विधिपुर के पास गुड़ के ट्रक से बरामद 18 किलो अफीम के मामले में पुलिस ने रांची से अफीम मंगवाने वाले दो आरोपी पकड़े हैं। इनकी पहचान तरनतारन के गांव चौटाला के किसान पवनजीत सिंह और उसके ममेरा भाई गांव रसूलपुर के बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। इनसे दो कारें बरामद हुई हैं। दाेनाें से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि रांची में सक्रिय नक्सली अफीम की खेती कर अन्य राज्याें में सप्लाई करते हैं। नक्सलियाें के तार रांची में पंजाब ढाबा चलाने वाले इनके रिश्तेदार मनजिंदर सिंह से जुड़े हैं।
आरोपी मानते हैं कि बरामद 18 किलो अफीम में से 12 किलो अफीम वह लेने आए थे। 12 लाख की पेमेंट वह पहले ही मनजिंदर को कर चुके हैं। मनजिंदर ने पवन को बताया था कि ढाबे में नक्सली अफीम भेजते हैं। वह अफीम बेच कर अपनी कमीशन काट कर पेमेंट कर देता है। अफीम की कमाई से नक्सली हथियार और खाने-पीने का सामान खरीदते हैं।
एसएसपी नवजोत सिंह माहल ने बताया कि वीरवार शाम शामली से गुड़ लेकर अमृतसर जा रहे ट्रक को पुलिस ने विधिपुर फाटक के पास पकड़ा था। पुलिस ने यूपी के पीलीभीत के गांव डगरिया के रहने वाले 30 साल के अंग्रेज सिंह और गुरदासपुर के गांव आदी के रहने वाले 37 साल के लखबीर सिंह को अरेस्ट कर 18 किलो अफीम बरामद की थी। 12 किलो अफीम स्टेपनी में छुपाकर रखी थी। उन्हें अदालत में पेश कर 7 दिन के रिमांड पर लिया गया था।
अंग्रेज ने माना था कि 12 किलो अफीम उसके रिश्तेदार पवनजीत और बलविंदर ने मंगवाई है। पुलिस ने दोनों को कॉल कर करतारपुर एरिया में बिजली घर के पास शुक्रवार रात बुला लिया। पवन और बलविंदर अलग-अलग कार करतारपुर पहुंच गए। यहां पर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। पवनजीत और बलविंदर ने माना कि वे तरनतारन में परचून में अफीम बेचते हैं। पता लगाया जा रहा है कि दोनों और किससे अफीम लेते थे।
चाराें आरोपियों का सिविल अस्पताल में कराया कोरोना टेस्ट
पुलिस ने अफीम तस्करी में पकड़े गए अंग्रेज सिंह, लखबीर सिंह, पवनजीत और बलविंदर सिंह का सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाया। चारों का कोरोना टेस्ट भी करवाया गया है। लखबीर और अंग्रेज रांची से ट्रक में जालंधर पहुंचे थे। चारों के सैंपल की रिपोर्ट सोमवार शाम तक आएगी।
एक बार फिर कर्फ्यू बढ़ने के आसार हैं, कारण पंजाब सरकार ने एक बार फिर निकाय विभाग में सभी प्रकार के टेंडरों पर 30 मई तक रोक लगा दी है। पहले इस तरह के टेंडरों पर 15 तक की रोक लगाई गई थी, लेकिन गत दिवस निकाय विभाग के डायरेक्टर ने रोक 30 मई तक बढ़ा दी है। इससे सभी नगर निगम, समूह नगर कौंसिल और पीएमआईडीसी के टेंडरों पर असर होगा।
सरकार द्वारा टेंडर पर लगाई गई रोक के कारण किसी नए काम के टेंडर नहीं लगाए जाएंगे साथ ही 22 मार्च तक प्रोसेस में चल रहे टेंडरों को भी नहीं खोला जा सकेगा। स्मार्ट सिटी के तहत नए प्रोजेक्ट के टेंडर का काम भी प्रभवित होगा। निगम के ओ एंड एम ब्रांच के एसई सतिंदर कुमार ने बताया कि सरकार के नए आदेश के कारण फोल्ड़ीवाल में 50 एमएलडी क्षमता का नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के साथ ही पुराने 100 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने के लिए चल रहे टेंडर के प्रोसेस में देरी होगी।
दोनों प्रोजेक्ट की लागत करीब 70 करोड़ है, जिसका टेंडर जारी करने के बाद फाइनल नहीं होने से प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी होगी। एसई ने बताया कि सरकार ने अपने आदेश में वाटर सप्लाई, सीवरेज और स्ट्रीट लाइट के ऑपरेशन एंड मेंटनेंस के जरूरी काम के लिए निगम स्तर पर फैसला लेने की छूट दे रखी है।
निगम की 4 ब्रांच का 35 फीसदी स्टाफ करेगा काम
सोमवार से निगम के चार ब्रांच के स्टाफ काम करेंगे, लेकिन 35% स्टाफ ही दफ्तर आएगा। इसमें एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच, अकाउंट ब्रांच तथा बर्थ एंड डेथ ब्रांच के काम शामिल हैं। बायो मेट्रिक हाजिरी नहीं लगेगी, बल्कि ब्रांच इंचार्ज उनकी रोजाना की हाजिरी की तस्दीक करेंगे। कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा का कहना है कि 17 मई तक फील्ड स्टाफ या रेवेन्यू कलेक्शन वाले स्टाफ को दफ्तर नहीं बुलाया जाएगा। वैसे भी कई ब्रांच के करीब 100 स्टाफ जिला प्रशासन की ओर से राशन वितरण के काम में लगे हैं।
नए वित्तीय साल का बजट पास नहीं होने से सरकार ने 31 मई तक वेतन और जरूरी खर्च की मंजूरी दे रखी है। तो दूसरी ओर प्रॉपर्टी टैक्स, पानी-सीवरेज के बिल,तहबाजारी शुल्क, नक्शा, चेंज ऑफ लैंड यूज से होने वाली आय पूरी तरह से ठप है। निगम को करीब 8 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कारण कलेक्शन बंद है। कर्फ्यू खत्म होने के बाद भी निगम को बकाया वसूलने में मशक्कत करनी होगी। राजनीतिक कारणों से डिफाल्टरों पर सख्ती करना भी संभव नहीं होगा। मेयर का कहना है कि कर्फ्यू खत्म होने पर निकाय मंत्री से बात करेंगे कि लोगों पर पेनल्टी का कोई बोझ न डाला जाए।
31 मई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की अवधि
निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने बताया कि कर्फ़्यू के कारण सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने की अवधि बढ़ाकर 31 मई तक कर दी थ। जबकि पानी-सीवरेज के बिल जमा कराने की अवधि 30 अप्रैल की गई थी। लेकिन अब कर्फ्यू खत्म होने के बाद इसको लेकर लोगों को राहत देने के लिए नया निर्देश जारी किया जाएगा।
ऑनलाइन नक्शों पर फैसला 15 मई के बाद
सरकार ने ऑनलाइन नक्शा के सर्वर में खामियों के कारण 31 मार्च तक मैन्युअल नक्शा पास कराने की भी छूट दे रखी थी। लेकिन 23 मार्च के बाद से दोनों ढंग से नक्शा पास कराने का काम ठप है। इस चक्कर में करीब 120 आवेदन अब भी लंबित चल रहे हैं। वैसे फिलहाल कर्फ्यू के कारण निर्माण करने की भी इजाजत नहीं है। निगम के एमटीपी परमपाल सिंह ने बताया कि नए आवेदन के साथ ही पुराने लंबित चल रहे नक्शे को पास करने और नए आवेदन को लेकर अब 15 मई के बाद ही कोई फैसला आएगा। इसके लिए चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय से निर्देश अनुसार आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने तक बंद रही फैक्ट्रियां चालू करने वाले फैक्ट्री संचालकों को केमिकल हजार्ड सेफ्टी ऑडिट करवाना होगा। फैक्ट्रियों में केमिकल, गैस सिलेंडर, ट्रीटमेंट प्लांट इत्यादि होते हैं। इनका सेफ्टी ऑडिट करना होगा। अगर किसी की लापरवाही से हादसा हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सभी स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को आदेशों का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अब फैक्ट्री चालू करने से पहले केमिकल के गोदाम, गैस सिलेंडर और बाकी जिस भी सिस्टम में केमिकल इत्यादि जमा है, उसके सुरक्षा का ऑडिट करना होगा। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सभी राज्यों को आदेश विशाखापट्टनम में बंद प्लांट को चालू करने के बाद हुए गैस लीक हादसे के मद्देनजर दिए हैं।
सिटी के इंडस्ट्री संचालक अपने श्रमिकों को कई बार समझाने के बावजूद फैक्ट्रियों में काम पर रोक नहीं पा रहे हैं। सांसद संतोख सिंह चौधरी के पास पहुंचे सिटी के प्रमुख इंडस्ट्री संचालकों ने कहा कि जो श्रमिक अपने घर विशेष हालात में जाना चाहते हैं उन्हें रोकना गलत है लेकिन जिन श्रमिकों के पास काम उपलब्ध है, उनके लिए पंजाब सरकार ने जो फ्री रेलगाड़ियां चलाई हैं, इस कारण ज्यादा गिनती में श्रमिक अपने राज्यों को वापस जा रहे हैं।
साथ ही सांसद से इंडस्ट्री संचालकों ने कहा कि लॉकडाउन से चंद रोज पहले होली पर पंजाब से जो श्रमिक अपने गांव गए थे, उन्हें वापस पंजाब लाने की व्यवस्था ना होने के कारण इंडस्ट्री श्रमिकों की कमी से दोहरी मार झेल रही है। कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज ने एक मांग पत्र सांसद चौधरी को सौंपा है, जिसमें उनसे श्रमिकों का पलायन रोकने की मांग की है। इंडस्ट्री संचालकों का प्रतिनिधिमंडल सांसद से मिलने उनके निवास स्थान पर पहुंचा।
प्रतिनिधिमंडल में सीआईआई के जालंधर काउंसिल के चेयरमैन वरिंदर सिंह कलसी, ऑल इंडिया हैंड टूल पैनल के कन्वीनर अजय गोस्वामी,जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नरेंद्र सिंह सग्गू सहित तमाम प्रमुख इंडस्ट्री संचालक शामिल थे। उन्होंने सांसद से कहा कि केंद्र सरकार ने केवल फंसे हुए लोगों को एक से दूसरी जगह भेजने के लिए एडवाइजरी जारी की थी। पंजाब में बहुत तेजी के साथ श्रमिक अपने राज्यों को वापस जा रहे हैं क्योंकि सरकार ने तेजी से फ्री ट्रेनें संचालित की हैं।
जालंधर में दो हजार इंडस्ट्री शुरू हो चुकी हैं। इनका काम तभी लाइन पर आएगा अगर श्रमिक उपलब्ध होंगे। इंडस्ट्री ने जो श्रमिक वापस पंजाब आना चाहते हैं उन का प्रबंध करने के लिए भी कहा है ताकि वह यहां आकर इंडस्ट्री में काम शुरू करें। सांसद चौधरी ने इंडस्ट्री के समस्या सरकार के सामने रखने की बात कही है। इस प्रतिनिधिमंडल में राजीव गुप्ता, मनीष अरोड़ा, शरद अग्रवाल सहित बाकी मेंबर्स भी शामिल रहे।
सिटी के इंडस्ट्री संचालकों का मानना है कि हर साल होली पर छुट्टी काटने अपने गांव जाने वाले मजदूरों की संख्या करीब एक लाख है। लॉकडाउन के कारण जो रेलगाड़ियां दूसरे राज्यों को जा रही हैं, वह खाली वापस आएंगे। सारा रेलवे नेटवर्क आम यात्रियों के लिए बंद है। अगर दूसरे राज्यों से ट्रेन ने पंजाब की ओर भी चलाई जाएं तो बड़ी राहत मिल सकती है। दूसरे राज्यों में बैठे मजदूर वापस आने के लिए इंडस्ट्री मालिकों को फोन कर रहे हैं।
लंबे लाॅकडाउन और कर्फ्यू के कारण दाने-दाने काे माेहताज हाे गए श्रमिकाें की गांव वापसी जारी है। शनिवार काे तीन ट्रेनाें में 3600 श्रमिक कटिहार, आजमगढ़ और मुजफ्फर नगर भेजे गए। इससे पहले स्क्रीनिंग के लिए श्रमिकाें काे सारा दिन तीखी धूप में बैठना पड़ा। श्रमिक कभी खुद काे धूप से बचाते ताे कभी छाेटे बच्चाें काे। किसी भी तरह गांव पहुंचने काे बेचैन श्रमिकाें ने कहा, साहब हमें अपने घर पहुंचा दाे। यहां पर जाे हालात हैं, उसमें अगर काेराेना से बच भी गए ताे भूख से मर जाएंगे। अफसराें के फाेन आने के बावजूद कई लाेगाें काे यह कहकर वापस भेज दिया गया कि ट्रेन में जगह नहीं बची। अगली बार आना।
पठानकोट चौक के नीचे ट्रेन छूटने वाले मजदूरों काे यह भी नहीं बताया गया कि अब अपने गांव कब और कैसे जा सकेंगे? अफसराें के जवाब का इंतजार करने के लिए रुके श्रमिकाें काे पुलिस ने डंडे दिखाकर भगा दिया। पुलिस के डर से भागे श्रमिकाें ने घर पहुंचकर फोन किया कि सर, आप हमारी बात प्रशासन तक पहुंचा दाे। हमें भी हमारे गांव जल्द से जल्द भेजा जाए। यहां हम भूखे मर जाएंगे। अब मकान मालिक भी कमरा नहीं दे रहा है। शनिवार सुबह 12वीं श्रमिक ट्रेन 1200 श्रमिकों को लेकर कटिहार रवाना हुई। इसका 7.86 लाख रुपए किराया प्रशासन द्वारा रेलवे को अदा किया गया। 50 के करीब श्रमिक कटिहार नहीं जा पाए।
गांव नहीं जा पाए मजदूरों के जहन में सवाल-अब दाेबारा मैसेज आएगा या नहीं, कुछ पता नहीं
सिटी की लेदर इंडस्ट्री पर हाईकोर्ट की लगी रोक अब हट सकेगी। 11 मई से लेदर कांप्लेक्स का गंदा पानी साफ करने वाला ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड करने का काम शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन के कारण कंस्ट्रक्शन नहीं हो पा रही थी। लेदर इंडस्ट्री में डीसी वरिंदर कुमार शर्मा के सामने मामला रखा था। इसके बाद उन्होंने प्लांट चलाने वाली पेट्स सोसायटी के नाम कंस्ट्रक्शन करने के बारे में लेटर जारी कर दिया है।
अमृतसर की कंपनी 42 दिन में कंस्ट्रक्शन पूरी करेगी। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में रखी जाएगी। इसके आधार पर इंडस्ट्री दोबारा चमड़ा रंगने का काम शुरू कर पाएगी। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने लेटर जारी कर कंस्ट्रक्शन करने वालों को कर्फ्यू पास जारी करने की क्लियरेंस दे दी है। यहां पहले से जाे ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है, उसके साथ एक अलग से चेंबर बनेगा। इस चेंबर में सीवरेज का पानी और चमड़ा रंगने वाली यूनिट से आया केमिकल युक्त पानी मिक्स होगा।
सीवरेज और केमिकल का पानी मिक्स होने से टीडीएस का लेवल सुधर जाता है। इससे वातावरण पर केमिकल के पानी का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है। इस चेंबर को बनाने पर 1.53 करोड़ रुपए खर्च आएगा। सारा खर्च पंजाब सरकार ने दिया है।
अक्टूबर में हाईकोर्ट ने वातावरण संबंधी मानक पूरे होने तक लेदर इंडस्ट्री बंद करने के दिए थे आदेश
