मगरलोड ब्लॉक के इलाके में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण हो गया है। बाइक सवार युवक ने यह वारदात की है। युवक अपहरण करने के लिए अपने साथ एक नाबालिग लड़के को सहयोगी बनाकर साथ लाया था। लड़की को लेकर भाग गया है। सहयोगी को छोड़ गया है। पुलिस सहयोगी से पूछताछ कर आरोपी को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
पुलिस के मुताबिक घटना 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे की है। करीब 17 साल 8 माह की नाबालिग लड़की मजदूरी कर घर लौट रही थी। गांव आई थी, तभी बाइक पर आए दो युवकों उसे रोककर एक व्यक्ति का पता पूछा। इसके तुरंत बाद अचानक नाबालिग को खींचकर बाइक में बैठाया। लड़की को अपने साथ लेकर चला गया। सहयोगी को छोड़ गया। इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने यह घटना देखी तो सहयोगी युवक को पकड़ा और मगरलोड पुलिस के सुपुर्द किया। युवक ने पूछताछ में बताया कि अपहरण करने वाला राजिम थाना के पिताईबंद निवासी नारायण मिरी (18) है।
आरोपी का साथी नाबालिग परिजन के सुपुर्द किया
आरोपी नारायण मिरी ने जिस युवक को सहयोगी बनाया था, वह भी नाबालिग है। पुलिस ने उसससे पूछताछ की। माता-पिता को थाने बुलाया । परिजन के सुपुर्द किया।
आरोपी के घर गई पुलिस टीम, वह 24 घंटे से लापता: मगरलोड थाना प्रभारी सुभाष लाल ने बताया कि आरोपी का नाम नारायण मिरी बताया है। उसके खिलाफ धारा 363 के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी के घर पुलिस टीम गई, लेकिन वह 24 घंटे से लापता है।
लॉकडाउन के दौरान गांव के लोगों को मनरेगा से बड़ा सहारा मिला है। बाहर जाने-आने पर पाबंदी है। उद्योग बंद हैं। ऐसे में गांव वाले काम के लिए बाहर नहीं जा पा रहे। घर पर रहने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में मनरेगा में चल रहे कामों से खूब सहयोग मिल रहा है। जिले में 1335 काम चल रहे हैं। इनमें हर रोज 1 लाख से ज्यादा लोगों को काम दिया जा रहा है। सबसे ज्यादा मजदूर नगरी ब्लॉक में काम कर रहे हैं।
धमतरी ब्लॉक में 23 हजार 606, कुरूद में 29 हजार 66, मगरलोड में 21 हजार 646, नगरी में 29 हजार 57 मजदूर लगे हैं। भूमि सुधार, नाला सफाई कार्य, नया तालाब व डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण के काम चल रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ नम्रता गांधी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थिति में मनरेगा योजना लोगों के लिए सहारा बनी है। जिले के सभी ब्लॉक में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कार्य स्वीकृत किए गए हैं, ताकि पलायन एवं भूखमरी की स्थिति निर्मित न हो। पंचायतों में मांग आधारित काम खोला जाए एवं स्थायी
परिसम्पत्तियों का निर्माण हों, ऐसा उद्देश्य रखा गया है। शासन द्वारा मनरेगा के कार्यों में काम शुरू करने से पहले हाथ धुलाई, सामाजिक दूरी का पालन एवं श्रमिकों को मास्क, गमछा लगाकर काम करने के संबंध में निर्देश देकर कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
सर्दी जुकाम हुआ तो घर पर ही रहें
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के उपायों को मजदूरों तक पहुंचाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में गठित ग्रीन आर्मी की भी सेवाएं ली जा सकती हैं। यदि सर्दी, जुकाम, बुखार के लक्षण दिखाई दें तो ऐसी स्थिति में उन्हें घर पर रहने की सलाह देते हुए तत्काल चिकित्सीय मानिटरिंग दल को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। मजदूरों को सावधानी बरतने कहा गया है।
खरीफ वर्ष 2019-20 आकस्मिक वर्षा से हुए फसल नुकसान की बीमा राशि किसानों के खाते में आ गई है। 5 माह बाद किसानों के खाते रुपए आए हैं। धमतरी जिले में 30 हजार 483 किसानों को फसल बीमा का फायदा मिला है। इनके खातों में 23 करोड़ 58 लाख 16 हजार 202 रुपए बीमा कंपनी ने जमा कराए हैं।
धमतरी ब्लॉक में 5 हजार किसानों के खाते में 5 करोड़ रुपए आए है। मगरलोड और कुरूद ब्लॉक में भी किसानों के खाते में 5-5 करोड़ रुपए आए। सबसे ज्यादा नगरी ब्लॉक के किसानों के खाते में रुपए डाले गए। यहां 7 करोड़ रुपए किसानों के बैंक खातों में आए हैं। खरीफ में सबसे ज्यादा नुकसान नगरी ब्लॉक में हुआ है। यहां अधिक बारिश के कारण सबसे ज्यादा धान की फसल बर्बाद हुई थी। फसल पानी में डूबने से सड़ गई।
यहां ज्यादा नुकसान हुआ
धमतरी ब्लॉक के अर्जुनी, छाती, डोमा, शंकरदाह, तरसींवा, संबलपुर, दोनर, खरतुली, कुरूद ब्लॉक के ग्राम भखारा, दरबा, खोरपा, कोर्रा, मरौद, नारी, सिर्री, मगरलोड ब्लाक के ग्राम मेघा, मोहंदी, करेली बड़ी, भरदा, बनियातोरा, नगरी ब्लॉक के ग्राम सलोनी, दुगली, कुकरेल, सिहावा, बेलरगांव क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है।
40 दिनों बाद सोमवार को राजस्व न्यायालय को कामकाज के लिए खोला गया। वकील भी पक्षकारों के साथ दस्तावेज लेकर तहसील एवं एसडीएम न्यायालय पहुंच गए थे। एसडीएम न्यायालय में अनुविभागीय दंडाधिकारी जीडी वाहिले एवं तहसील न्यायालय में तहसीलदार ओपी वर्मा बकायदा बैठे थे, लेकिन जब दस्तावेज लेने और सुनवाई की बारी आई तब किसी की सुनवाई नहीं हुई।
पक्षकार न्याय की उम्मीद लेकर राजस्व न्यायालय पहुंचे थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। गेट के पास खड़े कोटवार ने पक्षकारों को रोक दिया। वही अधिवक्ताओं ने स्थिति को भांपकर सुनवाई की तारीख 17 मई तक आगे बढ़ाने संबंधी ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके दीवान, महेश यादव, हिमांशु दुबे, सह सचिव भुनेश्वर गोस्वामी, लोकेश साहू, कमल नारायण साहू, दानेश्वर ठाकुर आदि शामिल थे।
आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत 1 मार्च से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई। दो माह बीतने के बाद भी अब तक ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। पालक भी आवेदन कर रहे। जिले में आरटीई के लिए 205 स्कूलों में 1617 सीटें आरक्षित की गई, जिनके लिए अब तक 2036 अभ्यर्थियों ने 4 हजार 408 आवेदन किए हैं। कुल आरक्षित सीट के मुकाबले ढाई गुना से ज्यादा आवेदन आए है।
एक अभ्यर्थी ने एक से अधिक स्कूलों में फार्म भरा है, इस कारण कुछ निजी स्कूलों में सीटों के मुकाबले 18 गुना तक आवेदन आ चुके हैं। लॉकडाउन में ज्यादा आवेदन नहीं किए, लेकिन अब धमतरी जिले में च्वाइस सेंटर को छूट मिलने के बाद पालक आवेदन करने आने लगे हैं। सोमवार को जिले में 106
नए आवेदन आए।
दो माह बाद भी 14 स्कूलों में एक भी आवेदन नहीं
जिले के 14 स्कूल ऐसे हैं, जहां पालकों ने एक भी आवेदन नहीं किया है। आवेदन करने की तारीख दो बार बढ़ाई जा चुकी है। अभी भी पालक आवेदन कर रहे। फिर भी 9 स्कूल ऐसे हैं, जहां पालकों ने बच्चों को एडमिशन दिलाने आवेदन ही नहीं किया है। सरस्वती शिशु मंदिर कुरूद, सशिमं चिंवरी, जीओडी कसपुर, गोंडवाना प्राइमरी विद्या मंदिर गुहाननाला, सशिमं संकरी, भारतीय संस्कृति विद्यालय भखारा, सशिमं अछोटी, सशिमं गोजी, दिव्यज्ञान इंग्लिश स्कूल केरेगांव, सशिमं नवागांव धमतरी, दीप ज्योति स्कूल कुकरेल, अजीमप्रेमजी फाउंडेशन शंकरदाह, सांईबाबा यूसीसी सांकरा, हॉली चाइल्ड स्कूल धमतरी में अब तक एक भी आवेदन नहीं आए।
पालकों की बढ़ी परेशानी
नया शिक्षा सत्र शुरू होने में अब डेढ़ माह बाकी है। निजी स्कूलों में आरटीई के लिए अब तक एडमिशन के लिए लॉटरी शुरू नहीं हो पाई है। पालकों ने ऑनलाइन आवेदन तो किया, पर हार्डकॉपी जमा नहीं कर पाए। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद पालक हार्डकॉपी जमा करने नोडल स्कूलों को खोलने की मांग कर रहे हैं।
6 सीट पर 112 आवेदन
धमतरी पब्लिक स्कूल में 6 सीटें आरक्षित है। 4 मई तक यहां 112 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। सीटों के मुकाबले 18 गुना से अधिक आवेदन हैं। केन एकेडमी में 16 सीट पर 111, मेनोनाइट इंग्लिश स्कूल में 10 सीट पर 158, मॉडल इंग्लिश स्कूल में 20 सीटों पर 195, टैलेंट पब्लिक स्कूल में 10 सीटों 145, शिवोम विद्या पीठ धमतरी में 4 सीट पर 72 आवेदन आए। 40 स्कूल ऐसे हैं, जहां 10 गुना से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
राजस्थान के कोटा से 28 अप्रैल को वापस छत्तीसगढ़ लौटे बच्चे अब क्वारेंटाइन की शेष अवधि घर पर पूरा करेंगे। मंगलवार की देर रात 46बच्चों को लेकर बसें बिरकोनी स्थित हायर सेकंडरी स्कूल परिसर में पहुंची। यहां बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद परिजनों से शपथपत्र भरवाया गया कि उनके बच्चे शेष अवधि में होम क्वारेंटाइन पर रहेंगे। इस दौरान वे घर से बाहर नहीं निकलेंगे, लगातार मास्क का उपयोग करेंगे और स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। शपथ पत्र भरवाने के पश्चात बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया। इधर, इस संबंध में कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार आज कवर्धा से 46 छात्र-छात्राएं यहां पहुंचे हैं। बिरकोनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है। शेष अवधि का क्वारेंटाइन वे घर पर पूरा करेंगे।
दरअसल, मंगलवार को कबीरधाम जिले में रोके गए बच्चों को वापस महासमुंद के लिए रवाना कर दिया गया। फिलहाल कबीरधाम जिले के कवर्धा और बोड़ला के क्वारेंटाइन सेंटर में रोके गए छात्र-छात्राओं को वापस भेजा गया है। वहीं बेमेतरा में रोके गए बच्चे बुधवार को महासमुंद के लिए रवाना होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह अचानक कवर्धा के महाराजपुर स्थित शिक्षा परिसर में राेके गए छात्राओं से कहा गया कि वे अपना बैग पैक कर लें, उन्हें उनके घर रवाना किया जा रहा है। शाम 5 बजे सबसे पहले रायपुर के छात्रों की बस रवाना की गई। इसके बाद शाम 6.35 बजे महासमुंद की बस छात्रों को लेकर रवाना हुई।
बेमेतरा में रोके गएबच्चे आज आएंगे वापस
इसी तरह बेमेतरा के क्वारेंटाइन सेंटर में रोके गए कुल 51 बच्चों की वापसी बुधवार सुबह होगी। सुबह 10 बजे बच्चों की बसें रवाना होगी। इन बच्चों का भी बिरकोनी में स्वास्थ्य जांच किया जाएगा। साथ ही बच्चों के परिजनों से शपथ पत्र भरवाकर उन्हें होम क्वारेंटाइन पर भेजा जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए परिजन एसडीएम महासमुंद सुनील कुमार चंद्रवंशी (75872-02092) और डिप्टी कलेक्टर पूजा बंसल से (93006-10136) संपर्क कर सकते हैं।
करीब पांच साल से सिरपुर क्षेत्र में विचरण करने वाले जंगली हाथी अपने बच्चों को साथ लेकर नए विचरण क्षेत्र की तलाश में निकल गए हैं। हाथियों का दल पिछले पांच दिनों से महासमुंद, गरियाबंद और बागबाहरा रेंज में घूम रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हाथियों का यह दल परिवार बढ़ने के कारण शायद ऐसे नए विचरण क्षेत्र की तलाश में हैं, जो उनके आहार-पानी और बच्चों सहित पूरे दल की सुरक्षा के लिहाज से अनुकूल हो। पिछले पांच दिन के उनके मूवमेंट पैटर्न पर नजर डालें तो यह बात सामने आ रही है कि वे नए विचरण क्षेत्र की तलाश में हैं। क्योंकि वे जहां-जहां पहुंचे वहां भरपूर पानी था, आसपास खेत और बाड़ियां थीं और पास ही जंगल था।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच साल पहले सिरपुर क्षेत्र में जब हाथियों की आमद हुई तो उनकी संख्या 8 थी। आहार-पानी भरपूर होने के कारण हाथियों ने इस क्षेत्र को अपना ठिकाना बना लिया। बच्चों का जन्म होता गया और धीरे-धीरे उनका परिवार बढ़ता गया। इस समय इस दल में हाथियों के 5 बच्चों सहित 23 हाथी हैं। उनका पूरा दल सिरपुर क्षेत्र से बाहर निकलकर उन क्षेत्रों की टोह ले रहा है, जिन इलाकों में दल सहित अब तक नहीं गए थे।
पिछले पांच दिनों में 23 हाथियों का दल कहां-कहां गया और उन्हें क्या मिला
1 मई - दल एनएच-53 और रेलवे लाइन पार कर निसदा बैराज के समीप महानदी किनारे बम्हनी के सीताफल कछार पहुंचा। यहां पूरा दिन रहने के बाद रात में चिंगरौद के पास नदी पार कर गरियाबंद जिले के हथखोज शक्ति लहरी मंदिर के करीब पहुंच गया। यहां उन्हें महानदी में भरपूर पानी, बाग-बगीचे, खेत और बाडि़यां मिलीं।
2 मई - सुबह हाथियों का दल गरियाबंद जिले में हथखोज से आगे बढ़ा और कोमा, धमनी के बीच से होते हुए किरवई के करीब पहुंच गया। परसदा, चांपाझर, पोखरा, चंपारण, रक्शा के करीब से होते हुए रात भर क्षेत्र में विचरण करता रहा। यहां उन्हें खेतों में लहलाती धान की फसलें, सब्जी बाडि़यां, जंगल और महानदी का पानी मिला।
3 मई - महानदी के रास्ते हाथी सुबह बम्हनी के सीताफल कछार लौट आए और रात तक वहीं जमे रहे। देर रात राजिम-पोखरा-महासमुंद मार्ग पर परसट्ठी के करीब पहुंच गए। फिर सूखा नदी को पार का चिंगरौद होते हुए बम्हनी लौट आए और रात भर यहां विचरण करते रहे। यहां नदी का पानी, जंगल और खेत-खलिहान मिले।
4 मई- तड़के पौने पांच बजे भलेसर, लभराखुर्द होते हुए महासमुंद शहर में सितली नाला के पास एनएच 353 को क्राॅस किया और शाम को गौरखेड़ा, उमरदा जंगल होते हुए रात में बकमा पहुंच गए। पानी, जंगल, फसल मिली।
5 मई - पचेड़ा के नजदीक बागबाहरा रोड एनएच 353 पार कर पचेड़ा खार से केशवा की ओर निकल गए। बागबाहरा रेंज के तुसदा बीट मे हिच्छा बांध के ऊपर पठार में विचरण करते रहे। जंगल, पठार, बांध का पानी मिला।
पहले चरण के मूल्यांकन के लिए आई उत्तरपुस्तिकाओं का जांच पूरा हो गया है। मंगलवार से इन उत्तरपुस्तिाकाओं का कलेक्शन करना भी प्रारंभ हो गया है। शिक्षकों के घर-घर जाकर समन्वय केंद्र की टीम कलेक्ट करेगी है। इसके लिए सात रूट भी निर्धारित की गई है।
जिसके अनुसार टीम शिक्षकों के घर वाहनों से पहुंच रहे कर कॉपियां संग्रहित करेगी हैं। कलेक्ट करने के लिए भी सात रूट के साथ सात प्रभारी भी बनाए गए हे, जो बुधवार से कलेक्टर करेगी। इसके लिए समन्वय केन्द्र की ओर से गाडिय़ों की व्यवस्था भी की गई है। जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी एस चंद्रसेन बताया कि बताया कि पहले चरण का मूल्यांकन पूरा हो गया है। अब उन्हें कलेक्ट कर बोर्ड को भेजी जाएगी। कलेक्शन का कार्य बुधवार से शुरु किया जाएगा। कलेक्शन होते ही आगामी तीन दिनों के भीतर इन्हें बोर्ड को भेज दिया जाएगा। इधर, दूसरे चरण में आई उत्तरपुस्तिकाओं की भी जांच शुरू हो गई है। सप्ताहभर बाद यह उत्तर पुस्तिकाएं भी जच जाएंगे। जनकारी के अनुसार पहले चरण में कुल 92 हजार 755 कॉपियां बोर्ड ने मूल्यांकन के लिए भेजी थी। इसमें से हाईस्कूल की 25 हजार 608 और हायर सेकेंडरी की 67 हजार 261 उत्तरपुस्तिका थी। इनमें सभी कॉपियों मूल्यांकन कर लिया गया हैं।
काॅपियों जांचने के लिए 600 शिक्षकों की नियुक्ति
दूसरे चरण में जिले से मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के पास कुल 19 हजार 132 कॉपियां भेजी गई है। इनका मूल्यांकन आगामी एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसमें हाई स्कूल के 7954 व हायर सेकेंडरी के 11178 उत्तरपुस्तिका है। इनके मूल्यांकन के लिए जिलेभर में बोर्ड द्वारा करीब साढ़े 6 सौ शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। हालांकि इनमें 214 शिक्षकों को ही मूल्यांकन के लिए कॉपियां दी गई है।
7 रूटों में दौड़ेंगे काॅपियों को एकत्र करने के लिए वाहन
जिला समन्वयक केंद्र प्रभारी ने बताया कि मूल्यांकन के लिए सात रूट बनाकर शिक्षकों को उत्तरपुस्तिकाएं पहुंचाई गई थी। अब इन उत्तरपुस्तिकाओं का कलेक्ट बुधवार से किया जाएगा। महासमुंद, बागबाहरा, बसना सरायपाली व पिथौरा इन पांचों ब्लॉक में सात रूट बने है। बोर्ड की गाड़ी आएगी और सात प्रभारियों के साथ जाकर निर्धारित रूट के हिसाब से उत्तरपुस्तिकाओं को कलेक्ट करेगी।
बागबाहरा के ग्राम दरबेकेरा व सुआरमाल जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ रही दो बुजुर्ग महिलाओं पर भालुओं ने हमला कर घायल कर दिया। दोनों महिलाओं को भालुओं ने कई जगह नोंच दिया। महिलाओं की आवाज सुनकर जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ रहे कुछ लोग आए और भालू को वहां से भगाकर महिलाओं को इलाज के लिए बागबाहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। हद तो तब हो गई, जब स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद रेबिज इंजेक्शन नहीं होने की बात कहते हुए महासमुंद रेफर कर दिया। फिलहाल घायल रनबाई को एक हजार व जगौतीन को 500 रुपए तात्कालिक सहायता राशि दे दी गई है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी जयकांत गंडेचा ने बताया कि बागबाहरा के दरबेकेरा निवासी रनबाई पति रेवा राम (55) सुबह तेंदूपत्ता तोडऩे जंगल की ओर गई थी। वहीं सुअरमाल निवासी जगौतीन बाई पति सुंदर सिंह ठाकुर (65) भी जंगल की ओर तेंंदूपत्ता तोडऩे के लिए गई थी। भालुओं ने दोनों महिलाओं पर हमला कर दिया।
बूढ़ादेव मंदिर के दरवाजे को भी भालुओं ने तोड़ा
घुंचापाली चंड़ी मंदिर के नीचे बूढ़ादेव मंदिर के दरवाजे को भालुओं ने तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि ये चंडी मंदिर में प्रसाद खाने के लिए आने वाले भालू है। लॉकडाउन के कारणा मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंच नहीं रहे हैं। इसलिए भालुओं को प्रसाद खाने नहीं मिल रहा है। इसलिए वह तलाश में भटक रहे हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि तेल पीने के लिए तीन भालू ने बूढ़ादेव मंदिर के दरवाजे को तोड़ दिया था।। भालू ने मंदिर के अंदर रखे तेल पी लिया। सामानों को नष्ट किया.
