हरियाणा 2014 कैडर की आईएएस रानी नागर के इस्तीफे पर सियासत गरमा गई है। रानी नागर के बचाव में विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित नागर व यूपी की पूर्व सीएम मायावती आ गई है। मायावती ने तो ट्वीट करते हुए हरियाणा के सीएम को कहा है कि महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व अन्यों की चुप्पी क्यों? बता दें कि रानी नागर ने अपनी जान को खतरा बताते हुए लॉकडाउन खत्म होने के बाद आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया था और अपने शहर गाजियाबाद चली गई थी।
यूपी की सीएम मायावती ने ये किया है ट्वीट
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को नौकरी के दौरान अपनी जान को खतरा के कारण अन्ततः अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौट आना पड़ा है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण। महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व अन्यों की चुप्पी क्यों?
कांग्रेस पूर्व विधायक ललित नागर बोले-उत्पीड़न से तंग आकर दिया रानी ने इस्तीफा
कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित नागर ने कहा कि सरकार ने रानी नागर की शिकायत सुनन की जहमत नहीं उठाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि रानी ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एक तरफ तो बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देती है, लेकिन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। रानी नागर की शिकायत के बावजूद जांच तक नहीं की गई। उसे घर तक नहीं दिया गया। गाड़ी नहीं दी गई। आईएएस बेटी असुरक्षित थी। उत्पीड़न में थी, इसी से दुखी होकर उसने इस्तीफा दिया है। ललित नागर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और रानी के इस्तीफे को नामंजूर करने की अपील की है।
दो दिन पहले ही इस्तीफा दिया था रानी नागर ने
दो दिन पहले रानी नागर इस्तीफा देकर चंडीगढ़ से गाजियाबाद चली गई हैं। आईएएस होने के बावजूद उन्हें सरकारी आवास नहीं दिया गया था और वह पिछले दो साल से चंडीगढ़ स्थित यूटी गैस्ट हाउस में ठहरी हुई थी। रानी नागर ने अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया था।
विवादों से जुड़ा रहा है कैरियर
रानी नागर ने वर्ष 2018 के दौरान एक आईएएस पर भी दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। यह मामला सीएम ऑफिस भी पहुंचा था। नागर ने एक कैब ड्राइवर पर भी अभद्रता का आरोप लगाया था। सिरसा जिला के डबवाली में एसडीएम पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था।
नूंह जिले के एक गांव में रहने वाले होमगार्ड की बेटी के साथ 5 युवकों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है। पीड़िता के पिता व परिजन 3 दिन तक महिला थाने से लेकर एसपी तक से गुहार लगाते रहे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मंगलवार को गृहमंत्री अनिल विज को फोन कर मामले से अवगत कराया, तब जाकर केस दर्ज हुआ। दरिंदगी की वारदात 2 मई की है।
पीड़िता ने बताया कि 2 मई की सुबह मां लकड़ी लेने जंगल गई और भाई दवा लेने दूसरे गांव में मेडिकल स्टोर पर चला गया। दोपहर 12 बजे घर पर अकेली होने के दौरान गांव का राकेश पुत्र लक्ष्मण आया और कहा कि तुम्हारी मम्मी लकड़ी लाने के लिए बुला रही है। जब वह जाने लगी तो रास्ते में राहुल पुत्र रमेश के घर के बाहर खड़े किरणपाल पुत्र लक्ष्मण, बिजेंद्र पुत्र श्यामलाल, रिंकू पुत्र लल्लूराम, राहुल व राहुल ने जबरन अंदर खींच लिया। वह शोर मचाने लगी तो मुंह पर कपड़ा बांध दिया। इसके बाद पांचों ने बारी-बारी दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने घर पहुंचकर परिजनों को आपबीती बताई।
एसएचओ बोलीं- 5 मई को मिली कम्प्लेंट
पीड़ित परिवार ने पुलिस कंट्रोल रूम से लेकर महिला हेल्पलाइन तक से मदद मांगी, पर सुनवाई नहीं हुई। फिर महिला थाने पहुंचे, पर सुबह आने की बात कही गई। इसके बाद पीड़ित परिवार रात में ही जिला सचिवालय में पुलिस महकमे से मदद के लिए पहुंचा, लेकिन पुलिस लाइन में भेज दिया।
पुलिस लाइन में गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों से एसपी नरेंद्र बिजारनिया से मदद दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने एसपी के क्वार्टर पर नहीं होने की बात कही। पीड़ित परिवार 3 मई की सुबह दोबारा महिला थाने पहुंचा और इंसाफ की गुहार लगाई। एसपी से मिलने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। 5 मई की दोपहर गृहमंत्री अनिल विज को फोन किया। थाना एसएचओ सुमन देवी ने कहा कि 5 मई को ही शिकायत मिली है।
अप्रैल में तब्लीगी जमात में शामिल वर्ग विशेष के लोग फिर सब्जी विक्रेताओं और अब नांदेड़ से यात्रा करने वाले लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित मिलने के बाद से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में कोरोना संदिग्धों का सैंपल एकत्रित करने का काम तेज कर दिया है। पिछले चार दिनों के आंकड़े बताते हैं कि दो से पांच मई तक प्रदेश के 11 जिलों से रोजाना औसतन एक हजार से अधिक सैंपल टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं। ऐसे में पीजीआई की वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब के नोडल अधिकारी व लैब स्टाफ की टीम वर्कलोड ढाई गुना तक बढ़ गया है।
पीजीआई की लैब में पांच मई तक 12,626 कोरोना संदिग्धों के सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं जिनमें 172 लोगों की सैंपल रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई।नोडल अधिकारी के अनुसार लैब में टेस्टिंग करने वाली रियल टाइम पीसीआर मशीन 24 घंटे में अधिकतम 500 सैंपल टेस्ट कर सकती है। लेकिन 11 जिलों से जिस रफ्तार से सैंपल आ रहे हैं उसका हाल के चार दिनों का आंकड़ा 1400 सैंपल तक पहुंच गया है।
ऐसे में टीम की ड्यूटी का रोस्टर प्लान पूरी तरह बिगड़ा हुआ है। फिर स्टाफ मेंबर्स मे कोई अपनी पहली मैरिज एनिवर्सरी को छोड़कर लैब में बिना छुट्टी लिए काम में जुटा है तो कोई महिला स्टूडेंट चिकित्सक पिता की तबियत बिगड़ने पर उनके पास नहीं जा सकी। ऐसे समर्पित स्टाफ मेंबर्स की वजह से 24 घंटे लगातार काम करना संभव हो रहा है। उम्मीद है कि अगले दो दिन में एक और नई मशीन का संचालन शुरू हो जाएगा, जिससे रोजाना सैंपल टेस्ट करने की संख्या में इजाफा होने के साथ वर्कलोड घटने की उम्मीद है।
विदेशों से लाए जाने वाले विद्यार्थियों व अन्य लोगों की पहली फ्लाइट सात मई को नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इनमें से जो व्यक्ति हरियाणा के वासी हैं उनको गुरूग्राम व फरीदाबाद में हरियाणा पर्यटन केंद्रों व अन्य चिन्हित स्थानों पर 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा जहां पर उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की भी प्रदेश के बॉर्डर बहादुरगढ़, कुंडली, फरीदाबाद व गुड़गांव में प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान पर रोक कर जांच की जाएगी और उनका उस राज्य का स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र भी चेक किया जाएगा, जहां से वे लोग आए हैं। यह आदेश मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने जारी किए हैं।
उन्होंने सभी जिलों के डीसी व कोविड-19 के जिला इंचार्जों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विदेशों से आने वाले विद्यार्थियों, दूसरे राज्यों से हरियाणा में आने वाले प्रदेश के लोगों और माइगेरंट लेबर को ट्रेन के माध्यम से उनके राज्य में भेजे जाने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन राय ने कहा कि उपायुक्त स्थानीय व्यापारियों एवं दुकानदारों के प्रतिनिधियों से मिलकर दुकान खोलने की इस प्रकार की योजना तैयार करें कि बाजारों व दुकानों में भीड़ न बढ़े। जो भी दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि नियमों का पालन नहीं करता पाया जाएगा उसको शहरी स्थानीय विभाग की टीम जुर्माना करेगी व संबंधित दुकान को बंद भी करवा सकती है।
दूसरे राज्यों में जाने वाले श्रमिकों की होगी स्क्रीनिंग
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जो माइग्रेंट लेबर ट्रेन के माध्यम से बिहार व अन्य दूर-दराज के प्रदेशों में भेजे जाएंगे उनकी भी स्क्रीनिंग की जाए और उसके बाद उनको स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कोविड से संबंधित डाटा नियमित तौर पर अपडेट करने, कोरोना पोजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्तियों की सूक्ष्मता से टे्रसिंग करने, वर्तमान में शैल्टर-कैंपों में ठहरे हुए माइग्रेंट लेबर की डिटेल भेजने के भी निर्देश दिए।
हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में दो डायलेसिस मशीनें विशेष रूप से कोविड-19 के ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित रखी जाएंगी, जिन्हें डायलेसिस की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, सभी 11 विशेष कोविड-19 अस्पतालों में 100-150 बिस्तरों को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखने के बाद शेष वार्ड और ओपीडी अन्य मरीजों के उपचार के लिए सामान्य रूप से कार्य शुरू कर देंगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उपस्थित थे।
सभी उपायुक्तों को सम्बन्धित जिलों की सभी मार्केट एसोसिएशन के साथ परामर्श के बाद सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का उचित अनुपालन करते हुए आवश्यकतानुसार ग्रीन और अॉरेंज जिलों में आने वाले सभी बाजारों में दुकानें खोलना सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। इस अवसर पर प्रमुख रुप से मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक निगम और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा भी उपस्थित थे।
हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में दो डायलेसिस मशीनें विशेष रूप से कोविड-19 के ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित रखी जाएंगी, जिन्हें डायलेसिस की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, सभी 11 विशेष कोविड-19 अस्पतालों में 100-150 बिस्तरों को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखने के बाद शेष वार्ड और ओपीडी अन्य मरीजों के उपचार के लिए सामान्य रूप से कार्य शुरू कर देंगी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उपस्थित थे। सभी उपायुक्तों को सम्बन्धित जिलों की सभी मार्केट एसोसिएशन के साथ परामर्श के बाद सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का उचित अनुपालन करते हुए आवश्यकतानुसार ग्रीन और ओरेंज जिलों में आने वाले सभी बाजारों में दुकानें खोलना सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। इस अवसर पर प्रमुख रुप से मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक निगम और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा भी उपस्थित थे।
विदेशों से लाए जाने वाले विद्यार्थियों व अन्य लोगों की पहली फ्लाइट सात मई को नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इनमें से जो व्यक्ति हरियाणा के वासी हैं उनको गुरूग्राम व फरीदाबाद में हरियाणा पर्यटन केंद्रों व अन्य चिन्हित स्थानों पर 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा जहां पर उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की भी प्रदेश के बॉर्डर बहादुरगढ़, कुंडली, फरीदाबाद व गुड़गांव में प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान पर रोक कर जांच की जाएगी और उनका उस राज्य का स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र भी चेक किया जाएगा, जहां से वे लोग आए हैं।
