लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे मजदूर अपने-अपने घरों की और निकल पड़े हैं। जिसे जो मिल रहा उसी वाहन से सफर कर रहे हैं। कोई लोडिंग वाहन तो कोई दो पहिया वाहन के माध्यम से अपने घर जा रहे हैं। नगर से रोजाना कई वाहनों में मजदूरों को जाते हुए देखा जा सकता है। हालांकि अब पैदल चलकर जाने वाले मजदूरों की संख्या कम हो गई है।
लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र, गुजरात से मजदूर यूपी-बिहार और अन्य स्थानों पर जा रहे हैं। अब तक अधिकांश मजदूर पैदल ही जा रहे थे लेकिन पिछले दो दिनों से अब पैदल मजदूर कम वाहनों से ज्यादा जा रहे हैं। कुछ मजदूरों को बसों के माध्यम से भी उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह एक बस से जाते
हुए मजदूर दिखे।
किराया पड़ रहा महंगा
शुक्रवार को नगर से होते हुए गुजरे कुछ मजदूरों ने बताया कि उन्हें अपने घर जाने के लिए ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है। एक व्यक्ति से लोडिंग वाहन वाले 1100 से लेकर 2100 रुपए तक ले रहे हैं। हालांकि कुछ मजदूरों का कहना था कि रुपए तो बाद में कमा लेंगे। बस घर पहुंच जाएं। वहीं लोडिंग वाहन संचालकों का कहना था कि मजदूरों को उनके घर छोड़कर वापस खाली आना पड़ता है। इसके चलते ज्यादा रुपए ले रहे हैं। साथ ही मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में भी परेशान हो रहे हैं। कहीं वाहन किराए से लाकर तो कहीं अधिक भाड़ा देकर सीमा के बाहर पहुंच रहे हैं।
कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को सुतार मोहल्ला, पूजा स्टेट, रुक्मिणी नगर के आसपास दूसरा सर्वेे किया। टीम ने 183 मकानों का सर्वे किया। इसमें रहने वाले 1062 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 60 साल से अधिक आयु के 89 बुजुर्ग व 104 बच्चे पाए गए। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया खांसी से पीड़ित 1 व्यक्ति मिला। 46 लोगों को बीपी व 33 लोग शुगर से पीड़ित पाए गए। इस दौरान किसी में भी कोरोना वायरस से संबंधित लक्षण नहीं मिले। उधर, सेंधवा में सुदामा नगर, खलवाड़ी मोहल्ला के 353 मकानों का सर्वे किया गया। इसमें 1943 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान बीपी के 30 व शुगर से संबंधित बीमारी के 34 लोग पाए गए।
राजकोट से विशेष ट्रेन के जरिए गुजरात में फंसे जिले के 900 से ज्यादा मजदूर मजदूर शुक्रवार को रतलाम पहुंचे। इन सभी को वहां से बस के द्वारा जिले में लाया गया। जलसा गार्डन में स्वास्थ्य परीक्षण किया। भोजन के पैकेट दिए। कलेक्टर अमित तोमर ने बताया प्रत्येक मजदूर की व्यक्तिगत जानकारी नोट कर उन्हें उनके घरों तक बस से पहुंचाया गया। मजदूरों की जानकारी गांव के सरपंच व सचिव से सांझा की जाएगी, ताकि वे 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना सुनिश्चित करवा सके।
6 माह पहले रोजगार के लिए गए थे गुजरात
पांचपुला दक्षिण निवासी इकराम सरदार 6 माह पहले मजदूरी करने गुजरात के चरखड़ी गए थे। उनके साथ पत्नी कोमाबाई भी थी। इकराम ने बताया वह अपने 6 बच्चों को गांव में ही रिश्तेदारों के यहां छोड़ गया था। गांव के ही गुलसिंह, पत्नी फरकीबाई व दो बच्चों के साथ लौटा। गुलसिंह ने बताया डेढ़ माह से वह गोहद में फंसा हुआ था। इसी तरह सुस्तीखेड़ा निवासी दिलीप बरडे, पत्नी रमबाई व मां चेतरीबाई के साथ मजदूरी करने गुजरात के नेताखंबा गए थे। साथ में उनका छोटा बेटा भी था।
निजी वाहन से पहुंचे कई मजदूर, घर जाने की खुशी में भूले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
घर लौटने की खुशी में मजदूर सोशल डिस्टेंस का पालन करना भूल गए। वहीं कर्मचारी भी इसका पालन सख्ती से नहीं करा सके। हालांकि वे बार-बार मजदूरों को दूरी बनाने के निर्देश दे रहे थे। शुक्रवार को गुजरात से सैकड़ों मजदूर जीप, लोडिंग वाहन व बसों से पैरामाउंट स्कूल पहुंचे। इन सभी के चेहरे पर बेबसी दिख रही थी। लोडिंग वाहनों में सामान के साथ मजदूर घिरे नजर आए। वहीं जीप में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। इसके चलते वाहनों में भी सोशल डिस्टेंसिंग गायब हो गई।
मजदूरों को अब घर लौटने की खुशी के साथ गांव में रोजगार मिलने की चिंता सता रही है। लॉकडाउन के कारण ये सभी डेढ़ माह से गुजरात में फंसे हुए थे। काम बंद होने के बाद से आर्थिक संकट से जूझ रहे मजदूर वाहनों से घर लौटे है, ताकि गांव में खेती व रोजगार हासिल कर आजीविका चला सके। स्कूल में हाथ धुलवाने के साथ सभी की जानकारी दर्ज कर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान भीड़ लगी रही। इस कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ। हालांकि यहां मौजूद कर्मचारी व स्वास्थ्य विभाग की टीम बार-बार उन्हें दूरी बनाने के निर्देश दे रही थी, जो घर लौटने की खुशी पर भारी पड़ा।
मोरबी, केसूद से लौटे 5 सौ से अधिक मजदूर
जानकारी अनुसार सुबह से मजदूरों का आना शुरू हो गया था। गुजरात के मोरबी, केसूद, अमराली सहित अन्य जिलों से दोपहर तक 500 से ज्यादा मजदूर लौटे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्दी-जुकाम व बुखार की जानकारी लेने के साथ इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद उन्हें भोजन व नाश्ता देकर बसों से घर भेजा गया। लेकिन अधिक संख्या में आने के कारण सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हुआ।
मेघनगर से आज आएंगे 987 मजदूर, 32 बस भेजी
शनिवार 987 मजदूर ट्रेन से मेघनगर पहुंचेंगे। इन्हें लाने के लिए 32 बस मेघनगर भेजी हैं। शनिवार सुबह 6 बजे ट्रेन मेघनगर आएगी। जिले से 32 बसों को उनके प्रभारी अधिकारियों व नोडल अधिकारियो के साथ सूखा नाश्ता देकर रवाना किया गया। नोडल अधिकारी मजदूरों का ट्रेन से उतरने के साथ स्वास्थ्य परीक्षण करवाएंगे। जिला मुख्यालय आने पर फिर से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर भोजन करवाकर बस से घर भेजा जाएगा।
मुंबई से उप्र पैदल जा रहे युवक की गुरुवार को ठान फाटे के पास मौत हो गई थी। शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार युवक नासिर एहमद (32) की मौत हार्ट अटैक व लू लगने से हुई। मौत से पहले उसे खून की उल्टियां हुई थी। नासिर, तीन अन्य साथियों के साथ पैदल उप्र जा रहा था। शुक्रवार को जुलवानिया के समाज के लोगों की मदद से उसका शव घर भेजा गया।
समाज के लोगों ने ताबूत बनवाकर व बर्फ की सिल्लियों पर नासिर अहमद के शव को घर भेजा। नासिर उप्र के गोंडा झौहना का रहने वाला था। साथी मजदूरों की मांग पर प्रशासन ने शव ले जाने की अनुमति दी। मुंबई से उप्र जाते समय गुरुवार को नेशनल हाईवे पर नासिर अहमद का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया था। पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. मनोज कदम ने बताया नासिर की हार्ट अटैक व लू लगने के कारण मौत हुई है। वहीं गांव के नासिर खान व मुश्ताक खान ने बताया काफी मशक्कत के बाद प्रशासन से शव ले जाने के लिए अनुमति मिली। इसके लिए राजपुर विधायक से भी सहयोग लेना पड़ा। एएसआई महावीरसिंह चंदेल ने बताया शुक्रवार शाम 4 बजे शव रवाना किया गया।
6 माह पहले गए थे मुंबई
नासिर के साथियों ने बताया हम सभी 6 माह पहले मुंबई गए थे, ताकि कुछ रुपए कमाकर घर लौट सके। रमजान चल रहा है। ईद आने वाली थी। मुंबई में रोजनदारी से हाथ गाड़ी चलाने का काम करते थे। परिवार के साथ ईद मनाने के लिए घर जा रहे थे। लेकिन घर पहुंचने से पहले नासिर को मौत आ गई।
खून की उल्टी के बाद हुई थी मौत
मृतक के साथियों ने बताया नासिर ने बुधवार को रोजा रखा था। रात 10 बजे तरबूज से रोजा खोला था। दूसरे दिन हम लोग बेरियर तक वाहन से आए। इसके बाद पैदल चले। इस दौरान नासिर की तबियत खराब हुई। ठान के पास खून की उल्टी हुई थी। फिर नासिर का शरीर ठंडा पड़ गया।
शहर में लोग लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे हैं। कंटेनमेंट क्षेत्र में आवाजाही पर रोक लगी है। फिर भी लोग आवाजाही कर लापरवाही दिखा रहे हैं। शुक्रवार को जन-धन, पेंशन के लिए बैंक के बाहर भीड़ लग रही है। सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए बैंक के बाहर प्रबंधन ने गोले बनवाए हैं। बावजूद लोगों की भीड़ लग रही है। वहीं सड़कों पर लोगों की आवाजाही जारी है। लोगों ने बताया तीन दिन में बैंक खुली है। लोग भीड़ लगा रहे हैं। ऐसे में फिर से बैंक बंद होने के आसार है। शुक्रवार को सड़कों पर आने-जाने वाले लोगों की चहल-पहल अधिक रही। यहीं हाल रहे, तो दोबारा संक्रमण फैल सकता है। वहीं कंटेनमेंट क्षेत्र में आवाजाही पर रोक लगी है। बावजूद सख्ती न होने से लोग आना-जाना कर रहे हैं। जबकि किराना सामान, दूध व सब्जी की होम डिलेवरी की जा रही है।
जिले में 26 केंद्रों पर 15 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है। जिला आपूर्ति अधिकारी बीके कोष्ठा ने बताया अभी तक 3842 किसानों से 190134.97 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है।
दिल्ली से आए मजदूरों को तो जिला प्रशासन ने खाना और वाहन सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराईं। वहीं दूसरी ओर हरियाणा के गुड़गांव से पैदल आए यात्रियों को खाना तक प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराया। इस कारण पन्ना जिले के 48 मजदूर सुबह 7 बजे से 12 बजे तक परेशान होते रहे।
जानकारी के अनुसार पन्ना जिले में अमानगंज कस्बे के 48 मजदूर शुक्रवार की सुबह हरियाणा राज्य के गुड़गांव से पैदल होते हुए जा रहे थे। इस दौरान जिला प्रशासन ने इन मजदूरों को पन्ना रोड स्थित रेलवे स्टेशन पर रोकते हुए एक किनारे बैठा दिया। सुबह 7 बजे से स्टेशन परिसर में बैठे यह परिवार अपने बच्चों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से खाने की मांग करते रहे, पर किसी ने इन मजदूरों की नहीं सुनी। स्टेशन के अंदर लंच पैकेट मिलने की जानकारी लगने पर अमनगंज का वीरेंद्र चौधरी, रामलाल कुर्मी और राजू चौधरी वहां तक गए, पर किसी ने खाने के पैकेट नहीं दिए। इस कारण इन मजदूरों के साथ मौजूद छोटे-छोट बच्चों को साथ में रखा बासी खाना खाना पड़ा।
