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बाहर से आने वाले सभी वाहनों को किया जा रहा सैनिटाइज्ड

मल्हारगढ़ में कोरोना की रोकथाम के लिए नगर परिषद द्वारा बस स्टैंड पर प्रत्येक दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों को सैनेटाइज्ड किया जा रहा है। यही नहीं वाहनों की रजिस्टर में इंट्री भी की जा रही है। नगर परिषद के अशाेक भाना व पप्पू अठवाल यह काम कर रहे हैं।



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All vehicles coming from outside are being sanitized


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बैंक कर्मचारियों पर पुष्प वर्षा कर किया सम्मान

शहर की 8 समाजसेवी संस्थाओं के सदस्यों की 17 टीम बनाकर समाजसेवी 34 बैंकों में पहुंचे और बैंकर्स का सम्मान कर बोले, कोरोना आपदा के इस भीषण दौर में जिस ढंग से आप सेवाएं दे रहे हैं वह शहर वासियों के लिए अनमोल है। हम आपकी सेवाओं को सेल्यूट करते हैं। इसलिए आपका सम्मान करने यहां आए हैं, कृपया हमारा सम्मान स्वीकार कीजिए। इन पंक्तियों के साथ पहली बार शहर में एक साथ इतने समाजसेवियों ने बैंकर्स का सम्मान किया है।
इन संस्थाओं की रही भागीदारी: विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार सुबह 10:30 से 11 बजे अलग-अलग बैंकों में जाकर सभी बैंकर्स पर फूलों की वर्षा की और उनका सम्मान कर उनके कर्तव्य की मुक्तकंठ से सराहना की। इस अभियान में मंगलम, ग्रामीण बैंक समाजसेवा समिति, मदद बैंक, रेड क्रॉस सोसायटी, भारत विकास परिषद वीर तात्याटोपे शाखा,प्रेस क्लब और ग्रामीण बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन के सदस्य और कार्यकर्ता शामिल हुए।
17 टीमों के 5-5 सदस्यों ने इन बैंकों में पहुंचकर किया सम्मान: बैंककर्मियों के सम्मान हेतु विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की 17 टीमों का गठन किया गया। जिसमें पांच-पांच सदस्य प्रत्येक टीम में शामिल थे। प्रत्येक टीम के सदस्यों को दो-दो बैंक में जाकर बैंककर्मियों का सम्मान करना था। सम्मानित बैंक शाखाओं में मध्यांचल ग्रामीण बैंक, इलाहाबाद बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, देना बैंक, इंडियन ऑवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, कॉपरेटिव बैंक, नागरिक सहकारी बैंक, कैनरा बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, पंजाब नेशनल बैंक, बंधन बैंक, इंडसइंड बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, विजया बैंक, ओबीसी बैंक के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।



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Bank employees honored with flowers


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वेयर हाउस पर बने दो खरीदी केंद्र, रोज उपज लेकर पहुंच रहे 100 से ज्यादा ट्रैक्टर

नगर में परासली रोड स्थित डलमऊ वेयर हाउस पर विपणन सहकारी संस्था द्वारा दो खरीदी केंद्र बनाए हैं। एक खरीदी केंद्र पर 16 गांव और 600 किसान और दूसरे खरीदी केंद्र पर 13 गांव और 600 किसान प्रतिदिन प्रशासन द्वारा भेजे जा रहे मैसेज के आधार पर पहुंच रहे हैं। उपार्जन केंद्र एक पर 347 किसान 13314.962 क्विंटल गेहूं लेकर पहुंचे हैं। वहीं दूसरे उपार्जन केंद्र पर 239 किसान 10433 क्विंटल गेहूं लेकर गए है। सोसायटी द्वारा वेयर हाउस के भीतर 10 तौल- कांटे लगाए गए हैं। यहां राेज 100 से ज्यादा ट्रैक्टर उपज लेकर पहुंच रहे हैं। 1 घंटे के अंदर 10 ट्रैक्टरों का तौल हो रहा है। खरीदी केंद्र प्रभारी राजेंद्र मालवीय ने बताया सभी मजदूर व यहां आने वाले किसान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। छाया के लिए टेंट लगाया है। वहीं पुलिस की मुस्तैदी भी है।



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Two procurement centers built at warehouse, more than 100 tractors arriving daily with produce


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जावद की जगह 18 किमी दूर केसरपुरा मेंं गेहूं खरीदी तौल केंद्र करने से किसानों में छाया रोष, नहीं जा रहे उपज बेचने

समर्थन मूल्य पर खरीदी से पहले प्रशासन द्वारा पंजीकृत किसानों की सुविधा के लिए गांव के पास जो केंद्र है उस पर उपज बेचने की सुविधा दी। लॉकडाउन के कारण किसानों को आवागमन में परेशानी नहीं हो इसलिए खरीदी केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की। लेकिन जावद उपखंड क्षेत्र में सहकारी सोसायटी के अधिकारियों की मनमानी के कारण कई गांव के किसानों को उपज बेचने 15 से 20 किमी जाना पड़ रहा है। किसानों ने इस संबंध में अधिकारियों परेशानी बताई तो उन्होंने दो टूक कह दिया जहां केंद्र आया है वहीं पर उपज बेचने जाना होगा। उपज लेकर जाने में आर्थिक भार पड़ रहा है तो हम कुछ नहीं कर सकते। एक तरफ प्रदेश की सरकार किसानों को सुविधा दे रही है। दूसरी तरफ अधिकारी किसानों को सुविधा से दूर रहे हैं। जावद तहसील के सेगवा, बरखेड़ा कामलिय, पालराखेड़ा के किसानों ने भास्कर को बताई अपनी परेशानी।

खरीदी शुरू होने के पहले पता चला केंद्र बदल दिया

प्रतिवर्ष गांव से चार किमी दूर जावद में समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्र पर सुविधा अनुसार उपज ले जाकर तौल कराते थे। इस बार भी पंजीयन इसी केंद्र के हिसाब से करवाया था। लेकिन केंद्र बदल दिया और सेगवा के किसानों को उपज बेचने 18 किमी दूर केसरपुरा जाना पड़ रहा है। लॉकडाउन में हर इंसान परेशान है। ऊपर से केंद्र बंद कर दिया। मेरे 200 बीघा जमीन पर करीब 200 क्विंटल गेहूं हुआ। अब इतनी उपज केसरपुरा लेकर कैसे जाए। अधिकारियों की मनमानी के कारण अन्नदाता को परेशान किया जा रहा है।
शोभाराम धाकड़, सेगवा
किसानों की सहमति के बगैर तौल बदला केंद्र

बरखेड़ा कामलिया के किसानों को पहले तीन किमी दूर जावद में उपज बेचने जाना पड़ता था। इसी बार केसरपुरा केंद्र बना दिया। अब 17 किमी दूर उपज लेकर जाने में वाहन का भाड़ा, हम्माल को मजदूरी का अतिरिक्त भुगतान करने के साथ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों की सहमति के बगैर ही अधिकारियों ने केंद्र बदल दिया। लाॅकडाउन के साथ गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई किसान मैसेज मिलने के बाद भी उपज लेकर नहीं जा रहे हैं।
भूरालाल अहीर, बरखेड़ा कामलिया
इतनी दूर जाने के बजाय बाजार में ही बेच देंगे उपज

पालराखेड़ा से केसरपुरा की दूरी करीब 20 किमी है। इस बार गांव से चार किमी दूर जावद तहसील मुख्यालय काे केंद्र नहीं बनाया।इससे अच्छा ताे गांव के किसान 13 किमी दूर राजस्थान के निंबाहेड़ा में जाकर ही उपज बेचेंगे। अभी काेराेना पॉजिटिव लगातार बढ़ने के कारण वह हाॅटस्पाॅट बना हुआ है। वहां के हालात सुधरने में देर लगेगी ताे बाजार में ही व्यापारियों काे गेहूं बेच देंगे। केसरपुरा ताैल केंद्र पर जाने का आर्थिक भार नहीं उठा सकते। अधिकारियों ने किसानों की सहमति लिए बिना ही केंद्र बदल दिया। इससे भी राेष है।
भंवरसिंह चुंडावत, पालराखेड़ा

जावद में केसरपुरा के नाम सेही हाेती थी खरीदी
मार्केटिंग सोसायटी ने केसरपुरा में सरकारी वेयर हाउस हाेने से उसे ताैल केंद्र पहले ही बना रखा था। जावद में सरकारी गाेदाम नहीं था। यहां उपज खरीदी केसरपुरा के नाम से हाेती थी। जावद का ताैल केंद्र ताे बाद में स्वीकृत हुआ था। इसलिए जिन गांवाें के किसानों के पंजीयन केसरपुरा साेसायटी के नाम हुए उन्हें वहीं पर उपज लेकर जाना पड़ रहा है।
राकेश जैन, मैनेजर- मार्केटिंग सोसायटी, जावद
गेहूं ताैल केंद्र नया, किसान पंजीयन का आंकड़ा नहीं
केसरपुरा काे इसी वर्षा ताैल केंद्र बनाया है। नया केंद्र हाेने के कारण कितने किसानों का यहां पंजीयन हुआ इसकी जानकारी नहीं है। 15 अप्रैल से अब तक 233 किसानों से 8679 क्विंटल गेहूं खरीदा है।
ओम प्रकाश बोहरा, प्रभारी, ताैल केंद्र-केसरपुरा



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The farmers who were buying wheat at Kesarpura, 18 km away from Javad, are not going to sell their produce


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बैंकों के सामने फिर हुजूम, सोशल डिस्टेंस गायब, ज्यादातर लोग सिर्फ यह जानने पहुंच रहे कि खातों में राशि आई या नहीं

बैंक शाखाओं पर लग रही लोगों की भीड़ में सोशल डिस्टेंस पूरी तरह से गायब नजर आ रहा है। ऐसे हालात में काेरोना संक्रमण फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बैंकों में आने वाले ज्यादातर उपभोक्ता सिर्फ खाते में आए 500 रुपयों की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। वहीं बैंकों के शाखा प्रबंधकों द्वारा लोगों के लिए छाया एवं पीने के पानी तक के इंतजाम नहीं कराए गए हैं। बैंक शाखा में कम संख्या में लोगों के प्रवेश कराने के कारण बाहर तेज धूप में लोगों को घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के बीमारी पड़ने की आशंका उत्पन्न हो गई है। ऐसे हालात तब हैं जब अग्रणी बैंक प्रबंधक खाताधारकों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने और बैंक प्रबंधकों से छाया व पानी की बनाने की बात कई बार कह चुके हैं।
शहर में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में खाताधारक पहुंच रहे हैं। इनका बैंक शाखा में अंदर प्रवेश तो लोगों का प्रवेश एक- एक करके कराया जा रहा है पर बाहर किसी प्रकार के सोशल डिस्टेंस और छाया व पानी इंतजाम नहीं कराया गया है।

गोहद में यूको बैंक के शाखा प्रबंधक बोले- हम लाइन लगवाएं तो काम ठप हो जाएगा
गोहद की यूको बैंक शाखा में न तो अंदर और न ही बाहर सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए कोई व्यवस्था की गई है। लोगों के बीच धक्का मुक्की के हालात बन रहे हैं। इस बारे में जब शाखा प्रबंधक जतिन गुप्ता से इस संदर्भ में चर्चा की गई तो उनका कहना था कि हम क्या करें। पेंशन, जन धन व खाता की जांच कराने इतने लाेग आ रहे हैं कि लाइन लगवाई तो हमारा स्टाफ इसी में लग जाएगा और कामकाज होने के बजाए बंद हो जाएगा। अगर प्रशासन को सोशल डिस्टेंस रखवाना है तो पुलिस की व्यवस्था करा दे। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी और लोग भी काबू में रहेंगे।
एलडीएम की खाताधारकों और शाखा प्रबंधकों से कही बात पर नहीं ध्यान
एलडीएम मनोहर वलेचा द्वारा खाताधारकों से कई बार अपील की जा चुकी है कि बैंक शाखाओं पर अनावश्यक भीड़ न लगाएं। जन धन खातों सहित अन्य जिनमें शासन से राशि आती है उनमें निश्चित समय पर राशि आ रही है और वह किसी भी सूरत में वापस नहीं जाएगी इसलिए यह चेक करने नहीं आएं कि खाते में राशि आई या नहीं। इसी के साथ बैंकों के शाखा प्रबंधकों से कहा गया है कि वे लोगों को धूप से बचाने के लिए टेंट लगवाएं और पीने के पानी की व्यवस्था कराएं। संक्रमण रोकने के लिए गोले बनवाएं, लेकिन यह जरूरी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

धूप में खड़े हो रहे ग्राहक
बाहर टेंट की व्यवस्था न कराए जाने से लोग बाहर जहां भी हल्की सी छाया नजर आती है वहां सटकर खड़े- बैठे रहते हैं। बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ होने से इनका नंबर काफी देर में आ पाता है ऐसे में इन्हें धूप में भी खड़े रहना पड़ रहा है। इसी प्रकार हालात यूको बैंक शाखा के बाहर देखे जा सकते हैं। यहां भी लोगों के लिए छाया- पानी का इंतजाम नहीं कराए गए हैं। अधिकांश शाखाओं में यही हालात हैं।

पानी का इंतजाम तक नहीं
नायक गंगा सिंह के मुताबिक, सुबह 10 बजे से लाइन में लगे थे। 1.30 बज गया । यहां धूप में खड़े रहना पड़ रहा है। बैंक द्वारा न तो टेंट लगवाया गया है और न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था कराई गई है।
ढाई घंटे में नंबर आया
सुमन यादव, डिड़ीके मुताबिक, खाते से पैसा निकालने ग्राम डिड़ी से आई हूं। यहां एक ही लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि महिला व पुरुष के लिए अलग- अलग लाइन की व्यवस्था कराई जाना चाहिए। ढाई घंटे बाद भी नंबर आ पाया है।
दो घंटे बाद आया नंबर
दाताराम शर्मा, वीरेंद्र नगर के मुताबिक, हमारे बैंक खाते में राशि आई या नहीं यह चेक कराना था। इसके लिए कल भी आए थे। लेकिन लंबी लाइन होने से काम नहीं हो पाया था। इस कारण आज पुन: आना पड़ा है। लेकिन दो घंटे बाद भी नंबर नहीं आ पाया है।
धूप में बुरा हाल हो गया
किशोरी देवी, कचोंगरा के मुताबिक, खाते से पैसा निकालने के लिए आई हूं। यहां लंबी लाइन लगे हुए सुबह से दोपहर हो गई है। धूप में बुरा हाल हो गया है।



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In front of the banks again, the social distance disappeared, most people are just reaching to know whether the money came into the accounts or not.


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सोने-चांदी के टुकड़ों के लालच में बिना अनुमति नाला खोदना शुरू किया, हंगामा

घंटाघर के आसपास गहने बनाने, पॉलिश करने व सुधारने की दुकानें हैं। इसके चलते अक्सर सोने-चांदी की टुकड़ी व बुरादा उड़कर नाले में चला जाता है। इसको पाने के लालच में एक व्यक्ति ने 5-6 मजदूर ले जाकर नाले की खुदाई शुरू कर दी। एक दुकान के बाहर पेढ़ी तोड़ दी। इस पर व्यापारियों ने हंगामा किया तो पुलिस पहुंची। नपा सीएमओ से पूछा तो उन्होंने कहा कि काेई अनुमति नहीं दी। इसके बाद पुलिस ने नाला खोद रहे लोगों को चेतावनी देकर भगा दिया, तब मामला शांत हुआ।
शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे कड़ाचुरपुरा निवासी मोहम्मद कालू कुछ साथियों को लेकर घंटाघर पहुंचा। घंटाघर के नीचे ज्वैलरी दुकानों के बाहर नाले की खुदाई शुरू कर दी। एक दुकान के बाहर पेढ़ी तोड़कर नाला खुला कर दिया। लॉकडाउन में दुकानें बंद हैं लेकिन जैसे ही व्यापारियों को पता चला कि नाला तोड़ा जा रहा है तो दुकान संचालक आशीष सोनी, दीपक सोनी, कैलाश सोनी, दिनेश सोनी, अनिल सोनी आदि पहुंचे और विरोध किया। हंगामा होने पर पुलिस पहुंची और काम बंद करवा दिया। पुलिसकर्मी राजेश माली ने बताया हमने खुदाई करने वाले कालू से अनुमति मांगी तो वह पेश नहीं कर पाया। उसने केवल एक आवेदन की रसीद दिखाई जो परमिशन नहीं थी। नपा सीएमओ ने भी मना कर दिया कि हमने कोई परमिशन नहीं दी। इस पर खुदाई रुकवा दी और सभी को वहां से घर भेज दिया। जो खोदा था उसे वापस सही करवाया है। नपा सीएमओ डॉ. केएस सगर ने बताया एक व्यक्ति आया था कि मैं धूल सफाई का काम करता हूं और हमारे पूर्वज घंटाघर के आसपास नालों की सफाई करते थे। वहां से ज्वैलरी की जो बूरा व टुकड़ी मिलती थी उसे बेचकर आजीविका चलाते हैं। मुझे भी अनुमति दो। उसने आवेदन दिया था लेकिन हमने अनुमति नहीं दी। आवक-जावक की रसीद के आधार पर उसने खुदाई शुरू कर दी जो गलत है, इसलिए हमने पुलिस से कहकर काम रुकवा दिया है।