लॉकडाउन खुलते ही जिले में सड़क हादसे का ग्राफ बढ़ना फिर से शुरू हो गया है। मंगलवार को ग्राम बेलसोंडा के नया तालाब के पास मालवाहक ने बाइक सवार दंपती को टक्कर मार दी। घटना में बाइक चला रहे पति की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बाइक पर सवार पत्नी घायल हो गई। लॉकडाउन के 42वें दिन बाद रोड एक्सीडेंट में मौत की यह दूसरी घटना सामने आई है। पहली घटना बसना थाना क्षेत्र का है। वहीं दूसरी घटना जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बेलसोंडा की है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह ग्राम बेलसोंडा के नया तालाब के पास बाइक सवार दंपत्ति को मालवाहक ने सामने से ठोकर मार दी। घटना में बाइक चला रहे पति की मौके पर ही मौत हो गई। सवार पत्नी घायल हो गई। डायल 112 से उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां इलाज जारी है। जानकारी के मुताबिक बेलसोंडा निवासी विनोद देवांगन अपनी पत्नी गिरजा देवांगन को बाइक क्रमांक सीजी 06 जी 2383 में बिठाकर रोजगार गारंटी कार्य के लिए ले जा रहा था। इसी दौरान रायपुर की ओर से सब्जी लेकर आ रही मालवाहक ने उन्हें नया तालाब बेलसोंडा के पास ठोकर मार दी। घटना में पति की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पत्नी घायल हो गई। ग्रामीणों की मदद से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उपचार जारी है।
बरगढ़ से पैदल मध्यप्रदेश जा रहे 25 मजदूरों को जत्था मंगलवार की सुबह शहर की सड़कों पर दिखा। ये सभी मजदूर 165 किलोमीटर दूर बरगढ़ (ओडिशा) से पैदल आ रहे थे। स्टेशन चौक पर कुछ स्वयंसेवी लोगों ने उन्हें रोककर पूछताछ की और उन्हें नाश्ता कराया। इसकी जानकारी एसडीएम भागवत जायसवाल को दी घी। लेकिन उन्होंने आने से साफ इनकार करते हुए ओडिशा प्रशासन से बात कर मजदूरों को वापस ओडिशा भेजने की बात कही। इसके बाद एसडीओपी लितेश सिंह को सूचना मिलने के बाद उन्होंने सभी मजदूरों को थाने बुलवाया और स्थानीय लोगों के सहयोग से उनके खाने की व्यवस्था की गई। फिर बस की व्यवस्था कर सभी को मध्यप्रदेश के लिए रवाना कर दिया गया।
मजदूरों ने कहा कि वो मध्यप्रदेश की बड़वानी, कटनी, सतना जिले के विभिन्न गांवों के निवासी है। वे बरगढ़ क्षेत्र में नंदा कंस्ट्रक्शन कंपनी मे फोरलेन सड़क निर्माण में काम कर रहे थे। लेकिन पूरे देश मे लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गया। खाली बैठने की बजाय घर जाने का विचार किया और पैदल ही निकल गए। जत्थे को देखकर बरगढ़ कलेक्टर ने सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन मे 28 दिन तक रखा और बाद में छोड़ दिया। क्वारेंटाइन पर रखे जाने का एक पत्र उन मजदूरों को दिया गया। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के समक्ष ऑनलाइन आवेदन भी किया था, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसके बाद सभी मजदूर 3 मई को रेलवे ट्रैक के रास्ते पैदल चलते हुए बागबाहरा 5 मई की सुबह 8 बजे पहुंचे।
अंतरराज्यीय सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल : जिला प्रशासन ने कोरोना का संक्रमण अन्य राज्य से छत्तीसगढ़ में रोकने के लिए अंतर राज्य सीमा पर विभिन्न अधिकारियों एवं सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। उनकी तैनाती के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में मजदूर रेलवे ट्रैक से होते हुए बागबाहरा तक कैसे पहुंच गए। रास्ते में कोमाखान थाना भी पड़ता है उन्होंने भी इन्हें नहीं देखा। यह लापरवाही उन सबकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
परमिशन है तो सबकी हरसंभव मदद की जाएगी
एसडीएम भागवत जायसवाल ने कहा कि उन मजदूरों के पास यदि, जहां से आ रहे हैं और वे जहां जा रहे हैं। दोनों राज्यों का परमिशन का कागज नहीं है। इसलिए मैं आफिशियली यही कहूंगा कि मुझे उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय स्तर पर कोई उनका सहयोग करना चाहे तो कर सकता है। राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक जिनके पास परमिशन का कागज है उन्हें ही हरसंभव मदद दी जाएगी।”
सारी जांच पड़ताल के बाद मजदूरों को भेजा गया
एसडीओपी लितेश सिंह ने बताया कि 25 मजदूर ओडिशा से बागबाहरा आ गए हैं। जन सहयोग से उनके भोजन एवं बस की व्यवस्था कर मध्यप्रदेश की सीमा में भेज दिया है। उन मजदूरों को बरगढ़ जिला प्रशासन की ओर से 28 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रखा गया था। उसका एक लेटर उन्होंने मुझे दिखाया है। सारी जांच पड़ताल के बाद ही उन्हें भेजा गया ।
बालाखेड़ा के किराना व्यापारी के साथ में सोमवार को हुई मारपीट के आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग को लेकर मंगलवार काे व्यापार महासंघ की तरफसे एसडीएम व थानाधिकारी काे ज्ञापन दिया गया। इस दाैरान बड़ी संख्या में व्यापारी माैजूद रहे।
सोमवार को बालाखेड़ा निवासी व्यवसायी प्रमोद खंडेलवाल के साथ उन्हीं के गांव के दो लोगों ने घात लगाकर हमला कर मारपीट की। आरोपियों को पकड़ने की मांग को लेकर व्यापार महासंघ अध्यक्ष रामेश्वर खंडेलवाल के नेतृत्व में सभी व्यापारी एकत्रित हुए। एसडीएम गोरधनलाल मीणा को ज्ञापन दिया। जिसमें किराना व्यापारी से मारपीट के आराेपियाें काे जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।
खंडेलवाल के नेतृत्व में व्यापारियाें ने अंता थाना परिसर पहुंचकर थानाधिकारी रूपसिंह को भी ज्ञापन दिया। इस दौरान सर्राफा व्यापारी बंसीलाल सोनी, किराना व्यापार अध्यक्ष मोहित कालरा, घनश्याम खंडेलवाल, चंदू महेश्वरी, गोविंद खंडेलवाल, अजय मेहता, राजू खत्री सहित बड़ी संख्या में अंता क्षेत्र के व्यापारी मौजूद रहे।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एक डेयरी के संचालक ने नया तरीका अपनाया है। वह दूध व हल्की सामग्रियों को ड्रोन के माध्यम से लोगों को होम डिलीवरी की सुविधा दे रहा है। यहीं नहीं उन्होंने बुकिंग के लिए एप भी बनाया है। इसके माध्यम से वह होम डिलीवरी कर रहा है। बरोंडा चौक स्थित ओम डेयरी के संचालक कर्णवीर यादव ने बताया कि ड्रोन कैमरे से होम डिलीवरी की सुविधा उनके द्वारा रविवार से प्रारंभ की है।
अब तक शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों की मांग पर उनके घरों तक दूध के अलावा किराना और मेडिकल की हल्के सामानों को छोड़ा है। उन्होंने बताया कि सामान भेजने के लिए कोई अतिरिक्त कीमत भी नहीं ली जा रही है। निर्धारित मूल्य पर लोगों को सामान मुहैया कराया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने मोबाइल एप लांच किया है। जिसके माध्यम से लोगों को दूध के अलावा किराना और मेडिकल की जो भी आवश्यक चीजें चाहिए उसकी बुकिंग कराने और भुगतान के आधे घंटे के भीतर उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए उन्होनें दो ड्रोन कैमरा रखा है। जिसके माध्यम से लोगों को सुविधा दी जा रही है।
लॉकडाउन के बीच 40 दिनों से प्रभावित जन-जीवन और सरकारी कामकाज को पटरी पर लाने की कवायद सोमवार से शुरू हो गई है। सरकारी कामकाज शुरू करने से पहले बीते दो दिनों से इन दफ्तरों में महामारी से सुरक्षा के लिए नगर पालिका द्वारा सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया।
सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नियमों का पालन करते हुए दफ्तरों में कामकाज शुरू किया गया है। इसके लिए नगर पालिका द्वारा बीते शनिवार से शासकीय कार्यालयों में सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। कोरोना महामारी से बचाव के तीसरे चरण का लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत सोमवार से हो गई है। तमाम सरकारी विभागों में कामकाज के साथ शर्तों व नियमों का पालन करने की अनिवार्यता होगी। लोगों को स्वच्छ वातावरण देने और संक्रमण से बचाव के लिए नगर पालिका अपनी जिम्मेदारी के साथ अहम भूमिका निभा रही है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने लॉकडाउन के दौरान अपनी निगरानी में सफाई व्यवस्था की कमान संभाली है। पालिका अध्यक्ष चंद्राकर ने कहा कि महासमुंद जिले को ग्रीन जोन को बनाए रखने के लिए पिछले 40 दिनों से नगर पालिका के कोरोना वॉरियर्स लोगों की सुरक्षा में 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
धार में मंगलवार को आइसाेलेशन सेंटर में भर्ती 14 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव आई। सभी काे शाम काे महाजन अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। इधर 40 से अधिक संदिग्ध मरीजाें की रिपाेर्ट भी निगेटिव आई है, उन्हें भी डिस्चार्ज किया जाएगा। धार में अब तक कुल 26 काेराेना मरीज ठीक हाेकर घर जा चुके हैं।
मंगलवार काे धार की एक महिला की रिपाेर्ट जरूर पाॅजिटिव पाई गई है। इस प्रकार दाे दिन में यहां संक्रमित मरीजाें की संख्या 21 हाे गई है। सभी संक्रमित पाए गए लाेगाें काे धार में शिफ्ट किया गया है। इधर डेहरी में एक ही परिवार के 14 लाेगाें के संक्रमित पाए जाने के बाद वहां सन्नाटा पसर गया है। लाेग अपने घराें में दुबक गए हैं। इधर कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने कुक्षी के 75 सुभाष मार्ग बड़पुरा मोहल्ला तथा 168 बुंदेलवाडी धार में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति पाए जाने से क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया है। इधर मंगलवार काे 40 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाई है। यह राहत की बात है।
नर्स बेटी इंदाैर से करती थी आना-जाना, अब मांहुई पाॅजिटिव, बेटी की रिपाेर्ट पेंडिंग
जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार बुंदेलवाड़ी की जिस महिला काे संक्रमित पाया गया है। उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री में आया है कि उसकी बेटी बेटमा में स्टाफ नर्स है। वह कई बार इंदाैर से आना-जाना करती थी। तीन दिन पहले उसकी मां की तबीयत खराब हुई ताे अस्पताल लाए थे। उसका ऑक्सीजन लेवल कम था। उसका सैंपल लिया गया। साथ ही बेटी का भी सैंपल लिया। दाेनाें जिला अस्पताल में क्वारेंटाइन हैं। अब मां की रिपाेर्ट मंगलवार काे पाॅजिटिव आई है। बेटी की आना बाकी है। संभव है कि बेटी की वजह से ही उसे संक्रमण हुआ है। क्याेंकि मां कहीं आती-जाती नहीं है।
12 संक्रमिताें की पहली रिपोर्ट निगेटिव, दूसरी आना बाकी
महाजन अस्पताल में भर्ती 12 संक्रमित लाेगाें की पहली रिपाेर्ट निगेटिव आई है। संभवत: एक-दाे दिन में उनकी दूसरी रिपाेर्ट भी आने वाली है। यदि उनकी दूसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव आती है ताे वे भी काेराेना की बीमारी से मुक्त हाे जाएंगे।
पट्ठा चाैपाटी का व्यक्ति सर्दी-खांसी होने पर जिला अस्पताल गया था, गंभीरता से नहीं लिया, उसी से पांच हुए संक्रमित
साेमवार देर रात आई रिपोर्ट में एक साथ 20 नए काेराेना संक्रमिताें में धार की पट्ठा चाैपाटी के एक ही परिवार के पांच लाेग भी शामिल हैं। इस मामले में सामने अाया है कि संक्रमण की शुरुअात परिवार के मुखिया से ही हुई थी। मुखिया अाॅटाे चलाकर अाजीविका चलाता है। सबसे पहले उसे ही सर्दी-खांसी की शिकायत हुई थी। इस पर वह इलाज कराने जिला अस्पताल गया भी था। मगर वहां डाॅक्टराें ने इलाज की बजाए टाल दिया। मरीज के साथ करीब दाे से तीन बार एेसा हुअा। बाद में जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ी ताे स्वास्थ्य विभाग हरकत में अाया अाैर उसका सैंपल भेजा। साेमवार की रात जब अाॅटाे चालक सहित सभी पांचाें सदस्य काेराेना संक्रमित निकले ताे प्रशासन के हाेश उड़ गए।
इधर परिवार के पांचाें सदस्याें काे यह भी नहीं पता कि वे संक्रमित कैसे हुए। उनसे पूछा भी गया कि वे पहले से पाॅजिटिव क्षेत्र की महिला के संपर्क में ताे नहीं अाए। इस पर इन लाेगाें का जवाब था कि उनका उस महिला के घर अाना जाना ही नहीं था। बता दें कि 17 अप्रैल की रात क्षेत्र की ही दूसरी महिला की रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाने के बाद से प्रशासन ने इसे कंटेनमेंट एरिया घाेषित कर सील कर रखा है। एेसे में इसी क्षेत्र से दाेबारा नए संक्रमित मिलना चिंता की बात है।स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका संदिग्ध : इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के ही एक स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका संदिग्ध रही है। जानकारी के अनुसार संक्रमित परिवार के घर के सामने ही स्वास्थ्यकर्मी रहता है। स्वास्थ्यकर्मी के उस परिवार से अच्छे संबंध हैं। स्वास्थ्यकर्मी द्वारा ही अाॅटाे चालक मरीज की तबीयत की बात दबाने की जानकारी सामने अा रही है, लेकिन जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ी ताे स्वास्थ्य विभाग काे सैंपल लेना पड़ा।
मृत्यु काे संदिग्ध मान परिवार के लाेगाें के सैंपल लिए थे
डाॅ. संजय भंडारी के अनुसार पट्ठा चाैपाटी के एक व्यक्ति काे हालत िबगड़ने पर जिला अस्पताल लाए थे। लेकिन उसकी माैत हाे चुकी थी। उसकी संदिग्ध हालत काे देखते हुए उसके परिवार के पांच लाेगाें के सैंपल लिए गए थे। उन्हें क्वारेंटाइन किया था। साेमवार काे उनकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाई है।
डाॅ. आरसी पनिका, सीएमएचओ, जिला अस्पताल, धारपहले ही संक्रमित हाे चुका है
सर्दी-जुकाम से पहले ही व्यक्ति संक्रमित हाे चुका है। इसके बाद अगर वह बीमार हुअा है ताे जब तक वाे अन्य काे संक्रमित कर चुका हाेगा। रही बात समय पर उचित इलाज नहीं मिलने की ताे यह बात असत्य है। हर मरीज का इलाज किया जा रहा है।
मंगलवार को अचानक ही जिला प्रशासन द्वारा मुख्यालय से 10 किमी दूर ग्राम हरदी में मॉकड्रिल की गई। यह मॉकड्रिल प्रशासन का अपनी तैयारियों को परखने का एक पूर्वाभ्यास था जिसमें देखा गया कि यदि क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो किस प्रकार संक्रमित मरीज को उसके गांव-घर से सुरक्षात्मक तरीके से जिला अस्पताल तक पहुंचाया जाना है।
