गांव के स्वसहायता समूह की महिलाओं ने खेत से घर तक हरी सब्जियां पहुंचाने का काम शुरू किया है। मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम बोरगांव खुर्द की 10 महिलाओं के स्वसहायता समूह ने अपने खेतों से सब्जी बेचने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की है। वाहन के माध्यम से ये महिलाएं कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर शहर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर सब्जियां बेचेंगी। इसके बाद वे राशन की घर पहुंच सेवा भी शुरू करेंगी।
लॉकडाउन के दौरान ग्राम बोरगांव खुर्द की रिद्धि-सिद्धि महिला स्वसहायता समूह ने एक सराहनीय पहल करते हुए खेत से ताजी सब्जी व आवश्यक राशन सामग्री की घर पहुंच सेवा प्रारंभ की है। इसका शुभारंभ शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय परिसर में कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल व सीईओ राेशन सिंह ने सब्जियां खरीदकर की। दाेनाें अधिकारियाें ने वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कलेक्टर व सीईओ ने समूह की महिलाओं को इस नए व्यवसाय के लिए शुभकामनाएं देकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी समझाइश दी। कलेक्टर ने समूह की महिलाओं से कहा कि सब्जी वाहन पर माइक लगाकर एनाउंसमेंट कराने की व्यवस्था भी की जाए, जिससे ग्राहकों को सब्जी बेचने वाले इस वाहन के आने की सूचना मिल जाए और वे सब्जी खरीद सकें। सीईओ ने महिलाओं को वाहन पर सब्जी व किराना विक्रय दर की सूची प्रदर्शित करने की सलाह दी। इस दौरान जनपद खंडवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महेन्द्र घनघोरिया, ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक शकुंतला डिंडोरे, जिला प्रबंधक नीलिमा सिंह, रीना गुप्ता, प्रीति ठाकुर भी उपस्थित थी।
10 महिलाओं के समूह की अनाेखी पहल
समूह की सदस्य कोकिला तिरोले ने बताया शीघ्र ही उनका समूह सब्जी के साथ किराना सामग्री की चलित दुकान भी शुरू करेगा ताकि लॉकडाउन के दौरान लाेगाें को सब्जी व किराना खरीदने में परेशानी न हो। समूह की कविता ने बताया कि खेत से सीधे शहर तक सब्जी लाने से शहरवासियाें को उचित मूल्य पर सब्जी मिल सकेगी।
छैगांव माखन में दो साल बंद पड़ी कृषि उपज मंडी को शुरू कराने के लिए विधायक राम दांगोरे ने कृषि मंत्री कमल पटेल से भोपाल में मुलाकात की। विधायक ने छैगांव मंडी के अलावा सिंगोट, बोरगांव बुजुर्ग व कुमठी में उपमंडी खोलने का प्रस्ताव भी रखा। कृषि मंत्री पटेल ने कहा लॉकडाउन के बाद छैगांव कृषि मंडी को शुरू कराया जाएगा। साथ ही दो करोड़ रुपए की लागत से पंधाना विधानसभा में किसान कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी कराया जाएगा। विधायक ने मंत्री पटेल का आभार जताया।
लॉकडाउन पार्ट-3 की अवधि पूरी होने में अभी 9 दिन शेष हैं। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा व रोकथाम के लिए प्रशासन की चेतावनी व अपील का कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को तीन छाया चित्रों की जुबानी सोशल डिस्टेंस के उल्लंघन की कहानी नगर की स्थिति बयां कर रही है। इस संबंध में नप छनेरा सीएमओ मिलन पटेल का कहना है किराना, सब्जी व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद प्रशासन अब अन्य दुकानदारों पर लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंस के पालन के लिए आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
जन-धन की दूसरी किश्त ने बढ़ाई भीड़
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत महिला के खातों में दूसरे माह की किश्त का समय आ गया है। बाजार में आवश्यक सेवा की दुकानें खुलने का समय 6 से 12 बजे तक है। ऐसे में बैंकों के बाहर खड़े खाताधारकों की पूर्ति नहीं हो पा रही है।
भास्कर सुझाव : बैंकिंग कार्यावधि को प्रात: 9 से 3 बजे तक किया जाना चाहिए ताकि जन का धन प्रारंभिक डेढ़ घंटे में आहरित हो सके। इससे बाजार में खरीदी के लिए लोगों को दो घंटे का समय मिल सकेगा। 11 बजे से बैंक का सामान्य कामकाज हो सकेगा।
ऑटो पार्ट्स पर अनुमति के बाद भी वही ढर्रा
प्रशासन ने ऑटो पार्ट्स को आवश्यक सेवा में शामिल किया है। अनुमति के साथ ही गैरेज भी खुलने लगे हैं। तीसरे दिन भी ऑटो पार्ट्स दुकानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन तो दूर एक-एक मीटर दूर सफेद गोल घेरे भी नहीं बनाए गए। लापरवाही से संक्रमण फैलने का अंदेशा है।
भास्कर सुझाव : ऑटो पार्ट्स विक्रेता अनुमति का दुरुपयोग ना करें। सोशल डिस्टेंस को गंभीरता से लें। ऑटो गैरेज संचालक सर्विसिंग व अन्य कार्य घर से भी कर सकते हैं। बाजार में भीड़ बढ़ने पर प्रशासन अनुमति को प्रतिबंध में तब्दील कर सकता है।
प्रतिबंधित पर व्यापारी कर रहे मनमानी
आवश्यक सेवा में किराना, मेडिकल, सब्जी, ऑटो पार्ट्स के अलावा बिल्डिंग मटेरियल, हार्डवेयर में होम डिलेवरी की अनुमित दोपहर में डेढ़ घंटे दी गई है। पिछले एक सप्ताह से प्रतिबंधित दुकानों के व्यापारियों द्वारा बेखौफ आधी शटल खोलकर व्यापार किया जा रहा है।
भास्कर सुझाव : विवाह व मांगलिक कार्य पहले ही सीमित संसाधनों में हो रहे हैं। लॉकडाउन में इन कार्यों के लिए कपड़े व सोना-चांदी की जरूरतें पूरी हो रही हैं। ऐसे में प्रशासन सख्ती से अन्य दुकानदारों पर रोक लगाए। इससे बाजार में भीड़ विभक्त होगी।
लॉकडाउन के कारण बकाया राजस्व वसूली और शुल्क निगम कोष में जमा नहीं हो रहे हैं। इससे निगम मद खाली हो गया है। ऐसे में शहर में निर्माण एवं विकास कार्य कार्य कराना बड़ी चुनौती है। संभवत: इसी कारण अभी तक सड़कों के गड्ढे भरने के लिए पैचवर्क का काम शुरू नहीं हो पाया है। जून में बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा। 42 दिन में गड्ढे नहीं भरे तो पिछले साल की तरह ही फिर से जलेबी चौक, शेर तिराहा सहित शहर के अन्य स्थानों पर लोगों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
जलेबी चौक और इंदिरा चौक पर अधिक समस्या
जलेबी चौक पर सबसे अधिक समस्या पिछली बारिश में हुई थी। गड्ढें के कारण यहां बारिश होने पर जाम लग रहा था। वर्तमान में भी अधिक समस्या इसी चौराहे पर हो है। यहां पुलिस चौकी के सामने चौराहे पर सड़क उखड़ी हुई है। इसमें बारिश का पानी एकत्र होने पर गड्ढे गहरे हो जाएंगे। दुर्घटना का अंदेशा बढ़ जाएगा। इसी तरह इंदिरा चौक पर एसएन कॉलेज के पिछले हिस्से में भी सड़क पर जगह-जगह गड्ढे दिखाई दे रहे हैं।
गड्ढे भरने के लिए पैचवर्क का काम शुरू नहीं हो पाया
जिला अस्पताल में पाइप लाइन के लिए खोद दी सड़क
जिला अस्पताल में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। इसके लिए अस्पताल से पुराना अग्रवाल नर्सिंग तक सड़क को बीच में खोद दिया है। पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़क की मरम्मत नहीं की गई है। बारिश तक ऐसी स्थिति रहने पर इस क्षेत्र में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। क्योंकि यहां व्यापारियों के गोदामों के साथ ही ट्रांसपोर्ट सर्विस होने के कारण दिनभर भारी वाहनों की आवाजाही होती है।
जिम्मेदार बोले
टेस्टिंग के बाद सुधारेंगे सड़क
जिला अस्पताल की पाइप लाइन का काम चल रहा है। लाइन की टेस्टिंग के बाद सड़क को भी सुधारेंगे।
अंतरसिंह तंवर, प्रभारी कार्यपालन यंत्री
जहां जरुरी है वहां कराएंगे पैचवर्क
निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन शहर के जिन स्थानों पर जरुरी है, वहां बारिश से पहले पैचवर्क कराएंगे।
हिमांशु कुमार सिंह, आयुक्त, नगर निगम
स्टेशन रोड पर अंग्रेजों के जमाने में बने नाले से मलबा निकालने का काम दो दिन से किया जा रहा है। यह नाला पार्वती बाई धर्मशाला के सामने वाले हिस्से में चोक है। इस पर तीन फीट ऊपर तक कांक्रीट और मलबा है। इसलिए ओवरफ्लो होकर पानी सड़क पर आ जाता है। समस्या का निराकरण करने के लिए शुक्रवार सुबह आयुक्त हिमांशु सिंह ने मौके का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अफसरों से कहा कि सीमेंट के पाइप लगाकर नाला बनाया जाए तो खर्च कम आएगा। इसके लिए तैयारी की जाए। हालांकि स्टीमेट बनाने, टेंडर करने और काम करने में समय लगेगा। जून में बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। ऐसे में नाले सफाई पिछले सालों की तरह कर किसी तरह पानी निकासी के प्रयास किए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी शाहीन खान, प्रभारी कार्यपालन यंत्री जीके जायसवाल, सहायक यंत्री एचआर पांडे, संजय शुक्ला सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
मटरूमल पार्क के पास बनाई जाएगी नाले की दीवार - निरीक्षण के दौरान आयुक्त जवाहरगंज भी पहुंचे। यहां पिछली बारिश में मटरूमल पार्क के पास नाले की दीवार टूटकर बह गई थी। आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को दीवार की मरम्मत कराने की बात कही।
स्वास्थ्य अधिकारी बोले- खतरनाक है पुलिया
बड़ाबम क्षेत्र में मटरूमल पार्क के पास क्षतिग्रस्त पुलिया भी स्वास्थ्य अधिकारी ने आयुक्त को बताई। उन्होंने कहा कि यह पुलिया बहुत खतरनाक है। नीचे नर्मदा योजना की पाइप लाइन है। इस कारण बारिश में यहां कचरा फंस जाता है। कर्मचारी को सफाई के लिए नीचे उतरना पड़ता है इसलिए इसे व्यवस्थित किया जाना चाहिए।
बारिश में होती है समस्या
स्टेशन रोड पर कितनी भी सफाई करा दे, लेकिन तेज बारिश में समस्या होती है। पुराने नाले की जगह पाइप लगा दिए जाए तो समस्या का निराकरण हो सकता है। फिलहाल फंड की कमी है। स्टीमेट बनाकर टेंडर करने और काम शुरू करने में भी समय लगेगा।
हिमांशु कुमार सिंह, आयुक्त, ननि
नगर के संत बुखारदास बाबा मार्ग पर गुरुवार दोपहर एक चार पहिया वाहन अचानक संतुलन बिगड़ने से सड़क से नीचे उतर कर पलट गया। दुर्घटना में वाहन चालक परसराम त्रिवेदी बाल-बाल बच गए। उन्हें मामूली खरोंच आई है। यह वाहन खंडवा से डामर के ड्रम लेकर माकड़कच्छ जा रहा था। वाहन में चालक के अलावा और कोई नहीं होने से जनहानि नहीं हुई।
लॉकडाउन में फंसे मजदूर किस तरह घर जाने को बेताब हैं, इसके नजारे रोज ही विभिन्न मार्गों पर दिखाई देते हैं। कई मजदूर घर पहुंचने की जल्दी में जान भी गंवा चुके हैं। गुरुवार शाम को चार मजदूर अपने ही अंदाज में पीथमपुर से लौट रहे थे। यह मजदूर कंस्ट्रक्शन ठेकेदार के यहां काम करते थे। काम एक माह से बंद है फिर भी यह लोग निकल नहीं पा रहे थे। वे उत्तरप्रदेश या बिहार के मजदूरों की तरह डेढ़-दो हजार किमी नहीं चलना पड़ा। यह चारों पीथमपुर से बीड़ के पास ग्राम सुरगांव बंजारी जा रहे थे जो करीब 200 किमी है। एक मजदूर ने बड़े निराश अंदाज में बताया अब भी पीथमपुर व महू में सैकड़ों मजदूर फंसे हुए हैं जो निकल नहीं पा रहे हैं। हम तो बिना किसी को बताए निकल आए। घर से जो सामान ले गए थे वही वापस लाए हैं।
ऐसे बनाई गाड़ी... बैलगाड़ी की तरह बांधी जूड़ी
तीसरे लॉकडाउन में कुछ ढील मिलते ही इन्होंने कांक्रीट ढोलने वाली दो पहिए वाली ट्रॉली को गाड़ी का रूप दिया। ट्रॉली पर पटिये बांधे और आगे बैलगाड़ी की तरह जूड़ी बांध ली। गाड़ी पर बिस्तर और भोजन बनाने का सामान लादा और निकल पड़े घर के लिए। मजदूरों ने बताया लॉकडाउन की वजह से वे फंस गए थे, घर परिवार से दूर रहकर ठीक नहीं लग रहा था तो उन्होंने ऐसी जुगाड़कर गाड़ी बना दी।
समय पर खाद-बीज दुकानें खुलवाने, उपार्जन केंद्राें पर गेहूं, चने की खरीदी कराने, बीमा व राहत राशि का भुगतान कराने पर भारतीय किसान संघ ने जिले के किसानाें की ओर से कलेक्टर काे धन्यवाद देकर उनके कार्याें की सराहना की।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि शुक्रवार को कलेक्टाेरेट पहुंचे और कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा। किसान संघ की ओर से जिला प्रवक्ता जय पटेल, जिला महामंत्री नरेन्द्र तिरोले, रवीन्द्र पाटीदार व नगर अध्यक्ष शशी मिश्रा ने ज्ञापन सौंपकर किसानों को समय पर खाद-बीज की व्यवस्था उपलब्ध कराने, किसानों को राहत राशि व बीमा की राशि का भुगतान दिलाने तथा लॉकडाउन के दौरान गेहूं उपार्जन व चना खरीदी का कार्य समय पर प्रारंभ करने तथा अनाज मंडी में गेहूं विक्रय की व्यवस्था कराने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की और जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया। किसान संघ के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर कहा कि कलेक्टर के नेतृत्व में जिला प्रशासन के इन कार्यों से किसानों को आर्थिक रूप से संबल मिला है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के दो माह का चावल नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है। यह वितरण विधानसभा के दो नगरीय क्षेत्र मूंदी एवं ओंकारेश्वर में शुरू किया गया। शुक्रवार को ओंकारेश्वर व मूंदी की 6 उचित मूल्य दुकानों से यह चावल वितरण शुरू किया गया। दोपहर में मांधाता विधायक नारायण पटेल ने दुकान क्रमांक 2 पहुंचकर चावल का सैंपल चेक किया। विधायक पटेल ने सेल्समैन दिलीप दलाल को उपभोक्ताओं के लिए छांव की व्यवस्था तथा सोशल डिस्टेंस पालन के निर्देश दिए। सहायक खाद्य अधिकारी सुनील नागराज ने शुक्रवार को नगर की तीनों उचित मूल्य दुकानों पर खड़े रहकर कुल 851 क्विंटल चावल का वितरण कराया। उन्होंने बताया नगर में 1968 उपभोक्ता परिवार के 8512 सदस्य हैं। प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल का वितरण हो रहा है। ओंकारेश्वर की तीनों दुकानों पर 709 क्विंटल चावल वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत 25 श्रेणी वाले उपभोक्ता जिन्हें पात्रता पर्ची जारी की गई है उन्हें भी लाभ मिलेगा।