पंजाब लेदर फेडरेशन के प्रेसिडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि पंजाब सरकार से लेदर इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है। 6 जनवरी को हाईकोर्ट में केस की आखिरी सुनवाई थी। इसके बाद लेदर इंडस्ट्री ने सीईटीपी का नया मिक्सिंग टैंक तैयार करना था। इसकी लागत का सारा पैसा पंजाब सरकार ने जल्दी जारी किया। सरकार ने 10 मई को उक्त ग्रांट जारी की। इसके बाद अमृतसर की कंपनी के नाम टेंडर हुए। कंस्ट्रक्शन का काम लॉकडाउन चलते बंद हो गया था। डीसी वीके शर्मा ने इंडस्ट्री की जरूरत को देखते हुए काम शुरू करने के लिए आदेश दिए। प्रवीण कुमार ने कहा कि सीईटीपी का चेंबर 42 दिन में तैयार होना है। अगर कोविड-19 न फैलता तो अब तक चेंबर तैयार हो गया होता। अब सोमवार से काम शुरू कर इसे जुलाई तक पूरा कर लेंगे। हाई कोर्ट से क्लीयरेंस लेकर लेदर टैनिंग का संचालन दोबारा शुरू हो पाएगा।
करीब 1000 करोड़ रुपए का टर्नओवर
1934 में ब्रिटिश शासन में जालंधर में चमड़ा रंगने का काम शुरू हुआ था। कभी पारंपरिक तरीके से रंगा जाने वाला चमड़ा आज आधुनिक इंडस्ट्री बन चुका है। कपूरथला रोड पर लेदर कांप्लेक्स में 60 के करीब चमड़ा रंगाई यूनिट हैं। यहां का बना चमड़ा देश ही नहीं विदेश में भी जाता है। इस इंडस्ट्री को सीधे और असीधे तौर पर करीब 5000 रोजगार पैदा करने के लिए जाना जाता है। करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक का टर्नओवर है। अक्टूबर में वातावरण के मानक पूरे न होने पर अगले आदेशों तक हाईकोर्ट से चमड़ा रंगने का काम बंद करने के आदेश दिए थे।
अकाली दल अमृतसर ने शिवसेना नेता के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने व धर्म विशेष के खिलाफ गलत टिप्पणी करने के आरोप में नूरमहल थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जानकारी देते हुए जत्थेदार सुरजीत सिंह ने बताया अशोक संधू द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दो धर्मों के लोगों को आपस में लड़ाने की साजिश की। थाना मुखी जितेंद्र कुमार को कार्रवाई करने को कहा गया । इस मौके पर इंदरजीत सिंह, जोगा सिंह, सर्किल प्रधान सुरजीत सिंह, बलवीर सिंह और एडवोकेट बूटा सिंह मौजूद थे। जब अशोक संधू से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी धर्म विशेष के खिलाफ कोई भी टिप्पणी नहीं की।
वही आदमपुर में भी प्रधान सुखजीत सिंह डरौली कलां व सचिव जसकरण सिंह ने पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर को ई-मेल से भेजी शिकायत में शिवसेना के प्रधान अशांत शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज करने की मांग की जिसमें उन्होंने गायक रंजीत बावा व लेखक वीर सिंह के मामले में झूठी शिकायत दर्ज करवाने का हवाला दिया। वही डेमोक्रेटिक भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र गिल और गुरमुख सिंह खोसला ने गायक रंजीत बावा पर की गई एफआईआर को गैर संवैधानिक बताया और इसे रद्द करने की मांग की
महामारी के बीच अकाली दल ने पंजाब सरकार, कांग्रेसी विधायकों पर अपने चहेतों को राशन देने का आरोप लगाया है। विधायकों ने कहा कि जहां पर अकाली दल के विधायक हैं वहां पर राशन नहीं बांटा जा रहा और अगर सामान भेजा भी जा रहा है तो वहां पर भी सिर्फ कांग्रेसी परिवारों को ही मिल रहा है। शनिवार को अकाली दल देहाती प्रधान विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने आदमपुर से विधायक पवन कुमार टीनू विधायक, फिल्लौर से विधायक बलदेव खैहरा के साथ डिप्टी कमिश्नर के नाम मांग पत्र हरदीप सिंह को सौंपा।
विधायक टीनू ने कहा कि सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में नीले कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। उनके हल्के में करीब 5000 से ज्यादा परिवारों के यह कार्ड रद्द हुए हैं। विधायक गुरप्रताप वडाला ने कहा कि राशन देने में राजनीति कर रही है। इसके अलावा कमर्शियल वाहन को परमिट फीस और टैक्स में 3 महीने की राहत देने की मांग की। उन्होंने पंजाब सरकार से सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने की मांग की। यहां गुरप्रीत सिंह खालसा भी मौजूद रहे।
कोरोना वायरस के बीच जारी लॉक डाउन में पीएफ विभाग की तरफ से ईपीएफओ पोर्टल पर अपने डिजिटल हस्ताक्षर या आधार आधारित ई-साइन का उपयोग करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए नियमों में बदलाव करते हुए फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है, जिससे एम्पलाई और एंप्लायर दोनों को फायदा होगा।
पीएफ रीजनल कमिश्नर सुनील कुमार यादव ने बताया कि लॉकडाउन में प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए, ईपीएफओ ने ईमेल के माध्यम से भी रिक्वेस्ट को स्वीकार करने का निर्णय लिया है। एंप्लायर पीएफ ऑफिस की ईमेल sro.jalandhar@epfindia.gov.in के माध्यम से हस्ताक्षरित रिक्वेस्ट पत्र की स्कैन की हुई कापी भेज सकते हैं। इसके अलावा ऐसे प्रतिष्ठान जिनके अधिकृत अधिकारियों को डिजिटल हस्ताक्षरों की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन वह लॉकडाउन के कारण डीएससी प्रयोग करने में सक्षम नहीं हैं, वह पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं और पहले से रजिस्टर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के पंजीकरण के लिए दिए गए लिंक के माध्यम से अपना ई-साइन रजिस्टर्ड कर सकते हैं। अन्य अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अपने ई-साइन को पंजीकृत कर सकते हैं तथा एम्प्लॉयर्स द्वारा अप्रूव रिक्वेस्ट लैटर भेज सकते हैं और संबंधित ईपीएफओ कार्यालयों की मंजूरी ले सकते हैं। यह सुविधा महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित नियोक्ताओं और ईपीएफ सदस्यों को और राहत प्रदान करेगी।
प्रतापपुरा मंडी में दिन ब दिन ग्राहकों की संख्या में बढ़ौतरी होनी शुरू हो गई है। फड़ें अलॉट न होने के कारण शनिवार सुबह आढ़तियों के बीच जगह को लेकर काफी बहसबाजी हुई। जिला मार्केट कमेटी के सुपरवाइजर परमजीत सिंह बाजवा ने मामला सुलझाया और जगह अलॉट करने की बात कही। वहीं जिला मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि रविवार को प्रतापपुरा मंडी बंद नहीं होगी। इसको आबाद करने के लिए ही ये कदम उठाए जा रहे हैं। इस बात को लेकर मकसूदां मंडी के आढ़तियों मे रोष है कि उनकी मंडी में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं और प्रतापपुरा मंडी में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा।
मकसूदां मंडी में हो रही राजनीति
सब्जी आढ़ती एसोसिएशन के मोहिंदरजीत सिंह बत्रा ने कहा कि मकसूदां मंडी में राजनीति चरम पर है और आढ़ती इसका शिकार हो रहे हैं। प्रतापपुरा मंडी रविवार को खोली जा रही है और मकसूदां मडी बंद रहती है। शंटी ने बताया कि जिला मार्केट कमेटी के अधिकारी ये बताएं कि क्या वे फीस नहीं देते हैं या प्रतापपुरा मंडी वाले डबल फीस दे रहे हैं। मकसूदां मंडी में कर्फ्यू पास पर एंट्री है और प्रतापपुरा में नहीं। मकसूदां मंडी को चलाने के लिए समय निर्धारित किया गया है और रिटेलर भी माल नहीं बेच सकते हैं। लेकिन प्रतापपुरा मंडी में रिटेल का कारोबार जोरों पर चल रहा है।
आढ़तियों को जगह अलॉट
जगह को लेकर तीखी बहस के बाद जिला मार्केट कमेटी ने फैसला किया कि जो नए आढ़ती हैं, उन्हें आज ही जगह अलॉट कर दी जाएगी। जैसे ही मंडी से कारोबार खत्म कर आढ़ती चले गए तो चेयरमैन एचएस समरा और सुपरवाइजर परमजीत सिंह बाजवा द्वारा मार्किंग का काम शुरू करवा दिया गया। रविवार को अलॉट की गई जगहों पर ही आढ़ती सामान बेच सकेंगे।
चेयरमैन समरा ने कहा कि किसी को भी परेशानी नहीं आने दी जाएगी। बाहर से परचून माल लाने वाले को मंडी में एंट्री नहीं दी जाएगी। अगर किसी ने परचून माल बेचना है तो वे प्रतापपुरा मंडी से ही खरीदकर बेचे।
पावरकॉम ने लॉकडाउन के बीच किसी भी उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग नहीं ली। उपभोक्ताओं को एन कोड लगे बिजली के बिल जारी कर दिए गए। कई उपभोक्ताओं के बिल इतने अधिक आए कि उनके होश उड़ गए। इनमें सबसे ज्यादा परेशानी उन उपभोक्ताओं को हो रही है, जिनके बिल 1 लाख या 55 हजार के करीब आए। ये वे बिल हैं जिसको उपभोक्ताओं ने चैलेंज कर ठीक करवा लिया था, लेकिन दोबारा से एवरेज बिल 1 लाख या 55 हजार भेज दिया गया। इन उपभोक्ताओं ने कहा कि बिल और मीटर चैलेंज करने के 6 महीने बाद बिल ठीक हुए तो लॉकडाउन हो गया। इसके बाद रीडर मीटर की रीडिंग ही नहीं लेने गए और एन कोड लगा पुराने बिल के हिसाब से बिल भेज दिया गया।
डिस्प्यूट कमेटी में लगाया था अधिक बिल आने का केस
सौरव ने बताया कि 1 महीने से अपने गांव हिमाचल रह रहे हैं। 55 हजार बिल आया तो होश उड़ गए। पावरकॉम ने वही पुराना बिल भेज दिया, जिसे 6 महीने दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी ठीक न होने पर डिस्प्यूट कमेट में लगाया था। मीटर की रिपोर्ट सही आने के बाद बिल ठीक कर दिया गया था, लेकिन अब दोबारा एवरेज बिल भेज दिया गया।
1 लाख रुपए बिल भेजा ठीक करवाने में लगे 8 महीने
संजय गांधी नगर निवासी मोहित शर्मा ने कहा कि 1 लाख रुपए बिल भेजा गया। जिसे ठीक करवाने के लिए कम से कम 8 महीने लग गए। लुधियाना तक वे कमेटी में बिल ठीक करवाने गए। अब दोबारा लॉकडाउन के कारण वही बिल भेज दिया गया है, जबकि इतना बिल आ ही नहीं सकता है।
बिल ठीक करवाने गया तो कहा- बाद में आना
गुज्जापीर निवासी शाम लाल ने बताया कि हर महीने बिजली का बिल 3 हजार के करीब आता था। मीटर जंप कर गया तो बिल 40 हजार आ गया। बिजली का बिल चैलेंज करवा कर ठीक करवा लिया। मगर लॉकडाउन हुआ तो एन कोड से बिल भेज दिया। जितना बिल 8 महीने पहले मीटर जंप के दौरान भेजा गया था, उतना ही बिल इस हफ्ते मैसेज कर भेज दिया गया है। वह पठानकोट चौक बिजली घर गए तो कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। किसी कर्मचारी से पूछा तो उसने कहा कि बाद में आना अभी कुछ नहीं हो सकता है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए नेहरू युवा केंद्र और युवक सेवाएं विभाग के मार्गदर्शन में यूथ सर्विस क्लब मास्टर तारा सिंह नगर द्वारा घर पर मास्क बनाकर लोगों को बांटे गए। क्लब के वालंटियर सिमरन और टीम के साथ एक हफ्ते में करीब 500 मास्क घर में किए थे, जिन्हें जरूरतमंदों में बांटा गया।
क्लब अध्यक्ष विशाल और वंदना ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंस और कर्फ्यू की पालन एकमात्र उपाय है। सरकार के बताए नियमों का पालन किए बिना घर से बाहर न निकले। हाथों को अच्छी तरह से धोए, भीड़ में न जाए, लोगों से हाथ न मिलाए तभी कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है।
कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन चल रहा है, ताकि इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके। इस लॉकडाउन के चलते मंदिरों में चढ़ावे में भी डाउनफॉल आ गया है। जालंधर शहर में करीब हजारों की तादाद में धार्मिक स्थान हैं। लॉकडाउन के चलते मंदिरों में केवल पुजारी ही देवी देवताओं की पूजा कर रहे हैं, भक्तों की एंट्री बंद है। करीब 50 दिन बीत गए हैं, मंदिरों की भी आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गई है।
महीने में श्री देवी तालाब मंदिर में 18 लाख रुपए दान देते हैं भक्त
श्री देवी तालाब मंदिर के महासचिव राजेश विज ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। मां के आशीर्वाद से मंदिरों में रौणक लगी रहती थी, लेकिन आज के समय में लोग एक दूसरे से ही डरने लगे हैं। करीब 50 दिन बीत चुके हैं। मंदिर में एक माह 17 से 18 लाख चढ़ावा हुआ करता था,जो शून्य ही रहा। मंदिर में मार्च और अप्रैल महीने में मंदिर में बहुत से धार्मिक कार्यक्रम होते थे, सभी को स्थगित कर दिया गया। मंदिर में 28 पुजारी, सुरक्षा कर्मचारी, साफ-सफाई कर्मचारी व अन्य लोग हैं।
8 बजे दूध का भोग लगाकर रात 9 बजे बंद कर दिए जाते हैं मंदिर के कपाट
श्री देवी तालाब मंदिर के पं. अनूप शास्त्री ने बताया कि इस समय आर्थिक तंगी तो है ही, उसके बावजूद मंदिर में विराजमान देवी-देवताओं के लिए भोग में कमी नहीं होने दी गई है, सुबह 4.30 बजे मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, फिर 5 देवी-देवताओं को स्नान, शृंगार और तिलक लगाकर मिश्री और ड्राई फ्रूट का भोग लगता है। शाम को 6.30 हनुमान चालीसा, संकट मोचन हनुमान अष्टक, दुर्गा स्तुति का पाठ कर श्रद्धापूर्वक आरती की जाती है। और रात को 8 बजे दूध का भोग लगाकर रात 9 बजे कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
दिक्कतें तो आईं, लेकिन कमेटी ने मिलकर हल की
श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर कमेटी किशनपुरा के राकेश भास्कर ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं का आना मना है, मंदिर में करीब 4 पुजारी है जोकि सुबह से लेकर शाम तक विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा कर रहे हैं, लेकिन प्रति माह श्रद्धालुओं द्वारा करीब 25 से 30 हजार होने वाला चढ़ावा कर्फ्यू की वजह से जीरो हो गया। दिक्कतें तो काफी आई, लेकिन मंदिर कमेटी के सदस्यों ने मंदिर की दिक्कतों को मिलकर हल किया।
