उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के फैलते प्रभाव के बीच बुधवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद समेत गिरफ्तार तबलीगी जमात के 30 सदस्यों को मंगलवार देर रात नैनी केंद्रीय जेल भेज दिया गया। इन गिरफ्तार लोगों में 16 विदेशी भी शामिल हैं। पुलिस ने सोमवार को इन सभी को गिरफ्तार किया था। इनमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और 16 विदेशी जमाती शामिल हैं। इन लोगों जेल में एक दशक से बंद महिला बैरक को साफ कर वहीं रखा गया है और खाने के लिए बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नैनी केंद्रीय जेल की एक पुरानी महिला बैरक को अस्थाई जेल घोषित किया गया है जिसमें इन लोगों को रखा गया है। इस बैरक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये प्रत्येक कैदी को एक-एक बर्थ दिया गया है। गिरफ्तार कर जेल भेजे गए आरोपियों में इंडोनेशिया के सात लोग, थाइलैंड के नौ लोग और केरल एवं पश्चिम बंगाल का एक-एक व्यक्ति शामिल है। इंडोनेशियाई लोगों में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित था जिसका इलाज कोटवा बनी में किया गया। पुलिस ने इस मामले में अब्दुल्ला मस्जिद और करेली के हेरा मस्जिद से जुड़े कई लोगों को भी गिरफ्तार किया था। थाइलैंड के नौ लोग करेली के हेरा मस्जिद में रुके थे।
पुलिस अधीक्षक (नगर) बृजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, "जमात के विदेशी सदस्यों में शामिल सात इंडोनेशियाई नागरिकों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शाहिद ने अब्दुल्ला मस्जिद में ठहराने की सिफारिश मुतवल्ली से की थी और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गई थी।" उन्होंने बताया कि पुलिस ने सभी को विदेशी अधिनियम का उल्लंघन करने, षड़यंत्र में शामिल होने और मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शिवकुटी पुलिस ने प्रोफेसर को गिरफ्तार कर थाने में रखा था, जबकि अन्य लोगों को अलगकेंद्र में रखा गया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस को जांच में पता चला कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के तब्लीगी जमात में विदेशी नागरिकों के साथ प्रोफेसर सहित कई अन्य लोग भी शामिल हुए थे। प्रोफेसर ने जमात में शामिल होने की बात भी पुलिस से छिपाई थी। पुलिस अधीक्षक (नगर) ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि ये सभी विदेशी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, लेकिन यहां धर्म प्रचार के कार्य में लगे थे।
बैरक में रखे गए 30 जमातियों के खाने के बर्तनदिए गए
करीब एक दशक से बंद पड़ी पुरानी महिला बैरक को मंगलवार को ही जेल प्रशासन ने झाड़ झंखाल साफ कराया। उसको रहने लायक बनाया गया। उसी में रखे गए सभी 30 जमातियों के लिए जेल प्रशासन ने अलग से उनके पास बर्तन रखवा दिए हैं। जेल के अंदर बनने वाला खाना लेकर बंदीरक्षक और नंबरदार वहां जाएंगे और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए उनके बर्तन में खाना डालकर चले आएंगे। वह अपना बर्तन और कपड़े खुद धुलेंगे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया उनका बाकी कैदियों से कुछ लेना देना नहीं रहेगा। एकदम अलग-थलग रखे जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार सुबह 12 नए मरीज सामने आए जिसमें लखनऊ के पांच और आगरा से 7 मरीज हैं। उत्तरप्रदेश में अभी भी कोरोना के 1343 संक्रमित मरीज मिले जिसमें 1166 एक्टिव केस हैं। इससे पहले मंगलवार को यूपी में देर रात तक 153 नए पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इसमें रायबरेली में 33 नए कोरोना पॉसिटिव की रिपोर्ट पाई गई, इनकी पहली रिपोर्ट ननिगेटिव आई थी। यूपी में अब तक53 जिलों में से 9 जनपद कोरोना मुक्त हुए हैं। वहीं प्रदेश में अब तक कोरोना से कुल 21 मौतें हुईं: बस्ती, वाराणसी, बुलन्दशहर, कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद व अलीगढ़ में 1-1, मुरादाबाद में 5, मेरठ में 3 एवं आगरा में कोरोना से अब तक कुल 6 मौतें हुईं है।
राज्य में मंगलवार देर रात तक आई रिपोर्ट के अनुसार आगरा में 41, रायबरेली 33, मुजफ्फरनगर 10, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, औरैया, बिजनौर, सहारनपुर, अलीगढ़, में दो-दो , कानपुर नगर में तीन, वाराणसी, मेरठ, बस्ती, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, बांदा, मथुरा, बदायूं, हापुड़, रामपुर, अमरोहा, सुल्तानपुर में एक एक मरीज पाए गए थे।
53 जिलों में से 9 जनपद कोरोना मुक्त हुए हैं
पीलीभीत, शाहजहांपुर, हाथरस, बरेली, हरदोई, महराजगंज, बाराबंकी, कौशाम्बी और प्रयागराज के कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए, वर्तमान में इन जनपदों में एक भी कोरोना पेशेंट नहीं हैं। प्रदेश में 89,131 लोगों ने सर्विलांस की 28 दिन की समय सीमा पूरी की गई हैं। प्रदेश में कुल 49,428 पैसेंजर्स को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।11,871 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में रखा गया है।
पॉजिटिव केसों का जिलेवार विवरण:
अभी तक उत्तरप्रदेश के आगरा में 308, लखनऊ में 181, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 102, मेरठ में 81, मुरादाबाद में 73, सहारनपुर में 72, फिरोजाबाद में 59, गाजियाबाद में 46, रायबरेली में 35, बिजनौर में 28, बुलंदशहर में 21, अमरोहा में 18, सीतापुर में 17, रामपुर में 16, बदायूं में 13, औरैया में 9, संभल-आजमगढ में 7-7, प्रतापगढ़-बरेली-गाजीपुर-मथुरा-कन्नौज में 6-6 मरीज, मुजफफरनगर-जौनपुर में पांच-पांच, लखीमपुर-हाथरस-मैनपुरी में चार-चार, कासगंज-एटा-मिर्जापुर-बांदा में तीन-तीन, पीलीभीत-हरदोई-कौशांबी-इटावा-अलीगढ़ में दो-दो, शाहजहांपुर-भदोही-उन्नाव-प्रयागराज-संतकबीरनगर-गोंडा-मऊ-सुल्तानपुर में एक-एक मरीज सामने आए हैं।
162 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं
अब तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 162 कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए। आगरा से 18, लखनऊ से 9, गाजियाबाद से 13, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 43, लखीमपुर-खीरी से 4, कानपुर नगर से 1, पीलीभीत से 2, मोरादाबाद से 1, वाराणसी से 6, शामली से 2, जौनपुर से 4, मेरठ से 17, बरेली से 6, बुलन्दशहर से 2, गाजीपुर से 5, फ़िरोज़ाबाद से 3, हरदोई से 2, प्रतापगढ़ से 3, शाहजहांपुर से 1, महराजगंज से 6, हाँथरस से 4, बाराबंकी से 1, कौशाम्बी से 2, सीतापुर से 6 व प्रयागराज से 1 कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ करवाकर डिस्चार्ज किया गया।
कोरोनावायरस को लेकर शहरलॉकडाउन है। इस बीच शहर में मंगलवार को एक बहू ने अपनी सास को पहले डंडे से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद सास की साड़ी से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद बहूमौके से फरार हो गई। ग्रामीणों ने खेतों पर बुजुर्ग महिला का शव देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। लेकिन, पोते ने पुलिस के सामने मां की करतूतों का खुलासा कर दिया।
घाटमपुर कोतवाली के जाजपुर गांव में रहने वाली 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला कुसमा देवी खेती किसानी कर परिवार का पालन पोषण करती थी। कुसमा देवी का बेटा अवधेश दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। लॉकडाउन की वजह से वो गांव नहीं लौट सका। कुसमा देवी के साथ गांव में बहू अर्चना और उसके दो पोते साथ में रहते थे।
पति के साथ फोन पर हुए झगडे़ के बाद महिला ने उठाया कदम
मंगलवार को कुसमा देवी अर्चना के साथ खेतों के बीच लगे ट्यूबवेल पर काम करने के लिए गई थी। इसी दौरान अर्चना के मोबाइल पर अवधेश का फोन आ गया और वो बात करने लगी। मोबाइल फोन पर ही अवधेश और अर्चना की किसी बात पर झगड़ा हो गया। फोन डिस्कनेक्ट होने के बाद अर्चना की किसी बात पर सास से बहस हो गई। सास और बहू के बीच हुई बहस ने मारपीट का रूप ले लिया। अर्चना ने पास में पड़े डंडे से सास के सिर पर हमला कर दिया। बुजुर्ग सास खेत पर ही गिर पड़ी। इसी बीच बहू ने सास की साड़ी से सास का गला घोंट दिया। सास ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बहू मौका देखकर वहां से भाग गई।
मृतका के मासूम पोते पूरी घटना देख रहे थे। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब मासूम बच्चे से पूछा कि दादी के साथ क्या हुआ है, तो बच्चे ने बताया कि मम्मी ने अम्मा की साड़ी से गला दाब के मार दिया।
घाटमपुर के कोतवाल सच्चिदानंद ने बताया कि बहू और सास में किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद में बुजुर्ग महिला की मौत हुई है। घटना की जांच की जा रही है और मृतका की बहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। शहर में मंगलवार सुबह ही 28 नए केस सामने आने से आंकड़ा 295 पर पहुंच गया था लेकिन वहीं देर रात आई रिपोर्ट के बाद 13 नए मरीज और बढ़ गए हैं। अब ताजनगरी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 308 पर पहुंच गई है। वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे 108 एंबुलेंस के चालक में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। वह सीएमओ कार्यालय में एक कमरे में अपने साथी के साथ रह रहा था।
जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह के मुताबिक मंगलवार शाम को 13 केस बढ़े हैं। इनका उपचार कराया जा रहा है। इधर कन्नौज निवासी 26 साल के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ईएमटी अपने साथी ड्राइवर के साथ 28 दिन से कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहा था। ये दोनों सीएमओ कार्यालय में ही एक कमरे में रह रहे थे। उसकी एक रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी, दोबारा जांच के लिए सैंपल भेजे गए थे। इसमें कोरोना की पुष्टि हुई है।
वहीं, फव्वारा दवा बाजार में एसोसिएशन के पदाधिकारी की दुकान पर कार्यरत आवास विकास कॉलोनी निवासी कर्मचारी में कोरोना की पुष्टि होने के बाद काम करने वाले आठ कर्मचारियों के भी सैंपल लिए गए थे। इसमें से जीवनी मंडी निवासी 26 साल के कर्मचारी और लश्करपुर कमला नगर निवासी 25 साल के कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आइ है। एसएन में ही भर्ती 39 साल के रेलवे लाइन टूंडला निवासी युवक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। 26 और 28 साल के गुर्दा रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
भाई और दो बहन की रिपोर्ट पॉजिटिव
एसएन की महिला कर्मचारी में कोरोना की पुष्टि हुई थी जबकि खटीकपाडा निवासी महिला की 12 और छह साल की बेटी और 10 साल के बेटे की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। रकाबगंज क्षेत्र के हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर और उनके डॉक्टर बेटे में गुरुग्राम में कोरोना की पुष्टि होने के बाद मरीज और कर्मचारियों को क्वारैंटाइन कर दिया था। इनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आइ थी, इन्हें घर भेजने से पहले दोबारा जांच कराई गई। इसमें से खेरागढ निवासी प्रसूता का पति, सास और बहनोई की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में सोमवार की शाम लॉकडाउन के बीच एक दबंग ने रंजिशन एक दलित युवक को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास किया। जब वह अपनी मंशा में कामयाब नहीं हुआ तो उसने घर को गिराने के लिए ट्रैक्टर से कई ठोकर मारी। इस बीच पीड़ित परिवार शोर मचाकर न्याय की गुहार लगाता रहा। लेकिन कोई बीच बचाव कराने सामने नहीं आया। इस मामले में पुलिस ने आरोपित पर केस दर्ज किया है। लेकिन आरोपी अभी फरार है।
थाना पूराकलां के ग्राम गेवरागुदेंरा निवासी भगौने रजक व रवि तिवारी के बीच पुरानी रंजिश चल रही है। आरोप है कि, भगौने सोमवार की शाम 4 बजे अपनी पत्नी के साथ घर के दरवाजे पर बैठा हुआ था। इसी दौरान रवि तिवारी आया। रंजिशन उसे व उसकी पत्नी के साथ गाली गलौच करते हुए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने लगा। जब उसने इसका विरोध किया तो रवि ने भगोने की पिटाई कर दी। जिससे वह घायल हो गया।
इसके बाद आरोपी रवि तिवारी मौके से चला गया और कुछ देर बाद ट्रैक्टर लेकर आया और उसके उपर चढ़ाने का प्रयास करते हुए घर को गिराने के लिए दीवार में कई बार टक्कर मारी। जिससे उसका घर क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान गांव के कई ग्रामीण मौके पर तमाशा देखते रहे, लेकिन राहुल की दबंगई के चलते कोई भी रोकने की हिम्मत नहीं कर सका। इधर आरोपी मौके से भाग निकला। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त कर लिया। आरोपी के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष एके सिंह ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए टीम लगायी गयी है।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में मंगलवार की दोपहर ड्यूटी को लेकर हुए विवाद में सिपाही ने दरोगा पर डंडे से हमला कर दिया। मामला बिगड़ता देख साथियों ने बीच बचाव कराया। इस मामले में आरोपी सिपाही पर केस दर्ज किया गया है। साथ ही उसे निलंबित भी कर दिया गया है। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
शहर कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल राम आसरे को अभियोजन का मुंशी नियुक्त किया गया था। लेकिन वर्तमान में कोर्ट बंद है। वहीं, लॉकडाउन का पालन कराने के लिए अतिरिक्त पुलिस की आवश्यकता है। इसलिए राम आसरे की ड्यूटी मंगलवार को आंख अस्पताल चौराहे पर थी। राम आसरे सड़क किनारे कुर्सी पर बैठकर अपनी ड्यूटी कर रहा था। यह देख दरोगा रमेश चंद्र ने सभी पुलिसकर्मियों से खड़े होने के लिए कहा। लेकिन यह बात हेड कांस्टेबल राम आसरे को नागवार गुजरी। दोनों के बीच ड्यूटी करने को लेकर विवाद शुरू हो गया।
इस बीच दरोगा ने हेड कांस्टेबल को पटक देने की बात कही। जिस पर नाराज हेड कांस्टेबल राम आसरे ने दरोगा को लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। घटना के दौरान मौके पर मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने मारपीट कर रहे दरोगा सिपाही को अलग कर मामला शांत कराया। मारपीट का यह घटनाक्रम वहां से गुजर रहे एक राहगीर ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। एसपी ने इस मामले में दरोगा की तहरीर पर हेड कांस्टेबल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराकर निलंबित कर दिया गया हैं। वही विभागीय जांच के आदेश भी दिए है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का सोमवार सुबह 10:44 बजे दिल्ली के आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। यह खबर पाकर सीएम योगी मौसी सरोज सिंह बिष्ट अपने बहनोई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बेटे के साथ उत्तराखंड रवाना हुईं। लॉकडाउन में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उन्होंने सहारनपुर के डीएम से तीन दिन का पास भी लिया था। लेकिन उन्हें उत्तराखंड बॉर्डर पर भगवानपुर चौकी से वापस लौटा दिया गया। मन मसोस कर योगी की मौसी वापस लौट आईं। बाद में प्रशासन ने गाड़ी का इंतजाम कर उन्हें पौड़ी तक भिजवाया।