लॉकडाउन में महाराष्ट्र के अकाेला में फंसे 322 मजदूर शनिवार तड़के स्पेशल ट्रेन से खंडवा पहुंचेंगे। इसके बाद मजदूरों काे खाने-पीने की व्यवस्था के साथ बसाें के माध्यम से उनके गृह जिले तक पहुंचाया जाएगा।
शुक्रवार काे अकोला से प्रदेश के विभिन्न जिलों के कुल 1347 मजदूरों को लेकर रवाना हुई विशेष ट्रेन खंडवा स्टेशन पर शनिवार सुबह लगभग 5 बजे पहुंचेगी। कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल व पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह ने शुक्रवार शाम को रेल्वे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन से आने वाले मजदूरों के लिए बसों की व्यवस्था के साथ उनके लिए मास्क व खाने के पैकेट सहित विभिन्न व्यवस्थाओं के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। स्पेशल ट्रेन में खंडवा जिले के 322 मजदूर भी शामिल हैं, जो महाराष्ट्र के अकोला, अमरावती, बुलढाना, वाशिम एवं यवतमाल में कार्यरत थे। इसके अलावा ट्रेन से बड़वानी जिले के 48, बुरहानपुर के 430, धार के 7, इंदौर के 12 व खरगोन के 152 मजदूर भी आ रहे है। इन सभी मजदूरों को विशेष वाहनों से उनके जिले तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा ट्रेन में बैतूल के 198, दतिया के 37, शिवपुरी, भिंड के 18, मुरैना के 75, दमोह के 13, सागर, भोपाल के 10 मजदूर सहित रायसेन, विदिशा, शाजापुर, मन्दसौर, होशंगाबाद, हरदा, छतरपुर, जिलों के कुल 376 मजदूर भी आएंगे।
बच्चों को कंधे पर लादकर पहुंच गए घर
लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के घर लौटने का सिलसिला एक माह से जारी है। गुरुवार को भी करीब 15 लोग पैदल ही मूंदी पहुंचे। इनके साथ महिलाएं व बच्चे भी थे। यह लोग बच्चों के कंधे पर लेकर पैदल ही यहां पहंुचे। इन्होंने रात्रि विश्राम बस स्टैंड के श्रीराम चबूतरे पर किया। सुबह अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराकर पैदल ही निकल पड़े। मजदूर गोविंद नायक ने बताया हम लोग सिंगाजी (छालपी) के रहने वाले हैं। जलगांव की टाइल्स फैक्ट्री में लोडिंग का काम करते थे। कुछ दिन से फैक्ट्री में ग्राहकों की भीड़ ज्यादा बढ़ गई। हो सकता है भीड़ में कोई कोरोना मरीज भी आ जाए। इसलिए हम परिवार के साथ पैदल ही सिंगाजी के निकल पड़े। 8 दिन में यहां पहुंचे हैं। सिंगाजी महाराज की कृपा से दो-तीन घंटे में घर पहुंच ही जाएंगे।
एक दिन के अंतराल से ही ग्वालियर में काेरोना संक्रमण के एक साथ पांच और मरीज मिले हैं। शुक्रवार को आई सैंपलों की जांच रिपोर्ट में काेरोना संक्रमितों की देखभाल करने वाला जेएएच का एक जूनियर डॉक्टर भी पॉजिटिव पाया गया है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से ये डॉक्टर मेडिसिन के आईसीयू में काम कर रहा था। इनके आलावा एक एसएएफ का सिपाही, शेष तीन अहमदाबाद से लौटे मजदूर हैंै। इसमें से एक हजीरा और दो बेहट के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि संक्रमण की शुरुआत के बाद 38 दिनों में जिले में सिर्फ 9 मरीज थे, जबकि पिछले चार दिन में 12 मरीज मिल चुके हैं। कुल 21 मरीजों में से 7 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। याद रहे बुधवार को ही एक साथ पांच मरीज पाए गए थे।
अब तक कोरोना से अछूते रहे भिंड में भी शुक्रवार को एक मरीज निकल आया। यह मरीज दिल्ली में मजदूरी करने वाला मौ निवासी रवि कुमार (33) पुत्र कैलाश है जो गुरुवार को भिंड आया था। यहां आते ही उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया। शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट आई, जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया।
दूसरे राज्यों से लोगों को आने की छूट देने के बाद कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि संक्रमित पाए जाने वाले मरीज वे ही हैं जो कारोबार के सिलसिले में बाहर गए थे और हाल ही में वापस लौटे हैं। ग्वालियर में जहां संक्रमण बढ़ रहा है वहीं अंचल में हालात सामान्य नजर आ रहे हैं।
डॉ.आकाश कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने से हुए संक्रमित
डॉ. आकाश गढ़वाल (29 )
जूनियर डॉक्टर आकाश ने 1 से 15 अप्रैल तक काेरोना संक्रमितों के लिए सुपर स्पेशलिटी में बनाए गए वार्ड में ड्यूटी की। उसके बाद वे 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहे। वापस लौटने के बाद उनकी ड्यूटी मेडिसिन विभाग के आईसीयू में लगाई गई। पिछले तीन-चार दिनों से कोरोना के लक्षण दिखाई देने के कारण वे छुट्टी पर थे, इस कारण उनका सैंपल कराया गया।
धर्मवीर (34), हजीरा
पुताई और पुट्टी का काम करने वाला धर्मवीर पिछले लंबे समय से अहमदाबाद में काम कर रहा है। 4 मई को अपने दोस्त अवधेश राठौर (पुर जिला भिंड) के साथ मोटर साइकिल से ग्वालियर लिए रवाना हुआ था। 6 मई को सुबह आठ बजे करीब ग्वालियर पहुंचे और तीन बजे जिला अस्पताल में सैंपल दिए। धर्मवीर को खांसी थी, उसकी दवा देकर उसे घर रवाना कर दिया गया।
भूरीदेवी (35), बेहट
भूरीदेवी निवासी घुसगंवा बेहट परिवार के साथ अहमदाबाद में रहती है। इनका पति सुरेश चाट का ठेला लगाता है। लॉकडाउन के बाद अहमदाबाद में फंसे परिवार के कुल 13 सदस्यों के साथ भूरीदेवी 4 मई को बस से झाबुआ पहुंचीं। यहां से दूसरी बस से ग्वालियर के लिए रवाना हुईं और 6 मई को जेएएच में सैंपल दिए।
देवेंद्र कुशवाह (36), बेहट
अहमदाबाद में चाट का काम करने वाला बेहट निवासी देवेंद्र कुशवाह परिवार के 13 लोगों के साथ सड़क मार्ग से 4 मई को झाबुआ पहुंचा। वहां से बस बदलकर मालनपुर होते हुए ग्वालियर पहुंचा। जिले के बोर्डर पर पूरे परिवार की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें रवाना कर दिया। बेहट पहुंचने पर ग्राम सहायक ने सैंपल कराने की सलाह दी। 6 मई को जेएएच में सैंपल कराया।
राजेंद्र कुमार मांझी, एसएएफ (45)
14 वीं बटालियन एसएसएफ के सिपाही राजेंद्र मांझी पिछले एक माह से भोपाल में तैनात थे। 6 मई को सुबह वे सरकारी वाहन से ग्वालियर आए। चूंकि इनका स्वास्थ्य खराब था और ये रेड जोन क्षेत्र भोपाल से आए थे। इसलिए इनको एनजीओ क्लब में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया। 7 मई को इनका सैंपल लिया गया।
12 दिन और रहेगा रेड जोन में ग्वालियर
पिछले चार दिन में 12 मरीज मिलने के बाद अब ग्वालियर का रेड जोन से निकलना मुश्किल है। केंद्र सरकार की नई गाइड लाइन के अनुसार अभी कम से कम 12 दिन रेड जोन की बंदिशों का ही सामना करना पड़ेगा। बशर्ते इस दौरान कोई नया पॉजिटिव केस न मिले। ग्वालियर नई और पुरानी दोनों ही गाइड लाइन के मुताबिक इस समय रेड जोन में है। यहां काेरोना संक्रमण से पीड़ित 14 मरीज सुपर स्पेशलिटी में अपना इलाज करा रहे हैं। जिला प्रशासन के अनुसार संक्रमण का खतरा बरकरार रहने तक जिले में रेड जोन की गाइड लाइन ही लागू रहेगी।
45 दिन में सिर्फ 35 डॉक्टरों के हुए सैंपल, जबकि 500 डॉक्टर और कर्मचारी जुटे हैं इलाज में
पिछले 45 दिनों में संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लगभग 35 डॉक्टरों के सैंपल की जांच कराई गई है। उनमें से डॉ.आकाश गढ़वाल का केस पॉजिटिव आया है। गौरतलब है कि जेएएच और स्वास्थ्य विभाग के करीब 500 डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमित मरीजों की तीमारदारी में लगे हुए हैं। इनमें से अब तक सिर्फ 35 डॉक्टरों के ही सैंपल कराए गए हैं।
गांव के स्वसहायता समूह की महिलाओं ने खेत से घर तक हरी सब्जियां पहुंचाने का काम शुरू किया है। मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम बोरगांव खुर्द की 10 महिलाओं के स्वसहायता समूह ने अपने खेतों से सब्जी बेचने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की है। वाहन के माध्यम से ये महिलाएं कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर शहर के विभिन्न मोहल्लों में जाकर सब्जी बेचेगी। इसके बाद वे राशन की घर पहुंच सेवा भी शुरू करेंगी।
लॉकडाउन के दौरान ग्राम बोरगांव खुर्द की रिद्धी सिद्धी महिला स्वसहायता समूह ने एक सराहनीय पहल करते हुए खेत से ताजी सब्जी व आवश्यक राशन सामग्री की घर पहुंच सेवा प्रारंभ की है। इसका शुभारंभ शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय परिसर में कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल व सीईओ राेशन सिंह ने सब्जियां खरीदकर किया। दाेनाें अधिकारियाें ने वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कलेक्टर व सीईओ ने समूह की महिलाओं को इस नए व्यवसाय के लिए शुभकामनाएं देकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी समझाइश दी। कलेक्टर ने समूह की महिलाओं से कहा कि सब्जी वाहन पर माइक लगाकर एनाउंसमेंट कराने की व्यवस्था भी की जाए, जिससे ग्राहकों को सब्जी बेचने वाले इस वाहन के आने की सूचना मिल जाए और वे सब्जी खरीद सकें। सीईओ ने महिलाओं को वाहन पर सब्जी व किराना विक्रय दर की सूची प्रदर्शित करने की सलाह दी। इस दौरान जनपद खण्डवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महेन्द्र घनघोरिया, ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक शकुंतला डिंडोरे, जिला प्रबंधक नीलिमा सिंह, रीना गुप्ता, प्रीति ठाकुर भी उपस्थित थी।
10 महिलाओं के समूह की अनाेखी पहल
समूह की सदस्य कोकिला तिरोले ने बताया शीघ्र ही उनका समूह सब्जी के साथ किराना सामग्री की चलित दुकान भी शुरू करेगा ताकि लॉकडाउन के दौरान लाेगाें को सब्जी व किराना खरीदने में परेशानी न हो। समूह की कविता ने बताया कि खेत से सीधे शहर तक सब्जी लाने से शहरवासियाें को उचित मूल्य पर सब्जी मिल सकेगी।
औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव मध्य प्रदेश लाए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात करके ट्रेन की व्यवस्था करवाई है। शवों को ट्रेन से जबलपुर लाया जाएगा। यहां सेमजदूरों के शव उनके गृह जिलेभेजे जाएंगे। ट्रेन औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से 8 मई को शाम 7 बजे रवाना हो गई। मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद पहुंचे राज्य सरकार के दल से फोन पर चर्चा की औरट्रेन दुर्घटना में घायल हुए श्रमिकों के संबंध में जानकारी ली।
उन्होंने घायल व्यक्तियों की सहायता के लिए एक-एक लाख रुपए और मृतक श्रमिकों के परिजनको 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश पहले ही दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस दु:खद घड़ी में शोकाकुल परिवार स्वयं को अकेला नहीं समझें।मैं और मेरी पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है। औरंगाबाद में रेल हादसे में 16 प्रवासी मजदूर मारे गए हैं। ये सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। इनमें 10 शहडोल और 5 उमरिया के रहने वाले हैं।
उमरिया जिले के हैं पांच मजदूर
औरंगाबाद ट्रेन हादसे में उमरिया जिले के 5 मजदूरों की मौत हुई है।उमारिया जिले के पाली जनपद अंतर्गत ग्राम नेउसा के 3 युवक और ग्राम ममान के 1 युवक शामिल है।ग्राम ममान में पहुंची पुलिस टीम और जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह ने परिजनसे मिलकर उन्हें सूचना दी और ढांढस बंधाया। एसडीओ पाली अरविंद तिवारी बताया कि जिले के कुल 5 मजदूरों कीहादसे में मौत हुई है।
औरंगाबाद रेल हादसे के मृतकों में 10 शहडोल के
1) धन सिंह गोंड (शहडोल)
2) निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल)
3) बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल)
4) अच्छेलाल सिंह (उमरिया)
5) रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल)
6) सुरेश सिंह कौल (शहडोल)
7) राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल)
8) धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल)
9) बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया)
10) प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया)
11) संतोष नापित
12) बृजेश भैयादीन (शहडोल)
13) मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया)
14) श्रीदयाल सिंह (शहडोल)
15) नेमशाह सिंह (उमरिया)
16) दीपक सिंह गौड़ (शहडोल)
जख्मी: सज्जन सिंह माखन सिंह धुर्वे (खजेरी)
इंदौर-इच्छापुर हाईवे स्थित देशगांव में शुक्रवार दोपहर अवैध गैस सिलेंडर रिफिलिंग के दौरान ब्लास्ट हो गया। इससे कईदुकानें जल गईं। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आगजनी के वक्त लोगों की भीड़ लग गई। देशगांव पुलिस के जवान भीड़ को खदेड़कर सड़क किनारे कर रहे थे। तभी कुछ युवकों ने पुलिसकर्मियों व फायर ब्रिगेड टीम पर हमला कर दिया। मारपीट, अफरातफरी के बीच पुलिस जवान पर एक युवक का गैस सिलेंडर फेंकते हुए वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस ने गांव के ही सुमित और उसके साथी को हिरासत में लिया है। आगजनी का कारण सिलेंडर फटना बताया जा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान देशगांव में शुभम राठौर नाम का युवक हाईवे से निकल रहे वाहन चालकों को बड़े सिलेंडर से गैस निकालकर छोटे सिलेंडर में भरकर देता था। शुक्रवार दोपहर 12 बजे से शुभम यही काम कर रहा था। सिलेंडर में लीकेज होने से वह भाग गया। तभी अचानक आग लग गई। लॉकडाउन होने से क्षेत्र की सभी दुकानें बंद थीं। दोपहर 12.30 बजे शुभम की दुकान से धुआं निकलते देख गांव में अफरातफरी मच गई। इस बीच आग की लपटों में से सिलेंडर फटने की आवाज आई। करीब चार-पांच बार बम फटने जैसी आवाजें आईं। यह सुन लोग घरों से बाहर निकल आए। आग की लपटें भयावह होते देख खंडवा फायर फाइटर के अलावा खरगोन, भीकनगांव, सनावद, बड़वाह व पंधाना, ओंकारेश्वर के फायर फाइटर भी आग बुझाने पहुंचे।
