राजधानी लखनऊ व उसके आसपास जिलों में सोमवार की शाम अचानक मौसम बदल गया। धूल भरी आंधी के बाद तेज बारिश हुई। कहीं-कहीं ओले भी गिरे। इस आंधी-पानी से रबी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। आम की फसल भी चौपट हो गई है। ऐसे में कोरोनावायरस को लेकर लॉकडाउन की मार झाल रहे किसान कोचौतरफा विपदा का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने पहले ही चेताया गया
मौसमनिदेशक जेपी गुप्ता ने कहा- प्रदेश में आंधी-पानी का यह सिलसिला अभी तीन दिन और रहेगा। इस दौरानपूरे प्रदेश में तेज आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। वहीं, आंचलिक मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान पूर्वी और पश्चिमी यूपी में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चलेगी और गरज-चमक के साथ बारिश भी होगी। कई जिलों में ओले गिरने की भी संभावना है।
लखनऊ समेत 18 जिलों में बारिश का असर
राजधानी लखनऊ, बलरामपुर, सीतापुर, लखीमपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और रायबरेली समेत प्रदेश के 18 जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। वहीं लखनऊ, प्रयागराज, आजमगढ़, मिर्जापुर, फर्रुखाबाद और उन्नाव में बारिश के साथ ओले भी गिरे। जानकारी केमुताबिक उन्नाव, फर्रुखाबाद, कन्नौज, फतेहपुर, इटावा, औरैया और कानपुर देहात के बुंदेलखंड के सभी जिलों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
रबी की फसल और मंडियों में सब्जी का नुकसान
बेमौसम बारिश से रबी सीजन की उपज को मंडियों में बेचने में किसानों को दिक्कतें होने लगी है। सरकारी खरीद एजेंसियों के साथ निजी प्रतिष्ठानों पर भी दलहन, तिलहन और गेहूं की खरीद की रफ्तार को लगाम लग गई है। प्रदेश की कई मंडियों में बाहर पड़ा गेहूं बारिश के कारण भीग गया। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई बेमौसम बारिश का संज्ञान लिया और किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। लेकिन मौसम विभाग का पूर्वानुमान आने वाले दिनों में किसानों की टेंशन और बढ़ाने वाला है। क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के मौसम में उतार चढ़ाव जारी रहेगा। साइक्लोन सर्किल का एक क्षेत्र उत्तर प्रदेश के ऊपरी हिस्से में बना हुआ है, जिसकी वजह से आंधी-तूफान के साथ जोरदार बारिश की संभावना है।
महाराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर उत्तराखंड मेंलॉकडाउन का उल्लंघन किया है। विधायक को उनके 10 अन्य साथियों के साथ मेंटिहरी जिले के मुनीकीरेती थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि, इसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। वहां से लौटते समय बिजनौर पुलिस ने विधायक व उनके 7 साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, अब उन्हें जेल भेजा जाएगा।
बिजनौर के नजीबाबाद में इंस्पेक्टर ने अमनमणि और उसके साथियों पर एफआईआर दर्ज कराई हैं। लॉकडाउन उल्लंघन और एपीडेमिक एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई है। अमनमणि के पास लॉकडाउन में घूमने के लिए कोई पास नहीं मिला है। आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश व देहरादून के अपर जिलाधिकारी पर कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था। विधायक अमनमणिपूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। अमरमणि वर्तमान में जेल में हैं। अमनमणि को उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से ही पास जारी किया गया था।
एसडीएम व पुलिसवालों पर रौब झाड़ा
लॉकडाउन के बीच अमनमणि त्रिपाठी तीन कार के काफिले के साथ कर्णप्रयाग के पास गोचर चेकपोस्ट पर पहुंचे। उनके साथ 10अन्य सवार थे। यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर पूछताछ शुरू की। जिस पर विधायक ने उन्हें अनुमति पत्र दिखाया। यह पत्र उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश व देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी हुए थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। यह बात विधायक को नागवार गुजरी। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर रौब गालिब करने की कोशिश की। आरोप है कि, हंगामे की जानकारी पहुंचे कर्णप्रयाग के एसडीएम के साथ अभद्रता भी की गई। विधायक ने बताया कि, वे यूपी के सीएम योगी के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के निमिद्ध बद्रीनाथ जा रहे हैं। बावजूद उन्हें पुलिस ने आगे जाने नहीं दिया। कुछ देर हंगामा करने के बाद विधायक खुद लौट गए।
दो से सात मई तक का था यात्रा कार्यक्रम
विधायक को जारी पत्र के अनुसार, उन्हें दो मई से सात मई तक यात्रा करने का पास दिया गया था। कार्यक्रम के अनुसार, दो मई को देहरादून से श्रीनगर पहुंचना था, लेकिन वे गौचर पहुंच गए। इसी तरह तीन मई को बद्रीनाथ, पांच को केदारनाथ व सात मई को वापस लौटना था।
लॉकडाउन के उलंघन के आरोप में दर्ज किया केस
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बिताया कि, मुनि की रेती पुलिस स्टेशन पर यूपी विधायक अमन मणि त्रिपाठी और 10अन्य के खिलाफ लॉकडाउन के मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कोविड-19 के प्रभाव के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन के तीसरे फेज में केंद्र सरकार ने कई रियायतें दी हैं। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ खंडपीठ से भी राहत देने वाली खबर सामने आई है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने दो शिफ्ट में कार्य करने का निर्णय लिया है। जिसमें क्रिमिनल व सिविल कार्य अलग-अलग निष्पादित किए जाएंगे।रजिस्ट्रार जनरल अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम ने बताया कि पहली शिफ्ट सुबह 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक चलेगी। दूसरी शिफ्ट 01:30 से साढ़े तीन बजे तक चलेगी। इस दौरान सभी को कोविड-19 प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करना होगा। जिसमें सामाजिक दूरी बनाकर रखना एवं मास्क पहनना अनिवार्य होगा। अदालतों के कामकाज के अन्य तौर तरीकोंको चीफ जस्टिस आगे निर्धारित करेंगे।
अर्जेंट दरख्वास्त देने की नहीं होगी जरुरत
रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि यह व्यवस्था अगले आदेशों तक जारी रहेगी। इस दौरान नएमुकदमें मैनुअली के साथ इलेक्ट्रानिक माध्यम से दाखिल किएजा सकेंगे। मुकदमों के दाखिले के लिए अर्जेंट दरख्वास्त देने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, लखनऊ खंडपीठ के सीनियर रजिस्ट्रार ने अलग से नोटिस जारी की है।कहा है कि, कोर्ट से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
बताते चलें कि प्रथम चरण के लाकडाउन के बादहाई कोर्ट भी बंद कर दी गयी थी। बाद में व्यवस्था बनाते हुए अर्जेंट मामलोंकी सुनवायी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिएप्रारम्भ की गयी थी। अवध बार असोसिएशन ने 3 मई को अध्यक्ष एचजीएस परिहार की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित किया था कि सख्त शर्तों के साथ हाईकोर्ट को खोला जाना आवश्यक है।
सख्त प्रतिबंधों के साथ कोर्ट खोलने का लिया निर्णय
महासचिव शरद पाठक ने बताया कि प्रस्ताव की प्रति चीफ जस्टिस को प्रेषित कर उनसे अनुरोध किया गया था कि वीडियोकॉफ्रेंसिंग के जरिएसुनवायी सुगम नहीं हो पा रही है। अतः न्याय हित में पूर्व की भांति प्रतिबंधोंके साथ सुनवायी प्रारम्भ की जाए। इलाहाबाद की प्रशासनिक समिति की इस संबध में सोमवार को एक बैठक हुई। जिसमें सख्त प्रतिबंधोंके साथ कोर्टको खेालने का निर्णय लिया गया।
ऋषिभूमि नैमिषारण्य की यात्रा व भागवत कथा सुनने के लिए उड़ीसा व आंध्र प्रदेश से आए 59 श्रद्धालु बीते 50 दिनों से यहीं फंसे हुए हैं। इन तीर्थ यात्रियों ने घर वापसी के इंतजाम केलिए प्रशासन से कई बार मांग की, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला। आखिरकार सोमवार को ये श्रद्धालु पैदल ही अपने घर जाने के लिए निकल पड़े। लेकिन, जैसे ही यह बात प्रशासन को पता चली तो उन्हें समझा-बुझाकर वापस कराया गया। आश्वासन दिया गया है कि, शासन से बात कर जल्द वापस भेजने का इंतजाम होगा।
60 साल के 30 लोग, तीन बच्चे भी शामिल
16 मार्च को नैमिषारण्यस्थित उड़िया आश्रम (बंगाली मठ) में उड़ीसा के ब्लाइंगिर एवं पूरी गंजम जनपद से 51 श्रद्धालुयहां भागवत कथा का आयोजन करने आएथे। लेकिन, 22 मार्च कोकोरोनावायरस को लेकर जनता कर्फ्यूव उसके बाद लॉकडाउन लागू हो गया। सभी श्रद्धालु यहीं नैमिषारण्य में फंस गए।इन श्रद्धालुओं में 60 साल से अधिक उम्र के 30 लोगहैं, वहीं 3 बच्चे भी हैं। श्रद्धालुओं के टीम लीडर डीएम व एसडीएम से इस प्रकरण में कई बार वापस भेजने का अनुरोध कर चुके हैं पर अभी तक कोई निष्कर्ष नही निकल सका।इसके बाद आज इन श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूट गया और वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े थे। स्थानीय पुलिस ने उनसे काफी अनुनय विनय की। जिस पर श्रद्धालुओं का रोष कुछ कम हुआ और वे आश्रम वापस लौट आए।
प्रशासन ने किया पत्राचार
एसडीएम मिश्रित राजीव पाण्डे ने कहा-नैमिषारण्य में उड़ीसा के 51 और आन्ध्र प्रदेश के आठ लोग फंसे हुए हैं। इन्हें घर वापस भेजने के अनुरोध पर वहां की राज्य सरकारों से पत्राचार किया गया। किन्तु अभी तक कोई जवाब नहीं आया हैं। जैसे ही कोई पत्र प्राप्त होगा, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाईकी जाएगी। फिलहाल इन सबके भोजन आदि की व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई जा रही है।
कोरोना कोरोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया है।लॉकडाउन फेज-3 का आज पहला दिनहै। हालांकि, केंद्र ने इसमें कुछ रियायतें दी हैं, जिन पर अंतिम फैसला राज्य सरकारों को करना है। उत्तर प्रदेश मेंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने भी राज्य के हालात के हिसाब सेदिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कंटेनमेंट एरिया में कोई छूट नहीं है। इसके अलावा रेड, ऑरेंज औरग्रीन जोन में राहत दी गई हैं। कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़करअधिकांशजिलों में सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब की एकल दुकानें खुल सकेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग औरनिर्माण का काम शुरू करने की अनुमति दे दी गई है।
यूपी में 19 जिले रेड जोन में, 36 ऑरेंज जोन में और20 ग्रीन जोन में हैं। सभी जोन में शाम 7 बजे सेसुबह 7 बजे तक घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है। लेकिन, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों,10 साल से छोटे बच्चोंऔरगर्भवती महिलाओं को लॉकडाउन को घर से निकलने की इजाजत नहीं है।
ऐसे तय होगा कंटेनमेंट जोन
शहरी क्षेत्र में अगर कोरोना का एक केस है तो संबंधित कॉलोनी, मोहल्ला या वार्ड की सीमा में 400 मीटर तक और एक से अधिक केस होने पर संबंधित कॉलोनी, मोहल्ला या वार्ड की प्रशासनिक सीमा या एक किमी, जिसका क्षेत्र ज्यादा हो उसे कंटेनमेंट जोन माना जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र मेंएक केस पर संबंधित राजस्व गांव याअधिक होने पर उसके एक किमी के दायरे को कंटेनमेंट किया जा सकेगा।
ग्रीन जोन में ये छूट मिलेगी
ऑरेंज जोन में येछूट मिलेगी
रेड जोन में यह रहेगा छूट का दायरा
24 घंटे में रिकॉर्ड 151 मरीज सामने आए
प्रदेश मेंकोरोनावायरस के लगातार केस सामने आ रहे।रविवार कोएक ही दिन में रिकॉर्ड 151 मरीज मिले। जबकि, मेरठ, मथुरा औरकानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत भी हुई। राज्य मेंअब तक कुल 2638 संक्रमित हो गए।कुल 49 लोग दम तोड़ चुके हैं। आगरा में सबसे ज्यादा 597, इसके बाद कानपुर में 253 औरलखनऊ में 241 मरीज हैं। अब तक 754 मरीज ठीक हुए हैं।
65 जिलों तक फैला संक्रमण
उत्तर प्रदेश के 85 फीसदी जिले कोरोनाके संक्रमण से घिरे हैं। 75 में 65 जिलों तक कोरोना फैला चुका है। महज 11 जिले ही ऐसे बचे हैं, जहां संक्रमण के मामले सामने नहीं आए। अभीहर हफ्ते 3 से 4नए जिलों में संक्रमण फैलरहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है किइस रफ्तार से दो हफ्ते में यहपूरे प्रदेश को अपनीजद में ले सकता है। राज्य के 11 जिले कोरोना मुक्त हो चुके थे। लेकिन छह में फिर से वायरस लौट आया है।
कोरोना अपडेट्स
बीते 22 मार्च से तमाम बंदिशों में पाबंद आम जनता कोलॉकडाउन फेज-3 के पहले दिन से कुछ रियायतें दी गई हैं। कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में इकोनॉमिक गतिविधियां शुरू की गई हैं। यहां सुबह दससे शाम सात बजे तक शराब की एकल दुकानें खुल गई हैं। इससे सोमवार को वाराणसी समेत प्रदेश के ज्यादातर जिलों में शराब की दुकानों के सामने लंबी कतार देखी गई। जिस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया
सुबह 10बजे शाम सात बजे तक खुलेंगी शराब की दुकानें
यूपी में 19 जिले रेड जोन में, 36 ऑरेंज जोन में और20 ग्रीन जोन में हैं। सभी जोन में शाम 7सेसुबह 7 बजे तक घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है। लेकिन, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों,10 साल से छोटे बच्चोंऔरगर्भवती महिलाओं को लॉकडाउन को घर से निकलने की इजाजत नहीं है। इस बीच सोमवार को लॉकडाउन में रियायत मिलने पर सबसे ज्यादाभीड़ शराब की दुकानों पर देखने को मिली। 10 बजे दुकान खुलने से पहले ही लोग लाइनों में लगना शुरू हो गए थे।
अफसर बोले- लोग जागरूकबनें
काशी में लंका, महमूरगंज, विनायका, रथयात्रा, मडुआडीह, पहाड़िया, लक्सा तमाम जगहों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते दिखे। एडीजी जोन बृज भूषण ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए 5 लोग ही केवल वाइन शॉप पर रह सकते हैं। लोगों को खुद से जागरूक होना होगा। पुलिस का भी पूरा प्रयास है कि लोग नियम को फॉलो करें। वहीं, शराब लेने पहुंचे बाबू ने कहा- जब दुकान खुली है तो लोग खरीदेंगे ही। हम लोग सोशलडिस्टेंसिंग से ही खरीद रहे हैं।
दुकानें फिर बंद होने के डर से भीड़
दुकानदार राकेश ने बताया कि लोगों को यही लग रहा है कि शराब की दुकान फिर से न बंद हो जाएं,इसीलिए लिए लंबी लाइनें लग रही हैं।