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रेड जोन से आए युवक को ई-पास जारी करने वाले डिप्टी कलेक्टर को एसडीएम बनाने का आदेश 2 घंटे में बदला

रेड जोन जिले का ई-पास जारी करने वाले डिप्टी कलेक्टर अंकुर रवि गुप्ता को कलेक्टर ने आदेश जारी कर करैरा का प्रभारी एसडीएम बना दिया था। लेकिन दो घंटे बाद ही आदेश बदल गया और संयुक्त कलेक्टर केआर चौकीकर को करैरा एसडीएम बनाकर भेज दिया। शुक्रवार की दोपहर 12 बजे डिप्टी कलेक्टर पदभार लेने के लिए जाने वाले थे, लेकिन उनकी जगह चौकीकर ने पदभार संभाला है।
जानकारी के मुताबिक डिप्टी कलेक्टर अंकुर रवि गुप्ता की लॉग-इन आई-डी और पासवर्ड से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के लिए ई-पास जनरेट हुआ था। इसी ई-पास की मदद से कोरोना संक्रमित मोहम्मद शोएब राईन कार में बैठकर शिवपुरी आ गया। सैंपल रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर शिवपुरी जिले में तीसरा कोरोना मरीज सामने आ गया। डिप्टी कलेक्टर की गलती का खामियाजा पूरे जिले की बीस लाख अावादी भुगतना पड़ रहा है। इसके बावजूद डिप्टी कलेक्टर अंकुर को 7मई को करैरा का प्रभारी एसडीएम बनाकर भेजने का आदेश जारी हो गया। लेकिन गुरुवार को ही दो घंटे बाद ही कलेक्टर ने आदेश बदल दिया और डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता की जगह संयुक्त कलेक्टर केआर चौकीकर को करैरा एसडीएम बनाकर भेज दिया। बता दें कि करैरा एसडीएम मनोज गरवाल सड़क दुर्घटना में घायल होने पर ग्वालियर भर्ती हैं।

आदेश बदलने के पीछे नाराजगी की बात सामने आ रही: कलेक्टर अनुग्रहा पी का कहना है कि वर्तमान में अपर कलेक्टर के अलावा जिला मुख्यालय पर कोई डिप्टी कलेक्टर नहीं है। तकनीकी क्षेत्र में जरूरत ज्यादा होने पर डिप्टी कलेक्टर अंकुर रवि गुप्ता को शिवपुरी ही रखा है। वहीं सूत्रों की मानें तो डिप्टी कलेक्टर को करैरा एसडीएम का प्रभार सौंपे जाने के बाद कलेक्टर ने बातचीत की।



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घर-घर आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण किया

संक्रमण से बचाव तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग द्वारा घर-घर लोगों को जीवन अमृत काढ़ा बांटा जा रहा है। आयुष विभाग के कर्मचारियों द्वारा लोगों को सोशल डिस्टेंस रखने, सैनिटाइजर से हाथ धोने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। शुक्रवार को आयुष विभाग की सुशीला खिंचावत व अनवर खान ने बताया कि घर-घर काढ़ा बांटा जा रहा है। जिसे काढ़ा पिलाया जा रहा है उसका आधार कार्ड आयुष विभाग की लिंग पर अपलोड कर रहे हैं। नगर में अब तक 5031 लोगों को काढ़े का वितरण किया।



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Distributed Ayurvedic decoction from house to house


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एसडीएम के गनर ने पिस्टल निकालकर गोली चलाने की धमकी दी पत्थर भी फेंके, पर नहीं डरा रेत माफिया, पनडुब्बी डुबा कर भाग गया

लॉक डाउन के दौरान प्रशासन लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव और लॉ एवं ऑर्डर का पालन कराने में व्यस्त हैं, वहीं रेत माफिया दबंगई से सिंध नदी में पनडुब्बी डालकर रेत का उत्खनन करने में लगा हुआ है।
बेलगाढ़ा घाट पर भी रेत माफिया नदी में पनडुब्बी डालकर रेत का उत्खनन कर रहा है। शुक्रवार को सूचना मिलने पर प्रशासन ने कार्रवाई की तो नदी में छह पनडुब्बी चल रही थी। जिन्हें रेत माफिया प्रशासन की टीम के सामने ही नदी में दतिया की सीमा में भगा ले गया। जिससे प्रशासन को महज ड्रम और पाइप जब्त कर लौटना पड़ा। दरअसल बेलगाढ़ा घाट पर प्रशासन को पनडुब्बियों से रेत उत्खनन की सूचना मिली। सूचना मिली सूचना मिलते ही एसडीएम राघवेंद्र पांडेय प्रशासन और पुलिस की टीम को लेकर मौके पर पहुंचे। लेकिन रेत माफिया को प्रशासन की कार्रवाई की सूचना पहले ही मिल गई थी। जिससे जब तक एसडीएम घाट पर पहुंचे तब तक रेत माफिया एक पनडुब्बी को बीच नदी में छोड़कर पांच पनडुब्बियों को नदी में दतिया की सीमा में भगा ले गया। वहीं कुछ देर बाद ही रेत माफिया का आदमी अचानक से नदी में तैरकर आया और छोड़ी गई पनडुब्बी के ऊपर चढ़कर उसकी तली का ढक्कन खोलकर उसे नदी में डुबो दिया। तैरकर और नदी में पनडुब्बी को डुबोने का काम रेत माफिया ने प्रशासन के सामने ही किया। इस दौरान रेत माफिया को भगाने के लिए एसडीएम के गनर ने हाथ में पिस्टल लेकर गोली चलाने की कहकर धमकाया, साथ ही पत्थर भी फैंके, पर रेत माफिया बिना डरे पनडुब्बी को डुबो कर नदी में तैरकर भाग गया। वहीं प्रशासन की टीम घाटों पर पड़ी पनडुब्बी और पाइपों को जब्त कर लाया।
हमने मौके पर मिले पाइप और ड्रम जब्त किए हैं
राघवेंद्र पांडेय, एसडीएम, डबरा के मुताबिक नदी में पनडुब्बियों से रेत निकाले जाने की सूचना थी। मौके पर पहुंचे उससे पहले ही रेत माफिया पनडुब्बियों को नदी में भगा ले गया। एक पनडुब्बी को नदी में डुबो दी। मौके पर पाइप और ड्रम मिले जिन्हें जब्त कर लिया गया। मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आगे भी छापामारी की कार्रवाई जारी रखेंगे, ताकि उत्खनन रूके।



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SDM gunner also threw stones threatening to shoot pistol, but did not scare the sand mafia, submerged the submarine and fled


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छूट का समय खत्म होते ही पुलिस पहुंची, सभी की बंद कराईं दुकानें

टोटल लॉकडाउन के बाद शुक्रवार को प्रशासन ने सुबह 11 बजे तक किराना, सब्जी, दूध सहित आवश्यक सामग्री खरीदी के लिए छूट दी। सुबह दुकानें खुलते ही बाजार में भीड़ लग गई। किराना दुकानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हुआ। लोग बिना मास्क के घूमते नजर आए।
प्रशासन की समझाइश के बाद भी लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहें। इसी लापरवाही से संक्रमण फैल सकता है। इघर, एसआई आशीष जैन सहित अन्य जवान बस स्टैंड क्षेत्र में पहुंचे। लोगों को दुकानों के बाहर बने गोले में खड़े रहकर नियमों का पालन करने की समझाइश दी। सुबह 11 बजते ही पुलिस ने खुली हुई दुकानों को सख्ती से बंद करवाया। करीब आधा घंटे बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।



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Police reached as soon as the time of discount was over, all the shops were closed


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पुणे से पत्नी और दो बच्चों के संग 1100 किमी बाइक से आया युवक, बैराड़ में पानी पीने रुका तो दूसरी बाइक ने मारी टक्कर, घर से 70 किमी पहले मौत

महाराष्ट्र के पुणे से पत्नी व दो बच्चों के संग बाइक से 1100 किमी का सफर तय कर सबलगढ़ निवासी युवक जीवनलाल शिवपुरी जिले के बैराड़ में पानी पीने के लिए सड़क किनारे कुछ देर रुका। गुरुवार की रात करीब 8.30 बजे स्थानीय युवक ने तेजी और लापरवाही से बाइक चलाते हुए जीवनलाल को टक्कर मार दी। हादसे में उसकी मौत हो गई है। घटना स्थल से उसका घर महज 70 किमी दूर रह गया था। वहीं बदरवास के नजदीक फोरलेन हाईवे पर ट्रक से टकराकर ऑटो पलट गया। ऑटो में सवार तीन दंपति घायल हो गए। हालांकि ऑटो में सवार छह बच्चों में से किसी को ज्यादा चोट नहीं आई है।
जीवनलाल (32) पुत्र लालपत प्रजापति निवासी ग्राम जावरोल तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना अपनी पत्नी रोहिणी, बेटा कार्तिक (6) और दूसरे बेटे मोहित (3) के संग बाइक से पुणे से 7 मई गुरुवार की रात 8.30 बजे बैराड़ से 2 किमी पहले तक आ गया। यहां वह पानी पीने के लिए बाइक रोककर खड़ा हुआ, तभी एक युवक तेजी एवं लापरवाही से बाइक चलाते हुए आया और जीवनलाल को टक्कर मार दी। हादसे में जीवनलाल गंभीर रूप से घायल हो गया। पुणे से उसके साथ आए तीन-चार अन्य बाइक सवार साथी उसे जिला अस्पताल लेकर आ गए लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना स्थल से मृतक जीवनलाल का गांव करीब 70 किमी दूरी पर रह गया था। घर पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। लॉक डाउन में काम बंद हो जाने की वजह से जीवनलाल अपनी पत्नी व बच्चों को लेकर घर वापस जा रहा था।

पुणे में टाइल्स बिछाने का काम करते थे: ज्ञान सिंह

  • जिला अस्पताल में जीवनलाल की मौत के बारे में उसकी पत्नी रोहिणी व दोनों बच्चों को नहीं बताया गया। रात में थके हारे बच्चों को रोहिणी ने शॉल बिछाकर ट्रॉमा सेंटर के अंदर फर्श पर सुला दिया। महिला ने अपने पति के बारे में पूछा तो बताया कि अभी इलाज चल रहा है। मृतक के माता व भाई शिवपुरी पहुंचे, तब महिला को पति की मौत का पता चला।
  • जीवनलाल के साथ ही पुणे से लौट रहे (रिश्ते में जीजा) ज्ञानसिंह प्रजापति निवासी जवेरा ने बताया कि वे पुणे में टाइल्स बिछाने का काम करते थे। लॉक डाउन खुलने के इंतजार में सारा राशन खत्म हो गया। थोड़े बहुत पैसे बचे तो पेट्रोल भरवाकर पत्नी-बच्चों को लेकर घर लौटना ही बेहतर समझा। हताश होकर ज्ञानसिंह ने कहा कि भूखों मरने से बेहतर है, फिर चाहे रास्ते में मरना लिखा है तो मर जाएंगे। उन्होंने बताया कि 5 मई की शाम पुणे से निकले थे।

शराब पिए था बाइक सवार, ग्रामीणों ने भगा दिया
बैराड़ के पास जिस बाइक सवार ने जीवनलाल को टक्कर मारी, वह शराब के नशे में था। ज्ञानसिंह ने बताया कि नशे की हालत में हमने बाइक सवार युवक को पकड़ लिया था लेकिन स्थानीय लोग आ गए। उन्होंने उस बाइक सवार को भगा दिया। हम जीवनलाल को लेकर अस्पताल लेकर चले आए।
इधर... हाईवे पर ट्रक से टकराकर ऑटो पलटा, अहमदाबाद से अंबाह लौट रहे 3 दंपति घायल

ऑटो क्रमांक जीजे 01 बीबी 6418 से तीन दंपति अपने छह बच्चों के संग अहमदाबाद से लौट रहे थे। बदरवास के नजदीक गुरुवार की रात 9 बजे ट्रक से टकराकर ऑटो कुल्हाड़ी गांव के पास पलट गया। हादसे में प्रेम सिंह पुत्र पातीराम कोली के पैर और हाथ में चोट आई है। नारायणी पत्नी प्रेम सिंह चोटिल हैं। रिंकू पुत्र पूरन सिंह कोली, बेबी पत्नी रिंकू कोली और निहाल पुत्र पातीराम व हेमलता पत्नी निहाल भी घायल हैं। हालांकि ऑटो में सवार 6 बच्चे सुरक्षित हैं। घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था, तब सारे बच्चे अपने मम्मी-पापा को लेकर लाइन से बैठकर चिंतित और मायूस नजर आए। ऑटो से 5 मई की शाम अहमदाबाद से मुरैना जिले की अंबाह तहसील के गांव पाराशर की गढ़ी के लिए निकले थे।

बिना लाइट के डंपर ने बाइक सवार को टक्कर मारी, मौत
शिवपुरी|पोहरी-शिवपुरी रोड पर मारोरा गांव के पास गुरुवार की रात 8 से 9 बजे के बीच बिना लाइट के डंपर ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार पंकज (24) पुत्र अमरसिंह यादव निवासी खेड़ापति कॉलोनी शिवपुरी की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मृतक फसल के पैसे लेने के लिए मौसी के घर जा रहा था। घर पर मां से कहा था कि रात हो गई तो अगले दिन लौटूंगा।



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Youth came from Pune with bike and 1100 km bike with wife and two children, stopped drinking water in Bairaad, second bike collided, 70 km before home


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कोरोना का सैंपल देकर आइसोलेशन वार्ड से भागी महिला मायके पहुंची, केस

कोरोना के लक्षण दिखने पर सैंपलिंग के बाद महिला बिना बताए आइसोलेशन वार्ड से चली गई और फोन भी स्विच ऑफ कर लिया। प्रबंधन ने पुलिस तक खबर पहुंचाई। सिटी कोतवाली पुलिस ने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि युवती अपने मायके कोलारस चली गई है। कोलारस पुलिस उसके मायके स्थित घर पहुंच गई और महिला को अपने साथ लाकर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। इधर अस्पताल प्रबंधन ने युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।त्रिवेणी (21) पत्नी हेमंत कुशवाह निवासी ग्वालियर बायपास शिवपुरी 4 मई से जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी। सिम्टम्स आने पर गुरुवार को सैंपल लेकर डॉक्टर ने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया। लेकिन महिला बिना बताए वार्ड से चली गई। स्टाफ ने फोन लगाया तो स्विच ऑफ आया। वार्ड ब्वॉय जगमोहन गुर्जर ने सिटी कोतवाली थाना शिवपुरी में शिकायत दर्ज करा दी। कोतवाली पुलिस ग्वालियर बायपास स्थित घर पहुंची। पूछताछ से पता चला कि पति उसे मायके कोलारस बाइक से छोड़ आया है। कोलारस पुलिस को मायके स्थित घर भेजा और महिला को स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद से शिवपुरी लाकर भर्ती करा दिया। कोतवाली पुलिस ने युवती के खिलाफ धारा 188, 269 व 270 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।



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घर, गांव और खेत पर प्रदर्शन करते हुए किसानों ने की लूट की छूट का फैसला वापस लेने की मांग

जिले में मध्यप्रदेश किसान सभा ने किसानों की लूट का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में संगठन के राज्य स्तरीय आव्हान के तहत 8 मई को मांग दिवस मनाया। किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजीव दीक्षित ने बताया किसानों ने फिजिकल डिस्टेंस और कोविड- 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने अपने घर, गाँव, खेत पर सुबह नौ बजे हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया।
मांग दिवस पर फसल खरीदी में सीधे आढ़तियों और कंपनियों को लूट की छूट का फैसला वापस लेने, सरकारी एजेंसी के जरिये गांव- गांव जाकर लागत के ड्यौढ़े मूल्य पर खरीद करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी करने, बैंक, बिजली, सोसायटी सभी बकाया ऋण की वसूली तत्काल स्थगित कर फसल का पूरा भुगतान करने तथा हर नागरिक खाते में 7हजार 500 रुपए जमा करने की मांग की गई। इसी के साथ देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों की बिना किराए सकुशल वापसी का मुद्दा भी उठाया गया।
नेताओं के साथ ही किसानों ने की भागीदारी:
मांग दिवस में जिलाध्यक्ष के अलावा जिला महासचिव प्रेमनारायण माहौर, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाह, राजेश शर्मा, पूर्व सरपंच रामलखन डंडोतिया, भिंड अध्यक्ष राजेश बघेल, मायाराम बरुआ,जगदीश प्रसाद खेमरिया,मनीष,राजवीर कुशवाह, दाताराम बरुआ, रायसिंह कुशवाह, ओमनारायण, गंगासिंह गुर्जर, रामसिया, शीतल प्रजापति, सोनू, आशीष सहित जिले के कई गांवों के सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया।



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Demonstrating at home, village and farm, farmers demand withdrawal of loot exemption


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सुलभ कॉम्प्लेक्स चालू करने की बात पर मीडियाकर्मी व साथी ने नपाकर्मी से झूमाझटकी की, केस दर्ज

