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राहतगढ़ में चाकू से डराकर युवती से दुष्कर्म, परिजन के साथ थाने पहुंच कर एफआईआर दर्ज कराई

थाना क्षेत्र के ग्राम मानकी सलैया की एक युवती के साथ चाकू से डराकर घर ले जाकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। युवती ने माता-पिता के साथ थाने पहुंच कर एफआईआर दर्ज कराई है।


युवती ने बताया की मेरे पिता किसानी करते हैं बुधवार रात वे बड़े पापा के घर गेहूं भरने गए थे, मां घर के बरामदे में सो रही थी। मैं और मेरी छोटी बहन अंदर कमरे में सो रहे थे, कमरे का दरवाजा खुला हुआ था, तभी रात करीब 12 मेरे मुंह पर किसी ने हाथ लगाया तो मेरी नींद खुल गई। देखा तो गांव का ही आरोपी राजा भाई दांगी था जो हाथ में चाकू लिए हुए था। वो मुझे डराकर जबरदस्ती अपने साथ उसके घर ले गया। मैं चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी देकर मेरे साथ दुष्कर्म किया और रात भर अपने कमरे में ही रखे रहा। सुबह जब आरोपी कमरे से बाहर गया तो मैं मौका पाकर कमरे से बाहर निकली और पास ही रहने वाले अपने बड़े पापा के घर पहुंचकर सभी परिजनों को घटना की जानकारी दी। बड़े पापा मुझे लेकर घर आए और मैने माता-पिता को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने युवती की रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।



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बैंड पार्टियाें ने आर्थिक सहायता की मांग की, ज्ञापन साैंपा

नगर में धानक समाज एवं बैंड पार्टी-शहनाई पार्टी संघ के सदस्याें ने एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन साैंपकर लाॅकडाउन की अवधि में काम बंद हाेने से आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की। संघ के सदस्याें पवन बड़वानी, संताेष , घनश्याम, रमेश बड़वानी ने बताया कि नगर में बैंड पार्टी, शहनाई पार्टी चलाते हैं, सभी बैंड बजाकर मेहनत मजदूरी करते हैं। लेकिन लाॅकडाउन के अवधि में शादी विवाह सहित सभी कार्यक्रमाें पर राेक लगी है। ऐसे में काम पूरी तरह बंद हाे गया है। इससे परिवार के भरण-पाेषण करने में परेशानी हाे रही है। शासन द्वारा सिर्फ राशन प्रदान किया गया है, लेकिन इसमें गुजारा कर पाना संभव नहीं है। कुछ समय बाद शादी-विवाह का सीजन भी समाप्त हाे जाएगा। एेसे में परिवार काे परेशान हाेना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में सभी सदस्याें काे आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। जिससे सभी अपने परिवार का भरणपाेषण कर सकें।



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देवरी में किसानों को अब तक नहीं मिला मुआवजा, जलाशय निर्माण का कार्य पिछले डेढ़ साल से है जारी

देवरी विधानसभा क्षेत्र की केसली तहसील के ग्राम निवारी कला में 17.80 करोड़ की राशि से स्वीकृत जलाशय निर्माण का कार्य पिछले डेढ़ साल से चल रहा है, लेकिन सरकार ने डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को मुआवजा अभी तक नहीं दिया। जिससे किसानों में सरकार और प्रशासन के प्रति नाराजगी देखी जा रही है । किसानों को भू अर्जन, मुआवजा राशि नहीं मिलने से बड़ी संख्या में किसान चिंतित हैं ।


किसानों का आरोप है कि उनकी भूमि पर कब्जा कर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, लेकिन सरकार एवं प्रशासन ने किसानों को कोई भी जानकारी अभी तक नहीं दी है और न ही यह जानकारी दी है कि उनकी कितनी जमीन अधिग्रहण की गई है और उसका कितना मुआवजा मिलेगा या नहीं मिलेगा । निवारी कला जलाशय के डूब क्षेत्र में 116.54 हेक्टेयर, नहर निर्माण 1. 27 हेक्टेयर भूमि सहित कुल 117.81 हेक्टेयर भूमि अर्जन प्रस्तावित है। जिसमें अभी तक 300 से अधिक किसान की भूमि निवारी कला जलाशय योजना में डूब क्षेत्र में आ रही है। इस जलाशय से 950 हेक्टेयर रकवा सिंचित होगा। लेकिन निवारी कला जलाशय स्वीकृत होने के बाद ढाई साल का समय बीत गया है और सरकार ने किसानों की भूमि कानूनी प्रावधानों के तहत अधिग्रहण कर ली है। जिसका निर्माण एजेंसी मेसस कौशल प्रसाद पटेल रीवा द्वारा पिछले डेढ़ साल से जलाशय निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अधिग्रहण भूमि पर बड़ी संख्या में रेत और गिट्टी के ढेर लगा दिए गए हैं। लेकिन डूब क्षेत्र में आने वाले सैकड़ों की संख्या में किसानों को मुआवजा के नाम पर अभी तक एक धेला भी प्रशासन ने नहीं बांटा है।
ग्राम मुहली के किसान रोहित राय ने बताया कि उनके परिवार की 19 एकड़ जमीन इस जलाशय में डूब में आई है , उनकी अधिग्रहण भूमि पर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है और डेढ़ साल बाद भी मुआवजा सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रशासन द्वारा भू अर्जन की जानकारी भी और अधिसूचना के प्रकाशनसे भी किसी भी किसान को अवगत नहीं कराया गया।। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा सभी किसानों को जल्दी मुआवजा नहीं दिया जाता है तो सभी किसान हाईकोर्ट की शरण में जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।


किसानों का कहना: ग्राम निवारी के किसान सत्यपाल सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी 3 एकड़ जमीन थी वह भी अधिग्रहण हो गई है अब उन्हें जीवन यापन का कोई भी जरिया नहीं बचा है और शासन द्वारा जमीन का मुआवजा भी नहीं दिया गया जिससे उनका परिवार गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। सरकार जल्द ही मुआवजा राशि प्रदान करें। ग्राम अमोदा के किसान गोविंद बरोलिया ने बताया कि उनकी 10 एकड़ भूमि जलाशय में निकल गई है और मुआवजा के लिए परेशान हो रहे हैं इसी तरह राजेश राजपूत ने बताया कि उनके परिवार की 52 एकड़ जमीन जलाशय के डूब क्षेत्र में आने के कारण अधिग्रहण कर ली गई है और उन्हें अभी तक एक रुपए भी मुआवजा राशि नहीं मिली है।

बीएस मोहनिया, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग क्रमांक 1, सागर ने कहा
कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन रहने से भू अर्जन प्रक्रिया नहीं हो पाई है। धारा 11 के तहत सुनवाई और पटवारी द्वारा वेरिफिकेशन का काम होना है। मुआवजा की राशि कलेक्टर फंड में जमा हो गई है।

देवेंद्र कच्छप, नायाब तहसीलदार केसली ने कहा
निवारी कला जलाशय के किसानों की भू अर्जन अनुविभागीयअधिकारी द्वारा किया जाता है वहां डिटेल जानकारी मिल सकती है। तहसील स्तर पर आपत्तियां पटवारी प्रतिवेदन सभी जानकारी सिंचाई विभाग के प्रतिवेदन रिपोर्ट सहित पूरी जानकारी पूर्ण करके भेज दी गई है।



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Farmers have not yet received compensation in Deori, work on reservoir construction has been going on for the last one and a half years


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बैकाें में लंबी लाइन, लेकिन साेशल डिस्टेंस का नहीं ध्यान

नगर में बैंकाें में सहायता राशि आने के कारण भीड़ हाे रही है। एसबीआई, यूबीआई सहित अन्य बैंकाें के बाहर लाेगाें की लंबी कतार लगी रही। साेशल डिस्टेंस के गाेले बने हाेने के बाद भी लाेगाें ने साेशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया।


वहीं तेज धूप में लाेगाें काे लाइन लगाने में परेशानी हुई। लेकिन राशि निकालने के लिए लाेग लाइन में लगे रहे। लाइन में धक्का-मुक्की भी हाेती रही, जिससे साेशल डिस्टेंसिंग नहीं रह पाई। गाैरतलब है कि बैंकाें में जाने के लिए प्रतिदिन बहुत से लाेग घराें से बाहर जाते हैं। बैंकाें के बाहर भीड़ करते हैं। एेसे में लाेगाें काे घराें में राेकने की काेशिशें नाकाम हाे रही हैं।



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Long line in the backyard, but the particular distance is not noticed


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चौकीदार, केला व्यापारी, मौलाना के संपर्क में आए थे तीन मरीज, जिला अस्पताल के कैंटीन का कर्मचारी भी संक्रमित

शहर में कोरोना संक्रमण की चेन लंबी होती जा रही है। ऐसे कई लोग सामने आ रहे हैं, जो संक्रमितों के संपर्क में आए थे। गुरुवार रात पांच पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट जारी हुई। इनमें से तीन ठाकुर परिवार के इंदिरा कॉलोनी स्थित मकान के चौकीदार, पाटीदार कॉलोनी के केला व्यापारी और लालबाग के मौलाना के संपर्क में आकर संक्रमित हुए हैं। वहीं जिला अस्पताल के कैंटीन का कर्मचारी भी संक्रमित मिला है। यह अस्पताल के ही एक अन्य संक्रमित के संपर्क में आया था। वहीं खानका वार्ड की संक्रमित महिला की कांटेक्ट हिस्ट्री फिलहाल नहीं मिल पाई है।
गुरुवार रात आई रिपोर्ट के बाद जिले में 9 संक्रमित बढ़ गए हैं। मलकापुर की महिला सहित जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 55 हो गई है। नए संक्रमितों की संपर्क हिस्ट्री निकालने में स्वास्थ्य विभाग को खासा जूझना पड़ रहा है। लक्ष्मीनगर में पॉजिटिव मिली 44 वर्षीय महिला क्षेत्र में ही चक्की संचालक संक्रमित के संपर्क में आई थी। यह मरीज इंदिरा कॉलोनी में ठाकुर परिवार के यहां चौकीदार था और दिन में चक्की चलाता था। 4 मई को आई रिपोर्ट में यह पॉजिटिव पाया गया। संक्रमित महिला उसकी रिश्तेदार है। पाटीदार कॉलोनी में संक्रमित मिली 51 वर्षीय महिला दम तोड़ चुके केला व्यापारी की रिश्तेदार है। महिला सिंधीपुरा में निजी स्कूल चलाती है। वहीं चिंचाला का 74 वर्षीय पॉजिटिव मरीज मस्जिद के इमाम के संपर्क में आया था। अस्पताल में कैंटीन का 23 वर्षीय कर्मचारी पॉजिटिव मिला है। उसे पांच दिन से बुखार था। इसके बाद उसका सैंपल लिया गया था।

लापरवाही, लक्ष्मीनगर में तो दोपहर तक बैरीकेड भी नहीं लगाए
नए मरीज मिलने के साथ शहर में कंटेनमेंट एरिया भी बढ़ गए हैं लेकिन यहां सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। लक्ष्मीनगर में रहने वाली पॉजिटिव महिला के घर शुक्रवार दोपहर 12 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और परिवार से जानकारी ली। तब तक यहां बैरिकेड भी नहीं लगाए थे। लोगों की आवाजाही चल रही थी। खानका वार्ड में संक्रमित महिला के घर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेड्स लगाकर इसे बंद कर दिया है लेकिन पूरी तरह सील नहीं किया। चिंचाला में जिस क्षेत्र में मरीज मिला, वहां शुक्रवार शाम तक स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची थी।

घर-घर हो रहा सर्वे
लगातार संक्रमित मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग का अमला घर-घर पहुंचकर लोगों की जानकारी जुटा रहा है। इसमें पूरे परिवार के स्वास्थ्य के साथ उनके संपर्क में आने वाले लोगों की भी जानकारी ली जा रही है।

27 अप्रैल को पहला मरीज मिलने के बाद 489 सैंपल की रिपोर्ट आई, इनमें 55 संक्रमित, पांच की मौत


शहर में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। 27 अप्रैल को पूर्व पार्षद संक्रमित मिले थे। इसके बाद से जिले में 489 सैंपल्स की जांच रिपोर्ट आई है। इनमें 55 पॉजिटिव मिले हैं। पिछले 12 दिन में ही ये 55 मरीज सामने आए हैं। संक्रमितों में से 5 की मौत हो चुकी है। एक मरीज ने शुक्रवार शाम को दम तोड़ा। संक्रमण की यह रफ्तार, आंकड़े और मौतें भयावह हैं।
संक्रमित मरीजों की जल्द पहचान के लिए सैंपलिंग बढ़ाना बहुत जरूरी है। जितनी जल्दी स्वास्थ्य विभाग मरीजों की पहचान कर सकेगा, उतनी जल्दी संक्रमण रोका जा सकेगा। इसकी रोकथाम के लिए इसकी चेन तोड़ना होगी। संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों को जल्द से जल्द ढूंढकर क्वारेंटाइन करना जरूरी हो गया है।

भेजे गए सैंपल्स की स्थिति
पहला कोरोना संक्रमित मिलने से पहले 160 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 27 अप्रैल तक 117 की रिपोर्ट जारी हुई थी। इसमें निजी अस्पताल में भर्ती मलकापुर की महिला और दाऊदपुरा के पूर्व पार्षद संक्रमित मिले थे। इसके बाद सैंपलिंग बढ़ाई गई और 591 सैंपल भेजे गए। इनमें से 489 की रिपोर्ट आई और 55 संक्रमित मिले।

