पुरातात्विक व ऐतिहासिक नगरी सिरपुर को हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित होगा। पर्यटन विभाग ने खाका तैयार लिया है। विकास के लिए 56 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो कि तीन चरणों में खत्म होगा। पहले चरण में 19.35 करोड़, दूसरे चरण में 19.95 करोड़ और तीसरे चरण में 13.14 करोड़ के विकास कार्य किए जाएंगे।
शनिवार को मुख्य सचिव आरपी मंडल ने सिरपुर पहुंचकर यहां किए जाने वाले विकास कार्यों के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान उनके साथ स्थानीय विधायक विनोद चंद्राकर, सचिव पर्यटन अंबलगन पी, पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर सिरपुर के सभी साइट का भ्रमण किया। साथ ही पर्यटन विभाग के तैयार किए गए प्रोजेक्ट पर बारिकी से चर्चा की। अधिकारियों के साथ गंधेश्वनाथ मंदिर पहुंचे सीएस ने महानदी तट पर तटबंध निर्माण करने व वाकिंग स्ट्रीट बनाने के निर्देश दिए। साथ ही रायकेरा तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य कराए जाने पर जोर दिया। उन्होंने इसे प्रोजेक्ट में शामिल करने के निर्देश भी दिए। सीएस आरपी मंडल ने बताया कि पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है, जल्द ही इस पर काम शुरू कर लिया जाएगा। इस दौरान कलेक्टर सुनील कुमार जैन, एसपी प्रफुल्ल ठाकुर, डीएफओ मयंक पाण्डेय, एसडीएम महासमुंद सुनील कुमार चंद्रवंशी भी मौजूद थे।
पिछले कई साल से अटका पड़ा था प्रोजेक्ट, सीएम के आने के बाद आई गति : दरअसल, सिरपुर को हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने का प्रोजेक्ट पिछले कई साल से अटका पड़ा था। इसके लिए बाकायदा खाका तैयार कर लिया गया था, लेकिन इस पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है। कुछ महीने पहले स्थानीय विधायक विनोद चंद्राकर ने सीएम भूपेश बघेल से मिलकर उन्हें सिरपुर आने का न्योता दिया और यहां के विकास की मांग की। इस पर सीएम भूपेश बघेल अपने सलाहकारों के साथ सिरपुर पहुंचे थे। यहां क्या-क्या विकास कार्य किए जा सकते हैं, इस पर चर्चा की। इसके बाद से मुख्य सचिव आरपी मंडल इस साल दो बार सिरपुर पहुंचकर यहां किए जाने वाले विकास कार्यों के बारे में चर्चा कर चुके हैं। यह तीसरा मौका था, जब वे यहां पहुंचे थे।
एनएच 53 में सिरपुर जाने के रास्ते पर बनेगा भव्य प्रवेश द्वार : विधायक विनोद चंद्राकर ने बताया कि योजना के तहत सिरपुर के लिए एनएच 53 में ग्राम चुहरी से प्रवेश किया जाता है। यहां पर 1.50 करोड़ की लागत से भव्य प्रवेश द्वार बनेगा। इसके अलावा सिरपुर शहर के भीतर चौड़ी सड़कें, स्ट्रीट लाइट, पाथवे निर्माण के साथ ही म्यूजियम व प्रदर्शनी सेंटर का निर्माण किया जाएगा। बाहर से आने वालों के लिए सर्वसुविधायुक्त कैफेटेरिया का निर्माण भी प्रस्तावित है।
तीन फेज में होगा सिरपुर का विकास, प्रत्येक चरण का खाका तैयार
1. पहला फेज – 19.35 करोड़ : पहले फेज में सिरपुर के ओवरऑल साइट में प्लांटिंग व प्लाजा, लक्ष्मण मंदिर के पास ही पार्किंग एरिया तैयार किया जाएगा, इंटरप्रजेंटेशन सेंटर, लैंडस्कैप कोर्ट, ओवरऑल साइट में लाइटिंग का काम किया जाएगा।
2. दूसरा फेज – 19.95 करोड़ : दूसरे फेज में सिरपुर के सभी साइट में टाइल्स व प्लाजा, टॉयलेट ब्लाक, सेनकपाट तालाब का सौंदर्यींकरण, पाथवे, बाइसिकल पाथवे, पार्किंग आदि का निर्माण कराया जाना है।
3. तीसरा फेज – 13.14 करोड़ : तीसरे फेज में सिरपुर के सभी साइट में मोटर ट्रायल, सर्वसुविधायुक्त म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। कैफे और टूरिस्ट स्पॉट को डेपलप किया जाएगा। पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने पिछले दिनों वर्षा व ओलावृष्टि से फसलों की हुई क्षति का शनिवार को निरीक्षण किया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को किसानों के फसलों का मुआयना कर मुआवजा प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अध्यक्ष पटेल ने ग्राम रिखादादर, छातामौहा, पड़कीपाली व धरमपुर में ओला प्रभावित गांव का जायजा लिया। वहीं चिखली, छातामौहा, ढोढ़रकसा में लोगों के घरों के खपरैल क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने फोन से जिला पंचायत सीईओ से चर्चा की। एसडीएम पिथौरा व जनपद सीईओ से तुरंत प्रकरण बनाकर क्षतिपूर्ति राशि दिलाने का निर्देश दिया।
किसानों के बीच पहुंची पटेल ने बताया कि किसानों के फसल पक कर तैयार हो गई है, जिसकी कटाई का काम जारी है। बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों के फसलों के दाने खेत में झड़ गए हैं वहीं लोगों के कच्चे घर के खपरैल भी टूट गए हैं। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना संकट से लड़ रहा है तो हमारे अन्नदाता किसान खेतों में डटे रहकर फसलों को जतन करने में जुटे हुए है। ले
ग्राम चिखली, छातामौहा व ढोढरकसा में बड़े आकार के ओले गिरे जिससे फसलों के दाने झड़कर जमीन पर गिर गएहैं। ओले के आकार इतने बड़े थे कि इन गांवों में घरों के खपरैल भी टूट गए थे।
उन्होंने राजस्व विभाग से अतिशीघ्र प्रकरण तैयार कर किसानों को क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की है। इस दौरान कांग्रेसनेता राजा बग्गा, सरजू तिवारी, घांसी राम नायक, रिखादादार सरपंच लोकेश प्रधान, बगारदरहा सरपंच सुशील भोई सहित ग्रामीण किसान उपस्थित थे।
कटक(ओडिशा) से करीब 35 किलोमीटर दूर जलालपुर ईंट भट्ठा में काम करने गए करीब 30 मजदूरों ने एक वीडियो संदेश भेज कर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से अपने घर ले जाने की मार्मिक अपील की है।
बागबाहरा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सोनदादर के रहने वाले मजदूरों ने ‘दैनिक भास्कर प्रतिनिधि’ को दूरभाष पर बताया कि वे कटक के पास जलालपुर ईंट भट्ठा में काम करने के लिए हर साल आते रहे हैं। इस साल भी आए हुए थे। कोरोना संकट के कारण 2 महीने से काम बंद है। जितना काम किए थे उसकी मजदूरी का पैसा सब खत्म हो चुका है। भट्ठा मालिक जैसे तैसे खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है। हम लोग बच्चों और महिलाओं समेत करीब 30 सदस्य यहां फंसे हुए हैं। यहां अधिकांश लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। 2 महिलाएं गर्भवती है जिन को लेकर काफी चिंता है।
उन्होंने 1 सप्ताह पूर्व जिला पंचायत सदस्य, सांसद, कलेक्टर, मुख्यमंत्री से गुहार लगाकर यहां से ले जाने की विनती की थी। हमने हमारे सारे नाम पते जिला कार्यालय में भेजें भी थे लेकिन अभी तक ना तो हमें यहां से ले जा रहे हैं और ना ही यहां का स्थानीय प्रशासन हमें भेज रहा है। हम बेहद परेशान हैं। ऐसा ही हाल रहा तो गिरते स्वास्थ्य के कारण कुछ लोगों की असमय मौत भी हो सकती है। एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ने अपना नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि उनके पास मजदूरों का वीडियो संदेश आया था। मजदूरों की मार्मिक अपील पर पहल करते हुए जिला प्रशासन को उनके नाम पते देकर शीघ्र वापस लाने की मांग किए थे, लेकिन 1 सप्ताह से अधिक हो गया कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मजदूर परेशान हैं।
बच्चे छोटे थे तभी पारिवारिक दिक्कतों के कारण उनके लालन-पालन की जिम्मेदारी डा. मोनिका त्रिपाठी पर आन पड़ी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, गाजियाबाद में योग प्रशिक्षक बन नए जीवन की शुरुआत की। 2014 में ओपी जिंदल स्कूल में स्कूल डॉक्टर की जिम्मेदारी मिल गई। संघर्ष किया, बेटे और बेटी को बड़े सपने देखना सिखाया। बेटी का चयन बैंगलोर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेस में हो चुका है और बेटा इंडियन स्कूल ऑफ माइनिंग धनबाद में माइंस मशीन इंनजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
डा. मोनिका की शादी 2000 में गोरखपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर प्रवीण पांडेय के साथ हुई थी। 2001 में बेटा प्रखर और 2002 में बेटी जाह्नवी हुई। परिवार में समस्या होने लगी। 2006 में रोड एक्सीडेंट में पिता की मौत हो गई। 2007 में जब मां को अपने परेशानियां बताईं तो फिर मोनिका मायके में रहने लगीं। मां के साथ पिता का भी फर्ज निभाना था, बच्चों को अच्छे मुकाम तक पहुंचाने की चुनौती थी। पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे कस्बों में जाकर योग प्रशिक्षण देना शुरू किया। एक साल प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें पतजंलि आयुर्वेद चिकित्सालय में नौकरी मिली। फिर 2014 में ओपी जिंदल स्कूल में डॉक्टर पद का विज्ञापन देख कर आवेदन किया और नौकरी मिल गई। बेटी जाह्नवी पांडे फिलहाल ओपी जिंदल स्कूल में 12 वीं साइंस स्ट्रीम की स्टूडेंट हैं, 11 वीं में वे किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना की परीक्षा में शामिल हुई थीं। पहली बार में बेटी ने रिटर्न एग्जाम क्लियर किया और साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर पूरे देश में 205 रैंक पर रही। आईआईएससी बैंगलोर के लिए चयन हो गया। बोर्ड के रिजल्ट के बाद वे बैंगलोर जाएंगी।
दो मांओं ने दो जिम्मेदारी और सफल पीढ़ियां तैयार कीं
डा. मोनिका कहती हैं कि उनकी मां सावित्री पांडेय ने उन्हें संभाला नहीं होता तो वे और उनके बच्चे इस मुकाम तक नहीं पहुंचते। वहीं मोनिका के बेटे प्रखर और बेटी जाह्नवी करती हैं कि उनकी मां ने मुसीबतें झेलकर अपना करियर छोड़कर हमारा भविष्य बनाया। बच्चे कहते हैं कि मां ने कभी भी उन्हें किसी बात की कमी महसूस नहीं होने दी। अच्छा नागरिक बनाने और उनके बेहतर करियर का श्रेय उनकी मां को है।
आईआईटी में एडमिशन हुआ तो 8 साल बाद पिता ने बेटे को फोन कर बधाई दी
डा. मोनिका त्रिपाठी ने बताया 2018 में जब बेटे प्रखर पांडे का आईएसएम धनबाद में सलेक्शन हुआ तो उसके पिता को सूचना मिली और 8 साल बाद उन्होंने बेटे को फोन किया। प्रखर से उनकी बात भी हुई। मोनिका बताती हैं कि तकलीफों के बावजूद उन्होंने बच्चों में अच्छा वेल्यू सिस्टम और एथिक्स डाले हैं ताकि वे हमेशा मजबूत रहें और कठियनाइयों का सामना आसानी से करें।
निगम के पूर्व सभापति और वार्ड 16 के पार्षद सलीम नियारिया की फेसबुक आईडी हैक कर उनके फेसबुक फ्रैंड्स से रुपयों की डिमांड करने का मामला प्रकाश में आया है। इसकी जानकारी सभापति को हुई तो उन्होंने तत्काल आईडी पासवर्ड बदला और एफबी के फ्रेंड्स को सतर्क किया। देर शाम उन्होंने हैकर के खिलाफ कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई।
शनिवार को सलीम के एफबी अकाउंट से हैकर ने व्यवसायी अनूप बंसल से 20 हजार रुपए मांगे, आकार ले जाने की बात मैसेज में कहने पर वह रुपए पेटीएम करने की जिद करने लगा। अनूप ने सलीम को फोन लगाया तो साजिश का पता चला। संजय बंसल नामक व्यापारी ने तो रुपए भेजने की तैयारी भी कर ली थी। आईएफसी नंबर मैच नहीं होने के बाद उन्होंने सलीम नियारिया को फोन कर दूसरा अकांउट नंबर मांगा, तब उन्हें इसकी जानकारी लगी। आशीष जायसवाल से सलीम नियारिया के नाम पर 20 हजार रुपए की मांग की। इसके साथ ही कई अन्य लोगों को भी मैसेज भेज आर्थिक मदद मांगी।
हैकर ने किनसे कितने रुपए मांगे
बातचीत के तरीके से हुई आंशका
