एक्सीलेंस स्कूल के कैंटोनमेंट दायरे में आने के बाद वहां बोर्ड परीक्षा की 71 हजार उत्तर पुस्तिकाएं के स्ट्रांग रूम में फंस गई हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों के समक्ष संकट है कि कॉपियों का मूल्यांकन समय पर नहीं कराया गया तो हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट लेट हो सकता है।
काेरोना वायरस संक्रमण के 9 मरीज पॉजीटिव पाए जाने के बाद प्रशासन ने शहर के वार्ड 31,32 व 33 को कंटेनमेंट घोषित कर दिया है। इन वार्डों के तहत स्थित एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूल नं.1 के प्रवेश मार्ग को पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर बंद कर दिया है। इसके चलते स्कूल स्टाफ से लेकर बोर्ड परीक्षा कार्य में लगा स्टाफ दो दिन से स्कूल नहीं पहुंच पा रहा है। यहां तक कि शिक्षा विभाग के अफसर भी। इस हालात में एक्सीलेंस स्कूल के स्ट्रांग रूम से हाईस्कूल व इंटर की 71 हजार उत्तर पुस्तिकाओं को वहां से निकालकर परीक्षकों को बांटने का काम ठप हो गया है। जबकि दूसरे राउंड की उत्तर पुस्तिकाआें का वितरण 11 मई से परीक्षकों को किया जाना है। जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा का कहना है कि अभी 7 दिन तक तो कंटेनमेंट एरिया में प्रवेश कतई संभव नहीं है। इस कारण जब एक्सीलेंस स्कूल कैंपस में पहुंचना अलाऊ होगा उसके बाद हाईस्कूल इंटर की कॉपियों का वितरण संभव हो सकेगा। विकल्प यह भी है कि कलेक्टर विशेष अनुमति प्रदान करें तो एक गाड़ी भेजकर उत्तर पुस्तिकाओं को एक्सीलेंस स्कूल के स्ट्रांग रूम से निकालकर उसे किसी दूसरे स्थान से वितरण कराया जा सकता है।
अब तक 1.41 लाख कॉपियां का मूल्यांकन
मुरैना जिले में होम वैल्यूएशन के तहत अब तक एक लाख 41 हजार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो चुका है। 10 हजार कॉपियों का मूल्यांकन और होने के बाद 10 मई तक डेढ़ लाख कॉपियों का मूल्यांकन हो जाएगा। दूसरे चरण की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 15 मई से शुरू हो सकेगा। 17 मई को तीसरे चरण का लॉकडाउन समाप्त होने के बाद हाईस्कूल व इंटर की शेष प्रश्नपत्रों की परीक्षाएं कराई जाना संभव होगा। परीक्षाएं जून महीने के दूसरे सप्ताह में आयोजित हो सकेंगी।
भैंसदेही के सायगोहान गांव में बुखार के बाद आदिवासी मजदूर उपेंद्र पिता मनीराम लोखंडे की संदिग्ध मौत होने की जानकारी स्वास्थ्य और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। आननफानन में सीएमएचओ ने जांच के लिए एक स्वास्थ्य टीम सायगोहान गांव भेजी तो खुलासा हुआ कि गांव में बड़ी संख्या में लोग बुखार से पीड़ित हैं, लेकिन वे अंधविश्वास के कारण केवल जल चढ़ाकर ठीक होने का प्रयास कर रहे हैं। वे जांच करवाने को तैयार नहीं थे आखिरकार में पुलिस बल की मदद से 22 ग्रामीणों की जांच की गई। 12 काे जिला अस्पताल रैफर किया है। हालांकि स्वास्थ्य अमला कोरोना और चिकनपॉक्स जैसी कोई बीमारी होने की बात से इनकार कर रहा है।
वहीं मृतक का अंतिम संस्कार कर दिए जाने से उसका सैंपल भी स्वास्थ्य विभाग नहीं ले पाया है। क्योंकि काेराेना संक्रमण काल में इस तरह की संदिग्ध मौत होने और गांव में कई लाेगाें काे बुखार आने के कारण मामला और संदिग्ध हो गया है। सीएमएचओ जीसी चौरसिया का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सैंपल भी लिए जाएंगे। अभी ग्रामीणों में काेराेना जैसे लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
राेंढा गांव की समिति में हम्माली करता था मृतक
भैंसदेही विकासखंड की ग्राम पंचायत झल्लार के सायगोहान गांव का मजदूर उपेंद्र पिता मनीराम लोखंडे (30) जाे कि ग्राम रोंढा की सहकारी समिति में हम्माली का काम करता था। जाे पिछले कुछ दिनों से बुखार होने के कारण घर पर ही था। शुक्रवार को उपेंद्र की मौत हो गई। जानकारी मिलते ही सीएमएचओ जीसी चौरसिया ने स्वास्थ्य अमले की टीम मौके पर भेजा। स्वास्थ्य केंद्र झल्लार के डॉ. तरुण शर्मा समेत, नायब तहसीलदार और पटवारी जब मौके पर पहुंचे तो गांव वालों ने इलाज करवाने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस बल बुलवाकर उन्हें इलाज के लिए तैयार करवाया और ग्रामीणों की जांच शुरू करवाई। डॉ. शर्मा ने बताया कि मृतक के परिजनों और ग्रामवासियों का कहना है कि उपेंद्र को लगभग 15 दिनों से चिकन पॉक्स जिसे ग्रामीण (माता रानी) भी कहते हैं, निकलने व बुखार के कारण बीमार था, लेकिन परिजनों ने उपेंद्र का इलाज नहीं करवाया, अब तक घर में ही पूजा करते रहे। अन्य की जांच की गई है।
कोरोना महामारी के इस दौर में पुलिस सच्चे योद्धा की तरह जान जोखिम में डालकर लोगों की हिफाजत के लिए सड़क पर मौजूद है। ऐसे में हर आम आदमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि पुलिस की जायज मांगों के लिए आगे आए। उनकी जरूरतों के लिए शासन प्रशासन से मांग करें। इसी तारतम्य में नगर की सामाजिक संस्था अंगद सरकार महाआरती मंडल के तत्वाधान में एक मांग पत्र सेंवढ़ा एसडीएम राकेश परमार को सौंपा गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ंिसह चौैहान के नाम संबोधित उक्त पत्र पर दो दर्जन से अधिक नागरिकों ने हस्ताक्षर किए। लाॅकडाउन के कारण पत्र को सौंपने के लिए संगठन के संयोजक चंद्रेश गुप्ता एवं कार्यकर्ता शिवकुमार यादव ही सेंवढ़ा एसडीएम श्री परमार के समक्ष पहुंचे। एसडीएम परमार ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग से सहमति व्यक्त की तथा पत्र को तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजने के निर्देश कार्यालय लिपिक को दिए।
पत्र में उल्लेख है कि मप्र पुलिस के कई कर्मचारियों का बरसों से प्रमोशन नहीं हुआ है जिस कारण से वह अपने मूल पद पर ही कार्य कर रहे हैं विभाग में ऐसे कई आरक्षक हैं जिनकी सेवा 25 से 30 वर्ष हो गई है लेकिन प्रमोशन नहीं मिाल है। ऐसे लोगों को सम्मान देते हुए तत्काल वेतनमान के अनुसार पदनाम देने की मांग की गई। इसके अलावा कोरोना महामारी के दौर में जान जोखिम में डालने वाले पुलिस कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने की भी मांग की गई। पत्र में पुलिस कर्मचारियों के परिवार के लोगों की सहायता करने के लिए पुलिस वेलफेयर कार्यालय खोलने, मंहगाई के अनुसार वाहन तथा फ्रूट एलाउंस बढाने की मांग की गई। इसके अलावा विभागीय परीक्षा आयोजित कर पदोन्नति करने जैसी कई मांगें शामिल हैं।
कलेक्टर रोहित सिंह ने शुक्रवार को उनाव क्षेत्र के गेहूं खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने उनाव में स्थित खरीदी केंद्र पर तुलकर रखीं गेहूं की बोरियों का पुन: इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर बजन कराया तो कुछ बोरियों में निर्धारित मात्रा से ज्यादा गेहूं भरा पाया गया तो कुछ में कम। जिस पर कलेक्टर ने केंद्र प्रभारी विनोद यादव को नोटिस देने के निर्देश एआरसीएस अखिलेश शुक्ला को दिए। कलेक्टर को अधिकतर केंद्रों पर तुला हुआ गेहूं रखा मिला जिसका समय रहते उठाव न होने पर नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश पर नागरिक आपूर्ति निगम ने गेहूं का उठाव कराने एक और ट्रांसपोर्टर नियुक्त किया है। अब जिले में दो ट्रांसपोर्टर हो गए हैं।
दैनिक भास्कर ने छह मई को 65 सोसायटियों का 30 लाख कमीशन और लेबर खर्च न मिलने से खरीदी बंद, बारिश से दो लाख क्विंटल गेहूं भीगा, शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर सिंह ने शुक्रवार को उनाव क्षेत्र के केंद्रों का निरीक्षण किया। कलेक्टर सिंह परासरी पहुंचे। यहां केंद्र पर गेहूं खुले में रखा मिला। इसके बाद कलेक्टर उनाव केंद्र पर पहुंचे। यहां उन्होंने तुलकर रखी गेहूं की बोरियों को पुन: इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर तुलवाया तो बोरियों में निर्धारित मात्रा से अधिक तो किसी में कम गेहूं पाया गया। एक बोरी में गेहूं की मात्रा 50 क्विंटल निर्धारित है। लेकिन बोरियों में 50 क्विंटल 700 ग्राम तक गेहूं भरा पाया गया। उन्होंने केंद्र प्रभारी यादव को नोटिस देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने तरगुवां केंद्र का भी निरीक्षण किया। यहां भी गेहूं खुले में रखा मिला। कलेक्टर ने मौके पर ट्रांसपोर्टर को बुलाया और कहा कि ट्रकों में भरकर जितना जल्दी हो सके, गेहूं को गोदामों में भेजें। अगर गेहूं भीगता है तो ट्रांसपोर्टर का भुगतान रोका जाएगा। कलेक्टर के निर्देश पर नागरिक आपूर्ति निगम ने पूर्व के ट्रांसपोर्टर मै. शिवा इंटरप्राइजेज को सेंवढ़ा और दतिया के केंद्रों से गेहूं उठाने की जिम्मेदारी सौंपी। जबकि एक नया ट्रांसपोर्टर मै. अजय कुमार सविता को नियुक्त कर भांडेर के केंद्रों से गेहूं उठाने की जिम्मेदारी सौंपी।
दिनारा रोड पर देशी शराब की दीवार तोड़कर 284 पेटी चोरी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने तीन और चोरों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को चोरी हुईं शराब की पेटियां तो नहीं मिली लेकिन शराब की पेटियों को बेचकर जमा की गई रकम 60 हजार रुपए पुलिस ने बरामद कर लिए। पूछताछ में आरोपियों ने अपने कुछ और साथियों के नाम बताए हैं जिनकी तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है।
टीआई योगेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि करीब सप्ताह भर पहले दिनारा रोड स्थित लायसेंसी देशी शराब की दुकान से 280 पेटी शराब चोरी हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर लिया था और उनके द्वारा बताए जाने पर पुलिस ने राजा ठाकुर निवासी रेलवे स्टेशन, नफीश खां और असलम निवासी सपा पहाड़ को गिरफ्तार किया है। इन चोरों से 60 हजार रुपए बरामद किए हैं। अब तक पुलिस सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। साथ ही एक लाख रुपए से अधिक कीमत की रिकवरी पुलिस ने कर ली है।
जब मध्यप्रदेश आने के लिए प्रवासी मजदूरों को ट्रेन की आवश्यकता थी तब ट्रेन उनके ऊपर से गुजर गई। अब विडंबना है कि ट्रेन से ही उनके शवों को मध्यप्रदेश में लाया जा रहा है। मप्र के 16 मजदूरों की औरंगाबाद के निकट रेल दुघर्टना में हुई निर्मम मृत्यु पर विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने आक्रोश व संवेदना व्यक्त करते हुए मजदूर परिवारों को एक-एक करोड़ की आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के उस दावे की पोल उजागर हो गई है जिसमें उन्होंने मजदूरों को ससम्मान लाने की बात कही थी। विधायक ने औरंगाबाद में सरकार की बदइंतजामी के चलते असमय ही काल के गाल में समा गए 16 से अधिक श्रमिकों को मालगाडी द्वारा रौंदने की इस हृदयविदारक घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मध्यप्रदेश सरकार की प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में लाने की नीति पर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत डेढ़ माह से मध्यप्रदेश के हजारों प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न प्रांतों में फंसे हुए थे लेकिन उनकी सुध प्रदेश सरकार ने नहीं ली। जब प्रवासी मजदूरों के पास न तो खाने को बचा था और ना ही उनके पास आने-जाने के पैसे थे ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने घरों की और पटरी किनारे चल दिए, जिन्हें मालगाडी ने दर्दनाक तरीके से रौंद दिया। गुर्जर ने कहा कि हमारे क्षेत्र में पूर्व में जो मजदूर आये वो 1100-1200 किलोमीटर पैदल चलकर मप्र की सीमा पर पहुंचे थे। वहां से बस में बैठाकर लाया गया था। प्रदेश सरकार ने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब आदि प्रदेशों में अन्य राज्यों में पीडित मजदूरों से संबंधित राज्य सरकारों से न तो संवाद स्थापित किया और
न ही मजदूरों से सम्पर्क किया जिसके के कारण पूरे देश में मध्यप्रदेश के मजदूरों की दुर्दशा हो रही है। विधायक गुर्जर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीड़ित मजदूरों काे लाने के लिए कोई ठोस तंत्र बनाया जाएं। अन्य राज्यों से संवाद कर मजदूरों की सकुशल वापसी सुनिश्चित की जाएं।
