नगर के कुम्हाररास में गुरुवार सुबह लगभग 7 बजे 16 वर्षीय पूजा मंडल ने घर के किचन में केरोसिन छिड़ककर खुद को आग के हवाले कर दिया। चीख-पुकार सुनकर परिजन जब तक मौके पर पहुंचे तो युवती पूरी तरह आग की लपटों में घिर चुकी थी।
खुदकुशी से पहले युवती ने किचन का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था। परिजन ने जैसे-तैसे कर दरवाजा खोला। तब तक युवती पूरी तरह से जल चुकी थी। इससे पहले कि परिजन उसे अस्पताल ले जाते, युवती ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
टीआई एकेश्वर नाग ने बताया कि युवती के खुदकुशी करने की वजह की पड़ताल की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान युवती सिर्फ एक दिन ही घर से बाहर निकली थी। उसके पास खुद का मोबाइल भी नहीं था। मिली जानकारी के मुताबिक जिस वक्त युवती ने खुदकुशी की उस वक्त घर पर उसके पिता गोपी मंडल, मां प्रमिला मंडल व भाई के अलावा मौसी के बेटा-बेटी भी थे। सुबह सभी घर के अलग-अलग कामों में व्यस्त थे। पीएम के दोपहर साढ़े 12 बजे युवती का शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
अंचल में बीते दो दिनों से रात में हो रही भारी बारिश से क्षेत्र के कोड़ेकुर्से की कोटरी नदी में बाढ़ जैसी स्थिति हो गए है। बारिश के चलते नदी का जल स्तर बढ़ गया है। बीती रात अंचल में 25 मिमी बारिश रिकार्ड दर्ज की गई, जबकि मंगलवार की रात 14 मिमी बारिश हुई थी। आंधी-तूफान के कारण कई बड़ेे पेड़ बिजली तार पर गिर गए। इसके चलते क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। इसके बड़ी मशक्कत के बाद दुरुस्त किया गया।
कोड़ेकुर्से के ग्रामीणों ने कहा अचानक नदी में अत्यधिक पानी बहने लगा है। पुलिया निर्माण के देखरेख में लगे लोगों ने कहा अचानक आए बारिश की वजह काम प्रभावित हुआ है। कोटरी नदी का जल्द स्तर बढऩे से क्षेत्र के 40 गांवों के लोगों के लिए आवागमन में मुश्किलें बढ़ा दी है। वहीं बुधवार रात को तेज आंधी-तूफान और बारिश के साथ ओले भी गिरे थे। तेज हवा के चलते अंचल में कई जगहों पर पेड़ गिरे। गर्मी के मौसम में लगाया मक्का का फसल भी तेज हवा के चलते गिर गया। धान की फसल से बारिश व तेज हवा से नुकसान हुआ है। बारिश व ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान तेंदूपत्ता को होने का अंदेशा जताया जा रहा है। अंचल में तेज आंधी-तूफान एवं ओलावृष्टि के साथ रुक-रुक कर बारिश होती रही।
कोरोना के संकट काल में लोगों के रोजगार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। लॉकडाउन के कारण गांव में ग्रामीणों के पास भी रोजगार के साधनों की कमी हो गई है। इस दौरान शासन द्वारा मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों की शुरुआत किए जाने से ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है। गांव में डबरी, सड़क, गोठान एवं अन्य कार्य शुरू किए गए हैं।
जनपद पंचायत नरहरपुर में भी रोजगार गारंटी के तहत जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मनरेगा सेल, भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन, एक्सिस बैंक फाउंडेशन एवं प्रदान संस्था के माध्यम से हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना का कार्य किया जा रहा है। परियोजना के तहत पंचायतवार योजना निर्माण का कार्य किया गया था एवं कार्य के लिए फाइल जमा किया गया था। यही आज लोगों को रोजगार प्राप्त करने में सहायक हो रहा है। निजी तालाब का निर्माण योजना अंतर्गत किया जा रहा है।
सरकार की नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत भी नरवा जीर्णोद्धार के लिए डीपीआर का निर्माण किया गया था। इसके अंतर्गत नरहरपुर के विभिन्न नालों में योजना निर्माण का कार्य किया गया था जिसमें अब तकनीकी सहायक, प्रदान संस्था, मेट एवं रोजगार सहायक के माध्यम से विभिन्न जल संरक्षण के लिए संरचनाओं का ले-आउट कर कार्य थानाबोड़ी का नरवा नाला, रिसेवाडा में चनार नाला, झुरा नाला देवगांव एवं अन्य नालों में काम शुरू किया गया है।
लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जिले के मजदूरों को लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया है। मजदूरों के संबंध में जानकारी एकत्र करने की जिम्मेदारी श्रम विभाग को सौंपी गई है। मजदूरों को लाने के लिए नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर अरुण सोनकर को बनाया गया है।
आगामी दिनों में लगभग 18 हजार मजदूरों को लाया जाएगा। फिलहाल जिले के कवर्धा, बोड़ला, सहसपुर लोहारा व पंडरिया जनपद पंचायत कार्यालय से करीब 10 हजार मजदूरों की जानकारी मिल पाई है। इन मजदूरों के संबंध में जानकारी पटवारी व ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से एकत्र की जा रही है। जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है, वैसे ही मजदूरों के नाम की एंट्री कर रहे हैं। पहुंचने वाले मजदूरों को उनके गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। इन्हें 21 दिन तक रखा जाएगा। कलेक्टर की अनुमति के बाद इन्हें छुट्टी देंगे।
07741-232609 में फोन पर दे सकते हैं जानकारी
देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, व्यक्तियों, छात्रों, तीर्थयात्रियों आैर अन्य की सुविधा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक जारी किया गया है। श्रम विभाग द्वारा जारी लिंक http://cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx है। इस लिंक के माध्यम से वे सभी व्यक्ति स्वयं अथवा अपने परिचित जन अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से दिए गए लिंक का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। संबंधित आवेदन की जानकारी राज्य सरकार द्वारा जिले के श्रम विभाग में दी जाएगी। वहीं जिले के कोई भी मजदूर या व्यक्ति जो दूसरे प्रदेश, शहर में लॉकडाउन के कारण फंसा है, वे कलेक्टोरेट के कंट्रोल रूम नंबर 07741-232609 में फोन कर जानकारी दे सकते हैं। कलेक्टोरेट अधीक्षक राजू धुर्वे ने बताया कि कंट्रोल रूम में सभी तरह के फोन की जानकारी संबंधित विभाग के पास फारवर्ड किया जाता है।
जिले में ई-पास के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
इधर छग राज्य के भीतर किसी भी जिले या कबीरधाम जिले में फंसे लोग अपने घर जा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने ई-पास की व्यवस्था की है। इस मोबाइल एप में आवेदन करना होगा। इस संबंध में जिला प्रशासन ने कलेक्टोरेट के डिप्टी कलेक्टर वेदनाथ चन्द्रवंशी को नोडल बनाया है। इनके मोबाइल नंबर 94255-24531 में आमजन संपर्क कर सकते हैं। वेदनाथ चन्द्रवंशी ने बताया कि ई-पास के लिए यूजर को अपना पंजीयन मोबाइल नंबर से ही करना होगा। इसके बाद अपनी जानकारी और जहां जाना है बताना होगा। इसके लिए व्यक्ति को आवेदन पूर्ण करने से पूर्व अपना स्वयं का फोटो खींचना होगा और अपनी किसी पहचान पत्र का फोटो खींचना होगा। इसके साथ ही गुमाश्ता लाइसेंस, यदि व्यक्ति सब्जी व्यापारी है, तब किसी प्रकार का प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके लिए गाड़ी नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य है।
कोरोना वारियर्स को ई-पास की कोई जरूरत नहीं
स्वास्थ्य कर्मचारी डाॅक्टर, नर्स, पैरामेडिकल कर्मचारी और ड्यूटी पर सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों को ई-पास के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। ड्यूटी पर सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, राज्य सरकार द्वारा जारी प्रचलित आदेशों निर्देशों के अनुसार काम करेंगे। यह ई-पास केवल वाहनों की आवाजाही के लिए ही होगा। एक वाहन में दो से अधिक व्यक्ति को यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
राज्य शासन की ओर से लोगों की सुविधा के लिए स्टेट हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसमें कोई भी व्यक्ति 24 घंटे फोन कर सकते है। फोन नंबर 0771-2443809, 9685850444, 9109849992, 9109283986, 7587821800, 7587822800, 8827773986 जारी किया है।
राज्यवार मोबाइल नंबर
9 से शाम 7 बजे तक फोन किया जा सकता है।
कोरोना के मामले में कबीरधाम जिला रेड जोन में पहुंच गया है। इस बीच दूसरे राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की वापसी का सिलसिला शुरु हो चुका है। इससे भी कहीं अधिक चिंता का विषय यह है कि मजदूरों की घर वापसी को लेकर अफसरों में तालमेल की कमी है। इसकी बानगी बुधवार की रात लगभग दो बजे देखने को मिली। बिना जांच के राजनांदगांव से 3 बसों में 150 मजदूरों को कवर्धा भेज दिए । स्थानीय प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं दी गई ।
रात के अंधेरे में अचानक मजदूरों के पहुंचने की खबर से अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। कवर्धा एसडीएम विपुल गुप्ता ने बताया कि राजनांदगांव से आए मजदूरों को किसी तरह उनके घर जाने से रोका गया और भागूटोला राहत शिविर में ठहराए।
राजनांदगांव से एक बस मजदूरों को भेजने की सूचना थी। लेकिन रात में ही अचानक 2 अन्य बसों में लगभग 100 मजदूर पहुंच गए। कवर्धा-राजनांदगांव बॉर्डर पर मजदूरों को उतारकर बस वापस राजनांदगांव चली गई। बस से उतरने पर कई मजदूर झोला-गठरी लेकर अपने गांवों की ओर चल पड़े। तभी प्रशासन को इसकी खबर मिली। आनन-फानन में मजदूरों को रोका गया और भागूटोला में बने राहत शिविर में लेकर आए।
नागपुर और हैदराबाद से लौटे थे सभी मजदूर : बुधवार की रात राजनांदगांव से बसों में कवर्धा पहुंचे सभी मजदूर कमाने-खाने के लिए नागपुर (महाराष्ट्र) और हैदराबाद (तेलंगाना) गए थे। लॉकडाउन के चलते पिछले एक महीने से वहां फंसे थे। उसके बाद पैदल चलकर राजनांदगांव पहुंचे। वहां से इन्हें बसों में बैठाकर कवर्धा भेजा गया। इनमें से ज्यादातर मजदूर कबीरधाम जिले के पंडरिया और मुंगेली जिले के विभिन्न गांवों के रहने वाले थे। कवर्धा पहुंचने पर मुंगेली के मजदूरों को वहां के लिए रवाना कर दिए। वहीं पंडरिया के मजदूरों को संबंधित क्षेत्र में बने सेंटर में क्वारेंटाइन किया गया है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी हो गया है। इस दौरान कहीं-कहीं पर अव्यवस्था भी हो रही है।
बगैर सूचना के 2 अन्य बसों में भेज दिए मजदूर
कवर्धा एसडीएम विपुल गुप्ता ने बताया कि महाराष्ट्र और हैदराबाद से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक राजनांदगांव पहुंचे हैं। वहां से श्रमिकों की लिस्टिंग कर उन्हें उनके जिलों में भेजा जा रहा है। बुधवार को राजनांदगांव से सूचना दी थी कि एक बस में लगभग 40 मजदूरों को भेज रहे हैं, जो पंडरिया और मुंगेली के रहने वाले हैं। उनके आने के बाद अचानक दो अन्य बसों में आए मजदूरों को बॉर्डर पर उतार दिए। उसकी सूचना राजनांदगांव से नहीं दी गई थी।
आज 500 मजदूरों को भेजेंगे, बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाई
राजनांदगांव में बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचे हुए हैं। कबीरधाम जिले के 500 मजदूरों को शुक्रवार को राजनांदगांव से रवाना किया जाएगा। इसे लेकर जिले के बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। ताकि बसों से उतरने के बाद मजदूर अपने घर न जा पाएं। एहतियात के लिए पहले उनकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी। फिर 21 दिन के लिए अलग-अलग सेंटर में उन्हें क्वारेंटाइन करेंगे ।
500 में से 337 लोगों की जांच रिपोर्ट आई निगेटिव
रेंगाखार व समनापुर जंगल में एक साथ 6 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड- 19 की जांच के लिए सैंपल की संख्या बढ़ाई है। जिले में अब तक 500 से अधिक सैंपल भेजे जा चुके हैं। इनमें से 337 की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से राहत है। अब भी 150 से अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। सीएमएचओ डॉ. एसके तिवारी के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में शामिल रेंगाखार, समनापुर जंगल, चमारी, तितरी गांव में लोगों की रैपिड किट से जांच की जाएगी। जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनी है ।
पंडरिया ब्लॉक के वनांचल गांवों में बुधवार दरमियानी रात आंधी से जमकर तबाही हुई। लगभग 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली, जिससे इलाके के गांवों में लगभग 80 घरों के छप्पर उड़ गए। सबसे ज्यादा नुकसान नेऊर से लगे ग्राम महिडबरा और कुशियारी में हुआ है। यहां 20 से अधिक विशालकाय पेड़ धराशायी हो गए हैं। वहीं गरज के साथ बिजली गिरने से 100 से अधिक तोते व अन्य पक्षियों की मौत हो गई है।
करीब डेढ़ तक घंटे चली आंधी के डर से ग्रामीण रातभर नहीं सो पाए। घरों के बाहर आग सेंकते हुए ग्रामीणों ने रात बिताई। यही नहीं, आंधी चलने से 14 से अधिक बिजली खंभे भी गिर गए हैं। लाइन टूटने से कुई सब- स्टेशन अंतर्गत आने वाले 13 से अधिक गांवों में बुधवार रात से बिजली बंद है, जो गुरुवार दोपहर तक बहाल नहीं हो पाई थी। आंधी से क्षेत्र में ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा है। आंधी, बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए हैं।
सूचना पर गुरुवार सुबह राजस्व विभाग की टीम सर्वे के लिए ग्राम महिडबरा और कुशियारी पहुंची। पटवारियों ने आंधी से टूटे घरों का सर्वे कर नुकसान का आंकलन किया। पंडरिया तहसीलदार संजय विश्वकर्मा ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट आने पर शासन के नियमानुसार प्रभावितों को मुआवजा देंगे।
मैनपुरा में बिजली गिरी, किसी को नुकसान नहीं
नगर से सटे मैनपुरा में बुधवारा रात करीब 11 बजे तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरी। बिजली बस्ती में गिरी, लेकिन रात होने की वजह से किसी को नुकसान नहीं हुई। बिजली गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि सुनकर लोगों भयभीत हो गए।
पेड़ गिरने से घर का छप्पर ढह गया, राशन व सामान खराब हो गए, बढ़ी परेशानी
ग्राम महिडबरा में जागेश्वर धुर्वे व रमेश मरावी के घर पर पेड़ गिर गया। हगरु पन्द्राम के घर का छप्पर गिर गया और घर में रखे समान व राशन में पानी में भीग कर खराब हो गए। ग्रामीण काशीराम, झूल बाई, गुलाबा बाई, झमुराम, नंदराम, गुलाब, पुसाराम समेत कई लोगों के घर का छप्पर उड़ने से रतजगा करना पड़ा। इसी तरह ग्राम कुशियारी में महेश मरावी, सुखराम, मानसिंह बैगा, केवल बैगा और बुधराम समेत 10 घरों के छप्पर उड़ गए हैं।
बोड़ला में 8 और पंडरिया में 4 मिमी बारिश दर्ज
रायपुर के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि कबीरधाम जिले के बोड़ला तहसील में 8 मिमी और पंडरिया तहसील में 4 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक मौसम पर बदलाव उसकी गतिविधियों में प्रभाव डालने में खासकर 3 सिस्टम बन गए हैं। इनमें दक्षिण पश्चिम राजस्थान में ऊपरी हवाओं में चक्रवात बनने के साथ ही दक्षिण पूर्व मध्यप्रदेश में भी ऊपरी हवाओं में चक्रवात बना हुआ है।