कर्फ्यू लगने के बाद नियमों के उल्लंघन के तहत शहर में 14895 से अधिक चालान काटे गए हैं लेकिन कर्फ्यू के दौरान हुए चालान की फीस रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कैसे जमा करेगा, इसकी अभी तक विभाग ने कोई रूप-रेखा नहीं तैयार की है। फिलहाल आरटीए इन्हें ऑनलाइन जमा कराने की तैयारी में है ताकि कार्यालय में भीड़ भी न लगे और पेनल्टी भी जमा हो जाए। इन चालान में वे लोग शामिल हैं, जो बेवजह घरों से बाहर निकले और उनके चालान कटे हैं।
बताया जा रहा है कि विभाग की अगली तैयारी उन दुकानदारों पर कार्रवाई करने की है, जो दुकानें खोलकर बैठे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे। इन्हें जुर्माना भी लगाया जाएगा।इस बारे आरटीए बरजिंदर सिंह का कहना है कि अभी चालान जमा करने को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है। विभाग की तरफ से आदेश मिलते ही चालान जमा करने का काम शुरू किया जाएगा।
लोगों के इस तरह कटे चालान
कोविड-19 के कर्फ्यू मानदंडों का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14895 चालान जारी किए हैं। पुलिस द्वारा 1280 वाहनों का चालान काटा गया है। इसमें बिना मास्क वाले लोगों के खिलाफ 206 सहित 657 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसमें कर्फ्यू मानदंडों को पूरा न करने पर 827 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 10 लोग बिना मास्क वाले हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आने वाले दिनों में पुलिस और सख्ती की तैयारी में है।
किस चालान का कितना वसूला जाएगा जुर्माना, यह भी अभी क्लियर नहीं
अभी आरटीए में सबसे बड़ी समस्या यह है कि चालान जमा कैसे किए जाएं? कर्फ्यू के दौरान कटे चालान किस आधार पर जमा होंगे और उनका रेट क्या होगा, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को भी नहीं है। इसको लेकर आरटीए कर्मचारी भी परेशान हैं क्योंकि उन्हें दफ्तर आने का फरमान जारी हो चुका है और दफ्तर आते ही चालान जमा करने और लाइसेंस बनाने का काम शुरू करने की तैयारी हो रही है। उधर, राजनगर के रहने वाले गौरव वर्मा का कहना है कि उनकी स्कूटी का चालान अप्रैल के पहले सप्ताह में हो गया था, तब से उनकी स्कूली थाने में जमा है। चालान जल्दी क्लियर हो तो वह अपना वाहन ले सके। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सरकार के रेवेन्यू लॉस के लिए कहीं उन्हें मोटे जुर्माने न लगा दिए जाएं।
(प्रभमीत सिंह)12 नए मरीजों की पुष्टि होने से जिले में कोरोनावायरस मरीजों की गिनती 167 तक पहुंच गई है। इनमें 8 मरीज श्री हजूर साहिब से लौटे हैं, जिनकी पहचान मोहन नगर के रहने वाले 56 साल के व्यक्ति, फिल्लौर के गांव के रहने वाले 70 साल के व्यक्ति और 64 साल की महिला, नकोदर के रहने वाले 39 और 45 साल के दो व्यक्तियों और 37 की महिला के रूप में हुई है।
वहीं एक-एक मरीज करतारपुर के गांव घोना चक्क के रहने वाली 48 साल की महिला और गांव अठोला की रहने वाली 24 साल की महिला भी संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा 4 अन्य मरीजों में दो मरीजों की पहचान बस्ती दानिशमंदां के मोहल्ला श्री गुरु रविदास नगर की 68 साल की महिला और न्यू रसीला नगर के रहने वाले 49 साल के व्यक्ति और बाकी दो न्यू गोबिंद नगर की 60 साल की महिला और बसंत नगर के रहने वाले 30 साल के पुरुष के रूप में हुई है।
सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं के अलावा जिन 4 मरीजों की पुष्टि हुई है। वह पहले से संक्रमित पाए गए लोगों के संपर्क में थे। बता दें शनिवार को 480 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
थोड़ी राहत, पहली बार 480 निगेटिव, किसी की हालत गंभीर नहीं
सेहत विभाग की तरफ से जारी जिन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है। उनमें से ज्यादातर मरीज उन मरीजों के संपर्क के सामने आ रहे हैं, जिनकी पिछले दिनों मौत हो चुकी है। मृतक मरीज काजी मोहल्ला और बस्ती गुजां के रहने वाले थे। वहीं सेहत विभाग की टीम का कहना है कि इन दोनों मरीजों के संपर्क में आने वाले 60 फीसदी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है लेकिन जो मरीज सामने आ रहे हैं, वे मृतकों के क्लोज कांटेक्ट में हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। इसी के चलते सेहत विभाग की टीम ने काजी मोहल्ले के साथ सटे रस्ता मोहल्ला और ढन्न मोहल्ला के एरिया से कई संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं।
सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को शहर के जिन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। वे बस्तियात क्षेत्र के रहने वाले हैं। वहीं संक्रमित मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम के सदस्यों का कहना है कि पिछले दिनों में काजी मोहल्ला को छोड़कर बाकी सेंट्रल एरिया जैसे पुरानी सब्जी मंडी, लावां मोहल्ला, नीला महल, राजा गार्डन, पक्का बाद से संक्रमित मरीज निकलने कम हो गए हैं। बता दें कि इन एरिया से करीब 30 से अधिक संक्रमित आ चुके हैं।
बड़ी चिंता : ट्रांसपोर्ट नगर एरिया से मिला संक्रमित मरीज, गुज्जा पीर एरिया में भी की जाएगी स्क्रीनिंग
संक्रमित मरीजों के आगे संपर्क में आने वाले लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही टीम के डॉक्टरों का कहना है कि शनिवार को न्यू गोबिंद नगर के रहने वाली 50 साल महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टरों का कहना है कि शहर के घनी आबादी के एरिया के बाद पहले बार शहर के बाहरी एरिया यानी ट्रांसपोर्ट नगर के क्षेत्र से सटे न्यू गोबिंद नगर से मरीज सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है क्योंकि पहले से किसी भी संक्रमित मरीज के संपर्क में नहीं थी और वह सिविल अस्पताल आने से पहले शहर के दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए गई थी लेकिन दोनों अस्पतालों में महिला का इलाज नहीं हुआ। अब रविवार को गुज्जा पीर और ट्रांसपोर्ट नगर के एरिया में स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी।
कुल संक्रमित 167 हुए
सिविल के सीनियर एनेस्थेटिक डॉ. परमजीत सिंह का कहना है कि अस्पताल में 167 मरीजों में से कोई भी मरीज शनिवार तक वेंटिलेटर पर नहीं है। दाखिल 95 फीसदी मरीजों मेंे कोई लक्षण नहीं है। वहीं शनिवार को कुल 408 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिले में अब तक 4967 संदिग्ध मरीजों में से 3906 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
तैयारी : रविवार को बाहरी राज्यों से लौटेंगे 325 यात्री, इनमें से 17 शहरवासी, सभी के होंगे टेस्ट
पंजाब सरकार के आदेश पर रविवार को दूसरे राज्यों से 325 लोगों को रोडवेज बसों में लाया जा रहा है। इनमें 17 जालंधर के निवासी हैं। इन सभी को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटरों में ही क्वारेंटाइन किया जाएगा।
कोरोनावायरस का डर हर किसी को है। कोई नहीं चाहता कि वायरस उन्हें या उनके जरिये परिवार के किसी शख्स को चपेट में ले ले। इसी कारण कुछ ऐसी सुपर मॉम हैं, जो हमें सुरक्षित रखने के लिए खुद कोरोना से जंग लड़ रही हैं। डॉक्टर, पुलिस, सफाई सेवक ऐसी कैटेगरी है, जो हमारे लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। मेडिकल टीम में करीब 140 महिला मुलाजिम, पुलिस में करीब 100 महिला मुलाजिम हैं, जिनमें से कई तो हमारे लिए अपने घर नहीं गईं और ड्यूटी पर तैनात हैं। रूरल पुलिस में 63 और कमिश्नरेट पुलिस में 50 महिला मुलाजिम ऐसी हैं, जिनके बच्चों की उम्र पांच साल से कम है और वे खुद कोरोना वॉरियर्स के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं। आज मदर्स डे पर हम ऐसी सुपर मॉम को सैल्यूट करते हैं क्योंकि ये हमारे कारण ही अपने छोेटे-छोटे बच्चों से दूर रहकर हमें वायरस से बचाने का प्रयास कर रही हैं।
बेटी जिद कर रही थी मैंने कहा, मुझे कोरोना है बेटी बोली-मुझे भी कोरोना है, आपके साथ सोना है
2013 बैच की आईपीएस अधिकारी डी. सुडरविजी को शहर का हर शख्स जानता है। ट्रेनिंग के दौरान बतौर एसएचओ-5 रहकर सब को चौंका दिया था। ऐसे-ऐसे क्रिमनल पकड़े, जिनके तार सीधे राजनीति से जुड़े थे। वह सिटी में लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हो गई। उन्हें सरकार ने एडीसीपी सिटी-1 की जिम्मेदारी सौंपी है। कोरोना को लेकर चल रहे कर्फ्यू में रुटीन में वे 14-14 घंटे ड्यूटी दे रही हैं। सुबह मंडी पहुंच जाती हैं ताकि लॉ एंड ऑर्डर न बिगडे। कहती हैं- कोरोना के दौरान 6 साल की बेटी का किस्सा वह जिंदगी भर नहीं भूल सकतीं। मंडी से ड्यूटी कर घर लौटी तो कई लोगों के संपर्क में आने के चलते बेटी से दूर बनाए हुए थी।
बेटी गोद में आना चाहती थी। मैंने कह दिया मुझे कोरोना है। सुनकर बेटी चुप रही। मैं नहाकर बाहर आई तो बेटी ने पूछा कोरोना का कैसे पता चलता है। मैंने बताया फीवर से। थोड़ी देर बाद वह दौड़ लगाकर आई और बोली, मुझे फीवर है और कोरोना हो गया है। क्या अब मैं आपके साथ लेट जाऊं? अब वह समझने लगी है कि माॅम नहाने के बाद ही मिलेंगी। ड्यूटी से लौटते ही वह मुस्कुरा देती है। मैं उसे पूरा वक्त नहीं दे पाती लेकिन जो जिम्मेदारी शहर की है, उससे पीठ नहीं दिखाई जा सकती। मेरे जूनियर्स भी मेरी फैमिली हैं और उनका साथ देना मेरा पहला कर्तव्य। मेरी पब्लिक से अपील है कि हम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ही फील्ड में उतर रही हैं। इसलिए लोग अपनी जिम्मेदारी समझें और घरों में ही रहें।
बेटा कहता है- मां आप जानबूझकर नहीं आतीं, क्या करूं- सबको बचाना है
मुकेरियां की रहने वाली जालंधर में बतौर एएमएन तैनात मनप्रीत कौर के पास रस्ता मोहल्ला और बस्ती दानिशमंदां का एरिया है। यहां कोरोना पाॅजिटिव मरीज भी मिल चुके हैं। ऐसे एरिया में जाना और डेटा क्लेक्ट करने में डर भी रहता है। मनप्रीत कहती हैं। वे सीधे तौर पर कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के संपर्क में भी आते हैं। इसलिए अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनसे दूर रह रही हैं। बेटा अभी छोटा है लेकिन उसे संक्रमण जैसा कोई खतरा न हो, इसलिए दो महीने से उसके पास नहीं गई। कई बार वो कहता है, ‘मां आप जानबूझ कर ऐसा कर रही हैं।’ यह सुनकर मन तो बहुत करता है लेकिन समाज के साथ-साथ उसे भी संक्रमण से बचाना मेरी जिम्मेदारी है।
कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण 200 भारतीय अभी भी पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। इनमें 18 कश्मीरी बताए जा रहे हैं, जबकि 12 सिख हैं। इनके अलावा देश के दूसरे हिस्सों के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग पड़ोसी मुल्क में घर लौटने की राह देख रहे हैं।
हालांकि इनको लाने के लिए दोनों ही सरकारों की तरफ से कोशिश जारी है। मगर महामारी की भयावहता को देखते हुए अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। गौर हो कि इसमें शामिल कश्मीरी स्टूडेंट पढ़ाई करने को गए थे तो दूसरे मुस्लिम, सिख और हिंदू अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे और इसी दौरान लॉकडाउन हो गया। हालांकि पिछले दिनों कुछ कश्मीरी युवकों समेत दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को लाया गया था। कश्मीरी युवकों को अमृतसर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था और इसके बाद जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया।
कश्मीरी युवकों ने मांग की है कि उन लोगों को वतन लाया जाए, लेकिन उनको अमृतसर में क्वारंटाइन करने की बजाय उनके अपने गृह जिले में रखा जाए। ऐसे ही पाक में फंसे एक स्टूडेंट की मां अंजुम अफशान ने बताया कि पिछली बार 16 स्टूडेंट आए थे और उनको अमृतसर में ही क्वारंटाइन किया गया था। उनकी मांग है कि उनके बच्चों को जल्द वतन लाया जाए और उनको उनके घरों के आसपास क्वारंटाइन किया जाए।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे सिख पेशावर, लाहौर और ननकाना साहिब में फंसे हैं। इसी तरह से दूसरे हिंदू और मुस्लिम भी कई जगहों पर घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिखों की लिस्ट भारतीय दूतावास को सौंप दी गई है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर अमल होगा।
थाना कंबो की पुलिस ने जमीन पर लगाई गई गेहूंको चोरी कर ले जाने के आरोप में जरनैल सिंह, मलकीत सिंह, मनजीत कौर और बिक्रमजीत सिंह निवासी रूपोवाली के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस को दी शिकायत में कृष्ण कुमार निवासी मजीठा रोड ने बताया कि पंडौरी वड़ैच गांव में 9 कनाल 2 मरले जमीन पर गेहूंबीजी हुई थी। लॉकडाउन के कारण वह वहां पर चक्कर नहीं लगा सका।
वह किसी तरह 5 मई को करीब 11 बजे वहां गया तो देखा कि उसकी जमीन पर गेहूंही नहीं थी। उसने बताया कि उक्त आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के साथ कंबाइन से उसकी सारी गेहूंचोरी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज करके अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।