लॉकडाउन के फेज-तीन का आज पहला दिन है।अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने इस लॉकडाउन में लोगों को कुछ रियायतें भी दी हैं। उनमें से एक शराब की दुकानें भी हैं। रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन में कंटेनमेंट को छोड़कर सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक शराब की दुकानेंखुलेंगी। पहले दिन सोमवार सुबह समय से पहले ही शराब के ठेकों के इर्द-गिर्द लोगों का जमावड़ा होने लगा। इस दौरान यहां सेक्टर 18 में करीब एक किमी लंबी लाइन लग गई। लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सुरक्षा घेरे में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार किया।
लोगाें ने शराब की पेटियां खरीद ली
जिला प्रशासन ने शराब कारोबारियों को निर्देश जारी किया था कि,दुकान के बाहर पांच से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं। इसके लिए दुकानदार को दुकान के बाहर पांच गोले बनाने होंगे। किसी भी तरह के मॉडल शाप व बैठाकर पिलाने वाली कोई व्यवस्था की अनुमति नहीं है। लेकिन सोमवार को कई जगहों पर प्रशासन की एडवायजरी हवा में उड़ गई। दुकानें खुलते ही उनके सामने लंबी लंबी कतार लग गई। हालांकि, अधिकांश स्थानों पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा। लाइन में लगकर ही एक एक ग्राहक को शराब दी गई। आदेश में यह भी स्पष्ट कहा गया था कि,किसी को जरूरत से ज्यादा शराब नहीं दी जाएगी। लेकिन यहां लोगों की जरुरतें एक या दो बोतल नहीं बल्कि पेटियों कोखरीदकर पूरी हुईं।
सैनिटाइज हुई दुकानें या नहीं, कुछ पता नहीं
सेक्टर-18 में स्थित शराब की दुकान के बाहरकरीब एक किलोमीटर लंबी लाइन लगी थी। यहां सोशल डिस्टेसिंग का पालन तो किया गया, लेकिन किसी को यह नहीं पता कि दुकानों को सैनिटाइज भीकिया गया है या नहीं। कमोबेशयही स्थित सेक्टर-2 व अन्य स्थानों पर ठेकों पर देखने को मिली।
पत्रकार पंकज झा ने टि्वट किया वीडियो-
प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए योगी सरकार जुटी है। आज गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक से पांच ट्रेनों का आवागमन होगा। इन ट्रेनों से आने वाले मजदूरों को 10 हजार बसों के जरिए उनके गृह जनपद तक छोड़ा जाएगा। सभी श्रमिकों एवं कामगारों की पहले क्वारैंटाइन सेंटर में हेल्थ चेकअप एवं मेडिकल स्क्रीनिंग होगी। इसके लिए पूरे प्रदेश में 50 हजार से अधिक मेडिकल टीमें लगाई गई हैं। अभी तक, सरकार द्वारा 11 लाख लोगों के क्वारैंटाइन सेंटर में ठहरने की व्यवस्था कर दी गई है। इन सभी को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
क्वारैंटाइन सेंटर्स की होगी जियो टैगिंग
राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि, प्रदेश के सभी कम्युनिटी किचन पहले से ही जियो टैग्ड हैं। सभी क्वारैंटाइन सेंटर्स को भी जियो टैग करने के निर्देश दे दिए गए हैं।जियो टैग होने से इन सभी सेंटर्स की निगरानी, राहत कंट्रोल रूम, लखनऊ से की जा सकेगी। यदि किसी जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में श्रमिकों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें वहीं उपचार हेतु भर्ती किया जाएगा। क्वारैंटाइन सेंटर में किए गए टेस्ट के उपरांत जिन श्रमिकों में कोई लक्षण नहीं पाए जाएंगे, उनको होम क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि आगरा, लखनऊ, मेरठ, कानपुर, मुरादाबाद में अधिकरी लगातार कामों की समीक्षा करें।भारत सरकार की गाइडलाइन को पूरी तरह से पालन किया जाए।
64 जिलों में 2743 संक्रमित मिले
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा- 64 जिलों में कोरोना का संक्रमण अपने पैर पसार चुका है। अब तक 2742 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 758 डिस्चार्ज किए गए हैं। बताया कि, 289 पूल टेट रविवार को हुए हैं। 3328 सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए। जबकि, 4021 कुल टेस्ट हुए हैं। अब तक प्रदेश में 90,821 टेस्ट हो चुके हैं। 50193 टीमों ने प्रदेश में 43,56,923 घरों का सर्विलांस किया है। जिससे 2,16,78,495 जनसंख्या को कवर किया गया है। 11049 मरीज क्वारैंटाइन सेंटर में भर्ती हैं।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सोमवार सुबह खीरा बेचने के विवाद में एक शख्स की लाठी से पीट पीटकर हत्या कर दी गई। मृतक के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कियर है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश जारी है।
रिसिया थाना क्षेत्र के मकोलिया गांव निवासी रफीउल्ला व कय्यूम खीरा की खेती करते हैं। सोमवार को खेत से खीरा तोडकर दोनों लोग बेच रहे थे। बताया जाता है कि रफीउल्ला के ठेले पर भीड़ ज्यादा जुटी हुई थी। भीड को देखकर कयूम ग्राहकों को जबरन बुलाने लगा। इस पर दोनो में विवाद शुरू हो गया। विवाद के दौरान ही कय्यूम का भाई व बेटा भी मौके पर पहुंच गया।
इसके बाद दोनों गुटों के लोग लाठी डंडे से एक दूसरे पर हमलावर हो गए। लाठी के हमले में रफीउल्ला के सिर पर चोट लग गई और परिवार के तीन अन्य भी घायल हो गए। आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज बहराइच पहुंचाया गया। जहां पर उपचार के दौरान रफीउल्ला की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के पुत्र जुबेर की तहरीर पर कय्यूम, मुनीर, हसीन, बली समेत नौ लोगों के खिलाफ मुदकमा मामला दर्ज किया है।
जिले में सोमवार को एक गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव मिली है। उसका एक निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था। प्रशासन ने महिला को लखनऊ रेफर कर हॉस्पिटल को सील कर दिया है। हॉस्पिटल का सैनिटाइजेशन होगा। प्रशासन महिला की ट्रेवेल हिस्ट्री तलाश रहा है। उसके ससुराल व मायके वालों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।
पिसावां थाना इलाके के एक गांव निवासी गर्भवती महिला शहर कोतवाली क्षेत्र के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने पहुंची थी। लेकिन चिकित्सक ने पहले कोरोना की जांच कराने की सलाह दी थी। महिला ने एक निजी लैब से कोरोना जांच कराई, जिसमे वह पॉजिटिव पाई गयी है।
रिपोर्ट आने के बाद गर्भवती महिला को निजी नर्सिंग होम से लखनऊ रेफर कर हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। डीएम ने कहा- महिला के गृह निवास दुलामऊ इलाके को नया हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। गर्भवती की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद मरीजों की संख्या जिले में 20 से बढ़कर 21 हो गई है।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में लॉकडाउन के उलंघन के आरोप में पुलिस ने एक युवक से हरियाणा की मशहूर डांसर सपना चौधरी के गाने पर डांस कराया। मामला सदर कोतवाली के नया शहर चौकी का है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी आकाश तोमर ने चौकी प्रभारी विश्वनाथस मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया है।
वीडियो चार दिन पुराना है। जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन के बीच घर से बाहर निकले एक युवक को पुलिस ने पकड़ लिया। वह मानसिक रुप से दिव्यांग था। लेकिन वह डांस के हुनर में माहिर था। जैसे ही ये बात पुलिसवालों को पता चली वे उसे चौकी ले आए। यहां सपना चौधरी का गाना बजाकर उसपर युवक से डांस कराया गया। चौकी प्रभारी विश्वनाथ मिश्रा, महिला आरक्षी संजना सहित पुलिस स्टाफ ने डांस का लुत्फ उठाया।
वायरल इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए एसपी सिटी रामयश सिंह ने सीओ सदर को जांच सौंपी है। उन्होंने कहा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एसएसपी आकाश तोमर ने लिखित संदेश जारी कर बताया कि, अनुसाशनहीनता को लेकर चौकी इंचार्ज विश्वनाथ मिश्रा को पुलिस लाइन स्थानातंरित कर दिया गया है।
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे 2127 मजदूरों को लेकर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर पहुंची हैं। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के पहुंचने के बाद यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की गई। जांच के बाद एक-एक यात्री का नाम दर्ज करके उन्हें बस में बैठाकर उनके खाने पीने का सामान देकर रवाना किया गया। प्रशासन ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए 60 बसों का इंतजाम किया है।
पहली ट्रेन रात ढेड़ बजे पहुंची
एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने बताया कि 23 मार्च के बाद रविवार को पहली श्रमिक स्पेशल देर रात 1:30 बजे के करीब गोरखपुर पहुंची। ये ट्रेन महाराष्ट्र के वसई और भिवंडी से रवाना हुई थी। दूसरी ट्रेन सोमवार सुबह 5.15 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। पहली ट्रेन में 1145 श्रमिक और दूसरी ट्रेन से 982 यात्री सवार थे। इनका थर्मल चेकअप करने के बाद नाम, पता, मोबाइल नंबर और अन्य विस्तृत जानकारी नोट की गई। इसके बाद उन्हें बसों से घर भेजा जा रहा है।
ट्रेन में किया गया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर गोपी गुप्ता ने कहा- ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए एक बोगी में महज 54 लोगों को ही प्रवेश दिया गया था। रास्ते में किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए आरपीएफ स्टाफ के साथ ही टीटीइ भी तैनात किए गए थे। बीच के स्टेशनों पर श्रमिकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। लॉक डाउन में पहली बार गोरखपुर पहुंची यात्री ट्रेन को देखते हुए रेलवे के साथ ही जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखी।
श्रमिकों ने जताई खुशी, बोले- खाने का था इंतजाम
इन यात्रियों में ज्यादातर गोरखपुर केखजनी, बांसगांव और गोला तहसील के रहने वाले हैं। भिवंडी के हथकरघा कारखाने में काम करने वाले मजदूर राम शबद ने कहा- मुझे खुशी है कि मैं आखिरकार अपने घर पहुंच गया। रास्ते में हमें खाना पीना दिया गया। ट्रेन में सवार होने से पहले हमारा आधार कार्ड और पता आदि से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई। गोरखपुर स्टेशन पर भी चेकिंग की गई। दस्तावेजों की जांच हुई।
ताजनगरी आगरा में कोरोना बेकाबू हो चुका है। सोमवार को यहां 15 नए केस सामने आए। अब तक यहां 612 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इसके चलते हॉस्पॉट की संख्या में 5 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ 44 पहुंच हो गई है। यह जिला रेड जोन में है। इसी कारण आगरा में लॉकडाउन के फेज तीन में लोगों को कोई छूट नहीं दी गई है। जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने कहा है कि यहां कोई नई रियायत नहीं मिलेगी। व्यक्तिगत विषय के आधार पर हॉटस्पॉट क्षेत्र को छोड़कर अलग से निर्णय लिया जाएगा। लॉकडाउन का और सख्ती से पालन कराया जाएगा।
ककुआ गांव बना नया हॉटस्पॉट
दरअसल, ग्वालिया रोड के ककुआ गांव में हार्डवेयर कारोबारी के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उसके परिजन व उनके संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए गए। इनमें से 16 संक्रमित हो चुके हैं। ककुआ गांव अब नया हॉटस्पॉट बन गया र्है। वहीं, अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, एसएन के सीनियर रेजीडेंट, सांस संबंधी समस्या होने पर निजी अस्पताल में भर्ती दो मरीजों के साथ नौ माह की गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
बीते 72 घंटे ममें कोरोना के 103 नए केस
ताजनगरी में कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हो रही है। यहां हर घंटे दो या तीन केस मिल रहे हैं। पूल सैंपलिंग शुरू होने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल आया है। बीते 72 घंटे में 103 नए केस सामने आए हैं। सबसे ज्यादा 20 सब्जी विक्रेता हैं। बता दें कि, आगरा में अब तक कुल 612 केस मिल चुके हैं। हालांकि, 197 लोग ठीक होकर अस्पतालों से छुट्टी पा चुके हैं। 15 की मौत हुई है। लेकिन अभी 415 का इलाज चल रहा है।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के गजरौला क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने बाघ को वनकर्मियों ने रविवार की शाम टैंकुलाइज किया। लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, बाघ के शरीर में तीन गहरे जख्म थे। जिनमें कीड़े पड़ गए थे। इलाज हुआ, लेकिन जान नहीं बच सकी। लेकिन मौत के कारणों की पुष्टि के लिए सोमवार को पोस्टमार्टम होगा। टैंकुलाइज करते वक्त उसे कितना नशा दिया गया, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
तीन दिनों से डेरा जमाए था बाघ
बीते शुक्रवार को गजरौला थाना क्षेत्र में माला रेंज की बानगंज बीट से एक बाघ आबादी में निकल आया था। बाघ ने तीन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल किया। सूचना पाकर पहुंचे वनकर्मियों ने उसे पकड़ने के लिए कॉबिंग शुरू की, लेकिन सफलता नहीं मिली। हालांकि, तभी से टाइगर रिजर्व की टीम उसके मूवमेंट पर नजर रख रही थी। रविवार को फिर बाघ नजर आया। इसके बाद टाइगर रिर्जव की ट्रैंकुलाइज टीम मौके पर पहुंच गई। दो घंटे की घेराबंदी के बाद शाम पांच बजे डॉक्टर दक्ष व एसके राठौर की टीम ने उसे ट्रैंकुलाइज कर दिया गया। जिसके बाद बाघ बेहोश हो गया। उसे इलाज के लिए गढ़ा रेंज लाया गया, जहां इलाज के दौरान कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गई। वहीं, वन्य जीव प्रेमियों का कहना है कि, गर्मी की वजह से नशे की दवा का डोज अधिक होने के कारण बाघ की मौत हुई है।
पहले से घायल था बाघ
डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने कहा- बाघ पहले से घायल था। उसकी मौत ओवर डोज से नहीं हुई है। यदि वह पहले से घायल था तो मौत ट्रैंकुलाइजेशन के बाद बाद कैसे हुई? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए पोस्टमार्टम होगा।
छह साल में 11 बाघ की गई जान-
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सोमवार कोकोरोना संक्रमण के 5 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 9 मरीज पहले से पॉजिटिव है। अब मरीजों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। बढ़ती संख्या जिला प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। सभी मरीज एक ही स्थान के हैं।
