डीसी धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि मानव सेवा के लिए हरियाणा रेडक्राॅस समर्पित भाव से काम कर रही है। जिस देश व प्रदेश के लोग समाज और मानवता के लिए समर्पित हो जाए तो वह राष्ट्र प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। इस अंतर्राष्ट्रीय रेडक्राॅस दिवस पर सभी लोगों को समाज सेवा करने का संकल्प लेने की जरूरत है। धीरेन्द्र खड़गटा शुक्रवार को रेडक्राॅस भवन में रेडक्राॅस की 100वीं जयंती कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले धीरेन्द्र खड़गटा, एसडीएम अश्विनी मलिक, जिला रेडक्राॅस सचिव कुलबीर मलिक, डाॅ. राजेन्द्र सैनी ने दीपशिखा प्रज्जवलित कर विधिवत रुप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संस्थापक सर जीन हैनरी डयूनंट के चित्र पर पुष्प भी अर्पित किए। इसके पश्चात राज्य सरकार द्वारा निर्धारित थीम का अनुसरण करते हुए रेडक्राॅस कर्मचारियों और इस सोसाइटी के स्वयं सेवकों पर गुलाब के फूलों वर्षा कर तथा तालियां बजाकर स्वागत किया।
धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि आज रेडक्राॅस को भारत में स्थापित हुए 100 साल हो गए है। पूरे देश में रेडक्राॅस की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। रेडक्रास के संस्थापक सर जीन हैनरी डयूना ने विश्व युद्घ के दौरान सैनिकों की सेवा करने के साथ-साथ मानव सेवा करने के उदेश्य से रेडक्रास की स्थापना की थी । लेकिन समय के बदलाव के साथ-साथ रेडक्राॅस में परिवर्तन लाया गया । अाज पूरे विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है, इस महामारी में भी रेडक्रास के अधिकारी, कर्मचारी और स्वयं सेवक फ्रंटलाइन पर आकर लोगों की सेवा कर रहे है। इस सोसाइटी से जुड़े स्वयं सेवक घर-घर जाकर लोगों को चिकित्सा और भोजन की सेवाएं देने का काम कर रहे हैं।
एसडीएम अश्विनी मलिक ने कहा कि भारत सेवा के लिए जाना जाता है। इसलिए भारत में रेडक्राॅस के जरिए जनसेवा के कारवां को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान देश में नर सेवा को नारायण सेवा समझकर लोग कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद करने में बढ़चढ़कर भाग ले रहे है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. सुदेश जाटियान ने कहा कि इम्युनिटी बूस्टर के लिए विभाग की तरफ से औषधी वितरित की जा रही है। अभियान में आयुर्वेद विभाग द्वारा डीसी धीरेन्द्र खड़गटा, एडीसी वीना हुड्डा, सीटीएम सतबीर कुंडू, पुलिस प्रशासन को इम्युनिटी बूस्टर डॉज किट प्रदान की है। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा लगभग 6500 औषधी किट वितरित की जा चुकी है। डीसी धीरेन्द्र खडगटा ने कोरोना महामारी के चलते आयुष विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो एवं प्रयासों की काफी सराहना की है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद विभाग द्वारा गठित की गई टीम सदस्यों में डाॅ. अमृत लाल, डाॅ. कुलवंत सिंह, डाॅ. कुमार आनन्द, डाॅ. पूजा द्वारा भी जीआरपी थाना, जिला परिषद व जिला रेडक्राॅस के अधिकारियों व कर्मचारियों को इम्युनिटी बूस्टर डॉज प्रदान की गई। कोरोना महामारी से बचाव एवं उपायों बारे में विस्तार से जानकारी दी।
लॉकडाउन में बाजार खुलने की छूट मिल चुकी है। पहले पिहोवा में हफ्ते में तीन दिन दुकानों के अनुसार खोलने के दिन तय किए गए थे, लेकिन बाजारों में भीड़ जुटने से सोशल डिस्टेंस की चुनौती खड़ी हो गई। ऐसे में पिहोवा में भी अब नए रोस्टर के अनुसार दुकानें खुलेंगी। दुकानों को खोलने का लेफ्ट-राइट व ओड-ईवन फार्मूला तय कर दिया गया है। इन दुकानों को खोलने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही रहेगा। 7 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी रहेगी।
एसडीएम सोनू राम ने कहा कि सोशल डिस्टेंस के नियमों की पालना करते हुए प्रत्येक दुकान के सामने 6 फीट की दूरी के निशान अंकित करने होंगे। प्रत्येक दुकान पर हैंड सेनिटाइजर होना चाहिए। दुकान के कांउटर, डेस्क और कुर्सियों को दिन में दो बार सेनिटाइज किया जाना चाहिए। दूध-डेयरी की दुकानों को छाेड़कर सभी दुकानें रविवार को बंद रहेंगी। इतना ही नहीं रेस्टोरेंट और अन्य खाद्य पदार्थो वाले स्थानों पर बैठकर खाने की इजाजत नहीं होगी। इस प्रकार के संस्थान सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक पैकिंग और होम डिलीवरी ही कर सकेंगे।
सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को खुलेंगी लेफ्ट की दुकानें
नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्रों में अब सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को प्रशासन द्वारा निर्धारित किए लेफ्ट साइड की सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ-साथ एचएसवीपी की ओड संख्या की दुकानें इन दिनों में खोलने की अनुमति होगी, लेकिन मॉल को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
राइट व इवन दुकानें खुलेंगी मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को
राइट साइड की दुकानें मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को खोली जाएंगी। एचएसवीपी की इवन संख्या की दुकानें भी इन निर्धारित दिनों में खोली जा सकेंगी। इन दुकानों को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक खोला जा सकेगा, लेकिन मॉल को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
लाडवा में शुक्रवार को लॉकडाउन के दौरान शहर के अंदर लेफ्ट साइड की दुकानें खुली। गुरुवार शाम को नपा प्रशासन की ओर से शहर के अंदर लेफ्ट और राइट के निशान बनाए गए। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन ने आदेश जारी किया कि शुक्रवार सुबह लेफ्ट साइड के दुकानदार अपनी दुकान खोलेंगे। वहीं राइट साइड के दुकानदार शनिवार को अपनी दुकान खोलेंगे। लाडवा एसडीएम अनिल यादव ने शुक्रवार सुबह लाडवा शहर का दौरा किया और जिन दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर सेनेटाइजर का प्रयोग नहीं किया हुआ था उनकी खिंचाई की। वहीं दवा की दुकानों व करियाना की दुकानों पर रेट लिस्ट भी लगाई गई। जिन दुकानदारों के पास इस प्रकार की व्यवस्था नहीं मिली उन्हें एसडीएम ने अपने कार्यालय में बुलाया।
शुक्रवार सुबह शहर के दुकानदारों को समझ में नहीं आया कि किसकी दुकान लेफ्ट साइड पर पड़ती है और किसकी दुकान राइट साइड में पड़ती है। नपा की ओर से गुरुवार रात को पूरे शहर के अंदर लेफ्ट व राइट के निशान नहीं बन पाए थे। एसडीएम ने कहा कि लेफ्ट या राइट के अनुसार जिस दिन जिसकी बारी है वही दुकान खोलेंगे।
लेफ्ट व राइट सिस्टम से मिठाई दुकानदारों में मायूसी
शुक्रवार को प्रशासन की ओर से लेफ्ट व राइट के हिसाब से दुकानें खुलवाने का काम किया गया। जिसके चलते होटल, ढाबे व मिठाई संचालकों में मायूसी रही। मिठाइयों की दुकानों के मालिकों ने कहा कि महामारी के चलते यह कानून सही है। लेकिन हम सभी का कच्चा काम है और एक दिन दुकान खोलने व दूसरे दिन बंद करने से उनका सामान खराब हो सकता है। जिसके कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रोजाना ताजा दूध लेना पड़ता है। लेकिन बंद होने के कारण दूध नहीं रखा जा सकता और मिठाइयों का भी खराब होने का डर रहता है। वहीं होटल व ढाबों के संचालकों ने कहा कि 9 बजे से 2 बजे तक का समय कम है और अगर लेफ्ट या राइट के हिसाब से होटल व ढाबों को खोलना पड़ा तो उनका खर्च भी पूरा नहीं हो पाएगा।
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि शहर के किसी भी व्यापारी और दुकानदारों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इस विकट परिस्थिति में जहां दुकानदार और व्यापारी सरकार और प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। वहीं सरकार भी व्यापारियों का सहयोग करेगी। दिक्कतों को दूर किया जाएगा। वे शुक्रवार को देर सायं सेक्टर 7 आवास कार्यालय पर विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। सुधा ने सभी प्रतिनिधियों से लेफ्ट व राइट योजना के बारे में फीडबैक ली।
विधायक ने कहा कि व्यापारियों के अनुरोध पर ही डीसी धीरेंद्र खड़गटा बातचीत कर उक्त फार्मूला लागू किया गया। दाएं बाएं दुकानें खोलने के लिए बकायदा प्रशासन की तरफ से जो रोस्टर तैयार किया गया है, दुकानदार उस रोस्टर के हिसाब से अपनी दुकानें खोल रहे हैं। उन्हांेने व्यापारियाें काे सभी व्यापारी, दुकानदार अपनी दुकानों में सोशल डिस्टेंस बनाकर रखेंगे। लोगों को सेनिटाइज करने के बाद ही दुकान के अंदर जाने की अनुमति देेंगे और मास्क भी पहनेंगे। मौके पर व्यापारी नेता फतेह चंद गांधी, प्रदीप झां, धर्मेन्द्र सचदेवा, रामकरण सैनी,गगन कोहली, श्याम सुंदर तिवारी, राजेश्वर गोयल, राहुल कुमार बाली, बंटी, मीनू कोहली एमसी, लक्की सिंह, श्याम लाल, कुमार स्वीट हाउस, राजू सेठी, मनोज गोयल, तिलकराज सहगल, हरीश अरोड़ा व राजीव सूरी उपस्थित थे।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने शुक्रवार को सभी डिवीजनल कमिश्नर को पत्र जारी कर निजी स्कूलों की ओर से ली जा रही फीस पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। प्रधान सचिव ने अपने आदेशों में कहा कि उनके पास शिकायतें आई हैं कि कुछ निजी स्कूल महीने की ट्यूशन फीस के अलावा शुल्क वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले जारी आदेशों में स्पष्ट किया जा चुका है कि सभी निजी स्कूल केवल महीने की ट्यूशन फीस ही विद्यार्थियों से ले सकते हैं। इन आदेशों की पालना न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।
सभी स्कूलों को भेज दी गई आदेशों की कॉपी : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग से आए आदेशों की कॉपी सभी स्कूलों को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी स्कूल इन आदेशों की पालना नहीं करेगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए आला अधिकारियों को लिखा जाएगा ।
पूरा विश्व इस समय काेराेना महामारी की चपेट में है। हर किसी काे काेराेना का डर सता रहा है। लाेग डरकर घराें में बैठे है। वहीं एनएचएम कर्मचारी निस्वार्थ भाव से लाेगाें की सेवा करने में जुटे हुए है। जहां स्वास्थ्य सुविधाओं काे सुचारू रूप से चलाए जाने में एनएचएम कर्मचारी दिन रात ड्यूटी कर अपनी सेवा दे रहे थे वहीं अब कर्मचारियाें ने मुख्यमंत्री के प्रदेशभर में रक्त की कमी के ब्यान पर रक्तदान करने का बीड़ा उठाया है। कर्मचारियाें ने कहा किइस समय लाेगाें काे स्वास्थ्य कर्मचारियाें के सहयाेग की सबसे ज्यादा जरूरत हैं। शुक्रवार काे एनएचएम कर्मचारियाें ने एलएनजेपी अस्पताल में 5 दिवसीय रक्तदान शिविर का आयाेजन किया। रक्तदान करने काे लेकर पुरुष कर्मचारियाें के साथ साथ महिला कर्मचारियाें में भी जाेश दिखा। वहीं रक्तदान करने पहुंची तीन महिला कर्मचारियाें में रक्त की कमी पाई गई ।
खुद मिली अनफिट तो अपनी जगह कराया पतियों से रक्तदान
शुक्रवार को रक्तदान शिविर में एनएचएम कर्मचारी रेनू, सोनिया, पूजा भी रक्तदान करने पहुंची। ब्लड बैंक के सीनियर टेक्नीकल ऑफिसर नरेश सैनी ने महिलाओं की जांच की। जांच के बाद महिलाओं में रक्त की कमी पाई गई। जिस कारण उन्होंने उक्त महिलाओं का रक्त लेने से मना कर दिया। लेकिन रक्तदान को लेकर महिला कर्मचारियों का जोश काबिले तारीफ था। कर्मचारी रेनू ने अपने पति संजीव, सोनिया ने पति संदीप व पूजा ने पति संजीव से रक्तदान करवाया ।
जिलेभर में है एनएचएम के 600 कर्मचारी, पहले दिन हुआ 25 यूनिट रक्तदान