कोरोनावायरस के दौरान पावरकॉम मैनेजमेंट और सरकार ने अपना रेवन्यू बढ़ाने के लिए यहां शुक्रवार को अपने कैश काउंटर और ऑफिस खोले थे। वहीं शनिवार की सरकारी छुट्टी के चलते बाकी ऑफिस को छोड़कर बिल सेवक मशीनें खोली और कई लोगों ने पैदल पहुंचकर अपने बिजली के बिल जमा करवाए। हालांकि यह बिल सेवक मशीनों का समय बदलकर मात्र 4 घंटे के लिए खोली गई। परंतु फिर भी लोग अपने-अपने बिजली के बिल जमा करवाने के लिए आए।
पावरकॉम की तरफ से शहर में खोली करीब 10 बिल सेवक मशीनों में काम करने वाले कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाने समय पर ही पहुंच गए। परंतु अधिकारियों ने कोरोना वायरस और शनिवार होने के कारण चार घंटे के लिए बिल सेवक मशीनें खोलने के आदेश दिए। वहीं बिल जमा करवाने आए लोगों ने भी सोशल डिस्टेंस को खूद ही बनाए रखे। गौरतलब है कि लॉकडाउन से पहले इन बिल सेवक मशीनों के खुलने का समय करीब 10 घंटे था। सुबह 8 से शाम तक यह मशीनें में बैठे कर्मचारी लोगों के बिजली बिल जमा करते थे।
उपभोक्ता यहां जमा करवाएं अपने बिल
कोरोनावायरस के चलते पावरकॉम द्वारा हाल गेट, खंडवाला, माल मंडी, वेरका, बटाला रोड, टुंडा तालाब, बेरी गेट, सुल्तानविंड रोड समेत अन्य इलाकों में बिल सेवक मशीनें खोली है। जिसमें पैदल जाकर लोग अपना बिजली का बिल जमा करवा सकते है। वहीं सोमवार को कैश काउंटर भी खुलें रहेंगे।
काेराेना महामारी के चलते लाेगाें काे क्वारंटाइन करने के लिए प्रशासन की ओर से अलग-अलग जगहों पर सेंटर बनाए गए हैं। चीफ खालसा दीवान की ओर से सीकेडी इंटरनेशनल नर्सिंग काॅलेज में सेंटर बनाने की पेशकश की गई थी। प्रशासन ने सीकेडी नर्सिंग काॅलेज में केंद्र बनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू के निर्देश पर निगम की ओर से कॉलेज में सेनिटाइजेशन का कार्य पूरा किया गया। एकांतवास किए लाेगाें काे रखने वाली जगह का डीसी शिवदुलार सिंह ढिल्लाें और मेयर रिंटू ने दाैरा किया और प्रबंधों का जायजा लिया।
दीवान के प्रधान निर्मल सिंह ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटराें में रखे जाने वाले लाेगाें काे दिए जाने वाली सुविधाओं के बारे में प्रशासन काे बता दिया गया है। हर जरूरत का ख्याल दीवान के प्रबंधकों की ओर से रखा जाएगा, जबकि लाेगाें के खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। खाना तैयार करने के लिए हलवाई का प्रबंध कर दिया गया है। 24 घंटे बिजली सप्लाई, मेडिकल सुविधा और दवा उपलब्ध करवाई जाएंगी। काॅलेज की प्रिंसिपल दर्शन काैर साेही ने बताया कि कॉलेज में क्वारंटाइन लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
न्यू अमृतसर स्थित फ्लाईओवर पर शनिवार को डाक विभाग की गाड़ी और वैन में टक्कर हो गई, जिसमें दोनों गाड़ियों के चालक घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही डायल 108 की गाड़ी ने पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जानकारी के मुताबिक डाक तार विभाग की गाड़ी फिरोजपुर से शाम को डाक लेकर अमृतसर आ रही थी। वहीं दूसरी ओर एक प्राइवेट वैन अमृतसर से बटाला की ओर जा रही थी।
प्राइवेट वैन रांग साइड पर थी और दोनों गाड़ियों में टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गाड़ियां पलट गईं और प्राइवेट वैन फ्लाईओवर की दीवार से टकरा गई और क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि उसका ड्राइवर गंभीर रूप से घायल है। घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन सुपरिंटेंडेंट (जीपीओ) हरिमोहन सिंह ने मौके पर पड़ताल की और बताया कि उनके चालक को हल्की चोटें लगी हैं। फिर भी मेडिकल चेकअप करवाया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद प्राइवेट वैन मालिक को बुला लिया गया और उसने माना कि यह उसके ड्राइवर की गलती है।
कैप्टन सरकार ने काेराेना संक्रमण के दाैरान फील्ड में फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे अध्यापकों और एजुकेशन विभाग के तहत आते नाॅन टीचिंग स्टाफ काे ‘काेरोना वॉरियर्स’ का दर्जा देकर 50 लाख रुपए के एक्सग्रेशिया (सेहत बीमा) देने का ऐलान किया है। सरकार के वित्त मंत्रालय ने पत्र भी जारी कर दिया है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की मांग पर सरकार ने यह फैसला किया है।
डीटीएफ के प्रदेशाध्यक्ष दविंदर सिंह पूनिया, महासचिव जसविंदर सिंह और जिलाध्यक्ष अश्विनी अवस्थी ने बताया कि अध्यापक और नाॅन टीचिंग स्टाफ कर्फ्यू के बीच पहले दिन से फील्ड में अपनी जान की परवाह न करते हुए काेराेना ड्यूटी निभा रहा है। सरकार ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के काेराेना वाॅरियर्स के लिए ताे 50 लाख रुपए के एक्सग्रेशिया का ऐलान किया था, पर इसमें एजुकेशन विभाग काे शामिल नहीं किया गया था।
8 मई को पंजाब के 18 जिला मुख्यालयों पर डीटीएफ ने डीसी की मार्फत पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीईओ के माध्यम से शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला काे शिक्षकाें और मुलाजिमों की मुश्किलों के बारे में मांग पत्र भेजे थे। मांग पत्रों के एक दिन बाद पंजाब सरकार ने फील्ड में फ्रंट लाइन पर ड्यूटी दे रहे सभी अध्यापकों और एजुकेशन विभाग के तहत आते नाॅन टीचिंग स्टाफ काे ‘काेरोना वॉरियर्स’ का दर्जा देकर 50 लाख रुपए के एक्सग्रेशिया (सेहत बीमा) देने का ऐलान कर दिया है। डीटीएफ ने कहा कि सरकार के उक्त फैसले से अध्यापकों और नाॅन टीचिंग स्टाफ का हाैसला बढ़ा है।
पंजाबभर में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग जिला परिषद के अधीन आती 1186 सेहत डिस्पेंसरियों में 14 साल से ठेके पर काम कर रहे ग्रामीण सेहत फार्मेसी अफसरों ने अपनी सेवाएं रेगुलर करने संबंधी सरकार की टालमटोल की नीति से तंग आकर 11 मई को राज्यभर में एक दिन इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है।
एसोसिएशन के जिला प्रधान गुरदीप सिंह कलेर, वाइस चेयरमैन कमलजीत चौहान, उप-प्रधान नवजोत कौर ने कहा कि पंजाब में कोरोना महामारी में 1 महीने से समूह फार्मासिस्ट दिन-रात अमृतसर, एयरपोर्ट, दुर्ग्याणा मंदिर, दरबार साहिब, राजस्थान, पंजाब बाॅर्डर चैक पोस्ट, मोहाली एयरपोर्ट, जिला अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों, रेपिड रिस्पांस टीम, डोर टू डोर होम विजिट आदि इमरजेंसी पब्लिक प्लेस पर ड्यूटियां निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सर्विस कांट्रैक्ट आधारित है और सिर्फ 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। इसके अलावा कोई भी मेडिकल सुरक्षा बीमा, डेथ ग्रेच्युटी लाभ नहीं मिलता है।
14 साल से कांट्रैक्ट आधारित असुरक्षित नौकरी कर रहे हैं। ऐसे हालातों में कोरोना जैसी भयानक बीमारी से फ्रंट लाइन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी सेवाएं रेगुलर करने संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है। समूह फार्मासिस्ट के ड्यूटी के बाद परिवार बच्चों के संपर्क में आने से 24 घंटे इंफेक्शन होने का खतरा बना हुआ है। फार्मासिस्ट जिनकी कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है, जो सिर्फ 10 हजार रुपए महीने वेतन पर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी दाव पर लगाकर ड्यूटियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 1186 मुलाजिमों को पक्का करने में ही सरकार आनाकानी कर रही है, जबकि रेगुलर होने के लिए अपनी योग्यता भी पूरी करते हैं। उन्होंने चेतावनी देकर कहा कि मंगलवार को उच्च स्तरीय विभागीय मीटिंग में रेगुलर करने संबंधी फैसला न लिया गया तो मुकम्मल तौर पर हड़ताल की जाएगी।
रेगुलर करने व सेहत सुरक्षा निश्चित करने की मांग उठाई
कोरोना महामारी में पहली कतार पर खड़े होकर काम कर रहे मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने प्रदर्शन कर सरकार से ठेके पर काम कर रहे मेल व फिमेल कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग रखी है। मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर यूनियन के प्रधान हरजिंदर कौर, वाइस प्रधान गुरप्रीत कौर फाजिल्का ने कहा कि डीएचएस सेहत विभाग के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि पंजाब सरकार इश्तिहार जारी कर पारदर्शी तरीके से भर्ती की गई 35 मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर व सात मेल वर्करों की नियुक्ति व वेतन देने के नाम पर आर्थिक तौर पर शोषण किया जा रहा है।
साल 2011 में भर्ती किए वर्करों को अभी तक रेगुलर नहीं किया गया है। वहीं कोरोना वायरस फैलने के बाद पैदा हुई स्थिति में जहां सभी मिलकर जंग लड़ रहे हैं वही प्रशासन व सरकार उन्हें मानसिक तौर पर परेशान करने में लगा है। उन पर काम का बोझ डाला जा रहा है जबकि कुछ विभागों के चेहते कर्मचारियों आपातकाल स्थिति में भी बहाने बनाकर छुट्टी हासिल कर रहे हैं व अपनी ड्यूटी बदलवा रहे हैं। उन्होंने सरकार की तरफ से किसी तरह की सुविधा व भत्ता नहीं दिया जा रहा है।
हालत यह है कि सिविल अस्पताल में अगर वह इलाज के लिए अपनी पर्ची बनवाते है तो भी उनसे फीस की वसूली की जाती है। कोरोना में ड्यूटी करते वह संक्रमित व संदिग्ध लोगों के संपर्क में आते हैं लेकिन उनकी सेहत व परिवार सुरक्षा को लेकर सरकार की तरफ से किसी तरह का पुख्ता कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सेहत विभाग व सरकार ने उनकी जायज मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम जारी है। इसके लिए रविवार को दो ट्रेनें रेलवे स्टेशन से रवाना होंगी। रेलवे ने 20 मई तक ट्रेनें चलाए जाने का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। दूसरी ओर प्रशासन की ने इन लोगों का मेडिकल करवाने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जीटी रोड पर बनाए गए कैंप में इनका मेडिकल होगा और वहीं से इन्हें स्टेशन भेज दिया जाएगा। रविवार को दोपहर 12 बजे बरौनी के लिए और दूसरी ट्रेन शाम छह बजे उन्नाव को जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने इसके लिए सारा बंदोबस्त कर लिया है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी सूची के बाद रेलवे ने शेड्यूल जारी किया है। 11 मई को बहराईच (गौंडा रेलवे स्टेशन), 12 मई को आजमगढ़, 13 मई को अंबेडकर नगर (अकबरपुर रेलवे स्टेशन), 14 मई को गौरखपुर, 15 मई को अमेठी, 16 मई को सिद्धार्थ नगर, 17 मई को महाराजगंज, 18 मई को रायबरेली, 19 मई को जौनपुर और 20 मई को सुल्तानपुर के लिए ट्रेन रवाना होगी।
प्रशासन ने 24 घंटे पहले फोन, 12 घंटे पहले भेजा मैसेज, हर सेंटर पर 350 लोगों का मेडिकल
जिला प्रशासन की ओर से प्रवासियों को घर भेजने के लिए दो शिफ्ट में जाने वाली ट्रेनों को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सुबह और शाम के लिए अलग-अलग मेडिकल सेंटर जांच के लिए तैयार किए हैं। बिहार के प्रवासियों को गत शुक्रवार को ही कॉल करके सूचित कर दिया गया था और ट्रेन छूटने के 12 घंटे पहले एसएमएस कर किया था।
नोडल अधिकारी रजत ओबरॉय ने बताया कि बिहार के बरौनी जाने वाली ट्रेन के लिए जिन लोगों को मोबाइल पर मैसेज भेजा है उनका मेडिकल सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएगा। वहीं, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जाने वाली ट्रेन की सूचना मिलने के बाद प्रवासियों को दोपहर से ही फोन पर जानकारी दे दी गई और 12 घंटे पहले मोबाइल पर एसएमएस भेज दिया गया है। इसमें यात्रियों को मेडिकल सेंटर और ट्रेन की डिटेल दी गई है।
मेडिकल सेंटरों से ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र और टिकट दिए जाएंगे। लोगों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, सेंटर से ही बस रेलवे स्टेशन तक पहुंचाएगी। इस बार जो सेंटर तैयार किए गए हैं, वहां 300 से 350 लोगों का मेडिकल टेस्ट कराने की व्यवस्था की गई है। मेडिकल सेंटर उसी जगह पर बनाए गए हैं, जहां स्पेस अधिक है और सोशल डिस्टेंस का पालन हो सके। सभी सेंटरों पर मेडिकल और पुलिस की टीम तैनात रहेगी।
प्रवासियों को भेजने की तैयारी पूरी: ओबराय
नोडल अधिकारी रजत ओबराय ने बताया कि दो ट्रेनें भेजी जा रही है। प्रवासियों को उनका मैडिकल कराने के लिए कॉल एक दिन पहले ही करा दिया गया था। 12 घंटे पहले मोबाइल पर मैसेज के जरिए मेडिकल टेस्ट कराने व ट्रेन संबंधित अन्य जरूरी डिटेल भेज दी गई है। इस बार जो भी मैडिकल सेंटर बनाए गए हैं, वह एक दूसरे के नजदीक ही हैं। लोगों को पहुंचने में परेशानी नहीं हो इसका भी ध्यान रखा गया है।
तालमेल कमेटी पैरा मेडिकल और सेहत कर्मचारी यूनियन ने नरिंदर सिंह की अध्यक्षता में जीएनडीएच में बैठक की। इस दौरान में तालमेल कमेटी के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह विरदी खास तौर पर पहुंचे, जिन्होंने मुलाजिमों की समस्याएं सुनीं।