इस दौरान एक समाजसेवी ने पहल करते हुए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अधिकारियों ने दिल्ली के यात्रियों को रवाना करने के बाद इन्हें खाना और वाहन उपलब्ध कराने की बात कही। जब दिल्ली से आए सभी मजदूर बसों से रवाना हो गए। तब प्रशासन ने इन मजदूरों को लंच पैकेट उपलब्ध करते हुए बस के माध्यम से पन्ना के लिए रवाना किया। संयुक्त कलेक्टर विनय द्विवेदी ने बताया कि दिल्ली से आए मजदूरों को रवाना करने के बाद पन्ना जिले के सभी मजदूरों को खाना उपलब्ध करते हुए बस से उनके गांव के लिए रवाना कर दिया गया है। अब यह मजदूर अपने-अपने गांव पहुंचने वाले होंगे।
इंदौर के बाद बड़वानी जिले में भी पीपीई किट बन रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर पीपीई किट की मांग बढ़ गई है। अंजड़ में राजराजेश्वरी गारमेंट द्वारा पीपीई किट बनाए जा रहे हैं, ताकि जिले में स्वास्थ्य विभाग के अमले को इसकी कमी न पड़े। खास बात यह है कि यहां यूनिफाॅर्म बनाने वाली महिलाएं पीपीई किट की सिलाई कर रही है। संचालक संतोष गेहलोत ने बताया कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद इंदौर से पीपीई किट की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो रही थी। इस कारण 20 दिन पहले किट बनाना शुरू किया था। संस्था में 15 महिलाओं के लिए गेहलोत का परिवार सहयोग कर रहा है।
90 जीएसएम क्वालिटी का कपड़ा कर रहे उपयोग
अंजड़ में बन रहे पीपीई किट की क्वालिटी 90 ग्राम स्क्वेयर मीटर है। जबकि बाहर से आ रहे किट के कपड़े की क्वालिटी 70 से 80 जीएसएम है। गेहलोत ने बताया किट में ग्लब्ज, फेस मास्क, हैंड एंड माउथ कवर, फेस शील्ड, डिस्पाेजल बैग शामिल है। एक रोल में 60 से 70 किट बनते हैं। स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को सैंपल के लिए किट दिए थे। इसके बाद अब सामाजिक संस्थाएं किट लेकर प्रशासन व विभाग को डोनेट कर रही है।
जरूरत... जिले में हर रोज 100 किट की मांग
जिले में अब 7 कंटेनमेंट एरिया है। जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा दूसरा सर्वे कर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही लोगों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। इस दौरान टीम किट पहने रहती है। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया जिले में रोजाना 100 किट उपयोग में आते हैं। उन्होंने बताया डिमांड के अनुसार संयुक्त संचालक कार्यालय से दो से तीन दिन में 500 से 600 किट मिलते हैं। इसके अलावा संस्थाएं भी किट डोनेट कर रही हैं। इस कारण परेशानी नहीं आ रही है।
लगातार चौथा दिन जिले के लिए खुशखबर लेकर आया। शुक्रवार को 100 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इस तरह अभी तक जिले में 610 लोगों की रिपोर्ट आई है। वहीं इंदौर व बड़वानी के अस्पताल में भर्ती 3 संक्रमितों को दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आना बाकी है। दूसरी रिपोर्ट नहीं आने के कारण वे अब तक भर्ती है। जिले से अभी तक 709 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इसमें से 26 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं 46 लोगों की रिपोर्ट आना है।
दो से तीन दिन में रिपोर्ट आने की संभावना : सैत्या
26 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 23 लोगों की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। जबकि 3 लोग अब भी भर्ती है। हालांकि अब खंडवा मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वायरस के सैंपल की जांच हो सकेगी। लेकिन अभी इंदौर सैंपल भेजे जा रहे हैं। सीएमएचओ डाॅ. बीएस सैत्या ने बताया दो दिन पहले तीनों मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा है। 2 से 3 दिन में उनकी भी रिपोर्ट आने की संभावना है। उन्होंने बताया खंडवा में जांच शुरू होने में 8 दिन लगेंगे। नई गाइड लाइन आने पर जांच के लिए सैंपल खंडवा भेजेंगे।
ठीकरी की पीपरी ग्राम पंचायत में रहने वाले दो पक्षों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। दोनों ही ओर से पत्थरबाजी और आगजनी की गई। एक पक्ष के लोगों ने दो घरों में दूसरे पक्ष के लोगों ने एक दुकान के भीतर आग लगा दी। इसके चलते घरों में रखा राशन का सामान व अन्य वस्तुएं जल गई। वहीं दुकान में रखा रुपए सहित अन्य सामान जल गया। पत्थरबाजी में दोनों पक्षों के तीन लोग घायल हुए है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना का कारण अज्ञात बताया जा रहा है।
ठीकरी थाना प्रभारी विनय आर्य ने बताया रात करीब 9.30 पीपरी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले हनुमान मंदिर के पास किसी बात को लेकर विवाद हो गया है। मौके पर पहुंचकर भीड़ को संभाला गया। दोनों पक्षों ने थाने पर शिकायत दर्ज कराई है। मामले की जांच की जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया रात में पहले आपस में विवाद हुआ, फिर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। दोनों ही पक्षों को पत्थरबाजी होने लगी। तीन लोगों को पत्थर लगने से घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने घरों से लोगों को बाहर निकला और आग बझाने का प्रयास किया।
स्वच्छता अभियान के तहत दो गड्ढा शौचालय व मैला से खाद बनाने के लिए 3 साल पहले फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार व केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने निर्मल गांव रेगवां आए थे। उन्होंने जिस गड्ढे से सोन खाद निकाला था अब उसी गड्ढे से मलबा साफ नहीं हो रहा है। लोग घरों से निकलने वाले गंदे पानी से परेशान हैं। यह गांव के बाहर एक गड्ढे में जमा हाे रहा है।
पंचायत के जवाबदार पानी निकासी की व्यवस्था व गड्ढे की सफाई तक नहीं करा पा रहे हैं। गड्ढा भरने के बाद पानी मुख्य सड़क और स्कूल परिसर में पानी जमा हो रहा है। कई साल से गंदे पानी की निकासी व्यवस्था नहीं होने से पंचायत ने मुख्य मार्ग के पास 12 फीट का गड्ढा खोद रखा है। नालियों का पानी यहीं जमा हो रहा है। अब इसमें कचरा अधिक होने से पानी बलखड़ मार्ग पर फैलते हुए स्कूल परिसर में जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया बलखड़ मार्ग पर स्कूल के आगे लोगों की निजी जमीनें होने से गंदा पानी आने नहीं जा पाता। इसलिए पंचायत ने गड्ढा खुदवाया, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण यह व्यवस्था भी काम की नहीं रही। गड्ढे के आसपास अतिक्रमण होने के साथ यह कचरे से पूरा भर गया है। अब पंचायत खेतों के बीच से अंडरग्राउंड ड्रेनेज लाइन डालकर और पानी को नाले तक पहुंचाकर ही इस समस्या का निराकरण कर सकती है।
सड़क किनारे खुले गड्ढे व फिसलन से हो रहे हादसे
गांव के रघुवीर पंवार व सुनील पटेल ने बताया सड़क पर लगातार पानी बहने से फिसलन हो गई है। गर्मी के इन दिनों में बारिश के मौसम जैसा नजारा है। कई बाइक चालक दुर्घटना के शिकार हो चुके है। इस क्षेत्र में मकान बनने व गड्ढा खुला होने से बच्चों के गिरने का भी डर रहता है। कई मवेशी गिर चुके हैं। मच्छर पनपने से बच्चे बीमार हो रहे हैं। कई मर्तबा इसकी शिकायत की गई। लेकिन ग्राम पंचायत व जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन पर भी चार बार शिकायत की गई। फिलहाल समस्या जस की तस है।
स्वच्छता का अलख लगाने आए थे मंत्री- फिल्म अभिनेता
ग्रामीणों ने बताया एक समय था जब गांव की पहचान निर्मल गांवों में होती थी। निर्मल ग्राम होने के नाते ही अप्रैल 2017 में फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार और केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर यहां पहुंचे थे। उन्होंने दो पिट शौचालय से सोन खाद निकालकर स्वच्छता के लिए प्रेरित किया था। दो पिट वाले शौचालय अपनाने व स्वच्छता की शपथ भी दिलाई थी। ग्रामीण अपने घर सफाई रख रहे हैं, लेकिन पंचायत इसमें फिसड्डी साबित हो रही है।
जल्द गांव हित में निर्णय लेंगे
गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। गड्ढे को खाली करवा दिया जाएगा। अतिक्रमण के सीमांकन का आवेदन तहसीलदार को दिया था। लॉकडाउन के कारण यह काम नहीं हो पाया। वरिष्ठ अधिकारियों व सब इंजीनियर से पानी निकासी की तकनीकी जानकारी ली जाएगी। गांव हित में जल्द निर्णय लिया जाएगा।
- गणेश पटेल, पंचायत सचिव रेगवां
ग्राम बफलगांव में महिला की नहर में गिरने से मौत हो गई। पीएम बड़वाह शास. अस्पताल में किया गया। बफलगांव निवासी भगवतीबाई पति सोभागसिंह (65) का नहर के पास ही मकान है। ग्रामीणों ने भगवतीबाई को नहर में देख परिजनों को सूचना दी। परिजन उसे बड़वाह शासकीय अस्पताल लाए। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। प्रतीक पटेल ने बताया हमारा नहर के पास ही मकान है। दादीजी नहर में कैसे गिरी पता नहीं चला। उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। सूचना मिलते ही नहर से निकाल कर अस्पताल आए। मृतिका के दो लड़के व एक लड़की है।
छतरपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों के मजदूर लॉकडाउन होने के बाद से दिल्ली में फंसे हुए हैं। इनमें से प्रदेश के 1005 मजदूरों को दिल्ली सरकार ने स्पेशल ट्रेन के माध्यम से शुक्रवार की सुबह साढ़े 6 बजे छतरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचाया। यहां पहुंचे मजदूराें की मेडिकल जांच की गई। साेशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लंच पैकेट दिए गए। पांच घंटे तक चली पूरी प्रक्रिया के बाद सभी मजदूराें काे 33 बसों की मदद से उनके घराें के लिए रवाना किया गया। महोबा (उप्र) के सात मजदूरों को साइकिल से जाना पड़ा क्योंकि प्रशासन ने सिर्फ मप्र के मजदूरों को बसों से पहुंचाया।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च माह के अंतिम सप्ताह में देश भर में लॉकडाउन घोषित कर दिया। तब से दिल्ली में विभिन्न प्रदेशों के हजारों मजदूर फंसे हुए हैं। केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने मध्य प्रदेश के 1005 मजदूरों को गुरुवार की रात 8 बजे स्पेशल ट्रेन से छतरपुर के लिए रवाना किया। यह ट्रेन शुक्रवार की सुबह साढ़े 6 बजे शहर के पन्ना रोड स्थित रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां पहुंचे मजदूरों की स्वास्थ विभाग की 17 टीमों द्वारा जांच की गई। इसके बाद इन यात्रियों को लंच पैकिट देते हुए स्टेशन के बाहर भेजा गया। परिसर में मौजूद राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमाें ने मजदूरों की जिलावार लिस्टिंग करते हुए 33 बसों में बैठाते हुए रवाना किया। इस स्पेशल ट्रेन के माध्यम से छतरपुर जिले में राजनगर, नौगांव, बड़ामलहरा और लवकुशनगर के 248 मजदूरों को 10 बसों के माध्यम से उनके गांव तक पहुंचाया गया। वहीं पन्ना, टीकमगढ़, इंदौर, सागर और सतना के 757 मजदूरों को 23 बसों के माध्यम से उनके जिला मुख्यालय तक पहुंचाया गया। इस दौरान कलेक्टर शीलेंद्र सिंह, एसपी कुमार सौरभ, आरटीओ सुनील राय सक्सेना, सीएमएचओ डॉ. विजय पथौरिया, संयुक्त कलेक्टर विनय द्विवेदी सहित जिले भर के एसडीएम, पुलिस, नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