रक्तदान शिविर में पहले दिन 25 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य अध्यक्ष रिहान रजा के आहवान पर कर्मचारियों ने डयूटी के साथ व डयूटी के उपरांत रक्तदान किया। एनएचएम कर्मचारी संघ की हरियाणा की राज्य सह सचिव कुलविंदर कौर ने बताया कि एनएचएम कर्मचारी हमेशा देशहित में अपना योगदान देते आए है व पूर्व में भी कई बार उनके द्वारा ऐसे सामाजिक कार्य किए गए है। जिला प्रधान विक्रम संगरोहा ने कहा कि जिलेभर में एनएचएम के 600 कर्मचारी है जो रक्तदान करेंगे।मौके पर जिला महासचिव राजेश गुर्जर, सीआरए दयानंद, ईएमटी सतेंद्र सैनी, चालक कुलदीप, संदीप ,सजीव, कविता, गरमेल, एसटीएस संदीप, जोनी, फार्मासिस्ट आयुष व विकास ने रक्तदान किया ।
लॉकडाउन में रियायतें तो सरकार ने दी हैं। बाजार भी खोले जा रहे हैं। लेकिन भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंस बनाना चुनौती बना है। सिस्टम सही करने को प्रशासन कसरत कर रहा है। 4 मई से 8 मई तक बाजारों में दुकानें खोलने को लेकर 5 बार आदेश बदले जा चुके हैं। अब शुक्रवार रात को फिर नया रोस्टर जारी किया। अब शनिवार से सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक दुकानें खुल सकेंगी। लेकिन हफ्ते में तीन ही दुकान खोल सकेंगे।
सब्जी मंडी दस बजे तक | इसके साथ फल एवं सब्जी मंडियों में सुबह 7 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक होल सेल की जा सकेगी। मंडी में रिटेल में फल व सब्जियां बेचने की इजाजत नहीं होगी। निजी कार्यालयों को 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ सुबह 9 बजे से सायं 5 बजे तक खोलने की इजाजत दी गई है। जिले में स्थित सभी पेट्रोल पम्प पूरे सप्ताह 24 घंटे खुले रहेंगे।
अब रोज खुलेंगी दूध, मिठाईयों की दुकान | गुरुवार तक दूध व मिठाई की दुकान रोज खोलने के आदेश थे। लेकिन शुक्रवार को इन्हें भी लेफ्ट राइट सिस्टम से खोलने दिया। हालांकि अब ये दुकानें रोज खुलेंगी। डीसी ने कहा कि नई समय सारणी के अनुसार दूध, डेयरी उत्पाद, मिठाईयों की दुकान, टी-स्नैक्स स्टाल, सब्जी-फल, दवाईयों की दुकान, मेडिकल, करियाना, बेकरी, कान्फेक्शरी, पेस्टीसाईड, बीज, कृषि उत्पाद, स्टेशनरी, फोटो स्टेट,फार्म, वीटा बूथ, ड्राई क्लीनर की दुकाने रोजाना सुबह 7 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक खुली रहेंगी।
ये खुलेंगी सोम, बुध व शुक्र को
जरनल स्टोर, जुते-चप्पल की दुकानें, कपड़े की दुकाने, रेडीमेड गारमेंटस, हैंडलूम्स, गिफ्ट, क्रोकरी, ज्वैलरी, ओप्टिकल, बार्बर व सैलून 3 दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को सुबह 7 बजे से सायं 5 बजे तक खुलेंगी। बार्बर व सैलून रविवार को भी खुले रहेंगे।
ये खुलेंगी मंगल, वीर व शनि को
आयरन स्टोर, हार्डवेयर, प्रिंटिंग प्रेस, सेनेटरी, शटरिंग मैटिरियल, बिल्डिंग निर्माण सामग्री, स्टोन, टाईल्स, इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रोनिक गुडस, मोबाइल, कम्पयूटर, फर्नीचर, टाल, आॅटोमोबाइल की दुकानें 3 दिन मंगलवार, वीरवार व शनिवार को 7 बजे से सायं 5 बजे तक खुलेंगी।
आखिरकार 28 दिन बाद सेक्टर 7 व आसपास के सेक्टरों को बंधनों से मुक्ति मिल गई। कोरोना पॉजिटिव युवक मिलने के बाद सेक्टर सात को कंटेनमेंट व पांच सेक्टरों को बफरजोन बनाया गया था। तब से सेक्टर 7 में हर तरह की गतिविधियां बंद थी। अब प्रशासन ने कंटेनमेंट व बफरजोन को खत्म करने की घोषणा की।
जिलाधीश एवं डीडीएमए के चेयरमैन धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार शहर के लोगों को कंटेनमेंट व बफर जोन से निजात दी गई। अब सेक्टर 7 कंटेनमेंट जोन व सेक्टर 4, 5, 8, 9 व 10 और आसपास के क्षेत्रों में बफर जोन को समाप्त कर दिया। 28 दिन के बाद बहुत बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सतर्कता रखनी होगी। सोशल डिस्टेंस व मास्क लगाने के नियमों की पालना करनी होगी।
11 अप्रैल से शुरु हुई थी पाबंदियां | बता दें कि सेक्टर 7 वासी व सरकारी विभाग में मैनेजर के पद पर कार्यरत एक युवक 17 मार्च को जम्मू मेल से कुरुक्षेत्र आया था। उसके कोच में कश्मीर के कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। रेलवे की तरफ से सूचना मिलने पर उक्त युवक के सैंपल लिए गए। पहला सैंपल निगेटिव निकला। लेकिन 11 अप्रैल को उक्त युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। जिस पर सीएमओ डाॅ. सुखबीर सिंह ने प्रशासन को सूचित किया। बताया कि सेक्टर में कोविड-19 के मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव है। ऐसे में गाइडलाइन के तहत सेक्टर 7 को कंटेनमेंट जोन बताया । जबकि इसके आसपास के 5 सेक्टरों को बफरजोन में शामिल किया गया। हालांकि उक्त युवक की बाकी सभी रिपोर्ट निगेटिव निकली। जिस पर उसे कोरोना मरीज नहीं माना। लेकिन एहतियात के तौर पर उसे आइसोलेशन में रखा गया। लगातार 2 बार रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे 23 अप्रैल को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी मिल गई । लेकिन बफरजोन जारी रहा। सेक्टरों की सीमाएं तक सील की गई। लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी लगाई गई।
28 दिन बाद अब राहत, शुरु होंगी गतिविधियां | जिलाधीश ने शुक्रवार को आदेश जारी करे कि अब सेक्टर सात व कंटेनमेंट व सेक्टर 4, 5, 8, 9, 10 व डिवाइन सिटी माल को बफर जोन से हटाया जा रहा है। हालांकि इससे पहले पूरे क्षेत्र की स्क्रीनिंग करवाई गई। पिछले 4 सप्ताह के दौरान इस क्षेत्र में कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला। वहीं उक्त युवक ने भी 28 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर लिया। जिस पर कंटेनमेंट व बफरजोन के आदेशों को डि-नोटिफाईड किया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कंटेनमेंट प्लान प्रोविजन के तहत अब इस एरिया को कंटेनमेंट व बफरजोन से फ्री किया है ।
एक कंपनी के मोबाइल मार्केट में बेच दंपती द्वारा फर्जी रसीदें तैयार कर दुकानदारों से अधिक पैसे लेकर कम पैसे जमा करवा फर्म को 8 लाख रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया है। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी दंपती के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। एवीएम इंटरप्राइजेज के मालिक अमित गर्ग ने सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसने खेड़ी मारकंडा वासी प्रदीप को डेढ़ साल पहले शाहाबाद मार्केट के लिए नौकरी पर रखा था। उसका काम आर्डर लेकर फोन देना व पेमेंट एकत्रित कर फर्म में जमा कराना था। काफी दिनों तक प्रदीप ने अच्छे से काम किया। हर महीने उसे वेतन भी दिया गया। दो-तीन महीनों से प्रदीप फर्म का काम ठीक तरह से नहीं कर रहा था। कई बार वह अपनी पत्नी को फर्म पर मोबाइल स्टॉक लेने भेजता था। मोबाइल स्टॉक बेचने के बाद जो रकम मिलती थी उसको समय पर जमा कराने में आनाकानी करने लगा था। 26 सितंबर 2019 को प्रदीप खुद फर्म पर नहीं आया और अपनी पत्नी को भेज दिया। वह कई मोबाइल सेट फर्म से लेकर गई थी।
आरोप है कि प्रदीप व उसकी पत्नी ने मिलीभगत कर फर्म से मोबाइल स्टॉक लेते रहे और दुकानों को बेचने के बाद उन दुकानों से ज्यादा पैसे लेकर फर्म में कम पैसे जमा कराते रहे। गलत व फर्जी रिकार्ड तैयार कर दुकानदारों को फर्जी रसीद देते रहे। फर्म में कम राशि की फर्जी रसीद देते रहे और बाकि का पैसा खुद हड़पने लगे।
शिकायतकर्ता ने आरोपी दंपती से बात की तो उन्होंने फर्म पर आने से मना कर दिया। जब प्रदीप के घर गए तो वहां उसके पिता ने उनके साथ हाथापाई की। शिकायतकर्ता का आरोप है कि प्रदीप ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर फर्जी रसीद व व दस्तावेज तैयार कर फर्म को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच सेक्टर सात पुलिस चौकी प्रभारी रमनदीप कौर को सौंपी है। रमनदीप कौर ने बताया मामले की जांच कर रही हैं, उसके आधार पर ही आगामी कार्रवाई होगी ।
6 दिन में 110 किलोमीटर पैदल चलकर लुधियाना से अम्बाला पहुंचे प्रवासी श्रमिकों को जंडली पुल के पास पुलिस ने रोकने की कोशिश की। श्रमिक नहीं रुके तो पुलिस ने लाठियां अड़ाई। इससे हाइवे पर भगदड़ मच गई। कई मजदूर ताे हाइवे के पास गंदे पानी के खदान में उतरकर बचे। कई मजदूरोंं काे चाेटें अाई अाैर मजदूरोंं के जूते-चप्पल हाइवे पर रह गए। मजदूरोंं काे नंगे पांव ही हाइवे पर पुलिस ने भगाया। जग्गी सिटी सेंटर के पास ले जाकर पुलिस ने हाइवे से जा रहे ट्रकों काे हाथ देकर रूकवाया। उन ट्रकों में भरकर मजदूरोंं काे पंजाब बॉर्डर के पास ही उतार कर चलता कर दिया गया। कई मजदूर रेल पटरी से हाेते हुए वापस जाने लगे। एक युवक के कान पर लाठी लगने से खून बह रहा था ताे एक युवक सड़क किनारे बैठकर ही राेने लगा। मजदूरोंं का कहना था कि उन्हें गाेली मार दाे या उनके घर छाेड़ दाे। यह मजदूर पंजाब के लुधियाना से उत्तर प्रदेश के लिए जा रहे थे। एसपी अभिषेक जाेरवाल ने कहा कि यह लेबर बॉर्डर के साथ लगती जगहों अाैर खेतों से हाेते हुए अंदर दाखिल हाे रही हैं। इन प्रवासी मजदूरोंं काे भी भेजने के लिए दाे-तीन दिन में बसें चलने की उम्मीद है।
पंजाब की ओर से प्रवासी श्रमिकों की अम्बाला में पुलिस से झड़प के बाद सिटी विधायक असीम गोयल शंभू बाॅर्डर पर पहुंच गए। यहां पंजाब पुलिस के साथ उनकी बहस हुई। विधायक ने कहा कि पंजाब से लेबर को क्यों बॉर्डर पार करने दे रहे हो। पुलिस का ठेठ पंजाबी जवाब था- ओ जांदे पए ने खेतां विच... रोक लो। विधायक जब पहुंचे तो उन्होंने सड़क पर ही कार खड़ी करके पंजाब पुलिस से जवाबतलबी शुरू कर दी। इस पर पंजाब पुलिस के कर्मी भी ऐंठ में आ गए और बोले- पहले अपनी गाड़ी एक तरफ खड़ी करो। विधायक ने कार हरियाणा बॉर्डर में खड़ी होने के बात कही तो पुलिसवाले बोले ये पंजाब बॉर्डर है।
इस पर तकरार बढ़ गई तो पंजाब पुलिस के कर्मचारियों ने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दी। विधायक के साथ आए लोगों से उनके नाम पूछने शुरू कर दिए। इस पर विधायक बोले- मेरा नाम भी पूछ लो- मैं असीम गोयल हूं। इस पर पंजाब पुलिस का जवाब बोला- वीडियो बन रही है, तुसी गलत न बोलो। विधायक ने किसी को फोन किया। कुछ देर बाद अम्बाला सदर की एसएचओ ट्रेनी आईपीएस अफसर निकिता खट्टर व डीएसपी हेडक्वार्टर सुल्तान सिंह मौके पर पहुंच गए। विधायक ने कहा कि पंजाब पुलिस बिना पास के भी लोगों को हरियाणा में एंट्री करा रही है। कोरोना क्या अकेले पंजाब वालों को होता है, हरियाणा वालों को नहीं होगा? पंजाब से साइकिल पर बरेली जाने के लिए भी पास बना दिया गया है जो मेरे पास पड़ा है। इस पर पुलिस के जवानों ने कहा कि उनके सामने से कोई बॉर्डर क्रॉस नहीं कर रहा है। एक एसआई ने खेतों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उनको वहां से जाकर रोक लें। जब विधायक ने कहा कि आप इन लोगों के पास चेक क्यों नहीं करते तो पंजाब पुलिस के एक कांस्टेबल ने कहा कि पहले आप अपना पास चेक कराओ।
विधायक ने वहां खड़े एक श्रमिक से पूछा कि वह कौन से रास्ते से आया है। क्या उसे पंजाब पुलिस ने रोका? इस दौरान श्रमिकों ने बताया कि वे पंजाब से अम्बाला पहुंचे थे लेकिन वहां से पुलिस ने वापस भेज दिया। विधायक ने कहा कि उन्हें श्रमिकों ने बताया है कि शंभू तक उन्हें किसी ने नहीं रोका बल्कि पंजाब पुलिस ने खेतों से निकलने के रास्ते बताए हैं। एसएचओ निकिता ने बताया कि वे इन श्रमिकों को वापस भेजते हैं तो वे खेतों में और अंदर से आगे बढ़ते हैं। वे इस मामले में पंजाब पुलिस से बात करेंगे।
