मक्के की खड़ी फसल के दानों में अंकुरण आने की खबर के प्रकाशन के बाद कृषि विभाग हरकत में आया तो इस बीज और कंपनी को ले कई और चौकाने वाले खुलासे हुए। अब विभाग उन दुकानों की खाक छान रहा है, जिन दुकानदारों ने इस कंपनी के बीज किसानों को बेचा था। कापसी क्षेत्र में ही कुल 14 दुकानें चिन्हाकिंत की गई है, जिन दुकानों से यह बीज बिका था। आज जब अधिकारी जब इन दुकानों में जांच के लिए पहुंचे तो उनका स्वागत सत्कार में बीज दुकानदारों ने कोई कमी नहीं की। दुकान पहुंचते ही दुकानदार ने सबसे पहले अधिकारियों का स्वागत कोल्डड्रिंक से किया। इसके बाद समोसा और रसगुल्ले का दौर चला। कार्रवाई खत्म होने के बाद निकलते समय चाय भी पिलाए। अधिकारियों की आवभगत के बाद कार्यवाही को लेकर ही प्रश्न उठने लगे हंै। फिलहाल विभाग ने जिले में बीज के भंडारण और बेचने पर रोक लगा दी है।
कंपनी ने इस मक्के का करीब 3 टन बीज क्षेत्र में बेचा है। वहीं दो क्विंटल से अधिक डेमो के रूप में किसानों और दुकानदारों को इस बीज का वितरण किया है। महज कापसी क्षेत्र में ही कंपनी के करीब डेढ़ टन बीज बेचा है। विकासखंड में और कई दुकानदार चिह्नांकित किए जा रहे हंै, जिन्होंने नियम विरूद्ध इस कंपनी का बीज बेचा है। अब तक कापसी क्षेत्र के 69 किसानों को भी चिह्नांकित किया है, जिनके मक्के की फसल इस बीज के चलते खराब हुआ है।
नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है
एसडीओ कृषि बीएल पटेल ने बताया अभी सभी दुकानदारों का बयान लिया जा रहा है। किसी भी दुकानदार के पास न ही स्टाक रजिस्टर मिला और न ही बिल बुक, साथ ही इस बीज को बेचने के लिए कंपनी द्वारा जारी प्रिंसपल लेटर वर्तमान में किसी दुकान में नहीं मिला। किसी दुकान में इस कंपनी का कोई माल नहीं है, जिस कारण दुकानों को सील नहीं किया गया है। सभी को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जांच में न स्टॉक रजिस्टर मिला न ही कोई बिल बुक
अधिकारी उन दुकानों में भी पहुंचे, जिन्होंने बिना प्रिंसपल लेटर के बीज का विक्रय किया था, जिसके कापसी क्षेत्र के 14 दुकान चिन्हाकिंत की गई है। जिन्होंने इस बीज का विक्रय किया था। जब अधिकारी इन दुकानों में पहुंचे और दुकानदारों का बयान लिया इस दौरान और कई चौकाने वाले खुलासे हुए। किसी भी दुकान में न ही स्टॉक रजिस्टर मिला और न ही कोई बिल बुक सभी दुकानदार लाइसेंस नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे।
ऊपर में दिख रहा इमेज कोई आतिशबाजी की नहीं है। यह बिजली केतारों के आपस में टकराने के बाद निकली हुई चिंगारी है। दरअसल रविवार शाम अचानक अंधड़ चलने व गरज चमक के साथ बारिश होने के बाद बिजली व्यवस्था चरमरा गई। विभाग की पोल खोलते रेस्ट हाउस के सामने नेशनल हाईवे में बिजली के तार आपस में टकरा कर स्पार्किंग करने लगे। एेसा काफी देर तक होता रहा। इस दौरान मार्ग से वाहन व लोग गुजरते रहे। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
धामनाेद थाने के एबी राेड सेमल्दा फाटा पर शनिवार रात दाे लाेगाें ने एक व्यक्ति काे पीट दिया। पुलिस ने बताया फरियादी राजकपूर निवासी नेवादामूरिदपुर थाना बदलापुर जिला जाैनपुर उप्र और उसके साथी अनूप काे इलाहाबाद जाना था। इसके लिए उन्हाेंने आराेपी कंटेनर चालक सुधीरसिंह से इलाहाबाद छाेड़ने की बात की थी। सुधीरसिंह ने राजकपूर काे सेंधवा के पास से बैठाकर सेमल्टा फाटा पर लाकर छाेड़ दिया और आगे नहीं ले जाने काे कहा। राजकपूर ने सुधीरसिंह से आगे नहीं ले जाने का कारण पूछा ताे सुधीरसिंह ने अपने साथी के साथ मिलकर मारपीट शुरू कर दी। सुधीर ने लट्ठ निकालकर अनूप के सिर में मार दिया। राजकूपर काे भी बुरी तरह पीटा। पुलिस ने केस दर्ज किया है।
लॉकडाउन 3.0 के तहत अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग छूट दी गई है। धमतरी ग्रीन जोन में है। इसी कारण यहां भी छूट बढ़ाई गई है। अब शहर की राशन दुकानें सुबह 7 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक खुली रहेंगी। लोग आसानी से सामान खरीदी कर सकेंगे। हालांकि केेंद्र सरकार की ओर से इस लॉकडाउन में दी गई यात्री बस, टैक्सी, व अन्य परिवहन की सुविधा फिलहाल जिले के लोगों को नहीं मिलेगी।
लॉकडाउन शुरू होने के बाद से दुकानों को खोलने का समय सुबह 7 बजे से दोपहर एक बजे तक था। कलेक्टर रजत बंसल ने इसमें आंशिक संशोधन किया है। अब यह दुकानें दोपहर 3 बजे तक खुली रहेंगी। इसी तरह मेडिकल दुकानें, उचित मूल्य की दुकान, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप पूर्व निर्धारित समय अनुसार ही खुले रह सकेंगे।
विशेष परिस्थितियों में ही जाने की इजाजत
आरटीओने राज्य सरकार के निर्णय के मुताबिक स्थानीय स्तर पर आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने देश सहित छत्तीसगढ़ राज्य में 4 मई से दो सप्ताह की अवधि तक लाॅकडाउन घोषित किया है। इसके मद्देनजर लोकहित में अंतरराज्यीय और छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित होने वाली सभी प्रकार की सार्वजनिक परिवहन यान, यात्री बस, सिटी बस, टैक्सी, अॉटो, ई-रिक्शा आगामी आदेश तक बंद रहेंगे। विशेष एवं आपातकालिक परिस्थितियों में राज्य के भीतर एवं बाहर आवागमन के लिए सार्वजनिक परिवहन यानों के संचालन के लिए राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार अनुमति आवश्यक होगी।
बाहर फंसे लोग वापसी के लिए कराएं पंजीयन
अन्य जिलों अथवा प्रदेशों में फंसे लोगों को वापस लाने प्रयास किए जा रहे हैं। धमतरी जिले के निवासी ऐसे व्यक्ति जो अन्य जिले अथवा राज्यों के ऐसे स्थान जहां हाॅटस्पाॅट नहीं हैं, वहां फंसे हैं तो वहां से आने अथवा धमतरी जिले से अन्य जिलों में वापस जाने के इच्छुक व्यक्ति वेबसाइट http://cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistra
tionService.aspx पर पंजीयन करा सकते हैं। साथ ही जिला कार्यालय कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 07722-232249 अथवा जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के वाट्सएप नंबर 93012-53594 पर संपर्क किया जा सकता है। नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर जितेन्द्र कुमार कुर्रे के मोबाइल नंबर 94063-52551, सहायक नोडल अधिकारी अर्पिता पाठक मोबाइल नंबर 81037-99568 पर संपर्क कर सकते हैं।
जिले के सभी होटल, बार 17 मई तक रहेंगे बंद
कलेक्टर ने आगामी 17 मई तक जिले के सभी एफ.एल- 3 होटल बार, एफएल. 4-क क्लब को बंद रखने के आदेश दिए हैं। शासन के निर्देश अनुसार कलेक्टर ने जिले की सभी देसी-विदेशी मदिरा दुकान एवं मद्य भंडारगार को सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक खुले रखने के निर्देश दिए हैं। कोरोना को रोकने के लिए शराब दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने के लिए निर्देशित किया है।
शहर से सटे ग्राम भीरावाही और उसके आश्रित ग्राम टूराखार में कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के लिए सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। सरपंच संगीता कोमरा और गांव के उपसरपंच डुगेंद्र शंकर जैन ने पूरे गांव में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सेनेटाईजर का छिड़काव किया। 3 मई को ग्राम पंचायत भीरावाही और उसके आश्रित ग्राम टूराखार में सेनेटाइजर का
छिड़काव किया गया। इसमें ग्रामीणों के साथ पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
कोरोना वायरस का संक्रमण के रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत भीरावाही और उसके आश्रित ग्राम टूराखार में सैनिटाइजर का छिड़काव किया। सुबह 8 बजे से इसकी शुरूवात की, जो दोपहर 2 बजे तक छिड़काव किया गया। दोनों ही गांव के हर गली मोहल्ले में सैनिटाइज किया गया। पंचायत और आश्रित ग्राम में 5 लीटर सेनेटाइजर का छिड़काव किया गया। साथ ही डेटॉल के घोल का भी छिड़काव किया गया। गांव खिलेंद्री सिन्हा, एमटी भोलेश्वरी रजक ने कहा जिस तरह से पूरे देश में कोरोना वायरस फैल रहा है। उसको लेकर पूरे पंचायत में कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजर का छिड़काव करना जरूरी है।
ढ़ाकेश यादव, रंजीत यादव, सुजीत रजक, अशोक निषाद, जयलाल सोनवानी, मोहन गोस्वामी ने कहा इस मार्ग से कई गांवों का आवागमन होता है और देश में जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। उसके बचाव के लिए सेनेटाइजर छिड़काव करना जरूरी है।
दूसरे जिलो में फंसे मजदूरों के वापस लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार देर-रात को पेंड्रा से करीब 72 मजदूर 2 ट्रक में धमतरी लौटे। ये सभी मजदूर धमतरी, कुरूद, नगरी और मगरलोड ब्लॉक के अलग-अलग गांव के निवासी है। इन सभी को वहां के जिला प्रशासन ने इन मजदूरों को भेजा है।अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूरों को लाने राज्य सरकार जल्द ही आदेश देगी। फिलहाल अभी जिलों से सूची मंगाई जा रही है।
सर्विलांस अधिकारी डॉ. विजय फूलमानी ने बताया कि पेंड्रा से करीब 72 मजदूर देर-रात धमतरी लौटे हैं।
सभी मजदूरों को गांव भेजने से पहले स्वास्थ्य विभाग ने जिले की सीमा संबलपुर में सर्दी, खांसी, फीवर सहित संदिग्ध लोगों की जांच की गई। रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी मजदूरों को पंचायत भवन, गांव के सामाजिक भवन में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया है। इनकी निगरानी की जिम्मेदारी प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केंद्र के नर्स, एएनएम को दी गई है। रविवार को 4 और संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर एम्स भेजे हैं। सर्दी, खांसी, वायरल फीवर के मरीजों की भी आरडी किट से जांच रविवार से शुरू कर दी है।
रविवार को 48 संदिग्धों की जांच की गई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव है। एक हफ्ते पहले 563 नग आरडी कि (रैपिड किट) मिली थी। इनमें से 294 लोगों की जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के स्टोर रूम में 967 आरडी किट है।
जिले के 258 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव
जिले से कोरोना संदिग्ध 275 लोगों का सैंपल जांच के लिए रायपुर एम्स भेजे जा चुके है। इनमें से 258 लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आई है। 17 लोगों के रिपोर्ट का इंतजार है।
सबकी जानकारी जुटारहे: श्रम अधिकारी
जिला श्रम पदाधिकारी अजय हेमंत देशमुख ने कहा कि जिले के कितने मजदूर कहां-कहां फंसे है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। जिले से कितने मजदूर बाहर फंसे है, संख्या अभी नहीं मिली है।
14 दिन के लिए होंगे क्वारेंटाइन: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आने वाले सभी लोगों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाएगा। सर्दी, खांसी, फीवर के मरीजों का आरडी किट से जांच होगी।
लॉकडाउन के दौरान यातायात विभाग को बेवजह चालानी कार्रवाई करने पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने रोक लगा दी है। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर यह आदेश दिया है। कहा है कि सब्जी, राशन, दूध व दवा खरीदने या खरीदकर घर जाने वालों को न रोकें। शिकायत पर संबंधी अफसर के खिलाफ़ कार्रवाई होगी।कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन किया है।
इस दौरान पुलिस अफसरों ने बेवजह घरों से निकलकर घूमने, मास्क नहीं लगाने वालों पर कार्रवाई की है। पुलिस अफसरों ने घड़ी चौक, रत्नाबांधा चौक, सिहावा चौक, अंबेडकर चौक में चालानी कार्रवाई की। करीब 400 से अधिक दोपहिया व चारपहिया वाहनों से 2 लाख से अधिक रुपए का जुर्माना वसूला है। शनिवार को डीजीपी डीएम अवस्थी ने एक आदेश जारी किया है। उन्होंने चालानी कार्रवाई फिलहाल बंद करने निर्देश दिए हैं।
डीजीपी ने जारी किए है यह निर्देश
लंबे समय से लॉकडाउन के कारण राज्य शासन कुछ समय के लिए आवश्यक सेवाओं में छूट दी है। वर्तमान में दूध, दवा, सब्जी, राशन के अलावा कृषि काम आदि में छूट दी है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण अधिकतर परिवार को कम समय में ही सभी प्रकार के सामान जुटाने पड़ते हैं। घर परिवार के लिए सामान लाने ले जाने स्वयं का वाहन का उपयोग करना पड़ रहा है। लॉकडाउन में लोग समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यातायात पुलिस द्वारा सामान्य नागरिक का चालान वसूलना उचित नहीं है। घर के काम से निकलने वालों पर किसी भी प्रकार के यातायात कार्रवाई न की जाए। शिकायत पर संबंधित अफसर पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि बेवजह घूमने वालों पर कार्रवाई की जाए।
बेवजह घूमने वालों पर होगी कार्रवाई : एएसपी
एएसपी मनीषा ठाकुर ने बताया कि डीजीपी के आदेश का पालन करने सभी पुलिस अफसरों को निर्देश दिए गए है। दवा, राशन, सब्जी, दूध सहित अन्य आवश्यक सामान खरीदने या खरीदकर घर जाने वालों पर कार्रवाई नहीं होगी। बेवजह घर से निकलकर घूमने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
धमतरी जिले में सरकारी स्कूलों के 1.20 लाख छात्रों का जनरल प्रमोशन हो गया है। अब छात्रों को अंकसूची भी जारी की जाएगी। राज्य शासन से अंकसूची जारी करने के आदेश के बाद छात्रों को अंकसूची मिलेगी। धमतरी जिले में सोमवार से अंकसूची वितरण शुरू हो जाएगा।