आज अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस है। रेडक्रॉस अपने सेवा कार्य के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान में हमारा देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है। संकट की इस घड़ी में रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यमराज बन सड़कों पर उतरकर संक्रमण से बचने लोगों को घरों में रहने सलाह दे रहे हैं। वहीं जरूरतमंद लोगों को भोजन भी करा रहे हैं।
कोरोना संकट के बीच रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स शहरों और गांवों में जा रहे हैं। अपने क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम और बचाव के लिए लोगों के बीच जाकर 20 सेकंड तक हाथ धुलाई, सोशल डिस्टेंस 1 मीटर बनाए रखने प्रचार-प्रसार कर सेवा कार्य कर रहे हैं। रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स ने खुद के खर्चे से मास्क बनवाए हैं, जिसे गांवों में बांट रहे हैं। ग्रामीणों को हाथ धुलाई के तरीके सिखाने के साथ ही मेडिकेटेड साबुन भी बांट रहे हैं।
बांटे खाने के पैकेट: लॉकडाउन से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के पैदल आने का सिलसिला जारी है। रेडक्रॉस के जिला समन्वयक बालाराम साहू ने बताया कि सप्ताहभर पहले रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स दशरंगपुर में जागरुकता अभियान चला रहे थे। तभी दूसरे राज्यों से लगभग 15 मजदूर पैदल चलकर वहां पहुंचे। जानकारी मिलने पर रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स ने उन्हें बिस्किट व खाने के पैकेट बांटे। जिले में रेडक्रॉस के 100 से ज्यादा सदस्य हैं। सभी हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में छात्र सदस्य हैं।
भीड़-भाड़ वाली जगह पर वॉलिंटियर्स की उपस्थिति
लॉकडाउन के बाद से रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स लगातार सेवा कार्य कर रहे हैं। वे लगातार दुकानों, बैंकों, बाजार और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। यमराज बनकर बाजार में घूम लोगों को संक्रमण से बचने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने जागरुक कर रहे हैं। गांव भ्रमण कर लोगों को घर में रहने और अनावश्यक बाहर न निकलने समझाइश दे रहे हैं। 30 वॉलिंटियर्स अपने क्षेत्रों में सेवा कार्य में लगे हैं।
आपातकाल में पीडि़तों की मदद करना ही हमारा उद्देश्य
समन्वयक बालाराम साहू बताते हैं कि रेडक्रॉस के संस्थापक जीन हेनरी ड्यूनेंट हैं, उन्हीं के जन्मदिन को विश्व रेडक्रॉस दिवस के रुप में मनाते हैं। वर्ष 1901 में उन्हें इसके लिए शांति का सबसे पहला नोबेल पुरस्कार मिला था। हेनरी ने 1863 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में 5 लोगों की कमेटी बनाकर इस संस्था की स्थापना की थी। उसी वर्ष जेनेवा में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें रेडक्रॉस सोसायटी को कानूनी रूप दी गई। इसका उद्देश्य युद्ध,प्राकृतिक आपदा जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में पीड़ितों की मदद करना है।
जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) उडियाकला में कक्षा 9वीं के 25 बच्चों को तीसरी भाषा की पढ़ाई के लिए इस साल बीरभूम (पश्चिम बंगाल) भेजा गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते एक महीने से बच्चे वहीं फंसे थे। गुरुवार को सभी बच्चे सकुशल लौट आए।
बस के जरिए बच्चों को वापस कवर्धा लाया गया। जवाहर नवोदय स्कूल पहुंचने पर लोहारा की मेडिकल टीम ने बच्चों की स्क्रीनिंग की। सभी स्वस्थ पाए गए हैं। फिर भी एहतिहात के तौर पर सभी बच्चों को 14 दिन तक स्कूल में ही क्वारेंटाइन किया जाएगा। साथ ही शिक्षक व बस चालक भी क्वारेंटाइन में रहेंगे। बच्चों से उनके पालकों को मिलने की अनुमति नहीं है। आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई भी हो सकती है। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बच्चों को बाहर रखने की बजाय कठिन प्रयास से स्कूल में ही रखने की अनुमति मिली है। पालकों से आग्रह किया है कि वे किसी भी स्थिति में अपने बच्चों के मिलने के लिए स्कूल न आएं।
बंगाली भाषा के अध्ययन के लिए भेजे थे बच्चों को
देशभर में प्रत्येक जिले से बच्चे तीसरी भाषा के अध्ययन के लिए शाला प्रबंधन व शासन की ओर से अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं। इस साल जवाहर नवोदय विद्यालय उड़ियाकला के 25 बच्चे बंगाली भाषा के अध्ययन के लिए वीरभूम (पश्चिम बंगाल) भेजे गए थे। 18 मार्च को पेपर खत्म होने के बाद ये सभी वापस आने वाले थे, तभी लॉकडाउन होने से ये सभी 25 बच्चे वहीं फंस गए थे। इस बीच उनके परिजन बच्चों को वापस लाने मांग कर रहे थे।
ग्राम गिधवा के ग्रामीणों ने श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट गिधवा (दाढ़ी) में नियुक्त किए गए पदाधिकारियों को लेकर आपत्ति जताई है। मामले को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर शिव अनंत तायल को ज्ञापन सौंपकर फिर से चुनाव कराकर मंदिर ट्रस्टमें पदाधिकारी नियुक्त किए जाने की मांग की है।
इस मामले में बेमेतरा एसडीएम जगन्नाथ वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट और एडीजे कोर्ट के निर्देश पर सर्वसम्मति से ट्रस्ट के पदाधिकारी बनाए गए हैं। सभी सदस्यों का चयन 2 माह पूर्व किया गया था। शिकायत के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
ग्राम गिधवा निवासी शिवलाल यादव ने बताया कि श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट में करीब 207 एकड़ कृषि भूमि है। जिसे हर साल नीलामी कर किसानों को रेग में दिया जाता है। जिससे ट्रस्ट को करीब 20 से 22 लाख रुपए आय मिल जाती है। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव एक ही समाज के व्यक्तियों को बनाए जाने पर ग्राम गिधवा के ग्रामीणों ने आपत्ति जताई है। ट्रस्ट में भाई, भतीजा, और साढू भाई को मुख्य पदाधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। ग्रामीणों ने फिर से चुनाव कराने की मांग की है।ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट में 22 फरवरी 2020 को निर्वाचन परिवारवाद, जातिवाद के आधार पर हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर प्रांगण में सर्वसम्मति से अध्यक्ष ग्राम गिधवा या नजदीक के गांव का बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। जो ट्रस्ट के विकास में भागीदारी दे सके। बैठक में कोषाध्यक्ष और सचिव का नाम मनोनीत नहीं किया गया था। यह जातिवाद और परिवारवाद का चुनाव कर एक ही परिवार के लोगों को मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष और अन्य पद पर नियुक्त कर दिया गया है।
एसडीएम की उपस्थिति में लिया गया था फैसला
शिवलाल यादव ने बताया कि एसडीएम की उपस्थिति में हिंदू धर्म मानने व ग्राम गिधवा से ही अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय लिया था। लेकिन मंदिर से 10 किलोमीटर दूर के व्यक्ति के अध्यक्ष बनने पर ग्रामीणों में नाराजगी है। उन्होंने बताया कि मंदिर प्रांगण में बैठक के दौरान शिक्षक जोहन लाल पुरैना ने श्रीराम जानकी मंदिर में गिधवा के अध्यक्ष व सदस्य बनाने कहा था। इस पर ग्रामीणों ने सहमति जताई थी।
जिसे सदस्य बनाया उस नाम का गांव में कोई नहीं
22 फरवरी 2020 को गिधवा में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं किया। न ही कुछ बताया गया। 2 मार्च 2020 को बेमेतरा एसडीएम ने सूचना पत्र के माध्यम से जानकारी दी कि 22 फरवरी को ग्राम गिधवा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई जो गलत है। श्री राम जानकी मंदिर ट्रस्ट में लगातार दो बार अध्यक्ष रह चुके टीकम यादव को वर्तमान समिति ने पूर्व सदस्य के तौर पर शामिल किया है। टीकम यादव के साथ हाईकोर्ट तक मुकदमा चला। टीकम यादव मंदिर के अध्यक्ष थे। मंदिर के पुजारी मनीष शर्मा और उनके बड़े पापा मूलचंद शर्मा को भी सदस्य में शामिल किया गया है। ग्राम गिधवा से सदस्य मंजू नामदेव और संतोष नामदेव के पति और पिता का नाम गलत लिखा गया। ग्रामीणों ने श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट का नाम श्रीराम जनकी लिखे जाने पर आपत्ति की है। इस अवसर पर राजेंद्र कुमार नामदेव, संजय चंद्राकर, मोहनदास, शिवलाल यादव, सुरेश नामदेव, रोशन शर्मा, गुलाब चंद्राकर, घनश्याम विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।
क्षेत्र के बमूलियाकलां गांव में कृषि कार्य करते समय क्लीन मशीन की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हो गया। जिसकी गुरुवार को कोटा अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।
सीआई रूपसिंह ने बताया कि बमूलियाकलां निवासी राजेश कुमार सुमन (48) पुत्र छगनलाल खलिहान में क्लीन मशीन से चने की सफाई कर रहा था। अचानक सुमन के मुंह पर बंधी और गले में लटकी साफी मशीन में आ गई। इससे वह घायल हाे गया। जिस परिजन अस्पताल लेकर आए। जहां से उसे कोटा रैफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान गुरुवार को उसकी मृत्यु हो गई।
लॉकडाउन के चलते कोटा में जाने की परमिशन नहीं मिलने पर कोटा पुलिस ने अंता पुलिस को सूचना देकर मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
कोरोना संक्रमण के कारण रेड जोन में विवाह करने की भी अनुमति नहीं है। लेकिन हमारा जिला ग्रीन जोन में है इसलिए यहां शादी के लिए सशर्त अनुमति मिल रही है। मई में शादी के लिए अब तक जिले में 291 परिवारों को अनुमति मिली है। यह सभी विवाह संबंध ग्रीन जोन में हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन 1 और 2 की अवधि में इस साल रामनवमीं, अक्षय तृतीया और विवाह मुहूर्त में करीब 500 शादियां टल गईं। अब लॉकडाउन 3.0 में जिला प्रशासन ने शादी करने वालों को सशर्त अनुमति दी है। जिले के धमतरी, कुरूद और नगरी ब्लॉक के एसडीएम ने करीब 291 लोगों को शादी की सशर्त अनुमति अब तक दी हैं। 10 शर्तो में सामूहिक भोज, सड़क पर बारात निकालने, आतिशबाजी पर रोक लगाई है। शादी में मौजूद हर व्यक्ति सैनिटाइजर और मास्क का हर हाल में उपयोग करेगा। ऐसे में अब लोग बगैर तामझाम के शादी कर रहे हैं। रेड जोन से बारात आने वाले किसी भी को अनुमति नहीं दी है।
बाइक से आया दूल्हा, सिर्फ 13 लोग शामिल हुए
रावां में 13 लोगों की मौजूदगी मे बुधवार को 1 घंटे में शादी हो गई। भैसबोड़ निवासी युवराज पिता खेलन ढीमर अपने पिता और 3 और रिश्तेदार के साथ बाइक से रांवा बारात लेकर आया। पं. संतोष पाठक ने पुनारद ढीमर की बेटी पूर्णिमा की शादी युवराज के साथ कराई। विवाह की रस्म के दौरान सभी लोग मास्क पहने थे। सैनिटाइज का उपयोग किया। लॉकडाउन में बगैर तामझाम के करीब 15 हजार में शादी हो गई। दूल्हा-दुल्हन के पिता खेलन ढीमर, पुनारद ढीमर ने बताया कि उन्होंने शादी कार्ड भी नहीं छपवाए थे। लॉकडाउन में खर्च कम हुआ। शादी भी सादगी के साथ हुई।
कार्ड भी नहीं छपवा रहे, फिजूलखर्च भी रुका
शादी के लगभग सभी मुहूर्त खत्म हो गए। ऐसे में अधिकतर लोगों ने शादियां टाल दी हैं। जो लोग शादी कर भी रहे हैं, उन्हें पहले प्रशासन से अनुमति लेकर मुश्किल से 15 लोग को बुलाना होगा। कई लोग शादी कार्ड भी नहीं छपवा रहे है। कार्ड का खर्च बच रहा है। डीजे, पॉर्टी, बैंड बाजा-धुमाल, सामूहिक भोज, बारात, माइक टेंट, कैमरे का भी खर्च बच रहा है।
नियम के विरुद्ध शादी करने पर होगी एफआईआर
कुरूद एसडीएम योगिता देवांगन, नगरी एसडीएम सुनील शर्मा ने बताया कि जिन लोगों ने आवेदन कर अपने विवाह की अनुमति मांगी है। उनमें ज्यादातर वे शादियां हैं, जो कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 1 और लॉकडाउन 2 की अवधि में टाल दी गई थीं। विवाह के लिए महीनेभर में 291 आवेदन आए हैं। इनमें कुरूद में सबसे ज्यादा 225, नगरी में 16 और धमतरी में 50 आवेदन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध शादी की सूचना पर तुरंत एफआईआर की जाएगी।
ये शर्तें... सामूहिक भोज भी नहीं होगा
नवंबर- दिसंबर के बाद करना होगा 3 महीने इंतजार
ज्योतिषी पं. होमन शास्त्री के अनुसार 29 मई तक 5 और 30 जून तक 8 दिन मुहूर्त हैं। नवंबर में देवउठनी पर 26 व 27 को व दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 8, 9 व 11 को मुहूर्त हैं। जिनके विवाह इन तिथियों में नहीं हो पाएंगे, उन्हें 3 माह बाद 22 अप्रैल 2021 तक रुकना पड़ेगा। 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त के कारण विवाह हो सकते हैं।
अगले साल तक शादी की तारीख टली
शहर में ज्यादातर लोगों ने अब नए साल में शादी करने इस साल शादी को रद्द कर दिया है। होटल संचालकों एवं मैरिज लॉन के मालिकों के अनुसार सारी बुकिंग कैंसिल होने के बाद लॉकडाउन के बीच सरकार की गाइडलाइन के बाद भी मई, जून में लोग शादी नहीं करना चाह रहे है। ज्यादातर लोगों धूमधाम से अगले साल शादी करेंगे।
रेडक्रॉस का मतलब सेवा है। लोगों की जान बचाने, घायलों की सेवा करने से इसकी शुरुआत हुई। जिले में रेडक्रॉस वॉलंटियर्स यह उद्देश्य पूरा भी कर रहे हैं। 32 हजार युवा रेडक्रॉस में जुड़कर असहाय और पीड़ित मानवता की सहायता के लिए काम करते आ रहे हैं। 5 साल में जिले के 300 लोगों की जान सड़क दुर्घटना से बचाई है। वॉलंटियर्स शांति काल में देश के ज्वलंत मुद्दों पर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आपदा में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्वच्छता, पर्यावरण में सबसे ज्यादा काम किया। वर्तमान में 465 वॉलंटियर्स लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने जागरूक कर रहे हैं। इन्हें पुरस्कार भी मिले हैं।
केस 1: मौके पर दिया सीपीआर, धड़कनें चालू की
8 अक्टूबर 2019 की रात नेशनल हाईवे पर पुट्टू ढाबे के पास अंधेरे सड़क में खड़े एक ट्रक से तेज रफ्तार बाइक टकरा गई। बाइक चालक दशरथ सिंह अचेत हो गया। सड़क से गुजर रहे रेडक्रॉस सोसायटी के जिला संगठक प्रदीप साहू ने रुककर राहगीरों की मदद से उसे बाहर निकाला। तुरंत सीपीआर देकर धड़कनें चालू कीं। जिला अस्पताल उपचार के लिए भेजा।
केस 2: घायल को ऑटो चालक ने भर्ती कराया
जून 19 में रात 10 बजे दुर्घटना हुई। इसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद ऑटो चालक दुर्घटना मित्र साहिल अहमद ने प्राथमिक इलाज दिया। घायलों अस्पताल में भर्ती कराया।
केस 3: दुर्घटना मित्रों ने प्राथमिक इलाज दिया
21 अक्टूबर 19 को 4 लोग रायपुर से लोग धमतरी की ओर आ रहे थे। मरौद के पास शाम करीब 7 बजे दुर्घटना हो गई। इन्हें मौके पर ही दुर्घटना मित्रों ने प्राथमिक इलाज दिया। भर्ती कराया।
केस 4: डुबान क्षेत्र में भी मदद कर रहे वॉलंटियर्स
डुबान क्षेत्र के बरपदर में बाइक सवार सुषेन पेड़ से जाकर टकरा गया। उसे फैक्चर हो गया। सिर में भी चोट आ गई। यहां दुर्घटना मित्र गोकरण यादव ने प्राथमिक इलाज दिया। अस्पताल भेजा।