अब तक भेजे गए सैंपल

751 सैंपल 8 मई तक भेजे गए।
606 सैंपल की रिपोर्ट अब तक आई।
547 सैंपल निगेटिव आए।
55 पॉजिटिव मिले, इनमें मलकापुर की महिला भी शामिल।
145 की रिपोर्ट आना बाकी।
04 रिजेक्ट हुए।

अब तक मिले पॉजिटिव मरीज

27 अप्रैल को 01

1 मई को 17

4 मई को 16

5 मई को 04

7 मई को 09

8 मई को 07

जिले में अब तक हुई मौत

29 अप्रैल- महिला
2 मई- मौलाना
3 मई- केला व्यापारी
5 मई- पूर्व पार्षद
8 मई- चिंचाला निवासी संक्रमित

कोरोना संक्रमित बोले- सामाजिक संस्था दे रही खाना, पानी से संक्रमण का खतरा

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को क्वारेंटाइन कर लिया है लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड व क्वारेंटाइन सेंटर के साथ ही आयुर्वेदिक कॉलेज में कोविड केयर सेंटर बनाया है। यहां कोरोना संक्रमित 34 मरीजों को रखा है। आयुर्वेदिक कॉलेज में एक ही सामूहिक शौचालय व बाथरूम है। बाथरूम में पानी की निकासी सही नहीं है। ऐसे में संक्रमित मरीजों में घबराहट है। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड व क्वारेंटाइर सेंटर में प्रबंधन से भोजन नहीं मिल रहा है। यहां सामाजिक संस्था सुबह-शाम भोजन के पैकेट पहुंचा रही है। सुबह-शाम की चाय व नाश्ता भी नहीं मिल रहा है।
आयुर्वेदिक कॉलेज के कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीज ने बताया सुना था यहां गर्म पानी और काढ़ा मिलेगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। पानी के चार-पांच रांजन रखे हैं। कोई भी किसी में से भी पानी ले रहा है। ऐसे में तो संक्रमण बढ़ेगा। ठीक होने वाले फिर संक्रमित होंगे। शौचालय और बाथरूम की भी यही स्थिति है।

मैं तो अपने घर से मंगवा रहा हूं खाना
मैं तो घर से खाना मंगवा रहा हूं। दिनभर में कोई पूछने भी नहीं आता। 8 दिन की गोलियां दी और समय बता दिया। अब बस वही खाना है। पीने के पानी के लिए वाटर कूलर है।
सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचा रहे हैं
नियमित भोजन, पीने और उपयोग का पानी, शौचालय, बाथरूम की अलग-अलग व्यवस्था है। मरीज जो चाहे मांग सकते हैं। हम उन्हें सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचा रहे हैं।
-डॉ. विक्रमसिंह वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, बुरहानपुर

अब तक यहां पॉजिटिव
दाऊदपुरा 13, मोमिनपुरा 7, राजीव वार्ड, चिंचाला, सिंधीपुरा 3-3, अख्तर कॉलोनी, आजाद नगर, जय स्तंभ, लक्ष्मी नगर, शनवारा, सलीम कॉलोनी में 2-2, बस स्टैंड, राजपुरा, आलमगंज, सरदार पटेल वार्ड, निंबोला, जैनाबाद, इंदिरा कॉलोनी, न्यू इंदिरा कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी, खानका वार्ड, संजय नगर में 1-1, सहित अन्य



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Three patients came in contact with the watchman, banana businessman, Maulana, the employee of the district hospital canteen also infected


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हरियाणा के पलवल में खोया दमोह के मजदूर का बेटा कटनी के विजयराघवगढ़ में मिला, ट्रक चालक छोड़कर भाग गया

हरियाणा के पलवल जिले से लापता हुआ दमोह के मजदूर का बेटा गुरुवार को कटनी के विजयराघवगढ़ के हरदिया गांव में मिल गया। ट्रक चालक बच्चे को मजदूरों के साथ गांव में उतार गया, जिसके बाद वहां के रोजगार सहायक अजय कुमार कचेर ने बच्चे का फोटो सहायकों के ग्रुपों में डाला तो दमाेह के रोजगार सहायकों ने दैनिक भास्कर में छपी खबर के आधार पर तुरंत उसे संज्ञान में लिया और बच्चे की फोटो उसके परिजनों को दिखाई तो तुरंत पहचान हो गई। पिछले दो दिन से रोजगार सहायक बच्चे को अपने पास रखे हुए है और परिजन उसे लेने के लिए दमोह विधायक राहुल सिंह की मदद से विजय राघवगढ़ रवाना हो गए हैं।


यहां पर बता दें कि जनपद दमोह के ग्राम पंचायत देवरी जमादार निवासी करन अहिरवार ने अपने बेटे महेंद्र अहिरवार 7 को पलवल जिले में एक ट्रक में बैठाया था, इस बीच अचानक पुलिस आ गई थी और ट्रक चालक भाग गया था। करन पलवल में पुलिस के साथ बेटे की खोजबीन में जुटा था। परिजनों ने दमोह में एसडीएम कार्यालय में आवेदन देकर बेटे की तलाश कराने की मांग की।


इधर बुधवार को देर शाम 4 बजे ट्रक चालक कटनी के विजयराघवगढ़ पहुंचा। इस बीच चालक ने ट्रक से कटनी के मजदूर उतारे तो महेंद्र भी उन मजदूरों के साथ नीचे उतरा। इस बीच ट्रक चालक भाग गया। बच्चे की सूचना मजदूरों ने हरदिया गांव के सल्लू सिंह को दी। सल्लू सिंह ने रोजगार सहायक अजय कचेर काे स्थिति से अवगत कराया। अजय ने तुरंत बच्चे का फोटो खींचा और प्रदेश स्तर पर ग्रुप में शेयर कर दिया। ग्रुप में जुड़े दमोह के रोजगार सहायकों ने बच्चे की पहचान कर ली। दरअसल भास्कर में 8 मई के अंक में हरियाणा के पलवल में खोया दमोह के मजदूर का बेटा, दो दिन से कुछ पता नहीं लगा शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित हुई थी। महेंद्र की फोटो देखकर रोजगार सहायकों ने तुरंत पहचान कर ली। परिजनों से संपर्क किया गया और चाचा दम्मू अहिरवार से बात कराई। जिस पर बच्चे ने भी तुरंत पहचान कर ली।

दमोह विधायक ने रोजगार सहायक से संपर्क करके बच्चे को सुरक्षित रखने की व्यवस्था कराई
रोजगार सहायक अजय कचेर ने बताया कि उनसे दमोह विधायक राहुल सिंह ने संपर्क किया है। उन्होंने बच्चे के लिए अपने पास रखने के लिए कहा है। जिला प्रशासन से अनुमति दिलाने के बाद बच्चे को लेने के लिए स्वयं का वाहन भेजने की बात कही है। गुरुवार को परिजन बच्चे को लेने के लिए दमोह से रवाना हो गए थे।



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Khoya Damoh's laborer's son found in Vijayaraghavgarh, Katni in Palwal, Haryana, truck driver ran away


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मजदूर बोले- योगीजी को हमारी चिंता कहां, सुना है बॉर्डर भी सील कर दी है

योगीजी हमारे प्रदेश के सीएम हैं तो क्या हुआ, उन्हें हमारी चिंता कहां है। सुना है एमपी-यूपी की सीमा भी सील कर दी है। घर जाने के लिए यहां से भी साधन नहीं मिल रहा है। इसलिए पैदल ही घर जा रहे हैं।
यह बात उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर जा रहे युवाओं ने कही। मुंबई में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 150 से ज्यादा युवक पैदल ही अपने घर के लिए निकले हैं। 10 दिन पैदल चलकर शुक्रवार को बुरहानपुर पहुंचे। महाराष्ट्र की लोनी बॉर्डर पर रुककर यहां से घर जाने के साधन की जानकारी ली। कर्मचारियों ने बताया उप्र की बॉर्डर सील कर दी गई है, इसलिए कोई वाहन नहीं जा रहा है। यहां से खाना और पानी लेकर सभी युवक आगे चल दिए। उन्होंने 500 किमी का लंबा सफर तय कर लिया है। गोरखपुर पहुंचने के लिए अभी एक हजार किमी और चलना है। घर जा रहे गजेंद्र यादव ने बताया हम सभी मुंबई में अलग-अलग स्थानों पर काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद से वहीं फंसे थे। लॉकडाउन लगातार बढ़ रहा है। आस थी कि उप्र सरकार हमें वापस ले जाने के लिए कुछ करेगी लेकिन कुछ नहीं किया। कोई साधन या सुविधा नहीं मिली तो पैदल ही घर के लिए निकल पड़े।



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The workers said - Where has Yogiji been concerned, we have heard that the border is also sealed.


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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 30 आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई, भेजा जेल

धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा का उलंघन करने पर जिले के विभिन्‍न थानों में 36 प्रकरण पंजीबद्ध कर 42 आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। कुम्हारी में नीरज दुबे, नरेंद्र यादव, बटियागढ़ में महेश अठया, पथरिया प्रमोद प्रजापति, बहादुर अहिरवार, मडियादो सिया सींग लोधी, पटेरा में सुनील, विनोद अहिरवार, सुरेंद्र अहिरवार, चंद्रभान पटेल, नीरज सोनी, श्रीराम अहिरवार, लोकेंद्र अहिरवार, असरफ खान, बटियागढ़ जमान खान, सोनू आदिवासी, संजू गड़रिया, वीरेंद्र आदिवासी, पथरिया अंबिका चौरसिया, जबेरा संजय प्रधान, संजय जैन, रज्जू लोधी, शिवराज लोधी, नोहटा सुरेंद्र आदिवासी, करन लोधी, बेजकुमार बंसल, रनेह में संतोष कोरी, गैसाबाद गोपाल लोधी, पुष्पेंद्र सिंह, कोतवाली में राजा खटीक, तेंदूखेड़ा केशव शर्मा, हिंडोरिया गोविंद अहिरवार, दमोह देहात तीरथ लोधी, हीरा लोधी, पुष्पेंद्र, मुलायम लोधी, राजेश लोधी, राजू पटेल, देवेंद्र पांडे, भूपेंद्र पटेल, गोलू पटेल, झलकन पटेल के विरूद्ध कार्रवाई की गई।



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टेक्सटाइल संचालक पावरलूम मालिक को देंगे प्रति लूम 1000 रुपए एडवांस

कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में आर्थिक संकट से जूझ रहे पावरलूम संचालकों के लिए राहत की खबर है। कलेक्टर ने टेक्सटाइल संचालकों को एक आदेश जारी किया है। इसमें उन्हें पावरलूम संचालकों को प्रति लूम एक हजार रुपए देने को कहा है।
पावरलूम बुनकर संघ के अध्यक्ष रियाज अहमद अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पावरलूम उद्योग से अधिकांश संचालक और मजदूर वर्ग मुस्लिम समाज से हैं। लॉकडाउन की वजह से सभी पर आर्थिक संकट गहरा रहा था। ऐसे में रमजान में सेहरी और इफ्तारी के लिए रुपए नहीं थे। जो कुछ जकात बंट रही थी, उससे गरीब लोग सुबह-शाम का गुजारा कर रहे थे। कारोबार बंद होने के कारण टेक्सटाइल संचालकों से कोई राहत नहीं मिल रही थी। टेक्सटाइल संचालकों से गुहार लगाई। टेक्सटाइल्स ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष कन्हैयालाल मित्तल कलेक्टर से मिले और स्थिति बताई। एसोसिएशन की सहमति के बाद कलेक्टर ने पावरलूम संचालकों के हित में आदेश दिया है। कलेक्टर ने निर्देश किया कि एसोसिएशन के सदस्य अपने अधीनस्थ पावरलूम संचालकों को प्रति लूम एक हजार रुपए का सहयोग दें, ताकि वे ईद मना सकें। बाद में छूट मिलने पर राशि का समायोजन किया जाए।



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Textile operators to give powerloom owner Rs 1000 per loom advance


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तालियां बजाकर लोग बोले- आप जल्द ठीक होकर लौटेंगे

कोरोना महामारी के बीच इससे संक्रमित मरीज का आंखों में आंसू ला देने वाला वाक्या सामने आया है। फूट-फूटकर रोते हुए कोविड केयर सेंटर जाते मरीज का लोगों ने हौंसला बढ़ाया। घर-आंगन, छत और गैलरी से लोगों ने तालियां बजाई। बोले सर आप जल्द ठीक होकर लौटेंगे। इसके बाद मरीज आंसू पोंछकर एंबुलेंस में बैठकर कोविड केयर सेंटर पहुंचे।
गुरुवार को शहर के 9 लोगों में संजय नगर के किराए के मकान में रहने वाले दापोरा बैंक के कैशियर अतुल मिश्रा की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। देरशाम उन्हें लेने के लिए एंबुलेंस पहुंची। एसआई शहाबुद्दीन कुरैशी ने उन्हें कोविड केयर सेंटर ले जाने की जानकारी दी। करीब आधे घंटे में अतुल ने बैग भरकर कपड़े लिए। वे बाहर निकले तो उनके पीछे मकान मालिक भी आ गए। उन्हें हौंसला दिया कि आप चिंता मत करो, हम कमरे को सैनिटाइज कर देंगे। अतुल रोड पर निकले तो फूट-फूटकर रोने लगे और घुटनों के बल रोड पर बैठ गए। जमीन पर माथा टेका और लोगों के हाथ जोड़े। इस पर क्षेत्रवासी बोले सर आप जल्द ठीक हो जाओगे। आपको कुछ नहीं हुआ है सर। हिम्मत रखो, बेस्ट ऑफ लक सर। आप जल्दी लौट आओगे। लोगों ने उनके लिए तालियां बजाई और ढांढस बंधाया। इस पर अतुल ने उठकर सबका अभिवादन किया और एंबुलेंस की ओर बढ़े। यहां से उन्हें सीधे आयुर्वेदिक कॉलेज के कोविड केयर सेंटर ले जाया गया।



