सोमवार को दोपहर बाद प्रदेश के उत्तरी हिस्से में कई स्थानों पर तेज हवा के बारिश हुई। कहीं-कहीं पर ओले भी गिरे। राजधानी रायपुर में भी हल्की वर्षा हुई। बाद में मौसम फिर साफ हो गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है मंगलवार को भी बिलासपुर, सरगुजा और रायपुर संभाग में बारिश हो सकती है।
उत्तरी छत्तीसगढ़ में रविवार से मौसम ठंडा है। सोमवार को दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा कम रहा। पारा 35 डिग्री के आसपास रिकार्ड किया गया। सुबह से आसमान में हल्के बादल थे, लेकिन दोपहर में मौसम खुला और धूप बढ़ी। दोपहर 3 बजे के बाद अचानक मौसम बदलने लगा और तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। बिलासपुर में करीब 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार के साथ हवा चली और बारिश हुई। इस दौरान लगभग पांच मिमी पानी गिर गया। पेंड्रारोड में दोपहर से शुरू हुई बारिश शाम तक जारी रही। इस दौरान लगभग आठ मिमी पानी बरस गया। बारिश से पहले ओले भी गिरे। बलरामपुर तथा सरगुजा में भी इस दौरान जमकर बारिश हुई। पिछले 24 घंटे के दौरान अंबिकापुर और जगदलपुर में हल्की बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों के अनुसार हरियाणा से उत्तर पूर्व बांग्लादेश तक एक द्रोणिका बनी हुई है। पूर्वी मध्यप्रदेश से तमिलनाडु तक एक दूसरी द्रोणिका है। इन दोनों सिस्टम के असर से 5 मई को छत्तीसगढ़ में एक-दो जगहों पर हल्की वर्षा होने या गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। तेज हवा के साथ बिजली भी गिर सकती है। प्रदेश के उत्तरी हिस्से में तापमान में गिरावट आएगी। शेष हिस्से में तापमान में खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। रायपुर में दिन का तापमान 41 डिग्री रहने की संभावना है।
राजधानी रायपुर के आमानाका इलाके की एक बस्ती में रहने वाले कूलर मैकेनिक में कोरोना पाॅजिटिव निकल गया है। उसके सैंपल की जांच के बाद एम्स ने इसकी पुष्टि की है। रायपुर में यह कोरोना का 7वां केस प्रदेश में 63वां संक्रमित है। युवक को एम्स में भर्ती किया जा रहा है, जहां मरीजों की संख्या 22 हो जाएगी। इधर, बस्तर में रैपिड किट से हुई जांच में कोरोना के तीन नए केस मिले हैं। इन्हें देर रात मेडिकल कॉलेज जगदलपुर लाया गया है। एडवांस टेस्ट के लिए इनके सैंपल लिए गए हैं। पीसीआर जांच के बाद ही कोरोना वायरस होने की पुष्टि हो सकेगी।
वहीं मैकेनिक के कोरोना पाॅजिटिव निकलने के बाद प्रशासन की चिंता इसलिए बढ़ी है,क्योंकि वह पिछले 15 दिन में लगभग 50 लोगों के यहां कूलर सुधारने गया था। सभी के नाम-पते लेकर संपर्क करने की कवायद शुरू कर दी गई, ताकि उनका स्वास्थ्य जांचा जाए और जरूरत पड़ने पर सैंपल लिया जाए। आमानाका इलाके की जिस बस्ती में 24 साल का यह युवक रहता है, उसका कुछ हिस्सा सील कर दिया गया है। उसकी अब तक कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, अर्थात महीनों से वह रायपुर में ही है, कहीं आया-गया नहीं। यहां तक कि उसके परिवार के लोग भी कहीं नहीं गए हैं। डाॅक्टरों का अनुमान है कि वह अपने काम के सिलसिले में ही किसी संक्रमित के संपर्क में आया होगा। उसके घरवालों के भी सैंपल लिए गए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट मंगलवार को आएगी। दूसरी ओर कटघोरा में 16 अप्रैल के बाद कोई नया केस नहीं आया है। वहां के मरीज 4 अप्रैल से भर्ती होना शुरू हुए और सभी 27 की छुट्टी हो चुकी है। अंतिम दो मरीज 30 अप्रैल को डिस्चार्ज किए गए। अब सूरजपुर के 6, दुर्ग के 8, कवर्धा के 6 और रायपुर के दो मरीजों का इलाज एम्स में चल रहा है। बैकुंठपुर कोरिया में भी कोरोना के दो मरीज मिले थे, पर दोनों सैंपल देकर झारखंड चले गए थे। एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर ने बताया कि युवक को भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है।
दूसरे राज्यों से आए हैं
कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने बताया बताया कि कोंडागांव जिले के कोरमेल में पिछले 8 मार्च को एक व्यक्ति बिहार से आया था। वह क्वॉरेंटाइन में भी था, जबकि दूसरा अहमदाबाद से लौटा है। तीसरी महिला बिहार से आने वाले व्यक्ति की रिश्तेदार है। रैपिड किट से टेस्ट में तीनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पुष्टि के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया।
कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल स्वास्थ्य, सफाई, पुलिस और अन्य विभाग के कर्मचारियों की हौसला अफजाई के लिए सोमवार को कलेक्टर और एसएसपी फील्ड में उतरे। उन्होंने कोरोना वारियर्स को फूल देकर सम्मानित किया। कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन, एसएसपी आरिफ शेख के साथ निगम कमिश्नर सौरभ कुमार और सीईओ जिला पंचायत डॉ. गौरव कुमार सिंह भी शामिल थे। सड़क पर भ्रमण के दौरान उन्हें कोरोना का जो भी वारियर्स मिला उनका सम्मान फूल देकर किया गया। कलेक्टर ने पंडरी जिला चिकित्सालय में सेवा दे रहे डॉ रवि तिवारी और उनकी पूरी टीम को फूल सौंपा। एसएसपी आरिफ जयस्तंभ चौक पर ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात जवानों को देखकर गाड़ी से उतर गए। फिर कलेक्टर और एसएसपी दोनों ने उन्हें फूल देकर सम्मानित किया। निजी सुरक्षा गार्डों की भी अफसरों ने पीठ थपथपाई। दोनों अफसर रायपुर स्मार्ट सिटी में संचालित आपातकालीन भोजन सेवा के स्पेशल सेल सहित वॉर रुम भी पहुंचे। वहां सभी अधिकारी, कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्था के पदाधिकारियों से मिले और सभी का सम्मान किया। अचानक आला अफसरों को अपने बीच पाकर कोरोना वारियर्स ने भी उनका स्वागत खुले दिल से किया। सभी ने अफसरों को भरोसा दिलाया कि वे लगातार ऐसे ही जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी निभाएंगे।
कारोबार ठप फिर भी मदद के लिए होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने जुटाए 11 लाख रुपए
लॉकडाउन के बीच प्रदेशभर में होटल-रेस्टोरेंट कारोबार पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। इसके बावजूद कारोबारी इस मुश्किल वक्त में सरकार की मदद के लिए आगे आए हैं। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सोमवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष में 11 लाख रुपए जमा कराए। सोमवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष तरणजीत सिंह होरा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने सहयोग राशि का चेक महापौर एजाज ढेबर को सौंपा।
राजधानी में पीलिया मरीजों की संख्या सोमवार को 24 नए मरीज मिलने के साथ ही 700 के पार पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर पीड़ित हीरापुर, तेलीबांधा और आमापारा इलाके के हैं। इन इलाकों में अब तक दर्जनों मरीज सामने आ चुके हैं। निगम प्रशासन लीकेज पाइप लाइन बदलने का काम भी कर रहा है। इसके बावजूद पीलिया अब तक पूरी तरह से कंट्रोल में नहीं आया है। दो की लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग एक महीने में 2749 संदिग्धों की जांच कर चुका है। पीलिया प्रभावित इलाकों की पहचान करने के साथ वहां ऐसे स्पाॅट भी तलाश किए जा चुके हैं, जहां से लीकेज था। उसी लीकेज से बैक्टीरिया नल के पानी में घुलकर पहुंच रहा था। इन स्पाॅट पर पाइप लाइन बदली जा चुकी है।
इसके बावजूद रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं। इसके कारणों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसर मंथन कर रहे हैं, लेकिन अब तक वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। राजधानी में पिछले 30 दिनों से पीलिया का प्रकोप फैला है। सोमवार तक स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अब तक 719 लोग इससे पीड़ित हो गए। 76 मरीजों का अस्पतालों मंे इलाज चल रहा है। इनमें से 36 सरकारी तथा 40 निजी अस्पतालों में भर्ती है। स्वास्थ्य विभाग और निगम की टीम ने प्रभावित इलाके में एक-एक घर दस्तक देकर परिवार के हर सदस्य के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। निगम के अफसरों का कहना है कि जांच के दौरान यह पता चला कि एक परिवार में एक-दो लोगों में पीलिया पाया गया, जबकि बाकी सदस्य स्वस्थ हैं। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर पीलिया किस वजह से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर डा. अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता हर किसी की अलग-अलग होती है। इसीलिए सभी को पीलिया होना आवश्यक नहीं। खासकर छोटे बच्चों, गर्भवतियों और बुजुर्गों में पीलिया संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। बिलिरुबीन का स्तर बढ़ना और हैपेटाइटिस-ई व अन्य हैपेटाइटिस पाजिटिव दूषित पानी, पानी में बैक्टीरिया तथा खराब खाने की वजह से होता है। राजधानी में ज्यादातर जगहों पर नल की सप्लाई लाइन नालियों व नालों के ऊपर से है। ऐसे में लीकेज होने पर नाले का गंदा पानी घरों में पहुंचने लगता है। पीलिया फैलने की सबसे प्रमुख वजह यही मानी जा रही है।
मेयर ढेबर ने ली बैठक
मेयर एजाज ढेबर ने सोमवार को निगम स्वास्थ्य विभाग, जल विभाग के अफसरों की बैठक लेकर शुद्ध पानी की सप्लाई और पीलिया नियंत्रण के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में जहां-जहां पाइप लाइन को नाले और नालियों से अलग करने का काम बाकी है वहां जल्द पूरा किया जाए। मेयर ने अफसरों से यह भी कहा कि बारिश से पहले नालों की सफाई पूरी कर ली जाए। नालों में जलभराव होने पर पानी घरों तक पहुंचता है। इससे भी कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।
रेलवे प्रशासन द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य सामग्री, दवाएं, चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, खाद्य तेल, आदि की उपलब्धताको सुनिश्चित करने हेतु स्पेशल पार्सल ट्रेनें चलाई जा रही है।पार्सल ट्रेनों की लगातार डिमांड बढ़ रही है। भोपाल से रायपुर के बीच 15 मई तक विशेष पार्सल ट्रेन चलाई जा रही है। यह ट्रेन भोपाल से प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को तथा रायपुर से उपरोक्त अवधि तक प्रत्येक बुधवार, शुक्रवार व रविवार को चलेगी। विशेष पार्सल ट्रेन 00135 भोपाल-रायपुर पार्सल स्पेशल भोपाल से सुबह 7:00 बजे रवाना होकर शाम 7.45 बजे बिलासपुर एवं रात दस बजे रायपुर पहुंचेगी। इसी तरह 00136 रायपुर-भोपाल पार्सल स्पेशल रायपुर से सुबह 7:00 बजे रवाना होकर रात दस बजे भोपाल पहुंचेगी। इस ट्रेन का ठहराव दोनों दिशाओं में विदिशा, गंज बासोड़ा, बीना, सागर, गणेश गंज, दमोह, कटनी मुरवाड़ा, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, बिलासपुर स्टेशनों में दिया गया है। इस पार्सल ट्रेन से अतिआवश्यक वस्तुओं के परिवहन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। पोरबंदर -शालीमार के बीच भी स्पेशल पार्सल ट्रेन चलाई जा रही है।
पार्सल स्पेशल ट्रेन को पहले 26 अप्रैल तक चलाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब इसके फेरों में वृद्धि कर इस इसे 16 मई तक चलाने का निर्णय हुआहै। यह ट्रेन 00913 पोरबंदर से 04, 06, 08, 10, 12 एवं 14 मई को चलाई जाएगी। पोरबंदर से सुबह 8:00 बजे चलकर दोपहर 2.20 बजे रायपुर पहुंचेगी और अगले दिन तड़के साढ़े तीन बजे शालीमार पहुंचेगी। इसी तरह 00914 शालीमार से 06, 08, 10, 12, 14, एवं 16 मई को चलेगी। शालीमार से रात 10:50 बजे छूटकर सुबह 11 बजे रायपुर पहुंचकर अगले दिन शाम 6.25 बजे पोरबंदर पहुंचेगी। इस ट्रेन का जामनगर, राजकोट, सुरेंद्रनगर, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, सूरत, नंदुरबार, भुसावल, अकोला, बडनेरा, नागपुर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, झारसुगुड़ा,राउरकेला, चक्रधरपुर टाटानगर, खड़कपुर, शालीमार स्टेशनों में स्टॉपेज दी गई है। इन शहरों से पार्सल भेजने की सुविधा होगी।