प्रदेश के वाणिज्यिक कर, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने गुरुवार सुबह 11 बजे से 1.30 बजे के बीच वीडियो कांफ्रेसिंग से जिले के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक ली। जिले में चल रही गतिविधियों की समीक्षा की। महापौर ने धमतरी में होटल, रेस्टोरेंट खोले जाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने सांसद, विधायक सहित जिला पंचायत, जनपद पंचायतों, नगरीय निकायों के अलावा जिला, अनुभाग और ब्लाॅक स्तर के अधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर समीक्षा की। प्रभारी मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले में संभावित संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों की संख्या में वृद्धि करने और मास्क व हैंडवॉश की उपलब्धता कराने के निर्देश जिला पंचायत की सीईओ नम्रता गांधी को दिए। दोपहर में प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर रजत बंसल, एसपी राजभानू और डीएफओ अमिताभ बाजपेयी से कोरोना से निपटने के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
सतर्क रहने के लिए कहा
सुबह 11 बजे प्रभारी मंत्री ने नगरी विधायक डाॅ. लक्ष्मी विधायक, सांसद चुन्नीलाल साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष नीशु चंद्राकर, नगर निगम महापौर विजय देवांगन, सभापति अनुराग मसीह सहित जनपद स्तर के जनप्रतिनिधियों से चर्चा की। प्रभारी मंत्री ने अन्य राज्यों व जिलों से आने वाले मजदूरों, विद्यार्थियों को नियमानुसार क्वारेंटाइन कर रखने के निर्देश दिए। नगरी विधायक ने तेंदुआ के हमले से बच्चे व गाय के घायल होने, बिजली गिरने से हुई मृत्यु के संबंध में परिजन को तत्काल सहायता राशि देने की मांग की।
मई में भी बारिश का सिलसिला रुका नहीं है। बीती रात जिले में गरज चमक के साथ बारिश हुई। गुरुवार को इसका असर अधिकतम तापमान पर पड़ा। बुधवार का अधिकतम तापमान 41 डिग्री से गिरकर गुरुवार को 37 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। गुरुवार को भी सुबह6से8बजे के बीच हल्की बूंदाबांदी हुई। बीते24घंटे में10.7मिमी औसत बारिश जिले में हुई है। धमतरी,नगरी व कुरूद ब्लॉक में ही बारिश हुई। मगरलोड ब्लॉक सूखा रहा। बीते साल मई के अंतिम सप्ताह में बारिश हुई थी।
गर्मी के इस सीजन में6मई को तापमान41.2डिग्री दर्ज हुआ था।3अलग-अलग चक्रवात के कारण दिनभर सूर्य तपने के कारण शाम4बजे तेज आंधी चली। हल्की बूंदाबांदी हुई। रात में ठंडी हवा के कारण तापमान गिरा और आधी रात के मौसम बदला तो बारिश हुई। गुरुवार तड़के 3से5बजे के बीच हुई तेज बारिश के बाद तापमान कम हो गया। सुबह8बजे फिर बारिश हुई।20अप्रैल को बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से धमतरी ब्लॉक के17गांवों व कुरूद के13गांव के1535.250हेक्टेयर फसल खराब हुई।
आज बारिश की संभावना
मौसम वैज्ञानिक डॉ.एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका दक्षिण तमिलनाडु तक0.9किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से8मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश,गरज-चमक के साथ छींटे या फिर ओलावृष्टि की संभावना है।
पुलिस हाउसिंग बोर्ड रुद्री धमतरी में दूसरे जिले से मजदूर आए थे, लॉकडाउन में धमतरी में ही फंस गए। लॉकडाउन नहीं खुला, तब 4 मई को भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामू रोहरा के नेतृत्व में जिला प्रशासन से घर वापस जाने की अनुमति मांगने के बाद वाहन की व्यवस्था की गई। 6 मई शाम को जिला प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था कर सभी को उनके घर भेज दिया गया।
बिलासपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार से कार्य करने 12 मजदूर धमतरी जिले में आए थे। 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद उन्हें धमतरी में रुकना पड़ा। 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लाॅकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे। काम से जो कुछ रुपए कमाए थे, वह राशन में खत्म हो रहे थे। 14 अप्रैल के बाद फिर 3 मई तक लॉकडाउन की तारीख बढ़ा दी गई। जब मजदूरों का राशन खत्म हो गया, तब उन्होंने पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामू रोहरा से मिलकर अपनी व्यथा बताई। रामू रोहरा ने जिला प्रशासन से मजदूरों काे घर वापस भिजवाने के लिए ज्ञापन दिया। घर जाने के पूर्व रामू रोहरा ने मजदूरों को कुछ रुपए भी दिए।
इन्हें पहुंचाया घर
मुंगेली, बिलासपुर, बलौदाबाजार के भोलाराम कैवर्त, वीरेंद्र यादव, देवचरण यादव, शोभाराम केंवट, दीपक पटेल, बलदेव कैंवट, भास्कर पटेल, संजय यादव, शोभित, जितेंद्र, परसनाथ, कार्तिकमती ठेकेदार के साथ रुद्री आए थे। सभी वापस अपने घर पहुंच गए।
लॉकडाउन के कड़े नियमों और राज्य सरकार द्वारा सीमा सील करने के आदेश के बाद भी जिले में आसानी से बाहर से आनेवालों की घुसपैठ जारी है। आश्चर्य की बात है कि जब लोग सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर 40 से50 किमी दूरी तय कर घर पहुंच जाते हैं, तब तक प्रशासन को इसकी
भनक नहीं लगती। लेकिन जैसी आसपास से इसकी सूचना मिलती है, तब तत्काल एफआईआर दर्ज करने प्रशासनिक अमलापहुंच जाता है।
हाल में ही कुछ दिन पहले ओडिशा के बलांगीर से 11 लोग चोरी-छिपे रसेला, पिपरछेड़ी मार्ग से होते हुए अपने गांव खम्हारी पारा पहुंचे थे। प्रशासन कोइसकी सूचना तब मिली, जबये सीमा क्षेत्र पार कर अपने गांव तक पहुंच गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया। इसके बाद स्वास्थ्य अमला भी हरकत में आया और इन लोगों को गांव के ही एक स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया। दूसरा मामला 5 मई का है, जहां 11 मजूदरों को प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ही रोककरइंडोर स्टेडियम में क्वारेंटाइन किया है। ये सभी मजदूर देवभोग और मैनपुर ब्लॉक के हैं, जो मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से वापसचोरी-छिपे अपने गांव जा रहे थे। सभी मजूदरों के रहने-खाने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।
लॉकडाउन खुलने और काम बंद होने से लौट रहे
बाहर से आने वाले मजूदरों का कहना है कि कामकाज और रोजी रोटी की तलाश में वे बाहर गए हैं, परंतु कामकाज बंद होने और लॉकडाउन के बीच फिर से काम शुरू होने की समय सीमा ना देखते हुए वे वापस घर लौटरहे हैं। बाहर रहने के कारण एक ओर जहां भुखमरी की स्थिति बन रही है वहीं मकान किराना सहित अन्य खर्चो का वहन करने में असक्षम है। प्रशासन द्वाराभी कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिसके चलते विवश होकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि बाहर रहकर बिना रोजी मजदूरी के परिवार का भरण पोषण मुश्किल है। कम से कम गांव वापस आ आए तो अपने परिवार, संगे संबंधियों की सहायता को मिल सकती है। इसलिए वापस घर आना ही उन्हें उचित लगता है।
जिले से अब भी 3 हजार से अधिक बाहर फंसे हैं
प्रशासन के मुताबिक जिले के 3 हजार से अधिक मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जो वापस घर लौटने के लिए परेशान हैं। अन्य राज्यों में समुचित प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से एक से दो वक्त भूखा रहना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मजदूर घर वापस आना चाहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं राज्य और केंद्र सरकार की भी कोशिश कर रही है, परंतु अब मजूदरों के पास इंतजार करने का वक्त नहीं बचा है। इसलिए नजदीक राज्यों में फंसे मजदूर धीरे-धीरे अपने संसाधन से वापस
घर आने में जुटे हैं। इनके पास चोरी-छिपे आने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा है।
आस-पड़ोस की शिकायत पर प्रशासन को मिल रही सूचना
बाहर से चोरी-छिपे आने वाले ये लोग दो से तीन सौ किमी दूरी तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य से पहले छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे फिर जिले में। इतनी दूरी तय करने के दौरान कई थाना क्षेत्र पार कर रहे हैं, परंतु इस बीच ना कोई लॉकडाउन की पाबंदी काम आ रही है ना ही सीमा क्षेत्र पर की गई सीमाबंदी। आसानी से लोग सीमा क्षेत्र पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग रही है। ये लोग जिले के सीमा में प्रवेश करने के बाद पैदल, दुपहिया या लिफ्ट मांग कर अपने घर पहुंच रहे हैं। घर पहुंचने के बाद भी एक-दो दिन बाद अास-पड़ोस की शिकायत पर ही इसकी सूचना प्रशासन को मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि सीमाक्षेत्र में की गई पाबंदी का लाभ प्रशासन को नहीं मिल रहा है।
विकासखंड कुरूद में जिला प्रशासन की पढ़ाई तुंहर द्वार योजना चलाने में सभी शिक्षक लगे हुए हैं। इसके बाद भी सीख कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम 10-10 के समूह में स्कूली बच्चों को लेकर चौराहों, सामुदायिक भवन या घरों में करने का वाट्सएप आदेश निकालने पर शैक्षणिक कर्मचारी संघों ने इसे कोरोना संक्रमण को देखते हुए गलत ठहराया है एवं स्थगित करने
की मांग रखी है।
3 मई को संघों ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक कर प्रस्ताव भी लाया था। इसमें कोरोना महामारी को देखते हुए सार्वजनिक स्थान में कराई जाने वाली गतिविधि आधारित कार्यक्रम को न कराने, भवनों में सुविधा न होने जैसे बातों पर चर्चा की गई थी। फिर भी इस कार्य को लेकर उच्च कार्यालय को शायद अवगत नहीं कराया गया है इस कारण इस कार्यक्रम को कराकर संक्रमण को आमंत्रित करने या अन्य दुर्घटनाओं से बचने सभी शिक्षक कर्मचारी संघ ने सीख कार्यक्रम को स्थगित रखने की
मांग रखी है।
मांग करने वालों में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से संतराम साहू, केडी मानिकपुरी, केके बैस, योगेंद्र चंद्राकर, प्रकाशचंद सेन, जेके साहू, सहायक शिक्षक फेडरेशन हुलेश चंद्राकर, फलेश्वर तुर्रे, अभिषेक सिंह, संयुक्त शिक्षक संघ से हुमन चंद्राकर, मनोज देवांगन, महेंद्र सोरी, छ.ग. टीचर एसोसिएशन से रूखमणी रमन चंद्राकर, दिनेश साहू, प्रमोद सिन्हा, मूलचंद मारकंडे आदि शामिल हैं।
वीडियो कांफ्रेंस में प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जरूरतमंद परिवारों को राशन देने तथा बगैर राशनकार्ड वालों को भी सोसायटी से चावल उपलब्ध कराने की बात कही। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा की वीडियो कांफ्रेंस में जनपद पंचायत कुरूद अध्यक्ष शारदा देवी साहू एवं उपाध्यक्ष जानसिंग यादव, सीईओ आरके वर्मा सहित जनपद सदस्य मौजूद रहे।
मंत्री ने मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्याें में भी कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त रखने, सोशल डिस्टेंस का पालन करने के साथ मास्क का उपयोग कराने की बात कही। वीडियो कांफ्रेंस में महिला बाल विकास विभाग सभापति हेमेश्वरी बांधे, जनपद सदस्य गजेंद्र साहू, सरपंच लक्ष्मी नारायण साहू मड़ेली, सरपंच खेमराज चंद्राकर भाठागांव, लीलाराम साहू चटौद, त्रिवेणी साहू सिंधौरीखुर्द सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
निस्तारी तालाबों में पानी भरने की मांग: जनपद पंचायत कुरूद अध्यक्ष शारदा देवी साहू ने गर्मी के मौसम में गांव के निस्तारी तालाबों में नहरों से पानी भरने, नलजल योजना के तहत पानी की आपूर्ति नियमित रूप से करने, चट्टानी चर्रा, कोडेबोड़, भाठागांव में पानी की आपूर्ति के लिए बोर खनन करने का प्रस्ताव रखा। सरपंच खेमराज चंद्राकर ने भाठागांव में बनी पानी टंकी के लिए नये बोर खनन की मांग रखी। शराब दुकानों में हो रही भीड़ को नियंत्रित कराने का आग्रह किया।
कलेक्टर ने शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन का आदेश जारी किया है। शुक्रवार को जारी किए गए इस आदेश के बाद उन्होंनेे दुकान खुलने के दिनों में परिर्वतन कर दिया है। अब केटेगरीवाइज फिर से निर्धारित किए गए नए अलग-अलग दिनों में व्यवसायिक प्रतिष्ठानें खुलेंगी हालांकि पहले भी सप्ताह में दो दिन दुकानें खुल रही ंथीं। अब नए निर्देश में भी सप्ताह में दो दिन ही खुलेंगी, लेकिन दिन में परिर्वतन किया गया है। ये दुकानें पूर्व में दिए गए समय के अनुसार सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ही खुली रहेंगी। नए आदेश के अनुसार हर सप्ताह शुक्रवार दोपहर 2 बज से सोमवार सुबह 9 बजे तक कुल लगभग 67 घंंटे दुकानें बंद रहेंगी।
नए आदेश में सेलून संचालकों को राहत दी गई है। वे भी अब सप्ताह में दो दिन दुकान खोल सकेंगे। सभी दुकानदारों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा, सैनिटाइजर, हाथ धोने की व्यवस्था रखनी होगी। साथ ही मास्क पहनकर सामग्री देने के नियमों में छूट नहीं मिली है। यदि तय दिन से अलग दिन दुकानें खुली पाईं जाएंगी तो कार्रवाई की जाएगी।
नए आदेश के अनुसार इन दुकानों को मिली राहत
शनिवार-रविवार पूर्ण लॉकडाउन के बाद गुरुवार को कलेक्टर ने नए आदेश जारी किया गया है। जिसमें फुटवेयर की दुकानों को मंगलवार एवं शुक्रवार, लकड़ी-बांस टॉल एवं आरामील बुधवार व गुरुवार एवं सेलून, नाई की दुकान भी सोमवार व गुरुवार को खुले रहेंगी। सेलून के सभी कर्मी को मास्क एवं सैनिटाइजर का उपयोग आवश्यक होगा। एक समय में दुकान के अंदर केवल सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति को ही रखेगा। साफ सुथरे कपड़े का उपयोग व सभी उपयोग की सामग्रियों को हर बार सैनिटाइज करेंगे। ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर, पता सहित अन्य ब्यौरा रखना अनिवार्य होगा। पालन नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
मास्क नहीं पहनने पर की जाएगी कार्रवाई
तहसीदार मूलचंद चोपड़ा ने बताया कि ग्रीन जोन में कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए एहतियात बरती जा रही है। बिना मास्क अनावश्यक घूमने वालों पर कार्रवाई की जा रही है, साथ ही दुकानदारों व ग्राहकों को समझाइश दी जा रही है कि मास्क पहनकर ही सामान बेचे व खरीदे।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन दिनों देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। सरकार की ओर से व्यापार को छूट प्रदान की गई है, लेकिन शैक्षणिक संस्थान अब भी बंद हैं। ऐसे में शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वर्चुअल क्लासेस शुरू की गई है।
हिदी विभाग ने ऑनलाइन माध्यम से एमए हिंदी की क्लासेस शुरू कर दी है। गुरुवार को एमए हिंदी के दूसरे और चौथे सेमेस्टर के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनुसुइया अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के अटैक से बचते हुए शैक्षणिक गतिविधियों को बनाए रखना और आगे इसे प्रगति के मार्ग पर ले जाना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि हर समस्या से कुछ नया सीखने को मिलता है। आज इसी का बढ़िया उदाहरण हिन्दी विभाग ने प्रस्तुत किया और आॅनलाइन क्लासेस शुरू की गई। उन्होेंने बताया कि गूगल के डुओ एवं हेंगआउट ऐप से बच्चों को जोड़कर ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर ली गई है। पहले दिन एमए की द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की क्लासेस हुई। डॉ अग्रवाल ने बताया कि उनके साथ सहायक प्राध्यापक सीमारानी प्रधान ने भी ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी है। इसके साथ ही छात्र छात्राओं की यह चिंता दूर होती दिख रही है कि इस साल पढ़ाई कैसे होगी।