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People said with applause - you will get well soon


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दो दिन से नहीं मिल रहा ई-पास, लोग बोले-ऑनलाइन नहीं, तो ऑफलाइन ही दिला दो

जिला मुख्यालय पर एडीएम कार्यालय में ई-पास जारी करने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसके बाद भी जरूरतमंदों को परेशान होना पड़ रहा है, पिछले दो दिन से ई-पास के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं, कार्यालय में पोर्टल काम नहीं कर रहा है, ऐसे में लोग कार्यालय पहुंचकर ऑफलाइन अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन अधिकारी देने से बच रहे हैं। यही कारण है कि दो दिन से एडीएम कार्यालय में लोगों की भीड़ जमा हो रही हैं।
दरअसल जिला मुख्यालय से देश भर में जाने के लिए अब भी करीब डेढ़ हजार लोगों को ई-पास के जरिए अनुमति प्रदान की जा रही है, बड़ी संख्या में लोग अभी भी आवेदन करने में लगे हैं और काफी हद तक अनुमित जारी भी की जा रही है, लेकिन दो दिन से आवेदन करने वालों को फार्म देने के बाद भी अनुमति नहीं मिल रही है।


पोर्टल बंद होने की वजह से लोगों को न तो मैसेज मिल रहे हैं और न ही ओटीपी। दमोह निवासी प्रीति वंशकार ने बताया कि उनका पति कटनी में गंभीर स्थिति में है, उन्हें पति का इलाज कराने के लिए जाना है, लेकिन दो दिन से अनुमति के लिए भटक रहे हैं, मिल नहीं पा रही है, कभी साइबर कैफे तो कभी एडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लिखकर आवेदन दिया था, तो अनुमति देने से मना कर दिया गया, बताया गया है कि ई-पास के माध्यम से ही अनुमति मिलेगी। लिखित में अनुमति नहीं दी जाएगी। एक अन्य व्यक्ति ने लिखित में आवेदन देकर बताया कि उसकी चार स्कूल बसें हटा, पथरिया, गढ़ाकोटा और पटेरा में खड़ी हैं, लावारिश खड़ी इन बसों को जिला मुख्यालय पर जाने के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। जबकि वहां पर बसों को लोग नुकसान पहुंचा रहे हैं।


हटा निवासी एसके जैन ने बताया कि उनके तीन रिश्तेदार पुणे में 45 दिन से फंसे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए कोई अनुमति नहीं मिल रही है। उन्होंने अब तक एडीएम, एसडीएम तक अपना आवेदन पहुंचा दिया है, लेकिन इसके बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। जबकि अनुमति मिलने पर जैन स्वयं दमोह से पुणे गाड़ी ले जाने के लिए तैयार हैं।


ऐसे करें ई-पास अप्लाई

mapit.gov.in कोविड-19 ई-पास एप में जिला, शहर, क्षेत्र, नाम, पता, सेवा का नाम, वाहन नंबर, आधार नंबर, तारीख, जिस जिले में जाना है, शहर, क्षेत्र, फोटो और पहचान पत्र के साथ ई-पास के लिए अप्लाई कर सकते हैं।


काउंटर में भीड़, सोशल डिस्टेंस भी नहीं
एडीएम कार्यालय में दूसरे राज्यों में जाने वालों को फॉर्म देने के लिए काउंटर बनाया गया है। उस काउंटर के सामने लाइन लगी हुई है, लेकिन वहां पर सोशल डिस्टेंस का भी पालन नहीं किया जा रहा है। एक पुलिस कर्मी तैनात किया गया है, जो स्वयं कुर्सी पर बैठा रहता है, व्यवस्थाएं बनाने वाला कोई मौके पर मौजूद नहीं रहता। यहां तक कि महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग काउंटर तक नहीं बनाए गए हैं। एक ही काउंटर हाेने के कारण दोनों को ही लाइन लगानी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में विवाद होते रहते हैं।


लॉकडाउन से छूट में राज्य से बाहर जाने वालों के लिए निर्देश

  • वोटर आईडी, राशन कार्ड, आधार कार्ड, फोटो।
  • वाहन चालक का लाइसेंस, आधार कार्ड, वाहन का पंजीयन प्रमाण-पत्र।
  • जिस संस्था या स्थान में पहुंचना है, ले जाना है वहां का पूर्ण पता।
  • स्थानीय पहचानकर्ता या कोई गवाह-वोटर आईडी, राशन कार्ड, आधार कार्ड।
  • जाने वाले व्यक्तियों की संख्या।
  • पुष्टि के लिए आवेदन पत्र-आवेदक को उपरोक्त दस्तावेजों के साथ निर्धारित आवेदन पत्र जमा करना है।


राज्य के बाहर जाने की अनुमति सिर्फ दो शर्ताें में

  • जिनके घरेलू रिश्तेदार/परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर।
  • मेडिकल जांच/ फॉलो-अप जांच के लिए।


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Not getting e-pass for two days, people said - if not online, get offline


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दीवारों पर लिखवाए सकारात्मक संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालीवाड़ा वार्ड की आंबेडकर बस्ती के स्वयंसेवकों ने अपने घरों पर कोरोना वायरस से बचाव के स्लोगन लिखवाए हैं। स्वयंसेवक ईश्वर महाजन, किरण महाजन, जितेंद्र महाजन और दशरथ महाजन ने यह पहल की है। स्वयंसेवकों के अनुसार नगर में कुछ संक्रमित व्यक्तियों के पाए जाने से सभी चिंता में हैं। ऐसे समय में हम मिलकर कुछ सकारात्मक संदेश दीवारों पर लिखकर समाज का मनोबल बढ़ाएं। इसी उद्देश्य से “कोरोना से मुक्ति-भारत की युक्ति”, “कोरोना हारेगा-बुरहानपुर जीतेगा”, “घर में रहें-सुरक्षित रहें”, “हम सब ने ठाना है- कोरोना को भगाना है’, “आओ हम सब प्रण करें- कोरोना को जड़ से खत्म करें”, “लॉकडाउन का पालन करें” जैसे संदेश दीवारों पर लिखवाए हैं।



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Get positive messages written on the walls


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लापरवाही करने वालों पर जुर्माना लगाया, बिना मास्क लगाए निकलने पर युवक को कोतवाली भेजा

शहर में लॉकडाउन में बाजार खोलने की छूट दी गई है। लोग खरीदी करने घरों से निकल रहे हैं। लेकिन लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों एवं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से बिना मास्क लगाए घरों से न निकलने की समझाइश दी जी रही है। बावजूद लोग नहीं समझ रहे हैं। शुक्रवार को उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई।


जिला प्रशासन, नगर पालिका, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने सख्ती से पालन कराना शुरू कर दिया। सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर जुर्माने की कार्रवाई शुरू की गई है। घंटाघर के समीप एक कपड़े की दुकान के बाहर गुटखा थूकते हुए पवन पिता स्व. तेजराम रैकवार को पकड़ा एवं नगरपालिका अधिनियम के तहत एक हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। सीएमओ कपिल खरे ने बताया अब रोज नगर पालिका की टीम द्वारा शहर के हर क्षेत्र में घूमकर इस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। इसीलिए सभी से अपील है कि संक्रमण के काल में गुटखा खाकर किसी भी स्थान पर न थूकें। चालानी कार्रवाई स्वास्थ्य अधिकारी जावेद खान द्वारा की जाएगी।


सीएसपी ने बाइक चालक को कोतवाली पहुंचाया
संक्रमण काल में बिना मास्क लगाए घरों से बाहर नहीं निकलने के लिए लोगों को लगातार समझाइश दी जा रही है। लेकिन लोग नहीं समझ रहे हैं बड़े तो लापरवाही बरत ही रहे हैं, बच्चों को भी खतरे में डाल रहे हैं। शुक्रवार को बाजार में बिना मास्क लगाए महिलाएं-बच्चे घूमते रहे। वहीं एक बाइक चालक युवक बिना मास्क लगाए घंटाघर चौराहा से जा रहा था, जिसे मौके पर मौजूद सीएसपी मुकेश अबिद्रा ने रोककर कोतवाली पहुंचाया। जिसके विरुद्ध कार्रवाई की गई। वहीं एक बाइक पर बैठकर जाने वाले दो लोगों में से एक को नीचे उतरवाया गया।



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Penalized the negligents, sent the young man to the police station without a mask


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अलग-अलग वस्तुओं का मार्केट एक निर्धारित समय पर खोला जाए

जिला कांग्रेस कार्यालय में प्रकोष्ठों की बैठक जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय टंडन की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सभी ने अपने-अपने सुझाव दिए। कोरोना वायरस महामारी को लेकर पिछले 45 दिन से लॉकडाउन चल रहा है। दमोह जिले के साथ शहर को ग्रीन जोन बनाए रखने के लिए जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपने सुझाव दिए।


अजय टंडन ने कहा कि अमेरिका में काेराेना महामारी ने भयावह रूप ले लिया और मध्यप्रदेश में भी भाजपा कांग्रेस की सरकार गिराने में मशगूल थी अगर समय रहते सतर्कता बरती जाती तो यह महामारी मध्यप्रदेश में इतनी नहीं फैली पाती। कांग्रेस के वरिष्ठ तेजीराम रोहित, सतीश जैन, मनु मिश्रा, वीरेंद्र दबे, यशपाल ठाकुर, राशू चौहान, निधि श्रीवास्तव, आशुतोष शर्मा, मंजीत यादव ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि लाॅकडाउन को लेकर जो तिथि निर्धारित होती है उन्हें ही यथावत रखा जाए। किसी के दबाव में बार-बार न बदला जाए। पूरा मार्केट एकदम न खोल कर अलग-अलग वस्तुओं का मार्केट एक निर्धारित समय पर खोला जाए एवं शराब दुकानों को भी इन्हीं दुकानों की तर्ज पर निर्धारित समय दिया जाए। जिसमें सोशल डिस्टेंस भी बना रहेगा और लाॅकडाउन का पालन भी होगा। इस मौके पर अन्य कार्यकर्ताओं ने अपने सुझाव दिए।



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Market of different items to be opened at a specified time


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माॅडल एक्ट का कर्मचारी ने किया विरोध, पुनर्विचार करने उठाई मांग

मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस कृषि उपज मंडी कर्मचारी महासंघ द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री मप्र शासन एवं कृषि मंत्री के नाम प्रबंध संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड को सौंपा गया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है मप्र शासन द्वारा अध्यादेश जारी कर प्रदेश की समस्त मंडियों में मॉडल एक्ट लागू कर दिया गया है। जिसमें मंडी के अधिकारी कर्मचारियों का कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।


मंडी प्रांगण के बाहर व्यापारियों द्वारा एक ही लाइसेंस से पूरे प्रदेश में किसानों के घर घर जाकर कृषि उपज क्रय की जाएगी। जिसके भुगतान तौल हम्माली की कोई व्यवस्था मंडियों द्वारा नहीं की जाएगी। जिसका समस्त कर्मचारी विरोध करते हैं एवं माडल एक्ट 2017 पर पुनर्विचार कर लागू किए जाने की मांग करते हैं। साथ ही उल्लेख किया गया है मप्रराज्य कृषि विपणन बोर्ड मंडी समिति सेवा के कर्मचारी सभी को राज्य शासन सेवा के कर्मचारी मानते हुए शासन के कर्मचारी की भांति वेतन पेंशन जीपीएफ जीवन बीमा का लाभ ले सके। मंडी बोर्ड को संचालनालय बनाकर डायरेक्ट बनवाकर लाभ दिया जाए। परिवार के भविष्य को देखते हुए उन्हें शासकीय कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया। एक्ट से असमंजस की स्थिति बनी हुई है इसमें किसको फायदा होगा या नुकसान।



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एसडीओपी के खिलाफ हुई शिकायत की जांच करने हटा पहुंचे एएसपी

एसडीओपी सरिता उपाध्याय द्वारा ब्राह्मण समाज के एक युवक के साथ कि गई मारपीट की शिकायत की जांच करने एएसपी विवेक लाल हटा पहुंचे। जहां पुलिस थाने की नई बिल्डिंग में प्रकरण के फरियादी और गवाहों से चर्चा कर शिकायत की पुष्टि की। इस दौरान पिटाई के विरोध में ज्ञापन देने वाले सर्वब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों को भी तलब किया गया और उनकी मंशा जानी।


शिकायतकर्ता हरिकृष्ण ने घटना के बारे में विस्तार से अधिकारी को बताया और बयान दिए कि उन्हें बेकसूर होने के बावजूद न केवल पीटा गया, बल्कि गलत प्रकरण भी दर्ज किया गया। सर्व ब्राह्मण समाज की ओर से हरिराम पांडेय, अमिताभ चतुर्वेदी, डॉ. मनोज तिवारी ने एसडीओपी सरिता उपाध्याय द्वारा लॉकडाउन की अवधि में निर्दोषों के साथ की गई पिटाई की बिंदुवार जानकारी दी। एएसपी लाल ने कहा कि प्रकरण की जांच एसपी हेमंत चौहान के निर्देश पर की जा रही है। जिसमें दोनों पक्षों के बयान लेकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।