कोरोना सैंपल रिपोर्ट के लिहाज से शुक्रवार का दिन राहत भरा रहा। कोरोना संक्रमित मिली कैंट अस्पताल की इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के रिपीट सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरी बड़ी राहत की खबर यह रही कि कोरोना पॉजिटिव दुखेड़ी की आशा वर्कर, सिविल अस्पताल की कंस्ट्रक्शन साइट के श्रमिकों की कोठरियों में रहने वाले और निशात बाग के ऑटो चालक के संपर्क में आए जितने लोगों के सैंपल भेजे गए थे, सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। तीसरी अच्छी खबर यह है कि रानी बाग के 9वीं के छात्र के घर में काम करने वालीं मेड की सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। एमएम अस्पताल की कोविड यूनिट में भर्ती इस छात्र का रिपीट सैंपल शुक्रवार को जांच के लिए भेजा गया है। चौथी सुकून की खबर यह है कि वीरवार को कैंट सिविल अस्पताल के जितने भी डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के सैंपल पीजीआई चंडीगढ़ भेजे गए थे, सभी की रिपोर्ट ठीक आई है।
2 मई को कैंट सिविल अस्पताल ले लिए गए सैंपलों में से एक ही दिन में 23 की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद चिंताएं बढ़ गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी प्रोजेक्ट्स की साइट पर ठहरे श्रमिकों की सैंपलिंग शुरू की थी। शुक्र रहा कि कैंट सिविल अस्पताल की कंस्ट्रक्शन साइट पर जिन काेठरियों में काेरोनो संक्रमित मिले हैं उनमें साथ रहने वाले बाकी श्रमिक ठीक पाए गए हैं। हालांकि बाकी कांटेक्ट में आने वाले लोगों के शुक्रवार को भी सैंपल लिए गए। इन श्रमिकों के साथ काम करने वाले कुछ लोकल लोगों और श्रमिकों को महेशनगर थाने के पास चलने वाले लंगर में जाने की वजह से संक्रमण के कम्युनिटी ट्रांसफर होने का खतरा बढ़ गया था। जिले में इस वक्त कोरोना के 28 एक्टिव केस हैं, जिनमें से 26 मुलाना के एमएम अस्पताल की कोविड यूनिट, एक अम्बाला कैंट सिविल और एक पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती हैं।
कंटेनमेंट जोन के 25,196 लोगों की स्क्रीनिंग, 9 के सैंपल जांच के लिए भेजे
शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने 142 सैंपल लिए हैं। सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह के मुताबिक अब तक 3,456 सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 3,276 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। ठरवा गांव के कोरोना पीड़ित किसान की पीजीआई में हालत स्थिर बनी हुई है। जिले की सभी कंटेनमेंट जोन से शुक्रवार को 25,196 लोगों की स्क्रीनिंग कर 9 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। 48 मोबाइल टीमों ने 4,241 लोगों को चेक किया। इनमें से 17 को फ्लू जैसे लक्षण मिले व 9 के सैंपल लिए गए हैं। 1200 प्रवासी श्रमिकों को चेकअप के बाद अम्बाला से स्पेशल ट्रेन में रवाना किया है।
कैंट रेलवे स्टेशन से लगातार दूसरे दिन श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन बिहार के लिए रवाना हुई। शुक्रवार को ट्रेन में 1316 श्रमिक सवार हुए जोकि बिहार के भागलपुर रेलवे स्टेशन के लिए 1277 किमी. का सफर 25 घंटे में तय कर शनिवार वहां पहुंचेंगे। श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस तय समय पर कैंट रेलवे स्टेशन से शाम 4 बजे रवाना हुई। श्रमिक यात्रियों की पूरी स्क्रीनिंग के बाद उन्हें ट्रेन में बैठाया गया। बता दें कि वीरवार को कैंट स्टेशन से ही कटिहार के लिए पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी।
प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 40 बसों में श्रमिक यात्रियों को सुबह से ही कैंट रेलवे स्टेशन तक लाया जा रहा था। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बिहार के 5 जिलों के यात्री सवार हुए। श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस में शुक्रवार जींद जिले से सर्वाधिक श्रमिक यात्री सवार हुए। जींद से कुल 404 श्रमिक थे, इसके अलावा अम्बाला से 85, झज्जर से 173, करनाल से 20 श्रमिक थे।
कैंट के सभी बाजारों में लेफ्ट-राइट का फार्मूला जारी रहेगा। एसडीएम सुभाष सिहाग ने नगर परिषद सचिव राजेश कुमार के साथ विभिन्न बाजारों का दौरा किया। चौड़ा बाजार में एक गारमेंट्स शॉप मालिक पर सोशल डिस्टेंसिंग की उल्लंघना करने पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है और चेतावनी दी गई है कि दोबारा सोशल डिस्टेंसिंग की अनुपालना मिली तो कानूनी कार्रवाई होगी।
एसडीएम के साथ हिल रोड पर भी सभी रेहड़ी वाले को चेतावनी दी गई है कि शनिवार से सामान जब्त करने की कार्रवाई होगी। एसडीएम और नप प्रशासन की यह कार्रवाई लेफ्ट-राइट की छूट के बीच बिगड़ती व्यवस्था के चलते की गई है। एसडीएम एक दिन लेफ्ट और दूसरे दिन राइट के दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन रखते हुए दुकानों को खोलने के आदेश दे चुके हैं। इसी आधार पर मार्केट बीते सोमवार से खोली जा रही है। इस व्यवस्था को सोमवार को एक सप्ताह होगा और दो दिन पहले एसडीएम ने इस व्यवस्था का विभिन्न बाजारों में रिव्यू भी किया है। रिव्यू के बाद एसडीएम ने लेफ्ट-राइट की व्यवस्था को आगे जारी रखने के आदेश मार्केट कमेटी को दिए हैं। इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने वाले दुकानदारों के चालान भी काटने के आदेश दिए हैं।
पुल चमेली पर उल्लंघना : कैंट की पूल चमेली के आसपास सोशल डिस्टेंसिंग की कोई पालना नहीं हो रही है। यहां पर एक नहीं बल्कि कई दुकानों के बाहर भीड़ जमा रहती है। इसी प्रकार गुड़ बाजार, पंसारी बाजार और हिल रोड पर सोशल डिस्टेंसिंग को कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। शाम पांच बजे के बाद पूरी तरह से लॉकडाउन की व्यवस्था है लेकिन शाम ढलते ही माया वाले चौक से लेकर दशहरा ग्राउंड के पास नमस्ते चौक तक लोग टोलियां बना कर सड़क किनारे बैठे रहते हैं।
हिल रोड पर रेहड़ी पलटने पर किया हंगामा
कैंट के हिल रोड पर नगर परिषद की टीम की ओर रेहड़ी पलट दी गई। इतना ही नहीं सभी रेहड़ी वाले अपनी रेहड़ियों को लेकर कार्यालय में पहुंचे। जहां पर नगर परिषद और रेहड़ी वालों के बीच काफी बहस भी हुई। सचिव ने रेहड़ी वालों से साफ कहा कि रेहड़ी लगाना मना नहीं है लेकिन एक जगह खड़ी होने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। बाद में परिषद के सख्त रुख के चलते मामला शांत हुआ।
कोरोना संकट में विदेश में रहे अम्बाला के 71 लोगों ने देश वापस लौटने का आवेदन किया है। इनमें से 32 स्टूडेंट्स हैं। ज्यादातर छात्र यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले हैं। सबसे ज्यादा घबराहट भी यूक्रेन के स्टूडेंट्स में दिख रही है। उनका कहना है कि यूक्रेन के स्थानीय लोग कोरोना को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं ले रहे। न सोशल डिस्टेंसिंग है और न लोग मास्क व सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। बाजार में ऐसे ही घूमते रहे हैं। बसों में भी भीड़ है। स्थानीय हालात देखते हुए ही इन स्टूडेंट्स ने भारत लौटने का फैसला किया है। उनका कहना है हमें अपना घर व देश ज्यादा सुरक्षित लगता है। भास्कर टीम ने उन स्टूडेंट्स से बात की, जिन्होंने स्वदेश लौटने का आवेदन किया है। इनका कहना है कि यूक्रेन मेडिकल यूनिवर्सिटी अब ऑनलाइन ही पढ़ा रही है। जून में एग्जाम भी ऑनलाइन ही होंगे, ऐसे में देश लौटना ही बेहतर है।
यूक्रेन में एमबीबीएस सेकेंड ईयर की स्टूडेंट सेक्टर-9 की मैथिली गौड़ बताती हैं कि यूक्रेन के बैंकों ने इंडियन करंसी लेना बंद कर दिया है। जो करंसी थी, उसे डॉलर या यूक्रेन करंसी में नहीं बदला जा रहा। फ्लैट का रेंट देने व खाने पीने की समस्या आ रही है। यूक्रेन एंबेसी से हेल्प नहीं मिल रही है। वहां से सीधा इंडिया एम्बेसी से बातचीत करने के लिए कहा जाता है। अब वापस अपने वतन आने के लिए ऑनलाइन आवेदन जिला प्रशासन से किया है। अब फ्लाइट का वेट है। कब उड़ान यहां से भरेंगे।
एमबीबीएस ईयर की स्टूडेंट नारायणगढ़ के पास गांव डहर की रहने निधि सैनी कहती हैं कि तीन साल पहले यूक्रेन एमबीबीएस का काेर्स करने के लिए अाई थी। डॉक्टर बनने का सपना है। लेकिन अब वापस घर अाने में ही भलाई है। हालात काफी बिगड़ने लगे हैं। डर इस बात का है कि वापस दाेबारा अा पाएंगें या नहीं। यहां सितंबर में फाइनल एग्जाम हाेता है। लेकिन अब कुछ पता नहीं है कि वाे हाेगा या नहीं। ताे डर बना हुअा है कि तीन साल की मेहनत खराब न हाे जाए।
नारायणगढ़ के ही हर्ष सैनी कहते हैं कि नारायणगढ़ में मनी ट्रांसफर की सुविधा न हाेने के कारण पापा अशाेक कुमार काे चंडीगढ़ पैसे भेजने के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में खतरा उनके लिए भी है। अब जल्द ही अपने घर लाैटना चाहता हूं।
थर्ड ईयर के स्टूडेंट अम्बाला के हर्षवर्धन पीजी में रहते हैं। इसलिए अभी तक खाने पीने की कोई समस्या पेश नहीं आई है, लेकिन यहां लोग बाहर बिना मास्क के घूम रहे हैं। वह सेनिटाइजर का प्रयोग भी नहीं करते। हमें डर लगता है, इसलिए पीजी से बाहर ही नहीं निकलते। रात को जब सड़कों पर बहुत कम लोग रह जाते हैं तब मार्केट में जाते हैं। थर्ड ईयर के स्टूडेंट नारायणगढ़ के हर्षित शर्मा कहते हैं कि यूक्रेन के हालात खराब हैं। अगर कर्फ्यू लग जाता है तो उनके सामने बड़ी दिक्कत आएगी, क्योंकि वह यूक्रेन लैंग्वेज नहीं जानते। ऑनलाइन स्टडी तो इंडिया आकर भी की जा सकती है।
स्टूडेंट्स के मन में यह टीस भी
भारत विकास परिषद नगर शाखा अम्बाला शहर की तरफ से परिषद के सदस्याें व बच्चाें के लिए राेजाना प्रतियाेगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। मदर्स-डे के मौैके पर शुक्रवार काे सदस्यों व उनके बच्चाें के लिए प्रतियोगिता का आयाेजन किया गया। जिसमें बच्चाें काे खास तरीके से अपनी मम्मियों काे सरप्राइज देना था। सभी ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया। किसी ने अपनी मम्मी के लिए कविता लिखी, ताे किसी ने फाेटाे काेलाज बनाकर ताे किसी ने अपने हाथों से कार्ड बनाकर अपने भावाें काे अपनी मां काे बताया। महिला एवं बाल विकास संयोजिका डाॅ. अंजलि भारती ने बताया कि लॉकडाउन के दाैरान मेंबर्स व बच्चाें काे स्ट्रेस फ्री रखने के लिए शाखा की तरफ से प्रतियोगिताएं करवाई जा रही हैं।
शुक्रवार काे रेडक्रॉस के 100 साल पूरे होने पर रेडक्रॉस संस्थापक सर जिन हेनरी का जन्मदिवस मनाया गया। जन्मदिवस की थीम कीप क्लैप्पिंग फॉर वाॅलंटियर रखी गई। माैके पर कैंट रेलवे स्टेशन और सिटी पंचायत भवन में रेडक्राॅस वाॅलंटियर्स पर फूलाें से वर्षा कर उनका हाैसला बढ़ाया। कैंट रेलवे स्टेशन पर हुडा एस्टेट ऑफिसर सितेंद्र सिवाच, जिला रेडक्राॅस सचिव विजय लक्ष्मी, जिला प्राेग्राम ऑफिसर मनाेज सैनी ने वाॅलंटियर्स पर फूलाें की वर्षा कर उनके सेवाभाव काे देखते हुए सराहना की।
माैके पर रेलवे स्टेशन पर गुलजार मेहता, अकाउंटेंट भूपेश अग्रवाल, हितेश वैश, हरविंदर, सतनाम नागपाल, सचिन, सुनैना गुप्ता सहित अनेक वाॅलंटियर्स माैजूद रहे। रेडक्राॅस वाॅलंटियर्स ने स्टेशन पर प्रवासी मजदूराें काे खाना, सेनिटाइजर, मास्क और पानी देकर सेवा की। साथ ही फीड द नीडी सोसाइटी द्वारा दोपहर का भोजन खिलाया गया।
नर्स बहन जी हमारा नंबर कब आएगा। इस सवाल का जवाब नर्स दे पाती उससे पहले ही दूसरी तरफ से आवाज आई बहन जी यह पर्ची मेरी है मुझे दवा कब मिलेगी? नर्स ने दोनों ही सवालों के जवाब बड़ी सहजता से दिए। उसके चेहरे की मुस्कराहट और शांत स्वभाव देखकर कोई यह नहीं समझ सकता था कि यह 24 घंटे की स्पेशल ड्यूटी कर रही हैं। घर से मात्र दस किलोमीटर दूरी होने के बावजूद यह नर्स पिछले 15 दिनों से यह अपने छोटे-छोटे बच्चों से मिल नहीं पाई हैं, क्योंकि कोविड-19 में स्पेशल ड्यूटी के कारण कुछ नर्सों को रेस्ट हाउस में ही रहना पड़ रहा है।
अस्पताल में काम करने वाली नर्सें अकसर इसलिए घर नहीं जा पा रही हैं कि कहीं उनके अपने इस बीमारी की चपेट में न आ जाएं। नारायणगढ़ के अस्पताल की तीन नर्सें पिछले कई दिनों से रेस्ट हाउस में ही रह रही हैं। ड्यूटी जाने से पहले तीनों अपना नाश्ता बनाती हैं। शाम को जो पहले आ जाए वही रात का खाना बना देता है।
