कोविड 19 महामारी के चलते भांडेर अनुभाग के प्रत्येक ग्राम व नगर के वार्डों में 55 वर्ष से ऊपर के महिला पुरुषों की जानकारी एवं इनमें सुगर, कैंसर, बीपी टीवी के मरीजों की जानकारी अलग अलग सूची में एकत्रित की जा रही है। ताकि इन लोगों पर विशेष फोकस किया जा सके। इसके लिए बीएमओ डॉ. आरएस परिहार ने 201 कर्मचारियों की टीम को सर्वे में लगाया है। कर्मचारी सर्वे के दौरान डोर टू डोर जाकर जानकारी एकत्रित कर रहे हैं।
बीएमओ द्वारा गठित की गई टीम ने सर्वे कार्य भी प्रारंभ कर दिया है। जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उक्त सर्वे का कार्य ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं शहरी क्षेत्र में एएनएम तथा आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा उनके अधीनस्थ क्षेत्र में घर घर भ्रमण कर सूची तैयार करने मे लग गई हैं। सर्वे कार्य शुक्रवार से प्रारंभ हुआ। जिसमें 141 गांव एवं नगर के 15 वार्डों में 167 आशा कार्यकर्ता और 27 एएनएम तथा 7 एमपीडब्ल्यू की डयूटी लगाई गई है। डाॅ. आर एस परिहार ने बताया कि सर्वे कार्य में 55 वर्ष से अधिक और गंभीर बीमारी डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, टीबी कैंसर जैसी बीमारी के मरीजों की अलग से सूची तैयार कराई जा रही है। उक्त बीमारी में किसी भी उम्र के महिला पुरूष शामिल हो सकेंगे। महिला और पुरुष की अलग अलग जानकारी एकत्रित की जा रही है। ताकि इन पर विशेष ध्यान दिया जा सके, समय पर इलाज मुहैया कराया जा सके।
शहर में शनिवार को कोरोना के 47 नए मरीज मिले हैं। यह एक दिन में मिले अब तक के सर्वाधिक मरीज हैं। इनमें जहांगीराबाद क्षेत्र के 15 लोग शामिल हैं। इसी के साथ जहांगीराबाद प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज वाला क्षेत्र बन गया है। यहां अब तक 165 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके पहले इंदौर के खजराना इलाके में सबसे ज्यादा 164 मरीज मिले थे।
महिला की मौत: मिसरोद टीआई, हमीदिया के दो डॉक्टर संक्रमित
हमीदिया में इतवारा की 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। जहांगीराबाद की महफूज बिल्डिंग में रहने वाले दो परिवार के 5 लोग संक्रमित मिले हैं। इनमें दो साल का एक बच्चा भी शामिल है। मंगलवारा में भी यहां 10 नए मरीज मिलने के बाद यहां पॉजिटिव मरीजों की संख्या 52 हो गई है। मिसरोद
थाने के टीआई, हमीदिया में मेडिसिन डिपार्टमेंट के दो जूनियर डॉक्टर, जेपी-एम्स अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ में कोरोना का संक्रमण मिला है।रातीबड़ थाना क्षेत्र में चेकिंग पाइंट पर ड्यूटी दे रहे 25वीं बटालियनके एक जवान की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। हमीदिया के जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी ओपीडी में थी। उनके संपर्क में आए 10 से ज्यादा लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जहांगीराबाद, अशोका गार्डन, ऐशबाग और मंगलवारा क्षेत्र में लोगों की स्क्रीनिंग की। इस दौरान सैंपल भी लिए गए। रोज 40 से ज्यादा टीमें स्क्रीनिंग और सैंपलिंग में लगी हुई हैं। हर दिन 700 से 1 हजार के बीच सैंपल लिए जा रहे हैं। भोपाल में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 703 से बढ़कर 750 पर पहुंच गई है, जबकि अब तक 29 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है।
18 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे
चिरायु अस्पताल में शनिवार को 18 मरीजों की दोनों रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। शहर में अब तक 419 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं।
इंदौर में 30 मई तक बढ़ सकताहै लॉकडाउन
इंदौर में स्थिति नियंत्रित हो रही है, मरीज घट रहे हैं, पर 17 मई के बाद लॉकडाउन खुलने के आसार बिलकुल नहीं हैं और ये 30 मई तक जारी रह सकता है। इसकी वजह ये है कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब भी दो अंकों में है। हालांकि सैंपलिंग भी 1000 से अधिक की हो रही है और टेस्ट पॉजिटिव रेट (टीपीआर) भी 5 फीसदी के नीचे आ गया, लेकिन जब तक पॉजिटिव आते रहेंगे, शहर को राहत नहीं मिलेगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि शहर में स्थिति 80 फीसदी नियंत्रण में आ गई है। आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, लेकिन अभी भीड़ से बचना है और फिर बारिश के समय भी ध्यान रखना है। इसलिए 30 मई तक तो लोग घरों में ही रहें, तभी संक्रमण पूरी तरह खत्म होगा।
राज्य में 1000 जीवित जन्में बच्चों में से 48 पहला जन्मदिन नहीं मना पाते। राज्य की शिशु मृत्युदर 47 से बढ़कर 48 हो गई है, जो देश में सबसे ज्यादा है। देश में शिशु मृत्युदर 32 है। मप्र के ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्युदर 52 और शहरी क्षेत्र की 36 है। यह खुलासा शुक्रवार को दिल्ली में जारी हुए एसआरएस बुलेटिन 2018 की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार मप्र में ओवरऑललड़कियों की शिशु मृत्युदरलड़कों की अपेक्षा कम है। जो क्रमश46 और 51 है। एनएचएम की एमडी स्वाति मीणा नायक ने बताया कि प्रदेश की शिशु मृत्युदर को कम करने बीते दो साल में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के मृत्यु के कारणों का ऑडिट कर रहे हैं। सोमवार को इसके लिए रिव्यू मीटिंग बुलाई है।
कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है। स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, उद्योग, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, आबकारी, सहकारिता, वाणिज्यिक कर, श्रम व संस्कृति जैसे तमाम अहम विभागों के प्रशासनिक मुखिया समेत 50 सीनियर आईएएस अफसरों को इधर से इधर किया है। कमलनाथ सरकार के तख्तापलट के एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव बनाए गए एम. गोपाल रेड्डी को शिवराज ने मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद हटा दिया था। करीब डेढ़ माह से अधिक वक्त खाली बैठे पूर्व मुख्य सचिव को राजस्व मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है। कोरोना पॉजिटिव पाई गईं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल को आदिम जाति विभाग का जिम्मा सौंपा गया है। कमिश्नर चंबल संभाग रहीं रेनू तिवारी को हटाकर उनकी जगह एमबी ओझा को प्रभार सौंपा गया है। ओझा ग्वालियर कमिश्नर हैं।
स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, उद्योग, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, आबकारी, सहकारिता, वाणिज्यिक कर, श्रम व संस्कृति सब बदल डाले
नाम | वर्तमान पदस्थापना | नवीन पदस्थापना |
एम गोपाल रेड्डी | पदस्थापना की प्रतीक्षा | `अध्यक्ष, राजस्व मंडल |
आईसीपी केशरी | एसीएस, वाणिज्यिक कर | उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी |
अनुराग जैन | एसीएस, वित्त | एसीएस, वित्त के साथ योजना |
मोहम्मद सुलेमान | एसीएस, ऊर्जा व स्वास्थ्य | एसीएस, स्वास्थ्य |
विनोद कुमार | उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी | एसीएस, जीएडी |
जेएन कंसोटिया | एसीएस, सामाजिक न्याय | एसीएस, पशुपालन |
मलय श्रीवास्तव | पीएस, पीडब्ल्यूडी | पीएस, पीएचई व पर्यावरण |
पंकज राग | पीएस, संस्कृति | पीएस, खेल व संसदीय कार्यविभाग |
अशोक शाह | पीएस,श्रम | पीएस,महिला एवं बाल विकास |
मनोज गोविल | पीएस, वित्त | पीएस, वाणिज्यिक कर |
नीरज मंडलोई | पीएस, खनिज | पीएस, पीडब्ल्यूडी |
अनुपम राजन | पीएस, महिला बाल विकास | पीएस, उच्च शिक्षा व जनसंपर्क (प्रभार) |
संजय कुमार शुक्ला | पीएस, पीएचई | पीएस, उद्योग व चिकित्सा शिक्षा (प्रभार) |
शिवशेखर शुक्ला | पीएस, नागरिक आपूर्ति | पीएस, नागरिक आपूर्ति के साथ संस्कृति |
डीपी आहूजा | पीएस, पशुपालन | पीएस, जल संसाधन |
नीतेश कुमार व्यास | एमडी, पाॅवर मैनेजमेंट | पीएस, नगरीय विकास |
फैज अहमद किदवई | पीएस, सीएम व पर्यटन | पीएस, स्वास्थ्य |
अमित राठौर | आईजी, पंजीयन | पीएस, वित्त |
करलिन खोंगवार | आयुक्त, हाउसिंग बोर्ड | पीएस, तकनीकी शिक्षा वहाउसिंग बोर्ड (प्रभार) |
सुखवीर सिंह | आयुक्त, संस्थागत | वित्त सचिव, खनिज |
सोनाली पोंक्षे | वायंगणकर एमडी, महिला वित्त विकास निगम | संचालक, प्रशासन अकादमी |
डॉ.एमके अग्रवाल | आयुक्त, सहकारिता | सचिव, आयुष विभाग |
रेनू तिवारी | कमिश्नर, चंबल संभाग | आयुक्त, सामाजिक न्याय |
पी.नरहरि | सचिव, जनसंपर्क एमडी | मार्कफेड व आयुक्तनगरीय प्रशासन का प्रभार |
राजेश बहुगुणा | आयुक्त, आबकारी | सदस्य, राजस्व मंडल |
राजीवचंद्र दुबे | सचिव, जेल | आयुक्त, आबकारी |
अजीत कुमार | संचालक, प्रशासन अकादमी | आयुक्त, नगर तथा ग्राम निवेश |
नरेश पाल कुमार | आयुक्त, महिला एवं बाल विकास | आयुक्त, शहडोल संभाग |
रवींद्र कुमार मिश्रा | सचिव, मप्र शासन | आयुक्त, रेशम |
डॉ.श्रीनिवास शर्मा | सचिव, मप्र शासन | सचिव, जीएडी |
डॉ.श्रीनिवास शर्मा | सचिव, मप्र शासन | सचिव, जीएडी |
रवींद्र सिंह | सचिव, मप्र शासन | ओएसडी, राज्य सूचना आयोग |
सुदाम पी.खाड़े | संचालक, स्वास्थ्य | अपर सचिव, जनसंपर्क व एमडी माध्यम |
श्रीमन शुक्ला | एमडी, मार्कफेड | एमडी, एमपीआरडीसी |
स्वाति मीणा नायक | मिशन संचालक, स्वास्थ्य मिशन | संचालक, महिला एवं बाल विकास |
स्वतंत्र कुमार सिंह | संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश | अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास |
शशांक मिश्रा | अपर सचिव, मप्र्र शासन | सीईओ, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण |
छवि भारद्वाज | अपर आयुक्त, आदिवासी विकास | मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन |
कृष्णगाेपाल तिवारी | संचालक, सामाजिक न्याय | उप सचिव, सामाजिक न्याय |
विशेष गढ़पाले | सीईओ, ग्रामीण सड़क विकास प्राधि. | एमडी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
डॉ.विजय कुमार | जे संचालक, लोक स्वास्थ्य | संचालक, लोक स्वास्थ्य व पब्लिकहेल्थ सर्विसेस कार्पो. का प्रभार |
कोराेना के उपचार के लिए एम्स में देश की पहली सर्जरी की गई है। कोरोना संक्रमण के कारण 61 वर्षीय महिला के पेट और आंतों को रक्त पहुंचाने वाली मुख्य रक्तवाहिका नली में ब्लॉकेज हो गए थे। यह भी अपनी तरह का देश का पहला मामला है। वर्ना कोरोना श्वास नलियों पर अटैक करता है। महिला को बहुत तेज पेट दर्द हो रहा था। कोई रास्ता न देख डॉक्टर्स ने सर्जरी का फैसला लिया, जबकि महिला को पहले से ही डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसी बीमारियां थी, जो कोरोना की रिस्क और बढ़ा देती है। ऑपरेशन के बाद महिला ठीक है। इससे पहले सिर्फ फ्रांस में इस तरह का एक मामला रिपोर्ट हुआ है, जिसमें 79 वर्ष की एक महिला की सर्जरी की गई थी।
नहीं काम आई कोई दवा...