लॉकडाउन के बाद से बस स्टैंड में बसों का संचालन बंद और स्टैंड सील है। इसलिए सुलभ कॉम्प्लेक्स भी बंद पड़ा है। शुक्रवार शाम एक न्यूज पोर्टल प्रतिनिधि अपने साथी को लेकर वहां पहुंचा और सुलभ कॉम्प्लेक्स चालू क्यों नहीं करते कहते हुए नपाकर्मी से विवाद करने लगा। झूमाझटकी की। सूचना पर सीएमओ पुलिस लेकर पहुंचे और कार्रवाई की। पुलिस ने दोनों आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को कोर्ट में पेश करेंगे।
नपा सीएमओ डॉ. केएस सगर ने बताया लॉकडाउन में बस स्टैंड पर किसी की आवाजाही नहीं है, इसलिए वहां का सुलभ कॉम्प्लेक्स भी बंद है। नपा ने इसे ठेके पर दे रखा है। शुक्रवार को नपा के सफाई दरोगा करण कल्याणे व उनके साथी वहां की व्यवस्था देखने गए। तभी न्यूज पोर्टल प्रतिनिधि सुभाष भंवर और उसका साथी गणेशन बैरागी निवासी जावरा आए। इन्होंने नपाकर्मी करण कल्याणे से कहा तुम्हारा कार्ड दिखाओ और कॉम्प्लेक्स चालू करो। हमें फ्रेश होना है। यह कहते हुए विवाद शुरू कर दिया। नपाकर्मी की कॉलर पकड़कर झूमाझटकी की और मुझे से भी फोन पर अभद्रता की। मैंने सिटी थाने पर सूचना दी और खुद भी मौके पर पहुंचा। थाना प्रभारी प्रमोद साहू ने बताया हम मौके पर पहुंचे तब तक विवाद करने वाला एक साथी भाग गया था। मामला समझा और फिर नपा कर्मचारी करण कल्याणे की रिपोर्ट पर आरोपी सुभाष भंवर एवं गणेशन बैरागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 186, 332, 294, 506, 34 तथा एससीएसटी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया। थोड़ी देर बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया।



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स्वयंसेवकों ने कोरोना वीरों को सेनेटाइजर कपड़े और मास्क देकर किया सम्मानित

देश में कोरोना महामारी के बीच देवदूत की भांति काम कर रहे स्वास्थ कर्मियों का गोरमी पीएचसी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सभी स्वास्थ्य कर्मवीरों का अभिनंदन किया। संघ के कार्यकर्ताओं ने कर्मचारियों को वस्त्र, सेनेटाइजर और मास्क देकर फूल बरसाकर सम्मानित किया। तहसील कार्यवाह कुंजबिहारी बरुआ ने कहा कि इस समय कोरोना महामारी में अगर कोई सबसे ज्यादा परिश्रम कर रहा है तो वह स्वास्थ अमला है जो अपनी जान माल की चिंता न करते हुए रात दिन आम लोगों की सेवा कर रहे हैं। यह देवतुल्य बात है और पूरा स्वास्थ अमला हम लोगों के लिए योद्घा से कम नहीं है। ऐसे कर्मवीरों का सम्मान करना हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। इस अवसर पर मेडिकल ऑफिसर डॉ एबी भारद्वाज ने कहा कि आमजन का इतना प्रेम और स्नेह हम लोगों को और काम करने की शक्ति देता है। गोरमी सर्कल में जब से लॉकडाउन हुआ है तब से गरीबों को राशन रोजाना लोगों को मास्क वितरण कर रहा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से तहसील कार्यवाह कुंजबिहारी बरुआ, चेतन भदौरिया, सुभाष शर्मा, कल्याण नरवरिया, भूरे ओझा, रामशरण शर्मा, अनुराग शर्मा, मुकेश शर्मा, दिवाकर मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।



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Volunteers honored Corona heroes by giving them sanitizer clothes and masks


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पुलिस, स्वास्थ्य, राजस्व व नपं के अफसरों ने निकाली सम्मान यात्रा, लोगों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लिए प्रयत्नशील विभिन्न विभागों के अधिकारों का जोरदार स्वागत किया गया। इसके लिए अधिकारियों ने कोरोना वॉरियर्स सम्मान यात्रा निकाली। यात्रा रेस्ट हाउस से शुरू हुई, जोनगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस रेस्ट हाउस पहुंची। इस दौरान ड्रॉन, व्यापारियों व अन्य लोगों ने पुष्प वर्षा कर व फूलमाला पहनाकर अधिकारियों का सम्मान किया। ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई यात्रा से नगर का माहौल उत्सव के रूप में बदल गया।
लॉकडाउन के प्रारंभिक चरण में ऐसे माहौल में लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन इस चुनौती को राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, नपं, आदि के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बखूबी निभाई। जिसके बाद शुक्रवार को नगर के विभिन्न मार्गों से कोरोना वारियर्स सम्मान यात्रा निकाली गई, जो नगर के रेस्ट हाउस से प्रारंभ हुई और गांधी चौक, पुरानी सब्जी मंडी, घटिया बाजार, पोस्ट ऑफिस रोड, पटेल चौराहा होते हुए तहसील चौराहे पर यात्रा का समापन हुआ। कोरोना वॉरियर्स सम्मान यात्रा में एसडीएम अशोक कुमार चौहान, एसडीओपी मोहित कुमार यादव, सीईओ जनपद पंचायत भांडेर आफिसर सिंह गुर्जर, प्रभारी तहसीलदार नीतेश भार्गव, नायब तहसीलदार अजय कुमार परसेड़िया, टीआई शेरसिंह, सीएमओ नपं राजीव जैन, बीएमओ डॉ. आरएस परिहार, सुरेश राजौरिया, स्वच्छता प्रभारी अखिलेश अहिरवार, सफाई दरोगा नपं राजेन्द्र, सफाई मेट नपं वीरेंद्र नरवरिया, आदि सहित विभिन्न कर्मचारी मौजूद रहे। समाज सेवी राजेश चौहान, शैलूू गुबरेले, अब्दुल कादर खान, दीपू उकील, बल्लन साहू, शकील खान, बोहरे सिंह ठाकुर, रवि चौबे, अहमद खान, गिरजेश खरे सहित व्यापारियों व अन्य लोगों द्वारा नगर में जगह जगह यात्रा का पुष्प वर्षा कर एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया।
ड्रोन से हुई वर्षा, लोगों ने किया स्वागत
रेस्ट हाउस से शुरू हुई यात्रा के शुभारंभ अवसर पर ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई। नंबर एक स्कूल के पास 97 वर्षीय किशोरी बाई तिवारी ने आरती उतारकर अधिकारियों को पुष्प माला पहनाकर उनका स्वागत किया। कुछ आगे ही गांधी चौक के पास राकेश गोयल द्वारा बर्तनों से स्वागत गेट बनाया गया था। जवाहर चौक पर सुशील नामदेव द्वारा बच्चों के साथ मिलकर सेना की झांकी लगाई गई थी। माधव प्रसाद स्वर्णकार द्वारा घर के बाहर सेनेटाइजर मशीन लगाई गई थी।
रेस्ट हाउस से शुरू हुई यात्रा के शुभारंभ अवसर पर ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई। नंबर एक स्कूल के पास 97 वर्षीय किशोरी बाई तिवारी ने आरती उतारकर अधिकारियों को पुष्प माला पहनाकर उनका स्वागत किया। कुछ आगे ही गांधी चौक के पास राकेश गोयल द्वारा बर्तनों से स्वागत गेट बनाया गया था। जवाहर चौक पर सुशील नामदेव द्वारा बच्चों के साथ मिलकर सेना की झांकी लगाई गई थी। माधव प्रसाद स्वर्णकार द्वारा घर के बाहर सेनेटाइजर मशीन लगाई गई थी।



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Police, Health, Revenue and NPS officers took out Samman Yatra, people welcomed with a wreath


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मौ में फिर लगी सब्जी मंडी, सीएमओ ने स्कूल में शिफ्ट कराए ठेले, बोले- नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई

मौ नगर में रात तीन बजे से फिर सब्जीमंडी लग गई। इसकी सूचना जब नगर परिषद सीएमओ रमेश यादव तक पहुंची तो उन्होंने सरकारी मिडिल स्कूल परिसर में सब्जी की ठेला और फड़ शिफ्ट करा दिए हैं। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि यहां व्यापारी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में सीएमओ ने स्पष्ट कर दिया है कि जो व्यापारी आदेश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ नियम उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी।
सब्जी व्यापारियों का कहना है कि सरकारी स्कूल में ठेले शिफ्ट कर दिए हैं पर यहां ग्राहक नहीं आ रहे हैं। यहां बता दें कि रात में सब्जी की दुकानें खुलने से हर रोज भीड़ उमड़ रही थी। जिससे सोशल डिस्टेंस का उलंघन किया जा रहा था।

ठेले वाले बोले-स्कूल परिसर में नहीं आतेोग्राहक

शुक्रवार की अल सुबह तीन बजे जब मंडी में फिर से भीड़ नजर आई तब सीएमओ ने स्कूल में मंडी शिफ्ट करने का निर्णय लिया। जिस पर व्यापारियों का कहना है कि यहां ग्राहक नहीं आ रहे हैं क्योंकि लोग ठेला वालों से सब्जी खरीद लेते हैं। हालांकि व्यापारियों की समस्या को सुनने के बाद सीएमओ ने लॉकडाउन तक मंडी में न जाने के आदेश दिए हैं।



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Vegetable market in Maui again, CMO shifted to school, said - action will be taken against those who break the rules


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मेडिकल स्टोर्स से सर्दी, खांसी, बुखार की दवा लेने से पहले बताना होगा नाम व मोबाइल

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा अब एक और कदम उठाया है। सर्दी-खांसी व बुखार के मरीजों का पूरा ब्यौरा तैयार किया जाएगा। फुटकर दुकानों पर इन बीमारियों की दवा लेने आने वाले मरीजों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दुकानदार नोट करेंगे और रोज शाम को 6 बजे औषधि विभाग को इसकी सूचना देंगे। इसी के आधार पर विभाग शासन को अपनी रिपोर्ट भेजेगा।
जिला औषधि निरीक्षक पूजा भाभर ने बताया वरिष्ठ कार्यालय से प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देश दिए कि मेडिकल स्टोर्स पर सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों का डाटा तैयार कराया जाए। इससे उनकी भी विभाग मॉनिटरिंग कर सके। यह सूची प्रतिदिन शासन को भेजी जाए। जिले भर में करीब 350 मेडिकल स्टोर कोआदेश दिए साथ ही बीते 15 दिन की जानकारी भी मांगी है कि सदी-खांसी व बुखार के कितने मरीज किस क्षेत्र से आए हैं। इसके आधार पर विभाग अब उन तक पहुंचकर स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण करेगा। रोज की जानकारी औषधि निरीक्षक के मोबाइल नंबर 9753156406 पर वाट्सएप भी करना होगी। आदेश की अनदेखी करने वाले संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी।
सैनिटाइजर का उपयोग पीने के लिए नहीं हो
औषधि निरीक्षक भाभर ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिए कि लॉकडाउन के समय मरीजों को उचित दाम में दवाओं का विक्रय करें। कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा मांग सैनिटाइजर की है। इसका विक्रय करते समय ग्राहक को यह जानकारी जरूर दें कि इसका उपयोग सिर्फ हाथ धोने में करें। पीने या शरीर के अन्य अंगों पर नहीं लगाए। इसमें वायरस को नष्ट करने का केमिकल होता है जो सिर्फ हाथ धोने में काम आता है।



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ठेकेदार से झगड़ा कर पल्लेदारों ने खरीदी केंद्र पर बंद की तौल, बोले- मजदूरी नहीं मिल रही, क्या करें

हरगोविंद पुरा में गेहूं के उपार्जन केंद्र पर शुक्रवार को पल्लेदार और तुलावटियों ने तौल बंद कर दी। जिससे तेहरा, फतेहपुर, हरगोविंद पुरा सहित कई गांवों के किसानों की उपज नहीं तौली गई। हम्मालों का आरोप था कि उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही है। इसे लेकर सुबह ठेकेदार के साथ विवाद इतना बढ़ा कि मामला थाने तक पहुंच गया। बावजूद दो दिन से नंबर लगाकर खड़े किसानों का गेहूं नहीं तौला गया।
उपार्जन केंद्र पर 35 ट्रैक्टर-ट्रॉली अनाज की तौल के लिए खड़ी थीं। इसी बीच हम्मालों का उनके ठेकेदार शिवसिंह के साथ झगड़ा हो गया। किसानों ने तो यहां तक बताया कि दोनों के बीच तनातनी इतनी बढ़ी कि मारपीट पर नौबत आ गई। ठेकेदार ने डायल 100 काे फोन करके इसकी शिकायत की तो पल्लेदार हड़ताल पर बैठ गए। केंद्र सचिव व प्रबंधक की लाख समझाइश के बाद उन्होंने तौल शुरू नहीं की।
धूप में हुए परेशान: खरीदी केंद्र गुरुवार की शाम से ही किसान मैसेज मिलने के बाद नंबर पर लग गए थे। लेकिन तौल न होने के कारण दिन भर धूप में बैठकर ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे परेशान होते रहे। तेहरा के किसान अशोक सिंह ने बताया कि एनो और कतन्नी पुरा की लेबर तौल कर रही है। लेबर ठेकेदार शिवसिंह का सुबह विवाद हुआ जिसके बाद तौल बंद कर दी। ऐसे में हम गांवों से भाड़े पर ट्रैक्टर लेकर आए हैं। अनाज न तुलने से दूसरे दिन का भी भाड़ा देना पड़ सकता है। मामले की शिकायत शाखा प्रबंधक से भी की है फिर भी हम्मालों ने तौल शुरू नहीं की है।

प्रबंधक ने कहा-हिसाब कर लें पल्लेदार
समिति प्रबंधक दिलीप सिंह राणा ने बताया कि लेबर ठेकेदार को हमने 51 हजार रुपए दिए हैं। जबकि इनकी मजदूरी 1 लाख 92 हजार रुपए की हुई है। केंद्र पर कई बोरियां शॉर्ट हैं साथ ही 22 हजार 200 बोरी की पैकिंग होना बाकी है। अगर काम नहीं करना है तो अपना हिसाब कर लें, क्योंकि यह शिकायत किसानों ने भी की है कि लेबर के कुछ लोग शराब पीकर झगड़ा करते हैं। जिससे ग्रामीण इलाकों से आए किसानों को माल तुलवाने में दिक्कत हाेती है।
किसान बोले- गर्मी में बैठकर कर रहे इंतजार
हरगोविंद पुरा के किसान सरदार बल्ली सिंह ने बताया कि केंद्र पर ट्रॉली लेकर लाइन में बैठे हैं लेकिन तुलाई बंद है। लॉकडाउन में प्राइवेट मंडी में बेच नहीं सकते हैं क्योंकि वहां व्यापारी मनमाने भाव में उपज खरीद रहे हैं। ऐसे में लागत, आपासी का पैसा देना है। किसान हरजीत सिंह ने कहा हम्मालों ने तौल बंद कर दी है जिससे भीषण गर्मी में ट्रॉली के नीचे बैठना पड़ रहा है। शिकायत पर प्रबंधक ने आश्वासन दिया है कि वह हम्मालों को समझाकर तौल चालू कराएंगेे।



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Palladars, after quarreling with the contractor, closed the weights at the purchased center, said - what is not being paid, what to do


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तीन टीम कर रही नगर की स्क्रिनिंग ,

डोर-टू-डोर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ विभाग, आंगनवाड़ी,,नगर परिषद के कर्मचारी की तीन टीमें भ्रमण कर रही है। जो प्रत्येक घर पर जाकर लोगों स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण कर रजिस्टर में एंट्री कर रही है। ताकि सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित मरीज मिलने पर उनका तत्काल उपचार किया जा सके। लोगों को सोशल डिस्टेंस सहित संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का पालन करने की समझाइश दी जा रही है। नगर परिषद द्वारा प्रत्येक वार्ड में सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है।



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Three teams are screening the city,


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अधिकारियाें की बात निकली झूठी, पटवारी काे दाे पड़े कटे हुए मिले

महागढ़ में कृषि विभाग के कृषि प्रक्षेत्र में बबूल के पेड़ काटने का मामला सही निकला। विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को दबाने के लिए बयान दिए थे। दैनिक भास्कर ने पेड़ काटने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद एसडीएम ने पटवारी को जांच के निर्देश दिए। शुक्रवार को पटवारी ने मौके पर जांच की तो वहां बबूल के दो बड़े पेड़ कटे हुए मिले उन्होंने मौका पंचनामा बनाकर तहसीलदार को स्थिति से अवगत कराया। प्रक्षेत्र केंद्र प्रभारी ने पटवारी को विभागीय नियमानुसार पेड़ों की कटाई छटाई करने की बात बताई।
महागढ स्थित कृषि विभाग के बीज उत्पादन केंद्र की भूमि पर बबूल के पेड़ काटकर बेचने के मामले में शुक्रवार को हल्का पटवारी जांच करने पहुंचे। जहां पर दो बबूल के बड़े पेड़ कटे मिले। पटवारी कमल सिंह ने पंचनामे की कार्रवाई की। केंद्र प्रभारी आरएस गरासिया ने बताया कि बारिश के समय सूखे पेड़ गिर गए थे। इनकी विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर काटकर छंटनी की गई। इस तरह का काम प्रतिवर्ष बारिश से पहले किया जाता है। लकड़ी का विभागीय नियमों के अनुसार विक्रय किया। तहसीलदार केसी तिवारी ने कहा कि जानकारी मिलने पर पंचनामा बनवाया है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम की बिना अनुमति के पेड़ काटे गए हैं।