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ASP removed to investigate complaint against SDOP


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भाजपा युवा मोर्चा ने पूर्व वित्तमंत्री को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

भारतीय जनता युवा मोर्चा ने मुख्यमंत्री के नाम प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कोरोना संक्रमण के इस दौर में लगातार काम कर रहे पत्रकारों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई।


प्रमोद विश्वकर्मा ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में काम कर रहे पत्रकार आज अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में भी खबरों को जनता तक पहुंचाने का काम बखूबी कर रहे हैं, ऐसे में पत्रकारों को कोरोना वारियर्स का दर्जा मिलना चाहिए साथ में कोरोना फाइटर्स को मिलने वाले बीमा कवर तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध की जानी चाहिए। संक्रमण की संभावना को देखते हुए प्रदेश में जिला स्तरीय स्पेशल पत्रकार स्वास्थ्य शिविर लगाकर आवश्यक जांच की जाए एवं उन्हें पीपीई किट, हैंड सैनिटाइजर, एन 95 मास्क, हेड कवर आदि भी सरकार प्रदान करें। पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि वे आज ही मुख्यमंत्री से इस विषय में चर्चा कर पत्रकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।


इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव, जिला महामंत्री रमन खत्री के साथ भाजयुमो के जिला अध्यक्ष प्रमोद विश्वकर्मा, भारत यादव, विवेक अग्रवाल, अभिषेक राय, मोनू चौरसिया, प्रियंक सिंह, मनीष असाटी, दीपक केशरवानी, सौरभ विश्वकर्मा, पंकज जडिया उपस्थित थे।



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अन्य प्रदेशों से मजदूरों का आना जारी, सोशल डिस्टेंस का नहीं हो रहा पालन

लॉकडाउन के बीच अन्य प्रदेशों में काम कर रहे मजदूरों का लगातार अपने गांव आना जारी है। पहले चरण में बहुत से मजदूर वापिस आए और उनकाे जांच परीक्षण कर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया, फिर यह क्रम धीरे-धीरे कम होता गया, लेकिन अब शासन द्वारा प्रदेश के बाहर फंसे मजदूरों को उनके गृह ग्राम वापस लाने लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं।


पिछले एक सप्ताह में हटा एवं आसपास के ग्रामों में लगभग 600 मजदूरों की गृह नगर वापिस दर्ज की गई है। हटा में चिकित्सालय में मेडिकल जांच के दौरान ही उन्हें चंडीजी मंदिर से भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पलवल हरियाणा से खमरिया ग्राम के लिए हुकुम सहित 11 सह यात्री पैदल ही हटा पहुंचे और मेडिकल जांच कराई। ग्राम सरपंच धर्मेंद्र सिंह को सूचना मिलने पर अपना ट्रैक्टर लेने हटा भेजा। इसी प्रकार जामनगर गुजरात से 6 सदस्य रनेह ग्राम जाने के लिए हटा पहुंचे। जामनगर से ही पवई जाने के लिए निकले 4 सदस्यीय मजदूरों के दल को हटा में मेडिकल जांच एवं भोजन के पैकेट देकर उपनिरीक्षक अभिषेक चौबे द्वारा उनके गृह ग्राम भेजा गया। इसी तरह बीती रात मुंबई से होकर इलाहाबाद तक साइकिल से जा रहे 17 युवा मजदूरों को भी बीती रात चंडीजी मंदिर में रोककर भोजन की व्यवस्था की गई। चंडीजी मंदिर में तैयार भोजन के पैकेट विनीत दवे, सौरभ नेमा, सुनील सोनी, राकेश साहू, बद्री नामदेव द्वारा मजदूरों को वितरित किए गए। कुछ मजदूरों को स्थानीय डाइट में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है जिनका भी मेडिकल परीक्षण किया गया है।


कराया जा रहा स्वास्थ्य परीक्षण
सीबीएमओ पीडी करगैया ने बताया कि अभी जितने भी लोग अन्य प्रदेशों से आ रहे हैं। उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में 124, 116, 70 मरीज अस्पताल पहुंचे और उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

सुबह 6 बजे मालवाहक से पहुंचें 35 मजदूर
शुक्रवार की सुबह 6 बजे हटा बस स्टैंड पर एक छोटे मालवाहक से 35 मजदूर उतरे। मजदूरों ने बताया कि वह राजस्थान से दमोह तक आए हैं। यहां से मालवाहक में पन्ना जा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि आप लोग सोशल डिस्टेंस का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि यह हमारी मजबूरी है कि इतने छोटे वाहन में पास-पास तो रहना ही पड़ेगा। उन्होंने बताया कि हम लोग जिन तकलीफाें से होकर यहां तक आए हैं, वह सबसे बड़ी है। अब अपने गांव जा रहे हैं, जहां पर कुछ समय सुकून से जी सकेंगे। चाय पीने के बाद सभी मजदूर पन्ना की ओर चले गए।



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Workers continue to come from other states, social distance is not being followed


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बेकार पड़ी चीजों से युवक ने बनाया किचिन गार्डन, ताकि सेहत के साथ-साथ पर्यावरण भी रहे शुद्ध व सुरक्षित

यदि आपको हरियाली से प्यार है और आप छोटा सा ही सही, लेकिन अपना गार्डन चाहते हैं तो यह बेशक मुमकिन है। जगह की कमी के बावजूद आप बेहतर किचिन गार्डन बना सकते हैं। यह करके दिखाया जनपद जबेरा के समीपी छोटे से स्मार्ट गांव के शिक्षित युवा अनुज वाजपेयी ने। जिन्होंने अपने छोटे भाई अजय और हर्ष के साथ मिलकर लॉकडाउन के फुर्सत के समय का सदुपयोग किया और घर में गार्डन बनाने का सपना पूरा किया।


सबसे पहले घर के पीछे आधे एकड़ भूमि जहां पर गाजर घांस की वजह से बेकार पड़ी हुई थी, वहां पर मेहनत करके साफ किया। इसके बाद बेकार पड़े मिट्‌टी के गमले, टूटे हुए पाइप के टुकड़े में टमाटर, धनिया, अदरक, पालक, मिर्ची एवं कई प्रकार के फूल वाले पौधे लगाए। जिससे वहां पर एक बढ़िया किचन गार्डन तैयार हो गया। खास बात यह कि किचिन गार्डन तैयार करने रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते हुए गोबर की खाद का उपयोग किया गया है। ताकि सेहत के साथ-साथ पर्यावरण शुद्ध व सुरक्षित रहे।



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Youth built kitchen garden from idle things


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शराब पीने के बाद अधेड़ की मौत से बवाल, दुकान व आबकारी अधिकारी की गाड़ी तोड़ी

एंडोरी गांव में शराब पीने के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई। रामकिशोर उर्फ बड़े लला (50) पुत्र किंदर सिंह तोमर का शव शुक्रवार दोपहर देशी शराब की दुकान से 10 मीटर दूर मिला। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों का आरोप था कि बड़े लला की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। उन्होंने एंडोरी स्थित देशी शराब की दुकान में तोड़फोड़ कर दी। सूचना मिलने पर सहायक जिला आबकारी अधिकारी एसएम खान मौके पर पहुंचे ताे लाेगाें ने उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी। आबकारी विभाग ने देशी शराब के क्वार्टर में से शराब के सैंपल लिए हैं। वहीं ग्रामीणाें की मांग है कि गांव से शराब दुकान हटाई जाए। अधिकारियों की समझाइश के बाद परिजन ने करीब साढ़े तीन घंटे बाद शव उठने दिया।



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लोगों को समझाते अधिकारी।


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ग्राम खड़ेरी के मंडी परिसर में बनाए गए गेहूं खरीदी केंद्र पर खरीदी गए गेहूं का नहीं हो रहा है परिवहन

ग्राम खड़ेरी के मंडी परिसर में बनाए गए गेहूं खरीदी केंद्र में बीते एक पखवाड़े से खरीदी का कार्य जोरों पर चल रहा है। जिससे पूरे परिसर में गेहूं की बोरियां रखी हुईं हैं, लेकिन इनका परिवहन न होने के कारण अब मंडी में गेहूं रखने के लिए जगह नहीं बची है। जिससे रोजाना गेहूं लेकर आने वाले किसानों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

दरअसल खड़ेरी में दो खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें एक केंद्र में अब तक 9713 क्विंटल एवं दूसरे केंद्र में 10715 क्विंटल गेहूं का परिवहन हुआ है। जबकि यहां पर रोजाना बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं। जिससे केंद्र में गेहूं तुलाई करने के बाद उसे सुरक्षित रखने की जगह नहीं हैं। जबकि रोजाना मौसम बदलने के कारण बारिश का डर बना हुआ है। यदि तेज बारिश होती है तो केंद्र में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग जाएगा, वहीं गेहूं का समय पर परिवहन न होने पर तुलाई का काम नहीं हो पा रहा है। किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि जल्द से जल्द परिवहन किया जाए। गौरतलब है कि बीते सप्ताह कलेक्टर तरूण राठी ने भी खड़ेरी केंद्र का जायजा लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए थे, इसके बावजूद भी परिवहन में लापरवाही बरती जा रही है।

तुलाई के एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ भुगतान
गेहूं खरीदी के एक पखवाड़ा बाद भी किसानों का भुगतान नहीं हुआ है। किसान राकेश जैन, मोती एरार, सोनू जैन, रूपविशाल दुबे ने बताया हम लोग द्वारा अपने गेहूं की तुलाई कराए एक पखवाड़ा बीत गया है, लेकिन अभी तक खातों में राशि नहीं आई है। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा भुगतान में देरी करने से किसानों को बार-बार बैंकों के चक्कर काटना पड़ रहा है। वर्तमान समय में लॉकडाउन खुलने के बाद किसानों को खरीदी के लिए पैसों की जरूरत है। इस संबंध में नॉन प्रबंधक एके त्रिवेदी का कहना है कि कल ही दिखवाते हैं कि परिवहन में देरी क्यों हो रही है।



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Wheat purchased at the Mandi campus of village Khadri is not transported to the wheat purchased at the center


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विवाद के बाद पुलिस को बुलाया तो डायल 100 के आरक्षक ने की मारपीट

नगर के वार्ड 1 की महिला शिक्षक ने डायल 100 के आरक्षक पर पाइप से मारपीट करने के आरोप लगाए है। घटनाक्रम दो दिन पहले का है। शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक को सोशल मीडिया के माध्यम से व एसडीओपी को लिखित शिकायत की गई है। पुलिस आरक्षक ने आरोपों को निराधार बताया है।
शिक्षक मालती पति संजू ने बताया 5 मई मंगलवार को उसका सास के साथ विवाद हो गया था। गुस्से में 100 डाॅयल को शिकायत की। 100 डॉयल के आरक्षक राजेश जायसवाल ने गाड़ी से उतरने ही जातिसूचक शब्दों के साथ गालीगलौज शुरू कर दी। गाड़ी में से पाइप निकालकर पीटा भी। हाथ में चोट आ गई। 7 साल के बेटे को भी सिर में चोट आई है। आरक्षक ने शिकायत नहीं करने का दबाव भी बनाया। शुक्रवार को शिकायत के बाद पुलिस ने मेडिकल करवाया है। एसपी सुनील पांडेय ने शिकायत की जांच कराने की बात कह रहे हैं।

आरक्षक बोला-समझाइश दी, मारपीट नहीं की
इस मामले में आरक्षक राजेश जायसवाल ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा 5 मई की शाम 5 बजकर 3 मिनट पर शिकायत मिली। करीब 5.15 बजे घर पहुंचे। महिला की शिकायत थी कि उसका पति मारपीट करता है। दोनों को समझाइश दी गई। पति को आगे से ऐसी हरकत करने पर थाने में बंद करने की हिदायत दी गई। कोई मारपीट नहीं की गई। वाहन चालक नरेंद्र पंवार ने कहा केवल समझाइश दी थी। किसी से मारपीट नहीं की।

जांच के निर्देश दिए हैं
महिला की शिकायत मिली है। एसडीओपी को मामले की जांच व कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
- सुनील कुमार पांडेय, एसपी खरगोन

तालाब किनारे भट्‌टी लगाकर बना रहे थे शराब, आबकारी ने कार्रवाई की
खरगोन में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में मदिरा दुकानें बंद होने से जिले में अवैध हाथभट्टी शराब का निर्माण, संग्रहण, परिवहन व बिक्री तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते शुक्रवार का खरगोन व भीकनगांव में दो लाख की शराब पकड़ी है। प्रभारी सहायक आयुक्त हर्षवर्धन राय ने बताया खरगोन के पीपरी तालाब किनारे हाथ भट्‌टी शराब बनाने वालों पर कार्रवाई की है। इसी तरह भीकनगांव के सुरपाल बेड़ी में भी शराब बनाई जा रही थी। दोनों स्थानों से 340 लीटर हाथभट्टी शराब जब्त की गई। साथ ही करीब 4500 किलोग्राम महुआ लहान मौके पर विधिवत नष्ट किया गया। सहायक आबकारी अधिकारी आरएस राय ने बताया कि दो केस दर्ज किए हैं। जब्त सामग्री का मूल्य करीब 2 लाख 59 हजार रुपए है।