सुबह हैकर ने सबसे पहले अनूप बंसल को सलीम की फेसबुक आईडी हैकर मैसेंजर पर मैसेज किया और 20 हजार रुपए मांगे। हैकर के मैसेज में बात करने का तरीका सलीम से बिल्कुल अलग था। अनूप को समझते देर नहीं लगी। उन्होंने फोन पर पूछा कि सही में जरूरत है तो भिजवा दूं रुपए। तब अनूप के साथ ही सलीम को किसी जालसाज की कारस्तानी का पता चला। सलीम ने समय पर सभी को अलर्ट कर ठगी से बचने के लिए कहा।
अनूप का कॉल आया तब जानकारी हुई
सुबह मुझे अनूप बंसल का कॉल आया था। उन्होंने रुपए पहुंचाने की बात कही। तब मैं थोड़ा आश्चर्य में पड़ गया। मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि मैसेंजर पर मैने उसने पैसे मांगे है, उन्होंने उसके बातचीत के तरीके से शक होने के पर मुझे कॉल किया तब समझ में आया कि मेरी आईडी हैक हो गई है। मैने सभी आईडी पासवर्ड बदलने की बाद इसकी सूचना कोतवाली में दी है।’’
-सलीम नियारिया, पूर्व सभापति व पार्षद वार्ड नंबर 16
दूसरे राज्यों में फंसे जिले के मजदूर दो-तीन दिन में मजदूर लाए जाएंगे। शहर में 12 नए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही पंचायतों में भी क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे। चिंता की बात यह है कि लौटने वाले श्रमिकों में ज्यादातर रेड जोन से आएंगे। झारखंड और बिहार में घर लौटे मजूदर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं इसलिए हमें भी सावधान रहना होगा। ओडिशा के अंगुल में काम करने गए बरमकेला के 5 ईंट भट्ठा मजदूरों को जब कहीं से मदद नहीं मिली तो उन्होंने मिलकर बस किराए पर ले ली और गांव लौटे। इन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। शनिवार को पटरी पर चलकर बंगाल जा रहे मजदूर हैदराबाद से रायगढ़ पहुंचे।
ट्रेन से आएंगे मजदूर- मजदूरों को लेकर ट्रेनें सोमवार से चलेंगी। पहली ट्रेन 11 और दूसरी 12 मई को बिलासपुर पहुंचेगी। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से चलने वाली ट्रेन 13 मई को बिलासपुर आएगी। पठानकोट से चलने वाली ट्रेन 12 मई को चांपा पहुंचेगी। इसके बाद इनके मजदूरों को बस से रायगढ़ लाया जाएगा। रायगढ़ लाकर उन्हें क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा। बिलासपुर और चांपा से श्रमिकों को लाने के लिए बसों का अधिग्रहण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही लखनऊ, मुजफ्फरपुर और दिल्ली से भी मजदूरों को लाने की तैयारी है। जिला पंचायत में हफ्तेभर पहले दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की संख्या 7200 बताई थी। अब यह संख्या 10 हजार 200 हो चुकी है। शनिवार सुबह निगम आयुक्त और एसडीएम ने नए सेंटरों की जगह देखी।
राज्य स्तर पर मजदूरों को लाने की तैयारी
"दो-तीन दिन में मजदूरों की ट्रेनें आएगी, इनके लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की संख्या भी बढ़ी है। राज्य स्तर पर दूसरे राज्यों से मजदूरों को ट्रेनों से लाने की तैयारी चल रही है। मजदूरों के स्क्रीनिंग और हैल्थ चैकअप करने के बाद उन्हें क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा।''
-ऋचा प्रकाश चौधरी, सीईओ, जिला पंचायत
13-13 सौ रुपए जमा किए और किराए की बस लेकर गांव आए
डोंगरीपाली। शनिवार तड़के मजदूरों से भरी ओडी 35 सी 7089 नंबर की दुर्गा बस डोंगरीपाली के ग्राम गिंडोला आकर रुकी। पांच लोग उतरे, जिसमें दो महिला व एक युवती भी शामिल थी। सरपंच ने पंचायत भवन में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया । गांव के संजय चौधरी को मजदूरों ने बताया कि बिना कुछ खाए ये लोग 12 घंटे का सफर कर ओडिशा के अंगुल से अपने गांव पहुंचे। रास्ते में कहीं भी होटल या ढाबे खुले नहीं मिले तो इन्हें खाना-पानी भी नसीब नहीं हुआ। लॉकडाउन के बाद ये लोग यहां फंस गए। ओडिशा में 200 लोग और फंसे हुए हैं।
कोयले के स्टॉक और दस्तावेजों में अंतर दिखाकर टैक्स चोरी करने के संदेह पर शुक्रवार को खरसिया में दो कोल वाशरी पर राज्यकर विभाग (जीएसटी) अफसरों ने छापा मारा। जीएसटी ने प्रदेश में कई स्थानों पर छापे मारे हैं। रायगढ़ के खरसिया छोटे डूमरपाली की भाटिया एनर्जी कोल लिमिटेड और केएल एनर्जी कोल बेनीफिकेशन में छापे मारे गए। भाटिया एनर्जी में कोई व्यक्ति नहीं मिला तो अफसरों ने इसे सील कर दिया। दोनों ही वाशरी रायपुर के इंद्रमणि ग्रुप की बताई जाती हैं.
खरसिया के छाल रोड स्थित केएल एनर्जी पर शुक्रवार देर रात तक कार्रवाई चलती रही। जीएसटी अफसरों के अनुसार इंद्रमणि ग्रुप केएल एनर्जी से कोयले की ट्रेडिंग के साथ ट्रांसपोर्टिंग करता है। यहां पर दस्तावेजों में करीब 45 हजार टन कोयले का स्टॉक होने की जानकारी थी, लेकिन खनिज विभाग के अफसरों ने कोयले का भौतिक सत्यापन किया जिसमें स्टॉक करीब 35 हजार टन मिला। जीएसटी अफसरों का अनुमान है कि स्टाक ज्यादा बताकर टैक्स चोरी की गई है। 10 हजार टन कोयला कम मिलने पर कागजात जब्त कर प्रबंधन को जीएसटी विभाग ने कंपनी को नोटिस दिया है। सोमवार से जीएसटी विभाग इस मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट और खनिज विभाग के अफसरों को भी शामिल करेगा ताकि कोयले की आवक-जावक का हिसाब और टैक्स की गणना की जा सके। विभाग के अफसरों का मानना है कि दोनों ही वाशरी में टैक्स चोरी का मामला बन सकता है।
जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा
"केएल एनर्जी में कुछ दस्तावेज हमने जब्त किए हैं, लॉकडाउन की वजह से दो दिनों तक अभी जांच की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। सोमवार से फिर जांच की जाएगी, अब जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। यहां पर टैक्स चोरी की बात सामने आई है।''
-गोपाल वर्मा, ज्वाइंट कमिश्नर, इन्फोर्समेंट जीएसटी
मदिरापान के शौकीन अपना आधार नंबर देकर शराब ऑर्डर तो कर रहे, लेकिन कोई शराब लेते उन्हें कोई देख ना ले इसलिए डिलीवरी चोरी-छिपे ले रहे हैं या फिर अपना ऑर्डर ही कैसिल करा रहे हैं। डिलीवरी बॉय ग्राहकों के इस रवैये से परेशान है। अबतक 310 से ज्यादा लोगों ने ऑर्डर किया है, पर शराब सिर्फ 152 लोगों ने ही ली।
लॉकडाउन में सरकार सप्ताह में पांच दिनों तक शराब दुकान खुलवा रही है। इसके साथ ही मोबाइल एप पर आधार नंबर के जरिए ऑनलाइन ऑर्डर लेकर घर पहुंच सेवा भी मुहैया करा रही है। 4 मई से यह सेवा शुरू की गई है। शनिवार तक करीब 310 से ज्यादा ऑर्डर एप के माध्यम से बुक कराए गए। शेष ऑर्डर लोगों ने ट्रायल ऑर्डर कहकर शराब की डिलीवरी नहीं ली तो कुछ ऑर्डर फर्जी मिले। ऐसे लोगों से बचने के लिए अब विभाग पहले फोन पर ऑर्डर कंफर्म करता है।
सेल्समैन पर ग्राहक उतार रहे गुस्सा
सेल्समैन नरसिंग यादव ने बताते हैं कि ऑर्डर डिलीवर करने तक बीयर गरम हो जाती है तो ग्राहक उनपर गुस्सा उतारते हैं। ग्राहकों के घर दूर होने के कारण बीयर गर्म हो जाती है। कई दुकानों में फ्रिज चालूनहीं होता है।
घर ऐसी जगह कि ढूंढना मुश्किल
सेल्समैन राम सलोने बताते हैं कि ज्यादातर ग्राहक शराब ऐसी जगह मंगाते हैं कि उन्हें ढूंढना मुश्किल हो जाता है। कुछ तो महफिलों के बीच शराब की डिलीवरी लेते हैं। तो कुछ अपने पड़ोसियों या फिर दोस्तों के घर पर शराब पहुंचाने की बात कहते हैं।
डिलीवरी लेने वालों के पास ओटीपी नहीं
सेल्समैन छबिलाल ने बताया, ऑर्डर डिलीवर करने के बाद उन्हें एप पर ऑर्डर क्लोज कराना होता है। इसके लिए ग्राहक के मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी की जरूरत होती है, लेकिन अधिकांश ग्राहकों की ओटीपी उनके दोस्तों के मोबाइल पर होती है। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
फेक ऑर्डर किया तो नहीं मिलेगी शराब
प्लेसमेंट एजेंसी के मैनेजर राजकुमार जायसवाल कहते हैं, मोबाइल एप पर दो बार से ज्यादा फेक ऑर्डर करने वालों को शराब नहीं मिलेगी। एप ऐसे आधार नंबर को रीड कर ब्लॉक लिस्ट में डाल देगा और उसका ऑर्डर रिजेक्टहो जाएगा।
ब्रांडेड की डिमांड ज्यादा, पर स्टॉक नहीं
शराब ऑर्डर करने वाले ब्रांडेड शराब की मांग कर रहे हैं, लेकिन दुकानों में ब्रांडेड शराब का स्टॉक पहले ही समाप्त हो चुका है। ऐसे में सेल्समैन उसी कीमत की दूसरी शराब की जानकारी फोन पर ग्राहकों को देकर उनकी सहमति के बाद डिलीवर कर रहे हैं।
मौसम विभाग और राज्य शासन के 150 में से 100 सेंटरों में पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश रिकॉर्ड की गई है। छत्तीसगढ़ में जब मानसून सक्रिय होता है, तब ऐसा होता है कि मौसम विभाग के सेंटरों में से 60 फीसदी में बारिश हो जाती है। अभी मानसूनी हवा तो नहीं है, लेकिन समुद्र से आने वाली नमी वाली हवा से राज्यभर में वर्षा हो रही है। कुछ हिस्सों में तो भारी वर्षा हो चुकी है। शनिवार को भी शाम से देर रात तक प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ वर्षा की सूचना है। प्रदेश में मानसून आने में अभी करीब महीनेभर का वक्त है, लेकिन पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश ने पहले ही इसका अहसास करा दिया। अगले दो-तीन दिनों तक प्रदेश में बारिश की स्थिति रहेगी। इस वजह से गर्मी कम रहेगी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून के दौरान बंगाल की खाड़ी में तगड़ा सिस्टम बनने पर समुद्री हवा व्यापक रूप से आने लगती हैं। प्री-मानसून के दौरान राज्य के 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सों में बारिश होने पर मानसून आने की घोषणा कर दी जाती है।
लालपुर मौसम केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार सेंट्रल मध्यप्रदेश से दक्षिण-मध्य कर्नाटक तक एक द्रोणिका बनी हुई है।इससे प्रदेश में बंगाल की खाड़ी से काफी नमी आरही है। पिछले 24 घंटे के दौरान बलौदाबाजार जिले के सिमगा में सबसे ज्यादा 60 मिमी बारिश हुई। बालोद के गुंडरदेही में 50, अभनपुर में 40, जशपुर के दुलदुला, माना, मानपुर, आरंग, तिल्दा, नगरी, धमधा में 30 तथा राजनांदगांव, मैनपुर, छुरा, नारायणपुर, बेरला, बलौदा, नारायणपुर में करीब 20 मिमी पानी बरसा। शनिवार को भी दोपहर बाद जगदलपुर, दुर्ग, रायपुर सहित कई स्थानों पर तेज हवा तथा गरज-चमक के साथ बारिश हुई।
बारिश आज भी संभव
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 10 मई को प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्से वर्षा होगी। अधिकतम तापमानों में प्रदेश में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने, बादल गरजने और कहीं-कहीं ओले गिरने की भी संभावना है।
बारिश से तापमान गिरा
शुक्रवार से शनिवार के दौरान राज्यभर में हुई बारिश से दिन का तापमान गिर गया है। कई जगहों पर दिन का तापमान 35 डिग्री के करीब पहुंच गया। सबसे ज्यादा तापमान राजनांदगांव में 40 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। बिलासपुर, पेंड्रारोड, अंबिकापुर, जगदलपुर तथा दुर्ग आदि क्षेत्रों में तापमान 35 से 37 डिग्री के बीच है। सभी जगह तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री कम है। रात के तापमान में भी गिरावट है।
हर साल महाराणा प्रताप की जयंती शहर में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। पर इस बार सादगी से मनी। लॉकडाउन के चलते सामूहिक कार्यक्रम स्थगित हैं तो समाज ने जरूरतमंदों की सेवा करके जयंती का उत्सव मनाया। अलग-अलग आयोजनों पर हर साल खर्च होने वाले करीब 11 लाख रुपए इस बार जरूरतमंदों को राशन, दवाइयां उपलब्ध कराने में खर्च किए गए। सामाजिक संगठनाें के अलावा क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी शनिवार का दिन पूजा-अर्चना और लोगों की सेवा में बिताया।