इस दौरान पैरा मेडिकल के मुलाजिमों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। चेयरमैन इंद्रजीत सिंह ने जीएनडीएच के मुलाजिमों के संघर्ष का समर्थन किया और उन्होंने घटिया किस्म की खरीदी पीपीई किट की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इस मौके पर पंजाब नर्सिंग यूनियन के प्रधान नरिंदर बुट्टर ने भी चेयरमैन विरदी को समस्याएं बताईं। उन्होंने कहा कि 1 वार्ड में 35 से अधिक कोरोना पॉजीटिव मरीज रखे हैं, जो डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर गाइडलाइन का उल्लंघन है।
वार्ड में सुबह 4 और दोपहर 2 और रात को 2 स्टाफ नर्सों से ड्यूटी करवाई जा रही है, जो सरासर धक्केशाही है। उन्होंने बताया कि इसी तरह दर्जा चार कर्मचारी वार्डों में कम हैं और उन्हीं की बदली भी हर हफ्ते की जा रही है, जिससे अस्पतालों में साफ-सफाई का सारा काम प्रभावित हो रहा है। इस दौरान वीना कुमारी, लखविंदर कौर, गुरिंदर कौर, दिलराज कौर, पल्लवी, सविंदर सिंह, प्रेमचंद, नरिंदर सिंह, जतिन आदि पैरा मेडिकल स्टाफ के मुलाजिम मौजूद थे।
लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुर्ज महिमा के निवासी दर्शन सिंह ने कुछ लोगों पर लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करके स्कूल को जाती सड़क में गहरा गड्ढा करने पर रोष जताया है। दर्शन सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने सड़क की खुदाई करके बिना मंजूरी वाटर वर्क्स का कनेक्शन जोड़ा है, हालांकि उनके घर में पहले ही वाटर वर्क्स का कनेक्शन है जोकि आंगनबाड़ी की तरफ से आ रहा है। अपने घर के आगे की सड़क को तोड़कर नाजायज तौर पर वाटर वर्क्स का कनेक्शन कर लिया।
इसके बारे में सरपंच को भी अवगत कराया गया लेकिन कार्यवाही कुछ भी नहीं हुई। दर्शन कुमार का कहना है कि इस सड़क में खुला छोड़े गए गहरे गड्ढे की वजह से इस सड़क से स्कूल जाना बच्चों के लिए जोखिम साबित होगा। उन्होंने सड़क का गड्ढा भरने व अवैध कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई है।
परस राम नगर के निरंजन सिंह के डिपो पर गरीब कल्याण योजना के तहत आए अनाज को लेने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया। कोरोना से जंग जीतने के लिए सामाजिक दूर का ध्यान जरूर रखें
जंडियाला के पास गांव गहरी मंडी में लोगों ने पूर्व सरपंच मनजिंदर सिंह भीरी की अध्यक्षता में फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। लाेगों ने फूड सप्लाई विभाग पर गरीबों काे सरकारी गेहूंन बांटने के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने बताया कि सितम्बर 2019 से 31 मार्च, 2020 तक गेहूंगरीबों में बांटा जाना था, जिसमें भी घपलेबाजी की गई है। कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा है, वहीं लोगों से विभाग की ओर से बदसलूकी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गहरी मंडी, बंडाला, छापा रामसिंह, ठट्ठियां, तलवंडी डोगरां, जंडियाला गांवों के लोगों की गेहूंका गबन किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ मुलाजिम कम्प्यूटर के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके राशन गबन करते हैं।
जांच के बगैर लाभपात्री का नाम लिस्ट से काट देते हैं। फूड सप्लाई विभाग ने खानापूर्ति करके गांव छापा रामसिंह में रणजीत कौर डिपो होल्डर मीमो नंबर डी/2020(1707) और (1706) को बंद कर दिया है। एएफएसओ अर्शदीप सिंह और इंस्पेक्टर जसदेव सिंह ने बताया कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं, उनके पास पूरा रिकॉर्ड है। इस दौरान गुरमेज सिंह, गुरविंदर कौर, बलविंदर कौर, दियाल मौजूद थे।
हलका पूर्वी में पड़ते वार्ड-31 के एरिया संगत नगर में 150 से ज्यादा परिवारों को कर्फ्यू के 47 दिन बाद भी राशन नहीं मिला है। लोगों का आरोप है कि सत्ताधारी नेताओं की ओर से अपने चहेतों को राशन बांटा जाता है। शनिवार को संगत नगर के लोगों ने राशन मिलने पर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
इस दौरान कल्याण साबका मेंबर टेलीफोन सलाहकार कमेटी के प्रधान गुरदयाल सिंह की अगुवाई में जसवीर कौर, सुखबीर कौर, मनजीत कौर, सर्बजीत कौर, चरणजीत कौर, हरजीत कौर, रमनदीप कौर, पूजा, आरती, कश्मीर सिंह, दर्शन सिंह, अजमेर सिंह, मास्टर कुलवंत सिंह और जसबीर सिंह ने कहा के लॉकडाउन लगने से अभी तक 150 से अधिक परिवारों को सरकारी राशन नहीं मिल पाया है। प्रशासन और हलका विधायक की ओर से जो सरकारी राशन भेजा जाता है उसको आधा करके दिया जाता है। 10 किलो आटे को दो जगह 5-5 किलो करके दो लोगों को बांटा जाता है। वह इतने राशन में क्या कर पाएंगे।
वैसे भी सत्ताधारी पार्टी के नेता अपने चहेते लोगों को राशन देते हैं और दूसरों को नजदीक भी नहीं आने देते हैं। प्रधान गुरदयाल सिंह ने कहा कि वार्ड-31 स्लम एरिया है, जहां पर ज्यादातर लोग गरीब वर्ग के दिहाड़ीदार मजदूर हैं। ये लोग रोजाना पैसे कमा कर घर का गुजारा चलाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण इनके पास न तो कोई काम-धंधा रह गया है और न ही कोई पैसा है। ऐसे में ये लोग राशन लेने के लिए विवश हुए पड़े हैं और सरकार की तरफ मुंह उठाकर देख रहे हैं कि कब वह राशन आए और वह अपने बच्चों को खिला सकें।
ऐसे में जब सरकारी राशन देने में सियासतबाजी हो रही है वह ही मंदभागी है। सरकार को चाहिए कि हर जरूरतमंद लोगों को उनके घरों में सरकारी अधिकारी के जरिए राशन पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राशन भेजा जा रहा है, वह स्लम एरिया की बजाय पॉश इलाकों में ज्यादा बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द इलाके में राशन नहीं बांटा गया तो वह सड़कों पर उतरकर सरकारी प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।
तरनतारन में कोरोना पॉजीटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, जो अब 166 तक पहुंच चुका है। कर्फ्यू के 45 दिन बाद जिला प्रशासन की ओर से सुबह 7 से 3 बजे तक शर्तों के मुताबिक जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलने के हुक्म जारी किए हैं, लेकिन लोग और दुकानदार कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शनिवार को तरनतारन के तंग बाजारों में कछ दुकानदार और ग्राहक बिना मास्क के घूमते दिखाई दिए, जो महामारी को न्यौता है। बोहड़ी चौक, गार्द बाजार, लंगर बाजार लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, वहां पर कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखाई दी।
वहीं दुकानदार और रेडीमेड कपड़ों की सेल की दुकानों में काम करने वाले लड़के बिना मास्क के ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं, जबकि कोई भी व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का रूल नहीं अपना रहा है। अगर बाजारों का ऐसा ही हाल रहा तो जिला प्रशासन को कर्फ्यू में दी गई ढील वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। डीसी प्रदीप सभ्रवाल ने कहा कि जो दुकानदार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालना किए बगैर ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर इन दिनों लॉकडाउन चल रहा है, जिसके कारण हर कोई अपने घर में कैद होकर रह गया है। गर्मी ने भी तेवर दिखाना शुरू कर दिया। ऐसे में यदि एक घंटे भी बिजली नहीं आए तो लोगों का हाल बेहाल हो जाता है। इस संकट की घड़ी में लॉकडाउन के दौरान परेशान नहीं हो इसके लिए मौड़मंडी के पावरकॉम के अधिकारी दिन-रात जुटे हुए हैं। लॉकडाउन में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में संविदा बिजली कर्मी योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं।
बिजली कार्यालयों और बिजलीघरों में काफी संख्या में बिजली कर्मी काम कर रहे हैं। इनमें लाइनमैन से लेकर ऑपरेटर तक शामिल हैं। आपूर्ति को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए काॅलोनी, बस्तियों एवं गांवों में नागरिकों के बीच फाल्ट ठीक करने वाले बिजली कर्मचारी भी कोरोना योद्धा बने हैं।लॉकडाउन के दौरान ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा जिसके चलते अनावश्यक रूप से बिजली गुल रही हो और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा हो। बिजली विभाग के एसडीओ नवनीत कुमार ने बताया कि सप्लाई संबंधी कोई परेशानी न हो इसके लिए सही समय पर सही जगह शिकायत करना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि बिजली संबंधी शिकायत के लिए तहसील के समीप बिजली आफिस में कंट्रोल रूम बना रखा है, यदि किसी उपभोक्ता को परेशानी है तो उसे घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है, घर बैठे हमारे कंट्रोल रूम के फोन नंबर 1912, 9646696449 या 9646115209 माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एसडीओ नवनीत ने बताया कि हमारा पूरा ध्यान इस बात पर है कि लॉकडाउन में बिजली को लेकर कोई उपभोक्ता घर से बाहर नहीं जाए। तुरंत बिजली सुचारू करने के लिए हमने पावरकॉम कर्मचारी जनक राज, बलविंदर सिंह, हरबंस सिंह सीएचडी, चमकौर सिंह की टीम बना रखी है। जैसे ही कंट्रोल रूम पर हमें उपभोक्ता की शिकायत मिलती है हमारी टीम लॉकडाउन में लोगों की बिजली समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
इधर, बिजली कटों से परेशान भुच्चाे मंडीवासी
बिजली के अघोषित कटों से भुच्चाे मंडी निवासी बेहद परेशान हैं। पिछले लगभग एक हफ्ते से रोजाना सात से आठ घंटों के कट लग रहे हैं। जेई चमकौर सिंह ने बताया कि शहर में आईपीडीएस स्कीम के तहत बठिंडा के एपीडीआरपी सैल द्वारा लगभग 3 करोड़ की लागत के साथ ट्रांसफार्मरों को अपलोड करने, जैंपर और कंडक्टर बदलने का काम किया जा रहा है। इसलिए समस्या आ रही है।
सृष्टि का निर्माण भगवान ने किया लेकिन उसने सबसे पहले मां बनाई, मां का अस्तित्व न कभी कम था और न कभी होगा। हर हालात में खुद तकलीफ झेलकर भी मां अपने बच्चे को सुख ही चाहती है। बच्चों से सुख लेने का समय आने पर मां को दुत्कार भी मिले तो उसके मुंह पर कभी बददुआ नहीं होती, बस एक मां है जो कभी खफा नहीं होती। मां के ऐसे ही समर्पण व त्याग की दास्तां वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाओं ने सुनाई, जो अब यहां की जिंदगी को सुकून भरा बताती हैं लेकिन बच्चों को कोसने की बजाए अपनी किस्मत का लिखा बताती हैं।
ममता में सींचने की बदौलत ही मिला मां का दर्जा
अकेले जन्म देने वाली ही मां नहीं होती, बच्चे को अपने प्यार से सींचने वाली मां का दर्जा ज्यादा बड़ा होता है। परमात्मा से मां बनने का सुख नहीं मिला तो अपनी भांजी को गोद लिया और यशोदा बनकर उसे बीएड तक उच्च शिक्षा दिलाई, संस्कारवान बनाया। हालांकि पति की मृत्यु तो बेटी के दसवीं में पढ़ते हुए हो गई और बेटी की शादी के बाद अकेली पड़ने पर लगभग 10 साल पहले पटियाला छोड़कर अपने मायका शहर बठिंडा में आ गई लेकिन किसी पर बोझ बनने की बजाए किराए पर रही।
बुढ़ापा शरीर पर हावी होने की वजह से 3 साल पहले वृद्धाश्रम में आ गई लेकिन यहां भी अपना खाना खुद ही पकाती हूं। बेटी भी मुझे ही मां का दर्जा देती है और मेरे हर दुख-पीड़ा में विचलित हो जाती है, इसलिए बेटी अपने साथ रहने को बुला रही है लेकिन मैं नहीं जाना चाहती।
संघर्ष करके बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा किया
मैंने जिंदगी में हर पल संघर्ष करके बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा किया लेकिन सुख की उम्मीद अभी तक दिखाई नहीं दी और आज हालात देखिए फिरोजपुर में अपना घर छोड़कर बठिंडा के वृद्धाश्रम में जिंदगी के आखिरी दिन बिताने की विवशता है। पति आरएमपी डॉक्टर का काम-धंधा कोई ज्यादा अच्छा नहीं था, इसलिए साड़ी फाल लगाना, कढ़ाई का काम करना तथा आटे की थैलियों तक की सिलाई करके बेटा व बेटी काे पढ़ाया।
ऐसा भी वक्त आया भूखी रही जबकि बच्चों को पेट भरकर खिलाया। सन 1984 के दंगों में तो घर के हालात बेहद खराब हो गए। जब बेटी 1 साल की थी तो मेरा सिविल अस्पताल में ऑपरेशन हुआ, आज भी वो घड़ी याद है जब खाने तक के लिए पैसे नहीं तो पानी पिला-पिलाकर रात काटी।
शहर के उधम सिंह नगर गली नंबर 16 में कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज मिलने से पूरे मोहल्ले को सेहत विभाग ने पुलिस के सहयोग से वीरवार देर रात्रि सील कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को लोगों को खानपान का सामान न मिलने पर गुस्सा फूट गया। रात्रि के समय एक परिवार भोजन बना रहा था, अचानक सिलेंडर खत्म हो गया। काफी देर तक प्रयास किया लेकिन सिलेंडर का प्रबंध नहीं हुआ। जिस कारण परिवार ने भूखा सोकर रात गुजारी।
लोगों ने कहा कि पूरे मोहल्ले में मात्र एक महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, पीड़ित महिला के साथ-साथ परिवार का कोई भी सदस्य घर में नहीं है तो इसकी सजा पूरे मोहल्ले को क्यों दी जा रही है। जबकि उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। मोहल्ला वासियों ने कहा कि शुक्रवार को दोपहर सेहत विभाग व नगर निगम अधिकारी मौके पर आए थे और हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया था, सुविधा के नाम पर सिर्फ एक पानी का टैंकर गली के बाहर खड़ा कर दिया।