यह आदेश मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने जारी किए हैं। उन्होंने मंगलवार को सभी जिलों के डीसी व कोविड-19 के जिला इंचार्जों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विदेशों से आने वाले विद्यार्थियों, दूसरे राज्यों से हरियाणा में आने वाले प्रदेश के लोगों और माइगे्रंट लेबर को ट्रेन के माध्यम से उनके राज्य में भेजे जाने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन राय ने कहा कि उपायुक्त स्थानीय व्यापारियों एवं दुकानदारों के प्रतिनिधियों से मिलकर दुकान खोलने की इस प्रकार की योजना तैयार करें कि बाजारों व दुकानों में भीड़ न बढ़े। जो भी दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि नियमों का पालन नहीं करता पाया जाएगा उसको शहरी स्थानीय विभाग की टीम जुर्माना करेगी व संबंधित दुकान को बंद भी करवा सकती है।
दूसरे राज्यों में जाने वाले श्रमिकों की होगी स्क्रीनिंग
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जो माइग्रेंट लेबर ट्रेन के माध्यम से बिहार व अन्य दूर-दराज के प्रदेशों में भेजे जाएंगे उनकी भी स्क्रीनिंग की जाए और उसके बाद उनको स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कोविड से संबंधित डाटा नियमित तौर पर अपडेट करने, कोरोना पोजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्तियों की सूक्ष्मता से टे्रसिंग करने, वर्तमान में शैल्टर-कैंपों में ठहरे हुए माइग्रेंट लेबर की डिटेल भेजने के भी निर्देश दिए।
कोरोना वायरस को लेकर हर व्यक्ति के मन में डर है। फिलहाल असंध क्षेत्र सेफ जोन में है। दूसरे जिले की सीमा से कोरोना उपमंडल क्षेत्र में इंट्री न कर पाए, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने सड़क को खोद दिया है। ताकि दूसरी सीमा से कोई भी व्यक्ति एंट्र न कर पाए। इसी के साथ वहां नाका बनाकर पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। जिले की सीमा पर 24 घंटे चौकसी है। किसी को सीमा पार नहीं करने दिया जाता। प्रशासन की दो जिलों से संपर्क तोड़ने के लिए अब तक की बड़ी कार्रवाई की गई है।
प्रदेश के तीन जिलों की सीमा से आवागमन बंद करने के लिए अलग-अलग रास्तों पर सड़कों की खुदाई करवा दी गई है। करनाल जिले का गांव मूनक व बल्ला की सीमा पानीपत के साथ लगती है। पानीपत-करनाल की सीमा पर लगने वाले पानीपत जिले के गांव रेरकलां व करनाल जिले के गांव मूनक के बीच में मुख्य सड़क को पुलिस की मौजूदगी में अर्थमूविंग मशीन से खुदाई कर यहां से आवागमन बिल्कुल बंद कर दिया गया है। इसके अलावा जिला करनाल के गांव बल्ला से रेरकलां की ओर आने वाली सड़क को भी अर्थमूविंग मशीन से खोद कर रास्ता बंद कर दिया है। मूनक चौकी के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर कुलदीप ने बताया कि जिला उपायुक्त करनाल के आदेशानुसार पीडब्ल्यूडी द्वारा पुलिस की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई है।
हरियाणा में कोरोनावायरस का कहर थम नहीं रहा। 24 घंटे में 21 नए मामले आ गए। संक्रमितों की कुल संख्या 554 हो गई है। झज्जर में 8, सोनीपत में 5, गुड़गांव में 3, पानीपत में 2 और करनाल, रोहतक, फरीदाबाद में 1-1 केस मिला है। मंगलवार को फरीदाबाद व भिवानी में 1-1 मरीज ठीक हुए। भिवानी में सभी 4 मरीज ठीक हो चुके हैं। यानी अब 6 जिले कोरोना मुक्त हैं। अब तक कुल 256 मरीज ठीक हुए हैं। 7 की मौत हो चुकी है। फिलहाल 291 एक्टिव मरीज हैं।
राज्य में एक सप्ताह पहले मरीजों के दोगुने होने का रेट 21 दिन था। यह अब 11 दिन हो गया है। मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी 72 से गिरकर 46.2% हो गया है। इधर, लॉकडाउन पार्ट-3 में दी गई छूट को गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने घातक बताया है। उन्होंने कहा कि मंत्री मुझे डर लग रहा है। यदि लोगों ने मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो हालात खतरनाक हो सकते हैं।
4 जिलों में सभी मरीज ठीक हुए, झज्जर में कोई नहीं, 5 जिलों में रिकवरी दर 25% से कम
हरियाणा में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर एक सप्ताह पहले 72% थी। अब यह गिरकर 46.2% पर आ गई है। अब तक 4 जिलों में सभी मरीज ठीक होकर घर आ चुके हैं। इन जिलों में कुरुक्षेत्र, कैथल, भिवानी व चरखी दादरी शामिल है। पंचकूला, मेवात, पलवल जिले ऐसे हैं, जिनमें रिकवरी रेट 75 से लेकर 94% तक है। हिसार, सिरसा, फरीदाबाद, गुड़गांव, करनाल व रोहतक ऐसे जिले हैं, जहां रिकवरी रेट 26 से 40 फीसदी तक पहुंचा है। झज्जर जिले में अभी कोई भी मरीज ठीक नहीं हो पाया है। जबकि 0 से 25% तक की रिकवरी रेट में झज्जर के अलावा जींद, फतेहाबाद, पानीपत व सोनीपत जिले हैं। रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है।
78 फीसदी केस सिर्फ 7 जिलों में
करीब 78 प्रतिशत संक्रमण 7 जिलों में हुआ है। 22 फीसदी बाकी 13 जिलों में है। जिन जिलों में पूरे प्रदेश के 6% या इससे ज्यादा संक्रमण के केस हैं, उनमें गुड़गांव, सोनीपत, फरीदाबाद, झज्जर, मेवात, अम्बाला व पलवल शामिल है।
ऐसे फैलता गया संक्रमण
24 घंटे का अपडेट
2305 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव। 2790 संदिग्धों के सैंपल और लिए। 327 लोगों का सर्विलांस का समय। 31 नए लोग सर्विलांस पर लिए गए।
अब तक की टेस्टिंग रिपोर्ट
कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे पुलिस, डाक, स्वास्थ्य व बैंक कर्मियों के सम्मान में ब्रांच बूड़िया के संत निरंकारी सत्संग भवन शहजादपुर में अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छछरौली बीडीपीओ जोगेश कुमार मुख्यातिथि व बूड़िया थाना प्रभारी रवि खुंडिया वशिष्ठ अतिथि के रूप में पहुंचे। सभी कोरोना योद्धाओं पर पुष्प वर्षा कर व उन्हें फूल मालाएं पहनाकर सम्मानित किया गया।
संत निरंकारी मिशन ब्रांच बूड़िया के मुख्य अश्वनी कुमार ने अभिनंदन समारोह में पहुंचे मुख्यातिथि जोगेश कुमार को मिशन का प्रतीक सफेद दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया। सेवादल संचालक बाल किशन ने वशिष्ठ अतिथि बूड़िया थाना प्रभारी रवि खुंडिया को सफेद दुपट्टा पहनाकर आभार जताया। चंडीगढ़ हाईकोर्ट के सहायक महाधिवक्ता सुरेंद्र कुमार ने मुख्य अतिथियों व सभी कोरोना योद्धाओं का आभार जताया। बूड़िया थाना से एसएचओ रवि के अलावा एसआई राय सिंह, एसआई रमेश, एचसी रमेश, एचसी रवि, पंजाब नेशनल बैंक बूड़िया से वरिष्ठ प्रबंधक विनोद खुशवाह व डाकखाना बूड़िया से पोस्टमास्टर धर्मपाल, सहायक नरेश, जीडीएस सुरेंद्र, पोस्टमैन जयकुमार व अन्य संस्थाओं के पदाधिकारियों का फूल मालाएं पहनाकर व फूल बरसाकर स्वागत व अभिनंदन किया गया।
मुख्यातिथि जोगेश कुमार ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग पुलिस, बैंक, सफाई कर्मचारियों, डाक विभाग व अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ अनेक धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं भी शामिल हैं। इन कोरोना योद्धाओं के योगदान व सेवाओं के कारण ही समाज शांति व सुरक्षा के वातावरण में सुख की सांस ले रहा है। प्राकृतिक आपदा से एकता के साथ मिलजुल कर लड़ाई लड़ी है व जीते हैं। मौके पर शिक्षक डाॅ. सुर्जन, सहायक शिक्षक हरविंद्र कुमार, सुरेश पाल, रिटायर्ड डीएसपी फूलचंद, निरंजन सिंह, बनारसी दास, सोमप्रकाश, धर्मपाल, राजपाल, बिरमपाल, रमेश, फकीरचंद, गौरव ढींगरा व गुलाब मौजूद रहे।
लॉकडाउनमें जरूरतमंदों के लिए कुछ संगठनों की ओर से भोजन व राशन की सुविधा जारी है। मंगलवार को भी लायंस क्लब व अग्रवाल सेवा समिति की ओर से भोजन व राशन वितरित किया गया।
दुकानें खोलने की छटपटाहट में दुकानदारों द्वारा प्रशासन के तमाम निर्देशों की उल्लंघना की जा रही है। इसकी जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने डंडा दिखाकर बाजार में व्यवस्था कायम करवाई। ड्यूटी मजिस्ट्रेट भारत भूषण ने बताया कि मंगलवार को दुकानों पर सलाह के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं हो रहा था। साथ ही दुकानों से बाहर सामान रखने व बाइक के बाजार में प्रवेश की मनाही का भी पालन नहीं हो रहा था जिसके कारण पुलिस को डंडा दिखाकर व्यवस्था कायम करनी पड़ी।
एसएचओ छोटू के नेतृत्व में पुलिस कर्मचारियों ने दुकानदारों को अपना सामान दुकानों के अंदर रखने के अलावा बाजार में घूम रहे बाइक सवारों को खदेड़ा। नपा के एसआई हरजीत सिंह व एलआई मनजीत सिंह ने दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने के नियमों बारे जागरूक किया। प्रशासन की इस कवायद के बाद ही बाजार में व्यवस्था कायम हुई।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू की गई मोबाइल बस सेवा मंगलवार को संधाला गांव पहुंची। डॉक्टरों की टीम ने आवश्यक मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें दवाइयां दी। डॉ. शिखा ने बताया कि सरकारी अस्पताल लोगों की भीड़ जमा न हो इसलिए केवल जरूरी ओपीडी ही की जा रही है। लोग अपने घरों पर ही रहे वहीं उन्हें इलाज दिया जा सके इसलिए मोबाइल बस सेवा शुरू कर गई है। मोबाइल बस सेवा क्षेत्र के हर गांव में पहुंच मरीजों को उनके घर पर ही दवाई उपलब्ध कराएगी। कोरोना को हराने के लिए सभी का साथ जरूरी है। लोगों से अपील की कि वह अपने घरों के अंदर ही रहे। बेवजह अपने घरों से बाहर न निकले।
खंड प्रताप नगर के गांव कुटीपुर में कोरोना वायरस रोगी के मिलने से पूरे गांव को सेनिटाइज किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल व घरों को हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से सेनिटाइज किया गया। सभी ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। ग्रामीणों ने पूरे गांव को सेनिटाइज किया है। नरेश गुप्ता, शिवचरण मित्तल व मंगलसेन वालिया आदि ने बताया कि गांव में हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन का स्प्रे किया गया है। सभी ग्रामीणों को एहतियात के तौर पर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने, स्वच्छता अपनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ग्रामीणों को घर पर ही रहने की अपील की गई है।
पंजाब और हिमाचल में काम करने वाले यूपी के श्रमिकों ने भूख और बेरोजगारी से परेशान होकर अपने घरों की तरफ पैदल ही पलायन शुरू कर दिया है। ऐसे ही कई श्रमिकों के झुंड सोमवार रात व मंगलवार सुबह को देखे गए। सोमवार रात को शामपुर मार्ग पर मिले 22 श्रमिकों का झुंड अमृतसर व लुधियाना से 4 दिन पहले यूपी के शहरों के लिए रवाना हुए थे। यह लोग छिपते हुए अपनी इस कठिन यात्रा को जारी रखे हुए हैं। इन्हीं लोगों की तरह मंगलवार सुबह को दोसड़का चौक पर 9 श्रमिकों का झुंड तथा गांव हवेली के पास 5 श्रमिकों का झुंड मिला। गांव सादिकपुर के पास एक अकेला श्रमिक तो श्मशानघाट के पास दो श्रमिक अपने घरों की तरफ लौटते पाए गए। यह सभी श्रमिक हिमाचल के कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र में काम करते थे।
श्रमिक चाहे पंजाब के अमृतसर, लुधियाना या कालाअंब के हों पर कहानी लगभग सभी की एक सी है। लॉकडाउन लागू होने के बाद उद्योग बंद हुए तो यह लोग भी बेरोजगार हो गए। जेब में जो कुछ था वो अब खत्म हो चुका है। इन हालात में न तो कारखानेदारों ने कोई मदद की और न ही किसी समाजसेवी संस्था ने इन्हें एक भी वक्त का खाना दिया। मकान मालिकों ने किराया न मिलने पर इनके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। बेरोजगारी और भूख के दौरान उनके साथ हो रही गाली-गलौज से परेशान होकर इन श्रमिकों ने पैदल ही अपने घरों की तरफ लौटना शुरू कर दिया है। इस पैदल सफर के दौरान लगने वाली भूख को मिटाने के लिए इनके पास मामूली राशन है। लंबी पैदल यात्रा की थकान से श्रमिक पस्त हो चुके हैं लेकिन घर पहुंचने का हौसला इनमें जवान है। इन्हें खुद भी नहीं पता की यह अपने घर तक सकुशल पहुंच पाएंगे भी या नहीं, लेकिन इनका सफर जारी है।
बीमार भाई को दवा दिलवाने पैदल जाना पड़ रहा
कालाअंब के कारखाने में काम करने वाले यूपी के जिला रामपुर वासी धनुष पाल के भाई गब्बर सिंह को दिमागी बीमारी है। उसका उपचार यमुनानगर के एक निजी चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है। कई दिन से उसकी दवाइयां खत्म होने के अलावा चिकित्सक से जांच करवानी जरूरी है लेकिन लॉकडाउन के कारण यमुनानगर जाने के लिए कोई वाहन न मिला तो धनुष अपने बीमार भाई गब्बर के साथ पैदल ही कालाअंब से यमुनानगर के सफर पर चल पड़ा है। इस सफर के दौरान मंगलवार सुबह यह दोनों रसूलपुर पहुंचे थे।