दरअसल, महाराणा प्रताप की जयंती पर हर साल शोभायात्रा निकाली जाती है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। इन आयोजनों में कम से कम 11 लाख रुपए का खर्च आता है। इस बार लॉकडाउन के चलते पहले ही तय हो गया था कि सामूहिक कार्यक्रम नहीं होंगे इसलिए सामाजिक संगठनों ने जयंती के लिए इकट्ठा की गई राशि समाजसेवा में खर्च करने का फैसला पहले ही ले लिया था। क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम ने बताया कि मुख्य रूप से समाज के 4 संगठन अभी पूरे शहर में जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं। मदद का यह सिलसिला 22 मार्च से जारी है। कोई फूड पैकेट बांट रहा है तो कोई कच्चा राशन। कोई मास्क, सेनिटाइजर और दवाइयां तो कोई निर्धन परिवारों की आर्थिक मदद कर रहा है। शनिवार को जयंती के मौके पर हमारी कोशिश रही कि और भी ज्यादा लोगों तक पहुंचें और उनकी जरूरत पूरी करें। हमारा प्रयास रहेगा कि जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती, लोगों की मदद करते रहें।
25 तारीख को भी मनेगी जयंती
महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर लोगों में यह भ्रम भी रहा कि जयंती जब 25 मई को है तो उत्सव 9 मई को क्यों मनाया जा रहा है। डीके शर्मा बताते हैं कि महाराणा प्रताप की जयंती साल में 2 दिन मनाई जाती है। पहली अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से और दूसरी हिंदी पंचांग के मुताबिक। अंग्रेजी वर्ष के अनुसार हर साल 8 मई और हिंदी तिथि के अनुसार 25 मई को मनाने की परंपरा है। बहुत से संगठनों ने जयंती मना ली है और बहुत से संगठन आने वाले दिनों में मनाएंगे। 25 तारीख का दिन भी समाज जरूरतमंदों की सेवा में बिताएगा।
पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई वाटसप से यानी ऑनलाइन शुरू हो गई है। फिलहाल एनाटॉमी व फिजियोलॉजी विषय की पढ़ाई हो रही है। जल्द ही बायो केमेस्ट्री बाकी विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से एमबीबीएस की क्लास ठप है। कोर्स पिछड़ न जाए इसलिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहा है। फर्स्ट ईयर में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व बायो केमेस्ट्री की पढ़ाई होती है।
पिछले साल जुलाई-अगस्त में एडमिशन लेने वाले छात्रों का कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। जबकि आने वाले दिनों में वार्षिक परीक्षा भी होनी है। लॉकडाउन के बाद ज्यादातर छात्र अपने-अपने घरों में चले गए हैं। इसलिए वाट्सएप से पढ़ाई कर रहे हैं। शरीर संरचना संबंधी लेक्चर व फोटो ऑनलाइन भेजी जा रही है। एनाटॉमी विभाग के एचओडी डॉ. मानिक चटर्जी ने बताया कि कोर्स पूरा करना जरूरी है। कोर्स पूरा नहीं होगा तो छात्रों को एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व बायोकेमेस्ट्री की पूरी जानकारी नहीं हो पाएगी। दूसरी ओर पीजी की क्लास लग रही है। पीजी फाइनल ईयर वालों की परीक्षा 19 मई से होने वाली है। इसलिए उनकी कोरोना ड्यूटी नहीं लगाई गई है। एम्स में सेकंड ईयर वालों को भेजा गया है, ताकि कोरोना का इलाज सीख सकें। फर्स्ट ईयर व सेकंड ईयर की ड्यूटी नेहरू मेडिकल कॉलेज व अंबेडकर अस्पताल में चल रही है। वे ओपीडी व वार्डों में सेवाएं दे रहे हैं।
राजधानी में कोरोना से अब तक छह मरीज ठीक हो चुके हैं। इनमें से काेई भी मरीज दोबारा बीमार नहीं पड़ा। किसी को न सर्दी, खांसी हुई और न बुखार। मार्च से अब तक कोई मरीज अस्पताल भी नहीं गया। खास बात यह है कि रामनगर के 68 वर्षीय बुजुर्ग केवल छह दिनों में स्वस्थ हो गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद दोबारा बीमार नहीं पड़ना राहत वाली बात है।
प्रदेश व राजधानी का पहला मरीज 18 मार्च को मिला था। लंदन से लौटी 23 वर्षीय इस युवती को ठीक होने में 16 दिन लगे थे। जबकि 28 मार्च को रामनगर के बुजुर्ग 2 अप्रैल को डिस्चार्ज हो गया था। इसके बाद नियमित रूप से प्रदेशभर के 43 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि किसी मरीज का एक बार रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद इलाज शुरू होता है। इलाज के दौरान कुछ दिनों के अंतराल में मरीज के स्वाब का सैंपल लिया जाता है। दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इसके बाद लगातार मरीजों की मानीटरिंग होती है। 14 दिनों तक होम या सरकारी क्वारेंटाइन में रखा जाता है। घर भेजने के पहले उनकी फिर जांच की जाती है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर क्वारेंटाइन से बाहर किया जाता है।
मानीटरिंग से यह संभव : देश में किसी मरीज के ठीक होने के बाद दोबारा संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। चीन में जरूर कुछ मामले आए हैं। चेस्ट एक्सपर्ट व कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. आरके पंडा व नेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रो बायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अरविंद नेरल ने बताया कि स्वस्थ हुए मरीज दोबारा बीमार नहीं पड़ा। प्रदेश के लिए यह राहत वाली खबर है। लगातार मानीटरिंग के कारण यह संभव हो पाया है।
देश में कोरोना संक्रमण को लेकर 17 मई तक लॉकडाउन जारी है। प्रदेश में लंबे अंतराल के बाद सोमवार से जिले की समस्त शराब दुकानें खोल दी गई हैं। नशे के आदी दुकान खुलते ही शराब खरीदने व पीने टूट पड़े। यहीनहीं जिले में शराब दुकानखुलने के बाद इसके विपरीत परिणाम भी सामने आने लगे हैं। जहां पिछले 45 दिनों में अपराधों की संख्या नहीं के बराबर थी वहीं 4 मई से शराब दुकानें खुलने के बाद 8 मई तक यानी 5 दिन में 88 अपराध दर्ज हुए हैं।
राब दुकान खुलने के महज दूसरे दिन से ही जिले के विभिन्न स्थानों से शराब का साइड इफेक्ट दिखना शुरू हो गया है, कहीं पारिवारिक झगड़े तो कहीं शराब पीने के लिए पत्नी से जबर्दस्ती पैसे छीनने एवं मारपीट तथा प्रताड़ना जैसे दृश्य अब घरों में दिखाई देने लगे हैं। निचली बस्तियों में यह नजारा कुछ ज्यादा ही नजर आ रहा है। जिले के कुछ इलाकों से मामला अब पुलिस में भी पहुंचने लगा है।
तीन दिन में ही 8 प्रकरण मारपीट के
4 मई से खुलने वाली शराब दुकान के साथ ही 10 से अधिक लड़ाई-झगड़े के प्रकरण थाने में दर्ज किए गए हैं। थाना प्रभारी विजय चौधरी ने बताया कि
शराब दुकान खुलने के कारण अपराधों में इजाफा हुआ है। मंगलवार को 10 मामले लड़ाई-झगड़े के दर्ज किए गए। सिटी कोतवाली में ही पिछले तीन
दिनों में दर्ज 10 आपराधिक मामलों में 8 मारपीट तथा दो
चोरी के हैं। मारपीट में घायल सभी मामलों में आरोपियों पर शराब के नशे में मारपीट करने का आरोप है।मारपीट के सर्वाधिक 55 मामले दर्ज, 12सड़क दुर्घटनाओं में 8 नशे के कारण हुईं
जिले में 5 दिन में 122 अपराध दर्ज किए गए थे, इसमें 70 प्रतिशत अपराध यानी 88 अपराध सिर्फ दो दिन में ही दर्ज किए गए हैं। जिले में अचानक अपराधों के बढे ग्राफ का कारण शराब दुकानों के खुलने को माना जा रहा है। इन अपराधों में सर्वाधिक 55 मामले मारपीट में चोट के हैं। मारपीट के इन अधिकतर मामलों में गिरफ्त अपराधी शराब के नशे में थे। यही हाल सड़क दुर्घटनाओं का भी है, जहां जिले में एक सप्ताह में 12 सड़क दुर्घटनाओं में 8 दुर्घटनाएं शराब दुकान खुलने के बाद सिर्फ दो दिन में हुई है। इन दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत व 10 लोग घायल हुए थे। एक बलात्कार व 5 अपहरण के मामले भी इसी दौरान सामने आए हैं।
चंद्रशेखर वर्मा | कोरोना काल में पड़े मदर्स डे पर कोरोना का असर न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता। गीतांजली शुक्ला पलारी अस्पताल में नर्स हैं। उनकी दो बेटियां हैं एक 5 साल की परी तो दूसरी एक साल की वसीका। पति चिंटू शुक्ला अपने माता पिता से मिलने लखनऊ गए तो लॉकडाउन में वहीं फंस गए। अब दो बेटियों की देखभाल के साथ यह मां को मरीजों की सेवा का दायित्व भी बखूबी निभा रही है।
बड़ी बेटी को तो किसी तरह पड़ोस के या परिचित लोग संभाल लेते हैं पर एक साल की दुधमुंही बेटी मां को नहीं छोड़ती इसलिए उसे साथ लिए-लिए वे रोज अस्पताल की ड्यूटी भी कर रही हैं, वो भी उस हालत में जब सैकड़ों की संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमित मजदूर व अन्य लोग रोज परीक्षण कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं। ।
पलारी अस्पताल में पदस्थ स्टाफ नर्स गीतांजली शुक्ला इस छोटी सी बच्ची को लेकर अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार मरीजों की सेवा कर रही हैं जो अलग अलग वार्डों में भर्ती हैं। जब बच्ची थककर सोने को होती है तो उसे अस्मेंपताल के ही किसी कमरे में सुला देती हैं। नींद खुलते ही बेटी रोने लगती है तो फिर उसे गोद में लेकर मरीजों की सेवा में जुट जाती हैं। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात अन्य नर्सों से बच्ची घुल मिल गई है तो वे भी उसे संभाल लेती हैं।
वसीका अन्य स्टाफ नर्सों वर्षा, शिखा, दिलेश्वरी, रोहणी, लुकेश्वरी, प्रतिभा, अंजली, ललिता, उषा बंजारे एवं आया रेखा और कुमारी के साथ बच्ची घुल मिल गई है, जब मां काम कर रही होती है तब ये बेटी की देखभाल करती हैं। जब कभी मां व्यस्त हो जाती है और वसीका मां को ढूंढती है तो यही लोग उसे बहलाकर रखते हैं।
गीतांजली ने भावुक होकर कहा- सौभाग्यशाली हूं क्योंकि भगवान ने मुझे दो मां का दर्जा दिया
गीतांजली कहती हैं- बड़ी बेटी परी 5 साल की है जो उन्हीं के अस्पताल में काम करने वाले खूबीराम के घर रहती है, जो दूसरे मोहल्ले में रहते हैं। वह उनके साथ एडजस्ट हो गई है जबकि एक साल की वसीका को मां के प्यार की जरूरत है, वैसे ही जैसे मरीजों को मेरी सेवा की, इसलिए उसे साथ ही रखती हूं। अस्पताल में संक्रमण का भय तो लगता है पर जब मरीजों के दर्द देखती हूं तो लगता है भगवान ने मुझे दो मां का दर्जा दिया है, इस नाते मैं सौभाग्यशाली हूं। मुझे बेटी के साथ मरीजों की सेवा करने में आत्मिक सुख मिलता है। ड्यूटी से लौटकर बेटी के साथ अच्छी तरह नहाती हूं, सैनिटाइज होती हूं फिर हम दोनों खूब मस्ती करते हैं।
धान खरीदी बंद होने के लगभग ढाई महीने बाद भी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा भटभेरा अंतर्गत आने वाले खरीदी केंद्रों से संग्रहण केंद्रों तक अब तक केवल 60% धान का परिवहन हो पाया है जबकि 46 हजार 61 क्विंटल धान का परिवहन अब भी शेष है।
इस बीच खरीदे गए धान के लंबे समय तक खुले में पड़े रहने, बार-बार हो रही बारिश और चूहों के कारण धान व बोरों की दुर्दशा हो चुकी है। इससे समितियों को लाखों रुपए का नुकसान होना तय है। परिवहन नहीं होने से नुकसान झेल रही समितियों को संग्रहण केंद्र से दोहरी मार पड़ रही है। संग्रहण केंद्र जाने वाले धान को अधिकारी खराब क्वालिटी का हवाला देकर हर बार बोरों को वापस कर रहे हैं। खरीदी केंद्रों में इस बार 2 लाख 93 हजार 173 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। नियमानुसार खरीदी के 72 घंटों के भीतर धान को संग्रहण केंद्रों में चला जाना चाहिए था परंतु परिवहनकर्ता की मनमानी के कारण खरीदी के लगभग ढाई महीने बाद भी 46 हजार 61 क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में पड़ा है।
संतोष चंद्राकर, ललित वर्मा, धर्मेंद्र बघेल सहित धजाराम साहू, जगेश्वर वर्मा आदि समिति प्रबंधकों ने बताया कि लंबे समय तक खुले में रहने, बार-बार बारिश के कारण सड़ने और चूहों के कुतरने से 90% धान के बोरे खराब हो चुके हैं जिन्हें पलटने के लिए समितियों के पास बोरे नहीं हैं। बाजार में भी बोरे मिल नहीं रहे हैं जबकि कभी धान की क्वालिटी खराब होने व कभी बोरा खराब होने के नाम पर संग्रहण केंद्र द्वारा धान को वापस कर दिया जाता है।