17 मेडिकल टीमों ने की यात्रियों की जांच
स्पेशन ट्रेन द्वारा दिल्ली से छतरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे 1005 मजदूरों की जांच स्वास्थ विभाग की 17 टीमों ने शुक्रवार की सुबह एक घंटे से भी कम समय में कर दी। कोविड-19 के शहरी नोडल अधिकारी डॉ. अरुण देव शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के आधार पर मजदूराें की जल्द जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए अधिक से अधिक टीमें गठित करने काे कहा गया था। इसलिए जिला कोरोना वायरस अधिकारी के निर्देशन में गुरुवार की शाम 17 टीमों का गठन किया गया। इन सभी टीमों ने मिलकर शुक्रवार की सुबह एक घंटे के अंदर ही सभी यात्रियों की जांच पूरी कर दी।
काम खत्म करके पुलिस अधिकारियों ने लिया गीत-संगीत का आनंद
इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने के लिए जिले भर के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी विभाग द्वारा लगाई गई। शुक्रवार की सुबह 10 बजे काम खत्म होने के बाद सीएसपी उमेश चंद्र शुक्ला, आरआई योगेंद्र भाटी, सिटी कोतवाली टीआई जीतेंद्र वर्मा, ओरछा रोड टीआई अरविंद सिंह दांगी सहित अन्य पुलिस अधिकारी एक पंडाल में बैठे हुए थे। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी ने गाना गाते हुए अधिकारियों की काम की थकान मिटाने मनोरंजन किया।
26 जिलाें के मजदूर आए सबसे अधिक 252 टीकमगढ़ जिले के
शुक्रवार की सुबह छतरपुर पहुंची मजदूरों की स्पेशल ट्रेन से मप्र के 26 जिलाें के मजदूर पहुंचे हैं। इनमें टीकमगढ़ जिले के 252, छतरपुर के 247, पन्ना के 92, दमोह के 76, दतिया के 76, सागर के 39, मुरैना के 28, ग्वालियर के 24, कटनी के 24, भोपाल के 22, भिंड के 21, सतना के 13, इंदौर के 11, जबलपुर के 11, निवाड़ी के 9, शहडोल के 8, छिंदवाड़ा के 6, शिवपुरी के 6, रीवा के 5, उज्जैन के 5, होशंगाबाद के 3, खरगोन के 2, धार का 1, शाजापुर का 1, बैतूल का 1, मंदसौर का 1 सहित प्रदेश भर के 26 जिलों के 1005 मजदूर आए हैं।
सबसे अधिक बड़ामलहरा क्षेत्र भेजे गए
छतरपुर जिले में दिल्ली से आए मजदूराें में सबसे अधिक संख्या बड़ामलहरा भेजे गए मजदूराें की है। बड़ामलहरा क्षेत्र के 52 मजदूर लाैटकर आए हैं। इनके साथ ही बिजावर के 32, ईशानगर और नौगांव के 38-38, राजनगर के 27, लवकुशनगर के 24, बकस्वाहा के 8, सटई के 7 और गौरिहार के 16 मजदूरों को घर भेजा गया, जबकि छतरपुर तहसील के 6 प्रवासी मजदूर भी घर पहुंच गए हैं।
त्तर प्रदेश के 7 मजदूर बने प्रशासन का सिर दर्द
दिल्ली सरकार ने जिले के 248 मजदूरों को शुक्रवार की सुबह स्पेशल ट्रेन के माध्यम से छतरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचाया। पर इनमें उप्र के महोबा जिले में अजनगर के 7 मजदूर अपना पता छतरपुर जिले का पता बताते हुए ट्रेन पर सवार होकर पहुंच गए। प्रशासन ने सिर्फ प्रदेश भर के मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाने का प्रबंध किया था। अचानक महोबा उप्र के 7 मजदूर ट्रेन में निकल आने के बाद यह यात्री जिला प्रशासन का सिरदर्द बन गए। जब जिला प्रशासन ने महोबा प्रशासन से इन यात्रियों के पहुंचने की जानकारी दी तो उन्होंने इन मजदूरों के लिए काेई इंतजाम नहीं किए। काफी समय तक यह यात्री स्टेशन पर वाहन के इंतजार में बैठे रहे। पर जब बात नहीं बनी तो यह लोग साइकिलों पर सवार होकर अपने गांव की ओर निकल गए।
नगर में भारतीय स्टेट बैंक ने एटीएम मशीन लगाई है लेकिन इसमें बार-बार रुपयों की कमी आ रही है। इसके चलते उपभोक्ताओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं ने बताया एटीएम में पर्याप्त रुपए नहीं डाले जाने के कारण रोजाना रुपए खत्म हो जाते हैं। रुपए खत्म न हो जाए इसके डर से यहां पर एक ही समय में ज्यादा लोग रुपए निकालने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं नगर में 4 से ज्यादा कियोस्क सेंटर संचालित हो रहे हैं। यहां भी लोगों की भीड़ लग रही है।
विशेष न्यायाधीश हर्ष भदौरिया ने न्यायालय के कर्मचारियों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए कोरोना वायरस से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कोरोना से बचते हुए किस तरह से न्यायालय में आकर अपने आपको को सैनिटाइज करते हुए एक दूसरे को कम से कम व्यवहार में लाते हुए कोरोना वायरस से बचते हुए कार्य करने के बारे में बताया। न्यायालय में आए अपने मुंह पर मास्क बांधकर कर ही आए।
मास्क को बार-बार मुंह से ना हटाएं। मास्क यदि डिस्पोजल है तो उसे नियमानुसार नष्ट करें। अधिक से अधिक रुमाल या गमछे का उपयोग करें। न्यायालय में आने के बाद अपने हाथों को सैनिटाइज करें। हाथ में कम से कम अंगूठियां पहने। न्यायालय की अन्य सामग्री रैलिंग, टेबल, कुर्सी को कम से कम हाथ लगाएं। किसी भी पक्षकार से न्यायालय कर्मचारी से प्रत्यक्ष किसी प्रकार का लेनदेन करने से बचें। थंब लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना पहले ही बंद कर दिया गया है। हाथों को अच्छे से साफ करें। न्यायालय से वापस अपने घर की ओर जाने पर किसी भी चीज को छुए बिना सावधानी से अपने पहने कपड़ों को उतार कर स्नान करके कपड़ों को धोने में डाले। कोरोना बीमारी अभी जल्दी ही खत्म हो जाए। इसकी संभावना नहीं है। कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरी सावधानी से अपने न्यायालयीन कार्य को संपादित करें। कर्मचारियों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने की सलाह दी। अपने आप को कोरोना से बचाते हुए अपनी ड्यूटी करने का आह्वान किया। कोरोना वायरस की महामारी के कारण सुबह 10.30 बजे से 2 बजे तक न्यायालय में अत्यावश्यक कार्य ही किए जा रहे हैं। अधिक से अधिक वीडियो कांफ्रेंसिंग व ऑनलाइन व्यवहार किया जा रहा है। कोरोना के मरीजों की संख्या कम से कम होने पर ही न्यायालय में नियमित कामकाज की रूपरेखा बन सकेगी। इस दौरान व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 जितेंद्र सिंह परमार मौजूद थे।
गुरुवार रात को मंडी गेट स्थित मंदिर के पास एक युवक का गला कटा हुआ गंभीर हालत में मिला था। जिसकी अस्पताल में मौत हो गई थी। शुक्रवार को भी युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस युवक की शिनाख्त की खोजबीन में लगी हुई है। पुलिस मामले में हत्या की आशंका जता रही है। टीआई राजेंद्र सोनी ने बताया अज्ञात युवक की अभी तक शिनाख्त नहीं हुई है। युवक के शरीर पर गले के अलावा कहीं भी चोट नहीं हैं। युवक के गले पर एक ही बार धारदार हथियार से हमला किया गया है। युवक जहां पर मिला। उस स्थान की खोजबीन की लेकिन वहां पर कोई भी सुराग नहीं मिला है। साथ ही अन्य स्थान पर खून के निशान भी नहीं हैं। जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसे बाहर से वहां लगाकर फेंका हो। युवक की पहचान के लिए अन्य थानों पर भी फोटो भेजे गए है। जल्द ही पहचान कर मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा।
दिल्ली से आए मजदूरों को तो जिला प्रशासन ने खाना और वाहन सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराईं। वहीं दूसरी ओर हरियाणा के गुड़गांव से पैदल आए यात्रियों को खाना तक प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराया। इस कारण पन्ना जिले के 48 मजदूर सुबह 7 बजे से 12 बजे तक परेशान होते रहे।
जानकारी के अनुसार पन्ना जिले में अमानगंज कस्बे के 48 मजदूर शुक्रवार की सुबह हरियाणा राज्य के गुड़गांव से पैदल होते हुए जा रहे थे। इस दौरान जिला प्रशासन ने इन मजदूरों को पन्ना रोड स्थित रेलवे स्टेशन पर रोकते हुए एक किनारे बैठा दिया। सुबह 7 बजे से स्टेशन परिसर में बैठे यह परिवार अपने बच्चों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से खाने की मांग करते रहे, पर किसी ने इन मजदूरों की नहीं सुनी। स्टेशन के अंदर लंच पैकेट मिलने की जानकारी लगने पर अमनगंज का वीरेंद्र चौधरी, रामलाल कुर्मी और राजू चौधरी वहां तक गए, पर किसी ने खाने के पैकेट नहीं दिए। इस कारण इन मजदूरों के साथ मौजूद छोटे-छोट बच्चों को साथ में रखा बासी खाना खाना पड़ा।
इस दौरान एक समाजसेवी ने पहल करते हुए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अधिकारियों ने दिल्ली के यात्रियों को रवाना करने के बाद इन्हें खाना और वाहन उपलब्ध कराने की बात कही। जब दिल्ली से आए सभी मजदूर बसों से रवाना हो गए। तब प्रशासन ने इन मजदूरों को लंच पैकेट उपलब्ध करते हुए बस के माध्यम से पन्ना के लिए रवाना किया। संयुक्त कलेक्टर विनय द्विवेदी ने बताया कि दिल्ली से आए मजदूरों को रवाना करने के बाद पन्ना जिले के सभी मजदूरों को खाना उपलब्ध करते हुए बस से उनके गांव के लिए रवाना कर दिया गया है। अब यह मजदूर अपने-अपने गांव पहुंचने वाले होंगे।