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When the police were called after the dispute, the dial 100 constable beat up


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नशे में अस्पताल पहुंचा व्यक्ति, मेडिकल स्टॉफ से की अभद्रता

लॉकडाउन के बाद जैसे ही शराब दुकानें खोलने का आदेश हुआ, लोग शराब लेने टूट पड़े। जिसका परिणाम यह हुआ कि आम दिनों से ज्यादा लॉकडाउन के दिनों में शराब की दुकानों में भीड़ देखने को मिल रही है। जल्दी लेने के चक्कर में लोग सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और दुकान के सामने बने गोलों में खड़े न होकर बिक्री काउंटर पर एक साथ खड़े हो रहे हैं।


वहीं कुछ शराब के आदि लोग शराब पीकर सार्वजनिक स्थानों पर उत्पात मचा रहे हैं। बीते दिनों एक व्यक्ति शराब पीकर जबेरा स्वास्थ्य केंद्र रात में पहुंच गया और वहां तैनात नर्सों के लिए अभद्रता पूर्ण शब्द बोलकर उत्पात मचाता रहा। जिसकी जानकारी वहां पदस्थ डॉ. बहादुर सिंह को लगी तो उन्होंने उस व्यक्ति की सूचना जबेरा पुलिस थाने में दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को उठाकर थाने ले गई। इस प्रकार शराब की दुकान खुलने के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। और समाज की शांति व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस प्रशासन को दो तरफ मेहनत करनी पड़ रही है।


एक ओर वह लॉकडाउन का अच्छे से पालन हो इसके लिए दिन भर मेहनत करती है, वहीं दूसरी ओर इन शराबियों को नियंत्रित करने में परेशान हो रही है। नगर के वरिष्ठजनों का कहना है कि सरकार ने शराब की दुकानें तो खोल दीं, लेकिन शराबी तत्व फिर से सड़कों पर हिलते-डुलते एवं चिल्लाते नजर आने लगे हैं। पुलिस को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए, ताकि नगर का माहौल खराब न हो।


जबेरा सामुदायिक केंद्र में पदस्थ डॉ. बहादुर सिंह का कहना है कि एक शराबी रात्रि में स्वास्थ्य केंद्र में उत्पात मचा रहा था। उसकी सूचना पुलिस को दे कर उसके हवाले कर दिया था।



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बाइक भिड़ंत में धूलकोट के पूर्व सरपंच की मौत, एक घायल

तेज गति के कारण दो बाइक में भिड़ंत हो गई। इस हादसे में ग्राम के पूर्व सरपंच जगदीश चमारिया सोलंकी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अन्य बाइक पर सवार व्यक्ति घायल हुआ है। जानकारी के अनुसार पूर्व सरपंच सोलंकी शुक्रवार शाम करीब 6.15 बजे बाइक (एमपी10एमआर-9114) से गांव लौट रहे थे। इसी दौरान ग्राम पिपल्याबावड़ी में सामने से आ रही बाइक (एमपी10एफ-8972) से टक्कर हो गई।
घटना के बाद राहगीरों ने दोनाें को सड़क पर पड़ा देख एंबुलेंस वाहन को सूचना दी। घायल कोजिला अस्पताल ले गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।



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Former sarpanch of Dhulkot killed in bike collision, one injured


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चार साल के बच्चे ने रखा 15 घंटे का रोजा, मांगी दुआ दुनिया से खत्म हो जाए कोरोना

रमजान के पवित्र माह में बहुत से लोग रोजा रखते हैं। रोजा रखना कठिन होता है, क्योंकि सेहरी के बाद इफ्तार तक रोजेदार न तो कुछ खा सकता है और न ही कुछ पी सकता है।
फुटेरा निवासी आरिफ हुसैनी के 4 साल के पुत्र मोहम्मद आतिफ हुसैनी ने भी रोजा रखा है। आतिफ हुसैनी के दादा अकबर हुसैनी द्वारा बताया गया कि लगातार मेरा नाती रोजा रखने जिद कर रहा था, तो हम लोगों ने उस मना किया लेकिन जब उसने अधिक जिद की तो परिवार के सभी लोगों ने रोजा रखने की जिद मान ली और रोजा रखने दिया। इस प्रकार आतिफ हुसैनी का 4 साल की उम्र में पहला रोजा पूरा हुआ। बच्चे ने राेजा रखने के दाैरान दुनिया से काेराेना काे खत्म करने की दुआ मांगी।

इस माह में की गई इबादत का फल बाकी के महीनों से 70 गुना अधिक
जामा मस्जिद के इमाम हाफिज नईम मदारी के अनुसार 610 ईसवी से रमजान का पवित्र माह मनाया जाता है। कुरान में इस बात का जिक्र है कि रमजान माह में अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद साहब को अपने दूत के रूप में भेजा था। इस माह में की गई इबादत का फल बाकी के महीनों से 70 गुना अधिक मिलता है, रोजे रखने के दौरान रोजेदार खाने के बारे में नहीं सोच सकता है, साथ ही उसे पूरे दिन मन को साफ रखना होता है। वह किसी की बुराई नहीं कर सकता है। रोजेदार अपने दांतों में फंसे हुए खाने के टुकड़े को भी नहीं निगल सकता है। सूर्य ढलने के बाद ही भोजन किया जाता है। रोजे का अर्थ खाने पीने से भूखा प्यासा रहना नहीं है। बल्कि आंख, कान और जुबान का भी रोजा होता है, इस दौरान न तो उसे गलत देखना चाहिए, न गलत बोलना चाहिए और न ही गलत सुनना चाहिए।



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सामाजिक दूरी भूले, बैंक के सामने लगाई भीड़

ये फोटो शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे का है। राधावल्लभ मार्केट की एक बैंक के सामने लोग रुपए निकालने के लिए भीड़ में खड़े हो गए। गार्ड के बार-बार समझाईश के बाद भी लोग नहीं माने।
जमा व निकासी पर्ची भरने के लिए एक व्यक्ति के पास भीड़ लगती रही। मंडी कार्यालय स्थिति एक बैंक को छोड़ लगभग हर बैंक के सामने यह स्थिति बन रही है। कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी आवश्यक है, भीड़ में कौन कोरोना पॉजिटिव है, यह चिन्हित नहीं किया जा सकता, बावजूद इसके लोग कोरोना को निमंत्रण दे रहे हैं।
सब्जी मंडी स्थित स्टेट बैंक की शाखा और राधावल्लभ मार्केट स्थित बैंक ऑफ इंडिया के सामने ग्राहकों के लिए टेंट की व्यवस्था की है। यहां पर रुपए की निकासी के लिए ग्राहक धूप में ही खड़े होते थे, अब यहां पर टेंट लगाया है।



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Forget social distance, crowd in front of bank


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कैशियर के संपर्क में आए लोगों की बुरहानपुर ले जाकर जांच की

जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों में से एक दापोरा के बैंक में कैशियर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। शुक्रवार को विभाग का अमला दापोरा पहुंचा। कैशियर के संपर्क में आए लोगों को बुरहानपुर ले जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की गई। शाहपुर थाना प्रभारी जितेंद्रसिंह यादव ने बताया गांव में आने-जाने वाले सभी लोगों पर नजर रखी जा रही है। सभी से लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन कराया जा रहा है।



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Checked the people who came in contact with the cashier by taking them to Burhanpur


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कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए 31 दिन से किया जा रहा रुद्राभिषेक

कोरोना महामारी की मुक्ति के लिए दशहरा मैदान स्थित नाग चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में 31 दिन से लगातार रुद्राभिषेक किया जा रहा है। अल सुबह स्नान करके 6 बजे से पं. धर्मेंद्र शर्मा, हेमंत अंबिया दोनों मंदिर में पहुंच कर शिव महादेव जी का रूद्राभिषेक कर रहे हैं। जो सुबह 8 बजे तक चलता है। हेमंत अंबिया ने बताया जिस तरह समुद्र मंथन में निकले विष का पान कर महाकाल ने जीवों की रक्षा की थी वैसे ही बार महादेव विश्व कल्याण के लिए विषैले कोरोना वायरस का अंत करेंगे। लॉकडाउन जब तक चलेगा। हम लगातार रूद्राभिषेक करके भगवान से इस महामारी से मुक्ति के लिए प्रार्थना करेंगे।



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Rudraabhishek has been done for 31 days to get rid of corona virus


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आयुर्वेदिक पद्धति से होगा कोरोना वायरस से मुकाबला, सरकार ने शुरु की जीवन अमृत योजना

कोरोना संकट के दौरान आम लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहे। कोरोना वायरस का प्रभाव न पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री ने जीवन अमृत योजना शुरू की। जिससे प्रदेश कोरोना से मुक्त होगा। इस योजना के तहत सरकार कोरोना से शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाने वाला काढ़ा वितरित कर रही है।
शुक्रवार को पुलिस थाने परिसर पर ब्लाॅक आयुष विभाग नोडल अधिकारी डॉ. अंसार कुरैशी ने त्रिकूट चूर्ण वितरण कर योजना की शुरुआत की। पुलिसकर्मी, नपा के कोरोना योद्धाओं की रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए वितरित किया गया। उन्होंने बताया अभी ड्यूटी करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को दिया जा रहा है। इसके बाद डोर टू डोर पहुंच कर लोगों को निःशुल्क यह काढ़ा वितरित किया जाएगा। संकट की घड़ी में जीवन अमृत योजना आम लोगों के लिए वरदान सिद्घ होगी।



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The Ayurvedic system will combat the corona virus, the government started the Jeevan Amrit Yojana


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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हर घर में बंटेगी दवाई

कोरोना महामारी से बचाव के लिए आयुष विभाग की जीवन अमृत योजना का गुरुवार को भीकनगांव व गोगावां में शुभारंभ हुआ। योजना के तहत नगर व गांवों के घर-घर तक त्रिकटु चूर्ण काढ़ा व संशमनी वटी का वितरण किया जाएगा। आयुष विभाग का दावा है कि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। भीकनगांव के नप परिसर में अध्यक्ष दीपक ठाकुर ने 15 वार्ड के परिवाराें को वितरित होने वाली दवाई के पैकेट दिए। सीएमओ मनोज गंगराड़े, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि नकुल कापसे, डॉ. रूपेंद्र मंडलोई, डॉ. सुरेश मुकाती, डॉ. सरोज वर्मा, डॉ. मनीषा आर्से सहित पार्षद व पैरामेडिकल स्टॉफ सदस्य मौजूद थे। गोगावां में सीईओ रोहित पचौरी की मौजूदगी में ब्लॉक नोडल अधिकारी डाॅ. मुकेश कुमार सैते ने योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा ब्लॉक के हर घर में दवाई बांटी जाएगी। डॉ. भरतभूषण मनाग्रे, उदय पाटीदार, देवेंद्र यादव, बाबूलाल पटेल आदि मौजूद थे। डॉ. सैते ने बताया गुरुवार को आयुर्वेद औषधालय ठिबगांव ने “प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाओ कोरोना भगाओ’’ का लक्ष्य लेकर इंदिरा आवास में 117 लोगों को दवाई का वितरण कर उपयोग की विधि, मात्रा, सेवन करने से लाभ, सावधानियों की जानकारी दी।

पहले व दूसरे लॉकडाउन में भी हुआ था वितरण
डॉ. सैते ने बताया प्रथम लाॅकडाउन के बाद जपं से मिली सूची के अनुसार बाहर से आए मजदूर परिवारों को त्रिकटु चूर्ण, संशमनी वटी व आर्सेनिक एल्बम 30 का वितरण किया था। दूसरे लॉकडाउन में हर पंचायत के घर-घर जाकर दवाई बांटी गई। अब तीसरे लॉकडाउन में जीवन अमृत योजना के तहत त्रिकटु चूर्ण के पैकेट व संशमनी वटी का वितरण मंगलवार से शुरू किया है ताकि कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बरकरार रखी जा सके।



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Medicines will be distributed in every household to increase immunity


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गांवों में पहुंचे कलेक्टर-एसपी, लाॅकडाउन की स्थिति देखी

गांवों में लाॅकडाउन की स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को कलेक्टर प्रवीण सिंह ने नेपानगर सहित आसपास के दर्जनों गांवों का दौरा किया। उनके साथ एसपी बीएस बिरदे भी थे। कलेक्टर द्वारा नगर की सुरक्षा व्यवस्था और आम नागरिकों की सुविधाओं की जानकारी एसडीएम विशा माधवानी से ली। नगर के थाने, एसडीएम कार्यालय और यहां बनाए गए अस्थायी क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान यहां गुजरात से पहुंचे मांडवा के मजदूरों को 14 दिन घर मे ही रहने की सलाह दी।
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बताया दौरे का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की स्थिति का जायजा लेना था। ग्रामीणों की क्या जरूरतें हैं, क्या-क्या परेशानियां आ रही हैं, इसका आकलन किया है। साथ ही लॉकडाउन का पालन करवा रहे कोटवार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत सचिव और पुलिस-प्रशासन की और से फील्ड में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए यह दौरा किया है।