अधिकारी ने भी माना कि परिवहन शेष है
बलौदाबाजार डीएमओ जसवीर सिंह ने संबंध में बताया कि जिले के कुल 115 समितियों में 95% उठाव हो चुका है। उन्होंने भी सुहेला क्षेत्र में परिवहन शेष होना स्वीकार किया तथा कहा कि दूसरे बारदानों में पलटने केबाद बताने पर तत्काल परिवहन करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बारदाना के लिए उन्हें नोडल अधिकारी से चर्चा करना चाहिए जबकि होने वाले नुकसान के संबंध में जिला सहकारी बैंक के अधिकारी ही बता पाएंगे।
राजिम क्षेत्र के ग्राम रक्शा के दो और महासमुंद जिले के 16 यानी कुल 18 मजदूर इन दिनों घर नुवापाड़ा के तोरास (ओडिशा) से वापसी के लिए बेचैन हैं। राजा नाम के ठेकेदार ने सभी को काम धंधे से निकाल दिया है और खाने पीने का सामान भी नहीं दिया जा रहा है।
हफ्ते भर की बारिश में भी रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। लॉकडाउन में मजदूरों का कामकाज बंद है और 2 महीने से काम नहीं मिलने के चलते भूखे प्यासे रहने की नौबत आ गई है। मजदूरों ने भास्कर को फोन पर बताया ठेकेदार ने जो पैसे दिए थे, वो खत्म हो गए। कुछ दिन तक आसपास के लोगों ने मदद की, अब मददगारों ने भी हाथ खींच लिए हैं। वापसी का कोई साधन नहीं होने से परेशान होकर अब वे 700 किलोमीटर पैदल आने की सोच रहे हैं। रक्शा के मजदूर राकेश चंद्रनिहा ने बताया कि दिसंबर से अपनी पत्नी ममता के साथ और महासमुंद जिले के ग्राम चारभाठा के 16 मजदूर ईंट भट्ठा में काम करने ओडिशा के नुवापाड़ा के ग्राम तोरास में काम करने गए हैं। ठेकेदार राजा के यहां रहकर ईंट भट्ठा में काम करते थे। प्रतिदिन दोनों पति पत्नी मिलकर 800 रुपए कमा लेते थे। उन पैसों से अब भरण पोषण करते रहे। इन्होंने ग्राम पंचायत रक्शा के सरपंच घनश्याम साहू को फोन करके अपनी दयनीय स्थिति से अवगत कराया है और वापस आने की गुहार लगाई है। इसी तरह महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम चारभाठा से लोकनाथ नावरंग, भानमती नावरंग, उत्तरा नावरंग, संतोषी नावरंग, टिकेशवरी नावरंग, चैनसिंह टंडन, दामिन बाई टंडन, करिश्मा टंडन, संजय धृतलहरे, संदीप धृतलहरे, परमेंद धृतलहरे, देवकी धृतलहरे, अंजना धृतलहरे, नीरजला धृतलहरे, राजेन खांडे, कुलवंती खांडे की भी यही व्यथा है।
पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद कसडोल नगर शनिवार को शत-प्रतिशत बंद रहा। इस दौरान अधिकारियों ने घूम-घूमकर नगर का जायजा लिया और लोगों को घर में ही रहने की समझाइश दी। शनिवार को ही उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश के 8 लोगों को वापस भेजने की व्यवस्था भी की गई।
4 मई से लोगों की आवाजाही बहुत बढ़ गई थी। कोरोना के संक्रमण को रोकने सरकार ने मई के प्रत्येक शनिवार व रविवार को पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है। उसी के तहत शनिवार को मेडिकल, किराना व फल सब्जी की दुकानों को छोड़कर कुछ भी नहीं खुला। लोगो ने प्रशासन के इस निर्देश का पालन करते हुए घर मे ही रहकर समय निकाले। सीएमओ आरसी तिवारी के निर्देश पर माइक से कर्मचारी लोगों से घरों से न निकलने की अपील करते रहे। सुबह तहसील कार्यालय के पास जो लोग लॉकडाउन का पालन नहीं करते बेवजह घूमते मिले उन पर जुर्माना भी लगाया गया। अधिकारियों ने कसडोल के अतिरिक्त छांछी, छरछेद, सेल, कटगी, सर्वा, मालदा, छेछर, देवरी, कोट आदि ग्रामों का दौरा कर पूर्ण लॉकडाउन का जायजा लिया। इधर एसडीएम टीसी अग्रवाल ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को 14 दिन क्वारेंटाइन कर स्कूल एवं हॉस्टल में रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि कसडोल क्षेत्र में काम करने आये उत्तरप्रदेश के धर्मेन्द्र, अनेक, लल्लू, नरेंद्र, सफीक, हसन अली और मध्यप्रदेश के रूपसिंह व सुखचैन सिंह टेकाम को शनिवार को वापस भेजा गया। वे 14 दिन से क्वारेंटाइन थे।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव से बचने की कवायद से राज्य शासन ने मई के प्रत्येक शनिवार अौर रविवार को टोटल लॉकडाउन घोषित कर दिया है। 8 मई को कलेक्टर के आदेश पत्र में छूट वाली सेवाओं को छोड़ सभी सेवाएं प्रतिबंधित रहने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने प्रतिबंध से छूट वाली सेवाओं पर भी रोक लगा दी। यहां तक कि अगले सप्ताह मंडी में धान विक्रय के लिए आने वाले किसानों को जारी होने वाले टोकन भी नहीं बंट पा रहे थे।
मंडी के बंद गेट के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों से टोकन लेने आए किसान असमंजस में खड़े थे। इस संबंध में पूछने पर पता चला कि तहसीलदार ने मौखिक आदेश से लॉकडाउन में टोकन नहीं बांटने के निर्देश दिए हैं, जबकि किसानों को इसके लिए बुलवा लिया गया था।
इस पर भास्कर प्रतिनिधि ने विधायक धनेंद्र साहू को स्थिति से अवगत कराते हुए स्थानीय स्तर पर अधिकारियों के मनमाने आदेश निर्देश की जानकारी दी। कुछ समय बाद ही मंडी सचिव राजेंद्र शर्मा ने फोन पर जानकारी दी कि एसडीएम सूरज साहू के निर्देश पर किसानों को टोकन वितरण प्रारंभ हो गया है। इसके बाद भी जो किसान सोमवार को बिना टोकन धान विक्रय के लिए लाएंगे, उसकी बोली होगी।
होलसेल व रिटेल सब्जी बाजार भी नहीं खुले
दूसरी ओर नगर के होलसेल और रिटेल सब्जी बाजार भी नहीं खोलने दिए गए। सब्जी व्यवसायी भागवत सोनकर, पार्षद मंगराज सोनकर, डायालाल धीवर, राजू सोनकर, रामचंद बंलवानी, नंदु देवांगन, अशोक सोनकर ने बताया कि शुक्रवार को ही सीएमओ ने नगर में छूट वाली सेवाओं जैसे चश्में, दूध, ब्रेड, फल, अंडा, चिकन, मछली की दुकानें भी नहीं खुलीं। ये दुकानें तो कार्रवाई के डर से ही नहीं खुली। इस समय तक सब्जी खरीदने का समय गुजर गया था और साग खरीदने निकले लोग खाली थैला लिए लौट रहे थे। पालिकाध्यक्ष धनराज मध्यानी के परिवार में गमी होने के कारण उन्होंने सब्जी बाजार में रोक पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इस पर जानकारी लेने की बात कहीं। बहरहाल आवश्यक सेवाओं में छूट पर स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध से बौखलाए लोगों में नाराजगी है।
इन गांव के लोग टोकन लेने आए थे
टोकन के लिए खड़े किसानों में से ग्राम डोंगीतरई से गिरधारी साहू, टोकरो से प्रेमलाल साहू, पुरुषोत्तम, प्रेमलाल यादव, ग्राम कुम्हारी से कमलेश साहू, लखना से उमेन साहू, गिरधारी निषाद, किसुनराम, बोरिद से विजय यादव, ग्राम थरौद से पुरन साहू, चंदना से मोहनलाल ने बताया कि आज टोकन मिलना था, इसके लिए हम पहुंचे भी थे, लेकिन यहां मंडी ही बंद है।
पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत पहली से 12वीं तक के छात्रों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। योजना के तहत गरियाबंद जिले के 63921 छात्रों ने पंजीयन कराया है। जिला मिशन समन्वयक श्याम चंद्राकर के अनुसार जिले में 4456 शिक्षकों का पंजीयन हो चुका है।
लॉकडाउन से जिले के सभी प्राथमिक, मिडिल, हाईस्कूल, हायर सेकंडरी, अनुदान प्राप्त शाला और कस्तूरबा गांधी स्कूल बंद हैं। ऐसी स्थिति में पहली से 12वीं तक की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए सरकार द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत पढ़ाई कराई जा रही है। डीईओभोपाल तांडे ने बताया कि जिले में पंजीयन की स्थिति ठीक है। ऑनलाइन क्लास के अंतर्गत बच्चों के होमवर्क अपलोड व शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन जांचने में गरियाबंद जिले की स्थिति प्रदेशभर में शीर्ष पर है। वहीं शिक्षक और छात्रों का इस ओर रुझान बढ़ा है, लेकिन ग्रामीण अंचल में नेटवर्क व स्कूली बच्चों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं होने से कुछ परेशानी जरूर हो रही है।
प्राचार्यों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए
शनिवार को फिंगेश्वर ब्लॉक में प्राचार्यों की कार्यशाला आयोजित कर सभी को ऑनलाइन क्लास में पंजीयन के साथ साथ cgschool.in वेब पोर्टल पर पाठ्यक्रम सामग्री अपलोड कर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए। जिला तकनीकी टीम के शिक्षक थॉमस विल्सन और व्यंकटेश साहू ने प्रोजेक्टर से वर्चुअल क्लास के पंजीयन, पढ़ाई, होमवर्क के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसअवसर पर एबीईओहेमंत साहू, देवेंद्र बहल, प्राचार्य एसएस कंवर, जेंडरे, जीपी वर्मा, पूरन लाल साहू, खुमान सिंह ध्रुव, कमल पांडे, दशरथ लाल ध्रुव, बीआर ध्रुव, अमृत यदु, ओमप्रकाश सिन्हा, विनय कुमार साहू, कुंदन रावत, सिंधु साहू, मुकेश निर्मलकर व शिक्षक उपस्थित थे।
कृषि उपज मंडी में आवक लगातार बना हुई है। शुक्रवार को हालात इतनी बदतर हो गई कि किसानों की 3 किमी लंबी लाइन लग गई। किसानों की समस्या को देखते हुए मंडी प्रशासन ने देवरी धान संग्रहण भेजा। वहां भी कोई विशेष व्यवस्था नहीं होने से किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसमें ऐसे कई किसान थे, जो अपनी उपजों को ला नहीं पा रहे थे। जो ला रहे थे, उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही थी अौर बारिश की मार भी उनके उपजों को नुकसान पहुंचा रही थी। साथ ही आने वाले समय में ग्रीष्मकालीन फसलों के उपजों की आवक बढ़ने से मंडी में भीड़ कई गुना बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इन सबके बावजूद भी मंडी प्रशासन के पास लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग को पालन कराने को लेकर कोई मजबूत योजना नहीं दिख रही है।
वहीं दूसरी तरफ रोजी रोजगार को लेकर अन्य प्रदेश गए प्रवासी मजदूरों का आना जारी हो जाएगा। इसके लिए राज्य शासन व्यवस्था बनाकर लाने की तैयारी भी कर रही है। इसकी दूसरे पहलु के अंतर्गत अधिकतर मजदूर किसी न किसी साधन से अपने नियत स्थान पहुंच रहे हैं व प्रयत्नशील भी हैं। गांव वालों की जागरूकता व प्रशासन की सक्रियता से उनके विशेष स्थान पर ठहराने की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन इन सबके बीच प्रवासी मजदूरों को लेकर शासन प्रशासन की थोड़ी सी चूक पूरे क्षेत्र के लिए परेशानी का सबक न बन जाएगी, जिसपर ध्यान भी देना बहुत जरूरी है। इसी संबंध में एसडीएम महेश सिंह राजपूत ने कहा कि दो दिन पूर्ण लॉकडाउन के चलते शुक्रवार को गाड़ियों की संख्या बढ़ गई। जबकि किसानों को कृषि उपज फसलों की बिक्री के लिए टोकन दिए जा रहे हैं। बहुत से लोग बिना टोकन होने के कारण भीड़ का कारण बने हैं।
किसानों से धान खरीदने को तैयार: पोहा मिल
पोहा मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश थारानी का कहना है कि सीधे किसानों से धान खरीदने को हम तैयार हैं और मंडी को टैक्स देकर किसानों की समस्या हल की जा सकती है। परंतु इसकी कोई व्यवस्था नहीं की जा रहा है। पूर्व मंडी उपाध्यक्ष रमेश यदु ने कहा कि पोहा मिलर्स धान खरीदना चाहते हैं, परंतु मंडी प्रशासन व्यवस्था देने में नाकाम हो रहा है।