जिस तरह आदि पत्रकार देवर्षि नारद के हर संवाद में कल्याण की भावना होती थी। आज हमें उनकी तरह पत्रकारिता कर समाज को नई दिशा देने की आवश्यकता है। उस युग में देवर्षि की पत्रकारिता सकारात्मक, संदेशात्मक और सेतु के रूप में रही है। उसी तरह हमें भी लोकमंगल और लोकहित की पत्रकारिता करने की आवश्यकता है। तब ही सच्चे मायनों में उनकी जयंती मनाना सार्थक होगा। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जिला प्रचारक मुकेश दीक्षित ने शुक्रवार को देव ऋषि नारद जी की जयंती पर डीईओ ऑफिस के पीछे पत्रकार संतोष तिवारी के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता कही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. मुकेश शर्मा मौजूद रहे। अध्यक्षता श्रमजीवी पत्रकार संघ के संभागीय संयोजक मनोज गोस्वामी एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर भागवताचार्य श्रीसिद्ध शरण पाठक एवं समाजसेवी राजेन्द्र गुप्ता मुनीम मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत देवर्षि नारद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई। मुख्य अतिथि डाॅ. मुकेश शर्मा ने कहा कि नारद जी देवऋषि इसलिए कहलाते हैं क्योंकि उनका आचरण देवताओं के लिए भी अनुकरणीय है। जिस तरह नारदजी सूचनाओं का सटीक संवहन सटीक जगह तक करते थे, हमारे पत्रकार बंधु भी उसी गुण को आत्मसात कर श्रेष्ठ पत्रकारिता करते हैं। अध्यक्षता कर रहे गोस्वामी ने कहा कि नारद जी का सम्मान हर लोक में होता था। देवताओं के अलावा ज्ञानी, बुद्धिमान और चतुर होने के कारण दैत्य भी नारद जी का सम्मान करते थे। कार्यक्रम का संचालन श्रमजीवी संघ संभागीय उपाध्यक्ष संतोष तिवारी द्वारा किया गया। अंत में पत्रकार रामू प्रजापति का शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। इस दौरान चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, जेपी शर्मा, बस यूनियन अध्यक्ष तुलसी सेठ, आकाश, मनोहर कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह ने शुक्रवार को सिविल अस्पताल सेंवढ़ा पहुंचकर 45 पीपीई किट दान में दी। इन किटों का उपयोग डाॅक्टरों के अलावा अब प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी कर सकेगा। यहां बता दें कि अभी तक सेंवढ़ा सिविल अस्पताल को शासन द्वारा अभी तक केवल दो पीपीई किट भिजवाई गई थी। इसके बाद दो किट सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दान में दी गईं। अब क्षेत्रीय विधायक घनश्याम सिंह ने बड़ी राहत देते हुए 45 किटें दान में दी।
कांग्रेस आईटी सेल जिला प्रभारी देशराज कुशवाह ने बताया कि विधायक श्री सिंह द्वारा सेंवढ़ा अस्पताल की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत कोरोना काल में विधायक निधि से 10 लाख रुपए की सहयोग राशि सिविल अस्पताल को दी गई। राशि का उपयोग अस्पताल की प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने के लिए होना है। इसके अलावा 5 लाख रुपए एक बड़े जनरेटर के लिए दान दिए जा चुके हें। विधायक श्री सिंह को जब जानकारी मिली कि सेंवढ़ा सिविल अस्पताल में अभी भी पीपीई किट नहीं हैं, तो उन्होंने स्वयं के व्यय पर पहले 15 किट तैयार करवाई गई। 15 किटों को चिकित्सकों के अलावा लगातार ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को सौंपा गया। शुक्रवार को श्री सिंह दोबारा अस्पताल पहुंचे। इस दौरान ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. डीएस पवार, प्रभारी मेडिकल आॅफिसर डाॅ. नरेंद्र शर्मा, डाॅ. नवीन नागर के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ कम्पाउंडर, स्टाफ नर्स, वार्डवॉय, ड्रेसर, स्टोर कीपर, सहित समस्त स्टाफ को भेंट की गई। इस अवसर पर राजेंद्र नोनेरिया, देशराज कुशवाह, ऊधम सिंह बाबा नागिल केपी यादव जी, संतोष चौबे, कमलेश प्रजापति, रहीश खान, बादशाह खान, प्रदीप श्रीवास्तव, धीरज गन्धी, रामकुमार कुशवाह आदि मौजूद रहे।
लॉकडाउन में मिली छूट से बाजार में लगातार बढ़ रही भीड़ चिंता का कारण बन रही है। इस भीड़ को रोकने तथा सोशल डिस्टेंसिंग रखने और मास्क लगाने के नियम का पालन करवाने के लिए अब पुलिस काे सख्ती करनी पड़ रही है। कोठीबाजार के सीमेंट रोड पर पुलिस ने शुक्रवार को बैरिकेड्स लगाकर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह राेक दिया है। यहां से लाेग पैदल जाकर ही अब लाेगाें काे खरीददारी करना पड़ रही है। सोशल डिस्टेंस नहीं रखने, मास्क और ग्लब्स नहीं पहनने पर गंज के 4 और कोठीबाजार के 18 कुल 22 दुकानदारों को पुलिस ने नोटिस जारी किए हैं।
गंज में दुकानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं
गंज क्षेत्र में व्यापारी लगातार प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। दुकान संचालक न तो मास्क लगा रहे और न ही ग्लब्स पहन रहे हैं। वहीं दुकानों में सोशल डिस्टेंस भी नहीं रखा जा रहा है। गंज टीआई संतोष पटेल ने यशवंत रियर इंटरप्राइजेस, राजेश मेहता कांतिलाल इंटरप्राइजेस, राहुल गुगनानी प्रकाश इंटर प्राइजेस, निर्मल पोपली निर्मल किराना स्टोर्स को दुकान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवाने तथा मास्क व ग्लब्स नहीं पहनने पर नोटिस दिए हैं।
समर्थन मूल्य पर खरीदी का दाैर लगातार चल रहा है। शासन-प्रशासन उपार्जन केंद्र पर जल्दी खरीदी करना चाहता है, ताकि काेराेना संक्रमण से किसानाें काे राहत रहे। कृषि उपज मंडी में स्थित मार्केटिंग साेसायटी पर भी अब किसानों की संख्या बढ़ा दी गई है।
30 अप्रैल से शुरू हुई खरीदी में अब तक यहां 500 किसानाें से 21 हजार क्विंटल उपज की खरीदी हाे चुकी है। यहां 16 गांव के 905 किसान पंजीकृत है। इसमेंसे लगभग 500 किसान उपज बेचे चुके है, यानि लगभग 400 किसानाें की उपज और आना बाकी है। मार्केटिंग साेसायटी के साथ ही प्रशासन भी व्यवस्था बनाने में लगा हुआ है। किसानाें काे अधिक इंतजार न करना पड़े और व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए मंडी थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा के निर्देश पर यातायात आरक्षक मुकेश राठाैर द्वारा दशहरा मैदान में लाइने बनवाई गई। जिसमें 23 लाइन बनाकर दाे-दाे ट्रैक्टर ट्राॅली खड़ी की गई। ताकि एक बार में 23 लाेगाें का नंबर आ सके। शुक्रवार काे रात 8 बजे तकसमर्थन मूल्य पर उपज बेचने आने वाले किसानाें काे गर्मी में तपना भी पड़ रहा है। वजह खरीदी केंद्राें पर न छांव की व्यवस्था है और न पानी की। ऐसे में किसान अपनी ट्राॅली के नीचे ही छांव तलाश कर वहीं आराम कर रहा है ताे वहीं भाेजन भी कर रहा है। क्यूंकि उपज काे सूना भी नहीं छाेड़ सकते है। दशहरा मैदान में जगह नहीं हाेने पर बायपास भी ट्रैक्टर-ट्राॅली खड़ी कराई जा रही है, यहां भी पानी और छांव की काेई व्यवस्था नहीं है।
महाराष्ट्र के पुणे से पत्नी व दो बच्चों के संग बाइक से 1100 किमी का सफर तय कर सबलगढ़ निवासी युवक जीवनलाल शिवपुरी जिले के बैराड़ में पानी पीने के लिए सड़क किनारे कुछ देर रुका। गुरुवार की रात करीब 8.30 बजे स्थानीय युवक ने तेजी और लापरवाही से बाइक चलाते हुए जीवनलाल को टक्कर मार दी। हादसे में उसकी मौत हो गई है। घटना स्थल से उसका घर महज 70 किमी दूर रह गया था। वहीं बदरवास के नजदीक फोरलेन हाईवे पर ट्रक से टकराकर ऑटो पलट गया। ऑटो में सवार तीन दंपति घायल हो गए। हालांकि ऑटो में सवार छह बच्चों में से किसी को ज्यादा चोट नहीं आई है।
जीवनलाल (32) पुत्र लालपत प्रजापति निवासी ग्राम जावरोल तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना अपनी पत्नी रोहिणी, बेटा कार्तिक (6) और दूसरे बेटे मोहित (3) के संग बाइक से पुणे से 7 मई गुरुवार की रात 8.30 बजे बैराड़ से 2 किमी पहले तक आ गया। यहां वह पानी पीने के लिए बाइक रोककर खड़ा हुआ, तभी एक युवक तेजी एवं लापरवाही से बाइक चलाते हुए आया और जीवनलाल को टक्कर मार दी। हादसे में जीवनलाल गंभीर रूप से घायल हो गया। पुणे से उसके साथ आए तीन-चार अन्य बाइक सवार साथी उसे जिला अस्पताल लेकर आ गए लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना स्थल से मृतक जीवनलाल का गांव करीब 70 किमी दूरी पर रह गया था। घर पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। लॉक डाउन में काम बंद हो जाने की वजह से जीवनलाल अपनी पत्नी व बच्चों को लेकर घर वापस जा रहा था।
पति की मौत से अनभिज्ञ पत्नी ने शॉल बिछाकर सुला दिए अपने थके हारे बच्चे
पुणे में टाइल्स बिछाने का काम करते थे: ज्ञान सिंह
जिला अस्पताल में जीवनलाल की मौत के बारे में उसकी पत्नी रोहिणी व दोनों बच्चों को नहीं बताया गया। रात में थके हारे बच्चों को रोहिणी ने शॉल बिछाकर ट्रॉमा सेंटर के अंदर फर्श पर सुला दिया। महिला ने अपने पति के बारे में पूछा तो बताया कि अभी इलाज चल रहा है। मृतक के माता व भाई शिवपुरी पहुंचे, तब महिला को पति की मौत का पता चला।
जीवनलाल के साथ ही पुणे से लौट रहे (रिश्ते में जीजा) ज्ञानसिंह प्रजापति निवासी जवेरा ने बताया कि वे पुणे में टाइल्स बिछाने का काम करते थे। लॉक डाउन खुलने के इंतजार में सारा राशन खत्म हो गया। थोड़े बहुत पैसे बचे तो पेट्रोल भरवाकर पत्नी-बच्चों को लेकर घर लौटना ही बेहतर समझा। हताश होकर ज्ञानसिंह ने कहा कि भूखों मरने से बेहतर है, फिर चाहे रास्ते में मरना लिखा है तो मर जाएंगे। उन्होंने बताया कि 5 मई की शाम पुणे से निकले थे।
शराब पिए था बाइक सवार, ग्रामीणों ने भगा दिया
बैराड़ के पास जिस बाइक सवार ने जीवनलाल को टक्कर मारी, वह शराब के नशे में था। ज्ञानसिंह ने बताया कि नशे की हालत में हमने बाइक सवार युवक को पकड़ लिया था लेकिन स्थानीय लोग आ गए। उन्होंने उस बाइक सवार को भगा दिया। हम जीवनलाल को लेकर अस्पताल लेकर चले आए।
इधर... हाईवे पर ट्रक से टकराकर ऑटो पलटा, अहमदाबाद से अंबाह लौट रहे 3 दंपति घायल
ऑटो क्रमांक जीजे 01 बीबी 6418 से तीन दंपति अपने छह बच्चों के संग अहमदाबाद से लौट रहे थे। बदरवास के नजदीक गुरुवार की रात 9 बजे ट्रक से टकराकर ऑटो कुल्हाड़ी गांव के पास पलट गया। हादसे में प्रेम सिंह पुत्र पातीराम कोली के पैर और हाथ में चोट आई है। नारायणी पत्नी प्रेम सिंह चोटिल हैं। रिंकू पुत्र पूरन सिंह कोली, बेबी पत्नी रिंकू कोली और निहाल पुत्र पातीराम व हेमलता पत्नी निहाल भी घायल हैं। हालांकि ऑटो में सवार 6 बच्चे सुरक्षित हैं। घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था, तब सारे बच्चे अपने मम्मी-पापा को लेकर लाइन से बैठकर चिंतित और मायूस नजर आए। ऑटो से 5 मई की शाम अहमदाबाद से मुरैना जिले की अंबाह तहसील के गांव पाराशर की गढ़ी के लिए निकले थे।
कस्बा के धनेटा रोड पर रहन वाले मुन्ना लाल राठौर की बेटी आशा ने शुक्रवार की शाम 4.30 बजे अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। जानकारी के मुताबिक, मुन्नालाल की बेटी आशा, शुक्रवार की दोपहर में भोजन करने के बाद विश्राम करने के बहाने दूसरे कमरे में चली गई। लड़की की मां दोपहर में कामकाज निपटाने के लिए छत पर चल गई। आशा ने मौका पाकर कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और फांसी का फंदा बनाकर उस पर झूल गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर प्रवेश किया तो पुलिस को वहां लड़की के हाथ से लिखा एक सुसाइड नोट मिला। 6-7 लाइन के सुसाइड नोट में आशा ने लिखा...मम्मी आप दुखी मत हाेना...आप मेरी प्यारी मां हो, मैं दुनियां छोड़कर जा रही हूं, मुझसे घर पर कोई प्यार नहीं करता है। पुलिस ने उस मोबाइल को भी जब्त कर लिया जो तीन दिन पहले तक आशा के पास था और उसे परिवार के लोगों ने छीनकर अपने पास रख लिया था। मृतका आशा की मां ने रोते हुए बयान दिया कि उनकी बेटी रिश्ते के जीजा से परेशान थी। परसों वह लड़का मुरैना से पोरसा आया था। वह बेटी से कह रहा था कि मैं तेरे से सैटिंग करने आया हूं। मेरी बेटी ने जबाब में कहा कि दो बच्चों के बाप हो, ऐसी बातें करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती क्या। मां का कहना है कि उनकी बेटी कुछ दिनों से रिश्ते के जीजा से परेशान थी।
कोरोनावायरस के चलते किए गए लॉक डाउन के बाद शुक्रवार को नगर में पहली बार कपड़ा, सर्राफा, रेडीमेड होजरी, बर्तन सहित जूता चप्पल का बाजार पहली बार खुला तो खरीदारों की भीड़ इतनी उमड़ी की सोशल डिस्टेंस का पूरी तरह पालन नहीं हो सका। आलम यह रहा कि लोग भीड़ का हिस्सा बनते रहे और जिम्मेदार अधिकारी सड़कों पर गाड़ियों में घूमते रहे, लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन होता बिल्कुल नजर नहीं आया। दुकानों पर खरीदारी करने आए लोग एक दूसरे से सटकर खड़े हुए थे। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के चलते देशभर में विगत 23 मार्च से लॉक डाउन बना हुआ है ऐसे में नगर के सभी बाजार बंद बने हुए थे। शुक्रवार को बाजार की लगभग सभी दुकानें खोलने ढील दी गई, लेकिन इस दौरान लोगों में कहीं भी सोशल डिस्टेंस नहीं दिखा।
