कोरोना से निपटने के लिए सिंगापुर हाईटे तरीके अजमा रहा है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया जिसमें रोबोट सुपर मार्केट की दीवारें साफ करता दिखाई दे रहा है। इस रोबोट को यहां के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है जिसका नाम XDBOT है। यह शहर में जगह-जगह जाकर चीजों को सैनेटाइज कर रहा है। इसके हाथ इंसानों की तरह काम करते हैं। दुनियाभर में कई मामले सामने आ चुके जिसमें दूसरों को बचाते हुए सफाईकर्मी खुद ही संक्रमित हो गए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस रोबोट को तैयार किया गया है ताकि सफाईकर्मियों को सुरक्षित रखा जा सके। सिंगापुर में अबतक कोरोना संक्रमितों के 8014 मामले सामने आ चुके हैं, इनसे से 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 768 मरीज ठीक हो चुके हैं।
इंसनों के हाथ की मूवमेंट करते हैं रोबोटिक हैंड्स
इसे नायांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (NTU) के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है। इसके ऊपर एक हाई पावर्ड नोजल लगा है, जिसकी मदद से यह बड़ी सतह पर डिसइंफेक्टेंट या सैनेटाइजर का छिड़काव कर सकता है। दिखने में XDBOT बॉक्स की तरह लगता है, इसमें व्हील्स लगे हैं जिसकी मदद से यह मूवमेंट करता है। यह ऐसी जगहों पर जाकर भी सैनेटाइज कर सकता है, जहां इंसानों का पहुंचने थोड़ा मुश्किल हो जाता है जैसे टेबल-कुर्सियों की नीचे, पलंग के नीचे की सतह और शॉपिंग मॉल्स की बड़ी-बड़ी दीवारें। इसे लैपटॉप और टैबलेट के जरिए दूर से ही कंट्रोल किया जा सकता है।
हर आकार के ऑब्जेक्ट की सफाई करता है
NTU के शोधकर्ता चेन-आई मिंग ने बताया कि इस रोबोट की मदद से दूर से ही क्लीनर छिड़काव की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है, वो भी बिना किसी सतह को छूए। ये अन्य देशों में इस्तेमाल हो रहे रोबोट्स से अलग है, जो सतह की सफाई तो करते हैं लेकिन ऑड शेप की चीजों को साफ नहीं कर पाते। ऐसे में XDBOT हर ऑब्जेक्ट को अच्छी तरह से सैनेटाइज करता है फिर चाहे ऑब्जेक्ट किसी भी आकार को हो।
अलग-अलग तरह के केमिकल रखे जा सकते हैं
चेन-आई मिंग ने बताया कि हॉस्पिटल और ऑफिस को अलग-अलग केमिकल से सैनेटाइज किया जाता है, ऐसे में यह रोबोट हर तरह के केमिकल को कैरी करने में सक्षम है। किसी रूम को साफ करना हो तो क्लीनर को रूम में जाने की जरूरत नहीं है। वह बाहर से इसे कंट्रोल कर कमांड दे सकता है। इसमें स्प्रेईंग सिस्टम है, जो उन जगहों को भी तेजी से सैनेटाइज करता है, जिसे करने में इंसानों काफी ज्याद वक्त लेते हैं। स्प्रे में इलेक्ट्रिक चार्ज होता है, जिससे केमिकल ऑब्जेक्ट पर खुद अच्छी तरह से लिपट जाता है।
स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमित होने से बचाने के लिए दुनियाभर में हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। मलेशिया के वैज्ञानिकों ने भी एक रोबोट तैयार किया है जिसका नाम है मेडिबोट। इसकी लंबाई लगभग 5 फीट है। इसमें कैमरा और स्क्रीन लगी है, जिसकी मदद से मरीज दूर से ही डॉक्टरों से बात कर सकते हैं। रोबोट कई मेडिकल उपकरणों से लैस है, जिसकी मदद से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए मरीज की जांच की जा सकेगी। इसे बनाने में करीब 27 लाख रुपए का खर्च आया है।
दूर से माप सकेंगे मरीज का तापमान
इसे इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी, मलेशिया के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। इसके पीछे उद्देश्य सिर्फ यही है कि कोरोना संक्रमितों की देखभाल और इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमितों होने से बचाया जा सके। यह रोबोट सभी जरूरी मेडिकल उपकरणों से लैस है। इसमें थर्मामीटर भी लगा है, जिससे मरीज के शरीर का तापमान मापा जा सके।
मलेशिया में कोरोना से 89 लोगों की मौत हो चुकी है
टीम मेंबर्स जुल्किफली ज़ैनल आबिदीन ने बताया कि इसे बनाने में लगभग 27 लाख रुपए का खर्च आया है। जल्द ही प्रायवेट हॉस्पिटल्स में इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा। ट्रायल सक्सेस होने पर इसे गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में इस्तेमाल किया जाएगा, जहां कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है। मलेशिया में कोरोनावायरस के अबतक 5425 मामले सामने आ चुके हैं और 89 लोगों की मौत हो चुकी है
चीनी कंपनी वनप्लस ने भारत में लेटेस्ट वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन और नए बुलेट्स वायरलेस Z ईयरफोन की कीमतों का ऐलान कर दिया है। भारत में वनप्लस 8 की शुरुआती कीमत 41999 रुपए और वनप्लस 8 प्रो की शुरुआती कीमत 54999 रुपए है। जबकि वनप्लस बुलेट्स वायरलेस Z ईयरफोन की कीमत 1,999 रुपए है। कंपनी ने बताया कि भारत में इनकी बिक्री अगले महीने से शुरू होगी लेकिन फिलहाल किसी तारीख का ऐलान नहीं किया है। यूएस की तुलना में भारत में वनप्लस 8 सीरीज की कीमत काफी कम है। कंपनी ने भारत में वनप्लस 8 स्मार्टफोन का 6GB+128GB स्टोरेज वैरिएंट भी लॉन्च किया गया है, जिसे ग्लोबल मार्केट में अवेलेबल नहीं है।
वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन: भारत में कीमत
वनप्लस 8 स्मार्टफोन: वैरिएंट वाइस कीमत | |||
वैरिएंट | कीमत(भारत) | कीमत(यूएस) | अंतर |
6GB+128GB | 41,999 रु. | - | - |
8GB+128GB | 44,999 रु. | 53,200 रु. | 8,201 रु. |
12GB+128GB | 49,999 रु. | 61,200 रु. | 11,201 रु. |
वनप्लस 8 प्रो स्मार्टफोन: वैरिएंट वाइस कीमत | |||
8GB+128GB | 54,999 रु. | 68,400 रु. | 13,401 रु. |
12GB+128GB | 59,999 रु. | 76,000 रु. | 16,001 रु. |
वनप्लस 8 और 8 प्रो: फोन में कैमरा, बैटरी और डिस्प्ले का अंतर
वनप्लस बुलेट्स वायरलेस Z ईयरफोन: कीमत और स्पेसिफिकेशन
हुंडई ने पिछले महीने ही अपनी पॉपुलर सेडान वरना का बीएस6 मॉडल लॉन्च किया। कार की शुरुआती कीमत 9.31 लाख रुपए है और यह वायरलेस चार्जिंग समेत लगभग 8 ऐसे एडवांस्ड फीचर्स से लैस है जो पहली बार इस सेगमेंट की कार में देखने को मिले। लुक्स और फीचर्स के अलावा नई वरना इंजन के मामले में भी पूरी तरह से नई है। पुरानी वरना में जहां 1.6 लीटर पेट्रोल,1.4 लीटर डीजलऔर 1.6 लीटर डीजल इंजन ऑप्शन अवेलेबल थे वहींनई वरना में 1.5 लीटर पेट्रोल और 1.5 लीटर डीजल और1.0 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन ऑप्शन्स अवेलेबल हैं। हाल ही में बीएस6 वरना के ARAI (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) द्वारा सर्टिफाइड माइलेज के आंकड़े सामने आए हैं, जिसके मुताबिक, इसमें 25kmpl तक का माइलेज मिलेगा।
BS6 हुंडई वरना: वैरिएंट वाइस माइलेज | ||
वर्जन | गियरबॉक्स | माइलेज (ARAI सर्टिफाइड) |
1.5 पेट्रोल (मैनुअल) | 6-स्पीड | 17.7kmpl |
1.5 पेट्रोल (ऑटोमैटिक) | CVT | 18.45kmpl |
1.0 पेट्रोल (ऑटोमैटिक) | 7-स्पीड डुअल क्लच ऑटो | 19.2kmpl |
1.5 डीजल (मैनुअल) | 6-स्पीड | 25kmpl |
1.5 डीजल (ऑटोमैटिक) | 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटो | 21.3kmpl |
वरना पेट्रोल माइलेज (न्यू Vsओल्ड)
वरना डीजल माइलेज (न्यू Vsओल्ड)
BS6 वरना इंजन में कितना है दम
इसमें 8 ऐसे फीचर को सेगमेंट में पहली बार दिए गए हैं
1. ब्लू लिंक टेलीमैटिक सिस्टम
वेन्यू, एलेंट्रा और क्रेटा के बाद वरना फेसलिफ्ट में हुंडई की ब्लू लिंक कनेक्टिविटी मिलेगी जिसमें 45 फीचर्स मिलेंगे। इसमें वॉयस कमांड फॉर इन-कार फंक्शन, रिमोट इंजन और एयर-कॉन ऑपरेशन (सिर्फ ऑटोमैटिक के लिए)। इन फंक्शन को स्मार्टवॉच से भी कंट्रोल किया जा सकेगा।
2. डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर विद 4.2 इंच एमआईडी
वरना फेसलिफ्ट पहली मिड-साइज सेडान है जिसमें फुली डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर मिलेगा। इसके अलावा इसमें 4.2 इंच का मल्टी इंफॉर्मेंशन डिस्प्ले भी है, जो इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के ठीक बीचोंबीच रहेगा।
3. वायरलेस चार्जर
वरना फेसलिफ्ट में वायरलेस चार्जिंग की सुविधा भी मिलेगी। यह वायरलेस चार्जिंग पैड गियर लीवर के पास स्थित है।
4. रियर यूएसबी चार्जिंग पॉइंट
यह सेगमेंट की पहली कार है जिसमें रियर यूएसबी चार्जिंग पोर्ट मिलेगा।
5. वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स
यह सेगमेंट की पहली सेडान कार है जिसमें कूल्ड फ्रंट सीट्स मिलती है। गर्मी के मौसम में ड्राइवर को रिलेक्स और कूल रहने में मदद करेगा।
6, हैंड्स फ्री बूट ओपनिंग
वरना फेसलिफ्ट हैंड्स-फ्री ओपनिंग फंक्शनैलिटी से लैस है। इस फीचर की मदद से चाबी बूट स्पेस की पास ले जाने पर यह डिक्की को ऑटोमैटिक ओपन कर देता है।
7. इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल
यह सेगमेंट की पहली कार है जिसमें इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल मिलता है। इमरजेंसी में तेजी से ब्रेक लगाने पर हजार्ड्स लाइट्स फ्लैश करने लगती है, ताकि पीछे आ रही गाड़ी से एक्सीडेंट न हो।
8. आर्केमीज ऑडियो सिस्टम
इसमें आर्केमीज का प्रीमियम साउंड सिस्टम है, जो वरना फेसलिफ्ट के बेस वैरिएंट में भी मिलेगा।
वैरिएंट वाइस कीमत
मॉडल | कीमत |
वरना 1.5 MPI MT S वरना 1.5 MPI MT SX वरना 1.5 MPI CVT SX वरना 1.5 MPI MT SX(O) वरना 1.5 MPI CVT SX(O) वरना 1.0 TRUBO DCT SX(O) वरना 1.5 CRDi MT S+ वरना 1.5 CRDi MT SX वरना 1.5 CRDi AT SX वरना 1.5 CRDi MT SX(O) वरना 1.5 CRDi AT SX(O) | 9.31 लाख रुपए 10.70 लाख रुपए 11.95 लाख रुपए 12.60 लाख रुपए 13.85 लाख रुपए 13.99 लाख रुपए 10.66 लाख रुपए 12.05 लाख रुपए 13.20 लाख रुपए 13.95 लाख रुपए 15.10 लाख रुपए |
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को साफ किया है कि 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियों को सिर्फ जरूरी उत्पाद को ही बेचने का अधिकार होगा। गैर जरूरी उत्पादों की बेचने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही साथ ई-कॉमर्स से जुड़े वाहनों को इसके लिए परमिशन लेना होगा। गृह मंत्रालय ने यह आदेश ऐसे समय में दिया है जब ई-कॉमर्स कंपनियों ने मोबाइल फोन, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी जैसी गैर-जरूरी सामान की डिलीवरी की तैयारी शुरू कर दी है।
ANI पर जारी ट्वीट
गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ही दी थी छूट
पिछले सप्ताह शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्री समूह की एक बैठक हुई थी। बैठक में कोरोना से सुरक्षित इलाकों में लॉकडाउन में छूट पर सहमति बनी थी। बैठक के बाद कहा गया था कि बंद के दौरान कोई छूट गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक ही होगी। लेकिन राज्य सरकारें अपने तरीके से नियमों को सख्ती से भी लागू कर सकती हैं। बाद में गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियों समेत कई अन्य सेक्टर्स को काम शुरू करने की इजाजत दी थी। मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा था कि सामान की डिलीवरी के लिए वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी।
ई-कॉमर्स कंपनियों ने शुरू कर दी थी बुकिंग
गृह मंत्रालय की ओर से कारोबार करने की छूट मिलने के बाद फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने मोबाइल फोन की बुकिंग शुरू कर दी थी। कंपनियों ने अपनी वेबसाइट पर कहा था कि वे 20 अप्रैल से बाद डिलीवरी शुरू कर देंगी। हालांकि, कंपनियों ने कहा था कि वह देश के चुनिंदा शहरों में ही डिलीवरी देंगी। इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ई-कॉमर्स कंपनियां मोबाइल फोन, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन जैसे गैर जरूरी सामानों की 20 अप्रैल से डिलीवरी कर सकेंगी। गृह मंत्रालय ने नए आदेशों के बाद फ्लिपकार्ट और अमेजन ने अपनी वेबसाइट से 20 अप्रैल से डिलीवरी की सूचना हटा दी है।
20 अप्रैल से ये सेवाएं और दुकानें शुरू होंगी
इन पर जारी रहेगी पाबंदी
ब्रिटिश कार कंपनी एमजी मोटर्स के फैन है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। कंपनी भारतीय बाजार में अपनी ब्रांड न्यू फुल साइज एसयूवी ग्लोस्टर जल्द ही लॉन्च करेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे फेस्टिव सीजन के दौरान बाजार में उतारा जाएगा। फिलहाल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण तारीख की घोषणा नहीं की है। कंपनी के एमडी और प्रेसिडेंट राजीव छाबा ने बताया कि कोरोना की वजह से इसकी लॉन्चिंग प्रोग्राम में अड़चने आई है लेकिन हम अपने नए प्रोडक्ट (एमजी ग्लोस्टर) को दिवाली के पहले लॉन्च करेंगे। छाबा ने यह भी बताया कि हेक्टर प्लस को जून में लॉन्च किया जाएगा।