एम्स के प्रवक्ता डॉ लक्ष्मीप्रसाद ने बताया कि बुखार और निमानिया के कारण महिला को 28 अप्रैल को एम्स में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान शुक्रवार को उन्हें अचानक पेट दर्द हुआ। सीटी स्कैन किया तो पता चला कि वह सुपीरियर ऑर्टरी थ्रोम्बोसिस पीड़ित है। यानी कोरोना संक्रमण के कारण आहार-नाल और पेट से जुडे अंगों को रक्त की आपूर्ति करने वाली मुख्य रक्त-वाहिका में ब्लॉकेज के कारण खून के थक्के जम गए थे। दवाओं से कोई राहत नहीं मिली तो फिर आपातकालीन सर्जरी का फैसला लिया गया।
देश का पहला केस है...
एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में भी 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीज की डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसी बीमारियों के साथ सर्जरी जोखिमपूर्ण होती है। कोरोना निमाेनिया, आंत में सूजन आदि के कारण यह दुर्लभ परिस्थिति बन गई थी। कोरोना के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित होने का भी यह देश का पहला मामला है। डॉक्टरों ने आंत के एक हिस्से को निकालकर ब्लॉकेज दूर किए और महिला की जान बचाई। फिलहाल वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर कोविड आईसीयू में है।
ये थे टीम में शामिल
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजीत, डॉ. आकाश चारी, डॉ. आगोश की टीम ने सर्जरी की। एनीस्थिसिया टीम में डॉ. सुनैना तेजपाल, डॉ. शशि, डॉ. राजेश और डॉ. श्रीनिवास थे, जबकि नर्सिंग स्टॉफ में रमेश, सुमित और साजन, एनीस्थिसिया तकनीशियन शशिकांत शामिल रहे।
कोरोना वायरस की भिंड जिले में दाे दिन पहले हुई दस्तक के बाद अब खतरा बढ़ता जा रहा है। गुजरात के अहमदाबाद से 5 दिन पहले गोहद आए एक युवक की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। ऐसे में दो दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दो हो गई है। इसके अलावा दिल्ली से आए रवि की बाइक को भी प्रशासन ने गोहद के एंडोरी गांव से बरामद कर लिया है। वहीं उसके साथ आए कक्का माहौर निवासी एंडोरी और मुकेश निवासी विरगंवा सहित संपर्क में आए अन्य लोगों के सैंपल लिए हैं। इसके अलावा उसके मित्र इरफान खान पुत्र नसरुद्दीन को होम क्वारेंटाइन किया गया है। साथ ही मेहगांव के वार्ड क्रमांक 12 व विरगंवा गांव को कंटेनमेंट किया गया है।
जिले में लगातार बाहर से आ रहे लोगों के साथ कोरोना ने भी भिंड में अपनी धमक देना शुरू कर दिया है। शनिवार को गोहद चौराहा रामनगर निवासी प्रदीप (26) पुत्र जिलेदार श्रीवास के कोरोना सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह 4 मई को अहमदाबार से अपने मामा अन्य साथियों के साथ मुरैना आया था। जहां से वह गोहद स्थित अपने घर आ गया। 6 मई को उसके मामा की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर भिंड जिला प्रशासन ने प्रदीप को उठाकर जिला अस्पताल में क्वारेंटाइन कर दिया। साथ ही कल शुक्रवार को उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
30 रिपोर्ट आई, जिसमें 1 पॉजिटिव, 29 निगेटिव
शनिवार को जिले में 30 सैंपल की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें प्रदीप को छोड़कर शेष 29 के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं एक दिन पहले मिले कोरोना पॉजिटिव रवि के साथ आए कक्का माहौर निवासी एंडोरी, मुकेश निवासी विरगंवा और उससे मिलने आए मामा-मामी सहित 18 संदेहियों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं।
मेहगांव का वार्ड-12 और विरगंवा गांव सील
संक्रमित के मिलने के बाद प्रशासन ने उसके साथ आए कक्का माहौर और मुकेश को भी जिला अस्पताल में आइसोलेट कर दिया है। साथ ही उनके घर को सेनेटाइज भी किया गया है। इसके अलावा रवि के दोस्त इरफान को भी होम क्वारेंटाइन किया गया है । साथ ही उसके मोहल्ले एवं विरगंवा गांव को सील किया गया है।
इरफान की बाइक लेकर आया था रवि
बताया जा रहा है कि दिल्ली में रवि के साथ मेहगांव निवासी इरफान खान भी काम करता है। इरफान पहले ही भिंड आ गया था। ऐसे में जब रवि दिल्ली से आने वाला था तो इरफान ने उससे अपनी बाइक भी मंगा ली। बुधवार को भिंड जिला अस्पताल में रवि के क्वारेंटाइन होने के बाद कक्का और मुकेश उसकी बाइक ले गए।
अहमदाबाद से झाबुआ तक का सफर तय किया साइकिल से, फिर बस से आए मुरैना
प्रदीप अपने मुरैना निवासी मामा और अन्य साथियों के साथ अहमदाबाद से साइकिल चलाकर झाबुआ बॉर्डर पर पहुंचे। जहां भोजन करने के बाद वे बस में सवार हो गए। उसके मामा मुरैना में उतर गए। उन्होंने मुरैना जिला अस्पताल पहुंचकर चेकअप कराया। तो उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया। जबकि प्रदीप अपने घर गोहद आ गया था। दो दिन बाद 6 मई को मामा के संक्रमित पाए जाने पर उनके कांटेक्ट लिस्ट के आधार पर मुरैना से भिंड में सूचना आई तो प्रदीप को क्वारेंटाइन किया गया। अब प्रदीप के भी कोरोना पॉजिटिव आने पर उसके संपर्क में आए लोगों की हिस्ट्री निकाली जा रही है। हालांकि े अधिकारियों का कहना है कि वह ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं रहा है। वहीं प्रदीप की पत्नी और बच्चे को घर में ही क्वारेंटाइन किया गया है।
बैठक ली:शनिवार को डब्लूएचओ के प्रतिनिधि डॉ एमडी राजावत ने सीएमओ कार्यालय में डाॅक्टर्स की बैठक ली, जिसमें कोरोना संक्रमित मरीज की कांटेक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट एरिया के निर्माण आदि बिंदुओं पर चर्चा हुई।
राजहोली इलाके में लोगों ने खुद बंद किए मोहल्ले के रास्ते
जिले में पहला कोरोना संक्रमित मरीज निकलने के बाद शनिवार को शहरवासियों में भय दिखाई दिया। स्थिति यह थी कि राजहोली इलाके में मोहल्लेवासियों ने खुद ही पूरा मोहल्ला सील कर दिया है। मोहल्ले के अंदर और बाहर जाने वाले रास्तों को लोगों ने स्वयं ही चार पहिया हाथठेला फंसा कर पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसके अलावा शहर की सड़कों पर भी चहल पहल काफी कम दिखाई दी।
शनिवार को थाना प्रभारी सौरभ त्रिपाठी के द्वारा शहर में लगे फिक्स पॉइंट अंबेडकर तिराहा, सर्वोदय चौराहा, गांधी तिराहा, रामनगर चेक पॉइंट, बारधा सायलो केंद्र और गांधी वार्ड के कंटेनमेंट एरिया का निरीक्षण किया गया। उन्होंने प्वाइंटों पर पहुंच कर तैनात पुलिस बल से चर्चा की। साथ ही उन्हें आम का पना और मट्ठे की छाछ पिलाई। साथ ही सभी को समझाइश दी गई कि काम के दौरान स्टाफ स्वयं को सुरक्षित रखते हुए सतर्कता से ड्यूटी करें और लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए जागरुक करें।
दूसरे राज्यों में फंसे लोगों का पलायन बंद नही हो रहा है। शासन की अनदेखी के शिकार ये मजदूर पैदल एवं अन्य वाहनों की मदद से तेज धूप और भीषण गर्मी में कई किमी की यात्रा करके ये अपने घर पहुंच रहे हैं। पैदल चल कर लोगों के पैरों में छाले पड़ रहे वहीं आराम नहीं हो पाने के कारण मजदूरों की स्थिति बिगड़ती जा रही है।शनिवार को 24 मजदूर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से पैदल व अन्य वाहनों की मदद से दोपहर करीब 3 बजे शहर पहुंचे। इन लोगों को अभी कई किमी की दूरी तय करने केे बाद लखनऊ पहुंचना है। यह सभी मजदूर भोजन करने के बाद शहर के अंबेडकर चौक पर जाकर बैठ गए और झांसी की ओर जाने वाले वाहनों के इंतजार करने लगे। बाद में खिमलासा की ओर जाने वाले 3 ट्रकों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इन लोगों को बैठा कर रवाना कर दिया गया।
मजदूर संत कुमार एवं प्रकाश ने बताया कि वह औरंगाबाद से लखनऊ जा रहे है जिसकी दूरी करीब 1390 किमी की है । उन्होंने बताया कि वह 5 मई को औरंगाबाद से निकले थे। इस दौरान कई वाहनों एवं पैदल चलकर यहां तक पहुंचे है। उन्होंने बताया कि वह सभी औरंगाबाद में ऑटो मोबाइल पार्टस बनाने वाली कंपनी में काम करते थे। काम बंद होने के बाद वह अपने घर वापस लौट रहे है। सरकार के द्वारा वाहन की व्यवस्था नहीं करवाने के कारण यह सभी दुखी थे।
3 दिन पैदल यात्रा कर भोपाल से बीना पहुंचे
वहीं 6 मई को भोपाल से पैदल चलकर यूपी के ऊरई जा रहे नाबालिग बच्चे सहित 7 लोग दोपहर के समय शहर पहुंचे और बाद में ये सभी खिमलासा की ओर रवाना हो गए । मजदूरों ने बताया कि यह सभी मजदूरी करने के लिए भोपाल गए हुए थे । काम बंद होने के बाद ये सभी वापस अपने घर लौट रहे हैं ।
शनिवार को दिन भर आसमान में बादल छाने के बाद शाम करीब साढ़े 5 बजे तेज धूल भरी आंधी चलना शुरु हुई, जो देर रात तक कई बार चली। तेज हवा के चलने के कारण कई स्थानों पर बिजली के तार टूट गए और शहर में अंधेरा छा गया। तार टूटने से करीब 2 घंटे तक लाइट बंद रही। बाद में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर तारों का मरम्मत कार्य किया। फिर कहीं जाकर लाइट चालू हुई। इस दौरान शहरवासी भीषण गर्मी में लाइट नहीं होने के कारण परेशान रहे।
तेज आंधी हवा चलने के कारण सबसे ज्यादा नुकसान बिजली विभाग को हुआ है। तेज हवा के कारण सागर गेट से खुरई गेट रेलवे बायपास स्थित रमेश जड़िया के बगीचे के पास 11 केवी की लाइन टूट गई। इसके अलावा भगत सिंह वार्ड में 3 स्थानों पर एलटी लाइन टूट कर नीचे गिर गई। देहरी रोड 11 केवी लाइन एवं गुलौआ रोड पर एलटी लाइन टूट कर गिर जाने के कारण शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र का कुछ हिस्सा अंधेरे में डूब गया। तेज आंधी के बाद करीब 5 बजे तार टूट जाने के बाद लाइट गुल हो गई थी। जो शाम करीब साढ़े 7 बजे के बाद आई। इस दौरान लाइट बंद होने के कारण लोग परेशान रहे। इस संबंध में सहायक अभियंता तोमर ने बताया कि तेज हवा आंधी के कारण कई स्थानों पर लाइन टूट गई थी। जिस कारण लाइन को सुधारने में करीब 2 घंटे का समय लगा और इस दौरान बिजली सप्लाई बंद रही।
मौसम की खराबी से साइलो केंद्र पर रोकी डाक
शाम के समय तेज धूल भरी आंधी चलने के साथ हल्की बूंदाबांदी भी हुई। हांलाकि हवा के साथ ही बूंदाबांदी भी बंद हो गई। तेज हवा पानी के कारण बारधा के साइलो केंद्र पर खरीदी को बंद कर दिया गया। जिससे किसानों के
अनाज की खरीदारी नहीं हो सकी। किसान बिट्टू ठाकुर देहरी ने बताया कि वह दो रात से यहां अनाज की तुलाई के लिए रुके हुए हैं। उम्मीद थी कि शनिवार को उनके अनाज की तुलाई हो जाएगी लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण तुलाई रोक दी गई।
एसडीएम ने किया निरीक्षण: बारधा साइलो केंद्र का शनिवार की शाम करीब 5 बजे एसडीएम अमृता गर्ग ने निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर लगी मशीन का निरीक्षण किया और कुछ किसानों से खरीदी को लेकर चर्चा की।
कोरोना वाॅरियर के रूप में काम करने वाली ऐसी मां भी हैं जिनके बच्चे छोटे होने के बावजूद वे दूसरों की जान बचाने और संक्रमण से लड़ाई में जुटी हैं। इनमें से कुछ की ड्यूटी में सर्वे में तो कुछ की मॉनीटरिंग में लगाई गई है। जानिए ऐसी ही तीन मां की कहानी...
