यहां चौरा क्षेत्र में एक रेलवे क्रॉसिंग के पास मालगाड़ी के सामने कूदकर युवक-युवती ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बताया, दोनों के शव कांधी रेलवे क्रॉसिंग के पास से बरामद कर लिया है। चौरी पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने बताया, दंपति की पहचान जौनपुर जिले के हीरापट्टी गांव के रहने वाले 22 साल के संदीप राजभर और काजल के रूप में की गई है।
लड़की के घरवालों ने किया था विरोध
बताया गया कि दोनों के संबंधों पर परिवार के सदस्यों ने विरोध जताया था। शुक्रवार को दोनों फोन पर बात कर रहे थे, उसी समय लड़की के घर वालों ने मोबाइल फोन छीन लिया था। इसके बाद दोनों ने शुक्रवार की दोपहर घर छोड़ दिया और मालगाड़ी के सामने कूदकर जान दे दी। दोनों के पास से तीन मोबाइल फोन मिले हैं।
यहां एक पुलिस चौकीपर 14 साल का एक लड़का हाथ में डंडालेकर लोगों को यह समझा रहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करें और फालतू घरों से नहीं निकलें। गमछा, रूमाल या फिर मास्क अपने चेहरे पर लगाएं और साबुन व सैनेटाइजर का बार-बार इस्तेमाल करें।
नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भेजूंगा
सौम्या अग्रवाल बताते हैं, लॉकडाउन का पालन किया जाना चाहिए। यदि कोई लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करता है तो मैं इस पुलिस चौकीका ‘इनचार्ज’ हूं, मैं उसके खिलाफ केस रजिस्टर करूंगा और अपराधीको जेल भेजा जाएगा।
लोग मानते हैं सौम्य की अपील
मीठीपुरवा निवासी सौम्य की लीडरशिप क्वालिटी को देखकर पुलिस ने उसे यहां के थाने के‘इनचार्ज’ के रूप में पेश कियाहै। जब यह किशोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहे गए वाक्य दो गज दूरी बहुत जरूरी है को दोहराते हैं तो उसकी इस स्टाइल को यहां के लोग पसंद करते हैं और गंभीरता से लेते हैं।
सफल प्रयोग
पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा कहते हैं, यह कम्युनिटी पुलिसिंग का जमाना है....हम नरमी बरत रहे हैं और अपने आपको लोगों को एक मददगारके रूप में भी बता रहे हैं। मोतीपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ जेपी शुक्ला कहते हैं, मीठीपुरवा पुलिस आउटपोस्ट के इनचार्ज अजय तिवारी को यह मालूम हुआ कि सौम्य पुलिस फोर्स ज्वाइन करना चाहता है तो उन्होंने यह प्रयोग किया। सौम्य को मीठीपुरवा पुलिस आउटपोस्ट का इनचार्ज घोषित किया गया था। अजय तिवारी की जगह सौम्य के साथ पुलिस टीम भेजी जाती है। अजय तिवारी ने कहा, प्रयोग सफल साबित हो रहा है और लोग लॉकडाउन नियमों का पालन कर रहे हैं।
लोग लॉकडाउन के महत्व को समझेंगे
बहराइच के सांसद अक्षयवर लाल इस प्रयोग की प्रशंसा करते हुए कहते हैं, इससे लोग लॉकडाउन के महत्व को समझेंगे। वे सौम्य की भी प्रशंसा करते हैं और उसे सलाह दी है कि वे अपना ख्याल भी रखें और अपनी पढ़ाई पर भी फोकस रखें। इससे वे पुलिस फोर्स में जाने के अपने सपने को पूरा कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच मेरठ में 24 घटें के भीतर कोरोना के 10 नए मरीज मिले हैं, जिनमे से एक की मौत हो गई है। मेरठ में कोरोना के मरीजों की संख्या 115 हो गई है। इनमें से 53 की छुट्टी हो चुकी है, जबकि छह की मौत, बाकी 56 का इलाज चल रहा है। नए मरीजों में 57 साल के व्यक्ति हैं, जो खरखौदा खासपुर के हैं। दिल्ली में भर्ती थे। इनकी आज सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, मेरठ में एक दिन पहले कोरोना संक्रमित आया व्यक्ति लॉकडाउन में भी बिरयानी बेचता रहा। तबीयत खराब होने पर हफ्तेभर पहले उसने बिरयानी का ठेला लगाना बंद किया। आशंका है कि संक्रमित होने के बावजूद उसने कई दिन तक बिरयानी बेची होगी। रोजाना इस ठेले पर बिरयानी खाने वाले सैकड़ों लोगों में अब दहशत की स्थिति है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने इसके संपर्क में आने वाले 32 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया है।
ब्रह्मपुरी क्षेत्र में भूमिया पुल निवासी एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट गुरुवार रात पॉजिटिव आई है। उसका इलाज मेरठ मेडिकल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेवल हिस्ट्री जुटानी शुरू की तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। पता चला कि वह मेट्रो प्लाजा पर अन्नपूर्णा छोले-भटूरे वाले के पास ठेला लगाकर वेज बिरयानी बेचता था। लॉकडाउन होने के बाद उसने ठेला गौतमनगर सब्जी मंडी स्थित गली के बाहर खड़ा करना शुरू कर दिया।
पुलिस की सख्ती के बाद गली में लगाता था ठेला
पिछले दिनों पुलिस सख्ती हुई तो उसने ठेला गली के भीतर लगा लिया। कुल मिलाकर लॉकडाउन में वह लगातार वेज बिरयानी बेचता रहा। बताया कि एक सप्ताह पहले अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद से ही ठेला लगना बंद हुआ। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बिरयानी विक्रेता के चार परिजनों को क्वारंटाइन कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग मान रहा है कि किसी ग्राहक या सब्जी मंडी में वह संक्रमित हुआ है।
उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में कोरोनावायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के बीच लोगों की दुशवारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लॉकडाउन की मार सीजन में होने वाली शादियों पर भी पड़ी है। उप्र में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें शादियों के दौरान दुल्हन लेने गई बारात वहीं फंस गई। एक वाकया मिर्जापुर का है जहां बिहार से आईबारात लॉकडाउन में ही फंस गई। हालत यह हुई कि शादी में आए मेहमानों को खाना खिलाने के लिए धुनिया मास्टर को पुलिस की मदद लेनी पड़ी तो सुल्तानपुर से कोलकाता अपनी दुल्हन लाने गया दूल्हा वहीं फंस गया।
गरीब परिवार के लिए लॉकडाउन ने बढ़ाईमुसीबत
लॉकडाउन के बीच डेढ़ माह तक शादी में आए मेहमानों की खातिरदारी करने के लिए धुनिया मास्टर को गांव वालों के साथ ही पुलिस की मदद लेनी पड़ी। तब कहीं जाकर वह मेहमानों का पेट भर पाया। लॉकडाउन के दौरान गरीबों के सामने महामारी ने विकट समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे दौर में भारी-भरकम लोगों की रोज व्यवस्था करना मुसीबत बन गया था।एसडीएम मडिहान विमल कुमार दुबे के अभिभावक की भूमिका में आने के बाद मेहमानों को करीब डेढ़ माह बाद उनके घरों के लिए विदा किया गया। मेहमानों से भरी दो बसों को बहरछठ गाँव से हरी झंडी दिखाकर बिहार के लिए एसडीएम ने रवाना किया।
दरअसल,मड़िहान थाना क्षेत्र के पटेहरा बहरछठ गांव निवासी मुस्तफा उर्फ धुनिया मास्टर के परिवार में एक युवकऔर दो युवतियोंकी शादी थी। लड़के का निकाह 18 मार्च तो दोनों लड़कियों का 22 एवं 23 मार्च को था। शादी में शरीक होने के लिए बिहार से 95 की संख्या में मेहमान जुटे थे। इस बीच 24 तारीख की आधीरात से लॉकडाउन हो गया। आवागमन के साधन बंद होने से उनके सामने जाने की और बुलाने वाले के सामने दो वक्त के भोजन कराने की समस्या खड़ी हो गई।
गरीब परिवार के लिए लॉकडाउन मुसीबत बन गया। जानकारी लगने पर एसडीएम ने सभी का जांच कराया। उन्हें एक ही जगह प्रवास करने की बात कहकर समुचित व्यवस्था किया।बिहार से शादी में आकर फंसे मुस्तफा के 95 रिश्तेदार 45 दिनों बाद अपने घर पहुंचेंगे। 24 मार्च की रात्रि में लागू लॉकडाउन की वजह से बिहार नहीं लौट सके थे। सभी बहरछठ गांव निवासी मुस्तफा के दो नातिनों की शादी में शामिल होने 17 मार्च को आए थे।
मुस्तफा के पहली नातिन की 17 व दूसरे की 23 मार्च को शादी थी। रिश्तेदारों ने सोचा था कि एक दिन और रुककर 25 मार्च को घर निकलेंगे,लेकिन 24 मार्च की रात्रि में लॉकडाउन लागू होने से सभी रिश्तेदार फंस गए। इधर रिश्तेदारों को खाना खिलाना भी मुस्तफा को भारी पड़ने लगा और बजट की हालत खस्ता हो गई। गांववालों ने उसकी तकलीफ को एसडीएम मड़िहान तक पहुंचाई। जिस पर उन्होंने सभी बारातियों के भोजन का प्रबंध किया। एसडीएम मड़िहान विमल कुमार दुबे ने शुक्रवार को दो बसों से सभी को बिहार भेजवाया।
सुल्तानपुर; बंगाल से दुल्हनिया लाने गया दूल्हा लॉकडाउन में फंसा
कोलकाता से दुल्हनिया लेने गया जिले का एक दूल्हा लॉकडाउन के चलते वहीं फंस गया। हालांकि, जैसे-तैसे सादगी के साथ चंद लोगों के बीच निकाह हुआ और मुस्लिम रीति रिवाज के साथ शादी सम्पन्न हो गई है। जिले के कोतवाली इलाके के शास्त्री नगर निवासी सहबान हाशमी 23 मार्च को देशभर में शुरू हुए लॉकडाउन से ठीक एक सप्ताह पूर्व कोलकाता गए थे। वहां की राशदा हाशमी से 31 मार्च को उसकी शादी तय थी।
सहबान अपनी मां और छोटे भाई के साथ कोलकाता गया था। शादी में शामिल होने के लिए अन्य रिश्तेदारो को भी जिले से कोलकाता जाना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते ट्रेने बंद हो गई, इसलिए यहां से कोई शादी में शामिल नहीं हो सका। उधर 31 मार्च को तय तारीख पर लड़की के घर पर ही सहबान, उसका भाई मां और बहन व जीजा बारात लेकर पहुंचे। सादगी के साथ मुफ्ती साहब ने निकाह पढ़ा और शादी की रस्में अदा कर दी गई।
सहबान ने बताया कि एक ही बहन है वो भी भाग्य अच्छा था कि वो कोलकाता में ब्याही थी और शादी में शामिल हो गई। सहबान बताते हैं,बिजनेस और रिश्तेदारियों के चलते उनका कोलकाता बराबर का आना-जाना है। इसलिए दोस्त यार भी उनके वहां पर बहुत हैं,जिसे देखते हुए उसने वलीमे की रस्म वहां ही रख दिया, एक मैरेज लॉन बुक किया था और 150-200 दोस्तों को आमंत्रित किया था। लेकिन लॉकडाउन के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। अब दोस्त ताने दे रहे हैं कि जब खिलाना नहीं था तो बुलाया क्यूं था?