लोगों के विरोध के बाद शनिवार को दोपहर नगर निगम अधिकारी कुछ नेताओं को साथ लेकर राशन बांटने पहुंच गए। वहीं, लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें राशन वितरित करने में पक्षपात किया जा रहा है। अगर कोई कांग्रेसी राशन लेकर आता है तो वह अपने जान पहचान व समर्थकों को देकर चला जाता है। वहीं दूसरी पार्टी के लोग भी इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं। लोग घरों से बाहर निकलकर न तो राशन लेने जा सकते हैं और न ही उन्हें पीने वाला पानी लाने की अनुमति है। गली में करीब 20 घरों में 120 लोग रहते हैं। इसमें कई परिवार तो ऐसे हैं जिन्होंने घरों में राशन व अन्य जरूरी सामान नहीं रखा है। क्योंकि इलाके को सील करने का फैसला एकाएक लिया गया।
दूसरी तरफ बठिंडा में वीरवार व शुक्रवार रात मिले सैंपलों में दो मरीजों को पोजिटिव होने के बाद शनिवार को भी सेहत विभाग द्वारा प्रभावित लोगों के संपर्क में आए लोगों की स्कैनिंग कर उन्हें एकांतवास में भेजने का काम जारी रहा। सेहत विभाग की ओर से शनिवार को सिर्फ 5 सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजा गया है।
पंजाब हरियाणा बार कौंसिल की ओर से लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद वकीलों की आर्थिक सहायता करने की योजना सफेद हाथी बनकर रह गई है,क्योंकि सख्त शर्तों के चलते कोई भी जरूरतमंद वकील इसका लाभ नहीं ले सका है।
बार एसोसिएशन बुढलाडा की ओर पंजाब हरियाणा बर कौंसिल और पंजाब सरकार को पत्र लिखकर कोरोना के दौरान वकीलों के लिए राहत फंड जारी करने की मांग की है। बुढलाडा बार एसोसिएशन के प्रधान सुखदर्शन सिंह चौहान की ओर से मुख्यमंत्री समेत बार कौंसिल के चेयरमैन को लिखे पत्र में मांग की गई कि करीब दो महीने से कोर्ट का काम बंद होने के चलते वकील भाईचारा बुरे आर्थिक हालातों में से गुजर रहा है, अधिकतर वकीलों के पास आमदन का कोई और स्रोत न होने के चलते जहां उनकी आमदन बंद हो चुकी है वहीं समाज में इज्जतदार रुतबा होने के चलते वकील किसी के आगे हाथ फैलाने से भी असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि बार कौंसिल की ओर से जो निवेदन मांगे गए हैं उसमें शर्तें हास्यास्पद होने है कि कोई भी वकील जरूरतमंद वकीलों के दायरे में नहीं आता है। जिसके चलते अधिकतर वकील बुरे आर्थिक हालातों में से गुजर रहे है।
सुखदर्शन सिंह की ओर से मांग की गई कि वकीलों का मान सत्कार बचाने के लिए बार कौंसिल को आगे आना चाहिए और वित्तीय मदद लेने के लिए रखी शर्तें को नरम करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक वकील इसका फायदा ले सकें। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि वकील भाईचारा ज्युडिशियल सिस्टम और समाज का अहम अंग है। इस लिए पंजाब सरकार वकीलों की आर्थिक मदद के लिए फंड जारी करे। उन्होंने मांग की कि बार कौंसिल जहाँ अपनी शर्तें नरम कर अधिक से अधिक वकीलों को आर्थिक मदद दे वहीं वह आगे होकर पंजाब सरकार से भी फंड जारी करवाने के लिए दबाव बनाए।
प्रवासी भाईचारे की ओर से सैकड़ों लोगों ने अमृतसर के फोकल प्वाइंट में प्रवासी नेता उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में प्रवासी भाईचारे को पंजाब से बाहर निकलवाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। प्रवासी भाईचारे के लोगों ने कहा कि उनके साथ पंजाब में राशन के नाम पर राजनीति की जा रही है। जबकि फैक्ट्री मालिक उन्हें लॉकडाउन से पहले 21 दिन की सैलरी भी नहीं दे रहे हैं। ऊपर से अखबार में खबरें छपवाकर उन्हें पंजाब में ही रोकने की कोशिश की जा रही है। ऐसा प्रवासी लोग हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। फोकल प्वाइंट क्षेत्र में 5000 लोग रहते हैं।
पिछले दिनों डीसी दफ्तर की तरफ से आए अधिकारियों की ओर से 120 लोगों को राशन वितरण करने के बाद 250 लोगों को राशन दिया गया, ऐसी खबर अखबार में प्रकाशित करवाई गई। मजदूर वर्ग, श्रमिक और प्रवासी भाइयों के साथ पंजाब में धोखा किया जा रहा है। अगर उन्हें जल्द ही पंजाब से नहीं निकाला गया तो वह लोग प्रशासन के खिलाफ और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। इस मौके पर रमेश मास्टर, रोहित कुमार, रतन यादव, पप्पू यादव तथा प्रवासी भाईचारे की महिलाएं भी मौजूद थीं।
डीएसपी भुच्चो गाेपाल चंद ने नहियांवाला में स्थित एक घर में चल रहे देह व्यापार के अड्डे का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने देह व्यापार का धंधा चला रही संचालिका समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी के खिलाफ नहियांवाला थाना में केस दर्ज कर लिया है।आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। डीएसपी गोपाल चंद भंडारी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली था कि गांव नहियांवाला निवासी सर्बजीत कौर नामक महिला अपने घर में लंबे समय से देह व्यापार का अड्डा चला रही है।
उक्त महिला दूसरे जिलों से महिलाओं व पुरुषों को बुलाकर अपने घर में गलत काम चलाती है। सूचना के अाधार पर उन्होंने पुलिस टीम के साथ मौके पर छापामारी कर संचालिका सर्बजीत कौर निवासी गांव नेहियांवाला, सुखबीर सिंह निवासी गांव गुरुहरसहाय जिला फिरोजपुर, हर्षदीप सिंह निवासी गांव हररायपुर जिला बठिंडा, रीना रानी निवासी गोनियाना मंडी व अमृतपाल कौर निवासी गांव नहियांवाला को मौके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके पर एक मोटरसाइकिल व एक पिकअप गाड़ी बरामद की गई है। नहियांवाला पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया है।
कैप्टन सरकार के निर्देश पर कई जिलों में जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील देते हुए गांवों और शहरों में एसेंशियल दुकानों के अलावा अन्य दुकानाें को भी खोलने की छूट का आदेश दिया है। वहीं अमृतसर में कर्फ्यू के 48 दिन बाद भी सिर्फ एसेंशियल गुड्स जैसे दूध-राशन, फल-सब्जियां और दवा की दुकानें ही खोलने की छूट है। इसके अलावा यदि अन्य दुकानें खोलनी हों तो एसडीएम से परमिशन लेना होगी।
कर्फ्यू में छूट के आदेश के बाद एसडीएम दफ्तर में दुकानदारों के आवेदन भी पहुंचने लगे हैं। तहसील अमृतसर-2 में रेस्टोरेंट होम डिलीवरी के लिए, पंखे की दुकानें, कूलर, इलेक्ट्रिक व अन्य दुकानों को खोलने के लिए 40 से 50 आवेदन पहुंचे हैं।, एसडीएम ने आ रहे आवेदनों पर योजना बनानी शुरू कर दी है। एसडीएम शिवराज सिंह बल ने बताया कि अभी दुकानों को खोलने के लिए किसी तरह का आदेश नहीं दिया है और न ही कोई रोस्टर डे वाइज तैयार किया है। परमिशन के लिए आए आवेदनों पर विचार किया जा रहा है कि दुकान खुलना कितना जरूरी है, इससे कितने लोगों को फायदा होगा।
इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही परमिशन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि लोगों को अभी परेशान होने की जरूरत नहीं है, छूट मिलने के बाद ही अन्य जरूरी दुकानें भी खुलेंगी और लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। मौसम के हिसाब से कौन से सामान की उपयोगिता अधिक होगी और लोगों के लिए आवश्यक होगी इन सब बातों पर भी गौर किया जा रहा है। दो से चार दिन में सारी चीजें तय कर ली जाएंगी इसके बाद परमिशन भी दी जाएंगी। जबकि दुकानें खुलने का समय सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक का ही रहेगा।
दुकानों पर न जुटे भीड़, हो रहा मंथन
एसडीएम ने बताया कि शहरी इलाकों में दुकानों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में यह देखना होगा कि कहीं एक ही इलाके में अधिक दुकानें न खुल जाएं कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग बिगड़ने लगे। यह भी देखना होगा कि जहां दुकान है, वह इलाका बहुत अधिक भीड़ भाड़ वाला तो नहीं है। हालांकि, यह दुकान मालिकों और लोगों की जिम्मेदारी भी होगी कि वह नियमों का पालन करें। एक ही इलाके में कई दुकानें एक साथ न खुलें इसके लिए यह तय किया जाएगा कि कौन सी दुकान को किस दिन खोला जाएगा। रोस्टर बनाकर दिनों के हिसाब दुकानें खोली जाएंगी।
काॅटन निगम ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने फिर से मानसा जिले की मंडी में सीधे ताैर पर किसानों से नरमे की फसल खरीदने की शुरुआत की है। जिला मंडी अाैर कृषि अधिकारी इस सीजन के दौरान जिले में कपास के क्षेत्रफल में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। जिला मंडी अफसर के प्राप्त आंकड़ों से अनुसार विगत सीजन में नरमे की आमद करीब 907023 क्विंटल था, जो इस सीजन में बढ़कर 1057997 क्विंटल हो गई है, जिसके साथ इस आमद में करीबन 17 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
जिला मंडी अफसर-कम प्रदेश कपास कोआर्डिनेटर रजनीश गोयल ने बताया कि जिला प्रशासन मानसा अाैर पंजाब मंडी बोर्ड के ठोस प्रयत्न से काटन निगम आॅफ इंडिया (सीसीआई) ने किसानों से नरमे की सीधी खरीद फिर शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि मंडियों में सीसीआई के आने से किसानों को सरकार द्वारा तय किया गया कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) करीब 5450 रुपए प्रति क्विंटल मिलना शुरू हुआ है, जबकि पहले वह अपनी पैदावार 5100 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक नहीं बेच रहे थे।
गोयल ने बताया कि नरमे का दाम उत्पाद की गुणवत्ता पर निर्भर करता है अाैर बहुत से किसानों को उनकी उपज के लिए कम से कम प्रति क्विंटल 5400 रुपए तो मिले ही हैं। जानकारी मुताबिक सीसीआई ने इस सीजन में मानसा जिले से 449164 क्विंटल नरमे की खरीद की है, जबकि 608828 क्विंटल फसल प्राइवेट व्यापारियों द्वारा खरीदी गई है। कृषि अधिकारी जो इस सीजन में नरमे की काश्त में वृद्धि की उम्मीद जता रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह कोरोना वायरस (कोविड -19) के मद्देनजर लेबर की कमी होने के कारण वह किसानों को नरमे की काश्त में वृद्धि का चयन करने में किसानों को उत्साहित कर रहे हैं।
मुख्य कृषि अफसर डाॅ. राम सरुप ने बताया कि विगत सीजन में नरमे की फसल निचला क्षेत्रफल 72000 हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले 54000 हेक्टेयर था, जबकि इस सीजन में नरमे की काश्त नीचे एक लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का लक्ष्य निश्चित किया गया है।बता दें कि सीसीआई ने करीब पांच साल से नरमे की सीधे तौर पर खरीद नहीं की थी।
इधर, नरमे के डैमो प्लाट की बिजाई की
मुख्य खेतीबाड़ी अफसर बठिंडा के दिशा निर्देशों पर डाॅ. डूंगर सिंह बराड़ ब्लाॅक खेतीबाड़ी अफसर तलवंडी साबो के नेतृत्व में गांव भागीवांदर में नरमे की फसल के 1 एकड़ प्रदर्शनी प्लाट की बिजाई खेतीबाड़ी विकास अफसर डाॅ. अमनदीप सिंह और टेक्नोलॉजी मैनेजर जगतार सिंह की देख रेख में किसान घुक्कर सिंह के खेत में करवाई गई। डाॅ. अमनदीप ने बताया कि खेती विभाग की तरफ से खेती विभिन्नता मिशन अधीन मता लेकर किसानों को अधिक से अधिक क्षेत्रफल धान की फसल नीचे से निकालकर नरमे की फसल नीचे लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी और खेतीबाड़ी विभाग की तरफ से नरमे की काश्त के लिए जारी सिफारिशाें को समय पर कुश्लता से अपनाकर किसान नरमे का अच्छा झाड़ ले सकते हैं और क्वालिटी भी बढ़िया पैदा कर सकते हैं। धान की सीधी बिजाई के विकल्प बारे किए सवाल पर उन्होंने किसानों से अपील की कि सीधी बिजाई उन्होंने खेतों में ही की जाए जहां मिट्टी की बनावट भारी हो और कम समय लेने वाली पीआर किस्म ही बीजी जाएं, जिनको बीजने से 2 दिन के अंदर-अंदर 30 ताकत वाली 1 लीटर पैंडीमैथालिन नदीन नाशक दवा 200 लीटर पानी में घोलकर जरूर छिड़की जाए।
उन्होंने बताया कि किसानों को सावन की फसल के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज, खाद और पौध सुरक्षा दवाएं मुहैया करवाने के लिए क्वालिटी कंट्रोल अधीन विभाग द्वारा खेती इनपुट डीलरों की चेकिंग जारी है और फिलहाल बीजाें के नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं।
शनिवार को दिन में गर्मी और शाम को आसमान में छाए बादलों ने एक बार फिर मौसम में बदलाव का संकेत दिया है। पारा 38 डिग्री तक पहुंच गया था और उम्मीद थी कि आगे गर्मी बढ़ेगी, लेकिन शाम को आसमान में बादल छा गए। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी और कुछ जगहों पर बूंदाबांदी के आसार हैं।
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले पूरे सप्ताह आसमान में बादल छाए रहेंगे। 13 मई को बारिश की संभावना है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते आई इस तब्दीली के चलते बीच-बीच में भी बारिश हो इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता। पूरे सप्ताह तापमान 33 से 38 डिग्री तक बना रहेगा।
खेती के लिए मौसम में बदलाव अच्छा
खेती के नजरिए से मौसम की तब्दीली अच्छा है, क्योंकि गेहूं कटाई और पशुओं के लिए तूड़ी वगैरह बनाने का काम पूरा हो चुका है। अब महीनेभर बाद धान की बिजाई होनी है। अगर बारिश होती है तो किसानों की धान रोपाई के लिए ट्यूबवैलाें पर निर्भरता कुछ हद तक कम होगी। हालांकि अभी धान रोपाई में महीनेभर का समय है इसलिए अगर अगले हफ्ते बारिश होती है तो उसका महीनेभर बाद होने वाली धान रोपाई में कोई खास फायदा नहीं मिलेगा।
