महराजगंज-प्रतापगढ़ से 6- 6, जौनपुर- गाजीपुर से 5-5 , लखीमपुर खीरी- आज़मगढ़-हाथरस-मथुरा-औरैया से 4-4, बांदा- मैनपुरी-कन्नौज-पीलीभीत से 3-3,हरदोई-बदायूं-कौशाम्बी से 2-2, शाहजहांपुर-बाराबंकी-कासगंज- प्रयागराज-भदोही-सम्भल-इटावा से 1-1, कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ पूर्णतया करवाकर डिस्चार्ज किया गया।
कानपुर में टिकटॉक वीडियों बनाने के लिए युवा पीढी जान की परवाह नहीं कर रही है। मंगलवार को आंधी-पानी के बीच दो युवक टिकटॉक वीडियो बनाने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ गए। वीडियो शूट करने के बाद वो पानी की टंकी से खिसकते हुए नहीं उतरे। यदि बीच यदि कोई हादसा हो जाना तो दोनों की जान भी जा सकती थी। टंकी पर चढे़ युवकों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस दोनो युवकों की तलाश कर रही है ।
बर्रा थाना क्षेत्र स्थित बर्रा दो में बनी पानी की टंकी बनी है। दरअसल मंगलवार शाम तेज आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई । इसी दो युवक पानी की टंकी पर चढ़ गए। दोनों युवक टंकी की छत पर चढ़ कर कई वीडियो शूट किए । आसपास के लोगों ने आवाज लगाकर उन्हे रोकने का प्रयास भी किया। लेकिन दोनों युवकों ने किसी की परवाह किए बगैर अपनी जान पर खेल कर वीडियो शूट किए।
इसी बीच किसी ने अपने घर की बालकली से युवकों की इस करतूत को मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया। इसके बाद इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो पर लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे है। जब यह वीडियो पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस का कहना है कि वीडियो के अधार पर दोनो युवकों की तलाश की जा रही है ।
उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस संक्रमण से मंगलवार देर रात पहली मौत हो गई। बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के कोरोना पॉजिटिव मिले आर्किटेक्ट इंजीनियर विरेंद्र सिंह ने शहर के लेवल 3 हॉस्पिटल एसआरएन में देर रात दम तोड़ दिया। उनके साथ भर्ती कोरोना पॉजिटिव उनकी पत्नी की हालत स्थिर बनी हुई है।
शहर के लूकरगंज मोहल्ले में रहने वाले वीरेंद्र सिंह कोरोना संक्रमण की चपेट में कैसे आए फिलहाल इसका पता नहीं चल रहा है। आशंका है कि लॉकडाउन में ज़रूरतमंदों की मददगार बनाना ही आर्किटेक इंजीनियर वीरेंद्र सिंह के लिए अभिशाप बन गया और आखिरकार वह कोरोना की जंग में हार गए। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने इसकी पुष्टि की है। छह दिन पहले यानि 30 अप्रैल को तबीयत खराब होने पर इंजी. वीरेंद्र सिंह की जांच कराई गई थी।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें पहले कोटवां-बनी स्थित कोविड-19 लेवल-1 हॉस्पिटल ले जाया गया था लेकिन सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें पहले लेवल -2 बेली हॉस्पिटल और फिर लेवल-3 हॉस्पिटल स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय रेफर कर दिया गया था।
परिजनों को नहीं दिया जाएगा शव, आज होगा अंतिम संस्कार
इंजीनियर के परिवार में चार और लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। तीन की रिपोर्ट मंगलवार को ही आई थी। कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि उनका शव उनके परिजनों को नहीं दिया जाएगा। बुधवार को प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
संक्रमण के सोर्स की नहीं मिली जानकारी
इंजीनियर वीरेंद्र सिंह को यह बीमारी कैसे हुई इसके सोर्स का पता स्वास्थ्य विभाग आज तक नहीं लगा सका है। वह 28 अप्रैल को कांलिंदीपुरम स्थित इंस्टीट्यूशन क्वारैंटाइनसेंटर खुद ही गए और अपनी जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें कोटवां-बनी स्थित कोविड19 हॉस्पिटल भेज दिया गया था। वहां सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें दो मई को एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। मंगलवार दोपहर में अचानक बिगड़ी तबियत, शाम को रखे गए वेंटिलेटर पर, देर रात हो उनकी मौत हो गई।
पत्नी, सास, भाई और भाभी भी है संक्रमित
इंजीनियर वीरेंद्र के शव को चिकित्सकीय प्रोटोकॉल के मुताबिक बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एसआरएन चिकित्सालय में उनके साथ उनकी पत्नी भी कोरोना वार्ड में भर्ती हैं। जबकि सास, भाई और भाई की पत्नी कोटवा-बनी लेवल-1 हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।
अब तक 1 संक्रमित हुआ स्वस्थ, 12 का इलाज जारी
प्रयागराज में कोरोना संक्रमण की चपेट में अब तक 14 लोग आये हैं। जिनमें एक इंडोनेशियाई नागरिक स्वस्थ होकर कानूनी अभिरक्षा में है, जबकि 12 लोगों का अभी इलाज चल रहा है। जिनमें 5 कोरोना पॉजिटिव मंगलवार यानि 05 मई को ही सामने आए है। जिसमें मृत इंजीनियर वीरेंद्र सिंह की पत्नी सबसे ज्यादा गंभीर बताई जा रही है। हालाकी अभी उनकी स्थिति उनके पति से काफी बेहतर है।
उत्तर प्रदेश के झांसी में मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मंगलवार को उपचार के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने यह कहकर उनको अस्पताल में जाने नहीं दिया कि कोरोना संदिग्ध के तौर पर उसका शव अस्पताल में रखा गया है। अब 24 घंटें बाद मृतक की रिपोर्ट निगेटिव आयी है जिसके बाद परिजनों ने जमकर बुधवार सुबह जमकर हंगामा किया।
मंगलवार सुबह मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। परिजनों भूख और प्यास की वजह मौत का कारण बता रहे हैं। लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने बुधवार को जेल चौराहे पर जमकर हंगामा किया। जैसे तैसे पुलिस ने हंगामा शांत कराया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, जनपद के प्रेम नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले सेल्समैन भगवान दास साहू(58) कि 2 दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मंगलवार सुबह तकरीबन 10 बजे उनकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा।
जेल चौराहे के पास शराब बिक्री को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रहे पुलिसकर्मियों के परिजनों ने पैर पकड़ लिए और रो-रो कर मृतक की आपबीती सुनाने लगे। परिजनों के मुताबिक मृतक मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 2 दिन से भूखे और प्यासे थे वे फोन पर लगातार अपने घर वालों को हाल बता रहे थे। परिजनों ने मिलने की कोशिश की तो मेडिकल कॉलेज में उन्हें भगा दिया। पुलिस ने जैसे-तैसे उन्हें सांत्वना देकर कार्रवाई का आश्वासन देकर
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। इसका सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक सुखद खबर सामने आई है। देश की सबसे प्रदूषित यमुना नदी का सूरत-ए-हाल बदल गया है। यहां इन दिनों दुर्लभ प्रजाति के प्रवासी पक्षियों के कलरव की गूंज सुनाई देती है। नदी के तट पर तमाम पक्षियों ने अपना आशियाना जमा लिया है। पर्यावरणविद डॉक्टर राजीव चौहान कहते हैं कि, कई दशकों मेंकरोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी यमुना स्वच्छ नहीं हो सकी, लेकिन लॉकडाउन ने कुछ ही दिनों में ऐसा कर दिया। इस पर शोध की आवश्यकता है।
इटावा में यमुना का 110 किमी फैलाव
पश्चिमी हिमालय से निकलने वाली यमुना का प्रयागराज में गंगा नदी से संगम होता है। 1370 किमी लंबी यमुना इटावा में जसवंतनगर तहसील के ग्राम बाउथ से पचनदा में जाकर मिल जाती है। यहां इसका फैलाव करीब 110 किलो मीटर है।लॉकडाउन से पहले यमुना नदी की स्थिति ऐसी थी लोग आचमन करने से परहेज करते थे। लेकिन 40 दिन गुजरने के बाद अब इस नदी के पानी का नकेवल लोग नहाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैंबल्कि सेवन करने के योग्य भी माना जा सकता है।
इन प्रजातियों के पक्षियों ने बनाया आशियाना
शायद यही वजह है कि, इन दिनों ब्लेक नेक्ड स्टार्क, वूली नेक्ड स्टार्क, पेंटिंड स्टार्क, स्कवेजर वल्चर, डॉरटर कॉरमोरेंट, लिटिल रिंग प्लोवर आदि पक्षी आज दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि, इससे पहले यहां यहां इतनी संख्या में प्रवासी पक्षियों को नहीं देखा गया।युमना नदी में मगरमच्छ, घड़ियाल ओर डॉल्फिनों को भी देखा जा रहा है।
30 साल पुराने रुप में पहुंची यमुना
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ.राजीव चौहान ने कहा- यमुना नदी दुनिया की प्रदूषित नदियों में से एक है। औद्योगिक कचरे के कारण यमुना नदी नहीं बल्कि नाले के रुप में दिखती है, जो विभिन्न प्रकार की बीमरियों का कारण भी बन रही है। यमुना एक्शन प्लान के नाम पर करोडों रुपए नदी को साफ करने के लिए खर्च भी किया जा चुका है, लेकिन इस बार लाॅकडाउन ने यमुना को साफ कर दिया। जिस पर किसी को हकीकत में यकीन नहीं हो रहा है। वैसे दिल्ली से आगरा तक यमुना नदी की बदहाली किसी से छुपी नहीं थी। लेकिन अब इसकी सूरत बदल रही है। लेकिन फिर भी असल पता तभी लगेगा जब लाॅक डाउन के बाद इस पर अगर शोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, आज जैसी यमुना नदी की सूरत दिखाई दे रही है, ऐसी स्थिति90 के दशक से पहले ही दिखाई दिया करती थी। लॉक डाउन के असर के चलते यमुना में गिरने वाले डोमेस्टिक और इंडस्ट्रीज प्रदूषण बंद हो गया। जिसके चलते यमुना एक बार फिर से 30 साल पहले जैसी दिखने लगी है और यही वजह है कि आज यमुना कई तरह की प्रजातियों की चिड़िया निरंतर यमुना नदी पर अठखेलिया करती नजर आ रही हैं।
