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स्पेशल ट्रेन से प्रवासी श्रमिक घर को रवाना, प्रशासन ने खाना और बच्चों को चॉकलेट-टॉफियां दीं

सरकार की पहल पर जिला प्रशासन अब तक लगभग 200 श्रमिकों एवं प्रवासी नागरिकों को सकुशल उत्तरप्रदेश और बिहार राज्यों में भेज चुका है। बस और वाया ट्रेन अपने घरों तक पहुंच रहे ये मजदूर सरकार एवं प्रशासन की इस कार्रवाई से काफी प्रसन्न एवं संतुष्ट दिखाई दिए। जिले के विभिन्न गांवों और शहर में लावणी, खनन कार्य, भवन निर्माण, छोटे कारखानों के कामगार और रेहड़ी आदि लगाकर आजीविका कमाने वाले प्रवासी मजदूर प्रशासन के सहयोग से नि:शुल्क अपने गृहनगरों को लौट रहे हैं।
जिले के सरपंच और नगर पार्षदों के सहयोग से इन श्रमिकों का सरल पोर्टल पर पंजीकरण करवाया जा रहा है। पंजीकरण होने के बाद इनको प्रशासन का संदेश भिजवाया जाता है कि उन्हें कहां और किस समय एकत्रित होना है। इसके लिए उन्हें बस भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

एससीआर स्कूल में होते एकत्रित

जनप्रतिनिधियों, पंचायत विभाग के ग्राम सचिव और नगर परिषद कर्मियों को साथ लेकर इनको गांव चरखी स्थित एससीआर स्कूल में बुलाया जाता है। एसडीएम डाॅ. विरेंद्र सिंह की निगरानी में इन श्रमिकों को बसों के माध्यम से रोहतक के रेलवे स्टेशन या उनके घर तक भेजा जाता है।

प्रशासन की ओर से व्यवस्था होने पर बस में बैठकर अपनों के पास सकुशल वापस चले जाएंगे प्रवासी श्रमिक

  • बिहार के जिला खगड़िया निवासी बसराज सिंह ने बताया कि हालात इस कदर विकट हो जाएंगे, ऐसा उनको आभास भी नहीं था। लेकिन अब प्रशासन की ओर से व्यवस्था होने पर उन्हें खुशी है।
  • जिला नवादा बिहार के रहने वाले छात्र महेश कुमार ने बताया कि वह तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान गांव छपार में मैकेनिकल ट्रेड की पढ़ाई पिछले तीन साल से कर रहा है। प्रवासी मजदूरों के लिए उठाए कदम को सराहनीय बताया है।
  • बिहार के ही लखीसराय निवासी नितिश कुमार ने बताया कि प्रशासन ने उनके लिए बस एवं रेल के सफर की व्यवस्था करवाई है। वे एक रात एससीआर स्कूल में रूककर सुबह यहां से अंबाला रेलवे स्टेशन को रवाना होंगे।

कमेटी ने संभाला कार्य

उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने बताया कि जिला के दादरी, बाढड़ा, बौंद व झोझू खंड के लिए अधिकारियों की कमेटी बनाई गई हैं, जो प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के कार्य को संभाल रही हैं। एसडीएम डॉ. विरेंद्र सिंह इस कार्य के नोडल इंचार्ज है। प्रशासन की ओर से इन मजदूरों को आसपास के जिलों में परिवहन विभाग की बस से भेजा जाता है। दादरी से रेलवे स्टेशनों तक भी इन श्रमिकों को बस में शारीरिक दूरी से बैठाकर भेजा जाता है। घर भेजने से पहले इनकी थर्मल स्क्रीनिंग करवाई जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार के निर्देशों के अनुसार अपने घरों को जाने के इच्छुक सभी श्रमिकों को बारी-बारी से भेजा जाएगा।



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Migrant workers leave for home by special train, administration gives food and chocolate-toffees to children


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पंजाब की सीमा पर 66 वाहन चालकों का रिकॉर्ड दर्ज किया

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पंजाब सीमा से आवागमन करने वाले वाहन चालकों का रिकार्ड दर्ज किया गया। विभाग की ओर से ड्यूटी दे रहे एमपीएचडब्ल्यू रमेश ने बताया कि दूसरे दिन कुल 66 वाहन चालकों का रिकार्ड दर्ज किया। उन्होंने बताया कि इन वाहन चालकों में पंजाब से 42, राजस्थान से 5, उत्तर प्रदेश से 4, हिमाचल प्रदेश से 1 व हरियाणा से 14 वाहन चालक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बायोडाटा में उनके नाम व पते सहित मोबाइल नंबर, ट्रैवलिंग हिस्ट्री, खांसी, जुकाम व बुखार आदि बारे जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि तीन चार वाहन चालकों को हल्की खांसी पाई गई।

10 घरों में 43 लोगों को क्वारेंटाइन किया

हेल्थ इंस्पेक्टर सतपाल ने बताया कि शुक्रवार को 13 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए गए जबकि 19 लोगों की रेपिड किट से जांच की गई। 10 घरों में 43 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया। 447 घरों में 2112 लोगों की हेल्थ स्क्रीनिंग भी की गई।



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जवाहर चौक के पास ट्रंकों के गोदाम को बंद करवाया थाना रोड पर दुकानों के बाहर पुलिस ने लगवाए गोले

जिला प्रशासन की ओर से जारी रोस्टर के हिसाब से दुकानें खुलने लगी हैं। शुक्रवार को थाना रोड, धर्मशाला रोड, डीएसपी रोड आदि एरिया का बाजार खुला रहा। इस दौरान पुलिस ने बाजारों का दौरा कर दुकानदारों से दुकानों के आगे गोल दायरे लगाने के निर्देश दिए। वहीं जवाहर चौक के पास ट्रंक व कूलर के गोदाम को बंद कराया गया। वहीं रतिया में दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ को रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
शुक्रवार सुबह एसएचओ यादविंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ बाजार का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि जवाहर चौक के पास ट्रंक आदि बनाने वाली दुकानों के साथ -साथ चिल्ली के साथ लगते एरिया में गोदाम भी खुले हुए हैं। जिस पर एसएचओ ने दुकानदारों को गोदाम बंद करने के निर्देश दिए। वहां पर लोग समूह बनाकर बैठे हुए थे, उन्हें भी हिदायत दी।



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आइसोलेशन वार्ड से भागे दंपती का नहीं लगा सुराग मोबाइल और आधार नंबर गलत दर्ज करवा रखे थे

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूना के आइसोलेशन वार्ड की खिड़की से फरार हुए दंपती का शुक्रवार शाम तक सुराग नहीं लगा। पुलिस ने पति-पत्नी की तलाश के लिए यमुनानगर के गांव मिर्जापुर व अग्रोहा के मीरपुर तथा कई स्थानों पर दबिश दी। लेकिन वह नहीं मिले। इस समय सीएचसी के आइसोलेशन वार्ड में दो अन्य मरीज उपचाराधीन है। वहीं पुलिस ने स्वास्थ्य केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से भागने दवारले मिर्जापुर निवासी दंपती का मोबाइल व आधार नंबर जोकि अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था, वह भी गलत निकला है। दंपती द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो वह चंडीगढ़ के किसी राजू नामक युवक का था। एसएसओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस उपरोक्त दंपती की तलाश के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। पुलिस की टीम अलग-अलग ठिकानों पर जा चुकी है। परंतु फिलहाल उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।
बता दें कि गांव बुवान में 5 मई को बस स्टैंड पर मिले दंपती को खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत मिलने पर सीएचसी में भर्ती कराया गया था जोकि बुधवार आधी रात के बाद भाग गए थे।



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भट्टूकलां में अब 4 घंटे खुलेगा बाजार, मॉडल टाउन काे 3 बार किया सेनिटाइज, युवती के संपर्क में आए 7 लोगों की रिपोर्ट आई निगेटिव

भट्‌टूकलां व रतिया में पॉजिटिव केस मिलने के बाद प्रशासन ने दोनों जगहों पर स्क्रीनिंग तेज कर दी है। भट्टूकलां में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार व एसडीएम संजय बिश्नोई ने मॉडल टाउन में लगाए गए पुलिस नाकों का निरीक्षण किया। जिला प्रशासन ने भट्टू मंडी में दुकानें खोलने के समय में बदलाव किया है।
हालांकि अनाजमंडी में फसल खरीद का काम पूरा दिन चलता रहेगा। दूसरी ओर दूसरे राज्यों व शहरों में रह रहे लोगों का जिले में आने का सिलसिला जारी है। फतेहाबाद पहुंचे यूपी के 9 मजदूरों के सैंपल लेकर उन्हें धर्मशाला में क्वारेंटाइन किया गया है। वहीं दूसरी ओर रतिया के सामुदायिक केंद्र में रह रहे नांदेड़ से आए लोगों के दोबारा से सैंपल लिए गए हैं।

भट्‌टूमंडी में पूरे दिन हुई गेहूं की खरीद

भट्टूमंडी में दुकानें व फल - सब्जियों की रेहड़ियों के लिए 4 घंटे का समय निर्धारित कर दिया गया है। शनिवार से सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक ही बाजार खुला रहेगा। दूध, डेयरी व मेडिकल की दुकान पूर्व की तरह दिन में खुली रहेगी। वहीं अनाज मंडी में फसलों की खरीद का काम पूरे दिन चलता रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया है।

6 परिजनों व चालक का लिया था सैंपल

मॉडल टाउन को 3 दिनों से सेनिटाइज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की 10 टीमें 261 घरों में 1208 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुकी हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजन व उनके सम्पर्क में आए 7 लोगों के सैंपल लिए थे। जिनमें 6 परिजन और कार चालक शामिल हैं। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्लाटों की रजिस्ट्री पर भी रोक है।

रतिया में अब तक 3 हजार लोगों की स्क्रीनिंग

रतिया में अब तक 3 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी। विभिन्न बीमारियों से पीडि़त लोगों का अलग से डाटा तैयार किया है। सामुदायिक केंद्र में रह रह नांदेड़ से आए एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को बाकी लोगों से फिर से सैंपल लिए। पॉजिटिव मिले व्यक्ति को अग्रोहा मेडिकल रेफर कर दिया।



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सरसों खरीद न होने पर मार्केट कमेटी कर्मियों का घेराव

जुई अनाज मंडी में किसानों ने मार्केट कमेटी के कर्मचारियों का घेराव किया किसानों का कहना है कि एक महीने से चल रही मंडी में अब 10 दिन से सरसो नहीं खरीदी जा रही। उसको लेकर किसानों ने अनाज मंडी के गेट पर हंगामा किया। किसानों ने कहा कि मार्केट कमेटी के कर्मचारी शेड्यूल बंद होने के कारण दर्जन भर गांव के नंबर अभी तक एक बार भी नहीं आया है। जुई में अनाज मंडी होते हुए भी सरसो बेचने के लिए वंचित हैं। आढ़ती 5% जीएसटी लगने के कारण सरसो नहीं ले रहे हैं। इस जीएसटी प्रक्रिया के तहत फसल को जुई अनाज मंडी में सिर्फ तीन आढ़ती दुकानें ही खरीदने के लिए अपना प्रस्ताव देकर गए। उनका कहना है कि मार्केट कमेटी शेड्यूल जारी करें। सरसों खरीदेंगे और 5% पर्सेंट जीएसटी भी देंगे। किसानों का कहना है कि हमारी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई तो आंदोलन होगा।



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की-पैड और लैंडलाइन पर भी ले सकेंगे संक्रमण का अपडेट

स्मार्टफोन (एंड्रॉयड और आइफोन) के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप लॉन्च करने के बाद सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। अब सामान्य फोन व लैंडलाइन फोन का प्रयोग करने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए भी एप शुरू की गई है, जो नागरिकोंं को कोविड-19 महामारी संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी देगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार कोविड-19 महामारी संक्रमण से के बारे में नवीनत्तम जानकारी व सहायता के लिए आरोग्य सेतु एप शुरू की गई है। स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकों से इस एप को डाउनलोड करने की अपील की जा चुकी है ताकि लोग कोविड-19 महामारी संक्रमण के बारे में अपने नजदीकी क्षेत्र के बारे में जानकारी ले सकें। लोगों द्वारा इस एप का प्रयोग किया भी जा रहा है।
आरोग्य सेतु एप के माध्यम से जिला में हजारों लोग अपने स्वास्थ्य की जानकारी दे चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।

जाने... कैसे काम करेगी आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा

अब सरकार ने इससे आगे एक ओर कदम बढ़ाया है। सरकार ने फीचर फोन (साधारण फोन) और लैंडलाइन का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा शुरू की है। यह सर्विस देशभर में उपलब्ध है। यह एक टोल-फ्री सर्विस है, जहां लोगों को 1921 नंबर पर मिस कॉल करनी है। इस नंबर पर मिस कॉल करने के बाद आपको वापस कॉल आएगा। कॉल में आपकी सेहत से जुड़े इनपुट लिए जाएंगे। आप जिस तरह के जवाब देंगे, उसके आधार पर आपको एक एसएमएस भेजा जाएगा। यह एसएमएस आपकी सेहत की जानकारी देगा।

जिला में नागरिकों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं कंट्रोल रूम

कोविड-19 महामारी संबंधित सहायता के लिए प्रशासन द्वारा लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए के कॉंफ्रेंस हॉल में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसके संपर्क नंबर 1077, 1950, 01664-242893 और 9817887242 हैं। यहां पर कोरोना से संबंधित मदद ले सकते हैं।

  • मेडिकल हेल्पलाइन 01664-244108 और 243199 हैं।
  • मोबाइल नंबर 7027847102 है।
  • एंबुलेंस सेवा के लिए 108 है।
  • खाद्य सामग्री की मदद के लिए-8818002789 है।


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बाजार में लापरवाही पड़ेगी भरी, दिन भर समझाती रही पुलिस

लॉकडाउन 3 में मिली छूट के पांचवें दिन भी बाजार सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक खुले रहे। पुलिस प्रशासन लगातार बाजारों में गश्त कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना का पाठ पढ़ाती नजर आई लेकिन कुछ दुकानों के अंदर व बाहर पांचवें दिन भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अवहेलना होती दिखाई दी। दोपहर दो बजे तक शहर थाना प्रभारी बाजारों में गश्त के दौरान दुकानदारों व ग्राहकों को मास्क व सैनिटाइजर के इस्तेमाल की अपील करते नजर आ रहे थे।बाजार के सभी एंट्री प्वाइंटों पर बैरिकेड लगाकर पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात करने से दो दिनों से बाजारों में फोरव्हीलर की एंट्री न होने से स्थिति में सुधार होता दिखाई दे रहा है। गुरुवार को पुलिस ने घंटाघर चौक, वैश्य सीनियर सेकंडरी स्कूल के पास, नयाबाजार क्षेत्र व जैन चौक क्षेत्र में पुलिस नाके लगाकर फोरव्हीलरों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। इससे बाजारों में रोड पर अधिक भीड़ व जाम की स्थिति नहीं बनी।

ये रही दुकानों पर स्थिति

बाजार में कपड़ा व इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर भीड़ रही। अधिकतर दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते दिखाई दिए तो कुछ दुकानों के बाहर व अंदर सोशल डिस्टेंसिंग की शुक्रवार को भी धज्जियां उड़ रही थी। विशेषकर गारमेंट की दुकानों में कपड़ा खरीदने वालों की भीड़ रही।

ये कहना है एसएचओ का

शहर थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस बाजार में लगातार गश्त करती है और दुकानदारों व ग्राहकों को सोशल डिस्टेंस, मास्क व सैनिटाइजर के उपयोग के प्रति जागरूक कर रही है। जो दुकानदार नियमों की पालना नहीं करता है उसका चालान काटा जाता है और दुकान को बंद भी करवाया जा रहा हैं।



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दिन दहाड़े घर का ताला तोड़कर सात लाख के आभूषण और नकदी ले गए