बेटे को दिनभर नहीं करा पाती फीडिंग
प्रियंका खरे, सुपरवाइजर, महिला एवं बाल विकास कार्यरत हैं। वहबताती हैं कि, लॉकडाउन में रेपिड रिस्पांस टीम में ड्यूटी लगी है। मेरा पूरा इलाका कटेंनमेंट है। सुबह से ड्यूटी पर निकल जाती हूं। मेरा काम कंटेनमेंट में टीम को मॉनिटर करना है। दोपहर को ड्यूटी से लौटकर 7 माह के बेटे को देखने आती हूं लेकिन उसे फीड नहीं करा पाती। कई बार पति को भी ड्यूटी जाना पड़ता है तब अपनी 10 साल की बेटी और 7 माह के बेटे को पड़ोसी के घर छोड़कर जाती हूं।
बच्चे को गोद में लेने से डर लगता है
अनामिका पटेल, सुपरवाइजर हैं, उनकहा है कि मेरा नौ माह का बेटा है। अपनी बेटी और पति के सहारे ही उसे छोड़कर ड्यूटी पर जाती हूं। घर लौटती हूं तो देखकर पास आने की कोशिश करता है लेकिन मैं उसे नहीं ले पाती। कोरोना संक्रमण वाले इलाके में ड्यूटी करने के बाद जब तक नहा न लूं, तब तक उसे टच तक नहीं करती हूं। केवल उससे बातें करती हूं। बेटा पास आने और फीडिंग के लिए जिद करता है देखकर रोता है लेकिन उसे कैसे बताऊं कि उसकी मां के लिए ड्यूटी भी जरूरी है।
एक घर में रहकर भी बेटियों से दूर
भावना पटैया, नर्स, हमीदिया अस्पताल में कार्यरत हैं। वह बताती हैं किइमरजेंसी यूनिट के मेडिकल वार्ड में ड्यूटी कर रही थी, मुझे आशंका थी कि किसी भी दिन काेराेना का संक्रमण हाे सकता है। इसी कारण ड्यूटी के बाद घर जाकर खुद काे अलग कमरे में अाइसाेलेट करके रखती थी। 15 दिन से ज्यादा बीत गए, एक ही घर में रहकर 8 साल और 4 साल की बेटियों का मुंह नहीं देखा। 4 मई काे काेराेना जांच के लिए सैंपल िदया था। 7 काे रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाई, अब चिरायु में इलाज चल रहा हूं। अच्छी बात यह रही कि बेटियाें से दूरी बनाकर रखी थी।
जिले में एक तरफ मुख्यालय पर कोरोना के योद्धा लगातार मुस्तैदी से कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शनिवार की शाम बहादुरपुर अस्पताल में अव्यवस्थाओं की बड़ी तस्वीर देखने मिली। शनिवार रात 7.30 बजे नेशनल हाईवे पर गैस एजेंसी के नजदीक मोड़ पर एक मेटाडोर के दुर्घटना ग्रस्त होने से इसमें सवार दो महिलाएं गंभीर घायल हो गईं। इन महिलाओं को बहादुरपुर अस्पताल लाया गया। जहां 6 नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर होने के बावजूद केन्द्र पर इमरजेंसी में अाधे कपड़ों में स्टोरकीपर और एकाउंटेंट ने महिला को जमीन पर लिटा कर इलाज करते हुए नजर आए। मौके पर कोई फीमेल स्टाफ नहीं मिला। इस बीच एकाउंटेंट आरएस पैंकरा, स्टोरकीपर संजय गिरी और गार्ड हिम्मत कुशवाह ने महिला का इलाज किया। स्टाफ के अलावा मौके पर पहुंची मीडिया ने डॉ. वायएस तोमर को सूचना दी लेकिन वह नहीं आए।
इस तरह हुई घटना- पुलिस के मुताबिक झांसी से भोपाल जा वाहन के चालक मेहरबान सिंह यादव ने गीलारोपा और बहादुरपुर के बीच मोड़ पर रेलिंग तोड़ते हुए वाहन बालकिशन बघेले के घर में घुसा दिया। इसमें सवार महिलाएं नब्बो उम्र 50 साल और बानोबी उम्र 55 साल घायल हो गईं। महिलाओं ने बताया वे झांसी से ससुराल भोपाल जा रही थीं। इस दौरान गंभीर रूप से घायल नब्बो बी को जिला अस्पताल रेफर किया है।
लॉकडाउन में दूसरे जिले में आने जाने के लिए पास बनाने वाले सर्वर डाउन चल रहा है। तकनीकि खामियों की वजह से सर्वर नहीं मिलने के कारण लोगों के फार्म सबमिट नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 6 दिनों से कई लोगों को इस तकनीकी खामी की वजह से परमिशन नहीं मिल पाई है। शनिवार को अवकाश होने के बाद बड़ी संख्या में लोग सर्वर की समस्या के चलते कलेक्टोरेट पहुंचे लेकिन वहां से भी विकल्प न होने की वजह से उनको परेशानी उठाना पड़ी।
दूसरे शहरों में आवाजाही के लिए ईपास व्यवस्था मप्र शासन न बनाई। लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से लोगों को परेशानी उठाना पड़ रही है। शहर में दुकानें सुबह 10 से 4 बजे तक खुलती है, इस बीच सर्वर साथ न देने की वजह से लोगों के ईपास नहीं बन पा रहे हैं। साइड स्लो चलने की वजह से मोबाइल से रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। शनिवार को कई लोग ईपास न बन पाने की वजह से यहां वहां भटकते रहे लेकिन उनको कोई सहायता नहीं मिली। इनमें कई लोग ऐसे थे जिनको इलाज के लिए भोपाल, विवाह समारोह सहित अन्य आवश्यक कार्यों से दूसरे शहर जाना था।
जानिए, ई पास का विकल्प क्यों जरूरी
1. अशोकनगर वाल्मीकि मोहल्ला निवासी रामबाबू बालू की सास का सागर में निधन हो गया। शनिवार की दोपहर निधन होने के बाद वे परमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रयास करते रहे। जब सर्वर की समस्या के कारण आवेदन नहीं हुआ तो कलेक्टोरेट जाना पड़ा। जहां अवकाश के चलते कोई नहीं मिला। हालाकि दो घंटे की मशक्कत के बाद कलेक्टोरेट के 120 नंबर चैम्बर से उनकी ऑनलाइन आवेदन के बाद परमिशन मिल सकी।
2. देवी जी गली निवासी बिल्लू सेन अपने बड़े भाई रमेश सेन की तबीयत बिगड़ गई। डाॅ. कयाल के यहां से उनके भाई को भोपाल रैफर कर दिया। लेकिन डेढ़ घंटे तक सर्वर की वजह से कम्प्यूटर सेंटर पर ही बैठे रहे। जैसे सर्वर मिला तो ओटीपी आ सकी और फिर सर्वर चला गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद उनका आवेदन ऑनलाइन हो सका।
दिन भर मोबाइल पर किया प्रयास, नहीं मिल सकी परमिशन
ईपास के लिए सबसे अधिक परेशानी शहर में 10 मई को होने वाले शादी वाले परिवारों को उठाना पड़ी। खासकर जिले से बाहर दूसरे जिले में शादियों के लिए वर और वधु पक्षों को परमिशन लेना पड़ रही है। लेकिन सर्वर की समस्या के चलते कई लोग दिन भर परेशान होते रहे। सर्वर की वजह से मोबाइल पर आवेदन भर ही नहीं पा रहा है। जो लोगों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्दी की वजह बना है।
इसलिए भी बड़ी समस्या
अभी तक जिले के आसपास के जिले ग्रीन जोन में थे। इसके चलते जिले से इन जिलों में जाने के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं थी। लेकिन पड़ौसी जिला गुना, सागर, विदिशा और शिवपुरी में कोविड-19 संक्रमित लोगों के मिलने के बाद से परमिशन लेने के लिए जरूरत पड़ रही है। खासकर पड़ौसी जिला गुना और शिवपुरी में जिले से लोगों का हर दिन आना जाना रहता है जिनको दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे कई लोग
जिले में ऐसे सैकड़ों परिवारों के सदस्य है जो लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं। शहर के बोहरे कॉलोनी निवासी आनंद कुमार त्रिपाठी लॉकडाउन के बाद से कन्याकुमारी में फंसे हैं। जहां से वे लगातार तब से परमिशन की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनको आने की परमिशन नहीं मिली है। शहर से परिजनों द्वारा ईपास के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन साइड अपडेट न होने की वजह से फार्म ही नहीं भर पा रहा है।
लॉकडाउन के चलते फिलहाल सामूहिक आयोजनों पर रोक लगी हुई है। ऐसे में कई खेलों की प्रतियोगिताएं नहीं हो पा रहीं। ऐसी ही एक प्रतियोगिता वूशु आयोजित की गई। स्टेट वूशु चैंपियनशिप की यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित कराई गई जिसमें 35 जिलों की टीमों ने हिस्सा लिया। हमारे जिले की टीम ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 35 पदक अपने नाम किए और दूसरे स्थान पर रही। जबकि पहले पर जबलपुर की टीम रही।
जिले के 20 खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उक्त प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिलाड़ियों ने 35 पदकों पर कब्जा किया। जबलपुर की टीम 45 पदक के साथ पहले स्थान पर रही। हमारे जिले के खिलाड़ियों ने ऑनलाइन खेल का प्रदर्शन करते हुए 9 स्वर्ण पदक जीते। वूशु कोच ब्रजेश धुरेंटे ने बताया कि आगामी 15 मई से भारतीय वूशु संघ व भारतीय खेल प्राधिकरण राष्ट्रीय ऑनलाइन वूशु प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें पदक विजेता खिलाड़ी अपने घराें से ही वूशु खेल का प्रदर्शन करेंगे। प्रतियोगिता के उपरांत एसोसिएशन ऑफ इंडिया सीईओ सुहेल अहमद, एनके त्रिपाठी आईपीएस, भगवत सिंह आईजी जबलपुर, विवेक राज सिंह डीआईजी छतरपुर, संजय साहू एसपी भोपाल, मुकेश अविद्रा सीएसपी दमोह, वूशु संघ अध्यक्ष दया सिंह संधु, कुलदीप हांडू चीफ कोच ने खिलाड़ियों को संबोधित भी किया।
इनको मिले पदक
स्वर्ण पदक राजेश्वरी गहलोत, तेजस्विनी गहलोत, अनुष्का त्रिपाठी, अंजनी त्रिपाठी, रुद्रांश दुबे, सत्यम जैन, पूर्वा नरवरिया, देवश्री रघुवंशी जीते। वहीं नंदनी वर्मा, रुद्राक्ष राणा, ईश्वरी चौबे, प्राची नंदन, पार्थ नंदन ने रजत पदक जीते।
लॉकडाउन में राशन व जरूरत के सामान से जूझ रहे मध्यवर्गीय परिवार के सामने अब बिजली बिलों का संकट खड़ा हो गया है। बिजली विभाग की ओर से जो बिल लोगों को भेजे गए हैं वे बढ़कर पहुंचे हैं। लॉकडाउन के दौरान जहां कई दुकानें अब भी बंद हैं ऐसे में लोगों के सामने बिल भरने का संकट खड़ा हो गया है। जिसे देखते हुए शनिवार कोआज ही आवाज संगठन ने सांसद, पूर्व विधायक और डीई का घेराव किया और उनसे बिल माफकराए जाने की मांग की। इसके बाद सांसद ने मुख्य महाप्रबंधक से भी बात की जिन्होंने बिलों को दोबारा रीडिंग कराए जाने का आश्वासन दिया।
औसत 100-150 रुपए बिल चुका रहे घरेलू उपभोक्ताओं को 3 से 4 हजार रुपए तक के बिल दे दिए गए हैं। जब बिल उनके पास पहुंचे तो बिल देखकर ही उनके होश उड़ गए। उपभोक्ता लता शर्मा ने बताया कि पहले बिल 99 से 100 रुपए के बीच आता था लेकिन इस बार 2987 रुपए बिल दे दिया है। इसी तरह गुरविंदर सिंह का अमूमन 150 से 200 के बीच रहने वाला बिल इस बार 1857 रुपए का थमा दिया है। उपभोक्ताओं के आरोप हैं कि कोरोना महामारी के लॉकडाउन में बिजली मीटरों की रीडिंग नहीं ली जा रही। लोगों को मोबाइल पर ऑनलाइन बिल दिए हैं।
इधर..सांसद और पूर्व विधायक काे दिया ज्ञापन
आज की आवाज संगठन ने बढ़कर आ रहे बिजली बिलों को लेकर सांसद डॉ.केपी यादव, पूर्व विधायक जजपाल सिंह एवं डीई श्रवण पटेल को ज्ञापन दिए। रंजीत यादव, सतेन्द्र कलावत ने बताया कि नगर में पिछले माह की तुलना में 10 गुना बिल आ रहे हैं। इस बीच सांसद ने मुख्य महाप्रबंधक से बात की तो उन्होंने बिलों को दोबारा रीडिंग कराकर नए सिरे से बिल देने की बात कही। पूर्व विधायक ने कहा किसी भी घर की लाइट नहीं काटी जाएगी, बिलों की दोबारा जांच की जाएगी।