छोटे बच्चों को संभाल रहे पति व सास, ससुर
निशा चौधरी का गांव मुगल माजरा नारायणगढ़ से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद वह पिछले 45 दिनों से घर नहीं गई हैं। उनका बेटा 7 साल का और बेटी 3 साल की हैं। निशा के दोनों बच्चों की देखभाल सास, ससुर और पति कर रहे हैं। बच्चे बार-बार मिलने की जिद करते हैं तो वीडियो कॉल कर उनसे बात कर लेती हैं। बच्चे पूछते हैं कि मम्मी घर कब आओगे तो उन्हें जल्द आने का दिलासा दे देती हैं। निशा चौधरी शाम 7 बजे तक ड्यूटी करने के बाद स्थानीय रेस्ट हाउस आ जाती हैं। उन्हें कभी भी कॉल करके बुला लिया जाता है।
5 साल के बेटे से वीडियो कॉल से करती बात
नर्स अनीता राज काला आंब की रहने वाली है। उनका 5 साल का एक बेटा है। वह पिछले 15 दिनों से घर नहीं गई हैं। जब भी समय मिलता है बेटे से वीडियो कॉल पर मिलती है। सास, ससुर बेटे की देखभाल कर रहे हैं, जिस कारण अनीता को कोई चिंता नहीं है। अनीता कहती हैं कि फौज और पुलिस को तो अकसर दश सेवा के मौके मिलते रहते हैं, लेकिन उन्हें पहली बार यह मौका मिला है, जिसे वह गंवाना नहीं चाहती। जब सब कुछ ठीक हो जाएगा तो फिर पहले की तरह परिवार के साथ रहने का मौका मिल जाएगा।
पति व बच्चे देते हौसला
नर्सिंग सिस्टर रविंद्र कौर अम्बाला की रहने वाली हैं और नारायणगढ़ के सामान्य अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं। वह पिछले 15 दिनों से घर नहीं जा सकी हैं। उनके दो बेटे हैं जिनमें से एक कनाडा में है तो दूसरा गुरु ग्राम में है। पति बिजली विभाग में हैं । रविंद्र कौर हर रोज तीनों से फोन पर बात कर हालचाल पूछ लेती हैं। रिश्तों की यह दूरियां कई बार बेहद दुखद हो जाती हैं। दूर बैठे बच्चों से बात कर वह भावुक भी हो जाती हैं, लेकिन अपने फर्ज को नहीं भूलती। दोनों बेटे और पति रविंद्र कौर को हौसला देते हैं कि वह अपना काम करती रहे। जब कोरोना से जंग जीत लेंगे तो सब घर पर इकट्ठे हो जाएंगे।
फिलीपींस में पढ़ाई कर रहे कैंट के राजा पार्क के स्पर्श शर्मा कहते हैं कि एमबीबीएस के ढाई साल पूरे हो गए हैं, इंडिया वापस आना चाहते हैं, लेकिन इमिग्रेशन बंद हो चुका है। होस्टल में रह रहे हैं, इसलिए खाने पीने की दिक्कत ज्यादा नहीं है। यहां पर हर साल वीजा रिन्यू होता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण छात्रों का वीजा रिन्यू नहीं हो रहा। यहां बाजार सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलते हैं। अगर कोई यहां पर बाहर निकलता है तो उसे शूट करने के आर्डर हैं। यहां से 12 से 14 मई तक फ्लाइट हैं। उसमें अभी तक सीट कन्फर्म नहीं हुई है।अगर इंडिया में 14 दिन क्वारेंटाइन होना पड़ा तो वहां पर 2,500 रुपए हर रोज के हिसाब से देने पड़ेंगे। पहले आने जाने की फ्लाइट लगभग 35 हजार रुपए थी, लेकिन अब एक तरफ की 30 हजार की फ्लाइट है।
फैमिली काे लगा रहता है डर: एसपी जैन स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट, सिंगापुर से एमबीए का काेर्स कर रही थी। काेर्स पूरा हाे चुका था। जाॅब प्लेसमेंट हाेना था इसलिए यहां रूकी थी। इसी बीच यहां एेसी सिचुएशन शुरू हाे गई। 10 दिन पहले तक यहां हालात बिल्कुल कंट्रोल में थे, लेकिन अचानक खराब हाेने लगे। लॉकडाउन है और लाेग उसे फाॅलाे भी कर रहे हैं। लेकिन अभी यहां काेर्स कंपलीट हाे चुका है अाैर प्लेसमेंट कब हाेगा पता नहीं, ऐसे में सही है कि अपने घर आ जाऊं। पापा संजय गाेयल भी वहां से प्रयास कर रहे हैं कि मैं जल्दी घर लाैट आऊं। मैं यहां पर अकेली रहती हूं। अकेले मुझे सामान लेने भी बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में फैमिली काे वहां अम्बाला में डर लगा रहता है।
-श्रेया गाेयल, राजापार्क, कैंट।
कैंट में 2400 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण की दूसरी किस्त नहीं मिली है। नगर परिषद कैंट इन परिवारों का दोबारा सर्वे करने में जुट गया है ताकि स्पष्ट हो जाए कि किन परिवारों ने किस्त न मिलने पर अपना शौचालय अधर में छोड़ा हुआ है और किन परिवारों ने तैयार कर लिया है।
इसको लेकर आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और पते को दोबारा कंफर्म किया जा रहा है। नगर परिषद सदर जोन कैंट के सभी दरोगा सर्वे करने में जुट गए हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जुटी टीम का कहना है कि एक मई से बैंकिंग सिस्टम में बदलाव हुए हैं।
कुछ बैंक दूसरे बैंकों में मर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा कुछ लोगों के आधार कार्ड भी अपडेट नहीं थे।
कोरोना वायरस संक्रमण से कंटेनमेंट जोन में दिक्कत: नप कार्यालय से पहले ऐसे परिवारों से संपर्क किया जाता है और उसके बाद सर्वे करने के लिए संबंधित वार्ड का दरोगा जाएगा। कुछ घर ऐसे हैं जो कंटेनमेंट जोन में आ रहे हैं। इसलिए ऐसे परिवारों का सर्वे न होना भी एक चुनौती बना हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दरोगा के तसदीक के बाद सफाई ब्रांच के सफाई निरीक्षक, जेई और अंत में एमई वेरिफाई करेंगे। कंटेनमेंट जोन बनने से अब सर्वे कब तक पूरा होगा, अभी यह साफ नहीं है। इसलिए दूसरी किश्त मिलने के लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
2019 में 98 प्रतिशत ओडीएफ घोषित
अप्रैल 2019 में जिला प्रशासन अम्बाला अर्बन को 98 प्रतिशत ओडीएफ घोषित कर चुका है, लेकिन प्रशासन के दावों की पोल नप की ओर से दोबारा से शुरू किया सर्वे खोल रहा है। कैंट में जहां 2400 तो सिटी में 4 हजार परिवारों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण का पूरा पैसा नहीं मिल पाया है। प्रशासन ने करीब 4750 लोगों को मिशन के तहत 6 हजार और 12 हजार रुपए की राशि प्रदान की है। करीब पांच हजार परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने स्तर पर राशि खर्च कर शौचालय बनवा लिए हैं। कैंट और सिटी में बहुत से परिवार ऐसे हैं जहां पर अभी भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में सर्वे में अम्बाला अर्बन एरिया की पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।
नगर परिषद कैंट और नगर निगम सिटी में बहुत से परिवार ऐसे हैं जहां पर दूसरी किस्त नहीं मिली है। इसलिए सर्वे का काम शुरू किया गया है। सर्वे के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। हमारे पास 2400 परिवार के आवेदन हैं, जिन्हें वेरिफाई किया जा रहा है।- रितु शर्मा, कोऑर्डिनेटर, स्वच्छ भारत मिशन, नगर परिषद कैंट।
डाक विभाग द्वारा गत वर्ष आयोजित की गई नेशनल लेटर राइटिंग प्रतियोगिता “ढाई अक्षर’ में अम्बाला डिफेंस कालोनी की निवासी अनुष्का सिंह ने द्वितीय स्थान हासिल किया है। प्रतियोगिता का विषय “गांधी इज इम्मोर्टल’ था। देशभर से कई एंट्री विभाग को मिली जिसमें से गत दिनों अनुष्का सिंह ने दूसरा स्थान हासिल किया। लाक डाउन के कारण अनुष्का अम्बाला में नहीं है और अनुष्का के स्थान पर उनके पिता रिटायर्ड कर्नल आरडी सिंह व मां मधु सिंह ने यह पुरस्कार 6 मई को हासिल किया।
यह पुरस्कार अम्बाला जीपीओ में डाक विभाग की सीनियर सुपरिटेंडेंट राधिका धीर द्वारा प्रदान किया गया है। अनुष्का एडवोकेट है जिन्हें लिखने का भी शौक है। इससे पहले उनके माता-पिता भी डाक विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। कर्नल आरडी सिंह ने बताया कि 2017 में उन्हें बापू पर ही आधारित लेख लिखने पर प्रथम पुरस्कार मिला था, 2018 में मधु सिंह को माई मदरलैंड विषय पर लेख लिखने पर प्रथम पुरस्कार मिला था। अब लगातार तीसरी बार 2019 में हुई प्रतियोगिता में उनकी बेटी को पुरस्कार मिला है।
शुक्रवार काे कर्मचारी विरोधी व अलोकतांत्रिक फैसलों के खिलाफ विभिन्न विभागों में सांकेतिक रोष जताया गया। इसके उपरांत डीसी अशाेक कुमार शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम व डीसी रेट में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने अाैर अनुभव के आधार पर वेतन में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर ज्ञापन साैंपा।
जिला प्रधान कमलजीत बख्तुआ के नेतृत्व में जिला कैशियर महेश गोयल, प्रेस सचिव नैब सिंह, जिला सहसचिव बृजमोहन, राज्य सहसचिव रविंद्र शर्मा और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रेस सचिव इंद्र सिंह बधाना व राज्य महासचिव सतीश सेठी शामिल हुए। संघ की टीम ने रोडवेज, बिजली, नगर निगम, शिक्षा आदि विभागों में कर्मचारियों को संबोधित किया। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं के दामों में भारी बढ़ोतरी के चलते जुलाई 2021 तक डीए व एलटीसी पर लगाईं गई रोक को हटाया जाए। कोविड-19 में स्वास्थ्य सेवाओं सहित लगे सभी कर्मचारियों व केंद्रीय परियोजना वर्कर्स, शिक्षक को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जाए। सभी को बिना शर्त 50 लाख एक्सग्रेशिया क्षतिपूर्ति पाॅलिसी में कवर किया जाए। हटाए गए सभी प्रकार के कर्मचारियों को वापस सेवा में लिया जाए। एनपीएस को खत्म करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए और ठेका प्रथा आउटसोर्सिंग पाॅलिसी को समाप्त किया जाए। इस दाैरान बीरभान, रमेश श्योकंद, देवेंद्र पाल सिंह अवतार सिंह चमन लाल सेवा राम राजेन्द्र सिंह आदि शामिल हुए।
जरूरतमंद लोगों के लिए अलग-अलग संस्थाओं द्वारा शुरू की गई लंगर व भोजन वितरण सेवा को अब बंद कर दिया गया है। 3 मई से लॉकडाउन में मिली छूट के बाद भोजन वितरण नहीं किया जा रहा है।
फैक्ट्रियां, दुकानें एवं अन्य संस्थान अभी तक पूरी तरीके से खुले नहीं हैं। ऐसी स्थिति में कुछ स्थानों पर अब भी जरूरतमंद लोगों को भोजन के लिए दिक्कत हो रही है। पिछले दिनों कैंट प्रशासन ने कुछ संस्थाओं को खाने पहुंचाने के लिए फोन किया तो उन्होंने सुझाव दिया कि अब कुछ प्रोफेशनल क्लबों को सेवा में लगाना चाहिए जिनकी अच्छी कमाई है। दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जहां-जहां डिमांड आ रही है वहां अब सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन द्वारा उन क्षेत्रों की पहचान की गई थी जहां पर जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया जाना था। अलग-अलग क्षेत्रों को बांटकर यहां इंचार्ज लगाए गए थे जिनकी देखरेख में अलग-अलग संस्थाओं ने भोजन वितरण का कार्य किया था।
करीब एक दर्जन सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने लोगों को भोजन वितरण किया था। इनमें शिव कांवड़ संघ, गीता गोपाल संस्था, पंजोखरा साहिब गुरुद्वारा, नौजवान सेवक जत्था, पांडव दल, शिव कावड़ संघ व अन्य संस्थाएं शामिल थी।
मगर अब संस्थाओं द्वारा अलग-अलग तर्क देकर भोजन वितरण बंद कर दिया गया है। ऐसे में प्रशासन के लिए भी कुछ समस्या उत्पन्न हो गई है। अभी भी कैंट के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर भोजन वितरण की जरूरत है जिनमें टांगरी बांध क्षेत्र, गांधी ग्राउंड के पास झुग्गी झोपड़ी, बस स्टैंड क्षेत्र, महेशनगर व दयालबाग के कुछ क्षेत्र भी शामिल है।
बाहर से आ रहे श्रमिक, भोजन के लिए लगा रहे गुहार
पंजाब से यूपी, बिहार की ओर अब भी कई श्रमिक जा रहे हैं। यह श्रमिक विश्राम के लिए जगाधरी रोड किनारे बैठ रहे हैं जिन्हें पीने के लिए पानी तक मुश्किल से नसीब हो रहा है। शुक्रवार भी दर्जनों श्रमिक साइकिलों पर व पैदल रोड से गुजर रहे थे। कई श्रमिक तो अंधेरा पड़ने वाले सड़कों किनारे ही रात काट रहे हैं।
रोडवेज एससी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा के राज्य प्रधान बलवंत सिंह और राज्य महासचिव संदीप कुमार ने हरियाणा रोडवेज के चालक-परिचालक के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई मारपीट पर राेष जताया। उन्हाेंने कहा कि हरियाणा रोडवेज नारनौल डिपो की 5 बस जिला प्रशासन द्वारा 175 प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश के बागपत जिला में भेजने के लिए रवाना की गई।