45 लाख रुपए तक हो सकती है कीमत
एमजी ग्लोस्टर को सबसे पहले दिल्ली में हुए ऑटो एक्सपो में लॉन्च किया गया था। साइज में यह टोयोटा लैंड क्रूजर LC200 से भी बड़ी है। भारत में इसका मुकबाल बाजार में पहले से मौजूद टोयोटा फॉर्च्यूनर, फोर्ड एंडेवर और महिंद्रा अल्ट्रोज G4 जैसे एसयूवी के होगा। ग्लोस्टर की मैन्युफैक्चरिंग गुजरात स्थित हलोल प्लांट में की जाएगी। इसकी कीमत लगभग 45 लाख रुपए तक हो सकती है।
गेश्चर कंट्रोल्ड टेलगेट जैसे एडवांस्ड फीचर्स मिलेंगे
इस एसयूवी में बड़ा सा केबिन मिलेगा, जिसमें 7 लोग आराम से बैठ सकेंगे। इसके अलावा फीचर्स के मामले में भी यह काफी एडवांस्ड होगी। इसमें एलईडी एडॉप्टिव हेडलाइट्स, पैनोरामिक सनरूफ, 12.3 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, गेश्चर कंट्रोल्ड टेलगेट और थ्री जोन एसी मिलेगा। ऑटो एक्सपो में शोकेस किए गए मॉडल में इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड रियर डोर्स भी देखने को मिले थे।
मिल सकता है 2.0 लीटर का डीजल इंजन
भारतीय बाजार में इसे कंपनी द्वारा बनाए गया 2.0 लीटर का ट्विन-टर्बो डीजल इंजन के साथ लॉन्च किया जा सकता है, जो 218 हॉर्स पावर की ताकत और 480 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। शुरुआत में इसे मैनुअल गियरबॉक्स के साथ लॉन्च किया जा सकता है लेकिन बाद में इसके 8 स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाले मॉडल के आने की भी उम्मीद है।
चीनी कंपनी ओप्पो ने अपनापहलामिडरेंज 5G स्मार्टफोन ओप्पो A92s को लॉन्च कर दिया है। फिलहाल इसे चीन में लॉन्च किया गया है। फोन की खासियत यह है कि इसमें 120Hz रिफ्रेश्ड रेट वाला डिस्प्ले दिया गया है। इसके अलावा इसमें क्वाड रियर कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसे काफी यूनिक डिजाइन दिया गया है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फोन में डुअल पंच होल कैमरा दिया गया है, जिसमें पिल शेप आउटलाइन दी गई है। इसे पिल शेप डिजाइन इसलिए कहते हैं क्योंकि ये कैप्सूल जैसा दिखता है। 5G नेटवर्क सपोर्ट करने वाले इस फोन में सिक्योरिटी के लिए साइड माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है।
ओप्पो A92s 5G स्मार्टफोन:चीन में कितनी है कीमत
ओप्पो A92s 5G स्मार्टफोन: बेसिक स्पेसिफिकेशन
देश में लॉकडाउन का दूसरा फेज 3 मई तक चलेगा। हालांकि, सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक 20 अप्रैल से कुछ सेवाओं में छूट मिलेगी। किराना और राशन की दुकानों के साथ ई-कॉमर्स कंपनियां भी काम शुरू कर पाएंगी। डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी। ऐसे में फ्लिपकार्ट और अमेजन ने फोन कैटेगरी को ओपन कर दिया है। इसकी डिलिवरी 20 अप्रैल के बाद की जाएगी।
फ्लिपकार्ट पर फोन बुकिंग ओपन
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने ग्राहकों के लिए फोन कैटेगरी को ओपन कर दिया है। कंपनी ने कहा है कि वो इन फोन की डिलिवरी देशभर में की जाएगी, लेकिन अभी वेस्ट बंगाल और कर्नाकट में डिलिवरी नहीं करेगी। कंपनी रियलमी 6, रियलमी 6 प्रो, मोटोरोल रेजर, पोको एक्स2, आईकू 3 के साथ कई दूसरे स्मार्टफोन की बुकिंग कर रही है। हालांकि, अभी ये कैटेगरी कंपनी के ऐप पर खुली है। वेबसाइट पर अभी बुकिंग शुरू नहीं हुई है।
कंपनी ने अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नया बैनर लगाकर कन्फर्म किया है कि वो अभी ऑर्डर सिर्फ ऐप पर ही लिए जाएंगे। स्मार्टफोन के साथ कंपनी मोबाइल प्रोटेक्शन, नो-कोस्ट ईएमआई और बायबैक गारंटी जैसे ऑफर्स भी दे रही है। ग्राहक ओप्पो, वीवो, सैमसंग, एपल, श्याओमी जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन अब खरीद सकते हैं।
अमेजन सिलेक्टेड सिटी में करेगी डिलिवरी
अमेजन अपनी वेबसाइट पर बुकिंग और डिलिवरी से जुड़ा लाइव अपडेट्स दे रही है। जिसके मुताबिक कंपनी पेंट्री के साथ दूसरे प्रोडक्ट की डिलिवरी कई शहरों में कर रही है। कंपनी इन सभी शहरों की डिटेल वेबसाइट पर अपडेट कर रही है। कंपनी जिन शहरों में डिलिवरी कर रही है उनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, चेन्नई, चंडीगढ़, देहरादून, फरीदाबाद, गांधी नगर, गुंटूर, गुरुग्राम, हुगली, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जमशेदपुर, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, लुधियाना, मोहाली, मुंबई (ठाणे सहित), मैसूरु, नागपुर , नई दिल्ली, नोएडा, पंजिम, पटना, पुणे, रायपुर, सतारा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और वारंगल शामिल हैं।
दूसरी तरफ, कंपनी पेंट्री आइटम की डिलिवरी अब 18 शहरों में कर रही है, जिसमें बेंगलुरु, बैरकपुर, चेन्नई, देहरादून, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हावड़ा, हैदराबाद, काकीनाडा, कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली, पुणे, सोनीपत, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और वारंगल शामिल है।
20 अप्रैल से ये सेवाएं और दुकानें शुरू होंगी
> किराना और राशन की दुकानें।
> फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें।
> डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें।
> इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस।
> ई-कॉमर्स कंपनियां काम शुरू कर सकेंगी। डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी।
> जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी होगी कि वो सभी जरूरी सेवाओं की होम डिलिवरी का इंतजाम करे।
सैमसंग रिसर्च इंस्टीट्यूट-बेंगलुरु (SRI-B) ने 'हैंड वॉश' एप्लिकेशन रिलीज किया है। ये ऐप यूजर के हैंड वॉश एक्टिविटी को ट्रैक करेगा। साथ ही, हैंड वॉश के दौरान सही प्रोसेस को मेजर भी करेगा। ऐप यूजर की 20 सेकंड तक हैंड वॉश करने की एक्टिविटी को सिक्योर करेगा। ताकि कोविड-19 महामारी से लड़ाई करने में मदद मिले। ऐप रिलीज के मौके पर पर कंपनी ने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कोविड-19 से बचने के लिए हैंड वॉश को 20 सेकंड तक अच्छी तरह धोने के लिए कहा है। अब इस बात को यूजर ऐप की मदद ट्रैक कर पाएंगे।
25 सेकंड बाद यूजर को फीडबैक देगा
ऐप यूजर की डेली हैंड वॉश हेबिट और एक्टिविटी को ट्रैक करेगा। यूजर ऐप को डेली हैंड वॉश करने की एक्टिविटी को परमिशन देता है तब वो एक पीरियड के दौरान पूरी डिटेल देगा। जब यूजर हैंड वॉश करता है तब हर वॉश प्रोसेस के 25 सेकंड बाद वो फीडबैक भी देगा।
ऐप हैंड वॉश को इस तरह करेगा ट्रैक
> ये ऐप सैमसंग के स्मार्टवॉच पर काम करेगा।
> यूजर इस ऐप को सैमसंग के गैलेक्सी स्टोर से इन्स्टॉल कर पाएंगे।
> ऐप में 25 सेकंड का टाइमर है, जिसमें 5 सेकंड साबुन लगाने और 20 सेकंड हाथ धोने के हैं।
> यूजर वॉश बेसिन में हाथ धोने की प्रोसेस के शेड्यूल में गलती करता है, तब ऐप नोटिफाई भी करेगा।
> ऐप में हैंड वॉश का फेस भी दिया है, जिसमें यूजर पूरी एक्टिविटी देख सकता है।
कोरोना के कारण दुनियाभर में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जोर दिया जा रहा है। लोग अपने घरों में बंद हैं और अपने रिश्तेदारों-दोस्तों से दूर हैं। ऐसे में वॉट्सऐप सभी को वर्चुअली जोड़ने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी नए फीचर पर काम कर रही है जिसमें एक साथ कई यूजर्स ग्रुप कॉलिंग कर सकेंगे। वर्तमान में एक साथ चार यूजर्स कॉलिंग कर सकते हैं। इस समय जूम और गूगल ड्यो (Duo) जैसे ऐप्स एक समय में कई दर्जन यूजर्स को ग्रुप कॉल करने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। वहीं जूम ऐप पर डेटा चोरी आरोप लगने के बाद इसकी लोकप्रियता को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में वॉट्सऐप ग्रुप कॉलिंग में यूजर्स की संख्या बढ़ाकर जूम और गूगल ड्यो जैसे ऐप्स तो चुनौती देगी।
फिलहाल सिर्फ चार यूजर्स ही ग्रुप कॉलिंग कर पाते हैं
वॉट्सऐप फीचर को ट्रैक करने वाली साइट WABetaInfo वेबसाइट ने ऐप का नया फीचर शेयर किया है, जो वॉट्सऐप के एंड्रॉयड वर्जन 2.20.128 और 2.20.129 बीटा में मिला है। इस अपडेट के जरिए ग्रुप कॉल लिमिट को बढ़ाने की जानकारी मिली है। हालांकि यह फीचर अभी इनेबल नहीं किया गया है। वर्तमान में ग्रुप कॉलिंग कि लिमिट 4 यूजर्स तक सीमित है, जिसे अब बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इस अपडेट के बाद कितने यूजर्स एक साथ कॉलिंग कर सकेंगे, फिलहाल इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है न ही इसे कर्मशियली लॉन्च करने की तारिख के बारे में कोई जानकारी सामने आई है। रिपोट्स में दावा किया जा रहा है ग्रुप कॉल में शामिल होने वाला सभी यूजर्स को अपना वॉट्सऐप वर्जन अपडेट करना होगा।
ग्रुप वीडियो काॅल करने वालों की संख्या में इजाफा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च माह के अंत तक फेसबुक मैसेंजर पर ग्रुप वीडियो काॅल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मार्च माह के अंतिम सप्ताह में करीब 70 फीसदी से ज्यादा लोगों ने ग्रुप वीडियो काॅल में भाग लिया है। इसी तरह पर वॉट्सऐप पर भी वीडियो कॉल करने वालों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। एपल का फेसटाइम वीडियो कॉलिंग टूल पर एक साथ 32 लोग वीडियो काॅल कर सकते हैं जबकि फेसबुक मैसेंजर पर एक कॉल में 50 लोग जुड़ सकते हैं।
सारी दुनिया जहां कोरोना संकट से जूझ रही है वहीं हैकर्स इस मौके का फायदा उठाने से भी बाज नहीं आ रहे। शुक्रवार को गूगल ने बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते लगभग 1.8 करोड़ मालवेयर और फिशिंग ईमेल को ढूंढा, जो कोविड19 के नाम पर यूजर्स को भेजे गए थे। इसके अतिरिक्त 24 करोड़ कोरोना से जुड़े स्पैम मैसेजेज की भी पहचान की गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हैकर्स कितनी बड़ी तदाद में घर से काम कर रहे हैं लोगों और लॉकडाउन की वजह से घरों पर समय व्यतीत कर रहे लोगों को महामारी के नाम पर निशाना बना रहे हैं।
मशीन लर्निंग मॉडल से99%मालवेयर ब्लॉक कर रहा गूगल
गूगल ने कहा कि इसमें से 99 फीसदी स्पैम, फिशिंग और मालवेयर्स को कंपनी की मशीन लर्निंग मॉडल (जो इनकी पहचान कर इन्हें फिलटर करने में सक्षम है) द्वारा यूजर तक पहुंचने से रोक दिया गया है यानी ब्लॉक कर दिया गया है। इन्हें जवाब देने से यूजर्स को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। कई बार यह भी देखा गया है कि हैकर्स खुद को सरकारी संगठन जैसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन बताकर फ्रॉड करने के उद्देश्य से फेक और संवेदनशील ईमेल्स भेजते हैं। गूगल ने बताया कि इन पर क्लिक करने पर या इनका जवाब देने पर इंफेक्टेड डाउनलोडेबल फाइल यूजर के सिस्टम के बैकएंड में डाउनलोड हो जाती है, जो आपकी निजी जानकारियों में सेंध लगा सकती है।
जीमेल सिक्योरिटी के प्रोडक्ट मैनेजर नील कुमारन ने बताया कि इन ईमेल को ब्लॉक करने के अलावा हम डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर डोमेन बेस्ड मैसेज ऑथेंटिकेशन, रिपोर्टिंग और कंफोर्मेंशन (DMARC) पर काम कर रहें है और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए सही ईमेल की पहचान करने की जानकारी भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि DMARC हैकरों के लिए who.int डोमेन का इस्तेमाल करना मुश्किल कर देता है और उन्हें यूजर के इनबॉक्स में जाने से रोकता है।
सरकारी राहत कोष के नाम पर फंसा सकते हैं
गूगल ने बताया कि कई बार हैकर्स सरकारी राहत कोष और सरकारी संस्थानों की नकल करते हैं और छोटे व्यवसायियों को लुभाकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। कंपनी ने बताया कि कोरोना से जुड़े मालवेयर और फिशिंग को लोगों तक पहुंचने से रोकने के लिए विशेष तौर से इनकी निगरानी की जा रही है।
गूगल ने बताया कैसे बचें
इन सबसे बचने के लिए गूगल ने बताया कि यूजर को ऐसी फाइल को डाउनलोड करने से बचना चाहिए जिनके बारे में उन्हें जानकारी न हो। इसमें अटैच डॉक्यूमेंट देखने के लिए यूजर गूगल के बिल्ट-इन डॉक्यूमेंट प्रिव्यू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी यूआरएल पर क्लिक करने से पहले या उस पर अपना लॉगइन और पासवर्ड डालने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि जरूर कर लेना चाहिए, क्योंकि फेक यूआरएल हूबहू असली यूआरएल जैसे ही दिखते हैं इनमें या तो अतिरिक्त शब्द या शब्दों का हेरफेर होता है।