किताबों में पढ़ा था था नेपा में है कागज का कारखाना
नेपानगर के दौरे पर आए कलेक्टर ने एसडीएम कार्यालय का निरीक्षण किया तो उन्होंने एसडीएम विशा माधवानी से पूछा किताबों में जिस नेपा लिमिटेड कागज कारखाने के बारे में पड़ते थे ये वही नेपानगर है। एसडीएम माधवानी ने हां कहा तो कलेक्टर के चेहरे पर मुस्कान आ गई। उन्होंने नेपा लिमिटेड के बारे में जानकारी ली। एसडीएम ने नेपा लिमिटेड को लेकर वर्तमान व पूर्व की विस्तृत जानकारी कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने आगे कभी मिल देखने की इच्छा जताई। इस दौरान तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर, एसडीओपी एसआर सेंगर, नायब तहसीलदार परवीन अंसारी, थाना प्रभारी पीके मुवेल, नगर पालिका सीएमओ राजेशकुमार मिश्रा भी मौजूद थे।

कलेक्टर-एसपी ने यहां भी किया निरीक्षण
कलेक्टर-एसपी ने खकनार, देड़तलाई, परेठा, आमुल्ला और नावरा क्षेत्र का भी दौरा किया। यहां से वे नेपानगर आए। तहसील कार्यालय में निरीक्षण के बाद हाईस्कूल पहुंचे। यहां गुजरात से आए मांडवा के करीब 29 मजदूरों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया। गुजरात से आए मजदूरों की स्वास्थ्य जांच भी की गई।
इस दौरान कलेक्टर ने निर्देश कि जो चेकपोस्ट बनाए गए हैं, वहां पर ही मेडिकल जांच करें। आवश्यकता होने पर ही क्वारेंटाइन कर रखा जाए। अन्यथा यहां एक फार्म रखा जाए, जिसे संबंधित को देकर 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहने को कहा जाए। कलेक्टर ने ग्राम नावरा में राशन की समस्या आने पर अधिकारियों को इसके निराकरण के निर्देश दिए।



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Collector-SP arrived in villages, saw the status of lockdown


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क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचे कलेक्टर, व्यवस्थाएं देखीं

कलेक्टर प्रवीण सिंह ने शुक्रवार को देड़तलाई क्षेत्र का दौरा किया। यहां उन्होंने मॉडल स्कूल में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। तहसीलदार से व्यवस्थाओं संबंधी जानकारी ली।
यहां साफ-सफाई रखने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और सभी को मास्क लगाने की हिदायत दी। इसके बाद चेक पोस्ट पहुंचकर यहां तैनात मेडिकल टीम से चर्चा की। उनसे कहा क्षेत्र में बाहर से जो भी व्यक्ति आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग कर जारी किए गए नए फार्मेट भरवा कर उन्हें होम क्वारेंटाइन रहने की सलाह दें। इसके बाद उन्होंने खंडवा रोड स्थित शेखपुरा चेक पोस्ट का भी निरीक्षण किया। उनके साथ एसपी बीएस बिरदे, एसडीएम विशा माधवानी, खकनार थाना प्रभारी केपी धुर्वे, तहसीलदार सुखराम गोलकर भी थे।



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Collectors reached quarantine center, saw arrangements


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पुलिस की सख्ती काम आई, बाजार में पसरा सन्नाटा

लाॅकडाउन के चलते बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है। दोपहर के समय पूरी तरह कर्फ्यू जैसे हालत नजर आ रहे हैं। वहीं आमजन में अब लाॅकडाउन के प्रति गंभीरता भी देखी जा रही है। साथ ही पुलिस द्वारा भी समय-समय पर कार्रवाई करने से लोग अब कम ही बाहर निकल रहे हैं। शुक्रवार दोपहर मातापुर बाजार रोड पर पूरी तरह सन्नाटा नजर आया।



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खरीदी नहीं होने से किसान परेशान, किराए के गोडाउन और मकान लेकर रखा प्याज

इस साल निंबोला क्षेत्र सहित जिले भर में प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ है। किसानों को इसके भाव भी अच्छे मिलने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदें तोड़ दी हैं। जिले भर में खेतों से प्याज की उपज निकल चुकी है। खरीदी नहीं होने के कारण किसानों ने इसे घर में रखा है। जिन किसानों के पास घर में रखने की व्यवस्था नहीं है, उन्होंने किराए से गोडाउन और मकान लेकर यहां प्याज रखा है। 46 दिन से जारी लॉकडाउन में किसानों की कोई भी उपज नहीं बिक पाई है। इस कारण उन्हें तंगहाली झेलना पड़ रही है। ऐसे में उन्हें गोडाउन और मकानों का किराया चुकाना भारी पड़ रहा है।
बेहतर भाव मिलने की आस में इस साल अकेले निंबोला क्षेत्र में किसानों ने एक हजार एकड़ में प्याज लगाई थी। पिछले साल इसका रकबा 500 एकड़ ही था। इस साल उत्पादन भी अच्छा हुआ है। लेकिन लॉकडाउन के कारण किसान बाजार में उपज नहीं ला पा रहे हैं। हर साल व्यापारी सीधे खेतों में पहुंचकर प्याज की खरीदी करते थे। लेकिन वर्तमान हालातों में वे भी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने प्रशासन से प्याज की उपज बेचने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।

उपज निकलते ही कम हो गए भाव
किसानों ने बताया उपज निकलने और लॉकडाउन से पहले प्याज के भाव अच्छे थे। गांवों में बाहर से बेचने आने वाले व्यापारी 20 से 25 रुपए किलो में प्याज बेच रहे थे। लेकिन उपज निकलने के बाद भाव पांच से 10 रुपए तक कम हो गए। दशहरे और दीपावली के समय प्याज 80 से 100 रुपए किलो तक बिका था। इसको देखते हुए ही किसानों ने गर्मी के प्याज का रकबा बढ़ाया था। लेकिन अच्छा भाव मिलने की उनकी उम्मीदें धरी रह गईं। गर्मी के कारण गोडाउन और मकानों में रखा प्याज खराब हो रहा है। ऐसे में किसानों को दोहरी मार झेलना पड़ रही है।

दिनोंदिन हो रहा नुकसान, आखिर कब तक संभालकर रखेंगे प्याज
क्षेत्र के निंबोला, मगरूल, बसाड़, नसीराबाद, बोरी, गारबलड़ी, ठाठर, बलड़ी, खामला, बोरगांवखुर्द, झिरी, चुलखान, झांझर, हसनपुरा, दहीनाला और असीर सहित अन्य गांवों के किसानों ने प्याज लगाया था। सभी खेतों से उपज निकाल ली गई है। किसान विनोद भावसेकर, अनिल महाजन, सतीशचंद्र गुप्ता, भास्कर चौधरी, ईश्वर कैथवास, रामदास महाजन, रविंद्र दानी और सुभाष महाजन सहित अन्य ने किराए के गोडाउन और मकानों में प्याज रखा है। उनका कहना है आखिर कितने दिन तक प्याज को संभालकर रखेंगे। लॉकडाउन में आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। ऊपर से गोडाउन और मकान का किराया देना पड़ रहा है। इस कारण परेशानी और बढ़ गई है। प्रशासन को प्याज बेचने के लिए कोई व्यवस्था करना चाहिए।



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Farmer upset over not being purchased, Godown of rent and kept onion with house


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बाघ दिखने के बाद दो दिन से रतागढ़ में सर्चिंग कर रही वन विभाग की टीम

ग्राम रतागढ़ के पास दो दिन पहले ग्रामीणों ने बाघ देखा था। लेकिन हमेशा की तरह वन विभाग मानने को तैयार नहीं था कि यहां बाघ है। लेकिन जब ग्रामीणों ने बार-बार एक ही बात दोहराई तो वन विभाग के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया। इसके बाद पिछले दो दिनों से वन विभाग का अमला रतागढ़ लगातार सर्चिंग कर रहा है। पहली बार हुआ कि पंजों के निशान देखकर वन विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। उधर ग्रामीणों द्वारा लगातार बाघ होने की सूचना देने के साथ ही यहां पिंजरे और सीसीटीवी लगाने की भी मांग की जा रही है।
ग्रामीणों ने मंगलवार शाम 7.30 बजे गांव के शुभव सावले के खेत में बाघ देखा था। वन विभाग को सूचना देने के बावजूद बुधवार को कोई यहां नहीं पहुंचा, लेकिन गुरुवार को टीम ने मौके पर पहुंचकर पंजों के निशाल लिए। दूसरे दिन शुक्रवार को भी टीम यहां पहुंची और सर्चिंग करती रही। गुरुवार को एसडीओ एमएस सोलंकी और रेंजर गुलाबसिंह बर्डे सहित अमला मौके पर पहुंचा और पंजों के निशान लिए। ग्राम पंचायत ने बताया वन विभाग की टीम को सूचना दी थी। इसके बाद दो दिन से टीम यहां जांच में जुटी हुई है।
सुरक्षा के लिहाज से ग्रामीणों को घर में रहने की सलाह
दो दिन से यहां पहुंच रहे वन अधिकारी भी अब तेंदूए और बाघ को लेकर संशय में हैं। हालांकि अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उनका कहना है पंजों के निशान जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं ग्रामीणों को घर में ही रहने की हिदायत दी है।



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Forest department team searching in Ratagarh for two days after seeing tiger


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सूरत से आए मजदूरों को किया होम क्वारेंटाइन

लाॅकडाउन के तहत बाहर से आने वाले मजदूरों को क्वारेंटाइन करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को गुजरात के सूरत से ग्राम सिंधखेड़ा आए 6 मजदूरों को कलेक्टर के आदेशानुसार 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन किया गया है। उनके स्वास्थ्य की जांच के बाद बाकायदा एक पत्र जारी कर उन्हें 14 दिन तक घरों में रहने के लिए कहा गया है। साथ ही सोशल डिस्टेंस का पालन करने और मास्क लगाने की भी हिदायत दी गई है।



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Workers from Surat did home quarantine


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लाॅकडाउन के कारण घर में करना पड़ रही कटिंग

लाॅकडाउन के कारण अन्य दुकानों सहित हेयर सैलून भी बंद है। ताकि एक-दूसरे में संक्रमण न फैल सके। लेकिन सैलून बंद होने से बच्चों सहित सभी को खासी परेशानी झेलना पड़ रही है। बढ़ते बालों को देखकर बच्चे इन्हें कटवाने की जिद कर रहे हैं। ऐसे में पालक परेशान हो रहे हैं। उन्होंने इसका रास्ता भी ढूंढ निकाला है। कुछ पालक घर पर ही बच्चों की कटिंग कर रहे हैं। नेपानगर नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष विजय यादव ने अपने हाथों से बच्चों की कटिंग की। इसी तरह अधिकांश परिवारों में लोग खुद ही बच्चों के बाल काट रहे हैं।



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झांझर के युवाओं ने रात 11 बजे भी 150 मजदूरों को कराया भोजन

बुरहानपुर सहित इंदौर-इच्छापुर हाईवे होकर गुजर रहे प्रवासी मजदूरों की हर जगह मदद की जा रही है।
ग्राम झिरी में झांझर के युवाओं द्वारा मजदूरों को भोजन कराया जा रहा है। गुरुवार रात 11 बजे भी यहां 150 मजदूरों को गर्म खाना खिलाया गया। झिरी पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि राजू चारण ने पत्तल और चावल की व्यवस्था करवाई। गांव के दिनेश सोनराज, रमेश लक्ष्मण, आपा जेठा, अजय सोनराज और भोलू सोनराज सहित अन्य युवाओं ने अपने हाथ से उनके लिए भोजन तैयार किया। एक घंटे तक सभी को भोजन कराया गया। गांव के युवा पांच दिन से लगातार हाईवे से गुजरने वाले मजदूरों को भोजन करा रहे हैं।



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महलगुलआरा में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं

ग्राम महलगुलआरा में रसोई गैस सिलेंडर वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह यहां सिलेंडरों से भरा वाहन पहुंचा। लेकिन किसी ने भी सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया। जबकि लाॅकडाउन के दौरान यह जरूरी है, लेकिन लोग लापरवाही बरत रहे हैं। यहां गैस वितरक खुद भी सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहा है और न ही लोगों से करा रहा है।



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Social distance is not followed in Mahalgulara


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प्रवेश परीक्षा फॉर्म जमा करने की तारीख बढ़ाने की मांग, एनएसयूआई ने सौंपा ज्ञापन

डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख बढ़ाने की मांग एनएसयूआई ने की है। संगठन ने कुलपति प्रो. आरपी तिवारी को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि आवेदन करने की अंतिम तारीख 11 मई रखी गई है। जबकि देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन है। इस कारण सैकड़ों विद्यार्थी फॉर्म नहीं भर पाएंगे और प्रवेश परीक्षा में बैठने से वंचित हो जाएंगे। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए वर्तमान में नेट कैफे तथा अन्य दुकानें नहीं खुल रही हैं। इससे विद्यार्थियों को फॉर्म भरने में परेशानी हो रही है। केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के कारण देशभर से विद्यार्थी प्रवेश के लिए फॉर्म भरते हैं। देश के कई शहर कोविड-19 के तहत रेड जोन में हैं। इस कारण यहां सख्त प्रतिबंध लागू हैं। इन शहरों के इच्छुक विद्यार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। यदि फाॅर्म जमा करने की तारीख नहीं बढ़ाई गई तो विद्यार्थियों का हक मारा जाएगा। मांग करने वालों में अध्यक्ष अंकित ठाकुर, नरेंद्र ठाकुर, अक्षय दुबे, चक्रेश रोहित, सौरभ खटीक शामिल हैं।