बैंक कॉलोनी में दिन दहाड़े चोर एक किराना सामान के सप्लायर के घर का ताला तोड़कर लगभग सात लाख रुपये कीमत के सोने-चांदी के आभूषण व नकदी चोरी कर फरार हो गए। चोरों ने केवल 30 मिनट में ही इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में मकान मालिक सुरेश उर्फ लीलू ने बताया कि वह दुकानों में किरयाणा का सामान व दूध की सप्लाई का कार्य करता है। परिवार के सदस्य बीमार थे। इसलिए सुबह 11 बजे मकान बंद कर वह परिवार की महिला सदस्यों के साथ मिनी बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल में गए थे। लगभग आधा घंटे बाद जब वापस आए तो मेन गेट का ताला टूटा हुआ था। अंदर जाकर देखा तो कमरों के ताले भी टूटे हुए थे। अलमारी खुली थी और सामान बिखरा हुआ था। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच। सुरेश ने बताया कि चोर मकान से लगभग 17 ताेले सोने व 500 ग्राम चांदी से बने आभूषण चोरी कर ले गए। मकान से 24 हजार की नकदी भी गायब थी।



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विद्यानगर में 449 घरों के 1909 लोगों की स्क्रीनिंग

स्वास्थ्य विभाग ने विद्यानगर निवासी बीएसएफ जवान के घर के आस-पास के 449 घरों में रहने वाले 1909 व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की है। शुक्रवार को विभाग ने 18 लोगों के काेरोना से संबंधित सैंपल लिए है।
गुरुवार को विद्यानगर के 350 घरों में रहने वाले करीब 1500 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई तथा 46 लोगों के सैंपल लिए थे। शुक्रवार को 99 मकानों में ओर सर्वे कर स्क्रीनिंग की गई है। अभी तक विभाग काॅलोनी में 449 घरों में रहने वाले 1909 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कर चुका है। काॅलोनी के सभी घरों में रहने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करवाने का उद्देश्य यह हैं कि अगर किसी व्यक्ति में किसी प्रकार के कोरोना के लक्षण मिले तो विभाग उसको तुरंत आइसोलेशन वार्ड में रख कर महामारी को फैलने से रोक सके। अभी तक की जांच में विद्यानगर कालोनी में किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण नहीं मिले है। सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादयान ने बताया कि शुक्रवार को 18 सैंपल लिए गए, इनमें से 12 सैंपल रोहतक पीजीआई जांच के लिए भेजे गए है जबकि 6 सैंपल की जांच रैपिड किट से की गई। रैपिड किट से जांच में सभी छह सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अभी तक 78 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी है। शुक्रवार तक कुल 1036 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए थे। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 12 व्यक्तियों को रखा गया है।



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मोबाइल टीम ने जांचा 37 कर्मचारियों का स्वास्थ्य, 10 के सैंपल पीजीआई भेजे

लोगों के स्वास्थ्य व कोरोना वायरस की जांच के लिए दौचाना सामुदायिक सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल संपर्क टीम ने शुक्रवार काे डॉ. संजय सिंह के नेतृत्व में 37 कर्मचारियों का मेडिकल चेकअप किया। इसमें नाक-गले से संबंधित 10 व्यक्तियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बाकी 27 व्यक्तियों को चिकित्सीय परामर्श दिया गया। कोरोनावायरस जांच के लिए जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित मोबाइल टीम द्वारा क्षेत्र में नियुक्त बैंक कर्मचारी, पुलिस, वेटरनरी डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता समेत 37 कर्मचारियों की कोरोना वायरस से संबंधित जांच की। इसके तहत टीम ने टेंपरेचर, खून के नमूने, नाक, गले की जांच की, जिसमें रैपिड टेस्ट किट द्वारा कोविड-19 की जांच में 27 कर्मचारियों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई और 10 कर्मचारी जो नाक-गले से संबंधित बीमारी से ग्रस्त थे, एहतियात के तौर पर उनकी जांच के लिए सैंपल लेकर रोहतक भेजे जाएंगे, जिसकी एक-दो दिन में रिपोर्ट आ जाएगी। इस टीम में डॉ. कृष्ण कुमार, ईएनटी के सत्येंद्र, एलटी सुरेश, हवासिंह चालक शामिल हैं।

अटेली में अब तक 153 लोगों के सैंपल, 130 की रिपोर्ट निगेटिव व 23 की पेंडिंग

कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए अटेली अस्पताल में अब तक 153 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें अभी 23 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष हैं, बाकी 130 सैंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। डॉ. विजयसिंह ने बताया कि लैब टेक्निशियन रविदत्त के सहयोग से स्क्रीनिंग जांच यहां पीसीआर टेक्निक से हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ट्रैवलिंग हिस्ट्री व कोविड-19 लक्षण के आधार पर सैंपल ले रहा है ताकि संक्रमण को शुरुआती दौर में ही रोका जा सके। बता दें कि जिले में मोबाइल टीम भी सब्जी विक्रेताओं व अन्य लोगों के रेपिड कोरोना टेस्ट कर रही है।



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आज भेजे जाएंगे 1200 मजदूर, 20 हजार से अधिक लोग करवा चुके रजिस्ट्रेशन, जिसमें 6800 प्रवासी

लॉकडाउन में सबसे बुरी स्थिति उन प्रवासी मजदूरों की बनी हुई है जो अपने अपने घर जाना चाह रहे हैं। पंजीकरण करवाए जाने के बावजूद कोई साधन मिलता न देख मजदूर पैदल ही निकल पड़ते हैं। जिले से जाने वालों की संख्या 20 हजार से अधिक है जिसमें लगभग 6800 प्रवासी मजदूर हैं। हालांकि सरकार प्रवासियों के जाने की व्यवस्था लगातार कर रहा है लेकिन प्रवासी जाने के उतावले बने हुए हैं। इससे प्रवासी 38 डिग्री से अधिक तापमान में पैदल ही जाने लग जाते हैं। इसके अतिरिक्त दूसरे गांवों व जिलों से भी आगे जाने वाले प्रवासी भी भिवानी हो कर पहुंच रहे हैं।
गुरुवार देर शाम हिसार व सिवानी से पहुंचे लगभग तीन दर्जन मजदूरों का खाना तो रेडक्रास ने उपलब्ध करवा दिया लेकिन उन्हें रात सड़क के एक ओर गुजारनी पड़ी। यह स्थिति अकेले भिवानी की नहीं है बल्कि प्रदेश भर में बनी हुई है। भिवानी व दादरी के 1200 मजदूरों को लेकर शनिवार को एक ट्रेन पूर्णिया जाएंगी। प्रशासन ने एक सप्ताह पहले प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की थी। जिले में अभी तक 20 हजार से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, जिसमें 6800 प्रवासी मजदूर हैं। भिवानी जंक्शन से पहली गाड़ी 9 मई को पूर्णिया के लिए चलेगी जिसमें भिवानी व दादरी के 1200 मजदूर जाएंगे। रेलगाड़ी में वे ही मजदूर जाएंगे जिनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है।

राजकीय कन्या स्कूल में की ठहरने की व्यवस्था

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रशासन की तरफ से ठहरने की व्यवस्था की हुई है। जो प्रवासी मजदूर सड़कों पर घूम रहे थे और पैदल ही अपने अपने प्रदेशों में जाने के लिए भिवानी बॉर्डर पार करने का प्रयास कर रहे थे ऐसे मजदूरों को स्कूल में रखा गया है और प्रशासन उनको घर भेजने की व्यवस्था में लगा हुआ है। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 40 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है। इसके अलावा जाट धर्मशाला में भी मजदूर व परिवार के सदस्यों को रखा गया है।

रेलवे स्टेशन पर लिया व्यवस्थाओं का जायजा

प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेशों में भेजने के लिए प्रशासन रेलगाड़ी की व्यवस्था कर रहा हैं। इसी के चलते डीसी अजय कुमार व एसडीएम महेश कुमार ने गुरुवार को रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, ताकि प्रवासी मजदूरों को रेल गाड़ी में बैठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा सके। स्टेशन के बाहर व प्लेट फार्म नंबर एक पर छह-छह फुट की दूरी पर गोल दायरे बनाए गए है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो शनिवार को भिवानी रेलवे स्टेशन से एक रेलगाड़ी लगभग 1200 प्रवासी मजदूरों को लेकर पूर्णिया बिहार के लिए रवाना होगी।

पुलिस कर्मचारी ने प्रवासी मजदूर के साथ की मारपीट

गुरुवार देर शाम बैंक कालोनी में किराए के कमरे में रहने वाला एक प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ा था। जब वह रोहतक रोड पुलिस नाके पर पहुंचा तो पुलिस कर्मचारियों ने उसे रोक लिया। डूमरी परोरा बेगूसराय बिहार का रहने वाला प्रवासी मजदूर ने बताया कि जब वह पुलिस नाके पास पहुंचा तो नजदीक ही पानी से भरे मटके रखे हुए थे। उसने मटके से पानी पीने के लिए एक पुलिस कर्मचारी से कहा तो उसने कहा पानी पी ले। इसी दौरान पुलिस कर्मचारी ने पूछा की कहा से है और क्या नाम है तो उसने बताया कि वह बिहार का रहने वाला है। प्रवासी मजदूर ने बताया कि इसके बाद पुलिस कर्मचारी ने उसके साथ मारपीट की।

सिवानी और हिसार से पहुंचे 36 मजदूर

गांव ढाब ढाणी में 32 प्रवासी रह रहे हैं जिन्होंने चार मई को रजिस्ट्रेशन करवाया था। मजदूर हर रोज घर जाने के लिए जिद्द कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त हर रोज कहीं न कहीं से प्रवासी भिवानी पहुंच रहे हैं। गुरुवार देर शाम को भिवानी में सिवानी व हिसार से लगभग तीन दर्जन मजदूर पहुंचे। वे पैदल ही बरेली के लिए चले थे लेकिन पुलिस नेे उन्हें यही रोक दिया।



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Today 1200 workers will be sent, more than 20 thousand people have got registration done, in which 6800 migrants


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बागपत प्रवासी मजदूरों को लेकर गई बस के चालक/परिचालक को यूपी पुलिस ने पीटा

कनीना से गुरुवार सुबह प्रवासी मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश के बागपत गई नारनौल रोडवेज डिपो की बसों के चालक/परिचालकों से प्रवासी मजदूरों को न उतारने देने को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने मारपीट की। इस दौरान रोडवेज के चालक/परिचालकों ने मौके पर डटे रह कर फोन पर नारनौल महाप्रबंधक समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को मामले से अवगत करवाकर समस्या का समाधान निकालने का आग्रह किया, लेकिन दो-तीन घंटे चली इस जद्दोजहद के बाद भी जिला प्रशासन कोई समाधान नहीं निकाल सका।
आखिर उत्तर प्रदेश पुलिस की जिद के चलते चालक/परिचालकों को प्रवासी मजदूरों को बसों से नीचे उतारे बिना ही रात को मजदूरों समेत बसों को वहां से वापस हरियाणा की सीमा में गन्नौर लाना पड़ा। जहां जिलाधीश ने रात को बसों को रुकवाकर चालक/परिचालकों व प्रवासी मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था करवाई। शुक्रवार को जिलाधीश ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से बात कर दोपहर करीब 1 बजे प्रवासी मजदूरों को लेकर बसों को बदायूं के लिए रवाना किया। इस घटनाक्रम को लेकर रोडवेज कर्मचारियों में रोष है। नाराज रोडवेज कर्मचारियों ने जिला प्रशासन से आगे प्रवासी मजदूरों को रिसीव करने की उचित व्यवस्था करने के बाद ही उन्हें यहां से भेजने की मांग की है।
हरियाणा रोडवेज महाप्रबंधक कार्यालय नारनौल के ड्यूटी क्लर्क अशोक कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन ने गुरुवार सुबह कनीना से प्रवासी मजदूरों को लेकर डिपो की पांच बसों को उत्तर प्रदेश के बागपत के लिए रवाना किया था। इन बसों को सुदेशपाल, मंजीत सिंह, संदीप, पंकज, अजय कुमार, रामबीर, सतपाल, मंदीप, चंदनसिंह व कुलदीप आदि चालक/परिचालक लेकर बागपत गए थे। रोडवेज बसों के बागपत पहुंचने पर वहां की पुलिस ने चालक/परिचालकों को वहां प्रवासी मजदूरों को बसों से उतारने से मना कर दिया तथा तुरंत वहां से बसों को वापस लेकर जाने को कहा। इस पर चालक/परिचालकों हमें तो यहीं भेजा गया है। इसलिए हम अपने अधिकारियों से बात करने के बाद ही यहां से वापस जाएंगे। इस बात सुनकर पुलिसकर्मी तैश में आ गए और उन्होंने चालक/परिचालकों से गाली-गलोच करते हुए उनसे मारपीट भी की। इस बीच चालक/परिचालकों ने फोन पर रोडवेज महाप्रबंधक नवीन शर्मा व अन्य अधिकारियों को मामले से अवगत करवा समस्या का समाधान निकालने की बात कही। इस पर रोडवेज महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों ने इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से बात की। इसके बाद जिला प्रशासन ने बागपत के प्रशासनिक अधिकारियों से बात की, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने चालक/परिचालकों को रोडवेज बसों को गन्नौर ले जाने को कहा। इसके बाद चालक रोडवेज बसों को लेकर रात को गन्नौर पहुंचे। जहां वहां के जिलाधीश ने बसों को खड़ा करवा उनके ठहरने की व्यवस्था की। शुक्रवार सुबह जिलाधीश ने उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर दोपहर 1 बजे बसों को उत्तर प्रदेश के बदायूं के लिए रवाना किया।



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प्रोटोकॉल के तहत हुडा सेक्टर कंटेनमेंट व निकटवर्ती क्षेत्र बफर जोन घोषित, रिपोर्ट की पहचान छुपाने पर मुकदमा दर्ज

हुडा सेक्टर स्थित हाउसिंग बोर्ड फ्लैट्स में दो कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत उस एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है तथा उसके निकटवर्ती क्षेत्रों को बफर जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इसके चारों तरफ नाके लगा दिए गए हैं। कंटोनमेंट जोन में आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी।
डीसी जगदीश शर्मा ने बताया कि यह इसलिए किया गया है ताकि आसपास के क्षेत्र में इसके प्रसार को रोका जा सके। कंटोनमेंट जोन के अंदर आने वाले सभी घरों के प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण होगी। सिविल सर्जन की देखरेख में सभी टीमें डोर-टू-डोर अभियान चलाएंगी। इस काम में लगे सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण पीपीई और अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। कंटोनमेंट तथा बफर जोन के पूरे क्षेत्र में स्वच्छता के लिए लगे कर्मचारियों को नगर परिषद की ओर से सुरक्षात्मक उपकरण अर्थात चेहरे के मुखौटे, दस्ताने, टोपी, सैनिटाइजर, जूते उपलब्ध करवाए जाएंगे और साथ ही सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी। कंटोनमेंट जोन के साथ बफर जोन की भी आवश्यक बैरिकेडिंग की गई है। बिजली निगम के अधिकारी कंटोनमेंट व बफर जोन में नियमित बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सभी आवश्यक वस्तुओं की दरों की निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। नारनौल के एसडीएम मनीष फोगाट कंटोनमेंट और बफर जोन में इन सभी व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे। इस मामले में अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीसी ने नागरिकों से आह्वान किया है कि वे जिला प्रशासन का सहयोग करें। कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत इस इलाके को सील किया गया है। ऐसे में नागरिक सहनशीलता व सावधानी बरतें। साथ ही जिले के सभी नागरिक घरों से आवश्यक कार्य होने पर ही निकलें। शाम 7 से लेकर सुबह 7 बजे तक घरों से निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगी हुई है। इसका पालन करें।