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4 सिंचाई परियोजना को मिलेगी रफ्तार, वन विभाग को 58 हेक्टेयर भूमि सिंगोली में मिलेगी

जिले की मनासा व जावद तहसील क्षेत्र की चार बढ़ी सिंचाई परियोजनाएं में आ रही वन विभाग की जमीन के कारण करीब 16 साल से रुकी हुई है। इस वर्ष सभी समस्याओं का निराकरण होने पर अगले वर्ष तक इनका काम शुरू हो जाएगा। चारों डैम बनने से करीब तीन हजार से अधिक किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा।
चारों परियोजना में वन विभाग की 58 हेक्टेयर जमीन डूब में आ रही है। इसके बदले विभाग को सिंगोली तहसील में इतनी ही जमीन आवंटित की जाएगी। इसके लिए रविवार को तहसीलदार, राजस्व व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में सीमांकन किया जाएगा। इसके बाद विभाग ऑनलाइन इसको अपलोड कर प्रदेश सरकार व वन विभाग मंत्रालय को भेज देगा। जहां से प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित कालिया खो सिंचाई परियोजना किसानों के लिए सपना बन गई थी। सब कुछ ठीक रहता तो अगले वर्ष तक इस योजना में टेंडर प्रक्रिया के बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। भाजपा शासन में परियाेजना स्वीकृत हाेने पर 3जून 2006 काे तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा ने शिलान्यास किया था। इसके बाद डैम निर्माण के लिए चयनित जमीन पर करीब 20 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की डूब क्षेत्र में आरही थी। इससे याेजना ठंडे बस्ते में चली गई। कांग्रेस सरकार के समय इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रदेश में फिर से कांग्रेस सरकार बनने पर योजना की फाइल फिर से बाहर निकाली। लेकिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने से भूमि की एनओसी नहीं मिली। इधर परियोजना की लागत बढ़ती गई। लंबे इंतजार के बाद दोनों विधानसभा क्षेत्र की कालिया खो, बाणदा डैम, पगारा डैम व परवानी डैम परियोजना को फिर से रफ्तार मिलने की संभावना है। इन योजना में वन विभाग की 58 हेक्टेयर भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है। इसके बदले प्रशासन विभाग को दूसरी जगह भूमि आवंटित करेगा। इसकी तैयारी पूरी हो गई है।

कालिया खो: करीब 200 हेक्टेयर मे सिंचाई होगी। कुकड़ेश्वर सहित क्षेत्र के 15 हजार किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

विधायक की सक्रियता का मिला फायदा

लंबे समय से फाइलों में दबी चारों परियोजना को मूर्तरूप दिलाने के लिए विधायक माधव मारू ने फिर से प्रयास किए। चुनाव में उनके द्वारा जनता को इन योजनाओं का लाभ दिलाने का वादा किया था। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। इससे जिले को तवज्जो नहीं दी जा रही थी। डेढ़ साल में फिर से सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा हाथ में कमान आते ही शिवराजसिंह चौहान मुख्यमंत्री बने। इसके बाद विधायक ने चारों परियोजना के लिए प्रयास तेज किए। इसी का परिणाम है कि कालिया खो सहित चारों डैम के डूब क्षेत्र में आ रही वन विभाग की भूमि के बदले दूसरी जगह भूमि आवंटन की तैयारी तेज हो गई। आरक्षित की गई भूमि का रविवार को सीमांकन काम भी हो जाएगा। इसके बाद शासन की स्वीकृति मिलते ही भूमि हस्तांतरण के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बांध का काम जल्द शुरू हो इसके लिए विधायक मारू मुख्यमंत्री व जल संसाधन मंत्री से भी चर्चा करेंगे।

राजस्व की 58 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी
चार परियोजना में वन विभाग की करीब 58 हेक्टेयर जमीन डूब में आ रही है। इसमें कुकड़ेश्वर क्षेत्र के कालिया खो डैम में 20 हेक्टेयर, पगारा डैम में 3.50 हेक्टेयर व सिंगोली के बाणदा डैम में 25 हेक्टेयर, परवानी डैम में 9 हेक्टेयर जमीन है। इनके बदले प्रशासन द्वारा सिंगोली क्षेत्र में राजस्व की 58 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की है। इस संबंध में कलेक्टर ने वन विभाग को पत्र भी जारी कर दिया है। एक-दो रोज में राजस्व व जलसंसाधन विभाग के अधिकारी मिलकर सीमांकन कर फाइल भोपाल भेजेंगे। वहां से प्रक्रिया पूरी होने के बाद चारों स्थान पर डैम का निर्माण शुरू हो सकेगा। इसमें अभी करीब एक वर्ष तक का समय लग सकता है।
जीएस डावर, जिला अधिकारी, जल संसाधन विभाग, नीमच



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4 irrigation project will get speed, forest department will get 58 hectare land in Singoli


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पाेस्टमार्टम को लेकर भाजपा महामंत्री और टीआई के बीच विवाद, ऑडियो वायरल होने पर थाने पहुंचकर माला पहनाई

एक महिला के पोस्टमार्टम को लेकर माधौगंज थाना प्रभारी प्रशांत यादव और भाजपा के जिला महामंत्री कमल माखीजानी के बीच मुंहवाद हो गया। बात न मानने पर कमल माखीजानी ने थाना प्रभारी को गाली दे दी। थाना प्रभारी ने भी पुलिसिया अंदाज में हिदायत दे दी। दरअसल, शुक्रवार को मायादेवी पत्नी हरिराम (70) की गाड़ी से गिरकर मौत हो गई थी। उसके परिजन पीएम न कराने के लिए श्री माखीजानी के पास पहुंचे तो उन्होंने थाना प्रभारी को फोन लगाकर पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए कहा। हालांकि विवाद का ऑडियो वायरल होने के बाद शाम को माखीजानी थाना प्रभारी के पास पहुंचे और माला पहनाकर बोले कि सब गलतफहमी में हो गया।

गाली और तू-तड़ाक पर खत्म हुई 1 मिनट 47 सेकंड की बात
कमल: यादव साहब बोल रहे हैं, मैं कमल माखीजानी बोल रहा हूं, जिला महामंत्री भाजपा।
यादव: जी बताएं।
कमल: माधाैगंज चौराहे पर एक्सीडेंट में लेडी की डेथ हो गई है। आपने कहा कि पीएम होगा। लड़के लिखकर दे रहे हैं कि पीएम की जरूरत नहीं, तो नहीं कराओ।
यादव: नहीं-नहीं, भाईसाहब ऐसे केस में पीएम तो होता ही है।
कमल: आप क्यों कराना चाहते हो, कारण बता दो।
यादव: कारण क्या? उसमें पीएम होगा,डेथ रोड पर हुई है।
कमल: अरे, चलते-चलते रोड पर आदमी मर जाता है, उसका पीएम नहीं होता, कई बार देखा मैंने।
यादव: महिला को कोई गाड़ी क्रॉस करके गई हैै।
कमल: कोई चोट दिख रही है।
यादव: चोट तो नहीं है उनको।
कमल: आप खामखां परेशान करते हो लोगों को, जहां करना होता है वहां कोई काम करते नहीं हो।
यादव: भाईसाहब, ऐसे कैसे बात कर रहे हो।
कमल: ठीक है आप मत मानिए, हम भी आपको ध्यान में रखेंगे।
यादव: बिल्कुल भाईसाहब आप रखिए ध्यान में।
कमल: फालतू में लोगों को परेशान करते हो तुम लोग (गाली)
यादव: गाली मत दीजिए भाईसाहब। गाली देना हम भी जानते हैं। वहीं आकर बताऊंगा आपको, फिर कोई भी बने रहिए।
कमल: कराइए आप पीएम, हओ...
मैंने गाली नहीं दी थी
- कमल माखीजानी, जिला महामंत्री के मुताबिक, हमारे कार्यकर्ता की सास की मौत हाे गई थी। परिजन का कहना था कि पीएम होगा तो कोरोना के चक्कर में कोई नहीं आएगा। गाली मैंने कार्यकर्ता को दी थी, टीआई ने गलत समझ लिया।



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Dispute between BJP General Secretary and TI over pastmartum, garlanded the police station after audio went viral


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मालनपुर का बाजार बंद, लोग चोरी छिपे महंगे दामों में खरीद रहे राशन

ग्रीन जोन में जिले के ग्रामीण अंचल में अधिकांश बाजार प्रशासन के आदेश पर विशेष नियमों के तहत खोले जा रहे हैं। लेकिन मालनपुर के बाजार को खोलने के लिए न तो एसडीएम आरए प्रजापति कोई निर्णय ले पा रहे हैं और न ही थाना प्रभारी अशोक गौतम ने तत्परता दिखाई है। इस संबंध में एसडीएम का कहना है कि हमने थाना प्रभारी से कहा है मगर उनके पास स्टाफ की समस्या है। ऐसे में मार्केट बंद होने से रहवासियों को चोरी छिपे महंगे दामों में राशन खरीदना पड़ रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक दुकानें नहीं खुलने से बढ़ी परेशानी
इंडस्ट्रीज एरिया में अधिकांश लोग किराए पर रहते हैं जो इन दिनों काम बंद होने के बाद घर बैठ गए हैं। जिन घरों में कूलर-पंखा खराब हैं उनके लिए इलेक्ट्रॉनिक की दुकान नहीं खोली जा रही हैं। इसके साथ ही जरनल स्टोर, किराना, जूता, कपड़ा की दुकान से सामान खरीदने वाले लोग भी बेहद परेशान हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन के सहयोग से केवल तीन दुकानें जब तब खोली जाती हैं। जिसका बाकी व्यापारियों विरोध कर रहे हंै।



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Market of Malanpur closed, people are buying ration in secretly expensive prices


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लुधियाना से आए अंचल के मजदूर बोले- कोरोना की दहशत में डेढ़ महीना डेढ़ साल के बराबर लगा

लुधियाना में ग्वालियर-चंबल संभाग सहित प्रदेश के अन्य जिलों के 1349 मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से शुक्रवार को सुबह 6:15 बजे ग्वालियर आए। यहां 4 घंटे रोककर सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई, इसके बाद सभी को संबंधित जिलों के लिए 37 बसोंसे रवाना किया गया। लॉकडाउन के चलते लुधियाना मेंफंसे प्रदेश के मजदूरों ने दैनिक भास्कर संवाददाता को बातचीत में बताया कि एक समय ऐसा भी आया, जब उनके खाने के लिए पैसे नहीं बचे तो गैस सिलेंडर बेचना पड़ा। तब उससे मिले पैसों से आटा खरीदकर बच्चोंऔर अपना पेट भरा। कोरोना से ज्यादा भूख से मरने का डर सता रहा था। डेढ़ माह डेढ़ साल जैसा लगा। प्रशासन ने मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग कराने के लिए 16 लोगों की टीम तैनात की की थी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूले : लुधियाना से आने वाली पहली ट्रेन में ग्वालियर के मजदूर नहीं थे। लुधियाना से सबसे अधिक छतरपुर, टीकमगढ़, भिंड, मुरैना और शिवपुरी के मजदूर थे। इन्हें 37 बसों से रवाना किया गया। बस में बैठने वाले मजदूर घर जल्दी पहुंचने के फेर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए। लोग एक दूसरे को धक्का देेते हुए बस में चढ़ रहे थे। हालांकि पुलिस के जवान मजदूरों को बार-बार हिदायत दे रहे थे लेकिन वह नहीं मान रहे। रेलवे स्टेशन को सेनिटाइज कराया गया था।

सिलेंडर बेचकर खरीदा आटा
-राकेश राठौर, मजदूर के मुताबिक, लुधियाना में एक फैक्टरी मेंकाम करता था। हमारे पास जो पैसा था, वह खत्म हो गया। खाने के लिए रुपए नहीं थे। ऐसे मेंगैस सिलेंडर 1500 रुपए में बेचकर आटा, तेल और छोटा सिलेंडर खरीदा। मुसीबत के बीच डेढ़ माह गुजारे।

भूख से मरने का डर सता रहा था
-देशराज कुशवाह के मुताबिक, लुधियाना मेंगोलगप्पे का ठेला लगाकर परिवार पाल रहा था। लॉकडाउन के बाद पेट भरने का संकट मंडराने लगा। बचत से एक माह गुजारा। जैसे ही पैसा खत्म हुआ कोरोना से ज्यादा भूख से मरने का डर सताने लगा था।

छतरपुर जा रही ट्रेन की ग्वालियर में चेनपुलिंग कर 48 लोग उतरे
ग्वालियर| गुरुवार की रात दिल्ली से छतरपुर के मजदूरों को लेकर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में ग्वालियर और आसपास के जिले के 48 लोग बैठ गए। ट्रेन का स्टापेज छतरपुर था लेकिन जैसे ही यह ट्रेन ग्वालियर पहुंची कुछ मजदूरों ने चेनपुलिंग कर दी और ट्रेन रुकते ही उतर गए। आरपीएफ ने सभी मजदूरों को पकड़ लिया। शुक्रवार की सुबह डॉक्टरों ने टीम ने इनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया। सभी सामान्य मिले। इनमें से 20 लोग ग्वालियर के थे, जिन्हें मालवा कॉलेज भेजा गया। इन्हें क्वारेंटाइन करने की बात जिला प्रशासन ने कही है। जबकि मुरैना और भिंड के मजदूरों को बसों से रवाना कर दिया गया। ग्वालियर के मजदूरों का कहना था कि डेढ़ माह उन्होंने भूखों रहकर कई दिन काटे हैं। जब ट्रेन जाने की सूचना मिली ताे वह दिल्ली से बैठ गए, उन्हे पता नहीं था कि यह ट्रेन ग्वालियर में नहीं रुकेगी।
घासमंडी मुरार निवासी विष्णु जोशी का कहना था कि 20 मार्च को काम करने की तलाश में मैं दिल्ली गया था। गाजियाबाद में कुछ रिश्तेदार गजक का काम करते हैं। मैंने सोचा था कि यहां रहकर कुछ पैसे कमा लूंगा। लेकिन लॉकडाउन में दिल्ली में फंस गया।



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The laborers of the region who came from Ludhiana said - In Corona's panic it took one and a half months and a half.


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कहीं जंपर टूटा तो कहीं पिन इंसुलेटर हुए पंचर, चार फीडरों में खराबी से दो से तीन घंटे गुल रही बिजली

बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर लगातार शहर के लोगों के साथ छलावा कर रही है। कंपनी मेंटेनेंस के लिए 3 घंटे का परमिट लेती है, लेकिन बिजली चार घंटे काट दी जाती है। इतने मेंटेनेंस के दावे के बाद भी बिजली कटौती का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को ही शहर में दिनभर कई जगह बिजली कटौती होती रही। ऐसे में लोग गर्मी से बेहाल रहे। खास बात यह है कि जिन इलाकों में मेंटेनेंस के लिए कटौती की घोषणा की थी, उनके अलावा भी कई क्षेत्रों की बिजली गुल रही। शहर के चार फीडरों पर शुक्रवार सुबह फॉल्ट हुए और इनसे जुड़े विभिन्न इलाकों की बिजली दो से तीन घंटे तक गुल रही। इससे करीब 60 हजार की आबादी प्रभावित हुई।
सिटी सेंटर, गोविंदपुरी, राम मंदिर और सेवा नगर फीडर में सुबह 11:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक फाॅल्ट होते रहे। सुबह 11:00 बजे सेवा नगर फीडर का जंपर टूट गया। इस कारण यहां पर करीब 1 घंटे बिजली सप्लाई बाधित हो गई। इस कारण प्रेम नगर, साईं बाबा मंदिर और द्वारकापुरी सहित कई कॉलोनियों में लोगों को बिजली कटौती झेलनी पड़ी। वहीं राम मंदिर फीडर पर दोपहर 1:00 बजे 11 केवी विद्युत लाइन से पिन इंसुलेटर पंचर हो गया। इस कारण फालका बाजार, गस्त का ताजिया, पाटनकर बाजार, राम मंदिर और दौलतगंज का कुछ इलाका 1 घंटे तक बिजली कटौती बर्दाश्त करता रहा। दोपहर 2:00 बजे सिटी सेंटर और गोविंदपुरी के फीडर पिन इंसुलेटर के पंचर हो जाने की वजह से भी फॉल्ट हुए। ऐसे में पटेल नगर, कैलाश नगर, अनुपम नगर, गोविंदपुरी और सरस्वती नगर आदि इलाके डेढ़ से ढाई घंटे तक बिजली कटौती झेलते रहे। वहीं सचिन तेंदुलकर मार्ग पर तो सप्लाई बहाल होने के बाद भी लोग 2 घंटे तक वोल्टेज डिम आने की समस्या का सामना करते रहे। सचिन तेंदुलकर मार्ग के रहवासियों ने काफी देर तक स्थानीय सिटी सेंटर जोन की असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर फोन लगाए लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। अंत में लोगों ने इसकी शिकायत उप महाप्रबंधक एसपीएस तोमर को दर्ज कराई। इसके बाद जाकर लाइन स्टाफ यहां सक्रिय हुआ। कुल मिलाकर इन चारों फीडरों से जुड़ी लगभग 60 हजार की आबादी दिनभर परेशान होती रही।