जिला प्रशासन द्वारा अपने तैयारियों को परखने के लिए बिना किसी सूचना के मॉकड्रिल की गई। इसके लिए ग्राम हरदी तथा उसी परिवार को अभ्यास के लिए चुना गया जो हाल में ही ओडिशा से बिना सूचना दिए वापस गांव पहुंचा था। मॉकड्रिल के दौरान कुछ ही देर के लिए अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया। करीब डेढ़ घंटे तक मॉकड्रिल के दौरान गांव की घेराबंदी और प्रशासनिक हलचल से ग्राम हरदी के लोगों में भी दहशत का माहौल रहा।
इस दौरान प्रशासन ने संक्रमित मरीज को घर से अस्पताल तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने, कंटोनमेंट जोन, बफर जोन बनाने, कांटेक्ट ट्रेसिंग सहित सभी तैयारी को लेकर मॉकड्रील (पूर्वाभ्यास) की। हालांकि इस मॉकड्रिल की सूचना पहले से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित ग्रामीणों को नहीं दी गई थी ताकि विभाग की तैयारियों की वास्तविकता को बारीकी से परखा जा सके। इसके चलते मॉकड्रिल के दौरान कुछ देर के लिए अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया था, कुछ देर में ही कोरोना मरीज मिलने की खबर आसपास के गांवों सहित जिला मुख्यालय में फैल गई परंतु मॉकड्रिल के बाद माहौल शांत हो गया।
एक किमी तक सुरक्षा घेरा, कंटोनमेंट जोन घोषित किया
मार्कड्रील की शुरुआत सुबह 10.30 बजे एसडीएम निर्भय साहू के नेतृत्व में की गई। एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी ग्राम हरदी पहुंचे। उसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को हरदी में कोरोना पॉजिटिव मिलने की सूचना देकर क्विक रिस्पांस टीम को मौके पर पहुंचने कहा। गांव में भी कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर फैल गई। गांव के एक घर को अभ्यास के लिए चिह्नांकित किया गया। सबसे पहले पुलिस ने मरीज के घर से सभी दिशाओं में एक किमी दूरी को सुरक्षा घेरे में लेकर इसे कंटोनमेंट जोन घोषित किया। बल द्वारा किसी भी व्यक्ति को जोन के अंदर या बाहर जाने नहीं दिया गया। मेडिकल टीम सहित एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंची। उसने सबसे पहले मरीज के घर व आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज किया। साथ आई संपर्क ट्रेसिंग टीम द्वारा डेमो कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज एवं उसके परिजनों से संपर्क ट्रेसिंग फार्म भरवाया गया एवं समस्त संपर्कों की जानकारी ली गई। निर्धारित कंटोनमेंट जोन एवं बफर जोन का गूगल मैप द्वारा चिह्नांकन किया।
सोमवार को आई आंधी बारिश के बाद शाम 5 बजे से 140 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद रही। पूरे ब्लॉक के गांवों में 20 घंटे से अधिक समय तक बिजली बंद रही जिससे पूरा अंचल अंधेरे में रहा। बिजली बंद होने से मंगलवार सुबह लोगों को पानी के लिए बहुत तकलीफ उठानी पड़ी, लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिला। नगर में करीब 17 घंटे बाद बिजली आई तब लोगों ने राहत की सांसें ली। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भी कई गांवों में बिजली बंद थी।
बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगातार फाल्ट ठीक करने में लगे हैं। सोमवार को साम 5 बजे अचानक जोरदार आंधी-बारिश और ओले गिरने से बिजली प्रवाह बाधित हो गया क्योंकि मुख्य 33 केबी लाइन में कुकुर्दी से अमेरा तक 32 जगह तार टूटे एवं टांसफार्मर बस्ट हो जाने से बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई। विभाग के कर्मचारी फाल्ट ढूंढते रात भर खेत खलिहानों में घूमते रहे, कहीं तार टूटकर जमीन पर गिरे थे तो कहीं पेड़ पर लटककर उलझ गए थे। उलझे तारों को सुलझाने में 20 घंटे से अधिक का समय लग गया। इस संबंध में कार्यपालन यंत्री वीरेंद्र राठिया ने बताया कि फॉल्ट खोजने और उसे ठीक करने में 20 घंटे से अधिक का समय लग गया क्योंकि खेत खलिहानों में तार टूटने के कारण वहां तक पहुंचने में समय लगा।
सोमवार को पूरी रात नहीं सो पाए लोग
सोमवार की शाम आंधी तूफान के बाद रात भर बिजली नहीं आई जिससे लोग उमस, गर्मी और मच्छर के कारण लोग सो नहीं पाए। जिनके घरों में इनवर्टर थे वो भी कुछ घंटों के बाद बंद हो गए इसलिए उन्हें भी कोई फायदा नहीं मिला। लोग रात भर अधिकारियों-कर्मचारियों को फोन करके बिजली चालू होने का समय पूछते रहे।
इन गांवों में नहीं आई रात भर बिजली
ब्लॉक के 140 गांवों में पूरी तरह बिजली बंद थी जिसमें मुख्य रूप से पलारी, अमेरा, कोसमंदी, संडी, ओडान, गिधपुरी, ज़ारा, देवसुंदरा, ससहा, रोहांसी, दतान, देवसुंदरा, कोनारी, खरतोरा, जर्वे, कोदवा, वटगन, तेलासी, गिर्रा, सिसदेवरी, लटेरा, साहड़ा, भवानीपुर, नगपुरा, अछोली, बेल्हा,, परसाडीह, घिरघोल, कुसमी, घोटिया, कौड़िया आदि गांवों में बिजली रात भर बंद रही।
काेराेना संकट के बीच सुखद खबर है। लाॅकडाउन के चलते अपराधाें का ग्राफ गिरा है। जिले में हर तरह के अपराध कम हुए हैं। फिर चाहे वह हत्या से लेकर लूट, सामान्य मारपीट या फिर जुआ-सट्टा ही क्याें ना हाे। 2018 से अब तक अपराधाें की बात करें ताे मारपीट, चाेरी, बाइक चाेरी, डकैती, लूट, चेन स्नेचिंग, गृहभेदन, हत्या सहित 16 प्रकार के अपराध अब 37 प्रतिशत ही रह गए हैं।2018-2019 में इनकी संख्या 80 प्रतिशत के पार थी। इसी तरह लघु अधिनियम यानी आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट, जुआ, सट्टा, मादक पदार्थ बिक्री आदि अपराध 1300 से घटकर 100 के करीब पहुंच गए हैं। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की संख्या भी 2 हजार से घटकर 900 के बीच रह गई है।
लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालाें की संख्या बढ़ी है
बंद के चलते कलेक्टर द्वारा लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन करने वालाें की संख्या बढ़ी है। 24 मार्च से धारा 188 के प्रकरणाें में तेजी आई है। 24 मार्च से पहले 17 केस दर्ज हुए थे। 8 अप्रैल काे यहसंख्या बढ़कर 24 तक पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार यह संख्या बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक अब तक जिले मेंलाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। बता दें कि इस धारा में 6 महीने की सजा का प्रावधान है।
नगर में ओडिशा और मध्य प्रदेश से आए दो लोगों को मंगलवार को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभिक जांच के बाद उनके घरों में हिदायतों के साथ क्वारेंटाइन कर दिया गया। नगर में होम क्वारेंटाइन का यह पहला मामला है। 50 वर्षीय अधेड़ लाॅकडाउन के पहले ओडिशा गई थी, जो वहां फंस गई थी।
तीसरे लॉकडाउन में वह किसी तरह मंगलवार को सुबह नगर पहुंची। इसकी जानकारी मिलते ही तहसीलदार लाखेश्वर किरण, सीएमओ भूपेंद्र उपाध्याय, एसआई श्रवण कुमार मिश्रा उसे तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उसकी जांच की गई। प्रारंभिक जांच में इस व्यक्ति में संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए। इसी तरह मध्य प्रदेश से आई 22 वर्षीय युवती की भी जांच की गई। उसमें भी कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए, लेकिन सतर्कतावश दोनों को उनके घरों में 28 दिनों के लिए क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
बाहर आने-जाने वालों की सूचना दे: सीएमओ
सीएमओ ने अपील की है कि प्रदेश के बाहर से आने वालों का दौर शुरू हो गया है। संक्रमण काल में नगर में ऐसे लोगों के आने पर प्रशासन की सख्त निगाह है। इसके बाद भी जिन घरों में किसी तरह बाहर आने-जाने वाले की पहचान हरगिज़ न छुपाएं। तत्काल इसकी सूचना नगर पालिका, थाना, तहसील को दें।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने को लेकर देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन का मंगलवार को 42वां दिन था। सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने सिटी कोतवाली पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में शहर के 14 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
2 मई शनिवार को रमजान महीने में गरीब मुसलमानों की राशन सामग्री एवं खाने की व्यवस्था को लेकर मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सैय्यद आरिफ अली, सचिव जिलानी मोहम्मद खान, कोषाध्यक्ष तनवीर अहमद एवं अब्दुल रज्जाक ने मीटिंग की थी। एक राय होकर मीटिंग स्थल पर पहुंचकर भीड़ इकट्ठा की थी।
प्रार्थी द्वारा ऐसा न करने की समझाइश देने पर आरोपियों ने आक्रोशित होकर गालियां देते हुए प्रार्थी से मारपीट कर चोट पहुंचाई एवं जान से मारने की धमकी दी। प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने बलौदाबाजार निवासी शेख सलमान पिता शेख रोशन, गुलजू पिता शेख रोशन, शेख गुलफाम पिता शेख रोशन, अम्मू उर्फ मोहम्मद अमीन पिता मोहम्मद असफाक, जानू उर्फ सफीक खान पिता सुभान खान, नसीम खान पिता रमजान खान, इसराइल चौहान पिता मोहम्मद स्माइल, शेख गुलशन पिता शेख रोशन, सोहेल खान पिता यूनुस खान, सुभान खान पिता गुलाम खान, यूनुस बेग पिता स्व. नबील बेग, मोहम्मद जुनैद पिता अब्दुल जमीद चौहान , फैयाज खान उर्फ गुड्डा पिता स्व. जलील खान, मोहम्मद अशफाक पिता मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
लगातार लॉकडाउन, काम नहीं चलने से भरपेट भोजन नहीं मिल पाने के कारण रोजी रोटी की तलाश में पलायन कर घर से बाहर निकले मजदूरों के कदम वापस घर की ओर मुड़ने लगे हैंं। मंगलवार सुबह 3 महिलाओं व दो बच्चों सहित 9 मजदूर यहां से 40 किलोमीटर दूर गौरेला पेंड्रा के लिए रवाना हो गए। वे इसके पहले भी घर गौरेला जाने निकले थे तो सुहेला पुलिस ने समझाकर वापस कर दिया था , लेकिन इस बार नायब तहसीलदार ने उन्हें ट्रकों से घर तक पहुंचाने का इंतजाम कर दिया।
सुबह लगभग 8 बजे भटभेरा और कुथरौद गांवों के बीच भास्कर को व्यथा बताते हुए मजदूरों के आंसू छलक पड़े। कमलेश कुमार सारथी, अवधेश, शिवकुमार, जयलाल सारथी ने बताया कि होली के बाद खरोरा स्थित फ्लाई एस ब्रिक्स में काम करने आए थे कि अचानक लॉकडाउन होने के बाद सप्ताह भर बाद ही उनका काम बंद हो गया। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन 2 के दौरान तीन-चार दिनों में काम मिलता भी था तो 50-60 रुपए ही मजदूरी मिल पाती थी जिससे खाने-पीने के लाले पड़ गए थे। मजदूरों ने बताया कि पखवाड़े भर पहले वे पैदल ही और भाग निकले परंतु सुहेला थाना के ही पत्थरचुआ गांव के पास पुलिस के हत्थे चढ़ गए जिन्होंने समझा-बुझाकर उन्हें वापस पुनः खरोरा भेज दिया था परंतु वहां की परेशानी बर्दाश्त नहीं होने के कारण आज पुनः निकले हैं।
भास्कर ने सुहेला नायब तहसीलदार मुकेश देवांगन को फोन पर इसकी जानकारी दी तो उन्होंने थाना प्रभारी रोशन सिंह राजपूत के माध्यम से उन्हें अलग अलग ट्रकों में बैठाकर बिलासपुर तक भिजवाया। इसके पूर्व जनपद सदस्य अनुपम अग्रवाल और भटभेरा सरपंच प्रतिनिधि रामकुमार साहू ने लगभग 35 किलोमीटर चलकर बुरी तरह थक चुके मजदूरों के लिए वाहन व्यवस्था कर सुहेला पहुंचाया। वहीं सुहेला सरपंच सविता संतोष वर्मा ने मजदूरों के लिए भोजन का प्रबंध किया।
लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन द्वारा छूट का दायरा बढ़ाए जाने के बाद व्यापारी और जनता ने राहत महसूस की है। कपड़ा, बर्तन, सराफा, हार्डवेयर, मनिहारी, ऑटो पार्टस, शोरूम, इलेक्ट्रानिक्स सहित अन्य दुकानों के खुलने के बाद सड़कों पर पहले की तुलना में अधिक चहल-पहल देखी गई है। इन दुकानों के खुलने से सोमवार को किराना, फल, डेली नीड्स के बदले इन ही दुकानों पर अधिक भीड़ रही है। लोगो ने अपनी लंबित खरीदी को पूरा करने में दिलचस्पी दिखाई।
इसके अलावा इनके खुलने से अब जिले में केवल चाय, सैलून, पान सहित चंद दुकानें की बची हैं, जिसका खुलना बाकी है। इन दुकानदारों ने भी जिला प्रशासन से निर्धारित समय के लिए अथवा सप्ताह में एक से दो दिन दुकान खोलने की अनुमति देने की अपील की है। कई दुकानों को खोलने के साथ खुलने के समय में भी संशोधन किया हैं। अब सभी दुकानें सुबह 8 से 3 बजे तक खुली रहेंगी।
कलेक्टर ने किया इंकार तो बिफरे सैलून संघ के पदाधिकारी
अधिकांश दुकानों को छूट मिलने के बाद सोमवार को सैलून व पान संघ के पदाधिकारियों ने भी कलेक्टर से मिलकर दुकान खोलने की अनुमति मांगी, परंतु कलेक्टर ने संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए सीधे तौर पर इंकार कर दिया। नाराज सैलून ने अब अनुमति मिलने तक सैलून कार्य को पूर्णत बंद रखने का निर्णय लिया है। संघ ने कहा कि अब घर जाकर भी या घर आने पर यहां तक विशेष परिस्थिति में भी सैलून संचालक सेविंग, बाल काटना, हजामत सहित कोई कार्य नहीं करेंगे। सैलून के गरियाबंद ब्लाक अध्यक्ष अशोक सेन, राजिम हेमंत सेन, छुरा संतोष सेन, फिंगेश्वर मदन श्रीवास, मैनपुर तरूण सेन, देवभोग के मुन्ना सेन सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि लगातार 40 दिनों से दुकान बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा राहत पैकेज भी नहीं दिया गया है, जिससे अब भूखे मरने की स्थिति आ गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ग्रीन जोन में सैलून खोलने की अनुमति दी है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा भी आंशिक रूप से सैलून खोलने की अनुमति मांगी गई, परंतु प्रशासन ने सीधे इंकार किया। इसी प्रकार पान संघ संचालकों ने भी अपनी पीड़ा रखते हुए कलेक्टर से दुकान खोलने की अनुमति मांगी है, परंतु उन्हें अनुमति नहीं दी गई।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां राज्य भंडार गृह निगम के संचालक मंडल की बैठक हुई। बैठक में रायपुर जिले के तिल्दा-नेवरा और जांजगीर-चांपा जिले के चांपा में 50-50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का खाद्यान्न गोदाम बनाने की स्वीकृति सहित कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक में संचालक मंडल ने खाद्यान्न भंडारण की क्षमता में वृद्धि के उद्देश्य से निजी क्षेत्र में गोदाम निर्माण को प्रोत्साहित करने का निर्णय। इसके तहत दुर्ग और सूरजपुर में निजी गोदाम का निर्माण करने वाले उद्यमियों के गोदाम में भंडार निगम अपने खाद्यान्न का भंडारण कराएगा। इसके लिए उद्यमियों से कम से कम दस साल का अनुबंध करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में नवा रायपुर में 15 करोड़ की लागत से नया फूड टेस्टिंग लैब निर्माण की भी स्वीकृति दी गई। लैब निर्माण के लिए नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा दो एकड़ भूमि आवंटित की गई है। लैब बनने से खाद्य सामग्रियों को जांच के लिए प्रदेश से बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम निर्माण को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। संचालक मंडल ने प्रदेश के निजी गोदामों के किराया दर में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने का भी निर्णय लिया है। बैठक में राज्य भंडार गृह निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के सेटअप पुनरीक्षण की बहुप्रतिक्षित मांग को भी बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की। इससे निगम के कर्मियों को पदोन्नति का अवसर मिलेगा। बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समिति द्वारा खरीदे गए धान का भंडारण और उठाव, कस्टम मिलिंग की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। भगत ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से राज्य भंडार निगम की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने निगम के अधिकारियों को खाद्यान्न भंडारण व विपणन का कार्य तत्परता से करने को कहा। लॉकडाउन के दौरान राज्य भंडार गृह निगम के कार्यों की सराहना की।