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लॉकडाउन में विवाह की खरीदारी, शहनाई के बिना होंगे फेरे

कोरोना संक्रमण बीमारी के चलते लॉकडाउन 3.0 शुरू हो गया है। जिला ओरेंज जोन में होने पर प्रशासन ने सुबह 7 से 2 बजे तक बाजार खोलने की अनुमति दी है। वैवाहिक सीजन होने पर लोग शादी विवाह की खरीददारी करने की भीड़ बड़ रही है। कही दूल्हे के सजने संवरने की सामग्री तो रेडीमेड की दुकानों पर कपड़ों की खरीदी हो रही है।


कोराेना वायरस महामारी के बीच लोग खुशियों में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस समय महामारी के कारण पूरा देश परेशान है, लेकिन वे पारिवारिक खुशियों को भी साथ में लेकर चल रहे हैं। विवाह बंधन में बंधने वाले लोग सिर्फ परिवार की मौजूदगी में ही प्रशासन से अनुमति लेकर विवाह कर रहे हैं। जिससे परिवार की खुशियां बराबर बनी रहे। शुक्रवार को बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी हुई। युवा वर्ग ने विवाह के लिए साफा व पगड़ी की खरीदी की। वहीं ग्रामीण बुजुर्गों ने दुल्हन की विवाह सामग्री को खरीदा। दोपहर तक खरीदारी का यह सिलसिला चलता रहा। कालू सिंधी ने बताया कि पहले आम तौर पर दूल्हे के सजने की सामग्री सबसे खरीदी जाती थी, लेकिन इस बार लॉक डाउन होने के चलते 20 प्रतिशत ही खरीदारी की जा रही है।


ज्वेलरी दुकानों पर बड़ी खरीदारी
विवाह सीजन होने पर बाजार में ज्वेलरी की दुकानों पर भीड़ रही। विवाह के लिए ग्राहकों ने मंगलसूत्र से लेकर कई सोने चांदी के जेवरात खरीदे। यह खरीद दोपहर 2 बजे तक चलती रही। लॉकडाउन के चलते भी लोग अपनी जरूरतों को पूरी करने में जुटे हुए है। इन दिनों सुबह 7 बजे पूरा मार्केट खुल रहा है। दूरदराज से आने वाले लोग सुबह से ही बाजार में खरीदारी करने निकल पड़ते है।

वैवाहिक सीजन के चलती बाजार में बड़ी भीड़
वैवाहिक सीजन शुरू होने पर लाॅकडाउन में खुलने वाले बाजार में भीड़ बड़ने लगी है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोग खरीदारी कर रहे है। रेडीमेड कपड़ों के साथ इलेक्ट्रानिक सामान की भी खरीदी की जा रही है, लेकिन विवाह में बजने वाली शहनाई फीकी रहेगी। लॉक डाउन के चलते बेरोजगारी का खासा असर उन पर जबरदस्त दिखाई दे रहा है। लोगों को बिना शहनाई के ही विवाह रचाना पड़ रहा है।



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Marriage purchase in lockdown, there will be rounds without shehnai


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ब्लास्ट से 5 मिनट पहले पुलिस ने दुकान बंद करने को कहा पर नहीं माना युवक

इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर देशगांव पुलिस चौकी के 50 मीटर दूरी पर अवैध गैस रिफिलिंग के दौरान हुए ब्लास्ट से तीन दुकानें जलकर पूरी तरह राख हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ब्लास्ट से 5 मिनट पहले देशगांव पुलिस चौकी का एक आरक्षक क्षेत्र की दुकानें बंद कराते हुए गैस रिफिलिंग कर रहे शुभम राठौर के पास पहुंचा। उसने दुकान बंद करने का कहते हुए आगे निकल गया। अवैध काम होते देख आरक्षक द्वारा रिफिलिंग मशीन व गैस सिलेंडर जब्त कर लिए जाते ताे यह हादसा टल सकता था। लोगों के विरोध के बावजूद शुभम करीब दो साल से अवैध काम कर रहा था।
आगजनी में धमेंद्र राठौर की किराना दुकान राख हुई है। उसका दावा है कि इसमें करीब एक करोड़ का सामान भरा हुआ था। दुकान से देशगांव और आसपास के 50 गांव के लोग किराना खरीदते हैं। कोरोना महामारी में लोगों को आसानी से सामान उपलब्ध कराने के लिए धमेंद्र राठौर ने जरूरत का हर सामान दुकान में भरा था। धमेंद्र के ही पड़ोस में लोकेंद्र राठौर की मोबाइल, होजयरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, जनरल स्टोर, फोटोकॉपी, मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान भी राख हो गई। पीड़ितों के मुताबिक दोनों दुकानों में करीब डेढ़ करोड़ का सामान था। अग्नि पीड़ित धमेंद्र व लोकेंद्र ने कहा कि हमारा सब कुछ राख हो गया है। सामान के अलावा दुकान का फर्नीचर, खिड़की दरवाजे सभी जल गए। इतना कहते हुए धमेंद्र और लोकेंद्र रो दिए।
सफाई लीकेज के कारण हुआ हादसा : गैस रिफिलिंग का अवैध कारोबार कर रहे शुभम व उसके परिजन ने पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि घर के किचन में रखे गैस सिलेंडर में लीकेज होने से आग लगी है, जबकि ब्लास्ट व आग की लपटें शुभम की दुकान से उठी हैं।

अवैध काम का बुरा नजीता : देशगांव में मुख्य मार्ग पर दो साल से चल रहा गैस रिफिलिंग का काम, ट्रक चालकों को रिफिलिंग कर देता था युवक, मोबाइल, होजयरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकान भी राख

लीकेज के बाद : सिलेंडर छोड़ भागा शुभम, फिर हुआ ब्लास्ट
गैस रिफिलिंग के दौरान सिलेंडर में लीकेज होते ही शुभम दूर भाग और फिर अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। सिलेंडर फटने की आवाज बम की तरह आई। लोग डेढ़-दो सौ फीट दूरी से देख रहे थे। आसपास के घर खाली हो गए।

लालच : बाजार बंद होने के बाद भी जारी रहा अवैध कारोबार
लॉकडाउन के दौरान हाईवे पर परिवहन शुरू होने के बाद से शुभम का अवैध कारोबार अच्छा चल रहा था। रुपए भी पहले से डबल मिल रहे थे। शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक लॉकडाउन में मिली छूट के बाद सभी की दुकानें बंद हो गई। फिर भी शुभम का अवैध काम जारी रहा।

छोटा गैस सिलेंडर शुभम के यहां से ही भरवाते थे ड्राइवर

मोबाइल दुकान संचालक लोकेंद्र ने बताया शुभम राठौर की हठधर्मी के कारण आग लगी है। उसे हमने कई बार मना भी किया पर शुभम ने किसी की बात नहीं मानी। हाईवे पर आने-जाने वाले ट्रकों के ड्राइवर छोटा गैस सिलेंडर शुभम के यहां से ही भरवाते थे।
लोग बोल रहे हैं कि शुभम राठौर गैस सिलेंडर की रिफिलिंग कर रहा था। हम उसके खिलाफ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर धारा 426 का प्रकरण दर्ज करेंगे। देशगांव चौकी प्रभारी रमेश गवले मामले की जांच कर रहे हैं।
-एमपी ओझा, टीआई, छैगांवमाखन थाना

गैस सिलेंडर की अवैध रिफिलिंग होती है इस कारण आगजनी हुई है। पीड़ितों को 20-20 हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि पहुंचा रहा हूं। एक व्यक्ति काे ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। उसे ऋण या अन्य सुविधा उपलब्ध करवाएंगे।
-राम दांगोरे, पंधाना विधायक



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Police asked to close shop 5 minutes before the blast but the young man did not agree


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15 साल पुराने पेड़ को 750 मीटर दूर री-प्लांट किया

कोविड-19 व लॉकडाउन के तनाव के बीच नगर में शुक्रवार को एक अच्छी खबर सामने आई। हरसूद प्रशासन व नगर परिषद द्वारा मुख्य बाजार स्थित 15 साल पुराने पेड़ को 750 मीटर दूर पुन: रोपित कर कटने से बचा लिया गया। पर्यावरण संरक्षण के इस कार्य में एसडीएम डॉ. परीक्षित झाड़े की अहम भूमिका रही। उनके सुझाव पर ही नप ने नगर में पहली बार रि-प्लांटेशन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।
अब इंतजार इस पेड़ के पुन: हरे-भरे होने का है। हरसूद विस्थापन के 10 माह बाद 24 अप्रैल 2005 को सराफा व्यापारी रामचंद्र सोनी ने पिता दगड़ूलाल सोनी की स्मृति में घर के सामने बकान (छोटा नीम) का पौधा रोपा था। मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत पुलिया चौड़ीकरण में यह पेड़ बाधा बन रहा था। निर्माण कार्य के साथ इसे काटने की अनुमति मार्च अंत में नप द्वारा ले ली गई थी। लॉकडाउन में निर्माण कार्य रुक गया। लॉकडाउन पार्ट-3 में निर्माण कार्य शुरू करने पर पेड़ को काटने का तैयारी कर ली गई। पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान करने वाले एसडीएम झाड़े ने ही नप सीएमओ मिलन पटेल व उपयंत्री आरएस मौर्य को इसे पुन: रोपण का सुझाव दिया।
8 घंटे 12 मजदूर व जेसीबी की मदद : यह कार्य उपयंत्री आरएस मौर्य की देखरेख में 8 घंटे में 12 मजदूरों व जेसीबी की मदद से पूरा किया गया। पेड़ को सुरक्षित जड़ सहित निकालकर पुराने राज्य मार्ग स्थित पेट्रोल पंप के पास रि-प्लांट किया गया।

इस तरह सुरक्षित उखाड़ा
पेड़ की टहनियों को काटकर पहले उसका वजन हल्का किया गया। मिग फर्टिलाइजर केमिकल व पावडर के घोल से जड़ों को सींचा गया। मोटी-मोटी जड़ों के मुख्य भाग पर गीली मिट्‌टी व कपड़ा बांधा गया। अंत में पूरी सावधानी के साथ जेसीबी से बांधकर सुरक्षित उखाड़ा गया। हरसूद-छनेरा में यह पहला प्रयोग देख लोगों ने प्रशासन की सराहना की।
पेड़ हरा हो जाए तो संतुष्टि मिलेगी
पुराने पेड़ को री-प्लांट किया गया है। पर्यावरण की दृष्टि से यह निर्णय लिया। अब इसकी देखभाल नगर के लोगों की जिम्मेदारी है। पेड़ पुन: हरा-भरा हो जाए तो संतुष्टि होगी।
-डॉ. परीक्षित झाड़े, एसडीएम, हरसूद



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Re-planted 15 year old tree 750 meters away


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गांवों में गहराने लगा जल संकट, कर्मचारियों के अभाव में नहीं हो पा रहा हैंडपंपों में सुधार कार्य

कोरोना संकट के बीच अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी का संकट गहराने लगा है। बढ़ते तापमान और घटते जलस्तर से अप्रैल महीना के खत्म होते अब मई में लोगों को पीने के पानी की जद्दोजहद करना पड़ रही है। हैंडपंप से आसानी से पानी नहीं निकल पा रहा है क्योंकि जल स्तर काफी नीचे चला गया है। ऐसे में हैंडपंप मैकेनिकों की देरी से होने वाली पदस्थापना के कारण इस तरह के हालात बन रहे हैं।


जतारा सब डिवीजन अंतर्गत दो ब्लॉकों में 36 सौ से भी अधिक हैंडपंप लगे हुए हैं। जिनके सुधार के लिए 21 हैंडपंप मैकेनिक के पद स्वीकृत हैं, जबकि 12 हैंडपंप मैकेनिक काम कर रहे हैं। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। पर्याप्त मैकेनिक न होने से क्षेत्र में हैंडंपपों के सुधार कार्य में देरी हो रही है। वर्तमान समय में पारा 42 डिग्री पार जा चुका है। विभाग के जानकारों ने बताया कि अप्रैल माह के खत्म होते होते जलस्तर करीब 10 फीट नीचे चला गया है। मार्च के महीने तक 55 फीट पर पानी मिल जाता था, लेकिन अब जतारा विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्रामों में 10 फीट पानी और नीचे खिसक गया है। हैंडपंपों के सुधार के लिए विभागीय जानकारी के अनुसार एक मैकेनिक पर 100 हैंडपंप सुधार का जिम्मा होता है, जबकि एक हैंडपंप मैकेनिक के औसत सुधार में 200 से अधिक हैंडपंप आ रहे हैं।


विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जतारा विकासखंड में 2277 हैंडपंप लगे हुए हैं। जिसमें 2155 चालू है, लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो, 93 ग्राम पंचायतों में विभाग के आंकड़ों से मेल नहीं खाते। इसी तरह पलेरा विकासखंड में 1351 हैंडपंप है। जिसमें 1201 चालू बताया जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। जनपद पंचायत जतारा की ग्राम बिलगांव के टिंकू जैन ने बताया कि ग्राम में 12 हैंडपंप लगे हैं। जिसमें से चार खराब है। जैन ने बताया कि घटिया मोहल्ला एवं जैन मंदिर के पास रहने वाले लोग आधा किमी दूर से कुएं से पानी ला रहे हैं। क्योंकि वार्ड में लगे हैंडपंप में पर्याप्त पानी नहीं है। इनमें पाइप डालकर इन्हें सुधारा जा सकता है, लेकिन जिम्मेदार इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। ग्राम जनपद पंचायत जतारा के ग्राम पंचायत कदुवा में 15 हैंडपंप लगे हुए हैं। जिसमें से तीन हैंडपंप खराब हैं। पप्पू पाल ने बताया कि इस समय पीने का पानी खेतों से लाना पड़ रहा है।


