निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) की आरक्षित सीटों के लिए आवेदन 30 मई तक स्वीकार किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया फिर शुरू हो चुकी है। कबीरधाम जिले के 177 प्राइवेट स्कूलों में आरटीई की 1579 सीटें हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग को 1671 आवेदन मिले हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल ऑनलाइन आवेदन में कमी आई है। गत वर्ष लगभग 2200 आवेदन ऑनलाइन आए थे।
सीटों के आवंटन के लिए जून के पहले सप्ताह में लॉटरी होने की संभावना है। आवेदन कम आने की प्रमुख वजह लॉकडाउन है। क्योंकि ऑनलाइन आवेदन होने के कारण कम्प्यूटर सेंटर व सीएससी सेंटर बंद हैं। इस कारण पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में लाॅकडाउन में कई प्रकार की छूट दी गई है। इसके चलते बीते एक हफ्ते में आवेदन की संख्या बढ़ी है। कुछ दिन पहले आवेदन की प्रक्रिया को शिक्षा विभाग ने स्थगित किया था। अब फिर फॉर्म स्वीकार किए जा रहे हैं। डीईओ केएल महिलांगे के मुताबिक अब भी 30 मई तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।
फॉर्म भरने समस्या हो, तो नोडल से संपर्क करें
डीईओ कार्यालय के मुताबिक ऑनलाइन आवेदन की सुविधा बीते वर्ष से की गई है। पूर्व में ऑफलाइन आवेदन लिए जाते थे। इस साल ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में बने नोडल सेंटर की मदद से भी आरटीई के लिए आवेदन भरे जाते हैं। स्कूल अभी बंद हैं, इसलिए पालकों को परेशानी हो रही है। फिर भी पालक संबंधित स्कूल में जाकर जानकारी ले सकते हैं। ज्यादातर नोडल सेंटर हाई व हायर सेकंडरी स्कूल को बनाया गया है। ऑनलाइन पोर्टल eduportal.cg.nic.in/rte के जरिए फॉर्म भरें।
पिछले वर्ष सर्वर के कारण हुई थी परेशानी
बीते साल लॉटरी के दौरान सर्वर की समस्या सामने आई थी, लेकिन एक बार फिर पुरानी प्रक्रिया से ही ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन के साथ लॉटरी भी ऑनलाइन जारी किए जाते हैं। ऐसे में लॉटरी के दौरान सर्वर की समस्या बनी होती है। बीते साल तो लॉटरी जारी करने के दौरान एक ही बच्चे का नाम दो से तीन स्कूल में आ गया था।
जिले में चक्रवात का असर दूसरे दिन भी देखने को मिला। पहले दिन यानि बुधवार-गुरुवार रात को तेज हवा व बारिश के कारण नुकसान हुआ था। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को जिले के ज्यादातर हिस्सों में बारिश हुई है। बदलते मौसम का कारण चक्रीय चक्रवात है। मौसम विभाग के अफसर एचपी चन्द्रा के अनुसार चक्रवाती घेरा 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर, दूसरा चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास तथा एक द्रोणिका 0.9 किमी ऊंचाई पर स्थित है। इसके चलते मौसम में बदलाव आ रहा है। वहीं आज शनिवार को बारिश की संभावना बताई जा रहीं है।
शुक्रवार को कवर्धा शहर में करीब 4 बजे मौसम अचानक बदल गया। तेज आंधी-तूफान के साथ हल्की बारिश हुई है। वहीं इसका प्रभाव ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा हुआ है। तेज हवा के कारण पेड़ गिर गए। लालपुर, खरिया, राम्हेपूर, सिंघनपुरी समेत कई गांव में बिजली सप्लाई बंद हो गई। तेज हवा को देखते हुए बिजली कंपनी ने सप्लाई बंद कर दिया था। वहीं मौसम ठीक होने पर फिर से सप्लाई शुरू की गई। इसके साथ ही कई गांव में बिजली के पोल गिरने से सप्लाई बंद था।
बारिश के कारण तापमान कम, उमस भी बढ़ रही
बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है। दोपहर 2 बजे तक 38 डिग्री था, वहीं बारिश के बाद तापमान 35-36 के बीच चला गया। लेकिन उमस के कारण लोगाें को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं बिजली कंपनी द्वारा पहले से ही शहर के कई वार्डों में मेंटेनेंस के कारण बिजली बंद था,इस कारण लोगों को परेशानी हुई। बिजली मेंटेनेंस के बाद फिर से बिजली सप्लाई प्रारंभ हुआ। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पोल गिरने के चलते कई घंटे तक बिजली बंद रहीं।
इस मौसम सब्जी की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान
शुक्रवार को बारिश व तेज हवा के कारण खेत में लगे टमाटर, बैगन, आलू, भिंडी समेत अन्य उद्यानिकी फसल को नुकसान हुआ है। करीब एक सप्ताह पहले भी ओले गिरने से ऐसा ही नुकसान हुआ था। किसानों को सस्ते दामों में सब्जियां बाजार में बेचनी पड़ी थीं। सब्जियों और फल के दाम में एकाएक कम हुआ था। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक आरएन पांडेय ने बताया कि बारिश से उद्यानिकी फसल को ज्यादा नुकसान नहीं होता। लेकिन तेज हवा व ओलावृष्टि से नुकसान तय है। क्योंकि तेज हवा से फल गिर जाते हैं।
कस्बे में शुक्रवार को सुबह एक 60 वर्षीय बुजुर्ग ने दुगारी मार्ग पर आम के पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर शव को पेड़ से नीचे उतारवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। थानाधिकारी रुपसिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह दुगारी मार्ग पर स्थित आम के पेड़ पर बुर्जुग ने फांसी लगाने की सूचना मिली थी। मौके पर पर पहुंच शव को नीचे उतरवाया गया। मृतक की पहचान कस्बे निवासी जमालुद्दीन (60) के रूप में हुई। शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनो को सुपुर्द कर दिया। मृतक के पुत्र मोहम्मद हुसैन की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया है।
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के कारण बीते एक हफ्ते से मौसम खराब है। शुक्रवार को सुबह से दोपहर तक तेज धूप निकली। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला। दोपहर 3.30 बजे से जिले में धूल भरी आंधी के साथ 40 किमी/घंटे की गति से हवा चली। कई जगह पेड़ टूटकर बिजली तारों पर गिरे। शाम 4 बजे से देर रात तक तेज गर्जना के साथ रुक-रुककर बारिश हुई। करीब 4 घंटे में शहर में 3 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में बारिश, आंधी व बिजली गिरने की आशंका जताई है।
कुरूद, नगरी व मगरलोड में फसलों को नुकसान
धमतरी के अलावा कुरूद, नगरी व मगरलोड ब्लॉक में भी तेज बारिश हुई। घंटेभर बारिश से तीनों ब्लॉक में फसलों को नुकसान हुआ। कुरूद में करीब 3 से 4 घंटे बिजली सप्लाई बंद रही। खेतों में धान फसल को नुकसान हुआ है।
पेड़ की शाखाएं तारों पर गिरी, रात तक सुधार चला
पेड़ की शाखाएं तार पर गिरीं। लाल
बगीचा, नवागांव, हाउसिंग बोर्ड में तार टूट गए। अंबेडकर चौक, प्रशांत टॉकीज के पास ट्रांसफार्मर फ्यूज उड़ा। तेलीनसत्ती, खरेंगा, दर्री में तार टूटने की सूचना मिली थी। रात तक सुधार चला।
बारिश, आंधी के आज भी आसार: मौसम वैज्ञानिक डॉ. एचपी चंद्रा ने बताया कि उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से दक्षिणी कर्नाटक तक 0.9 किमी ऊंचाई पर एक चक्रवात है। इस कारण छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से ज्यादा मात्रा में नमी आ रही है। 9 मई को उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और मध्य छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर बारिश, गरज-चमक के साथ छीटें पड़ने व बिजली गिरने के आसार हैं।
सरकारों और अफसरों का दावा है कि लॉकडाउन में राज्य व जिले की सीमाएं सील हैं। कोई नहीं आ जा सकता है लेकिन सच्चाई अलग है। यहां लोग रेड जोन से भी आ-जा रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे ही 9 लोग मध्यप्रदेश के रेड जोन उज्जैन से करीब 800 किमी से दो बाइक पर शुक्रवार को धमतरी आए। 4 दिन में 28 से 30 नाके पार किए।
मध्यप्रदेश से छतीसगढ़ में प्रवेश किया लेकिन किसी ने नहीं रोका। इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझी और जिला अस्पताल जांच कराने आए। यहां से सभी को क्वारेंटाइन किया जा रहा था इसी बीच उज्जैन से 5 लोगों को छोड़ने आए 4 लोग वापस भाग गए। 5 लोगों को पथर्रीडीह में क्वारेंटाइन किया गया है। इनका सैंपल लेने करीब 3 घंटे तक अफसर इधर-उधर होते रहे। स्वास्थ्य विभाग ने किसी का सैंपल जांच के लिए नहीं लिया। ये सभी लोग उज्जैन से आए हैं वहां 220 कोरोना संक्रमित मरीज हैं।
3 घंटे अस्पताल में बैठे, मौका मिलते ही 4 भागे
जानकारी के अनुसार शहर के नवागांव वार्ड के करीब 5 लोग 16 मार्च को अपने रिश्तेदार के यहां उज्जैन गए थे। लॉकडाउन के कारण सभी 2 महीने से वहीं फंसे थे।ये गुरुवार को अपने 4 रिश्तेदारों के साथ धमतरी पहुंचे, जिला अस्पताल में 11 बजे आए। यहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके साहू ने सभी 9 लोगों की जांच की। चूंकि सभी रेड जोन उज्जैन से आए थे इसलिए डॉक्टर ने बगैर जोखिम उठाए तय नियम के मुताबिक सभी को पथर्रीडीह में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन करने के निर्देश दिए। एंबुलेंस और जांच टीम के इंतजार में करीब 3 घंटे जिला अस्पताल में बैठे रहे। इस दौरान इन लोगों ने बार-बार डॉक्टर से घर में क्वारेंटाइन करने और उज्जैन से आए 4 लोगों को वापस घर जाने देने का अनुरोध किया। इस बीच 4 लोग भाग गए। 5 लोगों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया।
इस तरह 4 दिन में किया 800 किमी सफर
बीते 4 मई को उज्जैन के पिपली से 9 लोग 2 बाइक से निकले। गुरुवार को 11 बजे धमतरी आए। इस दौरान उज्जैन, देवास, हरदा, होशंगाबाद, बैतुल, सिवनी, कवर्धा, राजनांदगांव, बालोद होते धमतरी आए। करीब 800 किमी का सफर बाइक से तय किया। रास्ते में 28 से 30 नाके पड़े। राज्य की सीमा भी पार की।
सभी स्वस्थ हैं, 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किए
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. विजय फूलमाली ने बताया कि उज्जैन से 9 लोग बाइक से धमतरी आए हैं। जिला अस्पताल से 4 लोग भाग गए। इनकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई है। 5 लोगों को पथर्रीडीह में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया है। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं इसलिए किसी का सैंपल नहीं लिया है।
कुरूद, पथर्रीडीह में कुल 73 लोग क्वारेंटाइन
हॉट स्पॉट और अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन करने कुरूद के पंचायत भवन व कुकरेल के पथर्रीडीह में सेंटर है। अभी कुल 73 लोग क्वारेंटाइन में है। कुरूद में 43 व पथर्रीडीह में 30 लोग हैं। ये सभी आंध, इंदौर, पंजाब, हरियाणा, पुणे, उज्जैन से आए हैं। कोटा से आए 9 छात्रों को भी कुरूद में क्वारेंटाइन किया है।
4 साल का बच्चा बगैर मां के 14 दिन रहेगा क्वारेंटाइन
उज्जैन से धमतरी आए 9 लोगों में 3 बच्चे भी हैं। यह सभी दो बाइक पर बेहद मुश्किल से बैठकर आए। इनमें से उज्जैन निवासी एक युवक, उसकी पत्नी, एक 8 साल का बच्चा और इनका एक साथी वापस लौट गए हैं। पथरीडीह में 5 लोगों को क्वारेंटाइन किया है। इनमें एक युवक, उसकी पत्नी, मां व बहन है। इनके साथ में चार महीने का बच्चा है। इनके अलावा 4 साल का भी है। यह बगैर मां के बुआ व दादी के साथ उज्जैन चला गया था। लौटने पर मां के मिलने की उम्मीद थी, अब 14 दिन और मां से दूर रहकर क्वारेंटाइन पूरा करना होगा। इन लोगों का कहना था कि वार्ड पार्षद से पूछा था तो उन्होंने आने के लिए कह दिया था। बताया था कि घर में ही रहना होगा। इसलिए आ गए।
लॉकडाउन को पूरे 45 दिन हो गए। अब मई माह में हर शनिवार व रविवार को जिले की गैरजरूरी दुकानों पर पूरी तरह तालाबंदी होगी। यह आदेश कलेक्टर रजत बंसल ने शुक्रवार शाम जारी कर दिए हैं। इस दौरान दूध डेयरी, सब्जी व मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे।जरूरी सेवाओं के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
साथ ही निजी बसें, टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, रिक्शा भी नहीं चलेंगे। केवल आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन में लगे निजी वाहनों को ही सड़क में चलने की छूट रहेगी। नियम तोड़नेपर एफआईआर होगी।
इन्हें लॉकडाउन से किया मुक्त
कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी, कर्मी, सभी अस्पताल, मेडिकल काॅलेज, लाईसेंस प्राप्त पंजीकृत अस्पताल, दवा दुकान, चश्मा की दुकान, खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, दूध, ब्रेड, फल एवं सब्जी, चिकन, मटन, मछली एवं अंडा बिक्री, दूध प्लांट, घर जाकर दूध बांटने वाले को तालाबंदी से मुक्त किया गया है। साथ ही न्यूज पेपर हाॅकर सुबह 6.30 से सुबह 9.30 बजे तक लाॅकडाउन मुक्त रहेंगे।
इनके लिए कोईसमय सीमा नहीं
मेडिकल सेवाएं, पेट्रोल पंप, एटीएम, मीडिया संस्थान, टेलीफोन एवं इंटरनेट सेवाएं, फायर ब्रिगेड, पेयजल सुविधा, सफाई-स्वच्छता से जुड़ी सेवाएं, दवा, एटीएम, वाहन, एलपीजी गैस सिलेंडर का वाहन, बिजली, पानी, अग्निशमन सेवाएं, आईटी आधारित सेवाएं, मोबाइल रिचार्ज एवं सर्विसेस सेवाएं, एलपीजी, जीएनजी गैस परिवहन एवं भंडारण गतिविधि, दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-काॅमर्स आपूर्ति, सुरक्षा काम में लगी सभी एजेंसियां (निजी एजेंसियां सहित), प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को छूट हैं।
ये नियम अनिवार्य रूप से लागू
इन पर पूरी तरह प्रतिबंध
नाई की दुकानें, स्पा, सैलून बंद, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, खेलकूद कॉप्लेक्स, स्वीमिंग पूल, पार्क, थियेटर, बार, सभागार, चाट-ठेले की दुकानें फिलहाल 17 मई तक बंद ही रहेंगी।
मनरेगा काम होंगे, औद्योगिक संस्थान को भी छूट
जिला प्रशासन के आदेश अनुसार मनरेगा का काम चालू रहेंगे। सभी औद्योगिक संस्थान इकाइयों एवं खान को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। साथ ही कम कर्मचारियों को बुलाकर काम करने का आदेश है। आदेश का उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
गर्मी बढ़ने के साथ पानी की खपत भी बढ़ गई है। भागीरथी नल कनेक्शन में पर्याप्त पानी नहीं आने से लोगों को निगम प्रशासन टैंकर और बोर से पानी दे रहा है। शुक्रवार को पानी का प्रेशर कम होने से कई घरों के नल में पर्याप्त पानी नहीं आया। लाल बगीचा व मोटर स्टैंड वार्ड के दो मोटर पंप खराब हो गए। शिकायत के बाद 4 टैंकर वार्डों में भेजे गए।