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस अब धीरे-धीरे पूरे भारत में अपने पांव पसार रहा है। इस महामारी के बचाव व निवारण के लिए देश व प्रदेश की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके बचाव, उपचार के लिए नए अन्वेषणों की बात करते आए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में ताजनगरी आगरा से एक सुखद खबर आई। आयुष मंत्रालय व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के इलाज पर शोध करने के लिए कुबेरपुर स्थित नैमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज को अनुमति प्रदान की है। इसके तहत मंगलवार से कोरोना मरीजों पर होम्योपैथिक दवाओं का परीक्षण शुरू किया गया। पहले दिन 30 मरीजों को होम्योपैथी की दवा दी गई। दो बार इन मरीजों का परीक्षण भी किया गया।
दवाएं तैयार, 200 मरीजों पर होगा परीक्षण
कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पूरे भारत में केवल नेमिनाथ कॉलेज को ही इस तरह की अनुमति मिली है। हमने आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के निर्देशानुसार कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए दवाएं तैयार कर ली हैं। इन दवाओं की अनुमति भी हमें आईसीएमआर से मिल चुकी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एत्मादपुर स्थित कोविड-19 के हॉस्पिटल एफएच मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना के मरीजों पर इनका परीक्षण किया जा रहा है। कुल 200 मरीजों पर यह परीक्षण किया जाएगा। दवा के बाद इन मरीजों की जांच साइंटिफिक पैथोलॉजी द्वारा निशुल्क की जाएगी। फिर यह रिपोर्ट आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को भेजी जाएगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द आगरा से पूरी दुनिया को कोरोना का उपचार मिल सकेगा।
इस संबंध में आगरा व सूरत के प्रमुख समाजसेवी अशोक गोयल ने नेमिनाथ कॉलेज के प्रबंधन से वार्ता की, उनको बधाई दी और अपनी ओर से सहयोग का प्रस्ताव दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगरा से शीघ्र ही कोविड-19 का सहज, सरल व सस्ता इलाज दुनिया को मिलेगा।
फेसबुक पेज पर पोस्ट कर साझा की जानकारी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार की दोपहर अचानक राजधानी लखनऊ समेत राज्य के कई जिलों मेंतेज हवाओं के साथ मूसलाधारबारिश हुई। इस दौरान दिन में ही अंधेरा छा गया।साथ ही रुक-रुक ओले भी गिरे। लखनऊके गोमतीनगर में आकाशीय बिजली भी गिरी। बैशाख महीने में अषाढ़ जैसी स्थिति से गेहूं, आम व सब्जी की फसलों की खेती करने वाले किसानों पर वज्रपात टूटा है। इससे पहले सोमवार को भी राज्य के 19 जिलों में धूल भरी आंधी के साथ बारिश हुई थी।इससे तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।
8 मई तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं किये बेमौसम बारिशपश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रही है।उत्तर पश्चिम के ऊपर दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि, अभी लोगों को आठ मई तक बेमौसम बारिश का सामना करना पड़ेगा।अगले 24 से 48 घंटों तक राज्य के अलग अलग हिस्सों में तेज बारिश के बीव ओलावृष्टि हो सकती है।अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के अनुसार बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा।
अन्नदाताओं पर मौसम की मार
मौसम की दगाबाजी बार-बार अन्नदाता की उम्मीदों पर पानी फेर रही है। मार्च में रिकॉर्ड तोड़ बारिश और अप्रैल-मई में ओलावृष्टि ने किसानों का गणित ही बिगाड़ दिया है। मंगलवार की दोपहर करीब ढाई बजे केबाद राजधानी लखनऊ और उसके आसपास जिलों में अचानक मौसम बदल गया। आसमान को काले बादलों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। तेज गड़गड़ाहट के साथ कुछ ही देर में ओले गिरने लगे। इस आंधी-पानी से रबी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। आम की फसल भी चौपट हो गई है। ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन की मार झाल रहे किसान को चौतरफा विपदा का सामना करना पड़ रहा है।
आम की फसल बर्बाद
राज्य में करीब 90 फीसदी गेहूं की फसल कट चुकी है। करीब 10 फीसदी फसल खेतों में कटकर ढेर लगी थी। लेकिन बारिश के वजह से भीग गई। अब उनके अंकुरित होने का डर सता रहा है। वहीं,आम की फसल भी चौपट हो गई। आंधी-पानी के कारणबागों में पेड़ों से अमिया टूटकर गिर गई।सोमवार और मंगलवार को तेज हवाओं के साथ बारिश और ओला ने नुकसान को दोगुना कर दिया।
वैज्ञानिक बोले- जो बच गए आम, उनमें रोग लगने की संभावना कम
उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि माल, मलीहाबाद और काकोरी में तेज हवा के साथ बारिश और ओले पड़े। आम और फूलों की खेती को नुकसान हुआ है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि आम में काले धब्बे और काली मक्खी रोग लगने लगा था। इसे रोकने के लिए कीटनाशक के साथ ही बाग की सिंचाई जरूरी है। बारिश होने से आम की फसल को फायदा हुआ है। रोग की आशंका कम होगी।
कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले तमाम कोरोना वॉरियर्स भी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में तमाम चिकित्सक क्वारैंटाइन हो रहे हैं। जिससे दक्षस्टॉफ की भी कमी हो रही है। इस बीच कोरोना वॉरियर्स की मदद के लिएडीजल रेल इंजन कारखाना के लोको डिवीजन ने रिमोट नियंत्रित मेडिकल ट्राली (मेडबूट) का निर्माण किया है। जिसका मंगलवार को केंद्रीय अस्पताल में सफल परीक्षण किया गया।इस ट्रॉली को लोको डिवीजन द्वारा इन-हाउस डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसे रिमोट द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। यह कैमरे एवं माइक से सुसज्जित है।
मुख्य जन संपर्क अधिकारी नितिन मेहरोत्रा ने बताया कि, लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए डीरेका ने इस उपकरण का निर्माण करके अनुकरणीय कार्य कर दिखाया है। यह ट्रॉली मरीजों को दवाइयां, पानी, भोजन, चादर आदि दे सकती है और इसके द्वारा मरीज डॉक्टर से बात भी कर सकते हैं।
मेहरोत्रा ने बताया कि,रिमोट द्वारा संचालित यह ट्रॉली मरीजों और चिकित्सकों के बीच दूरी बनाने में सहायक होगी। ट्रॉली में और सुधार किया जा रहा है, ताकि मोबाइल ऐप के माध्यम से यह ट्रॉली रिश्तेदारों और रोगियों के बीच दूर से बातचीत का माध्यम बन सके।
कोरोनावायरस मरीजों के इलाज के लिए टाटा समूह ने गौतमबुद्धनगर के जिला अस्पताल को अब कोविड-19 अस्पताल में तब्दील करने का निर्णय लिया है। यह अस्पताल सेक्टर 39 में है। टाटा समूह ने इस अस्पताल का अधिग्रहण कर लिया है। यहां 250 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था होगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि अस्पताल के निर्माण में लगभग दो सप्ताह का समय लगेगा। इस दौरान कोरोना के मरीजों का चाइल्ड पीजीआई और शारदा अस्पताल में इलाज चलेगा। अस्पताल में बेहतर तकनीक के उपकरण लगाए जा रहे हैं और आईसीयू वार्ड की संख्या बढ़ाई जाएगी। इलाज के साथ सैंपल कलेक्शन भी किया जाएगा।
प्लाज्माडोनेशन का बनेगा सबसे बड़ा केंद्र
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों कि मानें तो सेक्टर 30 स्थित चाइल्ड पीजीआई को अनुमति मिली है कि वे कोरोना मरीजों का प्लाज्मा लेकर अन्य संक्रमितों का इलाज करें। वहीं, टाटा समूह के विशेषज्ञों ने भी जिला स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव दिया है कि उनके पास एक बेहतर टीम है, जो प्लाज्मा से कोरोना मरीजों का इलाज करेगी। इसलिए अस्पताल में अलग से प्लाज्मा कलेक्शन सेंटर भी बनेगा, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा केंद्र होगा।
जिले को मिल जाएंगे दो कोविड-19 अस्पताल
जिले के लिए राहत भरी खबर यह है कि नोएडा में अब दो कोविड 19 के अस्पताल हो जाएंगे। इससे मरीजों की संख्या बढ़ने पर आसानी से इलाज किया जा सकेगा। वहीं, कोरोना के लक्षण दिखने वालों को होम क्वारैंटाइन पर ही रखा जाएगा। चाइल्ड पीजीआई के डॉ. बीपी सिह ने बताया कि वर्तमान में यहां कोरोना के लक्षण दिखने वाले लोगों के लिए ओपीडी चलाई जा रही है। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी चलाई जा रही है।
13 और मामले बढ़े, संक्रमितों की संख्या 192 पहुंची
मंगलवार को 13 नए मामलों के साथ यहा संक्रमितों की संख्या बढ़कर 192 पहुंच गई है। 109 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। 297 अभी भी क्वारैंटाइन सेंटर में है। दरअसल, मंगलवार को 52 रिपोर्ट प्राप्त हुई। नए संक्रमितों में सेक्टर-7 में एक, सेक्टर-8 में दो बिसरख सेक्टर-1 में चार, सेक्टर 31 में दो संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा अल्फा-1, जिम्स अस्पताल, शारदा अस्पताल में एक-एक व सेक्टर-137 अजनारा डेफोडिल में एक महिला कोरोना संक्रमित मिली है। आज शारदा अस्पताल से सात मरीज ठीक होकर घर भी गए।