शहर कोतवाली क्षेत्र के ओरछा गेट स्थित एरिया के 28 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। जिनमें से 23 की रिपोर्ट निगेटिव आई है और 5 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां 11 लोगों में महामारी के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। भारी संख्या में बाहरी लोगों के आवागमन की वजह से यह स्थिति बन गई है। लॉकडाउन से पहले और बाद में झांसी में भारी संख्या में बाहरी लोगों का आवागमन जारी रहा। खासतौर पर हजारों की संख्या में यहां अन्य प्रदेशों से मजदूर पहुंचे। ये सिलसिला अब भी जारी है।
फिलहाल शहर कोतवाली क्षेत्र के ओरछा गेट का एरिया पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यहां कड़ी सुरक्षा के बीच बैरिकेडिंग लगाए गए हैं और रास्तों को बंद किया गया है। सभी संक्रमित इसी क्षेत्र के हैं।पूरे एरिया को सैनिटाइज कराया जा रहा है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में 7 जिले हैं, जिनमें से झांसी जालौन बांदा और महोबा में कोरोना संक्रमण अपनी दस्तक दे चुका है। महोबा में दो व जालौन में कोरोना के तीन सामने आ चुके हैं।
मध्य प्रदेश की सीमा से सटे खीरी थाना क्षेत्र केसलैया खुर्द गांव की पहाड़ी पर रविवार रातरोजगार सेवक सत्यम शुक्ला की गला काटकर हत्या कर दी गई। उसका सिर धड़ से अलग पड़ा मिला। हत्या से नाराज ग्रामीणों ने सोमवार सुबह रोड पर शव रखकर चक्काजाम करने का प्रयास किया।लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर लोगों को शांत करा दिया।नामजद किए गए 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और आशनाई की चर्चा है।
रात 9 बजे फोन आने के बाद घर से निकला था सत्यम
यमुनापार के लालतारा कस्बा निवासी सत्यम शुक्ला उर्फ संजय (34) खीरी के डीघलो ग्राम सभा में रोजगार सेवक के पद पर तैनात था। उसके दो बेटे राज (09) व यश (05) हैं। सत्यम के मोबाइल पर रविवार रात करीब नौ बजे एक कॉल आई थी। फोन पर बात करने के बाद वह घर से लोवर एवं टी-शर्ट पहनकर ही बाइक लेकर निकल गया। जब काफी देर तक वह वापस नहीं लौटा तो घरवाले परेशान हो गए। सत्यम की तलाश शुरू हो गई। रात भर कुछ पता नहीं चला। सोमवार सुबह क्षेत्र के सलैया खुर्द गांव की पहाड़ी पर उसकी सिर कटी लाश ग्रामीणों ने देखी। पास में ही उसकीबाइक भी मिली है।
पुलिस ने आश्वासन देकर लोगों कोकराया शांत
पहाड़ी पर सत्यम की सिर कटी लाश मिलने से नाराज ग्रामीणों ने लालतारा बाजार में जाम लगाने की कोशिश की। मौके पर पहुंचे एसपी यमुनापार दीपेंद्र नाथ चौधरी, सीओ मेजा एवं थानाध्यक्ष खीरी ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया।पुलिस सत्यम शुक्ला के मोबाइल कॉल डिटेल के जरिएकातिल की सुरागकसी में जुटी है।भाई धीरेंद्र शुक्ला की तहरीर पर पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है। पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को पकड़ लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। सत्यम की पत्नी गुड़िया का रो-रोकर बुरा हाल है।
जांच व पूछताछ के बाद सामने आएगी सच्चाई
एसपी यमुनापारदीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि,सत्यम शुक्ला हत्याकांड में नामजद कराए गए पांचों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही सत्यम के मोबाइल कॉल डिटेल्स भी खंगाले जा रहे हैं। हत्या की वजह अभी स्पष्ट नहीं है। जांच और पूछताछ होने के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
जिले के भरवारी कस्बेमें स्थित एक मकान में सोमवार की सुबह अचानक तेज धमाका हुआ। इस हादसे में एक युवती की मौत हो गई, जबकि 3 घायल हो गए। फायरब्रिगेड कीमदद से पुलिस ने आग पर काबू पाते हुए घायलों को अस्पताल भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि, घर के अंदर पटाखा फैक्ट्रीचल रही थी। जिसमें सिलेंडर लीकेज के चलते विस्फोट हुआ। विस्फोट से मकान मलबे में तब्दील हो गया। आस-पास के मकानों में भी दरारे आ गई हैं। पुलिस अधिकारियो व फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच जांच शुरू कर दी है।
मलबा हटाया तो मिली युवती की लाश
कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे में पप्पू अतिशबाज का मकान है। सोमवार सुबह अचानक तेजधमाका हुआ। आसपास के लोगों ने पुलिस व फायरब्रिगेड को सूचना देकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। मलबे को हटाया गया तो गीता पुत्रीराम लाल की लाश मिली, जबकि 3 अन्य महिलाओं को नाजुक हालत में प्रयागराज के स्वरूपरानीअस्पताल भेजा गया है।
पड़ोसी ने कहा- धमाके से जलजला का एहसास हुआ
फॉरेंसिक टीम की अब तक की जांच में घर के अंदर बड़ी मात्रा में बारूद होने के सबूत मिले हैं। हादसे का कारण सिलेंडर में लीकेज बताया जा रहा है। पड़ोसीअंसार अहमद ने बताया, सुबह वो बिस्तर पर ही थीं कि तेजधमाके के साथ उनका मकान हिल गया। घर के खिड़की दरवाजों के कांचटूट गए।ऐसा लगा कि, जैसे कोई जलजलाआ गया हो। घर से बाहर भाग कर किसी तरह निकले तो देखा पड़ोस में रहने वाले पप्पू अतिशबाज का मकान धराशायी हो गया था। रहरह कर उसमें विस्फोट और आग निकल रही थी।
जांच के बाद होगी आवश्यक कार्रवाई
एसपी अभिनंदन ने बताया, विस्फोट का प्राइमरी कारण घर के अंदर पटाखा फैक्ट्री का संचालित होना बताया गया है। जांच प्रचलित है। जो भी तथ्य सामने आएंगे,सुसंगत धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से रविवार को पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो सामने आया है। इसमें दो पुलिसकर्मी एक युवक को बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रहे हैं। पीड़ित रहम की भीख मांगते हुए चीख रहा है। करीब दो मिनट के इस वीडियो छत पर खड़े किसी शख्स ने चुपके से बनाया है। जानकारी के अनुसार, पीड़ित मानसिक रुप से कमजोर है। आरोप है कि, उसने प्रधान को गुंडा कह दिया था। इससे नाराज प्रधान ने उसकी पुलिस से पिटाई कराई और उसे आर्म्स एक्ट में पाबंद करा दिया है। वहीं, मामला एसपी सिटी तक पहुंचा तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने भी टि्वट कर कार्रवाई की मांग की है।
सीने पर पैर रखकर बरसाए डंडे, सिपाही सस्पेंड
यह मामला बलरई थाना क्षेत्र के बीबामऊ गांव का है। बताया जाता है कि, मानसिक रुप से दिव्यांग युवक सुनील यादव उर्फ पंडित नशेड़ी प्रवृत्ति का है। वह गांव के लोगों पर कई बार हमला कर चुका है। पीड़ित की मां का आरोप है कि, दो दिन पहले प्रधान की शिकायत पर पुलिस गांव पहुंची थी। मामला सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच का होगा। सिपाही ने सुनील को जमीन पर पटक दिया। फिर उसके सीने पर लात रखकर डंडे बरसाए। एक अन्य सिपाही ने भी युवक को जमकर पीटा। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस का आरोप- चाकू से किया था हमला
वहीं, पुलिस का कहना है कि, जब सिपाही गांव पहुंचे तो सुनील ने चाकू निकाल लिया। आरोपी को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लेकिन पीड़ित परिवार का आरोप है कि, सुनील के हाथ पर जेल की मुहर लगी है। उसकी जमानत नहीं कराई है। ऐसे में वह जेल से बाहर कैसे आया? किसने जमानत कराई? आर्म्स एक्ट में कार्रवाई करने के बाद उसे छोड़ा क्यों गया? ये सवाल अनसुलझे हैं।
एसपी सिटी ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई
एसपी सिटी रामयश सिंह ने कहा- पुलिसकर्मियों को स्पष्ट हिदायत है कि, वे ऐसा कोई अमानवीय कृत्य न करें जिससे पुलिस महकमे की छवि खराब हो। इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी जिस स्तर से दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
शिवपाल ने की कार्रवाई की मांग-
उद्योग नगरी कानपुर में रविवार रात तीन दिन पहले मृत बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। दरअसल, बादशाही नाका थाना क्षेत्र के रंजीतपुरवा निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी। परिजनों ने उसे 29 अप्रैल को हैलट के न्यूरो साइंस कोविड-19 अस्पताल में भर्ती में कराया था। डाक्टरों ने अगले दिन 30 अप्रैल को महिला के सैंपल को जांच के लिए भेजा था। लेकिन उसकी दिन बुजुर्ग की मौत हो गई थी। मृतका का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मेडिकल टीम की निगरानी में हुआ था। मौत के तीसरे दिन आई रिपोर्ट में मृतका में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
मृतकों की संख्या 5 पहुंची, अब तक 33 हॉटस्पॉट बने
मृतका के घर की तरफ जाने वाली सभी गलियों और रास्तों को बंद कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृतका के परिजनों को घरों में रहने की सलाह दी है। सोमवार को परिजनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे और सभी को क्वारैंटाइन सेंटर भेजा जाएगा। महिला के घर के आसपास के एरिया को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। शहर में 33 हॉटस्पॉट एरिया बनाए जा चुके हैं। जबकि, मृतकों की संख्या अब 5 पहुंच गई है।
दो संक्रमित महिलाओं का प्रसव
बीते 24 घंटे में केजीएमयू और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कोविड-19 लैब से आई रिपोर्ट में 18 लोग संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही मरीजों का आंकड़ा 253 पहुंच गया है। जिसमें 19 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। शहर के डफरिन अस्पताल में भर्ती दो संक्रमित महिलाओं का ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया गया। प्रसव के बाद पूरे पैरामेडिकल स्टॉफ को क्वारैंटाइन कराया गया है। वहीं जच्चा-बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं। दोनों कुली बाजार हॉटस्पॉट एरिया की हैं। डॉक्टर रूचि जैन और कजली गुप्ता ने संक्रमित महिलाओं का प्रसव कराया। दोनों को आइसोलेश वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
जिन्हें बचाने के लिए किया पथराव, उनमें चार निकले संक्रमित
बीते 30 अप्रैल को बजरिया थाना क्षेत्र के हॉटस्पॉट एरिया जुगियाना मोहल्ले में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजनों को क्वारैंटाइन कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पहुंची थी। इसी बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 9 लोगों को क्वारैंटाइन कराकर उनकी सैंपलिंग कराई थी। रिपोर्ट आने पर 9 में से 4 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में रविवार देर रात एक साथ 25 नए केस सामने आने से लोगों की चिंता अचानक बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 263 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 238 की रिपोर्ट देर रात प्राप्त हुई। इनमें से 25 की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। इसके अलावा एक 58 वर्षीय मरीज की रिपोर्ट रविवार को दिन में ही मिल गई थी, वह भी पॉजिटिव थी। उस व्यक्ति की शनिवार रात ही अस्पताल में भर्ती कराने के कुछ देर बाद ही मौत हो गई थी। वह किदवई नगर का रहने वाला था। इससे मौत का आंकड़ा सात पहुंच गया है।
पहले मां, अब नवजात बच्चा व पति संक्रमित मिला
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. विश्वास चौधरी ने बताया कि 25 नए पॉजिटिव केस में 12 लोग नवीन सब्जी मंडी के हैं। नवीन मंडी में पूल टेस्टिंग के लिए 63 सैंपल लिए गए थे। आरकेपुरम की रहने वाली महिला का नवजात बच्चा और उसके पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। महिला की दो दिन पहले रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे निजी अस्पताल से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर लिया गया था।
घायल युवक कोरोना पॉजिटिव निकला
वहीं, एक अन्य निजी अस्पताल में घायल युवक का आपरेशन किया गया। सतर्कता के तहत उसकी सैंपलिंग कराई गई थी। उसकी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आने से अस्पताल में हड़कंप मचा है। अस्पताल को सैनिटाइज कराया जा रहा है, डॉक्टर और स्टॉफ को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. विश्वास ने बताया कि मेरठ जिले में अब तक 142 पॉजिटिव केस मिले हैं, जिनमें से 56 इलाज के दौरान ठीक भी हुए।
बीते 42 दिनों से सन्नाटे में रहे लखनऊ केचारबाग स्टेशन पर रविवार को कुछ चहलकदमी दिखाई दी। सायरन की आवाज भी आईतो स्टेशन पर ट्रेन काएनाउंसमेंट भी हो रहा था। स्टेशन के बाहर पुलिसकर्मी औरपीपीई किट में स्वास्थ्यकर्मी भी दिखाई दिए। दरअसल, रविवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन नासिक से 21 घंटे की यात्रा के बाद पहुंची थी। यह ट्रेन कई मायनों में अन्य ट्रेनों से अलग थी। ट्रेन की खिड़की से झांकते चेहरे ढके हुए थे तो आंखों में बाहर का नजारा देखने की ललक थी।
हर बार की तरह श्रमिकों को ट्रेन की बोगियों मेंएक दूसरे के ऊपर चढ़ कर यात्रा नहीं करनी पड़ी। बल्कि आराम से एक-एक सीट पर लेट कर पहुंचे। ट्रेन रुकते ही कुछ ने पूछा- भैया यहां से जाने के लिए कोई साधन है क्या? जवाब हां, में मिलने पर उनके चेहरे पर एक अलग सुकून नजर आया। दरअसल, श्रमिक ट्रेन से आए सभीमजदूरनासिक में अलग-अलग सेंटरों मेंक्वारैंटाइन थे। कोई 15 दिन से तो कोई एक महीने से क्वारैंटाइनसेंटर में रहकर अंदर से टूट सा गया था। आस नहीं थी कि सरकार उनकी भी सुध लेगी। बहरहाल, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजदूरों की स्टेशन पर स्क्रीनिंग करवाई गई।फिर उन्हें बस सेघर के लिएरवाना किया गया। नासिक से घर लौटे 4 मजदूरों की कहानियां, उन्हीं की जुबानी:
दिहाड़ी मजदूरी करते थे, रुपये-पैसे की किल्लत हुई तो पैदल ही निकले घर के लिए