बैठक में खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, राज्य भंडार गृह निगम के प्रबंध निदेशक एलेक्स पॉल मेनन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
नालछा थाने के गांव बगड़ी में 5 दिन पहले एक व्यक्ति के साथ मारपीट करने वाले आरोपी को पुलिस ने अब तक नहीं पकड़ा है। मामले में मंगलवार को पीड़ित ने एसपी आदित्यप्रताप सिंह को आवेदन देकर आराेपी की गिरफ्तारी की मांग की। पीड़ित चंदर सिंह ने बताया 30 अप्रैल को वह अपने गांव जाने के लिए नालछा बस स्टैंड पर बैठा था तभी आरोपी दशरथ मौके पर पहुंचा और चंदर सिंह से मारपीट शुरू कर दी। आरोपी ने चंदर सिंह को डंडे से सिर में मारा जिससे उसे गंभीर चोट आई। मारपीट के दौरान आरोपी ने चंदर को जातिसूचक शब्द भी कहे। नालछा पुलिस ने चंदर कि शिकायत पर दशरथ पर एससी एसटी एक्ट में केस दर्ज किया था। मगर 5 दिन बाद भी पुलिस ने आरोपी को नहीं पकड़ा है। चंदर सिंह ने बताया आरोपी खुलेआम घूम रहा है और समझौते के लिए उसे धमका रहा है।
नगर पंचायत में नवनिर्मित उच्च स्तरीय जलागार से पानी सप्लाई के लिए नल कनेक्शन के लिए जो शुल्क लिया जा रहा है, वह अधिक है। इस पर पुनर्विचार करने के लिए पार्षदों एवं एल्डरमेन ने सीएमओ को ज्ञापन सौंपा। साथ ही बीपीएल को मुफ्त एवं पुराने कनेक्शन धारी को शुल्क में रियायत देने की मांग भी की।
ज्ञापन में बताया गया है कि पूर्व की सरकार द्वारा भागीरथी नलजल योजना के अंतर्गत मुफ्त में नल कनेक्शन घर के अंदर तक दिया गया था। लगभग प्रति कनेक्शन 5 हजार का सरकारी खर्च आया था। इसके बाद भी इस खर्च को शासन ने वहन किया। उसी तर्ज पर पुनः शासन से पार्षदों के प्रतिनिधि मंडल ने विभागीय मंत्री से चर्चा कर माग रखा। नल कनेक्शन के लिए नगर पंचायत की बैठक में चर्चा के लिए जब प्रस्ताव आया था, उस समय पार्षदों को विस्तृत जानकारी नहीं दी गई थी, इसलिए पार्षदों ने प्रस्ताव पास कर दिया। परंतु बाद में निर्धारित शुल्क की जानकारी होने पर उन्हें जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इस विषय पर परिषद में पुनर्विचार कर नया शुल्क का निर्धारण किया जाए, जो जनहित के साथ ही बीपीएल हितग्राहियों को मुफ्त कनेक्शन तथा पुराने कनेक्शन धारियों से कम शुल्क देकर राहत दी जाए। इस मौके पर पार्षद दशरथ चंद्राकर, एल्डरमेन हिरेन कोसले, संजय कोसले, अशोक देवांगन, सूर्यकांत ताम्रकर, प्रदीप साहू आदि उपस्थित थे।
लॉकडाउन अभी खुला नहीं है, लेकिन आम जन जीवन चलता रहे इसलिए सरकार की तरफ से कुछ छूट दी गई है। कोरोना संक्रमण की चेन आगे न बढ़े, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हर व्यक्ति कुछ जरूरी सावधानियाें का ख्याल रखे। और लोगों में यही जागरूकता लाने का काम कर रहे हैं टिकरापारा नूतन स्कूल के 800 बच्चे। ये अपने-अपने इलाके में लोगों 11 जरूरी नियम बता रहे हैं। लोग इनका पालन करें, इसके लिए वे उनसे संकल्प पत्र भी भरवा रहे हैं। 24 दिन में बच्चे 3 हजार से ज्यादा लोगों को संकल्प दिलवा चुके हैं। रोज धूप में समय बिताना, हाथ धोते रहना और कहीं भी थूंकना नहीं जैसे संकल्प इसमें शामिल हैं।दरअसल, नूतन स्कूल ने यह अभियान 12 अप्रैल को जलियांवाला बाग हत्याकांड की 101वीं बरसी पर शुरू किया था। स्कूल में जितने भी बच्चे पढ़ते हैं वे सभी टिकरापारा और आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। इन इलाकों में नगर निगम के 7 वार्ड आते हैं और इनके अंतर्गत करीब 26 झुग्गी बस्तियां हैं। अभियान में सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा फाेकस यहीं किया गया है। किरोड़ीमल अग्रवाल बताते हैं कि बच्चे बड़े उत्साह के साथ लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। बच्चों का अभियान से जुड़ना इसलिए फायदेमंद है क्योंकि वे उनके अपने परिवार के सदस्य तो उनकी बात मान ही रहे हैं। आसपास के लोगों पर भी इसका काफी असर दिख रहे हैं।
15 हजार मास्क बांटेराशन भी बांट रहे हैं
नूतन स्कूल द्वारा 15 हजार से ज्यादा मास्क भी बांटे जा चुके हैं। ये मास्क स्कूली बच्चों द्वारा ही तैयार किए गए थे। प्रति मास्क के बदले बच्चों को 1 रुपए का भुगतान भी किया गया। इसके अलावा स्कूली बच्चों ने 100 जरूरतमंद परिवारों की जानकारी भी दी थी जिनके घर तक स्कूल प्रबंधन ने राशन और दूसरी जरूरी सामग्रियां पहुंचवाई। इस काम में स्कूल की प्राचार्या ममता पांडेय, कार्यक्रम प्रभारी चेतना ठाकुर, रमा मजूमदार, वैजंती, आरती यादव आदि सहयोग कर रहे हैं। बच्चों से संकल्प लेने के बाद लोग रोजमर्रा की जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव कर रहे हैं। मौजूदा परिस्थितियों में जागरूकता ही सबसे ज्यादा जरूरी भी है।
ये संकल्प दिलवा रहे हैं...
रविन्द्रनाथ टैगोर वार्ड के प्रयाग विहार में जल्द ही 32.40 लाख की लागत से नया सीसी रोड और नालियां बनेंगी। मंगलवार को महापौर एजाज ढेबर और विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इसके लिए भूमिपूजन किया। इलाके के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। निर्माण पूरा होने के बाद रोज यहां से गुजरने वाले सैकड़ों लोगों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा महापाैर ने जोन-3 के शक्ति नगर नाला और जोन-6 के चिंगरी नाला में चेन माउंटेन और पोकलेन मशीन से हो रही सफाई का निरीक्षण भी किया। यहां अफसरों को सभी नालो से सफाई में बाधक पाटों को हटाने के निर्देश भी दिए मानसून आने से पहले गंदे पानी की निकासी सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान पार्षद रवि ध्रुव, उमा चंद्रहास निर्मलकर, जोन-6 आयुक्त विनय मिश्रा, एसपी त्रिपाठी मौजूद रहे।
25 मई से पहले सभी नाले साफ करने के दिए निर्देश
महापौर ढेबर ने जोन-2 के अफसरों को निर्देश दिया है कि 25 मई से पहले सभी नाले-नालियां साफ कर दिए जाएं। पीलिया नियंत्रण के लिए पाइप लाइन उठाने के काम में भी तेजी लाई जाए ताकि जोन में किसी गरीब व्यक्ति को इन कार्यों को पूरा करवाने के लिए भटकना ना पड़े।
कोरोना का असर शराब दुकानों पर भी नजर आया। प्रशासन की छूट के बाद भी शहर की शराब दुकान नहीं खुलीं। हालांकि शराब दुकान नहीं खुलने का कारण लाइसेंस का नवीनीकरण होना बताया जा रहा है लेकिन चर्चा में सामने आया है कि अगर शराब दुकान खोली जाती तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती जिसे संभालना मुश्किल होता। इससे विवाद की स्थिति भी बनती। गौरतलब है कि धार सीमा क्षेत्र में तीन शराब दुकान है जिसमें दो शहर में और एक जैतपुरा पंचायत में है। बख्तावर मार्ग की शराब दुकान कंटेनमेंट एरिया में थी इसलिए इस दुकान को अनुमति नहीं थी। जबकि बस स्टैंड व जैतपुरा की दुकानों को खोलने की अनुमति थी इसके बावजूद दुकान नहीं खुली।
कर्फ्यू के चलते प्रशासन ने मंगलवार को शराब दुकान खोलने की छूट प्रदान की थी। मगर शराब कारोबारियों ने दुकानें नहीं खोली। कलेक्टर श्रीकांत बनाेठ ने बताया कि मंगलवार से पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें खाेलने का शासन का अादेश था, लेकिन दुकानें कहीं नहीं खुली। हमने अपने यहां शराब दुकान संचालकाें काे नाेटिस भी दिए हैं। उनके लाइसेंस काे भी देखा जाएगा। दुकान संचालकाें की वरिष्ठ अधिकारियाें से बात भी चल रही है।
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और काॅलेज 4 मई से खोलने के लिए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं। आदेश में अकादमिक गतिविधियों के संचालित नहीं किए जाने का उल्लेख तो है परंतु प्राध्यापकों के कालेज आने को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है। ऐसे में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के टीचिंग स्टॉफ कालेज आने को लेकर असमंजस में हैं। बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में राजपत्रित अफसरों की शत प्रतिशत उपस्थिति और अन्य अफसरों और कर्मचारियों की एक तिहाई उपस्थिति अनिवार्य की है।
प्राध्यापक नहीं तैयार कर रहे स्टडी मेटेरियल
कोरोना संक्रमण के कारण अकादमिक कार्य प्रभावित न हो इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने ऑन लाइन क्लासेज लेने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कालेजों के प्राध्यापकों को बीए, बीएससी, बीकॉम और पीजी क्लासेज के विषयवार कोर्स मेटेरियल अपलोड करने की जिम्मेदारी दी गई है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को इन कामों से अलग रखा गया है, जबकि उनकी विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश के सभी छात्रों को मिले इसके लिए उनसे भी ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल तैयार करवाया जाना चाहिए था। बताया जा रहा है कि इसमें 40 प्रतिशत प्राध्यापकों ने ही वीडियो के जरिए लेशन को अपलोड किया है। 60 फीसदी प्राध्यापक ऑन लाइन टीचिंग के लिए कोर्स मेटेरियल तैयार करने में रूचि नहीं ले रहे हैं, लेकिन इसकी पूछ परख नहीं होने से कोर्स मेटेरियल तैयार करने में जुटे प्राध्यापकों में असंतोष बढ़ रहा है।
1 अगस्त से शुरूहोंगी क्लासेज
युजीसी के अकादमिक कैलेंडर के अनुसार सभी कालेजों और युनिवर्सिटी में 1 अगस्त से सेकेंड इयर और थर्ड इयर की क्लासेज शुरू किया जाना है। फ्रेश बैच की पहले सेमेस्टर की क्लासेज 1 सितंबर से शुरू करने और एक जनवरी 2021 से 25 जनवरी 2021 के बीच परीक्षा कराई जाएंगी। एक जुलाई से 30 जुलाई के बीच गर्मी की छुटि्टयां रहेंगी।
शराब दुकान खोलने के विरोध में भाजपा मुखर होगी। इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर ग्रुप से बात की। स्थानीय नेताओं ने बताया कि शराब दुकान खुलने से बड़े वर्ग में नाराजगी है। कोरोना का संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है। जल्द ही भाजपा विरोध का तरीका तय करने के लिए रणनीति बनाएगी।
संक्रमण फैला तो सरकार होगी जिम्मेदार: उसेंडी
भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने शराब दुकान खोलने और होम डिलीवरी शुरू करने पर कहा है कि गंगाजल हाथ में लेकर कसमें खाने वाली कांग्रेस को शराब इतनी भा गई कि गंगाजल की पवित्रता को भी कलंकित करने में शर्म नहीं हो रही। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। भाजपा शुरू से कांग्रेस सरकार को इसकी याद दिलाती आ रही है, अब वादाखिलाफी की मिसाल पेश कर रही है। जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से शराब को लेकर लगातार झूठ बोलकर लोगों की भावनाओं, खासकर मातृ शक्ति की भावनाओं को कुचलने का काम कर रही है। राज्य सरकार के संरक्षण और पुलिस की मदद से कांग्रेस के लोग ही शराब की तस्करी, कोचियागिरी और शराब बनाने के अवैध कारोबार में लगे हैं।
शराब दुकानों का क्लोजिंग और ओपनिंग स्टॉक बताएं
भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नरेश चंद्र गुप्ता ने शराब के कारोबार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। गुप्ता ने शराब दुकानों का क्लोजिंग और ओपनिंग स्टॉक जारी करने की मांग की है। गुप्ता ने आशंका जताई है कि लॉकडाउन के 40 दिनों बाद शराब दुकानें खुलने के बाद इस कारोबार में भ्रष्टाचार संगीन मुद्दा बनकर सामने आया है।
लॉकडाउन की वजह से रायपुर जिले में फंसे झारखंड के सात सौ तीस श्रमिकों, यात्रियों और नागरिकों को आज बसों से रवाना किया गया। इनमें झारखंड के 11 जिलों सराईकेला, बोकारो, खुटी, हजारीबाग, धनबाद, रामगढ़,सराईकेला, लातेहार, देवघर, चकरा, गोड्डा और गिरीडीह के श्रमिक शामिल हैं। इसके अलावा रांची के नागरिकों को भी इन बसों में भेजा गया है। इसके पहले राधास्वामी सत्संग न्यास धरमपुरा में झारखंड के श्रमिकों और नागरिकों का पंजीयन और भेजना जारी रहा।
बस से आने की अनुमति दे सरकार: शर्मा
भाजयुमो के अध्यक्ष विजय शर्मा ने श्रमिकों की वापसी को लेकर सरकार को सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि श्रमिक समूह खुद बस आदि करके आना चाहें तो उन्हें अनुमति दी जाए। सरकार इस खर्च को वहन करे। शर्मा ने कहा कि अनियंत्रित स्वयं श्रमिक आयेंगे तो सारा लॉक्डाउन व्यर्थ मान लें। सरकार की निगरानी में आने से जाँच, क्वॉरंटीन आदि विधि विधान से होगा। लगभग 50 श्रमिक समूह जिनमे कुल संख्या 2000 के क़रीब है, जो अन्य प्रदेशों में हैं उनसे मैं लगातार संपर्क में हूं। समझाने के बावजूद अनेक समूहों से पैदल चलना प्रारम्भ कर दिया है। कोई प्रदेश अन्य प्रदेश के श्रमिकों को अब रखना नहीं चाह रहे - श्रमिक भाग भी रहे हैं और उन्हें भगाया भी जा रहा है।