दरोगा की रिपोर्ट पॉजिटिव, 50 से अधिक पुलिसकर्मी क्वारैंटाइन
सेक्टर 8 में तैनात रहे एक दारोगा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। दारोगा की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 50 से अधिक पुलिसकर्मी क्वारैंटाइन हो गए हैं। दारोगा को गाजियाबाद के एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
महाराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बिजनौर पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। जहां उन्हें छह अन्य साथियों के साथ 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई। हालांकि, वे अभी अपने घर नहीं जा पाएंगे। बिजनौर में ही विधायक व उनके साथियों को 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा।
बद्रीनाथ जाते समय पुलिस ने पकड़ा था
दरअसल, नौतनवा विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर उत्तराखंड मेंलॉकडाउन का उल्लंघन किया। जहां उन्हें बीते रविवार रात विधायक को उनके 10 अन्य साथियों के साथ मेंटिहरी जिले के मुनीकीरेती थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि, इसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। आरोप है कि, विधायक ने तब पुलिस को एक पास दिखाते हुए कहा कि,वे यूपी के सीएम योगी के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के निमिद्ध बद्रीनाथ जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने आगे जाने नहीं दिया। कुछ देर हंगामा करने के बाद विधायक खुद लौट गए। ये पासउत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश व देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी हुए थे।
वहां से लौटते समय सोमवार कोबिजनौर पुलिस ने विधायक व उनके 6साथियों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को सभी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।विधायक अमनमणिपूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। मधुमिता हत्याकांड मेंअमरमणि वर्तमान में जेल में हैं।
विधायक ने कहा- महाराज हमारे गार्जियन
इस मामले में विधायक अमन मणि का कहना है कि एडमिनिस्ट्रेशन का आपस मेंकोई कंफ्यूज़न है। उन्होंने उत्तराखण्ड में पास के बारे में बताया कि उनके पास बद्रीनाथ, केदारनाथ जाने की अनुमति थी। लेकिन उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिताजी की तेहरवीं का भी जिक्र था।महाराज (योगी आदित्यनाथ) हमारे गार्जियनहैं। वो हमारे घर के कार्यक्रमोंमें आते रहे हैं।ऐसे में हमारी भी कुछ नैतिक जिम्मेदारी है।
योगी का नाम जुड़ने से सरकार ने दी थी सफाई
सोमवार को यह मामला तूल पकड़ने के बाद योगी सरकार ने सफाई दी थी। कहा था कि,अमनमणि अपने कृत्यों के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार की तरफ से उन्हें कोई पास अधिकृत नहीं किया गया।उनके तथ्यों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जोड़ना आपत्तिजनक है।
कोरोना संकट काल मेंगुजरात में फंसे 1250 श्रमिकों को लेकर मंगलवार को एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची। यात्रियों के चेहरे पर अपने प्रदेश वापसी की खुशी साफ दिख रही थी। लेकिन इस दौरानटिकट के लिए हुई वसूली को लेकर उनमें आक्रोश भी था। श्रमिकों ने कहा- उनसे वडोदरा से कानपुर की बीच सफर के लिए 500 रुपए का टिकट दिया। श्रमिकों को आठ वर्गों में बांटकर उनकी थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है। इसके बाद प्रदेश के अलग अलग जिलों को उन्हें भेजा जाएगा।
लॉकडाउन में अन्य प्रांतों में फंसे मजदूरों का उनके घरों तक पहुंचाने का काम प्रदेश सरकार द्वाराकिया जा रहा है। मंगलवार को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे श्रमिकों कोप्लेटफार्म नंबर 9 पर उतारा गया। इसके बाद उन्हें लंच पैकेट और मिनरल वाटर की बोतल दी गई। श्रमिक राज्य के 36 जिलों के रहने वाले हैं। सभी को श्रमिकों को परिवहन की बसों से उनके घरों तक भेजा जाएगा।
श्रमिक अब्दुल कादिर और मोहम्मद इमरान ने कहा- हम बड़ोदरा गुजरात से आ रहे हैं। हमसे 500 रुपए लेकर टिकट दिया गया। बड़ोदरा में कहा गया था कि यह पैसा तुम्हारी सरकार को जाएगा। हम लोगों को मुज्जफरनगर जाना है, बीच रास्ते में हमें खाने के लिए दिया गया था। हम लोग तो मजबूर थे, जिसे फायदा उठाना था उसने फायदा उठा लिया। हम लोग क्या करते? इधर आना था तो देना पड़ा। इमरान ने बताया कि हमें शामली जाना था। जहां से हम लोग बैठे है, वहां पर टिकट के पांच सौ रुपए लिए गए हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने कहा- 1250 लोगों कोगोधरा से स्पेशल ट्रेन से लाया गया है।डॉक्टरों की टीम और मजिस्ट्रेट की टीम लगी है। यहां पर आठ काउंटर लगाए गए है। आठ हिस्सों में डिवाईड करके थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद इनकी डिटेल नोट करके बाहर खड़ी 42 बसों से सोशलडिस्टेंसिंग का मानक पूरा करते हुए बसों में भेजा जाएगा। सभी को अपने-अपने जिलों में रवाना किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में सोमवार दोपहर से मंगलवार सुबह तक 130 नए मरीज आए हैं।इसके साथ राज्य में मरीजों की संख्या2829 तक पहुंच गई है।लखनऊ से भी अच्छीखबर आई। यहां 24 घंटे में एक भी केस नहीं मिला।बिजनौर में सोमवार देर रातकोरोना संक्रमित एक डॉक्टर और झांसी में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। दोनोंजिलोंमें यह पहली मौत है। वहीं, सोमवार को शराब की दुकानें खुलने से कानपुर में एक दिन में 2.24 लाख लीटर शराब बिकी।
कोरोना अपडेट्स
अब तक 2829 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 628, कानपुर नगर में 266, लखनऊ में 226, सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 180, फिरोजाबाद में 158, मेरठ में 139, मुरादाबाद में 116, गाजियाबाद में 94, वाराणसी में 64, बुलन्दशहर में 55, रायबरेली, हापुड़ में 44, अलीगढ़ में 42, मथुरा में 31, अमरोहा, बस्ती में 32, बिजनौर में 34, शामली में 27 , रामपुर में 25, संतकबीरनगर में 26, मुजफ्फरनगर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत में 17 और बदायूं में 16 है। बहराइच में 15, प्रतापगढ़, एटा में 11, औरैया में 12, बरेली, प्रयागराज, में 10-10, झांसी में 14, जौनपुर, आजमगढ़ में 8-8 पाए गए। बांदा, कन्नौज, मैनपुरी, हाथरस, श्रावस्ती, महराजगंज में 7-7, गोंडा, ग़ाज़ीपुर में 6-6, लखीमपुर खीरी, इटावा में 4, पीलीभीत मिर्जापुर, कासगंज, जालौन, गोरखपुर, सुल्तानपुर, में 3-3, हरदोई, कौशाम्बी, गोंडा, सिद्धार्थनगर, भदोही, उन्नाव, बाराबंकी, महोबा, कानपुर देहात, देवरिया में दो-दो, शाहजहांपुर, मऊ, बलरामपुर, अयोध्या, में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।
केसर (जाफरान) की खेती अमूमन कश्मीर की ठंडी वादियों में होती है, लेकिन अब इसके फूलों की खुशबू उत्तर प्रदेश में सूखे की मार झेल रहेबुंदेलखंडके मैदानी इलाकों में भी फैलने लगी है। यहां जालौन जिले के रहने वाले किसान रामबलीसिंह ने साबित कर दिखाया है कि, अगर इरादे मजबूत हों तो इंसान कुछ भी कर सकता है। किसान ने दो बीघा जमीन पर 35 लाख रुपए की केसर पैदा की है। जिसे देखकर हर कोई चकित है। दावा है कि, केसर उगाने में ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग किया गया। बिक्री से पहले केसर की गुणवत्ता की जांच दिल्ली के स्टैंडर्ड एनालिटिकल लैब में होगी।
जालौन के माधौगढ़ तहसील के सिरसा दोगढी गांव निवासी रामबली सिंह ने बताया कि, उन्होंने अपनी दो बीघा जमीन पर केसर की खेती की। जिसमें करीब डेढ़ कुंतल केसर पैदा हुई है।केसर की खेती के जानकारों कीमानें तो बाजार में इसकी कीमत करीब 35 लाख रुपए है। किसान लॉकडाउन के बीच काफी उत्साहित हैं। बताया कि, केसर को ऑर्गैनिक तरीके से उगाया गया है।इसमें गोबर की खाद डाली गई है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा- किसान ने केसर की खेती करके सबको चकित कर दिया है। इस परिवार ने बुंदेलखंड के किसानी की आन बान शान को बढ़ाया है।हम सरकार से मांग करते है कि अगर बुंदेलखंड में किसानों की हालत को सुधारना है, ऐसे लोगों को बीज और बाजार उपलब्ध कराना चाहिए।जिससे बुंदेलखंड का किसान वो करके दिखाएगा जो दुनिया देखेगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। योगी सरकार हर संभव संक्रमण को रोकने के प्रयास में जुटी हुई है। इस बीच राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थीने कहा है कि सीएम ने टीम 11 की बैठक में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर शुरू करने का निर्देश जारी किया है। यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या अब 2829 तक पहुंच गई है जिसमें 1862 एक्टिव हैं। इनमें से 944 मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। पूरे प्रदेश में 20 लैब में टेस्ट किए जा रहे हैं। अब क प्रदेश में 53 लोगों की मौत हो चुकी है।