रोज मेंटेनेंस, फिर क्यों हो रहे हैं फॉल्ट
शहर के लोग इस बात से बहुत परेशान हैं कि बिजली कंपनी रोज मेंटेनेंस का दावा कर 3 से 4 घंटे की कटौती कर रही है लेकिन इसके बावजूद विद्युत तारों के पिन इंसुलेटर डिस्क और कंडक्टर आदि उपकरण आए दिन पंचर हो जाते हैं। इस कारण लोगों को घोषित कटौती के साथ ही अघोषित कटौती भी झेलनी पड़ती है। वहीं बिजली कंपनी की कॉल सेंटरों से हमेशा ही इस संबंध में लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पाती। कॉल सेंटरों से 20 मिनट के लिए बिजली सप्लाई बंद करने का संदेश आता है लेकिन हकीकत में बिजली सप्लाई डेढ़ से 2 घंटे के लिए बंद कर दी जाती है।

पक्षियों की वजह से कंडक्टर हो जाते हैं पंचर
विनोद कटारे, महाप्रबंधक, ग्वालियर सिटी सर्किल बिजली कंपनी के मुताबिक,मेंटेनेंस से काफी लाभ मिला है लेकिन बात अगर पिन इंसुलेटर डिस्क और कंडक्टर के पंचर होने की है तो इसकी वजह कई बार गिलहरी और पक्षियों का टकरा जाना भी बनता है। इन्हें रोक पाना किसी के बस में नहीं है।



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Some jumper broken, pin insulator punctured, four feeders malfunction for two to three hours


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प्रतिबंध के बाद भी खुलीं स्टेशनरी की दुकानें, बैंकों के बाहर भीड़

प्रतिबंध के बाद भी दाल बाजार से बाहर पूरे शहर में जगह-जगह किराना सामान और स्टेशनरी की दुकानें खोली गईं। सुबह से दोपहर तक खुली रहीं इन दुकानों पर लोगों की काफी भीड़ भी रही। वहीं, शहर में बैंक शाखाओं के बाहर सुबह से लोगों की भीड़ जुटी रही। इसमें सबसे ज्यादा लोग सरकार द्वारा खातों में डाले गए 500-500 रुपए निकालने के लिए पहुंचे थे। भीड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को पूरी तरह हवा में उड़ा दिया। इसके अलावा लोहिया बाजार में पिछले दो दिन से लगातार लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है। यहां ग्राहकी के चक्कर में दुकानदार और दूसरे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं कर रहे। शुक्रवार को बाजारों में पुलिस की सख्ती भी देखने को नहीं मिली और न इंसीडेंट कमांडर्स की टीम अपने क्षेत्रों में सक्रिय थीं। जिसका फायदा व्यापारी और लोगों ने खूब उठाया। नया बाजार की भी एक साइड की दुकानें सफाई के लिए सुबह खोली गईं।

लोहिया बाजार में दिन में कई बार लगा जाम

  • किराना: प्रशासन ने शुक्रवार को सिर्फ दाल बाजार की ही खेरीज दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी थी। लेकिन, सुबह से शहरभर में किराना दुकानें आम दिनों की तरह खुल चुकी थीं। यहां तक कि दाल बाजार के बाहर स्थित इंदरगंज थाने के सामने की सभी दुकानें भी खुली थीं और पुलिस ने किसी प्रकार की रोकटोक नहीं की। किला गेट, हजीरा, आनंद नगर, एबी रोड, जनकगंज, सदर बाजार, बारादरी और थाटीपुर के साथ गोले का मंदिर पर भी किराना दुकानें दोपहर तक खुली रहीं।
  • स्टेशनरी: गुरुवार को प्रशासन ने आदेश जारी कर स्टेशनरी और गाड़ियों के सर्विस सेंटर खुलने पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन शुक्रवार सुबह से गिर्राज मंदिर के सामने औैर थाटीपुर तथा मुरार में स्टेशनरी की दुकानें खुल गईं। इन दुकानों पर लोगों की भीड़ भी रही। पुलिसकर्मी सड़क पर गश्त करते तो दिखे, लेकिन किसी ने इन्हें बंद नहीं कराया।
  • निर्माण सामग्री: कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए सरिया और हार्डवेयर का सामान उपलब्ध कराने के लिए लोहिया बाजार खोला गया है। दो दिन से लगातार इस बाजार में लोगाें की बहुत ज्यादा भीड़ हो रही है। दुकानों के अंदर और बाहर इतनी भीड़ हो जाती है कि बाजार खुले रहने तक सड़क पर जाम लगा रहता है। यहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा और न सभी लोग मास्क या गमछा लगाकर रहते हैं।
  • बैंक: केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जिन लोगों के खाते में मनरेगा और संबल के पैसे डाले गए हैं, उनकी भीड़ बैंकों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह उल्लंघन कर रही है। सुबह 8 बजे से बैंकों के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट जाती है। लोग न तो खुद दूरी बनाकर रहते हैं और न बैंक प्रबंधन इस ओर ध्यान दे रहा है। जिला अस्पताल, मुरार के सामने स्थित बैंक पर भी रोजाना सैकड़ों लोगों की भीड़ खड़ी रहती है।


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Stationery shops open even after ban, crowds outside banks


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क्वारेंटाइन सेंटर से 8 दिन बाद घर पहुंचे 11 लोग


मानहड़ पंचायत के सामुदायिक भवन में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया है, जिसमें ठहरे 11 लोगों को शुक्रवार की सुबह जांच के बाद घर भेजा गया। सभी लोग गुजरात, महाराष्ट्र, पलवल से 8 दिन पहले आए थे। स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद क्वारेंटाइन कर पंचायत सरपंच व सचिव को जिम्मेदारी सौंपी। छुट्टी मिलने के बाद यह मजदूर जब अपने घर पहुंचे तो परिवार से मिलकर गदगद हो गए।
डॉ डॉ रामकिशोर सिंह भदौरिया और डॉ कोमल सिंह भदौरिया सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कर स्वस्थ्य प्रमाण पत्र दिया। क्वारेंटाइन में ठहरे लोगों ने बताया कि 8 दिन कब बीत गए पता ही नहीं चला, क्योंकि खाने पीने और ठहरने की सुविधाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं थी। सरपंच सावित्रीदेवी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि आप अपने घर पहुंचने के बाद भी विशेष सावधानी बरतें। अपने हाथ साबुन या सेनेटाइजर से दिन में कम से कम 6 बार धुलें। एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाए रखनी है यदि आपको या आपके परिवार को कभी भी कोई खांसी, जुकाम या सांस लेने में तकलीफ होती है तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।



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11 people arrive home after 8 days from quarantine center


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छह दिन बाद पारा फिर 41.7 डिग्री पर पहुंचा

राजस्थान से गर्म हवा आने का सिलसिला शुक्रवार से शुरू हो गया। शुक्रवार को सुबह से ही तेज धूप थी। दोपहर में लोगोंने गर्म हवा चलने का अहसास किया। साथ ही पिछले दिन की तुलना में शुक्रवार को दिन का पारा 3.9 डिग्री सेल्सियस बढ़त के साथ 41.7 डिग्री दर्ज किया गया। ऐसा 6 दिन बाद हुआ है जब अधिकतम तापमान 41 डिग्री के पार पहुंचा है। इससे पहले 2 मई को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी तापमान बढ़ेगा। साथ ही रात मंे भी गर्मी बढ़ेगी। लेकिन रविवार को बूंदाबांदी होने के साथ तेज हवा चल सकती हैं।

पिछले दिन की तुलना में हर तीन घंटे में चढ़ा पारा
गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को हर तीन घंटे में पारा चढ़ा। सुबह 8:30 बजे गुरुवार को तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था। वहीं शुक्रवार को 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह दोपहर 2:30 बजे का तापमान पिछले दिन की तुलना में 4.8 डिग्री सेल्सियस बढ़त के साथ दर्ज हुआ। शाम 6 बजे तक तापमान 40 डिग्री दर्ज दिया गया। पिछले दिन की तुलना में अधिकतम तापमान 3.9 डिग्री बढ़त के साथ 41.7 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 0.3 डिग्री अधिक रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 1 डिग्री बढ़त के साथ 22.6 डिग्री दर्ज किया गया।



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मदद ऐसे परिवारों की, जो इस समय दो वक्त की रोटी के लिए अपना घर तक बेचने को विवश हैं

अनुराग चतुर्वेदी, लॉकडाउन ने शहर के कई परिवारों की माली हालत को नाजुक स्थिति में पहुंचा दिया है। ये वे परिवार हैं जो आत्मसम्मान के लिए किसी के सामने हाथ फैला नहीं पा रहे और लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी का प्रबंध भी नहीं कर पा रहे हैं। परिवार को चलाने के लिए इन्हें ऊंची ब्याज दरों पर या तो उधार लेना पड़ रहा है अथवा जिनके पास थोड़ी बहुत अचल संपत्ति है वे उसे बेचना चाह रहे हैं ताकि जीवन आत्मसम्मान के साथ चलता रहे। भास्कर संवाददाता ने ऐसे ही लोगों से बातचीत की तो कई ने अपना नाम न छापने की शर्त रखी तो कई ने संकोच करते हुए अपने दिल का दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम और कुछ सामाजिक संस्थाओं ने राशन पहुंचा दिया है।

दो दिन से भूखा था दिव्यांग
निंबालकर की गोठ में रहने वाले दिव्यांग मनीष शर्मा दो दिन से भूखे थे। जब कहीं से मदद की कोई उम्मीद नहीं दिखी तो उन्होंने महिला बाल विकास अधिकारी श्री सिंह को फोन लगाया। श्री सिंह खुद उनके घर जाकर राशन का सामान देकर आए साथ ही खाने के पैकेट दिए। 2016 में श्री शर्मा को ब्रेन हेमरेज हो गया था। इसके बाद उन्हें लकवा मार गया। वे जो काम करते थे। वो छूट गया। तब उनका खर्च उनकी मां भगवती देवी की पेंशन से चलने लगा। मां की 2018 में मृत्यु हो गई तो जो जमा पूंजी थी। उससे उन्होंने घर में छोटी सी दुकान खोल ली। उससे खर्च चलने लगा। लॉकडाउन के कारण उनकी दुकान भी बंद हो गई। जो जमा पूंजी थी उन्होंने खाने में लगा दी। अब उनके पास खाने के लिए पैसे तक नहीं हैं। श्री शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने उनकी मदद की है। वे मंगलवार को कलेक्टोरेट जाकर अपने हिस्से को प्रशासन के नाम कर देंगे, जिससे किसी की मदद हो सके।
ब्याज पर लिए थे 5 हजार रुपए वो भी खत्म होने वाले हैं
सिकंदर कंपू स्थित इमली नाना चौराहे के पास रहने वाले केशव गुप्ता कोरियर डिलीवरी का काम करते हैं। 22 मार्च से उनका काम बंद है। घर में कमाने वाले वे अकेले ही हैं। उनके परिवार में पिता कैलाश नारायण गुप्ता (70), मां गीता (65), पत्नी मंजू (40), लड़का नृसिंह, बेटी वाणी (10) हैं। केशव ने बताया कि पक्का मकान होने के कारण कोई भी मदद के लिए नहीं आया। घर चलाने के लिए उन्होंने ब्याज पर 5000 हजार रुपए लिए हैं। वो भी खत्म होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यदि लगातार ऐसा चलता रहा तो भूखों मरने से अच्छा है अपना मकान बेचकर किराए का घर लेकर परिवार का पालन पोषण करेंगे।

प्रशासन को जहां से सूचना मिल रही है वहां मदद पहुंचा रहे हैं
-राजीव सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी के मुताबिक,हरिशंकरपुरम से एक बुजुर्ग का फोन आया था, उनकी मदद तो कर दी गई है। उन्होंने फोन पर मुझसे मकान बेचने की बात कही। प्रशासन को जहां से सूचना मिल रही है वहां तक मदद पहुंचा रहे हैं। कई परिवार ऐसे हैं जो संपर्क ही नहीं कर पा रहे हैं।

टोंटा की बजरिया में सात परिवार खाने को मोहताज
कंपू स्थित टोंटा की बजरिया में सात परिवार ऐसे हैं जो खाने-पीने को मोहताज हैं। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे उधार रुपया लेकर अपना घर का गुजारा चला रहे हैं। सामाजिक संस्था फिर एक प्रयास के अध्यक्ष पं. अंकित शर्मा ने बताया कि यह लोग इतने परेशान हैं कि अपना मकान तक बेचने पर मजबूर हैं। मैंने इनकी यथासंभव मदद कर दी है। वहीं हरिशंकरपुरम स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाले वृद्ध शहर के एक होटल में मैनेजर थे। उनकी तीन बेटियां थीं। उन्होंने तीनों का विवाह कर दिया और उसमें अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कुछ माह पहले उनकी रीढ़ की हड्‌डी टूट गई। इलाज में उनकी सारी जमा पूंजी खर्च हो गई है। वे और उनकी पत्नी अब खाने तक को मोहताज हो गए तब उन्होंने प्रशासन को फोन लगवाया । इसके बाद से प्रशासन उनके यहां राशन पहुंचा रहा है। श्री सिंह ने बताया कि बुजुर्ग दंपती भी अपनी संपत्ति बेचने की बात कह रहे हैं।



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Help for such families, who are currently forced to sell their house for two days of bread.


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ग्वालियर में बने बल्ब ग्लास के सेल इजिप्ट, ईरान और वियतनाम भेजे जा रहे, चाॅकलेट और ब्रेड की देशभर में की जा रही अापूर्ति

लॉकडाउन में उद्योगों को छूट मिलने के बाद औद्योगिक क्षेत्राें में उत्पादन कार्य शुरू हाे चुका है। ग्वालियर से सटे मालनपुर में स्थापित सूर्या बल्ब की फैक्टरी में बल्ब ग्लास के सेल बनाए जा रहे हैं। इजिप्ट, ईरान और वियतनाम तक निर्यात करना भी शुरू हो गया है। पिछले पांच दिन में 21 कंटेनर इन देशों में भेजे गए हैं। सूर्या बल्ब के जीएम बीके बेहरा बताते हैं कि उनके पास यूरोप और ईरान से लगाकर नए आर्डर आ रहे हैं। उधर, बाराघाटा औद्योगिक क्षेत्र में बन रहे पैकिंग मटेरियल मांग उत्तरप्रदेश के कानपुर, गोरखपुर और उड़ीसा में है।

बाराघाटा औद्योगिक क्षेत्र
यहां पर पैकेजिंग मटेरियल प्लास्टिक की चप्पल और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों ने काम करना शुरू कर दिया है। पूर्वा पैकेजिंग कंपनी में यूपी में सप्लाई किए जाने वाले पैकिंग मटेरियल बनाए जा रहे हैं। इसी तरह इसी तरह मानस पॉलीमर कंपनी के विनीत भदौरिया बताते हैं कि उनके यहां पर बोतल जार और अन्य प्लास्टिक मटेरियल तैयार किए जा रहे हैं जिन्हें यूपी के कानपुर और गोरखपुर तक बीते 3 दिनों में सप्लाई किया गया है। हालांकि अभी ऑर्डर कम हैं लेकिन डिमांड आना शुरू हो गई है ।

बानमोर औद्योगिक क्षेत्र
जेके टायर कंपनी की फैक्टरी के मुख्य महाप्रबंधक पी. कुलकर्णी के मुताबिक, अभी 30 ट्रक लुधियाना, दिल्ली, फरीदाबाद, नागपुर अकोला, नांदेड़, पटना, अहमदाबाद, कोच्चि और कोलकाता भेजे गए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदीप शर्मा ने बताया कि सरिया, पानी की टंकियां, ब्रेड और वन्य व फूड प्रोसेसिंग यूनिट ने भी काम करना शुरू कर दिया है।

मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र
यहां की एसोसिएशन के सचिव जितेंद्र नागबानी बताते हैं कि प्रमुख चॉकलेट फैक्टरी कैडबरी ने अपने प्रमुख ब्रांड फाइव स्टार का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। फाइव स्टार चॉकलेट दिल्ली, हरियाणा, उप्र, महाराष्ट्र, बिहार सहित देश के अधिकतर राज्यों में सप्लाई की जा रही है। वहीं सूर्या फैक्टरी में बल्ब के ग्लास सेल का प्रोडक्शन हो रहा है।

तानसेन नगर औद्योगिक क्षेत्र
प्रिसिएशन इंडस्ट्रियल सिस्टम रेलवे के लिए 1700 डिग्री सेल्सियस पर लोहे को पिघलाकर ब्रेक शू बना रही है। कंपनी के संचालक आशीष वैश्य ने बताया, ब्रेक शू बड़ाेदरा, वारंगल, भिलाई से वलसाड तक भेजे जा रहे हैं।



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Bulb glass cell sale in Gwalior, Iran and Vietnam are being sent, chocolate and bread are being supplied in the country


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ई-पास : सही दस्तावेज अपलोड नहीं करने से खारिज हो रहे फाॅर्म