कॉलेजों में परीक्षा ऑनलाइन नहीं बल्कि ऑफलाइन ही आयोजित की जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाएगी। इसके लिए स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए जा सकते हैं। परीक्षा और नए सत्र में प्रवेश से संबंधित विभिन्न विषयों को लेकर पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में मंगलवार को पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक हुई।
बैठक में परीक्षा के आयोजन पर मंथन हुआ। लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है कि परीक्षा का आयोजन कब से किया जा सकता है। संभावना है कि मई के आखिरी सप्ताह या फिर जून से परीक्षा की शुरुआत हो सकती है। परीक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर पहले भी स्कूलों में केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन इनकी संख्या कम रहती है और कुछ-कुछ विषयों में ही स्कूलों का उपयोग केंद्र के रूप में किया जाता है। लेकिन इस बार ज्यादातर विषयों की परीक्षा के लिए स्कूलों को केंद्र बनाया जा सकता है। इससे पहले, काेरोना वायरस व लॉकडाउन के बाद ऐसी चर्चा थी कि परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से संभावनाएं भी तलाशी गई। लेकिन फिलहाल ऑनलाइन माध्यम से कॉलेजों में यूजी व पीजी की परीक्षा आयोजित करना मुश्किल है। उपलब्ध संसाधनों व अन्य स्थितियों को देखते हुए कमेटी भी ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में नहीं है।
इसलिए इस बार भी परीक्षा पुराने पैटर्न के अनुसार आयोजित की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि परीक्षा के आयोजन को लेकर कमेटी के सदस्यों ने कॉलेज व दूसरे संस्थानों से भी चर्चा की है। कमेटी की दूसरी बैठक गुरुवार को आयोजित की सकती है। रिपोर्ट इसी सप्ताह उच्च शिक्षा को भेजी जाएगी। गौरतलब है कि पांच सदस्यीय कमेटी में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएल वर्मा, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पालटा, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जीडी शर्मा, उच्च शिक्षा के अपर संचालक पीसी चौबे और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीशकांत पांडेय हैं।
दिगंबर जैन समाज धार ने शासन-प्रशासन द्वारा शराब, गुटका व तंबाकू की दुकानें खाेलने के लिए गए निर्णय का कड़ा विरोध किया है। जिसमें धार्मिक स्थल तो बंद रहेंगे परंतु शराब की दुकानें चालू रहेगी। इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।
समाज अध्यक्ष वीरेंद्र जैन व सचिव नवीन गोधा ने बताया शासन ने काेराेना महामारी से बचने के लिए धार्मिक स्थलों पर जाने आने पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया है ताकि एक स्थान पर ज्यादा संख्या में लाेग एकत्रित नहीं हाे। देश हित में लिए इस निर्णय को सभी धर्मों के लोगों ने माना भी है। जबकि जैन धर्म के अनेक अनुयायी के नियम है कि बगैर भगवान के दर्शन करें अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे परंतु जैन धर्म के आचार्यों व मुनियों नेे देशहित में स्पष्ट निर्देश व आज्ञा दी कि इस सकंट काल में अपने मन व घर को मंदिर बनाकर कुछ समय के लिए अपनी प्रतिज्ञा को विराम दे। बाद में इस गलती के लिए प्रायश्चित कर लेना। इसी का परिणाम है कि देश के करीब 99 प्रतिशत जैन समाजजन चाहकर भी मंदिर नहीं जा रहे हैं।
शासन ने जनता की जान बचाने के लिए अरबों रु. खर्च किए है। कई उद्योग, धंधे बंद कर दिए हैं। वहीं शरीर को नुकसान करने वाले शराब, गुटका व तंबाकू की दुकान खोलने की छूट देकर गलत किया है। गोधा ने बताया गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध है। शराब दुकानों को छूट देने से साेशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हाेकर बीमारी फैलेगी। दिगंबर जैन समाज धार ने शासन व प्रशासन से धार्मिक स्थलों पर शशर्त जाने की छूट देकर शराब, गुटका व तंबाकू की दुकान को बंद ही रहने की मांग की है।
शहर के रावाभाटा इलाके की शराब दुकान मंगलवार को नहीं खुली। यहां क्षेत्र के आम लोग पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं थीं। शराब दुकान को बंद कराने के नारों के बीच महिलाओं ने धावा बोल दिया। दुकान के बाहर लगी लकड़ी की बैरीकेडिंग को तोड़ दिया गया। कुछ देर बाद खमतराई पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को हटाया।
काफी देर तक हुए हंगामे के बाद 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार होने वालों में इसी इलाके के रहने वाले प्रिंस सिंह परमार, डिकेंद्र, राजन मिश्रा, जय देवांगन, लोकेश साहू और सौरभ सिंह शामिल हैं। इनके खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने, शासकीय कर्मचारी के साथ मारपीट, बंधक बनाने, बलवा जैसी 10 धाराओं में केस दर्ज किया गया। क्षेत्र की महापौर अंबिका यदू ने कहा कि कार्रवाई सिर्फ भाजपा के लोगों पर हुई है। जबकि विरोध में कांग्रेसी भी शामिल थे।
शहर के तेलीबांधा तालाब में एक अधेड़ की लाश मिली। मंगलवार दोपहर कुछ लोगों ने पानी में कुछ हलचल देखी। नजदीक जाने पर मामला समझ आया। पुलिस को सूचना देने के बाद लाश को पानी से बाहर निकाला गया। पुलिस ने आस-पास के इलाके में पता किया। जानकारी मिली कि मृतक का नाम बिरजू है। जो कि सुभाष नगर इलाके का ही रहने वाला था।
अब मृतक के परिजन से पुलिस पूछताछ कर रही है। यह बात सामने आई है कि बिरजू का उसकी पत्नी से विवाद हुआ था। इस वजह से वह उससे अलग रह रही थी। इससे परेशान होकर बिरजू ने जान दे दी। किसी भी तरह सुसाइड नोट नहीं मिला है। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंपा जाएगा।
छत्तीसगढ़ में मंगलवार से शराब की होम डिलीवरी शुरू हो गई है। लोग घर बैठे शराब मंगा सकते हैं, लेकिन इसके लिए 120 रुपए डिलीवरी चार्ज देना होगा। साथ ही आधार नंबर भी बताना पड़ेगा। वहीं, रायपुर में उमड़ी भीड़ को देखते हुए 15 दुकानें बंद करने का फैसला किया है। दूसरी ओर रैपिड टेस्ट में जांच के बाद बस्तर में तीन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
क्वारैंटाइन सेंटर खोलने का विरोध, ग्रामीणों ने रास्ते बंद किए
सूरजपुर के प्रतापपुर पालिका क्षेत्र में जजावल से लगे ओड़गी ब्लाक के कालाजामन सहित दो गांवों में क्वारैंटाइन सेंटर खोलने का विरोध शुरू हो गया है। लोगों ने गांव में प्रवेश के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल और हाईस्कूल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाने की सूचना से लोगों में गुस्सा है। इससे पहले जजवाल में बने राहत केंद्र से ही कोरोना के 7 संक्रमित मिले थे।
शराब दुकानें खोलने का समय 3 घंटे कम, अब 4 बजे तक खुलेंगी
राज्य सरकार ने प्रदेश में शराब दुकानों के खुलने समय को 3 घंटे कम कर दिया है। अब दुकानें शाम 4 बजे तक ही खुलेंगी। इसको लेकर सभी कलेक्टर को आदेश जारी कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने और भीड़ के कारण समीक्षा के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। पहले दुकानों के खुलने का समय सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक निर्धारित किया गया था।
शराब दुकानों पर दो गज दूरी बनाने के हैं निर्देश
अकलतरा में महिलाओं ने नहीं खोलने दी शराब दुकान
जांजगीर में अकलतरा के कापन गांव में महिलाओं ने पहले ही दिन शराब की दुकानें खोलने का विरोध कर दिया। सुबह से ही हाथों में शराब के विरोध का बैनर औरहाथों में लठ लिए महिलाएं शराब दुकान के पास पहुंच गईं थीं। अधिकारियों ने भी मौके पर महिलाओं को समझाने की कोशिश की और उन्हें कार्रवाई का डर दिखाया। इसके बावजूद महिलाएं अड़ी रहीं और शराब दुकान नहीं खुलने दी।
रायपुर: 6 इलाके कंटेंटमेंट जोन घोषित, बाहर निकलने पर पाबंदी
सोमवार को कोरोना पाॅजिटिव युवक मिलने के बाद सरस्वती नगर और उसके आसपास 6 जगह को कंटेंटमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां रहने वालों का सैंपल लिया जाएगा और प्रत्येक की जांच होगी। आसपास के किमी के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया। इसमें साइंस कॉलेज हॉस्टल रोड, रविशंकर यूनिवर्सिटी गेट, कुकुरबेड़ा मार्ग, डूमरतालाब आमानाका, ओवरब्रिज के नीचे का इलाका और पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम शामिल है। लोगों के बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। युवक के संपर्क में आए 16 लोगों को क्वारैंटाइन करते हुए निमोरा भेज दिया है।
प्रदेश में काेरोना संक्रमण
कोरोना अपडेट्स
रायपुर : आमानाकाइलाके में मिलेकोरोना पॉजिटिव युवक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वह पिछले 15 दिन में करीब 50 लोगों के यहां कूलर सुधारने गया था। सभी के नाम-पते लेकर संपर्क करना शुरू कर दिया गया। प्रशासन ने बस्ती का कुछ हिस्सा सील कर दिया है। डाॅक्टरों का अनुमान है कि वह अपने काम के सिलसिले में ही किसी संक्रमित के संपर्क में आया होगा। उसके घरवालों के भी सैंपल लिए गए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट मंगलवार को आएगी।
बिलासपुर : जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल अब लॉकडाउन के बीच भी खुल सकते हैं। प्रिंसिपल स्कूल के जरूरी काम जैसे अकाउंट, साफ सफाई और अन्य काम करने के लिए कुछ स्टाफ को भी बुला सकते हैं। हालांकि पैरेंट्स और बच्चों को अगले आदेश तक स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा। स्कूल में किसी तरह की पढ़ाई नहीं होगी सिर्फ जरूरी काम और साफ-सफाई ही होगी।
दुर्ग : जिले में 24 घंटों के अंदर 8 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सोशल ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ा है। इसमें बड़ी चूक सामने आई है। संक्रमित मिले सभी 3 से 14 दिनों में 5 प्रदेशों से आए और उनकी बाॅर्डर पर जांच नहीं हुई। राहत शिविर से बाहर निकलकर लोग घूमते रहे। सिर्फ फाइलों में जिले की सीमाएं सील हुईं। जो पॉजिटिव मिले सभी बिना ई-पास के आए। रैपिड किट तक से जांच नहीं की गई। क्वारैंटाइन करने की जगह उन्हें राहत शिविर में भेजा गया।
शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर बीरगांव इलाके में अलग ही नजारा देखने को मिला। उरला की मुख्य सड़क पर ज्वेलर्स शॉप, जींस, साड़ी की दुकानें, सेलून तक खुले नजर आए। अब तक रायपुर रेड जोन में है। यहां कई तरह की बंदिशें हैं। इसके बावजूदइन दुकानों को खोला गया। इस बारे में जब क्षेत्र की महापौर अंबिका यदु से बात की गई तो उन्होंने कहा लोग नाराज हैं।
दैनिक भास्कर से बीरगांव महापौर ने कहा कि शराब दुकानों को खोल दिया गया है। क्षेत्र के लोग लॉकडाउन के पालन की बात नहीं मान रहे। हमसे लोग सवाल पूछ रहे हैं कि शराब दुकानें क्यों खोली गईं।अब इन्हें मैं क्या, नगर निगम कमिश्नर भी बंद नहीं करवा सकते। यह अब पुलिस और कानून का काम है। अब हम यदि लोगों की दुकानें बंद करवाने गए तो हमें मार पड़ जाएगी।
सेन समाज ने की मांग
कोरोना संकट के चलते सेलून व्यवसाय से जुड़े लोगों ने सरकार से कुछ मांग की है। प्रशासन को संघ की तरफ से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि लॉकडाउन 2 के बाद सेलून खुलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ। जबकि शराब की दुकानों को खोल दिया गया है। अब अगर सैलून के काम को शुरू नहीं किया गया तो लोगों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा। सरकार से मांग है कि सेलून के व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिक मदद के रूप में हर महीने 15 हजार रुपए दें,नि:शुल्क जीवन बीमा प्रति सदस्य 50 लाख रुपए तक करवाया जाए।
रायपुर जिले में फंसे झारखंड के रहने वाले ऐसे मजदूरअब घर लौट रहे हैं। करीब 450 लोगों को बस से झारखंड के लिए रवाना किया गया। झारखंड के 8 जिलों सराईकेला, बोकारो, खुटी,हजारीबाग,धनबाद,रामगढ़, सराईकेला, लातेहार और गिरीडीह के लिए 18 बस लोगों को लेने पहुंचीं। यह बस झारखंड का प्रशासन ही भेज रहा है। जैसे-जैसे बस आ रही हैं, लोगों को रवाना किया जा रहा है। जिस जिले की बस आ रही है, सिर्फ उसी जिले के लोगों को भेजा जा रहा है। रायपुर के राधा स्वामी सत्संग आश्रम को पिकआप प्वॉइंट बनाया गया है।
झारखंड के करीब 13 सौ श्रमिकों ने अपना पंजीयन कराया है। इन्हें आश्रम में ही रखा गया है। कलेक्टर एस भारती दासन ने यहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। कलेक्टर ने यहां जिला प्रशासन द्वारा की गई रजिस्ट्रेशन, भोजन, स्वल्पाहार पानी, छाया, लाइट, पंखे, शौचालय, आराम करने आदि की व्यवस्था का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जिस जिले में झारखंड के श्रमिक और नागरिक वर्तमान में फंसे हुए हैं, वेवहां के जिला प्रशासन से सम्पर्क कर रजिस्ट्रेशन का कार्य करवा सकते हैं।
अन्य राज्यों के लोगों का जुटा रहे डाटा
छत्तीसगढ शासन के श्रम विभाग ने श्रमिकों की सहायता के लिए सात हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है। ये नम्बर हैं-0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 और 88277-73986 है। सुबह 9 बजे से शाम के 7 बजे तक उत्तर प्रदेश के लिए 75878-21800 और 96858-50444 दिल्ली और हरियाणा के लिए 74772-13986, बिहार के लिए 88199-53807 तथा पश्चिम बंगाल एवं उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 83494-68006 नंबर पर संकर्प किया जा सकता है। आगामी दिनों इन राज्यों से लोगों को भी वापस भेजा जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार छत्तीसगढ़ फीस विनियमन अधिनियम 2020 बनाने की तैयारी में है। इसको लेकर सरकार ने आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। कोई भी व्यक्ति 15 मई तक इस संबंध में अपने सुझाव सरकार को दे सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक ईमेल आईडी जारी की है।