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। पूरे यूपी में संक्रमित मरीजों की संख्या 2300 के आंकड़े को पार कर गई है जिसमें अकेले आगरा के 500 से अधिक मरीज शामिल हैं।आगरा में एक बार फिर कोरोना के मरीजो में हुआ इजाफा है। यहां संक्रमितों की संख्या 501 से बढ़कर हुए 526 पहुंच गई है। मंगलवार को एक साथ 25 नए मामले सामने हैं। इनमें से 396 मरीज एक्टिव हैं और 130 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। अब तक जिले में14 कोरोना के मरीजों की मौत हो चुकी है। आगरा में अब तक 10 से अधिक सब्जीवालों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
ताजनगरी में कोरोना संक्रमण से साथ कोरोना से जंग जीतने की दर भी तेज है। शुक्रवार को चार और ठीक होकर घर चले गए। इन्हें खंदौली में रखा गया था। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि अब तक 126 स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। 15 संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
शुक्रवार को मिले नए कोरोना मरीजों में सब्जी विक्रेता, केबिल ठीक करने वाले मैकेनिक और रिक्शा चालक शामिल हैं। पूल टेस्टिंग में ऑटो चालक की बेटी भी संक्रमित मिली है। संक्रमित सब्जी विक्रेताओं में बसई मंडी के चार और एक सिकंदरा सब्जी मंडी का है।
हॉटस्पॉट में सामने आ रहे मामले
आगरा में कोरोना वायरस के 39 हॉटस्पॉट और 175 एपीसेंटर हैं। जो नये मामले सामने आए हैं, वे हॉटस्पॉट इलाकों से संबंधित हैं और करीबी संपर्क वाले व्यक्ति के संक्रमण का शिकार हुए हैं। एस एन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में कार्यरत एक कर्मी की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी है। यहां की नर्सिंग स्टाफ और वार्ड ब्वाय की रिपोर्ट भी पॉजीटिव है।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। गोरखपुर के एक और मरीज में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं शुक्रवार शाम को एक और नए कोरोना मरीज की पुष्टि हुई है। वह मुंबई से गुरुवार को गोरखपुर पहुंचा था। प्रशासन ने एंबुलेंस ड्राइवर सहित पूरे परिवार को टीबी अस्पताल में क्वारैंटाइन में रखा गया है। वहीं जांच में एक व्यक्ति पॉजिटिव निकला, जिसके बाद गोरखपुर में कोविड -19 मरीजों की संख्या 3 हो गई है। मूलतः नेपाल का रहने वाला यह परिवार कई वर्षों से गोरखपुर के बिछिया के सर्वोदय नगर में मकान बनाकर रहता है।
पॉजिटिव व्यक्ति रेलवे में नौकरी करता है और मौजूदा समय में समस्तीपुर में तैनात है। दरअसल 28 फरवरी को यह व्यक्ति अपने पिता के कैंसर का इलाज कराने के लिए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल गया था। वहीं इलाज के दौरान ही लॉकडाउन लग जाने के कारण यह परिवार मुंबई में फंस गया। करीब एक महीने से अधिक समय मुंबई में बिताने के बाद यह परिवार 65 हजार रुपये में एक प्राइवेट एंबुलेंस बुक कराकर गोरखपुर पहुंचा था।
परिवार को क्वारैंटाइन किया गया
गोरखपुर पहुंचने के बाद पहले इस परिवार को जिला अस्पताल लाया गया और फिर वहां से टीबी अस्पताल में क्वारैंटाइन कर दिया गया। देर रात प्रशासन के लोगों ने पॉजिटिव व्यक्ति के सर्वोदय नगर मकान को भी सील कर दिया। बीते पांच दिनों में दिल्ली और मुंबई से एंबुलेंस से आए लोगों में से 3 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है।
सुबह लगभग 4:20 बजे डॉ0 द्विवेदी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गोरखपुर जिले में कोरोना सेल के प्रभारी प्रवीण सिंह को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंचे कोरोना प्रभारी प्रवीण सिंह और इंस्पेक्टर एलआईयू ने निर्णायक भूमिका निभाते हुए परिवार समेत एम्बुलेंस के चालक व परिचालक को क्वारैंटाइन में भेज दिया गया। सबका नमूना लिया गया और एक व्यक्ति को छोड़कर सबकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है।
उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन-3 की घोषणा के साथ ही तीन मई के बाद की कार्ययोजना बनाने में जिला प्रशासन जुट गया है। फिलहाल लॉकडाउन-3 में भी वर्तमान व्यवस्था ही लागू रहेगी। शहर की सीमाएं 17 मई तक पूरी तरह सील रहेंगी और मेडिकल कारण के बिना किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।दुकानों को पूरी तरह बंद रखा जाएगा और होम डिलीवरी की सुविधा को प्रभावी बनाया जाएगा।कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते प्रशासन लॉकडाउन-3 में किसी तरह की ढील नहीं देगा। मास्क लगाना अनिवार्य होगा और सोशल डिस्टेसिंग के पालन के लिए सख्ती की जाएगी।
गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन-3 की घोषणा के साथ ही प्रशासन भी आगे की कार्ययोजना बनाने में जुट गया है।दरअसल, आठ दिन में 42 केस सामने आने के बाद प्रशासन ने पूरे शहर में टोटल लॉकडाउन लागू किया है। प्रशासन की ओर से इसी टोटल लॉकडाउन को 17 मई तक लागू करने की योजना है।
इस दौरान संक्रमण को पूरी तरह रोकने के लिए कवायद होगी और नए केस नहीं आने पर शासन की गाइडलाइन पर आगे कार्ययोजना बनेगी। फिलहाल लॉकडाउन-3 में भी सरकारी व प्राइवेट अस्पताल और उनकी फार्मेसी 24 घंटे खुलेंगी। इसके अलावा पेट्रोल पंप, बैंक, सरकारी कार्यालयों को खोला जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य दुकान और संस्थान को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
बिना मास्क के निकलने पर होगी कार्रवाई
कोई भी बिना मास्क और आरोग्य एप डाउनलोड किये यदि घर से बाहर निकलेगा तो ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शहर में होम डिलिवरी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के लिए और व्यापारियों को जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के लिहाज से जिलों को तीन भागों में बांटा है।
वाराणसी को रेड जोन में रखा गया है। नौ दिन पहले तक वाराणसी इस कैटेगरी के लिहाज से आरेंज जोन में था। मगर, इस दौरान 41 कोरोना के नए मरीज सामने आने के बाद स्थिति विकराल हो गई है। और वाराणसी रेड जोन में चला गया है।
होम डिलेवरी का दावा फेल साबित हो रहा है
काशी में होम डिलिवरी के दावे बहुत हद तक फेल साबित हो रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि सब्जियां महंगी, ब्रेड गायब, तो दवाइयां भी पर्चियीं वाली नहीं मिल रही हैं। दालमंडी, नई सड़क, पातालेश्वर, पांडेय हवेली समेत दर्जनों इलाके में सब्जियां नही पहुंच रही,न राशन की दुकानें खुल रही है। मनोज सैनी ने बताया कि ब्रेड बिल्कुल नहीं मिल रहा,सब्जियां भी गलियों में नहीं आ रही हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में शुक्रवार देर रात तक 12 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। शहर में तेजी से संक्रमितों की संख्या बढती जा रही है । उत्तर प्रदेश में आगरा के बाद कानपुर में सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव पेसेंट है। प्रदेश सरकार ने कानपुर को रेडजोन में रखा है। शहर के हालात लागतार बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदेश सरकार कानपुर में अतिरिक्त मेडिकल टीम भेजने पर भी विचार कर रही है। कानपुर में संक्रमित मरीजों की सख्या 221 पहुंच गई है। जिसमें 17 मरीज डिस्चार्ज हो चुके है और चार संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वहीं शुक्रवार को सैनिटाइजर पीने वाले संक्रमित युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई है। मृतक युवक झारखंड कर रहने वाला था।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 लैब से शुक्रवार शाम 287 सैंपल की रिपोर्ट आई। जिसमें से 12 लोगों में संक्रमण की पुष्टी हुई है और 275 निगेटिव पाए गए हैं। सकंमित पाए गए लोग हॉटस्पॉट एरिया के पाए गए हैं। जिसमें 7 संक्रमित कर्नलगंज और तीन सकंमित महिलाएं बजरिया के है। इसके साथ ही बजरिया थाने के एक सिपाही में संक्रमण की पुष्टी हुई है। शहर में 13 पुलिसकर्मी संक्रमित पाए जा चुके हैं। सभी संक्रमितों को कोविड-19 हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
सैनिटाइजर पीने वाले कोरोना संक्रमित युवक की हैलट कोविड-19 अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक के शव को अस्थाई मर्चुरी में रखा गया है। मृतक झारखंड का रहने वाला था उसके परिजनों को घटना की जानकारी देदी गई है। 28 वर्षीय मृतक मूलरूप से झारखंड के साहिबगंज जिले में भदोही झारकन गांव का रहने वाला था। जनपद कानपुर देहात की भोगनीपुर पुलिस ने रास्ते से पकड़कर एहतिहातन पास के क्रैंटाइन सेंटर में भर्ती कराया था।
बुखार और सांस लेने में दिक्कत के बाद भर्ती हुआ था मरीज
क्वारैंटाइन सेंटर में भर्ती युवक की बीते 26 अप्रैल की सुबह तबियत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी। डाक्टरों ने युवक के सैंपल लेकर कानपुर मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा था। 27 अप्रैल दिन बुधवार की देर रात युवक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने 28 अप्रैल तड़के सुबह संक्रमित युवक को कानपुर के सरसौल सीएचसी कोविड-19 हॉस्पिटल रिफर किया गया था।
हैलट अधीक्षक आरके मौया के मुताबिक संक्रमित होने की वजह से उसके शव को सील कर दिया गया है। पूरे वार्ड को सैनिटाइज कराया जा रहा है। वहीं सरसौल सीएचसी के अधीक्षक एसएल वर्मा का कहना है कि युवक को मिर्गी का दौरा आता था। उसने वार्ड में रखे सैनिटाइजर पी लिया था। उसे हैलट अस्पताल रिफर किया गया था। जहां शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर के टांडा थाना इलाके के धौरहरा गांव के पास शुक्रवार देर रातपुलिस मुठभेड़ में डेढ़ लाख का इनामी बदमाश लईक पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया। वहीं मुठभेड़ के दौरान भाग रहे लईक के दूसरे साथ कलीम को पुलिस ने दौड़ाकर दबोच लिया। करीब आधे घन्टे तक चली इस कार्रवाईमें थानाध्यक्ष टांडा भी घायल हो गए। अपराधी लईक टांडा में हुई आईसीआई बैंक में लूट का मुख्य आरोपित था। इसके ऊपर कानपुर व लखनऊ में लूट व हत्या का आरोप है।लईक 2005 से फरार चल रहा था। मुठभेड़ के बाद तलाशी में लईक के पास असलहा व 20 लाख रुपया बरामद हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार शाम को स्वाट टीम प्रभारी संजय सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि टांडा में आईसीआई बैंक के लूट का मुख्य आरोपित अकबरपुर थाना इलाके के शहजादपुर निवासी लईक अपने साथी के किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहा है। सूचना पर एसपी के निर्देश पर एडिशनल एसपी अवनीश कुमार मिश्र,सीओ टांडा अमर बहादुर,थानाध्यक्ष टांडा संजय पांडेय व स्वाट टीम ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान शुरू किया।
पुलिस ने रोका तो बदमाश ने शुरू कर दी फायरिंग
चेकिंग के दौरान रात करीब 10 बजे बाइक पर आ रहे दो लोगों को पुलिस ने इशारे से रोकना चाहा तो बाइक पर सवार अपराधी लईक ने पुलिस पार्टी पर फायर झोंक दिया। गोली थानाध्यक्ष टांडा संजय पांडेय को छूकर निकल गई। इसकी वजह से वह जमीन पर गिर पड़े। थानाध्यक्ष को गोली लगते ही पुलिस ने अपराधियों पर जबाबी फायरिंग शुरू कर दिया। करीब आधे घन्टे चले मुठभेड़ के बाद बदमाश लईक पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया।जबकि मौके से भाग रहे उसके दूसरे साथी इलाहाबाद निवासी कलीम को पुलिस ने दबोच लिया।एसपी ने बताया कि लाइक के पास से कई असलहे व 20 लाख रुपए बरामद हुआ है।
लईक 2005 से चल रहा था फरार
स्वाट टीम प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि लईक शातिर अपराधी था।जरायम की दुनिया लईक को खूब जचता था।फिर चाहे लखनऊ चौक में व्यापारी से लूट का मामला रहा हो या फिर टांडा आईसीआई बैंक में दिनदहाड़े लूट रही हो लईक दोनों हाथों से फायरिंग कर अपने साथियों का मनोबल बढ़ाता था।
एसपी आलोक प्रियदर्शी के मुताबिक अकबरपुर थाना इलाके के शहजादपुर के रहने वाले लईक ने कई जिलों में लूट व हत्या का वारदात कर चुका है।लईक कानपुर के चकेरी थाना में 2005 हुई एक लूट के बाद फरार चल रहा था।इलाज के लिए बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया। थानाध्यक्ष टांडा को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।सराहनीय काम करने वाली स्वाट टीम वइस ऑपरेशन में शामिल सभीको इनाम दिया जाएगा।
आज मजदूर दिवस है। लेकिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से एक ऐसी खबर आई, जो झकझोर देने वाली है। लॉकडाउन से रोजी रोटी छिन जाने के बाद भी 34 दिन जैसे तैसे गुजार लिए, लेकिन जब लगा कि ये संकट काल एक अंधेरी सुरंग सरीखा है तो दिल्ली से बिहार तक 1300 किमी लंबे सफर पर सात मजदूर टोली बनाकर निकल पड़े। यह सफर अभी तो एक तिहाई ही पूरा हो पाया था कि शाहजहांपुर जिले में एक की मौत हो गई। उसकेसाथियों का कहना है कि मृतक अभी तो28 साल का था। उसे कोई बीमारी भी नहीं थी। फिलहाल,प्रशासन ने मृतक का सैंपल जांच के लिए भेज दिया है।वहीं, उसके साथियों को क्वारैंटाइन कर दिया है।
बिहार के खगड़िया का रहने वाला था मृतक मजदूर
मृतक का नाम धर्मवीर (28) है। वह बिहार के खगड़िया जिले के खरैता गांव का रहने वाला था।अपने जिले के रहने वाले अन्य मजदूरों के साथ ही दिल्ली में रहकर दिहाड़ी मजदूरी करताथा। कभी रिक्शा चलाताथातो कभी राजगीर का काम कर लेताथा। लेकिन लॉकडाउन के बाद इनका रोजगार छिन गया। कुछ पैसे जोड़े थे तो उससे राशन खरीद लिया। यह राशन करीब 10 दिन चला। इसके बाद आसपड़ोस से मांगकर पेट भरा गया।
कई दिनों मांगकर खाना खाया, भूखे भी रहे
मृतक के साथी मजदूर रामनिवास उर्फ छोटू ने बताया किदिल्ली सरकार से भी कोई मदद नहीं मिली। कई दिनों तक बिस्कुट खाकर पेट भरा। लेकिन जब लगा कि ये दिन कैसे गुजरेंगे? इससे बेहतर है किअपनों के बीच चला जाए। यहां रहे तो बीमारी से मरेया न मरेभूख से जरूर मर जाएंगे। मजबूरन 27 अप्रैल को धर्मवीर के साथ हम छह लोग साइकिल से अपने घर के लिए निकल पड़े। भूखे प्यासे चार दिन साइकिल चलाकर गुरुवार की रात शाहजहांपुर पहुंचे। यहां बरेली मोड़ स्थित एक होटल के बाहर ठहर गए।रास्ते में किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली। शाहजहांपुर आने के बाद एक मंदिर से कुछ खाना मिल गया। शुक्रवार सुबह उनके साथी मजदूर धर्मवीर की हालत बिगड़ गई। उसे मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।
'कोई बीमारी नहीं थी'
हालांकि, धर्मवीर की मौत का कारण क्या है? यह बात किसी को समझ नहीं आ रही है। उसके साथियों ने बताया कि उसे कोई बीमारी नहीं थी। दिल्ली से आए मजदूर की मौत की सूचना पर प्रशासन के अधिकारीमेडिकल कॉलेज पहुंचे। मृतक के बारे में साथियों से जानकारी ली। उसका शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अभय कुमार ने बताया कि शव सेसैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। साथी मजदूरों को क्वारैंटाइन किया गया है।
उत्तर प्रदेश में क्वारैंटाइन सेंटर भेजे जा रहे संदिग्धों के साथ दुर्व्यहार के मामले थम नहीं रहे हैं। आगरा के बाद शुक्रवार को संगम नगरी प्रयागराज से जो तस्वीर सामने आई है, वो वाकई शर्मसार करने वाली है। दरअसल, यहांमजदूरों को उनके घर वापस भेजने के लिए कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। जिसमें करीब 1200 मजदूर हैं। आरोप है कि, यहां मजदूरों को काफी देर तक भूखे प्यासे रखा गया। जब प्रशासन ने बिस्किट व केला मंगाया तो उसे लेने की होड़ मच गई। इस दौरान उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का भी कोई ध्यान नहीं रहा। मौके पर मौजूद अधिकारी भी इस अव्यवस्था को दूर करने के बजाय दूर खड़े होकर मातहतों को निर्देश देने में ही लगे रहे।