जिले से अन्य प्रदेश में प्रवेश करने के लिए ई-पास अनिवार्य है। यह बनाने को लेकर जिले में अब तक 4 हजार लोगों ने आवेदन किया है लेकिन 1700 आवेदन खारिज कर दिए गए हैं। 2 हजार लोगों को अनुमति मिली है, वहीं 300 आवेदन पेंडिंग हैं।
डिप्टी कलेक्टर रोशनी पाटीदार ने बताया अधिकतर आवेदन अधूरे हैं इसलिए निरस्त हो गए हैं। यदि सही प्रकार से आवेदन किया जाएं तो केवल हॉटस्पॉट और रेड जोन को छोड़ सभी स्थानों के लिए ई-पास मिलेंगे। ई-पास केवल मेडिकल इमरजेंसी व अन्य आवश्यक कार्यों के लिए जारी हो रहे हैं। देखने में आता है कि कई लॉकडाउन के चलते पत्नी को मायके छोड़ने के लिए ई-पास मांग रहे हैं। कारण में लिख रहे हैं कि वह गर्भवती है लेकिन मेडिकल रिपोर्ट आदि आवेदन के साथ अपलोड नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग डिलीवरी होने के बाद पत्नी या बहू को मायके से लाना चाहते हैं। या फिर अन्य किसी जिले में रह रहे रिश्तेदार काे अनाज देने की बात करते हैं। शासन की गाइड लाइन के अनुसार केवल आवश्यक कार्य और वैधानिक दस्तावेज के आधार पर ही ई-पास की अनुशंसा करना है। कई मामलों में जिलास्तर पर हम अनुशंसा कर भी देते हैं तो भाेपाल स्तर से निरस्त हो जाती है।

ई-पास के लिए ऐसे करें आवेदन तभी होगा जारी
डिप्टी कलेक्टर पाटीदार ने बताया कि ई-पास के लिए आवेदन करते समय आवेदक को पहचान-पत्र के लिए वोटर कार्ड, आधार कार्ड सहित कोेई भी वैध पहचान-पत्र को अपलोड करना अनिवार्य है। यात्रा वाले वाहन के दस्तावेज को अपलोड करना होगा। दस्तावेज 2 एमबी तक के अंदर के होना चाहिए। यात्रा के लिए दिया गया कारण चिकित्सा के लिए वैध दस्तावेज, उपार्जन के लिए आदेश-पत्र और आवश्यक काम के संबंध में वैधानिक दस्तावेज सक्षम अधिकारी द्वारा जारी ही मान्य होगा।

ई-पास के नियम

दोपहिया वाहन पर एक ही व्यक्ति के लिए पास जारी होगा।
चार पहिया वाहन के लिए 1 ड्राइवर के अलावा दो अन्य के लिए जारी होगा।
रेड जोन या हॉटस्पाॅट क्षेत्र में यात्रा के लिए ई-पास जारी नहीं होगा।
दस्तावेज अपलोड नहीं होने पर निरस्त की कार्रवाई होगी। दोबारा आवेदन करना होगा।

ये है आवेदन की स्थिति और अनिवार्य शर्तें
ई-पास के लिए आवेदन 4000
ई-पास के लिए निरस्त आवेदन 17000
पेंडिंग ई-पास आवेदन 300
ई-पास जारी हुए 2000



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भूखे-प्यासे व बिना स्क्रीनिंग के ही घर पहुंच रहे मजदूर, इससे संक्रमण का डर

गुरुवार देर रात एवं शुक्रवार शाम गुजरात से तीन बसों में ताल-आलोट क्षेत्र के मजदूर यहां आए। दो बसें रात में आई थी, जिन्हें स्थानीय प्रशासन ने डीजल भरवाकर ताल तक पहुंचाया और वहां वे मजदूरों को उतारकर रवाना हो गए। जबकि एक बस शुक्रवार शाम जावरा पहुंची और मजदूरों को यहीं फोरलेन किनारे उतारकर चली गई। इन मजदूरों को ताल व आलोट क्षेत्र जाना था लेकिन बस वाला जावरा में छोड़कर चला गया। ये भूखे-प्यासे बैठे रहे और फिर आलोट प्रशासन से संपर्क करने के बाद निजी वाहन से ताल पहुंचे। ऐसे कई मजदूर रोज आ-जा रहे लेकिन रास्ते में कहीं शासन-प्रशासन ने इनके भोजन की व्यवस्था नहीं कर रखी है। कई लोग तो बिना स्क्रीनिंग के ही सीधे घर पहुंच रहे । इससे संक्रमण का खतरा भी है। मामले में जावरा तहसीलदार नित्यानंद पांडेय ने बताया गुरुवार रात 2 बजे जैसे ही हमें सूचना मिली तो बस में डीजल डलवाकर ताल तक छुड़वाया है। शुक्रवार शाम आए मजदूरों की जानकारी किसी ने हमें नहीं दी। आगे से जो इन्हें लेकर आया, उन्हें स्थानीय प्रशासन को जानकारी देना थी। जब हम रात में मदद कर रहे तो दिन में क्यों नहीं करेंगे। भोजन भी करवा रहे है। वहीं ताल तहसीलदार पारसमल कुन्हारा ने बताया रात में आए मजदूरों को कॉलेज भवन क्वारंटाइन सेंटर में ठहराया था, सुबह होम क्वारंटाइन की समझाइश देकर गांव भेज दिया है। जो छुट गए, उनकी सूची आते ही स्क्रीनिंग भी करवाई जाएगी।



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Hungry and thirsty and workers coming home without screening, fear of infection


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ट्रांसपोर्ट नगर... रास्ते किए सील, फिर भी बेरोकटोक निकलते रहे लाेग और वाहन

रेहट निवासी महेंद्र के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद कोविड-19 की टीम ने शुक्रवार को ट्रांसपोर्ट नगर को सील कर दिया। यहां पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए हैं। वाहन और लोगों पर निगरानी के लिए पांच सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। हालांकि इतने पहरे के बाद भी वाहन चालक शुक्रवार को बीएसएनएल ऑफिस के पास से प्रवेश करते और निकलते रहे। इन्हें न किसी ने राेका और न ही इन पर कार्रवाई हुई। जो वाहन चालक अंदर तक नहीं जा पा रहे हैं, उन्होंने ट्रकों को निरावली चेक पोस्ट के पास खड़ा कर दिया है।
बैरिकेड लगने से दुकानें भी बंद
ट्रांसपोर्ट नगर में महेंद्र पापुलर मोटर पर रुका था। जिला प्रशासन ने दुकान को एपी सेंटर माना है। इस हिसाब से क्षेत्र को बंद किया गया है। यहां पर अधिकांश लोग दुकानें बंद कर जा चुके हैं। जो लोग घरों में हैं, उन्हें चिंता सता रही है, क्योंकि यहां से बाजार काफी दूर है।

जो 3 संदिग्ध मिले, उन्हें किया क्वारेंटाइन
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. मनीष राजौरिया और डीसीएम एमएस खान की माैजूदगी में ट्रांसपोर्ट नगर के 29 घरों में सर्वे कर 99 लोगों की स्क्रीनिंग की। इस दौरान तीन लोग ऐसे मिले, जिनको सैंपल के लिए भेजा गया। इनमें चतुर्भुज और अजय पन्ना से ट्रक लेकर आए थे। जबकि कोकसिंह दिल्ली से आया था। इनका स्वास्थ्य ठीक नहीं लगने पर सैंपल कराने के बाद सभी काे हाेटल आदित्याज में क्वारेंटाइन कर दिया गया है। टीम ने घोसीपुरा क्षेत्र में दूसरे दिन 173 लोगों का सर्वे कर लिया है। यहां पर किसी का भी सैंपल नहीं लिया गया है।

बैरिकेड के साथ सड़क भी खोदी
जिला प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट नगर के दो प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। यहां के तीसरे गेट पर जेसीबी की मदद से शाम को सड़क खोदकर गड्डा कर दिया है। हालांकि लोग बताते हैं कि इन मुख्य मार्गों के अलावा ट्रांसपोर्ट नगर में प्रवेश के 20-25 छोटे-बड़े रास्ते हैं।
छूट मिली तो आने लगे 250 ट्रक
लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट नगर में दवा, किराना, कृषि से जुड़ी वस्तुओं को लेकर 25-30 ट्रक रोज जाते थे। एक दिन पहले दी गई छूट का फायदा उठाकर 250 ट्रक तक आने लगे थे।

प्रशासन का फैसला उचित
-राजीव मोदी, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट यूनियन के मुताबिक, प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट नगर को बंद कर उचित फैसला लिया है। अब आवश्यकता उन ट्रकों के प्रवेश को अनुमति देने की है, जो जरूरत का सामान लाते हैं। इससे शहर में आपूर्ति बनी रहेगी।



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Transport city ... Seals made, yet people and vehicles continue to run unimpeded


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500 बीघा में लहलहा रहे नवरंग और गुलाब… प्रकृति के सौंदर्य में छिपा किसानों का दर्द

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का असर फूलों की खेती पर भी हो रहा है। शहर में 20 से 25 क्विंटल फूलों की आवक रोज हाेती है। शहर के मंदिर बंद होने के कारण फूल खेतों से तोड़े ही नहीं जा रहे हैं। किसानों अनुसार अभी शादियों का सीजन होने के कारण फूलों के अच्छे दाम मिलते हैं लेकिन कोरोना वायरस की वजह से बहुत नुकसान हो रहा है। आसपास के क्षेत्रों में 500 बीघा से अधिक में फूलों की खेती होती है। इस बार केवल फूलों की खेती आंखों को सुकून देने का काम कर रही है। जग्गाखेडी निवासी किसान लक्ष्मीनारायण माली ने बताया इस बार मैंने 60 बीघा में फूलों की खेती की थी। पिछले साल इस समय नवरंग के 40 रुपए प्रतिकिलाे व गुलाब के 150 रुपए प्रतिकिलाे का भाव मिला था।



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Navarang and roses roaring in 500 bighas… The pain of farmers hidden in the beauty of nature


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गुरुवार रात मिले 3 नए पॉजिटिव के संपर्क में आए 51 लोगों को किया क्वारंटाइन, 6 में दिख रहे लक्षण

गुदरी क्षेत्र से पूरे शहर में कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। 8 दिन में एक ही परिवार के 200 से ज्यादा लोगों की जांच कराई जिसमें से 43 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। इसके बाद भी क्षेत्र में लोग सावधानियों का ध्यान नहीं रख रहे हैं। गुरुवार रात को मिले 3 नए पॉजिटिव की ट्रेवल हिस्ट्री पता की तो 51 नए संदिग्ध लोग सामने आए। इसमें से करीब 6 लोगों में कोरोना के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। गुदरी क्षेत्र में इतना संक्रमण फैलने के बाद भी लोग सोशल डिस्टेंसिग का पालन नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि वायरस फैलता जा रहा है। इससे आने वाले समय में स्थिति गंभीर हो सकती है।
मंदसौर शहर सहित जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 51 हो गई है। इसमें से 43 मरीज केवल गुदरी व आसपास क्षेत्र के ही हैं। यहां लोगों की लापरवाही शहरवासियों पर भारी पड़ सकती है। 13 दिन से प्रशासन ने इस क्षेत्र काे कंटेनमेंट एरिया बना रखा है। 8 दिन में 200 से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच कराई जिसमें 43 पॉजिटिव मामले सामने आ गए। इसके बाद भी लोग महामारी की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। कंटेनमेंट एरिया में लोग अभी भी एक-दूसरे के घर आना-जाना कर रहे हैं। निरंतर एक-दूसरे से संपर्क बना रखा है। इसका खुलासा गुरुवार रात को मिले तीन कोरोना पॉजिटिव मामलों से हुआ। 3 कोरोना पॉजिटिव की ट्रेवल हिस्ट्री निकाली गई तो प्रशासन को क्षेत्र में ही एक-दूसरे से निरंतर संपर्क बनाए रखने की जानकारी मिली है। इन लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री के अनुसार प्रशासन ने देर रात से शुक्रवार शाम 6 बजे तक करीब 51 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर पहुंचाया। इसके बाद भी देर रात तक लोगों को पहुंचाने का दौर जारी रहा। देर रात तक क्वारंटाइन सेंटर के चिकित्सक संदिग्ध लोगों के सैंपल लेने का काम रहे हैं।

5 लोगों को सर्दी, खांसी व बदन दर्द, एक को बुखार भी

प्रशासन ने जिन 51 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर पर शिफ्ट किया। उसमें से करीब 6 लोगों में कोरोना के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। 5 लोगों को सर्दी, खांसी व बदन दर्द की शिकायत है। जबकि एक को सर्दी-खांसी के साथ बुखार की भी शिकायत है। हालांकि चिकित्सकों ने इनका इलाज शुरू कर दिया है।

स्थिति हो सकती है गंभीर
शहर के कुछ चिकित्सकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शहर में आने वाले समय में स्थिति गंभीर हो सकती है। यदि 17 मई को लॉकडाउन खुलता है तो शहर में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगेगी क्योंकि लोग अभी भी कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अभी भी लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाकर रखना व बार-बार हाथ धोने की आदत नहीं डली है।
रोकथाम के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे
कंटेनमेंट एरिया में कोरोना रोकथाम के लिए गलियाें में भी सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए गए हैं। वहीं लाउड स्पीकर भी लगाए जा रहे हैं। इससे घर के बाहर लोगों के दिखते ही स्पीकर पर उन्हें अंदर रहने की हिदायत दी जा रही है। संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
नरेंद्र साेलंकी, सीएसपी, मंदसौर



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Quarantine 51 people exposed to 3 new positives found on Thursday night, 6 showing symptoms


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दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान से आ रहे मजदूरों को दतिया में रोका, पुलिस ने समझाया तो बोले- पुल से फेंक देंगे

दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से पैदल चलकर छतरपुर के लिए निकले 600 मजदूरों ने शुक्रवार को सुबह 9 बजे करीब दतिया जिले की सीमा में प्रवेश न दिए के विरोध में सिंध नदी के पुल पर हंगामा करते हुए ट्रैफिक जाम कर दिया। सुबह 9 बजे करीब डबरा चेकपोस्ट से निकलने के बाद जब ये लोग सिंध नदी के पुल के दूसरे छोर पर पहुंचे तो दतिया चेकपोस्ट की पुलिस ने इन्हें जिले की सीमा में प्रवेश देने से रोक दिया। इस पर इन लोगों ने हंगामा कर दिया। इससे आधा घंटे तक वहां आवागमन बंद रहा।
चेकपोस्ट पर तैनात एसआई गणेशलाल दो सिपाहियों के साथ जब मौके पर इन मजदूरों को समझाने पहुंचे तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को पुल से नीचे फेंक देने की धमकी तक दे डाली। सूचना मिलने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। पहले वे मजदूरों को समझाकर क्वारेंटाइन सेंटर में ले गए। वहां सभी की एंट्री कराकर सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से भोजन की व्यवस्था करवाई। इसके बाद 16 बसों से सभी को उनके घर छतरपुर, पन्ना, सतना, दमोह, टीकमगढ़ और रीवा के लिए रवाना कर दिया गया।



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दतिया में िसंध नदी के पुल के ऊपर बैठकर जाम लगाते मजदूर।


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बॉर्डर पर स्क्रीनिंग कर घर भेजा, सैंपल कराए तो निकला संक्रमण

जिले में प्रदेश के महानगरों सहित दूसरे राज्यों के रेड जोन से रोजाना आ रहे लोगों की सैंपलिंग को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। जिले की सीमाओं पर उन्हें स्क्रीनिंग करके घरों के लिए रवाना किया जा रहा है। पिछले चार दिनों में बाहर से आने वाले 12 लोग (अभी तक 19) संक्रमित मिलने के बाद न तो सीमाओं पर ऐसे लोगों के लिए सैंपलिंग की व्यवस्था है और न ही उन्हें घर से दूर क्वारेंटाइन कराया जा रहा है। ऐसी चूक के कारण खतरा बढ़ता जा रहा है। उधर, जेएएच के मेडिसिन विभाग के आईसीयू में पदस्थ जूनियर डॉक्टर आकाश गढ़वाल के संक्रमित पाए जाने के बाद अब आईसीयू में पदस्थ डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित आईसीयू में भर्ती सभी 40 मरीजों के सैंपल कराए जाएंगे। वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि डॉ. आकाश के संपर्क में आने के कारण इन सभी केे संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।

रोजाना सैंकड़ों लोगों की ग्वालियर में हो रही आमद, लेकिन सैंपल कुछ के ही
दूसरे राज्यों के रेड जोन क्षेत्रों से रोजाना पांच सौ से अधिक लोग ग्वालियर आ रहे हैं। इसकी जानकारी होने के बाद भी प्रशासन इनमें से दो-चार लोगों के ही सैंपल करा रहा है। दो दिन पहले मिले पिछोर निवासी दो संक्रमित मरीजों के साथ सात लोग आए थे। इनमें से एक दतिया का था और शेष सभी ग्वालियर के। पवन और अरविंद कुशवाह की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके साथियों की तलाश कर उनके सैंपल कराए गए। इस बीच वे गांव पहुंचकर लोगों से मिलते जुलते रहे।
हजीरा का धर्मवीर दो दिन से घर पर था, उसके परिवार पर संक्रमण का खतरा
हजीरा निवासी धर्मवीर भी दो दिन से अपने घर में रह रहा है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब उनके परिजनों लिए भी संक्रमण का खतरा जताया जा रहा है। इसी तरह से सैंपल लेकर घर रवाना किए गए मुलायम सिंह ने भी रिपोर्ट पॉजिटव आने के बाद अपने परिवार के 18 सदस्यों के सैंपल लेकर जांच कराने की मांग की थी। जानकारों का मानना है कि बाहर से आने वालों को सीमा पर रोककर शहर से बाहर ही संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाए। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें होम क्वारेंटाइन कराया जाए।