प्रदेश में गेहूं की बंपर फसल होने का दावा किया जा रहा है लेकिन बिलासपुर व रणजीतपुर अनाजमंडी में पिछले साल की तुलना में इस बार आवक 25 प्रतिशत कम रहने का अनुमान है। अभी तक मंडियों में पिछले साल की तुलना में 72 फीसदी आवक हुई है। बावजूद इसके इस बार पूरे सीजन उठान न होने से आढ़ती व किसान परेशान रहे। सीजन लगभग खत्म हो चुका है लेकिन किसानों को अपनी फसल का एक पैसा नहीं मिला। जानकारों का कहना है कि इस बार कोरोना वायरस के कारण हिमाचल व यूपी बाॅर्डर पर सख्ती है। वहां का गेहूं न आ पाने से खरीद कम लग रही है। वहीं मंडी के कर्मचारी व अधिकारी कम आवक का कारण ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान को बता रहे हैं।बिलासपुर व रणजीतपुर की अनाजमंडी में पिछले साल 8 लाख 72 हजार 962 कट्टे गेहूं की आवक हुई थी। इसमें 6 लाख 46 हजार 204 व रणजीतपुर में दो लाख 26 हजार 758 कट्टे की आवक हुई थी। इस बार रणजीतपुर में केवल एक लाख 65 हजार कट्टे व बिलासपुर में चार लाख 80 हजार कट्टे की आवक रही। आढ़ती व मार्केट कमेटी आवक कम रहने का कारण क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि व लेबर से गेहूं की कटाई को मान रहे हैं। हालांकि इसका बड़ा कारण यूपी से आने वाली गेहूं को भी बताया जा रहा है। आढ़तियों व जमींदारों का कहना है कि इस बार अधिकतर फसल की कटाई लेबर द्वारा मैनुअल तरीके से की गई है। कटाई के बाद हड़म्बा मशीन से निकाली गई जिसके बदले लेबर को गेहूं के रूप में ही मजदूरी दी गई। अधिकतर लोगों ने इस तरह कमाई हुई गेहूं मंडी न बेचकर अपने पास स्टोर कर रखी है। वहीं सरकार ने अभी तक नॉन रजिस्टर्ड किसानों की गेहूं भी नहीं खरीदी है। मार्केट कमेटी सचिव संत कुमार का कहना है कि सरकार ने अन रजिस्टर्ड किसानों की फसल 10 मई के बाद खरीदने की घोषणा की है। उनका कहना है कि सरकार का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल खुला है। किसान जब चाहे रजिस्टर्ड करा सकता है। उनके अनुसार दो प्रतिशत से अधिक किसान ही अन रजिस्टर्ड हो सकते हैं।
मंडी में जमा डेढ़ लाख कट्टे
इस बार मौसम की बेरुखी के चलते किसानों की फसल कई बार मंडी में भीग चुकी है। अभी भी मौसम खराब हो रहा है। बिलासपुर की मंडी में करीब डेढ़ लाख कट्टा गेहूं उठान के लिए पड़ा है। खरीद एजेंसी वेयर हाउस के मैनेजर सुखदेव सिंह का कहना है कि ठेकेदार ने तीन लाख 40 हजार कट्टे का उठान कर लिया है। बाकी भी एक दो दिन में उठा लिया जाएगा।
जिले में मिले 10 कोरोना पॉजिटिव में 6 मजदूर हैं। वहीं प्रदेश में 21 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव मजदूरों में ही मिले हैं। अब अन्य राज्यों से 3000 से ज्यादा मजदूर आने वाले हैं। इसलिए हालात चिंताजनक होती जा रही है। हालांकि इन मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए जिले में 273 सेंटर बनाए हैं। प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों को क्वारेंटाइन सेंटरों की तैयारी करने कहा है लेकिन कई ग्राम पंचायतों में इसे गंभीरता से नहीं लिया गया है।
दुर्ग सहित प्रदेशभर में 59 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा मजदूर दुर्ग व कवर्धा जिले के हैं। दोनों ही जिले में छह-छह कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। प्रदेश की स्थिति में 59 कोरोना पॉजिटिव में 14 श्रमिक है। अब 1200 मजदूर दुर्ग आएंगे।
बच्चों के बैठने की नई फर्नीचर पड़ी है बाहर, मजदूर आएंगे तो होगा खतरा
ग्राम पंचायत उमरपोटी के शासकीय उ. माध्यमिक शाला को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर के कमरे के बाहर धूल अटी पड़ी है। हाल यह है कि स्कूली विद्यार्थियों के बैठने के लिए नई फर्नीचर आई है। श्रमिक यहां क्वारेंटाइन होंगे तो इस फर्नीचर को छू सकते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा होगा।
कर्नाटक से लौटे, पर अब तक जांच नहीं
ग्राम पंचायत पुरई सेंटर में कर्नाटक से पैदल लौटे श्रमिक उदय, उसकी पत्नी और डेढ़ साल का बच्चा क्वांरटाईन किए गए हैं। यहां दो दिन हो गए लेकिन उनकी न ही स्क्रीनिंग की गई है और न ही कोई जांच। खाना यहां खुद बनाते हैं।
यहां बेहतर इंतजाम... श्रमिकों के लिए बिछे गद्दे, पंखे और पानी की भी सुविधा
क्वारंटाईन सेंटर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला घुघवा में श्रमिकों को क्वारेंटाइन के दौरान उनकी सुविधाओं के लिए बेहतर इंतजाम किया मिला। यहां बकायदा गद्दे , तकिए, चादर कमरों में बिछाए गए हैं। पंखे और पेयजल की सुविधा है। खाना बनाने के लिए गैस-चूल्हा रखा गया है।
जिले के 6 श्रमिकों की हिस्ट्री, जो बाहर से लौटे
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कलेक्टोरेट,जिला पंचायत सहित सभी जनपद पंचायतों में हैंडवॉश यूनिट लगाई जा रही है। जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वयं कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने कलेक्टोरेट परिसर में हैंडवाश के लिए एक यूनिट रखवाई है। कलेक्टर ने स्वयं इसकी शुरुआत अपने हाथों की धुलाई कर की। कलेक्टोरेट में यूनिट के लगने के बाद कलेक्टोरेट आने वाले सभी कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ लोगों को हाथों को हैंडवाश करने के बाद ही परिसर में अंदर आने की अनुमति होगी। दूसरी और जिला पंचायत सीईओ केएस मंडावी ने भी जिला पंचायत परिसर में हैंडवाश यूनिट का स्वयं हाथ धोकर शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी पीके हरित, स्वच्छ भारत मिशन के जिला सलाहकार राजेश जैन , मनोज मिश्रा,आशीष यादव ,शशिकांत गुप्ता,पुनीत यादव,आरआर पैकरा, बलवीर, आलोक टोप्पो, ललित सिंह,मनीष चौरसिया उपस्थित थे।
नल की टोटी से संक्रमण फैलने का खतरा अब नहीं
कलेक्टोरेट और जिला पंचायत में लगी यूनिट में कोरोना संक्रमण व हाथ धुलाई के लिए जागरूक करने वाला संदेश लिखा। यूनिट से लोगांे को 20 सेकंड तक हाथ धोने की अपील की गई है। इस यूनिट में पैर से पुश करने पर हैंडवाश लिक्विड और नल से पानी आता है,जिसके माध्यम से हाथ की धुलाई की जा सकती है। कई बार नल की टोटी संक्रमित होने से धुले हुए हाथ से नल के टोटी को बंद करते समय हाथ फिर से संक्रमित हो जाते हैं। इसे देखते हुए ही इसका निर्माण ऐसा किया गया है जिसमें हाथ लगाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।
बगीचा के एल्डरमैन नासीर अली ने किया था पहला निर्माण
जिले में पैर से संचालित होने वाले हैंडवाश यूनिट का निर्माण सबसे पहले बगीचा नगर पंचायत के एल्डरमैन नासीर अली ने किया था। नासीर अली ने अपने फ्रेबिकेशन में इसका निर्माण कर यूनिट को बगीचा के नगर पंचायत को दान किया था, ताकि इसका उपयोग यहां आने वाले लोग कर सके। नासीर अली द्वारा पैर से संचालित होने वाली हैंडवॉश यूनिट के निर्माण के बाद इसे प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए रायपुर से इसका निर्माण करवाया है और इसे कलेक्टोरेट,जिला पंचायत एवं जिले के सभी जनपद पंचायतों में लगाने का निर्णय लिया है।
कोरोना संक्रमण से हर दिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। एक से शुरू होकर संक्रमण के मामले हजारों की संख्या में पहुंच चुके हैं। कोरोना वारियर्स के रूप मे डाॅक्टर, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी दिन रात अपनी सेवा दे रहे है। बीटीआई चौक पर पिछले दो माह से बैरियर लगाया गया है। बैरियर के आर-पार जाने वाले लोगों को पुलिस कर्मी उनसे बाहर निकालने का कारणा पूछकर उन्हें मास्क अाैर सैनिटाइजर के साथ चलने के लिए जागरूक कर रहे हैं। यहां बैरियर पर पुस्तम यादव एवं गजानंद प्रसाद कुर्रे की डयूटी लगाई गई है। दोनों ही 35 डिग्री तापमान में भी छांव में आराम करने के बजाए लोगों को रोककर बाहर निकलने का कारण पूछ रहे हैं। उसके अलावा वे वाहन चालकों को मास्क लगाने एवं उनके हाथ सैनिटाइज भी करा रहे हैं। ट्रैफिक जवान पुस्तम यादव ने बताया कि इनकी तरह ही दर्जनों जवानों की अब तक बैरियर में डयूटी लगाई जा चुकी है। उनका कहना था कि सुबह से शाम तक उन्हें वाहनों की चेकिंग के अलावा लोगों को बेवजह ना घूमने की हिदायत देनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते चरण में पुलिस अपनी डयूटी में जरा भी कोताही नहीं बरत रहे हैं।
लाॅकडाउन बेहतर उपाय
पुलिस जवान गजानंद प्रसाद कुर्रे ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए लाॅकडाउन बेहतर उपाय है, जिसके जरिए इस बीमारी से बहुत हद तक निजात मिल सकती है। उन्होंने बताया कि डयूटी के वक्त बहुत से लोग बैरियर के पास से भूखे भी गुजरते हैं। अक्सर ये लोग दूसरे प्रदेशों से आने वाले मजदूर हैं, जिन्हे तैनात जवानों द्वारा पीने का पानी के अलावा यथासंभव खाने की वस्तुएं भी मदद के रूप मे दी जाती है। उन्होंने बताया कि संकट के इस दौर मे सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा मानवता का परिचय देना भी बेहद जरूरी है।
पांच दर्जन से भी अधिक नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी हर दिन शहर को स्वच्छ बनाकर अपनी जिम्मेदारी भलीभांति निभा रहे है। सफाई कर्मचारी सुबह एवं दोपहर की दो पाली मे काम कर शहर को स्वच्छ बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सीएमओ जयमंगल सिंह परिहार ने बताया कि 60 से भी अधिक लोग शहर को स्वच्छ बनाने के लिए दो पाली में सुबह एवं दोपहर काम कर रहे है। उन्हाेंने कहा कि वर्तमान का समय अस्थिरता का दौर है। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो माह से लाॅकडाउन की स्थिति निर्मित है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने के निर्देश मिले है, जिसके कारण नगर पंचायत के सफाई कर्मचारीयों को सफाई करने में जरा भी कोताही ना बरतने की हिदायत दी गई है। उनका कहना था कि 60 से भी अधिक सफाई कर्मचारी शहर को स्वच्छ बनाने में डयूटी कर रहे है। उसके अलावा तीस से भी अधिक महिलाए घर-घर कचरा कलेक्शन करने के कार्य में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी भी कोरोना योद्धा के रूप में सामने आ रहे है, जिसके कारण अनेक समाजिक संस्थाए नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों का भी सम्मान कर चुकी है।
नावाबाजार प्रखंड मुख्यालय से सटे इटकी स्थित पीएचसी में बने क्वारेंटाइन सेंटर के सभी 14 संदिग्ध प्रवासी मजदूरों का सैंपल निगेटिव आने पर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग व इलाकाई लोगों तथा उनके परिजनाें ने सुकून व्यक्त किया है। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य प्रभारी अशोक कुमार मीणा ने होम क्वारेंटाइन में रहकर सोशल डिस्टेंस का व मास्क पहनने को जरूरी मानकर दिनचर्या का पालन करने का जरूरी परामर्श दिया। इस तरह इस पीएचसी के सभी 59 संदिग्ध का सैंपल निगेटिव आया है।
राजधानी को रेड जोन घोषित किए जाने के बाद पहली बड़ी राहत मिलेगी। सोमवार से पंडरी कपड़ा मार्केट समेत आसपास के पांच बड़े कपड़ा बाजारों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। पंडरी कपड़ा दुकानदारों ने शुक्रवार को दुकानें खोल ली थी। इसके बाद उनका पुलिस, निगम और प्रशासन के अफसरों से विवाद भी हुआ। आठ दुकानदारों से 16 हजार रुपए का जुर्माना भी वसूला गया। पंडरी के रसूखदार कारोबारियों ने इसकी शिकायत सीएम तक पहुंचा दी। शनिवार को रायपुर उत्तर विधानसभा के विधायक कुलदीप जुनेजा सुबह से ही पंडरी कपड़ा बाजार खुलवाने के लिए सक्रिय हो गए। एक घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक के बाद तय हो गया कि सोमवार से पंडरी बाजार खुल जाएगा।
सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक खुलेंगे बाजार
