पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से गांव बलियाली में मुंहखुर व गलघोटू जैसी घातक बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए घर-घर जाकर टीकाकरण किया गया। पशु चिकित्सालय बलियाली के प्रभारी डॉ. विजय सनसनवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के समय में पूरा विश्व आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। ऐसी परिस्थिति में पशुपालकों के पशुओं को किसी प्रकार का नुकसान न हो ताकि पशुपालक इस वक्त में अपना गुजारा कर सके। उन्होंने बताया कि छोटे आठ महीने से कम उम्र के छोटे पशुओं को चार हफ्ते बाद बूस्टर डोज लगाई जाएगी। जो पशु गर्भवती हैं, उनका टीकाकरण प्रजनन के बाद किया जाएगा। इस टीकाकरण से कई बार पशुओं में बुखार भी आ सकता है। ऐसे में उन्हें बुखार की दवा देनी चाहिए। अगर पशु टीकाकरण के बाद चरना कम कर दे तो उसे भूख बढ़ाने के पाउडर देने चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस टीकाकरण से पशुओं में न तो दूध सूखता है और न हीं किसी प्रकार का गर्भपात होता है, इस अफवाह से बचना चाहिए। चिकित्सक ने बताया कि टीका लगने के बाद दो दिन पशु को गुड़ देना बहुत ही फायदेमंद होता है। इस अवसर पर टीम में जयसिंह वीएलडीए,देशराज व अमित कुमार आदि मौजूद थे।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लॉकडाउन में ढील के चलते ट्रासंपोर्ट करने वाले साधनों व ड्राइवरों की सेहत व उनके स्वास्थ की जांच करने की और खासा ध्यान देना शुरू कर दिया है। टीम ने ट्रक यूनियन कार्यालय में जाकर चालकों के सैंपल लेने शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा यह इसलिए किया जा रहा है कि चालकों को सामान का ट्रांसपोर्ट करने के लिए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश व शहरो में वाहन लेकर आना-जाना पड़ता है।
इसके चलते संक्रमित होने का खतरा उन्हें सबसे अधिक है। विभाग द्वारा लगातार पांच दिन से जारी रैंडम सैंपलिंग अभियान के अंतर्गत बुधवार को मोबाइल टीम ज़िला मलेरिया अधिकारी डॉ. जया गोयल और नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष खटरेज़ा के निर्देशानुसार नई सब्जी मंडी पहुंची। जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पुनिया के नेतृत्व में पहुंची टीम में हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा और एमपीएचडब्ल्यू नूर मोहमद ने बताया कि रेड जोन एरिया और दूसरे प्रदेशों के विभिन्न शहरों से मालवाहक गाड़ी के माध्यम से आवागमन करने वाले 31 चालक और परिचालकों के सैम्पल लिए और इसके अलावा उक्त चालक और परिचालकों की यात्रा का पूरा विवरण,गाड़ी नम्बर,फोन नम्बर,पूरा पता सहित तमाम महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की गई। इससे पूर्व मंडी में स्थित सभी दुकानदार और आढ़तियों से उनकी दुकानों पर पहुंचने वाले मालवाहक गाड़ी चालकों और परिचालकों का पूरा विवरण प्राप्त किया और उनकी सैम्पल करवाने का आह्वान किया।
गौरतलब है कि हरियाणा के कई जिलों में सब्जी मंडी में कोरोना के काफ़ी मामले सामने आए हैं जिनको लेकर हिसार की स्वास्थ्य विभाग की टीम विगत 5 दिनों से सब्जी मंडी में रैंडम सैंपलिंग कर रही है। ज़िला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा और एमपीएचडब्ल्यू नूर मोहमद के नेतृत्व में शहर की नई सब्जी मंडी में प्रातः 5 बजे ही अपनी टीम के साथ पहुंच गए। नूर मोहमद ने बताया कि बरसात के दौरान भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपना अभियान जारी रखा। सैम्पल लेने की टीम में डॉ. रवि चोहान, डेंटल सर्जन, एलटी राकेश शर्मा, ईएमटी कुलदीप, सुनील सहित एमपीएचडब्ल्यू कर्मी सुनील शर्मा, सौरभ, सुनील भानखड़, वेद प्रकाश और परमजीत शामिल रहे।
सिविल अस्पताल के नर्सिंग हॉस्टल में छात्राओं द्वारा खाने का बहिष्कार करने का मामला सामने आया है। इस मामले का खुलासा बीते मंगलवार को हुआ। हॉस्टल में खाने को लेकर छात्राओं में उस समय हड़कंप मच गया, जब छात्राओं को महिला कुक की तबीयत खराब होने का पता चला। कुक से पूछने पर पता चला कि उसका बेटा पिछले दिनों फरीदाबाद से लौटा है। उसके बाद कुक को कोरोना के संदेह के चलते सिविल अस्पताल में सैंपल देने के लिए भेजा गया। स्टाफ ने उसके द्वारा बनाए हुए खाने को नष्ट करवाकर दूसरे कुक से खाना बनवाया। टीम ने कुक, प्रिसिंपल, कुछ छात्राओं और स्टाफ सदस्यों के सैंपल भी लिए हैं। इसके साथ ही कुक को आइसोलेशन वार्ड में भेजा, मगर बाद में पता चला कि कुक अस्पताल से निकलकर अपने घर पहुंच गई। जिसके कुछ समय बाद वापस अस्पताल पहुंची। उधर, स्टाफ ने ब्रेक फास्ट के बाद बचा खाना नष्ट कराया और कर्मचारियों ने रसोई व बर्तनों को गर्म पानी से दो बार धोया। बाद में टीम सदस्यों ने कुक, प्रिंसिपल, कुछ छात्राओं व कर्मचारियों के सैंपल लिए। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्टल की रसोई को दो बार सैनेटाइज किया।
शहर के साथ बसे पंजाब के दशमेश नगर में कोरोना पॉजिटिव पुलिसकर्मी मिलने के बाद हरियाणा में भी टीम ने सर्वे किया। जिसमें बॉर्डर पर गलियों में रहने वाले परिवारों का कोई सदस्य बुखार खांसी पीड़ित नहीं मिला है। सर्वे टीम ने डोर टू डोर जाकर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी जागरूक किया है।
शहर से सटे पंजाब के मंडी किलियांवाली के दशमेश नगर में रहने वाले पंजाब पुलिस कर्मी के 1 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हरियाणा क्षेत्र के में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट हो गई। एहतिहात के तौर पर बॉर्डर की गलियों में डोर टू डोर जाकर सर्वे किया गया है। जिसमें करीब 89 घरों में सर्वे के दौरान कोई भी परिवार का सदस्य खांसी बुखार और छाती जाम होने से पीड़ित नहीं पाया गया है। सर्वे के दौरान आशा वर्करों की टीम ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी जागरूक किया और गैर जरूरी कार्य से घर से बाहर ना निकलने के प्रति भी सचेत किया। हालांकि दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाके में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक टीमों का समन्वय नहीं होने से सीमावर्ती गलियों में रहने वाले दोनों राज्य के लोग परेशानी में है। लोगों ने बताया कि पंजाब एरिया में कोराना पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद उक्त दशमेश नगर के लोगों का हरियाणा क्षेत्र के बाजार और इलाका में आवागमन जारी है। इलाके में सैनिटाइजेशन भी नहीं किया गया है और ना ही आवागमन पर किसी प्रकार की सख्ती के प्रति गंभीरता है। लोगों ने बताया कि उक्त एरिया से रहने वाले व्यापारी और कामगार यहां डबवाली शहर में अपना कारोबार और दुकानों पर काम करते हैं वहीं शहर की सब्जी मंडी में भी रुकते एरिया के लोगों का आवागमन होने से चिंता का विषय बना हुआ है।
शहर के वाल्मीकि चौक के निकट पैदल दूध लेने जा रही दो महिलाओं को तेज रफ्तार कार चालक ने टक्कर मार दी, जिससे एक महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरी को मामूली चोटें आई हैं। कार चालक मौके से भागने में कामयाब हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में पहुंचाया।
पुलिस को दिए बयानों में सीएमके कॉलेज रोड स्थित इंद्रपुरी मोहल्ला निवासी महिला मंजू ने बताया कि बीते दिवस की सुबह वह अपनी जेठानी पूनम के साथ पैदल दूध लेने के लिए आईटीआई चौक की ओर जा रही थी। इसी दौरान एक तेज रफ्तार कार चालक ने पीछे से दोनों को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से उसकी जेठानी रोड पर जा गिरी और गंभीर रूप से घायल हो गई, जबकि उसे मामूली चोटें आई। उसने तुरंत परिजनों को सूचित कर एंबुलेंस की मदद से पूनम को अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया।
गंभीर चोटें होने के कारण चिकित्सकों ने उसे रैफर कर दिया। शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान पूनम ने जख्मों का ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया। पुलिस ने मौके पर आकर स्थिति का जायजा लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में पहुंचाया। बाद में पुलिस ने परिजनों के बयानों के आधार पर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों के सौंप दिया।
(संदीप बिश्नाेई)प्रशासन की चेतावनी के बावजूद जिले में लाेग बेवजह बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे, मगर विदेशों में लोग सतर्क हैंै। विदेशाें में जहां कैश के लेन-देन में एहतियात बरत रहे हैं, वहीं खरीदारी करते समय लाेग खुद ही 6-6 फीट की दूरी बना लेते हैं। हाथ सेनेटाइज कर रहे हैं। अास्ट्रेलिया, जर्मनी और कनाड़ा में रह रहे हिसार के छात्र साेशल मीडिया के जरिये जागरूक कर रहे हैं। विदेशों की तर्ज पर ही काेराेना से बचाव के लिए लाॅकडाउन की पालन की अपील कर रहे हैं।
विष्णु: बर्लिन में लोग रूल फॉलो करते हैं, क्लास बंद, घर पर ऑनलाइन स्टडी
गांव पारता के विष्णु ने बताया कि वह जर्मनी की राजधानी बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और आतिथ्य में एमए कर रहा हूं। यहां के लाेग सरकार के आदेश का पालन करते हैं। सरकार द्वारा बताए गए सभी नियमाें का पालन करते हैं। लेकिन काेराेना के चलते अभी क्लास बंद हैं। घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ती है। घरवालाें की भी याद ज्यादा आती है।
अतुल: कनाडा में सख्ती है, यहां लोग बिना मास्क के बाहर नहीं निकलते
कनाडा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे काजलहेडी के अतुल ने बताया कि काेराेना के कारण सब बंद है। पढ़ाई ऑनलाइन करते हैं। फूड फैक्ट्री में काम कर करता हूं इसलिए मेरा काम चल रहा है। खाने पीने के सभी स्टाेर खुले हैं। मार्केट में लाेग उचित दूरी बनाते हैं। बिना मास्क बाहर नहीं निकलते। दुकानदाराें ने कैश व स्वाइप से पैमेंट लेना बंद कर दिया है। ऑनलाइन ही पैमेंट हो रही है।
कीमती: ऑस्ट्रेलिया में काम बंद, घर में सेफ्टी रूल फॉलो कर रहा
मेरा नाम कीमती है मैं ऑस्ट्रेलिया में रहता हूं। विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहा हूं, लेकिन कोरोना की वजह से मेरी ऑनलाइन क्लास लगती है जिससे पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है। बडोपल के कीमती कहते हैं कोरोना की वजह से काम पूरी तरह से बंद हो गया है, मैं घर पर ही रह कर सेफ्टी रूल फॉलो कर रहा हूं।
जितेंद्र न्यूज एजेंसी के संचालक काेरोना वायरस की इस संकट की घड़ी में भी सुबह 4 बजे से ड्यूटी शुरू करके लोगों तक अखबार पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।एजेंसी संचालक की ओर से कोरोना महामारी के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरवाला में सभी समाचार पत्र वितरक विजय राणा, शिवा, प्रह्लाद सिंह, सोमनाथ, राजू, अमरीक व विनोद सैनी के स्वास्थ्य की जांच स्वास्थ्य केंद्र बरवाला प्रभारी डॉक्टर मोहित शर्मा से करवाई।
डॉक्टर ने एजेंसी के संचालक जितेंद्र सिंह व उनकी पूरी टीम के स्वास्थ्य की जांच की और कहा कि कोरोना महामारी में अपनी सेवाएं देकर बरवाला और नजदीकी गांव के लोगों को रोजाना अखबार पहुंचाने का बहुत ही बड़ा सराहनीय कार्य कर रहे हैं और उन्हाेंने स्वास्थ्य केंद्र में अपनी पूरी समाचार पत्र वितरकाें की टीम की जांच करवा कर जिम्मेदारीनिभाई है।
जिला प्रशासन की ओर से पुस्तकों की बिक्री पर कम से कम 25 फीसदी की छूट के आदेश न मानने पर की गई कार्रवाई के बाद पुस्तक विक्रेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। पुस्तक विक्रेताओं ने अपनी दुकानें बंद कर पुस्तकों की बिक्री बंद कर दी साथ ही डीसी को ज्ञापन सौंपकर पुस्तकों पर छूट दिए जाने से स्पष्ट इनकार कर दिया।
डीसी के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने शहर के पुस्तक विक्रेताओं की दुकानों पर बुधवार को छापेमारी की लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा की ओर से शुरू की गई कार्रवाई की सूचना पुस्तक विक्रेताओं को मिल गई और उन्होंने पुस्तकों की बिक्री बंद कर दी पुस्तक विक्रेताओं ने अपने-अपने शटर गिरा दिए।
इसके बाद जिला प्रशासन को सूचना मिली कि खंड रानियां के पुस्तक विक्रेता भी इसी तरह नियम तोड़ कर पुस्तकें बेच रहे हैं। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने अपनी टीम के साथ रानियां में दबिश दी लेकिन रानियां पहुंचते ही पुस्तक विक्रेताओं को सूचना मिल गई और उन्होंने भी सभी दुकानें बंद कर दी। दोपहर करीब 3:30 बजे तक इंतजार करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी की टीम वापस सिरसा लौटा आई।
जिला शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने बताया कि पुस्तक विक्रेताओं ने 25 फीसदी छूट के आश्वासन के बाद परमिट हासिल किए थे
लेकिन उन्होंने अभिभावकों को छूट नहीं दी इसलिए विभाग की ओर से यह जांच शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को की गई छापेमारी की सूचना और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट उन्होंने डीसी और एडीसी को भेज दी है।
जिले के जिन किसानों ने समैम (एसएमएएम) स्कीम के तहत विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया था, उन किसानों में से लेजर लेवलर के आवेदकों को छोड़कर अन्य सभी आवेदकों को विभाग द्वारा अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक राजेश सिहाग ने बताया कि लेजर लेवलर के आवेदकों को छोड़कर अन्य सभी आवेदकों को खंड स्तर पर निर्धारित तिथि व समय अनुसार आवश्यक दस्तावेज जांच करते हुए प्रत्येक दिन सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 1 बजे व शाम को दोपहर बाद 2 बजे से साढ़े 4 बजे तक 50-50 किसानों को अनुदान प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। किसानों को उनके ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए दिन व समय की सूचना भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान अपने साथ 35 एचपी या अधिक ट्रैक्टर की वैध आरसी जो जिले में रजिस्टर्ड हो, किसान के नाम जमीन व उसकी पटवारी रिपोर्ट, किसान का बैंक खाता, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र (यदि अनुसूचित जाति से हो तो) साथ लेकर आएं। किसान को मैसेज के अनुसार निश्चित तिथि एवं समय पर आना होगा।
जिले के किसानों को इन कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान
समैम स्कीम के तहत स्ट्रा बेलर, हेरेक, शर्ब मास्टर/स्लशेर, रीपर बाइंडर, काॅटर सीड ड्रिल, लेजर लैंड लेवलर, नुमेटिक प्लांटर, ट्रैक्टर चालित स्प्रेयर, डीएसआर मशीन, पैडी ट्रांसप्लांटर, पोस्ट होलडिगर, ब्रिकेट मेकिंग मशीन, फर्टिलाइजर ब्राॅडकास्टर मशीन, ट्रैक्टर चालित पाॅवर वीडर, मोबाइल श्रेडर, रोटावेटर व मक्का/राइस ड्रायर के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा।
भट्टू कलां के मॉडल टाउन में दिल्ली से आई 23 वर्षीय युवती के कोराेना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने भट्टू मंडी के मॉडल टाउन को पूरी तरह से सील कर दिया है।
संक्रमित युवती के घर के दोनों तरफ की 5 गलियों को कंटेनमेंट जोन तथा पूरे मॉडल टाइन इलाके को बफर जोन घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से तथा लोग घरों से बाहर न निकलें इसके लिए पुलिस प्रशासन ने
मॉडल टाउन के चारों तरफ 7 नाके लगाए हैं।
यहां बता दें कि युवती अपनी दो मौसेरी बहनों के साथ शनिवार को दिल्ली से आई थी। इसके बाद प्रशासन ने रविवार को तीनों युवतियों, उन्हें लेकर आए संक्रमित युवती के पिता तथा गाड़ी चालक का सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजा था। मंगलवार को आई रिपोर्ट में भट्टू की रहने वाली उक्त युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जबकि उसके साथ आई उसकी दो मौसेरी बहनों तथा उसके पिता की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
संक्रमित युवती को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पताल बनाए गए अग्रोहा के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है।
कोरोना का संक्रमण व बाजार से सब्जी आदि लाने के झंझट से बचने को लेकर एडवोकेट जगदेव औलख ने अपनी छत पर ही सब्जियां उगानी शुरू कर दी हैं। इन सब्जियों की पैदावार में किसी तरह के पेस्टीसाइड या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया है। इन्हें देसी तरीके से तैयार व प्रयोग किया जा रहा है।
नए बस स्टैंड के सामने डेजी कॉलोनी निवासी एडवोकेट जगदेव ने बताया कि अपनी छत पर करीब 50 गमले रखकर उनमें टिंडे, तोरी, बैंगन, तर, ककड़ी, करेले, टमाटर, घीया, खीरा की सब्जियां लगाई हैं। इन सब्जियों में वे कीटनाशक व अन्य दवाओं क प्रयोग नहीं करते। सुबह-शाम पानी देने के साथ ही देखभाल करते हैं।
सभी सब्जियां पेस्टीसाइड मुक्त हैं। उनका कहना है कि उनकी देखभाल के लिए वे हर रोज सुबह-शाम दो-दो घंटे का समय निकालते हैं। आम बेलों की बजाय ये फल भी ज्यादा दे रही हैं। जगदेव सिंह ने बताया कि जब गर्मी ज्यादा हो जाती है तो वे इन गमलों को कूलर व पंखे वाले कमरे में रख देते हैं। इससे इन्हें ठंडक मिलती है और गर्मी का प्रकोप नहीं पड़ता। उन्होंने कई ऐसी सब्जियां भी लगाई हैं, जो बेमौसमी हैं और उन्हें जरूरत के अनुसार ठंड भी दी जाती है।
अनुकूल वातावरण मिलने से सब्जियां प्रभावित नहीं होती, बल्कि अच्छी पैदावार देती हैं। कुछ समय पहले उन्होंने जामुन का एक पेड़ भी लगाया हुआ है। अब जब लॉकडाउन के चलते सब्जियों की खरीददारी को लेकर झंझट थे, इसलिए उन्होंने छत पर सब्जियां उगाने की ठानी। जगदेव सिंह ने बताया कि जो सब्जियां बाजार में मिलती हैं, वे पेस्टीसाइड से तैयार होती हैं, जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
दूसरा वे बाहर से आने के कारण बासी हो जाती है और ताजा नहीं रहती। बाजार से सब्जियां काफी महंगी मिलती हैं। उसे घर से ही ताजा व सस्ती सब्जियां मिल जाती हैं।
अपने प्रदेश बिहार जा रहे प्रवासी मजदूरों की खुशी की बात है कि उन्हें यहां से गुरुवार अल सुबह हिसार व अंबाला के लिए रवाना किया जाएगा। 122 प्रवासी तोशाम से हिसार के लिए व 571 प्रवासियों को भिवानी से अंबाला के लिए रोडवेज बसों में भेजा जाएगा। वहां से ये प्रवासी ट्रेनों में बैठकर अपने अपने गंतव्यों की तरफ रवाना हाे जाएंगे।
भिवानी से बिहार जाने वाले 693 प्रवासियों ने पंजीकरण करवाया है। इसके तहत 122 प्रवासी मजदूरों को तोशाम से भिवानी के लिए अल सुबह रवाना किया जाएगा। इसके लिए सभी मजदूरों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग कर ली गई है व सभी का फिटनेस कार्ड तैयार कर इन्हें सुपुर्द कर दिया है ताकि उन्हें अपने जिले में प्रवेश करते समय किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए रोडवेज द्वारा चार बसों का प्रबंध किया गया है। ये बस सुबह चार बजे हिसार के लिए रवाना हो जाएंगी। हिसार से ट्रेन में ये प्रवासी मुज्जफरपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।
भिवानी से 571 प्रवासियों को रोडवेज बसों में अंबाला ले जाया जाएगा। इसके लिए प्रबंधन ने 20 बसों का प्रबंध किया है। ये सभी बस गुरुवार सुबह चार बजे अंबाला के लिए रवाना की जाएगी। हर बस में सोशल डिस्टेंिंसंग रखते हुए यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अंबाला से ये प्रवासी ट्रेन में कटिहार के लिए रवाना होंगे।
इस संबंध में यातायात प्रबंधक भरत सिंह परमार ने बताया कि चार बसों को तोशाम से हिसार के लिए 20 बसों को भिवानी बस स्टैंड से अंबाला के लिए सुबह चार बजे रवाना किया जाएगा। इस संबंध में एसडीएम एवं नोडल अधिकारी महेश कुमार ने बताया कि इन सभी यात्रियों को बसों के माध्यम से हिसार व अंबाला ले जाया जाएगा। हिसार व अंबाला के लिए इनके लिए रेलवे ने ट्रेनों की व्यवस्था की हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन के दौरान 2500 प्रवासी मजदूरों को हेल्थ चैकअप किया है। सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग कर उन्हें हेल्थ फिटनेस कार्ड बनाया गया है। गौरतलब है कि फसल कटाई के लिए दूसरे प्रदेशों से काफी संख्या में मजदूर जिले में आए थे। लॉकडाउन के चलते फसल कटाई के बाद ये मजदूर यहीं पर रह रहे हैं। इसलिए प्रशासन द्वारा अब इन्हें घर भेजा जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. जितेन्द्र कादयान ने यह बताया कि प्रशासन द्वारा पिछले दो दिन में लगभग 2500 मजदूरों की उनके हेल्थ चैकअप के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिस्ट प्राप्त हुई जिसमें विभाग की टीम द्वारा उन सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग करके उनका हेल्थ फिटनेस कार्ड बनाया गया है ताकि उन्हें अपने प्रदेश लौटते समय किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
बुधवार काे दो दर्जन प्रवासी मजदूर परिवार समेत अपने घर मध्यप्रदेश व बिहार जाने के लिए पैदल ही किराये के घर से निकल पड़े। जब दो दर्जन प्रवासी मजदूर सिर पर थैले व बैग लेकर पैदल पैदल भिवानी से कलानौर स्थित रोहतक सीमा में पहुंचे तो पुलिस नाके पर सभी को रोक लिया और सूचना भिवानी प्रशासन को दी।
सूचना पर डीआरओ प्रमोद चहल व भिवानी महापंचायत के संयोजक संपूर्ण सिंह कलानौर पहुंचे और प्रवासी मजदूरों को वापस भिवानी लाने के लिए रोडवेज बस की व्यवस्था की। प्रवासी मजदूरों में एक दंपति अपनी एक माह की बच्ची के साथ ही पैदल गांव जा रहा था। जिन्हें संपूर्ण सिंह अपनी गाड़ी में बैठाकर भिवानी लेकर आए। सभी प्रवासी मजदूरों के रहने व खाने की व्यवस्था जाट धर्मशाला में की गई है जबकि दंपति व बच्ची को संपूर्ण सिंह अपने साथ अपने घर ले गए। स्वास्थ्य विभाग सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग करेगी।
दोपहर को जिला प्रशासन को रोहतक प्रशासन ने सूचना दी कि लगभग 14 प्रवासी मजदूर भिवानी से रोहतक सीमा में प्रवेश करना चाहते है तो पैदल भिवानी से रोहतक होकर अपने गांव मध्यप्रदेश व बिहार जाना चाहते हैं। जिन्हें पुलिस नाके पर रोका गया और उन्हें वापस भिवानी लेकर जाए। इस संबंध में सूचना भिवानी महापंचायत के संयोजक संपूर्ण सिंह को भी मिली। सूचना पर संपूर्ण सिंह कलानौर पुलिस नाके पर पहुंचे और कुछ समय बाद प्रशासन की तरफ से डीआरओ प्रमोद चहल भी मौके पर पहुंचे। प्रवासी मजदूरों ने कहा कि उनके गांव के लगभग सभी प्रवासी मजदूर वापस जा चुके है। इसलिए उन्होंने सोचा की वह भी पैदल अपने गांव जाए। डीआरओ प्रमोद चहल ने प्रवासी मजदूरों को वापस भिवानी लाने के लिए रोडवेज बस की व्यवस्था की। प्रवासी मजदूर रोडवेज बस से भिवानी पहुंचे। सभी रहने व खाने की व्यवस्था जाट धर्मशाला में की गई है।
डीआरओ प्रमोद चहल ने बताया कि इन मजदूरों को शीघ्र ही उनके घर पहुंचा दिया जाएगा। प्रशासन इसके लिए कार्य कर दिया है।
एक माह की बच्ची को साथ लेकर जा रहा था दंपती
मजदूरों में छत्तरपुर मध्यप्रदेश निवासी राजकुमार व उसकी पत्नी सोनम अपनी एक माह की बच्ची भी शामिल थी। इस परिवार को संपूर्ण सिंह अपने घर ले गए ताकि बच्ची की अच्छी तरह से देखभाल हो सके। राजकुमार व सोनम से पैदल ही जाने का कारण जानना चाहा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। सुबकते हुए उन्होंने बताया कि हमारे गांव का यहां कोई नहीं रहा। इसलिए मन नहीं लग रहा था व यह भी पता नहीं था कि कब तक रूकना पड़े। परिजनों की याद आ रही थी, इसलिए हम यहां से चले पड़े।
भारतीय किसान यूनियन की महिला प्रधान विनोद श्योराण ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए मुख्य रूप से काम आने वाले मास्क को घर पर बनाना शुरू किया है और अब तक करीब दो हजार मास्क वितरित कर चुकी है। जरूरतमंद व्यक्ति को मास्क की उपलब्धता सहज हो जाए इसके लिए विनोद श्योराण ने ग्रामीण महिलाओं को लॉकडाउन में समय का सदुपयोग करते हुए मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया है।
इसके अलावा विनोद श्योराण ने ढाणी केहरा में सैनिटाइजर का छिड़काव करके ग्रामीणों को कोरोना महामारी के दुष्परिणामों और बचाव के बारे में जागरूक किया। मास्क बनाने के बाद इनको सरसों व गेहूं खरीद केन्द्रों पर मजदूरों, पल्लेदारों व किसानों को वितरित किया जाएगा। बहल, ओबरा, बिधनोई, पाजू, मंढोली कलां, मिठ्ठी, सिधनवा, कासनी कलां के सरसों खरीद केन्द्रों पर मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया जाएगा। विनोद श्योराण ने बताया कि लॉकडाउन में घर का कार्य करने के बाद महिलाओं को बचे हुए समय का सदुपयोग करने और जरूरतमंद की सहायता करने के उद्देश्य से मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया और अब कस्बे की एक दर्जन महिलाएं मास्क बना रही हैं। जिसमें शकुंतला, दयावंती, स्नेहलता, हेमलता, सुमित्रा, रेणू, शिल्पी आदि शामिल हैं। विनोद श्योराण ने बताया कि महिलाओं के सहयोग से कपड़े के करीब एक हजार मास्क बनाए जा चुके हैं।
यूं शुरू हुआ अभियान
विनोद श्योराण के पति राजबीर श्योराण सुरपुरा कलां के सरकारी स्कूल में मुख्याध्यापक के रूप में कार्य कर रहे हैं और लॉकडाउन में समय का सदुपयोग करने के लिए उन्होंने विनोद श्योराण को बाजार में मास्कों की कमी और उपयोग को लेकर प्रोत्साहित किया तो इस अभियान की शुरूआत हो गई।
एनसीईआरटी की ओर से प्राइमरी कक्षाओं के बाद 9वीं से 12वीं का चार हफ्ते का एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है। लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाने के तरीके व तकनीक आदि को शामिल किया गया। कैलेंडर में अनुभव आधारित एजुकेशन के लिए आर्ट, फिजिकल एजुकेशन और योग को भी शामिल किया गया। इसमें बच्चों को तनाव मुक्त और चिंता दूर करने के उपाय बताए जाएंगे।
कैलेंडर में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत भाषाओं को जोड़ा गया है। इसमें ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध स्टडी मैटीरियल अपलोड किया गया है। कैलेंडर में सभी विकल्प सुझाव के तौर पर दिए गए हैं। वहीं स्कूल अपने अनुसार इसमें बदलाव कर सकते हैं।
एनसीईआरटी की ओर से कैलेंडर बनाते समय टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया को प्रमुखता दी गई है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ेगी। इस प्रक्रिया में अभिभावक, टीचर्स और विद्यार्थी को व्हाट्सअप, फेसबुक, टवीट, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगआउट के जरिए एक दूसरे से जोड़ सकते हैं। कैलेंडर में दिव्यांग भी शामिल किए हैं।
दिव्यांग बच्चों को ऑडियो बुक्स, रेडियो प्रोग्राम आदि की मदद से संबोधित किया जाएगा।
सीईई के लिए करें 30 मई तक आवेदन
नेशनल कांउसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एवं ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने कॉमन एंट्रेंस परीक्षा सीईई के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को 30 मई तक बढ़ा दिया है। इससे पहले ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि चार मई थी। उम्मीदवार cee.ncert.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करें। रीजनल इंस्टीयूट ऑफ एजुकेशन द्वारा प्रस्तावित विभिन्न टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में प्रवेश के लिए एनसीईआरटी कॉमन एंट्रेंस प्रोग्राम आयोजित करता है। एंट्रेंस से सेलेक्ट एपलीकेंट को दाखिला मिलेगा।
लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी सामान दिलाने व व्यापारियों को समृद्ध बनाने के लिए प्रशासन ने बाजार खोलने की छूट दी थी। लेकिन शुरूआत के दो दिन भीड़ ने सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन किया। वहीं तीसरी दिन जहां बाजार खुलना था वहां पहले से ही भारी पुलिस तैनात कर दी। जिन्होंने दुकानदारों पर सख्ती दिखाते हुए सोशल डिस्टेंस बनवाए रखा।
नगर परिषद कर्मियों ने चार दुकानदारों के किए चालान
पिछले दो दिन लगातार एक ही दुकान पर एक साथ 8 से 10 लोग खरीददारी करने पहुंच रहे थे। वहीं दुकानदार भी उन्हें टोकने की बजाय जल्दी सामान देते रहे। ऐसे में कोरोना वायरस फैलने का डर बना रहा। तीसरे दिन नगर परिषद कर्मचारियों ने शहर में निरीक्षण किया और चार दुकानदारों का चालान काट दिया। जिन्हें जुर्माना भी लगाया गया है।
दुकानों के बाहर पुलिस को देख लोगों ने की नियमों की पालना
दो दिन बाजार में लोगाें व दुकानदारों ने अपना संयम खोए रखा। ऐसे में एसपी बलवान सिंह राणा ने बाजार खुलने से एक घंटे पहले 9 बजे ही खुलने वाले बाजार में भारी पुलिस तैनात कर दी। जो भी दुकानदार दुकान खोल रहा था उसे सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए कहा जा रहा था। ऐसे में पूरी दिन दुकानों के बाहर पुलिस को देख सभी नियमों की पालना हुई।
तीसरे दिन काफी हद तक ठीक रहे हालात : डीएसपी
बाजार खुलने से पहले ही पुलिस ने निरीक्षण शुरू कर दिया था। वहीं दुकानदारों को पहले ही चेतावनी दे दी गई थी कि सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। ऐसे में तीसरे दिन काफी हद तक भीड़ कम रही।'' -शमशेर सिंह दहिया, डीएसपी।
बाजार की दुकानें हो या फिर नई सब्जी मंडी। कहीं पर भी सोशल डिस्टेंस, मास्क या सेनिटाइजर प्रयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसे में बेशक सब्जी मंडी आढ़तियों व मासाखोरों के लिए 99 सैंपल की रिपोर्ट आई है। मगर नियमों की उल्लंघना कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ा रही है। क्योंकि नई सब्जी मंडी में प्रतिदिन सैंकड़ों वाहन दिल्ली आजादपुर मंडी से सब्जी व फल लेकर आते हैं। जिनसे यह संक्रमण फैलने का खतरा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने 644 सैंपल लिए हैं जिनमें से 609 की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। वहीं 35 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकि है।
रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ज्यादा लापरवाही करने लगे लोग
झज्जर सब्जी मंडी में पॉजिटिव केस मिलते ही दादरी जिला प्रशासन सतर्क हो गया था। जिन्होंने अगले ही दिन पूरी सब्जी मंडी को सेनिटाइज करवा दिया और मार्किंग करवा कर डिस्टेंस में रखने के निर्देश दिए थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने 99 आढ़तियों, मासाखोरों व वाहन चालकों के सैंपल लिए थे। इन सभी की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ऐसे में पिछले तीन दिनों से मंडी में आने वाले लोग कोरोना संक्रमण को भूल गए हैं और डिस्टेंस खत्म कर लापरवाही बरत रहे हैं। जिससे जिले के हालात खराब होने की आशंका है।
105 सफाई कर्मचारियों की भी रिपोर्ट आई नेगेटिव
नगर परिषद के सफाई कर्मचारी भी हररोज सुबह से लेकर शाम तक दो दो बार शहर की सड़कों, वार्डों व कॉलोनियों में साफ सफाई करते हैं। सफाई कर्मचारी सार्वजनिक स्थानों से लेकर अनाज मंडी, सब्जी मंडी में भी साफ सफाई करते हैं। ऐसे में उनके संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा था। स्वास्थ्य विभाग ने 105 कर्मचारियों के सैंपल लिए थे जो नेगेटिव आए हैं।
एक मिला था पॉजिटिव, वह भी हुआ ठीक
जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव केस 6 अप्रैल को मिला था। गांव हिंडोल निवासी 55 वर्षीय रहमान कोरोना पॉजिटिव था। जिसे स्वास्थ्य विभाग ने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा था। रहमान की तीसरे दिन ही दूसरे रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी और कुछ दिन बाद तीसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव। 14 दिन क्वारेंटाइन सेंटर में रखने के बाद उसे 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन कर दिया था। फिलहाल जिले में एक भी केस पॉजिटिव नहीं है।
आढ़तियों को जारी कर दी गाइडलाइन : ठुकराल
सब्जी मंडी के सभी आढ़तियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी सोशल डिस्टेंस की पालना करवाएंगे साथ ही मास्क व सेनिटाइजर का भी प्रबंध करवाया जाएगा।'' -नंदलाल ठुकराल, एसोसिएशन प्रधान, नई सब्जी मंडी।
दादरी चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर बुधवार सुबह गांव सांजरवास के समीप एक शिफ्ट डिजायर कार के सामने आवारा कुत्ता आने से कार नीम के पेड़ से टकरा गई। हादसे में बीएड के छात्र की मां की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि छात्र को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए ले जाया गया। पुलिस ने मृतक महिला का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
मृतका पिंकी के देवर गांव अजायब जिला रोहतक निवासी सुरेश ने बताया कि पुलकित उसके बड़े भाई का लड़का है। पुलकित महेंद्रगढ़ में सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी से बीएड का कोर्स कर रहा है। पुलकित महेंद्रगढ़ से अपनी मां पिंकी के साथ सामान उठाने जा रहा था। पुलकित के साथ उसकी मां भी साथ कार में जा रही थी। छात्र पुलकित और उसकी मां अभी बौंद व सांजरवास के बीच में ही पहुंचे थे। सुबह करीब 10 बजे कार के सामने अचानक से एक आवारा कुत्ता आ गया। जिससे कार चालक छात्र का संतुलन बिगडऩे से कार सड़क की दाई तरफ नीचे खड़े नीम के पेड़ की साइड लगते हुए आगे खड़े पेड़ से लगते हुए रूक गई। अचानक से कार की साइड लगने से पुलकित के साथ बैठी उसकी मां पिंकी की दुर्घटना में लगी चोटों से मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायल पुलकित को उपचार के लिए सीएचसी में लेकर पहुंचे। पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई की है।
काेरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान और कार्यालय बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवाई गई है, लेकिन नए सिलेबर के बारे में बच्चों को जानकारी नहीं होने के कारण बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके लिए अब शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पुरानी किताबें डोर टू डोर जाकर बच्चों को सौपने की जिम्मेदारी संबंधित अध्यापकों की लगाई है। बच्चों के पास किताबें न होने के कारण मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। ऐसे में अब कक्षा छठी से 12वीं तक के बच्चों को पुरानी किताबें दी जा रही हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झोझू कलां के प्राचार्य धर्मबीर सिंह ने बताया कि अध्यापकों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से फोन के माध्यम से संपर्क कर उनके घर पर जाकर ही किताबें दी जा रही है। ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो सके।
लॉकडाउन के दौरान 40 दिन बाद जिले में शराब के ठेके खोल दिए गए हैं। मगर जिले में पहले ही दिन लोग शराब खरीदते शर्म महसूस कर रहे थे या फिर 40 दिन में उनकी आदत ही बदल गई।
बुधवार को इक्का दुक्का ही लोग शराब खरीदने ठेकों पर पहुंच रहे थे। वहीं सुबह बिना नियम पूरे किए ठेके खुलने शुरू हो गए थे। जिन्हें पुलिस ने बंद करवाते हुए नियम पूरे करने को कहा। जिले में गांव रानीला, गोपालवास व बेरला में पहले दिन शराब ठेके खाली थे और कुछ पर सिर्फ इक्का दुक्का बोतल ही थी। शराब ठेकों का निरीक्षण करने निकले डीएसपी शमशेर सिंह दहिया ने बिना नियम पूरे किए खुले ठेकों को बंद करवा दिया। इसके बाद तुरंत ठेकेदारों ने बास से बैरिगेट बनाए।
32 शराब ठेके खुले
दादरी शहर के अंदर 3 जोन के 6 शराब ठेके ही खुले। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 14 जोन हैं लेकिन 13 जोन के 26 शराब ठेके ही खुले। शहर के 3 व 1 ग्रामीण क्षेत्र का जोन है जो अभी अलॉट नहीं हुआ है। ऐसे में बुधवार को पहले दिन 32 शराब ठेके खुले।
सुबह 8.00 बजे खुले ठेके
पूरे जिले में सिर्फ झोझू कलां कस्बा ऐसा हैं जहां पहले ही दिन शराब ठेके अपने समय पर सुबह 8 बजे खुल गए थे। 8 बजे सिर्फ दो लोग ही शराब लेने पहुंचे। वहीं शराब की बोतल हाथ में लेने के बाद युवक अपने अंदर की खुशी छुपा नहीं पाया।
कोविड 19 के प्रकोप के चलते 22 मार्च के बाद से ही अधिकतर छोटे मोटे काम धंधे करने वाले बेरोजगार हो गए थे। केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन 3.0 में काम धंधों के साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम में कार्य करने की भी मंजूरी देने से पंचायत द्वारा सैंकड़ों महिला पुुरुषों को मनरेगा के तहत माइनरों और नहरों की सफाई व छंटाई के कार्य में लगाया गया है।
कोविड 19 के चलते सरकार ने मनरेगा के तहत कार्यों पर भी रोक लगा रखी थी। सरपंच प्रतिनिधि गोबिंद सिंह ने बताया कि जिला ऑरेंज जोन में आने के बाद में पंचायत विभाग द्वारा मनरेगा के तहत ग्रामीणों को कार्य करने की मंजूरी प्रदान की गई है। सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि मजदूरों से आसपास के लगते माइनरों और नहरों की सफाई और छंटाई का काम करवाया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में वयस्क सदस्यों को वित्त वर्ष में 100 दिन का रोजगार मुहैया करवाया जाता है। कोविड 19 के प्रकोप के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने मनरेगा के तहत मिलने वाली दिहाड़ी में प्रतिदिन 20 रुपये की बढ़ोतरी की है। पंचायत का कहना है कि मजदूरों को सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए ही काम करवाया जा रहा है। मजदूरों द्वारा मास्क लगाकर कार्य किया जा रहा है।
डोहका हरिया ग्राम पंचायत ने गांव के सफाई कर्मियों कोरोना वायरस से बचाव के लिए सुरक्षा किट तथा मास्क वितरित किए हैं। उन्होंने ग्रामीणों से स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक भी किया।
डोहका हरिया के सरपंच प्रतिनिधि विकास सांगवान ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना वायरस से बचाव के लिए हमें अपने अपने घरों में सुरक्षित तरीके से रहना चाहिए। गांव को बार-बार सेनिटाइज किया जा चुका है। जिससे आमजन को अपना बचाव करने में मदद मिल सके। बाहर से आए कामगारों को समय-समय पर सुखा राशन वितरण करने के अलावा गांव के सफाई कर्मियों को नई रिक्शा मुहैया करवाते हुए सुरक्षा किट भी दी गई है। कोई भी व्यक्ति बिना कारण न तो किसी घर में जाएगा और ना ही गलियों में चक्कर लगाएगा। गांव की सुरक्षा में डिजीटल तरीके से तीसरी आंख से नजर रखी जा रही है। गांव में चालीस कैमरे लगे हुए हैं जिससे सभी गलियों की सारी गतिविधियों का सारा रिकार्ड हो रहा है।
उन्होंने कहा कि महामारी से बचाव के लिए हमें सुरक्षातंत्र को मजबूत बनाना है।
लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए हनुमान जोहड़ी धाम मंदिर की मदद रसोई व बालाजी रसोई से 700 जरूरतमंद लोगों के लिए दोपहर व रात्रि का भोजन तैयार कर बैंक कॉलोनी, कमला नगर, नया बाजार, कोर्ट फुटपाथ पर, नया बस स्टैंड दिनोद गेट, ठा.बीर सिंह पार्क स्थल के पास, हालुवास गेट पर वितरण किया गया।
बाल योगी महंत चरणदास महाराज व विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक मदद व बालाजी रसोई के द्वारा स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए भोजन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में अनेक सामाजिक संगठन इस प्रकार का प्रयास कर रहे है जिनकी बदौलत जरूरतमंद लोगों को भोजन मिल रहा है। समाजसेवी प्रवीण गर्ग व सामाजिक कार्यकर्ता रोहित गोयल दिल्ली ने कहा कि हमें लॉकडाउन के नियमों का पालन लंबे समय तक करना होगा। उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तब भी लोगों को डिस्टेंस, मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सावधानी से हम इस प्रकार की महामारी को मात दे सकते हैं।
(विष्णु नाढोड़ी/सुनील कूकणा)भट्टू कलां के मॉडल टाउन में दिल्ली से आई 23 वर्षीय युवती के कोराेना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने भट्टू मंडी के मॉडल टाउन को पूरी तरह से सील कर दिया है। संक्रमित युवती के घर के दोनों तरफ की 5 गलियों को कंटेनमेंट जोन तथा पूरे मॉडल टाइन इलाके को बफर जोन घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से तथा लोग घरों से बाहर न निकलें इसके लिए पुलिस प्रशासन ने मॉडल टाउन के चारों तरफ 7 नाके लगाए हैं।
यहां बता दें कि युवती अपनी दो मौसेरी बहनों के साथ शनिवार को दिल्ली से आई थी। इसके बाद प्रशासन ने रविवार को तीनों युवतियों, उन्हें लेकर आए संक्रमित युवती के पिता तथा गाड़ी चालक का सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजा था। मंगलवार को आई रिपोर्ट में भट्टू की रहने वाली उक्त युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जबकि उसके साथ आई उसकी दो मौसेरी बहनों तथा उसके पिता की रिपोर्ट निगेटिव आई है। संक्रमित युवती को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पताल बनाए गए अग्रोहा के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है। विभाग अब पूरे मॉडल टाउन के सभी लोगों की स्क्रीनिंग करेगा।
आते ही सीधे अस्पताल गए थे सभी, घर से नहीं निकले बाहर
संक्रमित हुई युवती व अन्य को युवती का पिता शनिवार को लेकर आया था। आते ही कार सवार सभी सदस्य घर जाने से पहले सीधे भट्टू के अस्पताल में पहुंचे थे। इसके बाद वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने चेकिंग के बाद उन्हें घर भेज दिया था तथा अगले दिन सैंपल लेकर सभी को होम क्वारेंटाइन कर दिया था। राहत की बात यह है कि युवती के परिवार का कोई भी सदस्य इनके आने के बाद घर से बाहर नहीं गया। ऐसे में अन्य लोगों तक संक्रमण फैलने का खतरा कम है।
दिल्ली के सादरा में मौसी के घर पर रह रही थी कोरोना संक्रमित युवती
कोरोना पॉजिटिव आई 23 वर्षीय छात्रा दिल्ली के सादरा में अपनी मौसी के घर रहती थी। सीए फाइनल कर रही इस छात्रा के साथ नेपाल में रहने वाली उसकी मौसी की दो लड़कियां भी साथ ही रहती थी। उनमें से एक सीए व दूसरी 12वीं की छात्रा है। दिल्ली में अपनी दूसरी मौसी के घर 6 सदस्यों के साथ यह तीनों साथ में ही रहती थी। जबकि भट्टू मंडी में संक्रमित छात्रा अपने परिवार के 7 सदस्यों के साथ रही थी।
पिता और बहनों के साथ खुद आकर करवाया टेस्ट
शनिवार दोपहर बाद छात्रा अपनी दोनों मौसी की लड़कियों व पिता के साथ कार में सवार होकर भट्टूमंडी में आई थी। कार को चालक कृष्ण कुमार लेकर आया था। भट्टू में आते ही छात्रा व उसके परिवार के सदस्यों ने खुद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर दिल्ली से आने की सूचना दी थी।
भट्टू खंड में एक महीने में दूसरा पॉजिटिव केस
भट्टू के लिए चिंता भरी बात यह है कि एक माह मे दो पॉजिटिव मरीज मिल गए। 6 अप्रैल को जांडवाला बागड़ का युवक कोरोना पॉजिटिव आया था। ठीक एक महीने बाद खंड मेें यह दूसरा कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है। खंड के चार गांव दो दिन पहले ही कंटेनमेंट व बफर जोन से मुक्त हुए थे।
मंगलवार रात पॉजिटिव आया था पूल, चालक के भी लिए थे सैंपल
यहां बता दें कि कोरोना वायरस के टेस्टिंग के दौरान तीन लोगों के सैंपल मिलाकर एक पूल बनाकर उसकी टेस्टिंग की जाती है। मंगलवार रात 10 बजे संक्रमित युवती, उसकी एक मौसेरी बहन व इन्हें दिल्ली से लेकर आए चालक कृष्ण का पुल पॉजिटिव आ गया था। इसके बाद लैब में इनकी अलग-अलग टेस्टिंग की गई तो उक्त युवती पॉजिटिव मिली।
लॉकडाउन 3.0 के तहत दुकानों को खोलने को लेकर मिली छूट में दुकानदार व ग्राहक लापरवाही बरत रहे हैं। ज्यादातर दुकानदार सरकार व प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन को पूरा नहीं कर रहे हैं। काफी दुकानदारों ने मास्क व सेनिटाइजर के प्रयोग को गंभीरता से नहीं लिया है। बुधवार को एसपी राजेश कुमार ने बाजार का दौरा कर नियमों का पालन न करने पर 10 से ज्यादा दुकानों को बंद कराया व भविष्य में नियम पूरे न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। इसी तरह से टोहाना में भी वाहनों की आवाजाही पर पुलिस ने मेन बाजार में बैरिकेड्स लगा दिए। रतिया में भी भीड़ को खदेड़ने के लिए डीएसपी को आगे आना पड़ा।
बुधवार को रोस्टर के हिसाब से फतेहाबाद शहर में रेडिमेड गारमेंट, कॉस्मेटिक हैंडलूम, फर्नीचर, ऑटो मोबाइल, नाई आदि की दुकानें खुली। इससे थाना रोड, चार मरला कॉलोनी रोड, धर्मशाला रोड आदि बाजार खुले रहे। लोग खरीदारी के लिए भी आए। लोगों की आवाजाही रही। पुलिस की ओर से बाजार में फोर व्हीलर के प्रवेश को बंद किया गया था, जिसकी वजह से बाजार में भीड़ महसूस नहीं हुई। हालांकि कुछ दुकानदार सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। वहीं कुछ लोग बिना मास्क के घूम रहे थे तो कुछ दुकानदार सेनिटाइजर का प्रयोग नहीं कर रहे थे।
बाजार में नहीं हाे रहा था साेशल डिस्टेंस का पालन
एसपी राजेश कुमार ने बाजारों का दौरा कर 10 से ज्यादा दुकानों को बंद करा दिया क्योंकि दुकानदार सोशल डिस्टेंस, मास्क व सेनिटाइजेशन के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। एसपी ने चेतावनी दी कि अगली बार नियमों का पालन नहीं किया तो केस दर्ज किया जाएगा। एसडीएम संजय ने भी बाजार का जायजा लिया।
बीते दिन शराब के ठेके खुलने की घोषणा के बाद जिले में 37 जोन के 74 शराब ठेकों में से कुछ ही ठेके खुल पाए क्योंकि ठेकेदारों के पास एल-वन व एल 13 में शराब का पर्याप्त स्टॉक नहीं था। हालांकि सुबह से ही शराब ठेकों पर पुलिस बल तैनात था। ठेकेदारों ने सभी ठेकों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान भी लगाए। लेकिन पूरा स्टॉक नहीं होने के चलते जिले के अधिकतर ठेकों पर ग्राहकों को शराब नहीं मिली। एल-13अलॉट हुई एजेंसी डिस्कवरी ने जिले में डिस्टलरियों से शराब लाने के लिए 35 गाडियों के डीईटीसी से परमिट लिए हैं। ये गाड़ियां वीरवार व शुक्रवार के जिले में शराब लेकर आएंगी। इसके बाद ही जिले के सभी ठेकों पर शराब का पूरास्टॉक होगा।
ठेकों पर पूरा दिन आते रहे लेाग
शराब के ठेके खुलने की सूचना के बाद बुधवार को पूरा दिन शराब ठेकों पर लोग शराब के लिए आते रहे। लेकिन एक दो दुकानों को छोड़कर किसी पर भी शराब का स्टॉक नहीं होने के चलते लोगों को शराब नहीं मिली। हालांकि शहर के बस स्टैंड के नजदीक वाली दुकान पर पूरा दिन शराब बिकी। वहीं टोहाना में भी स्टॉक नहीं होने के चलते शराब की बिक्री नहीं हुई।
जिले के बाकी बचे 12 जोन की आज होगी नीलामी
जिले में इस बार शराब ठेकों के 49 जोन बनाए गए हैं। इनमें से 37 जोन की नीलामी लॉकडाउन से पहले ही हो गई थी। बाकी बचे हुए 12 जोन की नीलामी के लिए आज से ठेकेदार टेंडर भर सकते हैं। इन 12 जोन के लिए ठेकेदार आज शाम 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विभाग शाम पांज बजे बिड़ खोलेगा तथा जोन अलॉट हो जाएंगे।
दो दिन में आ जाएगा ठेकों पर स्टॉक : डीईटीसी
जिले की 37 जोन के 74 शराब ठेके खोल दिए गए हैं। जिले में शराब का स्टॉक कम होने के चलते ठेकेदारों को दिक्कत आने से लोगों को शराब नहीं मिली। जल्द ही जिले में स्टॉक आ जाएगा तथा दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी।'' -वीके शास्त्री, डीईटीसी, फतेहाबाद।
(प्रवीन शर्मा) कोरोना व लॉकडाउन के चलते लोगों को रुपये निकलवाने के लिए बैंक व डाकघरों में न आना पड़े, इसे लेकर लोगों को ऑनलाइन अप्लाई करने पर घर पर ही राशि पहुंचाई जा रही है।
फतेहाबाद जिले में अब तक 1370 लोगों को करीब 50 लाख रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है। इसमें 150 शहरी व ग्रामीण डाक सेवक सहयोग कर रहे हैं।
लोग इस सुविधा का लाभ लेने के लिए तीन-चार तरह की एप व वेबसाइट की मदद ली जा सकती है। इसमें मुख्य तौर पर डाक मित्र एप व पोस्ट इंफो एप है। प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद उसका प्रयोग किया जा सकता है। इसमें लोगों को जरूरत के हिसाब से राशि व अन्य जानकारी भरनी होगी। खाता किसी भी बैंक का हो। प्रत्येक बैंक की अपनी लिमिट है। एक से 10 हजार तक की राशि मंगवा सकते हैं।
लोग बोले-जरूरत के समय मिले रुपये
नागरिक इन पर भी ले सकते हैं मदद
रुपये निकलवाने के लिए http://bankslot.haryana.gov.in पर भी जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा डाक विभाग की ओर से इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक के तहत आधार एनेबेलड पेमेंट सुविधा शुरू कर दी। पोस्ट ऑफिस में जाकर राशि ले सके है।
हर सम्भव मदद कर रहे हैं : इंचार्ज
जाे लोग डाक घर की वेबसाइट पर रुपयों के लिए आवेदन करते है तो कर्मचारी मशीन लेकर मौके पर जाता है और अंगूठे को मशीन के पट पर लगाने के बाद रुपये दिए जाते हैं।'' -राममेहर, इंचार्ज, डाकघर, फतेहाबाद।
हिसार मंडल में2 करोड़ की राशि पहुंचाई
हिसार मंडल में अब तक दो करोड़ से ज्यादा की राशि इस तरह से लोगों को पहुंचाई जा चुकी है। फतेहाबाद में 1370 लोगों को करीब 50 लाख की राशि उनके घरों तक पहुंचाई गई है ताकि लोगों को बैंकों में न आना पड़े।'' -अनिल रोज, अधीक्षक डाकघर, मंडल हिसार।
भट्टूकलां के चौपटा रोड पर स्थित ढाबा मालिक ने दो युवकों पर उसके ढाबे में घुसकर पिस्तौल के बट से वार करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस ने ढाबा मालिक पालाराम की शिकायत पर आत्माराम निवासी भट्टूकलां व संजय निवासी बनमंदोरी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस को दी शिकायत में पालाराम ने बताया कि उसका चौपटा रोड पर ढाबा है। आरोप है कि आत्माराम अपने ट्राले सहित उसके ढाबे पर आया था और खाने की मांग की, उसने लॉकडाउन के चलते ढाबा बंद होने की बात कही तो आत्माराम वहां से चला गया। इसके बाद वह अपने साथी संजय के साथ आया और उन्होंने पिस्तौल ले रखा था। उक्त लोगों ने पिस्तौल के बट से उसे व उसके भाई राधेश्याम से मारपीट की।
पंजाब के सीमावर्ती मूनक कस्बे में 4 केस पॉजिटिव पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।
अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजाब की ओर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाएगी ताकि टोहाना को बचाया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एमपीएचडब्ल्यू रमेश कुमार की ड्यूटी निर्धारित की गई है। जो चंडीगढ़ रोड स्थित पंजाब सीमा पर अपनी टीम के साथ तैनात रहेंगे तथा पंजाब की ओर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति विशेषकर वाहन चालकों की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी। एमपीएचडब्ल्यू रमेश कुमार ने बताया कि पंजाब की ओर से आने वाले ड्राइवरों सहित अन्य लोगों की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाएगी तथा उनकी हेल्थ स्क्रीनिंग कर उन्हें मास्क दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें कोरोना जांच के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
अन्य राज्यों से आने वाले चालकों की नहीं मिलती सूचना
नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ. एचएस सागू ने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों की सही सूचना मिल पाती जिस कारण जांच प्रभावित हो रही है। इस संबंध में उन्होंने डीएसपी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे अपनी टीमों को यह आदेश दें कि यदि उनके सामने कोई अन्य राज्य से आया वाहन चालक आए तो उसकी सूचना नागरिक अस्पताल में दी जाए ताकि उनकी जांच की जा सके। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व भी महाराष्ट्र से आए तीन वाहन चालकों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। उन्होंने उनकी तलाश का भी आग्रह किया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जाखल ट्रक यूनियन में 40 ट्रक चालकों की स्क्रीनिंग की गई। हेल्थ इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने बताया कि ट्रक चालक विभिन्न राज्यों में माल ढोने का काम करते हैं। उनकी कोरोना की चपेट में आने की आशंका ज्यादा रहती है। इस आशंका को देखते हुए विभाग के निर्देशानुसार ट्रक यूनियन कार्यालय में जाकर सभी ट्रक चालकों एवं उनके क्लीनर की स्क्रीनिंग की गई ।
उन्होंने बताया कि हालांकि यह रिपोर्ट अभी निगेटिव पाई गई है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से एहतियात बरतने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। हेल्थ इंस्पेक्टर ने बताया कि ट्रक चालकों को विशेष तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश करने पर लगातार अपना मेडिकल करवाए जाने के लिए भी आह्वान किया गया है।
हरियाणा पर्यटन विभाग के महानिदेशक एवं नोडल ऑफिसर राजीव रंजन ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस जैसी महामारी से स्वयं बचे और अन्य लोगों काे भी बचाएं। सरकार व प्रशासन द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण पाए जाने पर छिपाएं नहीं बल्कि इलाज करवाएं। महानिदेशक ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों के बैठक की अध्यक्षता की और कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए सभी प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की मौके पर मेडिकल चैकअप करें। जिला में कोविड-19 से बचाव के लिए सभी धर्मशालाएं, होटल व निजी अस्पतालों को चिन्ह्ति कर लें ताकि जरूरत पड़ने पर उनका प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। महानिदेशक ने कहा कि व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, छाती में लगातार दर्द होने, मानसिक भ्रम पैदा होना, होठ-चेहरे का नीला पड़ना, बुखार, खांसी, गले में दर्द, सिर दर्द, बदन दर्द जैसी स्थिति में डॉक्टरों से तुरंत संपर्क करना जरूरी है और नागरिक तुरंत नजदीकी केंद्र या हेल्पलाइन नंबर 108, 01667 226024, 297291, 1075, 011-23978046, 1100, 85588-93911 पर संपर्क करें।
बुधवार काे स्वास्थ्य विभाग के रेपिड किट के माध्यम से अधिकारियों, कर्मचारियों के टेस्ट लिए। बुधवार को लघु सचिवालय व अन्य स्थानों पर मेडिकल ऑफिसर मेजर डॉ. शरद टुली व पैथॉलोजिस्ट डॉ. नेहा की टीम ने लघु सचिवालय में सीटीएम अनुभव मेहता, एआईपीआरो विनय बैनीवाल सहित 25 अधिकारियों व कर्मचरियों, 41 पुलिस कर्मचारियों, 9 मीडिया कर्मियों,1 हेल्थ वर्कर सहित कुल 76 अधिकारियों, कर्मचारियों के सैंपल लिए जो सभी निगेटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मीडिया, पुलिस कर्मी, हेल्थ वर्कर, विकास एवं पंचायत, नगर परिषद व बचाव राहत में लगे ड्राइवरों के सैंपल लिए। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को भी सैंपल लिए थे।
मंगलवार को जिला में रेपिड डायग्नोस्टिक परीक्षण किट द्वारा 128 व्यक्तियों के कोरोना जांच की है जिसमें से 5 मीडिया कर्मी, पुलिस विभाग के 86, स्वास्थ्य विभाग के 7, नगर पालिका व नगर परिषद के 15 कर्मचारियों के साथ 7 ड्राइवरों तथा 8 मरीजों की जांच की गई। इसके अलावा जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14 मोबाइल वैन टीमों का गठन किया गया है जो सब्जी मंडी सहित दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कार्य कर रही हैं।
दूध डेयरियों का समय बदलने की मांग को लेकर बुधवार को शहर दूध डेयरी के प्रतिनिधियों ने विधायक दुड़ाराम से मुलाकात की। विधायक ने डेयरी संचालकों की मांग को लेकर डीसी से बात की। जिसके बाद मांग को सही ठहराते हुए अब डेयरियों का समय सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक कर दिया
गया है। पहले यह समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक था। डेयरी संचालकों ने विधायक दुड़ा राम से मिलकर मांग की थी कि सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक डेयरियों का समय किसी भी तरह से ठीक नहीं है। इस दौरान दूध की बिक्री नहीं होती है। इसलिए समय को बदला जाए। विधायक ने डेयरी संचालकों की समस्याओं से शीघ्र समाधान के लिए दूरभाष के माध्यम से जिला प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करवाया। जिसके बाद जिला प्रशासन ने डेयरियों को खुलने का समय अब सुबह 7 बजे से शाम तक 7 बजे तक कर दिया है।
विधायक दुड़ा राम ने कहा कि डेयरी वालों की मांग सही थी, जिसे लेकर डीसी से बात की गई। अब उनका समय बदल गया है, इससे डेयरी संचालकों व आमजन दोनों को सहूलियत होगी।
बिहार-यूपी जाने के लिए सिरसा से 15 मजदूर पैदल ही रवाना हो गए। मंगलवार रात को यह मजदूर फतेहाबाद पहुंचे। जिसकी जानकारी मिलने पर फतेहाबाद के कुछ युवाओं ने उनकी आपबीती सुनी व उन्हें भोजन आदि मुहैया कराया। मजदूरों से यहीं रहने की अपील भी की गई, लेकिन घर जाने की जिद के चलते वह रुके नहीं, पैदल ही हिसार की ओर चले गए। मंगलवार रात करीब 11 बजे शहर के जीटी रोड पर 15 प्रवासी मजदूर सड़क मार्ग से हिसार की तरफ जा रहे थे। इन लोगों के हाथों में बाल्टियां, बोतलें, थैले आदि थे। इस बीच वहां से गुजर रहे जवाहर चौक युवा मंच के सदस्यों ने मजदूरों से इस तरह से चलने का कारण पूछा तो उन्होंने अपनी कहानी बताई। वहीं सूचना मिलते ही गुरदीप सिंह बग्गा व जेजेपी के शहरी हल्का अध्यक्ष विकास मेहता अपनी टीम के साथ मौके पर पहुचे। इन युवाओं ने सिरसा से आए प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाया। उन्हें खाने-पीने का सामान व कुछ नकदी भी दी। युवाओं ने उन्हें यहीं रहने की अपील की, लेकिन मजदूर बोले, वह काफी दिन से सिरसा फंसे हुए थे, अब किसी तरह से घर पहुंचना चाहते हैं।
ठेकेदार हमें लेकर आया था, छोड़ कर फरार हो गया
मजदूर कन्हैया अाैर राजेश ने बताया कि लॉकडाउन लगने के 2 दिन पहले ही ठेकेदार उन्हें मज़दूरी के लिए सिरसा लेकर आया था। जैसे ही लॉकडाउन हुआ तो कुछ दिन बाद ठेकेदार उन्हें छोड़कर चला गया। लंबे समय से यहां रहने से अब काफी दिक्कतें आने लगी हैं। इसलिए घर के लिए पैदल ही चल पड़े।
पंजाब और राजस्थान से आने वाले लोगाें को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस सख्त हो गए हंै। बॉर्डर पर 24 नाके लगाए गए हैं और इन पर पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही जिला में आने वालों को एंट्री मिल पा रही है। ऐसे में बुधवार को पंजाब के मलेरकोटला से सिरसा सीमा में प्रवेश कर रहे 7 जमातियों को जिला और पुलिस प्रशासन ने एंट्री करने से रोक दिया। उन्हें वापस भेज दिया गया।
जिला के गांव मुसाहिबवाला में पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस का नाका है। यहां प्रत्येक आने-जाने वाले की जांच की जा रही है। बुधवार को पंजााब की ओर से एक कार आई जिसमें 7 लोग सवार थे। पुलिस ने पूछताछ की और आने का कारण और परमिट मांगा तो वे नहीं
दिखा पाए। पूछने पर बताया कि वे सभी जमाती हैं और पंजाब के मलेरकोटला में ठहरे थे। उन्होंने बताया कि वे सभी सिरसा के हैं और अब सिरसा आना चाहते हैं। इस पर उनसे परमिट मांगा तो वे नहीं दिखा पाए। पुलिस ने परमिट न होने के कारण उन्हें वापस भेज दिया। उन्हें कहा कि बिना अनुमति जिला की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
पंजाब में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हए मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन और सख्त हो गया है। अब पंजाब और राजस्थान से सिरसा में एंट्री करने वालों के लिए बॉर्डर पर पुलिस जांच के साथ-साथ स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी तैनात कर दिया है। पूरी जांच के बाद ही केवल आवश्यक कार्यों के लिए आने वालोें काे ही जिला की सीमा में प्रवेश दिया ला रहा है। यहां पुलिस को तैनात किया गया और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी। जहां एक ओर पुलिस गहनता से पूछताछ करती है वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी थर्मल स्कैनिंग के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच भी करती है। इसके बाद यदि आवश्यक कार्य हो तभी पंजाब और राजस्थान से आने वालों को सिरसा की सीमा में एंट्री मिलती है।
पंजाब बॉर्डर पर लगे सूरतिया नाके पर तैनात एएनएम कुंती देवी, संदीप कुमार, प्रकाश सिंह, निर्मल आदि ने बताया कि कोरोना के बढ़ रहे प्रकोप पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान केवल महत्वपूर्ण कारण के चलते ही आने-जाने की छूट दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि सभी की स्क्रिनिंग कर व उनका पता और मोबाइल नंबर पूछ जाता है। उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही ताकि लोगों को सुरक्षित माहौल मिल सके। इसका बाकायदा रिकार्ड भी तैयार किया जाता है और रजिस्टर में एंट्री की जाती है।
शहर के बरनाला रोड पर सदर थाना के पास लगे महिला थाना के पुलिस नाके पर स्कूटी पर अपने बेटे के साथ बिना मास्क और हेल्मेट के जा रही महिला ने हंगामा कर दिया। इतना ही नही महिला ने तैश में आकर जहां नाके पर तैनात महिला सब इंस्पेक्टर को जान से मारने की धमकी दी। वहीँ थाने में लाने पर उसने महिला पुलिस कर्मियों को स्कॉर्पियो चढ़ाकर जान से मारने की धमकी दे डाली। महिला ने थाने से भागने का भी प्रयास किया। उसके बाद महिला पुलिस कर्मियों ने अधिकारियों से बात करके उसके और बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
हालांकि महिला को कोर्ट ने जमानत दे दी है। खुद को दबंग लेडी बताकर बोली सबको लगा दूंगी ठिकाने, स्कॉर्पियो ऊपर चढ़ा कर लूंगी बदलान्यू हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी की तरफ से बुधवार की दोपहर 12 बजे एक महिला स्कूटी पर अपने बेटे के साथ आई। उसका नाबालिग बेटा स्कूटी चला रहा था। पंजाब की ओर से आने वाला मुख्य रास्ता होने के चलते यहाँ पर महिला थाना पुलिस का नाका लगा हुआ है। जैसे ही महिला और उसके बेटे को बिना मास्क और हेलमेट के देखा तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिला को सब इंस्पेक्टर और एएसआई ने मास्क ना लगाने का कारण पूछा तो वो भड़क गई। महिला पुलिस की जवानों ने उसे बिना मास्क और हेलमेट के आगे जाने से मना कर दिया। इस पर स्कूटी सवार महिला और उसका बेटा वहां हंगामा करने लगे। महिला ने खुद को वीआईपी बताते हुए कहा कि आप लोगों की हिम्मत कैसे हुई मुझे रोकने की। महिला ने तैश में आकर सब इंस्पेक्टर को जान से मारने की धमकी दे दी और हंगामा करने लगी। इस पर जवानों ने सूचना महिला एसएचओ सुनीता रानी को दी। सुनीता रानी ने उसे महिला थाने लाने को कहा। जब नजदीक ही थाने में उसे लेकर गए तो महिला ने पुलिस कर्मियों से कहा कि तुमने दबंग लेडी से पंगा लिया है। मै स्कॉर्पियो चलाती हु। किसी दिन तुम्हारे ऊपर चढ़ाकर ठिकाने लगा दूंगी। मेरी जो ये बेइज्जती हुई है। इसका बदला जरूर लूंगी।
केस दर्ज किया
महिला थाना पुलिस ने महिला को हद पार करते हुए देखकर उसके खिलाफ महिला सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर केस दर्ज कर दिया।उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां उसे और उसके बेटे को जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद फिर महिला ने सबको ठिकाने लगाने की धमकी दे डाली। महिला एसएचओ सुनीता रानी ने बताया कि महिला ने बहुत हंगामा किया और सब इंस्पेक्टर सहित अन्य को जान से मारने की धमकी दी है। वह अपने नाबालिग बेटे के साथ स्कूटी पर बाजार जा रही थी । बिना मास्क और हेल्मेट के जो कानूनी रूप से गलत था। जब उसे रोका तो उसने हंगामा करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।
शहर के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रही हिमाचल प्रदेश की 31 छात्राओं को उपमंडल प्रशासन ने बुधवार को उनके घर पहुंचाया। हरियाणा रोडवेज की बस में आज इन छात्राओं को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में प्रशासनिक अधिकारियों को सुपुर्द किया। इन छात्राओं के परिजनों ने प्रशासन से इनके घर वापसी की गुहार लगाई थी।
तहसीलदार हरकेश गुप्ता ने बताया कि शहर की नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाली 31 छात्राओं के परिजनों ने हिमाचल प्रदेश से गुहार लगाई थी कि उनकी बच्चियों को किसी तरह उनके घर पहुंचाया जाये। जिस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने बुधवार 5:30 बजे हरियाणा रोडवेज की बस से बिलासपुर भिजवाया जहां यह छात्राएं सकुशल अपने अपने घर पहुंच चुकी है।
उन्होंने बताया कि 31 छात्राओं में 11 छात्राएं हमीरपुर जिला की, 8 छात्राएं मंडी जिला की, 5 बिलासपुर जिला की, 3 छात्राएं शिमला जिला की तथा 2 छात्राएं ऊना व एक -एक छात्रा कुल्लू व कांगड़ा जिला की रहने वाली है। रवाना करने से पूर्व सभी 31 छात्राओं की मेडिकल जांच की गई जो मंगलवार मध्य रात्रि तक जारी थी। इस अवसर पर स्वयं एसडीएम दिलबाग सिंह व थाना प्रभारी राधेश्याम भी मौजूद थे। सभी की जांच पूर्ण होने पर बुधवार प्रातः ही तहसीलदार हरकेश गुप्ता व पटवारी राजेंद्र जांगिड़ की उपस्थिति में इन छात्राओ को हरियाणा रोडवेज की सैनिटाइज की गई बस में रवाना कर दिया गया।
शहर के वाल्मीकि चौक के निकट पैदल दूध लेने जा रही दो महिलाओं को तेज रफ्तार कार चालक ने टक्कर मार दी, जिससे एक महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरी को मामूली चोटें आई हैं। कार चालक मौके से भागने में कामयाब हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लेने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में पहुंचाया।
पुलिस को दिए बयानों में सीएमके कॉलेज रोड स्थित इंद्रपुरी मोहल्ला निवासी महिला मंजू ने बताया कि बीते दिवस की सुबह वह अपनी जेठानी पूनम के साथ पैदल दूध लेने के लिए आईटीआई चौक की ओर जा रही थी। इसी दौरान एक तेज रफ्तार कार चालक ने पीछे से दोनों को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से उसकी जेठानी रोड पर जा गिरी और गंभीर रूप से घायल हो गई, जबकि उसे मामूली चोटें आई। उसने तुरंत परिजनों को सूचित कर एंबुलेंस की मदद से पूनम को अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया।
गंभीर चोटें होने के कारण चिकित्सकों ने उसे रैफर कर दिया। शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान पूनम ने जख्मों का ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया। पुलिस ने मौके पर आकर स्थिति का जायजा लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में पहुंचाया। बाद में पुलिस ने परिजनों के बयानों के आधार पर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों के सौंप दिया।
पिछले छह दिनों से ऑटो मार्केट में सेवा बस्तियों के सुधार में जुटे सफाई कर्मचारियों को भाजपा नगर के मंडलाध्यक्ष नीरज बांसल ने सम्मानित किया। नीरज बांसल ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन है। इस परिस्थिति में शहर को साफ व स्वच्छ रखने में सफाई कर्मचारी जी-जान से जुटे हैं और जान-जोखिम में डालकर शहर की काया कल्प कर रहे हैं। नीरज बांसल ने कहा कि कोरोना संकटकाल में मीडिया कर्मी, पुलिस कर्मी, चिकित्सक, सफाई कर्मी व जिला प्रशासन सभी सम्मान के योग्य है और आमजन को घर पर रहकर इनका सहयोग करना चाहिए। पिछले छह दिनों में सफाई कर्मचारियों ने सेवा बस्तियों की तस्वीर बदल दी है और अब यह बस्ती पूरी तरह से स्वच्छ है, जिसके चलते उन्हें सम्मानित किया गया है। नीरज बांसल की ओर से सेवा बस्तियों में लंगर सेवा शुरू की गई है, जोकि अभी तक जारी है। इस दौरान नीरज बांसल ने स्वच्छता अभियान, जांच शिविर व रक्तदान शिविर जैसे अनूठे कार्य जिला प्रशासन के सहयोग से किए। वहीं बस्ती में रक्तदान शिविर में लगाया गया। जिसमें शिव शक्ति ब्लड बैंक की टीम ने 66 यूनिट रक्त एकत्रित किया। इस अवसर पर बांसल ने कहा कि रक्तदान महादान है और इस महादान में रक्त रूपी आहुति डालना पुण्य का काम है। इस पुनीत कार्य में योगेश ठाकुर, डॉ. जगत, ब्रह्म गिल, सोनू, मोनू, राजेंद्र जिंदल, प्रहलाद राय मीणा आदि का योगदान रहा।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा हुआ है। इसलिए विभाग ने सभी रक्षा पैंशनरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जीवन प्रमाण पत्र मोबाइल के माध्यम से भिजवाने का निर्णय लिया है। रक्षा पैंशनर संंबंधित बैंक टॉस्क होल्डर स्टाफ सहित विभिन्न माध्यमों से प्रमाणित करवाकर अपना जीवन प्रमाण पत्र विभाग के अधिकारी/कर्मचारी के मोबाइल पर भिजवा सकते हैं। इसके लिए विभाग द्वारा जीवन प्रमाण पत्र मोबाइल के माध्यम से ही प्राप्त किए जाएंगे। पैंशनर डीपीडीओ कार्यालय में प्रात: 10 से शाम 5 बजे तक संपर्क कर अपना जीवन प्रमाण पत्र मोबाइल से भेज सकते हैं।
इन माध्यमों से करवा सकते हैं जीवन प्रमाण पत्र प्रमाणित
कर्नल डाॅ. दीप डागर ने बताया कि रक्षा पैंशनर जीवन प्रमाण पत्र के निर्धारित प्रारूप को संबंधित टॉस्क होल्डर स्टाफ, किसी भी सरकारी राज पत्रित अधिकारी या गांव/शहर के सरपंच अथवा प्रधान से प्रमाणित करवा सकते हैं। प्रमाणित उपरांत जीवन प्रमाण पत्र डीपीडीओ कार्यालय के वरिष्ठ लेखा अधिकारी वजीर सिंह (82951-36435), लेखा अधिकारी सौरभ मदान (70150-65583) व कोमल भ्याण (99962-14323) तथा लिपिक संदीप श्योकंद (99924-72222) से प्रात: 10 से शाम 5 बजे के बीच संपर्क करे।
जिले की मंडियों में खुले आसमान तले बरसात में बार- बार भीगता गेहूं प्रशासनिक प्रबंधों के दावों की पोल खोल रहा है। बरसात से भीगा गेहूं मंडियों में सड़ने लगा है। लेकिन संबंधित अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं हैं। पिछले दिनों बारिश से जिले की मंडियों में खुले आसमान तले भीगी 20 लाख क्विंटल गेहूं सुखाने का काम सिरे नहीं चढ़ पाया है कि बुधवार सुबह झमाझम बरसात से गेहूं की बोरियां एक बारगी फिर से भीग गई। अनाज मंडी में मजदूर गेहूं की बोरियों को बरसाती पानी से निकालते नजर आए। वहीं गेहूं सूखने तक मंडियों से उठान हो पाना मुश्किल है।
जिले में 27 हजार किसानों से 13 दिनों में 43 लाख 31 हजार 760 क्विंटल गेहूं खरीदी थी। लेकिन मंडियों से 20 लाख क्विंटल गेहूं उठान नहीं हो पाया था। पिछले दिनों बरसात में खुले आसमान तले गेहूं की बोरियां भीग गई थी, जिनको मजदूर सुखाने में जुटे थे कि बारिश से दोबारा गेहूं भीग गया। गेहूं जल्दी से सुखाया नहीं गया, तो इसके सड़ने की नौबत आ जाएगी। जिससे स्टोरेज की दिक्कतें आएंगी और मंडियों से उठान में देरी किसानों की मुश्किलें बढ़ा सकती है, क्योंकि संबंधित अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते मंडियां गेहूं की बोरियों से अटी पड़ी हैं। किसानों के लिए गेहूं उतारने की मंडियों में जगह तक नहीं है।
मंडियों में कैरेट और तिरपाल की व्यवस्था नहीं
डीसी की ओर से दो दिन पहले ही गेहूं की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए गए थे। मगर उसी दिन बरसात आने से लाखों क्विंटल गेहूं भीग गई थी। इसलिए उसका उठान नहीं हो पाया। उसके बाद तेजी से गेहूं मंडी में आती रही। उठाने नहीं होने के कारण गेहूं खुले में डालनी पड़ रही है। जो बैग भरे जा रहे हैं। वे नीचे ही रखे जा रहे हैं। कैरेट नहीं होने के कारण बरसात का पानी नीचे घुस जाता है। गेहूं भीग रही है। तिरपाल का भी पुख्ता प्रबंध नहीं है। इसलिए नुकसान हो रहा है।
बेमौसम बारिश के चलते किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है बुधवार को बादल छाए रहे और उपमंडल के एरिया में कई जगह मंगलवार देर रात हल्की बूंदा बांदी हुई। पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश से किसानों द्वारा नरमे की बिजाई प्रभावित हुई है जो किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है और दोबारा बिजाई करनी पड़ रही है।
14 एकड़ की हुई थी बजाई
किसान सुखमंदर सिंह निवासी माखा ने बताया कि उन्होंने 6 दिन पहले 14 एकड़ में नरमे की बिजाई की हुई है जो बैमोसमी बारिश से खराब हो गई और नरमा करंड हो गया है। उन्होंने बताया कि अब उन्हें मजदूर लगाकर नरमा की करंड तुडबा रहे हैं जबकि उन्हें चिंता है कि नरमा बाहाल नहीं होगा उन्हें दोबारा बजाई करनी पड़ सकती है। एक और जहां बिजाई लेट होगी दूसरी ओर किसानों का खर्च दुगना हो रहा है जिसके चलते किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
किसान मिट्ठू कंबोज व सुरेश पुनिया ने बताया कि कुदरती मार के चलते उन्हें हर बार नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण सरकार की ओर से किसानों को कोई सहयोग नहीं किया जा रहा जिसके चलते किसान दिनों दिन गरीब हो रहे हैं और आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। वहीं बेमौसमी बारिश के चलते किसानों की गेहूं की फसल मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है जो भीगने से खराब हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही।
अनाजमंडी में लोडिंग न होने से अनाज मंडी के आढ़तियों ने मंडी में हड़ताल की घोषणा करते हुए मंडी के गेट बंद कर दिए। एक नंबर गेट के आगे भूख हड़ताल पर बैठ गए। जानकारी मिलने पर खाद्य आपूर्ति विभाग, मार्केट कमेटी व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से फतेहाबाद में ही गेहूं की अनलोडिंग कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद हड़ताल खत्म कर दी गई।
अनाजमंडी व्यापार मंडल के रमेश नागपाल, भूप सिंह, रमेश तनेजा आदि ने बताया कि अनाज मंडी में 6 लाख से ज्यादा गेहूं की बोरियां उठान के लिए पड़ी है। जिससे मंडी में जगह नहीं बची है। मौसम का भी कुछ पता नहीं चलता। आढ़तियों ने आरोप लगाया कि नमी की बात कहकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर ने कंडे बंद करवा दिए, जबकि नमी वाली गेहूं अभी भी मंडी में आ रही है। मंगलवार को केवल 35 हजार कट्टे ही अनाज मंडी से उठाए गए हैं और आज उठान बिल्कुल बंद है। जिस कारण अनाज मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। आढ़तियों के धरने को ठेकेदार सुनील कुमार ने भी सर्मथन देते हुए बताया कि अनलोडिंग के लिए उनको केवल एक ही प्लींथ दिया गया है। उनके पास लोडिंग के लिए पूरे मजदूर हैं और 80-85 ट्रक हैं। लेकिन एक ही प्लींथ दिया गया, जो अब भरने वाला है। वह डीएफएससी से बार-बार आग्रह कर चुके हैं कि अनलोडिंग के लिए उनको दो और गोदाम दिए जाएं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। आढ़तियों ने बताया कि ठेकेदार ने कहा है कि अगर जगह मिल जाए तो वह हर रोज 70 हजार बोरियों का उठान करवा सकता हूं। लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग जगह मुहैया नहीं करा रहा है। यह सब जानबूझ कर किया जाता है। इसे लेकर विभाग के अधिकारियों की सरकार को शिकायत भी भेजी गई है। आरोप हे कि बाहर से आने वाली गेहूं को फतेहाबाद के गोदामों में रखवा रहे हैं, जबकि उनकी मांग है कि फतेहाबाद के गोदाम फतेहाबाद अनाज मंडी के लिए रखे जाएं और बाहर से आनी वाली गेहूं को भट्टूकलां, ढाबी व ढींगसरा के गोदामों में रखवाई जाए। एफसीआई ने तो यह व्यवस्था कर दी है, लेकिन डीएफएससी ऐसा नहीं कर रहे हैं। आढ़तियों के धरने के बाद डीएफएससी प्रमोद कुमार ने जगह उपलब्ध कराने की बात कही है।
रतिया रोड पर गेहूं रखने की व्यवस्था करवा दी
डीएफएससी प्रमोद कुमार ने बताया कि रतिया रोड पर प्लींथ को खाली करवाकर फतेहाबाद मंडी का गेहूं वहां रखवाने की व्यवस्था बनवाई है। जिससे अब अनाज मंडी में लोडिंग तेज हो जाएगी।
अनाज मंडी व खरीद केंद्रों पर बिगड़ी खरीद व्यवस्था को लेकर किसानों के साथ व्यापार मंडल भी नाराज है। मंडी व केंद्रों पर व्यापारियों को बारदाना नहीं मिल रहा। खरीद एजेंसियों की तरफ व्यापारियों का करीब 150 करोड़ रुपये गेहूं का भुगतान बकाया है। व्यापार मंडल का कहना है कि वे डीसी से लेकर एसडीएम तक मिल चुके है लेकिन समाधान नहीं हो रहा। व्यापारी मामले की शिकायत सीएम व कृषि मंत्री को भेजेंगें ताकि रतिया में खरीद, बारदाना, भुगतान व पास देने की व्यवस्था में सुधार हो। मंगलवार रात भी व्यापारी समस्या को लेकर मार्केट कमेटी पहुंचे।
50 फीसदी गेंहूं की ही हुई खरीद
अभी तक गेहूं की करीब 50 फीसदी फसल की ही खरीद हुई है। जिससे आधी से ज्यादा गेहूं की फसल अभी तक किसानों के घरों में व अन्य जगहों पर पड़ी है। किसानों व व्यापारियों को फसल के खराब होने का भय सता रहा है। सभी व्यापारियों के किसानों को अभी तक पास नहीं मिल रहे जिससे परेशानी बढ़ी है।
जाखल मंडी में बुधवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अधिकारियों ने निरीक्षण किया। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी सुरेंद्र पूनिया के नेतृत्व में पहुंची टीम के साथ ऑन ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार रामचंद्र, नपा सचिव पंकज कुमार भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
पुलिस बल सहित पहुंची टीम को देखकर मंडी के दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कई दुकानदार अपनी अपनी दुकानों को बंद कर चले गए। टीम ने विभिन्न दुकानों की जांच करते हुए दुकानदारों से खाद्य सामग्री बेचने के लाइसेंस के बारे में भी पूछा। लेकिन कोई भी दुकानदार यह लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर पाया। टीम ने दुकानों के अंदर रखे सामान की जांच कर कुछ चीजों के सैंपल भी लिए।
टीम ने दो कन्फैक्शनरी, दो टी स्टॉल एवं मिठाई तथा चार किरयाणा की दुकानों पर जाकर जांच की। जांच करते काफी सामान एक्सपायर डेट का मिला। जिस पर दुकानदारों ने लॉकडाउन होने के कारण अंदर रखा सामान एक्सपायर होने का तर्क दिया। जिस पर टीम ने उसे नष्ट करवा दिया।
इसके साथ ही अनेक दुकानों की जांच करने पर उनका लाइसेंस भी नहीं मिला। टीम अधिकारियों ने दुकानदारों को विशेष चेतावनी दी कि सभी दुकानदार अपना लाइसेंस बनवाएं। लाइसेंस बनवाने के बाद ही दुकानों को खोलें। जो कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के दुकान खोले पाया गया तो उसे सील कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि इस कार्रवाई को अगले 1 हफ्ते के बाद फिर अमल में लाया जाएगा। कोई भी दुकानदार अगर इस मामले में लापरवाही करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गांव महमड़ा के दुकानदार पंच नरेश कुमार ने गांव के कुछ लोगों पर सिगरेट न देने पर हमला करने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत महमड़ा पुलिस चौकी में दी है। विवाद का पता चलने पर चौकी प्रभारी आनंद कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दुकानदार नरेश कुमार ने बताया कि उनकी घर में ही किरयाणा की दुकान है। दुकान पर उसके पिता सुरजीत सिंह भी बैठे थे। तभी गांव के कुछ युवक दुकान पर सिगरेट लेने आए। उसके पिता सुरजीत सिंह ने सिगरेट न हाेने की बात कही ताे झगड़ा करने लगे। थोड़ी देर बाद अपने अन्य साथियों को बुला लिया उन्होंने आते ही पथराव शुरु कर दिया। जिससे घर का सामान क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दाैरान उसकी 5 माह की बेटी पालने में थी, जिसके पास ईंट जाकर गिरी, हालांकि वह बाल-बाल बच गई। शोर सुनकर आसपास के लोग आए तब आरोपी मौके से भाग गए। सूचना महमड़ा पुलिस चौकी में दी गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि पुलिस ने तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। चौकी प्रभारी आनंद कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद अागामी कार्रवाई होगी।
महिला ने लगाया चाेरी और मारपीट करने का आराेप
गांव ढींगसरा में घर में महिला व उसके भाई पर कुछ लोगों नेे हमला कर दिया व उनके घर से चोरी कर ली। पुलिस ने उर्मिला की शिकायत पर कालूराम, सोनू व 5-7 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में उर्मिला ने बताया कि बीती रात कालू व सोनू अपने साथियों के साथ उनके घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और उससे व उसके भाई से मारपीट की। आरोप है कि उक्त लोग उसके घर की अलमारी से 2500 की नकदी, साेने की दो अंगुठियां, सोने का लॉकेट चुरा ले गए।
अरोड़ा काॅलोनी में बुधवार सुबह गुरमीत सिंह के मकान पर आसमानी बिजली गिर गई। बिजली गिरने से गुरमीत सिंह के पड़ोसी वीरू सिंह के मकान में भी बिजली के उपकरण जल गये। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। बिजली गिरने से दोनों मकानों में बिजली के उपकरण जल गए।
अरोड़ा काॅलोनी निवासी गुरमीत सिंह ने बताया कि सुबह बरसात के दौरान अचानक सुबह छत पर पानी की टंकी पर आसमानी बिजली गिर गई। जिससे टंकी टूट गई। इससे घर में लगा आरओ, इनवर्टर, बिजली की फिटिंग व अन्य उपकरण जल गए। इसके अलावा पड़ोस के वीरु नामक व्यक्ति के बिजली की फिटिंग व एलईडी जल गई। आवाज सुन कर आसपास के लोग आ गण। उन्होंने बिजली सप्लाई बंद करवाई जिससे अन्य घरों में नुकसान की बचत रह गई।
जिले के जिन किसानों ने समैम (एसएमएएम) स्कीम के तहत विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया था, उन किसानों में से लेजर लेवलर के आवेदकों को छोड़कर अन्य सभी आवेदकों को विभाग द्वारा अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक राजेश सिहाग ने बताया कि लेजर लेवलर के आवेदकों को छोड़कर अन्य सभी आवेदकों को खंड स्तर पर निर्धारित तिथि व समय अनुसार आवश्यक दस्तावेज जांच करते हुए प्रत्येक दिन सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 1 बजे व शाम को दोपहर बाद 2 बजे से साढ़े 4 बजे तक 50-50 किसानों को अनुदान प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। किसानों को उनके ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए दिन व समय की सूचना भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान अपने साथ 35 एचपी या अधिक ट्रैक्टर की वैध आरसी जो जिले में रजिस्टर्ड हो, किसान के नाम जमीन व उसकी पटवारी रिपोर्ट, किसान का बैंक खाता, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र (यदि अनुसूचित जाति से हो तो) साथ लेकर आएं। किसान को मैसेज के अनुसार निश्चित तिथि एवं समय पर आना होगा।
जिले के किसानों को इन कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान
समैम स्कीम के तहत स्ट्रा बेलर, हेरेक, शर्ब मास्टर/स्लशेर, रीपर बाइंडर, काॅटर सीड ड्रिल, लेजर लैंड लेवलर, नुमेटिक प्लांटर, ट्रैक्टर चालित स्प्रेयर, डीएसआर मशीन, पैडी ट्रांसप्लांटर, पोस्ट होलडिगर, ब्रिकेट मेकिंग मशीन, फर्टिलाइजर ब्राॅडकास्टर मशीन, ट्रैक्टर चालित पाॅवर वीडर, मोबाइल श्रेडर, रोटावेटर व मक्का/राइस ड्रायर के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा।
कोरोना का संक्रमण व बाजार से सब्जी आदि लाने के झंझट से बचने को लेकर एडवोकेट जगदेव औलख ने अपनी छत पर ही सब्जियां उगानी शुरू कर दी हैं। इन सब्जियों की पैदावार में किसी तरह के पेस्टीसाइड या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया है। इन्हें देसी तरीके से तैयार व प्रयोग किया जा रहा है।
नए बस स्टैंड के सामने डेजी कॉलोनी निवासी एडवोकेट जगदेव ने बताया कि अपनी छत पर करीब 50 गमले रखकर उनमें टिंडे, तोरी, बैंगन, तर, ककड़ी, करेले, टमाटर, घीया, खीरा की सब्जियां लगाई हैं। इन सब्जियों में वे कीटनाशक व अन्य दवाओं क प्रयोग नहीं करते। सुबह-शाम पानी देने के साथ ही देखभाल करते हैं।
सभी सब्जियां पेस्टीसाइड मुक्त हैं। उनका कहना है कि उनकी देखभाल के लिए वे हर रोज सुबह-शाम दो-दो घंटे का समय निकालते हैं। आम बेलों की बजाय ये फल भी ज्यादा दे रही हैं। जगदेव सिंह ने बताया कि जब गर्मी ज्यादा हो जाती है तो वे इन गमलों को कूलर व पंखे वाले कमरे में रख देते हैं। इससे इन्हें ठंडक मिलती है और गर्मी का प्रकोप नहीं पड़ता। उन्होंने कई ऐसी सब्जियां भी लगाई हैं, जो बेमौसमी हैं और उन्हें जरूरत के अनुसार ठंड भी दी जाती है।
अनुकूल वातावरण मिलने से सब्जियां प्रभावित नहीं होती, बल्कि अच्छी पैदावार देती हैं। कुछ समय पहले उन्होंने जामुन का एक पेड़ भी लगाया हुआ है। अब जब लॉकडाउन के चलते सब्जियों की खरीददारी को लेकर झंझट थे, इसलिए उन्होंने छत पर सब्जियां उगाने की ठानी। जगदेव सिंह ने बताया कि जो सब्जियां बाजार में मिलती हैं, वे पेस्टीसाइड से तैयार होती हैं, जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
दूसरा वे बाहर से आने के कारण बासी हो जाती है और ताजा नहीं रहती। बाजार से सब्जियां काफी महंगी मिलती हैं। उसे घर से ही ताजा व सस्ती सब्जियां मिल जाती हैं।
किसी भी रोग से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी है। संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए घर में ही रहने, हाथों को बार-बार धोने, मास्क का इस्तेमाल करने के नियम का पालन तो हम कर ही रहे हैं मगर अब जब लॉकडाउन के नियमों में थोड़ी ढील दी गई है तो संक्रमण का खतरा और बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। ऐसे में इम्युनिटी पॉवर को बूस्ट करने की आवश्यकता है। जीवनशैली और खान-पान में सुधार लाकर ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है। हमने शहर के डाइटिशियन से यह समझने की कोशिश की कि घर पर रहकर इसे कैसे सुधारना है। ऐेसे में बॉडी की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के बारे हमने एक्सपर्ट से जाना.... पढ़िए़
नैचुराेपैथी डॉ. रिम्पल बता रही हैं, ऐसा डाइट प्लान जो इम्यूनिटी बढ़ाने में आपकी मदद करेगा....
सुबह खाली पेट : जीरा या दालचीनी का पानी, 5 बादाम और 1 अखरोट।
नाश्ता : स्मूदी, पनीर सैंडविच, ऑमलेट, ओट्स चीला, बेसन चीला, उपमा।
10 से 12 बजे के बीच : किवी, ऑरेज या सेब।
लंच से पहले : फल, वेज सलाद या काला चना सलाद।
लंच में : चावल, सांभर, रोटी, पालक चना दाल, खिचड़ी, दही या रायता।
4 से 5 बजे : दालचीनी, अदरक की चाय या जिंजर-लेमन ग्रीन टी, सूरजमुखी, कद्दू या तरबूज के बीज।
5 से 6 बजे : सब्जी या फलों से बना रायता, एक छोटा चम्मच चिया सीड्स, वेज सूप, पनीर या टोफू।
बच्चों को मिले पोषण, डाइट में शामिल करें ये चीजें
बच्चों के लिए प्रोटीन है बेहद जरूरी : बच्चों की मांसपेशियों और हड्डियों के अच्छे विकास के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है। इसके लिए केला, दूध, अंडे, मांस, मछली जैसी प्रोटीन युक्त चीजें उनके भोजन में शामिल करनी बहुत जरूरी हैं।
शरीर में पानी की कमी न हो रखें ध्यान
अगर बच्चों का शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है तो उनका खाना खाने का मन बिल्कुल नहीं होता है। ऐसे में आपको ध्यान रखना है कि बच्चों को पानी पीने की आदत डालनी है। तरल पदार्थों का सेवन करने से उनके खाना न खाने की आदत से छुटकारा पाया जा सकता है और आपका बच्चा हेल्दी रहेगा। बच्चों के शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए मौसमी फल, सेब, अंगूर, संतरा, चीकू, अनार का सेवन करें, इस बात का ध्यान रखें।
कैलोरी भी है जरूरी
जब बच्चा दूध पीना बंद कर देता है तो उसके बाद वह खाने से ही पोषण लेता है ऐसे में ठीक से खाना न खाना बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को भरपूर कैलोरी की जरूरत होती है। कैलोरी के लिए दूध, साबुत अनाज, फल और सब्जियों का सेवन कर कर सकते हैं।
हार्ट पेशेंट्स, शुगर और अस्थमा राेगियों काे रखना चाहिए खास ध्यान
हम घर पर हैं, तो जीवनचर्या का कुछ तय नहीं है। कुछ लोग देर रात तक जाग रहे हैं, सुबह देर से उठ रहे हैं, ठंडा भोजन खा रहे हैं। इस खराब दिनचर्या से कई परेशानियां हो सकती हैं जैसे अपच, कब्ज, खट्टी डकारें आदि। ऐसे में अस्थमा, मधुमेह या हृदय रोगियों की समस्या भी बढ़ सकती है। इस मुश्किल समय में ख़ुद पर संयम रखना जरूरी है। न सिर्फ़ शारीरिक, बल्कि मानसिक दबाव भी हम सब पर है। राेज दिन की शुरुआत याेग से करें। अस्थमा के पेशेंट को इस वक्त बहुत एहतियात की जरूरत है उन्हें मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट तो बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।