राजधानी में सोमवार को कूलर मैकेनिक कोरोना का सातवां मरीज है। इससे पहले के छह कोरोना पाजिटिव में एक बात काॅमन थी कि उनके माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे या परिवार के किसी सदस्य में कोरोना पाजिटिव नहीं निकला। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल राजधानी का सीन यही है कि जिस भी घर में कोरोना पाजिटिव निकला, वहां रहनेवाले सभी लोग और संपर्क में आने वाले भी संक्रमित होने से बच गए। इससे पहले, रामनगर में मिले मरीज को लेकर यह दहशत थी कि घनी बस्ती में दुकान चलाने की वजह से उसके संबंधी और आसपास के लोग संक्रमित हुए होंगे। लेकिन वहां भी लगभग 52 लोगों के सैंपल लिए गए थे, एक में भी कोरोना नहीं मिला। कुकुरबेड़ा में कूलर मैकेनिक के माता-पिता ही हैं, कुछ पड़ोसियों से संपर्क है इसलिए 50 से ज्यादा सैंपल वहां भी इकट्ठा किए जा रहे हैं।
जिस युवक में कोरोना पाजिटिव निकला, उसे सर्दी के साथ चार-पांच दिन से बुखार भी आरहा था। इसलिए वह खुद जांच करवाने के लिए एम्स चला गया था। उसकी स्थिति देखने के बाद डाक्टरों ने सैंपल लेने का फैसला किया, जो पाजिटिव निकला। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक के काम का ब्योरा लिया और इस आधार पर ऐसे 50 घरों को निगरानी में लेने का फैसला हुआहै, जहां वह कूलर सुधारने गया था। इसके अलावा सब्जी लेने वह साइंस कालेज मैदान और रावणभाठा सब्जी मार्केट भी गया था। स्वास्थ्य विभाग यह पूरा सीन खींच रहा है। इनमें जरूरत के अनुसार सभी के सैंपल लेकर जांच करवाई जाएगी।
छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में जल्द की खाद्य पदार्थों के क्वालिटी की जांच हो सकेगी। लगभग दो एकड़ जमीन में यहां पर एनबीएल टेस्टिंग लैब (नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरी) बनाया जाएगा।
इसे बनाने में लगभग 14 से 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य भंडार गृह निगम की बैठक में इस लैब के बनाने की अनुमति दी। उन्होंने बताया कि इसके बन जाने से प्रदेश में मिलावटी समानाें की बिक्री पर भी रोक लगाई जा सकेगी। खाद्य विभाग ने एनएबीएल के लिए जमीन की स्वीकृति दे दी है और जल्द ही विभागीय अफसरों से डीपीआर तैयार करने कहा है। वर्तमान में खाद्य पदार्थों की क्वालिटी की जांच के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण कई बार इसे दूसरे राज्यों में भेजा जाता था। बैठक में खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह, भंडारण निगम के एमडी एलेक्स पॉल मेनन, सचिव व महाप्रबंधक आरके सिंह एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे। खाद्य मंत्री भगत ने तिल्दा-नेवरा व चांपा में 50-50 हज़ार मीट्रिक टन के दो गोदामों के निर्माण की भी स्वीकृति दी।
भनपुरी रावांभाठा में सोमवार शाम 5 बजे सड़क हादसे में पति-पत्नी और उनकी 4 साल की बच्ची की मौत हो गई। युवक परिवार के साथ सांकरा से अपने घर माना भटगांव जाने के लिए निकला था। रावांभाठा के खाली सड़क पर बैलेंस बिगड़ा और बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर के बाद बाइक में सवार पति-पत्नी और चार साल की बच्ची दूर फेंका गए। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। सड़क से गुजर रहे एक युवक ने पुलिस को घटना की सूचना दी। उसके बाद डायल-122 और खमतराई पुलिस पहुंची। पुलिस ने तीनों के शव अंबेडकर अस्पताल के मरचूरी भेजा। युवक के पास कोई आईडी नहीं थी। पुलिस ने उसके मोबाइल में सेव नंबर में कॉल किया। तब मृतक की पहचान हो पाई। उसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। देर रात मृतक के परिजन गांव से मरचूरी पहुंचे। पुलिस ने बताया कि हादसे के आधा घंटा पहले बारिश हुई थी। इससे सड़क भीगी थी। पुलिस को शक है कि पानी के कारण बाइक अनियंत्रित हुई होगी। इस वजह से बाइक से बैलेंस बिगड़ गया।
पुलिस अफसरों ने बताया कि माना भटगांव का आशीष नारंग (32) साल अपनी पत्नी झामीन नारंग अाैर 4 साल की बेटी मुस्कान के साथ धरसींवा सांकरा से माना भटगांव जाने के लिए बाइक से निकला था। शेष|पेज 5
लॉकडाउन में वह परिवार के साथ वहां गया था। शाम 5 बजे उसकी बाइक रावांभाठा के शेरे पंजाब ढाबा के पास अनियंत्रित हो गई। बाइक सीधे डिवाइडर से जा टकराई। तीनों के सिर पर गहरी चोट अाई। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। शाम को सड़क पर ट्रैफिक बेहद कम था। इस वजह से तीनों के शव वहां कुछ देर पड़े रहे। पुलिस हादसा के कारण का पता लगाने में जुट गई है। आसपास लगे कैमरे की जांच की जा रही हैं। क्योंकि सड़क पर कहीं गड्ढा या ब्रेकर नहीं, जिससे बाइक अनियंत्रित हो सके। सड़क पर कोई मवेशी भी नहीं था।
मोबाइल नंबर से हुई पहचान
आशीष के जेब में पुलिस को एक मोबाइल मिला। उसमें दिए नंबर पर कॉल किए, तब तीनों की पहचान हो सकी। रात में परिजन अंबेडकर पहुंच गए। हादसे की सूचना मिलने पर गांव में मातम छा गया हैं। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। पुलिस ने मृतक की बाइक जब्त कर ली है।
प्रदेशके कई जिलों में सोमवार शाम को मौसम ने अचानक करवट बदली। कोरिया के बैकुंठपुर में नीबू से बड़े आकार के ओले गिरे। इसके कारण खेतोंमें फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं, रायपुर में शाम को ही अंधेरा छा गया। सुकमा के दोरनापाल में रविवार देर रात बारिश और तेज हवाओं ने कई मकानों के छप्पर उड़ा दिए। कई पेड़ भी गिर गए।
रायपुर में तेज हवाओं के साथ बारिश
प्रदेश के कई जिलों में शाम करीब 5 बजे के आसपास अचानक मौसम बदला। इसके चलते रायपुर में तेज हवाएं चलने लगीं और शाम से ही अंधेरा छा गया। वहीं कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई। इसके बाद करीब 10 मिनट तक बारिश होती रही। वहीं तेज हवाओं ने कई इलाकों की लाइट भी गुल कर दी। सुबह से तेज गर्मी और फिर धूप से चढ़े पारे ने शाम को थोड़ी राहत जरूर दिला दी।
मनेंद्रगढ़, चिरमिरी में लगातार बिगड़ रहा मौसम का मिजाज
मनेंद्रगढ़ की ओर से उठी तेज हवाओं ने जिलेभर में असर दिखाया। चिरमिरी में ओले गिरने के 10 मिनट बाद कोरिया में भी तेज ओलावृष्टि हुई। शाम करीब 4 बजे अचानक मौसम बदला और तेज हवाएं चलने लगीं। इसके बाद 5.30 बजे से ओले गिरने शुरू हो गए। नीबू से कुछ बड़े आकार के इन ओलेखेत और सड़क पर बिछ गए। इसके चलते जिले के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई।
ओलावृष्टि से सब्जियों और गेहूं को नुकसान
ओलावृष्टि से खेत में लगे टमाटर, बैगन, आलू, भिंडी सहित गेंहूं आदि की फसलें नष्ट हो गई हैं। करीब एक सप्ताह पहले भी ओले गिरने से ऐसा ही नुकसान हुआ था। किसानों को सस्ते दामों में सब्जियां बाजार में बेचनी पड़ी थीं। सब्जियों और फल के दाम में एकाएक वृद्धि हुई थी। तब प्रशासन की ओर से नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।
कोरिया कलेक्टर दोमन सिंह टेकाम ने बताया कि ओलावृष्टि और बारिश के कारण 25 से ज्यादा गांवों में प्रभावित हुए हैं। उनके नुकसान का आंकलन मंगलवार को कराया जाएगा।पिछले सप्ताहओलावृष्टि से हुएनुकसान का आंकलन कर प्रभावितकिसानों को जिले में 17 लाख रुपए की सहायता राशि बांटी गई है। उनको राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
सुकमा में मकानों व वाहनों पर गिरे पेड़
सुकमा के दोरनापाल में रविवार देर रात बारिश के साथ चली तूफानी हवाओं ने कई मकानों के छप्पर उड़ा दिए। इलाके में दर्जन भर से ज्यादा पेड़ गिर पड़े। कई मकान और गाड़ियां पेड़ों के गिरने से क्षतिग्रस्त हो गए। रात करीब 10 बजे से शुरू हुआ तेज हवाओं और बारिश का दौर देर रात तक चलता रहा। कई लोगों के मकानों की छत उड़ गई। हालांकि जनहानि नहीं हुई है।
सोमवार को रायपुर पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच की गई। डीजीपी डी.एम. अवस्थी की मौजूदगी में 52 पुलिसकर्मियों ने जांच करवाई। यह सभी कोरोना वायरस के संवेदनशील इलाकों में अपनी ड्यूटी कर रहे थे। सभी की रैपिड टेस्ट किट से जांच हुई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। शहर में ड्यूटी कर रहे सभी पुलिस वालों कर मेडिकल चेकअप होगा। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग से सिर्फ 52 किट ही मिले थे। आने वाले दिनों में फील्ड पर ड्यूटी कर रहे सभी अधिकारी और कर्मचारी की जांच होगी।
कलेक्टर डॉ. एस भारती दासन, एस.एस.पी आरिफ शेख, नगर निगम कमिश्नर सौरभ कुमार और सीईओ जिला पंचायत डॉ. गौरव कुमार सिंह फूल लेकर सड़कों पर निकले। पंडरी जिला चिकित्सालय में सेवा दे रहे डॉ रवि तिवारी और उनकी टीम को यह फूल दिए गए। रायपुर स्मार्ट सिटी में संचालित आपातकालीन भोजन सेवा के स्पेशल सेल के लोगों, जयस्तंभ चौक और विभिन्न चौराहों पर सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों को भी फूल दिए गए। अधिकारियों ने बताया कि यह सभी कोरोना योद्धा हैं। इसलिए इनका सम्मान करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
शहर में सोमवार की शाम एक सड़क हादसे में एक ही परिवार के 3 लोगों की जान चली गई। घटना भनपुरी से कुछ दूरी पर हुई। मृतकों के बारे में जानकारी पुलिस जुटा रही है। फिलहाल मिली जानकारी के मुताबिक यह परिवार रायपुर के माना का रहने वाला था।
बाइक पर सवार व्यक्ति अपनी पत्नी और 8 साल की बेटी के साथ धरसींवा की तरफ जा रहा था। क्षेत्र में कुछ देर पहले ही बारिश हुई थी। सड़क गीली होने की वजह से बाइक का पहिया फिसल गया। बाइक से गिरकर तीनों डिवाइडर से जा टकराए। सड़क पर अत्यधिक खून बह गया। और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रदेश में शराब की दुकानें खोल दी गईं।रायपुर मेंशहर के अंदर की दुकानों को नहीं खोला गया। आउटर की दुकानों का ही संचालन किया जा रहा है।टाटीबंध, गोंदवारा जैसे इलाकों मेंस्थित शराब दुकानों में लोग खरीदी करने पहुंचे।यहां भीड़ काबू से बाहर दिखी। शराब कीबोलतों पर प्रिंट एमआरपी से 50 से 100 रुपए तक अधिक दुकानदार ले रहे हैं।देशी शराब में 20 से 30 रुपए अधिक लिए गए। दुकान संचालक ग्राहकों से दाम बढ़ने का दावा कर रहे हैं। तेज धूप भी शराब पसंद करने वालों के हौसले नहीं डिगा सकी। छाता लेकर भी कुछ लोग पहुंचे और देर तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। मोवा स्थित दुकान के बाहर 200 मीटर लंबी लाइन लगी दिखी। पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करते और लोगों के हाथ सैनिटाइज करते दिखे। जानिए प्रदेश के अन्य जिलों की दुकान का हाल।
राजनांदगांव
शहर के डोंगरगांव और रेवाडीह बाइपास रोड इलाके की दुकानों में जबरदस्त भीड़ दिखी। लोग सुबह से ही यहां पहुंचे हुए थे। पुलिस ने दुकान के बाहर बैरीकेडिंग की व्यवस्था को परखने के बाद बिक्री की अनुमति की। मगर, सुबह से उमड़ी भीड़ दोपहर तक बढ़ती ही रही। आमतौर पर एक बोतल देशी दारू लेने वाले अपने साथ 4 से 5 बोतल लेकर जाते दिखे।
सैनिटाइजेशन
शराब लेने आए लोगों से मास्क पहनने या चेहरा ढंकने को कहा जा रहा है। दुकान के काउंटर तक जाने से पहले लोगों के हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है। रायपुर की मोवा स्थित शराब दुकान में पुलिस के जवान यह करते दिखे। कवर्धा में सुरक्षा गार्ड ने लोगों को सैनिटाइजर दिया