उधर डॉक्टरों की मानें तो अब बारिश सेहत के हिसाब से अच्छी नहीं मानी जा सकती। तापमान बढ़ने के दौरान बीच-बीच में बारिश होने और नमी बढ़ने से मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अमृतसर। मदर्स-डे से एक दिन पूर्व शनिवार को सड़क पर एक मां अपने बच्चे को दुपट्टे से कवर किए हुए ताकि उसका लाल चिलचिलाती धूप से बच सके। साथ ही उसे कोरोना संक्रमण से भी बचाया जा सके।
कोरोना वायरस के खतरे को मुख्य रखते हुए सेहत विभाग की ओर से अब तक बाहरी राज्यों से घर वापस आए 834 व्यक्तियों को एकांतवास किया गया है पर यह व्यक्ति एकांतवास के नियमों की पालना करते हुए सेह पक्ष से ठीक हैं। ब्लाॅक भगता भाई के ब्लाक एजुकेटर संजीव शर्मा ने बताया कि नई हिदायताें के मुताबिक सरकारी स्कूलों में 21 दिनों के लिए एकांतवास कर नोवल कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए बहुत ही चौकसी इस्तेमाल की जा रही है।
जिसके चलते सेहत ब्लाॅक भगता भाई अधीन आते एरिया में अब तक 834 व्यक्तियों को घर वालों से अलग कर अपने घरों और सरकारी स्कूलों में एकांतवास किया गया है और सभी व्यक्ति तंदरुस्त हैं। इनका सेहत विभाग की टीमों की तरफ से रोजमर्रा की फाॅलोअप भी किया जा रहा है।
रैपिड रिस्पोंस टीम की अगुवाई में शनिवार काे गांव दियालपुरा मिरजा, हाकम सिंह वाला, दुलेवाला, मलूका, कोठा गुरु का में, मल्टीपर्पज वर्कर गगनदीप सिंह, हरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, दविंदर कुमार, कुलदीप सिंह, सुरेश कुमार, रमेश तरमाला और आशा वर्करों के साथ दूसरे राज्यों से कम्बाइन मशीनें चलाकर घर लौटे एकांतवास किए व्यक्तियों का तापमान चेक किया गया।
11 महीने पहले अटारी में कस्टम महकमे की इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (आईसीपी) पर नमक की खेप के साथ 532 किलो हेरोइन मंगवाने के मुख्य आरोपी रणजीत सिंह राणा उर्फ चीता की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे होने की संभावना है। पुलिस ने उसके भाई गगनदीप को भी गिरफ्तार किया है। चीता के हाथ न लगने की वजह से 11 महीनों से यह केस ठंडा पड़ा था लेकिन अब उसकी गिरफ्तारी से जांच तेज होने की उम्मीद बंधी है। पुलिस चीता से यह जानने का प्रयास कर रही है कि हेरोइन मंगवाकर उसका पैसा आतंकियों तक पहुंचाने के इस खेल में लोकल लेवल पर उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
29 जून 2019 को आईसीपी पर हेरोइन नमक की बोरियों में आई थी। यह नमक कनिष्क इंटरप्राइजेज के मालिक गुरपिंदर सिंह ने मंगवाया था। उससे यह खेप जम्मू-कश्मीर के तारिक अहमद लोन ने मंगवाई थी। हेरोइन बरामदगी के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था मगर जेल में उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उसकी मौत की ज्यूडिशियल जांच के आदेश दिए थे। यह जांच एडीसी हिमांशु अग्रवाल ने की थी।
दुकानदारों व व्यापारियों, जिनकी इंश्योरेंस पॉलिसी चल रही है, के लिए एक अच्छी खबर है। इंडियन जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री (आईजीआई) ने देश में पहली बार कोविड-19 से बचाव को लॉकडाउन व कर्फ्यू के दौरान 30 दिन से अधिक समय तक दुकानें बंद रहने के चलते इंश्योरेंस सेक्टर के एक नियम में बड़ा बदलाव करते हुए स्टैंडर्ड फायर एंड प्रिल पॉलिसी के लैप्स नहीं होने को प्रभावी बनाते हुए इसमें कवर हो रहे सभी दुकानदारों व व्यापारियों को एक सूचना प्रदान करने के बाद लाभ जारी रहने का निर्णय किया गया है।
इससे करोड़ों दुकानदारों व व्यापारियों की बड़ी चिंता खत्म हो गई है। इस नियम के तहत कोई भी दुकान या संस्थान अगर 30 दिन तक बिना खुले लगातार बंद रहती है तो कंपनी उस पॉलिसी को रद्द मानती है तथा उक्त दुकान या संस्थान को इंश्योरेंस का कोई लाभ प्रदान नहीं किया जाता, लेकिन आईजीआई ने अब इस कठिन समय को देखते हुए सरकार के नेशनल लॉकडाउन के निर्णय के दौरा वन टाइम रिलेक्सेशन देते हुए दुकानें व अन्य व्यापारिक संस्थान की जारी पॉलिसी लैप्स नहीं करने का बड़ा लाभ दिया है जिसका इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट एजेंसी (आईआरडीए) ने स्वागत किया है।
पहली बार मिल रहा व्यापारिक संस्थान बंद रहने पर भी पॉलिसी लाभ, पहले ऑटोमेटिक रद्द हो जाती थी
एसएसडी सभा के प्रधान व चार्टेंड अकाउंटेंट प्रमोद मित्तल के अनुसार कोरोना महामारी के चलते इंश्योरेंस कंपनियों ने इस नियम में पहली बार विशेष बदलाव किया है जिसका लाभ पॉलिसी में कवर्ड दुकानदारों व व्यापारिक संस्थानों को मिलेगा जबकि पुराने नियम के तहत 30 दिनों तक दुकान या व्यापारिक संस्थान नहीं खुलने से पॉलिसी ऑटोमेटिक रद्द मानी जाती थी। लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रहने से वन टाइम स्पेशल रिलेक्सेशन देते हुए 25 मार्च 2020 से 3 मई 2020 तक पॉलिसी होल्डर्स को इस उतार-चढ़ाव के समय में बड़ी राहत देते हुए पॉलिसी जारी रखने का निर्णय किया है।
आईआरडीए ने जनरल इंश्योरर कंपनियों को सुझाव देते हुए इसकी जानकारी पॉलिसी होल्डर्स को देने की बात कही है। आईआरडीए की प्रेस रिलीज के अनुसार 3 मई 2020 के बाद सभी पॉलिसी में यह संबंधित क्लॉज कैसे लागू होगा तथा पॉलिसी होल्डर्स पॉलिसी को बिना रुके कैसे उसका लाभ हासिल करते रहें, इसके बारे में इंश्योरेंस कंपनियों को एक सही तरीका इलाके के हिसाब से चयनित करना होगा। इसके बारे में उन्हें पॉलिसी होल्डर्स को ईमेल, एसएमएस या अन्य डिजिटल तकनीक के माध्यम से स्पष्ट व आसान शब्दों में जानकारी देनी होगी।
वहीं पॉलिसी होल्डर्स को भी कंपनियों के नियम व शर्तों को पूरी तरीके से पढ़ना चाहिए, वहीं पालिसी देने वाले इंश्योरेंस एजेंट्स या इंश्योरेंस कंपनियां उन्हें बेहतर तरीके से जानकारी दें।
नुकसान काफी हद तक कवर होगा
र्स्वेयर एंड लॉस एसेसर्स सीए प्रमोद मित्तल व सीए हिमांशु मित्तल कहते हैं कि ऐसा पहली बार है कि दुकानदारों व व्यापारिक संस्थान, जो इंश्योरेंस में कवर है, को इंश्योरेंस कंपनियों ने 30 दिन तक दुकानें आदि बंद रहने पर भी पॉलिसी जारी रखने का लाभ दिया है तथा यह कदम व्यापार व व्यापारियों के लिए संकट के समय में मददगार रहेगा। बठिंडा केमिकल के एमडी राजिंदर मित्तल व होमलैंड के एमडी विष्णु गोयल कहते हैं कि इंश्योरेंस कंपनियों का यह निर्णय व्यापार व व्यापारी के हित में है। किसी व्यापारी के साथ कोई अनहोनी आदि घटित होती है तो इंश्योरेंस पॉलिसी के रहने से उनका नुकसान काफी हद तक कवर होगा।
माइसरखाना गांव में रेत के अवैध माइनिंग वाले गड्ढे के पास शुक्रवार देर रात बठिंडा के एक ठेकेदार की गोली लगने से संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मृतक की पहचान गुरमेज सिंह आयु 40 साल वासी आर्दश नगर बठिंडा के तौर पर हुई है। मृतक के पिता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि गुरमेज सिंह उनके साथ ही माइसरखाना में अलग गाड़ी में किसी काम से गया था और लाइसेंसी बंदूक का अचानक ट्रिगर दबने से चली गोली से जान चली गई।
बता दें कि जहां ये घटना हुई वहां पर रेत की अवैध माइनिंग के गहरे गड्ढे बने हुए हैं। दो दिन पहले ही यहां पर अवैध माइनिंग करने के आरोप में थाना कोटफत्ता पुलिस ने दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था।पुलिस को दिए बयान में मृतक के पिता बलवीर सिंह ने बताया कि उसका बेटा गुरमेज सिंह शादीशुदा है और उससे अलग रहता था। गुरमेज सिंह का उसकी पत्नी हरप्रीत कौर के साथ पिछले 10-11 महीने से घरेलू झगड़ा चल रहा था। जिसके चलते हरप्रीत कौर मायके चली गई थी। जिससे उसका बेटा परेशान रहता था।
गुरमेज सिंह ने असला लाइसेंस बना रखा है। 8 मई को गुरमेज सिंह अपने दोस्त रमेश कुमार उर्फ नीटा निवासी परसराम नगर के साथ माइसरखाना स्विफ्ट कार में जा रहा था। वह भी अपनी गाड़ी में इनके पीछे चल पड़ा। रात साढ़े 11 बजे नीटा कार से पेशाब करने के लिए उतरा, जब वापस कार के पास जाने लगा तो अचानक उसके बेटे की कार से गाेली चलने की आवाज आई, वह नीटा के साथ कार के पास पहुंचे तो देखा कि गुरमेज सिंह की बांई जांघ से काफी खून बह रहा था और दोनाली बंदूक पास में गिरी पड़ी थी।
वह गुरमेज को सरकारी अस्पताल बठिंडा लेकर आ रहे थे कि रास्ते में ही मौत हो गई। गुरमेज के दोस्त नीटा ने बताया कि गुरमेज अपनी दोनाली उठाकर रख रहा था कि अचानक ट्रिगर दबने से चली गोली उसके जांघ पर लगी। बलवीर सिंह ने बताया कि इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है। एसएचओ दलजीत सिंह का कहना था कि पिता ने बयान दिए हैं कि गोली अचानक चल गई, जिससे गुरमेज की मौत हो गई।
अवैध माइनिंग करने पर 20 पर केस दर्ज
बठिंडा। पुलिस ने गांव माई सर खाना में अवैध तौर पर रेत की माइनिंग करने वाले 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों में मनजोत सिंह निवासी माई सर खाना के अलावा 20 लोग अज्ञात शामिल हैं। थाना कोटफत्ता के हवलदार हरविंदर सिंह ने बताया वह पुलिस पार्टी के साथ कर्फ्यू के दौरान गांव कोट फता, कोटभारा, यात्री और माई सर खाना मैं गश्त कर रहे थे जब पुलिस पार्टी माई सर काना के बस स्टैंड के पास पहुंची तो पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी मनजोत सिंह अपने 20 के करीब अज्ञात साथियों के साथ अपने खेत पर अवैध तौर पर जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्राली की मदद से रेल चोरी कर रहे हैं और यह लोग आगे रेत बेचने का काम भी करते हैं।
इन लोगों ने शुक्रवार की रात भी अवैध तौर पर माइनिंग कर रेत चोरी की और आगे बेचा ऐसा करके आरोपियों ने डीसी बठिंडा के आदेशों का उल्लंघन किया जिसके तहत इन सभी के खिलाफ माइनिंग और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
गुरु नानकदेव अस्पताल (जीएनडीएच)के कार्डियो थ्रेसिस वार्ड में दाखिल कोरोना मरीजों ने शनिवार को घर जाने की जिद करते हुए जमकर हंगामा किया। दोपहर से शुरू हुआ मरीजों का हंगामा देर रात तक चलता रहा। इस दौरान उन्होंने खाना भी छोड़ दिया। मेडिकल काॅलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुजाता शर्मा और एमएस डॉ. रमन शर्मा ने मौके पर पहुंचकर समझाने की तमाम कोशिश की, मगर मरीज नहीं माने। हालात की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने देर रात वार्ड के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी।
कार्डियो थ्रेसिस वार्ड के इंचार्ज डॉ. हरप्रीत सिंह के अनुसार, उनके वार्ड में कोरोना के 23 मरीज रखे गए हैं। कोई लक्षण नहीं होने के बावजूद इनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। इनमें से 2 मरीजों की रैंडम सैंपलिंग भी की गई, जिसकी रिपोर्ट पेंडिंग है। शनिवार दोपहर में अचानक ये मरीज घर जाने की जिद करने लगे। उन्होंने दोपहर और रात का खाना खाने से इनकार कर दिया। कुछ मरीजों ने खाना फेंक दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही मेडिकल काॅलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुजाता शर्मा और अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. रमन शर्मा वार्ड में पहुंचे और मरीजों से बात की। मरीज एक ही बात पर अड़े हुए थे कि वह तंदुरुस्त हैं इसलिए उन्हें घर भेजा जाए। अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को बताया कि उन्हें घर भेजने के लिए कोई गाइडलाइन नहीं आई है। उनकी रिपोर्ट पेंडिंग है इसलिए इस तरह की जिद उचित नहीं है। जैसे ही उच्चाधिकारियों के निर्देश आएंगे, उन्हें घर भेज दिया जाएगा।
महज 6 दिन में ठीक हुआ लैब अटेंडेंट विशाल, इतनी कम अवधि में स्वस्थ होने वाला पहला मरीज
अमृतसर जिले में शनिवार काे लगातार दूसरे दिन कोरोना का नया मरीज सामने नहीं आया। शनिवार काे अमृतसर के 179 लाेगाें के सैंपल लगाए गए। इनमें से 170 की रिपाेर्ट निगेटिव अाई। 9 सैंपल की रिपोर्ट रविवार काे आएगी। तरनतारन में भी शनिवार काे नया केस नहीं आया। शनिवार को अमृतसर के लैब अटेंडेंट विशाल को ठीक हो जाने पर आइसोलेशन वार्ड से छुट्टी मिल गई। उसे 14 दिन घर में रहने के निर्देश दिए हैं। 6 दिन पहले विशाल की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी और हफ्तेभर में ठीक हो जाने वाला वह जिले का पहला शख्स है। विशाल का पूरा परिवार और लैब में उसके साथ काम करने वाला समूचा स्टाफ फिलहाल क्वारंटाइन हैं।
तरनतारन में युवक ने की आइसोलेशन वार्ड से भागने की कोशिश
तरनतारन सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 6 मई को भर्ती कराए गए युवक ने शनिवार दोपहर यहां से भागने का प्रयास किया। युवक वार्ड से निकल गया लेकिन पुलिसवालों ने उसे राेक लिया। युवक 40 मिनट तक वार्ड के बाहर हंगामा करता रहा। बाद में अधिकारियों ने समझा-बुझाकर उसे वापस वार्ड में भेजा। ठकरपुरा गांव का ये युवक नांदेड़ से लाैटा था। युवक के अनुसार, अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में बहुत गर्मी है। वहां पंखों की हवा ठीक से नहीं लगती। कोरोना के लक्षण नहीं हाेने के बावजूद उसे वार्ड में रखा जा रहा है इसलिए उसे घर भेजा जाए।