शादी समाराेह के लिए पानी भरने गए युवक के पेट में ट्रैक्टर का हैंडल घुस गया, जिससे उसकी मौत हा़े गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर ली। शनिवार को पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। अपने इकलौते बेटे की मौत के बाद पिता इसे हत्या बता रहा है। उसका आरोप है कि कुछ दिनों पहले उसके बेटे के साडू से उसका विवाद भी हुआ था। दरअसल राजेश उर्फ राजू पुत्र बृजलाल आदिवासी 24 साल निवासी बर्रा पिपरई की शादी निसई जी से हुई थी। इसके साडू की बेटी की दो दिन पहले शादी थी। लॉकडाउन के चलते बर्रा से पैदल निसई गया था। शादी समारोह में पानी भरने के लिए कुएं पर गया था। वहां ट्रैक्टर का हैंडल उसके पेट में घुस गया, जिससे वो घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसकी मौत हो गई। उसके पिता बृजलाल इसे हत्या मान रहे हैं। उनका कहना था कि 10 दिन पहले उसके साडू से उसका विवाद हुआ था। उन्होंने बताया कि मुझे शुक्रवार सुबह 10:30 बजे बताया कि उसको चोट आई है। एम्बुलेंस से अशोकनगर भेज रहे हैं। साथ ही आरोप लगाते हुए बताया कि मेरी बहू को भी घर पर नहीं भेज रहे। इधर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी।
प्राणपुर घाटी पर इलाहाबाद जा रहेे दो ट्राले टकरा गए। पीछे से आ रहे ट्राले ने आगे चल रह ट्राले में टक्कर मार दी। किसी तरह की जनहानि तो नहीं हुई लेकिन पीछे से आ रहे ट्राले का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
लकी रोडवेज शिवपुरी के दो ट्राला अशोकनगर से चना भरकर इलाहाबाद के लिए निकले थे। दोनों ही में 34-34 टन चना भरा हुआ था। ट्राला क्रमांक एमपी 33 एच 4450 के ड्राइवर संजय योगी ने बताया कि घाटी के बाद ढलान पर ब्रेक फेल हो गए और वह आगे चल रहे ट्राले से पीछे से टकरा गया, जिसे संजीव संजू कोली चला रहा था। दोनों गाड़ी 100 मीटर आगे तक घिसटती रही। अगर दोनों न संभलते तो खाई में जाकर गिरते और बड़ा हादसा हो सकता था।
लॉकडाउन के बाद बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। जिसे देखते हुए पहले घर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई मोबाइल की मदद से कराई गई लेेकिन फिर भी ऐसे विद्यार्थी छूट रहे थे जिनके पास मोबाइल नहीं है। इसे देखते हुए अब 11 मई से दूरदर्शन पर बच्चों की क्लास लगाई जाएगी ताकि लॉकडाउन से उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो। जिले में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से 16 हजार बच्चों की पढ़ाई घर बैठे ही कराई जा रही थी। जिनको शिक्षक अपने घर पर क्लास लेते हुए मोबाइल की मदद से पढ़ाते थे। साथ ही बच्चों को ग्रुप पर पढ़ने के लिए परीक्षा सामग्री भी अपलोड की जा रही थी लेकिन अब ओर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने दूरदर्शन पर 11 मई से विशेष शैक्षिक टीवी कार्यक्रम चलाने की योजना बनाई है।
5 दिन 2 बार प्रसारित होंगे कार्यक्रम : दूरदर्शन पर यह कार्यक्रम प्रति सप्ताह 5 दिन प्रसारित होंगे। सोमवार से शुक्रवार तक प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को दो बार दिखाया जाएगा। विद्यार्थी दूरदर्शन के माध्यम से, घर पर रहते हुए नियमित पढ़ाई कर सकेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय ने कार्यक्रम को दूरदर्शन के सहयोग से, 10वीं, 12वीं कक्षाओं के लिए विषयगत अवधारणों पर तैयार किया है, जिसमें 1 घंटे की समयावधि में विषय की कठिन अवधारणाओं पर रोचक वीडियोज का समावेश होगा। प्रतिदिन दोपहर 12 से 1 बजे तक कक्षा 10वीं के लिए और दोपहर 3 से शाम 4 बजे तक कक्षा 12वीं के लिए कार्यक्रम प्रसारित होंगे।
अनिल खंतवाल, बीईओ अशोकनगर के मुताबिक, ग्रुप बनाकर बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है। ग्रुप पर उनको पढ़ाई के लिए उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जूम एप की मदद से ऑनलाइन क्लास भी लगाई जा रही हैं। साथ ही दूरदर्शन पर अब बच्चों के लिए क्लास लगाई जाएगी जिससे ऐसे बच्चों को भी लाभ मिलेगा जिनके पास मोबाइल नहीं था।
सालों से एक ही धंधे से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे लोगों को लॉकडाउन में अपने धंधे बदलने पड़े हैं। इसका उदाहरण शनिवार को देखने मिला जब चाट समोसा के ठेले पर कपड़े बेचते हुए दुकानदार देखे गए। यह कोई एक मात्र उदाहरण नहीं है, इस तरह हर दिन कमाने वाले लोग अपने धंधे बदलकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से ऐसे कई परिवारों के समक्ष भरण पोषण का संकट आ गया है जिनको लॉकडाउन में दुकानें खोलने की छूट नहीं दी गई है। इन दुकानदारों में चाट, चाय, पान, गुटका की गुमठियां चलाने वाले लोगों की संख्या अधिक है। लॉकडाउन की वजह से अपने परिवारों का पेट पालने के लिए धंधे की बदल लिए हैं। गांधी पार्क पर चाट का ठेला लगाने वाले श्याम ताम्रकार ने बताया कि उन्होंने शहर के ही थोक विक्रेता व्यापारी से कपड़े खरीदे और ठेला लगाकर उस पर कपड़े बेचना शुरू कर दिए। इस तरह और भी छोटे दुकानदार चाट के स्थान पर फल, सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
दो दिन से जारी लॉकडाउन संभवत: सोमवार को खुल सकता है। इसके संकेत शनिवार को तब मिले जब कलेक्टर, एसपी, अपर कलेक्टर, एसडीएम, नपा सीएमओ आदि ने संयुक्त रूप से पूरे शहर के प्रमुख बाजारों का पैदल भ्रमण किया। इसका प्रमुख मकसद था भीड़ का प्रबंधन यानि क्राउड मैनेजमेंट। इसके लिए पार्किंग, अस्थाई अतिक्रमण और ठेलों वालों की समस्या अधिकारियों की प्रमुख चिंता रही।
एसडीएम शिवानी गर्ग ने बताया कि शनिवार को यह जायजा लिया गया कि बाजार खुलने की स्थिति में भीड़ को नियंत्रित कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि टोटल लॉकडाउन कब खुलेगा यह तो कलेक्टर तय करेंगे लेकिन इसके लिए हमें तैयार तो रहना ही होगा। उन्होंने कहा कि बाजार में दुकानदार अपना सामान बाहर तक फैला लेते हैं। इसके बाद ठेले वाले खड़े हो जाते हैं। फिर वाहन पार्किंग हो जाती है। ऐसे में सड़क पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना मुश्किल काम है।
इसलिए प्रशासन व पुलिस मिलकर यह रणनीति बना रहे हैं कि बाजार में कैसे ज्यादा से ज्यादा जगह बनाई जाए। इसके लिए रविवार को एक पूरी कार्ययोजना बनाकर तैयार की जाएगी। उम्मीद है कि तब तक संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट भी आ जाएगी। सब ठीक रहा तो रविवार देर शाम तक लॉकडाउन के संबंध में नया आदेश जारी कर हो सकता है।
कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद अब सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिस गांव में युवक अपने घर में रुका था। वहां स्वास्थ्य सर्वे शुरू किया गया, हर घर, परिवार और व्यक्ति की जानकारी जुटाई गई। इस दौरान 990 लोगों ने अपने स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी सर्वे टीम को दी। इसमें से हाईरिस्क वाले लोगों की अलग सूची तैयार की जा रही है। शनिवार रात एक राहत भरी खबर आई है कि पॉजिटिव युवक और 6 परिजनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के दौरान गांव से 15 संदिग्ध भी निकले हैं, जिनकी कोरोना जांच होगी।
इसके अलावा गुना, बीनागंज और चांचौड़ा में भी सर्वे शुरू हो चुका है। इसमें ये देखा जाएगा कि कहीं कोई बाहर से तो नहीं आया। इसके अलावा लोगों की जांच की जाएगी। क्योंकि पॉजिटिव युवक के संपर्क में आए लोगों का इन क्षेत्र में भी आना जाना हुआ होगा? सीएमएचओ पीबुनकर का कहना है कि चांचौड़ा क्षेत्र से 13 संदिग्धों के कोरोना जांच के लिए सैंपल भरे जा चुके हैं। वहीं जिला अस्पताल में आइसोलेट कोरोना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आए खाना बांटने वाला, सफाई वाला और वार्ड बॉय के भी सैंपल लिए हैं। इसमे से एक वार्ड बॉय 2 दिन से गायब है। इसकी तलाश की जा रही है। ताकि उसे क्वारेंटाइन किया जा सके।
हाईरिस्क वाले भी छांटे
स्वास्थ्य सर्वे के दौरान 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, डायबिटिक, बीपी, कैंसर आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की पहचान अलग से की गई है। क्योंकि इन बीमारी से पीड़ितों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए इन्हें रोग से ग्रस्त होने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे लोगों की सूची अलग से तैयार की है, ताकि इनकी कोरोना गाइड लाइन के हिसाब से निगरानी की जा सके।
बीनागंज, चांचौड़ा में भी सर्वे शुरू हुआ
कलेक्टर एस विश्वनाथन ने बीनागंज, चांचौड़ा में भी फिर से स्वास्थ्य सर्वे शुरू कराया है। हालांकि एक सर्वे पहले हो चुका है। यह पूरे जिले में हुआ था। गुना में भी यह सर्वे चालू किया है। क्योंकि कई लोग अन्य जिले, कोरोना हॉटस्पॉट से भी आए हैं। वहीं कई लोग छिपके भी अपने घरों में पहुंच चुके हैं। इसलिए दूसरी बार के सर्वे में इनकी पूरी जानकारी ली जाएगी। ताकि पहले से ही सुरक्षा के इंतजाम किए जा सकें।
खतरा... युवक के संपर्क में आया वार्ड बॉय गायब
जिला अस्पताल में भर्ती पॉजिटिव युवक को न बुखार और न ही खांसी
जिला अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव युवक स्वस्थ बताया जाता है। कोरोना वार्डों के प्रभारी डॉ. पीएन धाकड़ का कहना है कि युवक अभी ठीक है। उसका बुखार भी सामान्य है, खांसी भी नहीं है। गले में भी किसी तरह की समस्या नहीं है। हालांकि पूरी नजर रखी जा रही है। युवक को यहां पर जो भी मेडिसिन की जरूरत हैं, दी जा रही है? उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उम्मीद है कि जिला अस्पताल में ही वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौटेगा।
बापचा लहरिया गांव की आबादी 990, सभी की जानकारी जुटाई
बीनागंज के बापचा लहरिया निवासी आरक्षक कोरोना पॉजिटिव निकला। इसके बाद गांव में स्वास्थ्य सर्वे हुआ। कुल 990 की जनसंख्या वाले इस गांव में 15 लोग को संदिग्ध माना है, जिन्होंने बुखार, खांसी आदि की शिकायत की है। इनके सैंपल लिए जा रहे हैं। वहीं युवक के परिजनों के संपर्क में आने वाले की भी अलग से सूची तैयार की गई है। ताकि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा सके।
पहले चरण की हिस्ट्री 14 लोग आए थे संपर्क में, जिसमें से 6 परिजन
कोरोना पॉजिटिव युवक के पहले चरण की हिस्ट्री स्वास्थ्य विभाग ने निकाली है। उसके संपर्क में सीधे तौर पर 14 लोग आए थे। इसमें से 6 लोग परिवार के थे, इन्हें पहले ही क्वारेंटाइन किया जा चुका है। इसके अलावा 28 अप्रैल को युवक अपनी बाइक से बीनागंज पहुंचा था तो उसे जिला अस्पताल रेफर किया तो अपनी बाइक वापस देने के लिए गांव से भाई और दोस्त को बुलाया था। वह उसकी बाइक लेकर गए थे। इसलिए दोस्त का भी सैंपल लिया गया। वहीं जिला अलावा जिला अस्पताल में युवक को खाना देने वाला, उनके वार्ड की सफाई करने वाला और वार्ड बॉय के भी सैंपल लिए गए। इस तरह कुल 4 लोग उसकी देखभाल कर रहे थे, इसमें से 3 को क्वारेंटाइन कर दिया है। वहीं एक वार्ड बॉय 3 दिन से गायब है। इसलिए उसे भी स्वास्थ्य विभाग तलाश रहा है। ताकि क्वारेंटाइन किया जा सके। वहीं 3 अन्य लोग युवक के साथ एक ही कमरे में रुके थे, उनकी भी जांच कराई गई।