पहले दोस्तों से बात करने के लिए करते थे उपयोग
इधर, एमए हिंदी द्वितीय सेमेस्ट के छात्र प्रकाश कुमार, योगेश वर्मा, रेखा साहू, अनुसुइया दीवान, लोकेश्वरी साहू ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस हमारे लिए एकदम नया अनुभव है। अभी तक हम वाट्सएप सहित अन्य ऑनलाइन एप का प्रयोग दोस्तों से बात करने के लिए करते थे, लेकिन अब इसका प्रयोग पढ़ाई के लिए किया जा रहा है। लाॅकडाउन के बावजूद हमारी कक्षाओं के सुचारू रूप से संचालित है। शुरुआत में लग रहा था कि इस साल कोर्स कैसे पूरा होगा और पढ़ाई कैसे होगी, पर ऑनलाइन माध्यम ने इसे आसान बना दिया है। ऑनलाइन कक्षा के दौरान हमें ऐसा महसूस हुआ मानांे हम हमारे काॅलेज में अपनी क्लासरूम में बैठे हों। इसी तरह एमए चतुर्थ सेमेस्टर के नोहर तिवारी, अंजू चक्रधारी, कीर्ति साहू, उषा बंजारे ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस के जरिए इन दिनों मीडिया लेखन एवं अनुवाद की पढ़ाई कराई जा रही है। शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन अब इसकी आदत सी हो गई है।
ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही स्टडी मटेरियल
डॉ अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बच्चे कॉलेज नहीं आ पा रहे हैं। साथ ही उन्हें पढ़ाई के लिए किताबें भी नहीं मिल रही है। ऐसे में हमने ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को स्टडी मटेरियल पहुंचाने की तैयारी की। यह कार्य कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ दुर्गावती भारती और जीवन चंद्राकर वाट्सएप के जरिए कर रहे हैं। यही नहीं ऑनलाइन क्लासेस में बच्चे लगातार सवाल-जवाब भी करते हैं और टीचर्स की उनकी जिज्ञासा दूर करते हैं।
जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने बिना मास्क, तालाब में मछली मारने और क्वारेंटाइन के नियमों का पालन नहीं करने वाले 16 लोगों पर पुलिस ने धारा 188, 269, 270, 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है। ये वे लोग है जो, अन्य प्रदेशों से अपने घर पहुंचे थे। इन सभी लोगों को स्कूलों में क्वारेंटाइन किया गया है। जब टीम इनके मेडिकल स्वास्थ्य चेकअप के लिए पहुंची तब उनके भागने का पता चला।
जानकारी के अनुसार खल्लारी थाना क्षेत्र में के ग्राम आंवराडबरी में सरपंच ने हस्ताक्षरित सरपंच प्रतिनिधि द्वारा हैदराबाद से आए ग्राम बोइरगांव थाना खल्लारी निवासी महेश, सुखदेव, गोविंद एवं मनोज हैदराबाद काम करने गया था। 2 मई को आने के बाद उसे क्वारेंन्टाइन सेंटर आंवराडबरी(प्राथ.शा.भवन) में रखा गया था। जिसमें से दो व्यक्ति महेश पिता खोजु राम एवं सुखदेव पिता धन सिंग क्वारेंटाइन सेंटर से फरार हो गए। इस बात की जानकारी तब पता चली, जब उनके स्वास्थ्य चेकिंग के लिए आए रात में टीम आई थी। सरायपाली थाना क्षेत्र ग्राम भीखापाली में भी वहां के ग्रामीणों को अन्य प्रदेश से लाकर स्कूल में क्वारेंनटाइन किया था।
मछली मारने गए पांच गिरफ्तार
बसना पुलिस को धारा 144 का उल्लंघन करने वाले अमरकोटा निवासी देवानंद निषाद, गौरटेक निवासी जगदीश चौहान, बैशाखु बरिहा, दशरथ चौहान एवं सुन्दर साय निषाद के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। ये लोग एकजुट होकर फिजीकल डिस्टेंस रखने तथा मास्क लगाने की नियमों की अवमानना करते हुए मछली मारने के लिए तालाब में जाल बिछाने गए थे। इन लोगों से पुलिस ने जाल लंबाई करीबन 25 मीटर कीमती का जब्त कर गिरफ्तार किया है।
अन्य प्रदेश के मजदूरों से करा रहा था काम
पिथौरा में नगर पंचायत के कर्मचारी चंद्रशेख शुक्ला ने व्यापारी के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिस पर पुलिस ने व्यापारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार व्यवसायी राजेश अग्रवाल का अग्रसेन चौक के पास गोदाम व दुकान है। वह नियमों का उल्लंघन कर अन्य राज्यों से आए मजदूरों से रात में बिना मास्क लगाए कोरोना संक्रमण सोशल डिस्टेंस (फिजीकल दूरी) नहीं बनाकर काम करा रहे थे।
वन अमले ने ग्रामीण के घर से डेढ़ लाख रुपए का प्रतिबंधित चिरान लकड़ी जब्त करने का माला सामने आया है। टीम ने मुखबिर की सूचना पर छापामार कार्रवाई कर आरोपी के घर से प्रतिबंधित सागौन, साल, बीजा एवं अन्य प्रजाति के चिरान लकड़ियां जब्त की है। मामला पिथौरा वन परिक्षेत्र के ग्राम ठाकुरदिया खुर्द का है। विभाग ने आरोपी के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927, छग संरक्षित वन नियम 1960 छग चिरान (विनियमन), अधिनिमय 1984 तथा लोक संपत्ति की हानि के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।
पिथौरा वन परिक्षेत्र अधिकारी यूआर बसंत से मिली जानकारी के अनुसार विभाग को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम ठाकुरदिया खुर्द निवासी नेतराम पटेल उर्फ मुनु पिता नान्हू के यहां विभिन्न प्रतिबंधित प्रजाति की चिरान लकड़ियां है। सूचना मिलते ही उप वनमंडलाधिकारी से सर्च वारंट जारी होते ही गांव में नेतराम के यहां छापामार कार्रवाई की गई। इस दौरान टीम को उसके घर व बाड़ी से 160 सागौन, साल, बीजा एवं अन्य प्रजाति के चिरान लकड़ियां जब्त की।
पहले चरण के मूल्यांकन के लिए आई 92 हजार उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी होते ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की टीम ने बुधवार को जमा कर बोर्ड ले गई। इधर, दूसरे चरण में मूल्यांकन के लिए आई उत्तरपुस्तिकाओं की जांच जारी है। शिक्षक अपने घरों में गोपनीयता बनाते हुए मूल्यांकन कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते हुए भी मूल्यांकन का काम बड़ी सावधानियां से पूरा हो रहा है।
जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी एस चंद्रसेन का कहना है कि पहले चरण में मूल्यांकन के लिए आए उत्तरपुस्तिकाओं का जांच पूरा हो गया है और से बोर्ड को सौंप कर दिया गया है। दूसरे चरण का मूल्यांकन कार्य भी सप्ताहभर के भीतर पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण मे 19 हजार 132 कॉपियां भेजी गई है। इनका मूल्यांकन आगामी एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसमें हाई स्कूल के 7954 व हायर सेकेंडरी के 11178 उत्तरपुस्तिका है। बता दें कि जिले में बोर्ड परीक्षा के उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए एक ही केंद्र जिला मुख्यालय स्थित आदर्श उच्चतर माध्यमिक शाला को बनाया गया है।
बोर्ड की दोनों कक्षाओं की परीक्षा अभी बाकी
जानकारी के अनुसार अभी भी बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा बाकी है। पहले व दूसरे चरण की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद तीसरे चरण की भी उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए केंद्र आएगी। अभी दसवीं व बारहवीं की परीक्षा बाकी है। लॉकडाउन के चलते परीक्षा संपन्न नहीं हो पा रही है। 4 मई से बोर्ड के शेष विषयों की परीक्षा होनी थी, लेकिन तीसरे चरण का लॉकडाउन बढ़ते ही परीक्षा को स्थगित करना पड़ा। अभी नया आदेश नहीं आया है। जिला शिक्षा अधिकारी राबट मिंज ने बताया कि अब लॉकडाउन के बाद ही परीक्षा संपन्न कराई जाएगी।
खरतोरा नाका को अंतरजिला चेक पोस्ट घोषित कर अन्य राज्यों से बस ट्रक से वापस घर लौट रहे मजदूरों का वही पर स्वास्थ्य परीक्षण कर सीधे गांव भेजा जा रहा है। अब इस नाके पर ही स्वास्थ्य की जांच होगी, इसके बाद अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी क्रम में बुधवार की रात सरकारी तौर पर हैदराबाद से दो बसों में भरकर आए 84 मजदूरों की गहन स्वास्थ जांच के बाद गुरुवार की सुबह मजदूरों को उनके गांव ले जाकर छोड़ा गया, जहां सभी को 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया गया है।
बुधवार रात से लेकर गुरुवार शाम तक खरतोरा चेकपोस्ट पर इन 84 लोगों को मिलाकर तेलंगाना, महाराष्ट्र से 250 लोग बाहर से आए जो पूरे जिले के विभिन्न गांवों से संबंधित हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण खरतोरा नाके पर ही किया गया उसके बाद सभी को गांव भेजा गया। एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल का कहना है कि बाहर से आए ऐसे लोगों को गांव के बाहर शासकीय भवनों में 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया जा रहा है। लॉकडाउन 3 को लेकर प्रशासन काफी गंभीर है क्योंकि लॉकडाउन 1 और 2 में लोग जहां थे वहीं रहे मगर जैसे ही लॉकडाउन 3 प्रांरभ हुआ तो अन्य राज्यों में फंसे मजदूर परिवारों को घर वापसी की छूट दे दी।
इससे कारण ग्रीन जोन वाले गांवों और शहरों में भी अब कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। इन्हीं कारणों से कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने जिला बलौदाबाजार-भाटापारा की सीमा में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों अथवा अन्य व्यक्तियों का परीक्षण अनिवार्य कर दिया है। बुधवार रात से ही जिले के आला अधिकारी और स्वास्थ्य टीम रात भर चेकपोस्ट पर खड़े होकर बाहर से आ रहे मजदूरों को गाड़ियों से उतारकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं। नाका पर सीईओ जिला पंचायत आशुतोष पांडेय, एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल, डीएसपी सिद्धार्थ बघेल, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय, टीआई प्रमोद सिंह, बीएमओ डॉ. एफआर निराला, सीईओ सनत महादेवा, सीएमओ लवकेश्वर सिंह सहित सभी विभाग की टीमें तैनात थी।
संदिग्ध 14 का रैपिड और दो का स्वाब टेस्ट किया गया
बीएमओ डॉ एफआर निराला ने बताया कि संदिग्ध 14 लोगों का रैपिड टेस्ट किया गया। 2 लोगों स्वाग टेस्ट किया गया जिसको जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया है। अब तक ब्लाक में 105 रैपिड टेस्ट और 49 स्वाब टेस्ट किए जा चुके हैं। बाकी सभी लोगों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आने पर उनका सामान्य टेस्ट किया गया।
तकलीफ होने पर अस्पताल आ सकते हैं: बीएमओ
बीएमओ डॉ. एफआर निराला का कहना है कि जो लोग अन्य राज्यों से लौटकर वापस आ रहे ऐसे मजदूर परिवार जिन्होंने खरतोरा नाका पर जांच करवा ली है, उन्हें दोबारा अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। अलबत्ता जब तक उनको कोई तकलीफ हो तो अस्पताल आकर चेकअप करवा सकते हैं। नाके पर जांच के बाद वे सीधे गांव जाकर 14 दिनों तक क्वारेंटाइन रहेंगे, जिसकी व्यवस्था पंचायतों द्वारा की गई है।
पलारी ब्लॉक में 350 लोग क्वारेंटाइन किए गए
लॉकडाउन 3 में पलारी ब्लॉक में अन्य प्रदेशों से आने वाले 350 मजदूरों को गांव के शासकीय स्कूलों में 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया गया है जिनका नियमित निगरानी स्वास्थ अमला कर रहा है। इससे पहले पहुंचे लोगों की क्वारेंटाइन की सीमा 14 दिन खत्म हो गई है। प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि लगातार कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है जिसके कारण प्रभावित राज्यों से आने वालों की गम्भीरता से जांच की जा रही है ।
अंचल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश से एक ओर जहां रबी की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर तेज अंधड़ से पेड़-पौधे भी गिर गए हैं।
किसानों ने खेतों में रबी की फसल लगाई, मगर बेमौसम बारिश ने उनकी सारे मेहनत पर पानी फेर दिया है। चूंकि अभी धान की बालियां भी निकलने लगी हैं और बारिश के साथ खूब ओले भी गिर रहे हैं, लिहाजा फसलों के बर्बाद होने की संभावना अधिक नजर आ रही है। इतना ही नहीं पिछले दो दिनों की बारिश ने इस तरहकहर बरपाया है कि जगह-जगह सैकड़ों पेड़ टूटकर गिर गए है, तो कहीं-कहीं जड़ सहित ही उखड़ गए हैं। कई क्षेत्रों में बिजली के तार भी टूट गए हैं तो कहीं-कहीं पोल भी उखड़ गए हैं, जिससे आपूर्ति ठप हो गई है। कई घरों के टिन छप्पर भी उखड़कर तहस-नहस हो गए हैं।
इधर जिला प्रशासन ने कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के हवाले से जारी बयान में कहा है कि ने जिले की सीमा में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर अथवा अन्य व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही सीमाओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात किया गया है। उनकी जांच के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
चेकपोस्ट से ट्रक या बस से उतरने के बाद परस्पर एक मीटर की दूरी बनाते हुए टीम कोविड के लक्षणों और थर्मल गन से तापमान की जांच करेगी। इस हेतु पृथक से स्क्रीनिंग एरिया चिह्नांकित किया गया है, जहां पर पीने का पानी तथा लू से बचने के समुचित उपाय उपलब्ध रहेंगा।
ऐसे चिकित्सकीय टीम की तैनाती अथवा उपलब्धता स्थानीय बीएमओ द्वारा सुनिश्चित की जाएगी जिसमें चिकित्सा अधिकारी अथवा ग्रामीण चिकित्सा सहायक को शामिल किया जा सकेगा। टीम को थर्मल गन, बीपी नापने की मशीन, स्टेथोस्कोप, मास्क, सैनिटाइजर तथा लू से बचाव एवं प्राथमिक उपचार हेतु ओआरएस, पैरासिटामाल, डायरिया से उपचार की दवा ,सेटरीजीन आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएंगे।
मौके पर एंबुलेंस भी, 9926150535 पर करें संपर्क
गंभीर मरीजों जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होने पर एंबुलेंस की व्यवस्था भी रहेगी। लक्षण वाले व्यक्ति को अन्य लोगों से पृथक करते हुए आइसोलेसन कर तथा बिना लक्षण वाले उस समूह के पूरे व्यक्तियों को कवारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग का काम स्वास्थ्य अमले की निगरानी में किया जाएगा। इस हेतु डॉ. राकेश प्रेमी, जिला सर्विलेंस अधिकारी (9926150535) से संपर्क किया जा सकता है। उन्हें गंतव्य स्थान के चिह्नित ग्राम स्तर कवारेंटाइन सेन्टर पर, सीईओ जिला अथवा जनपद पंचायत अथवा एसडीएम अथवा तहसीलदार से समन्वय करभेजा जाएगा।
दूरी बनाकर कतार में होगा परीक्षण : स्वास्थ्य परीक्षण सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कतार में किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण कर लक्षण वाले व्यक्तियों को आइसोलेसन में तथा बिना लक्षणों वाले को कवारेंटाइन में रखा जाएगा। सभी की प्रपत्र अनुसार लाइन लिस्ट तैयार होगी। बायो मेडिकल कचरे का प्रबंधन एवं निपटान हेतु दिशा-निर्देशों का पालन भी किया जाएगा।
गांव पहुंचने पर एएनएम फिर करेगा परीक्षण