नगर निगम के जल विभाग में रोज पानी की शिकायत आ रही है। शहर के 40 वार्डों के कुछ क्षेत्रों में पानी नहीं मिलने की समस्या है। शाम के समय पानी लेने सार्वजनिक नल के पास भीड़ लग जाती है। ट्यूब वेल, ओवर हेड टैंक, हैंडपंप, बोर, टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है। इसके बाद भी सभी को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा। वर्तमान में 5 टैंकर से सप्लाई हो रही है। एक हफ्ते में 25 से अधिक शिकायतें मिली हैं।
यहां पहुंच रहा टैंकरों से पानी: नगर निगम के अनुसार मकेश्वर वार्ड, टिकरापारा, दानीटोला, लालबगीचा, हटकेशर, बनियापारा में टैंकर रोज भेज रहे हैं। शुक्रवार को जालमपुर, दानीटोला, कोष्टापारा, महंत घासीदास, साल्हेवारपारा वार्ड के भागीरथी नल कनेक्शन में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचा। अधिकतर महिलाएं बोर व टैंकर के भरोसे रहे। इन वार्डों की महिलाओं ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ पानी की किल्लत भी बढ़ रही है।
कुछ वार्डों में हैं शिकायत
जल अधीक्षक कामता नागेंद्र ने बताया कि शहर के कुछ वार्डों में पानी की समस्या है। शिकायत मिलने पर तुरंत समस्या दूर की जा रही है। शुक्रवार को लालबगीचा, मोटर स्टैंड वार्ड का मोटर पंप खराब होने पर टैंकर भेजा गया था।
नगर पंचायत भखारा में राशन बांटने में गड़बड़ी की शिकायत पूर्व पार्षद व वार्ड की महिलाओं ने की है। पूर्व पार्षद ओंकार पटेल के नेतृत्व में वार्ड की महिलाओं ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
मीना ध्रुव, सतरूपा ध्रुव, गोमती साहू, हठियारिन बाई, लीला बाई रुक्मिणी बाई, एकता साहू, माेतिम बाई ने बताया कि नगर पंचायत में पूरे राशन वितरण के दौरान शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया। वितरण के दौरान कर्मचारियों ने मास्क भी नहीं लगाए। भीड़ एकत्रित कराकर राशन बांटा गया। स्वच्छता का भी पालन नहीं हुआ।
शासन के आदेशानुसार राशन सामग्री तहसीलदार भखारा के माध्यम से वितरण किया जाना चाहिए था, लेकिन नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा तहसीलदार भखारा को इससे अलग रखा गया। राशन के लिए बुलाए गए कोटेशन में अनियमितता है। कई निविदाकार को निविदा में भाग लेने नहीं दिया गया। कई हितग्राहियों के राशन के पैकेट में कई राशन सामग्री नहीं है। किसी में मात्रा कम है। इसकी भरपाई अब तक नहीं की गई है। महिलाओं ने कहा कि वार्ड में राशन वितरण पार्षद निधि से हुआ है। इस वितरण में भारी अनियमितता बरती गई। इसकी जांच कराई जाए।
प्रभारी मंत्री ने कार्रवाई करने निर्देश दिए
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रभारी मंत्री ने भखारा में राशन वितरण में गड़बड़ी की जांच कराकर सीएमओ पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कचरा वाहन से खाद्य सामग्री वितरण नहीं किया जा सकता है। सीएमओ को नोटिस भी भेजा जा चुका।
जांच करा रहे: तहसीलदार
तहसीलदार सुनील कुमार सोनपिपरे ने कहा कि महिलाओं ने पार्षद निधि से बंटने वाले राशन वितरण की शिकायत की है। जांच कराई जा रही है। कार्रवाई की जाएगी।
इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी ने विश्व रेडक्राॅस दिवस को मनाया। इस अवसर पर जिले के मनरेगा मजदूरों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराकर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया। जिले के सभी रेडक्रॉस वॉलंटियर्स ने लोगों को सोशल डिस्टेंस, फिजिकल डिस्टेंस बनाने, मास्क लगाकर काम करने, हाथ धोते रहने की शपथ दिलाई। इस दौरान तालियां बजाकर लोगों का उत्साहवर्धन किया। लोगों ने रेडक्रॉस वॉलंटियर्स का सम्मान तालियां बजाकर किया।
शताब्दी समारोह में जिले के 352 ग्राम पंचायतों में 1 लाख 90 हजार 675 परिवार रोजगार गारंटी के तहत काम कर रहे हैं। पंचायतों में गांव के स्कूल व कालेज के वॉलंटियर्स ने जाकर सुबह से ही लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया। गांव में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश न देने, संदिग्ध व्यक्ति मिलता है, तो तत्काल पुलिस को सूचना देने कहा। रेडक्राॅस वालंटियर्स ने गीत, गजल, कविता, स्लोगन, कहानी, नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर लोगों में कोरोना से बचने जागरूकता अभियान चलाया। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों को प्राथमिक उपचार करने के तरीके भी बताए। काम के दौरान बेहोश होने की स्थिति, हार्ट अटैक आने पर, मिरगी आने पर, दुर्घटना होने पर, सांप के काटने, हड्डी टूटने पर, ब्लीडिंग होने पर किस प्रकार से मरीजों को तत्काल सहायता दी जा सकती है, इसका डेमो कराया।
मजदूरों ने रेडक्राॅस काउंसलर सत्यप्रकाश प्रधान, आकाश गिरि गोस्वामी, खोमनलाल साहू, अवधराम साहू, खूबलाल साहू, रूपेश कुमार नापित से प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी लिया। ग्राम पंचायत अर्जुनी एवं ग्राम पंचायत खपरी में माही नर्सिग कालेज के वॉलेंटियर्स दामिनी, शैल नेताम, खेमचंद साहू ने नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इस अवसर पर जनपद पंचायत सीईओ अमित दुबे, गोविंद साहू, मूलसंजीवन, लोकेश बाघमार समेत पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कीप क्लैपिंग फॉर वॉलंटियर्स थीम पर मनाया शताब्दी वर्ष
जिला संगठक प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि रेडक्रॉस के स्वयंसेवक असहाय एवं पीड़ित मानवता की सहायता के लिए काम करते आ रहे हैं। भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ। तब से रेडक्रॉस के स्वयं सेवक विभिन्न प्रकार के आपदाओं में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाए दे रहे हैं। 100 वर्ष पूर्ण होने पर विश्वव्यापी आपदा कोविड-19 के चलते इस वर्ष राष्ट्रीय रेडक्रॉस का थीम-कीप क्लैपिंग फाॅर वॉलेंटियर्स नारा दिया है। विश्व के लगभग 189 देश किसी एक विचार पर सहमत है, तो वह है रेडक्रास के विचार हैं। युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों की चिकित्सा के साथ प्रकृति के महाविनाश के बीच फंसे लोगों की मदद के लिए हमेशा डटे रहते हैं।रेडक्रॉस को चार बार नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
कोरोना संकट से निपटने तथा जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने में तीनों स्तर के पंचायत पदाधिकारियों एवं अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया है। यह बात वीडियो कॉन्फेंस के दौरान मंत्री ने जनपद पदाधिकारियों से कही। मंत्री ने कहा कि राज्य और जिले के बाहर से जो व्यक्तिगांव आएंगे उसके लिए गांव में किसी शासकीय या सामुदायिक भवन में क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर रहने खाने की आवश्यक व्यवस्था किया जाए।
14 दिन इस सेंटर में रहने के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उसको घर जाने दिया जाएगा। जो व्यक्ति इस सेंटर में रहेंगे उनका गांव में घुमना, किसी से मिलना, तालाब में स्नान एवं खुले में शौच प्रतिबंधित रहेगा। सभी गांव में गोठान निर्माण किया जाएगा। स्थल चयन कर प्रस्ताव दिया जाए। मनरेगा में देश में नियोजित मजदूरों में छत्तीसगढ़ की सहभागिता 18% है।
एनजीजीबी गांवों में बाड़ी विकास, उन्नत कृषि, पशुपालन एवं मछली पालन के गतिविधियों को समन्वय बनाकर किया जाए। मनरेगा में हर जाब कार्डधारी परिवार को रोजगार दिलाया जाए। मनरेगा 15 जून तक चलता है पर जरूरत पड़ी तो और आगे काम चलाने भारत सरकार से अनुमति ले ली जाएगी। इसलिए कार्ययोजना बनाकर रखे। वीसी के दौरान मुख्य रूप से मुख्य कार्य पालन अधिकारी पीआर साहू जनपद पंचायत नगरी व अध्यक्ष दिनेशवरी नेताम, उपाध्यक्ष हुमीत लिमजा व तीन जनपद सदस्य 10 सरपंच उपस्थिति थे।
सीतानदी अभयारण्य से दो ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ पकड़े गए है। दोनों को ही निमयानुसार राजसात करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीतानदी रिसगांव परिक्षेत्र आरक्षित वन क्रमांक 254 दक्षिण एकवारी परिसर में स्थित चिखलीपानी नाला के बगैर अनुमति के अवैध परिवहन के लिए दो ट्रैक्टर ट्रॉली रेत भरी जा रही थी।
दोनों ट्रैक्टर सीजी- 05 G 8501 व सीजी 23 0932 कई दिनों से सीता नदी अभयारण्य क्षेत्र में अवैध रेत निकासी कर रहे थे। यह इलाका ओडिशा से लगा हुआ है। अवैध निकासी की जानकारी अफसरों को मिली तो मौके पर जाकर कार्रवाई की गई। सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व के वन अमला ने वन प्राणी संरक्षण नियम 1972 की धारा 27, 29 ,31 ,51 (1)एवं 52 और भारतीय वन अधिनियम की धारा 26 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ जब्त कर रिसगांव परिक्षेत्र के मुख्यालय सांकरा में लाकर रखा गया है।
रिसगांव परिक्षेत्र के अधिकारी भोपाल सिंह राजपूत ने रेत से भरे ट्रैक्टर को अपने निवास स्थान पर खड़ा कराया। इस संबंध में अफसरों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर की सुरक्षा के लिए ऐसा किया गया। अपने निवास सिरसिदा में रखा हुआ है। संबंधित अफसर से पूछने पर उन्होंने साकंरा के रिसगांव क्षेत्र के कार्यालय में 7 मई की शाम ट्रैक्टर को लाया गया। अफसर का एक ट्रैक्टर को साकंरा कार्यालय में रखना एवं दूसरी गाड़ी को जब्त कर अपने निवास में रखना संदिग्ध है।
आरोपी आदतन अपराधी
सहायक संचालक सीतानदी अभयारण्य के अफसर राजस्त ने बताया की दोनों ट्रैक्टर को राजसात करने की सूचना न्यायालय नगरी को दी गई है। राजसात करने की कार्यवाही चल रही है। प्रकरण पीओआर 1426 / 16 दिनांक 21 /11 /2017 से संबंधित है। आरोपी जितेंद्र कुमार साहू पिता लक्ष्मीनाथ साहू ग्राम पोस्ट कोदांई तहसील रायघढ़ जिला नवरंगपुर ओडिशा का है। आरोपी आदतन अपराधी है। कार्रवाई में एसडीओ सीता नदी अभ्यारण के रायस्थ के नेतृत्व में वन परिक्षेत्र अधिकारी भोपाल सिंह राजपूत, अनिल पात्र वनपाल, रामकृष्ण साहू गेम गार्ड स्थानीय अग्नि रक्षक शामिल थे।
सत्र 2019-20 की साइकिल अब जल्द ही छात्राओं को मिलने वाली है। साइकिल की खरीदी कर ली गई है। एक-दो दिन में जिले में आ जाएगी। शिक्षा विभाग अब साइकिल आने का इंतजार कर रहा है। साइकिल आते ही इनके पुर्जे जोड़ने का काम भी शुरू हो जाएगा, इसकी तैयारी भी कर ली है। शिक्षा विभाग लाॅकडाउन खत्म होने के बाद स्कूलों को साइकिल देगा। स्कूल द्वारा अपने स्तर पर साइकिल वितरण शुरू कर दिया जाएगा। धमतरी जिले में 9वीं की 3 हजार 636 छात्राओं को सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल दी जाना है। छात्राओं को करीब एक साल बाद नए शिक्षा सत्र में साइकिल मिलेगी। सभी लड़कियां दसवीं में आ गईं हैं।
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद दूसरी बार छात्राओं को एक साल बाद साइकिल मिलेगी। इसके पहले सत्र 2018-19 की साइकिल भी शिक्षा सत्र बीतने के बाद मई माह में वितरण की गई थी। चुनाव आचार संहिता के स्कूल शिक्षा विभाग ने खरीदने में देरी की। सत्र 2019-20 में नई सरकार आने के बावजूद साइकिल खरीदी में देरी की गई। वर्ष 2020 में खरीदी की प्रक्रिया शुरू हुई। मार्च में साइकिल आनी थी, लेकिन इसी दौरान कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया। अब लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद छात्राओं को साइकिल दी जाएंगी।
सोशल डिस्टेंस का करेंगे पालन: शिक्षा अधिकारी
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी विपिन देशमुख ने कहा कि सरस्वती साइकिल योजना के तहत 3 हजार 636 छात्राओं को साइकिल दी जानी है। धमतरी जिले में एक-दो दिन में आ जाएंगी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्कूलों से साइकिल बांटी जाएगी। वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाएगा।
कातलबोड़ मे मनरेगा काम चल रहा है। इसे देखने जिला पंचायत सदस्य तारिणी चंद्राकर एवं नीलम चंद्राकर गांव में पहुंचे। उन्होंने सभी को सोशल डिस्टेंस एवं कोरोना से बचाव संबंधी उपायों का पालन करने को कहा।
ग्रामीणों की मांग पर जारी मनरेगा कार्य(नाला सफाई एवं गहरी करण) मे नाला में आवागमन के लिए मार्ग(पाइप पुल) निर्माण के लिए अतिरिक्त राशि के लिए तुरंत ही प्रोग्राम अधिकारी जिला पंचायत धमतरी से संपर्क कर संशोधन कर बजट स्वीकृत करने को कहा। इनके साथ जनपद सदस्य रविन्द्र साहु, महिम शुक्ला, ग्राम सरपंच सुनीता साहु, सरपंच प्रतिनिधि मोती साहु सहित सभी पंच एवं ग्रामवासी उपस्थित थे। विकास खंड के ग्राम मोंगरा मे मनरेगा कार्य निरीक्षण जिला पंचायत सदस्य तारिणी नीलम चंद्राकर एवं नीलम चंद्राकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्वारा किया गया। उनके द्वारा सभी को सोशल डिस्टेंस एवं कोरोना से बचाव संबंधी उपायों का पालन करने को कहा गया।
कोरोना वाॅरियर्स के तौर पर विगत दो महीने से दिन-रात काम कर रहे नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लिए राशि देने से सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। लॉकडाउन में राजस्व वसूली स्थगित होने के कारण आर्थिक तंगी के हालात से जूझ रहे पालिका प्रशासन ने पालिका कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य शासन से 48 लाख रुपए की मांग की थी। इस पर शासन से दो-टूक जवाब मिला है कि अपने खर्च की व्यवस्था स्वयं के संसाधनों से करें। राज्य सरकार ने टैक्स व्यय पर संचालन होने वाले सभी संस्थाओं को अपने राजस्व वसूली का आदेश दे दिया है।