पीड़ितों को 20-20 हजार रुपए की मदद की
मारपीट के दौरान देशगांव पुलिस चौकी के जवान सुरेश के गाल पर सिलेंडर लगा है। भीड़ में शामिल लोग भी घायल हुए है। जो पुलिस कार्रवाई के डर से मौके से भाग गए। मारपीट का वीडियो देखने के बाद पुलिस ने दो लोगों को नामजद किया है। जानकारी मिलते ही एसपी डाॅ. शिवदयाल सिंह व राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पंधाना विधायक राम दांगोरे ने घटनास्थल पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास किया। विधायक मद से पीड़ित व्यवसायियों को 20-20 हजार रुपए देकर तात्कालिक मदद की है। दुकानदारों ने करीब दो करोड़ रुपए का सामान जलने की बात कही है।
सिलेंडर रिफिलिंग के दौरान ब्लास्ट होना बताया जा रहा है
एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह के अनुसार देशगांव में आगजनी के दौरान आग पर काबू करने में लगे पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम को कुछ युवकों ने गैस सिलेंडर फेंककर मारा। आरक्षक को गाल पर लगा है। घटना का वीडियो देखकर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर रहे हैं। नुकसान का पंचनामा बनाया है। ग्रामीणों के मुताबिक सिलेंडर रिफिलिंग के दौरान ब्लास्ट होने से हादसा होना बताया जा रहा है। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अमझेरा थाना क्षेत्र के मुवाड़ गांव कीनाबालिग से गैंगरैप का मामला सामने आया है। घटना 5 अप्रैल की है। पीड़ितने बुधवार शाम काे परिजन के साथ थाने पहुंच कर रिपाेर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मदन पिता बनसिंह, भुवान पिता करमसिंह औरमुकेश पिता परमसिंह सभी निवासी ग्राम मुवाड़ के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार,पीड़ितघटना के दिन मैस्कोडेम के पास जंगल में बकरियां चराने गई थी। यहां आराेपी मदन, भुवान औरमुकेश ने लड़की के साथछेड़छाड़ की। पीड़ितनेविरोध किया तो आरोपी मदन औरभुवान उसको घसीटते हुए खोदरी (खाल) में ले गए और दोनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। मुकेश ने सहयाेग किया। बाद में जान से मारने की धमकीदेकर तीनों जंगल की ओर भाग गए। टीआई आरएल मीणा ने बताया कि पीड़िता की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ धारा 376 (घ), 376 (3), 506, पॉस्को एक्ट के तहतकेस दर्ज किया गया।
केन्द्र विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए विशेष प्लेन भेज रहा है। तो प्रदेश की सरकारें भी मजदूर वर्ग के लोगों को लाने ले जाने के लिए बसों का इंतजाम कर रहीं। ऐसे में वह लोग परेशान है जो अकेले फंसे हैं। ई पास के लिए आवेदन करते है तो कोई न कोई शर्त रोड़ा बन जाती है। ऐसा ही मामला है ग्राम दुरसड़ा के जीतू प्रजापति का। जीतू नोएडा की किसी फैक्ट्री में काम करता है। लॉक डाउन के कारण फैक्ट्री बंद है। अब वह अपने गांव नहीं आ पा रहा।
दैनिक भास्कर से फोन पर चर्चा करते हुए जीतू ने बताया कि उसने ई पास के लिए ऑन लाइन आवेदन किया। लिंक ने 5 लोगों का समूह मांगा। वह अकेला है। इसलिए उसे न तो ई पास मिला और न ही घर आने का कोई रास्ता उसे सूझ रहा। नोयडा में वह परेशान हैं। हमीरपुर के किशोरी प्रजापति मुंबई बोरवली में फंसे है। उन्हें भी दतिया आने की अनुमति तो मिल ही नहीं रही है। वह स्वयं के खर्चे पर आने का सोच रहे। लेकिन साधन भी नहीं मिल रहे है। किशोरी कहते है कि यहां स्थिति खराब है। मरीज बढ़ रहे है। ऐसे में घर की याद आती है।
पति गाजियाबाद में पत्नी मायके दतिया में
गाजियाबाद की गीता 19 मार्च को अपने मायके मुढ़ियन का कुआं पर आई थी। अपने दोनों बच्चों के साथ गीता तभी से दतिया में फंसी है। गीता के पति गाजियाबाद में अकेले है। यहां पर गीता अपने बच्चों के साथ अकेली। चूंकि दिल्ली रेड जोन में है। गाजियाबाद दिल्ली के पास ऐसे में वहां जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। स्थानीय प्रशासनिक या शासन स्तर पर ऐसे फंसे हुए लोगों को उनके मुकाम तक पहुंचाने की भी कोई व्यवस्था न होने से गीता परेशान हैं।
भाषा बन रही परेशानी कर्नाटक में फंसे 15 लोग
जिले के ग्राम भलका के 15 लोग कर्नाटक के ग्राम ईकोटा में लॉक डाउन से ही फंसे है। वहां वह दतिया आने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे। वहां के अधिकारी हिंदी नहीं समझते इसलिए वह न तो ई पास के लिए आवेदन कर पा रहे और न ही इतनी दूर आने की हिम्मत। सभी लोग एक फैक्ट्री में काम करते थे। हालांकि फैक्ट्री मालिक खाने पीने का इंतजाम कर रहा है। सभी मजदूरों के एडवोकेट शिवराज सिंह जाट फोटो आदि मंगा कर प्रदेश सरकार में आवेदन कर रहे है। लेकिन वह कब तक वापस आएंगे, सरकार क्या इंतजाम करेगी। यह अब तक तय नहीं है। एडवोकेट जाट के अनुसार किसी के पास आधार कार्ड नहीं है किसी के पास अन्य कोई दस्तावेज। इसलिए अधिक परेशानी आ रही है।
बुधवार को रात 8 बजे से 12 बजे तक तेज आंधी ने काफी तबाही मचाई। रात में तापमान भी तीन डिग्री गिर गया और रात के मौसम का असर दिन में भी दिखा। गुरुवार को सुबह धूप तो निकली लेकिन धूप में नरमी थी और उमस भी गरमी का अहसास करा रही थी। जिससे अधिकतम तापमान दो डिग्री गिरकर 38.4 डिग्री रिकार्ड किया गया। हालांकि शुक्रवार से तापमान बढ़ने की उम्मीद है। तापमान चार डिग्री तक उछल सकता है।
रात का तापमान 21.8 डिग्री दर्ज किया गया
चार मई से लगातार प्रतिदिन मौसम बिगड़ रहा है। पूरे दिन धूप निकलती है और शाम होते ही मौसम बिगड़ना शुरू हो जाता है। बादलों में आकाशीय बिजली चमकती है, बादल गरजते हैं और बारिश के साथ तेज आंधी चलती है। तेज आंधी के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। बिजली गुल हो जाती है और रात-रात भर बिन बिजली के रहना पड़ता है। बुधवार को भी शाम के समय कुछ यही हाल रहा। भांडेर और बसई क्षेत्र के अलावा जिगना व आसपास गांव में जोरदार बारिश हुई। जबकि शहरी क्षेत्र में केवल बूंदाबांदी होकर रह गई। हालांकि मौसम ठंडा हो गया। बुधवार को अधिकतम तापमान 40.2 आैर न्यूनतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया था। गुरुवार को अधिकतम तापमान दो डिग्री गिरकर 38.4 और न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री दर्ज किया गया। आगामी दिनों में भी मौसम का रुख स्पष्ट नहीं है। तापमान बढ़ने के साथ ही रात के समय पुन: आंधी और बारिश की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार मई माह के शुरुआती दिनों में इस तरह का मौसम देख लोग आश्चर्यचकित हैं कि मौसम किस तरफ जा रहा है। इन दिनों में तेज गर्मी पड़ती है वर्तमान में तापमान काफी नीचे चल रहा है। अब केवल नौ तपा के दिनों में ही ज्यादा गर्मी पड़ सकती है।
प्रदेश में सत्ता पलट के साथ ही जिले में कांग्रेसियों पर दर्ज हो रहे मामले इन दिनों चर्चा का विषय बन हुए हैं। भांडेर उपचुनाव की आहट के बीच अब कांग्रेसी ही एक दूसरे पर आपराधिक मामले दर्ज करा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चित मामला है युवा कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह उर्फ रामू गुर्जर का है।
रामू कांग्रेस पदाधिकारी होने के साथ-साथ ग्राम पंचायत धनौटी में रोजगार सहायक भी हैं। वर्तमान में इन पर ग्राम पंचायत के सचिव का प्रभार भी है। रामू के खिलाफ पूर्व मंत्री व लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह के नजदीकी माने जाने वाले पार्टी के जिला उपाध्यक्ष संतोष लश्करी की शिकायत पर हुई जांच के बाद पंडोखर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। हैरानी इस बात की है कि सरकारी नौकरी में रहते हुए रामू दो साल से कांग्रेस पदाधिकारी भी भूमिका में हैं। लेकिन आज तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नाहर सिंह यादव कहते हैं कि सरकारी कर्मचारी पार्टी का पदाधिकारी नहीं हो सकता। रामू के मामले पर वह कहते हैं कि उनके पास उनके जिलाध्यक्ष होने की कोई लिखित सूचना या जानकारी पार्टी स्तर से नहीं है।
यह है पूरा मामला... कांग्रेस नेता ने रोजगार सहायक बनने के लिए लगाए फर्जी दस्तावेज
रामू गुर्जर वर्ष 2012 में ग्राम पंचायत धनौती के रोजगार सहायक बने। कांग्रेस नेता संतोष लश्करी को सूचना मिली कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाए हैं। उन्होंने प्रशासन से शिकायत की। शिकायत पर जब कार्रवाई नहीं हुई तो लश्करी ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने पुलिस के मामले की जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस ने जब जांच की तो सामने आया कि रामू ने रोजगार सहायक की नौकरी के लिए हिमाचल प्रदेश की मानव भारती यूनिवर्सिटी का डीसीए का प्रमाण पत्र, असम यूनिवर्सिटी, सिलचर का मेट का प्रमाण पत्र व आईटीआई भांडेर के प्रमाण पत्र लगाया था। पुलिस ने जब इन संस्थानों से जांच की तो तीनों प्रमाण पत्र फर्जी थे। तीनों से आरटीआई में तीनों संस्थाओं ने लिख कर दिया। रामू गुर्जर कभी उनकी संस्था के छात्र नहीं रहे और न ही उन्होंने प्रमाण पत्र जारी किए।
जिलाध्यक्ष बोले- हमारे पास लिखित सूचना नहीं
बुधवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेसियों पर दर्ज हो रहे केस को लेकर बैठक हुई। बैठक में पूर्व मंत्री व लहार विधायक गोविंद सिंह मौजूद थे। बैठक में रामू का मामला सबसे अधिक गर्म रहा। कारण जिलाध्यक्ष नाहर सिंह रामू के मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से मिले थे। जिस पर सभी कांग्रेसियों ने आक्रोश व्यक्त किया था। दैनिक भास्कर ने जब सरकारी नौकरी में रहते हुए रामू के पदाधिकारी होने की बात जिलाध्यक्ष यादव से कही तो उन्होंने कहा ऐसा नहीं हो सकता। यादव बोले पहले रामू की पत्नी प्रियंका पहले भांडेर ब्लाक की अध्यक्ष थी। बाद में रामू कब अध्यक्ष बन गए उन्हें नहीं पता। रामू के युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष होने की लिखित सूचना उन्हें प्रदेश संगठन से नहीं मिली।
अशाेकनगर जिले से एक ही जीप में सवार हाेकर आए सात लाेगाें में से ग्वालियर के दो युवक कोरोना संक्रमित निकले तो दतिया जिले में भी दहशत फैल गई। ऐसा इसलिए क्योंकि दतिया शहर का भी एक युवक उस जीप में सवार होकर आया था। बुधवार की रात दतिया के गाड़ी खाने के पास रहने वाले युवक और उसके परिवार के तीन सदस्यों के सैंपल कराए गए। इसके बाद इन चाराें काे जिला अस्पताल में अाइसाेलेट कर दिया गया। इनकी रिपाेर्ट शुक्रवार की शाम तक आने की संभावना है। गुरुवार को कोरोना मरीज मिलने की अफवाह के बाद बाजार खुले होने के बाद भी लोग बहुत कम संख्या में पहुंचे। जो लोग बाजार आए भी वे सोशल डिस्टेंस का पालन करते देखे गए।
गाड़ी खाना सिंधी मंदिर के पीछे रहना वाला 18 वर्षीय प्रदीप विश्वकर्मा पुत्र विष्णु विश्वकर्मा भोपाल के दशमिस नगर में किसी फैक्ट्री में काम करता था। लॉक डाउन होने से वह भोपाल में फंस गया। 15 दिन पहले वह सात लोगों के साथ भोपाल से पैदल की दतिया के लिए चल दिया। गंजबासोदा तक वह पैदल आया। गंजबासौदा से ट्रक में बैठ कर ग्वालियर की ओर आ रहा था कि अशोकनगर जिले के मुंगवली कस्बे में सभी सात लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इन्हें अशोकनगर के किसी होस्टल नें 8 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया। प्रदीप के अनुसार क्वारेंटाइन समय में सभी सात लोग एक ही कमरे में साथ रहे। 4 मई को सभी ने मिल कर किराए से चार पहिया वाहन किया और ग्वालियर की ओर निकल पड़े। डीएचओ डॉ. हेमंत मंडेलिया के अनुसार प्रदीप व उसके परिवार की जांच रिपोर्ट शुक्रवार की शाम तक आने की संभावना है। प्रदीप या उसके परिवार के सदस्यों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। लेकिन वह पॉजिटिव के साथ रहा है। इसलिए सैंपल जांच कराई है।
ग्वालियर से मामा के साथ आया दतिया, मामा फरार
चार पहिया वाहन ने प्रदीप को ग्वालियर में छोड़ा। इसके बाद प्रदीप अपने एक रिश्ते के मामा के साथ ग्वालियर से दतिया दो पहिया वाहन से आया। प्रदीप सोमवार की रात 9.30 बजे दतिया अपने घर पहुंचा। प्रदीप अपने मामा का नाम नहीं बता पा रहा। मामा का मोबाइल बंद जा रहा है। पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग को उसके मामा की तलाश है। लेकिन मामा गायब है।
रिपोर्ट आई तब पता चला प्रदीप संक्रमित लोगों के साथ था
प्रदीप के साथ ग्वालियर जिले के पिछोर के अरविन्द कुशवाह व पवन कुशवाह भी थे। जब इन दोनों का कोरोना टेस्ट किया गया तो दोनों लोग पॉजिटिव निकले। इन दोनों के पॉजिटिव निकलने के बाद पिछोर क्षेत्र के इंसीडेंट कमांडर आनंद गोस्वामी ने रिपोर्ट जारी की। इसमें दतिया के प्रदीप का भी दोनों पॉजिटिव लोगों के साथ रहना बताया गया।
आप ऐसा क्यों पूछ रहे हो, हमें कुछ हो गओ का...