लवकुशनगर थाना क्षेत्र के रजपुरवा गांव की 28 वर्षीय महिला का खाना बनाने को लेकर अपने ही पति से विवाद हो गया। विवाद से नाराज महिला ने घर पर रखा जहर खा लिया। जहर खाने से बीमार महिला को परिजनों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पर शरीर में जहर अधिक फैल जाने के कारण इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि रजपुरवा गांव के द्रगपाल राजपूत का गुरुवार की दोपहर 28 वर्षीय पत्नी नीलम राजपूत से खाना न बनाने को लेकर घर पर विवाद हो गया। विवाद के बाद द्रगपाल नाराज होकर खेत पर चला गया। इस विवाद से नाराज महिला ने घर पर रखा जहर खा लिया। जहर खाने से बीमार महिला को परिजनों ने गुरुवार की शाम इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पर महिला के शरीर में जहर अधिक फैल जाने के कारण देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शुक्रवार की सुबह जिला अस्पताल चौकी पुलिस ने मृतिका का पंचनामा तैयार कर पीएम कराया और शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं स्थानीय पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
विशेष न्यायाधीश हर्ष भदौरिया ने न्यायालय के कर्मचारियों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए कोरोना वायरस से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कोरोना से बचते हुए किस तरह से न्यायालय में आकर अपने आपको को सैनिटाइज करते हुए एक दूसरे को कम से कम व्यवहार में लाते हुए कोरोना वायरस से बचते हुए कार्य करने के बारे में बताया। न्यायालय में आए अपने मुंह पर मास्क बांधकर कर ही आए।
मास्क को बार-बार मुंह से ना हटाएं। मास्क यदि डिस्पोजल है तो उसे नियमानुसार नष्ट करें। अधिक से अधिक रुमाल या गमछे का उपयोग करें। न्यायालय में आने के बाद अपने हाथों को सैनिटाइज करें। हाथ में कम से कम अंगूठियां पहने। न्यायालय की अन्य सामग्री रैलिंग, टेबल, कुर्सी को कम से कम हाथ लगाएं। किसी भी पक्षकार से न्यायालय कर्मचारी से प्रत्यक्ष किसी प्रकार का लेनदेन करने से बचें। थंब लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना पहले ही बंद कर दिया गया है। हाथों को अच्छे से साफ करें। न्यायालय से वापस अपने घर की ओर जाने पर किसी भी चीज को छुए बिना सावधानी से अपने पहने कपड़ों को उतार कर स्नान करके कपड़ों को धोने में डाले। कोरोना बीमारी अभी जल्दी ही खत्म हो जाए। इसकी संभावना नहीं है। कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरी सावधानी से अपने न्यायालयीन कार्य को संपादित करें। कर्मचारियों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने की सलाह दी। अपने आप को कोरोना से बचाते हुए अपनी ड्यूटी करने का आह्वान किया। कोरोना वायरस की महामारी के कारण सुबह 10.30 बजे से 2 बजे तक न्यायालय में अत्यावश्यक कार्य ही किए जा रहे हैं। अधिक से अधिक वीडियो कांफ्रेंसिंग व ऑनलाइन व्यवहार किया जा रहा है। कोरोना के मरीजों की संख्या कम से कम होने पर ही न्यायालय में नियमित कामकाज की रूपरेखा बन सकेगी। इस दौरान व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 जितेंद्र सिंह परमार मौजूद थे।
गुरुवार रात को मंडी गेट स्थित मंदिर के पास एक युवक का गला कटा हुआ गंभीर हालत में मिला था। जिसकी अस्पताल में मौत हो गई थी। शुक्रवार को भी युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस युवक की शिनाख्त की खोजबीन में लगी हुई है। पुलिस मामले में हत्या की आशंका जता रही है। टीआई राजेंद्र सोनी ने बताया अज्ञात युवक की अभी तक शिनाख्त नहीं हुई है। युवक के शरीर पर गले के अलावा कहीं भी चोट नहीं हैं। युवक के गले पर एक ही बार धारदार हथियार से हमला किया गया है। युवक जहां पर मिला। उस स्थान की खोजबीन की लेकिन वहां पर कोई भी सुराग नहीं मिला है। साथ ही अन्य स्थान पर खून के निशान भी नहीं हैं। जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसे बाहर से वहां लगाकर फेंका हो। युवक की पहचान के लिए अन्य थानों पर भी फोटो भेजे गए है। जल्द ही पहचान कर मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा।
कोरोना महामारी के चलते सभी काम धंधे बंद हो जाने पर मजदूर परिवार महानगरों से वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। हजारों की संख्या में मजदूर कोई साधन न मिलने के कारण अपने बाल बच्चाें सहित पैदल ही वापस लौट रहे हैं।
लवकुशनगर जनपद के ग्राम राजापुर का रामप्रसाद आदिवासी लखनऊ से अपने परिवार सहित पैदल लौट रहा था। बीते रोज वह महोबा की ओर से लवकुशनगर आ रहा था तभी केल नदी के पास उसके डेढ़ वर्षीय पुत्र अमित की मौत हो गई। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम ने पूरे परिवार की मेडिकल टीम से थर्मल स्क्रीनिंग कराई और गांव पहुंचाने की व्यवस्था की।
रामप्रसाद आदिवासी ने बताया कि बच्चा कुछ समय से बीमार चल रहा था, लेकिन रोजी रोजगार बंद हो जाने के कारण हमें वापस लौटना पड़ा। इस संबंध में एसडीएम अविनाश रावत ने बताया कि पूरे परिवार की जांच कराई गई है, सभी पूरी तरह स्वस्थ्य हैं।
रैपुरा थाना अंतर्गत इंदौर से रीवा जा रही एक कार के चालक को शुक्रवार सुबह नींद आ गई। जिससे कार अनियंत्रित होकर 12 फीट नीचे खाई में गिर गई। जिससे एक 27 वर्षीय युवक की मौत हो गई और 3 लोग घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि मनमूरत प्रसाद मिश्रा पिता सूर्यप्रसाद मिश्रा उम्र 47 साल निवासी बोदाबाग रीवा ने थाना आकर बताया कि गुरुवार को मैं अपनी कार एमपी 17 सीबी 5171 से अपने बच्चों को लेने रीवा से इंदौर गया था। मेरे बच्चे इंदौर मे रहकर कोचिंग करते थे। मैं इंदौर से अपने लड़के शिवनारायण मिश्रा उम्र 27 साल, लड़की शीतल मिश्रा उम्र 23 साल को लेकर इंदौर से रात 10 बजे रीवा के लिए रवाना हुआ था। मेरी कार को चालक चक्रपाणी मिश्रा निवासी खोखरा थाना गोविंदगढ़ जिला रीवा चला रहा था। मनमूरत मिश्रा ने बताया वह अपनी कार में ड्राइवर के बगल से बैठे हुए था तथा कार में पीछे दोनों बच्चे बैठे थे। उन्होंने बताया कि जब हमारी कार शुक्रवार सुबह करीब 5.15 बजे रूपझिर मोड़ रैपुरा के पास पहुंची तभी गाड़ी अनियंत्रित होकर बहक कर नीचे खाई में गिरकर पलट गई। जिससे मेरे सीना, सिर में चोट आई हैं। मेरी लड़की शीतल मिश्रा के सिर पीठ में चोट है। लड़का शिवनारायण मिश्रा के सीने व सिर में घातक चोटें आने से उसकी मौत हो गई। जबकि चालक चक्रपाणी मिश्रा के सिर, माथे में चोटें आई हैं।
ईशानगर क्षेत्र के ग्राम गहरवार में ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह पीडीएस दुकान पर जमावड़ा लगाते हुए खाद्यान्न नहीं मिलने के आरोप लगाए। ग्रामीणों ने उन्हें खाद्यान्न देने की मांग रखी। जिस पर ईशानगर थाना प्रभारी मनीष मिश्रा ने मौका स्थल पर पहुंच कर लोगों से बातचीत करते हुए विभागीय अधिकारियों से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया।
अधिकारियों ने दिल्ली से आए लोगों की व्यवस्था में व्यस्त होने की बात कही। जिस पर थाना प्रभारी ने सभी लोगों को समझाइश देते हुए अपने घर जाने के लिए कहा। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि आप लोगों को खाद्यान्न मिल सके इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। थाना प्रभारी की समझाइश के बाद सभी लोग अपने घर चले गए।
लॉकडाउन के बाद सरकार ने सभी जरूरमंदों और बीपीएल कार्ड धारियों को 3 महीने का खाद्यान्न निशुल्क वितरण करने का आदेश दिया। इस आदेश में उन लोगों को भी शामिल किया गया था जिनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है और गरीब है। उन्हें भी आधार कार्ड देख कर राशन दिया जाना था। इस तरह के कई कैटेगिरी में हितग्राहियों को शामिल किया गया था। लेकिन पीडीएस दुकानों से महज उन हितग्राहियों को खाद्यान्न दिया जा रहा है। जिनके पास बीपीएल कार्ड है और खाद्य विभाग से जारी राशन की पर्ची है। अन्य किसी को भी यह खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा। वहीं जिन हितग्राहियों को खाद्यान्न देने के लिए शामिल किया गया हैं उनकी भी जानकारी किसी भी पीडीएस दुकान पर चस्पा नहीं की गई है। जिसमें बताया जा सके कि किन कागजों के आधार पर यह राशन बिना बीपीएल कार्ड के दिया जाएगा। जिन लोगों को यह खाद्यान्न दिया भी जा रहा तो उन लोगों को भी निर्धारित मात्रा से कम दिया जा रहा है। खाद्यान्न लेने पहुंची महिलाओं ने समिति प्रबंधक राजेश यादव पर आरोप लगाते हुए बताया 2 माह का जो पीडीएस का चावल ग्रामीणों को प्रति व्यक्ति 5 किलो मिलना था।
समिति प्रबंधक द्वारा किसी का 10 किलो तो किसी का 5 किलो, तो किसी का 20 किलो कम दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक इस दिशा में विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। थाना प्रभारी ने ग्रामीणों की बात अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही और लोगों को समझाबुझा कर घर भेज दिया।
शहर के तालाब में शुक्रवार सुबह डूबने से एक 18 वर्षीय युवक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार कोतवाली चौराहा के पास कटरा मोहल्ला निवासी रमजान खान पिता इबरार खां उम्र 18 वर्ष शुक्रवार सुबह अपने चचेरे भाईयों के साथ स्थानीय धरमसागर तालाब में नहाने गया था। नहाते समय वह डूब गया, जिसकी सूचना उसके चचेरे भाइयों ने परिजनों को दी। परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, सूचना पाते ही टीआई पन्ना हरिसिंह ठाकुर, एसडीओपी आरएस रावत एवं एनडीआरफ की टीम मौके पर पहुंच गई और पूरे दिन तलाशी अभियान जारी रखा। लेकिन देर शाम तक युवक का शव बरामद नहीं हो सका था। परिजनों ने बताया कि मृतक दिल्ली में अपने पिता के साथ काम करता था, लॉकडाउन के पूर्व ही वह दिल्ली से वापस आया था।
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जिला प्रशासन ने कुछ दिन के लिए हाट-बाजार लगाने से मना किया है। इसके बावजूद तलवाड़ा डेब में शुक्रवार को हाट-बाजार लगा। इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंस का पालन तक नहीं किया। बाजार में भीड़ बढ़ती देख नायब तहसीलदार ने दुकानें बंद कराई और लोगों को समझाइश दी कि अभी हाट-बाजार लगाने की छूट नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हाट-बाजार नहीं लग रहा था लेकिन शुक्रवार को सुबह 7 बजे से ही दुकानदारों ने दुकानें लगाना शुरू कर दिया। सड़क किनारे दोनों और बड़ी संख्या में फल, सब्जी सहित अन्य वस्तुओं की दुकानें लगाई गई। हाट-बाजार में भीड़ होते देख किसी ने नायब तहसीलदार विशाखा चौहान को सूचना दी। सुबह करीब 9 बजे मौके पर पहुंची नायब तहसीलदार ने सभी दुकानों को हटवाया। सभी व्यापारियों को समझाइश दी कि अब जब तक महामारी का खतरा नहीं टल जाता। तब तक हाट-बाजार न लगाया जाए। जिन दुकानों को छूट मिली है, उनका ही संचालन किया जाए। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखना जरुरी है।