2 जवानों के संक्रमण हाेने की पुष्टि हुई
दिल्ली आरपीएफ के तीन जवानों व उसमें से एक के ससुर के खिलाफ पुलिस ने खिलाफ गुरुवार देर शाम तथ्य छुपाने पर शहर थाने में धारा 269, 270 तथा 188 के तहत केस दर्ज किया है। गुरुवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली आरपीएफ में नौकरी करने वाले 2 जवानों को संक्रमण होने की पुष्टि हुई हैं। इस खबर के बाद जब पुलिस विभाग ने तथ्य एकत्र किए तो पता चला कि एक संक्रमित आरोपी के ससुर का इनसे संपर्क रहा था। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। फिर इन तीनों के मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया गया तो इनसे फिर पूछताछ की गई कि दिल्ली से चलने के बाद कहां से आये और रास्ते में किस-किस से मिले। उनका कहना था कि रास्ते में कहीं नहीं रुके ओर जहां भी पुलिस का नाका मिला, वहां इन्होंने दूर से ही अपना मूवमेंट पास दिखाया। ये तीनों रात 8 बजे हुडा कॉलोनी में आकर एक फ्लैट में रुके थे। यह फ्लैट उनमें से एक संक्रमित जवान के ससुर का है। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि जब 6 मई को इन सभी को ये पता चल गया था कि दिल्ली में कोरोना टेस्ट के लिए जो खून का सैंपल ये देकर आये थे, उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट इनकी मेल आईडी पर आ गई थी तो इन्होंने उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन से छिपाकर रखी। इसे 7 मई को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सख्ती से पूछने पर बताया। इसलिए एसपी सुलोचना गजराज ने मामले में संज्ञान लेते हुए इन चारों व्यक्तियों पर कोरोना से संक्रमित होने के बाद तथ्यों को छिपाकर महामारी फैलाने के खतरे को उत्पन्न करने व सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर मुकदमा दर्ज कराया है।



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कोरोना संकट के बीच ऑनलाइन ही गूंजे तराने

लॉकडाउन में घर पर बैठे बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद ने शुक्रवार को ऑनलाइन सिंगिंग प्रतियोगिता कराई। इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में पूरे जिले के प्रतिभागियों में उत्साह देखने को मिला। इस प्रतियोगिता में 3 से 14 साल तक के बच्चों ने कोरोना राक्षस से छुटकारा पाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

इसके साथ ही देशभक्ति और लोक गायन में अपनी प्रतिभा दिखाई। यह प्रतियोगिता तीन वर्गों में कराई गई। इसमें रोहतक जिले से करीब 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। किसी ने कोरोना से तुम डरो ना, घर पर ही रहो ना गीत गाया तो किसी ने महामृत्युंजय मंत्र और इतनी शक्ति हमें देना दाता गाकर ईश्वर से प्रार्थना की। इसके लिए एक दोपहर 3:00 बजे तक का समय दिया, प्रतिभागियों ने वीडियो बनाकर ज्यूरी को भेजी। जहां 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों करोना से छुटकारा पाने के लिए भगवान से प्रार्थना की, वही 6 से 10 वर्ष तक के प्रतिभागियों ने देशभक्ति गीत और 11 से 14 वर्ष तक के विद्यार्थियों लॉक गायन पर अपना टैलेंट दिखाया।

आज डांस में लिटिल चैंप्स दिखाएंगे टैलेंट
जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुड्डा ने बताया कि शनिवार को लिटिल चैंप्स डांस में अपना टैलेंट दिखाएंगे। यह भी 3 आयु वर्गों में संपन्न होगा। इसमें 3 से 5 वर्ष तक के प्रतिभागी व्हाट्सएप नंबर (9255531096) पर अपने डांस की वीडियो भेज सकते हैं। 6 से 10 वर्ष के बच्चे व्हाट्सएप नंबर (9991214204) और 11 से 14 वर्ष के बच्चे व्हाट्सएप नंबर (9813230227) पर 2 मिनट की वीडियो भेजें। दोपहर 3 बजे तक शास्त्रीय, लोक नृत्य और फिल्मी गानों पर अपनी डांस की वीडियो भेज सकते हैं।

शेष परिणाम आज जारी होंगे
ऑनलाइन सिंगिंग प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका में रितु चोपड़ा गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल सांपला, रेखा गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल मॉडल टाउन, मोनिका गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल मॉडल टाउन ने निभाई। प्रतियोगिता के शेष परिणाम शनिवार को जारी होंगे।



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अपराधी को कोर्ट में पेश करने से पहले काेरोना टेस्ट भी कराएगी पुलिस

(मनोज खर्ब)काेराेना महामारी के चलते अब काेर्ट में पेश होने से पहले पुलिस हर आरोपी का काेविड-19 टेस्ट कराएगी। पहले पुलिस आरोपी की मेडिकल जांच करा उसे कोर्ट में पेश करती रही है। नए आदेश में रोहतक के सेशन कोर्ट की ओर से जिला पुलिस को कोविड 19 टेस्ट कराने को लेकर आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के तहत अब पुलिस को कोर्ट में किसी भी आरोपी को पेश करते समय उसके कोविड 19 टेस्ट की रिपोर्ट या फिर जांच की स्लीप जमा करानी होगी। वहीं काेविड 19 की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस को कोर्ट में ये रिपोर्ट भी जमा करानी होगी। इसके अलावा अगर आरोपी को जेल में भेजा जा रहा है तो पुलिस को इस रिपोर्ट को वहां भी शेयर करना होगा। कोर्ट की ओर से पुलिस को सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर आरोपी के सेनिटाइजेशन तक की पूरी प्रक्रिया के पालन करने के बाद ही कोर्ट में पेशी की अनुमति है।
स्पेशल सेल में पूरा करेंगे आइसोलेशन पीरियड
कोरोना इफेक्ट को लेकर जेल प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली हैं। नए बंदियों के लिए यहां पर स्पेशल सैल बनाई गई है। इन सेल में नए बंदियों को तब तक रखा जाएगा जब तक पुलिस की ओर से उनकी कोविड 19 टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती है। आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद ही नए बंदियों को उनकी कोविड 19 रिपोर्ट के आधार पर सामान्य बैरकों में भेजा जाएगा।

अब तक पुलिस सामान्य चिकित्सा परीक्षण के बाद ही कोर्ट में करती थी पेश

कोरोना वायरस से पुलिस आरोपी को पकड़ने के बाद उसकी मेडिकल जांच के बाद उसे अदालत में पेश करती थी। अदालत से रिमांड पर लेने के बाद हर 12 घंटे में आरोपी का सिविल अस्पताल मे मेडिकल भी करवाना होता था। वहीं जेल में किसी बंदी को पहुंचाने से पहले भी आरोपी की मेडिकल जांच कराता था। अब इन सारे प्रोसेस के साथ कोविड 19 टेस्ट भी कराना होगा।

पीपीई किट मिली, पूछताछ के तरीके भी बदले
कोेरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए पुलिस सामान्य अपराधियों को भी पकड़ने के दौरान तमाम एहतियात बरत रही हैं। किसी संदिग्ध शख्स के बारे में इनपुट मिलने के बाद पुलिस के साथ पीपीई किट पहने एक यूनिट को तैयार रखा जाता है। आरोपी की गिरफ्तारी के वक्त ये यूनिट तमाम एहतियातन औपचारिकताओं को पूरा करते हुए आरोपी को अरेस्ट करती है। वहीं पुलिस अब आरोपी से पूछताछ को लेकर भी विशेष सावधानी बरत रही है।



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विदेश से आने वाले 146 लोगों को 22 होटलों में 28 दिन ठहराएंगे, देना होगा बिल

लॉकडाउन के दौरान दूसरे देशों में फंसे लोगों को लाने की पूरी तैयारियां कर ली है। पहली फ्लाइट में कोई भी रोहतक मूल का विदेशी अभी तक नहीं आया है। अब सोमवार को अगली फ्लाइट आने का इंतजार चल रहा है। इसके लिए होटलों में क्वाॅरेंटाइन करने की व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ अब क्वाॅरेंटाइन की अवधि भी 28 दिन तक के लिए कर दी गई है। इसके लिए जिले के 22 हाेटल काे पेड क्वाॅरेंटाइन सेंटर के ताैर पर रिजर्व किया है। इनमें 211 लाेगाें की रूम की व्यवस्था है। इनकी तीन कैटेगरी बनाई गई है, यानि विदेश से आने वाले लोगों को क्वाॅरेंटाइन के लिए निर्धारित भुगतान करना होगा। डीसी आरएस वर्मा की अध्यक्षता में जिले की होटल एसोसिएशन के साथ बैठक की गई। इसमें गृह मंत्रालय भारत सरकार से जारी किए गए दिशा-निर्देशानुसार देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों और विदेश यात्रा करने वाले लोगों के लिए तय मानक परिचालन प्रोटोकॉल अनुसार आदेशों की पालना करने के लिए निर्देश जारी किए गए। बैठक में एडीसी महेंद्रपाल केे नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी ने विभिन्न होटलों के किराया और भोजन आदि के रेट तय किए।
क्वाॅरेंटाइन की समयावधि 28 दिन होगी : डीसी
डीसी आरएस वर्मा ने जिले में कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण को रोकने के लिए क्वाॅरेंटाइन की अवधि बढ़ाकर 28 दिन कर दी है। सिविल सर्जन की अाेर से मॉडल जिला कंटेनमेंट योजना तैयार की है। इसमें कंटेनमेंट व बफर जोन में अंतिम पुष्टि किए गए मामले को आइसोलेट करने अाैर उसके सम्पर्क में रहने वाले व्यक्तियों के 28 दिन निगरानी रखने के लगभग चार सप्ताह तक यदि किसी अन्य लेबोरेट्री की अाेर से कोविड-19 मामले की पुष्टि नहीं होती है तो कंटेनमेंट अाॅपरेशन को कम कर दिया जाएगा।

इन्हें नोडल अधिकारी नियुक्त किया

डॉ. रोहताश सिंह, डीडीए को इस कार्य के लिए नोडल कम लाइजन अधिकारी नियुक्त किया है। जो विभिन्न होटलों और विदेश मंत्रालय के ऑफिशियल के साथ समन्वय कर जिला प्रशासन और होटलों में आने वाले मेहमानों की संख्या और पहुंचने के समय के बारे में बताएंगे। सुबीर सांगवान, पीओ एडीसी कार्यालय, करतार सिंह एपीओ एडीसी कार्यालय इस संबंध में डीडीओ रोहताश की सहायता करेंगे।

ये हाेटल हैं शामिल :

पेड क्वाॅरेंटाइन सेंटर केे तौर पर ए कैटेगरी के छह होटल तय किए गए हैं। इनमें सागर विला, हरजाई गार्डन, होटल रिवोली, रमाया, लेवेनियर, महाराजा होटल शामिल हैं। {बी कैटेगरी के तौर पर होटल काेकून, होटल लगन, प्लेटिनम प्लाजा, शंगरिला, किंग, जय, अप्सरा बैंक्वेट शामिल है। {सी कैटेगरी के होटल में करण, मार्क, सनशाइन, फ्रेंड्स, स्काई हॉक, स्टार, प्लाजा, सूर्या और पैंकर शामिल हैं।

रेट और सुविधाएं होटल अथॉरिटी की ओर से दिए जाएंगे

गृह मंत्रालय के आदेशानुसार देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों को क्वाॅरेंटाइन किया जाएगा। इसके लिए जिले की सीमा में आने वाले विभिन्न प्राइवेट होटलों में समिति की ओर से तय की गई दरों पर सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। ए कैटेगरी के होटल के कमरे का किराया बिना स्यूट के जीएसटी सहित 1800 रुपए होगा। बी कैटेगरी के होटल के कमरे का किराया बिना स्यूट के जीएसटी सहित 1100 रुपए होगा। सी कैटेगरी कैटेगरी के होटल के कमरे का किराया बिना स्यूट के जीएसटी सहित 900 रुपए होगा। इन बताए गए रेट और सुविधाएं होटल अथॉरिटी की ओर से प्रदान किए जाएंगे। होटल की पेमेंट वास्तविक लाभार्थी की ओर से की जाएगी। बशर्ते अग्रिम भुगतान के लिए मनाही होगी।



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47 दिन से लाॅकडाउन में परेशान प्रवासी मजदूरों के ट्रेन में बैठते ही खिले चेहरे, बोले-मदद के लिए थैंक्यू हरियाणा

प्रदेश के 9 जिलों से 1204 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से शुक्रवार को राेहतक रेलवे स्टेशन से बिहार भेजे गए। श्रमिकों के मेडिकल चेकअप और रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्कैनिंग के बाद शाम 5 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन रोहतक से रवाना हुई। इसमें राेहतक के 308 श्रमिक रहे। यात्रा के लिए श्रमिकों को सेनिटाइजर, मास्क, खाने के पैकेट व पेयजल उपलब्ध करवाया गया। डीसी आरएस वर्मा ने बताया कि रेल यात्रा का पूरा खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ मजदूर बिना शेड्यूल के रेलवे स्टेशन पर आ गए थे। उन सभी मजदूरों के लिए शेल्टर होम में रहने की व्यवस्था की गई है। रेलवे स्टेशन पर पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने स्वयं मौके पर मौजूद रहकर व्यवस्था की निगरानी की। इस दौरान प्रवासी मजदूरों व कामगारों की मूलभूत सुविधाओं के नोडल अधिकारी एवं उपमंडलाधीश राकेश कुमार ने लगातार रेलवे स्टेशन पर स्टाफ के साथ मौजूद रहकर सभी प्रबंधों व सुविधाओं की समीक्षा की। राेहतक से लगभग 27 हजार श्रमिकाें ने अपने घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं, 3 हजार के करीब श्रमिक व अन्य लाेग राेहतक अपने घर वापस अाना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि 10 मई को बिहार के अररिया और 12 मई को कटिहार के लिए ट्रेन जाएगी। फाइनल शेड्यूल अभी जारी नहीं हुआ है। जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन है, उन्हें ही इसमें जगह मिलेगी। प्रशासन रजिस्ट्रेशन वाले श्रमिकों को पहले ही सूचित कर देगा।

केवल कानपुर और मुगलसराय में ही रुकेगी स्पेशल ट्रेन
कोरोना संकट से प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे प्रवासी मजदूरों में से 1204 लोगों का अपने घर जाने का इंतजार खत्म हुआ। शुक्रवार की शाम 5 बजे उनको लेकर 1347 किलोमीटर दूर श्रमिक स्पेशल बिहार के कटिहार के लिए रवाना हुई। ट्रेन में सवार होते ही कई श्रमिक भावुक हो उठे। बोले-जीवन में पहली बार ऐसी आफत झेलनी पड़ी। लॉकडाउन के दौरान 47 दिन तक उनको जहां बेरोजगार होना पड़ा, वहीं पैसे खत्म होने के चलते भोजन-आवास के लिए भी मुश्किल उठानी पड़ी। अब तो 24 घंटे बाद घर पहुंचकर उनको सुकून मिलेगा। मजदूरों ने सहयोग के लिए जिला व पुलिस प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं का आभार भी जताया। ट्रेन नॉन स्टाप अपना सफर पूरा करेगी। क्रू स्टाफ चेंज करने के लिए पहला स्टाॅप कानपुर और दूसरा मुगलसराय उत्तरप्रदेश होगा। सभी मजदूर यात्रियों को प्रशासन की ओर से सामान्य श्रेणी का टिकट दिया गया। हालॉकि 24 कोच वाली विशेष ट्रेन में 22 कोच स्लीपर और 2 कोच एसएलआर हैं। ग्रीन सिग्नल मिलते ही गाजियाबाद हेडक्वार्टर के ड्राइवर विनोद कुमार व सर्वेश कुमार ने ट्रेन चला दी। प्लेटफार्म छोड़ते समय मजदूर हाथ हिलाकर अधिकारियों व कर्मचारियों का अभिभावन कर रहे थे। उनमें से कईयों ने मोबाइल से वीडियो भी बनाई और कहते गए कि घर पहुंचकर मदद और अच्छा व्यवहार करने वालों के बारे में परिजनों को बताएंगे।