सीएवी इंटर कॉलेज में बनाया गया कलेक्शन सेंटर
शहर के सीएवी इंटर कॉलेज में कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। यहां मध्य प्रदेश से 39 बसों से लाएगए लगभग 1200 मजदूरों को रखा गया है।आरोप है कि, उन्हें कई घंटों तक भूखेप्यासे ही रखा गया है। पिछले कई घंटे से भूखे प्यासे मजदूरों के लिए प्रशासन की ओर से जब बिस्किट और केला मंगाया गया तो उसे लेने के लिए मजदूरों में होड़ सी मच गई। भूखे प्यासे मजदूर पार्क के अंदर से ही बिस्किट और केला पाने के लिए टूट पड़े। इस दौरान उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का भी कोई ध्यान नहीं रहा।
इस मामले का वीडियो भी सामने आया है। जिस पर डीएम प्रयागराज भानुचन्द्र गोस्वामी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि ये क्वारैंटाइनसेंटर नहीं है, बल्कि सीएवी इंटर कालेज में प्रवासी मजदूरों के लिए कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। जहां पर मध्य प्रदेश से आएमजदूरों को उनके गृह जिलों में भेजे जाने के पहले रोका गया है। उन्होंने कहा है कि भीड़ जुटने पर केले और बिस्किट वितरित करने का कार्य भी रोक दिया गया है और बसों में बैठने के बाद उन्हें खाने पीने के सामान मुहैया कराये गए हैं।
आगरा में दूर से फेंककर दिया गया था पानी बिस्कुट
इससे पहले आगरा जिले में स्थित हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंटके क्वारैंटाइन सेंटर में संक्रमण के डर सेपीपीई किट पहनकर सरकारी कर्मचारी पानी की बोतल, बिस्किट लोगों को फेंकते नजर आए थे।यहां क्वारैंटाइन किए गए व्यक्ति चैनल गेट के भीतर से हाथ बाहर निकालकर खाने पीने की चीजों पर टूट पड़े थे।डीएम प्रभु नारायण सिंह ने इसका वीडियो सामने आने पर जांच के निर्देश दिए। जिसके बाद नोडल अधिकारी आलोक कुमार ने जांच में प्राथमिक तौर पर दोषी पाए गए बीडीओ मनीष को सस्पेंड करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली से सटेगौतमबुद्धनगर (नोएडा/ग्रेटर नोएडा) जिले में शुक्रवार को 17 नए केस सामने आए हैं। जिसके बाद जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 155 हो गई है। वहीं, दो मरीजों को ठीक होने पर डिस्चार्ज भी किया गया। इसके साथ यहां अब तक कुल 90 मरीज ठीक हो चुके हैं। 65 मरीजों का इलाज अलग-अलग आइसोलेशन वार्ड में किया जा रहा है।
सेक्टर आठ में दस एक साथ संक्रमित
शुक्रवार को 333 मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिनमें से 316 रिपोर्ट निगेटिव आई।जबकि 17 रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन मरीजों में सेक्टर-10 स्थित जेजे कॉलोनी में रहने वाला 25 वर्षीय युवक, सेक्टर-8 में रहने वाले 10 लोगों (पुरुष, बच्चे व महिलाएं), सेक्टर-9 में रहने वाला युवक, सेक्टर-150 स्थित ऐस गोल्फ सोसायटी में रहने वाले 71 वर्षीय बुजुर्ग, सेक्टर-55 में रहने वाले 76 वर्षीय बुजुर्ग, सेक्टर- 76 स्थित स्काईटेक माटरॉट सोसायटी में रहने वाला युवक, ग्रेटर नोएडा के पाई फर्स्ट स्थित एडवोकेट कॉलोनी में रहने वाले 55 वर्षीय बुजुर्ग और बिसरख गांव के 27 वर्षीय युवक शामिल हैं।
697 को क्वारैंटाइन किया जा चुका
जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में 17 और संदिग्धों की रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जिसके बाद जनपद में संक्रमित मरीजों की संख्या 155 हो गई है। वहीं दो मरीजों के ठीक होने पर उन्हें घर भेजा गया है। जिनमें 9 साल की बच्ची और 39 वर्षीय युवक शामिल हैं। इसके साथ ही अभी तक 90 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। फिलहाल 65 एक्टिव केस हैं। अभी तक 3618 सैंपल स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए हैं। वहीं 697 संदिग्धों को क्वारैंटाइन किया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक टीवी कार्यक्रम मेंकहा कि, तब्लीगी जमातियों के चलते राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है। कहा- निजामुद्दीन मरकज में जो तब्लीगी गए थे, उन्हें यह बात पता थी कि जो विदेश से आए तब्लीगी हैं वे कोरोना पॉजिटिव हैं। बावजूद इसके उन लोगों ने बीमारी को छिपाई। ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जमात से जुड़े तमाम लोगों को पकड़कर पुलिस ने क्वारैंटाइन कराया है। उन्होंने यह भी कहा कि, प्रदेश में यदि किसी ने यदि शरारतन या जानबूझकर कोरोना का संक्रमण फैलाया तो उस पर आपराधिकमुकदमा दर्ज होगा।
मेडिकल इंफेक्शन को हर हाल में रोकना होगा
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कोविड-19 की टीम इलेवन के साथ बैठक में कोरोनावायरस सेचिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को बचाने के लिए भी ठोस कदम उठाने की बात कही है।प्रदेश के कोविड अस्पतालों में पीपीई किट और एन 95 मास्क की उपलब्धता समय से पूरी हो सके, इसके लिए मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जरूरत पड़े तो सुरक्षा उपकरणको पहुंचाने में स्टेट हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करें। योगी ने कहा- कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए हमें मेडिकल इंफेक्शन को हर हाल में रोकना होगा।
प्रदेश में अब तक 2281 केस, 41 की मौत
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि, अब तक प्रदेश में 2281 संक्रमित मिले हैं। इनमें 1685 एक्टिव केस हैं। संक्रमितों में1113 का तब्लीगी जमात से कनेक्शन रहा है।राहत की बात है कि, 555 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। राज्य में 41 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि, पूल टेस्टिंग का लाभ प्रदेश को मिल रहा है। गुरुवार को 4177 सैंपल की पूल टेस्टिंग की गई। इन्हें 349 पूल में बांटा गया था। 1649 सैंपल टेस्टिंग के लिए लगाए गए हैं। इनमें से आठ पूल पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि, कानपुर व आगरा में बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए डेडिकेटेड टीम भेजी जाएगी।
इससे पहले योगी सरकार ने कोरोना वॉरियर्स के लिए उठाए अहम कदम
बता दें कि, इससे पहले योगी सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के हितों के लिए कई अहम फैसले कर चुकी है। योगी सरकार ने स्वास्थकर्मियों पर हुए पथराव पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए थे। यही नहीं सीएम योगी ने हॉटस्पॉट एरिया में जांच या इलाज के लिए जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को पुलिस प्रोटेक्शन भी दिया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने में जुटे कोरोना वारियर्स (पुलिस, सफाईकर्मी, डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ) की सुरक्षा की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। एपिडेमिक डिजीज एक्ट (महामारी बीमारी कानून), 1897 में बदलाव कर दंड को और सख्त कर दिया है। दोषियों को अब 7 साल की सजा और 5 लाख तक का जुर्माना भी भुगतना होगा।
लाॅकडाउन के दौरान अभिभावकों को फीस के लिए बाध्य नहीं करने और परिवहन शुल्क नहीं वसूलने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद निजी स्कूलों ने स्टाफ के वेतन भुगतान के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
निजी स्कूलों के संगठन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्ज के अध्यक्ष अतुल कुमार ने शुक्रवार को कहा, निजी स्कूलों को केवल मासिक फीस लेने और फीस जमा नहीं होने की स्थिति में किसी बच्चे को ऑनलाइन क्लासेज से वंचित नहीं करने के आदेश से निजी स्कूल पसोपेश में हैं, क्योंकि सरकार के फैसले के बाद ज्यादातर अभिभावक फीस देने में आनाकानी कर रहे हैं। इस तरह के आदेश से निजी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाना संभव नहीं होगा।
बुनियादी सुविधाएं देना मुश्किल
उन्होंने कहा कि इस आदेश के कारण अधिकतर अभिभावकों ने विद्यालय में फीस जमा नहीं की है। जो फीस आई भी है, वे इतनी कम हैं कि उससे शिक्षकों को वेतन देना तो दूर रहा, उससे स्कूल के संचालन के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं भी प्राप्त नहीं की जा सकती हैं। निजी विद्यालयों के आय का एकमात्र साधन फीस ही है, जिसके प्राप्त नहीं होने पर निजी विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं किया जा सकता है। इसके चलते प्रदेश के एक बहुत बड़े शिक्षक समुदाय के परिवारों को भुखमरी का सामना तक करना पड़ सकता है।
राज्य सरकार बगैर ब्याज के भी दे सकती है राशि
कुमार ने बताया कि लाॅकडाउन अवधि की ट्रांसपोर्ट फीस लेने पर भी सरकार द्वारा रोक लगाई गई है, जो न्यायसंगत नहीं है। वास्तव में लाॅकडाउन की अवधि में केवल ईंधन के रूप में खर्च की जाने वाली धनराशि की ही बचत हो रही है, जो फीस की लगभग 20 से 25 प्रतिशत ही होती है। ऐसे में अगर लाॅकडाउन अवधि का पूरा ट्रांसपोर्ट फीस माफ कर दिया गया तो स्कूल के ड्राइवरों और सहायकों का भुगतान कैसे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के फीस लेने के सम्बन्ध में सरकार द्वारा जारी आदेश उत्तरप्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) एक्ट 2018 में दिए गए प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। वास्तव में कोई भी कार्यकारी आदेश अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अन्तर्गत ही जारी किया जा सकता है। वस्तुतः राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम में भी स्कूल फीस का कहीं उल्लेख नहीं है। कुमार ने कहा कि निजी स्कूलों की मांग है कि आपदा की इस घड़ी में अध्यापकों और अन्य स्कूल स्टाफ के वेतन भुगतान का इंतजाम सरकार अपनी ओर से करे। वह चाहे तो इस राशि को ऋण के रूप में दे सकती है जिसका भुगतान सामान्य परिस्थितियों मे बगैर ब्याज अदायगी के किया जा सकता है। उन्हें उम्मीद है कि संकट की इस घड़ी में सरकार निजी स्कूलों के साथ भी न्याय करेगी।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बीते बुधवार को बजरिया इलाके में शौकत अली पार्क हॉटस्पॉट में कोरोना संदिग्ध 9 लोगों को क्वारैंटाइन कराने के विरोध में पुलिस पर पथराव के मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। जिनमें पुलिस ने आरोपियों की पिटाई की है।डीएम ब्रह्मदेव तिवारी ने बताया कि, इन आरोपियों पर आपदा प्रबंधन एक्ट, महामारी अधिनियम, एनएसए व आईपीसी की कई धाराओं को लगाया गया है। बता दें, इस घटना का मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया था। उन्होंने उपद्रवियों पर एनएसए लगाने के साथ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था।
पुलिसकर्मियों पर फेंकी गई थी तेजाब की बोतलें
इस घटना के संबंध में थाना प्रभारी राममूर्ति यादव ने एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें लिखा है कि, कांशीराम ट्रामा सेंटर में आइसोलेट हुए शौकत अली पार्क निवासी दो कोरोना संक्रमितों के घर वालों को प्रशासन के निर्देश पर क्वारैंटाइन कराने के लिए पुलिस व हेल्थ की टीम गई थी। टीम ने 9 लोगों को इलेक्ट्रिक लोको शेड ट्रेनिंग सेंटर में क्वारैंटाइन करा दिया। लेकिन तभी स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। तेजाब से भरी व खाली कांच की बोतलें फेंकी गई। और फोर्स के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। लेकिन दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
अब तक 35 आरोपियों की हुई पहचान
सीओ सीसामऊ त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि, एफआईआर में 100-125 लोगों का जिक्र है, उनमें 35 की पहचान हो चुकी है। 10 आरोपियों को गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। दस आरोपी आज गिरफ्तार किए गए हैं। सभी को जेल भेज दिया गया है। सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर और एनएसए लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में 93 नए पॉजिटिव मिले।आगरा में सबसे ज्यादा 46 केस सामने आए। यहांकुल 479 संक्रमित हो गए। लखनऊ में 7 केस मिले। यहां कुल संक्रमित अब 218 संक्रमित हैं। पूरे प्रदेश में अब तक 2230 संक्रमित मिले हैं। 1113 का तब्लीगी जमात से कनेक्शन रहा है। 1630 एक्टिव केस हैं।मरने वालों की संख्या 43 हो गई है। इसी दौरान 551 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। वाराणसी में दो दिनबाद थोड़ी छूट दीगई।योगी सरकार ने तय किया है किहाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों कीअब दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी।
24 घंटे में प्रदेश मेंआगरा 46, वाराणसी8,लखनऊ 7, फिरोजाबाद औरनोएडा 4-4, मेरठ, अलीगढ़ औरकानपुर में तीन-तीन, गाजियाबाद, बरेली औरसिद्धार्थनगर में दो-दो, बुलंदशहर, महाराजगंज, झांसी, बस्ती, प्रयागराज, मुरादाबाद, एटा, देवरिया औरगोरखपुर में एक-एक कोरोना संक्रमित पाए गए।
अपडेट्स
वाराणसी: दो दिनबाद लोगों को टोटल लॉकडाउन से थोड़ी राहत मिली। सब्जियां महंगी बिकीं और दूध की भी किल्लत रही। जिले में आठ नए केसों के साथ संक्रमितों की संख्या 60 पहुंच गई। कुल 23 हो गए हैं।डीएम कौशल राज शर्मा के मुताबिक, दूध की दुकानें 3 मई तक सुबह 7 से 8 बजेऔर दवा की दुकानें सुबह 11 से 12 बजे तक ही खुलेंगी।
लखनऊ:यूपी बोर्डके स्कूलों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट छात्रों के लिए शुक्रवार से दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल पर शैक्षिक प्रसारण शुरू होगा। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि शैक्षिक प्रसारण हर दिन सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर इसी का पुन : प्रसारण शाम 4:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक होगा। जिन स्टूडेंट के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और वह ऑनलाइन क्लासेस में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। इस टेलिकास्ट से उन्हें मदद मिल सकेगी।
आगरा: संक्रमण के मामले मेंआगरा राज्य में एक और देश में 11वें नंबर पर आ चुका है। 13 दिनमें मरीजों की संख्या दोगुनी हुई है। गुरुवार को 46 नए पॉजिटिव केस मिले। कुल मामले 479 हो गए। 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
मेरठ: यहां संक्रमितों की संख्या105 हो गई। 5 की मौत हो चुकी है। 48 स्वस्थ भी हुए। रिकवर होने वाले सभी मरीजों का 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना जरूरी है।
अब तक 2230 कोरोना संक्रमित: आगरा में 479, लखनऊ में 218, कानपुर नगर में 210, सहारनपुर में 187, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 141, फिरोजाबाद में 111, मुरादाबाद में 110, मेरठ में 102, गाजियाबाद में 62, वाराणसी में 61, बुलंदशहर में 51, रायबरेली में 44, अलीगढ़ में 35, बिजनौर में 32, हापुड़-अमरोहा में 26-26, शामली में 27, रामपुर में 24, बस्ती-मुजफ्फरनगर-संतकबीरनगर में 23-23, सीतापुर में 20, संभल में 18, बदायूंमें 16, बागपत में 15, मथुरा में 13, औरैया में 10, बहराइच में 9, बरेली-जौनपुर-आजमगढ़ में 8-8, प्रतापगढ़-महाराजगंज-कन्नौज में 7-7, गाजीपुर में 6, मैनपुरी-श्रावस्ती में 5-5, हाथरस-लखीमपुर खीरी-प्रयागराज-झांसी-बांदा-एटा में 4-4, मिर्जापुर-जालौन-कासगंज-पीलीभीत-सुल्तानपुर में 3-3, कौशाम्बी, इटावा-गोंडा-हरदोई-गोरखपुर में 2-2,बलरामपुर, उन्नाव, शाहजहांपुर, मऊ, अयोध्या, भदोही, बाराबंकी, कानपुर देहात में भी एक-एक संक्रमित मिला।
लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। देश में यातायात के सभी साधन बंद हैं। मठ-मंदिर, मस्जिद व अन्य धार्मिक स्थलों में आम आदमी के प्रवेश पर रोक है। लेकिन शुक्रवार को चित्रकूट में जिम्मेदार अधिकारी की लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन करते नजर आए। यहां बराहा के हनुमान मंदिर का ताला खुलवाकर पूजा अर्चना की गई। जबकि बंदरों को केले खिलाए गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया।
मंदिर के इर्द-गिर्द थे सैकड़ो लोग
दरअसल, चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल व डीआईजी दीपक रावत व सतना के डीएम अजय कटे शेरिया अपने काफिले के साथ शुक्रवार को चित्रकूट पहुंचे। यहां मंदाकिनी नदी की सफाई का काम चल रहा है। अफसरों ने यहां बराहा के हनुमानजी के मंदिर में पूजा अर्चना की और इसके बाद वहां परिक्रमा में रहने वाले साधुओं को खाद्य सामग्री वितरण किया। लेकिन कमिश्नर और डीआईजी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए। इस मौके पर कमिश्नर डीआईजी सहित चित्रकूट के डीएम व सतना के डीएम चित्रकूट के एसपी सहित सैकड़ों लोग आस-पास मौजूद रहे।
अफसरों साधी चुप्पी, सतना डीएम ने जनता को दी नसीहत
वहीं, जब इस मामले में सतना के जिलाधिकारी अजय कटे शेरिया से बात की गई तो उन्होंने जनता को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की नसीहत दी। लेकिन जब खुद पर इसे किस तरह लागू किया जा रहा है, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं, चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर और डीआईजी ने भी कैमरे के सामने से कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
उत्तर प्रदेश में तीन मई के बाद कौन से जिले किस जोन में शामिल किए जाएंगे। इसकी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के 19 जिले रेड जोन, 36 जिले ऑरेंज जोन और 20 जिले ग्रीन जोन में रखा गया हैं। केंद्र की ओर से जारी की गई लिस्ट का हर सप्ताह आकलन किया जाएगा। इससे पहले सीएम योगी ने भी कहा था कि तीन मई के बाद शर्तों के साथ ही ग्रीन और ऑरेेंज जिलों में लोगों को छूट दी जा सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ओर से जारी पत्र के अनुसार अब 28 दिन की बजाय 21 दिन तक कोरोना वायरस से संक्रमित का नया केस नहीं आने पर जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में कर दिया जाएगा। अभी तक 14 दिन तक नया केस नहीं आने पर जिले को रेड से आरेंज और फिर अगले 14 दिनों तक केस नहीं आने पर ग्रीन जोन जिलों में रखा जाता था।
जोनवार जिलों की श्रेणी
रेड जोन के जिले : आगरा, लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद ,फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली हैं।
आरेंज जोन :- गाजियाबाद, हापुड़, बदायूं, बागपत, बस्ती ,शामली, औरैया, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदोही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई, कौशांबी हैं।
ग्रीन जोन :बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर ,बलिया ,चंदौली ,चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद ,फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, अमेठी हैं।
रेड और आरेंज जोन में अंतर: रेड और आरेंज जोन में अंतर हैं कि रेड जोन में वे इलाके शामिल हैं, जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं। जबकि आरेंज जोन में कोई भी हॉटस्पॉट एरिया नहीं है। रेड जोन को भी दो भागों में बांटा गया है। रेड जोन में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां कोरोना का आउटब्रेक हुआ है। इसके अलावा कुछ रेड जोन वाले जिले में कोरोना के बहुत सारे मरीज सामने आए हैं। वहां कलस्टर बन गए हैं।
रेड जोन वाले इलाके में घर-घर होगा सर्वे: जहां रेड जोन वाले इलाके में घर-घर सर्वे कर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती है और पूरे इलाके को पूरी तरह सील कर किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। लेकिन ऑरेंज जोन में आर्थिक गतिविधियों पर रोक साथ जरूरी सेवाओं को चालू रखने की इजाजत दी जाती है। ऑरेंज जोन में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार वाले मरीजों पर विशेष ध्यान रखा जाता है और उनका कोरोना टेस्ट किया जाता है।
ग्रीन जोन में भी किया जाएगा कोरोना टेस्ट : रेड और आरेंज जोन के अलावा सरकार ने ग्रीन जोन में भी कोरोना पर नजर रखने का फैसला किया है। ग्रीन जोन वाले इनफ्लुएंजा या सांस से संबंधित बीमारी से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। ऐसे मरीजों की पहचान कर उन्हें कोरोना अस्पताल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को दी गई है।
तमाम प्रयासों के बावजदू वाराणसी में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। बीते 48 घंटे में8 नए केस सामने आए। इनमें तीन पुलिसकर्मी, पोस्ट ऑफिस का कर्मचारी और वार्ड बॉय शामिल है। अब जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 61हो गई है। इसके बाद प्रशासन ने लॉकडाउन में सख्ती की। दो दिन पूर्ण बंदी के बाद शुक्रवार को दूध की दुकानों को सुबह सात से आठ और दवा की दुकानों को 11 से 12 बजे दोपहर तक ही खुलने की छूट दी गई,जिससे दवा की दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ देखने को मिली।
तपती धूप में रोड पर खड़े मिले लोग
मडुआडीह, नदेसर आदि क्षेत्रों में शुक्रवार की दोपहर मेडिकल स्टोर्स पर दवा खरीददारों की लंबी लाइन नजर आई। कई जगह पर पुलिस भी मुस्तैद दिखी, जो लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रही थी। तपती धूप में लोग लाइन लगाकर दवा के लिए रोड पर खड़े थे। लेकिन एक घंटा कम पड़ गया। कुछ लोगों को मायूस होकर घर लौटना पड़ा। जब यह बात डीएम कौशलराज शर्मा को पता चली तो उन्होंने दवा की दुकानों के खोलने में थोड़ी और ढील दी है। अब दुकानें 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक खुलेंगी।
6 तस्वीरों में देखिए काशी के अलग-अलग हिस्सों का हाल
सबसे पहले पहले कबीर चौरा इलाके में भीड़ देखने को मिली। सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर यहां पुलिस द्वारा लगातार एनाउंस किया जा रहा है।
दूसरी तस्वीर मडुआडीह की है। यहां लोगों को पता चली कि दवा की दुकानें सिर्फ एक घंटे तक खुलेंगी तो रोड पर लंबी लाइन लग गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने लोगों को हटाया है।
कैंट नदेसर स्थित मेडिकल स्टोरों पर भी दवा के लिए लंबी लाइननजर आई।लोगों का कहना था कि कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दुकानें कब फिर बंद हो जाएं, कोई नहीं जानता।
लोगो का यह आरोप है कि,डॉक्टरों की लिखी पर्चियों की दवाइयां सामान्य मेडिकल स्टोर पर नहीं मिल रही हैं। लाईन में लगने के बाद मायूसी हो रही है।
दो पहिया वाहन से फायर ब्रिगेड शहर के कई इलाकों में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहा है। कबीर चौरा, मैदागिन, सिगरा समेत तमाम इलाको में कई टीमें लगी हैं।
लक्सा इलाके में भी लोग दवाइयों को लेने के लिए सड़कों पर निकले। रविन्द्र गुप्ता ने बताया कि दवा की दुकानों के खुलने का समय बढ़ाया गया, जो स्वागत योग्य है। दिक्कतों से जूझकर जीतना है।
संगम नगरी प्रयागराज में शुक्रवार को कोरोना के महाराष्ट्र व इंदौर से आएचार नए संक्रमित मिले हैं।इनमें तीन गंगापार के और एक शहर का रहने वाला है। एक साथ 4 नए मरीजों के मिलने से पूरे जनपद में हड़कंप मच गया है। सभी चारों मरीजों को कोविड 19 लेवल वन हॉस्पिटल कोटवा बनी भेजा गया है।अब यहां पर संक्रमितों कीसंख्या 9हो गई है। यहां एक जमाती कोरोनावायरस से ठीक हो चुका है।
अब तेजी से बढ़ रहा संक्रमितों का ग्राफ
प्रयागराज में बीते 1 हफ्ते के दौरान हुई टेस्टिंग में 9मरीज सामने आने से लोगों की चिंता बढ़ गई है।सबसे पहले 24 अप्रैल को मुंबई से लौटे दो युवकों के करोना पॉजिटिवहोने के बाद उसी दिन शहर के शंकरघाट शिवकुटी का एक युवक भी संक्रमित पाया गया था। इन तीनों को कोटवा बनी हॉस्पिटल में आइसोलेट किया गया था। इनके बारे में कुछ अच्छी रिपोर्ट आती कि उससे पहले ही 30 अप्रैल की शाम को महाराष्ट्र के नासिक से लौटे कौंधियारा के एक पुरोहित की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। जिसे 27 अप्रैल से नैनी कोतवाली क्षेत्र के एक क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था।
110 लोगो की जांच में 106 की रिपोर्ट आई निगेटिव
शुक्रवार को110 सैंपलिंग की जांच रिपोर्ट आई। जिसमें से 106 निगेटिव पाए गए, जबकि 4 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिनमें से तीन मरीज लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से लौटे हैं। तबीयत बिगड़ने पर उनकी कोरोना की जांच की गई और सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये तीनो मरीज प्रयागराज के हंडिया, बरौत और सैदाबाद इलाके के रहने वाले हैं। जबकि एक शहर का निवासी है। बताया जा रहा है कि देहात के तीनों संक्रमित मुंबई, नासिक और इंदौर से हाल ही में प्रयागराज लौटे थे। कोरोना के लक्षण दिखने पर उनके सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए थे। शहर का मरीज खुल्दाबाद के लूकरगंज मोहल्ले का रहने वाला है। यह कोरोना से कैसे संक्रमित हुआ है, इस बारे में अभी पता लगाया जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्र के सैनिटाइजेशन में जुटी टीमें
एडीएम प्रशासन ने बताया कि चारों संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। उन्हें क्वावंरटाइन किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर सबकी कोरोना टेस्टिंग कराई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला प्रशासन के साथ मिलकर इनके इलाकों को सैनिटाइज भी करेगी।
कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन में मृतकों का अंतिम संस्कार करना भी कठिन हो गया है। संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को अपने घरों में बंद रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान कहीं अपनों के अंतिम दर्शन के लिए परिजन घर नहीं पहुंच पा रहे हैं तो कहीं मृतको की अंतिम यात्रा के लिए कंधों की ही कमी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला मथुरा में सामने आया है।
पिता की मौत के बाद हाथ और पांव से विकलांग बेटी लाचारी में मदद के लिए रास्ता निहार रही थी, तभी दो पुलिसकर्मी वहां किसी फरिश्ते की तरह उसकी मदद के लिए पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, पिता की मौत के बाद हाथ-पांव से विकलांग बेटी पेट के बल शव के पास लेटी थी और मदद के लिए किसी मददगार का रास्ता देख रही थी। इस बीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पीआरवी पर तैनात कॉन्स्टेबल नितिन मलिक और होमगॉर्ड रोहिताश मौके पर पहुंचे।
पुलिसकर्मी ने कहा- मानवता के नाते की मदद
नितिन ने बताया कि जब वह वहां पहुचे तो देखा कि मृतक की इकलौती बेटी जमीन पर पेट के सहारे लेटी है। नितिन ने बताया कि इसके बाद उन्होंने मानवता के नाते तुरंत ई-रिक्शा का इंतजाम किया और कुछ लोगों की मदद से शव को उस पर लाद श्मशान घाट पर ले गए। घाट पर पुलिस ने अपनी मौजूदगी में मृतक का रीति-रिवाजों के साथ विधिवत् अंतिम संस्कार कराया। पुलिस के इस काम की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं।
हाल ही में कोरोनावायरस के विरुद्ध बॉलीवुड व खेल सितारों ने मुस्कुराएगा इंडिया गीत फिल्माया था। अब उसी गाने की तर्ज पर डीपीएस इटावा के बच्चों ने अपने घरों में ही रहकर कोरोना वॉरियर्स के उत्साहवर्द्धन के लिए मुस्कुराएगा इंडिया गीत गाकर समर्पित किया है। इस गाने को फिल्माने में सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी पालन किया गया। बच्चों ने अपने-अपने घरों से ही इस गाने के लिए अभिनय किया है।
कोरानावायरस बीमारी को देश से उखाड़ फेंकने की मुहिम में डीपीएस के बच्चों ने एक मिसाल कायम की है।देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टे होम, स्टे सेफ (घर में रहें, सुरक्षित रहें) के सिद्धांत पर कोविड-19 के खिलाफ जंग में देशवासियों का सहयोग मांगा था। जिससे प्रेरित होकर डीपीएस इटावा के बच्चों ने इस जंग में लगे कोरोना वॉरियर्स (पुलिस, स्वास्थ्य, सफाई, प्रशासन व मीडिया कर्मियों) की हौसला अफजाई के लिए एक गीत तैयार किया।
खासबात यह कि इन बच्चों ने यह गीत लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने घरों में रहकर ही तैयार किया है। इस गीत को डीपीएस के फेसबुक पेज पर न सिर्फ डेढ़ लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं, बल्कि प्रेरित होकर बहुत सारे लोग इसे शेयर भी कर चुके हैं।
पूर्वांचल से महानगरों में कमाने गए युवक चोरी-छिपे वापसी के बाद जाने-अनजाने में कोरोना की महामारी लेकर आ रहे हैं। गुरुवार को संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर जिले के दो-दो युवकों में कोरोना संक्रमण पाया गया। ये चारों युवक रोजी-रोजी के लिए मुंबई गए थे। कोरोना से संक्रमित चारों युवकों को सीएचसी खलीलाबाद एल वन हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया है।
संतकबीरनगर के सीएमओ डॉक्टर हरगोविंद सिंह ने बताया कि गुरुवार की रात आई रिपोर्ट में जिले के दो और लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। डीएम रवीश गुप्त ने बताया कि जिले के निघुरी गांव के रहने वाले 25 वर्षीय और 42 वर्षीय युवक जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। दोनों मुबंई से लौटे थे।
इनके बारे में पूरी जानकारी जुटाकर इनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारैंनटाइन कराते हुए जांच को नमूना मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया है। अब तक जिले में 25 लोग कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। पॉजिटिव पाए गए लोगों को सीएचसी ख़लीलाबाद एलवन हॉस्पिटल में रखवाया जाएगा।
सिद्धार्थनगर में दो कोरोना पॉजिटिव पाए गए
जिले में भी दो लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। सिद्वार्थनगर सीएमओ डॉक्टर मोहन झा ने बताया कि गुरुवार की रात को आई रिपोर्ट में मुंबई से 29 अपैल को आए युवकों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। जिला अस्पताल में क्वारैंनटाइन किए इन युवकों का नमूना लेकर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज जांच भेजा गया था।
ये युवक पॉजिटिव मिले है। यह युवक सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले हैं। जिसमे 32 वर्षीय युवक बांसी इलाके का और दूसरा 24 वर्षीय लोटन इलाके का है। इन युवकों को संतकबीनगर जिले के खलीलाबाद एलवन हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के रिहायशी क्षेत्रों में पिछले करीब तीन महीने से दहशत बना कर रखे हुए तेंदुए को वनकर्मियों ने जद्दोजहद के बाद शुक्रवार की सुबह पिंजरे में कैद कर लिया।
गोसाईगंज क्षेत्र के नूरपुर बेहटा गांव के पास गुरुवार शाम कुछ ग्रामीणाें ने तेंदुए को देखा। भीड़ को देखकर तेंदुआ किसान पथ के पास एक पाइप में जाकर छिप गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। इसके बाद वन कर्मियों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया। रातभर उसे पकड़ने के लिए कोशिश की जाती रही। आखिरकार सुबह तेंदुआ पिंजरे में जा फंसा।
चार साल की उम्र, स्वस्थ होने पर जंगल में छोड़ेंगे
लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने बताया, यह तेंदुआ करीब तीन महीने से मोहनलालगंज, गोसाईगंज और आसपास के इलाकों में देखा जा रहा था। हालांकि, उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने बताया, तेंदुआ करीब चार साल का है। रेस्क्यू के दौरान उसे खरोंचें आई हैं और उसका इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया, तेंदुए के स्वस्थ होने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा सत्र बुलाए जाने के सवाल पर प्रतिक्रिया दी है। सुरेश खन्ना ने कहा कि मौजूदा समय में सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना संक्रमण से बचाव का सही तरीका है।अखिलेश ने कहा था कि कोरोना संकट को लेकर जनता पूरी तरह से भयभीत है और प्रशासनिक अधिकारी भी बेहतर तालमेल के साथ काम नहीं कर रहे हैं। लिहाजा इस मामले को लेकर सरकार को विशेष सत्र बुलाना चाहिए।
उन्होंने कहा, अगर विधानसभा सत्र बुलाया जाता है तो इसका मतलब होगा लोगों का जमावड़ा। ऐसा करने से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन होगा। हम सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार नहीं रख पाएंगे।
सुरेश खन्ना ने कहा कि हम नेताओं के लगातार संपर्क में हैं, मेरा मानना है कि सरकार ने सभी स्तरों पर सतर्कता और ईमानदारी दिखाई है। आवश्यकता पड़ने पर निर्णय लिए गए। जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। गेहूं की फसल की कटाई की जा रही है। कोरोना का मुकाबला करने के लिए सरकार सभी प्रयास कर रही
अखिलेश यादव ने की थी विशेष सत्र बुलाने की मांग
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार को तत्काल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। लॉकडाउन के कारण एक महीने से अधिक समय से जनता घरों में है। अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कोरोना इलाज के भय से जनता सहमी हुई है। कोरोना जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण मरीजों की सही संख्या पता नहीं चल पा रही है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पानी भरने के विवाद में महिलाओं के दो गुटों में पथराव का वीडियो सामने आया है। मामला गोविंद नगर थाना क्षेत्र के रेवले ग्राउंड का है। यहां गुरुवार दोपहर बाद वाटर कूलर से पानी भरने को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि सड़क पर दोनों पक्ष आपस में एक दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंकने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रही महिलाओं पर लाठियां भांजी है। महिलाओं ने पुलिस के सामने भी हंगामा किया। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।
गोविंद नगर थाना क्षेत्र स्थित रेलवे ग्राउंड के पास बड़ी संख्या में मूर्ति बनाने वाले परिवार रहते हैं। लॉकडाउन की वजह से यह सभी परिवार अपने गांवों को नहीं लौट सके। गुरुवार को पराग दूध डेरी चौके में लगे वाटर कूलर में महिलाएं पानी भरने के लिए गई थीं। इसी दौरान महिलाएं आपस में भिड़ गईं। इसके बाद दोनों महिलाओं ने झगड़े की बात अपने घर में बताई और फिर दोनों तरफ से एक दूसरे के घरों पर पथराव शुरू कर दिया।
मौके पहुंची पुलिस जब महिलाओं को थाने ले जाने के लिए जीप में बैठाने लगी तो महिलाओं ने पुलिस के सामने ही हंगामा करना शुरू कर दिया। महिला पुलिस कर्मी ने लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। इसके बाद भी महिलाएं नहीं मानी तो थाने के सेकेंड अफसर शैलेन्द्र सिंह यादव ने महिलाओं को लाठियों से पीट दिया।
सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता ने कहा- गोविंद नगर क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है। ये वीडियो लगभग 2 बजे का है। मूर्तिकारों के परिवार रहते हैं, जो बहुत ही गरीब हैं। ये परिवार किसी बात को लेकर आपस मे भिड़ गए थे, जिसमें पुलिस दो महिलाओं को पकड़ने के लिए गई थी। उन महिलाओं को बचाने के लिए कुछ पुलिस पर झपटी थीं, जांच में जो भी तथ्य आएंगे उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में 11वें नंबर पर आ चुका आगरा प्रदेश में नंबर एक पर है। शहर में बीते 13 दिनों में आगरा के कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या दोगुनी हुई है। शुक्रवार को 17 नए मामलों के सामने आने के बाद आगरा में कोरोना संक्रमित मरीजों कीसंख्या496 तक पहुंच चुकी है।
एक दिन पहले ही आगरा के दो पुलिसवाले कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इन दो सिपाहियों में से एक चीता मोबाइल में पोस्टेड था और उनकी ड्यूटी डायल 112 में सिकंदरा इलाके में लगी थी। दूसरा कॉन्स्टेबल ऐंटी रोमियो स्क्वॉयड में सिकंदरा थाने में ही तैनात था। दो पुलिसवालों के अलावा ताजगंज के बसई गांव में सात सब्जी विक्रेता भी पॉजिटिव मिले हैं। वहीं 12 केस स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं।
एक ही गांव के रहने वाले हैं सब्जीवाले
अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है कि ताजगंज के एक ही गांव में सात सब्जी वाले कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि पहले मिले अनुभव के आधार पर प्रशासन ने फैसला लिया था कि सब्जी वालों की पूल टेस्टिंग की जाए ताकि यह पता चल सके कि सब्जीवालों में यह वायरस फैला है कि नहीं। हालांकि अब सात मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी है और ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं।
आगरा में 39 हॉटस्पॉट पर क़ड़ी नजर
सीएमओ मुकेश कुमार वत्स ने कहा कि सभी कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती कर दिया गया है। डॉक्टरों की एक टीम उनके इलाज में लगा दी गई है। उनके संबंधित इलाकों में लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। डीएम प्रभू एन सिंह ने कहा कि 102 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जिले में 39 हॉटस्पॉट हैं जिन पर काम चल रहा है।
कोरोनावायरस का ग्राफ मुरादाबाद जिले में तेजी से बढ़ रहा है। यहां अब तक 110 संक्रमित मिले हैं। इनमें से सात की मौत हुई, जबकि आठ ठीक हुए हैं। लेकिन लोग सुधर नहीं रहे हैं। शुक्रवार को जिले में लोग बेवजह सड़कों पर निकल पड़े। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी हवा में उड़ाए गए। जिसे देखकर यहां लोगों से उठक बैठक लगवाकर उन्हें सजा दी गई। इसके बाद उन्हें भविष्य में ऐसी गलती न करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
ये मामला मुरादाबाद के थाना मझोला क्षेत्र स्थित मंडी समिति का है। यहां मंडी में तमाम ऐसे भी लोग थे, जिन्हें खरीददारी करनी नहीं थी। लेकिन वे किसी न किसी के साथ आए थे। शुक्रवार सुबह मीडिया ने मंडी का हाल जानने की कोशिश की। यह बात मंडी समिति के अधिकारियों को पता लग गई तो सभी मुस्तैद हो गए। माइक लेकर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया जाने लगा। मंडी समिति के गेट पर चेकिंग अभियान शुरू किया गया।
एसीएम द्वितीय ने बताया कि करीब 12 वाहन चालकों के चालान काटे गए। जो व्यक्ति अनावश्यक घूमता हुआ नजर आया, उसे पकड़कर उठक बैठक कराकर सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदा किया गया। उसके बाद सभी को छोड़ दिया गया। जिले में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की कोशिश की जा रही है और जो लोग नहीं मान रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
योगी सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे हुए यूपी के लोगों की घर वापसी के लिए पहल तेज कर दी है। दूसरे राज्यों के मुख्य सचिवों से संपर्क करके वहां फंसे यूपी के निवासियों की लिस्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। इसी के साथ यूपी के जिलों ने अपने यहां फंसे हुए लोगों को उनके घर भेजने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी ने यहां फंसे हुए छात्रों की घर वापसी के लिए ऑनलाइन फॉर्म जारी किया है।
इस फॉर्म में छात्रों के नाम, पते के साथ पैरंट्स की डीटेल, कोर्स और यूनिवर्सिटी के अलावा संबंधित राज्य की जानकारी मांगी गई है। नोएडा में लॉकडाउन के चलते फंसे छात्र इस फॉर्म को भर सकते हैं। इसके बाद उनसे ईमेल या फिर एसएमएस के जरिए संपर्क किया जाएगा। फॉर्म को शेयर करते हुए डीएम सुहास एलवाई ने लिखा, 'यूपी सरकार के आदेशों के अनुसार, गौतमबुद्धनगर प्रशासन फंसे हुए छात्रों को घर भेजने के लिए प्रयासरत है।'
कई जिलों ने ऑनलाइन फॉर्म जारी किए हैं। इसमें संबंधित जिले के जो लोग दूसरे प्रदेश में फंसे हैं, उन्हें अपना विवरण भरकर अपलोड करने को कहा गया है। इसमें नाम, पता के साथ ही प्रामाणिक पहचान पत्र भी मांगा गया है। वहीं, यूपी सरकार की ओर से सभी राज्यों को पत्र भेजकर अपने निवासियों का भी ब्योरा मांगा गया है। इसमें मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी भी शामिल है।
एक हफ्ते पहले तक ग्रीन जोन में चल रहे प्रयागराज की स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। अब तक यहां चार और मंडल में सात कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। जिन्हें कोटवा बनी सीएचसी लेवल एक हॉस्पिटल में रखा गया है। गुरुवार रात यहां एक अधेड़ में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। वह हाल ही में महाराष्ट्र से ही लौटा था। वहांपुरोहिताई का काम करता था। वहीं, प्रतापगढ़ जनपद से दो नए कोरोना पॉजिटिव भी प्रयागराज के कोटवा बनी हॉस्पिटल मेंहैं। जिनमें एक संक्रमित महिला की हालत बिगड़ गई है। गुरुवार की देर रात उसे स्वरूपरानी नेहरु अस्पताल में भर्ती किया गया है।
25 अप्रैल को भर्ती हुई थी महिला, टीबी की है रोगी
प्रतापगढ़ जनपद के कुंडा कोतवाली की एक महिला को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद सीएचसी कोटवा बनी कोविड लेवल वन अस्पताल में 25 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। गुरुवार दोपहर से ही उसके स्वास्थमें बदलाव होने लगा।हालत बिगडने पर देर रात उसे कोविड अस्पताल लेवल थ्री एसआरएन में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि महिला टीबी की मरीज है। इससे पहले प्रयागराज जिले में एक इंडोनेशियाई जमाती, प्रतापगढ के छह जमाती और दो मरीज कौशांबी के भर्ती हुए थे। इलाज के बाद सभी नौ मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है।
मुंबई से लौटी थी महिला
मुंबई से लौटी प्रतापगढ़ की ये महिला 25 अप्रैल को कोरोना पाजिटिव पाई गई थी। उसे प्रयागराज के कोविड अस्पताल कोटवा में भर्ती कराया गया। गुरुवार शाम को महिला का ब्लड प्रेशर कम होने लगा। सांस लेने में तकलीफ हुई। दवा देने के बाद भी आराम नहीं मिला। महिला टीबी से भी पीड़ितहै, इसलिए फेफड़े में भी तकलीफ बढ़ गई। विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए उसे लेवन-टू बेली अस्पताल भेजा गया। बेली में भी डॉक्टरों ने हालत ज्यादा खराब होने के कारण भर्ती करने के बजाय लेवल-थ्री के अस्पताल एसआरएन रेफर कर दिया। वहां कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड सात नंबर में रखा गया है। करीब आधा दर्जन चिकित्सकीय टीम इलाज में लगे हैं।
डॉक्टरों को किया गया अलर्ट
कोटवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अमृतलाल यादव के मुताबिक गुरुवार शाम में महिला को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और ब्लड प्रेशर लो हो गया। उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी इसलिए यहां से रेफर कर दिया गया। वहीं, एसआरएन अस्पताल में कोरोना की पॉजिटिव मरीज आने के बाद डॉक्टरों, नर्स, वार्डब्वाय आदि को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में सभी व्यवस्था उपलब्ध है। पुरानी बिल्डिंग खाली करा दी गई, ताकि पाजिटिव मरीज के कारण संक्रमण न फैल पाए। इलाज में लगे डॉक्टरों को भी अस्पताल में ही रहने को कहा है।
लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को गोरखपुर व बस्ती मंडल में ग्रीन जोन में शामिल देवरिया में एक व सिद्धार्थनगर में दो कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। सिद्धार्थनगर के डीएम दीपक मीणा ने बताया कि, दोनों मरीजों को संतकबीरनगर में आइसोलेट करने के लिए भेज दिया गया है। जबकि बस्ती में एक और कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद वहां संक्रमितों की संख्या 24 हो गई है।
डीएम दीपक मीणा ने बताया कि, जिन दो व्यक्तियों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, वे दोनों क्वारैंटाइन थे। उनमें एक मुंबई से लौटा तो दूसरा कानपुर से हाल ही में आया था। दोनों क्वारैंटाइन सेंटरों को सैनिटाइज किया जा रहा है। दोनों सेंटरों में जितने भी लोग हैं, सबका सैंपल लिया जा रहा है। इन दोनों कोरोना मरीजों का किसी से कोई संपर्क नहीं था।
गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने बताया कि, इससे पहले गोरखपुर व महाराजगंज के एक-एक कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई थी। गोरखपुर की महिला दिल्ली से बीमार पिता के साथ आई थी। उसमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे थे। एहतियातन जांच में वह कोरोना पॉजिटिव निकली। इस महिला को मिलाकर गोरखपुर में दो कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार को तत्काल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। लॉकडाउन के कारण एक महीने से अधिक समय से जनता घरों में है। अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कोरोना इलाज के भय से जनता सहमी हुई है। कोरोना जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण मरीजों की सही संख्या पता नहीं चल पा रही है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि प्रशासनिक तालमेल की कमी जगह-जगह दिख रही है। पिछले दिनों आगरा से रात में ही एक बस भर कर कोरोना पॉजिटिव मरीज सैफई अस्पताल भेज दिए गए। किंतु सैफई अस्पताल प्रशासन को सूचना तक नहीं दी गई। यहां मरीज घंटों सड़क पर भर्ती के लिए इंतजार में बैठे रहे।
यूपी के सीएम का लोकतंत्र में विश्वास नहीं - अखिलेश
कहा- कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चलने वाली है। अभी तक राज्य सरकार केवल अधिकारियों के भरोसे है। विपक्ष संकट के समाधान में ऐसे सुझाव दे सकता है जिससे प्रभावी नियंत्रण होने में आसानी हो। इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। सरकार पहले भी विशेष सत्र बुला चुकी है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है। उनका तो पूरा विश्वास नौकरशाही पर है। लॉकडाउन की लंबी अवधि में जनता की तकलीफें बढ़ी हैं। किसान पर बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि की मार पड़ी है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में 89 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। अब प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 2230 हो गई, जिसमें 1113 लोग तब्लीगी जमात शामिल हैं। प्रदेश में अभी भी कोरोना के 1630 एक्टिव केस हैं। केस बढ़ने वालों में आगरा में 46 सबसे ज्यादा हैं। अब आगरा में 479 संख्या हो गई हैं। केजीएमयू ने लखनऊ में सात मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके बाद यह संख्या बढ़कर 218 हो गई है। मृतकों की संख्या 43 हो गई हैं। अब तक 551 मरीजों को ठीक किया जा चुका है।