भारत में अपनी स्मार्ट होम डिवाइस रेंज बढ़ाते हुए श्याओमी ने Mi रोबोट वैक्यूम क्लीनर मोप-पी को लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 17999 रुपए है। हालांकि ऑफिशियल पेज पर इसकी वास्तविक कीमत 29,999 रुपए है, यानी लॉन्चिंग ऑफर के तहत इस पर 40 फीसदी डिस्काउंट मिल रहा है। फिलहल यह स्मार्ट क्लीनिंग डिवाइस एमआई के क्राउडफंडिंग प्लेटफार्म पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। कंपनी का कहना है कि इसकी शिपिंग 15 सितंबर से शुरू होगी। यह सिर्फ ब्लैक कलर में अवेलेबल है। यह वैक्यूम क्लीनर 2 इन 1 स्वीपिंग और मोपिंग फंक्शन, रियल टाइम फ्लोर मैपिंग समेत कई एडवांस्ड फीचर्स से लैस है।
कंपनी के सीईओ मनु जैन ने इसकी लॉन्चिंग के बारे में ट्वीट पर ऐलान कर 17 सेकंड का वीडियो टीजर भी जारी किया। ऑफिशियल साइट के मुताबिक, भारत में इस प्रोडक्ट में लोगों को रूझान जानने के लिए हमने शुरुआती तौर पर 10 हजार यूनिट्स का लक्ष्य रखा है। ऑफर के तहत नो-ईएमआई ऑप्शन भी दे रही है, जो 2999 रुपए प्रति माह से शुरू है।
Mi रोबोट वैक्यूम क्लीनर मोप-पी के खास फीचर्स
2-इन-1 स्वीपिंग एंड मोपिंग फंक्शन: स्वीपिंग और मोपिंग मोड में यह इसमें इन-बिल्ट वाटर टैंक के मदद से फ्लोर साफ करता है जबकि स्वीपिंग ओनली मोड में डस्टिंग करता है जो इसमें लगे 550 एमएल के बॉक्स में इकट्ठा होती है।
इंटेलीजेंट मैपिंग एंड रूट प्लानिंग: यह नई LDS यानी लेज़र नेविगेशन सिस्टम से लैस है और रियल टाइम मैपिंग, फास्ट स्पीड और हाई एक्युरेसी और लॉन्गर स्कैनिंग रेंज के लिए अपग्रेड SLAM एल्गोरिदम पर काम करता है। यह कमरे में रखे सामने से भी नहीं टकराता।
प्रोफेशनल मोपिंग पाथ डिजाइन: इसे खासतौर से भारतीय घरों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। स्वीपिंग और मोपिंग मोड में दोनों साइड और अच्छी तरह से सफाई करने के लिए यह ठीक उसी तरह पोछा लगता है, जैसे मैनुअली लगाया जाता है।
12 एडवांस्ड सेंसर: डिवाइस 12 तरह के एडवांस्ड सेंसर्स से लैस है। इसमें एंटी कोलीजन और एंटी ड्ऱॉप सेंसर भी मौजूद हैं, जिनकी बदौलत यह साफ-सफाई करने के दौरान सीढ़ियों से नहीं गिरता और न ही कमरे में रखे सामान से टकराता है। सेंसर की मदद से यह 2 सेमी. ऊंचे ऑब्जेक्ट पर बी चढ़ जाता है।
अल्टीमेट पावर मशीन: इसमें 2100Pa सक्शन और हाई-एंड ब्रशलेस मोटर लगी है। इसके अलावा इसमें 3200 एमएएच की बैटरी मिलेगी।
इलेक्ट्रॉनिकली कंट्रोल्ड वॉटर टैंक: इसमें इलेक्ट्रॉनिकली कंट्रोल्स पंप है, जो 3 तरह के वॉटर डिस्पेंसिंग मोड से लैस है। यह सफाई के लिए सिलेक्ट किए गए मोड और सतह के अनुसार काम करता है।
स्मार्ट ऐप कंट्रोल: इसे एमआई होम ऐप के कनेक्ट किया जा सकता है। इसमें कई सारी सुविधा मिलती है, जैसे स्मार्टफोन को रिमोट कंट्रोल की तरह यूज किया जा सकता है, साथ ही रियल टाइम मैपिंग, शेड्यूल क्लीनिंग और स्पॉट क्लीनिंग की सुविधा भी मिलती है।
डायनामिक पाथ, ऑटोमैटिक रिचार्ज और रिज्यूम फीचर: डायनामिक पाथ में अलग-अलग तरह के पाथ के लिए अलग-अलग मोड सेट किया जा सकता है। इसके अलावा यह इंटेलीजेंट डिवाइस खुद ही चार्जिंग पॉइंट तक पहुंचता है और रिज्यूम फीचर के जरिए सफाई वहीं से शुरू करता है जहां छोड़ी थी।
पॉपुलर वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक नया फैमिली पेयरिंग फीचर लॉन्च करने जा रही है। इसके जरिए पेरेंट्स टिकटॉक परबच्चों की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे।वे यह पता लगा सकेंगे कि बच्चे ऐप पर कितना समय बिता रहे हैं और किसे मैसेज कर रहे हैं। इसके साथ ही कंपनी16 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए डायेक्ट मैसेज की सुविधा को भी बंद करने जा रही है। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण बोरियत मिटाने के लिए लोग टिकटॉक पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। हाल ही में ऐप ने 100 करोड़ इंस्टॉलेशन का आंकड़ा पार किया। ऐप इस्तेमाल करने वालों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में उनके साथ दुर्व्यवहार रोकने के लिए कंपनीयह कदम उठाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक,यह फीचर 30 अप्रैल को जारी हो सकता है।
पेरेंट्स और बच्चों का अकाउंट आपस में लिंक होगा
फैमिली पेयरिंग फीचर के जरिए पेरेंट्स अपने बच्चों के टिकटॉक अकाउंट से अपना अकाउंट लिंक कर सकेंगे और उनके डायरेक्ट मैसेज पर पाबंदी लगा सकेंगे। इसके अलावा इस फीचर में मिलने वाले स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट की मदद से पेरेंट्स बच्चों के ऐप इस्तेमाल करने का समय तय कर सकेंगे। इसमें रिस्ट्रिक्टेड मोड (Restricted Mode) भी मिलेगा लेकिन फिलहाल इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
सिर्फ अप्रूव्ड यूजर ही डायरेक्ट मैसेज कर सकेंगे
टिकटॉक ने अपने यंग यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डायरेक्ट मैसेज फीचर को भी डिसेबल करेगी। डायरेक्ट मैसेजिंग नए फ्रेंड्स और कनेक्शन बनाने के लिए काम में आता है। खासतौर से टीनएजर्स के लिए ऐप को और ज्यादा सुरक्षित किया जा रहा है। अब सिर्फ अप्रूव्ड यूजर्स ही डायरेक्ट मैसेज भेज सकेंगे। साथ ही अब मैसेज में वीडियो-फोटो भेजने की सुविधा भी नहीं मिलेगी।
टेक कंपनी एपल ने लंबे इंतजार के बाद आईफोन के सस्ते मॉडल आईफोन SE (2020) को ऑफिशियली लॉन्च किया। इसे वर्तमान आईफोन लाइनअप का सबसे अफॉर्डेबल मॉडल और आईफोन SE का सेकंड जनरेशन मॉडल भी कहा जा रहा है। इसमें 4.7 इंच की स्क्रीन दी गई है जो आईफोन 8 समेत कई एपल के कई रेगुलर मॉडल में भी मिलती है। नया आईफोन SE (2020) एपल की A13 बायनिक चिपसेट से लैस है, यही चिपसेट आईफोन 11 सीरीज में भी मिलता है। यह आईओएस 13 पर रन करता है साथ ही यह टचआई फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस है। भारत में इसके 256GB स्टोरेज वाले टॉप मॉडल की कीमत 58300 रुपए है जबकि यही मॉडल अमेरिका में 45 हजार रुपए का है यानी देखा जाए तो भारत में यह 30 फीसदी तक महंगा मिलेगा।
आईफोन SE (2020): वैरिएंट वाइस कीमत
कंपनी ने आईफोन SE (2020) के तीन वैरिएंट लॉन्च किए हैं। यह 64 जीबी से 256 जीबी तक के स्टोरेज में अवेलेबल है। हालांकि कंपनी ने भारत में इनकी उपलब्धता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
स्टोरेज वैरिएंट | भारत कीमत | यूएस कीमत | % मंहगा |
64GB | 42500 रु. | 30600 रु. | 39% |
128GB | 47800 रु. | 38200 रु. | 25% |
256GB | 58300 रु. | 45000 रु. | 30% |
यूएस में नए आईफोन SE (2020) के 64GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत $399 यानी लगभग 30600 रुपए, 128GB मॉडल की कीमत $499 यानी 38200 रुपए और 256GB मॉडल की कीमत $549 यानी लगभग 45000 रुपए है। यह ब्लैक, व्हाइट और रेड कलर ऑप्शन में अवेलेबल है। यूएस में इसकी प्री-बुकिंग 17 अप्रैल से शुरू होगी और बिक्री 24 अप्रैल से शुरू होगी।
आईफोन SE (2020): बेसिक स्पेसिफिकेशन
कोरोना को हराने के लिए देश के उच्च शिक्षा संस्थान भी सरकार का बखूबी मदद कर रहे हैं। यह कोशिशें भी की जा रही है कि लोगों की जान बचाने में लगे डॉक्टर्स और नर्सों को भी संक्रमित होने से बचाया जा सके। इसी को देखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के शोधकर्ताओं ऐसा टूल को डिजाइन कर रहे हैं, जो सांस, खांसी और बोलने की आवाज को पहचान कर कोरोना के लक्षणों की पहचान करेगा। मान्यता मिल जाने पर इस टूल से वर्तमान टेस्टिंग प्रोसेस से तेज टेस्टिंग की जा सकेगा साथ ही इलाज के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने के खतरे को भी कम किया जा सकेगा।
ध्वानि-विज्ञान की मदद से बनाया जा रहा टूल
आठ सदसीय शोधकर्ताओं की टीम ने बोली और आवाज से कोरोना की पहचान करने वाले इस प्रोजेक्ट का नाम कोसवारा (Coswara) रखा है. इसमें ध्वनि-विज्ञान के जरिए लक्षणों की पहचान करने का दावा किया जा रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, महामारी काफी तेजी से फैल रही है। ऐसे में सरल, कम लागत और तेजी से टेस्टिंग करने वाले कम्पोनेंट का होना बेहद जरूरी है। कोरोना का सबसे प्रमूख लक्षण है श्वास संबंधित परेशानियां होना है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट में ध्वानि-विज्ञान के जरिए लक्षणों का पता लगाया जाएगा जिसके लिए मरीज की सांस लेने की आवाज, खांसने की आवाज और बोलने और गणना करने की आवाजों की रिकॉर्डिंग की जाएगी। इस पूरी रिकॉर्डिंग प्रोसेस में सिर्फ 5 मिनट का समय लगेगा।
मरीज की अन्य जानकारियां भी इकट्ठा करेगा
रिकॉर्डिंग के साथ यह टूल मरीज के हेल्थ स्टेट्स को भी रिकॉर्ड करेगा जिसमें उसकी उम्र, जेंडर और लोकेशन की जानकारी शामिल होंगी। इस ऑडियो डेटा को दुनिया के अन्य शोधकर्ताओं के साथ भी साझा किया जाएगा ताकि सिग्नल प्रोसेसिग और मशीन लर्निंग के जरिए वे भी इस तरह का डायग्नोस्टिक टूल तैयार कर सके।
ब्लूटूथ हेडफोन महंगे होने की वजह से कई यूजर्स वायर वाले हेडफोन खरीदकर म्यूजिक सुनने का शौक पूरा कर लेते हैं। लेकिन अब जमाना वायरलेस हेडफोन/ईयरफोन का है, जो स्टाइलिश तो ही है साथ ही इन्हें वर्कआउट और ट्रैवलिंग के दौरान कैरी करना भी काफी आसान है। अगर आप म्यूजिक के शौकीन हैं और बढ़िया वायरलेस हेडफोन की तलाश में हैं, तो नीचे बताए गए ईयरफोन बेस्टऑप्शन साबित हो सकते हैं...
जाबरा इलीट 25e
कम बजट में बढ़िया नेकबैंड की बात कि जाए तो यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ऑफिशियल वेबसाइट पर इसकी कीमत 3999 रुपए है। डिजाइन और लुक्स के मामले में काफी बढ़िया है और इसमें काफी दमदार बेस मिलता है। स्मार्टफोन का वॉयस असिस्टेंट एक्टिवेट करने के लिए इसमें डेडिकेटेड बटन दी गई है। फुल चार्ज कर इसमें 12 से 13 घंटे तक गाने सुने जा सकते हैं।
वनप्लस बुलेट्स वायरलेस Z ईयरफोन
कंपनी ने हाल ही में वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन के साथ वायरलेस ईयरफोन बुलेट्स वायरलेस Z को लॉन्च किया। पुराने मॉडल बुलेट्स वायरलेस 12 की तुलना में यह किफायती है। इसकी कीमत 3800 रुपए है। खास बात यह है कि इसमें व्रैप (Warp) चार्ज फीचर मिलता है, जिसकी मदद से 10 मिनट की चार्जिंग में 10 घंटे तक गाने सुने जा सकते हैं। फुल चार्जिंग में इसमें 20 घंटे की बैटरी लाइफ मिलती है। इसके अलावा यह मैग्नेटिक कंट्रोल, क्विक पेयर और क्विक स्विच जैसे फीचर्स भी मिलते हैं।
स्कलकैंडी वर्ट क्लिप एनीवेयर वायरलेस ईयरबड्स
इसका डिजाइन काफी यूनिक है। ऑफिशियल साइट पर इसकी कीमत 4999 रुपए है। इसे खासतौर से एडवेंचर और स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें ब्लूटूथ वायरलेस डायल है, जिसे हेलमेंट, बैग समेत सुविधानुसार कहीं भी क्लिप किया जा सकता है और इसी डायल में कुछ बटन दी गई हैं, जिससे कॉल, म्यूजिक और डिजिटल असिस्टेंट कंट्रोल होते हैं। इसमें 10 घंटे की बैटरी लाइफ मिलती है साथ ही यह स्वेट और वाटर रेजिस्टेंट भी है।
JBL इंड्यूरेंस जंप
इसे स्पोर्टी डिजाइन दिया गया है। ऑफिशियल वेबसाइट पर इसकी कीमत 4199 रुपए है। यह वॉटर और स्वेट रेजिस्टेंट है। इसे वर्कआउट के अलावा किसी भी मौसम और स्पोर्ट्स एक्टिविटी में बेझिझक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी बैटरी काफी तेजी से चार्ज होती है। सिंगल चार्जिंग में यह 8 घंटे तक काम करता है। 10 मिनट की चार्जिंग में यह घंटेभर चल सकता है।
सोनी WI-C400 इन-ईयर ब्लूटूथ नेकबैंड
लुक्स और डिजाइन की बात करें तो यह काफी सिंपल है। ऐसी डिजाइन वाले कई नेकबैंड बाजार में अवेलेबल हैं। ऑफिशियल वेबसाइट पर इसकी कीमत 3990 रुपए है। इसमें ब्लूटूथ और एनएफसी दोनों कनेक्टिविटी ऑप्शन मिलते हैं। सिंगल चार्ज कर इसमें 20 घंटे तक गाने सुने जा सकते हैं। स्मार्टफोन से कनेक्ट रहने पर यह कॉल और मैसेज अलर्ट वाइब्रेशन के जरिए देता है।
मंगलवार को हुए ऑनलाइन इवेंट में टेक कंपनी वनप्लस ने वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन के साथ वायरलेस ईयरफोन बुलेट्स वायरलेस Z को भी लॉन्च किया। पुराने मॉडल बुलेट्स वायरलेस 12 की तुलना में यह किफायती है। इसकी कीमत 3800 रुपए है। खास बात यह है कि इसमें व्रैप (Warp) चार्ज फीचर मिलता है, जिसकी मदद से 10 मिनट की चार्जिंग में 10 घंटे तक गाने सुने जा सकते हैं। फुल चार्जिंग में इसमें 20 घंटे की बैटरी लाइफ मिलती है। इसके अलावा यह मैग्नेटिक कंट्रोल, क्विक पेयर और क्विक स्विच जैसे फीचर्स भी मिलते हैं, जो पुराने मॉडल से लिए गए हैं।