बिना कोरोना लक्षण वालों को जिस गांव में जाना है, उसी गांव के बाहर चिन्हित स्थान पर रखेंगे, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण पुनः स्थानीय स्वास्थ्य अमले ( एएनएम पुरुष स्वास्थ्य संयोजक) द्वारा किया जाएगा। समूह का नियमित सर्विलेंस किया जाएगा । इस दौरान 14 दिन के भीतर यदि लक्षण आते हैं तो स्वास्थ्य टीम, जिसमें लैब टेक्नीशियन हों, द्वारा विटीएम सैंपल लिया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा आने वाले प्रवासी मजदूरों अथवा व्यक्ति की अद्यतन सूचना मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी तथा खंड चिकित्सा अधिकारी को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
लॉकडाउन के 6 हफ्तों के दौरान महापुरुषों की प्रतिमाओं को माला नहीं पहनाई गई। आखिरी बार जनता कर्फ्यू के बाद 23 मार्च को शहर में महापुरुषों की करीब 50 प्रतिमाओं को माला पहनाई गई थी। पुराने शहर में हर हफ्ते सोमवार के दिन चौक चौराहों, पार्क और सरकारी संस्थानों में में प्रतिमाओं की साफ सफाई के बाद माला पहनाने का रिवाज रहा है। हर साल निगम इस पर लगभग 6 लाख खर्च कर रहा है।
लॉकडाउन में हर हफ्ते प्रतिमाओं के आसपास साफ सफाई तो की जा रही है, लेकिन फूल माला की दुकान नहीं खुलने के कारण माल्यार्पण का काम नहीं हो पा रहा है। हर हफ्ते एक प्रतिमा की माला पर ढ़ाई सौ रुपए खर्च होते हैं। आकार में अलग-अलग होने के कारण हर माला के खर्च में मामूली अंतर पड़ता है। रायपुर में सबसे ज्यादा 13 प्रतिमाएं जोन क्रमांक 3 में है। इसके बाद जोन क्रमांक सात में ग्यारह प्रतिमाएं हैं।
अंतिम बार 23 मार्च को पहनाई गई थी मूर्तियों को मालाएं, पुराने शहर में 50 प्रतिमाएं
एक साथ ठेके पर देने वाला था निगम
शहर में महापुरुषों की प्रतिमाओं के रखरखाव के लिए और हर हफ्ते माल्यापर्ण के काम के लिए निगम ने पिछले साल एक एजेंसी को नियुक्त करने का प्लान भी बनाया था। इस बीच पहले लोकसभा चुनाव और फिर नगरीय चुनाव के कारण ये प्रक्रिया नहीं हो पाई। प्रतिमाओं में कांच का आवरण लगाने जैसा प्लान भी बनाया गया।
बापू की प्रतिमा में फूल नहीं, शास्त्री जी की मूर्ति पर सूखे
कलेक्टोरेट परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर आखिरी बार चढ़ाई गई माला नहीं है। शास्त्री चौक में शास्त्री जी की प्रतिमा पर सूखे फूल वाली माला ही है। शहर में हर जगह इसी तरह की स्थिति है।
किस जोन में कितनी प्रतिमाएं
जोन प्रतिमाएं
1 02
2 05
3 13
4 08
5 07
6 02
7 11
8 02
बुद्ध पूर्णिमा गुरुवार को मनाई गई। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारतीय बौद्ध महासभा के सदस्यों ने घरों पर ही बुद्ध ग्रंथों का पाठ कर धम्म पंथों का अध्ययन किया। इसके साथ ही महासभा के सभी सदस्यों से लोगों की सहायता करने की अपील की गई।
भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश के महासचिव भोजराज गौरखेड़े ने बताया कि गुरुवार को विजय नगर, भनपुरी, कबीर नगर में एन स्टेप के सहयोग से बुद्ध जयंती मनाई गई। इस दौरान 50 जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री दी गई। इसमें योगदान देने वालों में एन स्टेप के अध्यक्ष प्रदीप मेश्राम, अजय कोल्हे, दीपक बोरकर, नोहर सिंह, धीरज रोशन, विनोद नागवंशी, विजय रुंदा, विजय विक्टर कुजुर, डी एस धुर्वे, बिंबिसार नागार्जुन, महासभा पूर्व जिला अध्यक्ष बेनिराम गायकवाड़ शामिल रहे। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस जागृत ने बताया कि भारतीय बौद्ध महासभा के संस्थापक डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर थे। संस्था की ट्रस्टी डॉ. पी जी ज्योतिकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबोधी पाटील, महासचिव सुभाष जाैंजाले, उपाध्यक्ष हरीश रावलिय, कानूनी सलाहकार बी के बर्वे आदि सदस्यों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 करोड़ रुपए जमा करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने दी लोगों को बधाई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 7 मई बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध धर्म के अनुयायियों सहित प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि महात्मा गौतम बुद्ध के विचार मूल्य एक बेहतर समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेंगे। महात्मा बुद्ध ने लोगों को अहिंसा, समानता और बंधुत्व का संदेश दिया। उनकी शिक्षा को विदेशों में भी लोगों ने अपनाया और लाखों अनुयायी उनके दिखाए मार्ग पर चल कर देश-दुनिया को शांति का संदेश दे रहे हैं। गौतम बुद्ध के उपदेश हर परिस्थिति और काल में प्रासंगिक हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हर जिले में दो-दो आश्रम और छात्रावासों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने तथा इन्हें उत्कृष्ट केन्द्रों के रूप में विकसित करने को कहा है। ट्राइबल डिपार्टमेंट ऐसे हास्टल बनाएगा कि वहां वातावरण ऐसा होगा कि बच्चों को घर जैसा लगेगा। वे वहां रहने के लिए लालायित होंगे। यहां मूलभूत सुविधाओं के साथ रंग-रोगन, फर्शिंग व खेल का मैदान तो होगा ही। छात्रावासों में टाइल्स लगाया जाएगा। आधुनिक किचन बनेंगे। लायब्रेरी और कम्प्यूटर कक्ष होंगे, जिनमें में 5 से 10 कम्प्यूटर होंगे। छात्रावासों में सामग्री रखने के लिए स्टोरेज बनेंगे। बिजली की व्यवस्था भी अच्छी होगी। हर जिले में मॉडल छात्रावास में सुरक्षा के लिए कैमरा लगाया जाएंगे।
इसके लिए एक हफ्ते में ट्राइबल आयुक्तों से पालन मांगा गया है। छात्रावास और आश्रमों को आदर्श रूप में विकसित किया जाएगा। सभी जिलों में कम से कम ऐसे दो-दो छात्रावास होंगे जो मेन रोड पर होंगे। यह छात्रावास विधायक द्वारा जिले में गोद लिए गए छात्रावासों के अतिरिक्त होंगे। चयनित छात्रावासों का विधायक अवलोकन करेंगे। एससी-एसटी के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बेहतर महौल उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। अजा-जजा विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और सचिव डीडी. सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों के सहायक आयुक्तों से एक सप्ताह के भीतर प्लान मांगा है।
विकास प्राधिकरण और जिला खनिज निधि से खर्च
छात्रावास उन्नयन के लिए वित्तीय व्यवस्था विकास प्राधिकरण, विधायक निधि और जिला खनिज निधि से भी मदद लेंगे। छात्रावास और आश्रमों में वहां की दर्ज संख्या अनुसार 25 हजार से 40 हजार रूपए देंगे। छात्रावासों और आश्रमों में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के लिए एक साल में 100 करोड़ रूपए की आपूर्ति महिला समूहों से होगी। छात्रावास-आश्रमों में बच्चों के लिए गद्दों, चादर के साथ-साथ बाथरूम में पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था होगी। छात्रावास - आश्रमों में बाड़ियों में ताजी सब्जियां, साग-भाजी उगाएंगे। देवभोग उत्पादित दूध, आश्रमों के बच्चों को पावडर दूध दिए जाएंगे। शक्कर खाद्य विभाग या शक्कर कारखानों से लेंगे। इस वर्ष खुलने वाले नवीन एकलव्य विद्यालय की सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। इन विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए खसरा-नक्शा की आवश्यकता होगी।
राजधानी में गंदे पानी से ही पीलिया फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग हेपेटाइटिस ई और ए पाॅजिटिव वालों को ही मरीज मान रहा है। गंदे पानी से ही हेपेटाइटिस ई और ए पॉजिटिव आता है। इस तथ्य के सामने आने के बाद अफसरों का कहना है कि नलों से गंदा पानी सप्लाई हुआ और उसके उपयोग से पीलिया का प्रकोप फैला। विभाग अब तक बिलिरुबीन बढ़े मरीजों को भी पीलिया केस मान रहा था। इसकी वजह से शहर में पीलिया के मरीजों की संख्या 722 तक पहुंच गई थी। अब केवल हेपेटाइटिस ई और ए पॉजिटिव वालों को मरीज मानने से पीड़ितों की संख्या 417 हो गई है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि बिलिरुबीन तथा हैपेटाइटिस बी, सी, ए-ई के लिए पानी जिम्मेदार नहीं है।
राजधानी में 3 अप्रैल से रायपुर में पीलिया फैलना शुरू हुआ। स्वास्थ्य विभाग अब तक 1.8 प्रतिशत से ज्यादा लिरुबीन लेवल को पीलिया के लिए जिम्मेदार मान रहा था। इन आंकड़ों को लेकर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के बीच टकराव की स्थिति बन गई। विवाद इतना बढ़ा कि संचालनालय स्तर तक पहुंच गया। बाद में नगरीय प्रशासन विभाग के आला अफसरों न हस्तक्षेप करते हुए स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग बैकफुट में आ गया। अफसरों ने कहा कि वास्तव में बिलिरुबीन का बढ़ा हुआ स्तर पीलिया का संकेत है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह हर स्तर पर खतरनाक हो। यही वजह है कि अब बिलिरुबीन के आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं।
अब सिर्फ हैपेटाइटिस ई और ए के ही आंकड़े जारी किए जाएंगे। दोनों ही टेस्ट दूषित पानी के कारण पीलिया की पुष्टि करते हैं।
5 मई के बाद नहीं बढ़े हैपेटाइटिस ए और ई
स्वास्थ्य विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार 5 मई को पीलिया के लिए बढ़े हुए बिलिरुबीन पाॅजिटिव की संख्या 722 थी। हैपेटाइटिस ई 417 और ए पाॅजिटिव की संख्या 59 थी। दो दिन में कोई नया मरीज नहीं मिला। गुरुवार को जारी आंकड़ों में भी दोनों फिगर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं है। अब तक दो मरीजों की मौत पीलिया से हो चुकी है।
पीलिया का असर चार सप्ताह : स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि पीलिया का प्रभाव चार सप्ताह तक रहता है। राजधानी में पीलिया शुरु हुए चार सप्ताह बीत चुके हैं। मंगलवार को सिर्फ तीन नए मरीज मिले थे। बुधवार और गुरुवार को नया कोई मरीज नहीं है। धीरे-धीरे अब स्थिति सामान्य हो रही है। जिला अस्पताल, अंबेडकर तथा आयुर्वेदिक हास्पिटल में पीलिया मरीजों का इलाज चल रहा है।
राशन का उठाव करने में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया राज्यों को हर तरह की मदद कर रहा है। छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र द्वारापीएम गरीब कल्याण योजना के तहत आवंटित राशन में से केवल एक माह के राशन का ही उठाव किया है। इनमें असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नगालैंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
केवल पांच राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों ने ही तीन माह के कोटे के राशन का उठाव किया है। छत्तीसगढ़ को केंद्र की तरफ से 3 लाख 1155 मीट्रिक टन चावल का आवंटन अप्रैल- मई और जून माह के लिए किया गया है। राज्य सरकार ने अभी तक केवल एक लाख 95 हजार 788 मीट्रिक टन चावल का उठाव किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना प्रभावित आबादी के बीच देश भर में 120 लाख मीट्रिक चावल बांटने के लिए सभी राज्यों के लिए कोटा तय किया है। अभी तक राज्यों ने केवल 69 लाख मीट्रिक टन राशन का ही उठाव किया है। योजना के तहत प्राथमिकता वाले परिवारों को उनके कोटे से दूना राशन दिया जाना है। अंत्योदय परिवारों को हर माह मिलने वाले 35 किलो के अलावा 5 किलो राशन अतिरिक्त दिया जाना है।
छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के नडियाड से गुरुवार को शाम 6 बजे निकलने वाली ट्रेन रोक दी गई है। दरअसल छत्तीसगढ़ ने फिलहाल ट्रेन चलाने की सहमति नहीं दी है, इसलिए नडियाड कलेक्टर ने ट्रेन रोकी क्योंकि जब तक प्रदेश से सहमति नहीं मिलेगी, वहां से ट्रेन रवाना नहीं हो सकती। गुरुवार को साथ-साथ शुक्रवार को 1200 मजदूरों को लेकर निकलने वाली ट्रेन का सफर भी एक-दो दिन के लिए टल गया है। गुजरात में प्रदेश के श्रमिकों के बारे में पूरी जानकारी राज्य सरकार को दो दिन पहले ही मिल गई थी। नडियाड से गुरुवार को रवाना होने वाली पहली ट्रेन में 11 जिले के मजदूरों को रवाना किया जा रहा था। इनकी नाम-पतों के साथ नडियाड कलेक्टर ने जिलावार सूची भेज दी थी। नडियाड कलेक्टर के पत्र में बताया गया था कि गुरुवार की पहली ट्रेन में 1156 और शुक्रवार की ट्रेन में 1200 मजदूर भेजे जा रहे हैं। रेलवे ने भी ट्रेनों के संचालन की तैयारी कर ली थी। लेकिन यह सारी तैयारी प्रदेश की सहमति के बगैर ही कर ली गई थी। सहमति नहीं दी गई, इसलिए ट्रेन ऐन वक्त पर रोकनी पड़ी। रायपुर रेल मंडल के डीआरएम श्यामसुंदर गुप्ता इसके नोडल अफसर हैं। रेल अफसरों ने बताया कि ट्रेन तभी चलेगी, जब छत्तीसगढ़ की ओर से गुजरात सरकार को ट्रेन रवाना करने के लिए कहा जाएगा। इस सूचना के आधार पर गुजरात सरकार की ओर से अहमदाबाद रेल मंडल ट्रेन का किराया दिया जाएगा। इसके बाद ही रेलवे दोनों ट्रेनों का शिड्यूल जारी कर सकता है।
कई राज्यों से श्रमिक लाने की तैयारी इसके बाद सहमति : एसीएस साहू
एसीएस गृह सुब्रत साहू ने बताया कि अभी प्रदेश सरकार सभी राज्यों से मजदूरों को लाने की तैयारी में जुटी है। नडियाड कलेक्टर के प्रस्ताव पर हमने अभी सहमति नहीं दी है। जैसे ही तैयारी पूरी होगी, हम उन्हें सूचित कर देंगे।
सहमति मिलने के बाद ही ट्रेनों की रवानगी : नडियाड कलेक्टर
खेड़ा-नडियाड कलेक्टर आईके पटेल ने भास्कर को बताया कि छत्तीसगढ़ से सहमति नहीं मिली, इसलिए ट्रेन रोकी। प्रदेश की ओर से सहमति मिलने के कम से कम 8 घंटे बाद ही ट्रेनों को रवाना किया जा सकता है।
लॉकडाउन के कड़े नियमों और राज्य सरकार द्वारा सीमा सील करने के आदेश के बाद भी जिले में आसानी से बाहर से आनेवालों की घुसपैठ जारी है। आश्चर्य की बात है कि जब लोग सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर 40 से50 किमी दूरी तय कर घर पहुंच जाते हैं, तब तक प्रशासन को इसकीभनक नहीं लगती। लेकिन जैसी आसपास से इसकी सूचना मिलती है, तब तत्काल एफआईआर दर्ज करने प्रशासनिक अमलापहुंच जाता है।
हाल में ही कुछ दिन पहले ओडिशा के बलांगीर से 11 लोग चोरी-छिपे रसेला, पिपरछेड़ी मार्ग से होते हुए अपने गांव खम्हारी पारा पहुंचे थे। प्रशासन कोइसकी सूचना तब मिली, जबये सीमा क्षेत्र पार कर अपने गांव तक पहुंच गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज किया। इसके बाद स्वास्थ्य अमला भी हरकत में आया और इन लोगों को गांव के ही एक स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया। दूसरा मामला 5 मई का है, जहां 11 मजूदरों को प्रशासन ने जिला मुख्यालय में ही रोककरइंडोर स्टेडियम में क्वारेंटाइन किया है। ये सभी मजदूर देवभोग और मैनपुर ब्लॉक के हैं, जो मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से वापसचोरी-छिपे अपने गांव जा रहे थे। सभी मजूदरों के रहने-खाने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है।
लॉकडाउन खुलने और काम बंद होने से लौट रहे
बाहर से आने वाले मजूदरों का कहना है कि कामकाज और रोजी रोटी की तलाश में वे बाहर गए हैं, परंतु कामकाज बंद होने और लॉकडाउन के बीच फिर से काम शुरू होने की समय सीमा ना देखते हुए वे वापस घर लौटरहे हैं। बाहर रहने के कारण एक ओर जहां भुखमरी की स्थिति बन रही है वहीं मकान किराना सहित अन्य खर्चो का वहन करने में असक्षम है। प्रशासन द्वाराभी कोई सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिसके चलते विवश होकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। मजदूरों ने कहा कि बाहर रहकर बिना रोजी मजदूरी के परिवार का भरण पोषण मुश्किल है। कम से कम गांव वापस आ आए तो अपने परिवार, संगे संबंधियों की सहायता को मिल सकती है। इसलिए वापस घर आना ही उन्हें उचित लगता है।