बिलासपुर
बिलासपुर में भी शराब दुकानों में भीड़ नजर आई। कुछ जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता दिखा। कई जगहों पर लोग शराब दुकान संचालक से दाम ज्यादा वसूले जाने पर बहस करते दिखे। मगर कैश काउंटर पर बैठे युवकों ने रेट बढ़ने का हवाला दे दिया। पुलिसकर्मी लोगों की लाइन लगवाते दिखे।
कवर्धा
जिले के जुनवानी, खुंटूनर्सरीइलाके की शराब दुकानों के बाहर भीड़ ने सड़क का एक लंबा हिस्सा घेर रखा है। कवर्धा से ही 6 कोरोना पॉजिटिव रविवार की शाम मिले हैं। पॉजिटिव लोग अन्य प्रदेशों से लौटे थे, उनके संपर्क में आए लोगों को भी तलाशा जा रहा है। प्रशासन अब इसे लेकर चर्चा कर रहा है कि जिले में शराब दुकानें ना खोली जाएं।
बालोद
तांदुला डेम के पास की शराब दुकान को खोला गया। सुबह से शराब लेने वाले लोगों का आना शुरू हो चुका था। दुकान के बाहर के हिस्सो में बड़ा मैदान है। यहां लोगों को लाइन से पुलिस ने खड़ा करवाया। लोगों के बीच दूरी हो इसका भी ध्यान रखा गया।
रायगढ़
शहर में शराब खरीदने आए लोगों ने पूरे अनुशासन का पालन किया। सुबह 7 बजे से ही दुकानों के बाहर भीड़ जुटना शुरू हो चुकी थी। लोग इधर-उधर ना थूंके, इसलिए कलेक्टर ने गुटखा, तम्बाकू पर बैन लगाया था। दूसरी तरफ सरकारी आदेश की वजह से खुली शराब दुकानों से लोग झोले में भरकर बोतले ले जाते दिखे।
जशपुर
कुनकुरी, पत्थलगांव, इलाकों में दुकानें खोल दी गईं। एक व्यक्ति ने सरकार के शराब दुकान खोलने के फैसले पर सरकार का आभार व्यक्त किया। उसने कहा- यह अच्छा फैसला है। दो दिन पहले ही दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के मकसद से शराब दुकानों के बाहर सफेद घेरे बनवाए गए और बैरीकेडिंग की गई थी।
कोंडागांव
जिले में शराब दुकानें खुलते ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। कनेरा रोड की दुकान के बाहर पुलिस का बंदोबस्त भी किया गया था। पुलिस जवान शराब लेने आए लोगों को मास्क लगाने और दूरी बनाए रखने को कहते दिखे।
भिलाई
भिलाई केसिविक सेन्टर इंदिरा पैलेस स्थित शराब दुकान खुलने की आस में सुबह 05 बजे से लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा।लोग शराब दुकान खुलने का इतंजार करते रहे। कुछ दुकानों को खोला गया और लोग भीड़ लगाकर शराब लेते रहे।
देशभर में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब आने वाले श्रमिकों का किराया राज्य सरकार उठाएगी। ऐसे में सरकार ने केंद्र से श्रमिकों के लिए जल्द ही स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए कहा है। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर परिवहन आयुक्त ने रेलवे के पत्र लिखा है। इसमें ट्रेन से आने वाले श्रमिकों का किराया देने की बात कही गई है।
परिवहन आयुक्त डाॅ. कमलप्रीत सिंह ने रायपुर के डिवीजनल रेलवे मैनेजर श्याम सुंदर गुप्ता को पत्र लिखकर सरकार की मंशा की जानकारी दी है। साथ ही कहा है कि छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लाने के लिए रेलवे उचित कार्यवाही करे। पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के तहत तीसरा लाॅकडाउन 4 मई से दो सप्ताह के लिए प्रभावी हो गया है। ऐसे में श्रमिकों काे लाने के लिए राज्य सरकार स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था चाहती है।
हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने वालों का तैयार किया गया डाटाबेस
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर लगातार देशभर से श्रमिक और दूसरे अन्य लोग संपर्क कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से अब तक 6074 प्रवासियों ने वापसी के लिए संपर्क किया है। अकेले राजस्थान से 5130, गुजरात से 499 और मध्य प्रदेश से 445 प्रवासी छत्तीसगढ़ लौटने के इच्छुक हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से इन राज्यों में वापस जाने के लिए भी लोग संपर्क कर रहे हैं।
राजस्थान जाने के लिए 3952 प्रवासियों भी किया है संपर्क
छत्तीसगढ़ से राजस्थान जाने के लिए 3952 प्रवासियों ने हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क साधा है। डाटा बेस के अनुसार, इन प्रवासियों को लाने और भेजने की योजना तैयार की जा रही है। श्रमिकों को लाने और यहां से भेजे जाने की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने इन राज्यों के लिए जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत (9399273076) को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्ति किया है।
प्रदेशवार इनको बनाया गया नोडल अधिकारी
गौरव ग्रामीण और मंगई शहरों के श्रमिकों की देखेंगी व्यवस्था
बाहरी राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों के क्वारैंटाइन समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग स्टेट नोडल अफसर नियुक्त किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी व्यवस्था की तैयारी के लिए जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को दी गई है, जबकि नगरीय निकाय क्षेत्रों में यही जवाबदेही सचिव नगरीय प्रशासन अलरमेलमंगई डी संभालेंगी।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन था शराब दुकानों को खोलने के सरकारी फैसले की वजह से। मोवा स्थिल शराब दुकान के बाहर भाजपा नेताओं ने सड़क पर विस्की और बियर बहाई। नेता कुछ महिलाओं को भी साथ लेकर आए जो शराब दुकान के बाहर पोस्ट थामे खड़ीं थीं। इन पोस्टर में शराबबंदी करने के नारे लिखे थे। भाजपा नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। नेताओं को पंडरी थाने में रखा गया और भीड़ को हटाया गया। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के नेता अजय चंद्राकर ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार के शराब दुकान खोलने के फैसले का विरोध किया।
भिलाई में ज्ञापन
भिलाई में भाजपा के युवा मोर्चा के नेता राहुल भोंसले ने बताया की पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है। छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार द्वारा शराब दुकान खोलने का निर्णय अनुचित है। हम मांग करते हैं कि सभी दुकानों को बंद किया जाए। इन युवा नेताओं ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। पाटन, सुपेला जैसे इलाकों में भी शराब दुकानों के बाहर भीड़ बेकाबू होती दिखी। हालांकि शाम 4 बजे के बाद शराब दुकानों को पुलिस बंद करवाती नजर आई।
सोमवार से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है। इस चरण में प्रदेश के सभी जिलों को तीन जोन में बांटा गया है। राजधानी रायपुर रेड जोन में है। वहीं, कोरबा जिला ऑरेंज जोन में, प्रदेश के बाकी 26 जिले ग्री जोन में हैं। जोन के हिसाब से इन जिलों में कुछ राहतें आज से दी जाएंगी।समझिए किस जोन में आज से क्या खुलेगा, क्या नहीं...
रेड जोन | रायपुर
राहत:
धारा 144 बढ़ाई : रायपुर में 17 मई तक धारा 144 बढ़ा दी गई है।
शाम 4 बजे सब बंद : आवश्यक वस्तुओं की दुकानें दोपहर 1 बजे से 4 बजे के बीच बंद करने का सिलसिला जारी रहेगा। शराब दुकानें ही शाम 7 बजे बंद होगी।
ऑरेंज | कोरबा
राहत: चारपहिया वाहन में तीन लोग, दुपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग पर अाधारित सभी बंदिशें लागू रहेंगी।
ग्रीन | प्रदेश के बाकी 26 जिले
राहत: चारपहिया वाहन में तीन लोग, दुपहिया वाहन में दो व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। टू-व्हीलर पर दो सवारी को छूट। बिना अनुमति कार्यक्रम नहीं होंगे। अनुमति सीमित लोगों की रहेगी। हर तरह की गतिविधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
ये तीनों जोन में बंद ही रहेंगे
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन, एक से दूसरे जिले में जाने की इजाजत नहीं, बसों की आवाजाही, हेयर सैलून, स्पा आदि।
बस-टैक्सी समेत पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद
लाॅकडाउन के दौरान प्रदेशभर में 17 मई तक सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। इसमें यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा आदि नहीं चलेंगी। परिवहन आयुक्त कमलप्रीत सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय, जिला परिवहन अधिकारियों को इस आदेश का पालन करना होगा।
आज से राजस्व प्रकरणों की सुनवाई भी शुरू
बस्तर जिले में लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मिर्च उत्पादक किसानों पर पड़ा है। यहां 5 रुपए प्रति किलो में भी हरी मिर्च के खरीदार नहीं मिल रहे। प्रशासन द्वारा कृषि कार्यों के लिए नियमों को शिथिल करने के बाद भी मजदूरों की कमी के चलते खेतों में हरी मिर्च की तोड़ाई बंद है। जिले में इस साल करीब तीन हजार हेक्टेयर में मिर्च की खेती की गई है। करीब डेढ़ हजार किसानों ने मिर्च की खेती की थी। इसमें से करीब 30 फीसदी किसान परेशान हैं।
लॉकडाउन के पहले 18 से 20 रुपए प्रति किलो मिर्च का भाव मिल रहा था जो इस समय 5 रुपए किलो बिक रहा है। लॉकडाउन में किसान हरी मिर्च बाहर नहीं भेज पा रहे हैं जिससे बड़ा नुकसान हो रहा है। इस नुकसान से बचने के लिए जहां कई किसान खड़ी फसल को जुतवा रहे हैं तो वहीं कुछ लोग सूख रही मिर्च को नहीं तुड़वा रहे हैं।
60 एकड़ की फसल जुतवा दी क्योंकि लागत ही नहीं मिल रही
बस्तर ब्लॉक के सोनारपाल के ग्राम मुंजला के किसान गोलचंद नायक और बकावंड ब्लॉक के कौड़ावंड के किसान मोहन जोशी ने करीब 60 एकड़ में लगी मिर्च की फसल को जुतवा दिया है। वहीं बस्तर ब्लाक के रमेश चावड़ा और अन्य किसान इसकी तोड़ाई में लागत अधिक आने से इसकी तुड़ाई नहीं करवा रहे हैं। किसानों ने कहा कि उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
फूलों की खेती को भी नुकसान, जुताई कर नए सिरे से लगाएंगे
सब्जी उत्पादक किसानों के साथ फूलों की खेती पर भी लॉकडाउन का असर पड़ा है। मंदिरों के बंद होने से फूलों की बिक्री नहीं हो पाई है। बस्तर ब्लॉक के घाटलोहंगा में फूलों की खेती करने वाले किसान राजेश साहू, सीतराम साहू ने बताया कि इस साल करीब 10 एकड़ में गेंदा, लिली के फूल की खेती की गई थी। कुछ दिनों के अंदर खेत की जुताई कर नए सिरे से फूल की खेती की जाएगी।
लाॅकडाउन 2.0 खुलने से ठीक पहले, रविवार की शाम दुर्ग में 8 और कवर्धा में 6 मजदूरों के कोरोना पाॅजिटिव निकलने से प्रदेश में खलबली मच गई है। जो लोग पाॅजिटिव निकले हैं, सभी दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने गए थे और वहां से लौटने के बाद से क्वारेंटाइन थे। इन्हें मिलाकर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 59 हो गई है। इसमें एक्टिव केस 21 हैं, बाकी स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।
एम्स में हुई जांच में रविवार को देर शाम कोरोना के 14 नए मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। नियमित रूप से चल रही जांच में दुर्ग और कवर्धा के मजदूरों के सैंपल पाॅजिटिव निकले। शनिवार को दुर्ग जिले के 85 सैंपल और कवर्धा के 33 सैंपल की जांच बची थी। उसी में से ये मरीज निकले हैं। प्रारंभिक जानकारी के आधार पर कवर्धा में मिले मरीज महाराष्ट्र से आए प्रवासी हैं। इनमें 4 पुरुष व 2 महिलाएं हैं, जबकि दुर्ग जिले के सभी केस प्रवासी पुरुष मजदूर हैैं। इन सभी संक्रमितों को देर रात एम्स में भर्ती किया गया है।