24 घंटे में इन जिलों में आए नए केस: आगरा में 46, वाराणसी, 8, फिरोजाबाद व नोयडा में 4-4, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़ व कानपुर में तीन-तीन , ग़ाज़ियाबाद, बरेली व सिद्धार्थनगर में दो-दो, बुलंदशहर, महराजगंज, झांसी, बस्ती, प्रयागराज, मुरादाबाद, एटा,देवरिया व गोरखपुर में एक-एक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
कोरोना से कुल 43 मौतें हुईं: अमरोहा, बरेली, बस्ती, वाराणसी, बुलन्दशहर, लखनऊ, अलीगढ़, अमरोहा, श्रावस्ती व मथुरा में 1-1, फिरोजाबाद में 2, कानपुर में 4, मेरठ में 5, मुरादाबाद में 6, व आगरा में कोरोना से अब तक कुल 14 मौतें हुईं हैं।
551 कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए: आगरा से 91, लखनऊ से 62, गाजियाबाद से 44, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 88, लखीमपुर-खीरी से 4, कानपुर नगर से 17, पीलीभीत से 2, मुरादाबाद से 8, वाराणसी से 8, शामली से 24, जौनपुर से 4, बागपत से 13, मेरठ से 49, बरेली से 6, बुलन्दशहर से 9, बस्ती से 13, हापुड़ से 5, गाजीपुर से 5, आज़मगढ़ से 4, फ़िरोज़ाबाद से 10, हरदोई से 2, प्रतापगढ़ से 6, सहारनपुर से 13, शाहजहांपुर से 1, महराजगंज से 6, हाथरस से 4, मिर्जापुर से 2, औरैय्या से 4, बाराबंकी से 1, कौशाम्बी से 2, बिजनौर से 1, सीतापुर से 17, प्रयागराज से 1, मथुरा से 1, बदायूं से 1, रामपुर से 5, मुजफ्फरनगर से 9, अमरोहा से 6, भदोहीं से 1, इटावा से 1 व कन्नौज से 1 कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ पूर्णतया करवाकर डिस्चार्ज किया गया हैं।
उत्तर प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। हॉटस्पॉट के अलावा अन्य जगहों पर भीलोगों की जांच निरंतर जारी है। अधिकारियों का कहना है किजिस ट्यूब में कोरोना पॉजिटिव केस्वैब का सैंपलप्रयोगशाला तक भेजा जाता है। उसकिट की डिमांड निरंतर बढ़ती जा रही है। इसे वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) किट कहा जाता है। प्रदेश में यह किट सीएसआर के तहत एचसीएल उपलब्ध करा रहा है। हाल ही में एक हजार किट का आर्डर महाराष्ट्र की कंपनियों को दिया गया। लेकिन अब तक 157 किट ही मेडिकल सप्लाई को भेजी गई है। यहा से विभिन्न जिलों को भेज दी गई है।
प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 2 हजार का आकड़ा पार कर चुकी है। लोगों की जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है। नई लैब स्थापित की जा रही है। हॉटस्पॉट क्षेत्र भी निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में वीटीएम किट की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है। सीएसआर के तहत काफी पहले ही एक हजार किट का मंगवाने का आर्डर दे दिया गया था। यह आर्डर महाराष्ट्र की कंपनी को दिए गए है।
दरअसल, यह किट प्रदेश में नहीं बनती है। महाराष्ट्र में ही इसका उत्पाद किया जाता है। ऐसे में वहां से किट आने में देरी होती दिख रही है। अब तक दो बार में कुल 157 किटों की सप्लाई हो सकी है। यह किट मेडिकल सप्लाई के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजी जा रही है। लापरवाही के चलते कई बार सैंपल लेने वाले भी ठीक ढंग से सैंपल नहीं लेते ऐसे में सैंपल लीक हो जाता है। जनपद में भी ऐसा देखा गया करीब 2०० से ज्यादा सैंपल लीक भी हो चुके है। हालांकि दोबारा सैंपल लेकर इनको भेजा गया है।
एक किट में होती है 50ट्यूब, एक हजार किट की सप्लाई शुरू
वीटीएम की एक किट में 5० ट्यूब होती है। यानी एक किट से 50 लोगों का स्वेब सैंपल लेकर इसे प्रयोगशाला तक भेजा जा सकता है। जिला अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डा. एचएम लवानिया ने बताया कि 24 से 48 घंटे तक ट्यूब में सैंपल को रखा जा सकता है। इसे 2 से 8 डिग्री के तापमान में रख प्रयोगशाला भेजा जाता है।
विशेषज्ञों की माने तो इस किट के जरिए तीन दिन तक का समय भी लग जाए तब भी सैंपल सूखता नहीं है साथ ही वह पर्यावरण के संपंर्क में नहीं आता।एक हजार किट महाराष्ट्रसे विभिन्न चरणों में आ जाएंगी ऐसे में कुल 50हजार लोगों के सैंपल लिए जा सकते है। पहले चरण में 157 किट प्रदेश के विभिन्न राज्यों में सप्लाई किए जा चुके है।
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के स्कूलों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए शुक्रवार से दूरदर्शन पर स्वयंप्रभा चैनल पर शैक्षिक प्रसारण शुरू होगा। विद्यार्थी इसकी मदद से आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि विभिन्न विषयों के शिक्षकों द्वारा सरल भाषा में वीडियो तैयार किए गए हैं। कक्षाएं आधा-आधा घंटे की होंगी। पुन: प्रसारण की व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि अगर किसी विद्यार्थी का कोई क्लास दिन में छूटे तो वह शाम को उसे आसानी से पढ़ सकता है।
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि शैक्षिक प्रसारण हर दिन सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर इसी का पुन: प्रसारण शाम 4:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक होगा। ऐसे विद्यार्थी जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है और वह ऑनलाइन कक्षाएं नहीं कर पा रहे हैं, इस शैक्षिक प्रसारण की मदद से आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे।
30-30 मिनट की दो क्लास
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल पर सुबह 10 से 12 बजे तक कक्षाओं का प्रसारण होगा। सुबह 30-30 मिनट की दो क्लास हाईस्कूल (10वीं) और 30-30 मिनट की दो क्लास इंटर (12वीं) की चलेंगी। शाम को यही क्लास रिपीट होंगी। डीआईओएस ने बताया कि लॉकडाउन के कारण स्कूल की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए शासन के निर्देशों पर यह पहल की गई है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के स्टूडियो में इनकी रिकॉर्डिंग की जा रही है।
लॉकडाउन हटा तो पांच से जांची जाएंगी यूपी बोर्ड की कॉपियां
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग चिंतित है। दरअसल तीन करोड़ कॉपियां जिलों में बने विभिन्न केंद्रों पर रखी हुई हैं। ऐसे में सुरक्षा कारणों से इसका मूल्यांकन जल्द से जल्द करवाने पर जोर दिया जा रहा है। लॉकडाउन में ढील मिलते ही इन्हें जांचा जाएगा। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अभी जो तैयारियां चल रही हैं, उसके अनुसार पांच मई से मूल्यांकन शुरू हो सकता है। पहले चार मई से ही मूल्यांकन शुरू करने की तैयारी थी।
मई के तीसरे हफ्ते में स्नातक की परीक्षाएं शुरू करने की तैयारी
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर कापियों का मूल्यांकन शुरू करवाया जाएगा। फिलहाल माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी तैयारी में जुटे हुए हैं। एक साथ कई विषयों की बजाए दो-दो विषयों की कापियां का मूल्यांकन शुरू किया जाएगा। उधर विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं तीन मई को लॉकडाउन हटने या फिर उसमें जरूरी उपायों के साथ छूट मिलने की स्थिति में मई के तीसरे हफ्ते से शुरू की जा सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजदू वाराणसी में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव के 8 नए केस सामने आए। इनमें तीन पुलिसकर्मी, पोस्ट ऑफिस का कर्मचारी और वार्ड बॉय शामिल है। पहली बार गंगा पार इलाके का कोई पॉजिटिव सामने आया है। अब जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 60 हो गई है।
वाराणसी में एक हफ्ते से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। रोज ही करीब सौ संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। बीएचयू की वायरोलॉजी लैब से प्रशासन को गुरुवार को दो बार में रिपोर्ट मिली। इसमें सिगरा थाने एवं नगर निगम पुलिस चौकी पर तैनात तीन पुलिसकर्मी समेत कुल आठ लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सभी मरीजों को दीनदयाल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया।
बिरदोपुर, महमूरगंज, सिगरा, सुंदरपुर,मडुआडीह, भेलुपर,सरजूनगर समेत तमाम अंदर के इलाकों में दूध की बहुत किल्लत सामने आ रही है।डीएम कौशल राज शर्मा के नए आदेश के अनुसार दूध की दुकानें 3 मई तक 7 से 8 सुबह और दवा की दुकानें 11 से 12 बजे तक ही खुलेंगी।दो दिनों बाद वही शुक्रवार सुबह ही मार्केट से सब्जियां गायब होने लगी।
मंडी खुलते ही सब्ज़ियों के दाम बढ़े
लॉकडाउन की सख्ती के बीच सब्जियों के दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है। जो आलू 25 रुपये किलो बिक रहा था वो 30 से 40 रुपए, 40 से 50 रुपये किलो भिंडी, 70 से 80, धनिया 180 रुपए किलो पहुंच गया है। कॉलोनियों में सब्जी वाले जा भी नही रहे।30 से टमाटर 35,लौकी 25 से 30 से 35,प्याज 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गुरुवार को जिन छह लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है, उसमें जैतपुरा निवासी 50 वर्षीय पावरलूम आपरेट, नगर निगम पुलिस चौकी के दो और सिगरा थाने का एक सिपाही तथा शिवपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत वार्ड बॉय शामिल है।
लखनऊ में गुरुवार शम एक युवक ने माता-पिता, भाई-भाभी और उनके दो बच्चों की धारदार हथियार (गंडासा) से हत्या कर दी। कत्लेआम को अंजाम देने के बाद आरोपी खुद पुलिस के पास पहुंचा और सरेंडर कर दिया। हत्या की वजह परिवार में संपत्ति विवाद बताया जा रहा है।मामला बंथरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। सभी शवपोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं।
वारदात की वजह शक
घटनाबंथरा थाना क्षेत्र केगोदौली गांव की है। आरोपी का नाम अजय सिंह है। उसे शक था कि परिजनों ने जमीन बेच दी है। लेकिन, उसे (अजय सिंह) को हिस्सा नहीं दिया गया। उसकी परिवार से कहासुनी हुई। परिवार ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। पिता अमर सिंह खेत चले गए। अजय भी वहां पहुंच गया। वहां पर पिता की हत्या की। इसके बाद बाइक से घर लौटा। यहां भाईअरुण को मारा। बचाव केे लिए मां और और अरुण की पत्नी आईं तो उन्हें भी खत्म कर दिया।9 साल के भतीजे सौरभ और 2 साल की भतीजी सारिका को भी नहीं छोड़ा। उनकी भी जान ले ली। कुछ देर बाद अजय बेटे अविनाश के साथ थाने पहुंचा और सरेंडर कर दिया। मामले की जांच जारी है।
लॉकडाउन के चलते हर जगह वायु प्रदूषण खत्म सा हो गया है। दृश्यता इतनी बढ़ गई है कि उत्तराखंड के आसपास केजिलों से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित हिमालय की पहाड़ियां साफ नजर आरही है। कुछ ऐसा ही नजारा यूपी केसहारनपुर में देखने को मिला। जहां कैमरे से अपर रेंज की हिमालयन पहाड़ियों के सुंदर दृश्य कैद किए गए। इन तस्वीरों को पेशे से इनकम टैक्स अफसर दुष्यंत कुमार सिंह ने रविवार को लिया।
दुष्यंत ने बताया कि रविवार को बारिश हुई थी। जिसके बाद का दृश्य देख कर मैं चौंक गया। आसमान बिल्कुल साफ था। सामनेबर्फीली पहाड़ियां नजर आ रही थीं। उन्होंने बताया कि चकराता से ऊपर की ओर गंगोत्री यमुनोत्री पर्वत श्रंखला की बंदरपूंछ आदि की पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही थीं, जिन्हें उन्होंने अपने कैमरे में कैद कर लिया।
सहारनपुर के फॉरेस्ट कंजर्वेशन अधिकारी ने बताया कि 26 अप्रैल को बारिश के बाद आसमान साफ था। लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण भी 35% कम हो गया है। ऐसे में गंगोत्री और त्रिशूल रेंज की हिमालयन पहाड़ियां साफ दिखाई दे रही थीं। हालांकि इन पहाड़ियों की सहारनपुर सेदूरीकरीब 200 किमी है। यमुनोत्री से सहारनपुर की एरियल डिस्टेंस 145 किमीहै, जबकि गंगोत्री से सहारनपुर की एरियल डिस्टेंस 175 किमी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मौसम पूरी तरह से साफ हो और बीच में कोई पहाड़ न हो, तो इतनी दूरी की पर्वत श्रंखलाओं को ऊंचाई से देखा जा सकता है। खासकर इस समय प्रदूषण में 40 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई70 है।
आईएफएस रमेश पांडेय ने फोटो ट्वीट किए
कोरोनावायरस की चेन तोड़ने के लिए देश्भरमें लागू लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक परिवार के साथ कुछ ऐसा वाकया पेश आया कि, वह इसे कभी नहीं भूल पाएगा। दरअसल, एक युवक सब्जी व राशन का सामान लेने के लिए बुधवार को घर सेबाहर निकला। लेकिन वह जब घर आया तो उसके साथ एक दुल्हन थी। जिसे युवक अपनी पत्नी बता रहा था। यह देख उसकी मां के होश उड़ गए। मां ने उसे घर में घुसने से मना कर दिया। मामला थाने तक पहुंचा। पुलिस के सामने भी मां ने साफ कह दिया कि, उसे यह शादी स्वीकार नहीं है। वह घर में किसी को घुसने नहीं देगी।आखिरकार बेटा अपनी पत्नी के साथ किराए पर रह रहा है।
लड़के का दावा- हरिद्वार में की शादी
यह मामला साहिबाबाद क्षेत्र का है। अपनी दुल्हन साथ लेकर घर पहुंचने वाले गुड्डू का कहना है कि, उसने दो माह पहले शादी हरिद्वार में एक आर्य समाज मंदिर में की थी। लॉकडाउन के कारण सर्टिफिकेट अभी तक नहीं मिला है। कारण शादी के वक्त गवाह कम थे। हम दोबारा हरिद्वार जाने वाले थे, लेकिन लॉकडाउन लग गया।
गुड्डू अपनी पत्नी सविता को क्षेत्र में एक किराए के मकान में रखे हुए था। जहां वह आता-जाता रहता था। उसने कहा था कि लॉकडाउन के बाद घर ले चलूंगा। लेकिन 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद लॉकडाउन फेज दो 18 दिनों का घोषित कर दिया। इसके बाद सविता मकान खाली करने के लिए कह रही थी। इसलिए वह बुधवार को पत्नी को लेकर घर पहुंच गया।
मां ने कहा- शादी हुई भी या नहीं, इसका कोई सबूत नहीं
इसके बाद मां ने थाने में शिकायत की। उसने कहा कि, शादी हुई भी है या नहीं, इस बात का भी कोई सबूत नहीं है। हालांकि पुलिस ने समझा बुझाकर मामले को शांत कराया है। गुड्डू अपनी दुल्हन को लेकर किराए के मकान में चला गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के सत्र 2005 की बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की बर्खास्तगी को वैध करार दिया है। इस मामले की जांच एसआईटी ने की थी। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा- फर्जी डिग्री से हुई नियुक्ति शून्य व अवैध है। ऐसी नियुक्ति को निरस्त कर बर्खास्तगी के लिए विभागीय जांच की जरूरत नहीं है। क्योंकि, फ्राड और न्यायएक साथ नहीं रह सकते हैं। सरकार फर्जी अध्यापकों से वसूली करने के लिए स्वतंत्र है।
जिनकी डिग्री सही, उन्हें मिले वेतन
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने सहायक अध्यापिका नीलम चौहान सहित 608 अन्य लोगों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। न्यायमूर्ति ने कहा- जिनकी डिग्री सही है, उन्हें बहाल कर वेतन भुगतान किया जाए। अदालत ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को भी इस मामले में छह महीने के भीतर कानून के मुताबिक, संपूर्ण प्रक्रिया पूरी करने और उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
जुलाई में खुलेगा स्कूल
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा- सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 4000 शिक्षकों को निलंबित कर दिया था, जिसमें पाया गया कि बीएड और टीईटी के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए गए थे। उनमें से 2000 शिक्षकों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें आज कोर्ट ने सरकार के निर्णय को सही करार दिया है। मंत्री ने कहा- बेसिक शिक्षा विभाग जुलाई में स्कूल खोलने की योजना बना रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के दिशानिर्देशों के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
क्या है मामला?