चार जवानों के साथ भोपाल से ग्वालियर आया था एसएएफ में कार्यरत राजेंद्र
भोपाल में पदस्थ राजेंद्र की दोनों किडनी में स्टोन है, साथ ही वह टायफायड से भी पीड़ित है। इस कारण भोपाल स्थित कैंप में उसे अलग रखा गया था। कुछ दिनों से स्वास्थ्य खराब रहने के कारण उसने ग्वालियर आने के लिए आवेदन दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। सरकारी गाड़ी से उसे भोपाल से ग्वालियर लाया गया। हालांकि, उसके साथ वाहन में आधा दर्जन जवान भी मौजूद थे। 6 मई की सुबह ग्वालियर आने के बाद आमद दर्ज कराने से पहले वह घर पर सामान देने भी गया था। चूंकि, उसका स्वास्थ्य खराब था, इस कारण उसे क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया और सैंपल लिया गया।

बाहर से आने वालों को जांच के बाद ही घर जाने दें
दूसरे राज्यों और प्रदेश के रेड जोन वाले क्षेत्रों से ग्वालियर में लगातार आने वाले लोगों को सीमाओं पर ही रोक देना चाहिए। इन्हें पहले शहर से बाहर क्वारेंटाइन कराया जाए। यहां उनके सैंपल कराए जाएं। सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आने तक उन्हें 14 दिन के होम क्वारेंटाइन की सलाह देकर रवाना किया जाए और पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें भर्ती कराया जाए। शरीर का तापमान मापने वाली थर्मल स्क्रीनिंग इसके लिए प्रभावी नहीं है। जिन संक्रमित मरीजों में बीमारी के लक्षण नहीं दिखते, थर्मल स्क्रीनिंग से उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण है या नहीं, यह पता करना संभव नहीं है।

आपकाे संक्रमण मुक्त करने के लिए लैब में 37 चेहरे 24 घंटे कर रहे सैंपलों की जांच

काेराेना वायरस के संक्रमण से निजात के लिए जीआरएमसी की वायराेलाॅजिकल लैब में 37 चेहरे 24 घंटे काम कर रहे हैं। राउंड द क्लाॅक ड्यूटी के हिसाब से यहां हर किसी का काम तय है। दाे आरटी-पीसीआर मशीनाें के जरिए यहां कार्यरत डाॅक्टर और टेक्नीशियन 24 घंटे में कम से कम 300 सैंपलाें की जांच कर रहे हैं। शुक्रवार को एक और आरटी-पीसीआर (रियल टाइम- पालीमराइज चेन रिएक्शन) मशीन लैब काे मिल गई है। इस मशीन के इंस्टाल होते ही कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग की संख्या में और इजाफा हो जाएगा। जीअारएमसी के डीन डाॅ. एसएन आयंगर ने बताया कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए ऑटो आरएनए एक्सट्रेक्टर के साथ ही माइक्रो सेंट्रीफ्यूज और बायोसेफ्टी कैबिनेट का भी ऑर्डर कर दिया गया है। जल्द ही यह मशीन कालेज में आ जाएंगी। गाैरतलब है कि जीआरएमसी में सात अप्रैल से कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग शुरू हुई। तब से लेकर अब तक लैब में लगभग साढ़े पांच हजार सैंपलों की जांच की जा चुकी है।

18 घंटे लगते हैं एक सैंपल की जांच और रिपाेर्ट में
काेराेना संदिग्ध के एक सैंपल के कलेक्ट होने के बाद उसकी जांच करने और रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 18 से 24 घंटे लगते हैं। एक मशीन की क्षमता एक बार में 90 से 110 सैंपल जांचने की है। इस हिसाब से 220 सैंपल 18 घंटे में जांचे जा सकते हैं। यदि छह घंटे का औसत और जाेड़ा जाए ताे दाे मशीनाें से 24 घंटे में 300 सैंपल की जांच हाे सकती है।

हर वक्त रहते हैं 2 डाॅक्टर और 4 टेक्नीशियन
जीआरएमसी की लैब में हर समय 2 डाॅक्टर, 3 से 4 टेक्नीशियन मौजूद रहते हैं। इसके अलावा कंसल्ट ऑन काल की भी सुविधा रहती है। यहां ग्वालियर के अलावा आसपास के जिलों के भी सैंपल आते हैं। इस कारण वर्कलोड ज्यादा है। इस कारण यहां स्टाफ 8-8 घंटे की ड्यूटी के हिसाब से 24 घंटे काम कर रहा है। माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डाॅ. सविता भरत ने बताया कि सैंपलिंग का काम प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर डाॅ. वैभव मिश्रा का अगुवाई में किया जा रहा है। डाॅ. ऋषिका खेतान बतौर को-इंवेस्टीगेटर सेवाएं दे रही हैं। 8एक सीनियर रेजीडेंट, सात पीजी, आठ फैकल्टी मेंबर और चार साइंटिस्ट अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं। 10 टेक्नीशियंस और पैथॉलाजी डिपार्टमेंट के 4 जूनियर डाॅक्टर भी भूमिका अदा कर रहे हैं।



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Screened at the border and sent home, samples got infection


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दिल्ली-मुंबई छोड़िए दतिया-भिंड की मंजूरी भी नहीं

परिजन को लाने या ले जाने के लिए दिल्ली-मुंबई जैसे रेड जोन तो छोड़िए भिंड-दतिया के लिए भी ई-पास नहीं बन पा रहे हैं। शुक्रवार को ई-पास के लिए कलेक्टोरेट में बड़ी संख्या में आवेदक पहुंचे पर मैप आईटी का सर्वर डाउन होने से सभी निराश होकर लोट आए। इनमें से कुछ ने अपर कलेक्टर किशोर कन्याल से भी मुलाकात की और अपनी परेशानी बताई। दूसरी तरफ शहर में ट्रेवल एजेंसी चलाने वाले कुछ लोग अब टैक्सी और ई-पास का ठेका ले रहे हैं। इससे साफ है कि इनकी घुसपैठ प्रशासन में हो चुकी है। कलेक्टोरेट में कुछ ऐसी शिकायतें भी पहुंची हैं कि ठेका ले रहे लोग नकली ई-पास जारी कर रहे हैं। चूंकि सभी 9 चेक पोस्ट पर बार कोड स्केन करने की व्यवस्था नहीं है। इसी कारण नकली पास पकड़ में नहीं आ पा रहे हैं।
शुक्रवार शाम को सर्वर पर जिले के आवेदकों की संख्या जीरो थी। इससे साफ है कि पहले आवेदन कर चुके आवेदकों को अब फिर से ई-पास के लिए आवेदन करने होंगे। नोडल अधिकारी विनोद भार्गव ने कहा कि सरकार की नई गाइड लाइन पर ई-पास जारी हो रहे हैं। दो दिन से सर्वर बहुत धीमा चल रहा है। श्री गुरुवार को 189 पास जारी हुए थे जबकि शुक्रवार को सबसे कम 10 पास। उन्होंने नकली पास की शिकायतों की जांच की बात कही।

ऑडियाे.. ट्रैवल एजेंट ने मुंबई से लाेगाें काे लाने और ई-पास के बदले मांगे 50 हजार
प्रशासन के पास एक ट्रेवल एजेंसी संचालक का ऑडियो पहुंचा है। इसमें वह मुंबई से 3 लोगों को लाने के लिए कार भेजने, ई-पास जारी कराने के बदले 50 हजार रुपए मांग रहा है। संचालक ने फोन पर समाधिया कॉलोनी में रहने वाले व्यक्ति से कहा कि वे ई-पास नहीं ले पाएंगे, प्रशासन उन्हें वेटिंग में रखेगा। यदि वे पास बनवाकर देंगे तो 40 हजार खर्च आएगा। प्रशासन ऑडियो की जांच कर रहा है।

आवेदकों की पीड़ा

  • गुलशन माथुर ने कहा मालनपुर में नौकरी करता था, अब जयपुर में अच्छा जॉब मिल गया है पर पास नहीं मिल पा रहा है, इसलिए रुका हूं।
  • सुदामा भौंसले ने कहा, दिल्ली जाना है, पिछले काफी दिन से ई-पास का आवेदन करने के बाद इंतजार कर रहे हैं। पूरा परिवार यहीं फंसा है।
  • संगीता पटेल साइंस कॉलेज की छात्रा हैं, 28 अप्रैल को पन्ना (घर) जाने आवेदन किया पर मंजूरी नहीं मिली। दो अन्य छात्र भी साथ हैं।


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Leave Delhi-Mumbai not even approved for Datia-Bhind


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बढ़ा डिप्रेशन : 1 महीने 8 दिन में 10 लोगों ने की आत्महत्या, 35 ने किया प्रयास

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में एक माह से हुए लॉकडाउन का अब स्वास्थ्य पर असर शुरू हो गया है। लॉकडाउन और कोरोना बीमारी के कारण 40 प्रतिशत लोगों में डिप्रेशन का खतरा बढ़ गया है। स्थिति यह बन रही है कि एक माह आठ दिन में करीब 35 लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया है। 10 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इतना ही नहीं एक युवा की हार्ट
अटैक से मौत तक हो गई है। लोगों में बढ़ रहे डिप्रेशन का खुलासा हाल ही में फार्मेसी कॉलेज के प्रोफेसर द्वारा किए गए सर्वे में हुआ है। मामले में अब एक्सपर्ट डिप्रेशन से बाहर आने के लिए लोगों को योग, ध्यान व परिवार के साथ समय बिताने की सलाह दे रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन जारी किया है। इसके चलते व्यापार-व्यवसाय बंद हो गए लोग घर में रहने लगे। हालांकि यह विकल्प भी बीमारी से लोगों की सलामति के लिए ही था लेकिन लंबे लॉकडाउन के बाद अब इसका उलट प्रभाव सामने आए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रभाव लोगों की मानसिक स्थिति पर हुआ है। पुलिस विभाग के अनुसार 22 मार्च से अब तक जिले में 35 लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया है। करीब 10 लोगों ने आत्महत्या कर भी ली। इसमें युवा से लेकिन अधेड़ उम्र तक के लोग शामिल है। प्रारंभिक जांच में किसी भी मामले में अब तक किसी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या किए जाने का प्रमाण नहीं मिला है। जिले में सिटी कोतवाली, पिपलियामंडी, भावगढ़, नारायणगढ़, वायडीनगर, भानपुरा में आत्महत्या के दर्ज किए हैं।

हद से ज्यादा सोचने का असर हार्टअटैक
नगर के दशरथनगर निवासी एक युवा हिमांशु शर्मा की 27 साल की उम्र में 1 मई को हार्ट अटैक से मौत हो गई। जिला अस्पताल में पदस्थ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट हिमांशु यजुर्वेदी ने बताया जब कोई व्यक्ति किसी चिंता को लेकर एक पाइंट पर हद से ज्यादा सोचता है और फिर भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाता तो उसका असर हार्ट अटैक के रूप में होता है। इस केस में भी संभवत: हार्ट अटैक का यही कारण है। यहां हिमांशु के पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखा जाए तो वह आर्थिक रूप से सक्षम थे, इतना ही नहीं वे एक आदर्श रक्तदाता भी थे। मानसिक अवसाद के कारण ही लोग सुसाइड कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसे केस की संख्या बढ़ी है।

लॉकडाउन का जनजीवन पर प्रभाव को लेकर किया सर्वे

बीआर नाहटा फार्मेसी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अमितकुमार जैन, डॉ. नवीनकुमार चौधरी, डॉ. रूपेश सोनी व प्रवीण भार्गव ने लाॅकडाउन को लेकर सर्वे किया। 40 प्रतिशत लोग डिप्रेशन में थे। इसके अलावा 43 प्रतिशत लोगों ने किराने की परेशानी, 31 प्रतिशत लोगों को रुपयों से संबंधित परेशानी सामने आई। चौधरी ने बताया सर्वे लॉकडाउन का जनजीवन पर प्रभाव को लेकर किया गया था ताकि भविष्य में बीमारी की दवा मिलने के बाद आने वाली पीढ़ी को गंभीरता बताई जा सके।
आत्महत्या के ये हैं प्रमुख मामले
जिले में लॉकडाउन के दौरान 3 मई को नृसिंहपुरा निवासी एक नाबालिग ने फांसी लगाई। 9 अप्रैल को लुनाहेड़ा के अंकित पिता बालमुंकुद ने फांसी लगाई। 15 अप्रैल को दलौदा स्टेशन रोड के सुनील चौहान ने आत्महत्या की। हाल ही में 5 मई को यतेंद्र विहार की सीमा डिंडोर ने फांसी लगा ली। उनकी एक चार साल की बेटी है। वे पिता की इकलौती संतान थीं।

कोरोना को अन्य वायरस की तरह लें और खुश रहें

कोराेना से जंग जीतने वाली डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ रूबी खान ने बताया हमें डरना नहीं है। इसे भी अन्य वायरस की तरह ही लें। हम ठीक हो सकते हैं। इसके लिए हमें केवल अच्छी डाइट लेना होगी, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना होगी, अच्छी नींद लेनी होगी। इन सबसे ज्यादा जरूरी है सकारात्मक सोचना। जो भी कोरोना मरीज हैं या जो इस बीमारी के चलते अवसाद में हैं वे जो उन्हें अच्छा लगता है वह काम करें। अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छा संगीत सुनें, मेडिटेशन करें और खुश रहें। डिप्रेशन दूर करने के लिए शासन ने भी काउंसिलिंग की व्यवस्था की है। हमारी सोसायटी में भी यदि हमें कोई डिप्रेशन में नजर आता है तो उसकी काउंसिलिंग करना चाहिए। वैसे कोरोना से बचाव के लिए दिया गया शब्द सोशल डिस्टेंसिंग भी गलत है यह फिजिकल डिस्टेंसिंग होना चाहिए।




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डंडे चलाने वाली पुलिस चौराहों पर लोगों के हाथ जोड़ती नजर आई

कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के बीच शहर को नो व्हीकल जोन घोषित कर रखा है। घर से बाहर निकलने वाले लोगों के वाहन पुलिस जब्त कर रही है। बुधवार को पुलिस कार्रवाई पर विधायक सिसौदिया ने आपत्ति ले ली। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते गुरुवार को आलम यह रहा कि वाहनों चालकों को पुलिस को हाथ जोड़कर समझाना पड़ा।
गुरुवार को प्रशासन द्वारा बाजार में अलग-अलग समय में छूट दी गई। इसमें वाहन प्रतिबंधित किए गए। बावजूद वाहन लेकर निकलने वालों के वाहन जब्त किए गए। इसे विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने गलत बताते कलेक्टर मनोज पुष्प व एसपी हितेश चौधरी से चर्चा कर वाहनों पर हो रही कार्रवाई को रोकने को कहा। हवाला दिया कि बाजार खुलने के दौरान अगर शहरवासी दूरदराज की कॉलोनियोंसे आते हैं तो उसे वाहन तो लाना ही पड़ेगा। ऐसे में वाहन जब्ती की कार्रवाई करना ठीक नहीं है। शुक्रवार को बाजार खुलने के दौरान वाहनों की अधिकता भी दिखी। साथ ही पुलिस ने किसी वाहन चालक पर कार्रवाई नहीं करते हुए हाथ जोड़कर वाहन का उपयोग नहीं करने को कहा। संक्रमण के खतरे के बीच लागू लॉकडाउन में प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान राजनीति हस्तक्षेप होना संकट को गहरा सकता है।



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The policemen running the poles were seen connecting the hands of the people.


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बैंड ना बाजा ना बारात, वर वधू बंधे परिणय सूत्र में

नगर के पास ग्राम छोटी खरगोन में कोरोना महामारी व लॉकडाउन के साये में विवाह कार्यक्रम हुआ। ना बैंड ना बाजा ना बारात। सीमित संसाधन पर सीमित परिजनों की उपस्थिति में पंडित सुदेश भालसे व प्रभु भालसे ने वर कपिल किशोर राठौर ग्राम बामंदी कसरावद व वधू नेहा शैलेंद्र मंसारे छोटी खरगोन की विवाह की रस्में पूरी कराई। पंडित भालसे ने कहा हमारे रिती रिवाज व प्रथाएं परिस्थिजन्य है ना कि शाश्वत। हमें देशकाल व वातावरण अनुसार बदलाव करते रहना चाहिए। आने वाले दिनों में आदर्श विवाहों का प्रचलन बढ़ेगा। लोग शादियां सादगीपूर्ण तरीके से करेंगे।



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Band na baja na baraat, bridesmaid tied in knot


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चंदा जैसो तेज जिनको सूरज जैसो ताप, म्हारो महाराणा प्रताप...