कवर्धा प्रदेश का अब वो नया जिला है, जहां पहली बार कोरोना केस मिले हैं। जबकि दुर्ग में इससे पहले एक पेशेंट मिला था, जो ठीक हो चुका है। पहले लॉकडाउन के बाद से दुर्ग जिले में अब तक सोलह सौ से ज्यादा सैंपल जांचे गए हैं। इनमें से पंद्रह सौ से ज्यादा निगेटिव रहे हैं। कवर्धा में इस दौरान लिए गए डेढ़ सौ से ज्यादा सैंपलों में करीब 140 निगेटिव पाए गए थे।
जरूरी काम से निकलने पर जुर्माना नहीं: डीजीपी
डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी एसपी को निर्देश दिए हैं कि जो लोग जरूरी सामान के लिए आना-जाना कर रहे हैं, उनसे जुर्माने की कार्रवाई स्थगित कर दी जाए। डीजीपी ने कहा है कि पहले से ही लोग लॉकडाउन के कारण परेशान हैं, उनसे जुर्माना वसूलना ठीक नहीं है। उन्हीं प्रकरणों में चालानी कार्रवाई की जाए जो उद्दंड और अनावश्यक घूमते हुए पाए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में सोमवार से लॉकडाउन-3 शुरू होने के साथ ही लोगों को कई रियायतें भी मिलने जा रही हैं। कोरोना संक्रमण शुरू होने के साथ ही बंद हुई शराब दुकानें सोमवार से पूरे प्रदेश में खुल जाएंगी, जबकि रायपुर, कोरबा और सूरजपुर जिले के कुछ दफ्तरों को छोड़ सभी जिलों में जमीनों की रजिस्ट्रियां भी शुरू हो जाएंगी। जबकि सोमवार से ही प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों की रौनक भी लौट जाएगी।
साथ ही राजस्व प्रकरणों की सुनवाई भी शुरू हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में 4 मई से शुरू हो रहे तीसरे लॉकडाउन में लोगों को ग्रीन और ऑरेंज जोन में कई प्रकार की राहतें दी जाएंगी।जिससे कि उनका वे धीरे-धीरे अपने कामकाज में लौट जाएं। लॉकडाउन का तीसरा दौर 17 मई तक चलेगा। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश सरकार भी लोगों को रियायतें दे सकती हैं। लेकिन स्कूल, कॉलेज, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल तो बंद ही रहेंगे लोग दिन में घरों से बाहर तो निकल सकेंगे, लेकिन जो लोग जरूरी सेवाओं में नहीं हैं, उनकी शाम 7 से सुबह 7 बजे के बीच सड़कों पर मूवमेंट की मनाही होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद से यह माना जा रहा था कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाई जाएगी, लेकिन कुछ सहूलियतें भी दी जाएंगी। बताया गया है कि मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें छत्तीसगढ़ आएंगी, लेकिन अन्य मालगाड़ियों के अलावा अन्य ट्रेनें नहीं चलेंगी। रेड जोन में किसी भी प्रकार के निजी वाहनों से आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
भीड़ रोकने शराब की होगी होम डिलीवरी
सभी शराब दुकानें सुबह 8 बजे खुलेंगी और शाम 7 बजे बंद कर दी जाएंगी। वर्तमान में देशी और विदेशी शराब खरीदने की सीमा प्रति व्यक्ति 2 बोतल और बीयर खरीदने की सीमा 4 बोतल है। लाॅकडाउन के दौरान भीड़ में कमी लाने के लिए देशी-विदेशी शराब बिक्री की सीमा 3000 एमएल और बीयर की 6 बोतल खरीद सकते हैं। यही नहीं, अगर कोई ग्राहक दुकान के काउंटर से खरीदना चाहे तो शराब 5000 एमएल मिल जाएगी। भीड़ को रोकने होम डिलीवरी की जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
तीन भागों में रजिस्ट्री कार्यालय खुलेंगे
रजिस्ट्री कार्यालय को तीन भागों में बांटा गया है। पहले जहां रजिस्ट्रियों की संख्या ज्यादा, वो दफ्तर 7 दिन खुलेंगे। दूसरी श्रेणी के दफ्तर सप्ताह में दो दिन और तीसरी श्रेणी के दफ्तर िसर्फ एक दिन खुलेंगे। रायपुर के चार, कोरबा के दो और सूरजपुर के एक उपपंजीयक कार्यालय को छोड़ पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री कार्यालय खुलेंगे। पंजीयन से पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना होगा।
अफसर पूरे आएंगे, कर्मचारी एक-तिहाई
कर्मचारियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बजाय खुद के वाहन से कार्यालय जाना होगा। सभी राजपत्रित अफसर आएंगे, लेकिन कर्मचारियों की संख्या एक तिहाई होगी। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार कलेक्टर अलग से आदेश जारी कर सकते हैं। लोगों से कार्यालय में मिलना-जुलना कम रखें। कार्यालय में सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन न हो तथा ऑनलाइन काम पर ज्यादा फोकस करें।
सीएम भूपेश का पीएम मोदी को पत्र- पुलिस, निगमऔर प्रशासन के कर्मचारियों को जोड़ें बीमा योजना में
सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों की तरह पुलिस, निकाय और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को बीमा योजना में शामिल करने की मांग की है। भूपेश ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख बीमा के फैसले की तारीफ की है। सीएम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाकर्मियों पर किसी भी प्रकार के हमले की घटना नहीं हुई है, लेकिन अध्यादेश कोरोना संक्रमण से लड़ने वाले योद्धाओं को एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
सीएम बघेल ने अपने पत्र में पीएम का ध्यान उन हजारों कर्मचारी-अधिकारियों की ओर दिलाया है, जो दिन-रात लाॅकडाउन को सफल बनाने में जुटे हैं। सीएम ने कहा है कि कई कर्मचारी-अधिकारी भी कोरोना से संक्रमित हुए हैं।लेकिन केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए लागू की गई बीमा योजना के दायरे में राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है।
अध्यादेश की धारा-1ए(बी)(ii) में स्वास्थ्य सेवाकर्मी की परिभाषा में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं, जो महामारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किए गए हैं। यानी पुलिस, स्थानीय निकाय व जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी इस परिभाषा की परिधि में निश्चित रूप से शामिल होंगे। सीएम ने कहा है कि जो लोग कोरोना संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, उन्हें भी स्वास्थ्य कर्मी मानते हुए स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलता चाहिए। भूपेश ने इस बीमा योजना में पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को भी शामिल करने का अनुरोध किया है।
सीएम की अपील : बाहर से आने की जानकारी दें, क्वारेंटाइन में रहें
^बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी किसी भी तरह से न छुपाएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी क्वारेंटाइन नियम का पालन करें, तभी हम सभी कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल हो सकेंगे। आज प्रदेश में कोरोना संक्रमित 14 नए मरीज की पुष्टि हुई है। ये सभी बाहर से आए हुए लोग थे। सरकार ने उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा था।'
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भूपेश सरकार ने अब छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने को लेकर भी कड़े नियम बना दिए हैं। अब देश के किसी भी अन्य हॉटस्पाॅट जिलों के छत्तीसगढ़ आने के लिए काेई भी पास जारी नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में जिला कलेक्टरों या गृह विभाग से अनुमति के बाद से आवाजाही की अनुमति दी जा सकेगी।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि हॉट-स्पाट की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट पर रोज अपडेट की जाती इसका उपयोग किया जाए इसके अलावा राज्य के स्वास्थ्य विभाग से भी हॉट-स्पाट जिलों की अपडेट स्थिति प्राप्त की जाए।
आदेश में कहा गया है कि परिवार के नजदीकी सदस्य (माता-पिता, पिता-पुत्र) की मृत्यु अथवा मेडिकल इमरजेंसी होने पर जो व्यक्ति अन्य राज्य से विधिवत अनुमति, पास प्राप्त कर छत्तीसगढ़ के किसी जिले में आना चाहते है, उन्हें संबंधित सीमावर्ती जिले के कलेक्टर अनुमति जारी कर सकेंगे। इसके साथ ही अतिरिक्त अन्य आपातकाल में कलेक्टर परीक्षण कर प्रमाणित दस्तावेजों के साथ गृह विभाग को भेजने पर गृह विभाग की अनुमति के बाद ही पास जारी कर सकेंगे।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इसके लिए आवेदन संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय से लेकर अनुमति के लिए अनुशंसा सहित भेजा जाए सीधे गृह विभाग से आवेदन लेने पर विचार नहीं किया जाएगा। यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अन्य राज्य से पास लेकर, स्वयं के साधन से, छत्तीसगढ़ होकर दूसरे राज्य जा रहा है तो संबंधित सीमावर्ती जिले के जिला कलेक्टर द्वारा पास आैर दस्तावेजों के परीक्षण के बाद ही उसे छत्तीसगढ़ होकर अन्य राज्य जाने दिया जाएगा।
(अमिताभ अरुण दुबे). छत्तीसगढ़ देश का संभवत: ऐसा पहला राज्य है, जहां कोरोना संकट के दौर में एक साथ 33 ट्रेनी डीएसपी अपने-अपने गृह जिलों में पुलिसिंग कर रहे हैं। इनमें 7 महिला अधिकारी भी हैं। ट्रेनी अधिकारियों में डॉक्टर, इंजीनियर जैसे अलग-अलग फील्ड के युवा हैं, जो पुलिस के रूटीन कामों के साथ अपने प्रोफेशनल फील्ड की विशेषज्ञता के जरिए लोगों तक राहत भी पहुंचा रहे हैं। कोई डॉक्टर के तौर पर लोगों का इलाज कर रहा है, तो कोई तकनीकी तौर पर आने वाला दिक्कतों का समाधान इंजीनियर के तौर पर भी कर रहा है।
नक्सली हिंसा से विस्थापित हुए बच्चों के बीच शिक्षा दिलवाने जैसी पहल भी हो रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी इन ट्रेनी अधिकारियों के अनुभवों को संजोने की तैयारी भी कर रही है। कोरोना संकट के निदान के बाद ये अधिकारी अपने अनुभवों पर रिसर्च पेपर भी सबमिट करेंगे, जो भविष्य में ट्रेनिंग के लिए आने वाले अधिकारियों के प्रशिक्षण के काम में आएगा। पुलिस ट्रेनी अकादमी के अधीक्षक आईपीएस विजय अग्रवाल के मुताबिक 1861 से ही पुलिस रेग्युलेशन एक्ट में महामारी के दौरान पुलिस के कामों के नियम कायदे बनाए गए हैं।
पुलिस सेवा में जाने वाले हर अधिकारी थ्योरी के रूप में इसे पढ़ते हैं। 1920 के बाद ऐसा पहला मौका है, जब अधिकारियों को प्रैक्टिकल के रूप में इसे करने का मौका मिला है। जाहिर है इस लिहाज से देखा जाए तो ट्रेनी अधिकारियों के लिए ये बड़ा मौका भी है।
पुलिस के जवानों के साथ आम लोगों का भी इलाज
प्रदेश के कोरबा जिले के पहले हॉट स्पॉट कटघोरा में कोरोना की दस्तक के बाद से डीएसपी डॉक्टर मेखलेंद्र प्रताप सिंह 200 से ज्यादा पुलिस के जवानों के साथ आम लोगों का इलाज और हेल्थ चैकअप भी करते हैं। 2019 बैच के अधिकारी मेखलेंद्र ने एमबीबीएस किया है। उनके मुताबिक जब कटघोरा हॉटस्पॉट बना तो उन्होंने लोगों का इलाज वो बैरियर पर भी करते हैं। वो पुलिस के जवानों के साथ ही यहां एक भवन में रह रहे हैं। जवान अधिकारी किसी भी हेल्थ इमरजेंसी या छोटी-मोटी दिक्कत में उनसे ही इलाज करवा रहे हैं।
नक्सल हिंसा से विस्थापित बच्चों की शिक्षा की पहल
ट्रेनी डीएसपी सुजीत सरकार नारायणपुर से जैसे अति नक्सल पीड़ित इलाके में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां अबूझमाड़ में नक्सली हिंसा से पीड़ित विस्थापितों के बीच वो शांतिनगर में राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उनके मुताबिक करीब तीन से पांच हजार विस्थापितों में से ज्यादातर के पास आधार और राशन कार्ड भी नहीं है। बच्चों को शिक्षा मिले इसके लिए आधार कार्ड बनाने की पहल भी की जा रही है। दूरस्थ इलाकों तक राहत पहुंचाना एक बड़ी चुनौती रहा। यहां कम्यूनिकेशन के लिए कोई जरिया नहीं होता है। वो ओरछा,परसगांव, आंकाबेड़ा जैसे सुदूर इलाकों में भी गए। सुजीत के मुताबिक कोरोना के संकट में पुलिस को इन इलाकों में लोगों से जुड़ने का एक अच्छा अवसर मिला है। पुलिस पब्लिक बॉडिंग और ज्यादा मजबूत हुई है।