श्रावस्ती जिले के रहने वाले उमेश खिड़की के किनारे मुंह पर रुमाल लपेटे हुए बैठे हैं। वह बाहर जाने के लिए परेशान हैं, लेकिन पुलिस वालों की रौबीली आवाज सुनकर वहीं दुबके बैठे हैं। पूछने पर बताते हैं, 'हम नासिक में एक महीना से क्वारैंटाइनहैं। हमारे और भी साथी वहीं पर थे। 3-4 दिन से वहां अधिकारी कह रहे थे कि हम लोगों का भेजने की व्यवस्था हो रही है। अभी होली में घर से लौट कर गएथे। दिहाड़ी काम है तो बहुत ज्यादा कमाई नहीं हुई थी। लॉकडाउन में कुछ दिन काम तो चल गया, लेकिन बाद में दिक्कत होने लगी। हम 15 लोग मुंबई से उत्तर प्रदेश केश्रावस्ती के लिए पैदल हीनिकल लिए थे। लेकिन नासिक में हम लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया और क्वारैंटाइन सेंटर में डाल दिया। तब से वहीं रहे। ट्रेन के बारे में एक दिन पहले ही बता दिया गया था और जितने लोग ट्रेन में हैं सभी नासिक के अलग अलग क्वारैंटाइन सेंटर से ही आए हैं। घर वालों को फोन पर बता दिया है तो कोई परेशानी नहीं है।'
गोद में बच्चा लिए 200 किमी पैदल चली, नासिक में पुलिस ने पकड़ लिया
सिद्धार्थनगर की रहने वाली उर्मिला की गोद में लगभग 2 साल का बच्चा नींद में मस्त कंधे पर सर रखे लेटा हुआ है। थर्मल स्क्रीनिंग करने वाला व्यक्ति उसके शरीर का ताप मापना चाह रहा है। लेकिन बच्चे की गर्दन बार बार कंधे की तरफ सरक रही है। उर्मिला के पीछे ही उसका पति, भाई और बहन भी थे। उर्मिला कहती हैं, 'यहां रोजगार नहीं था तो पूरा परिवार मुंबई कमाने चला गया। सब मिलकर ठीक-ठाक कमा लेते हैं। गांव में ससुर हैं और मायके में मां बाप हैं। उनका खर्च भी इससे चल जाता है। जब लॉकडाउन हुआ तो हम लोग परेशान हो गए। लगा पता नही अब यहां काम कब मिलेगा। राशन पानी खत्म हो रहा था और परेशान अलग हो रहे थे तो हम अपने परिवार के साथ पैदल ही यूपी के लिए चल दिए। 29 मार्च को हम चले और 31 मार्च को नासिक बॉर्डर क्रॉस करने वाले थे तभी पुलिस ने हम सबको पकड़ कर सेंटर में डाल दिया। एक दिन हम लोगों को भूखा भी रहना पड़ा। बच्चे को बचा-खुचा बिस्कुट वगैरह खिलाकर। लेकिन सेंटर में आराम था। खाना पीना सब मिलता था। रोज चेकिंग भी होती थी। इधर दो दिन पहले हम लोगों को बताया गया कि हम लोग के लिए ट्रेन चलाई जाएगी।'
'लखनऊ पहुंच गए अब जल्द से जल्द झांसी जाना है'
राम कुशवाहा अपने 15 साल के बेटे रूपेश और पत्नी सरोज के साथ नासिक से आए हैं। उन्हेंझांसी जानाहै। वहबताते हैं, 'हम लोग नासिक मंडी में बेलदार का काम करते हैं। मंडी बन्द होने की वजह से काम बंद हो गया था। इससे जेब खर्च मुश्किल हो गया था। हम लोग भी घर जाने के लिए पैदल ही निकले थे लेकिन हमें पकड़ लिया गया तो फिर सेंटर में डाल दिया। ट्रेन में बैठने से पहले बताया गया था कि एक सीट पर एक आदमी रहेगा। जबकि बाथरूम जाने के लिए एक-एक आदमी को परमिशन मिलेगी। मास्क लगाना जरूरी था। हालांकि पहली बार इतनी आराम से यात्रा करने का मौकामिला। नही हो हर बार भीड़ भाड़ में ही जाना पड़ता था। यहां से अब झांसी जाने की ही जल्दी है।'
'भैयाटिकट का 470 रुपया बचा रखा था नहीं तो आ भी नही पाते'
प्रयागराज के रहने वाले फूलचंद कहते हैं, 'हम लोगों से 470 रुपए टिकट का लिया गया है। वह तो लॉकडाउन में कुछ पैसा बचाए थे, नही तो घर आने को भी नही मिलता। हम भी मुंबई में दिहाड़ी मजदूरी करतेहैं। एक बड़े कमरे में 17 लोग रहते हैं। लॉकडाउन के बाद जब सब पैदल चले तो हम भी चल दिए। अभी भी कई मजदूर पैदल ही आ रहे हैं। किस्मत अच्छी थी कि सेंटर पहुंच गए जहां खाने पीने की दिक्कत नहीं हुई और न ही लेटने बैठेने की। आराम से लखनऊ तक आ भी गए हैं। घर पर पत्नी है, बिटिया है, मां और पिता हैं। सब इंतजार कर रहे हैं। ये अच्छा है कि फोन चल रहा है। सबसे बात होती रहती है। तो कोई परेशानी नही हुई।'
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शनिवार हुए एनकाउंटर में सेना की 21 राष्ट्रीय रायफल्स (आरआर) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा समेत पांच जवान शहीद हो गए। कर्नल आशुतोष उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के परवाना गांव के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद जवानों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने शहीद आशुतोष के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही एक परिजन को सरकारी नौकरीदी जाएगी।
शहीदों को राष्ट्र सदैव याद रखेगा: सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा-राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को राष्ट्र सदैव याद रखेगा। बता दें कि, सरकार ने आर्थिक सहयोग व सरकारी नौकरी के अलावा कर्नल आशुतोष की स्मृति में उनके पैतृक गांव में गौरव द्वार के निर्माण की भी घोषणा की है।
वीरता के लिएदो बार मिला सेना मेडल
कर्नल आशुतोष को उनकी वीरता के लिए दो बार सेना मेडल भी मिल चुका है।तकरीबन 8 साल पहले अपने बड़े भाई की नौकरी के चलते मां, भाई-भाभी व पत्नी-बच्चों सहित जयपुर शिफ्ट हो गए थे। गांव में चाचा का परिवार रहता है। बचपन से ही उनका सेना में जाने का सपना था। फौजियों की कहानियां बड़े बुजुर्गों से सुनते रहते थे।
बंधक लोगों को छुड़ाया, दोनों आतंकी हुए ढेर
हंदवाड़ा के जंगली इलाकों से 3 किमी दूर छाजीमुल्लाह गांव के एक घर में कुछ आतंकियों ने लोगों को बंधक बना लिया था। सुरक्षाबलों ने बंधकों को छुड़वाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। टीम का नेतृत्व 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिग ऑफिसर आशुतोष शर्मा खुद कर रहे थे। उनके साथ एक मेजर और जम्मू-कश्मीर के पुलिस जवानों को मिलाकर 5 लोगों की टीम थी। जब जवान घर के भीतर गए तो आतंकी पास में बने गाय के बाड़े में छिपे थे। सुरक्षाबलों ने घर से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तभी आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस बीच सुरक्षाबलों से कोई भी खबर आनी बंद हो गई। कई घंटे तक सुरक्षाबलों से संपर्क कटा रहा। माना जा रहा है कि आतंकियों ने सुरक्षाबलों की कम्युनिकेशन डिवाइस ले ली थी। पूरी रात बारिश भी होती रही। रविवार सुबह 7 बजे के आसपास फायरिंग रुकी। इसके बाद सेना ने घर की छानबीन की। तब पता चला कि सेना की कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए, लेकिन इस दौरान कर्नल आशुतोष शर्मा समेत 5 जवान शहीद भी हो गए।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शनिवार हुए एनकाउंटर में सेना की 21 राष्ट्रीय रायफल्स (आरआर) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा समेत पांच जवान शहीद हो गए। कर्नल आशुतोष उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के परवाना गांव के रहने वाले थे। उन्हें वीरता के लिए दो बार सेना मेडल भी मिल चुका है। तकरीबन 8 साल पहले अपने बड़े भाई की नौकरी के चलते मां, भाई-भाभी व पत्नी-बच्चों सहित जयपुर शिफ्ट हो गए थे। गांव में चाचा का परिवार रहता है। बचपन से ही उनका सेना में जाने का सपना था। फौजियों की कहानियां बड़े बुजुर्गों से सुनते रहते थे। शहादत की खबर मिलते हीउनके रिश्तेदार जयपुर रवाना हुए हैं।
फौजियों की कहानियां बड़े बूढ़ों से खूब सुनते थे आशुतोष
कोरोना संकट के बीच रविवार सुबह सेना के जवान कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ा रहे थे, तभी हंदवाड़ा से आरआर रायफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा के शहादत की खबर उनके पैतृक गांव परवाना पहुंची। इससे पूरा गांव में शोक में डूब गया। फोन पर चचेरे भाई सोनू पाठक ने कहा- भैया आशुतोष बचपन से ही सेना में जाने की सोच रहे थे। हमेशा देशभक्ति फिल्में देखना और गाने सुनना उन्हें पसंद था। फौजियों की कहानियां बड़े बूढ़ों से खूब सुनते।
इंटरमीडिएट तक गांव में हुई पढ़ाई, तीन साल पहले आए थे गांव
बुलंदशहर के डीएवी कॉलेज से उनकी इंटरमीडिएट तक पढ़ाई हुई और वह सीडीएस की तैयारी करते रहे और सेलेक्ट हो गए। हमारे पूरे खानदान में सिर्फ दो फौजी ही हुए हैं। जिसमें एक भैया (आशुतोष) हैं, और एक और रिश्तेदार हैं जो कोस्टगार्ड में डीआईजी के पद पर तैनात हैं। सोनू कहते हैं कि, चाची की मौत होने पर भैया तकरीबन 3 साल पहले गांव आए थे। भले ही परिवार जयपुर शिफ्ट हो गया हो, लेकिन माता जी अभी भी आती जाती हैं। दरअसल, खेती बाड़ी अभी गांव पर है तो उसकी देखरेख के लिए आना जाना होता रहता है।
सोनू पाठक ने बताया कि, भाई की ससुराल जयपुर में ही है। भाभी पल्लवी का आर्मी बैकग्राउंड है। उनकी शादी गायत्री परिवार रीति रिवाज से देहरादून में हुई थी। उनकी दस साल की बेटी कुहू है। बता दें कि, शहादत के बाद सेना ने पल्लवी को उनकी ससुराल भेज दिया है।
बंधक लोगों को छुड़ाया, दोनों आतंकी हुए ढेर
दरअसल, हंदवाड़ा के जंगली इलाकों से 3 किमी दूर छाजीमुल्लाह गांव के एक घर में कुछ आतंकियों ने लोगों को बंधक बना लिया था। सुरक्षाबलों ने बंधकों को छुड़वाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। टीम का नेतृत्व 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिग ऑफिसर आशुतोष शर्मा खुद कर रहे थे। उनके साथ एक मेजर और जम्मू-कश्मीर के पुलिस जवानों को मिलाकर 5 लोगों की टीम थी। जब जवान घर के भीतर गए तो आतंकी पास में बने गाय के बाड़े में छिपे थे। सुरक्षाबलों ने घर से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तभी आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस बीच सुरक्षाबलों से कोई भी खबर आनी बंद हो गई। कई घंटे तक सुरक्षाबलों से संपर्क कटा रहा। माना जा रहा है कि आतंकियों ने सुरक्षाबलों की कम्युनिकेशन डिवाइस ले ली थी। पूरी रात बारिश भी होती रही। रविवार सुबह 7 बजे के आसपास फायरिंग रुकी। इसके बाद सेना ने घर की छानबीन की। तब पता चला कि सेना की कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए, लेकिन इस दौरान कर्नल आशुतोष शर्मा समेत 5 जवान शहीद भी हो गए।
दो बार मिल चुका था सेना मेडल
कर्नल आशुतोष शर्मा की वीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उन्हें दो बार सेना मेडल मिल चुका था। बताया जाता है कि, एक बार कश्मीर में सेना के जवान सड़क पर तैनात थे। एक आतंकी कश्मीरी फिरन पहने उनकी ओर बढ़ रहा था। कर्नल आशुतोष की पैनी नजर उस आतंकी पर पड़ी और उन्होंने नजदीक जाकर यानी प्वाइंट ब्लैंक रेंज से उसे गोली मार दी। कर्नल आशुतोष ने तब ऐसा कर वहां तैनात अपने और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई जवानों की जान बचा ली थी। वे तकरीबन ढाई साल से 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे। कमांडिंग ऑफिसर रहते ही उन्हें पिछले साल इस जांबाजी के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। इससे पहले भी उन्हें एक बार और सेना मेडल दिया जा चुका है।
कोरोनावायरस के खिलाफ जंग के लिएगोरखपुर पुलिस ने अनोखी पहल शुरू की है। यहां रविवार को पुलिस के द्वारा शहर के प्रमुख चौक-चौराहों व अन्य स्थानों पर इस वैश्विक बीमारी की संवेदनशीलता को दर्शाते हुए पोस्टर चस्पा किए गए हैं। लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। पुलिस ने कोरोना वॉरियर्स के समर्पित करते हुए भी पोस्टर बनवाया है। लेकिन एक पोस्टर में कोरोना रूपी यमराज के सामने डटकर खड़ी पुलिस का दृश्यबरबस ही लोगों का ध्यान खींच रहा है। बता दें, सोमवार से लॉकडाउन 3.0 शुरू हो रहा है। लेकिन जिला प्रशासन ने कोई राहत देने से इंकार कर दिया। कहा है कि,जिला भले ही ऑरेंज जोन में है, लेकिन सख्ती रेड जोन की तरह ही रहने वाली है।जरूरी सामानों को लेकरडोर स्टेप व्यवस्थाजारी रहेगी।
गोरखपुर में अब तक कोरोना के तीन केस सामने आ चुके हैं। यहां स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आसपास के जिलों से संदिग्धों के सैंपल आते हैं। ऐसे में लोगों की एक चूक सबपर भारी पड़ सकती है।ऐसे में गोरखपुर पुलिस ने लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित करने को नायाब तरकीब खोजी है। सभी थानों के माध्यम से अलग-अलग मोहल्ले में ये पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं।पोस्टर को अस्पताल और दुकानों के बंद शटर पर भी लगाया जा रहा है।जिससे लोगों का ध्यान इस पर जा सके।इसके साथ ही इसे गली-मोहल्लों और चौराहों पर भी चस्पा किया जा रहा है।
पोस्टर में यमराज के रूप में भैंसे पर कोरोना वायरस को बैठे दिखाया गया है। उसेसामने खड़ा एक पुलिसकर्मी रोकता हुआ दिख रहा है।इस पर ‘मैं इसे रोकता हूं, आप घर पर ही रहिए’ स्लोगन लिखकर लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।पोस्टर पर यूपी पुलिस के लोगो के साथ ‘जीवन और मृत्यु के बीच खड़ी है खाकी’ स्लोगन सकारात्मक भाव पैदा करने का संदेश दे रहा है।पोस्टर के नीचे ‘आपकी सुरक्षा, हमारा संकल्प’ और ‘गोरखपुर पुलिस’ लिखा गया है। दूसरे पोस्टर में पुलिसवालों की टीम शहर में गश्त करते हुए दिखाई दे रही है।वहीं उस पर स्लोगन ‘कोरोना से बचाव के लिए पुलिस बाहर है।कृपया आप घर में ही रहें.’ स्लोगन कोरोना फाइटर्स के जज्बे को प्रदर्शित करता है।एक पोस्टर में ‘स्टे सेफ, स्टे होम’ स्लोगन लिखकर घरों में रहने के संकल्प को दोहराया गया है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में रविवार को कोरोनावायरस के तीननए केस सामने आए हैं। जबकि दोपुराने रोगियों की दूसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। ये दोनों तब्लीगी जमात के संपर्क में आकर कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे। यहां अब तक64 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। एक की मौत हुई है। जबकि, 9 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।आज 4 और मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। हालांकि, 50 लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। उनका उपचार चल रहा है। प्रशासन ने हॉटस्पॉट में लगातार सर्वे, स्क्रीनिंग व सैनिटाइजेशन करा रहा है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि, केजीएमयू लखनऊ में कुल 45 सैंपल भेजे गए थे, जिनमें से 44 की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। इनमें 5 पॉजिटिव व 39 निगेटिव रिपोर्ट आई है। दोकेस पहले से ही कोरोना पॉजिटिव हैं और उनकी रिपीट सैंपलिंग ली गई थी। ये दोनों लोग जमात के व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग से सामने आए थे। जबकि, तीन नए पॉजिटिव केस में एक का संबंध तबलीगी जमात के व्यक्ति के प्राइमरी कांटेक्ट से संपर्क के कारण हुआ था। यह मदनपुरा के 75 वर्षीय व्यक्ति हैं,जो कर्नाटक के व्यक्ति के संपर्क में आए हुए अन्य साथी नमाजी व्यक्ति के संपर्क में आएथे। यहां अब तक तब्लीगी जमाती व उनके संपर्क में आए 18 लोग संक्रमित मिल चुके हैं। वहीं,दो अन्य नए पॉजिटिव केस में बीएचयू की महिला साइंटिस्ट का एक 1 वर्षीय पुत्र व उनके 66 वर्षीय पिता हैं। दोनों को महिला साइंटिस्ट के साथ ही बीएचयू के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