जिलाधिकारी के जरिए जारी कराया था पास
सीएम योगी की मौसी सरोज सिंह बिष्ट सहारनपुर के नवीन नगर में परिवार के साथ रहती हैं। सरोज सिंह ने बताया कि, सोमवार को जैसे ही उन्हें बहनोई आनंद सिंह बिष्ट के निधन की जानकारी मिली बेटे से जिलाधिकारी के जरिए विशेष पास बनवाया गया। यह पास अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनोद कुमार ने जारी किया था। सरोज सिंह के पति अस्वस्थ रहते हैं। इसलिए वे उत्तराखंड के लिए रवाना हुईं। लेकिन उन्हें भगवानपुर रोड पर काली नदी पुलिस चौकी उत्तराखंड बॉर्डर पर रोक दिया गया।
पास दिखाने पर भी दरोगा ने रोका
आरोप है कि, पास दिखाने के बावजूद पुलिस चौकी पर तैनात इंचार्ज ने बॉर्डर पार करने नहीं दिया। कहा गया कि, उत्तराखंड में किसी भी बाहरी वाहन को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। परिवार ने चौकी इंचार्ज को मोबाइल पर बात कराने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया। आखिरकार निराश होकर सभी वापस घर लौट आए।
योगी की मौसी ने अपने बेटे को भेजा
जब यह बात जिला प्रशासन को पता चली तो गाड़ी की व्यवस्था कराई गई। लेकिन सरोज सिंह बिष्ट ने जाने से मना कर दिया। उनके बेटे सत्येंद्र कुमार को गाड़ी से पौड़ी भेजा गया। सरोज सिंह ने कहा- उनके पति बीमार हैं। ऐसी हालत में या तो वे जातीं या उनका बेटा। इसलिए बेटे को भेजा था। लेकिन उन्हें वहां न पहुंच पाने का काफी गम है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में मंगलवार की शाम कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स की मौत हो गई। सोमवार को उसमें कोरोना की पुष्टि हुई थी। यह अलीगढ़ मंडल की पहली मौत है। मामले में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की लापरवाही भी सामने आई है। मेडिकल कॉलेज ने मरीज के संबंध में जिला प्रशासन को सूचना नहीं दी थी। प्रोटोकॉल फॉलो न करने के आरोप में मेडिकल कॉलेज के एक सहायक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। मरीज एक नर्सिंग होम भी गया था। उसने भी जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी। नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ डीएम ने एफआईआर के आदेश दिए हैं।
रविवार को खुद अस्पताल पहुंचा था संक्रमित
कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला उस्मानपाड़ा निवासी 55 साल के व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत थी। रविवार को वह खुद जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचा था। अस्पताल प्रशासन ने बिना प्रशासन को सूचना दिए उसे भर्ती कर लिया। जांच के लिए सैंपल लिया गया तो सोमवार को वह संक्रमित पाया गया। इसके बाद प्रशासन को सूचना दी गई। लेकिन,सोमवार रात उसे दिल का दौरा पड़ा तो उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन दोपहर बाद उसकी मौत हो गई। सीएमओ भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने मौत की पुष्टि की है।
प्रशासन की निगरानी में होगा अंतिम संस्कार
सीएमओ नेबताया- प्रशासन की मौजूदगी में शव परिजनों को सौंपा जाएगा। प्रशासन की निगरानी में ही शव का अंतिम संस्कार होगा। कोविड-19 के नियम शर्तों के मुताबिक शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इसके साथ ही अब प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 22 पहुंच गया है।प्रशासन ने जब संक्रमित मृतक की ट्रेवेल हिस्ट्री का पता लगाया तो पता चला कि वह काफी दिनों से अस्थमा का मरीज था। कभी कहीं गया नहीं है। अब एक सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है कि, आखिरकार उसे कोरोना का संक्रमण कैसे हुआ? हालांकि, प्रशासन अभी जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कह रहा है।
डीएम ने कहा- कोविड प्रोटोकॉल का फॉलो नहीं किया गया
डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि, संक्रमित व्यक्ति 19 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में एडमिट हुआ था। लेकिन, इसकी सूचना नहीं दी गई। बाद में इसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। 20 अप्रैल की सुबह स्क्रीनिंग की गई तो कोरोना पॉजिटिव मिला। डीएम ने कहा- जब इस बात की जानकारी हुई तो इस पर आपत्ति जताई गई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सहायक प्रोफेसर डॉक्टर अंजुम को सस्पेंड कर दिया है। पूरे परिवार को क्वारैंटाइन किया गया है। परिवार के एक बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसकी दोबारा जांच के लिए सैंपल भेजा गया है।
महाराष्ट्र के पालघर में पांच दिन पहले जूना अखाड़े के जिन दो संतों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, उनमें एक कल्पवृक्ष गिरिमहाराज (65) उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के वेदपुर गांव के रहने वाले थे। उन्होंने महज 10 साल की आयु में घर छोड़कर संन्यास ले लिया था। सोशल मीडिया के जरिए जब कल्पवृक्ष की हत्या की खबर मिली तो सभी परिजन औरगांववासी शोक में डूब गए।संत के भाई ने दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की।
पालघर में रहने वाले भाई ने किया अंतिम संस्कार
संत कल्पवृक्ष गिरी यहां ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के वेदपुर गांव निवासी चिंतामणि तिवारी के पुत्र थे। सन्त को परिवार के द्वारा कृष्णचंद्र तिवारी नाम दिया गया था। वे10वर्ष की आयु में अचानक गायब हो गए। बाद मेंसन्त-महात्माओं के साथ जूना अखाड़ा में जाकर सन्त हो गए। लॉकडाउन के चलते भदोही में रहने वाले उनके परिजन महाराष्ट्र नहीं जा पाए। पालघर में रहने वाले उनके भाई दिनेशचंद्रने पोस्टमाॅर्टम के बाद शव को नाशिक के त्र्यंबकेश्वर नाथ में समाधि दिलाई।
नासिक में संत थे, परिजनों को परिचतों ने सूचना दी थी
सन्त के छोटे भाई राकेशचंद्र तिवारी ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पहलेनासिक के जोगेस्वरी मंदिर में एक भंडारे में उनके कुछ परिचित गए थे। उन्होंने ही महाराजके वहां होने की सूचना घर वालों को दी थी। इसके बाद घर के लोगों ने वहां जाकर उनसे मुलाकात की औरवापस आने के लिए काफी मनाया। लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया था। परिजनने मांग की है किइस मामले में जो लोग दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
क्या है मामला?
बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत तीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। इसके बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वैन चालक दोनों साधुओं को लेकर कांदिवली से सूरत जा रहा था। वहां एक अंतिम संस्कार में शामिल होना था। उन्होंने वैन किराए पर ली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 किमी का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक संतरी ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद तीनों की निर्मम हत्या कर दी गई।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में मंगलवार को एक युवक ने शारदा नहर में छलांग लगा दी। युवक मेंथा फसल की सिंचाई के लिए बैंक से पैसे निकालने के बाद महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र से होते हुए घर वापस जा रहा था। लेकिन उसे पुलिस ने रोक लिया। पुलिस ने गाड़ी के कागजात मांगे। लेकिन वह दिखा नहीं सका। जिस पर पुलिस ने उसकी बाइक सीज कर दी। युवक को बाइक शादी में दहेज मिली थी। इस बात से क्षुब्ध होकर युवक ने नहर में छलांग लगा दी। जैसे ही यह बात पुलिस वालों को पता चली तो उनके हाथ पैर फूल गए। उसे खोजने के लिए गोताखारों को नहर में उतारा गया। लेकिन युवक का कुछ पता नहीं चला है। परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सरैंया महीपत सिंह निवासी किसान 22 वर्षीय विमल पुत्र दयाशंकर कीटनाशक दावा लेने के लिए बैंक से पैसे निकालने गया था। बीच रास्ते में वाहन चेकिंग के दौरान वाहन के कागजात न होने पर पुलिस ने उसकी बाइक सीज कर दी। बाइक सीज होने के कारण आहत होकर विमल ने पहले अपने मोबाइल से परिजनों को मैसेज भेजा और फिर शारदा सहायक नहर में नूरपुर पुल के पूरब छलांग लगा दी।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस ने गोताखोरो की मदद से युवक की तलाश शुरू कर दी। इस घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। अभी तक नहर में डूबे युवक का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए जहां पूरा देश एकजुट है तो वहीं कुछ चंद रुपए कमाने की लालच में दूसरों की सेहत और जान के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को गोरखपुर से सामने आया है। यहां औषधि विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर राजेंद्र नगर इलाके में नकली सैनिटाइजर की फैक्ट्री पकड़ी है। मौके से सत्यजीत जायसवाल और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया है। फैक्ट्री से बल्क मात्रा में बड़े-बड़े गैलन और प्लास्टिक की बॉटल में सैनिटाइजर, उसके बनाने के उपकरण, ढक्कन, लेबल और अल्कोहल बरामद किया गया है।
जिला औषधि निरीक्षक जय सिंह ने बताया कि गोरखनाथ इलाके के राजेन्द्र नगर में सत्यजीत जायसवाल के घर अवैध रूप से नकली सैनिटाइजर बनाने की सूचना मिली थी। मंगलवार को गोरखनाथ थाने की पुलिस के सहयोग से यहां छापा मारा गया तो सत्यजीत के घर में ही सैनिटाइजर बनाते हुए पाया गया। मौके से पैक किया गया सैनेटाइजर, खाली बॉटल और भारी मात्रा में बड़े गैलन में सैनिटाइजर बरामद किया गया है।
इससे होने वाले नुकसान की जांच के लिए सैंपल लिया गया है। यहां से बाजार में भी सैनिटाइजर सप्लाई किया गया है। जिन्हें बेचा गया है, उसकी डिटेल ली जा रही है।आरोपियों के खिलाफ ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि, यहां से कस्टमर डायरेक्ट आकर सैनिटाइजर ले जाते थे। इस कारोबार का कोई लाइसेंस भी नहीं दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच संक्रमित मरीज भी ठीक हो रहे हैं। इस बीच वाराणसी के दीनदयाल अस्पताल के 11 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर मंगलवार को डिस्चार्ज हो गए। इसमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं। जब मरीजों को डिस्चार्ज किया गया तो डीएम कौशल राज और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने फूलों से स्वागत कर उनकोविदा किया। इसके साथ ही पूरे मेडिकल टीम को भी माला पहनाकर उनकेसराहनीय कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया।
डीएम कौशलराज ने बताया 11 लोगों ने अपनी बहादुरी से इस जंग को जीता है। इनसे प्रेरणा लेकर लोगों को जंग में जीतने का मन बनाना चाहिए। संक्रमण हो तो घबरा कर नहीं बल्कि सकारात्मक सोच के साथ लड़ना चाहिए। इनका मोरल बूस्टअप किया गया है।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणासी, ग़ाज़ीपुर और जौनपुर के पेशेंट ठीक होकर घर को गए हैं। मंडल के 11 पेशेंट आज ठीक हो गए। अभी 7 मरीज और बचे हैं। किसी को डरने की जरूरत नही हैं। कोविड 19 कि जांच लक्षण दिखते ही करा लें। डरने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। बेहतरीन मेडिकल टीम लगाई गई है।
स्टाफ ने हमेशा ही सहयोग किया
वहीं स्वस्थ होकर गए जौनपुर के मरीज ने बताया कि शरुआती दौर में मन में एक डर बना था। लेकिन स्टाफ इतने अच्छे हैं कि उन्होंने घर की तरह सेवा किया। हर समय वो हमारे साथ खड़े थे। कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर नर्स तुरंत मदद को आ रहे थे। हमारी जीने की उम्मीदों को हमेशा नई ऊंचाई दे रहे थे।
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में मंगलवार को एक प्रेमी शादी की तय तारीख से चार दिन पहले अपने पिता व मामा के साथ प्रेमिका के घर पहुंच गया। उसकी तुरंत शादी करने की इच्छा जताई तो लोग अवाक रह गए। हालांकि, कुछ देर बाद सभी ने एकराय होकर काली देवी मंदिर में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी की। प्रेमिका की मांग में सिंदूर डालने से पहले प्रेमी ने अपने हाथों को साबुन से धुला और सैनिटाइज किया। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
25 अप्रैल को तय थी शादी की तारीख
दरअसल, गिरवां थाना क्षेत्र के गैडी पतौरा गांव निवासी लक्ष्मी पुत्र विजय की शादी गांव खपटिहा कलां निवासी राम सजीवन की बेटी शीलू के साथ 25 अप्रैल को होनी थी। दोनों एक दूसरे को प्यार करते थे। इस बात की जानकारी होने के बाद यह रिश्ता तय किया गया था। चूंकि, कोरोनावायरस को लेकर वर्तमान में लॉकडाउन है। ऐसे में शादी धूमधाम से नहीं हो सकती थी। इसलिए लक्ष्मी ने आज ही शादी करने की इच्छा जताई।
प्रधानपति ने दोनों को पहुंचाया घर
लक्ष्मी अपने पिता व मामा रमेश के साथ लड़की के घर खपटिहा कलां पहुंच गया। वहां गांव से करीब दो किलोमीटर दूर काली मंदिर के बाहर उसने प्रधान पति जाहर सिंह की मौजूदगी में दुल्हन की मांग भरकर शादी की रस्में पूरी की। इस मौके पर दुल्हन की ओर से उसकी मां कलावती व दादा श्रीपाल ही शादी में शामिल हो सके।प्रधानपति जाहर सिंह ने अपनी मौजूदगी में शादी सम्पन्न कराई। उन्होंने बताया कि शादी के बाद वह खुद वर वधू को दूल्हे के गांव गैडी पतौरा छोड़ कर आए हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की समय पर जांच के लिए पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देने पर निर्णय लिया गया है। प्लाज्मा थेरेपी पर काम होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम इलेवन के साथ बैठक में कहा- पूल टेस्टिंग से प्रदेश में अधिक से अधिक व समय से रिजल्ट मिलने की संभावना और बेहतर होगी। लॉकडाउन की समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा- जिन जिलों में कोरोना के केस ज्यादा हैं, वहां अतिरिक्त सतर्कता बरतें। जिले व प्रदेश की सीमाओं पर अनुमन्य वाहनों की ही प्रवेश मिले। कोरोना को शून्य करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए। रमजान माह में आवश्यक वस्तुओं की डोर स्टेप डिलीवरी होगी।
कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा- उत्तर प्रदेश के 53 जिलों में अब तक 1294 टेस्ट पॉजिटिव मिले हैं। इनमें 1134 एक्टिव केस हैं। 140 मरीज डिस्चार्जहुए हैं। 53 में से 9 जिलों में अब एक्टिव केस नहीं है। पुलिस बल और डॉक्टर्स सहित चिकित्सा से जुड़े सभी कर्मियों को विशेष रूप से सतर्कता बरतनी होगी। जहां भी कोविड के रोगी रखे जाएं, वहां ऑक्सीजन की अनिवार्य व्यवस्था की जाए। प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि, प्रत्येक वेंटिलेटर बेड और सामान्य बेड पर प्रोटोकॉल के अनुसार ऑक्सीजन की मात्रा को निर्धारित कर दिया गया है। आज उसी व्यवस्था की समीक्षा भी की जा रही है। एल-1, एल-2 व एल-3 अस्पतालों के लिए भी ऑक्सीजन की उपलब्धता की व्यवस्था की जा रही है।
कानपुर, सहारनपुर व मेरठ में टेस्टिंग की व्यवस्था में होगा इजाफा
अवस्थी ने कहा- रायबरेली में आज 33 नए केस सामने आए। इन सभी को क्वारैंटाइन किया गया था। जिनकी पूर्व में रिपोर्ट निगेटिव थी। लेकिन दोबारा जांच करने पर वे पॉजिटिव पाए गए हैं। ये क्वारैंटाइन में रखने की सावधानी का नतीजा है। हॉटस्पॉट क्षेत्र में सभी की टेस्टिंग हो रही है, लेकिन बाहर भी लोगों की टेस्टिंग कराई जाएगी। जिन क्षेत्रों में टेस्टिंग के लिए अधिक मामले हों, वहां पर पूल टेस्टिंग कराई जाएगी। कानपुर, सहारनपुर व मेरठ जैसे जनपद, जहां टेस्टिंग का लोड ज्यादा है, वहां के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
नॉन एप्रूव्ड अस्पतालों में इलाज न कराएं
अवनीश अवस्थी ने लोगों से अपील की है कि, कोई भी कोरोना मरीज किसी नॉन एप्रूव्ड अस्पताल में अपना इलाज न कराए।प्रदेश में अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाऊनलोड किया है। उन्होंने बताया कि, रमजान माह में आवश्यक वस्तु की डिलीवरी डोर स्टेप पर होगी।
7500 मजदूरों को काम दे रहा यूपीडा
बताया कि, लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार के निर्देश पर मिली सहूलियत के अनुसार, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो गया है।4200 मजबूर काम कर रहे हैं।पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम 42 फीसदी पूरा हो चुका है।बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का भी काम 2,150 मजदूरो के साथ काम शुरू हो चुका है।यूपीडा के माध्यम से 7500 लेबर्स को काम दिया जा रहा है। लॉकडाउन का उलंघन करने, महामारी की छिपाने वालों को जेल भेजने के लिए प्रदेश में 23 से अधिक अस्थायी जेल बनाई गई हैं।
महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए संत सुशील गिरि (35 साल) उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले थे। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया था। संन्यास से पहलेलोग उन्हें प्यार से रिंकू दुबे कहते थे। हालांकि, परिवार ने शिवनारायण दुबे नाम रखा था। छह भाई-बहनों में सुशील गिरि सबसे छोटे थे। उनके दो भाई मुंबई में रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते वे अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके। सुशील की मौत से उनके परिवार औरगांव में हर कोई गमगीन है। सभी महाराष्ट्र सरकारसे दोषियों परकार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बिना बताए घर से भाग निकले थे मुंबई
सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर चांदा कस्बा है। जूना अखाड़े के संत सुशील गिरि यहीं के रहने वाले थे। सुशील गिरि महाराज ने 12 साल की उम्र में पिता की डांट से क्षुब्ध होकर घर छोड़ दिया था। ये बात वर्ष 1997 की है, तब वे कक्षा छह में पढ़ते थे। घर से निकलकर वेननिहाल पट्टी प्रतापगढ़ चले गए और वहां से बिना किसी को बताए एक ट्रेन से मुंबई पहुंच गए। यहां उनकी भेंट जूना अखाड़े के कुछ संतों से हुई।इसके बाद इन्होंने संन्यास ले लिया। वहां रामगिरि महाराज से दीक्षा लेकर पूजा-पाठ में रम गए।
बचपन के मित्र ने समझाया पर नहीं लौटे घर
सुशील के भाई शेष नारायण दुबे ने बताया किसाल 2005 में वेकानपुर में एक सत्संग में आए थे।यहां उनके बचपन के मित्र ज्वाला दुबे से भेंट हुई।उन्होंने सुशील कोबहुत समझाया बुझाया तो वेघर आए और कुछ दिन रहकर चलेगए। इसके बाद से उसका आना-जाना था। आखिरी बार नवंबर-दिसंबर 2019 में वेयहां पास के एक गांव में शादीमें शामिल होने आए थे। रात में ही वापस चले गए थे, उनकी वाराणसी के बाबतपुर हवाई अड्डे से फ्लाइट थी।
16 अप्रैल की शाम भाइयों से हुई थी बात
भाई ने बताया कि उनके देहांत की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। 17 अप्रैल को जब मोबाइल पर देखा कि सुशील गिरी की हत्या हुई है, तब उन्हें फोन किया तो वह बंद जा रहा था। इससे पहले जिस दिन ये घटना हुई, उस दिन बड़े भाई से बात हुई थी तो उन्होंने बताया किसुशील सूरत जा रहे हैं, गुरुजी का देहांत हुआ है। मुंबई में हमारे दो भाई, बड़े वाले और तीसरे नंबर वाले मौजूद थे। वेलोग अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते थे लेकिन पास नहीं होने के कारण शामिल नहीं हो सके।
क्या है मामला?
बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत तीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। इसके बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया। वैन चालक दोनों साधुओं को लेकर कांदिवली से सूरत जा रहा था। वहां एक अंतिम संस्कार में शामिल होना था। उन्होंने वैन किराए पर ली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 किमी का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक संतरी ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद तीनों की निर्मम हत्या कर दी गई।
लॉकडाउन में पुलिस जरूरतमंदों की मदद कर खाकी का इकबाल मजबूत कर रही है। ऐसा ही मामला मंगलवार को कानपुर देहात में देखने को मिला। यहां सेना के जवान की गर्भवती पत्नी ने ट्वीट कर पुलिस से मदद मांगी। वह पांच माह से गर्भवती है। उसका ब्लड प्रेशर लो हो रहा है। पुलिस टीम ने महिला के गांव में स्थितघर पहुंचकर उसे रिसीव किया औरडॉक्टर के पास चेकअप कराया।
यहां डेरापुर थाना क्षेत्र के डिलौली गांव निवासी स्वाती सिंह के पति आर्मी में हैं। इन दिनों उनकी तैनाती पंजाब में है। स्वाती गांव में बुजुर्ग सास-ससुर और दो वर्षीय बेटे के साथ रहती हैं। ससुर मानसिंह डायबिटीज मरीज हैं। स्वाति 5 माह की प्रेग्नेंट हैं।बीते दो दिनों से उनका ब्लड प्रेशर लो था। जिसकी वजह से उन्हें घबराहट हो रही थी। उनके पेट में दर्द की शिकायत थी। लॉकडाउन की वजह से स्वाती को डॉक्टर के पास ले जाने वाला घर मेंकोई नहीं था। जब कोई मदद के लिए तैयार नहीं हुआ तो उन्होंने ट्वीट कर पुलिस से मदद मांगी।
महिला ने कहा- घर में कोई नहीं, हेल्प कीजिए
महिला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 112 पीआरवी को टैग करते हुए लिखा- 'मुझे डॉक्टर की जरूरत है, मैं प्रेग्नेंट हूं, मेरे पति आर्मी में हैं, मुझे डॉक्टर के पास ले जाने वाला कोई नहीं है, प्लीज हेल्प कीजिए।' महिला के पोस्ट को संज्ञान में लेते हुए कानपुर देहात पुलिस को मदद के लिए आदेशित किया गया।
डेरापुर थाने की पुलिस ने ससुर मानसिंह कोफोन कर पता नोट किया। कुछ देर बाद पुलिस उनके दरवाजे पर पहुंच गई। डेरापुर इंस्पेक्टर नीरज यादव ने बताया कि पुलिस बलके साथ चौकी इंचार्ज को एक निजी वाहन सेमौके पर भेजा गया। वहां सेमहिला को डॉक्टर के पास पहुंचाया गया,जहां रूटीन चेकअप कराके घर छोड़ा गया।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मंगलवार को 66 विदेशी जमातियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने इन्हें सहारनपुर में अलग-अलग क्षेत्रों से पकड़ा था। क्वारैंटाइन अवधि खत्म होने के बाद वीजा शर्तों के उलंघन के आरोप में ये कार्रवाई हुई है। ये जमाती किरकिस्तान, सूडान औरइंडोनेशिया के रहने वाले हैं।
कोरोनावायरस महामारी के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात का मामला सामने आने के बाद सहारनपुर में पुलिस औरजिला प्रशासन ने अलग-अलग जगहों से 66 विदेशी जमातियों को पकड़ा था। इन्हें क्वारैंटाइन कराया गया था। इस बीच पुलिस द्वारा जमातियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीजेएम को पत्र लिखा गया था। पुलिस ने इन जमातियों से तलाशी के दौरान बरामद की गई वस्तुओं के आधार पर विदेशी होने की पुष्टि की थी।
सीजेएम सहारनपुर अनिल कुमार ने एसीजेएम राजन कुमार गोंडा और देवबंद के लीलू कुमार को नामित किया। राजेंद्र कुमार गोंडा ने 54 विदेशी जमातियों को अस्थाई जेल के तौर पर चयनित किशोर कारागार सहारनपुर में जाकर सुनवाई के बाद वहीं न्यायिक अभिरक्षा में जेल में रखने के आदेश दिए।
देवबंद के एसीजेएम लीलू कुमार ने जामिया तिब्बिया देवबंद में 12 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में रखने का आदेश दिया।डीएम अखिलेश कुमार ने बताया कि यह जमाती पूर्व में ही पकड़े गए थे। इनको क्वारैंटाइन कर रखा गया था, इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज थे। इसलिए इन सभी को कोर्ट के माध्यम से अस्थाई जेल भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में मंगलवार को सेना के एक पूर्व जवान ने तराजू के बांट से पत्नी का सिर कुचल दिया। इसके बाद मौके से फरार हो गया। परिजन महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। यह सुनते ही सभी भाग खड़े हुए। महिलाआंगनबाड़ी कार्यकत्री थी। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
कानपुर देहात के सट्टी थाना क्षेत्र के महकापुर गांव निवासी रामनरेश यादव आर्मी में था। लेकिन साल 2007 में वह आर्मी की नौकरी छोड़कर गांव आ गया। रामनरेश की शादी 2009 में हरहरा गांव की तारावती से हुई थी। परिवार में दो बेटियां और एक बेटा था।
महिलाकी मां रामवती का आरोप है किउनकी बेटी को नींद की गोली खिलाकर मारा गया है। उन्होंने महिला के पति, देवर, देवरानी व जेठ पर हत्या का आरोप लगाया है। कहा- तराजू के बांट से सिर पर हमला किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद बेटी के जेवरनिकाले गए हैं। उसकी अलमारी के लॉकर टूटे पड़े हैं। हत्या करने के बाद शव को अस्पताल में छोड़ भाग गए।
सीओ आशा पाल ने बताया कि, मृतका और उसके पति के बीच झगड़ा हुआ था। इसी बीच पति ने तराजू के बांट से उसके सिर पर हमला किया था। गंभीर हालत में जेठ और देवर अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला अपने काम में काफी एक्टिव थी। वह सिलाई कर अपना खर्च चला रही थी। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा। मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
कोरोनावायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है। इस बीच दिल्ली में बेरोजगार होने के बाद मालगाड़ी में बैठकर बिहार जा रहे दो मजदूरों को मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने पकड़ लिया। दोनों 16 मार्च को आनंद विहार से कभी पैदल तो कभी किसी से मदद मांगते हुए प्रयागराज पहुंचे थे। यहां उन्होंने एक मालगाड़ी का सहारा लिया जो मुगलसराय जा रही थी। लेकिन मिर्जापुर में ही जांच के दौरान आरपीएफ के जवानों ने दोनों को पकड़ लिया। हालांकि बाद में उन्हें कोरोना की जांच के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।
दोनों श्रमिकों को जीआरपी प्रभारी उदय शंकर कुशवाहा औरआरपीएफ प्रभारी रजनीश राय की संयुक्त टीम ने मिर्जापुर स्टेशन उन्हें ट्रेन से उतारा। दोनों का मेडिकल जांच कराने के साथ ही उनके लिए भोजन की व्यवस्था की।एक ने अपना नाम छंगूरी यादव और गुडडू यादव बताया। दोनों बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं।
छंगुरी यादव ने बताया कि नई दिल्ली के आनन्द विहार रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार के अंडर में मजदूरी का काम कर रहा था। घर से 16 मार्च को ही आनन्द विहार गया था, जबकि गुड्डू 18 मार्च को आनन्द विहार गया था। दोनों ने बताया कि हम लोग मजदूरी कुछ ही दिन कर पाए थे कि कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन हो गया। हम लोग वही फंस गए जो थोड़ा बहुत कमाया था वह खाने पीने में खर्च हो गया।
17 अप्रैल को आनंद बिहार से चले थे
उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को सुबह 4 बजे आनंद विहार से सब्जी ढोने वाले से लिफ्ट मांगकर करीब आगे आये फिर वहां से कुछ दूर पैदल चले। कार वाले से लिफ्ट मांगकर आगे करीब 10 किमी आगे आए। फिर वहां से पैदल चलकर प्रयागराज आया था। किसी तरह रेलवे स्टेशन पहुंचा। स्टेशन पर एक व्यक्ति ने बताया कि यह खाली मालगाड़ी मुगलसराय की तरफ जा रही हैं। इसलिए हम लोग घर जाने की चाहत में मालगाड़ी में बैठ गए।
दोनों ने बताया कि हम दोनों को मिर्जापुर स्टेशनरी पर उतार लिया गया। दोनों व्यक्तियो को हाथ मुंह धुलवाकर उनको खाना खिलाया गया। आगे के लिए लाई, बिस्कुट, रेवड़ी और कुछ आर्थिक सहायता भी की गई।
महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में दीनी इल्म के मरकज कहे जाने वाले देवबंद के उलेमाओं ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उलेमाओं ने इसे संविधान के खिलाफ कदम बताया और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उलेमाओं ने कहा- हैवानियत पर उतरे इंसानों को इंसान नहीं कहा जा सकता है। ऐसे लोगों को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए।
सरकार बनाए कठोर कानून, जिससे मिले हैवानों को सबक
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व आलिम ए दीन मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि पालघर में हुई मॉब लिंचिंग में मारे गए दोनो संतों की हत्या से लोगों को बहुत दुख पहुंचा है। हम मांग करते हैं कि दोनों हिन्दू संतो व उस गाड़ी के ड्राइवर को न्याय मिलना चाहिए। गोरा ने कहा कि जिस बेरहमी की साथ इन लोगों की लिंचिंग हुई है, वह हमारे सविंधान को और कानून को ठेंगा दिखाता है। लिंचिंग चाहे पहलू खान की हो या जुनैद रकबर की या फिर इन संतो की। हम हर उस घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं, जो इंसान को इंसान से ही मरवा दे।
कहा कि, जो इंसान दूसरे इंसान की कद्र नहीं कर सकता वह इंसान नहीं होता। जब इंसान ही हैवानियत पर उतर जाए तो उसको हम इंसान कैसे कह सकते हैं? भारत देश के अंदर ऐसे किसी भी अपराध के लिए चाहे वो रेप का मामला हो या लिंचिंग का या आंतकी हमले का उसके लिए कड़ा कानून वाला मॉडल लागू कर देना चाहिए। जिससे इस तरह के अपराध करने वाले हैवानों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके और देश के अंदर जितनी भी लिंचिंग की घटनाएं घट रही हैं, भारत सरकार व प्रदेश सरकार इन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे और ऐसे इंसान के रूप में हैवानों को सरेआम फांसी की सजा होनी चाहिए।
क्या है मामला?
बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत तीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। इसके बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वैन चालक दोनों साधुओं को लेकर कांदिवली से सूरत जा रहा था। वहां एक अंतिम संस्कार में शामिल होना था। उन्होंने वैन किराए पर ली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 किमी का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक संतरी ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद तीनों की निर्मम हत्या कर दी गई।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित अभद्र टिप्पणी करने के दो अलग-अलग मामलों में कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष की शिकायत पर दो मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस मामलों की जांच में जुट गई है।
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष एडवोकेट उमेश शर्मा ने बताया कि मथुरा के सौंख कस्बा निवासी एक शख्स और मथुरा कोतवाली क्षेत्र के श्याम घाट, बंगाली घाट क्षेत्र निवासी एक शख्स के फेसबुक अकाउंटपर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी से संबंधित अभद्र टिप्पणियों के मामले में शिकायत दर्ज कराई गईहै। उन्होंने कोतवाली प्रभारी से शिकायत की, जिसके आधार पर मामले दर्ज किए गए हैं।
कोतवाली प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह के मुताबिक, कांग्रेस नेता के खिलाफ फेसबुक पर की गई टिप्पणियों के मामले में स्थानीय नेताओं की तहरीरों के अनुसार मामले दर्ज कर लिए गए हैं और प्रकरण की जांच शुरु कर दी गई है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ के केजीएमयू ने मंगलवार सुबह 8 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि की हैं। इसमें मेरठ में तीन, लखनऊ में दो और एक मरीज आगरा के हैं। उत्तर प्रदेश के 52 जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या 1192 हो गई है, इसमें जमाती और उनके संपर्क में आए 820 लोग शामिल हैं। एक्टिव केस में 1034 संख्या हो गई हैं। 140 संक्रमित मरीजों केठीक होने परडिस्चार्ज किया गया है और 18 मरीजों की मौत हो गई है। सोमवार शाम तक 86 नए मरीज प्रदेश में अलग-अलग जिलों में मिले थे। इनमें मुरादाबाद में 15, नोएडा में 3, आगरा में 12 और मेरठ में 7 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई।झांसी में लॉकडाउन में शराब दुकानें बंद होने से कच्ची शराब बेचेजाने का कारोबार पकड़ा गया। पुलिस ने छापेमारी में 1600 लीटर अवैध शराब जब्त की है।
सबसे ज्यादा संक्रमित आगरा में
यूपी में सबसे ज्यदा 242 संक्रमित आगरा में हैं। इसके अलावालखनऊ में 169, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 100, मेरठ में 78, सहारनपुर में 72, कानपुर नगर में 60, फिरोजाबाद-मुरादाबाद में 58, गाजियाबाद में 46, शामली-बिजनौर में 26, बस्ती में 19, बुलन्दशहर में 18, हापुड़-सीतापुर-अमरोहा में 17, रामपुर-बागपत में 15, वाराणसी में 14, बदायूं में 13, औरैय्या-आज़मगढ़-संभल में 7-7, मथुरा-महराजगंज-प्रतापगढ़-बरेली-गाजीपुर-कन्नौज में 6-6, जौनपुर-मुजफ्फरनगर में 5-5, लखीमपुर खीरी-हाथरस-मैनपुरी में 4-4, मिर्जापुर-इटावा-कासगंज-एटा में 3-3, पीलीभीत-हरदोई-कौशाम्बी-बांदा-रायबरेली में 2-2, शाहजहांपुर-भदोही-बाराबंकी-उन्नाव-प्रयागराज-गोंडा-मऊ-सुल्तानपुर-संतकबीरनगर में 1-1 मरीज मिला है।
झांसी: 1600 लीटर अवैध शराब बरामद
लॉकडाउन की वजह से शराब की दुकानें नहीं खुल रही हैं,जिसके चलते अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र में पुलिस ने आबकारी टीम के साथ छापेमारी में1600 लीटर अवैध शराब पकड़ी। मौके सेशराब बनाने के उपकरण भी बरामद किए गए।पुलिस को कई स्थानों से अवैध शराब की सप्लाई की सूचना आ रही थी। यहांआबकारी औरपुलिस ने अवैध कारोबार रोकने के लिए अभियान छेड़ रखा है।
वाराणसी:तीन महिलाओं ने जीती कोरोना के खिलाफ जंग
जिले में कोरोनावायरस से जंग में मंगलवार सुबह अच्छी खबर आईकि 3 कोरोना पॉजिटिव महिलाएं निगेटिव हो गई हैं। डीएम कौशलराज ने बताया कि गंगापुर के कोरोना पॉजिटिव मृतक व्यक्ति की 52 वर्षीय पत्नी और 30 वर्षीय पुत्रवधु का दूसरा टेस्ट भी निगेटिव आया है। दोनों कोरोना से मुक्त हुई हैं। वहीं बजरडीहा की हज से लौटी 42 वर्षीय महिला का भी दूसरा टेस्ट निगेटिव आया है। तीनों महिलाओं ने एक साथ बहादुरी और इच्छा शक्ति से कोरोना की जंग को जीता है। इन तीनों ने इलाज के दौरान डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफका भरपूर साथ दिया है।
बदायूं: पुलिसकर्मी ने घर में घुसकर महिलाओं को पीटा
बदायूं जिले के गांव उतरना में मंगलवार को मूसाझाग पुलिस ने एक परिवार पर जमकर कहर बरपाया। एक सिपाही के कहने पर थाने की जीप में पुलिस वाले गांव पहुंचे। आरोप है कि पुलिसवालों ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को जमकर पीटा। इसमें घायल दो किशोरियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर एसपी सिटी जितेंद्र श्रीवास्तव ने गांव जाकर पूरे मामले की जानकारी ली। उनकी रिपोर्ट पर एसएसपी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया है।
नोएडा: संक्रमण के 3 नए मामले सामने आए
उत्तर प्रदेश में नोएडा में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के तीन नए मामले सामने आए हैं। अब यहां कुल मरीजों की संख्या 100 पहुंच चुकी है। इनमें से 43 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। इस बीच कोरोना से निपटने के लिए एचसीएल प्रदेश सरकार को एक लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट उपलब्ध कराएगा। इसमें 32 हजार किट का ऑर्डर नोएडा की तीन गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को जारी कर दिया गया है। इसमें करीब 15 हजार किट सरकार के निर्देश पर लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ भेजा भी जा चुका है।
मोक्ष की प्राप्ति के लिए देश-विदेश से लोग महादेव की नगरी काशी आते हैं। जिनकी अपनी-अपनी इच्छाएं होती हैं। लेकिन, कोरोनावायरस औरलॉकडाउन के बीच रशियन महिलाअपने दो मानद बेटोंके साथ गंगा किनारे झोपड़ी बनाकर तंत्र साधना में लीन था। जब इसकी भनक पुलिस को लगी तो तीनों को रामनगर स्थित एक स्कूल में क्वारैंटाइन कर दिया गया है। महिला ने कहा- उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं है। वे क्वारैंटाइन में अपनी तंत्र साधना पूर्ण करेंगे।
रूस के रहने वाली जोया अपने दो मानद पुत्र जॉर्ज व पावेल के साथ कई माह से बनारस के डोमरी में हैं। जोयाने बताया किवे काशी महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अघोर और तंत्र साधना के लिए आए थे। वे महाकाल को अपना पिता मानतीहैं। उनका मानना है कि हमें यहां कोई दिक्कत नही है, हम तंत्र साधना पूर्ण करना चाहते हैं। हम बहुत खुश हैं, बस हम अपनी साधना पूर्ण करना चाहते हैं।
रामनगर एसओ विनोद मिश्रा ने बताया कि तीनों को शेल्टर होम में रुकवाया गया है। इनके साथ एक और विदेशी भी है। इनको बाहर जाकर किसी भी तरह की एक्टिविटी की छूट नहीं दी गयी है। खाना इनको पुलिस मुहैया करा रही है।
बताया जा रहा है कि काफी दिनों से ये लोग गंगा पार रेत पर झोपड़ी में रह रहे थे। इनको तंत्र साधना और अघोर काफी पसंद है। महिला साड़ी पहनती है और और टीका भी लगाती है। 10 साल का बच्चा भी इनके साथ रहता है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संदिग्धों की लापरवाही प्रशासन के लिए आफत का सबब बन रही है। ताजा मामला मेरठ जिले का है। यहां लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध मरीज मंगलवार की सुबह खिड़की से कूदकर फरार हो गया। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची अधिकारियों ने घटना की जानकारी की और फरार आरोपी की तलाश तेज कर दी है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि शहर के लखीपुरा निवासी 23 वर्षीय संदिग्ध मरीज को 19 अप्रैल को कोविड-19 अस्पताल के कोरोना संदिग्ध वार्ड में क्वारैंटाइन किया गया था। मंगलवार की सुबह वह अस्पताल की पहली मंजिल पर बने आइसोलेशन वार्ड से चादर की रस्सी बनाकर खिड़की से कूदकर फरार हो गया। इसकी जानकारी जब मेडिकल स्टॉफ को हुई तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना थाना मेडिकल पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही थाना मेडिकल प्रभारी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू कर दी। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि युवक के सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है जिसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल पुलिस फरार कोरोना संदिग्ध युवक की तलाश कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में मंगलवार की दोपहर कोरोनावायरस के 15 नए मामले सामने आए। जिससे यहां अब संक्रमितों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है। इसी बीच सोमवार रात दो संक्रमितों की मौत हो गई। इनका इलाज तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में चल रहा था। अब यहां मृतकों की संख्या पांच हो चुकी है। सीएमओ डॉ.एमसी गर्ग ने कहा- हॉटस्पॉट वाले इलाकों से ज्यादा केस निकलकर सामने आ रहे हैं।
मृतकों में एक रामपुर जिले का मरीज था
सीएमओ डॉ.गर्ग ने बताया किरामपुर जिले के टांडा निवासी वृद्ध मोहम्मद उमर का इलाज टीएमयू में चल रहा था। उमर को शुगर और हार्ट की समस्या थी। वहीं,मुरादाबाद के गोविंद नगर की रहने वाली 63 वर्षीय महिला शीला वर्मा की भी मौत हो गईहै। 9 अप्रैल को इनको टीएमयू में भर्ती कराया गया था। 11 दिन से लगातार इलाज चल रहा था। कोरोना की वजह से हार्ट फेल होने से शीला की मौत हुई है। दोनों के अंतिम संस्कार का प्रोटोकॉल को पूरा किया जा रहा है।
इससे पहले मुरादाबाद के सरताज और डॉ. निजामुद्दीन औरसम्भल के कोरोना पॉजिटिव तब्लीगी जमाती की मौत हो चुकी है। मुरादाबाद मंडल के मुख्यालय में मरने वालों की संख्या 5 हो गयी है। सीएमओ ने बताया किसोमवार की रात 58 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट मिली। जिसमें 15 पॉजिटिव मिले। मंगलवार की दोपहर 15 नए केस सामने आए। तीन के सैंपल रिपीट हुए हैं। इसमें 3 महिला और एक पांच साल का बच्चा भी है।
उप्र में अब तक 1192 केस
उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1192 तक पहुंच गई है। इसमें जमाती और उनके संपर्क में आए 820 लोग शामिल हैं। राज्य में एक्टिव केस की संख्या 1034 हो गई है। इससे पहले सोमवार शाम तक 86 नए मरीज प्रदेश में अलग-अलग जिलों में पाए गए थे। 52 जनपदों में पांव पसार चुका कोरोना से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सोमवार रात एक झोपड़ी में आग लग गई। इसमें एक 35 वर्षीय महिला जिंदा जल गई। घटना के वक्त महिला घर में अकेली थी। महिलाके मायके वालों ने हत्या का अंदेशा जताया है। पुलिस ने घटना का जल्द खुलासा करने का आश्वासन दिया है।
मामला जिले के चौरीचौरा क्षेत्र के पोखरभिंडा गांव का है। यहां केवीरेंद्र निषाद अहमदाबाद में मजदूरी करतेहैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते वह वहीं फंसेहैं। परिवार में उसकी पत्नी चंदा देवी औरदो बच्चे रामू औरश्यामू हैं। रामू सोमवार रात पड़ोसी के घर था, जबकि उसका बड़ा भाई श्यामू इन दिनों अपने ननिहाल में है। वीरेंद्र को उसके पिता दूधनाथ ने अलग कर दिया था। दूधनाथ अलग मकान में रहता है। जिसमें उसका छोटा बेटा परिवार के साथ रहता है।
सोमवार की देर रात अचानक झोपड़ी में आग लग गई।आसपास के लोगों ने देखा तो फायर बिग्रेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेडने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई। लेकिन चंपा देवी लपटों में घिरकर जिंदा जल गई थी। पुलिस को इस मामले में दो लोगों पर शक है। पुलिस द्वारा दावा किया कि जल्द ही घटना के कारणों का पता लगा लिया जाएगा। मौके पर फॉरेंसिक टीम पहुंचकर मामले की जांच की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का मंगलवार सुबह उत्तराखंड के यमकेश्वर के फूलचट्टी अंत्येष्टि स्थल पर अंतिम संस्कार किया गया। सीएम योगी के बड़े भाई मानेंद्र बिष्ट ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सांसद तीरथ सिंह रावत, बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, धन सिंह रावत, उप्र मुख्यमंत्री के ओएसडी राज भूषण आदि लोग उपस्थित हुए। लॉकडाउन के चलते सीएम योगी ने अंतिम संस्कार में शामिल होने पर असमर्थता जताई थी।
सोमवार को दिल्ली के एम्स में ली थी अंतिम सांस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का सोमवार सुबह 10:44 बजे दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। लीवर और किडनी में समस्या के कारण उन्हें 13 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन मल्टीपल ऑर्गन फेल होने से रविवार देर रात हालत ज्यादा बिगड़ गई। पिता के निधन की खबर मिलने पर योगी ने कहा था- "यूपी में कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाउंगा। परिवार से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंतिम क्रिया संपन्न कराएं।"
पिता को श्रद्धांजलि दी, फिर शुरू की मीटिंग
हर दिन की तरह योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर मंगलवार को भी कोविड-19 की टीम इलेवन के साथ बैठक की। उन्होंने दो मिनट का मौन रखकर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। फिर सीनियर अफसरों के साथ मीटिंग शुरू की।
वन विभाग से रिटायर हुए थे आनंद सिंह