स्कूल के प्रधानपाठक व प्राचार्य अपने स्तर अंकसूची तैयार कर छात्रों को देंगे। तिमाही, अर्द्धवार्षिक में मिले अंकों को इसमें दर्शाया जाएगा। वार्षिक परीक्षा के स्थान पर कक्षा उन्नति की गई है लिखा जाएगा। पहली से आठवीं और 9वीं व 11वीं के छात्रों की अंकसूची इसी प्रकार रहेगी। छात्र दूसरे स्कूलों में भी एडमिशन ले सकेंगे। प्राथमिक व माध्यमिक कक्षाओं की पढ़ाई व परीक्षा एसएलए (स्टेट लेवल असेसमेंट) से हो रही थी।
स्कूल से मिलेगी अंकसूची
जिला शिक्षा अधिकारी विपिन देशमुख ने कहा कि अंकसूची बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। छात्रों को स्कूल में ही अंकसूची दी जाएगी। सोमवार से प्रधानपाठक व प्राचार्य अंकसूची वितरण शुरू करेंगे।
लॉकडाउन के कारण देश-प्रदेश का जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। खेती भी प्रभावित हुई है। ऐसे में अब केंद्र सरकार लॉकडाउन के असर का अध्ययन वैज्ञानिकों से करा रही है। जिले के कृषि वैज्ञानिक केंद्र के वैज्ञानिक भी यह शोध कर रहे हैं। यहां जुटाई गई जानकारी में यह निष्कर्ष सामने आए हैं कि लॉकडाउन के कारण किसानों ने कीटनाशकों का कम उपयोग किया है। प्रति एकड़ करीब दो से तीन हजार रुपए लागत कम हुई है। लाख और मखाना की खेती इस समय में अप्रभावित रही है।
जानकारी के मुताबिक किसान फसल में कीट नजर आते ही उस पर स्प्रे करने लगते हैं। उसके दुष्प्रभाव का अनुमान लगाए बगैर ही महंगा कीटनाशक खरीदकर छिड़काव करते हैं। लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद रहा है। इस कारण किसानों को फसल में डालने के लिए कीटनाशक नहीं मिल पाए। इसका असर यह हुआ कि इस मौसम में लगाई गई धान सहित अन्य फसलों में कीटनाशक नहीं डाल पाए, इसका नुकसान कम फायदा ज्यादा हुआ है। फसल तो ठीक हुई ही, किसानों का कीटनाशक पर होने वाला खर्च बच गया। साथ ही जमीन व अनाज में कीटनाशक के रूप में जाने वाला जहर नहीं गया है। किसान एक फसल में करीब 3 से 6 बार कीटनाशक डालते हैं। इस बार फसल में 2 से 3 बार ही डाल पाए।
कीटनाशक का उपयोग कम हुआ: कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र के कीट वैज्ञानिक शक्ति वर्मा ने बताया कि जिले में लॉकडाउन के कारण किसानों ने कीटनाशक का उपयोग कम किया है। उन्हें कीटनाशक व मजदूर नहीं मिले। इसके बाद भी फसल बेहतर हुई है। किसानों की लागत कम हुई। साथ ही किसानों ने वैज्ञानिकों से संपर्क बढ़ाया है।
लाख और मखाना की खेती पर नहीं हुआ असर
जिले में लाख व मखाना की खेती ऐसे फसलों के रूप में सामने आईं हैं जिन पर लॉकडाउन का विपरीत असर नहीं हुआ है। यानी विपरीत परिस्थतियों में भी दोनों बेहतर हुईं।
कोरोना वायरस संक्रमण का असर प्रवेश परीक्षाओं पर पड़ा है। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन की तारीख एक बार फिर बढ़ा दी है। इसके पहले भी तारीख बढ़ाई जा चुकी है। छात्र अब 15 मई तक ऑनलाइन आवेदन की फार्म भर सकते हैं।
पीईटी, प्री-फार्मेसी, प्री-पॉलीटेक्निक, प्री-एमसीए के लिए ऑनलाइन आवेदन 17 मार्च से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई। 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन हो गया। आवेदन करने की अंतिम तारीख 12 अप्रैल निर्धारित थी। इसकी तारीख बढ़ाकर 3 मई निर्धारित की गई थी। अब इस तारीख को बढ़ाकर 15 मई तक किया गया है। लॉकडाउन में च्वाइस सेंटर बंद होने के कारण छात्र आवेदन नहीं कर पाए। इधर व्यापमं को भी कम आवेदन मिले हैं। इस कारण तारीख बढ़ाई गई है।
परीक्षा की तिथि की घोषणा अब तक नहीं
छग व्यावसायिक परीक्षा मंडल के सलाहकार डॉ. प्रदीप चौबे ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि परीक्षाओं की तिथि अभी घोषित नहीं की गई। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले प्रवेश परीक्षाओं के बाद ही तिथि की घोषणा होगी। इसकी सूचना व्यापमं की वेबसाइट में भेजी जाएगी।
प्री-बीएड, डीएलएड की भी बढ़ी तारीख
प्री-एग्रीकल्चर, प्री-वेटनरी पॉलीटेक्निक, प्री-बीएड, प्री डीएलएड के लिए 7 अप्रैल से आवेदन लेने की शुरुआत हुई। 3 मई को आॅनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि थी। इसकी तारीख भी बढ़ाकर अब 15 मई कर दी गई है। छात्रों को 11 दिन का और अतिरिक्त समय आवेदन करने के लिए मिला। प्रदेश में कई जिलों काे 4 मई से छूट मिल रही है। च्वाइस सेंटर भी खुलेंगे।
इस साल मार्च के बाद से लॉकडाउन है। प्रदूषण कम है। शहर से निकले हाईवे से सैकड़ों ट्रक नहीं निकल रहे। उद्योग भी बंद हैं। यही कारण है कि बीते 10 साल में अप्रैल का महीना सबसे ठंडा रहा। केवल 2 दिन ही शहर का अधिकतम तापमान 40 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले 2010 में अप्रैल में अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। बाकी सालों में यह 42 से 43 डिग्री तक जाता रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रदूषण कम होने से पर्यावरण साफ हुआ हैं। इससे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर घटा। 2019 में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था इस बार 40 डिग्री के पार नहीं जा सका।
पिछले साल 42 तक पहुंच गया था पारा
बीते साल से इस साल के तापमान के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के 28, 29 और 30 तक तापमान 40 या 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा था। स्थिति यह थी कि महीने में 3 से 4 बार तापमान 42 से 43 डिग्री तक दर्ज किया गया। इसके मुकाबले इस साल महज 2 दिन ही तापमान 40 डिग्री तक गया। बाकी के 26 दिन तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा।
कम गर्मी के ये 3 बड़े कारण
एक्सपर्ट व्यू: उद्योग बंद, गाड़ियां कम चली, इसलिए तापमान कम
पीजी कॉलेज के बॉटनी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एनएस देहारी ने बताया कि तापमान कम हाेने की प्रमुख वजह प्रदूषण का स्तर कम हाेना है। ध्वनि और वायु प्रदूषण का स्तर दोनों में गिरावट आई है। बारिश भी हो रही है। उद्योगों के साथ माइंस गाडि़यां कम चल रही हैं। करीब 30 साल बाद अप्रैल महीने में पहली बार ऐसा देखने को मिला है।
इस महीने बढ़ेगा तापमान, बारिश भी
लालपुर रायपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. हरिप्रसाद चंद्रा ने बताया कि मई में तापमान बढ़ने का अनुमान है। अभी अंडमान निकोबार में कम दबाव का क्षेत्र बना है। इससे मध्यभारत में नमी आएगी। इसकी वजह से कुछ समय बाद बारिश होने के साथ तेज आंधी चल सकती है। अगले हफ्ते अधिकांश समय बादल छाए रहेंगे। गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार भी हैं।
नगरी ब्लाॅक के बोरई में बनाए अस्थायी चेकपोस्ट तथा वन विभाग के जांच- नाका का कलेक्टर, एसपी ने निरीक्षण किया। चेकपोस्ट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से चर्चा कर बिना अनुमति के ओडिशा राज्य से आने वाले लोगों को रोकने तथा स्थिति की गंभीरता को लेकर समझाइश दी। विशेष परिस्थिति में आने-जाने वालों की जानकारी रजिस्टर में दर्ज करने व स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाहर के व्यक्ति की पहचान कर उन्हें जिले में प्रवेश नहीं करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों द्वारा बाहरी व्यक्ति का गांव में प्रवेश रोकने के लिए किए गए प्रयास की तारीफ की। इस दौरान एसडीएम, एसडीओपी नगरी सहित सीआरपीएफ केअधिकारी उपस्थित थे।
धमतरी जिला ग्रीन जोन में है। यहां श्यामतराई मंडी में हर राेज महाराष्ट्र के धुले, जलगांव व नासिक से आलू, प्याज समेत अन्य खाद्य पदार्थ लेकर आ रहे हैं। इसके बाद भी मंडी में जरूरी सतर्कता नहीं रखी जा रही है। यहां लोग बगैर मास्क के घूम रहे। सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी नहीं हो रहा है। वाहनों को सैनिटाइज भी नहीं किया जा रहा है।
रविवार को महाराष्ट्र के ट्रक नासिक से आलू, प्याज लेकर आए। हमाल भी बिना मास्क लगाए ट्रक को खाली करते रहे। ट्रक के आसपास धमतरी शहर के लोगों की भीड़ लगी थी, इनमें भी अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए हुए थे। यहां से आलू-प्याज पूरे शहर में बंटता है। किराना व्यापारी थोक में आलू प्याज ले जाकर बेचते हैं। वहीं सब्जी पसरा लगाकर भी लोग आलू-प्याज बेचते हैं। वाहनों को सैनिटाइज करने की सुविधा सब्जी मंडी में नहीं है। मंडी में लोग भीड़ से बचने की बजाए भीड़ में ही शामिल होकर सब्जी की खरीदी कर रहे हैं। महाराष्ट्र के ट्रक देश के अलग-अलग रेड, ऑरेंज जिलों से होकर यहां आ रहे हैं। ऐसे में ड्राइवर व हेल्पर कोरोना संक्रमित हुए तो जिले के लिए मुश्किल हो सकती है। यहां इनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं की जा रही है।
हाथ धुलाने की व्यवस्था है पर नहीं धुला रहे: सब्जी मंडी में रविवार को आए ट्रक महाराष्ट्र के जलगांव का था। नासिक से आलू-प्याज लेकर आया। यहां हमाल सामान को दुकानों में खाली करते रहे। एक दिन पहले धुले महाराष्ट्र का ट्रक नासिक से आलू-प्याज लेकर आया। मंडी गेट में ड्राइवर को बिना हाथ धुलाए अंदर जाने दिया।
रायपुर, दुर्ग से आया टमाटर: रविवार को शहर में साप्ताहिक बाजार लगता है। यहां टमाटर की आवक भी ज्यादा रही। प्रदेश के रेड जोन रायपुर से कुछ गाड़ियां टमाटर, अदरक लेकर आईं। दुर्ग से टमाटर आया।
पुलिस तैनात, फिर भी नहीं होता नियमों का पालन
सब्जी मंडी में पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रवेश द्वार के दोनों रास्तों में पुलिस की ड्यूटी है। गेट के पास ही हाथ धुलाने की व्यवस्था भी की गई, लेकिन यहां पहुंच रहे लोगों को बिना हाथ धुलाए अंदर जाने दिया जा रहा। मंडी में लोग बिना मास्क लगाए भी घूम रहे। यहां के लोग सीधे महाराष्ट्र के लोगों से संपर्क में आ रहे हैं। एक भी मरीज कोरोना पॉजीटिव हुआ, तो पूरी सब्जी मंडी में आने वाले शहर के लोगों को संक्रमित कर जाएगा।
बैठक लेकर दिए थे निर्देश
थोक सब्जी मंडी के अध्यक्ष अशोक पटेल ने कहा कि सब्जी मंडी में व्यापारियों की बैठक लेकर दूसरे राज्यों से सामान नहीं लाने के निर्देश दिए थे। स्थानीय स्तर से ही सब्जियां आ रही है। महाराष्ट्र से आलू-प्याज लेकर गाड़ी आई है, इसकी जानकारी नहीं है। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी व्यापारियों को बाहर से माल नहीं मंगवाने कहा गया है।
केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को उनके प्रदेश भेजने की तैयारियां शुरू हो गई है। गरियाबंद जिले में भी इसका असर देखने को मिला है। गरियाबंद जिला प्रशासन ने 44 मजदूरों के पहले जत्थे को दो बसों से झारखंड के लिए रवाना किया है।
मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले के अलग-अलग हिस्सों में झारखंड के 44 मजदूर कार्यरत थे, जिन्हें रविवार को झारखंड का प्रभारी बनाए गए गरियाबंद जिले के रेशम विभाग के अधिकारी एसके कोल्हेकर के नेतृत्व में रायपुर रवाना किया गया है।
प्रभारी अधिकारी ने बताया कि 44 मजदूरों को बस से रायपुर ले जाया जा रहा है, जहां से उन्हें झारखंड भेजा जाएगा। इधर, गरियाबंद के समाजसेवियों को जैसे ही मजदूरों के रवाना होने की जानकारी मिली तो वे बस स्टैंड पर पहुंचे और मजदूरों की मदद की। इस दौरान मौजूद नगर पालिका के एल्डरमैन रमेश चावड़ा, वरिष्ठ नागरिक हरीश भाई ठक्कर और किराना व्यापारी संघ के बंटी सिन्हा ने मजदूरों को रास्ते में दिक्क्त् न हो इसलिए केला, अंगूर, सेब और बिस्किट और अन्य सामानपैक कराकर दिया।
हमारे प्रदेश के लोगों की वापसी की प्रक्रिया जल्द
बता दें कि लंबे समय से लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को अब उनके प्रदेश भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है। गरियाबंद जिले के भी दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को जल्द लाने की तैयारी राज्य और जिला स्तर पर की जा रही है। जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। हालांकि दूसरे प्रदेश के गरियाबंद जिले में फंसे मजदूरों का आज पहला जत्था रवाना हो चुका है, जिसमें झारखंड के 44 मजदूरों को दो बसों में बैठाकर रवाना किया गया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मिडिल स्कूल मन्दरौद में कार्यरत संयुक्त शिक्षक संघ के शिक्षक हुमन चंद्राकर, कामेश्वर साहू, नेम सिंह दिवान, तेजराम साहू, मधु दीवान ने व्यक्तिगत आर्थिक सहयोग कर जरूरतमंद लोगों को मास्क व साबुन बांटे।
कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए लॉकडाउन का पालन करने आपस में सोशल डिस्टेंस रखने, घर पर ही रहने, मास्क लगाने, घर में आवश्यक साफ सफाई स्वच्छता रखने शौचालय की उपयोगिता के बारे में बताया। इस अवसर पर अध्यक्ष हुमन चंद्राकर, कामेश्वर साहू, प्रधान पाठक नेम सिंह दिवान, मा शा जनभागीदारी अध्यक्ष भोजराज भारद्वाज, सचिव डेरहू यादव, प्रदीप सोनबेर, ईश्वर साहू, थानु राम साहू, नोहर पटेल, खूबलाल दीवान उपस्थित थे।
ब्लॉक कुरूद के बगदेही में शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे पैरावट में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली की अन्य किसानों का पैरावट भी जल गया। इस आग में ग्राम बगदेही के किसान जितेंद्र साहू पिता तुलाराम साहू 2 एकड़, लोकनाथ साहू पिता अर्जुन साहू 3 एकड़, परदेशी राम पिता प्रेम लाल 1 एकड़, बीरबल साहू पिता हिरामन साहू 2 एकड़, द्रोण साहू पिता डोमार सिह, भवन साहू पिता कार्तिक राम 1 एकड़, पवन साहू पिता रामसिंग 6 एकड़ के पैरावट में आग लग लगी। पैरा जल गया।