44 रिपोर्ट में 16 ऐसे लोगों के सैंपल थे, जिनकी दोबारा जांच कराई गई। इनमें दो पॉजिटिव व 14 निगेटिव रिजल्ट प्राप्त हुए। 4 लोगों को अस्पताल से छोड़ दिया जाएगा। इनमें पांडे हवेली निवासी 19 वर्षीय युवक व3 जमाती शामिल हैं। इन चारों का संबंध मदनपुरा के हॉटस्पॉट से है। जमात के लोगों को फिलहाल शिवपुर में ही अलग मेडिकल क्वारैंटाइन में रखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। जिले रविवार को एक युवक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या चार हो गई है। डीएम, एसपी सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। प्रशासन ने संक्रमित युवक के घर से एक किलोमीटर के दायरे को हॉटस्पॉट जोन घोषित करते हुए बैरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया गया है।
संक्रमित गांव के 806 घरों में रहने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है। सैनिटाइजेशन भी जारी है। ग्रामसभा व उसके तीन मजरों में रह रहे 15 हजार लोगों को घर में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के गंजमुरादाबाद ब्लॉक के गांव ब्योली इस्लामाबाद निवासी 25 वर्षीय युवक लखनऊ के चिनहट स्थित निजी नर्सिंगहोम में (चंदन हॉस्पिटल) में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी है।
लखनऊ कानर्सिंग होम सील होने के बाद आया था घर
नर्सिंगहोम की दो नर्सों में कोरोना की पुष्टि के बाद लखनऊ प्रशासन ने उसे सील कर दिया। वहां काम करने वाले कर्मचारी बिना जांच ही घर चले गए। नर्सिंगहोम का यह कर्मचारी भी गुरुवार को ट्रक में बैठकर अपने गांव आ गया। ग्राम प्रधान अशोक सिंह को जानकारी होने पर उन्होंने कंट्रोलरूम में सूचना दी। गुरुवार सुबह एंबुलेंस उसके घर पहुंची और उसे सरस्वती मेडिकल कॉलेज में बनाए गए कोविड-19 अस्पताल में आइसोलेट कर दिया गया।
सीएमओ आशुतोष कुमार ने बताया कि पॉजिटिव केस आया है जिसमे एक पीड़ित को लखनऊ के एलेवल वार्ड में भर्ती किया गया है दो पीड़ित हमारे लखनऊ के सालामऊ हॉस्पिटल में भर्ती है।
उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में 180 नए संक्रमित मिले। प्रदेश में कुल 2499 मामले हो गए हैं। 1765 एक्टिव केस हैं। इसमें 1129 तब्लीगी जमात से सम्बंधित हैं। राज्य में कुल 43 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। रविवार को नासिक से श्रमिकों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन सुबह चारबाग स्टेशनपहुंची। यहां से उन्हेें रोडवेज की बसों से उनके गृह जनपदों में भेज दिया गया।
17 रूट्सपर मजदूरों को भेजा गया घर
नासिक से 21 घंटे के सफ़र के बाद यूपी लौटे 847 प्रवासी मजदूरों का चेहरा खिला हुआ दिखा। इनमें पांच साल से कम उम्र के 11 बच्चे भी थे। 22 मार्च के बाद पहली बार चारबाग स्टेशन पर कोई यात्री ट्रेन पहुंची।
कोरोना वॉरियर्स को भारतीय वायुसेना का सलाम
महामारी के खिलाफ डॉक्टरों ने मजबूती से मोर्चा संभालाहै। इन कोरोना वॉरियर्स का मनोबल बढ़ाने के लिएरविवार सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल युनिवर्सिटी (केजीएमयू) में तथा 10 बजकर 22 मिनट पर पीजीआई (ट्रॉमा सेंटर) पर फूलों की वर्षा की गई। 12: 20 बजेविधानसभा पर भी फ्लाई मार्च हुआ।
वाराणसी में सोशल डिस्टेंसिंग ताक पर
वाराणसी सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ। प्रशासन ने सब्जी मंडी खुलने का वक्त तय किया है। लेकिन, सुबह यहां पैर रखने की जगहह नहीं थी।
लापरवाही करने वाले उप निरीक्षक और तीन सिपाही हुए लाइन हाजिर
गाजियाबाद: जिलेमें ड्यूटी के दौरान लापरवाही करने को लेकर एक उप-निरीक्षक और तीन कांस्टेबल को पुलिस लाइंस भेजा गया। एक अधिकारी के अनुसार, इन कर्मचारियों ने कथित तौर पर शराब तस्करों की मदद की। अवैध पार्किंग चलाने वालों से भी वसूली का आरोप है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि लाल बाग पुलिस चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अखिलेश कुमार और कांस्टेबल राहुल कुमार, धर्मेंद्र कुमार और वरुण कुमार को शनिवार को पुलिस लाइंस भेज दिया गया।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच राज्य के फिरोजाबाद जिले में रविवार को एक साथ 9 लोग पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद यहां का आंकड़ा बढ़कर 139 तक पहुंच गया है। जिले में अब तक 39 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं और दो लोगों की मौत हो चुकी है। अब जिले में फिलहाल 97 केस एक्टिव मोड में हैं।
इससे पहले फिरोजाबाद में शनिवार को कोरोना के 12नए केस मिले। इनमें पांच लोग कलक्ट्रेट के संक्रमित कर्मचारी के संपर्क में आने से संक्रमित हुए तो तीन तीन केस हॉटस्पॉट एरिया नेहरू नगर, दुर्गेश नगर से जुडे़ हैं। जिले में संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से लोग संक्रमित होते जा रहे हैं।
गांधी नगर निवासी कलक्ट्रेट का कर्मचारी विगत 29 अप्रैल को संक्रमित मिला था। इसके बाद कर्मचारी के परिजनों और संपर्क में आए लोगों को क्वारैंटाइन कर सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। शनिवार को आई रिपोर्ट में परिवार के तीन सदस्य और एक पड़ोसी पॉजिटिव आए। वहीं गांधी नगर का एक निजी चिकित्सक भी पॉजिटिव मिला था।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में रविवार को तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इस मौके पर छिबरामऊ क्षेत्र के बहादुरपुर गांव के तीन कोरोना योद्धाओं को चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ ने तालियां बजाकर उनका सम्मान किया। प्रशासन ने ठीक होने पर एम्बुलेंस से तीनों को उनके घर भिजवाया। इस तरह से चार मरीजों के ठीक होने के बाद अब कन्नौज जिले में सिर्फ तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज रह गए हैं। जिनकी भी रिपोर्ट एक-दो दिन में आ जाएगी।
कन्नौज के विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव के निवासी रिटायर्ड शिक्षक सौदान सिंह व उनके परिवार के चार अन्य सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले थे। इनमें सौदान सिंह का उपचार केजीएमयू लखनऊ में चलने के बाद उन्हे वापस मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया था। परिवार के चार सदस्य सीएचसी तिर्वा में भर्ती थे। सौदान सिंह व उनकी पत्नी अनेक देवी पुत्र कौशलेन्द्र की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हे अस्पताल से रिलीव कर घर भेजने का फैसला लिया।
डिस्चार्ज होने पर पैरामेडिकल स्टॉफ ने तालियां बजाकर स्वागत किया
सौदान सिंह को राजकीय मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ.दिलीप सिंह व पैरामेडिकल स्टॉफ ने उनके स्वस्थ होने पर तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। बाद में उन्हें एम्बुलेंस के जरिए घर को भेजा गया। इसी तरह से सीएचसी तिर्वा में भी उनकी पत्नी अनेक देवी व पुत्र कौशलेन्द्र को चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अवधेश कुमार, डॉ.राजन कुमार व फार्मासिस्ट शिवप्रकाश राजपूत समेत चिकित्साकर्मियों ने तालियां बजाकर उनकी इस कोरोना काल के दौरान पूर्णरूप से स्वास्थ्य होने पर हौसला अफजाई करते हुए तीनों को एम्बुलेंस के जरिए घर को रवाना किया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी कृष्ण स्वरुप ने बताया कि अब हमारे कन्नौज जनपद में केवल तीन केस एक्टिव रह गये है। बाकी चार लोगों की छुट्टी हो चुकी है। अब कन्नौज जनपद में टोटल तीन पेसेंट है जिनमें से तीनों का सैंपल गया हुआ है। अब तक जो है करीब 600जांच हमारे यहां हो चुकी है। इसमें से टोटल सात हमारें यहां पॉजिटिव निकले थे। जिसमें से चार पूर्णरूप से स्वस्थ्य होकर अपने घर चले गये है। यह तीनों की अगर रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, तो एक-दो दिन में यह लोग भी डिस्चार्ज हो जायेंगे।
लॉकडाउन के बाद अहमदाबाद में फंसे 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन रविवार सुबह 9:10 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 पर पहुंची। स्टेशन पर उतरने के बाद मजदूरों के चेहरे खुशी से चमक उठे। प्लेटफार्म पर मौजूद मेडिकल टीम ने उनकी थर्मल स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य परीक्षण किया। यह सभी मजदूर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के रहने वाले हैं। जिला प्रशासन सरकारी बसों से इन सभी मजदूरों को उनके जदपदों तक पहुंचाने का काम करेगा।
कोरोनावायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए पूरे देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। देशवासियों से अपील की गई थी कि जो जहां पर वहीं रहे। इस स्थिति में देश के विभिन्न राज्यों में काम करने वाले मजदूर फंस गए। लंबे समय से प्रवासी मजदूर परिजन यह मांग कर रहे थे कि अन्य जनपदों में फंसे लोगों को उनके घरों तक लाया जाए। इसके बाद गृह मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया था।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पहुंची स्पेशल ट्रेन से उतरे मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिग का उदाहरण पेश किया। सभी मजदूर एक लाइन से ट्रेन से उतरे। इसके बाद वहां मौजूद पुलिस टीम को अपने नाम पते और मोबाइल नंबर नोट कराए। इसके बाद मेडिकल कैंप में सभी प्रवासी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जनपद रवाना होने वाले मजदूरों के हाथों पर होम क्वारैंटाइन की मुहर लगाई गई। मजदूरों को उनके जनपदों तक पहुंचाने के लिए सरकारी बसों की व्यवस्था की गई है।
स्टेशन अधीक्षक आरपीएन त्रिवेदी ने बताया- साबरमती से कानपुर के लिए स्पेशल ट्रेन चलाईगई है। इसमें यूपी के विभिन्न जिलों के मजदूर हैं, प्रशासन की तरफ से बसों की व्यवस्था की गई है। मेडिकल परीक्षण के बाद जो जिस जनपद का है उसे वहां भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में 24 घंटे के अंदर ताबड़तोड़ दो हत्याओं से जिले में अफरा तफरी मच गई। रविवार को जिले के मोहनगंज थाना क्षेत्र के लालूपुर मजरे युसूफ नगर में बीती रात दुकान पर सो रहे व्यापारी की अज्ञात बदमाशों ने गला घोटकर हत्या कर दी। सूचना मिलते ही उच्चाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर स्थलीय निरीक्षण कर लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इससे पहले शनिवार सुबह मुंशीगंज थाना क्षेत्र में मंदिर से लौट रहे अधेड़ की लाठी डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
मोहनगंज थाना क्षेत्र के लालूपुर मजरे युसूफ नगर में व्यापारी रामकुमार (50) अपनी दुकान में सो रहा था तब उसके साथ ये घटना घटित हुई। मृतक रामकुमार के पिता हरि प्रसाद ने बताया कि प्रतिदिन की भांति खाना-पीना खाकर रामकुमार दुकान पर सोने के लिए चला आया था। वह सुबह मुझे जगाने के लिए आता था, आज जब नहीं आया तब हमने अपने नाती को भेजा तो देखा कि वह मरा पड़ा हुआ है।
पिता ने कहा- हमारी किसी से दुश्मनी नहीं, पता नहीं किसने मारा
पिता ने बताया कि रामकुमार स्वभाव से बहुत सीधा था, उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। पता नहीं किसने उसके साथ इस तरह कर दिया, जबकि हमारी किसी से दुश्मनी भी नहीं है। मृतक के भतीजे ने बताया कि मैं जब यहां पर आया तो चाचा के गले में फंदा पड़ा हुआ था, वह गिरे थे दुकान का पैसा और बक्सा गायब था।
सीओ तिलोई अर्पित कपूर ने बताया कि आज लालूपुर गांव में एक घटना हुई है जिसमें हार्डवेयर के व्यवसाई रामकुमार की गला दबाकर हत्या की गई है। मौके पर सभी उच्च अधिकारी द्वारा पहुंचकर निरीक्षक कर लिया गया है। इसी के साथ मौके पर फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट, सर्विलांस एवं क्राइम ब्रांच की टीम के साथ हमारे मोहनगंज थाने की टीम लगी हुई है, जल्दी ही इस घटना का अनावरण किया जाएगा। घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है और अभी कुछ कह पाना भी मुश्किल है। लेकिन शीघ्र ही घटना का खुलासा सही तरीके से किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोनावायरस संक्रमण में लॉकडाउन में महाराष्ट्र के नासिक रोड में फंसे 847 लोग ट्रेन से लखनऊ पहुंचने के बाद रोडवेज की बसों से अपने-अपने गृह जनपद रवाना हो गए। इस बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विशेष ट्रेन से लखनऊ पहुंचे श्रमिकों से टिकट की कीमत वसूलने बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा है कि जब पैसे ही लेने थे तो कोविड-19 केयर फंड में पैसे क्यों डलवाए गए।
अखिलेश यादव ने रविवार सुबह दो ट्वीट किए। उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा, ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मजदूरों से भाजपा सरकार का रुपया वसूलना बेहद शर्मनाक है। आज साफ हो गया है कि पूंजीपतियों का अरबों माफ करनेवाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के खिलाफ। विपत्ति के समय गरीबों का शोषण करना सूदखोरों का काम होता है, सरकार का नहीं।
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब तो भाजपा के आहत समर्थक भी यह सोच रहे हैं कि अगर समाज के सबसे गरीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार को पैसे लेने थे तो तरह-तरह के फंड में जो खरबों रुपया तमाम दबाव व भावनात्मक अपील करके डलवाया गया है उसका क्या होगा। अब तो यूपी में आरोग्य सेतु एप से भी 100 रुपया वसूलने की खबर है।
पीएम केयर फंड में 100-100 रुपए जमा होने पर प्रियंका गांधी ने भीउठाए थे सवाल
भदोही में कोविड-19 के लिए सरकारी महकमा द्वारा पीएम केयर में सौ सौ रुपए फंड जुटाने को लेकर उन्होंने हमला किया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट के जरिए लिखा था, ''एक सुझाव: जब जनता त्राहिमाम कर रही है। राशन, पानी, नकदी की किल्लत है और सरकारी महकमा सबसे सौ-सौ रुपए पीएम केयर के लिए वसूल रहा है। तब हर नजरिए से उचित रहेगा कि पीएम केयर की सरकारी ऑडिट भी हो?