अगले महीने भारत में लॉन्च हो सकता है
वनप्लस बुलेट्स वायरलेस Z की कीमत 3800 रुपए है। यह पुराने मॉडल बुलेट्स वायरलेस 2 की तुलना में काफी किफायती है, जिसे 5,990 रुपए में भारत और अमेरिका में लॉन्च किया गया था। नए हेडफोन फिलहाल अमेरिका में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन की बिक्री यूके में 21 अप्रैल और यूएस में 29 अप्रैल से शुरू होने जा रही है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बुलेट्स वायरलेस Z की भी बिक्री भी इनके साथ शुरू होगी। कंपनी ने फिलहाल भारत में इसकी लॉन्चिंग और कीमत के बारे में जानकारी नहीं दी है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसे अगले महीने भारतीय बाजार में उतारा जाएगा।
पुराने मॉडल के कई फीचर्स भी मिलेंगे
वनप्लस बुलेट्स वायरलेस Z में मैग्नेटिक कंट्रोल्स मिलते हैं, जिसमें ईयरबड्स को आपस में जोड़ने और अलग करने से म्यूजिक प्ले-पॉज होता है। इसके अलावा इसमें तेजी से पेयरिंग होने के लिए क्विक पेयर और एक से दूसरे डिवाइस में आसानी से स्विच होने के लिए क्विक स्विच जैसे फीचर्स मिलते हैं, जो पुराने मॉडल से ही लिए गए हैं। यह ब्लैक, ब्लू, मिंट और ओटकलर में उपलब्ध है।
पसीनाऔर पानी भी बेअसर
कंपनी ने बताया कि इसे IP55 रेटिंग दी गई है, यानी इस पर पानी और पसीना भी बेअसर है। इसमें सुपर बेस टोन के अलावा 9.2 एमएम का डायनामिक ड्राइवर्स दिए गए हैं। यह सिर्फ 28 ग्राम वजनी है और 10 मीटर की रेंज तक आसानी से काम कर सकता है। कनेक्टिविटी के लिए इसमें ब्लूटूथ वर्जन 5, यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट मिलता है। इसके साथ तीन सिलिकॉन ईयरबड्स मिलते हैं।
चीनी कंपनी वनप्लस ने मंगलवार को यूरोप में हुए ऑनलाइन इवेंट में वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन लॉन्च किया। सीरीज में दो नए फ्लैगशिप स्मार्टफोन वनप्लस 8 और वनप्लस 8 प्रो शामिल है। हाल ही में वनप्लस इंडिया ने ट्वीट कर भारत में इसकी कीमत के बारे में हिंट दिया। हालांकि कंपनी ने कीमत को लेकर पूरी तरह से सफाई नहीं दी है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि भारत में इसकी कीमत ग्लोबल मार्केट से कम होगी। मंगलवार को लॉन्च हुए दोनों ही फोन में क्वालकॉम का सबसे पावरफुल प्रोसेसर स्नैपड्रैगन 865 मिलेगा। इसके अलावा दोनों मॉडल में 3.8 एमएम पतला पंच होल सेल्फी कैमरा मिलेगा। यह 5G कनेक्टिविटी को सपोर्ट करते हैं।
कितनी होगी भारत में कीमत
वनप्लस इंडिया अकाउंट ने टीजर इमेज ट्वीट किया, जिसमें कीमक के बारे में अनाउंसमेंट की गई थी। इमेज पर लिखा था कि 'हम डॉलर में बात नहीं करेंगे, इंडिया प्राइस कमिंग सून'। उम्मीद की जा रही है कि यूएस के मुकाबले भारत में इसकी कीमत कम होगी।
यूएस में वैरिएंट वाइस कीमत
वनप्लस 8 | 8+128GB, 53200 रु. (गासियल ग्रीन) 12+256GB, 76500 रु. (इंटरस्टेलर ग्लो) |
वनप्लस 8 प्रो | 8+128GB, 68400 रु. (ग्लासियल ग्रीन) 12+256GB, 76000 रु. (अल्ट्रामरीन ब्लू और ओनिक्स ब्लैक) |
यूएस में दोनों स्मार्टफोन वनप्लस 8 और वनप्लस 8 प्रो की बिक्री 29 अप्रैल से शुरू होने जा रही है वहीं यूके में इसकी बिक्री 21 अप्रैल से शुरू होगी। फिलहाल कंपनी ने भारत में इसकी लॉन्चिंग डेट के बारे में कोई पुष्टि नहीं की है। उम्मीद की जा रही है कि भारत में 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने की बाद वनप्लस 8 सीरीज स्मार्टफोन भारत में उतारे जा सकते हैं।
कंपनी का ऑफिशियल ट्वीट
चीनी टेक कंपनी वनप्लस ने मंगलवार को यूरोप में हुए ऑनलाइन इवेंट में दो नए फ्लैगशिप स्मार्टफोन वनप्लस 8 और वनप्लस 8 प्रो लॉन्च किए। दोनों ही फोन कईलेटेस्ट और एडवांस्ड फीचर्स से लैस हैं साथ ही इनमें अबतक केसबसे पावरफुल प्रोसेसर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 865 प्रोसेसर मिलेगा।फोन में 30 वॉट वायर्ड चार्जिंग के अलावा 30 वॉट वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट भी मिलता है। 5G नेटवर्क सपोर्ट करने वाले इन दोनों मॉडल्स में 12 जीबी तक की रैम मिलेगी। पहली बार कंपनी फोन में क्वाड रियर कैमरा सेटअप दे रही जो वनप्लस 8 प्रो में मिलेगा, इसे डस्ट और वॉटररेजिस्टेंट के लिए IP68 रेटिंग भी दी गई है। दोनों ही डिवाइस में पंच होल सेल्फी कैमरा सेटअप दिया गया है। इवेंट में कंपनी ने अपनी वायरलेस हेडफोन वनप्लस बुलेट्स वायरलेसZ भी लॉन्च किया जिसकी कीमत 3800 रुपए है।
वैरिएंट वाइस कीमत
वनप्लस 8 | 8+128GB, 53200 रु. (गासियल ग्रीन) 12+256GB, 76500 रु. (इंटरस्टेलर ग्लो) |
वनप्लस 8 प्रो | 8+128GB, 68400 रु. (ग्लासियल ग्रीन) 12+256GB, 76000 रु. (अल्ट्रामरीन ब्लू और ओनिक्स ब्लैक) |
वनप्लस 8 और 8 प्रो: फोन में कैमरा, बैटरी और डिस्प्ले का अंतर
टेक कंपनी ओप्पो ने चीन में अपने लेटेस्ट स्मार्टफोन ओप्पो ऐस 2 स्मार्टफोन को लॉन्च कर दिया है। फोन में अबतक का सबसे दमदार प्रोसेसर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 865 दिया गया है। फोटोग्राफी के लिए फोन में चार रियर कैमरे दिए गए हैं जो राउंड शेप मोड्यूल में फिक्स हैं। सेल्फी के लिए फोन में सिंगल पंच होल कैमरा है जो स्क्रीन के लेफ्ट साइड में है। इसके अलावा फोन में 65 वॉट सुपरVOOC 2.0 फ्लैश चार्ज और 40 वॉट एयर VOOC वायरलेस फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलता है। 5G सपोर्ट करने वाले इस फोन में 6.5 इंच का फुल एचडी प्लस डिस्प्ले है जिसमें 90 हर्ट्स रिफ्रेश्ड रेट मिलता है। इसे पिछले साल लॉन्च हुए ओप्पो रेनो ऐस के अपग्रेड वर्जन के तौर पर लॉन्च किया गया है। हालांकि कंपनी ने इस बार रेनो ब्रांडिंग हटा ली है।
ओप्पो ऐस 2: कीमत
कंपनी ने चीन में इस फोन को रैम और स्टोरेज को तीन वैरिएंट में लॉन्च किया है। यह ऑरोरा सिल्वर, मून रॉक ग्रे और फैंटेसी पर्पल कलर में अवेलेबल है।
चीन में वैरिएंट वाइस कीमत | |
8GB रैम + 128GB स्टोरेज | 43200 रुपए |
8GB रैम + 256GB स्टोरेज | 47500 रुपए |
12GB रैम + 256GB स्टोरेज | 49700 रुपए |
ओप्पो ऐस 2: बेसिक स्पेसिफिकेशन
डिस्प्ले साइज | 6.5 इंच |
डिस्प्ले टाइप | फुल एचडी प्लस AMOLED डिस्प्ले, गोरिल्ला ग्लास 5 प्रोटेक्शन |
सिम टाइप | डुअल सिम |
रैम | 12 जीबी |
स्टोरेज | 256 जीबी |
रियर कैमरा | 48MP(मेन कैमरा)+8MP(अल्ट्रा-वाइड लेंस)+2MP(पोर्ट्रेट लेंस)+2MP(मोनोक्रोम लेंस) |
फ्रंट कैमरा | 16MP (पंच होल) |
बैटरी | 4000mAh विद 65W सुपरVOOC 2.0 फ्लैश चार्ज और 40W एयर VOOC वायरलेस फास्ट चार्जिंग सपोर्ट |
कनेक्टिविटी | वाई-फाई 802.11,5G,ब्लूटूथ 5.1, यूएसबी टाइप-सी पोर्ट |
डायमेंशन | 160x75.4x8.6 एमएम |
वजन | 185 ग्राम |
सिक्योरिटी | इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर |
सस्ता बजट स्मार्टफोन चाहने वालो के लिए टेक कंपनी एलजी ने फोल्डर 2 फ्लिप स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है। इसमें 4G सपोर्ट मिलेगा। इसमें दो स्क्रीन्स हैं और फोन एंट्री लेवल स्पेसिफिकेशन से लैस है। इसे खासतौर से उन लोगों के लिए बनाया गया है जो कम बजट में फोल्डेबल स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं। यह फ्लिप फोन फिलहाल सिर्फ साउथ कोरियाई बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है। कंपनी ने इसे ओरिजनल फोल्डर फोन के अपग्रेड वर्जन के तौर पर लॉन्च किया है, जिसे फरवरी 2018 में बाजार में उतारा गया था।
सेकेंडरी स्क्रीन पर देख सकेंगे कॉल नोटिफिकेशन
यह फोन दो कलर प्लेटिनम ग्रे और व्हाइट कलर में अवेलेबल है। इसकी कीमत 198000 वॉन यानी 12400 रुपए है। यह सिर्फ 127 ग्राम वजनी है। इसमें दो स्क्रीन मिलेंगे, जिसमें 2.8 इंच का QVGA LCD प्राइमरी स्क्रीन और 0.9 इंच की सेकेंडरी मोनोक्रोम पैनल मिलेगा, जिसमें टेक्स्ट और कॉल्स के नोटिफिकेशन दिखाई देंगे। यह एंड्ऱॉयड ओएस पर काम करता है, इसमें 1470 एमएएच बैटरी दी गई है।
8 जीबी का इंटरनल स्टोरेज मिलेगा
इसमें SOS बटन भी दी गई है। इमरजेंसी में इस बटन को तीन बार दबाने पर प्री-रजिस्टर्ड फोन नंबर पर इमरजेंसी एसएमएस और लोकेशन की जानकारी पहुंच जाएगी। इसमें T9 कीपैड है जिसमें एआई वॉयस सर्विस को एक्सेस करने के लिए हॉट-की दी गई है। फोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 210 चिपसेट से लैस है। इसमें 1 जीबी रैम और 8 जीबी का स्टोरेज मिलेगा।
टोयोटा ने अपने 4th जनरेशन हैरियर एसयूवी को ऑफिशियली पेश कर दिया है। यह कंपनी के TNGA प्लेटफार्म पर बेस्ड है, जो थर्ड जनरेशन हैरियर की तुलना में ज्यादा स्पोर्टी है। कंपनी ने इसके डिजाइन में कई सारे बदलाव किए हैं। इसमें लंबा बोनट, बड़े एयर डैम, क्रोम एलीमेंट्स, स्लिम एलईडी हेडलाइट्स और टेल लाइट्स दिए गए हैं। फिलहाल कंपनी ने इसकी भारत में लॉन्चिंग को लेकर कोई सफाई नहीं दी है। हालांकि इसे इस साल इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च किया जा सकता है। फिलहाल इसकी कीमत को लेकर भी कंपनी ने कोई ऐलान नहीं किया है। कंपनी ने फर्स्ट जनरेशन हैरियर का 1990 में लॉन्च किया था।
12.3 इंच का टचस्क्रीन मिलेगा
केबिन की बात करें तो इसमें 12.3 इंच का बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलेगा जो डैशबोर्ड के ठीक सेंटर में स्थित है। एसी के लिए भी टच कंट्रोल्स दिए गए हैं तो स्क्रीन के नीचे दिए गए हैं जिसकी बगल में इंजन स्टार्ट-स्टॉप बटन मिलता है। इसमें बड़ा सा इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिए गया है, जिसके दोनों और डायल लगे हैं।
कई एडवांस्ड फीचर्स से लैस है टोयोटा हैरियर
इसके अलावा इसमें जेबीएल ऑडियो सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक पैनोरमिक सनरूप, कंपनी का सेफ्टी सेंस कोलिजन मिटिगेशन सिस्टम, डिजिटल रियर व्यू मिरर समेत कई एडवांस्ड फीचर्स से लैस है। कंपनी का कहना है कि इसके हाइब्रिड मॉडल में 100V AC/ 1,500W पावर आउटलेट मिलेगा, जिसे कार पावर जनरेटर की तरह इस्तेमाल करेगी।
दो तरह के इंजन ऑप्शन मिलेंगे।
टेक कंपनी लेनोवो जल्द ही अपने लीजन गेमिंग स्मार्टफोन को लॉन्च करने की तैयारी में है। इसकी खासियत यह है कि इसमें 90W अल्ट्रा फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलेगा। हाल ही में कंपनी ने चीनी सोशल नेटवर्किंग साइट वीबो पर पोस्टर जारी कर इसकी जानकारी दी। यह दुनिया का पहला स्मार्टफोन होगा, जिसमें इतनी दमदार पावर सप्लाई मिलेगी। हालांकि वीवो और श्याओमी भी 100W/120W चार्जिंग सपोर्ट वाले स्मार्टफोन पर काम कर रही है, लेकिन दोनों ही कंपनियां इन्हें इस साल लॉन्च नहीं करेंगी।
हालांकि लेनोवो ने फिलहाल यह जानकारी नहीं दी है कि 90 वॉट फास्ट चार्जिंर कितने समय में बैटरी को फुल चार्ज करेगा। बाजार में पहले से उपलब्ध ओप्पो रेनो ऐस स्मार्टफोन में 65 वॉट सुपरVOOC फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलता है, जो 4000 एमएएच बैटरी को 30 मिनट में 0 से 100 फीसदी चार्ज करता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि लेनोवो लीजन गेमिंग फोन का चार्जर सिर्फ 20 मिनट में बैटरी को फुल चार्ज करेगा।
मिलेगा स्नैपड्रैगन 865 प्रोसेसर
कंपनी ने यह भी कंफर्म किया कि लेनोवो का अपकमिंग लीजन स्मार्टफोन क्वालकॉम के लेटेस्ट प्रोसेसर स्नैपड्रैगन 865 से लैस होगा। यही चिपसेट ब्लैक शार्क 3 और ब्लैक शार्क 3 प्रो गेमिंग स्मार्टफोन में मिलता है। इसके अलावा कंपनी ने यह भी बताया कि फोन ग्राउंड ब्रेकिंग कूलिंग टेक्नोलॉजी से लैस होगा। यानी समझा जा सकता है कि कंपनी अपने यूजर्स को मजबूत और स्मूद गेमिंग एक्सपीरियंस देना चाहती है।
मिल सकती है 5050 एमएएच बैटरी
कयास लगाए जा रहे हैं कि फोन में 144 हर्ट्ज रिफ्रेश्ड रेट वाला डिस्प्ले मिलेगा, जो नुबिया रेड मैजिक 5जी स्मार्टफोन में भी मिलती है। इसमें 5050 एमएएच की बड़ी बैटरी मिल सकती है। इसके अलावा इसमें ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप, यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट भी मिलने की उम्मीद है। बाजार में लीजन स्मार्टफोन का मुकाबला ब्लैक शार्क, नुबिया, आईकू और आसुस के गेमिंग स्मार्टफोन से देखने को मिलेगा।
25 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन अब 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया। लॉकडाउन का फायदा सबसे ज्यादा शॉर्ट फॉर्मेट वीडियो ऐप टिकटॉक को मिल रहा है। लॉकडाउन के दौरान गूगल प्ले स्टोर से इसे सबसे ज्यादा इन्स्टॉल किया गया है। जिसके चलते इसका ऑलटाइम इन्स्टॉलेशन 1 बिलियन यानी 100 करोड़ के पार पहुंच चुकाहै। लॉकडाउन के दौरान देश में फ्री कैटेगरी वाले ऐप्स में सबसे ज्यादा इन्स्टॉल होने वाला तीसरा टॉप है। दूसरे नंबर पर जूम और पहले नंबर पर सरकार द्वारा लॉन्च किया गया आरोग्य सेतु ऐप है।