अवस्थी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि उद्योगों को गति देने के लिए नई नीति पर सरकार काम कर रही है। लेबर रिफार्म पर भी काम किए जाने का निर्देशदिया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 65 हजार लोगों को अलग-अलग प्रदेशों से लाया गया है। दूसरे देशों में फंसे यूपी के नागिरकों को भी यहां लाने के लिए राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से सम्पर्क बनााए हुए है।लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए अब तक 35500 वाहन सीज किए गए हैं।
पॉजिटिव केसों का जिले वार विवरण: आगरा में 628, कानपुर नगर में 266, लखनऊ में 226,सहारनपुर में 205, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 180,फिरोजाबाद में 158, मेरठ में 139, मुरादाबाद में 116, गाज़ियाबाद में 94, वाराणसी में 64, बुलंदशहर में 55, रायबरेली, हापुड़ में 44, अलीगढ़ में 42, मथुरा में 31, अमरोहा, बस्ती में 32, बिजनौर में 34, शामली में 27 , रामपुर में 25, संतकबीरनगर में 26, मुज़फ़्फरनगर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत में 17 और बदायू में 16 पॉजिटिव मरीजहैं।
वहीं बहराइच में 15, प्रतापगढ़-एटा में 11, औरैय्या में 12, बरेली, प्रयागराज, में 10-10, झांसी, में 9, जौनपुर, आजमगढ़ में 8-8 पाए गए। बाँदा-कन्नौज-मैनपुरी-हाथरस-श्रावस्ती-महराजगंज में 7-7, गोंडा-ग़ाज़ीपुर में 6-6, लखीमपुरखीरी- इटावा में 4, पीलीभीत-मिर्जापुर-कासगंज-जालौन-गोरखपुर-सुल्तानपुर, में 3-3, हरदोई-कौशाम्बी, गोंडा-सिद्धार्थनगर-भदोही-उन्नाव-बाराबंकी-महोबा-कानपुर देहात-देवरिया में दो-दो, शाहजहांपुर-मऊ-बलरामपुर- अयोध्या में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
944 कोरोना स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 113, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 102, लखनऊ से 71,मेरठ से 53,मुरादाबाद से 51, गाज़ियाबाद से 50, फ़िरोज़ाबाद से 33, शामली से 25, बिजनौर से 21,कानपुर नगर से 19, सीतापुर से 17, सहारनपुर से 16, बागपत से 14, बुलंदशहर,बस्ती से 13-13, अमरोहा से 12, मुज़फ़्फरनगर से 9, वाराणसी से 8, रामपुर से 7, बरेली-हापुड़-महाराजगंज-प्रतापगढ़ से 6- 6, जौनपुर-गाजीपुर से 5-5 , लखीमपुर-खीरी-आज़मगढ़-हाथरस-मथुरा-औरैयासे 4-4, बादा-मैनपुरी-कन्नौज-पीलीभीत से 3-3, हरदोई-बदायूं- कौशाम्बी से 2-2, शाहजहांपुर-बाराबंकी-कासगंज-प्रयागराज-भदोही-सम्भल-इटावा से 1-1, कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ पूर्णतया करवाकर डिस्चार्ज किया गया।
जिले में मंगलवार को कोरोनावायरस से संक्रमित दो और केस मिले। इनमें एक गर्भवती महिला भी है। दोनों नए मरीज अलग-अलग निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने आए थे। जिन्हें डॉक्टरों ने कोरोना की जांच कराने की सलाह दी थी। संक्रमण की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन ने नर्सिंग होम को सील कर दिया है। वहीं, मेडिकल कॉलेज में बने क्वारैंटाइन सेंटर से दो संदिग्ध फरार हो गए। जिन्हें पुलिस ने एक घंटे के अंतराल में पकड़कर दोबारा क्वारैंटाइन कराया है। इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
भाग रहे संदिग्ध ने पुलिसकर्मी पर डंडा लहराया
दरअसल, मेडिकल काॅलेज परिसर में स्थित जिला महिला अस्पताल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। मंगलवार को स्वास्थ्य टीम यहां संदिग्धमरीजों के सैंपल लेने के लिए वार्ड में पहुंची। वार्ड का गेट खुलते ही पहले दो मरीज भाग निकले। यह देखचिकित्साकर्मियों ने शोर मचाया तो बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी अलट हो गए। लेकिनएक मरीज हाथ में डंडा लेकर हमला करने की मुद्रा में बढ़ा फिर मौका पाकर भाग निकला। इसकी सूचना नगर कोतवाल आरपी यादव को दी गई। पुलिस ने करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद एकडिगिहा तिराहे से तो दूसरे को चांदपुरा चैराहे से घेराबंदी के बाद पकड़ा गया। सूचना पर सीडीओ अरविंद चैहान व एसपी विपिन मिश्रा ने क्वारैंटाइन सेंटरका निरीक्षण कर दिशा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
संक्रमितों की संख्या 17 पहुंची, नर्सिंग होम सील
शहर के इंदिरा स्टेडियम के समीप एक नर्सिंगहोम में गर्भवती महिला दिखाने आई थी। डॉक्टर ने फोन से ही उसे कोरोना की जांच कराने की बात कही। वहीं दूसरी ओर शहर के झिंगहाघाट के पास एक प्राइवेट नर्सिंगहोम में एक मरीज ऑपरेशन कराने के लिए पहुंचा था। डाॅक्ट ने मरीज को जांच कराने के बाद ही ऑपरेशन करने की सलाह दी। गर्भवती महिला व मरीज दोनोंकी रिपोर्ट मंगलवार को पाॅजिटिव आ गई। सीएमओ डाॅ. सुरेश सिंह ने बताया कि महिला आठ माह की गर्भवती थी। महिला व युवक की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। दोनों मरीजों कीकॉल हिस्ट्रीको खंगाला जा रहा है। दोनों नर्सिंगहोम को सील करने की कार्रवाई की जा रही है। 14 दिन तक नर्सिंगहोम बंद रहेंगे।जिले में दो कोरोना मरीज मिलने से मरीजों की संख्या बढकर 17 हो गई।
क्या बोले जिम्मेदार-
सनातनी परंपरा में मान्यता है कि यदि कोई किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होता है, अर्थी को कंधा देता है तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन कोरोनावायरस के संकट काल में इसके मायने बदल गए हैं। कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश केबलरामपुर के रहने वाले दद्दन के साथ हुआ। वह रोजी रोटी की तलाश में लुधियाना गया था। जहां उसकी 9 माह की गर्भवती पत्नी की मौत हो गई। डॉक्टरों ने कोविड-19 की जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। लेकिन, लोगों ने महिला के शव को कंधा देने से मना कर दिया। आखिरकार दद्दन को 27 हजार रुपए कर्ज लेकर 1,137 किमी दूर एंबुलेंस से पत्नी का शव गांव लाना पड़ा।
लुधियाना में परिवार के साथ रहता था दद्दन
बलरामपुर के कठौवा गांव निवासी दद्दन अपनी पत्नी गीता और तीन बच्चों के साथ लुधियाना में रहकर मजदूरी करता था। वह पीओपी यानीप्लास्टर ऑफ पेरिस के काम में माहिर है। इसलिए, परदेश में भी रोजी रोटी चल रही थी। उसकी पत्नी 9 माह के गर्भ से थी। पत्नी को वह गांव लाना चाहता था, लेकिन लॉकडाउन के बीच लुधियाना में ही फंस गया। इस बीच 26 अप्रैल को अचानक उसकीपत्नी की तबियत खराब हो गई। वह उसे अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने एहतियातन पत्नी की कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए सैंपल लैब को भेजा। इसके साथ ही शव को अपनी कस्टडी में ले लिया।
चार दिनों तक अस्पताल व घर के चक्कर लगाता रहा
चार दिनों तक दद्दन अपने मासूम बच्चों को लेकर अपना दर्द समेटे घर और अस्पताल के बीच भटकता रहा। 30 अप्रैल को कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने गीता का शव उसे सौंपा। लॉकडाउन के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे दद्दन ने पहले शव का अंतिम संस्कार लुधियाना में करने का निर्णय लिया। लेकिन पड़ोसियों ने कोरोना और लॉकडाउन के कारण शव को कंधा देने से हाथ खड़े कर दिए। अब उसे यह समझ नहीं आ रहा था कि, वह क्या करे? कुछ देर तक सोचने समझने के बाद उसे पत्नी का अंतिम संस्कार अपनेगांव में करने का निर्णय लिया। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह पत्नी का शव गांव तक ला सके। इसके लिए दद्दन ने अपने कुछ संबंधियों से 27 हजार रुपए कर्ज लिए और एम्बुलेंस का इंतजाम किया।
20 घंटे का सफर मुश्किलों भरा था
एंबुलेंस का इंतजाम होने पर वह पत्नी का शव लेकर 1137 किलोमीटर का सफर तय करने के लिये अपने गांव निकल पड़ा। ये सफर जितना लंबा था, उससे कहीं अधिक पत्नी से जुदाई का गम था। चिरनिद्रा में लीन गीता को देखकर बच्चे पिता से पूछते थे कि मां को क्या हुआ है? इसका जवाब दद्दन के पास नहीं था। वह आंखों में आंसू लिए बच्चों को ढांढस बंधाता रहा। 20 घंटे लगातार सफर के बाद बीते शुक्रवार को दद्दन अपने गांव कठौवा पहुंचा। जहां उसने पत्नी के शव का अंतिम संस्कार किया।
तीनों बच्चों के साथ दद्दन क्वारैंटाइन किया गया
दद्दन को परिवार के बीच रहने को नहीं मिला। बूढ़े मां-बाप को दद्दन अभी ये भी ठीक से बता नहीं पाया था कि, वे जिस अजन्मे बच्चे को लेकर कई तरह के सपने संजो रहे थे वह अब नहीं है। उसे 9 माह तक अपने गर्भ में पालने वाली उनकी बहू भी अब कभी नहीं लौटेगी। ग्राम प्रधान ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को प्रवासी मजदूर के गांव आने की सूचना दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दद्दन और उसके तीन मासूम बच्चों मधु (7) सुमन (6) और शिवम (5) को गांव में बने क्वारैंटाइन सेंटर में भेज दिया है।