संचालक लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से इस संबंध में सूचना जारी कर दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने फीस विनियमन के प्रारूप की विभिन्न धाराओं पर सुझाव मांगे हैं। इसे बिंदुवार विभाग की ई-मेल dpifee2020@gmail.com पर भेजना है। कोई भी व्यक्ति इस संबंध में अपने सुझाव 15 मई को अपराह्न 3 बजे तक ईमेल पर भेज सकता हैं। इन्हीं सुझाव के आधार पर अधिनियम का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
तीन सदस्यीय मंत्रि परिषद की उप समिति का किया गया है गठन
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्राइवेट स्कूलों से फीस नहीं लेने की अपील बार-बार की थी। बावजूद कुछ स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे थे। अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राइवेट स्कूलों की फीस को तय किया जाना है। इसे लेकर अनुसंशा देने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिपरिषद उप समिति का गठन किया गया है।
मंत्रिपरिषद उप समिति की बैठक में शामिल सदस्यों गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे सहित स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक लोक शिक्षण जितेंद्र शुक्ला ने यह निर्णय लिया कि लोगों के सुझाव के माध्यम से आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके लिए संचालक लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक एके बंजारा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
सोमवार को शहर 23 हाथियों का दल घुस आया। हाथी कलेक्टोरेट परिसर से मजह 500 मीटर की दूरी पर विचरण करते दिखे। वन विभाग की टीम को हाथियों की लोकेशन मिल गई थी। इसके बाद हाथियों का खदेड़ा गया। हाथियों का पूरा दल शहर से निकलकर पतेरापाली बांध पहुंचा और शाम तक यहीं मौजूद रहा। यह दूसरा मौका है जब शहर में हाथियों का दल पहुंचा। सालभर पहले मई महीने में ही दो दंतैल ठीक इसी स्थान पर पहुंचे थे, जहां सोमवार को हाथियों का देखा गया।पुलिस विभाग को हाथियों के आने की सूचना दी गई। इसके बाद आगे का रास्ता खाली कराते हुए हाथियों को आगे खदेड़ा गया।
दौरान हाथियों का दल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने से होते हुए भलेसर रोड स्थित मुक्तिधाम, सुभाष नगर होते हुए सितली नाला के पास से एनएच 353 को क्रॉस कर लभरा की ओर गया। डीएफओ मयंक पाण्डेय ने बताया कि टीम हाथियों के मूवमेंट की लगातार निगरानी कर रही है। सुभाष नगर निवासी कुमारी बाई खेत में काम रही थी। हाथियों को देख वो संभल पाती, उससे पहले ही एक दंतैल ने उसे सूंड से मार दिया। इससे वृद्ध महिला घायल हो गई। मौके पर मौजूद कोतवाली प्रभारी राकेश खुंटेश्वर और उनकी टीम ने महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत सामन्य है।
शहर की शराब दुकानों में दिन भर भीड़ जुटती रही। लालपुर इलाके की दुकान में शराब लेने आस-पास के क्षेत्रों से भी लोग आए। दुकान के बाहर भीड़ में लोग धक्का-मुक्की पर आमादा थे। हालात बेकाबू होते देख पुलिस जवानों ने लाठियां बरसाईं। पुलिस को ऐसा करते देख, दुकान में रखे गए गार्ड भी लाठियां भांजने लगे। भीड़ कुछ सेकंड के लिए ही छंटी फिर दौड़कर शराब लेने आए लोगों ने लाइन लगा ली। दिन भर इस दुकान में ऐसा ही माहौल रहा।
अब घर पहुंचाएंगेशराब
शराब को ग्राहक के घर तक पहुंचाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। सोमवार को प्रदेश की दुकानों में उमड़ी भीड़ और कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। डिलीवरी बॉय सिर्फ ग्रीन जोन में ही शराब पहुंचाएंगे। शराब की बुकिंग के लिए http://csmcl.in वेबसाइट एड्रेस जारी किया गया है। लोगों को गूगल प्ले स्टोर में सीएसएमसीएम एप भी डाउनलोड करने को कहा गया है। ग्राहक को अपना मोबाइल नम्बर, आधार कार्ड और पूरे पते की जानकारी देनी होगी। लोग एक शराब दुकान से एक बार में 5000 एम.एल. तक शराब अपने घर डिलीवर करवा सकते हैं। शराब के दाम के अलावा लोगों को डिलीवरी के चार्ज के तौर पर 120 रूपए देने होंगे।
सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि मजबूत इरादाें से भी 10 मरीजाें ने काेराेना काे मात दी है। आइसाेलेशन सेंटर महाजन अस्पताल से भले ही डिस्चार्ज हाेकर लोग अपने-अपने घर लाैट चुके हाें, मगर वहां के स्टाफ के मन में इन्हांेने अपनी एक छाप छाेड़ी है।साेमवार काे यहां की दाे स्टाफ नर्स पायल चाैहान व चेतना जायसवाल नेमरीजाें के बिताए अनुभव साझा भी किए।
स्टाफ नर्स पायल चाैहान ने बताया
इस महायुद्ध में कुलदीपक काे खाे चुके कुक्षी निवासी अंबादास शायद पहले ऐसे पिता हैं जाे बीमारी काे हराकर सकुशल घर लाैटे। हां... बेटे काे खाेने का गम ताे जरूर है, लेकिन उनके इरादे भी मजबूत हैं। परिवार से काेई नहीं था ताे मुझे अपनी बेटी मानकर बेटे की माैत का गम आंसुओंमें व्यक्त किया और कहा- मैडम... अब मैं काेराेना काे जरूर हराऊंगा, खुद के लिए नहीं, बल्कि बेटे अाैर उन सभी के लिए जिन्हाेंने काेराेना की वजह से अपनाें काे खाेया है। समय पर दवाई लेना, भाेजन करना और राेज सुबह जल्दी उठकर याेग करना। मुझसे पूछते मेडम...मैं ठीक कर रहा हूं ना, मैं भी उन्हें प्रेरित करती। स्टाफ के कई लाेग अाइसाेलेशन में ड्यूटी देने से पीछे हट रहे थे। शुरू में हमें भी डर लगा, लेकिन जब मरीजाें के बीच पहुंची ताे लगा कि सेवा का यह माैका हर किसी काे नहीं मिलता। मैं साैभाग्यशाली हूं मुझे अवसर मिला।
करुणा कहती जाे हमें हुआ वाे आपके साथ नहीं हाे, इसलिए हमसे दूर रहाे
स्टाफ नर्स करुणा भी बीमारी से परेशान थी। जब मैं दवाई देने जाती ताे वे हमसे दूर रहती। कहती थी कि जाे मेरे साथ हुअा वाे अापके साथ नहीं हाे, मुझसे दूर रहाे और सुरक्षित रहाे। क्याेंकि घर पर काेई आपका इंतजार कर रहा है। खैर करुणा अपनी जगह सही थी, लेकिन मुझे फर्ज निभाना था। एक और भैय्या थे... जिनका नाम आमिर था। वे खुद के साथ हमें भी यकीन दिलाते कि हम काेराेना काे जरूर हराएंगे। उनकी यह सकारात्मकता ही उनके साथ हम में भी नई ऊर्जा का संचार कर रही थी। हमने हर मरीज काे अपना माेबाइल नंबर दिया ताकि कहीं काेई परेशानी आए ताे वह हमें बुला ले। मरीजाें ने अपना नंबर तक सेव कर लिया था। जिस दिन वे यहां से डिस्चार्ज हाेकर अपने घर लाैटे उन्हाेंने हमेंफाेन कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
दाे साल से हत्या और डकैती के मामले में फरार भूतिया के इनामी बदमाश काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक कट्टा, जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। पकड़े गए बदमाश पर 20 हजार रुपए का नकद इनाम डीआईजी इंदाैर ने घाेषित किया था। आराेपी ने गंधवानी के ग्राम साेयला में अपने साथियाें के साथ वर्ष 2018 में डकैती डाली थी। वह तभी से फरार था।
जिले में इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए एसपी आदित्य प्रतापसिंह ने एएसपी धार देवेंद्र पाटीदार के निर्देशन में जिले के सीएसपी/एसडीओपी, थाना प्रभारियों के साथ क्राइम ब्रांच धार प्रभारी संतोष कुमार पांडेय को लगाया था। इसी तारतम्य में क्राइम ब्रांच धार प्रभारी संतोष पांडेय को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम भूतिया-होलीबयडा का रहने वाला इनामी बदमाश कासू पिता इंदरसिंह भील, जो थाना गंधवानी के डकैती के अपराध में नाम दर्ज आरोपी है, भूतिया-बलवारी होते हुए गंधवानी की ओर आने वाला है।
थाना प्रभारी गंधवानी एमटी बेग एवं क्राइम ब्रांच प्रभारी संतोष कुमार पांडेय ने टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए ग्राम बिल्दा बस स्टैंड के पास नाकाबंदी की। एक व्यक्ति आता दिखा, घेराबंदी कर पकड़ा। उसके पास से एक कट्टा मिला, लाइसेंस का पूछने पर नहीं होना बताया। सख्ती से पूछने पर अपना नाम कासू पिता स्व. इंदरसिंह बारिया (32) निवासी ग्राम होलीबयडा बयडी फलिया थाना टांडा का बताया। कासू बारिया थाना गंधवानी में धारा 395, 396, 397, 460 भादंवि में नाम दर्ज आरोपी है। उसने अपने गांव भूतिया के अन्य साथियों के साथ मिलकर सोयला गांव में डकैती डालना कबूल किया। आरोपी शातिर होकर अपने रहने का स्थान बदल रहा था, जिससे पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।
आरोपी से क्राइम/सायबर ब्रांच धार प्रभारी संतोष कुमार पांडेय, सउनि धीरज सिंह राठौर, प्रआर. रामसिंह गौर, आर. गुलसिंह, आर. बलराम, आर. राहुल, सायबर सेल धार प्रशांत, शुभम, आदर्श एवं थाना प्रभारी गंधवानी एमटी बेग, सउनि प्रहलाद सिंह बौरा द्वारा लगातार पूछताछ की जा रही है। अन्य कई चोरी, लूट, डकैती की वारदातों का खुलासा होने की संभावना है।
साेमवार देर शाम काे आई रिपाेर्ट में जिले में 20 नए लाेगोंमें काेराेना संक्रमण की पुष्टि हुई है। धार में पहली बार इतनी संख्या में लोग एक साथ संक्रमित पाए गए हैं। 20 लोगों के पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अब धार में पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या अब 75 हाे गई है। इधर नाै लाेगाें की दूसरी रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव पाई गई हैं। इसमें काेराेना काे हराकर ठीक हाे चुकी निजी अस्पताल की स्टाफ नर्स के भाई सहित पीथमपुर की महिला भी शामिल है। 39 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाने से थाेड़ी राहत है।
नए संक्रमित मरीजाें में धार की पट्ठा चाैपाटी के पांच, कुक्षी का एक, जिले के डेहरी भगरू चाैपाटी के 14 मरीज शामिल हैं। इधर साेमवार काे दाेपहर में जिला अस्पताल पहुंची एक वृद्धा की माैत हाे गई। उसका सैंपल लिया गया था। पुलिस अभिरक्षा में उसकाे नगर पालिका के माध्यम से कब्रिस्तान में दफनाया गया।
साेमवार काे 12 से 28 अप्रैल के बीच लिए गए सैंपल की रिपाेर्ट आई। ये सभी लाेग लंबे समय से रिपाेर्ट आने का इंतजार कर रहे थे। इनमें एक पाॅजिटिव मरीज की दूसरी रिपाेर्ट निगेटिव आई है। यदि उसकी तीसरी रिपाेर्ट भी निगेटिव आती है ताे उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। पांच लाेगाें काे इनवेलिड माना गया है यानी उनके सैंपल काे मशीन ने स्वीकार नहीं किया। सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा का कहना है कि यदि ऐसे लाेग 14 दिन से क्वारेंटाइन में हैं और उन्हें किसी प्रकार के लक्षण नहीं हैं ताे वे सामान्य माने जाएंगे, उनका रिसैंपल लेने की जरूरत नहीं रहेगी। गाैरतलब है कि साेमवार की रात में आई रिपाेर्ट में 20 लाेग संक्रमित पाए गए, जबकि पीथमपुर की रामरतन पटेल कॉलोनी की महिला की सेकंड रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई है।
महाजन अस्पताल के आइसाेलेशन सेंटर से काेराेना की जंग जीत कर ठीक हुए नाै साल के बालक राज काे साेमवार काे डिस्चार्ज कर दिया गया। उसे गुलदस्ता और गिफ्ट देकर तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। राज इस बीच अपनी मां काे देखता रहा। एक क्षण के लिए मां भी अपने बेटे काे कई दिनाें बाद देखकर कुछ नहीं बाेल पाई। हालांकि उसकी मां अाैर दाेनाें बहनाें की रिपाेर्ट भी रविवार काे निगेटिव एई है। इसलिए उसे मां के साथ एंबुलेंस से मनावर भेजा गया। अस्पताल के बाहर राज की मां रेखाबाई ने बताया कि हम काफी समय से इंदाैर चले गए हैं। बच्चे वहीं पर पढ़ते हैं। सास-ससुर ने कहा था कि गांव आ जाओ यहां परेशानी हैं इसलिए आगए थे। बाद में गांव वालाें ने हमें घुसने नहीं दिया। मनावर से धार और धार से मनावर ही करते रहे। इसी दाैरान मेरे बेटे काे काेराेना हुआ। राज ने वी का चिन्ह दिखाया।
जिन मजदूराें काे गुजरात छाेड़ा, उनमें दाे पाॅजिटिव आए, बस चालक काे क्वारेंटाइन किया
जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. संजय भंडारी ने बताया कुछ दिन पहले धार से प्रशासन ने गुजरात के मजदूराें काे बस से दाहाेद पहुंचाया था। लेकिन वहां से जानकारी आई है कि इनमें से दाे मजदूर पाॅजिटिव पाए गए हैं, हालांकि वे गुजरात में ही गिने जाएंगे। इसके बाद हमने धार की गुलमाेहर काॅलाेनी के बस चालक और क्लीनर की जानकारी निकाली, चालक देवास में था, उसे धार बुलाकर जांच के बाद क्वारेंटाइन कर दिया है। दाेनाें हाईरिस्क में थे।
रिपोर्ट आई नहीं और स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियोंकाे डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन किया
जिला अस्पताल की स्टाॅफ नर्साें और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें काे रिपाेर्ट दिए बगैर ही क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज कर हाेम क्वारेंटाइन कर दिया है। इन स्टाॅफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें में कुछ काे गले में खराश व खांसी की शिकायत है। रिपाेर्ट नहीं आने से इन कर्मचारियाें में काेराेना काे लेकर संशय बना हुआ है। रिपाेर्ट नहीं आने की बात से समस्त स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियाें ने पत्र के माध्यम से उच्चाधिकारियाें काे अवगत भी कराया है। फिलहाल काेई जवाब नहीं मिला है। जिला अस्पताल से सफाई दराेगा के काेराेना पाॅजिटिव निकलने के बाद एसएनसीयू वार्ड की स्टाॅफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों(50 से अधिक) के सैंपल लेकर भेजे गए थे। उनमें करीब 25 कर्मचारियाें की रिपाेर्ट आना बाकी है।
तीन दिन में आना था रिपोर्ट, 17 दिन बाद भी नहीं आई
18 अप्रैल काे सैंपल भेजे गए थे। नियमानुसार तीन दिन में रिपाेर्ट आ जाना चाहिए थी, लेकिन अब तक रिपाेर्ट नहीं आई। 17 दिन हो गए पर रिपाेर्ट नहीं आने से चिंता और बढ़ गई है। नाम न छापने की शर्त पर नर्साें ने बताया कि हम शहर की एक पाॅश एरिया में किराए के मकान में रहती हैं। हाेम क्वारेंटाइन हाेने से वे घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। सामान भी नहीं ला पा रहे हैं। एक अन्य नर्स का कहना है कि वे जब क्वारेंटाइन सेंटर से डिस्चार्ज हाेकर पहुंची ताे मकान मालिक ने पहले रिपाेर्ट मांगी। मकान मालिक बार-बार रिपाेर्ट काे लेकर पूछते रहते हैं।