प्रवासी वर्करों का पैदल ही अपने घर के लिए जाना जारी है। मंगलवार को प्रशासन ने सैकड़ों ऐसे वर्करों को रोक लिया और उन्हें बसों में भरकर तेजली स्टेडियम में ठहराया गया है। यहां पर उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। वहीं उनकी पूरी डिटेल बताई जा रही है। यहां पर राधा स्वामी सत्संग व्यास संस्था की तरफ से उनके लिए खाने की व्यवस्था की गई है। करीब 500 प्रवासियों को यहां पर रोका गया है। इस दौरान प्रशासन उन्हें घर भेजने की तैयारी कर रहा है। एसडीएम दर्शन कुमार ने बताया कि किसी भी वर्कर को बिना परमिशन पैदल जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे काफी वर्करों को प्रशासन ने रोका है और उन्हें तेजली स्टेडियम में ठहराया गया है। जब भी उन्हें यहां से भेजने की व्यवस्था बनेगी तो उन्हें बस या ट्रेन के माध्यम से भेजा जाएगा। प्रशासन की तरफ से स्टेडियम में स्टाफ लगाकर एक-एक वर्कर की डिटेल नोट की जा रही है। उधर वर्करों का कहना है कि वे अपने घर जाना चाहते हैं। क्योंकि बेरोजगार हो चुके हैं। ज्यादातर पंजाब से यूपी अपने घर जा रहे थे। उनका कहना है कि कुछ जगह तो उन्हें खेतों के रास्ते से आना पड़ा। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द उनके यहां से घर जाने की व्यवस्था करें।
रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी | सरकार ने प्रवासियों को उनके घर भेजने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद प्रशासन मजदूरों की संख्या देखकर उसके हिसाब से ट्रेन या फिर बस की व्यवस्था करेगा और उन्हें भेजा जाएगा। फिलहाल बहुत से प्रवासी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं क्योंकि रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत आ रही है। प्रवासियों का कहना है कि इसके लिए उनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है और न की रजिस्ट्रेशन करना आता है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि एक एक टीम एरिया भेजी जाए और वह रजिस्ट्रेशन करें।
जिले में लगातार कोरोना पाॅजिटिव की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इस बीमारी से ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि प्रशासन की ओर से मूवमेंट कर रहे इन प्रवासियों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुलिस थाने व चौकियों के सामने से प्रवासी गुजर रहे हैं लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से इन्हें रोका नहीं जा रहा। यह प्रवासी बाजार के बीच से होकर निकल रहे हैं। वहीं रास्ते में पड़ने वाली दुकानों से यह जरूरत का सामना खरीद रहे हैं। अगर मूवमेंट कर रहे इन प्रवासियों में से कोई कोरोना संक्रमित हुआ तो जिला में कोरोना के पॉजिटिव केसों में बढ़ोतरी की आशंका है।
पंजाब व जिले के कारखानों में कार्य करने वाले प्रवासी लगातार मूवमेंट कर रहे हैं। अपने साथियों के साथ मूवमेंट कर रहे प्रवासी मुन्नी लाल ने बताया कि उसके साथ करीब 10-12 साथी और हैं। कुछ पंजाब व कुछ खजूरी रोड के पास स्थित प्लाईवुड में कार्य करते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी बंद हैं।
मालिक की ओर से भी उन्हें राशन खाने के लिए नहीं दिया गया। मेहनत कर जो पैसे जोड़े थे, वह खर्च हो गए। अब अपने घर बिहार जा रहे हैं। बसें व ट्रेनें बंद हैं। पैदल इतनी लंबी दूरी तय करना कठिन है इसलिए पहले सभी ने पुरानी साइकिलें खरीदी। किसी ने 400 तो किसी ने 500 रुपए की। बॉर्डर पर पुलिस का नाका लगा है। पुलिस वहां से जाने नहीं देती इसलिए नाव की मदद से यमुना नदी क्रॉस करेंगे।
गांव सारण में विवाहिता की मौत के मामले में पुलिस ने उसके पति पर हत्या का केस दर्ज किया है। वहीं मृतका के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। मृतका के परिजनों ने पुलिस को बताया कि नेहा का पति अरूण नेहा की छोटी बहन के रिश्ते से खुश नहीं था। वह उसके होने वाले ससुराल में जाकर उसके बारे में गलत बातें कहकर आया था। इस बात पर नेहा ने ऐतराज जताया था। इसी से दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। आरोप है कि इसी बात के चलते ही नेहा की हत्या की गई। छप्पर पुलिस को गांव धर्मगढ़ निवासी राजकुमार ने शिकायत दी है कि उसकी भतीजी नेहा की शादी साल 2014 में गांव सारण निवासी अरूण के साथ हुई थी। 4 मई को भतीजे कौशल के पास अरूण का फोन आया कि उसकी बहन काने अटैक आ गया है।
लॉकडाउन होने से ज्यादा लोगों को आने की परमिशन नहीं है। इसलिए 2 से 3 लोग ही संस्कार में आएं । इस पर वे गांव के सरपंच को साथ लेकर चल दिए। उन्होंने यह बात पुलिस को बताई। जब वे घर पर गए तो देखा कि नेहा का शव घर पर था। उसके गले पर निशान थे और मुंह से खून निकल रहा था। जिसे देखकर लग रहा था कि यह हत्या है। उनका आरोप है कि नेहा की छोटी बहन के रिश्ते को लेकर वह खुश नहीं था। वह उसके ससुराल में जाकर गलत बातें बोलकर आया था। इस बात का पता नेहा को चला तो उसने अरूण से बात की थी। इसलिए उसकी हत्या कर दी। छप्पर थाना प्रभारी जगबीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है ।
एपीएल कार्ड धारक राशन डिपो पर राशन मांगने पहुंच रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से डिपो पर इनके लिए कोई राशन नहीं भेजा गया। इसे लेकर डीएफएससी डिपार्टमेंट की ओर से भी कुछ क्लियर नहीं किया जा रहा है। कई लोग तो डिपो संचालक से मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। इसे लेकर राशन डिपो संचालकों ने सीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने सीएम के नाम लिखे पत्र में कई मांगें रखी हैं। दी जिला यमुनानगर डिपो होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन प्रधान अमरेंद्र सिंह और महासचिव हंसराज तंवर ने पत्र में कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें फरवरी के बाद कोई कमीशन नहीं दिया गया। इससे उन्हें लॉकडाउन में दिक्कत के बीच राशन बांटना पड़ रहा है। डिपो पर 400 से 500 लोग राशन लेने आते हैं इसलिए उन्हें भी कोरोना का डर सता रहा है। उन्हें सरकार की तरफ से उनका 50 लाख का सुरक्षा बीमा और पीपीई किट दी जाए। इसके साथ ही राशन डिपो पर राशन वितरण के लिए 15 तारीख तक राशन पहुंच जाना चाहिए। इसके साथ ही पीओएस मशीनें नेटवर्क की समस्या से सही से नहीं चल पाती। इस समस्या को दूर किया जाए ताकि राशन बांटने में कोई दिक्कत नहीं आए। उनका कहना है कि सरकार से उम्मीद है कि उनकी मांगों को पूरा करेगी।
शहर की सब्जी मंडी के आढ़ती को कोरोना मिलने के बाद जिला प्रशासन की ओर से सब्जी मंडी बंद की गई है। सात मई की शाम को पता लगेगा कि मंडी कब खुलेगी। मंडी बंद होने से यहां कोई सब्जी नहीं मिल रही। राजस्थान, दिल्ली, नासिक व अन्य स्थानों से आने वाली सब्जियां नहीं पहुंच रहीं। कुछ दुकानदार साढौरा व रादौर सब्जी मंडी से सब्जी लाकर शहर में बेच रहे हैं। वहीं गलियों में दिनभर घूमने वाली सब्जी की रेहड़ियों की संख्या 10 फीसदी ही रह गई है। इन पर भी बहुत कम सब्जी है। अधिकांश रेहड़ियों पर सिर्फ आलू-प्याज ही हैं। इस समय केवल स्थानीय सब्जी बिक रही है। वहीं मंडी बंद होने से शहरी एरिया में नाममात्र सब्जी आ रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर दिक्कत न के बराबर है।
हम कैसे जाएं इतनी दूर, किराया भी नहीं होगा पूरा : यमुनानगर व जगाधरी की दोनों सब्जी मंडी बंद होने से कुछ दुकानदार रादौर से सब्जी ला रहे हैं जबकि रेहड़ी पर बेचने वाले प्रकाश, जयपाल व सन्नी का कहना है कि शहर की अगर मंडी खुले तो वे सब्जी लाकर बेच सकते हैं लेकिन रादौर या साढौरा जाकर नहीं ला सकते क्योंकि ऐसा करने से रेट बढ़ जाएगा। फिर भी वे लोग अपना किराया भी पूरा नहीं कर पाएंगे, लागत को दूर की बात है। इस समय बहुत से लोग सब्जी व्यवसाय से जुड़ चुके हैं। कारण कि इसे जरूरी सेवा मंे रखा गया है। लॉकडाउन में लोग सब्जी बेचकर गुजर बसर कर रहे हैं।
इसलिए नहीं बढ़े दाम : सब्जी विक्रेता मनोज कुमार, अनिल व विक्रम का कहना है कि लौकी, तोरी, बैंगन, टमाटर स्थानीय किसान लेकर पहुंच रहे हैं। जब से मंडी बंद हुई है, ये लोग सीधे इनके पास लाकर सब्जी बेच रहे हैं। उपलब्धता पूरी है इसलिए इनके दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है। फल की दिक्कत आ रही है। पहले से खरीद कर लाए गए फल ही बेच रहे हैं। वे लोग सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रख रहे हैं। सेनिटाइजर साथ रखते हैं।
ये दिया था प्रशासन को सुझाव : सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान सुरेश कुमार ने बताया कि इन दिनों मंडी बंद है इसलिए अधिकतर विक्रेता रादौर व साढौरा से सब्जी ला रहे हैं। प्लेज की सब्जी बिक रही है। सब्जी की फिलहाल कमी नहीं है।
मंडी का यह हो सकता है अस्थाई विकल्प
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सब्जी मंडी को बंद कराया है। जन मानस की सुरक्षा को देखते हुए यह जरूरी भी है, लेकिन लोगों की जरूरत का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। सब्जी मंडी के आढ़तियों का कहना है कि जब तक मंडी बंद है तब तक प्रशासन चाहे तो तेजली मैदान में अस्थाई मंडी सुबह 10 बजे तक लगाई जा सकती है जिसमें जिले के किसान सीधे आम लोगों को सब्जी बेचें। इससे किसान व शहर के लोग दोनों को फायदा होगा। इसके अलावा दशहरा ग्राउंड में भी इसी तरह की व्यवस्था की जा सकती है। दो तीन स्थानों पर व्यवस्था होने से भीड़ भी एक स्थान पर ज्यादा नहीं लगेगी। किसानों की फसल खराब नहीं होगी और लोगों को ताजी सस्ती सब्जी मिल सकेगी।
प्रशासन की ओर से बहुत से मजदूर घर वापस भेज दिए गए। अभी भी काफी संख्या में यहां वहां रुके हुए हैं। कुछ श्रमिकों का आना अभी भी जारी है। इनकी सुविधा के लिए वेबसाइट जारी की गई जिस पर डिटेल भरवा कर पंजीकृत हो सकते हैं। श्रमिकों की दिक्कत ये है कि पढ़े-लिखे तो नहीं हैं। स्मार्ट फोन ठीक से चलाना नहीं जानते। ऐसे मंे वे जहां भी जाते हैं, उनको भगा दिया जाता है। अब प्रशासन से ही उम्मीद है कि हेल्प डेस्क बनाए, जिससे उनका सहायता मिल सके। इससे उनका काम सरल हो जाएगा। उनको घर जाने में सहूलियत होगी।सोमवार देर शाम पंजाब की तरफ से सुढैल एरिया में 10-15 श्रमिक पहुंचे। ये लोग खेतों में शरण लिए हुए हैं। इनकाे राधा स्वामी सत्संग भवन नहीं दिखा इसलिए वे लोग खेतों में शरण लिए हैं। घर जाने के लिए पंजीकरण करना होता है। इसकी जानकारी उनको है। कैसे और कहां जाकर कराएं, इसका पता ही नहीं है। उनके पास ब्रेड बिस्किट है जिससे काम चला रहे हैं। एरिया के लोगों ने इनके स्वास्थ्य जांच की मांग स्वास्थ्य विभाग से की है।सिर पर सामान हाथ में बैग लेकर चलना मजबूरी| अम्बाला मार्ग से आ रहे श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन में फैक्टरी लॉक है। ऐसे में वे लोग वहां से पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े। किसी तरह यहां पहुंचे हैं। यहां आकर भी राहत नहीं मिली। सारा ट्रैफिक बंद है इसलिए सिर पर सामान लेकर चलना मजबूरी है। जहां से वे लाेग आए, वहां उनको सहायता नहीं मिली है इसलिए वे लोग वहां से घरों की ओर पैदल चल पड़े। श्रमिक पंकज, बिरेश्वरदास, राम सिंह व लहरी सिंह ने बताया कि उनको बताया गया है कि प्रशासन ने पंजीकरण की सुविधा दी है। उनको कोई ये तो बताए, किसकी मदद से ये कार्य हो सकेगा। वे लोग पढ़े-लिखे कम हैं इसलिए उनको दिक्कत ज्यादा आ रही है। जहां भी हेल्प के लिए गए, वहां से कल आना कह कर भेज दिया गया। कोई तो हो जो उनका रजिस्ट्रेशन कर दे। वे लोग भी सरकार की मदद से अपने घर पहुंच सकें।