दरअसल, 2004-05 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा ने वित्तीय एवं गैर वित्तीय सहायता प्राप्त कॉलेजों में बीएड कोर्स की भर्ती परीक्षा ली। लेकिन कॉलेजों ने स्वीकृत सीटों से अधिक छात्रों का प्रवेश लिया गया। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर बीएड परिणाम घोषित कर दिया गया। इनमें से हजारों लोगों ने अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली। बाद में फर्जी डिग्री की शिकायत पर जांच एसआईटी को सौंपी गई। एसआईटी ने 14 अगस्त 2017 को रिपोर्ट सौंपी। जिसके आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने फर्जी डिग्री पर नौकरी हासिल करने वालों की नियुक्ति रद्द कर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। याचिकाओं में इसी को चुनौती दी गई थी।
शुरूआती दौर में ग्रीन जोन में चल रहे यूपी के प्रयागराज की स्थिति गड़बड़ होती जा रही है। बुधवार को यहां पांचवा कोरोना पाजिटिव मिलने से हडक़ंप मच गया है। इस बार शहर से सटे नैनी के काजीपुर रोड पर स्थित फोर्ट स्कूल एंड कॉलेज में बने क्वारैंटाइनसेंटर में रखे गए एक अधेड़ की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। उसे 27 अप्रैल को यहां लाकर रखा गया था। वह 26 अप्रैल को महाराष्ट्र के नासिक से अपने घर आया था।
66 लोगों के साथ क्वारैंटाइन था संक्रमित
नैनी के काजीपुर रोड स्थित फोर्ट स्कूल एंड कालेज में क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां66 संदिग्धों को 26 अप्रैल कोक्वारैंटाइन किया गया था। 28 अप्रैल को सभी का सैंपललेकर जांच के लिए भेजा गया था। गुरुवारको वहां के दो दर्जन से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट आई। जिसमें नासिक से लौटे कौंधियारा के 55 वर्षीय अधेड़ ग्रामीणकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। आनन-फानन में उसे लेवल वन हास्पिटल कोटवा बनी भेज दिया गया और यहां उसके साथ रह रहे लोगों की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।डीएम प्रयागराज भानूचंद्र गोस्वामी ने बताया कि नासिक, महाराष्ट्र से आए एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह स्वस्थहै।
पहला पॉजिटिव हो चुका है ठीक
इससे पहले प्रयागराज में एक इंडोनेशियाई नागरिक कोरोना पॉजिटिव मिला था,जो दिल्ली के निजामुद्दीनक मरकज में हुई जमात में शामिल होकर यहां लौटा था। हालांकि वह ठीक हो चुका है और इस समय अपने साथियों के साथ पुलिस हिरासत में है।
छह दिन पहले मिले थे तीन पॉजिटिव
24 अप्रैल को शंकरगढ़ में मुंबई से लौटे दो युवक और शहर के शिवकुटी अंतर्गत शंकरघाट में वाराणसी से आया युवक कोरोना संक्रमित पाया गया था।अभी उन तीनों को लेवल वन हॉस्पिटल कोटवा बनी में आइसोलेटकिया गया है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कोरोनावायरस से बढ़ते मामले प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने लॉकडाउन को सख्ती से पालित कराने का निर्देश जारी किया है। इस बीच रोड पर बेवजह निकलने वालों को पुलिस कड़ा सबक भी दे रही है। ऐसे में यदि किसी को कोई इमरजेंसी है तो वह ठोस वजह लेकर निकल रहा है। यहां एक शख्स ने हाल ही में ऑपरेशन कराया है। अब उन्हें ड्रेसिंग की जरुरत थी। लेकिन घर के बाहर पुलिस का पहरा था। ऐसे में उन्होंने गले में तख्ती टांग ली। जिसमें लिखा था- 'ऑपरेशन हुआ है, ड्रेसिंग करवाने जा रहा हूं।'
पुलिस मेरी भावनाओं को समझती है
गले में तख्ती टांगने वाले शख्स मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष राम मोहन श्रीवास्तव हैं। वे कहते हैं कि, मेरी इमरजेंसी है, मेरा आपरेशन हुआ है। मुझे रोज ड्रेसिंग कराने अस्पताल जाना पड़ता है। इसलिए मैंने ऐसा किया। मैं अपने देश के कानून का पालन कर हूं और मेरी पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही है। मैं रोज निकलता हूं। पुलिस मेरी भावनाओं को समझती है। निरंतर आठ दिन से मैं अपनी ड्रेसिंग कराने जाता हूं। इसी तरह आता जाता हूं।
दूसरों को भी मिले सबक
तख्ती लटकाने के सवाल पर उन्होंने कहा- ये गले में इसलिए लगाया हूं कि कम से कम पुलिस तस्दीक करे कि मैं इमरजेंसी में जा रहा हूं। ये जो जबरदस्ती सड़कों पर घूमने वाले लोग जो जबरदस्ती लाकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। उनको बताना चाहता हूं के आपकी मजबूरी हो तभी लाकडाउन में निकले अन्यथा अपने घरों में रहें। बता दें कि जिले में अब तक कोरोना के 44 पाजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इसके चलते प्रशासन ने यहां चाक चौबंद बढ़ा दिया है। ऐसे में कोई सड़क पर बिना परमीशन निकल नही सकता।
(रवि श्रीवास्तव).कोरोनावायरस को लेकर जारी लॉकडाउन में जरुरतमंदों की मदद करने वाले कोरोना वॉरियर्स की लंबी फेहरिस्त है। उनमें से ही एक लखनऊ के रहने वाले संजीव कुमार भी एक हैं। संजीव देश के लीडिंग सोशल एंटरप्रेन्योर्स में शामिल है और इन्हें अशोका फेलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है। संजीव पिछले कई सालों से 'द गोट ट्रस्ट' नामक संस्था चला रहे हैं। वे कहते हैं, लॉकडाउन में कुछ दिन गुजारने के बाद लगा कि कुछ मुझे भी करना चाहिए। मैं तो घर में पेट भर खाना खा रहा हूं, लेकिन कुछ लोगों को वह भी नहीं मिल रहा होगा। इसके लिए मैंने अपनी टीम से बात की और फिर हमारा काम शुरू हो गया।
दूध खरीदकर बच्चों को पिलाने का उठाया बीड़ा
संजीव कुमार ने लॉकडाउन में भी कुछ करने के लिए सोचा तो बकरी को ही माध्यम बनाया। संजीव कुमार यूपी छोड़कर 16 राज्यों में सरकार के साथ काम कर रहे हैं। वह मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। लेकिन पिछले कई वर्षों से लखनऊ में रह रहे हैं। फिलहाल लॉकडाउन के दौरान अपनी जेब से दूध खरीदकर बच्चों को पिलाने का खर्च उठा रहे हैं। उन्होंने यह मुहिम लॉकडाउन के दौरान शुरू की है।
संजीव कुमार अपनी टीम के साथ मिलकर लखनऊ से 30 किमी दूर 5 से 6 गांवों में बकरी पालकों से दूध लेते हैं और फिर आसपास के कुपोषित बच्चों को वही दूध मुफ्त पिलाते हैं। संजीव बताते हैं कि, बुजुर्गों को पता है कि बकरी का दूध बच्चों और बड़ों के लिए कितना फायदेमंद होता है। लेकिन इस भागती दौड़ती जिंदगी में यह कहीं पीछे छूट गया है। यही नहीं, बकरी पलने के और भी फायदे हैं। कभी आपको रूपए की इमरजेंसी पड़ती है तो आप बकरी बेचकर पैसे भी पा सकते हैं। जबकि आपकी जमीन तुरंत नहीं बिकेगी। उन्होंने बकरी के दूध के फायदे बताते हुए बताया कि इसमें शरीर के लिए जरूरी कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, विटामिन, न्यूट्रीशन, आयरन इत्यादि मिलता है।
संजीव की टीम लखनऊ से सटे गांव बड़ा अनौरा, जामनशी, मदारपुर, अमराई और छोटा अनौरा के बकरी पालकों से दूध लेकर उसे डब्बों में बंद कर सामान ढोने वाली गाड़ियों से लेकर लखनऊ के फैजाबाद रोड स्थित गांव पर, जोकि चिनहट और देवा में स्थित है, वहां पहुंचाते हैं। संजीव बताते हैं कि मुश्किल तब आती है जब लॉकडाउन के दौरान हमें चेकिंग के लिए रोका जाता है। क्योंकि देर होने पर दूध खराब होने की समस्या रहती है।
कुपोषित श्रेणी के गांव को मुफ्त दूध वितरण के लिए चुना
संजीव ने बताया कि चिनहट के गोयला और ढाबा तकिया, जबकि बाराबंकी के देवा में प्रेम नगर, अचरीपुरवा और बड़ा ताल में अभी बच्चों के लिए दूध पहुंचा रहे हैं। इन गांव के बच्चे कुपोषित की श्रेणी में आते हैं। इसलिए हमने यह गांव चुना है। हमने शुरुआत 20 बच्चों से की थी जोकि अब 270 बच्चों से ज्यादा तक पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि हम बकरी पालकों से 50 रूपए लीटर दूध लेते हैं, जोकि 50 लीटर से ज्यादा होता है। फिर उसे बच्चों को एक एक गिलास बांटते हैं। इस एवज में बच्चों से कोई पैसा नहीं लिया जाता है।
दूध बेचकर कमाई हुई, बेटियों को मिल रहा मुफ्त दूध
मदारपुर के रामतेज बताते हैं कि, हमारे पास कभी कभार बकरी के दूध की मांग आती थी, लेकिन अब रोज 4 लीटर दूध जाता है और उसका हर हफ्ते 50 रूपए लीटर के हिसाब से पेमेंट हो जाता है। वहीं, बड़ा ताल गांव के रहने वाले अजय कुमार की दो बेटियां आकांक्षा और आंचल हैं। दोनों को ही बहुत पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाता है। पिता मजदूरी करते हैं, जोकि लॉकडाउन के समय बंद है। ऐसे में यह दूध बच्चों के लिए अमृत सामान होता है। अजय बताते हैं कि लगभग 7 से 8 के बीच गाड़ी आ जाती है और बच्चे गिलास लेकर खड़े हो जाते हैं। इनका पेट भर जाता है तो सुकून मिल जाता है।
यूपी की राजधानी लखनऊ में शूट हुई ऋषि कपूर की फिल्ममुल्क फिल्म का जब ट्रायल हुआ था,उस दिन उनकी पत्नी नीतू सिंह भी आई थीं। तब तक उनके बेटे रणबीर कपूर की फिल्म संजू आ चुकी थी, जोकि जबरदस्त चली थी। मुल्क में सह अभिनेता रहे अतुल तिवारी नेनीतू सिंह से कहा- आपके पति और बच्चा अच्छा काम कर रहे हैं। कैसा महसूस कर रही हैं।वह हंसी और ऋषि कपूर के गाल पर चुटकी काटकर बोलीं- मैं इस वाले के काम से ज्यादा खुश हूं। मेरा बेटा (रणबीर) तो बड़ा हो गया है, लेकिन मै ऋषि के लिए बहुत खुश हूं।
फिल्म मुल्क ऋषि कपूर के करियर की कुछ आखिरी फिल्मों में से एक है। वे इसमें एक मुस्लिम वकील के रोल में थे। यह फिल्म लखनऊ में ही शूट हुई थी। यहां से ताल्लुक रखने वाले कलाकार डॉक्टर अनिल रस्तोगी औरअतुल तिवारी ने ऋषि कपूर के साथ कई दिनों तक काम किया था। करीब एक माह में यह पूरी फिल्म शूट हो गई थी। साल 2018 में रिलीज हुई। ऋषि कपूर के निधन से अनिल व अतुल काफी दुखी हैं। इन सभी से फोन पर बात हुई। इन कलाकारों ने जैसा बताया वैसा ही लिखा गया है...