प्रदीप के साथ उसकी माता, पिता व बहन को बुधवार रात में ही स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया था। गुरुवार को उसके परिचित उसे फोन लगा कर उसकी तबीयत के बार में पूछ रहे थे। प्रदीप डरा हुअा था अाैर सभी से एक ही बात पूछ रहा था कि आप ऐसा क्यों पूछ रहे हाे। हमें कुछ हो गओ का। भास्कर रिपोर्टर ने जब प्रदीप से फोन पर बात की तो यही प्रश्न उसका भास्कर रिपोर्टर से भी था।
लाॅकडाउन में भी बदमाश अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को दोपहर में कोतवाली पुलिस ने होलीपुरा मोहल्ले में रिंगरोड पर कट्टा लगाकर घूम रहे बदमाश को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से 315 बोर का लोडेड कट्टा व राउंड जब्त कर प्रकरण दर्ज किया है। वहीं भांडेर पुलिस ने सरसई रोड पर घूम रहे दो बदमाशों को गिरफ्तार कर चार देशी कट्टा व 10 जिंदा राउंड जब्त कर प्रकरण दर्ज किया है।
कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि गुरुवार को दोपहर में पुलिस पार्टियां मुख्य मार्गों, गली मोहल्लों में लॉकडाउन को लेकर भ्रमण कर रही थीं। तभी दोपहर के समय होलीपुरा मोहल्ले में एक युवक संदिग्ध हालत में घूमता पाया गया। पुलिस के वाहन को देखकर युवक भागा तो शंका और ज्यादा बढ़ गई। इसके बाद पुलिस ने उसे घेरकर पकड़ा। आरोपी की पहचान अमित पुत्र गद्दू यादव निवासी होलीपुरा के रूप में हुई। तलाशी में आरोपी की कमर में लोडेड 315 बोर का कट्टा मिला। आरोपी मोहल्ले में फायर करने के उद्देश्य से घूम रहा था।
वहीं भांडेर पुलिस ने बुधवार देर शाम सरसई रोड पर गश्त के दौरान विक्रम छीपा और अरविंद कुशवाहा निवासी उनाव को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों के कब्जे से 315 बोर के तीन कट्टा व एक 12 बोर का कट्टा और 10 राउंड जब्त कर आर्म्स एक्ट का प्रकरण दर्ज किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दोनों उक्त हथियार भांडेर में बेचने के लिए जा रहे थे। उनके साथ एक अन्य आरोपी भी था जो कि कहीं छिप गया। पुलिस ने उसकी भी तलाश शुरू कर दी है।
लॉक डाउन के 45 दिन बीत चुके हैं। अब प्रशासन द्वारा किराना, टायर पंचर एवं अन्य दुकानों को ढील दी जा रही है। लेकिन कपड़ा, ज्वैलर्स, जूते चप्पल एवं अन्य व्यापारियों काे छूट नहीं दी जा हर है। जिससे अब यह कारोबारी विरोध जताने लगे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि लॉक डाउन में कारोबार बंद रहने से वे दिवालिया होने की कगार पहुंच गए हैं। जिस तरह किराना एवं अन्य दुकानों को छूट दी जा रही है, उसी प्रकार उनकी दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी जाए। गौरतलब है कि लॉक डाउन के दौरान कपड़ा ज्वैलर्स, फोटो स्टूडियो, जूता, चप्पल जनरल स्टोर और अन्य दुकानों को खोले जाने के लिए एक भी दिन की ढील नहीं दी गई है। जबकि अन्य दुकानों काे खोले जाने के लिए ढील दी जा रही है। जिससे अब कपड़ा, जनरल स्टोर, ज्वैलर्स एवं अन्य दुकानदारों ने विरोध जताना शुरु कर दिया है।
सड़ने लगा है कपड़ा, चूहे भी पहुंचा रहे नुकसान
रेडीमेड गारमेंट्स कारोबारी जगदीश सिंह का कहना कि 45 दिन से उनकी दुकान नहीं खुली है। जबकि उन्हें दुकान का किराया, कर्मचारियों की तनख्वाह देना पड़ रही है। इसके साथ ही उनकी दुकानों में रखा कपड़ा सड़ने लगा है और चूहे भी कपड़े को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं सराफा कारोबारी मुकेश सोनी का कहना है कि उनकी ज्वैलर्स दुकानों को भी खोलने की अनुमति मिलना चाहिए।
जेवरात बनाने वाले कारीगर आए मुश्किल में
दुकानें बंद रहने से जेवरात बनाने वाले कारीगरों के सामने भी भुखमरी का संकट आ गया है। इसके साथ ही जनरल स्टोर, जूता चप्पल एवं चूडियां व अन्य दुकानदारों का भी कहना है कि दुकानें बंद रहने से उन्हें बैठे-बैठे किराया देना पड़ रहा है, साथ ही घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।
डेढ़ हजार दुकानदार और उनके कर्मचारी संकट में
शहर में ज्वैलर्स की दुकानें 90 की संख्या में है। जबकि कपड़ा दुकानें 300 के करीब हैं। इसके अलावा जनरल स्टोर दुकानों की संख्या 150 है। वहीं चूता चप्पल दुकानें 70 की संख्या में हैं। जबकि चूडियों की दुकानें 200 एवं अन्य छोटे कारोबारी जिन्हें अभी तक लॉक डाउन में ढील नहीं दी गई है उनकी करीब 1 हजार संख्या हैं। इन दुकानों से कई लोगों के घर भी चलते हैं।
नगर पालिका द्वारा कांग्रेस नगर अध्यक्ष की दुकान को सील करने की कार्रवाई की गई है।नगर अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने नगर पालिका से किराए पर ली गई दुकान का किराया पिछले एक वर्ष से जमा नहीं किया गया था, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई। दरअसल नगर अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने नगर पालिका से तहसील रोड स्थित दुकान को नीलामी में किराए से लिया था। जिसका का किराया नगर पालिका को 767 रुपए प्रतिमाह जमा किया जाना था। नगर पालिका सीएमओ प्रदीप कुमार भदौरिया के अनुसार नगर अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा ने दुकान का किराया मई 2019 से जमा नहीं किया था, जिसके चलते कुल किराया राशि 10 हजार रुपए हो गई थी। इसके चलते बुधवार को उनकी दुकान को सील करने की कार्रवाई की गई। दुकान सील करने के बाद नगर पालिका द्वारा नगर अध्यक्ष को कार्रवाई का जबाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के चलते प्रशासन ने अब उनकी ढूंढ़कर स्क्रीनिंग करने का सिलसिला बढ़ा दिया है। गुरुवार को डेढ़ सौ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। यहां तक की शुक्रवार से बाहर से आने वालों की खोज के लिए सर्वे भी शुरु किया जा रहा है। वहीं भितरवार में कंटेनर में भरकर आए बीस से अधिक मजदूरों के बाजार में घूमने से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और सभी मजदूरों को कंटेनर में से शिवपुरी जिले की सीमा में भिजवाया गया। इसके अलावा भितरवार में दो और क्षेत्र में कुल 15 लोगों के सैंपल लिए गए।
पिछोर कस्बे में विगत 4 मई को भोपाल से लौटकर आए अरविंद कुशवाह और पवन कुशवाह की बुधवार को रिपोर्ट पॉजिटिव निकलने के बाद पूरे ब्लॉक में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं एक साथ दो लोगों के पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। क्योंकि शहर व ग्रामीण अंचल में अभी भी काफी संख्या में मजदूरों के आने का सिलसिला बना हुआ है। ऐसे में गुरुवार से ही प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों को खोजकर उनकी स्क्रीनिंग कराए जाने की प्रक्रिया बढ़ा दी गई है। गुरुवार को कम्युनिटी हॉल में बाहर से आने वाले लोगों की जांच किए जाने के चलते और दिनों की अपेक्षा काफी भीड़ रही। करीब डेढ़ सौ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई। साथ ही सभी को घर में ही रहने के लिए कहा गया। इसके अलावा गुरुवार को 15 संदिग्धों की सैंपलिंग कराई गई, जिसमें दो लोग भितरवार से आए थे।
सर्वे में मिलने वाले संदिग्ध लोगों की होगी सैंपलिंग
बाहर से आने वाले लोगों की प्रशासन तक सही सूचना नहीं पहुंच पा रही हैं। क्योंकि कई लोग चोरी छिपे भी बाहर से अपने घरों तक पहुंच रहे हैं। वहीं आसपास के लोग भी इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं। क्योंकि बाहर से आने वाले और संदिग्धों की जानकारी देने पर लड़ाई-झगड़े की नौबत बन जानती है। इस वजह से वह लोग जानकारी देने के चक्कर में न पड़कर चुप रहते हैं। इस वजह से अब प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए शुक्रवार 8 मई से सर्वे कार्य शुरु कराया जा रहा है। शुक्रवार से एएनएम, एमपीडब्लयू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व बीएलओ द्वारा बाहर से आने वाले लोगों व खांसी जुखाम से पीड़िताें का सर्वे कराया जाएगा। जिससे संदिग्धों व बाहर से आने वालों की जांच कराई जा सके और जरुरत पड़ने पर सैंपलिंग भी कराई जा सके और समय रहते कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।
भितरवार पहुंचा मजदूरों से भरा कंटेनर, ड्राइवर बोला- महाराष्ट्र पुलिस ने मजदूरों को दिल्ली में उतारने का कहकर चढ़ाया था
भितरवार कस्बे में उस तक हड़कंप मच गया जब महाराष्ट्र से लगभग 20 से 22 लोग कंटेनर क्रमांक आरजे 11-जीबी- 4150 में बैठकर भितरवार पहुंचे और खाने पीने का सामान लेने के लिए बाजार में घूम रहे थे। कंटेनर में बैठे मजदूर वर्ग के लोगों की भीड़ को देखकर लोगों को शंका हुई और उन्होंने प्रशासन को सूचित किया। सूचना मिलने पर तहसीलदार कुलदीपक दुबे, एसडीओपी शैलेंद्र सिंह जादौन व थाना प्रभारी केडी सिंह कंटेनर के पास पहुंचे। पूछताछ में कंटेनर चालक मोहम्मद साबिर पुत्र हमीन खान निवासी पलवल हरियाणा ने बताया कि वह नागपुर महाराष्ट्र से आ रहा था। तभी रास्ते में दिल्ली, उत्तरप्रदेश तथा हरियाणा के लिए लगभग 20-22 मजदूर पैदल चले आ रहे थे। इन सभी मजदूरों को महाराष्ट्र पुलिस ने कंटेनर में चढ़ा दिया और कहा कि इन्हें दिल्ली जाकर उतार देना।
दोबारा लौटकर न आने की दी हिदायत
कंटेनर के अंदर बैठे मजदूरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि सभी लोग अलग-अलग जगह के रहने वाले हैं। कोई मुजफ्फरनगर जा रहा है तो कोई हरियाणा तो कोई दिल्ली मजदूरी के लिए जा रहा है। मजदूरों ने बताया कि काम धंधे की तलाश में वह घरों से निकले हैं, ताकि उनके परिवारों का भरण पोषण हो सके। वहीं ट्रक चालक का कहना है कि इन मजदूरों को डबरा उतारना था, लेकिन वह भितरवार क्यों पहुंचा यह बात शंका का कारण बनी हुई है। ट्रक चालक की बात सुनकर तहसीलदार ने सभी मजदूरों को वापस कंटेनर में बैठाकर कैरूआ बॉर्डर से शिवपुरी जिले की सीमा के अंदर भेज दिया। साथ ही चालक को हिदायत दी वह दोबारा लौटकर न आए।
रमजान के महीने के दूसरेे जुमा से एक दिन पहले गुरुवार को कोरोना को हराकर पिछोर कस्बे के वार्ड क्रमांक दस में रहने वाले वजीर खान अपने घर पहुंच गए। 18दिनों बाद परिजनों से मिलकर न केवल उनकी आंखें छलक उठीं, बल्कि परिजन भी खुशी के मारे रो पड़े।
पति की सलामती के लिए पत्नी फरजाना, के साथ बेटा अल्ताफ व पुत्री फिजा ने रोजे भी रखे। वजीर के सही सलामत घर पहुंचने पर परिजनों का कहना था उनकी दुआ कुबूल हो गई। अब शुक्रवार को जुमा के दिन अल्लाताला की इबादत कर शुक्रिया अदा करेंगे। पिछोर कस्बे के वार्ड दस में रहने वाले ट्रक ड्राइवर वजीर खान पुत्र वशीर खान 4 अप्रैल को जबलपुर से पानीपत ट्रक लेकर गया और 12 अप्रैल को लौटकर अपने गांव लखनपुरा आया। इसके बाद 16 अप्रैल को पिछोर में आया। सूचना मिलने पर प्रशासन ने उसकी जांच कराई है और 17 को ग्वालियर में क्वारेंटाइन में रखा। 20 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। साथ ही वजीर के गांव और िपछोर कस्बे को पूरी तरह सील कर गहन जांच पड़ताल की गई।
वजीर के घर पहुंचने से पहले गली की सेनेटाइज
25 मई को दूसरी व 5 मई को तीसरी जांच निगेटिव आने के बाद गुरुवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। देर शाम 108एंबूलेंस से वह घर आया। छोटी मस्जिद से उतरकर वह सीधे घर पहुंचा। इस दौरान नायब तहसीलदार आनंद गोस्वामी व थाना प्रभारी सुरेंद्र कुशवाह भी मौजूद थे। इस दौरान पूरी गली को सेनेटाइज किया गया। वजीर को हिदायत दी गई कि वह 14दिन तक घर में ही रहे और परिजनों से दूर रहे। अस्पताल से जो निर्देश दिए गए हैं उसका पालन करे।
अस्पताल में रहकर हमेेशा बच्चों की याद सताती थी
वजीर ने बताया ट्रक में सवारी बैठाने पर अच्छा किराया मिलता था, लेकिन यह पता नहीं था कि कोरोना हो जाएगा। कोरोना का पता चला तो काफी घबराहट थी और एक ही बात दिमाग में आ रही थी बच्चों का क्या होगा। अस्पताल में भी पहुंचा तो बच्चों व घरवालों की याद आती रहती थी। वीडियो कॉलिंग के जरिए उनसे बात करता रहता था और बच्चे भी दिलासा देते रहते थे कुछ नहीं होगा। उन्हीं की दुआएं काम आईं। अस्पताल में भी सभी ने पूरा ख्याल रखा।
अड़ोखर गांव के 29 लोग गुजरात और राजस्थान के अलग-अलग शहरों में फसे हैं। सभी लोग अपने घर पहुंचना चाहते हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने पंचायत सचिव को ऑनलाइन परमिशन के लिए कागज दिए हैं, लेकिन सचिव ने ऑनलाइन एप्लाई नहीं किया है। ग्रामीणों से पहले सचिव ने कागजात ले लिए थे, जिसके बाद वह गांव नहीं पहुंचा है। ग्राम वासियों की शिकायत है कि सचिव द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गांव के मुन्ना प्रजापति के परिवार के 7 सदस्य गुजरात के राजकोट में फसे हैं। रघुराज कुशवाह के परिवार के 4 सदस्य राजस्थान और 5 सदस्य गुजरात में हैं। वहीं अमर सिंह कुशवाह के परिवार के 4 लोग कोटा और 2 भीलवाड़ा में फंसे हैं। विमलेश श्रीवास के परिवार का एक सदस्य अहमदाबाद और 8 दिल्ली में हैं। बाहर फंसे लोगों ने गांव में अपने परिजन को फोन करके पंचायत द्वारा ऑनलाइन पास बनवाने के लिए कहा है लेकिन पंचायत द्वारा कोई काम नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव गांव में नहीं आते हैं आैर किसी का फोन भी रिसीव नहीं कर रहे। गांव में जो लोग बाहर से आए हैं, उन्हें पंचायत ने क्वारेंटाइन भी नहीं कराया है।