सबसे ज्यादा टिकटॉक वीडियो की शेयरिंग
इन दिनों सोशल प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा टिकटॉक के वीडियो वायरल हो रहे रहे हैं। वॉटसऐप, हैलो, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे कई सोशल प्लेटफॉर्म पर टिकटॉक के फनी वीडियो शेयर हो रहे हैं। ज्यादातर टिकटॉक यूजर्स लॉकडाउन के दौरान घर पर बैठे-बैठे फनी वीडियो बना रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीय यूजर्स इस टिकटॉक वीडियो बना रहे हों, बल्कि यूएस में भी इस ऐप का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। जनवरी 2020 में टिकटॉक को यूएस यूजर्स ने एपल ऐप स्टोर के साथ गूगल प्ले स्टोर पर भी सबसे ज्यादा डाउनलोड किया।
हाल ही में टिकटॉक की पेरेंट कंपनी बाइट डांस ने भारत को डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ की मदद औरमेडिकल इक्युपमेंट खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं। टिकटॉक की लोकप्रियता और डाउनलोड संख्या में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि लॉकडाउन पीरियड में करोड़ों लोगों के एंटरटेनमेंट का पहला प्लेटफॉर्म बन सकता है। यूजर्स के एंटरटेनमेंट में रुकावट न आए इसके लिए कंपनी ने स्ट्रीमिंग क्वालिटी को गिरा दिया है ताकि इंटरनेट पर अधिक दबाव न पड़े।
टिकटॉक का टेक्निकल स्पेसिफिकेशन
इस ऐप का साइज 84MB है। इस अब तक 1,000,000,000 से ज्यादा बार इन्स्टॉल किया जा चुका है। इस ऐप को एंड्रॉयड 4.1 जैली बीन और उससे ऊपर के ऑपरेटिंग सिस्टम पर इन्स्टॉल कर सकते हैं। ऐप पर 19,100,529 लोगों ने इसे 4.5 स्टार रेटिंग दी है।
गूगल ने एंड्रॉयड डिवाइस यूजर्स के लिए ब्रेल की बोर्ड टॉकबैक लॉन्च कर दिया है। इसे खासतौर से दृष्टिबाधित यूजर्स के लिए तैयार किया गया है। कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि गूगल में ब्रेल डेवलपर्स के अलावा ब्लाइंड और लो-विजन जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के साथ मिलकर इसे कीबोर्ड को तैयार किया है।
इसमें स्टैंडर्ड 6 बटन लेआउट मिलेगा
उन्होंने बताया कि इसे वे लोग आराम से इस्तेमाल कर सकेंगे जिन्होंने ब्रेल में पहले कभी टाइपिंग की हो। इसमें स्टैंडर्ड 6 बटन लेआउट दिया गया है। हर बटन 6 ब्रेल डॉट्स में से एक का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे टैप करने पर, कोई भी अक्षर या प्रतीक बनता है। उदाहरण के तौर पर ए टाइप करने के लिए 1 डॉट को दबाना होगा और बी टाइप करने के लिए डॉट 1 और 2 दोनों को एक साथ दबाना होगा। यह एंड्रॉयड के डॉक्युमेंट्स से लेकर जीमेल तक सभी टेक्स्ट फील्ड में काम करेगा। साथ ही अक्षर और शब्द को डिलीट करने की सुविधा भी देगा।
एंड्रॉयड 5.0 या उससे लेटेस्ट वर्जन में काम करेगा
ब्रेल कीबोर्ड को एंड्रॉयड 5.0 लॉलीपॉप या उससे लेटेस्ट वर्जन के एंड्रॉयड ओएस पर चलने वाले डिवाइस के लिए लॉन्च किया गया है। इसे इस्तेमाल करने के लिए कोई एडिशनल ऐप या हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ती। गूगल ने बताया कि ब्रेल की-बोर्ड यूज करने के लिए सेटिंग के एक्सेसिबिलिटी सेक्शन में जाकर टॉकबैक ऑन करना होगा। ऑन होने के बाद यह कीबोर्ड सभी ऐप्स के साथ काम करेगा।
जापान की कंपनी जियो ने ब्लूटूथ स्पीकर ग्रावास्टर पेश किया है। कंपनी ने इसे काफी यूनिक कॉन्सैप्ट में डिजाइन किया है। देखने में यह मैटेलिक स्पाइडर रोबोट सा दिखता है और इसे इस तरह से सजाया गया है जैसे यह किसी युद्ध में क्षतिग्रस्त हुआ हो। स्पीकर में हैंड पेंटेड जिंक अलॉय शेल दिया गया है जिसमें बिल्ट-इन एलईडी लाइट्स लगी हैं जो गाने की रिदम से साथ फ्लैश होती है।
20 वॉट का है स्पीकर
यह 20 वॉट का स्पीकर ट्रायंगुलर सपोर्ट स्ट्रक्चर में लगा है और इसे शॉक-एब्जॉर्बर डिजाइन दिया गया है, जिससे स्टेब्लाइज्ड साउंड क्लालिटी मिलती है। कंपनी जल्द ही इसे अलग-अलग तरह के कलर, मटेरियल और शेप में बनाने पर काम कर रही है। इसके अलग-अलग पार्ट्स पर अलग फंक्शन होंगे।
सिंगल चार्जिंग में 30 घंटे चलेगा
यह डिवाइस ऑक्स केबल के साथ आता है। इसमें चार्जिंग और पेयरिंग के लिए यूएसबी टाइप सी और यूएसबी 2.0 केबल मिलती है। गेमिंग और म्यूजिक स्ट्रीमिंग के लिए इस्तेमाल करने के लिए इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी की सुविधा मिलती है। बेहतरस्टीरियो आउटपुट के लिए दो ग्रावास्टर स्पीकर्स को एक साथ लिंक किया जा सकता है। एक बार चार्ज करने पर यह 30 घंटे तक चलेगा।
कोरोना से निपटने के लिए देश के आईआईटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थान लगातार नए इनोवेशन कर रहे हैं। हाल ही में आईआईटी-बॉम्बे की टीम ने स्मार्ट स्टेथोस्कोप तैयार किया है। इसकी मदद से कोरोना संक्रमितों के सीने की आवाज को दूर से सुना जा सकेगा और रिकॉर्ड भी किया जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि इससे डॉक्टरों को संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा। स्मार्ट स्टेथोस्कोप से मरीज के सीने का ऑस्कल्टेटेड (auscultated) साउंड और डेटा ब्लूटूथ की मदद से डॉक्टर तक पहुंचेगा, जिससे उन्हें मरीजों के नजदीक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आईआईटी-बॉम्बे को डिवाइस का पेटेंट मिला
आईआईटी-बॉम्बे की टीम को इस डिवाइस का पेटेंट भी मिल चुका है। ये मरीज की ऑस्कल्टेटेड साउंड को रिकॉर्ड करेगा और उसके हेल्थ रिकॉर्ड के रूप में स्टोर करेगा। इसे एनालिसिस और फॉलोअप लेने के लिए अन्य डॉक्टरों के साथ साझा भी किया जा सकेगा।
स्टार्टअप 'आयुडिवाइस' ने इसे तैयार किया
कैसे काम करेगा स्मार्ट स्टेथोस्कोप
कार का म्यूजिक सिस्टम बनाने वाली कंपनी Pioneer (पायनियर) ने डिटेचेबल मल्टीपर्पज टैबलेट कोम्बो लॉन्च किया है। इसकी कीमत 33,890 रुपए है। इसमें SDA-835TAB टैबलेट और SPH-T20BT रिसीवर शामिल है। इसे खासतौर से ऐसे लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, जो सफर के दौरान क्वालिटी एंटरटेनमेंट पसंद करते हैं। यह एंड्रॉयड ओएस पर काम करता है साथ ही यह हाई रेजोल्यूशन डिस्प्ले से लैस है। कंपनी का दावा है कि इसमें बढ़िया क्वालिटी का साउंड, हाई-एंड सेफ्टी फीचर्स समेत नेवीगेशन और एंटरटेनमेंट बेस्ड कई प्री-लोडेड ऐप्स मिलेंगे।
इसमें 8 इंच का एचडी डिस्प्ले मिलेगा
इसमें SDA-835TAB टैबलेट है, जो 8 इंच के हाई रेजोल्यूशन टच स्क्रीन डिस्प्ले से लैस है। कंपनी का कहना है कि यह अपनी तरह का पहला मल्टी पर्पज टैबलेट है, जिसे कार के अंदर और बाहर दोनों जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। टैब एंड्ऱॉयड ओएस पर काम करता है। इसमें कई प्री-इंस्टॉल ऐप्स मिलेंगी जिसमें गूगल मैप, यूट्यूब, जीमेल और पायनियर की यूनिक ऐप पायनियर स्मार्ट सिंक ऐप समेत कई ऐप शामिल हैं। नेटवर्क से कनेक्ट रहने पर यह ऐप ऑटोमैटिक अपडेट होती है। इसमें पारंपरिक रेडियो और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के जरिए म्यूजिक सुनने की बजाए अन्य म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप से भी गाने सुनने की सुविधा मिलती है। इसे रेगुलर इन-कार इंफोटेनमेंट सिस्टम की तरह इस्तेमाल करने के लिए टैबलेट को SPH-T20BT रिसीवर से ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट करनी की जरूर पड़ती है।
रियर कैमरा का भी काम करेगा
डिस्प्ले की बात करें तो SDA-835TAB टैबलेट में 1280*800 आईपीएस डिस्प्ले है। लॉग्न ड्राइव के दौरान इस पिछली सीट से भी यूज किया जा सकता है। इसमें 4000 एमएएच बैटरी है। यह रियर व्यू कैमरे से कनेक्टेड है, जिसमें कार रिवर्स करते समय पीछे का व्यू दिखता है।
लंबे समय से भारतीय सुजुकी जिम्नी का इंतजार कर रहें हैं। कंपनी ने हाल ही में इसे दिल्ली ऑटो एक्सपो में भी शोकेस किया था। जिसके बाद इसकी लॉन्चिंग को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। अगर आप भी जिम्नी को खरीदने के लिए इसकी लॉन्चिंग का बेसब्री से इंजतार कर रहे हैं, तो सवाल-जवाब में जानिए कि यह खूबसूरत कार कब और कितने वैरिएंट में लॉन्च होगी...
क्या जिम्नी भारतीय बाजार में लॉन्च होगी?
भारत में जिम्नी का कौनसा मॉडल आएगा?
कौन से इंजन-गियरबॉक्स ऑप्शन में मिलेगी जिम्नी?
भारत में कितनी होगी कीमत?
लॉकडाउन खत्म होने के बाद बजट स्मार्टफोन खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि इस समय घर बैठकर ही थोड़ी रिसर्च कर ली जाए ताकि फोन खरीदते वक्त कंफ्यूजन न हो। हम बता रहे हैं 8 हजार से कम कीमत में पांच ऐसे स्मार्टफोन, जिसमें न सिर्फ बड़ा डिस्प्ले और बैटरी मिलेगी बल्कि बढ़िया कैमरा भी मिल जाएगा....
रेडमी 8A डुअल, शुरुआती कीमत 6999 रुपए
रेडमी 8A, शुरुआती कीमत 6999 रुपए
रियलमी 3, शुरुआती कीमत 7999 रुपए
टेक्नो स्पार्क गो प्लस, कीमत 6299 रुपए
वीवो 91i, कीमत 7990 रुपए
एपल एक नए फीचर क्लिप्स पर काम कर रहा है। इस फीचर की मदद से यूजर किसी भी ऐप को डाउनलोड किए बिना इस्तेमाल कर सकेगा। यह फीचर आईओएस 14 की बिल्ट में भी स्पॉट किया जा चुका है। 9टू5मैक की रिपोर्ट के मुताबिक, क्यूआर कोड स्कैन के जरिए ऐप के कुछ फंक्शन्स को इस्तेमाल करके उसका एक्सपीरियंस ले सकेंगे। इस फीचर के आने से ऐप के किसी स्पेसिफिक फीचर का ट्रायल लेने के लिए पूरी ऐप को इंस्टॉल नहीं करना पड़ेगा। ये ठीक वैसे ही कम करेगी जैसे एंड्रॉयड में स्लाइल फीचर काम करता है।
वर्तमान में आईओएस पर कोई लिंक खोलते हैं या क्यूआर कोड स्कैन करते हैं तो से सफारी ब्राउजर में खुलती है। लेकिन ऐप्स में ये यूनिवर्सल लिंक देने का ऑप्शन होता है कि, जो इंस्टॉल होने के बाद ये सफारी की बजाए ऐप पर खुलता है। लेकिन क्लिप्स के आने के बाद ये बदल जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, एपल यूजर को इंटरैक्टिव और डायनामिक कंटेंट एक्सपीरियंस देना चाहता है। बिल्ट में क्लिप्स APIसीधे क्यूआर कोड रीडर से जुड़ी है।
फ्लोटिंग कार्ड में देख सकेंगे कंटेंट
आईओएस यूजर किसी ऐप में लिंक कोड को स्कैन करेगा, तो वह स्क्रीन पर दिख रहे कार्डनुमा इंटरफेस में उससे डायरेक्ट इंटरैक्ट कर सकेगा। उदाहरण के तौर पर अगर यूजर को कोई यूट्यूब वीडियो के जरिए कोई लिंक मिलती है, लेकिन उसके आईफोन या आईपैड में ऑफिशियल ऐप इंस्टॉल नहीं है, ऐसे में सिर्फ उस कोड को स्कैन करना होगा और वीडियो प्लोटिंग कार्ड में प्ले हो जाएगा। इस फ्लोटिंग कार्ड में ऐप के फुल वर्जन को ऐप स्टोर से डाउनलोड करना का ऑप्शन रहेगा।
टीवीएस ने भारतीय बाजार में लॉकडाउन के बीच अपनी नई BS6 टीवीएस रेडॉन बाइक लॉन्च कर दी गई है। बाइक की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 58,992 रुपए है। बाइक को तीन वैरिएंट में लॉन्च किया गया है। ये BS4 मॉडल की तुलना में 6,000 रुपए ज्यादा महंगी है।
टीवीएस रेडॉन के सभी वैरिएंट की कीमत
वैरिएंट | कीमत |
बेस ट्रिम | 58,992 रुपए |
ड्रम स्पेशल एडिशन | 61,992 रुपए |
डिस्क स्पेशल एडिशन | 64,992 रुपए |
बाइक का इंजन और माइलेज
इसमें 109.7cc का BS6 पेट्रोल इंजन दिया है। ये 8.08hp का पावर और 8.7Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। नए इंजन का पावर पुराने इंजन (BS4) की तुलना में 0.12hp कम हो गया है। हालांकि, टॉर्क एक समान है। कंपनी का दावा है कि नया BS6 इंजन फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के साथ आता है, जिससे ये 15 प्रतिशत तक फ्यूल सेविंग करेगा। इंजन फोर स्पीड गियरबॉक्स से लैस होगा।
बाइक के स्पेशल एडिशन में 130mm ड्रम ब्रेक दिया है। वहीं, एक अन्य वैरिएंट के फ्रंट में 240mm डिस्क ब्रेक दिया है। बाइक पुराने मॉडल की तुलना में 2 किलोग्राम ज्यादा वजनी है। इसमें 10 लीटर का फ्यूल टैंक दिया है।
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब ज्यादातर लोगों का रुझान ज्यादा माइलेज देने वाली गाड़ियों की तरफ बढ़ रहा है। हाल ही में बीएस6 एमिशन नॉर्म्स भी लागू हुए हैं। ऐसे में बीएस4 मॉडल्स में जितना पावर और माइलेज मिलता था, वो आंकड़ा बीएस6 मॉडल्स में आकर बदल गए हैं। ऐसे में अगर आप नई कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं लेकिन कंफ्यूज है कि कौन से बीएस6 मॉडल में अच्छा माइलेज मिलेगा, तो ARAI (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अनुसार जानें कौन से हैं वो बजट मॉडल्स, जिसमें बेहतर माइलेज मिल सकता है..