ऑक्सीजन का लेवल कम था, रैफर न करने पर अड़े रहे परिजन
सिविल सर्जन डाॅ. अनिल वर्मा ने बताया कि साेमवार दाेपहर में गुलमाेहन काॅलाेनी की 65 साल की महिला काे परिजन लेकर आए थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। पहले से अस्थमा था। ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था। इसलिए इंदाैर रैफर किया था। एंबुलेंस के साथ अन्य सभी सुविधा भी थी, लेकिन परिजन न ले जाने पर अड़े रहे। बाद में दम ताेड़ दिया, हालांकि उसका सैंपल लिया गया था। उसकाे पुलिस अभिरक्षा में धार के कब्रिस्तान में दफनाया गया।
पति के बाद बावड़ीपुरा की महिला की दाे दिन पहले इंदाैर में माैत
नालछा ब्लाॅक के बावड़ीपुरा 50 साल की महिला अाैर उसके पति काे जिला अस्पताल मंे भर्ती कराया गया था। लेकिन पति मगन की जिला अस्पताल में माैत हाे गई थी। उसकाे कोरोना संदिग्ध माना गया था। जिला अस्पताल में उसका सैंपल भी लिया गया था इसलिए प्रशासन द्वारा पुलिस अभिरक्षा में उसका अंतिम संस्कार कराया गया था। उसकी पत्नी काे इंदाैर भेजा गया था, जहां दाे दिन पहले इलाज के दौरान उसकी माैत हाे गई। इंदाैर प्रशासन ने वहीं पर अंतिम संस्कार कराया। डाॅ. वर्मा का कहना है कि अभी तक दाेनाें की रिपाेर्ट नहीं अाई है। बावड़ीपुरा में परिजन हाेम क्वारेंटाइन में हैं।
डाॅ. अनिल वर्मा, सिविल सर्जन, धारने कहा -लापरवाही नहीं
जिनकाे हाेम क्वारेंटाइन किया गया है, उन्हें जल्द काम पर बुलाया जाएगा। गले में खराब एलर्जीक है, काेराेना वाले लक्षण नहीं है। रिपाेर्ट के बारे में कुछ नहीं कह सकते। यह शासन स्तर का काम है लापरवाही जैसी बात नहीं है।
शैलेंद्र साेलंकी, अपर कलेक्टर, जिला धार ने कहा
आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार हाेम क्वारेंटाइन हुए कर्मचारियाें काे काम करने की छूट है। इनमें कुछ शर्ते हैं जिनका पालन उन्हें करना हाेगा। इसकी कार्रवाई सीएमएचओ ही कर सकते हैं।
डाॅ. आरसी पनिका, सीएमएचओ ने कहा
नर्साें की रिपाेर्ट के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता, आप सिविल सर्जन से इस संबंध में जानकारी लें।
लॉकडाउन के कारण 48 दिनों से बंद मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयाें में सोमवार को कर्मचारी लौटे तो उनका सामना गर्मी से हुआ। कोरोना के कारण सेंट्रल एसी को बंद रखा गया है, जबकि कमरे में पंखा भी नहीं है। कर्मचारियों ने जीएडी सचिव से शिकायत की है तो अब एक हफ्ते के भीतर पंखे की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
महानदी भवन में विधि विभाग, जीएडी के तीन-चार सेक्शन, उद्योग और सिंचाई विभाग में जहां स्टाफ के लोग बैठते हैं, वहां सीधे सूरज की किरणें आती हैं। सचिवालय ब्लॉक में भी जहां स्टाफ बैठता है, वहां भी सीधे धूप आती है। इस वजह से इन कर्मचारियों को आज काफी दिक्कत हुई। आज सुबह जब अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे तो पहला घंटा तो मिलने में ही बीत गया। इसके बाद काम शुरू हुआ। जैसे-जैसे समय बीता गर्मी से कर्मचारी परेशान होने लगे। दोपहर बाद मंत्रालय में कर्मचारियों ने सीएस आरपी मंडल व जीएडी सचिव से मिलकर तकलीफ बताई। जीएडी सचिव ने तत्काल पंखे की व्यवस्था करने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। स्टाफ ने एनआरडीए के पास रखे 100 पंखों को भी तत्काल पहुंचाने के लिए कहा है, जिससे काम के दौरान राहत मिल सके।
चाय के लिए तरसे, मास्क बेचने पहुंची महिलाएं
मंत्रालय में कैंटीन यानी नहीं खुला। इस वजह से स्टाफ चाय को भी तरस गया। बिल्डिंग के बाहर लगने वाले ठेले भी बंद रहे। हाॅल में गाइडलाइन में बताया गया था कि कर्मचारी कैंटीन में नहीं बैठ सकेंगे। वे काॅफी हाउस के मेनू के मुताबिक जो ऑर्डर करेंगे वह उन्हें टेबल पर ही सर्व कर दिया जाएगा। कई महिलाएं जो स्व-सहायता समूहों से जुड़ी थीं, वे मंत्रालय में मास्क बेचती रहीं। कई कर्मचारियों ने खरीदी भी की। बताया गया कि बसें सेनिटाइज की गई हैं, लेकिन अब तक पूरा मंत्रालय सेनिटाइज नहीं किया गया है। हालांकि गेट पर मशीन लगी है, जिससे सेनिटाइजर निकाल कर स्टाफ हाथों को सेनिटाइज कर प्रवेश करते रहे। आपदा प्रबंधन, जीएडी, होम व फाइनेंस विभाग में चर्चा थी कि वे लगातार काम करते रहे, इसलिए उन पर भी फूल बरसाए जाएं।
कुक्षी में बनाए गए भट्टी मोहल्ले के हॉट स्पाट सहित अन्य जगह प्रशासन की टीम लगातार सक्रिय और पूरी मुस्तैदी से नजर बनाए हुए हैं। सोमवार को भी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस जवान वहां पर तैनात रहे। एसडीएम बीएस कलेश, तहसीलदार सुनील कुमार डावर लगातार हॉट स्पाट क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं और वहां पर सख्त हिदायत दे रहे हैं। तहसीलदार डावर क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे और वहां पर जो नए लोग शिफ्ट किए गए हैं उनके हालचाल जान सुविधाओं का अवलोकन किया। इसी के साथ ढोल्या चैक पोस्ट का भी तहसीलदार ने निरीक्षण किया। सभी कर्मचारी उपस्थित पाए गए। ढोल्या में किराना दुकान से भीड़ हटाई गई।
इधर लॉकडाउन 0.3 के तहत डही-कुक्षी अनुभाग क्षेत्र के विभिन्न कस्बों और गांवों में प्रशासन द्वारा लगातार लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। लोग भी प्रशासन का पूरा सहयोग कर अपने घरों में है। कुक्षी नगर में 7 दिन से पूरी तरह कर्फ्यू लगा हुआ है। जिस पर प्रशासनिक मुस्तैदी देखी जा रही है तथा नागरिकों को हर तरह की समझाइश देते हुए सतर्कता और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
जैन धर्मशाला तालनपुर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखे लोगों को तालनपुर से हटाकर कुक्षी के गणगौर पैलेस व अन्य एक छात्रावास में शिफ्ट किया गया है। क्राइसिस मैनेजमेंट दल के मनोज दुबे (बीआरसी डही) ने बताया इनमें कन्या छात्रावास में हाइरिस्क प्रभावित पांच लोग, लो रिस्क के 17 इस तरह कुल 22 मरीज रखे गए हैं। गणगौर पैलेस में हाइरिस्क 1 व लो रिस्क प्रभावित 18 इस तरह कुल 19, उत्कृष्ट बालक छात्रावास में हाइरिस्क प्रभावित 7 और लो रिस्क प्रभावित 11 इस तरह कुल 18, वहीं ग्रामीण क्षेत्र डेहरी में हाइरिस्क प्रभावित 22 व लो रिस्क प्रभावित चार लोग इस तरह कुल 26 मरीज भर्ती है। चारों क्वारेंटाइन सेंटर पर कुल 85 मरीजाें को रखा गया है।
काॅम्प्लेक्स संचालक ने एक माह का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया
गंधवानी| बस स्टैंड-सिंघाना रोड पर स्थित काॅम्प्लेक्स के संचालक सुनील कैलाश सोलंकी ने अपने काॅम्प्लेक्स में रेंट से दी गई 30 से अधिक दुकान और रहवासी किरायेदारों से लाॅकडाउन में एक माह का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है। सोलंकी ने बताया सभी दुकानदार अपनी दुकानें नहीं खोल पाए। काॅम्प्लेक्स में रहने वाले फैमिली वाले लोग भी अधिकतर छोटे व्यवसायी हैं। इसलिए एक माह का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है।
चार दिन से एटीएम में राशि खत्म, बैंक के बाहर लोगों को धूप में कतार में लगना पड़ता
राजगढ़| नगर में करीब 10 एटीएम होने के बावजूद इसमें चार दिन से राशि नहीं मिल रही है। सोमवार को एसबीआई, बीओआई, महाराष्ट्र बैंक सहित अन्य सरकारी एवं निजी बैंकों के एटीएम में राशि नहीं थी।
एकमात्र एचडीएफसी बैंक के एटीएम से राशि निकलने पर लंबी कतार लग गई। सुबह करीब 10 बजे एटीएम से राशि निकालने के लिए कई लाेग खड़े हाे गए। कियोस्क सेंटरों पर राशि निकालने पर चार्ज लग रहा है।
एसबीआई में भी लिंक फेल होने से उपभाेक्ता बैंक के बाहर तेज धूप में खड़े रहे। छांव के लिए न तो टेंट लगाया गया व न ही पीने के पानी की व्यवस्था की गई। यही स्थिति बीओआई में भी देखने को मिली। सुबह 9 बजे से ही ग्रामों के मजदूराें की कतार लग गई थी।
ठाकुरराम यादव | मजदूरी करने छत्तीसकगढ़ के बाहर गए लोग चोरी-छिपे गांव में दाखिल होने लगे हैं। गांव के बाहर ही उन्हें रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। कोरोना लॉकडाउन के शुरुआती दिनों मंे कुछ गांव वालों ने बेरिकेड्स लगाकर बाहरी लोगों की आवाजाही बंद करने की कोशिश की, लेकिन अब यह व्यवस्था भी हटा ली गई है। इसलिए अब बाहर से आने वालों का पता नहीं चल रहा है। मुखबिरी या गांव के ही लोगों की सूचना के बाद ही ऐसे लोगों के चोरी-छिपे लौटने का मामला उजागर होने लगा है।
4 मई से देश में रोकोना लॉकडाउन-3 शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार एक तरफ दूसरे राज्यों से मजदूरों को लाने के लिए बसें और ट्रेनें चलाने की व्यवस्था कर रही है। हालांकि लोग खुद भी अपने साधन से या पैदल ही आ रहे हैं। दैनिक भास्कर ने सोमवार को राजधानी के आसपास गांवों की पड़ताल की तो कई चौकाने वाले मामले सामने आए। अभनपुर विकासखंड (धमतरी) जिले के खोरपा गांव में रविवार को राजस्थान से आकर अाकर एक युवक अपने घर पहुंच गया। सोमवार को जब आसपास के लोगों ने उसे देखा तब इसका खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि वह राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले के चंदेरिया की किसी फैक्ट्री में काम करता था। फैक्ट्री की एक गाड़ी ही उसे गांव लेकर पहुंची थी। गांव से बाहर उतारकर वह लौट गई। युवक ने न तो राजस्थान प्रशासन से आने की अनुमति ली और न ही छत्तीसगढ़ में किसी को सूचना दी और परिवार के साथ रहने लगा। आसपास के लोगों से सूचना मिलने के बाद गांव की सरपंच, सचिव सहित अन्य पदाधिकारी उसके घर पहुंचे। पंचायत सचिव रमेश कुमार साहू ने बताया कि तहसीलदार को युवक के आने की जानकारी दी जा रही है। फिलहाल उन्हें घर में ही क्वारेंटाइन के लिए कहा गया है। प्रशासन के आदेश के बाद जरूरत हुई तो जांच इत्यादि की व्यवस्था कराई जाएगी। मजदूरी करने ओडिशा के कटक गए 17 मजदूर तीन दिन पहले ही गांव लौटे हैं। गांव के लोगों को इसकी जानकारी हुई, लेकिन उन्होंने पंचायत में सूचना नहीं दी। गांव के कुछ टीचर्स को इस बात का पता लगा तब उन्होंने अफसरों को सूचना दी और उसके बाद सभी को खाली स्कूल में क्वारेंटाइन किया गया है। सभी की जांच के लिए सैंपल भी लिया जा रहा है।
बाहर से आने वालों के लिए गांव में ही बनाया क्वारेंटाइन सेंटर
दैनिक भास्कर की टीम ने सोमवार को रायपुर जिले के आसपास कई गांव का दौरा किया। इस दौरान सभी गांवों ने बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं। लेकिन ज्यादातर जगहों पर सेंटर गांव या बस्ती के आसपास ही बनाया गया है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इन सेंटरों में सस्पेक्टेड लोगों को ठहराया भी जाता है तो उनके रिश्तेदार या परिचित मिलने पहुंच गए तो उन्हें अलग रखना ही विफल हो जाएगा। क्वारेंटाइन सेंटर गांव से बाहर बनाया जाना चाहिए। मानिक चौरी के पटवारी लेखराम देवांगन ने बताया कि बिना जानकारी के गांव में अब तक कोई नहीं आया है। छह मजदूरों का एक दल प्रशासन के माध्यम से अगले एक-दो दिन में आने वाला है। उनके लिए गांव में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है।
मंदिरहसौद के पटवारी नीरज सिंह ने कहा कि मंदिरहसौद पूरी तरह शहर जैसा हो गया है। कोई भी चोरी-छिपे पहुंचे तो उसकी जानकारी मिलनी मुश्किल है, फिर भी कोटवार और अन्य जिम्मेदारों से नजर रखने कहा गया है। क्वारेंटाइन सेंटर भी बनाया गया है कि यदि कोई बाहर से आए तो उन्हें अलग रखा जाएगा।
केस-1
कटक (ओडिशा) से पिथौरा
ओडिशा के कटक से 17 मजदूरों का एक दल पैदल पिथौरा के हरदी गांव पहुंचा। सभी वहां मजदूर थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से सभी पैदल निकल गए और चोरी-छिपे यहां पहुंचे। गांव के सरपंच और पदाधिकारियों को तीन दिन बाद इसकी जानकारी मिली।
केस-2
चंदेरिया (राजस्थान) से अभनपुर
राजस्थान चितौड़गढ़ के चंदेरिया थाना क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करने गया युवक लॉकडाउन के कारण शनिवार को छत्तीसगढ़ लौट आया। यहां आने के बाद वह सीधे अपने घर में रहने लगा। सोमवार को सरपंच-पंचों को जानकारी मिली तो तहसीलदार को खबर दी।
बार्डर के गांवों मेंखतरा ज्यादा
छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों के बार्डर वाले क्षेत्रों में चोरी-छिपे लोगों के आने की संभावना सबसे ज्यादा है। ज्यादातर लोग जंगलों या कच्चे रास्ते से छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। अंबिकापुर, बलरामपुर, कोरिया, महासमुंद, बीजापुर, बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव, कवर्धा, मुंगेली, चिरमिरी आदि जिलों से लगे हुए गांव में बाहर से मजूदरों के आने की आशंका ज्यादा है।
कचना में क्वारेंटाइनहुए थे मजदूर
अभनपुर तहसील के कचना गांव के सरपंच पुरुषोत्तम चक्रधारी ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के चार दिन बाद उत्तरप्रदेश से आ रहा एक परिवार बार्डर के पास पकड़े गए थे। वे एक ट्रक के भीतर बैठकर चोरी-छिपे पहुंचे थे। उन्हें 14 दिन के लिए गांव में क्वारेंटाइन किया गया था। गांव का कोई भी परिवार नहीं लौटा है, जो दूसरे राज्यों मेंकमाने-खाने गया ।
रेड जोन में रखी गई राजधानी रायपुर प्रदेश का सबसे बड़ा बिजनेस हब है। कारोबारियों के अनुसार कपड़ा, सेनेटरी, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, सराफा, प्लास्टिक, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लायवुड, स्टील, लोहा, सीमेंट, स्पेयर पार्ट्स, साइकिल समेत सभी आवश्यक और अति आवश्यक चीजों की सप्लाई राज्यभर में नहीं बल्कि सीमावर्ती राज्यों के कई जिलों में यहीं से हो रही है। राज्य के सभी बड़े कारोबारी संघों और संगठनों में मानना है कि अगर रायपुर में कारोबार नहीं खुला तो प्रदेश तथा सीमावर्ती राज्यों के जिलों में अाधा बिजनेस ठप रहेगा। इसलिए अब सभी व्यापारिक संगठनों ने रायपुर को रेड जोन से बाहर लाने की मुहिम भी छेड़ दी है।