वहीं लॉकडाउन के कारण लंबे समय से बंद चले आ रहे बाजार जब शुक्रवार को पहली बार खुले तो खरीदारों ने हर तरह के सामान की कीमतें ज्यादा चुकाईं। रेडीमेड कपड़े जूते चप्पल से लेकर अंडरवियर बनियान तक की कीमतों पर 20 से लेकर 50 रुपए तक की वृद्धि लोगों को सहनी पड़ी। बढ़ी हुई कीमतों को लेकर सामने आया कि अभी माल होलसेल मार्केटों से नहीं आ पा रहा है इसलिए दुकानदारों ने पूर्व के स्टॉक पर खुद ही कीमतें बढ़ा दी गई हैं। वहीं गर्मियां शुरू होते ही नगर परिषद द्वारा शहर के मुख्य बाजारों में पानी की प्याऊ शुरू करा दी जाती थी, लेकिन इस बार नगर परिषद द्वारा शहर में कहीं भी पानी की प्याऊ नहीं लगवाई गई है। नगर में 3 घंटे के लिए खोले जा रहे बाजारों में खरीदारी करने आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कंठ की प्यास बुझाने के लिए नगर में कहीं भी शीतल जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वहीं बाजार में दुकानों और ग्राहकों द्वारा लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंस के नियमों को ताक पर रख पालन नहीं किया जा रहा है। जिसका मुख्य कारण यह भी है कि बाजारों में निगरानी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर कर्मचारी गर्मी के कारण अपनी एयर कंडीशनर गाड़ियों से केवल राउंड लगाते एवं गाड़ियों में बैठे-बैठे समझाइश देते नजर आते हैं। नियमों का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों के विरुद्ध बीते कई दिनों से न तो कोई कार्यवाई की जा रही है। न ही अधिकारी गाड़ियों से नीचे उतर कर नियमों का पालन करा पा रहे हैं।
यह रहेगा दुकानें खुलने का समय
जौरा एसडीएम नीरज शर्मा ने सप्ताह में तीन दिन शुक्रवार, रविवार व मंगलवार काे कपड़े व जूते की दुकानें खाेलने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार सप्ताह के तीन अन्य दिनाें में जनरल स्टाेर व ज्वेलरी की दुकानें खुलेंगी। सब्जी मंडी सुबह 7 से 9 बजे तक व किराना की दुकानें दाेपहर 2 से 5 बजे तक नियमित खाेली जा रही हैं। इसी के साथ बाजार में दाेपहिया वाहनाें का मुख्य बाजार में प्रवेश आज भी बंद रहा।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी
सुजीत सिंह भदौरिया, एसडीओपी अनुविभाग जौरा के मुताबिक, हम लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंस का लगातार पालन करने की अपील कर रहे हैं, पुलिस बाजार में बराबर राउंड कर रही है, जो नियमों का उल्लंघन करते पाया गया उसे बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा, कड़ी कार्यवाही अवश्य की जाएगी।
गर्मियों में शहरवासियों की सबसे पसंदीदा जगहों में से यह है हनुमानपाला डेम। मार्च माह से ही यहां सुबह और शाम सैकड़ों लोग पानी से लबालब डेम और ठंडी हवाओं का आनंद लेने पहुंचते हैं। लॉकडाउन की वजह से लाेग यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं, इसलिए भास्कर आपके घर तक इस मनोरम स्थल की यह विहंगम तस्वीर लेकर आया है। 95 एमसीएफटी जलसंग्रहण क्षमता के डेम का जलस्तर फिलहाल काफी कम हाे चुका है। बावजूद आपकी आंखों को यह नजारा सुकून देगा।
नगर पालिका में पिछले डेढ़ साल से सभी आवश्यक कामकाज बंद हैं। छोटे-छोटे काम भी डेढ़ साल से बंद पड़े हैं। शहर के नाले नालियों पर डाले लोहे के जाल डेढ़ साल से टूटे पड़े हैं। नगर पालिका के अफसर, कर्मचारी इन टूटे हुए जाल से गाड़ी निकालकर चले जाते हैं लेकिन कभी भी टूटे हुए जाल बदलवाने को लेकर कार्रवाई नहीं की। लगातार हो रहे हादसों को लेकर पुलिस ने टूटे हुए जाल से लोगों को बचाने के लिए बेरिकेड्स लगा दिए हैं। डेढ़ साल से बेरीकेड्स रखे हैं। अगर पुलिस भी ध्यान न दे तो आए दिन हादसे होंगे।
वर्ष 2018 में दिसंबर में कांग्रेस सरकार आते ही नगर पालिका ने शहरी क्षेत्र के सभी निर्माण कार्य बंद कर दिए थे। इसी साल मार्च महीने में सरकार बदल गई और मप्र में अब शिवराज सरकार है। जबकि नगर पालिका में जनवरी माह से कलेक्टर प्रशासक हैं। लेकिन नगर पालिका में निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पाए। यही हाल टूटे हुए जालों का भी है। वार्ड में कहीं भी जाल टूटता है तो निकाय के पार्षद अपने वार्ड के इंजीनियर को आवेदन देते हैं। इंजीनियर मौके पर जाकर टूटे हुए जाल को देखकर इस्टीमेट बनाकर तैयार करते हैं। शहर के छत्तीस वार्डों के कई आवेदन टूटे हुए जाल बदलवाने के लिए इंजीनियरों के पास रखे हैं और फाइल में दबकर धूल खा रहे हैं। लेकिन इंजीनियरों ने न तो इस्टीमेट बनाकर जाल बदलवाने की कार्रवाई की और न ही पुलिया निर्माण कराए। इंजीनियर वार्डों में भ्रमण करते भी नहीं देखे जाते हैं। नगर पालिका के पूर्व सम्मेलनों में कई बार पार्षदों ने भी जालों को बदलवाने के मुद्दे उठाए। लेकिन हर बार सम्मेलन में एक सप्ताह के अंदर जाल बदलवाने का ही समय मिला। डेढ़ साल में एक भी जाल नहीं बदलवाया गया।
मुख्य मार्ग पर बेरीकेड्स लगाकर पुलिस रोक रही हादसे
राजगढ़ चौराहा से गांधी रोड मुख्य बाजार का प्रमुख रास्ता है। इसी मार्ग पर बड़ी तिगैलिया पर बने नाले पर लोहे के जाल डाले हुए हैं। इसी नाले का एक तरफ का जाल डेढ़ साल पहले टूट गया है। जाम के दौरान जब यहां से वाहन निकलते थे तो पहिये नाले में फंस जाते थे। इस प्वाइंट पर तैनात ट्रैफिक कर्मियों को काफी परेशानी जाम खुलवाने में होती थी। जिसको देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने यहां अपना बेरीकेड्स रख दिया। पिछले डेढ़ साल से बेरीकेड्स यहां रखा है। पुलिस हादसों को रोकने में जितनी तत्पर दिखी, नगर पालिका उतनी ही लापरवाह नजर आई। 10 फीट चौड़े सड़क मार्ग पर तीन फीट का जाल टूटा पड़ा है। जब भीड़ बढ़ती है तो तीनों सड़क मार्गों पर लंबा जाम लग जाता है।
सड़काें पर बना दिए अमानक स्पीड ब्रेकर
नगर पालिका ने ठेकेदारों के माध्यम से शहरी क्षेत्र में बनवाई गईं सीसी सड़कों पर ऊंचे ऊंचे स्पीड ब्रेकर बनवा दिए गए हैं। ये स्पीड ब्रेकर वाहनों की रफ्तार नियंत्रित करने के उद्देश्य बनवाये गए थे। लेकिन इनकी ऊंचाई और चौड़ाई का ध्यान नहीं रखा गया। बनाए गए ये स्पीड ब्रेकर मानक नहीं हैं। जिस कारण वाहनों में दचकों से टूट फुट होती है। कई बार छोटे पहियों वाले वाहन स्पीड ब्रेकर से टकरा जाते हैं जिससे कई बार वाहन गिर जाते हैं और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। साथ ही वाहनों में टूट फूट हो जाती है।
यहां भी टूटे पड़े जाल
शहर में केवल तिगैलिया ही नहीं बल्कि बड़े पोस्ट ऑफिस के पास चूनगर फाटक रोड पर तो सड़क के बीचों बीच इतना बड़ा गड्ढा है कि जरा सी नजर चूकने पर जनहानि हो सकती है। इसके अलावा रिसाला मंदिर सड़क मार्ग, मुड़ियन का कुआं के पास, होलीपुरा समेत अन्य मोहल्लों में भी नाली व नालों पर जाल टूटे पड़े हैं। लगातार परेशानी झेल रहे लोगों ने अपने खर्चे पर नालों पर सीमेंट की पुलियों का निर्माण कराया है। ताकि स्थाई समाधान हो सके। लेकिन नगर पालिका ने इनकी समस्याओं को दर किनार कर दिया।
लोग परेशान हो रहे हैं
योगेश सक्सेना, पूर्व नपा उपाध्यक्ष के मुताबिक, नपा प्रशासक के अधीन है। इसलिए प्रशासक को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन प्रशासक नपा जाते नहीं, वैसे छोटे छोटे काम के लिए इंजीनियर होते हैं लेकिन उन पर कमान नहीं है। वे वार्डों में जाना तो दूर, ऑफिस तक नहीं जाते इसलिए आमजनता को परेशानी हो रही है।
ध्यान देना चाहिए
नरेंद्र सिंह परिहार, ट्रैफिक प्रभारी दतिया के मुताबिक, कई जगह नालों पर टूटे हुए जाल हैं। जहां ज्यादा परेशानी हो रही है वहां हमने बेरिकेड्स लगा दिए हैं ताकि लोग टूटे हुए हिस्से से बचकर निकलें। नगर पालिका को इन छोटी छोटी चीजों पर ध्यान देना चाहिए।
कोरोना संक्रमण से बचाव में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस सहित प्रशासन के अधिकारियों 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं। इनको सामाजिक संगठनों द्वारा पीपीई किट उपलब्ध करवाई जा रही है। स्प्रिंग वुड स्कूल प्रबंधक राहुल पाल ने जिला प्रशासन को 100 पीपीई किट प्रदान की। इस पहल को कलेक्टर जितेंद्रसिंह राजे ने सराहा है और लोगों से सहयोग की अपील की है।
लाॅकडाउन का पालन नायब तहसीलदार सलोनी पटवा और अनु जैन द्वारा सख्ती से कराया जा रहा है। दोनों ही नायब तहसीलदार अपनी टीम के साथ सुबह से देर रात तक बेवजह घूमने वालों और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को नायब तहसीलदार जैन ने 56 ब्लॉक क्षेत्र में दो किराना दुकानों पर चालानी कार्रवाई की। यहां से उन्होंने गुटखा पाउच, बीड़ी बंडल जब्त कर उन्हें जलाकर नष्ट कर दिया। साथ ही दुकानदार को चेतावनी दी कि अगली बार गुटखा पाउच की बिक्री करते मिलने पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा। टीम में लालसिंह कुशवाह, राहुल सोनी, तापस विश्वास शामिल है।
कस्तूरबा बालिका छात्रावास में भर्ती काेराेना के संदिग्ध मरीजाें काे रिपाेर्ट निगेटिव आने पर घर भेजा गया। उधर इनकी सेवा में तैनात डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ का सम्मान किया गया। उल्लेखनीय है कि गत दिनाें बरेह गांव के एक युवक की काेराेना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। फलस्वरुप उसके परिवार समेत कुछ अन्य संदिग्धाें काे कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में आईसाेलेट किया गया था। सभी का काेराेना टेस्ट कराया गया था। यहां आयुष चिकित्सक डॉ. किरन शाक्य, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. सुरेंद्र यादव ने पैरामेडिकल स्टाफ के साथ पूरे चौबीस घंटे शिफ्ट वाइज ड्यूटी की थी। तकरीबन 50 संदिग्धाें काे यहां भर्ती कराया गया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें डिस्चार्ज किया गया। फूल बरसाकर सभी संदिग्धाें काे घर भेजा गया। जबकि ड्यूटी पर रहे तीनाें आयुष चिकित्सकाें काे भी फूल मालाएं पहनाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान जौरा का पूरा स्वास्थ्य अमला, पुलिस, प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों समेत गणमान्य नागरिकउपस्थित थे।
महुआ और गुड़ से बनाई जा रही अवैध शराब के ठिकाने लगभग ट्रेस हो चुके है और प्रशासन इन पर नियमित मॉनिटरिंग कर रहा है। हालांकि पुलिस और प्रशासन का फोकस बांछड़ा एवं कंजर बस्ती पर है लेकिन इसके अलावा कई जगह अवैध रूप से शराब बेची जा रही है, जिस पर ध्यान नहीं गया।
नगर में ही शांतिवन चौपाटी क्षेत्र में रेलवे पटरी के सहारे जो रास्ता जा रहा है, उस तरफ लंबे समय से अवैध शराब बेची जा रही लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि हमने कई बार पुलिस को सूचना दी बल्कि फोटो तक भेज दिए लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे अधिकारी बोलते हैं कि दो-तीन बोतल मिलती है और इतने में क्या केस बनाएं। जबकि ये चेन लंबी है और पुलिस नियमित मॉनिटरिंग करें तो अवैध शराब बिक्री रुक सकती है। सीएसपी विवेकसिंह चौहान ने बताया कुछ दिन पहले सूचना मिलने पर दबिश दी थी और लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। यदि फिर से शराब बिक्री हो रही होगी तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
बागाखेड़ा में फिर दबिश, चिकलाना में मिला लहान- जिले में शराब से हुई मौतों के बाद कलेक्टर ने पुलिस, आबकारी एवं राजस्व की संयुक्त टीम गठित की है। टीम प्रभारी नायब तहसीलदार चंदन तिवारी ने दल में शामिल टीआई जनकसिंह रावत, आबकारी निरीक्षक अविनाश भूरिया, पटवारी दिनेश पाटीदार, त्रिलोक शर्मा के साथ बागाखेड़ा में गुरुवार रात फिर दबिश दी लेकिन कुछ नहीं मिला। यहां तीन दिन पहले 1500 किलो लहान व कई भटि्टयां मिली थी, जिन्हें नष्ट किया।
घाटी नीचे क्षेत्र के गांव के लोग नदी किनारे व पहाड़ी के नीचे खुले मैदान में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं। बारिश होने पर लोगों को काफी असुविधा होती है। इस क्षेत्र में श्मशान घाट तो हैं लेकिन वह क्षतिग्रस्त पड़े हैं, ऐसी स्थिति में ग्रामीण वहां जाने से परहेज करते हैं। जबकि जारोली गांव में श्मशान घाट है ही नहीं।
रामपुर, गणेशपुरा, बामसोली, नोरावली के मुक्तिधामों में चबूतरे व बाउंड्रीवाल का निर्माण पूर्व सरपंचों के द्वारा कराया गया, लेकिन निर्माण इतना घटिया स्तर का रहा कि कुछ समय में ही यह क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद 3 वर्ष पहले शासन के द्वारा वर्तमान सरपंच सचिवों को इन श्मशान घाटों की मरम्मत के लिए बजट दिया गया था, लेकिन इस बजट से सरपंच सचिवों के द्वारा कागजों में श्मशान घाट के क्षतिग्रस्त चबूतरे, टूटी हुई बाउंड्री की मरम्मत कर दी गई, लेकिन धरातल स्तर पर आज तक न तो चबूतरों की मरम्मत की है और न ही बाउंड्री को संभाला है। इस कारण इन गांव के लोगों को या तो पहाड़ी के नीचे खुले मैदान में शव का अंतिम संस्कार करना पड़ता है या फिर क्वारी नदी के किनारे। इस समस्या से अधिकारी भी वाकिफ हैं, लेकिन मुक्तिधामों को दुरुस्त कराने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