मारुति सुजुकी डिजायर (ऑटोमैटिक), माइलेज: 24.12kmpl
डिजायर हमेशा से ही मारुति की बेस्ट सेलिंग सेडान रही। हाल ही में इसका फेसलिफ्ट वर्जन आया जिसमें 1.2 लीटर K12B पेट्रोल इंजन को 1.2 लीटर K12C इंजन से रिप्लेस कर दिया गया। हालांकि इसमें डुअल बैटरी सेटअप नहीं मिलता है। यह पहले से 7 हॉर्स पावर ज्यादा ताकतवर हो गया है। इसके 5 स्पीड मैनुअल वर्जन में 23.26kmpl जबकि 5 स्पीड ऑटोमैटिक में 24.12kmpl का माइलेज मिलता है। इसकी कीमत 5.89 लाख रुपए से 8.81 लाख रुपए तक है।
टोयोटा ग्लांजा/ मारुति सुजुकी बलेनो, माइलेज: 23.87kmpl
ग्लांजा और बलेनो दोनों अलग-अगग कंपनी के प्रोडक्ट जरूर है लेकिन दोनों एक ही प्लेटफार्म लगा है। ARAI के मुताबिक इनमें 23.87kmpl का माइलेज मिलता है। इनमें 1.2 लीटर का इंजन है, जिसके साथ इंटीग्रेटेड स्टार्टर जनरेटर और 12 वोल्ट बैटरी है। इसमें 90 हॉर्स पावर की ताकत मिलती है। इनकी कीमत में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। टोयोटा ग्लांजा की शुरुआती कीमत 7.22 लाख रुपए है जबकि बलेनो की शुरुआती कीमत 7.33 लाख रुपए है। दोनों ही हैचबैच 83 हॉर्स पावर वाला 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन ऑप्शन भी अवेलेबल है।
रेनो क्विड 1.2 ऑटोमैटिक, माइलेज: 22.5kmpl
यह रेनो की बेस्ट सेलिंग कार में से एक है। यह 54 हॉर्स पावर वाले 0.8 लीटर और 68 हॉर्स पावर वाले 1.0 लीटर इंजन से लैस है। 1.0 लीटर पेट्रोल ऑटोमैटिक में 22.5kmpl माइलेज मिलता है जबकि 0.8 लीटर वाले मॉडल में 22.3kmpl का माइलेज मिलता है। जबकि 1.0 लीटर 5 स्पीड मैनुअल मॉडल में 21.7kmpl का माइलेज मिलता है। इसकी कीमत 2.92 लाख रुपए से 5.01 लाख रुपए तक है।
मारुति सुजुकी अल्टो, माइलेज: 22.05kmpl
यह कंपनी का सबसे छोटा मॉडल है। इसमें 48 हार्स पावर वाला 0.8 लीटर का पेट्रोल इंजन है, जिसमें 22.05kmpl का माइलेज मिलता है। इसकी कीमत 2.95 लाख रुपए से 3.90 लाख रुपए तक है। इसके सीएनजी वैरिएंट की कीमत 4.33 लाख रुपए से 4.36 लाख रुपए तक है। इसमें एक किलो गैस में 31.59 किलोमीटर तक चलती है।
मारुति सुजुकी वैगनआर, माइलेज: 21.79kmpl
यह कंपनी की बेस्ट सेलिंग हैचबैक है। यह 68 हॉर्स पावर वाले 1.0 लीटर इंजन के साथ 83 हॉर्स पावर वाले 1.2 लीटर इंजन ऑप्शन में अवेलेबल है। 1.0 लीटर इंजन में 21.79kmpl का माइलेज मिलता है जबकि 1.2 लीटर में 20.52kmpl का माइलेज मिलता है। दोनों में मैनुअल के साथ 5 स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन भी अवेलेबल है। इसकी कीमत 4.45 लाख रुपए से 5.95 लाख रुपए तक है।
एमजी मोटर्स ने अपनी पॉपुलर एसयूवी हेक्टर का बीएस6 डीजल मॉडल लॉन्च कर दिया है। इसकी शुरुआती कीमत 13.88 लाख रुपए है जबकि टॉप वैरिएंट की कीमत 17.73 लाख रुपए है। बीए,स6 अपडेशन के बात कार की कीमत में 40 हजार से 45 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हो गई है। बीएस6 हेक्टर के सुपर वैरिएंट की कीमत 14.88 लाख रुपए और स्मार्ट वैरिएंट की कीमत 16.33 लाख रुपए है।
पहली की तरह ही मिलेगा 2.0 लीटर का इंजन
टॉप वैरिएंट में मिलेगा 360 डिग्री सराउंड कैमरा
बीएस6 हेक्टर के फीचर्स में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। इसमें एबीएस विद ईबीडी, रिवर्स पार्किंग सेंसर, डुअल फ्रंट एयरबैग्स, हिल होल्ड और ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम है जो सभी वैरिएंट में मिलते हैं। हालांकि टॉप वैरिएंट में इन सभी फीचर्स के अलावा पावर्ड टेल गेट, 6 एयरबैग्स, 360 डिग्री सराउंड कैमरा, रेन सेसिंग वाइपर्स, पैनोरमिक सनरूफ और हीटेड आउट साइड मिरर मिलेंगे।
कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों एवं स्वास्थ्य की समस्याओं को देखते हुए फोर्ड इंडिया भी सामने आई है। उसने कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों व समुदायों की मदद करने के लिए कई ऐलान किए हैं। जिसमें प्राइस प्रोटेक्शन, वारंटी एक्सटेंशन, सर्विस बेनिफिट जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं।
प्राइस प्रोटेक्शन: जिन ग्राहकों ने नई फोर्ड कार बुक कर दी है या फिर 30 अप्रैल तक बुक करना चाहते हैं, उन्हें डिलीवरी के वक्त संपूर्ण प्राइस प्रोटेक्शन मिलेगा।
वारंटी एक्सटेंशन: जिन फोर्ड कारों की फैक्ट्री या एक्सटेंडेड वारंटी 15 मार्च से 30 मई, 2020 के बीच खत्म हो रही है, उन्हें फोर्ड 30 जून, 2020 तक निशुल्क एक्सटेंशन प्रदान करेगा। जो ग्राहक एक्सटेंडेड वारंटी उत्पाद खरीदने की योजना बना रहे हैं, वो 30 जून तक ऐसा कर सकते हैं।
सर्विस बेनेफिट्स: फोर्ड सभी शेड्यूल्ड सर्विस बेनेफिट्स, जैसे निशुल्क सर्विस प्राप्त करने के लिए 30 जून, 2020 तक तीन माह का एक्सटेंशन प्रदान कर रहा है। इस अवधि में फैक्ट्री वारंटी या एक्सटेंडेड वॉरंटी प्रभावित नहीं होगी।
कस्टमर केयर: फोर्ड अपने कस्टमर्स का ईमेल customail@ford.com या ट्विटर @FordIndiaHelp या फिर एसएमएस नंबर 56263 के माध्यम से ग्राहकों की शंकाओं का समाधान करेगी।
फोर्ड इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग, सेल्स व सर्विस) विनय रैना ने बताया कि हमारे कार्यबल, ग्राहकों व समुदायों का स्वास्थ्य व सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। हम इस महामारी से लड़ने के लिए ज्ञान से संसाधनों तक हर चीज को तैनात कर रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान लोग सोशल मीडिया ऐप्स का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। फेसबुक पर भी यूजर्स पहले की तुलना में ज्यादा एक्टिव हुए हैं। ऐसे में फेसबुक उन यूजर्स के लिए नया फीचर लेकर आया है, जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। इस फीचर का नाम क्वाइट मोड (Quiet Mode) है। दरअसल, वर्क फ्रॉम होम के दौरान यदि आप फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब क्वाइड मोड की मदद से आप पुश नोटिफिकेशन को पॉज कर पाएंगे। अभी फेसबुक में म्यूट पुश नोटिफिकेशन का फीचर है।
फेसबुक में यहां मिलेगा फीचर
क्वाइट मोड फीचर फेसबुक ऐप में Your Time One Facebook के अंदर मिलेगा। जिसे कंपनी ने 2018 में शुरू किया था। यहां से आप ये पता लगा सकते हैं कि कितना वक्त फेसबुक पर बिताते हैं। इतना ही नहीं, यहां से आप फेसबुक यूज करने के लिए लिमिट भी लगा सकते हैं। कंपनी के मुताबिक यूजर इस फीचर को मैनुअली भी इस्तेमाल कर सकता है। या इसे शेड्यूल भी किया जा सकता है। ताकि तय समय पर ये खुद से एक्टिव हो जाए।
ऐसे समझें : आप वर्क फ्रॉम होम के दौरान रोजाना 9 से 6 बजे तक बिजी रहते हैं। इस दौरान आपको फेसबुक के नोटिफिकेशन्स नहीं चाहिए, तो आप ये टाइमिंग इस मोड में सेट कर सकते हैं। जब इस दौरान आपको फेसबुक के नोटिफिकेशन नहीं मिलेंगे, तब आप काम पर ज्यादा फोकस कर पाएंगे।
फेसबुक क्वाइट मोड को टाइम स्पैंड की कैटेगरी में रखा गया है। इस तरह का फीचर आईफोन में भी होता है, जिसे स्क्रीन टाइम कहा जाता है। क्वाइट मोड के लिए स्क्रीन टाइम सेक्शन में कंपनी ने वीकली रिपोर्ट ऑप्शन भी ऐड किया है। जो यूजर को बताता है कि पूरे सप्ताह आप फेसबुक पर कितना टाइम स्पैंड कर रहे हैं।
क्वाइट मोड को इस्तेमाल करने की प्रोसेस
> सबसे पहले अपने फेसबुक अकाउंट को ओपन करें।
> अब मेन मेन्यू पर जाकर, Settings and Privacy पर टैप करें।
> अब Your Time on Facebook पर टैप करके Manage your Time पर टैप करें।
> यहां दो ऑप्शन Quiet Mode और Scheduled Quiet Mode दिखाई देंगे।
> Quiet Mode में जाकर नोटिफिकेशन ब्लॉक को एक्टिवेट कर सकते हैं।
> Scheduled Quiet Mode में जाकर आप फिक्स टाइम तक के लिए नोटिफिकेशन ब्लॉक कर सकते हैं।
आरपीजी लाइफ साइंस और सीनियर सिटीजन की ई-कॉमर्स प्लेटाफार्म कंपनी सीनियरिटी ने मिलकर सेफ सीनियर ऐप लॉन्च की है। यह एक प्रिडिक्टिव एनालिसिस टूल है जिसे सीनियर सिटीजन में कोरोना के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने के लिए डिजाइन किया गया है। ऑफिशियल रिलीज के मुताबिक, इसे संक्रमक रोग, कम्युनिटी मेडिसिन, क्लिनिकल फार्माकोलॉजी और कोविड-19 मैनेजमेंट फील्ड के एक्सपर्ट से परामर्श लेकर डिजाइन किया गया है।
भारत में लगभग 12 करोड़ सीनियर सिटीजन
इस समय जहां दुनिया कोरोना के प्रकोप से जूझ रही है वहीं भारत में भी इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जो सरकार और स्वास्थ्य संगठनों के साथ लोगों के लिए भी चिंता का विषय बनी हुई है। दुनिया के लगभग 209 देश इस वायरस की जद में आ चुके हैं और अबतक 95 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। यह वायरस सीनियर सिटीजन को आसानी से अपना शिकार बना रहा है। भारत में इनकी संख्या 12 करोड़ के लगभग है यानी इन्हें ज्यादा खतरा है।
भारत में लगभग 12 करोड़ सीनियर सिटीजन
ऐप के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर आयुष अग्रवाल में बताया कि सेफ सीनियर टूल को खासतौर से बुजुर्गों की कोरोना के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने के लिए बनाया गया है। बुजुर्गों को और उनके प्रिय जनों को ऐप में रोजाना कई महत्वपूर्ण मापदंड़ों के आधार पर जानकारी देनी होगी जैसे मौजूदा मेडिकल कंडीशन, ट्रैवल और लोगों से मिलने की हिस्ट्री और बुखार या सूखी खांसी जैसे प्रमुख लक्षणों के बारे में बताना होता है।
लाखों डेटा को रियल टाइम में एनालिसिस करने में सक्षम
उन्होंने बताया कि कुछ ही क्लिक से ऐप लगातार यूजर के स्वास्थ्य की निगरानी करता है। कंपनी का दावा है कि यह मजबूत एल्गोरिदम और डायनामिक हेल्थ कैपेबिलिटी से लैस है जो वास्तविक समय में ही लाखों डेटा का एनालिसिस करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ऐप ने सिर्फ बुजुर्गों और उनके प्रियजनों को कोरोना के रिस्क के बारे में जानकारी देता है बल्कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होने से पहले ही सही इलाज लेने की भी सलाह देता है।
12 भाषाओं में इस्तेमाल कर सकेंगे
फिलहाल ये ऐप 12 भाषाओं में काम करता है। इसका यूजर इंटरफेस काफी सरल है, इस कोई भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। इस ऐप से न सिर्फ सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को जनता तक पहुंचने में मदद मिलेगी बल्कि इससे उन्हें मेडिकल रिसोर्सेस आवंटित करने में भी आसानी होगी।
सीआईआई एंड बोस्टन कंसल्टिंग ग्रूप की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो साल में भारतीयों ने हर महीने करीब 3.7 अरब वीडियो देखे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म, स्पोर्ट स्ट्रीमिंग, वर्चुअल म्यूजिक कंसर्ट, सेल्फ एजुकेशन एंड लर्निंग कंटेट की वजह से वीडियो देखने में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं कोरोना के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण लोग घर पर वीडियो देखकर समय गुजार कर रहे हैं। मेट्रो सिटी में वीडियो देखने में 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन मूवीज का मजा लेना हो तो पहली जरूरत है फोन की स्क्रीन का बड़ा होना और दमदार बैटरी होना। जानिए कुछ ऐसे स्मार्टफोन के बारे में जो वीडियो देखने के हिसाब से बढ़िया कहे जा सकते हैं...