डॉ. अनिल रस्तोगी (मुल्क फिल्म में ऋषि कपूर के दोस्त रस्तोगी का किरदार)
ऋषि कपूर लीजेंड एक्टर हैं। उनका जाना वाकई तकलीफदेह है। मैं उनके साथ दूसरी फिल्म कर रहा था। इससे पहले मैंने चिंटू जी में काम किया था और दूसरी फिल्म मुल्क थी। दोनों में ही मेरा उनके साथ अच्छा रोल था। जब चिंटू जी फिल्म हम शूट कर रहे थे तब उनके बेटे रणवीर कपूर की पहली फिल्म सांवरिया रिलीज होने वाली थी। वह उसे लेकर काफी उत्साहित थे। शूट पर उन्होंने सबको मिठाई खिलाई थी और रणबीर की फिल्म लांच कराने के लिए उन्होंने उस समय दो-तीन दिन का ऑफ भी लिया था।
जब सालों बाद मुल्क फिल्म की शूटिंग के लिएवह लखनऊ आए। इतना बड़ा स्टार होने के बाद भी हम लोगों को भूलेनहीं थे। सेट पर मिलते ही बोले अरे रस्तोगी कैसे हो? वह चिंटूजी फिल्म के सेट पर बिताए दिन याद करने लगे। चूंकि चिंटूजी फिल्म में लखनऊ के चार कलाकार काम कर रहे थे तो उन्होंने उन साथियों के बारे में भी पूछा।उन्हें नॉनवेज बहुत पसंद था। मुझे मुल्क फिल्म का शुरूआती सीन याद आ रहा है। जिसमें ऋषि कपूर के घर में मीट की दावत होती है। उस मीट को मैं पका रहा होता हूं तो वह मुझसे कहते हैं कि आज तो आपका धर्म भ्रष्ट होगा। आपको बताऊं कि उस दिन दावत का सीन करने के लिए लगभग 7-8 किलो बकरे का मीट पकाया गया था और सीन के बाद खाने में ऋषि ने वही मीट खाया। उन्हें लखनऊ का नॉनवेज भी बहुत पसंद था।
ऋषि का एक किस्सा है। लखनऊ के ही कलाकार देशराज सिंह फिल्म में नोडल अफसर की भूमिका निभा रहे थे। वह उनके घर में रेड मारते हैं। चूंकि काफी जूनियर थे तो वह जब ऋषि से मिलने गए तो वह बहुत ही अच्छे से मिले और देशराज से बोला 'लखनऊ नायाब शहर है, बरखुरदार काम करते रहो रास्ते खुद मिलते जाएंगे'। इतने बड़े कलाकार होने के बावजूद कभी भी उन्होंने सेट पर हम लोगों को अहसास नहीं होने दिया। वह अपना सीन खत्म करने के बाद भी बहुत कम वैनिटी वैन में जाते थे। सेट पर स्टाफ से बात किया करते थे।
अतुल तिवारी (मुल्क फिल्म में ऋषि के दोस्त चौबे की भूमिका में)
मेरा और ऋषि कपूर का बहुत ही पुराना और गर्म रिश्ता था। मेरा और उनका संबंध राहुल रवैल की वजह से था। राहुल उनके बचपन के दोस्त थे। हम लोग पृथ्वी थियेटर में मिलते थे। वहां साल में दो पार्टियां होती थी। जिसमें हम लोग साथ में खाने से ज्यादा साथ में पीते थे। मुल्क फिल्म में जब मैं पहले दिन सेट पर ऋषि को नमस्ते करने गया तो उन्होंने मुझे देखते ही कहा यार यहां खाना अच्छा नहीं मिलता है। हमने कहा अरे खाना आपका कहां से आ रहा है? उस वक्त खाना बड़े फाइव स्टार होटल से आ रहा था, मैं नाम नही लूंगा। तो मैंने कहा आप बताइए क्या खाएंगे? कल से मैं आपके लिए टिपिकल अवधी खाना मंगवाता हूं। मैंने गोमतीनगर से एक अवधी होटल से खाना मंगाया। अगले दिन खाना आया और ऋषि जी की वैन में गया तो उन्होंने मुझे और प्रोडक्शन वाले को बुलाया और कहा अब खाना यहीं से आएगा। तकरीबन डेढ़ महीने वह रुके और खाना वहीं से आता रहा। शूटिंग पर वह बिना मेरे खाते नहीं थे। हालांकि, अजीब लगता था कि पूरी टीम के साथ नहीं खाना होता था। मेरा ऋषि के साथ ही खाना होता था। ऋषि का मुल्क फिल्म में मुख्य किरदार था तो वह घूमने नहीं जाते थे और इतना ज्यादा मेकअप था कि उन्हें टाइम भी नही मिलता था।
कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए लॉकडाउन जारी है। ऐसे में लोग बेरोजगार हो गए हैं। जिससे लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। लेकिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में गुरुवार को किराएदारी वसूलने के विवाद में दुकान मालिक ने दो महिलाओं समेत तीन को लाठी-डंडों से जमकर पीटा। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने कार्रवाई में जुटी है।
ये घटना थाना मिर्जापुर के जरियनपुर चौराहे के पास की है। यहां नीलम गुप्ता ने मेघनाथ यादव से कुछ दुकानें किराए पर ली थी। जिसे उन्होंने ढाबा बनाया था। लेकिन लॉकडाउन होने के चलते ढाबा बंद है। नीलम व उसका परिवार ढाबे में ही रहता है। गुरुवार को मेघनाथ ने दुकानों का किराया मांगा। जिस पर नीलम ने लॉकडाउन खुलने तक इंतजार करने की बात कही। कमाई न होने का हवाला दिया। इस बात से नाराज दुकान मालिक ने उस पर लाठी डंडे से हमला कर दिया। दबंगों ने दो महिलाओं समेत तीन की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद मौके से फरार हो गए।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया है। घायल नीलम गुप्ता ने कहा- लॉकडाउन होने के कारण किराया देने में दिक्कतें आ रही हैं। हमने मालिक से कहा था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद किराया दे देंगे। इसी बात से नाराज होकर मालिक ने हमारे घर पर आकर जमकर लाठी-डंडे से पीटना शुरू कर दिया। जिसमे दो महिलाओं समेत तीन लोग घायल हुए हैं।
एसओ मिर्जापुर दिलीप यादव ने कहा- किराए को लेकर मालिक और किराएदार के बीच विवाद हुआ था। जिसमें मालिक ने किराएदार पर हमला कर दिया। घायलों को मेडिकल के लिए भेज दिया गया है। तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
कोरोनावायरस से जंग में कई कोरोना वॉयिरर्स भी संक्रमित हो चुके हैं। इसको लेकर लोगों में भय है। गुरुवार को बहराइच मेडिकल कॉलेज में सफाईकर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। यह बात जैसे ही बड़े अधिकारियों को हुई तो मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि, जिनको कोरोना योद्धा कहा जा रहा है, जिनके सम्मान के लिए फूलों की बारिश की जा रही है, उन्ही की जान से विभाग खिलवाड़ कर रहा है।
पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। इस महामारी को भगाने में सबसे अधिक योगदान डॉक्टर्स व सफाईकर्मियों का है। पीएम नरेद्र मोदी ने भी इनके लिए ताली व थाली बजवाकर इनका उत्साहवर्धन किया था, लेकिन वहीं सफाई कर्मचारी उपेक्षा का शिकार हो रहे है। मेडिकल कालेज में तैनात सफाईकर्मियों ने गुरूवार को प्रदर्शन कर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी कमियों को उजागर किया।
सफाईकर्मियों का आरोप है कि वह जान जोखिम में डालकर आइसोलेशन वार्ड सहित कोरोना वार्ड की सफाई करते हैं। इसके बावजूद उन्हें वायरस से बचने के लिए कोई किट नहीं दिया गया है और न ही उन्हें सैलरी ही दी गई है। जो सैलरी तय की गई है, उसमें से भी भारी कटौती की जा रही है। लिहाजा सफाईकर्मियों ने विरोध जताते हुए सफाई करने से इंकार कर दिया है। सफाई कर्मचारियों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बना रहा।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इन सफाईकर्मियों को 95 मास्क उपलब्ध करवाने के लिए मंगवाया गया है। इसी के साथ पीपीई किट उपलब्ध होने पर सभी को दिया जाएगा। वहीं सैलरी पर सफाई देते हुए अस्पताल के सीएमएस डॉ डीके सिंह ने कहा कि 7200 रूपए सैलरी में से पीएफ काटकर 5500 सभी को दिया जा रहा है। सैलरी हड़पने का आरोप निराधार है।
कोरोनावायरस से संक्रमण व मौत का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो दिलों को झकझोर देने वाली हैं। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आया है। यहां कोरोनावायरस संक्रमित वजीर अहमद (35) की बुधवार को मौत हो गई थी। उसका शव वार्ड में ही कफन में रखा दिया था। इस बीच दूर खिड़की के बाहर खड़ी वजीर अहमद की पत्नी आंखों में आंसू लिए उसे अपनी पहली मुलाकात के किस्से सुना रही थी। वह गीत भी गाया, जो उसके पति वजीर ने उसे देखकर गाया था। जिसने भी ये दृश्य देखा, उसकाकलेजाकांप उठा।
मौत की खबर वजीर अहमद के परिजन अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन, पास जाने की मनाही थी तो खिड़की की जाली से वजीर के शव को लोग निहार रहे थे। वजीर की पत्नी भी पहुंची थी। वह आंखों में आंसू व रुंधे गले से कहती है कि, उठकर जल्दी आ जाओ... रात में तुम्हें कहीं इधर-उधर लिटा देंगे... इतने दिन तुम्हे मुझसे दूर रखा। कैसे मैने बर्दाश्त किया है? एक-एक पल कैसे कटा है? मुझसे पूछो।
परिजन उसे खिड़की से हटाना चाहते हैं, लेकिन वह कुछ और पल रुकने की मिन्नत करती है। वह कहती है कि, मैं बात कर लूं। ध्यान कर लूं सब। मैं उनकी बीवी हूं। बीवी सबसे ज्यादा करीब होती है। वह वजीर के शवसे सवाल करती- लोग कहते हैं तुम्हे कोरोना हुआ है? मैं तुम्हारी बीवी हूं, तो मुझे नहीं हुआ? बच्चों को नहीं हुआ? बेटी तो गोद में बैठी थी तुम्हारे। तुम्हे खाना खिलाया था।
वह रह-रहकर कहती है कि हमारी लव मैरिज हुई थी। रोते-रोते गाना गाती है कि, तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती नजारे हम क्या देखें, यह सुनते ही लोग रो पड़ते हैं। चांद सी महबूबा हो, हां मे बिल्कुल वैसी हूं जैसा तुमने सोचा था। पहली बार मिले थे तो यही गाना सुनाया था न? अस्पताल में मिले थे। मेरी तबियत खराब हो गई थी। इन्होंने मेरी जान बचाई थी। पहली नजर में ही प्यार हो गया था। इन्होंने अपने पापा को मेरे घर भेजा था। ये पुराने गानों के बहुत शौकीन हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
उत्तर प्रदेश मेंवाराणसी रोलर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश डोगरा बॉलीवुड के लवर बॉय रहे ऋषि कपूर की मौत से मर्माहत हैं। जब से उन्होंने ऋषि कपूर के निधन की खबर सुनी है तो उनके साथ बिताए पलों को यादकर भावुक हो उठते हैं। दैनिक भास्कर ने राजेश से बात की। उन्होंने ऋषि कपूर व काशी से जुड़े पांच किस्से सुनाए। कहा- उनमें एक सादगी थी। उन्हें कोई पहचान न पाए, इसलिए वे बिना किसी सुरक्षा के एक आम आदमी की तरह काशी की गलियों में घूमे थे।
किस्सा 1: पहचान नहीं पाए थे शटर की चाभी
राजेश डोगरा कहते हैं-"बात 1996 की है, शरद पूर्णिमा पर ऋषि कपूर अपने भाई रणधीर कपूर के साथ धार्मिक अनुष्ठान के लिए काशी आए थे। हमारे गुरु अशोक द्विवेदी के यहां वो आए थे। उन्होंने उनके घर पर शटर की बड़ी चाभी (भुनासी) को देखकर अचरज में पड़ गए थे। उसे हाथों में लेकर ऋषि कपूर ने पूछा कि ये क्या चीज है? जब उन्हें बताया गया कि ये चाभी है, जिसे काशी में भुनासी कहा जाता है। यह सुनते ही ऋषि खूब हंसे।"
किस्सा 2: मणिकर्णिका पर जलते शवों को देखते रह गए थे
"अगले दिन ऋषि ने नौका विहार किया था। अस्सी घाट से नाव पर सवार होकर गंगा बिहार मणिकर्णिका होते राज घाट तक गए थे। मणिकर्णिका घाट पर जलते शवों को देखकर वे कुछ देर चुप रहे। बाद में उन्होंने कहा- ये अद्भुत लगता है। बनारस इसीलिए पर्यटन का केंद्र हैं। यहां की इमारतें कुछ न कुछ कहानी बयां करती हैं। गंगा के साथ इतनी इमारतों का दृश्य कहीं और देखने को नहीं मिल सकता है।"
किस्सा 3: एंबेसडर गाड़ी से घूमी थी काशी की गलियां
"धार्मिक अनुष्ठान के अगले दिन ऋषि ने काशी घूमने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा था कि, हमें कोई पहचान न पाए इसलिए सुरक्षा गार्ड नहीं रहेंगे। एक गाड़ी से हम लोग घूमेंगे। इसके लिए एक एंबेसडर गाड़ी का इंतजाम किया गया था। वे किसी साधारण व्यक्ति की तरह काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे थे। पंडित अशोक द्विवेदी ने उनका रुद्राभिषेक कराया था।"
किस्सा 4: मन को भा गई थी बिरहा की संगीत
"शाम का वक्त था। ऋषि होटल ताज से कार में सवार होकररविन्द्रपुरी से गुजर रहे थे। तभी उन्हें लाउड स्पीकर पर बिरहा संगीत की आवाज सुनाई दी। उन्होंने कार को धीमे करवाकर पूछा कि ये क्या हो रहा है? जब उन्हें बताया कि ये बिरहा है, जिसे इधर की लोक संगीत कहा जाता है तो वे बड़े खुश हुए। कहने लगे कि, इसको फिल्मों में भी जोड़ना चाहिए। इस कला का बड़े पर्दे पर भी प्रदर्शन होना चाहिए।"0
किस्स 5: काशी जैसी शांति कहीं नहीं
"इसके बाद वहां से सारनाथ हम लोग चले गए। वहां मंदिरों में दर्शन पूजन के बाद धम्मेका स्तूप को बहुत देर तक देखा गया। यहां कुछ लोगों ने उन्हें पहचान लिया तो भीड़ उमड़ पड़ी। बावजूद इसके उन्होंने किसी भी सुरक्षा से मना कर दिया था। सिर्फ एक सिपाही साथ था। यहां बेहद सादगी से ऋषिने लोगों से मुलाकात की और एयरपोर्ट निकल गए। जाते समय यही कहा था कि दुनिया में कहीं शांति है तो वह काशी है।"
उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण 60 जिलों में फैल गया है। इस बीच वाराणसी में भी तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वाराणसी में तीन मई तक टोटल लॉकडाउन रहेगा। पुराने सभी आदेश निरस्त कर तीन मई की रात तक शहर में सभी तरह की दुकानों के खुलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राशन, सब्जी, गैस, दूध, दवाई की होम डिलीवरी प्रतिदिन शाम छह बजे तक कराई जा सकेगी।
अब तक बनारस में कुल 60 मरीज सामने आ चुके हैं इनमें 8 ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। अब तक एक कि मौत हो चुकी है।अधिकारियों के अनुसार पहले से जारी होम डिलीवरी दुकानों और होम डिलिवरी मैन के पास मान्य होंगे। दूध की आपूर्ति के लिए सुबह 11 से दोपहर 12 बजे तक दुकान का शटर बंद कर कैरेट बाहर रखकर बिक्री की जा सकेगी। किसी अन्य सामान की बिक्री पर दुकान सीज होगी।
दवा और फोर्मेसी ही 24 घंटे खुली रहेंगी
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि शहर में एक मई से आठ सब्जी मंडियां खोली जाएंगी। शहर में सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पताल खुले रहेंगे। इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में स्थित दवा की दुकानें व फार्मेसी भी 24 घंटे खुल सकती हैं।
बैंक, सरकारी कार्यालय जिनको खोलने के लिए अधिकृत किया गया है या जो आवश्यक कार्य कर रहे हैं, वे खुले रहेंगे। पेट्रोल पंप, भोजन पैकेट देने वाली सामाजिक संस्थाएं, सरकारी कार्य और व्यवस्था में लगे लोग प्रतिबंध से बाहर होंगे।
उद्योग नगरी कानपुर में अब तक कोरोनावायरस के 200 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। चार की जान गई है। ऐसे में पुलिस लॉकडाउन का उलंघन करने वालों से कभी सख्ती तो कभी उन्हें शर्मिंदा कर तरह तरह की सजा दे रही है। लेकिन लोग बेवजह घरों से निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार को पनकी थाना क्षेत्र में पुलिस ने पूजा थाल लेकर निकले एक अधेड़ को रोक लिया। इसके बाद करीब 200 मीटर की दूरी बैठकर चलते हुए पूरी करने की सजा दी। इस दौरान अधेड़ की आंखों से आंसू छलक पड़े। पुलिस ने उन्हें दोबारा घर से बाहर न निकलने की हिदायत देकर छोड़ दिया। वहीं इस मामले का संज्ञान लेकर आईजी जोन ने थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया है।
यह पूरा मामला पनकी थाना क्षेत्र के पॉवर हाउस मार्केट का है। यहां बुधवार सुबह पास पुलिस गस्त पर थी। इसी दौरान एक अधेड़ पूजा की थाली लेकर मंदिर के पास लगे पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के लिए जा रहे थे। पुलिस ने उन्हे रोक लिया और पूछा कि कहां जा रहे हो? अधेड़ ने जवाब दिया कि, पूजा करने जा रहे हैं। पुलिस ने पूजा की थाली पर रखे लोटे का पानी थाली पर डाल दिया।
इसके बाद उन्हे कंकरीट से भरी सड़क पर पैर के पंजों के बल बैठा दिया और मंदिर तक जाने की सजा दी। इसके साथ ही अधेड़ से यह भी कहा गया कि यह कहते जाओ कि पीपल देवता मैं आ रहा हूं। अधेड़ लगभग 200 मीटर की दूरी तक करते हुए पीपल के पेड़ तक पहुंचा। इस दौरान अधेड़ की आंखों से आंसू झलक पड़े। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।