ग्राम पंचायत रामपुर कला के मजरा जारोली गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण ग्रामीणों को मजबूरी में क्वारी नदी के किनारे शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। बारिश होने पर समस्या बढ़ जाती है। मुक्तिधाम बनाने के लिए ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की, लेकिन ग्रामीणों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
ग्राम पंचायत रुनघान खालसा की मजरा नोरावली में सरपंच व सचिव के द्वारा श्मशान घाट की मरम्मत के नाम से राशि को निकाल लिया गया, लेकिन लेकिन श्मशान घाट के चबूतरे व बाउंड्री का निर्माण नहीं कराया और श्मशान घाट में कटीली झाड़ी खड़े हुए हैं, उसकी साफ-सफाई तक नहीं कराई गई। इस कारण ग्रामीणों को पहाड़ी के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत बामसोली में पूर्व सरपंच के द्वारा बनाए गए मुक्तिधाम के चबूतरे व बाउंड्री तो क्षतिग्रस्त हुई है, साथ ही यहां तक पहुंचने का रास्ता भी कच्चा है। इस कारण लोगों को यहां तक शव ले जाने में काफी असुविधा होती है। बारिश होने पर सारा रास्ता कीचड़ से अवरुद्ध हो जाता है। इस कारण यहां से निकलते समय फिसल कर गिरने का खतरा भी बना रहता है, जिसके चलते भी ग्रामीण यहां जाने से परहेज करते हैं
कोई नहीं करता सुनवाई
गजराज सिंह गुर्जर, निवासी नोरावली के मुताबिक,गांव में बने मुक्तिधाम के चबूतरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं, रास्ता भी खराब है। मुक्तिधाम में कटीले झाड़ी खड़ी हुई है, इसलिए लोगों को वहां पहुंचने में परेशानी होती है। यहां बैठने या पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसी स्थिति में ग्रामीण पहाड़ी किनारे ही शव का अंतिम संस्कार करने को मजबूर हो रहे हैं। चबूतरे व बाउंड्री को दुरुस्त कराने की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
नए श्मशान घाट बनाने के लिए भेजेंगे प्रस्ताव
एमपी सिंह, सीईओ जपं, सबलगढ़ के मुताबिक, जिन गांव में श्मशान घाट नहीं बने हैं, जिस कारण लोगों को नदी किनारे व पहाड़ी किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है, इसके लिए शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। शासन की स्वीकृति मिलते ही जहां पर श्मशान घाट नहीं है वहां श्मशान घाटों का निर्माण कराया जाएगा और जिन पंचायतों को श्मशान घाट की मरम्मत के लिए बजट दिया गया था, लेकिन उनके द्वारा मरम्मत नहीं कराई गई है तो मैं इसकी जांच कराऊंगा।
कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए इफको ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अपील पर कृषि उपज मंडी व शासकीय वेयर हाउस परिसर में मजदूर, किसान और आम लोगो को साबुन, सेनेटाइजर आदि निःशुल्क वितरित किए।
इस अवसर पर इफको के फील्ड ऑफिसर अनिल कुमार, विक्रय अधिकारी प्रदीप शर्मा, भाजपा के नगर अध्यक्ष कल्ला शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद थे। इस अवसर पर कल्ला शर्मा ने कहा कि इफको का यह कार्य सराहनीय है जिसमें किसानों, मजदूरों को कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सावधानी से संबंधित जानकारी देने के साथ-साथ सेनेटाइजर और साबुन वितरित किए जा रहे हैं, इसके साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का महत्व समझाया जा रहा है।
उनाव के दर्जन भर से अधिक किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए मोहताज बने हुए हैं। लगभग एक साल पहले इन किसानों ने लाभार्थियों की सूची में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किए थे। साथ ही दस्तावेजों की सूची भी राजस्व विभाग के कर्मचारियों को उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन एक साल के बाद भी इन लघु व सीमांत वर्ग के किसानों को सम्मान निधि की राशि नसीब नहीं हो सकी। जिससे कृषक वर्ग के लोगों को परेशानी हो रही है, यह लोग किसान सम्मान निधि के पैसे निकालने के लिए बैंक के चक्कर लगाने को विवश हो रहे हैं। जबकि किसानों से जुड़ी इस योजना में अभी तक अन्य किसानों को छठवीं किश्त का वितरण किया जा चुका है। यहां के किसान एक साल बाद भी पहली किस्त की बेसब्री से बाट जोह रहे हैं।
देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए पिछले साल फरवरी 2019 में पीएम किसान निधि योजना की सौगात दी थी। यह योजना लघु व सीमांत वर्ग के किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं थी। क्योंकि इस तबके के किसान खेती किसानी की लग्गत के समय आर्थिक तंगी के कारण साहूकारों से पैसे लेने व उधार खाद बीज उठाने के लिए विवश हो जाते थे। जिसकी भरपाई उन्हें मय ब्याज के साथ खरीफ व रबी फसलों की उपज बेचने के समय करनी पड़ती थी। किसान सम्मान निधि की बाट जोह रहे किसान राजेश शर्मा पुत्र धनीराम, महेश पंडा पुत्र बच्चीलाल पंडा व नबल चतुर्वेदी पुत्र स्वामी चतुर्वेदी का कहना है कि उन्होंने बीते साल जुलाई माह में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन हल्का पटवारी को दिया था।
दस महीने में कई बार पटवारी का ध्यान भी इस समस्या के प्रति आकृष्ट भी कराया लेकिन नतीजा सिफर रहा। उन्हें आज भी इस योजना के तहत दर्जन भर से अधिक किसानों को पहली किश्त भी नसीब नहीं हो सकी है। इस संबंध में उनाव सर्किल की नायब तहसीलदार मोहिनी साहू का कहना है कि तहसील द्वारा बिल लगाए जा चुके हैं। जल्दी ही योजना से वंचित किसानों को सम्मान निधि प्राप्त हो जाएगी।
नारकोटिक्स विभाग के द्वितीय खंड मनासा क्षेत्र के अफीम उत्पादक किसानों की अफीम का तौल अल्हेड़ रोड स्थित आस्था कॉलेज परिसर में चल रहा है। जहां की प्रत्येक गतिविधियों की 10 सीसीटीवी कैमरों से अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षा में 1-4 का पुलिस स्टाफ लगा हुआ है। जिला अफीम अधिकारी के. मुरलीकृष्णन ने कहा कि तीसरे दिन शुक्रवार को 161 किसानों ने विभाग को 1077.210 किलो अफीम सौंपी। इनको 17.81 लाख रुपए का भुगतान किया। विभाग द्वारा अब किसानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। शनिवार को रूपावास, पावटी, कोटड़ी गुजरत, सुंडी, कंजार्डा क्रमांक-2, डांगड़ी एवं सोजावास के करीब 153 किसानों को बुलाया है।
अच्छी क्वालिटी के आ रही अफीम- विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब तक किसानों से मिली अफीम की क्वालिटी अच्छी है। कुछ ही मात्रा में डब्ल्यूएम की आ रही है। किसानों ने कहा कि तौल केंद्र पर व्यवस्था बहुत अच्छी है। अफीम तौल होने के बाद जांच के लिए 50 ग्राम अफीम का सैंपल लिया जा रहा है। इससे किसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं है।
नडि़याद से लौटने पर जिस युवा जलेबी व्यापारी की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी, उसके साथी युवक की रिपोर्ट शुक्रवार को निगेटिव आ गई है। अब केवल परिजन की रिपोर्ट का इंतजार है।
ये युवक नृसिंहपुरा क्षेत्र का है और जलेबी व्यापारी मनीष शर्मा उर्फ मोनू की मां के इलाज के दौरान महीनेभर तक नडि़याद में रहा था। मां के साथ ही ये दोनों 24 अप्रैल को लौटे थे। इसके बाद 5 मई की सुबह मोनू का निधन हो गया। दूसरे दिन साथी युवक एवं मोनू की मां, भाई, भाभी व दो भतीजों को क्वारंटाइन करके इनके सैंपल लिए थे। बीएमओ डॉ. दीपक पालड़िया ने बताया स्थानीय जनता परिसर में क्वारंटाइन युवक की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे घर भेज दिया है। जबकि मृतक व्यापारी के परिजन रतलाम क्वारंटाइन हैं और अभी इनकी रिपोर्ट का इंतजार है। फिलहाल इनके संपर्क में आए और खुद महीनेभर नडि़याद रहे युवक की रिपोर्ट निगेटिव आने से राहत है।
कोरोना महामारी का खतरा ज्यों ज्यों पड़ोसी जिलों में बढ़ता जा रहा है। त्यों त्यों ग्रामीण इलाकों में लोग खतरे के प्रति बेपरवाह होते जा रहे हैं। तीसरे चरण के लॉक डाउन में कोरोना का खौफ कस्बा उनाव में दुकानों, सब्जी मंडी व बैंकों से पैसे निकालने वाले ग्राहकों पर बिल्कुल भी नहीं दिखाई दे रहा है। लोग बिना मास्क के लॉक डाउन में हुई सुबह के समय ढील का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। ज्यादातर महिलाएं महज पांच सौ रुपए प्रधानमंत्री जन धन खातों में आई सरकारी इमदाद को निकालने के लिए बैंक में बड़ी संख्या में पहुंच रही है। बैंक में सुबह से जमा होने वाली भीड़ में ज्यादातर लोग न तो मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का। बैंकों के सामने भीड़ व्यवस्था बिगाड़ रही है।
बता दें कि कस्बा उनाव के लोगों खरीद फरोख्त के लिए ज्यादातर आवाजाही झांसी शहर की ओर होती है। आसपास के गांव से लोग दूध, सब्जियां, अनाज एवं फलों की बिक्री करने के लिए भी झांसी शहर में जाते हैं। कोरोना के 18 केस सामने आ जाने के कारण झांसी भी रेड जोन में आ गया है। खतरे के सिर पर खड़े होने के बावजूद स्थानीय लोग न तो मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का। शुक्रवार को सुबह सब्जी मंडी, सूर्य मंदिर मार्ग की दुकानों व पंजाब नेशनल बैंक की शाखा पर सुबह भीड़ देखने को मिली। जो लोग लॉक डाउन के पहले व दूसरे चरण में इसका संजीदगी से पालन कर रहे थे, वही लोग अब खतरा बढ़ने के साथ ही लापरवाह नजर आ रहे हैं। जिससे लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है।
नारकोटिक्स विभाग द्वारा प्रथम खंड नीमच के किसानों की अफीम का तौल सोमवार से शहर से पांच किमी दूर कनावटी रोड स्थित होटल के परिसर में किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। रविवार से संबंधित किसानों को सूचना भेजी जाएगी।
नीमच सहित मंदसौर, रतलाम जिले में अफीम तौल 6 मई से शुरू हो गया। नीमच शहर में 6 मई को एक साथ चार पॉजिटिव मरीज सामने आने पर प्रशासन द्वारा कर्फ्यू लगा दिया था। इस कारण नीमच खंड का तौल आगामी आदेश तक निरस्त कर दिया। जबकि मनासा व सिंगोली खंड में तौल जारी है। दो दिन बाद प्रशासन ने कर्फ्यू समाप्त कर दिया। नारकोटिक्स विभाग ने तौल की तैयारी शुरू कर दी। नारकोटिक्स कार्यालय परिसर में बनाए तौल केंद्र की जगह नए स्थान का चयन किया है। यह निर्णय किसानों, तौल कार्य में लगे स्टाफ व विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए लिया। अधिकारियों ने कनावटी रोड स्थित होटल मोटल परिसर को चिह्नित किया। डीएनसी द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद अधिकारियों ने तौल की तैयारी शुरू कर दी। पहले दिन 50 किसानों को बुलाया जाएगा। अधिकारी तौल समय पर पूरा करवाने के लिए किसानों की संख्या बढ़ा सकते हैं। इस पर अंतिम निर्णय शनिवार तक लिया जाएगा। नीमच प्रथम खंड के 5614 किसानों से अफीम खरीदी होना है।
शहर से बाहर केंद्र के लिए जगह चयन कर तैयारी शुरू कर दी
शहर में पॉजिटिव मरीज की संख्या छह होने के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से तौल केंद्र शहर से बाहर बनाने के लिए कहा था। कनावटी स्थित होटल का चयन किया है। जहां ताैल की तैयारी की जा रही है। सोमवार से दो पारी में 50-50 किसान बुलाएंगे जाएंगे। समय पर तौल पूरा करवाना है। इसलिए किसानों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया है। पहले दिन की व्यवस्था देखने के बाद निर्णय लेंगे।
प्रमोदसिंह, डिप्टी कमिश्नर, नारकोटिक्स कार्यालय नीमच
ग्राम पंचायत विण्डवा में जनपद पंचायत सीईओ ऑॅफिसर सिंह गुर्जर द्वारा मास्क वितरण कर लोगों को समझाइश दी गई। उन्होंने बताया कि कोरोना से कैसे बचा जा सकता है। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि हमें बार-बार अपने हाथ साबुन या डिटॉल से धोते रहना चाहिए। बाहर निकलते वक्त मुंह पर हमेशा मास्क बांधना चाहिए। सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए। भीड़ नहीं लगाना चाहिए। भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए। हमारी सुरक्षा ही हमारा बचाव है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इसी क्रम में ग्राम पण्डोखर, धर्मपुरा, बेरछ, दलपतपुर ग्राम पंचायत का दौरा किया, साथ ही धर्मपुरा की गोशाला निर्माण का निरीक्षण किया एवं रुके हुए कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराने के निर्देश सचिव को दिए। इस दौरान उन्होंने मनरेगा कार्यों की समीक्षा भी की, ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए सख्त निर्देश दिए सचिव को दिए।
सुपरवाइजर ने बांटे मास्क -