दुकानदार बोले- हाट-बाजार में दुकान लगाकर ही चलाते हैं घर
नायब तहसीलदार विशाखा चौहान की कार्रवाई होने के बाद कुछ दुकानदारों ने बताया कि वह अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले हाट-बाजार में पहुंचकर दुकान लगाते हैं। इसी से घर चलता है लेकिन अब घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
गुरुवार को दवाना में भी लगा था हाट-बाजार
गुरुवार को दवाना में भी हाट-बाजार लगाया गया। यहां पर भी लोगों की भीड़ बढ़ती देख मौके पर पहुंची पुलिस ने दुकानदारों को हटाया। हालांकि यहां पर तलवाड़ा डेब से कम भीड़ थी। वहीं इसी दिन राजपुर में लगने वाला हाट-बाजार नहीं लगाया गया था।
भास्कर अपील इतने दिन धैर्य रखा, कुछ दिन और रख लो
कोरोना महामारी से बचने का एक ही उपाय है, वह है सोशल डिस्टेंस। अब तक लोगों ने लॉकडाउन के दौरान धैर्य रखा। भास्कर जिलेवासियों से अपील करता है कि कुछ दिन और धैर्य रख ले तो महामारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। क्योंकि जिला अन्य जिलों की तुलना में बेहतर स्थिति में चल रहा है। लोगों की एक चूक सभी के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ये छूट
जिला प्रशासन के अनुसार बड़वानी, सेंधवा को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक जरूरी सामग्री की दुकानें खोलने के लिए छूट दी गई है लेकिन हाट-बाजार के दिन छूट के दायरे में आने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति (मेडिकल स्टोर्स को छोड़कर) नहीं रहेगी। अभी कुछ दिन से कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में हाट-बाजार लगाए जा रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए अब प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। यदि अब हाट-बाजार लगाया गया तो संबंधित दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकांश लोगों ने नहीं लगाया था मास्क
हाट-बाजार में 100 से ज्यादा दुकानें लगाई गई और खरीदी करने के लिए भी आसपास से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे लेकिन इनमें से अधिकांश ने मास्क तक नहीं लगाया था। वहीं कई दुकानदार भी ऐसे थे जो बिना मास्क लगाए सामग्री बेच रहे थे। एक दुकान पर 5 से 10 लोग एक साथ सामग्री खरीदी कर रहे थे। वह भी पास-पास में खड़े होकर।
मप्र सरकार की पहल पर दिल्ली और हरियाणा में फंसे मजदूरों को श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन से जिले में वापस बुलाया गया। यह ट्रेन छतरपुर पहुंचने के पहले ही टीकमगढ़ में चेन पुलिंग करके चार से पांच मजदूर भाग गए है। प्रशासन भागने वाले मजदूरों की जांच में जुट गया है। ट्रेन के माध्यम से जिले में 287 मजदूर वापस हुए है। जिनकी स्क्रीनिंग की गई।
राज्य शासन के विशेष प्रयासों से दिल्ली में फंसे मप्र के मजदूरों को लेकर गुरुवार रात नई दिल्ली से श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार सुबह 7 बजे आगरा-झांसी होते हुए छतरपुर पहुंची। ट्रेन के माध्यम से छतरपुर रेलवे स्टेशन पर लगभग 1100 मजदूर पहुंचे। इन मजदूरों में टीकमगढ़ जिले के 287 मजदूर शामिल थे, जो दिल्ली एवं हरियाणा से वापस हुए है।
छतरपुर रेलवे स्टेशन पर मेडिकल टीमों ने सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की। मजदूरों ने सोशल डिस्टेंस के साथ उन्हें भोजन के पैकेट भी वितरित किए गए।
इसके बाद जिले के 287 मजदूरों को बसों के द्वारा टीकमगढ़ लाया गया। इस दौरान जिले की सीमा में बने चैक पाइंट पर सभी मजदूरों की पुन: जांच की गई। इसके सभी मजदूरों को उनके गांव छोड़ा गया।
टीकमगढ़ स्टेशन के आगे नाड़गुड़ा गांव पहुंचते ही ट्रेन रोकी
नई दिल्ली से विशेष श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन छतरपुर के लिए रवाना हुई। सुबह 5 बजे जैसे ही ट्रेन टीकमगढ़ स्टेशन के आगे नाड़गुड़ा गांव पहुंची तो कुछ मजदूरों ने चेन पुलिंग कर दी। ट्रेन रूकते ही चार से पांच मजदूर मौके का फायदा उठाकर ट्रेन से भाग गए। इसके बाद ट्रेन को छतरपुर की ओर ले जाया गया। हालांकि जिला प्रशासन भागने वाले मजदूरों की जांच में जुट गया है।
लॉकडाउन के कारण जिले में हेयर सेलून की दुकानें पूरी तरह से बंद है। इसके चलते सेन समाज के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सेन समाज को आर्थिक संकट से उभारने की मांग को लेकर सेन समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। साथ ही मांग की है कि दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाए।
समाज के लोगों कहा अधिकांश लोगों का परिवार इन्हीं दुकानों से चलता था लेकिन कई दिनों से दुकानें बंद होेने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने के लिए भी रुपए नहीं है। उन्होंने विश्वास दिलाया की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाती है तो लॉकडाउन के दौरान अपनाए जा रहे सभी नियमों का पालन करेंगे। इस दौरान दयाराम पंवार, सुनिल पंवार, राकेश अनारे, दिगंबर चित्ते, प्रकाश सिरसाठ, दीपक पंवार, राम सोनाने सहित अन्य लोग मौजूद थे।
तहसील क्षेत्र के लमेरा में कोरोना P1 और P2 युवक की शुक्रवार को लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें घर भेज दिया। जिससे टीकमगढ़ जिले के लोगों ने राहत की सांस ली। अब बल्देवगढ़ के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में मोहनगढ़ इकबालपुरा का एक युवक आईसोलेट है। लमेरा का युवक घर पहुंचते ही उसकी मां और पत्नी की आंखों से आंसू छलक आए। युवक की मां ने नम आंखों से अपने बेटे का स्वागत किया। लमेरा निवासी युवक ने बताया कि जैसे ही उसने अपने गांव में कदम रखा, तो ऐसा महसूस हुआ जैसे स्वर्ग में आ गया। गांव वालों ने बस स्टैंड से ही ताली बजा कर उसका स्वागत किया। युवक ने बताया कि जब वह घर पहुंचा तो उसकी 2 साल की बच्ची सो रही थी, लेकिन आधे घंटे बाद जब वह सोकर उठी, तो आकर सीने से लग गई। उन्हांेने बताया कि मुझे आईसोलेट कक्ष में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन किसी को भी एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया जाए, तो बुरा तो लगता ही है।
P1 के अनुसार प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी सपोर्ट किया। सभी ने बहुत अच्छे से देखभाल की। वहीं तहसील क्षेत्र के ग्राम अहार के P2 युवक ने चर्चा के दौरान बताया कि घर पहुंचते ही उसके कुछ दोस्तों ने ताली बजा कर स्वागत किया। हालांकि उसके परिजन क्वारेंटाइन सेंटर में होने के चलते घर पर कोई मौजूद नहीं थे। P2 ने कहा कि मुझे आइसोलेट कमरे में शुरुआत के समय कुछ घबराहट हो रही थी, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। आईसोलेट कक्ष में डॉक्टरों व अन्य टीम ने हमारा पूरा ध्यान रखा।
गौरतलब है कि बल्देवगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लमेरा के एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जो इंदौर में डॉ. शत्रुघ्न पंजवानी के यहां कंपाउंडरी का काम करता था। वह 28 मार्च को टीकमगढ़ आया था और 14 अप्रैल को जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने तत्काल ग्राम पहुंचकर गांव के 3 किलोमीटर एरिया को कंटेंनमेंट एरिया घोषित कर गांव में पाबंदियां लगा दी। साथ ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। पॉजिटिव युवक को कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में आइसोलेट किया गया।
लमेरा के युवक की पहली, दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तीसरी निगेटिव रिपोर्ट आई। चौथी रिपोर्ट फिर पॉजिटिव आई थी इसके बाद पांचवीं व छठवीं लगातार दो रिपोर्ट एम्स से निगेटिव आने के बाद उसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं कोरोना P2 युवक जो इंदौर से साइकिल चलाकर आहार पहुंचा था।
जिसे गांव के शासकीय उमावि माध्यमिक विद्यालय में क्वारेंटाइन किया गया था। जिसकी रिपोर्ट 24 अप्रैल को पॉजीटिव आई थी। उसे भी बल्देवगढ़ के ही कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में आइसोलेट किया गया था। जिसकी मेडिकल टीम द्वारा लगातार निगरानी की गई।
वहीं P2 कोरोना युवक की दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन तीसरी व चौथी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसके घर जाने का रास्ता साफ हो गया था।
आइसोलेट व क्वारेंटाइन सेंटर में कार्यरत कोरोना वारियर्स का पुष्प भेंट कर सम्मान किया। उसके बाद दो अलग-अलग एंबुलेंस से दोनों युवकों को उनके घर भेजा गया। घर जाने से पूर्व दोनों कोरोना विजेता युवकों ने सिर झुका कर सभी का अभिवादन किया।
कोरोना जैसी संक्रमित बीमारी को परास्त कर लौटे दोनों युवकों के विदाई समारोह के दौरान सीएमएचओ डॉ. प्रजापति, नोवेल कोविड मेडिकल ऑफिसर सौरभ जैन, डॉ. नवील सिद्दीकी, बीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी, संजीव तिवारी, भरत तिवारी, राहुल तिवारी, गोरेलाल प्रजापति सहित कई वॉरियर्स मौजूद थे।
लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भेजा गया घर
एम्स भोपाल से दोनों कोरोना P1, P2 की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शुक्रवार को दोपहर 12 बजे उनको डिस्चार्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी। उसी समय इंसटेंट कमांडर प्रमोद सिंह गुर्जर को सीएमएचओ ने फोन किया और कुछ कागजी कार्रवाई में कमी होने के कारण 2 घंटे के लिए उनका डिस्चार्ज टाल दिया। दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर दोनों युवकों को रेड काॅर्पेट बिछाकर सीएमएचओ डॉ. एमके प्रजापति, इंसटेंट कमांडर प्रमोद सिंह गुर्जर के साथ सभी कोरोना वॉरियर्स ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया और फूलों की बारिश की।
P2 ने कोरोना वॉरियर्स के साथ बनाया टिकटॉक वीडियो