हैंडपंप खराब की सूचना पर तत्काल सुधार होगा
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनु विभागीय अधिकारी अनीस खरे का कहना है कि हैंडपंप खराब की सूचना पर तत्काल उनमें सुधार कार्य किया जा रहा है। गांंव में हैंडपंप सुधार के लिए कर्मचारी प्रतिदिन तत्परता से काम कर रहे हैं। उपयंत्री एवं हैंडपंप मैकेनिकों की कमी के संबंध में जानकारी बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुका हूं। इसके अलावा ग्राम पंचायत बिलगांव और कदुवा में क्या समस्या है। इसे दिखवाता हूं। जिससे ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।



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Water crisis intensifies in villages; Hand pumps are not working due to lack of staff


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सर्दी, खांसी, जुकाम का सर्वे करने निकली टीम के सदस्यों को पीपीई किट में हुई घबराहट

शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार से शहर के सभी वार्डों में सर्वे शुरू किया है। इस दौरान पीपीई किट पहने कुछ कर्मचारियों को घबराहट हुई और वह छांव में बैठ गए। शुक्रवार को तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ऐसे में कर्मचारियों का टारगेट भी पूरा नहीं हुआ। 92 टीमों के 300 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को 25 हजार लोगों का सर्वे करना था। तेज धूप के कारण स्वास्थ्य विभाग की टीमें 2279 घरों तक पहुंची। इस दौरान 11051 लोगों का सर्वे हुआ। जिनमें सर्दी, खांसी, जुकाम के 348 मरीज मिले। जबकि 10 वार्डों में 40 गर्भवती महिलाएं मिली। सर्दी खांसी के मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच कराने के लिए कहा। सर्वे के दौरान ज्यादातर लोगों ने टीम को देखते ही कहा कि हमारे वार्ड में अब तक एक भी मरीज कोरोना पॉजिटिव नहीं है। अगर किसी में भी बीमारी के लक्षण आएंगे तो हम खुद उसे जांच के लिए अस्पताल ले जाएंगे।
73 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई
शुक्रवार शाम को इंदौर से 73 कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई। जिला महामारी विशेषज्ञ योगेश शर्मा ने बताया अब तक 566 रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। शुक्रवार को 328 सेंपल जांच के लिए भेज गए।



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कोलाज बनाकर कोरोना योद्धाओं का जताया आभार, लोगों से कहा- घरों में रहें

जनमंच के सदस्यों ने कोलाज बनाकर कोरोना संक्रमण के बीच अपनी सेवाएं देने वाले कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार जताया है। मंच के चंद्रकुमार सांड ने बताया इस भीषण गर्मी में कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना योद्धा अपने फर्ज बखूबी निभा रहे हैं। हमें घरों में रहकर उनका सहयोग करना चाहिए। संदेश देने वालों में चंद्रकुमार सांड, प्रमोद जैन, अनुराग बंसल, डॉ. जगदीश चंद्र चौरे, देवेंद्र जैन, निर्मल मंगवानी आदि शामिल हैं।



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Expresses gratitude to Corona warriors by making collages, told people - stay in homes


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गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा की जमीन पर बदमाशों का कब्जा, निजी स्कूल किया जा रहा संचालित

गायत्री परिवार पूरे भारत में स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन एवं सभ्य समाज की अभिनव रचना का लक्ष्य पूरा करने के लिए धर्मार्थ एवं परमार्थ का काम करती रही है। गायत्री परिवार की शाखा ग्राम दिगौड़ा में 1959 से काम कर रही है। गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा जिले का एक प्रमुख स्थान है। जहां से सामाजिक गतिविधियों का संचालन होता है।


गायत्री परिवार ट्रस्ट दिगौड़ा का गठन गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा आचार्य के सान्निध में 29 जुलाई 1980 में हुआ। ग्राम पंचायत दिगौड़ा ने 1959 में 114*62 फुट जमीन का पट्टा दिया था। जिसमें गायत्री परिवार ट्रस्ट दिगौड़ा के द्वारा मंदिर, यज्ञशाला के आलावा सामाजिक गतिविधियां चलने के लिए 6 कमरों का निर्माण किया था। लगभग 15 साल पहले यहां विधायक निधि से समुदायायिक भवन का निर्माण कराया गया। जिस पर पिछले दो वर्ष से गांव के अजय चौबे, मयंक चौबे एवं विजय चौबे के द्वारा गायत्री शक्तिपीठ पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए अजय के बेटे मयंक चौबे गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा के दो कमरे एवं विधायक निधि से निर्मित समुदायायिक भवन पर जबरन ज्ञानवर्धन एजुकेशन पब्लिक स्कूल संचालित कर रहें है। गायत्री मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों एवं शान्तिकुंज हरिद्वार से नियुक्त शक्तिपीठ परिव्राजक को मंदिर पर यज्ञ, पूजा करने में व्यवधान डालते है।


जिसकी लिखित सूचना 5 दिसंबर 2019 को थाना प्रभारी दिगौड़ा को दी गई थी, तब विजय चौबे ने थाना प्रभारी दिगौड़ा को फर्जी किरायानामा दिखाते हुए कहा कि गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक के साथ मेरा किराए का अनुबंध है। जिसके खिलाफ तत्कालीन गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक चिंतामन चौबे एवं अनुज चिन्पुरिया के द्वारा शपथ पत्र दिया गया, कि किराए का अनुबंध नहीं किया। 16 दिसंबर 2019 को एसडीएम जतारा के समक्ष आवेदन दिया गया। गायत्री परिवार ट्रस्ट के सदस्यों ने 22 एवं 28 जनवरी को कलेक्टर टीकमगढ़ के समक्ष प्रस्तुत होकर गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा को अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए आवेदन किया। 18 फरवरी को गायत्री परिवार के सदस्यों ने कलेक्टर से गायत्री शक्तिपीठ दिगौड़ा को अवैध कब्जा से मुक्त कराने की बात कही थी। जिसके बाद कलेक्टर ने अधीनस्थ कर्मचारियों ने जांच करवाकर कार्रवाई करने के बात कही थी, लेकिन अब तक मामले में कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।


सौरभ सोनवणे, एसडीएम जताराने कहा-कोर्ट खुलते ही होगी कार्रवाई
इस मामले में जांच रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन होने से कोर्ट अभी बंद है। जैसे ही लॉकडाउन खुलता है और कोर्ट खुलेगी, तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।



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Occupation of miscreants on Gayatri Shaktipeeth Digoda land, private school being operated


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राशन लेने की होड़ में भूले सामाजिक दूरी

उचित मूल्य दुकान पर राशन के लिए भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन की चेतावनी व समझाइश के बावजूद लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रशासन को अपनी 40 दिन मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दुकान सेल्समैन ने उपभोक्ताओं को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने गोले भी नहीं बनाए हैं। यह समस्या केवल राशन दुकान ही नहीं किराना दुकानों पर भी बनी हुई है। बाजार की भीड़ देख लगता ही नहीं कि यहां लॉकडाउन चल रहा है।



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Social distance forgotten in the race to get ration


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छह महीने तक खेल से दूर हाे जाएंगे खिलाड़ी, ग्रीष्मकालीन शिविर नहीं लगने से क्लबाें काे हर माह हाे रहा 1 लाख रु. तक का नुकसान

काेराेना संक्रमण के खाैफ ने खिलाड़ियाें काे भी मैदान से दूर कर दिया। जाे खिलाड़ी खेल की बारीकियां सीखना चाहते थे, उन्हें छह महीने और इंतजार करना हाेगा और जाे खिलाड़ी मेहनत कर आगे बढ़ना चाहते थे उनका करियर एक साल पीछे चला गया। वे जिला, संभाग, प्रदेश स्तरीय व राष्ट्रीय स्पर्धाओं का हिस्सा नहीं बन पाए। अगर कुछ दिनाें में लाॅकडाउन खत्म भी हाे जाए, लेकिन खिलाड़ियाें काे करीब छह महीने तक मैदान से दूरी बनाकर रखनी हाेगी।
शहर के जिन मैदानाें पर हर साल अप्रैल व मई महीने में खेल और खिलाड़ियों का मेला लगता था अब वहां सन्नाटे के अलावा कुछ नहीं है। खिलाड़ी चाहकर भी खेल की प्रैक्टिस व प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं। कारण एक ही है, लाॅकडाउन में सामाजिक दूरी काे बनाए रखना। खेल एवं युवक कल्याण विभाग सहित शहर के क्रिकेट, कबड्डी, कराते, ताईक्वांडाे, टेबल टेनिस, लाॅन टेनिस, वालीबाॅल, खाे-खाे, फुटबाॅल क्लबाें द्वारा हर साल ग्रीष्मकाल में शिविर लगाकर करीब 3 हजार खिलाड़ियाें काे प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन इस साल मैदानाें पर खिलाड़ी एक भी खेल में प्रशिक्षण नहीं ले पाए, जिससे उनका खेल करियर रुक गया, वहीं प्रशिक्षण देने वाले क्लबाें काे 50 हजार रुपए महीने तक का नुकसान हुआ। खेल मैदान का रखरखाव, प्रशिक्षक, कर्मचारी, खेल किट, चाैकीदार, अंपायर आदि का खर्च प्रशिक्षण लेने आए खिलाड़ियाें की फीस पर ही निर्भर रहता है।

क्लबाें काे 5 लाख रु. तक का नुकसान; नए व पुराने बच्चों की पंजीयन फीस से खरीदते हैं सामग्री

जिमखाना क्रिकेट क्लब के सदस्य व प्रशिक्षक डीएस ताेमर ने बताया अप्रैल व मई में हर साल 100 से 150 नए बच्चे प्रशिक्षण लेने आते थे। स्कूल खत्म हाेने के बाद 100 बच्चे प्रशिक्षण लेने आने वाले थे, लेकिन नहीं आ पाए। नए व पुराने बच्चाें से रजिस्ट्रेशन फीस लेकर हर साल उनके लिए सामग्री क्रय करते हैं। बाकि अन्य पर खर्च हाे जाता है। 40 हजार रुपए प्रतिमाह नुकसान क्लब काे हुआ है। महाराणा प्रताप अकादमी के प्रशिक्षक लक्ष्मणसिंह चाैहान ने बताया उनके पास करीब एक दर्जन लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं, जिनमें आधी ग्रामीण क्षेत्राें की है। क्लब काे ज्यादा नुकसान ताे नहीं हुआ, लेकिन खिलाड़ियाें का नुकसान जरूर हुआ है। किकेट अलावा अन्य खेल भी हैं जिनका प्रशिक्षण दाे महीने तक क्लब संचालकाें द्वारा दिया जाता है। जिले में करीब 3 हजार खिलाड़ी विभिन्न खेलाें का प्रशिक्षण हर साल लेते हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन, प्रशिक्षण शुल्क सहित करीब 5 लाख रुपए का नुकसान क्लबाें काे हुआ है।

खेल, खिलाड़ी और क्लबाें काे यह हुआ नुकसान
क्लबाें काे आर्थिक व खिलाड़ियाें काे खेल का नुकसान हुआ, खिलाड़ी एक साल पीछे चले गए।
जाे बच्चे पहली बार कैंप में आते हैं ताे मानसिक रूप से सुदृढ़ हाेते हैं, खेल से शारीरिक और मानसिक विकास दाेनाें हाेता है।
खिलाड़ी खेल के साथ मैदान पर याेगा, एक्सरसाइज, खेल की बारीकियां काे समझ लेता था।
क्लब इस साल अंडर-15, अंडर-16 स्पर्धाएं नहीं करा पाए, इंटर क्लब मैच भी नहीं हुए।
समूह खेल हाेने से खिलाड़ियाें काे सामाजिक दूरी बनाकर रखनी हाेगी, बहुत दिनाें तक खेल की इजाजत नहीं मिलेगी।



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Players will be away from the game for six months, due to lack of summer camp, the clubs have been losing 1 lakh every month. Loss up to


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लुम्बनी बुद्ध विहार में मोमबत्ती जलाकर मनाई बुद्ध जयंती

लुम्बनी बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध के शरण में मोमबत्ती जलाकर, त्रिशरण, पंचशील ग्रहण कर जयंती मनाई। बुद्धिस्ट सोसायटी नगर शाखा ने कोरोना वैश्विक बीमारी के कारण सभी उपासकों को अपने-अपने घरों में मोमबत्ती जलाकर जयंती मनाने की अपील थी। इस कारण सभी लोगों ने अपने-अपने घरों में ही जयंती मनाई। इस अवसर पर भगवान बुद्ध के मार्ग प्रज्ञा, शील और करूणा पर चलकर धम्म को जानने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अशोक दाभाड़े, गनपत निकम, विश्वास वानखेड़े, राजेन्द्र सोनवणे, रमेश निकम, मुरली सोनवणे, अशोक प्रजापति, सागर ब्राह्मणे, आकाश तायड़े, बाबी लांडगे,गौतम महाले,अनमोल सहित समस्त महिला मंडल के सदस्य मौजूद थे।



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Candlelight celebrated Buddha Jayanti at Lumbani Buddha Vihar


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