पुलिस ने ड्राेन से भी स्टेशन की निगरानी की

ट्रेन से मजदूरों को भेजने की देखते हुए शुक्रवार सुबह से ही स्टेशन पर रेलवे और राज्य पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए गए। विभिन्न जिलों से रोडवेज बसों से आने वाले श्रमिकों को पहले स्टेशन परिसर में बैठाकर हाजिरी लगाई गई। इसके बाद उनको प्लेटफार्म नंबर एक पर भेजा जाने लगा। इस दौरान हर मजदूर की थर्मल स्कैनिंग की गई और उनको मास्क, सेनिटाइजर, भोजन-पानी दिया गया। पुलिस ने स्टेशन के बाहर ड्राेन के जरिये भी जांच की।

मजदूरी मिली नहीं, मकान मालिक ने किराया भी ले लिया
बिहार के अररिया जिला निवासी प्रवासी श्रमिक मिथुन कुमार व रेखा ने बताया कि वे दो माह पहले 8 साथियों के साथ चिड़ी गांव में गेहूं की फसल काटने के लिए आए थे। उन्होंने किसानों के यहां काम भी किया, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन होते ही किसानों ने उनकी मजदूरी रोक ली। मकान मालिक ने एक की जगह दो माह का किराया काट लिया। मजदूरी में उन्हें खाली हाथ गांव लौटना पड़ रहा है।

बेटे को अच्छे स्कूल में दाखिले की उम्मीद टूटी
कुरुक्षेत्र में गैस की पाइप लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट में काम करने वाले मोहम्मद शौकत बिहार में अररिया जिला के तारन गांव निवासी है। उसने बताया कि 27 श्रमिकों के साथ वह अप्रैल 2019 में काम की तलाश में कुरुक्षेत्र आया था। घर पर रह रहे 8 वर्षीय अपने बेटे अशद का एडमिशन अच्छे स्कूल में कराने के लिए वह पैसे जुटा रहा था। लेकिन कोरोना संकट ने उम्मीद पर पानी फेर दिया। अब तो गांव मायूसी की हालत में न चाहते हुए लौटना पड़ रहा है।

पैदल घर जाने लगा तो पुलिस ने शेल्टर होम में भेजा
पिहोवा में 15 मार्च को मजदूरी करने आए बिहार के अररिया जिला में धनगवां निवासी मोहम्मद नुरुद्दीन ने कहा कि आते ही कोरोना की आफत गले पड़ गई। 3 दिन ही काम मिला, तब तक कोरोना संकट के चलते पहले जनता कर्फ्यू और उसी के साथ 21 दिन का लॉकडाउन चालू हो गया। इस दौरान खाने-रहने की दिक्कत शुरू हो गई। पैदल ही घर जाने की तैयारी की तो पुलिस ने पकड़कर शेल्टर होम पहुंचा दिया। कमाई का और जरिया नहीं होने से उधर घर वाले परेशान हैं। अपना भी हाथ खाली होने से नुरुद्दीन घर वालों की कोई आर्थिक मदद भी नहीं कर पाया।



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सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बनाने पर दो दुकानें की सील, जिम करवाया बंद, 7 को नोटिस

कोविड-19 से बचाव के नियमों की अनदेखी किए जाने पर शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने 2 दुकान और एक जिम को सील कर दिया। 7 दुकानदारों को चेतावनी नोटिस जारी हुआ। लॉकडाउन 3.0 में छूट देते हुए दुकानें खोलने का शेड्यूल निर्धारित किया है। साथ ही दुकानदारों को मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग आदि के पालन और अतिक्रमण नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई। इसके बावजूद दुकानदारों की आेर से लापरवाही बरतने की शिकायत पर शुक्रवार को नगर निगम के एलओ सुरेंद्र गोयल की अगुवाई में निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सभी बाजारों का दौरा किया। एलओ सुरेंद्र गोयल ने बताया कि इस दौरान माल गोदाम रोड पर कपड़े का एक शोरूम सील किया गया। यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन नहीं थी। दुकान में ग्राहकों की भीड़ थी और दुकानदार द्वारा 12 वर्ष के एक बच्चे से भी काम लिया जा रहा था। छोटूराम चौक पर बाइक बिक्री की दुकान पर अतिक्रमण करके बाइक लगाई थी। लिहाजा इस दुकान को सील किया गया। इसी क्रम में गोहाना अड्‌डा क्षेत्र में स्थित एक जिम के खिलाफ सील करने की कार्रवाई हुई है।क्योंकि प्रशासन की ओर से जिम खुलने पर अभी पाबंदी चल रही है। वहीं, शहर के 9 तंग बाजारों में अभी भी कुछ दुकानदार नंबर सिस्टम को फाॅलो नहीं कर रहे। इस पर शौरी मार्केट में प्रधान ने चेतावनी देकर 3 दुकानों को
बंद करवाया।
नगर निगम कमिश्नर प्रदीप गाेदारा ने बताया कि बाजार खुलने के दौरान जहां भी लापरवाही मिलेगी, वहां सख्त कार्रवाई हाेगी। अतिक्रमण करने वाले भी बख्शे नहीं जाएंगे। निगरानी के लिए सभी 9 बाजार में निगम कर्मचारियों की अलग-अलग टीम बनाई गई है।
अब बाजार में सुरक्षा के लिए बनाई 11 सदस्यीय कमेटी, 3 सेनिटाइजर मशीनें लगवाईं

शौरी क्लाथ मार्केट के प्रधान गुलशन ईशपुनियानी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते हाथों को सेनिटाइज करने की 3 मशीनों को शौरी क्लाथ मार्केट में अलग-अलग स्थानों पर लगवा दिया गया है। एक मशीन मेन गेट, एक मार्किट के मेन चौक और एक मशीन मार्केट के माल गोदाम रोड वाले गेट पर लगाई है। मशीनें हैंड फ्री ऑटोमेटिक सेंसर युक्त है जो बिजली से चलती हैं। शौरी क्लाथ मार्केट के 11 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है। वह मार्केट में जगह निश्चित करके रिपोर्ट देगी कि कहां और सेनिटाइजर मशीनें लगाने की जरूरत है। इसके अलावा मार्केट का कोई भी दुकानदार जहां मशीन की जरूरत बताएगा, वहां और मशीन लगा दी जाएगी। प्रधान गुलशन ने कहा कि मेरे अलावा मार्केट की वर्किंग बॉडी के सभी सदस्य वचनबद्ध हैं। मार्केट के व्यापारियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

शौरी क्लाथ मार्केट में बिना नंबर दुकानें खोलने पर तीन को दी चेतावनी

शौरी क्लाथ मार्केट में नंबर फार्मूले के हिसाब से अंकित किए 2 नम्बर की दुकानें शुक्रवार को खोली गई, लेकिन तय नंबरों के बावजूद दूसरे नंबरों की दुकानों को दुकानदार खोलते नजर आए। मार्केट के व्यापारियों ने शौरी मार्केट के प्रधान गुलशन ईशपुनियानी को सूचना दी कि 3 दुकानदार, जिनकी दुकानें खोलने का नम्बर आज नहीं है, वे भी दुकान खोलकर कपड़ा बेच रहे हैं। सूचना मिलते ही तीनों दुकानों को चेतावनी देकर बन्द करवा दिया गया और सभी दुकानदारों से अपील की गई कि सभी व्यापारी अपने-अपने नम्बर पर ही दुकानें खोलें।



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राेहतक. कच्चा बेरी राेड स्थित एसबीआई बैंक के सामने बैंक मित्र पर पैसे निकलवाने के लिए लगी भीड़।


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मास्क बनाकर लोगों को बांट रही तलाव की बाला देवी

लाॅकडाउन के दौरान लोगों के लिए सुंदर सुंदर आकर्षक रंगों के मास्क बनाकर वितरित करने का कार्य तलाव गांव की बाला देवी कर रही है। लगातार सिलाई मशीन पर बैठकर कमर दर्द को चुनौती देते हुए बाला देवी ने सैकड़ों की संख्या में मास्क तैयार किए, जो कि आस-पड़ोस के लोगों और जरूरतमंदों को वितरित किए। सोशल मीडिया के माध्यम से जब सोनीपत स्थित जिंदल इंडस्ट्री को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने भी लागत मूल्य पर मास्क बनवाने शुरू किए। लगभग 40 की उम्र पार कर चुकी बाला देवी ने बताया कि कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा नहीं बनी है। इसलिए इस बीमारी के संक्रमण से बचना हम सबके लिए बहुत जरूरी हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ हम लोगों को सदैव मास्क लगाकर बाहर निकलना चाहिए। हरियाणा सरकार के कानून के मुताबिक भी अब हमें घर से बाहर निकलना हो तो मास्क पहनकर निकलना अनिवार्य है। ऐसे में डिस्पोजल मास्क बहुत ज्यादा कामयाब नहीं होते इसी सोच के साथ हमने कपड़े के मास्क बनाना शुरू किया है। एक व्यक्ति के लिए एक बार कम से कम 1 महीना निकाल देता है। महिलाओं के लिए विशेष रूप से रंगीन मास्क तैयार कर रहे हैं ताकि उसमें खूबसूरती भीबरकरार रहे।



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दिल्ली में 35 दिन से कैंसर पीड़ित पति का इलाज करवा रही शिव कॉलोनी की महिला हुई संक्रमित

दिल्ली से एक बार फिर कोरोना ने रोहतक में दस्तक दी है। इस बार फिर कैंसर पीड़ित पति का इलाज करवाने दिल्ली गई महिला कोरोना की चपेट में आई है। शिव कॉलोनी की 59 वर्षीय महिला 35 दिन पहले पति को लेकर दिल्ली गई थी। वहां सांस लेने में दिक्कत हुई तो कोरोना टेस्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। निजी अस्पताल ने गुरुवार शाम को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया। शुक्रवार को महिला के बेटे ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला के निर्देशन में डिप्टी सीएमओ डाॅ. सत्यवान ने शुक्रवार सुबह रैपिड रिस्पांस टीम भेजकर महिला व उसके परिजनों काे सैंपल लेने के लिए पीजीआई के अाइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया। हेल्थ विभाग की टीम ने कोरोना पॉजिटिव महिला के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया। वहीं जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर शिव काॅलोनी को कंटेनमेंट और वार्ड नंबर दो के अंतर्गत आने वाले इलाकों को बफर जोन घोषित करते हुए सील कर दिया है। हेल्थ विभाग की टीम शनिवार सुबह से शिव काॅलोनी में रहने वाले कालोनीवासियों की स्क्रीनिंग करने के लिए घर-घर में जाएगी। अब रोहतक में कोरोना संक्रमण के 6 केस हो चुके हैं, जिनमें से एक की मौत हो गई है, जबकि तीन ठीक हो चुके हैं।

महिला को 3 दिन पहले अस्पताल में हुई थी सांस की दिक्कत

हेल्थ विभाग के चिकित्सक ने बताया कि शिव काॅलोनी निवासी महिला को तीन दिन पहले दिल्ली के निजी अस्पताल में सांस लेने में दिक्कत हुई थी। अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे वहीं पर भर्ती कर इलाज शुरू किया और कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लैब में जांच के लिए भेज दिया। गुरुवार शाम को लैब से मिली रिपोर्ट में महिला पॉजिटिव आई। उन्होंने आनन-फानन में कैंसर पीड़ित मरीज के साथ कोरोना पॉजिटिव महिला को डिस्चार्ज करते हुए रोहतक की शिव काॅलाेनी में उनके घर के लिए भेज दिया। शुक्रवार सुबह महिला को फिर सांस की दिक्कत हुई तो बेटे ने हेल्थ विभाग को सूचित कर पूरा प्रकरण बताया। काॅलोनी में कोरोना पॉजिटिव महिला के होने का पता लगने पर फौरन रैपिड रिस्पांस टीम शिव काॅलोनी में पहुंची और वहां से मरीज और उनके परिजनों को पीजीआई ले आई। महिला के पति, बेटे और बहू का भी सैंपल लिया गया है।

6 में से 5 का दिल्ली कनेक्शन, 4 इलाज करवाने गए थे

रोहतक में मिले 6 मरीजों में से 5 का दिल्ली कनेक्शन मिला है। इनमें से कैंसर का इलाज करवाने दिल्ली गए व्यक्ति व उनकी पत्नी, गुर्दे का इलाज करवाने दिल्ली गई महिला, दिल्ली में ड्राइवर और शिव कॉलोनी की महिला पॉजिटिव निकली है। यह महिला भी दिल्ली में कैंसर का इलाज करवाने दिल्ली गई थी। यदि यहीं पर सभी इलाज की सुविधाएं मिलती तो शायद ये केस भी नहीं आते।

अब तक गांवों तक था काेराेना, पहली बार शहर में बनाया कंटेनमेंट जोन

रोहतक जिले में आए 6 केस को देखें तो शहर में कोरोना मरीज आने का यह पहला केस है। साईंदास कॉलोनी की जिस महिला को कोरोना हुआ था वह 22 दिन से दिल्ली में ही थीं और वहीं अंतिम संस्कार हुआ था। वे बीमारी के दौरान रोहतक नहीं आईंं। ककराना के दो मरीज, सांपला का एक मरीज और अटायल का एक मरीज है। शहर में पहला कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।

निगम के 125 कर्मियों सहित 365 लोगों का किया टेस्ट

सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला के निर्देशन में डिप्टी सीएमओ व जिला कोविड 19 के नोडल अधिकारी डॉ. सत्यवान की अगुवाई में हेल्थ वर्कर्स की टीमों ने जिले भर में औचक टेस्टिंग अभियान चलाते हुए कुल 365 लोगों की जांच की। नगर निगम कार्यालय में हेल्थ टीम ने 125 कर्मियों के रैपिड टेस्ट किट के जरिए कोरोना की जांच की, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।

राेहतक में अब तक 6 केस अा चुके सामने, केवल दो का चल रहा इलाज

1. 31 मार्च को साईंदास कॉलोनी की 72 वर्षीय बुजुर्ग दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव आई। वहीं पर 22 दिन से इलाज चल रहा था। 3 अप्रैल को उनकी मृत्यु दिल्ली में ही हुई।
2. 22 अप्रैल को ककराना के कैंसर मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई। वह दिल्ली में इलाज करवाने जाते थे। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
3. 23 अप्रैल को ककराना निवासी कैंसर मरीज की पत्नी भी पॉजिटिव निकली। 30 अप्रैल को उन्हें ठीक होने के बाद घर भेज दिया गया।
4. 23 अप्रैल को सांपला के कारपेंटर में मिला कोरोना वायरस। उसे ठीक होने पर मिल चुकी है छुट्‌टी।
5. 05 मई को दिल्ली में ड्राईवर और अटायल निवासी शख्स कोरोना पॉजिटिव आया।



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In Delhi, a woman from Shiv Colony undergoing treatment for her husband suffering from cancer became infected.