आग से कुल 12 एकड़ की अनुमानित लागत 30 से 40 हजार रुपए का पैरावट जल गया। किसानों से मिलने भाजपा नेता तथा पूर्व नपं अध्यक्ष रविकांत चंद्राकर ग्राम बगदेही गए। शासन से मुआवजा दिलाने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक बगदेही के 7 किसानों की पैरा कुट्टी पैरावट, लकड़ी, कंडे में अज्ञात कारणों से शनिवार की सुबह आग लग गई थी और कृषक के पास अब जानवरों को खिलाने के लिए चारा भी नहीं बचा है इसकी जानकारी मिलते ही नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तथा भाजपा नेता रविकांत चंद्राकर बगदेही गए।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 17 मजदूर परिवार दो दिन पहले ही साइकिल से पलारी ब्लॉक के ग्राम धौराभाठा लौटा। इस सभी को गांव के स्कूल में 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया गया है, जिसकी रोज स्वास्थ्य जांच स्वास्थ्य विभाग बारी-बारी से कर रहा है ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
दो दिन पहले ये सभी लोग जब पलारी पहुंचे थे तो वहां अस्पताल में इनकी जांच की गई थी। उसी का फालोअप करते हुए रविवार को डॉक्टर अौर लैब टेक्नीशियन ने स्कूल में सभी का टेस्ट किया और एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गांव में किसी से भी 14 दिनों तक मेलजोल नहीं रखने का निर्देश दिया। जांच टीम में डॉ. कौशल कुमार नेगी, दिनेश चंद्राकर, लैब टेक्नीशियन इंद्राणी साहू, सरपंच दुर्पती मार्कण्डेय, खेलावन साहू अौर सतीश पटेल आदिमौजूद थे।
लैब टेक्नीशियन ने बताया कि दो दिन पहले ही 17 लोग लखनऊ से साइकिल से गांव लौटे थे, जिनको गांव के स्कूल में ठहराया गया है। इनकी नियमत स्वास्थ्य जांच की जा रहा है, सभी लोग स्वस्थ हैं। इन लोगों की देखरेख का जिम्मा सरपंच और सचिव उपसरपंच को दिया गया है।
कोरोना वायरस बचने के लिए सरकार ने लॉकडाउन कर सभी को घरों तक सीमित कर दिया है, मगर गांवों में लोग बैंक, बाजार और गलियों में झुंड के झुंड घरों से बाहर निकलकर लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे लोगों को जागरूक करने और कोरोना वायरस की स्थिति को समझाने का बीड़ा कोसमंदी स्कूल के एनएसएस और एनसीसी के विद्यार्थियों ने उठाया है। ये विद्यार्थी बकायदा रसौटा, कोसमंदी, केशला और अछोली में लोगों को मास्क लगाकर घरों से बाहर निकलने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए लगातार साबुन से 20 सेकेंड तक दिन में 20 बार हाथ धोने के लिए जागरूक कर रहे हैं। जिला सहकारी बैंक कोसमंदी, साप्ताहिक बाजार में ये बच्चे यूनिफॉर्म में ड्यूटी देते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करवा रहे हैं।
कोसमंदी स्कूल के प्राचार्य यूके नागवंशी, जेएन वर्मा, गणेश देवांगन, टीके आर्य, हेमलता कन्नौजे आदि ने कहा कि आज पूरा विश्व इस महामारी के चपेट में हैं। लोगों में दहशत है कि क्या होगा? ऐसी विषम परिस्थिति में लोगों को जागरूक करने बच्चों से अच्छा कोई दूसरा माध्यम नहीं है। उनका कहना है कि कोरोना से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। जब ये छोटे बच्चे सावधानी से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं? बस यही संदेश देने के लिए एनसीसी और एनएसएस के बच्चे भीड़भाड़ वाली जगह बैंक और बाजार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सेवाएं देने वाले एनसीसी छात्राओं में गरिमा वर्मा, अनामिका डहरिया, मधु रजक, कोनिका वर्मा, भारती मांडले, मनीषा डहरिया, राजेश्वरी बंजारे, देविका साहू, जागृतिसाहू, देवकल्याणी साहू, पिंकी महिलांगे, राधिका जलहरे, देविका जोशी, मधु टंंडन, रेशमा, वंदना, ईशा, कशिश और एन एसएस छात्रों में देवराज साहू, मुकेश कुमार, कुबेर, पंचम, प्रकाश, देवेंद्र साहू, जितेंद्र कुमार, शुभम, नितेश जोशी, कुलेश्वरी, कुंती, खिलेश्वरी, संगीता आदि शामिल हैं।
हमारी बातों पर लोग अमल कर रहे
छात्रों ने कहा कि इस बात की खुशी है कि आज वे अपनों के काम आ रहे हैं, क्योंकि कोरोना से लोगों को बचने और उससे न डरने का संदेश देते हुए लोग उनकी बातों को सुनकर उस पर अमल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके गुरुजनों ने उन्हें समाज के प्रति उनके उत्तरदायित्वों को निभाने का उन्हें अवसर दिया है। हम लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर और हाथ धोने के साथ-साथ लॉकडाउन का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं, जिसका अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
हटरीबाजार के समीप स्थित पुराने अंडरब्रिज नाले की पांच सालों से सफाई नहीं होने से गंदगी से पटा पड़ा था। स्थिति यह हो गई थी कि आसपास के रहवासियों को गंदगी की वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता गुप्ता के प्रतिनिधि सुनील गुप्ता ने उस स्थान की सफाई शुरू कराई।
4-5 दिनों से पालिका के स्वास्थ्यकर्मी एवं अध्यक्ष के प्रतिनिधि स्वयं वहां मौजूद रहकर जेसीबी और फायर ब्रिगेड से अंडरब्रिज के अंदर के नाले को साफ कर रहे हैं। इस दौरान कई ट्रैक्टर मलबा निकालकर फेंका गया है। उन्होंने बताया कि बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था के साथ बरसों से जाम गंदगी को पूरी तरहसाफ कराया जाएगा। इस कार्य को कराए जाने से आसपास के रहवासियों अौर आने-जाने वालों में खुशी है। गंदगी के चलते बदबू से परेशान जनता को निजात मिलेगी।
शनिवार की रात 12 बजे एसडीएम और राजस्व टीम ने अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई करते हुए बम्हनी और चरौदा घाट पर छापामार कर 9 ट्रैक्टर जब्त किया। कार्रवाई की सूचना लीक होने और एसडीएम की गाड़ी आते देखकर महानदी से खाली ट्रैक्टरों को लेकर माफिया भाग खड़े हुए।
ब्लॉक के महानदी रेत घाट बम्हनी और चरौदा में लगातार अवैध रेत उत्खनन की शिकायत पर एसडीएम लवीना पांडेय, नायब तहसीलदार कुणाल पांडेय, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने रात 12 बजे छापा मारने पहुंचे। अधिकारियों की कार्रवाई की खबर पहले ही लीक होने और एसडीएम की गाड़ी को आते देखकर नदी के अंदर रेत भर रहे ट्रैक्टरों को लेकर ड्राइवर भाग निकले। वहीं अवैध रेत खनन कर रहे लोग भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए, मगर अधिकारियों की घेराबंदी के चलते रेत भरकर 9 ट्रैक्टर भागने की तैयारी में थे, जिसे जब्त कर गिधपुरी पुलिस थाने के सुपुर्द सौंप दिया गया है।
बैगर एनओसी व रॉयल्टी के रोज 200 ट्रैक्टर रेत बेच रहे
रेत घाटों का ठेका हो चुका है, मगर घाटों का पर्यावरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से किसी भी घाट को रॉयल्टी जारी नहीं हुआ है। इसका फायदा उठाकर गांव के लोग संगठित रूप से अवैध उत्खनन कर रोज 200 से अधिक ट्रैक्टर रेत बेच रहे हैं। इसके कारण रॉयल्टी की चोरी कर शासन को सीधे नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लॉकडाउन का फायदा उठाकर 1000 रुपए की रेत को 2500 से 3000 रुपए ट्रिप में बेचकर माफिया वाले कालाबाजारी कर रहे हैं। वहीं गांव के लोग भी बिना पिट पास, रॉयल्टी या एनओसी होने पर 500 रुपए प्रति ट्रैक्टर रेत की वसूली कर रहे हैं।
नदी के अंदर रास्ते से भाग निकले माफिया: एसडीएम
एसडीएम लवीना पांडेय का कहना है कि अवैध रेत उत्खनन की लगातार शिकायत मिल रही थी। लोग लॉकडाउन का फायदा उठाकर रेत की कालाबाजारी कर रहे थे। इस पर कार्रवाई करने के लिए रात में रेत घाटों पर छापा मारा गया। मगर हमारी गाड़ी को आते देखकर माफिया महानदी के किनारे-किनारे भाग निकले। शायद कार्रवाई की पहले से भनक लगने से वे लोग सतर्क होगए थे। 9 ट्रैक्टर के खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
जंगली हाथियों का झुंड शुक्रवार की रात महानदी पार कर रोहांसी के जंगल में आ घुसा, जिसे देर शाम को पुलिस, वन अधिकारी और राजस्व अमले ने ढोल बजाकर, टार्च चलाकर और पटाखे फोड़कर भागने का प्रयास किया। इसके चलते शनिवार को करीब 6 किमी दूर महानदी के अमेठी घाट तक जाकर झुंड किसानोंके धान को रौंदते हुए रविवार को फिर वापस रोहांसी के बांस के जंगल में जा घुसा है।
रविवार को विभाग ने ड्रोन कैमरा जंगल के ऊपर उड़ाकर हाथियों का लोकेशन पता करने का प्रयास किया। ये 17 हाथी 4 महीने पहले भी रोहांसी में आकर डेरा डालकर तीन माह तक रह चुके हैं।
हाथियों को ये जंगल क्यों भाया, इस पर डीएफओ आलोक तिवारी, रेंजर राकेश चौबे का कहना है कि छोटे से जंगल में हाथी ठहरते नहीं हैं, मगर रोहांसी उनको सुरक्षित लगता है, क्योंकि ये बांस का जंगल है और काफी घना होने के कारण वहां कोई उसे कोई परेशान नहीं कर सकता है। साथ ही बांस हाथियों का पसंदीदा भोजन है, जिसे खाकर वे आराम से यहां अपना समय काट सकते हैं। जंगल से कुछ दूर पर महानदी है, जहां वे शाम को जाकर पानी पी सकते हैं। वहीं रोहांसी बांस का झुरमुट उनकी पुराना जगह हो गई है।
लोगों को सतर्क करने कराई गई मुनादी
अफसरों का कहना है कि फिलहाल हम हाथियों को यहां से खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वही किसी प्रकार की कोई जनहानि मत हो, इस बात का ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है और आसपास के गांवों में लगातार मुनादी भी कराई जा रही है ताकि लोग सतर्क रहे।
कोरोना संक्रमण के लाॅकडाउन-3 के तहत 4 से 17 मई के लिए स्थानीय प्रशासन ने नगर के सभी व्यवसाय को तीन श्रेणियों में बांटा। इसमें रोज खुलने वाली दुकानेंऔर बचे व्यवसाय को दो भागों में बांट उनके लिए सप्ताह में 3-3 दिन तय किए हैं।इस प्रस्ताव को लेकर रविवार को सुबह 10:30 बजे स्थानीय नगर पालिका में तहसीलदार लाखेश्वर किरण की अध्यक्षता में नगर के व्यापारियों के साथ बैठक कर सहमति बनाने का प्रयास किया गया। बहरहाल व्यापारियों की रोज दुकान खोलने की मांग का प्रस्ताव स्वीकृत होने तकसोमवार से बाजार खुलने पर असमंजस बरकरार रहेगा। तहसीलदार ने बैठक में उपस्थित सभी व्यापारियों को निर्देशित किया कि आपके यहां या नगर में किसी भी बाहर से आने वाले को घर में प्रवेश न करने दें।
उन्हें पहले क्वारेंटाइन जांच (कोर्स) करना होगा। बैठक में पालिकाध्यक्ष धनराज मध्यानी, चैंबर ऑफ कॉमर्स नवापारा अध्यक्ष संजय बंगानी, सीएमओ और थाना प्रभारी, बैठक में राजेश बोथरा, अशोक गोलछा, नवीन बोथरा, सहदेव कंसारी, किशोर सचदेव, दुष्यंत गोलछा, ईश्वर जगवानी, परस गोलछा, आशीष टाटिया, प्रकाश गोलछा, राजेश छाबड़ा उपस्थित थे।
अव्यवहारिक आदेश में सुधार की मांग, रोज दुकान खोलने दी जाए
दुकानदारों को समय के साथ अब दिनों की पाबंदी और प्रतिबंधों के साथ तीन श्रेणियों में बांटे गए व्यवसाय के प्रस्ताव के बाद व्यापारियों ने यह जानना चाहा कि यह ग्रामीण बाजार है, आसपास के गांव से आने वाले खरीददार ही बाजार चलाते हैं। इन्हें कौन जानकारी देंगे कि किस दिन कौन सी दुकान खुली रहेगी। इसके अलावा बंद वाले दिन दुकान के ग्राहक जानकारी के अभाव में गांव से आकर बिना वजह भीड़ बढ़ाएंगे। सभी व्यापारियों ने इस अव्यवहारिक आदेश में सुधार की मांग करते हुए सभी दुकानों को निर्धारित अवधि में रोज खोलने की मांग की। जिस पर उपस्थित अधिकारियों ने व्यवसायियों की मांग वाला प्रस्ताव ऊपर भेजे जाने की जानकारी दी।
व्यवसाय को प्रशासन ने इस तरीके से बांटकर व्यापारियों को राहत दी
ये दुकानें रोज खुलेंगी:डेयरी उत्पाद, पानी सप्लाई, किराना, मेडिकल, पेट्रोल पंप, च्वाइस सेंटर, प्राइवेट निर्माण, फल, सब्जी, मांस, मछली, मिठाई दुकान, पशु चारा, खाद बीज, दुकान प्रतिदिन खोले जाने की जानकारी बैठक में उपस्थित व्यापारियों को दी गई।
हफ्ते में 3 दिन ये दुकानें खुलेंगी:इसके अलावा कपड़ा, बर्तन, ज्वैलरी, फूड वेयर और कुछ दुकानों के लिए सोमवार, बुधवार अौर शुक्रवार दिन निर्धारित किए गए हैं।
शेष दुकानें के लिए भी 3 दिन तय: शेष दुकानों के लिए मंगलवार, गुरुवार और शनिवार का दिन तय किया गया है। ये सभी दुकानें सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी।
गाड़ियों के लिए ये शर्त अनिवार्य:अन्य शर्तों में दो पहिया वाहन पर एक सवारी और चार पहिया में ड्राइवर के अतिरिक्त 2 सवारी बैठने की छूट दी गई है। इस नियम का पालन दुकानदार को आने वाले ग्राहक से भी करवाना होगा।
इनके लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन जरूरी: गुटका, गुड़ाखू अौर तंबाकू पर प्रतिबंध के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क पहनना और सैनेटाइजर अनिवार्य है।
इन पर पाबंदी जारी रहेगी:इसके अलावा ठेला, चौपाटी, होटल, सैलून, पार्लर, बर्फ निर्माण, आइक्रीम, पान ठेला, जिम, गार्डन व पार्क रोक रहेगी।
शहर के कुछ युवाओं की टीम ने सड़क किनारे फुटपाथ पर सोने वाले बेसहारों की मदद का बीड़ा उठाया है। इस टीम का नाम है ‘कुछ फर्ज हमारा भी’। यही इनका मुख्य उद्देश्य भी है। डेढ़ साल में संस्था ने जहां डेढ़ सौ से ज्यादा जरूरतमंदों का इलाज करा चुकी है, वहीं समय-समय पर शहर के अलग-अलग इलाकों में सफाई अभियान भी चलाती है।
दरअसल, साल 2019 में 20 युवाओं ने मिलकर इस संस्था की शुरुआत की थी। आज करीब 100 युवा जुड़ चुके हैं। अध्यक्ष नितिन राजपूत बताते हैं कि फुटपाथ पर रहने वाले ज्यादातर घर से निकाले गए बुजुर्ग होते हैं जिन्हें कोई न कोई गंभीर बीमारी भी होती है। टीम के युवा इन्हें पहले नहलाते हैं। उन्हें अच्छे से साफ कर अस्पताल पहुंचाते हैं। जरूरत पड़े तो अस्पताल तक पहुंचाने एंबुलेंस की मदद भी लेते हैं। जांच करवाते हैं। जरूरत हो तो अस्पताल में भर्ती भी करवाते हैं। इस दौरान उनके इलाज, दवाइयों और खाने-पीने का खर्च टीम ही उठाती है। इतना ही नहीं, इलाज हो जाने के बाद संस्था यह भी प्रयास करती है कि इन्हें इनके परिवार तक पहुंचाया जा सके। जिनके परिजन लेने से इनकार कर देते हैं या जिनके परिजनों का पता ही न चले उनके रहने की व्यवस्था वृद्धाश्रम में करवाई जाती है। इस टीम में स्मारिका राजपूत, राजन सिंह, रजत अग्रवाल, जीतेश छाबड़ा, अभय नायडू, गौरांक काचा, आशु, अचला नायडू, प्रखर अग्रवाल, नीतू परिहार, मीरा देवांगन आदि काम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कैंपेन- घर के आसपास यदि कोई जरूरतमंद रहता हो तो हमें जानकारी दें