कारोबारियों के अनुसार पूरा बस्तर संभाग ही कारोबार में ट्रांसपोर्टिंग के जरिए रायपुर पर निर्भर है। ओड़िशा के सभी सीमावर्ती जिलों के अधिकांश लोग थोक और चिल्हर शापिंग के लिए रायपुर अाते हैं। छत्तीसगढ़ से नागपुर के बीच के सारे शहरों का कारोबार अधिकांशतया रायपुर पर अाधारित है। यही नहीं, प्रदेश के सभी 28 जिलों में बिजनेस का केंद्र बिंदु रायपुर ही है।
कैट अध्यक्ष ने सीएम से की फोन पर बात : प्रदेशाध्यक्ष अमर पारवानी ने सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर कहा कि 45 दिन का बंद होने की वजह से सभी कारोबार की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने सीएम को आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए तत्काल सभी व्यापारिक संस्थाओं को शुरू करने की मांग की। सीएम ने इस मांग पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वे खुद केंद्र सरकार से इस विषय पर लगातार बात कर रहे हैं।
कपड़ा : सिर्फ राजधानी से 450 करोड़ का बिजनेस
छत्तीसगढ़ थोक कपड़ा संघ के अध्यक्ष चंदर विधानी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उन्हें कपड़ा बाजार खोलने की अनुमति दी जाए। केवल रायपुर से 450 करोड़ का कारोबार होता है। इससे 6000 से ज्यादा व्यापारी-कर्मचारी जुड़े हैं। राज्यभर में कपड़े की सप्लाई यही से ही होती है। बाहरी राज्यों के ऑर्डर भी रायपुर को ही मिलते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स : बड़ी कंपनियों के सारे सीएएंड एफ यहां
एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन समेत कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की सप्लाई भी सबसे ज्यादा रायपुर से ही होती है। शादियों के सीजन में 400 करोड़ से ज्यादा कारोबार किया जाता था। अभी बाकी जिले खुलने के बाद भी रायपुर से माल की सप्लाई नहीं होगी। सभी बड़ी कंपनियों के गोदाम रायपुर में ही होने की वजह से बाहरी जिलों के कारोबारियों के पास स्टॉक की सप्लाई हो ही नहीं सकती है।
भवन निर्माण : लोहा, सीमेंट की यहीं से ज्यादा आपूर्ति
छत्तीसगढ़ में लोहा, स्टील और सीमेंट का करीब 90% उत्पादन रायपुर और उसके आसपास के ही जिलों में होता है। कंपनियों के मुख्य दफ्तर भी राजधानी में ही हैं। ट्रांसपोर्टिंग से ही माल दूसरे जिलों में जाता है। बाहरी या दूसरे राज्यों से इस माल को मंगया जाता है तो वो महंगा पड़ता है। रायपुर से ही सबसे ज्यादा खरीदी-बिक्री होती है। ऐसे में रायपुर में कारोबार नहीं होने पर बाकी जगहों पर भी नहीं होगा।
मोबाइल-एसेसरीज - प्रदेशभर में राजधानी से ही सप्लाई
छत्तीसगढ़ मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वासवानी ने बताया कि सभी महंगे और नए मोबाइल का स्टॉक सबसे पहले रायपुर ही में आता है। बस्तर समेत बाकी संभागों में रायपुर से ही मोबाइल का स्टॉक भेजा जाता है। रायपुर से कोई गाड़ी जा नहीं सकती और बाहर से आ नहीं आ सकती। ऐसे में दूसरे जिलों में मोबाइल का कारोबार हो ही नहीं पाएगा।
राजधानी में मुहिम शुरू, पहुंचे सीएम के पास
प्रदेश के सबसे बड़े कारोबारी संगठन छत्तीसगढ़ चैंबर के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर उन्हें बताया कि रायपुर को रेड जोन में रखने से सभी जिलों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। यहां कम से कम थोक कपड़ा बाजार, रेडीमेड, जूता-चप्पल, सराफा, मोबाइल, मनिहारी और इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस भले ही कुछ घंटे के लिए सही, पर खोला जाए। कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ ने प्रधानमंत्री को ट्वीट करके आग्रह किया है कि रायपुर को रेड जोन से हटाया जाए। कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ और कैट ने कहा कि रायपुर में दुकानें बंद रहीं तो ग्रीन जोन में व्यापार खोलने का खास लाभ नहीं होगा। विप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ का कारोबार रायपुर में बसता है। इसलिए इसे रेड जोन से बाहर करना चाहिए। छत्तीसगढ़ के सभी बड़े व्यापारिक संस्थाएं चैंबर, कैट, प्रदेश कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ, मोबाइल एसोसिएशन आदि संगठनों ने राजधानी को रेड जोन से बाहर लाने की मुहिम भी छेड़ दी है।
लॉकडाउन में छूट देने के बाद शराब दुकान खुलते ही लगभग 150 ग्रामों के मदिरा प्रेमी सैकड़ों की संख्या में नगर प्रवेश किए। अल सुबह से ही नगर स्थित शराब दुकान में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शराब के लिए इस कदर की बेकरारी थी कि सुबह 5-6 बजे से काफी संख्या में मदिरा प्रेमी मदिरालय का पट खुलने का इंतजार करते नजर आए। शराब खरीदने के लिए लोगों की बेसब्री अौर अनुशासनहीनता ने प्रशासन की सारी तैयारियों को ध्वस्त कर दिया। खरोरा नगर निरीक्षक रमेश मरकाम अपने पुलिस जवानों के साथ मदिर प्रेमियों को नियंत्रित करने अौर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने का प्रयास करते नजर आए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खरोरा अंग्रेजी शराब दुकान के मैनेजर शासकीय मूल्य से अधिक दर पर शराब बेचकर आज 45 हजार से अधिक रकम जमा किए हैं। वहीं देशी शराब दुकान 300 रुपए माइनस में रही।
सरकार को खजाने की चिंता, छोटे दुकानदारों की नहीं
नगर के अधिकांश छोटे व्यवसायी बंधुओं में भी निराशा है। इनका शासन-प्रशासन से सीधा प्रश्न की है कि हमारे ऊपर इतना सख्ती क्यों? हमने कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन व शासन-प्रशासन के सभी निर्देश तथा आदेश का पालन किया। अपने आर्थिक हितों को दरकिनार कर जनहित अौर देशहित को सर्वोपरि माना। यथा संभव लॉकडाउन में प्रभावित हमारे निर्धन भाइयों के परिवार को आर्थिक मदद में सहभागिता निभाई और आवश्यकता पड़ने पर हम मदद के तत्पर रहेंगे। मगर अफसोस जनक पहलू यह की शासन को अपनी आर्थिक हानि की चिंता हो रही है। अवसर मिलते ही अपने आर्थिक उपार्जन के मुख्य स्रोत शराब दुकान खोलने में क्षण भर देर भी नहीं की पर हम छोटे व्यापारियों का क्या होगा? हमें कब राहत मिलेगी?
कोचिया को दी गई 2 से 3 पेटी दारू: खरोरा नगर पंचायत क्षेत्र स्थित अंग्रेजी शराब दुकान 4 बजे तक से भी अधिक समय तक खुली रही। पिछले दरवाजे से कोचियों को 2 से 3 पेटी दारू सप्लाई की गई। अंग्रेजी शराब दुकान के मैनेजर द्वारा अवैध शराब विक्रय करने वाले कोचियों को दारू सुबह 8 बजे तक दारू उपलब्ध करवाई गई। अंग्रेजी शराब दुकान में अप्रैल में राज्य शासन द्वारा शराब का हर वित्तीय वर्ष में रेट बढ़ाया जाता है। उससे भी अधिक मूल्य पर शराब का विक्रय किया गया। खरोरा अंग्रेजी शराब दुकान से प्रति बोतल 40 से 50 पचास रुपए अधिक वसूला जा रहा है।
लोगों को नशाखोरी में ढकेल रही सरकार
नगर पंचायत, महिला समूह के निर्मला देवागंन, पुष्पा यादव, मधु निषाद, कांति सिन्हा, कल्पना मंडल सहित नगर की महिलाओं ने शराब दुकानें खोले जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शराब सदा महिलाओं के लिए अभिशाप रही है। शराब विक्रय शुरू किया जाना घरेलू हिंसा सहित अन्य असामाजिक कृत्यों को पुनः जन्म देगा। नशामुक्त राज्य निर्माण का एक अच्छा अवसर सरकार खोने को है। शराबबंदी से 40 दिनों में मदिरा प्रेमियों में शराबखोरी की लत से मुक्ति पाने की इच्छा शक्ति पैदा हो रही थी, मगर सरकार एकाएक शराब दुकान खोल कर उन्हें फिर नशाखोरी की दलदल मे ढकेल रही है।
लॉकडाउन का फेज-3 शुरू होने के साथ ही साेमवार को ढील बढ़ा दी गई है। वहीं शाम को एक और कोराना पॉजिटिवप्रदेश में मिला है।रायपुर के 24 वर्षीय एक युवक में संक्रमण कीपुष्टि एम्स ने की है। जानकारी के मुताबिक शहर के आमानाका क्षेत्र में निवासी युवक एक मैकेनिक है। प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केस बढ़कर 22 हो गए हैं।
दूसरी ओरप्रदेश में सूरजुपर के साथ दुर्ग और कवर्धा के रेड जोन में जाने की आशंका बढ़ गई है। रेड और ऑरेंज जोन कोरबा को छोड़कर अन्य जिलों में जनजीवन सामान्य रहेगा। प्रदेशमें कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह सरकारी दफ्तर और शराब की दुकानें खुल रही हैं। यहां जगह-जगह शराबदुकानों परसुबह 5 बजे से लाइन लगी देखी गई।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि सरकार प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों का रेलवे को किराया देगी। कहा- श्रमिकों को लाने वाली स्पेशल ट्रेन में जो भी राशि व्यय होगी, उसे सरकार वहन करेगी। कांग्रेस और सरकार संकट के समय में किसी को अकेला नहीं छोड़ सकती। हम सब एकजुट हैं। प्रतिबद्ध हैं। उधर, बिलासपुर में जिला प्रशासन ने सैलून, पान ठेले और स्पा सेंटर को भी खोलने की अनुमति दी है।
रेड जोन : रायपुर | ऑरेंज जोन : कोरबा | ग्रीन जोन : प्रदेश के बाकी 26 जिले |
(सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक) : मेडिकल स्टोर, मेडिकल उपकरण और उनके रिपेयरिंग संस्थान, सभी अस्पताल और लैब, खाद, बीज और कृषि संबंधित सभी दुकानें,अनाज और सब्जी मंडी,आटा, तेल, राइस और दाल मिल,पेट्रोल पंप,गैस एजेंसियां,पंचर दुकानें,पशुओं का चारा, पालतू पशुओं के फूड स्टोर,बेकरी की दुकानें (लेकिन केवल होम डिलिवरी कर पाएंगे); सीमेंट, सरिया की दुकानें,प्लबंर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, आईटी स्पेयर का काम करने वाले व्यक्ति | चारपहिया वाहन में तीन लोग, दोपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग पर आधारित सभी बंदिशें लागू रहेंगी। | चारपहिया वाहन में तीन लोग, दोपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। टू-व्हीलर पर दो सवारी को छूट। बिना अनुमति कार्यक्रम नहीं होंगे। अनुमति सीमित लोगों की रहेगी। हर तरह की गतिविधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। |
(सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक) : सब्जी और फल दुकान, चश्मे, किराना, अनाज और उससे संबंधित पैकेजिंग स्टोर, डेयरी, दूध, पनीर और केवल दूध से बनने वाली मिठाइयों की दुकानें,चिकन, मटन, मछली और अंडा दुकानें; स्टेशनरी शॉप | ||
बैंक-एटीएम; वॉटर सप्लाई (केन वाले); निगम सीमा के बाहर स्थित गोदाम और वेयर हाउस; हाईवे में स्थित ढाबे (चिह्नित ग्रामीण इलाकों में); प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,बीमा से संबंधित सभी संस्थाएं, गैर बैंकिंग, वित्तीय। | ||
शराब दुकानें ही शाम 7 बजे बंद होगी। | ||
धारा-144 | रायपुर और दुर्ग में 17 मई तक धारा 144 बढ़ा दी गई है। | |
ये तीनों जोन में बंद ही रहेंगे | स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन, एक से दूसरे जिले में जाने की इजाजत नहीं, बसों की आवाजाही, हेयर सैलून, स्पा आदि। | लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशभर में 17 मई तक सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। इसमें यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा आदि नहीं चलेंगी। परिवहन आयुक्त कमलप्रीत सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय, जिला परिवहन अधिकारियों को इस आदेश का पालन करना होगा। |
कवर्धा:पहली बार केस, दुर्ग में फिर बढ़ी सख्ती
दुर्ग में पहला एक्टिव मरीज 23 मार्च को मिला था। इसके बाद से कोई केस नहीं आने के कारण जिला ग्रीन जोन में था। अब रविवार रात वहां एक साथ 8 नए मामले संक्रमण के सामने आए हैं। ग्रीन जोन में रहे कवर्धा में पहली बार ही 6 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। हालांकि सभी माइग्रेट वर्कर हैं और बाहरी राज्यों से आने के बाद उन्हें क्वारैंटाइन में रखा गया था। इनकी जांच के सैंपल भेजे जाने के बाद पुष्टि हुई। वहीं, जिले में धारा-144 बढ़ा दी गई है।
चार राज्यों के मजदूरों के लिए कॉरिडोर बना रायपुर
यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा के मजदूर रायपुर होकर अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। यहां इनके सिर्फ नाम-पते नोट कर छोड़ा जा रहा है। सूरजपुर के बाद अब दुर्ग और कवर्धा में मजदूरों के पॉजिटिव मिलने के बाद इनके बिना रोक-टोक आने से चिंता बढ़ गई है। अफसरों का तर्क है कि बॉर्डर में जांच की जा रही है, तो यहां नहीं की जाती। जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी मजदूर हैं, जो जंगल या खेतों से होकर आ रहे हैं।
कोरोना अपडेट्स
रायपुर: शरीर के तापमान के जरिए कोरोना संदिग्ध की पहचान के लिए थर्मल सेंसर का उपयोग होगा। भीड़भाड़ वाली जगहों आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई तकनीक के जरिए कैमरे की मदद से स्कैनिंग की जाएगी। इसमें किसी व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर दो मीटर से ज्यादा दूरी से लिया जा सकेगा। इस सिस्टम का ट्रायल करके देख रहा है। तीन से चार दिन के ट्रायल के बाद इस पर फैसला होने की संभावनाएं भी जताई जा रही है।
बिलासपुर: जिला प्रशासन से अपने राज्य वापस जाने का पास बनवा लेने के बाद भी लोग बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। ऐसे सैकड़ों लोग वाड्रफनगर स्थित छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर देखने को मिल जाएंगे। बॉर्डर पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग और गाड़ियां खड़ी हैं। यूपी से लोग छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन यहां से उत्तर प्रदेश जाने की अनुमति किसी को नहीं दी जा रही है। 2 दिन की जद्दोजहद के बाद रविवार से कुछ बसों का इंतजाम अंबिकापुर जिला प्रशासन ने किया है।
रायगढ़: यह तस्वीर मजदूरों की बस से झारखंड के रांची रवानगी की है। मजदूरों को भेजते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया गया। बस की सभी सीटें फुल नजर आईं, जबकि नियमानुसार बस की आधी सीटों पर ही मजदूर को बैठाकर उनके घर रवाना किया जाना था। कुछ मजदूरों ने मास्क तक पहनना जरूरी नहीं समझा। ऐसे में उनमें कोरोना का संक्रमण आसानी से फैल सकता है।