ग्राम पंचायत सासूती के ग्राम कुआंखेड़ा में सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग सुपरवाइजर हरकिशन वर्मा ने घर घर जाकर मास्क वितरण किए। साथ ही लोगों को कोरोना वायरस से लड़ने के उपाय बताए। उन्होंने साबुन से बार बार हाथों को धोने, मुंह पर मास्क लगाने आदि की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्रयास करें कि अधिक से अधिक समय घर पर बिताएं, आवश्यक काम होने पर ही बाहर निकले। इससे आप खुद को व अपने परिवार को संक्रमण के खतरे से दूर रख सकते हैं।
कोरोना वायरस का प्रकोप इन दिनों पूरे देश में चल रहा है, जिससे निपटने के लिए देशभर के लोग अपने-अपने तरीके से कार्य कर रहे हैं। शहर में भी विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी कोरोना से लड़ाई लड़ने में जुटे हैं, इन विभागों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका नगरपालिका की होती है। वर्तमान में नगर पालिका में चुनाव न होने के कारण जनप्रतिनिधियों का अभाव है, ऐसी स्थिति में कोरोना की इस लड़ाई को मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुरेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में लड़ा जा रहा है। वायरस की रोकथाम के लिए शर्मा दिन रात एक किए हुए हैं और इसके लिए उन्होंने युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ रखा है। शर्मा 16 मार्च अपनी पदस्थापना के बाद से अभी तक अपने घर भिंड नहीं गए हैं। सुबह 5 बजे ही शर्मा की ड्यूटी प्रारंभ हो जाती है, वह शहर के प्रत्येक वार्ड में साफ सफाई के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों गली मोहल्ला और सरकारी कार्यालयों को प्रतिदिन सेनेटाइज कराने का कार्य कर रहे हैं। इस कार्य के लिए उन्होंने 20 कर्मचारियों की टीम तैयार की है। उन्होंने सफाई कर्मियों को मास्क सेनेटाइजर और सुरक्षा किट भी वितरित की है। सीएमओ द्वारा लॉक डाउन में दुकान खोलने पर 50 दुकानदारों से जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी की जा चुकी है। लोगों को राशन वितरण का कार्य भी नपा द्वारा किया जा रहा है। इस संबंध में शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था यह दौर हमारे आने वाले भविष्य को तय करेगा अगर देश और जनता सुरक्षित होगी तो अधिकारी और कर्मचारी सुरक्षित रहेंगे।
पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता राजेन्द्र भारती शुक्रवार को पत्रकारों से रुबरु हुए। पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री भारती ने कहा कि हाल ही में भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र बुधौलिया ने कांग्रेस नेताओं पर दर्ज हो रहे मामलों को लेकर कहा था कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष शपथ पत्र दें कि जिन नेताओं पर मामले दर्ज है वह आरोपी नहीं है। भारती ने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष को मालूम हो कि शपथ पत्र न्यायालय में दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण दर्ज कर रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष पर पलटवार करते हुए श्री भारती ने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष के बगल में धारा 452 व मारपीट के मामले में फरार आरोपी बैठा है। पूर्व विधायक श्री भारती ने अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष नाहर सिंह यादव पर भी वार किया। उन्होंने कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री यादव पर व्यंग करते हुए कहा कि वह महान व्यक्ति हैं। कोई भी भाजपा नेता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर किसी प्रकार को आरोप नहीं लगा सकता है।
शहर में कोरोना की दस्तक 6 मई को हुई दो दिन में पॉजिटिव मरीज की संख्या 6 हो गई थी। इसमें सराफा व्यापारी जिनका अहमदाबाद में शुगर व किडनी का उपचार चल रहा है। इनके बुधवार रात को उदयपुर में लिए सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। अहमदाबाद अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली तो वहां गुरुवार को दूसरी सैंपल तथा उनके पुत्र का पहला सैंपल लिया था। इधर, संक्रमण ने शहर के साथ जिले में भी पैर पसारना शुरू कर दिए। शुक्रवार रात को आई 128 लोगों की रिपोर्ट में पांच पॉजिटिव आए हैं। इनमें तीन तो सराफा व्यापारी के परिजन ही है तथा एक मरीज हम्माल मोहल्लों का है। जबकि पांचवां पॉजिटिव सिंगोली के अनेड़ गांव का है। तीन दिन में प्रशासन ने 125 से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन किया है। अब तक इनमें कोई कोरोना लक्षण नहीं दिखाई दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग उनका सामान्य मरीजों की तरह उपचार कर रहा है।
शहर के स्कीम नंबर 7 निवासी रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में दाहोद से आए परिजन 29 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों की बस के माध्यम से दाहोद पहुंचे थे। वहां परिवार के सात लोग पॉजिटिव आने के बाद नीमच प्रशासन में हड़कंप मंच गया था। 3 मई की रात प्रशासन ने उनके रिश्तेदारों समेत संपर्क में आए लोगों को क्वारेंटाइन कर सैंपल लेना शुरू कर दिया। 6 मई को आई रिपोर्ट में 4 पॉजिटिव मिले। स्कीम नंबर 7 और हम्माल मोहल्ला को कंटेनमेंट घोषित किया। गुरुवार को घंटाघर क्षेत्र निवासी सराफा व्यापारी की उदयपुर से रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर प्रशासन ने इनके दोनों बेटों के रहवासी क्षेत्र घंटाघर व मेहनोत नगर को कंटेनमेंट किया। इनके डॉक्टर पुत्र व नीमच में डॉक्टर बहू की रिपोर्ट निगेटिव व व्यापारी की पत्नी, छोटा व बहू की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
अहमदाबाद से सिंगोली बाइक से आए थे दोनों भाई
जावद | सिंगोली के अनेड़ निवासी युवक अहमदाबाद में पढ़ाई करता है। तीन मई को ई-पास पर अनुमति लेकर भाई के साथ बाइक पर आया था। यहां गांव के लोगों की सूचना पर 5 मई को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर इनके सैंपल लिए तथा जांच के लिए भेजे। शुक्रवार को रिपोर्ट में एक भाई की रिपोर्ट निगेटिव तथा दूसरे की पॉजिटिव आई। सैंपल लेने के बाद से ही इन्हें सिंगोली में क्वारंटाइन कर रखा है। रात में ही सिंगोली तहसीलदार, स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम गांव में पहुंची और क्षेत्र को कंटेनमेंट किया।
शुक्रवार को आई रिपोर्ट ने अफसरों की उड़ाई नींद
कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन ने शहर के चार क्षेत्रों को क्वारटाइंन कर रखा है। शुक्रवार को 128 लोगों की रिपोर्ट मिली। इसमें पांच नए पॉजिटिव मिले तथा अब कुल संख्या 11 होने के बाद प्रशासन की नींद उड़ गई। क्योंकि शुक्रवार को पॉजिटिव रिपोर्ट में सराफा व्यापारी के तीन परिजन शामिल है। जो निजी अस्पताल का संचालन करते हैं। यहां पांच दिन में जितने लोगों ने इलाज करवाया था उनको चिह्नित करने के साथ क्वारंटाइन किया जा रहा है।
रिपोर्ट आई तो हम्माल मोहल्ले में घर पर सो रहा था पॉजिटिव युवक
हम्माल मोहल्ले से तीन पॉजिटिव मिलने के बाद उसे कंटेनमेंट बना दिया और फिर वहां आस-पास वालों के सैंपल लेकर होम क्वारेंटाइन ही किया था। गुरूवार देर रात को आई रिपोर्ट में यहीं का एक युवक पॉजिटिव आया तो रात 12.30 बजे ही सिविल सर्जन डॉ.बीएल रावत और पुलिस टीम उसे लेने घर पहुंची। उस वक्त वह अपने घर में सो रहा था जिसे उन्होंने उठाया और चलने के एम्बुलेंस में बिठा लिया। तभी निगेटिव आए उसके भाई का भी बैठ गया और साथ जाने की जिद करने लगा। जैसे-तैसे उन्हें समझाया और सिर्फ संक्रमित को ही ले गए। इसके बाद आस-पास वाले और अन्य लोगों समेत 25 लोगों को रात में ही घरों से सोते हुए उठाकर क्वारेंटाइन में शिफ्ट किया। शुक्रवार सुबह इन सभी के सैंपल लेकर भेजे गए है।
संक्रमित व संदिग्ध सभी स्वस्थ्य है किसी में कोरोला लक्षण नहीं
नीमच में अब तक 9 कोरोना संक्रमित आइसोलेशन वार्ड है। 150 लोगों को क्वारंटाइन किया। इनमें से अभी तक किसी में कोरोना के लक्षण नहीं है। संक्रमितों को अस्पताल के आइसोलेशन में रखकर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार दिया जा रहा है। क्वारंटाइन व्यक्तियों को एहतियात के तौर पर रखा है उनका उपचार नहीं चल रहा है।
डॉ.बीएल रावत, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल नीमच
सलाद खाना सेहतमंद होता है। गर्मी के सीजन में आमतौर पर सलाद के रुप में प्रयोग की जाने वाली सब्जियां मंहगी हो जाती है। कई परिवारों के खाने की थाली से सलाद गायब हो जाता है। लेकिन कोरोना के कारण इस बार उल्टा हो रहा है। सलाद के रूप में प्रयोग होने वाली सब्जियां इतनी सस्ती है कि समाजसेवी इन्हें जम कर आवारा गौ वंश को खिला रहे है। इस पर भी हाल यह है कि अगर किसान को सब्जी के लिए ग्राहक नहीं मिलता तो किसान थोक सब्जी विक्रेता के पास ही इन्हें यह कह कर छोड़ रहे है कि अगर बिक जाए तो पैसे दे देना ।
गर्मी के मौसम में सलाद खाने वालों की संख्या तो बढ़ ही जाती है। इसी दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में शादी समारोह भी होते है। शादी समारोह में भी सलाद का उपयोग भरपूर होता है। यही कारण था कि हर साल गर्मी के सीजन में सलाद के रूप में खाई जाने वाली सब्जियों के दाम गर्मी के सीजन में बढ़ जाते थे। चूंकि वर्तमान में कोरोना के कारण चल रहे लॉक डाउन में शादी समारोह पर रोक है। लोग मजदूरी में 10 से 20 लोगों की मौजूदगी में शादियां कर रहे है। इसलिए शादी समारोह के रूप में होने वाले लंच, डिनर के आयोजनों पर ब्रेक है। परिणाम सलाद के उपयोग में आने वाली सब्जियों के दाम गिर गए।
20 रुपए किलो बिकने वाली मूली बिक रही चार रुपए किलो
थोक सब्जी विक्रेता रफीक राइन कहते है कि इन दिनों शादी समारोह न होने से सब्जियों की मांग बहुत कम है। जबकि आवक पर्याप्त। यही कारण है कि सब्जियां सस्ती बिक रही है। आमतौर गर्मियों में मूली 20 रुपए किलो तक बिकती है। इस बार 20 रुपए की 5 किलो बिक रही है। यही हाल टमाटर का है। गर्मी में टमाटर 20 से 25 रुपए किलो बिकता था वर्तमान में 25 से 30 रुपए का 5 किलो बिक रहा है। खीरा व प्याज की हालत भी ऐसी ही है।
शहर में दो दिन में छह पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद प्रशासन ने दो दिन कर्फ्यू लगाकर स्थिति को नियंत्रित किया। चार क्षेत्र कंटेनमेंट बनाए। घरों में बंद लोगों को खरीदी के लिए राहत देते हुए प्रशासन ने शुक्रवार सुबह 4 घंटे की छूट दी। जनता से अपील की गई कि संयम रखें, बाजार में भीड़ नहीं करें। लेकिन लोगों ने अपील को नजर अंदाज कर दिया। यहीं लापरवाही शहर में और संक्रमण बढ़ा सकती है। लॉकडाउन में सुबह के समय खरीदी के लिए जो छूट दी जा रही थी वह पॉजिटिव मरीज मिलते ही वापस ले ली थी। दो दिन बाद गुरुवार शाम को कलेक्टर जितेंद्रसिंह राजे ने लोगों को राहत देते हुए सुबह 11 बजे तक खरीदी के लिए जरूरी दुकानें खोलने की अनुमति दी। शुक्रवार को बाजार में दुकानें खुली तो लोग गाइडलाइन को भूल गए। किराना
दुकानों पर भीड़ लगी, फल-सब्जी विक्रेता चौराहे-चाैराहे पर खड़े नजर आए। सभी जगह सोशल डिस्टेंस नहीं दिखा। कई जगह दुकानदार व ग्राहक बिना मास्क के ही दिखाई दिए। पुलिस व सुरक्षा कर्मी लोगांे व दुकानदारों को समझाइश देते रहे।
कंटेनमेंट क्षेत्र में ऑर्डर पर पहुंचाई खाद्य सामग्री : शहर के चारों कंटेनमेंट क्षेत्र में प्रशासन द्वारा घर-घर दूध उपलब्ध करवाया जार हा है। गुरुवार रात को खाद्य सामग्री मांग अनुरूप पहुंचाई। शुक्रवार सुबह दूध, 1-1 किलो पैंकिग में आलू, प्याज पहुंचाया। ऑर्डर पर अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई।
पूरे जिले में लॉकडाउन है। दो दिन पहले तक शराब की दुकानों पर लॉकडाउन के कारण ताला पड़ा था। लेकिन दुरसड़ा पुलिस अवैध शराब को किस तरह बढ़ावा दे रही है, यह दो दिन से वायरल ऑडियो में स्पष्ट सुना जा सकता है।
ऑडियो में दुरसड़ा एएसआई हुकुम सिंह यादव को गांव के ही जीतू नामक व्यक्ति से बात करते हुए सुना जा रहा है। इस बातचीत में दलाल जीतू एएसआई को पांच हजार रुपए का ऑफर देकर शराब बेचने वाले को छोड़ने की बात कह रहा है और एएसआई पांच हजार रुपए मांगते हुए भी सुना जा रहा है। 2 मिनट 45 सेकंड का ऑडियो वायरल होने पर एसपी अमन सिंह राठौड़ ने ऑडियो में हो रही बातचीत की जांच भांडेर एसडीओपी को सौंपी है।
सुनिए... दलाल और एएसआई के बीच बातचीत के प्रमुख अंश
दलाल- चाचा जीतू बोल रये बसवाहा से
एएसआई- हां, बोलो भाईसाहब
दलाल- जो के रये चाचा उनको (शराब बेचने वाले) का करने अपन खों, उठाने है...