डेढ़ महीने से शीशे से ही बच्चे को दुलार
बिलासपुर में ड्यूटी कर रहीं ट्रेनी डीएसपी गीतिका साहू झुग्गी बस्तियों में लोगों को जागरूक कर रही हैं। रोजाना फील्ड पर पेट्रोलिंग और रिलीफ के काम करने के बाद वो जब घर पहुंचती हैं तो परिवारों वालों से अलग ही रहती हैं। इस दौरान गीतिका बहन के 11 महीने के बच्चे हर्ष को शीशे के पार से दुलारती भी हैं।
स्टडी मटेरियल में इनके अनुभवों को उपयोग करेंगे
^ट्रेनी अधिकारियों के लिए ये एक बड़ा मौका साबित हो रहा है। हम चाहते हैं कि फील्ड पर वो जो भी अनुभव कर रहे हैं वो आने वाले प्रशिक्षु के अधिकारियों की ट्रेनिंग के लिए भी काम आएं। इसलिए इनके अनुभवों को हम स्टडी मटेरियल के तौर पर भी उपयोग करेंगे।
- विजय अग्रवाल, अधीक्षक, पुलिस ट्रेनिंग अकादमी
छत्तीसगढ़-ओड़िशा बार्डर पर धनपुंजी के पास ओडिशा के चांदली के क्वारेंटाइन सेंटर में शनिवार की रात गांव वालों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल गांव वाले इस बात से नाराज थे कि उनके गांव के क्वारेंटाइन सेंटर में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के किंरदुल से तबलीगी जमात के 11 लोगों को लाकर रखा गया है।
इनके साथ करीब 11 अन्य मजूदर भी थे। छत्तीसगढ़ की ओर से इन लोगों को ओडिशा छोड़ने गए थे। पटवारी अजय कुमार मंडावी ने बताया कि ओडिशा के 22 लोगों को उनकी घर वापसी के लिए हम लोग दंतेवाड़ा से इन्हें लेकर ओडिशा बार्डर पहुंचे।
अफसरों ने पहले से तय किया था कि छत्तीसगढ़ की ओर से इन लोगों को बार्डर तक पहुंचाया जाएगा और फिर आगे की व्यवस्था ओडिशा सरकार करेगी। इसके बाद हम शनिवार की रात चांदली बार्डर पर पहुंचे। हमारे साथ किंरदुल में फंसे ओडिशा के ब्रह्म्बरदा के रहने वाले तबलीगी जमात के 11 लोग थे। इसके अलावा मलकानगिरी के रहने वाले 11 मजदूर थे।
ओडिशा के अफसरों ने हमें बताया कि इनके लिए गाड़ियों का इंतजाम सुबह होगा। ऐसे में सभी को चांदली के क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ दें। हमारी टीम इन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ने जैसे पहुंची। वैसे ही गांव के लोग यहां जमा हो गए और तबलीगी लोगों को यहां रखने का विरोध करने लगे। इसके बाद ओडिशा पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए सभी को सुरक्षित कोटपाड़ तक भेजा।
कोटपाड़ से पुलिस सुरक्षा में वापस आए टीम के लोग
सभी को कोटपाड़ छोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ के अफसर ही गए और वहां से पुलिस सुरक्षा में लौटे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वहां के ग्रामीण काफी आक्रोश में आ गए थे। इन लोगों का किंरदुल से 22 को वापसी का टिकट था, जनता कर्फ्यू के कारण ये मस्जिद में रुक गए थे। तबलीगी विवाद हुआ था तो इन्हें क्वारेंटाइन में
रखा गया था।
कोटा से बच्चों को लाने के बाद अब पेंड्रा जिले से संभाग के छात्रों की वापसी भी हो गई है। बताया जाता है कि बीते करीब एक महीने से पेंड्रा में फंसे बच्चे अपने घर लौटने की गुहार लेकर पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के कलेक्टर से गुहार लगा रहे थे। इसी बीच शनिवार की दोपहर 12 बजे बस्तर संभाग के 4 जिलों के 35 बच्चों को जगदलपुर के लिए रवाना किया गया। वहां से रविवार की दोपहर पौने 3 बजे 700 किमी का सफर तय कर जगदलपुर पहुंचे। यहां उन्हें मेटगुड़ा स्थित अभिनंदन पार्क में 14 दिनों के क्वारेंटाइन पर रखा गया है। शनिवार को रात 12 बजे खाना खाने के बाद बच्चों को रविवार को शाम करीब 4 बजे खाना मिला।
पढ़ाई शुरू होने के इंतजार में वहीं रुके रहे
पेंड्रा में कृषि और नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे बीजापुर के रहने वाले संतोष मज्जी, चंचल पटेल, जगदलपुर के सतीश कुमार शोरी ने बताया कि मार्च के महीने में जहां छात्रावासों में रह रहे बच्चों को वापस भेजने या वहीं रहने के निर्देश दिए गए थे, तब वे पढ़ाई शुरू होने के इंतजार में वहीं मौजूद रहे। इसके बाद लॉकडाउन बढ़ता चला गया और वे वहीं फंसे रह गए। ऐसे में उन्होंने पेंड्रा कलेक्टर से संपर्क किया और उन्हें वापस भेजने की गुहार लगाई। करीब 3 से 4 बार उन्होंने मुलाकात की, जिसके बाद पेंड्रा में फंसे दूसरे राज्याें के बच्चों को भी साथ-साथ रवाना किया गया।
शहर में पुलिसिंग ने लिए रविवार को एसपी दीपक झा ने एक नया मॉडल जारी किया है। इस नये मॉडल के तहत अब शहर के हर वार्ड में एक वार्ड पुलिस अधिकारी तैनात किया गया है। ये वार्ड पुलिस अधिकारी, प्रधान आरक्षक और आरक्षक स्तर के होंगे। इनके कंधों पर वार्ड में शांति व्यवस्था बनाये रखने सहित अपराध रोकने जैसे प्रमुख जिम्मेदारी होगी। यही नहीं लोग पुलिस की मदद ले सकें इसके लिए हर वार्ड में पुलिस अधिकारी का मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक कर दिया गया है।
सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया कि शहर में पुलिसिंग के लिए हर वार्ड में पुलिस अधिकारी की तैनाती की जा रही है। इन अफसरों का काम वार्ड के लोगों की मीटिंग लेना, लोगों को अपने साथ जोड़कर अपराध, आपराधिक गतिविधियों को रोकना और पुलिस से संबंधित शिकायतों की जानकारी प्राप्त कर थाने में सूचना देकर समस्या का निराकरण करवाना जैसी जिम्मेदारी होगी। इस नई पहल से लोग सीधे पुलिस से जुड़ेंगे और उम्मीद की जा रही है कि इसका फायदा पुलिस को सीधे तौर पर मिलेगा। गौरतलब है कि वर्तमान में पुलिस थानों से वार्ड स्तर पर बीट के हिसाब से तैनाती करवाई जाती रही है। लेकिन यहां एक विशेष अधिकारी नियुक्त नहीं होने और बल की कमी की वजह से संबंधित जवान सीधे जनता के संपर्क में नहीं आ पाते थे लेकिन अब वार्डवार नियुक्तियां होने से व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
कोरोना संक्रमण के इस दौर में भले ही बस्तर ग्रीन जोन में है लेकिन यहां रहने वालों को भी लॉकडाउन और अन्य बंदिशों के चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी लॉकडाउन के बीच एक अस्वस्थ पिता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते रिश्तेदार भी यहां नहीं पहुंच पाए, अंततः बड़ी बेटी ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की।
परिवार में दो बेिटयां, रिश्तेदार रहते हैं बाहर
शहर के विजय वार्ड में पावर हाउस के पीछे रहने वालीं सेवानिवृत्त शिक्षिका सुभद्रा सिंह ठाकुर के पति फतेह सिंह ठाकुर का निधन शनिवार को एमपीएम हॉस्पिटल में हो गया था। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी दो बेटियां प्रज्ञा सिंह व रानी सिंह है जबकि उनके अन्य रिश्तेदार उत्तर प्रदेश में रहते हैं। लॉकडाउन में उनका आना संभव नहीं था इसलिए बेटियों ने वीडियो कॉलिंग से अंतिम दर्शन करवाया।
एक तरफ बीजापुर, नारायणपुर जिले के बॉर्डर तो दूसरी तरफ इंद्रावती नदी, इसी बीच बसे दंतेवाड़ा के 6 गांवों को कोविड-19 से सुरक्षित रखना है, इसलिए यहां चैंपियन-19 युवाओं की टीम बनी है। ये टीम कोरोना को मात देने क काम कर रही है। टीम में पाहुरनार, छोटे करका, तुमरीगुंडा, चेरपाल, कौरगांव व पदमेटा के पढ़े लिखे युवा हैं। भास्कर टीम दंतेवाड़ा के आखरी छोर में कौरगांव, चेरपाल पहुंची तो चैंपियन-19 टीम की मीटिंग चल रही थी। भास्कर टीम को आते देख युवाओं ने पूछताछ शुरू कर दी। भास्कर ने खुद के पास रखा सैनिटाइजर दिखाया, हैंडवाश किया, तब यह टीम बातचीत के लिए तैयार हुई।
नहीं थी जागरूकता, देश में बढ़ने लगे केस तो हुए सतर्क
लॉकडाउन 1.0 में यहां कोरोना को लेकर जागरुकता नहीं थी और न ही स्थानीय स्तर पर कोई खास काम हो रहे थे। लेकिन जब देश में केस बढ़ने लगे और लॉकडाउन बढ़ा तो ये गांव और यहां के ग्रामीण सुरक्षित रहें इसलिए छोटेकरका के शिक्षक जितेंद्र शर्मा ने गांव पहुंच टीम तैयार कर दी। बाकायदा टीम के युवाओं को काम कैसे करना है, इसकी विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। टीम की मॉनिटरिंग ये खुद कर रहे हैं। टीम जो काम करती है हर दिन रिपोर्ट देती है।
टीम ने युवाओं ने कहा- कोरोना हारेगा, जीतेंगे हम
टीम के युवा पीलाराम यादव, संजय, पत्तूराम सहित अन्य ने बताया कि कोरोना के बारे में किसी को कोई खास जानकारी नहीं थी। शिक्षक ने जब टीम बनाने का सुझाव दिया तो 1-2 नहीं बल्कि 30 से ज्यादा युवा तैयार हो गए। कोविड 19 से लड़ना है इसलिए हमने टीम में 19 युवाओं को ही रखा। ये चैंपियन-19 टीम है। हम खुद जीतने व कोरोना को हराकर अपने गांवों को जिताने का काम कर रहे हैं।
ये काम कर रही टीम
तीसरा लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही जिला प्रशासन ने 40 दिन से तालाबंदी झेल रहे व्यवसायियों के साथ ही शहर वासियों को बड़ी राहत दी है। शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान अब रोज सुबह 9 से 5 बजे शाम तक खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन धारा 144 प्रभाव शील रहेगी 5 लोगों का इकट्ठा होना प्रतिबंधित किया गया है सबसे बड़ी बात रात 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा इस दौरान घर के बाहर किसी भी तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित की गई है।
कलेक्टर डॉ अय्याज तंबोली ने बताया बस्तर जिले में सभी तरह की व्यावसायिक गतिविधियों को जारी करने की अनुमति दे दी गई है।पूर्व में भीड़ को देखते हुए इसे एक दिन के अंतराल में खोलने के संबंध में विचार किया गया था लेकिन व्यापारी संगठनों से बैठक के बाद तमाम सुरक्षात्मक उपाय करते हुए इसे रोज खोलने का निर्णय लिया गया है। दुकानें 50% कर्मचारियों के साथ संचालित किए जाएंगे।
रेस्टोरेंट खोले जाएंगे लेकिन वहां बैठकर खाने की सुविधा नहीं होगी रेस्टोरेंट अपने ग्राहकों को पार्सल से डिलीवरी करेंगे शहर की छोटी दुकानें और चौपाटी भी खोल दिए जाएंगे इसमें ठेले भी शामिल हैं लेकिन वहां बैठकर खाने की अनुमति नहीं दी जाएगी यह सभी गतिविधियां सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही चल सकती हैं। चाय के ठेलों को उसी शर्त पर खोलने की अनुमति होगी कि वह ग्राहकों को वहां से चाय बना कर ले जाने की व्यवस्था करें ठेले पर खड़े होकर चाय पीना प्रतिबंधित किया गया है। पान की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन वहां पान गुटखा और तंबाकू का विक्रय नहीं होगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखने की जरूरत
रात 7 से सुबह 7 बजे तक रोज जैसी तालाबंदी
कलेक्टर डॉ अय्याज तंबोली ने बताया कि रात 7:00 बजे से लेकर सुबह 7:00 बजे तक पूरी तरह तालाबंदी रहेगी किसी को भी बाहर घूमने की अनुमति नहीं होगी हालांकि दवा की दुकानें पेट्रोल पंप पानी बिजली की सेवा और मीडिया को इससे मुक्त रखा गया है।
सैलून-ब्यूटी पार्लर भी खुलेंगे पर सुरक्षा जरूरी
लॉकडाउन का दूसरे चरण पूरा होने के बाद अब ग्रीन जोन में शामिल बस्तर में भी सैलून, ब्यूटी पार्लर को खोलने की अनुमति दे दी गई है। लेकिन इसके लिए अलग से एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके तहत सभी तरह के सुरक्षात्मक उपाय का पालन हर हाल में करना होगा।
बैठक में कलेक्टर ने ये निर्देश भी दिए
कोरोना संक्रमण के बीच बस्तर में अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है। अभी तक बस्तर में 24 सौ से ज्यादा संदिग्धों की जांच भी पूरी हो गई है चूंकि कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिलने से बस्तर ग्रीन जोन में है और सोमवार से प्रशासन कई छूट देने जा रहा है।