प्रशासन ने पंडरी थोक कपड़ा मार्केट के साथ, महालक्ष्मी क्लॉथ मार्केट, इंदिरा गांधी व्यवसायिक परिसर, न्यू क्लॉथ मार्केट, पगारिया कांप्लेक्स की दुकानों और जय हिंद मार्केट को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक खोलने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा शहर के बाकी कपड़ा दुकानें नहीं खुल सकेंगी। अफसरों ने तय किया है कि एक साथ बाजार की सभी दुकानें नहीं खोली जाएंगी। पहले दिन सोमवार को सड़क की सिर्फ एक लाइन की दुकानें खुलेंगी, दूसरी लाइन की दुकानें मंगलवार को खुलेंगी। तब सोमवार को खोली गई दुकानें बंद रहेंगी।
चैंबर अध्यक्ष और महामंत्री आपस में भिड़े
पंडरी कपड़ा बाजार खोलने को लेकर चैंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा और महामंत्री लालचंद गुलवानी आपस में भिड़ गए। महामंत्री ने अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि उन्हें केवल पंडरी के दुकानदारों की परेशानी दिख रही है। शहर में बाकी कारोबार भी बंद है, लेकिन उन्हें खुलवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। एक व्यापारी वर्ग को खुश कर बाकी को नाराज किया जा रहा है। इससे चैंबर की छवि धूमिल हो रही है। मोबाइल, बर्तन, स्टील, फैंसी स्टोर, कॉस्मेटिक, प्लास्टिक समेत कई व्यापारिक एसोसिएशन ने चैंबर अध्यक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि चैंबर को केवल एक मार्केट की फिक्र करने के बजाय सभी की करनी चाहिए।
सरगुजा संभाग के वीर शहीद सब इंस्पेक्टर शनिवार को तिरंगे में लिपटकर घर आए। अपने इस अंतिम सफर पर आने वाले इस वीर ने कुछ को रुलाया तो कुछ गर्व करने का मौका दिया। श्याम किशोर शुक्रवार की देर रात राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा में हुए नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में 4 इनामी नक्सली भी मारे गए। राजनांदगांव में इन्हें गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने श्रद्धांजलि दी। उनके पैतृक गांव अम्बिकापुर जनपद के ग्राम खाला में बांस तालाब के शासकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर परिवार के साथ मंत्री अमरजीत भगत, पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने राजनांदगांव में ही शहीद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मीडिया से बात-चीत में कहा कि हमने एक जांबाज थाना प्रभारी खोया है, इसका दुख है। वो आखिरी सांस तक लड़ते रहे। अब बैठक हम कर रहे हैं। इलाके कितने नक्सली एक्टिव हैं इसकी समीक्षा करेंगे और नक्सल अभियान इस क्षेत्र में बढ़ाने का काम होगा। यह मुठभेड़ मदनवाड़ा थाने के परधौनी में तब हुई जब श्याम अपनी टीम के साथ सर्चिंग पर निकले थे। घात लगाए नक्सलियों ने गोली-बारी शुरू कर दी थी।
पुलिस ने डकैती करने वाले तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। जिले के थाना घरघोड़ा के ग्राम टेण्डा नवापारा में यह घटना हुई थी। ओडिशा की विद्युतीकरण प्रोजेक्ट कम्पनी न्यू मार्डन टेक्नोमेक प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था। यहां से 16 लाख रुपए के सामान की डकैती हुई थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से 14 लाख रुपए के लूटे हुए कॉपर ड्रम को बरामद किया है। लुटेरों की गाड़ी को जब्त किया गया है। इनसे बाकि के सामान को लेकर पूछताछ की जा रही है।
6 मई को यह वारदात हुई थी। पुलिस टीम ने कंपनी के ऑफिस में गार्ड का काम करने वाले सुरेश चौहान, त्रियंबक चौहान और बसंत राठिया से पूछताछ की। पुलिस को बसंत पर शक हुआ। बार-बार वह बयान बदल रहा था। जब पुलिस ने सख्ती की तो उसने डकैती की बात कबूली। उसने बताया कि कंपनी की गाड़ियों की देखरेख करने वाले राकेश के साथ मिलकर उसने प्लान बनाया। राकेश, नीरज और गंगा राम नाम के अपने साथियों के साथ कंपनी के दफ्तर में डकैत बनकर आया। यह सब पहले से बसंत जानता था। राकेश ने साथियों के साथ मिलकर सामान लूटा और भाग गया। पुलिस ने नीरज और गंगा को भी पकड़ लिया, फिलहाल राकेश फरार है।
4 साल की चांदनी और 15 महीने का निखिल अपनी मां और पिता को खोज रहे हैं। रो-रोकर बच्चों का बुरा हाल है। यह साइकिल से अपने माता-पिता के साथ लखनऊ से छत्तीसगढ़ लौट रहे थे। वहां एक ट्रक की चपेट में आने से इन बच्चों के पिता कृष्णा और मां प्रमिला की मौके पर ही मौत हो गई। इन बच्चों का चाचा रामकुमार साहू थोड़ी देर उन्हें बातों में उलझाकर रखता है। मगर फिर बच्चे मां को खोजते हुए रोने लगते हैं। राजकुमार, कृष्णा के साथ रहकर लखनऊ में मजदूरी कर रहा था। बुधवार को हादसे के बाद पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने बच्चों को अस्पताल भेजा था। शनिवार को अस्पताल से बच्चों को छुट्टी दे दी गई।
इनके वापस छत्तीसगढ़ लौटने का फिल्हाल कोई बंदोबस्त नहीं है। रामकुमार ने बताया कि लखनऊ स्थानीय अधिकारियों ने घर भेजने का वादा किया था। बेमेतरा के जिला प्रशासन के अधिकारी भी वापसी को लेकर बात कर चुके हैं। मगर बच्चों की सेहत ठीक होने का हम इंतजार कर रहे हैं। शनिवार को इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिक दम्पति के परिवारजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रूपए की सहायता देने की घोषणा की है। यह दंपति बेमेतरा जिले के नवागढ़ इलाके के गांव रनबोर की रहने वाली थी। लॉकडाउन में कई दिनों से मजदूरी का काम नहीं मिला, खाने तक को कुछ नहीं था। इसलिए साइकिल पर ही कृष्णा ने परिवार के साथ घर लौटने की सोची, गांव की जमीन पर वह खेती करके परिवार को पालना चाहता था।
जिले में शुक्रवार शाम काे आए 6 पॉजिटिव केस के साथ शनिवार सुबह 2 और केस पॉजिटिव आने से चिकित्सा विभाग अलर्ट हाे गया है। सीएमएचओ डॉ. जेपी बुनकर और आरसीएचओ डॉ. सुरेश मीणा ने काेराेना पॉजिटिव केस क्षेत्र आमेट, जिलोला, छापली, चारभुजा जाकर चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से मिलकर पॉजिटिव केस के संपर्क में आने वाले लोगों की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। आवश्यक लोगों के सैंपल लेने के लिए चिह्नित कर आरके अस्पताल भिजवाने तथा निर्धारित क्षेत्र में स्वास्थ्य सर्वे करने के निर्देश दिए। राजसमंद शहर में भी दोनों पॉजिटिव केस के कन्टेनमेंट क्षेत्र हाथीनाड़ा, जेके मोड़, वीरभान जी का खेड़ा में भी टीमों का गठन कर स्वास्थ्य सर्वे शुरू किया।
दोनों अधिकारियों ने टाड़ावाड़ा निवासी पॉजिटिव केस जो आमेट क्वारेंटीन सेंटर विद्या निकेतन स्कूल में क्वारेंटीन था वहां जाकर चिकित्सा अधिकारियों एवं अध्यापकों से मिलकर संपर्क में आने वाले लोगों तथा मुम्बई से बस में साथ में आने वाले अन्य लोगों की सूची तैयार करवाई तथा क्वारेंटीन सेंटर के आसपास के क्षेत्र में स्वास्थ्य सर्व शुरू करने काे कहा। इस मौके पर बीसीएमओ डॉ. सीपी सूर्या, डॉ रमेश सैनी माैजूद थे। जिलोला क्वारेंटीन सेंटर पर शुक्रवार को मिले एक पॉजिटिव केस को लेकर सीएमएचओ और आरसीएचओ ने गांव में की जाने वाली स्वास्थ्य सर्वे की बीसीएमओ डॉ. सूर्या एवं ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक सरिता जैन के साथ समीक्षा की तथा टीमें गठन कर तत्काल स्वास्थ्य सर्वे शुरू करने, निकट संपर्क वाले लोगों को सैम्पल के लिए भिजवाने के निर्देश दिए। सीएचसी छापली पहुंच वहां माैजूद बीसीएमओ डॉ. नरेन्द्र दुलारा, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी मोहम्मद शाहीद तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पीपली के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. राहुल सिंह से पॉजिटिव केस के निकट संपर्क में आने वालों के सैंपल लेने, कंटेनमेंट जोन में सर्वे के निर्देश दिए। केलवाड़ा एवं चारभुजा में पॉजिटिव केस को लेकर चारभुजा सीएचसी में बीसीएमओ डॉ. प्रहलाद सिंह सोलंकी, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. कमलकांत शर्मा, खंड कार्यक्रम प्रबंधक सुरेश सैनी से गाइडलाइन के अनुसार पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों के सैंपल लेने, स्वास्थ्य सर्वे करवाने को कहा।
राजसमंद। कांकराेली इलाके में दाे युवकाें के काेराेना पॉजिटिव आने पर कर्फ्यू की घाेषणा के बाद शनिवार दिनभर कांकराेली पूरी तरह से बंद रहा। बाजाराें में हर राेज जहां लाॅकडाउन 3.0 के तहत सुबह 7 से 2 बजे तक बाजार खुलने से जाे चहल-पहल रहती थी वाे शनिवार दिनभर देखने काे नहीं मिली। बाजाराें में विरानी छाई रही। यहां तक कि मेडिकल स्टाेर, सब्जी, दूध डेयरी जैसी आवश्यक वस्तुओंकी दुकानें भी बंद रहीं। भीलवाड़ा राेड पर कृषि उपज मंडी भी बंद रही और मंडी गेट पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। मंडी में किसी की भी आवाजाही नहीं हाे सकी।
सुबह से ही कांकराेली काे पूरी तरह सील कर दिया गया। शहर के काॅलाेनियाें में आने वाले सभी मुख्य मार्गाें पर जिला प्रशासन ने बेरीकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया, जिससे लाेगाें की आवाजाही ना हाे सके। कांकराेली के अलावा शहर के राजनगर और धाेइंदा इलाके में भी व्यापारियाें ने एहतियातन व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। कांकराेली में चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा और बाजाराें में पुलिस के अफसर गाड़ियाें में लगातार गश्त कर निगरानी रखे हुए थे। गौरतलब है कि कांकराेली में हाथीनाड़ा इलाके का युवक जाे अपने परिवार के साथ कचाैड़ी, समाेसा, पानी पूरी सहित फास्ट फूट की घर-घर सप्लाई कर रहा था। उसके सहित वीरभान जी का खेड़ा का युवक जो औरंगाबाद से आया था वह काेराेना पॉजिटिव आया था।
हाथीनाड़ा क्षेत्र में काेराेना संक्रमित आते ही लाेगा घर छाेड़ रिश्तेदाराें के यहां पहुंचे : हाथीनाड़ा इलाके में रहने वाले युवक के काेराेना पाॅजिटिव आने के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। क्षेत्र के जिन जिन भी लाेगाें ने इस युवक से पानी-पूरी अादि खाद्य साम्रगी खाई थी वे सभी घबरा गए। ऐसे में काेराेना संक्रमण के खतरे काे देखते हुए शनिवार सुबह हाथीनाड़ा में पॉजिटिव युवक के अासपास रहने वाले कुछ लाेग अपने घराें के ताले लगाकर कांकराेली से बाहर अपने रिश्तेदाराें के यहां चले गए। इस दाैरान इन लाेगाें ने अंदरूनी क्षेत्र में हाेने से हाथीनाड़ा माेहल्ले के पीछे झूलेलाल मंदिर वाले रास्ते से हाेकर कालिंदी विहार और वीरभान जी का खेड़ा राेड हाेकर दुपहिया वाहन भी आते जाते रहे। कई लाेग कर्फ्यू के आदेशाें की अवहेलना करते दिखे।
जिले में शनिवार काे दाे नए काेराेना पाॅजिटिव पाए गए हैं। इसमें एक भीम पंचायत समिति के पीपली नगर का अधेड़ है, जाे परिवार सहित अहमदाबाद से आया है। दूसरा चारभुजा में झीलवाड़ा पंचायत समिति के मेवाड़िया गांव का युवक है। यह मुंबई में मिठाई की दुकान पर काम करता था। इनके सहित भीम और चारभुजा में दाे-दाे काेराेना पाॅजिटिव हाे गए हैं। शुक्रवार काे भीम के छापली में एक और चारभुजा के टाड़ावाड़ा का एक युवक काेराेना पॉजिटिव पाए गए थे।