राज्य सरकार के आदेशानुसार नगर पालिका के विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के एवज में लगने वाले टैक्स जमा करने के लिए 15 मई तक अंतिम अवसर दिया गया है। इसके बाद लोगों को टैक्स के साथ अतिरिक्त अधिभार भी देना होगा। अब टैक्स वसूली में तेजी लाने पालिका प्रशासन डाेर-टू-डाेर अभियान चलाने की याेजना बना ली है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की परिस्थितियों के मद्देनजर तमाम नगर निगम, नगर पालिका तथा नगर पंचायतों में राज्य सरकार के निर्देश पर टैक्स वसूली में रोक लगाई गई थी। अब राज्य सरकार भी इस दौरान चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में प्रयासरत है। इसके तहत ऐेसे संस्थान जिनका संचालन टैक्स व्यय पर होता है, उन्हें अपना राजस्व वसूल करने का आदेश दिया गया है। शासन का आदेश मिलने के बाद महासमुंद नगर पालिका प्रशासन अब तेजी से राजस्व वसूली की तैयारी कर रहा है। पालिका को वित्तीय वर्ष 2019-20 और उसके पिछले साल का बकाया मिलाकर लगभग 237.70 लाख की कर वसूली करनी शेष है।
डोर-टू-डोर टैक्स वसूली का चलेगा अभियान
बहरहाल 15 मई तक टैक्स जमा करने पर विशेष छूट दी गई है। राज्य सरकार ने इस तिथि के बाद संपत्ति कर, समेकित कर, जलकर तथा बाजार साइड किराया वसूल करने का आदेश दिया है। इसके लिए डाेर-टू-डाेर अभियान चलाया जाएगा। टैक्स पटाने के लिए पहले अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया था। अब संपत्ति कर जमा करने के लिए अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित की गई है। इसके बाद डोर-टू-डोर जाकर संपत्ति कर वसूली का अभियान चलाया जाएगा।
हाथ धोने की व्यवस्था की फिजिकल डिस्टेंसिंग रखें
पालिका परिषद कार्यालय भवन में टैक्स पटाने के लिए आने वाले नागरिकों के लिए हाथ धोने की व्यवस्था पालिका परिसर में की गई है। टैक्स जमा करने के दौरान नागरिकों को फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। टैक्स जमा लेने पालिका में सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
समय सीमा में अपना टैक्स अदा कर अधिभार से बचें
नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने कहा है कि टैक्स के रूप में जो राशि मिलती है, उससे पालिका द्वारा सफाई, पेयजल, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाता है। यह खर्च करोड़ों में होता है। समय सीमा में अपना टैक्स देकर मूलभूत सुविधाओं को बनाए रखने में सहयोग करें और अधिभार से भी बचें।
पटेवा क्षेत्र के ग्राम चिरको स्थित पावर सब स्टेशन में लगे ट्रांसफॉर्मर में लोड बढ़ते ही सिटी फट गया और आग लग गया। गर्म आयल के छिटकने से मिनटों में ट्रांसफॉर्मर में आ लग गई। घटना के बाद विभाग ने पावर कट कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन नहीं आग की लपते बढ़ती जा रही थी। घटना शुक्रवार सुबह आठ बजे की बताई जा रही है। सुबह 10 बजे नगर पालिका महासमुंद का दमकल पहुंचा, तो आग पर काबू पाया गया। हादसे से सब स्टेशन से विद्युत सप्लाई होने वाले छह गांव में करीब चार घंटे तक बिजली गुल थी। बाद में अन्य सब स्टेशन से जोड़कर गांवों में बिजली बहाल की गई। आगजनी से करीबन तीन से चार लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
विभाग के कार्यपालन अभियंता महेश नायक ने बताया कि चिरको सब स्टेशन में सुबह आठ बजे एक ट्रांसफॉर्मर में लोड़ बढ़ते ही उसका सिटी फट गया। इससे गर्म ऑयल बाहर आ गई। इससे ट्रांसफॉर्मर के आसपास निकल रही चिंगारी से आग लग गई। देखते-देखते आग पूरी तरह ट्रांसफॉर्मर तक फैल गई। बाद में फायर ब्रिगेड की सहायता से आग पर काबू पाया गया। ट्रांसफॉर्मर जलने से केवल रेडियटर व केबल वायर ही जला है। हालांकि ट्रांसफॉर्मर जलने से बच गया।
जले ट्रांसफाॅर्मर की रिपेयरिंग में लगेंगे तीन से चार दिन
पावर स्टेशन में जले ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग के लिए तीन से चार दिन लगेंगे। सुधार होने के बाद ही सप्लाई होगी। तब तक इन गावों में बिजली की सप्लाई अन्य सब स्टेशन से दी जाएगी। आग लगने से तोरला, बनपचरी, दर्रीपाली, मटुपन, चिरको और बटकी गांव में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई। तीन चार घंटे तक इन गांवों में बिजली बंद थी। बाद में सब स्टेशन पटेवा व बावनकेरा से गांवों में आपूर्ति बहाल कराई की। इसमें चार गांव की सप्लाई बावनकेरा और दो गांवों को पटेवा सब स्टेशन से जोड़ा गया है।
जमीनों की रजिस्ट्री के लिए जिले के उप पंजीयक कार्यालय बुधवार यानी 6 मई से शुरू हो गए हैं। दो अलग-अलग दिनों में दफ्तर खुलते ही 67 लोगों ने जमीनों की रजिस्ट्री कराई। इससे 20 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। ये पक्षकारों को रजिस्ट्री कराने के लिए ई-अपाइंटमेंट लेना पड़ा था तब जाकर उनकी रजिस्ट्री हो पाई है।
कोरोना वायरस के चलते ये दफ्तर 47 दिनों तक बंद थे। ग्रीन जोन जिला घोषित होने के बाद पक्षकारों को जमीनों की रजिस्ट्री कराने राहत दी गई है। इसमें भी अधिक रजिस्ट्री वाले जिले को ए, बी व सी केटेगरी में बांटा गया है। जिला पंजीयक अधिकारी दीपक मंडावी का कहना है कि अ वर्ग वाले उप पंजीयक प्रतिदिन खुलेंगे। बी वर्ग वाले सप्ताह में दो दिन एवं सी वर्ग वाले एक दिन खुलेंगे। बुधवार व शुक्रवार को दफ्तर खुलते ही 67 पक्षकारों ने रजिस्ट्री कराई है। रजिस्ट्री कराने के पूर्व सोशल डिस्टेंसिंग व हस्ताक्षर करने के पूर्व सैनिटाइजर कराया जा रहा है। वहीं दफ्तर खुलने के पूर्व कार्यालय को सैनिटाइज किया जाता है। साथ ही एक पंजीयन के समय एक-एक करके पक्षकारों को हस्ताक्षर के लिए बुलाया जाता है। इसके पूर्व उसे सैनिटाइज किया जाता है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण क्रेता और विक्रेता अपनी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे थे।
कर्ज लेकर खेती किसानी करने वाले किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़ी राहत मिली है। इस योजना के तहत अब वे अपनी सहमति से ही बीमा करा सकते हैं। पहले कर्ज लेने वाले किसानों को फसल का बीमा कराना अनिवार्य था। अब नए आदेश के तहत कर्जदार किसानों को बीमा कराने का फैसला उनके पास छोड़ दिया है। अब वे अपने मनमर्जी के मालिक हैं। सोसायटियों में अंतिम ऋण प्रदाय करने की तिथि के सात दिन पूर्व ही सहमति पत्र देकर फसल बीमा करा सकते हैं।
जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी डीएल नायक ने बताया कि इस साल कर्जदार किसान फसल बीमा अपने मर्जी से करा सकते हैं। अब उन्हें अनिवार्यता से हटा दिया गया है। सहमति देने के बाद ही बीमा होगा। इसके लिए किसानों को सोसायटियों में कर्ज लेते समय सहमति प्रमाण-पत्र देना होगा। जो किसान सहमति नहीं देगा उसका बीमा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा जारी हुआ है। इसी प्रकार उसके समय में भी बदलाव कर दिया गया है।
फसल बीमा के नियम में बदलाव होने के बाद अब ऋणी व अऋणी किसानों को बीमा कराने के लिए 15 जुलाई तक सहमति पत्र सोसायटियों में देना होगा। नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले 31 जुलाई तक फसल बीमा कराने के लिए समय निर्धारित था। इस वर्ष समय में बदलाव करते हुए 15 जुलाई हो गया है। अब किसानों को निर्धारित समय के सात दिन पहले बीमा के लिए सहमति पत्र देना होगा। फसल खराब न हो इसके लिए बीमा कराया जाता है। यदि फसल नष्ट होता है तो किसानों को इसकी क्षतिपूर्ति दी जाती है।
इस साल 300 कराेड़ रुपए कर्ज बांटने का लक्ष्य
जानकारी के अनुसार फसल बीमा योजना के बदलाव के पूर्व खेती किसानी के समय सोसायटियों से ऋण लेते समय किसानों को फसल बीमा की प्रीमियम राशि अदा करना अनिवार्य था। यानी उन्हें फसल बीमा कराना अनिवार्य था। वहीं जो किसान कर्ज नहीं लेते हैं, वे सहमति प्रमाण-पत्र देकर बीमा कराते थे। प्रतिवर्ष खेती किसानी के लिए सोसायटियों से 50 हजार किसान ऋण लेते थे। अब इस आदेश से इन किसानों को राहत मिलेगी। वर्ष 2019 में 254 करोड़ रुपए का कर्ज किसानों को बांटा गया था। इस वर्ष 300 करोड़ रुपए बांटने का लक्ष्य रखा गया है। अब नए आदेश के तहत ऋण लेने वाले किसानों को बीमा की राशि अदा नहीं करनी पड़ेगी।
बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त हवा के असर से महासमुंद सहित आसपास हल्की बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार दोपहर बाद अचानक मौसम में बदलाव हुआ और तेज आंधी-तूफान के साथ आसमान में काले बादल घिर आए। हालांकि महासमुंद सहित आसपास के इलाकों में हल्की बारिश ही हुई। इधर, मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक बारिश की संभावना जताई है।
महासमुंद जिले में पिछले दो दिनों में 76 मिमी बारिश दर्ज की गई है। दरअसल, मौसम में बदलाव के कारण बुधवार और गुरुवार को जिलेभर में तेज बारिश हुई थी। इस दौरान बसना में सर्वाधिक 35 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से दक्षिणी कर्नाटक तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। साथ ही छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से बहुत अधिक मात्रा में नमी आ रही है। इसके असर से शनिवार को उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और मध्य छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश के साथ गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
खेतों में फसल, किसानों में चिंता : इस बेमौसम बारिश और तेज हवा अंधड़ से खेतों में खड़ी या कटकर पड़ी फसल को भारी नुकसान की आशंका है। किसान दौलत चंद्राकर, शंकर चंद्राकर, जीवन चंद्राकर, शंकरू ध्रुव, गनपत निषाद का कहना है कि तेज हवा-बारिश से धान की फसल खेतों में गिर जा रही है। इससे फसल कटाई में दिक्कत होती है और दानें झड़ जाते हैं। जो फसल कटाई के बाद खेतों में बीड़ा या करपा के रूप में पड़ी है, उसे भी बारिश से नुकसान हो रहा है।
ग्राम पंचायत लंबर के आश्रित ग्राम छिर्राबाहरा में रोजगार गारंटी मनरेगा का कार्य से जुड़ी शिकायत जांच में सही पाई गई है। जांच के लिए टीम गठित कर सीईओ ने टीम भेजा था और सभी लोगों का बयान दर्ज किया है। जांच में पता चला कि रोजगार सहायक लगातार अनुपस्थित रही, फर्जी तरीके से मस्टररोल बनाया गया था। इसमें सचिव एवं मेट के खिलाफ भी फर्जी मस्टररोल मिला। अब रिपोर्ट को जिला पंचायत को भेजी जाएगी।
बता दें कि रोजगार सहायक गांव में नहीं रहती है। विगत डेढ़ महीने से अनुपस्थित थी। फर्जी मस्टररोल बनाकर नाम भरा गया फर्जी तरीके से कई संबंधित शिकायत ग्रामीणों की ओर से की गई थी जांच अधिकारियों ने मस्टररोल में उल्लेखित सभी ग्रामीणों का बयान लिया गया जांच कर सही मिला। उन्होंने स्वीकार किया कि वे लोग काम में गए ही नहीं हैं। फर्जी नाम जोड़ा गया है।
वहीं कुछ लोग विगत वर्ष किए गए कार्य की राशि नहीं मिलने की शिकायत लेकर भी पहुंचे थे तो वहीं ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों को बताया कि उनका अंगूठे का स्कैनिंग स्वाइप मशीन में रोजगार सहायक एवं बैक मित्र द्वारा यह कह कर लिया गया कि आप के आधार कार्ड की जांच की जा रही है। ग्रामीणों के शिकायत के आधार पर जनपद पंचायत बसना के सीईओ ने जांच में सही मिला।
तीन स्थानों पर बिना रोजगार सहायक के चल रहा काम
पंचायत अंतर्गत तीन स्थानों पर बिना रोजगार सहायक के चल रहा है। मनरेगा के कार्य में कई तरह के खामियां भी देखने को मिली और रोजगार सहायक सरपंच सचिव के न होने पर 4 साल बाल श्रमिक एवं 8 साल के बाल श्रमिक से भी रोजगार गारंटी का काम करवाया जा रहा है। मजदूरों का फर्जी मस्टररोल भरकर फर्जी तरीके से राशि आहरण के अलावा कुछ हितग्राहियों को मनरेगा का राशि अप्राप्त है, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने सीईओ को दी थी। खबर को दैनिक भास्कर में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। इसके बाद जांच के लिए टीम गठित कर सीईओ ने टीम भेजा था और सभी लोगों का बयान दर्ज किया गया। जांच में पाया गया कि रोजगार सहायक लगातार अनुपस्थित रही। फर्जी तरीके से मस्टररोल बनाया गया है। जिसमें सचिव एवं मेट के खिलाफ भी फर्जी मस्टररोल प्रमाणित मिला, इस रिपोर्ट को जिला पंचायत को भेजी जाएगी।
अंचल के गांवों में महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों से पैदल एवं विभिन्न साधनों से गांव आने का सिलसिला लगातार चल रहा है। प्रशासन के निर्देश पर संबंधित पंचायतों के सरपंचों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से बचाव हेतु मजदूरों को गांव के स्कूलों अथवा अन्य शासकीय भवनों में ठहराकर क्वारेंटाइन भी किया जा रहा है। कई क्वारेंटाइन सेंटरों में अलग-अलग कमरों की व्यवस्था तो है लेकिन शौचालय व बाथरूम की व्यवस्था अलग-अलग न होने से मजदूरों को सुबह-सुबह तकलीफ से दो-चार होना पड़ रहा है।
आने वाले दिनों में और अधिक मजदूर गांव आएंगे जिनके लिए गांव में क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर रखने की चुनौती होगी। सरपंचों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बासीन पंचायत में 29 अप्रैल को 8 मजदूर भंडारा महाराष्ट्र से और 7 मार्च को 2 मजदूर नागपुर महाराष्ट्र से गांव आए हैं जिन्हें स्कूल के अलग-अलग कमरों में ठहराया गया है। वहां से कुल 53 लोग बाहर गए थे इसलिए और लोग भी आएंगे। शिकारी केसली में 4 मई को हैदराबाद से 4 तथा 7 मई को ओडिशा से 15 लोग लौटे हैं जिन्हें भी उसी स्कूल में ठहराया गया है। वहां पर 55 लोग और आने वाले हैं। सिनोधा में सप्ताह भर पहले महाराष्ट्र के भंडारा जिले से 8 लोग और 7 मई को नागपुर से 13 मजदूर वापस आए हैं जबकि 20 से 22 लोग अभी और भी आएंगे। फरहदा में हैदराबाद से 13 तथा सिमगा से 3 मजदूर लौटे हैं, वहां पर अभी 69 लोगों की और आने की जानकारी दी गई है। गोरदी में 2 आए हैं 35 और आएंगे, वहीं झीपन में 25 लोग आने वाले हैं।
सरपंच बोले- साधन सीमित हैं, हम क्या करें
सरपंचों से मिली जानकारी के अनुसार इन भवनों में कहीं पर शौचालय की व्यवस्था अलग-अलग नहीं है और कहीं तो कहीं बाथरूम भी नहीं है। पेयजल हेतु प्रवासी मजदूर एक ही हैंडपंप का उपयोग कर रहे हैं जिससे क्वारेंटाइन अवधि में एक दूसरे से संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा। दसोदा जांगड़े, नारायण यदु, भोला वर्मा, महिश जांगड़े, जीतेंद्र गहरे केदार वर्मा आदि सरपंचों ने कहा कि शासन के निर्देश पर क्वारेंटाइन अवधि में प्रवासी मजदूरों के ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था करते हुए निगरानी रखी जा रही है ताकि वे ग्रामीणों से मेलजोल ना कर सकें, पर हमारे पास साधन सीमित हैं।