जिले से अब भी 3 हजार से अधिक बाहर फंसे
प्रशासन के मुताबिक जिले के 3 हजार से अधिक मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं, जो वापस घर लौटने के लिए परेशान हैं। अन्य राज्यों में समुचित प्रशासनिक सहायता नहीं मिलने से एक से दो वक्त भूखा रहना पड़ रहा है। इसे देखते हुए मजदूर घर वापस आना चाहते हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके प्रयास भी किए जा रहे हैं राज्य और केंद्र सरकार की भी कोशिश कर रही है, परंतु अब मजूदरों के पास इंतजार करने का वक्त नहीं बचा है। इसलिए नजदीक राज्यों में फंसे मजदूर धीरे-धीरे अपने संसाधन से वापस
घर आने में जुटे हैं। इनके पास चोरी-छिपे आने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचा है।
आस-पड़ोस की शिकायत पर प्रशासन को मिल रही सूचना
बाहर से चोरी-छिपे आने वाले ये लोग दो से तीन सौ किमी दूरी तय कर रहे हैं। दूसरे राज्य से पहले छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे फिर जिले में। इतनी दूरी तय करने के दौरान कई थाना क्षेत्र पार कर रहे हैं, परंतु इस बीच ना कोई लॉकडाउन की पाबंदी काम आ रही है ना ही सीमा क्षेत्र पर की गई सीमाबंदी। आसानी से लोग सीमा क्षेत्र पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग रही है। ये लोग जिले के सीमा में प्रवेश करने के बाद पैदल, दुपहिया या लिफ्ट मांग कर अपने घर पहुंच रहे हैं। घर पहुंचने के बाद भी एक-दो दिन बाद अास-पड़ोस की शिकायत पर ही इसकी सूचना प्रशासन को मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि सीमाक्षेत्र में की गई पाबंदी का लाभ प्रशासन को नहीं मिल रहा है।
अंचल के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बारिश से एक ओर जहां रबी की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर तेज अंधड़ से पेड़-पौधे भी गिर गए हैं।
किसानों ने खेतों में रबी की फसल लगाई, मगर बेमौसम बारिश ने उनकी सारे मेहनत पर पानी फेर दिया है। चूंकि अभी धान की बालियां भी निकलने लगी हैं और बारिश के साथ खूब ओले भी गिर रहे हैं, लिहाजा फसलों के बर्बाद होने की संभावना अधिक नजर आ रही है। इतना ही नहीं पिछले दो दिनों की बारिश ने इस तरहकहर बरपाया है कि जगह-जगह सैकड़ों पेड़ टूटकर गिर गए है, तो कहीं-कहीं जड़ सहित ही उखड़ गए हैं। कई क्षेत्रों में बिजली के तार भी टूट गए हैं तो कहीं-कहीं पोल भी उखड़ गए हैं, जिससे आपूर्ति ठप हो गई है। कई घरों के टिन छप्पर भी उखड़कर तहस-नहस हो गए हैं।
किसानों का कहना है कि बारिश से फसलों में कीट-प्रकोप सहित और कई प्रकार की गंभीर बीमारी आने की संभावना बढ़ गई है तथा अंधड़ से फसलों के जमीन पर लेट जाने से इनके नष्ट होने का भी खतरा है। वहीं सब्जी की खेती पर भी इस बारिश ने प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिससे बाड़ियों और फार्मों में लगी सब्जियां चौपट होने की कगार पर पहुंच गई हैं। किसानों ने कहा कि हम लोग जिस आस से ऋण लेकर रबी की फसल लेते हैं, वह आस भी अब धूमिल होती नजर आ रही है। पैदावार कम होने से फसलों पर खर्च की गई राशियों की भी वसूलना अब असंभव सा लग रही है, जिससे कर्ज में और वृद्धि होती जाएगी।
गर्मी का मौसम आते ही बढ़ते तापमान के बीच मौसम विभाग ने आगामी चार दिनों में बारिश की संभावना जताई है। इसे देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र ने जिले के किसानों को अलर्ट किया है।
विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड डॉ. ईश्वर सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि बारिश से सब्जी फसलों में कीड़े आने की संभावना है, इसलिए खेतों की सतत निगरानी करते रहे, खेतों में कटी हुई फसलों, अनाज से भरे बोरों एवं पशुओं को एक सुरक्षित स्थान पर रखें। इसके साथ ही किसान, मजदूर भी खेतों के बजाय अपने घरों में ही रहे। मौसम विज्ञान विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार जिले के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। इसका कारण उन्होंने वर्तमान में हरियाणा से उत्तर पूर्व बांग्लादेश तक तथा एमपी से तमिलनाडु तक बनी द्रोणिका को बताया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 40-41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24-26 डिग्री सेल्सियस, सुबह हवा में नमी 38-43 फीसदी आर्द्रता और शाम की हवा में नमी 26-32 फीसदी आर्द्रता रहेगी। वहीं आने वाले दिनों में जिले में दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम दिशाओं से हवा चलने की संभावना है।
जिले में आंध्रप्रदेश की ओर से लौटने वाले मजदूर प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। नहाड़ी इलाके में बने क्वारैंटाइन सेंटर से 20 मजदूर भाग गए। भागे हुए मजदूरों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। क्षेत्र के आश्रमों में बने क्वारैंटाइन सेंटर का रहवासी विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि ऐसे में वहां संक्रमण का जोखिम बढ़ेगा। मजदूरों को छोटे वाहनों में भरकर लाया जा रहा है। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा। जिन वाहनों की क्षमता 10 लोगों की है, उसमें 20 लोग आ रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के कुनावरम में मिर्च के खेतों में तुड़ाई का काम करने हर बार मजदूर जाते हैं। करीब 46 लोग वहीं से लौटे हैं। क्वारैंटाइन सेंटर का विरोध कर रहे ग्रामीणों को कुआकोंडा के सीईओ एसके टंडन ने समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। हंगामा बढ़ने की वजह से मजदूरों को पालनार आश्रम में ले जाया गया । भागे हुए 20 ग्रामीण 5 मई को कवारैंटाइन किया गया था। इन्हें तलाशने के लिए पंचायत सचिव सहित दूसरे कर्मचारियों को जिम्मा सौंपा गया है।
जिले के पुलिस ने हीरे की तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत ग्राम पंचायत मैनपुर के पूर्व पंच रूपेश कश्यप को पकड़ा गया है। आरोपी के पास से 32 नग हीरे मिले हैं। इनकी कीमत 4 लाख 50 हजार रूपये है। थाना प्रभारी भूषण चन्द्राकर की टीम गुरूवार को सूचना मिली थी कि नेशनल हाईवे पर मैनपुर से महज 2 किमी दूर ग्राम गौरघाट में हीरा बेचने की फिराक में पंच किसी का इंतजार कर रहा था। पुलिस मौके पर गई और रुपेश की तलाशी लेने हीरे मिले।
इस इलाके में हीरे की खाने हैं, पिछले कुछ दिनों में रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते मिट्टी में नमी है। तस्करी से जुड़े लोग चोरी छिपे प्रतिबंधित इलाकों में जाकर खुदाई कर रहे हैं। पिछले महीने यहां से एक पूर्व सरकारी को भी पकड़ा गया था। यह युवक भी इसी तरह हीरे निकालने में कामयाब हो चुका था। यहां से हीरे को बेचा जाता है। आभूषणों के कारोबार से जुड़े लोग यहां इस तरह मिले हीरों को तराशकर उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचते हैं।
जिले में बुधवार की देर रात मौसम में आए बदलाव की वजह से बड़ा नुकसान हुआ। मध्यप्रदेश राज्य के बॉर्डर से लगे नेउर, महिडबरा और कुशियारी गांव में बीती रात आंधी ने जमकर तबाही मचाई। लगभग 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली, जिससे इलाके के गांवों में लगभग 100 घरों के छप्पर उड़ गए। 20 से अधिक विशालकाय पेड़ गिर गए। जोरदार आवाज के साथ आकाशीय बिजली के गिरने की वजह से पेड़ पर मौजूद तोतों का झुंड मारा गया। करीब 80 तोते इसकी चपेट में आए।
करीब 1 घंटे चली आंधी के डर से ग्रामीण रातभर नहीं सो पाए। बरामदे में बैठकर रात बिताई। इलाके में 14 से ज्यादा बिजली के खंबे भी गिर गए हैं। तार टूटने की वजह से 13 से अधिक गांवों में बुधवार रात से बिजली की सप्लाय बंद है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम राजस्थान में ऊपरी हवाओं में चक्रवात बनने के साथ ही दक्षिण पूर्व मध्यप्रदेश में भी ऊपरी हवाओं में चक्रवात बना हुआ है। पंडरिया के तहसीलदार संजय विश्वकर्मा ने बताया कि महीडबरा में आंधी से घरों को क्षति पहुंचने की जानकारी मिली है,पटवारी को सर्वे के लिये भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर लोगों को मुआवजा दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में अब मई माह में प्रत्येक शनिवार और रविवार संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान कोई ऑफिस, दुकानें और बाजार नहीं खुलेंगे। हालांकि पहले की तरह सिर्फसब्जी, दूध, चिकित्सा सहित अन्य अत्यावश्यक सेवाओं की ही अनुमति होगी। इसे लेकरगृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सुझाव दिया था। इस पर सहमति देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार कोइस पर आदेश जारी कर दिए हैं।
इससे पहले जनसंपर्क संचालनालय के सुबह खुलते ही कामकाज बंद कर दिया गया। यहांअफवाह फैल गई कि कोई कर्मचारी संक्रमित है। हालांकि, बाद में पता चला कि एक कर्मचारी का बेटा पिछले दिनों रायपुर में पॉजिटिव मिले युवक का दोस्तहै। इसके बाद कर्मचारी के दफ्तर आने पर रोक लगा दी गई और बेटे का सैंपल टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए।
सीमाएं सील होने का दावा हवाई, लोगों का चोरी-छिपे आना जारी
छत्तीसगढ़ में जिलों औरराज्य की सीमाएं सील करने के तमाम दावे हवाई साबित हो रहे हैं। बाहर से बिना ई-पास और चोरी-छिपे आने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। एक ओर जहां मजदूरों नदी-नाले, जंगल पार कर राज्य की सीमाओं में प्रवेश कर रहे हैं, वहीं बिना ई-पास आने-जाने का खेल जारी है। भिलाई में मंगलवार देर शाम पॉजिटिव मिली महिला भी कई वाहनों में लिफ्ट लेकर महाराष्ट्र से लौटी थी।
कई वाहनों को बदल-बदल कर पहुंची थी भिलाई
सूरजपुर के जजावल में तीन दिन सब बंद
सूरजपुर जिले के जजावल से कोरोना संक्रमण के 6 पाॅजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने जजावल समेत उससे सटेइलाके में तीन दिन का पूर्ण लाॅकडाउन घोषित कर दिया है। इसमें प्रतापपुर और जरही नगर पंचायत भी शामिल है। कलेक्टर ने बताया किजजावल के एक्टिव केस के मरीज डायरेक्ट तीन पंचायत से कनेक्ट हुए थे। इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
प्रदेश में काेरोना संक्रमण
रायपुर : कंटेंटनमेंट जोन घोषित होने के बाद भी कॉलेज खोलने पर कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्राचार्य को जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। रायपुर में युवक के पॉजिटिवमिलने पर 6 इलाकों को प्रशासन ने कंटेंटमेंट जोन घोषित किया था। इसके बाद भी शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य ने कॉलेज खोला और सभी स्टाफ को ड्यूटी पर आने के लिए निर्देशित किया।
बिलासपुर : जिला प्रशासन के अफसरों ने बिलासपुर में 17 मई तक होने वाली 70 शादियों को सशर्त अनुमति दी है। इन शादियों में उपयोग होने वाले खाने-पीने के सामान की जांच खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से करवाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही वर-वधु, पंडित समेत दोनों पक्षों के 50 व्यक्ति ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शामिल हों सकेंगे। बारात निकालने पर प्रतिबंध, ध्वनि विस्तारक यंत्र, आतिशबाजी पर रोक रहेगी।
रायगढ़ : जांजगीर के पुटपुरा गांव में शराब के नशे में एक व्यक्ति ने डंडे से पत्नी की पिटाई कर दी। पति के मार से घबरा कर महिला अपने बच्चों को लेकर भाग गई तो आरोपी ने अपनी वृद्ध मां को डंडे से इतना मारा कि उसकी मौत हो गई। आरोपी अमृत गढ़ेवाल शराब पीने का आदी है। दूसरी ओर अकलतरा के कापन में देसी शराब दुकान को दूसरे दिन भी महिलाओं ने खोलने नहीं दिया। नियत समय से पहले ही बड़ी संख्या में महिलाएं मौके पर पहुंचीं और दुकान के सामने ही टेंट लगाकर बैठ गईं।
राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दुकानों, बाजारों और अन्य सेवाओं को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब फल, सब्जी की दुकानें सप्ताह में 6 दिन खुलेंगी। जबकि बाकी बाजार सिर्फ 5 दिन खुल सकेंगे। हालांकि दूध डेयरी और मेडिकल स्टोर को इससे बाहर रखा गया है। वे सातों दिन खुलेंगे। वहीं आकस्मिक और जरूरी सेवाओं के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। यह निर्देश कंटेंटमेंट जोन पर लागू नहीं होगा। वहां पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
रेस्टाेरेंट से होम डिलीवरी 5 दिन, रात 9 बजे तक
राज्य सरकार ने हॉस्पिटैलिटी सेवाएं, होटल, रेस्टोरेंट को खोलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है। सिर्फ वे रेस्टोरेंट जो होम डिलीवरी करते हैं, सप्ताह में 5 दिन सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे तक खुल सकेंगे।
इन पर पूरी तरह प्रतिबंध
सप्ताह में 6 दिन (सोमवार से शनिवार)
सप्ताह में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार)
सप्ताह में प्रतिदिन खुलेंगी
इनके लिए कोई समय सीमा नहीं
ये खास दिशा-निर्देश, जो अनिवार्य रूप से लागू
छत्तीसगढ़ में कोराेना संक्रमित दो और मरीज गुरुवार कोपूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उन्हेंडिस्चार्ज करने की तैयारी की जा रही है। इस बात की पुष्टि एम्स की ओर से की गई है। इनमें से एक सूरजपुर से आया हुआ था, जबकि दूसरा एम्स का ही नर्सिंग स्टाफ है।प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 21 हो गई है। अभी तक38 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
प्रदेश में काेरोना संक्रमण
हर हफ्ते तय होंगे रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के जिले
अब हफ्ते जिलों के रेड, ग्रीन या ऑरेंज जोन को लेकर सूची तैयार की जाएगी। नए केस मिलने और संक्रमितों के स्वस्थ होने के आधार पर निर्धारण किया जाएगा। इसी आधार पर व्यापारिक औरअन्य गतिविधियां शुरू करने या सख्ती का निर्णय लिया जा सकेगा। वहीं, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) सुब्रत साहू ने बताया कि रायपुर को अभी रेड जोन से निकालने के संबंध में केंद्र सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला है।
बच्चा पॉजिटिव, तभी जा पाएगा संक्रमित मां के साथ अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग ने मां के कोरोना संक्रमित मिलने पर उनके साथ छोटे बच्चे को अस्पताल नहीं भेजने के निर्देश दिए। अगर जांच में बच्चे की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो ही उसे मां के साथ अस्पताल भेजा जाए। विभाग ने निर्देश दिया है-परिवार के अन्य सदस्य अगर बच्चे को नहीं रखना चाहते तो उसे सखी सेंटर या पालना घर क्वारैंटाइन के निर्देशों का पालन करते हुए भेजें औररखें। बच्चे की देखरेख के लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ता या सहायिका की ड्यूटी लगाई जाए।