कुंडली-बागपत बॉर्डर पार करके उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी पांचों बसों को बागपत पहुंचने पर चालक व परिचालकों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने मारपीट कर वापस हरियाणा सीमा में धकेल दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। फोन पर चालक मंदीप ने बताया कि बागपत से वापस करने से लेकर अब तक बॉर्डर पर खड़े हैं। प्रवासी मजदूर व कर्मचारी सभी भूख से बेहाल हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस कहती है कि जहां से आए हाे वहीं जाओ। अधिकारी कहते हैं कि अभी रुको बात हो रही है। आखिर इन लोगों के प्रति किसकी जिम्मेदारी। क्या हरियाणा सरकार ने इस बारे पहले यूपी सरकार को अवगत नहीं कराया था। जो इन कर्मचारियों को साथ ऐसा अपमानजनक रवैया अपनाया जा रहा है।
बलवंत सिंह ने कहा कि एक तरफ यह कर्मचारी कोरोना जैसी महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना इस काम को अंजाम देने में अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं और दूसरी तरफ इनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। उनकी मांग है कि कोरोना महामारी में ड्यूटी कर रहे परिवहन विभाग के कर्मचारियों को बीमारी से सुरक्षा के साधन मुहैया करवाए जाएं, पुलिस द्वारा की गई मारपीट से कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाए। जब तक इस महामारी से निपटा नहीं जाता तब तक रोडवेज की बसों में चालक और परिचालकों के लिए अस्थाई रूप से फाइबर निर्मित कैबिन का निर्माण किया जाए। जिससे इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा टल सकें। यदि बस में प्रवासी मजदूरों में से किसी को भी संक्रमण है तो इस कैबिन में संक्रमण का खतरा टल सकता है।
कैथल में भी अब रैपिड टेस्टिंग किट से जांच की शुरुआत हो गई। स्वास्थ्य विभाग को पहली खेप में 600 किट मिली हैं और जल्द ही दूसरी खेप मिलने की संभावना है। शुक्रवार को किट से कोरोना वायरस के सैंपल लेने वाली दोनों टीमों समेत आइसोलेशन वार्ड में तैनात डॉक्टर्स व स्टाफ की जांच की गई। सभी 38 स्टाफ सदस्यों की किट से की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली। बता दें कि किट से जांच करने के लिए खून की कुछ बूंद की ही जरूरत होती है और रिपोर्ट भी 10 मिनट के अंदर आ जाती है। जबकि गले और नाक का सैंपल लेकर की जानी वाली जांच प्रक्रिया में 24 से 48 घंटे का समय लग जाता है। अधिकारियों के अनुसार किट का इस्तेमाल पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स की जांच के लिए किया जाएगा। बता दें कि देश में पहले चीन से ये किट मंगवाई गई थी, लेकिन जांच रिपोर्ट में खामियां मिलने के कारण ये कैंसिल कर दी गई थी। उसके बाद प्रदेश सरकार ने कोरियाई कंपनी से किट खरीदी थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी भी किट से की जानी वाली जांच के परिणाम पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और यही कारण है पहले वर्कर्स की जांच करके इन किटों के रिजल्टों को परखा जा रहा है।
कोरोना पॉजिटिव ठीक होने पर डिस्चार्ज कर घर भेजे
कैथल में मिले दोनों कोरोना पॉजिटिव मरीज करीब एक महीने आठ दिन के बाद शुक्रवार को डिस्चार्ज कर घर भेज दिए गए। डिस्चार्ज करने से पहले दोनों के सैंपल लेकर जांंच के लिए भेजे गए थे और दोनेां की रिपोर्ट निगेटिव आई। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस दोनों को घर छोड़कर आई। बता दें कि दोनों कोरोना पॉजिटिव मिले इन मरीजों का संबंध तब्लीगी जमात से था। चार अप्रैल को सबसे पहले सिरटा रोड स्थित महादेव कॉलोनी निवासी 62 वर्षीय मदरसा संचालक पॉजिटिव मिले थे। उसके बाद उनके संपर्क में आया मदरसा का एक 9 वर्षीय छात्र अफाक भी पॉजिटिव मिला था। पॉजिटिव आने के बाद पहले कैथल और फिर शाहाबाद के आदेश मेडिकल कॉलेज में दोनों का इलाज चला था। 23 अप्रैल को अफाक और 24 को सफी मोहम्मद ठीक होकर कैथल आए थे और दोनों को 14 दिन के लिए गुहला क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था।
बुधवार व गुरुवार को लिए सभी 146 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव
स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को 119 और गुरुवार को लिए 27 सैंपल लिए थे। शुक्रवार को इन सभी 147 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। इनमें नाकों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों और गुहला व सीवन अस्पताल के स्टाफ सदस्यों के सैंपल भी शामिल थे। इसके अलावा शुक्रवार को 78 सैंपल लिए गए हैं। इनमें राजौंद व जाखौली स्वास्थ्य केंद्र से 49 और बाकी सैंपल जिला नागरिक अस्पताल में बनाए गए फ्लू क्लीनिक से लिए गए हैं। अब तक पूरे जिले से 1403 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 1322 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। अब तक कैथल में दो पॉजिटिव केस सामने आए हैं और कोई भी एक्टिव केस वर्तमान में नहीं है।
42 मोबाइल टीमें जांच चुकी 58 हजार लोगों का स्वास्थ्य: डीसी
डीसी सुजान सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा आमजन तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए 42 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है। अब तक ये टीमें 58 हजार 801 लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर चुकी हैं। निशुल्क दवाइयां भी दी जा रही हैं।
अब तक की सभी जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली हैं और हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग के पास वर्तमान में 2154 पीपीई किट, 3329 एन-95 मास्क, 118 थर्मल स्कैनर तथा 203 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। लोगों से अपील है कि नियमों की पालना करें और बेवजह बाहर घूमने से बचें।
हरदीप दून, आइजी एवं नोडल अधिकारी, कैथल प्रशासन।
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राजौंद व जाखौली के लगभग 49 लोगों के सैंपल लेकर कोरोना की जांच के लिए भेजे गए। एसएमओ डाॅ. रजनीश मल्होत्रा ने बताया कि राजौंद व जाखौली तथा आसपास के गांव के उन लोगों के सैंपल लिए गए जो अन्य किसी शहर में गए हुए थे।
जांच के लिए कैथल से डाॅ. नमीता के नेतृत्व के दो टीमें जांच के लिए आई थी जिसमें एक टीम ने गांव जाखौली से 17 और दूसरी टीम ने राजौंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 32 लोगों के सैंपल लिए। इन सभी लोगों के सैंपलों की जांच करनाल कल्पना चावला में की जाएगी । सभी लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया है और प्रतिदिन सभी जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की जा रही है।
कैथल ढांड चौक पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों पर कुरुक्षेत्र की तरफ से तेज गति से आ रही कार ने सीधी टक्कर मार दी। टक्कर से एक एएसआई गंभीर रूप से घायल हो गए और अन्य बाल-बाल बच गए। घायल का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर नाका तोड़कर फरार हो गया। एसआई धर्मवीर ने थाने में दी शिकायत में बताया कि शाम के समय वह एएसआई सतीश कुमार तथा एचसी नरेंद्र कुमार समेत ढांड चौक बाईपास पर ड्यूटी पर तैनात थे। करीब 7 बजे कुरुक्षेत्र की तरफ से तेज गति से आ रही कार को एसआई धर्मवीर सिंह ने रुकने का इशारा किया लेकिन चालक ने संकेत की अनदेखी करते हुए पुलिस कर्मचारियों को मारने की नियत कार की सीधी टक्कर मारने का प्रयास किया।
टक्कर में एसआई धर्मवीर बाल-बाल बच गया। कार चालक ने गाड़ी का शीशा खोलकर आवाज लगाई कि मैं तुम पुलिस वालों को नहीं छोडूगा और जान से मार दूंगा। उसके बाद करीब 20 मीटर दूरी पर खड़े एएसआई सतीश कुमार को कार की सीधी टक्कर मारी। टक्कर लगने कारण एएसआई सड़क पर गिर गया और काफी चोटें लगी। कार चालक बैरिकेड्स को तोड़ता हुआ अंधेरे का फायदा उठाकर भाग लिया।
कलायत तहसील कार्यालय में तैनात पटवारी की फेसबुक आइडी हैक कर अपराधियों ने उसके जीजा और दोस्त से 20 हजार रुपए ठग लिए। गांव खरक पांडवा निवासी महिपाल ने थाना कलायत में दी शिकायत में बताया कि उनकी फेसबुक आइडी किसी ने हैक कर ली और उनके दोस्तों व रिश्तेदारों को चोट लगने की बात कहते हुए मदद मंागी। मैसेंजर पर मैसेज देखने के बाद उनके मामा की लड़की के पति ने मैसेज में दिए गए खाते में 10 हजार रुपए डाल दिए। इसी तरह उनके एक दिल्ली के दोस्त नीशू ने भी उक्त व्यक्ति के मैसेज के बाद 10 हजार रुपए बताए खाते में डाल दिए। सुबह 10 बजे उनके पास दोस्त नरेश कुमार का फोन आया और हालचाल पूछा। साथ ही 10 हजार रुपए मांगने के बारे में पूछा, जबकि उन्हें तो कोई जानकारी ही नहीं थी। उसके बाद उनकी बहन और दोस्त ने भी रुपए मांगने के बारे में पूछा। तब उन्हें एहसास हुआ कि उनकी आइडी किसी ने हैक कर ली है और आरोपी उनके दोस्तों को मैसेज भेजकर मदद मांग रहा है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। -सुभाष चंद्र, जांच अधिकारी, थाना कलायत।
उपमंडल के गांव बड़सीकरी में ट्रैक्टर-ट्राॅली में लदी पराली में हाईटेंशन तार टकराने से हुए शार्ट सर्किट के कारण आग लगने से बड़ा हादसा होते-होते टल गया। गनीमत रही कि समय रहते ट्रैक्टर चालक ने आग लगने का पता लगते ही ट्राली में लदी पराली को सड़क पर सुरक्षित उतार दिया ।
बड़सीकरी सरपंच प्रतिनिधि सरदार जोगिंद्र सिंह व गुरमेज धनिया ने बताया कि गुरुवार देर शाम को बड़सीकरी से रतनपुरा की तरफ जाने वाले रास्ते पर ट्रैक्टर-ट्राॅली सवार पराली लेकर जा रहा था। रास्ते पर बिजली की हाईटेंशन तारें क्रास कर रही हैं। तारों के संपर्क में आते ही अचानक पराली में आग लग गई।
उन्होंने बताया की रास्ते को क्रास कर रही बिजली की तारे काफी नीचे हैं। कई बार तारे वाहनों को टच करती रहती हैं जिसके कारण कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग से उक्त तारों को ऊंचा किए जाने की मांग की है।
मौसम विभाग के अनुसार आज से 12 मई तक मौसम में फिर से परिवर्तन की संभावना बन रही है। जिस कारण इन दिनों में प्रदेश में कहीं-कहीं बूंदाबांदी और बारिश हो सकती है। इसके साथ ही पारा भी चढ़ेगा। अभी मई माह के भी नौ दिन गुजर चुके हैं। लेकिन पर्यावरण में प्रदूषण की कमी के कारण अब तक मौसम में हलकी ठंडक बरकरार है। लेकिन अब पारा बढ़ेगा। 9 से 12 मई के बीच अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस जा सकता है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 23 डिग्री हो सकता है।
लॉकडाउन की पालना के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस भी लोग भूल रहे हैं। सरकार द्वारा जनधन के महिला खातों में दूसरी किस्त डाली गई है जिसका वितरण 11 मई तक करने का शेड्यूल बनाया हुआ है। इसको लेकर अब फिर से बैंकों के सामने भीड़ उमड़ रही है। कोई जनधन राशि तो कोई पेंशन राशि निकालने के लिए पहुंच रहे हैं। इसको लेकर बैंक अधिकारी भी परेशान हैं लेकिन वे बैंक के अंदर एक ही उपभोक्ता की एंट्री करने देते हैं। शुक्रवार को ऐसा ही नजारा गुहला हलके के गांव कांगथली स्थित सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक समेत कई बैंकों के सामने देखने को मिला।
लीड बैंक मैनेजर आरके कटारिया ने बताया कि जिला के करीब 1 लाख 70 हजार 765 महिलाओं के जनधन खातों में सरकार की ओर से दूसरी किस्त डाली हुई है। जनधन राशि समेत अन्य स्कीमों की राशि निकलवाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। बैंकों की ओर से सोशल डिस्टेंस की पालना करवाई जा रही है, बाकायदा सभी बैंकों के बाहर पुलिस कर्मचारियों को तैनात कराया गया है। इसके अलावा बैंक के अंदर कोई एंट्री नहीं कराई जाती, बल्कि गेट से ही कॉपी लेकर राशि निकाली जाती है। बैंकों को बार बार सेनेटाइज किया जाता है और हर ग्राहक के हाथ सेनीटाइजर से धुलवाए जाते हैं।