श्रम कानूनों में किए गए सुधारों के खिलाफ 10 संगठनों व केंद्रीय यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। लॉकडाउन को देखते हुए इस आंदोलन में जो जहां है वहीं से विरोध प्रदर्शन करेगा। 11 मई को सुबह 10 से 11 बजे के बीच 10-15 मिनट विरोध जताया जाएगा। इन संगठनों का आरोप है कि मप्र सरकार द्वारा लागू किए गए कथित श्रम सुधारों से अब हर मजदूर बंधुआ की श्रेणी में पहुंचा दिया गया है। यह एक तरह गुलामी प्रथा की वापसी है। इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा व आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ के अलावा सभी यूनियनें शामिल हैं। इनमें इंटक, एटक, सीटू, हिंद मजदूर सभा, एआईयूटीयूसी और बीमा, बीएसएनएल एवं बैंक से जुड़ी यूनियनें शामिल हैं।
8 की जगह 12 घंटे की शिफ्ट मतलब बेरोजगारी : सीटू के विष्णु शर्मा, एटक के लक्ष्मीनारायण नामदेव, एआईयूटीयूसी के लोकेश शर्मा आदि ने बताया कि सरकार दावा कर रही है कि 12 घंटे की शिफ्ट से रोजगार बढ़ेगा।
बजरंगगढ़ थाने से 14 किमी दूर स्थित सतनपुर गांव में हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। वहीं अन्य 9 लोगों की तलाश की जा रही है। करीब 3 साल से एक सरकारी घूरे पर कब्जे को लेकर गांव के कई लोग सक्रिय थे। इस कारण अक्सर विवाद होते थे। यह घूरा मृतक के घर के ठीक सामने था। गांव के ज्यादातर लोग यहां पर ही कचरा डालते थे। जबकि इसकी सफाई आदि नहीं कराई जाती थी। इस वजह से फरियादी पक्ष परेशान था। शुक्रवार को हुआ विवाद भी कचरे से ही शुरू हुआ और एक व्यक्ति की जान चली गई। थाना प्रभारी राकेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में 2 आरोपी भैय्यालाल धाकड़ और रिंकू धाकड़ को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आरोपियों के अन्य साथियों की भी तलाश जारी है। हालांकि यह सभी गांव छोड़कर भाग चुके हैं। घर पर ताले लगे हुए हैं। पुलिस इनकी खोज रिश्तेदारों के यहां भी कर रही है। इस घटनाक्रम में दो पक्ष उलझे थे। आरोपी पक्ष की तरफ से भी साधारण मारपीट की धारा में प्रकरण दर्ज किया गया है। क्योंकि इनमें से भी कुछ लोगों को चोट आई थी।
700 वर्गफीट भूमि पर कचरे को लेकर था विवाद : सतनपुर गांव में 700 वर्गफीट भूमि को लेकर विवाद अक्सर होता था। इसी भूमि पर गांव के ज्यादातर लोग कचरा डालते थे। लेकिन सतनपुर के सरपंच और सचिव ने कभी यहां सफाई तक नहीं कराई। इस वजह से मृतक लक्ष्मीनारायण जोशी का पूरा परिवार परेशान था। कई बार पंचायत को भी मौखिक सूचना दे चुके थे। सरपंच से भी निवेदन किया, लेकिन घूरा नहीं हट सका।
इन आरोपियों की तलाश : बजरंगगढ़ पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपी पकड़े हैं। वहीं शेष आरोपी जगदीश धाकड़, नीलेश धाकड़, परसराम धाकड़, संजीव धाकड़, श्रीलाल धाकड़, परससुख धाकड़, अमोल सिंह धाकड़, हल्के धाकड़ सहित एक नाबालिग की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
शहर कोतवाली में गुरूवार शाम को डेली परेड के दौरान थाना परिसर में मौजूद टीआई अवनीत शर्मा के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को लाइट मोटर चालक वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने गुलाब के फूल देकर सम्मान किया।संस्था के अध्यक्ष भागीरथ चंदेल के साथ कोतवाली पहुंचे जिला सचिव राजू कुशवाह,सह सचिव सीताराम ओझा और लोडिंग वाहन चालक एसोसिएशन के नगर अध्यक्ष गौरव शर्मा ने टीआई अवनीत शर्मा को अभिनंदन पत्र देते हुए शहर में कानून व्यवस्था को बनाने में दिन-रात कार्य करने में अपने महत्वपूर्ण योगदान की सरहान की।
कोरोना संकट के चलते इस बार कॉलेजों का शैक्षणिक सत्र पूरी तरह बदल सकता है। 20 अगस्त से एक सितंबर के बीच शुरू होने की संभावना है। पीजी कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अकादमिक कैलेंडर बनाने, परीक्षा आयोजित कराने संबंधी उपाय कर अनुशंसा करने के लिए राजभवन की ओर से 6 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति का संयोजक जीवाजी यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को बनाया गया था। समिति के सदस्यों के बीच अकादमिक सत्र 20 अगस्त से 1 सितंबर के बीच शुरू करने पर सहमति बनी है। इसके अलावा परीक्षा की समय सीमा दो घंटे तय किए जाने पर भी सहमति बनी है। इससे 3 शिफ्टें परीक्षाएं कराई जा सकेंगी।
बिजली कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। वितरण केंद्र रामपुर के सहायक प्रबंधन उपेंद्र सिंह कुशवाह ने आरोन थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई। यह मामला ग्राम मोहरी कला का बताया जाता है, जहां बिजली चोरी के मामलों को पकड़ा गया था। आरोपी राकेश रघुवंशी, ऋषभ रघुवंशी, रेशू, रजत सभी निवासी मोहरी कला ने कर्मचारियों के साथ मारपीट कर दी। उस समय कंपनी के जितेंद्र बोस, देवेंद्र झा, सूर्य प्रताप यादव आदि प्रकरण बना रहे थे। आरोपियों पर 50 हजार रुपए बिजली का बिल बकाया था। इसलिए उसका कनेक्शन काट दिया गया था। इसके बावजूद वह बिजली की चोरी कर रहे थे। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगाया है। लॉकडाउन के कारण क्षेत्र के कई लोग जो दूसरे प्रदेशों और शहरों में फंस कर रह गए हैं।इन लोगों को अपने गांव आने के लिए प्रशासन द्वारा छूट दी गई है। इसके तहत इन लोगों को इजाजत के बाद अपने गांव लाया जा रहा है। इसके तहत कई लोग क्षेत्र में बाहर से आए हैं। इनमें कई लोग ऐसे हैं जो इंदौर जैसे रेड जोन वाले शहरों से आए हैं।
इन लोगों को स्क्रीनिंग के बाद प्रशासन ने होम क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए थे। लेकिन इन लोगों द्वारा होम क्वारेंटाइन का सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा था। ऐसे में इनमें से किसी के भी कोरोना पॉजिटिव होने की स्थिति में उनके परिवार व मोहल्ले के साथ शहर में संक्रमण के खतरे को देखते हुए शनिवार को प्रशासन ने उन्हें शासकीय बालिका छात्रावास भवन में बनाये गए क्वारेंटाइन सेंटर में पहुंचाया है। एसडीएम सुरेश जाधव, तहसीलदार कमल सिंह मंडेलिया व थाना प्रभारी सुरेशचंद नागर ने अपने अमले के साथ 11 लोगों को उनके घरों से निकाल कर यहां बनाये गए सेंटर पर क्वारेंटाइन कराया गया है।
इस दौरान इंदौर से आई एक महिला व उसके छोटे छोटे बच्चों को सुरक्षा की दृष्टि से क्वारन्टीन सेंटर पर न रखते हुए घर पर ही क्वारन्टीन कराया गया है। उसे निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने की सख्त हिदायत दी है। जांच के बाद इन सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
सेंटर पर रहेगी पुलिस की सुरक्षा
क्वारन्टीन सेंटर में रखे गए लोग लगातार पुलिस की सुरक्षा में रहेंगे। यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सभी का समय-समय पर परीक्षण किया जाएगा। इनके भोजन आदि की व्यवस्था नगर परिषद द्वारा की जाएगी।
इनकी रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन रखा जाएगा
कमल सिंह मंडेलिया, तहसीलदार शाढ़ौरा के मुताबिक, इन लोगों को इनकी रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन रखा जाएगा। जब तक यह लोग क्वारेंटाइन सेंटर में है तब तक इनकी प्रशासन द्वारा निगरानी की जाएगी। इन लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।
सुरेश जाधव, एसडीएम अशोकनगर के मुताबिक,लोगों में जागरुकता की आवश्यकता है। बाहर से आने वाले लोग स्वयं अपने घर में क्वारेंटाइन में रहें। खुद सुरक्षित रहें व अपने परिवार और दूसरे लोगों को भी सुरक्षित रखें। यदि इनके द्वारा इसकी अवहेलना की गई तो प्रशासन द्वारा सख्ती के साथ क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।
वर्तमान में लॉकडाउन के चलते समय का सर्वश्रेष्ठ सदुपयोग भारतीय संस्कृति के महान पुरुषों के श्रेष्ठ जीवन चरित्र का चिंतन हो सकता है। चिंतन मंच के तहत भारतीय संस्कृति के योद्धाओं, अवतारों एवं संतों की गाथाओं पर हुए वार्ता प्रसंग एवं बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई।
सर्राफा बाजार स्थित चिंतन हाउस में महाराणा प्रताप के जीवन प्रसंग पर विचार गोष्ठी हुई। इस अवसर पर चिंतन मंच के प्रमुख कैलाश मंथन ने कहा कि धर्म एवं स्वाधीनता के लिए महाराणा प्रताप का बलिदान भारतीय इतिहास के पृष्ठों में लिखी अमिट गाथा है। मुगल साम्राज्य के तहत अकबर के साम्राज्यवादी मंसूबों को ध्वस्त करने वाले महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा का चिर गवाह है चित्तौड़गढ़ का विजय स्तंभ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हल्दी घाटी की पावन बलिदान भूमि में महाराणा के शौर्य एवं तेज की भव्य गाथा से इतिहास के पृष्ठ रंगे हैं। महाराणा का देश धर्म स्वाधीनता के लिए किया गया संघर्ष भारत की सनातन संस्कृति के लिए मिसाल बन गया है।
श्री मंथन ने कहा कि महाराणा ने मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की। उन्होंने अकबर को तुर्क ही कहा, बादशाह नहीं। महाराणा सांगा के पौत्र महाराणा प्रताप 1 मार्च सन 1573 को सिंहासनस्थ हुए। उस समय राजपूतों के अधिकांश राजा मुगल साम्राज्य की अधीनता स्वीकार कर चुके थे।
्लेकिन महाराणा ने अधीनता स्वीकार नहीं की। संवत 1633 श्रावण में हल्दी घाटी का रक्त रंजित युद्ध हुआ। चित्तौड़ को मुगलों की सेना ने भस्म ोकर दिया, लेकिन महाराणा झुके नहीं। उन्होंने वनवास किया, महारानी एवं सुकुमार राजकुमारी और कुमार के साथ घास की रोटियां खाना मंजूर किया। अरावली की गुफाओं में रहे, पत्थरों की सेज पर सोए। अकबर चाहता था प्रताप अधीनता स्वीकार कर लें लेकिन महाराणा ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की।
भामाशाह के सहयोग से गठित की सेना
दानवीर भामाशाह के सहयोग से महाराणा ने सैन्य बल गठित कर दुर्गों को जीता और उदयपुर को राजधानी बनाकर अपने 25 वर्षों के शासन में उन्होंने केशरिया पताका ऊंची रखी। उन्होंने चित्तौड़ के उद्धार के पूर्व रात में भोजन, सैया पर शयन दोनों मेरे लिए वर्जित रहेंगे।
लॉकडाउन के चलते काम धंधे बंद हो गए हैं। इस कारण असहाय मजदूरों और गरीबों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कई समाजसेवी संस्थाएं आगे आ रहे हैं।
इसके तहत पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सिंधिया जनसंपर्क कार्यालय के माध्यम से पिछले डेढ़ महीने से जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न सामग्री वितरित की जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को कोलुआ रोड स्थित बालाजी धाम कॉलोनी में पूर्व विधायक जज पाल सिंह जज्जी ने जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया। राशन वितरित करते समय सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है। इस दौरान सभी को सैनिटाइजर एवं मास्क बांटे। पूर्व विधायक श्री जज्जी ने कहा कि हाल ही में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1000 पैकेट राशन सामग्री के भेजे हैं, उन्हें जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। यह सामग्री लगातार लोगों को बांटी जा रही है।