गुजरात से 2500 श्रमिक लेकर दो ट्रेनें 8 और9 मई को आएंगी
छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के खेड़ा और नडियाड से पहली ट्रेन गुरुवार शाम 6 बजे रवाना होगी और शुक्रवार शाम को बिलासपुर स्टेशन पहुंचेगी। इसी के अगले दिन यानी शुक्रवार एक और ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर इन्हीं स्टेशनों से रवाना होगी और शनिवार को बिलासपुर आएगी। छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी शुक्रवार से शुरू हो रही है।
अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर एम्स के काेराेना वार्ड में करेंगे ड्यूटी
अंबेडकर अस्पताल के सभी विभागों के सीनियर और जूनियर डाक्टर अब एम्स के कोरोना वार्ड में ड्यूटी करेंगे। उनके अलावा नर्सिंग स्टाफ को भी गुरुवार से वहां ड्यूटी करनी होगी। इनकी चार बैच बनाई गई है। एक-एक बैच हफ्तेभर एम्स में ट्रीटमेंट का सिस्टम देखेगी। शेड्यूल खत्म होने के बाद उन्हें अगले ही दिन माना स्थित कोरोना अस्पताल में ड्यूटी करनी होगी, फिर 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश
रायपुर : शहर के कुकुरबेड़ा के जिस कूलर मैकेनिक कोकोरोना पॉजिटिव पाया गया, उसके साथ रहने वाले बुजुर्ग माता-पिता और लगातार संपर्क वाले दोस्तों और पड़ोसियों समेत 16 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। उसके संपर्क में आए 38 और लोगों का सैंपल लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट रात तक आएगी। कूलर मैकेनिक 24 साल के युवक के परिजन और 16 करीबियों को निमोरा में क्वारैंटाइन किया गया है।
जगदलपुर : एटीएम में सैनिटाइजर नहीं होने के कारण जगदलपुर कलेक्टर ने बैंकों के प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है। बैंक और एटीएम को प्रतिबंधात्मक से छूट इस शर्त पर दी गई थी कि वो अपने यहां सैनिटाइजर की व्यवस्था करें, लेकिन जगदलपुर शहर के आसपास के एटीएम का जिला प्रशासन के निरीक्षण में पाया गया कि एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं की गई है। अब ऐसा मिला तो कार्यवाही की जाएगी।
भिलाई : फरीदनगर की जिस महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, उसके साथ उसका पति भी महाराष्ट्र के धुलिया से लौटा था। दोनों साथ-साथ लौटे, लेकिन पति ने पूरी कहानी बदल दी। सिर्फ पत्नी को लेकर ही जानकारी दी। खुद की ट्रेवल हिस्ट्री छिपाकर वह दो दिनों तक फरीदनगर व आसपास इलाकों में घूमता रहा। पुलिस ने कोरोना पॉजिटिव महिला के पति नईम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
बिलासपुर : खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत जिला प्रशासन ने बिना पंजीयन और लाइसेंस के भोज्य और तरल खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाईकरने केनिर्देश दिए हैं। दुकानों, ठेलों में भीड़ रोकने औरसोशल डिस्टेंसिंग के लिए कड़ाई से पालन करने कहा है। सहायक खाद्य औरऔषधि नियंत्रक ने बताया कि 12 लाख और उससे अधिक टर्नओवर वाले विक्रेताओं को लाइसेंस अनिवार्य है। कम वाले दुकानों को पंजीयन अनिवार्य है।
रायगढ़ : जांजगीर-चांपा में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बिना अनुमति आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में जिले के 8 प्रवेश मार्गाें पर नाकाबंदी की गई है। इनमें अकलतरा-बिलासपुर फोरलेन, बलोदा-कोरबा, कनकी बैरियर कोरबा बॉर्डर, शिवरीनारायण शबरी पुल, चंदली चौक चंद्रपुर रायगढ़ सीमा, कुटीघाट-बिलासपुर बॉर्डर, महानदी पुल मंदिर तिराहा और मसानिया कला सक्ती रायगढ़ बॉर्डर शामिल हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने गैर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओंको बिजली बिल में राहत दी है। राज्य सरकार ने व्यावसायिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए 3 माह का डिमांड चार्ज स्थगित करने का फैसला किया है। इसके बाद उपभोक्ताओं को 6 किस्त में भुगतान करना होगा। हालांकि इस पर डिलेड पेमेंट सरचार्ज को 1.5 से घटाकर 1 फीसदी कर दिया है।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान व्यवसाय नहीं होने के कारण उद्योग लगातार बिजली के डिमांड चार्ज को माफ करने की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के घरेलू, व्यवसायिक, कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं के हित में गुरुवार को कई फैसले लिए हैं। इस पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी सहमती जताई है।
औद्योगिक इकाईयों को ये सुविधाएं मिलेंगी
घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिल में राहत
प्रदेश भर के सभी नगद बिल संग्रहण केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद किया गया था। इसे देखते हुए ऐसे सभी घरेलू बिजली उपभोक्ता जिन्हें 23 मार्च से 3 मई की अवधि में बिल का भुगतान करना था, वे अब 31 मई तक बिल जमा कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कोई सरचार्ज का भुगतान नहीं करना होगा।
अवैध फोन टैपिंग और दुर्ग में जमीन घोटाले में फंसे निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ ईओडब्लू ने अब सरकारी पैसों के गलत उपयोग के आरोप में भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। निलंबित डीजी पर एमजीएम नेत्र अस्पताल को मिली 3 करोड़ की सरकारी मदद के गलत उपयोग का आरोप है। सरकार ने 3 करोड़ का बड़ा अनुदान गरीबों के फ्री इलाज के लिए दिया था, लेकिन अस्पताल के प्रधान ट्रस्टी निलंबित डीजी के पिता जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर दीपशिखा अग्रवाल के साथ निलंबित डीजी ने उन पैसों से अस्पताल का बैंक का लोन अदा कर दिया। उनका अस्पताल कुर्क होने वाला था।
बैंक के रिकार्ड में निलंबित डीजी का नाम ट्रस्ट के मेन ड्राईविंग फोर्स एव ट्रस्ट संचालन के मुख्य कर्ता-धर्ता के रूप में उल्लेखित है। इस वजह से प्रधान ट्रस्टी व डायरेक्टर के साथ उन्हें भी आरोपी बनाया गया। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) ने मानिक मेहता की शिकायत पर अनुदान के गाेलमाल की जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि 2002 में मिकी मेमोरियल ट्रस्ट का पंजीयन कराया गया। करीब दो साल बाद 2004 में ट्रस्ट के माध्यम से एमजीएम आई इंस्टीट्यूट का संचालन शुरू कर दिया गया। उसके बाद उसी वर्ष एमजीएम अस्पताल को एसबीआई बैंक बैरन बाजार में बंधक रखकर 3 करोड़ का टर्म लोन और 10 लाख कैश क्रेडिट लोन लिया गया। सितंबर 2004 में लोन लेने के बाद अप्रैल 2005 में ही लोन अकाउंट गड़बड़ा गया और ट्रस्ट ने किस्त देना बंद कर दिया। बैंक की ओर से कुर्की का नोटिस भेजा गया।उस समय प्रभावशाली पद पर पदस्थ रहते हुए निलंबित डीजी अपने पद का उपयोग किया और बैंक अफसरों को आश्वस्त करते रहे कि लोन की किस्तें अदा कर दी जाएंगी। इसी बीच 2006-07 में अस्पताल को सरकार से 3 करोड़ का अनुदान दिया गया। ये पैसे गरीबों के मोतियाबिंद के फ्री इलाज के लिए दिए गए थे। इसके अलावा इन पैसों से आमलोगों और शासकीय कर्मियों की रियायती दरों पर सर्जरी करना था। अनुदान के इन पैसों से सरकारी मेडिकल स्टाफ को विशिष्ट चिकित्सा की ट्रेनिंग भी देना था। ये पैसे दो किस्तों में दिए गए। आरोप है कि एमजीएम के प्रधान ट्रस्टी, डायरेक्टर और निलंबित डीजी ने सरकारी योजना से मिले पैसों से बैंक का लोन चुकाया और अस्पताल को कुर्की से बचाया। एक ओर निलंबित डीजी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुदान के पैसों से बैंक का लोन अदा किया, वहीं दूसरी ओर अपने प्रभाव से ही अस्पताल की कुर्की रुकवाई।
जांच रिपोर्ट में ये भी
कोरोना ने पूरी दुनिया में दहशत फैलाकर रखी है, लेकिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अभी भी कुप्रथाओं का खौफ इससे ज्यादा है। हाल ही में 4 परिवारों को सिर्फ इसलिए गांव से बहिष्कृत कर दिया गया क्याेंकि ज्योति कलश भवन बनाने के लिए वे चंदा नहीं दे पाए। पीड़ितों ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए यह भी कहा कि लॉकडाउन ने पहले ही उनकी रोजी-रोटी छीन ली है। अब चंदा देने के लिए पैसे कहां से लाएं? दलील नहीं चली और सभी का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया। अब ये परिवार 2 वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
दरअसल, मामला राजनांदगांव से सटे ग्राम दानीटोला का है। लॉकडाउन के बीच गांव के मुखिया ज्योति कलश बनाने के लिए चंदा वसूली कर रहे थे। गांव के ज्यादातर लोगों ने पैसे दिए भी, लेकिन बिसाहू राम, देवालु राम, गंगाधर और चंदन कुमार ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए पैसे नहीं दिए। यह बात मुखियाओं को पसंद नहीं आई और सभी ने मिलकर इनके परिवार को बहिष्कृत कर दिया। गांव के दुकानदारों से भी कह दिया गया है कि कोई इन्हें राशन न दे। न ही जरूरत की कोई दूसरी सामग्री दे। बहिष्कृतों की मदद की तो उन्हें भी बहिष्कृत कर दिया जाएगा। पीड़ितों ने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ितों की मांग है कि सरकार खुद इस मामले पर संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
प्रदेशभर में बहिष्कार के हजारों मामले हैं पर थानों मेें केस 0
इधर, प्रदेश में सामाजिक बहिष्कार के भी हजारों मामले हैं, लेकिन थानों में इसके खिलाफ एफआईआर निरंक (शून्य) है। वो इसलिए क्योंकि ऐसे मामलों को रोकने कोई कानून ही नहीं है। साढ़े 3 साल पहले सरकार ने सामाजिक बहिष्कार प्रतिषेध अधिनियम का मसौदा तैयार कर इस दिशा में पहल की भी, लेकिन लागू नहीं कर पाए। वो इसलिए क्योंकि समाजों की मनमर्जी के खिलाफ कानून पर सरकार ने समाजों से ही दावा-आपत्ति मांगी थी। ज्यादातर सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया। नतीजतन बहिष्कार कानून का मसौदा साढ़े तीन साल से गृह विभाग में अटका हुआ है। बता दें कि प्रदेश के बहुत से समाजों में आज भी बहिष्कार प्रथा है। ज्यादातर मामलों मेें बहिष्कार अंतरजातीय विवाह की वजह से किया जाता है। समाज में वापसी के लिए अर्थदंड की सजा दी जाती है। जो जुर्माना नहीं चुका पाते, उनका और पूरे परिवार का समाज-गांव से बहिष्कार कर दिया जाता है। धार्मिक, सामाजिक, यहां तक पारिवारिक कार्यक्रमों में भी आने-जाने पर प्रतिबंध होता है। ऐसे मामले भी सामने आए जहां लोगों को अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में तक शामिल नहीं होने दिया गया।
जिनके कंधों पर गांव की देखरेख का जिम्मा वह भी आरोपियों में है शामिल
कोटवारों की जिम्मेदारी होती है कि वे गांव की देखरेख करें। कहीं कोई बुरी घटना हो तो मामले को स्थानीय पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में लाए। पर यहां काेटवार भी आरोपी है। जिन दबंगों ने बहिष्कार किया है उन्होंने ही गांव के कोटवार को यह जिम्मेदारी भी दी है कि वह यह देखे कि कोई बहिष्कृतों की मदद न करे। कोई दुकानदार इन परिवारों को राशन न दे। अगर देता है तो वे इसकी सूचना ग्राम प्रमुखों को दे। इसके अलावा कोटवार ने ही मुनादी करके पूरे गांव को बहिष्कृतों की जानकारी दी। साथ ही किसी तरह का सहयोग न देने की बात भी कही।
बहिष्कार वो भी तब जब महामारी फैली हुई है ये बेहद गंभीर अपराध: डॉ. दिनेश मिश्र
इधर, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि बहिष्कार वैसे भी गंभीर श्रेणी का अपराध है। यह सीधे-सीधे मानवाधिकारों का उल्लंघन है। राजनांदगांव के 4 परिवारों का ऐसे वक्त में बहिष्कार किया गया है जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही है। ऐसा अपराध करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। स्थानीय पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई न होना बेहद दुर्भाग्यजनक है।
निजी स्कूलों में आरक्षित शिक्षा का अधिकार (आरटीई) की सीटों के लिए आवेदन 30 मई तक स्वीकार किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया फिर शुरू हो चुकी है। रायपुर जिले के प्राइवेट स्कूलों में आरटीई की 8678 सीटें हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग को 8695 आवेदन मिले हैं। सीटों के आबंटन के लिए जून के पहले सप्ताह में लॉटरी होने की संभावना है।
आरटीई के दायरे में आने वाले राज्यभर के निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया मार्च से शुरू हुई। शुरुआत में आवेदन की संख्या अच्छी रही। लेकिन लॉकडाउन की वजह से धीरे-धीरे यह कम हो गई। राज्य के 6480 निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार से 81452 सीटें आरक्षित है। इनके लिए 60678 आवेदन मिले हैं। यानी जितनी सीटें हैं उतने भी आवेदन विभाग को नहीं मिले हैं। रायपुर व कुछ अन्य जिलों को छोड़ दिया जाए तो कई जगह सीटों की तुलना में आरटीई आवेदन कम मिले हैं। कुछ दिन पहले आवेदन की प्रक्रिया को शिक्षा विभाग ने स्थगित किया था। एक बार फिर फार्म स्वीकार किए जा रहे हैं। 30 मई तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बने नोडल सेंटर की मदद से भी आरटीई के लिए आवेदन भरे जाते थे। स्कूल अभी बंद है इसलिए आवेदन में पैरेंट्स को परेशानी हो रही है। इसके अलावा साइबर कैफे भी बंद है, इसकी वजह से भी आवेदन में कमी आई है। गौरतलब है कि ऑनलाइन पोर्टल eduportal.cg.nic.in/rte के माध्यम फार्म भरे जा सकते हैं। आवेदन के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पहचान प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा से नीचे प्रमाण, सरकारी अस्पताल से प्रमाण पत्र, चाइल्ड वेलफेयर समिति की सूची में नाम जरूरी है।
रायपुर में सीट से ज्यादा आवेदन : रायपुर के निजी स्कूलों में आरटीई की 8678 सीटें हैं। इनकी तुलना में आवेदन की संख्या कुछ ज्यादा है। जबकि दूसरे अन्य जिलों में सीटों के आवेदन कम मिले हैं। जैसे बिलासपुर में 10578 सीट है। इसके लिए 5169 आवेदन मिले हैं। राजनांदगांव में 4558 सीटों के लिए 3611 आवेदन मिले हैं। जांजगीर चांपा में 6734 सीटों के लिए शिक्षा विभाग को 4796 फार्म मिले हैं। इसके अलावा कई अन्य जिले हैं जहां सीटों से आवेदन कम प्राप्त हुए हैं।
उम्र के अनुसार क्लास का होगा चयन
शिक्षा के अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में आरक्षित सीटों के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। उम्र के अनुसार क्लास का चयन होगा। उसके अनुसार ही सीटों का आबंटन होगा। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी-1 और कक्षा पहली में प्रवेश होगा। 3 से 4 वर्ष तक की उम्र के लिए नर्सरी। 4 से 5 साल के लिए केजी-1 और 5 से साढ़े छह साल तक की उम्र वाले के बच्चों का प्रवेश कक्षा पहली में होगा।