संस्था के सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को शहर की साफ-सफाई और बेघरों की मदद के लिए प्रेरित करते है। साथ ही प्रदेशभर में संस्था से सदस्य जुड़ते है और इस मुहिम को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग कर रहे है। प्रदेश के सभी जिलों में सदस्य आपस में सोशल मीडिया के माध्यम से बीमार और बेघरों की सूचना देते हैं। साथ ही लाेग भी इस मुहिम से जुड़ने सोशल मीडिया के माध्यम से संस्था को सड़क पर दिखने वाले असहाय और पशुओं की सूचना देते हैं। असहायों की देखरेख के साथ संस्था पशु और पक्षियों के लिए भी दाने की व्यवस्था कर रही है। गर्मी के दिनों में पशु-पक्षियों के लिए वे उन्हें भोजन देने का काम कर रही है।
इधर... लाॅकडाउन में फूड पैकेट भी पहुंचा रहे
शहर में जरूतमंदों की मदद करने के साथ साथ लॉकडाउन के दौरान भी संस्था उन्हें खाना खिलाने का काम भी कर रही है। संस्था पिछले 38 दिनों से खाना पैक कर जरूरतमंदों को बांटने का काम कर रही है। वहीं पशु-पक्षी और बेघरों को खाना दिया जा रहा है। संस्था के सदस्य शहर के अलग-अलग इलाकों में टीम बनाकर फूड पैकेट बांट रहे है। वहीं हर दिन करीब 200 से 250 जरूरतमंदों तक संस्था खाना पहुंचा रही है।
छत्तीसगढ़ बोर्ड हो या फिर सीबीएसई सभी में बारहवीं की परीक्षा अधूरी है। इसलिए इस बार सेंटर फॉर बेसिक साइंस (सीबीएस) के प्रवेश देरी होगी। मई में प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। जून के आखिरी सप्ताह में एंट्रेंस टेस्ट के आयोजन की संभावना है। विश्वविद्यालय के अफसरों का कहना है कि यह सब कुछ बारहवीं की परीक्षा पर निर्भर है कि इस सेंटर में प्रवेश कब से होगा। जैसे ही सीजी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होगी उसके अनुसार ही सीबीएस के लिए भी योजना बनायी जाएगी।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में संचालित सेंटर फॉर बेसिक साइंस में दाखिले के प्रति छात्रों में दिलचस्पी बढ़ रही है। सेंटर में 40 सीटें हैं। पिछली बार इन सीटों पर प्रवेश के लिए सत्रह सौ से अधिक छात्र एंट्रेंस एग्जाम में शामिल हुए। इस बार भी सेंटर की डिमांड रहेगी। शिक्षाविदों का कहना है कि सीजी बोर्ड या सीबीएसई या अन्य बोर्ड के तहत बारहवीं की परीक्षा मई में फिर से आयोजित की जाती है तो जून में सीबीएस के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा सकती है। इसमें यदि देरी हुई तो फिर सीबीएस के लिए जुलाई में एंट्रेंस टेस्ट हो सकता है। इस बार ऑनलाइन हो सकती है परीक्षा : सीबीएस के लिए इस बार ऑफलाइन नहीं बल्कि ऑनलाइन एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जा सकता है। इसके अनुसार रविवि से तैयारी की जा रही है। अफसरों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा की संभावनाओं को देखा जा रहा है। प्रवेश परीक्षा में वस्तुनिष्ठ सवाल पूछे जाते हैं। इसके अलावा छात्रों की संख्या भी बहुत अधिक नहीं रहती इसलिए ऑनलाइन परीक्षा के आयोजन पर विचार किया जा रहा है। सीबीएस में दाखिला पाने वाले स्टूडेंट्स को हर महीने पांच हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी जाएगी। अफसरों ने बताया कि यहां बायो और मैथ ग्रुप में 20-20 सीटें हैं।
बारहवीं के आधार पर प्रवेश मिलेगा। सीबीएस में पांच साल का कोर्स है। इसमें तीन साल ग्रेजुएशन और दो साल पीजी के लिए। प्रवेश पाने वाले छात्र के पास यह भी ऑप्शन रहेगा कि वे चाहे तो तीन साल की पढ़ाई करें या फिर पांच साल की। तीन साल की पढ़ाई के आधार पर ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी और पांच साल के आधार पर पीजी की।
छात्रों के मन में फिलहाल सबसे बड़ा सवाल है कि ग्रेजुएशन और पीजी की परीक्षा कब से शुरू होगी? परीक्षा का माध्यम कौन सा होगा? कॉलेजों में प्रवेश कब से शुरू होगा। एकेडमिक कैलेंडर कैसा होगा? इन्हीं सवालाें के जवाब ढूंढने के लिए राज्य शासन ने पांचसदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें तीन राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के अलावा उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक और रविवि के कुलसचिव को शामिल किया गया है। यह कमेटी सात दिनों में शासन को परीक्षा और प्रवेश से संबंधित संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट देगी। कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से परीक्षाओं पर असर पड़ा है। रविवि समेत राज्य के दूसरे विश्वविद्यालय की परीक्षाएं बीच में ही स्थगित करनी पड़ी। अब इन परीक्षाओं को दोबारा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
परीक्षाएं कैसे और कब आयोजित की जाएगी। यह बड़ा सवाल है। इस पर मंथन के लिए ही शासन से कमेटी बनाई गई है। पांच सदस्यीय कमेटी में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएल वर्मा, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ. अरूणा पालटा, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जीडी शर्मा, उच्च शिक्षा के अपर संचालक पीसी चौबे और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीशकांत पांडेय को शामिल किया गया है।
इस महीने से शुरू हो सकती है परीक्षा
रविवि समेत राज्य के अन्य विश्वविद्यालय की परीक्षाएं इस महीने से ही शुरू हो सकती हैं। हालांकि, परीक्षा के माध्यम में बदलाव मुश्किल है। क्योंकि, यूजी व पीजी की परीक्षाओं में छात्रों की संख्या अधिक है। इनके लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करना कठिन है। इसलिए ऑफलाइन ही परीक्षा होगी। शिक्षाविदों का कहना है कि परीक्षा का शेड्यूल का इस बार ऐसा बनाया जा सकता है कि परीक्षाएं रविवार को भी हों। इसके अलावा परीक्षाओं में गैप भी कम रहे। गौरतलब है कि रविवि की परीक्षा 3 मार्च से शुरू हुई। कुछ दिन होने के बाद इस पर ब्रेक लग गया। बीए, बीकॉम, बीएससी समेत पीजी के कक्षाओं में भी कई विषयों की परीक्षा अभी बाकी है।
रविवि में मंगलवार को होगी बैठक
शिक्षाविदों ने बताया कि परीक्षा और प्रवेश की संभावनाओं को लेकर विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति एवं अन्य अफसर कॉलेजों से चर्चा करेंगे। इसके अनुसार रिपोर्ट तैयार करेंगे। मंगलवार को इसी संबंध में रविवि में कमेटी की बैठक होगी। संभावना है कि मंगलवार की बैठक में ही यह लगभग तय हो जाएगा कि कमेटी कब से परीक्षा शुरू करना चाहती है। इस बैठक में परीक्षा से संबंधित गाइडलाइन भी तैयार की जाएगी।
पीजी का कोर्स कैसे पूरा हो इस पर विचार
राजकीय विवि व कॉलेजों में पीजी की नियमित पढ़ाई सेमेस्टर प्रणाली से होती है। सेमेस्टर परीक्षाएं मई-जून में आयोजित की जाती है। लॉकडाउन की वजह से इनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ा। कक्षाएं नहीं होने से कोर्स पूरा नहीं हुआ है। इनकी पढ़ाई कैसे हो? कोर्स कैसे पूरा हो? इनकी परीक्षाएं कब से आयोजित की जा सकती है। इस संदर्भ में भी कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा 27 विभिन्न विषयों में ही 1384 सहायक प्राध्यापकों के लिए लिखित परीक्षा होगी। इसमें किसी तरह के बदलाव नहीं किए जाएंगे। इसलिए योग्य उम्मीदवार परीक्षा की तैयारी में जुटे रहें। पहले 4, 5 और 6 मई को दो-दो पालियों में लिखित परीक्षा तय कर दी गई थी, लेकिन बाद में लिखित परीक्षा स्थगित की गई। आयोग ने अभी तक कोई नई तिथि घोषित नहीं की है।
अब 17 मई के बाद ही परीक्षा के संबंध में कोई नया आदेश आ सकता है। इसके बाद ही प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। इसके अलावा आयोग ने जल संसाधन विभाग के विभिन्न पदों कि ऑनलाइन आवेदन और त्रुटि सुधार के लिए मार्च व अप्रैल में विभिन्न तिथियों का निधार्रण किया था। इसमें व्यवहार न्यायाधीश अाैर पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ-2020 के लिए मांगे गए अावेदन प्रक्रिया से वंचित उम्मीदवाराें काे एक बार फिर से अवसर दिया जाएगा।
एपी का टाइम टेबल बदलेगा
पूर्व के टाइम टेबल के मुताबिक 4 मई को सामान्य अध्ययन का पेपर होना था। इसके बाद 5 मई को पहली पाली में सुबह 9 से 11 बजे तक अंग्रेजी, अर्थ शास्त्र, भूगोल, बायो टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी का पेपर के लिए तिथि घोषित थी। इसी तरह अन्य विषयों के लिए भी परीक्षा का शेड्यूल तैयार किया गया था। वहीं अब सबकुछ नई तिथि व नए सिरे से तय होगा।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संचालित पीजी व पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जाएगा। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया 17 मई के बाद शुरू होगी। पहले 15 अप्रैल से यह प्रक्रिया शुरू होने वाली थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसे स्थगित किया गया।
विश्वविद्यालय के अफसरों का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि में आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने से छात्रों को फायदा नहीं होता। बड़ी संख्या में छात्र आवेदन नहीं कर पाते। इसलिए पहले आवेदन नहीं मंगाए गए। 17 मई के बाद फिर से प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए सूचना जल्द जारी होगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कृषि, उद्यानिकी और कृषि अभियांत्रिकी के पीजी व पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश होगा। इसके तहत पीजी में 310 और पीएचडी में 85 सीटें हैं। विवि के अफसरों का कहना है कि इस बार विश्वविद्यालय की ओर से ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। अगले साल इसमें बदलाव होगा। प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित किया जाएगा। इसके नतीजों के आधार पर काउंसिलिंग से सीटें बांटी जाएंगी।
बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर के लिए व्यापमं से प्रवेश परीक्षा : कृषि के पीजी व पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए कृषि विवि से एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जाएगा। लेकिन इसके स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम यानी बीएससी एग्रीकल्चर व हार्टीकल्चर के लिए छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। 15 मई तक आवेदन किए जाएंगे। कृषि के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम में 2200 से अधिक सीटें हैं। व्यापमं की वेबसाइट vyapam.cgstate.gov.in से अावेदन किए जा सकते हैं।
अभी ये तय नहीं हुआ है कि यात्री ट्रेनें कब से चलेंगी, लेकिन रेलवे के जिस तरह निर्देश आ रहे हैं, उनसे यह बात साफ हो गई है कि ट्रेनों में सफर करना आसान नहीं होगा, बल्कि बहुत सावधानी बरती जाने वाली है। जोन ने तय किया है कि ट्रेन जब भी शुरू होगी, हर यात्री को इसके टाइम से एक घंटे पहले स्टेशन आना होगा, जैसा एयरपोर्ट में होता है। वहां पुख्ता जांच होगी, उसके बाद ही प्लेटफार्म में जाने की अनुमति मिलेगी। ऐसा कोरोना से बचाव केलिए किया जा रहा है।
नए निर्देशों के तहत रायपुर स्टेशन में कई नए इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं। रिजर्वेशन काउंटर भवन (पीआरएस) के पास एक होल्डिंग एरिया बनाया जा रहा है। यहां सभी तरह के वाहन रोक दिए जाएंगे। यहीं से यात्रियों को उतरकर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्लेटफाॅर्मों तक जाना होगा। लेकिन जाने से पहले उनकी जांच पुख्ता तरीके से होगी। इसलिए यहां से प्लेटफार्म तक पहुंचने में लोगों को वक्त लगेगा। इसीलिए ट्रेन से घंटेभर पहले स्टेशन बुलाया जा रहा है। इस सिस्टम में किसी को छूट न मिले, इसलिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और रेल पुलिस (जीआरपी) इसे मिलकर लागू करेंगे। सुरक्षाबलों की कमी को देखते हुए आरपीएफ अब आउट सोर्सिंग करेगा। 60 निजी सुरक्षाकर्मियों का प्रस्ताव जोन को मंडल ने भेजा है।
4 लाइनों में प्लेटफार्म जाएंगे
यात्रियों को होल्डिंग एरिया से प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए 4 अलग-अलग लाइनों से जाना होगा। दो लाइन में ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों को भेजा जाएगा। दो लाइनें जनरल टिकट काउंटर तक जाएंगी। यात्रियों के बीच 1.5 मीटर गैप होगा। इसी हिसाब से मार्किंग की जा रही है। इसी तरह, गुढ़ियारी वाली एंट्री में चार की जगह तीन लाइनें बनेंगी, क्योंकि वहां से आने वालों की संख्या कम है।
इसलिए पहुंचना होगा पहले
^ जब भी ट्रेनें शुरू होंगी, कोरोना संक्रमण से रोकथाम के तरीकों के साथ ही सफर करने दिया जाएगा। स्टेशन में इसकी तैयारी शुरू कर दी गई।
तन्मय मुखोपाध्याय,सीनियर डीसीएम रायपुर