एएसआई- उठाने नहीं...एक केश बनवा दे यार, कछु जरूरी नईयां, दारू न बेचे और बस... आबकारी वाले विरोध कर रये यार...
दलाल- वो लड़का हमाए संगे पढ़ो है, सो हमाए घरे आओ तो...
एएसआई- तुम बाये लिवा लियाअाे, हम एक छोटो सो केस बना दें फिर अपने संगे ले जइयो... न्यायालय में दो-पांच सौ रुपए को जुर्मानो लग है और छूट जे...बामें ऐसी कछु फांसी नईं लग रई...
दलाल- सो तो हमने बाके मोड़ा से कुआ लई के दारू न बेचे
एएसआई- बाए लालाराम को बुला लियाओ नेक, एक केस बनवा दो छोटो सो.. तुमाये संगे ही भेज दें बाये। नातर काऊ न काऊ दिन पकर लें उन्हें हम। खेतई से धर लियाएं उन्हें।
दलाल- हां उनको लड़का आओ तो और के रओ तो कि पैसा मैसा लेने होए तो भाईसाहब से पूछ लो।
एएसआई- पैसा कितेक दे बोलो...
दलाल- तुम बताओ का करवा दें... हम सीधी डायरेक्ट बात करत... बाने कई सो हमने तुमें बता दई...
एएसआई- केस बनवावो चा रओ का...
दलाल- आहां केस नई चा रओ, परेशान हो जे.... तुमाओ महीना अकेले में बंधवा दें सो तुम हर महीना ले जाऊ करे...
एएसआई- नई नई महीना नई...
दलाल- तो बताओ फिर का करवाने... इकट्ठे बोलो तो इकठ्ठे करवा दें...
एएसआई- पांच करा दियो...
दलाल- ठीक है चाचा नेक गांव में हमाई छवि है और वे अपनी बात मान जात...ठीक है शाम के या सबेरे पांच हजार रुपया ले आएं...
शहर में भदौरिया की खिड़की से लापता 19 वर्षीय युवती की लाश शुक्रवार को गोविंद गोशाला के अंदर जंगल में पड़ी मिली। लाश पांच-छह दिन पुरानी बताई गई है। साथ ही शरीर का आधे से ज्यादा मांस जानवर खा गए। दुर्गंध आने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजन को बुलाकर शिनाख्त कराई। इसके बाद शव को पीएम के लिए भेजा गया। युवती लड़के के हुलिया में ही रहती थी। किसी आम नागरिक के लिए उसके हुलिया के आधार पर पहचानना मुश्किल होता था। युवती वहां कैसे पहुंची और उसकी मौत कैसे हुई इस पर से पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पर्दा उठेगा।
शुक्रवार को गोविंद गोशाला के कर्मचारियों को किसी मरे हुए जानवर की दुर्गंध आई। काफी देर तक दुर्गंध आने पर गोशाला कर्मचारी किसी जानवर को मरा हुआ समझकर वहां नहीं गए लेकिन जब दुर्गंध ज्यादा बढ़ गई तो कर्मचारियों ने गोशाला में आधा किमी अंदर जंगल में बाउंड्री के पास जाकर देखा। वहां पेड़ों के नीचे लाश पड़ी थी। यह देखकर कर्मचारी हक्के बक्के रह गए। लाश सड़ चुकी थी और शरीर का पूरा मांस जानवर खा गए थे। मामूली चेहरा और वहां कपड़े पड़े हुए थे। कर्मचारियों ने लाश की जानकारी कोतवाली पुलिस को दी। कोतवाली पुलिस ने दो मई को दर्ज हुई गुमशुदगी के आधार पर भदौरिया की खिड़की निवासी मथुरा प्रसाद वंशकार और उसके बेटों को मौके पर बुलाया। मथुराप्रसाद ने शव की शिनाख्त अपनी 19 वर्षीय बेटी रेखा के रूप में की। रेखा लड़कों के हुलिए में रहती थी आशंका है कि युवती जिस दिन गायब हुई, संभवत: उसी दिन उसकी हत्या कर दी गई और शव जंगल में फेंक दिया गया।
कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि शव को पीएम के लिए भेजकर मर्ग कायम किया गया है। शनिवार को पीएम होगा। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही युवती की मौत का कारण स्पष्ट होगा। पुलिस ने मामले की विस्तार से जांच शुरू कर दी है।
कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन को 45 दिन से ज्यादा समय हो गया। लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इन दिनों चोरों की पैनी निगाह है। इस बार चोरों ने इंदरगढ़ नगर के वार्ड 7 में एक किसान के घर को निशाना बनाया। परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने कमरे में कूलर की ठंडी हवा में सो रहे थे। इसी का फायदा उठाकर चोर छत के रास्ते अंदर घुसे और ताले तोड़कर डेढ़ लाख रुपए से अधिक नगदी और सोने चांदी के जेवर ले गए। किसान ने चना बेचने की रकम और केसीसी से निकाली गई रकम खेत में बोरिंग कराने के लिए रखी थी। घटना गुरुवार-शुक्रवार रात की बताई गई। इंदरगढ़ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की और चोरों की तलाश शुरू कर दी है।
इंदरगढ़ नगर के वार्ड 7 में रहने वाले रवि यादव ने बताया कि गुरुवार-शुक्रवार रात में चोरों ने उसके घर में घुसकर 1 लाख 60 हजार रुपए और सोने चांदी के जेवर चोरी कर लिए। चोर मकान की छत के पीछे बनी बाउंड्री के सहारे से मकान की छत पर आए। फिर सीढिय़ों के रास्ते अंदर आए और ताले तोड़कर कमरे में चोरी की। रात दो बजे परिजन ने चोरों की आहट सुनी और आवाज लगाई तो चाेर भाग निकले। रवि ने बताया कि उसने हाल में ही 1 लाख 7 हजार रुपए कीमत के चने बेचे थे। चने बेचने के बाद मिली एक लाख 7 हजार रुपए की राशि को उसने घर पर रख दिया था। साथ ही भलका के स्टेट बैंक से उसने 40 हजार रुपए केसीसी के निकाले थे। यह रकम खेत पर बोरिंग कराने के लिए रखी थी। बोरिंग मशीन के लिए वह लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहा था। लेकिन इससे पहले चोर एक लाख 60 हजार रुपए के साथ मंगलसूत्र, दो सोने की अंगूठी, कानों की झुमकी, सुई धागा भी ले गए। जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। लेकिन चोर बेसुराग हैं।
शुक्रवार गर्मी के सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। 24 घंटे में अधिकतम तापमान 4.8 डिग्री चढ़ कर 43.2 डिग्री पर पहुंच गया। रात का तापमान भी 1.8 डिग्री चढ़ कर 23.6 डिग्री पर पहुंचा। आने वाले 2 दिन यानि 10 मई तक मौसम साफ रहेगा। तापमान में वृद्धि होगी। हवा में नमी कम हो जाने से गर्म हवा का अहसास होगा। 11 मई से एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ का सिस्टम बनेगा। अंचल में बादल छाएंगे। तेज हवाओं के साथ पानी की बौछारें गिरेगी। तापमान में गिरावट होने से गर्मी से राहत मिलेगी।
मई माह गर्मी के मामले में सबसे अधिक तपन भरा माना जाता है। लेकिन इस साल लगातार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के सिस्टम के कारण माह के 8 दिन में से 4 दिन राहत भरे रहे। तापमान 40 डिग्री या इससे कम रहा। शेष 4 दिन में भी तापमान 1 मई को 42 डिग्री को पार कर 42.4 डिग्री पर पहुंचा था। 8 दिन में से 2 दिन बारिश होने, शाम के समय तेज हवाएं चलने से लोगों को गर्मी से राहत रही। शुक्रवार को पहली बार तापमान अधिकतम तापमान ने 43 डिग्री का आंकड़ा पार किया। जिससे लोगों को तेज गर्मी व तपन का अहसास हुआ। तेज धूप के कारण हवा में नमी का स्तर कम हो जाने से दोपहर के समय गर्म धूप का अहसास हुआ। आने वाले दो दिन यानि शनिवार व रविवार को मौसम साफ रहेगा।
सोमवार से फिर राहत
ग्वालियर मौसम केन्द्र के वैज्ञानिक सीपी उपाध्याय कहते है कि दो दिन मौसम साफ रहेगा। तापमान में वृद्धि होगी। 11 मई से क्षेत्र में फिर से सिस्टम सक्रिय होगा। जिससे तेज हवाओं के साथ पानी की बौछारें गिरेगी। आसमान में बादल भी छाएंगे। जिससे तापमान पर लगाम कसेगी। लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
भाटखेड़ी नाका निवासी एक युवक ने शुक्रवार को अल्हेड़ फंटे पर जहरीला पदार्थ पी लिया। जिसे गंभीर हालत में आसपास के लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। टीआई केएल दांगी ने बताया महेश (22) पिता रमेश प्रजापत दोपहर में घर पर मजदूरी करने की बोलकर निकला था। कुछ देर बाद अल्हेड़ फंटे पर जहरीला पदार्थ पी लिया। जानकारी मिलने पर परिजन पहुंचे और आसपास के लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद नीमच रेफर किया। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की हालत गंभीर होने से पुलिस बयान नहीं ले सकी। इस कारण जहरीला पदार्थ क्यों पीया इसका भी कारण पता नहीं चला है।
समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने आए सिसगांव निवासी एक किसान को दिल का दौरा पड़ गया। मौके पर मौजूद कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने उसे अपने वाहन से सिविल अस्पताल भेजा जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे ग्वालियर रैफर कर दिया गया।
किसान का आरोप था कि सर्वेयर ने 1 हजार रुपए की मांग के चलते उसकी सरसों की उपज को रिजेक्ट कर दिया था। अब सर्वेयर द्वारा रिश्वत मांगे जाने की जांच की जा रही है। दरअसल ग्राम सिसगांव निवासी विवेक शर्मा अपने भाई शुभम शर्मा के साथ डबरा गांव सोसायटी पर अपनी सरसों की उपज बेचने आया था। वह सुबह से अपनी उपज बेचने के लिए लाइन में लगा था। जब उसका नंबर आया तो सर्वेयर जीतेंद्र शर्मा ने उसकी सरसों को अमानक बताकर रिजेक्ट कर दिया। जिसके चलते विवेक ने इसकी शिकायत एसडीएम से की। एसडीएम ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को मौके पर भेजा, विवेक ने सर्वेयर पर 1 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। इस पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुरभि जैन ने उसके बयान लिखने शुरु किए तो उसी दौरान विवेक को चक्कर आ गए और जमीन पर गिर पड़ा, जिसे अस्पताल भेजा गया। साथ ही मामले की जांच शुरू की।
श्रीराम समरसता मंच के कार्यकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्थानीय नगरवासियों के घर-घर जाकर आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण किया। समाजसेवी लालचंद रुद्रवाल ने बताया कि काढ़े वितरण का कार्यक्रम नगर के गायत्री मंदिर से श्रीराम समरसता मंच के कार्यकर्ताओं के सहयोग से प्रारंभ किया। श्री इंद्रगढ़ मारुति आश्रम के महंत योगी प्रकाशनंद द्वारा विभिन्न 21 जड़ी-बूटियों जिसमें सौंठ, लोंग, कालीमिर्च, दारू हल्दी, जायफल, जावित्री, कालमेघ, नागरमोथा, जटामासी, दालचीनी, लेंडी पीपल, चिरायता, पुदीना, कागड़ा सिंगी, तुलसी, गिलोय, निमपत्ती, आज्ञा घांस, गुड़, कड़वी वच, नीम छाल को मिलाकर काढ़ा बनाया गया।
कोरोनो संक्रमण को रोकने के लिए नगर परिषद द्वारा कस्बे की गलियों में नियमित रुप से साफ सफाई कराई जा रही है। इसके अलावा मेन रोड पर फायर ब्रिगेड व गलियों में छोटी मशीन से सेनेटाइजर का छिड़काव भी किया जा रहा है।
नगरपरिषद सीएमओ अवधेश त्रिपाठी नगर में भ्रमण कर लोगों से घर के अंदर रहने की अपील कर रहे हैं। वहीं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शुक्रवार को इंसीडेंट कमांडर प्रतिज्ञा शर्मा ने क्रेशर यूनियन के सदस्यों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच इन दिनों मच्छरों का प्रकोप भी काफी बढ़ गया है। इसके चलते नगर परिषद द्वारा मेन रोड से लेकर गलियों तक में साफ-सफाई की व्यवस्था बढ़ा दी है। सीएमओ त्रिपाठी द्वारा सफाई कर्मचारियों को नियमित रुप से रोज साफ सफाई करने व कचरे का उठाव कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे सुबह व शाम के समय सफाई कर्मचारी भी सफाई में जुटे हुए हैं। त्रिपाठी खुद गलियों में जाकर लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने और जरुरत होने पर मास्क लगाकर ही बाहर निकलने के लिए जागरुक कर रहे हैं। इसके अलावा गलियों से लेकर बाजार में दुकानों को सेनेटाइज भी कराया जा रहा है।
ड्राइवर का नाम-पता रजिस्टर में करें दर्ज: इंसीडेंट कमांडेंट