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में लॉकडाउन के बीच बीते 24 घंटे में दो किशोरियों का अपहरण कर उनके साथ ज्यादती की वारदात को अंजाम दिया गया, जबकि एक ग्रामीण की हत्या कर दी गई। इससे जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस किशोरियों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा है। जबकि, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दावा है कि, इन वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी जल्द ही गिरफ्तार कर घटना का खुलासा होगा।
साथ सो रहे बेटे को पिता की हत्या की भनक नहीं लगी
संदना थाना क्षेत्र के केशुवामऊ निवासी राजबहादुर अपने 9 वर्षीय बेटे के साथ शनिवार रातघर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। देर रात अज्ञात हमलावरों ने राजबहादुर की धारदार से गला रेतकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर हमलवार मौके से फरार हो गए। चारपाई पर सोया बेटा पिता की मौत से अंजान रहा। सुबह जब परिजनों की आंख खुली तो घटनास्थल देखकर उनके होश उड़ गए। पिता की मौत के बाद पत्नी समेत 5 बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस का कहना हैकि परिजनों के बयान के आधार पर यह प्रतीत होता हैकि वारदात पुरानी रंजिश के चलते अंजाम दी गयी है।लेकिन अभी तक अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा है।
दुष्कर्म की दो वारदात, एक आरोपी गिरफ्तार
वहीं, अपहरण और दुष्कर्म की पहली वारदात मानपुर थाना क्षेत्र की है। यहां दो दिन पूर्व घर के बाहर से एक किशोरी का अपहरण कर गांव के ही आरोपी ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और उसे दूसरे थाना क्षेत्र में शनिवार शाम छोड़कर फरार हो गया। परिजनों ने किशोरी को बरामद कर मामले की सूचना पुलिस को दी। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है,जबकि किशोरी की हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, दूसरी वारदात इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र की है। यहां शौच गयी 11 वर्षीय किशोरी से गांव के ही युवक ने दुष्कर्म किया। किशोरी की हालत बिगड़ने पर युवक मौके से फरार हो गया। परिजनों ने किशोरी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
पीड़िताओं की हालत स्थिर, अफसरों ने जाना हाल
पुलिस के आलाधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर किशोरियों के परिजनों से मुलाकात की और दोनों मामलों में केस दर्ज कर जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाईका आश्वासन दिया। पुलिस का कहना हैकि दोनों की हालत अब स्थिरहैऔर आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए टीम को लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोावायरस का असर तेजी से अपने पांच पसार रहा है। कोरोना संकट को लेकर नोएडा में बसी हुई जेजे कॉलोनी (झुग्गी बस्ती) में पिछले दिनों कोरोनावायरस के मरीज बड़ी संख्या में मिलने के बाद अब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर हर घर की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य यह है कि समय रहते कोविड-19 संक्रमित मरीजों की पहचान कर, उन्हें पृथक-वास में भेजा जा सके। शहर के सेक्टर-8, सेक्टर-9 और सेक्टर-10 की झुग्गी बस्तियों में अब तक कोविड-19 से संक्रमित 30 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है।
इससे पहले शुक्रवार को भी इन झुग्गियों से कोरोना वायरस के 10 नए मरीज सामने आए। अधिकारियों के अनुसार शनिवार को भी यहां पर कोविड-19 का एक मरीज मिला है और कई ऐसे मरीज भी हैं जिनके संक्रमण के कारणों के बारे में स्वास्थ्य विभाग के पास पूरी जानकारी नहीं है। इन झुग्गियों में संक्रमण को रोकने के लिए तीन-तीन टीमें काम कर रही हैं जो यहां लोगों से बीमारी के लक्षणों के बारे में पूछ रही हैं।
झुग्गियों में घर-घर स्क्रीनिंग शुरू
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि झुग्गियों में घर-घर सर्वेक्षण और स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर डॉक्टरों की टीम लगाई गई है जो वहां रहने वाले लोगों में लक्षण के आधार पर बीमारियों का इलाज शुरू करेगी और संदिग्ध मरीजों को पृथक-वास में रखकर उनके नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। ओहरी के मुताबिक भविष्य में भी इसी तरह यहां जांच अभियान जारी रहेगा।
सीएमओ ने बताया की झुग्गियों में रहने वाले प्रत्येक परिवार के कम से कम एक-एक सदस्य के नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे। अन्य लोगों में लक्षण दिखने पर जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 500 लोगों को पृथक-वास में रखने की तैयारी की जा रही है और 100 से ज्यादा लोगों को पृथक वार्ड में भर्ती किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि इन क्षेत्रों से न तो किसी को निकलने की अनुमति दी जाएगी और न ही किसी के प्रवेश की इजाजत होगी।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। शनिवार की देर शाम 14 नए केस सामने आए। इनमें सिपाही की तीन साल की बेटी भी संक्रमित मिली। सिपाही का पहले से ही कांशीराम ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्ची को आइसोलेट कराने पहुंची तो उसकी मां बेहोश हो गई। बच्ची भी अपनी मां को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। यह पल सभी के लिए भावुक पल था। टीम ने बच्ची से उसके पिता की बात कराई। पिता ने कहा- ये लोग तुम्हे मेरे पास लेकर आ रहे हैं, तब वह साथ चलने को तैयार हुई। शहर में संक्रमितों की संख्या 235 पहुंच गई है। यहां 19 मरीज ठीक हुए हैं। 4 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
14 कोरोना पॉजिटिव मिले
दरअसल, शनिवार देर शाम 293 लोगों की रिपोर्ट आई थी, जिसमें से 14 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमें एसएसपी के पीआरओ, एलआईयू की महिला इंस्पेक्टर, पुलिस लाइन के छह सिपाही व एक रायपुरवा थाने में तैनात ट्रैफिक सिपाही की तीन साल की बच्ची संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ पुलिस लाइन में तैनात प्रतिसार निरीक्षक की पत्नी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एक अन्य शख्स में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, एक प्राइवेट लैब से जांच कराने वाली गर्भवती की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।
शहर में अभी तक हॉटस्पॉट एरिया में ड्यूटी करने वाले 24 पुलिसकर्मियों में संक्रमण की पुष्टी हो चुकी है। हॉटस्पॉट एरिया चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज, बजरिया, जाजमऊ चौकी के सिपाही और दरोगा शामिल हैं। पुलिस विभाग में पाए गए नए संक्रमितों की ट्रैवेल हिस्ट्री जुटाई जा रही है। संक्रमितों के संपर्क में आने सभी लोगों को क्वारैंटाइन किया जाएगा और सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
सिपाही की बच्ची को मनाने में छूटे पसीने
रायपुरवा थाने में तैनात सिपाही 6 दिन पहले संक्रमित पाया गया था। संक्रमित सिपाही को कांशीराम ट्रामा सेंटर के कोविड-19 अस्पताल में इलाज के भर्ती कराया गया था। दरअसल संक्रमित सिपाही अनवरगंज थाने में बने आवासीय परिसर में पत्नी और 3 साल की बेटी के साथ रहता था। सिपाही की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पत्नी और बेटी के नमूने लिए गए थे। शनिवार को पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव और बेटी संक्रमित पाई गई। जब मेडिकल टीम और पुलिस बच्ची को इलाज के लिए लेने घर पहुंची तो सिपाही की पत्नी बेहोश हो गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्ची को चॉकलेट और बिस्कुट दिए। इसके बाद भी बच्ची स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ जाने को तैयार नहीं हुई। बच्ची मां को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। वो रोये जा रही थी, यह देखकर महिला सिपाही भी भावुक हो गई।
पिता ने मनाया तो साथ जाने के लिए हुई तैयार
स्वास्थ्य की टीम ने बच्ची की बात सिपाही से कराई। जब सिपाही ने कहा कि बेटा यह लोग आप को मेरे पास लेकर आ रहे हैं। यहां पर दोनो लोग खूब खेलेंगें, इसके बाद बच्ची स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ जाने के लिए तैयार हुई। सिपाही और बच्ची को एक साथ कांशीराम ट्रामा सेंटर में रखा गया है। रविवार को पिता के साथ बच्ची के डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में शनिवार रात झांसी बॉर्डर पर पहुंचे कामगारों को प्रशासन ने रोक लिया। जैसे ही वाहनों को रोका गया, उनमें लगभग 5 हजार से अधिक कामगार मजदूरों ने सड़क पर उतरकर हंगामा किया और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को तोड़ते हुए रोड पर जाम की स्थिति पैदा कर दी। देर रात जालौन के एएसपी और झांसी सिटी एसपी ने कई थानों की फोर्स बुलाकर स्थिति को संभाला। सभी कामगारों को रोककर उनका नाम-पता लेते हुए शासन से अनुमति मिलने के बाद उन्हें रवाना किया। ये मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश से आ रहे थे।
झांसी-जालौन बॉर्डर को सील करते हुए 24 घंटे पुलिस टीम की ड्यूटी लगाई गई है। शनिवार की रात ट्रक, पिकअप व लोडर में सवार लोगों को देखकर पुलिस ने वाहनों को रोकना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में सैकड़ों गाड़ियां आ गईं, जिनमें से करीब पांच हजार लोगों को उतारा गया। इसके बाद मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया और रोड जाम कर दिया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया।
बता दें कि ये सभी गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में काम करने वाले हैं और घरों को लौट रहे थे। उनका कहना था कि कई प्रांतों व शहरों को पार करके यहां तक पहुंचे हैं, अब आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है। मजदूरों का कहना है कि, वह कई दिनों से भूखे हैं और उनके खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। अब वह यहां पर रोक लिए गए हैं। वहीं प्रशासन ने सभी के नाम व पता नोट करने के बाद श्रमिकों की सूची शासन को भेजी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन फेज-2 का आज अंतिम दिन है। इसके साथ ही लॉकडाउन 3.0 में उत्तर प्रदेश सरकार रेड जोन में आने वाले 19 जिलों में कोई भी छूट नहीं दे रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उनको इसका स्पष्ट निर्देश दिया है। योगी ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
केंद्र सरकार के लॉकडाउन-3 को हर बार की तरह हर हाल में सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के आपसी समन्वय पर जोर देते हुए स्पष्ट कहा है कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के तीसरे चरण को लेकर जो गाइडलाइन दी हैं, उसके आधार पर रविवार को सरकार ने जिलों को अपना दिशा-निर्देश जारी किया।
अधिकारियों के साथ सीएम ने की वीडियो कांफ्रेंसिंग
लॉकडाउन के तीसरे चरण के पालन के संबंध में मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया। सीएम ने कहा कि सभी जिलों में मंडियां खुले स्थान पर संचालित हों, जहां शारीरिक दूरी हर हाल में रहे। साथ ही मंडियों को सुबह से शाम तक चलाएं, ताकि अचानक ज्यादा भीड़ न पहुंचे। मंडियों में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीआरडी के जवानों की भी सेवा ली जाए।
सीएम ने कहा कि मंडी आने वाले लोगों में संक्रमण को चेक किया जाए। इससे सामुदायिक संक्रमण को रोका जा सकता है। वहीं, लोगों की सुविधा के लिए हॉटस्पॉट क्षेत्र के बाहर सब्जियों की दुकानें ज्यादा समय तक खोली जाएं।राशन, किराना, दवा की दुकानों पर ज्यादा भीड़ न लगने पाए। उन्होंने अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों की पूरी जांच, क्वारंटाइन प्रोटोकॉल और होम क्वारंटाइन पर भेजे जाने वाले श्रमिकों को खाद्यान्न का पैकेट भी उपलब्ध कराने के लिए कहा। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के बाद से मंडियां रात में ही खोली जा रही थीं।
पुलिस को संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती
योगी आदित्यनाथ ने कहा लॉकडाउन को प्रभावी बनाने में हमारे सभी पुलिस अधिकारियों की बड़ी भूमिका है। उन्हें संक्रमण से बचाना भी बड़ी चुनौती है। सभी पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि वे ग्लव्स, मास्क, सैनिटाइजर आदि का उपयोग करते हुए स्वयं को सुरक्षित रखें। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराएं लेकिन, जनता का अनावश्यक उत्पीडऩ न किया जाए।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, अनावश्यक टिप्पणियां करने वालों को चिह्नित कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही गोकशी, लूटपाट और महिला उत्पीडऩ जैसी घटनाएं भी न हों।
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में कोविड-19 के 25 नये मामले सामने आने के साथ जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 536 हो गई है। जिले में अबतक कोविड-19 से 15 लोगों की मौत हुई है और 130 लोग ठीक हो चुके हैं। आगरा में नये संक्रमितों मेंसब्जी विक्रेता भी शामिलहैं और सिंकदरा और बसई की थोक सब्जी मंडी से सब्जी लाकर जिले के अलग-अलग स्थलों पर इसकी बिक्री करते हैं।
शनिवार को सुबह से रात तक 42 और लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। अब तक जिले में 543 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने इसकी पुष्टि की है।तीन दिनों में कोरोना के 110 नए मरीज मिल चुके हैं।30 अप्रैल को 46, एक मई को 22 और दो मई को 42 संक्रमित बढ़े। तीनों दिनों का औसत देखा जाए तो हर दिन 36 से ज्यादा मरीज मिले हैं।कोरोना संक्रमण से साथ कोरोना से जंग जीतने की दर भी तेज है। अब तक 134 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।15 संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
सब्जी विक्रेताओं पर पुलिस की नजर
पूल टेस्टिंग में 12 और सब्जी विक्रेता संक्रमित मिले हैं। इनमें से पांच कोतवाली क्षेत्र के हैं और सात लोहामंडी के। ये बसई और सिकंदरा दोनों मंडी से सब्जी लाते थे। सिकंदरा, लोहामंडी, जयपुर हाउस में बेचते थे। अब तक 25 से ज्यादा सब्जी विक्रेता संक्रमित मिल चुके हैं।अब इनकी जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
सभी की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है। इनके सैंपल लोहामंडी, कोतवाली और सदर में लिए गए थे। सदर में लिए गए सैंपल में 10 से ज्यादा संक्रमित मिले। इनसे पहले एत्माद्दौला क्षेत्र में दूधिए संक्रमित मिले थे। फ्रीगंज, ताजगंज में सब्जी वाले पहले भी संक्रमित मिल चुके हैं।