योगी के पिता आनंद सिंह उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के यमकेश्वर के पंचूर गांव के रहने वाले थे। वे वन विभाग में रेंजर थे। 1991 में सेवानिवृत्त हुए थे।आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है। उन्होंनेबचपन में ही परिवार छोड़ दिया था और गोरक्षनाथ मंदिर के महंत औरनाथ संप्रदाय के संत अवेद्यनाथ के पास चले गए थे। बाद में अवेद्यनाथ की जगह योगी आदित्यनाथ ने ली। योगी आदित्यनाथ चुनाव के सिलसिले में उत्तराखंड जाते थे तो परिवार उनसे मिलने आता था।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में मंगलवार को एक साथ 33 कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने से अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया है। आनन-फानन में प्रशासनिक और स्वास्थ्य टीम की ओर से सभी मरीजोंको क्वारैंनटाइन कराया गया है। अब जिले के अंदर पाजिटिव मरीजों की बढ़कर35 हो गई है। फिलहाल एहतियात के तौर पर शहर के फातिमा मस्जिद क्षेत्र को और बछरावा क्षेत्र को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है।
डीएम शुभ्रा सक्सेना ने इसकी पुष्टि की है। जिले में मंगलवार को कुल 33 कोरोना मरीजों में 16 सहारनपुर जिले के हैं। जिन्हे कृपालु इंस्टिट्यूट में पूर्व में क्वारैंनटाइन किया गया था। इनका ब्लड सैंपल एसजीपीजीआई लखनऊ भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इसके अलावा रायबरेली निवासी 17 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई है।
रायबरेली के पाजिटिव लोगों में 7 कोतवाली रायबरेली के निवासी हैं तो बछरावां का 5, नसीराबाद कोतवाली क्षेत्र का 1, रोहनिया थाना क्षेत्र के 2, व दो अन्य थाना क्षेत्रो के हैं। अधिकारियों के मुताबिक इनमे से कुछ को पूर्व में शहर की फातिमा मस्जिद से पकड़कर कृपालु इंस्टिट्यूट में क्वरैनटाइन किया गया था और कुछ को बछरावां कोतवाली क्षेत्र के कस्बे में एक घर से। इनमें से कई दिल्ली के निजामुद्दीन से जमात कर बस्ती जिले से होकर यहां आए थे।
इससे देर रात दो जमातियों में हुई थी संक्रमण की पुष्टि
शनिवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब क्वारैंटाइन दो जमाती की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। आनन-फानन मे प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी और पुलिस बल मस्जिद पहुंचे। दोनों जमाती को टीम ने जिले के रोहनिया मे बने क्वारैंटाइन रूम मे शिफ्ट कराया है। फिलहाल एहतियात के तौर पर शहर के फातिमा मस्जिद क्षेत्र को और बछरावा क्षेत्र एरीये को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है।
देश में कोरोनावायरस की चेन तोड़ने के लिए तीन मई तक लॉकडाउन है। ऐसे में रोज कमाने खाने वाले परेशान हैं। उनके सामने दो जून की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। लेकिन ऐसे लोगों के लिए समाज में तमाम लोगों ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं। ऐसा ही मामला गोरखपुर में भी देखने को मिला। यहां धर्मशाला चौकी इंचार्ज धीरेंद्र राय हर दिन 600 लोगों को दोनों टाइम भोजन करा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कुछ व्यापारियों व सिविल डिफेंस की मदद ली है। इसके साथ ही चौकी इंचार्ज माइक से हिंदी व भोजपुरी भाषा में साफ-सफाई रखने व सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ा रहे हैं।
चौकी इंचार्ज धीरेन्द्र राय ने बताया कि, एक ढाबे में सभी के सहयोग से भोजन तैयार होता है। जिसे दूसरे शहरों से आए लोगों व रोड किनारे जीवन व्यतीत करने वालों को दिया जाता है। कोई भूखा न सोए, यही मेरा उद्देश्य है।युवा व्यापारी आलोक मित्तल ने कहा- भूखे लोगों को भोजन कराकर सुकून मिलता है। जब एक साथ इतने सारे लोग भोजन कर रहे होते हैं, तो दरोगा धीरेंद्र राय उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई के बारे में बताते हैं। लोग भी उनकी बातों को ध्यान से सुनते हैं और उस पर अमल करते हैं।
समाजसेवी और उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य जगनैन सिंह नीटू बताते हैं कि यहां पर हर रोज 600 लोगों को भोजन कराया जा रहा है। जरूरतमंद, मजदूर, गरीब और अन्य जिलों से आ करके फंसे हुए लोगों को यहां पर भोजन कराया जाता है।
कोरोनावायरस का संक्रमण यूपी में तेजी से फैलता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसारकेजीएमयू ने मंगलवार सुबह 8 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि की है। इसमें मेरठ में तीन, लखनऊ में दो और एक मरीज आगरा के हैं। उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर1192 तक पहुंच गई है।इसमें जमाती और उनके संपर्क में आए 820 लोग शामिल हैं। राज्य में एक्टिव केस कीसंख्या 1034 हो गई है।इससे पहले सोमवार शाम तक 86 नए मरीज प्रदेश में अलग-अलग जिलों में पाए गए थे। 52 जनपदों में पांव पसार चुका कोरोना से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस बीच, सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों की अनिवार्य रूप से जांच कराई जाए। पूल टेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए। अधिक से अधिक लोगों को ट्रैक करते हुए उनकी पूल टेस्टिंग की जाए।
संक्रमण के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के 14 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नई लैब खोलने की शासन ने अनुमति दे दी है। ये लैब राजकीय मेडीकल कॉलेज अंबेडकर नगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बांदा, अयोध्या, बस्ती,बहराइच, फिरोजाबाद, सहारनपुर, जालौन, बदायूं, कन्नौज, गवर्मेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडीकल साइंस ग्रेटर नोएडा, सुपर स्पेशियलिटी पीडियाट्रिक हॉस्पिटल एंड पीजी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट नोयडा में खुलेंगी। आठ जिले कोरोना मुक्त हुए,10 हजार लोग क्वारैंटाइन
प्रदेश के 52 में से 8 जनपद कोरोना मुक्त हुए हैं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, हाथरस, बरेली, महराजगंज, बाराबंकी और प्रयागराज के कोरोना पेशेंट स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए हैं।वर्तमान में इन जनपदों में एक भी कोरोना पेशेंट नहीं हैं। प्रदेश में 89,032 लोगों ने सर्विलांस की 28 दिन की समय सीमा पूरी की हैं। प्रदेश में कुल 39,316 पैसेंजर्स को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। 10,800 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन में रखा गया है।
18 की मौत,अब तक प्रदेश में 140 मरीजडिस्चार्ज किए गए
आगरा से 18, लखनऊ से 9, गाजियाबाद से 13, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से 43, लखीमपुर-खीरी से 4, कानपुर नगर से 1, पीलीभीत से 2, मोरादाबाद से 1, वाराणसी से 2, शामली से 2, जौनपुर से 1, मेरठ से 17, बरेली से 6, बुलन्दशहर से 2, फ़िरोज़ाबाद से 3, प्रतापगढ़ से 3, शाहजहांपुर से 1, महराजगंज से 6, हाँथरस से 4, बाराबंकी से 1 व प्रयागराज से 1 कोरोना मरीज कोडिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में अब तक कोरोना से कुल 18 मौतें हुईं हैं। बस्ती, वाराणसी, बुलन्दशहर, कानपुर, लखनऊ व फिरोजाबाद में 1-1, मुरादाबाद में 3, मेरठ में 3 व आगरा में कोरोना से अब तक कुल 6 मौतें हुईं हैं।
किस जिले में कितने संक्रमित
आगरा में 242, लखनऊ में 169, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 100, मेरठ में 78, सहारनपुर में 72, कानपुर नगर में 60, फिरोजाबाद-मुरादाबाद में 58, गाजियाबाद में 46, शामली-बिजनौर में 26, बस्ती में 19, बुलन्दशहर में 18, हापुड़-सीतापुर-अमरोहा में 17, रामपुर-बागपत में 15, वाराणसी में 14, बदायूं में 13, औरैय्या-आज़मगढ़-संभल में 7-7, मथुरा-महराजगंज-प्रतापगढ़-बरेली-गाजीपुर-कन्नौज में 6-6, जौनपुर-मुजफ्फरनगर में 5-5, लखीमपुर खीरी-हाथरस-मैनपुरी में 4-4, मिर्जापुर-इटावा-कासगंज-एटा में 3-3, पीलीभीत-हरदोई-कौशाम्बी-बांदा-रायबरेली में 2-2, शाहजहांपुर-भदोहीं-बाराबंकी-उन्नाव-प्रयागराज-गोंडा-मऊ-सुल्तानपुर-संतकबीरनगर में 1-1 मरीज मिला है।
उत्तर प्रदेश कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इसको रोकने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। इस बीच सोमवार को एक 52 वर्षीय कोरोना संदिग्ध सख्स की मौत हो गई थी देर शाम उसकी रिर्पोट पॉजिटिव आई है। शहर में कोरोनावायरस से यह दूसरी मौत है। वहीं पॉजिटिव मरीजों की सख्या 76 पहुंच गई है। जिसमें से 7 संक्रमितों को डिस्चार्ज किया जा चुका है और दो की मौत हो चुकी है। एनआरआई सिटी में रहने वाले बुजुर्ग और किदवई नगर के गल्ला व्यापारी को छोड़ दें तो सभी जमात और उनके जुड़े लोग संक्रमित हैं।
कल्याणपुर थाना क्षेत्र के रोशन नगर में रहने वाले 52 वर्षीय अधेड़ को बीते रविवार दोपहर सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। रविवार शाम परिजन मरीज को लेकर हैलट अस्पताल पंहुचे थे। डाक्टरों ने अधेड़ को हैलट के न्यूरों साइंस कोविड-19 हॉस्पिटल के आइसीयू में रखा था। उपचार के दौरान सोमवार को मौत हो गई। डाक्टरों ने मृतक के सैंपल लेकर जीएसवीएम के कोविड-19 लैब को भेजा था। सोमवार देर रात मृतक की रिपार्ट पॉजिटिव पायी गई।
कोरोना संदिग्ध मृतक की रिर्पोट पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया। रावतपुर के रोशन नगर को हॉटस्पॉट एरिया घोषित कर दिया। मृतक के घर को सेंटर प्वाईंट मानते हुए पुलिस ने एक किलोमीटर की सीमा को सील कर दिया है। रोशन नगर शहर का 18 हॉटस्पॉट एरिया बन गया है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृतक के परिवार को क्वारैंटाइन किया है। परिवार के 20 सदस्यों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतक की ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने का काम शुरू कर दिया है।
हैलट को रेड जोन एरिया घोषित किया
हैलट अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढती जा रही है। सोमवार तक हैलट के कोविड-19 हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में 54 पेसेंट एडमिट हुए हैं। बड़ी संख्या में पॉजिटिव मरीजों के भर्ती होने से इसे अस्पताल प्रशासन ने हैलट को रेड जोन एरिया घोषित कर दिया है। हैलट अस्पताल के अधीक्षक आरके मौर्या ने बताया कि कोविड-19 अस्पताल के आइसोलशन वार्ड में 57 लोग भर्ती हैं जिसमें से 54 संक्रमित हैं। जिसमें से अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। रमजान की शुरूआत होने वाली है इसके लिए अलग से इंतजाम किए जा रहे हैं।
लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शराब माफिया सक्रिय हो गए हैं। मंगलवार को रक्सा थाना क्षेत्र में आबकारी विभाग ने छापेमारी कर 1600 लीटर अवैध शराब पकड़ी है। मौके से शराब बनाने के उपकरण भी बरामद हुए हैं। हालांकि, आरोपी मौके से फरार हो गए। जिनकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हुई हैं।
शराब तस्करों को पकड़ने के लिए आबकारी विभाग ने छेड़ा अभियान
लॉक डाउन की वजह से शराब की दुकाने नहीं खुल रही हैं। जिसके चलते अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। जनपद पुलिस को कई स्थानों से अवैध शराब की सप्लाई की सूचना आ रही थी। वहीं, अवैध कारोबार रोकने के लिए आबकारी व पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है।ऐसी ही सूचना एक रक्सा थाना क्षेत्र से आई, जिसमें बताया गया कि यहां अवैध शराब का कारोबार हो रहा है।
सूचना पाकर सहायक उप आबकारी आयुक्त पीके मौर्या, जिला आबकारी अधिकारी प्रमोद गोयल, आबकारी निरीक्षक नगर शिशुपाल सिंह व रक्सा थानाध्यक्ष विजय पांडेय ने टीम के साथ दातारनगर कबूतरा डेरा में दबिश दी। पुलिस को देखकर सभी मौके से भगा निकले। यहां छिपाकर रखी गई 1600 लीटर अवैध शराब मिली। बरामद लहन को मौके पर ही नष्ट कराया गया। साथ ही, शराब बनाने के उपकरण व अन्य सामान पुलिस ने कब्जे में लिए। पुलिस ने अवैध कारोबारियों की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस टीम पर हमले करने वालों पर केस दर्ज
रक्सा थाना क्षेत्र के डेली गांव में रविवार रात जुआरियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। पथराव कर सिपाही की कार तोड़ दी थी। इस दौरान शिवचरण नाम का एक राहगीर गंभीर रुप से घायल हुआ था। उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस मामले में पुलिस ने 14 नामजद व 15 अज्ञात पर केस दर्ज किया है। सीओ सिटी संग्राम सिंह ने बताया कि, पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
कोरोनावायरस को फैलते संक्रमण को देखते हुए यूपी पुलिस अब और सख्त हो गई है। इसी बीच प्रयागराज में पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए 16 विदेशी नागरिकों समेत 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और दो मस्जिदों के मौलाना व अन्य लोगों को विदेशी नागरिकों को शरण देने, साक्ष्य छिपाने और महामारी अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है। मंगलवार को पुलिस इन्हें रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश करेगी। सभी करेली के एक गेस्ट हाउस में क्वारैंटाइन किए गए हैं।
अधिकारियों काकहना है कि दिल्ली में तब्लीगी जमात में शामिल हुए थाईलैंड और इंडोनेशिया के नागरिक टूरिस्ट वीजा पर यहां आए थे। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद पुलिस को सूचना दिए बगैर वे इधर-उधर ठहर गए। इंडोनेशिया के सात लोग अब्दुल्लाह मस्जिद में ठहरे। पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। 31 मार्च को पुलिस ने सातों विदेशियों को मस्जिद से निकाल कर क्वारैंटाइनकिया गया है। करेली की हेरा मस्जिद में थाईलैंड के नौ नागरिक ठहरे थे।
सोमवार देर रात में की गई गिरफ्तारी
एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि एक इंडोनेशियाई नागरिक कोरोना पॉजिटिव मिला था, जो अब ठीक हो चुका है। इनके खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज था। सोमवार रात शाहगंज पुलिस ने इंडोनेशिया के सात नागरिकों समेत कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें अब्दुल्लाह मस्जिद के मुतवल्ली व अन्य लोग शामिल हैं। वहीं, करेली पुलिस ने थाईलैंड के नौ नागरिक समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने इंडोनेशियाई नागरिकों को मस्जिद में ठहरवाया।
उत्तर प्रदेश में कोरानावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। यूपी में आगरा में अब तक सबसे अधिक 295 मरीज सामने आ चुके हैं। मंगलवार को भी यहां 28 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। आगरा में अप्रैल में एक भी दिन ऐसा नहीं गया है, जब नए मरीज न मिले हों। जबकि मार्च के 31 दिनों में सिर्फ आठ मरीज मिले थे।
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले जिले में अब तक 267 मरीज मिल चुके थे जिनमें 229 मामले सक्रिय हैं। अब तक 26 लोग ठीक हो गए हैं, जबकि छह मरीजों की मौत हो चुकी है।संक्रमितों में सबसे ज्यादा जमाती और इनके संपर्क में आए लोग हैं। इनकी संख्या 93 है। इनसे जुड़े 400 से ज्यादा लोगों को क्वारैंटाइन में रखा गया है। इसके बाद पारस अस्पताल से संक्रमित की संख्या 80 पहुंच गई है।
आगरा मेंनए मरीज सामने आने के बाद हॉटस्पॉट की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अब 86 हॉटस्पॉट क्षेत्र हो गए। 30 हॉटस्पॉट सोमवार को नए बनाए गए। इन इलाकों में फायर सर्विस टीमों ने सैनिटाइजेशन किया गया है।
कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है। इस बीच सोमवार देर रात को मेरठ में एक बार फिर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ गई। रिपोर्ट के अनुसार लखीपुरा के पांच और लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं जली कोठी की एक महिला की रिपोर्ट भी देर रात पॉजिटिव पाई गई, जबकि दिन में रजबन की गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस तरह मेरठ में अब कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 82 हो गई है।
सोमवार देर रात जिला सर्विलांस अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया कि गत दिनों शास्त्रीनगर, जाकिर कालोनी, लखीपुरा में पूल टेस्टिंग के तहत 101 लोगों के सैंपल लिए गए थे। लखीपुरा बफर जोन की रिपोर्ट में पांच केस पॉजिटिव पाए गए। वहीं शास्त्रीनगर, जाकिर कालोनी के लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह रिपोर्ट लखनऊ से देर रात प्राप्त हुई। इसकी विशेष जांच लखनऊ में कराई गई थी।
उधर, सुभारती मेडिकल कॉलेज में क्वारैंटाइन की गई जली कोठी की एक महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है, जबकि रजबन की गर्भवती महिला की रिपोर्ट दिन में पॉजिटिव आई। इस तरह सोमवार को जिले में कुल सात लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अब मेरठ जिले में कोरोना पॉजिटिव केस की कुल संख्या सोमवार को 82 हो गई। वहीं मवाना में भी पूल टेस्टिंग के तहत 67 सैंपल लिए गए थे, जिसमें सभी निगेटिव पाए गए। अब भी कई इलाकों में पूल टेस्टिंग का काम जोरों से चल रहा है।
मेरठ में अब 22 हॉटस्पॉट बन चुके हैं
शास्त्रीनगर सेक्टर-13, जली कोठी के बाद अब लखीपुरा कोरोना वायरस संक्रमण का बड़ा सेंटर बन गया। अब तक वहां कुल आठ केस पॉजिटिव आ चुके हैं। पूर्व भी इस इलाके में तीन केस पॉजिटिव आए थे। जिले में अब हॉट स्पॉट की संख्या भी बढ़ती जा रही है। जलीकोठी, लखीपुरा के बाद अब कैंट का रजबन छोटा बाजार भी हॉट स्पॉट घोषित हो चुका है, जो जिले का 22वां हॉट स्पॉट है।
उत्त्तर प्रदेश मेंकोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। इस बीच वाराणसी में मंगलवार सुबह को अच्छी खबर आयी। प्रशासन ने कहा कि 3 कोरोना पॉजीटिव महिलाएं निगेटिव हो गयी है जिन्हें जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि तीनों को अभी 14 दिन मेडिकल क्वारैंटाइन किया जाएगा। उसके बाद इन्हें छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। अब वाराणसी के 6, गाजीपुर के 3 और जौनपुर का 1 व्यक्ति का इलाज दीनदयाल अस्पताल में चल रहा है। वाराणसी में अभी तकएक व्यक्तिकी मौत हो चुकी है।
डीएम कौशल राज ने बताया कि गंगापुर के कोरोना पॉजिटिव मृतक व्यक्ति की 52 वर्षीय पत्नी और 30 वर्षीय पुत्रवधु का दूसरा टेस्ट भी नेगेटिव आया। दोनों कोरोना से मुक्त हुई हैं।वही बजरडीहा की हज से लौटी 42 वर्षीय महिला का भी दूसरा टेस्ट नेगेटिव आया। वो भी कोरोना मुक्त हुई। तीनों महिलाओं ने एक साथ बहादुरी और इच्छा शक्ति से कोरोना की जंग को जीता है। इन तीनों ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफों का भरपूर साथ दिया।दूसरी ओर डीएम ने अस्पतालों में ओपीडी को खोलने को कहा है।किसी भी डॉक्टर और अस्पताल को फीस वृद्धि को भी मना किया है।
कोविड19 की वजह से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय 3 मई 2020 तक बंद रहेगा
वाराणसी का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय 3 मई तक बंद रहेगा। हालांकि इस दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जैसे सर सुन्दरलाल चिकित्सालय व ट्रॉमा सेन्टर में चिकित्सा व आपातकालीन सेवाएं, विद्युत व जल आपूर्ति, स्वच्छता, सुरक्षा सेवाएं, डेयरी व कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के प्रयासों में शामिल सेवाएं जारी रहेंगी। इन सेवाओं में लगे कर्मियों द्वारा सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के जो भी छात्र या कर्मचारी बीएचयू परिसर में रह रहे हैं वे किसी भी आपात स्थिति में 2369242, 2369134 पर बीएचयू कंट्रोल रूम से सम्पर्क कर सकते हैं।
लॉकडाउन के दौरान सतर्क है पुलिस
वहीं लॉकडाउन के दौरान पाण्डेपुर चौराहे पर खुद प्रभारी निरीक्षक अश्विनी कुमार चतुर्वेदी चौकी प्रभारी जगदीश शुक्ला एस आई अमित राय व ट्रैफिक पुलिस की टीम के साथ पूरे चौराहे पर गहन चेकिंग अभियान चलाया गया।पहड़िया चौकी प्रभारी सुनील यादव भी अपनी टीम के साथ चौकी के सामने चेकिंग अभियान चलाया और लोगों को लॉकडाऊन का महत्व बताते हुए उलंघ्घन करने वाले लोगों दंडित किया।
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सोमवार दोपहर कोरोनावायरस (कोविड-19) से संक्रमित महिला ने बेटे को जन्म दिया है। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महिला को सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। बेटे को देखकर महिला की आंखें छलक आईं। डीएम प्रभुनारायण सिंह ने डॉक्टरों की इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए पूरी टीम को बधाई दी है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बच्चे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है।
सोमवार सुबह भर्ती हुई महिला
जिलाधिकारी प्रभु नारायण ने बताया कि, शहर के रकाबगंज क्षेत्र के काजी पाड़ा की 25 वर्षीय महिला में कोरोनावायरस की पुष्टि होने के बाद उसे सोमवार सुबह 9:45 बजे एसएन मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया। वह 9 माह के गर्भ से थी। महिला पांच दिनों में दूसरी बार कोरोना के संक्रमण के चलते बुखार से पीड़ित हुई थी। इसी बीच दोपहर 12 बजे उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। उसकी अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांच कराई गई।
ऑपरेशन से बच्चे ने लिया जन्म
इसके बाद जूनियर डॉक्टर योगिता और डाक्टर सना को बुलाया गया। सभी ने ऑपरेशन कर बच्चे का सुरक्षित जन्म कराने का निर्णय लिया। इसके बाद महिला ने एक बच्चे को सकुशल जन्म दिया है। एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा ने कहा- जच्चा-बच्चा दोनों की हालत ठीक है। नवजात का नमूना लेकर कोरोना वायरस की जांच कराई जा रही है।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सोमवार को उत्तर प्रदेश के 56 जिलों में लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गई। जबकि, 19 जिलों में 10 से अधिक कोरोनावायरस के केस होने के चलते छूट का फैसला डीएम पर छोड़ा गया था। इसी के साथ सोमवार को लखनऊ में सचिवालय खुल गया। जिलों में भी सरकारी दफ्तर खुल गए। लेकिन 33 फीसदी कर्मी ही पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए काम निपटाया गया। वहीं, हाईवे परियोजनाओं पर भी काम शुरू हो गया है। लॉकडाउन में छूट की खबर पाकर कई जिलों में लोग सड़क पर निकल पड़े तो पुलिस ने उन्हें सबक सिखाया है। एक रिपोर्ट-
अमेठी: काम पर लौटे मजदूर, सरकार का दिया धन्यवाद
यहां शुक्ल बाजार थाना क्षेत्र के छज्जू मोहिउद्दीनपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर पुल निर्माण का कार्य चल रहा था, जो लॉकडाउन लगते ही बंद हो गया था। लेकिन सोमवार से यहां काम शुरू हो गया। काम करने वाले मजदूर बिहार से आए हुए हैं। मजदूर कृष्ण कुमार बताते हैं कि, 22 मार्च को हम लोगों ने काम बंद कर दिया था। इस बीच खाने पीने की कुछ दिक्कत हुई तो समाजसेवी खाना देते थे। राम स्वरूप ने कहा- कोरोना से बचाव के लिए गमछा मुंह पर लपेटकर काम कर रहा हूं। लेकिन डर अभी भी है।
झांसी: पुलिस ने लॉडाउन तोड़ने वाले युवक को पीटा
जिले में अब तक कोरोना का कोई केस सामने नहीं आया है। इसके चलते सोमवार से झांसी-खजुराहो हाईवे का काम शुरू हो गया। मनरेगा के कुछ काम शुरू कर दिए गए। 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ सरकारी दफ्तर खोले गए।
लॉकडाउन में राहत की खबर पाकर सोमवार को रोड पर लोग उमड़ पड़े। ऐसे लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई है। इलाइट चौराहे पर बेवजह अपने घरों से निकले लोगों को पुलिस ने घरों के भीतर रहने के लिए कहा। लेकिन तभी एक बाइक चालक पुलिस वालों से बहस करने लगा। जिसके बाद पुलिस ने सबक सिखाने के लिए उसकी पिटाई कर दी।
गाजीपुर: वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन के लिए नहीं मिले मजदूर
शासन द्वारा मंजूरी दिए जाने के बावजूद 20 अप्रैल को एनएचएआई द्वारा हो रहा हाईवे निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया। मालूम हो कि, एनएचएआई द्वारा वाराणसी गोरखपुर फोरलेन का निर्माण चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से विराम लग गया। उम्मीद थी कि, सोमवार से निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा। लेकिन कार्य ठप नजर आया। एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर देवराज ने बताया कि मजदूरों की कमी के चलते आज कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उम्मीद है कि आने वाले एक-दो दिनों में निर्माण कार्य गति पकड़ लेगा।
आगरा:आज 800 चालान, भाजपा नेता के पुत्र की गाड़ी सीज
आगरा में अब तक कोरोना के 255 केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में आगरा प्रशासन ने सोमवार को लॉकडाउन में कोई ढील नहीं दी। लेकिन सोमवार को सड़कों पर भीड़ देखने को मिली। पुलिस को लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सख्त कदम उठाने पड़े हैं। रविवार को सब्जी बेचने वाला कोरोना संक्रमित पाया गया तो अब सब्जी व खुले दूध की बिक्री रोक दी गई है। पुलिस ने सोमवार को 800 से अधिक चालान काटा है। कमलानगर व भगवान टाकीज के पास लोगों को मुर्गा बनाकर सजा दी गई तो हरिपर्वत थाना क्षेत्र में भाजपा नेता के पुत्र की गाड़ी सीज कर दी गई।
गोरखपुर: कर्मियों ने सोशल डिस्टेंसिंग कर निपटाया काम
सोमवार को कलेक्ट्रेट व विकास भवन में 33 फीसदी कर्मचारी अपने अपने कार्यालय पहुंचे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी ने अपना अपना काम निटपाया। हालांकि, इस दौरान सभी कार्यालयों में आम जनता के प्रवेश पर रोक है।
प्रयागराज: पुलिस लोगों को घर भेजा
सोमवार को झूसी में लोग अचानक सड़कों पर उतर आए। जिसके चलते न सिर्फ सड़कों पर जाम लग गया, बल्कि पुलिस को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आम आदमी जहां इस बीच छूट का हवाला देकर शहर की सड़कों पर जाने की जिद पर अड़ा रहा। वहीं पुलिस किसी भी तरह की छूट न दिए जाने को लेकर आश्वस्त करती रही।हालांकि एसपी गंगा पार मौके पर पहुंचे और लोगों को घरों लौटाया।
मिर्जापुर: मास्क लगाकर पहुंचे कर्मचारी
24 मार्च को लॉकडाउन के ऐलान के बाद आज सरकारी कार्यालय खुले। इस दौरान कार्यालय में पहुंचे अधिकारी और कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सरकारी कार्यालय खोला गया। ड्यूटी पर आए कर्मचारी मास्क लगाए हुए थे। सीडीओ अविनाश सिंह ने बताया कि, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आज कार्यालय खुल गए हैं। कुल कर्मचारियों के संख्या का 33 प्रतिशत को बुलाया गया है। कल ही उन्हें सूचित कर दिया गया था।
कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में देश में लॉकडाउन है। ऐसे में मठ-मंदिरों के कपाट बंद हैं। इस बीच सोमवार को कान्हा की नगरी वृंदावन में कोरोना महामारी के सर्वनाश के लिए महाकाल भगवान भोलेनाथ की वैदिक पद्धति से अभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। जिसे 21 से ज्यादा देशों में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफाॅर्म के जरिए ऑनलाइन दिखाया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में 1331 लोग जुड़े। लॉकडाउन के बीच लोगों ने घरों में रहकर पूजा अर्चना की। आयोजकों की मानें तो यह विश्व में पहली बार है जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने घर मे बैठकर रुद्राभिषेक किया है।
तीन घंटे चला अभिषेक कार्यक्रम