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52 युवाओं ने किया रक्तदान, रक्तदाताओं को उपायुक्त ने बैज लगा किया सम्मानित

कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए व जरूरतमंद लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने में रेडक्रास स्वयंसेवकों की अतुलनीय भूमिका है। जिस त्याग व समर्पण भाव से जिला रेडक्रास सोसायटी आपदा की घड़ी में कार्य कर रही है वह दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत है। यह बात जिला रेडक्राॅस सोसायटी के अध्यक्ष एवं डीसी जितेंद्र कुमार ने कही। जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव प्रदीप कुमार ने परिसर में आयोजित कार्यक्रम में हेनरी डुनांट की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करते हुए पुष्प अर्पण किए। साथ ही रक्तदान शिविर का आयोजन करते हुए रक्तदाताओं को बैज लगाकर प्रोत्साहित किया। शिविर में 52 यूनिट रक्तदान हुआ। इस वर्ष रेडक्रॉस दिवस के 100 वर्ष पूर्ण होने पर कीप क्लेपिंग फॉर वॉलंटियर्स थीम के तहत स्वयंसेवकों का शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए एक दूसरे का तालियां बजाकर अभिनंदन किया गया। डीसी जितेंद्र कुमार ने जिलावासियों को दिए अपने संदेश में रेडक्रॉस सोसायटी के संस्थापक सर जीन हैनरी डुनांट के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विश्व रेडक्रास दिवस पर स्वयंसेवकों की कार्यशैली की सराहना की। जिले को कोरोना के संक्रमण से बचाए रखने के कार्य में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व समाजसेवी संस्थाओं द्वारा हर रोज बढ़-चढ़कर मदद की जा रही है। जिला में सैकड़ों स्वयंसेवकों की दिन-रात की मेहनत ने इस चुनौती से पार पाने में प्रशासन की बहुत मदद की है। जिला रेडक्रॉस सोसायटी का भी उल्लेखनीय सहयोग है। इस वर्ष भारत में रेडक्रॉस की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। डीसी ने विश्व रेडक्रास दिवस पर अपने संदेश में युवा शक्ति को बताया कि अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस की स्थापना मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता व सार्वभौमिकता का पालन करते हुए युद्ध, आपातकाल, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं में निस्वार्थ सेवाएं देने के लिए की गई थी। भारतीय रेडक्रॉस विश्व में फैली कोविड-19 से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से सहायता दे रहा है। डीसी के मार्गदर्शन में रेडक्रॉस ने अपने बहादुर स्वयंसेवक योद्धाओं के माध्यम से आमजन को मास्क, सेनिटाइजर्स, ग्लव्स आदि बंटवाने व आमजन को बैंकों, बाजारों, अनाज मंडियों, सब्जी मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के संबंध में जागरूक व प्रेरित किया है। वहीं रेडक्रॉस ने गरीब परिवारों को राशन पहुंचाकर भी लोगों की मदद की है। विश्व रेडक्रास दिवस पर जिला रेडक्रास सोसायटी द्वारा स्लम एरिया में जाकर मास्क, साबुन, फुड पैकेट बांटे गए।



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बीपीएल कार्ड न होने पर भी जरूरतमंद लोगों को मिलेगा राशन : सांसद

रोहतक से सांसद अरविन्द शर्मा ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ता के पास बीपीएल कार्ड नहीं हैं। अगर उसे राशन की जरूरत है तो उसे सरकार राशन उपलब्ध करवा जाएगा। सांसद ने कहा कि इसके बारे में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। सांसद डाॅक्टर अरविन्द शर्मा ने ये बात भारत के 40 से अधिक चार्टे्ड एकाउंटेंट से विडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा करते हुए कही।

डाॅक्टर अरविन्द शर्मा ने चार्टेड एकाउंटेंट्स को देश की अर्थव्यवस्था का वर्तमान बताते हुए उनके सुझाव मांगे। इस दौरान बेरी से नितिन बंसल ने कोरोना वायरस की आय को वित्तीय साल 2020-21 के लिए इनकम टैक्स से छूट देने की सलाह दी। दिल्ली से सीए मधुर बंसल ने मास्क व सेनिटाइजर से जीएसटी हटाने का सुझाव रखा। हरियाणा के सीए अजय एरण ने सांसद से लघु व्यापारियों के हित से राहत पैकेज की मांग की। सीए सुभाष जैन व गोरव गोयल ने लघु व्यापारियों को कम दर पर लोन देने का सुझाव दिया। डाॅक्टर रमेश बंसल ने मेडिकल सुविधाओं को विकसित करने की सलाह दी। इस मीटिंग में हरियाणा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष वरूण गोयल ने कोटन इंडस्ट्री को राहत देने की मांग की।



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परिवार को छाेड़कर काेराेना मरीजों की देखभाल में लगे स्वास्थ्य विभाग के याेद्धा

कोरोना को लेकर ट्रामा सेंटर में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में डाॅक्टर, नर्सिंग ऑफिसर व पैरामैडिकल स्टॉफ कोरोना योद्धा की भूमिका में दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बहादुरगढ़ में लगातार बढ़ते जा रहे केसों के बावजूद वे चिंतित जरूर रहते हैं मगर इलाज व सेवा भाव में उनका हौसला कम नहीं हो रहा। बल्कि अपना पूरा फर्ज निभाते हुए अपनी ड्यूटी सजगता व सावधानी के साथ कर रहे हैं। समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग भी उनके इस सेवा भाव की सराहना करते हुए उनका सम्मान भी कर रहे हैं। इसी तरह से सभी डाॅक्टरों को लेकर अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर लगातार मरीजों की देखभाल में लगी रहती हैं। एक तरफ जहां उन्हें अपने परिवार को चिंता है तो दूसरी तरफ यहां आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर वे पूरी तरह से गंभीर भी नजर आती हैं। उनकी देखभाल व समय पर दवाइयां व पूरा उपचार मिले इसमें किसी तरह कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही।
पिछले एक माह से अपने परिवार से नहीं मिली : सुनीता
आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर सुनीता व पूनम जून के अलावा अन्य सभी नर्सिंग ऑफिसर यहां पिछले काफी दिनों से लगातार अपनी सेवाएं दे रही हैं। सुनीता ने बताया कि वह पिछले एक माह से अपने परिवार तक नहीं मिल पाई है। अपने करीब 7 साल के बेटे अंशु को उन्होंने मायके में गांव गुभाना छोड़ा हुआ है। ससुराल भिवानी जिले में है, क्योंकि पति अमर सांगवान बैंगलुरू में इंजीनियर है, वहीं सास-ससुर स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत हैं। ऐसे में बच्चे की देखभाल को लेकर उसे नैनिहाल में ही छोड़ गया हैं। उन्होंने बताया कि आईसोलेशन वार्ड का चार्ज उनके पास ही रहा है। ड्यूटी भी लगातार की जा रही हैं। यहां पर 2 बैच में स्टॉफ कार्यरत हैं। करीब 20-22 नर्सिंग ऑफिसर यहां अपनी सेवाएं रोटेशन आधार पर दे रही हैं। अस्पताल केपीएमओ डाॅ. संजय दहिया, डीएमएस डाॅ. संदीप गुलिया, डा. बिजेंद्र दलाल, डा. मधुप सेठी, आरएमओ डाॅ. उरेंद्र, डाॅ. विनय सिंगला, डाॅ. शैली व डाॅ. कुणाल सहित अन्य सभी डाक्टरों का सहयोग भी उन्हें पूरा मिल रहा हैं। डाॅक्टर, नर्सिंग ऑफिसर व पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना योद्धा की भूमिका लगातार निभा रहे। उन्होंने बताया कि परिवार से मिलने का बहुत मन करता है, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान बहादुरगढ़ में विश्राम गृह में ही उन्हें रहना पड़ रहा हैं। बेटे व परिवार के अन्य सदस्यों से वीडियो कॉल कर उनका हालचाल पूछा जा रहा है।

8 वर्षीय बेटी सास-ससुर के पास है
उधर पूनम जून ने बताया कि उसका परिवार बहादुरगढ़ के देव नगर में रह रहा है, मगर उसके बाद भी वह घर नहीं जा पा रही। उनकी 8 वर्षीय बेटी लवण्या सास-सुसर के पास है। परिवार की याद हमेशा आती रहती है। पति संदीप जून नोएडा में इंजीनियर है और इन दिनों घर ही रहकर वे काम कर रहे हैं। किसी तरह का कोई कोरोना संक्रमण न फैले इसको ध्यान रखते हुए एहतियात के तौर पर वे शहर के विश्राम गृह में ही रह रही हैं। यहां पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की ओर से उनके रहने व खाने की उचित व्यवस्था भी की गई है।



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कोरोना स्वास्थ्य योद्धा ड्यूटी पर जाते हुए।


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खेत में खुले शराब ठेके को दाे गांवाें ने हटाने की मांग उठाई

झामरी गांव के ग्रामीण खेतों में मकान बना कर रहते हैं दूसरी तरफ ढलानवास गांव के भी ग्रामीण खेतों मकान बना कर रहते हैं। आजकल ग्रामीण 50 प्रतिशत खेतों में रहते हैं। ऐसे में झामरी से ढलानवास रोड पर शराब का ठेका खुल रहा है। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राजेश झामरी ने पुलिस चौकी झाडली, जिला उपायुक्त से ठेके को हटवाने की मांग की है। झामरी से ढलानवास मैन रोड पर आवागमन ज्यादा रहता है। राजेश का कहना है कि उनके मकान से 80 मीटर दूरी पर शराब का ठेका बनाने की तैयारी की जा रही है। उसे इस स्थान से करीब चार पांच एकड़ दूर स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि शराब का ठेका नजदीक होने से उन्हें काफी परेशानी होगी। उनका घर झामरी से ढलानवास रोड़ पर है।

अगर ठेका यहां खुलेगा तो वह परिवार के साथ घर छोड़ने पर मजबूर वापस गांव में चले जाएंगे। गांव से बच्चे बुजुर्ग महिला रात के समय डर रहेगा। किसी व्यक्ति के साथ कोई हादसा हो सकता है। झामरी गांव के सरपंच रोहतास सिंह अाैर ढलानवास गांव के सरपंच बलवान सिंह का कहना है कि शराब के लिए ग्राम पंचायत द्वारा कोई प्रस्ताव शराब का ठेका खुलवाने के लिए नहीं दिया। प्रधान राजेश झामरी का कहना है कि डीसी के पीए से बात की तो हमें पूरा भरोसा दिलाया गया है कि एप्लीकेशन एक्साइज विभाग के पास भेज दी है। वह मौका देखेंगे और ठेके काे लेकर ठाेस कदम उठाएंगे।



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बहादुरगढ़ में 18 लोगों की अस्थियों को अब मिली विसर्जन की अनुमति

उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट फैसले में त्रिवेंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच अंत्येष्टि के बाद हरिद्वार अस्थि विसर्जन करने की अनुमति दे दी है। बहादुरगढ़ में श्मशान घाट में 12 लोगों की व छह लोगों की घर पर अस्थियां पड़ी हैं जो हरिद्वार विसर्जन के लिए नहीं जा पा रहे थे अब उन्हें अाज्ञा मिलने लगेगी। इसके साथ साथ चौपहिया वाहन में ड्राइवर समेत तीन लोग अस्थि विसर्जन के लिए जा सकंेगे। इस फैसले से हरिद्वार में गंगा नदी में परिजन की अस्थि विसर्जन के इच्छुक लोगों को बड़ी राहत मिली है। उतराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सामाजिक और धार्मिक संगठन अस्थि विसर्जन की लिए रियायत देने की मांग कर रहे थे। सरकार ने व्यावहारिकता को देखते हुए अनुमति दे दी है। दूसरे राज्यों से हरिद्वार आने वाले लोगों को अपनी सरकार से इजाजत लेनी होगी। सरकार की हरी झंडी के बाद ही उन्हें उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश दिया जाएगा।

लाॅकडाउन की वजह से राज्य की सीमाएं हैं बंद
रामबाग श्मशान सुधार समिति के प्रधान सतीश नंबरदार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से राज्य की सीमाएं बंद हैं। सभी परिवारों के परिजनों की यहां व घर पर अस्थियां पड़ी है उन्हें अस्थियों का विसर्जन करने की इजाजत मिल जएगी। इसी तरह से मोक्ष सेवा समिति के प्रधान सुरेंद्र चुघ ने बताया कि काफी संख्या में लोग हरिद्वार के कनखल में अस्थियों का विसर्जन करते हैं, तो कुछ लोग गढ़ मुक्तेश्वर में। अब जैसे उत्तराखंड सरकार ने अस्थियों का विसर्जन करने की इजाजत दी है उस हिसाब से अब स्थानीय प्रशासन को भी इजाजत दे देनी चाहिए।



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संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को बुलाने की मांगी परमिशन

सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए बुलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को संयुक्त संघर्ष समिति ने शिक्षा मंत्री कंवरपाल को ज्ञापन सौंपा। समिति के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री को बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई कराने में दिक्कत पेश आ रही है। कारण है कि भी अध्यापकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है।

यही स्थिति अभिभावकों की है। इनके पास फोन तक नहीं है। ऐसी स्थिति में घर से पढ़ाओ अभियान सफल नहीं हो पा रहा है। ये जमीनी हकीकत है। इस पर विचार किए जाने की जरूरत है। उनकी मांग है कि समय तय कर भले ही तीन से चार घंटे का हो, बच्चाें काे स्कूलों में बुलाने की अनुमति दी जाए। इससे पढ़ना आसान होगा। मिड डे मील अध्यापकों को घर जाकर देने के आदेश जारी हुए हैं। आदेशों का विरोध करने वाले कुछ अध्यापकों पर गलत कार्रवाई हुई। इस पर जांच की जानी चाहिए थी। फिर एक्शन लिया जा सकता था।



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6 काेराेना संक्रमित ठीक हाेकर वापस घर पहुंचे, 5 के आज आने की उम्मीद, फूलों से किया स्वागत

जिले में लगातार बढ़ रहे मरीजाें की वजह से तनाव के दौर के बीच शुक्रवार काे सुखद खबर आई। झज्जर निवासी 6 लोग ठीक होकर अपने घरों को लौटे हैं। इनमें से पांच की रिपोर्ट झज्जर में दर्ज है तो दिल्ली के फार्मासिस्ट की दिल्ली में दर्ज की गई है। इस तरह झज्जर के कुल 73 केस में से एक्टिव की संख्या घटकर 68 रह गई है। देर शाम बहादुरगढ़ सब्जीमंडी के एक आढ़ती के बेटे के पॉजिटिव आने से यह संख्या फिर बढ़कर 69 हो गई। वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि शनिवार को भी पांच और लोग ठीक होकर अपने घरों को लौट आएंगे। इनकी भी रिपोर्ट निगेटिव आई है। फार्मासिस्ट के घर लौटने पर उनका फूलों से स्वागत किया गया। दिल्ली पुलिस के सलौधा निवासी जवान का पूरा परिवार यानी चारों सदस्य ठीक हो गए हैं। उसकी डेढ़ माह की बच्ची की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। झज्जर का पहला संक्रमित केस सब्जीमंडी का आढ़ती भी ठीक हो गया है। वहीं, वार्ड 24 पार्षद रेखा वत्स व धर्मेंद्र वत्स ने बताया कि वे लगातार पीजीआई में गए सात लोगों के संर्पक में हैं। उनके द्वारा ही बताया जा रहा है कि शनिवार को करीब 15 लोगों की स्थिति साफ होने के साथ ही उन्हें वापस बहादुरगढ़ भेजा जा सकेगा।
फार्मासिस्ट दिल्ली में काम करता था। उसके कोरोना का शिकार बनने के बाद उसके पिता व पत्नी भी कोरोना का शिकार बनी और बाद में उसकी मां व बेटा भी कोरोना का शिकार बने हैं। इस तरह से एक व्यक्ति के काेरोना संक्रमण में फंसने के बाद पूरा परिवार प्रभावित हो गया। अब दुआ की जा रही है कि बाकी परिवार भी जल्दी ठीक होकर आ जाए। जो लोग ठीक होकर आए हैं, उन्हें अभी 14 दिन तक होम क्वॉरेंटाइन रहना पड़ेगा। परिवार के अन्य सदस्यों से भी अभी नहीं मिल सकेंगे।



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सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहती है रेडक्राॅस सोसाइटी: डीसी

विश्व रेडक्राॅस दिवस शुक्रवार को रेडक्राॅस भवन में मनाया गया। रेडक्राॅस के जन्मदाता सर हैनरी ड्यूनेट को याद करते हुए उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों से सभी को जागरूक किया गया। उपायुक्त एवं प्रधान रेडक्राॅस मुकुल कुमार ने बताया कि रेडक्राॅस सोसाइटी समाज सेवा से जुड़े कार्यों में स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से कार्य कर रही है। वर्तमान में कोविड-19 के कारण चल रहे लॉकडाउन के चलते विपरीत परिस्थितियों में रेडक्राॅस द्वारा जरूरतमंद व्यक्तियों तक खाना पहुंचाने का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। रेडक्राॅस एवं स्माइल फाउंडेशन, यमुनानगर के माध्यम से ट्राॅमा सेंटर नागरिक अस्पताल यमुनानगर में रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया। जिला प्रशासन के सहयोग से 26 मार्च से सभी जरूरतमंदों को उनके घरद्वार पर ही भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है, अब तक 726140 भोजन के पैकेट वितरित किए जा चुके हैैं।