सिर पर सामान हाथ में बैग लेकर चलना मजबूरी| अम्बाला मार्ग से आ रहे श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन में फैक्टरी लॉक है। ऐसे में वे लोग वहां से पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े। किसी तरह यहां पहुंचे हैं। यहां आकर भी राहत नहीं मिली। सारा ट्रैफिक बंद है इसलिए सिर पर सामान लेकर चलना मजबूरी है। जहां से वे लाेग आए, वहां उनको सहायता नहीं मिली है इसलिए वे लोग वहां से घरों की ओर पैदल चल पड़े। श्रमिक पंकज, बिरेश्वरदास, राम सिंह व लहरी सिंह ने बताया कि उनको बताया गया है कि प्रशासन ने पंजीकरण की सुविधा दी है। उनको कोई ये तो बताए, किसकी मदद से ये कार्य हो सकेगा। वे लोग पढ़े-लिखे कम हैं इसलिए उनको दिक्कत ज्यादा आ रही है। जहां भी हेल्प के लिए गए, वहां से कल आना कह कर भेज दिया गया। कोई तो हो जो उनका रजिस्ट्रेशन कर दे। वे लोग भी सरकार की मदद से अपने घर पहुंच सकें।
प्रशासन यह व्यवस्था करे तो हो सकता है फायदा| यह सभी को पता है कि अधिकांश श्रमिक अनपढ़ हैं। इन्हें आन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट की प्रक्रिया समझाना कठिन ही नहीं असंभव भी है। एेसे में यदि अधिकारी चाहें तो श्रमिक बस्तियों व औद्योगिक क्षेत्रों में कुछ सक्षम या रेडक्रॉस वालंटियर की ड्यूटी लगा सकते हैं।
इससे श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन तो हो ही जाएगा, साथ ही दो चार दिन में घर पहुंचने की उम्मीद में वे बदहवास होकर पैदल घरों के लिए सैकड़ों किलो मीटर के सफर पर नहीं निकलेंगे। उनमें यह विश्वास पैदा होगा कि अधिकारी उनकी समस्या को समझ रहे हैं, यह विश्वास किसी टॉनिक से कम नहीं होगा।
इस लिंक की दी गई है सुविधा
डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान संकट की इस घड़ी में जिले से संबंधित दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, श्रद्धालु, पर्यटक, विद्यार्थी तथा अन्य व्यक्ति या यमुनानगर जिले में दूसरे प्रदेशों के फंसे हुए नागरिकों के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से ई दिशा डॉट जीओवी डॉट इन/ई फोर्मस/माइग्रेंट सर्विस https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService लिंक की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित नागरिक या उनके परिजन इस लिंक पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, ताकि उन्हें अपने घर वापिस ला व भेज सकें।
जोड़ियां में जहां पर पुलिस और प्रवासी वर्करों में झड़प हुई थी अब वहां पर पुलिस का पहरा है। यह पहरा इसलिए है कि ताकि श्रमिक दोबारा न भड़क जाएं। पुलिस की एक टीम यहां पर तैनात की गई है जोकि हर आने-जाने वालों पर नजर रख रही है। प्रवासी डरे हुए हैं। हमने जब वहां पर कुछ प्रवासियों से बात की तो उनका ये ही कहना था कि पूरा विवाद करने वाले तो मौके को फायदा उठाकर फरार हो गए। पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। हालांकि पुलिस ने कुछ को मौके से हिरासत में लिया था। उनको लेकर पुलिस क्लियर कर रही है कि वे पूरे विवाद में थे या नहीं।
जोड़ियां एरिया में दर्जनों प्लाइवुड फैक्ट्रियां हैं। इनमें हजारों की संख्या में मजदूर काम करते हैं। लॉकडाउन में से सब फैक्टरियां बंद रहीं। इस दौरान कुछ फैक्टरी वालों ने न तो पिछला वेतन दिया और न ही लॉकडाउन में कोई पैसा मजदूरों को दिया। ये फैक्टरी वाले चाहते थे कि किसी तरह यहां से प्रवासी चले जाएं। माना जा रहा है कि कुछ फैक्टरी वालों और ठेकेदारों ने मजदूरों को शह दी कि अगर वे सड़क पर उतरेंगे तो उनकी बात उच्चाधिकारियों और सरकार तक जाएगी। मजदूराें ने बहकावे में आकर ऐसा किया। पुलिस ने एफआईआर में यह बात दर्ज की है कि इन मजदूरों ने फैक्टरी वालों और ठेकेदारों की शह पर ऐसा किया।
सुरक्षा बढ़ा दी है, मामले की जांच कर रहे| फर्कपुर थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने सोमवार को हुए मामले को लेकर केस दर्ज कर लिया था। उस एरिया में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी तरह का विवाद दोबारा न हो जाए। जो केस दर्ज किया गया है उसमें जांच की जा रही है।
कोरोना की दो जांच रिपोर्ट जिले के लोगों की चिंता बढ़ाने वाली आई हैं। एक साल से डायलिसिस पर चल रहे गांव कुटीपुर निवासी 61 साल के व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव बताया है। किडनी पेशेंट होने से उसे पीजीआई रेफर करना पड़ा। वहीं सरोजनी कॉलोनी में घर में बच्चे की बर्थडे पार्टी के बाद 33 साल की महिला की तबीयत बिगड़ गई। महिला का टेस्ट कराया तो उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। महिला और बुजुर्ग दोनों को कोविड अस्पताल में रखा गया है। दोनों की रिपोर्ट देर रात आई थी। इसके बाद गांव कुटीपुर और सरोजनी कॉलोनी को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए सील कर दिया गया।
महिला के संपर्क में करीब 20 लोग आए हैं। उनके भी सैंपल लिए गए हैं। वहीं महिला गाबा अस्पताल में दवा लेने गई थी। वहां एक डॉक्टर ने उन्हें ट्रीट किया था। उनके भी सैंपल लिए जाएंगे। कुटीपुर निवासी बुजुर्ग के परिवार में 7 लोग हैं। उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। डीसी मुकुल कुमार, एसपी हिमांशु गर्ग, एसडीएम दर्शन कुमार और डीएसपी प्रदीप राणा ने कंटेनमेंट जोन का दौरा किया। वहां सुरक्षा के इंतजाम देखे। डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि दोनों एरिया को सील कर दिया गया है।
बुजुर्ग डायलिसिस कराने आते थे जगाधरी अस्पताल में, यहीं से संक्रमण का शक| 61 साल के बुजुर्ग डेढ़ साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। उन्हें काला पीलिया भी है। उनके बेटे ने बताया कि पीजीआई में उनका डायलिसिस चल रहा था। अब कई माह से जगाधरी सिविल अस्पताल में डायलिसिस करा रहे थे। वीरवार को उन्हें ईएसआई अस्पताल में कोरोना टेस्ट के लिए भेज दिया गया। इसके बाद शनिवार को उन्होंने सिविल अस्पताल में डायलिसिस कराई। इसके अलावा उनके पिता कहीं बाहर नहीं जाते थे। हालांकि उन्हें न बुखार और न ही खांसी-जुकाम की शिकायत है। माना जा रहा है कि डायलिसिस सेंटर या फिर आते-जाते कहीं वे संक्रमण की चपेट में आए हैं।
महिला के घर 27 को बर्थडे पार्टी थी, पंचकूला से आए थे परिवार के लोग| सरोजनी कॉलोनी निवासी कोरोना पॉजिटिव मिली महिला के घर 27 अप्रैल को बच्ची का बर्थडे मनाया गया। इसमें पंचकूला से परिवार के लोग आए थे। वे मर्चेंट नेवी में हैं। इस बर्थडे पार्टी में करीब 20 लोग शामिल थे। इसके बाद महिला की तबीयत खराब हुई तो वह गाबा अस्पताल में दवा लेने गईं। वहां डॉक्टर ने उन्हें ईएसआई अस्पताल में कोरोना सैंपल के लिए भेज दिया। जब उसकी रिपोर्ट आई तो वह पॉजिटिव मिली। स्वास्थ्य विभाग ने परिवार के लोगों के सैंपल लिए हैं। महिला के घर एक काम वाली भी आती है जोकि कई घरों में काम करती है।
लॉकडाउन 3.0 में छूट के चलते सड़कों-बाजारों में लोगों की भीड़ देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस के साथ रेंडम-सैंपलिंग को बढ़ा दिया है।
अभी तक 100 से 170 के बीच सैंपलिंग होती थी लेकिन इसे बढ़ाकर 200 पल्स कर दिया है। इसके अलावा रेपिड डाइग्नोस्टिक किट से भी जांच हो रही है। मंगलवार को फ्लू क्लीनिक में पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष ने शाम 5 बजे तक 90 लोगों के सैंपल लिए थे। इसके बाद भी जांच के लिए पहुंचे रोगियों की सैंपलिंग जारी रही। मोबाइल टीम के डॉ. रवि ने सेंट्रल जेल में अधीक्षक, उपाधीक्षक, वार्डर सहित 11 अधिकारियों व कर्मचारियों के सैंपल लिए हैं। 1 बंदी भी शामिल है। डीसी कॉलोनी कंटेनमेंट जोन में 3 और एचएयू फार्मर हॉस्टल में क्वारेंटाइन एक व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए लैब में भिजवाया है। दंत सर्जन डॉ. बंसीलाल, डॉ. पुलकित और एलटी वेदव्रत की टीम ने सीएचसी उकलाना एरिया में 40 सैंपल लिए हैं। इनमें महाराष्ट्र से 4, नोएडा, फिरोजपुर, तमिलनाडु, पांडेचेरी, हिमाचल प्रदेश और गुरुग्राम से 1-1, जैसलमेर और गुवाहाटी से 3-3 शामिल हैं। इधर, हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा और एमपीएचडब्लू नूर मोहम्मद की टीम ने सब्जी मंडी चौक स्थित बड़वाली ढाणी में रेपिड डाइग्नोस्टिक किट के साथ 23 लोगों के सैंपल जांचे। हेल्थ इंस्पेक्टर पवन आहुजा ने बताया कि पांच से 10 मिनट में लोगों को रिपोर्ट भी बता दी। निगेटिव रिपोर्ट हैं। इस दौरान सैंपलिंग टीम में डॉ. पवन बगड़ानिया, एलटी दिनेश, डेटा एंट्री ऑपरेटर पवन सहित एमपीएचडब्ल्यू सौरभ, सुनील भानखड़, वेद प्रकाश, परमजीत, लकी ठकराल, नवीन, प्रवीण, कुलदीप, सीमा मिश्रा, आशा कार्यकर्ता बसंती थे। इस दौरान टीम ने एंटी लारवा एक्टिविटी व मास फीवर सर्वे किया।
कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर जिला आयुष विभाग ने एक नई पहल की है। जिला आयुष विभाग ने मंगलवार से अभियान शुरू करते हुए विभिन्न विभागों को संस्मणी टेबलेट और अणु तेल सौंपा।
जिला आयुष विभाग की जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. सुशीला सिंह व उसकी टीम ने नगर निगम संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल को 850 संस्मणी टेबलेट व 850 अणु तेल की शीशी सौंपी। इस दौरान जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. सुशीला सिंह, डाॅ. रामरती, डाॅ. सुशील बंसल, डाॅ. महेंद्र पाल रिटायर्ड एएमओ, सीमा डिसपेंसर, रेखा मौजूद रहीं।
संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने जिला आयुष विभाग के अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि योद्धाओं की हर संभव सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। निगम के सफाई कर्मचारी व अन्य टीम दिन-रात जनसेवा में लगी हुई है। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. सुशीला सिंह ने कहा कि कोरोना योद्धा दिन-रात जनसेवा में लगे हुए है। उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है।
नगर निगम के कोरोना योद्धाओं के लिए आयुष विभाग की ओर से संस्मणी की 850 टेबलेट, अणु तेल की 850 शीशी संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल का सौंपी गई है। डाॅ. सुशीला सिंह ने बताया कि संस्मणी की दो टेबलेट सुबह व दो टेबलेट शाम को गर्म पानी के साथ लेनी होती है। इसके साथ ही अणु तेल की एक एक बूंद नाक में डालनी चाहिए।
संस्मणी टेबलेट से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। यह इम्युनिटी बूस्टर काम करती है। जबकि अणु तेल की एक बूंद नाक में डालने से एंटी बैक्टिरियल फील्ड बनती है। एंटी बैक्टिरियल फील्ड के कारण कीटाणुओं और विषाणु नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
जब घर की सजावट की बात होती है तो सबसे पहले दीवारों पर नजर दौड़ती है। ये दीवारें अपनी सजावट से बहुत कुछ कहती हैं। होम क्वारेंटाइन के दौरान सिटी के लोगों के घर की दीवारें भी बोल उठीं, जब उन्होंने अपने घर में वाॅल पेंटिंग बनाईं। लाॅकडाउन के दौरान बहुत सी सर्विस अभी भी बंद हैं। साथ ही सबके पास भरपूर वक्त है। ऐसे में आम लोग भी किसी प्रोफेशनल आर्टिस्ट की तरह दीवारों पर खुद सुंदर पेंटिंग्स बना रहे हैं।
प्रदीप जांगड़ा : सिर्फ एक रंग से की वाल पेंटिंग सीख: सीमित संसधान का भी बेस्ट यूटिलाइज
लाॅकडाउन में छूट मिलने के बाद भी समझदार नागरिक बाहर नहीं जा रहे। इसी कड़ी में विद्युत नगर के प्रदीप जांगड़ा के पास घर में सिर्फ एक ही फैब्रिक कलर था। तो इन्होंने ऐसा डिजाइन चुना जिसमें सिर्फ ब्लैक कलर की ही जरूरत थी। प्रदीप ने लॉबी की दीवार पर एक टाइगर बनाया। पेंटिंग का पिघलने वाला इफ़ेक्ट इसे और ज्यादा आकर्षित बना रहा है। खाली वक्त का जहां क्रिएटिव तरीके से इस्तेमाल किया। वहीं लॉकडाउन के बाद जब भी हालात सामान्य होंगे तो मेहमानों को यह पेंटिंग लुभाएंगी।
करिश्मा खन्ना: लाफिंग बुद्धा बनाया, मन का भय दूर हुआ, पॉजिटिव एनर्जी मिली
करिश्मा खन्ना को घर की एक दीवार खाली लगती थी। घर में उनके पास सिर्फ दो आॅयल बेस्ड कलर थे। जिससे उन्होंने इस दीवार पर लाफिंग बुद्धा का डिस्टनसिंग बनाया। लाफिंग बुद्धा खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। बताती हैं कि कोरोना के दौर में दिमाग भय और निगेटिविटी से भर जाता है। ऐसे में ये पेंटिंग उन्हें पॉजिटिव एनर्जी का अहसास कराती है। इसे बनाने में 2 करिश्मा को दिन लगे।
विकास : पोस्टर कलर से बनाए आजाद पक्षी, दो दिन लगे पेंटिंग बनाने में