बीएमओ डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि दोनों युवको को जिन्होंने कोरोना को परास्त किया है। उन्हें उनके घर पर ही 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया गया है। उनके घरों पर कार्ड चस्पा किया गया है। अब दोनों अपने घर में ही 14 दिन तक रहेंगे। साथ ही उन्हें साफ सफाई व मास्क लगाने और सार्थक ऐप को डाउनलोड कराया गया है। साथ ही दवा में मल्टी विटामिंस, विटामिन सी एवं संतुलित आहार लेने की समझाइश दी गई है। व पी 2 युवक ने डिस्चार्ज होने के पूर्व सभी कोरोना वॉरियर्स के साथ सेल्फी ली और टिकटॉक पर वीडियो बनाकर शेयर भी किया। देर शाम अहार के सभी क्वारेंटाइन लोगों को भी छुट्टी दे दी गई। एसपी अनुराग सुजानिया ने लमेरा गांव पहुंचकर सभी पुलिस कर्मियों का सम्मान किया। साथ ही उन्हांेने गांव के लोगों को लॉकडाउन नियमांे का पालन करने की बात कही।
लॉकडाउन में भी जंगल के अंदर पेड़ों की कटाई चल रही है। वन विभाग की टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि केलपानी गांव में स्थित एक खेत में सागौन की सिल्लियां छिपाई गई है। सूचना मिलने पर टीम ने गांव के आता पिता भायला के खेत में दबिश देकर छुपाई गई 24 सागौन की सिल्लियां जब्त की। इन सिल्लियों की कीमत 50 हजार रुपए बताई गई। आता के खिलाफ केस दर्ज कर सिल्लियों को जब्त किया गया। कार्रवाई में डिप्टी रेंजर विशाल यादव, विशाल वास्कले, मुकेश वर्मा, कृष्णपालसिंह झाला, रितेश जमरा, महेंद्र मराठा मौजूद रहे।
टीकमगढ पृथ्वीपुर मार्ग पर पड़ने वाले मड़िया गांव के पास एक अज्ञात ट्रक की टक्कर से घायल हुए युवक को डिप्टी कलेक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर इलाज कराया। जिले के एडीएम एवं प्रभारी तहसीलदार तरूण जैन शुक्रवार को कोरोना जागरूकता केतहत क्षेत्र के भम्रण पर थे, तभी रानीगंज तिगैला से निरीक्षण कर वािपस आ रहे थे। उसी दौरान मडिया गांव के पास अज्ञात ट्रक की टक्कर से सुनील कुमार जैन निवासी पृथ्वीपुर घायल अवस्था में दिखे। उन्होंने घायल युवक से जानकारी ली। युवक ने बताया कि डायल 100 को एक घंटे से फोन लगा रहे हैं, लेकिन वह नहीं आई।
डिप्टी कलेक्टर स्वयं अपने स्टाफ के साथ घायल को अपने वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। जहां उनका उपचार किया गया। इस दौरान नायब तहसीलदार सुनील वर्मा, राजेश भिंडे, पटवारी निशांत अग्रवाल उनके साथ थे।
नगर में लॉकडाउन के दौरान जरूरत की वस्तुओं के मूल्य बढ़ने की शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने इस पर नियंत्रण करने के लिए मुख्यालय सहित सभी ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग टीम गठित की है, लेकिन लाॅकडाउन के चलते दुकान संचालकों द्वारा रोजमर्रा की सामग्री खुदरा मूल्य से दोगुने दामों पर नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है। वहीं शासन ने गुटखा, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट सहित अन्य नशे के पदार्थों पर प्रतिबंध लगाया है। बावजूद इसके लिए पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के चलते दुकान संचालक महंगे दामों पर गुटखा तंबाकू बेच रहे हैं। इस संबंध में बड़ागांव धसान के तहसीलदार एमपी उदैनिया का कहना है कि अगर शासन के प्रतिबंध करने के बाद भी गुटखा तंबाकू की बिक्री की जा रही है, तो जल्दी ही ऐसे दुकानदारों की जानकारी कर कार्रवाई होगी।
सटई थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग गांव में एक नाबालिग और एक 18 वर्षीय युवती ने आत्महत्या कर ली। जखरोंन खुर्द गांव की 18 वर्षीय युवती ने कुआं में कूदकर और नंदगाय बट्टीयन की 13 वर्षीय नाबालिग ने फांसी के फंदे पर झूलकर जान दे दी। पुलिस ने दोनों घटनाओं के बाद आत्महत्या का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
सटई थाना प्रभारी दीपक प्रताप सिंह यादव ने बताया कि जखरोंन खुर्द गांव की नैनसी राजा पिता लाखन सिंह परमार उम्र 18 वर्ष ने शुक्रवार की सुबह 7 बजे अज्ञात कारणों के चलते अपने खेत के कुआं में छलांग लगा दी। युवती को मौके पर मौजूद लोगों ने बचाने की प्रयास किया, पर कुआं संकीर्ण होने के कारण उसे जल्द बाहर नहीं निकाल सके। कुआं में कूदने से युवती के चहरे में गंभीर चोट आने से वह बेहोश हो गई और वह पानी से बाहर नहीं आपाई। इस कारण युवती की मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं दूसरी घटना में नंदगाय बट्टीयन की किरण पिता बलराम पांडे उम्र 13 वर्ष ने अज्ञात कारणों के चलते फांसी लगा ली है। जिस दौरान नाबालिग ने फांसी लगाई उस दौरान उसके पिता बलराम गांव में ही एक घर में कथा बांचने के लिए गए थे और उसकी मां छत पर नहा रही थी। मृतिका ने अपने आप को कमरे में अकेला पाकर पलंग की निवार का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। मां ने जब नीचे आकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। मोहल्ले वालों की मदद से खिड़की को तोड़कर अंदर देखा तो नाबालिग फांसी के फंदे पर झूल रही हैं। जानकारी के अनुसार पांडे के परिवार में 4 बेटियां हैं, किरण इन सबसे बड़ी है। थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों घटनाओ में आत्महत्या का मामला कायम कर जांच शुरू की गई हैं। साथ ही दोनों का पोस्टमार्टम करवा कर शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए है।
जिले के मजदूरों को 10 बसों के माध्यम शुक्रवार को छतरपुर बस स्टैंड लाया गया। यह मजदूर ग्वालियर से बसाें के द्वारा जिले में लाए गए हैं। इन सभी मजदूरों का स्वास्थ विभाग की मेडिकल टीम द्वारा परीक्षण कर उन्हें उनके गांव की ओर रवाना कर दिया गया। यात्रियों की संख्या अधिक होने पर खजुराहो से संजीवनी वाहन को छतरपुर लाते हुए बगैर संपर्क के लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इस बात की जानकारी लगने पर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने देर शाम बस स्टैंड पहुंचकर मजदूरों की व्यवस्थाओं की जांच की। इनमें से कुछ मजदूर पन्ना और सतना जिलाें के भी थे।
थाना पुलिस ने 3 दिन पहले क्रिकेट खेलने के दौरान हुए विवाद के चलते एक युवक की गोली मारकर हत्या करने वाले 4 आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया, आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
कस्बा में 5 मई की शाम करीब 6 बजे नगर के जरईया वाला मैदान में युवा क्रिकेट खेल रहे थे। उसी दौरान मोतीलाल शिवहरे पिता लखन लाल शिवहरे का संतोष कुशवाहा से विवाद हो गया। संतोष ने फोन करके अपने साथियों को मौके पर बुलाया, इसके बाद आरोपियों ने मोतीलाल को कट्टे से गोली मार दी, गोली मोतीलाल के सीने में लगी।
जिला अस्पताल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई थी। मोतीलाल के भाई मनीष शिवहरे की रिपोर्ट पर पुलिस ने 2 नाबालिग सहित 6 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज किया था, लेकिन मोतीलाल की मृत्यु हो जाने पर हत्या की धारा बढ़ा दी गई। वारदात के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे। थाना प्रभारी अरुण शर्मा आरोपियों की तलाश में लगातार सर्चिंग करते रहे, संभावित ठिकानों पर दबिश दी लेकिन आरोपियों का कहीं सुराग नहीं लगा। बीती शाम मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी नगर से सटे सांवरी माता पहाड़िया में छिपे हुए हैं।
थाना प्रभारी अरुण शर्मा ने एएसआई बीडी राजपूत, दीपक मिश्रा, सुनील अरजरिया, रावेंद्र तिवारी, अजय, ब्रजेश अहिरवार के साथ पहाड़ी पर जाकर घेराबंदी की। पहाड़ी पर घने पेड़ों के नीचे आरोपी राहुल पिता बाबूराम चौरसिया, निक्की लहसुन पिता विशाल चौरसिया एवं 2 अन्य नाबालिग आरोपी छिपे हुए थे। चारों को पकड़ लिया। आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त कट्टा व कारतूस का खोखा जब्त किया है।
थाना प्रभारी शर्मा ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से दो बालिग आरोपियों को जेल भेज दिया, जबकि 2 नाबालिग आरोपियों को बाल सुधार ग्रह भेजा। अभी 3 आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है, उन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा।
आलीपुरा टीला से गर्रोली रोड पर बड़ी संख्या में भारी वाहन निकल रहे हैं, इन भारी वाहनों के निकलने से रोड उखड़ने लगा है, जगह जगह गड्ढ़े हो गए हैं।
बीते रोज लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड के गड्ढों को भर कर मरम्मत की गई थी लेकिन कुछ ही देर बाद भारी वाहनों के निकलने से यह फिर उखड़ गया। इस रोड पर 30 से40 टन बजनी वाहन निकाले जाते हैं, जबकि रोड की क्षमता 10 टन की है और इससे ज्यादा बजनी वाहनों के निकालने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद चौबीस घंटे भारी वाहन कानून को ताक पर रखकर निकल रहे हैं। पता चला है कि टीला गांव के कुछ लोग इन ट्रक वालों से 500 से 1 हजार रुपए लेकर इन्हें आलीपुरा तक निकलवाते हैं।
आलीपुरा थाना प्रभारी प्रियंका मिश्रा ने जब आलीपुरा का कार्यभार संभाला तो कुछ दिनो के लिए ये वाहन निकलने बंद हो गए थे। लेकिन धीरे धीरे उनकी कमांड कमजोर होने लगी, नतीजतन अब फिर से यह भारी वाहन निकलने लगे है । इस रोड की इतनी चौड़ाई नही है कि भारी वाहन आसानी से निकल सके। जिससे यहां एक्सीडेंट होने के डर बना रहता है। यह वाहन गर्रोली से टीला होते हुए आते हैं। जिससे यह टोल टैक्स बैरियर से बचकर निकल जाते है और आरटीओ टोल टैक्स से ओवर लोडिंग माल लादकर टैक्स बचाकर सरकार को चूना लगाकर आलीपुरा से इस रोड से निकल जाते हैं।
जिला मुख्यालय के जवाहर रोड स्थित इलाहाबाद बैंक प्रबंधन द्वारा अपने ग्राहकों को छाया में रखने के लिए परिसर में पंडाल नहीं लगाया गया है। इस कारण बैंक में पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिदिन या तो धूप में खड़े रहकर अपनी बारी के आने का इंतजार करना पड़ता है या फिर सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार करते हुए लाइन में लगना पड़ता है। इस बात की जानकारी बैंक प्रबंधन को होने के बाद भी वह पिछले एक माह से कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस कारण यहां के ग्राहक जानकारी होने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पा रहे हैं।
थाना क्षेत्र के ग्राम धनगुवां में दाढ़ी-बाल काटने से मना करने पर एक दर्जन आरोपियों ने सेन परिवार पर हमला कर जमकर मारपीट की। आरोपियों की मारपीट में एक गर्भवती महिला सहित 5 लोग घायल हुए हैं।