महिलाओं के खातों में आई है 8.53 करोड़ से अधिक की राशि
कैथल जिला में जनधन योजना के करीब 1 लाख 70 हजार 765 महिलाओं के खाते खुले हुए हैं। सरकार की ओर से अप्रैल माह में 500- 500 रुपए प्रति खाता में सहायता राशि डाली थी। अब दूसरी किश्त खातों में आ चुकी है, जिसकी राशि करीब 8 करोड़ 53 लाख 82 हजार 500 रुपए है। ये राशि 11 मई तक बांटी जानी है। इसके लिए रोजाना बैंकों में खाता धारकों की भीड़ उमड़ रही है। बैंक के बाहर खड़े बुजुर्ग रामभगत, हरविंद्र सिंह, पुष्पा देवी, भतेरी देवी ने बताया कि सुबह से ही बैंक के बाहर खड़े होना पड़ता है ।
पूंडरी खंड के सबसे बड़े अधिकारी व ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार के कार्यालय में भी लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। कोविड-19 जैसी महामारी से बचाव के लिए सरकार दिनरात मानव जीवन को बचाने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं सरकारी कार्यालय में इन नियमों की अवेहलना की जा रही है।
सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए तीसरे चरण में दी गई छूट के तहत सरकार द्वारा एक दिन में पूंडरी तहसील के अंतर्गत 45 रजिस्ट्री की जानी है। अक्सर वहां देखा जाता है कि तहसील में कार्य करवाने के लिए आने वाले लोग बिना रोकटोक के एक-दूसरे से सटे व समूह में बैठे रहते हैं।
इस बारे में कर्मचारियों व रजिस्ट्री क्लर्क को अभी निर्देश देता हूं। हर हाल में सोशल डिस्टेंस रखा जाएगा। -नवनीत सिंह, तहसीलदार पूंडरी।
आजकल नगर परिषद के अधिकारियों के पास ऑड-इवन नियम लागू के कारण कई रोचक शिकायतें आ रही हैं। ऑड-इवन के चक्कर में कहीं नाई को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन दुकान खोलने के लिए मिले, तो कहीं बारी के बिना शटर बंद कर दुकान चलाने वाले दुकानदारों की शिकायतें आ रही हैं। जिनके निवारण के लिए दिनभर ईओ कर्मचारियों को आदेश देते हैं। बता दें कि सिटी में चार मई से ऑड-इवन के हिसाब से दुकानें खोलने के आदेश प्रशासन की ओर से जारी हुए हैं। नगर परिषद ने बाजारों में ऑड-इवन के हिसाब से दुकानों पर नंबरिंग कर दी। कुछ ही दिनों में ऑड-इवन के साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। हर कोई अपनी दुकान को प्रतिदिन खोलना चाहता है, ताकि जो 40 दिनों तक उसका आर्थिक नुकसान हुआ है ,उसे कुछ पूरा किया जा सके। लेकिन इसमें लोग आपसी शिकायतबाजी में उलझ रहे हैं।
बारबर (नाई) की दुकान मालिक बोला दिन बदल दो साहब, वरना भूखा मर जाऊंगा| छात्रावास रोड पर बारबर की दुकान चलाने वाले नवीन ने नगर परिषद अधिकारियों से गुहार लगाते हुए उसकी दुकान खोलने के दिन बदले जाएं। उसने बताया कि ऑड-इवन के हिसाब से उसे मंगलवार, गुरुवार और शनिवार का दिन मिला है। लेकिन मंगलवार और गुरुवार को लोग बाल कटवाना और शेव बनवाना धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार सही नहीं मानते हैं। वहीं शनिवार को भी कोई ज्यादा ग्राहक नहीं होते हैं। आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। अगर अब भी वह काम नहीं कर सका तो भूखा मरने की नौबत जाएगी। ईओ ने आश्वासन दिया कि उसकी बारी बदल दी जाएगी।
ऑड-इवन में बिना नंबर आए दुकानें खोली जा रही हैं। इस प्रकार की शिकायतें भी आ रही हैं। वहीं कुछ दुकानदार अपने काम के चलते दिन बदलवाने के लिए भी आ रहे हैं। जो भी शिकायत आ रही है, उसे हल किया जा रहा है। ताकि दुकानदारों को परेशानी न हो। ऑड-इवन को लागू करने के पीछे बाजारों में भीड़ कम रखना है।-अशोक कुमार, ईओ नगर परिषद, कैथल
दुकान बंद, दुकानदार का बेटा अंदर, दुकानदार बाहर
शहर में प्रत्येक बाजार में स्थिति ये है कि जिस दिन दुकान खोलने की बारी है, उस दिन तो दुकान खुल ही रही है। लेकिन जिस दिन नंबर नहीं होता, उस दिन दुकानदार बाहर से शैटर डाउन कर बैठता है। लेकिन दुकान के अंदर सामान निकालने के लिए दुकानदार का बेटा या कर्मचारी होता है। दुकानदार बाहर ग्राहक को अटेंड करता है। काफी जगहों पर इस पर एतराज होता है ,लेकिन कई बाजारों में दुकानदार इस पर कहते हैं कि सबको काम की जरूरत है। इसलिए उन्हें कोई समस्या नहीं है।
बिना बारी के खोल रहे दुकानें
पुराना बस अड्डा के पास मार्केट से एक दुकानदार नगर परिषद में ईओ के पास शिकायत लेकर पहुंचा कि साहब मेरा पड़ोसी दुकानदार बिना बारी के दुकान खोलता है। नियम सभी के लिए बराबर होने चाहिए। ईओ ने आश्वासन दिया कि अगर कोई नियम तोड़ रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय जनता मार्केट में ऑड-इवन के नियमों का उल्लंघन करने पर आज नगर परिषद की टीम ने करियाना स्टोर को सील कर दिया। इस दुकानदार की बार-बार डीसी के पास शिकायत पहुंच रही थी जिस पर आज नगर परिषद टीम मौके पर पहुंची। टीम का नेतृत्व नगर परिषद के सचिव मोहन लाल ने किया। उनके पास जेई मोहित कुमार, जेई सागर, कर्मचारी बलिंद्र भी मौके पर पहुंचे थे। जब टीम मौके पर पहुंची तो एक दुकानदार बाहर खड़ा था जबकि दूसरा दुकान के अंदर था। शटर डाउन था। टीम ने चेक किया तो अंदर कर्मचारी मिला। बाद में कर्मचारियों को बाहर निकाल कर दुकान को सील कर दिया गया। नगर परिषद के सचिव मोहन लाल ने बताया कि ऑड-इवन की सुविधा दुकानदारों के लिए ही है। इससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी और हमारा शहर कोरोना वायरस से भी बचेगा लेकिन कुछ दुकानदार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने सभी दुकानदारों से नियमानुसार ही दुकान खोलने की अपील की है ताकि सभी का काम चलता रहे।
पांच हजार रुपए तक हो सकता है जुर्माना| दुकान सील होने के बाद अब नगर परिषद दुकानदार पर जुर्माना भी लगाएगी। यह जुर्माना करीब पांच हजार रुपए या अधिक हो सकता है। अब दुकान को सील मुक्त करवाने के लिए दुकानदार को नगर परिषद के अधिकारियों के पास आवेदन करना होगा जिस पर अधिकारी जुर्माना तय करेंगे।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर आज हमें एकजुटता से कोरोना वायरस के साथ लड़ना होगा। तभी जाकर हम इस जैविक युद्ध से लोगों को बचा सकते हैं। हम विश्व रेडक्राॅस दिवस पर कोरोना योद्धाओं का सम्मान करते हैं। ये विचार विश्व रेडक्रास दिवस पर खंड शिक्षा अधिकारी गोपी चंद ने इस विकट परिस्थिति में जन-जन की सेवा कर रहे जूनियर रेडक्राॅस काउंसलर अध्यापकों की हौंसला अफजाई करते हुए कहे। कार्यक्रम में गोपीचंद ने रेडक्रास ध्वज फहराया और रेडक्रास के संस्थापक सर जीन हेनरी डयुना की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। विभाग द्वारा इन 58 जूनियर रेडक्राॅस काउंसलर अध्यापकों को कोविड-19 महामारी को लेकर पूरा प्रशिक्षण और आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि कोई चूक न रहे। खंड समन्वयक अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि जब तक हम कोरोनावायरस की जंग नहीं जीत लेते तब तक हम प्रशासन के साथ प्रथम पंक्ति में खड़े दिखाई देंगे। शर्मा ने कहा कि आज विश्व रेडक्रास दिवस पर हम 10 परिवारों को राशन उपलब्ध कराने के साथ-साथ जरूरतमंद बच्चों और महिलाओं काे बिस्कुट, फल और सब्जियां भी बांट रहे हैं। काउंसलर सुनील दत्त ने कहा कि रेडक्रास का मकसद ही दूसरों की सेवा करना है। इस अवसर पर ब्रिगेड ऑफिसर इंद्रजीत शर्मा, नवीन कुमार बंसल, काउंसलर उमा गर्ग, सुनील, श्याम सिंह सीड़ा, सुनील कुमार, मेहताब सिंह, राजेश कुमार, बूटा सिंह, दिलबाग सिंह आदि काउंसलर अध्यापक उपस्थित रहे।
पूंडरी खंड में रेडक्राॅस सोसाइटी के सदस्यों द्वारा रेडक्राॅस दिवस झुग्गी-झोपड़ियाें में रह रहे लोगों को कुछ जरूरत का समान वितरित कर मनाया और लोगों को कोविड-19 महामारी से बचने के लिए प्रेरित किया। पूंडरी प्रभारी डीपीई कोमल कौशिक ने बताया कि रेडक्राॅस सोसाइटी देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में कोई भी प्राकृतिक आपदा, महामारी व संकट की घड़ी में लोगों की सेवा में जुटी रहती हैं। हर वर्ष विश्व रेडक्रॉस दिवस के रूप में दुनियाभर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
यह सर जॉन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जोकि अंतरराष्ट्रीय रेडक्राॅस के संस्थापक थे। इस अवसर कॉऑर्डिनेटर कोमल दीपक कौशिक, सुशील कुमार, जोगिंद्र पाल, जयप्रकाश व दीपक शर्मा ने अपने निजी कोष से 500 पैकेट बिस्किट व पीसीएम की टेबलेट, मास्क, सेनिटाइजर बांटे व लोगों को महामारी के समय बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत करवाया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विश्व रेडक्राॅस दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी सुदर्शन शर्मा व खंड सीवन रेडक्रॉस कोआॅर्डिनेटर डाॅ. रामनिवास शर्मा ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ अवसर पर ध्वजारोहण कर रेडक्राॅस के संस्थापक सर जीन हैनरी ड्यूनेट की प्रतिमा पर फूल अर्पित किए गए। कार्यक्रम में सभी 12 जूनियर रेडक्राॅस काउंसलरों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कोरोना वायरस को देखते हुए सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा। खंड सीवन कोआॅर्डिनेटर डाॅ. रामनिवास शर्मा ने सभी जूनियर काउंसलरों को इस संकट की घड़ी में मानव सेवा करने के लिए शपथ दिलाई व लोगों के हाथ वाॅश करवाने और मास्क वितरित करने के लिए किट दी। उन्होंने कहा कि इस समय मानव सेवा ही सर्वोपरि है और सभी रेडक्राॅस सदस्यों का फर्ज बनता है कि वह इस संकट की घड़ी में लोगों को कोरोना वायरस के बचाव के लिए जागरूक करें और उन्हें अपने घरों में रहने के लिए कहें। खंड शिक्षा अधिकारी सुदर्शन शर्मा ने रेडक्राॅस सदस्यों की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षक होने के साथ-साथ रेडक्राॅस सदस्यों के रूप में जिस प्रकार से शिक्षक शैक्षणिक कार्य के साथ जनसेवा कर रहे हैं। इस अवसर पर संदीप शर्मा, राकेश रतन, सुरेश कुमार, जज कुमार, मदन लाल, बैणी राम, अनिल कुमार व अन्य सदस्य उपस्थित थे।
सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा ब्लाक सीवन ने अपनी मांगों को लेकर बिजली घर सीवन में विरोध दिवस गेट मीटिंग की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गेट मीटिंग की अध्यक्षता ब्लाॅक प्रधान स्वराज सिंह ने की और संचालन ब्लाॅक सचिव रामचन्द्र ने किया जिसमें बिजली कर्मचारियों ने भारी संख्या में भाग लिया और सरकार के प्रति रोष जताया। प्रधान स्वराज सिंह ने कहा कि एक तरफ बिजली कर्मचारी कोरोना वायरस महामारी में योद्धा बन कर अपनी जान पर खेल कर ड्यूटी दे रहे हैं ताकि लोगों को घरों में रहते हुए बिजली को लेकर किसी प्रकार की दिक्कत न आए। लेकिन सरकार ने कर्मचारियों का डीए फ्रिज कर देना, एलएसी बंद करना, नई भर्तियां बंद करना, कच्चे कर्मचारियों की छंटनी करना जैसे कदम उठाकर कर्मचारियों के साथ विश्वासघात किया है। सरकार बड़े उद्योगपतियों के कर्जे माफ कर कर्मचारियों व जनता से वसूलने का काम कर रही है। जो देश को लूट रहे हैं, उन्हें राहत दी जा रही है और जो इस महामारी के समय सरकार को हर प्रकार की सहायता प्रदान कर रहे हैं, उन्हें लूटा जा रहा है। सरकार को इस समय कर्मचारियों का साथ देकर लोगों की सहायता करने के लिए आगे आना चाहिए लेकिन सरकार कर्मचारियों का मनोबल गिराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को दो-दो माह वेतन आज तक नही मिला लेकिन वह फिर भी इस महामारी को देखते हुए अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। इस अवसर पर राधाकृष्ण, संजू, सुभाष, कुलदीप, कमल कुमार, जगबीर सिंह, पारस, रोशन लाल व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