गोरमी का बाजार गुरुवार को खोल दिया गया है। दुकानें खुलते ही बाजार में रौनक फिर से लौट आई। पुलिस प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेंस न बिगड़े, इसके लिए व्यापारियों को सख्त हिदायत दी गई। बाजार में चाय, गुटखा, पान मसाला, पानी पूड़ी, नाश्ता, हेयर सैलून और कोल्डड्रिंक की दुकान को छोड़कर बाकी सभी प्रतिष्ठानों को खोला गया। लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने बाद खुले बाद खुले बाजार में पहले दिन कम ही लोग नजर आए। ग्रामीण इलाकों से भी इक्का दुक्का खरीदार पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने भी बाजार में लगातार गश्त लगाकर स्थिति का जायजा लिया।
बैठक में बताए गए निर्देशों के अनुसार व्यापारियों ने दुकानों के सामने गोल घेरे बनाकर डिस्टेंस का पालन किया। साथ ही प्रत्येक दुकान को बाहर हाथ धोने के प्रबंध भी करने हैं। नायब तहसीलदार शिवदत्त कटारे का कहना है कि बाजार में दुकानों को खोला गया है लेकिन व्यापारी डिस्टेंस का उल्लंघन करते हैं तो कार्रवाई कर दुकानें बंद करा दी जाएंगी। इसके साथ ही पुलिस भी लगातार गश्त करते हुए बाजार में जायजा लेगी। कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आलमपुर की भारतीय स्टेट बैंक में जन धन खाता से दूसरी किस्त और पेंशन की राशि निकालने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। इस बार बैंक मैनेजर राजेश सोनकर ने सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए इंतजाम किए हैं। कुर्सियों पर तीन फीट की दूरी पर लोगों को बिठाकर लाइन में लगाया जा रहा है। इसके साथ ही जो लोग मास्क लगाकर नहीं पहुंच रहे, उन्हें बैंक के बाहर से ही लौटाया जा रहा है।
मालूम हो कि बैंक में 60 हजार से अधिक खाता धारक हैं। इसलिए बैंक से दूसरी किस्त निकालने के लिए महिला उपभोक्ता बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं। मैनेजर सोनकर ने बताया कि कोरोना महामारी के वायरस से बचने के लिए बैंक के बाहर और अंदर हर तरह से इंतजाम किए गए हैं। बिना मास्क वालों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। साथ ही सभी के लिए बैंक के अंदर जाने से पहले डिस्टेंस बनाकर साबुन से अच्छी तरह हाथ धोना आवश्यक होगा।
जिले के ग्रामीण इलाकों में अभी भी हजारों दिहाड़ी मजदूर फंसे हैं जो घर जाना चाहते हैं लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण वे लौट नहीं पा रहे हैं। लंबे समय से अपने परिवारों से दूर हुए मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही है। दबोह के छान पंचायत में आदिवासी समुदाय के 37 लोग फंसे हैं। इनमें कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भवती हैं। छोटे बच्चे हैं, वे दूध के लिए बिलखते हैं। मजदूरों ने खेतों में फसल काटकर थोड़ा बहुत जो पैसा कमाया था, वह लॉकडाउन के दौरान खर्च हो गया। अब यह परिवार पेट भरने के लिए गांवों में घर-घर जाकर रोटी मांग रहे हैं। घर-घर जाने के बाद इन्हें किसी प्रकार एक वक्त का भोजन मिल पाता है।
दस दिन पहले आदिवासी परिवार में महिला सुमन पत्नी राम सिंह आदिवासी की डिलीवरी होनी थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने भी इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी। इसके चलते पंचायत भवन में ही सुमन ने बच्चे को जन्म दिया। हालांकि जच्चा व बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन मां को पोषण आहार नहीं दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपनी जिम्मेदारी से मुकर रही है। गांव के लोगों की मदद से ही मजदूरों को जब कभी भोजन मिल जाता है। ग्राम पंचायत या प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इन मजदूरों की मदद के लिए प्रयास नहीं किए गए हैं।
घर-घर रोटी मांगकर पेड़ों के नीचे काटते हैं समय
सभी लोग यूपी के मऊरानीपुर के रहने वाले हैं जो गांव के पंचायत भवन में ठहरे हैं। लेकिन यहां बिजली-पानी की सुविधा नहीं है। दिन में भीषण गर्मी सहन नहीं होती तो हार में पेड़ों के नीचे समय काटने चले जाते हैं। लेकिन रात में बिना कूलर-पंखा के बच्चों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। पंचायत के पूर्व सरपंच राजपाल सिंह गुर्जर ने गांव में फसे मजदूरों को स्वदेश पहुंचाने के लिए प्रयास भी किए थे मगर प्रशासन से अनुमति नहीं मिली। ऐसे में इन परिवारों को कितने दिन इसी तरह गांव में काटने होंगे इसका अनुमान यह खुद नहीं लगा सकते हैं।
इस कारण नहीं दी अनुमति
लॉकडाउन में ग्रामीण इलाकों से बाहर के फंसे हजारों मजदूरों को प्रशासन व समाजसेवियों की मदद से निकाला गया, लेकिन यूपी के जिलों से मजदूरी करने आए लोगों को प्रशासन ने रोक दिया है। इस संबंध में कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है- हमने सभी की सूची तैयार कर भिजवाने की व्यवस्था की थी, पर यूपी सरकार बाहर के लोगों को आने नहीं दे रही है। इस वजह से उस राज्य के मजदूरों को मजबूरी में रोकना पड़ रहा है। खैर घर वापसी न होने की सूरत में प्रशासन का यह भी कर्तव्य बनता है कि गरीब परिवारों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराएं लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
ऊमरी में 200 लोगों सहित कई गांवों में फंसे मजदूरों पर भी संकट
ऊमरी क्षेत्र में भी करीब 200 लोग बाहर से मजदूरी करने आए थे जो लॉकडाउन में फंस गए हैं। फसल काटकर जो मेहनताना मिला था, वह खाने पीने में खर्च हो गया है। समाजसेवियों ने कुछ दिनों तक मदद की, पर अब इन लोगों के सामने भूखा मरने की स्थिति पैदा हो रही है। ओझा गांव में 23 लोग फंसे हैं। यह सभी टीकमगढ़ जिले के हैं। इसी तरह ककाहरा में 25 और टेहनगुर में 16 लोग घर जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन अनुमति न मिलने की वजह से यह लोग अपने परिवार से दूर हैं। जिम्मेदार इन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
मेहगांव के सरस्वती स्कूल क्रमांक दो के कक्ष में एक 14 साल के किशोर ने पिता की डांट के बाद फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। इसके लिए उसने बाजार से रस्सी भी खरीदी थी। घटना बुधवार की शाम 6 बजे की है। देर शाम जब परिजन ने किशोर की तलाश की तो स्कूल के कमरे में उसका शव फांसी पर झूलता मिला।
जानकारी के अनुसार जवाहर कॉलोनी वार्ड 4 में रहने वाले किशन(14) को उसके पिता राजेंद्र प्रसाद जोशी ने किसी बात पर डांटा था। पिता से नाराज होकर किशोर घर से 250 रुपए लेकर सदर बाजार पहुंचा जहां से उसने एक रस्सी खरीदी। रस्सी लेकर किशन सीधे सरस्वती स्कूल पहुंचा और कमरे में रस्सी का फंदा बनाकर छत के कुंडे से झूल गया। देर शाम तक जब किशोर घर नहीं लौटा तो परिजन ने तलाश शुरू की तभी स्कूल के कक्ष में किशन फांसी पर लटका मिला। पुलिस ने शव का पीएम कराकर मर्ग कायम किया है।
काेराेना संक्रमण के चलते सामान्य बीमारी के मरीजों काे स्वास्थ्य सेवाएं लेने में कई परेशानियां आ रही है। साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग अस्पताल जाने में भी झिझक रहे हैं। हालांकि व्यावहारिक रूप से अभी अस्पतालों में भीड़ लगाना उचित भी नहीं है। एेसे में ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से परामर्श लेकर लाेग घर बैठे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मध्यप्रदेश द्वारा टेलीमेडिसिन के माध्यम से होम क्वारेंटाइन लोगों को चिकित्सीय सलाह एवं परामर्श के लिए 51 जिलों में टेलीमेडिसिन सुविधाएं शुरू की थीं। इसी क्रम में अन्य बीमारियों के लिए जिला चिकित्सालय में विश फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से ई-संजीवनी ओपीडी शुरू की जा रही है। लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार ई-संजीवनी मे माध्यम से उपलब्ध होंगी। जैसा कि ई-संजीवनी नाम से स्पष्ट है, यह स्वास्थ्य सेवाएं ऑनलाइन होंगी और इसके लिए मरीज को टैबलेट, लैपटॉप या डेस्कटॉप जिसमें वेब कैमरा, स्पीकर, माइक एवं इंटरनेट हो की आवश्यकता होगी, ताकि वह चिकित्सक से सीधा ऑडियो-विजुअल संवाद स्थापित कर सके। ई-संजीवनी का ओपीडी समय सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक रहेगा। डॉक्टर से संवाद के बाद आवश्यकतानुसार दवा की पर्ची का ई-प्रिस्क्रिप्शन मिलेगा। इस आधार पर मरीज दवाई खरीद सकते हैं। आवश्यकता के आधार पर डॉक्टर मरीजों को अस्पताल हेतु रेफर करने की सलाह भी दे सकते हैं।
कतार से मिलेगी मुक्ति... मोबाइल नंबर की मदद से रजिस्ट्रेशन होगा, मिलेगा ओटीपी
इन उपकरणों की सहायता से मरीज को सबसे पहले www.esanjeevaniopd.in पर ‘पेशेंट रजिस्टर’ पर अपने मोबाइल नंबर की सहायता से पंजीकृत कर ओटीपी प्राप्त करना होगा। ओटीपी इंटर करने के बाद ‘पेशेंट रजिस्ट्रेशन एवं टोकन जनरेशन’ में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करना होगी। यदि कोई रिपोर्ट, एक्स-रे आदि डाक्टर को बताना चाहते हैं तो उसे भी अपलोड करना होगा। यहां ओके करने के बाद आपको पंजीकृत मोबाइल नंबर पर टोकन प्राप्त होगा, जो कि मरीज की वेटिंग लिस्ट को दर्शाता है। एसएमएस के आधार पर प्राप्त टोकन नंबर के माध्यम से लाग-इन कर कतार में अपनी बारी का इंतजार करें, अपनी बारी आने पर कॉल नाउ विकल्प को चुने एवं चिकित्सक से संवाद प्रारंभ करें।
अमायन पुलिस ने बुधवार की रात 10.30 बजे खंडा रोड से एक लोडिंग गाड़ी में 150 बीड़ी के पैकेट पकड़े हैं। खास बात यह है कि यह पैकेट हल्दीराम कंपनी की नमकीन के पैकेट में छिपाकर लाए जा रहे थे।
अमायन थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सूचना मिली थी कि अमायन में बाहर से एक लोडिंग गाड़ी बीड़ी के बंडल लाए जा रहे हैं। ऐसे में बुधवार की रात 10 बजे खंडा रोड पर चैकिंग प्वाइंट लगाया। करीब 10.30 बजे एक लोडिंग गाड़ी एमपी 30 जी 838 आती हुई दिखाई दी, जिसे रोककर जब चैकिंग की गई तो उसके अंदर हल्दीराम नमकीन की पेटियों में बीड़ी के बंडल रखे हुए मिले । पुलिस ने तत्काल गाड़ी में सवार अमायन निवासी आलोक जैन को पकड़ लिया। साथ ही जब बीड़ी पैकेटों की गिनती कराई गई तो उनकी संख्या 150 निकली । पुलिस ने आरोपी आलोक जैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
मुसावली गांव के हार में भैंस चराने के लिए गए एक बुजुर्ग किसान की मिट्टी में दबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार की शाम 6 बजे का है। वे बारिश से बचने के लिए टीले की ओट लेकर खड़े थे, तभी बारिश के कारण गीली मिट्टी धंसक गई।
मृतक के बड़े भाई अमरजूलाल भास्कर ने बताया कि उनके छोटे भाई रामबाबू (55) पुत्र पचौरेलाल दौहरे सुबह भैंस चराने के लिए हार में गए थे। शाम छह बजे अचानक बारिश शुरू हो गई। पानी में भीगने से बचने के लिए रामबाबू रोड किनारे एक मिट्टी के टीले के नीचे खड़े हो गए। बारिश में मिट्टी गीली होने से टीला भरभराकर बुजुर्ग के ऊपर गिर गया। रामबाबू को मिट्टी में दबा हुआ देखकर आसपास के खेतों में मवेशी चरा रहे किसान दौड़कर आए। पुलिस की मदद से रामबाबू को आधे घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया, तब उनकी सांसें चल रही थीं। रामबाबू को गंभीर हालत में इलाज के लिए लहार के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चार घंटे इलाज के बाद रात 10 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।
नगरीय क्षेत्र के बाद अब प्रशासन ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना फाइटरों की टीम बना रही है। टीम को गांव में कोराेना संक्रमण फैलने पर कैसे रोका जाए और इस दौरान क्या इंतजाम करना है इसके बारे में बताया।
अरन्याकलां गांव में बनाई गई कोरोना फाइटर ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉक्टरों ने किसी भी व्यक्ति को कोरोना होने की स्थिति में कैसे स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। इसके बारे में मॉकड्रिल किया। मॉकड्रिल के चलते गांव के गणेश मंदिर के पीछे एक मकान को चिंहित कर कोरोना मरीज का निवास स्थान बनाया गया उसके बाद पुलिस बल व डॉक्टरों ने उक्त व्यक्ति को एंबुलेंस से पोचानेर रोड़ पर स्थित स्वास्थ्य केंद्र परले जाया गया।