कोरोनावायरस महामारी की जंग पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनीहै। महामारी के खिलाफ डॉक्टरों ने भी मजबूती से मोर्चा संभाला है। इन डॉक्टरों के जज्बे को सलाम करने के लिएरविवार सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में और10 बजकर 22 मिनट पर पीजीआई (ट्रॉमा सेंटर) पर फूलों की वर्षा की गई। लखनऊ में कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं को सम्मान देने के लिए यहां के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट (एसजी पीजीआई ) को चुना। यहां मौजूद डॉक्टर्स नर्स के रूप में कोरोना योद्धाओं ने इसका खुले दिल से स्वागत किया।इसके अलावा वाराणसीऔर आगरा समेत कई जिलों में भी कोरोना वॉरियर्स के ऊपर फूल बरसाए गए।
ऐसा था माहौल
लखनऊ के चौक इलाके में स्थित केजीएमयू के प्रशासनिक भवन के सामने बने ग्राउंड पर सुबह 9 बजे से ही इंतजार किया जाने लगा था। यहां20 से 25 डॉक्टर वहां जुटे थे। वीसी डॉ. एमएल भट्ट हाथों में लाल रंग का केजीएमयू का झंडा लहरा रहे थे तो सफेद एप्रिन में जूनियर डॉक्टर्स भी उनका हौसला बढ़ा रहे थे। लगभग 10.15 पर आसमान में एक हेलीकॉप्टर आया और ढेर सारी गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश से कर दी। जैसे ही गुलाब के पंखुड़ियां नीचे डॉक्टर्स तक पहुंची पूरा माहौल खुशनुमा और उत्साह से भर गया। लगातार तीन बार हेलीकॉप्टर ने डॉक्टर्स पर फूल बरसाए।
वीसी डॉ. एमएल भट्ट ने कहा कि यह हमारे लिए सम्मान की बात है ऐसा पहली बार हुआ है कि हमें इतना सम्मान दिया गया है। इतना हर्षोउल्लास यहां हमने नहीं देखा है। चिकित्सक का पेशे से जो जनता का विश्वास उठ गया था वह फिर से स्थापित हुआ है। हमारे डॉक्टर्स के भी पूरे दम खम से कोरोना को हराने में लगे हुए हैं।
डॉ. विशेष और डॉ. पल्लवी बार बार हेलीकॉप्टर को जाते हुए और आते हुए अपने मोबाइल में कैप्चर करना चाह रही थी। डॉ. पल्लवी कहती हैं कि हम कल से इस पल का वेट कर रहे थे। हमारे ग्रुप में इस पल को लेकर बहुत उत्साह था। हम इस समय बहुत प्राउड फील कर रहे हैं। जिस तरह से सेना और पुलिस फोर्स को सम्मान मिलता था आज उसी तरह हमको भी सम्मान दिया जा रहा है। यह गर्व की बात है।
वाराणसी में 4 अस्पतालों के ऊपर हुई फूलों की बारिश
एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर द्वारा वाराणसी के चार हॉस्पिटल पर कोरोना वाॅरियर्स और कोरोना पेशेंट के हौसला अफजाई के लिए फूलों की पंखुड़ियां बरसा कर उनका अभिनंदन और स्वागत किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से 400 किलो फूलों की व्यवस्था की गई है। सेना का हेलीकॉप्टर बाबतपुर एयरपोर्ट से उड़ान भर के ईएसआई शिवपुर हॉस्पिटल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, सर सुंदरलाल हॉस्पिटल, और बीएचयू के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल सेंटर पर सेना के जवानों द्वारा फूलों की वर्षा की जा रही है।
रविवार की सुबह करीब 10 बजे के बीच बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के ओपीडी, माइक्रोबायोलॉजी लैब व आइसोलेशन वार्ड, दीनदयाल अस्पताल और ईएसआई अस्पताल पर आसमान से चार कुंतल फूलों की बारिश वायुसेना के दो हेलीकाप्टर द्वारा की गई। एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को दोनों हेलीकाप्टर ने बाबतपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी और तीनों अस्पताल पर पुष्पवर्षा की गई।
आगरा में सरोजिनी नायडू मेडकिल कॉलेज के उपर हुई फूलों की बारिश
ताजनगरी में रविवार की सुबह तकरीबन सवा 10 बजे सेना के हेलीकॉप्टरों से एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कॉलेज के ऊपर पुष्पवर्षा की गई। सेना ने एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए और कोरोना को हराने में जी जान जुटे चिकित्साकर्मियों को सलाम किया। इस दौरान चिकित्साकर्मियों ने भी ताली बजाकर सेना का अभिवादन स्वीकार किया।उत्तर प्रदेश में आगरा कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 543 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। वायरस की चपेट में कई चिकित्साकर्मी भी आ चुके हैं। इसके बावजूद इनका हौसला कम नहीं हुआ है। पूरे जी-जान से यह चिकित्साकर्मी कोरोना को हराने में जुटे हैं।
संगम नगरी प्रयागराज में दो दिन पहलेलूकरगंज में संक्रमित मिले सिविल इंजीनियर की पत्नी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। दंपती के बेटे का सैंपल इनवैलिड हो जाने से रविवार को दोबारा जांच की जाएगी।वहीं प्रतापगढ़ जिले में दो संदिग्धों में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है।रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेज की ओर से दोनों जिलों के स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को सूचना भेज दी गई है।
बेटे का सैंपल इनवैलिड आया, दोबारा जांच होगी
लूकरगंज निवासीसिविल इंजीनियरबीते शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद उनकी पत्नी, बेटे, साले और साली के सैंपल जांच के लिए भेज गए थे। इनमें से पत्नी के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर क्वारैंटाइन सेंटर से स्वरुपरानी नेहरू अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया है। पति भी को बुखार आने पर शनिवार को कोटवा से एसआरएन में भर्ती किया गया है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि, दंपती के बेटी की जांच रविवार को होगी। इस तरह प्रयागराज मेंवर्तमान में कुल नौ मरीज भर्ती हैं। उधर, प्रतापगढ़ में मुबई से आया मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिला है, जो कि अंतू थाना क्षेत्र के गरवारीपुर शुकुलपुर का रहने वाला है। प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉक्टरएके श्रीवास्तव ने बताया कि, दूसरी संक्रमित मरीज महिला है। जो कि हथिगवां थाना क्षेत्र के बिहरिया गांव की है।वह हाल ही में मुंबई से लौटी है।
कोटवा सीएचसी कोविड 19 लेवल वन में कराया गया था भर्ती
लूकरगंज के इंजीनियर की रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजीटिव आने पर लेवल वन कोटवा एट बनी सीएचसी में भर्ती कराया था। शनिवार की सुबह से उसे तेज बुखार होने लगा। यह देख डॉक्टर भी परेशान हो गए। ऐसे में कोटवा सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अमृत लाल यादव ने उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद मरीज को लेवल थ्री के अस्पताल स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। इलाज में लगे डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को तेज बुखार और ब्लड प्रेशर की समस्या है। उसका इलाज किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। इस बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेन से नासिक से 21 घंटे के सफ़र के बाद यूपी लौटे 847 प्रवासी मजदूरों का चेहरा खिला हुआ दिखा। लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने नासिक से शनिवार सुबह 10:22 मिनट पर यह स्पेशल ट्रेन लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर रविवार सुबह 5:50 मिनट पर पहुंचे। कुल 17 डिब्बों वाली इस ट्रेन में 847 प्रवासी मजदूर सवार थे। इनमें पांच साल से कम उम्र के 11 बच्चे भी शामिल रहे।
अधिकारियों के मुताबिक करीब 42 दिन बाद चारबाग स्टेशन पर कोई यात्री ट्रेन आई हैं। आखिरी बार 22 मार्च को यहां ट्रेन आई थी। वहीं लखनऊ के ऐशबाग स्टेशन से 23 मार्च को सुबह आखिरी ट्रेन गुजरी थी। नासिक से आए 847 प्रवासी मजदूरों की एक-एक करके थर्मल स्कैनिंग की जांच की गई हैं। नाम-पता मोबाइल नम्बर के साथ नोट किया जा रहा हैं। साथ ही जिला पूछकर इन्हें बसों में भेजा जा रहा है।
17 रूटों के 38 जिलों को जाएंगे बसें: स्पेशल ट्रेनों से आने वाले प्रवासियों के लिए 17 रूटों पर परिवहन निगम बसों की व्यवस्था की गई थी। करीब 30 जिले बस से कवर होंगे जहां पर मजदूरों को छोडा जाएगा हालांकि इनमें अधिकतर बहराइच, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। हर बस में एक होमगार्ड और एक यूपी पुलिस के सिपाही को भी भेजा जाएगा। स्पेशल ट्रेन लखनऊ पहुंचने के बाद इसका खाली रैक मध्य रेलवे को वापस भेज दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 180 नए मरीज विभिन्न जिलों में बढ़े हैं। अब तक प्रदेश में 2499 मामले सामने आए हैं जिसमें 1765 एक्टिव केस शामिल हैं। इसमें 1129 लोग तब्लीगी जमात से सम्बंधित हैं। आंकडों के अनुसार अब तक प्रदेश में 43 मौतें हो चुकी हैं। अधिकारियों के मुताबिक यूपी के 64 जिलों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है।
कोरोना से अब तक कुल 43 मौतें हुईं: गाजियाबाद, अमरोहा, बरेली, बस्ती, वाराणसी, बुलन्दशहर, लखनऊ, अलीगढ़, श्रावस्ती व मथुरा में 1-1, फिरोजाबाद में 2, कानपुर में 4, मेरठ में 6, मुरादाबाद में 7, व आगरा में कोरोना से अब तक कुल 14 मौतें हुईं हैं।
698 कोरोना स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए पेसेंट: आगरा से 104, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 94, लखनऊ से 69, गाजियाबाद से 44, लखीमपुर-खीरी से 4, कानपुर नगर से 19, पीलीभीत से 2, मुरादाबाद से 45, वाराणसी से 8, शामली से 25, जौनपुर से 5, बागपत से 14, मेरठ से 53, बरेली से 6, बुलन्दशहर से 13, बस्ती से 13, हापुड़ से 6, गाजीपुर से 5, आज़मगढ़ से 4, फ़िरोज़ाबाद से 33, हरदोई से 2, प्रतापगढ़ से 6, सहारनपुर से 16, शाहजहांपुर से 1, बांदा से 3, महराजगंज से 6, हाँथरस से 4, मिर्जापुर से 2, औरैय्या से 4, बाराबंकी से 1, कौशाम्बी से 2, बिजनौर से 21, सीतापुर से 17, प्रयागराज से 1, मथुरा से 4, बदायूं से 2, रामपुर से 7, मुजफ्फरनगर से 9, अमरोहा से 12, भदोहीं से 1, कासगंज से 3, इटावा से 1, संभल से 1, कन्नौज से 3 व मैनपुरी से भी 3 कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ पूर्णतया करवाकर डिस्चार्ज किया गया।
अब तक 2499 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण: आगरा में 536, लखनऊ में 222, कानपुर नगर में 227,सहारनपुर में 202, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 159, फिरोजाबाद में 137, मेरठ, मुरादाबाद में 113, गाजियाबाद में 68, वाराणसी में 61, बुलन्दशहर में 54, रायबरेली में 44, अलीगढ़ में 41, अमरोहा में 30, बस्ती में 32, हापुड़ में 35, बिजनौर में 34, संतकबीरनगर-शामली में 27-27 , रामपुर में 25, मुजफ्फरनगर में 23, मथुरा में 22, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत में 17 और बदायूं में 16 मामले सामने आए हैं।
कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद भी अपराध की गतिविधियां कम नहीं हो रही हैं। बागपत जिला जेल में शनिवार को दिन में बंदियों के बीच बवाल में एक ऋषिपाल की हत्या कर दी गई। बवाल में आधा दर्जन से अधिक घायल हैं। इस बीच डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा है कि डीआईजी जेल लव कुमार को जांच के लिए तत्काल मौके पर भेजा जा रहा है जांच की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।
जेल में बंदियों के दो गुटों में संघर्ष में ऋषिपाल पर साथी बंदियों ने चम्मचों से हमला बोल दिया। खूनी संघर्ष में नुकीले चम्मचों के हमले से घायल ऋषिपाल ने दम तोड़ दिया। अन्य घायलों का जेल के अस्पताल में इलाज चल रहा है।ऋषिपाल पर नुकीली वस्तु से ताबड़तोड़ प्रहार किया गया था। दो गुटों के संघर्ष में घायल अमित पुत्र सुरेशपाल जौनमाना गांव का रहने वालाहै।
बीते दिनों पूर्व प्रधान ओमपालव ऋषिपाल पक्ष के बीच गोलीबारी हुई थी। इसी मामले में दोनों पक्ष के एक दर्जन लोग बंद थे। बागपत जिला जेल में शनिवार को दिन में बंदियों के बीच बवाल में ऋषिपाल की हत्या कर दी गई। बवाल में आधा दर्जन से अधिक घायल हैं।
जिला कारागार में हुई थी मुन्ना बजरंगी की हत्या
इससे पहले बागपत जिला जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या की अभी सीबीआई जांच जारी है, इसी बीच शनिवार को यहां एक और बंदी की हत्या को अंजाम दिया गया है। बागपत जेल में बंदी की हत्या से यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद बागपत जेल में आज एक बार फिर से हत्या की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया है। बागपत जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी ने पेशी पर आए मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी थी। अब इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है।
गैर राज्यों में रह रहे यूपी के श्रमिक बड़ी संख्या में यूपी आ रहे हैं। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इसको देखते हुए सरकार कार्ययोजना बनाने में जुट गई है। उप्र के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को कहा कि यूपी में 15 से 20 लाख रोजगार के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने कहा कि यूपी में आज अब तक2455 संक्रमित मरीज सामने आए हैं इनमें 1756 एक्टिव केस हैं। आजकुल127 नए मामले आए हैं। अभी तक656 मरीज डिस्चार्ज हुएहैं जबकि 43 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।अब तक 4431 सैंपल का परीक्षण किया गया है।
उन्होंने कहा किप्रदेश में 286 थाने में कुल हॉटस्पॉट की संख्या 433 पहुंच गई है।फेक न्यूज़ पर भी लगतार कार्रवाई की जा रही है।कोई भी फेक न्यूज़ न चलाये। अवस्थी ने बताया कि पहली ट्रेन नासिक से आज सुबह 845 श्रमिकों को लेकर ट्रेन चली है जोगा झांसी कानपुर के रास्ते कल लखनऊ आ जाएगी।
अवस्थी ने बताया कि गुजरात समेत अन्य राज्यों से चर्चा कर ट्रेनों से श्रमिकों को लाया जाएगा पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी श्रमिकों की सूची और उनकी स्क्रीनिंग कर उन्हें स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र भी सरकारों के अधिकारियों से मांगा गया है। अवैध रूप से अंतर राज्य व अंतर्जनपदीय आवागमन को भी हर हाल में रोकने के निर्देश दिए हैं। ऐसे सभी श्रमिकों का डाटा दर्ज किया जाएगा, जो दूसरे राज्यों से आ रहे हैं वह किस कार्य में दक्ष है इसके भी आंकड़े दुरुस्त कर भविष्य में उन्हें काम देने का कार्य शुरू कर दिया जाए।
हॉटस्पॉट एरिया में खुल सकती हैं ये दुकानें: मुख्य सचिव आर के तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में हॉटस्पॉट क्षेत्रों के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों में स्थित दुकानें विशेष रूप से निर्माण सामग्री यथा ईंट, सीमेंट, मौरंग, बालू, सरिया, हार्डवेयर आदि तथा मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकानों को सशर्त खोले जाने की अनुमति दी जाएगी। इन दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजेशन के प्रावधानों तथा गृह मंत्रालय के निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।
श्रमिकों के काम के घंटे और वेतन तय करेगी सरकार