दूसरी पंचायतों का सहारा भी लेंगे : देवांगन
इस संबंध में सुहेला नायब तहसीलदार मुकेश देवांगन ने बताया कि दो-तीन दिन के भीतर आने वाले मजदूरों को एक ही साथ रखा जाएगा जबकि 5 दिन से अधिक अंतराल पर आने वाले मजदूरों को अलग-अलग स्थानों पर ठहराया जाएगा। यदि किसी पंचायत में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होगी तो मजदूरों को अन्य पंचायतों के सुविधा संपन्न भवन में ठहराया जा सकता है।
विश्व रेडक्रॉस दिवस पर भारतीय रेडक्रॉस समिति की जिला इकाई ने जिला अस्पताल में कोरोना वॉरियर्स का हौसला-अफजाई करते हुए उनका सम्मान किया और रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए समिति के अनुभवी सदस्यों ने अपने विचार रखे और जिलेभर से एकत्र चुनिंदा स्वास्थ्यकर्मियों को गुलाब फूल भेंटकर आभार व्यक्त किया। रेडक्रॉस समिति ने जमकर तालियां बजाते हुए कोरोना को हराने में लगे वॉरियर्स को अनूठे तरीके से सलामी दी। सुबह करीब 11 बजे रेडक्रॉस समिति के पदाधिकारी कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम आपातकालीन सेवाओं में जुटे चिकित्सक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, पैरा मेडिकल स्टाफ, आरबीएसके दल सहित पुलिस विभाग एवं सिक्योरिटी सर्विसेज के कर्मठ वारियर्स से बारी-बारी मिलकर सम्मानित करते गए। अंतिम दौर में विशालकाय घेरा बना कर कोरोना को हराने के लिए उंचे स्वर में जोशीले नारे लगाते हुए कोरोना मुक्त महासमुंद का शुभकामना संदेश प्रेषित किया गया।
रेडक्रॉस समिति की जिला इकाई के अध्यक्ष कलेक्टर सुनील कुमार जैन के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित अपर कलेक्टर आलोक पांडेय जिला इकाई के सभापति एके शुक्ला, उप सभापति अनिता रावटे, वरिष्ठ सदस्य सती साहू, वरिष्ठ समाजसेवी दाऊलाल चंद्राकर ने कहा कि महासमुंद के कोरोना वारियर्स अपनी लगन और कर्तव्यनिष्ठा के लिए धन्यवाद के पात्र हैं। इनकी बदौलत ही जिला अब तक कोविड 19 के संकट से बचा हुआ है। जूनियर रेडक्राॅस महासमुंद के जिला संगठक व सचिव अशोक गिरी गोस्वामी एवं उनके दल द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए कई स्थानों पर जागरूकता लाने का कार्य किया गया और हैंड सैनिटाइजर एवं मास्क इत्यादि का वितरण कर स्वस्थ व सुरक्षित रखने के तरीके सिखाए गए।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप ताम्रकार, डॉ वाईएम मेमन, अरुणा शुक्ला, संदीप दीवान, कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के नोडल अफसर डॉ आई नागेश्वर राव एवं डॉ अनिरुद्ध कसार, आयुष चिकित्सा अधिकारी डाॅ देवंद्र साहू, अस्पताल सलाहकार डाॅ निखिल गोस्वामी, जीपी चंद्राकर, स्वयंसेवी अजय राजा, प्रभा पण्डा, नवजीवन प्रेरक व सामाजिक कार्यकर्ता अनुजा छत्तर एवं पुलिस बाल मित्र रोशना डेविड, प्रमोद कन्नौजे, कुणाल दास मानिकपुरी, जयंत गायकवाड़ उपस्थित थे।
लॉकडाउन-3 में आने जाने की छूट मिलने से दूसरे राज्याें से प्रदेश में आने वालाें की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले आठ दिनों में शुक्रवार तक करीब 3000 लोग दूसरों राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटे हैं। इन सभी को होम क्वारेंटाइन किया गया है। सरकारी क्वारेंटाइन सेंटरों में भी 100 लोग बढ़ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में क्वारेंटाइन किए गए लोगों के संख्या बढ़ने की संभावना है। इसमें प्रवासी मजदूर शामिल हैं। उनके लिए हर गांव के बाहर क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। राज्य में अब तक 20,432 लोगों को होम क्वारेंटाइन किया जा चुका है। 148 सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर में 582 कोरोना संदिग्धों को रखा गया है। 30 अप्रैल को 17 हजार होम क्वारेंटाइन थे। अभी इनकी संख्या बढ़ चुकी है। इस बीच सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर 138 से बढ़ाकर 148 कर दिए गए हैं। इन सेंटरों में 2,991 लोगों को एक साथ रखने की व्यवस्था है। अधिकारियों के अनुसार अन्य राज्यों में फंसे कई लोग पास लेकर तो कई बिना पास आ रहे हैं। ये महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना व झारखंड के रास्ते से आ रहे हैं। एहतियात के तौर पर उन्हें 14 दिनों के क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है, ताकि कोरोना का संक्रमण हो तो क्वारेंटाइन के दौरान उसके लक्षण सामने आ जाए और तुरंत इलाज शुरू किया जा सके। इससे कोरोना का संक्रमण फैलेगा भी नहीं। एम्स में ड्यूटी कर रहे अंबेडकर अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों को भी निमोरा में रखा गया है। वे वहीं से ड्यूटी आना-जाना कर रहे हैं। प्रदेश में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को नजदीकी अस्पताल में जानकारी देने व स्वास्थ्य की जांच कराने को कहा जा रहा है। लोग टोल फ्री नंबर 104 पर आने-जाने वालों की जानकारी दे सकते हैं। इस नंबर पर लोग अपने अपने पड़ोस में दूसरे राज्यों से आने वालों की जानकारी भी दे सकते हैं। कोरोना सेल के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी के अनुसार क्वारेंटाइन लोगाें की सख्ती से मानीटरिंग की जा रही है।
अवैध नल कनेक्शन पर सप्ताहभर की मोहलत के बाद निगम अमला सभी अवैध नल के कनेक्शन काटने की कार्रवाई करेगा। शुक्रवार को निगम मुख्यालय में एमआईसी की बैठक में ऐसे कई अहम निर्णय लिए गए। इसी तरह से आवारा मवेशियों से परेशान राजधानी के लोगों को राहत दिलाने शनिवार से अभियान चलाएगा। श्याम नगर, कटोरा तालाब, गुरुनानक नगर, रामनगर तथा गुढ़ियारी सहित कुछ इलाकों में सबसे ज्यादा अावारा मवेशी घूमने की शिकायतें हैं। अब उनके मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी।
मवेशी मालिकों से भी जुर्माना वसूला जाएगा।
कोरोना लॉकडाउन के बीच मेयर एजाज ढेबर ने एमआईसी की बैठक ली। लोगों की परेशानी को देखते हुए बैठक में निर्णय लिया गया कि सड़क पर आवारा मवेशी मिलने पर मालिकों से 1000 तक जुर्माना लिया जाएगा। दूसरी बार फिर उसी मालिक के मवेशी मिलने पर जुर्माना बढ़ाकर 1500 कर दिया जाएगा। तीसरी बार में मवेशी को कांजी हाउस पकड़कर ले जाया जाएगा। मवेशी वहां रखने के दौरान मालिक से प्रतिदिन 200 रुपए की दर से चारा तथा रखरखाव इत्यादि का शुल्क लिया जाएगा। इसी तरह सुअर पालने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। मेयर ने कहा कि हर जोन कमिश्नर अपने वार्डों में अवैध नल कनेक्शन ढूंढने का अभियान चलाएंगे।
पहले सप्ताहभर की मोहलत दी जाएगी और उसके बाद सीधे नल कनेक्शन काटे जाएंगे। अवैध नल कनेक्शन लगाने वाले ठेकेदार की पुलिस में नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। शहर में चार जगहों पर स्थायी गौठान बनाए जाएंगे। किसी निजी व शासकीय कार्यालय में एक घंटा सेनिटाइजेशन करने पर निगम 2613 रुपए शुल्क लेगा।
निगम कर्मियों का 5 लाख का बीमा
निगम अपने सभी 1800 अधिकारियों व कर्मचारियों का ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस कराएगा। प्रत्येक कर्मी का पांच लाख का बीमा होगा। अब तक अपने कर्मचारियों को निगम अपने फंड से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता रहा है। एमआईसी में इसकी स्वीकृति के बाद ही कर्मचारी को मेडिक्लेम दिया जाता था। प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी से एक निश्चित अंशदान लिया जाता था। बहुत से अधिकारी-कर्मचारी अस्पतालों में इलाज के बाद निगम में क्लेम नहीं करते थे। इसलिए अब निजी बीमा कंपनी से ग्रुप इंश्योरेंस कराया जा रहा है। इससे किसी भी अस्पताल में इलाज कराने पर 5 लाख रुपए तक का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। निगम जल्द ही कंपनियों से आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) मंगाएगा। बैठक में सभी एमआईसी सदस्य, निगम कमिश्नर सौरभ कुमार, अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य, लोकेश्वर साहू सहित सभी जोन कमिश्नर आदि मौजूद थे।
18.16 करोड़ में कचरेका होगा निपटारा
सरोना में लाखों टन जमा करने को नष्ट करने और डंपिंग ग्राउंड को स्वच्छ तथा हराभरा करने के लिए निजी एजेंसी को ठेका दिया जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग से 18 करोड़ 16 लाख की स्वीकृति मिलने के बाद निविदा आमंत्रित करने की मंजूरी शुक्रवार को एमआईसी में ली गई। देवेंद्र नगर चौक के पास दुकानों को पीछे शिफ्ट करने पर होने वाले खर्च के लिए 95.69 लाख की मंजूरी भी दी गई।
बिरगांव इतवारी बाजार इलाके में शुक्रवार की रात एक अधेड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई हैं। वह शराब पीकर घर आया था। इसी बात पर पति-पत्नी में विवाद हुआ। अधेड़ पत्नी की बेरहमी से पिटाई करने लगा। वह चींख रही थी। उसकी आवाज सुनकर पड़ोसी बीच-बचाव को आए। बात ना सुनने की वजह से पड़ोसी ने हंगामा कर रहे व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया। इससे वह जमीन पर गिर पड़ा और उठा ही नहीं। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण का पता चलेगा। 51 साल का शंकर सिंह मजदूरी करता था। वह शाम को शराब पीकर घर आया पत्नी को पीटने लगा। पत्नी ने शराब पीने का विरोध किया था। महिला की आवाज सुनकर पड़ोसी देवराज साहू समेत कई लोग आ गए। इसी दौरान इनके बीच हुई झूमाझटकी के दौरान शंकर की जान चली गई। पुलिस अब शंकर के पड़ोसियों समेत उसके परिजन से भी पूछताछ कर रही है।
दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर एक बार फिर हुर्रेपाल के जंगल मे मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक लाख रुपए का इनामी नक्सली बामन मुचाकी घायल हो गया। ये यह नक्सलियों के एक ग्रुप का कमांडर बताया जा रहा है। दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस को हुर्रेपाल व बेचापाल के बीच एक बार फिर नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर दंतेवाड़ा व बीजापुर से टीम निकली। पुलिस के पहुंचते ही फायरिंग शुरू हो गई।
जवानों ने भी गोली का जवाब गोली से दिया। इसमें एक नक्सली के पैर पर गोली लगी। इस घायल को छोड़कर अन्य नक्सली भाग गए। घायल नक्सली को जवानों ने पकड़ लिया। इसके बाद उसे नेलसनार अस्पताल पहुंचाया। 16 अप्रैल को इसी इलाके में मुठभेड़ हुई थी। जिसमें एक नक्सली मारा गया था। एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि बामन के साथ एक और नक्सली भी घायल हुआ है।जिसे नक्सली अपने साथ ले गए। किरंदुल, बचेली में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
शहर में दिनभर तेज धूप रही। शाम होते ही मौसम ने अपना मिजाज बदला और बारिश हुई। तेज हवाएं भी चलीं। संतोषी नगर इलाके में कई मोहल्लों में कुछ देर के लिए बिजली बंद रही। बोरियाखुर्द इलाके में सड़क के किनारे छोटे पेड़ गिर गए। करीब 15 मिनट तक तेज हवाओं के साथ पानी बरसता रहा। दोपहर के वक्त भी कुछ देर के लिए बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों तक इसी तरह बारिश होने की संभावना जताई है। राजनांदगांव, बिलासपुर, भिलाई और महासमुंद में भी इसी तरह बारिश हुई।
राजनांदगांव
शहर में तेज बारिश काफी देर तक होती रही। यहां आरके नगर में पुलिस ने एक टेंट लगाया था। यहां से गुजरने वाली गाड़ियों को टेंट के पास रोका जाता था। तलाशी के बाद गाड़ियों को आगे जाने दिया जाता था। यह टेंट तेज हवा में उड़ गया। कई जगहों पर पानी भी भरा नजर आया।
बिलासपुर
सारा शहर बारिश की वजह से तर-बतर नजर आया। लोग मुख्य बाजार और सड़कों की ओर से घरों को लौट रहे थे। शहर में दुकानें भी बंद करने का वक्त हो चला था, तभी बारिश आई। काफी देर तक शहर पर घटाएं छाई रही। हल्की तेज हवाओं के साथ फिर फुहारें भी पड़ीं।
भिलाई
शुक्रवार को लगभग पूरे दिन लोगों को जबरदस्त गर्मी को झेलना पड़ा। गर्म हवाएं और धूप की वजह से मौसम काफी गर्म रहा। अचानक शाम को मौसम ने करवट ली। तेज बारिश ने वातावरण को बदलकर रख दिया। सुपेला इलाके में बादल गरजे भी और बरसे भी। कई बस्तियों में पानी भरा जिसे लोग निकालते दिखे।
जशपुर
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने पत्थलगांव विकासखंड में ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों के लोगों को मुआवजा दिया। यहां लगभग 60 गांव में 2720 मकान और 120 हेक्टेयर के खेतों पर धान, मक्का, साग-सब्जी की फसल प्रभावित हुई थी। 529 लोगों में 21 लाख 48 हजार 400 रुपए की राहत राशि दी गई।
प्रदेश के नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया के सरकारी बंगले में शुक्रवार बिजली गिरी। इस अकाशीय बिजली गिरने की वजह से ब्लैक आउट हो गया । शाम 5 बजे के आस- पास यह हादसा हुआ। मंत्री डहरिया के बंगले में लगे पेड़ के पास बिजली गिरी। सरकारी आवास की पूरी बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट हो गया। किसी के भी हताहत होने या चीजों का नुकसान नहीं हुआ। शुक्रवार को मंत्री की शादी की सालगिरह थी। वह तब घर में ही मौजूद थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके बाद डॉ. शिव कुमार डहरिया को फोन किया। उनसे घटना की जानकारी ली। राजधानी रायपुर में शाम को अचानक मौसम बदलने और तेज आंधी के साथ बारिश होने की वजह से यह हादसा हुआ। रायपुर के स्टेशन रोड स्थित एक ट्रांसफार्मर में भी आग लग गई थी। कुछ दिन पहले मंत्री टीएस सिंहदेव के सरकारी बंगले के तारों में शॉर्ट सर्किट हो गया था।
प्रदेश के एक कोयला कारोबारी के दफ्तर पर जीएसटी विभाग ने छापे मारे। अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार की सुबह रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और खरसिया में कोयला कारोबारियों के दफ्तरों में दबिश दी। अचानक पड़े इस छापे से कोयला कारोबार जगत में चर्चा है। जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब कोयला कारोबारियों पर एक साथ बड़े छापे पड़े हैं। चूंकि कार्रवाई अब तक जारी है , इसलिए टैक्स चोरी का आंकड़ा सामने नहीं आया है।