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती दो संदिग्ध मरीजों की मौत, आज आएगी रिपोर्ट
जीएनडीएच के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल 2 संदिग्ध मरीजों की शनिवार को मौत हो गई। दोनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। दोनों मरीज गुरदासपुर के रहने वाले थे और उन्हें कुछ दिन पहले ही यहां लाया गया था। 55 वर्षीय विजय और 38 वर्षीय रंजीत सिंह को सांस लेने में दिक्कत थी। वह बटाला से आइसोलेशन वार्ड में रेफर किए गए थे। दोनों के सैंपल की रिपोर्ट रविवार को आएगी।
सरकारी क्वारंटाइन सेंटरों में ठहरे सभी लोगों को भेजा घर
जिला प्रशासन ने बाहरी राज्यों से आने के बाद क्वारंटाइन सेंटरों में ठहराए गए उन सभी लोगों को घर भेज दिया है जिनकी दो टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। इनमें नांदेड़ से लौटे लोग भी शामिल है। अमृतसर जिले के सरकारी क्वारंटाइन सेंटरों में 600 लोगों को रखा गया था और शनिवार शाम तक इनमें से 99 फीसदी लोग घर भेज दिए गए। शनिवार काे वडाला, धरिदियो, टांगरा और जंडियाला में डेरा ब्यास के सेंटरों से 80 लोग घर भेजे गए। इन सभी से होम क्वारंटाइन रहने संबंधी स्व-घोषणा पत्र लिए गए हैं।
वडाला राधा-स्वामी सत्संग घर से 14, धरदियो से 16 और जंडियाला गुरु के डेरा राधा स्वामी भवन क्वारंटाइन किए गए सभी 44 श्रद्धालुओं को घर भेजा गया। टांगरा में क्वारंटाइन 9 लोगों में से 6 की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद घर भेज दिया गया। 3 की रिपोर्ट पेंडिंग है। बाबा बकाला के एसएमओ डॉ अजय भाटिया के मुताबिक नए आदेशों के तहत जिन लोगों की रिपोर्ट 12 दिन क्वारंटाइन में रहने के बाद निगेटिव आई है, उन्हें घर भेजा जा रहा है। 14 दिन बाद इनके फिर टेस्ट किए जाएंगे।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए हर कोई अपने अपने स्तर पर काम कर रहा है। ऐसे में आयुष विभाग द्वारा लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाओं का वितरण किया जा रहा है। होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरजीत सिंह बुटर व फार्मासिस्ट गुरदीप सिंह के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने में जुटे स्वास्थ्य महकमें के साथ ही पुलिस कर्मचारियों एवं बाहर से पलायन कर आए लोगों को यह दवाएं वितरित की जा रही है।
होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरजीत सिंह बुटर ने बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों पर क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारी व इलाज करने वाले डाक्टरों को दवा उपलब्ध करवाया गया और सेवन करने के लिए कहा गया। ताकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। डा. बुटर ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए होम्योपैथी की दवाओं का वितरण किया गया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परीपेक्ष्य में होम्योपैथी दवा का साइड इफेक्ट नहीं है तथा प्रभाव कारी होती है, जिससे तत्काल करुणा संक्रमण से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा उक्त दवाई नि:शल्क वितरित किया गया। यह दवा केंद्रीय होम्योपैथी परिषद, केंद्रीय होम्योपैथी औषधि अनुसंधान परिषद एवं आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। यह दवाई संक्रमणों से बचाव की इम्युनिटी पैदा होती है। इम्युनिटी बढाने के लिए पांच गोलियां प्रतिदिन सुबह खाली पेट तीन दिनों तक लिया जाता है।
आज मदर्स-डे है। किसी मां के लिए सबसे खास तोहफा यही होता है कि वह अपने बच्चों के पास रहे, उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं मगर इस कोरोना काल में कुछ माताएं एेसी भी हैं जो दूसरों के लिए अपने बच्चों से दूर हैं। समूचे अमृतसर शहर की जिम्मेदारी होने के नाते इन्हें अपने बच्चों से मिलने तक की फुर्सत नहीं मिल पाती। इनके लिए मदर्स-डे का मतलब यही है कि उनके बच्चे स्वस्थ रहें, फिर चाहे उन्हें न चाहते हुए भी थोड़े समय के लिए खुद से दूर ही क्यों न रखना पड़े। अमृतसर में अलग-अलग ड्यूटी दे रहीं ऐसी ही तीन मदर्स से बात की भास्कर रिपोर्टर शिवानी सहगल ने।
घर पहुंचने के बाद भी दो साल की बेटी को गोद नहीं उठा पातीं
एक मां के लिए वो पल अमूल्य होता है जब उसके घर पहुंचते ही उसके बच्चे दौड़कर उससे लिपट जाएं मगर कोरोना संक्रमण में शहर की जिम्मेदारी संभाल रहीं नगर निगम कमिश्नर कोमल मित्तल घर पहुंचने पर भी अपनी 2 साल की बेटी से नहीं मिल पातीं। ड्यूटी पर रोज हजारों लोगों से मिलने के कारण उन्हें डर रहता है कि कहीं बेटी को उनसे कोई इंफेक्शन न हो जाए। इसीलिए घर पहुंचते ही वह खुद को सेनिटाइज करने के बाद बेटी के पास जाती हैं। कई बार लेट हो जाने पर बेटी सो जाती है इसलिए अगली सुबह तक इंतजार करती हैं। दिनभर बेटी अपने दादा-दादी के पास रहती है। कोमल मित्तल के मुताबिक वह बिटिया का हर बढ़ता हुआपल मिस करती हैं।कोमल मित्तल, निगम कमिश्नर, आईएएस अफसर
ऑस्ट्रेलिया से आए बेटे के लिए भी समय नहीं निकाल पा रहीं
कोरोनो टेस्ट कर रही लैब और पॉजीटिव मरीजों के लिए बनाया आइसोलेशन वार्ड सरकारी मेडिकल काॅलेज की प्रिंसिपल डाॅ. सुजाता शर्मा के अंडर आता है। ऐसे में उन पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसके चलते वह ऑस्ट्रेलिया से लौटे बेटे के लिए भी समय नहीं निकाल पातीं। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा बेटा फिलहाल इंडिया आया हुआ है। डाॅ. सुजाता कहती हैं कि मौजूदा हालात में फैमिली और खुद के लिए बिल्कुल समय नहीं है। फैमिली पूरा सपोर्ट करती है। वह रात 9 बजे तक घर पहुंच पाती हैं। खाना बनाने में बेटा मदद करता है और उसी दौरान वे बात कर पाते हैं। बेटी डाॅ. गरिमा शादीशुदा है। काम खत्म होते-होते बुरी तरह थक जाती हैं। अगले दिन से फिर वही भाग-दौड़।सुजाता शर्मा, प्रिंसिपल, सरकारी मेडिकल कॉलेज
2 साल के बेटे से छिपकर ड्यूटी पर जाती हैं ताकि वो रोये नहीं
पीपीएस ऑफिसर डाॅ. रिचा अग्निहोत्री के 2 साल के बेटे को उनकी सास संभालती हैं। हैप्पी चाइल्ड होने के बावजूद वह रिचा को ड्यूटी पर नहीं जाने देता, इसलिए रोज उससे छिपकर ड्यूटी पर निकलती हैं। लोगों की सेवा करना, व्यवस्था देखना, क्वारंटाइन सेंटरों का दौरा और प्रवासी मजदूरों का डाटा कलेक्ट करने के साथ-साथ डाॅ.रिचा जरूरतमंद महिलाओं को सेनेटरी पैड्स भी बांट रही हैं। लोगों की सेवा के बीच वह अपने बेटे की शरारतें मिस करती हैं। बेटे को वीडियो कॉल भी नहीं करतीं क्योंकि उन्हें देखते ही वह रोने लगता है। रिचा कहती हैं कि सामने होते हुए भी बिना सेनिटाइज हुए वह बेटे को दुलार नहीं कर पातीं।रिचा अग्निहोत्री, एसीपी (पीपीएस अफसर)
प्रशासन ने जिले के प्राइवेट स्कूलों को 11 मई से निर्धारित समय तक के लिए खोलने की मंजूरी दी है, इस दौरान स्कूल में न तो बच्चे आएंगे और न ही उनके अभिभावकों को ही स्कूल बुलाया जाएगा। सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक खुलने जा रहे प्राइवेट स्कूलों में घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन स्टडी ही करवाई जाएगी। बीती शाम प्राइवेट स्कूल संचालकों ने डीसी बी श्रीनिवासन से मिलकर लॉकडाउन की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने का हवाला देते हुए स्कूल आफिस खोलने की मोहलत मांगी थी।
इस पर संज्ञान लेते हुए सिर्फ बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई ही करवाई जा सकेगी। वहीं स्कूलों का 33 प्रतिशत स्टाफ अथवा ज्यादा से ज्यादा 10 स्टाफ मेंबर ही स्कूल में उपस्थित हो सकेंगे। स्कूल खोलने से पहले इमारत को सेनिटाइज करना होगा, वहीं मुलाजिमों में 2 गज का दूरी करके सोशल डिस्टेंसिंग का नियम फॉलो करना होगा। स्टाफ के लिए मास्क, हैंड सेनेटाइजर व ग्लव्ज पहनना लाजिमी होगा। वहीं स्पष्ट किया गया है कि जिन स्कूल-कॉलेजों की इमारतों में क्वारेंटाइन सेंटर, कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं, वहां स्कूल आफिस खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मानसा : एक ने दी कोरोना को मात, 1 लड़की पॉजिटिव आई
मानसा|सिविल अस्पताल मानसा में आईसोलेट किए कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से शनिवार काे एक और महिला मरीज फरवीना की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। फरवीना की अपने परिवार के दो बच्चों व पति समेत रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। जिसमें पहले उसके पति, बाद में बेटे और शनिवार काे उसे खुद छुट्टी मिल गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि अब मानसा में 14 कोरोना पाॅजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है।
एक और लड़की की रिपोर्ट काेराेना पॉजिटिव आने के बाद सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या फिर से 15 हो गई है वहीं 6 मरीज पहले ही काेराेना काे मात देकर स्वस्थ हाेकर अस्पताल से छुट्टी लेकर घर जा चुके हैं। जानकारी के अनुसार जिले के गांव खारा निवासी लड़की दिल्ली में कंप्यूटर की ट्रेनिंग ले रही थी जो कुछ दिन पहले ही आपने गांव लौटी थी। जिसे सेहत विभाग की ओर से पहले से ही एकांतवास किया हुआ था।
सुबह 9 से 3 बजे तक खुलेंगे शराब के ठेके
10 मई से शराब ठेके सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक खुलेंगे दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक होम डिलीवरी की जाएगी। 2 बोतल से ज्यादा की सप्लाई नहीं की जा सकेगी। होम डिलीवरी के दौरान विभिन्न ग्रुपों के व्यक्तियों को पहचान पत्र एवं कर्फ्यू पास जारी करने को उप आबकारी व कर कमिश्नर को अधिकृत किया है।
सभी बैंक कामकाजी दिनों में सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक खुलेंगे, इस दौरान उपभोक्ता रुपयों संबंधी लेन-देन कर सकेंगे, इसके बाद बैंक मुलाजिम अपना दफ्तरी काम करेंगे। वहीं एटीएम सुबह 8 से शाम 5 बजे तक ही खुलेंगे। बीमा कंपनियां, को ऑपरेटिव क्रेडिड सोसायटियां, नान बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, हाउसिंग फाइनांस कंपनी, माइक्रो फाइनांस कंपनी एंड माइक्रो फाइनांस इंस्टीट्यूशंस अपने कम से कम स्टाफ के साथ सुबह 9 से 1 बजे तक काम कर सकेंगे।
उधम सिंह नगर की पॉजिटिव महिला के संपर्क में आए करीब 35 लोगों के सैंपल नेगेटिव आए है। इसमें महिला के परिवार के 15 लोगों के सैंपल भी शामिल है। सिविल सर्जन डा. अमरीक सिंह संधू का कहना है कि 20 सेहत विभाग से जुड़े डाक्टरों व कर्मचारियों के सैंपल भी नेगेटिव है। वहीं शनिवार को पांच अन्य लोगों के सैंपल लिए हैं।
सक्रीनिंग के बाद 6 होटलों में क्वारंटाइन होंगे जिले में विदेशों से आने वाले लोग
भारत सरकार के निर्देशानुसार विदेशों में फंसे पंजाबियों में से कुछेक की घर वापसी हो रही है। पंजाब सरकार की हिदायतों पर पंजाब आने वाले इन व्यक्तियों को 21 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाना जरूरी है। विदेशों से घर लौट रहे इन लोगों के लिए 6 होटलों को क्वारंटाइन सेंटर घोषित किया गया है जहां क्वारंटाइन होने वाले व्यक्ति होटल का किराया अपने स्तर पर देंगे। होटल की ओर से कमरे का किराया निर्धारित किया गया है जबकि इसके अलावा अन्य अतिरिक्त सुविधा के लिए ग्राहक को अलग से अदायगी करनी होगी।
उपमंडल मजिस्ट्रेट इन क्वारंटाइन सेंटरों के नोडल अफसर होंगे व क्वारंटाइन सेंटरों को बेहतर हालत में रहने लायक बनाने को उपयुक्त प्रबंध कराएंगे। होटल प्रबंधकों को सरकार की हिदायतों के अनुरूप क्वारंटाइन सेंटरों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवानी होंगी। सिविल सर्जन इन व्यक्तियों का प्रतिदिन मेडिकल चेकअप कराएंगे व होटल के स्टाफ को इन गेस्ट के साथ डील करने को उपयुक्त ट्रेनिंग देंगे। एसएसपी होटलों में सुरक्षा प्रबंध कराएंगे।
पंजाब से बाहर ट्रेनों के माध्यम से जाने वाले लोगों द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद अब मैडिकल करवाने की जल्दबाजी देखी जा रही है। आज कई मजदूर परिवार समेत एसडीएम आफिस पहुंच गए, जिसके बाद वह सिविल अस्पताल पहुंच गए। लोगों का कहना था कि उन्हें प्रशासन द्वारा सिविल अस्पताल में मैडिकल करवाने के लिए भेजा गया है। सिविल अस्पताल में पहुंचने पर उन्हें जाने को कहा गया, उनका मेडिकल नहीं किया गया। सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. राजिंदर गुलाटी ने कहा कि कुछ लोग बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किए अस्पताल पहुंचे थे।
जबकि एसडीएम संदीप सिंह ने कहा कि मैडिकल जांच करवाने जैसी कोई बात नहीं है। जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, उन्हें फोन या मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाएगा। जरूरत के अनुसार प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। किसी को भी बिना किसी मतबल के घर से बाहर या सोशल डिस्टेंस तोड़ने की इजाजत नहीं है।