प्रशासन की ओर से जो छूट दी जा रही है उसका मतलब बिल्कुल भी यह नहीं है कि बस्तर से कोरोना का खतरा टल गया है। हमारी जरा सी लापरवाही हमें तत्काल ग्रीन जोन से उठाकर रेड जोन में डाल सकती है। ऐसे में कुछ सावधानियां जरूर रखें। ग्रीन जोन में होने के कारण हमें कुछ छूट मिल रही है लेकिन इस दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
सावधानी के लिए इन बातों का भी ख्याल रखें
लॉकडाउन के चलते बीते 40 दिनों से बंदी है। इसके कारण न तो गाड़ियां चल रही हैं और न ही उद्योगों में काम हो रहा है। ऐसे में वातावरण साफ होने से अस्थमा के मरीजों को राहत मिली है। बस्तर जिले में अस्थमा से पीड़ित तकरीबन 80 हजार मरीज हैं। इन मरीजों को नियमित रूप से दवा की जरूरत होती है। इसके साथ ही धूल, धुएं और ऐसे ही महीन कण, जिनसे एलर्जी की समस्या होती है, उनसे बचना जरूरी होता है। इन दिनों लॉकडाउन के चलते जहां धूल-धुंए से शहर को राहत मिली है, वहीं इससे बड़ी राहत अस्थमा के मरीजों को मिली है। बताया जाता है कि इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को खासी परेशानी होती है और अक्सर उनकी तबीयत बिगड़ती है, लेकिन लॉकडाउन के दरम्यान अस्पताल में इक्का-दुक्का मामलों में अस्थमा के मरीज तबीयत खराब होने के कारण पहुंचे। डॉक्टर बताते हैं कि अगर वातावरण ऐसा ही बना रहा तो अस्थमा पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
लोग घरों में बैठे, न धूल न धुएं की जद में आ रहे: दरअसल हवा में धूल का प्रतिशत 0.025 से 0.05 प्रतिशत होना चाहिए लेकिन इस मौसम में पिछले साल जहां धूल का प्रतिशत 0.9 पीपीएम तक पहुंच गया था, वहीं इस बार लॉकडाउन के कारण फिर से ये प्रतिशत सामान्य स्थिति में आ गया है। यही कारण है कि अस्थमा के मरीजों को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है। दूसरी तरफ लोग अपने घरों में ही मौजूद हैं, ऐसे में एलर्जी के कारण अपने आप ही खत्म हो गए हैं।
ये हैं अस्थमा के लक्षण
धूल से होने वाली एलर्जी बढ़ाती है परेशानी
मेकॉज के मेडिसिन विभाग के सहप्राध्यापक डॉ. नवीन दुल्हानी बताते हैं कि अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्थमा से श्वसनलियां एलर्जी के कारण सिकुड़ जाती हैं, जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में सांस लेने पर आवाज आना, सीने में जकड़न, खांसी होती है। लक्षणों के आधार अस्थमा के दो प्रकार, बाहरी और आंतरिक होते हैं। बाहरी अस्थमा बाहरी एलर्जी पैदा करने वाले, जो पराग, जानवरों, धूल जैसे पदार्थों के कारण होता है, जबकि आंतरिक अस्थमा कुछ रासायनिक तत्वों के श्वसन तंत्र में दाखिल होने से होता है, जिसमें सिगरेट का धुआं, पेंट, वेपर्स, परफ्यूम शामिल हैं। अधिकांश मरीज बाहरी अस्थमा से पीड़ित पाए जा रहे हैं।
कोरोना है वायरल संक्रमण तो अस्थमा है फेफड़े की बीमारी, इसलिए मरीज घबराएं नहीं
डॉ. दुल्हानी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण और अस्थमा दोनों अलग हैं। हालांकि दोनों ही बीमारियों में सांस लेने में दिक्कत होती है, लेकिन कोविड-19 वायरस के संक्रमण से होता है, जबकि अस्थमा फेफड़े की बीमारी है। इसका मुख्य कारण एलर्जी होती है, लेकिन कोविड-19 वायरल संक्रमण होने के चलते ये शरीर में दाखिल होने के बाद बीमारी पैदा करना शुरू कर देता है। इसलिए मरीजों को ये जानना बेहद जरूरी है कि कोरोना और अस्थमा में बड़ा अंतर है।
लॉकडाउन में अपने घरों से दूर रहकर किराए के घरों में रह रहे स्कूल-कॉलेजों के छात्रों से मकान मालिक द्वारा दो महीनों का किराया माफ करने की मांग की है। इस मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। परिषद के जिला संयोजक कमलेश दीवान ने बताया कि सभी छात्रों को छात्रावास कमरा न मिलने के कारण कई विद्यार्थी किराए पर कमरा लेकर रहते हुए पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें कई विद्यार्थियों के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से वे लॉकडाउन में फंसे होने के चलते उनके किराए को माफ करवाने की मांग की है।
सुकमा जिले के ग्राम मरईगुड़ा में शुक्रवार को सीआरपीएफ 217वीं बटालियन ने सिविक एक्शन प्रोग्राम किया। कमांडेंट अशोक कुमार के निर्देश पर हुए कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते ग्रामीणों को सैनिटाइजर, माक्स, साबुन व बच्चों को बिस्किट बांटा गया। कार्यक्रम बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी सजित कुमार की उपस्थिति में किया गया। इस दौरान सिविल डॉक्टर विजय भूषण की उपस्थिति में ग्रामीणों को दवाइयां दी गई। इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी सेंथिल कुमार, उप कमाडेंट कमलेश कुमार, एसडीओपी पंकज पटेल मौजूद थे।
ग्रीन जोन ज़िलों में सोमवार से राहत मिलेगी इसके पहले तैयारियां की जा रही हैं। केंद्र सरकार ने ग्रीन ज़िलों के लिए कई सारी छूट दी हुई है लेकिन जिले में इसके अमल के लिए अभी राज्य सरकार के निर्देशों का इंतज़ार प्रशासन कर रहा है। रविवार शाम तक शराब दुकानों को खोलने व न्यूनतम अमले के साथ सरकारी दफ्तरों को खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार से दिशा निर्देश मिले हैं। अब राज्य सरकार के निर्देशों का इंतजार है। जैसे- जैसे निर्देश मिल रहे हैं पालन हो रहा है।
बैठक में ये निर्देश दिए-
बासना ग्राम पंचायत के छापरवास गांव में नहाते समय कुएं की मुंडेर से पैर फिसलने से एक युवक की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवक को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों काे साैंप दिया।पुलिस ने बताया कि छापरवास गांव निवासी गोपाललाल मीना (45) पड़ोस में कुएं पर स्नान करने गया था। तभी अचानक नहाते समय मुंडेर पर पैर फिसल जाने से वह कुएं में गिर गया। कुएं में धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। सूचना पर पहुंची चन्दवाजी व जमवारामगढ़ थाना पुलिस ने युवक को कुएं से बाहर निकाल कर सीएचसी पर पोस्टमार्टम करवाया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। शव को परिजनों को साैंप दिया। गोपाल ट्रक ड्राइवर था जिसके 3 बेटे व 2 बेटियां है।
सिर के बल गिरने से युवक की मौत
कानोता | खोनागोरियान थाना इलाके में रविवार शाम को लूनियावास रोड पर बनी नाली में सिर के बल गिरने से एक युवक की मौत हो गई।पुलिस ने बताया कि हाल बावड़ी आगरा रोड निवासी पप्पू (40) पुत्र काजू सांसी नशा करने का आदी था जो नशे में सिर के बल नाली में गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया। पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।
सुकमा जिले के इंजरम ग्राम में स्थित केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स 219 बटा ने रविवार को कोत्ताचेरु,पटेल पारा व सरपंच पारा सहित कुर्ती पारा के लगभग 224 ग्रामीण व मुकुड़तोंड व गेरापाड़ा के लगभग 72 ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। देश भर में फैले व क्षेत्र में कोविड-19 कोरोना वायरस के इस महामारी से निपटने व संक्रमण की रोकथाम के लिए अनिल कुमार कमांडेंट के निर्देशन में ग्रामीणों को च्यवनप्राश, मास्क, ग्लब्स, सेनेटाइजर, हेंड वाश तथा बिस्कुट बांटा गया।
इसके अलावा ग्रामीणों के घरों के आसपास व गांवों में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव भी किया गया। इसके साथ ही दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुएं जैसे मच्छरदानी, कंबल, लुंगी, तौलिया, साड़ी चप्पल, सोलर लालटेन, सहित बच्चो को पढ़ाई व खेल के लिए फुटबाल , वालीबाल, बैटमिंटन, कैरम बोर्ड व स्पोर्ट्स ड्रेस दिए गए। स्वरोजगार को ध्यान में रखते हुए बकरियां दी गई चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल आर द्वारा बताया गया कि कोविड-19 को हल्के में न ले व अनावश्यक बहार न निकले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है । वही घरों जब बाहर निकलते है उसके बाद घर वापस पर अपने पैरों,हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं ।वही मौजूद अधिकारियों ने ग्रामीणों को सेनेटाइजर किस तरह से और कब इस्तेमाल करना है इसकी जानकारी भी दी। कार्यक्रम में बटालियन के कमाडेंट अनिल कुमार ने ग्रामीणों से अपील करते कहा कि जब भी किसी भी ग्रामीण को राशन या अन्य समान की आवश्यकता हो तो कैंप के दरवाजे आपके लिए
हमेशा ही खुले हैं ।
केशकाल में शनिवार की आधी रात को घर में सो रही नाबालिग बच्ची के गायब होने से हड़कंप मच गया। परिवार वालों के सुबह केशकाल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने बाद घर से एक किमी दूर शासकीय स्कूल के कमरे से बच्ची बरामद हुई। सुबह-सुबह एक पिता ने शिकायत दर्ज कराई कि 8 वर्षीय पुत्री अपने मामा और बड़ी बहन के साथ बीच में सो रही थी। रात्रि 1 से 3 बजे के बीच कोई अज्ञात व्यक्ति घर के दरवाजे से घुसकर सो रही बच्ची को अपने साथ ले गया।
एसडीओपी अमित पटेल द्वारा तत्काल घटना की जानकारी एसपी बालाजी राव को दी गई। जिसके तुरंत बाद जिला से एएसपी अनन्त कुमार, उप पुलिस अधीक्षक निकिता तिवारी के साथ एसडीओपी अमित पटेल व थाना प्रभारी देवेंद्र दर्रो घटनास्थल पर पहुंचे।
थाना प्रभारी ने टीम गठित कर एसआई भवानी सिंह, एएसआई सुनीता उईके, लोकेश नाग को स्टाफ के साथ मौके पर रवाना किया। टीम मौके पर परिवार वालों से पूछताछ कर ही रहे थे कि एक शासकीय स्कूल के कर्मचारियों ने स्कूल के कमरे में एक बच्ची के होने की जानकारी दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे से बच्ची काे बरामद किया और उससे पूछताछ की।
बच्ची ने बताया- कोई हाथ-मुंह बांधकर ले गया था
बच्ची ने बताया कि वह कमरे में सो रही थी। तभी किसी ने मेरे हाथ और मुंह को बांध रखा था जब वे स्कूल की दीवार को पार कर रहे थे तो मेरे कंधे में खरोंच आई। इसके बाद भी वे नहीं माने और मुझे स्कूल के कमरे के अंदर रख दिया। सुबह किसी तरह से में रस्सी खोलने में कामयाब हुई और लोगों को आवाज दी। इसके बाद स्कूल के कर्मचारी मेरी आवाज सुनकर कमरे में पहुंचे और मुझे बाहर निकाला।
थाना प्रभारी देवेंद्र दर्रो ने बताया कि घर से बच्ची अगवा कर स्कूल में छिपाया था जहां से बच्ची को बरामद कर लिया गया है। घटना को गंभीरता से लेते हुए परिवार वालों व आसपास के लोगों से पूछताछ जारी है। इसके साथ ही अज्ञात आरोपी की तलाश के लिए टीम गठित कर दी गई है।
महाराष्ट्र चंद्रपुर से 9 मजदूर पैदल ही फरसगांव के लिए निकले थे। सभी मजदूर रविवार को 4.30 बजे पंडरीपानी चौक में दिखे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोककर पूछताछ की। पुलिस ने पूछताछ के बाद कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम को जानकारी दी। इसके बाद सभी मजदूरों को जगदलपुर जा रहे ट्रक में बैठाकर रवाना किया। इससे पहले पूछताछ के दौरान मजदूरों ने अपना चेकअप होने के दस्तावेज पुलिस को दिखाए। इसमें राजनांदगांव और अंबागढ़ चौकी में भी सभी मजदूरों का कोरोना को लेकर चेकअप हुआ है और सभी स्वस्थ है।
राजनांदगांव व अंबागढ़ चौकी में भी प्रशासन ने मजदूरों के आवागमन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। यहां पुलिस ने सभी को पानी भी पिलाया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें ट्रक में बैठाकर रवाना किया। यह सभी युवा मजदूर चंद्रपुर में ईट भट्टा में काम करने के लिए गए हुए थे, जो वापस फरसगांव अपने घर जा रहे थे। कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम ने कहा सभी मजदूरों का पहले कोरोना को लेकर स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है। कागजात जांच करने के बाद फरसगांव जाने के लिए भेजा गया है।