विभाग के अफसरों ने बताया कि कोयला का कारोबार करने वाले इंद्रमणि ग्रुप के मालिक सुनील अग्रवाल के दफ्तर में जांच की जा रही है। इस ग्रुप के खिलाफ शिकायत मिली थी कि बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी की गई है। इस ग्रुप का एक फर्म रायपुर में तेलीबांधा में इंद्रमणि फर्म के नाम पर स्थित है। यहां भी कार्रवाई जारी है। बाकी तीन शहरों में भी इसी ग्रुप के दफ्तर में जांच जारी है। इंफोर्समेंट विभाग के संयुक्त संचालक गोपाल वर्मा ने बताया कि हम टैक्स चोरी का आंकलन कर रहे हैं। वाणिज्यकर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने सूचना पर कार्रवाई की है। अभी लॉकडाउन के समय राज्य को टैक्स की आवश्यकता है। ऐसे समय में सभी को उचित कर अदा कर राज्य का सहयोग करना चाहिए।
रोजगार की मजबूरियों के चलते उत्तर प्रदेश में रह रहे छत्तीसगढ़ के मजदूर दंपति की मौत हो गई। घटना बुधवार देर रात उस वक्त हुई जब यह साइकिल से बेमेतरा आने के लिए रवाना हुए। साइकिल की पिछली सीट पर मां की गोद में बच्चे थे और पिता घर जाने की आस में साइकिल को रफ्तार दे रहा था। लखनऊ के शहीद पथ पर किसी अज्ञात वाहन ने इन्हें टक्कर मर दी। इस हादसे में मजदूर दंपत्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल दोनों बच्चों का इलाज लोहिया अस्पताल में किया जा रहा है। मृतकों की पहचान कृष्णा और प्रमिला के तौर पर हुई है। लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में यह परिवार रहता था।
चंदा लेकर करना पड़ा अंतिम संस्कार
गुरुवार को मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने करवाया। कृष्णा के भाई राजकुमार के अनुसार लॉकडाउन के चलते कृष्णा के पास कोई काम नहीं था। बचत के पैसे भी खत्म हो चुके थे। राजकुमार के पास भी आर्थिक तंगी के चलते शवों के अंतिम संस्कार का पैसा नहीं था, तब कुछ अन्य मजदूरों ने चंदा करके 15 हज़ार रुपये जुटाए। गुलाला घाट पर पति-पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया। लखनऊ पुलिस के डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया- सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में शहीद पथ पर हुई इस घटना के बाद दंपति के दो बच्चे 3 साल का बेटा निखिल और 4 साल की बेटी चांदनी घायल हैं। दोनों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीएमओ का ट्वीट
सोशल मीडिया के जरिए इस घटना की जानकारी छत्तीसगढ़ की सरकार को मिली। मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट सीएमओ छत्तीसगढ़ की तरफ से ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में लिखा गया-श्रमिक साथियों की संख्या बहुत अधिक है, हमने रेल मंत्रालय से ट्रेनें मांगी हैं, हम उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि हम अपने श्रमिक साथियों को सकुशल वापस ला सकें। यह दुर्घटना दुःखद है। इससे पहले 6 मई को नागपुर से झारखंड पैदल जा रहे मजदूर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह 400 किमी की दूरी तय करके बिलासपुर तक पहुंच गया था।
छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लेकर गुजरात से आने वाली स्पेशल ट्रेन को रोक दिया गया है। यह ट्रेन नाडियाड से प्रदेश के 1156 श्रमिकों को लेकर शुक्रवार शाम बिलासपुर पहुंचने वाली थी। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण ट्रेन को नाडियाड से ही गुरुवार शाम चलने नहीं दिया गया है। अब शुक्रवार को चलने वाली दूसरी ट्रेन भी टल गई है।
राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं आएगी ट्रेन
14 राज्यों ने एक माह का ही राशन उठाया
फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से राज्यों को तीन माह का राशन दिया गया है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों ने सिर्फ एक माह का ही राशन उठाया। इनमें असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नगालैंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। यह राशन पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत आवंटित किया गया है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना एक्टिव अब 21
छत्तीसगढ़ में कोराेना संक्रमित दो और मरीज गुरुवार कोपूरी तरह से ठीक हो चुकेहैं। इनमेंएक सूरजपुर से आयाथा, जबकि दूसरा एम्स का ही नर्सिंग स्टाफ है।प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 21 हो गई है। अभी तक38 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने17 मई तक पहले की तरह हीदफ्तर खोलने की मांग की। प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने इस संबंध में सीएस आरपी मंडल को पत्र लिखा है। कहा है कि रायपुर का तापमान 43 डिग्री चल रहा है। सेंट्रल एसी बंद होने से अधिकारी-कर्मचारियों को काम करने में काफी दिक्कत आ रही है। सीनियर कर्मचारियों के तकलीफ बढ़ने के कारण घर रवाना करना पड़ा। सिर्फ 21 विभागों के लिए ही बस की सुविधा है।
बिलासपुर : विशाखापट्टनम की फैक्ट्री से जहरीली गैस लीक होने के कारण वहां से होकर गुजरने वाली स्पेशल ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। यह चार ट्रेनें श्रमिकों को लेकर जा रही हैं। अब से चारों बिलासपुर से होकर गुजरेंगी। इन ट्रेनों से उत्तर भारत से चलकर पूर्वी भारत की ओर श्रमिकों को ले जा रही हैं। अब बल्लारशाह, गोंदिया, रायपुर, बिलासपुर औरझारसुगुड़ा होकर ट्रेनें गंतव्य को जाएगी। इनमें कोड़ी कोट से कटिहार, घाट केश्वर से कटिहार, कट्टी पडे से दावे और लिंगमपल्ली से भागलपुर शामिल है।
भिलाई : कलेक्टर अंकित आनंद, एसएसपी अजय यादव समेत करीब 100 पुलिसकर्मियों ने 5 किमी पैदल मार्च किया। इस दौरान गली-मोहल्लों में जाकर लोगों को कोरोनावायरस को लेकर जागरूक किया। इस दौरान जिले में लॉकडाउन के बदले नियमों के बारे में भी जानकारी दी। बताया गया कि अब सभी दुकानें कुछ प्रतिबंध के तहत सोमवार से शुक्रवार तक खुल सकती हैं और शनिवार औररविवार को पूर्ण लॉकडाउन रहेगा।
रायगढ़ : जांजगीर-चांपा जिला कलेक्टर ने नाई दुकान, सैलून और पान दुकान को खोलने की अनुमति दे दी है। यह दुकानें सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुलेंगी। हालांकि आदेश में यह भी कहा गया है कि दुकानों को खोलने के लिए दुकान संचालकों को सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन के नियमों को पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
रेड जोन में होने के बावजूद राजधानी के बाजारों को सोमवार से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन उससे पहले यानी शुक्रवार को शाम 4 बजे के बाद से सोमवार को सुबह 6 बजे तक राजधानी पूरी तरह लाॅकडाउन रहेगी। प्रशासन ने इशारा किया है कि इस दौरान केवल अत्यावश्यक सामग्री की दुकानें ही खोली जाएंगी। जो थोड़ी-बहुत दुकानें अभी खुल रही हैं, वह भी बंद रहेंगी और उनके बारे में आदेश शुक्रवार को रात तक जारी हो जाएगा। पुलिस ने साफ कर दिया है कि शुक्रवार को शाम 4 बजे के बाद से शहर में धारा 144 का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। इस दौरान उल्लंघन करने वालों से भी पुलिस कानूनी तौर पर निपटेगी।
प्रशासन ने गुरुवार रात तक वीक एंड लाॅकडाउन के नियम-कायदों पर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है, लेकिन अफसरों ने संकेत दिए कि इस दौरान अतिआवश्यक सेवाओं के साथ केवल सब्जी दुकानों को ही खोला जाएगा। किराना समेत बाकी सभी तरह की दुकानें दो दिनों के लिए पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। वीकएंड पर लोगों को घरों में ही रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। शहर के लगभग सभी छोटे-बड़े व्यापारिक संस्थानों की ओर बाजारों में दुकानें खोलने की छूट मांगी जा रही है। इस मांग को कई विधायकों के जरिये मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा दी गई है। इसलिए गुरुवार को दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए। माना जा रहा है कि शनिवार-रविवार को कुछ और दुकानें सीमित स्तर पर खुली रखी जाएं।
बाहर जाने कीअनुमति नहीं देंगे
फिलहाल रायपुर जिले से राज्य के किसी भी जिले में जाने या फिर राज्य से बाहर जाने की अनुमति अभी नहीं दी जाएगी। इंटर जिला और स्टेट क्रॉस करने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। कलेक्टोरेट में अभी लगातार हर दिन 100 से ज्यादा आवेदन बाहर जाने के लिए मिल रहे हैं। इतने ही आवेदन ऑनलाइन भी मिल रहे हैं। फिलहाल इन सभी आवेदनों में अति आवश्यक और गंभीर परिस्थिति में ही बाहर जाने की अनुमति दी जा रही है। ज्यादातर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं।
वीकएंड में कर्फ्यूके हालात
वीकएंड के आखिरी दिन लोगों को घरों में रखने के लिए पुलिस भी सख्त रहेगी। पुलिस का दावा है कि इस दौरान कर्फ्यू वाले हालात रहेंगे। लोगों से अपील की गई है कि वे घरों में ही रहें। इसलिए शनिवार-रविवार को घरों से बाहर निकलने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। बिना किसी गंभीर कारण के बाहर निकलने वालों पर एफआईआर की जाएगी। चौक-चौराहों के साथ ही मोहल्लों में भी पुलिस का गश्त जारी रहेगा। इस दौरान एक्सट्रा दुकानें खुली तो उन्हें सील कर दिया जाएगा।
गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों पर होगी सख्ती- एसएसपी
"शासन की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन करवाया जाएगा। इसका पालन न करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। हर चौराहे और एंट्री वाले रास्तों पर पहरा रहेगा। बार्डर भी सील रहेगी। कुछ इलाकों की पहचान कर ली गई है जहां लोग अनावश्यक बाहर निकलते हैं। ऐसे इलाकों पर निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।"
-आरिफ शेख, एसएसपी
सोमवार से कुछ छूट संभव
प्रशासन ने शहर में किन बाजारों, दुकानों और व्यवस्थाओं पर छूट दे सकते हैं, इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। गुरुवार को सोशल मीडिया में एक आदेश तेजी से वायरल हुआ कि राजधानी में रेस्टोरेंट को रात 9 बजे तक पार्सल देने की छूट दे दी गई है। इसके अलावा नई गाइडलाइन भी जारी कर दी गई। लेकिन प्रशासन के अफसरों ने बताया कि फिलहाल इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार और राज्य सरकार की नई व्यवस्था के बाद ही कोई नया आदेश जारी किया जाएगा।
"राज्य सरकार के निर्देश पर राजधानी के लिए नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। इसमें वीकएंड की व्यवस्था भी शामिल रहेगी।"
-डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि आने वाले समय में कोरोना की वजह से कामकाज के तरीके में बड़े पैमाने पर बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए पुराने सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता पड़ेगी।
कई पुरानी योजनाएं बदलनी पड़ेंगी और कई नई योजनाओं के साथ आगे बढ़ना होगा। इसमें शहरी बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होगी। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में अपनी सरकार की चिंता और भावी योजनाओं पर विस्तार से बात की। इस दौरान उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे उपायोें पर बात की और कोरोना की वजह से आने वाली मुसीबतों का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की अनेक योजनाएं हैं। किसानों को समर्थन मूल्य पर फसल की कीमत मिलना और मनरेगा के काम की वजह से ग्रामीण बेरोजगारों को लगातार काम मिलता रहेगा। पर सरकार के सामने उन बेरोजगारों की चिंता है जिनका रोजगार शहरों में प्रभावित हो रहा है। चूंकि नौकरियों की संख्या सीमित ही रहेगी इसलिए उनके लिए रोजगारमूलक काम चलाना ही प्राथमिकता होगी। इसमें कुटीर उद्योग के अलावा रोजमर्रा के काम से जुड़े उद्योगों को प्राथमिकता दी जा सकती है। इसके अलावा सरकार इस योजना पर भी काम कर रही है कि खाली पड़ी सरकारी जमीन पर बड़े प्रोजेक्ट लाकर व्यापक पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। इसके अलावा विभिन्न विभागों की योजनाओं में बदलाव भी किए जाएंगे। बघेल ने बताया कि विभागीय कामों की रुपरेखा भी इस को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा रही है। विभागों की समीक्षा वे सरकार की नई जरूरतों के हिसाब से कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर उनमें बदलाव भी किया जा रहा है। लघु वनोपज की खरीदी करने का निर्णय भी इसी का हिस्सा है। पहले महुआ की खरीदी 17 रुपए की दर से होती थी जिसे बढ़ाकर सरकार ने 30 रुपए कर दिया। इसके चलते वनोपज संग्राहकों से व्यापारी 40 रुपए की दर से खरीदी करने लगे। इसका सीधा फायदा उन एक लाख से अधिक लोगों को हुआ उन जिनकी आजीविका महुआ से चलती है। इसमें गरीबों को करीब 100 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। इसी प्रकार अन्य कामों में भी बदलाव किया जा रहा है।
किसानों को देंगे किस्तों में पैसा
किसान न्याय योजना के तहत किसानों को किया जाने वाला भुगतान दो से तीन किस्तों में किया जाएगा। ताकि सालभर किसानों की जरूरतों के हिसाब से पैसा मिलता रहे। सरकार की सोच है कि सालभर पैसा मिलने से राज्य की अर्थव्यवस्था में लगातार गतिशीलता बनी रहेगी। इसके तहत सरकार सालभर में करीब छह हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान 19 लाख किसानों को करने वाली है।
दसवी-बारहवीं बोर्ड की बची परीक्षाएं मई में ही आयोजित की जा सकती है। इसके अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) नया शेड्यूल तैयार कर रहा है। बोर्ड की बची परीक्षाएं इस बार भी चार दिनों में ही खत्म होगी। इसके अनुसार ही तैयारी की जा रही है। नई समय-सारणी जल्द ही जारी होगी। 21 मार्च से 31 मार्च के बीच के पेपर आयोजित किए जाएंगे। इनकी परीक्षा कोरोना वायरस व लॉकडाउन की वजह से आयोजित नहीं हुई है।