नगर परिषद के सभा कक्ष में क्रेशर यूनियन के साथ इंसीडेंट कमांडेंट अधिकारी और बिलौआ की नायब तहसीलदार प्रतिज्ञा शर्मा ने बैठक की। इसके चलते क्रेशर यूनियन के 24 से अधिक सदस्य नगर परिषद के सभाकक्ष में आए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कुर्सियों पर बैठ गए। इस दौरान इंसीडेंट कमांडर ने यूनियन से चर्चा के दौरान यूनियन के सदस्यों को कुछ निर्देश देते हुए देते हुए बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्य करें और मास्क और दस्ताने का भी इस्तेमाल करें। अपने ऑफिस कार्यालयों को सेनेटाइज करवाएं और जो ड्राइवर बाहर से गिट्टी खरीदने आ रहे हैं उनके लिए एक विधिवत रजिस्टर मेंटेन करें, जिसमें उनकी ट्रेवल हिस्ट्री देखी जाए और वह कहीं हॉटस्पॉट या रेड जोन से तो नहीं आ रहे हैं। यदि आए तो तत्काल सूचना दें गिट्टी खरीदने वाले वाहन कहीं से भी आएं उसके साथ आए ड्राइवर का नाम पता मोबाइल नंबर और वाहन का नंबर अपने रजिस्टर में दर्ज करें। जो वाहन गिट्टी लेने के लिए आ रहे हैं उनकी एंट्री के लिए रजिस्टर अनिवार्य रूप से बनाया जाएगा।
लोगों को कर रहे जागरूक
अवधेश त्रिपाठी, सीएमओ नगर परिषद बिलौआ के मुताबिक कोराना संक्रमण रोकने बाजार और गलियों में रोज सेनेटाइजर का छिड़काव करा रहे हैं। साफ सफाई और कचरे के उठाओ से लेकर नालियों में दवा का डाल रहे हैं, लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रहे हैं। साथ ही लोगों को घरों में साफ-सफाई रखने और बार-बार हाथ धोने कहा जा रहा है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सके।
कोरोना से बचाव को लेकर ग्राम आकोदड़ा के युवाओं व बुजुर्गों ने अनजान व्यक्ति के ग्राम में प्रवेश पर रोक लगा रखा है। ग्रामीणों ने 46 दिन से गांव में किसी अनजान व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया है। कुछ परिस्थितियों में प्रवेश दिया भी है तो उस व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर व उसकी ट्रेवल हिस्ट्री की जानकारी ली जा रही है। इसी तरह नंदावता में भी युवाओं द्वारा बाहर के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। गांव के शिक्षक महेंद्र जोशी ने बताया कि इसका उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है बल्कि बाहरी व्यक्तियों की जानकारी एकत्र कर डाटा तैयार करना है। वहीं अनावश्यक प्रवेश पर रोक लगाई जा सकती है। इस कार्य में उपसरपंच दिनेश भूत, वरिष्ठ शिक्षक राजेन्द्रसिंह पाटीदार, बालकृष्ण पाटीदार, रामनिवास पाटीदार, पूनमचंद पाटीदार, प्रदीप जोशी पंच, रामेश्वर पाटीदार सहित कई युवा लगे हैं।
लाॅकडाउन के तीसरे चरण में मिली छूट के बाद अचानक ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की आमद बड़ गई है। पिछले पांच दिन में सेंवढ़ा ब्लाॅक में एक हजार से अधिक लोग आए। इनमें से अधिकतर बगैर किसी वैध परमिशन के आए और सीधे घर पहुंच गए। इससे लोगों की चिंता बड़ गई है। गांव से लगातार आ रही सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए सेंवढ़ा एसडीएम राकेश परमार द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन स्थानीय जनपद पंचायत सभागार में किया गया।
बैठक में प्रवासी मजदूरों को लेकर योजना तैयार की गई। इसके मुताबिक अब सेंवढ़ा ब्लाॅक में बाहरी क्षेत्र से आने वाले किसी भी व्यक्ति को सीधे उसके घर में जाने से रोका जाऐगा। चेकपोस्ट पर ही उसकी थर्मल स्क्रीनिंग एवं जांच होगी। इसके लिए दिन के साथ साथ रात में भी चिकित्सकों का दल चेकपोस्ट पर रहेगा। दूसरी ओर पुलिस की गश्त ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ाई जाएगी। बैठक में यह ग्रामीणों द्वारा आ रही शिकायतों और सुझावों के आधार पर कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए बृहद कार्ययोजना तैयार की गई। बैठक में यह आने वाले दिनों में देश के कौने कौने में रहने वाले सेंवढ़ा अनुभाग के लोगों के आने पर उनकी व्यवस्था करने को लेकर भी जिम्मेदारी सौंपी गई तथा ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों को नोडल बनाकर उनको प्रतिदिन रिपोर्ट भेजने को कहा गया। इस दौरान सभी विभाग प्रमुख मौजूद रहे।
अब चेक पोस्ट पर रहेगा चिकित्सा दल
बाहरी क्षेत्र से आने वाले लोग बगैर जांच के घर जाने के मामले में भी स्वास्थ्य विभाग को कड़े निर्देश दिए गए। अब सेंवढ़ा ब्लाक में मगरोल एवं लांच में लगे दोनों चेक पोस्ट जो कि दीगर राज्य से आने वाले लोगों द्वारा उपयोग किए जाते है। उन दोनों चेक पोस्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम थर्मल स्क्रीनिंग के लिए मौजूद रहेगी। नायब तहसीलदार मयंक तिवारी ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा जांच कराए बगैर अधिकतर लोग रात में ही घर पहुंच रहे है। सुबह जब पड़ोसियों को खबर लगती है तो गांव में हड़कंप मच जाता है। इसके लिए जरूरी है कि दिन के साथ रात में भी सख्ती हो। इसके बाद एसडीएम श्री परमार ने बीएमओ डीएस पवार को निर्देश दिए कि उनकी दो मोबाइल टीमें लांच एवं मगरोल चेकपोस्ट पर रात में भी मौजूद रहेगी। यहां राजस्व विभाग के पटवारी के साथ पुलिस की ड्यूटी रहती है। पर रात में पुलिस की सख्ती बढ़ाने के लिए एसडीओपी आरएस राठौर ने खुद रात में चेकपोस्ट पर पेट्रोलिंग करने तथा थाना प्रभारी से लगातार निरीक्षण करवाने का प्रस्ताव रखा।
क्वारेंटाइन स्थल पर नहीं रुकते
एक तरफ जहां प्रशासन ने कई इंतजाम करने की तैयारी की है वही दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या को हड़कंप मचा हुआ है। ग्रामीण इलाकों से लगातार यह शिकायतें सामने आ रहीं है कि जिन लोगों को पंचायत सचिव क्वारेंटाइन करते हैं वह रात होते ही घर चले जाते है। ग्रामों में एक दूसरे से संबंध खराब न हों इसके लिए सूचना देने में भी कई लोग हिचकिचाते है। हालांकि अब ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया गया है। वहीं जो लोग आंगनबाड़ी केंद्रों में रुके है। उनकी निगरानी के लिए पंचायत के अलावा सीडीपीओ हरनोद शर्मा एवं राजेंद्र गुर्जर स्वयं अपने अमले के साथ समय समय पर दौरा करेंगे।
रसोइया खाना बनाएगा और पंचायत देगी राशन
बैठक के दौरान सीईओ जनपद पंचायत ओएन गुप्ता ने बताया कि पंचायतों से यह सूचनाएं आ रहीं है कि वहां कार्य कर रहे समूह खाना बनाने के लिए तैयार नहीं होते। ऐसे में जो भी प्रवासी मजदूर बाहरी क्षेत्र से आते हैं उनको तैयार खाना देना पंचायत सचिव की चुनौती होती है। इसके अलावा कई बार पंचायत सचिव के सामने अधिक लोगों के आने पर पंचायत भवन अथवा आंगनवाड़ी केंद्र कम पड़ जाते है। एसडीएम श्री परमार ने बैठक में मौजूद ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी उन्मेश श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि सभी स्कूल प्रभारियों को यह बताया जाए कि वह अपनी स्टेशनरी आदि स्कूल के एक कमरे में रख लें और स्कूल के बचे कमरों को क्वारेंटाइन रूम बनाने के लिए उनकी चाबी पंचायत सचिव को सौंपे। पंचायत सचिव उनको सेनेटाइज कर तैयार करेंगे। इसके अलावा बीआरसी पुरुषोत्तम पाठक को यह निर्देश दिए गए कि स्कूलों में कार्य करने वाले समूहों की जिम्मेदारी होगी कि वह पंचायत सचिव द्वारा उपलब्ध करवाए गए राशन से खाना तैयार करे। पंचायत सचिव 14वें वित्त से मिलने वाली राशि का निश्चित मद प्रवासी मजदूरों के भोजन में खर्च कर सकता है। और जरूरत पड़ने पर अधिकारी कर्मचारी एंव ग्रामीण जनसहयोग कर खाने की व्यवस्था करेंगे।
कोरोना वायरस के संकट में रेडक्रास के सदस्य सेवा का फर्ज निभा रहे हैं। यह बात बीएमओ डॉ. यशवंत शर्मा ने विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर कहीरेडक्रॉस सोसायटी के वाइस चेयरमेन एसडीएम केके सिंह गौर के निर्देशन में रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा शुक्रवार को विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में डॉ. यशवंत शर्मा ने मरीजों को फल वितरित किए एवं जरूरतमंदों को राशन बांटा। इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि विश्व रेडक्रॉस दिवस इंटरनेशनल रेडक्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट के सिद्घांतों को बढ़ावा देना और इसकी खुशी मनाना है। भारत में इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी ब्लड बैंक और टीबी को लेकर प्रमुख रूप से काम कर रही है। भारत में रेडक्रॉस की 700 से अधिक ब्रांच हैं। इस मौके पर रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव जयंत सिंह यादव ने कहा कि विश्व रेडक्रॉस दिवस को मनाने का उद्देश्य आपदा या युद्घ की स्थिति में फंसे लोगों को इस स्थिति से बाहर निकालना और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है। इस अवसर पर अरविंद रावत, दिनेश कर्ण, शशि कुशवाह, ऋतु नरवारे, नेहा त्रिवेदी, छाया रावत, रामप्यारी, काजल, ऋतु आदि मौजूद रहे।
जिले को गुरुवार तक 12 कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट का इंतजार था। शुक्रवार को इनमें से सिर्फ 2 की रिपोर्ट ही आई। दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई। अब दस रिपोर्ट का इंतजार है। लेकिन सबसे ज्यादा बेचैनी जिस रिपोर्ट को लेकर है, वाे है गाड़ी खाना निवासी प्रदीप विश्वकर्मा। ऐसा इसलिए क्योंकि अशोकनगर से जीप में सवार जिन अन्य छह लोगों के साथ प्रदीप ग्वालियर तक आया था, उनमें से पिछाेर के दाे लाेग काेराेना संक्रमित पाए गए हैं। यह रिपाेर्ट शुक्रवार को आनी थी लेकिन नहीं आ सकी। अब बताया जा रहा है कि शनिवार को यह रिपोर्ट आ सकती है। शहर में भय है कि प्रदीप के माध्यम से शहर में कोरोना ने प्रवेश कर लिया है। यही कारण है कि जिला अस्पताल में भर्ती प्रदीप को लोग फोन करके परेशान कर रहे हैं। कोई सिर्फ उससे हालचाल पूछता है तो कोई सीधा कह देता है कि वह कोरोना संक्रमित हो गया है। इससे प्रदीप मानसिक रूप से परेशान हो चुका है। इधर, कोरोना संदिग्ध की रिपोर्ट आने से पहले ही शहर में भय का माहौल पैदा हो गया है। शुक्रवार को अफवाह फैल गई कि शनिवार से पूरा बाजार रहेगा। इसलिए शुक्रवार को बाजार में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाजार में जमकर भीड़ रही। टाउनहॉल से किला चौक तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
दो मजदूरों के सैंपल निगेटिव, दो के और भेजे
शुक्रवार को ग्वालियर से गनेशीलाल और देवेंद्र जाटव नामक दो प्रवासी मजदूरों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई। इसके अलावा दो और लोगों के सैंपलिंग शुक्रवार को जांच के लिए भेजे गए। अब तक 86 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। जिसमें से 74 की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई है। अब 12 की रिपोर्ट आना बाकी है। इसमें प्रदीप व उसके परिवार की रिपोर्ट भी शामिल है। सिंधी मंदिर के पीछे निवासी प्रदीप की रिपोर्ट देर रात या फिर शनिवार को प्राप्त होने की संभावना है।
अस्पताल को नहीं किया सेनेटाइज, रात में नहीं की स्क्रीनिंग
देश के कोने कोने से लौट रहे प्रवासी मजदूरों की वैसे तो बॉर्डर पर ही स्क्रीनिंग हो रही है लेकिन कुछ लोग अन्य दूसरे रास्तों से आ रहे हैं उन्हें स्क्रीनिंग के लिए जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। गुरुवार रात में लगभग 200 लोग अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे लेकिन पूरी रात डॉक्टरों ने स्क्रीनिंग नहीं की। जबकि ड्यूटी पर डॉक्टर भी मौजूद थे। डॉक्टरों का कहना था कि हर दिन अस्पताल को सेनेटाइज किया जाता है लेकिन गुरुवार को अस्पताल को सेनेटाइज नहीं किया गया। इस कारण स्क्रीनिंग नहीं की गईं। शुक्रवार को सुबह 5 बजे सीएमएचओ डाॅ. एसएन उदयपुरिया पहुंचे और डॉक्टरों के कक्षों को सेनेटाइज कराया। इसके बाद डॉक्टरों ने एक-एक कर सभी की स्क्रीनिंग की।