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन फेज तीन 17 मई तक लागू है। लेकिन इस फेज में गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश पर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में कुछ रियायतें भी दी है। इसी क्रम में प्रदेश में शराब की एकल दुकानों को सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है। सोमवार को पहले दिन शराब की दुकानों पर खूब भीड़ रही। लेकिन इसका साइड इफेक्ट भी समाज में दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में सोमवार रातएक बुजुर्ग की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बुजुर्ग ने शराब पीकर हंगामा कर रहे दो युवकों को टोका था। पुलिस फरार दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है।
ये मामला पलानी थाना क्षेत्र के निवाईच गांव का है।जहां गांव के दो युवक सोमवार रातअपने घर के सामनेबैठकर शराब पी रहे थे और आपस में गाली गलौचकर रहे थे। पड़ोसी बहोरी लाल (50) ने काफी देर तक शोर सुनकर भी उसे अनसुना किया। लेकिन जब शराबियों की हदें पार होने लगी तो बहोरी ने उन्हें शांत होने की बात कही। लेकिन यह बात युवकों को नागवार गुजरी और बुजुर्ग पर फायर झोंक दिया। जिससे बहोरी गंभीर रुप से जख्मी हो गए।
फायरिंग की आवाज सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे। गांव वालों की भीड़ जुट गई। आनन फानन में बुजुर्ग को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मामला दर्ज करते हुए फरार आरोपियों की तलाश शुरू की है।अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल का कहना है कि मामले को दर्ज कर लिया गया है। दोनों युवकों की तलाश जारी है। दोनों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर एक तरफ तेजी से फैल रहा है वहीं दूसरी तरफ सरकार की तरफ से निर्माण कार्यों को गति देने की कवायद शुरू हो गई है। लॉकडाउन के बीच पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण का काम शुरू हो गया है। यहां काम करने वाले मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के बाद ही उनको काम पर लगाया जा रहा है और इस दोरान सोशल डिस्टेंसिंग के फार्मूले का भी पूरा पालन किया जा रहा है।
अधिकारियों का दावा है कि लॉकडाउन के बीच उप्र के तीन बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में काम शुरू हो गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण फिर से शुरू कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सम्बन्धित जिले के डीएम को इस बात की सूचना दे दी गयी है। निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगे हुए कुल मजदूरों की संख्या औसत रूप से 10,000 है, जिसमें से वर्तमान में 4,835 मजदूर इस समय 8 पैकेजों में मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि सभी कॉन्ट्रेक्टर्स को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा उनके बीच सोशल डिस्टिेंसिंग का पालन कराना सुनिश्चित करें। लॉक डाउन से पूर्व 42 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य पूर्ण कर लिया गया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-731 की कुल लम्बाई 340.824 किमी है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य भी प्रारम्भ
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के सभी 6 पैकेजों में से तीन पैकेजों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जो कि क्रमशः पैकेज-1 (चित्रकूट, बांदा), पैकेज-3 (हमीरपुर), पैकेज-6 (औरैया, इटावा) है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगे हुए कुल मजदूरों की संख्या औसत रूप से 6,000 है, जिसमें से 2,150 मजदूर वर्तमान में मौजूद हैं, जिनके माध्यम से कार्य कराया जाना है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट में भरतकूप से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-91 पर कुदरैल गांव के पास समाप्त होगा। यह एक्सप्रेस-वे 04-लेन चौड़ा है, जिसकी लम्बाई 296.07 किमी है।
वहीं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के पैकेज-1 (गोरखपुर और संतकबीरनगर) में निर्माण शुरू जा चुका है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए कुल 488 मजदूर मौके पर उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से निर्माण कार्य की शुरुआत की गयी है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे की लम्बाई 91.35 किमी है।
जिले में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को एक साथ नए 10 केस मिलने से लोगों की चिंता बढ़ गई है। इनमें एक चिकित्सक भी शामिल हैं। प्रशासन सभी की ट्रैवेल हिस्ट्री खंगाल रहा है। साथ ही प्रभावित इलाकों को सील कर सैनिटाइजेशन व लोगों को क्वारैंटाइन कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।अब जिले मेंकोरोना पॉजिटिव मरीजो की कुल संख्या 17 हो गई है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसपल डॉक्टर मुकेश यादव ने बताया कि, झांसी मेडिकल कॉलेज ने मंगलवार को दस मरीजों में कोविड-19 कीपॉजिटिव रिपोर्ट दी है। जिसमें तिंदवारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक भी हैं। ये शहर के बंगालीपुरा में कालूकुआ साइड की बस्ती में रहते थे। वह पिछले दिनों गांव माचा में कोरोना संक्रमितों की स्क्रीनिंग करने गए थे। इसके अलावातीन मजदूर चित्रकूट जनपद के हैं। जिनको बांदा में ही भर्ती किया गया है। अचानक 10 मामले आ जाने के बाद बांदा के लोग भी दहशत में है।
इससे पहले बांदा में कोरोना के सात मामले थे, जिनमें से तीन स्वस्थ होकर घर जा चुके थे। 4 मामले एक्टिव थे। लेकिन अचानक 10 नए मामले आ जाने के बाद प्रशासन की नींद उड़ गई है। बता दें कि बुंदेलखंड में बड़ी संख्या में मजदूर दिल्ली, सूरत में कमाई करते हैं। अब यह सभी मजदूर धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं। जिसके चलते कोरोना का संकट बुंदेलखंड इलाके में बढ़ गया है।लौटने वाले मजदूर शक के दायरे में आ रहे हैं। इन मजदूरों को क्वारैंटाइन कराना और इनकी जांच कराना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
ताजनगरी आगरा द्वारा भेजे गए 70 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 30 लोगों को सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय ने सोमवार रात डिस्चार्ज कर दिया। इनमें 17 पुरुष, 12 महिलाएं और एक11 माह की बच्ची भी थी। इससे पहले भी तीन मरीजों को यहां ठीक कर घर भेजा गया था। इन सभी मरीजों ने कोरोना को मात देकर नई जिंदगी हासिल की है। स्वस्थ्य होने के बाद घर जाने की खुशी मरीजों के चेहरे पर साफ दिख रही थी। मरीजों ने कहा- इलाज करने वाले डॉक्टर उनके लिए ईश्वर के समाान हैं। मजबूत इरादों के साथ योगा,ध्यान व आयुर्वेदिक काढ़ा के नियमित सेवन से इस बीमारी को हराया जा सकता है। मरीजों ने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने व सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को फॉलो करने की अपील की है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसरडा.राजकुमार ने कहा- ये सभी मरीज भी कोरोना वारियर्स हैं, जिन्होंने इलाज के दौरान अनुशासनपूर्वक इलाज के दौरान सहयोग किया। चिकित्सकों एवं हेल्थ केयर वर्कर्स द्वारा बताएगए जरूरी सलाह को माना। यहांसे जाने के बाद मरीज दो हफ्ते सेल्फ क्वारैंटाइन में रहेंगे। बताया कि, वर्तमान में अस्पताल में कुल 43 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। इनमें से 38 मरीज आगरा प्रशासन द्वारा भेजे गएशेषहैं। 4 मरीज फिरोजाबाद से भेजे गएहैं, वो सभी आईसीयू में भर्ती हैं।
कोरोना को मात देने वाले मरीजों ने कहा- हम यदि आज अपने घर लौट रहे हैं तो इसका पूरा श्रेय डाॅक्टर्स, मेडिकल स्टाफ तथा विश्वविद्यालय कोजाता है, जिन्होंने हमारी इतनी सेवा कर हमें ठीक किया। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा. रामाकन्त यादव ने कहा- इन सभी मरीजों के स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किएजाने की सूचना आगरा जिला प्रशासन को दे दी गयी है।कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा लिखी गई ‘‘व्यायाम एक आयाम‘‘ नामक पुस्तक, जिसका विमोचन पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री संजय पासवान द्वारा 21 फरवरी को किया गया था, उसकी प्रतियों को इन सभी मरीजों को डिस्ट्रीब्यूट किया गया और व्यायाम के महत्व को समझाया गया। इनके विदाई के समय चिकित्सकों एवं हेल्थ वर्कर्स टीम द्वारा फूल देकर एवं ताली बजाकर भेजा गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैर राज्यों से आ रहे मज़दूरों के किराए को लेकर हो रही सियासत को लेकर विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि देश इस समय बेहद संकट के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में भी कुछ लोग राजनीति से बाज नहीं आ रहे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार इस समय बिना भेदभाव के सबके साथ खड़ी है। सभी कामगारों को वाहनों से उनके घर पहुंचाया जा रहा है। इसपर राजनीति करने वालों को जनता जरूर जवाब देगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार इतना कुछ कर रही है, फिर भी कुछ दल हर मुद्दे पर राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं। जो ग़रीबों का रुपये हड़प जाते थे, आज वह लोग बौखलाकर कर रहे राजनीति। अब तो इनके नकारात्मक रवैये का जवाब जनता स्वयं देगी।