परिवार सहित अहमदाबाद से स्लीपर बस से आया था अधेड़ :भीम पंचायत के पीपली नगर के रहने वाले 50 साल के अधेड़ हाल न्यू अमर पार्क अहमदाबाद के कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह 6 मई को अहमदाबाद से परिवार के साथ स्कार्पियों से चिलौड़ा तक आए। परिवार में उसकी पत्नी, पुत्र, पुत्री और पुत्र वधू थे। चिलौड़ा से चली अलबेली सरकार बस में करीब 30 सवारी थी। बस में एक स्लीपर में संक्रमित की पत्नी और बेटी बैठी थी। दूसरे स्लीपर में संक्रमित का लड़का व उसकी पत्नी बैठी थी। काेराेना संक्रमित अकेला स्लीपर में बैठा था। बस चिलौड़ा से रवाना होकर गुजरात के रतनपुर बॉर्डर पर पहुंची। यहां सभी सवारियों की स्क्रिनिंग की गई। वहां से देलवाड़ा पहुंचने पर सभी सवारियों की स्क्रीनिंग की गई। 5 मई को दिवेर थाने के सामने सुबह 9 बजे स्क्रीनिंग की गई। दिवेर से रवाना हो पीपली नगर चौराहे पर सुबह साढे 9 बजे उतरकर सीधे पीपली नगर स्कूल ले गए, जहां पर सभी को क्वारेन्टाइन कर दिया। सुबह 10 बजे इनको स्कूल में कमरा मिल गया। कमरे में काेराेना संक्रमित के परिवार के साथ पीपली नगर के ही दाे लाेग और भी रुके। 7 मई को दिन में एक बजे संदिग्ध लक्षण दिखने पर अधेड़ काे आरके चिकित्सालय ले गए, वहां पर उसके सैंपल लिए गए। शनिवार सुबह उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन लोगों का गांव में किसी से मिलना-जुलना व सम्पर्क नहीं हुआ। इन सभी लोगों को खाना भी क्वारेन्टाइन सेंटर से ही दिया गया था। बाहर से कोई सामान नहीं दिया गया। काेराेना संक्रमित अहमदाबाद में चाय सेंटर चलाता था। पीपलीनगर के अधेड़ के काेराेना पॉजिटिव अाने की सूचना पर देवगढ़ थाना प्रभारी नेनालाल सालवी मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और ग्राम पंचायत की सीमाओं को सीज कर दिया ग्रामीणों द्वारा बनाई गई कोरोना टीम के सदस्यों द्वारा कमान संभाली ली गई है। टीम के सदस्य नरेन्द्र सिंह रावत, चिरंजीवी सिंह, प्रवीण सिंह, दिलीप सिंह, भगवान लाल, जितेंद्र सिंह, जसवंत सिंह ने गांव की ओर आने वाले सभी रास्तों पर बड़े पत्थर, कंटीली झाड़ियां लगा कर बन्द कर दिए हैं। बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
चारभुजा तहसील क्षेत्र में दूसरा पॉजिटिव मिलने पर हड़कंप : चारभुजा। तहसील क्षेत्र में भी एक के बाद दूसरे व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने पर पुलिस और प्रशासन ने माहेश्वरी सेवा सदन सेंटर को सील कर दिया है। मेवाड़िया ग्राम पंचायत झीलवाड़ा निवासी 25 साल का युवक अपने बेटे और साथी के साथ 4 मई को मुम्बई से मिनी बस की। उसमें उसके गांव के 4 -5 जनों के साथ ही क्षेत्र के कुल 22 जने सवार थे, जो 5 मई को चारभुजा माहेश्वरी क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे। 7 मई को श्वास लेने में तकलीफ एवं खांसी, सर्दी हाे गई, जिस पर प्रशासन को फोन कर सूचित किया मगर 7 मई को उसका चेकअप नहीं करवाया गया। उसी दौरान युवक के पिता ने कुंभलगढ़ एसडीएम परसाराम टांक को फोन पर अपने बच्चे की स्थिति बताई। दूसरे दिन 8 मई सुबह युवक को आरके चिकित्सालय भेज दिया गया, जहां पर शुक्रवार काे उसका सैंपल लेकर उदयपुर भेजा। वहां पर शनिवार सुबह उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। काेराेना पॉजिटिव युवक मुम्बई में देवीपाड़ा दहीसर में एक मिठाई की दुकान पर नौकरी करता था। चारभुजा में अभी तक आने वाले प्रवासियों की संख्या 800 के पार पहुंच चुकी है।
सीएचसी केलवाड़ा पर 4 मई से शनिवार को 750 प्रवासियों ने स्क्रीनिंग करवाई जिन्हें क्वारेन्टाइन कर दिया गया। कोविड 19 प्रभारी डॉ. नीरज चौधरी ने बताया कि प्रवासियों में 70 प्रतिशत लोग मुंबई, महाराष्ट्र एवं गुजरात क्षेत्र के हैं। डॉ चौधरी ने बताया कि शनिवार को मेडिकल टीमों ने गवार गांव के 1430 लोगों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग का कार्य पूर्ण किया है एवं गवार क्षेत्र के चार संदिग्ध एवं स्टाफ के तीन कुल 7 लोगों के सैंपल ले कर जांच के लिए आरके हॉस्पिटल राजसमंद भिजवाए हैं।
राजसमंद। जिले में काेराेना संक्रमित लाेगाें की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार सुबह तक 15 लाेग काेराेना संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि इनमें से 4 लाेगाें ने काेराेना काे हराने में कामयाबी हासिल की है। 11 लाेग काेराेना पाॅजिटिव हैं। इनमें सबसे पहले 25 अप्रेल काे देलवाड़ा पंचायत की कराेली का युवक और देलवाड़ा में ही नेगडिया रठूंजना का युवक जाे मुंबई से आए थे। दाेनाें ने काेराेना काे हरा दिया है। इसके बाद केलवा में धाेलीबावड़ी के दाे युवक भी जाे मुंबई से आए थे और काेराेना संक्रमित हाेने के बाद आरके अस्पताल में भती थे। इन्हाेंने ने भी काेराेना पर विजय प्राप्त कर ली है। हालांकि इनका उपचार जारी रहेगा। इनमें से कराेली के युवक के दाे बार जांच पर रिपाेर्ट निगेटिव आ चुकी है। इसी प्रकार केलवा के दाेनाें युवकाें की भी दूसरी बार सैंपल शनिवार काे ले लिए गए हैं। शुक्रवार काे इन दाेनाें युवकाें के सेंपल निगेटिव आचुके हैं। कुल तीन बार रिपाेर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से 14 दिनाें के क्वारेंटाइन रहने के बाद अस्पताल से छूट्टी दे दी जाएगी।
राजसमंद में अब तक आए 15 काेराेना पाॅजिटिव में से 14 ऐसे है जाे प्रवासी है। जाे मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, औरंगाबाद से राजसमंद काेराेना लेकर आए। इनमें एक हाथीनाड़ा का युवक के काेराेना पाॅजिटिव कैसे आया इसका पता अब तक नहीं चल पाया है। चिकित्सा विभाग इसका पता लगाने में जुटी है।
गाैरतलब है कि कांकराेली में सिद्धार्थनगर निवासी सूरत से अाए परिवार में मां और दाे बेटियाें की जांच के बाद काेराेना पाॅजिटिव पाई गई थी। इसके बाद शुक्रवार काे एक ही दिन में राजसमंद में सर्वाधिक 6 लाेग काेराेना संक्रमित पाए गए। शनिवार काे भी दाे युवकाें काे काेराेना संक्रमित हाेने की रिपाेर्ट आई है। घर-घर फास्ट फूड सप्लाई करने वाला हाथीनाड़ा निवासी युवक (24), अाैरंगाबाद से आया वीरभानजी का खेड़ा निवासी युवक, मुंबई से आया चारभुजा टाडावाड़ा गुजरात का युवक (28), मुंबई से आया आमेट के जिलोला निवासी युवक (30), मुंबई से आया भीम के छापली निवासी युवक (25) के शुक्रवार काे सैंपल की जांच में काेराेना संक्रमित हाेने का पता चला। इसी प्रकार नवप्रसूता केलवाड़ा निवासी महिला जो कुछ दिन पूर्व सूरत से आई थी। महिला गर्भवती होने से आरके अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां एक बार उसका सैम्पल लिया गया। एक बार तो सैम्पल रिजेक्ट हो गया। गुरुवार को महिला की डिलेवरी भी हुई। गुरुवार को ही महिला की रिसैम्पलिंग भी हुई, जहां शुक्रवार को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। महिला के नवजात बच्चे का सैम्पल शनिवार काे लिया। इसके साथ ही शनिवार काे भीम के पिपली नगर का अहमदाबाद से आया युवक और चारभुजा में ही झीलवाड़ा पंचायत के मेवाडिया गांव का मुंबई से आया युवक भी शनिवार काे काेराेना पॉजिटिव आया है।
(हेमंत दाधीच).आरके अस्पताल के आंचल मदर मिल्क बैंक की मैनेजर इंदिरा जीनगर को इन दिनों अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में लगा रखा है, जाे अपनी जान की परवाह किए बिना आरके अस्पताल में काेराेना पॉजिटिव महिलाओंका उपचार करने वाली एकमात्र महिला नर्सिंग कर्मी है। 3 मई से इंदिरा की ड्यूटी कोविड-19 में लगी है, तब से वह अपने क्वार्टर में रहने वाले परिवार से दूरी बना रखी है। वे क्वार्टर के पीछे के गेट थे से आती-जाती हैं। इंदिरा के परिवार वाले सुबह - शाम खाने की थाली उसके कमरे में पहुंचा देते हैं। इंदिरा की 9 साल की बेटी, 5 साल का बेटा है। जो मां के एक कमरे में कैद रहने पर कई सवाल करते हैं। वे बार-बार मां से मिलने काे बेताब रहते हैं, लेकिन मां अपने दिल पर पत्थर रख उन्हें दूर रहने के लिए राजी करती रहती हैं। आरके अस्पताल में काेराेना पाॅजिटिव महिलाओं की देखभाल करने, इसीजी करने, नमूने लेने, बीपी चेक कराने और दवा देने का काम करती है।
एक ही क्वार्टर में रहते हुए भी बच्चों से दूर : नर्सिंगकर्मी इंदिरा ने बताया उसे सरकारी क्वार्टर मिला हुआ है, लेकिन वह क्वार्टर के पीछे के रास्ते ही आती और जाती हूं। शनिवार दिन में भी इंदिरा का 5 साल का बच्चा बेड से नीचे गिर गया। जिसकी जीभ दांतों के बीच आने से कट गई। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर इंदिरा से रहा नहीं गया और वह कमरे का गेट खोल दिया, लेकिन इंदिरा के कदम बच्चे को उठाने के लिए नहीं बढ़ पाए। अपने पति को आवाज लगाकर बुलाया। बच्चे के मुंह से खून आने लग गया। अपने बच्चे को दूर से ही बहादुर होने की हिम्मत बंधा कर अपने कमरे में चली गई।
रोज मां को अपने हाथों से कार्ड बनाकर कमरे के गेट के नीचे सरकाती है : इंदिरा की बेटी मेघांशी चौथी कक्षा में पढ़ती है और इन दिनों स्कूल नहीं जाने से घर पर ही ड्रॉइंग बना रही हैं। जो रोज इंदिरा के अस्पताल जाने से पहले कार्ड बनाती है फिर उस कार्ड को मां के कमरे के गेट से नीचे से सरका देती है। इस कार्ड में कभी मिस यू मां, तो कभी लव यू मां, टेक केयर मां आदि लिखकर अपना ख्याल रखने के लिए कहती हैं।
राजसमंद बीडीओभुवनेश्वर सिंह चौहान ने शनिवार काे सुन्दरचा, साकरोदा, सांगठ, पिपलांत्री, पुठोल, मुंडोल पंचायत में ग्राम पंचायतों द्वारा प्रवासियों के लिए संचालित क्वारेंटाइन सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया। सभी सेंटर ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति द्वारा सरपंच के निर्देशन में बेहतरीन व्यवस्था पाई गई। पिपलांत्री सेंटर पर प्रतिदिन श्रीमद्भागवत पाठ का आयोजन किया जा रहा है। पुठोल मुंडोल में योगाभ्यास कराया जाता है। बीडीओने कोरोना ड्यूटी में लगे सभी स्टाफ को रात्रि विश्राम मुख्यालय पर ही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सहायक विकास अधिकारी राजेश जोशी ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान पुठोल पंचायत के बागोटा चौराहे पर रमेश कुमार द्वारा संचालित दुकान पर लोक डाउन निर्देशों की अवहेलना पर तत्काल दुकान को बंद करवाया। दुकानदार ने स्वयं ने भी मास्क नही लगा रखा था। 15 लोग दुकान पर एक साथ खड़े थे सामाजिक दूरी का पालन नहीं था इसलिए अग्रिम आदेश तक सीज करने का आदेश दिया।
कस्बे में मूक पक्षियों के लिए ग्रामीणों ने गर्मी के मौसम के चलते कई जगह पर परींडे बांधे । इस दौरान गौशाला परिसर में, स्कूल परिसर में, राजकीय चिकित्सालय परिसर में, पुलिस चौकी परिसर आदि जगह परींडे बांधे गये। इस दौरान रमेशचंद्र सोनी, जमुना लाल सोनी, यशवंत खटीक, प्रमोद कुमार लक्षकार, अर्जुन लाल आदि उपस्थित थे।
जिले में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए शनिवार सुबह कस्बे को पूर्णतया बंद करवा दिया। तीन दिन के लिए सभी प्रकार के प्रतिष्ठान बंद करने का निर्णय लेते हुए एसडीएम संजय गोरा, तहसीलदार भागीरथ सिंह ने चर्चा कर 3 दिन का पूर्णतया लॉकडाउन लागू किया। बंद के दौरान टू व्हीलर, फोर व्हीलर साधन के साथ अनावश्यक घरों से बाहर निकलना बंद, वहीं नियमानुसार मेडिकल, दूध की डेयरी को छोड़कर सभी प्रकार के प्रतिष्ठान तीन दिन तक बंद रहेंगे। इस दाैरान नगर पालिका चेयरमैन कैलाश मेवाड़ा, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष सुरेश पारीक, नारायण सिंह भाटी, रमन कंसारा, सतीश सोनी, देवेंद्र मेहता, धूलचंद हिरण, सुनील कोठारी, सुनील जैन, नूरुद्दीन बोहरा, कादर अली बोहरा, भूपेंद्र डूंगरवाल, अशोक पिपलिया, शंकर माली सहित व्यापारी
माैजूद थे।
कोरोना वायरस संक्रमण से जिले में ग्रसित लाेगों की संख्या बढ़ने से शनिवार को सभी दुकानें बंद कर दी। गांव के प्रमुख मार्ग, चाैराहा और बाज़ार में सन्नाटा पसर गया। प्रशासन, ग्राम पंचायत ने पुलिस की सहायता से सख्ती दिखाई। सहायक विकास अधिकारी संजय आचार्य, उपसरपंच दिग्विजय सिंह भाटी, महिला पुलिस संतोष मीणा ने लोगों को अपने घरों में ही रहने