कस्बे के सभी एटीएम में कैश नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। मजबूरी में उपभोक्ताओं को बैंक में घंटों धूप में खड़े होकर रुपए निकालने पड़ रहे हैं। लोगों ने कई बार बैंक प्रबंधक और अधिकारियों से एटीएम नहीं चलने की शिकायत की है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने लोगों की इस समस्या के निराकरण की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
कस्बे में चल रहे अधिकतर बैंकों में एटीएम लगे हुए हैं। इन एटीएम में लोगों को पैसा निकालने की सुविधाएं दी गई हैं। इससे उपभोक्ता को रुपए निकालने के लिए अपने बैंक की शाखा में ना जाना पड़े। वह किसी भी बैंक के एटीएम से पैसा निकाल सकता है। लेकिन मुंगावली में स्थानीय रहवासियों को यह सुविधा नहीं मिल रही हैं। शहर में चल रहे अधिकतर एटीएम खराब हैं। कुछ में केश नहीं होने के कारण रुपए नहीं निकल रहे हैं। इस कारण उपभोक्ताओं को रुपए निकालने के लिए बैंक में घंटों धूप में लाइन में लगकर पैसा निकालना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को लॉकडाउन के बाद भी पैसे निकालने के लिए अपने बैंक की शाखा में जाना पड़ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को लोग पैसे निकालने के लिए एटीएम पहुंचे तो किसी भी एटीएम से पैसे नहीं निकले। किसी एटीएम में नो बैलेंस लिखा आया तो किसी में ताला लगा हुआ था। इससे उपभोक्ताओं को पैसा नहीं मिलने से निराशा हुई।
शहर के एटीएम में नहीं है पैसा: बहादुरपुर रोड मिडिल स्कूल के पास एसबीआई बैंक, चंदेरी रोड पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेशन रोड पर केनरा बैंक, मल्हारगढ़ रोड पर एसबीआई व ईमली चौराहे पर यूको बैंक के सभी एटीएम पर पैसा नहीं निकल रहा था। वहीं यूको बैंक का एटीएम खराब होने के कारण उसमें ताला लगा है। इन एटीएम में पैसे निकालने गए उपभोक्ताओं ने बताया कि किसी एटीएम पर नो सर्विस तो किसी पर नो बैलेंस बता रहा था। शनिवार को एसबीआई बैंक की शाखा का एटीएम चालू हो गया था।
किसी भी एटीएम से नहीं निकल रहे पैसे
दिव्यांग यूनिस खान ने बताया कि पत्नी के इलाज के लिए उन्हें पैसों की बहुत आवश्यकता थी। पैसे निकालने के लिए वह शहर के सभी एटीएम पर गए लेकिन किसी भी एटीएम से पैसे नहीं निकले। इसी प्रकार ग्राम तारई के सुरेश अहिरवार, बाड़ोली के संतोष सिंह, बिल्हेरू के ओमप्रकाश, रफीक मिस्त्री आदि ने बताया कि उन्हें पैसे की बहुत आवश्यकता थी। उन्होंने दोपहर को शहर की सभी एटीएम पर गए लेकिन किसी भी एटीएम से पैसे नहीं निकले। इससे घर के लिए आवश्यक सामान भी नहीं खरीद पाए।
रोहित जैन, प्रबंधक यूको बैंक, मुंगावली के मुताबिक, तकनीकी खराबी के कारण एटीएम बंद पड़ा है। इसकी सूचना भोपाल में भी दे चुके हैं। लॉकडाउन के कारण कंपनी का इंजीनियर नहीं आ पा रहा है। इंजीनियर के आने के बाद ही एटीएम ठीक हो पाएगा।
बीते तीन दिन से कस्बे में एसडीएम द्वारा दिए गए आदेश के बाद रोटेशन पद्धति से दुकानें खुलने लगीं हैं। इससे बाजार में रोजाना उमड़ने वाली भीड़ अब लगभग खत्म हो गई है। सुबह-सुबह सब्जी आदि खरीदने के दौरान जरूर थोड़ी भीड़भाड़ होती है लेकिन दोपहर होते-होते बाजार एकदम से खाली हो जाते हैं। शुक्रवार को जहां किराना और कपड़ा की दुकानें खुलीं तो शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर की दुकानों को अनुमति दी गई थी। इस प्रणाली के बारे में आमजन को जानकारी देने के लिए प्रधान आरक्षक रामकृष्ण रघुवंशी प्रतिदिन सुबह से वाहन से गश्त देकर माइक में एनाउंस कर रहे हैं। बैंकों की भीड़ भी अब खत्म होने लगी है, शनिवार को दोपहर बाद बाजार में एकदम से सुनसान हो गया।
बिजली कंपनी द्वारा मानसून पूर्व 33 केवी लाइन का मेंटेनेंस किया जा रहा है। यह मेंटेनेंस का कार्य क्षेत्र के सभी 8 फीडरों पर किया जाएगा। इसके लिए इन फीडरों से सप्लाई होने वाली बिजली सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक बंद रहेगी। बिजली कंपनी के डीई के अनुसार बिजली कटौती के समय में परिवर्तन भी किया जा सकता है।
मेंटेनेंस के तहत 10 मई को 132 केवी मुंगावली सब स्टेशन पर मेंटेनेंस किया जाएगा। इससे मुंगावली एवं बिल्हेरू सब स्टेशन से जुड़े क्षेत्र की बिजली गुल रहेगी। 11 मई को अथाईखेड़ा फीडर के अथाईखेड़ा और मलावनी सब स्टेशन से जुड़े क्षेत्र में बिजली बंद रहेगी, 12 मई को पिपरई फीडर के कुकरेठा सब स्टेशन से भरियाखेड़ी से जुड़े गांव की बिजली गुल रहेगी, 13 मई को अथाईखेड़ा फीडर के अथाईखेड़ा सब स्टेशन से मलावनी सब स्टेशन के गांव, 14 मई को पिपरई फीडर के पिपरई और तमाशा सब स्टेशन से जुड़े गांव की बिजली गुल रहेगी। इसी प्रकार 15 मई को बामौर फीडर के थूबोनजी से गरेंठी सब स्टेशन से जुड़े गांव, 16 मई को सेहराई फीडर के सेहराई सब स्टेशन से बरखाना सब स्टेशन से जुड़े गांव और 18 मई को मुंगावली सब स्टेशन से बिल्हेरू सब स्टेशन तक के क्षेत्र से जुड़े गांव का विद्युत प्रदाय सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक बंद रहेगा।
शनिवार सुबह कई दुकानदारों ने चोरी छिपे प्रशासन के नियमों के विरुद्ध दुकान खोलने की सूचना पुलिस को मिली। इस पर पुलिस ने शहर में भ्रमण कर दुकानदारों को समझाइश दी। उन्होंने लोगों से कहा कि नियम अनुसार ही दुकान खोलें नही तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल प्रशासन ने बाजार में लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग दिन अलग-अलग दुकानों को खोलने की व्यवस्था की थी। लेकिन शनिवार को शहर में कई दुकानदार चोरी छिपे दुकानों से सामान बेच रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने कई किराने और जनरल स्टोर सहित अन्य दुकानों पर पहुंचकर लोगों को समझाइश देकर छोड़ दिया। पुलिस ने दुकानदारों से कहा कि नियम अनुसार दुकान खोलें। इस दौरान पुलिस ने 15 मोटरसाइकिल सवारों के चालान बनाए यह लोग बिना वजह के 2 और 3 सवारियों को बैठाकर शहर में घूम रहे थे। पुलिस ने इनके चालान बनाकर 3650 रुपए के चालान बनाए। थाना प्रभारी रोहित दुबे ने बताया कि सुबह ऐसे कई दुकानदारों की सूचना मिली जो चोरी छुपे कई दुकानदारों द्वारा भीड़ ल गाकर सामान बेचा जा रहा है। जो कि सोशल डिस्टेंस का पालन भी नहीं किया जा रहा है।
इस पर कई दुकानदारों को समझाइश देकर छोड़ दिया गया। वहीं कई लोग बेवजह मोटरसाइकिल पर 2 से 3 लोग बैठाकर घूम रहे थे। ऐसे लोगों पर चालानी कार्रवाई की गई।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार दोपहर 2 बजे तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। अस्पताल के मेटरनिटी विंग में भर्ती प्रसूतिका उमस भरे मौसम में सीलिंग फैन के नीचे भीषण गर्मी से जूझ रही थी। जबकि पिछले साल अस्पताल प्रबंधन ने करीब 50 हजार रुपए रोगी कल्याण समिति के फंड से खर्च कर सात कूलर खरीदे हैं। इससे पहले भी प्रबंधन द्वारा कूलर खरीदे गए थे लेकिन उन्हें डिस्मेंटल दिखा कर दोबारा खरीद कर ली गई।
प्रबंधन की मानें तो वर्तमान में आधा दर्जन से अधिक कूलर होने के बाद भी जिस पांच-पांच रुपए के पर्चों से इकट्ठे होने वाले रोगी कल्याण समिति के फंड से खर्चा किया गया, उन्हीं रोगियों के लिए एक भी कूलर नसीब नहीं है। समूची अस्पताल में मात्र मेटरनिटी वार्ड में एक कूलर रखा हुआ है। जबकि अन्य 6 कूलर स्टाफ रूम या उनके स्पेशल कक्ष की शोभा बढ़ा रहे हैं। अस्पताल की इस हालत को देखकर कहा जा सकता है कि रोगी कल्याण समिति का पैसा कर्मचारियों की सुख सुविधा के लिए मनमर्जी से खर्च किया जा रहा है। रोगी कल्याण समिति द्वारा जिन कूलरों को खरीदा गया, उनका भुगतान 5300 रुपए प्रति कूलर की दर से किया गया है। इनके लोहे के स्टैंड भी 90 रुपए प्रति किलोग्राम के दाम से बनवाए गए हैं। जबकि इस साइज और क्षमता के कूलर बाजार में 4000 रुपए में आसानी से उपलब्ध हैं।
बेलई गांव में इंदौर से कुछ मजदूरों की आने की सूचना मिली। इस पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने गांव में जाकर उनकी जांच की। जांच में सभी मजदूर स्वास्थ्य पाए गए। डॉक्टर ने सभी मजदूरों को 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी।
मेडीकल ऑफिसर डॉ. पंकज शुक्ला ने लोगों को निशुल्क मास्क बांटे। उन्होंने सभी लोगों से कहा कि वह अपने मुंह पर मास्क लगाएं। साथ ही एक-दूसरे से एक मीटर से अधिक की दूरी बनाकर रखें। डॉ. शुक्ला ने इंदौर से आए मजदूरों धनपाल, लोकेंद्र, अनुराधा आदि की जांच की। मजदूरों को स्वस्थ पाए जाने पर उन्होंने उन्हें 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी मजदूरों से कहा कि बुखार, खांसी, जुकाम, सिरदर्द या कोई अन्य परेशानी होने पर तुरंत अस्पताल में आकर अपना परीक्षण कराएंगे। उनके साथ सुपरवाइजर महेंद्र पुष्पध, एएनएम अनीता खापरे थीं। अस्पताल में सुरेश रघु, भूमि हरदे, शशिप्रभा श्रीवास्तव, चंदा पाल, पूनम पटवा, दिलीप शर्मा, बलवीर साहू मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में सांवरिया सेठ के भक्तों ने कोरोना योद्धाओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया। सभी भक्तों ने शहर के सभी पेट्रोल पंप पर जाकर कर्मचारियों का माल्यार्पण कर और मास्क बांटकर उनका सम्मान किया। साथ ही उन्हें निरंतर सेवाएं देने के लिए धन्यवाद दिया। सभी पेट्रोलपंप कर्मियों ने निरंतर सेवाएं देने का वादा किया। इस मौके पर श्याम कन्हौआ, शैलेंद्र शर्मा मंटू भैया, संजू लंबरदार, साहिर पटेल, हरिओम रघुवंशी, कप्तान सिंह राजपूत, मोनू गोस्वामी सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
नगर में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बाजार खुलने की नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत शनिवार को दुकानें नए नियम के अनुसार खोली गईं। कई लोगों ने नियम का उल्लंघन कर दुकानें खोलीं। इनके खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की।
नए नियमों के तहत रविवार को संपूर्ण नगर को बंद रखा गया है। शेष दिनों में क्रमशः दुकानों को खोलने की छूट मिली है। इसके तहत आवश्यक वस्तु जिसमें दूध डेयरी, सब्जी एवं फल दुकानें प्रतिदिन सुबह 7 से 12 तक खुलेंगी। वहीं किराना बेकरी व आटा चक्की रविवार को छोड़ कर प्रति दिन सुबह 10 से 4 तथा इसी निर्धारित समय में सोम, बुध एवं शुक्रवार को कृषि उपकरण, खाद्य बीज, उर्वरक, ऑटो पार्ट्स, रिपेयरिंग व टेंट की दुकान खुलेंगी। मंगल व गुरुवार को कपड़ा, जनरल स्टोर्स, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर व सीमेंट की दुकानें खोली जाएंगी। शेष दुकानों को जो प्रतिबंधित नहीं हैं उन्हें केवल एक दिन शनिवार को 10 से 4 तक खोलने का मौका दिया गया है। इससे बढ़ती भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। शनिवार को इस नई व्यवस्था के पहले दिवस प्रशासन ने 6 लोगों पर चालानी कार्रवाई की। प्रशासन ने सब्जी मंडी को हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थान दिया गया है।