डीसी धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि मानव सेवा के लिए हरियाणा रेडक्राॅस समर्पित भाव से काम कर रही है। जिस देश व प्रदेश के लोग समाज और मानवता के लिए समर्पित हो जाए तो वह राष्ट्र प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। इस अंतर्राष्ट्रीय रेडक्राॅस दिवस पर सभी लोगों को समाज सेवा करने का संकल्प लेने की जरूरत है।
धीरेन्द्र खड़गटा शुक्रवार को रेडक्राॅस भवन में रेडक्राॅस की 100वीं जयंती कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले धीरेन्द्र
खड़गटा, एसडीएम अश्विनी मलिक, जिला रेडक्राॅस सचिव कुलबीर मलिक, डाॅ. राजेन्द्र सैनी ने दीपशिखा प्रज्जवलित कर विधिवत रुप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संस्थापक सर जीन हैनरी डयूनंट के चित्र पर पुष्प भी अर्पित किए। इसके पश्चात राज्य सरकार द्वारा निर्धारित थीम का अनुसरण करते हुए रेडक्राॅस कर्मचारियों और इस सोसाइटी के स्वयं सेवकों पर गुलाब के फूलों वर्षा कर तथा तालियां बजाकर स्वागत किया। धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि आज रेडक्राॅस को भारत में स्थापित हुए 100 साल हो गए है। पूरे देश में रेडक्राॅस की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। रेडक्रास के संस्थापक सर जीन हैनरी डयूना ने विश्व युद्घ के दौरान सैनिकों की सेवा करने के साथ-साथ मानव सेवा करने के उदेश्य से रेडक्रास की स्थापना की थी। लेकिन समय के बदलाव के साथ-साथ रेडक्राॅस में परिवर्तन लाया गया । अाज पूरे विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है, इस महामारी में भी रेडक्रास के अधिकारी, कर्मचारी और स्वयं सेवक फ्रंटलाइन पर आकर लोगों की सेवा कर रहे है। इस सोसाइटी से जुड़े स्वयं सेवक घर-घर जाकर लोगों को चिकित्सा और भोजन की सेवाएं देने का काम कर रहे हैं। एसडीएम अश्विनी मलिक ने कहा कि भारत सेवा के लिए जाना जाता है। इसलिए भारत में रेडक्राॅस के जरिए जनसेवा के कारवां को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान देश में नर सेवा को नारायण सेवा समझकर लोग कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद करने में बढ़चढ़कर भाग ले रहे है।
शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय के प्रांगण में विश्व रेडक्राॅस दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि एसडीएम डाॅ. किरण सिंह सहित सभी अधिकारियों ने धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं की पदाधिकारियों पर पुष्प वर्षा कर उनका धन्यवाद किया।
गौरतलब है कि लगभग 46 दिनों से नगर की सभी संस्थाएं कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर प्रशासन का साथ दे रही हैं। इस अवसर पर एसडीएम डाॅ. किरण सिंह ने कहा कि रेडक्राॅस की स्थापना 1920 में की गई थी। रेडक्राॅस के संस्थापक सर जीन हेनरी ड्यूनेंट का जन्म 8 मई 1828 को जेनेवा, स्विट्जरलैंड में हुआ। उनके जन्मदिवस को विश्व रेडक्राॅस दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1910 में उन्होंने फ्रेडरिक पासी के साथ मिलकर पहले नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त किया जिससे हेनरी ड्यूनेंट को पहली स्विस नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एसडीएम ने कहा कि जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी कार्य किए गए हैं। इस अवसर पर डीएसपी सुरेंद्र मांझू ने कहा कि रेडक्राॅस कुरुक्षेत्र द्वारा समय समय पर दिव्यांग मूल्यांकन और वितरित शिविरों का आयोजन किया जाता है जिसमें जरूरतमंद दिव्यांगों को तिपहिया रिक्शा, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, बैसाखी इत्यादि प्रदान किए जाते हैं। कार्यक्रम में संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर तहसीलदार टीके गौतम, नायब तहसीलदार परमिंद्र सिंह संधू, खंड विकास
एवं पंचायत अधिकारी सुमित बख्शी, एसडीएम कार्यालय की अधीक्षक दीपिका वाही सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
अग्रवाल वैश्य समाज के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने कोरोना योद्धाओं को सैल्यूट किया। पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस कर्मचारियों को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया।
अग्रवाल वैश्य समाज की महिला इकाई की प्रदेश उपाध्यक्ष निशि गुप्ता, समाज के प्रदेश महासचिव राजेश सिंगला, संगठन सचिव कपिल मित्तल सहित बिट्टू मित्तल, विपिन गर्ग, बलजीत सिंह, नीलम रानी व सुमन इत्यादि ने थाना शहर के इंस्पेक्टर जसपाल सिंह, सूरज चावला, कृष्णा गेट पुलिस चौकी इंचार्ज राज कुमार, सुभाष मंडी पुलिस चौकी इंचार्ज धर्मवीर, यातायात प्रभारी राजबीर, एसआई जगदीश को विधिवत सम्मानित किया। निशी गुप्ता ने बताया कि समाज की ओर से कोरोना योद्धाओं का उत्साह बढ़ाया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में लगे पुलिस कर्मचारियों की जितनी सराहना की जाए, कम है। उन्होंने कहा कि पुलिस दिनरात लोगों की जान व माल की रक्षा के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे घर पर ही रहें और बिना वजह घर से बाहर न निकलें।
इस मौके पर अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तुलसी के गमले तथा नारियल देकर माल्यार्पण एवं पुष्प वर्षा करते हुए सम्मानित किया। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मास्क एवं सेनिटाइजर भी भेंट किए गए।
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान दानी सज्जनों द्वारा राहत कोष में दी गई राशि से जरूरतमंद लोगों की मदद होगी। इस समय जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए प्रत्येक नागरिक को आगे आने की जरूरत है।
वे शुक्रवार को देर सायं सेक्टर 7 आवास कार्यालय पर दानी सज्जनों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले डाॅ. ओम प्रकाश ललित ने 11 हजार रुपए हरियाणा राहत कोष और 51 हजार रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष, आर्य समाज थानेसर के प्रधान धर्मपाल गुप्ता, रत्न सिंह, मान सिंह, डाॅ. ललित संतोष ने 21 हजार रुपए हरियाणा राहत कोष, सचिन गुप्ता ने 11 हजार रुपए का चेक हरियाणा राहत कोष के लिए विधायक को सौंपा।
लॉकडाउन के दौरान जिले में रक्त की कमी न पड़े, इसके लिए छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी के सदस्य निरंतर रक्तदान कर रहे हैं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने ब्लड बैंक सेक्टर 17, एलएनजेपी अस्पताल, शाहाबाद, लाडवा और पिहोवा में पहुंचकर रक्तदान किया।
जिला प्रमुख सौरभ त्रिखा ने बताया कि संगठन द्वारा निर्धारित दिनों में कार्यकर्ता ब्लड बैंक में पहुंचते हैं और रक्तदान करते हैं।
सेक्टर-17 में स्थापित ब्लड बैंक में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। रक्तदान के साथ-साथ एबीवीपी कार्यकर्ता जरुरतमंद बच्चों तक स्टेशनरी का सामान भी पहुंचा रहे हैं। केयू संयोजक हिमांशु ठाकुर ने कहा कि इस समय कुरुक्षेत्र में स्थित ब्लड बैंक ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं। इसी को देखते हुए कार्यकर्ता रक्तदान कर रहे हैं। नगर मंत्री पवन कौशिक ने कहा कि रक्तदान करने का कार्य आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। इस अवसर पर विभाग प्रमुख सुभाष कलसाना, नगर मंत्री पवन कौशिक, गौरव, गौरव सैनी, संजीव और सुमित मौजूद रहे।
स्थानीय जींद रोड पर बना रेलवे अंडर पास में अब बरसाती पानी जमा होने की समस्या नहीं रहेगी। इस समस्या के हल के लिए रेलवे विभाग अब अ अंडर पास के खुले हिस्से पर टीन की छत बनाएगा। जिसके बाद यहां बरसाती पानी नहीं आ सकेगा। यह काम आज से आरंभ किया गया है। करीब एक माह में यह काम पूरा होगा। यहां पर छत बनवाने की मांग को लेकर रेल यात्री कल्याण समिति करीब चार साल से संघर्ष कर रही थी।
इस मुददे को प्रशासनिक स्तर से लेकर रेलवे विभाग के उच्चाधिकारियों के समक्ष भी उठाया गया था। जिसका आज परिणाम मिला है। रेल यात्री कल्याण समिति के उपप्रधान लाजपत राय सिंगला ने बताया कि अंडर पास पर छत बनना सुखद है। इससे वाहन चालकों सहित प्रत्येक व्यक्ति को यहां से आने-जाने में अब परेशानी का सामना नहीं करना होगा। उन्होंने इस समय स्थिति यह है कि थोड़ी सी बरसात होते ही अंडर पास होते ही यहां पर पानी भर जाता था। जिस कारण यहां से आने-जाने वाले राहगीरों को परेशानी होती थी। वहीं पानी कई-कई दिनों तक खड़ा रहता था। जिससे अंडर पास की सडक़ पूरी तरह से टूटी चुकी है। गडढों के कारण वाहन चालक गिर कर चोटिल हो रहे हैं। दो दिन पहले आई बरसात का पानी भी यहां अभी तक जमा है। छत का निर्माण करने के लिए पहुंचे मोहित ने बताया कि एक माह के समय में यहां काम पूरा कर दिया जाएगा। रेलवे विभाग की ओर से यहां काम करवाया जा रहा है, ताकि अंडर पास में पानी न भरे। इस अवसर पर चेयरमैन सतपाल गुप्ता, करमचंद जिंदल, बलवंत जाटान, अश्वनी हृतवाल, डॉ. संजय, सुरेंद्र अरोड़ा भी उपस्थित रहे।
शाहाबाद शुगर मिल बंद होने के बाद से किसानों के समक्ष परेशानी खड़ी है। गन्ना उत्पादक किसान कैथल मिल जाने को तैयार नहीं हैं। जबकि भादसों की मिल बंद हो चुकी है। भादसों मिल बंद होने के बाद ही शाहाबाद के गन्ना उत्पादकों को कैथल मिल में गन्ना डालने के निर्देश थे। लेकिन किसान इस पर राजी नहीं हुए। अब शाहाबाद शुगर मिल के गन्ना किसान यमुनानगर मिल में गन्ना डालेंगे। इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व विधायक ने भी बातचीत की।
बता दें कि शाहाबाद शुगर मिल के कैमिस्ट के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मिल को बंद किया गया है। पहले मिल तीन दिन बंद की थी। लेकिन बाद में मिल के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को घरों में क्वारेंटाइन कर दिया गया जिसके चलते मिल पर भी संकट खड़ा हो गया। ऐसे में मिल को बंद करने का फैसला लिया गया। अभी शाहाबाद मिल के तहत करीब छह क्विंटल गन्ना बाकी खड़ा है। इसके बाद किसानों को भादसों व यमुनानगर मिल में गन्ना डालने के लिए कहा गया। कुछ दिन पहले भादसों मिल भी बंद हो गई।
विधायक ने किया मिल का दौरा : विधायक रामकरण काला ने बताया कि शाहबाद क्षेत्र के किसानों का गन्ना यमुनानगर शुगर मिल में डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने यमुनानगर शुगर मिल का दौरा किया। किसानों के गन्ना डालने की समस्या का समाधान करने के लिए शुगर मिल के अधिकारियों से बात की। बताया कि इस समस्या का समाधान हो गया है। शाहबाद क्षेत्र के किसानों का गन्ना यमुनानगर शुगर मिल में डाला जाएगा।
ट्राॅली पर लगाना होगा कोड : विधायक ने बताया कि मिल से किसानों के मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं। शुगर मिल की तरफ से मैसेज में जो कोड आएगा, किसानों को वह कोड अपनी गन्ने की भरी हुई ट्राॅली के दोनों तरफ लगाना होगा। उन्होंने यमुनानगर शुगर मिल के जीएम धर्मपाल सिंह से चर्चा की। विधायक ने बताया कि किसानों के गन्ने की एक-एक पोरी खरीदी जाएगी। उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार द्वारा लागू किए लॉकडाउन के चलते इस बार मंडियों में जिस प्रकार गेहूं की खरीद देरी से शुरू हुई थी उसी प्रकार सीजन और लंबा चलेगा। जिला की मंडियों में पिछले वर्ष 2019 में सात मई तक जिला की मंडियों में 7 लाख 29 हजार 397 एमटी की आवक हुई थी, वहीं इस बार इस तिथि तक कुल 5 लाख 69 हजार 914 एमटी गेहूं की आवक हो पाई है। जबकि गेहूं आवक में इस बार पिछले रिकॉर्ड ताेड़ने का अनुमान कृषि विशेषज्ञों द्वारा लगाया जा रहा है। मंडियों में आवक अधिक है लेकिन उठान बहुत कम है। फिलहाल मंडियों से 3 लाख 25 हजार 960 एमटी गेहूं की लिफ्टिंग एजेंसियों द्वारा कराई गई है। आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान जोगध्यान गोयल का कहना है कि अभी सीजन और चलेगा।