मॉकड्रिल का निरीक्षण करने के लिए एसडीएम विवेक कुमार सिंह भी पहुंचे। इस दौरान सरपंच दुर्गा प्रसाद सोनानिया व डॉ. यशवंत परमार ने कोरोना से निपटने के लिए जो तैयारी की गई है इसके बारे में जानकारी ली। एसडीएम ने कोरोना फाइटर व स्वास्थ्य विभाग की टीम की एक बैठक भी ग्राम पंचायत में ली। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हमें लोगों को सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन कराना है। लॉकडाउन का उल्लंघन न हो। इस अवसर पर नोडल अधिकारी शशि चौधरी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
कोरोना के दौरान लोगों को नगर में जागरूक करने और लॉकडाउन का पालन कराने के लिए प्रतिदिन मेहनत करने वाले पुलिस के जवानों का मंडी स्थित टेंपो चौराहे पर कपड़ा व्यापारी संघ ने सम्मान किया।
इस दौरान कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष हीरालाल चावड़ा, नानक राम खत्री, संतोष जैन, विजेश राका, संदीप बड़ोने ने पुलिस के जवानों व अधिकारियों का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। वहीं दूसरी ओर व्यापारी के परिवार की महिलाओं ने महिला पुलिसकर्मियों को पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान मंडी चौकी प्रभारी दीपेश व्यास ने लोगों को सोशल डिस्टेंस व लॉकडाउन के दौरान तय समय पर ही दुकानें खोलने के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कोरोना बीमार के बढ़ने के कारणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कारण हमारे द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना है। हमें बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। संचालन संघ के पदाधिकारी सीमित जैन ने किया।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जिले में भले ही 24 क्वारेंटाइन सेंटर के अलावा कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर बना दिए गए हैं। लेकिन इनमें लोगों को ठहराने में कंजूसी बरती जा रही है। वजह यह है कि प्रशासन अब इन क्वारेंटाइन सेंटर का खर्चा नहीं उठा पा रहा है। स्थिति यह है कि पिछले 24 घंटे में दूसरे शहरों से जिले में 2700 लोगों ने प्रवेश किया। लेकिन प्रशासन ने इनमें से 1314 को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया। जबकि जिले में 24 में से 21 क्वारेंटाइन सेंटर सूने पड़े हैं। हालांकि शुक्र है कि ग्वालियर में कोरोना संक्रमित मिले व्यक्ति के साथ आए 19 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।
देश के विभिन्न राज्यों से भिंड जिले में लोगों के आने का दौर जारी है। अब तक जिले में 67 हजार से ज्यादा लोग आ चुके हैं। वहीं आजमगढ़ और इलाहबाद से आए 27 लोगों के साथ ग्वालियर उतरे एक युवक के कोरोना संक्रमित निकलने के बाद लोगों की धड़कनें बढ़ गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इनमें से 19 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। हालांकि उनके सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। बावजूद इसके गुरुवार को दूसरे शहरों से आए लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती न कर प्रशासन अभी भी होम क्वारेंटाइन पर जोर दे रहा है। यह स्थिति तब है जब प्रशासन के सामने बाहर से कोरोना संक्रमण के आने का खतरा सामने आ चुका है। यह लापरवाही जिलेवासियों पर भारी पड़ सकती है।
यह जांच है या कोरोना फैलाने की तैयारी... स्क्रीनिंग में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
भिंड शहर में बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग रोडवेज बस स्टैंड पर की जा रही है लेकिन यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। गुरुवार की दोपहर जब दैनिक भास्कर टीम यहां पहुंची तो बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों की काफी भीड़ थी। महिलाएं और बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर आपस में काफी सटकर खड़े और बैठे हुए थे, जबकि जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान ही नहीं देख रहे।
खाने में दे रहे पतली दाल और कच्ची रोटी
शहर आईटीआई क्षेत्र में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में बुधवार को 85 लोग भर्ती थे। वे पिछले दो दिनों से खाने पीने को लेकर हंगामा कर रहे थे। गुरुवार को उन्हें घर भेज दिया गया। भर्ती लोगों का कहना था कि उन्हें पतली दाल और कच्ची रोटियां परोसी जा रही हैं। यही स्थिति फूप के दो क्वारेंटाइन सेंटर की थी, जहां एक में 47 और दूसरे में 10 लोग बुधवार को भर्ती थे लेकिन गुरुवार को यह भी खाली करा दिए गए। जिले में वर्तमान में क्वारेंटाइन सेंटर में मात्र 100 लोग और हेल्थ सेंटर में 14 व केयर सेंटर में 39 लोग भर्ती हैं जबकि क्वारेंटाइन सेंटर में कुल क्षमता 1450 पलंग की है।
21 सैंपल और भेजे... नीमच में संक्रमित मिले हम्माल के चार साथियों के भिंड में लिए सैंपल
गुरुवार को नीमच में एक हम्माल कोरोना संक्रमित निकला है। उसके साथ के चार लोग भिंड एक ट्रक से आए थे। यह सूचना जैसे ही नीमच कलेक्टर द्वारा भिंड कलेक्टर को दी गई तो आनन फानन में इन लोगों को ट्रैक कर उनके सैंपल लिए गए। उन्हें जिला अस्पताल में आईसोलेट किया गया। इसके अलावा हॉट स्पॉट क्षेत्र से आए या कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे 11 पुलिस जवानों के भी रेंडम सैंपल लिए गए। इस प्रकार से गुरुवार को कुल 21 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।
कोरोना संक्रमण में जहाँ कुछ दिलदार लोग घर बेचकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, वहीं ना-नुकुर कर ग्रामीण क्षेत्रों की शराब दुकान खोलने वाले ठेकेदारों ने लूट की इंतेहा कर दी है। किसी भी ब्रांड की बीयर 3 सौ रुपए से कम में नहीं बिक रही है। पीने वालों की नजर में घटिया से घटिया ब्रांड की शराब जो आम दिनों में नहीं बिकती थी, वो भी ऊँचे दामों में बेच दी गई। जानकारों के मुताबिक 120 रुपए में जिस पौव्वे को कोई पूछता नहीं था, वो भी 280 रुपए का बिक गया। ग्रामीण क्षेत्रों की 73 देशी-विदेशी दुकानें हैं जिसमें मझौली पौंड़ी की दुकान कंटेनमेंट क्षेत्र के कारण बंद है। बाकी की 72 दुकानों में पिछले साल का बचा हुआ माल पूरा बिक गया, अब ठेकेदार नया माल शुक्रवार से खरीदेंगे। लॉकडाउन पीरियड में पूरे जिले में सोशल मीडिया पर प्रचार करके शराब बेचने वालों को मुनाफाखोरी में ठेकेदारों ने पीछे छोड़ दिया। प्रशासन कोरोना संक्रमण से जिले को बचाने में जुटा है, पुलिस लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने में व्यस्त है, जिसका फायदा शराब ठेकेदारों ने पहले दिन से उठाया। दुकान खोलने के लिए जो ठेकेदार तैयार नहीं थे, वही ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों में सक्रिय दिखे और स्टाफ को मैक्सिमम प्राइज से भी ज्यादा में शराब बेचने की छूट दे दी। ग्रामीण क्षेत्रों की शहर से लगी कुछ दुकानों पर तो मारामारी के दृश्य से थे। खरीदने वालों ने भी दुकान की खिड़की तक पहुँचने में जोर लगाया और जो ब्रांड मिला, वो खरीद लिया।
एक दिन में ही सरकार के खजाने में आए 1.68 करोड़
46 दिन बाद शराब दुकानें क्या खुलीं लोगों की भीड़ लग गई। हालाँकि ये दुकानें ग्रामीण क्षेत्र की हैं और इसमें भी विदेशी शराब की बिक्री से ही सरकार के खजाने में 80 लाख रुपये की कमाई जबलपुर से हो गई है। अभी इसमें सरकार को जो शराब बिकी है उससे भी राशि मिलेगी जिससे एक दिन में ही कमाई का आँकड़ा 1 करोड़ के पार पहुँच जायेगा। इस तरह एक दिन में लगभग 3 हजार पेटी शराब बिक चुकी है और शुक्रवार के लिये बड़ी मात्रा में शराब खरीदी के लिये डिमांड भेजी गई है। वहीं देशी शराब की बिक्री भी लगभग 48 सौ पेटी के आसपास हुई है जिससे सरकार को लगभग 88 लाख रुपये की ड्यूटी मिली है।
लाइन में लगकर खरीदी शराब, जाँच में पकड़ी गईशहर की शराब दुकानें नहीं खुलीं तो लोग गाँव पहुँच गये। सालीवाड़ा क्षेत्र में तो सुबह से शराब लेने वालों की भीड़ लग गई। पुलिस और आबकारी वालों को यहाँ मोर्चा सँभालना पड़ा। यही हाल पनागर और बरेला क्षेत्र की दुकानों में भी रहा। पुलिस ने सालीवाड़ा की दुकान में लाइन लगवाई और आधार कार्ड के अनुसार ही गाँव वालों को पहले शराब बेची गई। बाद में शहर से जो लाेग पहुँचे थे उन्हें भी शराब की बोतलें मिल गईं। शाम को लौटते समय जब गोरा बाजार थाने के पास चैकिंग हुई तो ऐसे कई लोगों से शराब की बोतलें लेकर जब्त कर ली गईं।
सड़कों पर पी गए शराबलॉकडाउन की वजह से शराब से वंचित लोगों ने अपनी तलब मिटाने दुकान से निकलते ही शराब पीना प्रारंभ कर दिया। कई जगह बीयर की बोतलें पीते-लहराते हुए लोग दिखे। ये शिकायतें कंट्रोल रूम तक पहुँचीं, उसके बाद प्रशासन हरकत में आया। हालाँकि तब तक दुकानें खाली हो गईं थीं।
इन दुकानों में सबसे ज्यादा बिक्रीग्रामीण क्षेत्र की पनागर, सिहोरा, पाटन, मीरगंज की दुकानों से 5-5 लाख से ज्यादा की बिक्री, जबकि बेलखाड़ू व खितौला की दुकानों से 4 लाख से ज्यादा की व कटंगी, मझौली और सालीवाड़ा की दुकानों से लगभग 9 लाख की शराब बिकी। बाकी की दुकानों में भी कहीं से ढाई लाख तो कहीं दो लाख की बिक्री हुई। ज्यादातर दुकानों से 1 लाख रुपए से ज्यादा की शराब की बिक्री हुई है।
पुलिस ने गांव सुलखनी से शराब की चलती भट्ठी सहित दो लोगों को काबू किया है। आरोपियों से पुलिस को करीबन 10 लीटर लाहन बरामद हुआ है। पकड़े गए आरोपी सुरजीत पुत्र मुंशी राम व सुरजीत पुत्र बिशंबर दास गांव सुलखनी के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 61, 1, 14 के तहत मामला दर्ज कर शुक्रवार को दोनों युवकों को अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया है। लॉकडाउन के मद्देनजर पुलिस की टीम गांव बुगाना के पास गश्त पर थी।
इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि गांव सुलखनी में दो युवक भट्ठी चलाकर देसी शराब निकाल रहे हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को बताए गए स्थान पर शराब की भट्ठी चलती मिली। पुलिस शराब निकालने के सामान सहित दोनों युवकों को पुलिस थाने ले आई।
सीआईए की टीम ने अवैध पिस्तौल सहित एक युवक लखन उर्फ भीम को गिरफ्तार किया है। वह जगदीश कॉलोनी का रहने वाला है। पुलिस ने उसे कुंदनापुर रोड से गिरफ्तार किया। सीआईए को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति कुंदनपुर पर अवैध पिस्तौल के साथ मौजूद है। सीआईए ने कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति की तलाशी ली। उसके कब्जे से एक पिस्तौल 315 बोर बरामद हुई। उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसने दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड के दौरान पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि वह अवैध असला कहां से लेकर आया था और कहां लेकर जाना था।
नगर निगम के सालाना बजट की बैठक शुक्रवार को एप के जरिये ऑनलाइन मीटिंग हुई। बैठक में मेयर व पार्षदों की डिमांड पर शहर के डिवलेपमेंट काे लेकर 3 कराेड़ रुपये का बजट और रिवाइज हाेगा। पार्षदों व मेयर ने कहा कि दस-दस लाख रुपये प्रति वार्ड व 1 कराेड़ रुपये मेयर के नाम पर मिसलेनियस में रखे जाने थे ताे बजट में नहीं रखे गए। अकाउंट ब्रांच ने इस बात पर सहमति जताई। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियाें ने बजट काे रिवाइज करने की बात कही। शहर काे इससे यह फायदा हाेगा कि पहले निगम ने 5 कराेड़ 21 लाख रुपये का बजट रखा था जाे अब 8 कराेड़ रुपये से ज्यादा हाे गया है। यानी इस 8 कराेड़ रुपये से शहर के सड़क, पार्काें व स्ट्रीट लाइट लगाने व शहर के विकास कार्य पर खर्च किया जा सकता है। फिलहाल नगर निगम व हाउस के मीटिंग में माैजूद सदस्याें ने सर्वसम्मति से 79 करोड़ 66 लाख 55 हजार रुपए का बजट पास कर दिया। निगम ने पहली बार 15 लाख रुपये का बजट लाइब्रेरी काे अपग्रेड करने के लिए रखा है।
बैठक की अध्यक्षता मेयर गौतम सरदाना ने की। सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग में राज्यसभा सदस्य डाॅ. डीपी वत्स एप के माध्यम से शामिल हुए। निगम आयुक्त अशोक गर्ग, संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने बजट की जानकारी दी। एप के माध्यम से 15 पार्षदों ने बैठक में हिस्सा लिया। अधिकारियाें ने बजट में एलटीसी का 10 लाख का खर्च अलग से रखा। इस पर पार्षद टीनू जैन, पार्षद अमित ग्राेवर व पार्षद जगमाेहन मित्तल ने आवाज उठाई कि एलटीसी काे लेकर ताे सरकार ने साफ मना किया है कि नहीं दी जाएगी। फिर बजट में ये मद रखने का क्या औचित्य है। अधिकारियाें ने कहा कि इसमें से 5 लाख रुपये लाइब्रेरी काे अपग्रेड करने में जाेड़ा जाएगा। पहले लाइब्रेरी के लिए 10 लाख का बजट रखा गया था।
ग्राेवर ने कहा-कब तक बेचते रहाेगे जमीनें, इनकम साेर्स बढ़ाओ