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सरकार ने मांगें नहीं मानी तो तेज होगा आंदोलन : पराेचा

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर नगरपालिका और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने हरियाणा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस टीम का संचालन कर रहे नगरपालिका के राज्य महासचिव मांगे राम तिगरा, सकसं के जिला प्रधान महिपाल सौदे, जिला सचिव राजपाल सांगवान, अग्निशमन से राज्य प्रेस प्रवक्ता गुलशन भारद्वाज ने करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने अपने मंत्रियों के मकान भत्ते तो 50000 से बढ़ाकर सीधा एक लाख कर दिया, लेकिन कोरोना महामारी की मुश्किल घड़ी में अपने कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने का काम किया है।

सरकारी कर्मचारियों का डीए और एलटीसी को बंद करना, निकाले गए कच्चे कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस न लेना, अग्निशमन के आपातकालीन जैसे विभाग में आउटसोर्सिंग पर फायर ऑपरेटर की भर्ती करना, कोविड 19 से सैनिकों की तरह से लड़ रहे सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण न देकर उनके जीवन की सुरक्षा से खिलवाड़ करना, निजीकरण पर रोक न लगाना सरकार की इन सभी गलत नीतियों के कारण आज सभी कर्मचारी वर्ग में भारी मायूसी छाई है।

सकसं से जोत सिंह रावत, नगरपालिका से शाखा प्रधान राजकुमार धारीवाल और शाखा सचिव प्रवेश परोचा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आज हरियाणा में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान करते हुए सभी विभागों के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। अगर सरकार ने संघ की इन समस्याओं को नजरअंदाज किया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस दौरान बलदीप, जनकराज, राजकुमार, पपला, गुलजार अहमद ने भी कर्मचारियाें काे संबोधित किया।



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If the government does not accept the demands, the movement will intensify: Paracha


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ऑड-इवन सिस्टम न मानने वाले दुकानदाराें पर होगी कार्रवाई: सहोता

कस्बे में ऑड-इवन प्रणाली का दुकानदार सही से पालन नहीं कर रहे हैं। दुकानदार मनमर्जी से दुकानें खोल रहे हैं। जिस पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। कुछ दुकानदारों को पुलिस थाने भी ले जाया गया। उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। कस्बा में ऑड-इवन प्रणाली के हिसाब से शुक्रवार को एक नंबर वाली दुकानें खुलनी थी। इस सिस्टम के लागू होने के पहले ही दिन लोगों ने इसका उल्लंघन करना शुरू कर दिया था। शुक्रवार को एक नंबर की दुकानें खुलनी थी। लेकिन सारी दुकानें खुलने लगी। जिस पर पुलिस विभाग ने सख्ती दिखाते हुए बिना बारी के दुकानें खोलने वाले दुकानदारों की दुकानें बंद करवाई। इस पर भी न मानने वालों को पुलिस जिप्सी में बैठा कर थाने ले गई।

सूचना पर तहसीलदार बिलासपुर तरुण सहोता व एसएचओ रामफल ने दुकानदारों को बताया कि यह प्रणाली लोगों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है। तहसीलदार ने बताया कि सरकार की हिदायतों को सख्ती से पालन करने के लिए सख्ती बरती जाएगी। नियम ताेड़ने वाले दुकानदारों के चालान भी किए जाएंगे।



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लॉक डाउन में बच्चे को जन्म देने वाली महिला को प्रशासन ने परिवार सहित घर किया रवाना

राधा स्वामी सत्संग भवन में ठहरी महिला को प्रशासन ने शुक्रवार को परिवार सहित उनके गांव उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर के लक्ष्मणपुर में प्रशासन को रवाना कर दिया। एसडीएम बिलासपुर नवीन आहुजा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर हुए लॉक डाउन में पंजाब के राजपुरा से उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर के लक्ष्मणपुर गांव जा रहे परिवार को एक अप्रैल को राधा स्वामी सत्संग भवन में बनाए गए रिलीफ कैंप में क्वारेंटाइन किया गया था। इसमें शामिल गर्भवती महिला शांति ने शिशु को जन्म दिया।

उन्होंने बताया कि डीसी मुकुल कुमार भी अस्पताल स्टाफ के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए थे। उन्हीं के आदेशानुसार महिला व उसके परिवार को उसके गांव तक पहुंचाने तक वाहन का प्रबंध भी किया गया। बच्चे का जन्म प्रशासन की देखरेख में हुआ। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग और पुलिस द्वारा सहयोग करने के लिए धन्यवाद किया। महिला ने बताया कि उनको यहां पर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई।



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Administration gives birth to woman who gives birth in lock down


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एसबीआई कर्मियों ने कोराेना रिलीफ फंड में डीसी को सौंपा 2.51 लाख रुपए का चेक

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की जगाधरी व यमुनानगर की शाखाओं के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कोरोना वायरस की बीमारी में सहायता के लिए एकत्रित की गई 2 लाख 51 हजार 500 रुपए की राशि का चेक जिलाधीश मुकुल कुुमार को कुरुक्षेत्र व यमुनानगर के क्षेत्रीय प्रबंधक रणसिंह ने सौंपे। जिलाधीश मुकुल कुमार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व इसके
अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया है। कहा है कि इससे पहले भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 500 ग्लब्स, 500 फेस मास्क व 500 सेनिटाइजर भी उपलब्ध करवाए गए हैं। एजीएम शिव दयाल डयोल, एसएमई यमुनानगर शाखा के एजीएम जयपाल सिंह, जिला सचिवालय स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के प्रबंध सुशील वर्मा व डीडीपीओ शंकर लाल गोयल उपस्थित थे।



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SBI personnel hand over Rs 2.51 lakh check to Koreana Relief Fund to DC


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कोविड-19 से बचाव के लिए शिक्षकों को सुरक्षा के उपकरण देने की मांग

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने वीरवार को डीईओ जोगेंद्र हुड्डा के माध्यम से शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन भेजा। जिला प्रधान राकेश धनखड़ व सचिव जगपाल सिंह ने बताया कि कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी एवं लंबे लाॅकडाउन के चलते 70-80 हजार अध्यापक 45 दिनों से सेवाएं दे रहे हैं। कई-बार शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों से आग्रह करने के बावजूद अध्यापकों को सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे कि पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर व दस्ताने आदि उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।

अध्यापकों का कार्यस्थल व निवास स्थान दूसरे जिलों से भी है। ऐसे अनेक अध्यापक हैं जिनके निवास स्थान फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी व रोहतक में हैं। उनकी नौकरी गुरुग्राम, नूह, पलवल, यमुनानगर व फरीदाबाद में है। संगठन के आवेदन पर ऐसे आदेश भी जारी हो चुके हैं कि जिन अध्यापकों का निवास स्थान दूसरे जिलों में हैं, उनकी ड्यूटी न लगाई जाए। फिर भी प्रशासन न केवल ड्यूटियां लगा रहा है बल्कि अनुचित दबाव भी बना रहा है। इससे पहले यमुनानगर में एक अध्यापक की सेवाएं ही समाप्त कर दी हैं। यदि उपरोक्त मुद्दों पर सरकार ने समय रहते उचित निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे।



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मेला सिंह चौक के ट्रैफिक सिग्नल बंद होने से वाहन चालकों को हाे रही परेशानी

मॉडल टाउन के मेला सिंह चौक संतपुरा रोड पर वर्ष 2013 में ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे जाे दो माह के बाद ही बंद हो गए। ये आज तक सुचारू रूप से चल नहीं पाए हैं। इसके चलते वाहन चालक आपस में टकरा रहे हैं। शुक्रवार दोपहर को यहां तीन वाहन चालक आपस मेंं भिड़ गए। स्पीड नियंत्रण में होने से चालक गिरने से बच गए। लॉकडाउन-3 में छूट मिलने के बाद वाहनों का दबाव थोड़ा बढ़ा है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से सिग्नल शुरू करने की मांग की है।
दुकानदार सोनू, दीपक, राहगीर सुनील, आज्ञा राम, सुरेंद्र ने बताया कि अभी दो दिन से छूट मिली है। जिससे के चलते वाहनों का दबाव कम है। सामान्य दिनों में वाहनों की स्पीड तेज रहती है। इस चौराहे पर तीन तरफ से आ रहे दूसरे वाहनों के साथ टकराने में समय नहीं लगता। आए दिन चालक आपस में झगड़ते हैं। पहले यहां पुलिस तैनात रहती थी। जब से पुलिस हटाई गई तब से चालकों की मनमर्जी चल रही है। यहां दो बैंक हैं। इनमें आने वाले लोग अपने वाहन सड़क छोड़ देते हैं। साइड में नहीं खड़े करते जिससे सड़क संकरी हो जाती है। सड़क से निकलने की जगह कम रहती है। दूसरा संतपुरा गुरुद्वारा की तरफ जाने वाले सड़क पर लोगों की संख्या ज्यादा रहती है। सिग्नल काम नहीं करते, चालक बिना रुके आगे बढ़ जाते हैं, जो कि हादसे का कारण बनता है।



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किसानाें ने बोनस के लिए गेहूं स्टॉक किया था, अब बाेनस काे लेकर असमंजस के चलते फसल बेचने मंडी पहुंचे

क्षेत्र के सभी आठ खरीद केंद्रों में गेहूं खरीद का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है, वही गेहूं पर बोनस मिलने के चक्कर में जिन किसानों ने फसल को स्टॉक किया था। अब वह किसान भी खरीद केंद्रों में फसल को बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार गेहूं की फसल पर बोनस देगी या फिर नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो रहा। अधिकारियों की तरफ से भी उन्हें फसल पर बोनस दिए जाने को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा। इसलिए वह अपनी फसल को अब बेच रहे हैं।
किसान राजेश कुमार, तिलकराज, प्रमोद, मनोज कुमार, अभिषेक, नाथीराम, सुखबीर सिंह व सलिंद्र का कहना है कि बोनस के चक्कर में उन्होंने अपनी फसल को स्टॉक किया था। एक एकड़ की फसल को स्टॉक करने के लिए लेबर को 500 रुपए दिए थे। वहीं फिर से फसल को ट्रॉली में भराने के लिए एक हजार रुपए देने पड़े। पहले ही गेहूं की फसल का झाड़ कम निकाला, वहीं बोनस के चक्कर में लेबर का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ा, जिससे किसानों के ऊपर दोहरी मार पड़ रही है।
खरीद केंद्राें में यूपी से पहुंच रहा गेहूं| इस बार सरकार पहले उन किसानों की फसल को खरीद रही है, जिन किसानों ने अपनी गेहूं की फसल का पंजीकरण कराया हुआ है। लेकिन इसमें भी बड़े फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही है। अनाज मंडी में कार्य करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि किसानों ने अपनी गेहूं की फसल का पंजीकरण तो करा लिया, लेकिन अधिकारियों की ओर से पंजीकरण की गई भूमि की वेरिफिकेशन नहीं की गई। किसानों द्वारा जिस भूमि में गेहूं की फसल का पंजीकरण करवाया है क्या सच में उस भूमि में गेहूं की फसल खड़ी है या फिर नहीं। अगर किसी किसान के पास 20 एकड़ भूमि है। उसने 10 एकड़ में गन्ना व 10 एकड़ में गेहूं की फसल लगाई तो उक्त किसान ने 20 के 20 एकड़ में गेहूं की फसल दिखा पंजीकरण करा लिया है। यूपी की साइड से गेहूं की खरीद कर उसे हरियाणा की अनाज मंडियों में बेचने वाले कुछ दलाल भी इसमें शामिल हैं, जो इस समय खूब चांदी कूट रहे हैं। रात के समय अनाज मंडियों में गेहूं की फसल पहुंच रही है।
 इन लोगों को क्षेत्र के लोकल लोगों का आईडी प्रूफ दिया गया है, ताकि रास्तें में इन्हें कोई परेशानी न हो, जबकि क्षेत्र के किसान अभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे है। प्रदेश के बॉर्डर से लगती अनाज मंडियों में इस समय यूपी की गेहूं की फसल बिक रही है। जिसकी कीमत 1600 से 1700 रुपए क्विंटल है। अगर इस खेल की उच्च स्तरीय जांच हो तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा।

साढ़े तीन लाख क्विंटल गेहूं की हो चुकी खरीद
मार्केट कमेटी सचिव जयसिंह ने बताया कि अब तक क्षेत्र के सभी आठ खरीद केंद्रों में साढ़े 3 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। 30 जून तक गेहूं खरीद हाेगी। अभी तक सरकार की ओर से उनके पास फसल पर बोनस देने से संबंधित कोई पत्र नहीं आया है। वहीं, यूपी की गेहूं यहां की मंडियों में बिकने पर उन्होंने कहा कि यह सभी लोकल किसान हैं।



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छछरौली-पांवटा साहिब हाईवे पर जमा पानी से वाहन चालक परेशान

छछरौली-पांवटा साहिब हाईवे 73ए का सफर अब खतरे से खाली नहीं रहा। बरसात रुकने के चार दिन बाद भी सड़क के दोनों साइड में पानी जमा है। लॉकडाउन के चलते सड़क पर वाहनों का दबाव कम है। जो वाहन चालक चल रहे उन्हें पानी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कॉलेज के नजदीक जमा पानी से बचने के चक्कर में लोग स्लिप होकर गिर जाते हैं। प्रशासन की ओर से निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। हाईवे निर्माण के बाद सड़क की साइडों पर खुदाई कर सीवरेज डाले गए। इसका असर चार साल बाद भी है। मार्ग के आधे हिस्से में तो मिट्टी फैली है। हाल में ही बरसात के कारण सड़क जल से भर गई है।
पानी अचानक सामने आने से लोग संभल नहीं पाते। एकदम ब्रेक लगाने से वाहन असंतुलित होकर गिर जाते हैं। हाइवे से गुजर रहे मोहित, विजय, प्रकाश, प्रेम, रविंद्र ने बताया कि वह नियमित रूप से यहां से गुजरते हैं। हर बार उनको कीचड़ के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस हाईवे पर काफी दुकानें हैं। दुकान संचालक अमित, विकास ने बताया कि लॉकडाउन में 42 दिन बाद दुकानें खुली हैं। अभी भी दुकानों के बाहर पानी जमा है। इस मार्ग की हालत यह है कि सावधानी हटते ही हादसा हो जाता है। पानी के कारण दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है। दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि हाइवे किनारे जमा कीचड़ की सफाई कराई जाए।



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67 पंचायतों की लगभग 2700 एकड़ भूमि को ठेके पर देने की प्रक्रिया 11 से शुरू होगी