ऐसे 5 सब्जी विक्रेता जो नियमों का पालन नहीं कर रहे थे उनके विरुद्ध तहसीलदार कमल सिंह मंडेलिया ने चालानी कार्रवाई कर जुर्माना लगाया। वहीं एक कृषि सामान का दुकानदार जो अनाधिकृत रुप से दुकान खोले हुआ था उस पर भी चालानी कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने ढिमचोली गांव में खेत पर रखे खरबूजे के बीज चोरी होने के मामले का 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है। पुलिस ने चोरी गए खरबूजे के बीज और चोरी में इस्तेमाल किया गया लाल रंग का ट्रैक्टर जब्त कर लिया है। साथ ही आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया वहीं आरोपी का पिता और अन्य साथी फरार है। इनकी तलाश की जा रही है।
दरअसल ढिमचोली निवासी सतपाल सिंह सिकरवार ने थाने में रिपोर्ट की थी रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि उनके निवाड़खेड़ा मोजी के पास बने टपरे पर खरबूजा का बीज रखा था। इसको कलेक्टर सिंह अपने लाल रंग के ट्रैक्टर से ले गया था। एएसआई सिमरन कुढ़ापे ने बताया कि रिपोर्ट पर तुरंत कार्रवाई करते हुए कलेक्टर से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने उसके पास से चोरी का बीज भी बरामद कर लिया। और वारदात में इस्तेमाल किया गया लाल रंग का ट्रैक्टर जब्त कर लिया। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया है।
आरोपी का पिता और अन्य साथी अभी भी फरार चल रहा हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
रमजान का पाक महीना चल रहा है। रमजान माह में मुस्लिम समाज के लोग रोजे रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते इस बार रमजान माह में मस्जिद में नमाज न पड़ कर लोग अपने घरों में रोजे रखकर नमाज अदा कर रहे हैं। रमजान माह के दौरान कई छोटे-छोटे बच्चे और बच्चियों भी भीषण गर्मी के बीच रोजे रख रहे हैं। यह बच्चे रोजा रखकर नमाज अदा कर देश और विदेश में फैले कोरोना से मुक्ति दिलाने और देश में खुशहाली की दुआ मांग रही हैं। रमजान माह में खेलने-कूदने की उम्र में 8 साल की अलीशा रोजे रख रही है। साथ ही रोजे के हर नियम का पालन भी कर रही है। बच्ची के माता-पिता ने भी उसे रोजे रखने की इजाजत दे दी है।
कोरोना संक्रमण काल में केमिस्ट एसोसिएशन सामाजिक कार्य कर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। सामाजिक सरोकार के तहत एक माह तक 1000 लोगों को प्रतिदिन जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध कराने का काम केमिस्ट एसोसिएशन ने किया और गुना से लगी हुई बस्तियों में कई इलाकों में निशुल्क भोजन व्यवस्था की गई। मेडिकल एसोसिएशन ने आरआई उपेंद्र यादव के माध्यम से गुना पुलिस जिला प्रशासन को लगभग 1500 से ज्यादा ओआरएस उपलब्ध और एनर्जी बूस्टर उपलब्ध कराएं हैं। ओआरएस लिक्विड कड़ी धूप में खड़े होकर अपनी सेवाएं दे रहे पुलिस कर्मियों को एनर्जी देने का काम करेगा। कोरोना संकट में पुलिस प्रशासन जिस मुस्तैदी के साथ लगा है उसके लिए केमिस्ट एसोसिएशन ने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर ओआरएस लिक्विड और ओआरएस के पाउच पूरे जिले के पुलिस प्रशासन को एसोसिएशन की ओर से भेंट किए गए। इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रद्युम्न जैन, लोकेश शर्मा, मनीष अग्रवाल, दीपेश पाटनी सहित अन्य मौजूद रहे।
हाईवे पर आप किसी भी समय और कहीं भी खड़े हो जाएं तो आपको मजूदरों से भरे वाहनों की बेरोक-टोक आवाजाही दिख जाएगी। हर घंटे ऐसे एक सैकड़ा वाहन आंखों के सामने से निकल जाएंगे। इनमें ट्रक, ट्राॅले से लेकर छोटेे लोड वाहन (छोटा हाथी) और ऑटो से लेकर बाइक तक दिखेंगी। लॉकडाउन के 45 दिन में हाईवे पर इतने बड़े पैमाने पर आवाजाही कभी नहीं देखी गई, जो बीते कुछ दिन में शुरू हुई है।
रोजगार तो गया ही, जमा पूंजी भी घर लौटने के लिए दांव पर लगा दी : इस महापलायन में फंसे मजदूर पहले ही रोजगार गंवा चुके हैं। अब उनकी जमा पूंजी भी दांव पर लगी है। घर लौटने का यह सफर मुफ्त नहीं है। बड़ी मुश्किल से कोई बात करने को तैयार होता है तो उससे पता चलता है कि हर शख्स को 3 से 5 हजार रुपए देना पड़ रहे हैं।
सिस्टम के पास साधन ही नहीं
इन वाहनों में मजदूर जिन हालात में सफर कर रहे हैं, वह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि अब सरकाराें ने हाथ खड़े कर दिए हैं। जिन राज्यों से वे आ रहे हैं, वहां की सरकारें उन्हें बेहतर साधन उपलब्ध नहीं करा रही हैं। जिन राज्यों से गुजर रहे हैं, वहां यह नहीं देखा जा रहा है कि वाहनों में ठूंसठूंस कर भरे इन मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का क्या होगा? इनमें कोई बीमार तो नहीं है? बस एक ही एहतियात बरती जा है कि यह वाहन शहर से न गुजरें। जहां तक हो इन्हें बायपास से निकाल दिया जाए।
सावधान... अब गुना-ग्वालियर ट्रैक पर चलने लगी हैं मालगाड़ियां
महाराष्ट्र में रेल लाइन पर सो रहे 16 मजदूरों के मारे जाने की घटना के बाद रेलवे सतर्क हो गया है। इन मजदूरों को उम्मीद नहीं थी कि लॉकडाउन के दौरान कोई ट्रेन आएगी। दरअसल कई ट्रैक पर इस समय मालगाड़ियों की आवाजाही भी नहीं हो रही है। इनमें गुना-ग्वालियर रेलवे लाइन भी शामिल है। शुक्रवार से इस पर मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू हुई तो रेलवे ने बाकायदा इसकी सूचना जारी की। पीआरओ द्वारा जारी सूचना मेें कहा गया है कि मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है, इसलिए लोग पटरियों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखें।
ईद के मौके पर बाजारों में गैर जरूरी खरीदारी से बचें और भीड़ ना लगाएं। मेकअप का सामान, नए कपड़े, जूते, होजरी, ज्वेलरी आदि की खरीदी ना करें। कोरोना के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है, तो कई लोग अपने घरों से दूर हैं, भूखे हैं, परेशान हैं। हाल ही में जम्मू कश्मीर के दन्तेवाड़ा में आतंकी हमले में हमारे जवान शहीद हो गए हैं। यह बात रमजान के दूसरे अशरे पर शहर काजी नूर उल्लाह यूसुफ जई ने कहीं। उन्होंने यह संदेश हर मुस्लिम तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपने बयानों को वायरल किया। क्योंकि मस्जिदों में सामूहिक इबादत बंद है।शहर काजी ने जवानों को याद किया और उन्हें खिराजे अकीदत (श्रद्धा)पेश की। घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने इस तरह के हमलों की कड़ी निंदा की।
हर व्यक्ति है प्रभावित
शहर काजी ने कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से आज हर खास और आम परेशान है। आम लोगों के लिए मस्जिदों में इबादत बंद है। शासन प्रशासन की मेहनत और अवाम का सब्र यकीनन काबिले तारीफ है। ऐसे में हमारा भी फर्ज है कि हम ज्यादा से ज्यादा घरों में रहें। केवल बहुत जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाजार जाएं। अब तक सब्र किया है तो कुछ दिन और सब्र करें और बाजारों में कम निकलें। अभी संपर्क लॉक डाउन है, इसलिए घर से बाहर न निकले।
यह की गुजारिश
श्रम कानूनों में किए गए सुधारों के खिलाफ 10 संगठनों व केंद्रीय यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। लॉकडाउन को देखते हुए इस आंदोलन में जो जहां है वहीं से विरोध प्रदर्शन करेगा। 11 मई को सुबह 10 से 11 बजे के बीच 10-15 मिनट विरोध जताया जाएगा। इन संगठनों का आरोप है कि मप्र सरकार द्वारा लागू किए गए कथित श्रम सुधारों से अब हर मजदूर बंधुआ की श्रेणी में पहुंचा दिया गया है। यह एक तरह गुलामी प्रथा की वापसी है। इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा व आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ के अलावा सभी यूनियनें शामिल हैं। इनमें इंटक, एटक, सीटू, हिंद मजदूर सभा, एआईयूटीयूसी और बीमा, बीएसएनएल एवं बैंक से जुड़ी यूनियनें शामिल हैं।
8 की जगह 12 घंटे की शिफ्ट मतलब बेरोजगारी : सीटू के विष्णु शर्मा, एटक के लक्ष्मीनारायण नामदेव, एआईयूटीयूसी के लोकेश शर्मा आदि ने बताया कि सरकार दावा कर रही है कि 12 घंटे की शिफ्ट से रोजगार बढ़ेगा। जबकि हकीकत यह है कि पहले 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में ज्यादा लोग काम कर सकते थे। अब एक शिफ्ट खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि 8 घंटे काम का हक मजदूरों ने अपना खून बहाकर हासिल किया था।
ग्राम चक हरिपुर में गुजरात से एक दर्जन से ज्यादा मजदूर निजी बस से लौटकर अपने घर वापस पहुंचे, उन्हें चक हरिपुर के स्कूल भवन के सामने ही एक खुले मैदान में छायादार पेड़ों के नीचे बैठाकर स्क्रीनिंग की गई।
एक महिला 3 बच्चे सहित 13 लोगों के स्वास्थ्य की जांच सेक्टर मेडिकल अधिकारी बजरंगगढ़ डॉ. अनुराधा नैयर ने की। इस दौरान ग्रामीणों की सर्दी जुकाम खांसी सहित अन्य बीमारियों की हिस्ट्री भी ली गई। उनकी ट्रेवल हिस्ट्री के बाद 13 सदस्यों को एकलव्य छात्रावास में क्वॉरेंटाइन किया गया।
मौके पर सेक्टर मेडिकल अधिकारी डॉ. अनुराधा नैयर के साथ सुपरवाइजर रामबाबू नामदेव, फार्मासिस्ट प्रमोद शर्मा, सीएचओ पूरापोसर रंजना नलवाया, एएनएम रामवती शर्मा सहित उनकी टीम ने 13 आदिवासी एवं पटेलिया परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद ग्राम चक सकततपुर में भी एक व्यक्ति रीवा से आया था उसकी भी जांच की गई उसको भी उसके घर पर ही 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन कर उसको हिदायतें मौके पर दी गई। साथ ही संबंधित स्वास्थ्य केंद्र की टीम को निगरानी की जांच के लिए कहा गया है।
जिले भर में लगातार मजदूरों का आना जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले डेढ़ माह से लॉक डाउन के कारण देश के कई हिस्सों से गुना जिले में मजदूरों का आना जारी है। शहर के अलग-अलग प्वाइंटों पर पुलिस ने सख्त पहरा बिठा रखा है कि कोई व्यक्ति सीधे घर जाकर न छिपे। जो व्यक्ति बाहर से शहर में आते ही किसी भी व्यक्ति को सर्व प्रथम उसकी कोविड 19 कोरोना जांच कराना आवश्यक है। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी है। उसकी कोरोना वायरस जांच के बाद ही उसे होम क्वॉरेंटाइन या अस्पताल में आइसोलेट किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति चोरी छुपे घर चला जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। यह बाहर से आने वाले कोई भी व्यक्तियों ने सबसे पहले अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव या फिर स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क कर अपने स्वास्थ्य की जांच करवा उनकी सलाह माने। तभी हमारा जिला कोरोना मुक्त हो सकेगा।