लगभग चार दिन तक बादल-बौछारों की वजह से रुकी गर्मी फिर बढ़ने लगी है। राजधानी समेत पूरा प्रदेश अब राजस्थान से आने वाली गर्म और सूखी हवा की चपेट में आ रहा है। राजधानी में रविवार को दोपहर का तापमान 42 डिग्री से कुछ कम रिकार्ड किया गया। दुर्ग प्रदेश में सबसे गर्म हुआऔर पारा 43 डिग्री के करीब पहुंच गया। हालांकि थोड़ी नमी है और गर्मी अचानक बढ़ गई है, इसलिए मौसम विज्ञानियों ने सोमवार को प्रदेश में कहीं-कहीं शाम या रात में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के आसार जताए हैं।
मई का महीना प्रदेश में जोरदार गर्मी वाला माना जाता रहा है और गर्मी अब तेवहर भी दिखा रही है। प्रदेश में दिन में पश्चिम से गर्म हवा आ रही है। इसलिए रविवार को राज्य के ज्यादातर हिस्सों में दिनभर तेज गर्मी पड़ी।
दुर्ग में अधिकतम तापमान 42.8 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। राजनांदगांव में तापमान 41.8 डिग्री रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। रायपुर में पारा 41.4 डिग्री रिकार्ड किया गया। यह सामान्य के बराबर है। सुबह से दिनभर हवा में नमी 50 से 70 फीसदी के आसपास रही है। यह कम होगी तो तापमान में और वृद्धि होगी।
नए सिस्टम से बौछारें भी लेकिन गर्मी कम नहीं होगी
इधर, मौसम विज्ञानियों के अनुसार उत्तर-पूर्व मध्यप्रदेश और उसके आसपास 1.5 किलोमीटर तक एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण विदर्भ से दक्षिण तमिलनाडु तक लगभग एक किलोमीटर ऊंचाई तक एक द्रोणिका है। एक द्रोणिका हरियाणा से दक्षिण- पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है। इसलिए 4 मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के एक-दो जगह तेज हवा और बिजली गिरने की संभावना है। रायपुर में दिन का तापमान 41 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
शरीर के तापमान के जरिए कोरोना संदिग्ध की पहचान के काम को स्मार्ट सिटी कैमरों की मदद से अंजाम देगा। थर्मल सेंसर के जरिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर इसका उपयोग किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई तकनीक के जरिए कैमरे की मदद से थर्मल स्कैनिंग की जा सकेगी। इसमें किसी व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर दो मीटर से ज्यादा दूरी से लिया जा सकेगा। इतना ही नहीं, ड्रोन के जरिए इसको उड़ाकर भी ज्यादा भीड़ की स्थिति में भी संदिग्धों को पहचाना जा सकेगा।
स्मार्ट सिटी फिलहाल इस सिस्टम का ट्रायल करके देख रहा है। तीन से चार दिन के ट्रायल के बाद इस पर फैसला होने की संभावनाएं भी जताई जा रही है। कैमरों के जरिए थर्मल सेंसिंग से किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान कोरोना प्रोटोकॉल के मानकों के आधार पर अधिक होने पर इसकी सूचना के लिए ऑटोमेटिक अलार्म भी बजेगा। जिसके बाद उस व्यक्ति को टेस्ट या क्वारेंटाइन जैसे निर्देशों के अनुपालन के लिए कहा जाएगा। यही नहीं, एआई तकनीक से संदिग्ध की पहचान होने पर बाकी लोग स्वभाविक तौर से संक्रमण के खतरे से भी बच जाएंगे।
वाइडफील्ड व्यू यानी बड़े क्षेत्र मेंभी देख सकेंगे संदिग्धों को
कैमरे के जरिए थर्मल स्कैनिंग के इस सिस्टम में बड़े क्षेत्र में ज्यादा लोगों के बीच में भी इसके जरिए एक साथ बहुत सारे लोगों के शरीर के तापमान को देखा जा सकता है। मॉनिटरिंग के लिए कोई व्यक्ति आउटपुट स्क्रीन पर नजर गड़ाकर ना भी बैठे तो भी अलार्म सिस्टम से पूरा परिसर सचेत हो जाता है। देश के अलग-अलग स्मार्ट शहरों में कोरोना से नियंत्रण और बचाव के लिए ऐसी तकनीकों का ट्रायल करके देखा जा रहा है, जो शहर को भविष्य में सुरक्षित बनाएगी।
बुखार की पहचान ऐसे
कैमरे को ट्राईपॉड या किसी भी जगह इंस्टाल किया जाता है। सेंसर के जरिए कैमरा हर आने जाने वाले के बॉडी टेंपरेचर को मापते रहता है। जिसका भी तापमान निर्धारित सीमा यानी 100 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर होने पर ये सॉफ्टवेयर के जरिए अलर्ट कर देता है। इससे उस व्यक्ति को बाकी लोगों से दूर रखने में मदद मिल जाती है।
इन जगहों पर थर्मल सेंसरवाले कैमरे उपयोगी
^ कोरोना के खतरों के बीच अब शहरी जीवन चलेगा। लेकिन इसमें घबराने की बात नहीं है क्योंकि स्मार्ट तरीकों के माध्यम से हम पूरे शहर को इसके खतरों से बचा सकते हैं। इसकी कोशिश की जा रही है।
एसके सुंदरानी, जीएम, स्मार्ट सिटी
रेड जोन में शामिल होने की वजह से राजधानी में लाॅकडाउन 2.0 के समापन यानी 4 मई, सोमवार को भी सरकारी दफ्तर और शराब दुकानों के अलावा वही सब चीजें चालू रहेंगी, जो अभी खुल रही हैं। ट्रांसपोर्ट से लेकर बाकी सारे कारोबार लाॅकडाउन-2 की तरह ही बंद रहेंगे। यही नहीं, धारा 144 पर उसी तरह अमल जारी रहेगा, यानी दोपहर 2 बजते ही शहरभर में पुलिस के सायरन गूंजने लगेंगे और सब कुछ बंद हो जाएगा। आला अफसरों के मुताबिक अब राजधानी में लाॅकडाउन से राहत तभी मिल सकती है, जब जिला रेड जोन से बाहर हो जाए या फिर राज्य सरकार कैबिनेट में राहत देने का फैसला कर ले। सोमवार से अंतर केवल यही नजर आएगा कि कलेक्टोरेट, नगर निगम, तहसील, आरटीओ, निगम के सभी जोन दफ्तर समेत सारे सरकारी दफ्तर खुलने लगेंगे। अफसर पूरे बैठेंगे, लेकिन कर्मचारी एक-तिहाई रहेंगे।
रायपुर रेड जोन में होने की वजह से यह किसी भी तरह का पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू नहीं हो सकेगा। सिटी बस, बसें, ऑटो, ई-रिक्शा, रिक्शा सभी तरह के ट्रांसपोर्ट सिस्टम बंद रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों को भी अपने वाहनों से दफ्तर जाना होगा। शहर के बाजारों को राहत नहीं होगी। किराना और सब्जी बाजार सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ही खुले रहेंगे। जिन दुकानों को कलेक्टर ने पहले छूट दी है केवल वही दुकानें सोमवार को भी खुलेंगी। इनके अलावा किसी भी तरह की दुकानें खोली गई तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
शराब दुकानें खुलेंगी पूरी तैयारी के साथ
राजधानी में होटल, रेस्टोरेंट बंद रहेंगे, लेकिन शराब दुकानें खुल जाएंगी। शहर में 30 से ज्यादा शराब दुकानों में सोमवार को सुबह 8 से शाम 7 बजे तक शराब की बिक्री हो सकेगी। लोगों को नियंत्रित रखने के लिए दुकानों के बार बेरीकेड्स लगा दिए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए हर दुकान के बाहर 3-3 फीट की दूरी पर व्हाइट पेंट से गोले बनाए गए हैं। लोगों को इन गोलों के अंदर रहकर ही अपनी बारी का इंतजार करना होगा। शराब बिक्री के दौरान किसी भी तरह से स्थिति बिगड़ती है तो दुकानें कुछ समय के लिए बंद कर दी जाएंगी। व्यवस्था के साथ ही शराब बिक्री के निर्देश दिए गए हैं।
पान दुकानों पर फैसला नहीं
केंद्र सरकार की ओर से रेड जोन में भी शराब और पान, गुटका खोलने की अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन में रेड जोन में शराब के साथ पान दुकानें खोलने के लिए भी कहा गया है। राज्य सरकार ने शराब दुकानें खोलने का फैसला तो कर लिया है, लेकिन पान-गुटखे पर निर्णय नहीं हुआ है। कलेक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश के बाद ही पान दुकानें खोलने दी जाएंगी।तब तक रायपुर में पान मसाला, गुटखा, तंबाखू, गुड़ाखू बेचने पर रोक रहेगी।
दोपहर 2 बजे के बाद सख्ती
राजधानी में कुछ दुकानों को शाम 4 बजे तक की छूट है, लेकिन पुलिस समान रूप से दोपहर 2 बजे से सभी दुकानें सख्ती से बंद करवा रही है और यह सिलसिला अगले आदेश तक चलेगा। दोपहर के बाद बिना वजह घर से बाहर निकले लोगों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी। बिना मास्क निकलने वाले लोगों से जुर्माना वसूल किया जाएगा।
रजिस्ट्री के लिए और इंतजार
छत्तीसगढ़ में कोरबा और रायपुर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में रजिस्ट्री होगी। राजधानी में राज्य सरकार के अगले आदेश तक रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। पंजीयन दफ्तर 3 मई तक बंद रहने का आदेश जारी किया गया था, अभी इसे अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है।
गाइडलाइन पर काम : कलेक्टर
^ केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन पर ही अमल होगा। केवल उन्हीं चीजों पर छूट है, जिसकी अनुमति मिली है। राजधानी में यही व्यवस्था अगले अादेश तक रहेगी।डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर
(संदीप राजवाड़े)राजधानी में महादेवघाट से लगे अमलेश्वर के फुंडा इलाके में 10वीं पास ओमप्रकाश गोयल को लाॅकडाउन की वजह से अपने मामा के यहां रुकना पड़ गया। उसने अपनी बाइक के पिछले पहिए में बेरिंग्स और चेन-पुली सिस्टम से ऐसा जुगाड़ बिठाया कि बाइक स्टार्ट होते ही जैसे ही पिछला पहिया घूमा, बाइक पर रखे दोनों सेनिटाइजर कंटेनरों से केमिकल की फुहारें निकलने लगीं। बाइक सेनिटाइजर मशीन बनाकर वह एक माह से राजधानी के अमलेश्वर तथा अासपास के इलाके में इसी से सेनिटाइजर का छिड़काव कर रहा है।
ऐसे बनाया
खेतों में दवा छिड़कने वाले दो कंटेनर को बाइक की पिछली सीट पर लोहे का एंगल लगाकर सेट किया। इन मशीनों के हैंडल में एक नया स्पॉकिट जोड़कर उसे बाइक की चेन से कनेक्ट कर दिया। फिर कंटेनर में सेनिटाइजर कैमिकल भरा। बाइक के चलने पर कंटेनरों की गन से सेनिटाइजर की फुहारें निकलने लगीं। इसे बनाने के लिए वेल्डिंग मशीन से लेकर बाकी सामान का जुगाड़ उसने खुद किया था। सेनिटाइजर में केमिकल के साथ नीम पत्ती, डेटॉल व कपूर मिलाता है
बाइक से उड़ावनी पंखा
ओमप्रकाश ने उसी बाइक के पहिए और चेन-स्पाॅकिट का इस्तेमाल करते हुए इसे उड़ावनी पंखे से कनेक्ट किया। बाइक स्टार्ट होते ही पंखा भी चलने लगा और वह काम होने लगा।
सीएम भूपेश बघेल ने आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित आश्रम व छात्रावास को स्थानीय मंत्री व विधायकों को गोद लेने कहा है। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों को शिक्षा के ऐसे केंद्र के रूप में विकसित किया जाए कि एडमिशन के लिए मंत्री, विधायक और कलेक्टर से अनुशंसा करानी पड़े। सीएम ने उद्योगों की जरूरत के मुताबिक व्यावसायिक शिक्षा का ट्रेड तय करने पर जोर दिया। उन्होंने ग्रीन जोन वाले जिलों में 9वीं की छात्राओं को लॉकडाउन के दौरान ही साइकिल बांटने कहा है।
सीएम बघेल ने रविवार को सीएम हाउस स्थित दफ्तर में स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण और सहकारिता विभाग के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावास और आवासीय विद्यालयों को सर्व सुविधा सम्पन्न बनाए जाएं। यहां बच्चों को अध्ययन, अध्यापन, खेल गतिविधियों की उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलनी चाहिए। कलेक्टर सहित अधिकारी-कर्मचारी भी अपने बच्चों को इन छात्रावास-आश्रमों में प्रवेश दिलाने के लिए उत्सुक रहें। उन्होंने छात्रावासों में साफ-सफाई और रंग-रोगन के साथ कम्प्यूटर और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने कहा। सरगुजा और बस्तर विकास प्राधिकरण, डीएमएफ व सीएसआर से ये सभी काम कराए जाएंगे। बैठक में मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सीएस आरपी मंडल, प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव डीडी सिंह, आर. प्रसन्ना, मार्कफेड की एमडी शम्मी आबिदी, सीएम सचिवालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।
बाड़ियों की सब्जियों का इस्तेमालकरें आश्रम और छात्रावास में
सीएम बघेल ने कहा कि बाड़ियां में उत्पादित ताजी सब्जियां, साग-भाजी, स्थानीय स्तर पर उत्पादित दूध, महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का उपयोग आश्रम-छात्रावासों में किया जाए। इससे स्थानीय किसानों और महिलाओं को फायदा होगा। सीएम ने अफसरों को ऐसे क्षेत्रों का अध्ययन करने कहा, जहां रोजगार के अवसर ज्यादा हैं। ट्राइबल क्षेत्र में लघु वनोपज और वनौषधियां आर्थिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सीएम बघेल ने धान उपार्जन केंद्रों में अभियान चलाकर चबूतरे और शेड बनाने कहा है।
कोरोना संकट बड़ी चुनौती, सभी के सहयोग से होंगे सफल : बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोराेना संकट एक बड़ी चुनौती है लेकिन सभी के सहयोग से हम सफल होंगे। उन्होनेंजरूरतमंदों के लिए कई रोजगार खोले जाने की जानकारी भी दी। सीएम ने आकाशवाणी में प्रसारित विशेष भेंटवार्ता कार्यक्रम में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयास तथा अन्य जानकारी साझा की। सीएम ने कहा कि जरूरतमंदों को रोजगार और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई, लोगों को राशन सहित अन्य जरूरी सेवाओं की प्रदायगी के लिए पुख्ता तैयारी की गई है।
उन्होंने इसमें सहयोग देने वाले सभी सामाजिक संगठनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों और मीडिया प्रतिनिधियों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री से चर्चा के बाद ट्रेन सुविधा प्रारंभ की गई है। बघेल ने कहा कि हमारे गांव के लोगों ने लॉकडाउन का बहुत बढ़िया पालन किया। वैसे तो पूरे छत्तीसगढ़ में बहुत बढ़िया रहा। बघेल ने कहा कि उन्होंने छोटे उद्योगों की मदद के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है और उम्मीद है भारत सरकार से कुछ न कुछ पैकेज जरूर मिलेगा।
बृजमोहन का सीएम को पत्र, पीलिया की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने कहा
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर पीलिया की रोकथाम के लिए नगर निगम के साथ ही स्वास्थ्य, पीएचई व अन्य विभागों को मिलकर काम करने पर जोर दिया है। बृजमोहन ने लिखा है कि रायपुर शहर व बिरगांव में गंदे पानी की आपूर्ति के कारण एक माह से पीलिया का संक्रमण है। अब तक 1000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। कुछ लोगों की मौत हुई है।
यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा के मजदूर रायपुर होकर अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। यहां इनकी जांच करने के बजाय सिर्फ नाम-पते नोट कर छोड़ा जा रहा है। इसे लेकर विभागों में समन्वय नहीं होने की भी बात सामने आ रही है। सूरजपुर के बाद अब दुर्ग और कवर्धा के मजदूरों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इन मजदूरों के बिना रोक-टोक आने से चिंता बढ़ गई है।
.इसे लेकर पुलिस अफसरों का तर्क है कि बॉर्डर में जांच के बाद छोड़ा जा रहा है, इसलिए यहां जांच नहीं की जाती, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी मजदूर हैं, जो चेक पोस्ट के बजाय जंगल या खेतों से होकर राज्य में आ रहे हैं। फाफाडीह से बिलासपुर की ओर जा रहे कुछ मजदूरों ने बताया कि उन्होंने आठ दिन पहले तेलंगाना बॉर्डर पार किया था। उनकी जांच नहीं हुई। वे पैदल चलकर रायपुर तक पहुंचे हैं और अब उन्हें झारखंड जाना है। वे 14 दिन पहले हैदराबाद से निकले हैं। इसी तरह नंदनवन के पास भी महाराष्ट्र से आ रहे मजदूरों ने बताया कि वे ओडिशा जा रहे हैं। वे पैदल राजनांदगांव से आ रहे हैं। बॉर्डर पर उनकी मेडिकल जांच हो चुकी है।
श्रम विभाग को दी जाती है सूचना
अधिकारियों ने बताया कि बॉर्डर में पुलिस तैनात है, क्योंकि जिले को सील किया गया है। वहां से पैदल आने वालों का नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट किया जा रहा है। वे कहां जा रहे हैं, उसकी पूरी रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसके बाद श्रम विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जा रही हैं। हालांकि अफसर यह स्वीकार करते हैं कि दूसरे विभाग उनकी सूचना पर त्वरित रिस्पांस नहीं देते, इसलिए उन्हें मजदूरों को छोड़ना पड़ता है।
मध्यप्रदेश, गुजरात व राजस्थान से 6074 मजदूर लौटेंगे छत्तीसगढ़
देश के दूसरे हिस्सों में फंसे श्रमिकों एवं अन्य लोगों की वापसी के लिए राज्य सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर लगातार देशभर से श्रमिक और दूसरे अन्य लोग संपर्क कर रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से अब तक 6074 प्रवासियों ने वापसी के लिए संपर्क किया है। अकेले राजस्थान से 5130, गुजरात से 499 और मध्य प्रदेश से 445 प्रवासी छत्तीसगढ़ लौटने के इच्छुक हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से इन राज्यों में वापस जाने के इच्छुक लोग भी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ से राजस्थान जाने के लिए 3952 प्रवासियों ने संपर्क किया है। डाटा बेस के अनुसार इन प्रवासियों को लाने और भेजने की योजना तैयार की जा रही है। कोरोना वायरस (कोविड-19) के तहत देशव्यापी लॉक डाउन के कारण मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों एवं अन्य प्रवासियों को छत्तीसगढ़ लाने तथा यहां से उक्त तीनों राज्यों में जाने वालों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है। श्रमिकों को लाने तथा यहां से भेजे जाने की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बता दें कि राज्य सरकार ने इन राज्यों के लिए जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत (मोबाइल नं.93992-73076) को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्ति किया है। सचिव जल संसाधन अविनाश चंपावत ने बताया कि मध्यप्रदेश के लिए प्रभांशु मित्र वर्मा (74705-71991 एवं 91795-71987) ई-मेल covidmp84@gmail.com, गुजरात के लिए जयंत दास (93014-79765 एवं 83497-85420) ई-मेल covidgujrat@gmail.com तथा राजस्थान के लिए मनीष थवाइत (73987-85120 एवं 95896-99353) ई-मेल covidraj72@gmail.com को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
गौरव ग्रामीण और मंगई शहरों के श्रमिकों की देखेंगी व्यवस्था
सरकार ने बाहरी राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों के क्वारेंटाइन समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग स्टेट नोडल अफसर नियुक्त किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारेंटाइन सहित अन्य सभी व्यवस्था की तैयारी के लिए समन्वय और सहयोग की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी को दी गई है, जबकि नगरीय निकाय क्षेत्रों में यही जवाबदेही सचिव नगरीय प्रशासन अलरमेलमंगई डी संभालेंगी।
बता दें कि राज्य सरकार ने बाहरी राज्यों में मौजूद श्रमिकों को वापस लाए जाने की कवायद शुरू कर दी है और राज्यवार अधिकारियों को नियुक्त कर मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। किसी भी राज्य में फंसे मजदूर व उनके परिजन इन नंबरों पर संपर्क कर मदद मांग सकते हैं। इसके बाद समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। जिस जगह में फंसे हैं, वहां के प्रशासन से भी संपर्क कर मदद की जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा शराब दुकान खोलने और होम डिलीवरी के फैसले पर भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताई है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी और पूर्व विधायक देवजी पटेल ने कहा कि शराबबंदी का वादा कर कांग्रेस सत्ता में आई और अब लॉकडाउन के दौरान न सिर्फ शराब दुकान खोलने का फैसला किया है, बल्कि होम डिलीवरी की सुविधा के साथ लाइसेंसधारी कोचिए नियुक्त करने जा रही है। इस फैसले को तत्काल रद्द करने की मांग की है।
सांसद सोनी तंज कसा है कि जिस तरह सरकार ने शराब खरीदने की लिमिट 5 लीटर कर दी है, उसी तरह पीलिया प्रभावित शहर में 5 लीटर शुद्ध पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब शराबबंदी के लिए कैसी बातें करते थे, उन्हें याद करना चाहिए। कांग्रेस ने गंगाजल हाथ में लेकर पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन शराबबंदी का अवसर लेकर आया था। शराब के आदी भी लंबे समय तक इसके बिना रह लिए थे। अब शराब दुकान खोलने का फैसला कर सरकार ने घर-घर में आई शांति और समृद्धि को ठोकर मारने का काम किया है।
पूर्व विधायक पटेल ने आरोप लगाया है कि सरकार लॉकडाउन के दौरान शराब की 75% कालाबाजारी कर चुकी है। अवैध शराब की राशि का ऊपर से नीचे तक बंदरबांट किया गया है। शराब दुकान खुलने से संक्रमण की आशंका बढ़ जाएगी। दुकान खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाएगा। पहले ही अवैध शराब की बिक्री चल रही थी और अब प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए होम डिलीवरी से यह समस्या और बढ़ जाएगी। इस आदेश पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
विधानसभा स्पीकर डॉ.चरणदास महंत और पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कलेक्टर और एसपी से कहा है कि बाहर से आने वाले सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन में रखने व उनके रहने-खाने और स्वास्थ्य परीक्षण की पूरी व्यवस्था कर लें। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में बाहरी प्रदेशों से मजदूरों की वापसी शुरू हो जाएगी।
स्पीकर महंत और पंचायत मंत्री सिंहदेव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से जांजगीर-चांपा जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले से जम्मू-कश्मीर एवं अन्य राज्यों में गये प्रवासी मजदूरों की संख्या की जानकारी लेकर उसे शीघ्र पंजीकृत किया जावे एवं राज्य व केन्द्रीय नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर उनकी सुरक्षित, ससम्मान वापसी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिले के अधिकारियों को इसके लिए राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों से सतत संपर्क में रहकर समन्वय बनाकर कार्य करने कहा। बैठक में कोविड-19 का कोई भी संक्रमित दर्ज नहीं होने को जिले के लिए उपलब्धि कहा गया, इस महत्वपूर्ण बैठक जिले में लाॅकडाऊन के प्रभाव की समीक्षा की गई, विधान सभा अध्यक्ष ने प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से लाॅकडाऊन अवधि में किसी भी माध्यम से अपने गांव पहुंचने वाले मजदूरों की संख्या के चिन्हांकन पर भी जोर दिया।
भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने लॉकडाउन-3 के लिए भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने तथा दी जाने वाली रियायतों की समीक्षा की। गौबा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्यों द्वारा बरती जा रही सावधानियों के बारे में जानकारी ली।
कैबिनेट सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से कोरोना महामारी से बचाव एवं इलाज के लिए बनाए गए कंटेंमेंट जोन एवं इसके प्लान के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने राज्यों के जिला अस्पताल में कोविड-19 अस्पताल, आईसोलेशन वार्ड, और प्रतिदिन औसतन की जा रही कोरोना टेस्टिंग के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने मुख्य सचिव से कोरोना प्रभावित जिलों को विभाजित विभिन्न श्रेणी की मैपिंग के संबंध में विस्तार से चर्चा की। इसी तरह से प्रवासी श्रमिकों की वापसी तथा राज्य में लाने के बाद उनके लिए की जाने वाली व्यवस्था के संबंध में भी जानकारी ली।
केबिनेट सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ सचिवों से जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लगातार जारी रखने के निर्देश भी दिए। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान भारत शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राज्य के डीजी डीएम अवस्थी, एसीएस गृह सुब्रत साहू, स्वास्थ सचिव निहारिका बारिक, श्रम सचिव सोनमणी बोरा और परिवहन सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह शामिल हुए।
अन्य राज्यों से आने वाले जवान व अफसर कर्मी रखे जाएंगे 14 दिन क्वारेंटाइन में
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों के प्रशिक्षण और ड्यूटी कर छत्तीसगढ़ लौटने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों आैर जवानों को 14 दिन क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। स्वास्थ्य सचिव निहारिक बारिक ने इसके लिए सभी विभाग के डीजी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य विभाग की इस गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य सचिव ने इसके लिए सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, इंडियान आर्मी के डीजी को पत्र लिखकर कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी कर बचाव हेतु विभिन्न माध्यमों से सूचित किया गया है।
इस संबंध आपके विभाग में कार्यरत अमलों के प्रशिक्षण-अवकाश-डयूटी व अन्य कार्यों से राज्य से बाहर जाने की जानकारी मिली है। इसलिए यदि वे वापस लौट रहे हैं तो उन्हें क्वारेंटाइन के लिए जारी नियम का पालन किया जाए। पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक जवान और अधिकारी-कर्मचारी बाहर से आते ही पहले जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना देकर अपनी जांच कराएं।
शहर की सुनसान सड़कों लोगों को लूटने और चोरी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। मामला राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है। 19 अप्रैल को पुलिस जवान अजय ठाकुर शाम करीब 6 बजे बंद पड़े एक्सप्रेस वे के पास से गुजर रहा था। अचानक 3 युवक आरक्षक की गाड़ी के सामने आ धमके, जिससे हड़बड़ा कर वह आरक्षक अपनी बाइक से गिर गया। उसके बाद तीनों युवकों ने आरक्षक को धक्का मारते हुए उसका मोबाइल व पर्स चोरी किया और फरार हो गए।
राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी संजय पुढीर ने बताया कि आरक्षक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी शंकरलाल विश्वकर्मा व पंकज साहू को इस मामले में गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का एक साथी फरार है। यह गिरोह 13 अप्रैल को अमलीडीह बीएसयूपी कॉलोनी में हुए बलवे में भी शामिल था, उस मामले में भी उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। यह लड़के सड़क के डिवाइडर पर बैठकर अपने शिकार का इंतज़ार करते थे,किसी भी व्यक्ति को अकेला देख अचानक सामने आकर चोरी की घटना को अंजाम देते थे।
छत्तीसगढ़ में सभी सरकारी कार्यालय भी सोमवार 4 मई से खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि कोरबा के कटघोरा और सूरजपुर के जजावल को इस आदेश से बाहर रखा गया है। वहां सभी शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे। प्रदेश के अन्य जिलों के सरकारी कार्यालयों में एक तिहाई ही कर्मचारी काम करेंगे, लेकिन गैजेटेड ऑफिसर को आना अनिवार्य है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को सभी विभागों के सचिवों, संभागीय कमिश्नर, सभी कलेक्टर और विभागाध्यक्षों को शासकीय कार्यालयों का संचालन शुरू करने के लिए कहा गया है। इसके लिए तय गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करना होगा। साथ ही कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में कोरोना मामलों की संख्या कम होने के बाद जिला कलेक्टर अपने स्तर पर यहां कार्यालय खोलने का फैसला ले सकते हैं।
मीटिंग कम से कम होंगी, वीडियो कॉफ्रेंसिंग बनेगी माध्यम