रियलमी C3, कीमत - 7,499 रुपए
फोन में 6.52-इंच एचडी+ डिस्प्ले लगा है। इसमें एचडी क्वालिटी में कंटेंट स्ट्रीम की जा सकती है। यह बड़ा डिस्प्ले मूवी, गेम्स और म्यूजिक का बेहतरीन एक्सपीरियंस देता है।। फोन में 5,000 एमएएच बैटरी लगी है जो 10वाट चार्जिंग सपोर्ट करता है। फुल चार्ज कर इसमें 23 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें 20 घंटे तक वीडियो देख सकते हैं, 10 घंटे गेम खेल सकते हैं।
रेडमी 8, कीमत - 8,999 रुपए
फोन में 6.22 इंच का आईपीएस एलसीडी एचडी प्लस डिस्प्ले है। डिस्प्ले को कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 प्रोटेक्शन मिलता है।फोन में 5000 एमएएच बैटरी है, जो सिंगल चार्ज करने में पूरे दिन तक आराम से चलती है, इसमें 18वाट फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट मिलता है। फोन के बॉक्स में 10वाट का चार्जर साथ आता है।
वीवो U10, कीमत - 9,990 रुपए
फोन में 6.35 इंच का एचडी प्लस डिस्प्ले है, जिसमें 729x1544 पिक्सल रेजोल्यूशन मिलता है। इस फोन वीडियो स्ट्रीमिंग और गेमिंग के लिहाज से बढ़िया है। फोन में 5000 एमएएच बैटरी है, जो 18वाट फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट करती है।
इंफिनिक्स S5 प्रो, कीमत- 9,999 रुपए
10 हजार रुपए की कम कीमत में इंफिनिक्स S5 प्रो एक बढ़िया स्मार्टफोन है। इसमें 6.53 इंच का फुल एचडी प्लस आईपीएस डिस्प्ले लगा है, जिसमें 91% स्क्रीन-टू-बॉडी रेशो मिलता है। फोन में 4000 एमएएच की बैटरी मिल जाती है जो 10वाट चार्जिंग के लिए सपोर्ट मिलता है।
कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े देश के उच्च संस्थान भी एकजुट होकर काम कर रहे हैं। एक तरफ भारत सरकार ने आरोग्य सेतु जैसे कोरोना ट्रैकिंग ऐप लॉन्च किया वहीं दूसरी ओर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) जैसे संस्थानों ने मिलकर 'गो कोरोना गो' और 'संपर्क-ओ-मीटर' जैसे ऐप्सतैयार किएहैं, जो कोरोना से बचने और सतर्क रहनेमें लोगों की मदद कर रहेहैं।
गो कोरोना गो ऐप
गो कोरोना गो ऐप को आईआईएससी ने डेवलप किया है, जो पता लगाता है कि कहीं यूजर ने कोरोना संक्रमितों या संदिग्धों के साथ यात्रा या रास्ता पार तो नहीं किया। ऐप इस काम के लिए स्मार्टफोन के जीपीएस और ब्लूटूथ के अलावा नेमपिछली कन्वर्सेशन को इस्तेमाल करता है। आईआईएससी के फैकल्टी मेंबर तारुण रंभा ने बताया कि ऐप दूर के संपर्कों के लिए संक्रमित होने की संभावना को समझने के लिए बैकएंड में टेम्परेरी नेटवर्क एनालिटिक्स का इस्तेमाल करता है। इससे यह बीमारी फैलने और सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों की पहचान करता है। उन्होंने आगे बताया कि ऐप आईसोलेशन और प्रॉक्जिमिटी स्कोर अलर्ट देता है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ने में भी मदद करता है। इसमें जियो-फेसिंग फीचर भी है जो खासतौर से उन लोगों के लिए जो खुद को क्वारैंटाइन किए हुए हैं। इसके अलावा ये उन लक्षणों के बारे में भी बताता है जिससे संक्रमित होने की संभावना हो सकती है।
संपर्क-ओ-मीटर ऐप
रंभा ने बताया आईआईटी रोपड़ के ए.बी. टेक स्टूडेंट्स ने संपर्क-ओ-मीटर बनाई है। ऐप मैप के जरिए उन जगहों की जानकारी मुहैया कराता है, जहां कोरोना से संक्रमित होने की सबसे ज्यादा संभावना है। यह ऐप कई सारे मापदंड़ों के आधार पर रिस्क स्कोर जारी कर यूजर को एहतियाती उपाय करने के लिए अलर्ट करता है जिसमें सेल्फ आइसोलेट और डॉक्टर से परामर्श लेने शामिल है।
कोरोनटाइन (CORONTINE) ऐप
आईआईटी मुंबई के स्टूडेंट्स ने मिलकर भी कोरोनटाइन ऐप डिजाइन की है। ऐप क्वारैंटाइन जोन छोड़ने पर संदिग्ध व्यक्ति को ट्रैक करने में मदद करेगा, जो कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसे ऐप को ऑथोराइज्ड एजेंसी द्वारा संदिग्ध व्यक्ति के फोन में इंस्टॉल किया जाएगा। ऐप समय समय पर यूजर की जीपीएस लोकेशन की जानकारी सुपरविजन कर रही एजेंसी के सर्वर पर पहुंचाती रहेगी। जैसे ही संदिग्ध जियो फेसिंग किए गए क्वारैंटाइन जोन को छोड़ेगा, यह तुरंत उसे ऑटो डिटेक्ट कर लेगा।
आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने भी ऐसी ऐप तैयार की है, जो ऐसे लोगों को ट्रैक करने में मदद करेगी जो कोविड-19 पॉजीटिव कें संपर्क में आए हैं। यह ब्लूटूथ की मदद से काम करता है। ऐप उन यूजर्स को अलर्ट करेगी जो बीते दिनों में संक्रमितों के नजदीक गए हों।
आईआईटी रुड़की ने भी ऐसी ऐप तैयार किया है। इससे संदिग्धों की निगरानी की जा सकती है साथ ही उनके आसपास जियो-फेसिंग तैयार की जा सकती है। जिसे ही क्वारैंटाइन पर्सन इस जियो फेसिंग को तोड़गा, ऐप तुरंत सिस्टम को अलर्ट कर देगा। जीपीएस के काम न करने की स्थिति में यह एसएमएस के जरिए अलर्ट करता है।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से कई लोगों को अचानक वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करना शुरू करना पड़ा। इसके लिए कई कंपनियों में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था। फिर भी सभी इसे अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। गूगल की हैंगआउट गूगल ड्राइव और माइक्रोसॉफ्ट की स्काइप व ड्रॉप बॉक्स जैसी सर्विसेस काफी पहले से हैं, जो वर्क फ्रॉम होम में मदद करती रही हैं। सहकर्मियों से जुड़े रहने के लिए वाट्सऐप, टेलीग्राम आदि भी इस्तेमाल हो रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम के बढ़ते चलन के कारण अब ढेरों नए टूल्स और ऐप्स भी आ गए हैं। सभी का उद्देश्य एक ही है- घर से काम करने को ज्यादा से ज्यादा आसान बनाना। हम आपके लिए कुछ ऐसी ही ऐप्स लेकर आए हैं..
ऑनलाइन वीडियो मीटिंग्स के लिए...
1. Zoom
रेटिंग: 4
डाउनलोड्स: 10 करोड़ से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड, आईओएस और विंडोज पर मुफ्त
क्या करता है: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप है, जिसमें स्क्रीन शेयर करने और इंस्टेंट मैसेज भेजने के विकल्प भी हैं। कॉन्फ्रेंसिंग के लिए एक बार में 100 से लोगों तक को जोड़ा जा सकता है। मीटिंग्स को रिकॉर्ड कर बाद में देखने की सुविधा भी है।
2. Microsoft Teams
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 1 करोड़ से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड, आईओएस और विंडोज पर मुफ्त
क्या करता है: इसमें वीडियो चैट, डॉक्यूमेंट शेयर करने और सहकर्मियों से चैटिंग की सुविधा है। साथ में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 365 का इस्तेमाल कर डॉक्यूमेंट, प्रेजेंटेशन और शीट्स आदि भी बना सकते हैं।ट
3. Team Viewer
रेटिंग: 3.5
डाउनलोड्स: 5 करोड़ से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड, आईओएस और विंडोज पर मुफ्त व पेड वर्शन
क्या करता है: इस टूल की मदद से डेस्कटॉप शेयर कर सकते हैं। यानी घर बैठे किसी ऐसे दूसरे डेस्कटॉप पर काम कर सकते हैं, जिसपर टीमव्यूअर हो। ऑनलाइन मीटिंग, वेब कॉन्फ्रेंसिंग और फाइल ट्रांसफर के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
चैट और मैसेज के लिए...
1. Basecamp 3
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 5 लाख से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड, आईओएस, विंडोज, मैक पर मुफ्त व पेड वर्शन
क्या करता है: इसमें मैसेज बोर्ड, चैट रूम और फाइल ऑर्गनाइजर जैसे सुविधाएं हैं। सीमित सुविधाओं वाला फ्री वर्शन छोटे प्रोजेक्ट्स को मैनेज के लिए अच्छा है। बड़ी टीम वाले प्रोजेक्ट 99 डॉलर का पेड वर्शन भी ले सकते है।
2. Slack
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 1 करोड़ से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड, आईओएस और विंडोज पर मुफ्त और पेड वर्शन
क्या करता है: यह कई संस्थानों द्वारा इस्तेमाल कि जा रहे सबसे मशहूर ऐप्स में से एक है। इसे माइक्रोसॉफ्ट ने बनाया है। मैसेजिंग, फाइल भेजने और डॉक्यूमेंट एडिट करने की सुविधाएं देता है। हालांकि इसके फ्री वर्शन में मैसेज की संख्या की लिमिट है।
प्रोजेक्ट या टास्क की निगरानी के लिए...
1. Trello
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 1 करोड़ से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड, आईओएस और विंडोज पर मुफ्त
क्या करता है: इस टूल की मदद से टीम के सदस्यों के काम का लेखाजोखा रख सकते हंै। टीम के सदस्यों के लिए टू-डू लिस्ट बना सकतें है, जहां सभी देख सकते हैं कि कौन-सा काम हुआ, कौन-सा बाकी है। इसपर कमेंट्स और लिंक्स भी शेयर की जा सकती हैं।
2. Asana
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 10 लाख से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड और आईओएस पर मुफ्त और पेड वर्शन
क्या करता है: फेसबुक के को-फाउंडर डस्टिन मोस्कोविट्ज की एस ऐप में एक प्रोजेक्ट पर काम कर 15 लोग जोड़े जा सकते हैं और उनके साथ टास्क लिस्ट शेयर कर सकते हैं। पेड वर्शन में टाइमलाइन, शेड्यूल और एडवांस रिपोर्टिंग जैसे फीचर्स भी हैं।
3. Harvest
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 1 लाख से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड और आईओएस पर मुफ्त
क्या करता है: इस ऐप से समय और खर्चों का हिसाब-किताब रखा जा सकता है। इसके जरिए इनवॉइस (बिल) की फोटो खींचकर खर्च का हिसाब रख सकते हैं। किसी सहकर्मी को प्रोजेक्ट या काम पूरा करने में कितना समय लगता, इसकी निगरानी कर सकते हैं।
डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट के लिए…
1. Quip
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 5 लाख से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड और आईओएस पर मुफ्त
क्या करता है: इसमें कैलेंडर, स्प्रैडशीट्स, वर्ड डॉक्यूमेंट बना सकते हैं और सहकर्मियों के साथ शेयर कर सकते हैं। डॉक्यूमेंट्स की अपडेट और एडिटिंग की हिस्ट्री लाइव देख सकते हैं। साथ ही कमेंट्स भी एड किए जा सकते हैं।
2. Box
रेटिंग: 4.5
डाउनलोड्स: 1 करोड़ से ज्यादा
कहां मिलेगा: एंड्रॉयड और आईओएस पर मुफ्त
क्या करता है: यह फाइल रखने के टूल्स गूगल ड्राइव और ड्रॉपबॉक्स का विकल्प है, जिनमें फाइल्स सुरक्षित रखी जा सकती हैं। फाइल सेव करने के लिए इस ऐप में ऑफिस 365, गूगल ऐप्स और स्लैक को भी जोड़ा जा सकता है।
ये ऐप्स प्रोडक्टिवटी बढ़ाएंगे...
कुछ लोग मानते हैं कि वर्क फ्रॉम होम में प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है क्योंकि घर में एकाग्रता से काम नहीं हो पाता। ये ऐप्स प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
Time Doctor: यह टाइम ट्रैकिंग ऐप है, जो एकाग्र रहने व काम की डेडलाइन पर नजर रखने में मदद करता है। इससे समय पर काम पूरा करने में मदद मिल सकती है। Hours और Toggle भी इसी तरह की चर्चित ऐप्स हैं।
Noisil: इस पेड ऐप में इस तरह के साउंड हैं जो एकाग्रता को बेहतर करने में मदद करते हैं। नेचर, बारिश, जंगल और मन को एकाग्र करने वाली विशेष ध्वनियां, जिन्हें व्हाइट नॉइज कहते हैं, इनमें शामिल हैं।
Doodle: घर से काम करने में एक समस्या यह भी होती है कि आपके काम पर सहकर्मियों का तुरंत फीडबैक नहीं मिल पाता। यह फ्री ऐप सहकर्मियों से किसी प्रोजेक्ट या टॉपिक पर तुरंत फीडबैक लेने में मदद करता है।
लॉकडाउन में लोग घर बैठे बोर न हो इसलिए एयरटेल, टाटा स्काई और डिश टीवी अपने चुनिंदा सर्विस चैनलों को ग्राहकों के लिए फ्री कर दिया है। एयरटेल और डिश टीवी ने अपने चार सर्विस चैनलों फ्री किया, जबकि टाटा स्काई के लगभग 10 चैनलों को ग्राहक फ्री कर दिया है। कंपनी ने हर उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर ये सुविधा शुरू की है, जिससें ग्राहक घर पर ही कुकिंग, डांसिंग और फिटनेस टिप्स सीख सकेंगे। तीनों कंपनियां ने 14 अप्रैल तक के लिए सुविधा मुहैया कराएंगी।
एयरटेल डिजिटल टीवी
एयरटेल डिजिटल टीवी ने चार चैनल को ग्राहकों के लिए फ्री किया है। इसमें आपकी रसोई, एयरटेल सीनियर और लेट्स डांस जैसे चैनल्स के साथ एयरटेल क्यूरियोसिटी स्ट्रीम शामिल है, जिसमें लॉकडाउन के दौरान घर पर ही सैकड़ों मूवी का लुफ्त उठाया जा सकेगा।
चैनल का नाम | चैनल नंबर |
आपकी रसोई | 407 |
एयरटेल क्यूरियोसिटी स्ट्रीम | 419 |
सीनियर टीवी | 323 |
लेट्स डांस | 113 |
डिश टीवी
डिश टीवी के ग्राहक आयुष्मान एक्टिव, फिटनेस एक्टिव, किड्स एक्टिव टून्स और किड्स एक्टिव राइम्स जैसे चैनलों को फ्री में देख सकेंगे।
चैनल का नाम | चैनल नंबर |
आयुष्मान एक्टिव | 130 |
फिटनेस एक्टिव | 132 |
किड्स एक्टिव टून्स | 956 |
किड्स एक्टिव राइम्स | 957 |
टाटा स्काई
टाटा स्काई ने लगभग 10 चैनलों को लॉकडाउन पीरियड के दौरान ग्राहकों के लिए मुफ्त कर दिया है। इसमें डांस स्टूडियो, फन लर्न, कुकिंग और फिटनेस जैसे चैनल्स शामिल हैं।
चैनल का नाम | चैनल नंबर |
डांस स्टूडियो | 123 |
फन लर्न | 664/668 |
कुकिंग | 127 |
फिटनेस | 110 |
स्मार्ट मैनेजर | 701 |
वैदिक मैथ्स | 702 |
क्लासरूम | 653 |
इंग्लिश | 660 (हिंदी), 1424(तेलुगु) |
ब्यूटी | 119 |
जावेद अख्तर | 150 |
फ्री एक्सेस सुविधा देने के अलावा टाटा स्काई ने ग्राहकों को क्रेडिट फैसिलिटी भी मुहैया कराई है, जिसे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 080-61999922 मिल कॉल कर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसे खासतौर से ऐसे ग्राहकों के लिए लॉन्च की है, जो लॉकडाउन के कारण अपना अकाउंट रिचार्ज नहीं करा पा रहे हैं।
वॉट्सऐप ने कोरोना वायरस से जुड़ी फेक न्यूज़ पर लगाम लगाने के लिए मंगलवार को मैसेज फॉरवर्ड करने की लिमिट में बदलाव किए। अब यूजर्स किसी मैसेज को एक बार में सिर्फ एक चैट पर ही शेयर कर सकेंगे। इससे पहले किसी मैसेज को एक बार में पांच लोगों को भेजने की सुविधा थी। यह लिमिट खासतौर से उन मैसेज के लिए रहेगी जिन्हें पहले ही पांच या उससे अधिक बार फॉरवर्ड किया जा चुका है।