कोविड 19 से लड़ने के लिए हर कोई अपने अपने तरीके से प्रयासरत है। ऐसे में धर्म नगरी वृन्दावन के धर्माचार्यों ने एक अनोखी पहल की शुरुआत करते हुए ऑनलाइन पूजा शुरू की है। सोमवार को सोम प्रदोष के अवसर पर यहां के एक मन्दिर में भगवान शिव की पूजा की गई। यहां भगवान का शिव का रुद्राभिषेक आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के निर्देशन में हुआ। इस रुद्राभिषेक से धर्माचार्यों ने 21 से ज्यादा देशों के 1331 लोग जुड़े। धर्माचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने ऑनलाइन सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म जरिए लोगों से घर बैठे ही पूजा करायी। पूरे विधि विधान से करीब 3 घंटे तक चली इस पूजा में लोगों ने घर बैठे ही अपने परिवार के साथ अनुष्ठान किया।
लोगों ने घरों में की पूजा अर्चना
आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने कहा- महमत्र्युजय भगवान की अगर कृपा हो जाए तो निश्चित रूप से सारे विश्व में जो संकट छाया है, उसका विनाश होना है। विश्व के इतिहास में पहली बार हुआ कि श्री धाम वृन्दावन की भूमि से 1331 परिवारों ने पूरे विश्व में 21 से ज्यादा देशों में अपने अपने घरों में बैठकर लॉक डाउन का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए विधि विधान से अभिषेक किया।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में लॉकडाउन के 26 वें दिन पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से जिलेवासियों की चिंता बढ़ गई है। डीएम सुल्तानपुर ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज दिल्ली में अपने पुत्र के घर पर था, वो जिले में अपनी पत्नी के साथ प्राइवेट टैक्सी से पहुंचा। जांच कराए जाने पर जहां उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है, वहीं पत्नी की रिपोर्ट संतोष जनक है। मरीज को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है, जबकि सावधानी की दृष्टि से गांव को लॉक कर दिया गया है।
डीएम सी. इन्दुमति ने बताया कि थाना मोतिगरपुर के ढेमा गांव निवासी संक्रमित शख्स (57) होली स्पेशल ट्रेन से अपनी पत्नी (54) के साथ 12 मार्च को अपने पुत्र के यहां ओल्ड सहादरा, सीमापुरी नई दिल्ली गया था। दोनों दिल्ली से सुल्तानपुर निजी वाहन द्वारा अपने गांव ढेमा 17 अप्रैल को पहुंचे थे। ग्रामीणों द्वारा जिला कन्ट्रोल रूम को दी गई सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सीय टीम द्वारा इनसे सम्पर्क किया गया और फरीदीपुर फैसिलिटी सेन्टर में क्वारैंटाइन किया गया। 18 अप्रैल को इनका सैंपल लिया गया, सोमवार को आई जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव बताया गया।
अब संक्रमित को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुड़वार में निर्मित एल-1 हास्पिटल में शिफ्ट कर समुचित इलाज किया जा रहा है। इनकी पत्नी की जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है और उसे फरीदीपुर स्थित क्वारैंटाइन सेन्टर में रखा गया है। ग्राम ढेमा की सीमा को पुलिस/प्रशासन की टीम द्वारा सील कर मेडिकल टीम के सहयोग से सैनिटाइजेशन कराकर वहां के लोगों की स्क्रीनिंग की कार्रवाई कराई जा रही है।
महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो साधुओं औरउनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार रात वहां के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत की। योगी ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। इस पर सीएम उद्धव ने दोषियों को नहीं बख्शने का आश्वासन दिया है। सीएम योगी ने साधुओं की हत्या पर शोक संवेदना प्रकट की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ट्वीट किया-
##अब तक पुलिस ने 110 को किया गिरफ्तार
महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत तीनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। इसके बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मामले 110 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
अंतिम संस्कार में शामिल होने सूरत जा रहे थे साधु
वैन चालक दोनोंसाधुओं को लेकरकांदिवली से सूरत जा रहा था। वहां एकअंतिम संस्कार में शामिल होना था।उन्होंने वैन किराए परली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 किमी का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक संतरी ने उन्हें रोक दिया। साधुओं की निर्मम हत्या का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
अखाड़ा परिषद की चेतावनी, कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे
उधर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रह्मलीन संत को समाधि देने जाते साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर दो साधुओं की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाड़ा परिषद ने अपना विरोध जताया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाड़े बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद करेंगे।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पुलिस कर्मियों ने बेटे के साथ ड्यूटी करने जा रही सफाईकर्मी महिला को पुलिस ने लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में डंडे से पीट दिया। इससे अन्य सफाईकर्मी आक्रोशित हो गए। घायल महिला को हैलट अस्पताल में पहुंचाया गया। जहां उसका एक्सरे हुआ है। गुस्साए सफाई कर्मियों ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई न होने पर काम बंद करने की चेतवानी दी। सीएमओ नगर निगम प्रतिभा निरंजन शुक्ला भी मौके पहुंची। उन्होंने सफाई कर्मियों को समझाकर आगे कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया।
पनकी थाना इलाके का मामला
ये मामला पनकी इलाके का है। पीड़ित राजरानी ने बताया कि, वह ड्यूटी पर आ रही थी, तभी पुलिस ने रोक लिया। मैंने अपना कार्ड भी पुलिस को दिखाया। मगर पुलिस ने डंडे चला दिए और बेटे को भी जमकर पीटा। नगर निगम सुपरवाईजर उस्मान ने कहा- हम लोग भी देश सेवा कर रहे हैं। पीएम-सीएम हमें कोरोना योद्धा कहते हैं। लेकिन पुलिस हमें लाठी मरती है। इससे तो अच्छा है कि, हम काम ही बंद कर दें। लेकिन देश महामारी से परेशान है। देश सेवा को देखते हुए हम काम भी नहीं बंद कर सकते हैं। नगर निगम सीएमओ प्रतिभा निरंजन शुक्ला के कहा- मारपीट की घटना के बारें में अफसरों को अवगत कराया है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।
पुलिस छिपे जमातियों पर रखा 10 हजार का इनाम
कानपुर में बीते 24 घंटे में 43 नए संक्रमित केस सामने आए हैं। यह सभी जमात या फिर जमातियों के संपर्क में आए हुए लोग हैं। शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 74 पहुंच गई है। जिसमें से 7 संक्रमितों को कोविड-19 हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा चुका हैं। वहीं एक संक्रमित की मौत हो चुकी है। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि, संभावना है कि अभी भी तमाम जमाती छिपे हुए हैं। जो स्वयं के लिए खतरा हैं अपने परिवार व समाज को भी खतरे में डाल रहे हैं। इसलिए जनता से अपील की गई है कि वो ऐसे जमातियों के बारे में पुलिस को सूचना दें। सूचना देने को उत्साहवर्धन के लिए 10 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। सूचना देने का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा।
जिन जिलों में 10 से ज्यादा कोरोना के संक्रमण का मामला नहीं है, वहां आज से किसानों औरमजदूरों को सशर्त छूट दी गई है। ऐसे में योगी सरकार ने एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। हालांकि, सभी मजदूरों का मेडिकल चेकअप किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में पुलिसकर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा उपकरणों के साथ काम करने की सलाह दी गई है। उत्तर प्रदेश के 52 जिलों में अब तक 1176 केस सामने आए हैं। इनमें 21 से 40 साल आयु के सबसे ज्यादा 48 फीसदी संक्रमित हैं। प्रदेश में 325 विदेशी जमातियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। ये सभी टूरिस्ट वीजा पर धर्मप्रचार करने आए थे और संक्रमण की जानकारी छिपाई।
10500 बच्चों को होम क्वारैंटाइन कराया गया
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा- राजस्थान के कोटा से आए 10500 बच्चों को होम क्वारैंटाइन किया गया है। सभी बच्चों के मोबाइल नंबर लिए गए हैं। उन्हें आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कराया गया है। पुलिस व मेडिकल टीम संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण का प्रयोग करे। जिन मेडिकल कॉलेजों में लैब नहीं है, वहां जल्द ही लैब स्थापित की जााएगी। डोर स्टेप डिलीवरी में लगे लोगों की भी जांच होगी। अधिक से अधिक लोगों को ट्रैक कर टेस्टिंग की जाएगी। पूल टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि, विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस पहुंचे श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक हुई। जिसमें सीएम ने 10 या उससे अधिक कोरोना पॉजिटिव केसेज वाले जनपदों में लॉकडाउन व्यवस्था को पूरी तरह जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि, अब तक धारा 188 के तहत 24446 एफआईआर दर्ज हुई है। अब तक 322 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। इनमें 5397000 की आबादी हॉटस्पॉट में है। 325 विदेशी तब्लीगी जमाती पर एफआईआर दर्ज की गई है। सभी नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहकर लोगों की समस्याओं को सुनें एवं समाधान कराएं।
आज तीन जिलों में नए मामले आए
प्रदेश में अब तक 52 जिलों में 1176 केस मिले हैं। इनमें 1030 एक्टिव केस हैं। मऊ, एटा व सुल्तानपुर जिले में आज नाए मामले आए हैं। आठ जिलों में संक्रमण का कोई नया केस नहीं है। लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल को लेवल दो का बनाया जाएगा। यदि उम्रवार आंकड़ों को देखें तो शून्य से 20 आयु के 19.39 फीसदी, 21 से 40 आयु के 48.04 फीसदी, 41 से 60 आयु के 24.9 फीसदी व 60 से ऊपर के 8.50 फीसदी लोग संक्रमित मिले हैं।
केंद्र सरकार ने आज से कोरोना से कम प्रभावित इलाकों में कुछ रियायत देने का ऐलान किया है। लखनऊ, नोएडा, आगरा समेत कई जिलों में पाबंदियां पूरी तरह से लागू रहेंगी। न तो दफ्तर खुलेंगे और न ही उद्योग शुरू होंगे। हालांकि, राजधानी में सचिवालय में सीमित स्टाफ के साथ आज से काम शुरू हो जाएगा। बाहरी लोगों की एंट्री बंद रहेगी। मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथने लॉकडाउन के दौरान पाबंदियों में छूट के संबंध में डीएम को निर्णय लेने और शासन को अवगत कराने के लिए कहा है। जिन जिलों में कोरोना के 10 से ज्यादा केस हैं, वहां ज्यादा सतर्कता बरती जाएगी। इस दायरे में लखनऊ समेत 19 जिले शामिल हैं।
आज 12 नए केस, अब तक 17 की जान गई
सोमवार को उत्तर प्रदेश में कोरोना के 12 नए मामले सामने आए। केजीएमयू ने बताया किलखनऊ में 2 और आगरा में 10 नए पॉजिटिव मिले। यूपी के50 जिलों में अब तक1100 कोरोना मरीज मिले हैं।इनमें 781 तब्लीगी जमात से हैं। हालांकि, अभी भी कोरोना के 966 एक्टिव केस हैं। इससे पहले रविवार देर रात तक 125 नए मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 127 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए हैं। इसके अलावा, कोरोना से अब तकबस्ती, वाराणसी, बुलंदशहर, कानपुर, लखनऊ औरफिरोजाबाद में 1-1, मुरादाबाद में 2, मेरठ में 3 औरआगरा में 6 मौतें हुईं हैं।
लखनऊ: लखनऊ में रविवार रात 23 जमातियों को सआदतगंज के म्यूनिसिपल इंटर कॉलेज में बनाईगईअस्थाई जेल में भेज दिया गया। इन परसंक्रमण फैलाने का केस दर्ज किया था। सभी का इलाज लोकबंधु अस्पताल में चल रहा था। अस्थाई जेल में सुरक्षा के कड़े इंतजामहैं। प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज महेश पाल सिंह ने बताया किइन सभी जमातियों के पासपोर्ट औरवीजा जब्त कर लिए गए हैं। सभी को ब्लैक लिस्टेड किया गया है। लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है।
मेरठ: जिले के वैलेंटिस कैंसर अस्पताल द्वारा समाचार पत्रमें दिए गए विज्ञापन पर विवाद हो गया है। इस मामले में अस्पताल संचालक के खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल, 17 अप्रैल को दिए गए विज्ञापन में लिखा था कियहां भर्ती होने वाले हिंदू-मुस्लिम मरीजों औरतीमारदारों को कोरोनावायरस की जांच कराना और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आना जरूरी है।अब स्पष्टीकरण छपवाते हुए माफी मांगी गई है। अस्पताल के डॉ.अमित जैन ने कहा- विज्ञापन से सभी लोगों से अपील थी कि वे सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें। इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। हम माफी मांगते हैं।अस्पताल काकिसी की भावनाओं को आहत करने का इरादा नहीं था।
महाराजगंज: भारत भ्रमण पर कार से निकलाफ्रांसीसी परिवार पिछले 23 दिनसे महाराजगंज जिले के कोल्हुआ गांव में फंसाहै। परिवार में पांच लोग हैं।सभी नेपाल जाने की योजना बना रहेथे,लेकिन लॉकडाउन के बाद वे सभी यहीं फंस गए। प्रशासन ने सभी का परीक्षण कराया है। ये सभी सोनौली बॉर्डर से 30 किमी दूर जंगल किनारे बसे इस गांव में अपना ठिकाना बनाएहैं। प्रशासन ने इनसे शहर के एक होटल में ठहरने की अपील की थी, लेकिन ये लोग गांव नहीं छोड़ना चाहते। प्रधान द्वारा इनके खाने-पीने का इंतजाम कराया जा रहा है।