विरोधी दल कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर कर रहे हैं- योगी
योगी आदित्यनाथ ने आपात काल में निजी स्वार्थ की राजनीति करने वालों की घोर निंदा की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे विरोधी दल कोरोना के खिलाफ देश की इस लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। कहा कि पहली बार देश के अंदर आपदा के समय में गरीबों, मजदूरों, महिलाओं, निराश्रितों के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ के रूप में एक बड़ी राहत पीएम गरीब कल्याण पैकेज के रूप में घोषित हुई।
कहा- मजदूर, गरीब व कामगारों पर तो जरा भी राजनीति नहीं होनी चाहिए। देश में यह पहली बार हो रहा है कि आपदा के समय एक बड़ा राहत पैकेज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत घोषित हुआ। जो लोग अपने शासन काल में गरीब तथा महिलाओं का कल्याणकारी योजनाओं का पैसा हड़प जाते थे, वह तो कुछ भी बोलने के काबिल नहीं है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज जब पैसा उन गरीबों के खाते में पहुंच रहा है तो उनकी बौखलाहट बिल्कुल स्पष्ट दिखाई देती है।
योगी ने दिया प्रदेश सरकार के कामों का ब्यौरा
प्रदेश सरकार के कामों का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ 34 लाख किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपया की पहली किस्त अप्रैल में और दूसरी किस्त इसी माह भेजी जा रही है। इसके अलावा तीन करोड़ 26 लाख महिलाओं के जनधन खाते में 1630 करोड़ रुपए अप्रैल में और 1630 करोड़ रुपए की धनराशि मई महिने में भेज दी गई है। प्रदेश के एक करोड़ 47 लाख परिवारों को नि:शुल्क रसोई सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 18 करोड़ गरीबों को दो बार नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया है, तीसरी बार भी यह वितरण शुरू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में निराश्रित, गरीब, रोज कमाने वाले, कामगार जैसे 30 लाख से अधिक गरीबों को सरकार ने एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता और नि:शुल्क खाद्यान्न भी दिया है। इतना ही नहीं मनरेगा मजदूरों को बढ़े हुए पारिश्रामिक से भुगतान किया गया है। 88 लाख से अधिक पेंशन धारकों को दो महीनों की धनराशि एडवांस उपलब्ध करा दी गई है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लगाए थे आरोप
कोविड 19 महामारी के बीच दूसरे राज्यों से यूपी के श्रमिक वापस लौट रहे हैं। उनके लिए रेलवे ने विशेष ट्रेने चलवायी हैं। इस दौरान श्रमिकों से ट्रेन का किराया वसूलने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपाई कहते फिर रहे हैं कि सरकार ट्रेन का किराया नहीं ले रही है लेकिन मजदूर लगातार अपनी टिकटें उनको दिखा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस का एक दारोगा कोरोना पॉजिटिव मिला है। दारोगा का रिपोर्ट आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। दारोगा की रिपोर्ट आने के बाद थाने के कई पुलिसवालों को क्वारंटीन में भेज दिया गया है। सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। थाना सेक्टर-20 की बैरक में रहने वाले एक उपनिरीक्षक के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बाद थाने में तैनात दर्जनभर पुलिसकर्मियों को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है। संक्रमित उप-निरीक्षक की ड्यूटी पुलिस रेस्पांस व्हीकल (पीआरवी) पर थी।
पुलिस उपायुक्त (यातायात) राजेश एस ने बताया कि (पीआरवी) पर तैनात उपनिरीक्षक कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उनकी ड्यूटी कोरोना संक्रमित जोन सेक्टर-8, 9, 10 क्षेत्र में थी। उन्होंने बताया कि वह थाना सेक्टर-20 के बैरक में रहते थे। उनके साथ जितने भी पुलिसकर्मी बैरक में रहते थे, उन सभी को क्वारैंटाइन में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि बैरक व थाने को जिला प्रशासन द्वारा सैनिटाइज किया जा रहा है। थाना सेक्टर-20 के बैरक में रहने वाले उपनिरीक्षक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से, थाने में तैनात पुलिसकर्मी अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं।
अब तक मिले 179 मरीज
नोएडा में सोमवार को 12 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए नए मामले सामने आने के बाद नोएडा में कोरोना वायरस के मामले 179 हो गए हैं। नोएडा में अब तक 3722 सैंपलों की जांच हुई है। 102 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां मरीजों के ठीक होने का रेट 57 परसेंट है।
जम्मू कश्मीर के वनगम इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। अश्वनी ग़ाज़ीपुर जिले के नोनहरा थानाक्षेत्र के चकदाऊद, बभनौलि गांव के रहने वाले थे।अश्वनी का बचपन संघर्षों में बीता। महज 8-9 साल की उम्र में पिता का साया अश्वनी के सिर से उठ गया। मां समेत दो भाइयों की पूरी जिम्मेदारी इतनी कम उम्र में ही अश्वनी ने अपने हाथों में ले ली थी। धीरे-धीरे समय बीतता गया और अश्वनी ने देश सेवा के जज्बे के साथ सीआरपीएफ ज्वाइन करने का फैसला लिया।
भाई बोले- हम भी सेना में जाना चाहते हैं
सैनिक बनने के लिए उन्होंने गांव के ही खेलकूद के मैदान को अपने ट्रेनिंग का जरिया बना लिया। लगातार अथक मेहनत और लगन के चलते 2005 में अश्वनी सीआरपीएफ में भर्ती हुए।अश्वनी के छोटे भाई अंजनी यादव बताते हैं- "अपने भाई को देश की सेवा करता देख हम गौरव की अनुभूति करते थे। इसी का नतीजा है कि हम दोनों भाई भी सेना में जाकर देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। जिसके लिए लगातार भर्ती में जाने की तैयारी हम लोग कर रहे हैं।"
छोटे भाई ने कहा- लॉकडाउन के दौरान कोरोना से बचाव की हिदायतें देते रहे
उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए हमेशा हिदायत देते थे। कहा-"घर से बाहर मत निकलना, महामारी का माहौल है, लॉकडाउन लागू है। उसका पालन करना। यह भी बताते थे कि हम लोग भी अपने ड्यूटी में इस खतरनाक वायरस से बचाव के उपाय अपना रहे हैं।"अंजनी ने बताया- बीती शाम ही उनका फोन आया था।
परिवार को बताया था हंदवाड़ा में माहौल ठीक नहीं
उन्होंने बताया थाकि "हंदवाड़ा में माहौल ठीक नहीं है। हो सकता है नेटवर्क ना मिले और बात ना हो पाए। फोन कटने के बाद ही आतंकी हमले में उनकी शहादत हो गई, जिसकी खबर कल शाम ही हम लोगों को दी गई। पत्नी अंशु देवी ने बताया कि वे बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे। हमारी सरकार से मांग है कि उनकी इच्छा को पूरी करने में हमारी मदद करें।"
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे अश्वनी
शहीद सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे।जबकि उनके दो छोटे भाई अंजनी और अमन है। शहीद जवान अश्वनी यादव का विवाह 2012 में बलिया की अंशु देवी के साथ हुआ था। अश्वनी की 6 वर्षीया पुत्री परी और 3 वर्षीय पुत्र आदित्य है। सीआरपीएफ जवान अश्वनी यादव की शहादत की सूचना उनकी पत्नी को फोन पर मिली। जिसके बाद से ही शहीद के पैतृक गांव में शोक की लहर है। उनके घर पर लोग शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए पहुंच रहे हैं।
जिले के रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के पिपरा मदन गोपाल प्राथमिक विद्यालय में क्वारैंटाइन किए गए युवक को बेल्ट से जमकर पीटा गया। युवक के शरीर पर कई जगह चमड़ी निकल जाने से घाव के निशान मिले हैं। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू की है।
मुरादाबाद से लौटने पर युवक हुआ था क्वारैंटाइन
रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के पिपरा मदन गोपाल प्राथमिक विद्यालय को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां मुरादाबाद से अपने गांव लौटने पर राम सागर गुप्ता को प्रशासन ने क्वारैंटाइन किया है। आरोप है कि, बीते सोमवार को गांव निवासी जौहर उर्फ जहीरुल विद्यालय की दीवार फांदकर अंदर घुस आया और उसने राम सागर को बेल्ट से जमकर पिटाई की। राम सागर को बचाने वाला कोई नहीं था। अंत में युवक जब पैर पकड़ कर माफी मांगने लगा, तब जाकर उसको छोड़ा गया। वहां मौजूद किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया।
इस वायरल वीडियो ने जनपद के क्वारैंटाइन सेंटर के सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी।वहीं, पीड़ित युवक का एक और विजुअल भी वायरल है। जिसमें वह वह अपने घावों को दिखा रहा है और अपनी पीड़ा बता रहा है।
पुलिस अधीक्षक बोले- मामला दर्ज, जांच जारी
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्रा ने कहा- यह मामला रामपुर कारखाना थानां क्षेत्र के एक प्राथमिक स्कूल का है, जो क्वारैंटाइन सेंटर है। बताया कि, आरोपी पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पिटाई के कारणों का पता लगाया जा रहा है। जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