रायपुर में रविवार की दोपहर तक आसपास के जिलों से झारखंड के रहने वाले मजदूरों का आना लगा रहा। राज्य सरकार ने यह घोषणा की थी कि झारखंड के रहने वाले मजदूरों को लेने बस आएंगी। गर्मी, तपती सड़कें और सरकारी अव्यवस्था की वजह से हो रही दिक्कतों से जूझते हुए मजदूर, धरमपुरा स्थित राधा स्वामी सत्संग न्यास पहुंचे। जिला प्रशासन के अधिकारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि करीब 500 मजदूरों को यहां रखा गया है। बस आने के बाद उन्हें रवाना किया जाएगा। बस झारखंड का ही प्रशासन भेज रहा है।
जिला प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सराई केला, बोकरो, खूटी, गोंडा, जमशेदपुर, और गिरीडीह जिलों से बस मजदूरों को लेने आएगी। बस के आने, रवाना होने के समय को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी ना होने की वजह से लोग परेशान भी होते दिखे। देर रात और रविवार की सुबह आए मजदूरों को आश्रम में जगह मिल गई, मगर दोपहर तक आए मजदूरों को बाहर ही रोक दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल झारखंड के मजदूरों के लिए धरमपुरा का आश्रम ही पिकअप प्वाइंट है। जो मजदूर आज नहीं जा पाएंगे उन्हें कल सोमवार को भेजा जाएगा।
छत्तीगसढ़ में सोमवार से शराब दुकानों को खोलने की हरी झंडी मिल गई। इसको लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ का भी ध्यान रखा जाएगा। होम डिलीवरी करने के साथ ही प्रति व्यक्ति 5000 एमएल (छह बोतल) शराब मिल सकेगी। अब तक यह लिमिट दो बोतलों की थी।इसको लेकर सभी जिलाें के कलेक्टर को निर्देश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री आवास में रविवार कोबैठक में शराब दुकानें खोलने पर मुहर लगा दी गई। दुकानें ग्रीन जोन के साथ ही रेड और ऑरेंज जोन में भी खोली जाएंगी। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना होगा और हॉटस्पॉट औरकोर जाेन से बाहर ही खुलेंगी। इसके लिए सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक या फिर जिलों के लिहाज से लॉकडाउन के दौरान तय किया गया समय लागू होगा।
होम डिलीवरी पर देना होगा अतिरिक्त चार्ज
वर्तमान में देशी औरविदेशी शराब खरीदने की सीमा प्रति व्यक्ति 2 बोतल और बीयर खरीदने की सीमा 4 बोतल है। लाॅकडाउन के दौरान भीड़ में कमी लाने के लिए देशी-विदेशी शराब बिक्री की सीमा 3000 एमएल और बीयर की 6 क्वार्टर बोतल ली जा सकेगी। हालांकि ग्राहक अगर दुकान पर विक्रय काउंटर से खरीदता है तो शराब 5000 एमएल मिल सकेगी। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
राज्य सरकार ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए शराब की होम डिलेवरी करने की छूट भी दी है। इसके लिए डिलवरी ब्वाय नियुक्त किया जाएगा। हालांकि होम डिलीवरी का अतिरिक्त चार्ज देना होगा। डिलीवरी ब्वाय की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी करेगी और होम डिलीवरी का चार्ज भी वहीं तय करेगी। प्लेसमेंट एजेंसी को लेकर जिला प्रशासन अपने स्तर पर निर्णय लेगा।
लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए 4 मई (सोमवार) से खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह पंजीयन कार्यालय लॉकडाउन के बाद 23 मार्च से ही बंद थे। हालांकि रायपुर, कोरबा और सूरजपुर को इस छूट से बाहर रखा गया है। वहीं पंजीयन से पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना होगा। इसके बिना कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा।
वाणिज्यिक कर पंजीयन विभाग की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि स्टाफ की क्षमता अनुसार एक तिहाई अधिकारी-कर्मचारियों की डयूटी रोस्टर बनाकर लगाई जाएगी। कार्यालय के संचालन के समय का पालन किया जाएगा। अगर किसी कारण से अंतिम पक्षकार रह जाता है ताे पंजीयन कार्य पूरा होने तक कार्यालय खुला रखा जाएगा।
विभागीय पोर्टल या एप से मिलेगा अपाॅइंटमेंट
तीन वर्गों में बांटे गए पंजीयन कार्यालय
पक्षकारों की संख्या को सीमित करने के लिए राज्य के सभी पंजीयक कार्यालयों को तीन वर्गों अ, ब व स में विभाजित किया गया है।
रेड जोन और हॉटस्पॉट क्षेत्र में नहीं खुलेंगे कार्यालय
भारत सरकार के आदेशानुसार, रेड जोन और हाॅटस्पाट क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्रों में पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। इसके चलते छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले के उप पंजीयक कार्यालय एक, दो, तीन और चार, कोरबा जिले के उप पंजीयक कार्यालय कोरबा व कटघोरा और सूरजपुर जिले का उप पंजीयक कार्यालय सूरजपुर बंद रहेगा। इनको छोड़कर छत्तीगढ़ के अन्य सभी जिलों के उप पंजीयक कार्यालय खुलेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को फिर एक पत्र लिखा है। इस बार मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी, निकाय कर्मचारी, जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारियों को बीमा योजना का लाभ देने की मांग रखी है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह भी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में इन्हें भी 50 लाख रुपए की बीमा योजना का लाभ मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा योजना की घोषणा की गई है। इस योजना में स्थानीय स्तर पर ड्यूटी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत शामिल किया जाए। ये हजारों कर्मचारी औरअधिकारी दिन-रात लाॅकडाॅउन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
महामारी रोकने में यह भी शामिल, तो योजना में भी हों
पत्र में कहा गया, अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई कर्मचारी औरअधिकारी भी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं। अध्यादेश के तहत ‘स्वास्थ्य सेवाकर्मी' में महामारी को रोकने के लिए ड्यूटी करने वाले भी शामिल हैं। इसे देखते हुए उन सभी को भी स्वास्थ्यकर्मी की श्रेणी में लाते हुए स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होना चाहिए। योजना में पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल किए जाएं।
मुख्यमंत्री का ट्वीट-
लॉकडाउन का फेज-2 का आज आखिरी दिन है। राज्य सरकार सोमवार से शासकीय कार्यालय खोलने का निर्णय ले चुकी है। वहीं अब शराब दुकानें खाेलने के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में कुछ देर पहले हुई बैठक मेंमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्णय लिया है। इसको लेकर सभी जिला कलेक्टर को आदेश दिए गए हैं। इसमें शराब की दुकानों को जहां राजस्व के लिए जरूरी बताया गया है, वहीं कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं।दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है। ज्यादा से ज्यादा जांच, संक्रमित मरीजों का इलाज और सोशल डिस्टेंसिंग से ही इसे काबू पाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधन जुटाने की भी सलाह दी है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण
श्रमिकों के ट्रेन टिकट काे लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और सांसद सुनील सोनी ने श्रमिकों के निशुल्क वापसी की राज्य सरकार की मांग पर कहा- केंद्र से सौदेबाजी कर राज्य सरकारनिकृष्ट राजनीतिक आचरण का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आई। सांसद ने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बताकर वाहवाही बटोरती है और दूसरे दिन केंद्र से राशि मांगती है। केंद्र सरकार की नीति सभी राज्यों के लिए एक जैसी तय हुई है। सभी राज्य जब उस पर सहमत हैं तोफिर छत्तीसगढ़ को आपत्ति क्यों है।
वहीं, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने टिकट का पैसा पीएम केयर फंड से दिए जाने की मांग की है। त्रिवेदी ने कहा है कि विशेष ट्रेन चलाने के गृह मंत्रालय के आदेश में यह कहा गया है कि यात्रियों को टिकट लेना होगा। उन्होंने कहा कि मार्च से बाहर के प्रदेशों में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के पास दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुओं के लिए पैसा नहीं हैं। टिकट का पैसा कहां से लाएंगे? छात्रों और फंसे यात्रियों से भी यह अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
कोरोना अपडेट्स
भिलाई : बाहर राज्यों में फंसे जिले के 2150 श्रमिकों की वापसी को देखते हुए 165 फेसलिटी आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है। ये सेंटर गांव से बाहर होंगे। धमधा ब्लॉक के सबसे ज्यादा श्रमिक फंसे हैं,इसलिए यहां 119 आइसोलेशन सेंटर बनेंगे। जनपद और जिलास्तर पर भी एक-एक आइसोलेशन सेंटर बना रहे। यहां 14 दिनों तक श्रमिकों को रखा जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सब कुछ सही पाए जाने पर उन्हे उनके घर भेजेंगे।
बिलासपुर : जिले में रविवार को सब्जी, अनाज, फल, किराना की मंडी, बाजार औरदुकानें पूरी तरह बंद हैं। हालांकि, मिल्क पार्लर, मेडिकल स्टोर्स, पेट्रोल पंप, राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढाबे, टेक अवे, होम डिलीवरी रेस्टोरेंट तय समय के मुताबिक खुल गए हैं। सिम्स में सामान्य ऑपरेशन एक बार फिर से शुरू किए जाएंगे। इसके लिए संयुक्त संचालक और अधीक्षक ने नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
रायगढ़ : जिले के ग्रीन जोन में होने के कारण निगम क्षेत्र के संचालकों ने लघु और मध्यम स्तर के उद्योगों को खोलने की मांग की है। बोईरदादर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया 50 उद्योग हैं। ये करीब दो महीनों से बंद हैं। वहीं, 50 फीसदी यात्रियों के साथ सीमित क्षेत्र में बसों को अनुमति दी गई है। बस ऑपरेटर का कहना है जब 4 मई के बाद शुरू किया जाएगा तो एक हफ्ते तक चलाएंगे। नुकसान ज्यादा हुआ तो सेवा बंद करनी पड़ सकती है। फिलहाल, सरकार के फैसले का इंतजार है।
देश की सुरक्षा और रक्षा के लिए फ्रंट लाइन में खड़े होने वाले जवान रविवार को कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करने उतरे। एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर रायपुर एम्स के ऊपर पहुंचा और पुष्प वर्षा की। इस दौरान कोरोना संक्रमितों के उपचार में दिन-रात जुटे मेडिकल स्टाफ, डॉक्टरर्स, सफाई कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। मेडिकल स्टाफ ने कहा- यह हमारे लिए गर्व का पल है।
सुबह के करीब 10.30 बजे तेज एम्स के ऊपर हेलीकॉप्टर की तेज गड़गड़ाहट सुनाई दी। इसके साथ ही सड़कों पर लोग निकल आए। वहीं आस-पास के लोग अपनी छतों पर पहुंच गए। एम्स परिसर में भी डॉक्टरों के साथ मेडिकल स्टाफ भी बाहर निकल गया। दूर से ही एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर फूलों की वर्षा करते हुए चले आ रहे थे। इस दौरान एम्स परिसर में तो सोशल डिस्टेंसिंग थी, लेकिन सड़क पर निकले लोग वीडियो बनाने की चक्कर मे इसे भूल गए।
अब एयरपोर्ट पर होगा एयरफोर्स के जवानों का सम्मान
दरअसल, कोरोना से लड़ने वाले वारियर्स पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारियों का सम्मान देशभर में लगातार किया जा रहा है। इसी के तहत रायपुर एम्स अस्पताल के ऊपर भी फूलों की बारिश की गई। हालांकि तय समय से आधाघंटे पहले ही एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर पहुंच गए। वहीं चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई, बड़ी संख्या में लोगों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को एक एयरलिफ्ट करने पर एयरपोर्ट पर एयरफोर्स जवानों का सम्मान किया जाएगा।
लॉकडाउन में फेसबुक हैकिंग और उसके जरिये ठगी का बड़ा खेल चल रहा है। ऑन लाइन ठगी में माहिर जालसाज लोगों की फेसबुक हैक कर उसे खुद ऑपरेट कर रहे हैं। फेसबुक हैकिंग के बाद हैकर फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगों से चैट कर रहे हैं। वे बताते हैं कि वे लॉकडाउन फंस गए हैं। उन्हें मदद की जरूरत है। इस तरह वे झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। पिछले 30 दिन में 32 केस राजधानी में दर्ज कराए जा चुके हैं। ठगी के शिकार होने वालों में पुलिस के अफसर भी शामिल हैं। कोरोना संकट में फंसने की बात सुनकर कोई भी मदद के लिए तैयार हो रहा है। ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं।
ठगी के लिए बाकायदा खाता या ई-वायलेट का नंबर दिया जा रहा है। फेसबुक हैकिंग के अलावा कैशबैक, ई-रिचार्ज के नाम पर भी ऑन लाइन ठगी की जा रही है। पुलिस अफसरों के अनुसार करीब एक दर्जन शिकायतें अभी जांच में हैं। उनका परीक्षण किया जा रहा है। मोबाइल नंबर और खाता नंबरों के आधार पर पड़ताल की जा रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि ज्यादातर उन लोगों की फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो रहा हैं, जिन्होंने अपने ही नाम, सरनेम या मोबाइल नंबरों को पासवर्ड रखा है। जन्म की तारीख को पासवर्ड रखने वालों की आईडी भी हैक हो रही है। आईडी हैक करने के बाद हैकर फ्रेंड लिस्ट देखकर चैट मैसेंजर से अर्जेंट मदद मांग रहे हैं। अपने साथी, रिश्तेदार या करीबी का मैसेज देखकर लोग बिना बातचीत किए ही खाते में पैसा जमा कर रहे हैं।
नाम और नंबर पर नहीं होना चाहिए पासवर्ड
एडीजी तकनीकी सेवा आरके विज ने लोगों से अपील की है कि जो भी अपने सोशल मीडिया लेकर बैकिंग सेक्टर में भी अपना पासवर्ड नाम, मोबाइल नंबर, सरनेम या जन्म तारीख पर न रखें। हैकर आईडी हैक करने के लिए सबसे पहले इसी ऑप्शन को खंगालते हैं। इन विकल्पों पर प्रयास करने से एक न एक की का पासवर्ड वही निकल जाता है और हैकर आसानी से आईडी हैक कर लेते हैं।