पीड़ित सैन परिवार के घायल रज्जू पिता बलदुआ सेन 52 वर्ष एवं उसकी 22 वर्षीय गर्भवती बहू सरोज पति सुरेंद्र सेन ने बताया कि ग्राम मदनीवार में संजू सिंह घोष सहित एक दर्जन से ज्यादा लोग सूरत से मजदूरी करके 4 दिन पहले वापस आए थे। जिन्हें कोरोना महामारी की रोकथाम व उससे बचाव के लिए धनगुआं स्कूल में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया है। जो दिन भर सेंटर के बाहर घूमते हैं, जिनकी दाढ़ी और बालों की कटिंग उसका रिश्ते का भतीजा मुकेश सेन कर रहा था। रज्जू सेन ने बताया कि मुकेश सेन को लॉकडाउन के लिए बनाए गए नियमों के तहत उन लोगों की दाढ़ी व बालों की कटिंग करने के लिए मना किया।
मुकेश ने यह बात उन लोगों को बता दी, जिस पर गुस्साए संजू घोषी और उसके सभी साथी रात को 8 बजे लाठी डंडे लेकर गाली देते हुए उसके घर पर आए और घर के बाहर बुलाकर मारने लगे। उसे बचाने आई उसकी पत्नी नूना सेन, लड़का सुरेंद्र सेन, गर्भवती छोटी बहू सरोज सेन, मंझली बहू रेखा सेन को भी आरोपियों ने लाठी डंडों और लात घूंसों से जमकर मारपीट कर दी। गाली गलौज करते हुए मौके से भाग गए। मारपीट में घायल सभी लोगों को पुलिस द्वारा डॉयल 100 वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां से डाॅक्टरों ने ज्यादा घायल रज्जू सेन व उसकी गर्भवती बहू सरोज सेन को जिला अस्पताल रैफर कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिजई के मजरा जामूपुरा में दिल्ली से आए मजदूरों को होम क्वारेंटाइन करते समय कुछ लोगों ने सचिव के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू करदी है।
ग्राम जामूपुरा में दिल्ली से संतोष रजक, महेंद्र पाल वापस गांव लौटे थे, इनको पंचायत सचिव परमलाल कुशवाहा द्वारा होम क्वारेंटीन किया जा रहा था। इसको लेकर कुछ ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों का कहना था कि बाहर से आए लोगों को स्कूल में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाए। सचिव परमलाल ने शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए बाहर से आए लोगों को होम क्वारेंटीन करने की बात कही। इस बात पर वहां मौजूद लोग भड़क उठे और पंचायत सचिव के साथ मारपीट कर दी।
आरोपियों का कहना था कि यह लोग दिल्ली से आए हैं, अगर गांव के अंदर इन्हें रखा जाएगा तो अन्य लोगों के लिए खतरा बना रहेगा, इसलिए इन्हें गांव से बाहर क्वारेंटाइन सेंटर में ही रखा जाए। पुलिस ने सचिव परमलाल कुशवाहा की शिकायत पर आरोपी राजाराम पाल, मुन्ना पाल, महेंद्र पाल, राहुल पाल और संतोष रजक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर आयुर्वेदिक काढ़ा वितरित किया जा रहा है। साथ ही काढ़ा बनाने के निर्माण की विधि का पत्रक भी बांटा जा रहा है।
जिला बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सत्यप्रकाश गुप्ता ने बताया कि काढ़े व उसके बनाने वाली विधि के पत्रक का वितरण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया जा रहा है। इस दौरान ग्रामीण जनों के सामने काढ़ा बनाने की विधि भी बताई जा रही है जिसके प्रति ग्रामीण जन काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं। काढ़ा वितरण टीम को मनवारा गांव के समीप खुले मैदान में झुग्गी डालकर अपना जीवन बसर करने वाले घुमक्कड़ जाति के लोगों की जानकारी लगी तो उन्होंने घर-घर जाकर अन्न संग्रह किया। यह संग्रहीत अन्न एवं खाद्यान्न जरूरतमंदों को वितरित किया।
इन घुमक्कड़ परिवारों के लिए ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व में 65 किलो गेहूं की व्यवस्था की गई थी, जो समाप्त हो गया था।उन्हें दोबारा खाद्यान्न की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। इस दौरान सत्यप्रकाश गुप्ता जिला बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, देवीदयाल पटेल सह खंड कार्यवाह गौरिहार, राहुल गुप्ता जिला सह मंत्री विहिप, कल्याण सिंह जिला बलोपासना प्रमुख, राममिलन केवट खंड बौद्धिक प्रमुख, भारत भूषण निगम सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि को लेकर हितग्राही और महिला सचिव के बीच विवाद हो गया। बिजावर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत डारागुवां की महिला सचिव रचना सिंह गौड़ ने ग्राम साकरोबरा के मोहनलाल राजपूत के खिलाफ गुरुवार की दोपहर ग्राम भ्रमण के दौरान अभद्रता करने की शिकायत थाने में की है।
पंचायत सचिव रचना सिंह गौड़ ने बताया कि जब वह गुरुवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे साकरोबरा गांव पहुंची तो वहां पर मोहनलाल राजपूत उनसे प्रधानमंत्री आवास योजना की मजदूरी की राशि नहीं मिलने की शिकायत करने लगा। इस पर सचिव ने बताया कि राशि हितग्राही द्वारा बताए गए खाते में जमा हो चुकी है। इस पर मोहनलाल राजपूत उनसे बहस करने लगा एवं अनेक आरोप लगाने लगा। इसके बाद सचिव ने अधिकारियों को मामले की जानकारी दी और मातगुवां थाना पहुंचकर मोहनलाल द्वारा अभद्रता किए जाने और रिकॉर्ड फाड़ने की लिखित शिकायत की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं हितग्राही मोहनलाल राजपूत का कहना है कि मजदूरी की राशि में मेरे सहित अधिकांश हितग्राहियों के साथ गड़बड़ी की गई है। मैंने कोई अभद्रता नहीं की।
खरीफ मौसम से पहले गर्मी के कपास बुवाई की तैयारी शुरू हो चुकी है। कुछ किसानों ने सैंपलिंग के तौर पर कपास बीज लगा भी दिया है। कृषि विभाग का अनुमान है कि इस साल हुई बेहतर बारिश से बिस्टान, देवला, बन्हेर, गारी गलतार व देजला देवाड़ा बांध के सिंचाई कमांड एरिया के गांवों में गर्मी के कपास का रकबा बढ़ेगा।
पिछले साल 1250 हैक्टेयर में गर्मी के कपास की बुवाई हुई थी। इस साल रकबा 2540 हैक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है। किसान दिनेश आंचल ने बताया कपास की बुवाई और दयाराम पंडित, किशोर पटेल, आनंदराम यादव, रामू राठौड़ आदि ने बुवाई से पहले खेतों की सिंचाई का काम शुरू कर दिया है। बलखड़ बुजुर्ग के किसान अरविंद गुप्ता ने कहा 20 मई के बाद तापमान में कमी आने पर कपास बीज लगाएंगे। किसान धर्मेंद्रसिंह सिसोदिया व भारतसिंह कुमावत ने कहा जल्दी फसल देने वाली किस्म लगाएंगे। क्योंकि जलस्रोतों में फिलहाल सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है। बारिश में सोयाबीन व मक्का की फसल लगाएंगे। वरिष्ठ अधिकारी भेरूलाल मंडलोई ने कहा लाॅकडाउन में किसानों के घर तक बीज भिजवाने के लिए 18 लाइसेंसी व्यापारियों को पास जारी किए है। कृषि विकास अधिकारी जीएस सोलंकी ने कहा पिछले साल भगवानपुरा विकासखंड में 12315 हैक्टेयर में कपास की खेती हुई थी।
उद्यानिकी विभाग फसलों की बुवाई का आंकलन नहीं कर पाया
उद्यानिकी विभाग मिर्च बीज रोपाई का आंकलन नहीं कर पाया है। सब्जियों में गिलकी, भिंडी, लौकी, बैंगन, टमाटर आदि फसल बुवाई के आंकड़े उपलब्ध नहीं है। एसडीओ बीएस चौहान ने कहा देवला, बन्हेर, दामखेड़ा, बनहूर, गारी, भातुड़ आदि ग्रामों में 200 हैक्टेयर से अधिक में मिर्च बीज का रोपण होगा। बाजार में पर्याप्त मात्रा में बीज मिल रहा है।
ग्राम खड़कवानी में एक किसान के खेत में लगे मक्का फसल के ढेर में शुक्रवार दोपहर 2 बजे अज्ञात कारणों से लग गई। किसान असलम खान ने बताया खुद व पास के खेत से फसल काटकर रखी थी। घटना के समय बिजली बंद थी। बिजली कंपनी को सूचना देकर सप्लाय शुरू करवाया और आसपास के मोटर पंपों को चालू करवाकर आग पर काबू पाया। पटवारी को घटनाक्रम की सूचना दी है। शनिवार को पंचनामा बनाने पर नुकसानी का आंकलन हो सकेगा।
सनावद में भोगांवा रोड स्थित निजी जिनिंग में सीसीआई की खरीदी शुक्रवार से की गई। मंडी में पंजीकृत किसान कपास लेकर पहुंचे। जिसका सीसीआई के कर्मचारियों ने गुणवत्ता की जांच कर माल खरीदा। शुक्रवार को पहले दिन करीब 5 किसान वाहनों से कपास लेकर पहुंचे। सभी कपास मानक के पाए जाने पर उनसे कपास खरीदा गया।
सीसीआई के वाणिज्यिक अधिकारी तुषार सोनवाने ने बताया भोगांवा रोड स्थित जिनिंग को सीसीआई का खरीदी केंद्र बनाया है। जहां पर शुक्रवार को 5 वाहन पहुंचे थे। पांचाें वाहनों को सीसीआई ने खरीदा है। उन्होंने बताया वर्तमान में लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए है। जिससे भीड़ न होने के लिए सिर्फ 5 ही किसानों को एसएमएस भेजा जा रहा है। कुछ समय के बाद किसानों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। 17 मई के बाद मंडी खुलने पर मंडी में ही किसानों का कपास खरीदा जाएगा। जिससे अधिक किसानों को लाभ मिल सके।
अधिक घने रेशे का होना चाहिए कपास, काले कपास की नहीं होगी खरीदी
उन्होंने बताया जिन किसानों का कपास काला या कम रेशे का होगा। वह कपास सीसीआई की खरीदी के लायक नहीं होता है। जो कपास सफेद व अधिक घने रेशे का होगा। उसे उतने अधिक दाम मिलेंेगे। सीसीआई के अनुसार 3.4 से 4.9 माइक्रोन तक का कपास खरीदा जाता है। वहीं किसान केंद्र पर कपास लेकर आए ताकि किसानों को परेशानी न हो।
250 से अधिक किसानों ने मंडी में कराया पंजीयन
मंडी के बीएस शेखावत ने बताया सीसीआई की खरीदी के लिए किसानों को मंडी में पंजीयन किया जा रहा है। इसके लिए किसानों का नाम, स्थान, मात्रा व मोबाइल नंबर लिया जा रहा है। जिसके बाद रोजाना 5 किसानों को फोन व एसएमएस कर कपास लाने की जानकारी दी जा रही है। वर्तमान में 250 से अधिक किसानों ने सीसीआई की कपास खरीदी के लिए पंजीयन कराया है।
3 नगरीय क्षेत्रों के 40 व्यापारी कर सकेंगे होम डिलीवरी
महेश्वर में कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के निर्णय के बाद कुछ स्थानों पर प्रशासन ने राहत दी है। गुरुवार देर शाम जारी हुए आदेश के अनुसार कृषि संबंधी दुकानें सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक खुली रहेगी। यहां से एक बार में अधिकतम 5 किसानों को सामान दिया जा सकेगा। शुक्रवार को सुबह 3 घंटे व्यापारियों ने दुकानें खोली। किसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खरीदी की। शुक्रवार को जारी एक अन्य आदेश में महेश्वर, मंडलेश्वर व करही नगर के 40 से अधिक स्टेशनरी व इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों को सामान की होम डिलीवरी की छूट दी गई है। एसडीएम आनंदसिंह राजावत ने बताया व्यापारी संघ से मिली सूची के अनुसार करीब 40 व्यापारी मोबाइल नंबर पर ग्राहकों से जरूरत के सामान की जानकारी लेंगे और सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक होम डिलेवरी कर सकेंगे। दुकान खोलकर सीधे तौर पर ग्राहकों को सामान देना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