जिले में मधुबन स्थित आस्था चाइल्ड केयर क्लीनिक चलाने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरके संक्रमित पाए जाने के बाद प्रशासन व हेल्थ विभाग की चुनौतियां बढ़ गई हैं। बीते 29 अप्रैल को संक्रमित डॉक्टर ने जिला अस्पताल में आयोजित प्रशिक्षण में हिस्सा लिया था। जिसमें शहर के तमाम डॉक्टर शामिल हुए थे। अब इन डॉक्टरों में संक्रमित हाेने का भय है। एहतियातन 56 डॉक्टरों को प्रशासन ने होम क्वारैंटाइन किया है। डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि, उन्होंने इस दौरान जिन मरीजों का इलाज किया है, अब वे कैसे ट्रेस होंगे। यदि कोई उनमें से संक्रमित मिला तो कोरोना की लंबी चेन मिल सकती है।यहां अब तक 44 संक्रमित मिल चुके हैं।
प्रशासन ने संक्रमित डॉक्टर की क्लीनिक को सील कर इलाके को हॉटस्पॉट तय किया है। डॉक्टर बच्चों का इलाज कर रहे थे, इसलिए प्रशासन उन बच्चों की भी ट्रेसिंग करने में जुटा है। संक्रमित डॉक्टर की पत्नी समेत परिवार के अन्य पांच सदस्यों को दयानंद पीजी कॉलेज में बने क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है।
एक निजी चिकित्सक ने कहा- कोरोना महामारी से निपटने के लिए बीते 20 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने एक ट्रेनिंग आयोजित कराई थी। जिसमें संक्रमित बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल हुए थे। जब यह बात पता चली तो शहर के 56 डॉक्टर होम क्वारैंटाइन हुए हैं। फिलहाल अन्य किसी डॉक्टर में अभी कोरोना जैसे लक्षण नहीं हैं। फिर भी सावधानी बरती जा रही है। डॉक्टरों की सैंपलिंग कराई जाएगी।
ग्रीन जोनमें शामिल अमेठी में मंगलवार को कोरोनावायरस (कोविड-19) का पहला मरीज सामने आया है।डीएम अमेठी अरुण कुमार ने बताया कि पांच दिन पूर्व एक महिला अजमेर से जनपद लौटीथी। जिसे मुसाफिरखाना में बने क्वारैंटाइनसेंटर में रखा गया था। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसे सुल्तानपुर के कुड़वार में बने आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट किया गया है।
डीएम ने बताया कि 1 मई को बस द्वारा 28 लोग अजमेर से आए थे। जिन्हे मुसाफिरखाना के एएच इंटर कालेज में क्वारैंटाइन किया गया था। इन सबके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, उसमें से मंगलवार को8 सैंपल की रिपोर्ट आई है। जिसमें 7 निगेटिव हैं। एक महिला पॉजिटिव है, जो मूल रूप से जिले के कमरौली थाना क्षेत्र की निवासी है। महिला को इलाज के लिए सुल्तानपुर के कुड़वार में बने एल वन आइसोलेशन सेंटर भेजा गया है। डीएम ने बताया कि आसपास के क्षेत्रको सील कर दिया गया है।क्षेत्र में सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। यहां लॉकडाउन के पालन के लिए सख्ती बरती जा रही है।
डीएम ने कहा किसभी एसडीएम और थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि, लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन होगा। जिले में धारा 144 लागू है। इसलिए 5 से ज्यादा लोग एक जगह पर जमा नही होंगे। अब जबकि केस मिला है तो सख्ती बढ़ाएगे।
उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में 5 मई को तीन और कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों के मिलने से यहां के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब तक यहां कुल 13 संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से तब्लीगी जमात में शामिल होकर लौटे एक इंडोनेशियाई नागरिक ठीक हो चुका है। मंगलवार को संक्रमित पाए गए तीनों मरीज पिछले दिनों लूकरगंज में कोरोना पॉजिटिव मिले आर्किटेक इंजीनियर के रिश्तेदार हैं। जिन्हें लेवल वन हॉस्पिटल कोटवा बनी भेजा गया है।
प्रयागराज में कोरोना संक्रमित में पहला मरीज इंडोनेशियाई नागरिक था। जो ठीक हो चुका है उसके बाद मुंबई से अपने पिता की तेरहवीं में लौटे शंकर गढ़ के युवक और उसका चचेरे भाई गत 24 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसी दिन शिवकुटी के शंकर घाट का एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
कोरोना मुक्त होने के बाद फिर सामने आए मामले
इसके बाद 30 अप्रैल को नासिक, महाराष्ट्र से लौटकर आए पुरोहित निवासी कौंधियारा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसके ठीक अगले दिन एक मई को शहर के लूकरगंज निवासी आर्किटेक इंजीनियर समेत 04 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। तीन मई को आर्किटेक इंजीनियर के पत्नी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई थी। इस बीच इस दम्पत्ति की हालत बिगड़ने पर इन्हें स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया है।
उसके बाद से ही आर्किटेक इंजीनियर के बच्चों समेत पूरे परिवार एवं रिश्तेदारों को भी क्वारैंटाइन करते हुए सेम्पल भेजा गया था। 5 मई को इंजीनियर के भाई-भाभी और दरियाबाद अतरसुइया में रहने वाली सास की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिला कोरोना नोडल अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
कोरोनावायरस के चलते देश भर में जारी लॉकडाउन का तीसरा चरण जारी है। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों में अटके दूसरे राज्यों के श्रमिकों को घर वापस लाने के लिए रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। लेकिन अब ट्रेन के किराए को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि श्रमिकों से ट्रेनों और बसों का किराया देने में यदि सभी सरकारें नाकाम साबित हो जाएंगी तब बसपा इसमें थोड़ा योगदान जरूर देगी।
बसपा सुप्रीमों ने मज़दूरों के किराए को लेकर मंगलवार को दो टि्वट किए। मायावती ने कहा- यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मज़दूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पाएंगी।
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा- ऐसी स्थिति में बी.एस.पी. का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मज़दूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बसपा अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी रेल किराए को लेकर कसा तंज
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस ने रेल का पूरा किराया देने की बात कही थी। इस पर आज केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चुटकी लेते हुए कहा कि मजदूरों के रेल किराए का 85% केंद्र देगा और 15% राज्य, बाकी कांग्रेस देगी। गिरिराज सिंह ने मशहूर फिल्म शोले के उस सीन को ट्विटर पर पेश किया है। जिसमें असरानी आधे सिपाहियों को एक ओर और आधे को दूसरी तथा बाकी को अपने पीछे आने को कह रहे हैं। इसी तस्वीर पर लिखा गया है कि 85% केंद्र देगा और 15% राज्य, बाकी कांग्रेस देगी।
Good one ..बाक़ी के कांग्रेस देगी । pic.twitter.com/sR1O4EjUMz
##दरअसल सोमवार को ही भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया था कि मजदूरों को किराया नहीं देना होगा, उनका 85 फीसदी खर्च रेलवे उठाएगी और 15 फीसदी राज्य उठाएंगे। श्रमिकों को वापस लाने के लिए शनिवार से शुरू हुई रेलवे की कवायद सोमवार को किराए के झमेले में फंस गई है। मज़दूरों से रेल किराया वसूले जाने की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का बयान सामने आया था कि कांग्रेस की राज्य कमेटियां वापस आए मज़दूरों का पूरा पैसा देंगी।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में सोमवार देर शाम एक दंबग ने नशे की हालत में पहले तो गांव के एक दिव्यांग पहले रास्ता रोका और विरोध करने पर देशी तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी। दिव्यांग की हत्या से पूरे गांव में तनाव की स्थित बन गई। ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़कर जमकर पीटा। हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से आरोपी को ग्रामीणों के चुंगल से छुड़ाया। दरअसल दिव्यांग ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। इसके बाद भी ग्रामीण उसे अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया ।
पुलिस के मुताबिक, बिल्हौर थाना क्षेत्र के निबौरी गांव में रहने वाले शंभूदयाल वर्मा के पांच बेटे है। दूसरे नंबर का सुशील वर्मा (33) एक पैर से दिव्यांग था। बीते सोमवार को सुशील पड़ोस के गांव से ट्रैक्टर से तरबूज लेकर लौट रहा था। दरअसल मंगलवार को तरबूज बाजार में बेचना था। सुशील जैसे ही गांव पहुंचा तो उसे नशे में धुत किशनपाल मिल गया। किशनपाल ने ट्रैक्टर को रोक लिया और गाली गलौज करने लगा। ट्रैक्टर चला रहे प्रांशू और सुशील ने इसका विरोध किया तो भागते हुए घर के अंदर गया और तमंचा ले आया।
प्रांशू तो मौके से भाग गया लेकिन दिव्यांग होने की वजह से सुशील मौके से नहीं भाग पाया। किशनपाल ने दिव्यांग के सीने पर तमंचा सटाकर मार फायर कर दिया। सुशील लहुलुहान होकर मौके पर गिर पड़ा। कुछ ही देर में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीण दिव्यांग को लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सुबह से ही शराब के नशे में था आरोपी