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सरकार अन्य राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। काम के दौरान इन्हें शोषण से बचाने के लिए अब प्रदेश सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने की तैयारी में है। इसके जरिए श्रमिकों के काम के घंटे और वेतन तय किए जाएंगे। सीएम योगी ने जल्द ही अध्यादेश को तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाई गई टीम-11 के साथ शनिवार को हुई बैठक में सीएम योगी बाहर से आए श्रमिकों को रोजगार देने की योजना पर चर्चा कर रहे थे। कोरोना लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के करीब 15 लाख श्रमिक गृह राज्य वापस आ रहे हैं। इनमें से कुछ पहले ही बसों के जरिए आ चुके हैं। सीएम योगी ने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ लॉकडाउन की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि श्रमिकों के लिए एक अध्यादेश तैयार कर लें, जिसमें उनका वेतन और उनके कार्य करने का समय निर्धारित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 15 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का कार्य प्रारंभ कर देना चाहिए।
समीक्षा बैठक में योगी ने दिया कार्ययोजना बनाने के निर्देश
समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जिस प्रकार से चीनी मिल और ईंट भट्टों को चालू किया गया है, ठीक वैसे ही अन्य उद्योगों को चलाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाए। उद्योगों को सावधानीपूर्वक शुरू किया जाए, साथ ही उद्योगों का प्रोटोकॉल भी निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि गृह विभाग राज्य सरकारों से बात करके ये स्पष्ट कर ले कि जिनका नाम उनके द्वारा भेजी गई सूची में नहीं होगा, उनको प्रवेश देना संभव नहीं होगा। मंडियों मे सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित कर लें।
कोरोनावायरस का असर पूरे देश में फैला हुआ है। इसको लेकर यूपी के रहने वाले कामगार कई राज्यों में फंसे हुए हैं। इस बीच केंद्र सरकार की पहलके बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन नासिक से चारबाग रेलवे स्टेशन पर आएगी। यह ट्रेन नासिक से शनिवार को रवाना हो चुकी है। रविवार सुबह करीब 5.30 बजे आने की संभावना है। ट्रेन से उत्तर प्रदेश के फंसे हुए करीब 847 लोगों को 17 कोच में जिलेवार बिठाकर रवाना किया गया। इसको लेकर स्टेशन पर तैयारियां तेज हो गई हैं।
रेल अधिकारियों के मुताबिक स्टेशन पर ट्रेन के आने के बाद लोगों को दो भाग में बांटकर कॉनकोर्स प्रथम व द्वितीय से दो लाइन बनाकर निकाला जाएगा। सोशल डिस्टेंसिन्ग का पालन कराने के लिए रेलवे ने यहां पर एक-एक मीटर पर मार्किंग की है जिससे एक एक कर लोगों को स्टेशन के बाहर स्कैनिंग कर सीधे बसों में बैठाया जाएगा।
ज़िला प्रशासन ने कराया बसों का इंतजाम
जीआरपी से मिली जानकारी के मुताबिक यहां ट्रेन से आने वाले लोगों के लिए जिला प्रशासन की ओर से बसें लगाई जा रही हैं। प्रदेश के अलग अलग जिलों में भेजने के लिए करीब 60 से 65 बसों के आने का अनुमान है। जिलेवार यात्रियों की सूचना नगर आयुक्त और ज़िला प्रशासन को पहले ही भेज दी गई है। इसी आधार पर यात्रियों को बाहर निकाला जाएगा। स्कैनिंग के बाद यात्रियों को यहां पर जिला प्रशासन की ओर से खाने के पैकेट भी वितरित किये जायेंगे।
नासिक से यात्रियों को कोच में जिलेवार बैठाकर लाया जा रहा है। इसके ज़िला प्रशासन को लोगों को बसों में भेजना आसान होगा। वहीं, ट्रेन कोच में 108 सीटों पर 52 से 54 यात्रियों को ही एक कोच से लाया जा रहा है। चारबाग स्टेशन पर तैयारियों का जायजा लेने के लिए सुबह एडीआरएम अमित श्रीवास्तव ने दौरा किया और जरूरी निर्देश जारी किए जबकि की भी स्थिति से निपटने के लिये पूर्वोत्तर रेलवे डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने भी स्टेशन का दौरा कर व्यवस्थाएं परखीं।
अन्य जगहों से भी लखनऊ आएगी ट्रेनें
रेल अधिकारियों के मुताबिक नासिक के बाद लखनऊ में भी ट्रेनों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक दो दिन बाद दूसरी ट्रेन नागपुर से लखनऊ आएगी और फिर दिल्ली से श्रमिकों और छात्रों को लेकर ट्रेन लखनऊ आएगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे कोरोना वॉरियर्स का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के पैरामेडिकल स्टॉफ का है, इसमें मेडिकल ने स्टॉफ आमिर खान की मशहूर मूवी लगान के गाने हमसे कोई हमसे जीत न पावे चले चलो पर डांस किया।
वायरल हो रहा वीडियो
वीडियो वायरल होते ही लाखों लोगों ने इसे देखा। सोशल मीडिया पर इन कोरोना वॉरियर्सकी जमकर तारीफ हो रही है,जिसने भी यह वीडियो एक बार देखा वो कई बार देखने को मजबूर हो गए। हैलट अस्पताल में लेबल-03 का कोविड-19 हॉस्पिटल तैयार किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में संक्रमितों का इलाज चल रहा है।
कानपुर में 221 संक्रमित, इनमें चार की मौत
कानपुर में संक्रमितों की संख्या 221 पहुंच गई है,जिसमें 17 पेसेंट स्वस्थ होकरडिस्चार्ज किए जा चुके है और चार की मौत हो चुकी है। हैलट अस्पताल के इस वायरल वीडियो में एक डॉक्टर पीपीई किट पहन कर लगान मूवी के सांग पर हाथ धुलने के तरीके को बताते हुए नजर आते हैं। इसके बाद दो महिला डॉक्टर मास्क और हाथों में ग्लब्स पहन कर आती है और डांस करती है। इसी बीच प्रतीकात्मक कोरोना की एंट्री होती है जिसे महिला डॉक्टर मार कर भगाती है। इस वीडियों ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है।
उत्तरप्रदेश के बस्ती में शनिवार को सात मजदूर पॉजिटिव मिले। ये उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें सरकारी बसों में महाराष्ट्र से लाया गया है।इसके पहले,गुरुवार देर शाम तक मेरठ, आगरा और झांसी में नए पॉजिटिव मिले। यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2455तक पहुंच गई।अभी तक 655 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रदेश में 43 लोगों की मौत हो चुकी है।
गैर राज्यों में रह रहे श्रमिक बड़ी संख्या में यूपी आ रहे हैं। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इसको देखते हुए सरकार कार्ययोजना बनाने में जुट गई है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को कहा कि यूपी में 15 से 20 लाख रोजगार के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा- प्रदेश में कुल हॉटस्पॉट की संख्या 433 पहुंच गई है। पहली ट्रेन नासिक से शनिवार सुबह 845 श्रमिकों को लेकर ट्रेन चली है, जो झांसी-कानपुर के रास्ते रविवार को लखनऊ आ जाएगी। गुजरात समेत अन्य राज्यों से चर्चा कर ट्रेनों से श्रमिकों को लाया जाएगा।
कोरोना अपडेट्स
अब तक 2455 पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण:आगरा में 507, कानपुर नगर में 222, लखनऊ में 217, सहारनपुर में 192, फिरोजाबाद में 124, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 154, मेरठ में 105, मुरादाबाद में 110, गाजियाबाद में 65, वाराणसी में 61, बुलन्दशहर में 51, रायबरेली में 44, अलीगढ़ में 35, हापुड़ में 33, बिजनौर में 32, शामली में 27, अमरोहा, संतकबीरनगर 26-26, बस्ती में 25, मुजफ्फरनगर में 23, रामपुर में 24, सीतापुर में 20, संभल में 19, बागपत और बदायूं में 16-16, मथुरा में 13, औरैया में 10, प्रतापगढ़, बहराइच, झांसी, एटा में 9-9, बरेली, जौनपुर, आजमगढ़ में 8-8, बांदा, कन्नौज, महराजगंज में 7-7, ग़ाज़ीपुर में 6, प्रयागराज, श्रावस्ती, मैनपुरी, हाथरस में पांच-पांच, लखीमपुर खीरी में 4, पीलीभीत मिर्जापुर, कासगंज, जालौन, सुल्तानपुर, में 3-3, हरदोई, कौशाम्बी, गोंडा, सिद्धार्थनगर, भदोही, उन्नाव, इटावा, गोरखपुर में दो-दो, शाहजहांपुर,बाराबंकी, मऊ, बलरामपुर, अयोध्या, कानपुर देहात,देवरिया में एक-एक कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।
उत्तर प्रदेश ही नहीं देशभर में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दूसरे चरण 3 मई को खत्म होने से पहले शुक्रवार की शाम को तीसरे चरण का ऐलान कर दिया है। इस बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जनता त्राहिमाम कर रही है और सरकार पीएम केयर फंड के लिए सौ-सौ रुपए वसूल रही है।
भदोही में कोविड-19 के लिए सरकारी महकमा द्वारा पीएम केयर में सौ सौ रुपए फंड जुटाने को लेकर उन्होंने हमला किया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट के जरिए लिखा, ''एक सुझाव: जब जनता त्राहिमाम कर रही है। राशन, पानी, नकदी की किल्लत है और सरकारी महकमा सबसे सौ-सौ रुपए पीएम केयर के लिए वसूल रहा है। तब हर नजरिए से उचित रहेगा कि पीएम केयर की सरकारी ऑडिट भी हो?
जिलाधिकारी भदोही के आदेश पर 100-100 रुपए जमा करने का फरमान
जिलाधिकारी भदोही के आदेश के बाद मंगलवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने विकास खंड के हर व्यक्ति को आरोग्य ऐप डाउनलोड कराने के साथ ही 100 रूपये पीएम केयर फंड के लिए सहयोग राशि भी देना सुनिश्चित करे। आदेश की एक प्रतिलिपि जिलाधिकारी भदोही को भी प्रेषित की गई है।
17 मई तक बढ़ाया गया है लॉकडाउन
तीसरे चरण का लॉकडाउन दो सप्ताह के लिए बढ़ाया गया है। यानी 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन रहेगा। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर व छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है। कई राज्यों में प्रवासियों को खाने समेत तमाम तरह की दिक्कतें हो रही हैं। हालांकि हर राज्य सरकारों का दावा है कि वह मजदूरों को खाना व रहने की जगह उपलब्ध करा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी के कुलपति डॉ. राजकुमार ने कहा है कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज में एलोपैथिक के साथ आयुर्वेदिक दवाओं का समायोजन कारगर साबित हो सकता है।
डॉ.राजकुमार ने शनिवार को यहां बताया कि सैफई मेडिकल यूनीवर्सिटी स्थित कोविड-19 अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 72 मरीजों को एलोपैथ और आयुर्वेदिक के समायोजन से कारगर इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज में एलोपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को भी समाहित किया जा रहा है। उसके लिए रिस्क फैक्टर्स या मॉडरेट सिम्टम वाले मरीजों में ट्रायल बेसिस पर इसको आजमाया जाएगा। कोविड-19 पाॅजिटिव मरीजों को प्रतिदिन आयुर्वेदिक काढ़ा दिन में दो समय सुबह 11 बजे और सायं चार बजे दिया जा रहा है।
सकारात्मक परिणाम मिले
कुलपति ने बताया कि इस आयुर्वेदिक काढ़े में सोंठ, अदरक, हल्दी, दालचीनी, लौंग, इलायची, तुलसी और चीनी का मिश्रण किया गया है। उन्होंने बताया, अस्पताल में भर्ती 72 मरीजों में 67 एसिम्प्टमेटिक, चार मरीजों को माइल्ड सिम्टम और एक मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत थी। आठ मरीज ही माइल्ड सिम्टम वाले हैं। किसी भी मरीज में मॉडरेट या सीवियर सिम्टम डेवलप नहीं हुए हैं और कोई भी मरीज ऑक्सीजन या वेंटीलेटर पर नहीं है। उन्होंने बताया, आयुर्वेदिक काढ़े के उपयोग से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। जबकि गाइड लाइन के अनुसार मरीजों को एलोपैथ दवाइयां भी दी जा रही हैं। वह न्यूरो सर्जन होने के साथ न्यूरो आयुर्वेद में पीएचडीधारक आयुर्वेदाचार्य भी हैं। कोविड-19 अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए गठित हॉस्पिटल मैनेजमेंट कमिटी, आइसोलेशन कमिटी, सेनिटेशन कमिटी, क्वारंटाइन कमिटी, लाॅजिस्टिक कमिटी पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। मरीजों के लिए तीनों टाइम पौष्टिक भोजन एवं सुबह-शाम आयुर्वेदिक काढ़ा के साथ ही अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं मुहैया कराई जा रही हैं। मरीजों को ध्यान और जरूरी कुछ योगासन भी एक्सपट्स द्वारा कराए जा रहे हैं।
200-250 मरीज रोज देखे जा रहे हैं
कुलपति ने बताया कि कोरोना कन्ट्रोल रूम वर्तमान में 24 घंटे कोरोना-19 अस्पताल के हर व्यवस्था का संचालन गहनता से कर रहा है। कोविड-19 के मरीजों को सुबह-शाम व्यायाम और योगासन कराए जा रहे हैं। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी गतिविधि में मरीज को शारीरिक थकावट व सांस की गति में वृद्धि न हो। मरीज मास्क पहने रहते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की इमरजेंसी ट्रामा व ट्रायज भी प्रतिदिन काम कर रही है। 200 से 250 मरीज प्रतिदिन देखे जा रहे हैं। हेड इंजरी वार्ड में 15 मरीज मेडिकल आइसीयू में, 17 बर्न वार्ड में, 47 गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा प्रतिदिन 20 मरीजों की डिलीवरी की जा रही है। इस समय चिकित्सा टीम के 10 सदस्य क्वारेंटाइन में भी हैं।
यूनिवर्सिटी में 800 बेड तैयार किए गए हैं
प्रोफेसर राजकुमार ने बताया कि लाॅकडाउन के बावजूद विश्वविद्यालय में 800 बेड कोरोना से लड़ने के लिए युद्धस्तर पर तैयार किए गए हैं, जिनमें की कोविड-19 अस्पताल के लिए 200 बेड्स (आइसोलेशन वार्ड, ट्रायज, एवं आईसीयू मिलाकर) रिआर्गेनाइज किए गए हैं। इसके अलावा पेसेन्ट क्वारेंटीन के लिए 50 बेड तैयार किए गए हैं और हेल्थ केयर वर्कस क्वारंटीन के लिए 550 बेड्स तीन बिल्डिंग्स में बाथरूम समेत व्यवस्था अस्पताल प्रशासन द्वारा दिन-रात काम करके तैयार किए गए हैं। अन्य जरूरी संसाधनों जैसे फ्लू ओपीडी, कोविड-19 मरीजों के लिए अलग लाउन्ड्री व मार्चुरी इत्यादि की भी व्यवस्था की गई है। लाॅकडाउन के पाबन्दियों और तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों को झेलते हुए नाना प्रकार के व्यवधानों के बावजूद एक महीने के समय में विश्वविद्यालय ने कोविड-19 का एल-3 लेवल सेन्टर तैयार कर दिखाया है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में अब तक करीब 4627 मरीजों के सेम्पल का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा चुका है, जिनमें 146 पाॅजिटिव पाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कोरोना का एक और मामला सामने आया है। नासिक से लौटे एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। 27 अप्रैल को लौटने के बाद प्रशासन ने इसे नैनी स्थित एक क्वारैंटाइन सेंटर पर रखा था। गुरुवार को रिपोर्ट आने के बाद उसे कोटवा स्थित एल1 हॉस्पिटल में भेज दिया गया है।
इस मामले के साथ ही जिले में कोरोना पॉजिटिव के 5 मामले हो गए हैं। इनमें से एक की रिपोर्ट इलाज के बाद नेगेटिव आने पर उसे डिस्चार्ज किया जा चुका है। अब जिले में 4 मरीजों का इलाज चल रहा है।
मध्य प्रदेश के छात्रों को प्रयाग से भेजा गया
प्रयागराज आकर पढ़ाई करने वाले दूसरे राज्य के छात्र-छात्राओं को भी उनके गृह जनपद भेजे जाने की कवायद शुरू हो गई है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के 137 विद्यार्थियों को उनके घर भेजा गया। रवानगी शाम को एंग्लो बंगाली इंटर कालेज परिसर से हुई।प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में बाहर से आकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को उनके घर भेजने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में पहले उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 16 हजार विद्यार्थियों को गृह जनपद भेजा गया।
इसके बाद शुक्रवार को मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों को भेजा गया। घर जाने के इच्छुक विद्यार्थियों को कंट्रोल रूम में फोन करके नाम, पता आदि डिटेल नोट कराने के लिए कहा गया था। फिर सभी को एंग्लो बंगाली में एकत्रित किया गया। वहां से उन्हें मध्य प्रदेश भेजा गया।