फॉरवर्ड मैसेज शेयर में आएगी 25 फीसदी की कमी
मतलब अब एक समय पर सिर्फ एक चैट पर ही भेजा जा सकेगा। वॉट्सऐप पर फ्रिक्वेंटली फॉरवर्डेड मैसेज के साथ उपर की ओर डबल टिक दिखेगा। वॉट्सऐप का कहना है कि पहले फ्रिक्वेंटली फॉरवर्डेड मैसेज को सिर्फ 5 लोगों को भेजने की सीमा थी। लेकिन अब इस लिमिट को एक कर दिया गया है जिससे फॉरवर्ड मैसेज शेयर होने में 25% की कमी आएगी।
कोरोनावायरस के दौरान मैसेज फॉरवर्ड में 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज
हाल ही में वॉट्सऐप की ओर से अपने यूज़र्स के लिए फॉरवर्ड मैसेज की प्रमाणिकता जांचने के लिए सर्च विकल्प पेश करने की जानकारी सामने आई थी, जिसमें यूज़र वॉट्सऐप पर आई किसी खबर को सर्च करके यह पता लगा सकता है कि खबर सही या है फेक। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से वॉट्सऐप मैसेज फॉरवर्ड करने में 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
21 दिनों का लॉकडाउन जारी
जैसा कि सभी जानते हैं COVID-19 यानी कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरी दुनिया इस वक्त लॉकडाउन से गुज़र रही है, भारत में भी इन दिनों 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। ऐसे में जब हर कोई अपने घरों में बंद है, तो बाहरी दुनिया से जुड़ने के लिए लोगों का रुख ऑनलाइन बढ़ गया है। साथ ही वॉट्सऐप फॉरवर्ड मैसेज में इजाफा देखा गया है।
गूगल ने हाल ही में पिक्सल 4 स्मार्टफोन के लिए नया अपडेट जारी किया। इसी अपडेट में कंपनी ने अप्रैल 2020 एंड्रॉयड सिक्योरिटी पैच रोल आउट किया। इसअपडेट मेंपिक्सल 4 स्मार्टफोनयूजर्स को आई-ओपन फीचर मिला है, जो फेस अनलॉक से जुड़ा है। यह फोन को ज्यादा बेहतर सिक्योरिटी मुहैया कराएगा।आई-ओपन फीचर की खासियत यह है कि इसकी मददसेफेस अनलॉक तभी काम करेगाजब यूजर की आंखें खुली होंगी।
कंपनी ने इस फीचर के बारे में करीब 6 महीने पहले ऐलान किया था। नए अपडेट में आया यहफीचर फोन में ऑटोमैटिक इनेबल हो जाएगा। हालांकि यूजर को इसे डिसेबल कर सकेंगे।आई-ओपन फीचर के न होने से कोई भी यूजर के सोते समय उसका चेहरा दिखाकर फोन को ऑनलॉक कर सकता था लेकिन इस फीचर के आने के बाद जब तक आंखें खुली नहीं रहेगी तो कोई भी फोन अनलॉक नहीं कर सकेगा।
गूगल पिक्सल 4 फोन में मोस्ट एडवांस्ड फेस अनलॉक हार्डवेयर है। कंपनी अपने फोन को आईफोन से भी बेहतरकरने पर काम कर रही है। एपल का बायोमैट्रिक सिक्योरिटी सिस्टम काफी मजबूत है। आईफोन और आईपैड में भी आंखें खुली रहने पर ही फेस अनलॉककाम करता है। गूगल ने फोन में कॉल्स के दौरान ब्लूटूथ ऑडियो इनपुट और कीबोर्ड में आने वाली खामियों को भी ठीक किया है
आज वर्ल्ड हेल्थ डे है। ऐमे में गूगल ने बिना थके, बिना रुके कोरोना महामारी से लड़ रहे दुनियाभर के हेल्थ वर्करों और शोधकर्ताओं को डूडल डिजाइन कर ट्रिब्यूट दिया है। इस डूडल में एनिमेटेड G अक्षर आखिरी अक्षर e को प्यार दिखाता नजर आ रहा है, जो रिसर्च वर्क में लगा है। कंपनी ने बताया कि आज से डूडल सीरीज की शुरुआत की जा रही है, जो खासतौर से कोरोना से लड़ रहे हेल्थ वर्कर्स को डेडिकेटेड होगी।
सुंदर पिचई ने ट्वीट के जरिए बताया कि आज से हम गूगल डूडल सीरीज की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो खासतौर से कोरोनावायरस से लड़ कर लोगों क जान बचाने में लगे फाइटर्स को डेडिकेटेड होगी। इसमें साइंटिफिक कम्यूनिटी के पब्लिक हेल्थ वर्कर और शोधकर्ता शामिल हैं, और हम अपनी तरफ से उनका शुक्रिया अदा करना चाहते हैं।
गूगल ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि कोरोनावायरस दुनियाभर में 200 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में सभी एकसाथ होकर एक दूसरे की मदद करने में लगे हैं। इस उपलक्ष्य में हम डूडल सीरीज लॉन्च करने जा रहे हैं, जिसमें बचाव कार्य में लगे लोगों को सम्मानित किया जाएगा। आज हम सभी डॉक्टर्स, नर्स और मेडिकल वर्कर को धन्यवाद करना चाहते हैं।
सुंदर पिचई का ट्वीट
भारत में 21 दिन का लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके चलते लोगों के साथ-साथ उनकी कारें भी घरों तक सीमित हो गई हैं। अगर कार लंबे समय तक एक जगह खड़ी रहती है तो इन्हें कुछ समय बाद चालू करने पर काफी परेशानियां आ सकती हैं। ऐसे में लंबे समय तक एक ही जगह पर खड़ी की गई कारों की देखभाल करना भी काफी जरूरी है। अगर आप कारदेखो की ये 5 बेसिक टिप्स फॉलो करेंगे तो आपको लॉकडाउन के बाद अपनी कार री-स्टार्ट करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
1. एक्सटीरियर को रखें साफ
एक जगह पर लंबे समय तक गाड़ी खड़ी रहने के कारण उस पर धूल और गंदगी जम जाती है। ऐसे में इसे साफ करने में एक तो ज्यादा समय लगता और कभी-कभार कार पर हमेशा के लिए दाग-धब्बे भी रह जाते हैं। ऐसे में हमें चाहिए कि हम सप्ताह में कम से कम दो बार अपनी कार को पानी से साफ करें और फिर कुछ समय के लिए इसे सूखने के लिए छोड़ दें। अगर आप कार को इंडोर में पार्क करके उसे कवर से ढक देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
2. इंटीरियर को रखें साफ
अक्सर देखा गया है कि जो लोग कार को रोजाना इस्तेमाल करते हैं वे गाड़ी के स्टोरेज स्पेस में कुछ अतिरिक्त चीजों को स्टोर करके रखते हैं। अगर आपने भी कार में स्नैक्स या फिर कोई लिक्विड आइटम स्टोर कर रखे तो इन्हें निकालकर केबिन को साफ कर दें। क्योंकि लंबे समय तक गाड़ी में पड़े रहने के बाद ये चीजें खराब हो सकती हैं। लंबे समय तक गाड़ी के इंटीरियर को साफ व सुरक्षित रखने के लिए आप कीटाणुनाशक स्प्रे का उपयोग भी कर सकते हैं।
3. बैटरी मेंटेंनेंस
अगर कार काफी दिनों तक बंद पड़ी रहती है तो इसकी बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि आप बैटरी को चार्ज रखने के लिए हर दो-तीन दिन में कार को स्टार्ट करके 15-20 मिनट तक छोड़ दें और इंजन को गर्म होने दें। आप चाहें तो इस दौरान कार के वाइपर, एसी, लाइट आदि की भी जांच कर सकते हैं कि ये सही से काम तो कर रहे हैं।
4. हेंड ब्रेक/पार्किंग ब्रेक
अगर आपको पहले से ही पता है कि कार लंबे समय तक खड़ी रहेगी, तो इसे हेंड ब्रेक लगाकर खड़ा ना करें। लंबे समय तक हेंड ब्रेक लगे रहने से कार के ब्रेक खराब हो सकते हैं या फिर इसका ब्रेक लॉक भी हो सकता है। आप अपनी कार को प्लेन सरफेस पर पहले गियर में डालकर खड़ी कर सकते हैं। अगर कार किसी स्लोपी जगह पर खड़ी है तो इसके टायरों के नीचे ईंट या फिर चॉक ब्लॉक लगा दें, इससे गाड़ी आगे नहीं खिसकेगी।
5. टायर प्रेशर
चाहे आप गाड़ी का इस्तेमाल करें या फिर नहीं, कुछ समय बाद गाड़ी के टायरों में अपने आप हवा कम हो जाती है। ऐसे में अगर लंबे समय तक कार एक जगह खड़ी रहती है तो टायर पर एक तरफ फ्लैट स्पॉट होने की संभावनाएं बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर टायर की ग्रिप, कार की राइड क्वालिटी और माइलेज पर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ दिनों के अंतराल में गाड़ी को थोड़ा आगे-पीछे करते रहें, जिससे टायर रोटेट हो सकें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि टायर में हमेशा हवा का सही प्रेशर रहे। हवा कम होने पर पंप से टायरों में हवा भी भर दें।
लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में हैं और ज्यादातर लोग टीवी देखकर अपना समय काट रहे हैं। 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया, जिसकी बाद से ही टीवी व्यूअरशिप में अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन टीवी एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के लिए स्थिति काफी चुनौती भरी साबित हो रही है। एक तरफ व्यूअरशिप में एतिहासिक बढ़ोतरी होने के कारण कंजूमर से जुड़ने का अच्छा मौका है, तो दूसरी तरफ लॉकडाउन की वजह से बढ़ते मंदी के खतरे ने कंपनियों का विज्ञापन खर्च में कटौती करने पर मजबूर कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एडवरटाइडिंग इंडस्ट्री को इस सीजन 30 से 40 फीसदी बिजनेस का नुक्सान हुआ है। कई एफएमसीजी कंपनियां विज्ञापन देने से पीछे हट रही है और स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रही हैं।
लॉकडाउन के कारण बढ़ा टीवी देखने का समय
लंबे समय से भारतीय इलेक्ट्रिक बुलेट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन रॉयल एनफील्ड से पहले ब्रिटिश कंपनी इलेक्ट्रिक क्लासिक कार ने बुलेट को इलेक्ट्रिक अवतार में पेश कर दिया है। इसे फोटॉन नाम दिया है। कंपनी ने बुलेट के चेसिस, सस्पेंशन में कई सारे मॉडिफिकेशन कर इसे इलेक्ट्रिक रूप दिया है। लुक्स के मामले में फोटोन बुलेट जैसी ही दिखती है लेकिन इसके इंजन की जगह कंपनी ने बैटरी पैक फिट कर दिया है। इसके अलावा इसमें एलईडी हेडलैंप्स लगा है, जिसके बीचों बीच रिंग शेप एलईडी डीआरएल फिट किया गया है। इसकी कीमत 19 लाख रुपए के लगभग है। यानी यह तीन हार्ले डेविडसन स्ट्रीट 750 मोटरसाइकिल से भी ज्यादा महंगी है।
90 मिनट में होगी फुल चार्ज
कोरोना से लड़ने के लिए चीन समेत दुनियाभर के कई देश रोबोट्स की मदद ले रहे हैं। यह न सिर्फ हॉस्पिटल्स को सैनेटाइज का काम कर रहे हैंबल्कि पीड़ितों तकखानाऔर दवा भीपहुंचा रहे हैं। भारत में कोरोना के अबतक 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 130 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में भारत भी कोरोना को हराने में इन रोबोट्स की मदद लेने की तैयारी कर रहा है, ताकि जल्द से जल्द इस महामारी पर काबू पाया जा सके।
दुनियाभर के हेल्थ वर्कर, शोधकर्ता और सरकारें इस महामारी पर काबू पाने की कोशिश में लगी हैं। कोरोना अबतक 200 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। अबतक 12 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 69 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग रखने की सलाह दे चुका है। इंसानों के लिए घरों तक जरूरी सामान पहुंचाना और हाई रिस्क एरिया में पीड़ितों का इलाज करना एक बड़ी चुनौती बन गई है, ऐसे में यह रोबोट्स संक्रमितों का बेहतर तरीके से ट्रीटमेंट करने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
महामारी को रोकने के लिए चीन के वुहान शहर में होंगशैन स्पोर्ट्स सेंटर में 14 फील्ड हॉस्पिटल स्टॉफ के साथ 14 रोबोट तैनात किए गए। इन रोबोट्स को बीजिंग की रोबोटिक्स कंपनी क्लाउडमाइंड ने बनाया है। यह न सिर्फ साफ-सफाई करते हैं बल्कि पीड़ितों तक दवाईयां पहुंचाते हैं और उनके शरीर का तापमान भी चेक करते हैं।
देश के कई हिस्सो में चल रही टेस्टिंग, स्टार्टअप कंपनियां बना रही रोबोट
दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है लेकिन बावजूद इसके एपल अपने फ्यूचर आईफोन्स को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। हाल ही में एपल के नए पेटेंट की रिपोर्ट इंटरनेट पर स्पॉट की गई जिसमें नए अपकमिंग आईफोन की झलक देखने को मिली। नए पेटेंट के मुताबिक, एपल आईफोन की वॉटरप्रूफ कैपेबिलिटी को और मजबूत करने पर काम कर रहा है। फिलहाल मार्केट में अवेलेबल लगभग सभी आईफोन वॉटरप्रूफ है और हम कई ऐसी खबरें भी सुन चुके हैं कि कई दिनों बाद खोया हुआ आईफोन पानी में मिला वो भी का काम करता हुआ।
एपल इंसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ऐसे आईफोन पर काम कर रही है जिसमें गहरे पानी में भी इस्तेमाल किया जा सके। यानी फ्यूचर आईफोन को अंडरवॉटर एक्टिविटी जैसे स्वीमिंग और फ्री-डाइविंग में इस्तेमाल किया जा सकेगा और गहरे पानी में फोटो और वीडियोग्राफी की जा सकेगी। यूएस पेटेंट नंबर 20200104021 के तहत कंपनी ने नए यूजर इंटरफेस को भी शो किया। पेटेंट एप्लीकेशन के मुताबिक, आईफोन अंडरवॉटर यूजर इंटरफेस एक्टिवेट कर लेगा जब वह पानी के अंदर काम करेगा।
इसके अलावा कंपनी ने एक और पेटेंट फाइल किया है। जिसके जरिए कंपनी ने कुछ दिक्कतों को ठीक करने की भी कोशिश की है। नए पेटेंट ( यूएस पेटेंट नंबर 20200104033) के तहत आईफोन यूजर के चेहरे के जरिए काम करेगा। फ्यूचर आईफोन यूजर के फेस को पहचान कर यूआई को ऑटोमैटिकली बदल देगा।
टाटा मोटर्स ने सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी नेक्सन में नया XZ+(S) वैरिएंट जोड़ा है। इसके पेट्रोल-मैनुअल वर्जन की कीमत 10.10 लाख रुपए और डीजल-मैनुअल वर्जन की कीमत 11.60 लाख रुपए है। ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन मॉडल XZA+(S) की बात करें तो पेट्रोल मॉडल 10.70 लाख रुपए तो डीजल मॉडल 12.20 लाख रुपए का है। नया मॉडल नेक्सन के XZ+ वैरिएंट से 60 हजार रुपए महंगा है लेकिन फुली लोडेड वैरिएंट XZ(O) से 30 हजार रुपए सस्ता है।
नेक्सन XZ+(S) वैरिएंट: सनरूफ समेत कई एडवांस्ड फीचर्स मिलेंगे
XZ+ मॉडल के सभी फीचर्स के अलावा S वैरिएंट में कई एडिशनल फीचर्स मिलेंगे, जिसमें सबसे खास है इलेक्ट्रिक सनरूफ, जो पहले सिर्फ फुली लोडेड वैरिएंट XZ(O) में ही मिलता था। इसमें XZ(O) की तरह ही लेदर रेप्ड गियरनॉब और स्टीयरिंग, टायर प्रेशर मॉनिटर, ऑटो हेडलैंप्स और वाइपर्स, क्रूज कंट्रोल और क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम के लिए एक्सप्रेस कूल फंक्शन मिलता है। हालांकि कंपनी की कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी अभी भी फुली लोडेड XZ(O) वैरिएंट में ही सीमित है।
नेक्सन XZ+(S) वैरिएंट: दो इंजन ऑप्शन मिलेंगे
नए XZ+(S) मॉडल में बीएस6 कंप्लेंट 1.2 लीटर का टर्बो-पेट्रोल और 1.5 लीटर का डीजल इंजन मिलेगा। दोनों में 6 स्पीड मैनुअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स ऑप्शन मिलते हैं। उम्मीद की जा रही है कि लोअर वैरिएंट सनरूफ मिलने से ग्राहकों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ेगी और इसकीस सेल्स में इजाफा होगा। इसका मुताबला हुंडई वेन्यू और हाल ही में लॉन्च हुई सुजुकी विटारा ब्रेजा फेसलिफ्ट, फोर्ड ईकोस्पोर्ट और महिंद्रा एक्सयूवी 300 से है।