12 साल के विकास कपूर के पास पुराने पेंटिंग कलर थे। जोकि स्कूल बंद होने के बाद इस्तेमाल नहीं हो रहे थे। ऐसे में विकास ने घर की एक दीवार पर पेड़ों पर बैठे पक्षियों की पेंटिंग बनाई। विकास ने पहले ये पेंसिल से अपने चाचा से ड्रा कराई और फिर रंग भरे। इसे बनाने में विकास से दो दिन लगाए।
राजविंदर कौर : पुराने न्यूज पेपर और फाइलों से भी सूनी सी दीवार को मिला नया रूप
लॉकडाउन में राजविंदर कौर ने पुराने न्यूजपेपर से बहुत सारे जापानी फैन बनाकर दीवार को सजाया। घर की सिर्फ एक दीवार में ईंटें नजर आती थी। इसे सजाने की तैयारी में राजविंदर को तीन दिन लगे। अभिनय रंग मंच की मेंबर राजविंदर ने कहा “घर की सभी दीवारें बहुत सुन्दर और रंग बिरंगी है पर ये एक दीवार है जो कुछ अलग है, माँ कहती है इसके पीछे राज है। खैर, मैं इसे भी सुन्दर बना दूं और उस राज को यहीं दफना दूं।
घर में हर किसी के पास कुछ ने कुछ ऐसा जरूर होता है जिसे हम सब वेस्ट मैटेरियल समझकर फेंकने को तैयार होते हैं। मगर किसी वेस्ट मैटेरियल को इस्तेमाल थोड़ी क्रिएटिविटी से किया जाए तो बहुत कुछ नया क्रिएट किया जाता है। इसी कड़ी में सीमा वर्मा पुरानी जींस और पुरानी चप्पल या शूज के तलवे के इस्तेमाल से न्यू डिजाइन के स्लिपर बनाने का तरीका समझा रही हैं।
आवश्यक सामग्री : पुरानी जींस, पुराने चप्पल या जूते के तलवे, फेविक्विक, सिलाई मशीन।
मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा के कोविड हॉस्पिटल में भी संदिग्ध लोगों की संख्या लगतार बढ़ रही है। आइसोलेशन वार्ड में पांच पॉजिटिव मरीज सहित एक दर्जन लोग उपचार करवा रहे हैं। मेडिकल के नोडल अधिकारी एवं डीएमएस डाॅ. राजीव चौहान व हिसार के नोडल अधिकारी डाॅ. विकास पुरी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में सोमवार का पांच पॉजिटिव मरीजों सहित नौ लोग भर्ती थेे, लेकिन मंगलवार को मरीजों संख्या बढ़कर 12 हो गई, जिनमें से पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। जिनके सैंपल दो दिन बाद भेजे जाएंगे। चार लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जिमसें से दो निगेटिव मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया और दो लोगों डिसचार्ज कर क्वारेंटाइन होम भेज दिया गया है। तीन लोगों की रिपोर्ट अभी भी बाकि है। मेडिकल के सीएमओ डाॅ. राकेश शर्मा, डाॅ. कवलपाल सिंह, डाॅ. भूपेंद्र कडवसरा, डॉ. राहुल गौतम, डाॅ, आजाद सिंह, डाॅ. नरेंद्र नाडा, डाॅ. सुमित पातड़,डाॅ. साहिल बामल, डाॅ. विक्रम मलिक के नेतृत्व में पूरी टीम मरीजों के उपचार में दिन रात लगी हुई है। मेडिकल कॉलेज के डीएमएस डाॅ. शमशेर मलिक, डाॅ. संदीप राणा ने बताया कि मंगलवार को कोविड ओपीडी में आठ लोग आए थे। जिनमें से तीन लोगों को आइसोलेशन में भर्ती किया गया और पांच लोगों को जांच के बाद क्वारेंटाइन होम में रहने के लिए भेजा गया है। इसके अलावा मेडिकल के स्टाफ सहित 50 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। मंगलवार को 210 लोगों अन्य विभागों की ओपीडी में जांच करवाई। जिनमें पांच मरीजों को आपताकालीन विभाग में भर्ती किया गया।
डब्ल्यूएचओ की टीम ने अिधकारियों के साथ बैठक: विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने डाॅ. अवरिल, डाॅ. अपूर्णा के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज अग्रोहा के कोविड हॉस्पिटल का मंगलवार को औचक निरीक्षण किया और निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों की मिटिंग ली और कार्यों की समीक्षा की जानकारी हासिल की। मीटिंग में मेडिकल के निदेशक डाॅ. गोपाल सिंघल, एमएस डाॅ. नजीर अहमद पंडित, डीएमएस डाॅ. शमशेर मलिक, हिसार के नोडल अधिकारी डाॅ. विकास पुरी, नोडल अधिकारी एवं डीएमएस डाॅ. राजीव चौहान,डाॅ. संदीप राणा, डाॅ. राकेश सहारण उपस्थित थे।
बैठक में कोरोना से संबधित अनेक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
नई सब्जी मंडी में सख्त अादेशाें के बावजूद स्थिति अभी नियंत्रण से बाहर है। बाहर से आने वाले सब्जी विक्रेता, गाड़ियाें के चालक व परिचालक अाैर स्थानीय मंडी के व्यापारी अभी साेशल डिस्टेंसिंग की पालन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते घातक परिणाम हाे सकते हैं। दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी के बाद हरियाणा में साेनीपत अाैर झज्जर की सब्जी मंडियाें में पाॅजिटिव केस मिलने से अन्य सब्जी मंडियाें के लिए भी अच्छे संकेत नहीं हैं। सरकार अाैर प्रशासन काे इस पर गंभीरता से ध्यान देना हाेगा।
मंगलवार काे भी सब्जी मंडी में भीड़ जुटी। बेशक पुलिस का हर गेट पर पहरा था, इसके बावजूद अंदर धक्का मुक्की का माहाैल दिखा। ज्यादा समस्या ताे साेशल डिस्टेंसिंग काे लेकर रही, जिसकी यहां लोग पालन नहीं कर रहे है। मंडी में अाने वाले किसान, व्यापारी और सब्जी विक्रेताओंके पास के माध्यम से अंदर आने के आदेश हैं, पर आम जनता भी मंडी में आराम से प्रवेश कर खरीदारी में लगी है। जबकि मंडी में आम लाेगाें के प्रवेश की पूरी तरह पाबंदी है।
सरसाें की खरीद का केंद्र भी है
नई सब्जी मंडी काे सरसाें की खरीद का भी केंद्र बनाया हुआहै। इसलिए यहां किसानाें की तादाद भी राेज काफी हाेती है। इसी तरह यहां सरसाें की बाेरियाें काे पैक करने व खरीद एजेंसी के कर्मचारियाें के अलावा वाहनाें के चालक और क्लीनर भी काफी संख्या में देखे जा सकते हैं।
यह बोले मार्केट कमेटी के अधिकारी
मार्केट कमेटी के अधिकारियाें व सब्जी मंडी में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियाें काे सख्त हिदायत है कि साेशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से कराया जाए। मंडी में प्रत्येक अाढ़ती सेनेटाइजेशन पर पूरा ध्यान दें। यदि सरकार के आदेशाें का पालन नहीं हाेगा ताे संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई के लिए प्रशासन काेलिखा जाएगा।
जिले में अब तक 2.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई
जिले में अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों के माध्यम से अब तक 241605 मीट्रिक टन गेहूं और 23410 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है। जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि अब तक खाद्यापूर्ति विभाग द्वारा 111618 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 100747 मीट्रिक टन, एफसीआई द्वारा 3758 मीट्रिक टन व हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा 25482 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मंडियों व खरीद केंद्रों से 95264 मीट्रिक टन गेहूं का उठान करवाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था स्थापित करने के निर्देश दिए हैं ।
कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर जिला आयुष विभाग ने एक नई पहल की है। जिला आयुष विभाग ने मंगलवार से अभियान शुरू करते हुए विभिन्न विभागों को संस्मणी टेबलेट और अणु तेल सौंपा।
जिला आयुष विभाग की जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. सुशीला सिंह व उसकी टीम ने नगर निगम संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल को 850 संस्मणी टेबलेट व 850 अणु तेल की शीशी सौंपी। इस दौरान जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. सुशीला सिंह, डाॅ. रामरती, डाॅ. सुशील बंसल, डाॅ. महेंद्र पाल रिटायर्ड एएमओ, सीमा डिसपेंसर, रेखा मौजूद रहीं। संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल ने जिला आयुष विभाग के अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि योद्धाओं की हर संभव सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। निगम के सफाई कर्मचारी व अन्य टीम दिन-रात जनसेवा में लगी हुई है। जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. सुशीला सिंह ने कहा कि कोरोना योद्धा दिन-रात जनसेवा में लगे हुए है।
उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है। नगर निगम के कोरोना योद्धाओं के लिए आयुष विभाग की ओर से संस्मणी की 850 टेबलेट, अणु तेल की 850 शीशी संयुक्त आयुक्त शालिनी चेतल का सौंपी गई है। डाॅ. सुशीला सिंह ने बताया कि संस्मणी की दो टेबलेट सुबह व दो टेबलेट शाम को गर्म पानी के साथ लेनी होती है। इसके साथ ही अणु तेल की एक एक बूंद नाक में डालनी चाहिए। संस्मणी टेबलेट से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। यह इम्युनिटी बूस्टर काम करती है। जबकि अणु तेल की एक बूंद नाक में डालने से एंटी बैक्टिरियल फील्ड बनती है। एंटी बैक्टिरियल फील्ड के कारण कीटाणुओं और विषाणु नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
टीम बांट रही टेबलेट
पंचायत विभाग, पुलिस विभाग सहित सरकारी विभागों में कोरोना योद्धाओं को एएमओ दिपेंद्र कौर, एएमओ डाॅ. कमल प्रकाश, डिस्पेंसर सतीश कुमार, पुलिस विभाग में एएमओ डाॅ. नरेश कुमार, एएमओ डाॅ. मुकेश कुमार, एएमओ डाॅ. सहदेव, डिस्पेंसर अनिल कुमार, डाॅ. बलराज, डाॅ. सहदेव, डाॅ. महेंद्र बंसल आदि टेबलेट व तेल बांट रहे हैं।
(भूपेंद्र पंवार/पंकज धींगड़ा)लॉकडाउन 3.0 में प्रशासन की ओर से मिली ढील के बाद पहले दिन बिगड़ी व्यवस्था से प्रशासन ने तुरंत सबक लिया और एक ही दिन में स्थिति भी सुधार डाली। एसडीएम सुबह सवेरे ही पुलिस बल के साथ बाजारों में उतरे और बिगड़ी स्थिति को कंट्रोल किया। प्रशासनिक अधिकारियों के एक्शन में आने का सकारात्मक असर यह रहा कि बाजारों में मटरगश्ती करने वाले और बेवजह घूमने वालों पर शिकंजा कसा गया। मंगलवार को बाजारों में भीड़ कम नजर आई। हालांकि अभी मोबाइल मार्केट और बैंकों के बाहर सुधार की दरकार है।
कोरोना का भय तो है, लेकिन लॉकडाउन में ढील मिलने पर शहरवासी स्वयं को घरों में नहीं रोक पाए। इस कारण बाजारों में सोमवार को भीड़ बढ़ी और सोशल डिस्टेसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ी। बाजारों में खरीददार कम जबकि बेवजह घूमने वाले ज्यादा िदखे। लेकिन प्रशासन ने पहले ही दिन बिगड़ी स्थिति से न केवल सबक लिया, बल्कि इसे मंगलवार से ही जबरदस्त तरीके से लागू भी कर दिया। एसडीएम ने दुकानें खुलने से पहले ही भारी पुलिस बल के साथ बाजारों में दस्तक दे दी। एसडीएम करीब 12 बजे तक बाजारों में रहे और भीड़ को कंट्रोल करने के लिए गश्त करते रहे। मंगलवार को बाजारों में पहले दिन के मुकाबले कम भीड़ नजर आई। मुख्य बाजारों की दुकानों पर भी डिस्टेंस की पालना की गई।
शहीद भगत सिंह, सुभाष चौक पर लगाए बैरिकेड
प्रशासन ने मंगलवार को नया नियम लागू किया। इसके तहत रोड़ी बाजार के दोनों तरफ यानी शहीद भगत सिंह चौक और सुभाष चौक पर बैरिकेड लगा दिए। रोड़ी बाजार में बड़े वाहनों की एंट्री पूरी तरह बैन कर दी गई और केवल दोपहिया वाहनों को ही एंट्री मिली। इस कारण रोड़ी बाजार खुला-खुला नजर आया। इसके अलावा सदर बाजार, हिसारिया बाजार, सिटी थाना रोड, पुरानी सब्जी मंडी के एरिया में भी भीड़ पर नियंत्रण पा लिया गया।
पार्किंग को लेकर चल रहा मंथन, एक-दो दिन में होगा फैसला लागू
शहर के बाजारों में बड़े वाहन प्रवेश न कर पाएं। इसलिए जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि पार्किंग की व्यवस्था की जाए। एसडीएम जयवीर यादव, डीएसपी आर्यन चौधरी, सिक्योरिटी इंचार्ज सत्यवान, सिटी थाना प्रभारी सुखबीर सिंह, ट्रैफिक थाना प्रभारी बहादुर सिंह ने सोमवार शाम को शहर के ट्रेड टॉवर मार्केट, आर्य समाज रोड, सूरतगढ़िया बाजार आदि क्षेत्रों का दौरा कर पार्किंग बनाने के लिए संभावनाएं तलाश की। अब इन जगहों पर डीसी के साथ मीटिंग कर मंथन किया जाएगा। उम्मीद है कि एक-दो दिन में प्रशासन इस मुद्दे को फाइनल कर पार्किंग व्यवस्था बना देगा, ताकि मुख्य बाजारों में बड़े वाहन न जाएं।
निगरानी को गठित टीमें बाजारों में निर्देशों की सख्ती से पालना करवाएंगी
डीसी रमेश चंद्र बिढ़ान ने बाजारों में नजर रखने और व्यवस्था बनाने के लिए लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंस के साथ साथ शर्तों की गंभीरता की पालना सुनिश्चित करने के लिए पांच निगरानी टीमें गठित की है। ये टीमें एसडीएम व डीएसपी (हैड क्वार्टर) के नेतृत्व में काम करेंगी। ये सभी टीम एक बाजार से दूसरे बाजार में गश्त करेंगी। यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एसएचओ ट्रैफिक की जिम्मेवारी रहेगी। इसी प्रकार सचिव, नगर परिषद और एसएचओ ट्रैफिक अपने कर्मचारियों के साथ बाजार में लगातार गश्त करेंगे और निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करवाएंगे।