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के कारण राजपूत समाज 9 मई को वीर महाराणा प्रताप जयंती घरों में मनाएगा। हर साल शोभायात्रा निकलती है व एक शाम महाराणा के नाम कार्यक्रम होते हैं। इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हो पाएगा। ने बताया घरों में शाम को दीप जलाकर समाजजन महाराणा जयंती पर्व मनाएंगे। समाज के लोगों को इसकी सूचना देने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है। समाज की युवा टीम ने वीर महाराणा प्रताप के जीवन पर निमाड़ी गीत “चंदा जैसो तेज जिनको सूरज जैसो ताप, म्हारो महाराणा प्रताप म्हारो महाराणा प्रताप...’’ तैयार किया है। इसे भसनेर के शुभम दरबार ने गाया है। निमाड़ी गीत राजू दरबार व विनय दरबार ने लिखा व संगीत पीयूष कुशवाह ने दिया है। गीत का फिल्मांकन कुंदा के संतोषी माता मंदिर व भसनेर क्षेत्र में किया गया है।

अवकाश व चौराहा नामकरण की उठाएंगे मांग
जय राजपुताना संघ प्रदेश संरक्षक लाखनसिंह तंवर ने बताया लॉक डाउन के बाद सरकार से प्रदेश में महाराणा प्रताप जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा महाराणा का शौर्य स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने, दूरदर्शन पर उनके जीवन पर आधारित सीरियल प्रसारित करने का आग्रह भी होगा। खरगोन जिला मुख्यालय पर बावड़ी बस स्टैंड चौराहा का नामकरण महाराणा प्रताप चौराहा करने की मांग भी शामिल है। समाज प्रतिनिधि विधायक रवि जोशी से अवगत करा चुके हैं।



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Chanda jiso tej as those who have sun like heat, Mahara Maharana Pratap…


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विधायक ने शराब दुकान न खुलने की दी थी चेतावनी, आज से आबकारी कर्मचारी चलाएंगे दुकान

खरगोन विधायक रवि जोशी ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 17 मई तक शराब दुकान न खुलने देने की चेतावनी के बीच शनिवार से वाणिज्य कर आयुक्त ग्वालियर से शराब बिक्री का आदेश आया है। लॉकडाउन के बीच जिलेभर की 83 देशी व विदेशी दुकानें आबकारी कर्मचारी चलाएंगे। ठेकेदारों में विवाद व हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद सरकार ने फैसला लिया है। अप्रैल में इंदौर के अर्पित चौकसे ने जिले के 19 समूह के अंतर्गत 63 देशी व 20 विदेशी दुकानों का 240 करोड़ रुपए में ठेका लिया था। इसमें ठेके की 20% राशि बढ़ाकर बोली लगाना थी, लेकिन अर्पित ने 31.04 प्रतिशत राशि बढ़ाकर ठेका ले लिया। इस राशि में से तय समय में ठेकेदार ने केवल 2.40 करोड़ रु. जमा किए। शेष राशि जमा नहीं होने पर ठेका निरस्त कर दिया।
मामले के बाद 5 मई को कलेक्टोरेट में ठेके हुए। इसमें समूह ठेकेदारों ने पिछले साल से पांच प्रतिशत कम राशि में 174 करोड़ रुपए में ठेके ले लिए। मामले में इंदौर के ठेकेदार अर्पित चौकसे ने हाई कोर्ट की शरण ली। इसमें कहा गया कि कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदा व लॉकडाउन के कारण मुझे दुकानें खोलने व राशि राशि जमा करने का समय नहीं दिया।
वरिष्ठ कार्यालय से दुकानों को संचालन के आदेश आए हैं। शनिवार से कर्मचारी काम संभालेंगे।
- आरएस राय, सहायक जिला आबकारी अधिकारी



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आइसोलेशन वार्ड से रैफर कोरोना संदिग्ध व्यक्ति ने इंदौर में तोड़ा दम

भीकनगांव से 15 किलोमीटर दूर ग्राम खुलवा के 55 वर्षीय कोरोना संदिग्ध व्यक्ति ने शुक्रवार सुबह 11 बजे इंदौर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसे सर्दी-खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ होने पर बुधवार को पहले खरगोन और फिर आइसोलेशन वार्ड खरगोन से इंदौर भेजा गया था। सोमवार को तबीयत बिगड़ने पर इनके भाई को भी खरगोन भेजा गया है। बीएमओ डॉ. प्रतिभा वर्मा ने बताया ग्राम खुलवा के सईद पिता शेरा की शुक्रवार को इंदौर में मौत हो गई।
सईद ने 23, 26 व 28 अप्रैल को नगर के निजी अस्पताल में भी इलाज करवाया था। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर वह सरकारी अस्पताल पहुंचा। यहां कोरोना के लक्षण दिखने पर खरगोन भेजा गया। सईद की मौत की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम निजी समाधान अस्पताल पहुंची। इसे 15 दिन के लिए बंद किया गया है। यहां के डॉक्टर सहित 6 कर्मचारियों को क्वारंटाइन किया गया। जिस मेडिकल से दवाइयां ली थी। वहां के दो लोगों को भी क्वारंटाइन किया है। बीएमओ ने बताया इस अस्पताल से इलाज करवाने वाले मरीजों की जानकारी भी जुटाई गई। इसमें ग्राम खुलवा के भी कुछ ग्रामीण मिले। इसके बाद स्वास्थ्य टीम गांव पहुंची। यहां सईद के परिवार के साथ ही गांव के 70 परिवार के 305 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। तहसीलदार देवकुंवर मंडलोई, नायब तहसीलदार ममता मिमरोट, डॉ. गौरीशंकर तावड़े, बीईई जीएन लहाने आदि साथ थे।

सईद की निकाल रहे हिस्ट्री
बीएमओ ने बताया सईद की हिस्ट्री निकाली जा रही है। सईद का इंदौर में सैंपल लिया है। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसकी हिस्ट्री के अनुसार आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।



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Referrer Corona suspect from isolation ward breaks into Indore


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भाजपा पार्षद के बेटे सहित 4 युवकों ने दीवार तोड़ दुकान से चुराई थी शराब

लॉकडाउन में उमरखरी रोड स्थित सरकारी देशी शराब दुकान में चोरी करने का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मामले में भाजपा पार्षद के बेटे सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एक दिन की रिमांड के बाद शुक्रवार को चारों को जेल भेजा है। मामले में पुलिस ने शराब व उपयोग किया वाहन जब्त नहीं किया है।
जानकारी के अनुसार 27 अप्रैल को रात में उमरखली रोड स्थित लाल माटी स्थित शराब दुकान के पिछले हिस्से में दीवार में छेदकर 1 लाख से ज्यादा की शराब चोरी हो गई थी। सुबह दुकान संचालक राजेश चौकसे के कर्मचारी संजय मालवीय ने दुकान पर पहुंचकर देखा। इसके बाद पुलिस व आबकारी को सूचना दी गई। आबकारी उपनिरीक्षक सचिन भास्करे ने पंचनामा बनाया था। इसमें 1 लाख 20 हजार की शराब बताई जा रही है। कर्मचारी संजय ने उसी दौरान कहा कि वाहन से चोरी हुई है। इतनी सारी पेटियां ले जाना आसान नही है। पुलिस को भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दुकान संचालक राजेश चौकसे ने इंदौर व भोपाल में अफसरों को शिकायत की। इसके बाद मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ। जांच अधिकारी एसआई अरविंद गौर ने जांच की। इसमें 1 लाख की शराब व उपयोग में लाया वाहन जब्त नहीं किया है।

मुखबीर व सीसीटीवी फुटेज से लगा सुराग
पुलिस ने बताया मामले में मुखबिरों से सूचना व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी आशीष उर्फ भूपेंद्र पिता प्रतापसिंह रघुवंशी (30) निवासी चार रास्ता मोतीपुरा को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अन्य साथियों के नाम बताए। इसमें पार्षद राजेंद्र पटेल के बेटे संदीप पटेल (32), रवि पिता गजानन पाल (21) व राहुल पिता शिवशंकर पाल (27) तीनों निवासी मोतीपुरा को पकड़ा। पूछताछ में आरोपी ने चोरी करना कबूल किया।



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4 youths, including son of BJP councilor, stole liquor from shop by breaking wall


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प्रदेश में औसतन 16.97 संक्रमित की हो रही मौत, खरगोन में हर 10वें मरीज की जा रही जान

निमाड़ के चार जिलाें में कोरोना का कहर जारी है। सावधानी ही बचाव है। प्रदेश में हर 16.97 मरीज पर एक मौत का औसत आ रहा है, जबकि खरगोन जिले में हर 10वें मरीज में से एक की जान जा रही है। खंडवा में तो स्थिति और भी खराब है यहां पर हर 7वें मरीज की मौत हो रही है। पहले से किसी किसी बीमारी से ग्रसित और बुजुर्ग की मौत के मामले निमाड़ में ज्यादा है। बुरहानपुर में यह 9.6 है। खरगोन में शुक्रवार तक की स्थिति में 80 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। इनमें से 37 लोग स्वस्थ्य होकर अपने घर जा चुके हैं, वहीं 10 लोगों की मौत हो चुकी है। खरगोन में निमाड़ में सबसे ज्यादा मरीज जरूर निकले लेकिन स्वस्थ भी हो रहे हैं। देश में 31.12 प्रतिशत मरीज पर एक मृत्यु हो रही है।

खरगोन जिले में इनकी हो चुकी है मौत
जिले में राधेश्याम पाटीदार (63 ) धरगांव, खुर्शीद बी (70) सहकारनगर, शेख रफीक (55) अमननगर, हलीमा गनी (70) गोगावां, शिव पाटील (50) ज्योतिनगर, हनीफा बख्तावर (60) पत्थर दलाल, अशफाक खान (35) गोगावां, मोहम्मद निसार (65) पत्थर दलाल की मौत हो चुकी है।

जरूरी काम होने पर ही घर के बाहर निकलें। लॉक डाउन का पालन करें। पहले से किसी बीमारी से ग्रसित, बुजुर्ग की रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है, उन पर अधिक खतरा है।
- डॉ. राजेंद्र जोशी, सिविल सर्जन जिला अस्पताल

अब तक 727 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय के अनुसार जिले में अब तक 727 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं स्वस्थ्य होने वालों का आकड़ा 39 हो गया है। अब तक 1030 सैंपल जांच के लिए इंदौर व अन्य शहरों में भेजे हैं। जिले में होम क्वारंटाइन में 22 हजार 414 लोग हैं। खरगोन के 176 मरीजों की जांच रिपोर्ट आना अभी बाकी है।




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On an average 16.97 infected people die in the state, every 10th patient is killed in Khargone


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बिजली कंपनी ने 20% ज्यादा महसूस की गर्मी, मीटर में दर्ज यूनिट से पार हुआ बिल

लॉकडाउन में बिजली कंपनी के अफसर 20 फीसदी ज्यादा गर्मी महसूस कर रहे हैं। अप्रैल माह का बिल बिना रीडिंग लिए बढ़ाकर उपभोक्ताओं को भेजा गया है। कई उपभोक्ताओं को मीटर में दर्ज यूनिट से ज्यादा दर्ज कर हजारों में बिल थमा दिए। लॉकडाउन में राशन व जरूरत के सामान से जूझ रहे मध्यमवर्गीय परिवार तिलमिला उठे हैं।
औसत 100-150 रुपए बिल चुका रहे घरेलू उपभोक्ताओं को 3-4 हजार रुपए तक के बिल दे दिए गए हैं। कुछ शिकायत लेकर पहुंचे भी हैं, लेकिन अफसरों ने संशोधन में मनमानी कर रहे हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है बिजली कंपनी अफसरों की मनमानी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हजारों में बिल देकर मामूली कमी की। कोरोना महामारी के लाॅकडाउन में दो माह से बिजली मीटरों की रीडिंग नहीं ली जा रही है। लोगों को मोबाइल पर ऑनलाइन बिल दिए हैं। लोग शिकायत करने पहुंचे तो अफसरों ने कार्यालय का गेट लगवा दिया है। उस पर लिखा है कि बिल काउंटर पर ही जमा करें।
11 हजार से ज्यादा व्यवसायिक कनेक्शन भी
कार्यपालन यंत्री श्रीकांत बारस्कर के मुताबिक जिले में कमर्शियल बिजली कनेक्शन की संख्या करीब 11 व शहर में 6 हजार कमर्शियल कनेक्शन हैं। यहां लगभग बिजली का उपयोग बंद हो गया है। क्योंकि 80 प्रतिशत दुकानें व कारखाने, फैक्ट्री बंद हैं। कई लोगों ने कनेक्शन कटवा लिया है।

लापरवाहीबिजली की रीडिंग जरूरी सेवा में शामिल नहीं है
बिजली कंपनी अफसरों ने लॉकडाउन व कर्फ्यू अवधि में बिजली व्यवस्था को जरूरी सेवा में शामिल किया है, लेकिन मीटर रीडिंग की अनदेखी की। मैंटेनेंस के नाम पर शहर के विभिन्न हिस्सों में कामकाज किया गया, लेकिन सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ी रीडिंग के मामले में सुस्ती बरती। उपभोक्ताओं के आरोप है लॉकडाउन में सख्ती बरती जा रही है। बीमारी का डर है। उसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी बिजली रीडिंग को गंभीरता से नहीं लिया।

3.34 लाख घरेलू कनेक्शन से
घरेलू बिजली कनेक्शन की संख्या 3.34 लाख है। जबकि खरगोन शहर में 38 हजार उपभोक्ता है। औसत रोजाना घरेलू बिजली की खपत 3.75 लाख यूनिट है। यह अब बढ़कर करीब 4 लाख यूनिट हो चुकी है। जिलेभर में करीब 18 करोड़ रु. व शहर में 5 करोड़ रु. जमा होते हैं।

20 प्रतिशत ज्यादा का है बिल
पिछले माह औसत बिल दिया था। इस माह औसत से 20 प्रतिशत बढ़ाकर दिया है। यदि इसमें कोई गड़बड़ी लग रही हो तो उपभोक्ता बिजली मीटर की फोटो खींचकर लाए। संशोधन भी हो सकता है। -श्रीकांत बारस्कर कार्यपालन यंत्री, पक्षेविविकं खरगोन

शिकायतों की फेहरिस्त रीडिंग से 136 यूनिट ज्यादा का दिया बिल
बिस्टान नाका क्षेत्र की मनोरमा मुरलीधर चंदात्रे ने बताया 20 अप्रैल को रीडिंग 19670 थी। 4 मई को 19507 है। जो गलत है। मीटर में रीडिंग में दर्ज आंकड़े से 163 यूनिट ज्यादा का बिल दे दिया गया। मार्च में 137 रुपए बिल आया था। अभी बिल 3598 रुपए भेज दिया गया। ऑनलाईन शिकायत की है।
आशीर्वाद कॉलोनी के उपभोक्ता अरविंद जगन्नाथ जाधव ने आरोप लगाया उनका 4343 का बिल दिया। यहां शिकायत करने पर बिल में मामूली सुधार किया।
ब्राम्हणपुरी क्षेत्र के बाबूलाल भीकासा 1150, राधाकृष्ण महाजन 1421, अशोक रघुवंशी 2600, यशवंतराव बंदुके 1625 रुपए का बिल मिला है। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने मोबाइल पर बिल दिए। इसके बाद कार्यालय में कम्प्यूटर से प्रिंट निकालकर दिए। इसमें कोई रीडिंग का उल्लेख नहीं है।




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Electricity company feels 20% more heat, bill exceeded unit recorded in meters


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सैलून संचालकों ने ज्ञापन सौंपकर कहा- हमें आर्थिक सहायता दें

लगातार 43 दिन से चल रहे लॉकडाउन ने रोज कमाकर खाने वाले सैलून संचालकों की कमर तोड़ दी है। उनके पास बीपीएल-अंत्योदय कार्ड भी नहीं हैं। इस कारण प्रशासन से कोई मदद भी नहीं मिली। जो कुछ जमा पूंजी थी वह डेढ़ माह में समाप्त हो चुकी है। अब परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो रहा है। गुरुवार को दिनकरपुरा, मोहन्या कला, सिंगाजी, बीड़ आदि गांवों से सेन समाज के करीब 20 लोगों ने मूंदी पहुंच तहसीलदार सीमा मौर्य को ज्ञापन सौंपा। इसमें दुकान खोलने या सैलून संचालकों को 15 हजार रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता देने की मांग की गई है। तहसीलदार ने ज्ञापन वरिष्ठ अफसरों तक भेजने की बात कही।



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Saloon operators handed over the memorandum and said - give us financial help


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टंकी काटकर 2 हिस्सों में मवेशियों के लिए भरा पानी

भीषण गर्मी में लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों के साथ मवेशियों को भी पेयजल की परेशानी होती है। इस समस्या को देखकर फोर्ट गार्डन के सामने रहने वाले कपड़ा दुकान संचालक ने मवेशियों ने लिए घर की छत पर रखी टंकी को दो हिस्से में काटकर उसमें पानी भर मवेशियों के लिए रखा। कपड़ा व्यापारी संजय सोनी ने एक हजार लीटर की पानी की टंकी को 2 हिस्सों में काटकर फोर्ट गार्डन के पास रखा है। जिससे अब मवेशियों को गर्मी में पेयजल उपलब्ध हो रहा है। मवेशी भी टंकी के पास आकर पानी पीते नजर आ रहे हैं।



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Water filled for cattle in 2 parts by cutting tank


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