भोजन बनाने का दिया ऑर्डर, फिर ठगी
नवा रायपुर राखी थाना में भोजन के नाम पर ठगी की गई है। एक महिला को फौज के अधिकारी के नाम सेे कॉल आया। अधिकारी ने कहा कि उन्हें कोरोना संकट में फंसे गरीबों को भोजन के पैकेट बंटवाना है। उनके पास बांटने की सुविधा नहीं है। महिला को 40 लोगों के भोजन बनाने का ऑर्डर दिया गया। कुछ देर बाद कॉल करके कहा कि पहले पेमेंट कर देते हैं, उसके बाद भोजन बनाइगा। महिला के ई-वायलेट का नंबर लिया गया। महिला के नंबर पर एक ओटीपी नंबर आया फिर खाते से दस हजार निकाल लिया गया।
ऑनलाइन रिचार्ज और फूड डिलीवरी में चूक पड़ रही महंगी
लॉकडाउन में अब ज्यादा से ज्यादा लोग मोबाइल से लेकर टीवी रिचार्ज ऑनलाइन करवा रहे हैं। ऑनलाइन पेमेंट या रिचार्ज कराने पर कैशबैक भी मिल रहा है। जालसाज कैशबैक के फार्मूले से ही आसानी से जाल में फंसा रहे हैं। कैशबैक देने का झांसा देकर ठग फर्जी लिंक भेज रहे हैं, जिसे खोलते ही खाते से पैसे पार रहे हैं। इंटरनेट या गुगल में जाकर मोबाइल और टीवी रिचार्ज का एप व नंबर सर्च करते समय सावधानी जरूरी है। ठगों ने इंटरनेट पर फर्जी एप और नंबर अपलोड कर रखा है। नेट पर सर्च करने के दौरान जालसाजों का फर्जी नंबर सामने आता है और लोग उसी में कॉल कर फंस जाते हैं।
साइबर की टीम लगी है जांच में
एएसपी पंकज चंद्रा ने बताया कि उनकी साइबर की टीम 24 घंटे काम कर रही है। शिकायत लेकर आने वाले हर पीड़ित के लिए पुलिस की पहली प्राथमिकता पैसा लौटाना होता है। केस बाद में दर्ज किया जाता है, पहले उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया की जाती है। संबंधित कंपनी जिस माध्यम से पैसाें का ट्रांजेक्शन हुआ है, उन्हें मेल किया जाता है। उसके बाद पुलिस की बाकी प्रक्रिया की जाती है।
राजधानी में फंसे झारखंड के श्रमिकों, यात्रियों और लोगों की वापसी 3 मई को होगी। यहां फंसे झारखंड के लोगों की वापसी के लिए वहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार ने 150 से ज्यादा बसें रायपुर के लिए रवाना की है। इन सभी बसों को राधास्वामी सत्संग व्यास, ऑफिसर्स कॉलोनी के पास, कृषि महाविद्यालय के सामने धरमपुरा में एक-एक कर खड़ी की जाएंगी। इसकी जानकारी
झारखंड में यातायात विभाग के सचिव रवि कुमार ने रायपुर कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन को चिट्ठी लिखकर दी है।
जिले के नोडल अधिकारी एवं उपपंजीयक सहकारी समिति एनआरके चंद्रवंशी ने बताया कि झारखंड के श्रमिक, यात्री और नागरिक रविवार को निर्धारित स्थान में झारखंड जाने के लिए उपस्थित हो सकते हैं। प्रशासन के पास अभी झारखंड के करीब 2000 लोगों की सूची है जिन्हें लॉकडाउन के दौरान हर तरह की मदद दी गई थी। लेकिन वापसी की खबर फैलने के बाद माना जा रहा है 1000 से ज्यादा लोग और तय समय पर वहां पहुंचेंगे। इनके फोन आने भी शुरू हो गए हैं। रविवार को सुबह से ही इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कागजी दस्तावेजों में समय लगने पर माना जा रहा है कि बसें दोपहर 3 बजे के बाद ही रवाना हो पाएंगी। इस संबंध में किसी भी तरह की जानकारी के लिए नोडल अफसर चंद्रवंशी के मोबाइल नंबर (7987774020), झारखंड के नोडल अधिकारी नितांत कुमार सिंह (9472749978) और कुमार कौशमभ (7250818520) से संपर्क किया जा सकता है। प्रशासन की ओर से झारखंड के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए जिला प्रशासन के अफसर भी वहां मौजूद रहेंगे। एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों को भेजा रहा है इसलिए इस काम की मॉनिटरिंग कलेक्टर खुद कर रहे हैं। उन्होंने अफसरों से कहा है कि वे हर समय की रिपोर्ट उन्हें देते रहे।
लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की वापसी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
श्रम विभाग ने लॉकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के श्रमिकों की घर वापसी और अन्य जरूरी सहायता के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं। स्टेट हेल्पलाइन नंबरों के लगातार व्यस्तता को देखते हुए वर्तमान 03 हेल्पलाइन नंबर को बढ़ाकर 7 कर दी गई है जो कि 30 लाइनों के साथ संचालित होगी। यह सभी नंबर सभी राज्यों के लिए उपलब्ध रहेगी। ये हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। छत्तीसगढ़ वापसी के लिए ट्रेन की मांग की गई है, ट्रेन की अनुमति मिलने पर चलायी जाएगी। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर के अलावा राज्य वापसी के लिये इच्छुक व्यक्ति अथवा उनके रिश्तेदार के द्वारा छत्तीसगढ़ के संबंधित जिले के कलेक्टर कार्यालय में श्रमिकों, व्यक्तियों के पूर्ण नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड इत्यादि के विवरण लिखित आवेदन कर सकते हैं। अनुमति प्राप्त होने पर, वे आ सकेंगे। हॉटस्पाट जिलों को छोड़कर अन्य जिलों से अपने स्वयं के साधन, व्यय से छत्तीसगढ़ आने वाले व्यक्तियों द्वारा अपनी पूर्ण विवरण के साथ वर्तमान में जहां हैं, वहां के जिला कलेक्टर कार्यालय से अनुमति लेकर आ सकेंगे। स्टेट हेल्पलाइन नंबर : 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986, 88277-73986 ये जारी किए गए है।
हेल्पलाइन नंबर के काम नहीं करने की शिकायत
इधर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल रिसीव नहीं करने की शिकायतें भी आ रही हैं। अलग- अलग हिस्सों से लगातार लोग छत्तीसगढ़ वापसी के लिए संपर्क कर रहे हैं। महासमुंद के 40 मजदूर यूपी के अमेठी में फंसे हैं। मजदूर किरण बंजारे की मां की तबीयत खराब है। ठेकेदार ने पैसा नहीं दिया। इनकी शिकायत है कि राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर नहीं लग रहा है। ऐसे में ये अपनी बात कैसे पहुंचाएं?
ग्रामीण क्षेत्र के लाेग भूखे, प्यासे खाताें से राशि निकालने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं। जन अभियान परिषद के कार्यकर्ता नियमाें का पालन करवा रहे हैं। विकासखंड समन्वयक दयाराम मुवेल ने बताया क्षेत्र की प्रस्फुटन समितियों एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को कोरोना वाॅरियर्स बनाकर जिम्मेदारी दी है। कार्यकर्ता आमजन में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने के साथ ही बुजुर्ग व्यक्तियों की मदद के लिए एसबीआई, बीओआई, नर्मदा झाबुआ बैंक व सभी कियोस्क पर जाकर सेवा दे रहे। राकेश मोटसरा, भारत डोडवे, दिनेश मुवेल, मनीष आमले, राजेश गेहलोद, अनिल चौहान, राजू माैर्य अादि करीब 11 कार्यकर्ता सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक सेवा दे रहे हैं। इधर नगर से अाठ किमी दूर गांव भगियापुर जाकर मप्र ग्रामीण बैंक के कियोस्क संचालक अरुण मालवीय 100 खाताधारकाें की राशि निकाल कर दे रहे। सुबह 8 से शाम 4 बजे तक सेवा देने से ग्रामीणाें काे गंधवानी नहीं अाना पड़ रहा।
लॉकडाउन के कारण नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीजी स्टूडेंट को लिखित परीक्षा के बाद भी ड्यूटी करनी होगी। दरअसल लॉकडाउन के कारण देशभर में फ्लाइट व ट्रेन सेवा बंद है। इस कारण एक्सटर्नल मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंच सकेंगे। 17 मई तक लॉकडाउन है इसलिए 15 मई से शुरू होने वाली एमडी व एमएस की परीक्षा अब 19 मई से होगी। अगर लॉकडाउन बढ़ा तो परीक्षा स्थगित कर दी जाएगी और नया टाइम-टेबल जारी किया जाएगा।
आयुष विवि ने शनिवार को एमडी-एमएस व डिप्लोमा परीक्षा का नया टाइम-टेबल जारी कर दिया है। अब एमडी व एमएस की परीक्षा 19 मई से 26 मई तथा डिप्लोमा की परीक्षा 19 से 23 मई तक होगी। प्रेक्टिकल परीक्षा अंतर्राज्यीय परिवहन शुरू हाेने के बाद होगा। इस कारण लिखित परीक्षा देने के बाद भी पीजी स्टूडेंट यानी जूनियर डाॅक्टरों को अस्पताल व कॉलेज में ड्यूटी करनी होगी। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पीजी में एडमिशन का पहला चरण पूरा हो गया है। लॉकडाउन के कारण स्टूडेंट ने ऑनलाइन एडमिशन तो ले लिया है लेकिन वे कॉलेज नहीं पहुंच सके हैं। ऐसे में सीनियर पीजी स्टूडेंट के चले जाने से अस्पताल में इलाज की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। आल इंडिया के साथ स्टेट कोटे वाले स्टूडेंट भी एडमिशन लेने के बावजूद काॅलेज ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। कॉलेज में फाइनल ईयर में 122 से ज्यादा स्टूडेंट हैं। इनमें क्लीनिकल से लेकर नॉन क्लीनिकल विभाग के स्टूडेंट शामिल हैं। मेडिसिन से लेकर ऑर्थोपीडिक, पीडियाट्रिक, जनरल सर्जरी, ऑब्स एंड गायनी, कैंसर में अभी भी मरीज आ रहे हैं। अगर फाइनल ईयर के छात्र चले जाएंगे तो ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सर्जरी में परेशानी होगी। इसलिए कॉलेज प्रबंधन ने लिखित परीक्षा के बाद भी फाइनल ईयर पीजी स्टूडेंट से ड्यूटी कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान उन्हें हर माह 42 से 48 हजार रुपए महीना स्टायपेंड मिलता रहेगा।
मेडिसिन छात्राें की आपत्ति
नया टाइम टेबल आने के बाद मेडिसिन विभाग के छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई है। छात्रों का दावा है कि विवि ने विभाग से पूछे बिना नया टाइम टेबल घोषित किया है। हालांकि जानकारों के अनुसार विवि परीक्षा के पहले हर विभाग से पूछे, ऐसा कोई नियम नहीं है। छात्रों का कहना है कि 19 मई को परीक्षा देने के बाद प्रेक्टिकल के लिए इंतजार करते रहेंगे। अच्छा होता कि परीक्षा में बाद में कराते। अब लिखित परीक्षा के लिए अलग तैयारी करनी होगी और प्रेक्टिकल के लिए अलग। कोरोना के कारण वैसे भी ज्यादातर डॉक्टर परेशान हैं। ऐसे में लिखित परीक्षा व प्रेेक्टिकल एक साथ करना जरूरी था।
दूसरी बार बदली है परीक्षा की तिथि
लॉकडाउन के कारण विवि प्रशासन को दूसरी बार पीजी की परीक्षा स्थगित कर नई तारीख का एलान करना पड़ा है। 19 मई से जो परीक्षा होनी है, निश्चित नहीं है कि यह हो। दरअसल केंद्र सरकार लॉकडाउन की तारीख अगर बढ़ाएगी तो परीक्षा की तारीख भी बढ़ जाएगी। इसलिए छात्रों को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहना होगा।
"एमडी-एमएस व डिप्लोमा कोर्स की परीक्षा 19 मई से होगी। जब फ्लाइट व ट्रेन शुरू हो जाएगी, तब प्रेक्टिकल होगा। दरअसल बिना एक्सटर्नल के प्रेक्टिकल नहीं हो सकता।"
डॉ. राजेश हिशीकर, कुलसचिव आयुष विवि
किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। कुछ दिनों पहले जहां सब्जी को बस्तर जिले को छोड़ अन्य जिलों में नहीं भेजने से परेशान किसान लोगों को मुफ्त में सब्जी बांट रहे थे वहीं एक पखवाड़े में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद होने से किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
लॉकडाउन के बीच बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने जिले के सब्जी उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। इस प्राकृतिक विपदा के कारण जिले में 250 हेक्टेयर यानि करीब 500 एकड़ रकबे में ली गई फसल बरबाद हो गई। इससे किसानों को 2 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
किसानों को नुकसान से राहत देने के लिए बार-बार मिल रही शिकायत के बाद उद्यानिकी विभाग की टीम ने फसल क्षति का आंकलन कर लिया है और इसकी रिपोर्ट इसकी रिपोर्ट संचालनालय को भेज दी है। किसानों को कब तक राहत मिलेगी। इस संबंध में अफसर कुछ नहीं बता रहे हैं । उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अजय कुशवाहा ने कहा कि यह बात सही है कि जिस समय किसानों को अपनी उपज बेचने का सबसे अच्छा मौका था उस समय हुई बारिश और ओलावृष्टि ने कई किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया है। किसान अब बड़े पैमाने पर नुकसान होने से परेशान हैं।
6 हजार हेक्टयेर में की गई थी खेती
जिले के किसान पिछले कुछ सालों से सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इस साल भी किसानों ने 6 हजार हेक्टेयर में खेती की थी। इसमें सबसे अधिक नुकसान मिर्च, बरबट्टी, लौकी, पपीता, बैगन और गोभी की फसलों को हआ है। बस्तर किसान कल्याण संघ के कोषाध्यक्ष रमेश चावड़ा ने कहा कि सब्जियों की खेती करने में किसानों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। इस साल सब्जी उत्पादक किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हआ है। केवल ओला और बारिश के चलते करीब दो करोड़ रूपए का नुकसान बस्तर के किसानों को हुआ है।
बस्तर-बकांवड ब्लॉक में सबसे अधिक नुकसान
तेज बारिश और ओले के चलते सबसे अधिक नुकसान बस्तर और बकावंड ब्लाक के किसानों को हुआ है। किसान कल्याण संघ और उद्यानिकी विभाग से मिली जानकारी के मुताबकि जहां बस्तर ब्लाक में करीब 80 एकड़ तो वहीं बकावंड ब्लाक में यह रकबा बढ़कर 350 एकड़ है। जबकि तोकापाल ब्लाक में यह रकबा 40 और जगदलपुर में करीब 30 एकड़ की फसल को नुकसान हुआ है।
इन ब्लॉक के इन गांवों में को ज्यादा नुकसान
बकावंड
राजनगर, कौड़ावंड, बकावंड, सतलावंड, ओडि़यापाल, बोरीगांव, सोनपुर, नरावंड, डिमरापाल, सौतपुर, चिखलकमरी, मंगलनार।
जगदलपुर
बालीकोंटा, तितिरगांव, घाटपदमूर, कालीपुर।
बस्तर
सालेमेटा 1, पखनाकोंगेरा, खंडसरा।
तोकापाल
कोएपाल, केशलूर, रायकोट, पलवा बारूपाट, आरापुर, डोगरी गुड़ा, बड़ेमारेंगा, तेली मारेंगा, कलेपाल, सिंगनपुर और डिमरापाल।