वाराणसी: पितरकुंडा में शनिवार को एक बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उसने अपना इलाज महमूरगंज स्थित एक अस्पताल में कराया था। प्रशासन ने अस्पताल में ओपीडी बंद कराते हुए भर्ती मरीज,13 डॉक्टरों और कर्मचारियों को क्वारैंटाइन कर दिया है। वहीं, कोटा से 289 बच्चे जिले के काशी इंस्टीट्यूट पहुंचे। रैपिड टेस्ट के बाद बच्चों को घरों के लिए छोड़ा गया। उधर,प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने भाजपा नेता धर्मेंद्र सिंह औरअशोक चौरसिया से फोन पर बातचीत करके शहर का हाल-चाल जाना। मोदी ने कार्यकर्ताओं और जनता से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने को कहा। यह भी कहा किकोरोना की जंग में उत्साह कम नहीं होना चाहिए। काशी एक मिसाल पेश कर रही है।
बदायूं: जिले में 8 कोरोना संक्रमित हो गए। जिलाधिकारीकुमार प्रशांत ने बताया कि जिले में कोरोना के पांच नएकेस मिले हैं। सीएमओ डॉ. यशपाल सिंह के अनुसार,सभी जिला पुरुष अस्पताल में क्वारैंटाइन थे। इसमें दो शहर के मोहल्ला काबुलपुरा, दो जालंधरी सराय मोहल्ला और एक दहगवां का है, जो जमाती के सम्पर्क में आया था। सभी को बरेली मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कर दिया है। इलाके को सील किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में जिलेवार कोरोना के केस
अभी तक आगरा में 250, लखनऊ में 167, गाजियाबाद में 41, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 95, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर नगर में 30, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 57, वाराणसी में 14, शामली में 26, जौनपुर में 5, बागपत में 15, मेरठ में 74, बरेली में 6, बुलंदशहर में 15, बस्ती में 19, हापुड़ में 16, गाजीपुर में 5, आज़मगढ़ में 7, फिरोजाबाद में 48, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 6, सहारनपुर में 72 और शाहजहांपुर में 1, बांदा में 2, महाराजगंज में 6, हाथरस में 4, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 2, औरैया में 6, बाराबंकी में 1, कौशांबी में 2, बिजनौर में 22, सीतापुर में 17, प्रयागराज में 1, मथुरा में 5 और बदायूं में 8, रामपुर में 14, मुजफ्फरनगर में 5, अमरोहा में 10, भदोही में 1, कासगंज में 3 व इटावा में 3, संभल में 7, उन्नाव में 1, कन्नौज में 5, संतकबीरनगर में 1, मैनपुरी में 4, गोंडा में 1 और मऊ में भी एक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का सोमवार सुबह दिल्ली के एम्स में 10:44 बजे निधन हो गया। निधन की सूचना उस वक्त आई, जब योगी सरकारी आवास पर कोविड-19 की टीम इलेवन के साथ बैठक कर रहे थे। योगी के करीबी बब्लू राय ने उन्हें एक पर्ची थमाई और खड़े हो गए। पर्ची पढ़ने के बाद योगी ने करीब एक मिनट तक किसी से फोन पर बात की और बैठक के बाद दोबारा बात करने का आश्वासन देकर फोन काट दिया। इस दौरान उनकी आंखे नम हो चुकी थी। यह देख सभी को अंदेशा हो चुका था कि, शायद सीएम योगी के पिता का निधन हो गया। कारण रविवार रात से ही सोशल मीडिया पर खबरें चलने लगी थीं कि, योगी के पिता की हालत ज्यादा खराब है। कई अंगों के काम न करने के कारण डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था।
कुछ ऐसे रहा मीटिंग का घटनाक्रम
सुबह करीब 10:30 बज रहे थे। सीएम के सरकारी आवास (5केडी) पर अफसर आ चुके थे। तभी सीएम योगी सभी का अभिवादन करते हुए मीटिंग हॉल में दाखिल हुए। अमूमन देखा जाता है कि, मीटिंग के दौरान योगी मास्क नीचे रखते हैं। लेकिन आज उनके चेहरे पर कुछ चिंता के भाव थे। उन्होंने मास्क लगा रखा था। मीटिंग शुरू हुई तो मुख्यमंत्री ने हॉटस्पॉट, पुलिसकर्मियों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के सेहत को लेकर चिंता जाहिर की। कहा- सभी लोग सुरक्षा उपकरणों के साथ ड्यूटी करें।
योगी के करीबी ने थमाई पर्ची तो हुई जानकारी
इसी बीच करीब 10 बजकर 44 मिनट के आसपास मीटिंग में सीएम योगी के करीबी बब्लू राय आए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को एक पर्ची पढ़ने के लिए दी। इसके बाद बब्लू ने फोन पर किसी से बात कराई। महज एक मिनट बातचीत हुई होगी। मुख्यमंत्री ने फोन पर कहा कि वह मीटिंग के बाद फिर बात करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री कुछ देर तक शांत रहे। उनकी आंखें नम हो गईं। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और फिर से अधिकारियों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया। मीटिंग वैसे चलती रही, जैसे रोज होती थी।
अंतिम संस्कार में शामिल न होने के साथ-साथ दिया बड़ा संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा- अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख एवं शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता है। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम एवं निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परन्तु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका। कल 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता और महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीया मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का सोमवार सुबह 10:44 बजे दिल्ली एम्स में निधन हो गया। लीवर औरकिडनी में समस्या के कारण उन्हें 13 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन मल्टीपल ऑर्गन फेल होने से रविवार देर रात हालत ज्यादा बिगड़ गई। आनंद सिंह का अंतिम संस्कार उत्तराखंड स्थितपैतृक गांव पंचूर में मंगलवार को होगा। योगी ने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बताया कि वे यूपी में कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने परिवार से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंतिम क्रिया संपन्न कराएं।
एम्स में भर्ती रहे आनंद सिंह को देखने रविवार रात भाजपाअध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी को जब पिता के निधन की जानकारी मिली तो वे कोरोना से संबंधित टीम 11 के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान वे कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए। उनकी आंखें नम हो गईं। फिर भी उन्होंनेअधिकारियों के साथ बैठक जारी रखी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आनंद सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
योगी का परिवार को पत्र-अंतिम दर्शन नहीं कर सका, कल भी नहीं आ पाऊंगा
मुख्यमंत्री योगी ने परिवार को एक मार्मिक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा- ‘अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता थे। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन कोरोनावायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं नहीं पहुंच सका। कल (21 अप्रैल) अंतिम संस्कार में लॉकडाउन की सफलता और कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। अपील करता हूं कि अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।’
वन विभाग से रिटायर हुए थे आनंद सिंह
योगी के पिता आनंद सिंह उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के यमकेश्वर के पंचूर गांव के रहने वाले थे। वे वन विभाग में रेंजर थे। 1991 में सेवानिवृत्त हुए थे।आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है। उन्होंनेबचपन में ही परिवार छोड़ दिया था और गोरक्षनाथ मंदिर के महंत औरनाथ संप्रदाय के संत अवेद्यनाथ के पास चले गए थे। बाद में अवेद्यनाथ की जगह योगी आदित्यनाथ ने ली। योगी आदित्यनाथ चुनाव के सिलसिले में उत्तराखंड जाते थे तो परिवार उनसे मिलने आता था।
कोरोनावायरस से पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन है। ऐसे में लोग घरों में कैद हैं। सड़क पर घूमने वाले जीव भी खाना न मिलने के कारण भूख से परेशान हैं। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में सोमवार को कुछ ऐसा ही मामला सामने आया। यहां भूख से परेशान एक बंदर ने पुलिसकर्मियों के सामने हाथ फैलाया तो सभी के दिल पसीज गए। पुलिसकर्मियों ने बंदर को फल खिलाकर मानवता का उदाहरण पेश किया।
मामला उरई के शहीद भगत सिंह चौराहे का है। यहां पर कुछ पुलिस कर्मी ड्यूटी कर रहे थे। पुलिस कर्मियों ने खाने के लिए अंगूर, केला, संतरा मंगाया था। तभी एक बंदर उनके पास आ गया और खाने की मांग करने लगा। पुलिसकर्मियों नेउसके हाथ में फल दिए तो उस बंदर नेखाना शुरू कर दिया। बंदर तब तक फल खाता रहा जब तक उसका पेट नहीं भर गया। जैसे ही उसका पेट भरा वह अपने आप चला गया।
एएसपी जालौन के पेशकार फूल सिंह ने बताया किवे आज व्रत थे और वह ड्यूटी पर खड़े होकर फल खा रहे थे, तभी बंदर काफी देर से उनकी तरफ देख रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे बह काफी दिनों से भूखा प्यासा हो। थोड़ी देर में वह हाथ फैलाकर फल मांगाने आ गया। जब उसे फल खिलाया गया तो वह खाता ही चला गया। उनका कहना है, ऐसा करने से उन्हें बहुत सुकून मिला है।
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए देश में लॉकडाउन है। इस बीच महाराजगंज जिले में एक फ्रांसीसी परिवार फंस गया है। प्रशासन ने इस परिवार को शहर के होटल में ठहराने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन सभी ने इसे अस्वीकार करकेगांव की शुद्ध आबोहवा में रहने का निर्णय लिया। प्रशासन ने इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया। अब प्रधान औरगांव के लोग इनके खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं।
फ्रांस के रहने वाले पैलेरस पैटिक जोसेफ बीते 10माह से सड़क मार्ग से भारत भ्रमण कर रहे हैं। लेकिन,22 मार्च को जनता कर्फ्यू फिर अगले दिन से प्रदेश के 18 जिलों में लॉकडाउन हो गया। बाद में 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया। तब से ये परिवार महाराजगंज जिले में नेपाल के सोनौली बाॅर्डर पर है। नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं दीगई। जिसके बाद इसपरिवार ने जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के कोल्हुआ गांव में अपना ठिकाना बना लिया। ये गांव बॉर्डर से करीब 30 किमी दूर है। प्रशासन ने इनसे शहरों में होटल का प्रबंध करने के साथ ही रहने का अपील किया। लेकिन इन लोगों ने गांव में ही रहने की इच्छा जताई।
गांव के लोग औरमंदिर के पुजारी इनकी मदद कर रहे हैं। महाराजगंज जिला प्रशासन की ओर से इस फ्रांसीसी परिवार को फल, अनाज समेत रोजमर्रा की सामग्री भेजकर हरसंभव मदद दीजा रहीहै। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जोगेंद्र साहनी फ्रांसीसी परिवार का मदद कर रहे हैं।डिप्टी एसपी अशोक कुमार मिश्रा ने बताया किइनकी देखभाल के लिए सरकार के साथ साथ स्थानीय नागरिक भी सहयोग कर रहे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी भी लगातार इनके संपर्क में हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में लॉकडाउन की तस्वीर दिखाने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दरअसल, यहां शकूरनगर में लॉकडाउन के बीच बाजार खुला था। यहांचूड़ी, चप्पल से लेकर चिकिन औरअन्य जरूरी सामान बेचा जा रहा था। खरीदारों की भीड़ देखने को मिली। वीडियो के जरिए दिखाने की कोशिश की गई थी कि जब पूरा देशलॉकडाउन है तो शकूरनगर में किस तरह बाजार खुले हैं।
वीडियो वायरल होने पर पुलिस हरकत में आई
शनिवार रात जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने रविवार को शकूरनगर को सील कर दिया। गलियों को बंद कर दिया। स्थानीय लोगों के सहयोग से लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की नसीहत दी गई। पुलिस के साथ अद्धसैनिक बलने भीमार्च किया। सख्ती के चलते रविवार को बाजार बंद रहा। जबकि, वीडियो बनाने वाले कासिफ नाम के शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी युवक समेत चार पर केस दर्ज
मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि वीडियो बनाने वाले का नाम कासिफ है। वह शकूरनगर में अल शिफा टावर में जिम चलाता है। वह टीवी सीरियल की तलाश में मुम्बई भी जाता रहता है। करीब 8 दिन पहले ही वापस मेरठ आया है। एसएसपी के अनुसार, 6 दिन पहले कासिफ के भाई फैसल ने मोबाइल की दुकान खोली थी। लॉकडाउन के उल्लंघन में उस पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। ब्रह्मपुरी सीओ चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि कासिफ समेत 4 अज्ञात के खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन का केसदर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में शनिवार रात हरिपर्वत थाना क्षेत्र में पकड़ा गया एक चोर कोरोना पॉजिटिव मिला है। उसे एक दुकान का शटर काटते हुए पकड़ा गया था। इसके बाद पुलिस ने उसका टेस्ट कराया तो वह कोरोना से संक्रमित मिला। चोर को पकड़ने वाले सिपाही औरचालक को क्वारैंटाइन कर दिया गया है।
दरअसल, हरिपर्वत थाना क्षेत्र के शाह मार्केट स्थित एक दुकान का मालिक ने सीसीटीवी पर एक युवक को दुकान का ताला तोड़ते हुए देखा था। उसने इसकी सूचना डायल 112 पर दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया किवह शाह मार्केट में एक दुकान पर काम करता है। वह वजीरपुरा का रहने वाला है। वजीरपुरा हॉटस्पॉट है। उसे खांसी भी आ रही थी। संदिग्ध मानकर पुलिस ने उसका टेस्ट कराया। रविवार रात आई 14 लोगों की रिपोर्ट में चोर का नाम भी शामिल है।थाने को सैनिटाइज कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में सोमवार सुबह कोरोना के 12 नए मामले आए। केजीएमयू ने बताया किदो लखनऊ और 10 आगरा में नए मरीज मिले हैं। इसके बाद आगरा में संक्रमितों की संख्या 250 पहुंच चुकी है। 50 जनपदों मेंअब तक 1100 कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। जिनमें 781 लोग तब्लीगी जमात के हैं। राहत की बात है किअब तक 127 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। इस तरह कुल 966 एक्टिव केस हैं। इससे पहले रविवार देर रात तक 125 नए मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।