फूड सेफ्टी विभाग ने कोल्ड स्टोर का निरीक्षण किया। इस दौरान खराब हो चुके करीब 10 क्विंटल खोये को नष्ट करवाया गया। फूड सेफ्टी ऑफिसर ने उपस्थित रहकर कोल्ड स्टोर में रखा दुकानदारों का खराब हो चुका खोया निकलवाया और जांच के बाद नष्ट करवा दिया। शहर के अलग-अलग मिठाई विक्रेता और डेयरी संचालक कोल्ड स्टोर में अपने खोये के स्टॉक को रखते हैं। लेकिन खाेये को 10 से लेकर ज्यादा से ज्यादा 20 दिन तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है।
अचानक लॉक डाउन होने के कारण दुकानदारों ने कोल्ड स्टोर में खोये का स्टॉक रखवा दिया लेकिन लॉक डाउन आगे बढ़ गया आैर 40 से भी ज्यादा दिन चला। इतने दिनों में कोल्ड स्टोर में रखा खोया खराब होने लगा। मंगलवार को फूड सेफ्टी ऑफिसर महावीर बिश्नोई ने कोल्ड स्टोर का निरीक्षण किया। स्टॉक में रखे खोये की जांच की तो पता चला कि खोया खराब होना शुरू हो गया है।
इस पर इस खोये के स्टॉक को नष्ट करने का फैसला हुआ। दुकानदारों ने स्वयं ही इस खोये को नष्ट करने की सहमति दे दी। इसके बाद फूड सेफ्टी ऑफिसर महावीर बिश्नोई ने इसे नष्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू की।
गृह मंत्री अनिल विज के आदेशों पर अनाज मंडी की आढ़ती फर्म के तीन लोगों के खिलाफ गुडियाखेड़ा के किसान द्वारा दी गई शिकायत पर धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया है, उनमें चिरंजी लाल, कशमीरी लाल व नीलम रानी शामिल हैं। मंत्री को भेजी शिकायत में गुडियाखेड़ा निवासी हरीसिंह ने बताया कि वे तीन भाई हैं और उसका परिवार खेतीबाड़ी करता है। हर वर्ष पूरी फसल अनाज मंडी में फर्म शंकर लाल-कश्मीरी लाल व वेदप्रकाश दुकान नंबर 34 के पास बेचता था। आढ़ती उसे समय पर पैसे भी दे देता था। उसने बताया कि वर्ष 2017 में उसने परिवार में लड़की की शादी करनी थी। फसल पर उसने आढ़ती को पांच लाख रुपए नगद दिए थे व करीब पांच लाख रुपए की फसल बेच दी। उक्त राशि उसने लड़की की शादी के वक्त लेने को कहा, जिसपर आढ़ती ने हामी भर दी। कुछ समय बाद लड़की की शादी रखने पर वह आढ़ती चिरंजीलाल के पास गया और उससे पैसे की मांग की, जिसपर उसने पैसे नहीं होने की बात कही। उस वक्त कहीं से पैसे का जुगाड़ कर उसने शादी कर दी। दिसंबर 2019 में उसने उपायुक्त व एसपी को भी शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जांच अधिकारी एएसआई ने बताया कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है।
जिला में दूसरे राज्यों से आकर काम करने वाले मजदूरों को वापस उनके घर भेजने की प्रक्रिया जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। बुधवार को डिंग क्षेत्र के 54 मजदूर हिसार से चलने वाली ट्रेन के जरिए अपने राज्य बिहार जाएंगे। हालांकि इन मजदूरों को मंगलवार के दिन ही जाना था। मगर ट्रेन का समय बदल गया और बुधवार से ट्रेन जाने की सूचना आ गई। डिंग क्षेत्र में ये मजदूर खेती बाड़ी का काम कर रहे थे। ये सभी बिहार राज्य के जिला मदेहपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया और सहरसा के रहने वाले है। मजदूरों को सिरसा से हिसार के लिए दो रोडवेज बसों में लेकर जाया जाएगा। घर वापसी की सूचना पर सभी मजदूर खुश है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने के कारण वे सभी डर रहे थे कि काम धंधा बंद है। ऐसे में यहां वे फंस गए थे।
जिले में अब तक दो हजार मजदूरों ने घर जाने के लिए करवाया रजिस्ट्रेशन
जिला में रहने वाले मजदूरों को वापस घर भेजने की प्रक्रिया शुरू, 54 मजदूर ट्रेन से आज जाएंगे बिहार सिरसा जिला में अब तक दो हजार मजदूरों ने घर जाने के लिए करवाया रजिस्ट्रेशन, आज डिंग क्षेत्र के मजदूर भेजे जाएंगे। अब तक कुल दो हजार मजदूरों ने घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। जिले में एमपी, बिहार और यूपी सहित राजस्थान के करीब 10 हजार लोग काम करते हैं।
दो बसों में इनकोे भेजा जाएगा हिसार
आज 54 मजदूरों को हिसार से ट्रेन उनके राज्य बिहार लेकर जाएगी। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए दो रोडवेज की बसों में इनकोे भेजा जाएगा। धीरे धीरे सभी जाने वाले मजदूरों को उनकी इच्छानुसार घर भेज दिया जाएगा।'' -राजेश चेची, डीएसपी, सिरसा।
माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय ओढ़ां ने विश्वभर में फैली हुई कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन कर चलते माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय ने कोविड-19 कोरोना वायरस जागरूकता अभियान में आहुति डालते हुए मंगलवार को महाविद्यालय की छात्राओं का ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया।
प्रतियोगिता में छात्राओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए बहुत सुंदर सुंदर पोस्टर बनाए। प्रतियोगिता का निर्देशन कॉलेज प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता स्याल ने किया। प्राचार्या ने सभी बच्चो को बधाई देते हुए बताया कि हम अगली कड़ी में आने वाली 9 मई को राष्ट्रीय स्तर का ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहे है, जिसमे आप सभी ने बढ़ चढ़ कर भाग लेना है ।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बीएड द्वितीय वर्ष की छात्राध्यापिका मनजिंदर कौर,व द्वितीय स्थान पर बीएड द्वितीय वर्ष की ही छात्राध्यापिका सुगंधा व तृतीय स्थान पर बीएड प्रथम वर्ष की छात्राध्यापिका हीना बंसल व द्वितीय वर्ष की दीक्षा रही।
लाॅकडाउन में डीसी की ओर से शाम को 7 बजे से सुबह 7 बजे तक किसी प्रकार की मूवमेंट नहीं होने यानि लोगों के बाहर घूमने सहित अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की जिम्मेदारी पुलिस को दी हुई है। पुलिस ने ही रात को नगरपरिषद की जमीन पर 10-12 मजदूर लगाते हुए दीवार का निर्माण करवा डाला। जब गली के लोगों को पता लगा तो वे बाहर आए। जब वीडियो बनाने लगे तो पुलिस ने उन्हें भगा दिया। मंगलवार सुबह गली के लोगों ने इस निर्माण को अवैध बताया और एसडीएम से मिलकर मामले की शिकायत दी है। खैरपुर पुलिस चौकी गली निवासी रोशन लाल, राजकुमार, सर्बजीत कौर, मुकेश, हरजीत कौर, सरवन कुमार ने आरोप लगाया कि यह भूमि नगरपरिष की है। पुलिस ने रातों रात टार्च की लाइट में दीवार निकालकर अवैध निर्माण किया है। इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
हिसार रोड पर नगर परिषद की प्रोपर्टी है। यहां पर नगर परिषद द्वारा शोरूम किराए पर दिए गए है, इसी जगह पर खैरपुर पुलिस की चौकी भी बनी हुई है। परिषद की ओर से पुलिस चौकी के लिए शोरूम के पीछे की जगह अलॉट की गई थी, मगर पुलिस आगे शोरूम की जगह पर ही चल रही है। कोरोना संक्रमण के भय के साये में पूरा देश लॉकडाउन है और खैरपुर पुलिस चौकी द्वारा सोमवार की रात्रि को दो दर्जन से अधिक मिस्त्री-मजदूरों से चोरों की भांति दीवार का निर्माण करवाया गया। रात्रि में ही निर्माण सामग्री जुटाई गई, पानी का टैंकर लाया गया। रोशनी के लिए मोबाइल के टार्च का इस्तेमाल किया गया खैरपुर पुलिस चौकी की गली के निवासियों ने जब मध्य रात्रि में शोर सुना तो वे यहां पर जुट गए। उन्हें पुलिस की कार्यशैली पर संदेह हुआ कि आखिर क्या वजह है जो पुलिस भी चोरों की भांति मध्य रात्रि में निर्माण करवा रही है। उसे किसका भय है। दीवार का निर्माण करवाना कितना जरूरी है कि लॉकडाउन के दौरान इसे करवाया जा रहा है। इसके साथ ही निर्माण कार्य दिन के उजाले में क्यों नहीं करवाया गया? सायं 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जब लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है, तब ऐसे में कौन मिस्त्री-मजदूरों को लेकर आया। इस बारे में एसडीएम सिरसा को इस बारे शिकायत सौंपी और कार्रवाई की मांग की। वहीं नगर परिषद के सचिव स. गुरशरण सिंह ने बताया कि रात्रि में जिस दीवार का निर्माण किया गया है, वह नगर परिषद की ही प्रोपर्टी है। नगर परिषद द्वारा पुलिस के लिए शोरूम के पीछे भवन का निर्माण किया जा रहा है।
उपमंडल में भाखड़ा प्रणाली की नहरों में 2 सप्ताह बाद सिंचाई पानी छोड़ा गया। जिससे जंडवाला रजवाहा केशव ढाणी के खेतों में साइफन के पास टूट गया। पानी आने के साथ ही नहर टूट जाने से सुबह नहर को दोबारा बंद कर कटाव को दुरुस्त किया गया। किसानों ने नहरी विभाग से नहर की सीएम घोषणा के अनुसार रीमॉडलिंग कर मजबूत बनाए जाने की मांग की है।
भाखड़ा प्रणाली के मौजगढ़ हेड से देर रात को लहरों में पानी छोड़ा गया। जिसे जंड वाला रजवाहा केशव ढाणी में साइफन के पास दरार आने से टूट गया। कल सुबह किसानों ने सिंचाई विभाग को इसकी सूचना दी जिसके बाद नहर को बंद कर के कटाव को पाटने का काम शुरू किया गया। नहर टूटने से किसानों की दिनभर की पानी की बारी मारी गई। किसानों ने बताया कि जडवाला नहर में किसानों को पूरा पानी में मिलने की समस्या लंबे समय से चल रही है और हर सीजन में नहर टूट जाती है। किसानों ने बताया कि नहर काफी कमजोर हो चुकी है ।
सीएम घोषणा के बावजूद नहीं हुआ समाधान
किसानों ने जडवाला नहर का लेवल सही कर रीमॉडलिंग करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2016 में घोषणा की थी लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है बल्कि अधिकारियों ने बिना रिपेयर किए नहर पर रिपेयरिंग खर्चसे खानापूर्ति कर दी. इससे एक और सीएम घोषणा पर काम नहीं हुआ ।
लॉकडाउन के दौरान सब्जी बेचने वालों के दोबारा पास बनाए जाने की अफवाह फैली, जिससे मंगलवार दोपहर सैकड़ों सब्जी विक्रेताओं की भीड़ मार्केट कमेटी के बाहर जुट गई। बिना मास्क व सामाजिक दूरी के सोशल डिस्टेंसिंग टूटती नजर आई। एकत्रित हुए 450 से ज्यादा सब्जी विक्रेताओं की आईडी रखकर उन्हें वापस जाने को बोला। जब लोगों की भीड़ बढ़ती गई तो फोन कर पुलिस को बुलाया गया। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया।
लॉकडाउन के तहत सब्जी मंडी में साेशल डिस्टेंस बरकरार रखने को जिला प्रशासन ने 465 से ज्यादा सब्जी विक्रेताओं को पास जारी किया था। लेकिन विभागीय टीमों ने चार दिनों तक निरीक्षण किया, तो पाया गया कि 50 फीसदी पास धारक मंडियों में पहुंचे सब्जी लेने पहुंचे थे। जिसके बाद सभी सब्जी विक्रेताओं के पास को कैंसिल कर दिया गया था।
उनमें से 200 सब्जी विक्रेताओं को पास जारी किया है। लेकिन 250 से ज्यादा सब्जी विक्रेताओं के पास कटने से रोजगार का संकट हो गया। उन सब्जी बेचने वालों ने एसडीएम से पास बनाए जाने की गुहार लगाई थी। लेकिन इसी बीच मंगलवार को दोबारा पास बनाने की अफवाह फैल गई। जिससे सब्जी विक्रेताओं की भीड़ मार्केट कमेटी के बाहर एकत्रित हुई।
चार ढाबों से 20 रुपये थाली खाना ग्राहकों को देने का इंतजाम
शहर में सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने को जिला प्रशासन की ओर से सब्जी, फल एवं ढाबा संचालकों को 224 पास जारी किए हुए हैं। जिनमें 200 पास रेहड़ी वालों, 20 पास सब्जी की दुकानें लगाने वालों व 4 पास ढाबा संचालकों को दिए है। जिसमें सभी चार ढाबों से 20 रुपये थाली खाना ग्राहकों को देने का इंतजाम है। जबकि इससे पहले जिला प्रशासन ने 450 से ज्यादा पास सब्जी विक्रेताओं को जारी कर दिए थे, जिससे सब्जी मंडियों में भीड़ जुटती थी।
फिलहाल नहीं बनाए जाएंगे कोई नए पास
सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखने को जिला प्रशासन के आदेशानुसार कुछ पास कम किए हैं। दोबारा पास बनाए जाने की गलत सूचना से सब्जी विक्रेता एकत्रित हुए। लेकिन फिलहाल कोई पास नहीं बनाए जाएंगे। हालांकि उनकी आईडी व फोन नंबर रख लिया है।'' - विकास सेतिया, मार्केट कमेटी, सिरसा।
कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सरकार का आदेश है कि सोशल डिस्टेंस का पालन करेंं। इसके बावजूद डबवाली रोड पर स्थित अतिरिक्त अनाज मंडी में सोशल डिस्टेंस की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस बात को जहां किसान सख्ते में नहीं ले रहे। वहीं मार्केट कमेटी अधिकारी व पुलिस प्रशासन भी सख्ती से काम नहीं ले रहा है। प्रशासन ने समय रहते यदि इस पर लगाम न कसी गई तो इसके अंजाम गंभीर हो सकते है। हालांकि मार्केट कमेटी के चेयरमैन गुरचरण सिंह मत्तड़ और किसान नेता गुरदास सिंह लक्कड़वाली ने मौके पर पहुंचकर किसानों से सोशल डिस्टेंस बनाने में सहयोग कर किसानों को हमेशा मास्क लगाकर रखने की अपील की और प्रशासन से अतिरिक्त अनाज मंडी में स्थित फायर ब्रिगेड कार्यालय में नरमे की खरीद के लिए गेट पास कटवाने के लिए एक ओर कंप्यूटर लगाकर बेहतर व्यवस्था करने की मांग की है। किसान नेता गुरदास सिंह लक्कड़वाली, बब्बू सिंह जगमालवाली, बलजीत सिंह कमाल, ज्ञान सिंह तारूआना, खुशहाल सिंह जगमालवाली, राजा मान ने बताया कि कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) की ओर से करीब 43 दिनों बाद गत सोमवार से दोबारा सरकारी रेट पर नरमे की सीधी खरीद शुरू कर दी है। जिसके दूसरे दिन अतिरिक्त अनाज मंडी में करीब 400 किसान अपना नरमा बेचने के लिए पहुंचे। लेकिन इस दौरान मार्केट कमेटी अधिकारियों की लापरवाही के चलते अतिरिक्त अनाज मंडी में स्थित फायर ब्रिगेड कार्यालय में गेट पास लेने वाले किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वहां पर न तो अधिकतर किसानों के मास्क लगा हुआ था, न ही वहां सेनिटाइजर व हाथ धोने के लिए साबुन की कोई व्यवस्था थी और न ही सोशल डिस्टेंस की पालन की जा रही। जहां तक की मंडी में ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों ने भी मास्क नहीं लगा रखे और न ही उनके पास सेनिटाइजर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड कार्यालय में इतने किसान एक साथ आने के बावजूद एक ही कर्मचारी की ओर से कंप्यूटर से गेट पास काटे जा रहे है। जिससे वहां पर किसानों की भीड़ जमा हो रही है। मार्केट कमेटी के कर्मचारी भी सुबह जल्दी आने की बजाय 10 बजे मंडी में पहुंचकर गेट पास काटने शुरू करते है। ऐसे में मार्केट कमेटी को चाहिए कि फायर ब्रिगेड कार्यालय में एक ओर कंप्यूटर व ऑपरेटर की व्यवस्था करे और कर्मचारियों को समय पर पहुंचने के निर्देश दें ताकि सोशल डिस्टेंस की उल्लंघना न हो।
लॉक डाउन के दौरान जिला से बाहर आने और जाने वालाें की स्वास्थ्य जांच होगी। आने-जाने के लिए किसी भी व्यक्ति को अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही जिला प्रशासन की ओर से परमिट जारी किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 10 टीमों का गठन कर दिया और शहीद भगत सिंह स्टेडियम में जांच भी शुरू कर दी है।
यदि किसी भी व्यक्ति को कहीं आना या जाना होता है तो जिला प्रशासन के पास परमिट के लिए अप्लाई करना पड़ता है। प्रशासन की ओर से ही उन्हें परमिट जारी किया जाता है। लेकिन अब प्रशासन ने व्यवस्था बदल दी है। परमिट मिलने से पहले आवेदनकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके बाद ही प्रशासन उन्हें परमिट जारी करेगा।
विभाग की ओर से 10 टीमों को गठन कर तैनात कर दिया है। ये टीमें आवेदनकर्ताओं की स्वास्थ्य जांच करेगी और सिविल सर्जन ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी करेगे।
स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी है: सिविल सर्जन
हमने 10 टीमों का गठन कर दिया है और इन्हें तैनात भी कर दिया गया है। ये टीमें स्वास्थ्य जांच करेगी और इसके बाद विभाग की ओर से ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी होगा।'' - डाॅ. सुरेंद्र नैन, सिविल सर्जन, सिरसा।
लॉकडाउन 3.0 में ढील मिलने के बाद अब प्रवासी कश्मीरियों को भी वापस भेजने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रशासन ने इनकी स्वास्थ्य जांच करवाने के आदेश दिए। मंगलवार को सिविल अस्पताल में सिरसा में रह रहे कश्मीरियों की स्क्रीनिंग की गई। अब इन्हें वापस जाने की अनुमति मिल जाएगी। लेकिन इन परिवारों की मांग है कि प्रशासन ही भेजने की व्यवस्था करे क्योंकि उनके पास खर्चे के लिए भी पैसे नहीं है।
जम्मू और कश्मीर क्षेत्र से हर वर्ष सर्दियों के समय प्रवासी लोग गर्म शॉल, चादर, लोई बेचने के लिए सिरसा आते हैं। ये लोग शहर की एमसी कॉलोनी, सदर बाजार और अन्य जगहों पर मकान किराए पर लेकर रहते हैं। आम तौर पर ये लोग हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर के समय सिरसा आते हैं और सर्दियों का सीजन खत्म होने पर मार्च या अप्रैल में वापस लौट जाते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन हो जाने के कारण यहीं फंस गए। मूल रूप से कश्मीर और एमसी कॉलोनी निवासी गुलाम रसूल, अब्दुल, इमरान ने बताया कि वे 35 सालों से सिरसा आते जाते हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि प्रशासन ने उन्हें वापस जाने के लिए अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन मांग ये भी है कि उन्हें भेजने की व्यवस्था प्रशासन ही करे क्योंकि बस किराया करीब 40 हजार लगेगा जबकि उनके पास जाने के लिए भी पैसे नहीं है।
रिपोर्ट आने पर प्रशासन देगा मंजूरी
सिविल अस्पताल स्थित फ्लू ओपीडी में सिरसा में रह रहे कश्मीरी से आए लोगों की स्क्रीनिंग की। हालांकि 30 लोगाें को पहले भेजा जा चुका है और 19 लोग अब भी सिरसा में ही हैं। इसलिए इन लोगों की भी जांच की गई। कतारें लंबी हो गई इसलिए यहां तैनात पुलिस ने डिस्टेंसिंग बनाने का काम किया।
जिला भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत कार्यवाई करते हुए जिला पुलिस ने गश्त व चैकिंग के दौरान कार्यवाही करते हुए विभिन्न जगहों से 2 बोतल अवैध शराब, 298 लीटर लाहन व अवैध शराब की दो चलती भट्टी बरामद कर चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है । प्रथन घटना में जिला की कालांवाली थाना पुलिस ने गश्त चैकिंग के दौरान गांव जगमालवाली क्षेत्र से एक व्यक्ति को 150 लीटर लाहन, 1बोतल अवैध शराब व चलती भट्टी के साथ काबू किया है । पकड़े गए व्यक्ति की पहचान रणजीत सिंह निवासी जगमालवाली के रूप में हुई है । कालांवाली प्रभारी सब इंस्पैक्टर ओम प्रकाश ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ थाना कालांवाली में कार्यवाही की गई है। वहीं एक अन्य घटना में जिला की ओढां थाना पुलिस ने गश्त चेकिंग के दौरान गांव बनवाला क्षेत्र से एक व्यक्ति को 8 लीटर लाहन, 1 बोतल अवैध शराब व चलती भट्टी के साथ काबू किया है । पकड़े गए व्यक्ति की पहचान कृष्ण निवासी बनवाला के रूप में हुई है
वहीं एक अन्य घटना में जिला की रोड़ी थाना पुलिस ने गश्त चैकिंग के दौरान गांव रोड़ी क्षेत्र से एक व्यक्ति को 50 लीटर लाहन के साथ काबू किया है । पकड़े गए व्यक्ति की पहचान गुरनाम सिंह निवासी रोड़ी के रूप में हुई है। गांव दड़बा कलां क्षेत्र से एक व्यक्ति को 90 लीटर लाहन के साथ पकड़े गए व्यक्ति की पहचान धर्मपाल निवासी द़ड़बा कलां के रूप में हुई है।
अम्बाला में एक ही दिन में 23 कोरोना पॉजिटिव सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। मंगलवार को ही रिकॉर्ड 306 सैंपल लिए गए। इनमें कैंट और सिटी सिविल अस्पतालों की कंस्ट्रक्शन साइट पर रह रही लेबर के बड़ी मात्रा में सैंपल शामिल हैं। सोमवार और मंगलवार को लिए गए कुल 445 सैंपलों की रिपोर्ट पर काफी कुछ निर्भर रहने वाला है। इनमें से 110 सैंपल तो सोमवार के बने 5 नए कंटेनमेंट जोन पन्ना कॉटेज, रानीबाग, भूर मंडी (बब्याल), हरिनगर (बीडी फ्लोर मिल) और दुखेड़ी से हैं।
सिटी सिविल अस्पताल में 8 लोगों को आइसोलेट किया गया है। इनमें शाहाबाद से डिलीवरी के लिए आई एक गर्भवती, बंद फाटक के स्लम एरिया के एक परिवार के 6 लोग जिनमें 4 माह का बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा दो खंभा चौक व एक अन्य कॉलोनी के दो केस हैं। जेल से तीन सैंपल लिए गए हैं। कोरोना संक्रमित मिली नुरपूर पीएचसी के अधीन काम करने वाला दुखेड़ी की आशा वर्कर के संपर्क में आई 4 आशा वर्कर, 2 एएनएम, 2 आंगनबाड़ी वर्करों व 2 अन्य के सैंपल लिए गए हैं।
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह के मुताबिक अभी तक कुल 2,937 सैंपल लिए जा चुके हैं। अब तक 37 केस पॉजिटिव मिले हैं जबकि 2,458 की रिपोर्ट निगेटिव रही है। एक एक्टिव केस ठरवा गांव का किसान पीजीआई चंडीगढ़ में है, जिसकी हालत स्थिर बनी हुई है। 11 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है। जबकि टिंबर मार्केट के हरजीत कोहली व रतनगढ़ की संतोष की मौत हो चुकी है। 22 संक्रमित मरीज मुलाना के एमएम कोविड अस्पताल व कैंट अस्पताल की डॉक्टर को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही आइसोलेट किया गया है। 48 मोबाइल टीमों ने 5038 लोगों की स्क्रीनिंग की व 26 में फ्लू जैसे लक्षण मिलने पर 15 के सैंपल लिए।
संक्रमित आशा वर्कर को कैंट अस्पताल में शिफ्ट करने पर अड़ी यूनियन
काेराेना से संक्रमित मिलने के बाद मुलाना के काेविड अस्पताल में एडमिट की आशा वर्कर को कैंट में लेकर आने की मांग पर आशा वर्कर यूनियन ने काम नहीं करने की चेतावनी दी है। यूनियन की जिला प्रधान अंजू वर्मा के मुताबिक पहले तो आशा वर्कर के संक्रमित मिलने की जानकारी नहीं दी गई, इसके बाद उसे मुलाना में श्रमिकों के साथ रखा गया। जबकि कोरोना संक्रमित मिली डॉक्टर को कैंट में ही रखा गया है। इसका यूनियन विरोध करती है। अगर दो दिनों के भीतर आशा वर्कर को कैंट अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया तो जिले में कोई आशा वर्कर काम नहीं करेगी।
कोरोना संक्रमित मिले 9वीं कक्षा के 14 वर्षीय छात्र के परिवार वालों के भी स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लिए हैं। परिवार का कहना है कि जब से लॉकडाउन हुआ था, तब से उनके दोनों बेटे गेट से बाहर भी नहीं जाते थे। रानीबाग निवासी बच्चे के पिता का फार्मा का बिजनेस है, जबकि फार्माकोलॉजी में पीएचडी मां एक शैक्षणिक संस्थान में डायरेक्टर हैं। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक एक सप्ताह पहले बताते हैं कि छात्र को 105 डिग्री (एफ) तेज बुखार हुआ था, जिसके बाद महेशनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में ट्रीटमेंट कराया। फिर 2 मई को डॉक्टर ने कैंट सिविल अस्पताल ले जाने की सलाह दी। उसी कैंट सिविल में सैंपल लिया गया। इसी दिन श्रमिकों के भी सैंपल हुए थे। छात्र को संक्रमण का सोर्स क्या रहा, इसका पता लगाया जा रहा है।
पता चला है कि घर में दो नौकरानियां आती हैं जो टांगरी क्षेत्र की टैगोर गार्डन की हैं। एक नौकरानी सफाई तो दूसरी खाना बनाने का काम करती हैं। टांगरी क्षेत्र में ज्यादातर श्रमिक परिवार हैं जो लॉकडाउन में महेशनगर थाने के पास चल रहे लंगर में भोजन करने आते हैं। इसी लंगर में कैंट सिविल अस्पताल की कंस्ट्रक्शन साइट के कुछ श्रमिक भी जाते थे। इन्हीं में से 16 श्रमिक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। पंजोखरा साहिब गुरुद्वारे की तरफ से 3 मई तक लंगर बरताया गया था, उसके बाद से बंद है। इस घर में खाना बनाने वाली 36 वर्षीय मेड 82 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर व उनकी पत्नी के घर में जाकर भी काम करती है। इस दंपती के तीन बच्चे जयपुर, लुधियाना व अमेरिका में सेटल हैं। मेड के 10, 15 व 17 साल के तीन बेटे हैं। दूसरी मेड 35 वर्ष की है, जिसके पति की एक साल पहले लीवर की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके मेड के खुद 20 व 17 साल के दो बच्चे हैं।
सिविल सर्जन कार्यालय में तैनात डिप्टी सिविल सर्जन एवं नेत्र रोग विभाग की डॉ. संगीता भगत ठगी का शिकार हो गईं। एक फेसबुक फ्रेंड ने अमेरिका से तीन घड़ियां, डायमंड रिंग, दो आईफोन, तीन जोड़ी जूते, ड्रेस, चॉकलेट, गुलाब व 2.50 लाख अमेरिकन डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 1.89 करोड़) का गिफ्ट भेजने का झांसा दिया। फिर डॉक्टर के पास कॉल आई और पार्सल क्लियर कराने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में 7.47 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद जिन नंबरों से कॉल आती थी वे स्विच ऑफ हो गए।