माशिमं ने इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए पहले भी तैयारी की। इसके अनुसार 4 मई से परीक्षा शुरू करने का शेड्यूल भी जारी किया। लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की वजह से परीक्षा टाल दी गई। लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक है। इसके बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा के आयोजन को लेकर माशिमं ने फिर तैयारियां शुरू की है। इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद परीक्षा की नई तारीख जारी कर दी जाएगी। संभावना है कि परीक्षा मई के आखिरी सप्ताह से शुरू हो सकती है। अफसरों का कहना है कि परीक्षा के आयोजन को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी होगी। परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ायी जा सकती है। सेंटरों में बच्चों के हाथ धोने की व्यवस्था रहेगी, मास्क पहनना भी जरूरी होगा। गौरतलब है कि इस बार दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 3,87,542 छात्र हैं। जबकि बारहवीं में छात्र संख्या 2,72,809 है।
इन विषयों की परीक्षा अभी नहीं हुई : दसवी-बारहवी के बची परीक्षाएं इसी महीने आयोजित की जा सकती है। दसवीं में कुछ विषयों की परीक्षा नहीं हुई है। जैसे दृष्टिहीन छात्रों के लिए संगीत और मूक बधिर छात्रों के लिए ड्राइंग एंड पेंटिंग का पेपर और व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत ऑर्गनाइज्ड रिटेलिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल सर्विस टेक्नीशियन, हेल्थ केयर, एग्रीकल्चर, मीडिया एंड इंटरटेनमेंट, टेली कम्यूनिकेशन, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेस एंड इंश्योरेंस, ब्यूटी एंड वेलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर की परीक्षा नहीं हुई है। बारहवीं में अभी कई विषयों की परीक्षा नहीं हुई है।
बोर्ड की कापियों का मूल्यांकन शुरू
दसवी-बारहवी बोर्ड की परीक्षा इस साल 2 मार्च से शुरू हुई। परीक्षा स्थगित होने से पहले नया और बारहवीं में कई विषयों की परीक्षा हो चुकी है। 14 मार्च तक जो परीक्षाएं हुई उनकी कापियां का मूल्यांकन शुरू हो चुका है। कई कापियां का मूल्यांकन कर उन्हें वापस भी मंडल के पास भेजा जा चुका है। अफसरों का कहना है कि सप्ताहभर में पहले चरण के मूल्यांकन का काम पूरा हो जाएगा। मूल्यांकन का दूसरा चरण अब स्थगित परीक्षाओं के आयोजन के बाद शुरू किया जाएगा।
देश की नामी कंपनियों और बड़े व्यापारिक संगठनों की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लॉकडाउन में केवल छत्तीसगढ़ में ही 33 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसके असर से आने वाले दिनों में 20 प्रतिशत से ज्यादा उद्योग-धंधे बंद की स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रिपोर्ट में दावा किया गया कि देशभर में 24 मार्च से 30 अप्रैल तक 5.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। छत्तीसगढ़ में 5 मई तक राज्य शासन को करीब 4 हजार रुपए के टैक्स का नुकसान हो चुका है।
कैट की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिटेलर्स रोजाना लगभग 20 हजार करोड़ का कारोबार करते हैं। 48 दिनों से लगभग पूरे व्यापार में तालाबंदी है। यानी 5.50 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान अभी तक कारोबारियों को हो चुका है। इस वजह से देशभर के 7 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 1.5 करोड़ कारोबारियों को आने वाले महीनों में अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना पड़ सकता है।
इसका असर यह होगा कि लगभग 75 लाख व्यापारी जो इन 1.5 करोड़ कारोबारियों पर निर्भर हैं, उन्हें भी अपना व्यापार बंद करना होगा।
नहीं मिला कोई राहत पैकेज
रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में व्यापार बंद होने से कम से कम 20 फीसदी व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लोगों को कारोबार बंद करना होगा। इस मामले में कई बार केंद्र और राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी गई है, लेकिन अभी तक कोई भी बड़ा राहत पैकेज नहीं मिला है। कैट की ओर से लगातार इस बात की मांग की गई है कि लॉकडाउन के दौरान रायपुर में सभी तरह के कारोबार की अनुमति दी जाए। इससे व्यापारियों को राहत मिलनी शुरू होगी।
जीएसटी का बड़ा नुकसान
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में हर दिन 700 से 800 करोड़ का व्यापार होता है। इसमें 60 हजार व्यापारियों से 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। लॉकडाउन के 42 दिनों में प्रदेश में 33 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। व्यापार बंद होने से सरकार को औसतन 12 फीसदी जीएसटी के अनुमान से लगभग 4000 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है।
राजधानी में रामनगर के बाद कुकुरबेड़ा में मिले कोरोना मरीजों को संक्रमण किससे लगा, यह अब तक साफ नहीं हो सका है। सरकारी एजेंसियों का मानना है कि दोनों को किसी न किसी से संक्रमण मिला, अर्थात शहर में कोरोना के कैरियर हो सकते हैं जो अभी प्रशासन की नजर में नहीं हैं। इसलिए राजधानी में एक बार फिर अलग-अलग एजेंसियों ने मिलकर मरीजों की खोज की बड़ी मुहिम छेड़ी है। डाक्टरों की दूसरी चिंता ये है कि प्रदेश में पहले 16 मरीज 23 दिन में अाए थे लेकिन अंति 16 मरीज पिछले 5 दिन में ही निकल गए हैं। उनका कहना है कि अब कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसलिए अब जांच में तेजी जरूरी हो गई है।
प्रदेश में दूसरे राज्यों की तुलना में मरीज बहुत कम हैं। अभी तक किसी मरीज की मौत भी नहीं हुई है, इस लिहाज से छग सुरक्षित है। लेकिन बावजूद पिछले चार दिनों में 16 मरीज मिलने को अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। इस तरह, एक दिन में चार मरीजों का औसत है, हालांकि ये प्रवासी मजदूर हैं। लेकिन रायपुर के दो मरीजों को लेकर प्रशासन में भारी संशय है। रामनगर के बाद कुकुरबेड़ा का संक्रमण भी डाक्टरों की समझ से बाहर है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों ही युवक किसी न किसी कोरोना पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आया हो। बिना संपर्क में आए कोई बीमार नहीं पड़ सकता। इसलिए तलाश जरूरी हो गई है।
टीमें 800 घरों में पहुंचीं, डेढ़ हजार परिवारों की होगी जांच
बिना स्त्रोत वाले दो मरीजों के मिलने के बाद कड़ियां जोड़ने के लिए हेल्थ विभाग की 20 टीमों ने केवल कुकुरबेड़ा कंटेनमेंट एरिया के 800 से ज्यादा घरों में सर्वे किया है। हेल्थ विभाग सर्वे के साथ कोरोना जैसे लक्षणों की सूरत में सैंपल भी कलेक्ट कर रही है। वहीं नगर निगम का स्वास्थ्य अमला पूरे इलाके को सेनिटाइज करने और ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव के अभियान में जुटा है। हेल्थ विभाग ने डेढ़ हजार घरों तक सर्वे करने का टारगेट रखा है। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के बाहर भी संपर्क मिलने पर सर्वे सैंपल लिए जाएंगे। हेल्थ विभाग सर्वे के साथ लोगों के टेस्ट भी कर रहा है। एएनएम और मितानिनों की 20 टीमों में 60 हेल्थ वर्कर हैं।
भास्कर नॉलेज : संक्रमण की तलाश इस तरह
किसी भी मामले में जब कोरोना पॉजिटिव केस की पुष्टि हो जाती है। तो संबंधित शख्स से उसके एक से दो हफ्ते के बीच में आए लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाती है। कई बार मरीज को याद नहीं रहता, इसलिए ऐसी स्थिति में उसके बताए लोगों के जरिए बाकी लोगों तक पहुंचा जाता है। कोरोना के नियंत्रण में ट्रेसिंग और ट्रेकिंग की अहम भूमिका होती है। इसके माध्यम से ही संपर्क में सभी लोगों तक पहुंचने की कोशिश होती है।
ऐसी टीम
सैंपल लेने वाली टीम करीब 12 (एक टीम में औसतन दो से तीन लोग)
जानकारी जुटाने वाली टीम 20 (एक टीम में औसतन तीन लोग)
गर्मी का असर दिखा तो नहीं
पिछले एक हफ्ते में जिस तरह कोरोना के मरीज बढ़े हैं, उससे विशेषज्ञों की इस थ्योरी को धक्का पहुंचा है कि ज्यादा तापमान में कोरोना के वायरस मर जाएंगे। प्रदेश में रविवार को 14, सोमवार व मंगलवार को एक-एक मरीज मिला। ये मरीज दुर्ग, भिलाई व कवर्धा के हैं। सभी क्वारेंटाइन में दुर्ग में थे और वहां का तापमान 41 डिग्री से ज्यादा था। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान के भरोसे ज्यादा रहने के बजाय अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जरूरी सावधानी अपनानी होगी।
"शुरुआती दिनों की तुलना में नए मरीज तेजी से मिल रहे हैं। ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। तापमान के भरोसे न रहें। बाहर से आने वाले मजदूर कोई समस्या न बनें, इसके लिए जांच जरूरी है।"
-डॉ. आरके पंडा, चेस्ट विशेषज्ञ व सदस्य कोर कमेटी कोरोना सेल
कृषि व उससे संबंधित संकाय के छात्र विभिन्न तरह की प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन किताब और प्रश्न बैंक का उपयोग कर सकेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय छात्रों को जल्द ही ऑनलाइन किताबें व प्रश्न बैंक उपलब्ध कराएगा। लॉगिन आईडी व पासवर्ड की मदद से वे कंप्यूटर सिस्टम या फिर मोबाइल पर इसका लाभ ले सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय और दिल्ली की एक संस्था के बीच करार हुआ है।
जल्द ही यह सुविधा छात्रों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले करीब 9 हजार छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए साढ़े तीन सौ पुस्तकें और डेढ़ लाख से अधिक प्रश्न आॅनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी विद्यार्थियों को लाॅगिन आइडी एवं पासवर्ड उपलब्ध करायी जाएगी। इसकी मदद से छात्र ऑनलाइन किताबों तथा प्रश्न बैंक का उपयोग कर सकेंगे। इस सत्र में ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष में दाखिला पाने वाले छात्रों के लिए भी यह सुविधा रहेगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एसके पाटील का कहना है कि आॅनलाइन शिक्षण सुविधा के तहत छात्रों को विभिन्न तरह की प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शिक्षण सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी। इससे छात्रों का फायदा होगा। वे ग्रेजुएशन से ही विभिन्न तरह की परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। गौरतलब है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर से जुड़े सभी शासकीय एवं निजी कृषि, उद्यानिकी एवं कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के सभी विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की यह सुविधा शुरू की जा रही है।
बड़ी प्रवेश परीक्षा में मिलेगी मदद
विवि के अफसरों का कहना है कि ऑनलाइन किताबें व प्रश्न बैंक की सुविधा उपलब्ध होने से इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) या दूसरे विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं समेत अन्य बड़ी परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों को मदद मिलेगी। इसमें पिछले कुछ बरसों में पूछे गए सवाल और उनके जवाब रहेंगे। साथ ही एक्सपर्ट से तैयार किए गए सवाल-जवाब रहेंगे। कृषि विश्वविद्यालय में अगले साल से पीजी व पीएचडी की प्रवेश परीक्षा, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के माध्यम आयोजित की जाएगी। यह बड़ी परीक्षा होगी। ऑनलाइन शिक्षण सामग्री इनकी तैयारी के लिए भी मददगार साबित होगी।
पिछले 24 घंटे में बस्तर के कुछ हिस्से में भारी बारिश की वजह से राज्यभर का मौसम फिर बदल गया है। जगदलपुर के पास गीदम में 9 सेमी बारिश हो गई है। यही नहीं, बस्तर से रायपुर के आसपास तक दिन में हल्की या ज्यादा बारिश से पूरे प्रदेश में गर्मी कम हो गई है। राजधानीमें ही दोपहर का तापमान सामान्य से 5 डिग्री नीचे चला गया है। मौसम विज्ञानियों ने प्रदेश के कुछ हिस्सों मेंअगले 24 घंटे के दौरान अंधड़ चलने और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। इस वजह से शनिवार तक गर्मी कम रहने के आसार हैं। लगभग समूचे बस्तर और राजधानी समेत मैदानी इलाकों में गुरुवार को दोपहर के बाद तेज हवा के साथ बारिश शुरू हुई। राजधानी में हवा की रफ्तार बढ़ी और आउटर में बूंदाबांदी ही हुई। लेकिन कई जगह 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली। जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर एक द्रोणिका है।8 मई को प्रदेश के एक-दो जगहों पर हल्की वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। कहीं-कहीं तेज हवा चलने के साथ बिजली गिरने की संभावना है।
सामान्य से नीचे पहुंचा पारा : बुधवार से हो रही बारिश के कारण राज्यभर में दिन का तापमान गिर गया है। अधिकाशं जगहों पर यह सामान्य से नीचे है। प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान 38 डिग्री राजनांदगांव में दर्ज किया गया। यह सामान्य से एक डिग्री कम है। रायपुर में यह 37 डिग्री रहा, जो सामान्य से पांच डिग्री कम है। बिलासपुर, पेंड्रारोड, अंबिकापुर में दिन का तापमान 33 से 36 डिग्री के बीच रहा। सभी जगह तापमान सामान्य से कम है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि शुक्रवार को दिन के तापमान में ज्यादा अंतर आने की संभावना नहीं है। रायपुर में पारा 37 डिग्री के आसपास रहेगी।
बुद्ध (भेरू) पूर्णिमा पर नगराज भेरू मंदिर पर कोरोना महामारी के चलते हर साल की भांति बड़ा आयोजन नहीं हुआ। लेकिन स्थानीय मंदिर समिति पदाधिकारियों ने मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मुंह पर मास्क बांधकर तथा अन्य सावधानियां रखते हुए यज्ञ किया। लोगों ने नगराज भेरूजी को बांटी चुरमे का भोग लगाया।