पार्षद अमित ग्राेवर ने कहा कि कब तक ऐसे ही जमीन बेचकर काम चलाते रहेगा। स्थायी इनकम साेर्स बनाओ। उन्हाेंने कहा निगम ने बजट में रखा है कि जमीन बेचने से इस साल निगम काे करीब 6 कराेड़ रुपये की आय हाेगी। उन्हाेंने इस पर आपत्ति जताई। इस पर पार्षदों ने कहा कि अाप इनकम साेर्स बढ़ाने पर मंथन क्याें नहीं करते। कमिश्नर अशाेक गर्ग ने कहा कि जल्द ही इस विषय पर मीटिंग करेंगे। जिसमें इनकम साेर्स पर विशेष चर्चा हाेगी। पार्षदों ने बेसहारा पशुओं के लिए गाेअभयारण्य का अधिक बजट बढ़ाने की मांग भी रखी।
बीएलओके राशन टाेकन सर्वे पर उठाए सवाल
संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने कहा कि एप के माध्यम से बजट की बैठक हुई है। इसमें बजट पास किया गया है। वहीं पार्षदों ने टेंपरेरी राशन टोकन सिस्टम के बारे में वार्ड अनुरूप जानकारी मांगी थी। सभी वार्ड में बीएलओ के माध्यम से सर्व का कार्य जारी है। कुछ वार्डों का सर्व हो चुका है, वार्ड सात और आठ में सर्वे का कार्य दो तीन में पूरा हो जाएगा। अधिकारियाें ने कहा कि बीएलअाे की ड्यूटी मंडियाें में लगाई है। एेसे मेंं दाे दिन के अंदर सर्वे सुचारू हाेता है ताे ठीक है वरना फिर काेई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
देश विदेश में विख्यात स्टील इंडस्ट्री जिंदल स्टेलनेस सहित जिंदल ग्रुप की हिसार में तीन इंडस्ट्री में डेढ़ माह बाद एक बार फिर से प्राेडक्शन शुरू हाे गया है। यानी इस पर निर्भर लाेगाें की जिंदगी पटरी पर लाैटने लगी है। सीआरडी अाैर एसअारडी प्लांट तथा पाइप इंडस्ट्री में से लगे 6900 कर्मचारियों में से करीब 3400 कर्मचारियों काे शिफ्टाें में काम मिल गया है। इन तीन बड़ी इंडस्ट्री के शुरू हाे जाने से इन पर निर्भर जिला व इसके आसपास की 50 से अधिक इंडस्ट्री में भी प्राेडक्शन की उम्मीद जग गई है। जिंदल इंडस्ट्री से जुड़े मैनेजमेंट के अधिकारियाें का कहना है कि फिलहाल प्राेडक्शन 25 प्रतिशत ही किया जा रहा है क्याेंकि मार्केट में अभी डिमांड नहीं है।
शहर में जिला प्रशासन की ओर से लेफ्ट राइट लाइन अनुसार तीन-तीन दिन दुकान खोलने का नया सिस्टम लागू करने में नगर परिषद और पुलिस प्रशासन को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदार भी पहले दिन असमंजस में रहे। नगर परिषद टीम ने दोपहर बाद कई इलाकों में लेफ्ट लेन को राइट में बदल दिया। जिससे दुकानदारों ने विरोध करते हुए नाराजगी जाहिर कर प्रशासन पर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया। शुक्रवार से लागू हुए लेफ्ट राइट साइड दुकान खुलने के नए सिस्टम को बनाने के लिए नगर परिषद टीम ने प्लान तैयार कर दोपहर में मेन रोड और मुख्य बाजारों की लोकेशन पर लेफ्ट और राइट साइड का बाजार तय करते हुए पोस्टर लगाए। साथ ही उनके खुलने का दिन भी प्रिंट किया गया और सभी बाजार के दुकानदारों से रविवार को इमरजेंसी आवश्यकता वाली दुकानों को छोड़कर सभी बाजार में दुकानें बंद रखने की अपील की। इससे पहले असमंजस के चलते दोनों ओर के ज्यादातर दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल ली। दुकानदारों ने बताया कि उन्हें लेफ्ट और राइट की जानकारी नहीं दी जा रही है जिसके चलते ऐसा हो रहा है। नगर परिषद टीम की ओर से मेन बाजार सहित अधिकतर एरिया में लेफ्ट लाइन को बदलकर दोपहर बाद राइट लाइन कर दिया गया। जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो गई और दुकानदारों ने नगर परिषद टीम के सामने नाराजगी जाहिर की और प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही बरत कर जानबूझकर दुकानदारों को परेशान करने का आरोप लगाया।
कई जगह एक ही लाइन में लेफ्ट और राइट दोनों के पोस्टर लगे
नगर परिषद कर्मचारियों की ओर से लेफ्ट और राइट लेन को दोपहर बाद कई बाजारों में बदले जाने से एक ही साइड की दुकान पर लेफ्ट और राइट दोनों के पोस्टर लगे हुए हैं। इससे दुकानदारों के साथ-साथ नगर परिषद कर्मचारी भी सही साइड तय नहीं कर पा रहे हैं। दुकानदारों ने कहा कि लंबे समय से लॉक डाउन के चलते सभी का कारोबार ठप है वहीं अब व्यवस्था नहीं बनाए जाने के चलते अतिरिक्त परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों से व्यापारियों और आम जन के साथ बेहतर संबंध बनाते हुए व्यवस्थाएं सुचारू करने की मांग की ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर सभी दुकानदार अपना कारोबार चलाने के साथ ग्राहकों की डिमांड भी पूरी कर सकें।
जिला प्रशासन को शिकायत भेज कराया अवगत
मेन बाजार के दुकानदार राजेंद्र गर्ग ने बताया कि नगर परिषद टीम ने उन्हें सुबह दुकान खोलने का निर्देश दिया जबकि दोपहर बाद उनकी लेन को बदल दिया और दुकान बंद करने का बोल दिया। इसी प्रकार अन्य दुकानदार भी नाराज हो गए लेकिन निशान लगा रहे कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे सफाई निरीक्षक ने दुकानदारों से अभद्र व्यवहार किया। इससे दुकानदारों ने एसडीएम के सरकारी नंबर 98 123 00903 पर कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और ना ही एसडीएम ने अपना निजी नंबर पर कॉल पिक किया।
नगर परिषद सचिव ने समझाया, मुश्किल नहीं दिशा समझना
इस बारे में नगर परिषद सचिव ऋषिकेश चौधरी ने बताया कि नया सिस्टम लागू करने में सभी का सहयोग जरूरी है। बाजार तय करने के लिए सिरसा हाईवे पर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़ा होने पर जो दुकानें लेफ्ट साइड पर है वह लेफ्ट बाजार है और जो राइट साइड पर हैं वह राइट बाजार है। इसी प्रकार दक्षिण दिशा की ओर मुंह करने पर चौटाला हाईवे पर खड़े हो तो बस स्टैंड लेफ्ट और सिटी थाना राइट साइड बाजार तय की गई है। कॉलोनी रोड पर परस्पर उल्टा साइड लिख दिए जाने से कंफ्यूजन था लेकिन अब इसे ऐसा ही लागू रखा जाएगा।
लाॅकडाउन-3.0 के दौरान दुकानें खोलने की छूट मिलने पर बाजार में भीड़ लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को अधिकतर दुकानें खुलने से ग्राहकों की भीड़ रही बाजार में हैवी वाहनों का आवागमन में ज्यादा देखने को मिला। किराना स्टोर व मेडिकल स्टोर के अलावा बैंकों के बाहर भी लाइनें लगी रहीं। अधिकतर दुकानों और प्रतिष्ठानों में भी ग्राहकाें के बीच साेशल डिस्टेंस नहीं दिखा।
हालांकि कई दुकानदाराें ने साेशल डिस्टेंस की उचित व्यवस्था की हुई थी। मास्क नहीं पहनने वाले कुछ ग्राहकाें काे ताे सामान ही नहीं िदया गया। हालांकि कुछ दुकानदाराें ने साेशल डिस्टेंसिंग के लिए दुकानाें के बाहर रस्सियां भी लगाई थीं। शहर में नगर निगम की टीम ने भी जिला प्रशासन की गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले व्यापारियों व दुकानदारों के चालान काटे। भास्कर संवाददाता ने शहर की मार्केट का जायजा लिया तो इस प्रकार दिखा नजारा...।
बैंक के बाहर दिखी भीड़
जहाजपुल स्थित बैंक के बाहर लोगों की भीड़ थी। बैंक में आने वाले लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की नजर आईं। बैंक के बाहर खड़े अधिकतर लोगों ने मास्क भी नहीं पहने थे।
जाम की बनी स्थिति
गांधी चौक की मार्केट में ग्राहकों की ज्यादा संख्या होने की वजह से जाम की स्थिति बनी रही। ग्राहक गाड़ियों में आये थे जिस वजह से बाकी लोगों को सड़क पर लगने वाले जाम से परेशान होना पड़ा।
नियमों की अवहेलना करने वालों पर नगर निगम की टीम ने दिखाई सख्ती
नगर निगम टीम के सभी एक्सईन की ड्यूटी लगाई गई थी कि वो अपने एरिया में नियमों की अवहेलना करने वालों के चालान करें। जूम एप पर मीटिंग के दौरान बाजारों में भीड़ व नियमों की अवहेलना की बात सामने आई थी। इस पर निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने चालान काटने के आदेश दिए थे। संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने सभी एक्सईएन को सख्त हिदायत दी कि कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने वाले व्यापारियों और दुकानदारों के चालान किए जाएं।
नगर निगम की टीमाें ने कहां कितने काटे गए चालान
पुलिस ने देर शाम भीड़ जुटाने वालाें काे भगाया
पुलिस ने भी शहर के विभिन्न स्थानों पर देर शाम बेवजह भीड़ जुटाने वालाें के खिलाफ अभियान चलाया। सब्जी मंडी पुल, जहाज पुल, पड़ाव चाैक, गांधी चाैक पर रेहड़ियाें पर भीड़ लगाने वालाें काे खदेड़ा गया। साथ ही रेहड़ी वालाें काे भी भीड़ नहीं जुटने देने के बारे में सख्त हिदायत दी गई। पुलिस के अभियान से भीड़ जुटाने वालाें में भी हड़कंप मचा रहा।
जिला स्वास्थ्य विभाग की हेल्थ टीमों ने गुरुवार को रिकॉर्ड तोड़ 324 सैंपल लिए थे। यह अभी तक की सैंपलिंग रिपोर्ट का सर्वाधिक आंकड़ा है। इनमें से अधिकांश सैंपल जांच के लिए एनआरसीई लैब और बाकी सैंपल्स की टेस्टिंग पीजीआई रोहतक में होगी। बता दें कि इससे पहले 4 मई को 255, 5 मई को 158, 6 मई को 186 सैंपल लिए थे। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए रेंडम सैंपलिंग पर ज्यादा ध्यान दिया हुआ है। शुक्रवार को डॉ. पुलकित की टीम ने 24 सैंपल लिए। इनमें सेंट्रल जेल टू के 11 बंदी, 13 एचएयू में क्वारेंटाइन्स शामिल हैं। पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष पचार की टीम ने दड़ौली पॉजिटिव रोगी की पत्नी व मां सहित हिसार शहर में रहने वाले रिश्तेदारों के सैंपल लिए हैं।
पार्किंग में गाड़ी खड़ी न करनी पड़े इसको लेकर दोपहर करीब 1.30 बजे भाजपा जिला महामंत्री सुजीत कुमार की पहले पुलिस कर्मचारियों से तीखी बहस हुई। फिर एसडीएम से जमकर हॉटटॉक। महामंत्री ने एसडीएम से उनका नाम पूछते हुए देख लेने और याद रखने की धमकी दे डाली। यहां तक कहा कि विधायक और डीसी से बात करवाऊं। जवाब में एसडीएम ने कहा कि धमकी देने की जरूरत नहीं है। कई तरह के बयान भी बदले, पहले शहर की व्यवस्था देखने, फिर राशन वितरण कराने, बरवाला जाने की बात कही। बाद में एसडीएम ने गाड़ी को पार्किंग में खड़ा करा दिया। एसडीएम और भाजपा नेता की हॉट टॉक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर देररात वायरल होता रहा।
लॉकडाउन में दी गई छूट के दौरान बाजारों में भीड़ कम करने के लिए प्रशासन ने बैरियर लगा रखे हैं। बैरियर पर वाहनों को रोककर पार्किंग में खड़ा कराया जा रहा है। पुलिस ने अंबेडकर चौक पर बैरियर पर भाजपा के जिला महामंत्री सुजीत कुमार की गाड़ी को रोक लिया। उन्हें गाड़ी पार्किंग में खड़ी करने के लिए कहा। भाजपा नेता सुजीत कुमार अंबेडकर चौक से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर कोटा क्लासेज के नाम से कोचिंग सेंटर चलाते हैं। दोपहर को वह अपने सेंटर पर जा रहे थे। उन्होंने गाड़ी पार्किंग में रोकने से इनकार कर दिया। पुलिस से बहस के दौरान सड़क पर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई। यह देखकर सड़क से गुजर रहे एसडीएम डॉ. जितेंद्र अहलावत रुक गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों से माजरा पूछा। पुलिस से जानकारी लेने के बाद एसडीएम ने सुजीत कुमार से बात की।
इस तरह हुई भाजपा नेता और एसडीएम के बीच वार्तालाप
एसडीएम : हां बताइए, कहां जाना है आपको
महामंत्री : यहीं सामने जाना है, सुजीत कुमार नाम है, भाजपा का जिला महामंत्री हूं, पूरे शहर की व्यवस्था देख रहा हूं, रणबीर गंगवा पूरे हिसार जिला को देख रहे हैं।
एसडीएम : तो मतलब पार्किंग में गाड़ी नहीं खड़ी करोगे।
महामंत्री : अरे यहीं सामने तो जाना है।
एसडीएम : पार्किंग यह रही, गाड़ी पार्किंग में लगाओ।
महामंत्री : तो क्या हम पैदल जाएंगे, आप अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाकर जाओगे क्या।
एसडीएम : मेरे को तो पूरे शहर की व्यवस्था देखनी है।
महामंत्री : मेरे को भी व्यवस्था देखनी है।
एसडीएम : आप ऐसा नहीं कर सकते, पार्किंग में गाड़ी लगाइए।
महामंत्री : ये कार्ड देख लें, पूरे शहर में राशन बांटना है।
एसडीएम : कहां राशन बांटना है, बताइए।
महामंत्री : आपकी डीसी मैडम से बात करवाऊं क्या?
एसडीएम : मैंने बात नहीं करनी, पार्किंग में गाड़ी लगाओ आप।
महामंत्री : क्यों बात नहीं करनी?
एसडीएम : आप गाड़ी पार्किंग में खड़ी करो, बस मैं इतना कह रहा हूं।
महामंत्री : आप अपना नाम बता दीजिए, मैं खड़ी कर दूंगा।
एसडीएम : एसडीएम हांसी, इतना ही नाम बहुत है, जाकर पार्किंग में लगाओ।
महामंत्री : कोई बात नहीं, याद रखना।
एसडीएम : याद रखूंगा, चिंता न करो और धमकी न दें।
महामंत्री : धमकी नहीं दे रहा हूं आपको।
एसडीएम : धमकी नहीं दे रहे हो तो क्या याद रखेंगे, बताएंगे जरा।
महामंत्री : मैं बात करूंगा, आपको मैंने पास दिखा दिया।
एसडीएम : आप धमकी क्यों दे रहे हैं, यह बताओ।
महामंत्री : आप जिला महामंत्री की गाड़ी रोकोगे।
एसडीएम : धमकी क्यों दे रहे हैं?
महामंत्री : आपको पता नहीं सरकार ने क्या आदेश दिया है?