तेलंगाना के मंगूर स्थित पावर प्लांट में काम करने वाले मध्यप्रदेश और झारखंड के 40 मजदूर जंगल के रास्ते रविवार को पैदल चलकर जिले के उसूर तक पहुंचे। 500 किमी पैदल चलकर पहुंचे इन ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर इन्हें पोटाकेबिन में रखा गया है।
मजदूरों ने बताया कि काम की तलाश में मंगूर गए थे। अचानक लॉकडाउन लग गया। लगभग डेढ़ माह से बिना कोई काम के वहीं फंसे रहे। इस दौरान वहां भूखे रहकर दिन काटना पड़ रहा था। डेढ़ माह से स्थिति खराब होने के बाद मंगूर से निकल पड़े और 3 दिन तक पैदल चलकर गोदावरी नदी से होते हुए जंगल के रास्ते रविवार की सुबह 10 बजे उसूर पहुंचे। सभी मजदूर को स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने रोककर पोटाकेबिन के
आश्रम में रुकवाया।
उसूर थाना प्रभारी ने बताया कि सभी को आश्रम में रखा गया है। इसके साथ ही मजदूरों को खाना पीना भी दिया गया है। प्रशासन के अनुमति के बाद उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी। बीएमओ मनीष उपाध्याय ने बताया कि सभी मजदूर की जांच कर फीवर, सर्दी, खांसी व बुखार का परीक्षण किया गया है। इन सभी को कोई बीमारी नहीं है सभी नार्मल है। कलेक्टर के डी कुंजाम ने कहा कि जो मजदूर एमपी और झारखंड से पहुंचे है उन सबका सर्दी, खांसी और बुखार की जांच की गई है ।सभी में किसी प्रकार का कोई भी लक्षण नहीं मिला है। एक दो दिन में झारखंड की बस आएगी उसके बाद उनको झारखंड भेज दिया जाएगा। वहीं एमपी सरकार से भी बात करने की कोशिश की जा रही है जैसे ही उनसे बात होती है एमपी के मजदूरों को भी भेजने का प्रबंध किया जाएगा। तब तक वो उसूर पोटाकेबिन में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि पवार प्लांट में काम करने झारखंड के 21 व मध्यप्रदेश के 19 मजदूर तेलंगाना
के मंगूर गए थे।
लॉकडाउन में जगदलपुर के बाद अब बचेली पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया। शनिवार की रात लावारिस अवस्था में पड़ी महिला बीना बघेल की मौत हो गई। बीना ने जीते जी ये कभी नहीं सोचा होगा कि मौत के बाद शव को कंधा देने पुलिस आएगी। बीना की मौत की जानकारी जब पुलिस को मिली तो स्थानीय लोगों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार की ठानी। बचेली टीआई मनीष नागर और उनकी टीम ने शव को कंधा दिया व शव को मुक्तिधाम ले जाकर अंतिम संस्कार किया।
डिमरापाल की रहने वाली थी
दरअसल बीना जगदलपुर के डिमरापाल की रहने वाली है। 6 सालों से बचेली में ही यहां के रहने वाले गंगू के साथ रह रही थीं। लेकिन 3 महीने पहले गंगू की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद महिला लेबर हार्ट स्कूल में रहने लगी। जिसके खाने का प्रबंध वार्ड पार्षद के अलावा स्थानीय युवाओं द्वारा किया जाता था। उसकी तबियत बिगड़ गई जिसके बाद अपोलो अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। यहां कुछ हद तक ठीक हो गई थी।
लॉकडाउन की रियायत के बाद खेती किसानी का काम चल रहा है लेकिन अभी इससे जुड़े परामर्श के लिए किसान अफसरों से मिलने दफ्तर नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में अधिकारी खुद किसानों के खेतों में पहुंच रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक व कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में पहुंच रहे हैं।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नारायण साहू, उप संचालक आनंद सिंह नेताम टीम के साथ झोड़ियाबाड़म पहुंचे। किसान चैतराम बैध के खेत में लगे धान एमटीयू 1010 देखा। इसके बाद किसान शिवराम बघेल के खेत में पहुंचे। यहां भी एमटीयू धान की फसल को देखा। फसल में सावा हल्का कीट का प्रकोप पाया गया जिसे निकालने की सलाह दी गई। दरअसल लॉकडाउन की वजह से खेतों में भी किसान इतने दिनों तक काम नहीं कर पा रहे थे।
किसान लक्ष्मीनाथ के खेत में मूंग की फसल को बेहतर पाया लेकिन पौधाें की संख्या कम रही। ऐसे में किसान को सलाह दी गई कि पौधे की संख्या कम होने से उपज में कमी होने की संभावना बनी रहती है, ऐसे में इसे बढ़ाने पर ध्यान दें। इनके साथ डिप्रोशन बंजारा, एसके ध्रुव, डॉ भूजेन्द्र कोठारी, अनिल कुमार, आरएस नेताम, समीर पात्रे भी थे।
अपशिष्टों को इकट्ठा कर कम्पोस्ट बनाने कहा
एक ही दिन में इस दल ने दो गांवों के 10 से ज़्यादा किसानों के खेत पहुंचकर धान, सब्जी, मूंग की फसल को देखा। कृषि यंत्रों के पूर्ण रखरखाव, जैविक पद्धति अपनाने की सलाह दी। कृषि अपशिष्टों को इकट्ठा कर अधिक मात्रा में कम्पोस्ट निर्माण करने को भी कहा।
लॉकडाउन की अवधि में रसोई गैस के उपभोक्ताओं को पेट्रोलियम कंपनियों ने राहत दी है। महंगाई बढ़ने की आशंका को तोड़ते हुए कंपनियों ने घरेलू और व्यावसायिक सिलेंडर के दामों में कमी कर दी है। पिछले महीने तक जहां 14.2 किग्रा का एक घरेलू गैस सिलेंडर लोगों को 771 रुपए में मिल रहा था तो वहीं अब यह591 रुपए मिलेगा।
इसके अलावा 19 किग्रा का व्यावसायिक सिलेंडर व्यापारियों को 1324 रुपए की जगह 1073 रुपए में मिलेगा। गैस सिलेंडर के दामों में हुई कमी का फायदा जहां 51 हजार लोगों को मिलेगा तो वहीं करीब 150 व्यापारी इसका लाभ उठाएंगे। सांई एचपी गैस एजेंसी के संचालक मुरली कश्यप ने बताया सिलेंडर के दाम में हुई कमी का फायदा उज्ज्वला योजना कनेक्शनधारियोंको नहीं मिलेगा।
यह केवल सामान्य कनेक्शनधारियों को मिलेगा। कश्यप ने कहा कि रेट कम होने के चलते आने वाले दिनों में बुकिंग ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है इसे देखते हुए सिलेंडरमंगाया जा रहा है।
10 हजार 950 लोगों के खाते में अप्रैल की राशि नहीं हुई जमा
जिले में उज्ज्वला योजना के कनेक्शनधारियों की संख्या 1 लाख 19 हजार है। योजना के तहत तीन महीने का पैसा लोगों के खाते में जमा हो, इसके लिए लोगों को उनके खातों को अपडेट कराने के लिए कहा गया था लेकिन मुफ्त का सिलेंडर लेने के लिए लोगों ने इस नियम को नहीं माना और इसमें लापरवाही बरती। नतीजा यह रहा कि 10 हजार 950 लोगों के खाते में गैस सिलेंडर लेने के लिए जमा की जाने वाली पहली किस्त जमा नहीं हो पाई।
771 की जगह अब आएंगे 590 रुपए खाते में
गैस सिलेंडर का दाम कम होने से उज्ज्वला योजना के कनेक्शनधारियों के खाते में मई महीने के लिए कम पैसे जमा होंगे। गैस एजेंसी संचालकों ने बताया कि अप्रैल में उज्ज्वला योजना कनेक्शनधारियों के खाते में 771 रुपए केंद्र सरकार ने जमा किए थे। जबकि मई में यह घटकर 591 रुपए जमा होगें।
इस राशि से उन्हें एक माह के अंदर रिफलिंग करानी होगी। 31 मई तक रिफलिंग कराते हैं तो अगली व अंतिम किस्त जून में आएगी नहीं कराने पर अंतिम किस्त खाते में नहीं आएगी।
उज्ज्वला के 65 हजार 226 हितग्राहियोंने नहीं लिया मुफ्त का सिलेंडर
गरीब परिवार जिन्होंने उज्ज्वला योजना का कनेक्शन लिया है उन्हें केंद्र सरकार तीन महीने मुफ्त में गैस सिलेंडर दे रही है। लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ बस्तर जिले के गरीब परिवार नहीं ले रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस जिले के 1 लाख 8 हजार 80 गैस कनेक्शनधारियों के खाते में पैसे जमा किए और कहा कि समय पर इस पैसे का उपयोग नहीं करने से उन्हें अगले महीने योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा जारी इस नियम को लेकर गैस एजेंसी संचालकों ने लोगों को समझाइश देने के साथ ही प्रोत्साहित भी किया, लेकिन लोगों ने एक नहीं सुनी और मुफ्त का सिलेंडर लेने आगे नहीं आए। उज्ज्वला योजना के नोडल अधिकारी सुनील दास ने बताया कि बस्तर जिले में 65 हजार 226 लोगों ने मुफ्त का पहला सिलेंडर नहीं लिया जिसके चलते उनके खाते में इस महीने का पैसा जमा नहीं होगा।
लॉकडाउन के बाद से रोज काम करके आमदनी करवाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कबीरपंथियों ने जरूरतमंदों को राशन, मास्क और दवाएं बांटते हुए नशा छोड़ने की अपील की है। चलाए गए अभियान के दौरान अनुयायियों ने जगदलपुर में 800 से ज्यादा और पूरे बस्तर संभाग में ढाई हजार से ज्यादा लोगों को मदद पहुंचाई हैं। इसके साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने उन्होंने जागरूकता अभियान भी चलाया। लोगों के उन्होंने घर से बाहर मास्क लगाकर निकलने और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने कहा। इस दौरान पंकज दास, डॉ. दुष्यंत साहू, राजेश शर्मा, शंभू साहू, शंकरलाल ताटी, गणपत सेठिया सहित अन्य मौजूद थे।
कोरोना की सबसे ज्यादा किसी को मार लगी है तो वो मजदूर हैं । रविवार को भी जंगली रास्ते और पहाड़ी इलाकों से सैकड़ों किमी का पैदल सफर तय करके जिले के सैकड़ों मजदूर पामेड़ पहुंचे। ये सभी मजदूर आंध्र और तेलंगाना मिर्ची तोड़ने के लिए गए थे । लेकिन लंबे लॉकडाउन के बाद इनका सब्र टूट गया और ये पैदल ही चलकर यहां पहुंच गए । इनमें पेद्दाधर्मारम के 30,जीडपल्ली के 10 और कंचाल से 150 मजदूर पामेड़ के है। इन सभी को पामेड़ पोटाकेबिन में ठहराया गया है। इसकी जानकारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम ने दी है।
कारम ने बताया कि 180 मजदूरों के पामेड़ पहुंचने की सूचना मिली है। इन सभी मजदूरों का चेकअप स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। मुझे सूचना मिली है कि अभी तक 40 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। किसी भी मजदूर में अभी तक सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण नहीं मिले है। जिन मजदूरो का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद सामान्य रिपोर्ट आ रही है उन्हें छोड़ा जा रहा है और कल बाकी जो बचें मजदूर है उनका भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। जिनमें भी कोरोना के लक्षण मिलेंगे उन्हें वही रखा जाएगा।
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने सब्जी बाजार को पुराना से नया बाजार में शिफ्ट किया है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दुकानों को एक निश्चित दूरी में लगाने न सिर्फ समझाइश दी गई बल्कि लकीरें खिंच उसका इंतजाम भी किया गया।
वहीं दुकानदारों ने सारे इंतजाम को ठेंगा दिखा अपनी मनमानी करते शेड छोड़ सड़क पर पसरा लगाकर भीड़ बढ़ा कोरोना का दावत देने में लगे हुए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने शेड समेत पूरे बाजार में मार्किंग की। वाहन नहीं घुसने एक बार फिर बांस बांध कर बैरिकेड लगाए। मार्किंग किए जगहों पर दुकानें तो लगी लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग गायब रहा।
कलेक्टर केएल चौहान ने जिले के सभी सरकारी ऑफिसों का संचालन 4 मई से प्रारंभ करने कहा है। उन्होंने कहा नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी लॉकडाउन के कारण शासकीय कार्यालयों में कार्य संपादन के लिए वर्तमान परिस्थिति में सुरक्षात्मक उपायों को अपनाते हुए लोकसेवा प्रदाय करने के लिए सभी सरकारी कार्यालयों का संचालन 4 मई से शुरू हो।
यह आदेश सभी सरकारी ऑफिसों एवं विभागों के अंतर्गत निगम, मंडल एवं अन्य प्रशासकीय ईकाईयों पर लागू होगा । कार्यालय में राजपत्रित अधिकारियों की कार्य दिवस में शत-प्रतिशत उपस्थिति होगी तथा अन्य अधिकारी, कर्मचारियों की उपस्थिति एक तिहाई होगी। इसके लिए रोस्टर बनाते हुए ड्यूटी लगाई जाए।