तालाबंदी के चलते फिटनेस इंडस्ट्री की सेहत बिगड़ रही है। हालात ऐसे हैं कि इंटरनेशनल फ्रैंचाइजी जिम में काम करने वाला ट्रेनर भी सड़क पर सब्जी-भाजी बेचने को मजबूर है। वहीं बहुत से ट्रेनर खुद की फिटनेस को कायम रखने के लिए दूध, अंडे, प्रोटीन जैसी डाइट तक नहीं जुटा पा रहे हैं। पुराने शहर में छोटे बड़े मिलाकर 100 से भी ज्यादा जिम हैं। इनमें एक हजार से ज्यादा नौजवान बतौर फिटनेस ट्रेनर काम करते हैं। सामान्य तौर पर एक ट्रेनर महीने में 25 से 30 हजार या इससे भी ज्यादा रुपए कमा लेता है, लेकिन तालाबंदी की शुरूआत से ही जिम बंद पड़े हैं। रायपुर में कुछ नौजवान ट्रेनर ऐसे भी हैं जो अपने गांव शहर को छोड़कर यहां ट्रेनर का काम कर रहे हैं। कुछ जिम में सैलरी बेस पर काम करते हैं जबकि कुछ ट्रेनर घरों में जाकर भी पर्सनल ट्रेनिंग देते हैं। आम तौर पर छोटे या बड़े जिम में एक क्लाइंट से औसतन 2-5 हजार महीने तक फीस ली जाती है। शहर में चल रहे बड़े जिमों में एक अनुमान के मुताबिक पंद्रह हजार से ज्यादा क्लाइंट हैं। लॉकडाउन के कारण किसी भी ट्रेनर को बीते दो महीने से सैलरी नहीं मिली है। कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास घर का किराया देने तक के पैसे नहीं है। उधर, जिम के सहारे अपनी सेहत बनाने वाले लोगों के सामने भी खुद को फिट रखने का संकट आ गया है।
सब्जी-भाजी की दुकान लगाई : पांच लोगों के बड़े परिवार को चलाने वाले ट्रेनर भूपेंद्र नायक के सामने रोटी-रोजी का संकट ऐसा आया कि उन्हें मजबूरी में कटोरा तालाब में सब्जी-भाजी की दुकान लगानी पड़ गई। उनके परिवार में तीन छोटे भाई, मां और मामा रहते हैं।
खुद काे फिट रखने के लिए कैसे खाएं खुराक
बिहार के रहने वाले आलोक सिंह बीते पांच साल से शहर में फिटनेस ट्रेनर का काम कर रहे हैं। आलोक के मुताबिक हेल्दी डाइट लेने के लिए एक ट्रेनर को औसतन पंद्रह हजार रुपए खुद पर खर्च करने पड़ते हैं। सैलरी नहीं मिल रही है, लिहाजा दूध अंडा प्रोटीन कुछ भी नहीं ले पा रहे हैं। अनहेल्दी खाना खाने और जिम नहीं जाने के कारण उनका वजन दस किलो से ज्यादा बढ़ गया है। राशन कार्ड भी नहीं है, मकान का किराया देने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा।
कांग्रेस सरकार द्वारा लाकडाउन के बावजूद शराब दुकाने खोले जाने के खिलाफ बीजेपी ने बुधवार को पूरे प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं की पत्रकार वार्ताएं कर विरोध जताया।राजधानी में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल व सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि शराब से कमाई के लिए कांग्रेस सरकार ने दुकानें खोल दी हैं। धारा 144 का उल्लंघन हो रहा। कोरोना संक्रमण का भी खतरा है। इसका विरोध करने पर महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। महिलाओं की यह लड़ाई भाजपा की लड़ाई है। बृजमोहन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि शराब दुकानें बंद नहीं की गई तो जरूरत पड़ने पर भाजपा सड़क पर उतरेगी। एकात्म परिसर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार के पास शराबबंदी का यह अच्छा समय था। विशेषज्ञों का कहना है कि 45 से 60 दिन में कोई भी व्यक्ति नशा छोड़ता है। लॉकडाउन के 40 दिन हो चुके हैं। इनके नेता ने कहा था कि घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए तो दस दिन में सीएम बदल देंगे। शराबबंदी के बजाय होम डिलीवरी शुरू रहे।
केंद्र ने राज्य को दिए 2743 करोड़
सांसद सोनी ने सरकार पर पैसे खर्च नहीं करने का आरोप लगाया। सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना भेदभाव के छत्तीसगढ़ को 2743 करोड़ रुपए दिए हैं। 85 हजार से ज्यादा एन-95 मास्क, 16950 पीपीई किट और 8 लाख एचसीक्यू टैबलेट दिए हैं। इसी तरह 98 हजार मीट्रिक टन चावल, 6 हजार मीट्रिक टन दाल और 11.92 लाख उज्जवला सिलेंडर दिए हैं। इसके विपरीत कांग्रेस सरकार श्रम कल्याण मंडल में जमा 350 करोड़ भी 18 लाख पंजीकृत मजदूरों में नहीं बांट रही।
भाजपा के विरोध पर नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव डहरिया ने कहा कि हमने मोदी सरकार के कहने पर ही शराब दुकान खोली है। भाजपा के नेता बेवजह राजनीति न करें। डहरिया ने कहा कि सांसद सुनील सोनी और विधायक बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की जनता को भड़काने का काम न करें।
मंत्री डहरिया ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार केन्द्र सरकार के हर गाइडलाइन का अक्षरश: पालन कर रही है इसलिए शराब दुकान खोले जाने का निर्णय भी केन्द्र सरकार द्वारा ही किया गया है। डहरिया ने कहा कि भाजपा ने अपने 15 साल के कार्यकाल में पूर्ण शराबबंदी की बात कही थी लेकिन उनके द्वारा शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी ने शराब की बिक्री बढ़ाने और शराब को बढ़ावा देने की रिपोर्ट दी थी। शराबबंदी के लिए एक कमेटी बनाई है लेकिन भाजपा का काेई भी विधायक इस कमेटी में अपनी बात नहीं रखता। डहरिया ने कहा कि विधायक अग्रवाल को बाहर हल्ला मचाने की बजाय समिति के बीच अपनी बात रखनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अमेरिका के कॉन्सल जनरल डेविड जे राय को बताया कि कोराेना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न अस्पतालाें और स्वास्थ्य संस्थानों में आठ हजार बिस्तरों की व्यवस्था कर रहे हैं। सिंहदेव ने कहा कि श्रमिकों की वापसी के बाद प्रदेश को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। डेविड राय और दूतावास के राजनीतिक-आर्थिक विभाग के अधिकारी रॉबर्ट पॉलसन होजर ने बुधवार को सिंहदेव से चर्चा कर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और इसके नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें बताया कि छत्तीसगढ़ में जनवरी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी। प्रदेश में अभी कोरोना वायरस की आरटी-पीसीआर जांच चार लैब में हो रही है। शुरूआती दौर में केवल एम्स में ही इसकी सुविधा थी। अब तक 36 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। भारत सरकार से भी लगातार चर्चा और समन्वय कर प्रदेश के लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं। कॉन्सल जनरल द्वारा लॉक-डाउन में अर्थव्यस्था को गति देने किए जा रहे कार्यों के बारे में पूछने पर सिंहदेव ने बताया कि मनरेगा, आजीविका मिशन से लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। गांवों में लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी है। ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करने राज्य सरकार नरवा, गरवा, घुरवा, बारी जैसी महत्वाकांक्षी योजना संचालित कर रही है। इससे कृषि के लिए बेहतर जैविक संसाधन और गांवों में रोजगार के मौके बढ़ाने में सहायता मिल रही है। सिंहदेव ने अमेरिकी अधिकारियों को बताया कि राज्य सरकार द्वारा चावल से एथेनॉल बनाने की महत्वपूर्ण योजना पर काम चल रहा है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक मई में हर शनिवार व रविवार को पूरे प्रदेश में लॉकडाउन रहेगा। दरअसल गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने यह सुझाव दिया था, जिस पर सीएम भूपेश बघेल ने तत्काल फैसला लिया। अब शुक्रवार शाम से सोमवार को सुबह तक लॉकडाउन होगा। इस दौरान दूध, दवा, सब्जी व अस्पताल खुले रहेंगे। बाकी व्यापार बंद रहेगा। शराब दुकानें भी बंद रखी जाएंगी। इधर, सरकार ने शराब दुकान खुलने के समय में एक घंटे की और कटौती की है। अब तीन बजे तक ही शराब दुकानें खुलेंगी। मंगलवार को इसे 7 बजे से घटाकर चार बजे तक किया गया था।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के उद्देश्य से सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए हर शनिवार व रविवार को लॉकडाउन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जिलों के कलेक्टर व एसपी को पालन करने कहा गया है। यह व्यवस्था मई महीने के लिए की गई है। लॉकडाउन में जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी गतिविधियां बंद रहेंगी। इस तरह संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 60 घंटे से ज्यादा का समयमिलेगा। बता दें कि राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देश पर कई कारोबार को शुरू करने की अनुमति दी है। इसके बाद से लोगों की आवाजाही में वृद्धि हुई है। इसी तरह शराब दुकानों की भीड़ को देखते हुए भी लगातार दूसरे दिन समय में कटौती का फैसला लिया गया है।
वापसी: गुजरात से ढाई हजार श्रमिक लेकर दो ट्रेनें कल और परसों आएंगी छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के 1156 मजदूरों को लेकर गुजरात के खेड़ा और नडियाड से पहली ट्रेन गुरुवार को शाम 6 बजे रवाना होगी और प्रदेश में कहीं भी रुके बिना शुक्रवार शाम को बिलासपुर स्टेशन पहुंचेगी। इसी के अगले दिन यानी शुक्रवार एक और ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर इन्हीं स्टेशनों से रवाना होगी और शनिवार को बिलासपुर आएगी। नडियाड कलेक्टर आईके पटेल ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को दोनों ट्रेनों की टाइमिंग और मजदूरों का ब्योरा भेज दिया है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी शुक्रवार से शुरू हो रही है। गौरतलब है, 15 मई से पहले तक एक लाख से ज्यादा मजदूरों को अलग-अलग राज्यों से ट्रेन से छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। नडियाड कलेक्टर की ओर से छत्तीसगढ़ भेजे गए पत्र की प्रति भास्कर को मिली है, जिसमें बताया गया है कि दो दिन में गुजरात से छत्तीसगढ़ के करीब सभी 2509 मजदूर यहां भेज दिए जाएंगे। बिलासपुर जिले के श्रमिक अधिक: गुजरात से शुक्रवार को आने वाली पहली ट्रेन में बिलासपुर जिले के 788 मजदूर हैं। शनिवार की शाम आने वालीट्रेन में भी बिलासपुर और आसपास के 1 हजार से ज्यादा श्रमिक हैं। इसीलिए दोनों ट्रेनें वहीं रोकी जाएंगी। इन मजदूरों को गुजरात के अलग-अलग हिस्सों से खेड़ा-नडियाड स्टेशन लाया जा रहा है। वहां से छूटी ट्रेन रास्ते में दो-तीन जगह कामर्शियल या खाने-पीने के सामान के लिए ही रुकेगी और 1279 किमी की दूरी 20 घंटे में तय कर लेगी।
तैयारी : अब हर हफ्ते तय होगा रेड, ग्रीन व ऑरेंज जोन के जिले
केंद्र सरकार अब हर हफ्ते देशभर के जिलों के रेड, ग्रीन या ऑरेंज जोन में होने की सूची जारी करेगी। नए केस मिलने और संक्रमितों के स्वस्थ होने के आधार पर यह निर्धारण किया जाएगा। इस तरह कोरोना संक्रमण में सुधार होने पर व्यापारिक व अन्य गतिविधियां शुरू करने या गंभीर स्थिति में सख्ती का निर्णय लिया जा सकेगा। इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जानकारी भेज दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। एसीएस सुब्रत साहू के मुताबिक रायपुर को रेड जोन से निकालने के संबंध में केंद्र से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है।स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि सभी प्रभावित राज्यों और जिलों की सतत निगरानी रखी जा रही है।
खासकर संक्रमित लोगों की संख्या और उनके स्वास्थ्य में सुधार के मुताबिक ये जिले तय होंगे। राज्य सरकार ने रायपुर को रेड जोन में शामिल किए जाने पर नाराजगी जताई थी। इसे लेकर स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से चर्चा कर रायपुर को रेड जोन से बाहर निकालने कहा था।
कूलर मैकेनिक के माता-पिता और संपर्क वाले 16 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव
राजधानी रायपुर के लिए राहत की खबर ये है कि कुकुरबेड़ा के जिस कूलर मैकेनिक में कोरोना निकला है, उसके साथ रहनेवाले बुजुर्ग माता-पिता और लगातार संपर्क वाले दोस्तों और पड़ोसियों समेत 16 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आगई है, यानी युवक के किसी भी करीबी में कोरोना नहीं है। उसके संपर्क में आए 38 और लोगों का सैंपल लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट रात तक आएगी। गौर करनेवाली बात यह भी है कि राजधानी में इससे पहले छह मरीज और मिले थे, लेकिन उनके माता-पिता और भाई-बहन समेत सभी करीबियों में कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया था। सिर्फ रायपुर ही नहीं, राजनांदगांव, भिलाई, बिलासपुर व कोरबा में मिले मरीजों में भी यही देखा गया है। कूलर मैकेनिक 24 साल के युवक के परिजन और 16 करीबियों को निमोरा में क्वारेंटाइन किया गया है। बचे हुए 38 वे लोग हैं, जिनके यहां वह कूलर बनाने गया था। प्रशासन ने एहतियातन इनके सैंपल लिए हैं। इसके अलावा, प्रदेशभर में बुधवार शाम तक लिए गए कुल सैंपलों की संख्या 22188 हो चुकी है। इसमें 20873 सैंपलों की रिपोर्ट आई है, लेकिन बुधवार को पेंडेंसी बढ़कर 1256 हो गई है। मंगलवार को लंबित रिपोर्ट की संख्या 965 थी। एम्स से केवल 365 सैंपलों की रिपोर्ट आई।जबकि रायपुर, जगदलपुर मेडिकल कॉलेज व टीबी रिसर्च सेंटर से केवल 208 सैंपलों की जांच हुई।
हफ्तेभर से जांच हुई धीमी
स्वास्थ्य विभाग की रूटीन बैठक में कम रिपोर्ट आने पर चर्चा भी हुई। इस संबंध में एम्स, नेहरू मेडिकल कॉलेज व अन्य लैब से बात करने की बात कही गई। आखिर जांच धीमी होने की वजह क्या है, अधिकारियों को समझ में नहीं आ रहा है, जबकि उन लैब में जांच के लिए सैंपल पड़े हुए हैं। सप्ताहभर पहले तीन दिनों तक 1000 से ज्यादा सैंपलों की जांच प्रतिदिन की गई। ये जांच अब आधी रह गई है।
क्वारेंटाइन की संख्या बढ़ी
प्रदेश में होम व सरकारी क्वारेंटाइन में रहने वालों की संख्या बढ़ गई है। होम क्वारेंटाइन में 19136 है। जबकि सरकारी में 567 लोग क्वारेंटाइन है। इनमें प्रवासी मजदूर से लेकर वे लोग हैं, जो संदिग्ध है। आने वाले दिनों में सवा लाख मजदूरों के लौटने पर ये संख्या और बढ़ेगी।
"माइक्रोबायोलॉजी विभाग की सभी मशीनें ठीक चल रही हैं। हो सकता है की जांच रिपोर्ट की संख्या कम ज्यादा हो। बुधवार को कोई रिपोर्ट पॉजीटिव नहीं आई है।"
-डॉ. नितिन नागरकर, डायरेक्टर एम्स
"कुकुरबेड़ा के युवक के माता-पिता व करीबियों की रिपोर्ट नेगेटिव है। दो दिनों से जांच रिपोर्ट की संख्या कम हो गई है। इस संबंध में संबंधित लैब से जानकारी ली जाएगी।"
-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी, कोरोना सेल
कोरोना से बचाव के लिए नपा कर्मचारियों ने बुधवार को कलेक्टोरेट में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया। सीएमओ होरी सिंह ठाकुर ने तीसरे चरण में नपा कार्यालय के सामने सैनिटाइजर रख हाथ धोने की व्यवस्था शुरू की। पालिका कार्यालय नोडल अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी स्वच्छता निरीक्षक उप अभियंता मयंक राठौर के नगर पालिका कार्यालय भवन में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया गया। विधायक कार्यालय निवास, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, महिला एवं बाल विकास को सैनिटाइज किया गया। सीएमओ होरी सिंह ने बताया कि 21 वार्डों में सोडियम हाइपोक्लोराइट और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा चुका है। नपा अध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू ने कहा कि संक्रमण न फैले इसको लेकर नगर की साफ सफाई के साथ सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कराया जा रहा है।