ब्लॉक रादौर की 67 पंचायतों की लगभग 2700 एकड़ 67 पंचायतों की लगभग 2700 एकड़ भूमि को एक वर्ष के लिए ठेके पर देने की प्रक्रिया 11 से 17 मई तक की जाएगी। इस दौरान पंचायती भूमि के अधिक दाम देने वाले व्यक्ति को भूमि ठेके पर दी जाएगी। ब्लॉक रादौर में पंचायती भूमि पर धान की फसल की खेती करने पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसकी एवज में पंचायती भूमि को ठेके पर लेने वाले व्यक्ति को सरकार की शर्त के अनुसार खेती करने पर 7 हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा।
 बीडीपीओ रादौर आरडी साहनी ने बताया कि 11 मई को गांव संधाला, पलाका,चमरोड़ी, सांगीपुर, इस्माईलपुर, बैंडी, ठसका, रपड़ी, धौलरा, भागु माजरा, बुबका, रादौरी, बरहेड़ी मेें पंचायती भूमि को ठेके पर दिया जायेगा। वहीं 12 मई को अलाहर, मंधार, मारूपुर, जठलाना, टोपराकलां, कांजनू, नागल, खजुरी, मंसूरपुर, अलीपुरा, सढूरा, बापौली व सतगौली की पंचायती भूमि की बोली होगी। 13 मई को नाचरौन, राझेडी, भगवानगढ़, पालेवाला, बापा, जुब्बल, दौलतपुर, फतेहगढ़, नगला साधान, खुर्दबन, सिकं दरा, अमलौहा व मॉडल टाउन करहेड़ा की पंचायतों की भूमि की बोली होगी।
 14 मई को संधाली, माधुबांस, पूर्णगढ़, झगुड़ी, उन्हेड़ी, बकाना, हिरण छप्पर, छारी, झीवरेहड़ी, सांगड़ी की पंचायती भूमि की बोली होगी। 15 मई को घेसपुर, अंटावा, सिलीकलां, कंड्ररौली, लालछप्पर, रतनगढ़, बरसान, हड़तान, घिलौर की पंचायती भूमि की बोली होगी। 16 मई को लक्सीबांस, मोहडी, दौहली व खेड़की ी गांव की पंचायती भूमि की बोली होगी। 17 मई को केवल पोटली गांव की पंचायती भूमि की बोली होगी।



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श्रमिकों के चले जाने से मेटल उद्योग चलाने में आ रही उद्यमियों को दिक्कत

कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लॉकडाउन किया गया। इस दौरान काफी श्रमिक अपने घरों को चले गए। इस कारण मेटल इंडस्ट्री शुरू करने में दिक्कत हो रही है। समस्याओं से अवगत कराने के लिए शुक्रवार को जगाधरी मेटल मेन्यूफेक्चरिंग एंड सप्लायर एसोसिएशन ने डीसी मुकुल कुमार से मुलाकात की। उनसे मांग की है कि मेटल चल सके। इसके लिए थोड़ी रियायत सरकार के माध्यम से दिलाई जाए जिससे कारोबारी अपने काम शुरू कर सकें। डीसी ने उनकी मांग को सरकार के समक्ष रखने का भरोसा दिया।
एसोसिएशन के महासचिव सुंदर लाल बतरा ने बताया कि वर्कपैलेस में सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की है। ये कठिन है। इनका पालन करना आसान नहीं है। इस समय व्यापारिक गतिविधि काफी समय से बंद है। मजूदर, कारीगर, कामकाज छोड़ चुके हैं। कई दूसरे कार्यों में लग गए। इस समय सबसे बड़ी दिक्कत श्रमिकों की है। उन्हें काम पर कैसे वापस लाया जाए। उनकी सरकार से मांग है कि छोटे कारोबारियों पर सरकार ध्यान दे जिससे इनको सहायता मिल सके। सरकार की सहायता डूबते मेटल उद्योग के लिए कारगर साबित होगी। बिजली बिल के बारे में फिक्स चार्ज समाप्त कर दो। उपभोक्ता से बिजली खपत के हिसाब से बिल लिया जाए। कमाई का साधन नहीं है। लॉकडाउन के पीरियड में सरकार ब्याज, जुर्माना माफ किया जाए। इस समय कारखाने खोलने का औचित्य नहीं बनता। कच्चा व तैयार माल की आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है। जब तक शुरू नहीं होती कोई माल बाहर नहीं जा पाएगा। दिल्ली, यूपी, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़, हिमाचल सभी बाॅर्डर सील हैं। किसी प्रकार का व्यापार संभव नहीं है।



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छछरौली मंडी में बाहरी गेहूं का आना जारी, ग्रामीणों में कोरोना को लेकर डर

छछरौली अनाज मंडी में बाहरी राज्यों के गेहूं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। ट्राॅलियों के नदी के रास्ते आने से कस्बा वासियों के मन में कोरोना संक्रमण के खतरे का डर फैला हुआ है। कस्बा वासी कई बार बाहरी राज्यों के गेहूं के आने पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं लेकिन बावजूद इसके बाहरी राज्य की गेहूं आने की रोकथाम के लिए जिम्मेदार अधिकारी किसी भी तरह के ठोस प्रशासनिक कदम अभी तक नहीं उठाए गए हैं। सीमाएं भी सील की गईं, लेकिन उसके बाद भी अनाज मंडियों में ट्रैक्टर-ट्रॉली द्वारा अनाज लेकर आने वाले मजदूरों, ठेकेदारों, व्यापारियों और वाहन चालकों का आना लगातार जारी है। मार्केट कमेटी के कर्मचारियों पर आरोप लग रहे हैं कि उनकी मिलीभगत से मंडी में यूपी का गेहूं बेचा जा रहा है जबकि मंडी में गेहूं लेकर आने वाले किसान नहीं बल्कि यूपी के व्यापारी शामिल हैं जो आढ़तियों से पैसे लेकर दूसरे राज्यों की सस्ती गेहूं खरीदकर मंडी में महंगे दामों में बेचते हैं।
छछरौली अनाज मंडी में सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा अब तक लगभग 780000 क्विंटल गेहूं की खरीद विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। छछरौली में 28,000 एकड़ का एरिया है, जो गेहूं के लिए पंजीकृत है। वहीं प्रताप नगर अनाज मंडी में 29000 एकड़ एरिया गेहूं खरीद के लिए पंजीकृत किया गया है।
खिजराबाद और प्रताप नगर अनाज मंडियों के 57000 एकड़ एरिया में से 1300000 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया था जोकि कुल निर्धारित खरीद का 65% ही हुआ है। मंडी का सीजन भी 30 जून तक निरंतर चलता रहेगा। मार्केट कमेटी के सचिव ऋषि राज ने बताया कि कल तक 754000 गेहूं की खरीद की जा चुकी थी।



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शादी का झांसा देकर युवती से रेप करता रहा युवक, केस

युवती को प्रेम जाल में फंसाकर युवक उससे रेप करता रहा। डेढ़ साल तक उसने उसे शादी का झांसा देकर रखा, लेकिन शादी नहीं की। जब उसने शादी से मना किया तो लड़की थाने पहुंच गई। लड़की ने शादी का झांसा देकर रेप करने का केस दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
हमीदा निवासी युवती ने पुलिस को शिकायत दी है कि रायपुर कॉलोनी निवासी मुस्तकीन उर्फ आरिफ को वह डेढ़ साल से जानती है। उससे उसकी दोस्ती हो गई थी। इसके बाद उसने उसके साथ कई बार गलत काम किया। वह कहता था कि वह उससे शादी कर लेगा, लेकिन शादी नहीं की। हर बार शादी की बात कहकर रेप करता रहा। जब भी उनके घर पर कोई नहीं होता था तो वह उनके घर पर आ जाता था और उसके साथ गलत काम करता था। 30 अप्रैल को भी वह उनके घर पर आया और उसके साथ रेप किया। इस दौरान उसने जब उससे कहा कि शादी कब करेगा तो उसने शादी से मना कर दिया। इस तरह से उसने उसका जीवन बर्बाद कर दिया। शहर यमुनानगर पुलिस ने इस शिकायत पर आरोपी मुस्तकीन उर्फ आरिफ पर रेप का केस दर्ज कर लिया है।



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यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से रुका अस्थायी रास्ते का निर्माण

यमुना नदी का जलस्तर कम नहीं हो रहा है, जिसके चलते नगली घाट पर ओवरब्रिज का कंस्ट्रक्शन का कार्य भी बंद पड़ा है। जलस्तर अधिक होने से यहां पर अस्थाई रास्ते का निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया। संबंधित ठेकेदार ने बताया कि अस्थाई रास्ते का निर्माण कार्य कुछ दिन पहले शुरू किया था, ताकि अस्थाई रास्ता बनने पर मेटीरियल यमुना नदी के उस पार ले जाया जा सके और उस पार कंस्ट्रक्शन का कार्य किया जा सके। लेकिन पानी अधिक होने के चलते अस्थाई रास्ता भी नहीं बन पा रहा है। अस्थाई रास्ते का निर्माण न होने के चलते किसान भी या तो नाव या फिर कलानौर बॉर्डर से नदी के उस पार अपने खेत तक पहुंच रहे हैं। गेहूं का सीजन समाप्त होने की ओर बढ़ रहा है, वहीं इसके बाद धान का सीजन शुरू हो जाएगा। अगर जल्द ही अस्थाई रास्ते का निर्माण नहीं हुआ तो किसानों को भारी परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ेगा। बता दें कि यमुना नदी के उस पार यूपी की साइड दर्जनभर गांवों के सैकड़ाें किसानों की हजारों एकड़ भूमि है। क्षेत्र में यमुना नदी पर ओवरब्रिज न होने के चलते किसानों को खेती करने के लिए काफी परेशानी होती है।



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फैक्ट्रियों में 11 मई तक 75 प्रतिशत स्टाफ के साथ ही हो सकेगा काम

सरकार की ओर से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीसरे चरण के लॉकडाउन में औद्योगिक ईकाइयों के संचालन में छूट प्रदान की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से लॉकडाउन के दौरान बंद औद्योगिक व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में दोबारा कार्य शुरू करने के लिए सरल पोर्टल के माध्यम से अनुमति प्रदान की जा रही है। अनुमति के लिए सरल हरियाणा डॉट जीओवी डाॅट इन पर आवेदन करना होगा।
सरकार की ओर से अब कर्मियों की संख्या को लेकर नई गाइडलाइन जारी हुई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के पीरियड को दो चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहले सप्ताह के अंदर यानी चार से 11 मई तक 75 प्रतिशत के साथ ही काम किया जा सकता है। इसके बाद 17 मई तक यानी दूसरे सप्ताह में पूरे स्टाफ को काम पर लगाया जा सकता है। 100 प्रतिशत श्रमिकों के साथ उद्योग चलाया जा सकता है। उद्यमियों को कार्य शुरू करने की अनुमति बारे सरल पोर्टल पर आवेदन करना जरूरी है। जिले में कोई भी व्यवसायी या उद्यमी दोबारा काम करना चाहता है तो इसके लिए सरल केंद्र पर आवेदन करें। इसके बिना परमिशन नहीं मिलेगी। सरकार की ओर से जारी वेबसाइट पर आवेदन करते ही तुरंत प्रभाव से मंजूरी मिल जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोविड-19 से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा। ये एक मई को जारी हुई है। गाइडलाइन अनुपालन के लिए आवेदन के साथ शपथ पत्र देना होगा।
गाइडलाइन में ये बातें भी शामिल
गाइडलाइन में बताया गया है कि कार्य स्थल पर मास्क का प्रयोग करें। कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करना होगा। कार्यस्थल पर शिफ्ट व लंच में अंतराल करना जरूरी है। कार्यस्थल पर हैंडल, दरवाजे सेनिटाइज करने होंगे। सभी के लिए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य है। कार्यस्थल के नजदीक अस्पताल क्लीनिक अधिकृत है।



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मास्क न पहनने, पब्लिक प्लेस पर थूकने, ऑड-इवन फॉर्मूले काे तोड़ने और सोशल डिस्टेंसिंग न बनाने वालों का होगा चालान

कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए बनाए नियम तोड़ने वाले दुकानदारों और जनता के अब नगर निगम चालान करेगा। इसके लिए नगर निगम की कई टीमें बनाई गई हैं। उन्हें चालान की पॉवर दी गई है। अगर कोई दुकानदार नियम तोड़ता है तो उसका चालान कर एक सप्ताह बाद उस पर फिर से जांच की जाएगी। अगर तभी भी उस पर नियम टूटा मिला तो एक सप्ताह का जुर्माना उस पर लगे। यानी कि उसने पूरे एक सप्ताह नियम तोड़े हैं। आज से यानी शनिवार से यह कार्रवाई शुरू हो जाएगी। नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन को इस कार्रवाई के लिए नोडल आॅफिस बनाया गया है। उन्होंने जगाधरी और यमुनानगर में कई टीमें बनाई हैं। वहीं चालान बुक छपकर शुक्रवार को ही आई हैं, हालांकि पहली बार चालान कटने पर 500 रुपए का जुर्माना होगा। इसके बाद यह जुर्माना बढ़ता चला जाएगा।
पब्लिक प्लेस पर थूकने और दुकान पर बिना मास्क लगाए बैठने पर होगा जुर्माना| नोडल आॅफिसर अनिल नैन ने बताया कि चालान बुक में पब्लिक प्लेस पर थूकने, मास्क न पहनने, दुकान में 5 से ज्यादा लोग एकत्रित करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने, ऑड-इवन के फार्मूले को न मानने और तय समय के बाद दुकान खोलने पर चालान होगा। वहीं ऐसा करने वालों पर केस भी दर्ज कराया जा सकता है। पुलिस ने बिना मास्क पहनने और तय समय के बाद दुकान खोलने वाले पर केस दर्ज भी किया है।
ऑड-इवन गलत, सुबह 8 से शाम 4 बजे तक खुले बाजार| उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र मित्तल व्यापारियों के साथ डीसी मुकुल कुमार और एसपी हिमांशु गर्ग से मिले। उन्होंने कहा कि ऑड-इवन से व्यापारी परेशान हैं। दुकानें खोलने का सुबह 8 से 4 बजे तक का समय दिया था, वह ठीक था। लेकिन अब ऑड-इवन से व्यापारी दुविधा में हैं। इससे ग्राहक को भी पता नहीं चलेगा कि जिस दुकान से उसे सामान खरीदने जाना है, वह खुली है या नहीं। उनकी मांग है कि ऑड-इवन की बजाए सुबह 8 से शाम चार बजे तक दुकानें खोलने का फैसला लिया जाए। वहीं रविवार की बजाए बाजार सोमवार को बंद रखा जाए।
रातभर लगे रहे, तब जाकर शहर की दुकानों पर हो पाई नंबरिंग, आज से ऑड-इवन लागू| एसडीएम दर्शन कुमार ने बताया कि शहर में दो दिन से दुकानों की मार्किंग का काम चल रहा था। इसमें कई टीमें लगी हुईं थीं। देर रात तक वे खुद इस काम को कराने के लिए फील्ड में थे। शुक्रवार शाम तक ज्यादातर एरिया में मार्किंग की जा चुकी है। शनिवार से ये नियम लागू होगा। उनका कहना है कि जिस दुकान पर 01 नंबर लिखा गया है, वह दुकान सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को खुलेंगी। जिस दुकान पर 02 नंबर लिखा गया है, वे दुकानें मंगलवार, वीरवार और शनिवार को खुली रहेंगी। सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को खेड़ा मोहल्ला बाजार व मीरा बाई बाजार की दाईं ओर दुकानें खुलेंगी। मंगलवार, वीरवार व शनिवार को खेड़ा मोहल्ला बाजार व मीरा बाई बाजार की बाईं ओर दुकानें खुलेंगी। मेडिकल स्टोर और दूध डेयरी की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें रविवार को बंद रहेंगी। दुकानों का समय सुबह 8 से शाम चार बजे तक रहेगा जबकि दूध डेयरी सुबह सात से शाम 7 बजे तक खोल सकते हैं।



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आज से कई एरिया की बिजली रहेगी बाधित