लॉकडाउन में एक ओर राज्य और केंद्र की सरकारें आम गरीब मजूदरों को काम दिलवाने में लगी हुई हैं तो दूसरी ओर सरकारी अफसर ही सरकारी योजनाओं का भट्ठा िबठा रहे हैं। लॉकडाउन की आड़ में गांव-गांव में मनरेगा के तहत काम करवाए जा रहे हैं लेकिन अब इन कामों में ही भ्रष्टाचार होने लगा है। अभी ताजा दो मामले सामने आए हैं जिनमें फर्जी मस्टररोल भरकर रकम निकालने की जानकारी मिली है। ये दोनों ही मामले जगदलपुर जनपद पंचायत के हैं। इसके अलावा बास्तानार, लोहांड़ीगुड़ा अौर दरभा इलाके में भी ऐसे ही फर्जी मस्टरोल के जरिए पैसों की बंदरबाट की खबरें हैं। हालांकि इन खुलासों के बाद अफसर मामलों की जांच की बात कह रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में एक करोड़ रुपए से ज्यादा की धांधली की सूचना है। कई गांव में फर्जी मस्टररोल बनाकर भुगतान लिया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार जगदलपुर जनपद पंचायत के कलचा में भीमा तालाब के गहरीकरण का काम मनरेगा के तहत पास हुआ था। यहां करीब नौ लाख रुपए का काम होना था इसी बीच लॉकडाउन लग गया और काम की शुरुआत नहीं हो पाई। बिना काम की शुरुआत के ही यहां पंचायत स्तर के अफसरों ने मिलकर फर्जी मस्टररोल बना लिया और करीब 1 लाख 70 हजार रुपए की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा दी। इस मामले का खुलासा दो दिन पहले उस समय हुआ जब मस्टररोल में कार्य दिवस का मिलान किया गया। कार्य दिवस में जो तारीखें भरी गई थीं वह लॉकडाउन पीरियड और उसके पहले की थी। इसके अलावा मौके पर तालाब में गहरीकरण का काम भी शुरू नहीं हुआ था। इस मामले की खबर जब जनपद पंचायत ऑफिस तक पहुंची तो अफसरों ने आनन-फानन में तालाब में दो दिन पहले काम शुरू करवाया और गुरुवार को पानी से भरे तालाब में मोटर लगवाकर खाली करवाने की शुरुआत की गई ताकि अब जो गड़बड़ी हो गई है उसे सुधारा जा सके। इसके अलावा करणपुर पंचायत में भी मनरेगा के कामों में कम मजदूरों को लगाकर ज्यादा मजदूरों के मस्टररोल भरने की शिकायतें हैं। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की जानकारी जनपद पंचायत के बड़े अफसरों को भी है लेकिन वे मामले को दबाने में लगे हैं।
वार्ड स्तर पर काम कर रहे स्वीकृत, लेकिन निगरानी नहीं: लॉकडाउन में सरकार कोशिश कर रही है कि गांवों में लोगों को काम मिल सके, मनरेगा के उद्देश्य के अनुसार, हर पंचायत के मुहल्लेवार कार्यों की स्वीकृति दी जा रही है। हर परिवार को रोज़गार मिले इसके लिए मैदानी अमले को सक्रिय रूप से कार्य करने कहा जा रहा है लेकिन कुछ लोग भ्रष्टाचार में उतर गये हैं और निगरानी की व्यवस्था ग्राम रोजगार सहायक और सचिवों के कंधों पर है लेकिन निगरानी के अभाव में काम नहीं हो पा रहे हैं।
इन कामों को रखा गया है प्राथमिकता में
मनरेगा अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर नए तालाब निर्माण का कार्य, पुराने तालाब का गहरीकरण, व्यक्तिगत डबरी निर्माण का कार्य, कुआं निर्माण, भूमि सुधार के कार्य किये जा रहे हैं।
मनरेगा में जिले में इतने परिवार कर रहे काम
जिले में पंजीकृत 1.06 लाख जॉब कार्डधारी परिवारों में से 9105 परिवारों को रोज़गार दिया जा रहा है। इनमें बकावंड में 3505, बास्तानार में 263, बस्तर में 2764, दरभा 422, जगदलपुर 627, लोहंडीगुड़ा 719, और तोकापाल में 805 परिवारों को अप्रैल में रोज़गार मिला है।
जिले की 348 पंचायतों में 3532 काम चल रहे
348 पंचायतों में मनरेगा के 3538 कार्य चल रहे हैं जिनमें 17309 श्रमिकों को रोज़गार मिल रहा है। बकावंड में 1755 कार्यों में 4621, बस्तर में 609 कार्यों में 5227, बास्तानार में 326 कार्यों में 1196, दरभा में 157 कार्यों में 1140, जगदलपुर में 361 कार्यों में 2012 आदि श्रमिक कार्यरत हैं।
जांच करवा रहा हूं क्या हो सकता है देखता हूं: सीईओ
इधर जनपद पंचायत के सीईओ वायके पटेल ने बताया कि कुछ जानकारियां मिली हैं। इन जानकारियों के आधार पर मामले की जांच करवाई जा रही है। जांच के बाद आगे की करवाई की जाएगी।
सभी की भूमिका की जांच हो: जनपद उपाध्यक्ष
जगदलपुर जनपद के उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास का कहना है कि गांवों में अभी मनरेगा और अन्य कामों के मॉनिटरिंग की व्यवस्था नहीं है। कलचा वाले मामले में भी सभी की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
नगरनार इस्पात संयंत्र में काम कर रहे मुंगेली जिले के मजदूरों को वापस भेजने के लिए प्रशासन ने बस की व्यवस्था की। बताया जाता है कि गुरुवार को 70 मजदूरों को मुंगेली भेजने के लिए 2 बसों की व्यवस्था की गई थी। बसों में हालात ऐसे रहे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता कहीं नहीं दिखा।
तेलंगाना में आए मजदूर दिन-रात चलते रहे, खम्मम में पुलिस ने दिलाई गाड़ी: इधर तेलंगाना के रंगारेड्डी में फंसे दरभा ब्लॉक के 70 में से 27 मजदूर दरभा लौट चुके हैं। ये मजदूर गुरुवार को अलसुबह दरभा के गुमड़पाल पहुंचे। यहां उन्हें डीएवी मॉडल स्कूल में क्वारेंटाइन पर रखा गया है। बताया जाता है कि बाकी मजदूर पीछे ही छूट गए हैं, जो आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। हालांकि उनकी थर्मल थर्मामीटर से की गई जिसमें तापमान सामान्य मिला, लेकिन ये लोग 14 दिनों के बाद ही अपने गांवा लौट पाएंगे। इससे पहले वे जैसे ही खम्मम पहुंचे, वहां तैनात पुलिस के जवानों ने उनके लिए खाने की व्यवस्था की। फिर बॉर्डर तक छोड़ने गाड़ी भी दिलाई।
गोवा में भी फंसे 60 मजदूर: इधर गोवा की एक कंपनी में काम कर रहे दरभा ब्लॉक के ही 60 मजदूर भी फंसे हैं। इन मजदूरों के परिजन उन्हें बार-बार बुला रहे हैं लेकिन कोई भी साधन नहीं होने के कारण वे निकल नहीं पा रहे हैं। छिंदावाड़ा के चक्रो ने बताया कि उसके पिता के बीमार होने के कारण घरवाले बुला रहे हैं, लेकिन वह वापस आ नहीं सकता।
एक बस में 33 तो दूसरी बस में भेजे गए 37 मजूदर
मुंगेली जिले के 70 मजदूरों को 2 बसों में भेजा गया। बसों के 2 बाय 2 सीटर थी। इसमें एक में जहां 33 और दूसरे में 37 मजदूरों को सवार किया गया। आलम ये रहा कि कही से भी सामाजिक दूरी का पालन होता नहीं दिखा।
रेडक्रॉस का नाम सुनते ही सेवा का भाव मन में आता है। रेडक्रॉस की स्थापना युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की मदद, इलाज करने और युद्ध के समय दुनियाभर के विभिन्न देशों की सरकार के बीच समन्वय का कार्य करने के लिए की गई थी, लेकिन बदलते परिवेश में रेडक्रॉस की जिम्मेदारियां भी बदल गई हैं।
शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस है। खास बात यह है कि भारत में इसकी स्थापना के सौ साल पूरे हो रहे हैं। भारत में स्थापना के सौ साल पूरे होने के बाद भी रेडक्रॉस अपने इतिहास के अनुरूप ही सेवा का काम रह रही है। पहले युद्ध क्ष्रेत्र में काम करने वाली रेडक्रॉस अब कोराना से चल रही जंग में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। कोरोना संक्रमण कॉल के दौरान रेडक्रॉस ने न सिर्फ लोगों को दवा बल्कि खाना-पीना, मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया। रेडक्रॉस ने अभी तक करीब ढाई हजार लीटर सैनिटाइजर, 35 हजार मास्क, हाईड्रॉसीक्लोरोक्वीन की 3-3 हजार टेबलेट मेकॉज और महारानी हॉस्पिटल को उपलब्ध करवाई। इसके अलावा होम क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों को जरूरत का सामान जैसे दवा, खाना मुफ्त में उपलब्ध करवा रही है। रेडक्रॉस के अध्यक्ष कलेक्टर अय्याज तंबोली और सचिव सीएमएचओ आरके चतुर्वेदी हैं।
14.50 लाख खर्च, 12 लाख प्रोत्साहन राशि भी बांटेंगे
रेडक्रास न सिर्फ सेवा का काम करती है और बल्कि वह लोगों से आर्थिक मदद लेकर जरूरतमंदों की मदद भी करती है। कोरोना संक्रमण कॉल में अब तक रेडक्रॉस को 20 लाख का दान मिल चुका है। इसमें से अलग-अलग कार्यों के लिए 14.50 लाख खर्च भी हो चुके हैं। उपाध्यक्ष अलेक्जेंडर चेरियन ने बताया कि रेडक्रॉस की सबसे बड़ी पहल यह रही कि उसने अपने स्तर पर कोरोना की जांच और सिस्टम से जुड़े अफसरों को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया है। अभी प्रति मरीज की जांच के बदले रेडक्रॉस चार सौ डाॅक्टर और अन्य स्टाफ को देगी। अब तक करीब 12 लाख की प्रोत्साहन राशि बन चुकी है।
अन्य राज्यों से मजदूरों को लाने में भी की मदद
इधर अभी दीगर राज्यों में फंसे छात्रों और मजूदरों को वापस घर लाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में भी रेडक्रॉस की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोटा व अन्य स्थानों से छात्रों और मजदूरों को लाने के लिए जो प्रारंभिक खर्च हुआ है उसका भुगतान रेडक्रॉस कर रही है। हालांकि यह राशि सरकार वापस कर देगी।
मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को दो बैटरी चलित कारों का डेमोस्ट्रेशन बस्तर कलेक्टर अय्याज तंबोली के सामने किया गया। इन कारों के जरिए न सिर्फ मरीजों तक भोजन पहुंचाया जा सकता है बल्कि वीडियो कॉल से डाॅक्टर और स्टाफ को तकलीफ बताने के अलावा कार के जरिए ही मरीज के बीपी और पल्स की जांच भी की जा सकती है।
मेकॉज के सर्जन डॉ. प्रदीप पांडे ने बताया कि उन्होंने कुछ सामाजिक संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक रोबोट बनाने का आइडिया दिया था। इसके बाद श्री ओसवाल जैन श्वेताबंर समाज और सामाजिक कार्यकर्ता बंधन दास ने खर्च करते हुए दो कारों में ऐसी व्यवस्था की है।
रिमोट से चलती है, दो ट्रे लगाई, एक में भोजन, दूसरे में मोबाइल
डॉ. प्रदीप पांडे बताया कि रिमोट से चलने वाली कार में दो ट्रे लगाई गई हैं। इनमें से एक ट्रे में भोजन तो दूसरी ट्रे में मोबाइल रखा गया है। कोविड वार्ड में इन कारों के जरिए मरीजों से दूरी बनाकर उनका इलाज किया जा सकता है। कार के ऊपरी हिस्से में इलेक्ट्रॉनिक पल्स अॉक्सीमीटर, थर्मामीटर रखा गया है।
बस्तर जिले में थैलेसिमिया के मरीजों की संख्या 60 से ज्यादा है। कुछ साल पहले तक जहां बीटा थैलेसिमिया के रोगियों की संख्या काफी कम थी, वहीं अब ये बढ़कर करीब 60 से ज्यादा हो गए है। मुख्य रूप से ये बीमारी धुरवा और हल्बा समाज के लोगों के देखी जा रही है।
थैलेसिमिया से पीड़ित मरीजों में 5 से 10 साल के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। 2017 में दरभा ब्लाॅक के नक्सल प्रभावित इलाके ककालगुर, पेदावाड़ा, मांझीपाल और कोटमसर में मानव विज्ञान सर्वेक्षण द्वारा धुरवा समाज के लोगों का ब्लड सैंपल लेकर जांच करवाया, जिसमें 225 में से 19 में सिकलसेल और 14 लोगों में बीटा थैलेसिमिया मिला।
नियमित रूप से मेकॉज पहुंच रहे 25 मरीजों के लिए मुफ्त दिया जा रहा खून: थैलेसिमिया के 25 मरीज मेकॉज नियमित रूप से आ रहे हैं, जिन्हें मुफ्त में रक्त की व्यवस्था करवाई जा रही है। बताया जाता है कि बस्तर के मधोता में कुछ मामले पिछले महीनों देखने को मिले थे। वहीं दरभा इलाके में भी इसके मरीज खासी संख्या में हैं। जानकारी के मुताबिक मेकॉज पहुंचने वाले 25 मरीजों में पुरूषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। महारानी अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. बीएस बड़गे बताते हैं कि इन मरीजों को नियमित रूप से खून की जरूरत होती है।
क्या है थैलेसिमिया
खून में मौजूद प्रोटीन में ग्लोब्यूलिन बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी से थैलेसिमिया होता है। इसके कारण रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) तेजी से नष्ट होते हैं और खून की कमी होने लगती है। ब्लड की ज्यादा कमी होने पर रोगी को खून चढ़ाना पड़ता है। बार-बार ब्लड चढ़ाने के कारण शरीर में एक्स्ट्रा आयरन जमा होने लगता है। यह दिल, लीवर और फेफड़ों में पहुंचकर जानलेवा बन जाता है।
विभिन्न प्रदेशों से पहुंचने वाले मजदूरों को यहां अलग-अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जिले का पहला रेड जोन क्वारेंटाइन सेंटर गढ़मेरी में बनाया गया है, जिसमें आंध्रप्रदेश के रेड जोन से आए 8 मजदूरों को रखा गया है।
दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए गाड़ियां भेजने सरकार देर करती जा रही है। इधर आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में मिर्ची तोड़ने गए सैकड़ों मजदूर अब ट्रकों में आ रहे हैं। तेलंगाना व आंध्रप्रदेश की सरकारें किसी को कोंटा बॉर्डर पर ही छोड़ रही तो कोई बाकायदा पास लेकर सीधे छत्तीसगढ़ में एंट्री कर रहा। 8 मजदूर आंधप्रदेश के रेड जोन जिले से भी पहुंचे तो हड़कंप मच गया, जिन्हें गढ़मिरी के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। बुधवार को देर रात तक मजदूरों के पहुंचने का सिलसिला चलता रहा। लॉकडाउन 2.0 खत्म होने के बाद 4 मई से लेकर अब तक 4 दिनों के अंदर 953 मजदूर तेलंगाना व आंधप्रदेश से लौट आए हैं। एकाएक बढ़ी इस संख्या से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। सबसे ज्यादा मजदूर कुआकोंडा व कटेकल्याण इलाके के हैं। 2000 से ज्यादा मजदूरों की जंगल के रास्ते वापसी हुई है।
पहुंचने के बाद मनाना पड़ रहा: मजदूरों को दंतेवाड़ा लाने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में रखना भी सिर दर्द बन गया है। कुआकोंडा, अरनपुर व कटेकल्याण इलाके में पहुंचे मजदूर क्वारेंटाइन सेंटर में रुकने को तैयार नहीं हुए। काफी देर तक मान मनौवल करना पड़ा तब जाकर राजी हुए।
लॉकडाउन 2 खत्म होने के बाद इतने मजदूर पहुंचे
कुल मजदूर 953
ग्रीन जोन 174
ऑरेंज जोन 560
रेड जोन 8
मजदूरों को अपने खर्च पर ला रहे: कांग्रेस
मजदूरों की घर वापसी पर भी सियासत हो रही है। दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को वापस लाने सरकार देर कर रही है तो मजदूर कहीं पैदल निकलकर तो कहीं आंध्र व तेलंगाना से अवैध रूप से ट्रकों में सवार होकर कोरोना खतरे की चुनौती व पीड़ा के बीच दंतेवाड़ा आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे 5 हजार मजदूरों को वापस अपने घर लाया जा रहा है। पहले चरण में 842 मजदूरों को कांग्रेस पार्टी अपने खर्च से घर वापस करा रही है। ये 842 मजदूर कहां के हैं और कब तक पहुंचेंगे, फिलहाल स्पष्ट जानकारी इनके पास भी नहीं है, लेकिन जिलाध्यक्ष कह रहे हैं कि रूट मैप तैयार कर रहे।
सीधी बात
-आस्था राजपूत
डिप्टी कलेक्टर व नोडल अधिकारी, दंतेवाड़ा
-किन राज्यों से मजदूर सबसे ज्यादा लौटे हैं?
-तेलंगाना व आंधप्रदेश में फंसे मजदूर ज्यादा लौटे हैं।
-क्या रेड जोन जिले से भी मजदूर दंतेवाड़ा पहुंचे हैं?
-हां, 8 मजदूर रेड जोन जिले से आए हैं, जिन्हें अलग से रखा गया है।
-दूसरे प्रदेशों से मजदूर ट्रकों में भरकर भेजे जा रहे हैं, क्या इसकी जानकारी आप लोगों को मिल रही है?
-आंध्रप्रदेश व तेलंगाना से कोंटा बॉर्डर पर मजदूर छोड़े जा रहे हैं तो कोई सीधे पहुंचाए जा रहे हैं। कोंटा आने के बाद जानकारी मिल रही है। कोंटा तक बसें भेजी जा रही हैं।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पंचायतों के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जंगल को बचाने का काम वनवासियों ने ही किया है। वनों का संरक्षण और वनवासियों को उनका अधिकार मिले, इसके लिए वनवासियों को उनकी जमीन का वाजिब हक मिलना चाहिए।
नवनिर्वाचित व जिला स्तरीय समिति के सदस्य जिला पंचायत प्रतिनिधियों से अपने जिलों में लोगों को पात्रता अनुसार वनाधिकार मान्यता पत्र दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। वनाधिकार कानून का क्रियान्वयन संवैधानिक रूप से हो, इसका ध्यान रखें। मंत्री टेकाम ने कहा इस अधिनियम के अंतर्गत परंपरागत वनवासियों को वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया जाना है। जंगलों में जिस जमीन पर वे 13 दिसंबर 2005 से पूर्व काबिज हैं और वहां वास्तविक रूप से जीविकोपार्जन पर निर्भर है। वहां उनको अधिकार देना है। वहां व्यक्तिगत पात्र हितग्राहियों को अधिकतम 10 एकड़ तक काबिज भूमि पर दावा करने का अधिकार है। अधिनियम के तहत प्रत्येक गांव के लिए कम से कम एक ग्रामसभा का गठन होना चाहिए।
भैरमगढ़ ब्लाॅक की उसकापटनम पंचायत के ग्राम बीराभट्टी में अब लोगों को इंद्रावती नदी और चुएं का पानी नहीं पीना पड़ेगा। चारों ओर से इंद्रावती के पानी से घिरे इस गांव में सात बोर खोदे जा रहे हैं।
ग्राम बीराभट्टी चारों ओर से इंद्रावती नदी के पानी से सालभर घिरा रहता है। यह टापू में बसा गांव है और इसमें सात टोले हैं। 35 घरों वाले इस गांव की आबादी 175 है। इस गांव के लोगों ने कुछ दिनों पहले बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक विक्रम शाह मण्डावी से मुलाकात कर समस्याओं से अवगत कराया था। बुधवार को विधायक मंडावी पैदल नदी पार कर गांव पहुंचे। उनके साथ जनपद सीईओ योगेश यादव, एसडीओ एमआर नेताम, जिला पंचायत सदस्य सोमारू नाग, कांग्रेस प्रवक्ता ज्योति कुमार एवं अन्य जनप्रतिनिधि शामिल थे। प्रवास से पहले विधायक विक्रम मंडावी ने बोरवेल मशीन की व्यवस्था करा दी थी। यहां 6 सोलर नलकूप खनन का प्रस्ताव था, लेकिन एक और नलकूप खोदा जाएगा। विधायक ने गांव में आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला भवन बनवाने सीईओ योगेश यादव से कहा।
नक्सलियों को सामान पहुंचाने के मामले में पुलिस ने कोयलीबेड़ा के जनपद सदस्य और नक्सलियों की एरिया कमेटी को सामान सप्लाई करने वाली टीम के मेंबर को भी गिरफ्तार किया है। इन दोनों के नाम मार्च में नक्सलियों को वर्दी व जूता आदि पहुंचाने निकले ठेकेदार के पकड़े जाने के बाद सामने आए थे। दोनों के खिलाफ नामजद एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद से पुलिस इनकी तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि ये दोनों ठेकेदार व नक्सलियों के बीच रकम मीटिंग कराने और लेनदेन का काम करने के साथ ही मैसेज व सामान पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते थे।
पुलिस ने सिकसोड़ थानांतर्गत 24 मार्च को मरदा के जंगल में नक्सलियों तक सामान पहुंचाने निकले सड़क निर्माण कंपनी के ठेकेदार तापस पालिक को सामान समेत पकड़ा था। उससे हुई पूछताछ में ही कोयलीबेड़ा जनपद सदस्य राजेंद्र सलाम 28 वर्ष पिता सूबे सिंह निवासी मरदा तथा एरिया कमेटी के सप्लाई टीम के मेंबर मुकेश सलाम 30 वर्ष पिता रामचरण निवासी कंदाड़ी का नाम सामने आया था। बुधवार 6 मई को कांकेर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जनपद सदस्य ठेकेदार से सामान लेकर अपने घर व अन्य ठिकानों पर डंप करता था। जिसे बाद में वह सप्लाई टीम के सदस्यों के साथ मिलकर जंगल के अंदर नक्सलियों तक पहुंचाता था। इसके अलावा ठेकेदार व नक्सलियों के बीच मैसेज पहुंचाने तथा दोनों के बीच मीटिंग भी फिक्स कराता था। इसी तरह एरिया कमेटी के सप्लाई टीम का मेंबर मुकेश सलाम भी नक्सलियों से मिले आदेश व डिमांड को ठेकेदार तक पहुंचाता और बताए गए सामानों की खरीदी ठेकेदारों से कराता था। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबुल किया है। इसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
सामान सप्लाई के मामले में अब तक 10 गिरफ्तार
नक्सलियों के लिए सामान व रकम पहुंचाने के मामले में अब तक कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें ठेकेदार तापस पालिक को 24 मार्च, मुंशी दया शंकर मिश्रा को 29 मार्च को, अजय जैन, कोमल प्रसाद वर्मा राजनांदगांव, रोहित नाग कोयलीबेड़ा, सुशील शर्मा उत्तर प्रदेश तथा सुरेश शरणागत मध्यप्रदेश को 24 अप्रैल को गिरफ्तार कर चुकी है। मंगलवार 5 मई को टोनी उर्फ शीलेंद्र भदौरिया को गिरफ्तार किया गया। 6 मई को जनपद सदस्य राजेंद्र सलाम व एरिया कमेटी के सप्लाई टीम मेंबर मुकेश सलाम को गिरफ्तार किया गया। जिसमें सभी के खिलाफ धारा 10, 13, 17, 38 (1) (2) तथा 40 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
कमांडर समेत दो की तलाश जारी: मामले में जिन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज हुई है उसमें एलजीएस एलओसीएस मिलेट्री प्लाटून नक्सली कमांडर राजू सलाम के साथ एरिया कमेटी के सप्लाई टीम का सदस्य राम कुमार जोगा का नाम भी शामिल है। पुलिस इनकी भी तलाश कर रही है।
कुछ और लोगों के शामिल होने की आशंका
पुलिस ने मामले की जांच व नक्सलियों की सप्लाई टीम व शहरी नेटवर्क के सदस्यों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित की थी जो लगातार नक्सलियों के मददगारों को लगातार गिरफ्तार कर रोज नए नए खुलासे कर रही है। सूत्रों के अनुसार अभी और भी खुलासे होने वाले हैं। जिसमें एक बड़े ठेकेदार तथा कुछ और का भी नाम सामने आ रहा है। जिसे लेकर पुलिस जांच कर रही है। वह नक्सलियों से जुड़े लोगों के घरों में लगातार दबिश दे रही है। और भी कई चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैंं।
मीटिंग में कमांडर ने दी थी सामानों की पर्ची
जनपद सदस्य राजेंद्र सलाम व एरिया कमेटी की सप्लाई टीम के मेंबर मुकेश सलाम ने 9 मार्च को ही ठेकेदार तापस पालिक की गट्टाकाल के जंगल में नक्सलियों से मीटिंग कराई थी। जहां ठेकेदार ने नक्सली कंमाडर राजू सलाम को ढाई लाख रूपए दिए थे।कमांडर ने ठेेकेदार को एक पर्ची देकर वर्दी, जूते आदि सामान की सप्लाई करने कहा। जिनकी सप्लाई करते हुए ठेकेदार पकड़ा गया था। ठेकेदार को पहली बार फरवरी 2018 में रामकुमार जोग ने नक्सलियों से मिलाया था।
और भी बड़े होंगे खुलासे
एएसपी कीर्तन राठौर ने कहा कि मामले में अब तक पकड़े गए आरोपियों से हुई पूछताछ में जो बातें व सबूत सामने आए हैं उसकी बारीकी से जांच की जा रही है। उम्मीद है इसे और भी बड़े खुलासे होंगे। और गिरफ्तारियां होगी।
जिले के सभी जनपदों में 10-10 बिस्तर के क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाएंगे। संबंधित जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सेंटर की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को ब्लॉक स्तर के पंचायत के क्वारेंटाइन सेंटर में रहने होंगे।
कलेक्टर केएल चौहान ने गुरुवार को नोवल कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाने संबंधी मॉडल कॉलेज कोविड-19 अस्पताल में चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर ने जिले के दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने एवं क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के लिए चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए।
इससे पहले विधायक शिशुपाल शोरी और कलेक्टर केएल चौहान ने मॉडल कॉलेज में कोविड-19 अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में लगाई गई आईसीयू बिस्तरों को भी देखा। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कॉलेज के बीच में पौधारोपणऔर कारपेट घास लगाने सीएमओ को कहा।
कलेक्टर ने सेंटर में मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने, साबुन से हाथ धोने संबंधी जानकारी देने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने कहा गया है। कलेक्टर ने कहा ब्लॉकों में जनप्रतिनिधियों की बैठक लेकर व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने सेंटर के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर सूची जिला कार्यालय में उपलब्ध कराने का आदेश दिया। बैठक में सीएमएचओ डॉ. जेएल उईके, डिप्टी कलेक्टर डॉ. कल्पना धु्रव, सिविल सर्जन डॉ. आरसी ठाकुर, डॉ. डीके रामटेके, नगर पालिका सीएमओ सौरभ तिवारी, डीपीएम डॉ. निशा मौर्य व सभी बीएमओ उपस्थित थे।
मजदूरोंको क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना होगा 14 दिन
अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों को 14 दिन क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना होगा। क्वारेंटाइन अवधि पूरा किए बिना उन्हें किसी भी कीमत पर घर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्वारेंटाइन सेंटर के आस-पास के क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित होगा। मजदूर कौन से राज्य के किस जोन के जिले से आ रहे हैं। इसकी सूची बनाकर अधिकारियों को दी जाएगी। जनपद स्तर पर वॉलेंटियर्स की व्यवस्था एनसीसी, एनएसएस और रेडक्रॉस के माध्यम से होगा। ब्लॉक स्तर पर सीईओ, बीईओ, बीआरसी एवं अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी होगी। जनपद स्तर पर आश्रम छात्रावासों, स्कूलों एवं पंचायत भवनों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाकर सफाई, पेयजल, बिजली, भोजन की व्यवस्था होगी।
क्वारेंटाइन सेंटर में कर्मचारियों की लगाई गई ड्यूटी
क्वारंटाइन सेंटर बालक छात्रावास एवं विशिष्ट कन्या छात्रावास ईमलीपारा में आदिवासी विकास विभाग के उपायुक्त विवेक दलेला ने कर्मचारियों की क्वारेंटाइन सेंटर आवश्यक व्यवस्था एवं सहयोग के लिए ड्यूटी लगाई है। बालक छात्रावास में प्रीतराम मेरिया, सुशील पटेल, आनंदराम, माखन सलाम, आदि की ड्यूटी लगाई ।
चारामा इलाके के गांव भैंसाकट्टा में सरकारी राशन दुकान से मिले सरकारी गुड़ में मरा हुआ सूखा मेंढक निकला। जिस महिला को यह गुड़ मिला उसे इसमें मेंढक होेने की खबर नहीं थी, वह इसी गुड़ से चाय बना रही थी।
चारामा विकासखंड के ग्राम पंचायत बांडाटोला के आश्रित ग्राम भैंसाकट्टा निवासी महिला सुब्रोतिन निषाद मार्च में गांव के सरकारी उचित मूल्य दुकान से चांवल व दो किलो गुड़ लाई थी। उसे एक-एक किलो के गुड़ के दो धेले दो पैकेट में मिले थे । एक धेला खत्म होने पर तो उसने दूसरा धेला तोड़ा। उसमें से मेंढक की एक टांग निकली जिसे वह गन्ने का डंठल समझ रही थी। जब पूरा धेला तोड़ा तो मरा और सूखा हुआ मेंढक निकल आया। उसने इसकी जानकारी पंच व उपसरपंच को दी।
ग्रामीणों को थमा रहे सड़ा गला खाद्य पदार्थ
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला अध्यक्ष व इलाके के रहवासी घनश्याम जुर्री ने बताया सरकार मुफ्त में देने के नाम से हितग्राही ग्रामीणों को सड़ा गला खाद्य पदार्थ थमा रही है। गुड़ में मेंढक निकलने के बाद से अब हितग्राही गुड़ लेने से इंकार कर रहे हैं। सरकार मुफ्त में सामान देेने के नाम पर गरीबों के सेहत से खिलवाड़ न करें। जिला प्रशासन से सहीं व गुणवत्ता वाला खाद्य पदार्थ देने की मांग की जाएगी।
शहर के कई वार्डों में गर्मी शुरू होने से साथ पानी की समस्या गहरा गई है। नल से सिर्फ 20 मिनट पानी मिलता है। इसमें भी कई वार्डों में दो-तीन दिन नल से पानी नहीं मिलता। गुरुवार को अघन नगर वार्ड में बोर पंप खराब होने से लोगों को पानी नही मिल पाया। नल में पानी आने का इंतजार करते रहे। पानी नहीं आने पर मोहल्लेवासियों ने पार्षद से टैंकर की मांग की। पार्षद ने नगर पालिका से वार्ड में टैंकर भेजने कहा। मोहल्लेवासी टैंकर का इंतजार करते बैठे रहे, लेकिन टैंकर नहीं पहुंचा। गनीमत कि शाम को टैंकर पहुंचा, तब जाकर लोगों को राहत मिली। लेकिन शांति नगर, जनकपुर वार्ड सहित कई वार्डों में आए दिन यही स्थिति रहती है।
हैंडपंप से भी कम पानी आ रहा
वार्डवासियों की शिकायत है कि हर सप्ताह एक से दो दिन इसी तरह से नल में बिल्कुल भी पानी नहीं आता। वार्ड के ऊपरी भाग में काफी कम पानी आ रहा है। अघन नगर वार्ड के ऊपरी भाग में दो हैंडपंप हंै, दोनों हैंडपंप में काफी कम पानी आता है। एक हैंडपंप की स्थिति तो काफी खराब है और इसमें लौहयुक्त पानी आता है, जो पीने योग्य नहीं है।