सेक्टर-9 की रहने वाली डॉ. संगीता ने सिटी पुलिस को दी शिकायत में कहा कि फेसबुक पर मिस्टर हैनरी ने नाम के अकाउंट पर फ्रेंडशिप हुई। हेनरी ने खुद को कैलिफोर्निया का बताया और मोबाइल पर संपर्क किया। 13 अप्रैल को हैनरी ने फोन पर कहा कि आपके नाम से पार्सल भेजा है जो दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग के पास है। अगले दिन उनके मोबाइल पर किसी लड़की का फोन आया जिसने खुद को कस्टम विभाग से बताया। लड़की ने अमेरिका से पार्सल आने व इसकी क्लीयरेंस के नाम पर खाते में 47 हजार रुपए डलवाए। 15 अप्रैल को दोबारा फोन आया कि पार्सल में डॉलर हैं। इसको क्लियर कराने के लिए 7 लाख कस्टम फीस देनी होगी नहीं तो मनी लान्ड्रिंग का केस बनेगा। इससे घबराकर डॉक्टर ने 17 अप्रैल को बताए गए अलग-अलग खातों में 7 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। उस लड़की का 21 अप्रैल को फिर फोन आया कि करंसी ज्यादा है इसलिए 22 लाख रुपए और जमा कराने होंगे। डॉक्टर काे शक हुआ तो पैसे ट्रांसफर नहीं किए। 25 अप्रैल तक फोन आते रहे, तब जाकर डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ। बता दें कि इससे पहले फेसबुक फ्रेंड द्वारा गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी के दो और मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक केस मुलाना का था।
काेई महीने से अपनी बेटी काे नहीं मिला, ताे काेई अपने बेटे काे नाना के पास छाेड़कर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हाेंने अपनी हिम्मत नहीं हारी व अपने कार्य में लगे हुए हैं। ये सिविल अस्पताल की वाे टीम है जाे फ्रंटलाइन टीम काे पीछे से पूरा सपोर्ट कर रही है।
5 साल के बेटे से मिला साहस : डॉ. अदिति
अपने 5 साल के बेटे काे उसके नाना के पास छाेड़कर राेजाना ड्यूटी कर रही हूं। अब ताे घर जाकर बेटे काे उठाने से भी डर लगता है। मैंने खुद भी बेटे काे कह रखा है कि अस्पताल से अाने के बाद मेरे पास बिल्कुल नहीं आना है। शुरू के दिनाें में बेटे काे अजीब लगता था कि मम्मी मुझसे मिलती क्याें नहीं। लेकिन उसकाे समझाने पर वाे समझ गया। अब ताे खुद मुझे सुबह अस्पताल के लिए भेजता है अाैर कहता है मम्मी जल्दी अस्पताल जाओ क्याेंकि काेराेना काे हराना है।- डाॅ. अदिति, प्रशासनिक अधिकारी, पीएमओकार्यालय।
बेटी से मिलना नहीं हो पा रहा, वीडियो कॉल कर लेती हूं : कमल
अपनी ड्यूटी के लिए पूरी तरह से डेडिकेटिड हूं। मुझे अच्छा लगता है कि लाेगाें की सेवा करने का माैका मिल रहा है। मेरी एक बेटी है जाे राेहतक में मैरिड है। पहले ताे 15 दिनाें में बेटी नवनीत काैर व नाती मनताज से मिल लिया करती थी। लेकिन अब पिछले एक महीने से उनसे मुलाकात नहीं हाे पाई। राेजाना वीडियाे काॅल के जरिए ही दाेनाें से बात कर लेती हूं। शाम काे जब अस्पताल से लाैटती हूं ताे खुशी भी मिलती है कि इस मुसीबत की घड़ी में अपनी ड्यूटी के जरिए किसी के काम ताे आ पा रही हूं। - कमल चाेपड़ा, अस्सिटेंट मेटरर, सिविल अस्पताल सिटी।
अभी ताे राॅल माॅडल बनकर करना है काम : डाॅ. पूनम
अभी पहली प्राथमिकता मेरी ड्यूटी है। अभी वक्त मिला है कि राेल माॅडल बनकर काम करें ताकि दूसराें काे भी काम करने के लिए माेटिवेशन मिल सके। अब ताे हर दिन हाॅस्पिटल में गुजरता है। सारा एडमिनिस्ट्रेशन देखना जिम्मेदारी है। काेविड काे हराना है ताे घर और परिवार काे सेकेंडरी रखना हाेगा। मुझे एक बात यह भी खलती है कि मैं अपनी सासु मां काे समय नहीं दे पाती। वे 80 साल की हैं। कभी उनकाे जरूरत हाेने पर भी मैं उनके पास नहीं हाे पाती। मैं खुद उनसे दूर ही रहती हूं क्योंकि डर लगता है कि मेरी वजह से उनकाे काेई इंफेक्शन न हाे जाए।-डाॅ. पूनम जैन, पीएमओ सिविल अस्पताल।
बच्चे मुझे कर रहे चुनाैतियों के लिए मोटिवेट: डाॅ. पवनीश
24 घंटे की ड्यूटी है। जब भी एमरजेंसी हाेती है ताे अस्पताल पहुंचाना हाेता है। कईं बार काम का प्रेशर इतना हाेता है कि मैं दिन भी भूल जाता हूं। रिस्क लेवल भी ज्यादा है। लेकिन ड्यूटी करनी ही है। इतना बिजी शैड्यूल है कि अपना बर्थडे भी भूल गया। जब घर पहुंचा ताे बेटे हार्दिक और बेटी हितैषी ने सरप्राइज देकर याद दिलाया। उस छाेटी सी खुशी ने अगले दिन के लिए एनर्जी भर दी। दाेनाें बच्चे एमबीबीएस का काेर्स कर रहे हैं ताे वे मेरे काम की चुनौतियों काे जानते हैं। वे भी मुझे अक्सर मोटिवेट करते रहते हैं। -डाॅ. पवनीश, डिप्टी सुपरीटेंडेट, सिविल अस्पताल, सिटी।
सिटी के गांव डडियाना के पास रोजाना तीन से चार पुलिस की गाड़ियां प्रवासी मजदूरों को छोड़कर जा रही थी। घग्घर नदी क्रॉस करके प्रवासी अम्बाला में क्रॉस कर रहे थे। गांव डडियाना में कोरोना वायरस संक्रमण न फैले, इसलिए गांव की सरपंच अमनदीप कौर ने डीसी अम्बाला को एक चिट्टी लिखी। सरपंच ने डीसी को बताया कि गांव खतरा पैदा हो गया है, इसलिए इस पर रोक लगवाई जाए।
गांव के लोगों ने बताया कि रोजाना काफी संख्या में प्रवासी मजदूर यहां से होकर जा रहे हैं। गांव की सरपंच की चिट्टी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया और गांव डडियाना पहुंचा। गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों से कहा कि यह रास्ता एक ठेकेदार ने पाइप डालकर बनाया था ताकि उसके मिट्टी के ट्रक उसके ऊपर से गुजर सके। इसी रास्ते से पंजाब के गांव में दाखिल होना भी आसान है। इसके अलावा कोई रोक5टोक के साथ-साथ पुलिस का कोई पहरा भी नहीं है। इसी का फायदा प्रवासी मजदूर उठा रहे हैं। पंजाबी के गांव से लगती घग्घर नदी क्रॉस करने के बाद प्रवासी मजदूर यूपी, बिहार के लिए निकल पड़ते हैं। इसी को देखते हुए शाम को जिला प्रशासन ने इस रास्ते को उखाड़ दिया है। इससे गांव के लोगों ने काफी राहत की सांस ली है। लेकिन चिंता अभी भी मन में बनी हुई है। लोगों का कहना है कि तीन फीट के करीब नदी में पानी है। ऐसे में प्रवासी मजदूर इस पानी को क्रॉस करके भी हरियाणा की सीमा में घुस सकते हैं।
रविवार काे मदर्स-डे है एेसे में जेसीआई अम्बाला एंजेल्स ने मदर्स-डे काे खास बनाने के लिए एंजल वीक की शुरुआत की। एंजल वीक के पहले दिन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मंगलवार काे करवाए गए ऑनलाइन क्विज कंपीटिशन में जनरल नाॅलेज से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इसमें सभी महिला मेंबर्स ने बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट किया। प्रेसिडेंट साेनिया काेहली ने बताया कि इस वीक काे करने का उद्देश्य काेराेना वायरस की महामारी की स्थिति में सभी काे तनावमुक्त रखना है। एेसे में सभी मेंबर्स स्ट्रेस फ्री भी रहेंगे अाैर वे एंजॉय भी कर सकेंगे। हफ्ते भर चलने वाले इस वीक में हाेने वाली प्रतियोगिताअाें के परिणाम रविवार काे मदर्स-डे माैके पर जूम मीटिंग के दाैरान अनाउंस किए जाएंगे। लॉकडाउन के बाद विजेताओं काे पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।
पीकेआर जैन पब्लिक स्कूल में घर बैठे ही कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें गृहविज्ञान के 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों ने हिस्सा लिया। छात्रों को शाम की चाय के साथ के लिए कुछ स्नैक्स बनाने का विषय दिया गया। कुकिंग प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपने अपने स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हुए वीडियो भी रिकॉर्ड करके भेजी। निर्णायक की भूमिका प्रधानाचार्या नीरू शर्मा व गृह विज्ञान अध्यापिका संगीता मक्कड़ ने निभाई।
कुकिंग प्रतियाेगिता में 12वीं की अरनदीप ने प्रथम, सिद्धार्थ ने द्वितीय, अमृत व जीनियल ने तृतीय स्थान हासिल किया। प्रियंका बंसल व सांझ ने सांत्वना पुरस्कार जीता। वहीं 11वीं की शुधिता ने प्रथम, रिया ने द्वितीय, आरुषि और जशन ने तृतीय व गुणपरी ने सांत्वना पुरस्कार जीता।
मंगलवार को ट्विन सिटी में बाजार खुलने की शुरुआत मार्केट्स के आधा बाजार खुलने से हो गई। रोटेशन के अनुसार जो आधा बाजार नहीं खुला। उसके खुलने की बुधवार को बारी है। यानी कि बाजारों को राइट व लेफ्ट के हिसाब से खुलने के आदेश हैं। यही वजह है कि दुकानदारों ने बाजार खुलने से राहत ली तो लोग भी खरीदारी करने बाजार में पहुंचे। हालांकि 17 मई तक बाजार खुलने का रूटीन यही रहेगा और दुकानें सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुलेंगी।
सुबह जैसे ही 10 बजे जगाधरी गेट से लेकर से लेकर पुरानी अनाज मंडी तक बाजार दोनों तरफ से खुल गया। जब पुलिस को पता लगा तो चौकी इंचार्ज संजय सूद पुलिस कर्मियों के साथ दाल बाजार में मौके पर पहुंचे। उन्होंने नियमों के अनुसार बाजार का राइट साइड खोलने के लिए कहा। हालांकि लेफ्ट साइड के दुकानदारों ने थोड़ी आना-कानी की, लेकिन पुलिस के समझाने के बाद दुकानदार मान गए। इसके बाद पुलिस नाहन हाउस पुलिस ने जगाधरी गेट से लेकर पुली तक बाजार को एक साइड से बंद कराया। लॉकडाउन के दौरान पहला दिन था जब बाजार खुले। दुकानदारों ने भी राहत की सांस ली। लोग भी बाजार में सामान लेने के लिए पहुंचे, लेकिन पूर्व की भांति लोगों ने इतना उत्साह नहीं था। कैंट में भी सुबह दोनों मार्केट्स में दोनों साइड की दुकानें खुली, लेकिन पुलिस ने एक साइड की दुकानों को बंद करा दिया। सदर बाजार, राय मार्केट की दुकानें खुली। इसी तरह पंसारी बाजार में दुकानें खोली गई।
इनके लिए नहीं कोई छूट
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अशोक कुमार शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि बारबर शॉप, सैलून, ब्यूटी पॉर्लर की दुकानें बंद रहेंगी। इसके अलावा स्कूल, काॅलेज, शैक्षणिक संस्थान, ट्रेनिंग एवं कोचिंग सेंटर, सिनेमा हाल, शॉपिंग माल, जिम, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम असेंबली और इस तरह के अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। जरूरी सेवाओं को छोड़कर आम जनता के लिए बसें, रेल, हवाई जहाज, मैट्रो अादि बंद रहेंगे। सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रम करने पर पाबंदी रहेगी। सभी धार्मिक स्थान और पूजा स्थल आम जनता के लिए बंद रहेंगे। आदेशों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राशन डिपो पर राशन सप्लाई करने वाला ठेकेदार डिपो पर गेहूं की कम सप्लाई दे रहा है। मंगलवार को गांव कुल्लड़पुर में कम गेहूं सप्लाई का मामला सामने आया तो ग्रामीण डिपो होल्डर के पक्ष में खड़े नजर आए। ग्रामीणों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी को शिकायत की। तब जाकर ठेकेदार ने डिपो होल्डर को पूरी गेहूं दी।
मंगलवार को कुल्लड़पुर के राशन डिपो पर गेहूं से भरा एक ट्रक पहुंचा। दरअसल, डिपो होल्डर जसबीर सिंह को 169 कट्टे गेहूं के मिलने थे। जब मजदूर ट्रक से गेहूं के कट्टे उतारने लगे तो कट्टों में 10 से 15 किलो तक गेहूं कम थी। डिपो होल्डर ने इसका विरोध करते हुए मजदूरों को गेहूं उतारने से मना कर दिया। डिपो होल्डर का कहना था कि सभी कट्टों में कम गेहूं है, जिसे वह पूरा नहीं कर पाएगा। सभी लाभार्थियों को गेहूं नहीं मिलेगी तो वह उसकी शिकायत करेंगे। इसलिए वह इस गेहूं को नहीं लेगा। इसके बावजूद ठेकेदार के मजदूर जबरन गेहूं के कट्टे डिपो में उतारने का प्रयास करने लगे तो मौके पर कई ग्रामीण इक्ट्ठा हो गए।
ग्रामीणों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और एसडीएम कार्यालय में शिकायत कर दी। शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने कंडे पर ट्रक का वजन करवाया और ठेकेदार को डिपो होल्डर की गेहूं पूरी करने को कहा। जिसके बाद ठेकेदार ने गेहूं का पूरा वजन कर डिपो होल्डर को गेहूं सौंप दी।
दाल भी मिली थी आधा-आधा किलो कम: कुछ दिन पहले नारायणगढ़ के डिपो होल्डर्स को ठेकेदार ने दाल सप्लाई की थी। अनाज मंडी के पीछे डिपो होल्डर्स के सुपुर्द दाल के कट्टे किए गए थे। जब डिपो होल्डर्स ने कट्टों को तोलकर देखा तो उनमें आधा से एक किलो तक दाल कम थी। इसके बावजूद भी डिपो होल्डर ठेकेदार या अधिकारियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे।