लॉकडाउन शुरु होने के साथ ही जिले में कई जगह शेल्टर होम बनाए गए। जहां कई प्रवासियों को ठहराया गया है। वहीं विभिन्न साइट पर भी कई श्रमिक फंसे हुए हैं। अब इन सभी को उनके राज्यों में भेजा जा रहा है। जहां शेल्टर होम से साढ़े 300 से ज्यादा लोगों को कुछ दिन पहले यूपी भेजा गया था। वहीं अब जिले से 476 श्रमिकों को उनके घर भेज दिया गया है।
एसडीएम अश्वीन मलिक ने कहा कि कृषि क्षेेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को नियमानुसार पुलिस लाइन बुलाया गया। पुलिस लाइन से हरियाणा रोडवेज की बसों से इन श्रमिकों को रवाना किया गया। इससे पहले डीसी धीरेंद्र खड़गटा के आदेशानुसार शुक्रवार को सुबह 4 बजे हरियाणा रोडवेज की बसें और संबंधित अधिकारी पुलिस लाइन पहुंच गए थे। यहां पर श्रमिकों के लिए व्यवस्थाएं की गई । उन्होंने बताया कि 280 श्रमिकों को रोहतक रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया गया। यह श्रमिक रोहतक से विशेष ट्रेन के माध्यम से अररिया पहुंचेंगे और 196 श्रमिकों को बसों के माध्यम से अम्बाला रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया। यह श्रमिक अम्बाला से भागलपुर जाने वाली विशेष ट्रेन पश्चिमी चम्पारण में जाएंगे। इन श्रमिकों के लिए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई है।
हरियाणा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में शुक्रवार को फिर इजाफा हो गया। 22 नए मरीजों के साथ आंकड़ा 647 पहुंच गया है। शुक्रवार को गुड़गांव में 9, फरीदाबाद में 4, जींद में 3, फतेहाबाद और सोनीपत में 2-2, झज्जर व पानीपत में 1-1 मरीज मिला है। वहीं ठीक होने वालों की संख्या में 14 का इजाफा हुआ। अब कुल आंकड़ा 279 पहुंच गया है। फरीदाबाद से 11, नूंह में 4, सोनीपत से 3 और पानीपत से 1 मरीज को छुट्टी मिली। इसके बाद अब रिकवरी रेट 43.12 प्रतिशत आ गया है। करनाल जिला प्रशासन ने मिठाई, बेकरी और रेस्टोरेंट को सुबह 8 बजे से 2 बजे तक खोलने की छूट दे दी है। हालांकि सुबह 8 बजे से 9 बजे तक वे होम डिलिवरी कर सकेंगे।
गुड़गांव की अलग-अलग कॉलोनियों से मिल रहे मरीज
गुड़गांव में मई महीने में बढ़ी कोरोना वायरस के पेशंट की रफ्तार थम नहीं रही है। शुक्रवार को यहां कुल केस की संख्या बढ़कर 126 तक पहुंच गई है। हालांकि यहां पर अब तक 51 पेशंट ठीक हो चुके हैं, जबकि 75 पेशंट का ईलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। मई महीने में गुड़गांव में शहर की अलग-अलग कालोनियों में कोरोना वायरस के पेशंट बढ़ गए हैं। पिछले आठ दिन में गुड़गांव में 69 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। जबकि शुक्रवार को गुड़गांव में आठ केस पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें खांडसा मंडी से एक जबकि राजीव नगर, एम3एम शाइन वुड सोसायटी, चार मरला, मोहित हॉस्पिटल और सरहौल गांव से कुल सात केस पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं पिछले तीन दिन में पॉजिटिव केस जिन क्षेत्रों से मिले हैं, इन क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
मृतक अज्ञात वृद्ध की रिपोर्ट नगेटिव आई
पानीपत के सेठी चौक के पास से थाना किला पुलिस ने करीब 70 साल के अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया था। पुलिस ने कोरोना संबंधी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भिजवाया था, गुरुवार देर रात सैंपल लिए गए थे। उसकी रिपोर्ट अब निगेटिव आई है।
दुकानदारों ने बाजार बंद रखने की घोषणा की
पानीपत में प्रशासन ने बाजार में एक दिन राइट और अगले दिन लेफ्ट साइड के बाजार खोलने की अनुमति मंगलवार को दी थी, वहीं बुधवार से बाजार खुलने शुरू हो गए थे, इधर, पानीपत में कोरोना से दो लोगों की मौत व कोरोना के 29 रनिंग केस होने के चलते नागरिकों में दहशत का माहौल है और हालात को ध्यान में रख कर पानीपत के अधिकतर बाजारों की एसोसिएशनों के प्रधानों ने अपनी कार्यकारिणी के साथ विचार विमर्श करने के बाद बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है। इससे पहले टेक्सटाइल बाजारों की एसोसिएशनों ने 17 मई तक लॉक डाउन की पालना करने की घोषणा पहले ही कर रखी है। इधर, विधायक प्रमोद विज ने जनहित में लिए गए दुकानदारों के निर्णय का स्वागत किया है।
फरीदाबाद में कोरोना से मरने वाले सिक्युरिटी गार्ड के संपर्क में आई रिसेप्शनिस्ट संक्रमित
हरियाणा में 647 पहुंचा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा
करनाल के इंद्री एरिया की ब्याना पुलिस चौकी के इंचार्ज एएसआई राजेंद्र सिंह और हैड कांस्टेबल सुखचैन सिंह को एक किसान से रिश्वत लेने के आरोप में एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है । इसकी मामले की जांच इंद्री के डीएसपी को दी गई है । डीएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी । वीडियो में चौकी इंचार्ज पैसे लेते हुए साफ दिखाई दे रहा है और हैड कांस्टेबल की पैसे लेने की आवाज क्लीयर है । पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पूरे महकमें में हड़कंप मच गया ।
कलसौरा गांव के किसान संदीप, कर्मबीर, दिनेश ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर कोर्ट की तरफ से स्टे है । पुलिस को स्टे की ऑर्डर कॉपी दे दी गई। इसके बावजूद दूसरे पक्ष के लोगों ने गेहूं काट ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन आरोपियों को पकड़ लिया। आरोप है कि पुलिस ने फसल काटने वाले आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और मामला दबा दिया।
पीड़ित पक्ष ने कार्रवाई करने के लिए दो बार चौकी इंचार्ज को 10-10 हजार रुपये दिए। इसके अलावा हैड कांस्टेबल को भी दो हजार रुपए दिए हैं। इनकी वीडियो भी बनाते गए। पुलिसकर्मी वीडियो में रिश्वत लेते नजर आ रहे हैं। प्राथमिक दृष्टि से साफ नजर आ रहा है कि पुलिस सरेआम रिश्वत का पैसा ले रही है। पीडि़तों की मांग है कि जिन्होंने उनकी फसल को काटा है उन पर भी कार्रवाई हो और जिन पुलिस कर्मचारियों ने पैसे लेकर भी कार्रवाई नहीं की, उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए ।
इस पर कार्रवाई करते हुए करनाल एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने ब्याना पुलिस चौकी के इंचार्ज एएसआई राजेंद्र सिंह और हैड कांस्टेबल सुखचैन सिंह को सस्पेंड करके कार्रवाई शुरू कर दी है । इंद्री डीएसपी मामले की जांच करके रिपोर्ट सौपेंगे।
सोनीपत के खरखौदा बाईपास पर शराब गोदाम में से 5500 पेटी शराब गायब हो जाने के मामले में गृह विभाग द्वारा गठित एसआईटी में गतिविधियां शुरू हो गई है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एसआईटी के लिए तीन अधिकारियों के नाम का चयन करके सीएम मनोहर लाल खट्टर के पास भेज दिया है। अब वहां से एक आईएएस का नाम तय होते ही इस मामले की जांच शुरू हो जाएगी। इन आईएएस मेंअशोक खेमका, संजीव कौशल और टीसी गुप्ता कानाम शामिल है।
गृहमंत्री अनिल विज बताया कि पुलिस के गोदाम से 5500 पेटी शराब चोरी हुई है। जिसकी एफआईआर दर्ज हो चुकी है। पुलिस की तरफ से एडीजीपी सुभाष यादव, आबकारी एवं कराधान विभाग की तरफ से अतिरिक्त आयुक्त विजय सिंह को एसआईटी सदस्य के रूप में फाइनल किया गया है। उन्होंने आईएएस अशोक खेमका, संजीव कोशल वटीसी गुप्ता का नाम भेजा है। एक नाम तय होते ही जांच शुरू हो जाएगी।लॉकडाउन के दौरान सोनीपत के खरखौदा में बने गोदाम से करोड़ों रुपये की शराब गायब हुई थी। पुलिस ने यह गोदाम उस आदमी के घर में बना रखा था, जिस पर पहले से शराब तस्करी के मामले दर्ज हैं। गृहमंत्री अनिल विज ने सोनीपत के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों की भी जांच करवाने की बात कही है। क्योंकि सोनीपत के अलावा फतेहाबाद में भी शराब कम मिली है।
बड़े लोगों की मिली भगत हो सकती है
सूत्र ये भी बता रहे हैं कि गृह विभाग की ओर से गठित की जाने वाली एसआईटी को जांच में पूरी छूट दे दी गई है। चाहे कोई कितना भी बड़ा प्रभावी व्यक्ति हो, यदि संदेह है, तो उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा, क्योंकि संभावना जताई जा रही है कि इतना बड़ा मामला किसी बड़े अधिकारी या प्रभावशाली की मिलीभगत से हो सकता है। गोदामों में दूसरे राज्यों में बनी शराब भी रखी हुई थी। ऐसे ब्रांड की शराब मिली है, जो हरियाणा में बनती नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन गोदामों से शराब की तस्करी दूसरी जगह होती थी। गोदामों को ट्रांजिट सेंटर बनाया गया। गृहमंत्री विज ने माना कि पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
हरियाणा में लॉकडाउन फेज-3 का 5वां दिन है। लॉकडाउन में ढील के बाद प्रदेश में कामकाज धीरे-धीरे शुरू होने लगा है। पूरी तरह काम पटरी पर लौटने में टाइम लगेगा। एक अच्छी खबर ये है कि गुड़गांव में मारुति के बाद अब दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटर कॉर्प ने वाहनों का निर्माण शुरू कर दिया है। इसी के साथ गुड़गांव और आसपास के क्षेत्रों में करीब 800 से अधिक औद्यौगिक संस्थानों ने लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए काम शुरू कर दिया है। वहीं, मारुति कंपनी ने अपने कर्मचारियों को काम पर वापस लौटने को कहा है। इधर, कोरोना के भय से अधिकांश कर्मचारी अपने घरों को वापस लौट चुके हैं। मजदूर भी घरों से बाहर निकलने को राजी नहीं हैं।
हरियाणा में मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 626
हरियाणा के 21 वीं जिले में कोरोना ने दस्तक दे दी है। गुरुवार को महेंद्रगढ़ के नारनौल में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के दो जवानों में कोरोना की पुष्टि हुई। ये जवान दिल्ली से एक सप्ताह की छुट्टी के बाद यहां आए थे। इनमें से एक राजस्थान का रहने वाला है। स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें क्वारैंटाइन कर दिया है। वहीं प्रदेश में कुल मरीजों का आंकड़ा 600 पार करते हुए 626 पहुंच गया है। गुरुवार को 31 नए मरीज आए। पानीपत में कोरोना से दूसरी जबकि प्रदेश में 9वीं मौत हुई।
पानीपत के झट्टीपुर गांव का रहने वाला है मृतक, टीबी और खांसी भी थी
पानीपत में कोरोना की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 2 पहुंच गया है। समालखा के झट्टीपुर के 28 साल के युवक की 6 मई को मौत हो गई थी। गुरुवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिवआई। बिहार के सिवान का रहने वाले इस युवक को टीबी था। कोरोना से यह दूसरी मौत है। मंगलवार को दीनानाथ कॉलोनी में 24 साल की युवक की मौत हो गई थी। उसकी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव निकली थी।
हरियाणा में मौत का आंकड़ा 9 पहुंचा
हरियाणा में अब तक संक्रमण से कुल 9 लोगों की मौत हो चुकी है। पहली मौत 2 अप्रैल को अम्बाला के 67 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। इन्होंने चंडीगढ़ पीजीआई में दम तोड़ा था। इसके बाद दूसरी मौत 3 अप्रैल को हुई थी जब रोहतक की कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिल्ली में दम तोड़ा था। तीसरी मौत 5 अप्रैल को करनाल के बुजुर्ग की हुई थी। उनकी मौत चंडीगढ़ पीजीआई में हुई थी। चौथी मौत 28 अप्रैल को फरीदाबाद में हुई थी। यहां 68 वर्षीय बुजुर्ग ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पांचवीं मौत 2 मई को हुई। जब 63 वर्षीय कोरोना पीड़ित एक महिला ने चंडीगढ़ पीजीआई में दम तोड़ दिया था। छठी मौत 3 मई रात को रोहतक पीजीआई में हुई। यहां गुरुग्राम के सेक्टर-18 के रहने वाले 45 वर्षीय व्यक्ति की रोहतक पीजीआई में दम तोड़ा। 7वीं मौत 4 मई को फरीदाबाद में हुई थी। 8वीं मौत भी 4 मई को पानीपत में एक युवक की हुई थी लेकिन उसकी कोरोना होने की पुष्टि 6 मई को हुई। 9वीं मौत 6 मई को पानीपत के झट्टीपुर गांव में एक 28 वर्षीय युवक की हुई, जिसे टीबी, खांसी और बुखार भी था। उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
हरियाणा में 633 पहुंचा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा
सिरसा जिले के मोचीवाली गांव में 6 मई की रात को एक घर में हुई लाखों रुपये के सोने की चोरी के मामले को डिंग थाना पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में आरोपी उसी का बेटा निकला है, जिसके घर में चोरी हुई थी। दरअसल उसने नशे की लत में घर में रखे 1 सोने के बिस्किट समते 530 ग्राम सोना चोरी कर लिया औरएक सुनार व अपने दोस्त को बेच दिया। थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी युवक रविकांत पुत्र घनश्याम उसके दोस्त इंद्रपाल पुत्र ओमप्रकाश निवासी डिंग मंडी व मोचीवाली निवासी सुनार मोहनलाल पुत्र किशोरी लाल को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर लाखों रूपये का 393 ग्राम सोना बरामद कर लिया है ।
थाना प्रभारी ने बताया कि प्रांरभिक पूछताछ में पता चला है कि पकड़ा गया युवक रविकांत नशे का आदी है और नशे की पूर्ति के लिए ही उसने अपने पिता घनश्याम के घर से उक्त वारदात को अंजाम दिया था। थाना प्रभारी ने बताया कि इस संबंध में घनश्याम की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।
जांच के दौरान महत्तवपूर्ण सुराग जुटाते हुए घटना को चन्द घंटो में सुलझा लिया। उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार कर लाखों रूपये का सोना बरामद किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है जो भी इस मामले में संलिप्त पाया गया उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
हिसार के गांव बिठमड़ा में अनुसूचित जाति से संबंधित महिला के निधन होने पर उनके परिवार ने 300 वर्ष पुरानी परंपरा तोड़ते हुए पार्थिव शरीर का हिंदू पद्धति से दाह संस्कार किया। यह परिवार मुस्लिम डूम समुदाय से है। उनके संस्कार करने पर सोशल मीडिया पर धर्म परिवर्तन की अफवाहें फैल गई। जिसका परिवार ने खंडन किया।
गांव के लोगों ने अंतिम संस्कार पद्धति का स्वागत किया
बिठमड़ा गांव के 30 परिवार मुस्लिम डूम बिरादरी के हैं। अब तक इस परिवार में मृतकों को कब्रिस्तान में दफनाया जाता था, लेकिन फूली देवी की मृत्यु के बाद मौजूदा हालात को देखते हुए परिवार ने अंतिम संस्कार पर सहमति बनाई। गांव के लोगों ने भी डूम परिवार द्वारा मृतक की अंतिम संस्कार की पद्धति में परिवर्तन करने का स्वागत किया है।
मृतका के पुत्र प्रकाश ने कहा, 'गांव में 30 परिवार डूम बिरादरी के हैं। हमारे बुजुर्ग पुराने समय से मृतकों का दफनाने की प्रक्रिया से अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। यह सही है कि औरंगजेब काल में हमारे पूर्वजों नेहिन्दू से मुस्लिम धर्म अपनाया था।लेकिन,आजादी के बाद से ही हमारा भाईचारा हिंदुओं से है, हमारे समाज में हिंदू पद्धति (गंधर्व विवाह) से बच्चों का विवाह होता है।'
उन्होंने कहा,'हम निकाह नहीं करते और नही खतना करते हैं, सिर्फ अंतिम संस्कार की पद्धति दफनाने की थी, इसलिए ग्रामीण हमें मुस्लिम समझते थे। परंतु 18 अप्रैल को हमारे परिवार में जींद जिले के दनौदा गांव में एक मौत हुईथी। वहां भी अंतिम संस्कार अग्नि प्रक्रिया से किया गया था। हमारी मां को भी हमने कब्रिस्तान में दफनाने की बजाय स्वर्ग आश्रम में अग्नि प्रथा से संस्कार कर परंपरा बदलने का काम किया है।
रेवाड़ी के सेक्टर-18 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर ने बुधवार की रात को संदिग्ध हालात में अपने घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पति भी प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। खोल थाना पुलिस ने घटना के संबंध में मृतका के पिता की शिकायत पर उनके पति सहित चार लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज किया है।
पति चार-पांच दिन से गुड़गांव में ही थे
डहीना चौकी प्रभारी एसआई बीरेंद्र सिंह ने मृतका माया देवी के पति भी गुड़गांव में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। लॉकडाउन के कारण वे भी पिछले चार-पांच दिनों से घर नहीं आए थे। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। पिता ने आरोप लगाए हैं, जिसके आधार पर दहेज हत्या का केस दर्ज किया गया है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह से फांसी आई है। परिवार के सदस्यों ने भी किसी तरह के झगड़े से इंकार किया है।
भिवानी के कैरू गांव की थी, वर्ष 2011 में हुई थी शादी
खोल थाना पुलिस ने बताया कि गांव मूंदी निवासी एवं गुड़गांव कॉलेज में बतौर प्रोफेसर कार्यरत संदीप की पत्नी एवं असिस्टेंट प्रोफेसर माया देवी ने बुधवार रात को अपने घर में ही फांसी लगा ली। सुबह परिजन उठे तो छत पर बने कमरे में उन्हें फांसी के फंदे पर लटके पाया। मामले की जानकारी उनके पति के साथ पीहर पक्ष को दी। सूचना मिलने के बाद जिला भिवानी के गांव कैरू निवासी डूंगरसिंह अपने परिजनों के साथ मूंदी पहुंच गए। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवा दिया।
टिकटॉक पर वीडियो बनाकर शेयर करने वाली 14 वर्षीय लड़की ने घर में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। हालांकि वजह अभी तक सामने नहीं आई लेकिन परिजन दबी जुबान में ये कह रहे थे कि बेटी नया मोबाइल दिलाने के लिए कह रही थी। पुलिस एफआईआर में इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया गया। हादसे के वक्त माता-पिता घर पर नहीं थे, वे दोनों डॉक्टर के पास गए हुए थे। वापिस लौटे तो बच्ची फंदे से लटकी मिली। मृतका माता-पिता की इकलौती संतान थी।
विष्णुनगर निवासी वीरेंद्र एक स्क्रैप कारोबारी के पास पास काम करता है। गुरुवार दोपहर बाद उसकी पत्नी को पेट दर्द की शिकायत हुई। इस पर वह उसे दवाई दिलाने के लिए मार्केट लेकर गया। इस दौरान घर पर बेटी अकेली थी। शाम को जब वे वापस लौटे, तो उन्होंने देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। वीरेंद्र ने जब खिड़की से झांककर देखा, तो उनकी बेटी फंदे से लटकी हुई थी।
यह देखते ही परिजनों में हड़कंप मच गया। शोर शराबा सुनकर पड़ोसी पहुंचे। वीरेंद्र ने पड़ोसियों की मदद से खिड़की तोड़ी और अंदर पहुंचा। इसके बाद दरवाजा खोला गया। उसने बेटी को फंदे से नीचे उतारा। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वीरेंद्र का कहना है कि पता नहीं बेटी ने ऐसा क्यों किया। वह पढ़ाई में भी होशियार थी। वे भी उससे बहुत प्यार करते थे। जब वह घर से गए, तब कोई ऐसी बात नहीं थी।
बच्ची के सुसाइड की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलने पर फर्कपुर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद हुआ। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है।
सरकारी नौकरी में खुद की सुरक्षा पर खतरा बताकर इस्तीफा देने वाली आईएएस रानी नागर का इस्तीफा सरकार ने नामंजूर कर दिया है। नागर का काडर भी हरियाणा से उनके गृह राज्य करने की सिफारिश भी केंद्र से कर दी है। इसकी सूचना केंद्रीय राज्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है। उन्होंने इसे लेकर दो ट्वीट किए। जिन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी रिट्वीट किया है। केंद्रीय मंत्री ने पहले ट्वीट में लिखा-मैं एक खुशी का समाचार सांझा कर रहा हूं कि हरियाणा काडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफा सीएम ने नामंजूर कर दिया है। इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।
केंद्र से काडर बदलने के लिए सिफारिश की
अपने दूसरे ट्वीट में कंवरपाल गुर्जर ने जानकारी दी कि रानी नागर का आईएएस काडर हरियाणा से उनके गृह राज्य में बदलने की भी सिफारिश केंद्र सरकार से की है। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि हमने पहले भी आश्वस्त किया था कि हरियाणा सरकार बेटियों के हितों के लिए संवेदनशील है और रानी नागर के हितों पर किसी किस्म की आंच नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए हरियाणा सरकार में शीर्ष स्तर से लगातार बातचीत की जा रही थी।
हरियाणा के 21वीं जिले में कोरोना ने दस्तक दे दी है। महेंद्रगढ़ के नारनौल में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के दो जवानों में कोरोना की पुष्टि हुई है। ये जवान दिल्ली से एक सप्ताह की छुट्टी के बाद यहां आए थे। इनमें से एक राजस्थान का रहने वाला है। स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें क्वारैंटाइन कर दिया है। वहीं प्रदेश में कुल मरीजों का आंकड़ा 600 पार करते हुए 626 पहुंच गयाहै। गुरुवार को 31 नए मरीज आए। इनमें सबसे ज्यादा गुड़गांव में 13, फरीदाबाद में 6, सोनीपत, झज्जर और जींद में 3-3, महेंद्रगढ़ में 2 और पानीपत में 1 नया मरीज आया है। हरियाणा में अब कुल 358 एक्टिव मरीज हैं। वहीं रिकवरी रेट गिरकर 41.60 प्रतिशत पर आ गया है। हरियाणा में गुरुवार को एक भी मरीज को अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली।
दिल्ली से कोरोना टेस्ट करवाकर नारनौल में हुए थे क्वारैंटाइन
बढ़ते मरीजों के कारण गुरुग्राम जिला प्रशासन ने 6 निजी अस्पतालों का अधिग्रहण किया
हरियाणा में 626 पहुंचा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा
कोरोनावायरस अब हरियाणा के 21वें जिले महेंद्रगढ़ में भी पहुंच गया है। यहां दो मरीज मिले हैं। अब सिर्फ रेवाड़ी ही एक मात्र जिला बचा है, जहां कोरोना का कोई केस नहीं है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 30 नए केस मिलने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 629 पर पहुंच गई है। साथ ही काेरोना से पानीपत में एक युवक की मौत हो गई है। समालखा के झट्टीपुर के 28 साल के युवक की बुधवार 6 मई को मौत हो गई थी। वह टीबी से भी ग्रसित था। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली।
पानीपत में कोरोना से यह लगातार दूसरी मौत है। मंगलवार को शहर की दीनानाथ कॉलोनी में 24 साल की युवक की मौत हो गई थी। नए केसों में गुड़गांव में सबसे ज्यादा 13 नए मरीज मिलने से यहां आंकड़ा 117 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद में छह, सोनीपत और झज्जर में तीन-तीन, पानीपत में दो और फतेहाबाद में एक केस मिला है। जबकि गुरुवार को कोई भी मरीज ठीक नहीं हुआ है। राज्य में नौ मौतों के बाद 360 मरीजों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अब तक 260 मरीज ठीक हुए हैं। इधर, चरखी दादरी, कुरुक्षेत्र, कैथल और भिवानी में कोरोना का अब कोई केस नहीं है। यहां मिले मरीज ठीक हो चुके हैं।
3271 की रिपोर्ट निगेटिव
राज्य में पिछले 24 घंटे में 3271 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 3216 नए संदिग्ध मरीज मिले भी हैं, जिनके सैंपल लिए गए हैं। इसके अलावा 396 लोगों का सर्विलांस का समय पूरा हो गया है। जबकि 31 नए सर्विलांस पर आए हैं।
जानिए... आज तक की स्थिति
रिकवरी रेट 41.60 फीसदी
(महबूब अली)विनोद नगर में रहने वाले बाइक मैकेनिक सफी मोहम्मद का परिवार आपसी साैहार्द की अनूठी मिसाल कायम कर रहा है। सफी और उनका परिवार रमजान में राेजे रखने और पांचों वक्त की नमाज अदा करने के साथ-साथ पड़ोस के शिव मंदिर निर्माण करवाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
सफी के परिवार के सदस्य न सिर्फ पुजारी के साथ आरती कराने, बल्कि पूजा करने में भी आगे रहता है। इनकी आस्था काे देखते हुए उन्हें मंदिर समिति का कोषाध्यक्ष भी बनाया गया है। परिवार के सदस्य मंदिर की साफ-सफाई में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
शिव मंदिर सेवा समिति विनोद नगर के प्रधान श्याम सुंदर सैनी ने बताया कि सफी वाकई सामाजिक एकता की अनूठी मिसाल कायम कर रहे हैं। सफी के अलावा उसका बेटा इमराज, बेटी आशमा, पत्नी रितू मंदिर की साफ-सफाई के अलावा पूजा करने में आगे रहते हैं। हालांकि लाॅकडाउन के कारण सुबह और शाम हाेने वाली आरती में ही पुजारी रामू के साथ इमरान, आशमा शामिल हाे पाते हैं। यहीं नहीं यदि पुजारी नहीं हाेते हैं ताे इमरान और उसकी बहन आशमा खुद ही सुबह और शाम आरती करते हैं। हर काेई परिवार की सराहना कर रहा है।
शिव मंदिर सेवा समिति के प्रधान श्याम सुंदर सैनी और सहसंरक्षक रंजीत सैनी ने बताया कि सफी मंदिर के कोषाध्यक्ष भी हैं। इसलिए मंदिर में हाेने वाले सभी काम का ब्याेरा उन्हीं के पास रहता है। यहीं नहीं हर साल शिवरात्रि पर लगाएं जाने वाले भंडारे में भी सफी के परिवार की अहम भूमिका रहती है। शिवभक्ताें काे प्रसाद बंटवाने में परिवार आगे रहता है।
हिंदू मुस्लिम, अल्लाह-शिव भगवान एक
सफी उनके बेटे इमरान औैर बेटी आश्मा का कहना है कि हिंदू हाे या फिर मुसलमान सभी एक है। अल्लाह काे याद करें या फिर भगवान काे सभी एक ही है। सभी लाेगाें काे भेदभाव भुलाकर आपसी प्यार व साैहार्द्र के साथ रहना चाहिए। मंदिर में आरती औैर पूजा अर्चना से उन्हें जाे संतुष्टि मिलती है, उसे शब्दाें में बयां नहीं किया जा सकता है। आसंमा कुरान ए पाक की तिलावत भी करती है।
गायत्री मंत्र से लेकर कई तरह की आरती का ज्ञान
इमरान, आशमा औैर परिवार के अन्य सदस्याें काे गायत्री मंत्र से लेकर शिव औैर अन्य कई आरती का भी बखूबी ज्ञान है। ईद पर जहां माेहल्ले के हिंदू समुदाय के लाेग सफी के घर पर पहुंचते है वहीं दीपावली, हाेली पर सफी औैर उसका परिवार हिंदू परिवाराें के साथ जश्न मनाता है।
11 साल पूर्व शुरू कराया था मंदिर का निर्माण
मंदिर समिति के प्रधान श्याम सुंदर सैनी ने बताया कि विनोद नगर की जन संख्या करीब 1500 है। करीब 11 साल पू्र्व कालाेनी के सभी लाेगाें ने मिलकर मंदिर का निर्माण कराया था। हालांकि अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है।
सोनीपत में हुए शराब घोटाले की आंच अब कई अफसरों तक आएगी। गृह विभाग की ओर से गठित की जाने वाली एसआईटी को जांच में पूरी छूट दे दी गई है। चाहे कोई कितना भी बड़ा प्रभावी व्यक्ति हो, यदि संदेह है, तो उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा, क्योंकि संभावना जताई जा रही है कि इतना बड़ा मामला किसी बड़े अधिकारी या प्रभावशाली की मिलीभगत से हो सकता है। गोदामों में दूसरे राज्यों में बनी शराब भी रखी हुई थी। ऐसे ब्रांड की शराब मिली है, जो हरियाणा में बनती नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन गोदामों से शराब की तस्करी दूसरी जगह होती थी। गोदामों को ट्रांजिट सेंटर बनाया गया।
गृहमंत्री विज ने माना कि पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट के कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। इनके बिना शराब की एक बोतल कहीं नहीं बिक सकती। मामले की बड़ी बात यह है कि शराब रखने के लिए पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट के दो गाेदाम बने हुए हैं। इनमें दोनों की तरफ से बरामद शराब रखी है। पुलिस के गोदाम में चोरी की एफआईआर दर्ज हो चुकी है। परंतु एक्साइज डिपार्टमेंट अभी नींद में सोया हुआ है। उसकी ओर से अभी केस दर्ज नहीं कराया है। परंतु गठित की जा रही एसआईटी दोनों ही गोदामों के मामलों की जांच करेगी।
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस गोदाम में शराब रखी गई थी, वह जमीन वक्फ बोर्ड की है और एक महिला के नाम से लीज पर है और उसके पति भूपेंद्र के खिलाफ शराब तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। यानि शराब की तस्करी करने के आरोपी गोदाम में ही शराब रख दी गई। गृह मंत्री का कहना है कि बड़ा सवाल यह भी है उक्त व्यक्ति के गोदाम में ही शराब रखने को किसने कहा था। उनका कहना है कि शराब चोरी होने और गोदामों में दूसरे राज्यों में बनी शराब मिलने से इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि गोदामों को तस्करी का अड्डा बना लिया गया। बता दें कि इन गोदामों में पुलिस और एक्साइज की ओर से अवैध रूप से तस्करी की जा रही पकड़ी गई शराब 2019 में रुखी गई थी, जो करोड़ों रुपए की थी।
एसआईटी के लिए दुष्यंत से कोई बात नहीं हुई,मैंने दिए आदेश : विज
शराब घोटाला सामने आने के बाद इसकी चर्चा भी हुई। कैबिनेट भी मामला उठा। जिसके बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज से मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आग्रह किया है। परंतु गुरुवार को विज ने कहा कि उनकी डिप्टी सीएम से कोई बात नहीं हुई।
एसआईटी इन बिंदुओं पर करेगी जांच
(सुशील भार्गव)लॉकडाउन ने आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान पहुंचाया है। वहीं, इससे सड़क हादसे घट गए हैं। बड़ा कारण सड़कों पर वाहनों की कमी है। हालांकि इसके बावजूद प्रदेश में एक से 30 अप्रैल तक लॉकडाउन की अवधि में 202 सड़क हादसे हुए हैं। इन हादसों में 100 लोगों की जान चली गई। वहीं 144 लोग घायल हुए हें। वर्ष 2019 से तुलना की जाए तो 329 कम मौत हुई हैं। हादसों के कई कारण हैं, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे हादसे कम हो सकते हैं और जान बच सकती हैं। इससे न केवल हम खुद की, बल्कि दूसरों की जिंदगी भी बचा सकते हैं। प्रदेश में हर साल सड़क हादसों में करीब 5000 लोगों की जान चली जाती है। जबकि हजारों घायल हो जाते हैं। दूसरी ओर प्रदेश में चोरियाें का ग्राफ भी काफी कम हुआ है। चोरी की घटनाओं में 82 फीसदी तक की कमी आई है। लॉकडाउन से पर्यावरण में प्रदूषण भी न के बराबर रह गया था।
लॉकडाउन में 732 सड़क हादसे हुए कम
यदि वर्ष 2019 के अप्रैल के सड़क हादसों से अप्रैल-2020 के हादसों से तुलना की जाए तो प्रदेश में 732 सड़क हादसे कम हुए हैं। यानी अप्रैल 2019 में प्रदेश में 934 सड़क हादसे हुए थे, अबकी बार यह आंकड़ा 202 तक ही पहुंचा है। पिछले साल इसी अवधि में 429 लोगों की मौत हो गई थी, अबकी बार 100 की मौत हुई है, यानी 329 लोगों की कम मौत हुई है। अप्रैल 2019 में 817 लोग सड़क हादसों में घायल हुए थे, अबकी बार यह आंकड़ा 144 तक पहुंचा है और 673 कम लोग घायल हुए हैं।
मार्च से साढ़े तीन गुना कम हादसे
वर्ष 2020 के मार्च महीने में हरियाणा में 764 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 337 लोगों की मौत हो गई, जबकि 645 लोग घायल हुए हैं। वर्ष 2019 में सालभर में 10944 सड़क हादसे हुए थे, इनमें 9362 लोग घायल हो गए थे, जबकि 5057 लोगों की मौत हो गई थी। खास बात यह है कि अप्रैल में लोग पहाड़ों की वादियों में घूमना जाने शुरू हो जाते हैं और यह सिलसिला जून के अंत तक चलता है। अबकी बार लाॅकडाउन होने से यह संख्या लगभग शून्य ही है।
30 अप्रैल तक लॉकडाउन में 24.25 करोड़ रुपए का लगाया जुर्माना
लॉकडाउन में 30 अप्रैल तक प्रदेश में हरियाणा पुलिस द्वारा 13182 वाहन जब्त किए गए हैं, 7636 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 5398 एफआईआर भी दर्ज हुई हैं। यही नहीं 24.25 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है।
यातायात के नियमों का पालन करें
हमें यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। हमेशा इनका पालन करें, तो सड़क हादसे नहीं होंगे। ट्रैफिक एवं हाइवे द्वारा प्रदेश के लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए लगातार कार्यक्रम किए जाते हैं। लॉकडाउन में सड़क हादसे काफी कम हुए हैं।-डॉ. राजश्री सिंह, आईजी, ट्रैफिक एवं हाइवे, हरियाणा।
कोरोना महामारी में अगर किसी चीज की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है तो वह सेनिटाइजर और मास्क हैं। डिमांड बढ़ने से इन दोनों की कालाबाजारी शुरू हुई तो सरकार को रेट अपने नियंत्रण में लेने पड़े। सरकार ने पहले जो रेट तय किए थे। डिमांड बढ़ने के साथ अब उन्हें भी बदलना पड़ा। पहले जो कपड़े का डबल लेयर मास्क 8 रुपए में तैयार कराया जा रहा था, अब उसका रेट 16 रुपए हो गया है। हालांकि बीच में उसका रेट 8 से दस रुपए भी किया गया था। गवर्नमेंट आईटीआई में बड़ी मात्रा में मास्क तैयार किए जा रहे हैं। 30 अप्रैल से मास्क के रेट में बड़ा बदलाव किया गया। सिंगल लेयर के मास्क का रेट 10 रुपए और डबल का 16 रुपए तय किया गया है। अब तक आईटीआई में बने करीब 12 हजार मास्क बिक चुके हैं और यहां पर मास्क बनाने का सिलसिला जारी है। आईटीआई प्रिंसिपल डीपी लूथरा ने बताया कि कई कंपनियों, संस्थाओं, सरकारी ऑफिसों में उनके यहां पर बनाए मास्क दिए गए हैं। आगे भी मास्क बनाने का काम जारी है। 30 अप्रैल के बाद से डबल लेयर के मास्क का रेट 16 रुपए हो गया है। अब उसी रेट में ऑर्डर लेकर बनाए जा रहे हैं।
सेल्फ हेल्प ग्रुप को 17 हजार मास्क का ऑर्डर, अब इन्हीं से खरीद रही सरकारी एजेंसियां| सरकार ने मास्क का काम सेल्फ हेल्प ग्रुपों को दिया है। उन्हीं से मास्क बनवाए जाएंगे। इन्हें 17 हजार मास्क का ऑर्डर आया है जोकि तैयार हो चुके हैं। सरकार इस मौके पर सेल्फ हेल्प ग्रुपों को काम देना चाहती है ताकि उनकी आमदनी हो सके। इसके साथ ही सेनिटाइजर भी इन्हीं के माध्यम से लिया जा रहा है। इसमें भी उनकी अच्छी आमदनी हो रही है।
मेडिकल मास्क की बजाए कपड़े के वॉश होने वाले मास्क की मांग बढ़ी
शुरुआत में मास्क की डिमांड बढ़ी तो मेडिकल मास्क और एन-95 मास्क लोगों ने मेडिकल स्टोर से खूब खरीदे। इस पर उन्होंने भी मौके को भुनाते हुए मनमाने रेट में मास्क बेचे। लोगों की भी खरीदना मजबूरी थी, लेकिन इसी दौरान घर-घर में मास्क बनने लगे। सिलाई का काम करने वाली महिलाएं मास्क बनाने पर लग गई। सामाजिक संस्थाएं मास्क बनाने में जुट गई। इस तरह से बाजार से मास्क की किल्लत खत्म हुई और मेडिकल स्टोर पर मनमाने रेट पर मिलने वाला मास्क से ज्यादा लोग घरों में बनाए गए मास्क लेने गए क्योंकि ये मास्क बार-बार यूज किए जा सकते हैं। इन्हें धोकर कई बार यूज किया जा सकता है जबकि मेडिकल मास्क की लाइफ कुछ ही घंटे की है।
सरकार ने अनिवार्य कर दिया मास्क, मास्क न लगाने पर कई पर हो चुका केस
सरकार ने मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। बिना मास्क लगाकर घर से निकलने वालों पर केस भी दर्ज होने लगे हैं। यमुनानगर जिला पुलिस कई लोगों पर बिना मास्क लगाए सड़क पर घूमने पर केस दर्ज कर चुकी है। वहीं बहुत से लोग समझदारी दिखाते हुए बिना मास्क के घर से निकलते भी नहीं। हर व्यक्ति अब एक नहीं, दो से तीन मास्क ले रहा है इसलिए मास्क की डिमांड बढ़ रही है।
लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को घरों में ही वाट्सएप व टीवी चैनलों से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। सभी छात्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचे, इसलिए बच्चों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा के कार्य में आ रही समस्याओं को लेकर शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, स्कूल मुखिया, बीआरपी, एबीआरसी, बीईओ, फैकल्टी, ऑफ डाइट, प्रोग्राम ऑफिसर रोज 20 माता-पिता और बच्चों से फोन करसंपर्क करेंगे।
प्रसारण के समय को लेकर पठन-पाठन ऑनलाइन कार्यक्रम को लेकर अवलोकन करेंगे। इसी माह सीएसआरटी द्वारा पाठ्यक्रम की मासिक बांट अनुसार प्रत्येक विषय के दो से चार पाठ कराए जाने हैं। ऑनलाइन शिक्षा का अवलोकन किया जाएगा। इस पर्यवेक्षण के लिए जिलों के लिए निदेशालय का कार्यक्रम अधिकारी और सहायक निदेशक समय सारणी व अन्य दायित्वों के लिए उत्कर्ष सोसाइटी से समन्वय बनाएंगे। डीईओ, डीईईओ, डीपीसी, प्रिंसिपल डाइट के संपर्क में रहेंगे। अधिकारियों को प्रतिदिन छात्रों की कक्षा अनुसार रिपोर्ट एक्सल सीट पर विभाग की ईमेल पर अपलोड करनी है। जिले में ये जिम्मेदारी प्रोग्राम आॅफिसर उमा को विभाग की ओर से दी गई। खंड शिक्षा अधिकारी रविंद्र राणा का कहना है कि विभाग की अच्छी योजना है।
इससे ये पता चल सकेगा, छात्र ऑनलाइन पढ़ाई में कितनी रुचि ले रहे हैं। विभाग की ओर से आदेश हैं कि ऑनलाइन शिक्षा को लेकर हर रोज मूल्यांकन हो। इसके लिए सभी अधिकारियों को 20 अभिभावकों व बच्चों से रिपोर्ट लेकर विभाग को देनी है। इससे छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा में आ रही समस्याखत्म हो सकेगी।
अभिभावकों से पूछे जाने वाले सवाल
क्या आपके बच्चे को अध्यापक टीवी, प्रसारण एजुसेट का स्वयं प्रभा की समय सारिणी मिली है। क्या अध्यापक द्वारा ई संचार के माध्यम फोन, मेल, वाट्सएप, पड़ोसी सहपाठी के माध्यम से गृह कार्य अभ्यास दिया जा रहा है। क्या आप द्वारा बच्चों को टीवी प्रसारण एजुसेट व स्वयं प्रभा चैनल देखने का समुचित समय व वातावरण दिया जा रहा है। क्या आप अभिभावक व छात्र की समस्या का समाधान चाहते हैं। या कोई सुझाव देना चाहेंगे जिससे ऑनलाइन पढ़ाने में और सुधार हो सके, जिससे अधिक से अधिक बच्चे लाभान्वित हो सकें।
श्री हनुमान मंदिर रामपुरा के सामने खोला गया शराब का ठेका श्रद्धालुओं के विरोध के चलते बंद कर दिया गया है। मंदिर के आचार्य शारदा मिश्रा ने बताया कि मंदिर के सामने बीकानेर मिष्ठान के पास शराब का ठेका खोला गया था।
ठेका खोले जाने से श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रही थी। इसी के चलते इस ठेके को बंद करवाने को लेकर नगर निगम मेयर मदन चौहान और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू से संपर्क साधा गया। जिस पर उन्होंने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। इसके बावजूद जब शराब का ठेका बंद नहीं हुआ तो श्रद्धालु ठेका संचालकों के पास ठेके को बंद करवाने को लेकर मिलने गए। ठेका संचालकों ने बात करने की वजह श्रद्धालुओं के साथ बदतमीजी करनी आरंभ कर दी। इस पर मजबूरन श्रद्धालुओं को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। बाद में मंदिर कमेटी की तरफ से जिला प्रशासन और जिला आबकारी विभाग प्रमुख को पत्र देकर ठेके को बंद करवाने का आग्रह किया गया। विभागीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से बताया गया कि किसी भी धार्मिक स्थल के 100 मीटर घेरे में शराब का ठेका नहीं खोला जा सकता इसलिए यह ठेका गलत खोला गया है, जिसे बंद करवाया जाए।
पंडित शारदा ने बताया कि अधिकारियों ने मंदिर सभा द्वारा दिए गए पत्र पर संज्ञान लेते हुए ठेका संचालकों को यहां से ठेका बंद कर अन्य जगह स्थानांतरित करने के आदेश दिए जिसके चलते अब शराब के ठेके को यहां से बंद करके अन्य स्थान पर खोला जा रहा है।
डीसी मुकुल कुमार व एसपी हिमांशु गर्ग ने प्लाईवुड व मैटल इंडस्ट्री का दौरा किया। प्रदेश सरकार के नियमानुसार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर की अनुपालना में फैक्ट्री का संचालन करते हुए पाया गया। उपायुक्त ने स्वयं थर्मल स्कैनर से जांच करवाकर देखा। फैक्ट्री मालिकों द्वारा मेन गेट पर सेनिटाइजर्स व हाथ धोने के लिए पानी व साबुन की व्यवस्था के साथ थर्मल स्कैनर से जांच करने के बाद ही श्रमिकों को फैक्ट्ररी में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है।
सोशल डिस्टेंंसिंग की पालना की जा रही है। सभी श्रमिक मास्क व ग्लब्स लगाकर ही कार्य कर रहे हैं। दोनों फैक्ट्रियों का बारीकी से निरीक्षण किया। फैक्ट्ररी में काम करने वाले कर्मियों को वहीं पर सोने या नजदीक की फैक्ट्ररी में सोने के लिए प्रबंध फैक्ट्री मालिक द्वारा किया जाएगा।
फैक्ट्री संचालक इस वेबसाइट पर कर सकते हैं आवेदन
जिले के अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों के संचालन पास के लिए सरल हरियाणा पोर्टल की वेबसाइट पर सरल हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर पास के लिए आवेदन कर सकता है। सभी उद्योगों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सोशल डिस्टेंस की पालना करने व कार्यस्थल को नियमित सेनिटाइजर करने व मास्क पहनने की अनिवार्यता की पालना करने के निर्देश दिए। सरकार श्रमिकों के प्रति सचेत व प्रतिबद्ध है। फैक्ट्रियों का संचालन करवाकर श्रमिकों को काम दिया जा रहा है जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। डीसी ने श्रमिकों से बातचीत भी की।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वीरवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने अशोका एडिट पार्क टोपरा कला का दौरा किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने पार्क में स्थित अशोक चक्र पर दिया जला कर विश्व शांति की कामना की। इसके अलावा रादौर के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा,सपरंच टोपरा कला मुनीष नेहरा व अन्य ग्रामीणों ने अशोक चक्र पर दीप जला दुनिया को कोरोना वॉयरस की बीमारी से बचाने की भगवान से प्रार्थना की।इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया था। हमंे उनके बताए मार्ग पर चलकर देश व दुनिया मे अहिंसा का संदेश फैलाना चाहिए।तभी हम मानवता की सच्ची सेवा कर सकते हैं।इस अवसर पर रामरतन नेहराव व अन्य ग्रामीण मौजूद थे
बोधि वृक्ष के नीचे सिद्धार्थ को मिला बुद्धत्व ज्ञान : शुक्ल
श्री राधा कृष्ण मंदिर के महंत आचार्य भगवती प्रसाद शुक्ल ने बुध पूर्णिमा पर कहा कि वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। यह गौतम बुद्ध की जयंती है। उनका निर्वाण दिवस भी। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। विश्व करोड़ों लोग इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। हिंदुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है। गृह त्याग के पश्चात सिद्धार्थ सात वर्षों तक वन में भटकते रहे। कठोर तप के बाद वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई। तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है।
एनसीआईआरटी ने प्राइमरी कक्षाओं के बाद नौवीं से 12वीं तक के चार सप्ताह का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाने के तरीके व तकनीक को शामिल किया गया है। कैलेंडर में अनुभव आधारित एजुकेशन लिए आर्ट, फिजिकल एजुकेशन और योग को भी शामिल किया गया। इसमें बच्चों को तनाव मुक्त और चिंता दूर करने के उपाय बताए जाएंगे। कैलेंडर में हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू के साथ संस्कृत को जोड़ा गया है। इसमें ई पाठशाला, एनआईआर और दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध स्टडी मटीरियल को अपलोड किया गया है। कैलेंडर में सभी विकल्प सुझाव के तौर पर दिए गए हैं। स्कूल अपने अनुसार इसमें बदलाव भी कर सकते हैं। छात्रों की पढ़ने में बढ़ेगी रुचि एनसीईआरटी की ओर से कैलेंडर बनाते समय टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया को प्रमुखता दी गई है। इसमें अभिभावक टीचर्स, छात्र को वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीट, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगआउट के जरिए एक-दूसरे से जोड़ सकते हैं। दिव्यांग बच्चों को ऑडियो बुक्स, रेडियो प्रोग्राम की मदद से संबोधित किया जाएगा।
30 तक हो सकते हैं आवेदन
नेशनल कांउसिल और एजुकेशनल रिसर्च एवं ट्रेनिंग एनसीईआरटी ने कॉमन एंट्रेस परीक्षा सीईई के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को 30 मई तक बढ़ा दिया है। पहले ऑनलाइन आवेदन चार मई तक किए जाने थे। आवेदनकर्ता ece.ncrt.gov.in ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।
लॉकडाउन में बाजार खुलने की छूट मिलने के दूसरे दिन जाकर अधिकारी ऑड-इवन फाॅर्मूला बना पाए। बुधवार को इसके ऑर्डर जारी हुए, लेकिन ऑर्डर जारी होते ही यह लागू नहीं हो पाया। वीरवार को बाजार खुला तो कहीं पर प्रशासन का फाॅर्मूूला नहीं चला, दुकानदारों की मनमर्जी ही चली। इससे सोशल डिस्टेंसिंग काे बनाना बेहद मुश्किल रहा। हालांकि पुलिस घूमती रही, लेकिन दुकानें बंद नहीं कराई। अब अधिकारी कह रहे हैं कि शुक्रवार से ऑड-इवन फॉर्मूला लागू किया जाएगा। दुकानों पर मार्किंग की जाएगी कि यह दुकान नंबर एक है और यह नंबर दो, लेकिन यह शुक्रवार को भी लागू हो पाएगा या नहीं, यह देखने वाली बात है। खेड़ा बाजार एक दिन में एक ही साइड खुलेगा लेकिन यहां वीरवार को दोनों साइड की कई दुकानें खुली हुईं थीं।
यह फॉर्मूला बनाया है प्रशासन ने| जिलाधीश मुकुल कुमार ने आदेश जारी किए हैं कि यमुनानगर में एक तरह की दुकानें आम जनता के लिए सुबह 8 से दोपहर बाद 4 बजे तक खुली रहेंगी। डेयरी और अन्य संबंधित कार्यकलाप सुबह 7 से सायं 7 बजे तक खुली रहेंगी। सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को खेड़ा मोहल्ला बाजार और मीरा बाई बाजार की दाईं ओर दुकानें खुलेंगी और मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को खेड़ा मोहल्ला बाजार और मीरा बाई बाजार की बाईं ओर दुकानें खुलेंगी। एमसी यमुनानगर, एमसी साढौरा, एमसी रादौर, सरस्वती नगर की ग्राम पंचायत, छछरौली, प्रतापनगर और लेदी की चिहिंत (1 मार्क) दुकानें सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को सभी दुकानें सुबह 8 से शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी और उपरोक्त चिह्नित (2) मंगलवार, वीरवार और शनिवार को खुली रहेंगी।
सब्जी मंडी तीन दिन और रहेगी बंद| सब्जी आढ़ती के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन ने यमुनानगर और जगाधरी सब्जी मंडी को चार दिन के लिए यानी 7 मई तक बंद कर दिया था लेकिन वीरवार को उसे अब तीन दिन के लिए और बंद करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि आढ़तियों ने कहा कि जब कोरोना पॉजिटिव मिले आढ़ती के संपर्क में आए लोगों और मंडी से अन्य आढ़तियों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है तो फिर मंडी को आगे तीन दिन और बंद करने का फैसला गलत है।
शुक्रवार से लागू करेंगे फार्मूला| नगर निगम कमिश्नर धर्मवीर सिंह ने बताया कि बाजार खोलने के लिए ऑड-इवन फार्मूला बनाया गया है। इसे शुक्रवार से लागू करेंगे। दुकानों पर शुक्रवार से ही मार्किंग की जाएगी।
सांसद एवं पर्यावरण कार्यकर्ता मेनका गांधी की सोसाइटी के सदस्यों ने वाइल्ड लाइफ की टीम के साथ जगाधरी पंसारी बाजार में एक दुकान पर रेड की। सूचना मिली थी कि इस दुकान में जानवरों के प्रतिबंधित अंग बेचे जाते हैं। इस सूचना पर जब टीम ने रेड की तो वहां से कुछ अंग मिले हैं। जो जांच के लिए भेजे गए हैं। फिलहाल इसे लेकर कोई भी शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि अंगो की जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया सांसद मेनका गांधी की सोसाइटी जानवरों के संरक्षण को लेकर काम कर रही है। सोसायटी के सदस्यों को सूचना मिली थी कि जगाधरी में एक दुकानदार जानवरों के अंग बेचता है। इस सूचना पर टीम ने वहां पर रेड की। वहां पर कुछ जानवरों के अंग मिले हैं।
जांच के बाद करेंगे कार्रवाई : सुनील
जिला वन्य प्राणी अधिकारी सुनील कुमार ने बताया एक दुकान पर जाकर जांच की गई थी। वहां से कुछ जानवरों के अंग मिले हैं। इन अंगों को जांच के लिए भेजा गया है। ताकि यह क्लियर हो सके यह अंग आर्टिफिशियल है या फिर असली है। उसकी रिपोर्ट के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
रादौरी रोड पर वीरवार की दोपहर को ट्रैक्टर चालक ने बाइक सवार दो लोगों को जोरदार टक्कर मार दी। उन्हें सरकारी अस्पताल मेें ले जाया गया जहां युवक की हालत गंभीर होने पर उसे ट्राॅमा सेंटर यमुनानगर रेफर किया गया। ट्रैक्टर चालक ने और भी कुछ लोगों को टक्कर मारकर घायल किया। लोगों ने चालक को रावल चौक पर धर दबोचा। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। ट्रैक्टर को कब्जे में लेकर पुलिस ने चालक को हिरासत में लिया।
घेसपुर निवासी प्रदीप व सुमित गांव बुबका से बाइक पर रादौर आ रहे थे। इसी दौरान रादौरी रोड पर गांव ठसका निवासी कुक्कू रादौरी गांव की ओर से आ रहा था, जिसने लापरवाही से ट्रैक्टर चलाते हुए बाइक सवार लोगों को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से बाइक पर सवार गांव घेसपुर निवासी प्रदीप कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया जबकि उसके साथी सुमित को भी चोटें आई। दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां प्रदीप की हालत गंभीर होने पर उसे ट्राॅमा सेंटर यमुनानगर रेफर किया गया। थाना रादौर प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि पुलिस घायलों के बयान लेकर आगामी कार्रवाई करेगी। ट्रैक्टर को कब्जे में लेकर व चालक को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है।
गांव कैल में पैसे के लेनदेन को लेकर हुई पंचायत में विवाद हो गया। आरोप है कि एक पक्ष ने अपने साथियों को बुलाकर पंचायत में पहुंचे लोगों पर हमला करा दिया। इस दौरान उन पर जमकर पथराव किया गया। लाठियां बरसाई गई।
हालांकि मारपीट दोनों पक्षों की तरफ से हुई है इसलिए हमले में दोनों पक्ष के लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने फिलहाल एक पक्ष के बयान पर केस दर्ज कर लिया है। गांव कैल निवासी अंकित ने सदर जगाधरी पुलिस को शिकायत दी है कि वह पंचायती जाट धर्मशाला में विमल उर्फ नोनी और बिंदर के आपसी पैसे के लेन-देन के विवाद को निपटाने के लिए पंचायत हुई थी। उस पंचायत में गांव के काफी मौजिज लोग थे। उसी समय विमल उर्फ नोनी पंचायत में गालियां देने लगा। वहां मौजूद लोगों ने उसे समझाया और उसे घर भेज दिया। विमल वहां पर यह कहकर गया कि वह थाने में जा रहा है। कुछ देर बाद वह अपने परिवार के सदस्य विक्की, टोनी, सुमेर, जयकिशन, सुखविंद्र बंटी, रामकुमार, सतपाल, बलराम और 8-10 अन्य लोग आ गए। उन्होंने हमला कर दिया। हमला करने वालों ने वहां पथराव किया। वहीं हथियारों से हमला किया। वहां मौजूद शक्ति, मोंटी, राहुल, हरपाल व जोनी को भी चोटें मारी। इस दौरान आवाज सुनकर गांव के अन्य लोग वहां पहुंच गए। इस हमले में विमल को भी चोट लगी है। बाद में उसके साथ आए लोग उसे वहां से ले गए। जाते समय वह धमकी देकर फरार हो गया। घायलों को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने शिकायत पर हमला करने वालों पर केस दर्ज कर लिया है।
हर दिन टिक टॉक पर नए-नए वीडियो बनाकर शेयर करने वाली 14 साल की लड़की ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। उसने यह सब तब किया जब घर पर कोई नहीं था माता-पिता दवाई लेने गए हुए थे। वापस आए तो देखा बेटी ने अंदर से दरवाजा बंद किया हुआ था और फंदे पर जुड़ी हुई थी। मृतका अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।
बताया जा रहा है कि वह माता-पिता से नए मोबाइल की मांग कर रही थी। हालांकि यह क्लियर नहीं है इस ने सुसाइड क्यों किया। पुलिस के अनुसार विष्णुनगर निवासी वीरेंद्र एक स्क्रैप कारोबारी के पास पास काम करता है। वीरवार दोपहर बाद उसकी पत्नी को पेट दर्द हुआ। वह उसे दवा दिलाने के लिए मार्केट लेकर गया। इस दौरान घर पर उसकी 14 वर्षीय बेटी अकेली थी। शाम को जब वे वापस लौटे, तो उन्होंने देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। जब खिड़की से झांककर देखा, तो उनकी बेटी फंदे से लटकी हुई थी। वीरेंद्र ने पड़ोसियों की मदद से खिड़की तोड़ी और अंदर पहुंचा। उसने बेटी को फंदे से नीचे उतारा।
लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वीरेंद्र का कहना है कि पता नहीं बेटी ने ऐसा क्यों किया। वह पढ़ाई में भी होशियार थी। वे भी उससे बहुत प्यार करते थे। जब वह घर से गए, तब कोई ऐसी बात नहीं थी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलने पर फर्कपुर पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के दौरान कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद हुआ। फर्कपुर थाना प्रभारी मुकेश का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया दिया गया है। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। सुसाइड के कारणों का पता नहीं चला है।
ग्राम पंचायतों सहित अन्य सामाजिक संस्थाएं ओवरलोड का विरोध जता रही हैं। ओवरलोड की शिकायतों पर गुरुवार को एडीसी प्रतिमा चौधरी ने आरटीओ विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ खनन क्षेत्र गुमथला का दौरा किया लेकिन अधिकारियों के आने की सूचना पहले ही रैकी ग्रुप द्वारा वाहन चालकों के ग्रुप में दे दी गई।
ओवरलोड वाहन चालकों से जुड़ा प्रशासन की रैकी करने वाला ग्रुप आज भी क्षेत्र में सक्रिय है। गुमथला मार्ग पर प्रशासन की टीम पहुंचने की सूचना जैसे ही वायरल हुई, तो ओवरलोड वाहन चालक अपने-अपने वाहनों को छोड़ इधर उधर खिसक लिए। रैकी ग्रुप में पल-पल की अपडेट जारी रही। ग्रुप से जुड़े वाहन चालक भी अपनी-अपनी सुविधा अनुसार ग्रुप से जानकारी जुटाते रहे।
जब तक अधिकारियों की टीम क्षेत्र में रही तो ओवरलोड का पहिया थमा रहा लेकिन टीम के जाने के बाद फिर से ओवरलोड वाहन नियमों को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगे। रैकी ग्रुप एक बार फिर से प्रशासन की कार्रवाई पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। अभी तक प्रशासन इस ग्रुप पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हुआ है। केवल एक बार इस प्रकार के ग्रुप को चला रहे लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई थी लेकिन उसके बाद फिर से प्रशासन का सुस्त रवैया इस ग्रुप को पनपने में मदद कर रहा है।
पुलिस नाके से गुजरते रहते हैं ओवरलोड वाहन
क्षेत्रवासी वरयाम सिंह, सर्वजीत, सोनू, विनोद कुमार, अमरजीत, शेर सिंह व पंकज ने कहा कि ओवरलोड वाहन राष्ट्र संपत्ति सड़काें को नुकसान पहुंचा रहे है। ओवरलोड का मुद्दा लंबे समय से उठा रहे हैं। ओवरलोड वाहन क्षेत्र में लगे पुलिस नाकों से होकर गुजरते हैं लेकिन किसी भी नाके पर इन्हें रोका तक नहीं जाता लेकिन फिर भी प्रशासनिक अधिकारी इससे अंजान बने हुए हैं।
बुखार और कमजोरी को देखते हुए कोविड अस्पताल में भर्ती किए गए गांव टोपरा निवासी अख्तर अली की मौत हो गई। उसका बुधवार को ही कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया है। फिलहाल उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद क्लियर होगा कि मौत की वजह क्या है। कोविड अस्पताल में यह अब तक की तीसरी मौत है। इससे पहले वहां पर भर्ती किए गए दो लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि दोनों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जो दो लोग इससे पहले मरे हैं, वे कुछ घंटे ही अस्पताल में रह पाए थे। उधर, वीरवार को सिविल अस्पताल में कोरोना के खौफ की एक तस्वीर और देखने को मिली। यहां तीन घंटे तक एंबुलेंस में एक महिला का शव पड़ा रहा। महिला की कैंसर से मौत हो गई थी, लेकिन परिवार को किसी ने गुमराह कर दिया कि संस्कार तभी हो पाएगा अगर उसकी कोरोना जांच होगी। महिला की बेटी और पिता एंबुलेंस में ही शव लिए तीन घंटे तक वहां पर खड़े रहे, लेकिन बाद में उन्हें वहां से ऐसे ही भेज दिया गया।
खौफ... कोरोना टेस्ट के लिए तीन घंटे शव एंबुलेंस में पड़ा रहा
रामनगर कॉलोनी निवासी उर्मिला देवी की कैंसर से मौत हो गई। उसका इलाज पंजाब के संगरूर में एक अस्पताल में चल रहा था। पटियाला में उसका मायका है। वहीं वहां पर इलाज करा रहे थे। वीरवार अल सुबह वहां पर मौत हो गई। परिवार के लोग संस्कार के लिए शव यमुनानगर ले आए। इसी दौरान किसी ने कह दिया कि पहले शव का कोरोना टेस्ट होगा, तब संस्कार कर सकेंगे। इस पर परिवार के लोग शव को एंबुलेंस में लेकर सिविल अस्पताल पहुंच गए। यहां पर तीन घंटे तक शव एंबुलेंस में रखा रहा। परिवार के लोग यहां पर डॉक्टर्स को पोस्टमार्टम करने को कहते रहे, लेकिन डॉक्टर भी पशोपेश में थे कि ऐसे कैसे पोस्टमार्टम करें। बाद में एक बजे परिवार के लोग शव वहीं से लेकर चले गए।
काेराेना मरीजाें के संपर्क में आए संक्रमण से बचे
वीरवार को 151 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आई। इसमें ज्यादातर उन लोगों की रिपोर्ट है जोकि कोरोना पॉजिटिव पाए गए पेशेंट के परिवार और उनके संपर्क में आए हैं। ये भी रिपोर्ट निगेटिव हैं। इससे यह राहत की बात है क्योंकि इस बात का डर था कि पॉजिटिव पाए गए लोगों के संपर्क में आए लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन वे संक्रमण की चपेट में आने से बच गए। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर वागेश गुटैन ने बताया कि वीरवार शाम तक आई सभी रिपोर्ट निगेटिव हैं। वहीं जो कोरोना पेशेंट कोविड अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत भी ठीक है।
दोबारा भेजे गए पॉजिटिव मरीजों के सैंपल
डॉक्टर वागेश गुटैन ने बताया कि यमुनानगर जिले में इस समय कोरोना के पांच एक्टिव केस हैं। एक महिला पेशेंट सरोनी कॉलोनी की है। वहीं एक युवक कालिंदी कॉलोनी, एक व्यक्ति मॉडर्न कॉलोनी, एक महिला दुर्गा गार्डन और एक व्यक्ति गांव कुटीपुर का है। इन सभी का वीरवार को दोबारा कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया है। इनकी शुक्रवार या शनिवार को रिपोर्ट आएगी।
कई दिन से बुखार था, बुधवार को अस्पताल लाए : साजिद
गांव टोपरा निवासी अख्तर अली को कई दिन से बुखार था। वह काफी कमजोर हो चुका था। उसके भाई साजिद अली ने बताया कि पहले तो प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया। डॉक्टर ने कहा कि ज्यादा कमजोरी है और कहीं ले जाना पड़ेगा। डॉक्टर ने ईएसआई अस्पताल में बनाए कोविड अस्पताल में भेज दिया। बुधवार को ही उनका कोरोना टेस्ट किया था। वीरवार सुबह मौत हो गई। उनका कहना है कि भाई मजदूरी करता था और उसे सिर्फ बुखार था। मौत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया है। जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा।
बाबैन अनाज मंडी में प्याज की आवक तेज हो गई है, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर देश में जारी लॉकडाउन की मार का प्याज की कीमतों पर असर पड़ा है। पिछले साल जहां किसानों का प्याज 1300 से 1600 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका था। वहीं इस बार प्याज का रेट मात्र 600 से 900 के बीच में ही सिमट कर रह गए हैं। लॉकडाउन की मार के चलते प्याज की कीमतों में आई भारी गिरावट से किसानों को गत वर्ष के मुकाबले इस साल 60 से 80 हजार रुपए प्रति एकड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अनाज मंडी बाबैन में प्याज बेचने आए शीषन पाल पटाकमाजरा, जसविन्द्र सिंह जमालपुर, धर्मपाल बंसत पुर, केसर सिंह मनकी, अवतार सिंह धर्मगढ़ का कहना है कि इस बार कोरोना को लेकर देश में जारी लॉकडाउन का प्याज की कीमतों पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है। किसानों का कहना है कि गांवों व शहरों में लोगों द्वारा अपने स्तर पर की गई नाकेबंदी से लोग गांवों में रेहड़ी-खच्चर, ट्रैक्टर-ट्रालियों में प्याज बेचने वालों को लोग गांवों में जाने से रोक रहे हैं। किसानों का कहना है कि गांवों प्याज न बिकने से प्याज की खपत घट गई है जिससे मंडियों में प्याज के खरीदार कम रह गए हैं। मंडियों में प्याज के खरीदार कम आने का असर प्याज की कीमतों में देखने को मिला है। किसानों ने सरकार से मांग की गांवों में प्याज बेचने की अनुमति प्रदान की जाए ताकि किसानों के प्याज के रेट बढ़ सके और किसानों को कोई आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।
गुरुवार को लाडवा एसडीएम अनिल यादव ने लॉकडाउन के नियमों का पालन न करने वाले दुकानदारों को लताड़ लगाई। गुरुवार को एसडीएम अनिल यादव व उनकी टीम ने बाजार का निरीक्षण किया। एसडीएम ने कहा कि शेड्यूल के अनुसार दुकानें खोलने वाले दुकानदारों को मास्क व सेनिटाइजर का प्रयोग करने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि बार-बार चेतावनी देने के बाद भी कुछ दुकानदार प्रशासन की बात नहीं मान रहे। जिसके कारण सख्ती से पेश आना पड़ रहा है। उन्होंने बिना मास्क लगाए बाजार में घूमने वाले कई लोगों व युवकों से उठक-बैठक भी करवाई और उन्हें चेतावनी दी कि अगर दोबारा इस प्रकार बाजार के अंदर घूमते नजर आए तो बख्शा नहीं जाएगा।
कोरोना के चलते तीसरे चरण के लॉकडाउन में प्रशासन ने बाजार खोलने की छूट दी है, लेकिन बाजारों में तमाम प्रयासों के बावजूद सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हो पा रही। इस चुनौती से पार पाने को प्रशासन अब दुकानदारों सहयोग मांग रहा है। गुरुवार को विधायक सुभाष सुधा की अध्यक्षता में नगरपरिषद में दुकानदारों की मीटिंग हुई। विधायक सुधा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी। जब प्रत्येक नागरिक जागरूक होकर इस गम्भीर विषय पर फोकस करेगा तो निश्चित ही कुरुक्षेत्र इस कोरोना वायरस के प्रकोप से बचा रहेगा। इस वायरस से बचाव के लिए प्रशासन दिन-रात काम कर रहा है। अब प्रत्येक नागरिक और दुकानदार का फर्ज बनता है कि कम से कम घरों से बाहर निकलें और दुकानों पर सोशल डिस्टेंस की पालना करें। विधायक ने विभिन्न व्यापारियों के प्रतिनिधियों और सदस्यों से फीडबैक रिपोर्ट ली। सोशल डिस्टेंस को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए। इन सुझावों पर काफी मथन किया गया ।
सेक्टर दस व 17 खोलने की मांग
जिस दौरान सेक्टर-17 और 10 के व्यापारियों ने भी अपनी समस्या रखी। इन सेक्टरों में दुकानों को नियमानुसार खोलने के लिए तुरंत मुख्य सचिव और उपायुक्त से बातचीत की है। विधायक ने कहा कि सभी दुकानदार और आम नागरिक कुरुक्षेत्र को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रशासन का हर संभव सहयोग करें। यह सहयोग तभी किया जा सकता है जब लोग किसी जरूरी कार्य के लिए ही घर से बाहर निकले और दुकानों और बाजारों में भीड ना करके सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें। इतना ही नहीं प्रत्येक दुकानदार ग्राहक को सेनिटाइज करने के बाद ही अंदर आने की इजाजत दें। स्वयं भी मास्क और ग्लब्स का प्रयोग करें। इसके साथ ही कोई भी दुकानदार अपनी दुकान पर किसी भी व्यक्ति को बैठकर खाने की अनुमति न दें।
लाॅकडाउन के दाैरान शहर में प्रशासन ने ढील दे दी। प्रशासन की ढील का लाेग गलत फायदा उठाने लगे हैं। जहां बाजारों में जाम के हालात बनने लगे हैं, वहीं अस्पतालों में भी मरीजों की भरमार हाेने लगी है। प्रशासन ने सेामवार काे लॉकडाउन में ढील दे दी।
चार दिनाें से ही अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़कर दोगुना हाे गई है। अस्पतालों में चिकित्सकों को दिखाने के लिए मरीजों का तांता लगने लगा है। शो सल डिस्टेंसिंग को ताक पर रखकर मरीज चिकित्सकों से दवा ले रहे हैं। इस दौरान अस्पताल प्रशासन व मरीजों की ओर से बरती गई छोटी सी लापरवाही विकराल रूप ले सकती है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला अस्पताल में फिजिशियन, बाल राेग विशेषज्ञ व गायनी की ओपीडी चल रही थी, लेकिन प्रशासन ने हाल ही में अन्या ओपीडी काे भी सूचारू किया है। जिससे अस्पताल में करीब 700 मरीज ईलाज के लिए पहुंचरहे हैं। वहीं सप्ताहभर पहले अस्पताल में 300 से 350 की ओपीडी चल रही थी। वहीं आम दिनों में जिला अस्पताल में दो हजार की ओपीडी पहुंचती थी। अस्पताल में इससमय सबसे ज्यादा मरीज मेडिसन के पहुंच रहे हैं।
मरीजों को नहीं होने दिया जाएगा परेशान
सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन मेंमिली ढील के कारण अन्य चिकित्सकों की ओपीडी भी खोली गई है। मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहिया कराई जाएंगी।
मरीजों को ईलाज में हो रही थी परेशानी
ओपीडी सेवा बंद होने से आम मरीजों को इलाज करवाने में काफी परेशानी हो रही थी। अस्पताल में मरीजों को तीन चिकित्सकों की ही सुविधा मिल रही थी। अब सरकार ने अन्य ओपीडी को भी खोलने के आदेश दिए हैं जिससे आमजन को राहत मिली है।
हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना लांच की है। इससे गिरते भूजल स्तर को रोकने में मदद मिलेगी। विधायक रामकरण काला ने कहा कि इस योजना को लेकर क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया जाएगा।
सरकार किसानों से अपील कर रही कि वे जिस प्रकार आने वाली पीढ़ी के लिए अपनी जमीन को विरासत के रूप में छोड़ कर जाते हैं। उसी प्रकार पानी को भी विरासत मान कर चले। तभी जमीन भावी पीढ़ी के लिए उपयोगी होगी इसके लिए राज्य सरकार की ओर से मेरा पानी-मेरी विरासत योजना की घोषणा की है। काला ने कहा कि इस सीजन में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जहां 35 मीटर, वहां नहीं लगेगी धान : काला ने कहा कि आज प्रदेश का कुछ हिस्सा डार्क जोन में है। इसमें 36 ब्लॉक ऐसे हैं, जहां पिछले 12 वर्षों में भू-जल स्तर में पानी की गिरावट दोगुनी हुई है। जहां पहले पानी की गहराई 20 मीटर थी, वो आज 40 मीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि पंचायत के अधीन भूमि, जहां भूमि जल स्तर 35 मीटर से ज्यादा है, उन ग्राम पंचायतों को पंचायती जमीन पर धान लगाने की अनुमति नहीं होगी। प्रोत्साहन राशि पंचायत को दी जाएगी। किसान धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे कि मक्का, अरहर, उड़द, ग्वार, कपास, बाजरा, तिल व ग्रीष्म मूंग (बैशाखी मूंग) की बुआई करने के प्रति अपना मन बनाएं। इससे भावी पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर सकेंगे।
कहा कि मक्का की बिजाई के लिए आवश्यक कृषि यंत्रों की भी व्यवस्था की जाएगी। किसान सूक्ष्म सिंचाई व टपका सिंचाई प्रणाली अपनाते हैं तो 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों को मक्का के उत्तम गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाने के लिए कुछ कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की इस योजना की अधिक से अधिक किसानों को जानकारी मिले। इसके लिए इस योजना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा और एक वेब पोर्टल भी बनाया जाएगा जिस पर कठिनाइयों को हल करने के लिए जानकारी दे सकेंगे। इस मौके पर जजपा शहरी प्रधान डा. प्रवीण शर्मा, हल्काध्यक्ष सुबे सिंह त्यौड़ी, पूर्व सरपंच विष्णु भगवान गुप्ता, जगबीर मोहड़ी, प्रभजीत सिंह जीता, रिंकू कठवा तथा मलकीत बीबीपुर मौजूद थे।
कोरोना वायरस से संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए अब हरियाणा औद्योगिक संस्थानों को अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़े के मास्क बनाने का जिम्मा सौंपा है। जिस पर आईटीआई कुरुक्षेत्र भी मास्क बनाने में जुटा है। यही नहीं स्टूडेंट मास्क बनाकर कमाई भी कर रहे हैं। संस्थान में विद्यार्थियों ने अब तक 17 हजार 105 सिंगल और टू-लेयर के मास्क तैयार किए हैं। इनमें से 10 हजार 220 मास्क की सेल भी की जा चुकी है। आईटीआई संस्थान ने हरियाणा की मुख्य सचिव को भी टू-लेयर के 1500 मास्क दिए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए हरियाणा के आईटीआई संस्थानों को मास्क बनाने के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं सरकार ने आईटीआई संस्थानों को मास्क बेचने की भी अनुमति दी है। डीसी धीरेन्द्र खड़गटा ने आईटीआई कुरुक्षेत्र के सभी संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क बनाने की हिदायत दी। जिस पर आईटीआई कुरुक्षेत्र, आईटीआई कुरुक्षेत्र की महिला विंग, आईटीआई शाहाबाद व आईटीआई पिहोवा में विद्यार्थियों के माध्यम से मास्क बनाने का काम शुरू किया गया।
चारों आईटीआई में बन रहे मास्क : आईटीआई उमरी कुरुक्षेत्र के प्राचार्य भूपेन्द्र पाल सिंह के मुताबिक कुरुक्षेत्र में आईटीआई के चारों संस्थानों में मास्क बनाए जा रहे हैं। इस कार्य में आईटीआई उमरी में करीब 8 से 10 विद्यार्थी लगे हैं। इस संस्थान के विद्यार्थियों ने आईटीआई उमरी में 11 हजार 500, वुमन विंग ने 1600, आईटीआई शाहाबाद की महिला विंग ने 3 हजार, आईटीआई पिहोवा ने 1005 सहित कुल 17105 मास्क तैयार करे हैं। इनमें से 10 हजार 220 मास्क सेल कर दिए गए। इसमें से 1500 मास्क हरियाणा की मुख्य सचिव, 2 हजार मास्क विधायक सुभाष सुधा, 2 हजार मास्क ज्ञान गंगा संस्थान, 1 हजार मास्क युवराज संस्थान कैथल, 2 हजार मास्क गुरु सिंह सभा गोबिंदगढ़ के साथ-साथ जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, एचडीएफसी बैंक सहित कई अन्य संस्थानों ने खरीदे हैं।
सात हजार टू लेयर मास्क
इन मास्क में 7 हजार मास्क टू-लेयर के तैयार किए हैं। इन्सट्रक्टर सुरेन्द्र ने 1625 और निर्मल पनेजा ने भी 1625 मास्क तैयार किए। बाकी सभी मास्क विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए। यह संस्थान हरियाणा प्रदेश में सबसे ज्यादा मास्क बनाने और सेल करने में प्रथम स्थान पर है।
आईटीआई में बनने वाले मास्क के दाम तय : राज्य सरकार की तरफ से आईटीआई में कोविड-19 से बचाव के लिए बनने वाले मास्क के रेट लेयर के हिसाब से तय किए हैं। सिंगल लेयर कपड़े मास्क का रेट 10 रुपए, डबल लेयर कॉटन क्लॉथ मास्क का रेट 16 रुपए प्रति मास्क रखा गया है।
कोरोना के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण अब मजदूरों का सब्र जवाब देने लगा है। इसी को लेकर अरुणाय रोड पर सरकारी बिल्डिंगों का काम शुरू न होने से परेशान मजदूरों ने पैदल ही पलायन शुरू कर दिया। जैसे ही प्रशासन को इसकी भनक लगी तो तहसीलदार चेतना चौधरी मजदूरों को मनाने पहुंची। तहसीलदार ने रास्ते में उन्हें रोककर समझाया। उनके ठहरने व खाने का इंतजाम किया। तब जाकर मजदूर यहां रुकने को राजी हुए।
सुबह प्रशासन को सूचना मिली थी कि अरुणाय रोड के निकट बाइपास पर कुछ लोग साइकिलों पर व पैदल ही घरों के लिए निकले हैं। जब तहसीलदार चेतना चौधरी मौके पर पहुंची तो देखा कि महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में लेकर पैदल ही चल रही थी। मजदूर लाखन, मोहन लाल, देसराज, राजू, बबलू, गोबिंद, संगीता, मालती,ममता, पूजा आदि ने बताया कि वे मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं। यहां निर्माणाधीन सरकारी अस्पताल में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया।
आरोग्य सेतु एप से जहां लोगों को कोरोना संबंधित जानकारी मिल रही है। वहीं अब लोगों को एक मिस्ड कॉल करने पर उनके फोन पर भी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी मिलेगी। केंद्र सरकार ने आमजन की सुविधा को देखते हुए अब साधारण फोन पर भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार ने आरोग्य सेतु एप की सुविधा से एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा को शुरू की है। यह सेवा पूरे देश में मिलेगी। बेशक लोगों के पास स्मार्ट फोन की बजाए साधारण फोन हो। डीसी ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट फोन के लिए कुछ समय पहले आरोग्य सेतु मोबाइल एप लांच किया था। इस एप के जरिए आम नागरिकों को अपने मोबाईल से ही कोरोना वायरस की स्थिति और आसपास के क्षेत्र में किसी भी आदमी के संक्रमित होने की स्थिति और स्वयं के स्वास्थ्य की जानकारी एप के द्वारा मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आरोग्य सेतु एप लांच करने के बाद एक और कदम आगे बढ़ाया है। अब सरकार ने फीचर फोन (साधारण मोबाईल) और लैंडलाइन का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए आरोग्य सेतु आईवीआरएस सेवा शुरू की है। यह सर्विस देशभर में उपलब्ध करवाई गई है।
एसएमस से भेजा जाएगा जवाब
यह एक टोल फ्री सर्विस है, जहां लोगों को 1921 नम्बर पर मिस कॉल करनी होगी। इस नम्बर पर मिस्ड कॉल करने के बाद व्यक्ति को वापस कॉल आएगा। इस कॉल में आपकी सेहत से जुड़े इनपुट लिए जाएंगे। पूछे जाने वाले सवाल आरोग्य सेतु एप की तर्ज पर ही होंगे। व्यक्ति जिस तरह का जवाब देगा उसके आधार पर सम्बन्धित व्यक्ति को एक एसएमस भेजा जाएगा। यह एसएमएस लोगों को उनकी सेहत की जानकारी देगा। अगर हालत गम्भीर लगे तो यह आपको सुधार का अलर्ट भी जारी करेगा। उपायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक लोग इस टोल फ्री सेवा का फायदा उठाए और अपने आपको स्वस्थ्य रखे।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों व शिक्षकों का वेतन के साथ ही एरियर, कंटीजेंसी और एजुकेशन अलाउंस का पैसा भी अटका है। दिलचस्प बात तो यह है कि डीए का जो एरियर अब तक कर्मचारियों व शिक्षकों को मिला भी नहीं उसे कर्मचारियों व शिक्षकों की इनकम में जोड़कर उसका टैक्स भी कट चुका है। इसके अलावा मार्च में हर साल प्रत्येक शिक्षक को मिलने वाली 4500 रुपए की कंटीजेंसी ग्रांट और कर्मचारियों व शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाला एजुकेशन अलाउंस भी नहीं मिला है। इतना ही नहीं कर्मचारियों को गेहूं खरीदने के लिए लोन की सुविधा मिलती थी, लेकिन इस बार गेहूं लोन भी नहीं मिल पाया। इधर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त हो चुके पेंशनर्स को भी अपनी पेंशन की चिंता सता रही है।
पेंशन व वेतन का समय पर हो भुगतान : कुंटिया के पूर्व महासचिव भारत भूषण और बलजीत सिंह ने कहा कि पेंशन व वेतन का समय पर कर्मचारियों को भुगतान होना चाहिए। भारत भूषण ने कहा कि कर्मचारी वेतन पर ही आश्रित होत हैं। वेतन के भरोसे ही कर्मचारी जरूरत के समय लोन लेता है। ऐसे में हर माह लोन की किश्त कटती है। इसके अलावा हर महीने के खर्चे भी कर्मचारियों व पेंशनर्स को चलाने होते हैं। बलजीत सिंह ने कहा कि प्रशासन को वेतन व पेंशन की व्यवस्था तो पहले ही करके रखनी चाहिए। ताकि किसी भी तरह की दिक्कत न हो। भारत भूषण ने कहा कि केयू प्रशासन डीए के एरियर का पैसा तो उनकी आमदन में जोड़कर काट भी चुका है लेकिन हकीकत में उन्हें डीए के एरियर का पैसा मिला ही नहीं है।
कुलपति ने दिया है सभी वित्तीय लाभ जल्द देने का आश्वासन
केयू शिक्षक संघ कुटा प्रधान डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि शिक्षकों को हर साल मार्च के महीने में कंटीजेंसी ग्रांट और बच्चों के एजुकेशन अलाउंस का पैसा मिलता है, लेकिन इस बार लॉक डाउन होने के कारण यह पैसा नहीं मिल पाया। डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि वे वेतन व वित्तीय लाभों को लेकर कुलपति से मिले थे। कुलपति ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही वेतन की व्यवस्था करने के साथ ही सभी वित्तीय लाभ भी दिए जाएंगे। कुंटिया प्रधान नीलकंठ शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों में वेतन व अन्य वित्तीय लाभ न मिलने के कारण बेचैनी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि रोजाना कर्मचारी वेतन को लेकर खासतौर पर फाेन करके स्थिति पूछ रहे हैं। नीलकंठ शर्मा ने कहा कि इस मामले को लेकर केयू के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत हुई है। इसमें अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही वेतन खातों में डाला जाएगा। केयू के जनसंपर्क विभाग के निदेशक प्रो. तेजेंद्र शर्मा ने बताया कि केयू प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द वेतन का भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते जल्द ही वेतन जारी कर दिया जाएगा। वहीं डीए के एरियर, कंटीजेंसी ग्रांट और एजुकेशन अलाउंस को लेकर उन्होंने कहा कि बजट आते ही सभी वित्तीय लाभ तुरंत जारी किए जाएंगे।
कोरोना से लड़ने की तैयारी : केयू में 12 स्थानों पर लगाए वॉश बेसिन
केयू में कर्मचारी व विद्यार्थी स्वच्छ व सेनिटाइज रहे, इसके लिए 12 सार्वजनिक स्थानों को चिन्हित करके वॉश बेसिन लगाए हैं। इन वॉश बेसिन का उद्घाटन गुरुवार को केयू कुलपति डॉ. नीता खन्ना ने किया। डॉ. नीता ने कहा कि स्वच्छता, सेनिटाइजेशन व सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना से बचाव का रास्ता है। विश्वविद्यालय में आने वाले विद्यार्थी व कर्मचारी अपने हाथों को सेनिटाइज कर सकें, इसके लिए जगह-जगह पर वॉश बेसिन व सोप डिस्पेंसर लगाए हैं। कुलपति ने कहा कि कोरोना महामारी के समय विद्यार्थियों व कैंपस में आने वाले सभी लोगों को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुलपति ने कहा कि इस सुविधा से हजारों विद्यार्थियों व कर्मचारियों को लाभ होगा। कुलपति ने सेनिटाइजेशन व हॉर्टिकल्चर विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि वे सभी विभागों व कार्यालयों का सेनिटाइज करवाएं। ताकि विश्वविद्यालय को खुलने के लिए तैयार किया जा सके। निर्माण शाखा के एक्सईएन पृथ्वी सैनी ने बताया कि प्रशासनिक ब्लॉक, यूनिवर्सिटी कॉलेज, यूनिवर्सिटी मार्केट, पुस्तकालय, हेल्थ सेंटर, इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, कॉमर्स विभाग, रोज गार्डन, न्यू मार्केट, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्पोर्ट्स ग्रांउंड, शूटिंग रेंज एवं एच टाइप हाउस सहित विभिन्न स्थानों पर वॉश बेसिन की व्यवस्था शुरू की है।
पिपली की गणेश कॉलोनी में 22 वर्षीय युवक ने कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, मृतक की शिनाख्त मूलरूप से फर्रुखाबाद यूपी निवासी 22 वर्षीय रजनेश उर्फ रामू के तौर पर हुई है।
रामू पिपली में ही एक सीमेंट के ब्लॉक बनाने की फैक्टरी में काम करता था। वह ठेकेदार के साथ रहता था। गुरुवार को देर शाम मृतक के पिता पहुंचे। पिता राजेश कुमार ने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि उनके गांव के ही ठेकेदार श्याम सिंह के पास रामू काम करता था।
पिता का आरोप है रामू ने यह कदम उठाने से पहले बहन को फोन कर बताया था कई दिन से फैक्टरी बंद है, कामकाज बंद होने के कारण उसके पास पैसे नहीं थे। कई दिन से भूखा था। ठेकेदार से ढाई हजार रुपए मांगे थे, लेकिन ठेकेदार ने पैसे देने से मना कर दिया। परेशान होकर रामू ने यह कदम उठाया।
उधर पुलिस का कहना है पिता की शिकायत पर ठेकेदार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
पिता की शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने बताया मृतक रामू के पिता की शिकायत पर ठेकेदार श्यामकुमार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर जांच शुरू की है। उसके कमरे से शराब की बोतल व एक गिलास में शराब भी मिली है। संभवत उसने यह कदम उठाने से पहले शराब पी होगी। शिकायत पर केस दर्ज कर छानबीन कर रहे हैं।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के मकसद से सरकार ने कई रियायतें दी। डेढ़ माह से बंद पड़े बाजार खोलने का फैसला लिया। चार मई से शहर में बाजार खुल भी गए। बाकायदा रोस्टर बना दिन के अनुसार दुकानें खोलने की मंजूरी दी, लेकिन बाजार खुलते ही भीड़ जुटने लगी। इससे सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने की चुनौती खड़ी हो गई। तमाम प्रयासों के बावजूद सोशल डिस्टेंस नहीं बन पाया। इसे देखते हुए गुरुवार को प्रशासन ने अपना फैसला फिर से बदला। अब दिन के अनुसार नहीं, लेफ्ट राइट व ऑड ईवन फार्मूले से बाजारों में दुकानों को खोला जाएगा। एक दिन लेफ्ट साइड तो दूसरे दिन राइट साइड की दुकानें खुलेंगी। दुकानें सिर्फ पांच ही घंटे खोल सकेंगे। शुक्रवार से नया रोस्टर लागू हो जाएगा। यही नहीं नगरपरिषद की तरफ से बाजारों में लेफ्ट राइट के निशान भी बनवा दिए हैं। लॉकडाउन के नियमों की पालना करनी होगी। नई व्यवस्था को लेकर गुरुवार को विधायक सुभाष सुधा ने व्यापारियों की मीटिंग बुलाकर सहयोग भी मांगा।
इन दिनों में लेफ्ट व ऑड से दुकानें
डीसी धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि नगर परिषद, नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्रों में अब सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को प्रशासन द्वारा निर्धारित किए लेफ्ट साइड की सभी दुकानें खुलेंगी। इसके साथ-साथ एचएसवीपी, हुडा की ऑड संख्या की दुकानें इन दिनों में खोलने की अनुमति होगी, लेकिन मॉल बंद रहेंगे।
इन दिनों मॉल रहेंगे बंद
राइट साइड की दुकानें मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को खोली जाएंगी। इसके साथ-साथ एचएसवीपी की ईवन संख्या की दुकानें खोली जा सकेंगी। इन दिनों में भी मॉल नहीं खोले जाएंगे।
गोला नहीं, तो दुकान बंद
सोशल डिस्टेंस की पालना करनी होगी। दुकान के सामने 6 फीट की दूरी पर गोले बने हों। दुकान पर हैंड सेनिटाइजर हो। दुकान के काउंटर, डेस्क और कुर्सियों को दिन में दो बार सेनिटाइज किया जाएगा। बाहर वाहन की पार्किंग नहीं होनी चाहिए। दुकान के बाहर सामान नहीं रख सकेंगे। दूध को छोड़कर बाकी दुकानें रविवार को बंद रहेंगी। दुकान में दुकानदार व हेल्पर समेत पांच लोग से ज्यादा न हों। रेस्टोरेंट और अन्य खाद्य पदार्थों वाले स्थानों पर बैठकर खाने की इजाजत नहीं होगी, लेकिन ऐसे संस्थान सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक पैकिंग और होम डिलीवरी कर सकेंगे।'
बाजार में लाल रंग राइट, पीला लेफ्ट साइड
नगर परिषद की तरफ से दाएं और बाएं दुकानों खोलने के लिए बाजारों में लाल और पीले रंग के निशान लगाए जा रहे हैं। विधायक ने नप को निर्देश दिए कि शुक्रवार सुबह तक हरहाल में सभी बाजारों में निशान लग जाएं। लाल रंग के निशान राइट और पीले रंग के निशान लेफ्ट साइड के लिए होगा। मीटिंग में नप ईओ बीएन भारती, नप सचिव केएल बठला, व्यापारी नेता फतेह चंद गांधी, प्रदीप झां, धर्मेन्द्र सचदेवा, रामकरण सैनी,गगन कोहली, श्याम सुंदर तिवारी, राजेश्वर गोयल, राहुल कुमार बाली, मनोज गोयल, तिलकराज सहगल, हरीश अरोडा, राजीव सूरी उपस्थित थे।
10 बजे तक होलसेल
फल एवं सब्जी मंडियों में सुबह 7 से 10 बजे तक होल सेल की जा सकेगी। रिटेल में फल व सब्जियां बेचने की इजाजत नहीं होगी। पेट्रोल पम्प पूरा सप्ताह 24 घंटे खुले रहेंगे। निजी कार्यालय 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ सुबह 9 बजे से 2 बजे तक खुलेंगे। दूध व डेयरी उत्पाद से जुड़ी दुकानें रोजाना सुबह 9 से 2 बजे तक खुली रहेंगी। घर-घर दूध की सप्लाई करने वाले दूध विक्रेता सुबह 7 9 बजे तक और सायं 5 बजे से सायं साढे छह बजे तक सप्लाई कर सकेंगे। एसडीएम, डीएसपी निरीक्षण करेंगे। शाम सात से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू जैसी स्थिति रहेगी। 65 वर्ष से ज्यादा आयु, गर्भवती महिला, 10 वर्ष से कम के बच्चे व बीमार लोग बाहर नहीं जा सकेंगे।
लॉकडाउन के कारण ज्यादातर शिक्षक व विद्यार्थी परेशान हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इस संकट के समय में भी अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित कर उनको पाने में लगे हैं। ऐसे ही हैं एक शिक्षक हैं गणित के लेक्चरर सुशील कुमार। 2019 में इन्होंने सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ यू-ट्यूब पर सुशील सर की पाठशाला के नाम से अकाउंट बनाकर ऑनलाइन वीडियो डालने शुरू किए। लॉकडाउन लागू हुअा तो व्यूवर बढ़ने लगे। अब 1.3 लाख व्यूवर हो चुके हैं। 2600 सब्सक्राइबर हो चुके हैं और 1200 से तो पिछले 28 दिन में बढ़े हैं। अब तक सभी वीडियो को पूरे प्रदेश व देश के छात्र तीन लाख मिनट से ज्यादा बार देख चुके हैं। सुशील कुमार बताते हैं कि छात्र सिर्फ वीडियो देखते ही नहीं कमेंट भी करते हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ यू-ट्यूब ही नहीं उनके वाट्सएप ग्रुप पर भी तीन हजार से ज्यादा विद्यार्थी और शिक्षक जुड़े हुए हैं। वे पिछले कुछ समय में ही 12वीं का पूरा सिलेबस, 11वीं का 50 प्रतिशत, दसवीं के चार चैप्टर और नौवीं के दो चेप्टर पूरे करवा चुके हैं।
एक वीडियो बनाने के लिए कई घंटे लगते हैं : एक 10 से 15 मिनट के वीडियो जो देखने में हमें ऐसे लगता है कि इसको चलते फिरते बना दिया गया होगा, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। सुशील कुमार ने बताया कि 15 मिनट के वीडियो को बनाने में उनके घंटे लग जाते हैं। जो टॉपिक है उसके बारे में गहन अध्ययन जिसमें कई घंटों का समय लग जाता है। रिकॉर्ड करने का टाइम और फिर एक घंटे के केरीब एडिटिंग में लग जाता है।
मोबाइल पाठशाला ने बदला पढ़ाने का चलन
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के जिला प्रधान ईश्वर ढांडा व सचिव सतबीर कौशिक ने कहा कि लॉकडाउन के कारण घर से पढ़ाओ अभियान प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। डीईओ और डीईईओ के मार्गदर्शन में हसला ने भी मोबाइल पाठशाला का शुभारंभ कर सभी लेक्चरर को विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया और इसकी कमान हसला के पूंडरी ब्लॉक प्रधान सुशील कुमार को दी। उनके अलावा हिंदी के लेक्चरर डाॅ. विजय चावला, सुरेश राणा, अश्वनी कुमार भी ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की राज्य कमेटी के आह्वान पर आज जिला प्रधान विजेंद्र मोर की अध्यक्षता में जिला सचिव रामपाल शर्मा, कोषाध्यक्ष तरसेम सिंह, ओमप्रकाश कुंडू व राज्य सचिव सतबीर गोयत ने प्रधान सचिव शिक्षा महावीर सिंह के नाम जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया।
राज्य सचिव सतबीर गोयत ने बताया कि कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी एवं लंबे लॉकडाउन के चलते हरियाणा के 70-80 हजार अध्यापक पिछले 45 दिनों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं परंतु खेद है कि बार-बार शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों से आग्रह करने के बावजूद अध्यापकों को सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे कि पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर व दस्ताने आदि उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं जिससे अध्यापकों का अपना जीवन ही असुरक्षित हो गया है।
जिला सचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि अध्यापकों के जिम्मे वो काम भी लगा रखे हैं जिनका उनसे कोई वास्ता नहीं है। वह तकनीकी रूप से भी सक्षम नहीं है। चाहे अनाज मंडी में अनाज खरीदने की ड्यूटी हो अथवा ऑनलाइन परिवार पहचान पत्र बनाने हो।
पिछले एक सप्ताह से घर जाने की परमिशन लेने के लिए एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। गुरुवार को प्रवासी मजदूरों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि साहब मिलते नहीं बाहर सड़क पर रेहड़ी लगाने नहीं देते घर में खाने के लिए राशन नहीं अब तो सरकार की तरफ से भी राशन नहीं दिया जा रहा। ऐसे में परिवार को क्या खिलाए, हमें तो बस जाने की परमिशन दिलवा दो घर पहुंचने के लिए साधन हम कर लेंगे । ये कहना है कलायत में राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य विभिन्न प्रदेशों के रह रहे फास्ट फूड की रेहड़ी लगाने वाले लाेगाें का। ये लाेग उपमंडल कार्यालय के बाहर अपने-अपने राज्य लौटने की परमिशन लेने के लिए पहुंचे थे।
फास्ट फूड की रेहड़ी लगाने वाले सुनील कुमार, भुल्लन सिंह, जितेंद्र सिंह, अजय, कमल सिंह, गोविंद, रघुराज, उमेश सिंह व दूसरे लोगों ने बताया कि वे लंबे समय से कलायत में ही गोलगप्पे आदि की रेहड़ी लगाते रहे हैं लेकिन जब से लॉक डाउन घोषित हुआ है तब से विनय तो रेडी लगा पा रहे हैं। उन्हें 14 अप्रैल के बाद सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं दी जा रही है जो उनके पास थोड़े बहुत पैसे थे वे भी खत्म हो गए हैं। ऐसे में वह अपने परिवार को भूखे बिलखते नहीं देख सकते। उन्होंने एसडीएम कार्यालय में लिखित पत्र देकर घर भेजने की गुहार लगाई है।
एसडीएम कार्यालय में तैनात सुपरिंटेंडेंट सावित्री देवी ने बताया कि एसडीएम मीटिंग के कारण बाहर हैं तथा फास्ट फूड का काम करने वाले कामगारों का आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा दिया गया है तथा उनके द्वारा दिए गए परमिशन पत्र को एसडीएम के समक्ष प्रेषित कर दिया जाएगा।
मार्केट कमेटी के सचिव अभिनव वालिया ने कहा कि सभी आढ़ती तीन दिनों के अंदर-अंदर किसानों की गेहूं की पेमेंट उनके खातों में देना सुनिश्चित करें, नहीं तो शेष गेहूं की पेमेंट रोक ली जाएगी। वे अपने कार्यालय में पूंडरी अनाज मंडी एसोसिएशन के आढ़तियों को सरकार के निर्देशों से अवगत करवा रहे थे। सचिव ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार जो उनके पास 24 अप्रैल तक कि गेहूं खरीद की पेमेंट आई है, वे उसे संबंधित किसान के खाते में डालकर उसकी डिटेल ई-खरीद पोर्टल पर डालें और जिन आढ़तियों का किसानों के साथ कोई लेने देना है तो वे उसका हिसाब भी अपने और किसान के हस्ताक्षर युक्त मार्केट कमेटी की तरफ से दिये जाने वाले परफोर्मा को भरकर पोर्टल पर ही लोड करें। अगर कोई आढ़ती ये नहीं करता है तो उसकी खरीद एजेंसियों द्वारा दी जानी वाली शेष पेमेंट रोक ली जाएगी। जिस आढ़ती के पास कमेटी द्वारा जारी यूजर आईडी नंबर नहीं है वो कमेटी से प्राप्त कर सकता है। शुक्रवार को ई-खरीद पोर्टल पर ही किसानों की पेमेंट दी जाने वाला परफोर्मा डाल दिया जाएगा।
अनाज मंडी फूडग्रेन डीलर एसोसिएशन के प्रधान ध्यानचंद ने कहा कि आढ़ती छह माह तक किसान की जरूरतों को पूरा करता है और छह माह बाद फसल आने पर अपना हिसाब कर लेता है, लेकिन सरकार नई गेहूं खरीद नीति के तहत किसानों व आढ़तियों के तालमेल को खराब करने पर लगी हुई है। आढ़तियों के लिए किसानों के खाते में अपने खातों से पेमेंट की अदायगी करना सरासर गलत है, इससे आढ़तियों की परेशानी ओर बढ़ गई है।
सरकार द्वारा लोगों के बैंक खाते में राशि डाले जाने के चलते पैसा लेने वालों की काफी भीड़ उमड़ रही है। भीड को नियंत्रित करने तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए बैंकों के पास पुलिस बल तैनात करना पड़ रहा है। बैंकों से भीड़ कम करने के लिए अब चलता फिरता डाक घर लोगों को सेवा प्रदान करने के लिए आगे आ गया है। एईपीएस योजना को धरातल पर लोने के लिए कैथल से एसिस्टेंट प्रबंधक अंकुश गर्ग, सिस्टम प्रबंधक तरूण भट्ट, एसपीएम महावीर सिंह, नरेंद्र कुमार तथा चंद्रभान के साथ ओबीसी बैंक के पास पहुंचे।
अंकुश गर्ग व तरूण भट्ट ने बताया कि इस व्यवस्था के द्वारा उस किसी भी बैंक उपभोक्ता के खाते से पैसा निकाला जा सकता है जिसका बैंक खाता आधार से लिंक किया हुआ है। उन्हाेंने बताया कि एक बैंक उपभोक्ता की 10,000 तक की राशि निकाली जा सकती है। इस व्यवस्था के आधार पर राशि देने के लिए उपभोक्ता का अंगुठा बायोमैट्रिक मशीन पर लगवाया जाता है।
अनाज मंडी एसोसिएशन ढांड के आढ़तियों का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधान जिले सिंह व प्रधान लाजपत गोयल के नेतृत्व में हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन एवं विधायक रणधीर सिंह गोलन को पूंडरी उनके कार्यालय में मिला। जिसमें आढ़तियों ने 26 अप्रैल की एफसीआई द्वारा किसानों से सीधेतौर की गई गेहूं खरीद की पेमेंट को आढ़तियों के माध्यम से किए जाने व आढ़त दिलवाने की मांग की। प्रधान व अन्य आढ़तियों ने चेयरमैन को अवगत करवाते हुए बताया कि सोलूमाजरा स्थित सोलो गोदामों में जाने वाले किसानों के गेहूं की खरीद के लिए सरकार ने निर्देश दिए थे कि सोलो गोदामों में जाने वाली गेहूं आढ़तियों की बजाए सीधे किसानों से खरीद कर उनके खातों में अदायगी की जाएगी।
जिसके लिए भी वे चेयरमैन गोलन को मिले थे और उनके प्रयासों से सरकार ने अपने निर्णय को वापस लेते हुए निर्देश जारी कर दिए थे। इन निर्देशों से पहले जो एक दिन 26 अप्रैल को एफसीआई द्वारा लगभग 40 हजार क्विंटल गेहूं खरीद किया गया था, अब एजेंसी उसकी पेमेंट आढ़तियों के माध्यम से न देकर सीधे किसानों को अदा करना चाह रही है, जबकि उस दिन गोदामों में जो किसान गेहूं लेकर गए थे, उसके लिए आढ़तियों ने किसानों को गेट पास व परफोर्मा भरवाकर भेजा था।
अब एजेंसी व गोदामों के प्रबंधक कह रहे है कि उस दिन कि वे आढ़त न देकर सीधे तौर पर किसानों को गेहूं की अदायगी करेंगे। जिससे आढ़तियों को लगभग 20 लाख रुपए की आढ़त का नुकसान हो सकता है । मौके पर चेयरमैन के निजी सचिव संजीव गामड़ी, बलजोर सिंह, अनाज मंडी के पूर्व प्रधान गुलाब सिंह पाबला, जंगशेर नंबरदार, गुरबचन जडौला, सुभाष, रामकुमार सिंगला, नसीब जडौला, नरेश घराड़सी, सुनील जिंदल, संजय, रमेश गुर्जर, दीपक शर्मा, लालचंद, राजा बंदराणा, अमित, बाबू, जयपाल जडौला, रणधीर आहूं, लाला अशोक व करेशन पबनावा ने बताया कि इस बारे जब वे एफसीआई व सोलो गोदाम के अधिकारियों से मिले तो उन्होंने कहा कि अगर मार्केट कमेटी उन्हें लिखकर देती है तो वे आढ़तियों के माध्यम से ही आढ़त समेत पेमेंट कर देंगे।
आढ़तियों ने ढांड मार्केट कमेटी सचिव के प्रति भी रोष जताया
चेयरमैन गोलन से मिलने आए आढ़तियों ने ढांड मार्केट कमेटी सचिव के रवैये के प्रति भी रोष प्रकट करते हुए कहा कि आढ़ती कई बार सचिव से इस मामले को लेकर मिल चुके हैं, लेकिन वे टालमटोल कर उन्हें गुमराह करने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा भी आढ़तियों के प्रति सचिव का रवैया ठीक नहीं है। चेयरमैन रणधीर गोलन ने तुरंत डीएम व सचिव मार्केट कमेटी ढांड से बात कर उन्हें 26 अप्रैल की गेहूं खरीद की पेमेंट पहले की भांति आढ़तियों के माध्यम से ही तुरंत करवाने के लिए कहा।
बीती रात बाबैन क्षेत्र में हुई बे-मौसमी तेज बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की प्याज, टमाटर, गोभी, मक्का व दलहन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। गांव टाटका, कसीथल, रामपुरा, कसीथल, रामनगर सहित अनेक गांवों के किसानों ने सरकार से भारी ओलावृष्टि के कारण फसलों के हुए नुकसान विशेष गिरदावरी करवा किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। गांव कसीथल के किसान रघुबीर सिंह, ओमप्रकाश, टाटका के रमन सैनी, अशोक कुमार, जगदीश ने कहा कि कल रात अचानक हुई बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
किसानों ने सरकार से मांग की कि विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिया जाए। कसीथल के किसान रघुबीर सिंह व ओमप्रकाश का कहना है इस वर्ष किसान पहले ही परेशान हैं। शाहाबाद शुगर मिल के बंद होने से उन्हें गन्ने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर भी मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार धरती पुत्र किसानों के हितों की रक्षा के लिए विशेष कदम उठाए अन्यथा किसान आर्थिक तौर पर बर्बाद हो जाएगा।
दिव्यांग रजनी की व्हीलचेयर के सहारे ही कहीं आना-जाना कर पाती है। उसकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। कुछ दिन पहले उसकी व्हीलचेयर टूट गई। नई व्हीलचेयर की मांग को लेकर रजनी खेलमंत्री के पास पहुंची । लेकिन मंत्री ने ना केवल व्हीलचेयर दिलवाई। बल्कि उसे अपना रोजगार चलाने के लिए मदद के तौर पर एक लाख रुपए भी दिए। खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने दिव्यांग रजनी को एक लाख का चेक भेज कर उसकी आर्थिक मदद की है। एसडीएम सोनू राम के कार्यालय से चेक लेकर रजनी खुश नजर आई। गांव बीबीपुर कलां की 18 वर्षीय रजनी रानी ने बताया कि बचपन से उसकी दोनों टांगे खराब हैं, जो काम नहीं करती। वह अपने पैरों पर नहीं चल पाती। कुछ साल पहले उसे एक संस्था द्वारा व्हीलचेयर भी दी गई थी, लेकिन उसके घर के सामने आवारा सांडों की लड़ाई में व्हील चेयर टूट गई। जिसके बाद उसका चलना मुश्किल हो चुका था।
सिलाई का सामान खरीदने को नहीं थे पैसे
रजनी के मुताबिक उसका परिवार अनुसूचित जाति से हैं। पिता सुभाष और मां किसानों के यहां मजदूरी करते हैं। अपनी रोजी रोटी को लेकर रजनी को अपने भविष्य की चिंता थी। इसलिए उसने पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर सिलाई कढ़ाई का काम भी सीखा, लेकिन सामान खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। कुछ दिन पहले उसे खेल मंत्री के दौरे का पता चला तो वह उनसे व्हील चेयर के लिए मदद की आस लेकर उनके पास पहुंची। मंत्री ने उसकी बात सुनते ही तुरंत एक लाख की सहायता देने की बात कही, लेकिन बदले में उससे एक वादा भी लिया कि वह अपनी पढ़ाई जारी रखेगी।
दिव्यांग की मदद के साथ मोटिवेट भी करेंगे
खेल मंत्री का कहना है कि जब दिव्यांग रजनी उनसे मिलने आई तो उन्हें अपने वो दिन याद आ गए। जब उन्होंने पीठ में गोली लगने के बाद दो साल व्हील चेयर पर बिताने पड़े थे। खेल मंत्री ने कहा कि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि जब शरीर अपना साथ नहीं देता तो मदद की कितनी अहमियत होती है। उनका प्रयास है कि जो लोग शारीरिक रूप से काम करने में असमर्थ महसूस करते हैं। उनकी मदद करने के साथ साथ उन्हें मोटिवेट भी किया जाए। ताकि उनके मन से नकारात्मक भाव खत्म हो सके। क्योंकि दिव्यांगता से बड़ा खतरा मन में पैदा होने वाली नकारात्मकता से है। जो हीन भावना पैदा कर देती है।
शहर में गीला व सूखा कचरा अलग-अलग ही एकत्रित किया जाएगा। इसे लेकर पिछले काफी समय से प्रशासन व नगर परिषद ने योजना बनाई है। अब इस योजना को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू हुई है। इसके लिए नगर परिषद ने अलग से 62 टिपर भी खरीदे हैं। गुरुवार को नप में विधायक सुभाष सुधा ने अधिकारियों की मीटिंग ली। कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर अधिकतर समय लोग अब अपने घरों में ही रहते हैं, इसलिए लोगों को नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी गीले और सूखे कचरे को लेकर सहजता से जागरूक कर रहे हैं। अब नगर परिषद ने हर घर से गीला व सूख कचरा अलग-अलग टिपरों में एकत्रित करना शुरू कर दिया है। इस योजना को सेक्टरों में लागू कर दिया गया है। प्रत्येक सेक्टर में एक गीले और सूखे कचरे के लिए दो टिपर जा रहे हैं।
बजीदपुर में होगा कूड़ा डंप : विधायक सुधा ने कहा कि नगर परिषद के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि शहर में सभी जगहों से गीला और सुखा कचरा अलग-अलग उठाना है। इस गीले और सूखे कचरे का प्रबंध बजीदपुर डंपिंग ग्राउंड में होगा। नप के पास यह अच्छा अवसर है कि लॉकडाउन के दौरान आमजन को इस विषय के प्रति जागरूक भी किया जा सकेगा। कोरोना वायरस की जंग जीतने के लिए नगर परिषद का हर कर्मी मोर्चे पर डटा है।
शहर के गली मोहल्लों व कॉलोनियों को सेनिटाइज करने के साथ नप का ध्यान बारिश में जलभराव की समस्या की निपटान पर भी है। मानसून सीजन से पहले नप ने नालों की सफाई का कार्य आरंभ कर दिया है। इस मानसून सीजन में बरसात के पानी की निकासी और बाढ़ से बचाव कार्यों के प्रबंध 31 मई तक पूरे किए जाएं। नप ने शहर में बारिश के कारण कहीं भी जलभराव न हो इस पर काम शुरू कर दिया है। नप की टीमें शहर के मुख्य नालों से लेकर जलभराव वाले स्थानों को चिह्नित करने में जुटी हैं। अलबत्ता नप शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर पूरी चौकस है, ताकि बारिश में किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े। कहा कि नप की ओर से जेसीबी और सफाई कर्मियों के जरिये नालों की सफाई को दुरुस्त किया जा रहा है। 15 सफाई कर्मियों की टीम इस कार्य को संभाले हुए हैं, जो हर रोज हर कॉलोनी के मुख्य नाले की सफाई के साथ जलभराव वाले स्थानों की सूची बनाई जा रही है। ताकि वहां की गलियों में व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। यही नहीं नप की ओर से सफाई कर्मियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में छोटी कॉलोनियों में सफाई की जाए। शहर के गांधी नगर के मुख्य नाले की सफाई का काम पूरा किया जा चुका है तो झांसा रोड और भद्रकाली मंदिर के सामने वाले नाले से भी गंदगी की सफाई कर उसे दुरुस्त कर दिया है। विधायक का कहना है कि बारिश से पहले ऐसे कोई नाला व गली-मोहल्ले की नाली नहीं छोड़ी जाएगी, जो गंदगी से अटी पड़ी हो। सफाई कर्मियों को सख्त हिदायत दी । उन्होंने कहा कि शहर में करीब 80 डंपर घर-घर जाकर कूड़े का उठान कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को स्वच्छ रखने में है। अब शहर में कहीं भी कूड़े के ढेर व गंदगी नहीं दिखाई देती। क्योंकि डंपरों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली व जेसीबी के जरिये गंदगी का उठान हर रोज किया जाता है।
अगर गंदगी मिली तो सफाई कर्मचारी जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि सभी सफाई कर्मियों को अधीनस्थ क्षेत्र के इंचार्ज की जिम्मेदारी सौंपी है। नप की टीम की ओर से समय-समय पर कॉलोनियों में सफाई व्यवस्था को जांचा जाएगा। यदि कहीं गंदगी व सफाई नहीं मिलती है तो संबंधित क्षेत्र के सफाई कर्मियों से जवाब तलब किया जाएगा। शहर के सभी पार्कों में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया है। इससे अब बारिश से जलभराव की समस्या से राहत मिली है। यही नहीं शहर भी दूधिया रोशनी से जगमगाने लगा है। शहर में 15700 सोडियम स्ट्रीट लाइट्स काम करने लगी हैं। शहरवासियों की हर समस्या के निपटने के लिए शिकायत केंद्र भी स्थापित किया है।
गेहूं का सीजन सिमटने को है, अब केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से टूटे-सिकुड़े दाने के लिए छूट छह फीसदी से बढ़ाकर दस फीसदी की है। छह फीसदी से ऊपर वेल्यू कट लगाया जाएगा। इसके तहत आठ फीसदी तक टूटा-सिकुड़ा दाने पर 4.81 पैसे प्रति क्विंटल और आठ से दस फीसदी तक पर 9.62 प्रति क्विंटल कटौती का प्रावधान किया गया है। इसी तरह लस्टर लॉस दस फीसदी तक कोई कटौती नहीं, उससे ऊपर 11 से 50 फीसदी तक लस्टर लॉस वाली गेहूं पर समर्थन मूल्य पर 4.81 पैसे प्रति क्विंटल वेल्यू कट लगाया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के अलग-अलग जिलों में टूटे-सिकुड़े व लस्टर लॉस यानी पानी लगने के कारण फीकी चमक वाले दाने को लेकर छूट देने की व्यवस्था की गई है। इस गाइडलाइन का व्यापारी वर्ग विरोध कर रहा है। व्यापारियों का तर्क है, लस्टर लॉस के नाम पर कटौती का खामियाजा व्यापारी को भुगतना होगा। कारण किसान को माल तुलाई कर अपनी फसल का जे फार्म लेकर जा चुका है।
लस्टर लॉस को लेकर दस से 50 फीसदी तक जिला वाइज ली जाएगी गेहूं : दस फीसदी तक लस्टर लॉस में किसी तरह की कोई कटौती नहीं की जाएगी। इसके ऊपर 11 से 50 फीसदी तक लस्टर लॉस पर प्रति क्विंटल 4.81 पैसे की कटौती का प्रावधान किया गया है । मंत्रालय ने जिलों में हुई बारिश की रिपोर्ट के आधार पर जिला वाइज लस्टर लॉस का निर्धारण किया है। पंचकूला में 20 फीसदी तक, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और सिरसा में 30 फीसदी तक, कैथल, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, रोहतक, यमुनानगर, अम्बाला और कुरुक्षेत्र में 40 फीसदी तक लस्टर लॉस में छूट का प्रावधान किया है। इसके अलावा पलवल, नूह, सोनीपत, करनाल, पानीपत, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम इनमें 50 फीसदी तक लस्टर लॉस गेहूं खरीदने की व्यवस्था की गई है। रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार, सिरसा, झज्जर, जींद, करनाल, पानीपत और पंचकूला इन जिलों में आठ प्रतिशत तक की छूट टूटे व सिकुड़े दाने में दी गई है । इसके तहत छह प्रतिशत से ऊपर प्रति क्विंटल 4.81 प्रति क्विंटल वेल्यू कट लगेगा ।
कुरुक्षेत्र सहित दस जिलों में दस फीसदी तक की छूट
कुरुक्षेत्र, कैथल, पलवल, नूह, फरीदाबाद, गुरूग्राम, सोनीपत, रोहतक, यमुनानगर और अम्बाला इन जिलों में दस फीसदी तक टूटी व सिकुड़ी गेहूं लेने को परमिशन है। इसमें भी छह फीसदी तक कोई वेल्यू कट नहीं है। आठ फीसदी तक 4.81 और दस फीसदी होने पर प्रति क्विंटल 9.62 रुपए का वेल्यू कट लगेगा।
मंत्रालय से पहुंच चुकी गाइडलाइन : डीएम
एफसीआई के जिला प्रबंधक जनार्दन पासवान का कहना है बुधवार को विभाग का पत्र पहुंचा है । इसकी गाइडजलाइन अनुसार ही गेहूं को लिया जाएगा। उन्होंने कहा व्यापारी वर्ग भी इस गाइडलाइन को अच्छे से समझ सहयोग करें। नई अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सदस्य बनी सिंह ढुल, जगतार काजल और पूर्व प्रधान बलविंद्र सिंह और दौलतराम बंसल का कहना है लस्टर लॉस के नाम पर कटौती गलत है । इसका खामियाजा व्यापारी को ही भुगतना पड़ेगा । किसान पूरी कीमत के हिसाब से जे फार्म कटवा फसल बेच चुका है।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में प्रदेश सरकार द्वारा जहां दुकानें व बाजार खोलने के आदेश देकर राहत दी गई है वहीं प्रदेश में शराब के ठेके खालने का फैसला सरकार द्वारा 5 मई को लिया गया वहीं 6 मई से निर्धारित समय अवधि व शर्तों के साथ शराब की बिक्री शुरू की गई। इस सबके बीच वे शराब के ठेके आज भी बंद हैं जो किन्हीं कारणों के चलते उस समय अलॉट नहीं हो पाए थे। अलॉट न हो पाने वाले ठेकों में कलायत शहर के ठेके भी शामिल है। कलायत नगर के ठेके बंद पड़े है। ठेकों के बंद होने के कारण में जब कलायत में ठेका का कार्य देख रहे व्यक्ति से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जब सरकार व आबकारी विभाग द्वारा ठेकों के टेंडर आमंत्रित किए जाते हैं तो उस समय फीस भी निर्धारित की जाती है। निर्धारित लाइसेंस फीस से ऊपर जिस भी ठेकेदार की राशि होती है उसके नाम ही विभाग द्वारा ठेका अलॉट कर दिया जाता है। मगर जिन ठेकों की लाइसेंस फीस ठेकेदार को ज्यादा लगती है उस वैंड पर टेंडर नहीं लगाया जाता जिसके कारण वह वैंड अलॉट नहीं हो पाता। कलायत के ठेकों की लाइसेंस फीस को ध्यान में रखते ही किसी भी ठेकेदार ने इसमें रूचि नहीं ली जिसके कारण कलायत का रेलवे रोड, कैंची चौक सहित बाइपास का ठेका भी बंद पड़ा है।