महाराष्ट्र चंद्रपुर से 9 मजदूर पैदल ही फरसगांव के लिए निकले थे। सभी मजदूर रविवार को 4.30 बजे पंडरीपानी चौक में दिखे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोककर पूछताछ की। पुलिस ने पूछताछ के बाद कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम को जानकारी दी। इसके बाद सभी मजदूरों को जगदलपुर जा रहे ट्रक में बैठाकर रवाना किया। इससे पहले पूछताछ के दौरान मजदूरों ने अपना चेकअप होने के दस्तावेज पुलिस को दिखाए।इसमें राजनांदगांव और अंबागढ़ चौकी में भी सभी मजदूरों का कोरोना को लेकर चेकअप हुआ है और सभी स्वस्थ है। राजनांदगांव व अंबागढ़ चौकी में भी प्रशासन ने मजदूरों के आवागमन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। यहां पुलिस ने सभी को पानी भी पिलाया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें ट्रक में बैठाकर रवाना किया। यह सभी युवा मजदूर चंद्रपुर में ईट भट्टा में काम करने के लिए गए हुए थे, जो वापस फरसगांव अपने घर जा रहे थे। कांकेर एसडीओपी आकाश मरकाम ने कहा सभी मजदूरों का पहले कोरोना को लेकर स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है। कागजात जांच करने के बाद फरसगांव जाने के लिए भेजा गया है।
मजदूरों ने बताया कि कोरोना वायरस के लॉकडाउन के चलते वे चंद्रपुर में फंस गए थे। घर वापस जाने के लिए महाराष्ट्र की सरकार व प्रशासन के पास काफी गुहार लगाया। इसके बाद भी सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते सभी मजदूर पैदल ही फरसगांव जाने का फैसला लिया और गांव के लिए निकल पड़े। कई दिनों के पैदल यात्रा के बाद रविवार को वे कांकेर पहुंचे। युवक अजय कुमार ने कहा वे ईंट भट्टा में काम करने के लिए लॉकडाउन लगने से पहले गए थे, लेकिन वहां जाकर फंस गए और काम भी बंद हो गया।
कोरोना वायरस से हुए लॉकडाउन ने एक तरफ, जहां इंसानों को घर के अंदर कैद करके रख दिया है। वहीं दूसरी तरफ इसका पॉजिटिव असर पर प्राकृतिक पर दिखने को मिल रहा है। लॉकडाउन के कारण प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। वहीं नदियों का जल साफ हो गया है।
लॉकडाउन में दोपहर बाद शहर के साथ साथ गांव की ओर जाने वाली सड़कें पर सन्नाटा पसरने लगा है।गांव और शहर में दोपहर में सन्नाटा पसरने से अब जंगली जानवर भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों की ओर रूख करने लगे हैं। अबतक शाम को शहर के आसपास दिखने वाला भालू अब दोपहर में ही सड़कों पर घूमते हुए नजर आ रहा है। वहीं अब शाम को अन्य जंगली जानवर भी शहर में पहुंच रहे हैं। जिससे कुछ हिस्सों में इसकी दहशत बढ़ती जा रही है।
पिछले कुछ दिनों से लगातार भालू गोविंदपुर, ठेलकाबोड़, पंडरीपानी, डुमाली व शिवनगर, सिंगारभाट व गढ़पिछवाडी इलाके में दिखाई दे रहा है। शनिवार व रविवार को भालू को सरंगपाल स्थित जेपी इंटरनेशनल स्कूल के इर्द गिर्द घूमता हुआ देखा गया। इसी तरह शनिवार रात संजय नगर में लकड़बग्घा भोजन की तलाश में घूमता रहा।
भोजन की तलाश में आ रहे हैं शहर
पिछले कुछ दिनों से लगातार भालू गोविंदपुर, ठेलकाबोड़, पंडरीपानी, डुमाली व शिवनगर, सिंगारभाट व गढ़पिछवाडी इलाके में दिखाई दे रहा है। शनिवार व रविवार को भालू को सरंगपाल स्थित जेपी इंटरनेशनल स्कूल के इर्द गिर्द घूमता हुआ देखा गया। इसी तरह शनिवार रात संजय नगर में लकड़बग्घा भोजन की तलाश में घूमता रहा।
कोरोना से बचाव व संदिग्धों की पहचान के लिए शासन अलग-अलग तरीके अपना रहा है। इनमें सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों को सामान्य मरीजों से अलग करने के लिए अस्पतालों में फीवर क्लीनिक चलाई जा रही है। पिछले 15 दिन में ही जिले में संचालित फीवर क्लीनिक में कुल 1446 मरीज पहुंचे हैं। ये सभी सर्दी खांसी, जुकाम, बुखार व श्वांस लेने में तकलीफ के मरीज हैं। इनमें 127 मरीजों के लक्षण संदिग्ध देखते हुए उनके सैंपल जांच के लिए मेडिकल काॅलेज जगदलपुर भेजे गए हैं। इसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
सामान्यत: सभी अस्पतालों की ओपीडी में एक साथ मरीज देखे जाते हैं। मरीजों में 70 फीसदी से अधिक लोग सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित होते हैं। इनमें कोई कोरोना संक्रमित न हो, इसलिए एहतियातन जिले के 20 अस्पतालों में 14 अप्रैल से फीवर क्लीनिक चल रही है। यह सुबह 9 से दोपहर 1 बजे और शाम को 5 से 7 बजे तक संचालित है।
अंंदरूनी इलाकों में जा रही मोबाइल टीम
जिले के अंदरूनी इलाकों में मोबाइल टीम सैंपल कलेक्ट कर रही है। अंतागढ़ व कोयलीबेड़ा के संवेदनशील इलाके में ये टीम संदिग्ध मरीजों व क्वारेंटाइन लाेगों के सैंपल लेने के साथ लोगों को जागरूक भी कर रही है।
पेड़ के नीचे पॉलीथिन से घेरकर बनाई क्लीनिक
जिले के अधिकांश अस्पताल में भवन के बाहर ही पेड़ के नीचे पॉलीथिन से घेरकर फीवर क्लीनिक बनाई गई है। जहां फीवर क्लीनिक कमरों में लग रही है तो वहां भी मरीजों और स्टाफ के बीच पारदर्शी पॉलीथिन की दीवार है ताकि संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचा जा सके। संदिग्ध मरीज का स्वाब सैंपल लिया जा रहा है। यहां तैनात स्टाफ जांच से सैंपल लेने तक में पूरी सावधानी बरत रहे हैं। अंतागढ़ बीएमओ डाॅ. भेषज रामटेके ने बताया कि सभी स्टाफ सैनिटाइजर भी उपयोग करे हैं।
रविवार की शाम 5 बजे के दौरान मौसम में अचानक परिवर्तन हुआ और तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई। तेज हवा के चलते पंडरीपानी के पास तैनात पुलिसकर्मियों के आराम करने के लिए लगाया गया तंबू उखड़ गया। रविवार को मौसम में एकाएक परिवर्तन हुआ, जिसमे दोपहर तक काफी तेज गर्मी थी।
वही शाम 5 बजे के बाद मौसम में एकाएक मौसम में परिवर्तन हुआ और तेज हवाएं चलने के साथ बारिश हुई। शाम के दौरान डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक बारिश हुई। बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से अन्नपूर्णापारा वार्ड में एक जगह पेड़ गिर गया है और ग्राम पंडरीपनी चौक में पुलिस कर्मियों के लिए बनाए गया तंबू उड़ गया।
इसके चलते पुलिस को दुकान में लगे शेड में बारिश से बचाव के लिए रूकना पड़ा। वहीं तेज बारिश से मक्का के फसल को नुकसान का अंदेशा है। कुछ दिन पहले हुई बारिश में भी मक्का के फसल को काफी नुकसान हो चुका है। साथ ही इससे सब्जी फसल को भी नुकसान होगा।
दुर्गूकोंदल थानांतर्गत ग्राम मेड़ो में ट्रैक्टर से गिरने पर युवक की मौत हो गई। दरअसल ट्रैक्टर चालक चंद्रप्रकाश भूआर्य के साथ बच्चन सिन्हा, हुमन भूआर्य साथ रेत लेने के लिए नाला गए थे। वहां से ट्रेक्टर में रेत भरकर वापस लौट रहे थे। चालक चंद्रप्रकाश काफी तेज गति से वाहन चला रहा था। ट्रैक्टर के टूल बाक्स पर हुमन भूआर्य बैठा था। जो टूल बाक्स से नीचे जमीन पर नीचे जमीन पर गिर पड़ा। घटना में हुमन भूआर्य के सिर में गंभीर चोट लग गई थी। हुमन को इलाज के लिए सीएचसी दुर्गूकोंदल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने चालक चंद्रप्रकाश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
सहजयोग की स्वर्ण जयंती के अवसर पर रविवार को आत्म साक्षात्कार का आयोजन किया गया। लॉकडाउन के चलते कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे ऑनलाइन हुआ। लोगों ने घरों से ही यू ट्यूब के माध्यम से सहज योग ध्यान किया। सहज योगी अंकित पावेचा ने बताया कोरोना महामारी के बीच यह पहला आयोजन होने से लोगों में इसके प्रति काफी उत्साह नजर आया। लोगों ने घर में किए सहज योग के अनुभव भी साझा किए।
धार की सुंदरवन कॉलोनी की मीना मकवाना का कहना है कि सहज योग से आत्मिक शांति का अनुभव होता है इससे विचारों में कमी आई है। स्टे होम के दौरान सहज योग करना चाहिए इससे बुरे विचार मन में नहीं आते और आत्मिक शांति मिलती है। वहीं संजय कॉलोनी की रेखा ओसारी का कहना है कि सहज याेग से आत्मिक शांति मिलती है। मन में उत्साह का संचार भी हाेता है। ध्यान करने से मन स्थिर रहता है इससे हम अपने लक्ष्य काे प्राप्त करने के लिए एकाग्रचित्त हाेकर काम कर सकते हैं। मैं अब राेज ध्यान करूंगी।
धार शहर के साथ ही जिले की तीन नगर पालिका और आठ नगर परिषद में लाेगाें काे राहत प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन ने 4 मई से नई व्यवस्था लागू की है। इसमें कंटेनमेंट एरिया के बाहर की किराना दुकानाें काे एक दिन छाेड़कर खाेलने की अनुमति दी गई है।
दूध डेयरी नहीं खुलेगी, घर-घर दूध बांटने की छूट रहेगी। शहर के लाेगाें काे शासन द्वारा निर्धारित गाड़ियाें से ही सब्जी खरीदनी हाेगी, सब्जी की दुकानें और ठेलाें काे अनुमति नहीं हाेगी। सब्जी, दूध और पानी के लिए सुबह 7 से 11 और शाम 5 से 7 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। खाद-बीज, ट्रैक्टर पार्टस, मटके की दुकानाें को खाेलने की अनुमति दी गई है। सारे मेडिकल स्टोर्स नहीं खुलेंगे। पहले दिन 15 व दूसरे दिन अन्य 15 मेडिकल स्टोर खुल सकेंगे। कंटेनमेंट एरिया में पहले की तरह ही पाबंदी लागू रहेगी। इस क्षेत्र में आने वाली बैंकें व अन्य दुकानें नहीं खुलेंगी।
यहां मिलेगी छूट
कलेक्टर श्रीकांत बनाेठ के अुनसार कंटेनमेंट एरिया काे छाेड़कर शेष शहर में किराना दुकानें एक दिन छाेड़कर खाेल सकेंगे। इसके लिए साेशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी हाेगा। दुकानाें पर भीड न लगे इसका भी ध्यान रखना हाेगा। एक व्यक्ति जाकर सामान ले भीड़ में लाेग न पहुंचें। इसके अलावा दवाई की दुकानें प्रतिदिन खुलेंगी। सब्जी के लिए शहर में शासन ने 18 गाड़ियां चलाई हैं, लाेग उनसे सब्जी खरीद सकते हैं। हाेटलें, चाय, पान दुकान, सैलून खाेलने की अनुमति नहीं है। कृषि संबंधी सामग्री की दुकानें एक दिन छाेड़कर खुलेंगी।
कंटेनमेंट एरिया में नहीं हाेगी छूट
शहर में उटावद दरवाजा-बख्तावर मार्ग, जानकी नगर, इमलीबन, भाजीबाजार, पट्ठा चाैपाटी, गांधी काॅलाेनी-इस्लामपुरा, एलआईजी काॅलाेनी, क्वींस पार्क काॅलाेनी काे कंटेनमेंट एरिया घाेषित किया है। इन क्षेत्राें में पाबंदी लागू रहेगी। इन क्षेत्राें में पड़ने वाली किराना, दवाई व अन्य दुकानें, बैंकें, हाेटलें नहीं खाेली जा सकेंगी। यहां शासन द्वारा निर्धारित वाहनाें से पहले की ही तरह सब्जी, दूध, किराना व अन्य सामग्री का वितरण जारी रहेगा।
आगामी आदेश तक बढ़ाया कर्फ्यू
धार में 18 अप्रैल की रात 12 बजे से लागू किया गया कर्फ्यू 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था। लेकिन 3 मई काे बैठक के बाद कलेक्टर श्रीकांत बनाेठ ने शहर में आगामी आदेश तक के लिए कर्फ्यू काे बढ़ा दिया है। परिस्थितियाें के अनुसार इसे समाप्त करने का निर्णय लिया जाएगा। धार चूंकि रेड जाेन में है इसलिए ई-पास भी जारी नहीं किए जा सकेंगे।
ग्रामीण क्षेत्राें में खुल सकेंगी दुकानें
कलेक्टर बनाेठ के अनुसार जिले के ग्रामीण क्षेत्राें में किराना दुकानें खाेल सकते हैं। वहां व्यवस्थाएं शुरू हाे गई हैं लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा। जनधन के खाते में सरकारी नीतियाें के तहत आने वाला पैसा और राेजगारमूलक याेजना का पैसा ग्रामीण डाकघर से निकाल सकते हैं। बैंक में जाने की जरूरत नहीं है। बैंकें घर-घर भी भुगतान पहुंचा रही हैं।
हे-वेज की 18 गाड़ियाें काे अनुमति दी है
सिटी मजिस्ट्रेट वीरेंद्र कटारे के अनुसार शहर के 30 वार्डाें के लिए 18 हे-वेज की गाड़ियाें काे अनुमति दी गई है। प्रतिदिन गाड़ियाें से सब्जी का वितरण किया जा रहा है। रमजान काे देखते हुए 14 गाड़ियां सामग्री लेकर पहुंच रही हैं। कंटेनमेंट एरिया के बाहर की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें भी खाेली जा सकती हैं। यदि व्यवस्था काे भंग किया गया ताे तत्काल छूट वापस ले ली जाएगी। यदि काेई बाइक से आता है ताे वह एक ही व्यक्ति आए।