मालथाैन के गांवाें में शासकीय भवन गांव के बीच में हाेने एवं बड़े भवन न हाेने से बाहर से आ रहे लाेगाें काे क्वारेंटाइन करने में परेशानी हाे रही है। कुछ स्थान पर टाॅयलेट भी नहीं है। ऐसे में क्वारेंटाइन करने के लिए टालमटाेल भी हाेती है, अधिकारी भी हस्ताक्षेप नहीं करते हैं। ऐसे में बाहर से आए लाेग ठीक से क्वारेंटाइन भी नहीं हाे पाते हैं। जबकि हाॅटस्पाॅट इलाके से मजदूर आ रहे हैं।
शुक्रवार काे इंदाैर से 30 मजदूर मालथाैन के डबडेरा गांव में आए, जाे ईट भट्टा में मजदूरी करते थे, लाॅकडाउन के बाद काम बंद हाेने से वह किराए के वाहन से लाैटकर आए। वाहन चालक ने उन्हें 5 किमी. दूर अंडेला में छाेड़ दिया, उसके बाद मजदूर पैदल चलकर गांव पहुंचे। जहां गांव वालाें के कहने पर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। उसके बाद उन्हें गांव के बाहर आवासाें के बाहर पेड़ के नीचे क्वारेंटाइन कर दिया गया। गांव में शासकीय भवन गांव के बीच में हैं, ऐसे में भवनाें का उपयाेग नहीं हाे पाया।
शासकीय भवन बीच में हैं गांव से बाहर क्वारेंटाइन करना था
पंचायत सचिव उदल सिंह ने बताया कि गांव में 30 लाेग शाम के समय इंदाैर से आए हैं। गांव में सभी शासकीय भवन बीच में हैं गांव से बाहर क्वारेंटाइन करना था। इसलिए आवास के बाजू में क्वारेंटाइन कर दिया है। अभी वहां लाइट नहीं लगी है। सुबह लाइट का इंतजाम कर देंगे जिससे सभी आवासाें में रूक सकेंगे। गर्मी न लगे इसलिए सभी काे अभी बाहर रखा है। खाने की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
गांव के बाहर खेताें में बने मकानाें में उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया जाता है
जनपद सीईओ राजीव मिश्रा का कहना है कि बाहर से लाेग आए हैं, उन्हें कहां क्वारेंटाइन किया गया है इसके संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। गांव में शासकीय भवन छाेटे हाेते हैं, सुविधाएं भी नहीं हाेती है, गांव के बीच में हाेते हैं। ऐसे में गांव के बाहर खेताें में बने मकानाें में उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया जाता है। उन्हें पेड़ के नीचे क्वारेंटाइन किया गया है ताे जानकारी लेकर व्यवस्था कराते हैं।
शासन ने समर्थन मूल्य 4875 रुपए पर चना खरीदी की शुरूआत 29 अप्रैल को की। जिले में 12 केंद्र बनाए गए। शुरूआत में 6 लघु व सीमांत किसानों को मैसेज भेजे गए। किसानों का रुझान कम देख संख्या बढ़ाकर 10 की। इसके बाद भी किसान केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं। हालात यह है कि पिछले 10 दिन में केवल 3 किसान ही स्थानीय केंद्र पर पहुंचे। अन्य केंद्र पर भी यही हालात है। जिला विपणन संघ के क्षेत्र सहायक ने कहा मैसेज की संख्या बढ़ाने को लेकर पत्र लिखा है।
क्षेत्र के किसानों से चना खरीदी के लिए देवश्री विपणन संस्था को केंद्र बनाया गया। यहां 10 दिन में 3 किसानों ने 11 क्विंटल उपज बेची है। संस्था के अनुसार 1300 किसानों ने पंजीयन करवाया है। रोजाना 10 किसानों को मैसेज भेजे जा रहे हैं। लेकिन कम मात्रा में खरीदी का मैसेज पहुंचने से लघु व सीमांत किसान नहीं पहुंचे। जो किसान आए वे भी 2 से 3 क्विंटल उपज लेकर ही पहुंचे। जबकि पिछले साल इस समय में रोजाना 1000 क्विंटल तक खरीदी हो रही थी।
4 तौलकांटा का उपयोग ही नहीं
संस्था के खरीदी केंद्र पर उपज तुलाई के लिए 5 तौलकांटे की व्यवस्था की गई। लेकिन अब तक 4 तौलकांटाें का उपयोग ही शुरू नहीं हुआ। 40 हम्मालों के पास भी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक काम नहीं है। इनको मजदूरी तक नहीं मिल पा रही है।
1 लाख 1 हजार 800 क्विंटल खरीदा गेहूं
तहसील के 10 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जा रही है। यहां 1 लाख 1 हजार 800 क्विंटल गेहूं खरीदी का खरीदी अब तक हो चुकी है। गेहूं के लिए पंजीकृत 6000 किसानों में से 2200 अपनी उपज बेच चुके हैं। गेहूं खरीदी भी 31 मई तक होगी।
भोपाल अवगत कराया है
चना खरीदी केंद्र पर किसानों के कम संख्या में पहुंचने को लेकर भोपाल स्तर पर अवगत कराया है। बड़े किसानों को मैसेज भेजने व संख्या बढ़ाने को लेकर भी लिखा है। -
महेंद्र चौधरी, क्षेत्र सहायक, जिला विपणन संघ खरगोन
समर्थन मूल्य पर चना खरीदी का भी यही हाल है। यहां पिछले 9 दिन से किसान ही नहीं पहुंचे। शुक्रवार को एक किसान के पहुंचने पर खरीदी का मुहूर्त किया गया। प्रबंधक मनोज यादव ने बताया रमणगांव के शंकर पंढरी की 3 क्विंटल चना उपज खरीदी गई। क्षेत्र के 60 गांव के 1088 किसानों ने पंजीयन करवाया है। शुरूआत में लघु व सीमांत किसानों को एक क्विंटल से कम उपज लाने के मैसेज भेजे गए। अब बड़े किसानों को मैसेज भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। मुहूर्त में नरेंद्र पाटीदार, नंदकिशोर यादव, राहुल यादव, चिराग यादव, सुभाष यादव, मोहित यादव आदि मौजूद थे।
शुक्रवार काे भी लाॅकडाउन में छूट के बाद बाजार में भीड़ रही। कुछ दुकानें वैधानिक रूप से खुलीं ताे कुछ अवैधानिक रूप से खुलीं। पुलिस बल हिदायत देते हुए निकला। कुछ दुकानदाराें पर मामले भी दर्ज किए गए। लेकिन लाेगाें की भीड़ कम नहीं हुई। बाजार में बुजुर्ग, बच्चे सभी दिखाई दिए। लाेग परिवार सहित बाइक पर सवार हाेकर आए। एक बाइक पर तीन से चार, पांच लाेग तक सवार थे। बच्चाें काे मुंह पर मास्क भी नहीं पहनाए हुए थे। बुजुर्ग भी मास्क पहनकर नहीं आए थे।
जगह-जगह झुंड भी नजर आए, साेशल डिस्टेंस का पालन लाेगाें ने नहीं किया। वहीं जिन दुकानदाराें काे दुकानें खाेलने की अनुमति नहीं मिली है, वह छुप-छुपकर दुकानें खाेलते रहे। दुकानाें के अंदर ग्राहकाें काे लेकर जाकर सामान बेचते रहे। किसी काे भी काेराेना का काेई डर नजर नहीं आ रहा था। बाजार खुलने से लाेग खुश थे, कुछ लाेग घूमने ही आए। तेज गर्मी, धूप के बाद भी बाजार में दिनभर भीड़ रही। कुछ लाेग बाजार में एक साथ बैठकर बातें करते दिखे। पहले जैसा बाजार वाला माहाैल रहा। पुलिस की गाड़ी आती दिखती ताे लाेग इधर-उधर हाे जाते। थाना प्रभारी रविप्रताप सिंह का कहना है कि लाेगाें काे बार-बार नियमाें का पालन करने की हिदायत दी जा रही है। दुकानदाराें से अपील की गई है कि जिन दुकानाें की अनुमति है वही खाेलें। कुछ दुकानदाराें पर कार्रवाई भी की गई है। लाेग अगर नियमाें का पालन नहीं करेंगे ताे सख्ती बरती जाएगी।
अवैधानिक रूप से दुकानें खुलीं तो सील की जाएंगी
तहसीलदार संजय जैन का कहना है कि लोगों को नगरपालिका के द्वारा मुनादी के माध्यम से सूचना दे दी गई है, जिला दंडाधिकारी के आदेश द्वारा जिन दुकानों को खोलने की अनुमति है, वही दुकानें खोलें। अवैधानिक तरीके से अगर दुकानें खोली जाती हैं तो धारा 188 के तहत कार्रवाई करते हुए दुकानों को सील कर दिया जाएगा। वहीं ग्राम पंचायत में कोटवारों द्वारा मुनादी कराई गई है कि सभी लोग अपनी ग्राम पंचायत के अंदर ही रहें बाहर न निकलें। गांव में सभी प्रकार की दुकानें खुल रही हैं, वहीं खरीदी करें, सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से ही बाहर जा सकते हैं। बाजार करने के लिए नगर में पाए जाने पर कार्रवाई तय की जाएगी।
समर्थन मूल्य पर उपज बेचने वाले किसानों को भुगतान में देरी हो रही है। शासन के निर्देश थे कि एक सप्ताह के भीतर किसानों को उनकी उपज का दाम मिल जाना चाहिए लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं हो पाया है। अधिकारियों का कहना है जानकारी भोपाल भेज दी है, भुगतान की प्रक्रिया वहीं से होगी।
जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 1878 किसानों ने इस साल पंजीयन कराया था। पांच खरीदी केंद्रों पर अब तक 812 किसानों से 30.495 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी शासन कर चुका है। 1950 रुपए के समर्थन मूल्य के मान से किसानों को 5.78 करोड़ रुपए का भुगतान होना था लेकिन 1.94 करोड़ रुपए का ही भुगतान हो पाया है। 3.84 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है। मंडी से तो खरीदी की जानकारी हर दिन भेज दी जाती है लेकिन भुगतान की पूरी प्रक्रिया भोपाल से हो रही है। जिले में कृषि उपज मंडी में दो, लोनी, बोरीबुजुर्ग और तुकईथड़ में एक-एक सोसायटी खरीदी कर रही है।
जल्द हो जाएगा बाकी का भुगतान
समर्थन मूल्य पर 30 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी हुई है। इसकी जानकारी भेजी जा चुकी है। दो करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। बाकी का भुगतान भी जल्द हो जाएगा।
-अमित मालवीय, गोदाम प्रभारी, कृषि उपज मंडी, बुरहानपुर
सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों को सरकारी और मान्यता प्राप्त डॉक्टर की पर्ची पर ही दवा देने के निर्देश कलेक्टर ने जारी किए हैं। इसके बाद से मेडिकल स्टोर संचालकों ने दवा देना बंद कर दी है। बाजार में दवाई नहीं मिलने से अब जिला अस्पताल में ज्यादा लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को सर्दी-खांसी, बुखार के 200 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचे। दोपहर 12 बजे यहां दवाई लेने के लिए भीड़ लगी रही।
शुक्रवार सुबह लगभग 9 बजे सागर भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग 86 पर सागर से भोपाल की ओर जा रही मारुती शिफ्ट कार रतौना के पास डिवाइडर से टकराकर घिसटती हुई पलट गई। कार में ड्राइवर सहित तीन लोग सवार थे। जिनमें दो लोगों को गंभीर चोटें आईं हैं जिन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया हैं। जबकि ड्राइवर के हाथ पैर में चोटें आईं हैं । घटना स्थल पर भोपाल निवासी डाइवर सुनील चौैहान ने बताया कि वह 6 मई को भोपाल से दो लोगों को छोड़ने आदमपुर यूपी गया था वहां से दो लोगों को लेकर भोपाल जा रहा था। घायलों के नाम पूछने पर उसने बताया हमें नहीं मालूम है।