एसडीएम : पार्किंग में गाड़ी लगाओ।
(इसके बाद सुजीत गाड़ी पार्किंग में लगाते हैं और पैदल अपने ऑफिस जाते हैं, एसडीएम वापस चले जाते हैं)
गाड़ी पार्किंग में लगाने को कहा था : एसडीएम
मैं शहर में चेकिंग करने के लिए गया हुआ था। अंबेडकर चौक पर लंबी लाइन लगी थी। मैं जाकर देखा तो भाजपा के महामंत्री थे, उन्हें गाड़ी पार्किंग में लगाने को कहा। वह पहले बोले राशन बांटने की व्यवस्था देख रहा हूं, पूरा शहर देखने की बात कही, कभी बरवाला जाने की बात कही, कभी यह कहा कि पास ही जाना है। पार्किंग इसलिए बनाई है, ताकि बाजारों में भीड़ न हो। सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।'' -डॉ. जितेंद्र अहलावत, एसडीएम।
एसडीएम ने अपनी मर्यादा भूली : सुजीत
एसडीएम ने अपनी मर्यादा भूली। सोची-समझी चाल के साथ अपने साथ वीडियो बनाने वाले को ले आए। आते ही बोले कि चालान काटो। जबकि मैं सरकार और प्रशासन के बीच की कड़ी था। मैं भाजपा की तरफ से पूरे जिले का वॉलंटियर हूं। हांसी में मैं अपने कार्यालय गया और वहां से मुझे बरवाला जाना था। रास्ता वही है। पुलिस नाका वाले मुझे दो दिन से रोक रहे थे। मैं उन्हें कहता था कि थोड़ा-बहुत गाड़ी भी देख लिया करो। आदमी की पहचान कर लो। आज एसडीएम पहले से तैश में थे। -सुजीत कुमार, महामंत्री, जिला भाजपा।
भट्टूकलां व रतिया में पॉजिटिव केस मिलने के बाद प्रशासन ने दोनों जगहों पर स्क्रीनिंग तेज कर दी है। भट्टूकलां में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार व एसडीएम संजय बिश्नोई ने मॉडल टाउन में लगाए गए पुलिस नाकों का निरीक्षण किया। जिला प्रशासन ने भट्टू मंडी में दुकानें खोलने के समय में बदलाव किया है।
हालांकि अनाजमंडी में फसल खरीद का काम पूरा दिन चलता रहेगा। दूसरी ओर दूसरे राज्यों व शहरों में रह रहे लोगों का जिले में आने का सिलसिला जारी है। फतेहाबाद पहुंचे यूपी के 9 मजदूरों के सैंपल लेकर उन्हें धर्मशाला में क्वारेंटाइन किया गया है। वहीं दूसरी ओर रतिया के सामुदायिक केंद्र में रह रहे नांदेड़ से आए लोगों के दोबारा से सैंपल लिए गए हैं।
भट्टूमंडी में पूरे दिन हुई गेहूं की खरीद
भट्टूमंडी में दुकानें व फल - सब्जियों की रेहड़ियों के लिए 4 घंटे का समय निर्धारित कर दिया गया है। शनिवार से सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक ही बाजार खुला रहेगा। दूध, डेयरी व मेडिकल की दुकान पूर्व की तरह दिन में खुली रहेगी। वहीं अनाज मंडी में फसलों की खरीद का काम पूरे दिन चलता रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया है।
6 परिजनों व चालक का लिया था सैंपल
मॉडल टाउन को 3 दिनों से सेनिटाइज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की 10 टीमें 261 घरों में 1208 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुकी हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजन व उनके सम्पर्क में आए 7 लोगों के सैंपल लिए थे। जिनमें 6 परिजन और कार चालक शामिल हैं। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्लाटों की रजिस्ट्री पर भी रोक है।
सब्जी मंडी में आए ट्रक चालकों के लिए सैंपल
शहर में 8-9 यूपी के मजदूर यहां आए हैं। उनके सैंपल लेकर अग्रवाल धर्मशाला में क्वारेंटाइन किया गया है। इसके अलावा फतेहाबाद की सब्जीमंडी में राजस्थान व अन्य प्रदेशों से सब्जियां लेकर आए 4 ट्रक चालकों के भी सैंपल लिए गए हैं। साथ ही गुड़गांव से आए 4 लोगों के सैंपल लेकर उनको होम क्वारेंटाइन किया गया है।
रतिया में अब तक 3 हजार लोगों की स्क्रीनिंग
रतिया में अब तक 3 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी। विभिन्न बीमारियों से पीडि़त लोगों का अलग से डाटा तैयार किया है। सामुदायिक केंद्र में रह रह नांदेड़ से आए एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को बाकी लोगों से फिर से सैंपल लिए। पॉजिटिव मिले व्यक्ति को अग्रोहा मेडिकल रेफर कर दिया।
प्रदेश सरकार द्वारा शराब के ठेके खोलने के बाद ठेकेदारों द्वारा मनमर्जी के भावों में शराब बेची जा रही है। लेकिन सरकार व प्रशासन की मनमर्जी के भावों पर कोई रोक-टोक नहीं है। देशी शराब की बोतल 250 से 300 रुपये तक ठेकों पर बिक रही है। अन्य ब्रांड की शराब के रेटों में भी काफी उछाल है। लेकिन आबकारी विभाग ने शराब की अधिकतम मूल्य तय ही नहीं किया है। इससे ठेकेदारों की पौबारह हो रही है।
लाॅकडाउन के बावजूद सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए 6 मई से शराब के ठेके खोल दिए हैं। प्रदेश में ठेके खुलते ही शराब की बिक्री शुरू हो गई है। लेकिन सरकार व प्रशासन ने शराब बिक्री के रेट निर्धारित नहीं किए हैं। इससे शराब ठेकेदार ठेकों पर मनमर्जी के भावों में शराब की बिक्री कर रहे हैं। शराब पीने वाले लोगों की जेब पर खासी चपत लग रही है। ठेकों पर देशी शराब की बोतल 250 से 300 रुपये में बिक रही है। जबकि आबकारी विभाग द्वारा देशी शराब काउंटरी लिक्र का रेट 145 रुपये तथा मैट्रो लिक्र का 170 रुपये मिनीमम रेट तय किया हुआ है। इंपेरियल ब्लू की बोतल 600 रुपये में बिक रही है जब कि आबकारी विभाग द्वारा इंपेरियल ब्लू का मिनिमम रेट 350 रुपये बोतल निर्धारित किया हुआ है। एसी ब्लैक की बोतल 600 रुपये में बिक रही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा 350 रुपये मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है।
राॅयल स्टैग की बोतल 700 रुपये में बिक रही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा 450 रुपये मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है। ब्लैंडर प्राइड की बोतल 1000 रुपये में बिक रही है जबकि आबकारी विभाग द्वारा 600 रुपये बोतल मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है। बीयर की बोतल 200 रुपये में बिक रही है जबकि विभाग द्वारा 85 रुपये मिनिमम रेट निर्धारित किया हुआ है। इसके अलावा शराब के अन्य ब्रांड की बिक्री काफी उच्च दामों में की जा रही है। इससे शराबियों को करारा झटका लग रहा है।
आबकारी विभाग ने शराब बिक्री का अधिकतम मूल्य तय नहीं किया : यादव
आबकारी विभाग के डीटीसी अनिल कुमार यादव ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा शराब बिक्री के मिनिमम रेट तय किए हुए हैं। बिक्री के अधिकतम रेट तय नहीं किए हैं। इसलिए ठेकेदार मिनिमम तय रेट से कम में नही बेच सकते। इससे उपर बेच सकते हैं। अभी स्टाॅक कम हैं स्टाक ज्यादा आने के बाद कंपीटिशन में रेट घट जाएंगे।
जिले के गांव चरखी निवासी रेलवे पुलिस का जवान दिल्ली के निजी अस्पताल की लैब में काेरोना नेगेटिव पाया गया है। लेकिन उसके दो अन्य साथी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सूचना के आधार पर तीनों के सैंपल रोहतक पीजीआई जांच के लिए भेजे हैं। वहीं तीनों को नारनौल सिविल अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। दूसरी तरफ दादरी जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आरपीएफ जवान के परिवार का सक्रिनिंग की है और आस पड़ौस के लोगों से पूछताछ भी की है। वहीं पॉजिटिव मरीजों के पास रहने के बाद जिले में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
निजी अस्पताल में रिपोर्ट आई पॉजिटिव
नारनौल सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि दिल्ली आरपीएफ (रेलवे पुलिस) में गांव गाेहाना, चरखी और नारनौल के सुराना निवासी तीन कांस्टेबलों ने कोरोना टेस्ट करवाया था। तीनों ने दिल्ली के करोलबाग के निजी अस्पताल जीवनमाला में 5 मई को सैंपल दिए थे। 7 मई को गोहाना व सुराना निवासी दोनों युवकों की रिपोर्ट पॉजिटिव अाई और चरखी निवासी युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आई। लेकिन तीनों जवान 5 मई को सैंपल देते ही नारनौल आ गए थे। जहां चरखी निवासी जवान के ससुर ने हुडा सेक्टर 1 में मकान बनाया हुआ है और वहीं पर सभी ठहरे हुए थे।
तीनों को किया आईसोलेट
तीनों आरपीएफ जवान सैंपल के साथ अपने मोबाइल नंबर दे आए थे। जिन्हें 7 मई को रिपोर्ट मिल गई थी। दोनों दोस्त कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद चरखी निवासी जवान भी उनके संपर्क में लगातार था। इसलिए उसने भी दोनों दोस्तों के साथ मिलकर नारनौल सिविल सर्जन से संपर्क कर पॉजिटिव रिपोर्ट आने की बात बताई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार शाम ही उनके सैंपल पीजीआई रोहतक भेजे। जिसके बाद तीनों को सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवा दिया गया।
ग्रामीणों से हुई पूछताछ
दो पॉजिटिव जवानों के संपर्क में लगातार रहने के बाद चरखी निवासी जवान के परिजनों की समस्या भी बढ़ गई है। जिसके तहत दादरी स्वास्थ्य विभाग की टीम शुक्रवार सुबह गांव चरखी पहुंच गई। ग्रामीणों से पूछताछ की आखिर कांस्टेबल कितने दिन या महीने पहले गांव आया था।
माता, पिता और भाई के परिवार की हुई स्क्रीनिंग
स्वास्थ्य विभाग की टीम शुक्रवार सुबह गांव चरखी पहुंच गई। जहां जाकर उन्होंने जवान के माता पिता और भाई के परिवार की सक्रिनिंग की। लेकिन सभी का स्वास्थ्य सामान्य मिला। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी।
परिवार हो सकता था संक्रमित : डिप्टी सीएमओ
डिप्टी सीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ. चंचल तोमर ने कहा कि पॉजिटिव लोगों के संपर्क में रहने वाले रेलवे जवान की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ सकती है। मगर एहतियात के तौर पर चरखी निवासी कांस्टेबल के परिजनों की सक्रिनिंग की गई है। जो लगातार 14 दिन तक होगी।
कोरोना वायरस महामारी को लेकर देश में तीसरा लॉक डाउन शुरू हो चुका है। पहले दो फेजों में जिस प्रकार पुलिस ने लगातार सख्ती दिखाई अब भी वो जारी है। लोग बेवजह घरों से निकलने से बाज नहीं आ रही तो वहीं पुलिस इन्हें रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। पहले जहां पुलिस द्वारा सालभर में चालान की राशि वसूली जाती है उतनी राशि को करीबन डेढ़ महीने में ही वसूल कर ली।
पुलिस प्रवक्ता सुमित सांगवान ने बताया कि पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा के लॉकडाउन के तहत जारी किए गए दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने में जिला पुलिस निरंतर प्रयास कर रही है। जिला पुलिस ने लॉकडाउन के तहत जारी किए गए आदेशों की अवेहलना करने पर 76 मामले दर्ज किए है। जिसमें 145 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
नाकाबंदी और गश्त पर विशेष नजर
पुलिस ने प्रभावी रुप से नाकाबंदी व गश्त करते हुए जिले में 2 हजार 186 वाहनों के चालान किए है। 304 वाहनों को इंपाउंड जब्त भी किया गया। चालान किए गए वाहन चालकों पर 55 लाख 33 हजार 900 रुपये जुर्माना लगाया गया है। आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जिला पुलिस द्वारा कुल 49 मामले दर्ज किए है। इनमें 53 आरोपियों को गिरफ्तार करके 4 हजार 422 बोतल देशी शराब, 768 बोतल अंग्रेजी शराब व 70 बीयर की बोतल अवैध शराब पकड़ी गई है।
अपने घरों पर रहे, सुरक्षित रहें
जिला पुलिस की तरफ से आमजन से अपील है कि लॉक डाउन के तहत जारी आदेशों का सख्ती से पालन करें। अपने घरों पर रहे, सुरक्षित रहें। अपने नजदीकी दुकानों से ही राशन, दूध, फल, सब्जियों, दवाइयां आदि जरुरत का सामान खरीदें। सामान खरीदते वक्त एक दूसरे से दूरी बनाकर खड़े हो। बेवजह घरों से बाहर न निकलें। लॉक डाउन को सफलतापूर्वक लागू करने में पुलिस व जिला प्रशासन का सहयोग करें। अफवाहों से बचे। बगैर जांच के कोई भी मैसेज सोशल मीडिया पर साझा न करें। आदेशों की अवेहलना करने वालों के खिलाफ जिला पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है।
जिलाधीश श्यामलाल पूनिया ने राजस्व प्रबंधन अधिनियम के तहत दादरी शहर के बाजारों को क्षेत्र अनुसार दो-दो दिन खुला रखने के आदेश जारी किए हैं। दुकानों का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक का रहेगा। पूनिया ने शुक्रवार को जारी किए आदेश में बताया है कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने शहर के बाजार को एरिया अनुसार दो-दो दिन की अवधि में खोलने का निर्णय लिया है।
जानिए... सोमवार और गुरुवार को खुलेंगे ये बाजार : आदेश के मुताबिक सोमवार व गुरूवार को बस स्टैंड रोड, परशुराम चौक से लोहारू रोड, महेंद्रगढ़ चुंगी, आदर्श धर्मशाला, महेंद्रगढ़ बाईपास ऑटो मार्केट, हीरा चौक, सुभाष चौक, गामड़ी रोड, अंबेडकर चौक से पुरानी सब्जी मंडी रोड, वैश्य स्कूल के आसपास की मार्केट तथा ढाणी फाटक, दिल्ली रोड से समसपुर रोड तक का बाजार खुला रहेेगा।
जानिए... ये मंगलवार व शुक्रवार को खुलेंगे
दिल्ली रोड मार्केट, आश्रम रोड, पुरानी अनाजमंडी के पीछे वाली मार्केट, काठ मंडी, काठ मंडी के पीछे वाली रोड व पुराना झज्जर रोड की मार्केट और परशुराम चौक से लाला लाजपत राय चौक, पुराना बस स्टैंड रोड, घिकाड़ा रोड, परशुराम चौक से सरदार झाड़ू सिंह चौक व रोहतक फाटक तक की मार्केट भी खुली रहेंगी।
बुधवार और शनिवारको खुलेंगी ये दुकानें
लाला लाजपत राय चौक से सीसीआई फाटक, शहीद मार्केट, गांधी मार्केट, रासीवासिया मार्केट, तिकोना पार्क, चंपापुरी, रोहतक फाटक से सीसीआई बाईपास रोड, नए बसस्टैंड के समीप की गली की दुकानें खुलेंगी।
(संजय आहूजा)लॉकडाउन के दौरान पिछले माह से राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों को घरों में ही वाट्सएप व टीवी चैनलों से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।
सभी विद्यार्थियों तक ऑनलाइन शिक्षा पूर्ण रुप से पहुंचे व बच्चों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा के कार्य में आ रही समस्याओं को लेकर अब शिक्षा विभाग के अधिकारी हर रोज 20-20 अभिभावकों को कॉल करके उनका फीडबैक लेंगे।
इसे लेकर शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर सभी कर्मचारियों व अधिकारी स्कूल मुखिया, बीआरपी, एबीआरसी, बीईओ, बीईईओ, फैकल्टी ऑफ डाइट, बाईट, जीईटीटीआई, एससीआरटी व प्रोग्राम ऑफिसर काे प्रतिदिन 20 अभिभावकों और विद्यार्थियों से फोन कर संपर्क करने के आदेश दिए हैं।जोकि प्रसारण कार्यक्रम को लेकर पठन-पाठन ऑनलाइन कार्यक्रम को लेकर अवलोकन करेंगे।
हर रोज भेजनी होगी रिपोर्ट
मई के महीने में सीएसआरटी द्वारा पाठ्यक्रम की मासिक बांट के अनुसार प्रत्येक विषय के दो से चार पाठ करवाए जाने हैं। इस पर्यवेक्षण के लिए जिलों के लिए निदेशालय का कार्यक्रम अधिकारी और सहायक निदेशक समय सारणी एवं अन्य दायित्वों के लिए उत्कर्ष सोसाइटी से समन्वय करेंगे। डीईओ, डीईईओ, डीपीसी व प्रधानाचार्य डाइट के संपर्क में रहेंगे। अधिकारियों को प्रतिदिन विद्यार्थियों की कक्षा अनुसार रिपोर्ट विभाग की ई-मेल पर सांझा करनी होगी।
ये सवाल पूछेंगे अधिकारी