के निर्देश दिए।
उप तहसील मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर जिलोला गांव में कोरोना युवक मिलने के बाद सरदारगढ़ कस्बे में बाहर से आने वाले सभी मुख्य प्रवेश मार्ग शनिवार से बंद कर दिए हैं।कस्बे में आवश्यक वस्तुओं को छोड़ सभी दुकानें बंद रहेंगी। सरदारगढ़ ग्राम पंचायत सरपंच प्रवीण मेवाड़ा ने बताया कि दस किमी दूर जिलोला कस्बे में कोरोना संक्रमित युवक के पाए जाने के बाद कस्बे में ग्रामीणों को और अधिक सावधान रहने तथा घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। वहीं शनिवार दिन से ही कस्बे के जिलोला मार्ग बामणिया दरवाजा, रेगर मोहल्ला मेन सड़क प्रवेश द्वार, पुराना बस स्टैंड से अखाड़ा मार्ग मुख्य मार्ग, नया बस स्टैंड से पंचायत मार्ग, रेबारी बावजी मार्ग से गांव में जाने वाले मुख्य मार्ग पर बल्लियां लगाकर बाहर से आने वालों के लिए प्रवेश बंद कर दिया है। यहां बल्लियां लगाने के दौरान पूर्व पंचायत समिति सदस्य गणपत चौधरी, किराना व्यापार संघ के अध्यक्ष देवेंद्र हिंगड़ तथा वार्डपंच आदि उपस्थित थे। सरपंच प्रवीण मेवाड़ा ने शनिवार को ग्रामीणों से अपील जारी करते हुए बताया कि व्यापारियों से बातचीत के बाद 10 से 13 मई तक कस्बे के डेयरी, मेडिकल दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें पूर्णतया बंद रहेंगी।
मेवाड़ा ने बताया कि 14 मई से प्रशासन द्वारा निर्धारित समय के अनुसार किराना की दुकानें भी अल्टरनेट तरीके से खुलेंगी। एक दिन नया बस स्टैंड बाजार की दुकानें, उसके बाद अगले दिन पुराना बस स्टैंड बाजार की दुकानें तथा अगले दिन सदर बाजार खुलेगा। सभी दुकानें एक साथ नहीं खुलेंगी।
उपखंड क्षेत्र में काेराेना संक्रमण के चलते बाहरी राज्याें में निवासरत प्रवासियों का आना लगातार बना हुआहै। उपखंड में अभी तक 3289 लाेग क्वारेंटाइन किए गए हैं। इसमें देवगढ़ नगर पालिका में 285 और घरों में 51 लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया है।
2953 को ग्रामीण क्षेत्र के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा है। अब तक लसानी में सबसे ज्यादा 445 और सबसे कम विजयपुरा में 55 जने पहुंचे हैं। संस्था प्रधान दीपक भारद्वाज ने बताया कि महाराष्ट्र से आने वाले सभी प्रवासियों के लिए स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है जिसमें 96 लोगों को राेका हैं। नगर में शास्त्री नगर स्थित अम्बेडकर भवन को भी क्वारेन्टाइन सेंटर बनाया, जिसमें 12 लोग रह रहे हैं। शनिवार को 17 विभिन्न स्थानों पर प्रवासी ठहराए गए हैं।
इसमें आंजना में अब तक 235, दौलपुरा में 170, ईसरमंड में 327, जीरण में 76, कांकरोद में 121, कालेसरिया में 143, कुंदवा में 91, कुंआथल में 123, लसानी में 445, माद में 107, मदारिया में 131, मियाला में 133, नरदास का गुड़ा में 136, नराणा में 118, पारड़ी में 61, सांगावास में 144, स्वादड़ी में 105, ताल में 149, सोहनगढ़ में 83, विजयपुरा में 55 सहित अब तक बाहर से आए 2953 लोगों को क्वारेंटाइन किया। वहीं इन ग्राम पंचायतों में शनिवार को आंजना में 7, दौलुपरा में 25, जीरण में 7, कांकरोद में 19, कालेसरिया में 2, कुंदवा में 9, कुंवाथल में 4, लसानी में 42, माद में 1, मदारिया में 7, मियाला में 7, नरदास का गुड़ा में 7, पारड़ी में 6, नराणा में 20, सांगावास में 48, ताल में 9, सोहनगढ में 12, विजयपुरा में 7, स्वादड़ी में 3 सहित 242 लोग पहंुचे।
छापली और पीपली नगर में एक-एक पॉजिटिव एवं शनिवार को भी एक पॉजिटिव आने से एसडीएम सुमन साेनल ने रविवार को संपूर्ण भीम एवं 34 ही ग्राम पंचायतें में समस्त दुकानें बंद करने के आदेश जारी किए हैं। रविवार से भीम थोक सब्जी मंडी में भीड़ की शिकायतें मिल रही हैं, जिस पर थोक सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेंिसंग का पालन को लेकर प्रत्येक थोक सब्जी विक्रेता को पाबंद किया जाएगा। वहीं रविवार को सिर्फ इमरजेंसी के लिए मेडिकल की दुकानें ही खुली रहेंगी। साेमवार से किराणा व्यापारियों की दुकानों को भी सप्ताह में दो दिन ही खोलने के लिए कलेक्टर को पत्र भेजा है। किराना की दुकान खोलने का समय भी प्रातः 7 से दोपहर 12 बजे के बदले सुबह 9 से 12 बजे तक ही खोलने के लिए पत्र भेजा है।
ग्राम पंचायत राज्यावास स्थित उच्च माध्यमिक स्कूल में रबी की फसल का समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर शनिवार काे राजसमंद बीडीओभुवनेश्वर सिंह ने निरीक्षण किया। सेंटर पर किसानों से बात कर किसानों कि समस्याओं को सुना तथा समाधान का आश्वासन दिया। समिति व्यवस्थापक रोशन कुमावत, संपत सिंह, उपाध्यक्ष बंशीलाल पंचाैली, पुष्कर पूर्बिया सहित किसान मौजूद थे। केंद्र पर चना, सरसों का कोटा पुरा होने से ई-मित्र पर ऑनलाइन पंजीयन बंद हो गया है तथा किसानों से चमकहीन गेहूं खरीदने में सरकार जल्दी फैसला करवाने मांग की।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 480वीं जयंती पर प्रताप तिराहे पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान उपसरपंच भवानी शंकर जोशी और भैरूलाल वीरवाल सहित वार्डपंचों ने प्रताप प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रताप के जयकारे लगाए। पुलिस कर्मियों का माला और उपरना ओढ़ा कर स्वागत किया। इस दौरान ग्राम विकास अधिकारी बालमुकुंद माली, वार्डपंच दिनेश पालीवाल, वार्डपंच गोपाल माली, वार्डपंच केशुलाल गमेती, एएसआई राम सिंह, कांस्टेबल हेमराज, रमेश पालीवाल मौजूद थे।
घर-घर दीपक जलाए
छापली में महाराणा प्रताप युवा मंडल ने जयंती पर घर-घर दीपक जलाए और छापली से आए कोरोना पॉजिटिव मरीज के स्वस्थ होने की कामना की। भूपेंद्रसिंह, हंसमुख बोलीवाल, धमेंद्रसिंह, गजेंद्रसिंह, रणजीतसिंह, डुंगरसिंह, योगेशकुमार, प्रकाश सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित श्रद्धांजलि दी।
राजस्थान में चिकित्सा ढांचा चरमरा गया हैं। आर्थिक गतिविधियां ठप होने से वित्तीय सेहत भी चिंताजनक हैं। विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि ऐसे गंभीर आपदाकाल में राज्य सरकार को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा और आयुष्मान भारत योजना को शीघ्र लागू करना चाहिए। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना निर्धन परिवारों को स्तरीय चिकित्सा, उपचार पहुंचाने की एक क्रांतिकारी योजना थी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने इसे अकारण बंद करके जनता के स्वस्थ जीवन के मौलिक अधिकार पर डाका डाला हैं। इसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना भी जन-जन को स्वास्थ्य और उपचार का अधिकार देती हैं। कांग्रेस सरकार जन विरोधी मानसिकता के कारण इन योजनाओं को लागू नहीं कर रही हैं। किरण ने यह भी मांग की है कि राज्य सरकार 8 लाख रुपए वार्षिक आय तक के सभी परिवारों को इन योजनाओं में निशुल्क चिकित्सा का लाभ दें।
लाल बाग स्थित होलसेल सब्जी मंडी 11, 12 और 13 मई को बंद रहेगी। लॉकडाउन में पुलिस की सख्ती और कम ग्राहकी के चलते सब्जी वालों ने तीन दिन बाजार बंद रखने का स्वनिर्णय लिया है। शनिवार को सब्जी और फल विक्रेता के संगठन की तरफ से प्रशासन को लिखित में सूचित किया गया।इधर उदयपुर, कांकरोली में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने और शहर में रोज आ रहे प्रवासियों के चलते यहां भी कोरोना होने के डर से किराना व्यापारी 5 दिन अपनी दुकानें बंद रखना चाह रहे हैं। किराना व्यापारियों ने संगठन के माध्यम से शनिवार सुबह एसडीएम अभिषेक गोयल को ज्ञापन देकर 5 दिन प्रतिष्ठान बंद रखने की अनुमति देने का आग्रह किया। प्रशासन की तरफ से किराना व्यापारियों को बंद की अनुमति नहीं दी गई।
खाद्य पदार्थों के आवश्यक वस्तु सेवा में होने से प्रशासन ने कोरोना काल में भी शहर में 50 किराना दुकानों को निर्धारित समय सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खोलने की अनुमति दे रखी है। किराना व्यापारियों का कहना था कि उदयपुर और कांकरोली के बाजार बंद हो गए हैं। शहर में भी रोज प्रवासी आ रहे हैं, इससे यहां भी कोरोना फैलने का डर है। किराना दुकानों पर सबसे अधिक ग्राहकी होती है। लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करते हैं।
लालबाग स्थित होलसेल सब्जी मंडी के व्यापारियों ने 11, 12 और 13 मई को मंडी बंद की घोषणा की है। रविवार को सब्जी वाले शनिवार की बची हुई और रविवार को आने वाली सब्जी बेचने के बाद सोम, मंगल और बुध को व्यापार नहीं करेंगे। व्यापारियों के श्रीनाथ फल एवं सब्जी थोक विक्रेता संघ के सचिव नीलेश ने बताया कि तीन दिन मंडी बंद रखने का निर्णय लिया गया है। सब्जीवालों का कहना था कि मंडी में फुटकर सब्जी लेने वाले ग्राहक भी आ रहे हैं, इससे कोरोना फैलने का डर है, बंद रखने से व्यवस्था में सुधार होगा। वहीं मंडी में छुटकर ग्राहक आने से पुलिस की सख्ती बढ़ गई है, इससे भी होलसेल व्यापारी परेशान है।
जिले में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ते देखकर खमनोर महाराणा प्रताप एकीकृत व्यापार मंडल ने शनिवार को आवश्यक बैठक की। इसमें मेडिकल, दूध की दुकान को छोड़कर बाकी सभी प्रतिष्ठान 10 मई से 14 मई तक बंद रखने का निर्माण लिया। बैठक में प्रकाश माली, किशन लाल माली, कमल कटारा, रणजीत लोढ़ा मौजूद थे। यह जानकारी व्यापार मंडल अध्यक्ष रामचन्द्र पालीवाल ने दी।
लॉकडाउन के चलते अधिकारियों, कर्मचारियों का ध्यान बाहरी राज्यों से आ रहे प्रवासियों को संक्रमण से बचाने में लग रहा है। इसके चलते ग्राम पंचायत गढ़बोर के राजस्व गांव लालेरा की भागल में दबंगों ने फायदा उठाते हुए सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर रहे हैं। इसे रुकवाने के लिए ग्रामवासियों ने मौखिक शिकायत की तथा तहसीलदार पर्वतसिंह राठौड़ ने 4 मई को मौके पर पटवारी को भेजकर काम रुकवाने को कहा। पटवारी ने काम बंद करने को कहा। फिर भी अतिक्रमियों ने काम बंद नहीं किया।
इसके बाद तहसीलदार को शनिवार को दिए ज्ञापन में बताया कि हटाजी का गुड़ा, दूधतलाई रास्ता सड़क पर डामरीकरण की स्वीकृति होने के बाद लॉकडाउन से काम बंद हो गया था। इसी रास्ते पर चारभुजाजी के जल झूलनी मेले के समय जाने वाला बैवाण इसी मार्ग से ले जाया जाता हैं। इसी रास्ते पर शिव मंदिर, पुरानी बावड़ी भी हैं जहां पर मवेशियों के लिए प्याऊ बनी हुई हैं। लाेगाें ने अतिक्रमण हटाने की मांग की।भंवर लाल सेवक, मांगी लाल गुर्जर, किशन लाल गोकलावत, धर्मचंद, कैलाश, दिनेश, रतन, मदन ने हस्ताक्षर किए हैं।
कस्बे के तेरापंथ सभा भवन में बिराजित मुनि कुलदीप कुमार एवं मुनि मुकुल कुमार ने काेराेना काे हराने के लिए शनिवार काे नवकार महामंत्र का जाप कियाया। मुनि कुलदीप कुमार ने धर्म चर्चा के दौरान बताया कि वर्तमान समय में धर्म की आराधना अति आवश्यक है। घरों पर रहकर धर्म की आराधना करें। अपने अपने इष्ट देवों को याद करें। निश्चित ही कोरोना को हारना पडे़गा। मुनि मुकुल कुमार ने धर्म चर्चा में बताया कि कोरोना महामारी एक जटिल बीमारी बन चुकी है। जैसे जैसे दिन निकल रहे हैं वैसे वैसे कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ रही है। हमें इस कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करना है, जिसके लिए आमजन को कमर कसनी होगी। सरकार एवं स्थानीय प्रशासन के नियम की हमें पालना करना अति आवश्यक है। वहीं श्रावक-श्राविकाओं ने सोशल डिस्टेंिसंग का पालन करते हुए जाप में भाग लिया।