ग्रामीणों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से सभी शराब की दुकाने बंद थी। 40 दिनों बाद जब शराब की दुकानें खुली तो गांव का किशनपाल सुबह से ही शराब पी रहा था। नशे में धुत किशनपाल कह रहा था कि मैं ट्रैक्टर यहां से नहीं निकलने दूंगा। जबकि सुशील का कहना था कि यह आम रास्ता नहीं है। यहां से ट्रैक्टर नहीं जाएगा तो फिर कहां से जाएगा ।
बिल्हौर थानाध्क्षय संतोष अवस्थी के मुताबिक आरोपी पुलिस हिरासत में है। जिस हथियार से वारदात को अंजाम दिया गया है उसे भी बरामद कर लिया गया है । मृतक के परिजनों की तहरीर पर विधिक कार्रवाई की जा रही है ।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सोमवार देर रात भरतपुर मार्ग पर उमरी गांव के पास तेज रफ्तार डीसीएम व ऑटो में जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले सात श्रमिकों की मौत हो गई। मृतकों में चार महिलाए भी हैं। जबकि, दो घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे के बाद डीसीएम चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने गाड़ी जब्त की है। डीसीएम के नंबर से मालिक का पता लगाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, ये सभी लॉकडाउन में मथुरा में फंसे थे।
छतरपुर बस जाने की मिली थी सूचना
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के थाना चांगला के गांव पटली बसरा निवासी रामसखी (36 वर्ष) पत्नी अशोक, उनकी बेटी लक्ष्मी (05वर्ष), रोशनी (15 वर्ष), राजू उर्फ कैलाश (18 वर्ष) पुत्र मोहन, शिवरन (18 वर्ष) उर्फ शिवम पुत्र मनीराम और लक्ष्मी (35 वर्ष) पत्नी रामरतन, मोहिनी (02 वर्ष) पुत्री रामरतन, रूची (08 वर्ष) पुत्री रामरतन सोमवार रात टेंपो में सवार होकर जाजम पट्टी जा रहे थे। बताया जा रहा है कि, इन्हें किसी ने जानकारी दी थी कि, जाजन पट्टी से मध्य प्रदेश के छतरपुर के लिए बस जा रही है। इन सभी ने थाना हाईवे के नरहोली निवासी मदन मोहन (35 वर्ष) से टेंपो भाड़े पर लिया था।
दो घायलों की हालत नाजुक
लेकिन मोगर्रा थाना क्षेत्र में मथुरा-भरतपुर मार्ग पर उमरी गांव के पास डीसीएम ने टेंपो में टक्कर मार दी। इस हादसे में रामसखी व लक्ष्मी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। आसपास के लोगों ने हादसे की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को टेंपो से बाहर निकाला। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने रामरतन की पत्नी लक्ष्मी व बेटी मोहिनी को छोड़कर अन्य सभी को मृत घोषित कर दिया। घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को हादसे की जानकारी दी है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही मौतों के आकड़ों में भी इज़ाफा हो रहा है। यदि बीते 24 घंटे की बात की जाए तो 33 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए है। वहीं एक 64 वर्षीय बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक की रिर्पोट पॉजिटिव आई है। शहर में संक्रमण से यह छठवीं मौत है। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की संख्या 268 पहुंच गई है। इसके साथ ही 34 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं।
चुन्नीगंज में रहने वाली एक 64 वर्षीय महिला की बीते सोमवार को संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई । रिपोर्ट आने से कुछ देर पहले ही उसने दम तोड़ दिया । दरअसल महिला को बीते कई दिनों से बुख़ार आ रहा था और सांस फूलने की बिमारी से परेशान थी। परिजनों से उसे बीते रविवार को हैलट के न्यूरो साइंस कोविड-19 अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया था।
रविवार को जांच के लिए भेजा गया था सैंपल
रविवार दोपहर डॉक्टरों ने कोरोना संदिग्ध मानते हुए महिला के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मृतक महिला की आई रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। मृतक का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मेडिकल टीम की निगरानी में कराया गया। पूरे आईसीयू को सैनिटाइज कराया गया है। इसके साथ ही उसके परिजनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही पूरे परिवार को क्वारैंटाइन कराया गया है।
शहर में कोरोना संक्रमण से पहली मौत बीते 13 अप्रैल को कर्नलगंज के तिकुनिया पार्क निवासी रेडिमेड कारोबारी की हुई थी। दूसरी मौत रोशन नगर निवासी 52 प्रार्पटी डीलर की हुई थी। मौत के एक दिन बाद मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी । तीसरी मौत संक्रमित ब्रश कारोबारी के पिता की हुई है । चौथी मौत गल्ला व्यापारी की मौत की हुई है। पांचवी मौत बादशाहीनाका के रंजीतपुरवा में रहने वाली 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हुई थी। दरअसल इस महिला की मौत 30 अप्रैल को हुई थी और तीन मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। छठी मौत चुन्नीगंज में रहने वाली 64 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हुई है। तीन मई की सुबह महिला ने दम तोड़ दिया था।
डिस्चार्ज हुए मरीजों में 7 कुली बाजार, 5 कर्नलगंज, 2 बिजनौर और एक जाजमऊ के हैं। डॉक्टरों ने सभी को हिदायत दी है कि 14 दिनों तक खुद को सभी लोग होम क्वारैंटाइन में रखेंगें। बताई गई गाइड लाइन का सभी को पालन करना पड़ेगा । हैलट अस्पताल से इससे पहले 6 जमातियों को डिस्चार्ज किया गया था । हैलट से अब तक 21 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच झांसी में सोमवार देर शाम तक पांच नए मामले सामने आने के बाद मंगलवार सुबह कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। यहां अब तक 15 मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। मंगलवार सुबह शहर कोतवाली क्षेत्र में एक 63 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। आज ही इसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
मृतक पहले से ही डायबिटीज और अन्य बीमारियों से ग्रस्त था। इसके अलावा पहली 59 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के बाद की दो रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है।झांसी में ज्यादातर मामलों में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे हैं। जबकि इन मरीजों में 2 साल के बच्चे से लेकर 63 साल के बुजुर्ग तक शामिल है। जबकि एक दूसरे के संपर्क में आने से लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती गई। फिलहाल अभी कोरोना संक्रमण के सभी मामले एक ही क्षेत्र के हैं।
सोमवार को पांच पॉजिटिव मामले सामने आए थे
इससे पहले शहर में सोमवार को हॉटस्पॉट क्षेत्र के पास ओरछा गेट मुहल्ले में रहने वाले पांच लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही झांसी जिले में मरीजों की संख्या बढ़कर 15हो गई है।
हॉटस्पॉट, कंटेनमेंट जोन समेत झांसी के अलग-अलग क्षेत्रों के 28 लोगों की जांच रिपोर्ट महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज स्थिति कोविड लैब में भेजी गई थी। इनमें से 23 की रिपोर्ट निगेटिव आई, जबकि पांच लोग पॉजिटिव मिले हैं। सभी मरीजों को मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच लॉकडाउन में 40 दिनों बाद सोमवार को अंग्रेजी शराब की दुकानें और देशी शराब की दुकानें खुलने के बाद शाम तक लोगों की भीड़ लगी रही। अधिकारियों का दावा है कि मात्र 9 घंटों में शहर के लोग 4 करोड़ 25 लाख की शराब पी गए। एक दिन में 86 हजार लीटर देशी शराब, 56 हजार अंग्रेजी शराब की बोतलें और 82 हजार लीटर बीयर के केन बिक गए । एक दिन में हुई रिकार्ड बिक्री से आबकारी विभाग भी हैरान है ।
शराब की दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं । शराब पाने की होड़ में लोग सब कुछ भूल गए। सोमवार को शहर में 548 अंग्रेजी, देशी और बीयर की दुकानें खोली गईं। वहीं हॉटस्पॉट एरिया में आने वाली 64 दुकानों को संक्रमण की वजह से बंद रखा गया। लोग शराब की दुकानों में बड़े-बड़े बैग और झोले लेकर पहुंचे थे। लॉकडाउन में फिर से शराब की दुकानें न बंद हो जाए लोगों ने स्टाक लगाना भी शुरू कर दिया । कई ऐसे ग्राहक भी देखने को मिले जो कई दुकानों से शराब खरीद कर जमा करने में जुट गए।
हॉटस्पॉट में आने वाले दुकानें बंद रखी गई थीं
जिला आबकारी अधिकारी अरविंद कुमार मौर्य ने बताया कि शहर में देशी,अंग्रेजी और बीयर शॉप की संख्या 812 हैं। जिसमें से 64 ठेके नहीं खोले गए क्योंकि यह संक्रमित इलाकों में आते हैं। देशी शराब, अंग्रेजी शराब और बीयर तीनों मिलाकर कुल बिक्री 4.25 लाख रुपए की हुई है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से बीते 40 दिनों से शराब की दुकानें बंद थी , 40 दिनों बाद जब दुकानें खुलीं तो सामान्य दिनों से दोगुने से ज्यादा की बिक्री हुई ।
उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग ने आकलन किया है कि सामान्य दिनों में पूरे शहर में लगभग 2 करोड़ रुपए की बिक्री होती है। आबकारी विभाग को इस बात का अंदाजा था कि 40 दिनों बाद दुकानें खुल रही हैं तो शराब की बिक्री दोगुनी से ढाई गुना तक जा सकती है। इसके लिए हमने पहले से ही स्टॉक पर्याप्त मात्रा में दुकानों तक पहुंचा दिया गया था। बिक्री के वक्त किसी तरह की कमी नहीं आ पाए ।