एसई योगराज ने बताया कि 66 केवी सब स्टेशन पर कार्य होने के कारण 9 से 11 मई तक बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने बताया कि 11 केवी छोटी लाइन अर्बन, 11 केवी फव्वारा चौक अर्बन, 11 केवी सरनी चौक अर्बन, 11 केवी रादौर रोड अर्बन, 11 केवी एसडीपी अर्बन, 11 केवी पेपर मिल इंडस्ट्रीज, 11 केवी स्टार्च मिल इंडस्ट्रीज, 11 केवी ओरिएंटल इंडस्ट्रीज, 11 केवी इंडस्ट्री एस्टेट इंडस्ट्रीज और 66 केवी सब स्टेशन चंादपुर से चलने वाले 11 केवी चांदपुर अर्बन, 11 केवी स्वास्तिका अर्बन, 11 केवी जिंदल अर्बन, 11 केवी राधाकृष्ण इंडस्ट्रीज, 11 केवी मोदी मिल इंडस्ट्रीज, 11 केवी पोली प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, 11 केवी त्रिवेणी इंडस्ट्रीज, 11 केवी जमुना आल्टो इंडस्ट्रीज और 11 केवी इंडस्ट्रीयल एरिया इंडस्ट्रीज तथा 66 केवी सबस्टेशन गोबिंद पुरी से चलने वाले 11 केवी शिवपुरी अर्बन व 11 केवी चोपड़ा गार्डन अर्बन की सप्लाई 9 व 11 मई को प्रात: 6 से दोपहर 12 बजे तक व 10 को 9 बजे से सायं 5 बजे तक 66केवी लाइन की तारें बदलने की वजह से बंद रहेगी।
10 से पांच बजे तक नहीं आएगी बिजली | याेगराज बताया कि 66 केवी रादौर से चलने वाले 11 केवी एसटीपी अर्बन, 11केवी मंधार एपी, 11केवी खुर्द बन एपी, 11 केवी खादर एपी, 11 केवी मेहरा एपी और 11 केवी चंद्रपुर इंडस्ट्रीज फीडरों की विद्युत सप्लाई 9 मई को प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक मरम्मत की वजह से बंद रहेगी।

यहां दस दिन रहेगी बाधित
66 केवी गोबिंदपुरा से 66 केवी पेपर मिल लाइन का कंडक्टर बदलने का कार्य 9 मई से 19 मई तक किया जाना है, जिसके चलते 66केवी सब स्टेशन पेपर मिल व 66 केवी सब स्टेशन चांदपुर से चलने वाले 11 केवी फीडर की सप्लाई बाधित रहेगी। गुड़ मंडी, अनाज मंडी, इंडस्ट्रियल एरिया, विजय काॅलोनी, चांदपर, जसवंत काॅलोनी, लाजपत नगर, हरी नगर, लेबर काॅलोनी, गांधी नगर, कुलदीप नगर, कृष्णा नगर, इंदिरा गार्डन, फ्रेंडस काॅलोनी, लक्ष्मी गार्डन, हरबंसपुरा, मिश्रा काॅलोनी, संत नगर, छोटी लाइन पंजाबी मोहल्ला, देवी मंदिर गली, खेड़ा मोहल्ला, न्यू मार्केंट, सुभाष गली, रैस्ट हाउस रोड, यमुना गली, खेड़ा मोहल्ला, न्यू मार्केट, सुभाष गली, रेस्ट हाउस रोड, यमुना गली, रादौर रोड, पुरानी सब्जी मंडी, चूना भट्ट एरिया, सोंधी मोहल्ला, बलवंतराय काॅलोनी, अशोका काॅलोनी, दशमेश काॅलोनी, न्यू हमीदा कालोनी, वर्कशाप रोड, रेलवे स्टेशन मेन रोड, गीता भवन मार्केट, जोगेंद्र व आनंद मार्केट, विश्वकर्मा मोहल्ला, भाटिया मोहल्ला, जेपी अस्पताल व 11 एसटीपी फीडर की 9 मई को प्रात: 6 से दोपहर 12 बजे तक, 10 मई को प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक। 11 मई से 19 मई तक प्रतिदिन प्रात: 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाधित रहेगी।



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सरकार ने कइयों के बंद हो चुके जन-धन खातों में भेजी आर्थिक मदद, आरोप-एसबीआई कर्मियों ने खाते रि-एक्टिवेट करने से मना किया

यमुनानगर| लॉकडाउन में लोगों की आर्थिक मदद के लिए सरकार ने जो पैसा अकाउंट में डाला, वह कइयाें काे नहीं मिल पा रहा है। कई बैंक इस पैसे को देने में रोड़े अटका रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है सरस्वती शुगर मिल के पास एसबीआई ब्रांच का। इस ब्रांच में काफी लोगों के जनधन खाते थे, जाे ऑपरेट न होने से बंद हो गए। अब सरकार ने उन्हीं में पैसा भेज दिया। साथ ही बैंकाें काे यह भी आदेश दिए थे कि जो अकाउंट बंद हो चुके हैं उन्हें रि-एक्टिवेट किया जाए। महिलाएं सरकार के भेजे-500-500 रुपए लेने के लिए बैंक के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन बैंक वाले उन्हें पैसे नहीं दे रहे। उन्होंने विरोध किया और हमीदा पुलिस चौकी में डीसी के नाम शिकायत दी। महिलाओं का आरोप है कि उनके अकाउंट में आए पैसे को बैंककर्मी हड़प सकते हैं इसलिए इस पैसे को अकाउंट से निकाल कर उन्हें दिया जाए। सरकार ने यमुनानगर जिले के विभिन्न बैंकों के 1.75 लाख लोगों के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया है।
बैंक वाले कहते हैं लॉकडाउन के बाद आना

हमीदा की खड्ढा कॉलोनी निवासी वकीला, अफसाना, कंचन, सूरज बैंक के चक्कर लगा चुकी हैं। महिलाअाें ने बताया कि लॉक डाउन में परिवार के पुरुष काम पर नहीं जा पा रहे हैं। इससे आर्थिक संकट बना हुआ है। सरकार ने जो पैसे दिए थे वे बैंक में फंसकर रह गए हैं। उनका कहना है कि जो अकाउंट बैंक कर्मी बंद बता रहे हैं उसमें उनके कुछ पैसे भी जमा हैं। उनके अकाउंट उनकी बिना सहमति के बंद कर दिए गए जोकि गलत है।
बहुत से लोग बैंक वालों की वजह से पैसे ही नहीं निकलवा पाए

इस तरह का मामला अकेले एसबीआई का नहीं है। अन्य कई बैंक भी उपभोक्ताओं के साथ मनमानी कर रहे हैं। इससे सरकार की भेजी आर्थिक सहायता अकाउंट में ही फंसकर रह गई है। अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे।एलडीएम सुनील कुमार ने बताया कि बहुत से जनधन अकाउंट बंद हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनमें आर्थिक मदद भेजी है। इसलिए सभी बैंकों को आदेश हैं कि इन अकाउंट को जरूरी दस्तावेज लेकर रि-एक्टिवेट करें। अगर कोई ऐसा नहीं कर रहा है तो वह गलत है।



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रेणुका के पिता की मौत, बेटी के गुनहगारों को पकड़वाने के लिए 25 साल से लड़ रहे थे

25 साल पहले जगाधरी वर्कशॉप में रेणुका का शव नाले के पास एक बोरी में मिला था। उसकी गैंगरेप के बाद हत्या की गई थी। यह दरिंदगी किसने की, इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ। बेटी से दरिंदगी के बाद हत्या करने वालों का पता लगाने के लिए उसके पिता लड़ते-लड़ते शुक्रवार को दुनिया से विदा हाे गए। सुभाष शर्मा की प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। उन्हें हार्ट की दिक्कत और टीबी थी। उनकी रात ढाई बजे मौत हो गई। उनके परिवार के लोगों का कहना है कि सुभाष शर्मा रात को भी ये ही कह रहे थे कि बेटी रेणुका को मारने वालों को पकड़वाना है। उसे मंत्री को इसके लिए लेटर लिखना है। लेकिन इसी बीच उनकी सांसें थम गई। इंटरनेशनल पावर लिफ्टर खिलाड़ी रही सुभाष शर्मा की बेटी मलिका शर्मा ने बताया कि पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे। एक मई को उन्होंने गाबा अस्पताल में भर्ती किया गया था। रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका कहना है कि उनके पिता को बस एक ही मलाल था कि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला।

26 अगस्त 1995 में हुई थी गैंगरेप के बाद हत्या

मलिका का कहना है कि अब वे बहन की हत्या करने वालों को पकड़वाने के लिए लड़ाई लड़ेंगी। भले ही उन्हें कुछ भी करना पड़े। बता दें 26 अगस्त 1995 को रेलवे कॉलोनी में रेणुका साथ गैंगरेप कर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद उसके शव को चुंगी के पास बोरी में डालकर फेंक दिया गया था। जब तक पुलिस आरोपियों का पता लगा पाती आरोपी वहां से फरार हो गए थे। तब सुनील गुप्ता का नाम इस केस में आया था। उसका आज तक पता नहीं चल पाया। वहीं तब एक मंत्री के बेटे का भी इस मामले में नाम उछला था। इस मामले की जांच जिला पुलिस से लेकर सीबीआई तक कर चुकी है, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं निकला। अब भी इस मामले में सीबीआई जांच चल रही है।



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तहसील में एक दिन में केवल 45 रजिस्ट्रियां होंगी

तहसील परिसर बिलासपुर में रजिस्ट्रेशन व अन्य कार्य सुचारू रूप से शुरू हो गया है। पब्लिक के कार्य सुबह 10 से शाम 4 बजे के बीच में किए जाएंगे। शुक्रवार को सभी कार्य सुचारू रूप से निपटाए गए। तहसील में कार्य शुरू होनेे से आमजन काे राहत मिली है। बिलासपुर तहसीलदार तरुण सहोता ने बताया कि तहसील परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्य किया जा रहा है।
मेन गेट पर ही लोगों के हाथ सेनिटाइज करवाए जा रहे हैं। उसके बाद ही कार्यालय परिसर में एंट्री दी जा रही है। उन्होंने बताया कि एक दिन में 45 रजिस्ट्री की अनुमति है। रजिस्ट्रेशन के अलावा फरद, जमाबंदी, इंतकाल, प्रमाण पत्र सहित अन्य सभी जरूरी कार्य सुचारू रूप से किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि समय-समय पर तहसील परिसर का दौरा कर कर्मचारियों व लोगों को नियमों का पालन करने की हिदायत दी जाती है। कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपना मुंह मास्क या रूमाल से ढक कर रखें। किसी भी काउंटर पर भीड़ जमा न होने दें। रजिस्ट्रेशन के लिए संदीप भारद्वाज, मनिंद्र सिंह व विजेंद्र राणा की ड्यूटी लगाई गई है।



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दो दिन में बीमारी से दो लोगों की मौत, कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने तक शव को हाथ तक नहीं लगा पाए परिजन

कोरोना ने ऐसा डर पैदा कर दिया है कि मौत के बाद भी लोगों को अपनों का शव लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। डॉक्टर मौत के बाद भी शव देने को तैयार नहीं होते, जब तक उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट न आ जाए। वहीं परिवार के लोग भी कोरोना जांच से पहले अपनों के शव को हाथ नहीं लगा पा रहे हैं। शुक्रवार को दो मृतक लोगों की कोरोना जांच की रिपोर्ट आई। दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई। जब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई तब तक शव परिजनों को नहीं दिए गए। मरने वालों में गांव टोपरा निवासी अख्तर अली और जगाधरी वर्कशाॅप निवासी सुभाष शर्मा हैं। अख्तर अली का लीवर डैमेेज हो चुका था। उसके परिवार सदस्यों ने बताया कि वे शराब ज्यादा पीते थे। उनकी वीरवार को ईएसआई अस्पताल में बनाए कोविड सेंटर में मौत हो गई थी। वहीं सुभाष को टीबी की बीमारी थी। उनका इलाज गाबा अस्पताल में चल रहा था। आधी रात को उनका वहां पर निधन हो गया लेकिन शव परिजनों को नहीं दिया गया। शव को सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम में रखवा दिया गया था। जब उनकी रिपोर्ट आई तो शव परिजनों को मिला। ऐसा इन दो परिवारों के साथ नहीं हुआ। कई परिवारों को अपने की मौत के बाद उसका शव लेने के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ा।
रेड जोन से आने वालों को किया जाएगा क्वारेंटाइन| यमुनानगर यूपी से सटा है। वहीं दिल्ली से लेकर पंजाब में यहां के लोगों का आना-जाना रहता है। बहुत से लोग लॉकडाउन में वहां फंस गए थे। इसमें से बहुत से लोग रेड जोन में वहां रह रहे हैं। अगर ये लोग यमुनानगर आ रहे हैं तो उन्हें क्वारंेटाइन किया जा रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग लोगों पर नजर रख रहा है। इसके लिए क्वारंेटाइन सेंटर भी दुरुस्त किए गए हैं क्योंकि जमातियों और प्रवासियों के बाद क्वारंेटाइन सेंटर में कम ही लोग क्वारंेटाइन किए जा रहे थे।

शुक्रवार को 77 रिपोर्ट आई, सभी निगेटिव
सीएमओ डॉक्टर विजय दहिया ने बताया कि शुक्रवार को 77 रिपोर्ट आई हैं जोकि सभी निगेटिव हैं। अब तक 2012 सैंपल में से 1913 की रिपोर्ट आ चुकी है। 1905 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं 8 रिपोर्ट पॉजिटिव थीं। इसमें से तीन लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। 5 का इलाज चल रहा है। उनके दोबारा सैंपल भेजे हैं। शुक्रवार शाम तक 32 सैंपल और भेजे गए थे।

जब मकान मालिक ने किराएदार से कहा-पहले कोरोना टेस्ट करवा कर आओ
मुखर्जी पार्क की विपिन कॉलोनी में विवाद हो गया। रात में किराएदार अपने घर जाने को निकला था लेकिन सवेरे वापस आ गया। इस पर मकान मालिक ने उसे मकान में घुसने से रोक दिया। उससे कहा कि पहले वह कोरोना टेस्ट करा
कर आए।



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यमुनानगर मिल में डाला जाएगा शाहाबाद का गन्ना, मिल भेजेगी मैसेज, ट्राॅली के दोनों तरफ लगाना होगा किसानों को कोड

शाहाबाद शुगर मिल बंद होने के बाद से किसानों के समक्ष परेशानी खड़ी है। गन्ना उत्पादक किसान कैथल मिल जाने को तैयार नहीं हैं। जबकि भादसों की मिल बंद हो चुकी है। भादसों मिल बंद होने के बाद ही शाहाबाद के गन्ना उत्पादकों को कैथल मिल में गन्ना डालने के निर्देश थे। लेकिन किसान इस पर राजी नहीं हुए। अब शाहाबाद शुगर मिल के गन्ना किसान यमुनानगर मिल में गन्ना डालेंगे। इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व विधायक ने भी बातचीत की।
बता दें कि शाहाबाद शुगर मिल के कैमिस्ट के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मिल को बंद किया गया है। पहले मिल तीन दिन बंद की थी। लेकिन बाद में मिल के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को घरों में क्वारेंटाइन कर दिया गया जिसके चलते मिल पर भी संकट खड़ा हो गया। ऐसे में मिल को बंद करने का फैसला लिया गया। अभी शाहाबाद मिल के तहत करीब छह क्विंटल गन्ना बाकी खड़ा है। इसके बाद किसानों को भादसों व यमुनानगर मिल में गन्ना डालने के लिए कहा गया। कुछ दिन पहले भादसों मिल भी बंद हो गई ।
विधायक ने किया मिल का दौरा
विधायक रामकरण काला ने बताया कि शाहबाद क्षेत्र के किसानों का गन्ना यमुनानगर शुगर मिल में डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने यमुनानगर शुगर मिल का दौरा किया। किसानों के गन्ना डालने की समस्या का समाधान करने के लिए शुगर मिल के अधिकारियों से बात की। बताया कि इस समस्या का समाधान हो गया है। शाहबाद क्षेत्र के किसानों का गन्ना यमुनानगर शुगर मिल में डाला जाएगा।
ट्राॅली पर लगाना होगा कोड
विधायक ने बताया कि मिल से किसानों के मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं। शुगर मिल की तरफ से मैसेज में जो कोड आएगा, किसानों को वह कोड अपनी गन्ने की भरी हुई ट्राॅली के दोनों तरफ लगाना होगा। उन्होंने यमुनानगर शुगर मिल के जीएम धर्मपाल सिंह से चर्चा की। विधायक ने बताया कि किसानों के गन्ने की एक-एक पोरी खरीदी जाएगी। उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके बाद भी यदि कोई समस्या हो तो लोग उनसे मिल सकते हैं ।



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