शनिवार को दूरभाष के माध्यम से एनएमओपीएस जिला गुना की ऑनलाइन मीटिंग की गई। जिसमें तीन ब्लाक के पदाधिकारियों का चयन किया गया।इसमें गुना ब्लॉक अध्यक्ष पद के लिए प्रांतीय उपाध्यक्ष नरेंद्र भार्गव द्वारा भूरे लाल लोधा पंचायत सचिव व बमोरी ब्लॉक के लिए कार्यकारी जिलाध्यक्ष बृजमोहन किरार द्वारा परमाल सिंह यादव सचिव परवाह की अनुशंसा और ब्लॉक अध्यक्ष आरोन से प्रांतीय कोर कमेटी सदस्य ब्रह्मदास सूर्यवंशी द्वारा विपिन कुमार भार्गव बीएसी बीआरसी कार्यालय गुना आरोन की अनुशंसा की गई।
इन तीनों नामों की एनएमओपीएस संगठन के सभी पदाधिकारी जिला संयोजक प्रमोद रघुवंशी द्वारा संरक्षक संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष आलोक नायक की सहमति से जिले के सभी पदाधिकारियों की सहमति के अनुसार तीनों ब्लॉकों के लिए ब्लॉक अध्यक्षों का जिलाध्यक्ष रमेश अहिरवार द्वारा चयन किया गया। गुना ब्लॉक अध्यक्ष पद पर भूरेलाल लोधा ग्राम पंचायत सचिव ग्राम पंचायत सिंगाडी, बमोरी ब्लॉक अध्यक्ष पद पर परमाल सिंह यादव सचिव परवाह, आरोन ब्लॉक अध्यक्ष पद पर विपिन कुमार भार्गव को सर्वसम्मति से ब्लॉक अध्यक्ष पद पर चयनित किया गया।
इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष बृजमोहन किरार, उपाध्यक्ष चंद्रलेस श्रीवास्तव, नरेंद्र भारद्वाज, कोषाध्यक्ष राजकुमार बौद्ध, प्रवक्ता दामोदर धाकड़, सचिव दिनेश जाटव, केपी त्यागी, ब्रज रघुवंशी, संगठन सचिव अवधेश बौद्ध, रघुवीर सिंह सूर्यवंशी, संतोष मेहर, राजेश बिरथरे, लखनसिंह पंथ, अजय शर्मा, नरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।
कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने होटलों पर खाद्य सामगी पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान घरों से संचालित करना शुरू कर दी है। ऐसा ही एक दुकान नगर के वार्ड 10 में चल रही है। जहां पर कुछ अपने घर से सेव, नमकीन, जलेबी सहित अन्य मिठाई अपने घर से बेच रहा है। पहले तो यह चोरी छुपे बेचता थे लेकिन अब तो वह दिन में सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक अपने यहां भीड़ लगाकर बेच रहा है। पुलिस के आते ही शटर गिरा देता है। ऐसे में अन्य दुकानदार तो लॉकडाउन का पालन कर रहें है लेकिन कुछ अपने फायदे के लिए प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
पुलिस ने नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की है। इसके तहत जिले के तीन थानों में पुलिस ने 9 वाहन चालकों के चालान बनाकर 2500 रुपए का समन शुल्क वसूला है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार कोतवाली पुलिस ने 1 प्रकरण बनाकर 250, मुंगावली थाना पुलिस ने 7 प्रकरण बनाकर 1750 रुपए और बहादुरपुर थाना पुलिस ने 1 प्रकरण में 500 रुपए शुल्क जमा किया है। पुलिस ने सभी वाहन चालकों को नियमों का पालन करने के हिदायत दी है। इसके बाद भी वाहन चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
एक ओर जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन का फायदा उठाकर भू माफिया वन भूमि से जंगलों की कटाई कर वन भूमि पर अतिक्रमण करने में लगा है।इससे क्षेत्र के जंगलों में हरे पेड़ों को काटकर मैदानी क्षेत्र बनाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन परिक्षेत्र में जहां-तहां कटे पेड़ों के ठूंठ दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही वनभूमि पर कब्जे के लिए भू माफिया पत्थर डालकर चारदीवारी कर कब्जा करने में लगा है। इस और वन विभाग का ध्यान नहीं है। बड़ी मात्रा में इन पेड़ों को काटा जा रहा है। कार्रवाई न होंने से इससे मािफया का हौंसला बुलंद हैं।
इस तरह किया जा रहा है वन भूमि पर कब्जा
वन परिक्षेत्र बमोरी के ग्रामीणों ने बताया कि जगह-जगह जंगलों की कटाई कर खेती के लिए भूमि तैयार की जा रही है। पहले भूमि साफ कर दूसरों काे बेच दी जाती है। इस पर खरीदार खेती की तैयारी करते हैं। अधिकतर क्षेत्र में भूमाफिया का कब्जा रहता है। क्षेत्र के अकोदा प्लांटेशन क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा पेड़ों को काटकर सफाई की जा रही है। वहीं हांसिल, खैरोदा, प्रयागपुर क्षेत्र में भी लॉकडाउन का फायदा उठाकर सैकड़ों बीघा वन भूमि पर भू माफिया कब्जा करने में लगे हुए हैं। इसकी शिकायत कई बार वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से की गर्इ है। इसके बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसके चलते जंगलों का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है और भूमाफिया वन विभाग के अधिकारियों से बेखौफ होकर वन भूमि पर कब्जा करने में लगा है। हाल ही में क्षेत्र के बमोरी एवं फतेहगढ़ क्षेत्र के तहत आने वाली वन भूमि पर भू माफिया कब्जा कर जुताई के लिए तैयार किए जाने का मामला प्रकाश में आया था।
अकोदा में कटाई करने वालों पर कर रहे कार्रवाई
एके त्रिपाठी, वन परिक्षेत्र अधिकारी, बमोरी के मुताबिक, वन विभाग में तैनात अधिकतर वन रक्षकों की ड्यूटी कोरोना संक्रमण में पुलिस के साथ लगाई गई है। इस वजह से ये लोग जंगलों में गश्त नहीं कर पा रहे। अकोदा प्लांटेशन में जिन लोगों ने कटाई की है, उन पर क्यू आर कार्रवाई की जा रही है। हांसिल और अन्य पाइंटों को दिखवाते हैं।
विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राघौगढ़ में एसडीएम बृजेश शर्मा के नेतृत्व में मद्य पदार्थ जर्दा बीड़ी पान गुटखा मदिरापान आदि के उपयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध तथा कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखने सामाजिक दूरी बनाए रखने की शपथ ली गई। साथ ही उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा अपने हस्ताक्षर भी किए गए। इस अवसर पर संस्था प्रभारी डॉ. लक्ष्मी कुमार के साथ बीपीएम अनिल कुमार शुक्ला बीईई रघुवीर सिंह, लेखापाल मनोज कुमार लोधी, सीएचओ कल्पना परमार, रानी सैनी, मनोज कुमार ओझा, कमलेश वर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, महिपाल सिंह चौहान, जेपी खलखो, अर्चना त्रिपाठी, ऑपरेटर राधेश्याम बुनकर, संजय सोनी, राजकुमार राय, देवेंद्र राय आदि उपस्थित रहे।
पिछले तीन दिन से खरीदी केंद्रों पर बारदाना न होने के कारण किसानों की तुलाई पर रोक लगी है। किसान तीन दिन से खरीदी केंद्रों पर डेरा डालकर खरीदी प्रारंभ होने का इंतजार कर रहे हैं। रामनगर सोसायटी पर बारदाना खत्म होने के कारण किसान बेहद परेशान है।
किसानों ने बताया कि उपज तुलाई के लिए वह यहां पर तीन दिनों से पड़े हुए हैं। अभी तक बारदाना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। किसानों ने कहा कि धूप गर्मी में परेशान हैं और कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। किसान शिवराज सिंह यादव नोहर गांव के आस-पास के गांव से दर्जनों किसान या तीन-तीन दिनों से भूखे प्यासे पड़े हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, बारदाना खत्म होने के कारण तुलाई बंद पड़ी है सभी कांटे बंद पड़े हैं। ऐसे में किसान परेशान हो रहे हैं ऊपर से मौसम की परेशानी कहीं तेज आंधी तो कहीं बारिश हो रही है। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहीं खरीदी केंद्रों पर फसल को बारिश से बचाने के इंतजाम भी नहीं दिखाई दिए। किसानों की ट्रालियों को जरूर किसानों ने अपने द्वारा लाए गए तिरपाल से ढंक रखा था।
शिवराज सिंह, मनमोहन सिंह, चंद्रभान सिंह, पर्वत सिंह, शैतान सिंह, लाखन सिंह, लक्ष्मीनारायण, बीरन सिंह यादव, सुनील, मुकेश, मेहरबान सिंह, जयनारायण धाकड़ आदि किसान तीन-तीन दिन से अपनी तुलाई का इंतजार कर रहे हैं लेकिन आज तक तुलाई नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर बारिश हो जाती है तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। किसानों ने सरकार और वरिष्ठजनों से अपील की है कि हमारी समस्या को हल किया जाए और जल्द से जल्द बारदाना बेचकर रामनगर सोसायटी पर तुलाई चालू करवाई जाए। गर्मी में किसान अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए तीन दिन से खुले आसमान के नीचे इंतजार कर रहा है।
दोपहर के समय किसान छांव के लिए ट्रॉली के नीचे बैठ रहा है तो रात ट्रॉली के ऊपर लेटकर काट रहा है। यह स्थिति जिले के ज्यादातर खरीदी केंद्रों की है। इस संबंध में शिवनारायण सेन समिति प्रबंधक से बात की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
शनिवार को वीर महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में एवं हमारे देश में चल रही कोरोना संक्रमण महामारी से निजात पाने एवं सैनिकों की मदद के लिए सेवाभारती गुना के मार्गदर्शन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
इस संकट की घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य कर रहा है पूरे देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं अलग-अलग प्रकार के सहयोगी संगठनों के माध्यम से सेवा कार्यों में संलग्न है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरोन के स्वयंसेवकों द्वारा विगत 45 दिनों से भोजन वितरण मास्क वितरण एवं राशन सामग्री के पैकेट किया जा रहा है।
इसी क्रम में जिले में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। गुना नगर, बमोरी तहसील के बाद आरोन तहसील में भी शनिवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी स्वयंसेवक एवं विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवकों द्वारा भाग लिया गया।
आरोन खंड के 12 मंडल में से सभी मंडलों के प्रतिनिधियों ने रक्तदान किया। इस रक्तदान शिविर में लगभग 75 रक्तदाताओं रक्तदान किया।
बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी किया रक्तदान
रक्तदान में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। ममता रघुवंशी, जानकी बुनकर, शिवाली रघुवंशी ने भी रक्तदान कर अपना सहयोग दिया। महामारी से पीड़ित समाज के लोगों के सहयोग के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरोन के स्वयंसेवक एवं भाजपा मंडल आरोन के कार्यकर्ताओं ने आज के रक्तदान करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिविर में अनुविभागीय अधिकारी केएल यादव, बीएमओ सुनील यादव, सेवाभारती के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह संधू एवं सचिव मनोज रघुवंशी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रामस्वरूप शर्मा, धर्मेंद्र रघुवंशी, भगवान लाल शर्मा, विष्णु रघुवंशी, मनोहर लाल शर्मा एवं सागर सिंह रघुवंशी उपस्थित रहे।