खरीद में अब हैफेड ने फूड सप्लाई को पछाड़ा : जिला की मंडियों में गेहूं खरीद मामले में अब हैफेड ने फूड सप्लाई एजेंसी को पछाड़ दिया है। डीसी सुजान सिंह ने बताया कि गेहूं की कुल खरीद में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 2 लाख 9 हजार 939 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 2 लाख 24 हजार 613 मीट्रिक टन, एफसीआई द्वारा 73 हजार 730 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयर हाउस द्वारा 61 हजार 632 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद गई है।
किस एजेंसी ने कहां से कितनी की खरीद : कैथल मंडी में कुल 96 हजार 630 मीट्रिक टन आवक में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 26 हजार 813 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 38 हजार 40 मीट्रिक टन, एफसीआई द्वारा 11 हजार 695 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयरहाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा 20 हजार 82 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। चीका मंडी में कुल 87 हजार 55 मीट्रिक टन आवक में से खाद्य एंव आपूर्ति विभाग द्वारा 49 हजार 5 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 38 हजार 50 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। कलायत मंडी में कुल 56 हजार 762 मीट्रिक टन गेहूं आवक में से खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 13 हजार 98 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 16 हजार 941 मीट्रिक टन, एफसीआई द्वारा 17 हजार 982 मीट्रिक टन तथा हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा 8 हजार 741 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। इसी प्रकार पूंडरी मंडी कुल 48 हजार 784 मीट्रिक टन आवक में से खाद्य एंव आपूर्ति विभाग द्वारा 24 हजार 74 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 20 हजार 202 मीट्रिक टन, एफसीआई द्वारा 4 हजार 452 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा 56 मीट्रिक टन, राजौंद में कुल 17 हजार 626 मीट्रिक टन में से एफसीआई द्वारा 15 हजार 447 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 2 हजार 179 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया।
सीवन मंडी में कुल 15 हजार 362 में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 7 हजार 667 मीट्रिक टन एवं हरियाणा वेयर हाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा 7 हजार 695 मीट्रिक टन, अंगौध में खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा 5 हजार 77 मीट्रिक टन, बाबालदाना में खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा 13 हजार 926 मीट्रिक टन, बड़सिकरी खुर्द में हैफेड द्वारा 10 हजार 334 मीट्रिक टन, बालू में कुल 9 हजार 519 मीट्रिक टन में से खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा 9 हजार 519 मीट्रिक टन एवं हैफेड द्वारा 6 हजार 80 मीट्रिक टन, बरटा में हरियाणा वेयर हाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा 8 हजार 128 मीट्रिक टन, बाउपुर में हैफेड द्वारा 1 हजार 269 मीट्रिक टन, भागल में हैफेड द्वारा 5 हजार 529 मीट्रिक टन, भूसला में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 4 हजार 705 मीट्रिक टन, डीग में हैफेड द्वारा 3 हजार 374 मीट्रिक टन, ढांड में कुल 38 हजार 970 मीट्रिक टन मेें से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 18 हजार 470 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 20 हजार 500 मीट्रिक टन, फ्रांसवाला में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 5 हजार 34 मीट्रिक टन, गोहरां में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 7 हजार 605 मीट्रिक टन, गुहणा में हैफेड द्वारा 2615 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया।
हाबड़ी में एफसीआई द्वारा 8 हजार 634 मीट्रिक टन, जाखौली में हरियाणा वेयरहाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा 7 हजार 611, कैलरम में हैफेड द्वारा 5 हजार 766 मीट्रिक टन, कमहेड़ी में हैफेड द्वारा 380 मीट्रिक टन, कांगथली में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 4 हजार 172 मीट्रिक टन, करोड़ा में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 8 हजार 168 मीट्रिक टन, कौल में हरियाणा वेयरहाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा 1199 मीट्रिक टन, क्योड़क में हैफेड द्वारा 7 हजार 371 मीट्रिक टन, किठाना में हैफेड द्वारा 18 हजार 841 मीट्रिक टन, पाड़ला में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 8 हजार 17 मीट्रिक टन, पाई में हैफेड द्वारा 9 हजार 738 मीट्रिक टन तथा हरियाणा वेयरहाउसिंग कोर्पोरेशन द्वारा 4 हजार 455 मीट्रिक टन, रामथली में हैफेड द्वारा 14 हजार 928 मीट्रिक टन, रसीना में हैफेड द्वारा 6 हजार 524 मीट्रिक टन, सजूमा में हैफेड द्वारा 3 हजार 184 मीट्रिक टन, सांघन में खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा 6 हजार 248 मीट्रिक टन, सेरधा में खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा 4 हजार 421 मीट्रिक टन, सोलूमाजरा में एफसीआई द्वारा 10 हजार 803 मीट्रिक टन, टीक में एफसीआई द्वारा 262 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ब्लॉक गुहला की विरोध दिवस गेट मीटिंग ब्लॉक प्रधान बलजिंदर सीड़ा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मीटिंग का संचालन ब्लॉक सचिव पवन शर्मा ने किया। ब्लॉक प्रधान ने कोरोना वायरस महामारी के दौर में सरकार द्वारा कर्मचारियों पर किए जा रहे कुठाराघात की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बताया कि सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों का डी ए फ्रिज कर देना, टीएलसी बंद करना, नई भर्तियों पर रोक लगाना और कच्चे कर्मचारियों को छंटनी करना गलत है। महामारी के दौर में राज्य का प्रत्येक कर्मचारी आज कोरोना वायरस योद्धा बनकर लड़ रहा है जबकि राज्य सरकार कर्मचारियों का साहस तोड़ रही है।
सरकार द्वारा कर्मचारियों पर नए-नए फरमान लागू किए जा रहे हैं। जब प्रदेश सरकार से संघ के नेताओं की बातचीत हुई तो उन्होंने कोरोना महामारी में आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार को सुझाव दिए थे। जिसमें कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दी जाए। जिससे खाते में जो धन इकट्ठा होगा वह आर्थिक संकट से उबरने के लिए प्रयोग में लाया जा सके प्रदेश में कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारियों के बीच से ठेकेदार को हटाकर विभाग के रोल पर रखा जाए। जिससे ठेकेदार को दिया जाने वाला भारी कमीशन एवं जीएसटी सीधा सरकार के खाते में जाए परंतु मुख्यमंत्री ने इन सुझावों पर कोई विचार नहीं किया।
यूनियन के राज्य कमेटी नेता अभिषेक शर्मा ने बताया की आर्थिक स्थितियों को सुधारने की बजाएं सरकार पूंजी पतियों को लाभ पहुंचाने के विषय पर ज्यादा जोर दे रही है। कोरोना वायरस की आड़ में सरकार बिजली अमेंडमेंट बिल 2020 लेकर आ रही है। जिससे बिजली विभाग को प्राइवेट हाथों में सौंपने का रास्ता बनाया जा रहा है। ब्लॉक सचिव पवन शर्मा ने बताया की पब्लिक हेल्थ में कार्यरत पंचायतों के कर्मचारियों को 6 महीने से मानदेय नहीं दिया गया है। और ठेके पर लगे कर्मचारियों को भी 2 महीनों से वेतन नहीं दिया गया जो महामारी के दौर में सरकार का एक निंदनीय कदम है।
अनाज मंडी पूंडरी के आढ़तियों का समय पर गेहूं के कट्टों का उठान न होने के चलते करोड़ों रुपए की चपत लग सकती है। गेहूं का सीजन लगभग समाप्ति के कगार पर है और मंडी में आवक भी घटकर लगभग 8 हजार क्विंटल की रह गई है, लेकिन मंडी में जितने कट्टे अभी तक आए हैं, उनमें से लगभग आधे अब भी लोडिंग के इंतजार में पड़े हुए है।
मंडी में तीन खरीद एजेंसी हैफेड, डीएफएससी व एफसीआई द्वार गेहूं खरीद की गई। मंडी में गुरुवार तक कुल 7.25 लाख कट्टे आए हैं जिसमें लोडिंग के लिए
अब भी 3.65 लाख कट्टे पड़े हुए हैं जिसमें से हैफेड के 1.90 लाख, डीएफएससी के 1.70 लाख व एफसीआई के मात्र 5 हजार कट्टे लोडिंग के लिए पड़े हुए है। जो आढ़तियों के लिए भी सिरदर्द
बने हुए हैं। मंडी आढ़ती सुरजा सिंह, नरेश कुमार, भूषण, सुभाष चंद, राजेश कुमार व कृष्ण कुमार ने बताया कि समय पर लोडिंग न होने की वजह से अब अचानक बारिश होने पर गेहूं के कट्टे पानी में भीग गए।
इसके चलते आढ़तियों को पहले तो गेहूं डैमेज होने से बचाने के लिए उनकी पल्लेदारों को 1.50 रुपया प्रति कट्टा देकर डांग लगवानी पड़ी। दस दिनों तक कट्टे न उठने की वजह से गेहूं सूख गई और अब घटती आ रही है, कई जगह पानी भर जाने से जो कट्टे पानी में खड़े रहे, उनमें गेहूं डैमेज हो चुकी है जिसकी भरपाई अब खरीद एजेंसियां आढ़ती से कर रही हैं। अब जब खरीद एजेंसियों द्वारा गेहूं का उठान करवाया जाता है तो आढ़ती द्वारा लोड किए गए कट्टों को गोदामों में उतरवाने की बजाए अधिकारियों द्वारा उनमें नमी, डैमेज या अन्य बहाना बनाकर वापस भेज दिया जाता है जिससे आढ़ती को ट्रक के किराए से लेकर, लोडिंग की मजदूरी तक वहन करनी पड़ रही है। आढ़तियों का कहना है कि ऐसे में किसान गेहूं बेचकर चला गया, एजेंसी द्वारा खरीद कि गई समय पर एजेंसी नहीं उठाती है तो गेहूं के खराब होने की स्थिति में उसकी भरपाई आढ़ती से की जा रही है जबकि सरकार गेहूं की पेमेंट व लोडिंग 72 घंटे के अंदर-अंदर करवाने की दावे करती है। हकीकत ये है कि 20 अप्रैल को गेहूं की खरीद शुरू की गई थी और अभी तक 25 अप्रैल तक की खरीद की ही पेमेंट दी गई है। समय पर पेमेंट और लोडिंग न होने का खमियाजा भी आढ़तियों को भुगतना पड़ रहा है।
भास्कर न्यूज | पूंडरी
पूंडरी की चीमा काॅलोनी में झुग्गी डाले पड़े लगभग 35 परिवारों तक 3 मई से कोई भी सरकारी मदद व भोजन नहीं पहुंच रही है। सरकार व प्रशासन जरूरतमंदों तक राशन व भोजन पहुंचाने के दावे भी खोखले साबित हो रहे है।
सरकार द्वारा जबकि नगरपालिका के माध्यम से जरूरतमंदों के लिए राशन पहुंचाया जा रहा है, लेकिन सवाल ये उठता है कि पात्र लोगों तक राशन न पहुंचकर आखिर ये राशन जा कहां रहा है। इस प्रकार की समस्याएं लॉकडाउन के दौरान पहले भी सामने आ चुकी है। अधिकारियों से पूछा जाता है तो वो रिकार्ड बनाने से लेकर भरपूर राशन पहुंचाने का दावा करते है। हकीकत जाने के लिए पात्र परिवारों से संपर्क किया जाता है तो उनके पास राशन के नाम पर कुछ होता ही नहीं है। ये सब जांच का विषय है। लॉकडाउन के चलते काम धंधा छोड़े झोपड़ियाें में उतराखंड व पहले से बैठे मुस्लिम, सिकलिगर व मदारी का काम करने वाले परिवार जब से लॉक डाउन हुआ है तब से लेकर अब तक प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं के सहारे अपना जीवन निर्वाह कर रहे है।
लॉक होने से लेकर अब तक इनके पास सुखा राशन व संस्थाओं द्वारा बनाए जाने वाला भोजन दो टाइम पहुंचता रहा है, लेकिन अब जब से तीसरे चरण का लॉक डाउन शुरू हुआ है तब से उनकी किसी ने भी सुध नही ली है।
परिवार सदस्या दर्शना देवी, बबली, सपना, मंजू, जीतो, परमजीत, बादल, किरण, काजल, नसीबो, रीमा, मनजीत, अबदूल व काली ने बताया कि वे मांगकर, तमाशा आदि दिखाकर अपना जीवन यापन कर लेते थे, लेकिन अब सब कुछ बंद हो गया है। लॉक डाउन के चलते वे ग्रामीण क्षेत्रों में मांग भी नहीं सकते है। ऐसे में उनके सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें या तो उनके राज्य पहुंचाने का प्रबंध किया जाये या फिर उन्हें भोजन उपलब्ध करवाया जाए।