बैंकों में भीड़, सटकर खड़े रहे लोग
केन्द्र शासन ने महिलाओं के जनधन खातों में 5 सौ रुपए की दूसरी किस्त डालना शुरू कर दी। दूसरी ओर उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं के खातों में गैस सिलेंडर की राशि भी डाली जा रही है। इन राशियों को निकालने व राशि आई या नहीं सिर्फ यह चैक करने के लिए महिलाएं फिर से बैंक में पहुंच कर भीड़ का कारण बन रही। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का मखौल भी उड़ा रही हैं।
शहर में कोरोना का प्रवेश व इसके बाद लॉक डाउन में मिली छूट वापस होने की अफवाह ने शुक्रवार को बाजार से लेकर कृषि मंडी तक में भीड़ बढ़ा दी। बता दें कि केन्द्र की गाइड लाइन है कि अगर ग्रीन जोन में मरीज मिलता है तो ग्रीन जोन के कारण मिल रही छूट को वापस ले लिया जाएगा। गुरुवार से ही शहर में अफवाहों का दौर जारी था। ऐसे में शुक्रवार को सुबह 7 बजे ही दुकानें खुलना शुरू हो गई, 8 बजे तक पूरा बाजार खुल गया। 9 बजे बाजार में रिकार्ड तोड़ भीड़ थी। पूरा बाजार भीड़ से पटा था। टाउनहॉल से लेकर किला चौक तक ट्रैफिक जाम की स्थिति थी। अफवाह का असर शुक्रवार को कृषि उपज मंडी में भी देखने को मिला। मंडी में शुक्रवार को 500 से ज्यादा ट्रैक्टर पहुंचे। सुबह 9 बजे व्यापारियों ने डाक बोली लगाना शुरू किया और दोपहर 12 बजे तक 300 से ज्यादा ट्रैक्टरों की बोली लगाई। इसके बाद शेष ट्रैक्टरों को अगले दिन बोली के लिए छोड़ दिया गया।
पुट्टी खरीदी केंद्र पर उपज बेचने आने वाले किसानों को पीने का पानी, सेनेटाइजर, कुर्सी एवं बैठने के लिए छाया की व्यवस्था नहीं थी। जिसके चलते कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर पुट्टी समिति केंद्र प्रभारी को निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है। दरअसल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह शुक्रवार को पुट्टी खरीदी केंद्र पर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्हें वहां किसानों के पीने का पानी, सेनेटाइजर, कुर्सी, एवं बैठने के लिए छाया की व्यवस्था नहीं मिली जिसके चलते उन्होंने खरीद केंद्र प्रभारी पंकज भार्गव को निलंबित किए जाने की कार्रवाई की।
वहीं सहकारिता विस्तार अधिकारी को नोटिस दिए जाने की कार्रवाई की। इसके साथ ही प्रमोद पाराशर एवं भंवर सिंह को खरीदी केंद्र का प्रभारी नियुक्त किया। वहीं निरीक्षण के दौरान कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को बरौठा, चितावनी एवं अन्य केंद्रों पर व्यवस्थाएं पर्याप्त दिखीं।
शुक्रवार को नगर की वृहत्ताकार सहकारी संस्था में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों को फ्री चावल वितरण के समय भारी अफरा-तफरी का माहौल रहा। इसे पुलिस ने हस्तक्षेप कर माहौल सामान्य कराया।
नगर में दो अलग-अलग जगहों पर लोगों को राशनकार्ड के माध्यम से खाद्य सामग्री बांटी जाती है। उसमें से एक केंद्र वृहत्ताकार समिति पर वार्ड क्रमांक 08 से 15 के लोगों को फ्री चावल बंटवा रहे थे। यहां परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 2 माह के लिए 10-10 किलो चावल दिया जा रहा था। शुक्रवार को वितरण केंद्र पर राशन लेने वालों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इससे कोरोना वायरस के रोकथाम केसभी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ गईं। वहां एकत्र लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंस सहित नियमों का खुलकर उल्लंघन हुआ।
सूचना पर प्रशिक्षु डीएसपी व थाना प्रभारी बिंदु परमार पुलिस जवानों को लेकर मौके पर पहुंची। जहां लोगों की भीड़ व अव्यवस्था को देखकर मौजूद कर्मचारी से जानकारी ली। परमार ने वृहत्ताकार समिति के कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वह सभी वार्डों के लोगों को एक साथ ना बुलाकर बारी-बारी से बुलाएं। इसके लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से लोगों तक खाद्यान्न वितरण की खबर पहुंचाने के लिए निर्देशित किया। चावल लेने आए लोग एक-दूसरे से सटकर लाइनों में लगे थे। इन्हें थाना प्रभारी द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के मान से लाइन में लगवाया तथा एक लाइन की जगह तीन कतारें
लगाकर लोगों को चावल लेने के लिए टोकन बंटवाए और वहां की व्यवस्था सही करवाई।
कृषि उपज मंडी में गांववार किसानों को बुलाकर नीलामी कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक दिन 4 गांव के किसान अपनी उपज गेहूं लेकर आ रहे हैं। शुक्रवार को आकली शिवदास, नारिया बुजुर्ग, कुंडला खुर्द, खाकरी गांव के किसान आए। इसमें नारिया बुजुर्ग से दो और आकली शिवदास से 2 किसान तीन ट्रैक्टर लेकर गेहूं लेकर आए। व्यापारियों एवं मंडी कर्मचारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नीलामी की प्रक्रिया सुबह 11 बजे चालू की। इसमें 1679 से लेकर 1600 गेहूं के वहीं तीनों ट्राॅलियों का वजन 80 बोरी आया। 10 मिनट में ही नीलामी का कार्य पूर्ण हुआ। मंडी सचिव अरविंदसिंह दीक्षित ने बताया 4 गांव के किसान अपनी उपज गेहूं को लेकर मंडी में आ रहे हैं। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। मंडी में इसके बाद सोमवार को भी 4 गांव के किसानों को बुलाया जाएगा।
रतलाम की होटल में 3 महीने से काम कर तीन युवक लॉकडाउन के चलते फंसे थे। जो कि अब अपने घर कोटा, बिहार और ग्वालियर जाने के लिए पैदल निकले हैं। युवकों से होटल मालिक से लेकर मंदसौर सांसद को भी गुहार लगाई लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। पिपलियामंडी आने पर यहां पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद वापस जाने के लिए कहा। पुलिस की सख्ती को देखकर यह युवक खेतों के रास्ते निकले पड़े। इनमें कोटा निवासी बंटी, ग्वालियर निवासी रिपु, दरभंगा ( बिहार ) निवासी विनोद पैदल निकल पड़े। इनका कहना है कि विदेश में फंसे भारतीयों को वतन वापसी होने लगी है लेकिन अपने ही देश के गरीब मजदूर जो मजबूरी के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य गए थे, उनके लिए कोई व्यवस्था नही हो रही है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्र पर शामगढ़ भाजपा मंडल अध्यक्ष बलवंत सिंह पंवार पहुंचे। उन्होंने चौधरी वेयर हाउस के मालिक राहुल चौधरी को लेवलिग कराने की बात कही। किसानों से चर्चा कर उनकी समस्या जानी। इसके बाद एसडीएम केसी ठाकुर से फोन पर चर्चा कर दोनों केंद्रों पर तीन-तीन ताैल-कांटे बढ़ाने की मांग की। एसडीएम ने व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। रामखेड़ी स्थित उपार्जन केंद्र काबरा वेयर हाउस पर संचालक ओम काबरा से चर्चा कर पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई। इस दौरान प्रदीप यादव, मुकेश रत्नावत, राजेंद्र पटेल, विशाल शर्मा मौज्ूद थे।
सैकड़ों किलोमीटर का पैदल सफर कर अपने घर लौट रहे 600 से ज्यादा मजदूरों ने शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे सिंध नदी के पुल पर जमकर हंगामा किया। दतिया पुलिस ने उन्हें रोक दिया और अपने जिले की सीमा में प्रवेश नहीं दिया तो गुस्साए मजदूर बीच पुल पर ही धरने पर बैठ गए और लगभग आधे घंटे तक हाईवे जाम रखा जिससे वाहनों का आवागमन बंद हो गया। समझाने पर मजदूरों ने पुलिकर्मियों को नदी में फेंकने की धमकी भी दी। बाद में प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सभी को समझाया और मॉडल स्कूल व वेयर हाउस में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन की व्यवस्था की और दोपहर तक 16 बसों की व्यवस्था कर मजदूरों को उनके घरों के लिए रवाना किया। सभी मजदूरों की जांच कराई गई और बसों को सेनेटाइज किया।
दरअसल राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों से लौटकर करीब 600 मजदूर छतरपुर सहित पन्ना, सतना, दमोह, टीकमगढ़ और रीवा आदि में अपने घर पैदल जा रहे थे। डबरा चैक पोस्ट से तो वह निकल गए, लेकिन जैसे ही सिंध नदी के पुल को पार कर दतिया चैक पोस्ट पर पहुंचे तो पुलिस ने प्रवेश करने से रोक दिया। इससे नाराज होकर सभी मजदूर वापस लौटकर नदी के पुल पर धरने पर ही बैठ गए और चक्का जाम कर दिया। इससे करीब आधा घंटा तक पुल से वाहनों का आवागमन बंद हो गया और वाहनों की लाइन लग गई। मजदूरों को पुल पर बैठा देख चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो अधिकांश मजदूर आक्रोशित हो गए और पुलिसकर्मियों को पुल के ऊपर से नदी में फेंकने के लिए कहने लगे, इससे घबराकर वह पुलिसकर्मी भी वापस लौट गए।
एसडीएम के समझाने पर माने, क्वारेंटाइन सेंटर में किया भोजन, इसके बाद बसों में सवार होकर घर गए
बाद में सूचना मिलने पर एसडीएम राघवेंद्र पांडेय, तहसीलदार नवनीत शर्मा, नगरपालिका अधिकारी प्रदीप भदौरिया, अनुपम पाठक मौके पर पहुंच गए और सभी मजदूरों को समझाकर मॉडल स्कूल व वेयर हाऊस में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में ले जाकर सभी की जानकारी जुटाई। इसके साथ ही सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से सभी को भोजन कराया गया। इसके बाद दोपहर में 16 बसों के माध्यम से मजदूरों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया। मामले की सूचना पर ग्वालियर से कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह भी मौके पर पहुंचे।
प्रशासन की व्यवस्था से नाराज थे, किया हंगामा
सभी मजदूर गर्मी और धूप के बीच पैदल ही जा रहे थे, ऐसे में दतिया पुलिस द्वारा उन्हें जाने से रोक दिया गया। मजदूरों का कहना था कि एक तो वह धूप में पैदल चल रहे हैं ऊपर से उनके साथ गलत तरीके का व्यवहार किया जा रहा है। उनको घर पहुंचाए जाने के लिए कोई व्यवस्था तक नहीं की जा रही है। बच्चों और सामान लेकर जैसे तैसे वह जा रहे हैं तो उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है। सभी एक ही बात कह रहे थे कि क्या वह इंसान नहीं है या फिर इस देश के नागरिक नहीं है।
आधा घंटे तक लगी लाइन कई वाहन चालक फंसे
मजदूरों द्वारा सिंध नदी के पुल पर बैठकर जाम लगा दिया गया था। जिसके चलते हाईवे पर वाहनों की काफी लंबी लाइन लग गई। डबरा की ओर से सभी वाहन इस ओर रुक गए और दतिया की ओर से आने वाले वाहन भी उस तरफ रुक गए। ऐसे में वाहन चालक भी परेशान होते रहे। मजदूरों के पुल पर से हटने के बाद भी करीब आधा घंटे बाद ट्रैफिक सामान्य हो सका। इस दौरान कई लोग सड़क पर फंस गए थे, जिन्हें जाम से निकलने में परेशानी हुई।
ससुर की मौत हो गई इसलिए घर जा रहे
रामकलीबाई, निवासी छतरपुर ससुर की गुरुवार को मौत हो गई है। इस वजह से जल्दी घर जा रहे हैं। अभी अंतिम संस्कार तक नहीं हो पाया है। कई जगह अधिकारियों से मिन्नत कर रहे हैं, लेकिन कोई भी घर भेजने की व्यवस्था नहीं कर रहा। मजदूरों को घर जाने के लिए शासन की कोई व्यवस्था भी नहीं है। पैदल जा रहे हैं, फिर भी रोक रहे हैं। परेशानी में परेशान कर रहे हैं।